\id LUK - Lodhi \ide UTF-8 \h लूका \toc3 लूका \toc2 लूका \toc1 लूका रचित यीशु मसीह को सुसमाचार \mt2 लूका रचित यीशु मसीह का सुसमाचार \mt1 लूका रचित यीशु मसीह को सुसमाचार \imt परिचय \ip लूका रचित सुसमाचार नयो नियम कि उन चार किताबों म सी एक आय, जेको म यीशु को जीवन को वर्नन हय। उन हर एक किताबों ख सुसमाचार कह्य हय। यीशु को मरन को बाद मत्ती, मरकुस, अऊर यूहन्ना न या किताब लिखी। लूका न केवल यीशु को जीवन की कहानीच नहीं लिखी बल्की ओको मरन को बाद ओको चेलां को कामों को बारे म भी लिख्यो। “प्रेरितों को काम” नाम की किताब म इन्को बारे म पढ़न ख मिलय हय। लूका को सुसमाचार कहां अऊर कब लिख्यो गयो येको बारे म निश्चित मालूम नहाय। पर ज्यादातर पढ़न वालो यो मानय हय कि लूका रचित सुसमाचार यीशु को जनम को लगभग ७० साल को बाद लिख्यो गयो होना। \ip या किताब को लेखक खुद लूका आय। जो डाक्टर होतो। ओको लिखन को तरीका अऊर भाषा सी यो पता चलय हय कि लूका एक पढ़्यो लिख्यो आदमी होतो। लूका चाहत होतो कि यीशु को जीवन की घटना ख सही-सही लिख्यो जाये, अऊर घटनाये जसी भयी ठीक वसोच लिख्यो जाये ताकि उन्को बारे म पढ़ क फायदा हो। \xt १:१-३\xt* लूका यहूदी नहीं होतो। \xt कुलुस्सियों ४:१०-१४\xt* ओन असो तरह सी लिख्यो कि गैरयहूदी भी ओकी लिखित सरलता सी समझ सके, जो तरह सी यहूदी रीति रिवाजों को वर्नन करयो गयो हय, ओको सी यो पता चलय हय। \xt १:८।\xt* \ip बहुत ज्यादा मात्रा म लूका रचित सुसमाचार मत्ती अऊर मरकुस की किताबों जसी हय। तीनयी किताबों म उच घटनावों को वर्नन एक जसो करयो गयो हय। पर लूका की किताब म बपतिस्मा करन वालो यूहन्ना को जनम को बारे म सब सी ज्यादा जानकारी मिलय हय। लूका म “माफी को बारे म सब सी ज्यादा लिख्यो हय।” \xt ३:३,\xt* \xt ११:४,\xt* \xt १७:३-४,\xt* \xt २३:३४,\xt* \xt २४:४७\xt* प्रार्थना को बारे म सब सी ज्यादा लिख्यो हय \xt ३:२१,\xt* \xt ५:१६,\xt* \xt ६:१२,\xt* \xt १७:१-१२,\xt* \xt २२:३२\xt* \iot रूप-रेखा \io1 १. लूका रचित सुसमाचार की भूमिका अऊर लिखन को वजह बतावय हय। \ior १:१-४\ior* \io1 २. यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो अऊर यीशु को जनम यां बचपन। \ior १:५–२:५२ \ior* \io1 ३. यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो की जनसेवा। \ior ३:१-२०\ior* \io1 ४. यीशु को बपतिस्मा अऊर परीक्षा। \ior ३:२१–४:१३\ior* \io1 ५. गलील म यीशु की जनसेवा। \ior ४:१४–९:५०\ior* \io1 ६. गलील सी यरूशलेम तक यात्रा। \ior ९:५१–१९:२७\ior* \io1 ७. यरूशलेम म आखरी हप्ता। \ior १९:२८–२३:५६\ior* \io1 ८. प्रभु को पुनरुत्थान, दिखायी देनो, अऊर स्वर्गारोहन। \ior २४:१-५३\ior* \c 1 \p \v 1 प्रिय थियुफिलुस: बहुत सो न उन बातों ख जो हमरो बीच म बीती हंय, इतिहास लिखन म हाथ लगायो हय। \v 2 जसो कि उन्न जो पहले सीच इन बातों ख देखन वालो अऊर सुसमाचार को प्रचार करन वालो न, हम तक पहुंचायो। \v 3 अऊर येकोलायी, मान्यवर थियुफिलुस मोख भी यो ठीक मालूम भयो कि उन सब बातों को पूरो हाल सुरूवात सी ठीक-ठीक जांच कर क्, उन्ख तोरो लायी एक को बाद एक लिखूं। \v 4 मय असो येकोलायी कहू हय कि तोख हर वा चिज को बारे म पूरी सच्चायी मालूम होय जाये जो तोख सिखायी गयी हय। \s यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को जनम की घोषना \p \v 5 यहूदिया\f + \fr १:५ \fr*\ft यो संज्ञा को सन्दर्भ पूरो पलिस्तिन देश सी हय\ft*\f* को राजा हेरोदेस को समय अबिय्याह को दल म जकर्याह नाम को एक याजक होतो। अऊर ओकी पत्नी हारून को वंश की होती; जेको नाम इलीशिबा होतो। \v 6 हि दोयी परमेश्वर को आगु सच्चो होतो, अऊर प्रभु की पूरी आज्ञावों अऊर पूरी विधियों पर निर्दोष चलन वालो होतो। \v 7 उन्की कोयी भी सन्तान नहीं होती, कहालीकि इलीशिबा बांझ होती, अऊर हि दोयी बूढ्ढा होतो। \p \v 8 जब ऊ मन्दिर म अपनो दल की पारी पर परमेश्वर को आगु याजक को काम करत होतो, \v 9 त याजकों की रीति को अनुसार ओको नाम की चिट्ठी निकली कि प्रभु को मन्दिर म जाय क धूप जलायेंन। \v 10 धूप जलावन को समय लोगों की पूरी मण्डली बाहेर प्रार्थना कर रही होती। \p \v 11 ऊ समय प्रभु को एक स्वर्गदूत धूप की वेदी को दायो तरफ जकर्याह ख प्रगट भयो दिखायी दियो। \v 12 जकर्याह देख क घबरायो अऊर ओको पर बड़ो डर छाय गयो। \v 13 पर स्वर्गदूत न ओको सी कह्यो, “हे जकर्याह, डरू मत! कहालीकि तोरी प्रार्थना सुन लियो हय, अऊर तोरी पत्नी इलीशिबा सी तोरो लायी एक बेटा पैदा होयेंन। अऊर तय ओको नाम यूहन्ना रखजो। \v 14 अऊर तोख बहुत खुशी होयेंन, अऊर बहुत लोग ओको जनम को वजह खुश होयेंन! \v 15 कहालीकि ऊ प्रभु को आगु महान होयेंन; अऊर नशा वालो अंगूररस अऊर मदिरा कभी नहीं पीयेंन; अऊर अपनी माय को गर्भ सीच पवित्र आत्मा सी परिपूर्ण होय जायेंन; \v 16 अऊर इस्राएलियों म सी बहुत सो ख उन्को प्रभु परमेश्वर को तरफ वापस लायेंन। \v 17 ऊ नबी एलिय्याह को जसो आत्मा अऊर सामर्थ म होय क प्रभु सी आगु निकल जायेंन। कि बाप को मन बाल-बच्चां को तरफ घुमाय देयेंन; अऊर आज्ञा नहीं मानन वालो ख धर्मियों की समझ पर लाये; अऊर प्रभु लायी एक लायक प्रजा तैयार करेंन।” \p \v 18 जकर्याह न स्वर्गदूत सी पुच्छ्यो, “यो मय कसो जानु? कहालीकि मय त बूढ्ढा हय; अऊर मोरी पत्नी भी बूढ्ढी होय गयी हय।” \p \v 19 स्वर्गदूत न ओख उत्तर दियो, “मय जिब्राईल आय, जो परमेश्वर को आगु खड़ो रहू हय; अऊर मय तोरो सी बाते करन अऊर तोख यो सुसमाचार सुनावन लायी भेज्यो गयो हय। \v 20 देख, जब तक या बाते पूरी नहीं होय, तब तक तय मुक्का रहजो अऊर बोल नहीं सकजो, कहालीकि तय न मोरी बातों ख जो अपनो समय पर पूरी होन वाली होती, ओको पर विश्वास नहीं करयो।” \p \v 21 लोग जकर्याह की रस्ता देखतच रह्यो अऊर अचम्भा करन लग्यो कि ओख मन्दिर म इतनी देर कहाली लगी। \v 22 जब ऊ बाहेर आयो, त ओन उन्को सी बात नहीं कर सक्यो: येकोलायी हि जान गयो कि ओन मन्दिर म कोयी दर्शन पायो हय; अऊर ऊ अपनो हाथों सी उन्ख इशारा करतो रह्यो, अऊर मुक्का बन गयो। \p \v 23 जब जकर्याह को मन्दिर म को सेवा को दिन पूरो भयो, त ऊ अपनो घर चली गयो। \v 24 ऊ दिन को बाद सी ओकी पत्नी इलीशिबा गर्भवती भयी; अऊर पाच महीना तक अपनो आप ख यो कह्य क लूकाय क रख्यो, \v 25 “आदमियों म मोरो अपमान को दूर करन लायी, प्रभु न इन दिनो म दयादृष्टि कर क् मोरो लायी असो करयो हय।” \s यीशु को जनम की घोषना \p \v 26 इलीशिबा को गर्भ धारन को छठवो महीना म परमेश्वर को तरफ सी जिब्राईल स्वर्गदूत, गलील को नासरत नगर म, \v 27 \x + \xo १:२७ \xo*\xt मत्ती १:१८\xt*\x*एक कुंवारी को जवर भेज्यो गयो जेकी मंगनी यूसुफ नाम को दाऊद को घराना को एक पुरुष सी भयी होती: वा कुंवारी को नाम मरियम होतो। \v 28 स्वर्गदूत न ओको जवर अन्दर आय क कह्यो, “खुशी अऊर आशीर्वाद तोरो संग हय, जेक पर ईश्वर को अनुग्रह भयो हय! प्रभु तोरो संग हय!” \p \v 29 मरियम ऊ वचन सी बहुत परेशान भय गयी, अऊर सोचन लगी कि यो कसो तरह को अभिवादन आय? \v 30 स्वर्गदूत न ओको सी कह्यो, “हे मरियम, डरो मत, कहालीकि परमेश्वर को अनुग्रह तोरो पर भयो हय। \v 31 \x + \xo १:३१ \xo*\xt मत्ती १:२१\xt*\x*देख, तय गर्भवती होजो, अऊर तोख एक बेटा पैदा होयेंन; तय ओको नाम यीशु रखजो। \v 32 ऊ महान होयेंन अऊर परमप्रधान परमेश्वर को बेटा कह्यो जायेंन, अऊर प्रभु परमेश्वर ओको बाप दाऊद को सिंहासन ओख देयेंन, \v 33 अऊर ऊ याकूब को घरानों पर हमेशा राज करेंन; अऊर ओको राज्य कभी खतम नहीं होयेंन।” \p \v 34 मरियम न स्वर्गदूत सी कह्यो, “यो कसो होयेंन। मय त कोयी भी पुरुष ख जानु नहाय।” \p \v 35 स्वर्गदूत न ओख उत्तर दियो, “पवित्र आत्मा तोरो पर उतरेंन, अऊर परमेश्वर जो सब सी ऊचो हय ओकी सामर्थ तोरो पर छायेंन; येकोलायी ऊ पवित्र जो पैदा होन वालो हय, परमेश्वर को बेटा कहलायेंन। \v 36 अऊर देख, तोरी कुटुम्बिनी इलीशिबा ख भी बुढ़्ढापा म बेटा होन वालो हय, यो ओको, जो बांझ कहलावत होती ओको गर्भ धारन को छठवो महीना हय। \v 37 कहालीकि जो वचन परमेश्वर को तरफ सी होवय हय ऊ असम्भव नहीं होवय।” \p \v 38 मरियम न कह्यो, “देख मय प्रभु की दासी आय, मोख तोरो वचन को अनुसार हो।” तब स्वर्गदूत ओको जवर सी चली गयो। \s मरियम को इलीशिबा सी मिलन जानो \p \v 39 उन दिनो म मरियम उठ क जल्दीच पहाड़ी देश म यहूदा को एक नगर ख गयी, \v 40 ओन जकर्याह को घर म जाय क इलीशिबा ख नमस्कार करी। \v 41 जसोच इलीशिबा न मरियम को नमस्कार सुन्यो, वसोच बच्चा ओको पेट म उछल्यो, अऊर इलीशिबा पवित्र आत्मा सी परिपूर्ण भय गयी। \v 42 अऊर ओन बड़ो आवाज सी पुकार क कह्यो, “तय पूरी बाईयों म सब सी जादा आशीर्वाद हय, अऊर तोरो पेट को बच्चा आशीर्वाद हय! \v 43 यो अनुग्रह मोख कित सी भयो कि मोरो प्रभु की माय मोरो जवर आयी? \v 44 जसोच तोरो नमस्कार को आवाज मोरो कानो म पड़्यो, वसोच बच्चा मोरो पेट म खुशी सी उछल पड़्यो। \v 45 धन्य हय ऊ जेन विश्वास करयो कि जो बाते प्रभु को तरफ सी ओको सी कहीं गयी, हि पूरी होयेंन!” \s मरियम को स्तुति-गीत \p \v 46 तब मरियम न कह्यो, \q1 “मोरो जीव प्रभु की बड़ायी करय हय \v 47 अऊर मोरी आत्मा मोरो उद्धार करन वालो \q2 परमेश्वर सी खुश भयी, \v 48 कहालीकि ओन अपनी दासी पर \q2 नजर करी हय; येकोलायी देखो, अब सी पूरो युग-युग \q1 को लोग मोख धन्य कहेंन, \v 49 कहालीकि ऊ सर्वशक्तिमान परमेश्वर न \q2 मोरो लायी बड़ो बड़ो काम करयो हय। \q1 ओको नाम पवित्र हय, \v 50 एक पीढ़ी सी दूसरी पीढ़ी म, \q2 ऊ उन लोगों पर दया करय हय, \q2 जो ओको आदर करय हंय। \v 51 ओन अपनो ताकतवर भुजा दिखायो, \q1 अऊर जो अपनो आप ख बड़ो समझत होतो, \q2 उन्ख तितर-बितर कर दियो। \v 52 ओन राजावों ख उन्को सिंहासनों सी \q1 गिराय दियो; \q2 अऊर नम्र लोगों ख ऊंचो करयो। \v 53 ओन भूखो ख अच्छी चिजों सी \q1 सन्तुष्ट करयो, \q2 अऊर धनवानों ख खाली हाथ निकाल दियो। \q1 \v 54 ओन अपनो सेवक इस्राएल ख सम्भाल \q2 लियो कि अपनो ऊ दया ख याद करेंन, \v 55 जो अब्राहम अऊर ओको वंश पर हमेशा \q1 रहेंन, \q2 जसो ओन हमरो बापदादों सी कह्यो होतो।” \p \v 56 मरियम लगभग तीन महीना इलीशिबा को संग रह्य क अपनो घर लौट गयी। \s यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को जनम \p \v 57 तब इलीशिबा को प्रसव को समय पूरो भयो, अऊर ओन बेटा ख जनम दियो। \v 58 ओको पड़ोसियों अऊर कुटुम्बियों न यो सुन क कि प्रभु न ओको पर बड़ी दया करी हय, ओको संग खुशी मनायो। \p \v 59 अऊर असो भयो कि आठवो दिन हि बच्चा को खतना\f + \fr १:५९ \fr*\ft यहूदियों रीति को अनुसार आठवो दिन बेटा को खतना को चमड़ी काटन की विधि\ft*\f* करन आयो अऊर ओको नाम ओको बाप को नाम पर जकर्याह रखन लग्यो। \v 60 येको पर ओकी माय न उत्तर दियो, “नहीं; बल्की ओको नाम यूहन्ना रख्यो जाय।” \p \v 61 उन्न ओको सी कह्यो, “तोरो कुटुम्ब म कोयी को यो नाम नहाय!” \v 62 तब उन्न ओको बाप सी इशारा कर क् पुच्छ्यो कि तय ओको नाम का रखनो चाहवय हय? \p \v 63 जकर्याह न एक लिखन की पाटी मांगी अऊर लिख दियो, “ओको नाम यूहन्ना आय,” अऊर सब अचम्भित भयो। \v 64 तब ओको मुंह अऊर जीबली तुरतच खुल गयी; अऊर ऊ बोलन अऊर परमेश्वर को महिमा करन लग्यो। \v 65 ओको आजु बाजू को सब रहन वालो पर डर छाय गयो; अऊर उन सब बातों की चर्चा यहूदिया को पूरो पहाड़ी प्रदेश म फैल गयी, \v 66 अऊर सब सुनन वालो न अपनो-अपनो मन म बिचार कर क् कह्यो, “यो बच्चा कसो होयेंन?” कहालीकि प्रभु को हाथ ओको पर होतो। \s जकर्याह की भविष्यवानी \p \v 67 ओको बाप जकर्याह पवित्र आत्मा सी परिपूर्ण भय गयो, अऊर परमेश्वर को खबर देन लग्यो: \q1 \v 68 “प्रभु इस्राएल को परमेश्वर की महिमा हो, कहालीकि ओन अपनो लोगों पर नजर करी \q2 अऊर उन्को छुटकारा करयो हय, \v 69 अऊर अपनो सेवक दाऊद को घराना म \q1 ओन हमरो लायी एक शक्तिशाली उद्धारकर्ता \q2 दियो हय, \v 70 ओन अपनो पवित्र भविष्यवक्तावों \q1 को द्वारा जो जगत को सुरूवात सी होत आयो हंय, कह्यो होतो, \v 71 यानेकि \q2 हमरो दुश्मनों सी, अऊर \q2 हमरो सब दुश्मनों को हाथ सी हमरो उद्धार करयो हय, \v 72 ओन कह्यो होतो कि अपनो पूर्वजों पर \q1 दया कर क् अपनी \q2 पवित्र वाचा ख याद करेंन, \v 73 वा कसम ओन \q1 हमरो बाप \q2 अब्राहम सी खायी होती, \v 74 कि हमरो दुश्मनों को हाथों सी हमरो छुटकारा हो \q2 अऊर बिना कोयी डर को प्रभु की सेवा करन की अनुमति मिले। \v 75 ओको आगु पवित्रता अऊर सच्चायी \q1 सी जीवन भर निडर रह्य क ओकी सेवा \q2 करतो रहबो। \v 76 अऊर तय मोरो बच्चा, परमप्रधान परमेश्वर जो सब सी ऊचो हय। \q1 भविष्यवक्ता कहलायेंन, \q1 कहालीकि तय प्रभु को रस्ता तैयार करन \q2 लायी ओको आगु-आगु चलेंन, \v 77 कि ओको लोगों ख उद्धार को ज्ञान देयेंन, \q1 कि उन्को पापों की माफी सी होवय \q2 हय। \v 78 यो हमरो परमेश्वर की बड़ी दया सी होयेंन; \q1 जेको वजह ऊपर सी हम पर उद्धार \q1 को प्रकाश उदय होयेंन, \v 79 कि अन्धकार अऊर मरन की छाया म \q2 बैठन वालो ख उद्धार को प्रकाश देयेंन, अऊर हमरो पाय ख शान्ति को रस्ता म \q2 सीधो चलाये।” \p \v 80 अऊर ऊ बच्चा बढ़तो अऊर आत्मा म बलवन्त होत गयो, अऊर इस्राएल पर प्रगट होन को दिन तक जंगल म रह्यो। \c 2 \s यीशु को जनम \r (मत्ती १:१८-२५) \p \v 1 उन दिनो म औगुस्तुस जो रोम को राजा होतो ओको तरफ सी आज्ञा निकली कि पूरो रोम साम्राज्य को लोगों को नाम लिख्यो जाये। \v 2 जब यो पहिली नाम लिखायी ऊ समय भयी, जब क्विरिनियुस सीरिया को शासक होतो। \v 3 सब लोग नाम लिखावन लायी अपनो अपनो नगर ख गयो। \p \v 4 यूसुफ भी येकोलायी कि ऊ दाऊद को वंश को होतो, गलील को नासरत नगर सी यहूदिया म दाऊद को नगर बैतलहम ख गयो, \v 5 कि अपनी पत्नी मरियम को संग जो गर्भवती होती नाम लिखावन गयो। \v 6 अऊर जब हि बैतलहम म होतो, तब ऊ समय आयो कि ओको जनम देन को दिन पूरो भयो, \v 7 अऊर ओन अपनो पहिलो बेटा ख जनम दियो, अऊर ओख कपड़ा म लपेट क चरनी म रख्यो; कहालीकि उन्को लायी सरायी म रहन लायी जागा नहीं होती। \s स्वर्गदूतों द्वारा चरावन वालो ख खबर \p \v 8 अऊर ऊ देश म कितनो चरावन वालो होतो, जो रात ख खेतो म रह्य क अपनो झुण्ड की देखरेख करतो हुयो, पहरा देत होतो। \v 9 अऊर प्रभु को एक दूत उन्को जवर आय खड़ो भयो, अऊर प्रभु की महिमा उन्को चारयी तरफ चमकन लगी, अऊर हि बहुत डर गयो होतो। \v 10 तब स्वर्गदूत न उन्को सी कह्यो, “मत डरो; कहालीकि देखो, मय तुम्ख बड़ी खुशी को सुसमाचार सुनाऊ हय, जेकोसी पूरो लोगों ख बहुत खुशी होयेंन, \v 11 कहालीकि अज दाऊद को नगर म तुम्हरो लायी एक उद्धारकर्ता न जनम लियो हय, अऊर योच मसीह प्रभु आय। \v 12 अऊर यो उच आय जो तुम्हरो लायी यो चिन्ह हय कि तुम एक बच्चा ख कपड़ा म लिपट्यो हुयो अऊर एक चरनी म सोयो हुयो पावों।” \p \v 13 तब अचानक ऊ स्वर्गदूत को संग स्वर्गीय सेना को शक्तिशाली दल परमेश्वर की स्तुति करतो हुयो अऊर यो कहतो दिखायी दियो, \q1 \v 14 “आसमान म परमेश्वर की महिमा अऊर \q2 धरती पर उन आदमियों म जिन्कोसी ऊ प्रसन्न हय, शान्ति हो।” \p \v 15 जब स्वर्गदूत उन्को जवर सी स्वर्ग ख चली गयो, त चरावन वालो न आपस म कह्यो, “आवो, हम बैतलहम जाय क या बात जो भयी हय, अऊर जेक प्रभु न हम्ख बतायो हय, देखबो।” \p \v 16 अऊर उन्न तुरतच जाय क मरियम अऊर यूसुफ ख पायो, अऊर चरनी म ऊ बच्चा ख पड़्यो देख्यो। \v 17 जब चरावन वालो न उन्ख देख्यो, त उन्न उन्ख बतायो कि स्वर्गदूत न वा बात बच्चा को बारे म उन्को सी कह्यो होतो, प्रगट करयो, \v 18 अऊर सब सुनन वालो न उन बातों सी जो चरावन वालो न उन्को सी कह्यो होतो अचम्भा करयो। \v 19 पर मरियम न या पूरी बाते अपनो मन म याद रख क गहरायी सी सोचत रही। \v 20 अऊर चरवाहे ख जसो स्वर्गदूत न कह्यो गयो होतो, वसोच सब सुन क अऊर देख क परमेश्वर की महिमा अऊर स्तुति करतो हुयो लौट गयो। \s यीशु को नामकरन \p \v 21 \x + \xo २:२१ \xo*\xt लूका १:३१\xt*\x*जब आठ दिन पूरो भयो अऊर बच्चा को खतना को समय आयो, त ओको नाम यीशु रख्यो गयो जो स्वर्गदूत न ओको पेट म आवन सी पहिले कह्यो होतो। \s मन्दिर म यीशु को अर्पन \p \v 22 जब मूसा की व्यवस्था को अनुसार यूसुफ अऊर मरियम को शुद्ध होन को दिन पूरो भयो, त हि ओख यरूशलेम म ले गयो कि प्रभु को आगु लायो, \v 23 जसो कि प्रभु की व्यवस्था म लिख्यो हय: “हर एक पहिलौठा प्रभु ख अर्पन करन लायी अलग करयो जायेंन।” \v 24 अऊर प्रभु की व्यवस्था को वचन को अनुसार कबूत्तर को एक जोड़ा, यां दोय पण्डुकों को बलिदान चढ़ाये। \s शिमोन को गीत \p \v 25 यरूशलेम म शिमोन नाम को एक आदमी होतो, ऊ एक सच्चो अऊर परमेश्वर सी डरन वालो आदमी होतो; अऊर परमेश्वर इस्राएल को बचावन की असी रस्ता देख रह्यो होतो, अऊर पवित्र आत्मा ओको संग होतो। \v 26 अऊर पवित्र आत्मा को द्वारा ओको पर प्रगट भयो कि जब तक ऊ प्रभु म जो प्रतिज्ञा करयो ऊ मसीहा ख देख नहीं लेयेंन, तब तक मरेंन नहीं। \v 27 शिमोन आत्मा को प्रेरना सी मन्दिर म आयो; अऊर जब माय-बाप न यीशु ख जो छोटो बच्चा हय, मन्दिर म अन्दर लायो, कि ओको लायी व्यवस्था की रीति को अनुसार करे, \v 28 त शिमोन न बच्चा ख अपनी गोदी म लियो अऊर परमेश्वर ख धन्यवाद कर क् कह्यो: \q1 \v 29 “हे मालिक, अब तय अपनो सेवक ख प्रतिज्ञा को अनुसार तोरो वचन ख पूरो होतो देख्यो हय \q2 अब मोख शान्ति सी मरन दे, \v 30 कहालीकि मोरी आंखी न तोरो उद्धार ख देख \q1 लियो हय, \v 31 जेक तय न सब देशों को लोगों को आगु \q2 तैयार करयो हय। \v 32 कि ऊ गैरयहूदियों ख प्रकाशित करन \q1 लायी ज्योति, अऊर तोरो निजी लोग इस्राएल की महिमा \q2 करन वाली हो।” \p \v 33 शिमोन को बाप अऊर माय इन बातों सी जो ओको बारे म कहीं जात होती, अचम्भा करत होतो। \v 34 तब शिमोन न उन्ख आशीर्वाद दे क, ओकी माय मरियम सी कह्यो, “देख, यो बच्चा त इस्राएल म बहुत सो ख विनाश, अऊर उद्धार लायी, अऊर एक असो चिन्ह होन लायी ठहरायो गयो हय, जेको विरोध म बाते करी जायेंन \v 35 येकोलायी बहुत लोगों को मन को बिचार प्रगट होयेंन। अऊर दु:ख, एक तेज तलवार की तरह तुम्हरो खुद को दिल छेदेंन।” \s हन्नाह की गवाही \p \v 36 अशेर को गोत्र म सी हन्नाह नाम की फनूएल की बेटी वा एक भविष्यवक्तिन होती। वा बहुत बूढ्ढी होती, अऊर बिहाव होन को बाद सात साल अपनो पति को संग रही फिर ओको पति मर गयो होतो। \v 37 अऊर वा चौरासी साल सी विधवा होती: अऊर मन्दिर ख नहीं छोड़त होती, पर उपवास अऊर प्रार्थना कर कर क् रात-दिन परमेश्वर की पूजा अऊर उपासना करत होती। \v 38 अऊर वा उच घड़ी उत आय क परमेश्वर को धन्यवाद करन लगी, अऊर उन सब सी, जो यरूशलेम को छुटकारा की रस्ता देखत होतो, ऊ बच्चा को बारे म बाते करन लगी। \s नासरत ख वापस लौटनो \p \v 39 \x + \xo २:३९ \xo*\xt मत्ती २:२३\xt*\x*अऊर जब हि प्रभु की व्यवस्था को अनुसार सब कुछ पूरो कर लियो त गलील म अपनो नगर नासरत ख फिर चली गयो। \v 40 अऊर बच्चा बढ़तो, अऊर बलवान होतो गयो, अऊर बुद्धि सी परिपूर्ण होत गयो; अऊर ओको पर परमेश्वर को अनुग्रह होतो गयो। \s यीशु मन्दिर म \p \v 41 यीशु को माय-बाप हर साल फसह को त्यौहार म यरूशलेम जात होतो। \v 42 जब यीशु बारा साल को भयो, त हि त्यौहार की रीति को अनुसार यरूशलेम ख गयो। \v 43 जब हि उन दिनो ख पूरो कर क् लौटन लग्यो, त बच्चा यीशु यरूशलेम म रह गयो; अऊर यो ओको माय-बाप नहीं जानत होतो। \v 44 उन्न यो सोच्यो कि ऊ दूसरों यात्रियों को संग होना, एक दिन को पूरो दिन निकल गयो: अऊर ओख अपनो कुटुम्बियों अऊर जान-पहिचान वालो म ढूंढन लग्यो। \v 45 पर जब नहीं मिल्यो, त ढूंढत-ढूंढत यरूशलेम ख फिर लौट गयो, \v 46 अऊर तीन दिन को बाद उन्न ओख मन्दिर म यहूदी शिक्षकों को बीच म बैठ्यो, अऊर उन्की सुनत अऊर उन्को सी प्रश्न करतो हुयो पायो। \v 47 जितनो ओकी सुन रह्यो होतो, हि सब ओकी बुद्धिमानी को उत्तरो सी चकित होतो। \v 48 तब हि ओख देख क चकित भयो अऊर ओकी माय न ओको सी कह्यो, “हे बेटा, तय न हम सी कहाली असो व्यवहार करयो? देख, तोरो बाप अऊर मय चिन्ता करतो हुयो तोख ढूंढत होतो?” \fig यरूशलेम म मन्दिर |alt="Temple in Jerusalem" src="lb00250c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="२:४१"\fig* \p \v 49 ओन उन्को सी कह्यो, “तुम मोख कहाली ढूंढत होतो? का तुम नहीं जानत होतो कि मोख अपनो बाप को भवन म होनो जरूरी हय?” \v 50 पर जो बात ओन उन्को सी कहीं, उन्न ओख नहीं समझ्यो। \p \v 51 तब ऊ उन्को संग गयो, अऊर नासरत म आयो, अऊर उन्को वश म रह्यो; अऊर ओकी माय न या सब बाते अपनो मन म रखी। \v 52 अऊर यीशु न शरीर अऊर बुद्धि दोयी म वृद्धी करी, अऊर परमेश्वर अऊर आदमियों को अनुग्रह म बढ़तो गयो। \c 3 \s यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो की खबर \r (मत्ती ३:१-१२; मरकुस १:१-८; यूहन्ना १:१९-२८) \p \v 1 तिबिरियुस रोम को राज्य को पन्द्रावों साल म जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया को शासक होतो, अऊर गलील म हेरोदेस, इतूरैया अऊर त्रखोनीतिस म ओको भाऊ फिलिप्पुस, अऊर अबिलेने म लिसानियास, चौथाई को राजा होतो, \v 2 अऊर जब हन्ना अऊर कैफा महायाजक होतो, ऊ समय परमेश्वर को वचन सुनसान जागा म जकर्याह को बेटा यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को जवर पहुंच्यो। \v 3 ऊ यरदन को आजु बाजू को पूरो प्रदेश म जाय क, अपनो पापों की माफी लायी मन फिराव को बपतिस्मा को प्रचार करन लग्यो। \v 4 जसो यशायाह भविष्यवक्ता को कह्यो हुयो वचनों की किताब म लिख्यो हय: \q1 “जंगल म एक पुकारन वालो को आवाज आय \q1 रह्यो हय कि, \q2 ‘प्रभु को रस्ता तैयार करो, ओकी सड़के \q2 सीधी बनावो। \q1 \v 5 हर एक घाटी भर दी जायेंन, अऊर हर एक \q2 पहाड़ी अऊर टेकरा सवान कर दियो जायेंन; अऊर जो तेड़ो हय सीधो कर दियो जायेंन, \q1 अऊर जो उबड़ खाबड़ हय सवान कर दियो जायेंन, \q2 अऊर ऊ रस्ता चौड़ो बनेंन। \v 6 अऊर हर प्रानी परमेश्वर को उद्धार ख \q1 देखेंन।’” \p \v 7 \x + \xo ३:७ \xo*\xt मत्ती १२:३४; २३:३३\xt*\x*जो भीड़ की भीड़ ओको सी बपतिस्मा लेन ख निकल क आवत होती, उन्को सी यूहन्ना कहत होतो, “हे सांप को पिल्ला, तुम्ख कौन जताय दियो कि आवन वालो गुस्सा सी भगो। \v 8 \x + \xo ३:८ \xo*\xt यूहन्ना ८:३३\xt*\x*असी बाते करो जो अपनो पश्चाताप ख दर्शावय, अऊर अपनो अपनो मन म यो मत सोचो कि हमरो बाप अब्राहम आय; कहालीकि मय तुम सी सच कहू हय कि परमेश्वर इन गोटा सी अब्राहम लायी सन्तान पैदा कर सकय हय। \v 9 \x + \xo ३:९ \xo*\xt मत्ती ७:१९\xt*\x*अब टंग्या झाड़ों की जड़ी पर रख्यो हुयो हय, येकोलायी जो जो झाड़ अच्छो फर नहीं लावय, ऊ काट्यो अऊर आगी म झोक्यो जावय हय।” \p \v 10 तब लोगों न ओको सी पुच्छ्यो, “त हम का करबो?” \p \v 11 ओन उन्ख उत्तर दियो, “जिन्को जवर दोय कुरता होना, ऊ ओको संग जिन्को जवर नहाय ऊ बाट लेवो अऊर जिन्को जवर भोजन होना, ऊ भी असोच करे।” \p \v 12 \x + \xo ३:१२ \xo*\xt लूका ७:२९\xt*\x*कर लेनवालो भी बपतिस्मा लेन आयो, अऊर ओको सी पुच्छ्यो, “हे गुरु, हम का करबो?” \p \v 13 ओन ओको सी कह्यो, “जो तुम्हरो लायी ठहरायो गयो हय, ओको सी जादा मत लेवो।” \p \v 14 कुछ सिपाहियों न भी ओको सी यो पुच्छ्यो, “हम का करबो?” \p ओन उन्को सी कह्यो, “कोयी सी जबरदस्ती पैसा नहीं लेनो अऊर नहीं झूठो दोष लगावनो, अऊर अपनो रोजी पर सन्तुष्ट रहनो।” \p \v 15 जब लोग आस लगायो हुयो होतो, अऊर सब अपनो अपनो मन म यूहन्ना को बारे म बिचार कर रह्यो होतो कि का योच मसीह त नोहोय, \v 16 त यूहन्ना न उन सब सी कह्यो, “मय त तुम्ख पानी सी बपतिस्मा देऊ हय, पर ऊ आवन वालो हय जो मोरो सी शक्तिमान हय; मय त यो लायक भी नहाय कि ओको चप्पल को बन्ध निकाल सकू। ऊ तुम्ख पवित्र आत्मा अऊर आगी सी बपतिस्मा देयेंन। \v 17 ओको सूपा, ओको हाथ म हय; अऊर ऊ अपनो खरियान अच्छो तरह सी साफ करेंन; अऊर गहूं ख अपनो ढोला म जमा करेंन; पर भूसी ख वा आगी म जो बुझन कि नहीं जलाय देयेंन।” \p \v 18 येकोलायी यूहन्ना बहुत सी चेतावनी दे क लोगों ख सुसमाचार सुनावत होतो कि अपनो रस्ता ख बदले। \v 19 \x + \xo ३:१९ \xo*\xt मत्ती १४:३,४; मरकुस ६:१७,१८\xt*\x*पर जब यूहन्ना न चौथाई देश को राजा हेरोदेस ख ओको भाऊ फिलिप्पुस कि पत्नी हेरोदियास को बारे म अऊर सब अपराधो को बारे म जो ओन करयो होतो, फटकार लगायी, \v 20 त हेरोदेस न उन सब सी बड़ क यो अपराध भी करयो कि यूहन्ना ख जेलखाना म डाल दियो। \s यीशु को बपतिस्मा \r (मत्ती ३:१३-१७; मरकुस १:९-११) \p \v 21 जब सब लोगों न बपतिस्मा लियो अऊर यीशु भी बपतिस्मा ले क प्रार्थना कर रह्यो होतो, त आसमान खुल गयो, \v 22 \x + \xo ३:२२ \xo*\xt मत्ती ३:१७; मरकुस १:११; लूका ९:३५\xt*\x*अऊर पवित्र आत्मा शारीरिक रूप म कबूत्तर को जसो ओको पर उतरयो, अऊर स्वर्ग सी या आकाशवानी भयी: “तय मोरो प्रिय बेटा आय, मय तोरो सी खुश हय।” \s यीशु की वंशावली \r (मत्ती १:१-१७) \p \v 23 जब यीशु खुद उपदेश करन लग्यो, त लगभग तीस साल की उमर को होतो अऊर जसो समझ्यो जात होतो यूसुफ को बेटा होतो; अऊर ऊ एली को, \v 24 अऊर ऊ मत्तात को टुरा, अऊर ऊ लेवी को टुरा, अऊर ऊ मलकी को टुरा, अऊर ऊ यन्ना को टुरा, अऊर ऊ यूसुफ को टुरा, \v 25 अऊर ऊ मत्तित्याह को टुरा, अऊर ऊ आमोस को टुरा, अऊर ऊ नहूम को टुरा, अऊर ऊ असल्याह को टुरा, अऊर ऊ नोगह को टुरा, \v 26 अऊर ऊ मात को टुरा, अऊर ऊ मत्तित्याह को टुरा, अऊर ऊ शिमी को टुरा, अऊर ऊ योसेख को टुरा, अऊर ऊ योदाह को टुरा, \v 27 अऊर ऊ यूहन्ना को टुरा, अऊर ऊ रेसा को टुरा, अऊर ऊ जरुब्बाबिल को टुरा, अऊर ऊ शालतिएल को टुरा, अऊर ऊ नेरी को टुरा, \v 28 अऊर ऊ मलकी को टुरा, अऊर ऊ अद्दी को टुरा, अऊर ऊ कोसाम को टुरा, अऊर ऊ इलमोदाम को टुरा, अऊर ऊ एर को टुरा, \v 29 अऊर ऊ यहोशू को टुरा, अऊर ऊ इलाजार को टुरा, अऊर ऊ योरीम को टुरा, अऊर ऊ मत्तात को टुरा, अऊर ऊ लेवी को टुरा, \v 30 अऊर ऊ शिमोन को टुरा, अऊर ऊ यहूदा को टुरा, अऊर ऊ यूसुफ को टुरा, अऊर ऊ योनान को टुरा, अऊर ऊ इलियाकीम को टुरा, \v 31 अऊर ऊ मलेआह को टुरा, अऊर ऊ मिन्नाह को टुरा, अऊर ऊ मत्तता को टुरा, अऊर ऊ नातान को टुरा, अऊर ऊ दाऊद को टुरा, \v 32 अऊर ऊ यिशै को टुरा, अऊर ऊ ओबेद को टुरा, अऊर ऊ बोअज को टुरा, अऊर ऊ सलमोन को टुरा, अऊर ऊ नहशोन को टुरा, \v 33 अऊर ऊ अम्मीनादाब को टुरा, अऊर ऊ अरनी को टुरा, अऊर ऊ हिस्रोन को टुरा, अऊर ऊ फिरिस को टुरा, अऊर ऊ यहूदा को टुरा, \v 34 अऊर ऊ याकूब को टुरा, अऊर ऊ इसहाक को टुरा, अऊर ऊ अब्राहम को टुरा, अऊर ऊ तिरह को टुरा, अऊर ऊ नाहोर को टुरा, \v 35 अऊर ऊ सरूग को टुरा, अऊर ऊ रऊ को टुरा, अऊर ऊ फिलिग को टुरा, अऊर ऊ एबिर को टुरा, अऊर ऊ शिलह को टुरा, \v 36 अऊर ऊ केनान को टुरा, अऊर ऊ अरफक्षद को टुरा, अऊर ऊ शेम को टुरा, अऊर ऊ नूह को टुरा, अऊर ऊ लिमिक को टुरा, \v 37 अऊर ऊ मथूशिलह को टुरा, अऊर ऊ हनोक को टुरा, अऊर ऊ यिरिद को टुरा, अऊर ऊ महललेल को टुरा, अऊर ऊ केनान को टुरा, \v 38 अऊर ऊ एनोश को टुरा, अऊर ऊ शेत को टुरा, अऊर ऊ आदम को टुरा, अऊर ऊ परमेश्वर को टुरा होतो। \c 4 \s यीशु की परीक्षा \r (मत्ती ४:१-११; मरकुस १:१२-१३) \p \v 1 तब यीशु पवित्र आत्मा सी भरयो हुयो, यरदन सी लौट्यो; \v 2 अऊर चालीस दिन तक आत्मा को सिखावनो सी सुनसान जागा म फिरतो रह्यो; अऊर शैतान ओकी परीक्षा करत रह्यो। उन दिनो म ओन कुछ नहीं खायो, अऊर जब हि दिन पूरो भय गयो, त ओख भूख लगी। \p \v 3 तब शैतान न ओको सी कह्यो, “यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त यो गोटा सी कह्य, कि रोटी बन जाय।” \p \v 4 यीशु न ओख उत्तर दियो, “शास्त्र म लिख्यो हय: ‘आदमी केवल रोटी सी जीन्दो नहीं रहेंन।’” \p \v 5 तब शैतान ओख ले गयो अऊर ओख पल भर म जगत को पूरो राज्य दिखायो, \v 6 अऊर शैतान न ओको सी कह्यो, “मय यो सब अधिकार, अऊर इन्को वैभव तोख देऊ, कहालीकि ऊ मोख सौंप्यो गयो हय: अऊर जेक चाहऊ हय ओख दे देऊ हय। \v 7 येकोलायी यदि तय मोरी आराधना करजो, त यो सब तोरो होय जायेंन।” \p \v 8 यीशु न ओख उत्तर दियो, “शास्त्र म लिख्यो हय: ‘तय प्रभु अपनो परमेश्वर कि सेवा कर; अऊर केवल ओकीच आराधना कर।’” \p \v 9 तब शैतान ओख यरूशलेम म लिजाय क मन्दिर की ऊचाई पर खड़ो करयो, अऊर ओको सी कह्यो, “यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त अपनो आप ख ऊपर सी खल्लो गिराय दे। \v 10 कहालीकि असो शास्त्र म लिख्यो हय: ‘ऊ तोरो बारे म अपनो स्वर्गदूतों ख आज्ञा देयेंन, कि हि तोख सम्भाल लेयेंन।’ \v 11 अऊर असो भी कह्यो गयो हय ‘हि तोख हाथों हाथ उठाय लेयेंन, असो नहीं होय कि तोरो पाय म गोटा सी ठेस लगेंन।’” \p \v 12 यीशु न ओख उत्तर दियो, “शास्त्र म यो भी कह्यो गयो हय: ‘तय प्रभु अपनो परमेश्वर की परीक्षा नहीं करजो।’” \p \v 13 जब शैतान सब परीक्षा कर लियो, तब थोड़ो समय लायी ओको जवर सी चली गयो। \s गलील म यीशु की सेवकायी की सुरूवात \r (मत्ती ४:१२-१७; मरकुस १:१४,१५) \p \v 14 तब यीशु आत्मा की सामर्थ सी भर क फिर सी गलील म आयो, अऊर ओकी चर्चा आजु बाजू को पूरो देश म फैल गयी। \v 15 ऊ उन्को सभागृहों म उपदेश करतो रह्यो, अऊर सब ओकी बड़ायी करत होतो। \s नासरत नगर म यीशु को अपमान \r (मत्ती १३:५३-५८; मरकुस ६:१-६) \p \v 16 तब ऊ नासरत नगर म आयो, जित लालन पालन भयो होतो; अऊर अपनी रीति को अनुसार आराम को दिन आराधनालय म जाय क पढ़न लायी खड़ो भयो। \v 17 यशायाह भविष्यवक्ता की किताब ओख दी गयी, अऊर ओन किताब खोल क, ऊ पन्ना निकाल्यो जित यो लिख्यो होतो: \fig लपेटी हुयी किताब |alt="Scroll" src="hk00150c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="४:१६"\fig* \q1 \v 18 “प्रभु की आत्मा मोरो पर हय, येकोलायी कि ओन गरीबों ख सुसमाचार \q2 सुनावन लायी मोरो अभिषेक करयो हय, अऊर मोख येकोलायी भेज्यो हय कि बन्दियों \q1 ख छुड़ावन को \q2 अऊर अन्धो ख नजर पावन को सुसमाचार प्रचार करू अऊर \q1 कुचल्यो हुयो ख छुड़ाऊ, \q2 \v 19 अऊर परमेश्वर को कृपा दृष्टी को साल की घोषना \q2 करू।” \p \v 20 तब ओन किताब बन्द कर क् सेवक को हाथ म दे दियो अऊर बैठ गयो; अऊर आराधनालय को सब लोगों की आंखी ओको पर टिकी होती। \v 21 तब ऊ उन्को सी कहन लग्यो, “अजच शास्त्र को यो लेख तुम्हरो आगु पूरो भयो हय।” \p \v 22 सब लोगों न ओकी प्रशंसा करी, अऊर जो अनुग्रह की बाते ओको मुंह सी निकलत होती, उन्को सी अचम्भित भयो; अऊर कहन लग्यो, “का यो यूसुफ को बेटा नोहोय?” \p \v 23 ओन उन्को सी कह्यो, “तुम मोरो पर यो दृष्टान्त जरूर कहो कि ‘हे डाक्टर, अपनो आप ख चंगो कर! जो कुछ हम न सुन्यो हय कि कफरनहूम म करयो गयो हय, ओख इत अपनो देश म भी कर।’” \v 24 \x + \xo ४:२४ \xo*\xt यूहन्ना ४:४४\xt*\x*अऊर ओन कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कोयी भविष्यवक्ता अपनो देश म मान-सम्मान नहीं पावय। \v 25 मय तुम सी सच कहू हय कि एलिय्याह को दिनो म जब साढ़े तीन साल तक आसमान बन्द रह्यो, यहां तक कि पूरो देश म बड़ो अकाल पड़्यो होतो, इस्राएल म बहुत सी विधवाये होती। \v 26 पर एलिय्याह उन्म सी कोयी को जवर नहीं भेज्यो गयो, केवल सैदा को सारफत नगर म एक विधवा को जवर। \v 27 अऊर एलीशा भविष्यवक्ता को समय इस्राएल म बहुत सो कोढ़ी होतो, पर सीरिया देश को वासी नामान ख छोड़ उन्म सी कोयी शुद्ध नहीं करयो गयो।” \p \v 28 या बाते सुनतच जितनो आराधनालय म होतो, सब गुस्सा सी भर गयो, \v 29 अऊर उठ क यीशु ख नगर सी बाहेर निकाल्यो, अऊर जो पहाड़ी पर उन्को नगर बस्यो हुयो होतो, ओकी सेन्डी पर ले चल्यो कि ओख उत सी खल्लो गिराय दे। \v 30 पर ऊ उन्को बीच म सी निकल क चली गयो। \s दुष्ट आत्मा लग्यो आदमी ख चंगो करनो \r (मरकुस १:२१-२८) \p \v 31 तब ऊ गलील को कफरनहूम नगर ख गयो; अऊर आराम को दिन लोगों ख उपदेश दे रह्यो होतो। \v 32 \x + \xo ४:३२ \xo*\xt मत्ती ७:२८,२९\xt*\x*हि ओको उपदेश सी अचम्भित भय गयो कहालीकि ओको वचन अधिकार सहित होतो। \v 33 आराधनालय म एक आदमी होतो, ऊ दुष्ट आत्मा जो ओख परमेश्वर को आगु अशुद्ध ठहरावत होती। ऊ ऊचो आवाज सी चिल्लाय उठ्यो, \v 34 “हे यीशु नासरी, हम्ख तोरो सी का काम? का तय हम्ख नाश करन आयो हय? मय तोख जानु हय तय कौन आय? तय परमेश्वर को पवित्र लोग आय!” \p \v 35 यीशु न ओख डाट क कह्यो, “चुप रह, अऊर ओको म सी निकल जा!” तब दुष्ट आत्मा ओख बीच म पटक क बिना नुकसान पहुंचायो ओको म सी निकल गयी। \p \v 36 येको पर सब ख अचम्भा भयो, अऊर हि आपस म बाते कर क् कहन लग्यो, “यो कसो वचन आय? कहालीकि ऊ अधिकार अऊर सामर्थ को संग दुष्ट आत्मावों ख आज्ञा देवय हय, अऊर हि निकल जावय हंय।” \v 37 यो तरह चारयी तरफ हर जागा यीशु की चर्चा होन लगी। \s यीशु को बहुत लोगों ख चंगो करनो \r (मत्ती ८:१४-१७; मरकुस १:२९-३४) \p \v 38 यीशु आराधनालय म सी उठ क शिमोन को घर म गयो। शिमोन की सासु ख बुखार चढ़्यो हुयो होतो, अऊर उन्न ओको लायी ओको सी बिनती करी। \v 39 ओन ओको खटिया को जवर खड़ो होय क बुखार ख डाट्यो अऊर बुखार उतर गयो, अऊर वा तुरतच उठ क उन्की सेवा-भाव करन लगी। \p \v 40 सूरज डुबतो समय, जिन-जिन को इत लोग कुछ तरह की बीमारियों म पड़्यो हुयो होतो, हि सब उन्ख ओको जवर लायो, अऊर ओन एक एक पर हाथ रख क उन्ख चंगो करयो। \v 41 अऊर दुष्ट आत्मायें भी चिल्लाती अऊर यो कहत होती कि, “तय परमेश्वर को बेटा आय,” बहुत सो म सी निकल गयी। \p पर यीशु उन्ख डाटतो अऊर बोलन नहीं देत होतो, कहालीकि हि जानत होती कि ऊ मसीहा हय। \s यीशु को आराधनालयों म प्रचार करनो \r (मरकुस १:३५-३९) \p \v 42 जब दिन निकल्यो त ऊ निकल क एक सुनसान जागा म चली गयो, अऊर भीड़ की भीड़ ओख ढूंढती हुयी ओको जवर आयी, अऊर ओख रोकन लगी कि ऊ उन्को जवर सी नहीं जाय। \v 43 पर ओन उन्को सी कह्यो, “मोख अऊर नगरो म भी परमेश्वर को राज्य को सुसमाचार सुनावनो जरूरी हय, कहालीकि मय येकोलायी भेज्यो गयो हय।” \p \v 44 अऊर ऊ गलील को पूरो सभागृहों अऊर यहूदियों को देशों म प्रचार करतो रह्यो। \c 5 \s पहिलो चेलावों ख बुलायो जानो \r (मत्ती ४:१८-२२; मरकुस १:१६-२०) \p \v 1 \x + \xo ५:१ \xo*\xt मत्ती १३:१,२; मरकुस ३:९,१०; ४:१\xt*\x*जब भीड़ परमेश्वर को वचन सुनन लायी ओको पर गिरत होती, अऊर ऊ गन्नेसरत की झील को किनार पर खड़ो होतो, त असो भयो \v 2 कि ओन झील को किनार दोय डोंगा लग्यो हुयो देख्यो, अऊर मछवारों उन पर सी उतर क जार धोय रह्यो होतो। \v 3 उन डोंगा म सी एक पर, जो शिमोन की होती, चढ़ क ओन ओको सी बिनती करी कि किनार सी थोड़ो हटाय ले। तब ऊ बैठ क लोगों ख डोंगा पर सी उपदेश देन लग्यो। \p \v 4 जब ऊ बाते कर लियो त शिमोन सी कह्यो, “गहरो म लिजा, अऊर मच्छी पकड़न लायी अपनो जार डालो।” \fig डोंगा म चढ़ क मछूवारा मच्छी पकड़तो हुयो |alt="Fishermen in boat and catch fish" src="hk00208c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="५:४"\fig* \p \v 5 \x + \xo ५:५ \xo*\xt यूहन्ना २१:३\xt*\x*शिमोन न यीशु ख उत्तर दियो, “हे मालिक, हम न पूरी रात मेहनत करी अऊर कुछ नहीं पकड़्यो; तब भी तोरो कहन सी जार डालू।” \v 6 \x + \xo ५:६ \xo*\xt यूहन्ना २१:६\xt*\x*जब उन्न असो करयो, त बहुत मच्छी घेर लायी, अऊर उन्को जार फटन लग्यो। \v 7 येख पर उन्न अपनो संगियों ख जो दूसरों डोंगा पर होतो, इशारा करयो कि आय क हमरी मदद करो, अऊर उन्न आय क दोयी डोंगा इतनो तक भर ली कि हि डुबन लगी। \v 8 यो देख क शिमोन पतरस यीशु को पाय पर गिरयो अऊर कह्यो, “हे प्रभु मोरो जवर सी चली जा, कहालीकि मय पापी आदमी हय।” \p \v 9 कहालीकि इतनी मच्छी ख पकड़्यो जानो सी ओख अऊर ओको संगियों ख बहुत अचम्भा भयो, \v 10 अऊर वसोच जब्दी को बेटा याकूब अऊर यूहन्ना ख भी, जो शिमोन को सहभागी होतो, अचम्भा भयो। तब यीशु न शिमोन सी कह्यो, “मत डर; अब सी तय आदमियों ख परमेश्वर को राज्य म लायजो।” \p \v 11 अऊर हि डोंगा ख किनार पर लायो अऊर सब कुछ छोड़ क ओको पीछू भय गयो। \s कोढ़ को रोगी ख चंगो करनो \r (मत्ती ८:१-४; मरकुस १:४०-४५) \p \v 12 जब यीशु कोयी दूसरों नगर म होतो, त उत कोढ़ की बीमारी वालो एक आदमी आयो; अऊर ऊ यीशु ख देख क मुंह को बल गिरयो अऊर बिनती करी, “हे प्रभु, यदि तय चाहवय त मोख शुद्ध कर सकय हय।” \p \v 13 ओन हाथ बढ़ाय क ओख छूयो अऊर कह्यो, “मय चाहऊ हय, तय शुद्ध होय जा।” अऊर ओको कोढ़ तुरतच जातो रह्यो। \v 14 तब यीशु न ओख आज्ञा दी, “कोयी सी मत कहजो, पर जाय क अपनो आप ख याजक ख दिखाव, अऊर अपनो शुद्ध होन को बारे म जो कुछ मूसा न अर्पन की विधि ठहरायो हय ओख चढ़ाव कि उन पर गवाही हो।” \p \v 15 पर यीशु की चर्चा अऊर भी फैलत गयी, अऊर भीड़ की भीड़ ओकी सुनन लायी अऊर अपनी बीमारियों सी चंगो होन लायी जमा भयी। \v 16 पर ऊ सुनसान जागा म अलग जाय क प्रार्थना करत होतो। \s लकवा को रोगी ख चंगो करनो \r (मत्ती ९:१-८; मरकुस २:१-१२) \p \v 17 एक दिन असो भयो कि यीशु उपदेश दे रह्यो होतो, अऊर फरीसी अऊर व्यवस्थापक उत बैठ्यो हुयो होतो जो गलील अऊर यहूदिया को हर गांव सी अऊर यरूशलेम सी आयो होतो, अऊर चंगो करन लायी प्रभु की सामर्थ यीशु को संग होती। \v 18 ऊ समय कुछ लोग एक आदमी ख जो लकवा को रोगी होतो, खटिया पर लायो, अऊर हि ओख अन्दर लिजान अऊर यीशु को आगु रखन को उपाय ढूंढ रह्यो होतो। \v 19 पर जब भीड़ को वजह ओख अन्दर नहीं लाय सक्यो त उन्न छत पर चढ़ क अऊर खपरैल हटाय क, ओख खटिया समेत बीच म यीशु को आगु उतार दियो। \v 20 यीशु न उन्को विश्वास देख क ओको सी कह्यो, “हे आदमी, तोरो पाप माफ भयो।” \p \v 21 तब धर्मशास्त्री अऊर फरीसी अपनो मन म बिचार करन लग्यो, “यो कौन आय? जो परमेश्वर की निन्दा करय हय! परमेश्वर ख छोड़ अऊर कौन पापों ख माफ कर सकय हय?” \p \v 22 यीशु न उन्को मन की बाते जान क, उन्को सी कह्यो, “तुम अपनो मन म का बिचार कर रह्यो हय? \v 23 सहज का हय? का यो कहनो कि ‘तोरो पाप माफ भयो,’ या यो कहनो कि ‘उठ अऊर चल फिर?’ \v 24 पर येकोलायी कि तुम जानो कि मय आदमी को बेटा ख धरती पर पाप माफ करन को भी अधिकार हय।” ओन ऊ लकवा को रोगी सी कह्यो, “मय तोरो सी कहू हय, उठ अऊर अपनी खटिया उठाय क अपनो घर चली जा।” \p \v 25 ऊ तुरतच उन्को आगु उठ्यो, अऊर जो खटिया पर ऊ पड़्यो होतो ओख उठाय क, परमेश्वर की बड़ायी करतो हुयो अपनो घर चली गयो। \v 26 तब सब अचम्भित भयो अऊर परमेश्वर की बड़ायी करन लग्यो अऊर बहुत डर क कहन लग्यो, “अज हम्न अनोखी बाते देखी हंय!” \s लेवी ख बुलायो जानो \r (मत्ती ९:९-१३; मरकुस २:१३-१७) \p \v 27 यीशु बाहेर गयो अऊर लेवी नाम को एक कर लेनवालो ख कर वसुली की चौकी पर बैठ्यो देख्यो, अऊर ओको सी कह्यो, “मोरो पीछू होय जा।” \v 28 तब लेवी सब कुछ छोड़ क उठ्यो, अऊर ओको पीछू चली गयो। \p \v 29 तब लेवी न अपनो घर म यीशु लायी एक बड़ो भोज दियो; अऊर कर लेनवालो अऊर दूसरों लोगों की जो ओको संग जेवन करन बैठ्यो होतो, एक बड़ी भीड़ होती। \v 30 \x + \xo ५:३० \xo*\xt लूका १५:१,२\xt*\x*येको पर फरीसी अऊर उन्को धर्मशास्त्री ओको चेलावों सी यो कह्य क कुड़कुड़ान लग्यो, “तुम कर लेनवालो अऊर पापियों को संग कहालीकि खावय-पीवय हय?” \p \v 31 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “डाक्टर भलो चंगो लायी नहीं, पर बीमारों लायी जरूरी हय। \v 32 मय धर्मियों ख नहीं, पर पापियों ख पश्चाताप करावन लायी आयो हय।” \s उपवास को प्रश्न \r (मत्ती ९:१४-१७; मरकुस २:१८-२२) \p \v 33 उन्न ओको सी कह्यो, “बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को चेला त बराबर उपवास रखय अऊर प्रार्थना करय हंय, अऊर वसोच फरीसियों को चेला भी, पर तोरो चेला त खावय-पीवय हंय।” \p \v 34 यीशु न उन्को सी कह्यो, “का तुम बरातियों सी, जब तक दूल्हा उन्को संग रहेंन, उपवास करवाय सकय हय? \v 35 पर ऊ दिन आयेंन, जब की दूल्हा उन्को सी अलग करयो जायेंन, तब हि उन दिनो म उपवास करेंन।” \p \v 36 यीशु न एक अऊर दृष्टान्त भी उन्को सी कह्यो: “कोयी आदमी नयो कपड़ा म सी फाड़ क पुरानो कपड़ा म थेगड़ नहीं लगावय, नहीं त नयो भी फट जायेंन अऊर ऊ थेगड़ पुरानो म मेल भी नहीं खायेंन। \v 37 अऊर कोयी नयो अंगूररस पुरानी मशकों म नहीं भरय, नहीं त नयो अंगूररस मशकों ख फाड़ क बह जायेंन, अऊर मशके भी नाश होय जायेंन। \v 38 पर नयो अंगूररस नयो मशकों म भरनो चाहिये होतो। \v 39 कोयी आदमी पुरानो अंगूररस पी क नयो नहीं चाहवय कहालीकि ऊ कह्य हय, कि पुरानोच अच्छो हय।” \c 6 \s आराम दिन को बारे म प्रश्न \r (मत्ती १२:१; मरकुस २:२३-२८) \p \v 1 तब आराम को दिन ऊ गहूं खेतो म सी जाय रह्यो होतो, अऊर ओको चेलावों लोम्बा तोड़-तोड़ क अऊर हाथों सी मस-मस क खात जाय रह्यो होतो। \v 2 तब फरीसियों म सी कुछ कहन लग्यो, “तुम ऊ काम कहालीकि करय हय जो आराम को दिन जो नियम को खिलाफ हय ऊ करनो ठीक नहाय?” \p \v 3 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “का तुम न यो नहीं पढ़्यो कि दाऊद न, जब ऊ अऊर ओको संगी भूखो होतो त का करयो? \v 4 ऊ कसो परमेश्वर को मन्दिर म गयो, अऊर भेंट की रोटी ले क खायी, जिन्ख खानो याजकों ख छोड़ अऊर ऊ नियम को विरुद्ध हय, अऊर अपनो संगियों ख भी दियो।” \p \v 5 अऊर यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय आदमी को बेटा आराम दिन को भी प्रभु हय।” \s लकवा सी ग्रस्त हाथ वालो आदमी ख चंगो करनो \r (मत्ती १२:९-१४; मरकुस ३:१-६) \p \v 6 असो भयो कि कोयी अऊर आराम को दिन ऊ आराधनालय म जाय क उपदेश करन लग्यो; अऊर उत एक आदमी होतो जेको दायो हाथ लकवा ग्रस्त होतो। \v 7 धर्मशास्त्री अऊर फरीसी ओको पर दोष लगावन को अवसर पावन की ताक म होतो कि देखे ऊ आराम को दिन चंगो करय हय कि नहीं। \v 8 पर ऊ उन्को बिचार जानत होतो; येकोलायी ओन लकवा ग्रस्त हाथ वालो आदमी सी कह्यो, “उठ, बीच म खड़ो हो।” ऊ बीच म खड़ो भयो। \v 9 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी यो पूछू हय कि हमरो नियम को अनुसार आराम को दिन का ठीक हय, भलो करनो यां बुरो करनो; जीव ख बचावनो या नाश करनो?” \v 10 तब ओन चारयी तरफ उन सब ख देख क ऊ आदमी सी कह्यो, “अपनो हाथ बढ़ाव।” ओन असोच करयो, अऊर ओको हाथ फिर चंगो भय गयो। \p \v 11 पर हि गुस्सा म आय क बाहेर आपस म चर्चा करन लग्यो कि “हम यीशु को संग का करबो?” \s बारा प्रेरितों\f + \fr ६:१२ \fr*\ft सन्देश दे क भेज्यो गयो सन्देश वाहक\ft*\f* ख चुननो \r (मत्ती १०:१-४; मरकुस ३:१३-१९) \p \v 12 उन दिनो म यीशु पहाड़ी पर प्रार्थना करन गयो, अऊर परमेश्वर सी प्रार्थना करन म पूरी रात बितायी। \v 13 जब दिन भयो त ओन अपनो चेलावों ख बुलाय क उन्म सी बारा ख चुन लियो, अऊर उन्ख प्रेरित कह्यो; \v 14 अऊर हि यो आय: शिमोन जेको नाम ओन पतरस भी रख्यो, अऊर ओको भाऊ अन्द्रियास, अऊर याकूब, अऊर यूहन्ना, अऊर फिलिप्पुस, अऊर बरतुल्मै, \v 15 अऊर मत्ती, अऊर थोमा, अऊर हलफई को बेटा याकूब, अऊर शिमोन जो \f + \fr ६:१५ \fr*\ft जेलोतेस \ft*\f*देशभक्त कहलावय हय, \v 16 अऊर याकूब को बेटा यहूदा, अऊर यहूदा इस्करियोती जो ओको सौंपन वालो बन्यो। \s शिक्षा देनो अऊर चंगो करनो \r (मत्ती ४:२३-२५) \p \v 17 तब यीशु उन्को संग उतर क चौरस जागा म खड़ो भयो, अऊर ओको चेलावों की बड़ी भीड़, अऊर पूरो यहूदिया, यरूशलेम, अऊर सूर अऊर सैदा को समुन्दर को किनार सी बहुत लोग, \v 18 जो ओकी सुनन अऊर अपनी बीमारियों सी चंगो होन लायी ओको जवर आयो होतो, उत होतो। अऊर दुष्ट आत्मावों को सतायो हुयो लोग भी अच्छो करयो जात होतो। \v 19 सब ओख छूवनो चाहत होतो, कहालीकि ओको म सी सामर्थ निकल क सब ख चंगो करत होती। \s आशीर्वाद अऊर शोक वचन \r (मत्ती ५:१-१२) \q1 \v 20 तब ओन अपनो चेलावों की तरफ देख क कह्यो, \q2 “धन्य हय तुम जो गरीब हय, कहालीकि परमेश्वर को राज्य तुम्हरो हय!” \q1 \v 21 “धन्य हय तुम जो अब भूखो हय, \q2 कहालीकि सन्तुष्ट करयो जायेंन।” \q1 “धन्य हय तुम जो अब रोवय हय, \q2 कहालीकि तुम हसो।” \p \v 22 \x + \xo ६:२२ \xo*\xt १ पतरस ४:१४\xt*\x*“धन्य हय तुम जब आदमी को बेटा को वजह लोग तुम सी दुश्मनी करेंन, अऊर तुम्ख निकाल देयेंन, अऊर तुम्हरी निन्दा करेंन, अऊर तुम्हरो नाम बुरो जान क काट देयेंन।” \v 23 \x + \xo ६:२३ \xo*\xt प्रेरितों ७:५२\xt*\x*ऊ दिन खुश होय क उछलजो, कहालीकि देखो, तुम्हरो लायी स्वर्ग म बड़ो प्रतिफल हय; उन्को बाप-दादा भविष्यवक्तावों को संग भी वसोच करत होतो। \q1 \v 24 “पर हाय तुम पर जो धनवान हय, \q2 कहालीकि तुम अपनो सुख पा लियो।” \q1 \v 25 “हाय तुम पर जो अब सन्तुष्ट हय, \q2 कहालीकि भूखो होयेंन।” \q1 “हाय तुम पर जो अब हसय हय, \q2 कहालीकि शोक करो अऊर रोवो। \p \v 26 “हाय तुम पर जब सब आदमी तुम्ख भलो कहेंन, कहालीकि उन्को बाप-दादा झूठो भविष्यवक्तावों को संग भी असोच करत होतो। \s दुश्मनों सी प्रेम \r (मत्ती ५:३८-४८; ७:१२) \p \v 27 “पर मय तुम सुनन वालो सी कहू हय कि अपनो दुश्मनों सी प्रेम रखो; जो तुम सी दुश्मनी करेंन, उन्को भलो करो। \v 28 जो तुम्ख श्राप दे, उन्ख आशीर्वाद दे; जो तुम्हरो बुरो व्यवहार करेंन, उन्को लायी प्रार्थना करो। \v 29 जो तोरो एक गाल पर थापड़ मारेंन ओको तरफ दूसरों भी घुमाय दे; अऊर जो तोरो झंग्गा छीन लेन, ओख कुरता लेनो सी भी मत रोक। \v 30 जो कोयी तोरो सी मांगेंन, ओख दे; अऊर जो कोयी तोरी चिज छीन लेन, ओको सी फिर सी मत मांग। \v 31 \x + \xo ६:३१ \xo*\xt मत्ती ७:१२\xt*\x*जसो तुम चाहवय हय कि लोग तुम्हरो संग करेंन, तुम भी उन्को संग वसोच करो। \p \v 32 “यदि तुम अपनो प्रेम रखन वालो को संग प्रेम रखय, त तुम्हरी का बड़ायी? कहालीकि पापी भी अपनो प्रेम रखन वालो को संग प्रेम रखय हंय। \v 33 यदि तुम अपनो भलायी करन वालोच को संग भलायी करय हय, त तुम्हरी का बड़ायी? कहालीकि पापी भी असोच करय हंय। \v 34 यदि तुम उन्ख उधार दे जिन्कोसी फिर पावन कि आशा रखय हय, त तुम्हरी का बड़ायी? कहालीकि पापी पापियों ख उधार देवय हंय कि उतनोच फिर पावय। \v 35 बल्की अपनो दुश्मनों सी प्रेम रखो, अऊर भलायी करो, अऊर फिर पावन कि आशा नहीं रख क उधार दे; अऊर तुम्हरो लायी बड़ो फर होयेंन, अऊर परमेश्वर जो सब सी ऊचो हय ओको सन्तान ठहरो, कहालीकि ऊ उन पर जो धन्यवाद नहीं करय अऊर बुरो पर भी दयालु हय। \v 36 जसो तुम्हरो बाप दयावन्त हय, वसोच तुम भी दयावन्त बनो। \s दोष मत लगावो \r (मत्ती ७:१-४) \p \v 37 “दोष मत लगावो, त तुम पर भी दोष नहीं लगायो जायेंन। दोषी नहीं ठहरावों, त तुम भी दोषी नहीं ठहरायो जावो। माफ करो, त तुम्ख भी माफ करयो जायेंन। \v 38 दूसरों ख दे, त तुम्ख भी परमेश्वर देयेंन। लोग पूरो नाप दबाय दबाय क अऊर हिलाय हिलाय क अऊर उभरतो हुयो तुम्हरी गोदी म डालेंन, कहालीकि जो नाप सी तुम नापय हय, उच नाप सी तुम्हरो लायी भी नाप्यो जायेंन।” \p \v 39 \x + \xo ६:३९ \xo*\xt मत्ती १५:१४\xt*\x*तब यीशु न उन्को सी एक दृष्टान्त कह्यो: “का अन्धा, अन्धा ख रस्ता बताय सकय हय? का दोयी गड्डा म नहीं गिरेंन? \v 40 \x + \xo ६:४० \xo*\xt मत्ती १०:२४,२५; यूहन्ना १३:१६; १५:२०\xt*\x*चेला अपनो गुरु सी बड़ो नहाय, पर जो कोयी सिद्ध होयेंन, ऊ अपनो गुरु को जसो होयेंन। \p \v 41 “तय अपनो भाऊ की आंखी को तिनका ख का देखय हय, अऊर अपनी आंखी को लट्ठा तोख नहीं सूझय? \v 42 जब तय अपनोच आंखी को लट्ठा नहीं देखय, त अपनो भाऊ सी कसो कह्य सकय हय, ‘हे भाऊ; रुक जा तोरी आंखी सी तिनका ख निकाल देऊ?’ हे कपटी, पहिले अपनो आंखी सी लट्ठा निकाल, तब जो तिनका तोरो भाऊ कि आंखी म हय, ओख भली भाति देख क निकाल सकेंन। \s जसो झाड़ वसो फर \r (मत्ती ७:१६-२०; १२:३३-३५) \p \v 43 “कोयी अच्छो झाड़ नहीं जो खराब फर लेयेंन, अऊर नहीं त कोयी खराब झाड़ हय जो अच्छो फर लेयेंन। \v 44 \x + \xo ६:४४ \xo*\xt मत्ती १२:३३\xt*\x*हर एक झाड़ अपनो फर सी पहिचान्यो जावय हय; कहालीकि लोग काटा की झाड़ियों सी अंजीर नहीं तोड़य अऊर नहीं झड़बेरी सी अंगूर या बबुर को झाड़ सी आम्बा। \v 45 \x + \xo ६:४५ \xo*\xt मत्ती १२:३४\xt*\x*भलो आदमी अपनो दिल को भलो भण्डार सी भली बाते निकालय हय, अऊर बुरो आदमी अपनो मन को बुरो भण्डार सी बुरी बाते निकालय हय; कहालीकि जो मन म भरयो हय उच ओको मुंह पर आवय हय। \s घर बनावन वालो दोय आदमी \r (मत्ती ७:२४-२७) \p \v 46 “जब तुम मोरो कहनो नहीं मानय त कहालीकि मोख ‘हे प्रभु, हे प्रभु’ कह्य हय? \v 47 जो कोयी मोरो जवर आवय हय अऊर मोरी बाते सुन क उन्ख मानय हय, मय तुम्ख बताऊ हय कि ऊ कौन्को जसो हय: \v 48 यो ऊ आदमी को जसो हय, जेन घर बनावतो समय जमीन गहरी खोद क चट्टान पर पायवा डाल्यो, अऊर जब बाढ़ आयी त धार ओको पर टकरायी पर ओख हिलाय नहीं सकी; कहालीकि ऊ प्रबल बन्यो होतो। \v 49 पर जो सुन क नहीं मानय ऊ उन आदमी को जसो हय, जेन माटी पर बिना पायवा को घर बनायो, जब ओको पर धार टकरायी त ऊ तुरतच गिर पड़्यो अऊर गिर क ओको नाश भय गयो।” \c 7 \s एक सूबेदार\f + \fr ७:१ \fr*\ft सौ रोमन सिपाही को अधिकारी, मरकुस १५:३९,४४,४५\ft*\f* को विश्वास \r (मत्ती ८:५-१३) \p \v 1 जब यीशु लोगों सी सब बाते कह्य दियो, त कफरनहूम नगर म आयो। \v 2 उत सौ रोमन सिपाहियों को अधिकारी को एक सेवक जो ओको प्रिय होतो, बीमारी सी मरन पर होतो। \v 3 ओन यीशु की चर्चा सुन क यहूदियों को कुछ बुजूर्गों ख ओको सी या बिनती करन क् ओको जवर भेज्यो कि आय क मोरो सेवक ख चंगो कर। \v 4 हि यीशु को जवर आयो, अऊर ओको सी बहुत बिनती कर क् कहन लग्यो, “ऊ यो लायक हय कि तय ओको लायी यो कर, \v 5 कहालीकि ऊ हमरो लोगों सी प्रेम रखय हय, अऊर ओनच हमरो आराधनालय ख बनायो हय।” \p \v 6 यीशु उन्को संग गयो, पर जब ऊ घर सी दूर नहीं होतो, त सूबेदार न ओको जवर कुछ संगियों ख यो कहन भेज्यो, “हे प्रभु, दु:ख मत उठाव, कहालीकि मय यो लायक नहाय कि तय मोरी छत को खल्लो आय सकय। \v 7 योच वजह मय न अपनो आप ख यो लायक भी नहीं समझ्यो कि तोरो जवर आऊं, पर वचनच कह्य दे त मोरो सेवक चंगो होय जायेंन। \v 8 मय भी शासन को अधीन आदमी हय, अऊर सिपाही मोरो हाथ म हंय; अऊर जब एक ख कहूं हय, ‘जा,’ त ऊ जावय हय; अऊर दूसरों सी कहूं हय, ‘आव,’ त आवय हय; अऊर अपनो कोयी सेवक ख कि ‘यो कर,’ त ऊ ओख करय हय।” \p \v 9 यो सुन क यीशु ख अचम्भा भयो अऊर ओन मुंह घुमाय क वा भीड़ सी जो ओको पीछू आय रही होती, कह्यो, “मय तुम सी कहू हय कि मय न इस्राएल म भी असो विश्वास नहीं पायो।” \p \v 10 अऊर भेज्यो हुयो लोगों न घर लौट क ऊ सेवक ख चंगो पायो। \s यीशु सी विधवा को बेटा ख जीन्दो करनो \p \v 11 थोड़ो दिन को बाद यीशु नाईन नाम को एक नगर ख गयो। ओको चेला अऊर बड़ी भीड़ ओको संग जाय रही होती। \v 12 जब ऊ नगर को द्वार को जवर पहुंच्यो, त देख्यो, लोग एक मुरदा ख बाहेर गाड़न लायी लिजाय रह्यो होतो; जो अपनी माय को एकलौतो बेटा होतो, अऊर वा विधवा होती; अऊर नगर को बहुत सो लोग ओको संग होतो। \v 13 ओख देख क प्रभु ख तरस आयो, अऊर ओको सी कह्यो, “मत रो।” \v 14 तब ओन जवर आय क सकोली ख छूयो, अऊर उठावन वालो रुक गयो। तब ओन कह्यो, “हे जवान, मय तोरो सी कहू हय, उठ!” \v 15 तब ऊ मुरदा बेटा उठ बैठ्यो, अऊर बोलन लग्यो। यीशु न ओख ओकी माय ख सौंप दियो। \p \v 16 येको सी सब डर गयो, अऊर हि परमेश्वर की बड़ायी कर क् कहन लग्यो, “हमरो बीच म एक बड़ो भविष्यवक्ता उठ्यो हय, अऊर परमेश्वर न अपनो लोगों पर दयादृष्टि करी हय।” \p \v 17 अऊर ओको बारे म या बात पूरो यहूदिया अऊर आजु बाजू को पूरो देश म फैल गयी। \s यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को प्रश्न \r (मत्ती ११:२-१९) \p \v 18 यूहन्ना ख ओको चेलावों न इन सब बातों को समाचार दियो। \v 19 तब यूहन्ना न अपनो चेलावों म सी दोय ख बुलाय क प्रभु को जवर यो पूछन लायी भेज्यो, “का आवन वालो तयच आय, यां हम कोयी अऊर की रस्ता देखबो?” \p \v 20 उन्न ओको जवर आय क कह्यो, “यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो न हम्ख तोरो जवर यो पूछन ख भेज्यो हय कि ‘का आवन वालो तयच आय, यां हम कोयी दूसरों की रस्ता देखबो?’” \p \v 21 उच समय यीशु न बहुत सो ख बीमारियों अऊर देखूं, अऊर दुष्ट आत्मावों सी छुड़ायो; अऊर बहुत सो अन्धा ख आंखी दियो; \v 22 अऊर ओन यूहन्ना सी कह्यो: “जो कुछ तुम न देख्यो अऊर सुन्यो हय, जाय क यूहन्ना सी कह्य दे; कि अन्धा देखय हंय, लंगड़ा चलय-फिरय हंय, कोढ़ी शुद्ध करयो जावय हंय, बहिरा सुनय हंय, मुरदा जीन्दो करयो जावय हंय, अऊर गरीबों ख सुसमाचार सुनायो जावय हय। \v 23 अऊर धन्य हय, जो मोरो वजह ठोकर नहीं खावय।” \p \v 24 जब यूहन्ना को भेज्यो हुयो लोग चली गयो त यीशु यूहन्ना को बारे म लोगों सी कहन लग्यो, “तुम जंगल म का देखन गयो होतो? का हवा सी हिलतो हुयो सरकण्डा ख? \v 25 त फिर तुम का देखन गयो होतो? का चमकदार कपड़ा पहिन्यो हुयो आदमी ख? जो चमकदार कपड़ा पहिनतो अऊर ठाट बाठ सी रह्य हंय, हि राजभवनों म रह्य हंय। \v 26 त फिर का देखन गयो होतो? का कोयी भविष्यवक्ता ख? हां, मय तुम सी कहू हय, बल्की भविष्यवक्ता सी भी बड़ो ख। \v 27 परमेश्वर न तुम सी कह्यो यो उच यूहन्ना आय, जेको बारे म लिख्यो हय: ‘मय अपनो दूत ख तोरो आगु-आगु भेजू हय, जो तोरो आगु तोरो रस्ता सीधो करेंन।’ \v 28 मय तुम सी कहू हय कि जो बाईयों सी जनम लियो हंय, उन्म सी यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो सी बड़ो कोयी नहाय: पर जो परमेश्वर को राज्य म छोटो सी छोटो हय, ऊ ओको सी भी बड़ो हय।” \p \v 29 \x + \xo ७:२९ \xo*\xt मत्ती २१:३२; लूका ३:१२\xt*\x*अऊर सब लोगों न सुन क अऊर कर लेनवालो न भी यूहन्ना सी बपतिस्मा ले क परमेश्वर ख सच्चो मान्यो। \v 30 पर फरीसियों अऊर व्यवस्थापकों न ओको सी बपतिस्मा नहीं ले क परमेश्वर को इरादा ख अपनो बारे म टाल दियो। \p \v 31 “त मय यो युग को लोगों की तुलना कौन्को सी देऊ कि हि कौन्को जसो हंय? \v 32 हि उन बच्चां को जसो हंय जो बजार म बैठ्यो हुयो एक दूसरों सी पुकार क कह्य हंय, ‘हम न तुम्हरो लायी बांसुरी बजायी, अऊर तुम नहीं नाच्यो; हम्न विलाप गीत गायो, अऊर तुम नहीं रोयो!’ \v 33 कहालीकि यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो नहीं रोटी खातो आयो, नहीं अंगूररस पीतो आयो, अऊर तुम कह्य हय, ‘ओको म दुष्ट आत्मा हय।’ \v 34 मय आदमी को बेटा खातो-पीतो आयो हय, अऊर तुम कह्य हय, ‘देखो, खादाड़ अऊर पियक्कड़ आदमी, कर लेनवालो को अऊर पापियों को संगी।’ \v 35 जो लोग परमेश्वर को ज्ञान स्वीकारय हय ऊ ज्ञान सच्चो हय।” \s फरीसी को घर पापिन बाई ख माफी \p \v 36 फिर कोयी फरीसी न ओको सी बिनती करी कि ऊ ओको संग जेवन करेंन, येकोलायी ऊ उन फरीसी को घर म जाय क जेवन करन बैठ्यो। \v 37 \x + \xo ७:३७ \xo*\xt मत्ती २६:७; मरकुस १४:३; यूहन्ना १२:३\xt*\x*ऊ नगर की एक पापिन बाई यो जान क कि ऊ फरीसी को घर म जेवन करन बैठ्यो हय, संगमरमर को बर्तन म अत्तर लायी, \v 38 अऊर ओको पाय को जवर, पीछू खड़ी होय क, रोवती हुयी ओको पाय\f + \fr ७:३८ \fr*\ft पैर\ft*\f* क् आसुवों सी गिलो कर क् अऊर अपनो मुंड को बालों सी पोछन लगी, अऊर ओको पाय क् बार-बार चुम्मा ले क ओको पर अत्तर मल्यो। \v 39 यो देख क ऊ फरीसी जेन ओख बुलायो होतो, अपनो मन म सोचन लग्यो, “यदि यो भविष्यवक्ता होतो त जान लेतो कि या जो ओख छूय रही हय, वा कौन अऊर कसी बाई आय, कहालीकि वा त पापिन आय।” \p \v 40 यीशु न ओको उत्तर म कह्यो, “हे शिमोन, मोख तोरो सी कुछ कहनो हय।” \p “ऊ बोल्यो, हे गुरु, कहो।” \p \v 41 “यीशु न कह्यो कोयी महाजन को दोय कर्जदार होतो, एक पर पाच सौ अऊर दूसरों पर पचास चांदी को सिक्का को कर्जा होतो। \v 42 जब उन्को जवर कर्जा पटावन ख कुछ नहीं रह्यो, त ओन दोयी ख माफ कर दियो। येकोलायी उन्म सी कौन ओको सी जादा प्रेम रखेंन?” \p \v 43 शिमोन न उत्तर दियो, “मोरी समझ म ऊ, जेको ओन जादा छोड़ दियो।” \p यीशु न ओको सी कह्यो, “तय न ठीक उत्तर दियो हय।” \v 44 अऊर वा बाई को तरफ घुम क ओन शिमोन सी कह्यो, “का तय या बाई ख देखय हय? मय तोरो घर म आयो पर तय न मोरो पाय धोवन लायी पानी नहीं दियो, पर येन मोरो पाय आसुवों सी गिलो अऊर अपनो बालों सी पोछ्यो। \v 45 तय न मोरो स्वागत चुम्मा सी नहीं करयो, पर जब सी मय आयो हय तब सी येन मोरो पाय ख चुमनो नहीं छोड़्यो। \v 46 तय न मोरो मुंड पर तेल नहीं मल्यो, पर येन मोरो पाय पर अत्तर मल्यो हय। \v 47 येकोलायी मय तोरो सी कहू हय कि येको पाप जो बहुत होतो, माफ भयो, कहालीकि येन बहुत प्रेम करी; पर जेको थोड़ो माफ भयो हय, ऊ थोड़ो प्रेम करय हय।” \p \v 48 अऊर यीशु न बाई सी कह्यो, “तोरो पाप माफ भयो।” \p \v 49 तब जो लोग ओको संग जेवन करन बैठ्यो होतो, हि अपनो-अपनो मन म सोचन लग्यो, “यो कौन आय जो पापों ख भी माफ करय हय?” \p \v 50 पर यीशु न बाई सी कह्यो, “तोरो विश्वास न तोख बचाय लियो हय, शान्ति सी चली जा।” \c 8 \s यीशु को सेवावों म की शिष्याये \p \v 1 येको बाद यीशु नगर-नगर अऊर गांव-गांव प्रचार करतो हुयो, अऊर परमेश्वर को राज्य को सुसमाचार सुनावतो हुयो फिरन लग्यो, अऊर हि बारा चेला ओको संग होतो, \v 2 \x + \xo ८:२ \xo*\xt मत्ती २७:५५,५६; मरकुस १५:४०,४१; लूका २३:४९\xt*\x*अऊर कुछ बाईयां भी होती जो दुष्ट आत्मावों सी अऊर बीमारियों सी छुड़ायी गयी होती, अऊर हि यो आय: मरियम जो मगदलीनी कहलावत होती, जेको म सी सात दुष्ट आत्मायें निकली होती, \v 3 अऊर हेरोदेस को भण्डारी खुजा की पत्नी योअन्ना, अऊर सूसन्नाह, अऊर बहुत सी दूसरी बाईयां। जो अपनी जायजाद सी यीशु अऊर ओको चेलावों की सेवा करत होती। \s बीज बोवन वालो को दृष्टान्त \r (मत्ती १३:१-९; मरकुस ४:१-९) \p \v 4 जब बड़ी भीड़ जमा भयी अऊर नगर-नगर को लोग ओको जवर आवत होतो, त ओन दृष्टान्त म कह्यो। \p \v 5 “एक बोवन वालो बीज बोवन निकल्यो। बोवतो हुयो कुछ बीज रस्ता को किनार गिरयो, अऊर खुंद्यो गयो, अऊर आसमान को पक्षिंयों न ओख खाय लियो। \v 6 कुछ गोटाड़ी जागा पर गिरयो, अऊर उग्यो पर ओल नहीं मिलनो सी सूख गयो। \v 7 कुछ बीज काटा को बीच म गिरयो, अऊर झाड़ियों न संग-संग बढ़ क ओख दबाय दियो। \v 8 कुछ बीज अच्छी जमीन पर गिरयो, अऊर उग क सौ गुना फर लायो।” यो कह्य क यीशु न ऊचो आवाज सी कह्यो, “जेको सुनन को कान हय ऊ सुन ले!” \s दृष्टान्तों को उद्देश्य \r (मत्ती १३:१०-१७; मरकुस ४:१०-१२) \p \v 9 यीशु को चेलावों न ओको सी पुच्छ्यो कि यो दृष्टान्त को अर्थ का हय? \v 10 ओन कह्यो, “तुम ख परमेश्वर को राज्य को भेदो की समझ दियो हय, पर दूसरों ख दृष्टान्तों म सुनायो जावय हय, येकोलायी कि ‘हि देखतो हुयो भी नहीं देखय, अऊर सुनतो हुयो भी नहीं समझय।’ \s बीज बोवन वालो दृष्टान्त की अर्थ \r (मत्ती १३:१८-२३; मरकुस ४:१३-२०) \p \v 11 “दृष्टान्त को अर्थ यो हय: बीज परमेश्वर को वचन हय। \v 12 रस्ता को किनार को हि आय, जिन्न सुन्यो, तब शैतान आय क उन्को मन म सी वचन उठाय लेवय हय कि कहीं असो नहीं होय कि हि विश्वास कर क् उद्धार पायेंन। \v 13 चट्टान पर को हि आय कि जब सुनय हंय, त खुशी सी वचन ख स्वीकार त करय हंय, पर जड़ी नहीं पकड़न सी हि थोड़ी देर तक विश्वास रखय हंय अऊर परीक्षा को समय बहक जावय हंय। \v 14 काटो की झाड़ियों म गिरयो, यो हि आय जो सुनय हंय, पर आगु चल क, चिन्ता अऊर धन, अऊर जीवन को सूख विलाश म फस जावय हंय अऊर उन्को फर नहीं पकय। \v 15 पर अच्छी जमीन म को हि आय, जो वचन सुन क अच्छो अऊर शुद्ध मन म सम्भाल्यो रह्य हंय, अऊर धीरज सी फर लावय हंय। \s दीया को दृष्टान्त \r (मरकुस ४:२१-२५) \p \v 16 \x + \xo ८:१६ \xo*\xt मत्ती ५:१५; लूका ११:३३\xt*\x*“कोयी दीया जलाय क बर्तन सी नहीं झाकय, अऊर नहीं खटिया को खल्लो रखय हय, पर दीवट पर रखय हय कि अन्दर आवन वालो प्रकाश पाये। \p \v 17 \x + \xo ८:१७ \xo*\xt मत्ती १०:२६; लूका १२:२\xt*\x*“कुछ लूक्यो नहाय जो जान्यो नहीं जाये, अऊर नहीं कुछ लूक्यो हय जो जाननो नहीं पाये अऊर दिख नहीं जाय। \p \v 18 \x + \xo ८:१८ \xo*\xt मत्ती २५:२९; लूका १९:२६\xt*\x*“येकोलायी चौकस रहो कि तुम कौन्सो तरह सी सुनय हय? कहालीकि जेको जवर हय ओख दियो जायेंन, अऊर जेको जवर नहाय ओको सी ऊ भी ले लियो जायेंन, जेक ऊ अपनो समझय हय।” \s यीशु की माय अऊर भाऊ \r (मत्ती १२:४६-५०; मरकुस ३:३१-३५) \p \v 19 यीशु की माय अऊर ओको भाऊ ओको जवर आयो, पर भीड़ को वजह ओको सी मुलाखात नहीं कर सक्यो। \v 20 ओको सी कह्यो गयो, “तोरी माय अऊर तोरो भाऊ बाहेर खड़ो हुयो, तोरो सी मिलनो चाहवय हंय।” \p \v 21 यीशु न येको उत्तर म उन्को सी कह्यो, “मोरी माय अऊर मोरो भाऊ हि आय, जो परमेश्वर को वचन सुनय अऊर मानय हंय।” \s यीशु आन्धी ख शान्त करनो \r (मत्ती ८:२३-२७; मरकुस ४:३५-४१) \p \v 22 फिर एक दिन यीशु अऊर ओको चेला डोंगा पर चढ़्यो, अऊर ओन उन्को सी कह्यो, “आवो, झील को ओन पार चलबो।” येकोलायी उन्न डोंगा खोल दियो अऊर निकल गयो। \v 23 पर जब डोंगा चल रह्यो होतो, त यीशु सोय गयो: अऊर झील म अचानक आन्धी आयी, अऊर डोंगा पानी सी भरन लग्यो अऊर हि खतरा म पड़ गयो। \p \v 24 तब उन्न जवर आय क ओख जगायो, अऊर कह्यो, “मालिक! मालिक! हम नाश होय रह्यो हंय।” तब यीशु न उठ क आन्धी ख अऊर पानी की लहरो ख डाट्यो अऊर हि थम गयी अऊर चैन मिल गयो। \p \v 25 तब ओन उन्को सी कह्यो, “तुम्हरो विश्वास कित हय?” पर हि डर गयो अऊर अचम्भित होय क आपस म कहन लग्यो, “यो कौन आय जो आन्धी अऊर पानी ख भी आज्ञा देवय हय, अऊर हि ओकी मानय हंय?” \s दुष्ट आत्मा लग्यो आदमी ख चंगो करनो \r (मत्ती ८:२८-३४; मरकुस ५:१-२०) \p \v 26 तब यीशु अऊर ओको चेला गिरासेनियों को देश म पहुंच्यो, जो गलील की झील को ओन पार होतो। \v 27 जब ऊ किनार पर उतरयो त ऊ नगर को एक आदमी ओख मिल्यो जेको म दुष्ट आत्मायें होती। ऊ बहुत दिनो सी कपड़ा नहीं पहिनत होतो अऊर घर म नहीं रहत होतो बल्की कब्रस्थान म रहत होतो। \v 28 ऊ यीशु ख देख क चिल्लायो अऊर ओको आगु गिर क ऊंचो आवाज सी कह्यो, “हे परमेश्वर को बेटा यीशु! मोख तोरो सी का काम? मय तोरो सी बिनती करू हय, मोख सजा मत दे।” \v 29 कहालीकि यीशु ऊ दुष्ट आत्मा ख ऊ आदमी म सी निकालन की आज्ञा दे रह्यो होतो, येकोलायी कि ऊ ओख पर बार बार हावी होत होती। लोग ओख संकली अऊर बेड़ियों सी हाथ पाय बान्धत होतो अऊर पहरा देत होतो तब भी ऊ बन्धनों ख तोड़ डालत होतो, अऊर दुष्ट आत्मा ओख जंगल म भटकावत फिरत होती। \p \v 30 यीशु न ओको सी पुच्छ्यो, “तोरो का नाम हय?” \p ओन कह्यो, “सेना,” कहालीकि बहुत सी दुष्ट आत्मायें ओको म घुस गयी होती। \v 31 उन्न यीशु सी बिनती करी कि हम्ख अधोलोक म जान की आज्ञा मत दे। \p \v 32 उत पहाड़ी पर डुक्कर को एक बड़ो झुण्ड चर रह्यो होतो, येकोलायी उन्न ओको सी बिनती करी कि हम्ख उन्म घुसन दे। ओन उन्ख जान दियो। \v 33 तब दुष्ट आत्मायें ऊ आदमी म सी निकल क डुक्कर म गयी अऊर ऊ झुण्ड ढलान पर सी झपट क झील म जाय गिरयो अऊर डुब मरयो। \p \v 34 चरावन वालो न यो जो भयो होतो देख क भग्यो, अऊर नगर म अऊर गांव म जाय क ओको खबर दियो। \v 35 लोग यो जो भयो होतो ओख देखन ख निकल्यो, अऊर यीशु को जवर आय क जो आदमी सी दुष्ट आत्मायें निकली होती, ओख यीशु को पाय को जवर कपड़ा पहिन्यो सुदबुद म बैठ्यो हुयो देख्यो अऊर डर गयो; \v 36 अऊर देखन वालो न लोगों ख बतायो कि ऊ दुष्ट आत्मावों को सतायो हुयो आदमी कसो तरह सी अच्छो भयो। \v 37 तब गिरासेनियों को आजु बाजू को सब लोगों न यीशु सी बिनती करी कि हमरो इत सी चली जा; कहालीकि उन पर बड़ो डर छाय गयो होतो। येकोलायी ऊ डोंगा पर चढ़ क लौट गयो। \p \v 38 जो आदमी म सी दुष्ट आत्मायें निकली होती ऊ ओको सी बिनती करन लग्यो कि मोख अपनो संग रहन दे, पर यीशु न ओख बिदा कर क् कह्यो। \p \v 39 “अपनो घर ख लौट जा अऊर लोगों सी बताव कि परमेश्वर न तोरो लायी कसो बड़ो बड़ो काम करयो हंय।” ऊ जाय क पूरो नगर म प्रचार करन लग्यो कि यीशु न मोरो लायी कसो बड़ो-बड़ो काम करयो। \s याईर की मरी बेटी अऊर एक रोगी बाई \r (मत्ती ९:१८-२६; मरकुस ५:२१-४३) \p \v 40 जब यीशु लौट्यो त लोग ओको सी खुशी को संग मिल्यो, कहालीकि हि सब ओकी रस्ता देख रह्यो होतो। \v 41 इतनो म याईर नाम को एक आदमी जो यहूदियों को आराधनालय को मुखिया होतो, आयो अऊर यीशु को पाय पर गिर क ओको सी बिनती करन लग्यो कि मोरो घर चल। \p \v 42 कहालीकि ओकी बारा साल की एकलौती बेटी होती, अऊर वा मरन पर होती। जब यीशु जाय रह्यो होतो, तब लोग ओको पर गिरत पड़त होतो। \v 43 एक बाई जेक बारा साल सी खून बहन को रोग होतो, अऊर जो अपनी पूरी जीवन की कमायी बैद्धो को पीछू कुछ खर्चा कर लियो होती, तब भी कोयी को हाथ सी चंगी नहीं भय सकी, \v 44 भीड़ को पीछू सी आय क ओको कपड़ा को कोना ख छूयो, अऊर तुरतच ओको खून बहन की बीमारी सी ठीक भय गयी। \v 45 येख पर यीशु न कह्यो, “मोख कौन छूयो?” जब सब मुकरन लग्यो, त पतरस न कह्यो। \p “हे मालिक, तोख त भीड़ दबाय रही हय अऊर तोरो पर गिर पड़य हय।” \p \v 46 पर यीशु न कह्यो, “कोयी न मोख छूयो हय, कहालीकि मय न जान लियो हय कि मोरो म सी सामर्थ निकली हय।” \v 47 जब बाई न देख्यो कि मय लूक नहीं सकू, तब कापती हुयी आयी अऊर ओको पाय पर गिर क सब लोगों को आगु बतायो कि ओन कौन्सो वजह सी ओख छूयो, अऊर कसी तुरतच चंगी भय गयी। \v 48 यीशु न ओको सी कह्यो, “बेटी, तोरो विश्वास न तोख चंगो करयो हय, शान्ति सी चली जा।” \p \v 49 यीशु यो कहतच रह्यो होतो कि कोयी न यहूदी आराधनालय को मुखिया को तरफ सी आय क कह्यो, “तोरी बेटी मर गयी: गुरु ख दु:ख मत दे।” \p \v 50 यीशु न यो सुन क याईर ख कह्यो, “मत डर; केवल विश्वास रख, त वा ठीक होय जायेंन।” \p \v 51 घर म आय क ओन पतरस, यूहन्ना, याकूब, अऊर बेटी को माय-बाप ख छोड़ दूसरों कोयी ख अपनो संग अन्दर आवन नहीं दियो। \v 52 सब ओको लायी विलाप कर क् रोय रह्यो होतो, पर यीशु न कह्यो, “रोवो मत; वा मरी नहाय पर सोय रही हय।” \p \v 53 हि यो जान क कि वा मर गयी हय ओकी हसी करन लग्यो। \v 54 पर यीशु न ओको हाथ पकड़्यो, अऊर पुकार क कह्यो, “हे बेटी, उठ!” \v 55 तब ओको जीव लौट आयो अऊर वा तुरतच उठ क खड़ी भय गयी। तब यीशु न आज्ञा दियो कि ओख कुछ खान ख दे। \v 56 ओको माय-बाप अचम्भित भयो, पर यीशु न उन्ख चितायो कि यो जो भयो हय कोयी सी मत कहजो। \c 9 \s यीशु न बारा चेलावों ख प्रचार करन भेज्यो \r (मत्ती १०:५-१५; मरकुस ६:७-१३) \p \v 1 तब यीशु न बारयी चेला ख बुलाय क उन्ख सब दुष्ट आत्मावों अऊर बीमारियों ख दूर करन की सामर्थ अऊर अधिकार दियो, \v 2 अऊर उन्ख स्वर्ग को राज्य को प्रचार करन अऊर बीमारों ख अच्छो करन लायी भेज्यो। \v 3 ओन उन्को सी कह्यो, “रस्ता लायी कुछ मत लेवो, नहीं लाठी, नहीं झोला, नहीं रोटी, नहीं रुपया अऊर नहीं दोय-दोय कुरता। \v 4 जो कोयी घर म तुम जावो, उतच रहो, अऊर उतच सी बिदा हो। \v 5 \x + \xo ९:५ \xo*\xt लूका १०:४-११; प्रेरितों १३:५१\xt*\x*जो कोयी तुम्ख स्वीकार नहीं करेंन, ऊ नगर सी निकलतो हुयो अपनो पाय की धूरला झाड़तो हुयो वापस लौट जावो कि उन पर गवाही होय।” \p \v 6 येकोलायी हि निकल क गांव-गांव सुसमाचार सुनावतो, अऊर जित उत लोगों ख चंगो करतो हुयो फिरत रह्यो। \s राजा हेरोदेस की परेशानी \r (मत्ती १४:१-१२; मरकुस ६:१४-२९) \p \v 7 \x + \xo ९:७ \xo*\xt मत्ती १६:१४; मरकुस ८:२८; लूका ९:१९\xt*\x*देश को चौथाई को राजा हेरोदेस जो गलील को शासक होतो यो सब सुन क घबराय गयो, कहालीकि कुछ न कह्यो कि यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो मरयो हुयो म सी फिर सी जीन्दो भयो हय, \v 8 अऊर कुछ न यो कह्यो कि एलिय्याह दिखायी दियो हय, अऊर दूसरों न यो कि पुरानो भविष्यवक्तावों म सी कोयी फिर सी जीन्दो भयो हय। \v 9 पर हेरोदेस न कह्यो, “यूहन्ना को मुंड त मय न कटवाय दियो, अब यो कौन आय जेको बारे म असी बाते सुनू हय?” अऊर ओन यीशु ख देखन की इच्छा करी। \s पाच हजार लोगों ख खिलानो \r (मत्ती १४:१३-२१; मरकुस ६:३०-४४; यूहन्ना ६:१-१४) \p \v 10 तब प्रेरितों न लौट क जो कुछ उन्न करयो होतो, यीशु ख बताय दियो; अऊर ऊ उन्ख अलग कर क् बैतसैदा नाम को नगर ख ले गयो। \v 11 यो जान क भीड़ ओको पीछू भय गयी, अऊर ऊ खुशी को संग उन्को सी मिल्यो, अऊर उन्को सी परमेश्वर को राज्य की बाते करन लग्यो, अऊर जो चंगो होनो चाहत होतो उन्ख चंगो करयो। \p \v 12 जब दिन डुबन लग्यो त बारा चेलावों न आय क ओको सी कह्यो, “भीड़ ख बिदा कर कि चारों तरफ को गांवो अऊर बस्तियों म जाय क रूकन की अऊर जेवन को व्यवस्था करेंन, कहालीकि हम इत सुनसान जागा म हंय।” \p \v 13 यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुमच उन्ख खान ख दे।” \p उन्न कह्यो, “हमरो जवर पाच रोटी अऊर दोय मच्छी ख छोड़ अऊर कुछ नहाय; पर हां, यदि हम जाय क इन सब लोगों लायी भोजन ले लेबो, त होय सकय हय।” हि लोग त पाच हजार पुरुषों को लगभग होतो। \p \v 14 तब यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “उन्ख पचास-पचास कर क् पंगत-पंगत सी बैठाय दे।” \p \v 15 उन्न असोच करयो, अऊर सब ख बैठाय दियो। \v 16 तब यीशु न हि पाच रोटी अऊर दोय मच्छी धरी, अऊर स्वर्ग की तरफ देख क परमेश्वर ख धन्यवाद करयो, अऊर तोड़-तोड़ क चेलावों ख देतो गयो कि लोगों ख परोसो। \v 17 तब सब खाय क सन्तुष्ट भयो, अऊर चेलावों न बच्यो हुयो टुकड़ा सी भरी बारा टोकनी उठायी। \s यीशु उद्धारकर्ता मसीहा आय पतरस की घोषना \r (मत्ती १६:१३-२०; मरकुस ८:२७-३०) \p \v 18 जब यीशु एकान्त जागा म प्रार्थना कर रह्यो होतो अऊर चेला ओको संग होतो, त ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “लोग मोख का कह्य हंय?” \p \v 19 \x + \xo ९:१९ \xo*\xt मत्ती १४:१,२; मरकुस ६:१४,१५; लूका ९:७,८\xt*\x*उन्न उत्तर दियो, “यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो, अऊर कोयी कोयी एलिय्याह, अऊर कोयी यो कि पुरानो भविष्यवक्तावों म सी कोयी फिर सी जीन्दो भयो हय।” \p \v 20 \x + \xo ९:२० \xo*\xt यूहन्ना ६:६८,६९\xt*\x*ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “पर तुम मोख का कह्य हय?” \p पतरस न उत्तर दियो, “परमेश्वर को द्वारा भेज्यो हुयो मसीहा।” \p \v 21 तब यीशु न उन्ख आदेश दे क कह्यो कि यो कोयी सी मत कहजो। \s अपनो मरनो को बारे म यीशु की भविष्यवानी \r (मत्ती १६:२१-२३; मरकुस ८:३१-३३) \p \v 22 तब यीशु न कह्यो, “आदमी को बेटा लायी जरूरी हय कि ऊ बहुत दु:ख उठायेंन, अऊर बुजूर्गों अऊर मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री ओख ठुकराय क मार डालेंन, अऊर ऊ तीसरो दिन फिर सी जीन्दो होयेंन।” \s यीशु को पीछू चलन को मतलब \r (मत्ती १६:२४-२८; मरकुस ८:३४; ९:१) \p \v 23 \x + \xo ९:२३ \xo*\xt मत्ती १०:३८; लूका १४:२७\xt*\x*ओन सब सी कह्यो, “यदि कोयी मोरो पीछू आवनो चाहवय, त अपनो आप सी इन्कार कर अऊर हर दिन जो मोरो लायी अपनो जीवन देन लायी तैयार हय मोरो पीछू आव। \v 24 \x + \xo ९:२४ \xo*\xt मत्ती १०:३९; लूका १७:३३; यूहन्ना १२:२५\xt*\x*कहालीकि जो कोयी अपनो जीव बचावनो चाहेंन ऊ ओख खोयेंन, पर जो कोयी मोरो लायी अपनो जीव खोयेंन उच ओख बचायेंन। \v 25 यदि आदमी पूरो जगत ख पा ले अऊर अपनो जीव खोय दे यां ओकी हानि उठाये, त ओख का फायदा होयेंन? \v 26 जो कोयी मोरो सी अऊर मोरी शिक्षा सी शर्मायेंन, आदमी को बेटा भी, जब अपनी अऊर अपनो बाप की अऊर पवित्र स्वर्गदूतों की महिमा सहित आयेंन, त ओको सी शर्मायेंन। \v 27 मय तुम सी सच कहू हय, कि जो इत खड़ो हंय, उन्म सी कुछ असो हंय कि जब तक परमेश्वर को राज्य नहीं देख ले, तब तक नहीं मरेंन।” \s यीशु को रूपान्तर \r (मत्ती १७:१-८; मरकुस ९:२-८) \p \v 28 इन बातों को कोयी आठ दिन बाद यीशु पतरस, यूहन्ना अऊर याकूब ख संग ले क प्रार्थना करन लायी पहाड़ी पर गयो। \v 29 जब ऊ प्रार्थना करतच होतो, त ओको चेहरा को रूप बदल गयो, अऊर ओको कपड़ा उज्वल होय क चमकन लग्यो। \v 30 अऊर अचानक, मूसा अऊर एलिय्याह, हि दोय आदमी ओको संग बाते कर रह्यो होतो। \v 31 हि स्वर्ग की महिमा सहित दिखायी दियो अऊर यीशु को मरन की चर्चा कर रह्यो होतो, परमेश्वर को उद्देश जो कि यरूशलेम म पूरो होन वालो होतो। \v 32 पतरस अऊर ओको संगी की आंखी म नींद छायी होती, अऊर जब हि अच्छी तरह सचेत भयो, त यीशु की महिमा अऊर उन दोय आदमी ख, जो ओको संग खड़ो होतो, देख्यो। \v 33 जब हि ओको जवर सी जान लग्यो, त पतरस न यीशु सी कह्यो, “हे मालिक, हमरो इत रहनो भलो हय: येकोलायी हम तीन मण्डप बनायबो, एक तोरो लायी, एक मूसा लायी, अऊर एक एलिय्याह लायी।” ऊ जानत नहीं होतो कि का कह्य रह्यो हय। \p \v 34 ऊ यो कहतच रह्यो होतो कि एक बादर न आय क उन्ख छाय लियो; अऊर जब बादर सी घिरन लग्यो त चेला डर गयो। \v 35 \x + \xo ९:३५ \xo*\xt मत्ती ३:१७; १२:१८; मरकुस १:११; लूका ३:२२; २ पतरस १:१७,१८\xt*\x*तब ऊ बादर म सी यो आवाज निकल्यो, “यो मोरो बेटा अऊर मोरो चुन्यो हुयो आय, येकी सुनो।” \p \v 36 यो आवाज बन्द होनो पर यीशु अकेलो पायो गयो; अऊर हि चुप रह्यो, अऊर जो कुछ देख्यो होतो ओकी कोयी बात उन दिनो म कोयी सी नहीं कहीं। \s दुष्ट आत्मा लग्यो बच्चा ख चंगो करनो \r (मत्ती १७:१४-१८; मरकुस ९:१४-२७) \p \v 37 दूसरों दिन जब यीशु अऊर ओको तीन चेलावों पहाड़ी सी उतरयो त एक बड़ी भीड़ ओको सी आय क मिली। \v 38 अऊर देखो, भीड़ म सी एक आदमी न चिल्लाय क कह्यो, “हे गुरु, मय तोरो सी बिनती करू हय कि मोरो बेटा पर दयादृष्टि कर; कहालीकि ऊ मोरो एकलौतो बेटा आय। \v 39 एक दुष्ट आत्मा ओख पकड़य हय, अऊर ऊ अचानक चिल्लावन लगय हय; अऊर ऊ ओख असो मुरकटय हय कि ऊ मुंह म फेस भर लावय हय; अऊर ओख कठिनायी सी गिराय क छोड़य हय। \v 40 मय न तोरो चेलावों सी बिनती करी कि दुष्ट आत्मा ख निकाले, पर हि नहीं निकाल सक्यो।” \p \v 41 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “हे अविश्वासी अऊर जिद्दी लोगों, मय कब तक तुम्हरो संग रहूं अऊर तुम्हरी सहू? अपनो बेटा ख इत ले आव।” \p \v 42 बेटा आयच रह्यो होतो कि दुष्ट आत्मा न ओख पटक क मुरकट्यो, पर यीशु न दुष्ट आत्मा ख डाट्यो अऊर बेटा ख अच्छो कर क् ओको बाप ख सौंप दियो। \v 43 तब सब लोग परमेश्वर को महासामर्थ सी अचम्भित भयो। \s अपनो मरन को बारे म यीशु की दूसरी बार: भविष्यवानी \r (मत्ती १७:२२,२३; मरकुस ९:३०-३२) \p पर जब सब लोग उन सब कामों सी जो कुछ यीशु करत होतो, अचम्भित होतो, त ओन अपनो चेलावों सी कह्यो, \v 44 “तुम इन बातों पर कान लगावो, कहालीकि आदमी को बेटा आदमियों को हाथ म सौंप्यो जायेंन।” \v 45 पर चेलावों या बात ख नहीं जान सक्यो, अऊर यो उन्को सी लूकी रही कि हि ओख समझ नहीं पायो; अऊर हि या बात को बारे म ओको सी पूछन सी डरत होतो। \s सब सी बड़ो कौन? \r (मत्ती १८:१-५; मरकुस ९:३३-३७) \p \v 46 \x + \xo ९:४६ \xo*\xt लूका २२:२४\xt*\x*तब उन्म यो विवाद होन लग्यो कि हम म सी बड़ो कौन हय। \v 47 पर यीशु न उन्को मन को बिचार जान लियो, अऊर एक बच्चा ख ले क अपनो जवर खड़ो करयो, \v 48 \x + \xo ९:४८ \xo*\xt मत्ती १०:४०; लूका १०:१६; यूहन्ना १३:२०\xt*\x*अऊर उन्को सी कह्यो, “जो कोयी मोरो नाम सी यो बच्चा ख स्वीकारय हय, ऊ मोख स्वीकारय हय; अऊर जो कोयी मोख स्वीकारय हय, ऊ मोरो भेजन वालो ख स्वीकारय हय, कहालीकि जो तुम म सब सी छोटो सी छोटो हय, उच बड़ो हय।” \s जो विरोध म नहाय, ऊ पक्ष म हय \r (मरकुस ९:३०-४०) \p \v 49 तब यूहन्ना न कह्यो, “हे मालिक, हम न एक आदमी ख तोरो नाम सी दुष्ट आत्मावों ख निकालता देख्यो, अऊर हम न ओख मना करयो, कहालीकि ऊ हमरो संग होय क तोरो अनुसरन नहीं करत होतो।” \p \v 50 यीशु न यूहन्ना अऊर दूसरों चेला सी कह्यो, “ओख मना मत करो; कहालीकि जो तुम्हरो विरोध म नहाय, ऊ तुम्हरो तरफ हय।” \s सामरियों द्वारा यीशु को विरोध \p \v 51 जब यीशु ख स्वर्ग म उठायो जान को दिन पूरो होन पर होतो, त ओन यरूशलेम जान को बिचार ठान लियो। \v 52 ओन अपनो आगु दूत भेज्यो। हि सामरियों को एक गांव म गयो कि ओको लायी जागा तैयार करे। \v 53 पर उन लोगों न ओख उतरन नहीं दियो, कहालीकि ऊ यरूशलेम जाय रह्यो होतो। \v 54 यो देख क ओको चेलावों याकूब अऊर यूहन्ना न कह्यो, “हे प्रभु, का तय चाहवय हय कि हम आज्ञा दे, कि आसमान सी आगी गिर क उन्ख भस्म कर दे?” \p \v 55 पर यीशु न मुड़ क उन्ख डाट्यो। \s यीशु ख मानन वालो न कसो रहन ख होना \p \v 56 यीशु अऊर ओको चेला कोयी दूसरों गांव म चली गयो। \p \v 57 जब हि रस्ता म जाय रह्यो होतो, त कोयी न यीशु सी कह्यो, “जित-जित तय जाजो, मय तोरो पीछू होय जाऊं।” \p \v 58 यीशु न ओको सी कह्यो, “लोमड़ियों को गुफा अऊर आसमान को पक्षिंयों को घोसला होवय हंय, पर आदमी को बेटा ख मुंड लूकान की भी जागा नहीं।” \fig गुफा म बच्चां को संग लोमड़ी|alt="Fox with kits in a hole" src="bk00051c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="९:५८"\fig* \p \v 59 यीशु न दूसरों सी कह्यो, “मोरो पीछू होय जा।” ओन कह्यो, “हे प्रभु, मोख पहिले जान दे कि अपनो बाप ख गाड़ देऊ।” \p \v 60 यीशु न ओको सी कह्यो, “मरयो हुयो ख अपनो मुर्दा गाड़न दे, पर तय जाय क परमेश्वर को राज्य को सुसमाचार प्रचार कर।” \p \v 61 कोयी अऊर न भी कह्यो, “हे प्रभु, मय तोरो पीछू होय जाऊं; पर पहिले मोख जान दे कि अपनो घर को लोगों सी बिदा ले लेऊ।” \p \v 62 यीशु न ओको सी कह्यो, “जो कोयी अपनो हाथ नांगर पर रख क पीछू देखय हय, ऊ परमेश्वर को राज्य को लायक नहाय।” \c 10 \s बहात्तर चेलावों ख भेज्यो जानो \p \v 1 इन बातों को बाद प्रभु न बहात्तर अऊर आदमी ख चुन्यो, अऊर जो-जो नगर अऊर जागा म ऊ खुद जान पर होतो, उत उन्ख दोय-दोय कर क् अपनो आगु भेज्यो। \v 2 \x + \xo १०:२ \xo*\xt मत्ती ९:३७,३८\xt*\x*यीशु उन्को सी कह्यो, “पकी फसल बहुत हंय, पर मजूर थोड़ो हंय; येकोलायी खेत को मालिक सी प्रार्थना करो कि ऊ अपनी खेत कि फसल काटन ख मजूर भेज दे।” \v 3 \x + \xo १०:३ \xo*\xt मत्ती १०:१६\xt*\x*जावो! मय तुम्ख मेंढीं को जसो भेड़ियों को बीच म भेजू हय। \v 4 येकोलायी नहीं बटवा, नहीं झोली, नहीं जूता लेवो; अऊर नहीं रस्ता म कोयी ख नमस्कार करो। \v 5 जो कोयी घर म जावो, पहिले कहो, यो घर पर शान्ति होय। \v 6 यदि उत कोयी शान्ति को लायक होना, त तुम्हरो शान्ति ओको पर ठहरेंन, नहीं त तुम्हरो जवर लौट आयेंन। \v 7 \x + \xo १०:७ \xo*\xt १ कुरिन्थियों ९:१४; १ तीमुथियुस ५:१८\xt*\x*उच घर म रहो, अऊर जो कुछ उन्को सी मिलेंन, उच खावो-पीवो, कहालीकि मजूर ख अपनी मजूरी मिलन खच होना; घर-घर मत फिरो। \v 8 जो नगर म जावो, अऊर उत को लोग तुम्ख उतरेंन, त जो कुछ तुम्हरो आगु परोसेंन उच खावो। \v 9 उत को बीमारों ख चंगो करो, अऊर उन्को सी कहो, “परमेश्वर को राज्य तुम्हरो जवर आय गयो हय।” \v 10 \x + \xo १०:१० \xo*\xt प्रेरितों १३:५१\xt*\x*पर जो नगर म जावो, अऊर उत को लोग तुम्ख स्वीकार नहीं करेंन, त ओख बजारों म जाय क कहो, \v 11 \x + \xo १०:११ \xo*\xt मत्ती १०:७-१४; मरकुस ६:८-११; लूका ९:३-५\xt*\x*“तुम्हरो नगर की धूरला भी जो हमरो पाय म लगी हय, हम तुम्हरो आगु झाड़ देजे हंय। तब भी यो जान लेवो कि परमेश्वर को राज्य तुम्हरो जवर आय गयो हय!” \v 12 \x + \xo १०:१२ \xo*\xt मत्ती ११:२४; \xt*\xt मत्ती १०:१५\xt*\x*मय तुम सी कहू हय कि ऊ दिन परमेश्वर न्याय करेंन ऊ नगर की दशा सी सदोम की दशा जादा सहन लायक होयेंन। \s अविश्वासी नगरो ख धिक्कारनो \r (मत्ती ११:२०-२४) \p \v 13 “हाय खुराजीन! हाय बैतसैदा! नगर जो सामर्थ को काम तुम म करयो गयो, यदि हि सूर अऊर सैदा म करयो जातो त बोरा ओढ़ क अऊर राख म बैठ क मन फिराय लियो।” \v 14 पर न्याय को दिन तुम्हरी दशा सी सूर अऊर सैदा की दशा जादा सहन लायक होयेंन। \v 15 अऊर हे कफरनहूम, का तय स्वर्ग तक ऊचो करयो जाजो? तय त अधोलोक तक खल्लो जाजो। \p \v 16 \x + \xo १०:१६ \xo*\xt मत्ती १०:४०; मरकुस ९:३७; लूका ९:४८; यूहन्ना १३:२०\xt*\x*यीशु न चेलावों सी कह्यो, “जो तुम्हरी सुनय हय, ऊ मोरी सुनय हय; अऊर जो तुम्ख तुच्छ जानय हय, ऊ मोख तुच्छ जानय हय; अऊर जो मोख तुच्छ जानय हय, ऊ मोरो भेजन वालो ख तुच्छ जानय हय।” \s बहात्तर लोगों को लौटनो \p \v 17 हि बहात्तर लोग खुशी मनावत लौट्यो अऊर कहन लग्यो, “हे प्रभु, तोरो नाम कि आज्ञा सी दुष्ट आत्मा भी हमरो आदेश मानय हय।” \p \v 18 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय शैतान ख बिजली को जसो स्वर्ग सी गिरयो हुयो देख रह्यो होतो। \v 19 सुनो! मय न तुम्ख सांपो अऊर बिच्छूवों ख रौंदन को, अऊर दुश्मन की सामर्थ पर विजय पावन को अधिकार दियो हय; अऊर कोयी चिज सी तुम्ख कुछ हानि नहीं होयेंन। \v 20 तब भी येको सी खुश मत होय कि दुष्ट आत्मा तुम्हरो आज्ञा मानय हंय, पर येको सी खुश होय कि तुम्हरो नाम स्वर्ग पर लिख्यो हय।” \s यीशु को खुश होनो \r (मत्ती ११:२५-२७; १३:१७) \p \v 21 उच समय यीशु पवित्र आत्मा म होय क खुशी सी भर गयो, अऊर कह्यो, “हे बाप, स्वर्ग अऊर धरती को प्रभु, मय तोरो धन्यवाद करू हय कि तय न इन बातों ख ज्ञानियों अऊर समझदारों सी लूकाय रख्यो, अऊर बच्चां पर प्रगट करयो। हां, हे बाप, कहालीकि तोख योच अच्छो लग्यो। \p \v 22 \x + \xo १०:२२ \xo*\xt यूहन्ना ३:३५; \xt*\xt यूहन्ना १०:१५\xt*\x*“मोरो बाप न मोख सब कुछ सौंप दियो हय; अऊर कोयी नहीं जानय कि बेटा कौन हय केवल बाप, अऊर बाप कौन हय यो भी कोयी नहीं जानय केवल बेटा को अऊर ऊ जेक पर बेटा ओख प्रगट करनो चाहेंन।” \p \v 23 तब यीशु चेलावों को तरफ मुड़ क अकेलो म कह्यो, “धन्य हंय हि आंखी, जो उन बातों ख देखय हंय जेक तुम देखतच हय। \v 24 कहालीकि मय तुम सी कहू हय कि तुम जिन बातों ख देखय हय उन्ख बहुत सो भविष्यवक्तावों अऊर राजावों न देखनो चाह्यो पर नहीं देख्यो, अऊर उन बातों ख सुननो चाह्यो जेक तुम सुनय हय पर नहीं सुन्यो।” \s दयालु सामरी को दृष्टान्त \p \v 25 \x + \xo १०:२५ \xo*\xt मत्ती २२:३५-४०; मरकुस १२:२८-३४\xt*\x*एक व्यवस्थापक उठ्यो अऊर यो कह्य क ओकी परीक्षा करन लग्यो, “हे गुरु, अनन्त जीवन ख पान लायी मय का करू?” \p \v 26 यीशु न ओको सी कह्यो, “मूसा की व्यवस्था म का लिख्यो हय? तय कसो पढ़य हय?” \p \v 27 आदमी न उत्तर दियो, “व्यवस्था म लिख्यो हय, ‘तय प्रभु अपनो परमेश्वर सी अपनो पूरो मन अऊर अपनो पूरो जीव अऊर अपनी पूरी शक्ति अऊर अपनी पूरी बुद्धि को संग प्रेम रख;’ अऊर ‘अपनो शेजारी सी अपनो जसो प्रेम रख।’” \p \v 28 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय न ठीक उत्तर दियो, योच कर त तय जीन्दो रहजो।” \p \v 29 पर ओन अपनो आप ख सच्चो ठहरान की इच्छा सी यीशु सी पुच्छ्यो, “त मोरो शेजारी कौन आय?” \p \v 30 यीशु न उत्तर दियो, “एक आदमी यरूशलेम सी यरीहो ख जाय रह्यो होतो कि डाकुवो न घेर क ओको कपड़ा उतार लियो, अऊर मार पीट क ओख अधमरो छोड़ क चली गयो। \v 31 अऊर असो भयो कि उच रस्ता सी एक याजक जाय रह्यो होतो, पर ओख देख क नजर बचाय क दूसरों तरफ सी चली गयो। \v 32 योच तरह सी एक लेवी ऊ जागा पर आयो, ऊ भी ओख देख क नजर बचाय क दूसरी रस्ता सी चली गयो। \v 33 पर एक सामरी भी जो यात्रा कर रह्यो होतो, उत पहुंच्यो, जब ओन ओख देख्यो त ओको पर तरस खायो। \v 34 ओन ओको जवर आय क ओको घावों पर तेल अऊर अंगूररस डाल क पट्टी बान्धी, अऊर अपनी सवारी पर चढ़ाय क सरायी म ले गयो, अऊर ओकी सेवा करी। \v 35 दूसरों दिन ओन दोय चांदी को सिक्का निकाल क सरायी को मालिक ख दियो, अऊर कह्यो, ‘येकी सेवा करजो, अऊर जो कुछ तोरो अऊर लगेंन, ऊ मय आनो पर तोख वापस दे देऊ।’” \p \v 36 यीशु न कह्यो, “अब तोरो बिचार सी जो डाकुवो न पकड़ रख्यो होतो, इन तीनों म सी ओको शेजारी कौन होयेंन?” \p \v 37 ओन कह्यो, “उच जेन ओको पर दया करी।” \p यीशु न ओको सी कह्यो, “जा, तय भी असोच कर।” \s मार्था अऊर मरियम को घर यीशु \p \v 38 \x + \xo १०:३८ \xo*\xt यूहन्ना ११:१\xt*\x*जब यीशु अऊर ओको चेला जाय रह्यो होतो त यीशु एक गांव म गयो, अऊर मार्था नाम की एक बाई न ओख अपनो घर म उतारयो। \v 39 मरियम नाम की ओकी एक बहिन होती। वा प्रभु को पाय को जवर बैठ क ओको वचन सुनत होती। \v 40 पर मार्था सेवा करत करत चिन्तित भय गयी, अऊर ओको जवर आय क कहन लगी, “हे प्रभु, का तोख कुछ भी चिन्ता नहाय कि मोरी बहिन न मोख सेवा करन लायी अकेलीच छोड़ दियो हय? येकोलायी ओको सी कह्य कि मोरी मदत कर।” \p \v 41 प्रभु न ओख उत्तर दियो, “मार्था, हे मार्था; तय बहुत बातों लायी चिन्ता करय हय। \v 42 पर एक बात जरूरी हय, अऊर ऊ बहुत उत्तम भाग ख मरियम न चुन लियो हय जो ओको सी छीन्यो नहीं जायेंन।” \c 11 \s यीशु को प्रार्थना करनो सिखावनो \r (मत्ती ६:९-१३) \p \v 1 एक दिन यीशु कोयी दूसरी जागा म प्रार्थना कर रह्यो होतो। जब ऊ प्रार्थना कर लियो, त ओको चेलावों म सी एक न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, जसो बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना न अपनो चेलावों ख प्रार्थना करनो सिखायो वसोच हम्ख भी तय सिखाय दे।” \q1 \v 2 यीशु न उन्को सी कह्यो, “जब तुम प्रार्थना करो त कहो: \q2 ‘हे हमरो पिता: \q1 तोरो नाम पवित्र मान्यो जाय; \q2 तोरो राज्य आय।’ \v 3 ‘हमरी दिन भर की रोटी हर दिन हम्ख \q2 दियो कर,’ \v 4 ‘अऊर हमरो पापों ख माफ कर, \q2 कहालीकि हम भी अपनो हर एक अपराधियों \q2 ख माफ करजे हंय, \q2 अऊर हम्ख परीक्षा म मत लाव।’” \s प्रार्थना करतो रहो \r (मत्ती ७:७-११) \p \v 5 तब यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम म सी कौन आय कि ओको एक संगी हो, अऊर ऊ अरधी रात ख ओको जवर जाय क ओको सी कह्य, ‘हे संगी; मोख तीन रोटी दे। \v 6 कहालीकि मोरो एक संगी यात्रा करतो हुयो मोरो जवर आयो हय, अऊर मोरो जवर ओख खिलावन लायी कुछ भी नहाय।’ \v 7 अऊर ऊ अन्दर सी उत्तर दे क कह्यो, ‘मोख मत सताव; अब त दरवाजा बन्द भय गयो हय अऊर मोरो बच्चा मोरो बिस्तर पर हंय, मय उठ क तोख कुछ भी नहीं दे सकू?’ \v 8 मय तुम सी कहू हय, यदि ओको संगी होन पर भी ओख उठ क नहीं दे, फिर भी ओको खुशामत करन पर ऊ उठ क ओकी जितनी भी जरूरत होना देयेंन। \v 9 अऊर मय तुम सी कहू हय: कि मांगो, त तुम्ख दियो जायेंन; ढूंढो, त तुम पावों; खटखटावों, त तुम्हरो लायी खोल्यो जायेंन। \v 10 कहालीकि जो कोयी मांगय हय, ओख मिलय हय; अऊर जो ढूंढय हय, ऊ पावय हय; अऊर जो खटखटावय हय, ओको लायी खोल्यो जायेंन। \v 11 तुम म सी असो कौन बाप होनो, कि ओको बेटा मच्छी मांगय त ओख सांप देयेंन? \v 12 यां अंडा मांगेंन त ओख बिच्छू देयेंन? \v 13 येकोलायी जब तुम बुरो होय क अपनो बच्चां ख अच्छी चिजे देनो जानय हय, त तुम्हरो स्वर्गीय बाप अपनो मांगन वालो ख पवित्र आत्मा कहाली नहीं देयेंन।” \s यीशु अऊर बालजबूल \r (मत्ती १२:२२-३०; मरकुस ३:२०-२७) \p \v 14 तब यीशु न मुक्की दुष्ट आत्मा ख निकाल्यो। जब वा दुष्ट आत्मा निकल गयी त मुक्का बोलन लग्यो; अऊर लोगों ख अचम्भा भयो। \v 15 \x + \xo ११:१५ \xo*\xt मत्ती ९:३४; १०:२५\xt*\x*पर उन्म सी कुछ न कह्यो, “यो त बालजबूल नाम को दुष्ट आत्मावों को मुखिया हय ओकी सामर्थ सी दुष्ट आत्मावों ख निकालय हय।” \p \v 16 \x + \xo ११:१६ \xo*\xt मत्ती १२:३८; १६:१; मरकुस ८:११\xt*\x*दूसरों कुछ लोगों न यीशु की परीक्षा करन लायी परमेश्वर को तरफ सी स्वर्ग को एक चिन्ह मांग्यो। \v 17 पर ओन उन्को मन की बाते जान क उन्को सी कह्यो, “जो जो राज्य म फूट पड़य हय, ऊ राज्य उजड़ जावय हय; अऊर जो घर म फूट पड़य हय, ऊ नाश होय जावय हय। \v 18 यदि शैतान अपनोच विरोधी होय जाये, त ओको राज्य कसो बन्यो रहेंन? कहालीकि तुम मोरो बारे म त कह्य हय कि बालजबूल की सामर्थ सी दुष्ट आत्मा निकालय हय। \v 19 भलो यदि मय शैतान की मदत सी दुष्ट आत्मावों ख निकालू हय, त तुम्हरो मानन वालो कौन्की मदत सी निकालय हय? येकोलायी हिच तुम्हरो न्याय चुकायेंन। \v 20 पर यदि मय परमेश्वर की सामर्थ सी दुष्ट आत्मा ख निकालू हय, त परमेश्वर को राज्य तुम्हरो जवर आय गयो हय। \p \v 21 “जब ताकतवर आदमी अवजार समेत अपनो घर की रखवाली करय हय, त ओकी जायजाद बची रह्य हय। \v 22 पर जब ओको सी बढ़ क कोयी अऊर ताकतवर चढ़ायी कर क् ओख जीत लेवय हय, त ओको हि हथियार जेक पर ओको भरोसा होतो, छीन लेवय हय अऊर ओकी जायजाद लूट क बाट देवय हय। \p \v 23 \x + \xo ११:२३ \xo*\xt मरकुस ९:४०\xt*\x*“जो मोरो संग नहाय ऊ मोरो विरोध म हय, अऊर जो मोरो संग नहीं ऊ जमा करय हय अऊर बिखरावय हय। \s दुष्ट आत्मा को फिर सी आवनो \r (मत्ती १२:४३-४५) \p \v 24 “जब दुष्ट आत्मा आदमी म सी निकल जावय हय त सूखी जागा म आराम ढूंढती फिरय हय, अऊर जब नहीं पावय त कह्य हय, ‘मय अपनो उच घर म जित सी निकली होती लौट जाऊं।’ \v 25 अऊर आय क घर ख झाड़्यो हुयो अऊर सज्यो सजायो पावय हय। \v 26 तब वा जाय क अपनो सी बुरी सात अऊर आत्मावों ख अपनो संग ले आवय हय, अऊर हि ओको म घुस क वाश करय हंय, अऊर ऊ आदमी की पिछली दशा पहिलो सी भी बुरी होय जावय हय।” \s सच्ची खुशी \p \v 27 जब यीशु या बाते कहतच रह्यो होतो त भीड़ म सी कोयी बाई न ऊचो आवाज सी कह्यो, “धन्य हय ऊ गर्भ जेको म तय रह्यो अऊर हि स्तन जो तय न पीयो।” \p \v 28 यीशु न कह्यो, “हां; पर धन्य हि हंय जो परमेश्वर को वचन सुनय अऊर मानय हंय।” \s परमेश्वर को तरफ सी चिन्ह की मांग \r (मत्ती १२:३८-४२) \p \v 29 \x + \xo ११:२९ \xo*\xt मत्ती १६:४; मरकुस ८:१२\xt*\x*जब बड़ी भीड़ जमा होत जात होती त यीशु कहन लग्यो, “यो युग को लोग बुरो हंय; हि चिन्ह ढूंढय हंय; पर योना को चिन्ह ख छोड़ कोयी अऊर चिन्ह उन्ख नहीं दियो जायेंन। \v 30 जसो योना नीनवे को लोगों लायी चिन्ह बन्यो, वसोच आदमी को बेटा भी यो युग को लोगों लायी ठहरेंन। \v 31 दक्षिन की रानी न्याय को दिन यो समय को आदमियों को संग उठ क उन्ख दोषी ठहरायेंन, कहालीकि ऊ सुलैमान को ज्ञान सुनन ख धरती को छोर सी आयी, अऊर देखो, इत ऊ हय जो सुलैमान सी भी बड़ो हय। \v 32 नीनवे को लोग न्याय को दिन यो समय को लोगों को संग खड़ो होय क, उन्ख दोषी ठहरायेंन; कहालीकि उन्न योना को प्रचार सुन क पाप करनो छोड़ दियो; अऊर देखो, इत ऊ हय जो योना सी भी बड़ो हय। \s शरीर को दीया \r (मत्ती ५:१५; ६:२२-२३) \p \v 33 \x + \xo ११:३३ \xo*\xt मत्ती ५:१५; मरकुस ४:२१; लूका ८:१६\xt*\x*“कोयी आदमी दीया जलाय क लूकावय नहीं यां बर्तन को खल्लो नहीं रखय, पर दीवट पर रखय हय कि अन्दर आवन वालो प्रकाश देखेंन। \v 34 तोरो शरीर को दीया तोरी आंखी हय, येकोलायी जब तोरी आंखी पवित्र हय त तोरो पूरो शरीर भी प्रकाश जसो हय; पर जब ऊ बुरी हय त तोरो शरीर भी अन्धारो जसो हय। \v 35 येकोलायी चौकस रहजो कि जो प्रकाश तोरो म हय ऊ अन्धारो नहीं होय जाये। \v 36 येकोलायी यदि तोरो पूरो शरीर प्रकाश हय अऊर ओको कोयी भाग अन्धारो म नहीं रहेंन त सब को सब असो प्रकाश होयेंन, जसो ऊ समय होवय हय जब दीया अपनी चमक सी तोख प्रकाश देवय हय।” \s धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों की निन्दा \r (मत्ती २३:१-३६; मरकुस १२:३८-४०) \p \v 37 जब यीशु बात कर चुक्यो होतो त कोयी फरीसी न ओको सी बिनती करी कि मोरो इत जेवन कर। ऊ अन्दर जाय क जेवन करन बैठ्यो। \v 38 फरीसी ख यो देख क अचम्भा भयो कि ओन जेवन करन सी पहिले यहूदियों को अनुसार हाथ नहीं धोयो। \v 39 प्रभु न ओको सी कह्यो, “हे फरीसियों, तुम कटोरा अऊर थारी ख ऊपर ऊपर सी त मांजय हय, पर तुम्हरो अन्दर अन्धारो अऊर बुरायी भरी हय। \v 40 हे मूर्खो, जेन बाहेर को भाग बनायो, का ओन अन्दर को भाग नहीं बनायो? \v 41 पर हां, जो तुम्हरो जवर हय ओख गरीबों ख दान कर दे, त देखो, सब कुछ तुम्हरो लायी शुद्ध होय जायेंन। \p \v 42 “पर हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पदीना अऊर मसाला को अऊर सब तरह को साग पात को दसवा अंश देवय हय, पर न्याय ख अऊर परमेश्वर को प्रेम ख टाल देवय हय; पर असो भी त होतो कि इन्क भी करतो रहतो अऊर उन्ख भी नहीं छोड़तो। \p \v 43 “हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम आराधनालयों म मुख्य मुख्य आसन अऊर बजारों म आदर सत्कार चाहवय हय। \v 44 हाय तुम पर! कहालीकि तुम उन लूकी कब्रो को जसो हय, जेक पर लोग चलय हंय पर नहीं जानय।” \p \v 45 तब एक व्यवस्थापक न ओख उत्तर दियो, “हे गुरु, इन बातों ख कहन सी तय हमरी निन्दा करय हय।” \p \v 46 यीशु न कह्यो; “हे व्यवस्थापकों, तुम पर भी हाय! तुम असो बोझा जिन्ख उठावनो कठिन हय, आदमियों पर लादय हय पर तुम खुद उन बोझा ख अपनो एक बोट सी भी नहीं छूवय। \v 47 हाय तुम पर! तुम उन भविष्यवक्तावों की कब्र बनावय हय, जिन्ख तुम्हरोच बाप दादो न मार डाल्यो होतो। \v 48 येकोलायी तुम गवाह हय, अऊर अपनो बाप दादो को कामों सी सहमत हय; कहालीकि उन्न उन्ख मार डाल्यो अऊर तुम उन्की कब्रें बनावय हय। \v 49 येकोलायी परमेश्वर की बुद्धि न भी कह्यो हय, ‘मय उन्को जवर भविष्यवक्तावों अऊर प्रेरितों ख भेजूं, अऊर हि उन्म सी कुछ ख मार डालेंन, अऊर कुछ ख सतायेंन।’ \v 50 ताकि जितनो भविष्यवक्तावों को खून जगत की उत्पत्ति सी बहायो गयो हय, सब को लेखा यो युग को लोगों सी लियो जाये: \v 51 हाबील की हत्या सी ले क जकर्याह की हत्या तक, जो वेदी अऊर मन्दिर को बीच म घात करयो गयो। मय तुम सी सच कहू हय, इन सब को लेखा योच समय को लोगों सी लियो जायेंन। \p \v 52 “हाय तुम व्यवस्थापकों पर! तुम न ज्ञान की कुंजी ले त ली, पर तुम खुदच सिर नहीं सक्यो, अऊर सिरन वालो ख भी रोक दियो।” \p \v 53 जब यीशु उत सी निकल्यो, त धर्मशास्त्री अऊर फरीसी बुरी तरह ओको पीछू पड़ गयो अऊर छेड़न लग्यो कि ऊ बहुत सी बातों की चर्चा करे, \v 54 अऊर मारन म लग्यो रह्यो कि ओको मुंह की कोयी बात पकड़े। \c 12 \s पाखण्डी को विरुद्ध म चेतावनी \r (मत्ती १०:२६,२७) \p \v 1 \x + \xo १२:१ \xo*\xt मत्ती १६:६; मरकुस ८:१५\xt*\x*इतनो म जब हजारों की भीड़ लग गयी, यहां तक कि हि एक दूसरों पर गिरत पड़त होतो, त ऊ सब सी पहिले अपनो चेलावों सी कहन लग्यो, “फरीसियों को कपटरूपी खमीर सी चौकस रहो। \v 2 \x + \xo १२:२ \xo*\xt मरकुस ४:२२; लूका ८:१७\xt*\x*कुछ ढक्यो नहीं, जो खोल्यो नहीं जायेंन; अऊर नहीं कुछ लूक्यो हय, जो जान्यो नहीं जायेंन। \v 3 येकोलायी जो कुछ तुम न अन्धारो म कह्यो हय, ऊ प्रकाश म सुन्यो जायेंन; अऊर जो तुम न कोठरियों म कानो कान कह्यो हय, ऊ छत पर सी प्रचार करयो जायेंन। \s कौन्को सी डरे \r (मत्ती १०:२८-३१) \p \v 4 “मय तुम सी जो मोरो संगी हय कहू हय कि जो शरीर ख घात करय हंय पर ओको पीछू अऊर कुछ नहीं कर सकय, उन्को सी मत डरो। \v 5 मय तुम्ख चिताऊ हय कि तुम्ख कौन्को सी डरनो चाहिये, घात करन को बाद जेक नरक म डालन को अधिकार हय, परमेश्वर सी डरो; हां, मय तुम सी कहूं हय, ओको सी डरो। \p \v 6 “का दोय पैसा की पाच चिड़िया पक्षी नहीं बिकय? तब भी परमेश्वर उन्म सी एक ख भी नहीं भूलय। \v 7 तुम्हरो मुंड को सब बाल भी गिन्यो हुयो हंय, येकोलायी डरो मत, तुम बहुत चिड़िया पक्षी सी बढ़ क हय। \s यीशु को स्वीकार यां अस्वीकार करनो \r (मत्ती १०:३२,३३; १२:३२; १०:१९,२०) \p \v 8 “मय तुम सी कहू हय जो कोयी आदमियों को आगु मोख मान लेयेंन ओख आदमी को बेटा भी परमेश्वर को स्वर्गदूतों को आगु मान लेयेंन। \v 9 पर जो आदमियों को आगु मोरो इन्कार करेंन ओख परमेश्वर को स्वर्गदूतों को आगु इन्कार करयो जायेंन। \p \v 10 \x + \xo १२:१० \xo*\xt मत्ती १२:३२; मरकुस ३:२९\xt*\x*“जो कोयी आदमी को बेटा को विरोध म कोयी बात कहेंन, ओको ऊ अपराध माफ करयो जायेंन, पर जो पवित्र आत्मा की निन्दा करेंन, ओको अपराध माफ नहीं करयो जायेंन। \p \v 11 \x + \xo १२:११ \xo*\xt मत्ती १०:१९,२०; मरकुस १३:११; लूका २१:१४,१५\xt*\x*“जब लोग तुम्ख सभावों अऊर शासकों अऊर अधिकारियों को आगु लिजाये, त चिन्ता मत करजो कि हम कौन्सो तरह सी यां का उत्तर देबो, यां का कहबो। \v 12 कहालीकि पवित्र आत्मा उच समय तुम्ख सिखाय देयेंन कि का कहनो चाहिये।” \s एक धनवान मूर्ख को दृष्टान्त \p \v 13 तब भीड़ म सी एक न यीशु सी कह्यो, “हे गुरु, मोरो भाऊ सी कह्य कि बाप की जायजाद मोरो संग बाट ले।” \p \v 14 यीशु न ओको सी कह्यो, “हे आदमी, कौन न मोख तुम्हरो न्याय करन वालो यां बाटन वालो नियुक्त करयो हय?” \v 15 अऊर ओन उन्को सी कह्यो, “चौकस रहो, अऊर हर तरह को लोभ सी अपनो आप ख बचायो रखो; कहालीकि कोयी को जीवन ओकी जायजाद की बड़ोत्तरी सी नहीं होवय।” \p \v 16 यीशु न उन्को सी एक दृष्टान्त कह्यो: “कोयी धनवान की जमीन म बड़ी फसल भयी। \v 17 तब ऊ अपनो मन म बिचार करन लग्यो, ‘मय का करू? कहालीकि मोरो इत जागा नहाय जित अपनी फसल रखू।’ \v 18 अऊर ओन कह्यो, ‘मय यो करू: मय अपनो फसल रखन को ढोला ख तोड़ क बड़ो बनाऊं; अऊर उत अपनो सब अनाज अऊर जायजाद बड़ो जागा म रखूं; \v 19 अऊर मय अपनो आप सी कहूं कि हे मोरो जीव, तोरो जवर बहुत साल लायी बहुत जायजाद रखी हय; धीरज धर, खाय, पी, सूख सी रह।’ \v 20 पर परमेश्वर न ओको सी कह्यो, ‘हे मूर्ख! योच रात तोरो जीव तोरो सी ले लियो जायेंन; तब जो कुछ तय न जमा करयो हय ऊ कौन्को होयेंन?’ \p \v 21 “असोच ऊ आदमी भी हय जो अपनो लायी धन जमा करय हय, पर परमेश्वर की नजर म धनी नहीं।” \s परमेश्वर पर भरोसा रखो \r (मत्ती ६:२५-३४) \p \v 22 तब यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “येकोलायी मय तुम सी कहू हय, अपनो जीव की चिन्ता मत कर कि हम का खाबोंन; नहीं अपनो शरीर लायी का पहिनबों। \v 23 कहालीकि भोजन सी जीव, अऊर कपड़ा सी शरीर बढ़ क हय। \v 24 पक्षिंयों पर ध्यान दे; हि नहीं बोवय हंय, नहीं काटय; नहीं उन्को भण्डार अऊर नहीं रखन की जागा होवय हय; तब भी परमेश्वर उन्ख पालय हय। तुम्हरी कीमत पक्षिंयों सी बढ़ क हय। \v 25 तुम म सी असो कौन हय जो चिन्ता करन सी अपनी उमर म एक घड़ी भी बढ़ाय सकय हय? \v 26 येकोलायी यदि तुम सब सी छोटो काम भी नहीं कर सकय, त अऊर बातों लायी कहालीकि चिन्ता करय हय?” \p \v 27 “जंगली फूल पर ध्यान करो कि हि कसो बढ़य हंय: हि मेहनत नहीं करय, तब भी मय तुम सी कहू हय कि सुलैमान भी अपनो पूरो वैभव म, उन्म सी कोयी एक को समान कपड़ा पहिन्यो हुयो नहीं होतो। \v 28 येकोलायी यदि परमेश्वर मैदान की घास ख, जो अज हय अऊर कल आगी म झोक दियो जायेंन, असो पहिनावय हय; त हे अविश्वासियों, ऊ तुम्ख कहाली नहीं पहिनायेंन?” \p \v 29 “अऊर तुम या बात की खोज म नहीं रहो कि का खाबोंन अऊर का पीबो, अऊर नहीं सक करो। \v 30 यो जगत को लोग इन सब चिजों की खोज म रह्य हंय: अऊर तुम्हरो बाप जानय हय कि तुम्ख इन चिजों की जरूरत हय। \v 31 पर ओको को राज्य की खोज म रहो, त या चिजे भी तुम्ख मिल जायेंन।” \s स्वर्ग को धन \r (मत्ती ६:१९-२१) \p \v 32 “हे मोरो छोटो झुण्ड को लोगों, मत डरो; कहालीकि तुम्हरो बाप ख यो भायो हय, कि तुम्ख राज्य दे। \v 33 अपनी जायजाद बिक क गरीबों ख दान कर दे; अऊर अपनो लायी असो बटवा बनावो जो पुरानो नहीं होवय, यानेकि स्वर्ग म असो धन जमा करो जो घटय नहीं अऊर जेको जवर चोर नहीं जावय, अऊर कीड़ा नहीं खावय। \v 34 कहालीकि जित तुम्हरो धन हय, उत तुम्हरो मन भी लग्यो रहेंन।” \s जागतो रहो \p \v 35 \x + \xo १२:३५ \xo*\xt मत्ती २५:१-१३\xt*\x*“हमेशा तैयार रहो, अऊर तुम्हरो दीया जलतो रहे, \v 36 \x + \xo १२:३६ \xo*\xt मरकुस १३:३४-३६\xt*\x*अऊर तुम उन आदमियों को जसो बनो, जो अपनो मालिक की रस्ता देख रहे हय कि ऊ बिहाव सी कब आयेंन, कि जब ऊ आय क दरवाजा खटखटावय त तुरतच ओको लायी खोल दे। \v 37 धन्य हंय हि सेवक जिन्ख मालिक आय क जागतो देखेंन; मय तुम सी सच कहू हय कि ऊ कमर बान्ध क उन्ख जेवन करन ख बैठायेंन, अऊर जवर आय क उन्की सेवा करेंन। \v 38 यदि ऊ रात को दूसरों पहर या तीसरो पहर म आय क उन्ख जागतो देखेंन, त हि सेवक धन्य हंय। \v 39 \x + \xo १२:३९ \xo*\xt मत्ती २४:४३,४४\xt*\x*पर तुम यो जान लेवो कि यदि घर को मालिक जानतो कि चोर कौन्सो समय आयेंन, त जागतो रहतो अऊर अपनो घर म चोरी होन नहीं देतो।” \v 40 तुम भी तैयार रहो; कहालीकि जो समय तुम सोचय भी नहीं, “पर उच समय आदमी को बेटा आय जायेंन।” \s विश्वास लायक यां अविश्वास लायक सेवक \r (मत्ती २४:४५-५१) \p \v 41 तब पतरस न कह्यो, “हे प्रभु, का यो दृष्टान्त तय हम सीच यां सब सी कह्य हय।” \p \v 42 प्रभु न कह्यो, “ऊ विश्वास लायक अऊर बुद्धिमान व्यवस्थापक कौन आय, जेको मालिक ओख नौकर चाकर पर अधिकारी ठहराये कि उन्ख समय पर भोजन वस्तु दे। \v 43 धन्य हय ऊ सेवक, जेक ओको मालिक आय क असोच करतो देखे। \v 44 मय तुम सी सच कहू हय, ऊ ओख अपनी सब जायजाद पर अधिकारी ठहरायेंन। \v 45 पर यदि ऊ सेवक अपनो मन म सोचन लग्यो कि मोरो मालिक आवन म देर कर रह्यो हय, अऊर सेवकों अऊर दासियों ख मारन पीटन लग्यो, अऊर खान पीवन अऊर पियक्कड़ होन लग्यो। \v 46 त ऊ सेवक को मालिक असो दिन, जब ऊ ओकी रस्ता देखतो नहीं रहेंन, अऊर असो समय जेक ऊ जानतो नहीं होय, आयेंन अऊर ओख भारी सजा दे क ओको भाग अविश्वासियों को संग ठहरायेंन। \p \v 47 “ऊ सेवक जो अपनो मालिक की इच्छा जानत होतो, अऊर तैयार नहीं रह्यो अऊर नहीं ओकी इच्छा को अनुसार चल्यो, त बहुत मार खायेंन। \v 48 पर जो नहीं जान क मार खान्को लायक काम करेंन ऊ थोड़ो मार खायेंन। येकोलायी जेक बहुत दियो गयो हय, ओको सी बहुत मांग्यो जायेंन; अऊर जेक बहुत सौंप्यो गयो हय, ओको सी बहुत लियो जायेंन। \s यीशु को आवन सी फूट पड़नो \r (मत्ती १०:३४-३६) \p \v 49 “मय धरती पर आग लगावन आयो हय; अऊर का चाहऊ हय केवल यो कि अभी सुलग जाती! \v 50 \x + \xo १२:५० \xo*\xt मरकुस १०:३८\xt*\x*मोख त एक बपतिस्मा लेनो हय, अऊर जब तक ऊ नहीं होय जाये तब तक कसी व्याकुल म रहूं! \v 51 का तुम समझय हय कि मय धरती पर शान्ति ले क आयो हय? मय तुम सी कहू हय; नहीं, बल्की अलग करावन आयो हय। \v 52 कहालीकि अब सी एक घर म पाच लोग आपस म विरोध रखेंन, तीन दोय सी अऊर दोय तीन सी। \v 53 बाप बेटा सी, अऊर बेटा बाप सी विरोध रखेंन; माय बेटी सी, अऊर बेटी माय सी, सासु बहू सी, अऊर बहू सासु सी विरोध रखेंन।” \s समय को चिन्ह \r (मत्ती १६:२,३) \p \v 54 यीशु भीड़ सी भी कह्यो, “जब तुम बादर ख पश्चिम सी उठतो देखय हय त तुरतच कह्य हय कि बारीश होयेंन, अऊर असोच होवय हय; \v 55 अऊर जब दक्षिनी हवा चलती देखय हय त कह्य हय कि लू चलेंन अऊर असोच होवय हय। \v 56 हे कपटियों, तुम धरती अऊर आसमान को रूप रंग म भेद कर सकय हय, पर यो युग को बारे म कहालीकि भेद करनो नहीं जानय? \s संगियों को संग समझौता \r (मत्ती ५:२५,२६) \p \v 57 “तुम खुदच न्याय कहालीकि नहीं कर लेवय कि ठीक का हय? \v 58 जब तय अपनो आरोप लगावन वालो को संग शासक को जवर जाय रह्यो हय त रस्ताच म ओको सी छूटन की कोशिश कर ले, असो नहीं होय कि ऊ तोख न्यायधीश को जवर खीच लिजाये, अऊर न्यायधीश तोख सिपाही ख सौंप दे अऊर सिपाही तोख जेलखाना म डाल दे। \v 59 मय तुम सी कहू हय कि जब तक तय एक एक पैसा भर नहीं दे तब तक उत सी छूटनो नहीं पायजो।” \c 13 \s पाप सी मन फिरावो यां नाश हो \p \v 1 ऊ समय कुछ लोग आय पहुंच्यो, अऊर यीशु उन गलील को लोगों को बारे म की चर्चा करन लग्यो जेको खून पिलातुस न उन्कोच बलिदानों को संग मिलायो होतो। \v 2 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “का तुम समझय हय कि यो गलीली अऊर पूरो गलीलियों सी बहुत पापी होतो कि उन पर असी मुसीबत म पड़यो? \v 3 मय तुम सी कहू हय कि; यदि तुम पाप सी मन नहीं फिरावो त तुम पूरो योच तरह सी नाश होयेंन। \v 4 का तुम समझय हय कि हि अठरा लोग जेको पर शीलोह को गुम्मट गिरयो, अऊर हि दब क मर गयो: यरूशलेम को अऊर पूरो रहन वालो सी अधिक अपराधी होतो? \v 5 मय तुम सी कहू हय कि नहीं; पर यदि तुम अपनो पापों सी मन नहीं फिरावो त तुम पूरो योच तरह सी नाश होयेंन।” \s बिना फर अंजीर को झाड़ को दृष्टान्त \p \v 6 तब यीशु न यो दृष्टान्त भी कह्यो: “कोयी को अंगूर को बाड़ी म एक अंजीर को झाड़ लग्यो हुयो होतो। यीशु उन्म फर ढूंढन आयो, पर नहीं पायो। \v 7 तब ओन बाड़ी को रख वालो सी कह्यो, ‘देख, तीन साल सी मय यो अंजीर को झाड़ म फर ढूंढन आऊं हय, पर नहीं पाऊ हय। येख काट डाल! कि यो जागा ख भी कहालीकि रोक क रखय?’ \v 8 पर रख वालो न उत्तर दियो, ‘हे मालिक, येख यो साल अऊर रहन दे कि मय येको चारयी तरफ खोद क खाद डालू। \v 9 यदि आवन वालो साल म फरय त ठीक, नहीं त ओख काट डालजो।’” \s आराम दिन म कुबड़ी बाई ख चंगो करनो \p \v 10 आराम दिन ख ऊ एक आराधनालय म उपदेश कर रह्यो होतो। \v 11 उत एक बाई होती जेक अठरा साल सी एक कमजोर करन वाली दुष्ट आत्मा लगी होती, अऊर वा कुबड़ी भय गयी होती अऊर कोयी तरह सी सीधी नहीं होय सकत होती। \v 12 यीशु न ओख देख क बुलायो अऊर कह्यो, “हे नारी, तय अपनी कमजोरी सी चंगी भय गयी हय!” \v 13 तब ओन ओको पर हाथ रख्यो, अऊर वा तुरतच सीधी भय गयी अऊर परमेश्वर की महिमा करन लगी। \p \v 14 येकोलायी कि यीशु न आराम दिन ख ओख अच्छो करयो होतो, यहूदी आराधनालय को मुखिया गुस्सा म आय क लोगों सी कहन लग्यो, “छे दिन हंय जेको म काम करन ख होना, येकोलायी उनच दिनो म आय क चंगो हो, पर आराम दिन म नहीं।” \p \v 15 यो सुन क प्रभु न उत्तर दियो, “हे कपटियों! का आराम दिन म तुम म सी हर एक अपनो बईल यां गधा ख थान सी खोल क पानी पिलावन नहीं लिजावय? \v 16 त वा बाई जो अब्राहम की सन्तान हय जेक शैतान न अठरा साल सी बान्ध रख्यो होतो, आराम दिन ख यो बन्धन सी छुड़ायो जानो जरूरी नहीं?” \v 17 ओको उत्तर सी ओको पूरो विरोधी शर्मिन्दा भय गयो, अऊर पूरी भीड़ उन महिमा को कामों सी जो ऊ करत होतो, खुश भयी। \s राई को दाना को दृष्टान्त \r (मत्ती १३:३१,३२; मरकुस ४:३०-३२) \p \v 18 यीशु न कह्यो, “परमेश्वर को राज्य कौन्को जसो हय? अऊर मय ओकी तुलना कौन्को सी करू? \v 19 ऊ राई को एक दाना को जसो हय, जेक कोयी आदमी न ले क अपनो खेत म बोयो, अऊर ऊ बढ़ क झाड़ भय गयो, आसमान को पक्षिंयों न ओकी डगालियों पर घोसला बनाय लियो।” \s खमीर को दृष्टान्त \r (मत्ती १३:३३) \p \v 20 यीशु न तब कह्यो, “मय परमेश्वर को राज्य की तुलना कौन्को सी करू? \v 21 ऊ खमीर को जसो हय, जेक एक बाई न कुछ खमीर ले क बहुत सो आटा म मिलायो, अऊर पूरो आटा खमीर भय गयो।” \s सकरो द्वार \r (मत्ती ७:१३-१४,२१-२३) \p \v 22 यीशु नगर नगर, अऊर गांव-गांव होय क उपदेश करतो हुयो यरूशलेम को तरफ जाय रह्यो होतो, \v 23 त कोयी न ओको सी पुच्छ्यो, “हे प्रभु, का उद्धार पावन वालो थोड़ो हंय?” \p यीशु न उन्को सी कह्यो, \v 24 “सकरो द्वार सी सिरन की कोशिश करो; कहालीकि बहुत सो लोग सिरनो चाहेंन, अऊर नहीं सिर सकेंन। \v 25 जब घर को मालिक खड़ो होय क दरवाजा बन्द कर देनो पर; अऊर तुम बाहेर खड़्यो हुयो दरवाजा खटखटाय क कहन लग्यो, ‘हे प्रभु, हमरो लायी खोल दे,’ अऊर ऊ उत्तर दे, ‘मय तुम्ख नहीं जानु, तुम कित को होय?’ \v 26 तब तुम उत्तर देयेंन, ‘हम न तोरो आगु खायो-पीयो; अऊर तय न हमरो शहर म उपदेश करयो!’ \v 27 पर ऊ फिर सी कहेंन, ‘मय नहीं जानु तुम कित को हय? हे कुकर्मियों, तुम सब मोरो सी दूर हय!’ \v 28 \x + \xo १३:२८ \xo*\xt मत्ती २२:१३; २५:३०; मत्ती ८:११,१२\xt*\x*उत रोवनो अऊर दात कटरनो होयेंन; जब तुम अब्राहम अऊर इसहाक अऊर याकूब अऊर सब भविष्यवक्तावों ख परमेश्वर को राज्य म बैठ्यो देखो, अऊर अपनो आप ख बाहेर देखो; \v 29 अऊर पूर्व अऊर पश्चिम, उत्तर अऊर दक्षिन सी, लोग आय क परमेश्वर को राज्य को भोज म सहभागी होयेंन। \v 30 \x + \xo १३:३० \xo*\xt मत्ती १९:३०; २०:१६; मरकुस १०:३१\xt*\x*कुछ पिछलो हंय ऊ पहिलो होयेंन, अऊर कुछ जो पहिलो हंय, ऊ पिछलो होयेंन।” \s यीशु को यरूशलेम लायी प्रेम \p \v 31 उच समय कुछ फरीसियों न यीशु को जवर आय क ओको सी कह्यो, “इत सी निकल क चली जा, कहालीकि हेरोदेस तोख मार डालनो चाहवय हय।” \p \v 32 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “जाय क ऊ लोमड़ी सी कह्य दे कि देख; ‘मय अज अऊर कल दुष्ट आत्मावों ख निकालू अऊर बीमारों ख चंगो करू हय, अऊर तीसरो दिन अपनो कार्य पूरो करू।’ \v 33 तब भी मोख अज, कल, अऊर परसो चलनो जरूरी हय; कहालीकि होय नहीं सकय कि कोयी भविष्यवक्ता यरूशलेम को बाहेर मारयो जाये। \s यरूशलेम लायी शोक \r (मत्ती २३:३७-३९) \p \v 34 “हे यरूशलेम, हे यरूशलेम! तय जो भविष्यवक्तावों ख मार डालय हय, अऊर जो परमेश्वर को तरफ सी भेज्यो गयो उन्को पर पथराव करय हय। कितनोच बार मय न यो चाह्यो कि जसो मुर्गी अपनो पिल्ला ख अपनो पंखा को खल्लो जमा करय हय, वसोच मय भी तोरो बच्चां ख जमा करू, पर तुम न यो नहीं चाह्यो। \v 35 तुम्हरो घर तुम्हरो लायी प्रकाश पड़्यो हय, अऊर मय तुम सी कहू हय: जब तक तुम नहीं कहो, ‘धन्य हय ऊ, जो प्रभु को नाम सी आवय हय,’ तब तक तुम मोख फिर कभी नहीं देखो।” \c 14 \s आराम को दिन यीशु न बीमार ख चंगो करयो \p \v 1 तब यीशु आराम दिन म फरीसियों को मुखिया म सी कोयी को घर रोटी खान गयो; अऊर हि ओकी ताक म होतो। \v 2 उत एक आदमी जेक सूजन को रोग होतो यीशु को जवर आयो। \v 3 येको पर यीशु न व्यवस्थापकों अऊर फरीसियों सी कह्यो, “हमरो नियम को अनुसार आराम दिन म चंगो करनो ठीक हय यां नहीं?” \p \v 4 पर हि चुपचाप रह्यो। तब यीशु न ओख छूय क चंगो करयो अऊर जान दियो, \v 5 \x + \xo १४:५ \xo*\xt मत्ती १२:११\xt*\x*अऊर ओन उन्को सी कह्यो, “तुम म सी असो कौन हय, जेको बेटा यां बईल कुंवा म गिर जाये अऊर ऊ आराम को दिन ओख तुरतच बाहेर नहीं निकालेंन?” \p \v 6 हि यो बातों को कुछ उत्तर नहीं दे सक्यो। \s नम्रता अऊर मेहमान–सत्कार \p \v 7 जब यीशु न देख्यो कि नेवता म बुलायो लोग कसो मुख्य–मुख्य जागा चुन लेवय हय त एक दृष्टान्त दे क उन्को सी कह्यो, \v 8 “जब कोयी तोख बिहाव को जेवन म बुलाये, त मुख्य जागा म नहीं बैठजो। कहीं असो नहीं होय कि ओन तोरो सी भी कोयी बड़ो ख नेवता दियो हय, \v 9 अऊर जेन तोख अऊर ओख दोयी ख नेवता दियो हय, आय क तोरो सी कहेंन, ‘येख जागा दे,’ अऊर तब तोख शर्मिन्दा होय क सब सी खल्लो जागा म बैठ्नो पड़ेंन। \v 10 पर जब तय बुलायो जाये त सब सी खल्लो जागा म बैठ कि जब ऊ, जेन तोख नेवता दियो हय आयेंन, त तोरो सी कहेंन, ‘हे संगी, आगु बढ़ क बैठ,’ तब तोरो संग बैठन वालो को आगु तोरी बड़ायी होयेंन। \v 11 \x + \xo १४:११ \xo*\xt मत्ती २३:१२; लूका १८:१४\xt*\x*कहालीकि जो कोयी अपनो आप ख बड़ो बनायेंन, ऊ छोटो करयो जायेंन; अऊर जो कोयी अपनो आप ख छोटो बनायेंन, ऊ बड़ो करयो जायेंन।” \p \v 12 तब यीशु अपनो नेवता देन वालो सी भी कह्यो, “जब तय दिन ख यां रात ख जेवन रखय, त अपनो संगियों यां भाऊ यां कुटुम्बियों यां धनवान पड़ोसियों ख नहीं बुलाव, कहीं असो नहीं होय कि हि भी तोख नेवता दे, अऊर तोरो बदला खडांय जाये। \v 13 पर जब तय जेवन रखय त गरीबों, टुण्डों, लंगड़ों अऊर अन्धो ख बुलाव। \v 14 तब तय धन्य होजो, कहालीकि उन्को जवर तोख वापिस देन लायी कुछ नहाय, पर तोख धर्मियों को जीन्दो होन पर परमेश्वर को तरफ सी प्रतिफल मिलेंन।” \s बड़ो जेवन को दृष्टान्त \r (मत्ती २२:१-१०) \p \v 15 ओको संग जेवन करन वालो म सी एक न या बाते सुन क यीशु सी कह्यो, “धन्य हय ऊ जो परमेश्वर को राज्य म जेवन करेंन।” \p \v 16 यीशु न ओको सी कह्यो, “कोयी आदमी न बड़ो जेवन दियो अऊर बहुत लोगों ख बुलायो। \v 17 जब जेवन तैयार भय गयो त ओन अपनो सेवक को हाथ नेवता वालो ख बुलावा भेज्यो, ‘आवो, अब जेवन तैयार हय।’ \v 18 पर हि पूरो को पूरो माफी मांगन लग्यो। पहिलो न ओको सी कह्यो, ‘मय न खेत ले लियो हय, अऊर जरूरी हय कि ओख देखूं; मय तोरो सी बिनती करू हय, मोख माफ कर दे।’ \v 19 दूसरों न कह्यो, ‘मय न पाच जोड़ी बईल ले लियो हंय, अऊर उन्ख परखन जाऊं हय; मय तोरो सी बिनती करू हय, मोख माफ कर दे।’ \v 20 एक अऊर न कह्यो, ‘मय न बिहाव करयो हय, येकोलायी मय नहीं आय सकू।’ \v 21 उस सेवक न आय क अपनो मालिक ख या बाते कह्य सुनायो। तब घर को मालिक न गुस्सा म आय क अपनो सेवक सी कह्यो, ‘नगर को बजारों अऊर गलियो म तुरतच जाय क गरीबों, टुण्डों, लंगड़ों अऊर अन्धो ख इत ले आवो।’ \v 22 सेवक न तब कह्यो, ‘हे मालिक जसो तय न कह्यो होतो, वसोच करयो गयो हय; अऊर तब भी जागा हय।’ \v 23 मालिक न सेवक सी कह्यो, ‘सड़को पर अऊर अपनो बाड़ा तरफ जा अऊर लोगों ख कोशिश कर क् ले आव ताकि मोरो घर भर जाय। \v 24 कहालीकि मय तुम सी कहू हय कि उन नेवता वालो म सी कोयी मोरो जेवन ख नहीं चखेंन!’” \s चेला बनन की कीमत \r (मत्ती १०:३७-३८) \p \v 25 जब बड़ी भीड़ ओको संग जाय रही होती, त यीशु न पीछू मुड़ क भीड़ सी कह्यो, \v 26 \x + \xo १४:२६ \xo*\xt मत्ती १०:३७\xt*\x*“यदि कोयी मोरो जवर आवय, अऊर अपनो बाप अऊर माय अऊर पत्नी अऊर बच्चां अऊर भाऊ अऊर बहिनों बल्की अपनो जीव ख भी मोरो सी जादा अप्रिय नहीं जानय, त ऊ मोरो चेला नहीं होय सकय; \v 27 \x + \xo १४:२७ \xo*\xt मत्ती १०:३८; १६:२४; मरकुस ८:३४; लूका ९:२३\xt*\x*अऊर जो कोयी मरन लायी तैयार नहीं होवय, अऊर मोरो पीछू नहीं होयेंन, ऊ भी मोरो चेला नहीं होय सकय। \p \v 28 “तुम म सी कौन हय जो बाड़ा बनानो चाहवय हय, अऊर पहिलो बैठ क खर्च नहीं जोड़य कि पूरो करन की ताकत मोरो जवर हय कि नहाय? \v 29 कहीं असो नहीं होय कि जब ऊ पायवा खोद लेवय पर बनाय नहीं सकय, त सब देखन वालो यो कह्य क ओख ठट्ठा करन लग्यो, \v 30 ‘यो आदमी बनान त लग्यो पर तैयार नहीं कर सक्यो!’ \v 31 यो कौन असो राजा हय जो दूसरों राजा सी लड़ाई करन जावय हय, अऊर पहिले बैठ क बिचार नहीं कर ले कि जो बीस हजार ले क मोरो पर चढ़ायी करन आवय हय, त का मय दस हजार ले क ओको सामना कर सकू हय, यां नहीं? \v 32 नहीं त ओको दूर रहतोच ऊ दूतों ख भेज क शान्ति को मिलाप करनो चाहेंन। \v 33 यो तरह सी तुम म सी जो कोयी अपनो सब कुछ छोड़ नहीं देन, ऊ मोरो चेला नहीं होय सकय। \s बिना स्वाद को नमक \r (मत्ती ५:१३; मरकुस ९:५०) \p \v 34 “नमक त अच्छो हय, पर यदि नमक को स्वाद बिगड़ जावय, त वा कौन चिज सी नमकीन करयो जायेंन। \v 35 ऊ नहीं त जमीन को अऊर नहीं खात लायी काम म आवय हय; ओख त लोग बाहेर फेक देवय हंय। जेको सुनन को कान हय ऊ सुन लेवो!” \c 15 \s गुमी हुयी मेंढीं को दृष्टान्त \r (मत्ती १८:१२-१४) \p \v 1 \x + \xo १५:१ \xo*\xt लूका ५:२९,३०\xt*\x*सब कर लेनवालो अऊर पापी, यीशु को जवर आय रह्यो होतो की ओकी सुनबो। \v 2 पर फरीसी अऊर धर्मशास्त्री कुड़कुड़ाय क कहन लग्यो, “यो त पापियों सी मिलय हय अऊर उन्को संग खावय भी हय!” \v 3 तब यीशु न उन्को सी यो दृष्टान्त कह्यो। \p \v 4 “तुम म सी कौन हय जेकी सौ मेंढीं हय, अऊर उन्म सी एक गुम जाये, त निन्यानवे ख जंगल म छोड़ क वा गुमी हुयी ख जब तक मिल नहीं जावय, ढूंढत नहीं रह्यो? \v 5 अऊर जब मिल जावय हय, तब ऊ बड़ी खुशी सी ओख बख्खा पर उठाय लेवय हय; \v 6 अऊर घर म आय क संगी अऊर शेजारी ख जमा कर क् कह्य हय, ‘मय बहुत खुश हय कहालीकि मोरी गुमी हुयी मेंढा मिल गयो हय। मोरो संग खुशी मनावो!’ \v 7 मय तुम सी कहू हय कि योच तरह सी एक पाप सी मन फिरावन वालो पापी को बारे म भी स्वर्ग म इतनोच खुशी होयेंन, जितनो कि निन्यानवे असो धर्मियों न पाप करनो छोड़ दियो, जिन्ख मन फिरान की जरूरत नहीं। \s गुम्यो हुयो सिक्का को दृष्टान्त \p \v 8 “कौन असी बाई होयेंन जेको जवर दस सिक्का हय, अऊर उन्म सी एक गुम जायेंन, त वा दीया जलाय क अऊर घर झाड़–बहार क, जब तक मिल नहीं जायेंन मन लगाय क ढूंढतो नहीं रहेंन? \v 9 अऊर जब मिल जावय हय, त वा अपनी सहेली अऊर पड़ोसीन ख जमा कर क् कह्य हय, ‘मय बहुत खुश हय कहालीकि मोरो गुम्यो वालो सिक्का मिल गयो हय। मोरो संग खुशी करो!’ \v 10 मय तुम सी कहू हय, कि योच तरह सी, एक पाप ख छोड़न वालो पापी को बारे म परमेश्वर को स्वर्गदूतों को सामने खुशी होवय हय।” \s गुम्यो बेटा को दृष्टान्त \p \v 11 तब यीशु न कह्यो, “कोयी आदमी को दोय बेटा होतो। \v 12 उन्म सी छोटो न बाप सी कह्यो, ‘हे बाप, जायजाद म सी जो हिस्सा मोरो हय ऊ मोख दे।’ ओन उन्ख अपनी जायजाद बाट दियो। \v 13 कुछ दिन को बाद छोटो बेटा सब कुछ जमा कर क् दूर देश ख चली गयो, अऊर उत गन्दो काम म अपनी जायजाद उड़ाय दियो। \v 14 जब ऊ सब कुछ खर्च कर दियो, अऊर ऊ देश म बड़ो अकाल पड़्यो, अऊर ऊ गरीब भय गयो। \v 15 येकोलायी यो ऊ देश को निवासियों म सी एक को इत काम मांगन गयो। ओन ओख अपनो खेतो म डुक्कर चरान लायी भेज्यो। \v 16 अऊर ऊ चाहत होतो कि उन सेगां सी जिन्ख डुक्कर खात होतो, अपनो पेट भरत होतो, अऊर ओख कोयी कुछ जेवन नहीं देत होतो। \v 17 जब ऊ होश म आयो, तब कहन लग्यो, ‘मोरो बाप को कितनोच मजूरों ख भोजन सी जादा रोटी मिलय हय, अऊर मय इत भूखो मर रह्यो हय। \v 18 मय अब उठ क अपनो बाप को जवर जाऊं अऊर ओको सी कहूं, हे बाप, मय न स्वर्ग को बाप अऊर तोरो विरोध म पाप करयो हय। \v 19 अब यो लायक नहीं रह्यो कि तोरो बेटा कहलाऊ; मोख अपनो एक मजूर को जसो रख ले।’ \v 20 तब ऊ उठ क अपनो बाप को जवर चल्यो। \p “ऊ अभी दूरच होतो कि ओको बाप न ओख देख क तरस खायो; अऊर दवड़ क ओख गलो लगायो, अऊर बहुत चुम्मा लियो। \v 21 बेटा न कह्यो, ‘हे बाप, मय न स्वर्ग अऊर तोरी विरोध म पाप करयो हय, अऊर अब यो लायक नहीं रह्यो कि तोरो बेटा कहलाऊ।’ \v 22 पर बाप न अपनो सेवकों सी कह्यो, ‘तुरतच!’ अच्छो सी अच्छो कपड़ा निकाल क ओख पहिनाव, अऊर ओको हाथ म अंगुठी, अऊर पाय म जूता पहिनाव। \v 23 अऊर पल्यो हुयो बछड़ा लाय क काटो, ताकि हम खाबोंन अऊर खुशी मनाबो! \v 24 कहालीकि मोरो यो बेटा मर गयो होतो, पर अब जीन्दो भय गयो हय; ‘ऊ गुम गयो होतो, पर अब मिल गयो हय।’ अऊर हि खुशी करन लग्यो। \p \v 25 “पर ओको बड़ो बेटा खेत म होतो। जब ऊ आवतो हुयो घर को जवर पहुंच्यो, त ओन गाना बजानो अऊर नाचन को आवाज सुन्यो। \v 26 येकोलायी ओन एक सेवक ख बुलाय क पुच्छ्यो, ‘यो का होय रह्यो हय?’ \v 27 ओन ओको सी कह्यो, ‘तोरो भाऊ घर वापस आयो हय, अऊर तोरो बाप न पल्यो हुयो बछड़ा कटवायो हय, येकोलायी कि ओख भलो चंगो पायो हय।’” \p \v 28 “बड़ो भाऊ यो सुन क गुस्सा सी भर गयो अऊर अन्दर जानो नहीं चाह्यो; पर ओको बाप बाहेर आय क ओख बिनती करन लग्यो। \v 29 ओन बाप ख उत्तर दियो, ‘देख, मय इतनो साल सी तोरी सेवा कर रह्यो हय, अऊर कभी भी तोरी आज्ञा नहीं टाली, तब भी तय न मोख कभी भी एक शेरी को बच्चा तक नहीं दियो? कि मय अपनो संगी को संग खुशी मनाऊं! \v 30 पर तोरो यो बेटा जेन तोरी जायजाद वेश्यावों म उड़ाय दियो हय, जब ऊ घर वापस आयो, त ओको लायी तय न पल्यो हुयो बछड़ा कटवायो!’ \v 31 बाप न कह्यो, ‘मोरो बेटा, तय हमेशा मोरो संग हय, अऊर जो कुछ मोरो हय ऊ सब तोरोच हय। \v 32 पर अब खुशी मनानो अऊर मगन होनो चाहिये, कहालीकि यो तोरो भाऊ मर गयो होतो, पर अब जीन्दो भय गयो हय; गुम गयो होतो, अब मिल गयो हय।’” \c 16 \s चालाक मुनीम \p \v 1 यीशु न चेलावों सी कह्यो, “कोयी धनवान को एक मुनीम होतो, अऊर लोगों न ओको आगु ओको पर यो दोष लगायो कि ऊ तोरी पूरी जायजाद उड़ाय देवय हय। \v 2 येकोलायी ओन ओख बुलाय क कह्यो, ‘यो का आय जो मय तोरो बारे म सुन रह्यो हय? अपनो मुनीम पन को लेखा दे, कहालीकि तय अब सी मोरो मुनीम नहीं रह्य सकय।’ \v 3 तब मुनीम सोचन लग्यो, ‘अब मय का करू? कहालीकि मोरो मालिक अब मुनीम को काम मोरो सी छीन रह्यो हय। माटी त मोरो सी खोदी नहीं जावय, अऊर भीख मांगन म मोख शरम आवय हय। \v 4 मय समझ गयो कि का करू! ताकि जब मय मुनीमगिरी को काम सी छुड़ायो जाऊं त लोग मोख अपनो घरो म ले ले।’ \p \v 5 “तब ओन अपनो मालिक को कर्जा चुकावन वालो ख एक–एक कर क् बुलायो अऊर पहिलो सी पुच्छ्यो, ‘तोरो पर मोरो मालिक को कितनो कर्जा हय?’ \v 6 ओन उत्तर दियो, ‘सौ मन तेल,’ तब मुनीम न ओको सी कह्यो; ‘अपनो बही-खाता ले अऊर बैठ क तुरतच पचास लिख दे।’ \v 7 तब ओन दूसरों सी पुच्छ्यो, ‘तोरो पर कितनो कर्जा हय?’ ओन उत्तर दियो, ‘एक हजार बोरा गहूं,’ तब ओन ओको सी कह्यो; ‘अपनो बही-खाता म आठ सौ लिख दे।’ \p \v 8 “मालिक न ऊ अधर्मी मुनीम की तारीफ करयो कि ओन हुसीयारी सी काम करयो हय। कहालीकि यो जगत को लोग अपनो समय को लोगों को संग लेन-देन म प्रकाश को लोगों सी अधिक हुसीयार हंय।” \p \v 9 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी कहू हय: कि जगत को धन सी अपनो लायी संगी बनाय ले, ताकि जब ऊ जातो रहेंन त हि तुम्ख अनन्त निवासों म ले ले। \v 10 जो थोड़ो सो थोड़ो म विश्वास लायक हय, ऊ बहुत म भी विश्वास लायक हय; अऊर जो थोड़ो सो थोड़ो म अधर्मी हय, ऊ बहुत म भी अधर्मी हय। \v 11 येकोलायी जब तुम जगत को धन म सच्चो नहीं ठहरो, त विश्वास को धन तुम्ख कौन सौंपेंन? \v 12 अऊर तुम परायो धन म सच्चो नहीं ठहरो त जो तुम्हरो हय, ओख तुम्ख कौन देयेंन? \p \v 13 \x + \xo १६:१३ \xo*\xt मत्ती ६:२४\xt*\x*“कोयी सेवक दोय मालिक की सेवा नहीं कर सकय; कहालीकि ऊ त एक सी बैर अऊर दूसरों सी प्रेम रखेंन या एक सी विश्वास लायक रहेंन अऊर दूसरों ख तुच्छ जानेंन। तुम परमेश्वर अऊर धन दोयी की सेवा नहीं कर सकय।” \s यीशु को कुछ उपदेश \r (मत्ती ११:१२,१३; ५:३१,३२; मरकुस १०:११,१२) \p \v 14 फरीसी जो पैसा को लोभी होतो, या सब बाते सुन क यीशु ख ताना मारन लग्यो। \v 15 यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम त आदमी को आगु अपनो आप ख सच्चो दिखावय हय, पर परमेश्वर तुम्हरो मन ख जानय हय, कहालीकि जो चिज आदमी की नजर म महान हय, ऊ परमेश्वर को नजर म तुच्छ हय। \p \v 16 \x + \xo १६:१६ \xo*\xt मत्ती ११:१२,१३\xt*\x*“मूसा की व्यवस्था अऊर भविष्यवक्ता यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को समय तक त रह्यो; ऊ समय सी परमेश्वर को राज्य को सुसमाचार सुनायो जाय रह्यो हय, अऊर हर कोयी ओको म ताकत सी सिरय हय। \v 17 \x + \xo १६:१७ \xo*\xt मत्ती ५:१८\xt*\x*आसमान अऊर धरती को गायब होय जानो व्यवस्था को एक बिन्दु को मिट जानो सी सहज हय। \p \v 18 \x + \xo १६:१८ \xo*\xt मत्ती ५:३२; १ कुरिन्थियों ७:१०,११\xt*\x*“जो कोयी अपनी पत्नी ख तलाक दे क दूसरी बाई सी बिहाव करय हय, ऊ व्यभिचार करय हय; अऊर जो पति सी तलाक भयी बाई सी बिहाव करय हय, ऊ भी व्यभिचार करय हय। \s धनी आदमी अऊर लाजर \p \v 19 “एक धनवान आदमी होतो जो महगों जामुनी कपड़ा पहिनतो अऊर हर दिन सुख–विलाश सी रहत होतो। \v 20 लाजर नाम को एक गरीब आदमी, घावों सी भरयो हुयो, ओकी द्वार पर छोड़ दियो जात होतो, \v 21 अऊर ऊ चाहत होतो कि मय धनवान की मेज पर सी गिरयो जेवन सी अपनो पेट भरू। यहां तक कि कुत्ता भी आय क ओकी घावों ख चाटत होतो। \p \v 22 “असो भयो कि ऊ गरीब मर गयो, अऊर स्वर्गदूतों न ओख उठाय क अब्राहम की बाजू म पहुंचायो। ऊ धनवान भी मरयो अऊर गाड़्यो गयो, \v 23 अऊर अधोलोक म ओन दु:ख म पड़्यो हुयो अपनी आंखी ऊपर उठायी, अऊर दूर सी अब्राहम को जवर म लाजर ख देख्यो। \v 24 तब ओन पुकार क कह्यो, ‘हे बाप अब्राहम! मोरो पर दया कर, अऊर लाजर ख भेज दे ताकि ऊ अपनी बोट को सिरा पानी म फिजाय क मोरी जीबली ख ठंडी करेंन, कहालीकि मय या आगी म तड़प रह्यो हय!’ \p \v 25 “पर अब्राहम न कह्यो, ‘हे बेटा, याद कर, कि तय अपनो जीवन म अच्छी चिज ले लियो हय, अऊर वसोच लाजर बुरी चिज। पर अब ऊ इत शान्ति पा रह्यो हय, अऊर तय तड़प रह्यो हय। \v 26 या सब बातों ख छोड़ हमरो अऊर तुम्हरो बीच एक गहरो गड्डा ठहरायो गयो हय कि जो इत सी ओन पार तुम्हरो जवर जानो चाह्यो, त हि नहीं जाय सक्यो, अऊर नहीं कोयी उत सी येन पार हमरो जवर आय सक्यो।’ \v 27 धनवान आदमी न कह्यो, ‘मय तुम सी बिनती करू हय, हे बाप अब्राहम, तय लाजर ख मोरो बाप को घर भेज, \v 28 कहालीकि उत मोरो पाच भाऊ हंय। ऊ जाय क उन्को जवर या बातों ख चिताय दे, असो नहीं होय कि हि भी यो दु:ख की जागा म आय।’ \p \v 29 “अब्राहम न कह्यो, ‘तुम्हरो भाऊ को जवर त मूसा अऊर भविष्यवक्ता की किताब हंय उन्ख चितावन लायी, हि उन्की सुनो कि का कह्य।’ \v 30 धनवान आदमी न उत्तर दियो, ‘पर्याप्त नहीं, हे बाप अब्राहम! पर यदि कोयी मरयो हुयो म सी जीन्दो होय क उन्को जवर जाये, त हि अपनो पाप सी मन फिरायेंन।’ \v 31 पर अब्राहम न कह्यो, ‘जब हि मूसा अऊर भविष्यवक्तावों की नहीं सुनय, त यदि मरयो हुयो म सी कोयी जीन्दो भी होयेंन तब भी ओकी नहीं मानेंन।’” \c 17 \s पाप विश्वास अऊर कर्तव्य \r (मत्ती १८:६,७,२१,२२; मरकुस ९:४२) \p \v 1 यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, “होय नहीं सकय कि पाप म पड़य, पर हाय, ऊ आदमी पर जेको वजह हि आवय हंय! \v 2 जो इन छोटो म सी कोयी एक ख पाप म पड़य हय, ओको लायी यो भलो होवय कि गरहट को पाट ओको गरो म लटकायो जातो, अऊर ऊ समुन्दर म डाल दियो जातो। \v 3 \x + \xo १७:३ \xo*\xt मत्ती १८:१५\xt*\x*सचेत रहो! तुम का करय हय। \p “यदि तोरो भाऊ अपराध करय हय त, ओख समझाव, अऊर यदि पछतावय हय त, ओख माफ कर। \v 4 यदि दिन भर म ऊ सात बार तोरो विरोध म पाप करय अऊर सातों बार तोरो जवर आय क कह्य, ‘मय पछताऊ हय,’ त ओख माफ कर।” \s विश्वास \p \v 5 प्रेरितों न प्रभु सी कह्यो, “हमरो विश्वास बढ़ाव।” \p \v 6 प्रभु न उत्तर दियो, “यदि तुम ख राई को दाना को बराबर भी विश्वास होतो, त तुम यो शहतूत को झाड़ सी कहतो, कि जड़ी सी उचक क अपनो आप समुन्दर म लग जा। अऊर ऊ तुम्हरी आज्ञा मान लेतो।” \p \v 7 यदि “तुम म सी असो कौन हय, जेको सेवक नांगर जोतय या मेंढीं चरावय हय, अऊर जब ऊ खेत सी आवय हय, त ओको सी कहेंन, ‘तुरतच आव जेवन करन बैठ?’ \v 8 अऊर यो नहीं कहेंन, निश्चितच नहाय! ‘मोरो जेवन तैयार कर, अऊर जब तक मय खाऊ–पीऊ तब तक सेवा कर; येको बाद तय भी खाय पी लेजो?’ \v 9 का ऊ सेवक को अहसान मानेंन कि ओन उच काम करयो जेकी आज्ञा दी गयी होती? \v 10 योच तरह सी तुम भी जब उन सब कामों ख कर लेवो जेकी आज्ञा तुम्ख दियो गयी होती, त कहो, ‘हम साधारन सेवक हंय; जो हम्ख करनो होतो हम न केवल उच करयो हय।’” \s कोढ़ को दस रोगियों ख चंगो करनो \p \v 11 असो भयो कि यीशु यरूशलेम जातो हुयो सामरियां अऊर गलील को सिमा सी होय क जाय रह्यो होतो। \v 12 कोयी गांव म सिरतो समय ओख दस कोढ़ी मिल्यो। जो ओको सी दूर खड़ो होतो। \v 13 उन्न ऊचो आवाज सी पुकार क कह्यो, “हे यीशु! हे मालिक! हम पर दया कर!” \p \v 14 यीशु न उन्ख देख क कह्यो, “जावो, अऊर अपनो आप ख याजकों ख दिखावो।” \p अऊर हि रस्ता म जातोच शुद्ध भय गयो। \v 15 तब उन्म सी एक यो देख क कि मय चंगो भय गयो हय, ऊचो आवाज सी परमेश्वर कि बड़ायी करतो हुयो वापस लौट्यो, \v 16 अऊर यीशु को पाय पर मुंह को बल गिर क ओको धन्यवाद करन लग्यो, अऊर ऊ सामरी होतो। \v 17 येख पर यीशु न कह्यो, “का दसो शुद्ध नहीं भयो; त फिर हि नव कित हंय? \v 18 का यो परदेशी ख छोड़ कोयी अऊर वापस नहीं आयो जो परमेश्वर की बड़ायी करय हय?” \v 19 अऊर यीशु न ओको सी कह्यो, “उठ क चली जा; तोरो विश्वास न तोख अच्छो करयो हय।” \s परमेश्वर को राज्य को आवनो \r (मत्ती २४:२३-२८,३७-४१) \p \v 20 कुछ फरीसियों न यीशु सी पुच्छ्यो कि परमेश्वर को राज्य कब आयेंन, त ओन ओख उत्तर दियो, “परमेश्वर को राज्य दिखन वालो रूप को जसो नहीं आवय। \v 21 अऊर लोग यो नहीं कहेंन, ‘इत हय! यां, उत हय!’ कहालीकि परमेश्वर को राज्य तुम्हरो बीच म हय।” \p \v 22 तब ओन चेलावों सी कह्यो, “असो समय आयेंन, जेको म तुम आदमी को बेटा को दिनो म सी एक दिन ख देखन चाहो, अऊर नहीं देख सको। \v 23 लोग तुम सी कहेंन, ‘देखो, उत हय!’ यां ‘देखो, इत हय!’ पर तुम चली नहीं जावो अऊर नहीं उन्को पीछू होय जावो। \v 24 कहालीकि जसो बिजली आसमान को एक छोर सी चमक क आसमान को दूसरों छोर तक चमकय हय, वसोच आदमी को बेटा भी अपनो दिन म प्रगट होयेंन। \v 25 पर पहिले जरूरी हय कि ऊ बहुत दु:ख उठाये, अऊर यो युग को लोग ओख नकारयो दियो जायेंन। \v 26 जसो नूह को दिन म भयो होतो, वसोच आदमी को बेटा को दिन म भी होयेंन। \v 27 जो दिन तक नूह जहाज पर नहीं चढ़्यो, ऊ दिन तक लोग खातो-पीतो रहत होतो, अऊर उन्म बिहाव होत होतो। तब जल–प्रलय न आय क उन सब ख नाश करयो। \v 28 अऊर जसो लूत को दिन म भयो होतो कि लोग खातो–पीतो, लेन–देन करतो, झाड़ लगातो अऊर घर बनावत होतो; \v 29 पर जो दिन लूत सदोम सी निकल्यो, ऊ दिन आगी अऊर गन्धक आसमान सी बरसी अऊर सब ख नाश कर दियो। \v 30 आदमी को बेटा को प्रगट होन को दिन भी असोच होयेंन। \p \v 31 \x + \xo १७:३१ \xo*\xt मत्ती २४:१७,१८; मरकुस १३:१५,१६\xt*\x*“ऊ दिन जो घर को छत पर हय अऊर ओको सामान घर म हय, त ऊ ओख लेन लायी मत उतरो; अऊर वसोच जो खेत म हय ऊ वापस घर नहीं जाय। \v 32 लूत की पत्नी ख याद रखो! \v 33 \x + \xo १७:३३ \xo*\xt मत्ती १०:३९; १६:२५; मरकुस ८:३५; लूका ९:२४; यूहन्ना १२:२५\xt*\x*जो कोयी अपनो जीव बचावनो चाहेंन ऊ ओख खोयेंन; अऊर जो कोयी ओख खोयेंन ऊ ओख बचायेंन। \v 34 मय तुम सी कहू हय, ऊ रात, दोय आदमी एक खटिया पर सोतो रहेंन: एक ले लियो जायेंन अऊर दूसरों छोड़ दियो जायेंन। \v 35 दोय बाई एक संग गरहट म अनाज पीसत रहेंन, एक ले ली जायेंन अऊर दूसरी छोड़ दियो जायेंन। \v 36 दोय लोग खेत म होयेंन, एक ले लियो जायेंन अऊर दूसरों छोड़ दियो जायेंन।”\f + \fr १७:३६ \fr*\ft पुरानो कुछ हस्त लेखा म यो पद नहीं मिलय\ft*\f* \p \v 37 यो सुन क चेलावों न ओको सी पुच्छ्यो, “हे प्रभु यो कित होयेंन?” \p यीशु न उत्तर दियो, “जित लाश हय, उत गिधाड़ जमा होयेंन।” \c 18 \s अधर्मी न्याय करन वालो अऊर विधवा को दृष्टान्त \p \v 1 तब यीशु न अपनो चेलावों ख दृष्टान्त म कह्यो कि हमेशा प्रार्थना करनो अऊर हिम्मत नहीं छोड़न ख होना असो सिखायो। \v 2 “कोयी शहर म एक सच्चो रहत होतो, जो परमेश्वर सी नहीं डरत होतो अऊर नहीं कोयी आदमी की परवाह करत होतो। \v 3 उच शहर म एक विधवा भी रहत होती, जो ओको जवर आय–आय क कहत होती, ‘मोरो न्याय कर क् मोख आरोप लगावन वालो सी बचाव!’ \v 4 कुछ समय तक त ऊ नहीं मान्यो पर आखरी म अपनो आप म बिचार कर ख कह्यो, ‘जब कि मय परमेश्वर सी नहीं डरू, अऊर नहीं आदमी की कुछ परवाह करू हय, \v 5 तब भी या विधवा मोख सतावती रह्य हय, येकोलायी मय ओको न्याय चुकाऊं, कहीं असो नहीं होय कि बार-बार आय क आखिर म मोरी नाक म दम करेंन!’” \p \v 6 प्रभु न कह्यो, “सुनो, यो अधर्मी न्यायधीश न का कह्यो? \v 7 येकोलायी का परमेश्वर अपनो चुन्यो हुयो को न्याय नहीं चुकायेंन, जो रात–दिन ओकी मदत लायी पुकारतो रह्य हंय? का ऊ उन्को मदत करन म देर करेंन? \v 8 मय तुम सी कहू हय, ऊ तुरतच उन्को न्याय चुकायेंन। तब भी आदमी को बेटा जब आयेंन, त का ऊ धरती पर विश्वास पायेंन?” \s फरीसी अऊर कर लेनवालो को दृष्टान्त \p \v 9 यीशु न उन लोगों सी जो अपनो ऊपर भरोसा रखत होतो, कि हम सच्चो हंय, अऊर दूसरों ख तुच्छ जानत होतो, यो दृष्टान्त कह्यो: \v 10 “दोय आदमी मन्दिर म प्रार्थना करन लायी गयो: एक फरीसी होतो अऊर दूसरों कर लेनवालो। \p \v 11 “फरीसी खड़ो होय क अपनो मन म यो प्रार्थना करन लग्यो, ‘हे परमेश्वर, मय तोरो धन्यवाद करू हय कि मय दूसरों आदमी को जसो लोभी, अधर्मी, अऊर व्यभिचारी नहीं, अऊर नहीं यो कर लेनवालो को जसो हय। \v 12 मय हप्ता म दोय बार उपवास रखू हय, मय अपनी सब कमायी को दसवा अंश भी देऊ हय।’ \p \v 13 “पर कर लेनवालो न दूर खड़ो होय क, स्वर्ग को तरफ आंखी उठावनो भी नहीं चाह्यो, बल्की अपनी छाती पीट–पीट क कह्यो, ‘हे परमेश्वर, मय पापी पर दया कर!’ \v 14 \x + \xo १८:१४ \xo*\xt मत्ती २३:१२; लूका १४:११\xt*\x*यीशु न कह्यो, मय तुम सी कहू हय कि ऊ फरीसी नहीं, पर योच कर लेनवालो आदमी सच्चो ठहरायो गयो अऊर ऊ अपनो घर गयो; कहालीकि जो कोयी अपनो आप ख बड़ो बनायेंन, ऊ नम्र करयो जायेंन; अऊर जो अपनो आप ख नम्र बनायेंन, ऊ बड़ो करयो जायेंन।” \s यीशु को द्वारा बच्चां ख आशीर्वाद \r (मत्ती १९:१३-१५; मरकुस १०:१३-१६) \p \v 15 तब लोग अपनो बच्चां ख भी ओको जवर लान लग्यो कि ऊ उन्को पर हाथ रखेंन, पर चेलावों न देख क उन्ख डाट्यो। \v 16 यीशु न बच्चां ख जवर बुलाय क कह्यो, “बच्चां ख मोरो जवर आवन दे, अऊर उन्ख मना मत करो: कहालीकि परमेश्वर को राज्य असोच को हय। \v 17 मय तुम सी सच कहू हय कि जो कोयी परमेश्वर को राज्य ख बच्चा को जसो स्वीकार नहीं करेंन ऊ ओको म कभी सिरनो नहीं पायेंन।” \s धनी आदमी अऊर अनन्त जीवन \r (मत्ती १९:१६-३०; मरकुस १०:१७-३१) \p \v 18 कोयी यहूदी मुखिया न यीशु सी पुच्छ्यो, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन को अधिकारी होन लायी मय का करू?” \p \v 19 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय मोख अच्छो कहालीकि कह्य हय?” कोयी अच्छो नहाय, “केवल एक, यानेकि परमेश्वर। \v 20 तय आज्ञावों ख त जानय हय: ‘व्यभिचार नहीं करनो; हत्या नहीं करनो; अऊर चोरी नहीं करनो; कोयी की झूठी गवाही नहीं देनो; अपनो बाप अऊर अपनी माय को आदर करनो।’” \p \v 21 यहूदी मुखिया न कह्यो, “मय त यो आज्ञावों ख जब सी मय समझन लग्यो तब सी मानतो आयो हय।” \p \v 22 यो सुन क, यीशु न ओको सी कह्यो, “तोरो म अब भी एक बात ख करनो हय, अपनो सब कुछ बिक क अपनो पैसा गरीबों म बाट दे, अऊर तोख स्वर्ग म धन मिलेंन; अऊर आय क मोरो पीछू होय जा।” \v 23 पर यो सुन क, ऊ बहुत उदास भयो, कहालीकि ऊ बड़ो धनी होतो। \p \v 24 यीशु न ओख देख क कह्यो, “धनवानों को परमेश्वर को राज्य म सिरनो कितनो कठिन हय! \v 25 परमेश्वर को राज्य म धनवान को सिरनो इतनो कठिन हय कि सूई को नाक म सी ऊंट को निकल जानो सहज हय।” \p \v 26 येको पर सुनन वालो न पुच्छ्यो, “त फिर कौन्को उद्धार होय सकय हय?” \p \v 27 यीशु न कह्यो, “जो आदमी ख असम्भव हय, ऊ परमेश्वर ख सम्भव हय।” \p \v 28 पतरस न कह्यो, “देख! हम त घर–दार छोड़ क तोरो पीछू भय गयो हंय।” \p \v 29 “हां,” यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि असो कोयी नहाय जेन परमेश्वर को राज्य लायी घर या पत्नी या भाऊ या माय-बाप या बाल–बच्चां ख छोड़ दियो हय; \v 30 अऊर यो समय म भी जादा, यां आवन वालो युग म अनन्त जीवन मिलेंन, असो कोयी नहीं रहेंन।” \s अपनी मृत्यु को बारे म यीशु की तीसरी बार भविष्यवानी \r (मत्ती २०:१७-१९; मरकुस १०:३२-३४) \p \v 31 तब यीशु न बारा चेलावों ख अलग लिजाय क उन्को सी कह्यो, “सुनो! हम यरूशलेम ख जाय रह्यो हंय, अऊर जितनी बाते आदमी को बेटा लायी भविष्यवक्तावों सी लिख्यो गयो हंय, हि सब पूरी होयेंन। \v 32 कहालीकि ऊ गैरयहूदी को हाथ म सौंप्यो जायेंन, अऊर हि ओख ठट्ठो म उड़ायेंन, अऊर ओको अपमान करेंन, अऊर ओको पर थूकेंन, \v 33 अऊर ओख कोड़ा मारेंन अऊर घात करेंन, अऊर ऊ तीसरो दिन फिर सी जीन्दो होयेंन।” \p \v 34 पर चेलावों न इन बातों म सी कोयी बात नहीं समझी; अऊर या बात उन्को सी लूकी रही, कि यीशु का कह्य रह्यो होतो उन्को समझ म नहीं आयो। \s अन्धा भिखारी ख नजर दियो \r (मत्ती २०:२९-३४; मरकुस १०:४६-५२) \p \v 35 जब यीशु यरीहो नगर को जवर पहुंच्यो, त एक अन्धा आदमी सड़क को किनार बैठ्यो हुयो, भीख मांग रह्यो होतो। \v 36 ऊ भीड़ की चलनो की आवाज सुन क पूछन लग्यो, “यो का होय रह्यो हय?” \p \v 37 उन्न अन्धा ख बतायो, “यीशु नासरी जाय रह्यो हय।” \p \v 38 तब ओन पुकार क कह्यो, “हे यीशु, दाऊद की सन्तान, मोरो पर दया कर!” \p \v 39 जो आगु–आगु जाय रह्यो होतो, हि ओख डाटन लग्यो कि चुप रहो; पर ऊ अऊर भी जोर सी चिल्लावन लग्यो, “हे दाऊद की सन्तान, मोरो पर दया कर!” \p \v 40 तब यीशु न रूक क आज्ञा दियो कि अन्धा आदमी ख मोरो जवर लावो, अऊर जब ऊ जवर आयो त यीशु न ओको सी पुच्छ्यो, \v 41 “तय का चाहवय हय कि मय तोरो लायी करू?” \p ओन कह्यो, “हे प्रभु, यो कि मय फिर सी देखन लगू।” \p \v 42 यीशु न ओको सी कह्यो, “देखन लग! तोरो विश्वास न तोख अच्छो कर दियो हय।” \p \v 43 तब ऊ तुरतच देखन लग्यो अऊर परमेश्वर की बड़ायी करतो हुयो ओको पीछू भय गयो; अऊर सब लोगों न देख क परमेश्वर की स्तुति करी। \c 19 \s कर लेनवालो जक्कई \p \v 1 यीशु यरीहो नगर म सी जाय रह्यो होतो। \v 2 उत जक्कई नाम को एक आदमी होतो जो कर लेनवालो को मुखिया होतो अऊर धनी होतो। \v 3 ऊ यीशु ख देखनो चाहत होतो कि ऊ कौन सो आय। पर भीड़ को वजह देख नहीं सकत होतो, कहालीकि ऊ बुटरो होतो। \v 4 तब ओख देखन लायी ऊ आगु दौड़ क एक उम्बर को झाड़ पर चढ़ गयो, कहालीकि यीशु उच रस्ता सी जान वालो होतो। \v 5 जब यीशु ऊ जागा म पहुंच्यो, त ऊपर नजर कर क् ओको सी कह्यो, “हे जक्कई, जल्दी उतर आव; कहालीकि अज मोख तोरो घर म रहनो जरूरी हय।” \p \v 6 ऊ तुरतच उतर क खुशी सी यीशु को स्वागत करयो। \v 7 यो देख क सब लोग कुड़कुड़ाय क कहन लग्यो, “ऊ त एक पापी आदमी को इत उतरयो हय।” \p \v 8 जक्कई न खड़ो होय क प्रभु सी कह्यो, “हे प्रभु, देख, मय अपनी अरधी जायजाद गरीबों ख देऊ हय, अऊर यदि कोयी को कुछ भी अन्याय कर क् ले लियो हय त ओख चौगुना वापस कर देऊ हय।” \p \v 9 तब यीशु न ओको सी कह्यो, “अज यो घर म उद्धार आयो हय, येकोलायी कि यो भी अब्राहम की सन्तान आय। \v 10 \x + \xo १९:१० \xo*\xt मत्ती १८:११\xt*\x*कहालीकि आदमी को बेटा खोयो हुयो ख ढूंढन अऊर उन्को उद्धार करन आयो हय।” \s दस सोना को सिक्का को दृष्टान्त \r (मत्ती २५:१४-३०) \p \v 11 जब हि या बात सुन रह्यो होतो, त यीशु न एक दृष्टान्त कह्यो, येकोलायी कि ऊ यरूशलेम को जवर होतो, अऊर हि समझत होतो कि परमेश्वर को राज्य अभी प्रगट होन वालो हय। \v 12 येकोलायी ओन कह्यो, “एक ऊचो पद वालो आदमी दूर देश ख गयो ताकि राजपद पा क लौट आयो। \v 13 ओन अपनो सेवकों म सी दस ख बुलाय क उन्ख दस सोना को सिक्का दियो अऊर ओन कह्यो, ‘मोरो लौट क आनो तक लेन–देन करजो।’ \v 14 पर ओको रहन वालो ओको सी जलन रखत होतो, अऊर ओको पीछू दूतों सी कहन भेज्यो, ‘हम नहीं चाहवय कि यो हम पर राज्य करे।’ \p \v 15 “जब ऊ राजपद पा क लौट्यो, त असो भयो कि ओन अपनो सेवकों ख जेक रकम दियो होतो, अपनो जवर बुलवायो जेकोसी मालूम करे कि उन्न लेन–देन सी का–का कमायो। \v 16 तब पहिलो न आय क कह्यो, ‘हे मालिक, तोरो सिक्का सी दस अऊर सिक्का कमायो हंय।’ \v 17 ओन ओको सी कह्यो, ‘शाबाश, हे अच्छो सेवक! तय बहुतच थोड़ो म विश्वास को लायक निकल्यो अब दस शहर पर अधिकार रख।’ \v 18 दूसरों सेवक न आय क कह्यो, ‘हे मालिक, तोरो एक सिक्का सी पाच अऊर सिक्का कमायो हंय।’ \v 19 ओन ओको सी भी कह्यो, ‘तय भी पाच शहर पर अधिकारी होय जा।’ \p \v 20 “तीसरो न आय क कह्यो, ‘हे मालिक, देख तोरो सिक्का यो आय; जेक मय न गमछा म लूकाय क रख्यो होतो। \v 21 कहालीकि मय तोरो सी डरत होतो, येकोलायी कि तय कठोर मालिक हय; जो तय न नहीं रख्यो ओख उठाय लेवय हय, अऊर जो तय न नहीं बोयो, ओख काटय हय।’ \v 22 ओन ओको सी कह्यो, ‘हे दुष्ट सेवक! मय तोरोच मुंह सी तोख दोषी ठहराऊ हय! तय मोख जानत होतो कि मय कठोर हय, जो मय न नहीं रख्यो ओख उठाय लेऊ हय, अऊर जो मय न नहीं बोयो ओख काटू हय। \v 23 त तय न मोरो धन ब्याज पर कहालीकि नहीं रख दियो कि मय आय क ब्याज समेत ले लेतो?’ \p \v 24 “अऊर जो लोग जवर खड़ो होतो, ओन उन्को सी कह्यो, ‘ऊ सिक्का ओको सी ले लेवो, अऊर जेको जवर दस सिक्का हंय ओख दे।’ \v 25 उन्न ओको सी कह्यो, ‘हे मालिक, ओको जवर पहिलो सीच दस सिक्का त हंय!’ \v 26 \x + \xo १९:२६ \xo*\xt मत्ती १३:१२; मरकुस ४:२५; लूका ८:१८\xt*\x*‘मय तुम सी कहू हय कि जेको जवर हय, ओख दियो जायेंन; अऊर जेको जवर नहाय, ओको सी ऊ भी जो ओको जवर हय ले लियो जायेंन। \v 27 \x + \xo १९:२७ \xo*\xt मत्ती २५:१४-३०\xt*\x*पर मोरो ऊ दुश्मनों ख जो नहीं चाहवय कि मय उन्को पर राज्य करू, उन्ख इत लाय क मोरो आगु मार डालो।’” \s यरूशलेम म सिरनो \r (मत्ती २१:१-११; मरकुस ११:१-११; यूहन्ना १२:१२-१९) \p \v 28 या बात कह्य क यीशु यरूशलेम को तरफ उन्को आगु आगु चल्यो। \v 29 जब ऊ जैतून नाम को पहाड़ी पर बैतफगे अऊर बैतनिय्याह को जवर पहुंच्यो, त ओन अपनो चेलावों म सी दोय ख यो कह्य क भेज्यो, \v 30 “आगु को गांव म जावो; अऊर उत पहुंचतोच एक गधी को बछड़ा जेको पर कभी कोयी सवार नहीं भयो, बन्ध्यो हुयो तुम्ख मिलेंन, ओख खोल क लावो। \v 31 यदि कोयी तुम सी पुछेंन कि कहालीकि खोलय हय, त यो कह्य देजो कि प्रभु ख येकी जरूरत हय।” \p \v 32 जो भेज्यो गयो होतो, उन्न जाय क जसो ओन उन्को सी कह्यो होतो, वसोच पायो। \v 33 जब हि गधा को बछड़ा खोल रह्यो होतो, त गधा को मालिक न उन्को सी पुच्छ्यो, “यो बछड़ा ख कहालीकि खोलय हय?” \p \v 34 उन्न कह्यो, “प्रभु ख येकी जरूरत हय।” \v 35 हि ओख यीशु को जवर लायो, अऊर अपनो कपड़ा ऊ बछड़ा पर डाल क यीशु ख ओको पर बैठाय दियो। \v 36 जब ऊ जाय रह्यो होतो, त हि अपनो कपड़ा रस्ता म बिछावत जात होतो। \fig यरूशलेम म यीशु को विजय प्रवेश |alt="Jesus’ Triumphant entry to Jerusalem" src="lb00315c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१९:३६"\fig* \p \v 37 यरूशलेम को जवर आतो हुयो जब ऊ जैतून पहाड़ी की ढलान पर पहुंच्यो, त चेलावों की पूरी भीड़ उन सब सामर्थ को कामों को वजह जो उन्न देख्यो होतो, खुशी होय क बड़ो आवाज सी परमेश्वर की महिमा करन लगी: \v 38 “धन्य हय ऊ राजा, जो प्रभु को नाम सी आवय हय! स्वर्ग म शान्ति अऊर आसमान म परमेश्वर की महिमा हो!” \p \v 39 तब भीड़ म सी कुछ फरीसी ओको सी कहन लग्यो, “हे गुरु, अपनो चेलावों ख आज्ञा दे क चुप कराव!” \p \v 40 यीशु न उत्तर दियो, “मय तुम सी कहू हय यदि इन चुप रह्यो त गोटा चिल्लाय उठेंन।” \s यरूशलेम को लायी शोक \p \v 41 जब ऊ जवर आयो त नगर ख देख क ओको पर रोयो \v 42 अऊर कह्यो, “यदि अज को दिन तय, हां, तयच, उन बातों ख जानतो जो शान्ति की हंय, पर अब हि तोरी आंखी सी लूक गयी हंय। \v 43 कहालीकि ऊ दिन तोरो पर आयेंन कि तोरो दुश्मन मोर्चा बान्ध क तोख घेर लेयेंन, अऊर चारयी तरफ सी तोख दबायेंन। \v 44 अऊर तोख अऊर तोरो बच्चां ख जो तोरो म हंय, माटी म मिलायेंन, अऊर तोरो म गोटा पर गोटा भी नहीं छोड़ेंन; कहालीकि तय न ऊ अवसर ख जेको म परमेश्वर तुम्ख बचावन तोरो पर दया की नजर करी गयी होती नहीं पहिचान्यो।” \s मन्दिर सी व्यापारियों ख निकाल्यो जानो \r (मत्ती २१:१२-१७; मरकुस ११:१५-१९; यूहन्ना २:१३-२२) \p \v 45 तब यीशु मन्दिर म जाय क व्यापारियों ख बाहेर निकालन लग्यो, \v 46 अऊर उन्को सी कह्यो, “शास्त्र म लिख्यो हय, कि ‘मोरो घर प्रार्थना को मन्दिर होयेंन,’ पर तुम न ओख डाकुवों को अड्डा बनाय दियो हय।” \p \v 47 \x + \xo १९:४७ \xo*\xt लूका २१:३७\xt*\x*यीशु हर दिन मन्दिर म शिक्षा देत होतो; अऊर मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री अऊर लोगों को मुखिया ओख मारन को अवसर ढूंढत होतो। \v 48 पर कोयी उपाय नहीं निकाल सक्यो कि यो कसो तरह करे, कहालीकि सब लोग मन लगाय क ओको सी सुनत होतो। \c 20 \s यीशु को अधिकार पर प्रश्न \r (मत्ती २१:२३-२७; मरकुस ११:२७-३३) \p \v 1 एक दिन असो भयो कि जब यीशु मन्दिर म लोगों ख उपदेश दे रह्यो होतो अऊर सुसमाचार सुनाय रह्यो होतो, त मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री, बुजूर्गों को संग जवर आय क खड़ो भयो; \v 2 अऊर कहन लग्यो, “हम्ख बताव, तय इन कामों ख कौन्सो अधिकार सी करय हय, अऊर ऊ कौन हय? जेन तोख अधिकार दियो हय?” \p \v 3 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय भी तुम सी एक प्रश्न पूछू हय; मोख बताव। \v 4 यूहन्ना को बपतिस्मा करन को अधिकार स्वर्ग सी होतो या आदमियों को तरफ सी होतो?” \p \v 5 तब हि आपस म चर्चा करन लग्यो, “यदि हम कहबोंन, ‘स्वर्ग को तरफ सी,’ त ऊ कहेंन, ‘तब तुम न ओको विश्वास कहाली नहीं करयो?’ \v 6 अऊर यदि हम कहबोंन, ‘आदमियों को तरफ सी,’ त सब लोग हमरो पर गोटा मारेंन, कहालीकि हि मानय हंय कि यूहन्ना भविष्यवक्ता होतो।” \v 7 येकोलायी उन्न उत्तर दियो, “हम नहीं जानय कि ऊ कौन्को तरफ सी होतो।” \p \v 8 यीशु न उन्को सी कह्यो, “त मय भी तुम्ख नहीं बताऊ कि मय यो काम कौन्सो अधिकार सी करू हय।” \s दुष्ट किसानों को दृष्टान्त \r (मत्ती २१:३३-४६; मरकुस १२:१-१२) \p \v 9 तब यीशु लोगों सी यो दृष्टान्त कहन लग्यो: “कोयी आदमी न अंगूर की बाड़ी लगायी, अऊर ओको ठेका दे दियो अऊर बहुत दिनो लायी परदेश चली गयो। \v 10 जब अंगूर को पकन को समय आयो त मालिक न किसानों को जवर एक सेवक ख भेज्यो कि ऊ अंगूर की बाड़ी को फरो को भाग ओख दे, पर किसानों न ओख पीट क खाली हाथ लौटाय दियो। \v 11 तब ओन एक अऊर सेवक ख भेज्यो; अऊर उन्न ओख भी पीट क अऊर ओको अपमान कर क् खाली हाथ लौटाय दियो। \v 12 तब ओन तीसरो सेवक ख भेज्यो; अऊर उन्न ओख भी घायल कर क् फेक दियो। \v 13 तब अंगूर की बाड़ी को मालिक न कह्यो, ‘मय का करू? मय अपनो प्रिय बेटा ख भेजूं; होय सकय हय हि ओको निश्चितच सम्मान करेंन!’ \v 14 जब किसानों न ओख देख्यो त आपस म बिचार करन लग्यो, ‘यो त वारिस आय; आवो, हम येख मार डाल्बो कि जायजाद हमरी होय जायेंन।’ \v 15 अऊर उन्न ओख अंगूर की बाड़ी सी बाहेर निकाल क मार डाल्यो। \p “येकोलायी अंगूर की बाड़ी को मालिक उन्को संग का करेंन? \v 16 ऊ आय क उन किसानों ख नाश करेंन, अऊर अंगूर की बाड़ी दूसरों ख सौंपेंन।” \p यो सुन क उन्न कह्यो “परमेश्वर करे असो नहीं हो।” \p \v 17 यीशु न उन्को तरफ देख क कह्यो, “त फिर यो का लिख्यो हय?” \q1 “यो गोटा ख राजमिस्त्रियों न नकार दियो होतो, \q2 उच गोटा कोना को सिरा मतलब महत्वपूर्ण भय गयो।” \m \v 18 “जो कोयी यो गोटा पर गिरेंन ऊ तुकड़ा-तुकड़ा होय जायेंन, पर जो कोयी पर ऊ गोटा गिरेंन, ओख पीस डालेंन।” \s कर देनो को प्रश्न \r (मत्ती २२:१५-२२; मरकुस १२:१३-१७) \p \v 19 उच समय धर्मशास्त्रियों अऊर मुख्य याजकों न यीशु को पकड़नो चाह्यो, कहालीकि हि समझ गयो होतो कि ओन हमरो पर यो दृष्टान्त कह्यो; पर हि लोगों सी डरत होतो। \v 20 अऊर हि यीशु कि ताक म रह्यो अऊर असो भेद लेनवालो ख भेज्यो कि सच्चो होन को ढोंग धर क ओकी सवालों म फसाय सकेंन, ताकि ओख रोमन शासक को हाथ अऊर अधिकार म सौंप दे। \v 21 सवालों म फसावन वालो न यीशु सी यो पुच्छ्यो, “हे गुरु, हम जानय हंय कि तय ठीक कह्य अऊर सिखावय भी हय, अऊर कोयी को पक्ष–पात नहीं करय, बल्की परमेश्वर को रस्ता सच्चायी सी बतावय हय। \v 22 का हम्ख रोम को अधिकारी कैसर ख कर देनो उचित हय यां नहाय?” \p \v 23 यीशु न उन्की चतुरायी ख जान क उन्को सी कह्यो, \v 24 “एक चांदी को सिक्का मोख दिखाव। येको पर कौन्को चेहरा अऊर नाम हय?” \p उन्न कह्यो, “रोम को राजा को।” \p \v 25 यीशु न उन्को सी कह्यो, “त जो रोमी राजा को हय, ऊ रोमी राजा ख दे; अऊर जो परमेश्वर को हय, ऊ परमेश्वर ख दे।” \p \v 26 हि लोगों को आगु या बात म ओख पकड़ नहीं सक्यो, बल्की ओको उत्तर सी अचम्भा होय क चुप रह्य गयो। \s पुनरुत्थान अऊर बिहाव \r (मत्ती २२:२३-३३; मरकुस १२:१८-२७) \p \v 27 \x + \xo २०:२७ \xo*\xt प्रेरितों २३:८\xt*\x*फिर सदूकी जो कह्य हंय कि मरयो हुयो को फिर सी जीन्दो होनो हयच नहाय, उन्म सी कुछ न यीशु को जवर आय क पुच्छ्यो, \v 28 “हे गुरु, मूसा न हमरो लायी असी व्यवस्था म यो लिख्यो हय: ‘यदि कोयी को भाऊ अपनी पत्नी को रहतो हुयो बिना सन्तान को मर जायेंन, त ओको भाऊ वा विधवा सी बिहाव कर ले, अऊर अपनो भाऊ लायी सन्तान पैदा करे।’ \v 29 सात भाऊ होतो, पहिलो भाऊ बिहाव कर क् बिना सन्तान को मर गयो। \v 30 तब दूसरों, न बिहाव करयो, \v 31 अऊर तीसरो न भी वा बाई सी बिहाव कर लियो। यो तरह सी सातों बिना सन्तान को मर गयो। \v 32 आखरी म वा बाई भी मर गयी। \v 33 येकोलायी फिर जीन्दो होन पर वा उन्म सी कौन्की पत्नी होयेंन? कहालीकि वा सातों भाऊ न ओको संग बिहाव कर लियो होतो।” \p \v 34 यीशु न उन्को सी कह्यो, “यो युग को लोगों म त बिहाव होवय हय, \v 35 पर जो लोग ऊ युग म सिरनो अऊर मरयो हुयो म सी जीन्दो होन को लायक हुयो हंय, नहीं त बिहाव करेंन अऊर नहीं करवायेंन। \v 36 हि तब मरन को भी नहीं; कहालीकि हि स्वर्गदूतों को जसो होयेंन, अऊर मरयो हुयो म सी जीन्दो उठन को वजह सी परमेश्वर की भी सन्तान होयेंन। \v 37 पर या बात ख कि मरयो हुयो फिर सी जीन्दो होवय हंय, मूसा न भी जरती झाड़ी की कथा म प्रगट करी हय कि ऊ प्रभु ख ‘अब्राहम को परमेश्वर, अऊर इसहाक को परमेश्वर अऊर याकूब को परमेश्वर’ कह्य हय। \v 38 परमेश्वर त मुर्दों को नहीं पर जीन्दो को परमेश्वर हय: कहालीकि ओको जवर सब जीन्दो हंय।” \p \v 39 तब यो सुन क धर्मशास्त्रियों म सी कुछ न यो कह्यो, “हे गुरु, तय न ठीक कह्यो।” \v 40 अऊर उन्ख तब ओको सी कुछ अऊर पूछन की हिम्मत नहीं भयी। \s मसीह कौन्को बेटा आय? \r (मत्ती २२:४१-४६; मरकुस १२:३५-३७) \p \v 41 यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, “मसीह ख दाऊद को सन्तान कसो कह्य हंय? \v 42 दाऊद खुदच भजन संहिता की किताब म कह्य हय, ‘प्रभु न मोरो प्रभु सी कह्यो: मोरो दायो तरफ बैठ, \v 43 जब तक कि मय तोरो दुश्मनों ख तोरो पाय को खल्लो की चौकी नहीं कर देऊं।’ \v 44 दाऊद त ओख ‘प्रभु’ कह्य हय, त तब ऊ ओकी सन्तान कसो भयो?” \s धर्मशास्त्रियों सी चौकस \r (मत्ती २३:१-३६; मरकुस १२:३८-४०) \p \v 45 जब सब लोग सुन रह्यो होतो, त यीशु न अपनो चेलावों सी कह्यो, \v 46 “धर्मशास्त्रियों सी चौकस रह, जेक लम्बो चोंगा वालो कपड़ा पहिन क घुमनो अच्छो लगय हय, अऊर जिन्ख बजारों म आदर सत्कार, अऊर आराधनालयों म मुख्य आसन अऊर भोज म मुख्य जागा अच्छो लगय हंय। \v 47 हि विधवावों को फायदा उठावय हय, अऊर उनकी जायजाद हड़प लेवय हय, अऊर दिखान लायी बड़ो देर तक प्रार्थना करय हंय: इन बहुतच सजा पायेंन।” \c 21 \s गरीब विधवा को दान \r (मरकुस १२:४१-४४) \p \v 1 यीशु न चारयी तरफ आंखी उठाय क धनवानों ख मन्दिर को भण्डार म अपनो दान डालतो देख्यो। \v 2 ओन एक गरीब विधवा ख भी ओको म तांबा को दोय सिक्का डालतो देख्यो। \v 3 तब ओन कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि या गरीब विधवा न सब सी बढ़ क डाल्यो हय। \v 4 कहालीकि उन सब न अपनी अपनी बढ़ती म सी दान म कुछ डाल्यो हय, पर येन अपनी कमी म सी अपनी पूरी जीविका डाल दियो हय।” \s यीशु को द्वारा मन्दिर को विनाश की भविष्यवानी \r (मत्ती २४:१,२; मरकुस १३:१,२) \p \v 5 जब चेला म सी कुछ लोग मन्दिर को बारे म कह्य रह्यो होतो, कि ऊ कसो सुन्दर गोटावों सी अऊर भेंट की चिजों सी सजायो गयो हय। त यीशु न कह्यो, \v 6 “ऊ दिन आयेंन, जिन्म यो सब जो तुम देखय हय, उन्म सी इत एक भी गोटा पर गोटा भी नहीं रहेंन जो गिरायो नहीं जायेंन।” \s संकट अऊर सताव \r (मत्ती २४:३-१४; मरकुस १३:३-१३) \p \v 7 उन्न यीशु सी पुच्छ्यो, “हे गुरु, यो सब कब होयेंन? अऊर या बाते जब पूरी होन पर होयेंन, त ऊ समय को का चिन्ह होयेंन?” \p \v 8 यीशु न कह्यो, “चौकस रह कि भरमायो नहीं जावो, कहालीकि बहुत सी मोरो नाम सी आय क कहेंन, ‘मय उच आय!’ अऊर यो भी कि, ‘समय जवर आय गयो हय।’ तुम उन्को पीछू नहीं चली जावो। \v 9 जब तुम लड़ाईयों अऊर लड़ाईयों की चर्चा सुनो त घबराय नहीं जावो, कहालीकि इन्को पहिलो होनो जरूरी हय; पर ऊ समय तुरतच अन्त नहीं होयेंन।” \p \v 10 तब ओन उन्को सी कह्यो, “राष्ट्र पर राष्ट्र अऊर राज्य पर राज्य चढ़ायी करेंन, \v 11 अऊर कुछ जागा भूईडोल होयेंन, अऊर जागा–जागा अकाल अऊर महामारियां पड़ेंन, अऊर आसमान सी भयंकर घटना अऊर बड़ो–बड़ो चिन्ह प्रगट होयेंन। \v 12 पर इन सब बातों सी पहिले हि मोरो नाम को वजह तुम्ख पकड़ेंन, अऊर सतायेंन, अऊर सभावों म सौंपेंन, अऊर जेलखाना म डलवायेंन, अऊर राजावों अऊर शासकों को आगु लिजायेंन। \v 13 पर यो तुम्हरो लायी सुसमाचार की गवाही देन को अवसर होय जायेंन। \v 14 \x + \xo २१:१४ \xo*\xt लूका १२:११,१२\xt*\x*येकोलायी अपनो अपनो मन म ठान लेवो कि हम पहिलो सी अपनो आप ख बचायो जान कि चिन्ता नहीं करबोंन, \v 15 कहालीकि मय तुम्ख असो बोल अऊर बुद्धि देऊ कि तुम्हरो कोयी भी दुश्मन सामना या खण्डन नहीं कर सकेंन। \v 16 तुम्हरो माय-बाप, अऊर भाऊ, अऊर रिश्तेदार, अऊर संगी भी तुम्ख पकड़वायेंन; यो तक कि तुम म सी कुछ ख मरवाय डालेंन। \v 17 मोरो वजह सब लोग तुम सी दुश्मनी करेंन। \v 18 पर तुम्हरो मुंड को एक बाल भी नहीं निकाल सकेंन। \v 19 अपनो धीरज सी तुम अपनो जीव ख बचायो रखेंन। \s यरूशलेम को विनाश को बारे म कह्य हय \r (मत्ती २४:१५-२१; मरकुस १३:१४-१९) \p \v 20 “जब तुम यरूशलेम ख सेनावों सी घिरयो हुयो देखो, त जान लेजो कि ओको नाश होनो जवर हय। \v 21 तब जो यहूदिया म हय हि पहाड़ी पर भग जाव; अऊर जो यरूशलेम को अन्दर हय बाहेर निकल जाये; अऊर जो गांव म हय हि शहर को अन्दर नहीं जाये। \v 22 कहालीकि यो बदला लेन को असो दिन होयेंन, वचन म लिख्यो गयी सब बात पूरी होय जायेंन। \v 23 उन दिनो म जो गर्भवती अऊर दूध पिलाती होयेंन, उन्को लायी हाय, हाय! कहालीकि देश म बड़ो कठिनायी अऊर इन लोगों पर बड़ो सजा होयेंन। \v 24 हि तलवार सी मार दियो जायेंन, अऊर सब देशों म बन्दी बनाय क पहुंचायो जायेंन; अऊर जब तक गैरयहूदियों को समय पूरो नहीं होय, तब तक यरूशलेम गैरयहूदियों को पाय सी कुचल्यो जायेंन। \s आदमी को बेटा को पुनरागमन \r (मत्ती २४:२९-३१; मरकुस १३:२४-२७) \p \v 25 \x + \xo २१:२५ \xo*\xt प्रकाशितवाक्य ६:१२,१३\xt*\x*“सूरज, अऊर चन्दा, अऊर तारों म चिन्ह दिखायी देयेंन; अऊर धरती पर देश–देश को लोगों ख संकट होयेंन, कहालीकि हि समुन्दर को गरजनो अऊर लहरो की भयानक आवाज सी घबराय जायेंन। \v 26 डर को वजह अऊर जगत पर आवन वाली घटना की रस्ता देखत–देखत लोगों को जीव म जीव नहीं रहेंन, कहालीकि आसमान की शक्तियां हिलायी जायेंन। \v 27 \x + \xo २१:२७ \xo*\xt प्रकाशितवाक्य १:७\xt*\x*तब हि आदमी को बेटा ख बड़ी सामर्थ अऊर महिमा को संग बादर पर आवतो देखेंन। \v 28 जब या बाते होन लगी, त खड़ो होय क अपनी मुंड ऊपर उठायजो; कहालीकि तुम्हरो छुटकारा जवर होयेंन।” \s अंजीर को झाड़ को उदाहरन \r (मत्ती २४:३२-३५; मरकुस १३:२८-३१) \p \v 29 यीशु न उन्को सी एक दृष्टान्त भी कह्यो: “अंजीर को झाड़ अऊर सब झाड़ों ख देखो। \v 30 जसोच उन्म सी नयी पोख निकलय हंय, त तुम देख क खुदच जान लेवय हय कि गरमी को मौसम जवर हय। \v 31 योच तरह सी जब तुम या बाते होतो देखो, तब जान लेवो कि परमेश्वर को राज्य जवर हय। \p \v 32 “मय तुम सी सच कहू हय कि जब तक यो सब बाते नहीं होय जाये, तब तक यो पीढ़ी को अन्त नहीं होयेंन। \v 33 आसमान अऊर धरती टल जायेंन, पर मोरी बाते कभी नहीं टलेंन। \s चौकस रहो \r (मत्ती २४:३६-४४; मरकुस १३:३२-३७) \p \v 34 “येकोलायी चौकस रहो, असो नहीं होय कि तुम्हरो दिल दुराचार, अऊर दारूबाजी, अऊर यो जीवन की चिन्ता सी दब जाये अऊर ऊ दिन तुम पर फन्दा को जसो अचानक आय पड़ेंन। \v 35 कहालीकि वा पूरी धरती को सब रहन वालो पर योच तरह सी आय पड़ेंन। \v 36 येकोलायी जागतो रहो अऊर हर समय प्रार्थना करतो रहो कि तुम इन सब आवन वाली घटना सी बचनो अऊर आदमी को बेटा को आगु खड़ो होन को लायक बनो।” \p \v 37 \x + \xo २१:३७ \xo*\xt लूका १९:४७\xt*\x*यीशु मन्दिर म हर दिन सिखावत होतो, अऊर रात ख बाहेर जाय क जैतून नाम को पहाड़ी पर रात बितावत होतो; \v 38 अऊर हर दिन भुन्सारो ख बहुत जल्दी सब लोग ओकी सुनन लायी मन्दिर म ओको जवर आवत होतो। \c 22 \s यीशु को विरुद्ध साजीश \r (मत्ती २६:१-५; मरकुस १४:१-२; यूहन्ना ११:४५-५३) \p \v 1 अखमीरी रोटी को त्यौहार जो फसह कहलावय हय, जवर होतो; \v 2 अऊर मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री यो बात की खोज म होतो कि यीशु को कसो मार डाल्बो, पर हि लोगों सी डरत होतो। \s यहूदा को विश्वासघात \r (मत्ती २६:१४-१६; मरकुस १४:१०,११) \p \v 3 तब शैतान यहूदा म समायो, जो इस्करियोती कहलावय होतो अऊर बारा चेलावों म गिन्यो जात होतो। \v 4 यहूदा न जाय क मुख्य याजकों अऊर मन्दिर को पहरेदारों को मुखिया को संग बातचीत करी कि ओख कसो तरह सी उन्को हाथ पकड़वाबो। \v 5 हि खुश भयो, अऊर ओख रुपये देन लायी राजी भय गयो। \v 6 ओन मान लियो, अऊर मौका ढूंढन लग्यो कि जब भीड़ नहीं होय त यीशु ख उन्को हाथ पकड़वाय दे। \s चेलावों को संग फसह को आखरी जेवन \r (मत्ती २६:१७-२५; मरकुस १४:१२-२१; यूहन्ना १३:२१-३०) \p \v 7 तब अखमीरी रोटी को त्यौहार को दिन आयो, जेको म फसह को \f + \fr २२:७ \fr*\ft मेंढीं को बच्चा \ft*\f*मेम्ना बलि करनो जरूरी होतो। \v 8 यीशु न पतरस अऊर यूहन्ना ख यो कह्य क भेज्यो: “जाय क हमरो खान लायी फसह को भोज की तैयार करो।” \p \v 9 उन्न ओको सी पुच्छ्यो, “तय कित चाहवय हय कि हम येख तैयार करबोंन?” \p \v 10 ओन ओको सी कह्यो, “देखो, नगर म सिरतोच एक आदमी पानी को घड़ा उठायो हुयो तुम्ख मिलेंन; जो घर म ऊ जायेंन तुम ओको पीछू चली जाजो, \v 11 अऊर ऊ घर को मालिक सी कहजो: ‘गुरु तोरो सी कहू हय कि ऊ पहुंनायी की जागा कित हय जेको म मय अपनो चेलावों को संग फसह को भोज खाऊ?’ \v 12 ऊ तुम्ख एक सजी–सजायी बड़ो ऊपर को कमरा दिखायी देयेंन; उतच तैयार करजो।” \p \v 13 उन्न जाय क जसो यीशु न उन्को सी कह्यो होतो, वसोच पायो अऊर फसह को भोज तैयार करयो। \s प्रभु–भोज \r (मत्ती २६:२६-३०; मरकुस १४:२२-२६; १ कुरिन्थियों ११:२३-२५) \p \v 14 जब समय आय पहुंच्यो, त ऊ प्रेरितों को संग जेवन करन बैठ्यो। \v 15 अऊर ओन उन्को सी कह्यो, “मोख बड़ी इच्छा होती कि दु:ख भोगन सी पहिले यो फसह को भोज तुम्हरो संग खाऊ। \v 16 कहालीकि मय तुम सी कहू हय कि जब तक ऊ परमेश्वर को राज्य म पूरो नहीं होय तब तक मय ओख कभी नहीं खाऊं।” \p \v 17 तब यीशु न कटोरा लेय क धन्यवाद करयो अऊर कह्यो, “येख लेवो अऊर आपस म बाट लेवो। \v 18 कहालीकि मय तुम सी कहू हय कि जब तक परमेश्वर को राज्य नहीं आवय तब तक मय अंगूररस अब सी कभी नहीं पीऊं।” \p \v 19 तब ओन रोटी लियो, अऊर धन्यवाद कर क् तोड़ी, अऊर उन्ख यो कह्य क दियो, “यो मोरो शरीर हय जो तुम्हरो लायी दियो जावय हय: मोरी याद म असोच करतो रह।” \v 20 योच रीति सी ओन जेवन को बाद कटोरा भी यो कह्य क दियो, “यो कटोरा मोरो ऊ खून म नयी वाचा हय जो तुम्हरो लायी बहायो जावय हय। \p \v 21 “पर देखो! मोरो पकड़ावन वालो को हाथ मोरो संग मेज पर हय। \v 22 कहालीकि आदमी को बेटा त जसो ओको लायी ठहरायो गयो, वसोच मरेंन भी पर हाय ऊ आदमी पर जेकोसी ऊ पकड़वायो जावय हय!” \p \v 23 तब हि आपस म पूछताछ करन लग्यो कि हम म सी कौन हय, जो यो काम करेंन। \s सब सी बड़ो कौन? \p \v 24 \x + \xo २२:२४ \xo*\xt मत्ती १८:१; मरकुस ९:३४; लूका ९:४६\xt*\x*उन्म यो वाद–विवाद भी भयो कि उन म सी कौन बड़ो समझ्यो जावय हय। \v 25 यीशु न उन्को सी कह्यो, “गैरयहूदी को राजा उन पर प्रभुता करय हंय; अऊर जो उन पर अधिकार रखय हंय, उन्ख हि परोपकारी असो कह्य हंय। \v 26 \x + \xo २२:२६ \xo*\xt मत्ती २३:११; २०:२५-२७; मरकुस ९:३५; १०:४२-४४\xt*\x*पर तुम असो नहीं होनो चाहिये; बल्की जो तुम म बड़ो हय, ऊ छोटो को जसो अऊर जो मुख्य हय, ऊ सेवक को जसो बने। \v 27 \x + \xo २२:२७ \xo*\xt यूहन्ना १३:१२-१५\xt*\x*कहालीकि बड़ो कौन हय, ऊ जो जेवन करन बैठ्यो हय, यां जो जेवन परोसय हय? का ऊ नहीं जो जेवन करन बैठ्यो हय? पर मय तुम्हरो बीच म सेवक को जसो हय। \p \v 28 “तुम ऊ हय, जो मोरी परीक्षावों म लगातार मोरो संग रह्यो; \v 29 अऊर जसो मोरो बाप न मोरो लायी राज्य पर अधिकार दियो हय, वसोच मय भी तुम्हरो लायी अधिकार देऊ, \v 30 \x + \xo २२:३० \xo*\xt मत्ती १९:२८\xt*\x*ताकि तुम मोरो राज्य म मोरी मेज पर खावो–पीवो, बल्की सिंहासनों पर बैठ क इस्राएल को बारा पीढ़ी को न्याय करो। \s पतरस को इन्कार की भविष्यवानी \r (मत्ती २६:३१-३५; मरकुस १४:२७-३१; यूहन्ना १३:३६-३८) \p \v 31 “शिमोन, हे शिमोन! सुनो, शैतान न तुम सब लोगों ख परखन लायी मांग्यो हय कि बुरो म सी अच्छो अलग करय जसो किसान गहूं म सी भूसा अलग करय हय, \v 32 पर मय न तोरो लायी प्रार्थना करी कि तोरो विश्वास कमजोर नहीं होय; अऊर जब तय वापस फिरजो, त अपनो भाऊ ख हिम्मत देजो।” \p \v 33 पतरस न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, मय तोरो संग जेलखाना जान लायी, अऊर मरन लायी भी तैयार हय।” \p \v 34 यीशु न कह्यो, “हे पतरस, मय तोरो सी कहू हय कि अज रात मुर्गा बाग नहीं देयेंन जब तक कि तय तीन बार मोरो इन्कार नहीं कर लेजो कि तय मोख नहीं जानय।” \s बटवा, झोली, अऊर तलवार \p \v 35 \x + \xo २२:३५ \xo*\xt मत्ती १०:९,१०; मरकुस ६:८,९; लूका ९:३; १०:४\xt*\x*तब यीशु न चेलावों सी कह्यो, “जब मय न तुम्ख बटवा, झोली, अऊर जूता को बिना भेज्यो होतो, त का तुम्ख कोयी चिज की कमी भयी होती?” \p उन्न कह्यो, “कोयी चिज की नहीं।” \p \v 36 यीशु न उन्को सी कह्यो, “पर अब जेको जवर बटवा हय ऊ ओख लेवो अऊर वसोच झोली भी, अऊर जेको जवर तलवार नहीं हय ऊ अपनो कपड़ा बिक क एक लेय लेवो। \v 37 कहालीकि मय तुम सी कहू हय, कि यो जो शास्त्र म लिख्यो हय: ‘ऊ अपराधियों को संग गिन्यो गयो,’ ओको मोरो म पूरो होनो जरूरी हय; कहालीकि मोरो बारे म लिख्यो बाते पूरी होन पर हंय।” \p \v 38 चेलावों न कह्यो, “हे प्रभु! इत दोय तलवारे हंय।” ओन उन्को सी कह्यो, “बहुत हंय।” \s जैतून को पहाड़ी पर यीशु की प्रार्थना \r (मत्ती २६:३६-४६; मरकुस १४:३२-४२) \p \v 39 तब ऊ बाहेर निकल क अपनी रीति को अनुसार जैतून को पहाड़ी पर गयो, अऊर चेलावों ओको पीछू भय गयो। \v 40 ऊ जागा पहुंच क ओन उन्को सी कह्यो, “प्रार्थना करो कि तुम परीक्षा म नहीं पड़ो।” \p \v 41 अऊर ऊ उन्को सी अलग लगभग गोटा फेकन की दूरी भर गयो, अऊर घुटना टेक क प्रार्थना करन लग्यो, \v 42 “हे मोरो बाप, यदि तय चाहवय त यो दु:ख सी भरयो कटोरा ख मोरो जवर सी हटाय ले, तब भी मोरी नहीं पर तोरीच इच्छा पूरी होय।” \v 43 तब स्वर्ग सी एक दूत ओख दिखायी दियो जो ओख सामर्थ देत होतो। \v 44 ऊ व्याकुल होय क अऊर भी जादा प्रार्थना करन लग्यो; अऊर ओको पसीना खून की बड़ी बड़ी थेम्ब को जसो जमीन पर गिर रह्यो होतो। \p \v 45 तब ऊ प्रार्थना सी उठ्यो अऊर अपनो चेलावों को जवर आय क उन्ख उदास को मारे म सोतो पायो। \v 46 अऊर उन्को सी कह्यो, “कहालीकि सोवय हय? उठो, प्रार्थना करो कि परीक्षा म मत पड़ो।” \s यीशु को धोका सी पकड़ाय जानो \r (मत्ती २६:४७-५६; मरकुस १४:४३-५०; यूहन्ना १८:३-१२) \p \v 47 यीशु यो कह्यच रह्यो होतो कि एक भीड़ आयी, अऊर उन बारा म सी एक जेको नाम यहूदा होतो उन्को आगु–आगु आय रह्यो होतो। ऊ यीशु को जवर आयो कि ओको चुम्मा ले। \v 48 यीशु न ओको सी कह्यो, “हे यहूदा, का तय चुम्मा ले क आदमी को बेटा ख पकड़ावय हय?” \p \v 49 ओको चेलावों न जो संग होतो जब देख्यो कि का होन वालो हय, त कह्यो, “हे प्रभु, का हम तलवार चलायबो?” \v 50 अऊर उन्म सी एक न महायाजक को सेवक पर तलवार चलाय क ओको दायो कान उड़ाय दियो। \p \v 51 येको पर यीशु न कह्यो, “अब बस करो।” अऊर ओको कान छूय क ओख ठीक कर दियो। \p \v 52 तब यीशु न मुख्य याजकों अऊर मन्दिर को पहरेदारों को मुखिया अऊर बुजूर्गों सी, जो ओको पर चढ़ आयो होतो, कह्यो, “का तुम मोख विद्रोही जान क तलवारे अऊर लाठियां धर क निकल्यो हय? \v 53 \x + \xo २२:५३ \xo*\xt लूका १९:४७; २१:३७\xt*\x*जब मय मन्दिर म हर दिन तुम्हरो संग होतो, त तुम न मोख पकड़न लायी कोशिश नहीं करयो; पर यो तुम्हरो समय हय, अऊर अन्धारो को अधिकार हय।” \s पतरस को इन्कार \r (मत्ती २६:५७,५८,६९-७५; मरकुस १४:५३,५४,६६-७२; यूहन्ना १८:१२-१८,२५-२७) \p \v 54 तब हि ओख पकड़ क ले गयो, अऊर महायाजक को घर म लायो। पतरस दूरच दूर ओको पीछू–पीछू चलत होतो; \v 55 अऊर जब हि आंगन म आगी जलाय क एक संग बैठ्यो, त पतरस भी उन्को बीच म बैठ गयो। \v 56 तब एक दासी ओख आगी को प्रकाश म बैठ्यो देख क अऊर ओको तरफ जवर सी देख क कहन लग्यो, “यो भी त यीशु को संग होतो।” \p \v 57 पर पतरस न यो कह्य क इन्कार करयो, “हे नारी, मय ओख नहीं जानु हय।” \p \v 58 थोड़ी देर बाद कोयी अऊर न ओख देख क कह्यो, “तय भी त उन्म सी एक आय।” \p पतरस न कह्यो, “हे आदमी, मय नहीं आय।” \p \v 59 लगभग एक घंटा बीत जान को बाद एक आदमी जोर दे क कहन लग्यो, “निश्चय यो भी त ओको संग होतो कहालीकि यो भी गलीली हय।” \p \v 60 पतरस न कह्यो, “हे आदमी, मय नहीं जानु कि तय का कह्य हय!” \p ऊ कह्यच रह्यो होतो कि तुरतच मुर्गा न बाग दियो। \v 61 तब प्रभु न मुड़ क पतरस को तरफ देख्यो, अऊर पतरस ख प्रभु की ऊ बात याद आयी जो ओन कहीं होती: “अज भुन्सारे ख मुर्गा को बाग देन सी पहिले, तय तीन बार मोरो इन्कार करेंन।” \v 62 अऊर ऊ बाहेर निकल क सिसक-सिसक क रोयो। \s यीशु को अपमान \r (मत्ती २६:६७,६८; मरकुस १४:६५) \p \v 63 हि लोग जो यीशु ख पकड़्यो हुयो होतो, ओख ठट्ठा कर क् पीट रह्यो होतो; \v 64 अऊर ओकी आंखी झाक क ओको सी पुच्छ्यो, “पता कर क् बता कि तोख कौन न मारयो!” \v 65 अऊर उन्न बहुत सी अऊर भी निन्दा की बाते ओको विरोध म कहीं। \s महायाजक अऊर धर्मशास्त्री को आगु यीशु \r (मत्ती २६:५९-६६; मरकुस १४:५५-६४; यूहन्ना १८:१९-२४) \p \v 66 जब दिन भयो त महासभा को बुजूर्ग अऊर मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री जमा हुयो, अऊर ओख अपनी महासभा म लायो, \v 67 उन्न पुच्छ्यो हम्ख बताव, “का तय मसीह आय?” त हम सी कह्य दे यीशु न उन्ख उत्तर दियो; “यदि मय तुम सी कहूं फिर भी तुम विश्वास नहीं करो!” \p ओन उन्को सी कह्यो, “यदि मय तुम सी कहूं, त विश्वास नहीं करजो; \v 68 अऊर यदि मय प्रश्न पूछू, त तुम उत्तर नहीं दे सको। \v 69 पर अब सी आदमी को बेटा सर्वशक्तिमान परमेश्वर को दायो तरफ बैठ्यो रहेंन।” \p \v 70 उन्न कह्यो, “त का तय परमेश्वर को बेटा हय?” \p ओन उत्तर दियो, “मय हय असो खुदच कह्य हय, कहालीकि मय उच हय।” \p \v 71 तब उन्न कह्यो, “अब हम्ख गवाही की का जरूरत हय; कहालीकि हम न खुदच ओको मुंह सी सुन लियो हय।” \c 23 \s पिलातुस को जवर यीशु \r (मत्ती २७:१,२,११-१४; मरकुस १५:१-५; यूहन्ना १८:२८-३८) \p \v 1 तब पूरी सभा उठ क यीशु ख पिलातुस को जवर ले गयो। \v 2 हि यो कह्य क ओको पर दोष लगान लग्यो: “हम न येख हमरो यहूदी लोगों ख बहकातो, अऊर रोमी राजा ख कर देन सी मना करत होतो, अऊर खुद ख मसीह, एक राजा कहतो सुन्यो हय।” \p \v 3 पिलातुस न ओको सी पुच्छ्यो, “का तय यहूदियों को राजा हय?” \p ओन ओख उत्तर दियो, “तय खुदच कह्य रह्यो हय।” \p \v 4 तब पिलातुस न मुख्य याजकों अऊर भीड़ सी कह्यो, “मय यो आदमी म कोयी दोष लगावन को वजह नहीं देखूं हय।” \p \v 5 पर हि अऊर भी हिम्मत सी कहन लग्यो, “यो गलील सी ले क इत तक, पूरो यहूदिया प्रदेश म सिखाय क लोगों ख भड़कात होतो।” \v 6 यो सुन क पिलातुस न पुच्छ्यो, “का यो आदमी गलील को आय?” \v 7 अऊर यो जान क कि ऊ हेरोदेस को अधिकार सीमा को हय, ओख हेरोदेस को जवर भेज दियो, कहालीकि उन दिनो म ऊ भी यरूशलेम म होतो। \s हेरोदेस राजा को जवर यीशु \p \v 8 हेरोदेस यीशु ख देख क बहुतच खुश भयो, कहालीकि ऊ बहुत दिनो सी ओख देखन चाहत होतो; येकोलायी कि ओको बारे म सुन्यो होतो, अऊर ओको सी कुछ चिन्ह चमत्कार देखन की आशा रखत होतो। \v 9 ऊ ओको सी बहुत सो सवाल पुच्छ्यो, पर ओन ओख कुछ भी उत्तर नहीं दियो। \v 10 मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री खड़ो होय क यीशु पर बहुत दोष लगावत रह्यो। \v 11 तब हेरोदेस न अपनो सिपाहियों को संग ओको अपमान कर क् ठट्ठा करयो, अऊर सुन्दर कपड़ा पहिनायो अऊर ओख पिलातुस को जवर लौटाय दियो। \v 12 उच दिन सी पिलातुस अऊर हेरोदेस संगी बन गयो; येको सी पहिले हि एक दूसरों को दुश्मन होतो। \s यीशु ख मृत्यु की सजा \r (मत्ती २७:१५-२६; मरकुस १५:६-१५; यूहन्ना १८:३९–१९:१६) \p \v 13 पिलातुस न मुख्य याजकों अऊर मुखिया अऊर लोगों ख बुलाय क, \v 14 अऊर उन्को सी कह्यो, “तुम यो आदमी ख लोगों को बहकावन वालो हय यो कह्य क मोरो जवर लायो हय, अऊर देखो, मय न तुम्हरो सामने ओकी जांच करी, पर जो बातों को तुम ओको पर दोष लगावय हय उन बातों को बारे म मय न ओको म कुछ भी दोष नहीं पायो हय; \v 15 अऊर न त हेरोदेस राजा ख ओको म कोयी दोष मिल्यो, येकोलायी ओन ओख हमरो जवर लौटाय दियो हय: अऊर देखो, ओको म असो कोयी दोष नहीं कि ऊ मृत्यु की सजा को लायक ठहरायो जायेंन। \v 16 येकोलायी मय ओख पिटवाय क छोड़ देऊ हय।” \v 17 पर्व को दिन पिलातुस ख उन्को लायी एक कैदी ख छोड़नो पड़त होतो।\f + \fr २३:१७ \fr*\ft कुछ हस्त लेख म यो पद नहीं मिलय \ft*\f* \p \v 18 तब सब मिल क चिल्लाय उठ्यो, “येख मार डालो, अऊर हमरो लायी बरअब्बा ख छोड़ दे!” \v 19 ऊ कोयी दंगा को वजह जो नगर म भयो होतो, अऊर हत्या को वजह जेलखाना म डाल्यो गयो होतो। \p \v 20 पर पिलातुस न यीशु ख छोड़न की इच्छा सी लोगों ख फिर सी समझायो, \v 21 पर उन्न फिर सी चिल्लाय क कह्यो, “ओख क्रूस पर चढ़ावों, क्रूस पर!” \p \v 22 ओन तीसरो बार उन्को सी कह्यो, “कहालीकि, ओन कौन सो अपराध करयो हय? मय न ओको म मृत्यु दण्ड को लायक कोयी बात नहीं पायी। येकोलायी मय ओख कोड़ा मरवाय क छोड़ देऊ हय।” \p \v 23 पर हि चिल्लाय-चिल्लाय क पीछू पड़ गयो कि ऊ क्रूस पर चढ़ायो जाये, अऊर उन्को चिल्लानो सही भय गयो। \v 24 येकोलायी पिलातुस न आज्ञा दियो कि उन्की मांग को अनुसार करयो जाये। \v 25 ओन ऊ आदमी ख जो दंगा फसाद अऊर हत्या को वजह जेलखाना म डाल्यो गयो होतो, अऊर जेक हि मांगत होतो, छोड़ दियो। यीशु ख उन्की इच्छा को अनुसार सौंप दियो ताकि जो चाहे ऊ कर सके। \s यीशु को क्रूस पर चढ़ायो जानो \r (मत्ती २७:३२-४४; मरकुस १५:२१-३२; यूहन्ना १९:१७-२७) \p \v 26 जब हि यीशु ख लि जात होतो, त उन्न शिमोन नाम को एक कुरेनी ख जो शहर सी आय रह्यो होतो, पकड़ क ओको पर क्रूस लाद दियो कि ओख यीशु को पीछू–पीछू धर क चलन लगे। \p \v 27 लोगों की बड़ी भीड़ ओको पीछू भय गयी अऊर ओको म कुछ बाईयां भी होती जो ओको लायी छाती पीटती अऊर शोक करत होती। \v 28 यीशु न ओको तरफ मुड़ क कह्यो, “हे यरूशलेम की टुरियों, मोरो लायी मत रोवो; पर अपनो अऊर अपनो बच्चां लायी रोवो। \v 29 कहालीकि देखो, असो दिन आय रह्यो हंय, जेको म लोग कहेंन, ‘धन्य हंय हि बांझ अऊर हि गर्भ जेन जनम नहीं दियो अऊर हि स्तन जेन कभी दूध नहीं पिलायो।’ \v 30 \x + \xo २३:३० \xo*\xt प्रकाशितवाक्य ६:१६\xt*\x*ऊ समय ‘हि पहाड़ी सी कहन लगेंन कि हम पर गिर, अऊर टेकरा सी कि हम्ख झाक लेवो।’ \v 31 यदि जब हि हरो झाड़ को संग असो करय हंय, त सूख्यो झाड़ को संग का कुछ नहीं करयो जायेंन?” \p \v 32 हि दूसरों दोय आदमी ख भी जो अपराधी होतो यीशु को संग मारन लायी ले गयो। \v 33 जब हि ऊ जागा जेक खोपड़ी कह्य हंय पहुंच्यो, त उन्न उत ओख अऊर उन अपराधियों ख भी, एक ख दायो तरफ दूसरों ख बायो तरफ क्रूस पर चढ़ायो। \v 34 तब यीशु न कह्यो, “हे बाप, इन्क माफ कर, कहालीकि हि जानय नहीं कि का कर रह्यो हंय।” \p अऊर उन्न चिट्ठी डाल क ओको कपड़ा बाट लियो। \v 35 लोग खड़ो–खड़ो देख रह्यो होतो, अऊर यहूदी मुखिया भी ठट्ठा कर कर क् कहत होतो: “येन दूसरों ख बचायो, यदि यो परमेश्वर को मसीह हय, अऊर ओको चुन्यो हुयो हय, त अपनो आप ख बचाय ले।” \p \v 36 सिपाही भी जवर आय क अऊर कड़वाहट सिरका दे क ओको ठट्ठा कर क् कहत होतो, \v 37 “यदि तय यहूदियों को राजा हय, त अपनो आप ख बचाव!” \p \v 38 अऊर ओको ऊपर एक दोष–पत्र भी लग्यो होतो: “यो यहूदियों को राजा हय।” \s मन फिरावन वालो अपराधी \p \v 39 जो अपराधी उत लटकायो गयो होतो, उन्म सी एक न ओकी निन्दा कर क् कह्यो, “का तय मसीह नहीं? त फिर अपनो आप ख अऊर हम्ख बचाव!” \p \v 40 येको पर दूसरों अपराधी न ओख डाट क कह्यो, “का तय परमेश्वर सी भी नहीं डरय? तय भी त उच सजा पा रह्यो हय, \v 41 अऊर हम त न्याय को अनुसार सजा पा रह्यो हंय, कहालीकि हम अपनो कामों को ठीक फर पा रह्यो हंय; पर येन कोयी अपराध नहीं करयो।” \v 42 तब ओन कह्यो, “हे यीशु, जब तय अपनो राज्य म आयेंन, त मोरी याद करजो।” \p \v 43 यीशु न ओको सी कह्यो, “मय तोरो सी सच कहू हय कि अजच तय मोरो संग स्वर्गलोक म होजो।” \s यीशु को जीव छोड़नो \r (मत्ती २७:४५-५६; मरकुस १५:३३-४१; यूहन्ना १९:२८-३०) \p \v 44 दोपहर लगभग बारा बजे सी तीन बजे दिन तक सारो देश म अन्धारो छायो रह्यो, \v 45 कहालीकि सूरज को प्रकाश कम होतो रह्यो, अऊर मन्दिर को परदा बीच सी दोय भाग म फट गयो, \v 46 अऊर यीशु न ऊचो आवाज सी पुकार क कह्यो, “हे पिता, मय अपनी आत्मा तोरो हाथ म सौंप्यो हय।” अऊर यो कह्य क मर गयो। \p \v 47 सूबेदार न, जो कुछ हुयो होतो देख क परमेश्वर की महिमा करी, अऊर कह्यो, “निश्चय यो आदमी सच्चो होतो।” \p \v 48 अऊर भीड़ जो यो देखन ख जमा भयी होती, यो घटना ख देख क छाती पीटती हुयी लौट गयी। \v 49 \x + \xo २३:४९ \xo*\xt लूका ८:२,३\xt*\x*पर ओको सब जान पहिचान वालो, अऊर जो बाईयां गलील सी ओको पीछू आयी होती, दूर खड़ी हुयी यो सब देख रही होती। \s यीशु को गाड़्यो जानो \r (मत्ती २७:५७-६१; मरकुस १५:४२-४७; यूहन्ना १९:३८-४२) \p \v 50 उत यूसुफ नाम को महासभा को एक सदस्य होतो जो भलो अऊर सच्चो पुरुष होतो \v 51 अऊर उन्को फैसला अऊर उन्को यो काम सी सहमत नहीं होतो। ऊ यहूदियों को शहर अरिमतिया नगर को रहन वालो अऊर परमेश्वर को राज्य की रस्ता देखन वालो होतो। \v 52 ओन पिलातुस को जवर जाय क यीशु को मरयो शरीर मांग्यो; \v 53 अऊर मरयो शरीर उतार क मलमल को कफन म लपेट्यो, अऊर एक कब्र म रख्यो, जो चट्टान म खोदी हुयी होती; अऊर ओको म कोयी कभी नहीं रख्यो गयो होतो। \v 54 ऊ तैयारी को दिन होतो, अऊर आराम को दिन सुरूवात होन पर होतो। \p \v 55 उन बाईयों न जो ओको संग गलील सी आयी होती, यूसुफ को पीछू पीछू जाय क ऊ कब्र ख देख्यो, अऊर यो भी कि ओको लाश कसो तरह सी रख्यो गयो हय। \p \v 56 तब उन्न वापस घर लौट क सुगन्धित अत्तर अऊर मसाला तैयार करयो जो लाश पर लगावन लायी होतो; अऊर आराम को दिन उन्न आज्ञा को अनुसार आराम करयो। \c 24 \s यीशु को पुनरुत्थान \r (मत्ती २८:१-१०; मरकुस १६:१-८; यूहन्ना २०:१-१०) \p \v 1 पर हप्ता को पहिलो दिन ख बड़ो भुन्सारो हि बाईयां सुगन्धित अत्तर अऊर मसाला ख जो उन्न तैयार करी होती, ले क कब्र पर आयी। \v 2 जो गोटा कब्र को द्वार पर ढक्यो हुयो होतो उन्न ओख सरक्यो हुयो पायो, \v 3 जब हि अन्दर गयी तब प्रभु यीशु को लाश नहीं देख्यो। \v 4 जब हि या बात सी उलझन म पड़ी होती त देख्यो, अचानक दोय पुरुष सफेद उज्वल कपड़ा पहिन्यो हुयो उन्को जवर आय क खड़ो भयो। \v 5 जब बाईयां डर क जमीन को तरफ मुंह झुकायी हुयी होती, त उन पुरुषों न उन्को सी कह्यो, “तुम जीन्दो ख मरयो हुयो म कहालीकि ढूंढय हय? \v 6 \x + \xo २४:६ \xo*\xt मत्ती १६:२१; १७:२२,२३; २०:१८,१९; मरकुस ८:३१; ९:३१; १०:३३,३४; लूका ९:२२; १८:३१-३३\xt*\x*ऊ इत नहाय, पर जीन्दो भय गयो हय। याद करो कि ओन गलील म रहतो हुयो तुम सी कह्यो होतो, \v 7 ‘जरूरी हय कि मय आदमी को बेटा पापियों को हाथ सी पकड़वायो जाऊं, अऊर क्रूस पर चढ़ायो जाऊं, अऊर तीसरो दिन जीन्दो होऊं।’” \p \v 8 तब ओकी बाते उन्ख याद आयी, \v 9 अऊर कब्र सी लौट क उन्न उन ग्यारा चेलावों ख, अऊर दूसरों सब ख, या सब बाते कह्य सुनायी। \v 10 जिन्न प्रेरितों सी या बाते कहीं हि मरियम मगदलीनी अऊर योअन्ना अऊर याकूब की माय मरियम अऊर उन्को संग की दूसरी बाईयां भी होती। \v 11 पर या बाते उन्ख फालतु की लगी, अऊर उन्न उन्को विश्वास नहीं करी। \v 12 तब पतरस उठ क कब्र पर दौड़त गयो, अऊर झुक क केवल कपड़ा पड़्यो देख्यो, अऊर जो भयो होतो ओको सी अचम्भा करतो हुयो अपनो घर चली गयो। \s इम्माऊस को रस्ता पर चेलावों को संग \r (मरकुस १६:१२-१३) \p \v 13 उच दिन उन्म सी दोय लोग इम्माऊस नाम को एक गांव क जाये रह्यो होतो, जो यरूशलेम सी कोयी ग्यारा किलोमीटर की दूरी पर होतो। \v 14 हि इन सब बातों पर जो भयी होती, आपस म बातचीत करतो जाय रह्यो होतो, \v 15 अऊर जब हि आपस म बातचीत अऊर चर्चा कर रह्यो होतो, त यीशु आस पास आय क उन्को संग होय गयो। \v 16 पर उन्की आंखी असी बन्द कर दी होती कि ओख पहिचान नहीं सक्यो। \v 17 यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, “या का बाते आय, जो तुम चलतो चलतो आपस म करय हय?” \p हि उदास सी खड़ो रह्य गयो। \v 18 यो सुन क उन्म सी क्लियोपास नाम को एक आदमी न कह्यो, “का तय यरूशलेम म अकेलो यात्री हय, जो नहीं जानय कि इन दिनो म उन्म का का भयो हय?” \p \v 19 ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “कौन सी बाते?” \p उन्न ओको सी कह्यो, “यीशु नासरी को बारे म जो परमेश्वर अऊर सब लोगों को जवर काम अऊर वचन म सामर्थी भविष्यवक्ता होतो, \v 20 अऊर मुख्य याजकों अऊर हमरो मुखिया न ओख पकड़वाय दियो कि ओको पर मृत्यु की आज्ञा दियो जाये; अऊर ओख क्रूस पर चढ़वायो। \v 21 पर हम्ख आशा होती कि योच इस्राएल लोगों ख छुटकारा देयेंन। हि सब बात को अलावा या घटना ख भयो तीसरो दिन हय, \v 22 अऊर हम म सी कुछ बाईयों न भी हम्ख आश्चर्य म डाल दियो हय, जो भुन्सारे ख कब्र पर गयी होती; \v 23 अऊर जब यीशु को लाश नहीं पायो त यो कहत आयी कि हम न स्वर्गदूतों को दर्शन पायो, जिन्न कह्यो कि ऊ जीन्दो हय। \v 24 तब हमरो संगियों म सी कुछ एक कब्र पर गयो, अऊर जसो बाईयों न कह्यो होतो वसोच पायो; पर ओख नहीं देख्यो।” \p \v 25 तब यीशु न उन्को सी कह्यो, “हे निर्बुद्धियों, अऊर भविष्यवक्तावों की सब बातों पर विश्वास करनो म मतिमन्द लोगों! \v 26 का जरूरी नहीं होतो कि मसीह यो दु:ख उठाय क अपनी महिमा म सिरन लग्यो?” \v 27 तब ओन मूसा सी अऊर सब भविष्यवक्तावों सी सुरूवात कर क् पूरो पवित्र शास्त्र म सी अपनो बारे म लिख्यो बातों को मतलब, उन्ख समझाय दियो। \p \v 28 इतनो म हि ऊ गांव को जवर पहुंच्यो जित हि जाय रह्यो होतो, अऊर ओको ढंग सी असो जान पड़्यो कि ऊ आगु बढ़न चाहवय हय। \v 29 पर उन्न यो कह्य क ओख बिनती कर क् रोक्यो, “हमरो संग रह, कहालीकि शाम भय गयी हय अऊर दिन अब डुब रह्यो हय।” तब ऊ उन्को संग रहन लायी अन्दर गयो। \v 30 जब ऊ उन्को संग जेवन करन बैठ्यो, त ओन रोटी लेय क परमेश्वर ख धन्यवाद करयो अऊर ओख तोड़ क उन्ख देन लग्यो। \v 31 तब उन्की आंखी खुल गयी; अऊर उन्न ओख पहिचान लियो, अऊर ऊ उन्की आंखी सी लूक गयो। \v 32 उन्न आपस म कह्यो, “जब ऊ रस्ता म हम सी बाते करत होतो अऊर पवित्र शास्त्र को मतलब हम्ख समझावत होतो, त का हमरो मन म उत्सुक नहीं होय रह्यो होतो?” \p \v 33 हि उच समय उठ क यरूशलेम ख फिर सी गयो, अऊर उन ग्यारा चेलावों अऊर उन्को संगियों ख एक संग जमा पायो। \v 34 हि कहत होतो, “प्रभु सच म जीन्दो भयो हय, अऊर शिमोन पतरस ख दिखायी दियो हय!” \p \v 35 अऊर हि दोयी रस्ता को अपनो अनुभव ख अऊर यो कि रोटी तोड़तो समय उन्न यीशु ख कसो पहिचान्यो गयो होतो, बतावन लग्यो। \s यीशु को चेलावों ख दिखायी देनो \r (मत्ती २८:१६-२०; मरकुस १६:१४-१८; यूहन्ना २०:१९-२३; प्रेरितों १:६-८) \p \v 36 जब हि या बाते कहतच रह्यो होतो कि ऊ अचानक उन्को बीच म आय खड़ो भयो, अऊर उन्को सी कह्यो, “तुम्ख शान्ति मिले।” \p \v 37 पर हि घबराय गयो अऊर डर गयो, अऊर समझ्यो कि हम कोयी भूत ख देख रह्यो हंय। \v 38 ओन उन्को सी कह्यो, “कहाली डरय हय? अऊर तुम्हरो मन म कहालीकि सक आवय हंय? \v 39 मोरो हाथ अऊर मोरो पाय ख देखो कि मय उच आय। मोख छूय क देखो, कहालीकि भूत की हड्डी मांस नहीं होवय जसो मोर म देखय हय।” \p \v 40 यो कह्य क ओन उन्ख अपनो हाथ पाय दिखायो। \v 41 तब खुशी को मारे उन्ख अभी भी विश्वास नहीं होय रह्यो होतो, अऊर हि अचम्भा करत होतो, त ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “का इत तुम्हरो जवर कुछ जेवन हय?” \v 42 उन्न ओख भुजी हुयी मच्छी को टुकड़ा दियो। \v 43 ओन टुकड़ा ख उन्को आगु खायो। \p \v 44 तब ओन उन्को सी कह्यो, “या मोरी ऊ बाते हंय, जो मय न तुम्हरो संग रहतो हुयो तुम सी कहीं होती कि जरूरी हय कि जितनी बाते मूसा कि व्यवस्था अऊर भविष्यवक्तावों अऊर भजनों की किताब म मोरो बारे म लिख्यो हंय, सब पूरी होय।” \p \v 45 तब ओन धर्म शास्त्र जानन लायी उन्की बुद्धि खोल दियो, \v 46 अऊर ओन कह्यो, “यो लिख्यो हय कि मसीह दु:ख उठायेंन, अऊर तीसरो दिन मरयो हुयो म सी जीन्दो होयेंन, \v 47 अऊर यरूशलेम सी ले क सब भाषा को लोगों म पाप करनो बन्द करे अऊर परमेश्वर उन्को पापों ख माफ करेंन, यो प्रचार ओकोच नाम सी करयो जायेंन। \v 48 तुम इन पूरी बातों को गवाह हय। \v 49 \x + \xo २४:४९ \xo*\xt प्रेरितों १:४\xt*\x*जेकी प्रतिज्ञा मोरो बाप न नहीं करी हय, मय ओख तुम पर ऊपर सी उतारू अऊर जब तक स्वर्ग सी सामर्थ नहीं पावों, तब तक तुम योच नगर म रुक्यो रहो।” \s यीशु को स्वर्गारोहन \r (मरकुस १६:१९,२०; प्रेरितों १:९-११) \p \v 50 \x + \xo २४:५० \xo*\xt प्रेरितों १:९-११\xt*\x*तब ऊ उन्ख बैतनिय्याह गांव तक बाहेर ले गयो, अऊर अपनो हाथ उठाय क उन्ख आशीर्वाद दियो; \v 51 अऊर उन्ख आशीर्वाद देतो हुयो ऊ उन्को सी अलग भय गयो अऊर स्वर्ग पर उठाय लियो गयो। \v 52 तब हि ओकी आराधना कर क् बड़ो खुशी सी यरूशलेम ख लौट गयो; \v 53 अऊर हि लगातार मन्दिर म हाजीर होय क परमेश्वर को धन्यवाद करत होतो।