\id PHP - Lodhi \ide UTF-8 \h फिलिप्पियों \toc3 फिलिप्पियों \toc2 फिलिप्पियों \toc1 फिलिप्पियों को नाम पौलुस प्रेरित की चिट्ठी \mt2 फिलिप्पियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री \mt1 फिलिप्पियों को नाम पौलुस प्रेरित की चिट्ठी \imt परिचय \ip मसीह को जनम को लगभग ६१ साल को बाद या चिट्ठी फिलिप्पियों को रहन वालो विश्वासियों ख लिखी जब ओन या चिट्ठी लिखी त ऊ रोम म जेल म होतो \xt १:१३\xt* या चिट्ठी ओन वा मण्डली ख लिखी जो फिलिप्पियों शहर म होती, फिलिप्पियों को बारे म हम प्रेरितों कि किताब सी हम थोड़ो बहुत जानजे हय। मकिदुनिया प्रान्त की फिलिप्पियों शहर कि राजधानी होती या मण्डली मकिदुनिया प्रान्त की पहिली मण्डली होती पौलुस अऊर सिलास दोयी न मिल क या मण्डली कि सुरूवात करी जब हि फिलिप्पियों म होतो तब उन्ख रातभर लायी जेल म रहनो पड़्यो। \xt प्रेरितों १६।\xt* \ip पौलुस की या चिट्ठी बहुउद्देशिय होती, जब ऊ जेल म होतो तब उन्न ओख जो दान भेज्यो ओको लायी उन्को आभार मानन लायी \xt ४:१०-१९\xt* जेल म ओकी हालत कसी होती यो बतावन लायी अऊर तीमुथियुस अऊर इपफ्रुदीतुस को परिचय करय हय ताकि हि उन्को स्वागत कर क् उन्को पुढारीपन ख मान दे क स्वीकार करय हय \xt २:१९-३० \xt* \iot रूप-रेखा \io1 १. फिलिप्पियों की मण्डलियों ख शुभेच्छा दे क पौलुस चिट्ठी की सुरूवात करय हय। \ior १:१-२ \ior* \io1 २. बाद म ओकी हालत को बारे म अऊर कुछ समस्या को बारे बतावय हंय। \ior १:३–२:३०\ior* \io1 ३. बाद म ऊ मसीह जीवन लायी व्यावहारिक सुचना देवय हय। \ior ३:१–४:९\ior* \io1 ४. उन्को बेटा लायी उन्को धन्यवाद दे क अऊर ओकी शुभेच्छा दे क ऊ या चिट्ठी ख खतम करय हय। \ior ४:१०-२३\ior* \c 1 \p \v 1 \x + \xo १:१ \xo*\xt प्रेरितों १६:१२\xt*\x*मसीह यीशु को सेवक मय पौलुस अऊर तीमुथियुस को तरफ सी, सब परमेश्वर को लोगों को नाम जो मसीह यीशु म सहभागिता म होय क फिलिप्पी शहर म रह्य हंय, मुखिया अऊर सेवकों को संग रह्य हय। \fig फिलिप्पी को शहर |alt="City of Philippi" src="hk00363c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१:१"\fig* \p \v 2 हमरो पिता परमेश्वर अऊर प्रभु यीशु मसीह को तरफ सी तुम्ख अनुग्रह अऊर शान्ति मिलती रहे। \s पौलुस को प्रार्थना अऊर धन्यवाद \p \v 3 मय जब-जब तुम्ख याद करू हय, तब-तब अपनो परमेश्वर ख धन्यवाद देऊ हय; \v 4 अऊर जब कभी तुम सब को लायी प्रार्थना करू हय, त सदा खुशी को संग प्रार्थना करू हय। \v 5 येकोलायी कि तुम पहिले दिन सी ले क अज तक सुसमाचार ख फैलावन म मोरो सहभागी रह्यो हय। \v 6 मोख या बात को भरोसा हय कि जेन तुम म अच्छो काम सुरू करयो हय, उच ओख यीशु मसीह को दुबारा आवन को दिन तक पूरो करेंन। \v 7 मोख यो उचित लगय हय कि मय तुम सब लायी असोच बिचार करू, कहालीकि तुम मोरो मन म बैठ्यो हय, मय कैद म हय तब भी अऊर सुसमाचार लायी उत्तर अऊर प्रमान देन म तुम सब मोरो संग अनुग्रह म सहभागी हय। \v 8 येको म परमेश्वर मोरो गवाह हय कि मय मसीह यीशु जसी प्रीति कर क् तुम सब की इच्छा पूरी करू हय। \p \v 9 मय या प्रार्थना करू हय कि तुम्हरो प्रेम सच्चो ज्ञान सी अऊर सब तरह को विवेक सहित अऊर भी बड़तो जाय, \v 10 यहां तक की तुम अच्छो सी अच्छो बातों ख प्रिय हय परखो, अऊर मसीह को दुबारा आवन वालो दिन तक सच्चो बन्यो रहो, अऊर दोषी मत बनो; \v 11 अऊर ऊ सच्चायी को फर सी जो यीशु मसीह को द्वारा होवय हय, भरपूर होत जावो जेकोसी परमेश्वर की महिमा अऊर स्तुति होती रह्य। \s मसीहच जीवन आय \p \v 12 हे भाऊवों अऊर बहिनों, मय चाहऊं हय कि तुम यो जान लेवो कि मोरो पर जो बितयो हय, ओको सी सुसमाचार की बढ़ती भयी हय। \v 13 \x + \xo १:१३ \xo*\xt प्रेरितों २८:३०\xt*\x*यहां तक कि राजभवन को पूरो सुरक्षा दलो ख अऊर यहां को सब लोगों ख यो प्रगट भय गयो हय कि मय मसीह को सेवक आय अऊर कैद म हय। \v 14 अऊर प्रभु म जो मोरो विश्वासी भाऊ अऊर बहिन हंय, उन म सी अधिकांश मोरो कैद म होन को वजह, निडर होय क परमेश्वर को वचन बेधड़क सुनावन को साहस करय हंय। \p \v 15 यो त सच हय उन म कुछ त जलन अऊर कुछ त बहस कर क् मसीह को प्रचार करय हंय पर कुछ लोग भली इच्छा सी करय हय। \v 16 यो त प्रेम को वजह करय हय कहालीकि हि जानय हय कि परमेश्वर न यो काम मोख सुसमाचार कि रक्षा करन लायी मोख दियो हय। \v 17 पर दूसरों लोग सच्चायी को संग नहीं, बल्की स्वार्थपूर्न इच्छा सी मसीह को प्रचार करय हय; कहालीकि हि सोचय हय कि येको सी हि कैद म मोरो लायी मुश्किले पैदा कर सकेंन। \p \v 18 येको सी कोयी फरक नहीं पड़य महत्वपूर्ण त यो आय कि मय येको सी खुश हय, कि यो तरह सी यां ऊ तरीका सी चाहे बुरो उद्देश होना यां चाहे भलो प्रचार त मसीह कोच होवय हय अऊर मय हमेशा येको सी खुश रहूं। \v 19 कहालीकि मय जानु हय तुम्हरी प्रार्थना को द्वारा अऊर यीशु मसीह की पवित्र आत्मा को द्वारा जेल सी रिहायी प्राप्त करू। \v 20 मय त याच गहरी इच्छा अऊर आशा रखू हय कि मय कोयी बात म शर्मिन्दा नहीं होऊं, पर जसो मोरी बड़ी साहस को वजह मसीह कि महिमा मोरो शरीर को द्वारा हमेशा होती रही हय, वसीच अब भी हो, चाहे मय जीन्दो रहूं या मर जाऊं। \v 21 कहालीकि जीवन का हय? मोरो लायी, जीवन मसीह हय, अऊर मृत्यु, मोरो लायी फायदा हय। \v 22 पर यदि शरीर म जीन्दो रहनोच मोरो काम लायी जादा फायदेमंद हय त मय नहीं जानु कि मोख कौन ख चुननो चाहिये। \v 23 कहालीकि अब मय दोयी दिशावों को बीच म मोख कठिनायी होय रही हय; मय अपनो जीवन सी बिदा होय क मसीह को जवर जानो चाहऊं हय, कहालीकि या बात मोरो लायी बहुतच अच्छी हय, \v 24 पर मोरो शरीर म रहनो तुम्हरो लायी जादा जरूरी हय। \v 25 येकोलायी कि मोख येको भरोसा हय येकोलायी मय जानु हय कि मय जीन्दो रहूं, जेकोसी तुम विश्वास म मजबूत होत जावो अऊर ओको म खुश रहो; \v 26 अऊर जो घमण्ड तुम मोरो बारे म करय हय, ऊ मोरो फिर तुम्हरो जवर आवन सी मसीह यीशु म एक होन को द्वारा अऊर जादा बढ़ जावो। \p \v 27 केवल इतनो करो कि तुम्हरो चाल चलन मसीह को सुसमाचार को लायक हो कि चाहे मय आय क तुम्ख देखूं, चाहे नहीं भी आऊं, तुम्हरो बारे म योच सुनू कि तुम एकच आत्मा म स्थिर रहो, अऊर एक चित्त होय क सुसमाचार को विश्वास लायी मेहनत करतो रह्य हय, \v 28 अऊर कोयी बात म विरोधियों सी डरो मत। हमेशा साहसी रहो, अऊर यो उन्को लायी विनाश को स्पष्ट चिन्ह हय, पर तुम्हरो लायी उद्धार को अऊर यो परमेश्वर को तरफ सी हय। \v 29 कहालीकि मसीह की सेवा करन को सौभाग्य तुम्ख दियो गयो हय यो नहीं केवल ओको पर विश्वास करन को वजह पर ओको लायी तकलीफ झेलन को द्वारा भी मिल्यो हय; \v 30 \x + \xo १:३० \xo*\xt प्रेरितों १६:१९-४०\xt*\x*अऊर तुम्ख वसोच युद्ध करनो हय, जसो तुम न मोख करतो देख्यो हय, अऊर अब भी सुनय हय कि मय वसोच करू हय। \c 2 \s मसीह की नम्रता अऊर महानता \p \v 1 मसीह म तुम्हरो जीवन तुम्ख मजबूत करय हय, ओको प्रेम भलायी देवय हय, अऊर आत्मा म तुम्हरी सहभागिता हय, अऊर तुम म करुना अऊर दूसरों को प्रति तरस हय, \v 2 त मोरो या खुशी पूरी करो कि एक मन रहो, अऊर एकच प्रेम, अऊर एकच चित्त, अऊर एकच मनसा रखो। \v 3 स्वार्थिपन अऊर घमण्ड करन की बेकार लालसा सी कुछ मत करो, पर दीनता सी एक दूसरों ख अपनो सी अच्छो समझो। \v 4 हर एक अपनोच हित को नहीं बल्की दूसरों को हित की भी चिन्ता करे। \v 5 जसो मसीह यीशु को स्वभाव होतो वसोच तुम्हरो भी स्वभाव हो; \q1 \v 6 जो अपनो स्वरूप यद्दपि परमेश्वर को स्वरूप होतो, \q2 पर ओन अपनो आप ख परमेश्वर को जसो रहनो, यो फायदा हय असो ओन मान्यो नहीं। \q1 \v 7 बल्की अपनो आप ख असो शून्य कर दियो, \q2 अऊर सेवक को स्वरूप धारन कर लियो, \q1 अऊर आदमी की \q2 समानता म भय गयो। \q1 \v 8 अऊर आदमी को रूप म प्रगट होय क अपनो आप ख नरमी करयो, अऊर यहां तक आज्ञाकारी रह्यो कि मृत्यु तक पहुंच गयो, \q2 क्रूस की मृत्यु भी स्वीकार करयो। \q1 \v 9 यो वजह परमेश्वर न ओख ऊचो सी ऊचो जागा तक उठायो, \q2 अऊर ओख ऊ नाम दियो जो सब नामो सी उत्तम हय, \q1 \v 10 कि जो स्वर्ग म अऊर धरती पर अऊर धरती को खल्लो हंय, \q2 हि सब यीशु को नाम \q2 पर घुटना टेके; \q1 \v 11 अऊर परमेश्वर पिता की \q2 महिमा लायी हर एक जीबली यो स्वीकार करेंन कि यीशु मसीहच प्रभु आय। \s जगत म प्रकाश को रूप म चमकय हय \p \v 12 येकोलायी हे मोरो प्रियो, जो तरह तुम हमेशा सी आज्ञा मानत आयो हय, वसोच अब भी नहीं केवल मोरो संग रहतो हुयो पर विशेष कर क् अब मोरो दूर रहनो पर भी डरतो अऊर कापतो हुयो अपनो अपनो उद्धार को कार्य पूरो करतो जावो; \v 13 कहालीकि परमेश्वरच आय जो अपनो प्रेम को काम ख पूरो करन लायी बिचार डालय हय अऊर ओको भलो उद्देश को अनुसार चलन को बल भी देवय हय। \p \v 14 सब काम बिना शिकायत अऊर बिना विवाद को करतो रहो, \v 15 ताकी तुम निर्दोष होय क भ्रष्ट अऊर पापी लोगों को बीच म परमेश्वर को निष्कलंक सन्तान बन्यो रहो, उन्को बीच म चमको जसो तारा आशमान म चमकय हय, \v 16 जब तुम उन्ख जीवन को सन्देश सुनावय हय। तब मोरो जवर मसीह को आवन को दिन पर घमण्ड करन को वजह हो कि मोरो पूरी मेहनत अऊर काम बेकार नहीं गयी। \p \v 17 यदि मोख तुम्हरो विश्वास रूपी बलिदान अऊर सेवा को संग अपनो खून भी बहानो पड़ेंन, तब भी मय खुश हय, अऊर तुम सब को संग खुशी बाटु हय। \v 18 वसोच तुम भी खुश रहो अऊर मोरो संग खुशी मनावो। \s तीमुथियुस अऊर इपफ्रुदीतुस \p \v 19 मोख प्रभु यीशु म आशा हय कि मय तीमुथियुस ख तुम्हरो जवर तुरतच भेजूं, ताकी तुम्हरी खबर सुन्क मोख प्रोत्साहन मिले। \v 20 कहालीकि मोरो जवर दूसरों कोयी लोग नहाय जेको जवर मोरी भावनाये होना, जो शुद्ध मन सी तुम्हरी चिन्ता करे। \v 21 कहालीकि सब अपनो स्वार्थ की खोज म रह्य हंय, नहीं कि यीशु मसीह की। \v 22 पर ओख त तुम न परख्यो अऊर जान भी लियो हय कि जसो बेटा बाप को संग करय हय, वसोच ओन सुसमाचार को फैलान म मोरो संग सेवा करयो। \v 23 येकोलायी मोख आशा हय कि जो मोख जसोच मोख जान पड़ेंन कि मोरो संग का होन वालो हय, त मय ओख जल्दी भेज देऊं। \v 24 अऊर मोख प्रभु म भरोसा हय कि मय खुद भी तुम्हरो जवर जल्दी आऊं। \p \v 25 पर मय न इपफ्रुदीतुस ख जो मोरो भाऊ अऊर सेवक अऊर सहकर्मी योद्धा अऊर तुम्हरो दूत, अऊर जरूरी बातों म मोरी सेवा करन वालो हय, तुम्हरो जवर भेजनो जरूरी समझ्यो। \v 26 कहालीकि ओको मन तुम सब म लग्यो हुयो होतो, यो वजह ऊ व्याकुल अऊर चिन्तित रहत होतो कहालीकि तुम न ओकी बीमारी को हाल सुन्यो होतो। \v 27 सचमुच ऊ बीमार भय गयो होतो यहां तक कि मरन पर होतो, पर परमेश्वर न ओको पर दया करी, अऊर केवल ओकोच पर नहीं पर मोरो पर भी कि मोख शोक पर शोक मत होय। \v 28 येकोलायी मय न ओख भेजन को अऊर भी कोशिश करयो कि तुम ओको सी फिर मुलाखात कर क् खुश होय जावो अऊर मोरो भी शोक कम होय जाये। \v 29 येकोलायी तुम प्रभु म ओको सी बहुत खुशी होय क ओको स्वागत करजो, अऊर असो लोगों को आदर करजो, \v 30 कहालीकि ऊ मसीह को काम लायी अपनो जीवो पर जोखिम उठाय क मृत्यु को जवर आय गयो होतो, ताकी जो कमी तुम्हरो तरफ सी मोरी सेवा म भयी ओख पूरो करे। \c 3 \s सच्चो सच्चायी \p \v 1 येकोलायी हे मोरो भाऊ अऊर बहिनों, प्रभु म खुश रहो। उच बाते दुबारा लिखन म मोख त कोयी कठिनता नहीं होवय, अऊर येको म तुम्हरो लायी यो सुरक्षित हय, \v 2 बुरी बाते करन वालो उन कुत्तावों, जो शरीर काटन पर जोर देवय हय, उन पर नजर रखो। \v 3 कहालीकि सच्चो खतना वालो त हमच आय जो परमेश्वर की आत्मा सी प्रेरित होय क सेवा करय हय, अऊर बाहरी रीति रिवाज पर नहीं पर यीशु मसीह पर घमण्ड करय हय। \v 4 पर मय त बाहरी रीति रिवाज पर भी भरोसा रख सकू हय। यदि कोयी यो समझय हय कि ऊ बाहरी रीति रिवाज पर भरोसा कर सकय हय, त मय अऊर भी असो कर सकू हय। \v 5 \x + \xo ३:५ \xo*\xt रोमियों ११:१; \xt*\xt प्रेरितों २३:६; २६:५\xt*\x*आठवो दिन मोरो खतना भयो, मय इस्राएल को वंश, अऊर बिन्यामीन को वंश को आय, इब्रानियों को इब्रानी सन्तान आय; व्यवस्था को बारे म यदि कहो त फरीसी होतो। \v 6 \x + \xo ३:६ \xo*\xt प्रेरितों ८:३; २२:४; २६:९-११\xt*\x*उत्साह को बारे म यदि कहतो त मण्डलियों ख सतावन वालो; व्यवस्था की आज्ञा को पालन करन को द्वारा सच्चायी को बारे म यदि कहो त मय निर्दोष होतो। \v 7 पर जो जो बाते मोरो फायदा कि होती, उन्ख मय न मसीह को वजह हानि समझ लियो हय। \v 8 बल्की मय अपनो प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता की तुलना म सब बातों ख हानि समझू हय। जेको वजह मय न सब चिजों ख त्याग दियो। अऊर इन पूरी चिजों ख मय कूड़ा समझू हय, येकोलायी की मय मसीह ख प्राप्त करू। \v 9 अऊर मय ओको संग एक हो जाऊं, जो मोख अपनी सच्चायी को नहीं, जो व्यवस्था को पालन सी मिलय हय, बल्की ऊ सच्चायी को भरोसा आय, जो मसीह पर विश्वास आवन सी मिलय हय। ऊ सच्चायी को उद्ग्म परमेश्वर आय अऊर ओको आधार विश्वास आय। \v 10 मय यो चाहऊं हय कि मसीह ख जान लेऊ। उन्को पुनरुत्थान को सामर्थ को अनुभव करू, अऊर ओको दु:ख म सहभागी बन क ओको जसो बन जाऊं, \v 11 कि मय कोयी भी रीति सी मरयो हुयो म सी जीन्दो होन को पद तक पहुंचू। \s लक्ष को तरफ दौड़नो \p \v 12 यो मतलब नहीं कि मय न पा लियो हय, यो सिद्ध भय गयो हय; पर ऊ पुरस्कार ख जितन लायी दौड़्यो जाऊ हय, जेको लायी मसीह यीशु न मोख पकड़्यो होतो। \v 13 हे भाऊवों अऊर बहिनों, मोरी भावना या नहाय\f + \fr ३:१३ \fr*\ft नहीं; कुछ हस्तलेखों म अब तक नहाय\ft*\f* कि मय पकड़ चुक्यो हय; पर यो एक काम करू हय कि जो बाते पीछू रह गयी हंय उन्ख भूल क, आगु की बातों को तरफ बढ़तो चल्यो जाऊं हय। \v 14 लक्ष को तरफ दौड़्यो चल्यो जाऊ हय, ताकि ऊपर को स्वर्गीय जीवन को इनाम पाऊ, जेको लायी परमेश्वर न मोख मसीह यीशु म ऊपर बुलायो हय। \p \v 15 हम म सी जितनो आत्मिकता म सिद्ध हंय, ऊ योच दृष्टिकोन रखे, अऊर यदि कोयी बात म तुम्हरो अऊरच बिचार हय त परमेश्वर ओख भी तुम पर प्रगट कर देयेंन। \v 16 येकोलायी जो नियम को अनुसार हम यहां तक पहुंच्यो हंय, उच नियमों को अनुसार चले। \p \v 17 \x + \xo ३:१७ \xo*\xt १ कुरिन्थियों ४:१६; ११:१\xt*\x*हे भाऊवों अऊर बहिनों, तुम सब मिल क मोरो अनुकरन करो जो उदाहरन हम न तुम्हरो आगु रख्यो हय ओको अनुसार जो जीवय हय उन पर भी ध्यान लगायो रहो; \v 18 कहालीकि बहुत सो असी चाल चलय हंय, जिन्की चर्चा मय न तुम सी बार बार करी हय, अऊर अब भी रोय-रोय क कहू हय; कि हि अपनी चाल चलन सी मसीह को क्रूस की मृत्यु को दुश्मन बन क जीवय हंय। \v 19 उन्को अन्त नाश हय, शरीर की इच्छाये उन्को ईश्वर आय, हि अपनी लज्जा की बातों पर बड़ायी करय हंय अऊर धरती की चिजों पर मन लगायो रह्य हंय। \v 20 पर हमरी नागरिकता स्वर्ग कि हय; अऊर हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह को यहां सी आवन की रस्ता देख रह्यो हंय। \v 21 ऊ अपनी शक्ति को ऊ प्रभाव को अनुसार जेको द्वारा ऊ सब चिजों ख अपनो अधिकार म कर सकय हय, हमरी कमजोर शरीर को रूप बदल क, अपनी महिमा को शरीर को अनुकूल बनाय देयेंन। \c 4 \s निर्देश \p \v 1 येकोलायी हे मोरो प्रिय भाऊवों अऊर बहिनों, तुम मोख कितनो प्रिय हय, मोरो मन तुम म लग्यो रह्य हय, जो मोरी खुशी अऊर मुकुट आय, हे प्रियो, प्रभु म योच तरह बन्यो रहो। \p \v 2 मय यूओदिया अऊर सुन्तुखे तुम दोयी ख भी बिनती करू हय, कि प्रभु म बहिनों को नायी एक दूसरों सी सहमती बनायो रखो। \v 3 हे सच्चो सहकर्मी, मय तुम सी भी बिनती करू हय कि तय उन बाईयों की मदत कर, कहालीकि उन्न मोरो संग सुसमाचार फैलावन म, क्लेमेंस अऊर मोरो दूसरों सहकर्मियों समेत मेहनत करी, जिन्को नाम परमेश्वर को जीवन की किताब म लिख्यो हुयो हंय। \p \v 4 प्रभु म एक होय क सदा खुश रहो; मय फिर कहू हय, खुश रहो। \p \v 5 तुम्हरो नरम स्वभाव सब आदमियों पर प्रगट हो। प्रभु जल्दी आय रह्यो हय। \v 6 कोयी भी बात की चिन्ता मत करो; पर हर एक बात म तुम्हरी जरूरत, प्रार्थना अऊर बिनती को द्वारा धन्यवाद को संग परमेश्वर को सम्मुख रखो। \v 7 तब परमेश्वर की शान्ति, जो हमरी समझ सी दूर हय, तुम्हरो दिल अऊर तुम्हरो मन ख मसीह यीशु म एक होन सी सुरक्षित रखेंन। \p \v 8 येकोलायी हे भाऊवों अऊर बहिनों, जो जो बाते सच्ची अऊर आदर लायक, उचित, पवित्र, मनभावनी, अऊर स्तुति लायक हय, उन पर ध्यान लगायो करो। \v 9 जो बाते तुम न मोरो सी सीखी, अऊर स्वीकार करी, ओख अपनो आचरन म लावो। तब परमेश्वर जो हम्ख शान्ति देवय हय, तुम्हरो संग रहेंन। \s दान लायी धन्यवाद \p \v 10 मय प्रभु म बहुत खुश हय कि अब इतनो दिन को बाद तुम्हरी चिन्ता मोरो बारे म फिर सी जागृत भयी हय; निश्चय तुम्ख सुरूवात म भी येको बिचार होतो, पर ओख प्रगट करन को अच्छो अवसर नहीं मिल रह्यो होतो। \v 11 यो नहीं कि मय अपनी कमी को वजह यो कहू हय; कहालीकि मय न यो सिख्यो हय कि जो दशा म हय; ओको मच सन्तुष्ट करू। \v 12 मय अनुभव सी जानु हय, अऊर बढ़नो भी; हर एक बात अऊर सब दशावों म मय न सन्तुष्ट होनो, भूखो रहनो, अऊर घटनो-बढ़नो सिख्यो हय। \v 13 जो मोख सामर्थ देवय हय ओको म मय सब कुछ कर सकू हय। \p \v 14 तब भी तुम न भलो करयो कि मोरो कठिनायी म तुम मोरो सहभागी भयो। \v 15 हे फिलिप्पियों, तुम खुद भी जानय हय कि सुसमाचार प्रचार को सुरूवात को दिनो म, जब मय मकिदुनिया सी चली गयो, तब तुम्ख छोड़ अऊर कोयी मण्डली न लेन देन को बारे म मोरी मदत नहीं करी। \v 16 \x + \xo ४:१६ \xo*\xt प्रेरितों १७:१; २ कुरिन्थियों ११:९\xt*\x*यो तरह जब मय थिस्सलुनीके म होतो, तब भी तुम न मोरी कमी पूरी करन लायी बहुत बार मदत भेजी। \v 17 असो नहीं कि मय दान चाहऊं हय पर मय असो दान चाहऊं हय जो असो फायदा तुम्हरो खाता म जमा होवय हय। \v 18 मोरो जवर सब कुछ हय, बल्की बहुतायत सी भी हय; जो चिजे तुम न इपफ्रुदीतुस को हाथ सी भेजी होती उन्ख पा क मय सन्तुष्ट भय गयो हय, ऊ त सुखदायक सुगन्ध, स्वीकार करन लायक बलिदान हय, जो परमेश्वर ख भावय हय। \v 19 मोरो परमेश्वर भी अपनो ऊ धन को अनुसार जो महिमा समेत मसीह यीशु म हय, तुम्हरी हर एक कमी ख पूरी करेंन। \v 20 हमरो परमेश्वर अऊर पिता की महिमा हमेशा-हमेशा होती रहे। आमीन। \s आखरी नमस्कार \p \v 21 हर एक परमेश्वर को लोगों ख, जो मसीह यीशु म हय नमस्कार। जो विश्वासी भाऊ मोरो संग हय, तुम्ख भी नमस्कार। \v 22 सब परमेश्वर को लोग, विशेष कर क् जो कैसर को घराना को आय, तुम ख नमस्कार कहजे हंय। \p \v 23 हमरो प्रभु यीशु मसीह को अनुग्रह तुम सब को संग होतो रहे।