\id JHN - Lodhi \ide UTF-8 \h यूहन्ना \toc3 यूहन्ना \toc2 यूहन्ना \toc1 यूहन्ना रचित यीशु मसीह को सुसमाचार \mt2 यूहन्ना रचित यीशु मसीह का सुसमाचार \mt1 यूहन्ना रचित यीशु मसीह को सुसमाचार \imt परिचय \ip या यूहन्ना न लिखी हुयी सुसमाचार कि किताब नयो नियम को चार सुसमाचार कि किताबों म सी एक आय, जो यीशु को जीवन को वर्नन करय हय। यीशु मसीह को मरन को बाद, मत्ती, मरकुस, लूका अऊर यूहन्ना सी या किताब लिखी गयी। इन हर एक किताबों ख सुसमाचार कि किताबे कह्य हय। मसीह को जनम को बाद ९० साल को आस पास यो सुसमाचार प्रेरित यूहन्ना न लिख्यो हय। या किताब म असो लिख्यो नहाय कि येको लेखक प्रेरित यूहन्ना नोहोय, फिर भी पहिलो यूहन्ना, दूसरों यूहन्ना अऊर तीसरो यूहन्ना कि लिखायी सी मेल खावय हय, उन दिनो यूहन्ना इफिसुस को शहर म रहत होतो। येकोलायी या किताब इफिसुस म लिखी गयी असो कुछ प्राचिन लेखकों को माननो हय। \ip यूहन्ना या किताब को उद्देश साफ करय हय कि लोगों लायी यीशुच मसीह आय अऊर जीन्दो परमेश्वर को बेटा आय \xt यूहन्ना २०:३१\xt*, या बात पर विश्वास करन लायी मदत मिलेंन। ओको पर विश्वास करनो सी ओको नाम सी हम्ख जीवन मिल सकय, या किताब यहूदी अऊर गैरयहूदी दोयी लायी लिखी गयी हय। यूहन्ना को सुसमाचार म बाकी तीन सुसमाचारों सी कुछ बाते अलग हय। यीशु मसीह को करयो हुयो चमत्कार पर यूहन्ना ध्यान केंद्रित करय हय, अऊर ओको दृष्टान्तों को बारे म जादा नहीं लिख्यो गयो। यीशु को बपतिस्मा अऊर सुनसान जागा म परीक्षा, असो महत्वपूर्ण घटनावों ख यो सुसमाचार म लिख्यो नहीं गयो हय। \iot रूप-रेखा \io1 १. यूहन्ना सुसमाचार की सुरूवात करय हय। \ior १:१-१८\ior* \io1 २. बाद म ऊ उन चमत्कारों को बारे म लिखय हय जो यीशु न करयो। \ior १:१९–१२:५०\ior* \io1 ३. ऊ यीशु को जीवन को कुछ घटनावों को वर्नन करय हय जो ओख मृत्यु अऊर पुनरुत्थान को जवर ली जावय हय की जनसेवा। \ior १३:१–२०:३१\ior* \io1 ४. यूहन्ना यो सुसमाचार जेको म यीशु मृत्यु सी जीन्दो होय क लोगों ख दिखायी देवय हय अऊर आखरी म अपनी किताब लिखन को उद्देश बतातो हुयो खतम करय हय। \ior २१\ior* \c 1 \s जीवन को शब्द \p \v 1 सुरूवात म शब्द होतो, अऊर शब्द परमेश्वर को संग होतो, अऊर शब्द परमेश्वर होतो। \v 2 योच शब्द सुरूवात सीच परमेश्वर को संग होतो। \v 3 अऊर सब कुछ ओको द्वारा पैदा भयो, अऊर जो कुछ पैदा भयो हय ओको म सी कोयी भी चिज ओको बिना नहीं भयी। \v 4 शब्द जीवन को स्त्रोत होतो अऊर यो जीवन म आदमियों लायी प्रकाश लायो। \v 5 प्रकाश अन्धारो म चमकय हय, अऊर अन्धारो ओख हराय नहीं सकय। \p \v 6 \x + \xo १:६ \xo*\xt मत्ती ३:१; मरकुस १:४; लूका ३:१,२\xt*\x*परमेश्वर को तरफ सी एक सन्देश लावन वालो ख भेज्यो जेको नाम यूहन्ना होतो। \v 7 ऊ प्रकाश की गवाही देन आयो, ताकि सब लोग ओको सन्देश सुन क विश्वास करे। \v 8 ऊ खुदच त प्रकाश नहीं होतो, पर ऊ प्रकाश की गवाही देन लायी आयो होतो। \v 9 यो सच्चो प्रकाश हय जो हर एक आदमी ख प्रकाशित करय हय, जो जगत म आवन वालो होतो। \p \v 10 ऊ शब्द जगत म होतो, अऊर तब भी परमेश्वर न ओको द्वारा जगत बनायो, फिर भी जगत न ओख नहीं पहिचान्यो। \v 11 ऊ अपनो खुद को लोगों को जवर आयो पर ओको अपनो लोगों न ओख स्वीकार नहीं करयो। \v 12 पर जितनो न ओख स्वीकार करयो, मतलब उन्ख जो ओको नाम पर विश्वास रखय हय, ओन उन्ख परमेश्वर की सन्तान होन को अधिकार दियो। \v 13 हि नहीं त स्वाभाविक तरीका सी परमेश्वर की सन्तान बने मतलब मानविय बाप सी नहीं जनम्यो बल्की परमेश्वर खुद ओको बाप होतो। \p \v 14 अऊर वचन शरीर रूप धारन करयो; अऊर अनुग्रह अऊर सच्चायी सी परिपूर्ण होय क हमरो बीच म जीवन जियो, अऊर हम न ओकी असी महिमा देखी, जसो बाप को एकलौतो बेटा की। \p \v 15 यूहन्ना न ओको बारे म गवाही दी, अऊर पुकार क कह्यो, “यो उच आय, जेको मय न वर्नन करयो कि जो मोरो बाद आय रह्यो हय, ऊ मोरो सी बढ़ क हय कहालीकि ऊ मोरो जनम सी पहिले होतो।” \p \v 16 कहालीकि परमेश्वर न अनुग्रह की परिपूर्णता सी हम्ख आशिषित करयो मतलब आशिषों सी भरपूर करयो। \v 17 येकोलायी कि व्यवस्था त मूसा को द्वारा दी गयी, पर अनुग्रह अऊर सच्चायी यीशु मसीह को द्वारा आयी। \v 18 परमेश्वर ख कोयी न कभी नहीं देख्यो। एकलौतो बेटा, जो परमेश्वर को बराबर हय अऊर बाप को बाजू म बैठ्यो हय, उच बेटा पर परमेश्वर न अपनो आप ख प्रगट करयो। \s बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को सन्देश \r (मत्ती ३:१-१२; मरकुस १:१-८; लूका ३:१-१८) \p \v 19 यूहन्ना को सन्देश यो आय, कि जब यहूदी अधिकारियों न यरूशलेम सी याजकों अऊर लेवियों ख ओको सी यो पूछन लायी भेज्यो, “तय कौन आय?” \p \v 20 यूहन्ना न उत्तर देन लायी इन्कार नहीं करयो, पर ओन स्पष्टता अऊर खुल क मान लियो, “मय मसीह नोहोय।” \v 21 तब उन्न ओको सी पुच्छ्यो, “फिर तय कौन आय? का तय एलिय्याह आय?” ओन कह्यो, “मय नोहोय। त का तय ऊ भविष्यवक्ता आय?” ओन उत्तर दियो, “नहीं।” \v 22 तब उन्न ओको सी पुच्छ्यो, “फिर तय कौन आय? ताकि हम अपनो भेजन वालो ख उत्तर देबो। तय अपनो बारे म का कह्य हय?” \v 23 यूहन्ना न कह्यो, “जसो यशायाह भविष्यवक्ता न कह्यो हय: ‘मय जंगल म एक पुकारन वालो को आवाज आय कि तुम प्रभु को रस्ता सीधो करो।’” \p \v 24 हि सन्देश देन वालो जो फरीसियों को तरफ सी भेज्यो गयो होतो। \v 25 उन्न यूहन्ना सी यो प्रश्न पुच्छ्यो, “यदि तय मसीह नोहोय, अऊर नहीं एलिय्याह, अऊर नहीं ऊ भविष्यवक्ता आय, त फिर बपतिस्मा कहाली देवय हय?” \p \v 26 यूहन्ना न उन्ख उत्तर दियो, “मय त पानी सी बपतिस्मा देऊ हय, पर तुम्हरो बीच म एक आदमी खड़ो हय जेक तुम नहीं जानय। \v 27 यानेकि मोरो बाद ऊ आवन वालो हय, पर मय ओको चप्पल को बन्ध खोलन लायक नहाय।” \p \v 28 या बाते यरदन नदी को पार बैतनिय्याह नगर म भयी, जित यूहन्ना बपतिस्मा देत होतो। \s परमेश्वर को मेम्ना \p \v 29 दूसरों दिन ओन यीशु ख अपनो तरफ आवतो देख क कह्यो, “देखो, यो परमेश्वर को मेम्ना आय जो जगत को पाप उठाय लिजावय हय। \v 30 यो उच आय जेको बारे म मय न कह्यो होतो, ‘एक आदमी मोरो पीछू आवय हय जो मोरो सी महान हय, कहालीकि ऊ मोरो सी पहिले अस्तित्व म होतो।’ \v 31 मोख मालूम नहीं होतो ऊ कौन आय, पर येकोलायी मय पानी सी बपतिस्मा देतो हुयो आयो कि ऊ इस्राएल पर प्रगट होय जाय।” \p \v 32 अऊर यूहन्ना न या गवाही दी: “मय न पवित्र आत्मा ख कबूत्तर को जसो स्वर्ग सी उतरतो देख्यो हय, अऊर ऊ ओको पर ठहर गयो। \v 33 मोख अभी भी मालूम नहीं होतो, पर ऊ एक होतो परमेश्वर, जेन मोख पानी सी बपतिस्मा देन ख भेज्यो, ओनच मोरो सी कह्यो, ‘जेको पर तय आत्मा ख उतरतो अऊर ठहरतो देखो, उच पवित्र आत्मा सी बपतिस्मा देन वालो आय।’ \v 34 अऊर मय न देख्यो, अऊर गवाही देऊ हय कि योच परमेश्वर को टुरा आय।” \s यीशु को पहिलो चेला \p \v 35 दूसरों दिन फिर यूहन्ना अऊर ओको चेला म सी दोय लोग खड़ो भयो होतो, \v 36 जब यीशु जो जाय रह्यो होतो, देख क कह्यो, “देखो, यो परमेश्वर को मेम्ना आय।” \p \v 37 तब हि दोयी चेला ओकी यो सुन क यीशु को पीछू चली गयो। \p \v 38 यीशु न मुड़ क उन्ख पीछू आवतो देख्यो अऊर उन्को सी कह्यो, “तुम कौन की खोज म हय?” उन्न ओको सी कह्यो, “हे रब्बी यानेकि हे गुरु, तय कित रह्य हय?” \p \v 39 यीशु न उन्को सी कह्यो, “आवो, अऊर देखो।” तब उन्न जाय क ओकी रहन की जागा देखी, अऊर ऊ दिन ओको संग रह्यो। लगभग शाम को चार बज्यो होतो। \p \v 40 यूहन्ना की बात सुन क यीशु को पीछू जान वालो म सी एक जो शिमोन पतरस को भाऊ अन्द्रियास होतो। \v 41 ओन पहिले अपनो सगो भाऊ शिमोन सी मिल क ओको सी कह्यो, “हम ख मसीहा, मतलब ख्रिस्त, मिल गयो।” \p \v 42 हि ओख यीशु को जवर लायो। यीशु न ओख देख क कह्यो, “तय यूहन्ना को टुरा शिमोन आय: तय कैफा कहलाजो। मतलब पतरस जेको अर्थ चट्टान आय।” \s फिलिप्पुस अऊर नतनएल ख यीशु को द्वारा बुलायो जानो \p \v 43 दूसरों दिन यीशु न गलील ख जान को निश्चय करयो। ऊ फिलिप्पुस सी मिल्यो अऊर कह्यो, “मोरो संग आव।” \v 44 फिलिप्पुस, यो अन्द्रियास अऊर पतरस को नगर बैतसैदा को निवासी होतो। \v 45 फिलिप्पुस नतनएल सी मिल्यो अऊर ओको सी कह्यो, “जेको वर्नन मूसा न व्यवस्था म अऊर भविष्यवक्तावों न करयो हय, ऊ हम्ख मिल गयो; ऊ यूसुफ को टुरा, यीशु नासरत नगर सी आय।” \p \v 46 नतनएल न ओको सी कह्यो, “का कोयी अच्छी चिज नासरत सी निकल सकय हय?” \p फिलिप्पुस न ओको सी कह्यो, “चल क देख ले।” \p \v 47 यीशु न नतनएल ख अपनो तरफ आवता देख क ओको बारे म कह्यो, “देखो, यो सच्चो इस्राएली आय; येको म कोयी कपट नहाय!” \p \v 48 नतनएल न ओको सी कह्यो, “तय मोख कसो जानय हय?” \p यीशु न ओख उत्तर दियो, “येको सी पहिले कि फिलिप्पुस न तोख बुलायो, जब तय अंजीर को झाड़ को खल्लो होतो, तब मय न तोख देख्यो होतो।” \p \v 49 नतनएल न ओख उत्तर दियो, “हे गुरु, तय परमेश्वर को बेटा आय; तय इस्राएल को राजा आय।” \p \v 50 यीशु न ओख उत्तर दियो, “मय न जो तोरो सी कह्यो कि मय न तोख अंजीर को झाड़ को खल्लो देख्यो, का तय येकोलायी विश्वास करय हय? तय येको सी भी बड़ो-बड़ो काम देखजो।” \v 51 फिर ओको सी कह्यो, “मय तुम सी सच सच कहू हय कि तुम स्वर्ग ख खुल्यो हुयो, अऊर परमेश्वर को स्वर्गदूतों ख आदमी को बेटा को ऊपर उतरतो अऊर ऊपर जातो देखो।” \c 2 \s काना नगर म बिहाव \p \v 1 फिर तीसरो दिन गलील प्रदेश को काना नगर म एक बिहाव होतो, अऊर यीशु की माय भी उत होती। \v 2 यीशु अऊर ओको चेला भी ऊ बिहाव म निमन्त्रित होतो। \v 3 जब अंगूररस खतम भय गयो, त यीशु की माय न ओको सी कह्यो, “उन्को जवर अंगूरीरस नहीं रह्यो।” \p \v 4 यीशु न उत्तर दियो “हे बाई, मोख का करनो हय मोख मत बतावो? अभी मोरो समय नहीं आयो।” \p \v 5 यीशु की माय न सेवकों सी कह्यो, “जो कुछ ऊ तुम सी कहेंन, उच करो।” \p \v 6 उत यहूदियों ख हाथ पाय धोय क शुद्ध करन की रीति को अनुसार गोटा को छे घड़ा रख्यो होतो, जेको म सौ लीटर पानी समावत होतो। \v 7 यीशु न सेवकों सी कह्यो, “घड़ा म पानी भर देवो।” उन्न उन्ख लबालब भर दियो। \v 8 तब ओन उन्को सी कह्यो, “थोड़ो सो पानी निकाल क भोज को मुखिया को जवर ले जावो।” अऊर हि ले गयो। \v 9 जब भोज को मुखिया न ऊ पानी चख्यो, जो अंगूररस बन गयो होतो अऊर नहीं जानत होतो कि ऊ कित सी आयो हय पर जिन सेवकों न पानी निकाल्यो होतो हि जानत होतो, त भोज को मुखिया न दूल्हा ख बुलायो, \v 10 अऊर ओको सी कह्यो “हर एक आदमी पहिले अच्छो अंगूररस देवय हय, अऊर जब लोग पी क सन्तुष्ट होय जावय हंय, तब फिको देवय हय; पर तय न अच्छो अंगूररस अभी तक रख्यो हय।” \fig गोटा को बर्तन म पानी भरतो हुयो |alt="Filling water in the stone jars" src="lb00135c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="२:७"\fig* \p \v 11 यीशु न गलील को काना नगर म अपनो यो पहिलो चिन्ह चमत्कार दिखाय क अपनी महिमा प्रगट करी अऊर ओको चेलावों न ओको पर विश्वास करयो। \p \v 12 \x + \xo २:१२ \xo*\xt मत्ती ४:१३\xt*\x*येको बाद यीशु अऊर ओकी माय अऊर ओको भाऊ अऊर ओको चेला कफरनहूम नगर ख गयो अऊर उत कुछ दिन रह्यो। \s यीशु को मन्दिर म जानो। \r (मत्ती २१:१२,१३; मरकुस ११:१५-१७; लूका १९:४५,४६) \p \v 13 यहूदियों को फसह को त्यौहार जवर होतो, अऊर यीशु यरूशलेम नगर ख गयो। \v 14 ओन मन्दिर म बईल, मेंढा अऊर कबूत्तर ख बेचन वालो अऊर पैसा बदलन वालो ख व्यापार करतो हुयो बैठ्यो देख्यो। \v 15 तब ओन रस्सियों को कोड़ा बनाय क, सब मेंढी अऊर बईल ख मन्दिर सी निकाल दियो, अऊर पैसा बदलन वालो को पैसा बगराय दियो अऊर पीढ़ा ख उलटाय दियो, \v 16 अऊर कबूत्तर बेचन वालो सी कह्यो, “इन्क इत सी जल्दी लि जावो। मोरो बाप को घर ख बजार को घर मत बनावो।” \v 17 तब ओको चेलावों ख याद आयो कि शास्त्र म लिख्यो हय, “तोरो घर की धुन मोख आगी को जसो जलाय डालेंन।”\f + \fr २:१७ \fr*\ft भजन ६९:९\ft*\f* \p \v 18 येको पर यहूदी अधिकारियों न यीशु सी प्रश्न पुच्छ्यो, “तय हम्ख कौन सो चिन्ह चमत्कार दिखाय सकय हय, जेकोसी तोरो यो करन को अधिकार सिद्ध हो?” \p \v 19 \x + \xo २:१९ \xo*\xt मत्ती २६:६१; २७:४०; मरकुस १४:५८; १५:२९\xt*\x*यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “यो मन्दिर ख गिराय देवो, अऊर मय येख तीन दिन म खड़ो कर देऊं।” \p \v 20 यहूदी अधिकारियों न कह्यो, “यो मन्दिर ख बनावन म छियालीस साल लग्यो हंय, अऊर का तय ओख तीन दिन म खड़ो कर देजों?” \p \v 21 पर यीशु न अपनो शरीर को मन्दिर को बारे म कह्यो होतो। \v 22 येकोलायी जब ऊ मरयो हुयो म सी जीन्दो भयो तब ओको चेलावों ख याद आयो कि ओन यो कह्यो होतो; अऊर उन्न शास्त्र अऊर ऊ वचन ख जो यीशु न कह्यो होतो, विश्वास करयो। \s यीशु आदमी को मन ख जानय हय \p \v 23 जब यीशु यरूशलेम म फसह को समय त्यौहार म होतो, त बहुत सो न उन चिन्ह चमत्कारों ख जो ऊ दिखावत होतो देख क ओको नाम पर विश्वास करयो। \v 24 पर यीशु न अपनो आप ख उन्को विश्वास पर नहीं छोड़्यो, कहालीकि ऊ सब ख जानत होतो; \v 25 अऊर ओख जरूरत नहीं होती कि आदमी को बारे म कोयी गवाही दे, कहालीकि ऊ खुदच जानत होतो कि आदमी को मन म का हय? \c 3 \s यीशु अऊर नीकुदेमुस \p \v 1 फरीसियों म नीकुदेमुस नाम को एक आदमी होतो, जो यहूदियों को मुखिया होतो। \v 2 एक रात ऊ यीशु को जवर आय क ओको सी कह्यो, “हे गुरु, हम जानजे हंय कि तोख परमेश्वर को तरफ सी गुरु बनाय क भेज्यो हय, कहालीकि कोयी इन चिन्ह चमत्कारों ख जो तय दिखावय हय, यदि परमेश्वर ओको संग नहीं होय त नहीं दिखाय सकय।” \p \v 3 यीशु न ओख उत्तर दियो, “मय तोरो सी सच सच कहू हंय, यदि कोयी नयो सिरा सी जनम नहीं ले त परमेश्वर को राज्य ख देख नहीं सकय।” \p \v 4 नीकुदेमुस न ओको सी कह्यो, “आदमी जब बूढ्ढा भय गयो, त कसो फिर सी जनम ले सकय हय? का ऊ अपनी माय को गर्भ म दूसरी बार सिर क जनम ले सकय हय?” \p \v 5 यीशु न उत्तर दियो, “मय तोरो सी सच सच कहू हंय, जब तक कोयी आदमी पानी अऊर आत्मा सी जनम नहीं लेवय त ऊ परमेश्वर को राज्य म सिर नहीं सकय। \v 6 कहालीकि जो शरीर सी जनम्यो हय, ऊ शरीर आय; अऊर जो आत्मा सी जनम्यो हय, ऊ आत्मा आय। \v 7 अचम्भा मत कर कि मय न तोरो सी कह्यो, ‘तोख नयो सिरा सी जनम लेनो जरूरी हय।’ \v 8 हवा जित चाहवय हय उत चलय हय अऊर तय ओकी आवाज सुनय हय, पर नहीं जानय कि वा कित सी आवय अऊर कित जावय हय? जो कोयी आत्मा सी जनम्यो हय ऊ असोच हय।” \p \v 9 नीकुदेमुस न ओको सी कह्यो, “यो बाते कसी होय सकय हंय?” \p \v 10 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय इस्राएलियों को गुरु होय क भी का इन बातों ख नहीं समझय? \v 11 मय तोरो सी सच सच कहू हंय कि हम जो जानजे हंय ऊ कहजे हंय, अऊर जेक हम्न देख्यो हय ओकी गवाही देजे हंय, अऊर तुम हमरी गवाही स्वीकार नहीं करय। \v 12 जब मय न तुम सी जगत की बाते कहीं अऊर तुम विश्वास नहीं करय, त यदि मय तुम सी स्वर्ग की बाते कहूं त फिर कसो विश्वास करो? \p \v 13 “कोयी भी स्वर्ग पर नहीं चढ़्यो, केवल उच जो स्वर्ग सी उतरयो, मतलब आदमी को बेटा जो स्वर्ग म हय। \v 14 अऊर जो रीति सी मूसा न सुनसान जागा म कासो को सांप ख लकड़ी को ऊपर चढ़ायो, उच रीति सी जरूरी हय कि आदमी को बेटा भी ऊचो पर चढ़ायो जाये; \v 15 येकोलायी जो कोयी ओको पर विश्वास करेंन ओको म ऊ अनन्त जीवन पायेंन।” \v 16 “कहालीकि परमेश्वर न जगत सी असो प्रेम करयो कि ओन अपनो एकलौतो टुरा दे दियो, ताकि जो कोयी ओको पर विश्वास करेंन त ऊ नाश नहीं होयेंन, पर अनन्त जीवन ख प्राप्त करेंन। \v 17 परमेश्वर न अपनो टुरा ख जगत म येकोलायी नहीं भेज्यो कि जगत को न्याय करे, पर येकोलायी कि जगत ओको द्वारा उद्धार पाये। \p \v 18 “जो ओको पर विश्वास करय हय, ऊ दोषी नहीं ठहरय हय, पर जो ओको पर विश्वास नहीं करय ऊ दोषी ठहरय हय; येकोलायी कि ओन परमेश्वर को एकलौतो टुरा को नाम पर विश्वास नहीं करयो। \v 19 अऊर दोषी ठहरायो जान को वजह यो आय कि ज्योति जगत म आयी हय, अऊर आदमियों न अन्धारो ख प्रकाश सी जादा प्रिय जान्यो कहालीकि उन्को काम बुरो होतो। \v 20 कहालीकि जो कोयी बुरायी करय हय, ऊ प्रकाश सी दुश्मनी रखय हय, अऊर प्रकाश को जवर नहीं आवय, कि ओको बुरो काम प्रगट नहीं होय जाये, \v 21 पर जो सच पर चलय हय, ऊ प्रकाश को जवर आवय हय, ताकि ओको काम प्रगट हो कि ऊ परमेश्वर को तरफ सी करयो गयो हंय।” \s यीशु को बारे म यूहन्ना की गवाही \p \v 22 येको बाद यीशु अऊर ओको चेला यहूदिया देश म आयो; अऊर ऊ उत उन्को संग रह्य क बपतिस्मा देन लग्यो। \v 23 यूहन्ना भी शालेम नगर को जवर ऐनोन म बपतिस्मा देत होतो, कहालीकि उत बहुत पानी होतो, अऊर लोग ओको जवर आवत होतो अऊर ऊ उन्ख बपतिस्मा देत होतो \v 24 \x + \xo ३:२४ \xo*\xt मत्ती १४:३; मरकुस ६:१७; लूका ३:१९,२०\xt*\x*यूहन्ना ऊ समय तक जेलखाना म नहीं डाल्यो गयो होतो। \p \v 25 उत यूहन्ना को चेला ख कोयी यहूदी को संग धार्मिक रीति को अनुसार धोवन की शुद्धिकरन को बारे म वाद विवाद भयो। \v 26 अऊर उन्न यूहन्ना को जवर जाय क ओको सी कह्यो, “हे गुरु, जो आदमी यरदन नदी को जवर तोरो संग होतो, अऊर जेको बारे म तय न बतायो होतो; ऊ बपतिस्मा देवय हय, अऊर सब ओको जवर जावय हंय।” \p \v 27 यूहन्ना न उत्तर दियो, “जब तक आदमी ख स्वर्ग सी नहीं दियो जाये, तब तक ऊ कुछ नहीं पा सकय। \v 28 \x + \xo ३:२८ \xo*\xt यूहन्ना १:२०\xt*\x*तुम त खुदच मोरो गवाह हो मय न कह्यो, ‘मय मसीह नोहोय, पर ओको आगु भेज्यो गयो हय।’ \v 29 दूल्हा उच आय जेकी दुल्हिन हय, पर दूल्हा को संगी जो खड़ो हय ओकी सुनय हय, दूल्हा को आवाज सुन क बहुत खुश होवय हय: अब मोरी या खुशी पूरी भयी हय। \v 30 जरूरी हय कि ऊ बढ़े अऊर मय घटू। \p \v 31 “जो ऊपर सी आवय हय ऊ सब सी अच्छो हय; जो धरती सी आवय हय ऊ धरती को आय, अऊर धरती की बाते कह्य हय: जो स्वर्ग सी आवय हय, ऊ सब को ऊपर हय। \v 32 जो कुछ ओन देख्यो अऊर सुन्यो हय, ओकी गवाही देवय हय; अऊर कोयी ओकी गवाही स्वीकार नहीं करय। \v 33 जेन ओकी गवाही स्वीकार कर ली ओन यो बात ख प्रमाणित करयो कि परमेश्वर सच्चो हय। \v 34 कहालीकि जेक परमेश्वर न भेज्यो हय, ऊ परमेश्वर कि बाते कह्य हय; कहालीकि ऊ आत्मा नाप नाप क नहीं देवय। \v 35 \x + \xo ३:३५ \xo*\xt मत्ती ११:२७; लूका १०:२२\xt*\x*बाप बेटा सी प्रेम रखय हय, अऊर ओन सब सामर्थ ओको हाथ म दे दियो हंय। \v 36 जो टुरा पर विश्वास करय हय, अनन्त जीवन ओको आय; पर जो टुरा की आज्ञा नहीं मानय, ऊ जीवन ख नहीं देखेंन, पर परमेश्वर की सजा ओको पर रह्य हय।” \c 4 \s यीशु अऊर सामरी बाई \p \v 1 जब फरीसियों न यो सुन्यो हय की यीशु बपतिस्मा करन वालो यूहन्ना सी जादा चेलावों ख बपतिस्मा देवय हय। \v 2 पर यीशु खुद बपतिस्मा नहीं देत होतो बल्की ओको चेला देत होतो। \v 3 जब यीशु ख या बाते पता चली की फरीसियों न सुन्यो हय, तब ऊ यहूदिया ख छोड़ क फिर सी गलील ख चली गयो, \v 4 अऊर ओख सामरियां सी होय क जानो जरूरी होतो। \p \v 5 येकोलायी ऊ सूखार नाम को सामरियां को एक नगर तक आयो, जो ऊ जागा को जवर हय जेक याकूब न अपनो टुरा यूसुफ ख दियो होतो; \v 6 अऊर याकूब को कुंवा भी उतच होतो। येकोलायी यीशु रस्ता को थक्यो हुयो ऊ कुंवा पर असोच बैठ गयो। या बात दोपहर को लगभग भयी। \p \v 7 इतनो म एक सामरी बाई पानी भरन आयी। यीशु न ओको सी कह्यो, “मोख पानी पिलाव।” \v 8 कहालीकि ओको चेला त नगर म भोजन लेन गयो होतो। \p \v 9 वा सामरी बाई न ओको सी कह्यो, “तय यहूदी होय क मोरो सी पानी कहाली मांगय हय?” कहालीकि यहूदी सामरियों को संग कोयी तरह को व्यवहार नहीं रखय हय। \p \v 10 यीशु न उत्तर दियो, “यदि तय परमेश्वर को वरदान ख जानती, अऊर यो भी जानती कि ऊ कौन आय जो तोरो सी कह्य हय, ‘मोख पानी पिलाव,’ त तय ओको सी मांगती, अऊर ऊ तोख जीवन को पानी देतो।” \p \v 11 बाई न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, तोरो जवर पानी भरन ख त बर्तन भी नहाय, अऊर कुंवा गहरो हय; त फिर ऊ जीवन को पानी तोरो जवर कित सी आयो? \v 12 का तय हमरो बाप याकूब सी बड़ो हय, जेन हम्ख यो कुंवा दियो; अऊर खुदच अपनी सन्तान, अऊर अपनो जनावरों समेत येको म सी पीयो?” \p \v 13 यीशु न ओख उत्तर दियो, “जो कोयी यो पानी पीयेंन ऊ फिर प्यासो होयेंन, \v 14 पर जो कोयी ऊ पानी म सी पीयेंन जो मय ओख देऊं, ऊ फिर अनन्त काल तक प्यासो नहीं होयेंन; बल्की जो पानी मय ओख देऊ, ऊ ओको म एक सोता बन जायेंन जो अनन्त जीवन लायी उमड़तो रहेंन।” \p \v 15 बाई न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, ऊ पानी मोख दे ताकि मय प्यासी नहीं होऊं अऊर नहीं पानी भरन ख इतनी दूर आऊं।” \p \v 16 यीशु न ओको सी कह्यो, “जा, अपनो पति ख इत बुलाय क लाव।” \p \v 17 बाई न उत्तर दियो, “मय बिना पति की हय।” \p यीशु न ओको सी कह्यो, “तय ठीक कह्य हय, ‘मय बिना पति की आय।’ \v 18 कहालीकि तय पाच पति बनाय चुकी हय, अऊर जेको जवर तय अब हय ऊ भी तोरो पति नोहोय। यो तय न सच कह्यो हय।” \p \v 19 बाई न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, मोख लगय हय कि तय भविष्यवक्ता आय। \v 20 हमरो बापदादों न योच पहाड़ी पर आराधना करी, अऊर तुम कह्य हय कि ऊ जागा जित आराधना करनो चाहिये यरूशलेम म हय।” \p \v 21 यीशु न ओको सी कह्यो, “हे नारी, मोरी बात को विश्वास कर कि ऊ समय आवय हय कि तुम नहीं त यो पहाड़ी पर परमेश्वर पिता की आराधना करो, नहीं यरूशलेम म। \v 22 तुम जेक नहीं जानय, ओकी आराधना करय हय; अऊर हम जेक जानजे हंय ओकी आराधना करजे हंय; कहालीकि उद्धार यहूदियों म सी हय। \v 23 पर ऊ समय आवय हय, बल्की अब भी हय, जेको म सच्चो भक्त परमेश्वर पिता की आराधना आत्मा अऊर सच्चायी सी करेंन, कहालीकि बाप अपनो लायी असोच आराधकों ख ढूंढय हय। \v 24 परमेश्वर आत्मा हय, अऊर जरूरी हय कि ओकी आराधना करन वालो आत्मा अऊर सच्चायी सी आराधना करे।” \p \v 25 बाई न ओको सी कह्यो, “मय जानु हय कि मसीह जो ख्रिस्त कहलावय हय, आवन वालो हय; जब ऊ आयेंन, त हम्ख सब बाते बताय देयेंन।” \p \v 26 यीशु न ओको सी कह्यो, “मय जो तोरो सी बोल रह्यो हय, उच आय।” \p \v 27 इतनो म ओको चेला आय गयो, अऊर अचम्भा करन लग्यो कि यीशु बाई सी बाते कर रह्यो हय; तब भी कोयी न नहीं पुच्छ्यो, “तय का चाहवय हय?” या “कौन्को लायी ओको सी बाते करय हय?” \p \v 28 तब बाई अपनो घड़ा छोड़ क नगर म चली गयी, अऊर लोगों सी कहन लगी, \v 29 “आवो, एक आदमी ख देखो, जेन सब कुछ जो मय न करयो मोख बताय दियो। कहीं योच त मसीह नोहोय?” \v 30 येकोलायी हि नगर सी निकल क ओको जवर आवन लग्यो। \p \v 31 यो बीच ओको चेलावों न यीशु सी यो बिनती करी, “हे गुरु, कुछ खाय लेवो।” \p \v 32 पर ओन उन्को सी कह्यो, “मोरो जवर खान लायी असो भोजन हय जेक तुम नहीं जानय।” \p \v 33 तब चेलावों न आपस म कह्यो, “का कोयी ओको लायी कुछ खान ख लायो हय?” \p \v 34 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मोरो जेवन यो आय कि अपनो भेजन वालो की इच्छा को अनुसार चलू अऊर ओको काम पूरो करू। \v 35 का तुम नहीं कह्य, ‘कटायी होन म अब भी चार महीना बाकी हंय?’ देखो, मय तुम सी कहू हय, अपनी आंखी उठाय क खेतो पर नजर डालो कि हि कटायी लायी पक गयो हंय। \v 36 काटन वालो मजूरी पावय हय अऊर अनन्त जीवन लायी फर जमा करय हय, ताकि बोवन वालो अऊर काटन वालो दोयी मिल क खुशी करेंन। \v 37 कहालीकि इत यो कहावत ठीक बैठय हय: ‘बोवन वालो अलग हय अऊर काटन वालो अलग।’ \v 38 मय न तुम्ख ऊ खेत काटन लायी भेज्यो जेको म तुम न मेहनत नहीं करयो: दूसरों न मेहनत करयो अऊर तुम उन्को मेहनत को फर म भागी भयो।” \s सामरियों को विश्वास करनो \p \v 39 ऊ नगर को बहुत सो सामरियों न वा बाई को कहनो सी यीशु पर विश्वास करयो; कहालीकि ओन यो गवाही दी होती: “ओन सब कुछ जो मय न करयो हय, मोख बताय दियो।” \v 40 येकोलायी जब यो सामरी ओको जवर आयो, त ओको सी बिनती करन लग्यो कि हमरो इत रह्य। येकोलायी ऊ उत दोय दिन तक रह्यो। \p \v 41 ओको वचन को वजह अऊर भी बहुत सो लोगों न विश्वास करयो \v 42 अऊर वा बाई सी कह्यो, “अब हम तोरो कहनो सी विश्वास नहीं करजे; कहालीकि हम न खुदच सुन लियो, अऊर जानजे हंय कि योच सचमुच म जगत को उद्धारकर्ता आय।” \p \v 43 तब उन दोय दिन को बाद ऊ उत सी निकल क गलील ख गयो, \v 44 \x + \xo ४:४४ \xo*\xt मत्ती १३:५७; मरकुस ६:४; लूका ४:२४\xt*\x*कहालीकि यीशु न खुदच गवाही दी कि भविष्यवक्ता अपनो देश म आदर नहीं पावय। \v 45 \x + \xo ४:४५ \xo*\xt यूहन्ना २:२३\xt*\x*जब ऊ गलील म आयो, त गलीली खुशी को संग ओको सी मिल्यो; कहालीकि जितनो काम ओन यरूशलेम म त्यौहार को समय करयो होतो, उन्न उन सब ख देख्यो होतो, कहालीकि हि भी त्यौहार म गयो होतो। \p \v 46 \x + \xo ४:४६ \xo*\xt यूहन्ना २:१-११\xt*\x*तब ऊ फिर गलील को काना नगर म आयो, जित ओन पानी ख अंगूररस बनायो होतो। उत राजा को एक नौकर होतो जेको बेटा कफरनहूम नगर म बीमार होतो। \v 47 ऊ यो सुन्क कि यीशु यहूदिया सी गलील म आय गयो हय, ओको जवर गयो अऊर ओको सी बिनती करन लग्यो कि चल क मोरो बेटा ख चंगो कर दे: कहालीकि ऊ मरन पर होतो। \v 48 यीशु न ओको सी कह्यो, “जब तक तुम चिन्ह अऊर अचम्भा को काम नहीं देखो तब तक तुम कभी भी विश्वास नहीं कर सको।” \p \v 49 राजा को नौकर न यीशु सी कह्यो, “हे प्रभु, मोरो बेटा को मरन सी पहिले चल।” \p \v 50 यीशु न ओको सी कह्यो, “जा, तोरो बेटा जीन्दो हय।” \p ऊ आदमी न यीशु की कहीं हुयी बात पर विश्वास करयो अऊर चली गयो। \v 51 ऊ रस्ताच म होतो कि ओको सेवक ओको सी आय मिल्यो अऊर कहन लग्यो, “तोरो बेटा जीन्दो हय।” \p \v 52 ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “कौन्सो समय ऊ अच्छो होन लग्यो?” उन्न ओको सी कह्यो, “कल सातवों घंटो म ओको बुखार उतर गयो।” \v 53 तब बाप जान गयो कि यो उच समय भयो जो समय यीशु न ओको सी कह्यो, “तोरो बेटा जीन्दो हय,” अऊर ओन अऊर ओको पूरो घर परिवार न विश्वास करयो। \p \v 54 यो दूसरों चिन्ह चमत्कार होतो जो यीशु न यहूदिया सी गलील म आय क दिखायो। \c 5 \s अड़तीस साल को रोगी ख चंगो करनो \p \v 1 इन बातों को बाद यहूदियों को एक त्यौहार भयो, अऊर यीशु यरूशलेम ख गयो। \v 2 यरूशलेम म मेंढा की फाटक को जवर एक कुण्ड हय जो इब्रानी बोली म बैतसैदा कहलावय हय; ओको पाच छप्परियां हंय। \v 3 इन म बहुत सो बीमार, अन्धा, लंगड़ा अऊर सूख्यो शरीर वालो पानी को हिलन की आशा म पड़्यो रहत होतो। \v 4 कहालीकि ठहरायो समय पर परमेश्वर को स्वर्गदूत कुण्ड म उतर क पानी ख हिलावत होतो। पानी हलतोच जो कोयी पहिले उतरन वालो चंगो होय जात होतो चाहे ओकी कोयी भी बीमारी हो। \v 5 उत एक आदमी होतो, जो अड़तीस साल सी बीमारी म पड़्यो होतो। \v 6 यीशु न ओख पड़्यो हुयो देख क अऊर यो जान क कि ऊ बहुत दिनो सी यो दशा म पड़्यो हय, ओको सी पुच्छ्यो, “का तय चंगो होनो चाहवय हय?” \p \v 7 ऊ बीमार आदमी न ओख उत्तर दियो, “हे प्रभु, मोरो जवर कोयी आदमी नहाय कि जब पानी हिलायो जाये, त मोख कुण्ड म उतारे; पर मोरो पहुंचतो दूसरों मोरो सी पहिले उतर जावय हय।” \p \v 8 यीशु न ओको सी कह्यो, “उठ, अपनी खटिया उठाव, अऊर चल फिर।” \p \v 9 ऊ आदमी तुरतच चंगो भय गयो, अऊर अपनी खटिया उठाय क चलन फिरन लग्यो। \v 10 ऊ आराम को दिन होतो। येकोलायी यहूदी ओको सी जो चंगो भयो होतो, कहन लग्यो, “अज त आराम को दिन हय, तोख खटिया उठावनो उचित नहाय।” \p \v 11 ओन उन्ख उत्तर दियो, “जेन मोख चंगो करयो, ओनच मोरो सी कह्यो, ‘अपनी खटिया उठाव, अऊर चल फिर।’” \p \v 12 उन्न ओको सी पुच्छ्यो, “ऊ कौन आदमी आय जेन तोरो सी कह्यो, ‘खटिया उठाव, अऊर चल फिर?’” \p \v 13 पर जो चंगो भय गयो होतो ऊ नहीं जानत होतो कि ऊ कौन आय, कहालीकि ऊ जागा म भीड़ होन को वजह यीशु उत सी हट गयो होतो। \p \v 14 इन बातों को बाद ऊ यीशु ख मन्दिर म मिल्यो। यीशु न ओको सी कह्यो, “देख, तय चंगो भय गयो हय: फिर सी पाप मत करजो, असो नहीं होय कि येको सी कोयी भारी दु:ख तोरो पर आय पड़े।” \p \v 15 ऊ आदमी न जाय क यहूदियों सी कह्य दियो कि जेन मोख चंगो करयो ऊ यीशु आय। \v 16 यो वजह यहूदी यीशु ख सतावन लग्यो, कहालीकि ऊ असो काम आराम दिन ख करत होतो। \v 17 येको पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “मोरो बाप अब तक काम करय हय, अऊर मय भी काम करू हय।” \p \v 18 यो वजह यहूदी अऊर भी जादा ओख मार डालन को कोशिश करन लग्यो, कहालीकि ऊ नहीं केवल आराम दिन की विधि ख तोड़तो, पर परमेश्वर ख अपनो बाप कह्य क अपनो आप ख परमेश्वर को समान भी ठहरावत होतो। \s बेटा को अधिकार \p \v 19 येको पर यीशु न ओको सी कह्यो, “मय तुम सी सच सच कहू हंय, बेटा खुद सी कुछ नहीं कर सकय, केवल ऊ जो बाप ख करतो देखय हय; कहालीकि जो जो कामों ख ऊ करय हय उन्ख बेटा भी उच रीति सी करय हय। \v 20 कहालीकि बाप बेटा सी प्रेम रखय हय अऊर जो जो काम ऊ खुद करय हय, ऊ सब ओख दिखावय हय; अऊर ऊ इन्को सी भी बड़ो काम ओख दिखायेंन, ताकि तुम अचम्भा करो। \v 21 जसो बाप मरयो हुयो ख उठावय अऊर जीन्दो करय हय, वसोच बेटा भी जिन्ख चाहवय हय उन्ख जीन्दो करय हय। \v 22 बाप कोयी को न्याय नहीं करय, पर न्याय करन को सब काम बेटा ख सौंप दियो हय, \v 23 कि सब लोग बाप को आदर करय हंय वसोच बेटा को भी आदर करे। जो बेटा को आदर नहीं करय, ऊ बाप को जेन ओख भेज्यो हय, ओको आदर नहीं करय।” \p \v 24 मय तुम सी सच सच कहू हय जो मोरो वचन सुन क मोरो भेजन वालो पर विश्वास करय हय, अनन्त जीवन ओको आय; अऊर ओको पर सजा की आज्ञा नहीं होवय पर ऊ मरनो सी पार होय क जीवन म सिर चुक्यो हय। \v 25 “मय तुम सी सच सच कहू हय ऊ समय आवय हय, अऊर अब हय, जेको म मृतक परमेश्वर को बेटा को आवाज सुनेंन, अऊर जो सुनेंन हि जीवन जीयेंन। \v 26 कहालीकि जो रीति सी बाप अपनो आप म जीवन रखय हय, उच रीति सी ओन बेटा ख भी यो अधिकार दियो हय कि अपनो आप म जीवन रखे; \v 27 बल्की ओख न्याय करन को भी अधिकार दियो हय, येकोलायी कि ऊ आदमी को बेटा आय। \v 28 येको सी अचम्भा मत करो; कहालीकि ऊ समय आवय हय कि जितनो कब्र म हंय हि ओको आवाज सुन क निकल आयेंन। \v 29 जिन्न भलायी करी हय हि जीवन को पुनरुत्थान लायी जीन्दो होयेंन अऊर जिन्न बुरायी करी हय हि सजा को पुनरुत्थान लायी जीन्दो होयेंन।” \s यीशु को बारे म गवाही \p \v 30 “मय अपनो आप सी कुछ नहीं कर सकू; जसो सुनू हय, वसो न्याय करू हय; अऊर मोरो न्याय सच्चो हय, कहालीकि मय अपनी इच्छा नहीं पर अपनो भेजन वालो की इच्छा चाहऊ हय।” \p \v 31 यदि मय खुदच अपनी गवाही देऊ, त मोरी गवाही सच्ची नहाय। \v 32 एक अऊर हय जो मोरी गवाही देवय हय, अऊर मय जानु हय कि मोरी जो गवाही ऊ देवय हय, ऊ सच्ची आय। \v 33 \x + \xo ५:३३ \xo*\xt यूहन्ना १:१९-२७; ३:२७-३०\xt*\x*तुम न यूहन्ना सी पुछवायो अऊर ओन सच्चायी की गवाही दियो हय। \v 34 पर मय अपनो बारे म आदमी की गवाही नहीं चाहऊ; तब भी मय या बाते येकोलायी कहू हय कि तुम्ख उद्धार मिले। \v 35 ऊ त जलतो अऊर चमकतो हुयो दीया होतो, अऊर तुम्ख कुछ समय तक ओकी ज्योति म मगन होनो अच्छो लग्यो। \v 36 पर मोरो जवर जो गवाही हय ऊ यूहन्ना की गवाही सी बड़ी हय; कहालीकि जो काम बाप न मोख पूरो करन ख सौंप्यो हय मतलब योच काम जो मय करू हय, हि मोरो गवाह हंय कि परमेश्वर पिता न मोख भेज्यो हय। \v 37 \x + \xo ५:३७ \xo*\xt मत्ती ३:१७; मरकुस १:११; लूका ३:२२\xt*\x*अऊर बाप जेन मोख भेज्यो हय, ओनच मोरी गवाही दियो हय। तुम न नहीं कभी ओको आवाज सुन्यो, अऊर नहीं ओको चेहरा देख्यो हय; \v 38 अऊर ओको वचन ख मन म स्थिर नहीं रखय, कहालीकि जेक ओन भेज्यो तुम ओको विश्वास नहीं करय। \v 39 तुम शास्त्र म ढूंढय हय, कहालीकि समझय हय कि ओको म अनन्त जीवन तुम्ख मिलय हय; अऊर यो उच आय जो मोरी गवाही देवय हय; \v 40 तब भी तुम जीवन पावन लायी मोरो जवर आवनो नहीं चाहवय। \p \v 41 “मय आदमियों सी आदर नहीं चाहऊ। \v 42 पर मय तुम्ख जानु हय कि तुम म परमेश्वर को प्रेम नहाय। \v 43 मय अपनो बाप को नाम सी आयो हय, अऊर तुम मोख स्वीकार नहीं करय; यदि दूसरों कोयी अपनोच नाम सी आयेंन, त ओख स्वीकार कर लेवो। \v 44 तुम जो एक दूसरों सी आदर चाहवय हय अऊर ऊ आदर जो परमेश्वरच को तरफ सी हय, नहीं चाहवय, कसो तरह विश्वास कर सकय हय? \v 45 यो मत समझो कि मय बाप को आगु तुम पर दोष लगाऊं; तुम पर दोष लगावन वालो त मूसा आय, जेको पर तुम न भरोसा रख्यो हय। \v 46 कहालीकि यदि तुम मूसा को विश्वास करतो, त मोरो भी विश्वास करतो, येकोलायी कि ओन मोरो बारे म लिख्यो हय। \v 47 पर यदि तुम ओकी लिखी हुयी बातों पर विश्वास नहीं करय, त मोरी बातों पर कसो विश्वास करो?” \c 6 \s पाच हजार लोगों ख खिलानो \r (मत्ती १४:१३-२१; मरकुस ६:३०-४४; लूका ९:१०-१७) \p \v 1 इन बातों को बाद यीशु गलील की झील मतलब तिबिरियास की झील को ओन पार गयो। \v 2 अऊर एक बड़ी भीड़ ओको पीछू भय गयी कहालीकि जो अद्भुत चिन्ह को काम ऊ बीमारों पर दिखात होतो हि उन्ख देखत होतो। \v 3 तब यीशु पहाड़ी पर चढ़ क अपनो चेलावों को संग उत बैठ गयो। \v 4 यहूदियों को फसह को त्यौहार जवर होतो। \v 5 जब यीशु न अपनी आंखी उठाय क एक बड़ी भीड़ ख अपनो जवर आवतो देख्यो, त फिलिप्पुस सी कह्यो, “हम इन्को जेवन लायी कित सी रोटी लेय क लाबो?” \v 6 ओन या बात ओख परखन लायी कहीं, कहालीकि ऊ खुद जानत होतो कि ऊ का करेंन। \p \v 7 फिलिप्पुस न ओख उत्तर दियो, “दोय सौ चांदी को सिक्का की रोटी भी उन्को लायी पूरी नहीं होयेंन कि उन्म सी सब ख थोड़ी पूर जाये।” \p \v 8 ओको चेला म सी एक शिमोन पतरस को भाऊ अन्द्रियास न ओको सी कह्यो, \v 9 “इत एक टुरा हय जेको जवर जौ की पाच रोटी अऊर दोय मच्छी हंय; पर इतनो लोगों लायी का होयेंन?” \p \v 10 यीशु न कह्यो, “लोगों ख बैठाय देवो।” ऊ जागा म बहुत घास होतो: तब लोग जेको म आदमियों की संख्या लगभग पाच हजार की होती, बैठ गयो। \v 11 तब यीशु न रोटी पकड़ी, अऊर धन्यवाद कर क् बैठन वालो ख बाट दियो; अऊर वसोच मच्छी म सी जितनी हि चाहत होतो बाट दियो। \v 12 जब हि खाय क सन्तुष्ट भय गयो त ओन अपनो चेलावों सी कह्यो, “बच्यो हुयो टुकड़ा जमा कर लेवो कि कुछ फेक्यो म नहीं जाये।” \v 13 येकोलायी उन्न जमा करयो, अऊर जौ की पाच रोटी को टुकड़ा सी जो खान वालो को बाद बच गयी होती, बारा टोकनी भरी। \p \v 14 तब जो अद्भुत चिन्ह ओन कर दिखायो ओख हि लोग देख क कहन लग्यो, “ऊ भविष्यवक्ता जो जगत म आवन वालो होतो निश्चय योच आय।” \v 15 यीशु यो जान क कि हि मोख राजा बनान लायी पकड़नो चाहवय हय, तब पहाड़ी पर अकेलो चली गयो। \s यीशु को पानी पर चलनो \r (मत्ती १४:२२-३३; मरकुस ६:४५-५२) \p \v 16 जब शाम भयी, त ओको चेला झील को किनार गयो, \v 17 अऊर डोंगा पर चढ़ क झील को ओन पार कफरनहूम गांव ख जान लग्यो। ऊ समय अन्धारो भय गयो होतो, अऊर यीशु अभी तक उन्को जवर नहीं आयो होतो। \v 18 आन्धी को वजह झील म लहर उठन लगी। \v 19 जब हि डोंगा चलावत पाच छे किलोमीटर को लगभग निकल गयो, त उन्न यीशु ख झील पर चलतो अऊर डोंगा को जवर आवतो देख्यो, अऊर डर गयो। \v 20 पर ओन उन्को सी कह्यो, “मय आय; मत डर।” \v 21 येकोलायी हि ओख डोंगा पर चढ़ाय लेन लायी तैयार भयो अऊर तुरतच ऊ डोंगा ऊ जागा पर जाय पहुंच्यो जित हि जाय रह्यो होतो। \s लोगों को यीशु ख ढूंढनो \p \v 22 दूसरों दिन ऊ भीड़ न, जो झील को पार खड़ी होती, यो देख्यो कि इत एक ख छोड़ अऊर कोयी डोंगा नहीं होती; अऊर यीशु अपनो चेलावों को संग ऊ डोंगा पर नहीं चढ़्यो होतो, पर केवल ओकोच चेला गयो होतो। \v 23 तब दूसरों डोंगा तिबिरियास सी ऊ जागा को जवर आयी, जित उन्न प्रभु को धन्यवाद करन को बाद रोटी खायी होती। \v 24 येकोलायी जब भीड़ न देख्यो कि इत यीशु नहाय अऊर नहीं ओको चेला, त हि भी डोंगा पर चढ़ क यीशु ख ढूंढतो हुयो कफरनहूम गांव पहुंच्यो। \s यीशुच जीवन की रोटी \p \v 25 झील को पार जब हि ओको सी मिल्यो त कह्यो, “हे गुरु, तय इत कब आयो?” \p \v 26 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय तुम सी सच सच कहू हंय, तुम मोख येकोलायी नहीं ढूंढय हय कि तुम न अचम्भा को चिन्ह देख्यो, पर येकोलायी कि तुम रोटी खाय क सन्तुष्ट भयो। \v 27 नाशवान जेवन लायी परिश्रम मत करो, पर ऊ जेवन लायी जो अनन्त जीवन तक ठहरय हय, जेक आदमी को बेटा तुम्ख देयेंन; कहालीकि बाप येकोलायी परमेश्वर न ओकोच पर मुहर लगायी हय।” \p \v 28 उन्न ओको सी कह्यो, “परमेश्वर को कार्य करन लायी हम का करबो?” \p \v 29 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “परमेश्वर को कार्य यो आय कि तुम ओको पर, जेक ओन भेज्यो हय, विश्वास करो।” \p \v 30 तब उन्न ओको सी कह्यो, “तब तय कौन सो चमत्कार को चिन्ह दिखावय हय कि हम ओख देख क तोरो विश्वास करे? तय कौन सो काम दिखावय हय? \v 31 हमरो बापदादा न जंगल म मन्ना खायो; जसो लिख्यो हय, ‘ओन उन्ख खान लायी स्वर्ग सी रोटी दी।’” \p \v 32 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच सच कहू हय कि मूसा न तुम्ख वा रोटी स्वर्ग सी नहीं दी, पर मोरो बाप तुम्ख सच्ची रोटी स्वर्ग सी देवय हय। \v 33 कहालीकि परमेश्वर की रोटी वाच आय जो स्वर्ग सी उतर क जगत ख जीवन देवय हय।” \p \v 34 तब उन्न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, या रोटी हम्ख हमेशा दियो कर।” \p \v 35 यीशु न ओको सी कह्यो, “जीवन की रोटी मय आय: जो मोरो जवर आवय हय ऊ कभी भूखो नहीं होयेंन, अऊर जो मोरो पर विश्वास करय हय ऊ कभी प्यासो नहीं होयेंन। \v 36 पर मय न तुम सी कह्यो होतो कि तुम न मोख देख भी लियो हय तब भी विश्वास नहीं करय। \v 37 जो कुछ बाप मोख देवय हय ऊ सब मोरो जवर आयेंन, अऊर जो कोयी मोरो जवर आयेंन ओख मय कभी नहीं निकालू। \v 38 कहालीकि मय अपनी इच्छा नहीं बल्की अपनो भेजन वालो की इच्छा पूरी करन लायी स्वर्ग सी उतरयो हय; \v 39 अऊर मोरो भेजन वालो की इच्छा यो हय कि जो कुछ ओन मोख दियो हय, ओको म सी मय कुछ नहीं खोऊं, पर ओख आखरी दिन फिर सी जीन्दो करू। \v 40 कहालीकि मोरो बाप की इच्छा यो हय कि जो कोयी बेटा ख देखे अऊर ओको पर विश्वास करेंन, ऊ अनन्त जीवन पायेंन; अऊर मय ओख आखरी दिन फिर सी जीन्दो करू।” \p \v 41 येकोलायी यहूदी ओको पर कुड़कुड़ान लग्यो, कहालीकि ओन कह्यो होतो, “जो रोटी स्वर्ग सी उतरी, ऊ मय आय।” \v 42 अऊर उन्न कह्यो, “का यो यूसुफ को बेटा यीशु नोहोय, जेको माय–बाप ख हम जानजे हंय? त ऊ कसो कह्य हय कि मय स्वर्ग सी उतरयो हय?” \p \v 43 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “आपस म मत कुड़कुड़ावों। \v 44 कोयी मोरो जवर नहीं आय सकय जब तक बाप, जेन मोख भेज्यो हय, ओख खीच ले; अऊर मय ओख आखरी दिन फिर सी जीन्दो करू। \v 45 भविष्यवक्तावों को लेखों म यो लिख्यो हय: ‘हि सब परमेश्वर को तरफ सी सिखायो हुयो होना।’ जो कोयी न बाप सी सुन्यो अऊर सिख्यो हय, ऊ मोरो जवर आवय हय;\f + \fr ६:४५ \fr*\ft यशायाह ५४:१३\ft*\f* \v 46 यो नहीं कि कोयी न बाप ख देख्यो हय; पर जो परमेश्वर को तरफ सी हय, केवल ओनच बाप ख देख्यो हय। \v 47 मय तुम सी सच सच कहू हय कि जो कोयी विश्वास करय हय, अनन्त जीवन ओकोच हय। \v 48 जीवन की रोटी मय आय। \v 49 तुम्हरो पूर्वजों न जंगल म मन्ना खायो अऊर मर गयो। \v 50 या वा रोटी आय जो स्वर्ग सी उतरय हय ताकि आदमी ओको म सी खाये अऊर नहीं मरय। \v 51 जीवन की रोटी जो स्वर्ग सी उतरी, मय आय। यदि कोयी यो रोटी म सी खावय, त हमेशा जीन्दो रहेंन; अऊर जो रोटी मय जगत को जीवन लायी देऊ, ऊ मोरो मांस आय।” \p \v 52 येको पर यहूदी यो कह्य क आपस म झगड़ा करन लग्यो, “यो आदमी कसो हम्ख अपनो मांस खान ख दे सकय हय?” \p \v 53 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच सच कहू हय कि जब तक तुम आदमी को बेटा यानेकि मसीह को मांस नहीं खावो, अऊर ओको खून नहीं पीवो, तुम म जीवन नहाय। \v 54 जो मोरो मांस खावय अऊर मोरो खून पीवय हय, अनन्त जीवन ओकोच हय; अऊर मय ओख आखरी दिन फिर जीन्दो करू। \v 55 कहालीकि मोरो मांस सच म खान की चिज हय, अऊर मोरो खून सच म पीवन की चिज हय। \v 56 जो मोरो मांस खावय अऊर मोरो खून पीवय हय ऊ मोरो म मजबूत बन्यो रह्य हय, अऊर मय ओको म। \v 57 जसो जीन्दो बाप न मोख भेज्यो, अऊर मय बाप को वजह जीन्दो हय, वसोच ऊ भी जो मोख खायेंन मोरो वजह जीन्दो रहेंन। \v 58 जो रोटी स्वर्ग सी उतरी योच आय, ऊ रोटी को जसो नहाय जेक बापदादों न खायो अऊर मर गयो; जो कोयी यो रोटी खायेंन, ऊ हमेशा जीन्दो रहेंन।” \p \v 59 या बाते यीशु न कफरनहूम को एक आराधनालय म शिक्षा देतो समय कह्यो। \s अनन्त जीवन को वचन \p \v 60 ओको चेलावों म सी बहुत सो न यो सुन क कह्यो, “या कठोर बात आय; येख कौन सुन सकय हय?” \p \v 61 यीशु न अपनो मन म यो जान क कि मोरो चेला आपसी म या बात पर कुड़कुड़ावय हंय, उन्को सी पुच्छ्यो, “का या बात सी तुम्ख ठोकर लगय हय? \v 62 यदि तुम आदमी को बेटा ख जहां ऊ पहिले होतो, वहां ऊपर जातो देखो, त का होयेंन? \v 63 आत्मा त जीवन देन वाली आय, शरीर सी कुछ फायदा नहाय; जो बाते मय न तुम सी कहीं हंय हि आत्मा आय, अऊर जीवन भी आय। \v 64 पर तुम म सी कुछ असो हंय जो विश्वास नहीं करय।” कहालीकि यीशु पहिलेच सी जानत होतो कि जो विश्वास नहीं करय, हि कौन आय; अऊर मोख पकड़वायेंन। \v 65 अऊर ओन कह्यो, “येको लायी मय न तुम सी कह्यो होतो कि जब तक कोयी ख बाप को तरफ सी यो वरदान नहीं दियो जाय तब तक ऊ मोरो जवर नहीं आय सकय।” \p \v 66 येको पर ओको बहुत सो चेलावों पीछू हट गयो अऊर ओको बाद ओको संग नहीं चल्यो। \v 67 तब यीशु न उन बारयी चेला सी कह्यो, “का तुम भी चल्यो जानो चाहवय हय?” \p \v 68 \x + \xo ६:६८ \xo*\xt मत्ती १६:१६; मरकुस ८:२९; लूका ९:२०\xt*\x*शिमोन पतरस न ओख उत्तर दियो, “हे प्रभु, हम कौन्को जवर जाबो? अनन्त जीवन की बाते त तोरोच जवर हंय; \v 69 अऊर हम न विश्वास करयो अऊर जान गयो हंय कि परमेश्वर को पवित्र लोग तयच आय।” \p \v 70 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “का मय न तुम बारयी ख नहीं चुन्यो? तब भी तुम म सी एक आदमी शैतान हय।” \v 71 यो ओन शिमोन इस्करियोती को टुरा यहूदा को बारे म कह्यो होतो, कहालीकि उच जो बारयी म सी एक होतो, ओख पकड़वान ख होतो। \c 7 \s यीशु अऊर ओको भाऊ \p \v 1 इन बातों को बाद यीशु गलील म फिरतो रह्यो; कहालीकि यहूदी ओख मार डालन को कोशिश कर रह्यो होतो, येकोलायी ऊ यहूदिया म फिरनो नहीं चाहत होतो। \v 2 यहूदियों को झोपड़ियों को त्यौहार जवर होतो। \v 3 येकोलायी ओको भाऊवों न ओको सी कह्यो, “इत सी यहूदिया ख जा, कि जो काम तय करय हय उन्ख तोरो चेला उत भी देखे। \v 4 कहालीकि असो कोयी नहीं होना जो प्रसिद्ध होनो चाहे, अऊर लूक क काम करे। यदि तय यो काम करय हय, त अपनो आप ख जगत पर प्रगट करे।” \v 5 कहालीकि ओको भाऊ भी ओको पर विश्वास नहीं करत होतो। \p \v 6 तब यीशु न ओको सी कह्यो, “मोरो समय अभी तक नहीं आयो, पर तुम्हरो लायी सब समय हय। \v 7 जगत तुम सी दुश्मनी नहीं कर सकय, पर ऊ मोरो सी दुश्मनी करय हय कहालीकि मय ओको विरोध म यो गवाही देऊ हय कि ओको काम बुरो हंय। \v 8 तुम त्यौहार म जावो; मय अभी यो त्यौहार म नहीं जाऊ, कहालीकि अभी तक मोरो समय पूरो नहीं भयो।” \v 9 ऊ उन्को सी या बाते कह्य क गलील मच रह्य गयो। \s झोपड़ियों को त्यौहार म यीशु \p \v 10 पर जब ओको भाऊ पर्व म चली गयो त ऊ खुद भी, सरेआम म नहीं पर मानो चुपचाप सी गयो। \v 11 यहूदी त्यौहार म ओख यो कह्य क ढूंढन लग्यो, “ऊ कित हय?” \p \v 12 अऊर लोगों म ओको बारे म चुपका सी बहुत बाते भयी: कुछ कहत होतो, “ऊ भलो आदमी हय।” अऊर कुछ कहत होतो, “नहीं, ऊ लोगों ख भरमावय हय।” \v 13 तब भी यहूदियों को डर को मारे कोयी व्यक्ति ओको बारे म खुल क नहीं बोलत होतो। \p \v 14 जब त्यौहार को अरधो दिन बीत गयो; त यीशु मन्दिर म जाय क शिक्षा देन लग्यो। \v 15 तब यहूदियों न चकित होय क कह्यो, “येख बिना पढ़्यो अक्कल कसी आय गयी?” \p \v 16 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मोरो उपदेश मोरो नहीं, पर मोरो भेजन वालो को हय। \v 17 यदि कोयी ओकी इच्छा पर चलनो चाहे, त ऊ यो उपदेश को बारे म जान जायेंन कि यो परमेश्वर को तरफ सी आय यां मय अपनो तरफ सी कहू हय। \v 18 जो अपनो तरफ सी कुछ कह्य हय, ऊ अपनीच बड़ायी चाहवय हय; पर जो अपनो भेजन वालो की बड़ायी चाहवय हय उच सच्चो आय, अऊर ओको म अधर्म नहीं। \v 19 का मूसा न तुम्ख व्यवस्था नहीं दियो? तब भी तुम म सी कोयी व्यवस्था पर नहीं चलय। तुम कहाली मोख मार डालनो चाहवय हय?” \p \v 20 लोगों न उत्तर दियो, “तोरो म दुष्ट आत्मा हय! कौन तोख मार डालनो चाहवय हय?” \p \v 21 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय न एक काम करयो, अऊर तुम सब अचम्भा करय हय। \v 22 योच वजह सी मूसा न तुम्ख खतना की आज्ञा दी हय यो नहीं कि ऊ मूसा को तरफ सी आय पर बापदादा सी चली आयी हय, अऊर तुम आराम दिन म आदमी को खतना करय हय। \v 23 \x + \xo ७:२३ \xo*\xt यूहन्ना ५:९\xt*\x*जब आराम दिन म आदमी को खतना करयो जावय हय ताकि मूसा की व्यवस्था की आज्ञा टल नहीं जाये, त तुम मोरो पर कहाली येकोलायी गुस्सा करय हय कि मय न आराम दिन म एक आदमी ख पूरी रीति सी चंगो करयो। \v 24 मुंह देख क न्याय मत करो, पर ठीक ठीक न्याय करो।” \s का यीशुच मसीह आय? \p \v 25 तब कुछ यरूशलेम नगर म रहन वालो लोगों म सी कुछ न कह्यो, “का यो उच नोहोय जेक मार डालन की कोशिश करयो जाय रह्यो हय? \v 26 देखो, ऊ त खुल क बाते करय हय अऊर कोयी ओको सी कुछ नहीं कह्य। का मुखिया न सच सच जान लियो हय कि योच मसीह आय? \v 27 येख त हम जानजे हंय कि यो कित को आय; पर मसीह जब आयेंन त कोयी नहीं जानेंन कि ऊ कित को आय।” \p \v 28 तब यीशु न मन्दिर म शिक्षा देतो हुयो पुकार क कह्यो, “तुम मोख जानय हय, अऊर यो भी जानय हय कि मय कित को आय। मय त अपनो आप सी नहीं आयो, पर मोरो भेजन वालो सच्चो हय, ओख तुम नहीं जानय। \v 29 मय ओख जानु हय कहालीकि मय ओको तरफ सी आय अऊर ओनच मोख भेज्यो हय।” \p \v 30 येको पर उन्न ओख पकड़नो चाह्यो, तब भी कोयी न ओको पर हाथ नहीं डाल्यो कहालीकि ओको समय अब तक नहीं आयो होतो। \v 31 तब भी भीड़ म सी बहुत सो लोगों न ओको पर विश्वास करयो, अऊर कहन लग्यो, “मसीह जब आयेंन त का येको सी जादा अचम्भा को चिन्ह दिखायेंन जो येन दिखायो?” \s यीशु ख पकड़न कोशिश \p \v 32 फरीसियों न लोगों ख ओको बारे म या बाते चुपका सी करतो सुन्यो; अऊर मुख्य याजकों अऊर फरीसियों न ओख पकड़न लायी सिपाही भेज्यो। \v 33 येको पर यीशु न कह्यो, “मय थोड़ी देर तक अऊर तुम्हरो संग हय, तब अपनो भेजन वालो को जवर चली जाऊं। \v 34 तुम मोख ढूंढो, पर नहीं पावों; अऊर जित मय हय, उत तुम नहीं आय सकय।” \p \v 35 येको पर यहूदियों न आपस म कह्यो, “यो कह्यो जायेंन कि हम येख नहीं पा सकबो? का ऊ उन्को जवर जायेंन जो गैरयहूदियों म तितर बितर रह्य हय, अऊर गैरयहूदियों ख भी शिक्षा देयेंन? \v 36 या का बात आय जो ओन कहीं, कि ‘तुम मोख ढूंढो, पर नहीं पावों; अऊर जित मय हय, उत तुम नहीं आय सकय?’” \s जीवन को पानी की नदी \p \v 37 त्यौहार को आखरी दिन, जो मुख्य दिन होतो, यीशु खड़ो भयो अऊर पुकार क कह्यो, “यदि कोयी प्यासो हय त मोरो जवर आवो अऊर पीवो। \v 38 जो मोरो पर विश्वास करेंन, जसो पवित्र शास्त्र म आयो हय, ‘ओको दिल म सी जीवन को पानी की नदी बह निकलेंन।’” \v 39 ओन यो वचन पवित्र आत्मा को बारे म कह्यो, जेक ओको पर विश्वास करन वालो पवित्र आत्मा पावन पर होतो; कहालीकि आत्मा अब तक नहीं उतरी होतो, कहालीकि यीशु अब तक अपनी महिमा ख नहीं पहुंच्यो होतो। \p \v 40 तब भीड़ म सी कोयी न या बाते सुन क कह्यो, “सचमुच योच ऊ भविष्यवक्ता आय।” \p \v 41 दूसरों न कह्यो, “यो मसीह आय।” \p पर कुछ न कह्यो, “कहाली? का मसीह गलील सी आयेंन? \v 42 का पवित्र शास्त्र म यो नहीं आयो कि मसीह दाऊद को वंश सी अऊर बैतलहम गांव सी आयेंन, जित दाऊद रहत होतो?” \v 43 येकोलायी ओको वजह लोगों म फूट पड़ी। \v 44 उन्म सी कुछ ओख पकड़नो चाहत होतो, पर कोयी न ओको पर हाथ नहीं डाल्यो। \s यहूदी अगुवों को अविश्वास \p \v 45 तब सिपाही मुख्य याजकों अऊर फरीसियों को जवर लौट आयो; उन्न उन्को सी कह्यो, “तुम ओख कहाली नहीं लायो?” \p \v 46 सिपाहियों न उत्तर दियो, “कोयी आदमी न कभी असी बाते नहीं करी।” \p \v 47 फरीसियों न उन्ख उत्तर दियो, “का तुम भी बहकायो गयो हय? \v 48 का मुखिया या फरीसियों म सी कोयी न भी ओको पर विश्वास करयो हय? \v 49 पर हि लोग जो व्यवस्था नहीं जानय, हि श्रापित हंय।” \p \v 50 \x + \xo ७:५० \xo*\xt यूहन्ना ३:१,२\xt*\x*नीकुदेमुस न, जो पहिले ओको जवर आयो होतो अऊर उन्म सी एक होतो, उन्को सी कह्यो, \v 51 “का हमरी व्यवस्था कोयी आदमी ख, जब तक पहिले ओकी सुन क जान नहीं लेवय कि ऊ का करय हय, दोषी ठहरावय हय?” \p \v 52 उन्न ओख उत्तर दियो, “का तय भी गलील को हय? ढूंढ अऊर देख कि गलील सी कोयी भविष्यवक्ता प्रगट नहीं होन को।” \v 53 तब सब कोयी अपनो अपनो घर चली गयो। \c 8 \s व्यभिचार करन वालो ख माफी \p \v 1 सब कोयी अपनो घर चली गयो पर यीशु जैतून की पहाड़ी पर गयो। \v 2 भुन्सारे ख ऊ फिर मन्दिर म आयो; सब लोग ओको जवर आयो अऊर ऊ बैठ क उन्ख शिक्षा देन लग्यो। \v 3 तब धर्मशास्त्री अऊर फरीसी एक बाई ख लायो जो व्यभिचार म पकड़ायी होती, ओख बीच म खड़ो कर क् यीशु सी कह्यो, \v 4 “हे गुरु, या बाई व्यभिचार करता पकड़ी गयी हय। \v 5 व्यवस्था म मूसा न हम्ख आज्ञा दी हय कि असी बाईयों पर गोटा मारे। पर तय या बाई को बारे म का कह्य हय?” \v 6 उन्न ओख परखन लायी या बात कहीं ताकि ओको पर दोष लगान लायी कोयी बात मिले। पर यीशु झुक क बोट सी जमीन पर लिखन लग्यो। \p \v 7 जब हि ओको सी पूछतोच रह्यो त ओन खड़ो होय क उन्को सी कह्यो “तुम म जेन कोयी पाप नहीं करयो हय, उच पहिले ओख गोटा मारे।” \v 8 अऊर फिर झुक क जमीन पर बोट सी लिखन लग्यो। \v 9 पर हि यो सुन क बुजूर्ग सी ले क छोटो तक, एक एक कर क् निकल गयो, अऊर यीशु अकेलो रह गयो अऊर बाई उतच खड़ी रह्य गयी। \v 10 यीशु न खड़ो होय क ओको सी कह्यो, “हे बाई हि कित गयो? का कोयी न तोख सजा नहीं दी?” \v 11 ओन कह्यो, “हे प्रभु, कोयी न नहीं।” यीशु न कह्यो, “मय भी तोरो पर कोयी सजा की आज्ञा नहीं देऊ; जा अऊर फिर सी कोयी पाप मत करजो।” \s यीशु जगत की ज्योति \p \v 12 \x + \xo ८:१२ \xo*\xt मत्ती ५:१४; यूहन्ना ९:५\xt*\x*यीशु न तब लोगों सी कह्यो, “जगत की ज्योति मय आय; जो मोरो पीछू होय जायेंन ऊ अन्धारो म नहीं चलेंन, पर जीवन की ज्योति पायेंन।” \p \v 13 \x + \xo ८:१३ \xo*\xt यूहन्ना ५:३१\xt*\x*फरीसियों न ओको सी कह्यो, “तय अपनी गवाही खुदच देवय हय, तोरी गवाही सही नहाय।” \p \v 14 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “पर मय अपनी गवाही खुद देऊ हय, फिर भी मोरी गवाही सही हय, कहालीकि मय जानु हय कि मय कित सी आयो हय अऊर कित जाय रह्यो हय? पर तुम लोग नहीं जानय कि मय कित सी आयो हय अऊर कित जाय रह्यो हय। \v 15 तुम शरीर को अनुसार न्याय करय हय; मय कोयी को न्याय नहीं करू हय। \v 16 अऊर यदि मय न्याय करू भी, त मोरो न्याय सच्चो हय; कहालीकि मय अकेलो नहाय, पर मय हय, अऊर बाप हय जेन मोख भेज्यो। \v 17 तुम्हरी व्यवस्था म भी लिख्यो हय कि दोय लोगों की गवाही मिल क सही होवय हय; \v 18 एक त मय खुद अपनी गवाही देऊ हय, अऊर दूसरों बाप मोरी गवाही देवय हय जेन मोख भेज्यो।” \p \v 19 उन्न ओको सी कह्यो, “तोरो बाप कित हय?” यीशु न उत्तर दियो, “नहीं तुम मोख जानय हय, नहीं मोरो बाप ख, यदि मोख जानतो त मोरो बाप ख भी जानतो।” \p \v 20 या बाते ओन मन्दिर म शिक्षा देतो हुयो दान भण्डार घर म कहीं, अऊर कोयी न ओख नहीं पकड़्यो, कहालीकि ओको समय अब तक नहीं आयो होतो। \s अपनो बारे म यीशु को कहनो \p \v 21 ओन फिर ओको सी कह्यो, “मय जाऊ हय, अऊर तुम मोख ढूंढो अऊर अपनो पाप म मरो; जित मय जाऊ हय, उत तुम नहीं आय सकय।” \p \v 22 येको पर यहूदियों न कह्यो, “का ऊ अपनो आप ख मार डालेंन, जो कह्य हय, ‘जित मय जाऊ हय उत तुम नहीं आय सकय?’” \p \v 23 ओन उन्को सी कह्यो, “तुम जगत सी आय, अऊर मय ऊपर को आय; तुम जगत को आय, मय जगत को नोहोय। \v 24 येकोलायी मय न तुम सी कह्यो कि तुम अपनो पापों म मरो, कहालीकि यदि तुम विश्वास नहीं करो कि मय उच आय त अपनो पापों म मरो।” \p \v 25 उन्न यीशु सी कह्यो, “तय कौन आय?” \p यीशु न उन्को सी कह्यो, “उच आय जो सुरूवात सी तुम सी कहतो आयो हय। \v 26 तुम्हरो बारे म मोख बहुत कुछ कहनो अऊर न्याय करनो हय; पर मोरो भेजन वालो सही हय, अऊर जो मय न ओको सी सुन्यो हय उच जगत सी कहू हय।” \p \v 27 हि यो नहीं समझ्यो कि हम सी बाप को बारे म कह्य हय। \v 28 तब यीशु न कह्यो, “जब तुम आदमी को बेटा ख ऊचो पर चढ़ावो, त जानो कि मय उच आय; मय अपनो आप सी कुछ नहीं करू हय पर जसो मोरो बाप न मोख सिखायो वसोच या बाते कहू हय। \v 29 मोरो भेजन वालो मोरो संग हय; ओन मोख अकेलो नहीं छोड़्यो कहालीकि मय हमेशा उच काम करू हय जेकोसी ऊ खुश होवय हय।” \p \v 30 ऊ या बाते कह्यच रह्यो होतो कि बहुत सो न ओको पर विश्वास करयो। \s सत्य तुम्ख स्वतंत्र करेंन \p \v 31 तब यीशु न उन यहूदियों सी जिन्न ओको पर विश्वास करयो होतो, कह्यो, “यदि तुम मोरो वचन म बन्यो रहो, त सच म मोरो चेला ठहरो। \v 32 तुम सच ख जानो त, सच तुम्ख स्वतंत्र करेंन।” \p \v 33 \x + \xo ८:३३ \xo*\xt मत्ती ३:९; लूका ३:८\xt*\x*उन्न ओख उत्तर दियो, “हम त अब्राहम को वंश सी आय, अऊर कभी कोयी को सेवक नहीं भयो। फिर तय कसो कह्य हय कि तुम स्वतंत्र होय जायो?” \p \v 34 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय तुम सी सच सच कहू हय कि जो कोयी पाप करय हय ऊ पाप को सेवक हय। \v 35 सेवक हमेशा घर म नहीं रह्य; बेटा सदा रह्य हय। \v 36 येकोलायी यदि बेटा तुम्ख स्वतंत्र करेंन, त सचमुच तुम स्वतंत्र होय जावो।” \p \v 37 “मय जानु हय कि तुम अब्राहम को वंश सी आय; तब भी मोरो वचन तुम्हरो दिल म जागा नहीं पावय हय, येकोलायी तुम मोख मार डालनो चाहवय हय। \v 38 मय उच कहू हय, जो अपनो बाप को इत देख्यो हय; अऊर तुम उच करतो रह्य हय जो तुम न अपनो बाप सी सुन्यो हय।” \v 39 उन्न ओख उत्तर दियो, “हमरो बाप त अब्राहम आय।” \p यीशु न उन्को सी कह्यो, “यदि तुम अब्राहम की सन्तान होतो त अब्राहम को जसो काम करतो। \v 40 पर अब मोरो जसो आदमी ख मार डालनो चाहवय हय, जेन तुम्ख ऊ सत्य वचन बतायो जो परमेश्वर सी सुन्यो; असो त अब्राहम न नहीं करयो होतो। \v 41 तुम अपनो बाप को जसो काम करय हय।” उन्न ओको सी कह्यो, “हम व्यभिचार सी नहीं जनम लियो, हमरो एक बाप हय मतलब परमेश्वर।” \p \v 42 यीशु न उन्को सी कह्यो, “यदि परमेश्वर तुम्हरो पिता होतो त तुम मोरो सी प्रेम रखतो; कहालीकि मय परमेश्वर को तरफ सी आयो हय। मय अपनो आप सी नहीं आयो, पर ओनच मोख भेज्यो। \v 43 तुम मोरी बात कहाली नहीं समझय? येकोलायी कि तुम मोरो वचन सुन नहीं सकय। \v 44 तुम अपनो बाप शैतान सी आय अऊर अपनो बाप की लालसावों ख पूरो करनो चाहवय हय। ऊ त सुरूवात सी हत्यारों हय अऊर सत्य पर स्थिर नहीं रह्यो, कहालीकि सत्य ओको म हयच नहाय। जब ऊ झूठ बोलय, त अपनो स्वभाव सीच बोलय हय; कहालीकि ऊ झूठो हय बल्की झूठ को बाप हय। \v 45 पर मय जो सच कहू हय, येकोच लायी तुम मोरो विश्वास नहीं करय। \v 46 तुम म सी कौन मोख पापी ठहरावय हय? यदि मय सच बोलू हय, त तुम मोरो विश्वास कहाली नहीं करय? \v 47 जो परमेश्वर सी होवय हय, ऊ परमेश्वर की बाते सुनय हय; अऊर तुम येकोलायी नहीं सुनय कि परमेश्वर को तरफ सी नहीं हो।” \s यीशु अऊर अब्राहम \p \v 48 यो सुन यहूदियों न ओको सी कह्यो, “का हम ठीक नहीं कहजे कि तय सामरी हय, अऊर तोरो म दुष्ट आत्मा हय?” \p \v 49 यीशु न उत्तर दियो, “मोरो म दुष्ट आत्मा नहाय; पर मय अपनो बाप को आदर करू हय, अऊर तुम मोरो अपमान करय हय। \v 50 पर मय अपनो आदर नहीं चाहऊ; हव, एक हय जो चाहवय हय अऊर न्याय करय हय। \v 51 मय तुम सी सच सच कहू हय कि यदि कोयी आदमी मोरो वचन पर चलेंन, त ऊ अनन्त काल तक अपनी मृत्यु ख नहीं देखेंन।” \p \v 52 यहूदियों न ओको सी कह्यो, “अब हम न जान लियो हय कि तोरो म दुष्ट आत्मा हय। अब्राहम मर गयो, अऊर भविष्यवक्ता भी मर गयो हंय; अऊर तय कह्य हय, ‘यदि कोयी मोरो वचन पर चलेंन त ऊ अनन्त काल तक मृत्यु को स्वाद नहीं चख सकेंन।’ \v 53 हमरो बाप अब्राहम त मर गयो। का तय ओको सी भी बड़ो हय? अऊर भविष्यवक्ता भी मर गयो। तय अपनो आप ख का ठहरावय हय?” \p \v 54 यीशु न उत्तर दियो, “यदि मय खुद अपनी महिमा करू, त मोरी महिमा कुछ नहाय; पर मोरी महिमा करन वालो मोरो बाप हय, जेक तुम कह्य हय कि ऊ तुम्हरो परमेश्वर आय। \v 55 तुम न त ओख नहीं जान्यो: पर मय ओख जानु हय। यदि मय कहूं कि मय ओख नहीं जानु, त मय तुम्हरो जसो झूठो ठहरू; पर मय ओख जानु हय अऊर ओको वचन पर चलू हय। \v 56 तुम्हरो बाप अब्राहम मोरो दिन देखन की इच्छा सी बहुत मगन होतो; अऊर ओन देख्यो अऊर खुश भी भयो।” \p \v 57 यहूदियों न ओको सी कह्यो, “अब तक तय पचास साल को भी नहीं भयो तब भी तय न अब्राहम ख देख्यो हय?” \p \v 58 यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच्ची कहू हय, कि पहिले येको कि अब्राहम पैदा भयो, मय आय।” \p \v 59 तब उन्न ओख मारन लायी गोटा उठायो, पर यीशु लूक क मन्दिर सी निकल गयो। \c 9 \s यीशु द्वारा जनम को अन्धा की चंगायी \p \v 1 जातो हुयो ओन एक आदमी ख देख्यो जो जनम सी अन्धा होतो। \v 2 ओको चेला न ओको सी पुच्छ्यो, “हे गुरु, कौन पाप करयो होतो कि यो अन्धा जनम्यो, यो आदमी न या येको बाप–माय न?” \p \v 3 यीशु न उत्तर दियो, “नहीं येन पाप करयो होतो, नहीं येको माय–बाप न; पर यो येकोलायी भयो कि परमेश्वर को काम ओको म प्रगट हो। \v 4 जेन मोख भेज्यो हय, हम्ख ओको काम दिनच दिन म करनो जरूरी हय; ऊ रात आवन वाली हय जेको म कोयी काम नहीं कर सकय। \v 5 \x + \xo ९:५ \xo*\xt मत्ती ५:१४; यूहन्ना ८:१२\xt*\x*जब तक मय जगत म हय, तब तक जगत की ज्योति आय।” \p \v 6 यो कह्य क ओन जमीन पर थूक्यो, अऊर ऊ थूक सी माटी सानी, अऊर ऊ माटी ऊ अन्धा की आंखी पर लगाय क \v 7 ओको सी कह्यो, “जा, शीलोह को कुण्ड म धोय ले” शीलोह को मतलब “भेज्यो हुयो हय।” ओन जाय क धोयो, अऊर देखतो हुयो लौट आयो। \p \v 8 तब पड़ोसी अऊर जिन्न पहिले ओख भीख मांगतो देख्यो होतो, कहन लग्यो, “का यो उच नोहोय, जो बैठ्यो भीख मांगत होतो?” \p \v 9 कुछ लोगों न कह्यो, “यो उच आय,” दूसरों न कह्यो, “नहीं, पर ओको जसो हय।” \p ओन कह्यो, “मय उच आय।” \p \v 10 तब हि ओको सी पूछन लग्यो, “तोरी आंखी कसी खुल गयी?” \p \v 11 ओन उत्तर दियो, “यीशु नाम को एक आदमी न माटी सानी, अऊर मोरी आंखी पर लगाय क मोरो सी कह्यो, ‘शीलोह को कुण्ड म जाय क धोय ले,’ येकोलायी मय गयो अऊर धोयो अऊर देखन लग्यो।” \p \v 12 उन्न ओको सी पुच्छ्यो, “ऊ कित हय?” \p ओन कह्यो, “मय नहीं जानु हय।” \s फरीसियों द्वारा चंगायी की जांच–पड़ताल \p \v 13 लोग ओख जो पहिले अन्धा होतो फरीसियों को जवर ले गयो। \v 14 जो दिन यीशु न माटी सान क ओकी आंखी खोली होती, ऊ आराम को दिन होतो। \v 15 तब फरीसियों न भी ओको सी पुच्छ्यो कि ओकी आंखी कौन्सी रीति सी खुल गयी। ओन उन्को सी कह्यो, “ओन मोरी आंखी पर माटी लगायी, तब मय न धोय लियो, अऊर अब देखू हय।” \p \v 16 येको पर कुछ फरीसी कहन लग्यो, “यो आदमी परमेश्वर को तरफ सी नहीं, कहालीकि ऊ आराम दिन ख नहीं मानय।” \p दूसरों न कह्यो, “पापी आदमी असो चिन्ह कसो दिखाय सकय हय?” येकोलायी ओको म फूट पड़ गयी। \p \v 17 उन्न ऊ अन्धा सी फिर कह्यो, “ओन तोरी आंखी खोली हंय। तय ओको बारे म का कह्य हय?” \p ओन कह्यो, “ऊ भविष्यवक्ता आय।” \p \v 18 पर यहूदियों ख विश्वास नहीं भयो कि ऊ अन्धा होतो अऊर अब देखय हय, जब तक उन्न ओको, जेकी आंखी खुल गयी होती, माय–बाप ख बुलाय क \v 19 उन्को सी नहीं पुच्छ्यो, “का यो तुम्हरो बेटा आय, जेक तुम कह्य हय कि अन्धा जनम्यो होतो? फिर अब ऊ कसो देखय हय?” \p \v 20 उन्को माय–बाप न उत्तर दियो, “हम त जानजे हंय कि यो हमरो बेटा आय, अऊर अन्धा जनम्यो होतो; \v 21 पर हम यो नहीं जानजे हंय कि अब कसो देखय हय, अऊर नहीं जानय हंय कि कौन न ओकी आंखी खोली। ऊ सियानो हय, ओको सीच पूछ लेवो; ऊ अपनो बारे म खुदच कह्य देयेंन।” \v 22 या बाते ओको माय–बाप न येकोलायी कहीं कहालीकि हि यहूदियों सी डरत होतो, कहालीकि यहूदी एक मन को होय गयो होतो कि यदि कोयी कहेंन कि ऊ मसीह आय, त आराधनालयों म सी निकाल दियो जायेंन। \v 23 येकोलायी ओको माय-बाप न कह्यो, “ऊ सियानो हय, ओको सीच पूछ लेवो।” \p \v 24 तब उन्न ऊ आदमी ख जो अन्धा होतो, दूसरी बार बुलाय क ओको सी कह्यो, “परमेश्वर की महिमा कर हम त जानजे हंय कि ऊ आदमी पापी हय।” \p \v 25 ओन उत्तर दियो, “मय नहीं जानु हय कि ऊ पापी आय या नहीं; मय एक बात जानु हय कि मय अन्धा होतो अऊर अब देखू हय।” \p \v 26 उन्न ओको सी कह्यो, “ओन तोरो संग का करयो? अऊर कसो तरह तोरी आंखी खोली?” \p \v 27 ओन ओको सी कह्यो, “मय त तुम सी कह्यो होतो, अऊर तुम न नहीं सुन्यो; अब दूसरों बार कहाली सुननो चाहवय हय? का तुम भी ओको चेला होनो चाहवय हय?” \p \v 28 तब हि ओख बुरो भलो कह्य क बोल्यो, “तयच ओको चेला आय, हम त मूसा को चेला आय। \v 29 हम जानजे हय कि परमेश्वर न मूसा सी बाते करी; पर यो आदमी ख नहीं जानजे कि कित को आय।” \p \v 30 ओन उन्ख उत्तर दियो, “या त अचम्भा की बात आय कि तुम नहीं जानय हय कि ऊ कित को आय, तब भी ओन मोरी आंखी खोल दी। \v 31 हम जानजे हंय कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनय, पर यदि कोयी परमेश्वर को भक्त हय अऊर ओकी इच्छा पर चलय हय, त ऊ ओकी सुनय हय। \v 32 जगत को सुरूवात सी यो कभी सुननो म नहीं आयो कि कोयी न जनम को अन्धा की आंखी खोली हय। \v 33 यदि यो आदमी परमेश्वर को तरफ सी नहीं होतो, त कुछ भी नहीं कर सकय।” \p \v 34 उन्न ओख उत्तर दियो, “तय त बिल्कुल पापों म जनम्यो हय, तय हम्ख का सिखावय हय?” अऊर उन्न ओख बाहेर निकाल दियो। \s आत्मिक अन्धोपन \p \v 35 यीशु न सुन्यो कि उन्न ओख बाहेर निकाल दियो हय, अऊर जब ओको सी भेंट भयी त कह्यो, “का तय आदमी को बेटा पर विश्वास करय हय?” \p \v 36 ओन उत्तर दियो, “हे प्रभु, ऊ कौन आय, कि मय ओको पर विश्वास करू?” \p \v 37 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय न ओख देख्यो भी हय, अऊर जो तोरो संग बाते कर रह्यो हय ऊ उच आय।” \p \v 38 ओन कह्यो, “हे प्रभु, मय विश्वास करू हय।” अऊर ओख घुटना को बल प्रनाम करयो। \p \v 39 तब यीशु कह्यो, “मय यो जगत म न्याय करन आयो हय, ताकि जो नहीं देखय ऊ देखय हय हि देखेंन जो देखय हय हि अन्धा होय जायेंन।” \p \v 40 जो फरीसी ओको संग होतो उन्न यो बाते सुन क ओको सी कह्यो, “का हम भी अन्धा हय?” \p \v 41 यीशु न उन्को सी कह्यो, “यदि तुम अन्धा होतो त पापी नहीं ठहरतो; पर अब कह्य हय कि हम देखजे हंय, येकोलायी तुम्हरो पाप बन्यो रह्य हय। \c 10 \s चरावन वालो को दृष्टान्त \p \v 1 “मय तुम सी सच सच कहू हय कि जो कोयी द्वार सी मेंढीं को बाड़ा म नहीं सिरय, पर कोयी दूसरी तरफ सी आवय हय, ऊ चोर अऊर डाकू आय। \v 2 पर जो द्वार सी अन्दर सिरय हय ऊ मेंढीं को चरावन वालो आय। \v 3 ओको लायी पहरेदार द्वार खोल देवय हय, अऊर मेंढीं ओको आवाज सुनय हंय, अऊर ऊ अपनी मेंढीं ख नाम ले ले क बुलावय हय अऊर बाहेर ले जावय हय। \v 4 जब ऊ अपनी सब मेंढीं ख बाहेर निकाल देवय हय, त उन्को आगु आगु चलय हय, अऊर मेंढीं ओको पीछू पीछू होय जावय हंय, कहालीकि हि ओको आवाज पहिचानय हंय। \v 5 पर हि परायो को पीछू नहीं जायेंन, पर ओको सी भगेंन, कहालीकि हि परायो की आवाज नहीं पहिचानय।” \p \v 6 यीशु न उन्को सी यो दृष्टान्त कह्यो, पर हि नहीं समझ्यो कि या का बाते हंय जो ऊ हम सी कह्य हय। \s यीशु अच्छो चरवाहा \p \v 7 तब यीशु न उन्को सी फिर कह्यो, मय तुम सी सच सच कहू हय, मेंढीं को दरवाजा मय हय। \v 8 जितनो मोरो सी पहिले आयो हि सब चोर अऊर डाकू आय, पर मेंढीं न उन्की नहीं सुनी। \v 9 दरवाजा म हय; यदि कोयी मोरो द्वारा अन्दर सिरे, त उद्धार पायेंन, अऊर अन्दर बाहेर आयो जायो करेंन अऊर चारा पायेंन। \v 10 चोर कोयी अऊर काम लायी नहीं पर केवल चोरी करनो अऊर घात करनो अऊर नाश करन ख आवय हय; मय येकोलायी आयो कि हि जीवन पाये, अऊर बहुतायत सी पाये। \fig मेंढा चरावन वालो अपनो मेंढा की कोठा म रखवाली करय|alt="Shepherd with his sheep in sheepfold" src="lb00014c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१०:७"\fig* \p \v 11 अच्छो चरवाहा मय आय; अच्छो चरवाहा मेंढीं लायी अपनो जीव देवय हय। \v 12 मजूर जो नहीं चरवाहा आय अऊर नहीं मेंढीं को मालिक आय, भेड़िया ख आवता देख मेंढीं ख छोड़ क भग जावय हय अऊर भेड़िया उन्ख पकड़तो अऊर तितर-बितर कर देवय हय। \v 13 ऊ येकोलायी भग जावय हय कि ऊ मजूर आय, अऊर ओख मेंढीं की चिन्ता नहीं। \v 14 \x + \xo १०:१४ \xo*\xt मत्ती ११:२७; लूका १०:२२\xt*\x*अच्छो चरवाहा मय आय; मय अपनी मेंढीं ख जानु हय, अऊर मोरी मेंढीं मोख जानय हंय। \v 15 जसो बाप मोख जानय हय अऊर मय बाप ख जानु हय अऊर मय मेंढीं लायी अपनो जीव देऊ हय। \v 16 मोरी अऊर भी मेंढीं हंय, जो यो बाड़ा की नहाय। मोख उन्को भी लावनो जरूरी हय। हि मोरो आवाज सुनेंन, तब एकच झुण्ड अऊर एकच चरवाहा होयेंन। \p \v 17 “बाप येकोलायी मोरो सी प्रेम रखय हय कि मय अपनो जीव देऊ हय कि ओख फिर ले लेऊ। \v 18 कोयी ओख मोरो सी छीनय नहीं, बल्की मय ओख खुदच देऊ हय। मोख ओको देन को भी अधिकार हय, अऊर ओख फिर लेन को भी अधिकार हय: यो आज्ञा मोरो बाप सी मोख मिली हय।” \p \v 19 इन बातों को वजह यहूदियों म फिर फूट पड़ी। \v 20 उन्म सी बहुत सो कहन लग्यो, “ओको म दुष्ट आत्मा हय, अऊर ऊ पागल हय; ओकी कहाली सुनय हय?” \p \v 21 दूसरों लोगों न कह्यो, “या बाते असो आदमी की नहीं जेको म दुष्ट आत्मा हय। का दुष्ट आत्मा अन्धा की आंखी खोल सकय हय?” \s यहूदियों को अविश्वास \p \v 22 यरूशलेम म समर्पन को त्यौहार मनायो जाय रह्यो होतो; जो ठन्डी को दिन होतो। \v 23 यीशु मन्दिर म सुलैमान को छप्पर म टहल रह्यो होतो। \v 24 तब यहूदियों न ओख आय घेरयो अऊर पुच्छ्यो, “तय हमरो मन ख कब तक दुविधा म रखजो? यदि तय मसीह आय त हम सी साफ साफ कह्य दे।” \p \v 25 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय न तुम सी कह्य दियो पर तुम विश्वास करय नहाय। जो काम मय अपनो बाप को नाम सी करू हय हिच मोरो गवाह हंय, \v 26 पर तुम येकोलायी विश्वास नहीं करय कहालीकि मोरी मेंढीं म सी नहीं हय। \v 27 मोरी मेंढीं मोरो आवाज सुनय हंय; मय उन्ख जानु हय, अऊर हि मोरो पीछू पीछू चलय हंय; \v 28 अऊर मय उन्ख अनन्त जीवन देऊ हय। हि कभी नाश नहीं होयेंन, अऊर कोयी उन्ख मोरो हाथ सी छीन नहीं लेयेंन। \v 29 मोरो बाप, जेन उन्ख मोख दियो हय, सब सी बड़ो हय अऊर कोयी उन्ख बाप को हाथ सी छीन नहीं सकय। \v 30 मय अऊर बाप एक हंय।” \p \v 31 यहूदियों न ओको पर पथराव करन ख फिर गोटा उठाये। \v 32 येको पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय न तुम्ख अपनो बाप को तरफ सी बहुत सो भलो काम दिखायो हंय; उन्म सी कौन्सो काम लायी तुम मोरो पर पथराव करय हय?” \p \v 33 यहूदियों न ओख उत्तर दियो, “भलो काम लायी हम तोरो पर पथराव नहीं करजे पर परमेश्वर की निन्दा करन को वजह; अऊर येकोलायी कि तय आदमी होय क अपनो आप ख परमेश्वर बतावय हय।” \p \v 34 यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “का तुम्हरी व्यवस्था म नहीं लिख्यो हय, ‘मय न कह्यो, तुम ईश्वर आय?’ \v 35 यदि ओन उन्ख ईश्वर कह्यो जिन्को जवर परमेश्वर को वचन पहुंच्यो अऊर पवित्र शास्त्र की बात असत्य नहीं होय सकय, \v 36 त जेक बाप न पवित्र ठहराय क जगत म भेज्यो हय, तुम ओको सी कह्य हय, ‘तय निन्दा करय हय,’ येकोलायी कि मय न कह्यो, ‘मय परमेश्वर को बेटा आय?’ \v 37 यदि मय अपनो बाप को काम नहीं करतो, त मोरो विश्वास मत करो। \v 38 पर यदि मय करू हय, त चाहे मोरो विश्वास नहीं भी करो, पर उन कामों को त विश्वास करो, ताकि तुम जानो अऊर समझो कि बाप मोरो म हय अऊर मय बाप म हय।” \p \v 39 तब उन्न फिर ओख पकड़न को कोशिश करयो पर ऊ उन्को हाथ सी निकल गयो। \p \v 40 \x + \xo १०:४० \xo*\xt यूहन्ना १:२८\xt*\x*तब ऊ यरदन नदी को पार ऊ जागा पर चली गयो, जित यूहन्ना पहिले बपतिस्मा दियो करत होतो, अऊर उतच रह्यो। \v 41 बहुत सो लोग ओको जवर आय क कहत होतो, “यूहन्ना न त कोयी चिन्ह नहीं दिखायो, पर जो कुछ यूहन्ना न येको बारे म कह्यो होतो, ऊ सब सच होतो।” \v 42 अऊर उत बहुतों न यीशु पर विश्वास करयो। \c 11 \s लाजर को मरनो \p \v 1 \x + \xo ११:१ \xo*\xt लूका १०:३८,३९\xt*\x*मरियम अऊर ओकी बहिन मार्था को गांव बैतनिय्याह को लाजर नाम को एक आदमी बीमार होतो। \v 2 \x + \xo ११:२ \xo*\xt यूहन्ना १२:३\xt*\x*या वा मरियम होती जेन प्रभु पर अत्तर डाल क ओको पाय ख अपनो बालों सी पोछ्यो होतो, येको भाऊ लाजर बीमार होतो। \v 3 येकोलायी ओकी बहिनों न ओख कहला भेज्यो, “हे प्रभु, देख, जेक तय बहुत प्रेम करय हय, ऊ बीमार हय।” \p \v 4 यो सुन्क यीशु न कह्यो, “या बीमारी मृत्यु की नोहोय; पर परमेश्वर की महिमा लायी आय, कि ओको द्वारा परमेश्वर को बेटा की महिमा हो।” \p \v 5 यीशु मार्था अऊर ओकी बहिन अऊर लाजर सी प्रेम रखत होतो। \v 6 तब भी जब ओन सुन्यो कि ऊ बीमार हय, त जो जागा पर ऊ होतो, उत दोय दिन अऊर रुक गयो। \v 7 येको बाद ओन चेलावों सी कह्यो, “आवो, हम फिर यहूदिया ख चलबो।” \p \v 8 चेलावों न ओको सी कह्यो, “हे गुरु, अभी त यहूदी तोरो पर पथराव करनो चाहत होतो, अऊर का तय फिर भी उतच जावय हय?” \p \v 9 यीशु न उत्तर दियो, “का दिन को बारा घंटा नहीं होवय? यदि कोयी दिन म चलय त ठोकर नहीं खावय, कहालीकि यो जगत को प्रकाश देखय हय। \v 10 पर यदि कोयी रात म चलय त ठोकर खावय हय, कहालीकि ओको म प्रकाश नहाय।” \v 11 ओन यो बाते कहीं, अऊर येको बाद उन्को सी कहन लग्यो, “हमरो संगी लाजर सोय गयो हय, पर मय ओख जगावन जाऊं हय।” \p \v 12 तब चेलावों न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, यदि ऊ सोय गयो हय, त चंगो होय जायेंन।” \p \v 13 यीशु न त ओको मरन को बारे म कह्यो होतो, पर हि समझ्यो कि ओन नींद सी सोय जान को बारे म कह्यो। \v 14 तब यीशु न उन्को सी साफ साफ कह्य दियो, “लाजर मर गयो हय; \v 15 अऊर मय तुम्हरो वजह खुश हय कि मय उत नहीं होतो जेकोसी तुम विश्वास करो। पर अब आवो, हम ओको जवर चलबो।” \p \v 16 तब थोमा न जो दिदुमुस कहलावय हय, अपनो संगी चेलावों सी कह्यो, “आवो, हम भी ओको संग मरन ख चलबो।” \s यीशु को पुनरुत्थान अऊर जीवन \p \v 17 उत पहुंचन पर यीशु ख यो मालूम भयो कि लाजर ख कब्र म रख्यो चार दिन भय गयो हंय। \v 18 बैतनिय्याह गांव यरूशलेम नगर को जवर लगभग कुछ तीन किलोमीटर दूर होतो। \v 19 बहुत सो यहूदी मार्था अऊर मरियम को जवर उन्को भाऊ को मरन पर शान्ति देन लायी आयो होतो। \p \v 20 जब मार्था न यीशु को आवन को समाचार सुन्यो त ओको सी मुलाखात करन क गयी, पर मरियम घर परच रही। \v 21 मार्था न यीशु सी कह्यो, “हे प्रभु, यदि तय इत होतो, त मोरो भाऊ कभीच नहीं मरतो। \v 22 अऊर अब भी मय जानु हय कि जो कुछ तय परमेश्वर सी मांगजो, परमेश्वर तोख देयेंन।” \p \v 23 यीशु न ओको सी कह्यो, “तोरो भाऊ फिर जीन्दो होयेंन।” \p \v 24 मार्था न ओको सी कह्यो, “मय जानु हय कि आखरी दिन म पुनरुत्थान को समय ऊ जीन्दो होयेंन।” \p \v 25 यीशु न ओको सी कह्यो, “पुनरुत्थान अऊर जीवन मयच आय; जो कोयी मोरो पर विश्वास करय हय ऊ यदि मर भी जाय तब भी जीयेंन, \v 26 अऊर जो कोयी जीन्दो हय अऊर मोर पर विश्वास करय हय, ऊ अनन्त काल तक नहीं मरेंन। का तय या बात पर विश्वास करय हय?” \p \v 27 ओन ओको सी कह्यो, “हव हे प्रभु, मय विश्वास करू हय कि परमेश्वर को बेटा मसीह जो जगत म आवन वालो होतो, ऊ तयच आय।” \s यीशु रोयो \p \v 28 यो कह्य क वा चली गयी, अऊर अपनी बहिन मरियम ख बुलाय क चुपचाप सी कह्यो, “गुरु इतच हय अऊर तोख बुलावय हय।” \v 29 यो सुनतोच ऊ तुरतच उठ क् ओको जवर आयी। \v 30 यीशु अभी गांव म नहीं पहुंच्यो होतो पर वाच जागा म होतो जित मार्था न ओको सी मुलाखात करी होती। \v 31 तब जो यहूदी ओको संग घर म होतो अऊर ओख शान्ति दे रह्यो होतो, यो देख क कि मरियम तुरतच उठ क् बाहेर गयी हय यो समझ्यो कि वा कब्र पर रोवन ख जाय रही हय, त हि ओको पीछू गयो। \p \v 32 जब मरियम उत पहुंची जित यीशु होतो, त ओख देखतोच ओको पाय पर गिर क कह्यो, “हे प्रभु, यदि तय इत होतो त मोरो भाऊ नहीं मरतो।” \p \v 33 जब यीशु न ओख अऊर उन यहूदियों ख जो ओको संग आयो होतो, रोवतो हुयो देख्यो, त आत्मा म बहुतच उदास अऊर व्याकुल भयो। \p \v 34 अऊर कह्यो, “तुम्न ओख कित रख्यो हय?” उन्न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, चल क देख ले।” \p \v 35 यीशु रोयो। \v 36 तब यहूदी कहन लग्यो, “देखो, ऊ ओको सी कितनो प्रेम रखत होतो।” \p \v 37 पर उन्म सी कुछ न कह्यो, “का यो जेन अन्धा की आंखी खोल्यो, यो भी नहीं कर सक्यो कि यो आदमी नहीं मरतो।” \s लाजर को जीन्दो करयो जानो \p \v 38 यीशु मन म बहुतच उदास होय क कब्र पर आयो। ऊ एक गुफा होती अऊर एक गोटा ओको पर रख्यो होतो। \v 39 यीशु न कह्यो, “गोटा हटाव।” \p वा मरयो हुयो की बहिन मार्था ओको सी कहन लगी, “हे प्रभु, ओको म सी अब त बास आवय हय, कहालीकि ओख मरयो चार दिन भय गयो हंय।” \p \v 40 यीशु न ओको सी कह्यो, “का मय न तोरो सी नहीं कह्यो होतो कि यदि तय विश्वास करजो, त परमेश्वर की महिमा ख देखेंन।” \v 41 तब उन्न ऊ गोटा ख हटायो। यीशु न आंखी उठाय क कह्यो, “हे पिता, मय तोरो धन्यवाद करू हय कि तय न मोरी सुन ली हय। \v 42 मय जानत होतो कि तय हमेशा मोरी सुनय हय, पर जो भीड़ आजु बाजू खड़ी हय, उन्को वजह मय न यो कह्यो, जेकोसी कि हि विश्वास करेंन कि तय न मोख भेज्यो हय।” \v 43 यो कह्य क ओन बड़ो आवाज सी पुकारयो, “हे लाजर, निकल आव!” \v 44 जो मर गयो होतो ऊ कफन सी हाथ पाय बन्ध्यो हुयो निकल आयो, अऊर ओको मुंह गमछा सी लिपट्यो हुयो होतो। यीशु न उन्को सी कह्यो, “ओख खोल दे अऊर जान दे।” \s यीशु को विरुद्ध साजीश \r (मत्ती २६:१-५; मरकुस १४:१,२; लूका २२:१,२) \p \v 45 तब जो यहूदी मरियम को जवर आयो होतो अऊर ओको यो काम देख्यो होतो, उन्म सी बहुत सो न ओको पर विश्वास करयो। \v 46 पर उन्म सी कुछ न फरीसियों को जवर जाय क यीशु को काम को समाचार दियो। \v 47 येको पर मुख्य याजकों अऊर फरीसियों न महासभा बुलायो, अऊर कह्यो, “हम का करजे हंय? यो आदमी त बहुत आश्चर्य को चिन्ह दिखावय हय \v 48 यदि हम ओख असोच रहन दियो, त हर कोयी ओको पर विश्वास करेंन, अऊर यो तरह रोमी लोग यहां आय जायेंन अऊर हमरो मन्दिर अऊर राष्ट्र ख नाश कर देयेंन।” \p \v 49 तब उन्म सी कैफा नाम को एक आदमी न जो ऊ साल को महायाजक होतो, उन्को सी कह्यो, “तुम कुछ भी नहीं जानय; \v 50 अऊर नहीं यो समझय हय कि तुम्हरो लायी यो अच्छो हय कि हमरो लोगों लायी एक आदमी मरे, अऊर पूरी जाति नाश नहीं होय।” \v 51 या बात ओन अपनो तरफ सी नहीं कहीं, पर ऊ साल को महायाजक होय क भविष्यवानी करी, कि यीशु यहूदी लोगों लायी मरेंन; \v 52 अऊर नहीं केवल ऊ जाति लायी, बल्की येकोलायी भी कि परमेश्वर की तितर–बितर सन्तानों ख एक कर दे। \p \v 53 येकोलायी उच दिन सी हि ओख मार डालन को साजीश रचन लग्यो। \v 54 येकोलायी यीशु ऊ समय सी यहूदियों म प्रगट होय क नहीं फिरयो, पर उत सी जंगल को जवर को प्रदेश को इफ्राईम नाम को एक नगर ख चली गयो; अऊर अपनो चेलावों को संग उतच रहन लग्यो। \p \v 55 यहूदियों को फसह को त्यौहार जवर होतो, अऊर बहुत सो लोग फसह सी पहिले गांव सी यरूशलेम ख गयो कि अपनो खुद ख शुद्ध करे। \v 56 येकोलायी हि यीशु ख ढूंढन लग्यो अऊर मन्दिर म खड़ो होय क आपस म कहन लग्यो, “तुम का सोचय हय? का ऊ पर्व म नहीं आयेंन?” \v 57 मुख्य याजकों अऊर फरीसियों न या आज्ञा दे रख्यो होतो कि यदि कोयी यो जानेंन कि यीशु कित हय त बताव, ताकि हि ओख पकड़ सकेंन। \c 12 \s यीशु को पाय पर अत्तर डालनो \r (मत्ती २६:६-१३; मरकुस १४:३-९) \p \v 1 यीशु फसह को त्यौहार सी छे दिन पहिले बैतनिय्याह गांव म आयो जित लाजर होतो, जेक यीशु न मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो होतो। \v 2 उत उन्न ओको लायी भोजन तैयार करयो; अऊर मार्था सेवा करत होती, अऊर लाजर उन्म सी एक होतो जो ओको संग जेवन करन लायी बैठ्यो होतो। \v 3 \x + \xo १२:३ \xo*\xt लूका ७:३७,३८\xt*\x*तब मरियम न जटामांसी को अरधो लीटर बहुत कीमती अत्तर ले क यीशु को पाय पर डाल्यो, अऊर अपनो बालों सी ओको पाय पोछ्यो; अऊर अत्तर की सुगन्ध सी घर सुगन्धित भय गयो। \v 4 पर ओको चेलावों म सी यहूदा इस्करियोती नाम को एक चेला जो ओख पकड़वान पर होतो, कहन लग्यो, \v 5 “यो अत्तर तीन सौ चांदी को सिक्का म बेच क गरीबों ख कहाली नहीं दियो गयो?” \v 6 ओन या बात येकोलायी नहीं कहीं कि ओख गरीबों की चिन्ता होती पर येकोलायी कि ऊ चोर होतो, अऊर ओको जवर उन्की पैसा कि झोली रहत होती अऊर ओको म जो कुछ डाल्यो जात होतो, ऊ निकाल लेत होतो। \fig संगमरमर को बर्तन |alt="Alabaster jars" src="hk00142c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="१२:३"\fig* \p \v 7 यीशु न कह्यो, “ओख रहन दे। ओख यो मोरो गाड़्यो जान को दिन लायी रखन दे। \v 8 कहालीकि गरीब त तुम्हरो संग हमेशा रह्य हंय, पर मय तुम्हरो संग हमेशा नहीं रहूं।” \s लाजर को विरुद्ध साजीश \p \v 9 जब यहूदियों की बड़ी भीड़ जान गयी कि ऊ उत हय, त हि नहीं केवल यीशु को वजह आयो पर येकोलायी भी कि लाजर ख देखे, जेक ओन मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो होतो। \v 10 तब मुख्य याजकों न लाजर ख भी मार डालन को साजीश रच्यो। \v 11 कहालीकि ओको वजह बहुत सो यहूदी चली गयो अऊर यीशु पर विश्वास करयो। \s यरूशलेम म विजय–प्रवेश \r (मत्ती २१:१-११; मरकुस ११:१-११; लूका १९:२८-४०) \p \v 12 दूसरों दिन बहुत सो लोगों न जो त्यौहार म आयो होतो यो सुन्यो कि यीशु यरूशलेम म आय रह्यो हय। \v 13 येकोलायी उन्न खजूर की डगाली धरी अऊर ओको सी भेंट करन ख निकल्यो, अऊर पुकारन लग्यो, “परमेश्वर की महिमा हो! धन्य इस्राएल को राजा, जो प्रभु को नाम सी आवय हय।” \p \v 14 जब यीशु ख गधा को एक बछड़ा मिल्यो; त ऊ ओको पर बैठ गयो, जसो लिख्यो हय, \q1 \v 15 “हे सिय्योन की बेटी, मत डर; \q1 देख, तोरो राजा गधा को बछड़ा पर \q2 सवार हुयो आवय हय।” \p \v 16 ओको चेलावों या बाते पहिले नहीं समझ्यो होतो, पर जब यीशु की महिमा प्रगट भयी त उन्ख याद आयो कि या बाते ओको बारे म लिख्यो हुयी होती अऊर लोगों न ओको सी योच तरह को व्यवहार करयो होतो। \p \v 17 तब भीड़ को उन लोगों न गवाही दी, जो ऊ समय ओको संग होतो, जब ओन लाजर ख कब्र म सी बुलाय क मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो होतो। \v 18 योच वजह लोग ओको सी मिलन आयो होतो कहालीकि उन्न सुन्यो होतो कि ओन यो आश्चर्य चिन्ह दिखायो हय। \v 19 तब फरीसियों न आपस म कह्यो, “सोचो त सही कि तुम सी कुछ नहीं बन पड़य। देखो, जगत ओको पीछू चलन लग्यो हय।” \s गैरयहूदियों को यीशु ख ढूंढनो \p \v 20 जो लोग ऊ त्यौहार म आराधना करन आयो होतो उन्म सी कुछ गैरयहूदियों होतो। \v 21 उन्न गलील प्रदेश को बैतसैदा नगर को रहन वालो फिलिप्पुस को जवर आय क ओको सी बिनती करी, “महाराज, हम यीशु ख देखनो चाहजे हंय।” \p \v 22 फिलिप्पुस न आय क अन्द्रियास सी कह्यो, तब अन्द्रियास अऊर फिलिप्पुस न जाय क यीशु सी कह्यो। \v 23 येको पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “ऊ समय आय गयो हय कि आदमी को बेटा की महिमा हो। \v 24 मय तुम सी सच सच कहू हय कि जब तक गहूं को बीजा जमीन म गिड़ क मर नहीं जावय, ऊ अकेलो रह्य हय; पर जब मर जावय हय, त बहुत फर लावय हय। \v 25 \x + \xo १२:२५ \xo*\xt मत्ती १०:३९; १६:२५; मरकुस ८:३५; लूका ९:२४; १७:३३\xt*\x*जो अपनो जीव ख प्रिय जानय हय, ऊ ओख खोय देवय हय; अऊर जो यो जगत म अपनो जीव ख अप्रिय जानय हय, ऊ अनन्त जीवन लायी ओकी रक्षा करेंन। \v 26 यदि कोयी मोरी सेवा करे, त मोरो पीछू होय जा; अऊर जित मय हय, उत मोरो सेवक भी होयेंन। यदि कोयी मोरी सेवा करेंन, त बाप ओको आदर करेंन। \s क्रूस सी मरन को इशारा \p \v 27 “अब मोरो जीव परेशान हय। येकोलायी अब मय का कहूं? ‘हे पिता, मोख या घड़ी सी बचाव?’ असो नहीं पर मय योच वजह सी यो घड़ी तक पहुंच्यो हय। \v 28 हे पिता, अपनो नाम की महिमा कर।” तब यो स्वर्ग सी आवाज भयी। \p “मय न ओकी महिमा करी हय, अऊर फिर भी करू।” \p \v 29 तब जो लोग खड़ो हुयो सुन रह्यो होतो उन्न कह्यो कि बादर गरज्यो। दूसरों न कह्यो, “कोयी स्वर्गदूत ओको सी बोल्यो।” \p \v 30 येको पर यीशु न कह्यो, “यो शब्द मोरो लायी नहीं, पर तुम्हरो लायी आयो हय। \v 31 अब यो जगत को न्याय होवय हय, अब यो जगत को शासक निकाल दियो जायेंन; \v 32 अऊर मय यदि धरती पर सी ऊचो पर चढ़ायो जाऊं, त सब ख अपनो जवर खीचूं।” \v 33 असो कह्य क ओन यो प्रगट कर दियो कि ऊ कसो मृत्यु सी मरेंन। \p \v 34 येको पर लोगों न ओको सी कह्यो, “हम न व्यवस्था की या बात सुनी हय कि मसीह हमेशा रहेंन, तब तय कहाली कह्य हय कि आदमी को बेटा ख ऊचो पर चढ़ायो जानो जरूरी हय? यो आदमी को बेटा कौन आय?” \p \v 35 यीशु न उन्को सी कह्यो, “ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हरो बीच म हय। जब तक ज्योति तुम्हरो संग हय तब तक चलतो रहो, असो नहीं होय कि अन्धारो तुम्ख आय घेरे; जो अन्धारो म चलय हय ऊ नहीं जानय कि कित जावय हय। \v 36 जब तक ज्योति तुम्हरो संग हय, ज्योति पर विश्वास करो ताकि तुम ज्योति की सन्तान बनो।” \s यहूदियों को अविश्वास म बन्यो रहनो \p या बाते कह्य क यीशु चली गयो अऊर उन्को सी लूक्यो रह्यो। \v 37 ओन उन्को आगु इतनो आश्चर्य को चिन्ह दिखायो, तब भी उन्न ओको पर विश्वास नहीं करयो; \v 38 ताकि यशायाह भविष्यवक्ता को वचन पूरो होय जो ओन कह्यो: \q1 “हे प्रभु, हमरो समाचार को कौन न विश्वास करयो हय? \q2 अऊर प्रभु को भुजबल कौन्को पर प्रगट भयो हय?” \p \v 39 यो वजह हि विश्वास नहीं कर सक्यो, कहालीकि यशायाह न यो भी कह्यो हय: \q1 \v 40 “ओन उन्की आंखी अन्धो, \q2 अऊर उन्को मन कठोर कर दियो हय; \q1 कहीं असो नहीं होय कि हि आंखी सी देखे, \q2 अऊर मन सी समझे, \q2 अऊर मोरो तरफ फिरे, \q2 अऊर मय उन्ख चंगो करू।” \p \v 41 यशायाह न या बात येकोलायी कहीं कि ओन ओकी महिमा देखी, अऊर ओन ओको बारे म बाते करी। \p \v 42 तब भी अधिकारियों म सी बहुत सो न ओको पर विश्वास करयो, पर फरीसियों को वजह प्रगट म नहीं मानत होतो, कहीं असो नहीं होय कि हि आराधनालयों म सी निकाल दियो जायेंन: \v 43 कहालीकि आदमियों को तरफ सी बड़ायी उन्ख परमेश्वर को तरफ सी बड़ायी की अपेक्षा बहुत प्रिय लगत होती। \s यीशु को वचन: न्याय को आधार \p \v 44 यीशु न पुकार क कह्यो, “जो मोर पर विश्वास करय हय, ऊ मोरो पर नहीं बल्की मोरो भेजन वालो पर विश्वास करय हय। \v 45 अऊर जो मोख देखय हय, ऊ मोरो भेजन वालो ख देखय हय। \v 46 मय जगत म ज्योति होय क आयो हय, ताकि जो कोयी मोरो पर विश्वास करेंन ऊ अन्धारो म नहीं रहेंन। \v 47 यदि कोयी मोरी बाते सुन्क नहीं मानेंन, त मय ओख दोषी नहीं ठहराऊ; कहालीकि मय जगत ख दोषी ठहरान लायी नहीं, पर जगत को उद्धार करन लायी आयो हय। \v 48 जो मोख बेकार जानय हय अऊर मोरी बाते स्वीकार नहीं करय हय ओख दोषी ठहरान वालो त एक हय: यानेकि जो वचन मय न कह्यो हय, उच पिछलो दिन म ओख दोषी ठहरायेंन। \v 49 कहालीकि मय न अपनी तरफ सी बाते नहीं करी; पर बाप जेन मोख भेज्यो हय ओन मोख आज्ञा दी हय कि का का कहूं अऊर का का बोलू? \v 50 अऊर मय जानु हय कि ओकी आज्ञा अनन्त जीवन आय। येकोलायी मय जो कुछ बोलू हय, ऊ जसो बाप न मोरो सी कह्यो हय वसोच बोलू हय।” \c 13 \s यीशु को चेलावों को पाय धोवनो \p \v 1 फसह को त्यौहार सी पहिले, जब यीशु न जान लियो कि मोरो ऊ समय आय पहुंच्यो हय कि जगत छोड़ क बाप को जवर जाऊं, त अपनो लोगों सी जो जगत म होतो जसो प्रेम ऊ रखत होतो, आखरी तक वसोच प्रेम रखत रह्यो। \p \v 2 यीशु अऊर ओको चेला उत होतो तबच शैतान शिमोन को टुरा यहूदा इस्करियोती को मन म यो डाल चुक्यो होतो कि ओख पकड़वाये, त जेवन को समय \v 3 यीशु न, यो जान क कि बाप न सब कुछ मोरो हाथ म कर दियो हय अऊर मय परमेश्वर को जवर सी आयो हय अऊर परमेश्वर को जवर जाऊं हय, \v 4 जेवन पर सी उठ क अपनो बनियाइन को ऊपर को कपड़ा को कुरता उतार दियो, अऊर गमछा ले क अपनो कमर बान्ध्यो। \v 5 तब बर्तन म पानी भर क चेलावों को पाय धोवन लग्यो अऊर जो गमछा सी ओकी कमर बन्धी होती ओको सी पोछन लग्यो। \v 6 जब ऊ शिमोन पतरस को जवर आयो, तब पतरस न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, का तय मोरो पाय धोवय हय?” \p \v 7 यीशु न ओख उत्तर दियो, “जो मय करू हय, तय ओख अभी नहीं जानय, पर येको बाद समझेंन।” \p \v 8 पतरस न ओको सी कह्यो, “तय मोरो पाय कभी नहीं धोय सकजो!” यो सुन्क यीशु न ओको सी कह्यो, “यदि मय तोरो पाय नहीं धोऊं, त मोरो संग तोरो कुछ भी साझा नहीं।” \p \v 9 शिमोन पतरस न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, त मोरो पायच नहीं, बल्की हाथ अऊर मुंड भी धोय दे।” \p \v 10 यीशु न ओको सी कह्यो, “जो आंगधोय लियो हय ओख पाय को अलावा अऊर कुछ धोवन की जरूरत नहाय, पर ऊ बिल्कुल शुद्ध हय; अऊर तुम शुद्ध हो, पर सब को सब नहीं।” \v 11 ऊ त अपनो पकड़वान वालो ख जानत होतो येकोलायी ओन कह्यो, “तुम सब को सब शुद्ध नहाय।” \p \v 12 \x + \xo १३:१२ \xo*\xt लूका २२:२७\xt*\x*जब ऊ उन्को पाय धोय लियो, अऊर अपनो कपड़ा पहिन क फिर बैठ गयो, त उन्को सी कहन लग्यो, “का तुम समझ्यो कि मय न तुम्हरो संग का करयो? \v 13 तुम मोख गुरु अऊर प्रभु कह्य हय, अऊर ठीकच कह्य हय, कहालीकि मय उच आय। \v 14 यदि मय न प्रभु अऊर गुरु होय क् तुम्हरो पाय धोयो, त तुम्ख भी एक दूसरों को पाय धोवन क होना। \v 15 कहालीकि मय न तुम्ख कर क् दिखाय दियो हय कि जसो मय न तुम्हरो संग करयो हय, तुम भी वसोच करो। \v 16 \x + \xo १३:१६ \xo*\xt मत्ती १०:२४; लूका ६:४०; यूहन्ना १५:२०\xt*\x*मय तुम सी सच सच कहू हय, सेवक अपनो मालिक सी बड़ो नहाय, अऊर नहीं भेज्यो हुयो अपनो भेजन वालो सी। \v 17 तुम या बात जानय हय, अऊर यदि उन पर चलो त धन्य हय। \p \v 18 “मय तुम सब को बारे म नहीं कहू; जिन्ख मय न चुन लियो हय, उन्ख मय जानु हय; पर यो येकोलायी हय कि शास्त्र को यो वचन पूरो होय, ‘जो मोरी रोटी खावय हय, ऊ मोरो विरुद्ध हय।’ \v 19 अब मय ओको होन सी पहिले तुम्ख बताय देऊ हय कि जब यो होय जाये त तुम विश्वास करो कि मय उच आय। \v 20 \x + \xo १३:२० \xo*\xt मत्ती १०:४०; मरकुस ९:३७; लूका ९:४८; १०:१६\xt*\x*मय तुम सी सच सच कहू हय कि जो मोरो भेज्यो हुयो ख स्वीकार करय हय, ऊ मोख स्वीकार करय हय; अऊर जो मोख स्वीकार करय हय; ऊ मोरो भेजन वालो ख स्वीकार करय हय।” \s विश्वासघात को तरफ इशारा \r (मत्ती २६:२०-२५; मरकुस १४:१७-२१; लूका २२:२१-२३) \p \v 21 या बाते कह्य क यीशु आत्मा म दु:खी भयो अऊर या गवाही दी, “मय तुम सी सच सच कहू हय कि तुम म सी एक मोख पकड़वायेंन।” \v 22 चेलावों एक दूसरों ख ताकन लग्यो कहालीकि समझ नहीं सक्यो कि ऊ कौन्को बारे म कह्य रह्य हय। \v 23 ओको चेलावों म सी एक जेकोसी यीशु प्रेम रखत होतो, यीशु को आगु बैठ्यो होतो। \v 24 शिमोन पतरस न ओको तरफ इशारा कर क् ओको सी पुच्छ्यो, “बताव, त ऊ कौन्को बारे म कह्य हय?” \p \v 25 तब ओन वसोच यीशु को तरफ झुक्यो हुयो ओको सी पुच्छ्यो, “हे प्रभु, ऊ कौन हय?” \p \v 26 यीशु न उत्तर दियो, “जेक मय यो रोटी को टुकड़ा डुबाय क देऊं उच आय।” अऊर ओन टुकड़ा डुबाय क शिमोन इस्करियोती को टुरा यहूदा ख दियो। \v 27 टुकड़ा लेतोच शैतान ओको म समाय गयो। तब यीशु न ओको सी कह्यो, “जो तय करय हय, तुरतच कर।” \v 28 पर बैठन वालो म सी कोयी न नहीं जान्यो कि ओन या बात ओको सी कहाली कहीं। \v 29 यहूदा को जवर पैसा कि झोली रहत होती, येकोलायी कोयी कोयी न समझ्यो कि यीशु ओको सी कह्य रह्यो हय कि जो कुछ हम्ख त्यौहार लायी होना ऊ ले ले, यां यो कि गरीबों ख कुछ दे। \p \v 30 अऊर ऊ टुकड़ा ले क तुरतच बाहेर चली गयो; अऊर यो रात को समय होतो। \s नयी आज्ञा \p \v 31 जब ऊ बाहेर चली गयो त यीशु न कह्यो, “अब आदमी को बेटा की महिमा भयी हय, अऊर परमेश्वर की महिमा उन्म भयी हय; \v 32 यदि उन्म परमेश्वर की महिमा भयी हय, त परमेश्वर भी अपनो म ओकी महिमा करेंन अऊर तुरतच करेंन। \v 33 \x + \xo १३:३३ \xo*\xt यूहन्ना ७:३४\xt*\x*हे बच्चां, मय अऊर थोड़ी देर तुम्हरो जवर हय: फिर तुम मोख ढूंढो, अऊर जसो मय न यहूदियों सी कह्यो, ‘जित मय जाऊ हय उत तुम नहीं आय सकय,’ वसोच मय अब तुम सी भी कहू हय। \v 34 \x + \xo १३:३४ \xo*\xt यूहन्ना १५:१२,१७; १ यूहन्ना ३:२३; २ यूहन्ना १:५\xt*\x*मय तुम्ख एक नयी आज्ञा देऊ हय कि एक दूसरों सी प्रेम रखो; जसो मय न तुम सी प्रेम रख्यो हय, वसोच तुम भी एक दूसरों सी प्रेम रखो। \v 35 यदि आपस म प्रेम रखेंन, त येको सी सब जानेंन कि तुम मोरो चेलां आय।” \s पतरस को इन्कार को इशारा \r (मत्ती २६:३१-३५; मरकुस १४:२७-३१; लूका २२:३१-३४) \p \v 36 शिमोन पतरस न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, तय कित जावय हय?” यीशु न उत्तर दियो, “जित मय जाऊ हय उत तय अभी मोरो पीछू आय नहीं सकय; पर येको बाद मोरो पीछू आयेंन।” \p \v 37 पतरस न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, अभी मय तोरो पीछू कहाली नहीं आय सकू? मय त तोरो लायी अपनो जीव भी दे देऊ।” \p \v 38 यीशु न उत्तर दियो, “का तय मोरो लायी अपनो जीव देजो? मय तोरो सी सच सच कहू हय कि मुर्गा बाग देयेंन ओको सी पहिले तक तय तीन बार मोरो इन्कार कर लेजो। \c 14 \s परमेश्वर तक पहुंचन को रस्ता यीशु \p \v 1 “तुम्हरो मन दु:खी नहीं हो; परमेश्वर पर विश्वास रखो अऊर मोरो पर भी विश्वास रखो। \v 2 मोरो बाप को घर म बहुत सो रहन की जागा हंय, यदि नहीं होतो त मय तुम सी कह्य देतो; कहालीकि मय तुम्हरो लायी जागा तैयार करन जाऊ हय। \v 3 अऊर यदि मय जाय क तुम्हरो लायी जागा तैयार करू, त फिर आय क तुम्ख अपनो इत ले जाऊं कि जित मय रहूं उत तुम भी रहो। \v 4 जित मय जाऊ हय तुम उत को रस्ता जानय हय।” \p \v 5 थोमा न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, हम नहीं जानय कि तय कित जाय रह्यो हय; त रस्ता कसो जानबो?” \p \v 6 यीशु न ओको सी कह्यो, “रस्ता अऊर सत्य अऊर जीवन मयच हय; बिना मोरो द्वारा कोयी बाप को जवर नहीं पहुंच सकय। \v 7 यदि तुम न मोख जान्यो होतो, त मोरो बाप ख भी जानतो; अऊर अब ओख जानय हय, अऊर ओख देख्यो भी हय।” \p \v 8 फिलिप्पुस न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, पिता ख हम्ख दिखाय दे, योच हमरो लायी बहुत हय।” \p \v 9 यीशु न ओको सी कह्यो, “हे फिलिप्पुस, मय इतनो दिन सी तुम्हरो संग हय, अऊर का तय मोख नहीं जानय? जेन मोख देख्यो हय ओन बाप ख देख्यो हय। तय कहाली कह्य हय कि बाप ख हम्ख दिखाव? \v 10 का तय विश्वास नहीं करय कि मय बाप म हय अऊर बाप मोर म हय? या बाते जो मय तुम सी कहू हय, अपनो तरफ सी नहीं कहूं, पर बाप मोर म रह्य क अपनो काम करय हय। \v 11 जो मोरी या बात पर विश्वास करो कि मय बाप म हय अऊर बाप मोर म हय; नहीं त कामों को वजह मोरो विश्वास करो।” \p \v 12 “मय तुम सी सच सच कहू हय कि जो मोर पर विश्वास रखय हय, यो काम जो मय करू हय ऊ भी करेंन, बल्की इन सी भी बड़ो काम करेंन, कहालीकि मय बाप को जवर जाऊं हय। \v 13 जो कुछ तुम मोरो नाम सी मांगो, उच मय करू कि बेटा को द्वारा बाप की महिमा होय। \v 14 यदि तुम मोरो सी मोरो नाम सी कुछ मांगो, त मय ओख करू।” \s पवित्र आत्मा की प्रतिज्ञा \p \v 15 “यदि तुम मोरो सी प्रेम रखय हय, त मोरी आज्ञावों ख मानो। \v 16 मय बाप सी बिनती करू, अऊर ऊ तुम्ख एक अऊर सहायक देयेंन कि ऊ हमेशा तुम्हरो संग रहेंन” \v 17 यानेकि सत्य की आत्मा, जेक जगत स्वीकार नहीं कर सकय, कहालीकि ऊ नहीं ओख देखय हय अऊर नहीं ओख जानय हय; तुम ओख जानय हय, कहालीकि ऊ तुम्हरो संग रह्य हय, अऊर ऊ तुम म रहेंन। \p \v 18 “मय तुम्ख अनाथ नहीं छोड़ूं; मय तुम्हरो जवर आऊं। \v 19 अऊर थोड़ी देर रह गयी हय कि फिर जगत मोख नहीं देखेंन, पर तुम मोख देखेंन; येकोलायी कि मय जीन्दो हय, तुम भी जीन्दो रहेंन। \v 20 ऊ दिन तुम जानेंन कि मय अपनो बाप म हय, अऊर तुम मोर म, अऊर मय तुम म।” \p \v 21 जेको जवर मोरी आज्ञाये हंय अऊर ऊ उन्ख मानय हय, उच मोरो सी प्रेम रखय हय; अऊर जो मोरो सी प्रेम रखय हय ओको सी मोरो बाप प्रेम रखेंन, अऊर मय ओको सी प्रेम रखू अऊर अपनो आप ख ओको पर प्रगट करू। \p \v 22 ऊ यहूदा न जो इस्करियोती नहीं होतो, ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, का भयो कि तय अपनो आप ख हम पर प्रगट करनो चाहवय हय अऊर जगत पर नहीं?” \p \v 23 यीशु न ओख उत्तर दियो, “यदि कोयी मोर सी प्रेम रखेंन त ऊ मोरो वचन ख मानेंन, अऊर मोरो बाप ओको सी प्रेम रखेंन, अऊर हम ओको जवर आयबो अऊर ओको संग रहबो। \v 24 जो मोरो सी प्रेम नहीं रखय, ऊ मोरो वचन नहीं मानय; अऊर जो वचन तुम सुनय हय ऊ मोरो नहीं बल्की बाप को हय, जेन मोख भेज्यो।” \p \v 25 “या बाते मय न तुम्हरो संग रहतो हुयो तुम सी कहीं। \v 26 पर सहायक यानेकि पवित्र आत्मा जेख बाप मोरो नाम सी भेजेंन, ऊ तुम्ख सब बाते सिखायेंन, अऊर जो कुछ मय न तुम सी कह्यो हय, ऊ सब तुम्ख याद दिलायेंन।” \p \v 27 मय तुम्ख शान्ति दियो जाऊं हय, अपनी शान्ति तुम्ख देऊ हय; जसो जगत देवय हय, मय तुम्ख नहीं देऊ: तुम्हरो मन दु:खी नहीं हो अऊर मत डरो। \v 28 तुम न सुन्यो कि मय न तुम सी कह्यो, “मय जाऊं हय, अऊर तुम्हरो जवर फिर आऊं।” यदि तुम मोरो सी प्रेम रखतो, त या बात सी खुशी होतो कि मय बाप को जवर जाऊं हय, कहालीकि बाप मोर सी बड़ो हय। \v 29 अऊर मय न अब येको होनो सी पहिले तुम सी कह्य दियो हय, कि जब ऊ होय जाये, त तुम विश्वास करो। \v 30 मय अब तुम्हरो संग अऊर बहुत बाते नहीं करू, कहालीकि यो जगत को शासक आवय हय। मोरो पर ओको कोयी अधिकार नहीं; \v 31 पर यो येकोलायी होवय हय कि जगत जाने कि मय बाप सी प्रेम रखू हय, अऊर जसो बाप न मोख आज्ञा दियो हय मय वसोच करू हय। उठो, इत सी चलबो। \c 15 \s यीशु सच्ची दाखलता \p \v 1 “सच्ची दाखलता मय आय, अऊर मोरो बाप किसान आय। \v 2 जो डगाली मोर म हय अऊर नहीं फरय, ओख ऊ काट डालय हय; अऊर जो फरय हय, ओख ऊ छाटय हय ताकि अऊर फरे। \v 3 तुम त ऊ वचन को वजह जो मय न तुम सी कह्यो हय, शुद्ध हो। \v 4 तुम मोर म बन्यो रहो, अऊर मय तुम म जसो डगाली यदि दाखलता म बन्यो नहीं रहो त अपनो आप सी नहीं फर सकय, वसोच तुम भी यदि मोर म बन्यो नहीं रहो त नहीं फर सकय।” \p \v 5 “मय दाखलता आय: तुम डगाली आय। जो मोर म बन्यो रह्य हय अऊर मय उन्म, ऊ बहुत फर फरय हय, कहालीकि मोर सी अलग होय क तुम कुछ भी नहीं कर सकय। \v 6 यदि कोयी मोर म बन्यो नहीं रहे, त ऊ डगाली को जसो फेक दियो जावय, अऊर सूख जावय हय; अऊर लोग उन्ख जमा कर क् आगी म झोक देवय हंय, अऊर हि जल जावय हंय। \v 7 यदि तुम मोर म बन्यो रहो अऊर मोरो वचन तुम म बन्यो रहे, त जो चाहो मांगो अऊर ऊ तुम्हरो लायी होय जायेंन। \v 8 मोरो बाप की महिमा येको सी होवय हय कि तुम बहुत सो फर लावो, तबच तुम मोरो चेला ठहरो।” \p \v 9 “जसो बाप न मोर सी प्रेम रख्यो, वसोच मय न तुम सी प्रेम रख्यो; मोरो प्रेम म बन्यो रहो। \v 10 यदि तुम मोरी आज्ञावों ख मानजो, त मोरो प्रेम म बन्यो रहेंन; जसो कि मय न अपनो बाप की आज्ञावों ख मान्यो हय, अऊर ओको प्रेम म बन्यो रहू हय।” \p \v 11 मय न या बाते तुम सी येकोलायी कहीं हंय, कि मोरी खुशी तुम म बन्यो रहे, अऊर तुम्हरी खुशी पूरी होय जाय। \v 12 \x + \xo १५:१२ \xo*\xt यूहन्ना १३:३४; १५:१७; १ यूहन्ना ३:२३; २ यूहन्ना १:५\xt*\x*मोरी आज्ञा यो आय, कि जसो मय न तुम सी प्रेम रख्यो, वसोच तुम भी एक दूसरों सी प्रेम रखो। \v 13 येको सी बड़ो प्रेम कोयी को नहीं कि कोयी अपनो संगी लायी अपनो जीव दे। \v 14 जो आज्ञा मय तुम्ख देऊ हय, यदि ओख मानो त तुम मोरो संगी हय। \v 15 अब सी मय तुम्ख सेवक नहीं कहूं, कहालीकि सेवक नहीं जानय कि ओको मालिक का करय हय; पर मय न तुम्ख संगी कह्यो हय, कहालीकि मय न जो बाते अपनो बाप सी सुनी, हि सब तुम्ख बताय दियो। \v 16 तुम न मोख नहीं चुन्यो पर मय न तुम्ख चुन्यो हय अऊर तुम्ख नियुक्त करयो कि तुम जाय क फर लावो अऊर तुम्हरो फर बन्यो रहे, कि तुम मोरो नाम सी जो कुछ बाप सी मांगो, ऊ तुम्ख दे। \v 17 इन बातों की आज्ञा मय तुम्ख येकोलायी देऊ हय कि तुम एक दूसरों सी प्रेम रखो। \s जगत को बैर \p \v 18 “यदि जगत तुम सी दुश्मनी रखय हय, त तुम जानय हय कि ओन तुम सी पहिले मोरो सी दुश्मनी रख्यो। \v 19 यदि तुम जगत को होतो, त जगत अपनो सी प्रेम रखतो; पर यो वजह कि तुम जगत को नोहोय, बल्की मय न तुम्ख जगत म सी चुन लियो हय, येकोलायी जगत तुम सी दुश्मनी रखय हय। \v 20 \x + \xo १५:२० \xo*\xt मत्ती १०:२४; लूका ६:४०; यूहन्ना १३:१६\xt*\x*जो बात मय न तुम सी कहीं होती, ‘सेवक अपनो मालिक सी बड़ो नहीं होवय,’ ओख याद रखो। यदि उन्न मोख सतायो, त तुम्ख भी सतायेंन; यदि उन्न मोरी बात मानी, त तुम्हरी भी मानेंन। \v 21 पर यो सब कुछ हि मोरो नाम को वजह तुम्हरो संग करेंन, कहालीकि हि मोरो भेजन वालो ख नहीं जानय।” \p \v 22 “यदि मय नहीं आतो अऊर उन्को सी बाते नहीं करतो, त हि पापी नहीं ठहरतो; पर अब उन्ख उन्को पाप लायी कोयी बहाना नहीं। \v 23 जो मोरो सी दुश्मनी रखय हय, ऊ मोरो बाप सी भी दुश्मनी रखय हय। \v 24 यदि मय उन्म हि काम नहीं करतो जो अऊर कोयी न नहीं करयो, त हि पापी नहीं ठहरतो; पर अब त उन्न मोख अऊर मोरो बाप दोयी ख देख्यो अऊर दोयी सी दुश्मनी करयो। \v 25 यो येकोलायी भयो कि ऊ वचन पूरो होय, जो उन्की व्यवस्था म लिख्यो हय, ‘उन्न मोरो सी बेकार दुश्मनी करयो।’” \p \v 26 पर जब ऊ सहायक आयेंन, जेक मय तुम्हरो जवर बाप को तरफ सी भेजूं, यानेकि सत्य की आत्मा जो बाप को तरफ सी निकलय हय, त ऊ मोरी गवाही देयेंन; \v 27 अऊर तुम भी मोरो गवाह आय कहालीकि तुम सुरूवात सी मोरो संग रह्यो हय। \c 16 \p \v 1 “या बाते मय न तुम सी येकोलायी कह्यो कि तुम ठोकर नहीं खावो। \v 2 हि तुम्ख आराधनालयों म सी निकाल दियो जायेंन, बल्की ऊ समय आवय हय, कि जो कोयी तुम्ख मार डालेंन ऊ समझेंन कि मय परमेश्वर की सेवा करू हय। \v 3 असो हि येकोलायी करेंन कि उन्न नहीं बाप ख जान्यो हय अऊर नहीं मोख जानय हंय। \v 4 पर या बाते मय न येकोलायी तुम सी कह्यो, कि जब इन्को समय आये त तुम्ख याद आय जाये कि मय न तुम सी पहिलेच कह्य दियो होतो। \s पवित्र आत्मा को कार्य \p “मय न सुरूवात म तुम सी या बाते येकोलायी नहीं कहीं कहालीकि मय तुम्हरो संग होतो। \v 5 पर अब मय अपनो भेजन वालो को जवर जाऊं हय; अऊर तुम म सी कोयी मोरो सी नहीं पूछय, ‘तय कित जावय हय?’ \v 6 पर मय न जो या बाते तुम सी कह्यो हंय येकोलायी तुम्हरो मन दु:ख सी भर गयो हय। \v 7 तब भी मय तुम सी सच कहू हय कि मोरो जानो तुम्हरो लायी अच्छो हय, कहालीकि यदि मय नहीं जाऊं त ऊ सहायक तुम्हरो जवर नहीं आयेंन; पर यदि मय जाऊं, त ओख तुम्हरो जवर भेजूं। \v 8 ऊ आय क जगत को पाप अऊर सच्चायी अऊर न्याय को बारे म जगत को शक ख दूर करेंन। \v 9 पाप को बारे म येकोलायी कि हि मोरो पर विश्वास नहीं करय; \v 10 अऊर सच्चायी को बारे म येकोलायी कि मय बाप को जवर जाऊं हय, अऊर तुम मोख फिर नहीं देखो; \v 11 न्याय को बारे म येकोलायी कि जगत को शासक दोषी ठहरायो गयो हय। \p \v 12 “मोख तुम सी अऊर भी बहुत सी बाते कहनो हंय, पर अभी तुम उन्ख सहन नहीं कर सकय। \v 13 पर जब ऊ मतलब सत्य को आत्मा आयेंन, त तुम्ख सब सत्य को रस्ता बतायेंन कहालीकि ऊ अपनो तरफ सी नहीं कहेंन पर जो कुछ सुनेंन उच कहेंन, अऊर आवन वाली बाते तुम्ख बतायेंन। \v 14 ऊ मोरी महिमा करेंन, कहालीकि ऊ मोरी बाते म सी ले क तुम्ख बतायेंन। \v 15 जो कुछ बाप को आय, ऊ सब मोरो आय; येकोलायी मय न कह्यो कि ऊ मोरी बातों म सी ले क तुम्ख बतायेंन। \s दु:ख सुख म बदल जायेंन \p \v 16 “थोड़ी देर म तुम मोख नहीं देखो, अऊर फिर थोड़ी देर म मोख देखो।” \p \v 17 तब ओको कुछ चेला न आपस म कह्यो, “यो का हय जो ऊ हम सी कह्य हय, ‘थोड़ी देर म तुम मोख नहीं देखो, अऊर फिर थोड़ी देर म मोख देखो?’ अऊर यो ‘येकोलायी कि मय बाप को जवर जाऊं हय?’” \v 18 तब उन्न कह्यो, “यो ‘थोड़ी देर’ जो ऊ कह्य हय, का बात आय? हम नहीं जानजे कि ऊ का कह्य हय।” \p \v 19 यीशु न यो जान क कि हि मोरो सी पूछनो चाहवय हंय, ओन कह्यो, “का तुम आपस म मोरी या बात को बारे म पूछताछ करय हय, थोड़ी देर म तुम मोख नहीं देखो, अऊर फिर थोड़ी देर म मोख देखो?” \v 20 मय तुम सी सच सच कहू हय कि तुम रोयेंन अऊर विलाप करेंन, पर जगत खुशी मनायेंन; तुम ख दु:ख होयेंन, पर तुम्हरो दु:ख खुशी म बदल जायेंन। \v 21 प्रसव को समय बाई ख दु:ख होवय हय, कहालीकि ओकी दु:ख की घड़ी आय पहुंची हय, पर जब वा बच्चा ख जनम दे देवय हय, त यो खुशी सी कि जगत म एक आदमी पैदा भयो, ऊ संकट ख फिर याद नहीं कर सकय। \v 22 उच तरह तुम्ख भी अब त दु:ख हय, पर मय तुम सी फिर मिलूं अऊर तुम्हरो मन खुशी सी भर जायेंन; अऊर तुम्हरी खुशी कोयी तुम सी छीन नहीं लेयेंन। \p \v 23 ऊ दिन तुम मोरो सी कुछ मत पूछो। मय तुम सी सच सच कहू हय, यदि बाप सी कुछ मांगो, त ऊ मोरो नाम सी तुम्ख देयेंन। \v 24 अब तक तुम न मोरो नाम सी कुछ नहीं मांग्यो; मांगो, त पावों ताकि तुम्हरी खुशी पूरी होय जाये। \s जगत पर विजय \p \v 25 “मय न या बाते तुम सी दृष्टान्तों म कहीं हंय, पर ऊ समय आवय हय कि मय तुम सी फिर दृष्टान्तों म नहीं कहूं, पर खुल क तुम्ख बाप को बारे म बताऊं। \v 26 ऊ दिन तुम मोरो नाम सी मांगो; अऊर मय तुम सी यो नहीं कहूं कि मय तुम्हरो लायी बाप सी बिनती करू; \v 27 कहालीकि बाप त तुम सीच प्रेम रखय हय, येकोलायी कि तुम न मोरो सी प्रेम रख्यो हय अऊर यो भी विश्वास करयो हय कि मय बाप को तरफ सी आयो। \v 28 मय बाप को तरफ सी जगत म आयो हय; मय फिर जगत ख छोड़ क बाप को जवर जाऊ हय।” \p \v 29 ओको चेलां न कह्यो, “देख, अब त तय खोल क कह्य हय, अऊर कोयी दृष्टान्त नहीं कह्य। \v 30 अब हम जान गयो हंय कि तय सब कुछ जानय हय, अऊर येकी जरूरत नहीं कि कोयी तोरो सी कुछ पूछेंन; येको सी हम विश्वास करजे हंय कि तय परमेश्वर को तरफ सी आयो हय।” \p \v 31 यो सुन क यीशु न ओको सी कह्यो, “का तुम अब विश्वास करय हय? \v 32 ऊ घड़ी आवय हय बल्की आय गयी हय कि तुम सब जगर-बगर होय क अपनो अपनो रस्ता धरेंन, अऊर मोख अकेलो छोड़ देयेंन; तब भी मय अकेलो नहाय कहालीकि बाप मोरो संग हय। \v 33 मय न या बाते तुम सी येकोलायी कह्यो हंय कि तुम्ख मोरो म शान्ति मिले। जगत म तुम्ख तकलीफ होवय हय, पर हिम्मत बान्धो, मय न जगत ख जीत लियो हय।” \c 17 \s यीशु की प्रार्थना अपनो चेला लायी \p \v 1 यीशु न या बाते कह्यो अऊर अपनी आंखी स्वर्ग को तरफ उठाय क कह्यो, “हे पिता, वा घड़ी आय गयी हय; अपनो बेटा की महिमा कर कि बेटा भी तोरी महिमा करे।” \v 2 कहालीकि तय न ओख सब मानव पर अधिकार दियो, कि जिन्ख तय न ओख दियो हय उन सब ख ऊ अनन्त जीवन दे। \v 3 अऊर अनन्त जीवन यो हय कि हि तय एकच सच्चो परमेश्वर ख अऊर यीशु मसीह ख, जेक तय न भेज्यो हय, जाने। \v 4 जो कार्य तय न मोख करन ख दियो होतो, ओख पूरो कर क् मय न धरती पर तोरी महिमा करी हय। \v 5 अब हे पिता, तय अपनो संग मोरी महिमा वा महिमा सी कर जो जगत ख बनान सी पहिले, मोरी तोरो संग होती। \p \v 6 “मय न तोरो नाम उन आदमियों पर प्रगट करयो हय जिन्ख तय न जगत म सी मोख दियो हय। हि तोरो होतो अऊर तय न उन्ख मोख दियो, अऊर उन्न तोरो वचन ख मान लियो हय। \v 7 अब हि जान गयो हंय कि जो कुछ तय न मोख दियो हय, सब तोरो तरफ सी आय; \v 8 कहालीकि जो बात तय न मोख दियो, मय न ऊ उन्ख पहुंचाय दियो; अऊर उन्न उन्ख स्वीकार करयो, अऊर सच सच जान लियो हय, कि मय तोरो तरफ सी आयो हय, अऊर विश्वास कर लियो हय कि तयच न मोख भेज्यो।” \p \v 9 मय उन्को लायी बिनती करू हय; जगत लायी बिनती नहीं करू हय पर उन्कोच लायी जिन्ख तय न मोख दियो हय, कहालीकि हि तोरो आय; \v 10 अऊर जो कुछ मोरो हय ऊ सब तोरो हय, अऊर जो तोरो हय ऊ मोरो हय, अऊर इन सी मोरी महिमा प्रगट भयी हय। \v 11 मय अब जगत म नहीं रहूं, पर यो जगत म रहेंन, अऊर मय तोरो जवर आऊं हय। हे पवित्र पिता, अपनो ऊ नाम सी जो तय न मोख दियो हय, उनकी रक्षा कर कि हि हमरो जसो एक होय। \v 12 \x + \xo १७:१२ \xo*\xt यूहन्ना १३:१८\xt*\x*जब मय उन्को संग होतो, त मय न तोरो ऊ नाम सी, जो तय न मोख दियो हय उन्की रक्षा करी। मय न उन्की चौकसी करी, अऊर जेन नाश को रस्ता चुन्यो होतो ओख छोड़ उन्म सी कोयी नाश नहीं भयो, येकोलायी कि शास्त्र म जो कह्यो गयो ऊ पूरो भयो। \v 13 अब मय तोरो जवर आऊं हय, अऊर या बाते जगत म कहू हय, कि हि मोरी खुशी अपनो म पूरो पाये। \v 14 मय न तोरो खबर उन्ख पहुंचाय दियो हय; अऊर जगत न उन्को सी दुश्मनी करयो, कहाली की जसो मय जगत को नोहोय, वसोच हि भी जगत को नोहोय। \v 15 मय यो बिनती नहीं करू कि तय उन्ख जगत सी उठाय लेवो; पर यो कि तय उन्ख ऊ दुष्ट सी बचायो रख। \v 16 जसो मय जगत को नोहोय, वसोच हि भी जगत को नोहोय। \v 17 सत्य को द्वारा उन्ख पवित्र कर: तोरो वचन सत्य हय। \v 18 जसो तय न मोख जगत म भेज्यो, वसोच मय न भी उन्ख जगत म भेज्यो; \v 19 अऊर उन्को लायी मय खुद ख समर्पित करू हय, ताकि हि भी सत्य को द्वारा पवित्र करयो जाये। \p \v 20 “मय केवल इन्कोच लायी बिनती नहीं करू, पर उन्को लायी भी जो इन्को सन्देश को द्वारा मोरो पर विश्वास करेंन, \v 21 कि हि सब एक हो; जसो तय हे बाप मोरो म हय, अऊर मय तोरो म हय, वसोच हि भी हम म हो, जेकोसी जगत विश्वास करे कि तयच न मोख भेज्यो हय। \v 22 ऊ महिमा जो तय न मोख दी मय न उन्ख दी हय, कि जसो हम एक हंय वसोच हि भी एक हो, \v 23 मय उन म अऊर तय मोरो म ताकी हि पूरो तरह एक होय जाये, जेकोसी जगत जाने कि तय नच मोख भेज्यो, अऊर जसो तय न मोरो सी प्रेम रख्यो वसोच उन्को सी प्रेम रख्यो।” \p \v 24 हे बाप, मय चाहऊ हय कि जिन्ख तय न मोख दियो हय, जित मय हय उत हि भी मोरो संग हो, कि हि मोरो ऊ महिमा ख देखे जो तय न मोख दी हय, कहालीकि तय न जगत की उत्पत्ति सी पहिले मोरो सी प्रेम रख्यो। \p \v 25 “हे सच्चो पिता, जगत न मोख नहीं जान्यो, पर मय न तोख जान्यो; अऊर इन्न भी जान्यो कि तय न मोख भेज्यो हय। \v 26 मय न तोरो नाम उन्ख बतायो अऊर बतातो रहूं कि जो प्रेम तोरो ख मोरो सी होतो ऊ उन्म रहे, अऊर मय उन्म रहूं।” \c 18 \s यीशु को पकड़वायो जानो \r (मत्ती २६:४७-५६; मरकुस १४:४३-५०; लूका २२:४७-५३) \p \v 1 यीशु या बाते कह्य क अपनो चेलावों को संग किद्रोन नाला को पार गयो। उत एक बगीचा होती, जेको म ऊ अऊर ओको चेला गयो। \v 2 ओको पकड़ावन वालो यहूदा भी ऊ जागा जानत होतो, कहालीकि यीशु अपनो चेलावों को संग उत जातो रहत होतो। \v 3 तब यहूदा पलटन को एक दल ख अऊर मुख्य याजकों अऊर फरीसियों को तरफ सी सिपाहियों ख ले क, कंदील अऊर मशालों अऊर अवजारों ख लियो हुयो उत आयो। \v 4 तब यीशु, उन सब बातों ख जो ओको पर आवन वाली होती जान क, निकल्यो अऊर उन्को सी कह्यो, “कौन ख ढूंढय हय?” \p \v 5 उन्न ओख उत्तर दियो, “यीशु नासरी ख।” \p यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय आय।” \p ओको पकड़ावन वालो यहूदा भी उन्को संग खड़ो होतो। \v 6 ओको यो कहतच, “मय आय,” हि पीछू हट क जमीन पर गिर पड़्यो। \v 7 तब ओन फिर उन्को सी पुच्छ्यो, “तुम कोख ढूंढय हय।” \p हि बोल्यो, “यीशु नासरी ख।” \p \v 8 यीशु न उत्तर दियो, “मय त तुम सी कह्य दियो हय कि मय आय, यदि मोख ढूंढय हय त इन्क जान दे।” \v 9 यो येकोलायी भयो कि ऊ वचन पूरो होय जो ओन कह्यो होतो: “जिन्ख तय न मोख दियो उन्म सी मय न एक ख भी नहीं खोयो।” \p \v 10 तब शिमोन पतरस न तलवार, जो ओको जवर होती, खीची अऊर महायाजक को सेवक पर चलाय क ओको दायो कान उड़ाय दियो। ऊ सेवक को नाम मलखुस होतो। \v 11 \x + \xo १८:११ \xo*\xt मत्ती २६:३९; मरकुस १४:३६; लूका २२:४२\xt*\x*तब यीशु न पतरस सी कह्यो, “अपनी तलवार म्यान म रख। जो प्याला बाप न मोख दियो हय, का मय ओख नहीं पीऊ?” \v 12 तब सैनिकों अऊर उन्को सूबेदार अऊर यहूदियों को पहरेदारों न यीशु ख पकड़ क बान्ध लियो, \v 13 अऊर पहिले ओख हन्ना को जवर लिजायो, कहालीकि ऊ उन साल को महायाजक कैफा को ससरो होतो। \v 14 \x + \xo १८:१४ \xo*\xt यूहन्ना ११:४९,५०\xt*\x*यो उच कैफा होतो, जेन यहूदियों ख सलाह दी होती कि हमरो लोगों लायी एक आदमी को मरनो ठीक हय। \s पतरस को इन्कार \r (मत्ती २६:६९-७०; मरकुस १४:६६-६८; लूका २२:५५-५७) \p \v 15 शिमोन पतरस अऊर एक दूसरों चेला भी यीशु को पीछू भय गयो। यो चेला महायाजक को जानो पहिचानो होतो, येकोलायी ऊ यीशु को संग महायाजक को आंगन म गयो, \v 16 पर पतरस बाहेर द्वार पर खड़ो रह्यो। तब ऊ दूसरों चेला जो महायाजक को जान पहिचान को होतो, बाहेर निकल्यो अऊर पहरेदारिन सी कह्य क पतरस ख अन्दर लायो। \v 17 वा दासी न जो पहरेदारिन होती, पतरस सी कह्यो, “कहीं तय भी यो आदमी को चेला म सी त नहाय?” \p ओन कह्यो, “मय नोहोय।” \p \v 18 सेवक अऊर पहरेदार ठन्डी को वजह कोरस्या जलाय क खड़ो आगी ताप रह्यो होतो, अऊर पतरस भी ओको संग खड़ो आगी ताप रह्यो होतो। \s महायाजक द्वारा यीशु सी पूछताछ \r (मत्ती २६:५९-६६; मरकुस १४:५५-६४; लूका २२:६६-७१) \p \v 19 तब महायाजक न यीशु सी ओको चेलावों को बारे म अऊर ओको उपदेश को बारे म पूछताछ करी। \v 20 यीशु न ओख उत्तर दियो, “मय न जगत सी खुल क बाते करी; मय न आराधनालयों अऊर मन्दिर म, जित सब यहूदी जमा होत होतो, सदा उपदेश करयो अऊर गुप्त म कुछ भी नहीं कह्यो। \v 21 तय मोरो सी का पूछय हय? सुनन वालो सी पूछ कि मय न उन्को सी का कह्यो देख, हि जानय हंय कि मय न का का कह्यो।” \p \v 22 तब ओन यो कह्यो, त पहरेदारों म सी एक न जो जवर खड़ो होतो, यीशु ख थापड़ मार क कह्यो, “का तय महायाजक ख यो तरह उत्तर देवय हय?” \p \v 23 यीशु न ओख उत्तर दियो, “यदि मय न बुरो कह्यो, त ऊ बुरायी की गवाही दे; पर यदि सही कह्यो, त मोख कहाली मारय हय?” \p \v 24 हन्ना न ओख बन्ध्यो हुयो ख कैफा महायाजक को जवर भेज दियो। \s पतरस को फिर सी इन्कार करनो \r (मत्ती २६:७१-७५; मरकुस १४:६९-७२; लूका २२:५८-६२) \p \v 25 शिमोन पतरस खड़ो होय क आगी ताप रह्यो होतो। तब उन्न ओको सी कह्यो, “कहीं तय भी ओको चेलावों म सी त नहाय?” \p पतरस न इन्कार कर क् कह्यो, “मय नोहोय।” \p \v 26 महायाजक को सेवकों म सी एक, जो ओको कुटुम्ब म सी होतो जेको कान पतरस न काट डाल्यो होतो, बोल्यो, “का मय न तोख ओको संग बगीचा म नहीं देख्यो होतो?” \p \v 27 पतरस न फिर सी इन्कार कर दियो अऊर तुरतच मुर्गा न बाग दियो। \s पिलातुस को आगु यीशु \r (मत्ती २७:१,२,११-१४; मरकुस १५:१-५; लूका २३:१-५) \p \v 28 तब हि यीशु ख कैफा को जवर सी राजभवन को तरफ ले गयो, अऊर भुन्सारे को समय होतो, पर हि खुद किला को अन्दर नहीं गयो ताकि अशुद्ध नहीं होय पर फसह को त्यौहार खाय सके। \v 29 तब पिलातुस उन्को जवर बाहेर निकल क आयो अऊर कह्यो, “तुम यो आदमी पर का बात को आरोप लगावय हय?” \p \v 30 उन्न ओख उत्तर दियो, “यदि ऊ अपराधी नहीं होतो त हम ओख तोरो हाथ नहीं सौपतो।” \p \v 31 पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “तुमच येख लिजाय क अपनी व्यवस्था को अनुसार ओको न्याय करो।” \p यहूदियों न ओको सी कह्यो, “हम्ख अधिकार नहाय कि कोयी को जीव लेबो।” \v 32 \x + \xo १८:३२ \xo*\xt यूहन्ना ३:१४; १२:३२\xt*\x*यो येकोलायी भयो कि यीशु की ऊ बात पूरी होय जो ओन यो इशारा देतो हुयो कहीं होती कि ओकी मृत्यु कसी होयेंन। \p \v 33 तब पिलातुस फिर राजभवन को अन्दर गयो, अऊर यीशु ख बुलाय क ओको सी पुच्छ्यो, “का तय यहूदियों को राजा आय?” \p \v 34 यीशु न उत्तर दियो, “का तय या बात अपनो तरफ सी कह्य हय या दूसरों न मोरो बारे म तोरो सी यो कह्यो हय?” \p \v 35 पिलातुस न उत्तर दियो, “का मय यहूदी आय? तोरीच जाति अऊर मुख्य याजकों न तोख मोरो हाथ म सौंप्यो हय। तय न का करयो हय?” \p \v 36 यीशु न उत्तर दियो, “मोरो राज यो जगत को नहाय; यदि मोरो राज्य यो जगत को होतो त मोरो सेवक लड़तो कि मय यहूदियों को हाथ सौंप्यो नहीं जातो: पर मोरो राज इत को नहाय।” \p \v 37 पिलातुस न ओको सी कह्यो, “त का तय राजा आय?” \p यीशु न उत्तर दियो, “तय कह्य हय कि मय राजा आय। मय न येकोलायी जनम लियो अऊर येकोलायी जगत म आयो हय कि सत्य की गवाही देऊ। जो कोयी सत्य को आय, ऊ मोरी आवाज सुनय हय।” \p \v 38 पिलातुस न ओको सी कह्यो, “सत्य का हय?” \s मृत्यु–दण्ड की आज्ञा \r (मत्ती २७:१५-३१; मरकुस १५:६-२०; लूका २३:१३-२५) \p यो कह्य क ऊ फिर यहूदियों को जवर निकल गयो अऊर उन्को सी कह्यो, “मय त ओको म कुछ दोष नहीं पाऊ। \v 39 पर तुम्हरी यो रीति हय कि मय फसह को त्यौहार म तुम्हरो लायी एक व्यक्ति ख छोड़ देऊ येकोलायी तुम चाहवय की मय तुम्हरो लायी यहूदियों को राजा ख छोड़ देऊ।” \p \v 40 तब उन्न फिर चिल्लाय क कह्यो, “येख नहीं, पर हमरो लायी बरअब्बा ख छोड़ दे।” अऊर बरअब्बा डाकू होतो। \c 19 \p \v 1 येको पर पिलातुस न यीशु ख कोड़ा सी पीटवायो। \v 2 सिपाहियों न काटा को मुकुट गूथ क ओकी मुंड पर रख्यो, अऊर ओख जामुनी कपड़ा पहिनायो, \v 3 अऊर ओको जवर आय-आय क कहन लग्यो, “हे यहूदियों को राजा, प्रनाम!” अऊर ओख थापड़ भी मारयो। \p \v 4 तब पिलातुस न फिर बाहेर निकल क लोगों सी कह्यो, “देखो, मय ओख तुम्हरो जवर फिर बाहेर लाऊं हय; ताकि तुम जानो कि मय ओको म कुछ भी दोष नहीं पाऊ।” \v 5 तब यीशु काटा को मुकुट अऊर जामुनी कपड़ा पहिन्यो हुयो बाहेर निकल्यो; अऊर पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “देखो, यो आदमी!” \p \v 6 जब मुख्य याजकों अऊर पहरेदारों न ओख देख्यो, त चिल्लाय क कह्यो, “ओख क्रूस पर चढ़ाव, क्रूस पर!” \p पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “तुमच ओख ले क क्रूस पर चढ़ावो, कहालीकि मय ओको म कोयी दोष नहीं पाऊ।” \p \v 7 यहूदियों न ओख उत्तर दियो, “हमरी भी व्यवस्था हय अऊर ऊ व्यवस्था को अनुसार ऊ मारयो जान को लायक हय, कहालीकि ओन अपनो आप ख परमेश्वर को टुरा होन को दावा करयो हय।” \p \v 8 जब पिलातुस न या बात सुनी त अऊर भी डर गयो। \p \v 9 अऊर फिर राजभवन को अन्दर गयो अऊर यीशु सी कह्यो, “तय कित को आय?” पर यीशु न ओख कुछ भी उत्तर नहीं दियो। \v 10 येको पर पिलातुस न ओको सी कह्यो, “मोरो सी कहाली नहीं बोलय? का तय नहीं जानय कि तोख छोड़ देन को अधिकार मोख हय, अऊर तोख क्रूस पर चढ़ान को भी मोख अधिकार हय।” \p \v 11 यीशु न उत्तर दियो, “यदि तोख ऊपर सी नहीं दियो जातो, त तोरो मोरो पर कुछ अधिकार नहीं होतो; येकोलायी जेन मोख तोरो हाथ पकड़वायो हय ओको पाप बहुत जादा हय।” \p \v 12 येको पर पिलातुस न ओख छोड़ देनो चाह्यो, पर यहूदियों न चिल्लाय-चिल्लाय क कह्यो, “यदि तय येख छोड़ देजो, त तोरी भक्ति कैसर को तरफ नहीं। जो कोयी अपनो आप ख राजा बनावय हय ऊ कैसर को सामना करय हय।” \p \v 13 या बात सुन क पिलातुस यीशु ख बाहेर लायो अऊर ऊ जागा एक “चबूतरा” होतो जो इब्रानी म “गब्बता” कहलावय हय, अऊर उत न्याय-आसन पर बैठ्यो। \v 14 यो फसह को त्यौहार की तैयारी को दिन होतो, अऊर छे घंटा को लगभग होतो। तब ओन यहूदियों सी कह्यो, “देखो तुम्हरो राजा!” \p \v 15 पर हि चिल्लायो, “लिजाव! लिजाव! ओख क्रूस पर चढ़ाव!” \p पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “का मय तुम्हरो राजा ख क्रूस पर चढ़ाऊ?” \p मुख्य याजकों न उत्तर दियो, “कैसर ख छोड़ हमरो अऊर कोयी राजा नहीं।” \v 16 तब ओन ओख उन्को हाथ सौंप दियो ताकि यीशु क्रूस पर चढ़ायो जाये। \s क्रूस पर चढ़ायो जानो \r (मत्ती २७:३२-४४; मरकुस १५:२१-३२; लूका २३:२६-४३) \p \v 17 तब हि यीशु ख ले गयो, अऊर ऊ अपनो क्रूस उठायो हुयो ऊ जागा तक बाहेर गयो, जो “खोपड़ी की जागा” कहलावय हय अऊर इब्रानी म “गुलगुता।” \v 18 उत उन्न ओख अऊर ओको संग अऊर दोय आदमियों ख क्रूस पर चढ़ायो, एक ख इत अऊर एक ख उत, अऊर बीच म यीशु ख। \v 19 पिलातुस न एक दोष-पत्र लिख क क्रूस पर लगाय दियो, अऊर ओको म यो लिख्यो हुयो होतो, “यीशु नासरी, यहूदियों को राजा।” \v 20 यो दोष–पत्र बहुत सो यहूदियों न पढ़्यो, कहालीकि ऊ जागा जित यीशु क्रूस पर चढ़ायो गयो होतो जो नगर को जवर होतो; अऊर पत्र इब्रानी अऊर लतीनी अऊर यूनानी भाषा म लिख्यो हुयो होतो। \v 21 तब यहूदियों को मुख्य याजकों न पिलातुस सी कह्यो, “‘यहूदियों को राजा’ मत लिख पर यो कि ‘ओन कह्यो, मय यहूदियों को राजा आय।’” \p \v 22 पिलातुस न उत्तर दियो, “मय न जो लिख दियो, ऊ लिख दियो।” \p \v 23 जब सिपाही यीशु ख क्रूस पर चढ़ाय चुक्यो, त ओको कपड़ा ले क चार भाग करयो, हर सिपाही लायी एक भाग, अऊर कुरता भी लियो, पर कुरता बिना सीयो ऊपर सी खल्लो तक बुन्यो हुयो होतो \v 24 येकोलायी उन्न आपस म कह्यो, \q1 “हम येख नहीं फाड़बो, पर येख पर चिट्ठी डालबो कि यो कोन्को होयेंन।” \q2 यो येकोलायी भयो कि पवित्र शास्त्र म \m जो कह्यो गयो ऊ पूरो हो, “उन्न मोरो कपड़ा आपस म बाट लियो अऊर मोरो कपड़ा पर चिट्ठी डाली।” सैनिकों न असोच करयो। \p \v 25 सैनिकों न असोच करयो। यीशु को क्रूस को जवर ओकी माय, अऊर ओकी माय की बहिन, क्लोपास की पत्नी मरियम, अऊर मरियम मगदलीनी खड़ी होती। \v 26 जब यीशु न अपनी माय, अऊर ऊ चेला ख जेकोसी ऊ प्रेम रखत होतो जवर खड़ो देख्यो त अपनी माय सी कह्यो, “हे नारी, देख, यो तोरो बेटा आय।” \p \v 27 तब ओन चेला सी कह्यो, “या तोरी माय आय।” अऊर उच समय सी ऊ चेला ओख अपनो घर ले गयो। \s यीशु की मृत्यु \r (मत्ती २७:४५; मरकुस १५:३३-४१; लूका २३:४४-४९) \p \v 28 येको बाद यीशु न यो जान क कि अब सब कुछ पूरो भय गयो, येकोलायी कि शास्त्र म जो कह्यो गयो ऊ पूरो होय, कह्यो, “मय प्यासो हय।” \p \v 29 उत सिरका सी भरयो हुयो एक बर्तन रख्यो होतो, येकोलायी उन्न सिरका सी गिलो करयो हुयो स्पंज ख जूफा पर रख क ओको मुंह सी लगायो। \v 30 जब यीशु न ऊ सिरका पियो अऊर आत्मा म दु:खी भयो, अऊर कह्यो, “पूरो भयो।” \p अऊर मुंड झुकाय क जीव छोड़ दियो। \s भाला सी छेद्यो जानो \p \v 31 येकोलायी कि ऊ तैयारी को दिन होतो, यहूदियों न पिलातुस सी बिनती करी कि उन्को टांगे तोड़ दियो जाये अऊर हि उतारयो जाये, ताकि आराम दिन म हि क्रूस पर नहीं रहे, कहालीकि ऊ आराम दिन मतलब बड़ो दिन होतो। \v 32 यानेकि सैनिकों न आय क उन आदमियों म सी पहिलो आदमी को टांगे तोड़्यो तब दूसरों आदमी को भी, जो ओको संग क्रूस पर चढ़ायो गयो होतो; \v 33 पर जब यीशु को जवर आय क देख्यो कि यो मर गयो हय, त ओकी टांगे नहीं तोड़्यो। \v 34 पर सैनिकों म सी एक न बरछा सी ओको फसली म भेद्यो, अऊर ओको म सी तुरतच खून अऊर पानी निकल्यो। \v 35 जेन यो देख्यो, ओन गवाही दियो हय, अऊर ओकी गवाही सच्ची आय; अऊर ऊ जानय हय कि ऊ सच कह्य हय कि तुम भी विश्वास करो। \v 36 या बाते येकोलायी भयी कि शास्त्र म जो कह्यो गयो ऊ पूरो भयो, “ओकी कोयी हड्डी तोड़्यो नहीं जायेंन।” \v 37 \x + \xo १९:३७ \xo*\xt प्रकाशितवाक्य १:७\xt*\x*फिर एक अऊर जागा पर शास्त्र म यो लिख्यो हय, “जेक उन्न भेज्यो हय, ओको पर हि नजर करेंन।” \s यीशु को गाड़्यो जानो \r (मत्ती २७:५७-६१; मरकुस १५:४२-४७; लूका २३:५०-५६) \p \v 38 इन बातों को बाद अरिमतिया को यूसुफ न जो यीशु को चेला होतो, पर यहूदियों को डर सी या बात ख लूकायो रखत होतो, पिलातुस सी बिनती करी कि का ऊ यीशु को लाश लिजाय सकय हय। पिलातुस न ओकी बिनती सुनी, अऊर ऊ आय क ओको लाश ले गयो। \v 39 \x + \xo १९:३९ \xo*\xt यूहन्ना ३:१,२\xt*\x*नीकुदेमुस भी, जो पहिले यीशु को जवर रात ख गयो होतो, पचास शेर को लगभग मिल्यो हुयो अत्तर अऊर एलवा ले आयो। \v 40 तब उन्न यीशु की लाश ख उठाय क यहूदियों को गाड़न की रीति को अनुसार ओख अत्तर को संग कपड़ा म लपेट्यो। \v 41 ऊ जागा पर जित यीशु क्रूस पर चढ़ायो गयो होतो, एक बगीचा होतो, अऊर उत एक नयी कब्र होती जेको म कभी कोयी नहीं रख्यो होतो। \v 42 येकोलायी यहूदियों की तैयारी को दिन को वजह उन्न यीशु ख ओको म रख्यो, कहालीकि ऊ कब्र जवर होती। \c 20 \s खाली कब्र \r (मत्ती २८:१-८; मरकुस १६:१-८; लूका २४:१-१२) \p \v 1 हप्ता को पहिलो दिन मरियम मगदलीनी भुन्सारे को अन्धारो म एक कब्र पर आयी, अऊर गोटा ख कब्र सी हट्यो हुयो देख्यो। \v 2 तब वा उत सी भगी अऊर शिमोन पतरस अऊर ऊ दूसरों चेला को जवर जेकोसी यीशु प्रेम रखत होतो, आय क कह्यो, “हि प्रभु ख कब्र म सी निकाल ले गयो हंय, अऊर हम नहीं जानजे कि ओख कित रख दियो हय।” \p \v 3 तब पतरस अऊर ऊ दूसरों चेला निकल क कब्र को तरफ चल्यो। \v 4 हि दोयी संग–संग दौड़ रह्यो होतो, पर दूसरों चेला पतरस सी आगु बढ़ क कब्र पर पहिले पहुंच्यो; \v 5 अऊर झुक क कपड़ा पड़े देख्यो, तब भी ऊ अन्दर नहीं गयो। \v 6 तब शिमोन पतरस ओको पीछू-पीछू पहुंच्यो, अऊर कब्र को अन्दर गयो अऊर कपड़ा पड़्यो देख्यो; \v 7 अऊर ऊ गमछा जो ओको मुंड सी बन्ध्यो हुयो होतो, कपड़ा को संग पड़्यो हुयो नहीं, पर अलग एक जागा लपेट क रख्यो हुयो देख्यो। \v 8 तब दूसरों चेला भी जो कब्र पर पहिले पहुंच्यो होतो, अन्दर गयो अऊर देख क विश्वास करयो। \v 9 हि त अब तक शास्त्र की वा बात नहीं समझ्यो होतो कि ओख मरयो हुयो म सी जीन्दो होनो पड़ेंन। \v 10 तब यो चेलाये अपनो घर लौट गयो। \s मरियम मगदलीनी पर प्रगट होनो \r (मत्ती २८:९-१०; मरकुस १६:९-११) \p \v 11 पर मरियम रोवती हुयी कब्र को जवर बाहेर खड़ी रही, अऊर रोवत-रोवत कब्र को तरफ झुक क, \v 12 दोय स्वर्गदूतों ख उज्वल कपड़ा पहिन्यो हुयो एक ख मुन्डेसो अऊर दूसरों ख पायतो तरफ बैठ्यो देख्यो, जित यीशु को लाश रख्यो गयो होतो। \v 13 उन्न ओको सी कह्यो, “हे नारी, तय कहाली रोवय हय?” \p ओन उन्को सी कह्यो, “हि मोरो प्रभु ख उठाय ले गयो अऊर मय नहीं जानु कि ओख कित रख्यो हय।” \p \v 14 यो कह्य क वा पीछू मुड़ी अऊर यीशु ख खड़्यो देख्यो, पर नहीं पहिचान्यो कि यो यीशु आय। \v 15 यीशु न ओको सी कह्यो, “हे नारी, तय कहाली रोवय हय? कौन्क ढूंढय हय?” \p ओन बगीचा को माली समझ क ओको सी कह्यो, “हे महाराज, यदि तय न ओख उठाय लियो हय त मोख बताव कि ओख कित रख्यो हय, अऊर मय ओख लिजाऊं।” \p \v 16 यीशु न ओको सी कह्यो, “मरियम!” \p ओन पीछू मुड़ क ओको सी इब्रानी म कह्यो, “रब्बूनी!” मतलब “हे गुरु।” \p \v 17 यीशु न ओको सी कह्यो, “मोख मत छूव, कहालीकि मय अब तक बाप को जवर ऊपर नहीं गयो, पर मोरो भाऊवों को जवर जाय क उन्को सी कह्य दे, कि मय अपनो बाप अऊर तुम्हरो बाप, अऊर अपनो परमेश्वर अऊर तुम्हरो परमेश्वर को जवर ऊपर जाऊं हय।” \p \v 18 मरियम मगदलीनी न जाय क चेलावों ख बतायो, “मय न प्रभु ख देख्यो, अऊर ओन मोरो सी या बाते कहीं।” \s चेलावों पर प्रगट होनो \r (मत्ती २८:१६-२०; मरकुस १६:१४-१८; लूका २४:३६-४९) \p \v 19 उच दिन जो हप्ता को पहिलो दिन होतो, शाम को समय जब उत को द्वार पर जित चेलाये एक मुस्त जमा होतो, यहूदियों को डर को मारे द्वार बन्द होतो, तब यीशु आयो अऊर उन्को बीच म खड़ो होय क उन्को सी कह्यो, “तुम्ख शान्ति मिले।” \v 20 अऊर यो कह्य क ओन अपनो हाथ अऊर अपनी हथेली उन्ख दिखायो। तब चेला प्रभु ख देख क खुश भयो। \v 21 यीशु न फिर उन्को सी कह्यो, “तुम्ख शान्ति मिले; जसो बाप न मोख भेज्यो हय, वसोच मय भी तुम्ख भेजू हय।” \v 22 यो कह्य क ओन उन पर फूक्यो अऊर उन्को सी कह्यो, “पवित्र आत्मा लेवो। \v 23 \x + \xo २०:२३ \xo*\xt मत्ती १६:१९; १८:१८\xt*\x*जिन्को पाप तुम माफ करो, हि उन्को लायी माफ करयो गयो हंय; जिन्को पाप तुम रखो, हि रख्यो गयो हंय।” \s यीशु को थोमा पर प्रगट होनो \p \v 24 पर बारायी चेला म सी एक, यानेकि थोमा जो दिदुमुस कहलावय हय, जब यीशु आयो त उन्को संग नहीं होतो। \v 25 जब दूसरों चेला ओको सी कहन लग्यो, “हम न प्रभु ख देख्यो हय!” \p तब ओन उन्को सी कह्यो, “जब तक मय ओको हथेली म खिल्ला सी भयो छेद देख नहीं लेऊ, अऊर खिल्ला सी भयो छेद म अपनो बोट नहीं डाल लेऊ, तब तक मय विश्वास नहीं करू।” \p \v 26 आठ दिन को बाद ओको चेलाये घर को अन्दर होतो, अऊर थोमा ओको संग होतो; अऊर द्वार बन्द होतो, तब यीशु आयो अऊर उन्को बीच म खड़ो होय क कह्यो, “तुम्ख शान्ति मिले।” \v 27 तब ओन थोमा सी कह्यो, “अपनो बोट इत लाय क मोरो हाथों ख देख अऊर अपनो हाथ लगाय क मोरो हथेली म डाल, अऊर अविश्वासी नहीं पर विश्वासी बन।” \p \v 28 यो सुन क थोमा न उत्तर दियो, “हे मोरो प्रभु, हे मोरो परमेश्वर!” \p \v 29 यीशु न ओको सी कह्यो, “तय न मोख देख्यो हय, का येकोलायी विश्वास करयो हय? धन्य हि आय जिन्न बिना देख्यो विश्वास करयो।” \s या किताब को उद्देश्य \p \v 30 यीशु न अऊर भी बहुत सो आश्चर्य को चिन्ह चेलावों को आगु दिखायो, जो या किताब म लिख्यो नहीं गयो; \v 31 पर ये येकोलायी लिख्यो गयो हंय कि तुम विश्वास करो कि यीशुच परमेश्वर को टुरा मसीह आय, अऊर विश्वास कर क् ओको नाम सी जीवन पावों। \c 21 \s यीशु को तिबिरियास झील को किनार पर चेलावों पर प्रगट होनो \p \v 1 इन बातों को बाद यीशु न अपनो आप ख तिबिरियास झील को किनार चेलावों पर प्रगट करयो, अऊर यो रीति सी प्रगट करयो: \v 2 शिमोन पतरस अऊर थोमा जो दिदुमुस कहलावय हय, अऊर गलील को काना नगर को नतनएल अऊर जब्दी को टुरा अऊर ओको चेलावों म सी दोय लोग जमा होतो। \v 3 \x + \xo २१:३ \xo*\xt लूका ५:५\xt*\x*शिमोन पतरस न उन्को सी कह्यो, “मय मच्छी पकड़न जाय रह्यो हय।” \p उन्न ओको सी कह्यो, “हम भी तोरो संग चलजे हय।” येकोलायी हि निकल क डोंगा पर चढ़्यो, पर ऊ रात कुछ नहीं पकड़्यो। \v 4 भुन्सारे होतोच यीशु किनार पर आय खड़ो भयो; तब भी चेलावों न नहीं पहिचानो कि यो यीशु आय। \v 5 तब यीशु न उन सी कह्यो, “हे बच्चां, का तुम्हरो जवर कुछ मच्छी हय?” \p उन्न उत्तर दियो, “नहीं।” \p \v 6 \x + \xo २१:६ \xo*\xt लूका ५:६\xt*\x*ओन उन्को सी कह्यो, “डोंगा को दायो तरफ जार डालो त मिलेंन।” येकोलायी उन्न जार डाल्यो, अऊर अब बहुत सी मच्छी को वजह ओख खीच नहीं सक्यो। \p \v 7 तब ऊ चेला न जेकोसी यीशु प्रेम रखत होतो, पतरस सी कह्यो, “यो त प्रभु आय!” शिमोन पतरस न यो सुन क कि ऊ प्रभु आय, कमर म गमछा कस लियो, कहालीकि ओन कपड़ा नहीं पहिन्यो होतो, अऊर झील म कूद्यो। \v 8 पर दूसरों चेला डोंगा पर मच्छी सी भरयो हुयो जार खीचतो हुयो आयो, कहालीकि हि किनार सी जादा दूर नहीं पर कोयी दोय सौ हाथ पर होतो। \v 9 जब हि किनार पर उतरयो, त उन्न कोरस्या की आगी पर मच्छी रखी हुयी, रोटी देख्यो। \v 10 यीशु न उन्को सी कह्यो, “जो मच्छी तुम न अभी पकड़्यो हंय, उन्को म सी कुछ लाव।” \p \v 11 त शिमोन पतरस न डोंगा पर चढ़ क एक सौ त्रेपन बड़ी मच्छी सी भरयो हुयो जार किनार पर खीच्यो, अऊर इतनी मच्छी होन पर भी जार नहीं फट्यो। \v 12 यीशु न उन्को सी कह्यो, “आवो, जेवन करो।” चेलावों म सी कोयी ख हिम्मत नहीं भयो कि ओको सी पूछतो कि, “तय कौन आय?” कहालीकि हि जानत होतो कि यो प्रभुच आय। \v 13 यीशु आयो अऊर रोटी ले क उन्ख दी, अऊर वसोच मच्छी भी। \p \v 14 यो तीसरो बार आय कि यीशु मरयो हुयो म सी जीन्दो उठन को बाद चेलावों ख दिखायी दियो। \s यीशु अऊर पतरस \p \v 15 भोजन करन को बाद यीशु न शिमोन पतरस सी कह्यो, “हे शिमोन, यूहन्ना को टुरा, का तय इन सी बढ़ क मोरो सी प्रेम रखय हय?” \p ओन ओको सी कह्यो, “हव, प्रभु; तय त जानय हय कि मय तोरो सी प्रीति रखू हय।” \p ओन ओको सी कह्यो, “मोरो मेंढीं को बछड़ा ख चराव।” \v 16 ओन फिर दूसरों बार ओको सी कह्यो, “हे शिमोन, यूहन्ना को टुरा, का तय मोरो सी प्रेम रखय हय?” \p ओन ओको सी कह्यो, “हव।” ओन ओको सी कह्यो, “हव प्रभु!” \p तय जानय हय कि मय तोरो सी प्रीति रखू हय। ओन ओको सी कह्यो, “मोरी मेंढीं की रखवाली कर।” \v 17 ओन तीसरी बार ओको सी कह्यो, “हे शिमोन, यूहन्ना को टुरा,” का तय मोरो सी प्रीति रखय हय? \p पतरस उदास भयो कि ओन ओको सी तीसरी बार असो कह्यो, “का तय मोरो सी प्रीति रखय हय?” अऊर ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, तय त सब कुछ जानय हय; तय यो जानय हय कि मय तोरो सी प्रीति रखू हय।” \p यीशु न ओको सी कह्यो, “मोरी मेंढीं ख चराव। \v 18 मय तोरो सी सच सच कहू हय, जब तय जवान होतो त अपनी कमर बान्ध क जित चाहत होतो उत फिरत होतो; पर जब तय बूढ्ढा होजो त अपनो हाथ फैयलायेंन अऊर दूसरों तोरी कमर बान्ध क जित तय नहीं चाहेंन उत तोख लिजायेंन।” \v 19 ओन इन बातों सी इशारा दियो कि पतरस कसी मौत सी परमेश्वर की महिमा करेंन। अऊर तब ओन ओको सी कह्यो, “मोरो पीछू आव।” \s यीशु अऊर ओको चेला \p \v 20 \x + \xo २१:२० \xo*\xt यूहन्ना १३:२५\xt*\x*पतरस न मुड़ क ऊ चेला ख पीछू आवतो देख्यो, जेकोसी यीशु प्रेम रखत होतो, अऊर जेन जेवन को समय ओकी छाती को तरफ झुक क पुच्छ्यो होतो, “हे प्रभु, तोरो पकड़न वालो कौन आय?” \v 21 ओख देख क पतरस न यीशु सी कह्यो, “हे प्रभु, येको का हाल होयेंन?” \p \v 22 यीशु न ओको सी कह्यो, “यदि मय चाहतो कि ऊ मोरो आवनो तक रूक्यो रहे, त तोख येको सी का? तय मोरो पीछू हो जावो।” \p \v 23 येकोलायी भाऊवों म या बात फैल गयी कि ऊ चेला नहीं मरेंन; तब भी यीशु न ओको सी यो नहीं कह्यो कि ऊ नहीं मरेंन, पर यो कि “यदि मय चाहतो कि ऊ मोरो आनो तक रूक्यो रह्य, त तोख येको सी का?” \p \v 24 यो उच चेला आय जो इन बातों की गवाही देवय हय अऊर जेन इन बातों ख लिख्यो हय, अऊर हम जानजे हंय कि ओकी गवाही सच्ची आय। \s समापन \p \v 25 अऊर भी बहुत सो काम हंय, जो यीशु न करयो; यदि हि एक एक कर क् लिख्यो जातो, त मय समझू हय कि किताबे जो लिख्यो जाती हि जगत म भी नहीं समाती।