\id MRK - Lodhi \ide UTF-8 \h मरकुस \toc3 मरकुस \toc2 मरकुस \toc1 मरकुस रचित यीशु मसीह को सुसमाचार \mt2 मरकुस रचित यीशु मसीह का सुसमाचार \mt1 मरकुस रचित यीशु मसीह को सुसमाचार \imt परिचय \ip यीशु को जीवन को वर्नन करन वाली चार किताबों म सी एक किताब याने मरकुस रचित सुसमाचार या किताब यीशु को सुसमाचार सुनावय हय। यीशु को मरनो अऊर स्वर्गारोहन को बाद यो चार सुसमाचार मत्ती, मरकुस, लूका अऊर यूहन्ना लिख्यो गयो हय। या चार किताबों म सी मरकुस रचित सुसमाचार सब सी छोटी किताब हय, कुछ विद्वानों कि मान्यता हय कि मरकुस रचित सुसमाचार सब सी पहिले लिख्यो गयो, बाकी को तीन सुसमाचार यीशु को जनम को ६५ सी ७० साल को बाद लिख्यो गयो यो लिखन को वजह याने रोम शहर को मसीह मण्डली को मनोबल बड़ानो अऊर प्रोत्साहन करन लायी लिख्यो गयो होतो। यो मरकुस कौन? प्रेरित पौलुस अऊर बरनबास येको यो जवान सहकर्मी होतो, यूहन्ना, मरकुस याने मरकुस रचित सुसमाचार को लेखक मरकुस येको संग पहिलो मिशनरी यात्रा सी बिच म छोड़ क चली जानो सी ओकी प्रतिष्ठा ख ठेस पहुंची। \xt प्रेरितों १३:१३\xt* बाद म, योच मरकुस बरनबास को संग सेवकायी म सामिल होतो दिखय। \xt प्रेरितों १५:३७-३९\xt* अनुसार मरकुस, पतरस को जवर को संगी होतो। \xt १ पतरस ५:१३\xt* विद्वानों की असी मान्यता हय की जब की मरकुस न यीशु को जीवन की सेवकायी आमने सामने देखी नहीं होती, त पतरस की गवाही को आधार पर ओन ओको सुसमाचार लिख्यो। यो मरकुस को सुसमाचार को आधार की बात आय। \ip मरकुस रचित सुसमाचार को दोय विषय याने, यीशु को सच्चो चेला बननो या आखरी को भविष्य को बारे म यीशु को द्वारा दी गयी शिक्षा। \ip मरकुस रचित सुसमाचार म यीशु ख विनम्र सेवक, सेवक यां अपनो बाप कि इच्छा पूरी करन म हमेशा तैयार, असो परमेश्वर को प्रिय बेटा यो दोय रूप म दर्शायो हय। वसोच, मरकुस न यीशु को द्वारा करयो गयो चमत्कारों को बारे म जादा सी जादा लिख्यो गयो हय। यो सुसमाचार को समापन यीशु को चेलावों ख दियो गयो “महान आदेश” हय। \iot रूप-रेखा \io1 १. बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना अऊर यीशु को बपतिस्मा। \ior १:१-१३\ior* \io1 २. यीशु को द्वारा गलील प्रदेश अऊर परिसर म करयो गयो चमत्कार। \ior १:१४–९:५०\ior* \io1 ३. गलील सी यरूशलेम तक की यीशु की यात्रा अऊर मन्दिर म आगमन। \ior १०:१–१२:४४\ior* \io1 ४. यीशु को द्वारा भविष्य को बारे म दियो गयो खबर। \ior १३:१-३७\ior* \io1 ५. यीशु को मरनो अऊर पुनरुत्थान अऊर महान आदेश। \ior १४:१–१६:२०\ior* \c 1 \s बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को प्रचार \r (मत्ती ३:१-१२; लूका ३:१-१८; यूहन्ना १:१९-२८) \p \v 1 परमेश्वर को बेटा\f + \fr १:१ \fr*\ft कुछ हस्तलेखों म परमेश्वर को टुरा नहीं लिख्यो गयो हय।\ft*\f* यीशु मसीह को सुसमाचार की सुरूवात। \v 2 जसो की यशायाह भविष्यवक्ता की किताब म लिख्यो हय \q1 “परमेश्वर न कह्यो, ‘मय तोरो आगु अपनो दूत ख भेजूं, \q2 ऊ तोरो लायी रस्ता तैयार करेंन।’ \q1 \v 3 जंगल म एक पुकारन वालो को आवाज सुनायी दे रह्यो हय \q2 कि ‘प्रभु को रस्ता तैयार करो, अऊर \q2 ओकी सड़के सीधी करो!’” \p \v 4 येकोलायी यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो सुनसान जागा म बपतिस्मा\f + \fr १:४ \fr*\ft पानी सी डुबाय क निकालनो\ft*\f* अऊर शिक्षा देतो हुयो लोगों सी कह्यो, अपनो पापों सी दूर रहो अऊर माफी लायी। “मन फिराव को बपतिस्मा लेवो, अऊर परमेश्वर तुम्हरो पापों ख माफ करेंन।” \v 5 सब यहूदिया प्रदेश को अऊर यरूशलेम नगर को सब रहन वालो लोग निकल क यूहन्ना को जवर गयो। अऊर उन्न अपनो पापों ख मान क, यरदन नदी म ओको सी बपतिस्मा लेन लग्यो। \p \v 6 यूहन्ना ऊंट को बाल को कपड़ा पहिन्यो अऊर अपनी कमर म चमड़ा को पट्टा बान्ध्यो रहत होतो, अऊर टिड्डियां\f + \fr १:६ \fr*\ft फाफा जंगली कीड़ा \ft*\f* अऊर जंगली शहेद खात होतो। \v 7 अऊर ऊ यो प्रचार करत होतो, “मोरो बाद ऊ आवन वालो हय, जो मोरो सी शक्तिमान हय। मय त यो लायक नहाय की झुक क ओको चप्पल को बन्ध निकाल सकू। \v 8 मय न त तुम्ख पानी सी बपतिस्मा दियो हय पर ऊ तुम्ख पवित्र आत्मा सी बपतिस्मा देयेंन।” \s यीशु को बपतिस्मा \r (मत्ती ३:१३-१७; ४:१-११; लूका ३:२१,२२; ४:१-१३) \p \v 9 उन दिनो म यीशु न नासरत नगर सी गलील प्रदेश म आय क, यरदन नदी म यूहन्ना सी पानी म डुब क बपतिस्मा लियो। \v 10 अऊर जब यीशु पानी सी निकल क ऊपर आयो, त तुरतच ओन आसमान ख खुलतो अऊर पवित्र आत्मा ख कबूत्तर को जसो अपनो ऊपर उतरता देख्यो। \v 11 \x + \xo १:११ \xo*\xt मत्ती ३:१७; १२:१८; मरकुस ९:७; लूका ३:२२\xt*\x*अऊर या स्वर्ग सी आवाज सुनी, “तय मोरो प्रिय बेटा आय, तोरो सी मय खुश हय।” \s यीशु की परीक्षा शैतान द्वारा \r (मत्ती ४:१-११; लूका ४:१-१३) \p \v 12 तब आत्मा न तुरतच ओख सुनसान जागा को तरफ भेज्यो। \v 13 अऊर सुनसान जागा म चालीस दिन तक शैतान न ओकी परीक्षा करी; अऊर ऊ जंगली पशु को संग रह्यो, अऊर स्वर्गदूत ओकी सेवा करत रह्यो। \s यीशु की सेवकायी की सुरूवात \r (मत्ती ४:१२-१७; लूका ४:१४,१५) \p \v 14 यूहन्ना ख जेलखाना म डाल्यो जान को बाद यीशु न गलील म आय क परमेश्वर को राज्य को सुसमाचार प्रचार करयो, \v 15 \x + \xo १:१५ \xo*\xt मत्ती ३:२\xt*\x*“सही समय पूरो भयो हय,” उन्न कह्यो, “अऊर परमेश्वर को राज्य जवर आय गयो हय! अपनो पापों सी मन फिरावो अऊर सुसमाचार पर विश्वास करो!” \p \v 16 जब यीशु गलील को झील को किनार-किनार जातो हुयो, ओन दोय भाऊ शिमोन अऊर ओको भाऊ अन्द्रियास ख झील म जार डालतो देख्यो; कहालीकि हि मछवारा होतो। \v 17 यीशु न उन्को सी कह्यो; “मोरो पीछू आवो; मय तुम्ख लोगों ख परमेश्वर को राज्य म लावनो सिखाऊं।” \v 18 हि तुरतच जार ख छोड़ क ओको पीछू चली गयो। \p \v 19 अऊर कुछ आगु आय क, ओन जब्दी को दोय बेटा याकूब, अऊर ओको भाऊ यूहन्ना ख, डोंगा पर जार ख सुधारतो देख्यो। \v 20 जब यीशु न उन्ख देख्यो, अऊर तुरतच उन्ख बुलायो; हि अपनो बाप जब्दी ख मजूरों को संग डोंगा पर छोड़ क, ओको पीछू चली गयो। \s दुष्ट आत्मा ग्रस्त आदमी \r (लूका ४:३१-३७) \p \v 21 यीशु अऊर ओको चेला कफरनहूम नगर म आयो, अऊर ऊ आराम दिन\f + \fr १:२१ \fr*\ft यहूदियों को आराम दिन\ft*\f* म यहूदियों को आराधनालय म जाय क शिक्षा देन लग्यो। \v 22 \x + \xo १:२२ \xo*\xt मत्ती ७:२८,२९\xt*\x*अऊर लोग ओकी शिक्षा सी अचम्भित भयो; कहालीकि ऊ उन्ख धर्मशास्त्री\f + \fr १:२२ \fr*\ft धर्मगुरु\ft*\f* को जसो नहीं, पर अधिकार सी शिक्षा देत होतो। \p \v 23 उच समय म, उन्को आराधनालय म एक आदमी होतो, जेको म एक दुष्ट आत्मा होती। \v 24 ओन चिल्लाय क कह्यो, “हे नासरत नगर को यीशु, हम्ख तोरो सी का काम? का तय हम्ख नाश करन आयो हय? मय तोख जानु हय, तय कौन आय? परमेश्वर को पवित्र जन आय!” \p \v 25 यीशु न ओख डाट क कह्यो, “चुप रह्य; अऊर ओको म सी निकल जा।” \p \v 26 तब दुष्ट आत्मा ओख मुरकट क, अऊर बड़ो आवाज सी चिल्लाय क ओको म सी निकल गयी। \v 27 येको पर सब लोग अचम्भा करतो हुयो आपस म वाद-विवाद करन लग्यो, की “या का बात आय? या त कोयी नयी शिक्षा आय! ऊ अधिकार को संग दुष्ट आत्मावों ख भी आज्ञा देत होतो, अऊर हि ओकी आज्ञा मानत होतो।” \p \v 28 अऊर यीशु को समाचार को बारे म तुरतच गलील को आजु-बाजू को पूरो प्रदेश म फैल गयो। \s यीशु न बहुत सो बीमारों ख चंगो करयो \r (मत्ती ८:१४-१७; लूका ४:३८-४१) \p \v 29 यीशु आराधनालय म सी निकल क, याकूब अऊर यूहन्ना को संग शिमोन अऊर अन्द्रियास को घर आयो। \v 30 शिमोन की सासु बुखार म पड़ी होती, अऊर उन्न तुरतच ओको बारे म यीशु सी कह्यो। \v 31 तब ओन जवर जाय क ओको हाथ पकड़ क ओख उठायो; अऊर ओको बुखार उतर गयो, अऊर वा उन्की सेवा-भाव करन लगी। \p \v 32 शाम को समय जब सूरज डुब गयो त लोग सब बीमारों ख अऊर उन्ख, जेको म दुष्ट आत्मायें होती, यीशु को जवर लायो। \v 33 अऊर नगर को सब लोग फाटक को बाहेर जमा भयो। \v 34 यीशु न बहुत सो ख जो कुछ तरह की बीमारी सी जकड़्यो हुयो होतो, उन्ख चंगो करयो, अऊर बहुत सी दुष्ट आत्मावों ख निकाल्यो, अऊर दुष्ट आत्मावों ख बोलन नहीं दियो, कहालीकि हि ओख जानत होती की ऊ कौन आय। \s गलील म यीशु को उपदेश \r (लूका ४:४२-४४) \p \v 35 भुन्सारो ख, यीशु उठ क निकल गयो, अऊर एक एकान्त जागा म गयो अऊर प्रार्थना करन लग्यो। \v 36 पर शिमोन अऊर ओको संगी ओख ढूंढन गयो। \v 37 अऊर जब ऊ मिल्यो, त ओको सी कह्यो, “सब लोग तोख ढूंढ रह्यो हय।” \p \v 38 पर यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “आवो; हम अऊर कहीं आजु-बाजू को गांवो म जाबो, कि मय उत भी प्रचार करू, कहालीकि मय येको लायीच आयो हय।” \p \v 39 \x + \xo १:३९ \xo*\xt मत्ती ४:२३; ९:३५\xt*\x*येकोलायी ऊ पूरो गलील म यहूदियों को सभागृह म जाय-जाय क प्रचार करत अऊर दुष्ट आत्मावों ख निकालत रह्यो। \s कोढ़ को रोगी ख चंगो करनो \r (मत्ती ८:१-४; लूका ५:१२-१६) \p \v 40 अऊर एक कोढ़ को रोगी यीशु को जवर आय क ओको सी बिनती करी, अऊर ओको सामने घुटना टेक क ओको सी कह्यो; “यदि तय चाहवय त मोख शुद्ध कर सकय हय।” \p \v 41 यीशु न कोढ़ी पर तरस खाय क हाथ बढ़ायो, अऊर ओख छूय क कह्यो, “मय चाहऊ हय तय शुद्ध होय जा!” \v 42 अऊर तुरतच ओको कोढ़ सुधरतो चल्यो, अऊर ऊ शुद्ध भय गयो। \v 43 तब यीशु न ओख कठिन चेतावनी दे क तुरतच बिदा करयो, \v 44 अऊर ओको सी कह्यो, “सुन, कोयी सी कुछ मत कहजो, पर जाय क अपनो आप ख याजक\f + \fr १:४४ \fr*\ft अर्पन करन वालो पुजारी\ft*\f* ख दिखाव, अऊर अपनो शुद्ध होन को बारे म जो कुछ मूसा न ठहरायो हय ओख भेंट चढ़ाव कि उन पर गवाही हो।” \p \v 45 पर ऊ आदमी बाहेर जाय क यो बात को बहुत प्रचार करन अऊर यहां तक फैलावन लग्यो कि यीशु फिर खुलेआम नगर म नहीं जाय सक्यो, पर बाहेर सुनसान जागा म रह्यो; अऊर चारयी तरफ सी लोग ओको जवर आतो रह्यो। \c 2 \s लकवा को रोगी ख चंगो करनो \r (मत्ती ९:१-८; लूका ५:१७-२६) \p \v 1 कुछ दिनो बाद यीशु वापस कफरनहूम आयो, अऊर खबर फैल गयी की ऊ घर म हय। \v 2 तब इतनो लोग जमा भयो कि द्वार को जवर भी जागा नहीं होती। अऊर यीशु उन्ख सन्देश सुनाय रह्यो होतो। \v 3 अऊर लोग एक लकवा को रोगी ख चार आदमी सी उठाय क यीशु को जवर लायो। \v 4 पर जब हि भीड़ को वजह सी ओको जवर नहीं पहुंच सक्यो। त उन्न ऊ घर को ऊपर को छत ख जित यीशु होतो खोल दियो। अऊर जब हि छत ख उधड़ दियो, त वा खटिया ख जेको म लकवा को रोगी पड़यो होतो, ओख छत पर सी जमीन पर उतार दियो। \v 5 यीशु न, उन्को विश्वास देख क ऊ लकवा को रोगी सी कह्यो, “हे बेटा, तोरो पाप माफ भयो।” \p \v 6 तब बहुत सो धर्मशास्त्री जो उत बैठ्यो होतो, अपनो-अपनो मन म बिचार करन लग्यो, \v 7 “यो आदमी कसो बात करन की हिम्मत करय हय? यो त परमेश्वर की निन्दा करय हय! परमेश्वर को अलावा अऊर कौन पाप माफ कर सकय हय?” \p \v 8 यीशु न खुद अपनी आत्मा म जान लियो कि हि अपनो-अपनो मन सी असो बिचार कर रह्यो हय, अऊर उन्को सी कह्यो, “तुम अपनो-अपनो मन म यो बिचार कहाली कर रह्यो हय? \v 9 का यो कहनो सहज हय? लकवा को रोगी सी कि ‘तोरो पाप माफ भयो, यां यो कहनो कि उठ अपनी खटिया उठाय क चल फिर?’ \v 10 यीशु न लकवा को रोगी सी कह्यो, तुम जान लेवो कि आदमी को बेटा ख धरती पर पाप माफ करन को भी अधिकार हय।” \v 11 “मय तोरो सी कहूं हय, उठ, अपनी खटिया उठाय क अपनो घर चली जा।” \p \v 12 ऊ उठ्यो अऊर तुरतच खटिया उठाय क सब को सामने सी निकल क चली गयो; येको पर सब अचम्भित भयो, अऊर परमेश्वर कि बड़ायी कर क् कहन लग्यो, “हम न असो कभी नहीं देख्यो!” \s यीशु न लेवी ख बुलायो \r (मत्ती ९:९-१३; लूका ५:२७-३२) \p \v 13 यीशु निकल क गलील की झील को किनारा पर गयो, अऊर बहुत भीड़ ओको जवर आयी, अऊर ऊ उन्ख शिक्षा देन लग्यो। \v 14 जातो हुयो ओन हलफई को टुरा लेवी ख कर वसुली की चौकी पर बैठ्यो देख्यो, यीशु न ओको सी कह्यो, “मोरो पीछू चली आव।” अऊर ऊ उठ क ओको पीछू चली गयो। \p \v 15 जब यीशु लेवी को घर म जेवन करन गयो, तब बहुत सो कर लेनवालो अऊर दूसरों लोग भी, यीशु अऊर ओको चेलावों को संग जेवन करन बैठ्यो; कहालीकि हि बहुत सो होतो, अऊर ओको पीछू चल रह्यो होतो। \v 16 धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों न यो देख क कि ऊ त पापियों अऊर कर लेनवालो को संग जेवन कर रह्यो हय, उन्न अपनो चेलावों सी कह्यो, “ऊ त कर लेनवालो अऊर पापियों को संग कहाली खावय पीवय हय?” \p \v 17 यीशु न यो सुन क उन्को सी कह्यो, “भलो चंगो ख डाक्टर की जरूरत नहाय, पर बीमारों ख हय: मय धर्मियों ख नहीं, पर पापियों को बहिष्कार करन आयो हय।” \s उपवास को प्रश्न \r (मत्ती ९:१४-१७; लूका ५:३३-३९) \p \v 18 बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को चेला, अऊर फरीसियों को चेला उपवास करत होतो। कुछ लोग आय क यीशु सी पुच्छ्यो, “यूहन्ना अऊर फरीसियों को चेला कहालीकि उपवास रखय हंय, पर तोरो चेला उपवास नहीं रखय?” \p \v 19 यीशु न उन्को सी कह्यो, “जब तक दूल्हा बरातियों को संग रह्य हय, का हि बिना खायो जाय सकय हंय? बिल्कुल नहीं! जब तक दूल्हा उन्को संग हय, तब तक हि नहीं खाय सकय। \v 20 पर ऊ दिन आयेंन, जब दूल्हा उन्को सी अलग कर दियो जायेंन; ऊ समय हि उपवास करेंन। \p \v 21 “नयो कपड़ा को थेगड़ पुरानो कपड़ा पर कोयी नहीं लगावय; नहीं त धोवन को बाद ऊ थेगड़ ओको म सी कुछ सुकड़ जायेंन, यानेकि नयो, पुरानो सी, अऊर ऊ पहिलो सी जादा फट जायेंन। \v 22 नयो अंगूररस ख पुरानो चमड़ा को मशकों म कोयी नहीं रखय, नहीं त अंगूररस ऊ मशकों ख फाड़ देयेंन, अऊर अंगूररस अऊर मशकों दोयी नाश होय जायेंन; पर नयो अंगूररस नयो झोली म भरयो जावय हय।” \fig अंगूरीरस रखन को झोला|alt="Wineskin bag" src="lb00145c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="२:२२"\fig* \s आराम दिन को प्रश्न \r (मत्ती १२:१-८; लूका ६:१-५) \p \v 23 असो भयो कि यीशु आराम दिन\f + \fr २:२३ \fr*\ft यहूदियों को आराम दिन\ft*\f* ख गहूं को खेतो म सी होय क जाय रह्यो होतो, अऊर ओको चेला चलतो हुयो गहूं को लोम्बा तोड़न लग्यो। \v 24 तब फरीसियों न यीशु सी कह्यो, “देखो; यो आराम को दिन ऊ काम कहाली करय हय जो उचित नहाय?” \p \v 25 यीशु न उन्को सी कह्यो, “का तुम न यो कभी नहीं पढ़्यो कि जब दाऊद ख जरूरत पड़ी, अऊर जब ऊ अऊर ओको संगी ख भूख लगी, तब ओन का करयो होतो? \v 26 ओन कसो अबियातार महायाजक को समय म, परमेश्वर को मन्दिर म जाय क अर्पन करी हुयी रोटी खायी, पर नियम को अनुसार याजक लोगों ख छोड़ कोयी भी नहीं खाय सकय होतो, पर दाऊद न खायी अऊर अपनो संगियों ख भी दियो?” \p \v 27 अऊर यीशु न उन्को सी कह्यो, “आराम दिन आदमी लायी बनायो गयो हय, नहीं कि आदमी आराम दिन को लायी। \v 28 येकोलायी आदमी को बेटा आराम दिन को भी प्रभु आय।” \c 3 \s सूख्यो हाथ वालो आदमी ख चंगो करनो \r (मत्ती १२:९-१४; लूका ६:६-११) \p \v 1 यीशु तब यहूदियों को आराधनालय म गयो; उत एक आदमी होतो जेको हाथ लकवा को रोग सी सूख गयो होतो, \v 2 अऊर हि यीशु पर दोष लगावन लायी ओख मारन म लग्यो होतो कि देखो, ऊ आराम दिन म ऊ आदमी ख चंगो करय हय कि नहीं। \v 3 यीशु न लकवा को सुख्यो हाथ वालो आदमी सी कह्यो, “सामने खड़ो हो।” \p \v 4 अऊर उन्को सी कह्यो, “का आराम दिन को नियम को अनुसार भलो करनो ठीक हय यां बुरो करनो? जीव ख बचावनो यां मारनो?” पर हि चुप रह्यो। \v 5 यीशु न उन्को मन की कठोरता सी उदास होय क, उन्ख गुस्सा सी चारयी तरफ देख्यो, अऊर ऊ आदमी सी कह्यो, “अपनो हाथ बढ़ाव।” ओन बढ़ायो, अऊर ओको हाथ पहिलो जसो अच्छो भय गयो। \v 6 तब फरीसी बाहेर जाय क यीशु को विरोध म हेरोदेस राजा को राजनैतिक सभा को संग योजना बनायी कि ओख कसो नाश करबो। \s यीशु को पीछू भीड़ को चलनो \p \v 7 यीशु अपनो चेलावों को संग झील को जवर चली गयो: अऊर गलील, यहूदिया सी एक बड़ी भीड़ ओको पीछू चलन लगी; \v 8 अऊर यहूदिया, अऊर यरूशलेम, अऊर इदूमिया, अऊर यरदन नदी को ओन पार, अऊर सूर अऊर सैदा को आजु बाजू सी लोगों कि एक बड़ी भीड़ यो सुन क आयी कि ऊ कसो अचम्भा को काम करय हय, ओको जवर आयी। \v 9 \x + \xo ३:९ \xo*\xt मरकुस ४:१; लूका ५:१-३\xt*\x*यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “भीड़ को वजह सी एक छोटो डोंगा मोरो लायी तैयार रखे कहालीकि हि मोख घेर नहीं सकेंन।” \v 10 ओन बहुत सो ख चंगो करयो होतो, येकोलायी जितनो लोग रोग-ग्रस्त होतो, ओख छूवन लायी ओको पर गिरत पड़त होतो। \v 11 अऊर दुष्ट आत्मायें सी ग्रस्त लोग, जब ओख देखत होती, त यीशु को आगु गिरत होती, अऊर चिल्लाय क कहत होती कि तय परमेश्वर को बेटा आय। \p \v 12 अऊर यीशु न दुष्ट आत्मा ख आदेश दियो कि ऊ कोयी ख भी मत बतावो कि ऊ कौन आय। \s बारा प्रेरितों ख चुननो \r (मत्ती १०:१-४; लूका ६:१२-१६) \p \v 13 तब यीशु पहाड़ी पर चढ़ गयो, अऊर जेक ऊ चाहत होतो उन्ख अपनो जवर बुलायो; अऊर हि ओको जवर आयो। \v 14 तब यीशु न बारा आदमियों ख चुन्यो अऊर उन्ख प्रेरित नाम दे क, ओन उन्को सी कह्यो मोरो संग रहे अऊर मय उन्ख भेज सकू कि हि प्रचार करे, \v 15 अऊर दुष्ट आत्मा ख निकालन को अधिकार रखेंन। \p \v 16 हि बारा म सी यो आय: शिमोन जेको नाम ओन पतरस रख्यो, \v 17 अऊर जब्दी को बेटा याकूब अऊर याकूब को भाऊ यूहन्ना, जिन्को नाम ओन बुअनरगिस मतलब “गर्जन\f + \fr ३:१७ \fr*\ft बादर को टकराव को आवाज\ft*\f* को बेटा” रख्यो, \v 18 अऊर अन्द्रियास, अऊर फिलिप्पुस, अऊर बरतुल्मै, अऊर मत्ती, अऊर थोमा, अऊर हलफई को बेटा याकूब, अऊर तद्दै, अऊर शिमोन कनानी\f + \fr ३:१८ \fr*\ft रोमन को खिलाफ विरोधी \ft*\f*, \v 19 अऊर यहूदा इस्करियोती जेन यीशु ख बैरियों को हाथ म धोका दे क पकड़वायो। \s यीशु अऊर बालजबूल \r (मत्ती १२:२२-३२; लूका ११:१४-२३; १२:१०) \p \v 20 तब यीशु घर म गयो: अऊर असी भीड़ जमा भय गयी कि यीशु अऊर ओको चेलावों को जवर रोटी खान ख भी समय नहीं मिल्यो। \v 21 जब ओको घराना न यो सुन्यो, त हि ओख सम्भालन लायी निकल्यो; कहालीकि हि कहत होतो कि ओको चित ठिकाना पर नहाय। \p \v 22 \x + \xo ३:२२ \xo*\xt मत्ती ९:३४; १०:२५\xt*\x*धर्मशास्त्री भी जो यरूशलेम सी आयो होतो, यो कहत होतो, “ओको म शैतान हय,” अऊर “बालजबूल\f + \fr ३:२२ \fr*\ft दुष्ट आत्मावों को सरदार\ft*\f* जो दुष्ट आत्मावों को सरदार हय येकी शक्ति सी दुष्ट आत्मावों ख निकालय हय।” \p \v 23 येकोलायी यीशु उन्ख जवर बुलाय क उन्को सी दृष्टान्तों म कहन लग्यो, “शैतान कसो शैतान ख निकाल सकय हय? \v 24 यदि कोयी राज्य म फूट पड़ेंन, त ऊ राज्य कसो बन्यो रह्य सकय हय? \v 25 अऊर यदि कोयी परिवार म फूट पड़ेंन, त ऊ परिवार कसो बन्यो रह्य सकेंन? \v 26 अऊर यदि शैतान अपनोच विरोधी म होय क अपनोच राज्य म फूट डालेंन, त ऊ कसो बन्यो रह्य सकय हय? ओको त अन्त होय जावय हय। \p \v 27 “पर कोयी ताकतवर आदमी को घर म घुस क ओको माल नहीं लूट सकय, जब तक की पहिले ऊ ताकतवर आदमी ख बान्ध नहीं लेवय; तब ऊ ओको घर ख लूट सकेंन। \p \v 28 “मय तुम सी सच कहू हय, कि आदमी की सन्तान को सब पाप अऊर निन्दा जो हि करय हय, माफ करयो जायेंन, \v 29 \x + \xo ३:२९ \xo*\xt लूका १२:१०\xt*\x*पर जो कोयी पवित्र आत्मा को खिलाफ निन्दा करेंन, ऊ कभी भी माफ नहीं करयो जायेंन: बल्की ऊ अनन्त पाप को अपराधी होयेंन।” \v 30 यीशु न लोगों सी असो कह्यो कि कुछ लोग असो कहत होतो कि ओको म दुष्ट आत्मा हय। \s यीशु कि माय अऊर भाऊ \r (मत्ती १२:४६-५०; लूका ८:१९-२१) \p \v 31 तब यीशु की माय अऊर ओको भाऊ बहिन आयो, अऊर घर को बाजू म खड़ो होय क ओख बुलावन भेज्यो। \v 32 अऊर भीड़ यीशु को आजु बाजू बैठी होती, अऊर उन्न ओको सी कह्यो, “देखो, तोरी माय अऊर तोरो भाऊ-बहिन बाहेर तोख ढूंढ रह्यो हय अऊर तुम सी मिलनो चाहवय हय।” \p \v 33 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मोरी माय अऊर मोरो भाऊ-बहिन कौन आय?” \v 34 अऊर उन पर जो ओको चारयी तरफ बैठ्यो होतो, उन्को तरफ देख क कह्यो, “देखो, मोरी माय अऊर मोरो भाऊ-बहिन यहां हय। \v 35 कहालीकि जो कोयी परमेश्वर की इच्छा पर चलेंन, उच मोरो भाऊ, अऊर बहिन, अऊर माय आय।” \c 4 \s बीज बोवन वालो को दृष्टान्त \r (मत्ती १३:१-९; लूका ८:४-८) \p \v 1 \x + \xo ४:१ \xo*\xt लूका ५:१-३\xt*\x*फिर सी यीशु न गलील की झील को किनार पर शिक्षा देन लग्यो। अऊर असी बड़ी भीड़ ओको जवर जमा भय गयी कि ऊ एक डोंगा पर चढ़ क बैठ गयो। अऊर पूरी भीड़ झील को किनार पर खड़ी रही। \v 2 अऊर ऊ उन्ख दृष्टान्त म बहुत सी बात सिखावन लग्यो, अऊर अपनो शिक्षा म उन्को सी कह्यो। \p \v 3 “सुनो! एक किसान बीज बोवन निकल्यो। \v 4 तब बीज बोवतो समय कुछ रस्ता को किनार पर गिरयो अऊर पक्षिंयों न आय क ओख खाय लियो। \v 5 अऊर कुछ बीज गोटाड़ी जमीन पर गिरयो जित ओख थोड़ी सी माटी मिली होती, अऊर गहरी माटी नहीं मिलन को वजह जल्दी उग गयो, \v 6 अऊर जब सूरज निकल्यो त बड़ो पौधा जर गयो, अऊर गहरी जड़ी नहीं पकड़न को वजह सूख गयो। \v 7 कुछ बीज काटा को झाड़ियों म गिरयो, अऊर झाड़ियों न बढ़ क ओख दबाय दियो, अऊर ओन फर नहीं लायो। \v 8 पर कुछ बीज अच्छी जमीन पर गिरयो, अऊर ऊ उग्यो अऊर बढ़ क ओख अच्छो फर लग्यो; अऊर कोयी तीस गुना, कोयी साठ गुना अऊर कोयी सौ गुना फर लायो।” \p \v 9 तब यीशु न कह्यो, “जेको जवर सुनन लायी कान हय, ऊ सुन ले।” \s दृष्टान्त को उद्देश \r (मत्ती १३:१०-१७; लूका ८:९,१०) \p \v 10 जब यीशु अकेलो रह्य गयो, त ओको संगियों न उन बारा चेलावों समेत ओको सी इन दृष्टान्तों को बारे म पुच्छ्यो। \v 11 ओन उन्को सी कह्यो, “तुम्ख त परमेश्वर को राज्य को भेद की समझ दी गयी हय, पर बाहेर वालो लायी सब बाते दृष्टान्तों म होवय हय। \q1 \v 12 “हि लोग देखय हय पर \q2 देख नहीं सकय, \q1 अऊर सुनय हय पर सुन नहीं सकय, \q2 अऊर हि समझ नहीं पायेंन। \q1 अऊर हि समझ सकय त परमेश्वर को तरफ मुड़ सकय हय \q2 अऊर उन्को पाप माफ होय सकय हय।” \s बीज बोवन वालो को दृष्टान्त \r (मत्ती १३:१८-२३; लूका ८:११-१५) \p \v 13 तब यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, “का तुम यो दृष्टान्त नहीं समझय? त फिर अऊर कोयी दृष्टान्तों ख कसो समझो? \v 14 बोवन वालो परमेश्वर को सन्देश बोवय हय। \v 15 कुछ लोग बीज को जसो हय जो रस्ता को किनार पर आवय हय, जब हि सन्देश सुनय हय, त शैतान तुरतच आवय हय अऊर जो सन्देश उन्म बोयो गयो हय ओख उठाय लिजावय हय। \v 16 कुछ लोग ऊ बीज को जसो होवय हय, जो गोटाड़ी जमीन पर गिरय हय। जसोच हि सन्देश सुनय हय, हि तुरतच खुशी सी स्वीकार कर लेवय हय। \v 17 पर उन्म जड़ी गहरायी तक नहीं होवय हय, अऊर हि जादा दिन तक नहीं रह्य सकय। येकोलायी सन्देश स्वीकार नहीं करन को वजह सी भूल जावय हय, त उन पर कठिनायी यां उपद्रव आवय हय, त हि तुरतच ठोकर खावय हय। \v 18 कुछ लोग काटा की झाड़ियों म जगन वालो बीज को जसो हय जो सन्देश ख सुनय हय, \v 19 अऊर जीवन की चिन्ता, अऊर धन को धोका, अऊर दूसरी चिजों को लोभ ओको म समाय क सन्देश ख दबाय देवय हय अऊर ऊ असफल रह्य जावय हय। \v 20 पर कुछ लोग अच्छी जमीन म बोयो गयो बीज को जसो हंय जो सन्देश ख सुन क स्वीकार करय हंय अऊर अच्छो फर लावय हंय: कोयी तीस गुना, कोयी साठ गुना, कोयी सौ गुना।” \s दीया को दृष्टान्त \r (लूका ८:१६-१८) \p \v 21 \x + \xo ४:२१ \xo*\xt मत्ती ५:१५; लूका ११:३३\xt*\x*यीशु न उन्को सी कह्यो, “का दीया ख येकोलायी लावय हय कि बर्तन\f + \fr ४:२१ \fr*\ft पैमाना\ft*\f* यां खटिया को खल्लो रख्यो जायेंन? का येकोलायी नहीं कि दीवट पर रख्यो जायेंन? \v 22 \x + \xo ४:२२ \xo*\xt मत्ती १०:२६; लूका १२:२\xt*\x*असो कुछ भी नहाय, जो लूक्यो हय अऊर खोल्यो नहीं जायेंन अऊर नहीं कुछ लूक्यो हय, जो प्रकाश म नहीं लायो जायेंन। \v 23 यदि कोयी को कान हय, त ऊ सुन ले।” \p \v 24 \x + \xo ४:२४ \xo*\xt मत्ती ७:२; लूका ६:३८\xt*\x*तब ओन उन्को सी यो भी कह्यो, “तुम सुनय हय ओको पर ध्यान देवो! उच नियम सी तुम दूसरों को न्याय करय हय उच नियम तुम्हरो लायी भी व्यवहार म लायो जायेंन, अऊर तुम्हरो लायी त ओको सी भी जादा होयेंन। \v 25 \x + \xo ४:२५ \xo*\xt मत्ती १३:१२; २५:२९; लूका १९:२६\xt*\x*कहालीकि जेको जवर हय, उन्ख जादा दियो जायेंन; अऊर जेको जवर नहाय, ओको सी ऊ भी जो ओको जवर हय, ले लियो जायेंन।” \s उगतो बीज को दृष्टान्त \p \v 26 यीशु न कह्यो, “परमेश्वर को राज्य असो हय। जसो कोयी आदमी जमीन म बीज बोवय हय, \v 27 अऊर रात ख सोवय हय, अऊर दिन ख जागय हय, तब सब बीज अंकुरित होय क असो बढ़य हय। कि ऊ नहीं जानय की यो कसो भयो। \v 28 जमीन अपनो आप फर लावय हय, पहिले अंकुर, तब लोम्ब, अऊर तब लोम्बा म तैयार दाना। \v 29 पर जब फसल पक जावय हय, तब ऊ तुरतच हसिया सी काटय हय, कहालीकि काटन को समय आय गयो हय।” \s राई को दाना को दृष्टान्त \r (मत्ती १३:३१,३२,३४; लूका १३:१८,१९) \p \v 30 तब यीशु न कह्यो, “परमेश्वर को राज्य कसो हय ओख समझावन लायी कौन सो दृष्टान्त सी ओको वर्नन कर सकय हय? \v 31 ऊ राई को दाना को जसो हय: जब जमीन म बोयो जावय हय त जमीन को सब बीजावों सी छोटो होवय हय, \v 32 पर जब बोयो गयो, त उग क सब पौधा सी बड़ो होय जावय हय, अऊर ओकी असी बड़ी डगाली निकलय हय कि आसमान को पक्षी ओकी छाव म घोसला बनाय क बसेरा कर सकय हय।” \p \v 33 यीशु न लोगों ख सन्देश दियो, असो कुछ दृष्टान्तों को उपयोग करतो हुयो ओन उन्ख उतनोच बतायो जितनो हि समझ सकत होतो। \v 34 अऊर बिना दृष्टान्त को ऊ उन्को सी कुछ भी नहीं बोलत होतो; पर एकान्त म ऊ अपनो चेलावों ख सब बातों को मतलब समझावत होतो। \s यीशु न आन्धी ख शान्त करयो \r (मत्ती ८:२३-२७; लूका ८:२२-२५) \p \v 35 ओनच दिन शाम ख, ओन अपनो चेलावों सी कह्यो, “आवो, हम झील को ओन पार चलबो।” \v 36 येकोलायी हि भीड़ ख छोड़ क जो डोंगा म यीशु पहिलेच बैठ्यो होतो, वसोच चेलावों भी ओख डोंगा पर ओन पार ले गयो; अऊर ओको संग अऊर भी डोंगा होतो। \v 37 तब अचानक बड़ी आन्धी तूफान आयी, अऊर लहर डोंगा सी यहां तक टकरावन लगी कि ऊ पानी सी भरन लगी। \v 38 यीशु खुद जहाज को पीछू को भाग म मुन्डेसो लगाय क सोय रह्यो होतो। तब चेलावों न ओख जगायो अऊर कह्यो, “हे गुरु, का तोख चिन्ता नहाय कि हम मरन पर हय?” \p \v 39 यीशु न उठ क आन्धी ख आज्ञा दियो, “शान्त रह, थम जा!” अऊर आन्धी थम गयी, अऊर बड़ो चैन मिल गयो। \v 40 तब यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “तुम कहाली डरय हय? का तुम्ख अब भी विश्वास नहाय?” \p \v 41 हि बहुतच डर गयो अऊर आपस म बोलन लग्यो, “यो आदमी कौन आय? कि आन्धी अऊर लहर भी ओकी आज्ञा मानय हय!” \c 5 \s दुष्ट आत्मा लग्यो आदमी ख चंगो करनो \r (मत्ती ८:२८-३४; लूका ८:२६-३९) \p \v 1 यीशु अऊर ओको चेला गलील की झील को ओन पार गिरासेनियों प्रदेश म पहुंच्यो, \v 2 जब यीशु डोंगा पर सी उतरयो, त तुरतच एक आदमी कब्रस्थान सी बाहेर निकल क आयो। जेको म दुष्ट आत्मा होती ओख मिल्यो \v 3 अऊर ऊ कब्रस्थान म रहत होतो। अऊर कोयी ओख संकली सी भी बान्ध नहीं सकत होतो, \v 4 कहालीकि ऊ बार-बार बेड़ियों अऊर संकली सी बान्ध्यो गयो होतो, पर ओन संकली ख तोड़ दियो अऊर हाथ अऊर पाय की बेड़ियों को टुकड़ा टुकड़ा कर दियो होतो, अऊर कोयी ओख वश म नहीं कर सकत होतो। \v 5 ऊ लगातार रात-दिन कब्रस्थान अऊर पहाड़ी म फिरत होतो, अऊर अपनो आप ख गोटा सी घायल करत होतो। \p \v 6 ऊ दूर सी यीशु ख देख क दवड़्यो, अऊर ओको पाय पर घुटना को बल गिर पड़्यो, \v 7 अऊर ऊचो आवाज सी चिल्लाय क कह्यो, “हे यीशु, परमप्रधान परमेश्वर को बेटा, मोख तोरो सी का काम? मय तोख परमेश्वर की कसम देऊ हय कि मोख सजा मत दे।” \v 8 कहालीकि यीशु न ओको सी कह्यो होतो, “हे दुष्ट आत्मा, यो आदमी म सी निकल जा!” \p \v 9 यीशु न ओको सी पुच्छ्यो, “तोरो का नाम हय?” \p ओन ओको सी कह्यो, “मोरो नाम सेना हय; कहालीकि हम बहुत हय।” \v 10 अऊर ओन यीशु सी बहुत बिनती करी, “हम्ख बुरी आत्मावों ख यो जागा सी बाहेर मत भेज।” \p \v 11 उत पहाड़ी को ढलान पर डुक्करों को एक बड़ो झुण्ड चर रह्यो होतो। \v 12 येकोलायी बुरी आत्मा न यीशु सी बिनती कर क् कह्यो, “हम्ख उन डुक्करों म भेज दे कि हम उन्को अन्दर समाय जाबो।” \v 13 येकोलायी ओन उन्ख आज्ञा दियो अऊर दुष्ट आत्मा निकल क डुक्करों को अन्दर समाय गयी अऊर डुक्करों को जो झुण्ड, लग-भग दोय हजार होतो, ढलान पर सी झील म गिर क डुब मरयो। \p \v 14 उन डुक्करों ख चरावन वालो न खेतो सी दौड़ क नगर अऊर गांवो म समाचार सुनायो, अऊर जो घटना घटी होती, लोग ओख देखन आयो। \v 15 तब हि यीशु को जवर आयो, अऊर ऊ आदमी ख जेको म दुष्ट आत्मायें होती, जेको म सेना समायी होती, कपड़ा पहिन क अच्छो अवस्था म बैठ्यो देख क डर गयो। \v 16 जिन लोगों न ओख देख्यो होतो, ओको म दुष्ट आत्मायें होती, अऊर डुक्करों को पूरो हाल उन्ख बतायो। \p \v 17 तब हि यीशु सी बिनती कर क् कहन लग्यो कि हमरो सरहद सी चली जा। \p \v 18 जब यीशु डोंगा पर चढ़न लग्यो त ऊ आदमी जेको म दुष्ट आत्मायें होती, ओको सी बिनती करन लग्यो, “मोख अपनो संग चलन दे।” \p \v 19 पर यीशु न ओख जान नहीं दियो। अऊर ओको सी कह्यो, “अपनो घर जाय क अपनो लोगों ख बताव कि तोरो पर दया कर क् प्रभु न तोरो लायी कसो बड़ो काम करयो हय।” \p \v 20 ऊ जाय क दस नगर को बड़ो शहर दिकापुलिस म यो बात को प्रचार करन लग्यो कि यीशु न मोरो लायी कसो बड़ो काम करयो हय; अऊर सब लोग अचम्भा करत होतो। \s मरी टुरी अऊर रोगी बाई की चंगायी \r (मत्ती ९:१८-२६; लूका ८:४०-५६) \p \v 21 जब यीशु डोंगा सी ओन पार गयो, त एक बड़ी भीड़ ओको आजु बाजू जमा भय गयी। अऊर ऊ झील को किनार पर होतो। \v 22 याईर नाम को आराधनालय को मुखिया म सी एक लोग आयो, अऊर यीशु ख देख क ओको पाय पर गिर पड़्यो, \v 23 अऊर यो कह्य क ओको सी बहुत बिनती करी, “मोरी छोटी बेटी बीमार हय: तय आय क ओको पर हाथ रख कि वा चंगी होय क जीन्दी रहे।” \p \v 24 तब यीशु ओको संग गयो; अऊर बड़ी भीड़ ओको पीछू चलन लगी, यहां तक कि लोगों कि भीड़ ओको पर गिर पड़त होती। \p \v 25 एक बाई होती, जेक बारा साल सी खून बहन कि बीमारी होती। \v 26 ओन बहुत दु:ख उठायो अऊर बहुत डाक्टरों सी इलाज करवायो, अऊर अपनो सब पैसा खर्च करन पर भी ओख कुछ फायदा नहीं मिल्यो, पर अऊर भी बीमारी भय गयी। \v 27 ओन यीशु को बारे म ओकी चर्चा सुनी, येकोलायी भीड़ म ओको पीछू सी आयी अऊर ओको कपड़ा ख छूय लियो, \v 28 कहालीकि वा कहत होती, “यदि मय ओको कपड़ाच ख छूय लेऊ, त चंगी होय जाऊं।” \p \v 29 अऊर तुरतच ओको खून बहनो बन्द भय गयो, अऊर ओन अपनो शरीर म जान लियो कि मय वा बीमारी सी अच्छी भय गयी हय। \v 30 यीशु न तुरतच अपनो आप म जान लियो कि मोरो म सी सामर्थ निकली हय, अऊर भीड़ म पीछू मुड़ क पुच्छ्यो, “मोरो कपड़ा ख कौन न छूयो?” \p \v 31 ओको चेलावों न ओको सी कह्यो, “तय देखय हय कि भीड़ तोरो पर गिर पड़य हय, अऊर तय कह्य हय कि कौन न मोख छूयो?” \p \v 32 पर यीशु न ओख देखन लायी जेन यो काम करयो होतो, चारयी तरफ देख्यो। \v 33 तब वा बाई यो जान क कि मोरी कसी भलायी भयी हय, डरती अऊर कापती आयी, अऊर ओको पाय पर घुटना को बल गिर क ओख सब सच्चायी बताय दियो। \v 34 यीशु न ओको सी कह्यो, “मोरी बेटी, तोरो विश्वास न तोख चंगो करयो हय: शान्ति सी जा, अऊर अपनी यो बीमारी सी बची रह्य।” \p \v 35 जब यीशु कह्य रह्यो होतो कि आराधनालय को मुखिया को घर सी लोगों न आय क कह्यो, “तोरी बेटी त मर गयी, अब गुरु ख कहालीकि परेशान करय हय?” \p \v 36 पर यीशु न उन्की बात नहीं सुनी पर उन्की बात पर ध्यान नहीं दियो, अऊर आराधनालय को मुखिया सी कह्यो। “मत डर; केवल विश्वास रख।” \v 37 अऊर ओन पतरस, याकूब, अऊर याकूब को भाऊ यूहन्ना ख छोड़ क, अऊर कोयी ख भी अपनो संग आवन नहीं दियो। \v 38 याईर अधिकारी को घर म जाय क यीशु न, लोगों ख भ्रमित अवस्था म बहुत रोवत अऊर चिल्लावत देख्यो। \v 39 तब ओन घर को अन्दर जाय क उन सी कह्यो, “तुम कहाली भ्रम म हय? कहाली रोवय हय? बेटी मरी नहीं, पर वा सोय रही हय।” \p \v 40 हि ओकी मजाक उड़ावन लग्यो, येकोलायी ओन सब ख बाहेर निकाल क बेटी को माय-बाप अऊर अपनो तीन चेलावों को संग ऊ कमरा को अन्दर गयो, जित बेटी पड़ी होती। \v 41 अऊर बेटी को हाथ पकड़ क ओको सी कह्यो, “तलीता कूमी!” जेको मतलब आय, “हे बेटी, मय तोरो सी कहूं हय, उठ!” \p \v 42 अऊर बारा साल की वा बेटी तुरतच उठ क चलन फिरन लगी; येको पर लोगों ख बहुत आश्चर्य भयो। \v 43 तब ओन उन्ख चिताय क आज्ञा दियो कि या बात कोयी ख मत बतावो, “अऊर येख कुछ खान ख देवो।” \c 6 \s नासरत म यीशु को इन्कार \r (मत्ती १३:५३-५८; लूका ४:१६-३०) \p \v 1 यीशु उत सी निकल क अपनो नासरत नगर म आयो, अऊर ओको चेला भी ओको पीछू गयो। \v 2 आराम दिन म ऊ आराधनालय म शिक्षा देन लग्यो, अऊर बहुत सो लोग सुन क अचम्भित होय क कहन लग्यो, “येख या सब बाते कित सी आय गयी? यो कौन सो ज्ञान आय जो ओख दियो गयो हय? कसो सामर्थ को काम येको हाथों सी प्रगट होवय हय? \v 3 ऊ बढ़यी त आय, जो मरियम को बेटा, अऊर याकूब, योसेस, यहूदा, अऊर शिमोन को भाऊ आय? का ओकी बहिन यहां हमरो बीच म नहाय?” येकोलायी उन्न ओको इन्कार करयो। \p \v 4 \x + \xo ६:४ \xo*\xt यूहन्ना ४:४४\xt*\x*यीशु न उन्को सी कह्यो, “भविष्यवक्ता ख अपनो नगर म, अऊर अपनो कुटुम्ब म, अऊर अपनो परिवार ख छोड़ क सब जागा म आदर, मिलय हय।” \p \v 5 ऊ उत कोयी सामर्थ को काम नहीं कर सक्यो, केवल थोड़ो सो बीमारों पर हाथ रख क उन्ख चंगो करयो। \v 6 अऊर यीशु ख लोगों को अविश्वास पर आश्चर्य भयो, अऊर ऊ चारयी तरफ को गांव म शिक्षा दे रह्यो होतो। \s यीशु न बारयी चेलावों ख प्रचार करन भेज्यो \r (मत्ती १०:५-१५; लूका ९:१-६) \p \v 7 ओन बारयी चेलावों ख अपनो जवर बुलायो अऊर उन्ख दोय-दोय कर क् भेज्यो; अऊर उन्ख दुष्ट आत्मावों पर अधिकार दियो। \v 8 ओन उन्ख आदेश दियो, “अपनी यात्रा लायी लाठी को अलावा अऊर कुछ मत लेवो नहीं रोटी, नहीं झोली, नहीं पैसा। \v 9 पर चप्पल पहिनो, अऊर पहिन्यो हुयो कुरता को अलावा दूसरों कुरता मत रखो।” \v 10 अऊर ओन उन्को सी कह्यो, “जित कहीं भी तुम कोयी घर म जावो त तुम्हरो स्वागत होवय हय, त उच घर म रहो, जब तक बिदा नहीं करय तब तक ऊ घर ख मत छोड़ो। \v 11 \x + \xo ६:११ \xo*\xt प्रेरितों १३:५१\xt*\x*\x + \xo ६:११ \xo*\xt लूका १०:४-११\xt*\x*जो गांव को लोग तुम्हरो स्वागत नहीं करय अऊर तुम्हरी नहीं सुनय, त ऊ घर ख छोड़ देवो अऊर उलटो पाय वापस होय जावो। कि उन्को लायी चेतावनी होयेंन।” \p \v 12 तब उन्न जाय क प्रचार करयो कि पाप करनो छोड़ो, अऊर परमेश्वर को तरफ फिरो। \v 13 \x + \xo ६:१३ \xo*\xt याकूब ५:१४\xt*\x*अऊर बहुत सी दुष्ट आत्मावों ख निकाल्यो, अऊर बहुत सो बीमारों पर जैतून को तेल मल क उन्ख चंगो करयो। \s यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो की हत्या \r (मत्ती १४:१-१२; लूका ९:७-९) \p \v 14 \x + \xo ६:१४ \xo*\xt मत्ती १६:१४; मरकुस ८:२८; लूका ९:१९\xt*\x*\f + \fr ६:१४ \fr*\ft हेरोदेस अंतीपास, गलील प्रान्त को प्रशासक\ft*\f*हेरोदेस राजा न भी ओकी चर्चा सुन्यो, कहालीकि ओको नाम फैल गयो होतो, अऊर लोग कहत होतो, “यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो मरयो हुयो म सी जीन्दो भयो हय! येकोलायी ओको सी यो सामर्थ को काम प्रगट होवय हंय।” \p \v 15 पर कुछ लोगों न कह्यो, “यो एलिय्याह आय।” \p पर कुछ लोगों न कह्यो, “भविष्यवक्ता यां भविष्यवक्तावों म सी कोयी एक को जसो हय।” \p \v 16 राजा हेरोदेस न यो सुन क कह्यो, “जो बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को मुंड मय न कटवायो होतो! पर उच जीन्दो भयो हय!” \v 17 \x + \xo ६:१७ \xo*\xt लूका ३:१९,२०\xt*\x*हेरोदेस न सैनिकों द्वारा यूहन्ना ख संकली सी बान्ध क जेलखाना म डाल दियो होतो। कहालीकि हेरोदेस न अपनो भाऊ फिलिप्पुस की पत्नी हेरोदियास सी बिहाव कर लियो होतो, येकोलायी यूहन्ना ओख गलत साबित करत होतो। \v 18 बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना न बार बार हेरोदेस सी कह्यो होतो, “अपनो भाऊ की पत्नी सी बिहाव करनो तोख उचित नहाय।” \p \v 19 कहालीकि हेरोदियास बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना सी घृना रखत होती येकोलायी ओख मरवानो चाहत होती पर वा हेरोदेस को वजह सी असो नहीं कर सकी, \v 20 हेरोदेस यूहन्ना सी डरत होतो कहालीकि ऊ एक पवित्र अऊर सच्चो व्यक्ति आय जान क ओख सम्भाल क रखत होतो, पर जब भी ओकी बाते सुनत होतो त ऊ बहुत घबरावत होतो। \p \v 21 जब हेरोदियास ख मौका मिल्यो। तब हेरोदेस न अपनो जनम दिन म अपनो प्रधानों, अऊर सेनापतियों, अऊर गलील को मुख्य लोगों ख जेवन म नेवता दियो। \v 22 त हेरोदियास की बेटी अन्दर आयी, अऊर नाच क हेरोदेस अऊर ओको संग बैठन वालो मुख्य लोगों ख खुश करयो। त राजा न टुरी सी कह्यो, “तय जो चाहवय हय मोरो सी मांग मय तोख देऊ।” \v 23 अऊर मय तुम सी वादा करू हय, “मय अपनो अरधो राज्य तक जो कुछ तय मांगजो मय तोख देऊ।” \p \v 24 ओन बाहेर जाय क अपनी माय सी पुच्छ्यो, “मय का मांगू?” \p वा बोली, “यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को मुंड।” \p \v 25 वा तुरतच राजा को जवर आयी अऊर ओको सी मांग करी, “मय चाहऊ हय कि तय अभी यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को मुंड एक थारी म मोख मंगाय दे।” \p \v 26 तब राजा बहुत दु:खी भयो, कि ओन अपनो मेहमानों को आगु वा टुरी सी कसम को वजह ओख टाल नहीं सक्यो। \v 27 येकोलायी राजा न तुरतच एक पहरेदार ख आज्ञा दे क जेलखाना भेज्यो कि ओको मुंड काट क लाव। \v 28 ओन जेलखाना म जाय क ओको मुंड काट्यो, अऊर एक थारी म रख क लायो अऊर टुरी ख दियो, अऊर टुरी न अपनी माय ख दियो। \v 29 यो सुन क यूहन्ना को चेला आयो, अऊर ओको शरीर ख ले गयो अऊर कब्र म रख्यो। \s यीशु को बड़ी भीड़ ख खिलानो \r (मत्ती १४:१३,१४; लूका ९:१०) \p \v 30 प्रेरितों न यीशु को जवर आय क जमा भयो, अऊर जो कुछ उन्न करयो अऊर सिखायो होतो, सब ओख बतायो। \v 31 यीशु न चेला सी कह्यो, “आवो अऊर एकान्त जागा म चल क थोड़ो आराम करो।” कहालीकि बहुत लोग आवत-जात होतो, अऊर उन्ख जेवन करन को समय भी नहीं मिलत होतो। \v 32 येकोलायी हि डोंगा पर चढ़ क सुनसान जागा म अलग चली गयो। \s पाच हजार आदमियों ख खिलानो \r (मत्ती १४:१५-२१; लूका ९:११-१७; यूहन्ना ६:१-१४) \p \v 33 अऊर बहुत लोगों न उन्ख जातो देख क पहिचान लियो, अऊर सब नगर सी जमा होय क पैदल दवड़्यो अऊर यीशु अऊर ओको चेलावों को पहिले जा पहुंच्यो। \v 34 \x + \xo ६:३४ \xo*\xt मत्ती ९:३६\xt*\x*यीशु डोंगा सी उतर क लोगों की बड़ी भीड़ ख देख्यो, अऊर ओको दिल उन्को लायी दया सी भर गयो, कहालीकि हि चरवाहा को बिना मेंढीं को जसो होतो। येकोलायी ऊ उन्ख बहुत सी बाते सिखावन लग्यो। \v 35 जब दिन बहुत डुब गयो, त ओको चेला ओको जवर आय क कहन लग्यो, “यो सुनसान जागा हय, अऊर दिन बहुत डुब गयो हय। \v 36 उन लोगों ख भेज क कि चारयी बाजू को खेतो अऊर गांवो म जाय क, अपनो लायी कुछ खान को लेय क लावो।” \p \v 37 ओन उत्तर दियो, “तुमच उन्ख खान ख देवो।” उन्न यीशु सी कह्यो। \p “का हम चांदी को सिक्का\f + \fr ६:३७ \fr*\ft एक चांदी को सिक्का एक दिन की मजूरी को बराबर हय\ft*\f* की रोटी लेय लेबो जेकी कीमत दोय सौ दिन की मजूरी को बराबर हय, उन्ख खिलायबो?” \p \v 38 यीशु न उन्को सी कह्यो, “जाय क देखो तुम्हरो जवर कितनी रोटी हय?” \p उन्न मालूम कर क् कह्यो, “पाच रोटी अऊर दोय मच्छी।” \p \v 39 तब यीशु न चेलावों आज्ञा दियो कि सब ख हरी घास पर पंगत-पंगत सी बिठाय देवो। \v 40 येकोलायी हि सौ सौ अऊर पचास पचास कर क् पंगत-पंगत सी बैठ गयो। \v 41 तब यीशु न पाच रोटी अऊर दोय मच्छी ख लियो, अऊर स्वर्ग को तरफ देख क परमेश्वर ख धन्यवाद दियो। अऊर ओन रोटी तोड़-तोड़ क चेलावों ख देत गयो कि हि लोगों ख परोसो। अऊर हि दोय मच्छी भी उन सब म बाट दियो। \v 42 अऊर सब खाय क सन्तुष्ट भय गयो, \v 43 तब चेलावों न रोटी अऊर मच्छी म सी बच्यो हुयो टुकड़ा सी बारा टोकनी भर क उठायी। \v 44 जिन्न जेवन करयो, हि पाच हजार आदमी होतो। \s यीशु को पानी पर चलनो \r (मत्ती १४:२२-३३; यूहन्ना ६:१५-२१) \p \v 45 तब यीशु न तुरतच अपनो चेलावों ख डोंगा पर चढ़ायो अऊर हि ओको सी पहिले ओन पार बैतसैदा ख चली जाय, जब तक कि ऊ लोगों ख बिदा करन लग्यो। \v 46 उन्ख बिदा कर क् ऊ पहाड़ी पर प्रार्थना करन गयो। \v 47 जब शाम भयी, त डोंगा झील को बीच म होतो, अऊर यीशु किनारो पर अकेलो होतो। \v 48 जब ओन देख्यो कि हि डोंगा चलावत-चलावत घबराय गयो हय, कहालीकि हवा उन्को विरुद्ध होती, त रात को तीन सी छे बजे को बीच सबेरे होन सी पहिले ऊ झील पर चलत उन्को जवर आयो; कहालीकि ऊ उन्को सी आगु निकल जानो चाहत होतो। \v 49 पर उन्न ओख झील पर चलतो देख क समझ्यो कि यो भूत आय, अऊर चिल्लाय उठ्यो। \p \v 50 कहालीकि सब ओख देख क घबराय गयो होतो। पर यीशु न तुरतच उन्को सी बाते करी अऊर कह्यो, “हिम्मत रखो: मय आय; डरो मत!” \v 51 तब ऊ उन्को जवर डोंगा पर आयो, अऊर हवा रुक गयी: अऊर चेला बहुतच अचम्भित भयो। \v 52 हि उन पाच हजार आदमियों ख रोटी खिलावन वाली बात को अर्थ नहीं समझ सक्यो, कहालीकि उन्को मन कट्टर भय गयो होतो। \s यीशु को गन्नेसरत म रोगियों ख चंगो करनो \r (मत्ती १४:३४-३६) \p \v 53 जसोच हि झील को पार होय क गन्नेसरत म पहुंच्यो, अऊर डोंगा किनार पर लगायो। \v 54 जब हि डोंगा सी उतरयो, त लोगों न तुरतच यीशु ख पहिचान लियो, \v 55 आजु बाजू को पूरो देश म दवड़्यो, अऊर बीमारों ख खटिया पर धर क, जित-जित समाचार सुन्यो कि ऊ आय, उत-उत लेय क फिरयो। \v 56 अऊर जित कहीं यीशु गांवो, नगरो, यां खेतो म जात होतो, लोग बीमारों ख बजारों म रख क ओको सी बिनती करत होतो कि ऊ उन्ख अपनो कपड़ा को कोना ख छूवन देवो; अऊर जितनो ओख छूवत होतो, सब चंगो होय जात होतो। \c 7 \s पूर्वजों की परम्परा को प्रश्न \r (मत्ती १५:१-९) \p \v 1 तब फरीसी अऊर कुछ धर्मशास्त्री जो यरूशलेम सी आयो होतो, यीशु को जवर जमा भयो, \v 2 लोगों न देख्यो फरीसियों की शिक्षा को अनुसार हाथ धोवनो होतो, पर चेलावों ख बिना हाथ धोयो रोटी खातो देख्यो। \p \v 3 कहालीकि फरीसी अऊर सब यहूदी, बुजूर्गों की रीति पर चलय हय अऊर जब तक हाथ नहीं धोय लेवय तब तक नहीं खावय; \v 4 अऊर बजार सी लायी जो कुछ चिज ओख अपनी शिक्षा को अनुसार धोय नहीं लेवय, तब तक नहीं खावय; जसो कटोरा, कप, अऊर तांबो को बर्तन अऊर बिस्तर इतनो धोवन को अलग-अलग तरीका होतो। \p \v 5 येकोलायी उन फरीसियों अऊर धर्मशास्त्रियों न यीशु सी पुच्छ्यो, “तोरो चेला कहालीकि बुजूर्गों की परम्परावों पर नहीं चलय, अऊर बिना हाथ धोयो रोटी खावय हय?” \p \v 6 यीशु न उन्को सी कह्यो, यशायाह न तुम कपटियों को बारे म भविष्यवानी ठीकच करी! जसो लिख्यो हय: \q1 हि लोग होठों सी त मोरो आदर करय हय, \q2 पर उन्को मन मोरो सी दूर रह्य हय \q1 \v 7 हि बेकार मोरी भक्ति करय हय, \q2 कहालीकि आदमियों को नियम ख \q2 परमेश्वर को नियम आय असो कर क् सिखावय हय। \p \v 8 “कहालीकि तुम परमेश्वर की आज्ञा ख टालय हय अऊर आदमियों की शिक्षावों को पालन करय हय।” \p \v 9 यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम अपनी शिक्षावों ख बनायो रखन लायी परमेश्वर की आज्ञा ख टालन म चालाक भय गयो हय। \v 10 कहालीकि मूसा न कह्यो हय, ‘अपनो बाप अऊर माय को आदर करो,’ अऊर ‘जो कोयी बाप यां माय ख बुरो कहेंन, ओख निश्चित मार डाल्यो जायेंन।’ \v 11 पर तुम सिखावय हय कि यदि कोयी अपनो बाप यां माय सी कहेंन, मय जो कुछ तोख मदत कर सकत होतो, पर कह्य हय, ‘यो कुरबान हय’ जेको मतलब हय, यो परमेश्वर ख दान हय, \v 12 त असो आदमी ख अपनो बाप यां माय की सेवा नहीं करन को बहाना मिल जावय हय। \v 13 यो तरह सी तुम अपनो नियम बनाय क, परमेश्वर को शिक्षा टाल देवय हय; अऊर यो तरह सी बहुत सो काम करय हय।” \s आदमी ख अशुद्ध करन वाली बात \r (मत्ती १५:१०-२०) \p \v 14 तब यीशु न लोगों ख अपनो जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, “तुम सब मोरी बात सुनो, अऊर समझो। \v 15 असी कोयी चिज नहाय जो आदमी म बाहेर सी अन्दर जाय क अशुद्ध नहीं करय; पर जो चिज आदमी को अन्दर सी बाहेर निकलय हय, हिच ओख अशुद्ध करय हय। \v 16 जेको कान हय ऊ सुन ले।\f + \fr ७:१६ \fr*\ft कुछ हस्त लेख म यो वचन नहीं मिलय\ft*\f*” \p \v 17 जब ऊ भीड़ को जवर सी घर म गयो, त ओको चेलावों न यो दृष्टान्त को बारे म समझावन ख कह्यो। \v 18 ओन उन्को सी कह्यो, “का तुम भी असो नासमझ हय? का तुम नहीं समझय कि जो चिज बाहेर सी आदमी को अन्दर जावय हय, ऊ ओख अशुद्ध नहीं कर सकय? \v 19 कहालीकि यो तुम्हरो दिल म नहीं, पर पेट म जावय हय, अऊर शरीर सी बाहेर निकल जावय हय?” यो कह्य क यीशु न सब खान की चिज ख शुद्ध ठहरायो हय। \p \v 20 तब ओन कह्यो, “जो बाते आदमी को अन्दर सी बाहेर निकलय हय, उच आदमी ख अशुद्ध करय हय। \v 21 कहालीकि अन्दर सी, अपनो दिल सी बुरो बिचार, अनैतिक काम, चोरी, यां मारनो, \v 22 व्यभिचार, लालच, कपट, ईर्ष्या, घमण्ड, अऊर मूर्खता \v 23 या सब बुरी बाते अन्दर सीच निकलय हय अऊर तुम्ख अशुद्ध करय हय।” \s गैरयहूदी बाई को विश्वास \r (मत्ती १५:२१-२८) \p \v 24 तब यीशु उत सी उठ क सूर अऊर सैदा को प्रदेश चली गयो। अऊर एक घर म गयो अऊर ऊ नहीं चाहत होतो कि कोयी ख पता चले, पर ऊ लूक्यो नहीं रह्य सक्यो। \v 25 एक बाई जेकी छोटी बेटी म दुष्ट आत्मा होती, यीशु की चर्चा सुन क आयी, अऊर ओको पाय पर गिर पड़ी। \v 26 या बाई गैरयहूदी होती या सिरीया को फिनीकी म पैदा भयी होती। ओन यीशु सी बिनती करी कि मोरी बेटी म सी दुष्ट आत्मा ख निकाल दे। \v 27 पर यीशु न कह्यो, “पहिले बच्चां ख सन्तुष्ट होन दे, कहालीकि बच्चां की रोटी ले क कुत्तावों को आगु डालनो ठीक नहाय।” \p \v 28 ओन ओख उत्तर दियो, “सच हय प्रभु; पर मेज को खल्लो कुत्ता भी त बच्चां को जूठन ख खावय हय।” \p \v 29 यीशु न ओको सी कह्यो, तय चली जा “तुम्हरो जवाब को वजह सी; दुष्ट आत्मा तोरी बेटी म सी निकल गयी हय!” \p \v 30 ओन अपनो घर आय क देख्यो कि बेटी खटिया पर पड़ी हय, अऊर दुष्ट आत्मा निकल गयी हय। \s यीशु न बहिरा अऊर मुक्का आदमी ख चंगो करयो \p \v 31 तब यीशु सूर को प्रदेश सी निकल क सैदा को रस्ता सी गलील की झील पहुंच क दिकापुलिस\f + \fr ७:३१ \fr*\ft दस नगर को बड़ो शहर\ft*\f* म आयो। \v 32 त लोगों न एक बहिरा ख जो मुक्का भी होतो, ओको जवर लाय क ओको सी बिनती करी कि अपनो हाथ ओको पर रखे। \v 33 येकोलायी ऊ ओख भीड़ सी अलग ले गयो, अऊर अपनो बोट ओको कानो म डाली, अऊर थूक लगाय क ओकी जीबली ख छूयो; \v 34 अऊर यीशु स्वर्ग को तरफ देख क आह भरी, अऊर ओको सी कह्यो, “इप्फत्तह!” मतलब “खुल जा!” \p \v 35 अऊर आदमी को कान खुल गयो, अऊर ओकी जीबली की गाठ भी खुल गयी, अऊर ऊ साफ साफ बोलन लग्यो। \v 36 तब यीशु न लोगों ख आदेश दियो कि ऊ कोयी सी नहीं कहेंन; पर जितनो जादा ओन उन्ख आदेश दियो, उतनोच उन्न यो नहीं बतायो। \v 37 हि सुन क बहुतच अचम्भित भयो, “ऊ कितनो अच्छो तरह सी सब कुछ करय हय!” उन्न कह्यो। “ऊ बहिरा ख सुनन की, अऊर मुक्का ख बोलन की शक्ति देवय हय!” \c 8 \s यीशु चार हजार लोगों ख खिलावय हय \r (मत्ती १५:३२-३९) \p \v 1 उन दिनो म जब फिर बड़ी भीड़ जमा भयी, अऊर लोगों को जवर कुछ खान को नहीं होतो, त यीशु न अपनो चेलावों ख जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, \v 2 “मोख यो भीड़ पर तरस आवय हय, कहालीकि हि लोग तीन दिन सी बराबर मोरो संग हय, अऊर उन्को जवर कुछ भी खान लायी नहीं होतो। \v 3 यदि मय उन्ख भूखो घर भेज देऊं, त रस्ता म थक क बेहोश होय जायेंन; कहालीकि इन म सी कुछ दूर दूर सी आयो हय।” \p \v 4 ओको चेलावों न ओख उत्तर दियो, “इत सुनसान जागा म इतनी रोटी कोयी कित सी लायेंन कि हि सन्तुष्ट होय जायेंन?” \p \v 5 यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, “तुम्हरो जवर कितनी रोटी हय?” \p उन्न कह्यो, “सात।” \p \v 6 तब ओन लोगों ख जमीन पर बैठन को आदेश दियो, अऊर हि सात रोटी ख धरी अऊर परमेश्वर को धन्यवाद कर क् तोड़ी, अऊर अपनो चेलावों ख देत गयो कि उन्ख परोसो, अऊर उन्न लोगों को आगु परोस दियो। \v 7 उन्को जवर थोड़ी सी छोटी मच्छी भी होती; ओन परमेश्वर ख धन्यवाद कर क् उन्ख भी लोगों को आगु परोसन को आदेश दियो। \v 8 हि खाय क सन्तुष्ट भय गयो अऊर चेलावों न बच्यो टुकड़ा कि सात टोकनी भर क उठायी। \v 9 अऊर लोग चार हजार को लगभग होतो; तब ओन लोगों ख बिदा कर दियो, \v 10 अऊर ऊ तुरतच अपनो चेलावों को संग डोंगा पर चढ़ क दलमनूता प्रदेश ख चली गयो। \s फरीसियों न यीशु ख चमत्कार करन लायी कह्यो \r (मत्ती १२:३८-४२; १६:१-४) \p \v 11 \x + \xo ८:११ \xo*\xt मत्ती १२:३८; लूका ११:१६\xt*\x*कुछ फरीसियों आय क यीशु सी वाद-विवाद करन लग्यो, अऊर ओख जांचन लायी ओको सी उन लोगों न आश्चर्य कर्म करन लायी कह्यो की ऊ परमेश्वर की तरफ सी स्वर्ग को कोयी चिन्ह बताव। \v 12 \x + \xo ८:१२ \xo*\xt मत्ती १२:३९; लूका ११:२९\xt*\x*ओन अपनी आत्मा म आह भर क कह्यो, “यो पीढ़ी को लोग कहाली चिन्ह ढूंढय हय? मय तुम सी सच कहू हय कि यो पीढ़ी को लोगों ख कोयी चिन्ह नहीं दियो जायेंन।” \p \v 13 अऊर ऊ उन्ख छोड़ क फिर डोंगा पर चढ़ गयो अऊर झील को पार चली गयो। \s फरीसियों अऊर हेरोदेस को खमीर \r (मत्ती १६:५-१२) \p \v 14 चेला रोटी धरनो भूल गयो होतो, अऊर डोंगा म उन्को जवर एकच रोटी होती। \v 15 \x + \xo ८:१५ \xo*\xt लूका १२:१\xt*\x*यीशु न उन्ख चितायो, “देखो, फरीसियों को खमीर\f + \fr ८:१५ \fr*\ft फरीसियों को द्वारा गलत शिक्षा\ft*\f* अऊर हेरोदेस को खमीर सी चौकस रहो।” \p \v 16 कहालीकि हि आपस म बाते कर क् कहन लग्यो, “हमरो जवर रोटी नहाय।” \p \v 17 यो जान क यीशु न उन्को सी कह्यो, तुम कहालीकि आपस म बाते कर रह्यो हय कि हमरो जवर रोटी नहाय? का अब तक नहीं जानय अऊर नहीं समझय? का तुम्हरो मन सुस्त भय गयो हय? \v 18 \x + \xo ८:१८ \xo*\xt मरकुस ४:१२\xt*\x*का आंखी रह्य क भी नहीं देखय, अऊर कान रह्य क भी नहीं सुनय? अऊर का तुम्ख याद नहाय। \p \v 19 कि जब मय न पाच हजार लोगों लायी पाच रोटी तोड़ी होती त तुम न टुकड़ा की कितनी टोकनियां भर क उठायी होती? उन्न ओको सी कह्यो, “बारा टोकनी।” \p \v 20 यीशु न उन्ख पुच्छ्यो “का तुम्ख याद नहाय जब चार हजार लोगों लायी सात रोटी अऊर तुम न कितनी टोकनी भर क उठायी होती?” \p उन्न ओको सी कह्यो, “सात टोकनी।” \p \v 21 यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, “का तुम अब भी नहीं समझायो?” \s यीशु न बैतसैदा नगर म अन्धा ख चंगो करयो \p \v 22 हि बैतसैदा नगर म आयो; अऊर कुछ लोग एक अन्धा ख यीशु को जवर लायो अऊर ओको सी बिनती करी कि ओख छूव। \v 23 ऊ अन्धा को हाथ पकड़ क ओख गांव को बाहेर ले गयो, अऊर ओकी आंखी म थूक लगाय क ओको पर हाथ रख्यो, अऊर ओको सी पुच्छ्यो, “का तय कुछ देख सकय हय?” \p \v 24 ओन ऊपर देख क कह्यो, “मय आदमी ख देखूं हय; हि मोख चलतो हुयो झाड़ को जसो लग रह्यो हय।” \p \v 25 तब यीशु न दुबारा ओकी आंखी पर हाथ रख्यो, अऊर ओकी आंखी की रोशनी लौट आय गयी, अऊर सब कुछ साफ साफ देखन लग्यो। \v 26 यीशु न ओख यो कह्य क घर भेज्यो, “दुबारा यो गांव म सी मत जाजो सीधो घर जा।” \s पतरस न घोषना कि की यीशु मसीह आय \r (मत्ती १६:१३-२०; लूका ९:१८-२१) \p \v 27 यीशु अऊर ओको चेला कैसरिया फिलिप्पी को गांवो म जातो हुयो। रस्ता म ओन अपनो चेलावों सी पुच्छ्यो, “मोख बतावो लोग मोरो बारे म का कह्य हय कि मय कौन आय?” \p \v 28 \x + \xo ८:२८ \xo*\xt मरकुस ६:१४,१५; लूका ९:७,८\xt*\x*उन्न उत्तर दियो, “कुछ कह्य हय, तय यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो; पर कोयी कह्य, तय एलिय्याह अऊर कोयी भविष्यवक्तावों म सी एक हय।” \p \v 29 \x + \xo ८:२९ \xo*\xt यूहन्ना ६:६८,६९\xt*\x*ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “पर तुम मोख का कह्य हय?” \p पतरस न ओख उत्तर दियो, “तय मसीहा आय।” \p \v 30 तब यीशु न उन्ख आदेश दे क कह्यो कि मोरो बारे म यो कोयी सी मत कहजो। \s यीशु की भविष्यवानी मृत्यु अऊर पुनरुत्थान को बारे म \r (मत्ती १६:२१-२३; लूका ९:२२) \p \v 31 तब यीशु उन्ख सिखावन लग्यो कि आदमी को बेटा लायी जरूरी हय कि मय बहुत दु:ख उठाऊ, अऊर बुजूर्ग अऊर मुख्य याजक, अऊर धर्मशास्त्री को द्वारा ठुकरायो जाऊं अऊर मोख मार दियो जाऊं, पर मय तीन दिन को बाद जीन्दो हय जाऊं। \v 32 ओन यो बात उन्को सी साफ-साफ कह्य दियो। येको पर पतरस ओख अलग लिजाय क डाटन लग्यो असो नहीं होय सकय। \v 33 पर यीशु न मुड़ क अपनो चेलावों को तरफ देख्यो, अऊर पतरस ख डाट क कह्यो, “हे शैतान, मोरो आगु सी दूर होय जा; कहालीकि तय परमेश्वर की बातों पर नहीं, पर आदमियों की बातों पर मन लगावय हय।” \p \v 34 \x + \xo ८:३४ \xo*\xt मत्ती १०:३८; लूका १४:२७\xt*\x*यीशु न भीड़ अऊर अपनो चेलावों अपनो जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, “जो कोयी मोरो पीछू आवनो चाहवय, ऊ अपनो आप ख इन्कार कर क् अऊर अपनो क्रूस उठाये अऊर मरन लायी तैयार रहेंन तब ऊ मोरो पीछू चले। \v 35 \x + \xo ८:३५ \xo*\xt मत्ती १०:३९; लूका १७:३३; यूहन्ना १२:२५\xt*\x*कहालीकि जो कोयी अपनो जीव बचावनो चाहवय हय त ऊ ओख खोयेंन, पर जो कोयी मोरो अऊर सुसमाचार को लायी अपनो जीव खोयेंन, ऊ ओख बचायेंन। \v 36 यदि आदमी पूरो जगत ख हासिल करेंन अऊर अपनो जीव की हानि उठायेंन, त ओख का फायदा होयेंन? \v 37 आदमी अपनो जीवन ख फिर सी हासिल करन लायी का दे सकय हय? \v 38 जो कोयी यो व्यभिचारी अऊर पापी जाति को बीच मोरो सी अऊर मोरी बातों सी शरमायेंन, त मय जब पवित्र स्वर्गदूतों को संग अपनो बाप कि महिमा को संग आऊं, तब ऊ मोरो सी शरमायेंन।” \c 9 \p \v 1 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच कहूं हय, कि जो इत खड़ो हंय उन्म सी कोयी कोयी असो हंय, कि जब तक परमेश्वर को राज्य ख सामर्थ संग आतो हुयो नहीं देख ले, तब तक ऊ नहीं मरेंन।” \s यीशु को बदलाव \r (मत्ती १७:१-१३; लूका ९:२८-३६) \p \v 2 \x + \xo ९:२ \xo*\xt २ पतरस १:१७,१८\xt*\x*छे दिन को बाद यीशु न पतरस, याकूब अऊर यूहन्ना ख संग ले गयो, अऊर एकान्त म कोयी एक ऊचो पहाड़ी पर ले गयो। उत उन्को सामने यीशु को रूप बदल गयो, \v 3 अऊर ओको कपड़ा असो चमकन लग्यो अऊर यहां तक उज्वल भयो, कि धरती पर कोयी धोबी भी वसो उज्वल नहीं कर सकय। \v 4 तीन चेलावों न एलिय्याह अऊर मूसा ख यीशु को संग बाते करतो देख्यो। \v 5 येको पर पतरस न यीशु सी कह्यो, “हे गुरु, हमरो इत रहनो अच्छो हय: येकोलायी हम तीन मण्डा बनायबो, एक तोरो लायी, एक मूसा लायी, अऊर एक एलिय्याह लायी।” \v 6 पतरस बहुत डर गयो होतो की ओख समझ म नहीं आय रह्यो होतो कि मय का उत्तर देऊ। \p \v 7 \x + \xo ९:७ \xo*\xt मत्ती ३:१७; मरकुस १:११; लूका ३:२२\xt*\x*तब एक बादर न उन्ख झाक दियो, अऊर ऊ बादर म सी यो आवाज निकल्यो, “यो मोरो प्रिय बेटा आय, येकी बाते सुनो।” \v 8 तब उन्न अचानक चारयी तरफ देख क, अऊर यीशु ख छोड़ क अपनो संग अऊर कोयी ख नहीं देख्यो। \p \v 9 पहाड़ी सी उतरतो समय यीशु न उन्ख आदेश दियो कि जब तक मय आदमी को बेटा मरयो हुयो म सी जीन्दो नहीं होय जाय, तब तक जो कुछ तुम न देख्यो हय ओख कोयी ख मत बतावो। \p \v 10 उन्न यीशु की आज्ञा ख मान्यो; अऊर आपस म चर्चा करन लग्यो, “मरयो हुयो म सी जीन्दो होन को का मतलब हय?” \v 11 \x + \xo ९:११ \xo*\xt मत्ती ११:१४\xt*\x*अऊर उन्न यीशु सी पुच्छ्यो, “धर्मशास्त्री कहालीकि कह्य हंय कि एलिय्याह को पहिलो आवनो जरूर हय?” \p \v 12 ओन उन्ख उत्तर दियो, “एलिय्याह सचमुच पहिलो आय क सब कुछ तैयार करन लायी आयेंन, पर मय आदमी को बेटा को बारे म शास्त्र म लिख्यो हय कि बहुत दु:ख उठायेंन, अऊर ठुकरायो जायेंन? \v 13 पर मय तुम सी कहू हय, कि एलिय्याह त आय गयो, अऊर जसो ओको बारे म लिख्यो हय, उन्न जो कुछ चाहयो वसोच ओको संग करयो।” \s यीशु न दुष्ट आत्मा लग्यो बच्चा ख चंगो करयो \r (मत्ती १७:१४-२१; लूका ९:३७-४३) \p \v 14 जब यीशु चेलावों को जवर आयो, त देख्यो कि उन्को चारयी तरफ बड़ी भीड़ लगी हय अऊर धर्मशास्त्री उन्को संग वाद विवाद कर रह्यो हंय। \v 15 ओख देखतोच सब बहुतच अचम्भित भयो, अऊर ओको तरफ दौड़ क यीशु ख नमस्कार करयो। \v 16 यीशु न चेलावों सी पुच्छ्यो, “तुम इन्को सी का बहस कर रह्यो हय?” \p \v 17 भीड़ म सी एक आदमी न ओख उत्तर दियो, “हे गुरु, मय अपनो बेटा ख, जेको म दुष्ट आत्मा समायी हय, ओख तोरो जवर लायो ऊ बोल नहीं सकय। \v 18 जित कहीं आत्मा ओख पकड़य हय, उतच पटक देवय हय: अऊर ऊ मुंह म फेस लावय हय, अऊर दात कटरय हय, अऊर सूखतो जावय हय। मय न तोरो चेलावों सी कह्यो कि वा बुरी आत्मा ख निकाल दे, पर हि नहीं निकाल सक्यो।” \p \v 19 यो सुन क यीशु न चेलावों सी उत्तर दे क कह्यो, “हे अविश्वासी लोगों, मय कब तक तुम्हरो संग रहूं? अऊर कब तक तुम्हरी सहू? ऊ टुरा ख मोरो जवर लावो।” \p \v 20 तब हि बच्चा ख यीशु को जवर लायो: अऊर जब ओन ओख देख्यो, त वा दुष्ट आत्मा न तुरतच ओख मुरकट्यो; अऊर ऊ जमीन पर गिर क, मुंह सी फेस फेकतो लोटन लग्यो। \p \v 21 यीशु न ओको बाप सी पुच्छ्यो, “येकी या दशा कब सी हय?” ओन कह्यो, “बचपना सी। \v 22 ओन येख मारन लायी कभी आगी म अऊर कभी पानी म गिरायो; पर यदि तय कुछ कर सकय हय, त हम पर तरस खाय क हमरी मदत कर।” \p \v 23 यीशु न ओको सी कह्यो, “यदि तय कर सकय हय? त या का बात आय! विश्वास करन वालो लायी सब कुछ होय सकय हय।” \p \v 24 बच्चा को बाप न तुरतच गिड़गिड़ाय क कह्यो, “मय विश्वास करू हय, पर मोरो विश्वास कमजोर हय मोरो अविश्वास बड़ावन म मोरी मदत कर।” \p \v 25 जब यीशु न देख्यो कि लोग दौड़ क भीड़ लगाय रह्यो हंय, त ओन दुष्ट आत्मा ख यो कह्य क डाट्यो कि, “मुक्की अऊर बहरी आत्मा, मय तोख आदेश देऊ हय, ओको म सी निकल आव, अऊर ओको म फिर कभी मत सिरजो।” \p \v 26 तब दुष्ट आत्मा चिल्लाय क अऊर ओख मुरकट क, निकल गयी; अऊर बच्चा मरयो हुयो सो भय गयो, यहां तक कि बहुत लोग कहन लग्यो कि “ऊ मर गयो हय।” \v 27 पर यीशु न ओको हाथ पकड़ क ओख उठायो, अऊर ऊ खड़ो भय गयो। \p \v 28 जब यीशु घर म आयो, त ओको चेलावों न एकान्त म ओको सी पुच्छ्यो, “हम दुष्ट आत्मा ख कहाली नहीं निकाल सक्यो?” \p \v 29 यीशु न उन्को सी कह्यो, “यो तरह की दुष्ट आत्मा प्रार्थना करनो सीच निकल सकय हय।” \s यीशु की दूसरी भविष्यवानी अपनो मृत्यु को बारे म \r (मत्ती १७:२२,२३; लूका ९:४३-४५) \p \v 30 तब यीशु अऊर ओको चेला उत सी निकल क गलील प्रदेश म सी होतो हुयो जाय रह्यो होतो। त ऊ नहीं चाहत होतो कि कोयी ख मालूम पड़यो कि ऊ उत हय, \v 31 कहालीकि ऊ अपनो चेलावों ख शिक्षा दे रह्यो होतो अऊर उन्को सी कहत होतो, “मय आदमी को बेटा, आदमियों को हाथ म पकड़वायो जाऊं, अऊर हि मोख मार डालेंन; अऊर मय मरन को तीन दिन बाद जीन्दो होय जाऊं।” \p \v 32 पर हि यीशु की बात समझ नहीं सक्यो, कहालीकि हि ओको सी पूछन सी डरत होतो। \s सब सी बड़ो कौन? \r (मत्ती १८:१-५; लूका ९:४६-४८) \p \v 33 तब हि कफरनहूम पहुंच्यो; अऊर घर म आय क यीशु न चेलावों सी पुच्छ्यो, “रस्ता म तुम कौन्सी बात पर बहस कर रह्यो होतो?” \p \v 34 \x + \xo ९:३४ \xo*\xt लूका २२:२४\xt*\x*पर हि चुप रह्यो, कहालीकि रस्ता म हि आपस म बहस कर रह्यो होतो कि हम म सी बड़ो कौन हय? \v 35 \x + \xo ९:३५ \xo*\xt मत्ती २०:२६,२७; २३:११; मरकुस १०:४३,४४; लूका २२:२६\xt*\x*तब यीशु न बैठ क बारयी चेलावों ख बुलायो अऊर उन्को सी कह्यो, “यदि कोयी बड़ो होनो चाहवय, त सब सी छोटो अऊर सब को सेवक बनेंन।” \v 36 अऊर ओन एक बच्चा ख ले क उन्को बीच म खड़ो करयो, अऊर ओख गोदी म ले क उन्को सी कह्यो, \v 37 \x + \xo ९:३७ \xo*\xt मत्ती १०:४०; लूका १०:१६; यूहन्ना १३:२०\xt*\x*“जो कोयी मोरो नाम सी असो बच्चा म सी कोयी एक ख भी स्वीकार करय हय, ऊ मोख स्वीकार करय हय; अऊर जो कोयी मोख स्वीकार करय हय, ऊ मोख नहीं, पर मोरो भेजन वालो ख स्वीकार करय हय।” \s जो विरोध म नहाय ऊ पक्ष म हय \r (लूका ९:४९,५०) \p \v 38 तब यूहन्ना न यीशु सी कह्यो, “हे गुरु, हम न एक आदमी ख तोरो नाम सी दुष्ट आत्मावों ख निकालता देख्यो अऊर हम्न ओख रूकन लायी कह्यो, कहालीकि ऊ हमरो झुण्ड म सी नहीं होतो।” \p \v 39 यीशु न कह्यो, “ओख मना मत करो” कहालीकि असो कोयी नहाय जो मोरो नाम सी सामर्थ को काम करय हय, अऊर जल्दी सी मोख बुरो कह्य सकेंन। \v 40 \x + \xo ९:४० \xo*\xt मत्ती १२:३०; लूका ११:२३\xt*\x*कहालीकि जो हमरो विरोध म नहाय, ऊ हमरो तरफ हय। \v 41 \x + \xo ९:४१ \xo*\xt मत्ती १०:४२\xt*\x*जो कोयी एक प्याला पानी तुम्ख येकोलायी पिलायेंन कि तुम मसीह को आय त मय तुम सी सच कहू हय कि ऊ निश्चित रूप सी अपनो पुण्य पायेंन। \s पापों ख उकसावनो \r (मत्ती १८:६-९; लूका १७:१,२) \p \v 42 “जो आदमी मोरो पर विश्वास करन वालो इन छोटो म सी छोटो पाप करन लायी उत्साहित करेंन त ओको लायी ठीक यो हय कि एक बड़ो गरहट को पाट ओको गरो म टंगाय क ओख समुन्दर म फेक दियो जाये।” \v 43 \x + \xo ९:४३ \xo*\xt मत्ती ५:३०\xt*\x*यदि तोरो हाथ तोरो सी पाप करवावय त ओख काट डाल। तोरो लायी दोयी हाथों को बजाय एक हाथ को जीवन म सिरनो कहीं अच्छो हय बजाय दोयी हाथ वालो होय क नरक म डाल्यो जाये, जहां की आगी कभी नहीं बुझय। \v 44 जित कीड़ा नहीं मरय अऊर आगी नहीं बुझय।\f + \fr ९:४४ \fr*\ft कुछ हस्त लेख म यो वचन नहीं मिलय\ft*\f* \v 45 यदि तोरो पाय तोख पापों लायी उत्साहित करन को वजह बनेंन त ओख काट डाल। लंगड़ा होय क् जीवन म सिरनो तोरो लायी येको सी ठीक हय कि दोय पाय रह्य क् भी नरक म डाल दियो जाये। \v 46 जित उन्को कीड़ा नहीं मरय अऊर आगी नहीं बुझय।\f + \fr ९:४६ \fr*\ft कुछ पूरानो हस्त लेख म यो वचन नहीं मिलय\ft*\f* \v 47 \x + \xo ९:४७ \xo*\xt मत्ती ५:२९\xt*\x*यदि तोरी आंखी तोख पापों लायी उत्साहित करन को वजह बनय हय त ओख निकाल डाल। तोरो लायी यो ठीक हय कि दोयी आंखी रखन यां नरक म फेकन को बजाय केवल एक आंखी सी परमेश्वर को राज्य म सिर। \v 48 जित कीड़ा नहीं मरय अऊर आगी नहीं बुझय। \p \v 49 हर एक लोग ख आगी सी शुद्ध करयो जायेंन, जसो बलिदान नमक सी शुद्ध करयो जावय हय। \p \v 50 \x + \xo ९:५० \xo*\xt मत्ती ५:१३; लूका १४:३४,३५\xt*\x*“नमक अच्छो हय, पर यदि नमकपन को स्वाद खोय देवय हय, त ओख फिर सी कसो नमकीन करो? \p “आपस म दोस्ती को नमक रखे, अऊर आपस म मिलझुल क अऊर एक दूसरों सी शान्ति सी रहे।” \c 10 \s तलाक को बारे म यीशु की शिक्षा \r (मत्ती १९:१-१२; लूका १६:१८) \p \v 1 तब यीशु न उत सी उठ क यहूदिया प्रदेश को सीमा म अऊर यरदन नदी को पार आयो। अऊर भीड़ ओको जवर फिर सी जमा भय गयी, अऊर ऊ अपनो रीति को अनुसार उन्ख फिर सी सिखावन लग्यो। \p \v 2 तब फरीसियों न ओको जवर आय क ओकी बातों म फसावन लायी ओको सी पुच्छ्यो, “का हमरो नियम को अनुसार यो ठीक हय कि आदमी ख अपनी पत्नी ख छोड़चिट्ठी देन कि अनुमति देवय हय?” \p \v 3 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “कि मूसा न तुम्ख का आज्ञा दियो हय?” \p \v 4 \x + \xo १०:४ \xo*\xt मत्ती ५:३१\xt*\x*मूसा न अनुमति दियो हय कि, “छोड़चिट्ठी लिख क देन अऊर छोड़न की आज्ञा दियो हय।” \p \v 5 यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम्हरो मन की कठोरता को वजह मूसा न तुम्हरो लायी यो आज्ञा लिख्यो।” \v 6 पर शास्त्र म लिख्यो हय सुरूवात सी परमेश्वर न नर अऊर नारी कर क् उन्ख बनायो हय। \v 7 येकोलायी आदमी अपनो माय-बाप सी अलग होय क अपनी पत्नी को संग रहेंन, \v 8 अऊर हि दोयी एक शरीर होयेंन; येकोलायी हि अब दोय नहीं पर एक शरीर हंय। \v 9 येकोलायी “जेक परमेश्वर न जोड़्यो हय ओख आदमी अलग नहीं करे।” \p \v 10 हि जब घर गयो त चेलावों न येको बारे म यीशु सी पुच्छ्यो। \v 11 \x + \xo १०:११ \xo*\xt मत्ती ५:३२; १ कुरिन्थियों ७:१०,११\xt*\x*ओन उन्को सी कह्यो, “जो कोयी अपनी पत्नी ख छोड़ क दूसरी सी बिहाव करय हय त ऊ अपनी पहिली पत्नी को विरोध म व्यभिचार करय हय। \v 12 अऊर एक पत्नी जो अपनो पति ख छोड़ क दूसरों सी बिहाव करय त वा भी व्यभिचार करय हय।” \s यीशु न बच्चां ख आशीर्वाद दियो \r (मत्ती १९:१३-१५; लूका १८:१५-१७) \p \v 13 तब लोग बच्चां ख यीशु को जवर लान लग्यो कि ऊ ओख छूवय, पर चेलावों न लोगों ख डाट्यो। \v 14 यीशु न यो देख गुस्सा म होय क उन्को सी कह्यो, “बच्चा ख मोरो जवर आवन देवो अऊर उन्ख मना मत करो, कहालीकि परमेश्वर को राज्य असोच को हय। \v 15 \x + \xo १०:१५ \xo*\xt मत्ती १८:३\xt*\x*मय तुम सी सच कहू हय कि जो कोयी परमेश्वर को राज्य ख बच्चा को जसो स्वीकार नहीं करय, ऊ उन्म कभी नहीं सिर पायेंन।” \v 16 तब ओन बच्चां ख गोदी म लियो, अऊर उन पर हाथ रख क आशीर्वाद दियो। \s धनवान आदमी \r (मत्ती १९:१६-३०; लूका १८:१८-३०) \p \v 17 जब यीशु उत सी निकल क रस्ता म जाय रह्यो होतो, त एक आदमी ओको जवर दौड़ क आयो, अऊर ओको आगु घुटना पर होय क ओको सी पुच्छ्यो, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन पावन लायी मय का करू?” \p \v 18 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय मोख उत्तम कहालीकि कह्य हय?” केवल परमेश्वर ख छोड़ क। “कोयी भी उत्तम नहाय। \v 19 तय परमेश्वर कि आज्ञा ख त जानय हय: ‘हत्या नहीं करनो, व्यभिचार नहीं करनो, चोरी नहीं करनो, झूठी गवाही नहीं देनो, छल नहीं करनो, अपनो बाप अऊर अपनी माय को आदर करनो।’” \p \v 20 ओन यीशु सी कह्यो, “हे गुरु, इन सब ख मय छोटो होतो तब सी मानतो आयो हय।” \p \v 21 यीशु न प्रेम सी ओको तरफ देख क कह्यो, “तोरो म एक बात की कमी हय। जा, जो कुछ तोरो हय ओख बेच क गरीबों ख दे, तब तोख स्वर्ग म धन मिलेंन, तब आय क मोरो पीछू चल।” \v 22 ऊ आदमी या बात ख सुन क ओको चेहरा पर उदासी छाय गयी, अऊर ऊ दु:खी होय क चली गयो, कहालीकि ऊ बहुत धनी होतो। \p \v 23 यीशु न चारयी तरफ देख क अपनो चेलावों सी कह्यो, “धनवानों ख परमेश्वर को राज्य म सिरनो कितनो कठिन हय!” \p \v 24 हि चेला ओको बातों सी अचम्भित भयो। येको पर यीशु न फिर सी उन्को सी कह्यो; “हे बच्चा, जो धन पर भरोसा रखय हय, उन्को लायी परमेश्वर को राज्य म सिरनो कितनो कठिन हय? \v 25 परमेश्वर को राज्य म अमीर आदमी को सिरनो सी ऊंट को लायी सूई को नाक म सी होय क निकल जानो सहज हय!” \fig शहर की दिवार अऊर द्वार को बाहेर व्यापारी ऊंट ख दिखातो हुयो |alt="Merchant leading a camel outside a city wall and gate" src="hk00041c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१०:२५"\fig* \p \v 26 चेला बहुतच अचम्भित होय क आपस म कहन लग्यो, “त फिर कौन को उद्धार होय सकय हय?” \p \v 27 यीशु न उन्को तरफ देख क कह्यो, “यो आदमी लायी असम्भव हय, परमेश्वर लायी नहाय, पर परमेश्वर लायी सब कुछ सम्भव हय।” \p \v 28 पतरस ओको सी कहन लग्यो, “देखो, हम त सब कुछ छोड़ क तोरो पीछू भय गयो हय।” \p \v 29 यीशु न कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि असो कोयी नहाय, जेन मोरो अऊर मोरो सुसमाचार को लायी घर यां भाऊ-बहिनों यां माय-बाप यां बालबच्चा यां खेतो ख छोड़ दियो हय, \v 30 अऊर अब यो समय को जीवन म सौ गुना मिलेंन, घर अऊर भाऊ-बहिन अऊर माय अऊर बालबच्चा अऊर खेतो म, पर सताव को संग अऊर आवन वालो युग म अनन्त जीवन मिलेंन। \v 31 \x + \xo १०:३१ \xo*\xt मत्ती २०:१६; लूका १३:३०\xt*\x*पर बहुत सो जो आगु हंय, हि पीछू होयेंन, अऊर जो पीछू हंय, हि आगु होयेंन।” \s यीशु न तीसरी बार अपनो मरन की भविष्यवानी करी \r (मत्ती २०:१७-१९; लूका १८:३१-३४) \p \v 32 हि यरूशलेम ख जातो हुयो रस्ता म होतो, अऊर यीशु उन्को आगु-आगु चल रह्यो होतो: चेला घबरायो हुयो होतो अऊर जो लोग ओको पीछू-पीछू चल रह्यो होतो हि डरयो हुयो होतो। तब ऊ फिर उन बारयी चेलावों ख अलग लिजाय क उन्को सी जो बात ओको पर घटन वाली होती ओख बतावन लग्यो। \v 33 “सुनो, हम यरूशलेम जाय रह्यो हंय, जित आदमी को बेटा मुख्य याजकों अऊर धर्मशास्त्रियों को हाथ सौंप दियो जायेंन। अऊर हि ओख मारन लायी दोष लगायेंन। अऊर फिर गैरयहूदियों को हाथ म सौंप दियो जायेंन। \v 34 हि ओकी मजाक उड़ायेंन, ओको पर थूकेंन, ओख कोड़ा सी मार क ओख मार डालेंन, अऊर तीन दिन बाद ऊ फिर सी जीन्दो होयेंन।” \s याकूब अऊर यूहन्ना की बिनती \r (मत्ती २०:२०-२८) \p \v 35 तब जब्दी को दोय टुरा याकूब अऊर यूहन्ना यीशु को जवर आय क कह्यो, “हे गुरु, हम चाहजे हंय कि जो कुछ हम तोरो सी मांगबो, ऊ तय हमरो लायी करे।” \p \v 36 अऊर यीशु न कह्यो, “तुम का चाहवय हय कि मय तुम्हरो लायी करू?” \p \v 37 उन्न यीशु सी कह्यो, “जब तुम अपनो महिमामय राज्य को सिंहासन पर बैठ्यो, तब हम असो चाहवय हय कि हम म सी एक तोरो दायो तरफ अऊर दूसरों तोरो बायो तरफ बैठे।” \p \v 38 \x + \xo १०:३८ \xo*\xt लूका १२:५०\xt*\x*यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम नहीं जानय कि का मांग रह्यो हय? जो दु:ख को कटोरा मय पीवन पर हय, का तुम पी सकय हय? अऊर जो मरन को बपतिस्मा मय लेन पर हय, का तुम ले सकय हय?” \p \v 39 उन्न ओको सी कह्यो, “हम सी होय सकय हय।” \p यीशु न उन्को सी कह्यो, “जो दु:ख को प्याला मय पीवन पर हय, तुम भी पीवो; अऊर जो मरन को बपतिस्मा मय लेन पर हय, ओख तुम भी लेवो। \v 40 पर मोरो अधिकार नहाय कि मय कौन ख चुनू कि कौन कित बैठेंन, केवल परमेश्वरच ओको लायी जागा तैयार करेंन कि कौन मोरो दायो अऊर बायो बैठेंन।” \p \v 41 यो सुन क दसो चेलावों याकूब अऊर यूहन्ना की बातों पर नाराज भय गयो। \v 42 \x + \xo १०:४२ \xo*\xt लूका २२:२५,२६\xt*\x*तब यीशु न उन्ख जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, “तुम जानय भी हय कि जो हेथेंन को शासक समझ्यो जावय हंय, हि उन पर शासन करय हंय; अऊर उन्म जो बड़ो हंय, उन पर अधिकार जतावय हंय, \v 43 \x + \xo १०:४३ \xo*\xt मत्ती २३:११; मरकुस ९:३५; लूका २२:२६\xt*\x*पर तुम म सी असो नहाय, जो कोयी तुम म सी बड़ो होनो चाहवय हय, ऊ सब को सेवक बने; \v 44 अऊर जो कोयी तुम म मुख्य बननो चाहवय हय, ऊ सब को सेवक बने। \v 45 कहालीकि मय आदमी को बेटा येकोलायी नहीं आयो कि अपनी सेवा करावन, बल्की दूसरों कि सेवा करन, अऊर लोगों को पापों की कीमत चुकावन लायी अपनो जीवन देन आयो होतो।” \s अन्धो बरतिमाई की आंखी ठीक होनो \r (मत्ती २०:२९-३४; लूका १८:३५-४३) \p \v 46 हि यरीहो नगर म पहुंच्यो, अऊर जब ऊ अऊर ओको चेलावों, अऊर एक बड़ी भीड़ यरीहो सी निकलत होती, त बरतिमाई नाम को एक अन्धा भिखारी, जो तिमाई को बेटा होतो, सड़क को किनार बैठ्यो होतो। \v 47 जब ऊ सुन्यो कि यो नासरत निवासी यीशु हय, त पुकार पुकार क कहन लग्यो, “हे यीशु! दाऊद को बेटा! मोरो पर दया करो!” \p \v 48 बहुत सो न डाट क कह्यो कि ऊ चुप रहे। पर ऊ अऊर भी पुकारन लग्यो, “हे दाऊद की सन्तान, मोरो पर दया कर!” \p \v 49 तब यीशु न रुक क कह्यो, “ओख बुलाव।” \p अऊर लोगों न ऊ अन्धा ख बुलाय क ओको सी कह्यो, “हिम्मत रख! उठ! ऊ तोख बुलावय हय।” \p \v 50 ऊ अपनो कपड़ा फेक क उछल पड़यो, अऊर यीशु को जवर आयो। \p \v 51 येको पर यीशु न ओको सी कह्यो, “तय का चाहवय हय कि मय तोरो लायी करू?” \p अन्धा न ओको सी कह्यो, “हे गुरु, यो कि मय देखन लगू।” \p \v 52 यीशु न ओको सी कह्यो, “चली जा, तोरो विश्वास न तोख चंगो करयो हय।” \p अऊर ऊ तुरतच देखन लग्यो, अऊर रस्ता म ओको पीछू चली गयो। \c 11 \s यरूशलेम म विजय-प्रवेश \r (मत्ती २१:१-११; लूका १९:२८-४०; यूहन्ना १२:१२-१९) \p \v 1 जब हि यरूशलेम नगर को जवर, जैतून पहाड़ी पर बैतफगे गांव अऊर बैतनिय्याह नगर ख पहुंच्यो त यीशु न अपनो चेलावों म सी दोय ख यो कह्य क भेज्यो, \v 2 उन्ख समझाय क भेज्यो “आगु को गांव म जावो, अऊर उत पहुंचतोच एक गधी को बछड़ा, जेको पर अभी तक कोयी सवार नहीं भयो, बन्ध्यो हुयो तुम्ख मिलेंन। ओख खोल क लावो। \v 3 यदि कोयी तुम सी कहेंन, ‘असो कहालीकि करय हय?’ त तुम कहो, ‘प्रभु ख येकी जरूरत हय,’ अऊर ऊ तुरतच ओख इत भेज देयेंन।” \p \v 4 हि गयो अऊर उन्न बाहेर गली म द्वार को जवर एक गधी को बछड़ा बन्ध्यो हुयो पायो, अऊर हि ओख खोलन लग्यो। \v 5 उत खड़ो, कुछ लोग न उन्को सी कह्यो, “यो का कर रह्यो हय, गधी को बछड़ा ख कहालीकि खोल रह्यो हय?” \p \v 6 जसो यीशु न कह्यो होतो, वसोच उन्न उन्को सी कह्य दियो, तब लोगों न उन्ख लिजान दियो। \v 7 उन्न गधी को बछड़ा ख यीशु को जवर लाय क ओख पर अपनो कपड़ा बिछायो अऊर यीशु ओको पर बैठ गयो। \v 8 तब लोगों न अपनो कपड़ा रस्ता म स्वागत लायी बिछायो अऊर कुछ न खेतो म सी खजूर की छोटी छोटी डगालियां ओको स्वागत लायी काट काट क फैलाय दियो। \v 9 जो ओको आगु आगु अऊर पीछू पीछू चल रह्यो होतो, हि नारा लगाय लगाय क कहत जाय रह्यो होतो, “परमेश्वर की महिमा हो! धन्य हय ऊ जो प्रभु को नाम सी आवय हय! \v 10 हमरो परमेश्वर को आशीर्वाद सी दाऊद को राज्य जो आय रह्यो हय; धन्य हय! आसमान म परमेश्वर की महिमा हो!” \p \v 11 यीशु यरूशलेम पहुंच क मन्दिर म आयो, कहालीकि शाम भय गयी होती, येकोलायी चारयी तरफ कुछ चिज देख क बारयी चेलावों को संग बैतनिय्याह नगर ख चली गयो। \s यीशु न अंजीर को झाड़ ख श्राप दियो \r (मत्ती २१:१८,१९) \p \v 12 दूसरों दिन जब हि बैतनिय्याह नगर सी निकल्यो त यीशु ख भूख लगी। \v 13 अऊर पाना सी भरयो एक अंजीर को झाड़ ख दूर सी देख क ऊ ओको जवर गयो कि अचानक कुछ मिल जाये: पर उत पहुंच क पाना को शिवाय कुछ भी नहीं मिल्यो; कहालीकि ऊ फर लगन को मौसम नहीं होतो। \p \v 14 येकोलायी यीशु न झाड़ सी कह्यो, “अब सी कोयी तोरो फर कभी नहीं खायेंन!” अऊर ओको चेला सुन रह्यो होतो। \s मन्दिर सी व्यापारियों ख निकाल्यो जानो \r (मत्ती २१:१२-१७; लूका १९:४५-४८; यूहन्ना २:१३-२२) \p \v 15 फिर हि यरूशलेम म पहुंच्यो, त यीशु मन्दिर म गयो; अऊर उत जो लेनो अऊर बिकनो करत होतो उन्ख बाहेर निकालन लग्यो, अऊर धन्दा करन वालो को पीढ़ा अऊर कबूत्तर बिकन वालो ख बाहेर निकाल दियो, \v 16 अऊर ओन कोयी ख भी मन्दिर म सी सामान लेय क आवन-जान नहीं दियो। \v 17 अऊर ऊ उन्ख शिक्षा देन लग्यो, “का यो शास्त्र म नहीं लिख्यो हय, ‘कि मोरो मन्दिर सब देशों को लोगों लायी प्रार्थना को घर कहलायेंन।’ पर तुम न येख डाकुवों को अड्डा बनाय दियो हय!” \p \v 18 अऊर मुख्य याजकों अऊर धर्मशास्त्रियों न जब यो सुन्यो त ओख नाश करन को अवसर ढूंढन लग्यो; कहालीकि हि ओको सी डरत होतो, येकोलायी कि सब लोग ओकी शिक्षा सी अचम्भित होतो। \p \v 19 जब शाम भयी, त यीशु अऊर ओको चेला नगर सी बाहेर निकल गयो। \s सूख्यो अंजीर को झाड़ सी शिक्षा \r (मत्ती २१:२०-२२) \p \v 20 जब हि भुन्सारो ख सड़क सी जाय रह्यो होतो, त उन्न ऊ अंजीर को झाड़ ख ऊपर सी ले क जड़ी तक सूख्यो हुयो देख्यो। \v 21 पतरस ख ऊ बात याद आयो, अऊर ओन यीशु सी कह्यो, “हे गुरु, देख! यो अंजीर को झाड़ जेक तय न श्राप दियो होतो, सूख गयो हय।” \p \v 22 यीशु न ओख उत्तर दियो, परमेश्वर पर विश्वास रखो। \v 23 \x + \xo ११:२३ \xo*\xt मत्ती १७:२०; १ कुरिन्थियों १३:२\xt*\x*मय तुम सी सच कहू हय कि जो कोयी यो पहाड़ी सी कहेंन, उखड़ जा, अऊर समुन्दर म जा गिर, अऊर अपनो दिल म शक नहीं करे, पर जो कुछ ओन कह्यो हय, अऊर विश्वास करे कि होय जायेंन त ओको लायी उच होय जायेंन। \v 24 येकोलायी मय तुम सी कहू हय कि जो कुछ तुम प्रार्थना म मांगय हय, त विश्वास कर लेवो कि तुम्ख मिल गयो, त ऊ तुम्हरो लायी होय जायेंन। \v 25 \x + \xo ११:२५ \xo*\xt मत्ती ६:१४,१५\xt*\x*अऊर जब कभी तुम खड़ो होय क प्रार्थना करय हय, त यदि तुम्हरो मन म कोयी को बारे म कुछ विरोध हय, त माफ करो: येकोलायी कि तुम्हरो स्वर्गीय पिता परमेश्वर भी तुम्हरो अपराध माफ करेंन। \v 26 अऊर यदि तुम कोयी को अपराध माफ नहीं करो त तुम्हरो पिता परमेश्वर भी जो स्वर्ग म हय, तुम्हरो अपराध माफ नहीं करेंन।\f + \fr ११:२६ \fr*\ft कुछ हस्त लेख म यो वचन नहीं मिलय\ft*\f* \s यीशु को अधिकार पर प्रश्न \r (मत्ती २१:२३-२७; लूका २०:१-८) \p \v 27 हि फिर यरूशलेम म आयो, अऊर जब यीशु मन्दिर म टहल रह्य होतो, त मुख्य याजक, धर्मशास्त्री अऊर बुजूर्गों ओको जवर आय क पूछन लग्यो, \v 28 “तय यो काम कौन्सो अधिकार सी करय हय? अऊर यो अधिकार तोख कौन न दियो हय कि तय यो काम करय?” \p \v 29 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय भी तुम सी एक प्रश्न पूछू हय; मोख उत्तर देवो: त मय भी तुम्ख बताऊं कि यो काम मय कौन्सो अधिकार सी करू हय। \v 30 यूहन्ना ख बपतिस्मा देन को अधिकार परमेश्वर को तरफ सी होतो यां लोगों को तरफ सी होतो? मोख उत्तर देवो।” \p \v 31 तब हि आपस म बहस करन लग्यो: “कि यदि हम कहबो? ‘परमेश्वर को तरफ सी,’ त ऊ कहेंन, ‘कहाली, तब, तुम न यूहन्ना को विश्वास कहाली नहीं करयो?’ \v 32 अऊर धर्मशास्त्रियों डरत होतो यदि हम कहबो, ‘लोगों को तरफ सी’” त लोग हमरो विरोध म होय जायेंन, कहालीकि हि सब जानय हंय कि यूहन्ना सच म भविष्यवक्ता होतो। \v 33 येकोलायी उन्न यीशु ख उत्तर दियो, “हम नहीं जानजे।” \p यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय भी तुम्ख नहीं बताऊं कि यो काम कौन्सो अधिकार सी करू हय।” \c 12 \s अंगूर की बाड़ी यां दुष्ट किसानों को दृष्टान्त \r (मत्ती २१:३३-४६; लूका २०:९-१९) \p \v 1 तब यीशु दृष्टान्तों म उन्को सी बाते करन लग्यो: “कोयी आदमी न अंगूर की बाड़ी लगायी, अऊर ओको चारयी तरफ सी बाड़ी ख बान्ध दियो, अऊर रसकुण्ड खोद्यो, अऊर मचान बनाय क, किसानों ख ओको ठेका दे क परदेश ख चली गयो।” \v 2 तब अंगूर की बाड़ी को फसल को सिजन आयो त ओन किसानों को जवर एक सेवक ख भेज्यो कि अपनो हिस्सा ले ले, \v 3 पर बटईदार न ओको सेवक ख पकड़ क पिट्यो, अऊर खाली हाथ भेज दियो। \v 4 तब मालिक न एक अऊर सेवक ख ओको जवर भेज्यो; अऊर उन्न ओको मुंड फोड़ डाल्यो अऊर ओको अपमान करयो। \v 5 तब मालिक न एक अऊर सेवक ख भेज्यो; उन्न ओख भी मार डाल्यो। तब उन्न अऊर बहुत सो ख भेज्यो; उन्म सी उन्न कुछ ख पिट्यो अऊर कुछ ख मार डाल्यो। \v 6 आखरी म अपनो प्रिय बेटा ख भेज्यो, यो सोच क कि हि मोरो बेटा को आदर करेंन, \v 7 पर उन बटईदारों न आपस म कह्यो, योच त वारिस आय; आवो, हम येख भी मार डाल्बो, तब पूरी जायजाद हमरी होय जायेंन। \v 8 अऊर उन्न ओख पकड़ क मार डाल्यो, अऊर अंगूर की बाड़ी को बाहेर फेक दियो। \p \v 9 “यीशु न पुच्छ्यो येको पर अंगूर की बाड़ी को मालिक का करेंन? ऊ आय क उन किसानों को नाश करेंन, अऊर अंगूर की बाड़ी दूसरों ख दे देयेंन। \v 10 का तुम्न शास्त्र म नहीं पढ़्यो:” \q1 “जो गोटा ख राजमिस्त्रियों न नकारयो होतो, \q2 उच गोटा महत्वपूर्ण भय गयो। \q1 \v 11 यो प्रभु की तरफ सी भयो; \q2 अऊर हमरी नजर म अद्भुत नजारा हय!” \p \v 12 तब धर्मशास्त्रियों न यीशु ख पकड़नो चाह्यो; कहालीकि हि समझ गयो होतो कि ओन हमरो विरोध म यो दृष्टान्त कह्यो हय। पर हि लोगों सी डरत होतो, येकोलायी हि ओख छोड़ क चली गयो। \s कर चुकावन को प्रश्न \r (मत्ती २२:१५-२२; लूका २०:२०-२६) \p \v 13 तब उन्न यीशु ख ओकीच बातों म फसान लायी कुछ फरीसियों अऊर राजा हेरोदेस को पक्ष को कुछ लोग ओको जवर भेज्यो। \v 14 उन्न आय क यीशु सी कह्यो, “हे गुरु, हम जानजे हंय, कि तय सच्चो हय, अऊर कोयी की परवाह नहीं करय; कहालीकि तय आदमियों को मुंह देख क बाते नहीं करय, पर परमेश्वर को सच्चो रस्ता सिखावय हय। त का हमरो नियम को अनुसार रोम को राजा\f + \fr १२:१४ \fr*\ft रोम को राजा कैसर\ft*\f* ख कर देनो सही हय यां नहीं?” \p \v 15 हम कर देबो यां नहीं देबो? यीशु न उन्को कपट जान क उन्को सी कह्यो, “मोख कहाली फसावन कि कोशिश कर रह्यो हय? एक चांदी को सिक्का मोरो जवर लावो, अऊर मोख देखन देवो।” \p \v 16 हि सिक्का ले आयो, अऊर यीशु न उन्को सी कह्यो, “यो कौन्को चेहरा अऊर नाम हय?” \p उन्न कह्यो “रोम को राजा को।” \p \v 17 यीशु न उन्को सी कह्यो, “जो कैसर राजा को आय, ऊ राजा ख देवो, अऊर जो परमेश्वर को आय ऊ परमेश्वर ख देवो।” \p तब हि चकित भयो। \s पुनरुत्थान अऊर बिहाव \r (मत्ती २२:२३-३३; लूका २०:२७-४०) \p \v 18 \x + \xo १२:१८ \xo*\xt प्रेरितों २३:८\xt*\x*फिर कुछ सदूकियों जो कह्य हंय कि पुनरुत्थान हयच नहाय, यीशु को जवर आय क ओको सी पूछन लग्यो, \v 19 “हे गुरु, मूसा न हमरो लायी एक व्यवस्था लिख्यो हय कि यदि कोयी को भाऊ बिना सन्तान को मर जाये अऊर ओकी पत्नी रह जाये, त ओको भाऊ ओकी पत्नी सी बिहाव कर ले अऊर अपनो भाऊ लायी वंश पैदा कर सके। \v 20 सात भाऊ होतो। सब सी बड़ो भाऊ बिहाव कर क् बिना सन्तान को मर गयो। \v 21 तब दूसरों भाऊ न वा बाई सी बिहाव कर लियो अऊर ऊ भी बिना सन्तान को मर गयो; अऊर वसोच तीसरो न भी करयो। \v 22 अऊर सातों भाऊ न वा बाई सी बिहाव कर लियो अऊर उन्ख भी सन्तान नहीं भयी। आखरी म वा बाई भी मर गयी। \v 23 जब पुनरुत्थान होन को दिन मरयो हुयो लोग जीन्दो होयेंन, त वा बाई उन्म सी कौन की पत्नी होयेंन? कहालीकि वा सातों की पत्नी बनी होती।” \p \v 24 यीशु न उन्को सी कह्यो, “का तुम यो वजह सी भ्रम म पड़यो हय कि तुम नहीं त शास्त्रच ख जानय हय, अऊर नहीं परमेश्वर को सामर्थ ख? \v 25 कहालीकि जब मरयो हुयो लोग दुबारा सी जीन्दो होयेंन, त हि स्वर्ग को स्वर्गदूतों को जसो होयेंन अऊर हि बिहाव नहीं करेंन। \v 26 अब मरयो हुयो ख जीन्दो होन को बारे म का तुम्न मूसा की किताब म जरती हुयी झाड़ी को बारे म नहीं पढ़्यो? कि परमेश्वर न ओको सी कह्यो, ‘मय अब्राहम को परमेश्वर, अऊर इसहाक को परमेश्वर, अऊर याकूब को परमेश्वर आय?’ \v 27 परमेश्वर मरयो हुयो को नहीं, पर जीन्दो को परमेश्वर आय; तुम पूरी तरह शंका म पड़यो हय!” \s सब सी बड़ी आज्ञा \r (मत्ती २२:३४-४०; लूका १०:२५-२८) \p \v 28 जब धर्मशास्त्रियों म सी एक न आय क उन्ख चर्चा करतो सुन्यो, अऊर यो जान क कि यीशु न सदूकियों ख अच्छो तरह सी उत्तर दियो, ओको सी पुच्छ्यो, “कौन सी आज्ञा महत्वपूर्ण हय?” \p \v 29 यीशु न उत्तर दियो, “सब आज्ञावों म सी महत्वपूर्ण यो हय: ‘हे इस्राएल को लोगों सुनो,’ प्रभु हमरो परमेश्वर एकच प्रभु हय। \v 30 अऊर तय प्रभु अपनो परमेश्वर सी अपनो पूरो दिल सी, अऊर अपनो पूरो जीव सी, अऊर अपनो पूरी बुद्धि सी, अऊर अपनो पूरी शक्ति सी, प्रेम रखजो।” \v 31 अऊर दूसरी महत्वपूर्ण आज्ञा या हय, तय अपनो पड़ोसी सी अपनो जसो प्रेम रखजो। “इन दोयी आज्ञा सी बढ़ क अऊर कोयी महत्वपूर्ण आज्ञा नहाय हय।” \v 32 धर्मशास्त्री न यीशु सी कह्यो, “हे गुरु, बहुत अच्छो! तय न सच कह्यो, कि परमेश्वर एकच हय, अऊर ओख छोड़ अऊर कोयी परमेश्वर नहाय। \v 33 अऊर ओख अपनो पूरो दिल सी, अऊर पूरी बुद्धि सी, अऊर पूरो ताकत सी प्रेम करजो; अऊर पड़ोसी सी अपनो जसो प्रेम करजो, होमबली अऊर बलिदानों कि तुलना म इन दोयी आज्ञावों को पालन करनो जादा महत्वपूर्ण हय।” \p \v 34 \x + \xo १२:३४ \xo*\xt लूका १०:२५-२८\xt*\x*जब यीशु न देख्यो कि ओन समझदारी सी उत्तर दियो, त ओको सी कह्यो, “तय परमेश्वर को राज्य सी दूर नहाय।” \p अऊर येको बाद कोयी न ओको सी कोयी न प्रश्न पूछन की हिम्मत नहीं करी। \s मसीह कौन को बेटा आय \r (मत्ती २२:४१-४६; लूका २०:४१-४४) \p \v 35 तब यीशु न मन्दिर म शिक्षा देत हुयो यो कह्यो, “धर्मशास्त्री कह्य हंय कि मसीह दाऊद को वंश कसो होय सकय हय? \v 36 दाऊद न पवित्र आत्मा म होय क कह्यो हय;” \q1 प्रभु परमेश्वर न मोरो प्रभु सी कह्यो, \q2 “मय तुम्ख अपनो दायो तरफ बैठाऊं, \q2 जब तक कि मय तोरो दुश्मनों ख तोरो पाय को खल्लो नहीं कर देऊ।” \m \v 37 दाऊद त खुदच ओख प्रभु कह्य हय, तब ऊ ओको वंश कसो होय सकय हय? अऊर भीड़ को लोग खुशी सी ओकी सुनत होतो। \s धर्मशास्त्रियों सी चौकस \r (मत्ती २३:१-३६; लूका २०:४५-४७) \p \v 38 यीशु न अपनो शिक्षा सी सिखावत होतो, “धर्मशास्त्रियों सी चौकस रहो, जो लम्बो चोंगा वालो कपड़ा पहिन क बाजारों म घुमत फिरत होतो कि आदर सत्कार मिलेंन। \v 39 अऊर आराधनालयों म मुख्य आसन अऊर जेवन म आदर सम्मान को जागा भी चाहत होतो। \v 40 हि विधवावों को धन जायजाद कपट सी हड़प लेत होतो, अऊर दिखावन लायी बहुत देर तक प्रार्थना करत रहत होतो। हि परमेश्वर सी अधिक सजा पायेंन।” \s गरीब विधवा को दान \r (लूका २१:१-४) \p \v 41 यीशु मन्दिर को आगु बैठ क देख रह्य होतो कि लोग मन्दिर को दान भण्डार म कसो तरह पैसा डालय हंय; अऊर बहुत सो अमीरों न बहुत सो पैसा डाल्यो। \v 42 इतनो म एक गरीब विधवा न आय क तांबा को दोय छोटो सिक्का डाल्यो, जेकी कीमत लगभग एक पैसा को बराबर होती। \v 43 तब यीशु न अपनो चेलावों ख जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि मन्दिर को दान भण्डार म डालन वालो म सी यो गरीब विधवा न सब सी बढ़ क दान डाल्यो हय। \v 44 कहालीकि सब न अपनो धन की बढ़ती म सी डाल्यो हय, पर येन अपनो घटती म सी जो कुछ ओको होतो मतलब अपनी पूरी जीविका डाल दियो हय।” \c 13 \s मन्दिर को विनाश की भविष्यवानी \r (मत्ती २४:१,२; लूका २१:५,६) \p \v 1 जब यीशु मन्दिर सी निकल रह्यो होतो, त ओको चेलावों म सी एक न ओको सी कह्यो, “हे गुरु, देख, कसो अद्भुत बड़ो गोटा अऊर भवन हंय!” \p \v 2 यीशु न ओको सी कह्यो, “का तुम यो बड़ो-बड़ो भवन देखय हय: इत गोटा पर गोटा भी बच्यो नहीं रहेंन जो गिरायो जायेंन।” \s मुसीबत अऊर सताव \r (मत्ती २४:३-१४; लूका २१:७-१९) \p \v 3 जब यीशु जैतून पहाड़ी पर मन्दिर को आगु बैठ गयो, त पतरस, याकूब, यूहन्ना अऊर अन्द्रियास न अलग जाय क ओको सी पुच्छ्यो, \v 4 “हम्ख बताव कि या बाते कब होयेंन? अऊर कौन्सो चिन्ह सी पता चलेंन कि यो सब पूरो होन पर हय?” \p \v 5 यीशु उन्को सी कह्यो, “चौकस रहो कि कोयी तुम्ख भरमानो नहीं पाये। \v 6 बहुत सो मोरो नाम सी आय क कहेंन, ‘मय मसीह आय!’ अऊर बहुत सो ख भरमायेंन। \v 7 जब तुम लड़ाईयों, अऊर लड़ाईयों की चर्चा सुनो, त मत घबरायजो; कहालीकि इन्को होनो जरूरी हय, पर उन्को मतलब यो नोहोय कि अन्त होय जायेंन। \v 8 कहालीकि एक राष्ट्र को विरोध म दूसरों राष्ट्र, अऊर एक राज्य को विरोध म दूसरों राज्य चढ़ायी करेंन। बहुत जागा म भूईडोल होयेंन, अऊर अकाल पड़ेंन। यो त सब दु:ख, पीड़ावों की सुरूवात होयेंन। \p \v 9 \x + \xo १३:९ \xo*\xt मत्ती १०:१७-२०; लूका १२:११,१२\xt*\x*“पर तुम अपनो बारे म चौकस रहो; कहालीकि लोग तुम्ख न्यायालयों म लिजायेंन अऊर तुम सभावों म पिट्यो जावो, अऊर मोरो वजह शासकों अऊर राजावों को आगु खड़ो करयो जायेंन, ताकि तुम्ख उन्को लायी सुसमाचार सुनावन को अवसर मिलेंन। \v 10 पर जरूरी हय कि अन्त आवन सी पहिले, सुसमाचार सब लोगों म प्रचार करयो जाये। \v 11 जब हि तुम्ख न्यायालयों म बन्दी बनाय क् सौंपेंन, त पहिले चिन्ता मत करजो कि हम का कहबो; पर जो कुछ तुम्ख ऊ समय बतायो जायेंन उच कहजो; कहालीकि बोलन वालो तुम नोहोय, पर पवित्र आत्मा आय। \v 12 भाऊ भाऊ ख धोका देयेंन अऊर बाप ख बेटा मारन लायी ओको विरोध म होयेंन, अऊर बच्चां माय-बाप को विरोध म उठ क् उन्ख मरवाय डालेंन। \v 13 \x + \xo १३:१३ \xo*\xt मत्ती १०:२२\xt*\x*अऊर मोरो नाम को वजह सब लोग तुम सी बैर करेंन; पर जो आखरी समय तक विश्वास म बन्यो रहेंन, उन्को उद्धार होयेंन। \s बड़ी मुसीबत को समय \r (मत्ती २४:१५-२८; लूका २१:२०-२४) \p \v 14 “येकोलायी जब तुम वा उजाड़न वाली\f + \fr १३:१४ \fr*\ft दानिय्येल९:२७; ११:३१; १२:११\ft*\f* घृणित चिज ख जित ठीक नहाय उत खड़ी देखो।” पढ़न वालो समझ लेवो, तब जो यहूदिया म हय, हि पहाड़ी पर भग जाये। \v 15 \x + \xo १३:१५ \xo*\xt लूका १७:३१\xt*\x*बिना समय गवायो जो घर को छत पर हय, ऊ कुछ लेन खल्लो मत उतरे अऊर नहीं अन्दर जाये; \v 16 अऊर जो खेत म हय, ओख घर म कपड़ा लावन लायी वापस नहीं जानो चाहिये। \v 17 उन दिनो म जो गर्भवती अऊर बच्चां ख दूध पिलावन वाली होना उन्को लायी कितनो भयानक होयेंन! \v 18 अऊर परमेश्वर सी प्रार्थना करतो रहो कि यो ठन्डी को दिन म मत होय। \v 19 \x + \xo १३:१९ \xo*\xt प्रकाशितवाक्य ७:१४\xt*\x*कहालीकि ऊ दिन असो कठिन होयेंन कि सृष्टि को सुरूवात सी, जो परमेश्वर न रच्यो हय, अब तक नहीं भयो अऊर नहीं फिर कभी होयेंन। \v 20 यदि प्रभु उन दिनो ख नहीं घटातो, त कोयी प्रानी भी नहीं बचतो; पर उन चुन्यो हुयो लोगों को वजह ओन मुसीबत को दिनो ख घटायो हय। \p \v 21 ऊ समय यदि कोयी तुम सी कहेंन, देखो, मसीह इत हय, यो देखो, उत हय, त विश्वास मत करो। \v 22 कहालीकि झूठो मसीह अऊर झूठो भविष्यवक्ता उठ खड़ो होयेंन, अऊर चिन्ह अऊर अचम्भा को काम दिखायेंन कि यदि होय सकय त परमेश्वर को चुन्यो हुयो लोगों ख भी भरमायो डालेंन। \v 23 पर तुम चौकस रहो; देखो, मय न तुम्ख सब बाते पहिले सीच बताय दियो हय। \s आदमी को बेटा को पुनरागमन \r (मत्ती २४:२९-३१; लूका २१:२५-२८) \p \v 24 \x + \xo १३:२४ \xo*\xt प्रकाशितवाक्य ६:१२\xt*\x*“उन दिनो म, ऊ कठिनायी को बाद सूरज अन्धारो होय जायेंन, अऊर चन्दा प्रकाश नहीं देयेंन; \v 25 \x + \xo १३:२५ \xo*\xt प्रकाशितवाक्य ६:१३\xt*\x*अऊर आसमान सी चांदनी गिरेंन; अऊर आसमान की शक्तियां हिलायी जायेंन। \v 26 \x + \xo १३:२६ \xo*\xt प्रकाशितवाक्य १:७\xt*\x*तब लोग आदमी को बेटा ख बड़ी सामर्थ अऊर महिमा को संग बादलो म आवतो देखेंन। \v 27 ऊ समय ऊ अपनो दूतों ख भेज क, धरती को यो कोना सी ले क दूसरों कोना तक, चारयी दिशा सी अपनो परमेश्वर को चुन्यो हुयो लोगों ख जमा करेंन। \s अंजीर को झाड़ को दृष्टान्त \r (मत्ती २४:३२-३५; लूका २१:२९-३३) \p \v 28 “अंजीर को झाड़ सी यो दृष्टान्त सीखो: जब ओकी डगाली कवली हो, अऊर ओको म पाना निकलन लगय हय; त तुम जान लेवय हय कि गरमी को मौसम जवर हय। \v 29 असो तरह सी जब तुम या बाते ख होतो देखो, त जान लेवो कि ऊ समय जवर हय बल्की बहुतच जवर हय। \v 30 मय तुम सी सच कहू हय कि जब तक या सब बाते पूरी नहीं होय जाये, तब तक यो पीढ़ी को अन्त नहीं होयेंन। \v 31 आसमान अऊर धरती टल जायेंन, पर मोरी बाते कभी नहीं टलेंन। \s चौकस रहो \r (मत्ती २४:३६-४४) \p \v 32 \x + \xo १३:३२ \xo*\xt मत्ती २४:३६\xt*\x*“ऊ दिन यां ऊ समय को बारे म कोयी नहीं जानय, नहीं स्वर्गदूत अऊर नहीं बेटा; केवल बापच जानय हय। \v 33 देखो, चौकस अऊर जागतो रहो; कहालीकि तुम नहीं जानय कि ऊ समय कब आयेंन। \v 34 \x + \xo १३:३४ \xo*\xt लूका १२:३६-३८\xt*\x*ऊ असोच हय जसो कोयी आदमी कोयी यात्रा पर जातो हुयो सेवकों को ऊपर अपनो घर छोड़ जावय, अऊर हर एक ख अपनो काम दे जाये। अऊर पहरेदार ख या आज्ञा दे कि ऊ जागतो रहे। \v 35 येकोलायी जागतो रहो, कहालीकि तुम नहीं जानय कि घर को मालिक कब आयेंन, शाम म यां अरधी रात म, यां भुन्सारे ख, यां सबेरे सी पहिले। \v 36 कहीं असो नहीं होय की ऊ अचानक आय जाये अऊर तुम्ख सोतो हुयो देखे। \v 37 अऊर जो मय तुम सी कहू हय, उच सब सी कहू हय: जागतो रहो!” \c 14 \s यीशु को विरोध म साजीश \r (मत्ती २६:१-५; लूका २२:१,२; यूहन्ना ११:४५-५३) \p \v 1 दोय दिन को बाद फसह अऊर अखमीरी रोटी को त्यौहार होन वालो होतो। मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री या बात की खोज म होतो कि ओख कसो कपट सी पकड़ क मार डाल्बो: \v 2 पर हि कह्य रह्यो होतो, “त्यौहार को दिन म नहीं, पर कहीं असो मत होय कि लोगों म दंगा होय जायेंन।” \s यीशु को अत्तर सी स्वागत \r (मत्ती २६:६-१३; यूहन्ना १२:१-८) \p \v 3 \x + \xo १४:३ \xo*\xt लूका ७:३७,३८\xt*\x*जब यीशु बैतनिय्याह को शिमोन नाम को कोढ़ी को घर जेवन करन बैठ्यो होतो, तब एक बाई संगमरमर को बर्तन म जटामांसी को बहुत कीमती शुद्ध अत्तर ले क आयी; अऊर बर्तन तोड़ क अत्तर ख यीशु को मुंड पर कुड़ायो। \v 4 पर कोयी लोग अपनो मन म कुड़कुड़ाय क कहन लग्यो, “यो अत्तर ख कहालीकि नाश करयो गयो? \v 5 कहालीकि यो अत्तर त तीन सौ दीनार\f + \fr १४:५ \fr*\ft एक साल सी जादा की मजूरी को बराबर यो तीन सौ दीनार \ft*\f* सी अधिक कीमत म बेच क गरीबों म बाट्यो जाय सकत होतो।” अऊर हि वा बाई ख डाटन लग्यो। \fig बर्तन म जटामासी को अत्तर|alt="Jars with spikenard" src="hk00117c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१४:३"\fig* \p \v 6 यीशु न कह्यो, “ओख छोड़ देवो; ओख कहाली सतावय हय? ओन त मोरो संग भलायी करी हय। \v 7 गरीब त तुम्हरो संग हमेशा रह्य हय, अऊर तुम जब चाहो तब उनकी मदत कर सकय हय; पर मय तुम्हरो संग हमेशा नहीं रह सकू। \v 8 जो कुछ वा कर सकी, ओन करी; ओन मोरो गाड़्यो जान की तैयारी म पहिलो सी मोरो शरीर पर अत्तर मल्यो हय। \v 9 मय तुम सी सच कहू हय कि पूरो जगत म जित कहीं सुसमाचार प्रचार करयो जायेंन, उत वा बाई को काम की चर्चा भी ओकी याद म करी जायेंन।” \s यीशु को विश्वासघात करन लायी यहूदा की सहमती \r (मत्ती २६:१४-१६; लूका २२:३-६) \p \v 10 तब यहूदा इस्करियोती जो बारा चेलावों म सी एक होतो, मुख्य याजकों को जवर गयो कि यीशु ख उन्को हाथ म सौंप सके। \v 11 हि यो सुन क खुश भयो, अऊर ओख पैसा देन की प्रतिज्ञा करयो; अऊर यहूदा मौका ढूंढन लग्यो कि यीशु ख कोयी भी तरह सी उन्ख सौंप देऊ। \s यीशु चेलावों को संग फसह को आखरी जेवन \r (मत्ती २६:१७-२५; लूका २२:७-१४,२१-२३; यूहन्ना १३:२१-३०) \p \v 12 अखमीरी रोटी को त्यौहार को पहिलो दिन, जेको म हि फसह को मेम्ना को बलिदान करत होतो, ओको चेलावों न यीशु सी पुच्छ्यो, “तय चाहवय हय कि कित हम जाय क तोरो लायी फसह को जेवन खान की तैयारी करबो?” \p \v 13 यीशु न अपनो चेलावों म सी दोय ख यो कह्य क भेज्यो, “नगर म जावो, अऊर एक आदमी पानी को घड़ा उठाय क लावतो हुयो तुम्ख मिलेंन, ओको पीछू जावो; \v 14 अऊर ऊ जो घर म जायेंन, ऊ घर को मालिक सी कहो, ‘गुरु कह्य हय कि मोरी मेहमानी को कमरा कित हय जेको म मय अपनो चेलावों को संग फसह को जेवन खाऊ?’ \v 15 ऊ तुम्ख एक सजायो अऊर तैयार करयो हुयो बड़ो सो ऊपर को कमरा दिखायेंन, उत हमरो लायी सब कुछ तैयार मिलेंन।” \p \v 16 अऊर चेलावों नगर म गयो, अऊर जसो यीशु न उन्को सी कह्यो होतो वसोच पायो; अऊर फसह को जेवन की तैयारी करी। \p \v 17 जब शाम भयी, त यीशु बारा चेलावों को संग आयो। \v 18 जब हि बैठ क जेवन कर रह्यो होतो, त यीशु न कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि तुम म सी एक, जो मोरो संग जेवन कर रह्यो हय, मोख बैरियों को हाथ म सौंप देयेंन।” \p \v 19 उन पर उदासी छाय गयी अऊर हि एक को बाद एक ओको सी कहन लग्यो, “का ऊ मय आय?” \p \v 20 यीशु न उन्को सी कह्यो, “ऊ बारा चेलावों म सी एक हय, जो मोरो संग जेवन करय हय। \v 21 कहालीकि मय आदमी को बेटा मृत्यु पाऊ, जसो शास्त्रों म लिख्यो हय, पर ऊ आदमी पर हाय जेको द्वारा आदमी को बेटा ख ओको बैरियों को हाथ म सौंप दियो जायेंन! यदि ऊ आदमी पैदाच नहीं होतो, त ओको लायी ठीक होतो।” \s प्रभु-भोज \r (मत्ती २६:२६-३०; लूका २२:१४-२०; १ कुरिन्थियों ११:२३-२५) \p \v 22 जब हि खायच रह्यो होतो, ओन रोटी लियो, अऊर धन्यवाद कर क् तोड़ी, अऊर चेलावों ख दियो, अऊर कह्यो, “लेवो, यो मोरो शरीर आय।” \p \v 23 तब ओन प्याला ले क परमेश्वर ख धन्यवाद करयो, अऊर उन्ख दियो; अऊर उन सब न ओको म सी पीयो। \v 24 अऊर यीशु न उन्को सी कह्यो, “यो वाचा को मोरो ऊ खून आय; जो आदमी अऊर परमेश्वर को बीच नयो वाचा ख दर्शावय हय, जो बहुतों लायी बहायो जावय हय। \v 25 मय तुम सी सच कहू हय कि अंगूररस ऊ दिन तक फिर कभी नहीं पीऊ, जब तक परमेश्वर को राज्य म नयो अंगूररस नहीं पी लेऊं।” \p \v 26 तब हि परमेश्वर को भजन गाय क बाहेर जैतून की पहाड़ी पर गयो। \s यीशु को पतरस इन्कार करनो \r (मत्ती २६:३१-३५; लूका २२:३१-३४; यूहन्ना १३:३६-३८) \p \v 27 तब यीशु न चेलावों सी कह्यो, “तुम सब मोख छोड़ क भग जावो, कहालीकि शास्त्रों म लिख्यो हय; ‘चरवाहा ख मार डालूं, अऊर मेंढीं तितर-बितर होय जायेंन।’ \v 28 \x + \xo १४:२८ \xo*\xt मत्ती २८:१६\xt*\x*पर मय अपनो जीन्दो होन को बाद तुम सी पहिले गलील ख चली जाऊं।” \p \v 29 पतरस न ओको सी कह्यो, “यदि सब छोड़ेंन त छोड़ेंन, पर मय तोख नहीं छोड़ूं।” \p \v 30 यीशु न ओको सी कह्यो, “मय तोरो सी सच कहू हय कि अजच योच रात ख मुर्गा को दोय बार बाग देन सी पहिले, तय तीन बार मोख पहिचानन सी इन्कार करजो।” \p \v 31 पर ओन अऊर भी जोर दे क कह्यो, “यदि मोख तोरो संग मरनो भी पड़ेंन, तब भी मय तोरो इन्कार कभी नहीं करू।” \p योच तरह अऊर सब न भी कह्यो। \s गतसमनी बगीचा म यीशु की प्रार्थना \r (मत्ती २६:३६-४६; लूका २२:३९-४६) \p \v 32 फिर हि गतसमनी नाम एक जागा म आयो, अऊर यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “इत बैठ्यो रहो, जब तक मय प्रार्थना करू हय।” \v 33 अऊर ओन पतरस, याकूब अऊर यूहन्ना ख अपनो संग ले गयो; अऊर बहुत संकट अऊर दु:ख ओको पर आय गयो, \v 34 अऊर यीशु न उन्को सी कह्यो, “मोरो दिल बहुत उदास हय, यहां तक कि मय मरन पर हय। तुम इत ठहरो, अऊर देखतो रहो।” \p \v 35 तब ऊ थोड़ो आगु बढ़ क जमीन म गिर क प्रार्थना करन लग्यो, कि यदि होय सकय त यो तकलीफ को समय मोरो पर सी टल जाये, \v 36 अऊर कह्यो, “हे पिता, हे बाप, तोरो लायी सब कुछ सम्भव हय; यो दु:ख को कटोरा मोरो जवर सी हटाय ले: तब भी जसो मय चाहऊ हय वसो नहीं, पर जो तय चाहवय हय उच हो।” \p \v 37 तब यीशु वापस आयो अऊर उन तीन चेलावों ख सोयो देख क पतरस सी कह्यो, “हे शिमोन, तय सोय रह्यो हय? का तय एक घंटा भी नहीं जाग सक्यो?” \v 38 अऊर ओन उन्को सी कह्यो, “जागतो अऊर प्रार्थना करतो रहो कि तुम परीक्षा म नहीं पड़ो। आत्मा त तैयार हय, पर शरीर कमजोर हय।” \p \v 39 यीशु तब उत सी चली गयो अऊर उच शब्दों म प्रार्थना करी। \v 40 तब यीशु आय क उन्ख सोयो देख्यो, कहालीकि उन्की आंखी नींद सी भरी होती; अऊर हि नहीं जानत होतो कि ओख का कहनो हय। \p \v 41 तब, ओन तीसरी बार आय क उन्को सी कह्यो, “कहालीकि तुम अब तक सोय रह्य हय अऊर आराम कर रह्य हय? बहुत होय गयो! बस, समय आय पहुंच्यो हय। देखो, मय आदमी को बेटा पापियों को हाथ म सौंप दियो जाऊं। \v 42 उठो, चलो! देखो, मोख धोका देन वालो जवर आय गयो हय!” \s यीशु ख धोका सी पकड़वायो जानो \r (मत्ती २६:४७-५६; लूका २२:४७-५३; यूहन्ना १८:३-१२) \p \v 43 यीशु यो कह्यच रह्यो होतो कि यहूदा जो बारा चेलावों म सी एक होतो, अपनो संग मुख्य याजकों अऊर धर्मशास्त्रियों अऊर बुजूर्गों को तरफ सी एक बड़ी भीड़ लेय क उन्ख भेज्यो, जो तलवारे अऊर लाठियां को संग होती। \v 44 ओको पकड़वान वालो न उन्ख यो इशारा दियो होतो कि जेको मय चुम्मा लेऊ उच आय, ओख पकड़ क सावधानी सी लिजाजो। \p \v 45 उत पहुंच क तुरतच यहूदा यीशु को जवर जाय क कह्यो, “हे गुरु!” अऊर ओको चुम्मा लियो। \v 46 तब उन्न यीशु ख पकड़ क बन्दी बनाय लियो। \v 47 उन म सी जो जवर खड़े होतो, एक न तलवार निकाल क महायाजक को सेवक पर चलाय क ओको कान काट दियो। \v 48 यीशु न उत्तर देतो हुयो उन्को सी कह्यो, “का तुम तलवारे अऊर लाठियां ले क मोख बन्दी बनावन आयो हय? का मय कोयी अपराधी आय? \v 49 \x + \xo १४:४९ \xo*\xt लूका १९:४७; २१:३७\xt*\x*मय त हर दिन मन्दिर म तुम्हरो संग रह्य क शिक्षा देत होतो, अऊर तब तुम्न मोख नहीं पकड़्यो: पर यो येकोलायी भयो हय कि शास्त्र को लेख पूरो होय।” \p \v 50 येको पर सब चेला ओख छोड़ क भाग गयो। \p \v 51 एक जवान लिनन को चादर पहिन्यो हुयो यीशु को पीछू भय गयो। अऊर लोगों न ओख पकड़न की कोशिश करी। \v 52 पर ऊ चादर ख छोड़ क नंगोच भग गयो। \s यीशु ख यहूदियों की महासभा को सामने लावनो \r (मत्ती २६:५७-६८; लूका २२:५४,५५,६३-७१; यूहन्ना १८:१३,१४,१९-२४) \p \v 53 फिर हि यीशु ख महायाजक को घर को आंगन म ले गयो; अऊर सब मुख्य याजक, बुजूर्गों अऊर धर्मशास्त्री उत जमा भय गयो। \v 54 पतरस दूरच दूर सी ओको पीछू-पीछू महायाजक को आंगन को अन्दर तक गयो, अऊर पहरेदारों को संग बैठ क आगी तापन लग्यो। \v 55 मुख्य याजक अऊर पूरी यहूदियों की महासभा यीशु ख मार डालन लायी ओको विरोध म सबूत ढूंढत होतो, पर सबूत नहीं मिल्यो। \v 56 कुछ लोग यीशु को विरोध म झूठो सबूत दे रह्यो होतो, पर उन्को सबूत एक जसो नहीं होतो। \p \v 57 तब कुछ लोगों न उठ क यीशु को विरोध म यो झूठो सबूत दियो, \v 58 \x + \xo १४:५८ \xo*\xt यूहन्ना २:१९\xt*\x*“हम न येख यो कहतो सुन्यो हय, ‘मय यो आदमी को हाथ को बनायो हुयो मन्दिर ख गिराय देऊं, अऊर तीन दिन म दूसरों बनाय देऊं, जो आदमी को हाथ सी नहीं बन्यो हय।’” \v 59 येको पर भी उन्को सबूत एक जसो नहीं निकल्यो। \p \v 60 तब महायाजक न बीच म खड़े होय क यीशु सी पुच्छ्यो, “तय कोयी उत्तर नहीं देवय? हि लोग तोरो विरोध म का सबूत दे रह्यो हंय?” \p \v 61 पर यीशु चुपचाप रह्यो, अऊर कुछ उत्तर नहीं दियो। महायाजक न ओको सी फिर सी पुच्छ्यो, “का तय ऊ परम धन्य परमेश्वर को बेटा मसीह आय?” \p \v 62 यीशु न कह्यो, “हव मय आय,” अऊर “तुम आदमी को बेटा ख सर्वशक्तिमान परमेश्वर को दायो तरफ बैठ्यो, अऊर आसमान को बादलो को संग आवता देखो।” \p \v 63 तब महायाजक न अपनो कपड़ा फाड़ क कह्यो, “अब हम्ख गवाहों की अऊर का जरूरत हय? \v 64 तुम्न यो निन्दा सुनी। येको पर तुम्हरी का राय हय?” \p उन सब न कह्यो कि यो मृत्यु की सजा को लायक हय। \p \v 65 तब कोयी त ओको पर थूकन लग्यो, अऊर ओको पर कपड़ा सी ढक क घूसा मारन लग्यो अऊर ओको सी कहन लग्यो, “भविष्यवानी कर!” की तोख कौन न मारयो अऊर पहरेदारों न ओख पकड़ क थापड़ मारयो। \s पतरस को यीशु ख इन्कार करनो \r (मत्ती २६:६९-७५; लूका २२:५६-६२; यूहन्ना १८:१५-१८,२५-२७) \p \v 66 जब पतरस आंगन म बैठ्यो होतो, त महायाजक की दासी उत आयी, \v 67 अऊर पतरस ख आगी तापतो देख क पहिचानन लायी ओको पर टकटकी लगाय क देख्यो अऊर कहन लगी, “तय भी त ऊ नासरत को यीशु को संग होतो।” \p \v 68 \f + \fr १४:६८ \fr*\ft कुछ हस्तलेखों म मुर्गा न बाग दियो नहीं लिख्यो हय\ft*\f*पर पतरस न यीशु को इन्कार करतो हुयो कह्यो, “मय नहीं जानु अऊर नहीं समझू हय कि तय का कह्य रह्यो हय?” तब ऊ बाहेर डेहरी को तरफ जान लग्यो: अऊर मुर्गा न बाग दियो। \p \v 69 ओख देख क जवर खड़ो लोगों सी वा दासी फिर सी कहन लगी, “यो त उन्म सी एक” आय! \p \v 70 पर पतरस यीशु ख पहिचानन सी फिर सी इन्कार करयो। थोड़ी देर बाद जो जवर खड़ो होतो उन्न फिर पतरस सी कह्यो, “निश्चय तय उन्म सी एक आय; कहालीकि तय भी गलीली आय।” \p \v 71 तब पतरस कसम खाय क कहन लग्यो, सच कहू हय, “मय ऊ आदमी ख, जेकी तुम चर्चा करय हय, नहीं जानु।” \p \v 72 तब तुरतच दूसरों बार मुर्गा न बाग दियो। पतरस ख ऊ बात जो यीशु न ओको सी कह्यो होतो याद आयी: “मुर्गा को दोय बार बाग देन सी पहिले तय तीन बार मोख पहिचानन सी इन्कार करजो।” अऊर ऊ या बात ख सोच मान क रोवन लग्यो। \c 15 \s पिलातुस को सामने यीशु \r (मत्ती २७:१,२,११-१४; लूका २३:१-५; यूहन्ना १८:२८-३८) \p \v 1 भुन्सारे होतोच तुरतच मुख्य याजकों, बुजूर्गों, अऊर धर्मशास्त्रियों न बल्की पूरी यहूदी महासभा न सल्ला कर क् यीशु ख बन्दी बनाय क, ओख लिजाय क पिलातुस शासक को हाथ म सौंप दियो। \p \v 2 पिलातुस न यीशु सी पुच्छ्यो, “का तय यहूदियों को राजा आय?” ओन ओख उत्तर दियो, “तय खुदच कह्य रह्यो हय।” \p \v 3 मुख्य याजक यीशु पर बहुत बातों को दोष लगाय रह्यो होतो। \v 4 पिलातुस न ओको सी फिर पुच्छ्यो, “का तय कुछ भी उत्तर नहीं देवय? देख हि तोरो पर कितनी बातों को दोष लगावय हंय।” \p \v 5 यीशु न फिर कुछ भी उत्तर नहीं दियो; येकोलायी पिलातुस बड़ो अचम्भित भयो। \s मृत्यु-दण्ड की आज्ञा \r (मत्ती २७:१५-२६; लूका २३:१३-२५; यूहन्ना १८:३९-४०; १९:१-१६) \p \v 6 हमेशा को जसो ऊ फसह को त्यौहार म यहूदी लोग कोयी एक बन्दी ख जेक हि चाहत होतो, पिलातुस उन्को लायी छोड़ देत होतो। \v 7 बरअब्बा नाम को एक आदमी विद्रोहियों को संग बन्दी होतो, ओन रोमन शासक को विद्रोह म हत्यायें करी होती। \v 8 अऊर भीड़ पिलातुस सी बिन्ती करन लग्यो, कि जसो तय हमरो लायी करत आयो हय वसोच कर। \v 9 पिलातुस न उन्ख उत्तर दियो, “का तुम चाहवय हय, कि मय तुम्हरो लायी यहूदियों को राजा ख छोड़ देऊ?” \v 10 पिलातुस जानत होतो कि मुख्य याजकों न ओख जलन सी सौंप दियो होतो। \p \v 11 पर मुख्य याजकों न लोगों ख उकसायो कि ऊ बरअब्बा ख उन्को लायी छोड़ दे। \v 12 यो सुन क पिलातुस न उन्को सी फिर पुच्छ्यो, “त जेक तुम यहूदियों को राजा कह्य हय, ओख मय का करू?” \p \v 13 हि फिर चिल्लावन लग्यो, “ओख क्रूस पर हाथ अऊर पाय म खिल्ला सी ठोक क ओख चढ़ाय देवो।” \p \v 14 पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “येन का बुरो करयो हय?” \p पर हि अऊर भी जोर सी चिल्लावन लग्यो, “ओख क्रूस पर चढ़ाय देवो।” \p \v 15 तब पिलातुस न भीड़ ख खुश करन की इच्छा सी, बरअब्बा ख उन्को लायी छोड़ दियो, अऊर यीशु ख कोड़ा सी पीट क सौंप दियो कि क्रूस पर चढ़ायो जाये। \s सिपाहियों सी यीशु की मजाक \r (मत्ती २७:२७-३१; यूहन्ना १९:२,३) \p \v 16 प्रीटोरियुम, जो राज्यपाल को राजभवन को आंगन कहलावय हय, ओख ले गयो जित पूरी रोमी सेना की पलटन ख बुलाय क जमा करयो। \v 17 तब उन्न यीशु ख जामुनी कपड़ा पहिनायो अऊर काटा की डगाली सी मुकुट बनाय क ओको मुंड पर रख्यो, \v 18 अऊर यो कह्य क ओख प्रनाम करन लग्यो, “हे यहूदियों को राजा, तोरी जय जयकार होय!” \v 19 हि ओको मुंड पर सरकण्डा मारतो, अऊर ओको पर थूकतो अऊर घुटना को बल पर होय क ओकी जय जयकार करतो रह्यो। \v 20 जब हि ओको मजाक उड़ाय लियो, त ओको पर सी जामुनी कपड़ा उतार क ओकोच कपड़ा पहिनायो; अऊर तब ओख क्रूस पर चढ़ावन लायी बाहेर ले गयो। \s यीशु ख क्रूस पर चढ़ायो जानो \r (मत्ती २७:३२-४४; लूका २३:२६-४३; यूहन्ना १९:१७-२७) \p \v 21 \x + \xo १५:२१ \xo*\xt रोमियों १६:१३\xt*\x*सिकन्दर अऊर रूफुस को बाप शिमोन कुरेनी, जो गांव सी आवतो हुयो उत सी निकल रह्यो होतो; त सिपाहियों न ओख जबरदस्ती म पकड़्यो कि यीशु को क्रूस उठाय क चले। \v 22 हि ओख गुलगुता नाम को जागा पर ले गयो, जेको अर्थ खोपड़ी की जागा हय। \v 23 अऊर ओख कड़वो मसाला मिलायो हुयो अंगूररस देन कि कोशिश करी, पर ओन नहीं पियो। \v 24 तब उन्न ओख क्रूस पर चढ़ायो अऊर ओको कपड़ा पर चिट्ठियां डाल क, कि कोन्ख का मिलेंन, ओको कपड़ा ख आपस म बाट लियो। \v 25 अऊर सबेरे को नौ बजे एक पहर दिन चढ़ आयो होतो, जब उन्न ओख क्रूस पर चढ़ायो। \v 26 अऊर असो लिख क यो दोष चिट्ठी ओको ऊपर क्रूस पर लगाय दियो कि “यहूदियों को राजा।” \v 27 उन्न ओको संग दोय डाकूवों, एक ओको दायो तरफ अऊर दूसरों ख ओको बायो तरफ क्रूस पर चढ़ायो। \v 28 तब शास्त्र को ऊ वचन पूरो भयो जेको म कह्यो हय कि ऊ अपराधियों को संग गिन्यो गयो।\f + \fr १५:२८ \fr*\ft कुछ हस्त लेख म यो वचन नहीं मिलय। देखो लूका २२:३७\ft*\f* \p \v 29 \x + \xo १५:२९ \xo*\xt मरकुस १४:५८; यूहन्ना २:१९\xt*\x*अऊर उत सी आनो जानो वालो मुंड हिला हिलाय क अऊर यो कह्य क ओकी निन्दा करत होतो, “अरे! यो त मन्दिर ख गिराय क, अऊर तीन दिन म बनावन वालो होतो! \v 30 क्रूस पर सी उतर क अपनो आप ख बचाय ले।” \p \v 31 येको पर मुख्य याजक भी, धर्मशास्त्रियों को संग आपस म मजाक उड़ाय रह्यो होतो, “येन त कुछ ख बचायो, पर खुद ख नहीं बचा सक्यो।” \p \v 32 “इस्राएल को राजा, मसीह, अब क्रूस पर सी उतर गयो कि हम ओख देख क विश्वास करबो।” अऊर जो ओको संग क्रूस पर चढ़ायो गयो होतो, हि भी ओकी निन्दा करत होतो। \s यीशु को जीव छोड़नो \r (मत्ती २७:४५-५६; लूका २३:४४-४९; यूहन्ना १९:२८-३०) \p \v 33 बारा बजे दोपहर होन पर पूरो देश म अन्धारो छाय गयो, अऊर तीन घंटा तक अन्धारो छायो रह्यो। \v 34 तीसरो पहर तीन बजे यीशु न बड़ो आवाज सी पुकार क कह्यो, “एलोई, एलोई, लमा शबक्तनी?” जेको अर्थ यो हय, “हे मोरो परमेश्वर, हे मोरो परमेश्वर, तय न मोख कहाली छोड़ दियो?” \p \v 35 जो जवर खड़ो होतो, उन्म सी कुछ लोगों न यो सुन क कह्यो, “सुनो, ऊ एलिय्याह ख पुकार रह्यो हय।” \v 36 अऊर एक न दौड़ क स्पंज ख सिरका म डुबायो, अऊर सरकण्डा पर रख क ओख चुसायो अऊर कह्यो, “रुक जावो, देखबोंन, एलिय्याह ओख उतारन लायी आवय हय यां नहीं।” \p \v 37 तब यीशु न ऊचो आवाज सी चिल्लाय क जीव छोड़ दियो। \p \v 38 अऊर मन्दिर को परदा ऊपर सी खल्लो तक फट क दोय टुकड़ा भय गयो। \v 39 सूबेदार न जो उत आगु खड़ो होतो, ओख यो तरह सी जीव छोड़तो हुयो देख्यो, त ओन कह्यो,\f + \fr १५:३९ \fr*\ft कुछ हस्तलेखों म यीशु जोर सी चिल्लाय क जीव छोड़ दियो लिख्यो हय\ft*\f* “सचमुच यो आदमी, परमेश्वर को बेटा होतो!” \p \v 40 \x + \xo १५:४० \xo*\xt लूका ८:२,३\xt*\x*कुछ बाई भी दूर सी देख रही होती: उन्म मरियम मगदलीनी, छोटो याकूब अऊर योसेस की माय मरियम, अऊर सलोमी होती। \v 41 जब ऊ गलील म होतो त हि ओको पीछू होय जात होती अऊर ओकी सेवा टहल करत होती; अऊर बहुत सी बाईयां भी होती, जो ओको संग यरूशलेम म आयी होती। \s यीशु को गाड़्यो जानो \r (मत्ती २७:५७-६१; लूका २३:५०-५६; यूहन्ना १९:३८-४२) \p \v 42 जब शाम भय गयी त येकोलायी कि तैयारी को दिन होतो, जो यहूदियों को आराम\f + \fr १५:४२ \fr*\ft सब्त-यहूदियों को आराम दिन\ft*\f* को दिन सी एक दिन पहिले होवय हय, \v 43 अरिमतिया को निवासी यूसुफ आयो, जो यहूदियों को महासभा को सम्मानिय सदस्य होतो अऊर खुद भी परमेश्वर को राज्य की रस्ता देखत होतो। ऊ हिम्मत कर क् पिलातुस को जवर जाय क यीशु को लाश मांग्यो। \v 44 पिलातुस ख अचम्भा भयो कि यीशु की मृत्यु इतनो जल्दी भय गयी; अऊर ओन सूबेदार ख बुलाय क पुच्छ्यो, “का ऊ मर गयो हय?” \v 45 तब ओन सूबेदार सी हाल जान क लाश यूसुफ ख दे दियो। \v 46 तब यूसुफ न लिनन कि एक चादर लियो, अऊर लाश ख उतार क ऊ चादर म लपेट क, अऊर एक कब्र म जो चट्टान ख काट क बनायो गयो कब्र म रख्यो, अऊर कब्र को द्वार पर एक बड़ो गोटा लुढ़काय दियो। \v 47 मरियम मगदलीनी अऊर योसेस की माय मरियम देख रही होती कि ओख कित रख्यो गयो हय। \c 16 \s यीशु को पुनरुत्थान \r (मत्ती २८:१-८; लूका २४:१-१२; यूहन्ना २०:१-१०) \p \v 1 जब आराम को दिन बीत गयो, त मरियम मगदलीनी, याकूब की माय मरियम अऊर सलोमी न सुगन्धित अत्तर लेय लियो अऊर आय क यीशु की लाश पर मल्यो। \v 2 हप्ता को पहिलो दिन इतवार ख भुन्सारो म जब सूर्योदय होतो समय, हि कब्र पर आयी, \v 3 अऊर आपस म कहत होती, “हमरो लायी कब्र को द्वार पर सी गोटा कौन हटायेंन?” \v 4 गोटा बहुत बड़ो होतो, जब उन्न देख्यो, त गोटा हट्यो हुयो होतो। \v 5 कब्र को अन्दर जाय क उन्न स्वर्गदूत ख एक जवान आदमी को रूप म सफेद कपड़ा पहिन्यो दायो तरफ बैठ्यो देख्यो, अऊर हि बहुत डर गयी होती। \p \v 6 ओन उन्को सी कह्यो, “मत डरो, तुम नासरत को यीशु ख, जो क्रूस पर चढ़ायो गयो होतो, ओख ढूंढ रही हय। ऊ जीन्दो भयो हय, इत नहाय; देखो, याच जागा आय, जित उन्न ओख रख्यो होतो। \v 7 \x + \xo १६:७ \xo*\xt मत्ती २६:३२; मरकुस १४:२८\xt*\x*पर तुम जावो, अऊर ओको चेलावों अऊर पतरस सी कहो कि ऊ तुम सी पहिले गलील ख जायेंन। जसो ओन तुम सी कह्यो होतो, तुम उतच ओख देखो।” \p \v 8 अऊर हि निकल क कब्र सी भाग गयी; कपकपी अऊर घबराहट उन पर छाय गयी होती; अऊर उन्न कोयी सी कुछ नहीं कह्यो, कहालीकि हि डर गयी होती। \s मरियम मगदलीनी ख यीशु दिखायी दियो \r (मत्ती २८:९,१०; यूहन्ना २०:११-१८) \p \v 9 हप्ता को पहिलो दिन इतवार को भुन्सारे ख ऊ जीन्दो होय क सब सी पहिले मरियम मगदलीनी ख जेको म सी सात दुष्ट आत्मा ख निकाल्यो होतो ओख दिखायी दियो। \v 10 ओन जाय क यीशु को संगियों ख जो शोक म डुब्यो होतो अऊर रोय रह्यो होतो, यो समाचार बतायो। \v 11 जब उन्न यो सुन्यो कि यीशु जीन्दो हय अऊर उन्ख दिखायी दियो हय, त उन्ख विश्वास नहीं भयो। \s दोय चेलावों ख यीशु दिखायी दियो \r (लूका २४:१३-३५) \p \v 12 येको बाद यीशु दूसरों रूप म उन्म सी दोय चेलावों ख जब हि गांव को तरफ जाय रह्य होतो, दिखायी दियो। \v 13 उन्न भी जाय क दूसरों ख समाचार बतायो, पर उन्न तब भी उन्की बात पर विश्वास नहीं करयो। \s ग्यारा चेलावों ख यीशु दिखायी दियो \r (मत्ती २८:१६-२०; लूका २४:३६-४९; यूहन्ना २०:१९-२३; प्रेरितों १:६-८) \p \v 14 पीछू ऊ उन ग्यारा चेलावों ख भी, जब हि जेवन करन बैठ्यो होतो दिखायी दियो, अऊर उन्को अविश्वास अऊर मन की कठोरता पर डाट्यो, कहालीकि जेन ओख जीन्दो होन को बाद देख्यो होतो, इन्न उन्को विश्वास नहीं करयो होतो। \v 15 \x + \xo १६:१५ \xo*\xt प्रेरितों १:८\xt*\x*अऊर यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम पूरो जगत म जाय क पूरी सृष्टि को लोगों ख सुसमाचार प्रचार करो। \v 16 जो विश्वास करेंन अऊर बपतिस्मा लेयेंन ओकोच उद्धार होयेंन, पर जो विश्वास नहीं करेंन ओको न्याय होयेंन अऊर ऊ दोषी ठहरायो जायेंन; \v 17 विश्वास करन वालो म यो चिन्ह होयेंन कि हि मोरो नाम सी दुष्ट आत्मावों ख निकालेंन, अऊर नयी भाषा बोलेंन, \v 18 सांपो ख उठाय लेयेंन, अऊर यदि हि जहेर ख भी पी लेयेंन तब भी उन्की कुछ हानि नहीं होयेंन; हि बीमारों पर हाथ रखेंन, अऊर बीमार चंगो होय जायेंन।” \s यीशु ख स्वर्ग पर उठायो जानो \r (लूका २४:५०-५३; प्रेरितों १:९-११) \p \v 19 \x + \xo १६:१९ \xo*\xt प्रेरितों १:९-११\xt*\x*प्रभु यीशु उन्को सी बाते करन को बाद स्वर्ग पर उठाय लियो गयो, अऊर परमेश्वर को दायो तरफ बैठ गयो। \v 20 अऊर उन्न निकल क हर जागा म प्रचार करयो, अऊर प्रभु उन्को संग काम करत रह्यो, अऊर उन चिन्ह को द्वारा जो संग संग होत होतो, वचन ख मजबूत करत रह्यो। आमीन।\f + \fr १६:२० \fr*\ft पुरानो हस्त लेख म यो वचन नहीं मिलय \ft*\f*