\id ROM - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h रोमीमन \toc1 रोमीमन ला पौलुस के लिखे चिट्ठी \toc2 रोमीमन \toc3 रोमी \mt1 रोमीमन \mt2 ला पौलुस के लिखे चिट्ठी \c 1 \po \v 1 ये चिट्ठी ह मसीह यीसू के सेवक पौलुस के तरफ ले अय, जऊन ह प्रेरित होय बर बलाय गीस, अऊ परमेसर के सुघर संदेस के परचार करे बर अलग करे गे हवय। \v 2 परमेसर ह बहुंत पहिली ले अपन अगमजानीमन के जरिये अपन पबितर बचन म ये सुघर संदेस के वायदा करे रिहिस। \v 3 ये सुघर संदेस ह ओकर बेटा हमर परभू यीसू मसीह के बारे म अय, जऊन ह मनखे रूप धरके दाऊद के बंस म पईदा होईस, \v 4 अऊ पबितर आतमा के मुताबिक, ओह सामर्थ के संग परमेसर के बेटा ठहिरिस, जब परमेसर ह यीसू मसीह ला मरे म ले जियाईस। \v 5 ओकरे जरिये हमन ला अनुग्रह अऊ प्रेरित के पद मिलिस, ताकि ओकर नांव के हित म, हमन जम्मो जाति के मनखेमन ला बलावन कि ओमन बिसवास करंय अऊ ओकर हुकूम ला मानंय। \v 6 अऊ तुम्हर घलो गनती ओमन म होथे, जऊन मन यीसू मसीह के होय बर बलाय गे हवंय। \po \v 7 ये चिट्ठी ह ओ जम्मो झन ला लिखे जावत हे, जऊन मन रोम सहर म हवंय अऊ परमेसर के मयारू अंय अऊ पबितर होय बर बलाय गे हवंय। \po हमर ददा परमेसर अऊ परभू यीसू मसीह कोति ले, तुमन ला अनुग्रह अऊ सांति मिलत रहय। \s1 पौलुस के रोम सहर जाय के ईछा \p \v 8 सबले पहिली, मेंह तुमन जम्मो झन बर यीसू मसीह के दुवारा अपन परमेसर के धनबाद करत हंव, काबरकि तुम्हर बिसवास के चरचा जम्मो संसार म होवत हवय। \v 9 परमेसर, जेकर सेवा मेंह अपन आतमा ले, ओकर बेटा के सुघर संदेस के परचार करे के दुवारा करथंव; ओह मोर गवाह हवय कि मेंह अपन पराथना म हमेसा तुमन ला सुरता करथंव \v 10 अऊ पराथना करथंव कि कोनो किसम ले, परमेसर के ईछा ले, मोला तुम्हर करा आय के मऊका मिलय। \p \v 11 तुमन ला देखे के, मोर बहुंत ईछा हवय ताकि मेंह तुम्हर संग कुछू आतमिक बरदान बांट सकंव कि तुमन बिसवास म मजबूत होवव। \v 12 मोर कहे के मतलब ये अय कि तुमन अऊ में आपस म एक-दूसर के बिसवास ले उत्साहित होवन। \v 13 हे भाईमन हो! मेंह तुमन ला बताय चाहथंव कि कतको बार मेंह तुम्हर करा आय के सोचेंव ताकि मोला तुम्हर बीच म परभावसाली रूप से काम करे के मऊका मिलय, जइसने आने आनजातमन के बीच म मोला मिलिस। पर अभी तक ले, मोला तुम्हर करा आय बर रोके गे हवय। \p \v 14 मेंह यूनानी अऊ गैर यूनानी के अऊ बुद्धिमान अऊ मुरूख दूनों मनखेमन बर बचनबद्ध हंव। \v 15 एकरसेति, मेंह तुमन ला घलो जऊन मन रोम म रहत हवव, सुघर संदेस सुनाय बर उत्सुक हवंव। \p \v 16 मेंह सुघर संदेस सुनाय बर नइं लजावंव, काबरकि जऊन मन एकर ऊपर बिसवास करथें, ओमन के उद्धार बर येह परमेसर के सामर्थ अय: पहिली यहूदीमन बर, तब फेर आनजातमन बर। \v 17 काबरकि सुघर संदेस म, परमेसर के धरमीपन ह बिसवास के दुवारा सुरू ले आखिरी तक परगट होथे, जइसने परमेसर के बचन म लिखे हवय: “धरमी मनखे ह बिसवास के दुवारा जीयत रहिही।”\f + \fr 1:17 \fr*\ft \+xt हब 2:4\+xt*\ft*\f* \s1 मनखे-जात ऊपर परमेसर के कोरोध \p \v 18 परमेसर के कोरोध ह स्वरग ले ओ मनखेमन के जम्मो अभक्ति अऊ बुरई ऊपर परगट होवत हवय, जऊन मन सत ला अपन बुरई के दुवारा दबाय रखथें। \v 19 परमेसर के बारे म जऊन बात जानना चाही, ओ बात साफ हवय, काबरकि परमेसर ह ओ बात ओमन ऊपर परगट करे हवय। \v 20 जब ले संसार के सिरिस्टी होईस, तब ले परमेसर के अनदेखे गुन, ओकर सनातन सक्ति अऊ ईस्वरीय सुभाव ला साफ-साफ देखे गे हवय अऊ ओकर बनाय चीजमन के दुवारा येला समझे जावत हवय। एकरसेति मनखेमन करा कोनो बहाना नइं ए। \p \v 21 हालाकि ओमन परमेसर ला जानत रिहिन, पर ओमन परमेसर के न तो महिमा करिन अऊ न ही ओला धनबाद दीन; ओमन के सोच-बिचार ह बेकार हो गीस अऊ ओमन के मुरूख हिरदय ह अंधियार हो गीस। \v 22 ओमन अपनआप ला बुद्धिमान जताईन, पर ओमन मुरूख बन गीन, \v 23 अऊ अजर-अमर परमेसर के महिमा करे के बदले, ओमन नासमान मनखे, चिरई, पसु अऊ रेंगइया जीव-जन्तुमन के मूरती बनाके ओमन के महिमा करिन। \p \v 24 एकरसेति परमेसर ह ओमन ला ओमन के हिरदय के पापमय ईछा म छोंड़ दीस ताकि ओमन बेभिचार करके असुध हो जावंय अऊ आपस म अपन देहें के अनादर करंय। \v 25 ओमन परमेसर के सच्चई ला लबारी म बदल दीन, अऊ सिरिस्टी के पूजा अऊ सेवा करिन, न कि ओ सिरजनहार के, जेकर बड़ई सदाकाल ले होवत हवय। आमीन। \p \v 26 एकरे कारन, परमेसर ह ओमन ला निरलज वासना म छोंड़ दीस। इहां तक कि ओमन के माईलोगनमन सुभाविक संबंध ला छोंड़के असुभाविक वासना करन लगिन। \v 27 वइसने मरदमन घलो माईलोगनमन संग सुभाविक संबंध ला छोंड़के एक-दूसर के संग काम-वासना म जरन लगिन; मरदमन दूसर मरद संग निरलज काम करिन अऊ अपन खराप काम के सजा खुदे भोगिन। \p \v 28 जब ओमन परमेसर के गियान म बने रहना उचित नइं समझिन, त परमेसर ह ओमन ला एक नीच मानसिकता म छोंड़ दीस ताकि ओमन अनुचित चाल चलंय। \v 29 ओमन जम्मो किसम के दुस्टता, बुरई, लोभ अऊ नीचता ले भर गे हवंय। ओमन जलन, हतिया, झगरा, छल अऊ दुरभाव ले भरे हवंय। ओमन बकवादी, \v 30 बदनाम करइया, परमेसर ले घिन करइया, बेजत्ती करइया, घमंडी अऊ डींगमार अंय। ओमन खराप काम करे के उपाय खोजथें। ओमन अपन दाई-ददा के बात नइं मानंय। \v 31 ओमन मुरूख, बिगर बिसवास के, बिगर मया के अऊ निरदयी अंय। \v 32 हालाकि ओमन परमेसर के ये फैसला ला जानत हवंय कि जऊन मन अइसने कुकरम करथें, ओमन मिरतू के भागी होहीं, तभो ले ओमन न सिरिप खुदे अइसने काम करथें, पर अइसने काम करइयामन के ओमन समरथन करथें। \c 2 \s1 परमेसर के नियाय \p \v 1 एकरसेति, हे आने ऊपर दोस लगइया मनखे, तेंह चाहे कोनो होवस, तोर करा कोनो बहाना नइं ए। आने ऊपर दोस लगाय के दुवारा, तेंह अपनआप ला दोसी ठहिराथस, काबरकि तेंह आने ऊपर दोस लगाथस अऊ ओहीच गलती तेंह खुदे करथस। \v 2 हमन जानथन कि जऊन मन अइसने काम करथें, ओमन के बिरोध म परमेसर के नियाय ह सच्चई के आधार म होथे। \v 3 जब तेंह एक मनखे होके, ओमन के ऊपर दोस लगाथस अऊ ओहीच काम खुदे करथस, त का तेंह परमेसर के नियाय ले बच जाबे? \v 4 का तेंह परमेसर के दया, सहनसीलता अऊ धीरज रूपी धन ला तुछ समझथस? का तेंह ये नइं जानस कि परमेसर के दया ह तोला पछताप करे बर सिखोथे? \p \v 5 पर तेंह ढीठ अऊ हिरदय म कठोर हो गे हवस अऊ एकर कारन ले परमेसर के कोरोध के दिन बर, जब ओकर सही नियाय ह परगट होही, तेंह अपन बिरोध म कोरोध बटोरत हवस। \v 6 परमेसर ह हर एक मनखे ला ओकर काम के मुताबिक फर दीही।\f + \fr 2:6 \fr*\ft \+xt भजन 62:12; नीति 24:12\+xt*\ft*\f* \v 7 जऊन मन धीरज धरके बने काम करथें अऊ महिमा, आदर अऊ अमरता के खोज म रहिथें, ओमन ला ओह सदाकाल के जिनगी दीही। \v 8 पर जऊन मन सुवारथी अंय अऊ सच्चई ला नइं मानंय, पर बुरई के पाछू चलथें, ओमन ऊपर परमेसर के कोप अऊ कोरोध ह भड़कही। \v 9 हर एक मनखे जऊन ह खराप काम करथे, ओकर ऊपर दुख अऊ बिपत्ति आही: पहिली यहूदी, तब फेर आनजात ऊपर; \v 10 पर जऊन ह भलई के काम करथे, ओला महिमा, आदर अऊ सांति मिलही: पहिली यहूदी ला, तब फेर आनजात ला। \v 11 काबरकि परमेसर ह काकरो पखियपात नइं करय। \p \v 12 ओ जम्मो झन, जऊन मन मूसा के कानून ला बिगर जाने पाप करिन, ओमन बिगर कानून के नास होहीं, अऊ ओ जम्मो झन, जऊन मन मूसा के कानून ला जानके पाप करिन, ओमन के नियाय कानून के मुताबिक होही। \v 13 काबरकि परमेसर के आघू म, मूसा के कानून के सुनइयामन धरमी नइं ठहिरंय, पर मूसा के कानून म चलइयामन धरमी ठहिराय जाहीं। \v 14 आनजातमन, जेमन करा मूसा के कानून नइं ए, जब ओमन सुभाव ले मूसा के कानून के मुताबिक चलथें, त ओमन करा कानून नइं होवत घलो, ओमन खुदे अपन बर एक कानून अंय। \v 15 ओमन मूसा के कानून ला अपन चालचलन के दुवारा परगट करथें; ओमन के बिबेक ह घलो गवाही देथे, अऊ ओमन के सोच-बिचार ह कभू ओमन ला दोसी ठहिराथे, त कभू ओमन के बचाव करथे। \v 16 मोर सुघर संदेस के मुताबिक ये बात ह ओ दिन परगट होही, जब परमेसर ह मनखेमन के गुपत बात के नियाय यीसू मसीह के जरिये करही। \s1 यहूदी अऊ मूसा के कानून \p \v 17 यदि तेंह अपनआप ला यहूदी कहिथस अऊ मूसा के कानून ऊपर भरोसा रखथस अऊ तेंह परमेसर के बारे म घमंड करथस, \v 18 यदि तेंह परमेसर के ईछा ला जानथस अऊ सही बात के पहिचान रखथस, काबरकि तोला मूसा के कानून के सिकछा मिले हवय; \v 19 यदि तोला भरोसा हवय कि तेंह अंधरामन बर डहार दिखइया, अंधियार म परे मनखेमन बर अंजोर, \v 20 मुरूखमन के सिखोइया अऊ लइकामन के गुरू अस, काबरकि तोला मूसा के कानून के पूरा गियान अऊ सत मिले हवय— \v 21 तब, जब तेंह आने मन ला सिखोथस, त का अपनआप ला नइं सिखोवस? तेंह उपदेस देथस कि चोरी झन करव, त का तेंह खुदे चोरी करथस? \v 22 तेंह कहिथस कि छिनारी झन करव अऊ का तेंह खुदे छिनारी करथस? तेंह मूरतीमन ले घिन करथस अऊ का तेंह खुदे मंदिरमन ला लूटथस? \v 23 तेंह मूसा के कानून के बारे म घमंड करथस अऊ का तेंहीच ह कानून ला टोरके परमेसर के अनादर करथस? \v 24 जइसने परमेसर के बचन म लिखे हवय: “तुम्हर कारन आनजातमन के बीच म परमेसर के नांव के निन्दा होवत हवय।”\f + \fr 2:24 \fr*\ft \+xt यसा 52:5\+xt* (देखव सेप्टाजिन्ट); \+xt यहे 36:20, 22\+xt*\ft*\f* \p \v 25 यदि तेंह मूसा के कानून के पालन करथस, त तोर खतना के मतलब हवय, पर यदि तेंह कानून के पालन नइं करस, त तोर खतना ह बिगर खतना के सहीं हो जाथे। \v 26 ओ मनखे जऊन मन खतना नइं करवाय हवंय, यदि ओमन कानून के मुताबिक चलथें, त का ओमन खतना करवाय मनखे सहीं नइं माने जाहीं? \v 27 तब जऊन मन सारीरिक रूप ले खतना नइं करवाय हवंय, ओमन तुमन ला दोसी ठहिराहीं, काबरकि ओमन कानून ला मानथें, पर तुमन कानून ला नइं मानव, हालाकि तुम्हर करा लिखित कानून हवय अऊ तुमन खतना करवाय हवव। \p \v 28 ओ मनखे ह सही के यहूदी नो हय, जऊन ह सिरिप बाहिरी रूप ले यहूदी अय, अऊ ओ खतना ह सही खतना नो हय जऊन ह सिरिप बाहिरी अऊ सारीरिक अय। \v 29 पर सही यहूदी ओ मनखे अय, जऊन ह भीतरी रूप ले यहूदी अय अऊ सही खतना ओह अय, जऊन ह हिरदय म पबितर आतमा के लिखे के दुवारा होथे, सरीर म नइं होवय। अइसने मनखे के बड़ई मनखेमन के दुवारा नइं, पर परमेसर के दुवारा होथे। \c 3 \s1 परमेसर बिसवासयोग्य अय \p \v 1 तब यहूदी होय के का फायदा या खतना करवाय के का महत्व हवय? \v 2 हर किसम ले बहुंत फायदा हवय। सबले पहिली यहूदीमन ला परमेसर के बचन सऊंपे गीस। \p \v 3 यदि ओमा ले कुछू झन बिसवासघाती निकलिन, त का होईस? का ओमन के बिसवासघाती होय ले परमेसर ह बिसवास के लईक नइं रहय? \v 4 बिलकुल ही नइं! परमेसर ह सच्चा अऊ जम्मो मनखेमन लबरा अंय। जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “ताकि तेंह अपन बात म सही साबित हो जा, \q2 अऊ जब नियाय करथस, त तोला जीत मिलय।”\f + \fr 3:4 \fr*\ft \+xt भजन 51:4\+xt*\ft*\f* \p \v 5 पर यदि हमर अधरम ह परमेसर के धरमीपन ला जादा साफ-साफ देखाथे, त हमन का कहन? का ये कहन, कि परमेसर ह हमर ऊपर कोरोध करके अनियाय करथे? (मेंह येला मनखे के सोच के मुताबिक कहत हंव।) \v 6 बिलकुल ही नइं! यदि परमेसर ह अनियायी होतिस, त ओह संसार के नियाय कइसने कर सकही? \v 7 यदि मोर लबारी के कारन परमेसर के सच्चई अऊ महिमा ह बढ़थे, त फेर मेंह काबर एक पापी के सहीं दोसी ठहिराय जावत हंव? \v 8 “तब आवव, हमन बुरई करन कि भलई होवय”—जइसने कि कुछू मनखेमन हमर ऊपर दोस लगाके कहिथें कि हमन अइसने कहिथन। अइसने मनखेमन ला दोसी ठहिराय जाना उचित अय। \s1 कोनो मनखे धरमी नो हंय \p \v 9 त फेर हमन का कहन? का हमन यहूदीमन आने मन ले बने हवन? बिलकुल नइं! काबरकि हमन पहिली ये दोस लगा चुके हवन कि यहूदी अऊ आनजात जम्मो मनखेमन पाप के अधीन हवंय। \v 10 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “कोनो धरमी नो हंय, एको झन घलो नइं। \q2 \v 11 कोनो नइं समझंय, कोनो परमेसर के खोज नइं करंय। \q1 \v 12 जम्मो झन भटक गे हवंय \q2 अऊ एक संग ओमन बेकार हो गे हवंय; \q1 अइसे कोनो नइं ए, जऊन ह भलई करथे, \q2 एको झन घलो नइं।”\f + \fr 3:12 \fr*\ft \+xt भजन 14:1‑3\+xt*; \+xt भजन 53:1‑3\+xt*; \+xt सभो 7:20\+xt*\ft*\f* \q1 \v 13 “ओमन के टोंटा ह खुले कबर अय, \q2 ओमन के जीभ ह छल-कपट के बात करथे।”\f + \fr 3:13 \fr*\ft \+xt भजन 5:9\+xt*\ft*\f* \q1 “ओमन के ओंठ म करैत सांप के जहर हवय।” \q2 \v 14 “ओमन के मुहूं ह सराप अऊ करूपन ले भरे हवय।” \q1 \v 15 “ओमन के गोड़ ह लहू बोहाय बर तेज भागथे, \q2 \v 16 ओमन के डहार म नास अऊ दुरगति हवय, \q1 \v 17 अऊ सांति के डहार ला ओमन नइं जानंय।” \q2 \v 18 “ओमन के आंखी के आघू म परमेसर के डर नइं अय।”\f + \fr 3:18 \fr*\ft \+xt भजन 36:1\+xt*\ft*\f* \p \v 19 हमन जानत हवन कि मूसा के कानून ह जऊन कुछू कहिथे, ओह ओमन ला कहिथे जऊन मन कानून के अधीन हवंय, ताकि हर एक के मुहूं ह बंद हो जावय अऊ जम्मो संसार ह परमेसर के दंड के अधीन रहय। \v 20 एकरसेति मूसा के कानून ला माने के दुवारा कोनो परमेसर के नजर म धरमी नइं ठहिरंय, पर कानून के जरिये मनखे ह पाप के पहिचान करथे। \s1 बिसवास के दुवारा धरमीपन \p \v 21 पर अब परमेसर ह परगट करे हवय कि मनखेमन ओकर नजर म बिगर कानून के कइसने धरमी हो सकथें; एकर गवाही, मूसा के कानून अऊ अगमजानीमन देथें। \v 22 परमेसर के ये धरमीपन ओ जम्मो झन ऊपर यीसू मसीह म बिसवास के दुवारा आथे, जऊन मन ओकर ऊपर बिसवास करथें। येमा कुछू भेदभाव नइं ए। \v 23 काबरकि जम्मो झन पाप करे हवंय अऊ ओमन परमेसर के महिमा ले अलग हवंय, \v 24 अऊ परमेसर ह सेंतमेंत म अपन अनुग्रह ले मनखेमन ला धरमी ठहिराईस अऊ ओमन ला पाप ले मुक्ति दीस, अऊ पाप ले ये मुक्ति ह मसीह यीसू के दुवारा आईस। \v 25 परमेसर ह यीसू ला एक बलिदान के रूप म दे दीस, जऊन ह अपन लहू बहाय के दुवारा पाप के पछताप करिस अऊ जऊन ह ये बात ला बिसवास करथे, ओकर पाप ह छेमा होथे। ये किसम ले परमेसर ह अपन धरमीपन ला देखाईस, काबरकि अपन धीरज धरे के कारन, परमेसर ह ओ पापमन के दंड नइं दीस, जऊन ला पहिली जुग म करे गे रिहिस। \v 26 परमेसर ह ये काम ला एकरसेति करिस, ताकि ये समय म, ये साबित हो जावय कि ओह धरमी अय अऊ ओह ओ मनखे ला सही ठहिराथे, जऊन ह यीसू ऊपर बिसवास करथे। \p \v 27 तब हमर घमंड करई कहां रिहिस? एकर बर तो जगह नइं ए। कोन नियम के आधार म? का कानून ला माने के आधार म? नइं, पर बिसवास के आधार म। \v 28 काबरकि हमन ये मानथन कि मनखे ह कानून ला माने के दुवारा नइं, पर मसीह यीसू म बिसवास करे के दुवारा सही ठहिरथे। \v 29 का परमेसर ह सिरिप यहूदीमन के परमेसर अय? का ओह आनजातमन के घलो परमेसर नो हय? हव, ओह आनजातमन के घलो परमेसर अय। \v 30 जब सिरिप एक परमेसर हवय, जऊन ह खतना करइयामन ला बिसवास के दुवारा अऊ बिगर खतना करइयामन ला घलो ओहीच बिसवास के दुवारा सही ठहिराही, \v 31 त का हमन ये बिसवास के दुवारा कानून ला बेकार कर देवन? बिलकुल नइं! पर, हमन कानून ला बनाय रखथन। \c 4 \s1 अब्राहम ह बिसवास के दुवारा सही ठहिरथे \p \v 1 तब हमन का कहन—हमर पुरखा अब्राहम के ये बिसय म का अनुभव रिहिस? \v 2 यदि अब्राहम ह अपन काम के दुवारा सही ठहिराय जातिस, त ओकर करा घमंड करे के कुछू बात होतिस, पर परमेसर के आघू म ओह घमंड नइं कर सकय। \v 3 परमेसर के बचन ह का कहिथे? “अब्राहम ह परमेसर के ऊपर बिसवास करिस अऊ ये बात ह ओकर बर धरमीपन गने गीस।”\f + \fr 4:3 \fr*\ft \+xt उत 15:6\+xt*\ft*\f* \p \v 4 जब कोनो मनखे ह बुता करथे, त ओला बनी देना, दान नइं समझे जावय, पर येला ओकर हक समझे जाथे। \v 5 पर जऊन मनखे ह काम नइं करय, पर परमेसर के ऊपर बिसवास करथे जऊन ह अधरमी ला सही ठहिराथे, ओ मनखे बर ओकर बिसवास ह धरमीपन के रूप म गने जाथे। \v 6 जऊन मनखे ला परमेसर ह बिगर करम के धरमी ठहिराथे, ओला दाऊद राजा घलो धइन कहिथे: \q1 \v 7 “धइन अंय ओमन, जऊन मन के अपराध छेमा करे जाथे, \q2 अऊ जऊन मन के पाप तोपे जाथे। \q1 \v 8 धइन अय ओ मनखे, \q2 जेकर पाप के हिसाब परभू ह नइं करय।”\f + \fr 4:8 \fr*\ft \+xt भजन 32:1, 2\+xt*\ft*\f* \p \v 9 ये धइन कहई—का सिरिप खतना करइयामन बर अय, या फेर बिगर खतना करइयामन बर घलो? हमन कहिथन कि अब्राहम के बिसवास ह ओकर बर धरमीपन गने गीस। \v 10 तब ओह कोन दसा म धरमी गने गीस? ओकर खतना के बाद या फेर ओकर खतना के पहिली? खतना के बाद नइं, पर खतना के पहिली ओह धरमी गने गीस। \v 11 अब्राहम के खतना ह ओकर धरमीपन के एक चिनहां या मुहर के रूप म रिहिस, पर ओह अपन बिसवास के कारन धरमी ठहिराय गीस, जब ओह बिगर खतना के दसा म रिहिस। एकरसेति, ओह ओ जम्मो झन के ददा ए, जऊन मन बिगर खतना करवाय बिसवास करथें, अऊ ये किसम ले ओमन घलो धरमी ठहिरथें। \v 12 अऊ ओह ओ खतना करइयामन के घलो ददा ए, जऊन मन न सिरिप खतना कराय हवंय, पर ओ बिसवास के रसता म चलथें, जऊन म हमर ददा अब्राहम ह अपन खतना के पहिली चलिस। \p \v 13 जब परमेसर ह अब्राहम अऊ ओकर बंस ले परतिगियां करिस कि ओमन संसार के वारिस होहीं, त येह मूसा के कानून के दुवारा नइं मिलिस, पर येह अब्राहम के बिसवास के धरमीपन के दुवारा मिलिस। \v 14 जऊन मन कानून के पालन करथें, यदि ओमन वारिस अंय, त फेर बिसवास ह बिन मतलब के अय अऊ परतिगियां ह बेकार अय। \v 15 काबरकि कानून ह परमेसर के कोरोध ला पईदा करथे। अऊ जिहां कानून नइं ए, उहां कानून ला माने के सवाल ही नइं ए। \p \v 16 एकरसेति, परतिगियां ह बिसवास ऊपर अधारित हवय, ताकि येह अनुग्रह के दुवारा होवय अऊ अब्राहम के जम्मो संतानमन येला जरूर पावंय, अऊ न सिरिप ओमन जऊन मन कानून के पालन करथें, पर ओमन घलो पावंय जऊन मन अब्राहम के सहीं बिसवास करथें। ओह हमन जम्मो झन के ददा अय। \v 17 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: “मेंह तोला बहुंते जाति के मनखेमन के ददा ठहिराय हंव।” अब्राहम ह परमेसर के नजर म हमर ददा अय; ओ परमेसर जेकर ऊपर अब्राहम ह बिसवास करिस, ओ परमेसर जऊन ह मुरदामन ला जियाथे अऊ ओ चीजमन ला बनाथे, जेमन के असतित्व नइं ए। \p \v 18 अब्राहम ह निरासा म घलो आसा रखके बिसवास करिस अऊ एकरसेति, ओह बहुंते जाति के मनखेमन के ददा बन गीस, जइसने कि परमेसर के बचन म ओकर बारे म ये कहे गे हवय, “तोर संतान ह अइसने होही।”\f + \fr 4:18 \fr*\ft \+xt उत 15:5\+xt*\ft*\f* \v 19 अब्राहम ह करीब एक सौ साल के रिहिस, तभो ले ओह अपन मरे सहीं सरीर अऊ सारा के बांझपन ला जानके घलो अपन बिसवास म कमजोर नइं होईस। \v 20 ओह अपन बिसवास म नइं डगमगाईस अऊ परमेसर के परतिगियां के बारे म ओह संदेह नइं करिस। पर ओह अपन बिसवास म मजबूत होईस अऊ परमेसर के महिमा करिस। \v 21 अऊ ओह पूरा जानत रिहिस कि जऊन बात के परतिगियां परमेसर ह करे हवय, ओला पूरा करे के ओह सामर्थ रखथे। \v 22 एकरसेति ये बात ह ओकर बर धरमीपन गने गीस। \v 23 “ओह धरमी माने गीस”, ये बचन ह सिरिप ओकरे बर ही नइं लिखे गीस, \v 24 पर हमर बर घलो। परमेसर ह हमन ला घलो धरमी गनही, जऊन मन ओकर ऊपर बिसवास करथन, जऊन ह हमर परभू यीसू ला मरे म ले जियाईस। \v 25 यीसू ह हमर पाप के खातिर मार डारे गीस अऊ हमर सही नियाय बर ओला मरे म ले जियाय गीस। \c 5 \s1 सांति अऊ आनंद \p \v 1 एकरसेति, जब हमन बिसवास के दुवारा सही ठहिराय गे हवन, त हमर अपन परभू यीसू मसीह के जरिये परमेसर के संग सांति हवय। \v 2 मसीह के जरिये बिसवास के दुवारा हमन ये अनुग्रह ला पाय हवन, जऊन म हमन अब रहिथन। अऊ हमन ये आसा म आनंद मनाथन कि हमन परमेसर के महिमा के भागी होबो। \v 3 सिरिप एही भर नइं, पर हमन दुख-पीरा म घलो आनंद मनाथन, काबरकि हमन जानथन कि दुख-पीरा ले सहनसीलता, \v 4 सहनसीलता ले बने चालचलन अऊ बने चालचलन ले आसा पईदा होथे। \v 5 अऊ आसा ह हमन ला निरास नइं करय, काबरकि परमेसर ह हमन ला पबितर आतमा दे हवय, अऊ ये पबितर आतमा के जरिये ओह अपन मया ला हमर हिरदय म डारे हवय। \p \v 6 जब हमन निरबल ही रहेंन, तभे सही समय म मसीह ह भक्तिहीन मनखेमन बर मरिस। \v 7 येह मुसकुल अय कि एक धरमी मनखे बर कोनो मरय, सायद ये हो सकथे कि एक बने मनखे बर कोनो मरे के हिम्मत करय। \v 8 पर परमेसर ह हमर बर अपन मया ला ये किसम ले देखाथे: जब हमन पापी ही रहेंन, तभे मसीह ह हमर बर मरिस। \p \v 9 जब हमन मसीह के लहू के कारन सही ठहिराय गे हवन, त फेर ओकर दुवारा हमन परमेसर के कोरोध ले काबर नइं बांचबो? \v 10 काबरकि जब हमन परमेसर के बईरी रहेंन, त ओकर बेटा के मिरतू के दुवारा ओकर संग हमर मेल-मिलाप होईस, त फेर मेल-मिलाप होय के बाद, मसीह के जिनगी के दुवारा हमन उद्धार काबर नइं पाबो? \v 11 सिरिप एहीच नइं, पर हमन परमेसर म घलो, हमर परभू यीसू मसीह के जरिये आनंद मनाथन, जेकर दुवारा अब परमेसर के संग हमर मेल-मिलाप होय हवय। \s1 आदम के दुवारा मिरतू, मसीह के दुवारा जिनगी \p \v 12 जइसने कि एक मनखे के दुवारा पाप ह संसार म आईस, अऊ पाप के दुवारा मिरतू आईस, अऊ ये किसम ले मिरतू ह जम्मो मनखे ऊपर बगर गीस, काबरकि जम्मो झन पाप करिन। \p \v 13 मूसा के कानून ला देय जाय के पहिली, पाप ह संसार म रिहिस; पर जिहां कानून नइं ए, उहां पाप नइं गने जावय। \v 14 तभो ले आदम ले लेके मूसा तक मिरतू ह जम्मो मनखे ऊपर आईस, इहां तक कि ओमन ऊपर घलो मिरतू आईस, जऊन मन आदम सहीं हुकूम ला टोरे के पाप नइं करे रिहिन। आदम ह ओ मनखे के एक नमूना रिहिस, जऊन ह अवइया रहय।\f + \fr 5:14 \fr*\ft जऊन मनखे अवइया रिहिस, ओह मसीह अय।\ft*\f* \p \v 15 पर परमेसर के बरदान ह पाप के सहीं नो हय। काबरकि यदि एक मनखे के पाप के कारन बहुंते झन मरिन, त परमेसर के अनुग्रह अऊ बरदान ह बहुंते मनखेमन ऊपर बहुंतायत ले आईस। अऊ ये बरदान ह एक मनखे याने कि यीसू मसीह के अनुग्रह के दुवारा आईस। \v 16 परमेसर के बरदान अऊ एक मनखे के पाप के परतिफल एक सहीं नो हय। एक पाप के पाछू परमेसर के फैसला आईस अऊ येह दंड लानिस, पर बहुंत पाप होय के पाछू, बरदान आईस अऊ येह नियाय लानिस। \v 17 काबरकि यदि एक मनखे के पाप के कारन मिरतू ह ओ एक मनखे के दुवारा राज करिस, त जऊन मन परमेसर के अधिकाधिक अनुग्रह अऊ धरमीपन के बरदान ला बहुंतायत म पाईन, ओमन एक मनखे याने कि यीसू मसीह के जरिये जिनगी म जरूर राज करहीं। \p \v 18 एकरसेति, जइसने एक पाप ह जम्मो मनखेमन बर दंड के कारन बनिस, वइसनेच धरमीपन के एक काम ह घलो नियाय दीस अऊ ओह जम्मो मनखेमन बर जिनगी लानिस। \v 19 जइसने एक मनखे के हुकूम नइं माने के कारन बहुंते मनखेमन पापी ठहिरिन, वइसनेच एक मनखे के हुकूम माने के कारन बहुंते मनखेमन धरमी ठहिरहीं। \p \v 20 मूसा के कानून ह दिये गीस, ताकि पाप ह बढ़य। पर जिहां पाप अधिक होईस, उहां अनुग्रह ओकर ले अऊ जादा होईस, \v 21 ताकि जइसने पाप ह मिरतू के दुवारा राज करिस, वइसने परमेसर के अनुग्रह ह घलो धरमीपन के दुवारा राज करय, कि यीसू मसीह हमर परभू के दुवारा हमन ला सदाकाल के जिनगी मिलय। \c 6 \s1 पाप बर मर जवई अऊ मसीह म जीयत रहई \p \v 1 तब हमन का कहन? का हमन पाप करतेच रहन ताकि अनुग्रह अऊ होवय? \v 2 बिलकुल नइं! हमन पाप खातिर मर गे हवन; त फेर हमन येमा अऊ कइसने जिनगी बीता सकथन? \v 3 का तुमन नइं जानव कि हमन जम्मो झन जऊन मन मसीह यीसू के बतिसमा ले हवन, त हमन ओकर मिरतू के बतिसमा ले हवन? \v 4 एकरसेति, हमन मिरतू के बतिसमा के दुवारा मसीह के संग गड़ियाय गेंन ताकि जइसने मसीह ह ददा के महिमा के दुवारा मरे म ले जी उठिस, वइसने हमन घलो एक नवां जिनगी जीयन। \p \v 5 यदि हमन यीसू के मिरतू म ओकर संग एक हो गे हवन, त निस्चित रूप ले, ओकर जी उठे के समानता म घलो हमन एक हो जाबो। \v 6 हमन जानथन कि हमर पुराना सुभाव मसीह के संग कुरूस ऊपर चघाय गे हवय, ताकि पाप के देहें ह नास हो जावय, अऊ हमन फेर पाप के गुलाम झन होवन। \v 7 काबरकि जऊन ह मर गीस, ओह पाप ले मुक्त हो गीस। \p \v 8 यदि हमन मसीह के संग मर गेंन, त हमन ला बिसवास हवय कि हमन ओकर संग जीयबो घलो। \v 9 काबरकि हमन जानथन कि जब मसीह ह मरे म ले जी उठिस, त ओह अऊ कभू नइं मरय। ओकर ऊपर मिरतू के अऊ कोनो अधिकार नइं ए। \v 10 जऊन मिरतू ओह मरिस, त ओह पाप बर एकेच बार जम्मो झन खातिर मर गीस। पर जऊन जिनगी ओह जीयथे, ओह परमेसर बर जीयथे। \p \v 11 ओही किसम ले, तुमन घलो अपनआप ला पाप बर मरे समझव, पर मसीह यीसू म परमेसर बर जीयत समझव। \v 12 एकरसेति, पाप ला अपन नासमान देहें ऊपर अधिकार झन करन देवव अऊ तुमन एकर खराप ईछा ला झन मानव। \v 13 अपन देहें के कोनो अंग ला एक साधन के रूप म अधरमी काम करे बर पाप ला झन सऊंपव, पर अपनआप ला मरे म ले जीयत जानके परमेसर ला सऊंप देवव अऊ अपन देहें के अंगमन ला धरमी काम करे बर ओला देय दव। \v 14 तब पाप के परभूता तुम्हर ऊपर नइं होवय, काबरकि तुमन मूसा के कानून के अधीन नइं, पर परमेसर के अनुग्रह के अधीन हवव। \s1 धरमीपन के गुलाम \p \v 15 त का होईस? का हमन पाप करन काबरकि हमन मूसा के कानून के अधीन नइं पर अनुग्रह के अधीन म हवन? बिलकुल नइं! \v 16 का तुमन नइं जानव कि जब तुमन अपनआप ला गुलाम के रूप म, जेकर हुकूम माने बर सऊंप देथव, त तुमन ओकर गुलाम अव, जेकर हुकूम तुमन मानथव—चाहे पाप के गुलाम, जेकर अन्त मिरतू अय, या फेर परमेसर के हुकूम माने के गुलाम, जेकर अन्त धरमीपन अय। \v 17 पर परमेसर के धनबाद होवय कि हालाकि एक समय तुमन पाप के गुलाम रहेव, पर अब तुमन जम्मो हिरदय ले परमेसर के उपदेस के मनइया हो गे हवव, जेकर बर तुमन ला सऊंपे गे हवय। \v 18 तुमन ला पाप के गुलामी ले छोंड़ाय गे हवय अऊ तुमन धरमीपन के गुलाम हो गे हवव। \p \v 19 तुम्हर सुभाविक कमजोरी के कारन मेंह मनखे के रीति म गोठियावत हंव। एक समय तुमन अपन देहें के अंगमन ला असुधता अऊ बढ़त कुकरम के गुलाम बना दे रहेव; पर अब अपन सरीर के अंगमन ला पबितरता बर धरमीपन के गुलाम बनावव। \v 20 जब तुमन पाप के गुलाम रहेव, त तुमन धरमीपन के अधीन नइं रहेव। \v 21 जऊन बातमन ले तुमन अब लजाथव, ओ बातमन ले तुमन ला पहिली का फायदा होईस? ओ बातमन के नतीजा तो मिरतू अय। \v 22 पर अब तुमन पाप ले छोंड़ाय गे हवव अऊ परमेसर के गुलाम बन गे हवव। एकर ले जऊन फायदा तुमन ला मिलथे, ओह पबितरता अय, अऊ एकर नतीजा परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी अय। \v 23 काबरकि पाप के मजदूरी त मिरतू अय, पर परमेसर के बरदान हमर परभू मसीह यीसू म सदाकाल के जिनगी अय। \c 7 \s1 बिहाव के उदाहरन \p \v 1 हे भाईमन! का तुमन नइं जानव, मेंह ओमन ला कहत हंव, जऊन मन मूसा के कानून ला जानथें—कि जब तक मनखे ह जीयत रहिथे, तब तक ओकर ऊपर कानून के अधिकार रहिथे? \v 2 उदाहरन के रूप म—एक बिहाता माईलोगन कानून के दुवारा अपन घरवाला ले बंधे रहिथे जब तक कि ओकर घरवाला जीयत रहिथे, पर यदि ओकर घरवाला ह मर जावय, त ओ माईलोगन ह बिहाव के कानून ले छूट जाथे। \v 3 यदि ओ माईलोगन ह अपन घरवाला के जीयत-जीयत, कोनो आने मनखे ले बिहाव कर लेथे, त ओला छिनार कहे जाही। पर यदि ओकर घरवाला ह मर जावय, त ओ माईलोगन ह कानून के बंधना ले छूट जाथे। तब यदि ओह कोनो आने मनखे ले बिहाव घलो कर लेथे, तभो ले ओला छिनार नइं कहे जावय। \p \v 4 अइसनेच, हे भाईमन हो! तुमन घलो मसीह के देहें के जरिये कानून बर मर गे हवव, ताकि ओ आने के हो जावव, जऊन ह मरे म ले जी उठिस कि हमन परमेसर बर फर लानन। \v 5 जब हमन हमर पापमय देहें के अधीन रहेंन, त पापमय लालसा कानून के दुवारा पईदा होवय अऊ हमर देहें म काम करय, जेकर परतिफल मिरतू रिहिस। \v 6 पर अब हमन कानून ले छूट गे हवन, अऊ जेकर बंधना म हमन रहेंन, ओकर बर मर गे हवन, ताकि लिखित कानून के पुराना रीति म नइं, पर पबितर आतमा के नवां रीति के मुताबिक सेवा करन। \s1 मूसा के कानून अऊ पाप \p \v 7 तब हमन का कहन? का मूसा के कानून ह पाप अय? बिलकुल नइं! वास्तव म, कानून के बिगर, मेंह पाप ला नइं जाने रहितेंव। काबरकि यदि कानून ह नइं कहितिस, “लालच झन करव”\f + \fr 7:7 \fr*\ft \+xt निर 20:17; ब्यव 5:21\+xt*\ft*\f*, त लालच का ए, मेंह नइं जानतेंव। \v 8 पर पाप ह हुकूम के दुवारा दिये गय मऊका ला लीस अऊ मोर भीतर म जम्मो किसम के लालच ला पईदा करिस, काबरकि बिगर कानून के पाप ह मुरदा अय। \v 9 एक समय, मेंह बिगर कानून के जीयत रहेंव, पर जब हुकूम ह आईस, त पाप ह जीवित हो गीस अऊ मेंह मर गेंव। \v 10 अऊ ओही हुकूम जऊन ला जिनगी बर लाने गे रिहिस, मोर बर मिरतू के कारन बनिस। \v 11 काबरकि पाप ह हुकूम के दुवारा दिये गय मऊका ला पाके, मोला धोखा दीस, अऊ हुकूम के जरिये मोला मार डारिस। \v 12 एकरसेति, कानून ह पबितर अय, अऊ हुकूम ह घलो पबितर, धरमी अऊ बने अय। \p \v 13 त कानून जऊन ह कि बने अय, का ओह मोर बर मिरतू के कारन होईस? बिलकुल नइं! येह एकरसेति होईस ताकि पाप ह पाप के रूप म पहिचाने जावय। पाप ह ओकर जरिये मोर बर मिरतू लानिस, जऊन ह बने अय, ताकि हुकूम के दुवारा पाप ह बहुंते पापमय ठहिरय। \p \v 14 हमन जानथन कि मूसा के कानून ह आतमिक अय; पर मेंह संसारिक मनखे अंव अऊ गुलाम के रूप म पाप के हांथ म बेचे गे हवंव। \v 15 जऊन काम मेंह करथंव, मेंह ओला नइं समझंव। काबरकि जऊन बुता ला, मेंह करे बर चाहथंव, ओला नइं करंव, पर जऊन चीज ले मोला घिन आथे, ओहीच ला करथंव। \v 16 अऊ यदि मेंह ओ बुता ला करथंव, जऊन ला मेंह नइं चाहंव, त मेंह ये बात ला मान लेथंव कि मूसा के कानून ह सही अय। \v 17 त अइसने दसा म, ओ चीज ला करइया, सही म मेंह नो हंव, पर जऊन पाप मोर म बसे हवय, ओह अय। \v 18 मेंह जानथंव कि मोर म याने कि मोर पापी सरीर म एको ठन बने चीज नइं ए। काबरकि जऊन ह सही अय, ओला करे के ईछा तो मोर म हवय, पर ओला मेंह नइं करंव। \v 19 काबरकि जऊन भलई करे के मेंह ईछा करथंव, ओला नइं करंव, पर जऊन बुरई के ईछा मेंह नइं करंव, ओहीच ला करते रहिथंव। \v 20 एकरसेति यदि मेंह ओ बुता ला करथंव, जऊन ला मेंह नइं चाहंव, त ओकर करइया मेंह नो हंव, पर ओकर करइया ओ पाप ए, जऊन ह मोर म बसे हवय। \p \v 21 तब मेंह ये कानून ला काम करत पाथंव: जब मेंह भलई करे चाहथंव, तभेच बुरई ह मोर करा आथे। \v 22 मेंह अपन अंतस म परमेसर के कानून ले खुस रहिथंव, \v 23 पर मेंह अपन देहें म एक आने कानून ला काम करत देखथंव, जऊन ह मोर बुद्धि के कानून ले लड़थे अऊ येह मोला पाप के कानून के गुलाम बनाथे, जऊन ह मोर देहें के अंग म बसे हवय। \v 24 मोर कइसने दयनीय दसा हवय! मोला कोन ह मिरतू के ये देहें ले छोंड़ाही? \v 25 परमेसर के धनबाद होवय, जऊन ह मोला हमर परभू यीसू मसीह के जरिये छुड़ाथे। \p एकरसेति तब, मेंह खुद अपन मन म परमेसर के कानून के गुलाम अंव, पर अपन पापमय सुभाव म पाप के कानून ला मानथंव। \c 8 \s1 पबितर आतमा के जरिये जिनगी \p \v 1 एकरसेति, अब जऊन मन मसीह यीसू के अंय, ओमन बर दंड के हुकूम नइं होवय। \v 2 काबरकि, जिनगी देवइया पबितर आतमा के कानून ह मसीह यीसू के दुवारा मोला, पाप अऊ मिरतू के कानून ले सुतंतर कर दे हवय। \v 3 काबरकि जऊन बुता ला मूसा के कानून ह हमर पापी सुभाव के कारन कमजोर होके नइं कर सकिस; ओ बुता ला परमेसर ह अपन खुद के बेटा ला पठोके करिस, जऊन ह पापी मनखे के रूप म संसार म आईस अऊ अपनआप ला हमर खातिर पाप बलि के रूप म चघाईस। अऊ ये किसम ले परमेसर ह पापी मनखे म पाप ला सजा दीस, \v 4 ताकि मूसा के कानून के धरमीपन के मांग ह हमन म पूरा होवय, जऊन मन पापी सुभाव के मुताबिक नइं, पर पबितर आतमा के मुताबिक जिनगी बिताथन। \p \v 5 जऊन मन सारीरिक ईछा के मुताबिक जिनगी बिताथें, ओमन सरीर के बात म अपन चित लगाथें, पर जऊन मन पबितर आतमा के मुताबिक चलथें, ओमन पबितर आतमा के बात म चित लगाथें। \v 6 सरीर के ऊपर चित लगई ह मिरतू अय, पर पबितर आतमा के ऊपर चित लगई ह हमन ला जिनगी अऊ सांति देथे, \v 7 काबरकि जऊन ह सरीर के बात म चित लगाथे, ओह परमेसर ले बईरता रखथे। ओह परमेसर के कानून ला नइं मानय; वास्तव म ओह अइसने कर ही नइं सकय। \v 8 जऊन मन अपन सरीर के बात ला मानथें, ओमन परमेसर ला खुस नइं कर सकंय। \p \v 9 पर यदि परमेसर के आतमा ह तुमन म बसथे, त तुमन पबितर आतमा के चलाय चलथव, अपन सरीर के चलाय नइं। अऊ यदि काकरो करा मसीह के आतमा नइं ए, त ओह मसीह के नो हय। \v 10 पर यदि मसीह तुम्हर जिनगी म हवय, त तुम्हर सरीर ह पाप के कारन मर गे हवय, पर तुम्हर आतमा ह धरमीपन के कारन जीयत हवय। \v 11 परमेसर जऊन ह यीसू ला मरे म ले जियाईस, यदि ओकर आतमा तुमन म रहिथे, त ओ जऊन ह मसीह ला मरे म ले जियाईस, ओह तुम्हर नासमान सरीर ला घलो अपन आतमा के दुवारा जिनगी दीही अऊ ये आतमा ह तुमन म बसे हवय। \p \v 12 एकरसेति, हे भाईमन हो! हमर बर ये जरूरी अय कि हमन अपन सरीर के सुभाव के मुताबिक जिनगी झन बितावन। \v 13 काबरकि यदि तुमन सरीर के सुभाव के मुताबिक जिनगी बिताथव, त मरहू, पर यदि पबितर आतमा के दुवारा तुमन सरीर के काममन ला मारथव, त तुमन जीयत रहिहू। \p \v 14 काबरकि जऊन मन परमेसर के आतमा के अगुवई म चलथें, ओमन परमेसर के संतान अंय। \v 15 तुमन ला गुलामी के आतमा नइं मिले हवय कि तुमन फेर डर म पड़व; पर तुमन ला पबितर आतमा मिले हवय, जऊन ह तुमन ला परमेसर के संतान बनाथे। अऊ ओकरे दुवारा हमन परमेसर ला ये कहिके पुकारथन, “हे \tl अब्बा\tl*, हे ददा!” \v 16 पबितर आतमा ह खुद हमर आतमा के संग गवाही देथे कि हमन परमेसर के संतान अन। \v 17 अऊ यदि हमन परमेसर के संतान अन, त हमन परमेसर के वारिस अऊ मसीह के संगी वारिस अन; यदि हमन ओकर दुख म भागी होथन, त ओकर महिमा म घलो भागी होबो। \s1 भविस्य के महिमा \p \v 18 मेंह ये समझथंव कि जऊन महिमा हमर ऊपर परगट होही, ओकर तुलना म, हमर अभी के दुख ह कुछू नो हय। \v 19 ये सिरिस्टी ह बड़े आसा भरे नजर ले परमेसर के संतानमन के परगट होय के बाट जोहथे। \v 20 काबरकि ये सिरिस्टी ला बेकार कर दिये गीस, अऊ येह एकर खुद के ईछा ले नइं, पर परमेसर के ईछा ले ये आसा म करे गीस \v 21 कि सिरिस्टी ह खुद बिनास के अपन गुलामी ले छुटकारा पावय अऊ परमेसर के संतानमन के महिमा के सुतंतरता के भागीदार होवय। \p \v 22 हमन जानथन कि जम्मो सिरिस्टी ह अभी तक ले छेवारी होय के पीरा सहीं कलहरत हवय। \v 23 अऊ सिरिप सिरिस्टी ही नइं, पर हमन करा पबितर आतमा के पहिली फर हवय अऊ हमन खुदे भीतरे-भीतर कलहरत हवन, अऊ ये बात के बाट जोहथन कि परमेसर ह हमन ला अपन बेटा के रूप म गोद लीही, याने कि हमन ला हमर सरीर ले छुटकारा दीही। \v 24 काबरकि ये आसा म हमर उद्धार होय हवय, पर जऊन चीज के हमन आसा करथन, यदि ओह हमन ला दिख जावय, त ओ आसा के अन्त हो जाथे। कोनो मनखे कोनो अइसने चीज के आसा नइं करय, जऊन ह पहिली ले ओकर करा हवय। \v 25 पर यदि हमन ओ चीज के आसा करथन, जऊन ह हमर करा नइं ए, त हमन धीर धरके ओकर बर बाट जोहथन। \p \v 26 ओही किसम ले, पबितर आतमा ह हमर दुरबलता म हमर मदद करथे। हमन नइं जानन कि हमन ला कइसने पराथना करना चाही, पर पबितर आतमा ह खुद अइसने कल्हर-कल्हरके बिनती करथे, जेकर बयान नइं करे जा सकय। \v 27 अऊ जऊन ह मनखेमन के हिरदय ला जांचथे, ओह जानथे कि पबितर आतमा के का मनसा हवय, काबरकि पबितर आतमा ह परमेसर के मनसा के मुताबिक पबितर मनखेमन बर बिनती करथे। \p \v 28 हमन जानथन कि जऊन मन परमेसर ले मया करथें अऊ ओकर ईछा के मुताबिक बलाय गे हवंय, ओमन बर परमेसर ह जम्मो बात म भलई पईदा करथे। \v 29 काबरकि जऊन मन ला परमेसर ह पहिली ले जानत हवय, ओमन ला ओह चुने घलो हवय कि ओमन ओकर बेटा के सरूप म होवंय अऊ ओकर बेटा ह बहुंते भाईमन म पहिलांत ठहिरय। \v 30 अऊ जऊन मन ला ओह पहिली ले चुन लीस, ओमन ला ओह बलाईस घलो; अऊ जऊन मन ला ओह बलाईस, ओमन ला धरमी घलो ठहिराईस; अऊ जऊन मन ला ओह धरमी ठहिराईस, ओमन के महिमा घलो करिस। \p \v 31 तब एकर बारे म हमन का कहन? यदि परमेसर ह हमर संग हवय, त हमर बिरोधी कोन हो सकथे? \v 32 जऊन ह अपन खुद के बेटा ला घलो नइं रख छोंड़िस, पर हमन जम्मो के खातिर ओला दे दीस; त ओह हमन ला अपन बेटा संग अऊ जम्मो चीज काबर नइं दीही? \v 33 ओमन ऊपर कोन दोस लगाही, जऊन मन ला परमेसर ह चुने हवय? येह परमेसर अय, जऊन ह ओमन ला धरमी ठहिराथे। \v 34 ओह कोन ए, जऊन ह सजा देथे? येह मसीह यीसू अय, जऊन ह मर गीस अऊ एकर बाद मरे म ले जी उठिस अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ कोति हवय, अऊ हमर बर बिनती घलो करत हवय। \v 35 तब कोन ह हमन ला मसीह के मया ले अलग कर सकथे? का संकट या बिपत्ति या सतावा या अकाल या गरीबी या जोखिम या तलवार के भय? \v 36 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “तोर बर, हमन दिन भर मिरतू के जोखिम म रहिथन; \q2 हमन ओ भेड़ सहीं समझे जाथन, जऊन मन के बध होवइया हवय।”\f + \fr 8:36 \fr*\ft \+xt भजन 44:22\+xt*\ft*\f* \m \v 37 ये जम्मो चीज म, हमन मसीह यीसू के जरिये बिजयी होथन, जऊन ह हमर ले मया करिस। \v 38 काबरकि मोला पूरा भरोसा हवय कि न तो मिरतू, न जिनगी, न स्वरगदूतमन, न परेत आतमामन, न तो बर्तमान न भविस्य, न कोनो सक्ति, \v 39 न तो ऊंचई न गहरई अऊ न जम्मो सिरिस्टी म कोनो आने चीज हमन ला परमेसर के मया ले अलग कर सकथे, जऊन ह हमर परभू मसीह यीसू म हवय। \c 9 \s1 परमेसर अऊ ओकर चुने मनखेमन \p \v 1 मेंह मसीह म होके सच कहत हंव; मेंह लबारी नइं मारत हंव। मोर बिबेक घलो पबितर आतमा म होके गवाही देवत हवय— \v 2 कि मोला बहुंते दुख हवय अऊ मोर हिरदय ह हमेसा दुख ले भरे हवय। \v 3 मेंह चाहत रहेंव कि मोर मनखेमन बर जऊन मन मोर खुद के बंस के अंय, ओमन के हित म मेंह खुदे सरापित हो जातेंव अऊ मसीह ले अलग हो जातेंव। \v 4 ओमन इसरायली मनखे अंय। परमेसर ह ओमन ला गोद लेके बेटा बनाईस; ओमन के ऊपर महिमा परगट करिस; ओमन के संग करार करिस; ओमन ला मूसा के कानून दीस। ओमन ला बताईस कि मंदिर म ओकर अराधना कइसने करे जावय अऊ ओह ओमन ले परतिगियां करिस। \v 5 कुल के मुखियामन येमन के पुरखा रिहिन अऊ मसीह ह मनखे के रूप म येमन के बंस ले आईस, जऊन ह जम्मो के ऊपर परमेसर अय, ओकर परसंसा सदा होवय! आमीन। \p \v 6 अइसने नो हय कि परमेसर के बचन ह सच नइं होईस। काबरकि ओ जम्मो, जऊन मन इसरायल के बंस म जनम ले हवंय, जम्मो के जम्मो इसरायली नो हंय, \v 7 अऊ ओ जम्मो अब्राहम के संतान नो हंय, जऊन मन ओकर बंस म जनम लीन, काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “इसहाक के जरिये तोर बंस ह चलही।”\f + \fr 9:7 \fr*\ft \+xt उत 21:12\+xt*\ft*\f* \v 8 एकर मतलब ये अय कि मनखे के ईछा के मुताबिक जनमे लइकामन परमेसर के संतान नो हंय, पर परमेसर के परतिगियां के मुताबिक जनमे लइकामन सही बंसज समझे जाथें। \v 9 काबरकि परमेसर के बचन म ये किसम ले परतिगियां के बचन कहे गे हवय, “ठहिराय समय म, मेंह फेर आहूं, अऊ सारा के एक बेटा होही।”\f + \fr 9:9 \fr*\ft \+xt उत 18:10, 14\+xt*\ft*\f* \p \v 10 अऊ सिरिप अतका ही नइं, पर रिबका के दूनों लइकामन के एके ददा रिहिस, याने कि हमर पुरखा इसहाक। \v 11 पर जब ओ जुड़वां लइकामन जनमे घलो नइं रिहिन अऊ कुछू भला-बुरा घलो नइं करे रिहिन, ताकि परमेसर के चुनाव के उदेस्य ह बने रहय: \v 12 येह ओमन के कुछू करम के कारन नइं, पर परमेसर के बुलाहट के कारन होईस—रिबका ला कहे गीस, “बड़खा बेटा ह छोटे के सेवा करही।”\f + \fr 9:12 \fr*\ft \+xt उत 25:23\+xt*\ft*\f* \v 13 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: “याकूब ले मेंह मया करेंव पर एसाव ला अप्रिय जानेंव।”\f + \fr 9:13 \fr*\ft \+xt मला 1:2, 3\+xt*\ft*\f* \p \v 14 तब हमन का कहन? का परमेसर ह अनियाय करथे? बिलकुल नइं! \v 15 काबरकि ओह मूसा ले कहिस, \q1 “जेकर ऊपर मेंह दया करे चाहंव, ओकर ऊपर दया करहूं, \q2 अऊ जेकर ऊपर मेंह तरस खाय चाहंव, ओकर ऊपर तरस खाहूं।”\f + \fr 9:15 \fr*\ft \+xt निर 33:19\+xt*\ft*\f* \m \v 16 एकरसेति येह मनखे के ईछा या काम के ऊपर निरभर नइं करय, पर परमेसर के दया ऊपर निरभर करथे। \v 17 काबरकि परमेसर के बचन म फिरौन राजा ला ये कहे गे हवय, “मेंह तोला एकरसेति राजा बनाके उठाय हवंव ताकि मेंह तोर ऊपर अपन सामर्थ ला देखावंव अऊ धरती भर म मोर नांव के परचार होवय।” \v 18 एकरसेति परमेसर ह जेकर ऊपर दया करे चाहथे, ओकर ऊपर दया करथे, अऊ जेकर हिरदय ला कठोर करे चाहथे, ओला कठोर कर देथे। \p \v 19 तब तुमन मोला कहिहू, “त फेर परमेसर ह मनखे ऊपर काबर दोस लगाथे? कोन ह ओकर ईछा के बिरोध कर सकथे?” \v 20 हे मनखे! तेंह कोन अस कि परमेसर ला जबाब देथस? का गढ़े गे चीज ह अपन गढ़इया ला कह सकथे, “तेंह मोला अइसने काबर बनाय हवस?” \v 21 का कुम्हार ला ये अधिकार नइं ए कि माटी के एके लोंदा ले, ओह कुछू बरतन ला बिसेस उपयोग खातिर अऊ कुछू बरतन ला सधारन उपयोग खातिर बनावय? \p \v 22 येह कोनो अचरज के बात नो हय, यदि परमेसर ह अपन कोरोध अऊ सक्ति देखाय के ईछा करिस अऊ ओमन ला बड़े धीर धरके सहिस जऊन मन कोरोध के पात्र रिहिन अऊ बिनास खातिर बनाय गे रिहिन। \v 23 येह कोनो अचरज के बात नो हय, यदि परमेसर ह ये करे के दुवारा, अपन बड़े महिमा के धन ला ओमन ला देखाय चाहिस, जऊन मन दया के पात्र रिहिन अऊ महिमा के खातिर पहिली ले तियार करे गे रिहिन। \v 24 अऊ त अऊ हमन ला घलो ओह बलाईस, न सिरिप यहूदी जात म ले, पर आनजात म ले घलो बलाईस। \v 25 जइसने कि ओह होसे के किताब म कहिथे: \q1 “जऊन मन मोर मनखे नो हंय, ओमन ला मेंह अपन मनखे कहिहूं; \q2 अऊ जऊन ह मोर मयारू नो हय, ओला मेंह अपन मयारू कहिहूं,” \m \v 26 अऊ, \q1 “जऊन ठऊर म ओमन ला ये कहे गे रिहिस, \q2 ‘तुमन मोर मनखे नो हव,’ \q2 ओही जगह म, ओमन ला जीयत परमेसर के संतान कहे जाही।”\f + \fr 9:26 \fr*\ft \+xt होसे 1:10\+xt*\ft*\f* \m \v 27 यसायाह अगमजानी ह इसरायलीमन के बारे म पुकारके कहिथे, \q1 “हालाकि इसरायलीमन के गनती ह समुंदर के बालू सहीं होही, \q2 पर ओमा ले थोरकन मनखे ही बचाय जाहीं। \q1 \v 28 काबरकि परभू ह अपन फैसला ला \q2 धरती म जल्दी अऊ कड़ई से लागू करही।” \m \v 29 जइसने कि यसायाह अगमजानी ह पहिली कहे रिहिस: \q1 “यदि सर्वसक्तिमान परभू ह \q2 हमर बर बंस ला नइं छोंड़े होतिस, \q1 त हमन घलो सदोम अऊ अमोरा सहरमन सहीं \q2 पूरा नास हो गे रहितेंन।” \s1 इसरायलीमन के अबिसवास \p \v 30 तब, हमन का कहन? कि आनजात के मनखे जऊन मन परमेसर के धरमीपन के खोज नइं करत रिहिन, ओमन धरमीपन ला पा गीन, याने कि ओ धरमीपन जऊन ह बिसवास करे के दुवारा मिलथे; \v 31 पर इसरायलीमन ओ धरमीपन के खोज मूसा के कानून ला माने के आधार म करिन, पर ओ धरमीपन ओमन ला नइं मिलिस। \v 32 ओमन ला काबर नइं मिलिस? काबरकि ओमन ओ धरमीपन के खोज बिसवास के दुवारा नइं, पर अपन काम के आधार म करिन। ओमन ठोकर के पथरा म हपट के गिरिन। \v 33 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “देखव, मेंह सियोन म एक ठन पथरा मढ़ावत हवंव, जऊन ह मनखेमन के लड़खड़ाय के \q2 अऊ एक चट्टान, जऊन ह ओमन के गिरे के कारन बनही, \q2 पर जऊन ह ओकर ऊपर बिसवास करथे, ओह कभू लज्जित नइं होही।”\f + \fr 9:33 \fr*\ft \+xt यसा 8:14; 28:16\+xt*\ft*\f* \c 10 \p \v 1 हे भाईमन हो! इसरायलीमन बर मोर दिल के ईछा अऊ परमेसर ले पराथना हवय कि ओमन उद्धार पावंय। \v 2 काबरकि मेंह ओमन बर गवाही दे सकथंव कि ओमन के हिरदय म परमेसर खातिर उत्साह हवय, पर ओमन के उत्साह ह गियान के ऊपर अधारित नइं ए। \v 3 ओमन ओ बात ला नइं जानिन कि कइसने परमेसर ह मनखे ला धरमी बनाथे, पर ओमन मूसा के कानून ला माने के दुवारा खुद धरमी बने के कोसिस करिन। ओमन परमेसर के मुताबिक धरमी बने नइं चाहिन। \v 4 मसीह ह मूसा के कानून के अन्त अय, ताकि जऊन कोनो ओकर ऊपर बिसवास करय, ओह परमेसर के नजर म धरमी ठहिरय। \p \v 5 कानून ला माने के दुवारा जऊन धरमीपन होथे, ओकर बारे म मूसा ह ये किसम ले लिखथे, “जऊन मनखे ह कानूनमन के पालन करही, ओह ओमन के दुवारा जीयत रहिही।” \v 6 पर जऊन धरमीपन ह बिसवास ऊपर अधारित अय, ओकर बारे म ये कहे गे हवय, “तुमन अपन हिरदय म ये झन कहव, कि कोन ह अकास ऊपर जाही।”\f + \fr 10:6 \fr*\ft \+xt ब्यव 30:12\+xt*\ft*\f* (कि ओह मसीह ला उहां ले उतार लानय) \v 7 या अइसने घलो झन कहव, “गहरई म कोन उतरही।” (कि ओह मसीह ला मरे म ले जियाके ऊपर लानय)। \v 8 पर येह का कहिथे? “परमेसर के बचन ह तुम्हर लकठा म हवय; येह तुम्हर मुहूं म अऊ तुम्हर मन म हवय।” येह ओही बिसवास के बचन अय, जेकर परचार हमन करथन। \v 9 यदि तेंह अपन मुहूं ले कबूल करथस कि यीसू ह परभू अय अऊ अपन हिरदय म बिसवास करथस कि परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस, त तेंह उद्धार पाबे। \v 10 काबरकि मनखे ह अपन हिरदय म बिसवास करे के दुवारा परमेसर के नजर म सही ठहिरथे अऊ मुहूं ले कबूल करे के दुवारा उद्धार पाथे। \v 11 परमेसर के बचन ह ये कहिथे, “जऊन कोनो ओकर ऊपर बिसवास करही, ओह कभू लज्जित नइं होही।” \v 12 यहूदी अऊ आनजात म कोनो फरक नइं ए। ओही परभू ह जम्मो झन के परभू अय, अऊ ओह ओमन ला बहुंते आसीस देथे, जऊन मन ओकर नांव लेथें, \v 13 काबरकि “हर एक, जऊन ह परभू के नांव लीही, ओह उद्धार पाही।”\f + \fr 10:13 \fr*\ft \+xt योए 2:32\+xt*\ft*\f* \p \v 14 पर जब ओमन ओकर ऊपर बिसवास नइं करे हवंय, त ओकर नांव कइसने ले सकथें? अऊ ओमन ओकर ऊपर कइसने बिसवास कर सकथें, जब ओमन ओकर बारे म कभू नइं सुने हवंय? अऊ ओमन ओकर बारे म कइसने सुनंय, जब तक कि कोनो ओमन ला नइं बतावय? \v 15 अऊ ओमन ओकर परचार कइसने कर सकथें, जब तक ओमन ला पठोय नइं जावय? जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय, “कतेक सुघर होथे ओमन के अवई ह, जऊन मन के पांव सुघर संदेस लेके आथें।”\f + \fr 10:15 \fr*\ft \+xt यसा 52:7\+xt*\ft*\f* \p \v 16 पर जम्मो इसरायलीमन सुघर संदेस ला नइं मानिन। यसायाह अगमजानी ह कहे हवय, “हे परभू! कोन ह हमर संदेस ऊपर बिसवास करिस?”\f + \fr 10:16 \fr*\ft \+xt यसा 53:1\+xt*\ft*\f* \v 17 येह साफ ए कि बिसवास ह संदेस के सुने ले होथे, अऊ संदेस के सुनई ह मसीह के बचन ले होथे। \v 18 पर मेंह पुछत हंव: का ओमन नइं सुनिन? ओमन जरूर सुनिन: \q1 “ओमन के अवाज ह जम्मो धरती म, \q2 अऊ ओमन के बचन ह संसार के छोर तक हबर गे हवय।”\f + \fr 10:18 \fr*\ft \+xt भजन 19:4\+xt*\ft*\f* \m \v 19 मेंह फेर पुछत हंव—का इसरायलीमन नइं समझिन? पहिली मूसा ह कहिस, \q1 “मेंह तुमन म ओमन के दुवारा जलन पईदा करहूं, जेमन एक जाति नो हंय; \q2 मेंह तुमन ला एक अइसे जाति के दुवारा गुस्सा देवाहूं, जेमन म समझ नइं ए।”\f + \fr 10:19 \fr*\ft \+xt ब्यव 32:21\+xt*\ft*\f* \m \v 20 यसायाह अगमजानी ह बहुंत हिम्मत के संग कहिथे, \q1 “जऊन मन मोला नइं खोजत रिहिन, \q2 ओमन मोला पा गीन; \q1 जऊन मन मोर बारे म नइं पुछिन, \q2 ओमन ऊपर मेंह अपनआप ला परगट करेंव।”\f + \fr 10:20 \fr*\ft \+xt यसा 65:1\+xt*\ft*\f* \m \v 21 पर इसरायलीमन के बारे म, ओह कहिथे, \q1 “मेंह दिन भर अइसने मनखेमन कोति अपन हांथ ला पसारे रहेंव, \q2 जऊन मन हुकूम मनइया नो हंय अऊ ढीठ अंय।” \c 11 \s1 इसरायलीमन ऊपर परमेसर के दया \p \v 1 तब मेंह ये पुछत हंव: का परमेसर ह अपन मनखेमन ला तियाग दीस? बिलकुल नइं! मेंह खुद एक इसरायली मनखे अंव, अऊ मेंह अब्राहम के बंस अऊ बिनयामीन के गोत्र के अंव। \v 2 परमेसर ह अपन मनखेमन ला नइं तियागे हवय, जऊन मन ला ओह सुरू ले चुनिस। का तुमन नइं जानव कि परमेसर के बचन ह एलियाह अगमजानी के बारे म का कहिथे? ओह इसरायलीमन के बिरोध म परमेसर ले बिनती करिस: \v 3 “हे परभू, ओमन तोर अगमजानीमन ला मार डारिन अऊ तोर बेदीमन ला गिरा दे हवंय। सिरिप मेंह भर बांचे हवंव, अऊ ओमन मोला घलो मार डारे के कोसिस म हवंय।”\f + \fr 11:3 \fr*\ft \+xt 1 राजा 19:10, 14\+xt*\ft*\f* \v 4 अऊ परमेसर ह ओला का जबाब दीस? ओह कहिस, “मेंह अपन बर सात हजार मनखेमन ला बंचाके रखे हवंव, जऊन मन बाल देवता के आघू म माड़ी नइं टेके हवंय।” \v 5 एही किसम ले, ये समय म घलो मनखेमन के एक बांचे भाग हवय, जेमन ला परमेसर के अनुग्रह के दुवारा चुने गे हवय। \v 6 अऊ यदि येह परमेसर के अनुग्रह ले होईस, त फेर येह बने करम करे के आधार म नो हय। यदि येह बने करम करे के आधार म होतिस, त फेर अनुग्रह के कोनो मतलब नइं होतिस। \p \v 7 तब एकर का मतलब ए? इसरायली मनखेमन जेकर खोज म रिहिन, ओह ओमन ला नइं मिलिस, पर ओह चुने गय मनखेमन ला मिलिस। आने मनखेमन के हिरदय ला कठोर करे गीस, \v 8 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “परमेसर ह ओमन ला जड़ के आतमा दे हवय, \q2 ओह ओमन ला अइसने आंखी दे हवय, जऊन ह देखय नइं, \q2 अऊ अइसने कान दे हवय, जऊन ह सुनय नइं; \q1 ओमन के दसा आज तक अइसनेच हवय।” \m \v 9 अऊ दाऊद राजा ह कहिथे: \q1 “ओमन के जेवन ह ओमन बर फांदा अऊ जाल बन जावय; \q2 ओह ओमन बर ठोकर अऊ सजा के कारन बन जावय। \q1 \v 10 ओमन के आंखी म अंधियार छा जावय, ताकि ओमन झन देख सकंय, \q2 अऊ ओमन के कनिहां ह हमेसा बर मुड़ जावय।” \s1 कलम करके लगाय डंगाली \p \v 11 मेंह फेर पुछत हंव, का इसरायलीमन एकरसेति ठोकर खाईन कि ओमन हमेसा के खातिर गिर पड़ंय? बिलकुल नइं! पर इसरायलीमन के पाप के कारन आनजातमन ला उद्धार मिलिस कि इसरायलीमन ला जलन होवय। \v 12 यदि इसरायलीमन के पाप ह संसार बर आसीस के धन लानथे, अऊ ओमन के नुकसान ह आनजातमन बर आसीस के कारन बनथे, त फेर जब जम्मो इसरायलीमन परमेसर करा लहुंटके आहीं, त आनजातमन ला अऊ कतेक आसीस मिलही। \p \v 13 अब मेंह तुमन ले गोठियावत हंव, आनजातमन हो! जब तक मेंह तुमन खातिर प्रेरित अंव, तब तक मेंह अपन सेवा ला बढ़ावत हंव, \v 14 ताकि कोनो भी किसम ले, मेंह अपन यहूदी मनखेमन म जलन पईदा करंव अऊ ओमा के कुछू झन के उद्धार होवय। \v 15 काबरकि यदि ओमन के तियागे जवई ह परमेसर के संग संसार के मेल-मिलाप के कारन बनिस, त ओमन के गरहन करे जवई के मतलब ओमन बर जिनगी होही, जऊन मन मर गे हवंय। \v 16 यदि पहिली फर के रूप म, परमेसर ला चघाय गुंथे पीसान के कुछू भाग ह पबितर अय, त फेर जम्मो गुंथे पीसान ह घलो पबितर अय, अऊ यदि रूख के जरी ह पबितर अय, त फेर ओ रूख के डारामन घलो पबितर अंय। \p \v 17 यदि जैतून रूख के कुछू डारामन ला टोर देय गे हवय; अऊ ओमन के जगह म, तुमन ला जऊन मन जंगली जैतून रूख के पीका सहीं अव, जोड़े गे हवय अऊ तुम्हर पालन-पोसन ओ जैतून रूख के जरी ले होवत हवय, याने कि तुम आनजातमन यहूदीमन के आसीस म भागीदार हो गे हवव, \v 18 त ओ डारामन ऊपर घमंड झन कर। यदि तेंह घमंड करथस, त ये बात ला सुरता रख कि तेंह जरी ला नइं संभाले हवस, पर जरी ह तोला संभाले हवय। \v 19 तब तेंह कहिबे, “डारामन ला टोरे गीस ताकि मेंह ओमन के जगह म जोड़े जावंव।” \v 20 येह सही ए। ओमन ला ओमन के अबिसवास के कारन टोरे गीस, पर तेंह बिसवास के दुवारा ओमा बने हवस। एकरसेति, घमंड झन कर, पर परमेसर के भय मानके चल। \v 21 काबरकि यदि परमेसर ह यहूदीमन ला नइं छोंड़िस, जऊन मन असली डारा अंय, त ओह तोला घलो नइं छोंड़य। \p \v 22 एकरसेति, परमेसर के दया अऊ कठोरता के बारे म सोच। जऊन मन गिर गीन, ओमन ऊपर ओह कठोरता देखाईस, पर तोर ऊपर ओह दया देखाईस, त तेंह ओकर दया म बने रह। नइं तो ओह तोला घलो काटके अलग कर दीही। \v 23 अऊ यदि ओ यहूदीमन अपन अबिसवास ला छोंड़ देथें, त ओमन घलो जोड़े जाहीं, काबरकि परमेसर करा ओमन ला फेर जोड़े के सामर्थ हवय। \v 24 जब तुम आनजातमन सुभाव ले जंगली जैतून के डंगाली अव, अऊ सुभाव के उल्टा, तुमन ला काटके असली जैतून रूख म जोड़े गे हवय, त फेर ये यहूदी जऊन मन सुभाविक डंगाली अंय, अपन ही जैतून रूख म काबर अऊ बने ढंग ले जोड़े नइं जाहीं? \s1 जम्मो इसरायलीमन बंचाय जाहीं \p \v 25 हे भाईमन हो, अइसन झन होवय कि तुमन घमंडी हो जावव, एकरसेति मेंह चाहत हंव कि तुमन ये भेद ला जानव: जब तक आनजात म ले चुने जम्मो मनखेमन परमेसर करा नइं आ जावंय, तब तक इसरायलीमन के एक भाग ह अइसनेच अपन हिरदय ला कठोर बनाय रखही। \v 26 अऊ ये किसम ले जम्मो इसरायलीमन उद्धार पाहीं, जइसने परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “मुक्ति देवइया ह सियोन ले आही; \q2 ओह याकूब के बंस ले अभक्ति ला दूरिहा कर दीही। \q1 \v 27 अऊ ओमन के संग मोर ये करार होही, \q2 जब मेंह ओमन के पाप ला दूरिहा कर दूहूं।” \p \v 28 जहां तक सुघर संदेस के बात ए, त ओमन तुम्हर हित म परमेसर के बईरी अंय; पर जहां तक चुने गय मनखेमन के बात ए, त ओमन अपन कुल के मुखियामन के कारन परमेसर के मयारू अंय। \v 29 काबरकि जब परमेसर ह कोनो ला बरदान देथे अऊ चुनथे, त ओह अपन बिचार ला फेर नइं बदलय। \v 30 एक समय रिहिस, जब तुम आनजातमन परमेसर के हुकूम ला नइं मानेव, पर अब यहूदीमन के दुवारा हुकूम नइं माने के कारन, तुम्हर ऊपर परमेसर के दया होईस। \v 31 तुम्हर ऊपर परमेसर के दया होय के कारन अब यहूदीमन परमेसर के हुकूम नइं मानथें, ताकि ओमन के ऊपर घलो परमेसर के दया होवय। \v 32 काबरकि परमेसर ह जम्मो मनखेमन ला हुकूम नइं माने के पाप म बांधके रखे हवय ताकि ओह जम्मो झन के ऊपर दया देखावय। \s1 परमेसर के इस्तुति \q1 \v 33 अहा! परमेसर के बुद्धि अऊ गियान के धन के गहरई ह कतेक अथाह अय! \q2 ओकर सहीं नियाय कोनो नइं कर सकंय, \q2 अऊ ओकर काम करे के तरीका ला कोनो नइं जान सकंय! \q1 \v 34 “परभू के मन ला कोन ह जाने हवय? \q2 अऊ कोनो ओला सलाह देय के लईक नो हंय।”\f + \fr 11:34 \fr*\ft \+xt यसा 40:13\+xt*\ft*\f* \q1 \v 35 “कोन ह आज तक परमेसर ला कभू कुछू दे हवय \q2 कि परमेसर ह ओला वापिस देवय?”\f + \fr 11:35 \fr*\ft \+xt अयू 41:11\+xt*\ft*\f* \q1 \v 36 काबरकि जम्मो चीज ह परमेसर ले आय हवय, \q2 अऊ ओकर दुवारा बनाय गे हवय अऊ ओकर खातिर बनाय गे हवय। \q2 ओकर महिमा सदाकाल तक होवत रहय! आमीन। \c 12 \s1 परमेसर के सेवा म जिनगी \p \v 1 एकरसेति, हे भाईमन हो! परमेसर के दया के कारन, मेंह तुम्हर ले बिनती करत हंव कि अपन देहें ला जीयत बलिदान के रूप म परमेसर ला दे दव अऊ अपनआप ला निस्कलंक बनाके परमेसर के अइसने सेवा करव कि ओह खुस होवय—एहीच ह परमेसर बर तुम्हर सही अराधना अय। \v 2 तुमन ये संसार के मनखेमन सहीं झन बनव, पर तुमन के मन ह नवां हो जाय के कारन, तुम्हर चालचलन घलो बदल जावय। तब तुमन परमेसर के ओ ईछा ला परखके जान सकहू जऊन ह बने, मनभावन अऊ सिद्ध अय। \p \v 3 परमेसर के दुवारा मोला दिये गय अनुग्रह के कारन, मेंह तुमन जम्मो झन ला ये कहत हंव: अपनआप ला जतेक समझना चाही, ओकर ले जादा झन समझव, पर परमेसर के दुवारा दिये गय बिसवास के तदाद के मुताबिक अपनआप ला समझव। \v 4 जइसने हमर एक देहें हवय अऊ ओकर बहुंते अंग हवंय अऊ हर एक अंग के अलग-अलग काम हवय। \v 5 वइसने, हालाकि हमन बहुंते हवन, पर मसीह म हमन एक देहें के सहीं अन अऊ हर एक सदस्य एक-दूसर ले जुड़े हवन। \v 6 परमेसर के दुवारा दिये गय अनुग्रह के मुताबिक हमन ला अलग-अलग किसम के बरदान मिले हवय। जऊन ला अगमबानी करे के बरदान मिले हवय, त ओह परमेसर म अपन बिसवास के मुताबिक ओकर उपयोग करय। \v 7 कहूं कोनो ला सेवा करे के बरदान मिले हवय, त ओह सेवा करय। जऊन ला सिकछा देय के बरदान हवय, ओह सिखोय म लगे रहय। \v 8 जऊन ला उत्साहित करे के बरदान मिले हवय, ओह आने मन ला उत्साहित करय। जऊन ला दान देय के बरदान मिले हवय, त ओह दिल खोलके दान करय। जऊन ला अगुवई करे के बरदान हवय, त ओह उत्साह से अगुवई करय, अऊ जऊन ला दया करे के बरदान मिले हवय, ओह खुसी से आने ऊपर दया करय। \s1 मया \p \v 9 आने मन ला निस्कपट मया करव। बुरई ले घिन करव; भलई करे म लगे रहव। \v 10 भाई-चारा के मया करत एक-दूसर बर समरपित रहव। एक-दूसर ला अपन ले बढ़के आदर देवव। \v 11 काम-बुता करे म अलाली झन करव; पर परभू के सेवा करत अपन आतमिक उत्साह ला बनाय रखव। \v 12 परभू के ऊपर आसा म आनंदित रहव; दुख-तकलीफ के समय धीरज धरे रहव; पराथना म हमेसा लगे रहव। \v 13 परमेसर के मनखेमन ला, ओमन के जरूरत के मुताबिक मदद करव, अऊ पहुनई करे म लगे रहव। \p \v 14 जऊन मन तुमन ला सताथें, ओमन ला आसीस देवव, हां! आसीस देवव, सराप झन देवव। \v 15 आनंद मनइयामन के संग आनंद मनावव अऊ रोवइयामन के संग रोवव। \v 16 एक-दूसर के संग संगति रखव; घमंडी झन बनव, पर दीन-हीन मन के संग संगति रखव; अपन नजर म बुद्धिमान झन बनव। \p \v 17 कहूं कोनो तुम्हर बुरई करथे, त बदले म, ओकर बुरई झन करव। ओ काम करे के कोसिस करव, जऊन ला जम्मो झन सही समझथें। \v 18 जिहां तक हो सकय, तुमन जम्मो झन के संग सांति के साथ रहे के भरसक कोसिस करव। \v 19 हे मोर मयारू संगवारीमन! काकरो ले बदला झन लेवव, पर येला परमेसर के ऊपर छोंड़ देवव; परमेसर के कोरोध ओकर ऊपर भड़कही। काबरकि परमेसर के बचन म ये लिखे हवय, “परभू ह कहिथे, ‘बदला लेवई मोर काम ए, मेंह बदला लूहूं।’\f + \fr 12:19 \fr*\ft \+xt ब्यव 32:35\+xt*\ft*\f*” \v 20 परमेसर के बचन म ये घलो लिखे हवय, \q1 “यदि तोर बईरी ह भूखा हवय, \q2 त ओला खाना खवा, यदि ओह पीयासन हवय, त ओला पीये बर कुछू दे। \q1 अइसने करे ले, ओह लज्जित होही।”\f + \fr 12:20 \fr*\ft \+xt नीति 25:21, 22\+xt*\ft*\f* \m \v 21 बुरई ले झन हारव, पर भलई करे के दुवारा बुरई ला जीत लेवव। \c 13 \s1 अधिकारीमन के अधीन रहई \p \v 1 हर एक मनखे सासन करइया अधिकारीमन के अधीन रहय, काबरकि परमेसर कोति ले अधिकार दिये जाथे। अभी जऊन अधिकार हवय, ओह परमेसर के दुवारा दिये गे हवय। \v 2 एकरसेति, जऊन ह अधिकार के बिरोध करथे, ओह परमेसर के ठहिराय अधिकार के बिरोध करथे अऊ अइसने मनखे ह अपन ऊपर दंड लानथे। \v 3 जऊन ह सही काम करथे, ओकर ऊपर अधिकारी के भय नइं रहय, पर जऊन ह गलत काम करथे, ओकर ऊपर अधिकारी के डर बने रहिथे। का तुमन अधिकारी के भय ले मुक्त होय चाहथव? त फेर सही काम करव अऊ ओह तुम्हर बड़ई करही। \v 4 काबरकि ओह तुम्हर भलई खातिर परमेसर के सेवक अय। पर यदि तुमन गलत करथव, त ओकर ले डरव, काबरकि ओला बेकार म अधिकार नइं दिये गे हवय। ओह परमेसर के दास ए अऊ कुकरमीमन ला दंड देथे। \v 5 एकरसेति, न सिरिप दंड ले बांचे खातिर, पर अपन बिबेक के खातिर घलो, अधिकारीमन के अधीन रहना जरूरी अय। \p \v 6 एकरे कारन, तुमन लगान घलो पटाथव, काबरकि अधिकारीमन परमेसर के सेवक अंय, जऊन मन अपन पूरा समय अइसने काम बर देथें। \v 7 हर ओ मनखे के चुकता कर देवव, जेकर तुमन लगत हवव; जऊन ला लगान पटाना हवय, ओला लगान पटावव; जऊन ला मालगुजारी देना हवय, ओला मालगुजारी देवव; जेकर ले डरना चाही, ओकर ले डरव अऊ जेकर आदरमान करना चाही, ओकर आदरमान करव। \s1 एक-दूसर बर जिम्मेदारी \p \v 8 आपस म मया रखव अऊ मया के छोंड़ अऊ कोनो चीज म काकरो करजदार झन बनव। जऊन ह अपन संगी मनखे ला मया करथे, ओह मूसा के कानून ला मनइया समझे जाथे। \v 9 “छिनारी झन करव,” “हतिया झन करव,” “चोरी झन करव,” “लालच झन करव।”\f + \fr 13:9 \fr*\ft \+xt निर 20:13‑15, 17; ब्यव 5:17‑19, 21\+xt*\ft*\f* ये हुकूम अऊ जऊन आने हुकूम हवंय, ये जम्मो के सार ये अय: “अपन परोसी ले अपन सहीं मया कर।”\f + \fr 13:9 \fr*\ft \+xt लैव्य 19:18\+xt*\ft*\f* \v 10 जऊन ह मया करथे ओह अपन परोसी के कोनो नुकसान नइं करय। एकरसेति, जऊन ह मया करथे, ओह मूसा के कानून ला पूरा करथे। \s1 दिन ह लकठा म हवय \p \v 11 अभी के समय ला जानके, तुमन अइसनेच करव। तुम्हर नींद ले जागे के बेरा ह आ गे हवय। काबरकि जब हमन यीसू के ऊपर पहिली बिसवास करे रहेंन, ओ समय के बनिस्पत अब हमर उद्धार ह अऊ लकठा म हवय। \v 12 रात ह लगभग बीत गे हवय, अऊ दिन ह निकलइया हवय। एकरसेति, आवव, हमन अंधियार के गलत काममन ला छोंड़ देवन अऊ अंजोर के हथियारमन ला बांध लेवन। \v 13 जइसने दिन के समय उचित ए, आवव, हमन सही चालचलन म रहन अऊ अपनआप ला रंगरेली, पियक्कड़पन, छिनारी, दुराचार, लड़ई-झगरा, अऊ जलन ले दूरिहा रखन। \v 14 तुम्हर चालचलन ह परभू यीसू मसीह के चालचलन सहीं होवय अऊ तुमन अपन पापी हिरदय के ईछा ला पूरा करे के बिचार ला छोंड़ देवव। \c 14 \s1 निरबल अऊ बलवान \p \v 1 जऊन ह बिसवास म कमजोर हवय, ओला अपन संगति म ले लव, पर ओकर अलग बिचार के ऊपर ओकर संग बहस झन करव। \v 2 एक झन बिसवास करथे कि ओह जम्मो चीज ला खा सकथे, पर जऊन मनखे ह बिसवास म कमजोर हवय, ओह सोचथे कि सिरिप साग-भाजी खाना उचित ए। \v 3 जऊन मनखे ह जम्मो चीज ला खाथे, ओह साग-भाजी खवइया ला तुछ झन समझय, अऊ जऊन ह सिरिप साग-भाजी खाथे, ओह जम्मो चीज खवइया मनखे ला दोसी झन ठहिरावय, काबरकि परमेसर ह ओला गरहन करे हवय। \v 4 तेंह कोन अस कि आने के सेवक ऊपर दोस लगाथस? ओह सफल होथे या असफल हो जाथे, ये बात ओकर मालिक ले संबंध रखथे। अऊ ओ सेवक ह बिसवास म बने रहिही, काबरकि परभू ह ओला बिसवास म स्थिर कर सकथे। \p \v 5 कोनो मनखे ह एक दिन ला आने दिन ले जादा महत्व के समझथे, त कोनो मनखे ह जम्मो दिन ला एके बरोबर समझथे। हर एक मनखे ला अपन सोच के बारे म निस्चय होना चाही। \v 6 जऊन ह कोनो दिन ला बिसेस दिन समझथे, त ओह परभू बर अइसने समझथे। जऊन ह कुछू चीज ला खाथे, त ओह परभू के आदर म खाथे, काबरकि ओह परमेसर ला धनबाद देके खाथे, अऊ जऊन ह कुछू चीज ला खाय म परहेज करथे, ओह परभू के आदर म अइसने करथे अऊ परमेसर ला धनबाद देथे। \v 7 काबरकि हमन ले कोनो न तो अपन खातिर जीथे, अऊ न कोनो अपन खातिर मरथे। \v 8 यदि हमन जीयत हवन, त परभू खातिर जीयत हवन, अऊ यदि हमन मरथन, त परभू के खातिर मरथन। एकरसेति चाहे हमन जीयन या मरन, हमन परभू के अन। \v 9 मसीह ह एकर कारन मरिस अऊ फेर जी उठिस कि ओह जीयत अऊ मरे दूनों मनखेमन के परभू होवय। \p \v 10 तब तुमन काबर अपन भाई ऊपर दोस लगाथव? या अपन भाई ला काबर तुछ समझथव? हमन जम्मो झन ला परमेसर के नियाय आसन के आघू म ठाढ़ होना पड़ही। \v 11 काबरकि परमेसर के बचन म ये लिखे हवय, \q1 “परभू ह कहिथे, ‘मोर जिनगी के कसम \q1 हर एक मनखे ह मोर आघू म माड़ी टेकही; \q2 हर एक मनखे ह परमेसर ला मानही।’ ”\f + \fr 14:11 \fr*\ft \+xt यसा 45:23\+xt*\ft*\f* \m \v 12 एकरसेति, हमन ले हर एक झन परमेसर ला अपन काम के लेखा-जोखा दीही। \s1 आने मन के पाप म पड़े के कारन झन बनव \p \v 13 एकरसेति, हमन एक-दूसर के ऊपर दोस झन लगावन। पर अपन मन म, ये ठान लेवन कि हमन न तो अपन भाई के रसता म कोनो बाधा डालन अऊ न ही ओकर पाप म पड़े के कारन बनन। \v 14 मेंह जानत हंव अऊ परभू यीसू के संगति म रहे के कारन मोला पूरा बिसवास हवय कि कोनो चीज ह अपनआप म असुध नइं होवय। पर कहूं कोनो मनखे कोनो चीज ला असुध समझथे, त फेर ओकर बर ओह असुध अय। \v 15 कहूं तेंह कुछू अइसने खाना खाथस, जेकर ले तोर भाई ह उदास होथे, त फेर तेंह अपन भाई ले मया नइं करथस। अइसने खाना ला झन खा, जऊन ह कोनो मनखे के पाप म पड़े के कारन बनथे, जेकर बर मसीह ह मरिस। \v 16 जऊन बात ला तुमन सही समझथव, ओकर बारे म कोनो मनखे ला खराप गोठियाय के मऊका झन देवव। \v 17 काबरकि परमेसर के राज ह खाना अऊ पीना नो हय, पर येह धरमीपन, सांति अऊ आनंद के बात अय, जऊन ह पबितर आतमा ले मिलथे। \v 18 जऊन ह अइसने मसीह के सेवा करथे, ओकर ले परमेसर ह खुस होथे अऊ मनखेमन घलो ओला सही समझथें। \p \v 19 एकरसेति हमन ओ बातमन के ऊपर धियान लगावन, जेकर ले सांति होथे अऊ एक-दूसर के चालचलन ह सुधरथे। \v 20 भोजन के खातिर परमेसर के काम ला झन बिगाड़व। वास्तव म, जम्मो भोजन ह सुध अय, पर यदि कोनो मनखे ह अइसने चीज ला खाथे, जऊन ला देखके आने मनखे ह पाप म गिरथे, त ओ खवइया ह गलत करथे। \v 21 बने बात तो ये अय कि तुमन न तो मांस खावव, अऊ न ही मंद पीयव, अऊ न ही अइसने कोनो काम करव, जेकर ले तुम्हर भाई ह पाप म गिरय। \p \v 22 अइसने चीजमन के बारे म, तोर जऊन बिसवास हवय, ओला अपन अऊ परमेसर के बीच म रहन दे। धइन ए ओ मनखे, जऊन ह कोनो चीज ला सही समझथे अऊ ओकर बारे म अपनआप ला दोसी नइं मानय। \v 23 पर जऊन ह कुछू चीज ला संका करके खाथे, त ओला परमेसर ह दोसी ठहिराथे, काबरकि ओह बिसवास के संग नइं खावय; अऊ हर ओ काम जऊन ह बिसवास के संग नइं करे जावय, ओह पाप अय। \c 15 \p \v 1 हमन ला जऊन मन बिसवास म मजबूत हवन, ओमन के कमजोरी ला सहन करना चाही, जऊन मन बिसवास म कमजोर हवंय अऊ हमन ला अपनआप ला खुस नइं करना चाही। \v 2 हमन ले हर एक झन ला अपन परोसी ला खुस करना चाही, ताकि ओकर भलई होवय अऊ ओह बिसवास म बढ़य। \v 3 काबरकि मसीह ह अपनआप ला खुस नइं करिस, पर जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय, “मनखेमन तोर जऊन बेजत्ती करिन, ओ बेजत्ती ह मोर ऊपर आ गीस।”\f + \fr 15:3 \fr*\ft \+xt भजन 69:9\+xt*\ft*\f* \v 4 परमेसर के बचन म जऊन बातमन पहिली ले लिखे गे हवंय, ओमन हमर सिकछा बर अंय, ताकि हमन धीरता अऊ बचन के उत्साह के जरिये मसीह यीसू के आसा म बने रहन। \p \v 5 परमेसर जऊन ह हमन ला धीरज अऊ उत्साह देथे, तुमन ला अइसने सोच देवय कि तुमन मसीह यीसू के हुकूम ला मानत एकता म बने रहव, \v 6 ताकि एक संग तुमन एक स्वर म हमर परभू यीसू मसीह के ददा परमेसर के इस्तुति कर सकव। \p \v 7 जइसने मसीह ह तुमन ला परमेसर के महिमा खातिर गरहन करिस, वइसने तुमन घलो एक-दूसर ला गरहन करव। \v 8 काबरकि मेंह तुमन ला बतावत हंव कि मसीह ह परमेसर के सच्चई ला परगट करे बर यहूदीमन के सेवक बनिस, ताकि ओह परमेसर के दुवारा हमर कुल के मुखियामन ला दिये गय परतिगियां ला पूरा करय, \v 9 अऊ आनजातमन के ऊपर परमेसर के दया होवय अऊ ओमन परमेसर के महिमा करंय, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “एकरसेति आनजातमन के बीच म, मेंह तोर परसंसा करहूं; \q2 मेंह तोर नांव के परसंसा के भजन गाहूं।”\f + \fr 15:9 \fr*\ft \+xt 2 समू 22:50; भजन 18:49\+xt*\ft*\f* \m \v 10 परमेसर के बचन म ये घलो कहे गे हवय, \q1 “हे आनजातमन, तुमन परमेसर के मनखेमन के संग आनंद मनावव।” \m \v 11 परमेसर के बचन म ये घलो कहे गे हवय, \q1 “हे आनजात के जम्मो मनखेमन, परभू के परसंसा करव; \q2 जम्मो मनखेमन ओकर बहुंत परसंसा करंय।” \m \v 12 अऊ यसायाह अगमजानी ह घलो कहे हवय, \q1 “यिसै के जरी म ले एक झन आही, \q2 ओह जम्मो जाति के मनखेमन ऊपर राज करे बर उठही; \q2 अऊ आनजातमन ओकर ऊपर अपन आसा रखहीं।”\f + \fr 15:12 \fr*\ft \+xt यसा 11:10\+xt*\ft*\f* \p \v 13 परमेसर जऊन ह आसा देथे, तुम्हर बिसवास के कारन तुमन ला पूरा आनंद अऊ सांति ले भर देवय, ताकि पबितर आतमा के सामर्थ के दुवारा मसीह म तुम्हर आसा अऊ बढ़ते रहय। \s1 आनजातमन के सेवक—पौलुस \p \v 14 हे मोर भाईमन हो! मोला पूरा बिसवास हवय कि तुमन म भलई के बात भरे हवय अऊ तुम्हर करा परमेसर के बारे म जम्मो गियान हवय अऊ तुमन एक-दूसर ला सिखोय के काबिल हवव। \v 15 पर कुछू बातमन ला मेंह फेर सुरता कराय बर तुमन ला बड़े हिम्मत के साथ लिखे हवंव। परमेसर ह मोला अनुग्रह दीस \v 16 कि आनजातमन बर मेंह मसीह यीसू के सेवक बनंव अऊ एक पुरोहित के सहीं परमेसर के सुघर संदेस के परचार करंव, ताकि आनजातमन परमेसर ला गरहनयोग्य अइसने बलिदान बन जावंय, जऊन ह पबितर आतमा के दुवारा सुध करे गे हवय। \p \v 17 तब मेंह मसीह यीसू के संगति म रहिके परमेसर बर मोर जऊन सेवा हवय, ओकर ऊपर घमंड कर सकत हंव। \v 18 जऊन काम ला मसीह मोर जरिये करे हवय, ओकर छोंड़ मेंह अऊ कोनो बिसय म गोठियाय के हिम्मत नइं करंव। मसीह ह आनजातमन ला परमेसर करा लाने बर मोर उपयोग करिस—ओह ये बुता ला मोर बचन अऊ काम के दुवारा करिस; \v 19 मोर दुवारा परमेसर के आतमा के सामर्थ म चिनहां अऊ चमतकार होईस। ये किसम ले, मेंह यरूसलेम सहर ले लेके इल्लुरिकुम प्रदेस तक, मसीह के सुघर संदेस के पूरा परचार करे हवंव। \v 20 येह हमेसा मोर ईछा अय कि मेंह सुघर संदेस के परचार उहां करंव, जिहां मनखेमन मसीह के बारे म नइं सुने हवंय। मेंह नइं चाहथंव कि जिहां सुघर संदेस के परचार हो गे हवय, उहां जाके मेंह कलीसिया के इस्‍थापना करंव। \v 21 पर जइसने परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “जऊन मन ला ओकर सुघर संदेस के परचार नइं करे गीस, ओमन ओकर दरसन करहीं, \q2 अऊ जऊन मन सुघर संदेस नइं सुने हवंय, ओमन समझहीं।”\f + \fr 15:21 \fr*\ft \+xt यसा 52:15\+xt*\ft*\f* \m \v 22 एकरे कारन कतको बार ले बाधा डाले गीस अऊ मेंह तुम्हर करा नइं आ सकंय। \s1 रोम देस जाय बर पौलुस के योजना \p \v 23 पर अब, ये इलाका म मोर काम करे बर अऊ कोनो जगह नइं बचे हवय। कतेक साल ले तुम्हर करा आय के मोर मन हवय, \v 24 एकरसेति जब मेंह स्पेन देस जाहूं, त तुम्हर इहां ले होवत जाहूं। मोला आसा हवय कि तुम्हर संग कुछू समय बिताके मोला आनंद मिलही, अऊ तुमन आघू के मोर यातरा म मदद करहू। \v 25 अभी तो मेंह संतमन के सेवा करे बर यरूसलेम सहर जावत हंव। \v 26 काबरकि मकिदुनिया अऊ अखया के कलीसिया के मनखेमन ला ये बने लगिस कि यरूसलेम के गरीब संतमन बर कुछू दान पठोवंय। \v 27 ओमन दान पठोके खुस हवंय अऊ वास्तव म, ओमन यरूसलेम के संतमन के करजदार अंय। काबरकि जब आनजातमन यहूदीमन के आतमिक आसीस म भागीदार होय हवंय, त आनजातमन बर ये उचित अय कि ओमन अपन संसारिक धन के दुवारा यहूदीमन के मदद करंय। \v 28 ये बुता ला पूरा करके अऊ ये बात ला निस्चित करके कि ये चंदा ह ओमन ला मिल गे हवय, तब मेंह उहां ले स्पेन देस जाहूं, अऊ उहां जावत बेरा डहार म तुम्हर करा आहूं। \v 29 मोला बिसवास हवय कि जब मेंह तुम्हर करा आहूं, त मसीह के जम्मो आसीस के संग आहूं। \p \v 30 हे भाईमन हो! हमर परभू यीसू मसीह अऊ पबितर आतमा के मया के सुरता कराके, मेंह तुम्हर ले बिनती करत हंव कि मोर खातिर परमेसर ले पराथना करे म उत्साह के संग मोर साथ देवव। \v 31 पराथना करव कि मोला यहूदिया प्रदेस म अबिसवासीमन ले कोनो हानि झन होवय, अऊ जऊन सेवा, मेंह यरूसलेम म करंव ओकर ले उहां के संतमन खुस होवंय। \v 32 तब परमेसर के ईछा के मुताबिक, मेंह तुम्हर करा आनंद सहित आ सकंव अऊ तुम्हर संगति पाके तरो-ताजा होवंव। \v 33 सांति के देवइया परमेसर तुमन जम्मो झन संग रहय। आमीन। \b \c 16 \s1 पौलुस के जोहार \p \v 1 मेंह हमर बहिनी फीबे बर तुम्हर ले बिनती करत हंव, जऊन ह किंख्रिया के कलीसिया म एक सेविका\f + \fr 16:1 \fr*\ft या \ft*\fqa डीकन\fqa*\f* ए। \v 2 परभू म एक संत सहीं ओला गरहन करव अऊ यदि ओला कोनो चीज के जरूरत हवय, त ओमा ओकर मदद करव, काबरकि ओह कतको मनखेमन के मदद करे हवय अऊ संग म मोर घलो मदद करे हवय। \b \p \v 3 प्रिसकिल्ला अऊ अक्विला ला मोर जोहार दे दव; मसीह यीसू के सेवा करे म ओमन मोर सहकरमी अंय। \v 4 ओमन मोर खातिर अपन जान ला जोखिम म डार दे रिहिन। ओमन ला सिरिप में ही नइं, पर आनजातमन के जम्मो कलीसियामन घलो धनबाद देवत हवंय। \p \v 5 ओ कलीसिया ला घलो मोर जोहार कहव, जऊन ह ओमन के घर म जूरथे। \p मोर मयारू संगी इपैनितुस ला मोर जोहार कहव, जऊन ह एसिया प्रदेस म सबले पहिली मसीह के ऊपर बिसवास करिस। \p \v 6 मरियम ला जोहार दे दव, जऊन ह तुम्हर खातिर कठिन मेहनत करे हवय। \p \v 7 अन्‍द्रुनीकुस अऊ यूनियास ला मोर जोहार मिलय। ओमन मोर रिस्तेदार अंय अऊ ओमन मोर संग जेल म रिहिन। प्रेरितमन के बीच म ओमन नामी अंय अऊ ओमन मोर ले पहिली मसीह के ऊपर बिसवास करिन। \p \v 8 अम्‍पलियातुस ला जोहार कहव, जऊन ह परभू म मोर मयारू ए। \p \v 9 उरबानुस ला मोर जोहार मिलय, जऊन ह मसीह के सेवा म हमर सहकरमी अय, अऊ मोर मयारू संगी इस्तखुस ला मोर जोहार कहव। \p \v 10 अपिल्लेस ला जोहार कहव, जेकर मसीह म बिसवास ह साबित हो गे हवय। \p अरिसतुबुलस के घराना ला मोर जोहार कहव। \p \v 11 मोर रिस्तेदार हेरोदियोन ला मोर जोहार। \p नरकीसुस के घराना के जऊन मन परभू के ऊपर बिसवास करथें, ओमन ला मोर जोहार। \p \v 12 त्रुफेना अऊ त्रुफोसा ला मोर जोहार मिलय। ये माईलोगनमन परभू खातिर कठिन मेहनत करथें। \p आने माईलोगन पिरसिस ला मोर जोहार। ओह मोर मयारू संगी ए अऊ परभू खातिर अब्बड़ मेहनत करे हवय। \p \v 13 रूफुस ला मोर जोहार कहव, जऊन ला परभू ह चुने हवय, अऊ ओकर दाई ला जऊन ह मोर दाई सहीं अय, ओला मोर जोहार। \p \v 14 असुक्रितुस, फिलगोन, हिरमेस, पत्रुबास, हिरमास अऊ जऊन भाईमन ओमन के संग हवंय ओ जम्मो झन ला मोर जोहार। \p \v 15 फिलुलुगुस, यूलिया, नेरयुस, अऊ ओकर बहिनी अऊ उलुम्पास अऊ जम्मो संत, जऊन मन येमन के संग हवंय, ओमन ला मोर जोहार कहव। \p \v 16 पबितर चूमा लेके एक-दूसर ला जोहार करव। \p इहां मसीह के जम्मो कलीसियामन तुमन ला जोहार कहथें। \b \p \v 17 हे मोर भाईमन हो! मेंह तुम्हर ले बिनती करत हंव कि तुमन ओ मनखेमन ले सचेत रहव, जऊन मन तुम्हर बीच म फूट डारथें अऊ तुम्हर आतमिक जिनगी के बढ़ोतरी म बाधा डारथें। येह ओ सिकछा ले मेल नइं खावय, जऊन ह तुमन ला दिये गे हवय। अइसने मनखेमन ले दूरिहा रहव। \v 18 काबरकि अइसने मनखेमन हमर परभू यीसू मसीह के सेवा नइं करंय, पर येमन अपन मन के ईछा ला पूरा करथें। येमन गुरतूर बोली अऊ चापलूसी करके सीधा-साधा मनखेमन ला भरमा देथें। \v 19 तुमन के, परभू यीसू के हुकूम माने के चरचा ह जम्मो मनखेमन के बीच म बगर गे हवय, एकरसेति मेंह तुम्हर बारे म बहुंत आनंदित हंव। पर मेंह चाहत हंव कि तुमन बुद्धिमानी के संग दूसर के भलई करव अऊ अपनआप ला बुरई करे ले दूरिहा रखव। \b \p \v 20 सांति देवइया परमेसर ह जल्दी सैतान ला तुम्हर गोड़ खाल्हे कुचरही। \b \p हमर परभू यीसू के अनुग्रह तुम्हर ऊपर होवत रहय। \b \p \v 21 मोर सहकरमी तीमुथियुस ह तुमन ला जोहार कहत हवय अऊ वइसने मोर रिस्तेदार लूकियुस, यासोन अऊ सोसीपत्रुस घलो तुमन ला जोहार कहत हवंय। \p \v 22 में, तिरतियुस ये चिट्ठी के लिखइया तुमन ला परभू म जोहार कहत हंव। \p \v 23 गयुस, जेकर पहुनई के, में अऊ जम्मो कलीसिया आनंद उठाथन, ओह तुमन ला जोहार कहत हे। \p इरासतुस, जऊन ह सहर म मनखेमन ले संबंधित काम के संचालक ए, ओह अऊ हमर भाई क्वारतुस घलो तुमन ला जोहार कहत हवंय। \b \p \v 24 हमर परभू यीसू के अनुग्रह, तुमन जम्मो झन ऊपर होवय। आमीन।\f + \fr 16:24 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \b \p \v 25 ओ परमेसर के इस्तुति होवय, जऊन ह तुमन ला मसीह के बिसवास म मजबूत कर सकथे—यदि तुमन मोर दुवारा सुनाय गय यीसू मसीह के सुघर संदेस के परचार ऊपर बिसवास करहू त। परमेसर के उद्धार के योजना के भेद ह कतेक जुग ले छिपे रिहिस, \v 26 पर अब अनादि-अनंत परमेसर के हुकूम के मुताबिक, अगमजानीमन के लिखे बचन के जरिये, येह परगट होईस अऊ येला संसार के जम्मो जाति के मनखेमन ला बताय जावत हवय, ताकि ओमन मसीह ऊपर बिसवास करंय अऊ ओकर हुकूम ला मानंय। \v 27 सिरिप परमेसर एके झन बुद्धिमान ए; ओकर महिमा यीसू मसीह के जरिये सदाकाल तक होवत रहय! आमीन।