\id 1TI - Lodhi \ide UTF-8 \h १ तीमुथियुस \toc3 १ तीमुथियुस \toc2 १ तीमुथियुस \toc1 तीमुथियुस को नाम पौलुस प्रेरित की पहली चिट्ठी \mt2 तीमुथियुस के नाम पौलुस प्रेरित की पहली पत्री \mt1 तीमुथियुस को नाम पौलुस प्रेरित की पहिली चिट्ठी \imt परिचय \ip प्रेरित पौलुस को तरफ सी ओको सेवक तीमुथियुस ख लिखी गयी एक चिट्ठी आय। तीमुथियुस शायद मसीह को जनम को बाद ६२-६४ साल को लगभग लिख्यो गयो होतो। यो पौलुस को जीवन को आखरी समय को जवर होतो। पौलुस को तीमुथियुस को संग करिबी रिश्ता होतो अऊर एक टुरा को रूप म ओख कुछ बार भेज्यो गयो होतो। \xt फिलिप्पियों २:२२\xt* \xt १ तीमुथियुस १:२; १:१८\xt*। \ip यो पौलुस की चार चिट्ठियों म सी एक आय ऊ एक आदमी को बजाय पूरी मण्डली ख सम्बोधित कर रह्यो हय। दूसरी तीन चिट्ठी २ तीमुथियुस, तीतुस अऊर फिलेमोन आय। पहिलो तीमुथियुस न मण्डली की प्रार्थना पर बहुत सारो निर्देश दियो \xt २:१-१५,\xt* मण्डली को अगुवा को लायी योग्यता \xt ३:१-१३,\xt* अऊर झूठो शिक्षकों को खिलाफ चेतावनी \xt १:३-११; ४:१-५; ६:२-५।\xt* को लायी योग्यता पर आदेश बहुत कुछ शामिल हय। पौलुस यो दर्शावय हय कि तीमुथियुस मण्डली को बीच एक अगुवा बनन लायी आयो होतो। १ तीमुथियुस को कुछ सिद्धान्त हय कि हमरो दिन म मण्डली को अगुवा कि मदद को लायी उत को लोग मण्डली को सेवा कार्य को सम्बन्ध म शामिल हय। \iot रूप-रेखा \io1 १. पौलुस को तरफ सी तीमुथियुस ख नमस्कार। \ior १:१-२\ior* \io1 २. झूठो शिक्षकों को खिलाफ चेतावनी। \ior १:३-११\ior* \io1 ३. पौलुस को लायी यीशु मसीह को धन्यवाद। \ior १:१२-१९\ior* \io1 ४. फिर ऊ प्रार्थना अऊर मण्डली को अगुवा को बारे म तीमुथियुस ख निर्देश। \ior २–३\ior* \io1 ५. पौलुस को तीमुथियुस ख कुछ निर्देश दे क अपनी चिट्ठी बन्द करी। \ior ४–६\ior* \c 1 \p \v 1 हमरो उद्धारकर्ता परमेश्वर अऊर हमरी आशा को आधार मसीह यीशु की आज्ञा सी मसीह यीशु को प्रेरित पौलुस को तरफ सी हय। \p \v 2 \x + \xo १:२ \xo*\xt प्रेरितों १६:१\xt*\x*तीमुथियुस को नाम जो विश्वास म मोरो सच्चो बेटा हय: पिता परमेश्वर, अऊर हमरो प्रभु मसीह यीशु को तरफ सी तोख कृपा, दया अऊर शान्ति मिलती रहेंन। \s झूठी शिक्षा देन वालो को विरुद्ध चेतावनी \p \v 3 जसो मय न मकिदुनिया ख जातो समय तोख समझायो होतो, कि इफिसुस म रह्य क कुछ लोगों ख बिनती करी कि झूठी शिक्षा मत दे, \v 4 उन्ख तुम असो कहो कि जो उन पुरानी काल्पनिक कहानियों अऊर अनन्त वंशावलियों पर मन नहीं लगाये, जिन्कोसी झगड़ा होवय हंय, अऊर यो परमेश्वर को काम नहीं, यो विश्वास द्वारा हय। \v 5 आज्ञा को उद्देश यो हय कि प्रेम, शुद्ध मन अऊर अच्छो विवेक, अऊर निष्कपट विश्वास को द्वारा आवय हय। \v 6 इन ख छोड़ क कितनो लोग फालतु बात को तरफ भटक गयो हंय, \v 7 अऊर व्यवस्थापक त बननो चाहवय हंय, पर जो बाते कह्य अऊर जिन ख मजबुतायी सी बोलय हंय, उन्ख समझय भी नहाय। \p \v 8 पर हम जानजे हंय कि यदि कोयी व्यवस्था ख ठीक रीति सी काम म लाये त ऊ ठीक हय। \v 9 हम यो भी जानजे हय कि व्यवस्था अच्छो लोग को लायी नहाय पर व्यवस्था तोड़न वालो, विद्रोही, परमेश्वर को अपमान करन वालो, पापियों, अपवित्र अऊर अधार्मिक आदमियों, माय बाप को, हत्या करन वालो। \v 10 व्यभिचारियों, पुरुषगामियों, गुलामों ख बेचन वालो, झूठ बोलन वालो, अऊर झूठी गवाही देन वालो, अऊर इन्को अलावा सच्चो सिद्धान्त की शिक्षा को सब विरोधियों को लायी ठहरायो गयो हय। \v 11 यो सुसमाचार महिमामय परमेश्वर जेको जवर पूरी आशीषें हय ओको द्वारा मोख सौंप्यो गयो हय। \s पौलुस पर परमेश्वर को अनुग्रह \p \v 12 मय अपनो प्रभु मसीह यीशु को जेन मोख सामर्थ दियो हय, धन्यवाद करू हय कि ओन मोख विश्वास लायक समझ क अपनो सेवा लायी चुन लियो हय। \v 13 \x + \xo १:१३ \xo*\xt प्रेरितों ८:३; ९:४,५\xt*\x*मय त फिर भी पहिले निन्दा करन वालो, अऊर सतावन वालो, अऊर हिन्सा करन वालो होतो, तब भी मोरो पर दया भयी, कहालीकि मय न अविश्वास की दशा म बिना समझ्यो यो काम करत होतो। \v 14 अऊर हमरो प्रभु को अनुग्रह ऊ विश्वास अऊर प्रेम को संग जो मसीह यीशु म हय, बहुतायत सी भयो। \v 15 या बात सच अऊर हर तरह सी मानन लायक हय मसीह यीशु पापियों को उद्धार करन लायी जगत म आयो, उन म सी सब सी बड़ो पापी मय आय। \v 16 पर मोरो पर येकोलायी दया भयी कि मय सब सी बड़ो पापी म यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाये, कि जो लोग ओको पर विश्वास करेंन हि अनन्त जीवन लायी मय एक आदर्श बनू। \v 17 अब अनन्त युग को राजा मतलब अविनाशी, अनदेखे, केवल एक परमेश्वर को आदर अऊर महिमा हमेशा होती रहे। आमीन। \p \v 18 हे मोरो बेटा तीमुथियुस, जो तोरो बारे म वचन कि भविष्यवानी करी गयी होती ओको अनुसार, मय आज्ञा देऊ हय कि तय वचन ख अवजार को अनुसार अच्छी लड़ाई लड़तो रहे, \v 19 अऊर विश्वास अऊर ऊ अच्छो विवेक ख पकड़्यो रख, जेक नकारन को वजह कितनो को विश्वास रूपी जहाज डुब गयो। \v 20 उनच म सी हुमिनयुस अऊर सिकन्दर हंय, जिन्ख मय न शैतान ख सौंप दियो हय कि ताकी ऊ सिखे कि दूसरों की निन्दा करनो बन्द कर दे। \c 2 \s आराधना कि सलाह \p \v 1 जब मय सब सी पहिले यो आग्रह करू हय कि बिनती, प्रार्थना, निवेदन, अऊर धन्यवाद सब लोगों को लायी करयो जाये। \v 2 राजावों अऊर सब ऊचो पद वालो को निमित्त येकोलायी कि हम शान्ति अऊर चैन को संग परमेश्वर ख आदर देतो हुयो अऊर पवित्रता सी जीवन बिताये। \v 3 यो अच्छो हय अऊर हमरो उद्धारकर्ता परमेश्वर ख स्वीकार लायक हय, \v 4 जो यो चाहवय हय कि सब आदमियों बचायो जाये, अऊर हि सच को ज्ञान ख अच्छो सी जान ले। \v 5 कहालीकि परमेश्वर एकच हय, अऊर परमेश्वर अऊर आदमियों को बीच म भी एकच मध्यस्थी हय, मतलब मसीह यीशु जो आदमी हय। \v 6 यीशु न अपनो आप ख सब को छुटकारा को दाम को तौर पर खुद ख बलिदान कर दियो, अऊर येकी गवाही ठीक समय पर दी गयी। \v 7 \x + \xo २:७ \xo*\xt २ तीमुथियुस १:११\xt*\x*या गवाही लायी मय सच कहू हय, झूठ नहीं बोलू, कि मय योच उद्देश सी प्रचारक अऊर प्रेरित अऊर गैरयहूदियों लायी विश्वास अऊर सच्चो विश्वास को शिक्षक नियुक्त करयो गयो हय। \p \v 8 मण्डली म आराधना को समय मय चाहऊ हय सब लोग हाथ उठाय क प्रार्थना करे हर जागा आदमी बिना गुस्सा अऊर वाद विवाद को पवित्र हाथों ख उठाय क प्रार्थना करतो रहे। \v 9 \x + \xo २:९ \xo*\xt १ पतरस ३:३\xt*\x*मय यो भी चाहऊ हय कि बाईयां भी अपनो आप ख सभ्यता अऊर नम्रता को संग, सोभायमान कपड़ा सी अपनो आप ख संवारे; नहीं की बाल गूथनो अऊर सोना अऊर मोतियों अऊर बहुमूल्य कपड़ा सी, \v 10 पर अच्छो कामों सी, कहालीकि परमेश्वर की भक्ति करन वाली बाईयों ख योच ठीक हय। \v 11 बाई ख शान्तता अऊर पूरी अधीनता सी सीखनो चाहिये। \v 12 मय अनुमति नहीं देऊ हय कि बाई शिक्षा दे, अऊर नहीं आदमी पर अधिकार जताये, पर चुपचाप रहे। \v 13 कहालीकि आदम ख पहिले बनायो गयो, ओको बाद हवा ख बनायो गयो; \v 14 अऊर आदम जो बहकायो गयो होतो, पर बाई बहकाव म आय गयी होती अऊर ओन परमेश्वर को नियम ख तोड़्यो। \v 15 तब भी बच्चा जनन को द्वारा उद्धार पायेंन, यदि वा सभ्यता को संग विश्वास, प्रेम, अऊर पवित्रता म स्थिर रहे। \c 3 \s मण्डली म मुखिया \p \v 1 यदि कोयी अपनो मन म तय कर लियो हय कि जो मुखिया बननो चाहवय हय, ऊ अच्छो पद कि इच्छा करय हय। \v 2 \x + \xo ३:२ \xo*\xt तीतुस १:६-९\xt*\x*यो जरूरी हय कि मण्डली को मुखिया निर्दोष, अऊर एकच पत्नी को पति, सभ्य, आत्मसंयमी, आदरनिय, अतिथि-सत्कार करन वालो, अऊर सिखावन म निपुन हो। \v 3 पिवन वालो यां मार पीट करन वालो मत बनो; बल्की नरम स्वभाव हो, अऊर नहीं झगड़ालू, अऊर नहीं धन को लालची हो। \v 4 ऊ अपनो घर को अच्छो इन्तजाम करय हय, अऊर अपनो बाल-बच्चा ख असो अनुशासन म रखे की ओको आज्ञा पालन करतो हुयो ओको आदर करन वालो हो। \v 5 जब यदि कोयी अपनो घरच को इन्तजाम करनो नहीं जानय हय, त परमेश्वर की मण्डली की रखवाली कसो करेंन? \v 6 फिर यो कि विश्वास म परिपक्क हो, असो नहीं हो कि घमण्ड कर क् शैतान को जसो सजा पाये। \v 7 अऊर मण्डली को बाहेर वालो म भी ओको अच्छो नाम हो, असो नहीं होय कि अपमानित होय क शैतान को फन्दा म फस जाय। \s मण्डली म सेवक \p \v 8 वसोच मण्डली को सेवकों ख भी समझदार होनो चाहिये, कपटी, पियक्कड़ अऊर नहीं पैसा को लोभी हो; \v 9 पर विश्वास को सच ख शुद्ध विवेक सी गहरायी सी पकड़्यो रखे। \v 10 अऊर यो उन्की भी पहिले परख होय जाये, तब यदि निर्दोष निकले त मण्डली को सेवक को काम करे। \v 11 योच तरह सी उन्की पत्नियों आदर पावन को लायक बाईयां हो यां निन्दा करन वाली नहीं हो, पर सभ्य अऊर पूरी बातों म विश्वास लायक हो। \v 12 मण्डली को सेवक ख एकच पत्नी को पति रहे अऊर बाल-बच्चा अऊर अपनो घरो को अच्छो इन्तजाम करनो जानत होना। \v 13 जो मण्डली को सेवक अच्छो काम करय हंय, हि अपनो लायी अच्छो पद अऊर मसीह यीशु म विश्वास को बारे म महान निश्चिता ख प्राप्त करय हय, अऊर बड़ी हिम्मत सी बोलय हंय। \s महान रहस्य \p \v 14 मय तोरो जवर जल्दी आवन की आशा रखन पर भी या चिट्ठी तोख लिखू हय, \v 15 कि यदि मोख देर होय जावय हय, त या चिट्ठी सी जानो कि तुम लोग परमेश्वर को घराना म जो जीन्दो परमेश्वर की मण्डली हय अऊर जो सच को खम्बा अऊर नीव हय, लोगों न आपस म कसो चाल चलन करनो चाहिये। \v 16 येको म सक नहाय कि भक्ति को भेद गम्भीर हय, \q1 मतलब ऊ जो शरीर म प्रगट भयो, \q2 आत्मा म सच्चो ठहरयो, \q2 स्वर्गदूतों ख दिखायी दियो, \q1 अऊर उन्को बारे म कुछ राष्ट्रों म ओको प्रचार करयो गयो, \q2 जगत म ओको पर विश्वास करयो गयो, \q2 अऊर महिमा म ऊपर उठायो गयो। \c 4 \s झूठो शिक्षक \p \v 1 पवित्र आत्मा स्पष्टता सी कह्य हय कि आवन वालो समयो म कितनो लोग भटकावन वाली आत्मावों, को पीछू चलेंन, अऊर विश्वास ख छोड़ देयेंन अऊर भटकावन वाली आत्मावों अऊर दुष्ट आत्मा द्वारा सिखायी हुयी बातों को पीछू चलेंन। \v 2 यो उन झूठो कपटी आदमियों को वजह होयेंन, जिन्को अन्तरमन मर गयो हय जसो की जलतो हुयो लोहा सी लसायो गयो हय, \v 3 जो बिहाव करन सी रोकेन, अऊर भोजन की कुछ चिजों सी दूर रहन की आज्ञा देयेंन, जिन्ख परमेश्वर न येकोलायी बनायो कि विश्वासी अऊर सच को पहिचानन वालो ओख धन्यवाद को संग खाये। \v 4 कहालीकि परमेश्वर न बनायी हुयी हर एक चिज अच्छी हय, पर कोयी चिज अस्वीकार करन को लायक नहाय; पर यो कि धन्यवाद को संग खायी जाये, \v 5 कहालीकि परमेश्वर को वचन अऊर प्रार्थना सी शुद्ध होय जावय हय। \s यीशु मसीह को अच्छो सेवक \p \v 6 यदि तय भाऊवों ख इन बातों को याद दिलातो रहजो, अऊर विश्वास की सच्चायी सी अऊर अच्छी शिक्षा की बातों सी, जो तय मानत आयो हय त मसीह यीशु को अच्छो सेवक ठहरजो। \v 7 परमेश्वर रहित कथा कहानियां अऊर बूढ्ढिंयो द्वारा सुनायी कहानियों सी अलग रह्य; अऊर भक्ति की साधना कर। \v 8 कहालीकि शरीर की साधना सी कम फायदा होवय हय, पर भक्ति सब बातों को लायी लाभदायक हय, कहालीकि यो समय को जीवन अऊर आवन वालो जीवन को भी आश्वासन येकोच लायी हय। \v 9 या बात सच हय अऊर हर तरह सी विश्वास लायक अऊर मानन लायक हय। \v 10 कहालीकि हम मेहनत अऊर कोशिश येकोलायी करजे हंय कि हमरी आशा ऊ जीन्दो परमेश्वर पर हय, जो सब आदमियों को अऊर विशेष कर विश्वासियों को उद्धारकर्ता हय। \p \v 11 इन बातों की आज्ञा दे अऊर सिखातो रह्यो। \v 12 कोयी तोरी जवानी ख बेकार नहीं समझे; पर बातों म, अऊर चाल-चलन, अऊर प्रेम, अऊर विश्वास, अऊर पवित्रता म विश्वासियों को लायी आदर बन जा। \v 13 जब तक मय नहीं आऊं, तब तक शास्त्र ख पढ़न अऊर उपदेश देन अऊर सिखावन म मगन रह्य। \v 14 जो वरदान तोख दियो गयो हय, अऊर भविष्यवानी सी बुजूर्गों को हाथ रखतो समय तोख मिल्यो होतो, अनदेखो मत कर। \v 15 इन बातों ख सोचतो रह्य अऊर इनमच अपनो ध्यान लगायो रह्य, ताकि तोरी उन्नति सब लोगों पर प्रगट हो। \v 16 अपनो जीवन की अऊर अपनो शिक्षा की चौकसी रख। इन बातों पर स्थिर रह्य, कहालीकि यदि असो करतो रहजो त तय अपनो अऊर अपनो सुनावन वालो लायी भी उद्धार को वजह होजो। \c 5 \s विश्वासियों को प्रति जिम्मेदारियां \p \v 1 कोयी बुजूर्ग ख कठोरता सी मत डाट, पर ओख बाप समझ क बिनती कर, अऊर जवानों ख भाऊ मान क व्यवहार कर; \v 2 बूढ्ढी बाईयों ख माता जान क; अऊर जवान बाईयों ख पूरी पवित्रता सी बहिन जान क समझाय दे। \p \v 3 उन विधवावों को, ध्यान रख, जो सचमुच जरूरत मन्द हंय। \v 4 यदि कोयी विधवा को बालबच्चा अऊर नाती-पोता होना, त उन्न अपनो माय बाप अऊर दादा दादी को पालन पोषन को बदला चुकावन अऊर अपनो परिवार की चिन्ता करन को द्वारा अपनो धर्म को कार्य ख अपनो जीवन कार्य म लाये कहालीकि येको सी परमेश्वर खुश होवय हय। \v 5 जो विधवा सचमुच जरूरत मन्द हय, अऊर ओको कोयी नहाय, अऊर ओन अपनी पूरी आशा वा परमेश्वर पर रखी हय, अऊर रात दिन बिनती अऊर प्रार्थना करतो हुयो परमेश्वर सी मदत मांगय हय; \v 6 पर जो विधवा भोगविलास म जीवय हय, वा जीतो जी मर गयी हय। \v 7 इन बातों को भी निर्देश दियो कर ताकि हि निर्दोष रहे। \v 8 पर यदि जो कोयी अपनो रिश्तेदार अऊर अपनो घराना की चिन्ता नहीं करेंन, त ऊ विश्वास सी मुकर गयो हय अऊर अविश्वासी सी भी बुरो बन गयो हय। \p \v 9 उन विधवा को सुची म आर्थिक मदत ले रही हय वाच विधवा को नाम लिख्यो जाये जो साठ साल सी कम की नहीं हो, अऊर एकच पति की विश्वास लायक हो, \v 10 अऊर भलो काम म अच्छी रही हो, जेन बच्चा को पालन-पोषन करयो होना; अतिथियों की सेवा करी होना, सन्तो को पाय धोयो होना, दुखियों कि मदत करी होना, अऊर हर एक अच्छो काम म मन लगायो होना। \p \v 11 पर जवान विधवावों ख सुची म सम्मिलित मत करो, कहालीकि मसीह को प्रति उन्को समर्पन पर जब उनकी विषय वासना की पूरी इच्छा हावी होवय हय त हि बिहाव करनो चाहवय हंय, \v 12 अऊर दोषी ठहरावय हंय, कहालीकि उन्न अपनो पहिले प्रतिज्ञा ख तोड़ दियो हय। \v 13 येको अलावा बिना काम को बनय हय अऊर घर-घर घुम क आलसी होनो सीखय हंय, अऊर केवल आलसी होनोच नहीं घर घर बाते करती रह्य हय अऊर बेवजह व्यस्त होवय हय असी बाते बोलय हय जो उन्ख नहीं बोलनो चाहिये। \v 14 येकोलायी मय यो चाहऊ हय कि जवान विधवाये बिहाव करे, अऊर बच्चा जने अऊर घरदार सम्भाले, अऊर कोयी विरोधी ख बदनाम करन को अवसर नहीं दे। \v 15 कहालीकि कुछ एक बहक क शैतान को पीछू भय गयो हंय। \v 16 यदि कोयी विश्वासिनी को यहां विधवाये होना, त वाच उनकी मदत करेंन कि मण्डली पर बोझ नहीं हो, ताकि ऊ उनकी मदत कर सकेंन जो सचमुच विधवाये जरूरत मन्द हंय। \p \v 17 जो बुजूर्ग मण्डली को अच्छो इन्तजाम करय हंय, विशेष कर क् हि जो वचन सुनावन अऊर सिखावन म मेहनत करय हंय, दोय गुना मजूरी को लायक समझ्यो जाये। \v 18 \x + \xo ५:१८ \xo*\xt मत्ती १०:१०; लूका १०:७\xt*\x*कहालीकि शास्त्र कह्य हय, “दांवन वालो बईल को मुंह मत बान्धजो,” कहालीकि “मजूर अपनी मजूरी को हक्कदार हय।” \v 19 कोयी दोष कोयी बुजूर्ग पर लगायो जाय त दोय यां तीन गवाहों को बिना ओख मत सुन। \v 20 पाप करन वालो ख सब को सामने डाट दे, ताकि अऊर लोग भी डरे। \p \v 21 परमेश्वर, अऊर मसीह यीशु अऊर चुन्यो हुयो स्वर्गदूतों ख मौजूद जान क मय तोख चेतावनी देऊ हय इन निर्देषो ख मानतो रह्य, अऊर बिना मतभेद को कोयी भी काम पक्षपात अऊर कोयी एक को बाजू ले क मत कर। \v 22 मण्डली सेवा नियुक्ति लायी कोयी पर तुरतच हाथ मत रखजो, अऊर दूसरों को पापों म सामिल मत होजो; अपनो आप ख पवित्र बनायो रखजो। \p \v 23 केवल पानीच पीवन वालो मत रह्य, पर अपनो पेट को अऊर अपनो बार-बार बीमार होन को वजह थोड़ो-थोड़ो अंगूररस भी काम म लायो कर। \p \v 24 कुछ लोगों को पाप प्रगट होय जावय हंय अऊर न्याय लायी पहिले सी पहुंच जावय हंय, पर कुछ लोगों को पाप बाद म प्रगट होवय हंय। \v 25 योच तरह अच्छो काम भी स्पष्ट रूप सी प्रगट होवय हय पर जो काम प्रगट नहीं होवय हि लूक नहीं सकय। \c 6 \p \v 1 जितनो सेवक गुलामी को बोझ म हंय, हि अपनो अपनो स्वामी ख बड़ो आदर लायक जाने, ताकि परमेश्वर को नाम अऊर शिक्षा की निन्दा नहीं हो। \v 2 जिन्को स्वामी विश्वासी हंय उन्ख हि भाऊ होन को वजह कम आदर नहीं दिखाये। बल्की उनकी अऊर भी जादा सेवा करे, कहालीकि सेवा फायदा मिलय हय हि विश्वासी हय अऊर हि उन ख प्रिय हंय। इन बातों ख सिखावो अऊर करन को लायी असोच प्रोत्साहित करतो रहो। \s झूठी शिक्षा अऊर धन को लोभ \p \v 3 यदि कोयी अऊरच तरह की शिक्षा देवय हय अऊर सच्ची बातों ख, मतलब हमरो प्रभु यीशु मसीह को निर्देषो ख अऊर वा शिक्षा ख नहीं मानय, जो दैविय शिक्षा को अनुसार हय, \v 4 त ऊ घमण्डी भय गयो, अऊर कुछ नहीं जानय; बल्की ओख झगड़ा अऊर शब्दों पर दिमाग लगावन को रोग हय, जेकोसी जलन, अऊर झगड़ा, अऊर निन्दा की बाते, अऊर बुरो-बुरो शक, \v 5 अऊर उन आदमियों म बेकार लड़ाई-झगड़ा पैदा होवय हंय जिन्की बुद्धि भ्रष्ट भय गयी हय, अऊर हि सत्य सी दूर भय गयो हंय, जो सोचय हंय कि भक्ति कमायी को द्वार हय। \p \v 6 पर सन्तुष्ट सहित भक्ति करनोंच सब सी बड़ी कमायी हय। \v 7 कहालीकि हम जगत म कुछ नहीं लायो हंय अऊर नहीं कुछ लिजाय सकजे हंय। \v 8 यदि हमरो जवर खान ख अऊर पहिनन ख हो, त इन्कोच पर सन्तुष्ट करनो चाहिये। \v 9 पर जो धनी होनो चाहवय हंय, हि असी परीक्षा अऊर फन्दा अऊर बहुत सी मुर्खतापूर्न अऊर हानिकारक लालसा म फसय हंय, जो आदमियों ख बिगाड़ देवय हंय अऊर विनाश की गहरी खायी म ढकेल देवय हंय। \v 10 कहालीकि पैसा को लोभ सब तरह की बुरायीयों की जड़ी आय, जेक हासिल करन की कोशिश करतो हुयो बहुत सो न विश्वास सी भटक क अपनो आप ख कुछ तरह को दु:खों म फस गयो हय। \s व्यक्तिगत निर्देश \p \v 11 पर हे परमेश्वर को लोग, तय इन बातों सी भग, अऊर सच्चायी, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज अऊर नम्रता को पीछा कर। \v 12 विश्वास की अच्छी दवड़; अऊर ऊ अनन्त जीवन ख हासिल कर ले, जेको लायी तय बुलायो गयो अऊर बहुत सो गवाहों को सामने अच्छो अंगीकार करयो होतो। \v 13 \x + \xo ६:१३ \xo*\xt यूहन्ना १८:३७\xt*\x*मय तोख या आज्ञा परमेश्वर को सामने, जो सब ख जीवन देवय हय, अऊर मसीह यीशु ख गवाह कर क् जेन पुन्तियुस पिलातुस को सामने अच्छी गवाही दी, या आज्ञा देऊ हय, \v 14 कि तय हमरो प्रभु यीशु मसीह ख प्रगट होन तक या आज्ञा ख निष्कलंक अऊर निर्दोष रख, \v 15 परमेश्वर ओख सही समय पर प्रगट करेंन जो आशिषित हय, ऊ एकच शासक अऊर राजावों को राजा अऊर प्रभुवों को प्रभु हय। \v 16 अऊर अमरता केवल ओकीच हय, अऊर ऊ ज्योति म रह्य हय, जित तक कोयी पहुंच नहीं सकय हय, अऊर नहीं ओख कोयी आदमी न देख्यो अऊर नहीं कभी देख सकय हय। ऊ प्रतिष्ठा अऊर राज्य अनन्त काल तक रहेंन। आमीन। \p \v 17 यो जगत को धनवानों ख आज्ञा दे कि हि घमण्डी मत बनो अऊर अनिश्चित धन पर आशा नहीं रखे, पर परमेश्वर पर जो हमरो सुख को लायी सब कुछ बहुतायत सी देवय हय। \v 18 उन्ख आज्ञा दे की हि भलायी करे, अऊर भलो कामों म धनी बने, अऊर उदारता सी मदत देन म तैयार रहे, \v 19 अऊर आगु लायी एक अच्छी नीव डाल रखे कि सच्चो जीवन ख वश म कर ले। \p \v 20 हे तीमुथियुस, यो धरोहर की रखवाली कर; अऊर जेक कुछ लोग गलत बात ज्ञान कह्य हय, उन्को अधार्मिक वाद विवाद अऊर विरोध की बातों सी दूर रह्य। \v 21 कितनो लोगों न प्रतिज्ञा करयो हय कि उन्ख ज्ञान हय फिर भी हि विश्वास सी भटक गयो हंय। \p तुम पर अनुग्रह होतो रहे।