\id 1PE -Lodhi \ide UTF-8 \h १ पतरस \toc3 १ पतरस \toc2 १ पतरस \toc1 पतरस की पहली चिट्ठी \mt2 पतरस की पहली पत्री \mt1 पतरस की पहिली चिट्ठी \imt परिचय \ip १ पतरस की चिट्ठी प्रेरित पतरस को द्वारा लिखी गयी होती। पतरस न यो कह्य क अपनी चिट्ठी सुरू करी कि ऊ कौन होतो अऊर कोन्को लायी ऊ लिख रह्यो होतो। उन्न उन सब मसीह भाऊवों ख चिट्ठी सी सम्बोधित करयो जिन्ख उन्न “अनजानो” कह्यो \xt १:१\xt*, \xt १:१७\xt*, अऊर \xt २:११\xt*। उन्न अपनो पढ़न वालो ख यो तरह कुछ बार बतायो कहालीकि हि अलग अलग देशों म बिखरयो हुयो होतो। कहालीकि या चिट्ठी कुछ तरीका सी इफिसियों ख पौलुस कि चिट्ठी जसी दिखय हय, कुछ लोग मानय हय कि मसीह को जनम को ६५ साल बाद इफिसियों को बाद १ पतरस लिख्यो गयो होतो। पतरस न रोम सी या चिट्ठी लिखी होती जेक ओन बेबीलोन कह्यो \xt ५:१३। \xt* \ip पतरस कह्य हय कि उन्न या चिट्ठी ख “तुम्ख प्रोत्साहित करन अऊर यो प्रमाणित करन को उद्देश सी लिख्यो कि यो परमेश्वर कि सच्ची कृपा आय” \xt ५:१२।\xt* \xt १ पतरस २:११–३:७\xt* \xt इफिसियों ५:१८–६:९\xt* अऊर \xt कुलुस्सियों ३:१८–४:६\xt* को बीच कुछ समानता हय। ऊ दुखियों ख दु:ख होन पर हिम्मत सी प्रोत्साहित करय हय कहालीकि अन्त जवर हय। \xt ४:१ \xt* \iot रूप-रेखा \io1 १. अपनो पढ़न वालो ख सम्बोधित करन लायी पतरस खुद ख पेश करय हय। \ior १:१-२ \ior* \io1 २. फिर ऊ उद्धार को लायी परमेश्वर को धन्यवाद करय हय कि हि सब मेल मिलाप करय हय अऊर येको अर्थ उन्को जीवन को लायी आय। \ior १:३–२:१०\ior* \io1 ३. हर समय ऊ विश्वासियों ख निर्देश देवय हय कि कसो जगत म अच्छो तरह सी रहनो हय अऊर पति अऊर पत्नी अऊर सेवक अऊर गुरु को बीच अलग अलग रिश्ता ख सम्बोधित करय हय। \ior २:११–४:११\ior* \io1 ४. ओको बाद पतरस दु:ख को समय उन्ख हिम्मत सी प्रोत्साहित करय हय। \ior ४:१२–५:११\ior* \io1 ५. तब ऊ अपनी चिट्ठी लिखनो बन्द कर देवय हय। \ior ५:१२-१४\ior* \c 1 \p \v 1 पतरस को तरफ सी जो यीशु मसीह को प्रेरित हय, उन चुन्यो हुयो परमेश्वर को लोग जो पुन्तुस, गलातिया, कप्पदूकिया, आसिया अऊर बितूनिया म तितर-बितर होय क निर्वाशित जसो रह्य हंय, \v 2 तुम पिता परमेश्वर को पूर्व उद्देश को अनुसार चुन्यो गयो हय अऊर ओकी आत्मा को द्वारा पवित्र लोग ठहरायो गयो, येकोलायी की यीशु मसीह की आज्ञा माने अऊर ओको खून को छिड़काव को द्वारा पवित्र ठहरायो गयो हय। \p तुम पर परमेश्वर को तरफ सी अनुग्रह अऊर शान्ति बहुतायत सी होती रहे। \s एक जीन्दी आशा \p \v 3 हमरो प्रभु यीशु मसीह को परमेश्वर पिता को धन्यवाद हो, जेन यीशु मसीह को मरयो हुयो म सी जीन्दो करन को द्वारा, अपनी बड़ी दया सी हम्ख जीन्दी आशा लायी नयो जनम दियो, \v 4 मतलब एक अविनाशी, अऊर निर्मल, अजर विरासत लायी जो तुम्हरो लायी स्वर्ग म रखी हय; \v 5 जो विश्वास को द्वारा सुरक्षित हय परमेश्वर की सामर्थ को द्वारा ऊ उद्धार लायी जो आखरी समय म प्रगट होन को लायी तैयार हय। \p \v 6 येकोलायी तुम बहुतायत सी खुश रहो, हालांकि अभी थोड़ो समय को लायी अलग अलग तरह की परीक्षावों को वजह दु:ख उठानो पड़ेंन; \v 7 अऊर यो येकोलायी हय कि तुम्हरो विश्वास परख्यो जाये, जो आगी सी तपायो हुयो नाशवान सोना सी भी बहुत जादा किमती हय, उन्को उद्देश यो हय कि ऊ शुद्ध निकले, जब यीशु मसीह प्रगट होयेंन ऊ दिन तब तुम्ख प्रशंसा अऊर महिमा अऊर आदर मिलेंन। \v 8 तुम ओको सी प्रेम करय हय जब की तुम न ओख देख्यो नहीं, अऊर तुम ओको पर विश्वास करय हय जब की तुम न अभी ओख देख्यो नहीं त तुम महिमामय खुशी सी खुश होय जावो शब्दों सी बयान नहीं करयो जाय सकय; \v 9 तुम्हरो आत्मावों को उद्धार यो जो तुम्हरो विश्वास को उद्देश तुम ओको म प्राप्त करय हय। \p \v 10 योच उद्धार को बारे म उन भविष्यवक्तावों न ध्यान सी खोजबीन अऊर जांच-पड़ताल करी, जिन्न ऊ अनुग्रह को बारे म जो तुम पर होन ख होतो, भविष्यवानी करी होती। \v 11 उन भविष्यवक्तावों न खोज करी ऊ समय कब अऊर कसो आयेंन। ऊ यो समय होतो जेको बारे म मसीह की आत्मा जो उन्म होती जो बाते मसीह पर आवन वालो दु:ख अऊर ओको बाद प्रगट होन वाली महिमा को बारे म निर्देशन करत होती। \v 12 परमेश्वर न उन भविष्यवक्तावों पर प्रगट करयो गयो कि हि अपनी खुद की नहीं बल्की तुम्हरी सेवा लायी यो बाते कहत होतो, जिन्को समाचार अब तुम्ख उन्को द्वारा मिल्यो जिन्न पवित्र आत्मा सी, जो स्वर्ग सी भेज्यो गयो, तुम्ख सुसमाचार सुनायो; अऊर इन बातों ख स्वर्गदूत भी ध्यान सी समझन की इच्छा रखय हंय। \s पवित्र जीवन की बुलाहट \p \v 13 येकोलायी मानसिक रूप सी सचेत रहो; खुद नियंत्रन म रहो, जब यीशु मसीह प्रगट होयेंन तब जो आशीष तुम ख मिलन की हय, ओको पर अपनी आशा पूरी रीति सी लगायो रखो। \v 14 आज्ञाकारी बच्चां को जसो, ऊ समय की बुरी इच्छावों को अनुसार अपनो आप ख मत ढालो जो तुम म पहिले होती, जब तुम अज्ञानी होतो। \v 15 पर जसो तुम्हरो बुलावन वालो पवित्र हय, वसोच तुम भी अपनो पूरो चाल-चलन म पवित्र बनो। \v 16 कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “पवित्र बनो, कहालीकि मय पवित्र हय।” \p \v 17 अऊर यदि तुम, हरेक को कर्मों को अनुसार पक्षपात रहित होय क न्याय करन वालो परमेश्वर ख प्रार्थना म हे बाप कह्य क पुकारय हय, त यो धरती पर परदेशी होय क परमेश्वर ख सम्मान देतो हुयो डर को संग जीवन जीवो। \v 18 कहालीकि तुम जानय हय कि तुम्हरो निकम्मो चाल-चलन को तरीका जो बापदादों सी चल्यो आवय हय, ओको सी तुम्हरो छुटकारा चांदी-सोना यानेकि बेकार चिजों को द्वारा नहीं भयो; \v 19 बल्की बहुमूल्य मसीह को अर्पन को द्वारा जो एक निर्दोष अऊर निष्कलंक मेम्ना को जसो होतो। \v 20 सृष्टि को निर्मान को पहिले परमेश्वर को द्वारा मसीह ख चुन्यो गयो होतो, पर तुम्हरो लायी आखरी दिनो म ओख प्रगट करयो गयो। \v 21 ऊ मसीह को द्वारा तुम ऊ परमेश्वर पर विश्वास करय हय, जेन ओख मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो अऊर महिमा दी कि ताकी तुम्हरो विश्वास अऊर आशा परमेश्वर पर टिक्यो रहेंन। \p \v 22 जब तुम न सच को पालन करतो हुयो सच्चो भाईचारा को प्रेम ख प्रदर्शित करन लायी अपनो आप ख निष्कपट कर लियो हय त पूरो दिल को संग आपस म एक दूसरों सी प्रेम करे। \v 23 कहालीकि तुम न नाशवान नहीं पर अविनाशी बीज सी, परमेश्वर को जीवतो अऊर हमेशा ठहरन वालो वचन को द्वारा नयो जनम पायो हय। \v 24 कहालीकि \q1 जसो शास्त्र म लिख्यो हय “हर एक प्रानी घास को जसो हय, \q2 अऊर ओकी पूरी शोभा \q1 जंगली फूलो को जसो हय। अऊर घास सुक जावय हय। \q2 \v 25 पर प्रभु को वचन हमेशा हमेशा स्थिर रह्य हय।” \m अऊर योच सुसमाचार को वचन हय जो तुम्ख घोषित करयो गयो होतो। \c 2 \s सजीव गोटा अऊर पवित्र प्रजा \p \v 1 येकोलायी सब तरह की बुरायी, अऊर कपट, जलन या अपमानित भाषा ख अपनो आप म सी निकाल देवो। \v 2 नयो जनम भयो बच्चां को जसो शुद्ध आत्मिक दूध को प्यासो रहो, येकोलायी येको पिवन को द्वारा तुम्हरो विकास अऊर उद्धार बचायो जाये। \v 3 जसो कि शास्त्र म लिख्यो हय, अपनो आप जान लियो कि प्रभु कितनो भलो हय। \p \v 4 प्रभु को जवर आवो, ऊ सजीव गोटा जो लोगों को द्वारा बेकार समझ क नकार दियो होतो पर जो परमेश्वर को लायी बहुमूल्य हय ओको द्वारा चुन्यो गयो होतो, \v 5 तुम भी सजीव गोटा को जसो आत्मिक मन्दिरों को रूप म बनायो जाय रह्यो हय ताकी एक असो पवित्र याजकमण्डल को रूप म सेवा कर सको जेको कर्तव्य असो आध्यात्मिक बलिदान समर्पित करय हय जो यीशु मसीह को द्वारा परमेश्वर को स्वीकार लायक हो। \v 6 यो कारण पवित्र शास्त्र म भी लिख्यो हय: \q1 “मय एक बहुमूल्य गोटा चुन्यो हय \q2 जेक मय न सिय्योन को कोना को गोटा रख्यो हय; \q2 जो कोयी ओको म विश्वास करेंन ऊ कभी भी शर्मिन्दा नहीं होयेंन।” \m \v 7 तुम विश्वासियों को लायी यो गोटा बहुत बहुमूल्य हय; पर जो विश्वास नहीं करय: \q1 ऊ गोटा जेक राजमिस्त्रियों न बेकार समझ क \q2 नकारयो उच गोटा सब को लायी महत्वपूर्ण कोना को गोटा बन गयो: \m \v 8 अऊर शास्त्र म यो भी लिख्यो हय, \q1 “यो ऊ गोटा आय जो लोगों ख ठेस पहुंचायेंन, \q2 यो चट्टान जो लोगों ख ठोकर दे क गिरायेंन,” \m ऊ ठोकर खायेंन कहालीकि हि परमेश्वर को वचन पर विश्वास नहीं करय अऊर योच उन्को लायी परमेश्वर की इच्छा होती। \p \v 9 \x + \xo २:९ \xo*\xt तीतुस २:१४\xt*\x*पर तुम एक चुन्यो हुयो वंश, अऊर राज-पदधारी याजकों को समाज, पवित्र प्रजा, अऊर परमेश्वर को खुद को लोग हो, येकोलायी कि जेन तुम्ख अन्धारो म सी अपनी अद्भुत ज्योति म बुलायो हय, ओको महान काम की घोषना करो। \v 10 एक समय होतो जब तुम प्रजा नहीं होतो पर अब तुम परमेश्वर की प्रजा हो। एक समय होतो जब तुम दया को लायक नहीं होतो पर अब तुम पर परमेश्वर न दया दिखायी हय। \s परमेश्वर को सेवक \p \v 11 हे प्रिय संगियों, मय तुम सी, जो यो जगत म अजनबी को रूप म हय, आग्रह करू हय कि ऊ शारीरिक इच्छावों सी दूर रहो जो तुम्हरी आत्मावों सी लड़ती रह्य हय। \v 12 गैरयहूदी को बीच अपनो व्यवहार इतनो अच्छो बनायो रखो कि चाहे हि अपराधी को रूप म तुम्हरी आलोचना करे पर तुम्हरो अच्छो कर्मों को परिनाम स्वरूप ओको आवन को दिन हि परमेश्वर ख महिमा प्रदान करे। \p \v 13 प्रभु को लायी अपनो आप ख हर मानव अधिकारी को अधीन रहो: सर्वोच्च को अधीन येकोलायी कि ऊ सब पर शासन करय हय, \v 14 अऊर शासकों को, कहालीकि हि गलत काम करन वालो ख न्याय देन अऊर अच्छो लोगों की बड़ायी को लायी ओको भेज्यो हुयो हंय। \v 15 कहालीकि परमेश्वर तुम सी यो चाहवय हय कि तुम अपनो अच्छो कार्यो सी मुर्ख लोगों की अज्ञानता की बातों ख चुप कराय देवो। \v 16 अपनो आप ख स्वतंत्र व्यक्ति को जसो जीवन बितावो; पर अपनी यो स्वतंत्रता को उपयोग बुरी बातों ख झाकन को लायी मत करो पर परमेश्वर को सेवकों को जसो जीवो। \v 17 सब को आदर करो, अपनो दूसरों विश्वासी भाऊवों सी प्रेम रखो, परमेश्वर को आदर को संग डर मानो, राजा को सम्मान करो। \s मसीह हमरो आदर्श \p \v 18 हे सेवकों, अपनो आप ख अपनो मालिकों को अधीन रखो अऊर उन्ख पूरो रीति सी आदर देवो, नहीं केवल उन्को जो अच्छो अऊर दूसरों को लायी चिन्ता करय हय बल्की उन ख भी जो कठोर हय। \v 19 कहालीकि यदि कोयी परमेश्वर को बिचार कर क् अन्याय सी दु:ख उठातो हुयो कठिनायी सहय हय त यो अच्छो हय। \v 20 कहालीकि यदि तुम न अपराध कर क् घूसा खायो अऊर धीरज धरयो, त येको म का बड़ायी की बात हय? पर यदि अच्छो काम कर क् दु:ख उठावय हय अऊर धीरज धरय हय, त यो परमेश्वर ख अच्छो भावय हय। \v 21 पर तुम्ख परमेश्वर न येकोच लायी बुलायो हय, की मसीह न दु:ख उठायो हय, असो कर क् हमरो लायी एक उदाहरन छोड़्यो हय ताकी हम ओको पद चिन्हों पर चले। \v 22 ओन कोयी पाप नहीं करयो अऊर कोयी न ओको मुंह सी झूठी बात नहीं सुनी। \v 23 जब ऊ अपमानित भयो तब ओन कोयी को अपमान कर क् प्रतिउत्तर नहीं दियो। जब ओन दु:ख झेल्यो, ओन कोयी ख धमकी नहीं दी बल्की ऊ सच्चो न्याय करन वालो परमेश्वर म अपनी आशावों ख रख्यो। \v 24 मसीह न खुदच हमरो पापों ख अपनो शरीर पर क्रूस पर ओढ़ लियो ताकी हम अपनो पापों को प्रती हमरी मृत्यु होय जाये अऊर सच्चायी को लायी जीये। यो ओको उन घावों को कारणच भयो जिन्कोसी तुम चंगो करयो गयो हय। \v 25 तुम मेंढा को जसो होतो जो अपनो रस्ता भटक गयो होतो पर अब खुद फिर सी वापस अपनो चरवाहा अऊर तुम्हरो आत्मावों को रख वालो को जवर लायो गयो हय। \c 3 \s पति अऊर पत्नी \p \v 1 \x + \xo ३:१ \xo*\xt इफिसियों ५:२२; कुलुस्सियों ३:१८\xt*\x*योच रीति सी हे पत्नियों, अपनो आप ख अपनो पति को अधीन रहो, ताकी यदि कोयी परमेश्वर को वचन पर विश्वास नहीं करे त वा अपनो व्यवहार सी विश्वास करन को लायी जीतो जाये। येकोलायी तुम्ख ओको सी कोयी बात करन की भी जरूरत नहाय, \v 2 कहालीकि हि देखेंन की तुम्हरो व्यवहार कसो शुद्ध अऊर भक्तिपूर्ण हय। \v 3 \x + \xo ३:३ \xo*\xt १ तीमुथियुस २:९\xt*\x*अपनो आप ख सुन्दर करन लायी बाहरी साज सिंगार को इस्तेमाल मत करे, जसो की बाल गूथन, यां फिर सोनो को जेवर पहिनन, यां तरह-तरह को कपड़ा पहिनन, \v 4 बल्की तुम्हरी सुन्दरता तुम्हरो मन व्यक्तित्व बनावय हय, कोमल यां शान्त आत्मा को अविनाशी सजावट सी सुसज्जित रहो, परमेश्वर की नजर म मूल्यवान हय। \v 5 पहिले को काल म पवित्र बाईयां भी, जो परमेश्वर पर आशा रखत होती, अपनो आप ख योच रीति सी संवारती अऊर अपनो-अपनो पति को अधीन रहत होती। \v 6 जसी सारा अपनो पति अब्राहम की आज्ञा मानत होती, अऊर ओख मोरो मालिक कहत होती। योच तरह तुम भी यदि भलायी करो अऊर कोयी तरह को डर सी भयभित मत हो, त सारा की बेटियां ठहरो। \p \v 7 \x + \xo ३:७ \xo*\xt इफिसियों ५:२५; कुलुस्सियों ३:१९\xt*\x*वसोच हे पतियों, तुम भी समझदारी सी पत्नियों को संग जीवन बितावो, अऊर बाई ख कमजोर जान क ओको आदर करो, यो समझ क कि हम दोयी परमेश्वर को जीवन को वरदान म उन्ख अपनो सह उत्तराधिकारी मानो, ताकी तुम्हरी प्रार्थनावों म रुकावट मत पड़े। \s भलायी करन को वजह सताव \p \v 8 आखरी म तुम सब को सब एक मन अऊर कृपामय सहानुभूति, भाऊवों सी प्रेम रखन वालो, अऊर दयालुता सी, अऊर एक दूसरों सी नम्र बनो। \v 9 बुरायी को बदला बुरायी मत करो अऊर नहीं श्राप को बदला श्राप देवो; बल्की प्रतिउत्तर आशीष देवो, कहालीकि आशीष हय जो परमेश्वर न तुम ख देन को वचन दियो होतो जब तुम्ख बुलायो होतो। \v 10 जसो शास्त्र म लिख्यो हय, \q1 “यदि तुम्ख अपनो जीवन की खुशी लेनो हय, \q2 अऊर अच्छो समय की इच्छा रखय हय त, \q2 अऊर ओख चाहिये की बुरी बात बोलन सी रोके \q2 अऊर झूठ बोलनो बन्द करे। \q1 \v 11 ऊ बुरायी को संग छोड़े, अऊर भलायीच करे; \q2 ऊ पूरो दिल सी शान्ति पावन लायी कोशिश करे। \q1 \v 12 कहालीकि प्रभु की आंखी न्यायियों पर लगी रह्य हंय, \q2 अऊर ओको कान ओकी प्रार्थना को तरफ लगी रह्य हंय; \q2 पर प्रभु बुरायी करन वालो को विरुद्ध मुंह फेर लेवय हय।” \p \v 13 यदि तुम भलायी करन को लायी तैयार रहो त तुम्हरी बुरायी करन वालो फिर कौन हय? \v 14 \x + \xo ३:१४ \xo*\xt मत्ती ५:१०\xt*\x*यदि तुम सच्चायी को वजह दु:ख भी उठावय हय, त धन्य हो; पर लोगों को डरानो सी मत डरो, अऊर घबरावो मत, \v 15 पर अपनो मन म मसीह को लायी आदर रखो, अऊर ओख प्रभु जान क आदर देवो। अऊर यदि कोयी तुम्ख अपनी आशा को बारे म जो तुम म हय समझावन ख कहेंन त ओख उत्तर देन लायी हमेशा तैयार रहो, \v 16 पर हि विनम्रता अऊर आदर को संगच करो अऊर अपनो विवेक ख शुद्ध रखो, ताकी यीशु मसीह म तुम्हरो आचरन की निन्दा करन वालो लोग तुम्हरो अपमान करतो हुयो शर्मायेंन। \v 17 कहालीकि यदि परमेश्वर की याच इच्छा हो कि तुम भलायी करन को वजह दु:ख उठावों, त यो बुरायी करन को बदला दु:ख उठानो सी बहुत अच्छो हय। \v 18 येकोलायी मसीह भी पूरो पापों लायी एकच बार मरयो, मतलब ऊ जो सच्चो होतो ऊ पापियों को लायी मारयो गयो कि हम्ख परमेश्वर को जवर ले जाये। शरीर को भाव सी त ऊ मारयो गयो पर आत्मा को भाव सी जीन्दो करयो गयो। \v 19 अऊर ओकी आत्मा की स्थिति म जाय क बन्दी आत्मावों ख सन्देश दियो, \v 20 या वा आत्मायें आय जो ऊ समय म परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानन वाली होती, जब नूह को जहाज बनायो जाय रह्यो होतो अऊर परमेश्वर धीरज को संग इन्तजार कर रह्यो होतो ऊ जहाज म थोड़ो लोग यानेकि आठ प्रानी पानी सी बचायो गयो। \v 21 यो ऊ बपतिस्मा को जसो हय जेकोसी अब तुम्हरो उद्धार होवय हय, येको म शरीर को मईल धोवनो नहीं बल्की एक अच्छो विवेक को लायी परमेश्वर सी वाचा हय। अब त तुम्ख यीशु मसीह को पुनरुत्थान को द्वारा बचावय हय। \v 22 ऊ स्वर्ग पर जाय क परमेश्वर को दायो तरफ बैठ गयो; अऊर स्वर्गदूत अऊर अधिकारी अऊर सामर्थ को काम ओको अधीन करयो गयो हंय। \c 4 \s परिवर्तित जीवन \p \v 1 येकोलायी जब कि मसीह न शरीर म होय क दु:ख उठायो त तुम भी उच मनसा ख अवजार को जसो धारन करो, कहालीकि जेन शरीर म दु:ख उठायो ऊ पाप सी छूट गयो, \v 2 अब सी आगु, तुम्हरो धरती पर को जीवन मानविय इच्छावों को अनुसार नहीं बल्की परमेश्वर की इच्छा को अनुसार जीवन जीये। \v 3 कहालीकि गैरयहूदी जो बाते हि करनो पसंद करत होतो ऊ बात की इच्छा को अनुसार, अऊर असभ्यता, वासना, पियक्कड़पन, लीलाक्रिडा, रंगरैली अऊर घृणित मूर्तिपूजा म जित तक हम न पहिले समय गवायो, उच बहुत भयो। \v 4 येको सी हि अचम्भा करय हंय कि तुम असो भारी घृणित, अऊर लापरवाही को जीवन जीन म शामिल नहीं होवय; येकोलायी हि तुम्हरी निन्दा करय हय। \v 5 पर जो मरयो हुयो अऊर जीन्दो को न्याय करन को लायी तैयार हय ऊ परमेश्वर ख ऊ खुद अपनो व्यवहार को लेखा-जोखा देयेंन। \v 6 येकोलायी उन विश्वासी ख जो मर चुक्यो हय सुसमाचार सुनायो होतो कि शारीरिक रूप सी चाहे उन्को मानविय स्तर पर न्याय हो, पर आत्मिक रूप सी परमेश्वर को अनुसार जीन्दो रहे।\f + \fr ४:६ \fr*\ft १ पतरस ३:१८-२०\ft*\f* \s परमेश्वर को उपहार को अच्छो देखरेख करन वालो \p \v 7 सब बातों को अन्त तुरतच होन वालो हय; येकोलायी संय्यमी होय क प्रार्थना को लायी सचेत रहो। \v 8 सब म बड़ी बात या हय कि एक दूसरों सी घनिष्ट प्रेम रखो, कहालीकि प्रेम कुछ पापों ख झाक देवय हय। \v 9 बिना कुड़कुड़ाये एक दूसरों अतिथियों को स्वागत करो। \v 10 जेक जो वरदान मिल्यो हय, ऊ ओख परमेश्वर को अलग अलग तरह को दान को भलो व्यवस्थापक को जसो एक दूसरों की सेवा म लगाये। \v 11 जो कोयी प्रचार करे; जो कोयी सेवा करे, त ऊ वा शक्ति सी करे जो परमेश्वर देवय हय; येकोलायी सब बातों म यीशु मसीह को द्वारा, परमेश्वर ख प्रशंसा मिले। महिमा अऊर साम्राज्य हमेशा हमेशा ओकोच आय। आमीन। \s मसीह होन को नाते दु:ख उठानो \p \v 12 हे प्रिय संगियों, जब तुम्हरी अग्नि परीक्षा होवय हय तब एक विचित्र बाते देख क अचम्भित मत होय। कि कोयी अजीब बात तुम पर बीत रही हय। \v 13 पर जसो मसीह को दु:खों म शामिल होवय हय, तब खुशी मनावो, जेकोसी ओकी महिमा ख प्रगट होतो समय भी तुम पूरी खुशी सी भर जावो। \v 14 तब यदि मसीह को नाम को लायी तुम्हरी निन्दा करी जावय हय त तुम धन्य हो, कहालीकि महिमामय परमेश्वर की आत्मा, तुम पर छाया करय हय। \v 15 तुम म सी कोयी व्यक्ति हत्यारों यां चोर यां कुकर्मी होन को, या दूसरों को काम म हाथ डालन को वजह दु:ख नहीं पाये। \v 16 पर यदि मसीही होन को वजह दु:ख पाये, त लज्जित मत हो, पर या बात को लायी परमेश्वर ख महिमा देवो कहालीकि तुम न मसीह को नाम धारन करयो। \p \v 17 कहालीकि न्याय करन की सुरूवात को समय आय चुक्यो हय कि पहिले परमेश्वर को लोगों को न्याय करयो जायेंन; अऊर जब कि न्याय को सुरूवात हम सीच होयेंन त ओको का अन्त होयेंन जो परमेश्वर को सुसमाचार ख नहीं मानय? \v 18 असो पवित्र शास्त्र म लिख्यो हय, \q1 “यदि सच्चो आदमी कठिनायी सी उद्धार पायेंन, \q2 त भक्तिहीन अऊर पापी को का ठिकाना?” \m \v 19 येकोलायी जो परमेश्वर की इच्छा को अनुसार दु:ख उठावय हंय, हि भलायी करतो हुयो अपनो आप ख विश्वास लायक सृजनहार को हाथ म सौंप दे। \c 5 \s बुजूर्गों अऊर नवयुवकों ख सन्देश \p \v 1 तुम म जो बुजूर्ग हंय, मय उन्को जसो बुजूर्ग अऊर मसीह को दु:खों को गवाह अऊर प्रगट होन वाली महिमा म शामिल होय क उन्ख यो समझाऊ हय \v 2 \x + \xo ५:२ \xo*\xt यूहन्ना २१:१५-१७\xt*\x*कि परमेश्वर को ऊ झुण्ड की, जो तुम्हरो बीच म हय रखवाली करो; अऊर यो दबाव सी नहीं पर परमेश्वर की इच्छा को अनुसार खुशी सी, अऊर पैसाच को लायी नहीं पर मन लगाय क कर। \v 3 जो लोग देख-रेख को लायी तुम्ख सौंप्यो गयो हंय, उन पर अधिकार मत जतावो, बल्की झुण्ड को लायी एक आदर्श बनो। \v 4 जब प्रधान रख वालो प्रगट होयेंन, त तुम्ख महिमा को मुकुट दियो जायेंन जेकी शोभा कभी घटय नहाय। \p \v 5 योच तरह हे नवयुवकों, तुम भी धर्म बुजूर्गों को अधीन रहो, तुम एक दूसरों की सेवा करन को लायी विनम्रता धारन करो कहालीकि शास्त्र कह्य हय। “परमेश्वर अभिमानियों को विरोध करय हय, पर दिनो पर अनुग्रह करय हय।”\f + \fr ५:५ \fr*\ft नीतिवचन ३:३४\ft*\f* \v 6 \x + \xo ५:६ \xo*\xt मत्ती २३:१२; लूका १४:११; १८:१४\xt*\x*येकोलायी परमेश्वर को शक्तिशाली हाथ को खल्लो दीनता सी रहो, जेकोसी ऊ तुम्ख ठीक समय पर बढ़ायेंन। \v 7 अपनी पूरी चिन्ता ओकोच पर डाल देवो, कहालीकि ओख तुम्हरो ध्यान हय। \p \v 8 सचेत रहो, अऊर जागतो रहो; कहालीकि तुम्हरो दुस्मन शैतान, एक गर्जन वालो सिंह को जसो इत-उत घुमतो हुयो यो ताक म रह्य हय कि कोख फाड़ खाये। \v 9 विश्वास म मजबूत होय क, अऊर यो जान क ओको सामना करो कि तुम्हरो भाऊ जो जगत म हंय असोच दु:ख सह रह्यो हंय। \v 10 अब परमेश्वर जो पूरो अनुग्रह को दाता हय, जेन तुम्ख यीशु मसीह म अपनी अनन्त महिमा को लायी बुलायो, तुम्हरो थोड़ो देर तक दु:ख उठावन को बाद खुदच तुम्ख सिद्ध अऊर स्थिर अऊर बलवन्त करेंन। \v 11 ओकोच साम्राज्य हमेशा हमेशा रहे। आमीन। \s आखरी अभिवादन \p \v 12 \x + \xo ५:१२ \xo*\xt प्रेरितों १५:२२,४०\xt*\x*मय न तुम्ख एक संक्षिप्त चिट्ठी सिलवानुस को मदत सी लिख्यो, जेक मय विश्वास लायक मसीह भाऊ मानु हय। मय तुम ख प्रोत्साहित करनो चाहऊं हय अऊर अपनी गवाही देऊ हय जो परमेश्वर को सच्चो अनुग्रह हय। येकोच म स्थिर रहो। \p \v 13 \x + \xo ५:१३ \xo*\xt प्रेरितों १२:१२,२५; १३:१३; १५:३७-३९; कुलुस्सियों ४:१०; फिलेमोन १:२४\xt*\x*बेबीलोन नगर की मण्डली जो तुम्हरो जसो दुबारा चुन्यो गयो हय, हि तुम्ख नमस्कार करय हय अऊर मसीह म मोरो बेटा मरकुस तुम्ख नमस्कार करय हंय। \p \v 14 एक दूसरों ख प्रेम सी गलो लगाय क नमस्कार करो। जो सब मसीह म हय शान्ति मिले।