\id 2CO - Lodhi \ide UTF-8 \h २ कुरिन्थियों \toc3 २ कुरिन्थियों \toc2 २ कुरिन्थियों \toc1 कुरिन्थियों को नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी चिट्ठी \mt2 कुरिन्थियों के नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी पत्री \mt1 कुरिन्थियों को नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी चिट्ठी \imt परिचय \ip या चिट्ठी प्रेरित पौलुस न यीशु मसीह को जनम को ५५-५६ साल बाद लिखी। \xt १:१\xt* या दोय चिट्ठी म सी या दूसरी चिट्ठी आय। बहुत विदवान असो समझय हय कि या चिट्ठी को पहिले कुरिन्थियों ख एक बड़ी कठोर चिट्ठी लिखी गयी होती। येको बारे म \xt २:३-४\xt*, यो वचन म या चिट्ठी को बारे म उल्लेख करयो हय। बल्की या चिट्ठी को प्रती हमरो जवर नहाय। या दूसरी कुरिन्थियों की चिट्ठी पौलुस न मकिदुनिया म सी लिखी होती। \xt २:१३।\xt* \ip दूसरी कुरिन्थियों की चिट्ठी की विशेषता या हय कि यो व्यक्तिक अऊर भावनात्मक बाते की चर्चा करी गयी हय, या चिट्ठी म पौलुस खुशी मनावय हय कि या चिट्ठी म जो अहवाल कुरिन्थियों को बारे म तीतुस सी हासिल करयो खुशी ख व्यक्त करय हय। या चिट्ठी देन को बारे म विस्तार सी शिक्षा नयो नियम को दृष्टिकोन सी दियो हय। या शिक्षा ऊ विभाग म पौलुस पैसा को दान को उल्लेख करय हय अऊर यरूशलेम म विश्वासियों ख मदत लायी लिख्यो गयो होतो, \xt ८–९\xt* या मण्डली म कुछ लोग पौलुस को विरोध म होतो। अऊर कुछ बाहेर सी आयो हुयो झूठो प्रेरित यो विरोध को फायदा उठाय क पौलुस ख दबाय क खुद ख बढ़ाय रह्यो होतो। उन्न पौलुस को अधिकार पर सवाल उपस्थित करयो। येकोलायी या चिट्ठी को आखरी हिस्सा म अपनो अधिकार को यीशु मसीह म प्रेरित होन को नाते जो अधिकार मिल्यो हय, ऊ अधिकार पर जोर देवय हय, अऊर ओको पर दावा ठोकय हय। \iot रूप-रेखा \io1 १. पौलुस ख अपनी मण्डली की सुरूवात म नमस्कार करय हय। \ior १:१-७\ior* \io1 २. पौलुस अपनी यात्रा की योजना म बदलाव करय हय ओन जो अहवाल कुरिन्थियों को बारे म प्राप्त करी होती अऊर अपनी पिछली कठोर चिट्ठी जेको बारे म उन्न सवाल पैदा करयो होतो ओको बारे म बतावय हय। \ior १:८–७:१६\ior* \io1 ३. यरूशलेम म रहन वालो विश्वासियों लायी दान जमा करन को बारे या पौलुस कि सुचना। \ior ८:१–९:१५\ior* \io1 ४. आखरी म पौलुस अपनो प्रेरित पन को बचाव करय हय अऊर अपनी आवन वाली भेंट को बारे म चेतावनी। \ior १०:१–१३:१०\ior* \c 1 \p \v 1 \x + \xo १:१ \xo*\xt प्रेरितों १८:१\xt*\x*पौलुस को तरफ सी जो परमेश्वर की इच्छा सी मसीह यीशु को प्रेरित हय, अऊर भाऊ तीमुथियुस को तरफ सी परमेश्वर की उन मण्डली को, नाम जो कुरिन्थुस म हय, अऊर पूरो अखया को सब पवित्र लोगों ख। \p \v 2 हमरो पिता परमेश्वर अऊर प्रभु यीशु मसीह को तरफ सी तुम्ख अनुग्रह अऊर शान्ति मिलती रहें। \s परमेश्वर को धन्यवाद करनो \p \v 3 हमरो प्रभु यीशु मसीह को बाप अऊर परमेश्वर को धन्यवाद हो, जो दया को बाप अऊर सब तरह की शान्ति को परमेश्वर हय। \v 4 ऊ हमरो सब कठिनायियों म प्रोत्साहन देवय हय; ताकि हम वा प्रोत्साहन को वजह जो परमेश्वर हम्ख देवय हय, उन्ख भी प्रोत्साहन दे सकेंन जो कोयी तरह की कठिनायी म हंय। \v 5 कहालीकि जसो मसीह को दु:खों म हम बहुत सहभागी होयजे हंय, वसोच हम शान्ति म भी मसीह को द्वारा बहुत सहभागी होयजे हंय। \v 6 यदि हम कठिनायी उठायजे हंय, त या तुम्हरी शान्ति अऊर मुक्ति लायी हय; यदि हम खुश हंय, त या तुम्हरो खुशी लायी हय; जेको प्रभाव सी तुम धीरज को संग उन कठिनायियों ख सह लेवय हय, जिन्ख हम भी सहजे हंय। \v 7 हमरी आशा तुम्हरो बारे म मजबूत हय; कहालीकि हम जानजे हंय कि तुम जसो हमरो दु:खों म, वसोच प्रोत्साहन म भी सहभागी हो। \p \v 8 \x + \xo १:८ \xo*\xt १ कुरिन्थियों १५:३२\xt*\x*हे भाऊवों अऊर बहिनों, हम नहीं चाहजे कि तुम हमरो ऊ कठिनायी सी अनजान रहो जो आसिया को प्रदेश म हम पर पड़्यो; हम असो भारी बोझ सी दब गयो होतो, जो हमरी सामर्थ सी बाहेर होतो, यहां तक कि हम जीवन सी भी हाथ धोय बैठ्यो होतो। \v 9 बल्की हम न अपनो मन म समझ लियो होतो कि हम पर मरन की आज्ञा भय गयी हय। ताकि हम अपनो भरोसा नहीं रखे बल्की परमेश्वर को जो मरयो हुयो ख जीन्दो करय हय। \v 10 ओनच हम्ख मरन को असो बड़ो संकट सी बचायो, अऊर छुड़ायेंन; अऊर ओको पर हमरी या आशा हय। कि ऊ आगु भी बचातो रहेंन। \v 11 तुम भी मिल क प्रार्थना सी हमरी मदत करो कि जो वरदान बहुतों सी हम्ख मिल्यो, परमेश्वर को अनुग्रह सी बहुत लोग हमरो तरफ सी धन्यवाद करें। \s पौलुस की यात्रा-योजना म बदलाव \p \v 12 कहालीकि हम अपनो अन्तरमन की या गवाही पर घमण्ड करजे हंय, कि जगत म अऊर विशेष कर क् तुम्हरो बीच, हमरो चरित्र परमेश्वर को लायक असी पवित्रता अऊर सच्चायी संग होतो, जो मानविय ज्ञान सी नहीं पर परमेश्वर को अनुग्रह को संग होतो। \v 13-14 हम तुम्ख अऊर कुछ नहीं लिखजे, केवल ऊ जो तुम पढ़य यां समझ सकय हय, अऊर मोख आशा हय कि आखरी तक भी समझतो रहो। जसो तुम म सी कितनो न समझ लियो हय कि हम तुम्हरो घमण्ड को वजह हंय, वसोच तुम भी प्रभु यीशु को दिन हमरो लायी घमण्ड को वजह ठहरो। \p \v 15 योच भरोसा सी मय चाहत होतो कि पहलो तुम्हरो जवर आऊं कि तुम्ख अऊर दुगनी खुशी मिलय; \v 16 \x + \xo १:१६ \xo*\xt प्रेरितों १९:२१\xt*\x*अऊर तुम्हरो जवर सी होय क मकिदुनिया ख जाऊं; अऊर फिर मकिदुनिया सी तुम्हरो जवर आऊं; अऊर तुम मोख यहूदिया को तरफ कुछ दूर तक कुशल सी सार करो। \v 17 येकोलायी मय न या इच्छा करी होती त का मय न मनमानी दिखायी? यां जो करनो चाहऊ हय का शरीर को अनुसार करनो चाहऊ हय कि मय बात म “हव, हव” भी करू अऊर “नहीं, नहीं” भी करू? \v 18 परमेश्वर सच्चो गवाह हय कि हमरो ऊ सन्देश म जो तुम सी कह्यो “हव” अऊर “नहीं” दोयी नहीं पायो जावय। \v 19 \x + \xo १:१९ \xo*\xt प्रेरितों १८:५\xt*\x*कहालीकि परमेश्वर को बेटा यीशु मसीह जेको हमरो सी यानेकि मोरो सिलवानुस अऊर तीमुथियुस को द्वारा तुम्हरो बीच म प्रचार भयो, ओको म “हव” अऊर “नहीं” दोयी नहीं होतो, पर ओको म “हव” होतो। \v 20 कहालीकि परमेश्वर की जितनो प्रतिज्ञाये हंय, हि सब ओको म “हव” को संग हंय। येकोलायी ओको सी “आमीन” भी भयी कि हमरो सी परमेश्वर की महिमा हो। \v 21 अऊर जो हम्ख तुम्हरो संग मसीह की संगति म मजबूत करय हय, अऊर जेन हमरो अभिषेक करयो उच परमेश्वर आय, \v 22 हम ओको आय ओन हम पर मुहर भी लगाय दियो हय अऊर ब्याना म पवित्र आत्मा ख हमरो मनों म दियो। \p \v 23 मय परमेश्वर ख गवाह कर क् कहू हय कि मय अब तक कुरिन्थुस म येकोलायी नहीं आयो, कि मोख तुम्ख डाटनो चाहत होतो। \v 24 यो नहीं कि हम विश्वास को बारे म तुम पर अधिकार जतानो चाहजे हंय; पर तुम्हरो खुशी म सहकर्मी हंय कहालीकि तुम विश्वास सीच स्थिर रह्य हय। \c 2 \p \v 1 मय न अपनो मन म योच ठान लियो होतो कि फिर सी तुम्हरो जवर उदास करन नहीं आऊं। \v 2 कहालीकि यदि मय तुम्ख उदास करू, त मोख खुशी देन वालो कौन होयेंन, केवल उच जेक मय न उदास करयो हय? \v 3 अऊर मय न याच बात तुम्ख येकोलायी लिखी कि कहीं असो नहीं होय कि मोरो आनो पर, जिन्कोसी मोख खुशी मिलनो होना मय उन्को सी उदास होऊं; कहालीकि मोख तुम सब पर या बात को भरोसा हय कि जो मोरी खुशी हय, उच तुम सब को भी हय। \v 4 बड़ो दु:ख अऊर मन को कठिनायी सी मय न बहुत सो आसु बहाय बहाय क तुम्ख लिख्यो होतो, येकोलायी नहीं कि तुम उदास हो पर येकोलायी कि तुम ऊ बड़ो प्रेम ख जान लेवो, जो मोख तुम सी हय। \s अपराधी ख माफ \p \v 5 यदि कोयी न उदास करयो हय, त मोखच नहीं बल्की कि ओको संग कड़क स्वभाव सी पेश नहीं आऊं थोड़ो-थोड़ो तुम सब ख भी उदास करयो हय। \v 6 असो आदमी लायी या सजा जो भाऊवों म सी बहुत सो न दियो, बहुत हय। \v 7 येकोलायी येको सी अच्छो यो हय कि ओको अपराध माफ करो अऊर प्रेम दिखावो, असो नहीं होय कि आदमी बहुत उदासी म डुब जाये। \v 8 यो वजह मय तुम सी बिनती करू हय कि ओख अपनो प्रेम को सबूत दे। \v 9 कहालीकि मय न येकोलायी भी लिख्यो होतो कि तुम्ख परख लेऊ कि तुम मोरी सब बातों ख मानन लायी तैयार हो कि नहीं। \v 10 जेक तुम माफ करय हय ओख मय भी माफ करू हय। कहालीकि मय न भी जो कुछ माफ करयो हय, यदि करयो हय, त तुम्हरो वजह मसीह की जागा म होय क माफ करयो हय, \v 11 कि शैतान को हम पर दाव नहीं चलेंन, कहालीकि हम ओकी युक्तियों सी अनजान नहीं। \s त्रोआस म पौलुस की परेशानी \p \v 12 \x + \xo २:१२ \xo*\xt प्रेरितों २०:१\xt*\x*जब मय मसीह को सुसमाचार सुनावन ख त्रोआस शहर म आयो, अऊर प्रभु न मोरो लायी एक मौका खोल दियो, \v 13 त मोरो मन म चैन नहीं मिल्यो, येकोलायी कि मय न अपनो भाऊ तीतुस ख नहीं पायो, येकोलायी उन्को सी बिदा होय क मय मकिदुनिया राज्य ख चली गयो। \s मसीह म विजय उत्सव \p \v 14 पर परमेश्वर को धन्यवाद हो जो मसीह म सदा हम ख विजय को उत्सव म लियो फिरय हय, अऊर मसीह को ज्ञान की सुगन्ध हमरो सी हर जागा फैलावय हय। \v 15 कहालीकि हम परमेश्वर को जवर उद्धार पावन वालो अऊर नाश होन वालो दोयी लायी मसीह की सुगन्ध हंय। \v 16 त मरन वालो लायी मरन को गन्ध, अऊर कितनो लायी जीवन वालो लायी जीवन को सुगन्ध। ठीक इन बातों को लायक कौन हय? \v 17 कहालीकि हम उन बहुत सो को जसो नहीं जो परमेश्वर को वचन अपनो फायदा लायी इस्तेमाल करय हंय; सच्चो मन सी अऊर परमेश्वर को तरफ सी भेज्यो गयो परमेश्वर ख मौजूद जान क शुद्ध मन सी मसीह को सेवक समान बोलय हंय। \c 3 \s नयो वाचा को सेवक \p \v 1 का हम फिर अपनी बड़ायी करन लग्यो? यां हम्ख दूसरों लोगों को जसो सिफारिश की चिट्ठियां तुम्हरो जवर लावनो यां तुम सी लेनो हंय? \v 2 हमरी चिट्ठी तुमच आय, जो हमरो दिल पर लिखी हुयी हय अऊर ओख सब आदमी पहिचानय अऊर पढ़य हंय। \v 3 यो प्रगट हय कि हमरो बीच सेवकायी को वजह सी तुम मसीह की चिट्ठी आय, अऊर जो स्याही सी नहीं पर जीवित परमेश्वर को आत्मा सी, गोटा की पाटियों पर नहीं, पर दिल को मांस रूपी पाटियों पर जो मसीह न लिख्यो हय। \p \v 4 हम मसीह सीच परमेश्वर म भरोसा हंय ओकोच द्वारा बोलय हय। \v 5 यो नहीं कि हम अपनो खुद सी यो लायक हंय कि अपनो तरफ सी कोयी बात को काम कर सकेंन, पर हमरी लायकता परमेश्वर को तरफ सी आय, \v 6 परमेश्वर न हम्ख नयो वाचा को सेवक होन लायक भी बनायो, यो लिखी हुयी व्यवस्था सी नहीं बल्की आत्मा सी हय; कहालीकि व्यवस्था मारय हय, पर पवित्र आत्मा जीन्दो करय हय। \p \v 7 यदि मूसा की वा व्यवस्था की सेवकायी को अक्षर गोटा पर खोद्यो गयो होतो, यहां तक तेजोमय भयी कि मूसा को मुंह पर को तेज को वजह जो घटत भी जात होतो, इस्राएली ओको मुंह पर नजर नहीं कर सकत होतो। \v 8 ऊ तेज गायब होत जाय रह्यो होतो, त पवित्र आत्मा की सेवा अऊर भी तेजोमय कहाली नहीं होयेंन? \v 9 यदि जब दोषी ठहरान वाली सेवा तेजोमय होती, त उद्धार ठहरान वाली सेवा अऊर भी तेजोमय कहाली नहीं होयेंन? \v 10 अऊर जो तेजोमय होतो, ऊ भी ऊ तेज को वजह जो ओको सी बड़ क तेजोमय होतो, तेजोमय नहीं ठहरयो। \v 11 कहालीकि जब ऊ जो घटत जात होतो तेजोमय होतो, त ऊ जो स्थिर रहेंन अऊर भी तेजोमय कहाली नहीं होयेंन? \p \v 12 येकोलायी असी आशा रख क हम हिम्मत को संग बोलजे हंय, \v 13 अऊर मूसा को जसो नहीं, जेन अपनो मुंह पर परदा डाल्यो होतो ताकि इस्राएली ऊ घटन वालो तेज को अन्त ख नहीं देखे। \v 14 पर हि मतिमन्द भय गयो, कहालीकि अज तक पुरानो नियम पढ़तो समय उन्को दिलो पर उच परदा पड़्यो रह्य हय। जब कोयी व्यक्ति मसीह म जोड़्यो जावय हय तब ऊ परदा मसीह म उठ जावय हय। \v 15 अज तक जब कभी मूसा की किताब पढ़्यो जावय हय, त उन्को दिल पर परदा पड़्यो रह्य हय। \v 16 पर जब कभी उन्को दिल प्रभु को तरफ फिरेंन, तब ऊ परदा उठ जायेंन। \v 17 प्रभु त आत्मा हय: अऊर जित कहीं प्रभु को आत्मा हय उत स्वतंत्रता हय। \v 18 पर जब हम सब को खुलो चेहरा सी प्रभु को तेज यो तरह प्रगट होवय हय, जो तरह आरसा म, त प्रभु सी जो आत्मा हय, हम उच तेजस्वी रूप म अधिक सी अधिक कर क् बदल देवय हंय। \c 4 \s माटी को बर्तनों म धन \p \v 1 येकोलायी जब हम पर असी दया भयी कि हम्ख यो सेवा मिली, त हम हिम्मत नहीं छोड़जे। \v 2 पर हम न लज्जा को लूक्यो कामों ख छोड़ दियो, अऊर नहीं चालाकी सी चलजे, अऊर नहीं परमेश्वर को वचन म मिलावट करजे हंय; पर सत्य ख प्रगट कर क्, परमेश्वर को आगु हर एक आदमी को अन्तरमन म अपनी भलायी बैठायजे हंय। \v 3 पर यदि हमरो सुसमाचार पर परदा पड़्यो हय, त यो नाश होन वालोच लायी पड़्यो हय। \v 4 अऊर उन अविश्वासियों लायी, जिन की बुद्धि यो जगत को शैतान को ईश्वर न अन्धी कर दियो हय, ताकि मसीह जो परमेश्वर को प्रतिरूप हय, ओको तेजोमय सुसमाचार को प्रकाश उन पर नहीं चमकेंन। \v 5 कहालीकि हम अपनो ख नहीं, पर मसीह यीशु को प्रचार करजे हंय; कि ऊ प्रभु आय अऊर अपनो बारे म यो कहजे हंय कि हम यीशु को वजह तुम्हरो सेवक हंय। \v 6 येकोलायी कि परमेश्वरच आय, जेन कह्यो, “अन्धकार म सी ज्योति चमकेंन,” अऊर उच हमरो दिलो म चमक्यो कि परमेश्वर की महिमा की ज्ञान की ज्योति यीशु मसीह को चेहरा सी प्रकाशित भयो हय। \p \v 7 पर हमरो जवर ऊ धन हम जो माटी को बर्तनों जसो हय हम उन्म आत्मिक सम्पत्ति हय यो असीम सामर्थ दिखावन लायी हमरो तरफ सी नहीं, बल्की परमेश्वर कोच तरफ सी ठहरे। \v 8 हम चारयी तरफ सी कठिनायी त भोगजे हंय, पर संकट म नहीं पड़जे; घबरायो हुयो त हंय, पर निराश नहीं होवय; \v 9 सतायो त जावय हंय, पर छोड्यो नहीं जावय; गिरायो त जावय हंय, पर नाश नहीं होवय। \v 10 हम यीशु की मरनो ख अपनो शरीर म हर समय लियो फिरजे हंय कि यीशु को जीवन भी हमरो शरीर म प्रगट हो। \v 11 कहालीकि हम जीतो जी हमेशा यीशु को वजह मृत्यु को हाथ म सौंप्यो जाजे हंय कि यीशु को जीवन भी हमरो मरन वालो शरीर म प्रगट हो। \v 12 यो तरह मृत्यु त हम पर प्रभाव डालय हय अऊर जीवन तुम पर। \p \v 13 येकोलायी कि हम म उच विश्वास को आत्मा हय, जेको बारे म पवित्र शास्त्र म लिख्यो हय, “मय न विश्वास करयो, येकोलायी मय बोल्यो।” येकोलायी हम भी विश्वास करजे हंय, येकोलायी बोलजे हंय। \v 14 कहालीकि हम जानजे हंय कि जेन प्रभु यीशु ख जीन्दो करयो, उच हम्ख भी यीशु को संग जीन्दो करेंन, अऊर तुम्हरो संग अपनो आगु लाय क खड़ो करेंन। \v 15 कहालीकि सब चिजे तुम्हरो लायी हंय, ताकि अनुग्रह बहुतों सी जादा होय क परमेश्वर कि महिमा लायी धन्यवाद भी बढ़ेंन। \s विश्वास सी जीनो \p \v 16 येकोलायी हम हिम्मत नहीं छोड़जे; येकोलायी हमरो बाहरी मनुष्यत्व नाश होत जावय हय, तब भी हमरो अन्दर को मनुष्यत्व हर दिन नयो होत जावय हय। \v 17 कहालीकि हमरो पल भर को हल्की सी कठिनायी हमरो लायी बहुतच महत्वपूर्ण अऊर अनन्त काल कि महिमा ख पैदा करय हय; \v 18 अऊर हम त देखी हुयी चिजों ख नहीं पर अनदेखी चिजों ख देखतो रहजे हंय; कहालीकि देखी हुयी चिजे थोड़ोच दिन की हंय, पर अनदेखी चिजे अनन्त काल तक बनी रह्य हंय। \c 5 \s हमरो स्वर्गीय शरीर \p \v 1 कहालीकि हम जानजे हंय कि जब हमरो धरती पर को डेरा जसो घर जो हमरो शरीर हय गिरायो जायेंन, त हम्ख परमेश्वर को तरफ सी स्वर्ग पर एक असो भवन मिलेंन जो हाथों सी बन्यो हुयो घर नहीं, पर अनन्त काल को हय। \v 2 येको म त हम करहाते अऊर बड़ी इच्छा रखजे हंय कि अपनो स्वर्गीय घर ख पहिन ले, \v 3 कि येख पहिनन सी हम नंगो नहीं देख्यो जाये। \v 4 अऊर हम यो जगत को डेरा म रहतो हुयो बोझ सी दब्यो दु:ख म करहाते रहजे हंय, कहालीकि हम उतारनो नहीं बल्की अऊर पहिननो चाहजे हंय, ताकि ऊ जो मरनहार हय जीवन म डुब जाये। \v 5 जेन हम्ख या बात को लायी तैयार करयो हय ऊ परमेश्वर आय, जेन हम्ख ब्याना म हम्ख आत्मा भी दियो हय। \p \v 6 यानेकि हम हमेशा हिम्मत बान्ध्यो रहजे हंय अऊर यो जानजे हंय कि जब तक हम शरीर को घर म रहजे हंय, तब तक हम प्रभु सी अलग रहजे हंय \v 7 कहालीकि हमरो जो जीवन जो देखजे हय ओको पर नहीं, पर जो विश्वास सी चलजे हंय \v 8 येकोलायी हम हिम्मत बान्ध्यो रहजे हंय, अऊर शरीर सी अलग होय क प्रभु को संग रहनो अऊर भी बहुत अच्छो समझजे हंय। \v 9 यो वजह हमरो मन की उमंग यो आय कि चाहे संग रहे चाहे अलग रहे, पर हम ओख भातो रहबोंन। \v 10 \x + \xo ५:१० \xo*\xt रोमियों १४:१०\xt*\x*कहालीकि जरूरी हय कि हम सब को हाल मसीह को न्याय आसन को सामने खुल जाये, कि हर एक आदमी अपनो अपनो अच्छो बुरो कामों को बदला जो ओन शरीर को द्वारा करयो। \s परमेश्वर सी मेल मिलाप \p \v 11 येकोलायी प्रभु को डर मान क हम लोगों ख समझाजे हंय; पर परमेश्वर पर हमरो हाल प्रगट हय, अऊर मोरी आशा या हय कि तुम्हरो अन्तरमन पर भी प्रगट भयो होना। \v 12 हम फिर भी अपनी बड़ायी तुम्हरो आगु नहीं करजे, बल्की हम अपनो बारे म तुम्ख घमण्ड करन को अवसर देजे हंय कि तुम उन्ख उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं बल्की दिखावटी बातों पर घमण्ड करय हंय। \v 13 यदि हम मुर्ख समझय हंय त परमेश्वर लायी, अऊर यदि सुध म हंय त तुम्हरो लायी हंय। \v 14 कहालीकि मसीह को प्रेम हम्ख विवश कर देवय हय; येकोलायी कि हम यो समझजे हंय कि जब एक सब को लायी मरयो त सब मर गयो। \v 15 अऊर ऊ यो निमित्त सब लायी मरयो कि जो जीन्दो हंय, हि आगु सी अपनो लायी नहीं जीये पर ओको लायी जो उन्को लायी मरयो अऊर फिर जीन्दो भयो। \p \v 16 यानेकि अब सी हम कोयी ख आदमी की समझ को अनुसार नहीं समझबोंन। फिर भी हम न मसीह ख भी आदमी की समझ को अनुसार जान्यो होतो, तब भी अब सी ओख असो नहीं जानबोंन। \v 17 येकोलायी यदि कोयी मसीह म हय त वा नयी रचना आय: पुरानी बाते बीत गयी हंय; देखो, सब बाते नयी भय गयी हंय। \v 18 या सब बाते परमेश्वर को तरफ सी हंय, जेन मसीह को द्वारा अपनो संग हमरो मेल-मिलाप कर लियो, अऊर मेल-मिलाप की सेवा हम्ख सौंप दियो हय। \v 19 यानेकि परमेश्वर न मसीह म होय क अपनो संग जगत को मेल-मिलाप कर लियो, अऊर उन्को अपराधो को दोष उन पर नहीं लगायो, अऊर ओन मेल-मिलाप को वचन हम्ख सौंप दियो हय। \p \v 20 येकोलायी, हम मसीह को राजदूत हंय; मानो परमेश्वर हमरो द्वारा बिनती कर रह्यो हय। हम मसीह को तरफ सी निवेदन करजे हंय कि परमेश्वर को संग मेल-मिलाप कर लेवो। \v 21 जो पाप सी अनजान होतो, ओखच ओन हमरो लायी पाप ठहरायो कि हम उन्म होय क परमेश्वर की सच्चायी प्राप्त करे। \c 6 \p \v 1 हम जो परमेश्वर को सहकर्मी हंय यो भी बिनती करजे हंय कि ओको अनुग्रह जो तुम पर भयो, ओख बेकार मत जान दे। \v 2 कहालीकि परमेश्वर कह्य हय, \q1 “अपनो खुशी को समय मय न तोरी सुन ली, \q2 अऊर उद्धार को दिन मय न तोरी मदत करी।” \q1 देखो, अब ऊ खुशी को समय हय, \q2 देखो, अब ऊ उद्धार को दिन आय। \p \v 3 हम कोयी बात म ठोकर खान को अवसर नहीं देजे ताकि हमरी सेवा पर कोयी दोष मत आय। \v 4 पर हर बात सी परमेश्वर को सेवकों को जसो अपनो सद्गुनों ख प्रगट करजे हंय, बड़ो धीरज सी, कठिनायी सी, गरीबी सी, संकटों सी, \v 5 \x + \xo ६:५ \xo*\xt प्रेरितों १६:२३\xt*\x*कोड़ा खानो सी, कैद होनो सी, हल्लावों सी, मेहनत करनो सी, जागतो रहनो सी, उपवास करनो सी, \v 6 पवित्रता सी, ज्ञान सी, धीरज सी, दयालुता सी, पवित्र आत्मा को सामर्थ सी, सच्चो प्रेम को संग, \v 7 सत्य को वचन सी, परमेश्वर को सामर्थ सी, सच्चायी को अवजारों सी जो दायो बायो हाथों म हंय, \v 8 आदर अऊर अपमान सी, बदनाम अऊर अच्छो नाम सी, यानेकि धोका देन वालो जसो मालूम होवय हंय तब भी हम सच्चायी प्रगट करजे हय; \v 9 बिना पहिचान वालो को जसो हंय, तब भी प्रसिद्ध हंय; मरयो हुयो को जसो हंय अऊर देखो जीन्दो हंय; मार खान वालो को जसो हंय पर जान सी मारयो नहीं जावय; \v 10 शोक करन वालो को जसो हंय, पर हमेशा खुशी मनावय हंय; गरीबों को जसो हंय, पर बहुतों ख धनवान बनाय देवय हंय; असो हंय जसो हमरो जवर कुछ नहाय तब भी सब कुछ रखजे हंय। \p \v 11 हे कुरिन्थवासी, हम न खुल क तुम सी बाते करी हंय, हमरो दिल तुम्हरो तरफ खुल्यो हुयो हय। \v 12 तुम्हरो लायी हमरो दिल म कोयी संकोच नहाय, पर तुम्हरोच मनों म संकोच हय। \v 13 मय अपनो बच्चां जान क जसो तुम सी प्रेम करू हय वसोच तुम हम सी प्रेम करो अऊर तुम भी ओको बदला म अपनो दिल खोल दे। \s हम जीवित परमेश्वर को मन्दिर आय \p \v 14 अविश्वासियों को संग एक साथ काम करन की कोशिश मत करो, कहालीकि सच्चायी अऊर अधर्म की का संगति? यां प्रकाश अऊर अन्धारो तक संग कसो रह्य सकय हंय? \v 15 अऊर मसीह अऊर शैतान कसो सहमत होय सकय हय? यां विश्वासी को संग अविश्वासी को का नाता? \v 16 \x + \xo ६:१६ \xo*\xt १ कुरिन्थियों ३:१६; ६:१९\xt*\x*अऊर मूर्तियों को संग परमेश्वर को मन्दिर को का सम्बन्ध? \q1 कहालीकि हम त जीन्दो परमेश्वर को मन्दिर आय; जसो परमेश्वर न कह्यो हय, \q2 “मय उन म बसू अऊर उन म चल्यो फिरयो करू; \q1 अऊर मय उन्को परमेश्वर होऊं, \q2 अऊर हि मोरो लोग होयेंन।” \m \v 17 येकोलायी प्रभु कह्य हय, \q1 “उन्को बीच म सी निकलो \q2 अऊर अलग रहो; \q1 अऊर अशुद्ध चिजों ख मत छूवो, \q2 त मय तुम्ख स्वीकार करूं; \v 18 अऊर मय तुम्हरो बाप होऊं, \q1 अऊर तुम मोरो बेटा \q2 अऊर बेटियां हो। यो सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर को \q2 वचन आय।” \c 7 \p \v 1 येकोलायी हे प्रियो, जब कि यो प्रतिज्ञाये हम्ख मिली हंय, त आवो, हम अपनो आप ख शरीर अऊर आत्मा की सब अशुद्धता सी शुद्ध करे, अऊर परमेश्वर को डर रखतो हुयो पवित्रता ख सिद्ध करे। \s पौलुस की खुशी \p \v 2 हम्ख अपनो दिल म जागा दे। हम न नहीं कोयी को संग अन्याय करयो, नहीं कोयी ख बिगाड़्यो, अऊर नहीं कोयी ख ठगायो। \v 3 मय तुम्ख दोषी ठहरान लायी यो नहीं कहूं। कहालीकि मय पहिलेच कह्य चुक्यो हय कि तुम हमरो दिल म असो बस गयो हय कि हम तुम्हरो संग मरन जीवन लायी तैयार हंय। \v 4 मय तुम सी बहुत हिम्मत को संग बोल रह्यो हय, मोख तुम पर बड़ो घमण्ड हय; मय प्रोत्साहन सी भर गयो हय। अपनो पूरो कठिनायी म मय खुशी सी बहुत भरपूरी सी रहू हय। \p \v 5 \x + \xo ७:५ \xo*\xt २ कुरिन्थियों २:१३\xt*\x*कहालीकि जब हम मकिदुनिया म आयो, तब भी हमरो शरीर ख चैन नहीं मिल्यो, बल्की हम्ख चारयी तरफ सी हर तरह को दु:ख उठानो पड़्यो होतो; बाहेर लड़ाईयों सी, अऊर मन को अन्दर डर सी। \v 6 तब भी दुखियों ख प्रोत्साहन देन वालो परमेश्वर न तीतुस को आवन सी हम ख दिलासा दियो; \v 7 अऊर नहीं केवल ओको आनो सीच नहीं पर ओको सी हम्ख अऊर जादा प्रोत्साहन मिल्यो कि, जो ओख तुम्हरो तरफ सी मिली होती। ओन तुम्हरी लालसा, तुम्हरो दु:ख अऊर मोरो लायी तुम्हरी धुन को समाचार हम्ख सुनायो, जेकोसी मोख अऊर भी खुशी भयी। \p \v 8 कहालीकि मय न अपनो चिट्ठी सी तुम्ख दु:खी करयो, पर ओको सी पछताऊ नहीं जसो कि पहिले पछतावत होतो, कहालीकि मय देखू हय कि वाच चिट्ठी सी तुम्ख दु:ख त भयो पर ऊ थोड़ो समय लायी होतो। \v 9 अब मय खुश हय पर येकोलायी नहीं कि तुम ख दु:ख पहुंच्यो, बल्की येकोलायी कि तुम न ऊ दु:ख को वजह मन फिरायो, कहालीकि तुम्हरो दु:ख परमेश्वर की इच्छा को अनुसार होतो कि हमरो तरफ सी तुम्ख कोयी बात म हानि नहीं पहुंचे। \v 10 कहालीकि परमेश्वर-भक्ति को दु:ख असो पैदा करय हय जेको परिनाम उद्धार हय अऊर फिर ओको सी पछतानो नहीं पड़य। पर सांसारिक दु:ख मृत्यु पैदा करय हय। \v 11 येकोलायी देखो, याच बात सी कि तुम्ख परमेश्वर को तरफ सी दु:ख भयो तुम म कितनो उत्साह अऊर खुद को बचाव अऊर शोक, अऊर डर, अऊर बढ़ती इच्छा, अऊर आस्था अऊर न्याय देन को बिचार पैदा भयो? तुम न सब तरह सी यो सिद्ध कर दिखायो कि तुम या बात म गलत नहाय। \p \v 12 फिर मय न जो तुम्हरो जवर लिख्यो होतो, ऊ नहीं त ओको वजह लिख्यो जेन अन्याय करयो अऊर नहीं ओको वजह जेको पर अन्याय करयो गयो, पर येकोलायी कि तुम्हरो उत्साह जो हमरो लायी हय, ऊ परमेश्वर को आगु तुम पर दिख जाय। \v 13 येकोलायी हम्ख प्रोत्साहन मिली। \p हमरी यो प्रोत्साहन को संग तीतुस को खुशी को वजह अऊर भी खुशी भयी कहालीकि ओको जीव तुम सब को वजह ओकी आत्मा ख चैन मिल्यो हय। \v 14 कहालीकि यदि मय न ओको आगु तुम्हरो बारे म कुछ घमण्ड दिखायो, त शर्मिन्दा नहीं भयो, पर जसो हम न तुम सी सब बाते सच-सच कह्य दियो होतो, वसोच हमरो घमण्ड दिखानो तीतुस को आगु भी सच निकल्यो। \v 15 जब ओख तुम सब को आज्ञाकारी होन को याद आवय हय कि कसो तुम न डरतो अऊर कापतो हुयो ओको सी मुलाखात करी; त ओको प्रेम तुम्हरो तरफ अऊर भी बढ़तो जावय हय। \v 16 मय खुश हय कहालीकि मोख हर बात म तुम पर पूरो भरोसा कर सकू हय। \c 8 \s उदारता सी दान देनो \p \v 1 \x + \xo ८:१ \xo*\xt रोमियों १५:२६\xt*\x*अब हे भाऊवों अऊर बहिनों, हम तुम्ख परमेश्वर को ऊ अनुग्रह को समाचार देजे हंय जो मकिदुनिया की मण्डलियों पर भयो हय। \v 2 कि कठिनायी की बड़ी परीक्षा म उन्को बड़ी खुशी अऊर भारी गरीबपन म उनकी उदारता बहुत बढ़ गयी। \v 3 अऊर उन्को बारे म मोरी या गवाही हय कि उन्न अपनी सामर्थ भर बल्की सामर्थ सी भी बाहेर मन सी दियो। \v 4 अऊर यो दान म अऊर परमेश्वर को लोगों की सेवा म सहभागी होन को अनुग्रह को बारे म, हम सी बार-बार बहुत बिनती करी, \v 5 अऊर जसी हम न आशा करी होती, वसीच नहीं बल्की उन्न प्रभु ख फिर परमेश्वर की इच्छा सी हम ख भी अपनो खुद ख दे दियो। \v 6 येकोलायी हम न तीतुस ख बिनती करी होती, कि जसो ओन पहिले सुरूवात करयो होतो, वसोच तुम्हरो बीच म यो दान देन को कृपा को काम ख लगातार पूरो भी कर लेवो। \v 7 येकोलायी जसो तुम हर बात म यानेकि विश्वास, वचन, ज्ञान अऊर सब तरह को यत्न म, अऊर ऊ प्रेम म, जो हम सी रखय हय, बढ़तो जावय हय, वसोच यो दान यां कृपा को काम म भी बढ़तो जावो। \p \v 8 मय आज्ञा की रीति पर त नहीं, पर दूसरों को उत्साह सी तुम्हरो प्रेम की सच्चायी ख परखन लायी कहू हय। \v 9 तुम हमरो प्रभु यीशु मसीह को अनुग्रह जानय हय कि ऊ धनी होय क भी तुम्हरो लायी गरीब बन गयो, ताकि ओको गरीब होय जानो सी तुम धनी होय जावो। \p \v 10 या बात म मोरी सलाह याच हय: यो तुम्हरो लायी अच्छो हय, जो एक साल सी नहीं त केवल यो काम ख करनोंच म, पर या बात को चाहनो म भी पहिलो भयो होतो, \v 11 येकोलायी अब यो काम पूरो करो कि जसो इच्छा करनो म तुम तैयार होतो, वसोच अपनी अपनी पूंजी को अनुसार पूरो भी करो। \v 12 कहालीकि यदि मन की तैयारी होय त दान ओको अनुसार स्वीकार भी होवय हय जो ओको जवर हय; नहीं कि ओको अनुसार जो ओको जवर हयच नहाय। \p \v 13 यो नहीं कि दूसरों ख चैन अऊर तुम ख कठिनायी मिले, \v 14 पर बराबरी को बिचार सी यो समय तुम्हरी बढ़ती उनकी कमी म काम आये, ताकि उनकी बढ़ती भी तुम्हरी कमी म काम आये कि बराबरी होय जाये। \v 15 जसो शास्त्र म लिख्यो हय, “जेन बहुत जमा करयो ओको कुछ जादा नहीं निकल्यो, अऊर जेन थोड़ो जमा करयो ओको कुछ कम नहीं निकल्यो।” \s तीतुस ख कुरिन्थियों म भेज्यो जानो \p \v 16 परमेश्वर को धन्यवाद हो, जेन तुम्हरो लायी उच उत्साह तीतुस को दिल म डाल दियो हय। \v 17 कि ओन हमरो समझानो मान लियो बल्की बहुत उत्साही होय क ऊ अपनी इच्छा सी तुम्हरो जवर गयो हय। \v 18 हम न ओको संग ऊ भाऊ ख भी भेज्यो हय जेको नाम सुसमाचार को बारे म सब मण्डली म फैल्यो हुयो हय; \v 19 अऊर इतनोच नहीं, पर वा मण्डली सी ठहरायो भी गयो कि यो दान को काम लायी हमरो संग जाये। हम या सेवा येकोलायी करजे हंय कि प्रभु की महिमा अऊर हमरो मन की तैयारी प्रगट होय जाये। \p \v 20 हम या बात म चौकस रहजे हंय कि यो उदारता को काम को बारे म जेकी सेवा हम करजे हंय, कोयी हम पर दोष नहीं लगानो पाये। \v 21 कहालीकि जो बाते केवल प्रभुच को जवर नहीं, पर आदमियों को जवर भी ठीक हंय हम उनकी चिन्ता करजे हंय। \p \v 22 हम न ओको संग अपनो भाऊ ख भी भेज्यो हय, जेक हम न बार-बार परख क् बहुत बातों म उत्साही पायो हय; पर अब तुम पर ओख बड़ो भरोसा हय, यो वजह ऊ अऊर भी जादा उत्साही हय। \v 23 यदि कोयी तीतुस को बारे म पुछेंन, त ऊ मोरो संगी अऊर तुम्हरो लायी मोरो सहकर्मी आय; अऊर यदि हमरो भाऊवों को बारे म पुछेंन, त हि मण्डलियों ख भेज्यो हुयो अऊर मसीह की महिमा आय। \v 24 यानेकि अपनो प्रेम अऊर हमरो ऊ घमण्ड जो तुम्हरो बारे म हय मण्डलियों को आगु सिद्ध कर क् उन्ख दिखावो। \c 9 \s संगी मसीहियों लायी मदत \p \v 1 अब ऊ सेवा को बारे म जो पवित्र लोगों लायी करी जावय हय, मोख तुम ख लिखनो जरूरी नहाय। \v 2 कहालीकि मय तुम्हरो मन की तैयारी ख जानु हय, जेको वजह मय तुम्हरो बारे म मकिदुनिया वासियों को आगु घमण्ड दिखाऊं हय कि अखया को लोग एक साल सी तैयार भयो हंय, अऊर तुम्हरो उत्साह न अऊर बहुत सो ख भी उभारयो हय। \v 3 पर मय न भाऊवों ख येकोलायी भेज्यो हय कि हम न जो घमण्ड तुम्हरो बारे म दिखायो, ऊ या बात म निष्फल नहीं ठहरेंन; पर जसो मय न कह्यो वसोच तुम तैयार रहो, \v 4 असो नहीं होय कि यदि कोयी मकिदुनिया निवासी मोरो संग आयेंन अऊर तुम्ख तैयार नहीं पाये, त होय सकय हय कि यो आत्मविश्वास को वजह हम यो नहीं कहजे कि हम अऊर तुम शर्मिन्दा हो। \v 5 येकोलायी मय न भाऊवों सी या बिनती करनो जरूरी समझ्यो कि हि पहिलो सी तुम्हरो जवर जाये, अऊर तुम्हरी उदारता को फर जेको बारे म पहिले सी वचन दियो गयो होतो, तैयार कर रखेंन कि यो दबाव सी नहीं पर उदारता को फर को जसो तैयार हो। \s उदारता सी सेवा \p \v 6 पर बात या आय: जो थोड़ो बोवय हय, ऊ थोड़ो काटेंन भी; अऊर जो बहुत बोवय हय, ऊ बहुत काटेंन। \v 7 हर एक लोग जसो ओन मन म सोच्यो हय वसोच दान करे; नहीं कुड़कुड़ाय क अऊर दबाव सी, कहालीकि परमेश्वर मन की खुशी सी देन वालो सी प्रेम रखय हय। \v 8 परमेश्वर सब तरह को अनुग्रह तुम्ख बहुतायत सी दे सकय हय जेकोसी हर बात म अऊर हर समय, सब कुछ, जो तुम्ख जरूरी हय, तुम्हरो जवर रहेंन; अऊर हर एक अच्छो काम लायी तुम्हरो जवर बहुत कुछ हो। \v 9 जसो शास्त्र म लिख्यो हय, \q1 “ओन उदारता सी ओन गरीबों ख दान दियो, \q2 ओकी सच्चायी हमेशा बनी रहेंन।” \m \v 10 यानेकि जो बोवन वालो ख बीज अऊर जेवन लायी रोटी देवय हय, ऊ तुम्ख बीजा देयेंन, अऊर सच्चायी की फसल की बढ़ोतरी करेंन; अऊर तुम्हरो उदारता को फर ख बढ़ायेंन। \v 11 तुम हर एक बात म सब तरह की उदारता लायी जो हमरो द्वारा परमेश्वर को धन्यवाद करवावय हय, धनवान करयो जाये। \v 12 कहालीकि या सेवा ख पूरो करनो सी नहीं केवल परमेश्वर को लोगों की जरूरते पूरी होवय हंय, पर लोगों को तरफ सी परमेश्वर को भी बहुत धन्यवाद होवय हय। \v 13 कहालीकि यो सेवा ख प्रनाम स्वीकार कर हि परमेश्वर की महिमा प्रगट करय हंय कि तुम मसीह को सुसमाचार ख मान क ओको अधीन रह्य हय, अऊर उनकी अऊर सब की मदत करनो म उदारता प्रगट करतो रह्य हय। \v 14 अऊर हि तुम्हरो लायी बड़ो प्रेम को संग प्रार्थना करय हंय; अऊर येकोलायी कि तुम पर परमेश्वर को बड़ोच अनुग्रह करयो हय। \v 15 परमेश्वर को, ओको ऊ दान लायी जो वर्नन सी बाहेर हय, धन्यवाद हो। \c 10 \s पौलुस को अधिकार \p \v 1 मय पौलुस जो तुम्हरो संग होन पर नम्र अऊर दीन हय, पर जब मय दूर होऊ हय त तुम्हरो संग कठोर व्यवहार करू हय मसीह की नम्रता अऊर कोमल स्वभाव अऊर दया सी समझाऊ हय। \v 2 मय या बिनती करू हय कि तुम्हरो आगु मोख निडर होय क हिम्मत करनो नहीं पड़ेंन, जसो मय कुछ आदमी पर जो हम ख जगत को अनुसार चलन वालो समझय हंय, हिम्मत दिखान को बिचार करू हय। \v 3 कहालीकि हम जगत म चलजे फिरजे हंय, तब भी जगत को अनुसार नहीं लड़जे। \v 4 कहालीकि हमरी लड़ाई को अवजार सांसारिक नहीं, पर दुश्मनों को किल्ला ख गिराय देन लायी परमेश्वर को द्वारा सामर्थी हंय। \v 5 येकोलायी हम कल्पनावों को अऊर हर एक ऊची बात को, जो परमेश्वर की पहिचान को विरोध म उठय हय, खण्डन करजे हंय; अऊर हर एक भावना ख बन्दी कर क् मसीह को आज्ञाकारी बनाय देजे हंय, \v 6 अऊर तैयार रहजे हंय कि जब तुम्हरो आज्ञा पालन को सबूत देवो, त हर एक तरह को आज्ञा-उल्लंघन ख सजा देयेंन। \p \v 7 तुम उच बातों ख देखो, जो आंखी को आगु हंय। यदि कोयी ख अपनो पर यो भरोसा होय कि मय मसीह को आय, त ऊ यो भी जान ले कि जसो ऊ मसीह को आय वसोच हम भी हंय। \v 8 कहालीकि यदि मय ऊ अधिकार को बारे म अऊर भी घमण्ड दिखाऊं, जो प्रभु न तुम्हरो बिगाड़न लायी नहीं पर बनावन लायी हम्ख दियो हय, त शर्मिन्दा नहीं होऊं। \v 9 यो मय येकोलायी कहू हय कि चिट्ठियां को द्वारा तुम्ख डरावन वालो नहीं ठहरू। \v 10 कहालीकि हि कह्य हंय, “ओकी चिट्ठियां त गम्भीर अऊर प्रभावशाली हंय; पर जब ऊ आगु होवय हय, त ऊ शरीर कमजोर अऊर बोलन म हल्को जान पड़य हय।” \v 11 जो असो कह्य हय, ऊ यो समझ रखे कि जब हम अनूपस्थिती हय त अपनो वचन म कठोर हंय, वसोच उपस्थिति म हमरो काम अऊर भी कठिन हय। \p \v 12 कहालीकि हम्ख यो हिम्मत नहीं कि हम अपनो आप ख उन म सी असो कुछ को संग गिन्यो यां उन सी अपनो ख मिलाये, जो अपनी बढ़ायी आप करय हंय, अऊर अपनो आप ख आपस म नाप तौल क एक दूसरों सी तुलना कर क् ऊ खुद मूर्ख ठहरय हंय। \v 13 हम त सीमा सी बाहेर घमण्ड कभी भी नहीं करबोंन, पर उच सीमा तक जो परमेश्वर न हमरो लायी ठहराय दियो हय, अऊर ओको म तुम भी आय गयो हय, अऊर ओकोच अनुसार घमण्ड भी करबोंन। \v 14 कहालीकि हम अपनी सीमा सी बाहेर अपनो आप ख बढ़ानो नहीं चाहजे, जसो कि तुम तक नहीं पहुंचन की दशा म होतो, बल्की मसीह को सुसमाचार सुनातो हुयो तुम तक आयो हंय। \v 15 हम सीमा सी बाहेर दूसरों को मेहनत पर घमण्ड नहीं करजे; पर हम्ख आशा हय कि जसो-जसो तुम्हरो विश्वास बढ़तो जायेंन वसो-वसो हम अपनी सीमा को अनुसार तुम्हरो वजह अऊर भी बढ़तो जाबोंन, \v 16 ताकि हम तुम्हरी सीमा सी आगु बढ़ क सुसमाचार सुनाबो, अऊर यो नहीं कि हम दूसरों कि सीमा को अन्दर बन्यो बनायो कामों पर घमण्ड करबो। \p \v 17 पर जसो शास्त्र कह्य हय “जो घमण्ड करेंन, ऊ प्रभु पर घमण्ड करेंन।” \v 18 कहालीकि जो अपनी बड़ायी करय हय ऊ नहीं, पर जेकी बड़ायी प्रभु करय हय, उच स्वीकार करयो जावय हय। \c 11 \s पौलुस अऊर झूठो प्रेरित \p \v 1 यदि तुम मोरी थोड़ी सी मूर्खता सह लेतो त का हि ठीक होतो; हव, मोरी सह भी लेवो! \v 2 मय तुम्हरो बारे म ईश्वरीय धुन लगायो रहू हय, येकोलायी कि मय न तुम्हरी मसीह सी सगायी कर दी हय कि तुम्ख पवित्र कुंवारी को जसो मसीह ख सौंप देऊ। \v 3 पर मय डरू हय कि जसो सांप न अपनी चालाकी सी हवा ख बहकायो, वसोच तुम्हरो मन ऊ सीधायी अऊर पवित्रता सी जो मसीह को संग होनो चाहिये, कहीं भ्रष्ट नहीं करयो जाय। \v 4 यदि कोयी तुम्हरो जवर आय क कोयी दूसरों यीशु को प्रचार करेंन, जेको प्रचार हम न नहीं करयो; यां कोयी अऊर आत्मा तुम्ख मिले, जो पहिले नहीं मिल्यो होतो; यां अऊर कोयी सुसमाचार सुनाये जेक तुम न पहिले नहीं मान्यो होतो, त तुम ओख सह लेवय हय। \p \v 5 मय त समझू हय कि मय कोयी बात म बड़ो सी बड़ो “प्रेरितों” सी कम नहाय। \v 6 यदि मय सन्देश बोलन म अनाड़ी हय, तब भी ज्ञान म नहीं। हम न येख हर बात म सब तरह सी तुम्हरो लायी प्रगट करयो हय। \p \v 7 का येख म मय न कुछ पाप करयो कि मय न तुम्ख परमेश्वर को सुसमाचार थोड़ो-मोड़ों सुनायो; अऊर अपनो आप ख नम्र करयो कि तुम ऊचो होय जावो? \v 8 मय न दूसरी मण्डलियों ख लूट्यो, यानेकि मय न उन सी मजूरी ली ताकि तुम्हरी सेवा करू। \v 9 \x + \xo ११:९ \xo*\xt फिलिप्पियों ४:१५-१८\xt*\x*अऊर जब मय तुम्हरो संग होतो अऊर मोख कमी भयी, त मय न कोयी पर बोझ नहीं डाल्यो, कहालीकि भाऊवों न मकिदुनिया सी आय क मोरी कमी ख पूरो करयो; अऊर मय न हर बात म अपनो आप ख तुम पर बोझ बननो सी रोक्यो, अऊर रोक्यो रहूं। \v 10 यदि मसीह की सच्चायी मोरो म हय त अखया देश म कोयी मोख यो घमण्ड सी नहीं रोकेंन। \v 11 कहाली? का येकोलायी कि मय तुम सी प्रेम नहीं रखू हय? परमेश्वर यो जानय हय कि मय प्रेम रखू हय। \p \v 12 पर जो मय करू हय, उच करतो रहूं कि जो बड़ो प्रेरित कहलावय हय, मौका ढूंढय हंय मय उन्ख मौका पावन नहीं देऊ, घमण्ड करन को ताकी जो बात म हम घमण्ड करजे हय। \v 13 कहालीकि असो लोग झूठो प्रेरित, अऊर छल सी काम करन वालो, अऊर मसीह को प्रेरितों को रूप धरन वालो हंय। \v 14 या कुछ अचम्भा की बात नहाय कहालीकि शैतान खुदच ज्योतिर्मय स्वर्गदूत को रूप धारन करय हय। \v 15 येकोलायी यदि ओको सेवक भी सच्चायी को सेवकों को जसो रूप धरेंन, त कोयी बड़ी बात नहीं, पर उन्को न्याय उन्को कामों को अनुसार होयेंन। \s पौलुस को दु:ख भोग \p \v 16 मय फिर कहू हय, कोयी मोख मूर्ख नहीं समझे; नहीं त मूर्ख बनाय क स्वीकार करो, ताकि थोड़ो सो मय भी घमण्ड कर सकूं। \v 17 यो आत्मविश्वास को घमण्ड म जो कुछ मय कहूं हय, ऊ प्रभु की आज्ञा को अनुसार नहीं पर मानो मूर्खता सीच कहूं हय। \v 18 जब कि बहुत सो लोग शरीर को अनुसार घमण्ड करय हंय, त मय भी घमण्ड करू। \v 19 तुम त समझदार होय क खुशी सी मूर्खो की सहन कर लेवय हय। \v 20 कहालीकि जब तुम्ख कोयी सेवक बनाय लेवय हय, यां फायदा उठाय लेवय हय, यां फसाय लेवय हय, यां अपनो आप ख बड़ो बनावय हय, यां तुम्हरो मुंह पर थापड़ मारय हय, त तुम सह लेवय हय। \v 21 मोरो कहनो अपमान को रीति पर हय, मानो हम येकोलायी कमजोर जसो होतो। \p पर जो कोयी बात म कोयी घमण्ड करन कि हिम्मत करय हय मय मूर्खता सी कहू हय त मय भी हिम्मत करू। \v 22 का हिच इब्रानी आय? मय भी आय। का हिच इस्राएली आय? मय भी आय। का हिच अब्राहम को वंश आय? मय भी आय। \v 23 \x + \xo ११:२३ \xo*\xt प्रेरितों १६:२३\xt*\x*का हिच मसीह को सेवक आय मय पागल को जसो कहू हय मय उन सी बड़ क हय। जादा मेहनत करनो म; बार बार बन्दी होनो म; कोड़ा खानो म; बार बार मरन को खतरा म। \v 24 पाच गन मय न यहूदियों को हाथ सी उन्चालीस-उन्चालीस कोड़ा सी मार खायो। \v 25 \x + \xo ११:२५ \xo*\xt प्रेरितों १६:२२; \xt*\xt प्रेरितों १४:१९\xt*\x*तीन बार मय न बेत की छड़ी सी मार खायी; एक गन मोरो पर गोटा सी वार करयो गयो; तीन बार जहाज, जेक पर मय चढ़्यो होतो, टूट गयो; एक रात-दिन मय न समुन्दर म बितायो। \v 26 \x + \xo ११:२६ \xo*\xt प्रेरितों ९:२३; \xt*\xt प्रेरितों १४:५\xt*\x*मय बार बार यात्रावों म; नदियों को खतरावों म; डाकुवो को खतरावों म; यहूदी वालो सी खतरावों म; गैरयहूदी सी खतरावों म; नगरो को खतरावों म; जंगल को खतरावों म; समुन्दर को खतरावों म; झूठो भाऊ को बीच खतरावों म रह्यो। \v 27 मेहनत अऊर तकलीफ म; बार बार जागतो रहनो म; भूख-प्यास म, बार बार उपवास करनो म; ठंडी म; उघाड़्यो रहनो म; \v 28 अऊर दूसरी बातों ख छोड़ क जिन्को वर्नन म मय नहीं करू, सब मण्डलियों की चिन्ता हर दिन मोख दबावय हय। \v 29 कौन्की कमजोरी सी मय कमजोर नहीं होऊं? कौन्को ठोकर खानो सी का मोरो जीव नहीं दुखय? \p \v 30 यदि घमण्ड करनो जरूरी हय, त मय अपनी कमजोरी की बातों पर घमण्ड करूं। \v 31 प्रभु यीशु को परमेश्वर अऊर बाप जो हमेशा धन्य हय, जानय हय कि मय झूठ नहीं बोलू। \v 32 \x + \xo ११:३२ \xo*\xt प्रेरितों ९:२३-२५\xt*\x*दमिश्क म अरितास राजा को तरफ सी जो शासक होतो, ओन मोख पकड़न ख दमिश्कियों को नगर को द्वार पर सैनिक ख बैठाय ख रख्यो होतो, \v 33 अऊर मय टोकना म खिड़की सी होय क शहर को दिवार की खिड़की सी उतारयो गयो, अऊर ओको हाथ सी बच निकल्यो। \fig शहर को द्वार अऊर दिवार को तरफ जानो|alt="Entrance to the city gate and wall" src="hk00238c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="११:३२"\fig* \c 12 \s पौलुस को दिव्य दर्शन \p \v 1 फिर भी घमण्ड करनो मोरो लायी ठीक नहाय तब भी करनो पड़य हय; येकोलायी मय प्रभु को दियो हुयो दर्शनो अऊर प्रगटिकरन की चर्चा करू। \v 2 मय मसीह म एक आदमी ख जानु हय; या बात ख चौदा साल भयो कि न जाने शरीर समेत या बिन शरीर को केवल परमेश्वर जानय हय; असो आदमी तीसरो स्वर्ग तक उठाय लियो गयो। \v 3 मय असो आदमी ख जानु हय का पता शरीर समेत यां बिन शरीर परमेश्वरच जानय हय \v 4 कि स्वर्गलोक पर उठाय लियो गयो, अऊर असी बाते सुनी जो कहन की नहाय; अऊर जिन्को मुंह पर लावनो आदमी ख उचित नहाय। \v 5 असो आदमी पर त मय घमण्ड करू, पर अपनो पर अपनी कमजोरियों ख छोड़, अपनो बारे म घमण्ड नहीं करू। \v 6 कहालीकि यदि मय घमण्ड करनो चाहऊ भी त मूर्ख नहीं होऊं, कहालीकि सच बोलू; तब भी रुक जाऊ हय, असो नहीं होय कि जसो कोयी मोख देखय हय यां मोरो सी सुनय हय, मोख ओको सी बढ़ क समझो। \p \v 7 येकोलायी कि मय प्रकाशनों की भरपूरी सी फूल नहीं जाऊं, मोरो शरीर म एक काटा टोच्यो गयो, मतलब शैतान को एक दूत कि मोख घूसा मारे ताकि मय फूल नहीं जाऊं। \v 8 येको बारे म मय न प्रभु सी तीन गन बिनती करी कि मोरो सी यो दूर होय जाये। \v 9 पर ओन मोरो सी कह्यो, “मोरो अनुग्रह तोरो लायी बहुत हय; कहालीकि मोरी सामर्थ कमजोरी म सिद्ध होवय हय।” येकोलायी मय बड़ो खुशी सी अपनो कमजोरियों पर घमण्ड करू कि मसीह को सामर्थ मोरो पर छाया करती रहे। \v 10 यो वजह मय मसीह लायी कमजोरियों म, अऊर निन्दावों म, अऊर गरीबी म, अऊर उपद्रवो म, अऊर संकटों म खुश हय; कहालीकि जब मय कमजोर होऊं हय, तब भी ताकतवर होऊं हय। \s कुरिन्थियों लायी पौलुस की चिन्ता \p \v 11 मय मूर्ख त बन्यो, पर तुम न मोख यो करन लायी मजबूर करयो। तुम्ख त मोरी तारीफ करनो होतो, कहालीकि मय कुछ भी नहाय, तब भी उन बड़ो सी बड़ो प्रेरितों सी कोयी बात म कम नहाय। \v 12 प्रेरित को लक्षन भी तुम्हरो बीच सब तरह को धीरज सहित चिन्ह, अऊर अचम्भा को कामों, अऊर सामर्थ को कामों सी दिखायो गयो। \v 13 तुम कौन सी बात म दूसरी मण्डलियों सी कम होतो, केवल येको म कि मय न तुम पर अपनो बोझ नहीं डाल्यो। मोरो यो अन्याय माफ करो। \p \v 14 मय तीसरो गन तुम्हरो जवर आवन ख तैयार हय, अऊर मय तुम पर कोयी बोझ नहीं रखू, कहालीकि मय तुम्हरी जायजाद नहीं बल्की तुमच ख चाहऊं हय। कहालीकि बच्चां ख माय-बाप लायी धन जमा नहीं करनो चाहिये, पर माय-बाप ख बच्चां लायी। \v 15 मय तुम्हरो लायी बहुत खुशी सी खर्च करू, बल्की खुद भी खर्च होय जाऊं। का जितनो बढ़ क मय तुम सी प्रेम रखू हय, उतनोच कम होय क तुम मोरो सी प्रेम रखो? \p \v 16 तुम्ख मालूम हय कि मय न तुम पर बोझ नहीं डाल्यो, पर चालाकी सी तुम्ख धोका दे क फसाय लियो। \v 17 ठीक, जिन्ख मय न तुम्हरो जवर भेज्यो, का उन म सी कोयी को द्वारा मय न छल कर क् तुम सी कुछ ले लियो? \v 18 मय न तीतुस ख बिनती कर क ओको संग ऊ भाऊ ख भेज्यो, त का तीतुस न छल कर क् तुम सी कुछ गलत फायदा उठायो? का ऊ अऊर मय एकच आत्मा को उद्देश को संग नहीं चल्यो? का एकच पद चिन्ह पर नहीं चल्यो? \p \v 19 तुम अब तक समझ रह्यो होना कि हम तुम्हरो आगु प्रतिउत्तर दे रह्यो हंय। हम त परमेश्वर ख उपस्थित जान क मसीह जसो चाहवय हय वसोच बोलजे हंय, अऊर हे प्रियो, सब बाते तुम्हरी उन्नति लायी कहजे हंय। \v 20 मोख डर हय, कहीं असो नहीं हो कि मय आय क जसो चाहऊ हय, वसो तुम्ख नहीं पाऊं; अऊर मोख भी जसो तुम नहीं चाहवय वसोच पावों; अऊर तुम म झगड़ा, जलन, गुस्सा, विरोध, घृना, चुगली, अहंकार अऊर उपद्रव होय; \v 21 अऊर कहीं असो नहीं होय कि मोरो परमेश्वर फिर सी तुम्हरो इत आनो पर मोरो पर दबाव डाले अऊर मोख बहुतों लायी फिर शोक करनो पड़े, जिन्न पहले पाप करयो होतो अऊर अशुद्धता अऊर व्यभिचार अऊर वासना सी, जो उन्न करयो, अपनो पापों सी मन नहीं फिरायो। \c 13 \s आखरी चेतावनी \p \v 1 अब तीसरो बार मय तुम्हरो जवर आऊं हय: हर एक मुकद्दमा लायी दोय यां तीन गवाहों को मुंह सी हर एक बात ठहरायी जायेंन। \v 2 जसो मय जब दूसरों बार तुम्हरो संग होतो, वसोच अब दूर रहतो हुयो उन लोगों सी जिन्न पहले पाप करयो, अऊर दूसरों सब लोगों सी अब पहिलो सी कह्य देऊ हय कि यदि मय फिर आऊं त नहीं छोड़ूं, \v 3 कहालीकि तुम त येको सबूत चाहवय हय कि मसीह मोरो म बोलय हय, जो तुम्हरो लायी कमजोर नहाय पर तुम म सामर्थी हय। \v 4 ऊ कमजोरी को वजह क्रूस पर चढ़ायो त गयो, तब भी परमेश्वर को सामर्थ सी जीन्दो हय तुम्हरी मदत करन लायी। हम भी ओको म कमजोर हंय, पर परमेश्वर की सामर्थ सी जो तुम्हरो लायी हय, ओको संग जाबोंन। \p \v 5 अपनो आप ख परखो कि विश्वास म हय कि नहाय। अपनो आप ख जांचो। का तुम अपनो बारे म यो नहीं जानय कि यीशु मसीह तुम म हय? नहीं त तुम जांच म बेकार निकल्यो हय। \v 6 पर मोरी आशा हय कि तुम जान लेवो कि हम असफल नहाय। \v 7 हम अपनो परमेश्वर सी या प्रार्थना करजे हंय कि तुम कोयी बुरायी मत करो, येकोलायी नहीं कि हम सफल दिखायी दे, पर येकोलायी कि तुम भलायी करो, बल्की हम असफल ठहराये जाये। \v 8 कहालीकि हम सच को विरोध म कुछ नहीं कर सकजे, पर सच को लायीच कर सकजे हंय। \v 9 जब हम कमजोर हंय अऊर तुम बलवान हय, त हम्ख खुशी होवय हंय, अऊर या प्रार्थना भी करय हंय कि तुम सिद्ध होय जावो। \v 10 यो वजह मय तुम्हरो पीठ पीछू या बाते लिखूं हय, कि उपस्थित होय क मोख ऊ अधिकार को अनुसार जेक प्रभु न बिगाड़न लायी नहीं पर बनावन लायी मोख दियो हय, कठोरता सी कुछ करनो नहीं पड़ेंन। \s आखरी अभिवादन \p \v 11 येकोलायी हे भाऊवों-बहिनों, खुश रहो; सिद्ध बनत जावो; हिम्मत रखो; एकच मन रखो; मिल क रहो। अऊर प्रेम अऊर शान्ति को दाता परमेश्वर तुम्हरो संग रहेंन। \p \v 12 एक दूसरों ख परमेश्वर को पवित्र प्रेम सी नमस्कार करो। \p \v 13 सब परमेश्वर को पवित्र लोग तुम्ख नमस्कार कह्य हंय। \v 14 प्रभु यीशु मसीह को अनुग्रह अऊर परमेश्वर को प्रेम अऊर पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब को संग होती रहे।