\id ZEC - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \ide UTF-8 \h जकरयाह \toc1 जकरयाह के किताब \toc2 जकरयाह \toc3 जकर \mt1 जकरयाह \mt2 के किताब \c 1 \s1 यहोवा करा वापिस लहुंटे बर बुलावा \p \v 1 राजा दारा के राज के दूसर बछर के आठवां महिना म यहोवा के ये बचन बेरेकियाह के बेटा अऊ इद्दो के पोता जकरयाह अगमजानी करा आईस:\f + \fr 1:1 \fr*\ft देखव \+xt एज 4:24\+xt*, \+xt 5:1\+xt* ला\ft*\f* \p \v 2 “यहोवा ह तोर पुरखामन ले बहुंत कोरोधित रिहिस। \v 3 एकरसेति मनखेमन ला बता: सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: ‘मोर करा लहुंट आवव,’ सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे, ‘त मेंह घलो तुम्हर करा लहुंट आहूं,’ सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहत हे। \v 4 अपन पुरखामन कस झन बनव, जेमन ला पहिले के अगमजानीमन घोसना करके बताय रिहिन: सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: ‘अपन खराप चालचलन अऊ अपन खराप काममन ला छोंड़ देवव।’ पर ओमन न तो मोर बात ला सुनिन अऊ न ही मोर कोति धियान दीन, यहोवा ह घोसना करत हे। \v 5 तुम्हर पुरखामन अब कहां हवंय? अऊ अगमजानीमन, का ओमन सदाकाल बर जीयत हवंय? \v 6 पर मोर बचन अऊ मोर कानून, जेला मेंह अपन सेवक अगमजानीमन ला दे रहेंव, का ओमन तुम्हर पुरखामन के मिरतू के बाद घलो बने नइं हवंय? \p “तब ओमन पछताप करिन अऊ कहिन, ‘सर्वसक्तिमान यहोवा ह ठीक वइसने ही करे हवय जइसने कि हमर चालचलन अऊ हमर काममन के कारन हमर संग करे जाना चाही, जइसे कि ओह करे के ठाने रिहिस।’ ” \s1 मेंहदी रूखमन के बीच म मनखे \p \v 7 राजा दारा के राज के दूसरा साल के गियारहवां महिना याने कि सेबात महिना के चौबीसवां दिन यहोवा के ये बचन बेरेकियाह के बेटा अऊ इद्दो के पोता जकरयाह अगमजानी करा पहुंचिस। \p \v 8 रथिया मेंह एक दरसन देखेंव कि मोर आघू म लाल घोड़ा म बईठे एक मनखे रिहिस। ओह घाटी म मेंहदी के रूखमन के बीच म खड़े रिहिस, अऊ ओकर पाछू लाल, भुरवा अऊ सादा रंग के घोड़ामन रिहिन। \p \v 9 तब मेंह पुछेंव, “हे मोर परभू, येमन का अंय?” \p जऊन स्वरगदूत ह मोर ले गोठियावत रिहिस, ओह जबाब दीस, “मेंह तोला देखाहूं कि येमन का अंय।” \p \v 10 तब जऊन मनखे ह मेंहदी के रूखमन के बीच खड़े रिहिस, ओह कहिस, “येमन ओ अंय, जेमन ला यहोवा ह जम्मो धरती म पठोय हवय।” \p \v 11 अऊ ओमन यहोवा के ओ स्वरगदूत ला बताईन जऊन ह मेंहदी के रूखमन के बीच म खड़े रिहिस, “हमन जम्मो धरती म गे रहेंन अऊ देखेंन कि जम्मो धरती म अराम अऊ सांति हवय।” \p \v 12 तब यहोवा के स्वरगदूत ह कहिस, “हे सर्वसक्तिमान यहोवा, तेंह यरूसलेम अऊ यहूदा के सहरमन ऊपर पिछले सत्तर साल ले कोरोधित हवस, कब तक तेंह येमन ऊपर दया नइं करबे?” \v 13 तब यहोवा ह ओ स्वरगदूत ला, जऊन ह मोर ले गोठियावत रिहिस, दया अऊ सांति के बचन कहिस। \p \v 14 तब ओ स्वरगदूत जऊन ह मोर ले गोठियावत रिहिस, ओह कहिस, “ये बातमन के घोसना कर: सर्वसक्तिमान यहोवा ये कहत हे: ‘यरूसलेम अऊ सियोन बर मोर अब्बड़ जलन हवय, \v 15 अऊ में ओ जातिमन ले बहुंत कोरोधित हवंव, जऊन मन अराम म हवंय। पहिली मेंह थोरकन कोरोधित रहेंव, पर ओमन खुदे अपन सजा ला बढ़ा ले हवंय।’ \p \v 16 “एकरसेति यहोवा ह ये कहत हे: ‘मेंह दया करे बर यरूसलेम लहुंटहूं, अऊ उहां मोर घर ला फेर बनाय जाही। अऊ यरूसलेम के ऊपर नापे के डोरी ला खींचे जाही,’ सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे।” \p \v 17 “ये घलो घोसना कर: सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: ‘मोर नगरमन फेर उत्तम चीजमन ले भर जाहीं, अऊ यहोवा ह फेर सियोन ला सांति दीही अऊ यरूसलेम ला चुन लीही।’ ” \s1 चार ठन सींग अऊ चार सिल्पकार \p \v 18 तब मेंह देखेंव, अऊ उहां मोर आघू म पसु के चार ठन सींग रिहिन। \v 19 त मेंह ओ स्वरगदूत जऊन ह मोर ले गोठियावत रिहिस, ओकर ले पुछेंव, “येमन का अंय?” \p ओह मोला जबाब दीस, “येमन ओ सींग अंय, जेमन यहूदा, इसरायल अऊ यरूसलेम ला तितिर-बितिर कर दे हवंय।” \p \v 20 तब यहोवा ह मोला चार सिल्पकारमन ला देखाईस। \v 21 त मेंह पुछेंव, “येमन का करे बर आय हवंय?” \p ओह जबाब दीस, “येमन ओ सींग अंय जेमन यहूदा ला तितिर-बितिर कर दे हवंय ताकि कोनो अपन मुड़ झन उठा सकय, पर ये सिल्पकारमन ओमन ला डराय बर अऊ ओ जातिमन के ये सींगमन ला काट डारे बर आय हवंय, जेमन यहूदा देस के बिरोध म ओकर मनखेमन ला तितिर-बितिर करे बर अपन सींग उठाय हवंय।”\f + \fr 1:21 \fr*\ft इबरानी म \+xt 1:18‑21\+xt* ला 2:1‑4 गने गे हवय\ft*\f* \c 2 \s1 नापे के डोरी के संग एक मनखे \p \f + \fr 2 \fr*\ft इबरानी म \+xt 2:1‑13\+xt* ला 2:5‑17 गने गे हवय\ft*\f* \v 1 तब मेंह अपन आघू म एक मनखे ला देखेंव, जऊन ह अपन हांथ म नापे के डोरी ला धरे रिहिस। \v 2 तब मेंह ओकर ले पुछेंव, “तेंह कहां जावत हस?” \p ओह मोला जबाब दीस, “मेंह यरूसलेम ला नापे बर जावत हंव ताकि पता चलय कि ओकर लम्बई अऊ चौड़ई कतेक हवय।” \p \v 3 जब मोर ले बात करइया स्वरगदूत ह जाय लगिस, त एक आने स्वरगदूत ओकर ले मिले बर आईस \v 4 अऊ ओकर ले कहिस: “दऊड़के जा अऊ ओ जवान ले कह, ‘मनखे अऊ पसुमन के बहुंतायत के कारन, यरूसलेम ह बिगर दीवार के सहर हो जाही। \v 5 अऊ मेंह खुद येकर चारों कोति आगी के दीवार बन जाहूं,’ यहोवा ह घोसना करत हे, ‘अऊ ओकर भीतर म मेंह ओकर महिमा होहूं।’ \p \v 6 “आवव! आवव! उत्तर के देस ले भाग जावव,” यहोवा ह घोसना करत हे, “काबरकि मेंह तुमन ला अकास के चारों दिग के हवा म तितिर-बितिर कर दे हंव,” यहोवा ह घोसना करत हे। \p \v 7 “हे सियोन! आ, तें जऊन ह बेटी बेबिलोन म रहिथस, बचके भाग निकल!” \v 8 काबरकि सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “महिमामय परमेसर ह मोला ओ जातिमन के बिरूध म पठोय हवय, जऊन मन तुमन ला लूट ले हवंय—काबरकि जऊन ह तुमन ला छूथे, ओह ओकर\f + \fr 2:8 \fr*\ft या \ft*\fqa यहोवा के\fqa*\f* आंखी के पुतली ला छूथे— \v 9 मेंह खचित ओमन के बिरूध अपन हांथ उठाहूं ताकि ओमन के गुलाममन ओमन ला लूटंय। तब तुमन जानहू कि सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोला पठोय हवय। \p \v 10 “हे बेटी सियोन, चिचिया अऊ आनंद मना। काबरकि मेंह आके तोर बीच म निवास करहूं,” यहोवा ह घोसना करत हे। \v 11 “ओ दिन बहुंत अकन जातिमन यहोवा के संग मिल जाहीं अऊ मोर मनखे बन जाहीं। मेंह तोर बीच म निवास करहूं अऊ तेंह जान जाबे कि सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोला तोर करा पठोय हवय। \v 12 यहोवा ह पबितर देस म यहूदा ला अपन भाग के रूप म ले लीही अऊ यरूसलेम ला फेर चुन लीही। \v 13 हे जम्मो मनखेमन, यहोवा के आघू म सांत रहव, काबरकि ओह खुद अपन पबितर निवास ले ठाढ़ होय हवय।” \c 3 \s1 महा पुरोहित बर साफ पहिरावा \p \v 1 तब ओह मोला देखाईस कि महा पुरोहित यहोसू ह यहोवा के स्वरगदूत के आघू म ठाढ़े हवय, अऊ सैतान\f + \fr 3:1 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fq सैतान \fq*\ft सबद के मतलब होथे \ft*\fqa बईरी\fqa*\f* ह स्वरगदूत के जेवनी कोति यहोसू ऊपर दोस लगाय बर खड़े हवय। \v 2 यहोवा ह सैतान ले कहिस, “हे सैतान, यहोवा ह तोला घुड़के! यहोवा, जऊन ह यरूसलेम ला चुन ले हवय, तोला घुड़के! का ये मनखे ह आगी ले निकाले गय बरत लुठी सहीं नो हय?” \p \v 3 ओ समय यहोसू ह स्वरगदूत के आघू म मईला कपड़ा पहिरे खड़े रिहिस। \v 4 तब स्वरगदूत ह ओमन ले कहिस, जेमन ओकर आघू म खड़े रिहिन, “ओकर मईला कपड़ामन ला उतार दव।” \p तब ओह यहोसू ला कहिस, “देख, मेंह तोर पाप ला दूरिहा कर दे हवंव, अऊ मेंह तोला सुघर कपड़ा पहिराहूं।” \p \v 5 तब मेंह कहेंव, “ओकर मुड़ ऊपर एक ठन साफ पागा रखव।” त ओमन ओकर मुड़ म एक ठन साफ पागा रखिन अऊ ओला ओनहा पहिराईन, अऊ यहोवा के स्वरगदूत ह ओकर करा ठाढ़े रिहिस। \p \v 6 ओकर बाद यहोवा के स्वरगदूत ह यहोसू ला ये जिम्मेदारी दीस: \v 7 “सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: ‘यदि तेंह मोर हुकूममन ला मानबे अऊ मोर बिधिमन म चलबे, त तेंह मोर भवन ऊपर राज करबे अऊ मोर अंगनामन म तोर अधिकार होही, अऊ मेंह तोला ये मनखेमन के बीच म जगह दूहूं, जऊन मन इहां खड़े हवंय। \p \v 8 “ ‘हे महा पुरोहित यहोसू, सुन, तें अऊ तोर आघू म बईठे तोर सहकरमीमन, तुमन जम्मो, अवइया चीजमन के प्रतीक अव: मेंह अपन सेवक, मोर डंगाली ला लानेवाला हंव। \v 9 ओ पथरा ला देखव, जेला मेंह यहोसू के आघू म रखे हंव! ओ एके ठन पथरा म सात ठन आंखी हवंय, अऊ मेंह ओमा खोदके एक लेख लिखहूं,’ सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहत हे, ‘अऊ मेंह एकेच दिन म ये देस के पाप ला हटा दूहूं। \p \v 10 “ ‘ओ दिन, तुमन म ले हर एक झन अपन परोसी ला अपन अंगूर के नार अऊ अंजीर रूख के खाल्हे म बईठे बर बलाहू,’ सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे।” \c 4 \s1 सोन के दीवट अऊ दू ठन जैतून के रूख \p \v 1 तब ओ स्वरगदूत जऊन ह मोर ले बात करे रिहिस, लहुंट आईस अऊ मोला अइसने जगाईस, जइसने कोनो ला नींद ले जगाय जाथे। \v 2 ओह मोर ले पुछिस, “तोला का दिखत हे?” \p मेंह जबाब देंव, “मोला एक ठन सुध सोन के दीवट दिखत हे, जेकर टीप म एक ठन कटोरा हवय, जेमा सात ठन दीया हवंय, अऊ दीयामन ऊपर बाती बर सात-सात ठन नाली हवंय। \v 3 दीवट करा दू ठन जैतून के रूख घलो हवंय, एक ठन रूख कटोरा के जेवनी कोति अऊ दूसर रूख ओकर डेरी कोति।” \p \v 4 जऊन स्वरगदूत ह मोर ले गोठियावत रिहिस, मेंह ओकर ले पुछेंव, “हे मोर परभू, येमन का अंय?” \p \v 5 ओह जबाब दीस, “का तेंह नइं जानस कि येमन का अंय?” \p मेंह कहेंव, “हे मोर परभू, नइं।” \p \v 6 त फेर ओह मोला कहिस, “येह जरूब्बाबेल बर यहोवा के बचन अय: ‘न तो बल ले, न सक्ति ले, पर मोर आतमा के दुवारा,’ सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहत हे। \p \v 7 “हे बड़े पहाड़, तेंह का अस? जरूब्बाबेल के आघू म तेंह समतल मैदान बन जाबे। तब ओह चोटी के पथरा ला ये चिचियाय बर ले आही, ‘परमेसर येला आसीस देवय! परमेसर येला आसीस देवय!’ ” \p \v 8 तब यहोवा के बचन मोर करा आईस: \v 9 “जरूब्बाबेल ह अपन हांथ ले ये मंदिर के नीव डारे हे; अऊ ओकरे हांथमन ये काम ला पूरा घलो करहीं। तब तेंह जान लेबे कि सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोला तोर करा पठोय हवय। \p \v 10 “छोटे बातमन के दिन ला कोन ह तुछ समझे के हिम्मत करथे, जबकि यहोवा के सात ठन आंखी, जऊन मन धरती के जम्मो कोति देखत रहिथें, आनंद मनाहीं, जब ओमन ये देखहीं कि चुने गय चोटी के पथरा ह जरूब्बाबेल के हांथ म हवय?” \p \v 11 तब मेंह स्वरगदूत ले पुछेंव, “ये जैतून के दू ठन रूख के का मतलब अय, जऊन मन दीवट के जेवनी अऊ डेरी कोति हवंय?” \p \v 12 मेंह ओकर ले फेर पुछेंव, “जैतून के ये दू ठन डंगालीमन का अंय, जऊन मन सोन के दू ठन ओ नलीमन के बाजू म हवंय जेमन सुनहरा तेल ढारथें?” \p \v 13 स्वरगदूत ह जबाब दीस, “का तेंह नइं जानस कि येमन का अंय?” \p मेंह कहेंव, “हे मोर परभू, नइं।” \p \v 14 तब ओह कहिस, “ये दूनों ओ अंय, जेमन ला पूरा धरती के परभू के सेवा करे बर अभिसेक करे गे हवय।” \c 5 \s1 उड़त चामपट्टी \p \v 1 मेंह फेर देखेंव, अऊ मोर आघू म उड़त एक चामपट्टी रिहिस। \p \v 2 स्वरगदूत ह मोर ले पुछिस, “तोला का दिखत हे?” \p मेंह जबाब देंव, “मोला उड़त एक चामपट्टी दिखत हवय, जऊन ह बीस क्यूबीट लम्बा अऊ दस क्यूबीट चौड़ा हवय।\f + \fr 5:2 \fr*\ft लगभग 30 फीट लम्बा अऊ 15 फीट चौड़ा\ft*\f*” \p \v 3 तब ओह मोला कहिस, “ये चामपट्टी म ओ सराप लिखे हवय, जऊन ह जम्मो देस ऊपर लगही; काबरकि ये चामपट्टी के एक तरफ जऊन बात लिखे हवय, ओकर मुताबिक हर एक चोर ला निकाल दिये जाही, अऊ ये चामपट्टी के दूसर तरफ जऊन बात लिखे हवय, ओकर मुताबिक हर ओ मनखे जऊन ह लबारी कसम खाथे, ओला घलो निकाल दिये जाही। \v 4 सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे, ‘मेंह ये सराप ला भेजहूं, अऊ येह हर चोर के घर म अऊ मोर नांव म लबारी कसम खवइया हर मनखे के घर म जाही। येह ओ घर म बने रहिही अऊ ओला ओकर लकरी अऊ पथरामन समेत पूरा नास कर दीही।’ ” \s1 एक ठन टुकनी म माईलोगन \p \v 5 तब ओ स्वरगदूत जऊन ह मोर ले गोठियावत रिहिस, आघू आके मोर ले कहे लगिस, “ऊपर देख कि उहां का परगट होवत हे।” \p \v 6 मेंह पुछेंव, “येह का अय?” \p ओह जबाब दीस, “येह एक टुकनी अय।” अऊ ओह ये घलो कहिस, “येह पूरा देस के मनखेमन के पाप अय।” \p \v 7 तब सीसा के ढकना ला उठाय गीस, अऊ उहां टुकनी म एक माईलोगन बईठे रिहिस! \v 8 तब स्वरगदूत ह कहिस, “येह दुस्टता अय,” अऊ ओह ओ माईलोगन ला टुकनी म वापिस ढकेल दीस अऊ सीसा के ढकना ला टुकनी ऊपर ढांप दीस। \p \v 9 तब मेंह ऊपर देखेंव—अऊ उहां मोर आघू म दू झन माईलोगन रिहिन, जेमन अपन डेनामन ले हवा म उड़ियात रिहिन! ओमन के डेना ह एक सारस चिरई सहीं रहय, अऊ ओमन ओ टुकनी ला अकास अऊ धरती के बीच म उठा लीन। \p \v 10 तब ओ स्वरगदूत जऊन ह मोर ले गोठियावत रिहिस, ओकर ले मेंह पुछेंव, “ओमन ओ टुकनी ला कहां ले जावत हें?” \p \v 11 ओह जबाब दीस, “बेबिलोनिया\f + \fr 5:11 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa सिनार\fqa*\f* देस ला, जिहां ओमन येकर बर एक घर बनाहीं। जब घर ह बन जाही, त टुकनी ला उहां ओकर जगह म रख दिये जाही।” \c 6 \s1 चार ठन रथ \p \v 1 तब मेंह फेर ऊपर देखेंव, अऊ मोर आघू म चार ठन रथ दू पहाड़मन के बीच म ले निकलके आवत रिहिन, अऊ ये पहाड़मन कांसा धातु के रिहिन। \v 2 पहिला रथ म लाल घोड़ा, दूसर म करिया, \v 3 तीसर म सफेद अऊ चऊथा म चितकबरा घोड़ामन रिहिन—जम्मो के जम्मो ताकतवर रिहिन। \v 4 मोर ले जऊन स्वरगदूत ह गोठियावत रिहिस, ओकर ले मेंह पुछेंव, “हे मोर परभू, येमन का अंय?” \p \v 5 स्वरगदूत ह मोला जबाब दीस, “येमन स्वरग के ओ चार आतमा अंय, जऊन मन जम्मो संसार के परभू के आघू म ठाढ़ रहिथें अऊ अब ओकर आघू ले बाहिर जावत हें। \v 6 जऊन रथ म करिया रंग के घोड़ामन हवंय, ओह उत्तर दिग के देस ला जावत हे अऊ जऊन म सफेद रंग के घोड़ामन हवंय, ओह पछिम कोति, अऊ जऊन म चितकबरा घोड़ामन हवंय, ओह दक्खिन कोति जावत हे।” \p \v 7 जब ये ताकतवर घोड़ामन बाहिर निकलिन, त ओमन जम्मो धरती म जाय बर अधीर होवत रिहिन। अऊ ओह कहिस, “जम्मो धरती म जावव!” एकरसेति ओमन धरती के जम्मो अंग गीन। \p \v 8 तब ओह मोला बलाके कहिस, “देख, जऊन मन उत्तर के देस कोति गे हवंय, ओमन उत्तर के देस म मोर आतमा ला सांति दे हवंय।” \s1 यहोसू बर एक मुकुट \p \v 9 यहोवा के बचन ह मोर करा आईस: \v 10 “बेबिलोन ले बंधुवई ले लहुंटे ये मनखे हेल्दै, तोबियाह अऊ यदायाह ले सोन अऊ चांदी लेय ले अऊ ओहीच दिन सपनयाह के बेटा योसियाह के घर जा। \v 11 सोन अऊ चांदी ला लेके एक मुकुट बना, अऊ ओ मुकुट ला योसादाक के बेटा महा पुरोहित यहोसू के मुड़ म रख। \v 12 ओला बता कि सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: ‘येह ओ मनखे ए, जेकर नांव डंगाली अय, अऊ ओह अपन ही जगह ले डंगाली निकालके यहोवा के मंदिर ला बनाही।\f + \fr 6:12 \fr*\ft देखव \+xt यसा 4:2\+xt*\ft*\f* \v 13 येह ओ अय, जऊन ह यहोवा के मंदिर ला बनाही, अऊ ओला महिमा दिये जाही अऊ अपन सिंघासन म बईठके राज करही। अऊ ओह\f + \fr 6:13 \fr*\ft या \ft*\fqa उहां\fqa*\f* अपन सिंघासन म एक पुरोहित होही अऊ ओ दूनों के बीच आपस म समझ-बुझ होही।’ \v 14 यहोवा के मंदिर म मुकुट ला यादगारी के एक चिनहां के रूप म हेल्दै,\f + \fr 6:14 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa हेलेम\fqa*\f* तोबियाह, यदायाह अऊ सपनयाह के बेटा हेन\f + \fr 6:14 \fr*\ft या \ft*\fqa अनुग्रहकारी मनखे\fqa*\f* ला दिये जाही। \v 15 जेमन दूरिहा म हवंय, ओमन आहीं अऊ यहोवा के मंदिर बनाय म मदद करहीं, अऊ तेंह जानबे कि सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोला तोर करा पठोय हवय। अऊ येह तभे होही, जब तेंह यहोवा अपन परमेसर के हुकूममन ला मन लगाके मानबे।” \c 7 \s1 नियाय अऊ दया, उपास नइं \p \v 1 दारा राजा के राज के चऊथा साल के नवां महिना याने कि किसलेव महिना के चऊथा दिन यहोवा के ये बचन जकरयाह करा आईस। \v 2 बेतेल के मनखेमन यहोवा ले बिनती करे बर अऊ ये पुछे बर सरेसेर अऊ रेगेम-मेलेक अऊ ओमन के संगीमन ला \v 3 सर्वसक्तिमान यहोवा के घर के पुरोहित अऊ अगमजानीमन करा पठोईन, “का हमन पांचवां महिना म सोक अऊ उपास करन, जइसने कि हमन कतको साल ले करत आवत हन?” \p \v 4 तब सर्वसक्तिमान यहोवा के ये बचन मोर करा आईस: \v 5 “देस के जम्मो मनखे अऊ पुरोहितमन ले पुछ, ‘जब तुमन पांचवां अऊ सातवां महिना म पिछले सत्तर साल तक उपास अऊ बिलाप करत रहेव, त का सही म तुमन मोर बर ही उपास करेव? \v 6 अऊ जब तुमन खावत-पीयत रहेव, त का ये सब सिरिप अपन खाय-पीये बर नइं करत रहेव? \v 7 का येमन यहोवा के बचन नो हंय, जेकर घोसना ओह पहिले के अगमजानीमन के जरिये करे रिहिस, जब यरूसलेम अऊ ओकर आसपास के नगरमन सांति म रिहिन अऊ उन्नत रिहिन, अऊ नेगेव\f + \fr 7:7 \fr*\ft या \ft*\fqa दक्खिन के इलाका\fqa*\f* अऊ पछिम के खाल्हे के देसमन बस गे रिहिन?’ ” \p \v 8 अऊ यहोवा के ये बचन ह जकरयाह करा फेर आईस: \v 9 “सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहिस: ‘सही के नियाय करव; एक-दूसर के ऊपर दया देखावव अऊ तरस खावव। \v 10 बिधवा या अनाथ, परदेसी या गरीब ऊपर अतियाचार झन करव। एक-दूसर के बिरूध सडयंत्र झन करव।’ \p \v 11 “पर ओमन ये बात ऊपर कोनो धियान नइं दीन; ढीठ होके ओमन अपन मुहूं फेर लीन अऊ अपन कानमन ला बंद कर लीन। \v 12 ओमन अपन हिरदय ला चकमक पथरा सहीं कठोर बना लीन अऊ कानून के बात या सर्वसक्तिमान यहोवा के ओ बचन ला नइं सुनिन, जेला ओह अपन आतमा के दुवारा पहिले के अगमजानीमन के जरिये पठोय रिहिस। एकरसेति सर्वसक्तिमान यहोवा बहुंत गुस्सा होईस। \p \v 13 “ ‘जब मेंह पुकारेंव, त ओमन नइं सुनिन; एकरसेति जब ओमन मोला पुकारहीं, त मेंह घलो ओमन के नइं सुनंव,’ सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहत हे। \v 14 ‘मेंह एक बवंडर ले ओमन ला जाति-जाति के मनखेमन के बीच म तितिर-बितिर कर देंव, जिहां ओमन अजनबी रिहिन। जऊन देस ला ओमन अपन पाछू छोंड़ आईन, ओह अइसे उजाड़ पड़े रिहिस कि ओमा ले होके कोनो नइं जावंय। ये किसम ले ओमन ओ खुसहाल देस ला उजाड़ दीन।’ ” \c 8 \s1 यहोवा ह यरूसलेम ला आसीस देय के वायदा करथे \p \v 1 सर्वसक्तिमान यहोवा के बचन ह मोर करा आईस। \p \v 2 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “सियोन बर मोला अब्बड़ जलन होवत हे; मेंह ओकर बर जलन ले जरत हंव।” \p \v 3 यहोवा ह ये कहत हे: “मेंह वापिस सियोन जाहूं अऊ यरूसलेम म निवास करहूं। तब यरूसलेम ला बिसवासयोग्य सहर कहे जाही, अऊ सर्वसक्तिमान यहोवा के पहाड़ ला पबितर पहाड़ कहे जाही।” \p \v 4 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “एक बार फेर यरूसलेम के गलीमन म डोकरा अऊ डोकरीमन बईठहीं अऊ बहुंत उमर होय के कारन हर एक के हांथ म लउठी होही। \v 5 सहर के गलीमन उहां खेलत बाबू-नोनीमन ले भरे होहीं।” \p \v 6 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “ओ समय मनखेमन के बांचेमन ला ये अद्भूत लग सकथे, पर का येह मोला अद्भूत लगही?” सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे। \p \v 7 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “मेंह अपन मनखेमन ला पूरब अऊ पछिम के देसमन ले बचाहूं। \v 8 मेंह ओमन ला यरूसलेम म रहे बर वापिस ले आहूं; ओमन मोर मनखे होहीं, अऊ मेंह ओमन के परमेसर के रूप म ओमन बर बिसवासयोग्य अऊ धरमी ठहिरहूं।” \p \v 9 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “अब तुमन ये बात ला सुनव, ‘तुम्हर हांथमन मजबूत रहंय ताकि मंदिर ला बनाय जा सकय।’ ये बात ओ अगमजानीमन के दुवारा घलो कहे गे हवय, जऊन मन सर्वसक्तिमान यहोवा के घर के नीव डाले के बेरा उहां रिहिन। \v 10 ओ समय के पहिले न तो मनखेमन ला बनी मिलत रिहिस अऊ न ही पसुमन बर भाड़ा। अपन बईरीमन के कारन, कोनो घलो अपन काम-धंधा म सांत मन से नइं जाय सकत रिहिन, काबरकि मेंह ओमन ला एक-दूसर के बिरूध कर दे रहेंव। \v 11 पर अब मेंह येमन के बांचे मनखेमन ले वइसने बरताव नइं करंव, जइसने कि पहिले करत रहेंव,” सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे। \p \v 12 “बीजा ह बने ढंग ले बढ़ही, अंगूर के नार म फर लगही, भुइयां म फसल होही, अऊ अकास ले ओस\f + \fr 8:12 \fr*\ft या \ft*\fqa बारिस\fqa*\f* पड़ही। मेंह ये जम्मो चीज येमन के बांचे मनखेमन ला एक उत्तराधिकार के रूप म दूहूं। \v 13 जइसे कि हे यहूदा अऊ इसरायल, तुमन जाति-जाति के मनखेमन के बीच एक सराप बन गे हवव, त मेंह तुमन ला बचाहूं, अऊ तुमन एक आसीस के कारन बनहू। झन डरव, पर तुम्हर हांथ मजबूत बने रहय।” \p \v 14 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “जब तुम्हर पुरखामन मोला कोरोधित करे रिहिन, त जइसने मेंह तुम्हर ऊपर बिपत्ति लाने अऊ दया नइं करे बर ठान ले रहेंव,” सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहत हे, \v 15 “वइसने ही अब मेंह यरूसलेम अऊ यहूदा ऊपर फेर भलई करे बर ठान ले हवंव। झन डरव। \v 16 येमन ओ बात अंय, जेला तुमन ला करना हे: एक-दूसर के संग सच बोलव, अऊ अपन अदालतमन म सच अऊ सही निरनय लेय करव; \v 17 एक-दूसर के बिरूध दुस्ट चाल झन चलव, अऊ लबरा कसम झन खावव। काबरकि मेंह ये जम्मो बात ले घिन करथंव,” यहोवा ह घोसना करत हे। \p \v 18 सर्वसक्तिमान यहोवा के ये बचन ह मोर करा आईस। \p \v 19 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “चऊथा, पांचवां, सातवां अऊ दसवां महिना के उपास ह यहूदा के मनखेमन बर आनंद अऊ खुसी के समय अऊ खुसी के तिहार हो जाही। एकरसेति सच अऊ सांति ले मया करव।” \p \v 20 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “बहुंते मनखे अऊ कतको सहरमन के रहइयामन आहीं, \v 21 अऊ एक सहर के रहइयामन दूसर सहर म जाके कहिहीं, ‘आवव, यहोवा ले बिनती करे बर तुरते चलन अऊ सर्वसक्तिमान यहोवा के खोज करन। मेंह खुद जावत हंव।’ \v 22 अऊ बहुंते मनखे अऊ सक्तिसाली जातिमन के मनखेमन सर्वसक्तिमान यहोवा ला खोजे अऊ ओकर ले बिनती करे बर यरूसलेम आहीं।” \p \v 23 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “ओ दिनमन म जम्मो भासा अऊ जातिमन ले दस मनखेमन एक यहूदी मनखे ला ओकर कपड़ा के छोर ला पकड़के कहिहीं, ‘हमन तोर संग जाबो, काबरकि हमन ये सुने हन कि परमेसर ह तोर संग हवय।’ ” \c 9 \s1 इसरायल के बईरीमन ला दंड \p \v 1 एक अगमबानी: \q1 हद्राक देस के बिरूध यहोवा के ये बचन अय \q2 अऊ येकर परभाव दमिस्क सहर ऊपर पड़ही— \q1 काबरकि जम्मो मनखे अऊ इसरायल के जम्मो गोत्र के नजर \q2 यहोवा ऊपर हवय— \q1 \v 2 अऊ येकर सीमना ले लगे देस हमात ऊपर लगे हवय, \q2 अऊ सूर अऊ सीदोन ऊपर घलो लगे हवय, हालाकि ओमन बहुंत जानकार अंय। \q1 \v 3 सूर ह अपन बर एक मजबूत गढ़ बनाय हवय; \q2 ओह चांदी ला धुर्रा सहीं, \q2 अऊ सोन ला गली के चीखला सहीं कुढ़ोय हवय। \q1 \v 4 पर परभू ह ओकर जम्मो चीजमन ला ले लीही \q2 अऊ ओकर सक्ति ला समुंदर म नास कर दीही, \q2 अऊ सहर ह आगी म जलके नास हो जाही। \q1 \v 5 अस्कलोन सहर ह येला देखके डरही; \q2 गाजा सहर ह बहुंत तकलीफ म पड़के छटपटाही, \q2 अऊ एहीच हालत एकरोन सहर के घलो होही, काबरकि ओकर आसा ह खतम हो जाही। \q1 गाजा ह अपन राजा ला गंवा दीही \q2 अऊ अस्कलोन ला तियाग दिये जाही। \q1 \v 6 एक दोगला जाति के मनखेमन असदोद सहर ऊपर अधिकार कर लीहीं, \q2 अऊ मेंह पलिस्तीमन के घमंड ला टोर दूहूं। \q1 \v 7 मेंह ओमन के मुहूं ले खून, \q2 अऊ ओमन के दांतमन के बीच म छोंड़े गय जेवन ला ले लूहूं। \q1 तब ओमन, जऊन मन बच जाहीं, ओमन हमर परमेसर के हो जाहीं \q2 अऊ यहूदा म एक गोत्र बन जाहीं, \q2 अऊ एकरोन ह यबूसीमन सहीं हो जाही। \q1 \v 8 पर मेंह अपन मंदिर ला लुटेरामन ले बचाय बर \q2 ओकर पहरेदारी म डेरा डालहूं। \q1 कोनो घलो अतियाचारी फेर कभू मोर मनखेमन ऊपर अधिकार नइं कर सकहीं, \q2 काबरकि अब मेंह पहरेदारी करत हंव। \s1 सियोन के राजा के अवई \q1 \v 9 हे बेटी सियोन, बहुंत आनंद मना! \q2 हे बेटी यरूसलेम, जय-जयकार कर! \q1 देखव, तुम्हर राजा ह तुम्हर करा आवत हे, \q2 ओह धरमी अऊ बिजयी होके, \q1 बिनम्र अऊ एक गदहा ऊपर, \q2 एक बछेड़ा ऊपर, गदही के एक बछेड़ा ऊपर सवारी करे हवय। \q1 \v 10 मेंह एपरैम ले रथमन ला \q2 अऊ यरूसलेम ले लड़ई के घोड़ामन ला ले लूहूं, \q2 अऊ लड़ई के धनुसमन ला टोर दिये जाही। \q1 तब ओह जाति-जाति के मनखेमन के बीच म सांति के घोसना करही। \q2 ओकर राज ह एक समुंदर ले लेके दूसर समुंदर तक \q2 अऊ नदी\f + \fr 9:10 \fr*\ft या \ft*\fqa फरात नदी\fqa*\f* ले लेके धरती के छोर तक बगरही। \q1 \v 11 जहां तक तुम्हर बात अय, तुम्हर संग मोर करार के लहू के कारन, \q2 मेंह तुम्हर कैदीमन ला ओ सूखा खंचवा ले बाहिर निकाल दूहूं। \q1 \v 12 हे आसा लगाय कैदीमन, अपन गढ़ म लहुंट आवव; \q2 अभी घलो मेंह घोसना करत हंव कि मेंह तुमन ला दू गुना लहुंटा दूहूं। \q1 \v 13 मेंह यहूदा ला अपन धनुस सहीं मोड़हूं \q2 अऊ एपरैम ले येला भर दूहूं। \q1 हे सियोन, मेंह तोर बेटामन ला \q2 यूनान के बेटामन के बिरूध भड़काहूं, \q2 अऊ तोला योद्धा के तलवार सहीं कर दूहूं। \s1 यहोवा परगट होही \q1 \v 14 तब यहोवा ह ओमन ऊपर परगट होही; \q2 अऊ ओकर तीर ह बिजली सहीं चमकही। \q1 परमपरधान यहोवा ह तुरही फूंकही; \q2 ओह दक्खिन के आंधी म होके चलही, \q2 \v 15 अऊ सर्वसक्तिमान यहोवा ओमन के रकछा करही। \q1 ओमन नास कर दीहीं \q2 अऊ गोफन के पथरामन के दुवारा जयवंत होहीं। \q1 ओमन पीहीं अऊ अइसने हल्ला करहीं जइसने मनखे मंद पीके करथें; \q2 ओमन ओ कटोरा सहीं भर जाहीं \q2 जेकर उपयोग बेदी के कोनटामन म छिंचे बर करे जाथे। \q1 \v 16 जइसन एक चरवाहा ह अपन झुंड ला बचाथे \q2 वइसन ही यहोवा ओमन के परमेसर ह ओ दिन अपन मनखेमन ला बचाही। \q1 ओमन ओकर देस म अइसने चमकहीं \q2 जइसने मुकुट म लगे रत्नमन चमकथें। \q1 \v 17 कतेक जादा मन ला भानेवाला अऊ सुघर होहीं ओमन! \q2 जवान छोकरामन अनाज खाके, \q2 अऊ मुटियारी छोकरीमन नवां अंगूर के मंद पीके मजबूत हो जाहीं। \c 10 \s1 यहोवा ह यहूदा के देखरेख करही \q1 \v 1 यहोवा ले बिनती करव कि ओह बसन्त रितु म बारिस पठोवय; \q2 येह यहोवा ही अय, जऊन ह बादर गरजाथे अऊ गरेर लाथे। \q1 ओह जम्मो मनखे ला बारिस देथे, \q2 अऊ हर एक झन बर खेत म पऊधा उपजाथे। \q1 \v 2 मूरतीमन धोखा देवइया बात कहिथें, \q2 अऊ सकुन-बिचार करइयामन लबारी दरसन देखथें; \q1 ओमन लबारी सपना के बारे म बताथें, \q2 अऊ ओमन बेकार म सांतवना देथें। \q1 एकरसेति चरवाहा के कमी के कारन दुखी होके \q2 मनखेमन भेड़ सहीं भटकथें। \b \q1 \v 3 “मोर कोरोध ह चरवाहामन ऊपर भड़कथे, \q2 अऊ मेंह अगुवामन ला दंड दूहूं; \q1 काबरकि सर्वसक्तिमान यहोवा ह अपन झुंड \q2 यहूदा के मनखेमन के देखरेख करही, \q2 अऊ ओह ओमन ला लड़ई म घमंड करइया घोड़ा सहीं बनाही। \q1 \v 4 यहूदा ले कोना के पथरा आही, \q2 ओकर ले तम्बू के खूंटी, \q1 ओकर ले लड़ई के धनुस, \q2 अऊ ओकर ले ही हर एक सासन करइया आहीं। \q1 \v 5 ओमन एक संग लड़ई म ओ योद्धामन सहीं होहीं, \q2 जऊन मन गली के चीखला म अपन बईरीमन ला गोड़ ले कुचरथें। \q1 ओमन लड़हीं काबरकि यहोवा ओमन के संग हवय, \q2 अऊ ओमन बईरीमन के घुड़सवारमन ला सरमिंदा करहीं। \b \q1 \v 6 “मेंह यहूदा के मनखेमन ला मजबूत करहूं \q2 अऊ यूसुफ के गोत्र ला बचाहूं। \q1 ओमन बर अपन करूना के कारन \q2 मेंह ओमन ला पहिले के सहीं बने स्थिति म ले आहूं। \q1 ओमन अइसे हो जाहीं \q2 मानो मेंह ओमन ला कभू तियागे ही नइं रहेंव, \q1 काबरकि मेंह ओमन के परमेसर यहोवा अंव \q2 अऊ मेंह ओमन ला जबाब दूहूं। \q1 \v 7 एपरैमीमन योद्धा सहीं हो जाहीं, \q2 अऊ ओमन के मन ह अइसे खुस होही, जइसे मंद पीये ले होथे। \q1 ओमन के लइकामन येला देखके आनंदित होहीं; \q2 अऊ ओमन के मन ह यहोवा म आनंदित होही। \q1 \v 8 मेंह ओमन ला इसारा करहूं \q2 अऊ भीतर इकट्ठा करहूं। \q1 खचित मेंह ओमन ला छोंड़ाहूं; \q2 ओमन पहिली सहीं अनगिनत हो जाहीं। \q1 \v 9 हालाकि मेंह ओमन ला मनखेमन के बीच म तितिर-बितिर कर दे हंव, \q2 तभो ले ओ दूरिहा के देसमन म ओमन मोला सुरता करहीं। \q1 उहां ओमन अऊ ओमन के संतान बांचे रहिहीं, \q2 अऊ ओमन लहुंट आहीं। \q1 \v 10 मेंह ओमन ला मिसर देस ले वापिस लहुंटा लाहूं \q2 अऊ ओमन ला अस्सूर देस ले इकट्ठा करहूं। \q1 मेंह ओमन ला गिलाद अऊ लबानोन के इलाका म ले आहूं, \q2 अऊ ओमन ला अतेक बढ़ाहूं कि उहां ओमन बर परयाप्त जगह नइं होही। \q1 \v 11 ओमन समस्या के समुंदर म ले होके जाहीं, \q2 उमड़त समुंदर ला सांत कर दिये जाही \q2 अऊ नील नदी के जम्मो गहिरा पानी ह सूखा जाही। \q1 अस्सूर देस के मनखेमन के घमंड ला टोर दिये जाही \q2 अऊ मिसर देस के राजदंड ह चले जाही। \q1 \v 12 मेंह ओमन के बिसवास ला यहोवा ऊपर मजबूत करहूं \q2 अऊ ओकर नांव म ओमन सुरकछित रहिहीं,” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे। \b \c 11 \q1 \v 1 हे लबानोन, अपन कपाटमन ला खोल, \q2 ताकि आगी ह तोर देवदार के रूखमन ला नास कर देवय! \q1 \v 2 हे सनोवर के रूखमन, बिलाप करव, काबरकि देवदार के रूख ह गिर गे हवय; \q2 सानदार रूखमन नास हो गे हवंय! \q1 हे बासान के बलूत रूखमन, बिलाप करव; \q2 काबरकि घना जंगल ला काट डारे गे हवय! \q1 \v 3 चरवाहामन के बिलाप ला सुनव; \q2 ओमन के हरियर चरागनमन नास हो गे हवंय! \q1 सिंहमन के गरजई ला सुनव; \q2 यरदन नदी के रसवाला झाड़ीमन नास हो गीन! \s1 दू झन चरवाहा \p \v 4 यहोवा, मोर परमेसर ह ये कहत हे: “काटे बर चिनहां करे गे पसुमन के झुंड के रखवारी करव। \v 5 ओमन ला बिसोईयामन काटथें अऊ ओमन ला कोनो सजा नइं मिलय। जऊन मन ओमन ला बेचथें, ओमन कहिथें, ‘यहोवा के इस्तुति होवय, मेंह धनी हो गे हंव!’ ओमन के खुद के चरवाहामन ओमन ऊपर दया नइं करंय। \v 6 मेंह अब ये देस के मनखेमन ऊपर दया नइं करंव,” यहोवा ह घोसना करत हे। “मेंह हर एक ला ओमन के परोसी अऊ ओमन के राजा के बस म कर दूहूं। ओमन ये देस ला नास कर दीहीं, अऊ मेंह कोनो ला ओमन के हांथ ले नइं बचावंव।” \p \v 7 एकरसेति मेंह काटे बर चिनहां करे गे पसुमन के झुंड के रखवारी करेंव, खास करके झुंड के ओ पसुमन के जेमन ऊपर अतियाचार करे जावत रिहिस। तब मेंह दू ठन लउठी लेंव अऊ ओमा ले एक ठन के नांव अनुग्रह अऊ दूसर के नांव एकता रखेंव, अऊ में झुंड के देखरेख करे लगेंव। \v 8 ओकर बाद मेंह एक महिना म ही तीन झन चरवाहामन ला काम ले हटा देंव। \p ओ झुंड ह मोर ले बहुंत घिन करे लगिस, अऊ मेंह ओमन ले असकटा गेंव \v 9 अऊ कहेंव, “मेंह अब तुम्हर चरवाहा नइं रहंव। जऊन मन मरत हें ओमन मरंय, अऊ जऊन मन नास होवत हें ओमन नास होवंय, अऊ जऊन मन बच जाथें ओमन एक-दूसर के मांस खावंय।” \p \v 10 तब ओ करार जेला मेंह जम्मो जाति के मनखेमन के संग बांधे रहेंव, ओला टोरत मेंह अपन अनुग्रह नांव के लउठी ला टोर देंव। \v 11 ओ करार ला ओहीच दिन टोर दिये गीस, अऊ झुंड के सताय गे जऊन पसुमन मोर कोति देखत रिहिन, ओमन जान डारिन कि येह यहोवा के बचन रिहिस। \p \v 12 तब मेंह ओमन ले कहेंव, “कहूं तुमन ला ये बने लगे, त मोला मोर बनी दे दव; पर कहूं नइं देय चाहत हव, त झन दव।” तब ओमन मोर बनी के तीस चांदी के टुकड़ा मोला दीन। \p \v 13 अऊ यहोवा ह मोला कहिस, “ये बनी ला कुम्हार के आघू म फटिक दे”—ओ बढ़िया दाम जेला ओमन मोर बर ठहिराय हवंय! एकरसेति मेंह चांदी के ओ तीस टुकड़ामन ला लेंव अऊ यहोवा के घर म कुम्हार के आघू म फटिक देंव। \p \v 14 तब मेंह यहूदा अऊ इसरायल के बीच परिवार के संबंध ला टोरत, एकता नांव के अपन दूसर लउठी ला टोर देंव। \p \v 15 तब यहोवा ह मोला कहिस, “एक मुरूख चरवाहा के चीजमन ला फेर लेय ले। \v 16 काबरकि मेंह ये देस म एक अइसन चरवाहा ठहिरानेवाला हंव, जऊन ह गंवायमन के चिंता नइं करही, न जवानमन ला खोजही, न घायलमन ला चंगा करही, न ही तंदरूस्तमन ला खवाही, पर ओह बने भेड़मन के मांस ला खाही अऊ ओमन के खुरमन ला फोर दीही। \q1 \v 17 “ओ बेकार चरवाहा ऊपर हाय, \q2 जऊन ह पसु के झुंड ला छोंड़के भाग जाथे! \q1 अइसन होवय कि ओकर बाहां अऊ ओकर जेवनी आंखी म तलवार चले! \q2 ओकर बाहां ह पूरा सूख जावय, \q2 अऊ ओह अपन जेवनी आंखी ले पूरा अंधरा हो जावय!” \c 12 \s1 यरूसलेम के बईरीमन ला नास करे जाथे \p \v 1 एक अगमबानी: इसरायल के बारे म यहोवा के बचन। \b \p यहोवा, जऊन ह अकास ला फईलाथे, जऊन ह धरती के नीव रखथे, अऊ जऊन ह मनखे के भीतर मनखे के आतमा ला बनाथे, ओह ये घोसना करत हे: \v 2 “मेंह यरूसलेम ला एक अइसन कटोरा बनइया हंव, जऊन ह यरूसलेम सहर के आसपास के मनखेमन ला लड़खड़ा दीही। यहूदा अऊ संगे-संग यरूसलेम ला घलो घेर लिये जाही। \v 3 ओ दिन, जब धरती के जम्मो जातिमन यरूसलेम के बिरूध म जूरहीं, त मेंह ओला जम्मो जातिमन बर एक ठन न हटनेवाला चट्टान बना दूहूं। ओ जम्मो जऊन मन ओला हटाय के कोसिस करहीं, ओमन अपनआप ला घायल करहीं। \v 4 ओ दिन, मेंह हर एक घोड़ा ला आतंकित करहूं अऊ ओमा सवार मनखे के मति ला भ्रस्ट कर दूहूं,” यहोवा ह घोसना करत हे। “मेंह यहूदा के मनखेमन ऊपर किरपा-दिरिस्टी रखहूं, पर मेंह आनजातमन के जम्मो घोड़ामन ला अंधरा कर दूहूं। \v 5 तब यहूदा के बंस के मनखेमन अपन मन म कहिहीं, ‘यरूसलेम के मनखेमन बलवान अंय, काबरकि सर्वसक्तिमान यहोवा ह ओमन के परमेसर अय।’ \p \v 6 “ओ दिन, मेंह यहूदा के बंस ला लकरी के कुढ़ा म आगी के एक भट्ठा सहीं, बीड़ामन के बीच बरत एक मसाल सहीं बना दूहूं। ओमन अपन जेवनी अऊ डेरी, आसपास के जम्मो कोति के मनखेमन ला भसम कर दीहीं, पर यरूसलेम ह अपन जगह म अडिग बने रहिही। \p \v 7 “यहोवा ह पहिली यहूदा म रहइयामन ला बचाही, ताकि दाऊद के घराना अऊ यरूसलेम के निवासीमन के आदरमान यहूदा ले बढ़के झन होवय। \v 8 ओ दिन खुद यहोवा यरूसलेम म रहइयामन के रकछा करही, जेकर ले ओमा के सबले दुरबल घलो दाऊद सहीं सक्तिसाली हो जाही, अऊ दाऊद के घराना ह परमेसर सहीं, ओमन के आघू-आघू चलइया यहोवा के स्वरगदूत सहीं हो जाही। \v 9 ओ दिन, मेंह ओ जम्मो जातिमन ला नास करे बर निकलहूं, जऊन मन यरूसलेम ऊपर हमला करथें। \s1 जेला ओमन छेदिन-बेधिन ओकर बर बिलाप करई \p \v 10 “अऊ मेंह दाऊद के घराना अऊ यरूसलेम के निवासीमन ऊपर किरपा अऊ बिनती करइया एक आतमा उंडेलहूं। ओमन मोर कोति देखहीं, जेला ओमन छेदे-बेधे हवंय, अऊ ओमन ओकर बर वइसने बिलाप करहीं, जइसने कोनो अपन एके झन लइका बर करथे, अऊ ओमन ओकर बर अइसने दुखी होहीं, जइसने कोनो अपन पहिलांत के मरे म दुखी होथे। \v 11 ओ दिन यरूसलेम म अइसे भयंकर बिलाप होही, जइसे हदद-रिम्मोन ह मगिद्दो के मैदान म बिलाप करे रिहिस। \v 12 जम्मो देस ह सोक मनाही, हर एक गोत्र खुद, हर एक जन अपन घरवाली संग: दाऊद के घराना के गोत्र के मनखे अऊ ओमन के घरवालीमन, नातान के घराना के गोत्र के मनखे अऊ ओमन के घरवालीमन, \v 13 लेवी के घराना के गोत्र के मनखे अऊ ओमन के घरवालीमन, सिमी के गोत्र के मनखे अऊ ओमन के घरवालीमन, \v 14 अऊ बांचे जम्मो गोत्र के मनखे अऊ ओमन के घरवालीमन सोक मनाहीं। \c 13 \s1 पाप ले सुध करई \p \v 1 “ओ दिन दाऊद के घराना अऊ यरूसलेम के निवासीमन ला ओमन के पाप अऊ असुधता ले सुध करे बर एक सोता फूटही। \p \v 2 “ओ दिन, मेंह देस ले जम्मो मूरतीमन के नांव ला मिटा दूहूं, अऊ ओमन ला फेर कभू सुरता नइं करे जाही।” सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये घोसना करत हे। “मेंह देस ले अगमजानीमन ला अऊ असुधता के आतमा ला निकाल दूहूं। \v 3 अऊ तभो ले कहूं कोनो अगमबानी करे, त ओला जनम देवइया ओकर दाई-ददा ओला कहिहीं, ‘जरूरी अय कि तें मर जा, काबरकि तेंह यहोवा के नांव म लबरा बात कहे हस।’ तब ओकर खुद के दाई-ददामन ओ अगमबानी करइया ला तलवार ले मार डारहीं। \p \v 4 “ओ दिन हर एक अगमजानी ह अपन अगम के दरसन बर सरमिंदा होही। ओमन मनखेमन ला धोखा देय बर चुंदी ले बने अगमजानीमन के कपड़ा नइं पहिरहीं। \v 5 पर हर एक ह कहिही, ‘मेंह अगमजानी नो हंव। मेंह एक किसान अंव; मेंह अपन जवानी ले ही खेत-खार ले अपन जिनगी चलात आय हंव।’ \v 6 कहूं कोनो ओकर ले पुछय, ‘तोर देहें म ये घावमन कइसे हवंय?’ त ओह जबाब दीही, ‘मोर संगीमन के घर म मोला ये चोट लगे हवय।’ ” \s1 चरवाहा ह मारे गीस, भेड़मन तितिर-बितिर होईन \q1 \v 7 यहोवा ह कहिथे, “हे तलवार, उठ, मोर चरवाहा के बिरूध चल, \q2 ओ मनखे के बिरूध जऊन ह मोर घनिस्ट मनखे अय!” \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे। \q1 “चरवाहा ऊपर तलवार चला, \q2 अऊ भेड़मन तितिर-बितिर हो जाहीं, \q2 अऊ मेंह लइकामन के बिरूध अपन हांथ उठाहूं।” \q1 \v 8 यहोवा ह घोसना करत हे, \q2 “जम्मो देस म दू-तिहाई मनखेमन ला तलवार चलाके मार डारे जाही; \q2 तभो ले एक तिहाई मनखेमन ओमा बांचे रहिहीं। \q1 \v 9 ये एक तिहाई मनखेमन ला मेंह आगी म डार दूहूं; \q2 मेंह ओमन ला चांदी सहीं सुध करहूं \q2 अऊ ओमन ला अइसे परखहूं, जइसे सोन ला परखे जाथे। \q1 ओमन मोर नांव लेके पुकारहीं \q2 अऊ मेंह ओमन के सुनहूं; \q1 मेंह कहिहूं, ‘ओमन मोर मनखे अंय,’ \q2 अऊ ओमन कहिहीं, ‘यहोवा ह हमर परमेसर अय।’ ” \c 14 \s1 यहोवा ह आके राज करथे \p \v 1 हे यरूसलेम, यहोवा के एक अइसने दिन अवइया हे, जब तुम्हर संपत्ति ला लूट लिये जाही अऊ तुम्हर अपन घेरा के भीतर ही बांट लिये जाही। \p \v 2 मेंह जम्मो जाति के मनखेमन ला यरूसलेम के बिरूध लड़ई करे बर इकट्ठा करहूं; सहर ऊपर अधिकार कर लिये जाही, घर-दुवारमन लूट लिये जाहीं, अऊ माईलोगनमन के इज्जत लूट लिये जाही। सहर के आधा मनखेमन बंधुवई म चल दीहीं, पर बांचे मनखेमन सहर म ही रहिहीं। \v 3 तब यहोवा ह निकलके ओ जातिमन के बिरूध अइसे लड़ही, जइसे ओह लड़ई के दिन लड़थे। \v 4 ओ दिन यहोवा ह यरूसलेम के पूरब म जैतून पहाड़ ऊपर जाके ठाढ़ होही, अऊ जैतून पहाड़ ह पूरब अऊ पछिम दू भाग म बंट जाही अऊ मांझा म एक बड़े घाटी बन जाही, जेकर ले आधा पहाड़ उत्तर कोति अऊ आधा पहाड़ दक्खिन कोति हट जाही। \v 5 तब तेंह मोर ये पहाड़ के घाटी ले होके भागबे, काबरकि ये घाटी ह आसेल तक फईले होही। तेंह अइसे भागबे, जइसे तेंह यहूदा के राजा उजियाह के दिन म आय भुइंडोल के समय म भागे रहय।\f + \fr 14:5 \fr*\ft देखव \+xt आमो 1:1\+xt*\ft*\f* तब यहोवा मोर परमेसर ह जम्मो पबितर मनखेमन संग आही। \p \v 6 ओ दिन न तो सूरज के अंजोर होही अऊ न ही ठंडा, पर कुहरा ले भरे अंधियार होही। \v 7 ओह एक अलग दिन होही—एक अइसे दिन जेला सिरिप यहोवा ही जानथे—दिन अऊ रथिया के बीच कोनो अंतर नइं होही। जब सांझ होही, तब अंजोर होही। \p \v 8 ओ दिन जिनगी के पानी ह यरूसलेम ले बहके निकलही, येमा के आधा पानी पूरब के मिरतू सागर कोति अऊ आधा पानी पछिम के भूमध्य सागर कोति बहही, अऊ येह धूपकाला अऊ संगे-संग जड़काला म घलो बहते रहिही। \p \v 9 जम्मो धरती ऊपर यहोवा ही राजा होही। ओ दिन एक ही यहोवा होही, अऊ सिरिप ओकरे ही नांव होही। \p \v 10 जम्मो भुइयां, गेबा सहर ले लेके यरूसलेम के दक्खिन म रिम्मोन नगर तक अराबाह के सहीं हो जाही। पर बिनयामीन दुवार ले लेके पहिले दुवार के जगह तक, कोना के दुवार तक, अऊ हनानेल के मीनार ले लेके राजसाही अंगूर के रसकुंडमन तक यरूसलेम ला ऊंचा करे जाही, अऊ येह अपन जगह म बने रहिही। \v 11 मनखेमन आके उहां बसहीं; अऊ येला फेर कभू नास नइं करे जाही। यरूसलेम सुरकछित रहिही। \p \v 12 ओ जातिमन, जऊन मन यरूसलेम ले लड़ई करिन, ओ जम्मो ऊपर यहोवा अइसन महामारी लानही कि जब ओमन अपन गोड़ म ठाढ़े रहिहीं, त ओमन के मांस ह सड़ जाही, ओमन के आंखीमन ओमन के गोलक म ही सड़ जाहीं, अऊ ओमन के जीभमन ओमन के मुहूं म ही सड़ जाहीं। \v 13 ओ दिन यहोवा के दुवारा मनखेमन म बड़े आतंक के संग घबराहट फईलही। ओमन एक-दूसर ला हांथ से पकड़ लीहीं अऊ एक-दूसर ऊपर हमला करहीं। \v 14 यहूदा घलो आके यरूसलेम म लड़ही। आसपास के जम्मो जाति के संपत्ति ला इकट्ठा करे जाही—जेमा बहुंत अकन सोन, चांदी अऊ कपड़ा होही। \v 15 अइसने ही किसम के एक महामारी घोड़ा, खच्चर, ऊंट, गदहा अऊ ओ डेरामन के जम्मो पसुमन ऊपर आही। \p \v 16 तब ओ जम्मो जाति के मनखे, जेमन यरूसलेम ऊपर हमला करे रिहिन, ओमा के बांचे मनखेमन हर साल यरूसलेम जाके राजा, सर्वसक्तिमान यहोवा के अराधना करहीं, अऊ पबितर-तम्बूमन के तिहार मनाहीं। \v 17 यदि धरती के मनखेमन ले कोनो मनखे राजा, सर्वसक्तिमान यहोवा के अराधना करे बर यरूसलेम नइं जाही, त ओमन के इहां बारिस नइं होही। \v 18 कहूं मिसर के मनखेमन अराधना म भाग लेय बर नइं जाहीं, त ओमन के इहां घलो बारिस नइं होही। यहोवा ओमन ऊपर ओ महामारी लानही, जेला ओह ओ जातिमन ऊपर लानथे, जऊन मन पबितर-तम्बूमन के तिहार मनाय बर नइं जावंय। \v 19 येह मिसर देस के मनखेमन के सजा अऊ ओ जम्मो जातिमन के सजा होही, जेमन पबितर-तम्बूमन के तिहार मनाय बर नइं जावंय। \p \v 20 ओ दिन घोड़ामन के गरदन म लटके घंटीमन म ये सबद खोदके लिखाय होही, “यहोवा बर पबितर,” अऊ यहोवा के घर म खाना पकाय के बरतनमन बेदी के आघू म रखे पबितर कटोरामन सहीं होहीं। \v 21 यरूसलेम अऊ यहूदा म हर एक बरतन सर्वसक्तिमान यहोवा बर पबितर होही, अऊ ओ जम्मो जऊन मन बलि चघाय बर आहीं, ओमन ओ बरतनमन ले कुछू बरतन ला लीहीं अऊ ओमा खाना पकाहीं। अऊ ओ दिन सर्वसक्तिमान यहोवा के घर म फेर कभू कोनो कनानी\f + \fr 14:21 \fr*\ft या \ft*\fqa बेपारी\fqa*\f* नइं होही।