\id MAT -Lodhi \ide UTF-8 \h मत्ती \toc3 मत्ती \toc2 मत्ती \toc1 मत्ती रचित यीशु मसीह को सुसमाचार \mt2 मत्ती रचित यीशु मसीह का सुसमाचार \mt1 मत्ती रचित यीशु मसीह को सुसमाचार \imt परिचय \ip मत्ती रचित सुसमाचार यो ऊ नयो नियम की चार किताबों म सी एक आय, जो यीशु मसीह को जीवन ख बतावय हय, या चार किताबों म सी यो एक सुसमाचार कहलायो गयो हय, येको मतलब हय, कि इन चारों म हर एक किताब सुसमाचार आय। यीशु को स्वर्ग म जान को बाद हि किताबे मत्ती, मरकुस, लूका अऊर यूहन्ना न लिख्यो हय। मत्ती रचित सुसमाचार कब लिख्यो गयो येकी जानकारी विद्वान लोगों ख नहाय। फिर भी हम असो कह्य सकजे हय कि यीशु को जनम को करीब ६० साल को बाद या किताब लिखी गयी हय, योच तरह कित लिखी गयी हय यो मालूम नहाय फिर भी बहुतों को माननो हय कि या किताब पलिस्तिन म यां यरूशलेम नगर म लिखी गयी होना। \ip या किताब को लेखक मत्ती आय जो एक यीशु को चेला होन को पहिले एक कर लेनवालो होतो ओख लेवी नाम सी भी पहिचान्यो जात होतो, मत्ती बारा प्रेरितों म सी एक होतो अऊर ओन यहूदी लोगों लायी लिख्यो होतो, यो वजह हम देखजे हय कि या किताब म ६० सी भी ज्यादा सन्दर्भ पुरानो नियम को हय, जेको बारे म भविष्यवानी भयी, ऊ मुक्तिदाता मसीह यीशुच आय, यो ऊ बतानो चाहत होतो, मत्ती न परमेश्वर को राज्य को बारे म भी बहुत कुछ लिख्यो, यहूदियों कि या आशा होती कि मसीह राजनैतिक राज्य को राजा बनेंन। मत्ती यो बिचार ख आव्हान दे क परमेश्वर को आत्मिक राज्य को वर्नन करय हय। \ip यो मत्ती रचित सुसमाचार या एक अच्छी किताब आय, जेकोसी एक नयो नियम की सुरूवात की, या किताब पुरानो नियम को तरफ बार बार हमरो ध्यान आकर्षित करय हय, या किताब पुरानो अऊर नयो नियम इन दोयी ख जोड़ देवय हय, विद्वानों ख असो सुझाव देवय हय कि या किताब म मूसा न लिख्यो हुयो, पंचग्रंथ, “जो पुरानो नियम की पाच किताबे आय, उन्को नमुना को अनुकरन करय हय, यीशु न जो पहाड़ी पर उपदेश दियो,” अध्याय \xt ५–७\xt* तक परमेश्वर न मूसा ख जो नियम शास्त्र दियो हय, येकी तुलना हम ओको सी कर सकजे हय। \xt व्यवस्थाविवरन १९:३–२३:२५\xt* \iot रूप-रेखा \io1 १. यीशु को जनम सी अऊर ओकी सेवा की सुरूवात सी मत्ती अपनो सुसमाचार की सुरूवात करय हय। \ior १–४\ior* \io1 २. येको बाद म मत्ती यीशु की सेवा को बारे म जो बहुत बातों की शिक्षा दियो हय, ओको बारे म बतावय हय। \ior ५–२५\ior* \io1 ३. मत्ती रचित सुसमाचार जो आखरी भाग यो यीशु की सेवा को काम ख दिखावय हय जेको म ऊची पहाड़ी मतलब ओको मरन अऊर पुनरुत्थान ख दिखावय हय। \ior २६–२८\ior* \c 1 \s यीशु की वंशावली \r (लूका ३:२३-३८) \p \v 1 अब्राहम की सन्तान, दाऊद की सन्तान, अऊर यीशु मसीह की लिखित वंशावली। \v 2 अब्राहम सी इसहाक पैदा भयो, इसहाक सी याकूब, याकूब सी यहूदा अऊर ओको भाऊ पैदा भयो, \v 3 यहूदा अऊर तामार सी फिरिस अऊर जोरह पैदा भयो, फिरिस सी हिस्रोन, अऊर हिस्रोन सी एराम, \v 4 एराम सी अम्मीनादाब, अम्मीनादाब सी नहशोन, अऊर नहशोन सी सलमोन, \v 5 सलमोन अऊर राहब सी बोअज, बोअज अऊर रूत सी ओबेद, अऊर ओबेद सी यिशै, \v 6 \x + \xo १:६ \xo*\xt २ शमूएल १२:२४\xt*\x*अऊर यिशै सी दाऊद राजा। अऊर दाऊद सी सुलैमान वा बाई सी पैदा भयो जो पहिले उरिय्याह की पत्नी होती, \v 7 सुलैमान सी रहबाम पैदा भयो, रहबाम सी अबिय्याह, अऊर अबिय्याह सी आसा, \v 8 आसा सी यहोशाफात, यहोशाफात सी योराम, अऊर योराम सी उज्जियाह पैदा भयो, \v 9 अऊर उज्जियाह सी योताम, योताम सी आहाज, अऊर आहाज सी हिजकिय्याह, \v 10 हिजकिय्याह सी मनश्शिह, मनश्शिह सी आमोन, अऊर आमोन सी योशिय्याह पैदा भयो, \v 11 अऊर बन्दी होय क बेबीलोन जान को समय म योशिय्याह सी यकुन्याह, अऊर ओको भाऊ पैदा भयो। \p \v 12 बन्दी बेबीलोन पहुंचाय जान को बाद यकुन्याह सी शालतिएल पैदा भयो, अऊर शालतिएल सी जरुब्बाबिल, \v 13 अऊर जरुब्बाबिल सी अबीहूद, अबीहूद सी इल्याकीम, अऊर इल्याकीम सी अजोर, \v 14 अऊर अजोर सी सदोक, सदोक सी अखीम, अऊर अखीम सी इलीहूद, \v 15 इलीहूद सी इलियाजार, इलियाजार सी मत्तान, अऊर मत्तान सी याकूब, \v 16 याकूब सी यूसुफ पैदा भयो, जो मरियम को पति होतो, अऊर मरियम सी यीशु पैदा भयो, जो मसीह कहलावय हय। \p \v 17 यो तरह अब्राहम सी दाऊद तक चौदा पीढ़ी भयी, अऊर दाऊद को समय सी बेबीलोन ख बन्दी होय क पहुंचायो जानो तक चौदा पीढ़ी भयी, अऊर बन्दी होय क बेबीलोन ख पहुंचायो जानो को समय सी मसीह तक चौदा पीढ़ी भयी। \s यीशु को जनम \r (लूका १:२६-३८; २:१-७) \p \v 18 \x + \xo १:१८ \xo*\xt लूका १:२७\xt*\x*यीशु मसीह को जनम यो तरह सी भयो, कि जब ओकी माय मरियम की मंगनी यूसुफ को संग भय गयी, त उन्को एक तन होन सी पहिलेच वा पवित्र आत्मा को तरफ सी गर्भवती पायी गयी। \v 19 येकोलायी ओको पति यूसुफ न जो सच्चो होन को वजह ओख बदनाम नहीं करन की इच्छा सी चुपचाप सी ओख छोड़ देन को बिचार करयो। \v 20 जब ऊ यो बातों ख सोच रह्यो होतो त प्रभु को स्वर्गदूत ओख सपनो म दिखायी दे क कहन लग्यो, “हे यूसुफ! दाऊद की सन्तान, तय मरियम ख अपनी पत्नी बनानो सी मत डर, कहालीकि जो ओको गर्भ म हय, ऊ पवित्र आत्मा को तरफ सी हय। \v 21 \x + \xo १:२१ \xo*\xt लूका १:३१\xt*\x*वा बेटा ख जनम देयेंन अऊर तय ओको नाम यीशु रखजो, कहालीकि ऊ अपनो लोगों ख उन्को पापों सी बचायेंन।” \p \v 22 \x + \xo १:२२ \xo*\xt यशायाह ७:१४\xt*\x*यो पूरो येकोलायी भयो कि जो वचन प्रभु न भविष्यवक्ता को द्वारा कह्यो होतो, ऊ पूरो हो: \v 23 “देखो, एक कुंवारी गर्भवती होयेंन अऊर एक बेटा ख जनम देयेंन, अऊर ओको नाम इम्मानुएल रख्यो जायेंन,” जेको मतलब हय “परमेश्वर हमरो संग।” \p \v 24 तब यूसुफ नींद सी जाग क प्रभु को स्वर्गदूत को आज्ञानुसार ओख अपनो घर बिहाव कर क् लायो; \v 25 \x + \xo १:२५ \xo*\xt लूका २:२१\xt*\x*अऊर मरियम को जवर तब तक नहीं गयो जब तक ओन बेटा ख जनम नहीं दियो। अऊर यूसुफ न ओको नाम यीशु रख्यो। \c 2 \s पूर्व दिशा को मेहमान ख यीशु सी मिलनो \p \v 1 हेरोदेस राजा को दिनो म जब यहूदिया प्रदेश को बैतलहम गांव म यीशु को जनम भयो, त पूर्व दिशा सी कुछ जोतिषी यरूशलेम म आय क पूछन लग्यो, \v 2 “यहूदियों को राजा जेको जनम भयो हय, कित हय? कहालीकि हम्न पूर्व दिशा म ओको तारा देख्यो हय अऊर ओख दण्डवत प्रनाम करन आयो हंय।” \p \v 3 राजा हेरोदेस न यो सुन्यो त ऊ अऊर ओको संग पूरो यरूशलेम घबराय गयो। \v 4 तब ओन लोगों को पूरो मुख्य याजकों अऊर धर्मशास्त्रियों ख जमा कर क् उन्को सी पुच्छ्यो, “मसीह को जनम कित होनो चाहिये?” \p \v 5 उन्न ओको सी कह्यो, “यहूदिया प्रदेश को बैतलहम गांव म, कहालीकि भविष्यवक्ता को द्वारा असो लिख्यो गयो हय: \q1 \v 6 “हे बैतलहम गांव, तय जो यहूदा को प्रदेश म हय, \q2 तय यहूदा को अधिकारियों म कोयी सी छोटो नहाय, \q1 कहालीकि तोरो म सी एक शासक निकलेंन \q2 जो मोरी प्रजा इस्राएल को रखवाली करेंन।” \p \v 7 तब हेरोदेस न जोतिषियों ख चुपचाप सी बुलाय क उन्को सी पुच्छ्यो कि तारा ठीक कौन्सो समय दिखायी दियो होतो, \v 8 अऊर यो कह्य क उन्ख बैतलहम भेज्यो, “जावो, ऊ बालक को बारे म ठीक-ठीक मालूम करो, अऊर जब ऊ मिल जायेंन त मोख खबर देवो ताकि मय भी आय क ओख प्रनाम करूं।” \p \v 9 हि राजा की बात सुन क चली गयो, अऊर जो उच तारा उन्न पूर्व दिशा म देख्यो होतो ऊ उन्को आगु आगु चलन लग्यो; अऊर जित बच्चा होतो, ऊ जागा को ऊपर पहुंच क रूक गयो। \p \v 10 ऊ तारा ख देख क हि बहुत खुश भयो। \v 11 जोतिषियों न ऊ घर म जाय क ऊ बच्चा ख ओकी माय मरियम को संग देख्यो, अऊर झुक क बच्चा ख नमस्कार करयो, अऊर अपनो-अपनो झोली खोल क ओख सोना, लुबान, अऊर गन्धरस की भेंट चढ़ायो। \fig लुभान, धूप दानी अऊर धूप वेदी|alt="Frankincense branch, censer and incense altar" src="bk00116c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="२:११"\fig* \p \v 12 तब सपनो म परमेश्वर सी या चेतावनी पा क कि राजा हेरोदेस को जवर फिर नहीं लौटजो, हि दूसरी रस्ता सी अपनो देश ख चली गयो। \s मिस्र देश ख भग जानो \p \v 13 जब हि चली गयो त, प्रभु को एक दूत न सपनो म यूसुफ ख दिखायी दे क कह्यो, “उठ, ऊ बच्चा ख अऊर ओकी माय ख ले क मिस्र देश ख निकल जा; अऊर जब तक मय तोरो सी नहीं कहूं, तब तक उतच रहजो; कहालीकि हेरोदेस राजा यो बच्चा ख ढूंढन पर हय कि ओख मरवाय डाले।” \p \v 14 तब ऊ रात मच उठ क बच्चा अऊर ओकी माय ख ले क मिस्र ख चली गयो, \v 15 \x + \xo २:१५ \xo*\xt होशे ११:१\xt*\x*अऊर हेरोदेस को मरन तक उतच रह्यो। येकोलायी कि ऊ वचन जो प्रभु न भविष्यवक्ता को द्वारा कह्यो होतो पूरो भयो: “मय न अपनो बेटा ख मिस्र सी बुलायो।” \s बच्चां ख मार डालनो \p \v 16 जब हेरोदेस न यो देख्यो, कि जोतिषियों न ओको संग धोका करयो हय, तब ऊ गुस्सा सी भर गयो, अऊर लोगों ख भेज क जोतिषियों सी ठीक-ठीक बतायो गयो समय को अनुसार बैतलहम अऊर ओको आजु-बाजू की जागा को सब बच्चां ख जो दोय साल को यां ओको सी छोटो होतो, मरवाय डाल्यो। \p \v 17 तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यवक्ता को द्वारा कह्यो गयो होतो, ऊ पूरो भयो: \q1 \v 18 \x + \xo २:१८ \xo*\xt यिर्मयाह ३१:१५\xt*\x*“रामाह गांव म एक दु:ख भरी आवाज सुनायी दियो, \q2 रोवनो अऊर बड़ो विलाप; \q1 राहेल अपनो बच्चां लायी रोवत होती, \q2 अऊर चुप होनो नहीं चाहत होती, कहालीकि ओको त पूरो बच्चां \q2 मर गयो होतो।” \s मिस्र देश सी लौटनो \p \v 19 हेरोदेस को मरन को बाद, प्रभु को दूत न मिस्र म यूसुफ ख सपनो म दर्शन दे क कह्यो, \v 20 “उठ, बच्चा अऊर ओकी माय ख ले क इस्राएल को देश म चली जा, कहालीकि जो बच्चा को जीव लेनो चाहावत होतो, हि मर गयो हंय।” \v 21 ऊ उठ्यो, अऊर बच्चा अऊर ओकी माय ख संग ले क इस्राएल को देश म आयो। \p \v 22 पर यो सुन क कि अरखिलाउस अपनो बाप हेरोदेस की जागा पर यहूदिया पर राज्य कर रह्यो हय, उत जानो सी डरयो। फिर सपनो म परमेश्वर सी सुचना पा क गलील प्रदेश म चली गयो, \v 23 \x + \xo २:२३ \xo*\xt मरकुस १:२४; लूका २:३९; यूहन्ना १:४५\xt*\x*अऊर नासरत नाम को एक नगर म जाय बसयो, ताकि ऊ वचन पूरो होय, जो भविष्यवक्तावों सी कह्यो गयो होतो: “ऊ नासरी कहलायेंन।” \c 3 \s बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को उपदेश \r (मरकुस १:१-८; लूका ३:१-१८; यूहन्ना १:१९-२८) \p \v 1 उन दिनो म यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो यहूदिया को सुनसान जागा म आय क यो प्रचार करन लग्यो: \v 2 \x + \xo ३:२ \xo*\xt मत्ती ४:१७; मरकुस १:१५\xt*\x*“पापों सी मन फिरावो, कहालीकि स्वर्ग को राज्य जवर आय गयो हय।” \v 3 \x + \xo ३:३ \xo*\xt यशायाह ४०:३\xt*\x*यो उच आय जेकी चर्चा यशायाह भविष्यवक्ता को द्वारा करी गयी: \q1 “जंगल म एक पुकारन वालो को आवाज होय रह्यो \q2 हय, कि प्रभु को रस्ता तैयार करो, \q2 अऊर ओकी सड़के सीधी करो।” \p \v 4 \x + \xo ३:४ \xo*\xt २ राजा १:८\xt*\x*यूहन्ना ऊंट को बाल को कपड़ा पहिन्यो होतो अऊर कमर म चमड़ा को पट्टा बान्ध्यो हुयो होतो। ओको जेवन टिड्डियां अऊर जंगली शहेद होतो। \v 5 तब यरूशलेम, अऊर पूरो यहूदिया क्षेत्र, अऊर यरदन को आजु-बाजू को गांव म रहन वालो सब लोग निकल क ओको जवर आयो, \v 6 उन्न अपनो अपनो पापों को पश्चाताप कर क् यरदन नदी म ओको सी बपतिस्मा लियो। \p \v 7 \x + \xo ३:७ \xo*\xt मत्ती १२:३४; २३:३३\xt*\x*पर जब ओन अपनो जवर बहुत सो फरीसियों अऊर सदूकियों ख बपतिस्मा लेन लायी आवतो देख्यो, त ओन कह्यो, “हे सांप को पिल्ला, तुम्ख कौन न जताय दियो कि आवन वालो गुस्सा सी भगो? \v 8 येकोलायी पापों सी मन फिराव की लायक फर लावो; \v 9 \x + \xo ३:९ \xo*\xt यूहन्ना ८:३३\xt*\x*अऊर अपनो अपनो मन म यो मत सोचो कि हमरो बाप अब्राहम आय; कहालीकि मय तुम सी सच कहू हय कि परमेश्वर इन गोटा सी अब्राहम लायी सन्तान पैदा कर सकय हय।” \v 10 \x + \xo ३:१० \xo*\xt मत्ती ७:१९\xt*\x*टंग्या झाड़ों की जड़ी पर रखी हुयी हय, येकोलायी जो जो झाड़ अच्छो फर नहीं लावय, ऊ काट्यो अऊर आगी म झोक्यो जावय हय। \v 11 “मय त पानी सी तुम्ख मन फिराव को बपतिस्मा देऊ हय; पर जो मोरो बाद आवन वालो हय; ऊ मोरो सी ताकतवर हय; कि मय ओको पाय कि चप्पल उठावन को लायक नहाय। ऊ तुम्ख पवित्र आत्मा अऊर आगी सी बपतिस्मा देयेंन। \v 12 ओको सूपा ओको हाथ म हय, अऊर ऊ अपनो खरियान अच्छो तरह सी साफ करेंन, अऊर अपनो गहूं ख त ढोला म जमा करेंन, पर भूसा ख ऊ आगी म जलायेंन जो बुझन की नहीं।” \s यीशु को बपतिस्मा \r (मरकुस १:९-११; लूका ३:२१-२२; यूहन्ना १:३१-३४) \p \v 13 ऊ समय यीशु गलील प्रदेश सी यरदन नदी को किनार पर यूहन्ना को जवर ओको सी बपतिस्मा लेन आयो। \v 14 पर यूहन्ना यो कह्य क ओख रोकन लग्यो, “मोख त तोरो हाथ सी बपतिस्मा लेन कि जरूरत हय, अऊर तय मोरो जवर आयो हय?” \p \v 15 पर यीशु न ओख यो उत्तर दियो, “अब त असोच होन दे, कहालीकि हम्ख यो रीति सी सब सच्चायी ख पूरो करनो ठीक हय।” तब ओन ओकी बात मान ली। \p \v 16 अऊर यीशु बपतिस्मा ले क तुरतच पानी सी ऊपर आयो, अऊर उच समय ओको लायी स्वर्ग खुल गयो, अऊर ओन परमेश्वर को आत्मा ख कबूत्तर को जसो उतरतो अऊर अपनो ऊपर आवतो देख्यो। \v 17 \x + \xo ३:१७ \xo*\xt मत्ती १२:१८; १७:५; मरकुस १:११; लूका ९:३५\xt*\x*अऊर, स्वर्ग सी या आकाशवानी भयी: “यो मोरो प्रिय बेटा आय, जेकोसी मय बहुत सन्तुष्ट हय।” \c 4 \s यीशु की परीक्षा \r (मरकुस १:१२-१३; लूका ४:१-१३) \p \v 1 \x + \xo ४:१ \xo*\xt इब्रानियों २:१८; ४:१५\xt*\x*तब आत्मा यीशु ख सुनसान जागा म ले गयो ताकि शैतान सी ओकी परीक्षा हो। \v 2 जब ऊ चालीस दिन अऊर चालीस रात उपवास कर लियो, तब ओख बहुत भूख लगी। \v 3 तब शैतान न जवर आय क ओको सी कह्यो, “यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त कह्य दे, कि यो गोटा रोटी बन जाये।” \p \v 4 यीशु न उत्तर दियो: “यो शास्त्र म लिख्यो हय, ‘आदमी केवल रोटीच सी नहीं, पर हर एक वचन सी जो परमेश्वर को मुंह सी निकलय हय, जीन्दो रहेंन।’” \p \v 5 तब शैतान ओख पवित्र नगर यरूशलेम म ले गयो अऊर मन्दिर को ऊचाई पर खड़ो करयो, \v 6 \x + \xo ४:६ \xo*\xt भजन ९१:११-१२\xt*\x*अऊर ओको सी कह्यो, “यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त अपनो आप ख खल्लो गिराय दे; कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय; ‘ऊ तोरो बारे म अपनो स्वर्गदूतों ख आज्ञा देयेंन, अऊर हि तोख हाथों-हाथ उठाय लेयेंन; कहीं असो नहीं होय कि तोरो पाय म गोटा सी ठेस लग जाये।’” \p \v 7 \x + \xo ४:७ \xo*\xt व्यवस्थाविवरन ६:१६\xt*\x*यीशु न ओको सी कह्यो, “नियम शास्त्र म यो भी लिख्यो हय: ‘तय प्रभु अपनो परमेश्वर की परीक्षा नहीं करजो।’” \p \v 8 तब शैतान ओख एक बहुत ऊचो पहाड़ी पर ले गयो अऊर सारो जगत को राज्य अऊर ओको वैभव दिखाय क \v 9 ओको सी कह्यो, “यदि तय झुक क मोख दण्डवत प्रनाम करजो, त मय यो सब कुछ तोख दे देऊं।” \p \v 10 \x + \xo ४:१० \xo*\xt व्यवस्थाविवरन ६:१३\xt*\x*तब यीशु न ओको सी कह्यो, “हे शैतान दूर होय जा, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय: ‘तय प्रभु अपनो परमेश्वर ख प्रनाम कर, अऊर केवल ओकीच सेवा कर।’” \p \v 11 तब शैतान ओको जवर सी चली गयो, अऊर देखो, स्वर्गदूत आय क ओकी सेवा करन लग्यो। \s यीशु की सेवकायी की सुरूवात \r (मरकुस १:१४,१५; लूका ४:१४,१५) \p \v 12 \x + \xo ४:१२ \xo*\xt मत्ती १४:३; मरकुस ६:१७; लूका ३:१९,२०\xt*\x*जब यीशु न यो सुन्यो कि यूहन्ना बन्दी बनाय लियो गयो हय, त ऊ गलील ख चली गयो। \v 13 \x + \xo ४:१३ \xo*\xt यूहन्ना २:१२\xt*\x*अऊर ऊ नासरत नगर ख छोड़ क कफरनहूम नगर म, जो झील को किनार जबूलून अऊर नप्ताली को देश म हय, जाय क रहन लग्यो; \v 14 ताकि जो यशायाह भविष्यवक्ता को द्वारा कह्यो गयो होतो, ऊ पूरो हो: \q1 \v 15 झील को रस्ता सी “जबूलून अऊर नप्ताली को देश, यरदन को पार, \q2 गैरयहूदियों को गलील \q1 \v 16 \x + \xo ४:१६ \xo*\xt यशायाह ९:१-२\xt*\x*जो लोग अन्धारो म बैठ्यो होतो, \q2 उन्न बड़ी ज्योति देखी; \q1 अऊर जो मृत्यु को देश म बैठ्यो होतो, \q2 उन पर ज्योति चमकी।” \p \v 17 \x + \xo ४:१७ \xo*\xt मत्ती ३:२\xt*\x*ऊ समय सी यीशु न प्रचार करनो अऊर यो कहनो सुरू करयो, “पापों सी मन फिरावो कहालीकि स्वर्ग को राज्य जवर आय गयो हय।” \s यीशु को चारयी मछवारों ख बुलावनो \r (मरकुस १:१६-२०; लूका ५:१-११; यूहन्ना १:३५-४२) \p \v 18 गलील की झील को किनार फिरतो हुयो यीशु न दोय भाऊवों यानेकि शिमोन ख जो पतरस कहलावय हय, अऊर ओको भाऊ अन्द्रियास ख झील म जार डालतो हुयो देख्यो; कहालीकि हि मछवारा होतो। \v 19 यीशु न उन सी कह्यो, “मोरो पीछू चली आवो, त मय तुम्ख लोगों ख परमेश्वर को राज्य म लावन लायी सिखाऊं।” \v 20 हि तुरतच जार ख छोड़ क ओको पीछू भय गयो। \p \v 21 उत सी आगु जाय क, यीशु न अऊर दोय भाऊवों ख यानेकि जब्दी को बेटा याकूब अऊर ओको भाऊ यूहन्ना ख देख्यो। हि अपनो बाप जब्दी को संग डोंगा पर अपनो जारो ख सुधारत होतो। ओन उन्ख भी बुलायो। \v 22 हि तुरतच डोंगा अऊर अपनो बाप ख छोड़ क ओको पीछू भय गयो। \s यीशु को रोगियों ख चंगो करनों, \r (लूका ६:१७-१९) \p \v 23 \x + \xo ४:२३ \xo*\xt मत्ती ९:३५; मरकुस १:३९\xt*\x*यीशु पूरो गलील म फिरतो हुयो उन्को यहूदियों को सभागृह म शिक्षा करतो, अऊर राज्य को सुसमाचार प्रचार करतो, अऊर लोगों की हर तरह की बीमारियों को चंगो करयो अऊर कमजोरी ख दूर करयो। \v 24 अऊर पूरो सीरिया देश म ओको यश फैल गयो; अऊर लोग सब बीमारों ख जो अलग अलग तरह की बीमारियों अऊर दु:खों म जकड़्यो हुयो होतो, अऊर जेको म दुष्ट आत्मायें होती, अऊर मिर्गी वालो अऊर लकवा को रोगियों ख, ओको जवर लायो अऊर ओन पूरो ख चंगो करयो। \v 25 गलील अऊर दिकापुलिस, यरूशलेम, यहूदिया, अऊर यरदन नदी को ओन पार सी भीड़ की भीड़ ओको पीछू चली गयी। \c 5 \s यीशु को पहाड़ी उपदेश \p \v 1 ऊ यो भीड़ ख देख क पहाड़ी पर चढ़ गयो, अऊर जब बैठ गयो त ओको चेलां ओको जवर आयो। \v 2 अऊर ऊ अपनो मुंह खोल क उन्ख यो उपदेश देन लग्यो। \s धन्य वचन \r (लूका ६:२०-२३) \q1 \v 3 “धन्य हंय हि, जो मन को नरम हय, \q2 कहालीकि स्वर्ग को राज्य उन्कोच हय।” \q1 \v 4 “धन्य हंय हि, जो शोक करय हय, \q2 कहालीकि हि समाधान पायेंन।” \q1 \v 5 “धन्य हंय हि, जो नम्र हंय, \q2 कहालीकि हि धरती को वारीसदार होयेंन।” \q1 \v 6 “धन्य हंय हि, जो सच्चायी को भूखो अऊर प्यासो हंय, \q2 कहालीकि हि सन्तुष्ट करयो जायेंन।” \q1 \v 7 “धन्य हंय हि, जो दयालु हंय, \q2 कहालीकि उन पर दया करयो जायेंन।” \q1 \v 8 “धन्य हंय हि, जिन को मन शुद्ध हंय, \q2 कहालीकि हि परमेश्वर ख देखेंन।” \q1 \v 9 “धन्य हंय हि, जो मिलाप करावन वालो हंय, \q2 कहालीकि हि परमेश्वर को बच्चां कहलायेंन।” \q1 \v 10 \x + \xo ५:१० \xo*\xt १ पतरस ३:१४\xt*\x*“धन्य हंय हि, जो सच्चायी को वजह सतायो जावय हंय, \q2 कहालीकि स्वर्ग को राज्य उन्कोच आय।” \p \v 11 \x + \xo ५:११ \xo*\xt १ पतरस ४:१४\xt*\x*“धन्य हय तुम, जब आदमी मोरो वजह तुम्हरी निन्दा करेंन, अऊर सतायो अऊर झूठ बोल बोल क तुम्हरो विरोध म सब तरह की बुरी बात कहेंन। \v 12 \x + \xo ५:१२ \xo*\xt प्रेरितों ७:५२\xt*\x*तब खुश अऊर मगन होजो, कहालीकि तुम्हरो लायी स्वर्ग म बड़ो प्रतिफल हय। येकोलायी कि उन्न उन भविष्यवक्तावों ख जो तुम सी पहिलो होतो योच रीति सी सतायो होतो।” \s नमक अऊर ज्योति \r (मरकुस ९:५०; लूका १४:३४,३५) \p \v 13 \x + \xo ५:१३ \xo*\xt मरकुस ९:५०; लूका १४:३४,३५\xt*\x*“तुम धरती को नमक आय; पर यदि नमक को स्वाद बिगड़ जायेंन, त ऊ फिर कौन्सी चिज सी नमकीन करयो जायेंन? तब ऊ कोयी काम को नहाय, केवल येको कि बाहेर फेक्यो जाये अऊर लोगों को पाय को खल्लो खुंद्यो जाये।” \p \v 14 \x + \xo ५:१४ \xo*\xt यूहन्ना ८:१२; ९:५\xt*\x*“तुम जगत की ज्योति आय। जो नगर पहाड़ी पर बस्यो हुयो हय ऊ लुक नहीं सकय। \v 15 \x + \xo ५:१५ \xo*\xt मरकुस ४:२१; लूका ८:१६; ११:३३\xt*\x*अऊर लोग दीया जलाय क बर्तन को खल्लो नहीं पर दीवाल पर प्रकाश देन की जागा पर रखय हंय, तब ओको सी घर को सब लोगों ख प्रकाश पहुंचय हय। \v 16 \x + \xo ५:१६ \xo*\xt १ पतरस २:१२\xt*\x*उच तरह तुम्हरो प्रकाश लोगों को आगु चमके कि हि तुम्हरो भलायी को कामों ख देख क तुम्हरो बाप की, जो स्वर्ग म हय, बड़ायी करे।” \s व्यवस्था की शिक्षा \p \v 17 “यो मत समझो, कि मय व्यवस्था यां भविष्यवक्तावों की किताबों ख खतम करन लायी आयो हय, खतम करन लायी नहीं, पर पूरो करन आयो हय। \v 18 \x + \xo ५:१८ \xo*\xt लूका १६:१७\xt*\x*कहालीकि मय तुम सी सच कहूं हय, कि जब तक आसमान अऊर धरती टल नहीं जाये, तब तक व्यवस्था सी एक मात्रा यां बिन्दु भी बिना पूरो हुयो नहीं टलेंन।\f + \fr ५:१८ \fr*\ft सभी चिजों को अन्त यां येको सभी उपदेश सच हंय।\ft*\f* \v 19 येकोलायी जो कोयी इन छोटी सी छोटी आज्ञावों म सी कोयी एक ख तोड़े, अऊर वसोच लोगों ख सिखायेंन, ऊ स्वर्ग को राज्य म सब सी छोटो कहलायेंन; पर जो कोयी उन आज्ञावों को पालन करेंन अऊर उन्ख सिखायेंन, उच स्वर्ग को राज्य म महान कहलायेंन। \v 20 कहालीकि मय तुम सी कहूं हय, कि यदि तुम्हरी सच्चायी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों की सच्चायी सी बढ़ क नहाय, त तुम स्वर्ग को राज्य म कभी सिरनो नहीं पावों।” \s गुस्सा अऊर हत्या \p \v 21 “तुम्न सुन लियो हय, कि पूर्वजों सी कह्यो गयो होतो कि ‘हत्या नहीं करनो,’ अऊर जो कोयी हत्या करेंन ऊ कचहरी म सजा को लायक जायेंन। \v 22 पर मय तुम सी यो कहूं हय, कि जो कोयी अपनो भाऊ पर गुस्सा करेंन, ऊ कचहरी म सजा को लायक होयेंन, अऊर जो कोयी अपनो भाऊ ख निकम्मा कहेंन ऊ महासभा म सजा को लायक होयेंन; अऊर जो कोयी कहेंन ‘अरे मूर्ख’ ऊ नरक की आगी को सजा को लायक होयेंन।” \p \v 23 “येकोलायी यदि तय अपनी भेंट अर्पन की वेदी पर लावय, अऊर उत तोख याद आवय, कि तोरो भाऊ को मन म तोरो लायी कुछ विरोध हय, \v 24 त अपनी भेंट उत वेदी को आगु छोड़ दे, अऊर जाय क पहिले अपनो भाऊ सी मेल मीलाप कर अऊर तब आय क अपनी भेंट चढ़ाव।” \p \v 25 “जब तक तय आरोप लगान वालो को संग रस्ता म हय, ओको सी मेल मीलाप कर लेवो कहीं असो नहीं होय कि आरोप लगान वालो तोख न्यायधीश ख सौंप देयेंन, अऊर न्यायधीश तोख सिपाही ख सौंप देयेंन, अऊर तोख जेलखाना म डाल दियो जाये। \v 26 मय तोरो सी सच कहू हय कि जब तक तय पूरो दाम नहीं भर देजो तब तक उत सी छूटनो नहीं पायजो।” \s व्यभिचार को विषय म शिक्षा \p \v 27 “तुम सुन चुक्यो हय कि कह्यो गयो होतो, ‘व्यभिचार मत करो।’ \v 28 पर मय तुम सी यो कहूं हय, कि जो भी कोयी बाई पर बुरी नजर डालेंन ऊ अपनो मन म ओको सी व्यभिचार कर चुक्यो रहेंन। \v 29 \x + \xo ५:२९ \xo*\xt मत्ती १८:९; मरकुस ९:४७\xt*\x*यदि तोरी दायो आंखी तोख ठोकर खिलावय, त ओख निकाल क फेक दे; कहालीकि तोरो लायी योच ठीक हय कि तोरो शरीर म सी एक अंग नाश होय जायेंन पर तोरो पूरो शरीर नरक म नहीं डाल्यो जायेंन। \v 30 \x + \xo ५:३० \xo*\xt मत्ती १८:८; मरकुस ९:४३\xt*\x*यदि तोरो दायो हाथ तोरो सी पाप करवावय, त ओख काट क फेक दे; कहालीकि तोरो लायी योच ठीक हय कि तोरो शरीर म सी एक अंग नाश होय जाय पर तोरो पूरो शरीर नरक म नहीं डाल्यो जाय।” \s छोड़चिट्ठी \r (मत्ती १९:९; मरकुस १०:११,१२; लूका १६:१८) \p \v 31 \x + \xo ५:३१ \xo*\xt मत्ती १९:७; मरकुस १०:४; ५:३१ \xt*\xt व्यवस्थाविवरन २४:१-१४\xt*\x*“यो भी कह्यो गयो होतो, ‘जो कोयी अपनी पत्नी ख छोड़ देनो चाहवय, त ओख छोड़चिट्ठी दे।’ \v 32 \x + \xo ५:३२ \xo*\xt मत्ती १९:९; मरकुस १०:११,१२; लूका १६:१८; १ कुरिन्थियों ७:१०,११\xt*\x*पर मय तुम सी यो कहू हय कि जो कोयी अपनी पत्नी ख व्यभिचार को अलावा कोयी अऊर वजह सी छोड़ दे, त ऊ ओको सी व्यभिचार करावय हय; अऊर जो कोयी वा छोड़ी हुयी सी बिहाव करे, ऊ व्यभिचार करय हय।” \s कसम को बारे म शिक्षा \p \v 33 “तब तुम सुन चुक्यो हय कि पुरानो समय को लोगों सी कह्यो गयो होतो, ‘झूठी कसम मत खाजो, पर प्रभु को लायी अपनी कसम ख पूरी करजो।’ \v 34 \x + \xo ५:३४ \xo*\xt याकूब ५:१२; \xt*\xt मत्ती २३:२२\xt*\x*पर मय तुम सी यो कहू हय कि कभी कसम मत खावो; न त स्वर्ग की, कहालीकि ऊ परमेश्वर को सिंहासन हय; \v 35 नहीं धरती की, कहालीकि ऊ ओको पाय को खल्लो की चौकी आय; नहीं यरूशलेम की, कहालीकि ऊ महाराजा को नगर आय। \v 36 अपनो मुंड की भी कसम मत खाजो कहालीकि तय एक बाल ख भी नहीं सफेद, नहीं कारो कर सकय हय। \v 37 पर तुम्हरी बात ‘हव’ की ‘हव’ यां ‘नहीं’ की ‘नहीं’ हो; कहालीकि जो कोयी येको सी जादा होवय हय ऊ बुरायी सी होवय हय।” \s बदला की भावना \r (लूका ६:२९,३०) \p \v 38 “तुम्न सुन लियो हय कि कह्यो गयो होतो, ‘आंखी को बदला आंखी, अऊर दात को बदला दात।’ \v 39 पर मय तुम सी यो कहू हय कि जो तुम सी बुरो व्यवहार करय हय ओको सी सामना मत करजो; पर जो कोयी तोरो दायो गाल पर थापड़ मारे, ओको तरफ दूसरों भी गाल घुमाय दे। \v 40 यदि कोयी तोरो पर जबरदस्ती कर क् तोरो कुरता लेनो चाहेंन, त ओख बाहेर को कोट भी ले लेन दे। \v 41 अऊर यदि कोयी तोख दबाव म एक कोस ले जायेंन, त तय ओको संग दोय कोस चली जाजो। \v 42 जो कोयी तोरो सी मांगे, ओख दे; अऊर जो तोरो सी उधार लेनो चाहेंन, ओको सी मुंह न फिराव।” \s दुश्मनों सी प्रेम \r (लूका ६:२७,२८,३२-३६) \p \v 43 “तुम्न सुन लियो हय कि कह्यो गयो होतो, ‘अपनो पड़ोसी सी प्रेम रखजो, अऊर दुश्मन सी बैर।’ \v 44 पर मय तुम सी यो कहू हय कि अपनो दुश्मनों सी प्रेम रखजो अऊर अपनो सतावन वालो लायी प्रार्थना करजो। \v 45 जेकोसी तुम अपनो स्वर्गीय पिता की सन्तान बन सको कहालीकि ऊ भलो अऊर बुरो दोयी पर अपनो सूरज उगावय हय, अऊर सच्चो अऊर बुरो दोयी पर पानी बरसावय हय। \v 46 कहालीकि यदि तुम अपनो प्रेम रखन वालो सीच प्रेम रखजो, त तुम्हरो लायी का प्रतिफल होयेंन? का कर लेनवालो भी असोच नहीं करय? \v 47 यदि तुम केवल अपनो भाऊवों लायी भलायी करय हय, त कौन सो बड़ो काम करय हय? का गैरयहूदी भी असो नहीं करय? \v 48 येकोलायी कि तुम सिद्ध बनो, जसो तुम्हरो स्वर्गीय पिता सिद्ध हय।” \c 6 \s दान को बारे म सिखानो \p \v 1 \x + \xo ६:१ \xo*\xt मत्ती २३:५\xt*\x*“चौकस रहो!” तुम आदमी ख दिखावन लायी अपनो सच्चायी को काम मत करो, नहीं त अपनो स्वर्गीय पिता सी कुछ भी फर नहीं पावों। \p \v 2 “येकोलायी जब तय दान करय हय, त अपनो आगु पोंगा मत बजवा, जसो कपटी, सभावों अऊर गलियो म करय हंय, ताकि लोग उन्की बड़ायी करे। मय तुम सी सच कहू हय कि हि अपनो प्रतिफल पा लियो। \v 3 पर जब तय दान करय, त जो तोरो दायो हाथ करय हय, ओख तोरो बायो हाथ नहीं जाननो पाये। \v 4 ताकि तोरो दान गुप्त रहे, अऊर तब तोरो बाप जो गुप्त म देखय हय, तोख प्रतिफल देयेंन।” \s प्रार्थना की शिक्षा \r (लूका ११:२-४) \p \v 5 \x + \xo ६:५ \xo*\xt लूका १८:१०-१४\xt*\x*“जब तय प्रार्थना करय हय, त कपटियों को जसो नहीं हो, कहालीकि लोगों ख दिखावन लायी यहूदियों को सभागृह म अऊर रस्ता कि मोड़ों पर खड़ो होय क प्रार्थना करनो उन्ख पसंद हय। मय तुम सी सच कहू हय कि हि अपनो प्रतिफल पा लियो \v 6 पर जब तय प्रार्थना करय हय, त अपनी कोठरी म जा; अऊर दरवाजा बन्द कर क् अपनो बाप सी जो गुप्त म हय प्रार्थना कर। तब तोरो बाप जो गुप्त म देखय हय, तोख प्रतिफल देयेंन।” \p \v 7 प्रार्थना करतो समय गैरयहूदियों को जसो बक-बक मत करो, कहालीकि हि समझय हंय कि उन्को बहुत बोलनो सी उन्की सुनी जायेंन। \v 8 येकोलायी तुम उन्को जसो मत बनो, कहालीकि तुम्हरो बाप तुम्हरो मांगनो सी पहिलेच जानय हय कि तुम्हरी का-का जरूरत हंय। \v 9 येकोलायी तुम यो रीति सी प्रार्थना करतो रहो: \q1 “हे हमरो पिता, तय जो स्वर्ग म हय; \q2 तोरो नाम पवित्र मान्यो जाये।” \q1 \v 10 “तोरो राज्य आये। \q2 तोरी इच्छा जसी स्वर्ग म पूरी होवय हय, वसी धरती पर भी हो” \q2 \v 11 “हमरी दिन भर की रोटी अज हम्ख दे।” \q2 \v 12 “अऊर जो तरह हम न अपनो अपराधियों ख माफ करयो हय, \q2 वसोच तय भी हमरो अपराधो ख माफ कर।” \q2 \v 13 “अऊर हम्ख परीक्षा म मत लाव, \q2 पर बुरायी सी बचाव; कहालीकि राज्य पराक्रम अऊर महिमा हमेशा तोरीच हंय।” आमीन। \p \v 14 \x + \xo ६:१४ \xo*\xt मरकुस ११:२५,२६\xt*\x*“येकोलायी यदि तुम आदमी को अपराध माफ करो, त तुम्हरो स्वर्गीय पिता भी तुम्ख माफ करेंन। \v 15 अऊर यदि तुम लोगों को अपराध माफ नहीं करो, त तुम्हरो स्वर्गीय पिता भी तुम्हरो अपराध माफ नहीं करेंन।” \s उपवास की शिक्षा \p \v 16 “जब तुम उपवास करो, त कपटियों को जसो तुम्हरो मुंह पर उदासी नहीं रहन ख होना, कहालीकि हि अपनो मुंह असो बनायो रह्य हंय, कि लोग उन्ख उपवासी हय असो जान सके। मय तुम सी सच कहू हय कि हि अपनो प्रतिफल पा चुक्यो हय। \v 17 पर जब तय उपवास करजो त अपनो चेहरा धोव अऊर बाल पर तेल लगाय क कंग्गी कर, \v 18 ताकि लोग नहीं पर तोरो बाप जो गुप्त म हय, तोख उपवासी जाने। यो दशा म तोरो बाप जो गुप्त म देखय हय, तोख प्रतिफल देयेंन।” \s स्वर्गीय धन \r (लूका १२:३३,३४) \p \v 19 \x + \xo ६:१९ \xo*\xt याकूब ५:२,३\xt*\x*“अपनो लायी धरती पर धन जमा मत करो, जित कीड़ा अऊर जंग लगय हंय, अऊर चोर तिजोरी तोड़ क चोरी करय हंय। \v 20 पर अपनो लायी स्वर्ग म धन जमा करो, जित नहीं त कीड़ा अऊर नहीं जंग लगय हंय, अऊर जित चोर तिजोरी तोड़ क चोरी करय हंय। \v 21 कहालीकि जित तोरो धन हय उत तोरो मन भी लग्यो रहेंन।” \s शरीर की ज्योति \r (लूका ११:३४-३६) \p \v 22 “शरीर को दीया आंखी आय: येकोलायी यदि तोरी आंखी अच्छी हय, त तोरो पूरो शरीर भी उजाड़ो होयेंन। \v 23 पर यदि तोरी आंखी बुरी हय, त तोरो पूरो शरीर अन्धारो म रहेंन; त अगर तोरो म उजाड़ो जो अन्धारो हय, त यो कितनो गहरो होयेंन!” \s परमेश्वर अऊर धन \r (लूका १६:१३; १२:२२-३१) \p \v 24 “कोयी आदमी दोय मालिक की सेवा नहीं कर सकय, कहालीकि ऊ एक सी दुश्मनी अऊर दूसरों सी प्रेम रखेंन, यां एक सी मिल्यो रहेंन अऊर दूसरों ख तुच्छ जानेंन। तुम परमेश्वर अऊर धन दोयी की सेवा नहीं कर सकय।” \p \v 25 “येकोलायी मय तुम सी कहू हय कि अपनो जीव लायी यो चिन्ता मत करजो कि हम का खाबो अऊर का पीबो; अऊर न अपनो शरीर लायी कि का पहिनबो। का जीव भोजन सी, अऊर शरीर कपड़ा सी बढ़ क नहाय?” \v 26 आसमान को पक्षिंयों ख देखो! हि नहीं बोवय हंय, न काटय हंय, अऊर न अपनो घोसला म जमा करय हंय; फिर भी तुम्हरो स्वर्गीय पिता उन्ख खिलावय हय। का तुम उन्को सी जादा कीमत नहीं रखय? \v 27 तुम म सी असो कौन हय, जो चिन्ता करन सी अपनी उमर म एक घड़ी भी बढ़ाय सकय हय? \p \v 28 अऊर कपड़ा लायी कहाली चिन्ता करय हय? जंगली फूलो ख देखो कि हि कसो बढ़य हंय! हि नहीं त मेहनत करय, न काटय हंय। \v 29 तब भी मय तुम सी कहू हय कि सुलैमान भी, अपनो पूरो वैभव म उन्म सी कोयी को जसो कपड़ा पहिन्यो हुयो नहीं होतो। \v 30 येकोलायी जब परमेश्वर मैदान को घास ख, जो अज हय अऊर कल आगी म झोक दियो जायेंन, असो कपड़ा पहिनावय हय, त हे अविश्वासियों, तुम्ख ऊ इन सी बढ़ क कहाली नहीं पहिनायेंन? \p \v 31 “येकोलायी तुम चिन्ता कर क् यो मत कहजो कि हम का खाबो, यां का पीबो, यां का पहिनबो। \v 32 कहालीकि गैरयहूदी इन सब चिजों की खोज म रह्य हंय, पर तुम्हरो स्वर्गीय पिता जानय हय कि तुम्ख इन सब चिजों की जरूरत हय। \v 33 येकोलायी पहिले तुम परमेश्वर को राज्य अऊर ओको सच्चायी की खोज करो त यो सब चिजे भी तुम्ख मिल जायेंन। \v 34 येकोलायी कल की चिन्ता मत करो, कहालीकि कल को दिन अपनी चिन्ता खुद कर लेयेंन; अज लायी अजच को दु:ख बहुत हय।” \c 7 \s दूसरों पर दोष नहीं लगावनो \r (लूका ६:३७,३८,४१,४२) \p \v 1 “दोष मत लगावो कि तुम्हरो पर भी दोष नहीं लगायो जाये, \v 2 \x + \xo ७:२ \xo*\xt मरकुस ४:२४\xt*\x*कहालीकि जो तरह तुम दोष लगावय हय, उच तरह सी तुम पर भी दोष लगायो जायेंन; अऊर जो नाप सी तुम नापय हय, उच नाप सी तुम्हरो लायी भी नाप्यो जायेंन।” \v 3 “तय कहाली अपनो भाऊ की आंखी को तिनका ख देखय हय, अऊर अपनी आंखी को लट्ठा तोख नहीं सूझय? \v 4 जब तोरीच आंखी म लट्ठा हय, त तय अपनो भाऊ सी कसो कह्य सकय हय, ‘लाव मय तोरी आंखी सी तिनका निकाल देऊ?’ \v 5 हे कपटी, पहिले अपनी आंखी म सी लट्ठा निकाल ले, तब तय अपनो भाऊ की आंखी को तिनका अच्छो सी देख क निकाल सकजो।” \p \v 6 “पवित्र चिज कुत्ता ख मत दे, अऊर अपनो मोती डुक्करों को आगु मत डालो; असो न होय कि हि उन्ख पाय खल्लो खुंदेन अऊर पलट क तुम ख फाड़ डालेंन। \s मांगो त पावों \r (लूका ११:९-१३) \p \v 7 “मांगो, त तुम्ख दियो जायेंन; ढूंढो त तुम पावों; खटखटावों, त तुम्हरो लायी खोल्यो जायेंन। \v 8 कहालीकि जो कोयी मांगय हय, ओख मिलय हय; अऊर जो ढूंढय हय, ऊ पावय हय; अऊर जो खटखटावय हय, ओको लायी खोल्यो जायेंन। \v 9 तुम म सी असो कौन आदमी हय, कि यदि ओको बेटा ओको सी रोटी मांगेंन, त ऊ ओख गोटा देयेंन? \v 10 यां मच्छी मांगेंन, त ओख सांप देयेंन? \v 11 येकोलायी जब तुम बुरो होय क, अपनो बच्चां ख अच्छी चिजे देनो जानय हय, त तुम्हरो स्वर्गीय पिता अपनो मांगन वालो ख अच्छी चिजे कहाली नहीं देयेंन? \p \v 12 \x + \xo ७:१२ \xo*\xt लूका ६:३१\xt*\x*“यो वजह जो कुछ तुम चाहवय हय कि लोग तुम्हरो संग करे, तुम भी उन्को संग वसोच करो; कहालीकि मूसा की व्यवस्था अऊर भविष्यवक्तावों की शिक्षा याच आय। \s निरून्द अऊर चौड़ी रस्ता \r (लूका १३:२४) \p \v 13 “निरून्द द्वार सी सिरो, कहालीकि चौड़ो हय ऊ फाटक अऊर सरल हय ऊ रस्ता जो नाश को तरफ लिजावय हय; अऊर बहुत सो हंय जो ओको सी सिरय हंय। \v 14 कहालीकि निरून्द हय ऊ फाटक अऊर कठिन हय ऊ रस्ता जो जीवन को तरफ लिजावय हय; अऊर थोड़ो हंय जो ओख पावय हंय। \s जसो झाड़ वसो फर \r (लूका ६:४३,४४,४६; १३:२५-२७) \p \v 15 “झूठो भविष्यवक्तावों सी चौकस रहो, जो मेंढीं को रूप म तुम्हरो जवर आवय हंय, पर आखरी म हि फाड़न वालो भेड़िया आय। \v 16 उन्को फर सी तुम उन्ख जान जावो। का लोग झाड़ियों सी अंगूर, यां काटा को झुड़ूपो सी अंजीर तोड़य हंय? \v 17 असो तरह हर एक अच्छो झाड़ अच्छो फर लावय हय अऊर बुरो झाड़ बुरो फर लावय हय। \v 18 अच्छो झाड़ बुरो फर नहीं लाय सकय, अऊर न बुरो झाड़ अच्छो फर लाय सकय हय। \v 19 \x + \xo ७:१९ \xo*\xt मत्ती ३:१०; लूका ३:९\xt*\x*जो जो झाड़ अच्छो फर नहीं लावय, ऊ काट क आगी म डाल दियो जावय हय। \v 20 \x + \xo ७:२० \xo*\xt मत्ती १२:३३\xt*\x*यो तरह उन्को फर सी तुम भविष्यवक्तावों ख जान लेवो। \s मय तुम्ख कभी नहीं जानु हय \r (लूका १३:२५-२७) \p \v 21 “जो मोरो सी, ‘हे प्रभु! हे प्रभु!’ कह्य हय, उन्म सी हर एक स्वर्ग को राज्य म सिर नहीं सकेंन, पर उच जो मोरो स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलय हय। \v 22 न्याय को दिन बहुत सो लोग मोरो सी कहेंन, ‘हे प्रभु, हे प्रभु, का हम्न तोरो नाम सी भविष्यवानी नहीं करी, अऊर तोरो नाम सी दुष्ट आत्मावों ख नहीं निकाल्यो, अऊर तोरो नाम सी सामर्थ को काम नहीं करयो?’ \v 23 तब मय उन्को सी खुल क कह्य देऊं, ‘मय न तुम्ख कभी नहीं जान्यो। हे कुकर्मियों मोरो जवर सी चली जावो।’ \s दोय तरह को घर बनान वालो आदमी \r (लूका ६:४७-४९) \p \v 24 “येकोलायी जो कोयी मोरी या बाते सुन क उन्ख मानय हय, ऊ उन बुद्धिमान आदमी को जसो ठहरेंन जेन अपनो घर चट्टान पर बनायो। \v 25 अऊर पानी बरस्यो, अऊर बाढ़ आयी, अऊर आन्धिया चली, अऊर यो सब ऊ घर सी टकरायी, तब भी ऊ नहीं गिरयो, कहालीकि ओको नींव चट्टान पर डाल्यो गयो होतो। \p \v 26 “पर जो कोयी मोरी या बाते सुनय हय अऊर उन पर नहीं चलय, यो ऊ मूर्ख आदमी को जसो ठहरेंन जेन अपनो घर रेतु पर बनायो। \v 27 अऊर पानी बरस्यो, अऊर बाढ़ आयी, अऊर आन्धिया चली, अऊर ऊ घर सी टकरायी अऊर ऊ गिर क नाश भय गयो।” \s यीशु को अधिकार \p \v 28 \x + \xo ७:२८ \xo*\xt मरकुस १:२२; लूका ४:३२\xt*\x*जब यीशु या बाते कह्य चुक्यो, त असो भयो कि भीड़ ओको उपदेश सी चकित भयी, \v 29 कहालीकि ऊ उन्को धर्मशास्त्रियों को जसो नहीं पर अधिकार को जसो उन्ख उपदेश देत होतो। \c 8 \s कोढ़ को रोगी ख चंगो करनो \r (मरकुस १:४०-४५; लूका ५:१२-१६) \p \v 1 जब यीशु पहाड़ी सी उतरयो, त एक बड़ी भीड़ ओको पीछू भय गयी। \v 2 अऊर देखो, एक कोढ़ी न जवर आय क ओख प्रनाम करयो अऊर कह्यो, “हे प्रभु, यदि तय चाहवय, त मोख शुद्ध कर सकय हय।” \p \v 3 यीशु न हाथ बढ़ाय क ओख छूयो, अऊर कह्यो, “मय चाहऊ हय, तय शुद्ध होय जा।” अऊर ऊ तुरतच कोढ़ सी चंगो भय गयो। \v 4 यीशु न ओको सी कह्यो, “देख, कोयी सी मत कहजो, पर जाय क अपनो आप ख याजक ख दिखाव अऊर जो चढ़ावा मूसा न ठहरायो हय ओख भेंट चढ़ाव, ताकि लोगों लायी गवाही हो।” \s एक सूबेदार को विश्वास \r (लूका ७:१-१०) \p \v 5 जब ऊ कफरनहूम नगर म आयो त एक रोमन अधिकारी न ओको जवर आय क ओको सी बिनती करी, \v 6 “हे प्रभु, मोरो सेवक ख घर म लकवा मारयो हय अऊर ओख बहुत दु:ख होय रह्यो हय।” \p \v 7 यीशु न ओको सी कह्यो, “मय आय क ओख चंगो करूं।” \p \v 8 जवाबदार अधिकारी न उत्तर दियो, “हे प्रभु, मय यो लायक नहाय कि तय मोरो छत को खल्लो आये, पर केवल आज्ञा दे त मोरो सेवक चंगो होय जायेंन। \v 9 कहालीकि मय भी दूसरों को अधीन हय, अऊर सिपाही मोरो अधीन हंय। जब मय एक सी कहूं हय, ‘जा!’ त ऊ जावय हय; अऊर दूसरों सी कहूं हय, ‘आव!’ त ऊ आवय हय; अऊर जब अपनो सेवक सी कहूं हय, ‘यो कर!’ त ऊ करय हय।” \p \v 10 यो सुन क यीशु ख अचम्भा भयो, अऊर जो ओको पीछू आय रह्यो होतो उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि मय न इस्राएल म भी असो विश्वास नहीं पायो। \v 11 \x + \xo ८:११ \xo*\xt लूका १३:२९\xt*\x*अऊर मय तुम सी कहू हय कि पूर्व अऊर पश्चिम सी बहुत सो लोग आय क अब्राहम अऊर इसहाक अऊर याकूब को संग स्वर्ग को राज्य म भोज म बैठेंन। \v 12 \x + \xo ८:१२ \xo*\xt मत्ती २२:१३; २५:३०; लूका १३:२८\xt*\x*पर राज्य को प्रजा बाहेर अन्धारो म डाल दियो जायेंन: उत रोवनो अऊर दात को कटरनो होयेंन।” \v 13 तब यीशु न अधिकारी सी कह्यो, “जा, जसो तोरो विश्वास हय, वसोच तोरो लायी हो।” \p अऊर ओको सेवक उच घड़ी चंगो भय गयो। \s यीशु द्वारा रोगियों ख चंगो करनो \r (मरकुस १:२९-३४; लूका ४:३८-४१) \p \v 14 यीशु जब पतरस को घर आयो, त ओन पतरस की सासु ख बुखार म पड़ी देख्यो। \v 15 यीशु न ओको हाथ छूयो अऊर ओको बुखार उतर गयो, अऊर वा उठ क ओकी सेवा-भाव करन लगी। \p \v 16 जब शाम भयी तब हि ओको जवर बहुत सो लोगों ख लायो जेको म दुष्ट आत्मायें होती अऊर यीशु न उन आत्मावों ख अपनो वचन सी निकाल दियो; अऊर सब बीमारों ख चंगो करयो। \v 17 \x + \xo ८:१७ \xo*\xt यशायाह ५३:४\xt*\x*ताकि जो वचन यशायाह भविष्यवक्ता सी कह्यो गयो होतो ऊ पूरो हो: “यीशु न खुदच हमरी कमजोरियों ख पकड़ लियो अऊर हमरी बीमारियों ख उठाय लियो।” \s यीशु को चेला बनन की कीमत \r (लूका ९:५७-६२) \p \v 18 यीशु न जब अपनो चारयी तरफ एक बड़ी भीड़ देखी त चेलां ख झील को ओन पार जान को आदेश दियो। \v 19 तब एक धर्मशास्त्री न जवर आय क ओको सी कह्यो, “हे गुरु, जित कहीं तय जाजो, मय तोरो पीछू होय जाऊं।” \p \v 20 यीशु न ओको सी कह्यो, “लोमड़ियों की गुफा अऊर आसमान को पक्षिंयों को घोसला होवय हंय; पर आदमी को बेटा लायी मुंड रखन की भी जागा नहाय।” \p \v 21 एक अऊर चेला न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, मोख पहिले जान दे कि मय अपनो बाप ख गाड़ देऊ।” \p \v 22 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय मोरो पीछू होय जा, अऊर मुर्दों ख अपनो मुर्दा गाड़न दे।” \s आन्धी ख शान्त करनो \r (मरकुस ४:३५-४१; लूका ८:२२-२५) \p \v 23 जब यीशु डोंगा पर चढ़्यो, त ओको चेला ओको पीछू गयो। \v 24 अऊर देखो, झील म अचानक असो बड़ो तूफान उठ्यो कि डोंगा लहर सी दबन लग्यो, पर यीशु सोय रह्यो होतो। \v 25 तब चेलावों न जवर आय क ओख जगायो अऊर कह्यो, “हे प्रभु, हम्ख बचाव, हम नाश होय रह्यो हंय।” \p \v 26 यीशु न उन्को सी कह्यो, “हे अविश्वासियों, कहाली डरय हय?” तब ओन उठ क आन्धी अऊर पानी ख डाट्यो, अऊर सब शान्त भय गयो। \p \v 27 अऊर हि अचम्भा कर क् कहन लग्यो, “यो कसो आदमी आय कि आन्धी अऊर पानी भी ओकी आज्ञा मानय हंय।” \s यीशु दुष्ट आत्मा–ग्रस्त लोगों ख चंगो करनो \r (मरकुस ५:१-२०; लूका ८:२६-३९) \p \v 28 जब यीशु ओन पार गदरेनियों को देश म पहुंच्यो, त दोय आदमी जिन्म दुष्ट आत्मायें होती कब्रो सी निकलतो हुयो ओख मिल्यो। हि इतनो खतरनाक होतो कि कोयी ऊ रस्ता सी जाय नहीं सकत होतो। \v 29 उन्न चिल्लाय क कह्यो, “हे परमेश्वर को बेटा, हमरो तोरो सी का काम? का तय समय सी पहिले हम्ख दु:ख देन ख इत आयो हय?” \p \v 30 उन्को सी कुछ दूरी पर बहुत सो डुक्करों को एक झुण्ड चर रह्यो होतो। \v 31 दुष्ट आत्मावों न ओको सी यो कह्य क बिनती करी, “यदि तय हम्ख निकालय हय, त डुक्करों को झुण्ड म भेज दे।” \p \v 32 यीशु न उन्को सी कह्यो, “जावो!” अऊर हि निकल क डुक्करों म समाय गयी अऊर देखो, पूरो झुण्ड ढलान पर सी झपट क झील को किनार पर गिर पड़्यो, अऊर पानी म डुब क मरयो। \p \v 33 उन्को चरवाहे भग क अऊर नगर म जाय क या सब बाते अऊर जेको म दुष्ट आत्मायें होती उन्को पूरो हाल सुनायो। \v 34 तब पूरो नगर को लोग यीशु सी मिलन ख निकल आयो, अऊर ओख देख क बिनती करी कि हमरी सीमा सी बाहेर चली जा। \c 9 \s लकवा को रोगी ख चंगो करनो \r (मरकुस २:१-१२; लूका ५:१७-२६) \p \v 1 तब यीशु डोंगा पर चढ़ क ओन पार गयो, अऊर अपनो नगर म आयो। \v 2 अऊर देखो, कुछ लोग एक लकवा को रोगी ख खटिया पर रख क ओको जवर लायो। यीशु न उन्को विश्वास ख देख क, ऊ लकवा को रोगी सी कह्यो, “हे बेटा, हिम्मत रख; तोरो पाप माफ भयो।” \p \v 3 येको पर कुछ धर्मशास्त्रियों न आपस म बोलन लग्यो, “यो त परमेश्वर की निन्दा करय हय।” \p \v 4 यीशु न उन्को मन की बाते जान क कह्यो, “तुम लोग अपनो-अपनो मन म बुरो बिचार कहाली लाय रह्यो हय? \v 5 सहज का हय? यो कहनो, ‘तोरो पाप माफ भयो,’ यां यो कहनो, ‘उठ अऊर चल फिर।’ \v 6 पर तुम यो जान लेवो कि आदमी को बेटा ख धरती पर पाप माफ करन को अधिकार हय।” येकोलायी यीशु न लकवा को रोगी सी कह्यो, “उठ, अपनी खटिया उठाव, अऊर अपनो घर चली जा।” \p \v 7 ऊ उठ क अपनो घर चली गयो। \v 8 लोग यो देख क डर गयो अऊर परमेश्वर की महिमा करन लग्यो जेन लोगों ख असो अधिकार दियो हय। \s मत्ती को बुलायो जानो \r (मरकुस २:१३-१७; लूका ५:२७-३२) \p \v 9 उत सी आगु जाय क यीशु न मत्ती नाम को एक आदमी ख कर वसुली की चौकी पर बैठ्यो देख्यो, अऊर ओको सी कह्यो, “मोरो पीछू चली आव।” \p ऊ उठ क ओको पीछू चली गयो। \p \v 10 \x + \xo ९:१० \xo*\xt लूका १५:१,२\xt*\x*जब ऊ घर म जेवन करन लायी बैठ्यो त बहुत सो कर लेनवालो अऊर पापी आय क यीशु अऊर ओको चेलावों को संग जेवन करन बैठ्यो। \v 11 यो देख क फरीसियों न ओको चेलावों सी कह्यो, “तुम्हरो गुरु कर लेनवालो अऊर पापियों को संग कहाली खावय हय?” \p \v 12 यो सुन क यीशु न उन्को सी कह्यो, “डाक्टर भलो चंगो लायी नहीं पर बीमारों लायी जरूरी हय। \v 13 \x + \xo ९:१३ \xo*\xt मत्ती १२:७\xt*\x*येकोलायी तुम जाय क येको मतलब सीख लेवो: ‘मय बलिदान नहीं पर दया चाहऊ हय।’ कहालीकि मय सच्चो लोगों ख नहीं, पर पापियों ख बुलावन ख आयो हय।” \s उपवास को प्रश्न \r (मरकुस २:१८-२२; लूका ५:३३-३९) \p \v 14 तब बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को चेलावों न ओको जवर आय क कह्यो, “का वजह हय कि हम अऊर फरीसी इतनो उपवास करजे हंय, पर तोरो चेला उपवास नहीं करय?” \p \v 15 यीशु न उन्को सी कह्यो, “दूल्हा उन्को संग हय, त का बराती शोक कर सकय हंय? पर ऊ दिन आयेंन जब दूल्हा उन्को सी अलग कर दियो जायेंन, ऊ समय हि उपवास करेंन। \p \v 16 “नयो कपड़ा को थेगड़ पुरानो कपड़ा पर कोयी नहीं लगावय, कहालीकि ऊ थेगड़ ऊ कपड़ा सी कुछ अऊर खीच लेवय हय, अऊर ऊ ज्यादा फट जावय हय। \v 17 अऊर लोग नयो अंगूररस पुरानी मशकों म नहीं भरय हंय, कहालीकि असो करनो सी मशके फट जावय हंय, अऊर अंगूररस बह जावय हय; अऊर मशके नाश होय जावय हंय; पर नयो अंगूररस नयी मशकों म भरय हंय अऊर हि दोयी बच्यो रह्य हंय।” \s रोमी अधिकारी की मरी बेटी अऊर बीमार बाई \r (मरकुस ५:२१-४३; लूका ८:४०-५६) \p \v 18 ऊ उन्को सी यो बाते कह्यच रह्यो होतो, कि देखो, एक मुखिया न आय क ओख प्रनाम करयो अऊर कह्यो, “मोरी बेटी अभी मरी हय, पर चल क अपनो हाथ ओको पर रखजो, त वा जीन्दी होय जायेंन।” \p \v 19 यीशु उठ क अपनो चेलावों को संग ओको पीछू भय गयो। \p \v 20 अऊर देखो, एक बाई न जेक बारा साल सी खून बहन कि बीमारी होती, पीछू सी आय क ओको कपड़ा को कोना ख छूय लियो। \v 21 कहालीकि वा अपनो मन म कहत होती, “यदि मय ओको कपड़ा ख छूय लेऊ त चंगी होय जाऊं।” \p \v 22 यीशु न मुड़ क ओख देख्यो अऊर कह्यो, “बेटी हिम्मत रख; तोरो विश्वास न तोख चंगो करयो हय।” येकोलायी वा बाई उच घड़ी चंगी भय गयी। \p \v 23 जब यीशु ऊ मुखिया को घर म पहुंच्यो अऊर पेपाड़ी बजावन वालो अऊर भीड़ ख हल्ला मचावत देख्यो, \v 24 तब कह्यो, “हट जा, बेटी मरी नहाय, पर सोय रही हय।” याच बात पर हि ओकी मजाक उड़ावन लग्यो। \v 25 पर जब भीड़ ख बाहेर निकाल दियो त यीशु अन्दर जाय क बेटी को हाथ पकड़्यो अऊर वा जीन्दी भय गयी। \v 26 अऊर या बात की चर्चा ऊ पूरो देश म फैल गयी। \s यीशु द्वारा दोय अन्धा ख चंगो करनो \p \v 27 जब यीशु उत सी आगु बढ़्यो, त दोय अन्धा ओको पीछू यो पुकारतो हुयो चल्यो, “हे दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर!” \p \v 28 जब यीशु घर म पहुंच्यो, त हि अन्धा ओको जवर आयो, अऊर यीशु न उन्को सी कह्यो, “का तुम्ख विश्वास हय कि मय तुम्ख चंगो कर सकू हय?” \p उन्न ओको सी कह्यो, “हव, प्रभु!” \p \v 29 तब यीशु न यो कहतो हुयो उन्की आंखी ख छूय क कह्यो, “तुम्हरो विश्वास को जसो तुम्हरो लायी हो।” \v 30 अऊर उन्की आंखी खुल गयी। यीशु न उन्ख चिताय क कह्यो, “चौकस रहो, कोयी या बात ख नहीं जाने।” \p \v 31 पर उन्न निकल क पूरो देश म ओकी बात फैलाय दियो। \s एक मुक्का ख चंगो करनो \p \v 32 जब हि बाहेर जाय रह्यो होतो, त देख्यो, लोग एक मुक्का ख जेको म दुष्ट आत्मायें होती, ओको जवर लायो; \v 33 अऊर जब दुष्ट आत्मा निकाल दियो गयो, त मुक्का बोलन लग्यो। येको पर भीड़ न अचम्भा कर क् कह्यो, “इस्राएल म असो कभी नहीं देख्यो गयो।” \p \v 34 \x + \xo ९:३४ \xo*\xt मत्ती १०:२५; १२:२४; मरकुस ३:२२; लूका ११:१५\xt*\x*पर फरीसियों न कह्यो, “यो त दुष्ट आत्मावों को सरदार की मदत सी शैतानी आत्मावों ख निकालय हय।” \s यीशु की दया \p \v 35 \x + \xo ९:३५ \xo*\xt मत्ती ४:२३; मरकुस १:३९; लूका ४:४४\xt*\x*यीशु सब नगरो अऊर गांवो म जाय जाय क उन्को सभागृहों म उपदेश करतो, अऊर राज्य को सुसमाचार प्रचार करतो, अऊर कुछ तरह की बीमारी अऊर कमजोरी ख दूर करतो रह्यो। \v 36 \x + \xo ९:३६ \xo*\xt मरकुस ६:३४\xt*\x*जब यीशु न भीड़ ख देख्यो त ओख लोगों पर तरस आयो, कहालीकि हि उन मेंढीं को जसो होतो जिन्को कोयी चरवाहा नहीं होतो दु:खी अऊर भटक्यो हुयो को जसो होतो। \v 37 \x + \xo ९:३७ \xo*\xt लूका १०:२\xt*\x*तब ओन अपनो चेलावों सी कह्यो, “पकी फसल त बहुत हंय, पर मजूर थोड़ो हंय। \v 38 येकोलायी फसल को मालिक सी प्रार्थना करो कि अपनो खेत की फसल काटन लायी मजूर भेज दे।” \c 10 \s बारा प्रेरित \r (मरकुस ३:१३-१९; लूका ६:१२-१६) \p \v 1 तब यीशु न अपनो बारयी चेलावों ख जवर बुलाय क, उन्ख दुष्ट आत्मावों पर अधिकार दियो कि उन्ख निकाले अऊर सब तरह की बीमारियों अऊर सब तरह की कमजोरियों ख दूर करे। \v 2 इन बारयी प्रेरितों को नाम यो हंय: पहिलो शिमोन, जो पतरस कहलावय हय, अऊर ओको भाऊ अन्द्रियास; जब्दी को टुरा याकूब, अऊर ओको भाऊ यूहन्ना; \v 3 फिलिप्पुस, अऊर बरतुल्मै, थोमा, अऊर कर लेनवालो मत्ती, हलफई को टुरा याकूब, अऊर तद्दै, \v 4 शिमोन कनानी, अऊर यहूदा इस्करियोती जेन ओख पकड़वाय भी दियो होतो। \s बारयी प्रेरितों की सेवकायी \r (मरकुस ६:७-१३; लूका ९:१-६; १०:४-१२) \p \v 5 इन बारयी चेलावों ख यीशु न यो आज्ञा दे क भेज्यो: “गैरयहूदियों को तरफ मत जाजो, अऊर सामरियों को कोयी नगर म मत सिरजो। \v 6 पर इस्राएल को घरानों की गुमी हुयी मेंढीं को जवर जाजो। \v 7 अऊर चलतो-चलतो यो प्रचार करो: ‘स्वर्ग को राज्य जवर आय गयो हय।’ \v 8 बीमारों ख चंगो करो, मरयो हुयो ख जीन्दो करो, कोढ़ियों ख शुद्ध करो, दुष्ट आत्मावों ख निकालो। तुम न बिना कुछ दियो प्रभु की आशीष अऊर शक्तियां पायी हंय, येकोलायी उन्ख दूसरों ख बिना कुछ लियो मुक्त भाव सी देवो।” \p \v 9 “अपनो खीसा म नहीं त सोना, अऊर नहीं चांदी, अऊर नहीं तांबो को पैसा रखजो; \v 10 \x + \xo १०:१० \xo*\xt १ कुरिन्थियों ९:१४; १ तीमुथियुस ५:१८\xt*\x*रस्ता लायी नहीं झोली रखो, नहीं दूसरों कुरता, नहीं जूता अऊर नहीं लाठी रखो, कहालीकि मजूर ख ऊ दियो जानो चाहिये जेकी उन्ख जरूरत हय।” \p \v 11 “जो कोयी नगर यां गांव म जावो, त पता लगावो कि उत कौन विश्वास लायक हय। अऊर बिदा होन तक उतच रुक्यो रहो। \v 12 जब तुम ऊ घर म सिरतो हुयो उन्को सी कहो कि तुम्ख शान्ति मिले। \v 13 यदि ऊ घर को लोग तुम्हरो स्वागत करेंन त तुम्हरी शान्ति उन पर पहुंचेंन, पर यदि हि स्वागत नहीं करेंन त तुम्हरी शान्ति तुम्हरो जवर लौट आयेंन। \v 14 \x + \xo १०:१४ \xo*\xt प्रेरितों १३:५१\xt*\x*जो कोयी तुम्ख स्वीकार नहीं करे अऊर तुम्हरी बाते नहीं सुनेंन, त ऊ घर यां ऊ नगर सी निकलतो हुयो अपनो पाय की धूल झाड़तो हुयो वापस लौट जावो। \v 15 \x + \xo १०:१५ \xo*\xt मत्ती ११:२४\xt*\x*मय तुम सी सच कहू हय कि न्याय को दिन ऊ नगर की दशा सी सदोम अऊर गमोरा को देश की दशा ज्यादा सहन लायक होयेंन।” \s आवन वाली मुसीबत \r (मरकुस १३:९-१३; लूका २१:१२-१७) \p \v 16 \x + \xo १०:१६ \xo*\xt लूका १०:३\xt*\x*“देखो, मय तुम्ख मेंढीं को जसो भेड़ियों को बीच म भेजूं हय, येकोलायी सांप को जसो बुद्धिमान अऊर कबूत्तरों को जसो भोलो बनो।” \p \v 17 \x + \xo १०:१७ \xo*\xt मरकुस १३:९-११; लूका १२:११,१२; २१:१२-१५\xt*\x*“पर लोगों सी चौकस रहो,” कहालीकि हि तुम्ख महासभावों म सौंपेंन, अऊर अपनी पंचायतो म तुम्ख कोड़ा मारेंन। \v 18 तुम मोरो वजह शासक अऊर राजावों को आगु उन पर, अऊर गैरयहूदियों पर गवाह होन लायी पहुंचायो जायेंन। \v 19 जब हि तुम्ख पकड़वायेंन त तुम या चिन्ता मत करो कि हम कसो तरह सी का कहबोंन, कहालीकि जो कुछ तुम ख कहनो होना, ऊ उच समय तुम्ख बताय दियो जायेंन। \v 20 कहालीकि बोलन वालो तुम नोहोय, पर तुम्हरो स्वर्गीय पिता की आत्मा जो तुम म बोलय हय। \p \v 21 \x + \xo १०:२१ \xo*\xt मरकुस १३:१२; लूका २१:१६\xt*\x*“भाऊ, अपनो भाऊ ख अऊर बाप अपनो बेटा ख, मार डालन लायी सौंपेंन, अऊर बच्चा अपनो माय बाप को विरोध म खड़ो होय क उन्ख मरवाय डालेंन। \v 22 \x + \xo १०:२२ \xo*\xt मत्ती २४:९; मरकुस १३:१३; लूका २१:१७; \xt*\xt मत्ती २४:१३; मरकुस १३:१३\xt*\x*मोरो नाम को वजह सब लोग तुम सी दुश्मनी करेंन, पर जो आखरी तक धीरज रखेंन ओकोच उद्धार होयेंन।” \v 23 जब हि तुम्ख एक नगर म सतायेंन त दूसरों नगर म भग जावो। मय तुम सी सच कहूं हय, कि येको सी पहले कि तुम इस्राएल को सब नगरों को चक्कर पूरो करो, आदमी को बेटा दुबारा आय जायेंन। \p \v 24 \x + \xo १०:२४ \xo*\xt लूका ६:४०; \xt*\xt यूहन्ना १३:१६; १५:२०\xt*\x*“चेला अपनो गुरु सी बड़ो नहीं होवय; अऊर नहीं सेवक अपनो मालिक सी। \v 25 \x + \xo १०:२५ \xo*\xt मत्ती ९:३४; १२:२४; मरकुस ३:२२; लूका ११:१५\xt*\x*चेला अपनो गुरु को, अऊर सेवक अपनो मालिक को बराबर होन मच बहुत हय। जब उन्न घर को मालिक ख शैतान\f + \fr १०:२५ \fr*\ft बालजबूल शैतान को सरदार\ft*\f* कह्यो त ओको घर वालो ख का कुछ नहीं कहेंन।” \s प्रभु सी डरे \r (लूका १२:२-७) \p \v 26 \x + \xo १०:२६ \xo*\xt मरकुस ४:२२; लूका ८:१७\xt*\x*येकोलायी लोगों सी मत डरो; कहालीकि कुछ ढक्यो नहीं जो खोल्यो नहीं जायेंन, अऊर नहीं कुछ लुक्यो हय जो जान्यो नहीं जायेंन। \v 27 जो मय तुम सी अन्धारो म कहूं हय, ओख तुम उजाड़ो म कहो; अऊर जो कानो कान सुनय हय, ओख तुम छत पर सी प्रचार करो। \v 28 उन्को सी मत डरो जो शरीर ख नाश करय हंय, पर आत्मा ख नाश नहीं कर सकय, पर परमेश्वर सी डरो, जो आत्मा अऊर शरीर दोयी ख नरक म नाश कर सकय हय। \v 29 का एक पैसा म दोय पक्षी नहीं बिकय? तब भी तुम्हरो स्वर्गीय पिता की इच्छा को बिना उन्म सी एक भी धरती पर नहीं गिर सकय। \v 30 तुम्हरो मुंड को सब बाल भी गिन्यो हुयो हंय। \v 31 येकोलायी डरो मत; तुम बहुत सी पक्षी सी बहुत महत्वपूर्ण हय। \fig सपाट छत, पुरानो समय को इस्राएल म घर|alt="Flat-roofed, olden house in Israel" src="lb00234c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१०:२७"\fig* \s यीशु ख माननो यां नहीं माननो \r (लूका १२:८-९) \p \v 32 “जो कोयी लोगों को आगु मोख मान लेयेंन, ओख मय भी अपनो स्वर्गीय पिता को आगु मान लेऊ। \v 33 \x + \xo १०:३३ \xo*\xt २ तीमुथियुस २:१२\xt*\x*पर जो कोयी लोगों को आगु मोरो इन्कार करेंन, ओको सी मय भी अपनो स्वर्गीय पिता को आगु इन्कार करूं।” \s यीशु को आगमन को परिनाम \r (लूका १२:५१-५३; १४:२६,२७) \p \v 34 “यो मत समझो कि मय धरती पर शान्ति लावन लायी आयो हय, पर मय शान्ति लावन नहीं, पर तलवार चलावन आयो हय। \v 35 मय त आयो हय कि: ‘बच्चां ख ओको बाप सी, अऊर बेटी ख ओकी माय सी, अऊर बहू ख ओकी सासु सी अलग कर देऊ;’ \v 36 \x + \xo १०:३६ \xo*\xt मीका ७:६\xt*\x*आदमी को दुश्मन ओको घर कोच लोग होयेंन।” \p \v 37 “जो माय यां बाप ख मोरो सी ज्यादा अच्छो जानय हय, ऊ मोरो लायक नहाय; अऊर जो बेटा यां बेटी ख मोरो सी ज्यादा प्रिय जानय हय, ऊ मोरो लायक नहाय। \v 38 \x + \xo १०:३८ \xo*\xt मत्ती १६:२४; मरकुस ८:३४; लूका ९:२३\xt*\x*अऊर जो अपनो क्रूस उठाय क मोरो पीछू नहीं चलय ऊ मोरो लायक नहाय। \v 39 \x + \xo १०:३९ \xo*\xt मत्ती १६:२५; मरकुस ८:३५; लूका ९:२४; १७:३३; यूहन्ना १२:२५\xt*\x*जो अपनो जीव बचावय हय, ऊ ओख खोयेंन; अऊर जो मोरो वजह अपनो जीव खोवय हय, ऊ ओख पायेंन।” \s प्रतिफल \r (मरकुस ९:४१) \p \v 40 \x + \xo १०:४० \xo*\xt लूका १०:१६; यूहन्ना १३:२०; \xt*\xt मरकुस ९:३७; लूका ९:४८\xt*\x*“जो तुम्ख स्वीकार करय हय, ऊ मोख स्वीकार करय हय; अऊर जो मोख स्वीकार करय हय, ऊ मोरो भेजन वालो ख स्वीकार करय हय। \v 41 जो भविष्यवक्ता ख भविष्यवक्ता जान क स्वीकार करय, ऊ भविष्यवक्ता को प्रतिफल पायेंन; अऊर जो सच्चो ख सच्चो जान क स्वीकार करे, ऊ सच को प्रतिफल पायेंन। \v 42 जो कोयी इन छोटो म सी एक ख मोरो चेला जान क मोख केवल एक गिलास ठंडो पानी पिलाये, त मय तुम सी सच कहूं हय, ऊ कोयी रीति सी अपनो प्रतिफल जरूर पायेंन।” \c 11 \s बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को तरफ सी सन्देश \r (लूका ७:१८-३५) \p \v 1 जब यीशु अपनो बारयी चेलावों ख शिक्षा दे चुक्यो, त ऊ उन्को नगरों म उपदेश अऊर प्रचार करन ख उत सी चली गयो। \p \v 2 जब यूहन्ना न जेलखाना म मसीह को कामों को समाचार सुन्यो अऊर अपनो चेलावों ख ओको सी यो पूछन भेज्यो, \v 3 “का आवन वालो तयच आय, का हम कोयी दूसरों की रस्ता देखबो?” \p \v 4 यीशु न उत्तर दियो, “जो कुछ तुम सुनय हय अऊर देखय हय, ऊ सब जाय क यूहन्ना सी कह्य देवो, \v 5 कि अन्धा देखय हंय अऊर लंगड़ा चलय फिरय हंय, कोढ़ी शुद्ध करयो जावय हंय, अऊर बहिरा सुनय हंय, मुर्दों ख जीन्दो करयो जावय हंय, अऊर गरीबों ख सुसमाचार सुनायो जावय हय। \v 6 अऊर धन्य हय, जो मोरो वजह ठोकर नहीं खावय।” \p \v 7 जब हि उत सी चली गयो, त यीशु यूहन्ना को बारे म लोगों सी कहन लग्यो, “तुम सुनसान जंगल म का देखन गयो होतो? का हवा सी हलतो हुयो घास ख? \v 8 तब तुम का देखन गयो होतो? का चमकदार कपड़ा पहिन्यो हुयो आदमी ख? देखो, जो चमकदार कपड़ा पहिनय हंय, हि राजभवनों म रह्य हंय! \v 9 त फिर कहाली गयो होतो? का कोयी भविष्यवक्ता ख देखन ख? हव, मय तुम सी कहू हय कि भविष्यवक्ता सी भी बड़ो ख। \v 10 \x + \xo ११:१० \xo*\xt मलाकी ३:१\xt*\x*यो उच आय जेको बारे म लिख्यो हय: ‘देख, मय अपनो दूत ख तोरो आगु भेजूं हय, जो तोरो आगु तोरो रस्ता तैयार करेंन।’ \v 11 मय तुम सी सच कहू हय कि जो बाईयों सी जनम लियो हय, उन्म सी यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो सी कोयी बड़ो नहीं भयो; पर जो स्वर्ग को राज्य म छोटो सी छोटो हय ऊ ओको सी बड़ो हय। \v 12 \x + \xo ११:१२ \xo*\xt लूका १६:१६\xt*\x*यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को दिनो सी अब तक स्वर्ग को राज्य म बलपूर्वक सिरतो रह्यो हय, अऊर बलवान ओख छीन लेवय हंय। \v 13 कहालीकि सब भविष्यवक्तावों अऊर मूसा की व्यवस्था, यूहन्ना को आनो तक भविष्यवानी करत रह्यो होतो। \v 14 \x + \xo ११:१४ \xo*\xt मत्ती १७:१०-१३; मरकुस ९:११-१३\xt*\x*अऊर चाहो त मानो कि एलिय्याह जो आवन वालो होतो, ऊ योच आय। \v 15 जेको कान होना ऊ सुन ले। \p \v 16 “मय यो पीढ़ी को लोगों की तुलना कौन्को सी करू? हि उन बच्चां को जसो हंय, जो बजार म बैठ्यो हुयो एक दूसरों सी पुकार क कह्य हंय: \v 17 ‘हम न तुम्हरो लायी बांसुरी बजायी, अऊर तुम नहीं नाच्यो; हम न विलाप करयो, अऊर तुम रोयो नहीं।’ \v 18 कहालीकि यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो नहीं खातो आयो अऊर नहीं पीतो, अऊर हि कह्य हंय, ‘ओको म दुष्ट आत्मा हय।’ \v 19 आदमी को बेटा खातो पीतो आयो, अऊर हि कह्य हंय ‘देखो, खादाड़ अऊर पियक्कड़ आदमी, कर लेनवालो अऊर पापियों को संगी!’ पर परमेश्वर को ज्ञान अपनो कामों सी सच्चो ठहरायो गयो हय।” \s अविश्वासी गांव \r (लूका १०:१३-१५) \p \v 20 तब यीशु उन नगरों को बारे म धिक्कारन लग्यो, जिन्म ओन बहुत सो सामर्थ को काम करयो होतो, लेकिन उन्न अपनो मन नहीं फिरायो होतो। \v 21 “हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! नगर जो सामर्थ को काम तुम म करयो गयो, यदि हि सूर अऊर सैदा म करयो जातो, त बोरा ओढ़ क, अऊर राखड़ म बैठ क हि अपनो पापों सी कब को फिराय लेतो। \v 22 पर मय तुम सी कहू हय कि न्याय को दिन तुम्हरी दशा सी सूर अऊर सैदा की दशा जादा सहन लायक होयेंन। \v 23 हे कफरनहूम, का तय स्वर्ग तक ऊंचो करयो जाजो? तय त अधोलोक तक खल्लो जाजो! जो सामर्थ को काम तोरो म करयो गयो हंय, यदि सदोम म करयो जातो, त ऊ अज तक बन्यो रहतो। \v 24 \x + \xo ११:२४ \xo*\xt मत्ती १०:१५; लूका १०:१२\xt*\x*पर मय तुम सी कहू हय कि न्याय को दिन तोरी दशा सी सदोम की दशा जादा सहन लायक होयेंन।” \s बोझ सी दब्यो लोगों लायी आराम \r (लूका १०:२१,२२) \p \v 25 उच समय यीशु न कह्यो, “हे बाप, स्वर्ग अऊर धरती को प्रभु, मय तोरो धन्यवाद करू हय कि तय न इन बातों ख ज्ञानियों अऊर पड़्यो लिख्यो सी लुकाय क रख्यो हय, अऊर बच्चां पर प्रगट करयो हय। \v 26 हव, हे बाप, कहालीकि तोख योच अच्छो लग्यो। \p \v 27 \x + \xo ११:२७ \xo*\xt यूहन्ना ३:३५; \xt*\xt यूहन्ना १:१८; १०:१५\xt*\x*“मोरो बाप न मोख सब कुछ सौंप दियो हय; अऊर कोयी बेटा ख नहीं जानय, केवल बाप ख; अऊर कोयी बाप ख नहीं जानय, केवल बेटा ख; अऊर ऊ जेक बेटा प्रगट करयो। \p \v 28 “हे सब मेहनत करन वालो अऊर बोझ सी दब्यो हुयो लोगों, मोरो जवर आवो; मय तुम्ख आराम देऊं। \v 29 मोरो बोझ अपनो ऊपर उठाय लेवो, अऊर मोरो सी सीखो; कहालीकि मय नम्र अऊर मन म नरम हय: अऊर तुम अपनो मन म आराम पावों। \v 30 कहालीकि मोरो जूवा सहज अऊर मोरो बोझ हल्को हय।” \c 12 \s आराम दिन को बारे म प्रश्न \r (मरकुस २:२३-२८; लूका ६:१-५) \p \v 1 ऊ समय यीशु आराम दिन म खेतो म सी होय क जाय रह्यो होतो, अऊर ओको चेलावों ख भूख लगी त हि गहूं को लोम्बा तोड़-तोड़ क खान लग्यो। \v 2 फरीसियों न यो देख क ओको सी कह्यो, “देख, तोरो चेला ऊ काम कर रह्यो हंय, जो आराम को दिन मूसा को नियम को अनुसार उचित नहाय।” \p \v 3 यीशु उन्को सी कह्यो, “का तुम्न नहीं पढ़्यो, कि जब दाऊद अऊर ओको संगी ख भूख लगी त ओन का करयो? \v 4 ऊ कसो परमेश्वर को मन्दिर म गयो, अऊर अर्पन की रोटी खायी, ओख अऊर ओको संगियों ख उन्की रोटी मूसा को नियम को अनुसार उचित नहाय। पर केवल याजकों ख उचित होतो? \v 5 का तुम न मूसा की व्यवस्था म नहीं पढ़्यो कि याजक आराम दिन को मन्दिर म आराम दिन की विधि ख तोड़न पर भी निर्दोष ठहरय हंय? \v 6 पर मय तुम सी कहू हय कि इत ऊ हय जो आराधनालय सी भी बड़ो हय।” \v 7 \x + \xo १२:७ \xo*\xt मत्ती ९:१३\xt*\x*“यदि तुम येको मतलब जानतो, ‘मय दया सी सन्तुष्ट होऊं हय, बलिदान सी नहीं,’ त तुम निर्दोष ख दोषी नहीं ठहरायतो। \v 8 आदमी को बेटा त आराम दिन को भी प्रभु आय।” \s सूख्यो हाथ वालो आदमी की चंगायी \r (मरकुस ३:१-६; लूका ६:६-११) \p \v 9 उत सी चल क यीशु उन्को सभागृह म आयो। \v 10 उत एक आदमी होतो, जेको हाथ म लकवा भयो होतो। फरीसियों न यीशु पर दोष लगावन लायी ओको सी पुच्छ्यो, “का आराम को दिन नियम को अनुसार चंगो करनो उचित हय?” \p \v 11 \x + \xo १२:११ \xo*\xt लूका १४:५\xt*\x*यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम म असो कौन हय जेकी एकच मेंढीं हय, अऊर ऊ आराम दिन गड्डा म गिर जाये, त ऊ ओख पकड़ क नहीं निकालेंन? \v 12 भलो, आदमी की कीमत मेंढा सी कितनो बढ़ क हय! येकोलायी आराम दिन म भलायी करनो नियम को अनुसार उचित हय।” \v 13 तब यीशु न ऊ आदमी सी कह्यो, “अपनो हाथ बढ़ाव।” \p ओन बढ़ायो, अऊर ऊ तब दूसरों हाथ को जसो अच्छो भय गयो। \v 14 तब फरीसियों न बाहेर जाय क ओको विरोध म चर्चा करयो कि ओख कसो तरह सी नाश करबो। \s परमेश्वर को चुन्यो हुयो सेवक \p \v 15 यो जान क यीशु उत सी चली गयो। अऊर बहुत लोग ओको पीछू होय लियो, अऊर ओन सब ख चंगो करयो, \v 16 अऊर उन्ख चितायो कि मोख प्रगट मत करजो, \v 17 ताकि जो वचन यशायाह भविष्यवक्ता सी कह्यो गयो होतो, ऊ पूरो हो: \q1 \v 18 “देखो, यो मोरो सेवक आय, जेक मय न चुन्यो हय: \q2 मोरो प्रिय, जेकोसी मोरो मन खुश हय: \q1 मय अपनी आत्मा ओको पर डालू, \q2 अऊर ऊ गैरयहूदियों ख न्याय को सुसमाचार देयेंन। \q1 \v 19 ऊ नहीं झगड़ा करेंन, अऊर नहीं धूम मचायेंन, \q2 अऊर नहीं बजारों म जोर सी चिल्लाय क भाषन सुनायेंन। \q1 \v 20 ऊ कुचल्यो हुयो घास ख नहीं तोड़ेंन, \q2 अऊर धुवा देन वाली बत्ती ख नहीं बुझायेंन, \q1 जब तक ऊ न्याय ख मजबूत नहीं कराये। \q2 \v 21 अऊर पूरो राष्ट्र को लोग ओको नाम पर आशा रखेंन।” \s यीशु अऊर बालजबूल \r (मरकुस ३:२०-३०; लूका ११:१४-२३) \p \v 22 तब लोग एक अन्धा अऊर मुक्का ख यीशु को जवर लायो; जेको म दुष्ट आत्मायें होती, अऊर ओन ओख अच्छो करयो, अऊर ऊ बोलन अऊर देखन लग्यो। \v 23 येको पर सब लोग अचम्भित होय क कहन लग्यो, “यो का दाऊद की सन्तान आय?” \p \v 24 \x + \xo १२:२४ \xo*\xt मत्ती ९:३४; १०:२५\xt*\x*पर फरीसियों न यो सुन क कह्यो, “यो त दुष्ट आत्मावों को मुखिया बालजबूल की मदत को बिना शैतानी आत्मावों ख नहीं निकालय।” \p \v 25 यीशु न उन्को मन की बात जान क उन्को सी कह्यो, “जो कोयी राज्य म फूट होवय हय, ऊ उजड़ जावय हय; अऊर कोयी नगर यां घराना जेको म फूट होवय हय, बन्यो नहीं रहेंन।” \v 26 अऊर यदि शैतानच शैतान ख निकाले, त ऊ अपनोच विरोधी भय गयो हय; तब ओको राज्य कसो बन्यो रहेंन? \v 27 भलो, यदि मय बालजबूल की मदत सी दुष्ट आत्मावों ख निकालू हय, त तुम्हरो अनुयायी कौन की मदत सी निकालय हंय? येकोलायी हिच तुम्हरो न्याय करेंन। \v 28 पर यदि मय परमेश्वर की आत्मा की मदत सी दुष्ट आत्मावों ख निकालू हय, त परमेश्वर को राज्य तुम्हरो जवर आय गयो हय। \p \v 29 “कसो कोयी आदमी कोयी ताकतवर को घर म घुस क ओको माल लूट सकय हय जब तक कि पहिले ऊ ताकतवर ख नहीं बान्ध ले? तब तक ऊ ओको घर को माल लूट नहीं लेयेंन।” \p \v 30 \x + \xo १२:३० \xo*\xt मरकुस ९:४०\xt*\x*जो मोरो संग नहाय ऊ मोरो विरोध म हय, अऊर जो मोरो संग नहीं ऊ जमा करय हय अऊर बिखरावय हय। \v 31 येकोलायी मय तुम सी कहू हय कि आदमी को सब तरह को पाप अऊर निन्दा माफ करयो जायेंन, पर पवित्र आत्मा कि निन्दा माफ नहीं करी जायेंन। \v 32 \x + \xo १२:३२ \xo*\xt लूका १२:१०\xt*\x*जो कोयी आदमी को बेटा को विरोध म कोयी बात कहेंन, ओको यो अपराध माफ करयो जायेंन, पर जो कोयी पवित्र आत्मा को विरोध म कुछ कहेंन, ओको अपराध नहीं त यो जगत म अऊर नहीं स्वर्ग म माफ करयो जायेंन। \s झाड़ अऊर ओको फर \r (लूका ६:४३-४५) \p \v 33 \x + \xo १२:३३ \xo*\xt मत्ती ७:२०; लूका ६:४४\xt*\x*“यदि एक झाड़ अच्छो हय, त ओको फर भी अच्छो रहेंन, यदि एक झाड़ बुरो हय, त ओको फर भी बुरो रहेंन; कहालीकि झाड़ अपनो फर सीच पहिचान्यो जावय हय। \v 34 \x + \xo १२:३४ \xo*\xt मत्ती ३:७; २३:३३; लूका ३:७; \xt*\xt मत्ती १५:१८; लूका ६:४५\xt*\x*हे सांप को बच्चां, तुम बुरो होय क कसी अच्छी बाते कह्य सकय हय? कहालीकि जो मन म भरयो हय, उच मुंह पर आवय हय। \v 35 अच्छो आदमी मन को अन्दर सी अच्छी बाते निकालय हय, अऊर बुरो आदमी उच मन सी बुरी बाते निकालय हय। \p \v 36 “अऊर मय तुम सी कहू हय कि जो बुरी बाते आदमी कहेंन, न्याय को दिन हि हर एक वा बात को हिसाब देयेंन। \v 37 कहालीकि तय अपनी बातों को वजह निर्दोष, अऊर अपनी बातों को वजह दोषी ठहरायो जाजो।” \s स्वर्गीय चिन्ह की मांग \r (मरकुस ८:११,१२; लूका ११:२९-३२) \p \v 38 \x + \xo १२:३८ \xo*\xt मत्ती १६:१; मरकुस ८:११; लूका ११:१६\xt*\x*येको पर कुछ धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों न ओको सी कह्यो, “हे गुरु, हम तोरो सी एक चमत्कार को चिन्ह देखनो चाहजे हय।” \p \v 39 \x + \xo १२:३९ \xo*\xt मत्ती १६:४; मरकुस ८:१२\xt*\x*ओन उन्ख उत्तर दियो, “यो पीढ़ी को बुरो अऊर व्यभिचारी लोग चिन्ह ढूंढय हंय, पर योना भविष्यवक्ता को चिन्ह ख छोड़ कोयी अऊर चिन्ह उन्ख नहीं दियो जायेंन। \v 40 योना तीन दिन अऊर तीन रात बड़ी मच्छी को पेट म रह्यो, वसोच आदमी को बेटा तीन दिन अऊर तीन रात धरती को अन्दर रहेंन। \v 41 नीनवे को लोग न्याय को दिन यो पीढ़ी को लोगों को संग उठ क उन्ख दोषी ठहरायेंन, कहालीकि उन्न योना को प्रचार सुन क मन फिरायो; अऊर देखो, इत ऊ हय जो योना सी भी बड़ो हय। \v 42 दक्षिन की रानी न्याय को दिन यो पीढ़ी को लोगों को संग उठ क उन्ख दोषी ठहरायेंन, कहालीकि ऊ सुलैमान को ज्ञान सुनन लायी धरती को छोर सी आयी हय; अऊर देखो, इत ऊ हय जो सुलैमान सी भी बड़ो हय। \s शैतानी आत्मा की वापसी \r (लूका ११:२४-२६) \p \v 43 “जब दुष्ट आत्मा आदमी म सी निकल जावय हय, त सूखी जागा म आराम ढूंढती फिरय हय, अऊर नहीं पावय हय। \v 44 तब कह्य हय, ‘मय अपनो उच घर म जित सी निकली होती, उतच लौट जाऊं।’ अऊर लौट क आवय हय त ओख खाली, झाड़्यो-बुहारयो अऊर सज्यो-सजायो पावय हय। \v 45 तब ऊ जाय क अपनो सी अऊर बुरी सात आत्मावों ख अपनो संग लावय हय। अऊर हि ओको म घुस क उत वाश करय हंय, अऊर ऊ आदमी की पुरानी दशा पहिले सी भी बुरी होय जावय हय। त यो पीढ़ी को बुरो लोगों की दशा भी असीच होयेंन।” \s यीशु की माय अऊर भाऊ \r (मरकुस ३:३१-३५; लूका ८:१९-२१) \p \v 46 जब यीशु भीड़ सी बाते कर रह्यो होतो, तब ओकी माय अऊर भाऊ बाहेर खड़ो होतो अऊर ओको सी बाते करनो चाहत होतो। \v 47 कोयी न यीशु सी कह्यो, “देख, तोरी माय अऊर तोरो भाऊ बाहेर खड़ो हंय। अऊर तोरो सी बाते करनो चाहवय हंय।” \p \v 48 यो सुन क यीशु न कहन वालो ख उत्तर दियो, “कौन आय मोरी माय? अऊर कौन हंय मोरो भाऊ?” \v 49 अऊर अपनो चेलावों को तरफ अपनो हाथ बढ़ाय क कह्यो, “देखो, मोरी माय अऊर मोरो भाऊ हि आय। \v 50 कहालीकि जो कोयी मोरो स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलय हय, उच मोरो भाऊ, अऊर मोरी बहिन, अऊर मोरी माय आय।” \c 13 \s बीज बोवन वालो को दृष्टान्त \r (मरकुस ४:१-९; लूका ८:४-८) \p \v 1 उच दिन यीशु घर सी निकल क झील को किनार को जवर जाय बैठ्यो। \v 2 \x + \xo १३:२ \xo*\xt लूका ५:१-३\xt*\x*अऊर ओको जवर असी बड़ी भीड़ जमा भयी कि ऊ डोंगा पर चढ़ गयो, अऊर पूरी भीड़ किनार पर खड़ी रही। \v 3 अऊर ओन उन्को सी दृष्टान्तों म बहुत सी बाते कहीं। \p “एक बोवन वालो बीज बोवन निकल्यो। \v 4 बोवतो समय कुछ बीज रस्ता को किनारे गिरयो अऊर पक्षिंयों न आय क उन्ख खाय लियो। \v 5 कुछ बीज गोटाड़ी जमीन पर गिरयो, जित उन्ख जादा माटी नहीं मिली अऊर गहरी माटी नहीं मिलन को वजह हि जल्दी उग गयो। \v 6 पर सूरज निकलन पर हि जर गयो, अऊर जमीन म जड़ी नहीं पकड़न को वजह हि सूख गयो। \v 7 कुछ बीज काटा को झुडूप म गिरयो अऊर काटा को झुडूप न बढ़ क उन्ख दबाय डाल्यो। \v 8 पर कुछ बीज अच्छी जमीन पर गिरयो, अऊर फर लायो, कोयी सौ गुना, कोयी साठ गुना, अऊर कोयी तीस गुना। \fig समुन्दर म डोंगा पर चढ़ क यीशु भीड़ ख शिक्षा देतो हुयो|alt="Jesus teaching the crowd by the sea" src="lb00299c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१३:२"\fig* \p \v 9 “जेको कान हय ऊ सुन ले।” \s दृष्टान्तों को उद्देश्य \r (मरकुस ४:१०-१२; लूका ८:९-१०) \p \v 10 चेलावों न जवर आय क यीशु सी कह्यो, “तय लोगों सी दृष्टान्तों म कहाली बाते करय हय?” \p \v 11 यीशु न उत्तर दियो, “तुम ख स्वर्ग को राज्य को भेद की समझ दी गयी हय, पर उन्ख नहीं।” \v 12 \x + \xo १३:१२ \xo*\xt मत्ती २५:२९; मरकुस ४:२५; लूका ८:१८; १९:२६\xt*\x*कहालीकि जेको जवर हय, ओख दियो जायेंन, अऊर ओको जवर बहुत होय जायेंन; पर जेको जवर कुछ भी नहाय, ओको सी सब कुछ भी ले लियो जायेंन। \v 13 मय उन्को सी दृष्टान्तों म येकोलायी बाते करू हय कि हि देखतो हुयो भी नहीं देखय अऊर सुनतो हुयो भी नहीं सुनय, अऊर नहीं समझय। \v 14 \x + \xo १३:१४ \xo*\xt यशायाह ६:९-१०\xt*\x*उन्को बारे म यशायाह की या भविष्यवानी पूरी होवय हय: \q1 “तुम कानो सी त सुनो, पर समझो नहीं; \q2 अऊर आंखी सी त देखो, पर तुम्ख दिखेंन नहीं। \q1 \v 15 कहालीकि इन लोगों को मन मोटो भय गयो हय, \q2 अऊर हि कानो सी ऊचो सुनय हंय \q2 अऊर उन्न अपनी आंखी मूंद लियो हंय; \q1 कहीं असो नहीं होय कि हि आंखी सी देखे, \q2 अऊर कानो सी सुने \q2 अऊर मन सी समझे, \q1 अऊर फिर जाय, \q2 अऊर मय उन्ख चंगो करूं।” \p \v 16 \x + \xo १३:१६ \xo*\xt लूका १०:२३,२४\xt*\x*पर धन्य हंय तुम्हरी आंखी, की वा देखय हंय; अऊर तुम्हरो कान की सुनय हंय। \v 17 कहालीकि मय तुम सी सच कहू हय कि बहुत सो भविष्यवक्तावों न अऊर न्यायियों न चाह्यो कि जो बाते तुम देखय हय, देखो, पर नहीं देख पायो; अऊर जो बाते तुम सुनय हय, सुनो, पर नहीं सुन सको। \s बीज बोवन वालो दृष्टान्त की व्याख्या \r (मरकुस ४:१३-२०; लूका ८:११-१५) \p \v 18 “अब तुम बोवन वालो को दृष्टान्त को मतलब सुनो: \v 19 जो कोयी राज्य को वचन सुन क नहीं समझय, ओको मन म जो कुछ बोयो गयो होतो, ओख ऊ शैतान आय क छीन लेवय हय। यो उच वचन आय, जो रस्ता को किनार म बोयो गयो होतो। \v 20 अऊर जो गोटाड़ी जमीन पर बोयो गयो, यो ऊ आय, जो वचन सुन क तुरतच खुशी को संग मान लेवय हय। \v 21 पर अपनो म जड़ी नहीं रखन को वजह ऊ थोड़ो दिन को हय, अऊर जब वचन को वजह कठिनायी यां उपद्रव होवय हय, त तुरतच ठोकर खावय हय। \v 22 जो काटा को झुड़ूप म बोयो गयो, यो ऊ आय, जो वचन ख सुनय हय, पर यो जगत की चिन्ता अऊर धन को धोका वचन ख दबाय देवय हय, अऊर ऊ फर नहीं लावय। \v 23 जो अच्छी जमीन म बोयो गयो, यो ऊ आय, जो वचन ख सुन क समझय हय, अऊर फर लावय हय; कोयी सौ गुना, कोयी साठ गुना, अऊर कोयी तीस गुना।” \s जंगली बीज को दृष्टान्त \p \v 24 यीशु न उन्ख एक अऊर दृष्टान्त दियो: “स्वर्ग को राज्य ऊ आदमी को जसो हय जेन अपनो खेत म अच्छो बीज बोयो। \v 25 पर जब लोग सोय रह्यो होतो त ओको दुश्मन आय क गहूं को बीच म जंगली बीज बोय क चली गयो। \v 26 जब अंकुर निकल्यो अऊर लोम्ब लगी, त जंगली दाना को पौधा भी दिखायी दियो। \v 27 येको पर घर को सेवकों न आय क ओको सी कह्यो, ‘हे मालिक, का तय न अपनो खेत म अच्छो बीज नहीं बोयो होतो? तब जंगली दाना को पौधा ओको म कित सी आयो?’ \v 28 ओन उन्को सी कह्यो, ‘यो कोयी दुश्मन को काम आय।’ सेवकों न ओको सी कह्यो, ‘का तोरी इच्छा हय, कि हम जाय क उन पौधा ख उखाड़ दे?’ \v 29 ओन कह्यो, ‘नहीं, असो नहीं होय कि जंगली दाना को पौधा जमा करतो हुयो तुम उन्को संग गहूं भी उखाड़ लेवो। \v 30 काटन तक दोयी ख एक संग बढ़न देवो, अऊर काटन को समय मय काटन वालो सी कहूं कि पहिले जंगली दाना को पौधा जमा कर क् जलावन लायी उन्को बोझा बान्ध लेवो, अऊर गहूं ख मोरो ढोला म जमा कर देवो।’” \s राई को बीज को दृष्टान्त \r (मरकुस ४:३०-३२; लूका १३:१८,१९) \p \v 31 यीशु न उन्ख एक अऊर दृष्टान्त दियो: “स्वर्ग को राज्य राई को एक दाना को जसो हय, जेक कोयी आदमी न ले क अपनो खेत म बोय दियो। \v 32 ऊ सब बीज सी छोटो त होवय हय पर जब बढ़ जावय हय तब सब साग-पात सी बड़ो होवय हय; अऊर असो झाड़ होय जावय हय कि आसमान को पक्षी आय क ओकी डगालियों पर बसेरा करय हंय।” \s खमीर को दृष्टान्त \r (लूका १३:२०,२१) \p \v 33 यीशु न एक अऊर दृष्टान्त उन्को सी कह्यो: “स्वर्ग को राज्य खमीर को जसो हय जेक एक बाई तीन पसेरी मतलब बारा किलो खमीर आटा म मिलाय दियो अऊर तब तक मिलावत रही जब तक चुन आखिर म फुग नहीं जाये।” \s यीशु को द्वारा दृष्टान्तों को प्रयोग \r (मरकुस ४:३३,३४) \p \v 34 या सब बाते यीशु न दृष्टान्तों म लोगों सी कहीं, अऊर बिना दृष्टान्त सी ऊ उन्को सी कुछ नहीं कहत होतो, \v 35 \x + \xo १३:३५ \xo*\xt भजन ७८:२\xt*\x*कि जो वचन भविष्यवक्ता सी कह्यो गयो होतो, ऊ पूरो हो: \q1 “मय दृष्टान्त कहन ख अपनो मुंह खोलूं: \q2 मय उन बातों ख जो जगत की उत्पत्ति सी लुक रही हंय प्रगट करूं।” \s जंगली बीज को दृष्टान्त की व्याख्या \p \v 36 तब यीशु भीड़ ख छोड़ क घर म आयो, अऊर ओको चेलावों न यीशु को जवर आय क कह्यो, “खेत को जंगली दाना को दृष्टान्त हम्ख समझाय दे।” \p \v 37 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “अच्छो बीज ख बोवन वालो आदमी को बेटा आय। \v 38 खेत जगत आय अच्छो बीज राज्य की सन्तान, अऊर जंगली बीज दुष्ट की सन्तान आय। \v 39 जो दुश्मन न उन्ख बोयो ऊ शैतान आय; कटायी जगत को अन्त हय, अऊर काटन वालो स्वर्गदूत आय। \v 40 येकोलायी जसो जंगली दाना जमा करयो जावय अऊर जलायो जावय हंय वसोच जगत को अन्त म होयेंन। \v 41 आदमी को बेटा अपनो स्वर्गदूतों ख भेजेंन, अऊर हि ओको राज्य म सी सब ठोकर को वजह ख अऊर अधर्म को काम करन वालो ख जमा करेंन, \v 42 अऊर उन्ख आगी को कुण्ड म डालेंन, जित रोवनो अऊर दात कटरनो होयेंन। \v 43 ऊ समय सच्चो लोग अपनो स्वर्गीय पिता को राज्य म सूरज को जसो चमकेंन। जेको कान हय ऊ सुन ले। \s लूक्यो हुयो खजाना को दृष्टान्त \p \v 44 “स्वर्ग को राज्य खेत म लूक्यो हुयो धन को जसो हय, जेक कोयी आदमी न पायो अऊर ओख फिर सी लूकाय दियो, अऊर ओको वजह खुश होय क ओन अपनो सब कुछ बिक दियो अऊर ऊ खेत ख लेय लियो। \s अनमोल मोती को दृष्टान्त \p \v 45 “फिर स्वर्ग को राज्य एक व्यापारी को जसो हय जो अच्छो मोतियों की खोज म होतो। \v 46 जब ओख एक कीमती मोती मिल्यो त ओन जाय क अपनो सब कुछ बिक डाल्यो अऊर ओख ले लियो। \s जार को दृष्टान्त \p \v 47 “फिर स्वर्ग को राज्य ऊ बड़ो जार को जसो हय जो समुन्दर म डाल्यो गयो, अऊर हर तरह की मच्छी अऊर जीवजन्तु ख जमा कर क् लायो। \v 48 अऊर जब जार मच्छी अऊर जीवजन्तु सी भर गयो, त मछवारों न ओख किनार पर झीकन क लायो, अऊर बैठ क अच्छो बर्तनों म मच्छी अऊर जीव ख जमा करयो अऊर बेकार बेकार ख फेक दियो। \v 49 जगत को अन्त म असोच होयेंन। स्वर्गदूत आय क बुरो ख सच्चो लोगों सी अलग करेंन, \v 50 अऊर उन्ख आगी को कुण्ड म डालेंन। जित रोवनो अऊर दात कटरनो होयेंन। \s पुरानी अऊर नयी शिक्षा को महत्व \p \v 51 “का तुम न यो सब बाते समझी?” \p चेला न उत्तर दियो “हव।” \p \v 52 यीशु न उन्को सी कह्यो, “येकोलायी हर एक धर्मशास्त्री जो स्वर्ग को राज्य को चेला बन्यो हय, ऊ घर को मालिक को जसो हय जो अपनो भण्डार सी नयी अऊर पुरानी चिजे निकालय हय।” \s नासरत नगर म यीशु को इन्कार करनो \r (मरकुस ६:१-६; लूका ४:१६-३०) \p \v 53 जब यीशु यो सब दृष्टान्त कहन को बाद, उत सी चली गयो। \v 54 अऊर अपनो नगर म आय क उन्को आराधनालय म उन्ख असो उपदेश देन लग्यो कि हि अचम्भित होय क कहन लग्यो, “येख यो ज्ञान अऊर अद्भुत सामर्थ को काम कित सी मिल्यो? \v 55 का यो बढ़यी को बेटा नोहोय? अऊर का येकी माय को नाम मरियम अऊर येको भाऊ को नाम याकूब, यूसुफ, शिमोन अऊर यहूदा नोहोय? \v 56 अऊर का येकी सब बहिन हमरो बीच म नहीं रह्य? फिर येख यो सब कित सी मिल्यो?” \v 57 \x + \xo १३:५७ \xo*\xt यूहन्ना ४:४४\xt*\x*यो तरह उन्न ओको वजह ठोकर खायी। \p पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “भविष्यवक्ता को अपनो देश अऊर अपनो घर ख छोड़ अऊर कहीं भी अपमान नहीं होवय।” \v 58 अऊर ओन उत उन्को अविश्वास को वजह बहुत सो सामर्थ को काम नहीं करयो। \c 14 \s यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो की हत्या \r (मरकुस ६:१४-२९; लूका ९:७-९) \p \v 1 ऊ समय देश को चौथाई भाग को राजा हेरोदेस न यीशु की चर्चा सुनी, \v 2 अऊर अपनो सेवकों सी कह्यो, “यो यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो आय! ऊ मरयो हुयो म सी फिर सी जीन्दो भयो हय, येकोलायी ओको सी यो सामर्थ को काम प्रगट होवय हंय।” \p \v 3 \x + \xo १४:३ \xo*\xt लूका ३:१९,२०\xt*\x*कहालीकि हेरोदेस न अपनो भाऊ फिलिप्पुस की पत्नी हेरोदियास को वजह, यूहन्ना ख पकड़ क बान्ध्यो अऊर जेलखाना म डाल दियो होतो। \v 4 कहालीकि यूहन्ना न ओको सी कह्यो होतो कि येख रखनो तोरो लायी उचित नहाय। \v 5 येकोलायी ऊ ओख मार डालनो चाहत होतो, पर लोगों सी डरत होतो कहालीकि हि ओख भविष्यवक्ता मानत होतो। \p \v 6 पर जब हेरोदेस को जनम दिन आयो, त हेरोदियास की बेटी न उत्सव म नाच दिखाय क हेरोदेस ख खुश करयो। \v 7 येको पर ओन कसम खाय क वचन दियो, “जो कुछ तय मोख मांगजो, मय तोख देऊं।” \p \v 8 वा अपनी माय ख उकसायो जानो सी बोली, “यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को मुंड थारी म यहां मोख मंगाय देवो।” \p \v 9 राजा दु:खी भयो, पर अपनी कसम को, अऊर संग म जेवन करन बैठन वालो को वजह, आज्ञा दियो कि दे दियो जाये। \v 10 अऊर ओन जेलखाना म लोगों ख भेज क यूहन्ना को मुंड कटाय दियो; \v 11 अऊर ओको मुंड थारी म लायो अऊर बेटी ख दियो गयो, अऊर ओन अपनी माय को जवर ले गयी। \v 12 तब यूहन्ना को चेला आयो अऊर ओकी लाश ख लिजाय क गाड़ दियो, अऊर जाय क यीशु ख सुसमाचार दियो। \s पाच हजार आदमियों ख खिलानो \r (मरकुस ६:३०-४४; लूका ९:१०-१७; यूहन्ना ६:१-१४) \p \v 13 जब यीशु न यूहन्ना को बारे म यो सुन्यो, त ऊ डोंगा पर चढ़ क उत सी कोयी सुनसान जागा को, एकान्त म चली गयो। लोग यो सुन क नगर-नगर सी पैदल चल ख ओको पीछू चली गयो। \v 14 ओन निकल क एक बड़ी भीड़ देखी अऊर उन पर तरस खायो, अऊर उन्को बीमारों ख चंगो करयो। \p \v 15 जब शाम भयी त ओको चेलावों न ओको जवर आय क कह्यो, “यो सुनसान जागा आय अऊर देर होय रही हय; लोगों ख बिदा करयो जाये कि हि बस्तियों म जाय क अपनो लायी भोजन ले ले।” \p \v 16 पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “उन्को जानो जरूरी नहाय! तुमच इन्क खान ख देवो।” \p \v 17 उन्न ओको सी कह्यो, “इत हमरो जवर पाच रोटी अऊर दोय मच्छी ख छोड़ क अऊर कुछ नहाय।” \p \v 18 यीशु न कह्यो, “उन्ख इत मोरो जवर लावो।” \v 19 तब यीशु न लोगों ख घास पर बैठन ख कह्यो, अऊर उन पाच रोटी अऊर दोय मच्छी ख लियो; अऊर स्वर्ग को तरफ देख क धन्यवाद करयो अऊर रोटी तोड़-तोड़ क चेलावों ख दियो, अऊर चेलावों न लोगों ख। \v 20 जब सब लोग खाय क सन्तुष्ट भय गयो, त चेलावों न बच्यो हुयो टुकड़ा सी भरी हुयी बारा टोकनियां उठायी। \v 21 अऊर खान वालो बाईयों अऊर बच्चां ख छोड़ क, पाच हजार आदमियों को लगभग होतो। \s यीशु को पानी पर चलनो \r (मरकुस ६:४५-५२; यूहन्ना ६:१५-२१) \p \v 22 तब यीशु न तुरतच अपनो चेलावों ख डोंगा पर चढ़न लायी मजबूर करयो कि हि ओको सी पहिले ओन पार चली जाये, जब तक ऊ लोगों ख बिदा करे। \v 23 ऊ लोगों ख बिदा कर क्, प्रार्थना करन ख अलग पहाड़ी पर चली गयो; अऊर शाम ख ऊ उत अकेलो होतो। \v 24 ऊ समय डोंगा किनार सी दूर झील को बीच लहरो सी डगमगावत होतो, कहालीकि हवा आगु की होती। \p \v 25 अऊर यीशु तीन बजे सी छे बजे को बीच भुन्सारो म झील पर चलतो हुयो उन्को जवर आयो। \v 26 चेला ओख झील पर चलतो हुयो देख क घबराय गयो। अऊर कहन लग्यो, “यो भूत आय!” अऊर डर को मारे चिल्लावन लग्यो। \p \v 27 तब यीशु न तुरतच उन्को सी बाते करी अऊर कह्यो, “हिम्मत रखो! मय आय, डरो मत!” \p \v 28 पतरस न ओख उत्तर दियो, “हे प्रभु, यदि तयच आय, त मोख अपनो जवर पानी पर चल क आवन कि आज्ञा दे।” \p \v 29 ओन कह्यो, “आव!” तब पतरस डोंगा पर सी उतर क यीशु को जवर जाय क पानी पर चलन लग्यो। \v 30 पर हवा ख देख क डर गयो, अऊर जब डुबन लग्यो त चिल्लाय क कह्यो, “हे प्रभु, मोख बचाव!” \p \v 31 यीशु न तुरतच हाथ बढ़ाय क ओख धर लियो अऊर ओको सी कह्यो, “हे अविश्वासी, तय न कहाली सक करयो?” \p \v 32 जब हि डोंगा पर चढ़ गयो, त हवा रुक गयी। \v 33 येको पर उन्न जो डोंगा पर होतो, ओख दण्डवत प्रनाम कर क् कह्यो, “सचमुच, तय परमेश्वर को बेटा आय।” \s गन्नेसरत म रोगियों ख चंगो करनो \r (मरकुस ६:५३-५६) \p \v 34 हि झील को ओन पार उतर क गन्नेसरत म पहुंच्यो। \v 35 उत को लोगों न ओख पहिचान लियो अऊर आजु बाजू को पूरो देश म सुसमाचार भेज्यो, अऊर सब बीमारों ख ओको जवर लायो, \v 36 अऊर ओको सी बिनती करन लग्यो कि ऊ उन्ख अपनो कपड़ा को कोना ख छूवन दे; अऊर जितनो न ओको कपड़ा ख छूयो, हि चंगो भय गयो। \c 15 \s पूर्वजों की शिक्षा \r (मरकुस ७:१-१३) \p \v 1 तब यरूशलेम सी कुछ फरीसी अऊर धर्मशास्त्री यीशु को जवर आय क कहन लग्यो, \v 2 “तोरो चेला बुजूर्गों की परम्परावों ख कहाली टालय हंय, कि हाथ धोयो बिना रोटी खावय हंय?” \v 3 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “तुम भी अपनी परम्परावों को वजह कहाली परमेश्वर की आज्ञा टालय हय?” \v 4 कहालीकि परमेश्वर न कह्यो हय, “अपनो बाप अऊर माय को आदर करजो, अऊर जो कोयी बाप यां माय ख बुरो कहेंन, ऊ मार डाल्यो जाय।” \v 5 पर तुम कह्य हय कि यदि कोयी अपनो बाप यां माय सी कहे, “जो कुछ तोख मोरो सी फायदा मिल सकत होतो, ऊ परमेश्वर ख दान कर दियो,” \v 6 त ऊ अपनो बाप को आदर नहीं करय, यो तरह तुम न अपनी परम्परा को वजह परमेश्वर को वचन ख टाल दियो। \v 7 हे कपटियों, यशायाह न तुम्हरो बारे म या भविष्यवानी ठीकच करी हय: \fig यहूदियों की हाथ धोवन कि रिती |alt="Ceremonial washing" src="lb00280c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१५:२"\fig* \q1 \v 8 “हि लोग होठों सी त मोरो आदर करय हंय, \q2 पर उन्को मन मोरो सी दूर रह्य हय। \q1 \v 9 अऊर हि बेकार म मोरी भक्ति करय हंय, \q2 कहालीकि उन्की शिक्षा त केवल आदमियों को सिखायो हुयो नियम शास्त्र हंय।” \s अशुद्ध करन वाली बाते \r (मरकुस ७:१४-२३) \p \v 10 तब ओन भीड़ ख अपनो जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, “सुनो, अऊर समझो: \v 11 जो मुंह म जावय हय, ऊ आदमी ख अशुद्ध नहीं करय, पर जो मुंह सी निकलय हय, उच आदमी ख अशुद्ध करय हय।” \p \v 12 तब चेलावों न आय क यीशु सी कह्यो, “का तय जानय हय कि फरीसियों न यो वचन सुन क ठोकर खायो?” \p \v 13 ओन उत्तर दियो, “हर एक रोप जो मोरो स्वर्गीय पिता न नहीं लगायो, ऊ उखाड़्यो जायेंन। \v 14 \x + \xo १५:१४ \xo*\xt लूका ६:३९\xt*\x*उन्ख जान देवो; हि अन्धा रस्ता दिखावन वालो आय अऊर अन्धा यदि अन्धो आदमी ख रस्ता दिखाये, त दोयीच गड्डा म गिर जायेंन।” \p \v 15 यो सुन क पतरस न ओको सी कह्यो, “यो दृष्टान्त हम्ख समझाय दे।” \p \v 16 यीशु न कह्यो, “का तुम भी अब तक नासमझ हय? \v 17 का तुम नहीं जानय कि जो कुछ मुंह म जावय हय, ऊ पेट म पड़य हय, अऊर शरीर सी निकल जावय हय? \v 18 \x + \xo १५:१८ \xo*\xt मत्ती १२:३४\xt*\x*पर जो कुछ मुंह सी निकलय हय, ऊ मन सी निकलय हय, अऊर उच आदमी ख अशुद्ध करय हय। \v 19 कहालीकि बुरो बिचार, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही अऊर निन्दा यो मन सीच निकलय हय। \v 20 योच आय जो आदमी ख अशुद्ध करय हंय, पर बिना हाथ धोयो जेवन करनो आदमी ख अशुद्ध नहीं करय।” \s बाई को विश्वास \r (मरकुस ७:२४-३०) \p \v 21 यीशु उत सी निकल क, सूर अऊर सैदा को प्रदेश को तरफ चली गयो। \v 22 अऊर देखो, ऊ प्रदेश की एक कनानी बाई निकल क आयी, अऊर जोर की आवाज सी कहन लगी, “हे प्रभु! दाऊद की सन्तान, मोरो पर दया कर! मोरी बेटी ख दुष्ट आत्मा सताय रही हय।” \p \v 23 पर ओन ओख कुछ भी उत्तर नहीं दियो। चेलावों न ओको जवर आय क बिनती करन लग्यो, “येख भेज दे, कहालीकि वा चिल्लाती हमरो पीछू आय रही हय।” \p \v 24 पर यीशु न उत्तर दियो, “इस्राएल को घराना की खोयी हुयी मेंढीं ख छोड़ मय कोयी को जवर नहीं भेज्यो गयो।” \p \v 25 पर वा आयी, अऊर यीशु ख प्रनाम कर क् कहन लगी, “हे प्रभु, मोरी मदद कर!” \p \v 26 यीशु न उत्तर दियो, “बच्चा की रोटी ले क कुत्ता को आगु डालनो ठीक नहाय।” \p \v 27 यो बात पर बाई न कह्यो, “सच हय प्रभु, पर कुत्ता भी ऊ जुठो खावय हंय, जो उन्को मालिक की मेज सी गिरय हंय।” \p \v 28 येको पर यीशु न ओख उत्तर दियो, “हे बाई, तोरो विश्वास बड़ो हय। जसो तय चाहवय हय, तोरो लायी वसोच हो।” अऊर ओकी बेटी उच घड़ी सी चंगी भय गयी। \s कुछ रोगियों ख चंगो करनो \p \v 29 यीशु उत सी गलील को झील को जवर आयो, अऊर उत पहाड़ी पर चढ़ क बैठ गयो। \v 30 तब भीड़ की भीड़ ओको जवर आयी। हि अपनो संग बहुत लंगड़ा, अन्धा, मुक्का, टुण्डा अऊर दूसरों बहुत सो ख ओको जवर लायो, अऊर उन्ख ओको पाय पर डाल दियो, अऊर ओन उन्ख चंगो कर दियो। \v 31 जब लोगों न देख्यो कि मुक्का बोलय, अऊर टुण्डा चंगो होवय, अऊर लंगड़ा चलय, अऊर अन्धा देखय हंय त अचम्भा कर क् इस्राएल को परमेश्वर की बड़ायी करी। \s चार हजार लोगों ख खिलानो \r (मरकुस ८:१-१०) \p \v 32 यीशु न अपनो चेलावों ख बुलाय क कह्यो, “मोख यो भीड़ पर तरस आवय हय, कहालीकि हि तीन दिन सी मोरो संग हंय अऊर उन्को जवर कयीच खान को नहाय। मय उन्ख भूखो भेजनो नहीं चाहऊ, कहीं असो नहीं होय कि रस्ता म थक क रह्य जाये।” \p \v 33 चेलावों न यीशु सी कह्यो, “हम्ख यो जंगल म कित सी इतनी रोटी मिलेंन कि हम इतनी बड़ी भीड़ ख सन्तुष्ट करबो?” \p \v 34 यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, “तुम्हरो जवर कितनी रोटी हंय?” \p उन्न कह्यो, “सात, अऊर थोड़ी सी छोटी मच्छी।” \p \v 35 तब यीशु न लोगों ख जमीन पर बैठन की आज्ञा दियो। \v 36 अऊर उन सात रोटी अऊर मच्छी ख लियो, अऊर धन्यवाद कर क् तोड़्यो, अऊर अपनो चेलावों ख देतो गयो, अऊर चेलावों न लोगों ख। \v 37 तब सब खाय क सन्तुष्ट भय गयो अऊर चेलावों न बच्यो हुयो टुकड़ा सी भरयो हुयो सात टोकनी उठायी। \v 38 जितनो न खायो, उन्म बाईयों अऊर बच्चां को अलावा चार हजार आदमी होतो। \p \v 39 तब उन भीड़ ख बिदा कर क् डोंगा पर चढ़ गयो, अऊर मगदन क्षेत्र म आयो। \c 16 \s स्वर्गीय चिन्ह की मांग \r (मरकुस ८:११-१३; लूका १२:५४-५६) \p \v 1 \x + \xo १६:१ \xo*\xt मत्ती १२:३८; लूका ११:१६\xt*\x*यीशु को जवर फरीसियों अऊर सदूकियों न आय क परखन लायी ओको सी कह्यो, “हम्ख स्वर्ग को कोयी चिन्ह दिखाव।” \v 2 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “शाम ख तुम कह्य हय, ‘मौसम अच्छो रहेंन, कहालीकि आसमान लाल हय,’ \v 3 अऊर भुन्सारे म कह्य हय, ‘अज आन्धी आयेंन, कहालीकि आसमान लाल अऊर धूंधलो हय।’ तुम आसमान को हवामान ख देख क ओको भेद बताय सकय हय, पर समय को चिन्ह को भेद कहाली नहीं बताय सकय? \v 4 \x + \xo १६:४ \xo*\xt मत्ती १२:३९; लूका ११:२९\xt*\x*यो युग को बुरो अऊर व्यभिचारी लोग चिन्ह ढूंढय हंय, पर योना को चिन्ह ख छोड़ उन्ख अऊर कोयी चिन्ह दियो नहीं जायेंन।” \p अऊर ऊ उन्ख छोड़ क चली गयो। \s फरीसियों अऊर सदूकियों की शिक्षा को खमीर \r (मरकुस ८:१४-२१) \p \v 5 चेला समुन्दर को ओन पार पहुंच्यो, पर हि रोटी धरनो भूल गयो होतो। \v 6 \x + \xo १६:६ \xo*\xt लूका १२:१\xt*\x*यीशु न उन्को सी कह्यो, “देखो, फरीसियों अऊर सदूकियों को खमीर जसो शिक्षा सी चौकस रहजो।” \v 7 हि आपस म बिचार करन लग्यो, “हम न रोटी नहीं लायो येकोलायी ऊ असो कह्य हय।” \v 8 यो जान क, यीशु न उन्को सी कह्यो, “हे अविश्वासियों, तुम आपस म कहाली बिचार करय हय कि हमरो जवर रोटी नहाय? \v 9 \x + \xo १६:९ \xo*\xt मत्ती १४:१७-२१\xt*\x*का तुम अब तक नहीं समझ्यो? का याद करय कि जब पाच हजार लोगों लायी पाच रोटी होती त तुम्न कितनी टोकनियां उठायी होती? \v 10 \x + \xo १६:१० \xo*\xt मत्ती १५:३४-३८\xt*\x*अऊर चार हजार लायी सात रोटी होती त तुम्न कितनी टोकनी उठायी होती? \v 11 तुम कहाली नहीं समझय कि मय न तुम्हरो सी रोटी को बारे म नहीं कह्यो, पर यो कि तुम फरीसियों अऊर सदूकियों को खमीर सी चौकस रहजो।” \v 12 तब चेला को समझ म आयो कि ओन रोटी को खमीर को बारे म नहीं, पर फरीसियों अऊर सदूकियों की शिक्षा सी चौकस रहन लायी कह्यो होतो। \s पतरस न यीशु ख मसीह स्वीकारयो \r (मरकुस ८:२७-३०; लूका ९:१८-२१) \p \v 13 यीशु कैसरिया फिलिप्पी को प्रदेश म आयो, अऊर अपनो चेलावों सी पूछन लग्यो, “लोग आदमी को बेटा ख का कह्य हंय?” \v 14 \x + \xo १६:१४ \xo*\xt मत्ती १४:१,२; मरकुस ६:१४,१५; लूका ९:७,८\xt*\x*उन्न कह्यो, “कुछ त यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो कह्य हंय, अऊर कुछ एलिय्याह, अऊर कुछ यिर्मयाह यां भविष्यवक्तावों म सी कोयी एक कह्य हंय।” \v 15 ओन उन्को सी कह्यो, “पर तुम मोख का कह्य हय?” \v 16 \x + \xo १६:१६ \xo*\xt यूहन्ना ६:६८,६९\xt*\x*शिमोन पतरस न उत्तर दियो, “तय जीन्दो परमेश्वर को बेटा मसीह आय।” \v 17 यीशु न ओख उत्तर दियो, “हे शिमोन, योना को बेटा, तय धन्य हय; कहालीकि मांस अऊर खून न नहीं; पर मोरो बाप न जो स्वर्ग म हय, यो बात तोरो पर प्रगट करी हय। \v 18 अऊर मय भी तोरो सी कहू हय कि तय पतरस आय, अऊर मय यो गोटा पर अपनी मण्डली बनाऊं, अऊर मृत्यु की सामर्थ ओको पर हावी नहीं होयेंन। \v 19 \x + \xo १६:१९ \xo*\xt मत्ती १८:१८; यूहन्ना २०:२३\xt*\x*मय तोख स्वर्ग को राज्य की कुंजी देऊं: अऊर जो कुछ तय धरती पर बान्धजो, ऊ स्वर्ग म बन्धेंन; अऊर जो कुछ तय धरती पर खोलजो, ऊ स्वर्ग म खुलेंन।” \v 20 तब ओन चेलावों ख चितायो कि कोयी सी मत कहजो कि मय मसीह आय। \s अपनो मरनो को बारे म यीशु की भविष्यवानी \r (मरकुस ८:३१-३३; लूका ९:२२) \p \v 21 ऊ समय सी यीशु अपनो चेलावों ख बतावन लग्यो, “जरूरी हय कि मय यरूशलेम ख जाऊं अऊर बुजूर्गों, अऊर मुख्य याजकों, अऊर धर्मशास्त्रियों को हाथ सी बहुत दु:ख उठाऊ; अऊर मार डाल्यो जाऊं; अऊर तीसरो दिन जीन्दो होऊं।” \v 22 येको पर पतरस ओख अलग लिजाय क डाटन लग्यो, “हे प्रभु परमेश्वर असो नहीं करे! तोरो संग असो कभी नहीं होयेंन।” \v 23 ओन मुड़ क पतरस सी कह्यो, “हे शैतान, मोरो आगु सी दूर होय जा! तय मोरो लायी ठोकर को वजह हय; कहालीकि तय परमेश्वर की बातों पर नहीं, पर आदमियों की बातों पर मन लगावय हय।” \s यीशु को पीछू चलन को मतलब \r (मरकुस ८:३४–९:१; लूका ९:२३-२७) \p \v 24 \x + \xo १६:२४ \xo*\xt मत्ती १०:३८; लूका १४:२७\xt*\x*तब यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “यदि कोयी मोरो पीछू आवनो चाहवय, त अपनो खुद को इन्कार करे अऊर अपनो क्रूस उठाये, अऊर मोरो पीछू हो ले। \v 25 \x + \xo १६:२५ \xo*\xt मत्ती १०:३९; लूका १७:३३; यूहन्ना १२:२५\xt*\x*कहालीकि जो कोयी अपनो जीव बचावनो चाहेंन, ऊ ओख खोयेंन; अऊर जो कोयी मोरो लायी अपनो जीव खोयेंन, ऊ ओख पायेंन। \v 26 यदि आदमी पूरो जगत ख पा ले अऊर अपनो जीव की हानि उठायेंन, त ओख का फायदा होयेंन? यो आदमी अपनो जीव को बदला का देयेंन? \v 27 \x + \xo १६:२७ \xo*\xt मत्ती २५:३१; \xt*\xt रोमियों २:६\xt*\x*आदमी को बेटा अपनो स्वर्गदूतों को संग अपनो बाप की महिमा म आयेंन, अऊर ऊ घड़ी ‘ऊ हर एक ख ओको काम को अनुसार प्रतिफल देयेंन।’ \v 28 मय तुम सी सच कहू हय कि जो इत खड़ो हंय, उन्म सी कुछ असो हंय कि हि जब तक आदमी को बेटा ख ओको राज्य म आवतो हुयो नहीं देख लेयेंन, तब तक मरन को स्वाद कभी नहीं चखेंन।” \c 17 \s यीशु को रूप को बदलाव \r (मरकुस ९:२-१३; लूका ९:२८-३६) \p \v 1 छे दिन को बाद यीशु न पतरस अऊर याकूब अऊर ओको भाऊ यूहन्ना ख अपनो संग ले क उन्ख एकान्त म कोयी ऊचो पहाड़ी पर ले गयो। \v 2 उत उन्को आगु ओको रूप को बदलाव भयो अऊर ओको मुंह सूरज को जसो चमक्यो अऊर ओको कपड़ा प्रकाश को जसो उजलो भय गयो। \v 3 अऊर मूसा अऊर एलिय्याह ओको संग बाते करतो हुयो उन्ख दिखायी दियो। \p \v 4 येको पर पतरस न यीशु सी कह्यो, “हे प्रभु, हमरो इत रहनो अच्छो हय। यदि तोरी इच्छा हय त मय इत तीन मण्डा बनाऊं; एक तोरो लायी, एक मूसा लायी, अऊर एक एलिय्याह लायी।” \v 5 \x + \xo १७:५ \xo*\xt मत्ती ३:१७; १२:१८; मरकुस १:११; लूका ३:२२\xt*\xt २ पतरस १:१७,१८\xt*\x*ऊ बोलतच रह्यो होतो कि एक उज्वल बादर न उन्ख छाय लियो, अऊर ऊ बादर म सी यो आवाज निकली: “यो मोरो प्रिय बेटा आय, जेकोसी मय बहुत खुश हय: येकी सुनो।” \v 6 जब चेलावों न यो सुन्यो त हि मुंह को बल गिरयो अऊर बहुत डर गयो। \v 7 यीशु न जवर आय क उन्ख छूयो, अऊर कह्यो, “उठो, डरो मत।” \v 8 तब उन्न ऊपर देख्यो अऊर यीशु ख छोड़ अऊर कोयी ख नहीं देख्यो। \p \v 9 जब हि पहाड़ी सी उतर रह्यो होतो तब यीशु न उन्ख यो आज्ञा दियो, “जब तक आदमी को बेटा मरयो हुयो म सी जीन्दो नहीं होवय, तब तक जो कुछ तुम न देख्यो हय कोयी सी मत कहजो।” \v 10 येको पर ओको चेलावों न ओको सी पुच्छ्यो, “फिर धर्मशास्त्री कहाली कह्य हंय कि एलिय्याह को पहिलो आवनो जरूरी हय?” \v 11 ओन उत्तर दियो, “एलिय्याह जरूर आयेंन,” अऊर सब कुछ सुधारेंन। \v 12 \x + \xo १७:१२ \xo*\xt मत्ती ११:१४\xt*\x*पर मय तुम सी कहू हय कि एलिय्याह आय गयो हय, अऊर लोगों न ओख नहीं जान्यो; पर जसो उन्न चाह्यो वसोच ओको संग करयो। वसोच आदमी को बेटा भी उन्को हाथ सी दु:ख उठायेंन। \v 13 तब चेलावों न समझ्यो कि ओन हमरो सी यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को बारे म कह्यो होतो। \s मिर्गी की दुष्ट आत्मा सी पीड़ित बच्चा ख चंगायी \r (मरकुस ९:१४-२९; लूका ९:३७-४३) \p \v 14 जब हि भीड़ को जवर पहुंच्यो, त एक आदमी यीशु को जवर आयो, अऊर ओको आगु घुटना टेक क कहन लग्यो, \v 15 “हे प्रभु, मोरो बेटा पर दया कर! कहालीकि ओख मिर्गी आवय हय, अऊर ऊ बहुत दु:ख उठावय हय; अऊर बार-बार कभी आगी अऊर कभी पानी म गिर पड़य हय। \v 16 मय ओख तोरो चेलावों को जवर लायो होतो, पर हि ओख चंगो नहीं कर सक्यो।” \p \v 17 यीशु न उत्तर दियो, “हे अविश्वासी अऊर जिद्दी लोगों, मय कब तक तुम्हरो संग रहूं? मय कब तक तुम्हरी सहूं? ओख इत मोरो जवर लावो।” \v 18 तब यीशु न दुष्ट आत्मा ख डाट्यो, अऊर वा ओको म सी निकल गयी; अऊर बेटा उच घड़ी चंगो भय गयो। \p \v 19 तब चेलावों न एकान्त म यीशु को जवर आय क कह्यो, “हम दुष्ट आत्मा कहाली नहीं निकाल सक्यो?” \p \v 20 \x + \xo १७:२० \xo*\xt मत्ती २१:२१; मरकुस ११:२३; १ कुरिन्थियों १३:२\xt*\x*ओन उन्को सी कह्यो, “अपनो विश्वास की कमी को वजह सी, कहालीकि मय तुम सी सच कहू हंय, यदि तुम्हरो विश्वास राई को दाना को बराबर भी हय, त यो पहाड़ी सी कहजो, ‘इत सी सरक क उत चली जा,’ त ऊ चली जायेंन; अऊर कोयी बात तुम्हरो लायी असम्भव नहीं होयेंन। \v 21 पर यो जाति प्रार्थना अऊर उपवास को अलावा अऊर कोयी उपाय सी नहीं निकलय।”\f + \fr १७:२१ \fr*\ft यो वचन हस्तलेखों म नहीं पायो जावय\ft*\f* \s अपनो मरनो यां पुनरुत्थान की भविष्यवानी यीशु को द्वारा \r (मरकुस ९:३०-३२; लूका ९:४३-४५) \p \v 22 जब हि गलील क्षेत्र म होतो, त यीशु न उन्को सी कह्यो, “आदमी को बेटा आदमियों को हाथ म पकड़ायो जायेंन; \v 23 हि ओख मार डालेंन, अऊर ऊ तीसरो दिन जीन्दो होयेंन।” यो बात पर चेला बहुत उदास भयो। \s मन्दिर को कर \p \v 24 जब हि कफरनहूम पहुंच्यो, त मन्दिर को कर लेनवालो न पतरस को जवर आय क पुच्छ्यो, “का तुम्हरो गुरु मन्दिर को कर नहीं देवय?” \p \v 25 ओन कह्यो, “हव, देवय हय।” \p जब ऊ घर म आयो, त यीशु न पहिले ओको सी पुच्छ्यो, “शिमोन, तय का सोचय हय? धरती को राजा चुंगी यां कर कौन्को सी लेवय हंय, अपनो बेटा सी यां परायो सी?” \p \v 26 पतरस न ओको सी कह्यो, “परायो सी।” \p यीशु न ओको सी कह्यो, “त बेटा कर देनो सी बच गयो। \v 27 पर असो नहीं होय कि हम उन्को लायी ठोकर को वजह बने, तय झील को किनार जाय क गरी डाल, अऊर जो मच्छी पहिले निकले, ओख ले; अऊर ओको मुंह खोलन पर तोख एक सिक्का मिलेंन, ओख ले क मोरो अऊर अपनो बदला को उन्ख दे देजो।” \c 18 \s स्वर्ग को राज्य म बड़ो कौन? \r (मरकुस ९:३३-३७; लूका ९:४६-४८) \p \v 1 \x + \xo १८:१ \xo*\xt लूका २२:२४\xt*\x*ऊ समय चेला यीशु को जवर आय क पूछन लग्यो, “स्वर्ग को राज्य म सब सी बड़ो कौन हय?” \p \v 2 येको पर ओन एक बच्चा ख जवर बुलाय क उन्को बीच म खड़ो करयो, \v 3 \x + \xo १८:३ \xo*\xt मरकुस १०:१५; लूका १८:१७\xt*\x*अऊर कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि जब तक तुम नहीं फिरो अऊर बच्चा को जसो नहीं बनो, त तुम स्वर्ग को राज्य म सिरनो नहीं पावों। \v 4 जो कोयी अपनो आप ख यो बच्चा को जसो छोटो करेंन, ऊ स्वर्ग को राज्य म बड़ो होयेंन। \v 5 अऊर जो कोयी मोरो नाम सी एक असो बच्चा ख स्वीकार करय हय ऊ मोख स्वीकार करय हय। \s पाप करन की परीक्षा \r (मरकुस ९:४२-४८; लूका १७:१,२) \p \v 6 “पर जो कोयी इन छोटो म सी जो मोरो पर विश्वास करय हंय एक ख ठोकर खिलावय, त ओको लायी ठीक होतो कि ओको गरो म गरहट को पाट लटकाय क ओख समुन्दर की गहरायी म डुबायो जातो। \v 7 ठोकरो को वजह सी जगत पर हाय! ठोकरो को लगनो जरूरी हय; पर हाय ऊ आदमी पर जेकोसी ठोकर लगय हय। \p \v 8 \x + \xo १८:८ \xo*\xt मत्ती ५:३०\xt*\x*“यदि तोरो हाथ यां तोरो पाय तोख ठोकर खिलावय, त ओख काट क फेक दे; कहालीकि तोरो लायी टुण्डा यां लंगड़ा होय क जीवन म सिरनो येको सी कहीं अच्छो हय कि तय दोय हाथ यां दोय पाय होतो हुयो, अनन्त आगी म डाल्यो जाये। \v 9 \x + \xo १८:९ \xo*\xt मत्ती ५:२९\xt*\x*यदि तोरी आंखी तोख ठोकर खिलावय, त ओख निकाल क फेक दे; कहालीकि तोरो लायी एक आंखी सी अन्धो होय क जीवन म सिरनो येको सी कहीं अच्छो हय कि दोय आंखी रह्य क भी तय नरक की आगी म डाल्यो जाये। \s खोयी हुयी मेंढा को दृष्टान्त \r (लूका १५:३-७) \p \v 10 \x + \xo १८:१० \xo*\xt लूका १९:१०\xt*\x*“देखो, तुम इन छोटो म सी कोयी ख भी तुच्छ नहीं जानो; कहालीकि मय तुम सी कहू हय कि स्वर्ग म उन्को दूत मोरो स्वर्गीय पिता को मुंह हमेशा देखय हय। \v 11 कहालीकि आदमी को बेटा खोयो हुयो ख बचावन आयो हय। \p \v 12 “तुम का सोचय हय? यदि कोयी आदमी की सौ मेंढीं हय, अऊर उन्म सी एक भटक जाये, त का ऊ निन्यानवे ख पहाड़ी पर छोड़ क ऊ भटक्यो हुयो मेंढा ख नहीं ढूंढेंन? \v 13 अऊर यदि असो होय कि ओख मिल जावय, त मय तुम सी सच कहू हय कि ऊ उन निन्यानवे मेंढीं लायी जो भटक्यो नहीं होतो, इतनो खुशी नहीं करेंन जितनो कि यो मेंढा लायी करेंन। \v 14 असोच तुम्हरो बाप की जो स्वर्ग म हय यो इच्छा नहाय कि इन छोटो म सी एक भी नाश होय। \s भाऊ अऊर बहिन को पाप \p \v 15 \x + \xo १८:१५ \xo*\xt लूका १७:३\xt*\x*“यदि तोरो भाऊ तोरो विरोध म अपराध करे, त जा अऊर अकेलो म बातचीत कर क् ओख समझाव; यदि ऊ तोरी सुनय त तय न अपनो भाऊ ख पा लियो। \v 16 यदि ऊ नहीं सुनय, त एक यां दोय लोगों ख अपनो संग अऊर लिजाव, कि ‘हर एक बात दोय यां तीन गवाहों को मुंह सी निश्चित करयो जाये।’ \v 17 यदि ऊ उन्की भी नहीं मानय, त मण्डली सी कह्य दे, पर यदि ऊ मण्डली की भी न मानय त तय ओख गैरयहूदी अऊर कर लेनवालो जसो जान। \s रोकनो अऊर अवसर देनो \p \v 18 \x + \xo १८:१८ \xo*\xt मत्ती १६:१९; यूहन्ना २०:२३\xt*\x*“मय तुम सी सच कहूं हय, जो कुछ तुम धरती पर बान्धो, ऊ स्वर्ग म बन्धेंन अऊर जो कुछ तुम धरती पर खोलो, ऊ स्वर्ग म खुलेंन। \p \v 19 “तब मय तुम सी सच कहूं हय, यदि तुम म सी दोय लोग धरती पर कोयी बात लायी एक मन होय क ओख मांगेंन, त ऊ मोरो बाप को तरफ सी जो स्वर्ग म हय, उन्को लायी होय जायेंन। \v 20 कहालीकि जित दोय यां तीन मोरो नाम पर जमा होवय हंय, उत मय उन्को बीच म होऊं हय।” \s निर्दयी सेवक को दृष्टान्त \p \v 21 \x + \xo १८:२१ \xo*\xt लूका १७:३,४\xt*\x*तब पतरस न जवर आय क ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, यदि मोरो भाऊ अपराध करतो रह्यो, त मय कितनो बार ओख माफ करूं? का सात बार तक?” \p \v 22 यीशु न ओको सी कह्यो, “मय तोरो सी यो नहीं कहूं कि सात बार तक, बल्की सात बार को सत्तर गुना तक।” \v 23 येकोलायी स्वर्ग को राज्य ऊ राजा को जसो हय, जेन अपनो सेवकों सी हिसाब लेनो चाह्यो। \v 24 जब ऊ हिसाब लेन लग्यो, त एक लोग ओको जवर लायो गयो जो करोड़ो को कर्जदार होतो। \v 25 जब कि कर्ज चुकावन लायी ओको जवर कुछ भी नहीं होतो, त ओको मालिक न कह्यो, “यो अऊर येकी पत्नी अऊर येको बाल-बच्चा अऊर जो कुछ येको हय सब कुछ बेच्यो जाये, अऊर कर्ज चुकाय दियो जाये। \v 26 येको पर ऊ सेवक न गिर क ओख प्रनाम करयो, अऊर कह्यो, हे मालिक धीरज धर, मय सब कुछ भर देऊं।” \v 27 तब ऊ सेवक को मालिक न दया कर क ओख छोड़ दियो, अऊर ओको कर्ज भी माफ कर दियो। \p \v 28 “पर जब ऊ सेवक बाहेर निकल्यो, त ओको संगी सेवकों म सी एक ओख मिल्यो जो ओको सौ दीनार को कर्जदार होतो; ओन ओख पकड़ क ओकी घाटी पिचकल्यो अऊर कह्यो, ‘जो कुछ तोरो पर कर्ज हय भर दे।’ \v 29 येको पर ओको संगी सेवक ओको पाय पर गिर क ओको सी बिनती करन लग्यो, ‘धीरज धर, मय सब भर देऊं।’ \v 30 ओन नहीं मान्यो, पर जाय क ओख जेलखाना म डाल दियो कि जब तक कर्ज भर नहीं दे तब तक उतच रहे। \v 31 ओको संगी सेवक यो जो भयो होतो ओख देख क बहुत उदास भयो, अऊर जाय क अपनो मालिक ख पूरो हाल बताय दियो। \v 32 तब ओको मालिक न ओख बुलाय क ओको सी कह्यो, ‘हे दुष्ट सेवक, तय न जो मोरो सी बिनती करी, त मय न तोरो पूरो कर्ज माफ कर दियो। \v 33 येकोलायी जसो मय न तोरो पर दया करी, वसोच का तोख भी अपनो संगी सेवक पर दया करनो नहीं चाहत होतो?’ \v 34 अऊर ओको मालिक न गुस्सा म आय क ओख सजा देन वालो को हाथ म सौंप दियो, कि जब तक ऊ पूरो कर्ज भर नहीं दे, तब तक ऊ उन्को हाथ म रहेंन। \p \v 35 “येकोलायी यदि तुम म सी हर एक अपनो भाऊ ख मन सी माफ नहीं करेंन, त मोरो बाप जो स्वर्ग म हय, तुम सी भी वसोच करेंन।” \c 19 \s छोड़चिट्ठी को बारे म यीशु की शिक्षा \r (मरकुस १०:१-१२) \p \v 1 जब यीशु या बाते कह्य दियो, तब गलील सी चली गयो; अऊर यरदन नदी को पार यहूदिया को प्रदेश म आयो। \v 2 तब बड़ी भीड़ ओको पीछू भय गयी, अऊर ओन उत उन्ख चंगो करयो। \p \v 3 तब फरीसी ओकी परीक्षा लेन लायी ओको जवर आय क कहन लग्यो, “का कोयी भी अपनी पत्नी ख कोयी भी वजह सी छोड़ देनो उचित हय?” \p \v 4 ओन उत्तर दियो, “का तुम न नहीं पढ़्यो कि जेन उन्ख बनायो? ओन सुरूवात सीच नर अऊर नारी बनायो, \v 5 \x + \xo १९:५ \xo*\xt उत्पत्ति २:२४\xt*\x*अऊर कह्यो ‘येकोलायी आदमी अपनो माय-बाप सी अलग होय क अपनी पत्नी को संग रहेंन अऊर हि दोयी एक शरीर होयेंन?’ \v 6 येकोलायी हि अब दोय नहीं, पर एक शरीर हंय। येकोलायी जेक परमेश्वर न जोड़्यो हय, ओख आदमी अलग नहीं करे।” \p \v 7 \x + \xo १९:७ \xo*\xt मत्ती ५:३१\xt*\x*उन्न यीशु सी कह्यो, “त मूसा न यो कहाली ठहरायो हय कि कोयी पति अपनी पत्नी ख छोड़चिट्ठी दे क छोड़ दे?” \p \v 8 ओन उन्को सी कह्यो, “मूसा न तुम्हरो मन की कठोरता को वजह तुम्ख अपनी-अपनी पत्नी ख छोड़ देन की आज्ञा दी, पर सुरूवात सी असो नहीं होतो। \v 9 \x + \xo १९:९ \xo*\xt मत्ती ५:३२; १ कुरिन्थियों ७:१०,११\xt*\x*अऊर मय तुम सी कहूं हय, कि जो कोयी व्यभिचार ख छोड़ अऊर कोयी वजह सी अपनी पत्नी ख छोड़ क दूसरी सी बिहाव करे, त ऊ व्यभिचार करय हय।” \p \v 10 तब चेलावों न यीशु सी कह्यो, “यदि आदमी को अपनी पत्नी को संग असो सम्बन्ध हय, त यो अच्छो हय कि बिहाव नहीं करे।” \p \v 11 पर ओन कह्यो, “हि सब बिहाव को बिना नहीं रह्य सकय हंय, पर केवल उच रह्य सकय हय जेक यो दान दियो गयो हय। \v 12 कहालीकि कुछ नपुसक असो हंय, जो अपनी माय को गर्भ सी असो पैदा भयो; अऊर कुछ नपुसक असो हंय, जिन्ख आदमी न नपुसक बनायो; अऊर कुछ नपुसक असो भी हंय, जिन्न स्वर्ग को राज्य लायी अपनो आप ख नपुसक बनायो हय। जो येख स्वीकार कर सकय हय, ऊ स्वीकार करे।” \s बच्चां ख आशीर्वाद \r (मरकुस १०:१३-१६; लूका १८:१५-१७) \p \v 13 तब लोग बच्चां ख ओको जवर लायो कि ऊ उन पर हाथ रख क प्रार्थना करे, पर चेलावों न उन्ख डाट्यो। \v 14 तब यीशु न कह्यो, “बच्चां ख मोरो जवर आवन देवो, अऊर उन्ख मना मत कर, कहालीकि स्वर्ग को राज्य असोच को हय।” \p \v 15 अऊर ऊ उन पर हाथ रखन को बाद उत सी चली गयो। \s धनी आदमी \r (मरकुस १०:१७-३१; लूका १८:१८-३०) \p \v 16 एक आदमी यीशु को जवर आयो अऊर ओको सी कह्यो, “हे गुरु, मय कौन सो भलो काम करूं कि अनन्त जीवन पाऊ?” \p \v 17 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय मोरो सी भलायी को बारे म कहाली पूछय हय? भलो त एकच हय, पर यदि तय जीवन म सिरनो चाहवय हय, त आज्ञावों ख मानतो जावो।” \p \v 18 ओन ओको सी कह्यो, “कौन सी आज्ञा?” \p यीशु न कह्यो, “यो कि हत्या नहीं करनो, व्यभिचार नहीं करनो, चोरी नहीं करनो, झूठी गवाही नहीं देनो, \v 19 अपनो बाप अऊर अपनी माय को आदर करनो, अऊर अपनो पड़ोसी सी अपनो जसो प्रेम रखनो।” \p \v 20 ऊ जवान न यीशु सी कह्यो, “इन सब ख त मय न मान्यो हय; अब मोरो म कौन्सी बात की कमी हय?” \p \v 21 यीशु न ओको सी कह्यो, “यदि तय सिद्ध होनो चाहवय हय त जा, अपनो धन जायजाद बेच क गरीबों ख दे, अऊर तोख स्वर्ग म धन मिलेंन: अऊर आय क मोरो पीछू हो जा।” \p \v 22 पर ऊ जवान यो बात सुन्क उदास होय क चली गयो, कहालीकि ऊ बहुत धनी होतो। \p \v 23 तब यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि धनवान को स्वर्ग को राज्य म सिरनो कठिन हय। \v 24 तुम सी फिर कहू हय कि परमेश्वर को राज्य म धनवान को सिरनो सी ऊंट को सूई को नाक म सी निकल जानोच सहज हय।” \p \v 25 यो सुन क चेलावों न बहुत अचम्भित होय क कह्यो, “फिर कौन्को उद्धार होय सकय हय?” \p \v 26 यीशु न उन्को तरफ देख क कह्यो, “आदमियों सी त यो नहीं होय सकय, पर परमेश्वर सी सब कुछ होय सकय, हय।” \p \v 27 येको पर पतरस न यीशु सी कह्यो, “देख, हम त सब कुछ छोड़ क् तोरो पीछू भय गयो हंय: त हम्ख का मिलेंन?” \p \v 28 \x + \xo १९:२८ \xo*\xt मत्ती २५:३१; \xt*\xt लूका २२:३०\xt*\x*यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि नयी सृष्टि म जब आदमी को बेटा अपनी महिमा को सिंहासन पर बैठेंन, त तुम भी जो मोरो पीछू भय गयो हय, बारयी सिंहासनों पर बैठ क, इस्राएल को बारयी गोत्रों को न्याय करो। \v 29 अऊर जो कोयी न घरो, यां भाऊवों यां बहिनों, यां बाप यां माय, यां बाल-बच्चां यां खेतो ख मोरो नाम लायी छोड़ दियो हय, ओख सौ गुना मिलेंन, अऊर ऊ अनन्त जीवन को अधिकारी होयेंन।” \v 30 \x + \xo १९:३० \xo*\xt मत्ती २०:१६; लूका १३:३०\xt*\x*पर बहुत सो जो पहिलो हंय ऊ पिछलो होयेंन; अऊर जो पिछलो हंय, ऊ पहिलो होयेंन। \c 20 \s बाड़ी को मजूरों को दृष्टान्त \p \v 1 “स्वर्ग को राज्य कोयी घर को मालिक को जसो हय, जो सबेरे निकल्यो कि अपनी अंगूर की बाड़ी म मजूरों ख काम म लगाये। \v 2 ओन हर एक मजूरों सी एक \f + \fr २०:२ \fr*\ft रोमन सरकार को एक दीनार को मतलब हय एक दिन कि मजूरी \ft*\f*दीनार रोज पर ठहरायो अऊर उन्ख अपनी अंगूर की बाड़ी म काम पर भेज्यो। \v 3 तब नव बजे निकल क ओन दूसरों कुछ लोगों ख बजार म बेकार खड़ो देख्यो, \v 4 अऊर ओन कह्यो, ‘तुम भी अंगूर की बाड़ी म जावो, अऊर जो कुछ ठीक हय, तुम्ख देऊं।’ \v 5 येकोलायी हि भी गयो, तब ओन दूसरों बार बारा बजे अऊर तीन बजे निकल क वसोच करयो। \v 6 दिन डुबन को पहिले ओन पाच बजे फिर निकल क दूसरों ख खड़ो पायो, अऊर ओन कह्यो, ‘तुम कहाली इत दिन भर बेकार म खड़ो रह्यो?’ \v 7 उन्न ओको सी कह्यो, ‘कोयी न हम्ख मजूरी पर नहीं लगायो।’ ओन ओको सी कह्यो, ‘तुम भी अंगूर की बाड़ी म जावो।’” \p \v 8 “शाम ख अंगूर की बाड़ी को मालिक न अपनो मुनीम सी कह्यो, ‘मजूरों ख बुलाय क पिछलो सी ले क पहिलो तक उन्ख मजूरी दे।’ \v 9 पाच बजे जो मजूर ख लगायो गयो होतो, त उन्ख भी एक एक दीनार मिल्यो। \v 10 जो पहिले आयो उन्न यो समझ्यो कि हम्ख जादा मिलेंन, पर उन्ख भी एक एक दीनारच मिल्यो। \v 11 जब मिल्यो त हि घर मालिक पर कुड़कुड़ाय क कहन लग्यो, \v 12 ‘इन पिछलो न एकच घंटा काम करयो, अऊर तय न उन्ख हमरो बराबर कर दियो, जिन्न दिन भर काम करयो अऊर तपन झेली?’” \p \v 13 ओन उन्म सी एक ख उत्तर दियो, “हे संगी, मय तोरो सी कुछ अन्याय नहीं करू। का तय नच मोरो सी एक दीनार मजूरी नहीं ठहरायो होतो? \v 14 जो तोरो हय, ओख ले अऊर चली जा; मोरी इच्छा यो हय कि जितनो तोख देऊं उतनोच यो पिछलो वालो ख भी देऊं। \v 15 का यो उचित नहाय कि जो मोरो हय ओको म सी जो चाहऊ ऊ करूं? का मोरो अच्छो होन को वजह तय बुरी नजर सी देखय हय?” \v 16 \x + \xo २०:१६ \xo*\xt मत्ती १९:३०; मरकुस १०:३१; लूका १३:३०\xt*\x*योच तरह सी “जो पीछू हंय, हि आगु होयेंन; अऊर जो आगु हंय हि पीछू होयेंन।” \s अपनो मरनो को बारे म यीशु की तीसरी भविष्यवानी \r (मरकुस १०:३२-३४; लूका १८:३१-३४) \p \v 17 यीशु यरूशलेम ख जातो हुयो बारयी चेलावों ख एकान्त म लिजायो, अऊर रस्ता म उन्को सी कहन लग्यो, \v 18 “देखो, हम यरूशलेम ख जाय रह्यो हंय; अऊर आदमी को बेटा मुख्य याजकों अऊर धर्मशास्त्रियों को हाथ म पकड़ायो जायेंन, अऊर हि ओख सजा को लायक ठहरायेंन। \v 19 अऊर ओख गैरयहूदियों को हाथ सौंपेंन कि हि ओख ठट्ठा करे, अऊर कोड़ा मारे, अऊर क्रूस पर चढ़ाये, अऊर ऊ तीसरो दिन जीन्दो करयो जायेंन।” \s एक माय की बिनती \r (मरकुस १०:३५-४५) \p \v 20 तब जब्दी को बेटा की माय न, अपनो बेटा को संग यीशु को जवर आय क नमस्कार करयो, अऊर ओको सी कुछ मांगन लगी। \p \v 21 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय का चाहवय हय?” \p वा ओको सी बोली, “यो वचन दे कि मोरो यो दोयी बेटा तोरो राज्य म एक तोरो दायो अऊर एक तोरो बायो तरफ बैठे।” \p \v 22 यीशु न उत्तर दियो, “तुम नहीं जानय कि का मांगय हय। जो कटोरा मय पीवन पर हय, का तुम पी सकय हय?” \p उन्न ओको सी कह्यो, “पी सकय हंय।” \p \v 23 यीशु न ओको सी कह्यो, “तुम मोरो कटोरा त पीवो, पर अपनो दायो अऊर बायो कोयी ख बैठानो मोरो काम नहाय, पर जेको लायी मोरो बाप को तरफ सी तैयार करयो गयो, उन्कोच लायी हय।” \p \v 24 यो सुन्क दसो चेलावों उन दोयी भाऊवों पर गुस्सा भयो। \v 25 \x + \xo २०:२५ \xo*\xt लूका २२:२५,२६\xt*\x*यीशु न उन्ख जवर बुलाय क कह्यो, “तुम जानय हय कि गैरयहूदियों को अधिकारी उन पर प्रभुता करय हंय; अऊर जो बड़ो हंय, हि उन पर अधिकार जतावय हंय। \v 26 \x + \xo २०:२६ \xo*\xt मत्ती २३:११; मरकुस ९:३५; लूका २२:२६\xt*\x*पर तुम म असो नहीं होयेंन; पर जो कोयी तुम म बड़ो होनो चाहवय, ऊ तुम्हरो सेवक बने; \v 27 अऊर जो तुम म मुख्य होनो चाहवय, ऊ तुम्हरो सेवक बने; \v 28 जसो कि आदमी को बेटा; ऊ येकोलायी नहीं आयो कि ओकी सेवा टहल करी जाये, पर येकोलायी आयो कि खुद सेवा टहल करे, अऊर बहुत सो की छुड़ौती लायी अपनो जीव दे।” \s दोय अन्धा ख नजर दियो \r (मरकुस १०:४६-५२; लूका १८:३५-४३) \p \v 29 जब हि यरीहो नगर सी निकल रह्यो होतो, त एक बड़ी भीड़ यीशु को पीछू भय गयी। \v 30 अऊर दोय अन्धा, जो सड़क को किनार पर बैठ्यो होतो, यो सुन्क कि यीशु जाय रह्यो हय, पुकार क कहन लग्यो, “हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हमरो पर दया कर।” \p \v 31 लोगों न उन्ख डाट्यो कि चुप रहे; पर हि अऊर भी चिल्लाय क बोल्यो, “हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हमरो पर दया कर।” \p \v 32 तब यीशु न खड़ो होय क, उन्ख बुलायो अऊर कह्यो, “तुम का चाहवय हय कि मय तुम्हरो लायी करूं?” \p \v 33 उन्न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, यो कि हमरी आंखी खुल जाये।” \p \v 34 यीशु न तरस खाय क उन्की आंखी छूयो, अऊर हि तुरतच देखन लग्यो; अऊर ओको पीछू भय गयो। \c 21 \s यरूशलेम म सिरनो \r (मरकुस ११:१-११; लूका १९:२८-४०; यूहन्ना १२:१२-१९) \p \v 1 जब हि यरूशलेम नगर को जवर पहुंच्यो अऊर जैतून पहाड़ी पर बैतफगे गांव को जवर आयो, त यीशु न दोय चेलावों ख यो कह्य क भेज्यो, \v 2 “आगु को गांव म जावो। उत पहुंचतोच एक गधी को बछड़ा ख खोल क मोरो जवर लावो। \v 3 यदि तुम सी कोयी कुछ कहेंन, त कहजो कि प्रभु ख येकी जरूरत हय, तब ऊ तुरतच उन्ख भेज देयेंन।” \p \v 4 यो येकोलायी भयो कि जो वचन भविष्यवक्ता सी कह्यो गयो होतो, ऊ पूरो होय: \q1 \v 5 \x + \xo २१:५ \xo*\xt यहेजकेल ९:९\xt*\x*“सिय्योन की बेटी सी कहो, \q2 ‘देख, तोरो राजा तोरो जवर आवय हय; \q1 ऊ नम्र हय, अऊर गधी को बच्चा पर बैठ्यो हय; \q2 जो मेहनती गधी को बछड़ा पर।’” \p \v 6 चेलावों न जाय क, जसो यीशु न उन्को सी कह्यो होतो, वसोच करयो। \v 7 अऊर गधी अऊर बछड़ा दोयी ख लाय क, उन पर अपनो कपड़ा डाल्यो, अऊर ऊ ओको पर बैठ गयो। \v 8 तब बहुत सो लोगों न उन्को स्वागत की अपेक्षा सी अपनो कपड़ा रस्ता म बिछायो, अऊर दूसरों लोगों न झाड़ों सी डगाली काट क रस्ता म बिछायी। \v 9 जो भीड़ आगु-आगु जात होती अऊर पीछू-पीछू चली आवत होती, पुकार-पुकार क कहत होती, “दाऊद की सन्तान की जय होय, धन्य हय ऊ जो प्रभु को नाम सी आवय हय, दाऊद की सन्तान की महिमा हो।” \p \v 10 जब यीशु यरूशलेम म सिरन लग्यो, त सारो नगर म हलचल मच गयी, अऊर लोग कहन लग्यो, “यो कौन आय?” \p \v 11 लोगों न कह्यो, “यो त गलील को नासरत नगर को भविष्यवक्ता यीशु आय।” \s मन्दिर को शुद्धिकरन \r (मरकुस ११:१५-१९; लूका १९:४५-४८; यूहन्ना २:१३-२२) \p \v 12 यीशु न परमेश्वर को मन्दिर म जाय क उन सब ख, जो मन्दिर म सामान लेन-देन कर रह्यो होतो, उन्ख निकाल दियो, अऊर धन्दा करन वालो को पीढ़ा अऊर कबूत्तर बेचन वालो की पीढ़ा उलटाय दियो; \v 13 \x + \xo २१:१३ \xo*\xt यशायाह ५६:७; जकर्याह ७:११ \xt*\x*अऊर उन्को सी कह्यो, “लिख्यो हय, ‘मोरो घर प्रार्थना को घर कहलायेंन;’ पर तुम ओख डाकुवों को अड्डा बनावय हय।” \p \v 14 तब अन्धा अऊर लंगड़ा, मन्दिर म ओको जवर आयो, अऊर ओन उन्ख चंगो करयो। \v 15 पर जब मुख्य याजकों अऊर धर्मशास्त्रियों न इन आश्चर्य कामों ख, जो ओन करयो होतो, देख्यो अऊर बच्चां ख जो मन्दिर म यो पुकार रह्यो होतो, “दाऊद की सन्तान की महिमा हो,” पुकारतो हुयो देख्यो, त हि गुस्सा भयो! \p \v 16 \x + \xo २१:१६ \xo*\xt भजन ८:२\xt*\x*अऊर ओको सी कहन लग्यो, “का तय सुनय हय कि यो का कह्य रह्यो हंय?” यीशु न उन्को सी कह्यो, “हव; का तुम्न यो शास्त्र म कभी नहीं पढ़्यो: ‘बच्चां अऊर दूध पीतो बच्चां को मुंह सी तय न स्तुति करायी?’” \p \v 17 तब ऊ उन्ख छोड़ क नगर को बाहेर बैतनिय्याह ख गयो अऊर उत रात बितायी। \s यीशु न अंजीर को झाड़ ख श्राप दियो \r (मरकुस ११:१२-१४,२०-२४) \p \v 18 भुन्सारो ख जब यीशु नगर ख लौटतो समय ओख भूख लगी। \v 19 त सड़क को किनार पर अंजीर को एक झाड़ देख क ऊ ओको जवर गयो, अऊर पाना ख छोड़ ओको म अऊर कुछ नहीं पा क ओको सी कह्यो। “अब सी तोरो म फिर कभी फर नहीं लगे।” अऊर अंजीर को झाड़ तुरतच सूख गयो। \p \v 20 यो देख क चेलावों ख अचम्भा भयो अऊर उन्न कह्यो, “यो अंजीर को झाड़ तुरतच कसो सूख गयो?” \p \v 21 \x + \xo २१:२१ \xo*\xt मत्ती १७:२०; १ कुरिन्थियों १३:२\xt*\x*यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय तुम सी सच कहूं हय, यदि तुम विश्वास रखो अऊर शक मत करो, त नहीं केवल यो करजो जो यो अंजीर को झाड़ सी करयो गयो हय, पर यदि यो पहाड़ी सी भी कहो, ‘उखड़ जा अऊर समुन्दर म जाय गिर,’ त यो होय जायेंन। \v 22 अऊर जो कुछ तुम प्रार्थना म विश्वास सी मांगो ऊ सब तुम्ख मिल जायेंन।” \s यीशु को अधिकार पर प्रश्न \r (मरकुस ११:२७-३३; लूका २०:१-८) \p \v 23 ऊ मन्दिर म फिर सी जाय क उपदेश देत होतो, त मुख्य याजकों अऊर लोगों को बुजूर्गों न ओको जवर आय क पुच्छ्यो, “तय यो काम कौन्को अधिकार सी करय हय? अऊर तोख यो अधिकार कौन न दियो हय?” \p \v 24 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय भी तुम सी एक बात पूछू हय; यदि ऊ मोख बतावो, त मय भी तुम्ख बताऊं कि यो काम कौन्सो अधिकार सी करू हय। \v 25 यूहन्ना को बपतिस्मा कित सी होतो? स्वर्ग को तरफ सी यां आदमियों को तरफ सी?” \p तब हि आपस म विवाद करन लग्यो, “यदि हम कहबोंन ‘स्वर्ग को तरफ सी,’ त ऊ हम सी कहेंन, ‘फिर तुम न ओको विश्वास कहाली नहीं करयो?’ \v 26 अऊर यदि कहेंन ‘आदमियों को तरफ सी,’ त हम्ख भीड़ को डर हय, कहालीकि हि सब यूहन्ना ख भविष्यवक्ता मानय हंय।” \p \v 27 येकोलायी उन्न यीशु ख उत्तर दियो, “हम नहीं जानजे।” ओन भी उन्को सी कह्यो, “त मय भी तुम्ख नहीं बताऊ कि यो काम कौन्सो अधिकार सी करू हय। \s दोय बेटा को दृष्टान्त \p \v 28 “तुम का सोचय हय? कोयी आदमी को दोय बेटा होतो; ओन पहिलो बेटा को जवर जाय क कह्यो, ‘हे बेटा, अज अंगूर की बाड़ी म काम कर।’ \v 29 ओन उत्तर दियो, ‘मय नहीं जाऊं,’ पर बाद म पछताय गयो। \v 30 तब बाप न दूसरों बेटा को जवर जाय क असोच कह्यो, ओन उत्तर दियो, ‘जी हव मय जाऊं हय,’ पर नहीं गयो। \v 31 इन दोयी म सी कौन बाप की इच्छा पूरी करी?” \p उन्न कह्यो, “बड़ो न।” \p यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि, कर लेनवालो अऊर वेश्यायें तुम सी पहिले परमेश्वर को राज्य म सिरय हंय। \v 32 \x + \xo २१:३२ \xo*\xt लूका ३:१२; ७:२९,३०\xt*\x*कहालीकि यूहन्ना सच्चायी को रस्ता दिखातो हुयो तुम्हरो जवर आयो, अऊर तुम्न ओको विश्वास नहीं करयो; पर कर लेनवालो अऊर वेश्यावों न ओको विश्वास करयो: अऊर तुम यो देख क बाद म भी नहीं पछतायो कि ओको विश्वास कर लेतो। \s दुष्ट किसानों को दृष्टान्त \r (मरकुस १२:१-१२; लूका २०:९-१९) \p \v 33 “एक अऊर दृष्टान्त सुनो: एक जमीन को मालिक होतो, जेन अंगूर की बाड़ी लगायी, ओको चारयी तरफ बाड़ी रुन्द्यो, ओको म रस को गड्डा खोद्यो अऊर मचान बनायो, अऊर किसान ख ओको ठेका दे क परदेश चली गयो। \v 34 जब फर को समय जवर आयो, त ओन अपनो सेवकों ख ओको फर लेन को लायी किसानों को जवर भेज्यो। \v 35 पर किसानों न ओको सेवकों ख पकड़ क्, कोयी ख पिट्यो, अऊर कोयी ख मार डाल्यो, अऊर कोयी पर गोटा सी मारयो। \v 36 तब ओन पहिलो सी जादा अऊर सेवकों ख भेज्यो, अऊर उन्न उन्को सी भी वसोच करयो। \v 37 आखरी म ओन अपनो बेटा ख उन्को जवर यो सोच क भेज्यो कि हि मोरो बेटा को आदर करेंन। \v 38 पर किसानों न मालिक को बेटा ख देख क आपस म कह्यो, ‘यो त वारिस आय, आवो, येख मार डालो अऊर येकी जायजाद ले ले।’ \v 39 येकोलायी उन्न ओख पकड़्यो अऊर अंगूर की बाड़ी सी बाहेर निकाल क मार डाल्यो। \fig अंगूर की बाड़ी म मचान |alt="Watchtower in a vineyard" src="hk00105c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="२१:३३"\fig* \p \v 40 “येकोलायी, यीशु न पुच्छ्यो, जब अंगूर की बाड़ी को मालिक आयेंन, त उन किसान को संग का करेंन?” \p \v 41 उन्न ओको सी कह्यो, “ऊ उन बुरो लोगों ख बुरी रीति सी नाश करेंन; अऊर अंगूर की बाड़ी को ठेका दूसरों किसानों ख देयेंन, जो समय पर ओख फसल दियो करेंन।” \p \v 42 यीशु न उन्को सी कह्यो, “का तुम न कभी पवित्र शास्त्र म यो नहीं पढ़्यो:” \q1 “जो गोटा ख राजमिस्त्रियों न नकारयो होतो, \q2 उच गोटा को कोना को सिरा मतलब महत्वपूर्ण भय गयो? \q1 यो प्रभु को तरफ सी भयो, \q2 अऊर हमरी नजर म अद्भुत हय।” \p \v 43 “येकोलायी मय तुम सी कहू हय कि परमेश्वर को राज्य तुम सी ले लियो जायेंन अऊर जो लोग परमेश्वर की आज्ञा मान क सच बाते करय हय, ओख फर दियो जायेंन। \v 44 जो यो गोटा पर गिरेंन, ऊ तुकड़ा-तुकड़ा होय जायेंन; अऊर जेक पर ऊ गिरेंन, ओख पीस डालेंन।” \p \v 45 मुख्य याजक अऊर फरीसी ओको दृष्टान्तों ख सुन क समझ गयो कि ऊ उन्को बारे म कह्य हय। \v 46 अऊर उन्न ओख पकड़नो चाह्यो, पर लोगों सी डर गयो कहालीकि हि ओख भविष्यवक्ता मानत होतो। \c 22 \s बिहाव-भोज को दृष्टान्त \r (लूका १४:१५-२४) \p \v 1 यीशु तब उन्को सी दृष्टान्तों म कहन लग्यो, \v 2 “स्वर्ग को राज्य की तुलना एक राजा सी कर सकय हय, जेन अपनो बेटा को बिहाव को जेवन दियो। \v 3 अऊर ओन बिहाव को जेवन म नेवता वालो ख बुलावन लायी अपनो सेवक ख भेज्यो, पर उन लोगों न बिहाव म आनो नहीं चाह्यो। \v 4 तब ओन अऊर सेवकों ख यो कह्य क भेज्यो, ‘नेवता वालो सी कहो: देखो, मय जेवन तैयार कर दियो हय, मोरो जनावर अऊर पाल्यो पशु काट्यो गयो हंय; अऊर सब कुछ तैयार हय; बिहाव को जेवन म आवो।’ \v 5 पर हि अनसुनी कर क् चली गयो: कोयी अपनो खेत ख, कोयी अपनो धन्दा ख। \v 6 बाकी न ओको सेवकों ख पकड़ क उन्को अपमान करयो अऊर मार डाल्यो। \v 7 तब राजा ख गुस्सा आयो, अऊर ओन अपनी सेना भेज क उन हत्यारों को नाश करयो, अऊर उन्को नगर ख जलाय दियो। \v 8 तब ओन अपनो सेवकों सी कह्यो, ‘बिहाव को जेवन त तैयार हय पर नेवता वालो लोग लायक नहीं होतो। \v 9 येकोलायी सड़क पर जावो अऊर जितनो लोग तुम्ख मिले, सब ख बिहाव को जेवन म बुलाय लावो।’ \v 10 येकोलायी उन सेवकों न सड़क म जाय क जो भी बुरो यां भलो, जितनो मिल्यो, सब ख जमा करयो; अऊर बिहाव को घर मेहमानों सी भर गयो।” \p \v 11 “जब राजा मेहमानों ख देखन अन्दर आयो, त ओन उत एक आदमी ख देख्यो, जो बिहाव को कपड़ा पहिन्यो नहीं होतो। \v 12 ओन ओको सी कह्यो, ‘हे संगी; तय इत बिहाव को कपड़ा पहिन्यो बिना कसो आय गयो?’ अऊर ऊ कुछ नहीं कह्य सक्यो। \v 13 \x + \xo २२:१३ \xo*\xt मत्ती ८:१२; २५:३०; लूका १३:२८\xt*\x*तब राजा न सेवकों सी कह्यो, ‘येको हाथ-पाय बान्ध क ओख बाहेर अन्धारो म डाल देवो, उत रोवनो अऊर दात कटरनो होयेंन।’” \p \v 14 कहालीकि “बुलायो हुयो त बहुत हंय, पर चुन्यो हुयो थोड़ो हंय।” \s कर देन को बारे म प्रश्न \r (मरकुस १२:१३-१७; लूका २०:२०-२६) \p \v 15 तब फरीसियों न जाय क आपस म बिचार करयो कि ओख कसो तरह बातों म फसायबोंन। \v 16 येकोलायी उन्न अपनो चेलावों ख हेरोदियों को संग ओको जवर यो कहन ख भेज्यो, “हे गुरु, हम जानजे हंय कि तय सच्चो हय, अऊर परमेश्वर को रस्ता सच्चायी सी सिखावय हय, अऊर कोयी कि परवाह नहीं करय, कहालीकि तय आदमियों को चेहरा देख क बाते नहीं करय। \v 17 येकोलायी हम्ख बता कि तय का सोचय हय? कैसर ख कर देनो उचित हय कि नहाय।” \p \v 18 यीशु न उन्की दुष्ट हरकत जान क कह्यो, “हे कपटियों, मोख कहाली परखय हय? \v 19 मोख ऊ सिक्का दिखाव।” जेकोसी कर चुकायो जावय हय। \p तब हि ओको जवर एक सिक्का ले क आयो। \v 20 ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “यो चेहरा अऊर नाम कौन्को आय?” \p \v 21 उन्न ओको सी कह्यो, “कैसर को हय।” \p तब यीशु उन्को सी कह्यो, “जो कैसर को हय, ऊ कैसर ख देवो; अऊर जो परमेश्वर को हय, ऊ परमेश्वर ख देवो।” \p \v 22 यो सुन क उन्न अचम्भित भयो, अऊर हि यीशु छोड़ क चली गयो। \s पुनरुत्थान को बारे म प्रश्न \r (मरकुस १२:१८-२७; लूका २०:२७-४०) \p \v 23 \x + \xo २२:२३ \xo*\xt प्रेरितों २३:८\xt*\x*उच दिन सदूकी जो कह्य हंय कि मरयो हुयो को पुनरुत्थान हयच नहाय, यीशु को जवर आयो अऊर ओको सी पुच्छ्यो, \v 24 “हे गुरु, मूसा न कह्यो होतो, कि यदि कोयी आदमी बिना सन्तान मर जाये, त ओको भाऊ ओकी पत्नी सी बिहाव कर क् अपनो भाऊ लायी सन्तान पैदा करे। \v 25 अब हमरो इत सात भाऊ होतो; पहिलो बिहाव कर क् मर गयो, अऊर सन्तान नहीं होन को वजह अपनी विधवा पत्नी ख अपनो भाऊ लायी छोड़ गयो। \v 26 यो तरह दूसरों अऊर तीसरो न भी करयो, अऊर सातों तक योच भयो। \v 27 सब को बाद आखरी म वा बाई भी मर गयी। \v 28 येकोलायी पुनरुत्थान को समय जीन्दो होन पर वा उन सातों म सी कौन्की पत्नी होयेंन? कहालीकि वा सब की पत्नी भय गयी होती।” \p \v 29 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “तुम पवित्र शास्त्र अऊर परमेश्वर को सामर्थ नहीं जानय; यो वजह सी भूल म पड़्यो हय। \v 30 कहालीकि पुनरुत्थान को समय जीन्दो होनो पर हि नहीं बिहाव करेंन अऊर नहीं बिहाव म दियो जायेंन पर स्वर्ग म परमेश्वर को दूतों को जसो होयेंन। \v 31 पर मरयो हुयो को जीन्दो होन को बारे म का तुम न यो वचन नहीं पढ़्यो जो परमेश्वर न तुम सी कह्यो: \v 32 \x + \xo २२:३२ \xo*\xt निर्गमन ३:६,१५,१६\xt*\x*‘मय अब्राहम को परमेश्वर, अऊर इसहाक को परमेश्वर, अऊर याकूब को परमेश्वर आय?’ ऊ मरयो हुयो को नहाय, पर जीन्दो को परमेश्वर आय।” \p \v 33 यो सुन क लोग ओकी शिक्षा सी अचम्भित भयो। \s सब सी बड़ी आज्ञा \r (मरकुस १२:२८-३४; लूका १०:२५-२८) \p \v 34 जब फरीसियों न सुन्यो कि यीशु न सदूकियों को मुंह बन्द कर दियो, त हि जमा भयो। \v 35 उन्म सी एक व्यवस्था को शिक्षक न ओख परखन लायी ओको सी पुच्छ्यो, \v 36 “हे गुरु, व्यवस्था म कौन सी आज्ञा सब सी बड़ी हय?” \p \v 37 ओन ओको सी कह्यो, “तय परमेश्वर अपनो प्रभु सी अपनो पूरो दिल अऊर अपनो पूरो जीव अऊर अपनी पूरी मन को संग प्रेम रख। \v 38 बड़ी अऊर मुख्य आज्ञा त योच आय। \v 39 अऊर ओकोच जसो यो दूसरी भी हय कि तय अपनो पड़ोसी सी अपनो जसो प्रेम रख। \v 40 \x + \xo २२:४० \xo*\xt लूका १०:२५-२८\xt*\x*योच दोय आज्ञायें पूरी व्यवस्था अऊर भविष्यवक्तावों को आधार हंय।” \s मसीह को बारे म प्रश्न \r (मरकुस १२:३५-३७; लूका २०:४१-४४) \p \v 41 जब फरीसी जमा होतो, त यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, \v 42 “मसीह को बारे म तुम का सोचय हय? ऊ कौन्को बेटा आय?” \p उन्न ओको सी कह्यो, “दाऊद को।” \v 43 ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “त दाऊद आत्मा म होय क ओख ‘प्रभु’ कहाली कह्य हय?” \q1 \v 44 \x + \xo २२:४४ \xo*\xt भजन ११०:१\xt*\x*“प्रभु न, मोरो प्रभु सी कह्यो, \q2 मोरो दायो बैठ, \q2 जब तक कि मय तोरो दुश्मनों ख \q2 तोरो पाय को खल्लो नहीं कर देऊं।” \p \v 45 “जब दाऊद ओख ‘प्रभु’ कह्य हय, त ऊ ओको बेटा कसो भयो?” \v 46 कोयी भी ओख कुछ उत्तर नहीं दे सक्यो। अऊर ऊ दिन सी कोयी ख फिर ओको सी अऊर प्रश्न करन को साहस नहीं भयो। \c 23 \s धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों सी चौकस \r (मरकुस १२:३८,३९; लूका ११:४३,४६; २०:४५,४६) \p \v 1 तब यीशु न भीड़ सी अऊर अपनो चेलावों सी कह्यो, \v 2 “धर्मशास्त्री अऊर फरीसी मूसा की गद्दी पर बैठ्यो हंय; \v 3 येकोलायी हि तुम सी जो कुछ कहेंन ऊ करजो अऊर मानजो, पर उन्को जसो काम मत करजो; कहालीकि हि कह्य त हंय पर करय नहाय। \v 4 हि भारी बोझ ख जिन्ख उठानो कठिन हय, बान्ध क आदमियों पर लाद देवय हंय; पर खुद ओख अपनी बोट सी भी सरकानो नहीं चाहवय। \v 5 \x + \xo २३:५ \xo*\xt मत्ती ६:१\xt*\x*हि अपनो पूरो काम लोगों ख दिखान लायी करय हंय: हि अपनो ताबीजो ख चौड़ी करय अऊर अपनो कपड़ा की झालर बढ़ावय हंय। \v 6 जेवन म सम्मानित जागा, अऊर सभा म मुख्य-मुख्य आसन, \v 7 बजारों म आदर सत्कार पानो, अऊर आदमी म गुरु कहलानो उन्ख भावय हय। \v 8 पर तुम गुरु नहीं कहलावों, कहालीकि तुम्हरो एकच गुरु हय, अऊर तुम सब भाऊवों हो। \v 9 धरती पर कोयी ख अपनो स्वर्गीय पिता नहीं कहजो, कहालीकि तुम्हरो एकच स्वर्गीय पिता हय, जो स्वर्ग म हय। \v 10 अऊर स्वामी भी नहीं कहलावों, कहालीकि तुम्हरो एकच स्वामी हय, यानेकि मसीह। \v 11 \x + \xo २३:११ \xo*\xt मत्ती २०:२६,२७; मरकुस ९:३५; १०:४३,४४; लूका २२:२६\xt*\x*जो तुम म बड़ो हय, ऊ तुम्हरो सेवक बने। \v 12 \x + \xo २३:१२ \xo*\xt लूका १४:११; १८:१४\xt*\x*जो कोयी अपनो आप ख बड़ो बनायेंन, ऊ छोटो करयो जायेंन: अऊर जो कोयी अपनो आप ख नम्र बनायेंन, ऊ बड़ो करयो जायेंन। \s यीशु को द्वारा पाखण्डियों की निन्दा \r (मरकुस १२:४०; लूका ११:३९-४२,४४,५२; २०:४७) \p \v 13 “हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम आदमियों लायी स्वर्ग को राज्य को दरवाजा बन्द करय हय, नहीं त खुदच ओको म सिरय हय अऊर नहीं ओको म सिरन वालो ख सिरन देवय हय। \v 14 \f + \fr २३:१४ \fr*\ft यो वचन पुरानो हस्तलेखों म नहीं पायो जावय\ft*\f*हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम विधवावों को घरो ख बर्बाद कर देवय हय, अऊर दिखावन लायी बहुत देर तक प्रार्थना करय हय: येकोलायी तुम्ख बहुत सजा मिलेंन। \p \v 15 “हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम एक आदमी ख अपनो मत म लान लायी पूरो जल अऊर थल म फिरय हय, अऊर जब ऊ मत म आय जावय हय त ओख अपनो सी दोय गुना खराब बनाय देवय हय। \p \v 16 “हे अन्धो अगुवों, तुम पर हाय! जो कह्य हय कि यदि कोयी मन्दिर की कसम खाये त कुछ नहीं, पर यदि कोयी मन्दिर को सोनो की कसम खायेंन त ओको सी बन्ध जायेंन। \v 17 हे मूर्खो अऊर अन्धो, कौन बड़ो हय; सोनो यां ऊ मन्दिर जेकोसी सोनो पवित्र होवय हय? \v 18 फिर कह्य हय कि यदि कोयी वेदी की कसम खाये त कुछ नहीं, पर जो भेंट ओको पर हय, यदि कोयी ओकी कसम खाये त बन्ध जायेंन। \v 19 हे अन्धो, कौन बड़ो हय; भेंट यां वेदी जेकोसी भेंट पवित्र होवय हय? \v 20 येकोलायी जो वेदी की कसम खावय हय, ऊ ओकी अऊर जो कुछ ओको पर रखी हय, ओकी भी कसम खावय हय। \v 21 जो मन्दिर की कसम खावय हय, ऊ मन्दिर अऊर ओको म रहन वालो परमेश्वर की भी कसम खावय हय। \v 22 \x + \xo २३:२२ \xo*\xt मत्ती ५:३४\xt*\x*जो स्वर्ग की कसम खावय हय, ऊ परमेश्वर को सिंहासन को अऊर ओको पर बैठन वालो की भी कसम खावय हय। \p \v 23 “हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पदीना, अऊर सौंफ, अऊर जीरा को दसवा अंश त देवय हय, पर तुम न व्यवस्था की गम्भीर बातों ख यानेकि न्याय, अऊर दया, अऊर विश्वास ख छोड़ दियो हय; पर असो होनो होतो कि इन्क भी करत रहतो अऊर उन्ख भी नहीं छोड़तो। \v 24 हे अन्धो अगुवों, तुम मच्छर ख त छान डालय हय, पर ऊंट ख गिटक लेवय हय। \p \v 25 “हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम कटोरा अऊर थारी ख बाहेर सी त मांजय हय पर हि अन्दर सी लालच अऊर खुद को भलो को बारे म सोचय हंय। \v 26 हे अन्धो फरीसी, पहिले कटोरा अऊर थारी ख अन्दर सी मांज कि ऊ बाहेर सी भी साफ होय जाये। \p \v 27 \x + \xo २३:२७ \xo*\xt प्रेरितों २३:३\xt*\x*“हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम चूना सी पोती हुयी कब्र को जसो हय जो बाहेर सी त सुन्दर दिखायी देवय हंय, पर अन्दर मुर्दों की हड्डियों अऊर सब तरह की गंदगी सी भरी हंय। \v 28 योच रीति सी तुम भी बाहेर सी आदमियों ख त अच्छो दिखायी देवय हय, पर अन्दर सी कपट अऊर बुरायी सी भरयो हुयो हय। \s फरीसियों की शिक्षा \r (लूका ११:४७-५१) \p \v 29 “हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम भविष्यवक्तावों की कब्र बनावय अऊर न्यायियों की स्मारक सजावय हय, \v 30 अऊर कह्य हय, ‘यदि हम अपनो बापदादों को दिनो म होतो त भविष्यवक्तावों की हत्या म सहभागी नहीं होतो।’ \v 31 येको सी त तुम अपनो खुद पर हि गवाही देवय हय कि तुम भविष्यवक्तावों को हत्यारों की सन्तान आय। \v 32 येकोलायी तुम अपनो बापदादों को पाप को घड़ा पूरो तरह सी भर देवो। \v 33 \x + \xo २३:३३ \xo*\xt मत्ती ३:७; १२:३४; लूका ३:७\xt*\x*हे सांपों, हे सांप को पिल्ला, तुम नरक की सजा सी कसो बचो? \v 34 येकोलायी देखो, मय तुम्हरो जवर भविष्यवक्तावों अऊर बुद्धिमानों अऊर शिक्षकों ख भेजू हय; अऊर तुम उन्म सी कुछ ख मार डालेंन अऊर क्रूस पर चढ़ायेंन, अऊर कुछ ख अपनो आराधनालयों म कोड़े मारेंन अऊर एक नगर सी दूसरों नगर म खदेड़तो फिरेंन। \v 35 जेकोसी सच्चो हाबील सी ले क बिरिक्याह को बेटा जकर्याह तक, जेक तुम न मन्दिर अऊर वेदी को बीच म मार डाल्यो होतो, जितनो न्यायियों को खून धरती पर बहायो गयो हय ऊ सब तुम्हरो मुंड पर पड़ेंन। \v 36 मय तुम सी सच कहू हय, यो सब बाते यो समय को लोगों पर आयेंन। \s यीशु को यरूशलेम सी प्रेम \r (लूका १३:३४,३५) \p \v 37 “हे यरूशलेम, हे यरूशलेम! तय जो भविष्यवक्तावों ख मार डालय हय, अऊर जो तोरो जवर भेज्यो गयो, उन पर पथराव करय हय। कितनो बार मय न चाहयो कि जसो मुर्गी अपनो बच्चां ख अपनो पंखा को खल्लो जमा करय हय, वसोच मय भी तोरो बच्चा ख जमा कर लेऊ, पर तुम न नहीं चाह्यो, \v 38 देखो, तुम्हरो घर तुम्हरो लायी उजाड़ छोड़्यो जावय हय। \v 39 कहालीकि मय तुम सी सच कहू हय कि अभी सी जब तक तुम मोख तब तक नहीं देखो, जब तक यो नहीं कहो ‘धन्य हय ऊ, जो प्रभु को नाम सी आवय हय’ तब तक तुम मोख फिर कभी नहीं देखो।” \c 24 \s मन्दिर को विनाश की भविष्यवानी \r (मरकुस १३:१,२; लूका २१:५,६) \p \v 1 जब यीशु मन्दिर सी निकल क जाय रह्यो होतो, त ओको चेला ओख मन्दिर को भवन दिखावन लायी ओको जवर आयो। \v 2 ओन उन्को सी कह्यो, “तुम यो सब देख रह्यो हय न! मय तुम सी सच कहू हय, इत गोटा पर गोटा भी न छूटेंन जो नाश नहीं जायेंन।” \s संकट अऊर कठिनायी \r (मरकुस १३:३-१३; लूका २१:७-१९) \p \v 3 जब ऊ जैतून पहाड़ी पर बैठ्यो होतो, त चेलावों न एकान्त म ओको जवर आय क कह्यो, “हम्ख बताव कि यो बाते कब होयेंन? तोरो आवन को अऊर जगत को अन्त को का चिन्ह होयेंन?” \p \v 4 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “चौकस रहो!” कोयी तुम्ख धोका नहीं दे पाये, \v 5 कहालीकि बहुत सो असो होयेंन जो मोरो नाम सी आय क कहेंन, “मय मसीह आय,” अऊर बहुत सो ख भटकायेंन। \v 6 तुम लड़ाईयों अऊर लड़ाईयों की चर्चा सुनो, त घबराय नहीं जावो कहालीकि इन को होनो जरूरी हय, पर ऊ समय अन्त नहीं होयेंन। \v 7 कहालीकि राष्ट्र पर राष्ट्र अऊर राज्य पर राज्य चढ़ायी करेंन, अऊर जागा जागा म अकाल पड़ेंन, अऊर भूईडोल होयेंन। \v 8 यो सब बाते दु:ख की सुरूवात होयेंन। \p \v 9 \x + \xo २४:९ \xo*\xt मत्ती १०:२२\xt*\x*“तब हि दु:ख देन लायी तुम्ख पकड़वायेंन, अऊर तुम्ख मार डालेंन, अऊर मोरो नाम को वजह सब गैरयहूदियों को लोग तुम सी दुश्मनी रखेंन। \v 10 तब बहुत सो ठोकर खायेंन, अऊर एक दूसरों ख पकड़वायेंन, अऊर एक दूसरों सी दुश्मनी रखेंन। \v 11 बहुत सो झूठो भविष्यवक्ता उठेंन, अऊर बहुत सो ख बहकायेंन। \v 12 अधर्म को बढ़नो सी बहुत सो को प्रेम कम होय जायेंन, \v 13 \x + \xo २४:१३ \xo*\xt मत्ती १०:२२\xt*\x*पर जो आखरी तक धीरज रखेंन, ओकोच उद्धार होयेंन। \v 14 अऊर परमेश्वर को राज्य को यो सुसमाचार पूरो जगत म प्रचार करयो जायेंन, कि सब लोगों पर गवाही होय, तब अन्त आय जायेंन।” \s महा मुसीबत की सुरूवात \r (मरकुस १३:१४-२३; लूका २१:२०-२४) \p \v 15 “येकोलायी जब तुम लोग ‘भयानक विनाशकारी घृणित चिज ख,’ जेको उल्लेख दानिय्येल भविष्यवक्ता को द्वारा करयो गयो होतो, मन्दिर को पवित्र जागा पर खड़ो देखो।” पढ़ेंन वालो खुद समझ ले कि येको अर्थ का हय \v 16 तब ऊ समय जो यहूदिया म होना हि पहाड़ी पर भग जाये। \v 17 \x + \xo २४:१७ \xo*\xt लूका १७:३१\xt*\x*जो छत पर हय, ऊ अपनो घर म सी सामान लेन लायी मत उतरो; \v 18 अऊर जो खेत म हय, ऊ अपनो कपड़ा लेन लायी पीछू नहीं लौटे। \v 19 उन दिनो म जो गर्भवती अऊर दूध पिलावन वाली होना उन्को लायी प्रकोप को दिन कहलायो जायेंन उन्को लायी हाय, होयेंन। \v 20 प्रार्थना करतो रहो कि तुम्ख ठन्डी म यां आराम को दिन म भगनो नहीं पड़े। \v 21 \x + \xo २४:२१ \xo*\xt दानिय्येल १२:१; प्रकाशितवाक्य ७:१४\xt*\x*कहालीकि ऊ समय असो भारी संकट होयेंन, जसो जगत की सुरूवात सी न अब तक भयो अऊर न कभी होयेंन। \v 22 यदि परमेश्वर ऊ दिन ख घटायो नहीं जातो त कोयी प्रानी नहीं बचतो, पर चुन्यो हुयो को वजह ऊ दिन घटायो जायेंन। \p \v 23 “ऊ समय यदि कोयी तुम सी कहे, ‘देखो, मसीह इत हय!’ यां ‘उत हय!’ त विश्वास मत करजो। \v 24 कहालीकि झूठो मसीह अऊर झूठो भविष्यवक्ता उठ खड़ो होयेंन, अऊर बड़ो चिन्ह चमत्कार, अऊर लोगों ख धोका देन लायी अद्भुत काम दिखायेंन कि यदि होय सकय त चुन्यो हुयो ख भी धोका देयेंन। \v 25 देखो, मय न पहिले सी तुम सी यो सब कुछ कह्य दियो हय।” \p \v 26 \x + \xo २४:२६ \xo*\xt लूका १७:२३,२४\xt*\x*“येकोलायी यदि हि तुम सी कहे, ‘देखो, ऊ जंगल म हय,’ त बाहेर नहीं निकल जाजो; यो ‘देखो, ऊ कोठरियों म हय,’ त विश्वास मत करजो। \v 27 कहालीकि जसो बिजली पूर्व सी निकल क पश्चिम तक चमकय हय, वसोच आदमी को बेटा को भी आनो होयेंन।” \p \v 28 \x + \xo २४:२८ \xo*\xt लूका १७:३७\xt*\x*“जित लाश हय, उत गिधाड़ जमा होयेंन।” \s आदमी को बेटा को पुनरागमन \r (मरकुस १३:२४-२७; लूका २१:२५-२८) \p \v 29 \x + \xo २४:२९ \xo*\xt प्रकाशितवाक्य ६:१२; \xt*\xt प्रकाशितवाक्य ६:१३\xt*\x*“उन दिनो अचानक संकट को तुरतच सूरज कारो होय जायेंन, अऊर चन्दा को उजाड़ो कम होतो रहेंन, अऊर चांदनी आसमान सी गिर पड़ेंन अऊर आसमान की शक्तियां हिलायी जायेंन। \v 30 \x + \xo २४:३० \xo*\xt दानिय्येल ७:१३; जकर्याह १२:१०-१४; प्रकाशितवाक्य १:७\xt*\x*तब आदमी को बेटा को चिन्ह आसमान म दिखायी देयेंन, अऊर तब धरती को सब गोत्र को लोग छाती पीटेंन; अऊर आदमी को बेटा ख बड़ी सामर्थ अऊर महिमा को संग आसमान को बादलो पर आवतो देखेंन। \v 31 ऊ तुरही की बड़ी आवाज को संग अपनो दूतों ख भेजेंन, अऊर हि आसमान को यो छोर सी ऊ छोर तक, चारयी दिशावों सी ओको चुन्यो हुयो ख जमा करेंन।” \s अंजीर को झाड़ को दृष्टान्त \r (मरकुस १३:२८-३१; लूका २१:२९-३३) \p \v 32 “अंजीर को झाड़ सी यो दृष्टान्त सीखो: जब ओकी डगाली कवली होय जावय अऊर पाना निकलन लगय हंय, त तुम जान लेवय हय कि गरमी को मौसम जवर हय। \v 33 योच तरह सी जब तुम यो सब बातों ख देखो, त जान लेवो कि ऊ जवर हय, बल्की दरवाजाच पर हय। \v 34 मय तुम सी सच कहू हय कि जब तक यो सब बाते पूरी नहीं होयेंन, तब तक यो पीढ़ी को अन्त नहीं होयेंन। \v 35 आसमान अऊर धरती टल जायेंन, पर मोरी बाते कभी नहीं टलेंन।” \s अनजानो दिन अऊर समय \r (मरकुस १३:३२-३७; लूका १७:२६-३०,३४-३६) \p \v 36 “पर ऊ दिन अऊर ऊ समय को बारे म कोयी नहीं जानय, नहीं स्वर्गदूत अऊर नहीं बेटा, पर केवल बाप पर।” \p \v 37 “जसो नूह को दिन म भयो होतो, वसोच आदमी को बेटा को आनो भी होयेंन।” \v 38 कहालीकि जसो जल-प्रलय सी पहिले को दिनो म, जो दिन तक कि नूह जहाज पर नहीं चढ़्यो, ऊ दिन तक लोग खातो-पीतो होतो, अऊर उन म बिहाव होत होतो। \v 39 अऊर जब तक जल-प्रलय आय क उन सब ख बहाय नहीं ले गयो, तब तक उन्ख कुछ भी मालूम नहीं पड़्यो; वसोच आदमी को बेटा को आवनो भी होयेंन। \v 40 ऊ समय दोय लोग खेत म होयेंन, एक उठाय लियो जायेंन अऊर दूसरों छोड़ दियो जायेंन। \v 41 दोय बाई गरहट पीसती रहेंन, एक उठाय ली जायेंन अऊर दूसरी छोड़ दी जायेंन। \v 42 “येकोलायी जागतो रहो, कहालीकि तुम नहीं जानय कि तुम्हरो प्रभु कौन्सो दिन आयेंन। \v 43 \x + \xo २४:४३ \xo*\xt लूका १२:३९,४०\xt*\x*पर यो जान लेवो कि यदि घर को मालिक जानतो कि चोर कौन्सो समय आयेंन त जागतो रहतो, अऊर अपनो घर म चोरी होन नहीं देतो। \v 44 येकोलायी तुम भी तैयार रहो, कहालीकि ओको आवन को बारे म तुम सोचय भी नहीं हय, उच समय आदमी को बेटा आय जायेंन।” \s विश्वास लायक सेवक अऊर शैतानी सेवक \r (लूका १२:४१-४८) \p \v 45 “येकोलायी ऊ विश्वास लायक अऊर बुद्धिमान सेवक कौन हय, जेक मालिक न अपनो नौकर-चाकर पर मुखिया ठहरायो कि समय पर उन्ख भोजन दे? \v 46 धन्य हय ऊ सेवक, जेक ओको मालिक आय क असोच करतो देखे। \v 47 मय तुम सी सच कहू हय, ऊ ओख अपनी सब जायजाद पर अधिकारी ठहरायेंन।” \v 48 पर यदि ऊ दुष्ट सेवक अपनो मन म सोचन लग्यो कि मोरो मालिक को आवनो म समय हय, \v 49 अऊर अपनो संगी सेवकों ख पीटन लग्यो, अऊर पीवन वालो को संग खान-पीवन लग्यो। \v 50 त ऊ सेवक को मालिक असो दिन आयेंन, जब ऊ ओकी रस्ता नहीं देखेंन, अऊर असो समय ख जेक ऊ नहीं जानय हय, \v 51 \f + \fr २४:५१ \fr*\ft ओख कठोर दण्ड देयेंन यां तुकड़ातुकड़ा कर क् फेक देयेंन।\ft*\f*तब ऊ ओख भारी ताड़ना देयेंन अऊर ओको हिस्सा कपटियों को संग ठहरायेंन: उत रोवनो अऊर दात कटरनो होयेंन। \c 25 \s दस कुंवारियों को दृष्टान्त \p \v 1 \x + \xo २५:१ \xo*\xt लूका १२:३५\xt*\x*“स्वर्ग को राज्य उन दस कुंवारियों को जसो होयेंन जो अपनी दीया पकड़ क दूल्हा सी मिलन लायी निकली। \v 2 उन्म पाच मूर्ख अऊर पाच समझदार होती। \v 3 मूर्खो न अपनी दीया त ली, पर अपनो संग तेल नहीं लियो; \v 4 पर समझदारों न अपनी दीया को संग अपनो कुप्पियों म तेल भी भर लियो। \v 5 जब दूल्हा को आनो म देर भयी, त हि सब नींद सी झुलन लगी अऊर सोय गयी।” \p \v 6 “अरधी रात ख धूम मची: ‘देखो, दूल्हा आय रह्यो हय! ओको सी मिलन लायी चलो।’ \v 7 तब हि सब कुंवारिया उठ क अपनी दीया ठीक करन लगी। \v 8 अऊर मूर्खो न समझदारों सी कह्यो, ‘अपनो तेल म सी कुछ हम्ख भी देवो, कहालीकि हमरो दीया बुझ रह्यो हंय।’ \v 9 पर समझदारों न उत्तर दियो, ‘यो हमरो अऊर तुम्हरो लायी पूरो नहीं होय; भलो त यो हय कि तुम तेल बेचन वालो को जवर जाय क अपनो लायी ले लेवो।’ \v 10 जब हि तेल लेन ख जाय रही होती त दूल्हा आय पहुंच्यो, अऊर जो तैयार होती, हि ओको संग बिहाव को भवन म चली गयी अऊर दरवाजा बन्द कर दियो गयो।” \p \v 11 \x + \xo २५:११ \xo*\xt लूका १३:२५\xt*\x*“येको बाद हि दूसरी कुंवारिया भी आय क कहन लगी, ‘हे मालिक, हे मालिक, हमरो लायी दरवाजा खोल दे अऊर हम ख अन्दर आवन दे!’ \v 12 ओन उत्तर दियो, ‘मय तुम सी सच कहूं हय, मय तुम्ख नहीं जानु।’” \p \v 13 \x + \xo २५:१३ \xo*\xt मरकुस १३:३५; लूका १२:४०\xt*\x*येकोलायी “जागतो रहो,” कहालीकि तुम न ऊ दिन ख जानय हय, अऊर न ऊ समय ख। \s तीन सेवकों को दृष्टान्त \r (लूका १९:११-२७) \p \v 14 \x + \xo २५:१४ \xo*\xt लूका १९:११-२७\xt*\x*“कहालीकि यो ऊ आदमी को जसो हय जेन परदेश जातो समय अपनो सेवकों ख बुलाय क अपनी जायजाद उन्ख सौंप दियो। \v 15 ओन एक ख पाच हजार सोनो को सिक्का दियो, दूसरों ख दोय हजार दियो, अऊर तीसरो ख एक हजार; यानेकि हर एक ख ओकी लायकता को अनुसार दियो, अऊर तब ऊ अपनी यात्रा पर चली गयो। \v 16 तब, जेक पाच हजार को सिक्का मिल्यो होतो, ओन तुरतच जाय क उन्को सी लेन-देन करयो, अऊर पाच हजार सिक्का अऊर कमायो। \v 17 योच रीति सी जेक दोय हजार सोनो को सिक्का मिल्यो होतो, ओन भी दोय अऊर कमायो। \v 18 पर जेक एक हजार सोनो को सिक्का मिल्यो होतो, ओन जाय क माटी खोदी, अऊर अपनो मालिक को धन लूकाय दियो।” \fig सोनो को सिक्का |alt="Talents" src="hk00168c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="२५:१५"\fig* \p \v 19 “बहुत दिनो को बाद उन सेवकों को मालिक आय क उन्को सी हिसाब लेन लग्यो। \v 20 जो नौकर ख पाच हजार सिक्का मिल्यो होतो, ओन आय क दूसरों पाच हजार सिक्का अऊर लाय क कह्यो, ‘हे मालिक, तय न मोख पाच हजार सिक्का दियो, देख, मय न पाच हजार सिक्का अऊर कमायो हंय।’ \v 21 ओको मालिक न ओको सी कह्यो, ‘शाबाश, हे अच्छो अऊर विश्वास लायक सेवक, तय थोड़ो म विश्वास लायक रह्यो; मय तोख बहुत धन को अधिकारी बनाऊं। अपनो मालिक की खुशी म सहभागी हो।’” \p \v 22 अऊर जेक दोय हजार सिक्का मिल्यो होतो, ओन भी आय क कह्यो, हे मालिक, “तय न मोख दोय हजार सिक्का दियो होतो, देख, मय न दोय हजार सिक्का अऊर कमायो।” \v 23 ओको मालिक न ओको सी कह्यो, “शाबाश, हे अच्छो अऊर विश्वास लायक सेवक, तय थोड़ो म विश्वास लायक रह्यो; मय तोख बहुत धन को अधिकारी बनाऊं। अपनो स्वामी को खुशी म सहभागी हो।” \p \v 24 “तब जेक एक हजार सिक्का मिल्यो होतो, ओन आय क कह्यो, ‘हे मालिक, मय तोख जानत होतो कि तय कठोर आदमी हय: तय जित कहीं नहीं बोवय उत काटय हय, अऊर जित नहीं बोवय उत सी जमा करय हय। \v 25 येकोलायी मय डर गयो अऊर जाय क तोरो धन माटी म लूकाय दियो। देख, जो तोरो हय, ऊ यो आय।’” \p \v 26 ओको मालिक न ओख उत्तर दियो, “हे दुष्ट अऊर आलसी सेवक, जब तय यो जानत होतो कि जित मय न फसल नहीं बोयो, उत सी फसल काटू हय, अऊर जित मय न बीज नहीं बोयो उत सी फसल जमा कर लेऊ हय; \v 27 त तोख समझनो होतो कि मोरो धन व्यापारी ख दे देतो, तब मय आय क अपनो धन ब्याज समेत ले लेतो। \v 28 अब, धन ख ओको सी ले लेवो, अऊर जेको जवर दस हजार को सिक्का हंय, ओख दे देवो। \v 29 \x + \xo २५:२९ \xo*\xt मत्ती १३:१२; मरकुस ४:२५; लूका ८:१८\xt*\x*हर एक आदमी लायी जेको जवर कुछ हय, ओख अऊर भी जादा दियो जायेंन; अऊर ओको जवर जादा सी जादा होयेंन: पर जो आदमी को जवर कुछ भी नहाय, यो तक कि ओको जवर जो कुछ भी हय, ऊ ओको सी ले लियो जायेंन। \v 30 \x + \xo २५:३० \xo*\xt मत्ती ८:१२; २२:१३; लूका १३:२८\xt*\x*अऊर यो बेकार सेवक ख बाहेर अन्धारो म डाल देवो, जित रोवनो अऊर दात कटरनो होयेंन।” \s आखरी न्याय \p \v 31 \x + \xo २५:३१ \xo*\xt मत्ती १६:२७; \xt*\xt मत्ती १९:२८\xt*\x*“जब आदमी को बेटा अपनी महिमा म आयेंन अऊर सब स्वर्गदूत ओको संग आयेंन, त ऊ अपनी महिमा को सिंहासन पर विराजमान होयेंन। \v 32 अऊर सब राष्ट्रों को लोगों ख ओको आगु जमा करयो जायेंन; अऊर जसो चरावन वालो मेंढीं ख शेरी सी अलग कर देवय हय, वसोच ऊ उन्ख एक दूसरों सी अलग करेंन। \v 33 ऊ मेंढीं ख अपनो दायो तरफ अऊर शेरी ख बायो तरफ खड़ो करेंन।\f + \fr २५:३३ \fr*\ft सच्चो व्यक्ति ख बतायो जाय रह्यो हय\ft*\f* \v 34 तब राजा अपनो दायो तरफ वालो सी कहेंन, ‘हे मोरो बाप को धन्य लोगों, आवो, ऊ राज्य को अधिकारी होय जावो, जो जगत की सुरूवात सी तुम्हरो लायी तैयार करयो गयो हय। \v 35 कहालीकि मय भूखो होतो, अऊर तुम्न मोख खान ख दियो; मय प्यासो होतो, अऊर तुम्न मोख पानी पिलायो; मय अनजान होतो, अऊर तुम न मोख अपनो घर म रख्यो; \v 36 मय नंगा होतो, अऊर तुम्न मोख कपड़ा पहिनायो; मय बीमार होतो, अऊर तुम्न मोरी देखभाल करी, मय जेलखाना म होतो, अऊर तुम मोरो सी मिलन आयो।’ \p \v 37 “तब सच्चो ओख उत्तर देयेंन, ‘हे प्रभु, हम न कब तोख भूखो देख्यो अऊर खिलायो? यां प्यासो देख्यो अऊर पानी पिलायो? \v 38 हम न तोख कभी अनजानो देख्यो अऊर अपनो घर म ठहरायो? यां बिना को देख क मोख कपड़ा पहिनायो? \v 39 हम्न कब तोख बीमार यां जेलखाना म देख्यो अऊर तोरो सी मिलन आयो?’ \v 40 तब राजा उन्ख उत्तर देयेंन, ‘मय तुम सी सच कहू हय कि तुम्न जो मोरो इन छोटो भाऊवों म सी कोयी एक को संग करयो, ऊ मोरोच संग करयो।’ \p \v 41 “तब ऊ बायो तरफ वालो सी कहेंन, ‘हे श्रापित लोगों,\f + \fr २५:४१ \fr*\ft यो शैतान को पीछू चलन वालो ख कह्यो गयो हय\ft*\f* मोरो आगु सी ऊ अनन्त आगी म चली जावो, जो शैतान अऊर ओको दूतों लायी तैयार करी गयी हय। \v 42 कहालीकि मय भूखो होतो, अऊर तुम्न मोख खान ख नहीं दियो; मय प्यासो होतो, अऊर तुम्न मोख पानी नहीं पिलायो; \v 43 मय अनजानो होतो, अऊर तुम्न मोख अपनो घर म नहीं रख्यो; मय नंगा होतो, अऊर तुम्न मोख कपड़ा नहीं पहिनायो; अऊर मय बीमार अऊर जेलखाना म होतो, अऊर तुम्न मोरी सुधि नहीं ली।’ \p \v 44 “तब हि उत्तर देयेंन, ‘हे प्रभु, हम्न तोख कब भूखो, प्यासो, अनजान, नंगा, बीमार, यां जेलखाना म देख्यो, अऊर तोरी सेवा नहीं करी?’ \v 45 तब ऊ उन्ख उत्तर देयेंन, ‘मय तुम सी सच कहू हय कि तुम्न जो इन छोटो सी छोटो म सी कोयी एक को संग मदत नहीं करयो, ऊ मोरो संग भी नहीं करयो।’ \v 46 अऊर हि अनन्त सजा भोगन लायी लिजायेंन पर न्याय को अनन्त जीवन म सिरेंन।” \c 26 \s यीशु को विरुद्ध साजीश \r (मरकुस १४:१,२; लूका २२:१,२; यूहन्ना ११:४५-५३) \p \v 1 जब यीशु यो सब बाते कह्य चुक्यो त अपनो चेलावों सी कहन लग्यो, \v 2 \x + \xo २६:२ \xo*\xt निर्गमन १२:१-२७\xt*\x*“तुम जानय हय कि दोय दिन को बाद फसह को पर्व हय, अऊर आदमी को बेटा क्रूस पर चढ़ायो जान लायी पकड़वायो जायेंन।” \p \v 3 तब मुख्य याजकों अऊर प्रजा को बुजूर्गों कैफा नाम को महायाजक को भवन म जमा भयो, \v 4 अऊर आपस म बिचार करन लग्यो कि यीशु ख चुपचाप सी पकड़ क मार डालो। \v 5 पर हि कहत होतो, “पर्व को समय नहीं, कहीं असो नहीं होय कि लोगों म दंगा होय जाये।” \s बैतनिय्याह म यीशु को अभिषेक \r (मरकुस १४:३-९; यूहन्ना १२:१-८) \p \v 6 जब यीशु बैतनिय्याह म शिमोन कोढ़ी को घर म होतो, \v 7 \x + \xo २६:७ \xo*\xt लूका ७:३७,३८\xt*\x*त एक बाई संगमरमर को बर्तन म बहुमूल्य अत्तर ले क ओको जवर आयी, अऊर जब ऊ जेवन करन बैठ्यो होतो त ओकी मुंड पर कुड़ाय दियो। \v 8 यो देख क ओको चेला गुस्सा भयो अऊर कहन लग्यो, “येको कहाली नाश करयो गयो? \v 9 येख त अच्छो दाम पर बेच क गरीबों ख बाट्यो जाय सकत होतो।” \p \v 10 यो जान क यीशु न उन्को सी कह्यो, “या बाई ख कहाली सतावय हय? ओन मोरो संग भलायी को काम करयो हय। \v 11 गरीब त तुम्हरो संग हमेशा रह्य हंय, पर मय तुम्हरो संग हमेशा नहीं रहूं। \v 12 ओन मोरो शरीर पर जो यो अत्तर कुड़ायो हय, ऊ मोरो गाड़्यो जान की तैयारी लायी करयो हय। \v 13 मय तुम सी सच कहू हय, कि पूरो जगत म जित कहीं यो सुसमाचार प्रचार करयो जायेंन, उत ओको यो काम को वर्नन भी ओकी याद म करयो जायेंन।” \s यहूदा इस्करियोती को विश्वासघात \r (मरकुस १४:१०,११; लूका २२:३-६) \p \v 14 तब यहूदा इस्करियोती न, जो बारा चेलावों म सी एक होतो, मुख्य याजकों को जवर गयो, \v 15 अऊर ओन कह्यो, “यदि मय ओख तुम्हरो हाथ म सौंप देऊ त मोख का देवो?” उन्न ओख तीस चांदी को सिक्का गिन क दे दियो। \v 16 अऊर ऊ उच समय सी ओख सौंपन को अच्छो मौका ढूंढन लग्यो। \s चेलावों को संग फसह को आखरी भोज \r (मरकुस १४:१२-२१; लूका २२:७-१३,२१-२३; यूहन्ना १३:२१-३०) \p \v 17 अखमीरी रोटी को पर्व को पहिलो दिन, चेला यीशु को जवर आय क पूछन लग्यो, “तय कहां पर चाहवय हय कि हम तोरो लायी फसह खान की तैयारी करे?” \p \v 18 ओन कह्यो, “नगर म अनजान आदमी को जवर जाय क ओको सी कहो, ‘गुरु कह्य हय कि मोरो समय जवर हय। मय अपनो चेलावों को संग तोरो इत फसह को पर्व मनाऊं।’” \p \v 19 येकोलायी चेलावों न यीशु की आज्ञा मानी अऊर फसह तैयार करयो। \p \v 20 जब शाम भयी त ऊ बारयी चेलावों को संग जेवन करन लायी बैठ्यो। \v 21 जब हि खाय रह्यो होतो त ओन कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि तुम म सी एक मोख पकड़वायेंन।” \p \v 22 येको पर हि बहुत उदास भयो, अऊर हर एक चेला ओको सी पूछन लग्यो, “हे प्रभु, का ऊ मय आय?” \p \v 23 यीशु न उत्तर दियो, “जेन मोरो संग थारी म हाथ डाल्यो हय, उच मोख पकड़वायेंन। \v 24 \x + \xo २६:२४ \xo*\xt भजन २२:७-८; यशायाह ५३:९\xt*\x*आदमी को बेटा त जसो ओको बारे म लिख्यो हय, पर ऊ आदमी लायी शोक हय जेको द्वारा आदमी को बेटा पकड़वायो जावय हय: यदि ऊ आदमी को जनमच नहीं होतो, त ओको लायी भलो होतो।” \p \v 25 तब ओको सौंपन वालो यहूदा न कह्यो, “हे गुरु, का ऊ मय आय?” \p ओन ओको सी कह्यो, “तय कह्य चुक्यो।” \s प्रभु-भोज \r (मरकुस १४:२२-२६; लूका २२:१४-२०; १ कुरिन्थियों ११:२३-२५) \p \v 26 जब हि खाय रह्यो होतो त यीशु न रोटी ली, अऊर धन्यवाद कर क् तोड़ी, अऊर चेलावों ख दे क कह्यो, “लेवो, खावो; यो मोरो शरीर आय।” \p \v 27 तब ओन कटोरा पकड़ क धन्यवाद करयो, अऊर उन्ख दे क कह्यो, “तुम सब येको म सी पीवो, \v 28 कहालीकि यो वाचा को मोरो ऊ खून आय, जो पूरो लोगों लायी पापों की माफी लायी बहायो जावय हय। \v 29 मय तुम सी कहू हय कि अंगूर को यो रस ऊ दिन तक कभी नहीं पीऊ, जब तक तुम्हरो संग अपनो बाप को राज्य म नयो रस नहीं पी लेऊ।” \p \v 30 तब हि भजन गाय क जैतून पहाड़ी पर गयो। \s पतरस को इन्कार की भविष्यवानी \r (मरकुस १४:२७-३१; लूका २२:३१-३४; यूहन्ना १३:३६-३८) \p \v 31 \x + \xo २६:३१ \xo*\xt जकर्याह १३:७\xt*\x*तब यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम सब अजच रात ख मोरो बारे म ठोकर खावो, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय: ‘मय चरवाहे ख मारू, अऊर झुण्ड की मेंढीं तितर-बितर होय जायेंन।’ \v 32 \x + \xo २६:३२ \xo*\xt मत्ती २८:१६\xt*\x*पर मय जीन्दो होन को बाद तुम सी पहिले गलील ख जाऊं।” \p \v 33 येको पर पतरस न यीशु सी कह्यो, “यदि सब तोरो वजह सी ठोकर खावय त खावय, पर मय कभी भी ठोकर नहीं खाऊ।” \p \v 34 यीशु न पतरस सी कह्यो, “मय तोरो सी सच कहू हय कि अजच रात ख मुर्गा को बाग देन सी पहिले, तय तीन बार मोरो इन्कार करजो।” \p \v 35 पतरस न ओको सी कह्यो, “यदि मोख तोरो संग मरनो भी पड़ेंन, तब भी मय तोरो मय कभी इन्कार नहीं करूं।” \p अऊर असोच सब चेलावों न भी कह्यो। \s गतसमनी म प्रार्थना \r (मरकुस १४:३२-४२; लूका २२:३९-४६) \p \v 36 तब यीशु अपनो चेलावों को संग गतसमनी नाम को एक जागा म आयो अऊर अपनो चेलावों सी कहन लग्यो, “इतच बैठ्यो रहजो, जब तक मय उत जाय क प्रार्थना करूं।” \v 37 ऊ पतरस अऊर जब्दी को दोयी टुरावों ख संग ले गयो, अऊर उदास अऊर व्याकुल होन लग्यो। \v 38 तब ओन उन्को सी कह्यो, “मोरो मन बहुत उदास हय, यहां तक कि मोरो जीव निकल्यो जाय रह्यो हय। तुम इतच ठहरो अऊर मोरो संग जागतो रहो।” \p \v 39 तब ऊ थोड़ो अऊर आगु बढ़ क मुंह को बल गिरयो, अऊर यो प्रार्थना करी, “हे मोरो बाप, यदि होय सकय त यो दु:ख को कटोरा मोरो सी टल जाये, तब भी जसो मय चाहऊ हय वसो नहीं, पर जसो तय चाहऊ हय वसोच हो।” \p \v 40 तब ओन चेलावों को जवर आय क उन्ख सोतो देख्यो अऊर पतरस सी कह्यो, “का तुम मोरो संग एक घड़ी भी नहीं जाग सक्यो? \v 41 जागतो रहो, अऊर प्रार्थना करतो रहो कि तुम परीक्षा म मत पड़ो: आत्मा त तैयार हय, पर शरीर कमजोर हय।” \p \v 42 तब ओन दूसरी बार जाय क यो प्रार्थना करी, “हे मोरो बाप, यदि यो कटोरा मोरो पीयो बिना नहीं हट सकय त तोरी इच्छा पूरी होय।” \v 43 तब ओन आय क उन्ख फिर सोतो पायो, कहालीकि उन्की आंखी नींद सी भरी होती। \p \v 44 उन्ख छोड़ क ऊ फिर चली गयो, अऊर उन्कोच शब्दों म फिर तीसरी बार प्रार्थना करी। \v 45 तब ओन चेलावों को जवर आय क उन्को सी कह्यो, “का तुम अब तक सोय रह्यो हय, देखो! घड़ी आय पहुंची हय, अऊर आदमी को बेटा पापियों को हाथ सौंप्यो जायेंन। \v 46 उठो, चलो; देखो, मोरो सौंपन वालो जवर आय गयो हय।” \s यीशु को धोका सी पकड़ायो जानो \r (मरकुस १४:४३-५०; लूका २२:४७-५३; यूहन्ना १८:३-१२) \p \v 47 यीशु यो कह्यच रह्यो होतो कि यहूदा जो बारयी म सी एक होतो, आयो, अऊर ओको संग मुख्य याजकों अऊर बुजूर्ग लोगों को तरफ सी बड़ी भीड़, तलवारे अऊर लाठियां पकड़ क आयो। \v 48 ओको सौंपन वालो न उन्ख यो इशारा दियो होतो: “जेक मय चुम्मा लेऊ उच आय; ओख पकड़ लेजो।” \p \v 49 अऊर तुरतच यीशु को जवर आय क कह्यो, “हे गुरु, प्रनाम!” अऊर ओख बहुत चुम्मा लियो। \p \v 50 यीशु न ओको सी कह्यो, “हे संगी, जो काम लायी तय आयो हय, ओख कर ले।” \p तब उन्न जवर आय क यीशु पर हाथ डाल्यो अऊर ओख पकड़ लियो। \v 51 यीशु को संगियों म सी एक न हाथ बढ़ाय क अपनी तलवार खीच ली अऊर महायाजक को सेवक पर चलाय क ओको कान काट डाल्यो। \v 52 तब यीशु न ओको सी कह्यो, “अपनी तलवार म्यान म रख ले कहालीकि जो तलवार चलावय हंय हि सब तलवार सी नाश करयो जायेंन। \v 53 का तय नहीं जानय कि मय अपनो बाप सी बिनती कर सकू हय, अऊर ऊ स्वर्गदूतों की बारा पलटन सी जादा मोरो जवर अभी खड़ो कर देयेंन? \v 54 पर पवित्र शास्त्र की हि बाते असोच होनो जरूरी हय, कसो पूरी होयेंन?” \p \v 55 \x + \xo २६:५५ \xo*\xt लूका १९:४७; २१:३७\xt*\x*ऊ समय यीशु न भीड़ सी कह्यो, “का तुम तलवारे अऊर लाठियां धर क मोख डाकू को जसो पकड़न लायी निकल्यो हय? मय हर दिन मन्दिर म बैठ क उपदेश करत होतो, अऊर तुम न मोख नहीं पकड़्यो।” \p \v 56 पर यो सब येकोलायी भयो हय कि भविष्यवक्तावों को वचन पूरो होय। तब सब चेला ओख छोड़ क भग गयो। \s महासभा को आगु यीशु \r (मरकुस १४:५३-६५; लूका २२:५४,५५,६३-७१; यूहन्ना १८:१३,१४,१९-२४) \p \v 57 तब यीशु को पकड़न वालो ओख कैफा नाम को महायाजक को जवर लिजायो, जहां धर्मशास्त्री अऊर बुजूर्गों जमा भयो होतो। \v 58 पतरस दूरच दूर ओको पीछू-पीछू महायाजक को आंगन तक गयो, अऊर अन्दर जाय क यीशु को का होयेंन देखन सेवकों को संग बैठ गयो। \v 59 मुख्य याजक अऊर पूरी महासभा यीशु ख मार डालन लायी ओको विरोध म झूठी गवाही की खोज म होतो, \v 60 पर बहुत सो झूठो गवाहों को आनो पर भी नहीं पायो आखरी म दोय लोग आयो, \v 61 \x + \xo २६:६१ \xo*\xt यूहन्ना २:१९\xt*\x*अऊर कह्यो, “येन कह्यो हय कि मय परमेश्वर को मन्दिर ख गिराय सकू हय अऊर ओख तीन दिन म बनाय सकू हय।” \p \v 62 तब महायाजक न खड़ो होय क यीशु सी कह्यो, “का तय कोयी उत्तर नहीं देवय? हि लोग तोरो विरोध म का गवाही देवय हंय?” \v 63 पर यीशु चुप रह्यो। तब महायाजक न ओको सी कह्यो, “मय तोख जीन्दो परमेश्वर की कसम देऊ हय कि यदि तय परमेश्वर को बेटा मसीह आय, त हम सी कह्य दे।” \p \v 64 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय न खुदच कह्य दियो; बल्की मय तुम सी यो भी कहू हय कि अब सी तुम केवल आदमी को बेटा ख सर्वशक्तिमान को दायो तरफ बैठ्यो, अऊर आसमान को बादलो पर आवतो देखो।” \p \v 65 येको पर महायाजक न अपनो कपड़ा फाड़्यो अऊर कह्यो, “येन परमेश्वर की निन्दा करी हय, अब हम्ख गवाहों की का जरूरत? देखो, तुम न अभी यो निन्दा सुनी हय! \v 66 तुम का सोचय हय?” \p उन्न उत्तर दियो, “यो दोषी हय अऊर येख मरनो चाहिये।” \p \v 67 \x + \xo २६:६७ \xo*\xt यशायाह ५०:६\xt*\x*तब उन्न ओको मुंह पर थूक्यो अऊर ओख घूसा मारयो, दूसरों न थापड़ मार क, \v 68 कह्यो, “हे मसीह, हम सी भविष्यवानी कर क् कह्य कि कौन न तोख मारयो?” \s पतरस द्वारा इन्कार \r (मरकुस १४:६६-७२; लूका २२:५६-६२; यूहन्ना १८:१५-१८,२५-२७) \p \v 69 पतरस बाहेर आंगन म बैठ्यो हुयो होतो कि एक दासी ओको जवर आयी अऊर कह्यो, “तय भी यीशु गलीली को संग होतो।” \p \v 70 पतरस न सब को आगु यो कहतो हुयो इन्कार करयो, “मय नहीं जानु तय का कह्य रही हय।” \v 71 जब ऊ बाहेर द्वार म गयो, त दूसरी सेविका न ओख देख क उन्को सी जो उत होतो कह्यो, “यो भी त यीशु नासरी को संग होतो।” \p \v 72 पतरस न कसम खाय क फिर इन्कार करयो: “मय ऊ आदमी ख नहीं जानु।” \p \v 73 थोड़ी देर बाद लोगों न जो उत खड़ो होतो, पतरस को जवर आय क ओको सी कह्यो, “सचमुच तय भी उन्म सी एक आय, कहालीकि तोरी बोली भाषा न तोरो भेद खोल दियो हय।” \p \v 74 तब ऊ धिक्कारन अऊर कसम खान लग्यो: “मय ऊ आदमी ख नहीं जानु।” \p अऊर तुरतच मुर्गा न बाग दियो। \v 75 तब पतरस ख यीशु की कहीं हुयी बात याद म आयी: “मुर्गा को बाग देन सी पहिले तय तीन बार मोरो इन्कार करजो।” अऊर ऊ बाहेर जाय क फूट फूट क रोयो। \c 27 \s पिलातुस को आगु यीशु \r (मरकुस १५:१; लूका २३:१,२; यूहन्ना १८:२८-३२) \p \v 1 जब सबेरे भयी त सब मुख्य याजकों अऊर बुजूर्गों लोगों न यीशु ख मार डालन की योजना बनायी। \v 2 उन्न ओख बान्ध्यो अऊर ले जाय क पिलातुस शासक को हाथ म सौंप दियो। \s यहूदा की मृत्यु \r (प्रेरितों १:१८,१९) \p \v 3 \x + \xo २७:३ \xo*\xt प्रेरितों १:१८-१९\xt*\x*जब ओको सौंपन वालो यहूदा न देख्यो कि ऊ दोषी ठहरायो गयो हय त ऊ पछतायो अऊर हि तीस चांदी को सिक्का मुख्य याजकों अऊर बुजूर्गों को जवर वापस देन गयो \v 4 अऊर कह्यो, “मय न निर्दोष ख मारन लायी सौंप क पाप करयो हय!” \p उन्न कह्यो, “हम्ख ओकी का परवाह हय? उन्न जवाब दियो। अपनो तयच देख ले।” \p \v 5 तब ऊ उन सिक्का ख मन्दिर म फेक क चली गयो, अऊर जाय क अपनो आप ख फासी दे दियो। \p \v 6 मुख्य याजकों न उन सिक्का ले क कह्यो, “इन्क, भण्डार म रखनो ठीक नहाय, कहालीकि यो खून को दाम आय।” \v 7 येकोलायी उन्न सलाह कर क् उन सिक्का सी परदेशियों को गाड़्यो जान लायी कुम्हार को खेत ले लियो। \v 8 यो वजह ऊ खेत अज तक खून को खेत कहलावय हय। \p \v 9 तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यवक्ता सी कह्यो गयो होतो ऊ पूरो भयो: “उन्न हि तीस सिक्का यानेकि ऊ ठहरायो हुयो कीमत ख जेक इस्राएल की सन्तान म सी कितनो न सम्मति सी ठहरायो होतो ऊ ले लियो, \v 10 अऊर जसो प्रभु न मोख आज्ञा दियो होतो वसोच उन्ख कुम्हार को खेत ख मोल म ले लियो।” \s पिलातुस को प्रश्न \r (मरकुस १५:२-५; लूका २३:३-५; यूहन्ना १८:३३-३८) \p \v 11 जब यीशु रोमन शासक को आगु खड़ो होतो त शासक न ओको सी पुच्छ्यो, “का तय यहूदियों को राजा आय?” \p यीशु न ओको सी कह्यो, “तय खुदच कह्य रह्यो हय।” \v 12 जब मुख्य याजक अऊर बुजूर्ग ओको पर दोष लगाय रह्यो होतो, त यीशु न कुछ उत्तर नहीं दियो। \p \v 13 येको पर पिलातुस न ओको सी कह्यो, “का तय नहीं सुनय कि यो तोरो विरोध म कितनी गवाही दे रह्यो हय?” \p \v 14 पर यीशु न ओख एक बात को भी उत्तर नहीं दियो, यहां तक कि शासक ख बड़ो आश्चर्य भयो। \s यीशु ख मृत्यु–दण्ड की आज्ञा \r (मरकुस १५:६-१५; लूका २३:१३-२५; यूहन्ना १८:३९–१९:१६) \p \v 15 शासक की यो रीति होती कि ऊ पर्व म लोगों लायी कोयी एक बन्दी ख जेक हि चाहत होतो, छोड़ देत होतो। \v 16 ऊ समय उन्को इत बरअब्बा नाम को एक बदनाम आदमी बन्दी होतो। \v 17 येकोलायी जब हि जमा भयो, त पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “तुम कौन्क चाहवय हय कि मय तुम्हरो लायी छोड़ देऊ? बरअब्बा ख, यां यीशु ख जो मसीह कहलावय हय?” \v 18 कहालीकि ऊ जानत होतो कि उन्न ओख धोका सी पकड़वायो हय। \p \v 19 जब पिलातुस न्याय कि गद्दी पर बैठ्यो हुयो होतो त ओकी पत्नी न ओख कह्यो, “तय ऊ सच्चो को मामला म हाथ मत डालजो, कहालीकि मय न अज सपनो म ओको वजह बहुत दु:ख उठायो हय।” \p \v 20 मुख्य याजकों अऊर बुजूर्गों लोगों न पिलातुस ख बहकायो कि हि बरअब्बा ख मांग ले, अऊर यीशु को नाश करायो। \v 21 लेकिन पिलातुस न भीड़ सी पुच्छ्यो, “तुम इन दोयी म सी कौन्सो चाहवय हय कि मय तुम्हरो लायी फुकट म छोड़ देऊ?” \p उन्न कह्यो, “बरअब्बा” ख। \p \v 22 पिलातुस न ओको सी पुच्छ्यो, “फिर यीशु ख, जो मसीह कहलावय हय, का करू?” \p सब न ओको सी कह्यो, “ऊ क्रूस पर चढ़ायो जाय!” \p \v 23 शासक न कह्यो, “कहाली, ओन का बुरायी करी हय?” \p पर हि अऊर भी चिल्लाय-चिल्लाय क कहन लग्यो, “ऊ क्रूस पर चढ़ायो जाये।” \p \v 24 जब पिलातुस न देख्यो कि कुछ बन नहीं पड़य पर येको विरुद्ध हल्ला बढ़तो जावय हय, त ओन पानी ले क भीड़ को आगु अपनो हाथ धोयो अऊर कह्यो, “मय यो सच्चो को खून सी निर्दोष हय; तुमच जानो।” \p \v 25 सब लोगों न उत्तर दियो, “येको खून हम पर अऊर हमरी सन्तान पर हो!” \p \v 26 येको पर ओन बरअब्बा ख उन्को लायी छोड़ दियो, अऊर यीशु ख कोड़ा मरवाय क सौंप दियो, कि क्रूस पर चढ़ायो जाये। \s सिपाहियों द्वारा यीशु को अपमान \r (१५:१६-२०; यूहन्ना १९:२,३) \p \v 27 तब शासक को सिपाहियों न यीशु ख राजभवन म ले जाय क पूरी पलटन ओको चारयी तरफ जमा करयो, \v 28 अऊर ओको कपड़ा उतार क ओख लाल रंग को चोंगा पहिनायो, \v 29 अऊर काटा को मुकुट गूथ क ओको मुंड पर रख्यो, अऊर ओको दायो हाथ म सरकण्डा दियो अऊर ओको आगु घुटना टेक क ओकी मजाक उड़ावन लग्यो अऊर कह्यो, “हे यहूदियों को राजा, प्रनाम!” \v 30 अऊर ओको पर थूक्यो; अऊर उच सरकण्डा ले क ओको मुंड पर मारन लग्यो। \v 31 जब हि ओकी मजाक उड़ाय लियो त ऊ चोंगा ओको पर सी उतार क फिर ओकोच कपड़ा ओख पहिनायो, अऊर क्रूस पर चढ़ान लायी ले गयो। \s यीशु को क्रूस पर चढ़ायो जानो \r (मरकुस १५:२१-३२; लूका २३:२६-४३; यूहन्ना १९:१७-२७) \p \v 32 बाहेर जातो हुयो उन्ख शिमोन नाम को एक कुरेनी आदमी मिल्यो। उन्न ओख बेकार म पकड़्यो कि ओको क्रूस ख उठाय क ले चल्यो। \v 33 ऊ जागा पर जो गुलगुता यानेकि खोपड़ी की जागा कहलावय हय, पहुंच क \v 34 उन्न पित्त मिलायो हुयो अंगूररस ओख पीवन ख दियो, पर ओन चख क पीनो नहीं चाह्यो। \p \v 35 तब उन्न ओख क्रूस पर चढ़ायो, अऊर चिट्ठियां डाल क ओको कपड़ा बाट लियो, \v 36 अऊर उत बैठ क ओकी पहरेदारी करन लग्यो। \v 37 अऊर ओकी दोष कि चिट्ठी ओकी मुंड को ऊपर लगायो, कि “यो यहूदियों को राजा यीशु आय।” \v 38 तब यीशु को संग दोय डाकू ख क्रूस पर चढ़ायो गयो एक ख दायो तरफ अऊर एक ख बायो तरफ। \p \v 39 आन–जान वालो मुंड हिला–हिलाय क ओकी निन्दा करत होतो, \v 40 \x + \xo २७:४० \xo*\xt मत्ती २६:६१; यूहन्ना २:१९\xt*\x*अऊर यो कहत होतो, “हे मन्दिर ख गिरावन वालो अऊर तीन दिन म बनावन वालो, अपनो आप ख त बचाव! यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त क्रूस पर सी उतर आव।” \p \v 41 योच रीति सी मुख्य याजक भी धर्मशास्त्रियों अऊर बुजूर्गों समेत मजाक कर क् कहत होतो, \v 42 “येन बहुतों ख बचायो, अऊर अपनो आप ख नहीं बचाय सकय। यो त ‘इस्राएल को राजा’ आय। अब क्रूस पर सी उतर आयो त हम ओको पर विश्वास करबो। \v 43 ओन परमेश्वर पर भरोसा रख्यो हय; यदि ऊ येख चाहवय हय, त अब येख छुड़ाय ले, कहालीकि येन कह्यो होतो, ‘मय परमेश्वर को बेटा आय।’” \p \v 44 योच तरह डाकू भी जो ओको संग क्रूस पर चढ़ायो गयो होतो, ओकी निन्दा करत होतो। \s यीशु को जीव छोड़नो \r (मरकुस १५:३३-४१; लूका २३:४४-४९; यूहन्ना १९:२८-३०) \p \v 45 दोपहर सी ले क तीन बजे तक ऊ पूरो प्रदेश म अन्धारो छायो रह्यो। \v 46 तीन बजे को जवर यीशु न बड़ो आवाज सी पुकार क कह्यो, “एली, एली, लमा शबक्तनी?” यानेकि “हे मोरो परमेश्वर, हे मोरो परमेश्वर, तय न मोख कहाली छोड़ दियो?” \p \v 47 जो उत खड़ो होतो, उन्म सी कुछ न यो सुन क कह्यो, “ऊ त एलिय्याह ख पुकार रह्यो हय।” \v 48 उन्म सी एक तुरतच दौड़्यो, अऊर स्पंज ले क सिरका म डुबायो, अऊर सरकण्डा पर रख क ओख चुसायो। \p \v 49 दूसरों न कह्यो, “रह्य जावो, देखो एलिय्याह ओख बचावन आवय हय कि नहीं।” \p \v 50 तब यीशु न फिर ऊचो आवाज सी चिल्लाय क जीव छोड़ दियो। \p \v 51 अऊर देखो, मन्दिर को परदा ऊपर सी खल्लो तक फट क दोय टुकड़ा भय गयो: अऊर जमीन हल गयी अऊर चट्टान तड़क गयी, \v 52 अऊर कब्रें खुल गयी, अऊर सोयो हुयो पवित्र लोगों को बहुत सो शरीर जीन्दो भयो, \v 53 अऊर ओको जीन्दो होन को बाद हि कब्रो म सी निकल क पवित्र नगर यरूशलेम म गयो अऊर बहुत लोगों ख दिखायी दियो। \p \v 54 तब सूबेदार अऊर जो ओको संग यीशु की पहरेदारी करत होतो, भूईडोल अऊर जो कुछ भयो होतो ओख देख क बहुतच डर गयो अऊर कह्यो, “सच म यो परमेश्वर को बेटा होतो!” \p \v 55 \x + \xo २७:५५ \xo*\xt लूका ८:२,३\xt*\x*उत बहुत सी बाईयां होती जो गलील सी यीशु की सेवा करती हुयी ओको संग आयी होती, दूर सी यो देख रही होती। \v 56 उन्म मरियम मगदलीनी, अऊर याकूब अऊर योसेस की माय मरियम, अऊर जब्दी की पत्नी भी होती। \s यीशु को गाड़्यो जानो \r (मरकुस १५:४२-४७; लूका २३:५०-५६; यूहन्ना १९:३८-४२) \p \v 57 जब शाम भयी त यूसुफ नाम को अरिमतिया को एक धनी आदमी जो खुदच यीशु को चेला होतो, ऊ आयो। \v 58 ओन पिलातुस को जवर जाय क यीशु की लाश मांग्यो। पिलातुस न शरीर ख यूसुफ ख दियो जान की आज्ञा दियो। \v 59 त यूसुफ न लाश लियो, अऊर ओख उज्वल चादर म लपेट्यो, \v 60 अऊर ओन अपनी नयी कब्र म रख्यो, जो ओन चट्टान म खुदवायी होती, अऊर कब्र को द्वार पर बड़ो गोटा लुढ़काय क चली गयो। \v 61 मरियम मगदलीनी अऊर दूसरी मरियम उत कब्र को आगु बैठी होती। \s कब्र पर पहरेदारी \p \v 62 दूसरों दिन जो आराम दिन को बाद को दिन होतो, मुख्य याजकों अऊर फरीसियों न पिलातुस को जवर जमा होय क कह्यो, \v 63 \x + \xo २७:६३ \xo*\xt मत्ती १६:२१; १७:२३; २०:१९; मरकुस ८:३१; ९:३१; १०:३३,३४; लूका ९:२२; १८:३१-३३\xt*\x*“हे महाराज, हम्ख याद हय कि ऊ भरमावन वालो न जब ऊ जीन्दो होतो, त कह्यो होतो, ‘मय तीन दिन को बाद जीन्दो होऊं।’ \v 64 येकोलायी आज्ञा दे कि तीसरो दिन तक कब्र की पहरेदारी करी जाये, असो नहीं होय कि ओको चेला आय क ओख चोर क लिजाये अऊर लोगों सी कहन लग्यो, ‘ऊ मरयो हुयो म सी जीन्दो भयो हय।’ तब पिछलो धोका पहिलो सी भी बुरो होयेंन।” \p \v 65 पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “तुम्हरो जवर पहरेदार त हंय। जावो, अपनी समझ सी कब्र ख रखवाली करो।” \p \v 66 येकोलायी हि पहरेदारों ख संग ले क गयो, अऊर गोटा पर मुहर लगाय क कब्र ख सुरक्षित कर दियो। \c 28 \s यीशु को पुनरुत्थान \r (मरकुस १६:१-१०; लूका २४:१-१२; यूहन्ना २०:१-१०) \p \v 1 आराम दिन को बाद हप्ता को पहिलो दिन भुन्सारे होतोच मरियम मगदलीनी अऊर दूसरी मरियम कब्र ख देखन आयी। \v 2 अऊर देखो, एक बड़ो भूईडोल भयो, कहालीकि प्रभु को एक दूत स्वर्ग सी उतरयो अऊर जवर आय क ओन गोटा ख लुढ़काय दियो, अऊर ओको पर बैठ गयो। \v 3 ओको रूप बिजली को जसो चमकत होतो अऊर ओको कपड़ा बर्फ को जसो उज्वल होतो। \v 4 ओको डर सी पहरेदार काप उठ्यो, अऊर मरयो जसो भय गयो। \p \v 5 स्वर्गदूत न बाईयों सी कह्यो, “मत डरो, मय जानु हय कि तुम यीशु ख ढूंढय हय, जो क्रूस पर चढ़ायो गयो होतो। \v 6 ऊ इत नहाय, पर अपनो वचन को अनुसार जीन्दो भय गयो हय। आवो, यो जागा देखो, जित प्रभु पड़्यो होतो, \v 7 अऊर तुरतच जाय क ओको चेलावों सी कहो कि ऊ मरयो हुयो म सी जीन्दो भयो हय, अऊर ऊ तुम सी पहिले गलील ख जायेंन, उत ओको दर्शन पावों! देखो, मय न जो तुम्ख बतायो हय, ओख याद रखो।” \p \v 8 हि डर अऊर बड़ो खुशी को संग कब्र सी तुरतच लौट क ओको चेलावों ख समाचार देन लायी दवड़ गयी। \p \v 9 तब यीशु उन्ख मिल्यो। अऊर कह्यो, “नमस्कार।” उन्न जवर आय क अऊर ओको पाय पकड़ क ओख प्रनाम करयो। \v 10 तब यीशु न उन्को सी कह्यो, “मत डरो; मोरो भाऊवों सी जाय क कहो कि गलील ख चली जाये, उत हि मोख देखेंन।” \s पहरेदारों की खबर \p \v 11 हि जायच रही होती कि पहरेदारों म सी कुछ न नगर म आय क पूरो हाल मुख्य याजकों सी कह्यो जो कुछ भयो होतो। \v 12 तब उन्न बुजूर्गों को संग जमा होय क सलाह करी अऊर सिपाहियों ख बहुत धन दियो, \v 13 अऊर कह्यो “तुम यो कहनो चाहवय हय कि रात ख जब हम सोय रह्यो होतो, त ओको चेला आय क ओको शरीर चुराय ले गयो। \v 14 अऊर यदि यो बात शासक को कान तक पहुंचेंन, त हम ओख समझाय लेबो कि तुम निर्दोष हय, अऊर तुम्ख चिन्ता करनो सी बचाय लेबो।” \p \v 15 सिपाहियों न धन लियो अऊर उच करयो जो उन्ख करन लायी कह्यो गयो होतो। अऊर येकोलायी यो बात अज तक यहूदियों द्वारा फैलायी गयी हय। \s यीशु को दिखायी देनो अऊर आखरी आज्ञा \r (मरकुस १६:१४-१८; लूका २४:३६-४९; यूहन्ना २०:१९-२३; प्रेरितों १:६-८) \p \v 16 \x + \xo २८:१६ \xo*\xt मत्ती २६:३२; मरकुस १४:२८\xt*\x*ग्यारा चेला गलील म ऊ पहाड़ी पर गयो, जेक यीशु न उन्ख बतायो होतो। \v 17 जब उन्न ओख देख्यो, त उन्न ओख प्रनाम करयो, तब भी उन्म सी कुछ ख शक भयो। \v 18 यीशु न उन्को जवर आय क कह्यो, “स्वर्ग अऊर धरती को पूरो अधिकार मोख दियो गयो हय। \v 19 \x + \xo २८:१९ \xo*\xt प्रेरितों १:८\xt*\x*येकोलायी तुम जावो, सब लोगों ख चेला बनावो; अऊर उन्ख बाप, अऊर बेटा, अऊर पवित्र आत्मा को नाम सी बपतिस्मा देवो, \v 20 अऊर उन्ख सब बाते जो मय न तुम्ख आज्ञा दियो हय, माननो सिखावो: अऊर देखो, मय जगत को अन्त तक सदा तुम्हरो संग हय।”