\id SNG - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h उत्तम गीत \toc1 उत्तम गीत सुलेमान के \toc2 उत्तम गीत \toc3 उत्तम \mt1 उत्तम गीत \mt2 सुलेमान के \c 1 \p \v 1 सुलेमान के उत्तम गीत। \b \sp दुलहिन \q1 \v 2 ओह अपन मुहूं ले मोर चूमा लेवय— \q2 काबरकि तोर मया ह अंगूर के मंद ले जादा खुसी देथे। \q1 \v 3 तोर इतर के खुसबू ह बने लगथे; \q2 तोर नांव ह ढारे गय इतर के सहीं अय। \q2 एकरसेति जवान माईलोगनमन तोर ले मया करथें! \q1 \v 4 मोला अपन संग ले चल—आ हमन भाग जावन! \q2 राजा ह मोला अपन कमरा म ले जावय। \sp सहेलीमन \q1 हमन तोर म आनंद अऊ खुसी मनाथन; \q2 हमन अंगूर के मंद ले जादा तोर मया के गुनगान करबो। \sp दुलहिन \q1 ओमन तोर ले मया करके सही करथें! \b \q1 \v 5 हे यरूसलेम के बेटीमन, \q2 मेंह कारी तो हंव, फेर सुघर हंव, \q1 केदार\f + \fr 1:5 \fr*\ft केदार ह इसमायल के एक गोत्र रिहिस; देखव (\+xt उत 25:13\+xt*; \+xt यसा 21:16‑17‑17\+xt*; \+xt भजन 120:5\+xt*); येमन खास करके करिया तम्बू म निवास करंय\ft*\f* के तम्बूमन सहीं कारी, \q2 सुलेमान के तम्बू के परदामन सहीं। \q1 \v 6 मोला एकटक झन देख, काबरकि मेंह कारी हंव। \q2 काबरकि मेंह सूरज ले झोला गे हंव। \q1 मोर भाईमन मोर ले गुस्सा करिन \q2 अऊ ओमन मोला अंगूर के बारीमन के रखवारीन बना दीन; \q2 मेंह अपन खुद के अंगूर के बारी के रखवारी नइं करेंव। \q1 \v 7 मोला बता, तें मोर मयारू, \q2 अपन भेड़-बकरीमन ला कहां चराथस? \q2 अऊ मंझनियां तेंह ओमन ला कहां सुरताय बर रखथस? \q1 तोर संगीमन के भेड़-बकरीमन के बाजू म, \q2 मेंह काबर घूंघट ढांके माईलोगन सहीं होवंव? \sp सहेलीमन \q1 \v 8 हे सबले सुघर माईलोगन, कहूं तेंह नइं जानत हस, \q2 त भेड़मन के खुर के चिनहां ला देखत चल \q1 अऊ चरवाहामन के तम्बूमन के तीर म \q2 अपन छेरी-पीलामन ला चरा। \sp दूल्हा \q1 \v 9 हे मोर मयारू, मेंह तोर तुलना \q2 फिरौन के रथमन म फंदाय घोड़ामन के बीच एक घोड़ी ले करथंव। \q1 \v 10 तोर गाल ह कनफूली के संग, \q2 अऊ तोर घेंच ह जेवर ले पीरोय हार के संग सुघर लगथे। \q1 \v 11 हमन तोर बर चांदी के जड़े \q2 सोन के कनफूली बनवाबो। \sp दुलहिन \q1 \v 12 राजा ह जब अपन मेज करा बईठे रिहिस, \q2 त मोर इतर ह अपन खुसबू फईलाईस। \q1 \v 13 मोर मयारू ह मोर बर लोहबान के छोटे खुसबू के थैली सहीं अय, \q2 जऊन ह मोर छाती के बीच म रहिथे। \q1 \v 14 मोर मयारू ह मोर बर मेंहदी के फूलमन के गुच्छा सहीं अय, \q2 जऊन ह एन-गदी\f + \fr 1:14 \fr*\fq एन-गदी \fq*\ft ह मिरतू सागर के दक्खिन-पछिम किनारा म छइहांवाले एक उपजाऊ जगह अय, जिहां पानी के सोत हवय\ft*\f* के अंगूर के बारीमन म मिलथे। \sp दूल्हा \q1 \v 15 हे मोर मयारू, तें कतेक सुघर हस! \q2 सिरतों म, कतेक सुघर हस! \q2 तोर आंखीमन पंड़की के सहीं हवंय। \sp दुलहिन \q1 \v 16 हे मोर मयारू, तें कतेक सुघर हस! \q2 सिरतों म, कतेक मोह लेनेवाला हस! \q2 अऊ हमर दसना ह ताजा हवय। \sp दूल्हा \q1 \v 17 हमर घरमन के कड़ीमन देवदार के, \q2 अऊ हमर छानी के लकड़ीमन घलो देवदार के अंय। \c 2 \sp दुलहिन \q1 \v 1 में सारोन\f + \fr 2:1 \fr*\fq सारोन \fq*\ft इसरायल के भूमध्य सागर के किनारा के इलाका (देखव \+xt यसा 35:2 अऊ 65:10\+xt*)\ft*\f* के गुलाब, \q2 अऊ घाटीमन के कुमुदिनी फूल अंव। \sp दूल्हा \q1 \v 2 मोर मयारू ह जवान माईलोगन के बीच म, \q2 कांटामन के बीच म कुमुदिनी फूल सहीं अय। \sp दुलहिन \q1 \v 3 जइसने कि जंगल के रूखमन के बीच म एक सेव के रूख, \q2 वइसने ही मोर मयारू ह जवानमन के बीच म अय। \q1 मोला ओकर छइहां म बईठके खुसी मिलथे, \q2 अऊ ओकर फर के सुवाद ह मोला मीठ लगथे। \q1 \v 4 ओह मोला भोज के घर म ले जावय, \q2 अऊ ओकर मया के धजा ह मोर ऊपर होवय। \q1 \v 5 मोला किसमिस के दाना ले ताकत देवव, \q2 अऊ सेव के फर ले मोला तरो-ताजा करव, \q2 काबरकि मेंह मया म दुरबल हो गे हवंव। \q1 \v 6 ओकर डेरी हांथ ह मोर मुड़ के तरी म हवय, \q2 अऊ ओकर जेवनी हांथ ह मोला पोटारथे। \q1 \v 7 हे यरूसलेम के बेटीमन, मेंह तुमन ला \q2 सुघर छोटे हिरन अऊ भांठा के हिरनीमन के किरिया खवाके कहत हंव: \q1 जब तक मया ह खुदे नइं जाग उठय, \q2 तब तक तुमन ओला झन भड़कावव या जगावव। \b \q1 \v 8 सुन! हे मोर मयारू! \q2 देख! ओह आवत हे, \q1 ओह पहाड़मन ला पार करके, \q2 पहाड़ीमन ले उछलत-कूदत आवत हे। \q1 \v 9 मोर मयारू ह सुघर छोटे हिरन या जवान बारासींगा सहीं अय। \q2 देखव! ओह हमर दीवार के पाछू म ठाढ़े हवय, \q1 ओह खिड़की म ले देखत हे, \q2 ओह जालीमन म ले झांकत हे। \q1 \v 10 मोर मयारू ह मोर ले गोठियाईस अऊ कहिस, \q2 “हे मोर मयारू, उठ! \q2 हे मोर सुघर जन, मोर संग चल। \q1 \v 11 देख, जड़काला ह बीत गे; \q2 अऊ बारिस ह घलो खतम हो गीस अऊ चल दीस। \q1 \v 12 धरती म फूलमन फूलथें; \q2 गाना गाय के समय आ गे हवय, \q1 हमर भुइयां म पंड़कीमन के \q2 गुटरे के बोली सुनई देवत हे। \q1 \v 13 अंजीर के रूख म ओकर छोटे फर लगे के सुरू हो गे हवय; \q2 अंगूर के नारमन म फूले फूल के खुसबू बगरत हवय। \q1 हे मोर मयारू! उठ, आ; \q2 मोर सुघर जन, मोर संग चल।” \sp दूल्हा \q1 \v 14 हे मोर पंड़की! चट्टानमन के दरार म, \q2 पहाड़मन के छुपे के जगह म, \q1 मोला अपन चेहरा देखा, \q2 मोला अपन बोली सुना; \q1 काबरकि तोर बोली ह गुरतूर हवय, \q2 अऊ तोर चेहरा ह सुघर हवय। \q1 \v 15 हमर बर कोलिहामन ला पकड़व, \q2 ओ नान-नान कोलिहामन ला \q1 जऊन मन अंगूर के बारीमन ला उजारथें, \q2 काबरकि हमर अंगूर के बारीमन म फूल आवत हवंय। \sp दुलहिन \q1 \v 16 मोर मयारू ह मोर अय अऊ मेंह ओकर अंव; \q2 ओह भेड़-बकरी ला कुमुदिनी फूलमन के बीच म चराथे। \q1 \v 17 संझा के होवत ले \q2 अऊ जब तक छइहां ह लम्बा होके मिटा नइं जावय, \q1 लहुंट आ, हे मोर मयारू, \q2 अऊ सुघर छोटे हिरन सहीं हो जा \q1 या बेतेर के पहाड़ीमन के \q2 जवान बारासींगा सहीं हो जा। \b \c 3 \q1 \v 1 में रोज रात भर ओला अपन बिस्तर म खोजेंव, \q2 जऊन ला मोर हिरदय ह मया करथे। \q2 मेंह ओला खोजेंव, फेर ओला नइं पायेंव। \q1 \v 2 अब मेंह उठहूं अऊ सहर म, \q2 येकर गली अऊ चऊकमन म ओला खोजहूं; \q1 मेंह ओला खोजहूं, जेला मेंह दिल से मया करथंव। \q2 एकरसेति मेंह ओला खोजेंव, पर ओह नइं मिलिस। \q1 \v 3 जऊन पहरा देवइयामन सहर के पहरा देवत किंदरत रहिथें, \q2 ओमन ला मेंह भेंटेंव, \q2 अऊ मेंह ओमन ला पुछेंव “का तुमन ओला देखे हव, जेला मेंह दिल से मया करथंव?” \q1 \v 4 मेंह ओमन ले थोरकून दूरिहा गे रहेंव \q2 कि मोला ओह मिलिस, जेला मेंह अपन दिल से मया करथंव। \q1 मेंह ओला पोटार लेंव अऊ ओला जावन नइं देंव \q2 जब तक कि मेंह ओला अपन दाई के घर म नइं ले गेंव, \q2 याने अपन दाई के घर म, जऊन ह मोला अपन गरभ म रखे रिहिस। \q1 \v 5 हे यरूसलेम के बेटीमन, मेंह तुमन ला सुघर छोटे हिरन \q2 अऊ भांठा के हिरनीमन के किरिया खवाके कहत हंव: \q1 जब तक मया ह खुदे नइं जाग उठय \q2 तब तक तुमन ओला झन भड़कावव या जगावव। \b \q1 \v 6 येह का ए, जऊन ह कुहरा के खंभा सहीं \q2 सुन्ना जगह ले आवत हे; \q1 येह गंधरस अऊ लोहबान के खुसबू ले भरे हवय \q2 अऊ बेपारीमन के जम्मो मसाला ले बने हवय? \q1 \v 7 देखव, येह तो सुलेमान के पालकी अय, \q2 साठ जन योद्धा ओला पहरा देवत चलत हें, \q2 अऊ येमन इसरायल के सूरबीर अंय, \q1 \v 8 ओ जम्मो के जम्मो तलवार धरे हवंय \q2 अऊ लड़ई म अनुभवी अंय, \q1 हर एक के बाजू म तलवार बंधाय हवय, \q2 अऊ ओमन रथिया के खतरा के सामना करे बर तियार हवंय। \q1 \v 9 राजा सुलेमान ह अपन बर पालकी बनवाय हवय; \q2 ओह लबानोन के लकड़ी ले येला बनवाय हवय। \q1 \v 10 ओह येकर खंभामन ला चांदी ले, \q2 अऊ ओकर आधार ला सोन ले बनवाय हवय। \q1 ओकर बईठे के जगह ला बैंगनी ओनहा ले बनवाय हवय, \q2 ओकर भीतर के जगह ला मया ले सजाय गे रहय। \q1 हे यरूसलेम के बेटीमन, \v 11 बाहिर निकलव, \q2 अऊ तुमन देखव, हे सियोन के बेटीमन। \q1 मुकुट पहिरे सुलेमान राजा ला देखव, \q2 ओ मुकुट, जेला ओकर दाई ह \q1 ओला ओकर बिहाव के दिन पहिराईस, \q1 ओ दिन, जब ओकर मन ह आनंदित रिहिस। \c 4 \s1 दूल्हा \q1 \v 1 हे मोर मयारू, तेंह कतेक सुघर हस! \q2 सच म, कतेक सुघर हस! \q2 तोर घूंघट के भीतर तोर आंखी ह पंड़की के सहीं अय। \q1 तोर चुंदी ह गिलाद के पहाड़ीमन ले उतरत \q2 छेरीमन के बरदी सहीं अय। \q1 \v 2 तोर दांतमन अभीच ऊन कतरे भेड़मन के बरदी सहीं अंय, \q2 जऊन ह नहा-खोरके ऊपर आवत हवय। \q1 जेमा ले हर एक के जुड़वां हवय; \q2 ओमा के कोनो अकेला नइं ए। \q1 \v 3 तोर ओंठ ह सिन्दूरी रंग के फीता सहीं अय; \q2 तोर मुहूं ह मनमोहना अय। \q1 घूंघट के भीतर तोर कनपटी ह \q2 अनार के आधा कुटा के सहीं दिखथे। \q1 \v 4 तोर घेंच ह दाऊद के मीनार सहीं अय, \q2 जऊन ह पथरा ला रचके बनाय गे हवय; \q1 जेकर ऊपर हजार ढालमन टंगाय हवंय, \q2 अऊ ओ जम्मो ढालमन सूरबीरमन के अंय। \q1 \v 5 तोर दूनों स्तन हिरन के दू ठन पीलामन के सहीं अंय, \q2 हिरन के दू ठन जुड़वां पीला सहीं, \q2 जऊन मन कुमुदिनी फूलमन के बीच म चरथें। \q1 \v 6 जब तक दिन जुड़ा नइं जावय \q2 अऊ छइहां ह लम्बा होके मिटा नइं जावय, \q1 तब तक में लोहबान के पहाड़ \q2 अऊ धूप के पहाड़ी ऊपर जाहूं। \q1 \v 7 हे मोर मयारू, तेंह एकदम सुघर हस; \q2 तोर म कोनो कमी नइं ए। \b \q1 \v 8 हे मोर दुलहिन, लबानोन ले मोर संग आ, \q2 लबानोन ले मोर संग आ। \q1 अमाना के टीप ले, \q2 सनीर, याने कि हेरमोन के टीप ले खाल्हे उतर, \q1 सेरमन के मांद ले \q2 अऊ चीतवामन के पहाड़ी डेरामन ले चले आ। \q1 \v 9 हे मोर बहिनी, मोर दुलहिन, तेंह तो मोर मन ला मोही डारे; \q2 अपन आंखी के एक नजर ले, \q1 अपन माला के एक ही हीरा ले, \q2 मोर मन ला मोही डारे। \q1 \v 10 हे मोर बहिनी, मोर दुलहिन, तोर मया ह कतेक खुसी देवत हे! \q2 तोर मया ह अंगूर के मंद ले घलो बढ़के खुसी देवत हे, \q1 अऊ तोर इतर के खुसबू ह \q2 कोनो मसाला के खुसबू ले घलो जादा बने अय! \q1 \v 11 हे मोर दुलहिन, तोर ओंठ ले मधु-छत्ता के सहीं मिठास ह चूहथे, \q2 तोर जीभ के तरी म मंधरस अऊ दूध के मिठास हवय। \q1 तोर ओनहा के खुसबू ह \q2 लबानोन के खुसबू सहीं अय। \q1 \v 12 हे मोर बहिनी, मोर दुलहिन, तेंह एक ताला लगे बारी के सहीं अस; \q2 तेंह बंद करे गय एक झरना अऊ मुहर लगे सोता अस। \q1 \v 13 तोर पऊधामन अनार के एक बारी अंय, \q2 जेमा सबले बढ़िया फर, \q2 मेंहदी अऊ गुलमेंहदी, \q1 \v 14 गुलमेंहदी अऊ केसर, \q2 तेजपान अऊ दालचीनी, \q2 खुसबूवाला जम्मो किसम के रूख, \q2 लोहबान अऊ मुसब्बर \q2 अऊ जम्मो किसम के बढ़िया मसाला के रूख हवंय। \q1 \v 15 तेंह फव्वारा के बारी अस, \q2 तेंह बहत पानी के कुआं \q2 अऊ लबानोन ले बोहावत पानी के धार अस। \sp दुलहिन \q1 \v 16 हे उत्तर कोति के पवन, जाग, \q2 अऊ हे दक्खिन कोति के पवन, आ! \q1 मोर बारी म बह \q2 ताकि येकर खुसबू ह हर जगह बगरय। \q1 मोर मयारू ह ओकर बारी म आवय \q2 अऊ येकर मनचाहे फरमन ला खावय। \c 5 \sp दूल्हा \q1 \v 1 हे मोर बहिनी, मोर दुलहिन, मेंह अपन बारी म आ गे हंव; \q2 मेंह अपन लोहबान ला अपन मसाला संग संकेल ले हंव। \q1 मेंह मंधरस सहित अपन मधु-छत्ता ला खा ले हंव; \q2 मेंह अपन अंगूर के मंद अऊ दूध पी ले हंव। \sp सहेलीमन \q1 हे सहेलीमन खावव अऊ पीयव; \q2 अपन बड़े मया से पीयव। \s1 दुलहिन \q1 \v 2 में तो सुते रहेंव, पर मोर मन ह जागत रिहिस। \q2 सुन! मोर मयारू ह कपाट ला खटखटावत हे अऊ कहत हे, \q1 “हे मोर बहिनी, मोर मयारू, \q2 मोर पंड़की, मोर उत्तम जन! मोर बर कपाट ला खोल। \q1 मोर मुड़ ह ओस म, \q2 अऊ मोर चुंदी ह रथिया के नमी म भीग गे हवय।” \q1 \v 3 मेंह अपन ओनहा ला उतार चुके हंव— \q2 का ओला फेर पहिर लंव? \q1 मेंह अपन गोड़ ला धो डारे हंव— \q2 का ओला फेर मईला करंव? \q1 \v 4 मोर मयारू ह अपन हांथ ले कपाट के सिटकिनी ला धक्का देवथे; \q2 मोर हिरदय ह ओकर मया बर छलकत हे। \q1 \v 5 मेंह अपन मयारू बर कपाट ला खोले बर उठेंव, \q2 अऊ मोर हांथ ले लोहबान चूहत रिहिस, \q1 मोर अंगठीमन ले लोहबान ह \q2 बेड़ी के मुठ म बह गीस। \q1 \v 6 मेंह अपन मयारू बर कपाट ला खोलेंव, \q2 पर मोर मयारू ह वापिस चल देय रिहिस; ओह चले गीस। \q2 ओकर जाय ले मोर मन ह बियाकुल होईस। \q1 मेंह ओला खोजेंव, पर नइं पायेंव। \q2 मेंह ओला बलाएंव, पर ओह जबाब नइं दीस। \q1 \v 7 जब पहरेदारमन सहर म पहरा देवत रिहिन, \q2 त ओमन मोला भेंटिन। \q1 ओमन मोला मारिन अऊ मोला घायल कर दीन; \q2 ओ सहर के दीवारमन के पहरेदारमन, \q2 मोर ओढ़ना ला लूटके ले गीन। \q1 \v 8 हे यरूसलेम के बेटीमन, तुमन मोर ले वायदा करव— \q2 कहूं तुमन ला मोर मयारू ह मिल जावय, \q1 त तुमन ओला बताहू \q2 कि मोला मया के रोग हो गे हवय। \s1 सहेलीमन \q1 \v 9 हे माईलोगन म परम सुन्दरी, \q2 तोर मयारू ह आने मन ले कोन बात म उत्तम हवय? \q1 तोर मयारू ह कोन बात म आने मन ले बने अय, \q2 कि तेंह हमन ला अइसने वायदा करवात हस? \sp दुलहिन \q1 \v 10 मोर मयारू ह हंसमुख अऊ चमकीला ए, \q2 ओह दस हजार मनखे म उत्तम अय। \q1 \v 11 ओकर मुड़ ह सुध सोन के सहीं अय; \q2 ओकर चुंदी ह लहर सहीं \q2 अऊ कऊआ सहीं करिया हवय। \q1 \v 12 ओकर आंखीमन पंड़कीमन सहीं अंय \q2 जऊन मन बोहावत पानी के तीर म, \q1 दूध म धोवाके, \q2 माला म पीरोय जेवर सहीं कतार म हवंय। \q1 \v 13 ओकर गालमन खुसबू देवत \q2 मसाला के दसना सहीं अंय। \q1 ओकर ओंठ ह कुमुदिनी फूल सहीं अय \q2 जेमा ले लोहबान चूहत रहिथे। \q1 \v 14 ओकर बाहांमन पुखराज ले सजे \q2 सोन के छड़ सहीं अंय। \q1 ओकर देहें ह नीलमनि ले सजे \q2 चमकत हाथी-दांत सहीं अय। \q1 \v 15 ओकर गोड़मन सुध सोन के नीव म बईठाय \q2 संगमरमर के खंभामन सहीं अंय। \q1 ओकर रूप ह लबानोन के सहीं हवय, \q2 अऊ देवदार के सहीं मनोहर हवय। \q1 \v 16 ओकर मुहूं\f + \fr 5:16 \fr*\ft या \ft*\fqa गोठ\fqa*\f* के अपन मिठास हवय; \q2 ओह हर किसम ले मयारू ए। \q1 हे यरूसलेम के बेटीमन, \q2 येह मोर मयारू ए अऊ येह मोर संगी अय। \c 6 \sp सहेलीमन \q1 \v 1 हे माईलोगन म परम सुन्दरी, \q2 तोर मयारू ह कहां चल दीस? \q1 तोर मयारू ह कते अंग चल दीस, \q2 बता कि हमन घलो तोर संग ओला खोजन? \sp दुलहिन \q1 \v 2 मोर मयारू ह खाल्हे अपन बारी कोति गे हवय \q2 जिहां मसाला के पऊधामन के क्यारी हवय, \q1 ओह बारी म भेड़-बकरी चराय बर \q2 अऊ कुमुदिनी फूल बटोरे बर गे हवय। \q1 \v 3 मेंह अपन मयारू के अंव अऊ मोर मयारू ह मोर अय; \q2 ओह भेड़-बकरी ला कुमुदिनी फूलमन के बीच म चराथे। \sp दूल्हा \q1 \v 4 हे मोर मयारू, तें तिरसा\f + \fr 6:4 \fr*\ft तिरसा ह उत्तरी इसरायल के पहिले के राजधानी रिहिस; देखव \+xt 1 राजा 14:17 अऊ 15:33\+xt*\ft*\f* के सहीं सुघर, \q2 यरूसलेम के सहीं मनभावन, \q2 अऊ धजा फहरावत सेना सहीं सानदार हस। \q1 \v 5 अपन नजर ला मोर कोति ले हटा ले; \q2 काबरकि ओमन मोला अभिभूत कर देथें। \q1 तोर चुंदी ह गिलाद पहाड़ ले उतरत \q2 छेरीमन के बरदी सहीं अय। \q1 \v 6 तोर दांतमन नहा-खोरके ऊपर आवत \q2 भेड़मन के बरदी सहीं अंय, \q1 जेमा ले हर एक के जुड़वां हवय, \q2 अऊ ओमा के कोनो नइं गंवाय हवय। \q1 \v 7 तोर घूंघट के भीतर तोर कनपटी ह \q2 अनार के आधा फर के सहीं अय। \q1 \v 8 उहां साठ झन रानी, \q2 अऊ अस्सी झन रखैल, \q2 अऊ अब्बड़ अकन कुंवारी नोनीमन हो सकथें; \q1 \v 9 पर मोर पंड़की, मोर सिद्ध जन ह तो अनोखा अय, \q2 ओह तो अपन दाई के एकलऊती बेटी अय, \q2 अऊ अपन जनम देवइया दाई के दुलारी अय। \q1 जवान माईलोगनमन ओला देखिन अऊ ओला धइन कहिन; \q2 रानीमन अऊ रखैलमन ओकर बड़ई करिन। \sp सहेलीमन \q1 \v 10 येह कोन ए, जेकर सोभा बिहान पाय के सोभा सहीं हवय, \q2 चंदा के सहीं साफ-सुघर, सूरज के सहीं चमकीला, \q2 अऊ धजा धरे सेनामन सहीं सोभायमान हवय? \sp दुलहिन \q1 \v 11 मेंह अखरोट के बारी म गेंव \q2 कि घाटी म नवां बढ़त रूख-रई ला देखंव, \q1 अऊ देखंव कि अंगूर के नारमन म पीका आवत हे कि नइं \q2 या अनार के रूख म फूल फूलत हे कि नइं। \q1 \v 12 एकर पहिली कि में ये बात ला समझतेंव, \q2 मोर मन ह मोला मोर मनखेमन के राजसी रथमन म लगा दीस। \sp सहेलीमन \q1 \v 13 लहुंट आ, लहुंट आ, हे सुलाम के माईलोगन; \q2 लहुंट आ, लहुंट आ, कि हमन तोला एकटक देखन! \sp दूल्हा \q1 दू ठन दलमन\f + \fr 6:13 \fr*\ft महनैम, देखव \+xt उत 32:2\+xt*\ft*\f* के नाचा ला देखे सहीं, \q2 तुमन सुलाम के माईलोगन ला एकटक काबर देखहू? \b \c 7 \q1 \v 1 हे राजकुमारी, कतेक सुघर लगत हें, \q2 पनही पहिरे तोर पांवमन! \q1 तोर सुघर गोड़मन अइसे जेवर के सहीं अंय, \q2 जऊन ला कोनो कारीगर ह अपन हांथ ले बनाय हवय। \q1 \v 2 तोर पेट के बोर्री ह गोल कटोरा के सहीं अय, \q2 जेमा मसाला मिले मंद के कमी कभू नइं होवय; \q1 तोर पेट ह गहूं के कुढ़ा के सहीं अय, \q2 जऊन ह चारों कोति कुमुदिनी फूल ले सजे हवय। \q1 \v 3 तोर दूनों स्तन हिरन के दू ठन पीलामन के सहीं अंय, \q2 हिरन के दू ठन जुड़वां पीला सहीं। \q1 \v 4 तोर घेंच ह हाथी-दांत के मीनार के सहीं अय। \q1 तोर आंखी ह हेसबोन\f + \fr 7:4 \fr*\fq हेसबोन \fq*\ft ह यरदन घाटी के पूरब कोति मोआब देस म एक सहर अय\ft*\f* के ओ कुंड के सहीं अय \q2 जऊन ह बेथ-रब्बीम के कपाट के लकठा म हवय। \q1 तोर नाक ह लबानोन के ओ मीनार के सहीं अय \q2 जेकर मुंहटा ह दमिस्क कोति हवय। \q1 \v 5 तोर मुड़ ह करमेल पहाड़ के सहीं तोला सोभा देवत हे। \q2 तोर मुड़ के घुंघराली चुंदी ह राजसी कपड़ा के सूंत सहीं हवय; \q2 राजा तो तोर बेनीमन म मोहा गे हवय। \q1 \v 6 हे मोर मयारू, तेंह कतेक सुघर \q2 अऊ अपन खुसी के संग कतेक मनमोहनी अस! \q1 \v 7 तोर डीलडौल ह खजूर के रूख के सही अय, \q2 अऊ तोर स्तन ह खजूर के झोंथामन सहीं अय। \q1 \v 8 मेंह कहेंव, “में खजूर के रूख म चघहूं; \q2 मेंह ओकर फर ला धर लूहूं।” \q1 तोर स्तन ह अंगूर के झोंथामन सहीं होवय, \q2 तोर सांस के महक ह सेव फर के सहीं होवय, \q1 \v 9 अऊ तोर मुहूं ह खांटी अंगूर के मंद सहीं होवय। \s1 दुलहिन \q2 अंगूर के मंद ह सीधा जाके \q2 मोर मयारू के ओंठ अऊ दांत ऊपर धीरे-धीरे बोहावय। \q1 \v 10 मेंह अपन मयारू के अंव, \q2 अऊ ओह मोर लालसा करत रहिथे। \q1 \v 11 हे मोर मयारू, आ, हमन गांव के खेत कोति जावन, \q2 आ, गांव म हमन अपन रात बितावन। \q1 \v 12 आ, हमन बिहनियां उठके अंगूर के बारी म जावन \q2 अऊ ये देखन कि अंगूर के नार म फूल धरत हे कि नइं, \q1 ओमन के कलीमन खिलत हें कि नइं, \q2 अऊ अनार फूल खिलत हें कि नइं— \q2 उहां मेंह तोला अपन मया दूहूं। \q1 \v 13 दूदा फर\f + \fr 7:13 \fr*\ft अइसे बिसवास करे जाथे कि ये फर ला खाय ले सारीरिक संबंध अऊ जननसक्ति बढ़थे; \+xt उत 30:14‑16\+xt*\ft*\f* ह अपन खुसबू बगरावत हे, \q2 अऊ हमर मुंहटामन म जम्मो किसम के उत्तम फर हवंय, \q1 नवां अऊ जुन्ना दूनों, \q2 हे मोर मयारू, मेंह येला तोर बर कुढ़ोके रखे हंव। \b \c 8 \q1 \v 1 कास, तेंह मोर भाई के सहीं होते, \q2 जऊन ह मोर दाई के छाती ले दूध पीये रिहिस। \q1 तब, कहूं मेंह तोला बाहिर म भेंटतेंव, \q2 त में तोला चूमतेंव, \q2 अऊ कोनो मोला तुछ नइं समझतिन। \q1 \v 2 मेंह तोला डहार देखातेंव \q2 अऊ तोला अपन दाई के घर म ले आतेंव— \q2 जऊन ह मोला सिखोय हवय। \q1 मेंह तोला पीये बर मसाला मिले अंगूर के मंद देतेंव, \q2 अऊ अपन अनार के रस घलो देतेंव। \q1 \v 3 ओकर डेरी हांथ मोर मुड़ के तरी म हवय \q2 अऊ ओकर जेवनी हांथ ह मोला पोटारथे। \q1 \v 4 हे यरूसलेम के बेटीमन, मेंह तुमन ला किरिया खवाके कहत हंव: \q2 जब तक मया ह खुदे नइं जाग उठय, \q2 तब तक तुमन ओला झन भड़कावव या जगावव। \s1 सहेलीमन \q1 \v 5 येह कोन ए जऊन ह अपन मयारू ऊपर मुड़ टेके \q2 सुनसान जगह ले चले आवत हे? \sp दुलहिन \q1 सेव रूख के तरी म मेंह तोला जगांय; \q2 उहां तोर दाई ह तोला गरभ म धरिस, \q2 उहां ओह पीरा सहके तोला जनम दीस। \q1 \v 6 तें मोला मुहर के सहीं अपन हिरदय म लगा ले, \q2 अऊ मुहर के सहीं अपन बाहां म लगा ले; \q1 काबरकि मया ह मिरतू के सहीं बलवान ए, \q2 येकर जलन ह कबर के सहीं निरदयी अय। \q1 येह धधकत आगी सहीं बरथे, \q2 येह एक बड़े जुवाला सहीं बरथे। \q1 \v 7 पानी के बाढ़ ह घलो मया ला नइं बुता सकय; \q2 नदीमन येला बहाके नइं ले जा सकंय। \q1 यदि कोनो अपन घर के जम्मो संपत्ति ला \q2 मया के बदला म दे देवय, \q2 तभो ले ओ संपत्ति ला बहुंत तुछ समझे जाही। \sp सहेलीमन \q1 \v 8 हमर एक छोटे बहिनी हवय, \q2 ओकर छाती ह अभी नइं बढ़े हवय। \q1 जऊन दिन हमर बहिनी के बारे म गोठियाय जाही, \q2 ओ दिन हमन ओकर बर का करबो? \q1 \v 9 कहूं ओह दीवार होतिस, \q2 त हमन ओकर ऊपर चांदी के मीनार बनातेंन। \q1 कहूं ओह कपाट होतिस, \q2 त हमन देवदार रूख के पल्ला ले ओला बंद करतेंन। \s1 दुलहिन \q1 \v 10 मेंह एक दीवार अंव, \q2 अऊ मोर छातीमन मीनार के सहीं अंय। \q1 ये किसम ले मेंह ओकर आंखी म \q2 संतोस देवई सहीं हो गे हंव। \q1 \v 11 बाल-हामोन म सुलेमान के एक ठन अंगूर के बारी रिहिस; \q2 ओह अपन अंगूर के बारी ला किरायादारमन ला दे दीस। \q1 ये ठहिराय गीस कि हर किरायादार ह फर के बदले \q2 चांदी के एक हजार सेकेल\f + \fr 8:11 \fr*\ft लगभग 12 किलोग्राम; \+xt पद 12|link-href="SNG 8:12"\+xt* म घलो; एक सेकेल याने कि एक दिन के बनी\ft*\f* दीही। \q1 \v 12 पर मोर खुद के अंगूर के बारी ह तो मोर अय अऊ मेंह येला कोनो ला भी दे सकत हंव; \q2 हे सुलेमान, एक हजार सेकेल तो तोर बर अय, \q2 अऊ दू सौ सेकेल ओमन बर अय, जऊन मन येकर फर के देखरेख करथें। \sp दूल्हा \q1 \v 13 तें जो बारीमन म, \q2 अपन सहेलीमन संग रहिथस, \q2 मोला तोर अवाज सुनन दे! \sp दुलहिन \q1 \v 14 हे मोर मयारू, जल्दी आ, \q2 अऊ छोटे सुघर हिरन सहीं हो जा \q1 या मसाला ले भरे पहाड़मन ऊपर \q2 जवान बारासींगा सहीं हो जा।