\id GAL - Lodhi \ide UTF-8 \h गलातियों \toc3 गलातियों \toc2 गलातियों \toc1 गलातियों को नाम पौलुस प्रेरित की चिट्ठी \mt2 गलातियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री \mt1 गलातियों को नाम पौलुस प्रेरित की चिट्ठी \imt परिचय \ip गलातियों की या चिट्ठी प्रेरित पौलुस न लिखी\xt १:१।\xt* या चिट्ठी आय जो पौलुस न गलातिया की मण्डली ख मसीह को जनम को बाद ४८-५७ साल को दरम्यान लिखी, गलातिया हि लोग आय जो गलातिया नाम को रोमी प्रान्त म रहत होतो। विद्वान लोग या चिट्ठी विद्वानों ख निश्चित रूप सी मालूम नहाय, जब ओन या चिट्ठी लिखी तब ऊ कित होतो। मान्यो जावय हय कि ऊ इफिसियों यां कुरिन्थियों शहर म रह्य क या किताब लिखी होना। \ip उन यहूदी अऊर गैरयहूदी मसीही लोगों को नाम जो गलातिया म कि मण्डली को सभासद होतो उन्को नाम या चिट्ठी लिखी। मसीहियों ख यहूदी नियमों को खास तौर पर खतना को पालन करनो चाहिये यो कहन वालो झूठो शिक्षकों को सामना करन लायी पौलुस न विशेष रूप सी या चिट्ठी लिखी, यो मसीहियों म असो समूह होतो जूडाइजर्स कहलायो जात होतो इन्को माननो होतो की गैरयहूदी मसीहियों को खतना करनो जरूरी हय, उन्न पौलुस को प्रेरित पन को अधिकार पर प्रश्न चिन्ह डाल्यो पौलुस न ओकी कुछ जीवन कथा म कुछ भाग बताय क अपनो प्रेरित पन कि पुष्टी करी। \xt १:११–२:१४\xt* यो स्पष्ट करतो हुयो कि मुक्ति केवल यीशु मसीह म विश्वास करनो सीच मिलय हंय, ओन सुसमाचार की पुष्टी करी। \xt २:१६ \xt*मुक्ति परमेश्वर को प्रेम को फर हय नहीं कि लोगों को कर्मकांड को। \iot रूप-रेखा \io1 १. गलातिया कि मण्डली ख नमस्कार कह्य क पौलुस या चिट्ठी की सुरूवात करय हय। \ior १:१-५\ior* \io1 २. अपनो शिक्षन देन को अधिकार की पुष्टी करन लायी पौलुस अपनो जीवन की कुछ भूमिका स्पष्ट करय हंय यो बतावन लायी कि ओन नियम शास्त्र को अनुसार रहन की यां जीवन की कोशिश करयो हय लेकिन ओन कुछ सफलता नहीं पायी। \ior १:६–२:२१\ior* \io1 ३. येको बाद म नियम अऊर कृपा हम्ख मुक्ति दिलानो म का भूमिका निभावय हंय यो ऊ स्पष्ट करय हंय। \ior ३–४\ior* \io1 ४. भलो मसीही जीवन लायी ऊ कुछ सर्व साधारन सुचना देवय हय। \ior ५:१–६:१०\ior* \io1 ५. पौलुस आखरी बिन्ती करय हय कि परमेश्वर को द्वारा नयो आदमी बननो यो खतना जसी बाहरी रीति सी बहुत महत्वपूर्ण हय यो येख याद रखो अऊर नमस्कार दे क ऊ या चिट्ठी ख खतम करय हंय। \ior ६:११-१८\ior* \c 1 \s अभिवादन \p \v 1 पौलुस को तरफ सी, जो नहीं आदमियों को तरफ सी अऊर नहीं आदमी को द्वारा भयो, बल्की यीशु मसीह अऊर परमेश्वर पिता को द्वारा प्रेरित चुन्यो गयो, जेन ओख मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो हय, \v 2 अऊर सब भाऊवों अऊर बहिनों को तरफ सी जो मोरो संग यहां हंय, गलातिया की मण्डलियों ख शुभकामनायें भेजन म शामिल हय। \p \v 3 हमरो पिता परमेश्वर अऊर प्रभु यीशु मसीह तुम्ख अनुग्रह अऊर शान्ति देतो रहे। \p \v 4 यो वर्तमान बुरो युग सी हम ख छुड़ावन लायी, प्रभु यीशु मसीह न हमरो पापों लायी, हमरो परमेश्वर अऊर बाप की इच्छा को अनुसार ओन खुद ख दियो। \v 5 परमेश्वर की महिमा हमेशा होती रहे आमीन। \s कोयी दूसरों सुसमाचार नहीं \p \v 6 मोख अचम्भा होवय हय! कि जेन तुम लोगों ख मसीह को अनुग्रह म बुलायो ओख तुम इतनो जल्दी छोड़ क कोयी दूसरों सुसमाचार को अनुयायी बन गयो हय। \v 7 वास्तव म, कोयी दूसरों सुसमाचार हयच नहाय: पर मय यो कहू हय कि कुछ लोग हय जो तुम्ख भ्रमित कर रह्यो हय अऊर मसीह को सुसमाचार ख बदलन कि कोशिश कर रह्यो हंय। \v 8 पर यदि हम, यां कोयी स्वर्गदूत भी तुम ख ऊ सुसमाचार सुनायो, जो तुम्हरी शिक्षा सी अलग हय, त का ऊ शापित नहीं होयेंन। \v 9 जसो हम न येख पहिले कह्य चुक्यो हंय, वसोच मय अब फिर कहू हय कि ऊ सुसमाचार कि शिक्षा देवय हय, जो तुम्हरो द्वारा स्वीकार करयो हुयो सी अलग हय, त ओको नरक म नाश होयेंन। \p \v 10 का मय आदमियों सी समर्थन चाहऊं हय यां जगत को स्वामी सी? यां मोख परमेश्वर को समर्थन मिले? का मय आदमियों ख खुश करन की कोशिश कर रह्यो हय? कहालीकि यदि मय अभी तक आदमियों ख खुश करन की कोशिश कर रह्यो हय, त मय मसीह को सेवक नहीं होय सकू। \s पौलुस कसो प्रेरित बन्यो \p \v 11 लेकिन भाऊवों अऊर बहिनों, मय तुम्ख बताऊ हय कि जो सुसमाचार ख मय न सुनायो होतो ऊ आदमी को नोहोय। \v 12 येकोलायी कि मय न मोख आदमी को तरफ सी हासिल नहीं करयो, अऊर नहीं मोख कोयी न सिखायो होतो। पर मय न येख यीशु मसीह सी सिख्यो होतो। \p \v 13 \x + \xo १:१३ \xo*\xt प्रेरितों ८:३; २२:४,५; २६:९-११\xt*\x*तुम न पहिले सुन्यो होना कि जब मय यहूदी धर्म म पहिले सी मय समर्पित होतो त मय कसो रहत होतो, त मय न परमेश्वर की मण्डली ख बहुतच सतावत अऊर नाश करन कि पूरी कोशिश करयो। \v 14 \x + \xo १:१४ \xo*\xt प्रेरितों २२:३\xt*\x*मय यहूदी धर्म को अपनो अभ्यास म अपनो उमर को कुछ यहूदियों सी बहुत आगु होतो, अऊर हमरो पूर्वजों की परम्परावों को लायी जादा समर्पित होतो। \p \v 15 \x + \xo १:१५ \xo*\xt प्रेरितों ९:३-६; २२:६-१०; २६:१३-१८\xt*\x*पर परमेश्वर को अनुग्रह सी, जेन मोरी माय को गर्भ सीच मोख चुन लियो, अऊर मोख ओकी सेवा करन लायी बुलायो। अऊर जब ओन ठान लियो \v 16 जब इच्छा भयी की अपनो बेटा ख मोरो म प्रगट करे ताकि मय गैरयहूदियों म ओको सुसमाचार को प्रचार कर सकू, मय कोयी को जवर सलाह लेन नहीं गयो, \v 17 अऊर नहीं यरूशलेम ख उन्को जवर गयो जो मोरो सी पहिले प्रेरित होतो, पर अरब ख चली गयो अऊर फिर उत सी दमिश्क ख लौट आयो। \v 18 \x + \xo १:१८ \xo*\xt प्रेरितों ९:२६-३०\xt*\x*फिर तीन साल को बाद मय पतरस सी मुलाखात करन लायी यरूशलेम गयो, अऊर ओको जवर पन्द्रा दिन तक रह्यो। \v 19 पर उत प्रभु को भाऊ याकूब ख छोड़ क मोरी मुलाखात कोयी दूसरों प्रेरित सी नहीं भयी। \p \v 20 जो बाते मय तुम्ख लिखूं हय, देखो, परमेश्वर ख मौजूद जान क कहू हय कि हि झूठी नहाय। \p \v 21 येको बाद मय सीरिया अऊर किलिकिया को प्रान्तों म आयो। \v 22 पर यहूदिया की मण्डलियों को लोगों न जो मसीह म होतो, मोख व्यक्तिगत रूप सी कभी नहीं मिल्यो। \v 23 पर मोरो बारे म इतनोच सुनावत होतो: जो आदमी हम्ख पहिले सतावत होतो, ऊ अब उच विश्वास को सुसमाचार सुनावय हय जेक पहिले नाश करन कि कोशिश करत होतो। \v 24 अऊर उन्न मोरो वजह परमेश्वर की महिमा करी। \c 2 \s दूसरों प्रेरितों द्वारा पौलुस को स्वीकार \p \v 1 \x + \xo २:१ \xo*\xt प्रेरितों ११:३०; १५:२\xt*\x*चौदा साल को बाद मय बरनबास को संग फिर यरूशलेम ख गयो, अऊर तीतुस ख भी संग ले गयो। \v 2 मय उत गयो अऊर जो सुसमाचार मय गैरयहूदियों को बीच म जो सुसमाचार को प्रचार करू हय, उच सुसमाचार ख मय न एक निजी सभा को बीच मण्डली को मुखियावों ख सुनायो मय उत गयो होतो कि परमेश्वर न मोख दर्शायो होतो कि उत मोख जानो होतो जो काम मय न पिछलो दिनो म करयो होतो अऊर अब भी कर रह्यो हय ऊ बेकार मत जाये। \v 3 पर तीतुस ख भी जो मोरो सहयोगी हय अऊर जो गैरयहूदी हय, खतना करावन लायी ओको पर दबाव नहीं डाल्यो गयो। \v 4 यो उन झूठो भाऊवों को वजह भयो जो जासूसों को तरह हमरो बिच म चुपचाप सी घुस आयो होतो, कि ऊ स्वतंत्रता को जो मसीह यीशु म हम्ख मिली हय, भेद लेय क हम्ख सेवक बनाये। \v 5 एक पल को लायी भी हम्न उन्की अधिनता स्वीकार नहीं करी उन्को अधीन होनो हम न नहीं मान्यो, येकोलायी कि सुसमाचार की सच्चायी तुम म बनी रहे। \p \v 6 पर जो लोग महत्वपूर्ण लगय हय हि चाहे जो भी होतो मोख येको सी कुछ फरक नहीं पड़य; परमेश्वर कोयी को बाहरी रूप देख क कोयी को न्याय नहीं करय उन्को सी जो अपनो खुद ख महत्वपूर्ण समझत होतो, उन्न मोख कुछ भी सुझाव नहीं दियो। \v 7 पर येको विपरीत जब उन्न देख्यो कि जसो गैरयहूदियों लोगों लायी सुसमाचार को काम पतरस ख सौंप्यो गयो, वसोच यहूदियों लायी मोख सुसमाचार सुनावन को काम सौंप्यो गयो। \v 8 कहालीकि जेन पतरस ख खतना करयो हुयो म प्रेरितायी को काम बड़ो प्रभाव सहित करवायो, ओनच मोरो सी भी गैरयहूदियों म प्रभावशाली काम करवायो, \v 9 अऊर जब उन्न ऊ अनुग्रह जो मोख परमेश्वर को तरफ सी मिल्यो होतो जान लियो, त याकूब, पतरस, अऊर यूहन्ना न जो मण्डली को खम्बा समझ्यो जात होतो, मोख अऊर बरनबास ख संगति को अधिकार दियो कि हम गैरयहूदियों को जवर जाये अऊर हि यहूदियों को जवर; \v 10 केवल यो कह्यो कि हम गरीबों की सुधि ले, अऊर योच काम ख करन को मय खुद भी कोशिश कर रह्यो होतो। \s पौलुस को पतरस ख डाटनो \p \v 11 पर जब पतरस अन्ताकिया म आयो, त सब लोगों को आगु मय न विरोध करयो, कहालीकि ऊ पूरी रीति सी गलत होतो। \v 12 येकोलायी कि याकूब को तरफ सी कुछ लोगों को इत आनो सी पहिले पतरस गैरयहूदी विश्वासियों को संग खायो पियो करत होतो, पर जब हि लोग पहुंच्यो त पतरस गैरयहूदियों विश्वासियों सी दूर भयो अऊर उन्को संग खानो पीनो बन्द कर दियो यो ओन उन लोगों को डर को मारे ओन असो करयो जो चाहत होतो कि गैरयहूदियों को भी खतना होनो चाहिये। \v 13 दूसरों यहूदियों न भी यो दिखावा म पतरस को साथ दियो, यहां तक कि यो कपट को वजह बरनबास भी उन्को डर म पड़ गयो। \v 14 पर जब मय न देख्यो कि हि सुसमाचार की सच्चायी पर सीधी चाल नहीं चलय, त मय न सब लोगों को आगु पतरस सी कह्यो, “जब तय यहूदी होय क गैरयहूदियों को सामने नहीं। त तय गैरयहूदियों ख यहूदियों को आगु चलन ख कहाली कह्य हय?” \p \v 15 हम त जनम सी यहूदी हय, अऊर पापी गैरयहूदियों म सी नहाय। \v 16 \x + \xo २:१६ \xo*\xt रोमियों ३:२०; \xt*\xt रोमियों ३:२२\xt*\x*तब भी यो जान क कि आदमी व्यवस्था को कामों सी नहीं, पर केवल यीशु मसीह पर विश्वास करन को द्वारा सच्चो ठहरय हय, हम न खुद भी मसीह यीशु पर विश्वास करयो कि हम व्यवस्था को कामों सी नहीं, पर मसीह पर विश्वास करन सी सच्चो ठहरे; येकोलायी कि व्यवस्था को कामों सी कोयी प्रानी सच्चो नहीं ठहरेंन। \v 17 हम जो मसीह म सच्चो ठहरनो चाहजे हंय, यदि खुदच गैरयहूदी को जसो पापी निकले त का मसीह पाप को सेवक आय? कभीच नहीं! \v 18 कहालीकि जो कुछ मय न गिराय दियो यदि ओखच फिर बनाऊ हय, त अपनो खुद ख अपराधी ठहराऊ हय। \v 19 मय त व्यवस्था को द्वारा व्यवस्था लायी मर गयो ताकि परमेश्वर को लायी जीऊ। मय मसीह को संग क्रूस पर चढ़ायो गयो हय, \v 20 अब मय जीन्दो नहीं रह्यो, पर मसीह मोरो म जीन्दो हय। अऊर मय शरीर म अब जो जीन्दो हय त केवल ऊ विश्वास सी जीन्दो हय जो परमेश्वर को बेटा पर हय, जेन मोरो सी प्रेम करयो अऊर मोरो लायी अपनो आप ख दे दियो। \v 21 मय परमेश्वर को अनुग्रह ख नहीं ठुकराऊ; पर यदि कोयी आदमी व्यवस्था को द्वारा सच्चो ठहरायो जातो, त येको अर्थ यो हय कि मसीह को मरनो बेकार होतो। \c 3 \s व्यवस्था या विश्वास \p \v 1 हे निर्बुद्धि गलातियों, कौन न तुम्ख मोह लियो हय? तुम्हरी त मानो आंखी को आगु यीशु मसीह क्रूस पर साफ रीति सी दिखायो गयो! \v 2 मय तुम सी केवल एक बात जाननो चाहऊं हय कि तुम न परमेश्वर की आत्मा ख, का व्यवस्था को पालन करनो सी यां सुसमाचार सुनन सी यां विश्वास करनो सी मिल्यो? \v 3 का तुम असो निर्बुद्धि हय कि परमेश्वर की आत्मा को द्वारा सुरूवात कर क् अऊर अपनो शरीर की शक्ति को द्वारा पूरो करनो चाहवय हय? \v 4 का तुम न इतनो दु:ख बेकारच उठायो? पर कभी भी बेकार नहाय। \v 5 जो परमेश्वर तुम्ख आत्मा प्रदान करय हय अऊर तुम म सामर्थ को काम करय हय, का ऊ यो येकोलायी करय हय कि का तुम व्यवस्था को नियमों ख पालय हय यां येकोलायी कि तुम न सुसमाचार ख सुन्यो अऊर विश्वास करयो? \p \v 6 \x + \xo ३:६ \xo*\xt रोमियों ४:३\xt*\x*जसो-जसो अब्राहम को अनुभव को बारे म शास्त्र म लिख्यो हय, “परमेश्वर पर विश्वास करयो अऊर यो ओको लायी सच्चो गिन्यो गयो।” \v 7 \x + \xo ३:७ \xo*\xt रोमियों ४:१६\xt*\x*अब यो जान लेवो कि जो विश्वास करन वालो हंय, हिच अब्राहम की सन्तान आय। \v 8 अऊर पवित्र शास्त्र न पहिलेच सी भविष्यवानी करी होती कि परमेश्वर गैरयहूदियों ख विश्वास सी सच्चो ठहरायेंन। पहिलेच सी अब्राहम ख यो सुसमाचार कि घोषना कर दियो “तोरो द्वारा सब लोग आशीष पायेंन।” \v 9 अब्राहम न विश्वास करयो अऊर आशिषित भयो; उच तरह जो विश्वासी रखय हय हि आशीष पावय हय। \p \v 10 येकोलायी जितनो लोग व्यवस्था को पालन कर क् जीवय हय, हि सब श्राप को अधीन हंय। कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो कोयी व्यवस्था की किताब म लिखी हुयी सब बातों ख पालन करन म स्थिर नहीं रह्य, त ऊ परमेश्वर को श्राप को अधीन हय।” \v 11 पर या बात साफ हय कि व्यवस्था को द्वारा परमेश्वर को यहां कोयी सच्चो नहीं ठहरय, कहालीकि शास्त्र असो कह्य हय, सच्चो लोग विश्वास सी जीन्दो रहेंन। \v 12 पर व्यवस्था को विश्वास को संग कोयी सम्बन्ध नहाय; बल्की जसो शास्त्र म लिख्यो हय, “जो उन्को करेंन, ऊ उन्को सहारा जीन्दो रहेंन।” \p \v 13 पर मसीह हमरो लायी श्रापित बन्यो, ताकी हम्ख व्यवस्था को श्राप सी छुड़ाये, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो कोयी झाड़ पर लटकायो गयो हय ऊ परमेश्वर को श्राप को अधीन हय।” \v 14 यो येकोलायी भयो कि अब्राहम की आशीष मसीह यीशु म गैरयहूदियों तक पहुंचे, अऊर हम विश्वास को द्वारा वा आत्मा ख हासिल करे जेकी प्रतिज्ञा भयी हय। \s व्यवस्था अऊर वादा \p \v 15 हे भाऊवों अऊर बहिनों, अब मय तुम्ख दैननदिन जीवन सी एक उदाहरन देन जाय रह्यो हय; जसो कोयी दोय आदमी द्वारा कोयी करार कर दियो जान पर नहीं त ओख रद्द करयो जाय सकय हय अऊर नहीं बढ़ायो जाय सकय हय। \v 16 मतलब परमेश्वर न अब्राहम अऊर ओको वंश ख प्रतिज्ञाये दी हय। ओको बारे म शास्त्र यो कह्य हय, “तोरो वंशजों ख,” मतलब बहुत सो लोग, पर एक वचन जसो “तोरो वंश ख” मतलब एक लोग जो मसीह आय। \v 17 मोरो कहनो यो हय कि: जो प्रतिज्ञा परमेश्वर न अब्राहम को संग स्थापित करयो होतो, ओख चार सौ तीस साल को बाद आवन वाली व्यवस्था नहीं बदल सकय। \v 18 \x + \xo ३:१८ \xo*\xt रोमियों ४:१४\xt*\x*कहालीकि यदि परमेश्वर को दान व्यवस्था पर आधारित हय त वा प्रतिज्ञा को आधार पर नहाय, पर परमेश्वर न यो अब्राहम ख प्रतिज्ञा को आधार पर दे दियो हय। \p \v 19 तब फिर व्यवस्था को उद्देश का होतो? आज्ञा को अपराधो को वजह व्यवस्था ख वचन सी जोड़ दियो गयो होतो ताकी जेको लायी अब्राहम को वंशज को आवन तक ऊ रहे, प्रतिज्ञा दी गयी होती; अऊर ऊ स्वर्गदूतों को द्वारा मध्यस्थ सी दी गयी होती। \v 20 मध्यस्थ त दोय को बीच म होवय हय, पर परमेश्वर एकच आय। \s व्यवस्था को उद्देश \p \v 21 त का व्यवस्था परमेश्वर की प्रतिज्ञावों को विरोध म हय? कभीच नहीं! कहालीकि यदि असी व्यवस्था दी जाती जो जीवन दे सकती, त सचमुच सच्चायी व्यवस्था को पालन को द्वारा मिलय हय। \v 22 पर पवित्र शास्त्र कह्य हय, पूरी दुनिया ख पाप को अधीन कर दियो, अऊर येकोलायी यीशु मसीह म विश्वास को आधार पर प्रतिज्ञा करयो हुयो परमेश्वर को दान, ऊ विश्वास करन वालो ख मिले। \p \v 23 पर विश्वास को आनो सी पहिले व्यवस्था की अधिनता म हमरी रखवाली होत होती, अऊर ऊ विश्वास को आवन तक जो प्रगट होन वालो होतो, हम ओकोच बन्धन म रहे। \v 24 येकोलायी हम्ख मसीह तक पहुंचान लायी व्यवस्था ख हमरो मार्गदर्शक ठहरायो हय कि हम विश्वास सी सच्चो ठहरे। \v 25 पर जब विश्वास आय चुक्यो, त हम अब व्यवस्था को अधीन नहीं रह्यो। \p \v 26 कहालीकि तुम सब ऊ विश्वास को द्वारा जो मसीह यीशु म एक होनो सी परमेश्वर की सन्तान हो। \v 27 अऊर तुम म सी जितनो न मसीह म एक होन को लायी बपतिस्मा लियो हय, उन्न मसीह यीशु ख मतलब ओको जीवन ख पहिन लियो हय। \v 28 अब नहीं यहूदी रह्यो अऊर नहीं गैरयहूदी, नहीं कोयी सेवक नहीं स्वतंत्र, नहीं कोयी नर अऊर नहीं नारी, कहालीकि तुम सब मसीह यीशु म मिल जान को वजह एक हो। \v 29 \x + \xo ३:२९ \xo*\xt रोमियों ४:१३\xt*\x*अऊर यदि तुम मसीह को हय त अब्राहम को वंश अऊर प्रतिज्ञा को अनुसार वारिस भी हो। \c 4 \p \v 1 मय यो कहू हय कि वारिस जब तक बच्चा हय, यानेकि ऊ सब चिजों को मालिक हय, तब भी ओको म अऊर सेवक म कोयी भेद नहाय। \v 2 पर बाप को ठहरायो हुयो समय तक संरक्षको अऊर व्यवस्थापक को वश म रह्य हय। \v 3 वसोच हम भी, जब बच्चा होतो त जगत कि सुरूवात की शिक्षा को वश म सेवक बन्यो हुयो होतो। \v 4 पर जब समय पूरो भयो, त परमेश्वर न अपनो टुरा ख भेज्यो ऊ जो बाई सी जनम्यो, अऊर व्यवस्था को अधीन जीवत होतो, \v 5 \x + \xo ४:५ \xo*\xt रोमियों ८:१५-१७\xt*\x*ताकि हम जो व्यवस्था को अधीन हय उन्ख छुड़ाये, जेकोसी हम परमेश्वर को बेटा अऊर बेटी बन सके। \p \v 6 अऊर तुम जो परमेश्वर को बेटा अऊर बेटी आय, येकोलायी परमेश्वर न अपनो टुरा की आत्मा ख, जो हे पिता, हे पिता, कह्य क पुकारय हय, हमरो दिलो म भेज्यो हय। \v 7 येकोलायी तय अब सेवक नहाय, पर बेटा अऊर बेटी आय; अऊर जब बेटा भयो, त परमेश्वर को द्वारा वारिस भी भयो। \s गलातियों को बारे म पौलुस की चिन्ता \p \v 8 पर पहिले त तुम परमेश्वर ख नहीं जानत होतो अऊर उन्को तुम सेवक होतो जो वास्तव म ईश्वरीय नहाय, \v 9 पर अब जो तुम न परमेश्वर ख पहिचान लियो बल्की परमेश्वर न तुम ख पहिचान लियो, त उन कमजोर अऊर बेकार अऊर सुरूवात की शिक्षा को तरफ फिरय हय, जिन्को तुम दुबारा सेवक होनो चाहवय हय? \v 10 तुम कुछ विशेष दिनो अऊर महीनों अऊर मौसम अऊर सालो ख मानय हय। \v 11 मय तुम्हरो बारे म चिन्तित हय, कहीं असो नहीं होय कि जो मेहनत मय न तुम्हरो लायी करयो ऊ बेकार ठहरे। \p \v 12 हे भाऊवों अऊर बहिनों, मय तुम सी बिनती करू हय, तुम मोरो जसो होय जावो; कहालीकि मय भी तुम्हरो जसो भय गयो हय; तुम न मोरो संग कुछ अन्याय नहीं करयो। \v 13 पर तुम जानय हय कि पहिली बार मय न शारीरिक कमजोरी को वजह तुम्ख सुसमाचार सुनायो। \v 14 अऊर तुम न मोरी शारीरिक दशा ख जो तुम्हरी परीक्षा को वजह होती, तुच्छ नहीं जान्यो; अऊर परमेश्वर को दूत बल्की खुद मसीह यीशु को जसो मोख स्वीकार करयो। \v 15 त ऊ तुम्हरी खुशी मनानो कित गयी? मय तुम्हरो गवाह हय कि यदि होय सकतो त तुम अपनी आंखी भी निकाल क मोख दे देतो। \v 16 त का तुम सी सच बोलन को वजह मय तुम्हरो दुश्मन बन गयो हय? \p \v 17 हि तुम्ख संगी बनानो त चाहवय हंय, पर भलो उद्देश सी नहीं; बल्की तुम्ख मोरो सी अलग करनो चाहवय हंय कि तुम उन्खच संगी बनाय लेवो। \v 18 पर यो भी अच्छो हय कि भली बात म हर समय संगी बनावन म यत्न करयो जाय, नहीं केवल उच समय कि जब मय तुम्हरो संग रहू हय। \v 19 हे मोरो बच्चा, जब तक तुम म मसीह को रूप नहीं बन जाये, तब तक मय तुम्हरो लायी फिर प्रसव जसी तकलीफ म हय। \v 20 इच्छा त यो होवय हय, कि अब तुम्हरो जवर आय क अलग रीति सी बोलू, कहालीकि तुम्हरो बारे म मय चिन्तित हय। \s सारा अऊर हाजिरा को उदाहरन \p \v 21 तुम जो व्यवस्था को अधीन होनो चाहवय हय, मोरो सी कहो, का तुम व्यवस्था की नहीं सुनय? \v 22 शास्त्र म लिख्यो हय, कि अब्राहम ख दोय टुरा भयो; एक दासी सी, अऊर एक स्वतंत्र बाई सी। \v 23 पर जो दासी सी भयो, ऊ शारीरिक रीति सी जनम्यो; अऊर जो स्वतंत्र बाई सी भयो, ऊ प्रतिज्ञा को अनुसार जनम्यो। \v 24 इन बातों म दृष्टान्त हय: हि बाईयां मानो दोय वाचा आय, एक त सीनै पहाड़ी की जेकोसी गुलाम पैदा होवय हय, अऊर वा हाजिरा आय। \v 25 अऊर हाजिरा अरब को सीनै पहाड़ी आय, अऊर आधुनिक यरूशलेम ओको तुल्य हय, जो अपनो बच्चां समेत सेवक म हय। \v 26 पर स्वर्ग को यरूशलेम स्वतंत्र हय, अऊर वा हमरी माय आय। \v 27 कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, \q1 “हे बांझ, तय जो नहीं जानय खुशी मनाव; \q2 जेक तकलीफ नहीं उठय, गलो खोल क जय जयकार कर; \q1 कहालीकि छोड़ी हुयी की सन्तान \q2 सुहागिन की सन्तान सी भी जादा हय।” \p \v 28 हे भाऊवों अऊर बहिनों, हम इसहाक को जसो प्रतिज्ञा की सन्तान आय। \v 29 अऊर जसो ऊ समय शरीर को अनुसार जनम्यो हुयो जो आत्मा को अनुसार जनम्यो हुयो ख सतावत होतो, वसोच अब भी होवय हय। \v 30 पर पवित्र शास्त्र का कह्य हय? “दासी अऊर ओको बेटा ख निकाल दे, कहालीकि दासी को बेटा स्वतंत्र बाई को बेटा को संग उत्तराधिकारी नहीं होयेंन।” \v 31 येकोलायी हे भाऊवों अऊर बहिनों, हम दासी को नहीं पर स्वतंत्र बाई की सन्तान आय। \c 5 \s मसीह म स्वतंत्रता \p \v 1 मसीह न स्वतंत्रता को लायी हम्ख स्वतंत्र करयो हय; येकोलायी येकोच म स्थिर रहो, अऊर गुलामी को बोझ म फिर सी मत जीवो। \p \v 2 सुनो, मय पौलुस तुम सी कहू हय कि यदि खतना कराय क फिर सी व्यवस्था को तरफ लौटय हय, त तुम्हरो लायी कुछ भी मसीह को महत्व नहाय। \v 3 फिर भी मय हर एक खतना करावन वालो ख गवाही देऊ हय कि ओख पूरी व्यवस्था माननो पड़ेंन। \v 4 तुम जो व्यवस्था को द्वारा सच्चो ठहरनो चाहवय हय, मसीह सी अलग अऊर अनुग्रह सी वंचित भय गयो हय। \v 5 कहालीकि आत्मा को वजह हम विश्वास सी, आशा करी हुयी सच्चायी की रस्ता देखजे हंय। \v 6 मसीह यीशु म नहीं खतना नहीं खतनारहित कुछ काम को हय, पर केवल विश्वास, जो प्रेम को द्वारा प्रभाव डालय हय। \p \v 7 तुम त बहुत अच्छो सी दौड़ रह्यो होतो। अब कौन न तुम्ख रोक दियो कि सच ख मत मानो। \v 8 असी सीख तुम्हरो बुलावन वालो परमेश्वर को तरफ सी नहाय। \v 9 \x + \xo ५:९ \xo*\xt १ कुरिन्थियों ५:६\xt*\x*थोड़ो सो खमीर पूरो गूंथ्यो हुयो आटा ख खमीर कर डालय हय। \v 10 प्रभु म एक होन को वजह मोख भरोसा हय कि तुम्हरो कोयी दूसरों बिचार नहीं होना; पर जो तुम्ख दु:खी कर देवय हय, ऊ कोयी भी होना सजा पायेंन। \p \v 11 पर हे भाऊवों अऊर बहिनों, यदि मय अज भी जसो की कुछ समझय हय खतना करनो महत्वपूर्ण हय यो प्रचार करू हय, त मोख अब तक ठोकर कहाली दियो जाय रह्यो हय? अब त मसीह को क्रूस को प्रचार करन को वजह पैदा भयी मोरी सब बाधाये खतम होय जानो चाहिये। \v 12 भलो होतो कि जो तुम्ख दु:खी करय हंय, हि पूरो रस्ता जाये उन्ख जान देवो अऊर खुद को खतना कर देवो। \p \v 13 हे भाऊवों अऊर बहिनों, तुम स्वतंत्र होन लायी बुलायो गयो हय; पर असो नहीं होय कि यो स्वतंत्रता शारीरिक कामों लायी अवसर बने, बल्की प्रेम सी एक दूसरों को सेवक बनो। \v 14 कहालीकि पूरी व्यवस्था या एकच बात म पूरी होय जावय हय, “तय अपनो पड़ोसी सी अपनो जसो प्रेम रख।” \v 15 पर यदि तुम एक दु:ख अऊर चोट पहुंचावय हय, त चौकस रहो कि एक दूसरों को सत्यानाश मत कर डालो। \s पवित्र आत्मा द्वारा संचालन \p \v 16 पर मय कहू हय, आत्मा को अनुसार चलो त तुम शरीर की लालसा कोयी रीति सी पूरी नहीं करो। \v 17 \x + \xo ५:१७ \xo*\xt रोमियों ७:१५-२३\xt*\x*कहालीकि शरीर आत्मा को विरोध म अऊर आत्मा शरीर को विरोध म लालसा करय हय, अऊर यो एक दूसरों को विरोधी हंय, येकोलायी कि जो तुम करनो चाहवय हय ऊ नहीं कर पावय। \v 18 अऊर यदि तुम आत्मा को चलाये चलय हय त व्यवस्था को अधीन मत रहो। \p \v 19 शरीर को काम त प्रगट हंय, मतलब अनैतिकता, अपवित्रता, अशोभनीय, \v 20 मूर्तिपूजा, जादूटोना, दुश्मनी, लड़ाई झगड़ा, ईर्ष्या, गुस्सा, स्वार्थी पन, \v 21 मतवालोपन, लीलाक्रीड़ा अऊर इन को जसो अऊर भी काम हंय, इन को बारे म मय तुम सी पहिले सी कह्य देऊ हय जसो पहिले कह्य भी चुक्यो हय, कि असो-असो काम करन वालो परमेश्वर को राज्य को वारिस नहीं होयेंन। \p \v 22 पर आत्मा को फर प्रेम, खुशी, शान्ति, धीरज, दयालु, भलायी, विश्वास, \v 23 नम्रता, अऊर संय्यम हंय; असो-असो कामों को विरोध म कोयी भी व्यवस्था नहाय। \v 24 अऊर जो मसीह यीशु को हंय, उन्न शरीर ख ओकी लालसा अऊर अभिलाषावों समेत क्रूस पर चढ़ाय दियो हय। \v 25 यदि हम आत्मा को द्वारा जीन्दो हंय, त आत्मा को अनुसार चले भी। \v 26 हम घमण्डी नहीं बने एक दूसरों ख नहीं चिड़ चिड़ाये, अऊर नहीं एक दूसरों को प्रती जलन रखो। \c 6 \s एक दूसरों को बोझ उठानो \p \v 1 हे भाऊवों अऊर बहिनों, यदि कोयी आदमी कोयी अपराध म पकड़्यो भी जाये त तुम जो आत्मिक हो, नम्रता को संग असो ख सम्भालो, अऊर अपनी भी चौकसी रखो कि तुम भी परीक्षा म मत पड़ो। \v 2 तुम एक दूसरों ख बोझ उठावों, अऊर यो तरह मसीह की व्यवस्था ख पूरो करो। \v 3 कहालीकि यदि कोयी कुछ भी नहीं होनो पर अपनो आप ख कुछ समझय हय, त अपनो आप ख धोका देवय हय। \v 4 पर हर एक अपनोच काम ख परख ले, अऊर तब दूसरों को बारे म नहीं पर अपनोच बारे म ओख घमण्ड करन को अवसर मिलेंन। \v 5 कहालीकि हर एक आदमी अपनोच बोझ उठायेंन। \p \v 6 जो वचन की शिक्षा पावय हय, ऊ सब अच्छी चिजों म सिखावन वालो ख सहभागी करे। \p \v 7 अपनो आप ख धोका मत देवो; परमेश्वर ख कोयी मुर्ख नहीं बनाय सकय, कहालीकि आदमी जो बोवय हय उच काटेंन। \v 8 कहालीकि जो अपनो शरीर को लायी बोवय हय, ऊ शरीर को द्वारा विनाश की फसल काटेंन; अऊर जो आत्मा को लायी बोवय हय, ऊ आत्मा को द्वारा अनन्त जीवन की फसल काटेंन। \v 9 हम अच्छो काम करन म हिम्मत नहीं छोड़बो, कहालीकि यदि हम हार नहीं मानबो त ठीक समय पर फसल काटबो। \v 10 येकोलायी जित तक मौका मिलय हय तब हम सब को संग अच्छो करनो चाहिये, विशेष कर क् विश्वासी परिवार को भाऊवों अऊर बहिनों को लायी। \s आखरी चेतावनी अऊर अभिवादन \p \v 11 देखो, मय न कसो बड़ो अक्षरो म तुम ख अपनो हाथ सी लिख्यो हय। \v 12 जो लोग बाहरी बातों पर जोर देवय हय, अऊर घमण्ड करय हय हिच तुम्हरो खतना करावन लायी दबाव डालय हंय, केवल येकोलायी कि हि मसीह को क्रूस को वजह सतायो नहीं जाये। \v 13 कहालीकि खतना करावन वालो खुद त व्यवस्था पर नहीं चलय, पर तुम्हरो खतना येकोलायी करानो चाहवय हंय कि तुम्हरी शारीरिक दशा पर घमण्ड करे। \v 14 पर असो नहीं होय कि मय दूसरी कोयी बात को घमण्ड करू, केवल हमरो प्रभु यीशु मसीह को क्रूस को, जेको द्वारा जगत मोरी नजर म अऊर मय जगत की नजर म क्रूस पर चढ़ायो गयो हय। \v 15 कहालीकि नहीं त खतना को महत्व हय अऊर नहीं खतनारहित को, यदि महत्व हय त ऊ नयी सृष्टि को हय। \v 16 जितनो यो नियम पर चलेंन उन पर, अऊर परमेश्वर को इस्राएल पर शान्ति अऊर दया होती रहे। \p \v 17 चिट्ठी ख खतम कर क् मय तुम सी बिनती करू हय कि अब मोख दु:ख मत देवो, कहालीकि मोरो शरीर पर पहिले सीच घाव हय ऊ बतावय हय कि मय यीशु को गुलाम हय। \p \v 18 हे भाऊवों अऊर बहिनों, हमरो प्रभु यीशु मसीह को अनुग्रह तुम्हरो संग बन्यो रहे। आमीन।