\id PSA - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h भजन-संहिता \toc1 भजन-संहिता के किताब \toc2 भजन-संहिता \toc3 भजन \mt1 भजन-संहिता \mt2 के किताब \c 1 \ms भाग 1 \mr भजन-संहिता 1–41 \cl भजन-संहिता 1 \q1 \v 1 धइन अय ओ मनखे, \q2 जऊन ह दुस्टमन के चाल म नइं चलय \q1 या पापीमन के रद्दा म ठाढ़ नइं होवय, \q2 या ठट्ठा करइयामन के संग म नइं बईठय, \q1 \v 2 पर ओह यहोवा के कानून म खुस रहिथे, \q2 अऊ ओह ओकर कानून म रात अऊ दिन मनन-चिंतन करत रहिथे। \q1 \v 3 ओ मनखे ह ओ रूख सहीं अय, जऊन ला बहत नरवा के तीर म लगाय गे हवय, \q1 अऊ सही समय म फरथे, \q1 अऊ जेकर पान ह कभू नइं अयलाय— \q2 जऊन कुछू ओह करथे, ओह सफल होथे। \b \q1 \v 4 दुस्ट मनखेमन अइसे नइं होवंय, \q2 ओमन बदरा जइसे होथें, \q2 जऊन ला हवा ह उड़िया ले जाथे। \q1 \v 5 एकरसेति दुस्ट मनखेमन अदालत म ठहर नइं सकंय, \q2 अऊ न ही पापीमन धरमीमन के सभा म ठहिरहीं। \b \q1 \v 6 काबरकि यहोवा के नजर ह धरमीमन के चालचलन ऊपर रहिथे, \q2 पर दुस्टमन के चालचलन ह ओमन ला बिनास कोति ले जाथे। \c 2 \cl भजन-संहिता 2 \q1 \v 1 जाति-जाति के मनखेमन काबर हो-हल्ला मचाथें \q2 अऊ मनखेमन काबर बेकार म सडयंत्र रचथें? \q1 \v 2 यहोवा अऊ ओकर अभिसिक्त जन के बिरूध \q2 धरती के राजामन ठाढ़ होथें अऊ सासन करइयामन \q2 ये कहिके एक संग जूरथें, \q1 \v 3 “आवव, हमन ओमन के बेड़ीमन ला टोर दन \q2 अऊ ओमन के बंधना ला उतार फेंकन।” \b \q1 \v 4 जऊन ह स्वरग के सिंघासन म बिराजे हवय, ओह हंसथे; \q2 परमेसर ह ओमन के ठट्ठा करथे। \q1 \v 5 ओह गुस्सा होके ओमन ला डांटथे \q2 अऊ अपन कोप म ओमन ला ये कहिके डरवाथे, \q1 \v 6 “मेंह अपन राजा ला \q2 अपन पबितर पहाड़ सियोन ऊपर बईठा दे हंव।” \b \p \v 7 मेंह यहोवा के बिधि-बिधान के घोसना करहूं: \b \q1 ओह मोला कहिस, “तेंह मोर बेटा अस; \q2 आज मेंह तोर ददा बन गे हवंव। \q1 \v 8 मोर ले मांग, \q2 अऊ मेंह जम्मो देसमन ला तोर संपत्ति होय बर, \q2 अऊ धरती के छोर तक के जगह ला तोर अधिकार म दे दूहूं। \q1 \v 9 तेंह ओमन ला लोहा के छड़ ले टोर-फोर देबे\f + \fr 2:9 \fr*\ft या \ft*\fqa लोहा के राजदंड ले राज करबे\fqa*\f*; \q2 तेंह ओमन ला माटी के बरतन सहीं फोरके कुटा-कुटा कर देबे।” \b \q1 \v 10 एकरसेति, हे राजामन, तुमन बुद्धिमान बनव; \q2 हे धरती के सासन करइयामन, सचेत रहव। \q1 \v 11 भय के संग यहोवा के सेवा करव \q2 अऊ कांपत-कांपत ओकर सासन के खुसी मनावव। \q1 \v 12 ओकर बेटा ला चूमव, नइं तो ओह गुस्सा हो जाही \q2 अऊ तुम्हर जिनगी ह तुमन ला बिनास कोति ले जाही, \q1 काबरकि छिन भर म ओकर कोप ह भड़क सकथे। \q2 धइन अंय ओमन, जेमन ओकर करा सरन लेथें। \c 3 \cl भजन-संहिता 3\f + \fr 3 \fr*\ft इबरानी म \+xt 3:1‑8\+xt* ला 3:2‑9 गने गे हवय\ft*\f* \d दाऊद के एक भजन। जब ओह अपन बेटा अबसालोम करा ले भागत रिहिस। \q1 \v 1 हे यहोवा, कतेक जादा हवंय मोर बईरीमन! \q2 कतेक मनखेमन मोर बिरोध म ठाढ़ होवत हें! \q1 \v 2 बहुंते झन मोर बारे म कहत हें, \q2 “परमेसर ह ओला नइं बचाय।” \b \q1 \v 3 पर हे यहोवा, तेंह मोर चारों कोति एक ढाल अस, \q2 तेंह मोर महिमा अस, अऊ तेंह मोर मुड़ ला ऊंचहा करथस। \q1 \v 4 मेंह यहोवा ला जोर से पुकारथंव, \q2 अऊ ओह अपन पबितर पहाड़ ले मोला जबाब देथे। \b \q1 \v 5 मेंह लेटथंव अऊ सुत जाथंव; \q2 मेंह फेर जागथंव, काबरकि यहोवा ह मोला संभालथे। \q1 \v 6 मेंह ओ हजारों-हजार मनखेमन ले नइं डरंव, \q2 जेमन चारों कोति ले मोर ऊपर हमला करथें। \b \q1 \v 7 हे यहोवा, उठ! \q2 हे मोर परमेसर, मोला बचा! \q1 मोर जम्मो बईरीमन के जबड़ा म मार; \q2 अऊ दुस्टमन के दांत ला टोर दे। \b \q1 \v 8 छुटकारा यहोवा ही देथे। \q2 हे यहोवा, तोर आसीस तोर मनखेमन ऊपर होवय। \c 4 \cl भजन-संहिता 4\f + \fr 4 \fr*\ft इबरानी म \+xt 4:1‑8\+xt* ला 4:2‑9 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। तारवाले बाजामन के संग। दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे मोर धरमी परमेसर, \q2 जब मेंह तोला बलावंव, त तेंह मोला जबाब दे। \q1 मोला मोर बिपत्ति म सहारा दे; \q2 मोर ऊपर दया कर अऊ मोर पराथना ला सुन। \b \q1 \v 2 हे मनखेमन! तुमन कब तक मोर महिमा के बेजत्ती करत रहिहू? \q2 तुमन कब तक भरम ले मया करत रहिहू अऊ लबरा देवतामन के खोज म रहिहू? \q1 \v 3 तुमन जान लव कि यहोवा ह अपन बिसवासयोग्य सेवक ला अपन बर अलग रखे हवय; \q2 जब मेंह यहोवा ला पुकारथंव, त ओह मोर बात ला सुनथे। \b \q1 \v 4 कांपत रहव अऊ\f + \fr 4:4 \fr*\ft या \ft*\fqa गुस्सा होके\fqa*\f* पाप झन करव; \q2 जब तुमन अपन दसना म रहिथव, \q2 त अपन मन ला जांचव अऊ चुप रहव। \q1 \v 5 धरमीपन के बलिदान चघावव \q2 अऊ यहोवा ऊपर भरोसा रखव। \b \q1 \v 6 बहुंते जन पुछत हवंय, “कोन ह हमर उन्नति करही?” \q2 हे यहोवा, तोर मुख के अंजोर हमर ऊपर चमका। \q1 \v 7 जब ओमन के अनाज अऊ नवां अंगूर के मंद बहुंत होथे, \q2 त तेंह मोर मन ला आनंद ले भर दे। \b \q1 \v 8 सांति से मेंह लेटहूं अऊ सुतहूं, \q2 काबरकि हे यहोवा, तेंहीच ह \q2 मोला सुरकछा म रखथस। \c 5 \cl भजन-संहिता 5\f + \fr 5 \fr*\ft इबरानी म \+xt 5:1‑12\+xt* ला 5:2‑13 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। बांसुरी या नलीवाले बाजा बर। दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोर बात ला सुन, \q2 मोर बिलाप करई ऊपर धियान दे। \q1 \v 2 हे मोर राजा अऊ मोर परमेसर, \q2 मदद बर मोर गोहार ला सुन, \q2 काबरकि तोरेच ले मेंह पराथना करत हंव। \b \q1 \v 3 हे यहोवा, बिहनियां के बेरा तेंह मोर गोठ ला सुनथस; \q2 बिहनियां के बेरा मेंह तोर ले बिनती करथंव \q2 अऊ तोर जबाब के बाट जोहथंव। \q1 \v 4 काबरकि तेंह अइसन परमेसर नो हस, जऊन ह दुस्टता ले खुस होथे; \q2 दुस्ट मनखेमन तोर संग नइं रह सकंय। \q1 \v 5 घमंडी मनखे ह तोर आघू म \q2 ठाढ़ नइं हो सकय। \q1 तेंह जम्मो दुस्ट काम करइयामन ले घिन करथस; \q2 \v 6 तेंह ओमन ला नास कर देथस, जेमन लबारी मारथंय। \q1 यहोवा ओमन ले घिन करथे, \q2 जेमन खून करथें अऊ धोखा देथें। \q1 \v 7 पर मेंह तोर बड़े मया के कारन \q2 तोर घर म आ सकत हंव; \q1 आदर म तोर पबितर मंदिर कोति \q2 मेंह मुड़ नवाथंव। \b \q1 \v 8 हे यहोवा, अपन धरमीपन म मोर अगुवई कर, \q2 मोर बईरीमन के कारन— \q2 मोर आघू म तोर रद्दा ला सीधा देखा। \q1 \v 9 ओमन के मुहूं के एको ठन बात ऊपर भरोसा नइं करे जा सकय; \q2 ओमन के मन ह डाह-बैर ले भरे हवय। \q1 ओमन के टोंटा ह एक खुला कबर ए; \q2 अपन जीभ ले ओमन लबारी मारथें। \q1 \v 10 हे परमेसर, ओमन ला दोसी ठहिरा! \q2 ओमन के चालबाजी ह ओमन के गिरे के कारन होवय। \q1 ओमन के बहुंते पाप के कारन ओमन ला बाहिर निकाल दे, \q2 काबरकि ओमन तोर बिरूध बिदरोह करे हवंय। \q1 \v 11 पर जेमन तोर करा सरन लेथें, ओमन खुस होवंय; \q2 ओमन हमेसा आनंद के गीत गावंय। \q1 ओमन ला अपन सुरकछा म रख, \q2 ताकि जऊन मन तोर नांव ले मया करथें, ओमन तोर म आनंद मनावंय। \b \q1 \v 12 हे यहोवा, सही म तेंह धरमी जन ला आसीस देथस; \q2 तेंह एक ढाल के सहीं ओमन ला अपन अनुग्रह के घेरा म रखथस। \c 6 \cl भजन-संहिता 6\f + \fr 6 \fr*\ft इबरानी म \+xt 6:1‑10\+xt* ला 6:2‑11 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। तारवाले बाजामन के संग। \tl सेमिनित\tl*\f + \fr 6:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* के मुताबिक। दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, अपन गुस्सा म मोला झन फटकार \q2 या अपन कोप म मोर ताड़ना झन कर। \q1 \v 2 हे यहोवा मोर ऊपर दया कर, काबरकि मेंह दुरबल हो गे हंव; \q2 हे यहोवा, मोर बेमारी ला बने कर दे, काबरकि मोर हाड़ामन म पीरा हवय। \q1 \v 3 मोर परान ह अब्बड़ पीरा म हवय। \q2 हे यहोवा, कब तक, कब तक ठहिरे रहिबे? \b \q1 \v 4 हे यहोवा, किंदरके मोला छुड़ा; \q2 अपन बहुंते मया के कारन मोला बचा। \q1 \v 5 मरे मनखेमन के बीच कोनो तोर नांव के परचार नइं करंय। \q2 कबर ले कोन ह तोर इस्तुति करथे? \b \q1 \v 6 मेंह कराहत-कराहत थक गे हंव। \b \q1 पूरा रथिया रोवत-रोवत मोर दसना ह भीग जाथे \q2 अऊ मोर आंसू ले मोर पलंग ह भीग जाथे। \q1 \v 7 मोर आंखीमन दुख के मारे कमजोर होवत हें; \q2 मोर जम्मो बईरीमन के कारन ओमन धुंधला गे हवंय। \b \q1 \v 8 हे जम्मो दुस्ट काम करइयामन, मोर ले दूरिहा हटव, \q2 काबरकि यहोवा ह मोर रोये के अवाज ला सुने हवय। \q1 \v 9 यहोवा ह दया बर मोर रोवई ला सुने हवय; \q2 यहोवा ह मोर पराथना ला गरहन करथे। \q1 \v 10 मोर जम्मो बईरीमन लाज अऊ पीरा के मारे घबराहीं; \q2 ओमन पाछू मुड़हीं अऊ अचानक लज्जित होहीं। \c 7 \cl भजन-संहिता 7\f + \fr 7 \fr*\ft इबरानी म \+xt 7:1‑17\+xt* ला 7:2‑18 गने गे हवय\ft*\f* \d दाऊद के \tl सिग्गायोन\tl*\f + \fr 7:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* नांव के एक भजन, जेला ओह बिनयामीनी कूस के संबंध म यहोवा के आघू म गाईस। \q1 \v 1 हे यहोवा मोर परमेसर, मेंह तोर सरन लेथंव; \q2 मोला ओ जम्मो झन ले बचा अऊ छुड़ा, जेमन मोर पीछा करत हें, \q1 \v 2 नइं तो ओमन सिंह के सहीं मोला चीरके कुटा-कुटा कर दीहीं \q2 अऊ मोला बचानेवाला कोनो नइं होहीं। \b \q1 \v 3 हे यहोवा मोर परमेसर, कहूं मेंह ये काम करे हंव \q2 अऊ मोर हांथमन दोसी अंय— \q1 \v 4 यदि मेंह मोर संग मेल रखइयामन के संग भलई के बदले बुरई करे हंव \q2 या बिगर कारन के मेंह अपन बईरी ला लूटे हंव— \q1 \v 5 त फेर मोर बईरी ह मोर पीछा करके मोला धर लेवय; \q2 ओह मोला भुइयां म कुचरके मार डारय \q2 अऊ मोला माटी म मिला देवय। \b \q1 \v 6 हे यहोवा, अपन कोरोध म उठ; \q2 मोर बईरीमन के कोरोध के बिरूध म उठ। \q2 हे मोर परमेसर, जाग अऊ नियाय कर। \q1 \v 7 मनखेमन के भीड़ तोर चारों कोति जूरय, \q2 अऊ तें ओमन ऊपर ऊंच जगह म बिराजमान हो जा। \q2 \v 8 यहोवा ह मनखेमन के नियाय करय। \q1 हे यहोवा, हे सर्वोच्च परमेसर, मोर धरमीपन के मुताबिक, \q2 मोर ईमानदारी के मुताबिक मोर नियाय कर। \q1 \v 9 हे धरमी परमेसर, \q2 तें जऊन ह मन अऊ हिरदय ला जांचथस; \q1 दुस्टमन के बुरई ला खतम कर दे \q2 अऊ धरमीमन ला सुरकछित रख। \b \q1 \v 10 सर्वोच्च परमेसर ह मोर ढाल ए, \q2 जऊन ह सीधवा मनखेमन ला बचाथे। \q1 \v 11 परमेसर ह धरमी नियायधीस अय, \q2 अइसन परमेसर, जऊन ह हर दिन कोप करथे। \q1 \v 12 यदि मनखे ह पछताप नइं करही, \q2 त परमेसर ह अपन तलवार ला धार करही; \q2 ओह धनुस ला साधके ओमा तीर चघाही। \q1 \v 13 ओह मिरतू के हथियार तियार करे हवय; \q2 ओह अपन आगी बरत तीरमन ला तियार रखथे। \b \q1 \v 14 जऊन ह दुस्टता के बात सोचथे, \q2 ओह समस्या खड़े करथे अऊ बईरता ला पईदा करथे। \q1 \v 15 जऊन ह माटी निकालके खंचवा कोड़थे, \q2 ओह अपन कोड़े खंचवा म खुद गिरथे। \q1 \v 16 जऊन समस्या ओह खड़े करथे, ओह लहुंटके ओकरे ऊपर आ जाथे; \q2 ओकर हिंसा के काम ओकरेच मुड़ ऊपर आ जाथे। \b \q1 \v 17 मेंह यहोवा ला ओकर धरमीपन बर धनबाद दूहूं; \q2 मेंह यहोवा सर्वोच्च परमेसर के नांव म परसंसा के गीत गाहूं। \c 8 \cl भजन-संहिता 8\f + \fr 8 \fr*\ft इबरानी म \+xt 8:1‑9\+xt* ला 8:2‑10 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। \tl गित्तीथ\tl*\f + \fr 8:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* के मुताबिक दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, हमर परभू, \q2 तोर नांव ह जम्मो धरती म का ही परतापी ए! \b \q1 तेंह अपन महिमा \q2 स्वरग म ठहिराय हस। \q1 \v 2 लइका अऊ छोटे लइकामन के दुवारा परसंसा करवाके \q2 तेंह बईरी अऊ पलटा लेवइयामन ला चुप कराय बर \q2 ओमन के बिरूध एक गढ़ बनाय हस। \q1 \v 3 जब मेंह अकास ऊपर बिचार करथंव, \q2 जऊन ह तोर हांथ के काम ए \q1 चंदा अऊ तारामन, \q2 जेमन ला तेंह अपन-अपन जगह म रखे हस, \q1 \v 4 त मनखे ह का ए कि तेंह ओकर ऊपर धियान देथस, \q2 मानव-जाति\f + \fr 8:4 \fr*\ft या \ft*\fqa एक मनखे के बेटा\fqa*\f* ह का ए कि तेंह ओकर खियाल रखथस? \b \q1 \v 5 तेंह ओला स्वरगदूतमन\f + \fr 8:5 \fr*\ft या \ft*\fqa परमेसर\fqa*\f* ले थोरकन कम करके बनाय हस \q2 अऊ ओला महिमा अऊ आदर के मुकुट पहिराय हस। \q1 \v 6 तेंह ओला अपन हांथ के काममन के ऊपर राज-करइया बनाय हस; \q2 तेंह हर एक चीज ला ओकर\f + \fr 8:6 \fr*\ft या \ft*\fqa हर चीज ऊपर सासन करइया\fqa*\f* गोड़ खाल्हे कर दे हस: \q1 \v 7 जम्मो भेड़-बकरी अऊ गाय-बईला, \q2 अऊ जंगल के पसु, \q1 \v 8 अकास के चिरई, \q2 अऊ समुंदर के मछरी, \q2 अऊ ओ जम्मो जीव-जन्तु, जेमन समुंदर के पानी म रहिथें। \b \q1 \v 9 हे यहोवा हमर परभू, \q2 तोर नांव ह जम्मो धरती म का ही वैभवसाली अय। \c 9 \cl भजन-संहिता 9\f + \fr 9 \fr*\ft इबरानी म \+xt 9:1‑20\+xt* ला 9:2‑21 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। “बेटा के मिरतू” के धुन म दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मेंह अपन पूरा मन से तोर धनबाद करहूं; \q2 मेंह तोर जम्मो अचरज के काम के बखान करहूं। \q1 \v 2 मेंह तोर कारन खुस होहूं अऊ आनंद मनाहूं; \q2 हे सर्वोच्च परमेसर, मेंह तोर नांव के महिमा के गीत गाहूं। \b \q1 \v 3 मोर बईरीमन पीठ देखाके भागथें; \q2 ओमन ठोकर खाके तोर आघू म नास हो जाथें। \q1 \v 4 काबरकि तेंह मोर सही नियाय अऊ फैसला करे हस, \q2 तेंह एक धरमी नियायधीस के रूप म सिंघासन म बिराजमान होके नियाय करे हस। \q1 \v 5 तेंह जाति-जाति के मनखेमन ला फटकारे हस अऊ दुस्टमन के नास करे हस; \q2 तेंह ओमन के नांव ला हमेसा-हमेसा बर मिटा दे हस। \q1 \v 6 कभू खतम नइं होवइया बिनास मोर बईरीमन ऊपर आ गे हवय, \q2 तेंह ओमन के सहरमन ला गिरा दे हस; \q2 अऊ त अऊ ओमन के सुरता घलो नइं ए। \b \q1 \v 7 यहोवा ह सदाकाल बर राज करथे; \q2 ओह अपन सिंघासन ला नियाय बर स्थापित करे हवय। \q1 \v 8 ओह धरमीपन से संसार के नियाय करथे \q2 अऊ बिगर पखियपात के मनखेमन के मामला निपटाथे। \q1 \v 9 यहोवा ह दबे-कुचरे मनखेमन बर सरन के जगह \q2 अऊ संकट के बेरा म एक मजबूत गढ़ ए। \q1 \v 10 जेमन तोर नांव ला जानथें, ओमन तोर ऊपर भरोसा करथें, \q2 काबरकि हे यहोवा, तेंह ओमन ला कभू नइं छोंड़स, जऊन मन तोला खोजथें। \b \q1 \v 11 सियोन म बिराजे, यहोवा के महिमा के गीत गावव; \q2 जाति-जाति के मनखेमन के बीच ओकर काम के बखान करव। \q1 \v 12 काबरकि जऊन ह खून के बदला लेथे, ओह सुरता रखथे; \q2 ओह दुखी मनखे के पुकार ला अनसुना नइं करय। \b \q1 \v 13 हे यहोवा, देख, मोर बईरीमन मोला कइसन सतात हवंय! \q2 मोर ऊपर दया कर अऊ मोला मिरतू के दुवार ले हटा, \q1 \v 14 ताकि मेंह बेटी सियोन के दुवारमन म \q2 तोर परसंसा के बखान करंव, \q2 अऊ उहां तोर करे गय उद्धार ले आनंदित होवंव। \b \q1 \v 15 जाति-जाति के मनखेमन ओ खंचवा म गिरे हवंय, जेला ओमन कोड़े रिहिन; \q2 ओमन के गोड़मन ओ फांदा म फंस गे हवंय, जेला ओमन लगाय रिहिन। \q1 \v 16 यहोवा ह अपन नियाय के काम बर जाने जाथे; \q2 दुस्ट मनखेमन अपन करे गे काम के दुवारा ही फंस जाथें। \q1 \v 17 दुस्ट मनखेमन खाल्हे अधोलोक म चले जाथें, \q2 अऊ ओ जम्मो जाति के मनखेमन घलो, जेमन परमेसर ला भुला जाथें। \q1 \v 18 पर परमेसर ह दीन-दुखी ला कभू नइं भूलय; \q2 दुखीमन के आसा कभू नइं टूटय। \b \q1 \v 19 हे यहोवा, उठ, मरनहार मनखे ला जय झन पावन दे; \q2 जाति-जाति के मनखेमन के नियाय तोर आघू म होवय। \q1 \v 20 हे यहोवा, तें ओमन ला डरवा; \q2 जाति-जाति के मनखेमन जानंय कि ओमन सिरिप मरनहार मनखे अंय। \c 10 \cl भजन-संहिता 10\f + \fr 10 \fr*\ft भजन-संहिता 9 अऊ 10 सायद मूल रूप म एक कविता के रूप म रिहिन। सेप्टाजिन्ट म ये दूनों एक भजन-संहिता के रूप म हवंय\ft*\f* \q1 \v 1 हे यहोवा, तेंह दूरिहा म काबर ठाढ़े रहिथस? \q2 संकट के बेरा म तेंह काबर अपनआप ला छिपा लेथस? \b \q1 \v 2 दुस्ट मनखे ह अपन घमंड म दुरबल मनखे के सिकार कर लेथे; \q2 ओह दुस्ट के बिछाय जाल म फंस जाथे। \q1 \v 3 दुस्ट ह अपन मन के लालसा ऊपर घमंड करथे; \q2 ओह लालची मनखे ला आसीस देथे अऊ यहोवा के तिरस्कार करथे। \q1 \v 4 अपन घमंड के कारन दुस्ट मनखे ह परमेसर के खोज नइं करय; \q2 ओकर जम्मो सोच-बिचार म परमेसर बर कोनो जगह नइं रहय। \q1 \v 5 ओकर रसता ह हमेसा उन्नति के रहिथे; \q2 तोर कानून ला ओह नइं मानय\f + \fr 10:5 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa ओह घमंडी अय अऊ तोर कानून ह ओकर ले दूरिहा रहिथे\fqa*\f*; \q2 ओह अपन जम्मो बईरीमन के ऊपर हंसके ओमन के ठट्ठा करथे। \q1 \v 6 ओह अपनआप ले कहिथे, “मोला कभू कोनो हला नइं सकंय।” \q2 ओह कसम खाके कहिथे, “मेंह हमेसा दुख ले बचे रहिहूं।” \b \q1 \v 7 ओकर मुहूं ह लबारी अऊ धमकी के बात ले भरे हवय, \q2 समस्या अऊ दुस्टता के बात ओकर जीभ म रहिथे। \q1 \v 8 ओह गांवमन के लकठा म घात लगाय बईठे रहिथे; \q2 ओह छिपके निरदोस मनखे के हतिया करथे। \q1 ओकर आंखी ह छुपके अपन सिकार ला देखत रहिथे। \q2 \v 9 छुपके बईठे सिंह के सहीं ओह घात म रहिथे। \q1 ओह असहाय ला धरे बर घात म रहिथे; \q2 ओह असहाय ला धरथे अऊ अपन जाल म घसीटके ले जाथे। \q1 \v 10 ओकर सिकारमन कुचरे जाथें, ओमन गिर जाथें; \q2 ओमन ओकर ताकत के आघू म हार जाथें। \q1 \v 11 ओह अपनआप ले कहिथे, “परमेसर ह कभू धियान नइं दीही; \q2 ओह अपन चेहरा ला ढांप लेथे अऊ कभू नइं देखय।” \b \q1 \v 12 हे यहोवा, उठ! हे परमेसर अपन हांथ ला उठा। \q2 असहाय मनखेमन ला झन भुला। \q1 \v 13 दुस्ट मनखे ह काबर परमेसर ला तुछ समझथे? \q2 ओह अपनआप ले काबर कहिथे, \q2 “परमेसर ह मोर ले लेखा नइं लेवय?” \q1 \v 14 पर हे परमेसर, तेंह दुखी मनखे के समस्या ला देखथस; \q2 तेंह ओमन के दुख ऊपर बिचार करके ओला अपन हांथ म ले लेथस। \q1 पीड़ित मनखे ह अपनआप ला तोर हांथ म सऊंप देथे; \q2 तेंह अनाथमन के सहारा अस। \q1 \v 15 दुस्ट मनखे के बाहां ला टोर दे; \q2 दुस्ट काम करइया मनखे ले ओकर दुस्टता के हिसाब ले \q2 ताकि ओकर दुस्टता ह खतम हो जावय। \b \q1 \v 16 यहोवा ह सदाकाल बर राजा अय; \q2 आने जाति के मनखेमन ओकर देस ले नास हो जाहीं। \q1 \v 17 हे यहोवा, तेंह दुखी मनखे के मन के बात\f + \fr 10:17 \fr*\ft या \ft*\fqa पराथना\fqa*\f* ला सुनथस; \q2 तेंह ओमन ला उत्साहित करथस अऊ ओमन के गोहार ला सुनथस, \q1 \v 18 अऊ तेंह अनाथ अऊ दुखी-पीड़ित मनखेमन के बचाव करथस, \q2 ताकि धरती म रहइया मरनहार मनखे ह \q2 फेर कभू आतंक झन मचावय। \c 11 \cl भजन-संहिता 11 \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 मेंह यहोवा करा सरन लेथंव। \q2 तब तेंह मोला कइसे कह सकत हस: \q2 “चिरई के सहीं अपन पहाड़ करा उड़ जा। \q1 \v 2 काबरकि देख, दुस्ट मनखेमन अपन धनुस ला साधत हें; \q2 ओमन तीर ला धनुस के डोरी म रखत हें \q1 ताकि अंधियार म ले \q2 सीधवा मनखे ऊपर तीर चलावंय। \q1 \v 3 जब नीव ला गिराय जावत हे, \q2 त फेर धरमी ह का कर सकथे?” \b \q1 \v 4 यहोवा ह अपन पबितर मंदिर म हवय; \q2 यहोवा ह अपन स्वरग के सिंघासन म बिराजे हवय। \q1 ओह धरती ऊपर हर एक जन ला देखत रहिथे; \q2 ओकर आंखी ह ओमन ला परखथे। \q1 \v 5 यहोवा ह धरमी ला परखथे, \q2 पर ओह ओ दुस्टमन ले बहुंत घिन करथे, \q2 जेमन हिंसा ले मया करथें। \q1 \v 6 दुस्ट मनखेमन ऊपर परमेसर ह \q2 बरत कोइला अऊ बरत गंधक बरसाही; \q2 लेसा देवइया हवा ह ओमन के भाग होही। \b \q1 \v 7 काबरकि यहोवा ह धरमी अय, \q2 ओह नियाय ले मया करथे; \q2 धरमी मनखे ह ओकर दरसन करही। \c 12 \cl भजन-संहिता 12\f + \fr 12 \fr*\ft इबरानी म \+xt 12:1‑8\+xt* ला 12:2‑9 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। \tl सेमिनित\tl*\f + \fr 12:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* के मुताबिक दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मदद कर, काबरकि अऊ कोनो वफादार नइं अंय; \q2 जऊन मन बिसवासयोग्य अंय, ओमन मनखेमन के बीच ले गायब हो गे हवंय। \q1 \v 2 हर एक मनखे अपन परोसी ले लबारी मारथे; \q2 ओमन अपन मुहूं ले चापलूसी करथें \q2 पर अपन मन म धोखा के बात रखथें। \b \q1 \v 3 यहोवा ह जम्मो चापलूसी करइया मुहूं \q2 अऊ हर ओ घमंड करइया जीभ ला बंद कर देवय— \q1 \v 4 जेमन कहिथें, \q2 “हमन अपन जीभ के दुवारा जीत जाबो; \q2 हमर खुद के ओंठ ह हमर बचाव करही—हमर मालिक कोन अय?” \b \q1 \v 5 यहोवा ह कहिथे, “मेंह अब उठहूं, \q2 काबरकि गरीब मनखे ला लूटे जाथे अऊ जरूरतमंद ह कलहरथे। \q2 मेंह ओमन ला ओ मनखेमन ले बचाहूं, जेमन ओमन ला कलंकित करत हें।” \q1 \v 6 यहोवा के बचन म कोनो कमी नइं ए, \q2 येह भट्ठी म सुध करे गे चांदी के सहीं अय, \q2 ये सात बार सुध करे गे सोन के सहीं अय। \b \q1 \v 7 हे यहोवा, तेंह जरूरतमंद ला सही-सलामत रखबे \q2 अऊ हमन ला हमेसा बर ओ दुस्टमन ले बचाय रखबे, \q1 \v 8 जेमन अकड़के चलथें \q2 जब दुस्टता ला मनखेमन के दुवारा आदर करे जाथे। \c 13 \cl भजन-संहिता 13\f + \fr 13 \fr*\ft इबरानी म \+xt 13:1‑6\+xt* ला 13:2‑6 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, कब तक? का तेंह मोला हमेसा बर भुला जाबे? \q2 कब तक तेंह अपन चेहरा ला मोर ले छुपाय रहिबे? \q1 \v 2 कब तक मेंह अपन बिचार म फंसे रहिहूं \q2 अऊ हर दिन अपन मन म दुखी होवत रहिहूं? \q2 कब तक मोर बईरी ह मोर ऊपर जय पावत रहिही? \b \q1 \v 3 हे यहोवा मोर परमेसर, मोर कोति देख अऊ जबाब दे, \q2 मोर आंखी ला देखे के सक्ति दे, नइं तो मेंह मिरतू के नींद म सो जाहूं, \q1 \v 4 नइं तो मोर बईरी ह कहिही, “मेंह ओला जीत डारे हंव,” \q2 अऊ मोर बईरीमन आनंद मनाहीं, जब में गिर जाहूं। \b \q1 \v 5 पर मेंह तोर अब्बड़ मया ऊपर भरोसा रखथंव; \q2 मोर हिरदय ह तोर उद्धार म आनंद मनाथे। \q1 \v 6 मेंह यहोवा के गीत गाहूं, \q2 काबरकि ओह मोर भलई करे हवय। \c 14 \cl भजन-संहिता 14 \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 मुरूख ह अपन मन म कहिथे, \q2 “परमेसर नइं ए।” \q1 ओमन बिगड़ गे हवंय, ओमन दुस्टता के काम करथें; \q2 अइसे कोनो नइं ए, जऊन ह भलई करथे। \b \q1 \v 2 यहोवा ह स्वरग ले \q2 जम्मो मानव-जाति ला ये आसा म देखथे \q1 कि कोनो समझदार हवय कि नइं, \q2 कोनो परमेसर के खोज करथे कि नइं। \q1 \v 3 जम्मो झन भटक गे हवंय, जम्मो झन बिगड़ गे हवंय; \q2 अइसे कोनो नइं ए, जऊन ह भलई करथे, \q2 एको झन घलो नइं। \b \q1 \v 4 का ये जम्मो दुस्ट काम करइयामन कुछू नइं जानंय? \b \q1 ओमन मोर मनखेमन ला अइसे खा जाथें, मानो कि रोटी खावत हें; \q2 ओमन कभू यहोवा के नांव तक नइं लेवंय। \q1 \v 5 पर उहां, ओमन डर के मारे घबरा गे हवंय, \q2 काबरकि परमेसर ह धरमीमन के संग हवय। \q1 \v 6 दुस्ट काम करइयामन, तुमन गरीबमन के योजना ला बेकार कर देथव, \q2 पर यहोवा ह ओमन के सरन-स्थान अय। \b \q1 \v 7 बने होतिस कि इसरायल बर उद्धार ह सियोन ले बाहिर आतिस! \q2 जब यहोवा ह अपन मनखेमन ला पहिले के सहीं कर देथे, \q2 याकूब ह आनंद मनावय अऊ इसरायल ह खुस होवय! \c 15 \cl भजन-संहिता 15 \d दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, तोर पबितर तम्बू म कोन निवास कर सकथे? \q2 तोर पबितर पहाड़ म कोन रह सकथे? \b \q1 \v 2 ओ, जेकर चालचलन ह निरदोस हे, \q2 जऊन ह धरमी काम करथे, \q2 जऊन ह अपन हिरदय ले सच बोलथे; \q1 \v 3 जेकर मुहूं ले निन्दा के बात नइं निकलय, \q2 जऊन ह अपन परोसी के बिरूध कोनो गलत काम नइं करय, \q2 अऊ आने मन के निन्दा नइं करय; \q1 \v 4 जऊन ह दुस्ट मनखे ला तुछ समझथे \q2 पर ओमन के आदर करथे, जेमन यहोवा ले डरथें; \q1 जऊन ह हानि उठाके घलो अपन सपथ ला पूरा करथे, \q2 अऊ अपन मन ला नइं बदलय; \q1 \v 5 जऊन ह बिगर बियाज के गरीब ला अपन पईसा उधार देथे; \q2 जऊन ह निरदोस मनखे ले घूस नइं लेवय। \b \q1 जऊन ह ये काममन ला करथे, \q2 ओह कभू नइं डोलय। \c 16 \cl भजन-संहिता 16 \d दाऊद के एक \tl मिकताम\tl*\f + \fr 16:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 हे मोर परमेसर, मोला सुरकछित रख, \q2 काबरकि तोर करा मेंह सरन लेवत हंव। \b \q1 \v 2 मेंह यहोवा ले कहिथंव, “तेंह मोर परभू अस; \q2 तोर छोंड़ मोर करा अऊ कोनो बने चीज नइं ए।” \q1 \v 3 ओ पबितर मनखे, जऊन मन देस म हवंय, ओमन के बारे मेंह कहिथंव, \q2 “ओमन उत्तम मनखे अंय, जेमन म मोर जम्मो खुसी हवय।” \q1 \v 4 ओ मनखे, जऊन मन आने देवतामन के पाछू भागथें, ओमन के दुख बढ़ते ही जाही। \q2 मेंह अइसन देवतामन ला लहू के अरपन नइं करंव \q2 अऊ न ही मोर मुहूं ले ओमन के नांव लेवंव। \b \q1 \v 5 हे यहोवा, सिरिप तेंहीच ह मोर हिस्सा अऊ मोर कटोरा अस; \q2 तेंह मोर हिस्सा ला सुरकछित रखथस। \q1 \v 6 सीमना रेखा ह मोर बर खुसी के जगह म पड़े हवय; \q2 सही म मोर करा मनभावन बिरासत हवय। \q1 \v 7 मेंह यहोवा के परसंसा करहूं, जऊन ह मोला सलाह देथे; \q2 अऊ त अऊ रथिया के बेरा घलो मोर मन ह मोला सिखोथे। \q1 \v 8 मोर आंखी ह हमेसा यहोवा ऊपर लगे रहिथे। \q2 ओह मोर जेवनी हांथ कोति हवय, मेंह नइं डोलंव। \b \q1 \v 9 एकरसेति मोर मन ह खुस हवय अऊ मोर मुहूं ह आनंद मनाथे; \q2 मोर देहें घलो चैन से अराम करही। \q1 \v 10 काबरकि तेंह मोला मरे मनखेमन के लोक म नइं छोंड़बे, \q2 अऊ न ही अपन बिसवासयोग्य जन\f + \fr 16:10 \fr*\ft या \ft*\fqa पबितर जन\fqa*\f* ला तेंह सड़न देबे। \q1 \v 11 तेंह मोला जिनगी के रसता देखाथस; \q2 तेंह अपन आघू म मोला आनंद ले भर देबे, \q2 तोर जेवनी हांथ म अनंतकाल के खुसी रहिही। \c 17 \cl भजन-संहिता 17 \d दाऊद के एक पराथना। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोर सच्चई के बिनती ला सुन; \q2 मोर गोहार ला सुन। \q1 मोर पराथना ला सुन— \q2 येह कपटरहित बात बोलइया मुहूं ले निकले हवय। \q1 \v 2 मोर नियाय तोरेच करा ले आथे; \q2 तोर आंखी ह सही बात ला देखय। \b \q1 \v 3 हालाकि तेंह मोर मन ला जांचथस, \q2 हालाकि रथिया तेंह मोला परखथस अऊ मोला जांचथस, \q1 तभो ले तेंह पाबे कि मेंह कोनो दुस्टता के योजना नइं बनाय हंव; \q2 मोर मुहूं ह कोनो पाप नइं करे हवय। \q1 \v 4 हालाकि मनखेमन मोला घूस देय के कोसिस करिन, \q2 पर तोर दिये गय हुकूम के जरिये \q2 मेंह अपनआप ला गलत काम ले दूरिहा रखे हंव। \q1 \v 5 मोर पांव ह तोर रसता ला धरे हवय; \q2 मोर गोड़ ह नइं लड़खड़ाय हवय। \b \q1 \v 6 हे परमेसर, मेंह तोला पुकारत हंव, काबरकि तेंह मोला जबाब देबे; \q2 अपन कान ला मोर कोति लगा अऊ मोर पराथना ला सुन। \q1 \v 7 अपन बड़े मया के अद्भूत काममन ला मोला देखा, \q2 तें जऊन ह अपन जेवनी हांथ के दुवारा \q2 ओमन ला बचाथस, जऊन मन अपन बईरीमन ले तोर करा सरन लेथें। \q1 \v 8 मोला अपन आंखी के पुतली सहीं रख; \q2 मोला अपन डेना के छइहां म छुपा ले \q1 \v 9 ओ दुस्ट मनखेमन ले, जेमन मोला नास करे बर निकले हवंय, \q2 ओ मोर मरनहार बईरीमन ले, जेमन मोला घेर ले हवंय। \b \q1 \v 10 ओमन अपन कठोर हिरदय ला बंद कर लेथें, \q2 अऊ ओमन के मुहूं ले घमंड के बात निकलथे। \q1 \v 11 ओमन मोर पता लगा ले हवंय, अऊ अब ओमन मोला घेरत हवंय, \q2 मोला भुइयां म पटके बर ओमन के आंखीमन सचेत हवंय। \q1 \v 12 ओमन सिकार के भूखा एक सिंह सहीं अंय, \q2 ओ भयंकर सिंह, जऊन ह ओधा लेके घात म बईठे रहिथे। \b \q1 \v 13 हे यहोवा, उठ, ओमन के सामना कर, ओमन ला पटक दे; \q2 अपन तलवार के दुवारा मोला दुस्ट ले बचा। \q1 \v 14 हे यहोवा, अपन हांथ के दुवारा मोला अइसन मनखेमन ले बचा, \q2 ये संसार के ओ मनखेमन ले, जेमन के ईनाम इही जिनगी म हवय। \q1 ओमन के पेट ओमा ले भरय, जेला तेंह दुस्टमन बर रखे हस; \q2 ओमन के लइकामन ओमा ले पेट भरके खावंय, \q2 अऊ ओमा ले ओमन के छोटे लइकामन बर घलो बच जावय। \b \q1 \v 15 जहां तक मोर बात ए, मेंह बचाय जाहूं अऊ तोर चेहरा ला देखहूं; \q2 जब मेंह जागहूं, त तोर सरूप ला देखके संतोस करहूं। \c 18 \cl भजन-संहिता 18\f + \fr 18 \fr*\ft इबरानी म \+xt 18:1‑50\+xt* ला 18:2‑51 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर यहोवा के सेवक दाऊद के एक भजन। ओह यहोवा बर ये गीत ला तब गाईस, जब यहोवा ह ओला ओकर जम्मो बईरीमन के हांथ ले अऊ साऊल के हांथ ले बचाईस। ओह कहिस: \q1 \v 1 हे यहोवा, मोर बल, मेंह तोर ले मया करथंव। \b \q1 \v 2 यहोवा ह मोर चट्टान, मोर गढ़ अऊ मोर छुड़ानेवाला अय; \q2 मोर परमेसर ह मोर चट्टान अय, जेमा मेंह सरन लेथंव, \q2 ओह मोर ढाल अऊ मोर उद्धार के सींग, मोर मजबूत गढ़ अय। \b \q1 \v 3 मेंह यहोवा ला पुकारेंव, जऊन ह इस्तुति के योग्य अय, \q2 अऊ मेंह अपन बईरीमन ले बचाय गे हवंव। \q1 \v 4 मिरतू के डोरीमन मोला फंसा लीन; \q2 भयंकर बिनास के तेज धारा ह मोला घबरा दीस। \q1 \v 5 कबर के डोरीमन मोर चारों कोति रिहिन; \q2 मिरतू के फांदा ह मोर आघू म रिहिस। \b \q1 \v 6 मेंह अपन बिपत्ति म यहोवा ला पुकारेंव; \q2 मेंह अपन परमेसर ले मदद करे बर गोहार लगांय। \q1 अपन मंदिर ले ओह मोर अवाज ला सुनिस; \q2 मोर गोहार ह ओकर आघू म, ओकर कान म पड़िस। \q1 \v 7 धरती ह कांपिस अऊ डोलिस, \q2 अऊ पहाड़मन के नीवमन डोल गीन; \q2 ओमन कांपे लगिन, काबरकि ओह गुस्सा हो गे रिहिस। \q1 \v 8 ओकर नाक ले धुआं निकलिस; \q2 ओकर मुहूं ले भसम करइया आगी निकलिस, \q2 जेमा ले बरत कोइला के जुवाला निकलिस। \q1 \v 9 ओह अकास ला अलग करिस अऊ खाल्हे उतरिस; \q2 करिया बादरमन ओकर गोड़ के खाल्हे रिहिन। \q1 \v 10 ओह करूब\f + \fr 18:10 \fr*\ft येह डेनावाला एक जीव अय, (देखव \+xt निर 25:17‑20\+xt*)\ft*\f* ऊपर सवार होके उड़ गीस; \q2 ओह हवा के डेनामन म सवार होके बहुंत ऊपर उड़िस। \q1 \v 11 ओह अंधियार ला अपन ओढ़ना बना लीस, ओह ओकर चारों कोति सुघर ओढ़ना रिहिस— \q2 याने कि अकास के पानीवाले करिया बादरमन। \q1 \v 12 ओकर उपस्थिति के तेज ले बादरमन बढ़िन, \q2 अऊ करा गिरिस अऊ बिजली कड़किस। \q1 \v 13 यहोवा ह स्वरग ले गरजिस; \q2 सर्वोच्च परमेसर के अवाज ह गुंजिस। \q1 \v 14 ओह अपन तीरमन ला चलाईस अऊ बईरीमन ला तितिर-बितिर कर दीस, \q2 बिजली के बड़े कड़क ले ओह ओमन ला हराके भगा दीस। \q1 \v 15 हे यहोवा, तोर घुड़की ले, \q2 तोर नाक के सांस फूंके ले, \q1 समुंदर के घाटीमन दिखे लगिन \q2 अऊ धरती के नीवमन खाली पड़ गीन। \b \q1 \v 16 ओह ऊपर ले हांथ बढ़ाके मोला थाम लीस; \q2 ओह मोला गहिरा पानी म ले बाहिर निकालिस। \q1 \v 17 ओह मोला मोर ओ ताकतवर बईरीमन ले, मोर बिरोधीमन ले छोंड़ाईस, \q2 जेमन बहुंत बलवान रिहिन। \q1 \v 18 ओमन मोर बिपत्ति के दिन म मोर बिरोध करिन, \q2 पर यहोवा ह मोर सहारा रिहिस। \q1 \v 19 ओह मोला एक ठन चाकर जगह म ले आईस; \q2 ओह मोला बचाईस, काबरकि ओह मोर ले खुस रिहिस। \b \q1 \v 20 यहोवा ह मोर धरमीपन के मुताबिक मोर ले बरताव करे हवय; \q2 मोर हांथ के सुधता के मुताबिक ओह मोला ईनाम दे हवय। \q1 \v 21 काबरकि मेंह यहोवा के रद्दा म चले हवंव; \q2 मेंह अपन परमेसर के रद्दा ले हट जाय के पाप नइं करे हंव। \q1 \v 22 ओकर जम्मो कानूनमन मोर आघू म हवंय; \q2 मेंह ओकर बिधिमन ला माने ले नइं हटे हंव। \q1 \v 23 मेंह ओकर आघू म निरदोस रहे हंव \q2 अऊ मेंह अपनआप ला पाप ले दूरिहा रखे हंव। \q1 \v 24 यहोवा ह मोर धरमीपन के मुताबिक मोला ईनाम दे हवय, \q2 ओकर नजर म मोर हांथ के सुधता के मुताबिक, ओह मोला ईनाम दे हवय। \b \q1 \v 25 बिसवासयोग्य मनखे बर तेंह बिसवासयोग्य रहिथस, \q2 निरदोस मनखे बर तेंह निरदोस रहिथस, \q1 \v 26 सुध मनखे बर तेंह सुध रहिथस, \q2 पर भटके हुए मनखे बर तेंह चतुर बनथस। \q1 \v 27 तेंह नम्र सुभाव के मनखे ला बचाथस, \q2 पर घमंड ले चढ़े आंखीवाले ला नीचा देखाथस। \q1 \v 28 हे यहोवा, तेंह मोर दीया ला बारे रखथस; \q2 मोर परमेसर ह मोर अंधियार ला अंजोर कर देथे। \q1 \v 29 तोर मदद ले मेंह एक सेना के बिरूध जा सकत हंव; \q2 मोर परमेसर के मदद ले मेंह एक दीवार ऊपर चढ़ सकत हंव। \b \q1 \v 30 जहां तक परमेसर के बात ए, ओकर रसता ह बिलकुल सही ए: \q2 यहोवा के बचन म कोनो कमी नइं ए; \q2 ओह ओ जम्मो झन ला बचाथे, जऊन मन ओकर सरन म आथें। \q1 \v 31 काबरकि यहोवा ला छोंड़ कोन ह परमेसर ए? \q2 अऊ हमर परमेसर ला छोंड़ कोन ह चट्टान ए? \q1 \v 32 येह परमेसर ए, जऊन ह सामर्थ से मोला संभालथे \q2 अऊ मोर रसता ला सुरकछित रखथे। \q1 \v 33 ओह मोर गोड़ ला हिरन के गोड़ सहीं कर देथे; \q2 ओह मोला ऊंच जगह म ठाढ़ करथे। \q1 \v 34 ओह मोर हांथमन ला लड़ई करे बर सिखाथे; \q2 मोर बाहां ह कांसा के धनुस ला मोड़ सकथे। \q1 \v 35 तेंह अपन बचाव के मदद ला मोर ढाल बनाथस, \q2 अऊ तोर जेवनी हांथ ह मोला संभालथे; \q2 तोर मदद ह मोला महान कर दे हवय। \q1 \v 36 तेंह मोर पांव बर चाकर रसता देथस, \q2 जेकर ले मोर एड़ीमन नइं थकंय। \b \q1 \v 37 मेंह अपन बईरीमन के पीछा करके ओमन ला पकड़ लेंव; \q2 मेंह तब तक नइं लहुंटंय, जब तक कि ओमन नास नइं हो गीन। \q1 \v 38 मेंह ओमन ला कुचर देंव, जेकर ले ओमन उठ नइं सकिन; \q2 ओमन मोर गोड़ खाल्हे गिर गीन। \q1 \v 39 तेंह मोला लड़ई करे बर ताकत दे हस; \q2 तेंह मोर बईरीमन ला मोर आघू म झुका दे हस। \q1 \v 40 तेंह मोर बईरीमन ला पीठ देखाके भागे बर बिबस कर दे हस, \q2 अऊ मेंह मोर बईरीमन ला नास कर देंव। \q1 \v 41 ओमन मदद बर गोहारिन, पर ओमन ला बचानेवाला कोनो नइं रिहिस— \q2 ओमन यहोवा ला पुकारिन, पर ओह ओमन ला जबाब नइं दीस। \q1 \v 42 मेंह ओमन ला मार-मारके हवा म उड़ियावत धुर्रा के सहीं कर देंव; \q2 मेंह ओमन ला गली के चीखला सहीं रऊंदेंव। \q1 \v 43 तेंह मोला मनखेमन के हमला ले बचाय हस; \q2 तेंह मोला जाति-जाति के मनखेमन के मुखिया बनाय हस। \q1 ओ मनखे, जेमन ला मेंह नइं जानत रहेंव, ओमन अब मोर सेवा करथें, \q2 \v 44 परदेसीमन मोर आघू म डरथें; \q2 मोर अवाज ला सुनतेच ही ओमन मोर हुकूम के पालन करथें। \q1 \v 45 ओ जम्मो झन घबरा जाथें; \q2 ओमन कांपत अपन गढ़ ले बाहिर निकलथें। \b \q1 \v 46 यहोवा ह जीयत हवय! मोर चट्टान के परसंसा होवय! \q2 परमेसर मोर उद्धारकर्ता के बहुंत परसंसा होवय! \q1 \v 47 ओह परमेसर ए, जऊन ह मोर बदला लेथे, \q2 जऊन ह जाति-जाति के मनखेमन ला मोर अधीन कर देथे, \q2 \v 48 जऊन ह मोला मोर बईरीमन ले बचाथे। \q1 तेंह मोला मोर बिरोधीमन ले ऊंच करे हस; \q2 एक हिंसक आदमी ले तेंह मोला बचाय हस। \q1 \v 49 एकरसेति हे यहोवा, मेंह जाति-जाति के मनखेमन के बीच तोर परसंसा करहूं; \q2 मेंह तोर नांव के परसंसा के गीत गाहूं। \b \q1 \v 50 ओह अपन राजा ला बड़े बिजय देथे; \q2 ओह अपन अभिसिक्त जन, \q2 दाऊद अऊ ओकर संतानमन ऊपर हमेसा अटूट मया देखाथे। \c 19 \cl भजन-संहिता 19\f + \fr 19 \fr*\ft इबरानी म \+xt 19:1‑14\+xt* ला 19:2‑15 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 स्वरग ह परमेसर के महिमा के बखान करत हे; \q2 अकास ह ओकर हांथ के काम ला परगट करत हे। \q1 \v 2 हर दिन ओमन बखान करथें; \q2 हर रथिया ओमन गियान परगट करथें। \q1 \v 3 ओमन के कोनो बोली नइं ए, ओमन कोनो सबद के उपयोग नइं करंय; \q2 ओमन ले कोनो अवाज सुनई नइं देय। \q1 \v 4 तभो ले ओमन के अवाज जम्मो धरती म जाथे, \q2 ओमन के सबद संसार के छोर तक हबरथे। \q1 अकास म परमेसर ह सूरज बर एक तम्बू ताने हवय। \q2 \v 5 येह एक दूल्हा के अपन कमरा ले बाहिर निकलके आय सहीं ए, \q2 येह एक बिजेता के सहीं अय, जऊन ह अपन दऊड़ ला दऊड़े बर आनंदित हे। \q1 \v 6 येह अकास के एक छोर ले निकलथे \q2 अऊ दूसर छोर तक चक्कर लगाथे; \q2 जम्मो चीज ला येकर गरमी मिलथे। \b \q1 \v 7 यहोवा के कानून ह बिलकुल सही ए, \q2 अऊ येह आतमा ला ताजा कर देथे। \q1 यहोवा के बिधिमन भरोसा के लईक अंय, \q2 अऊ येमन सधारन मनखे ला बुद्धिमान बना देथें। \q1 \v 8 यहोवा के उपदेसमन सही अंय, \q2 अऊ येमन हिरदय ला आनंदित करथें। \q1 यहोवा के हुकूममन चमकीला एं, \q2 अऊ येमन आंखी ला अंजोर देथें। \q1 \v 9 यहोवा के भय ह सुध ए, \q2 अऊ येह सदाकाल तक बने रहिथे। \q1 यहोवा के नियममन पक्का अंय, \q2 अऊ ये जम्मो के जम्मो नियाय के अंय। \b \q1 \v 10 ओमन सोन ले घलो, \q2 सुध सोन ले घलो कीमती अंय; \q1 ओमन मंधरस ले घलो, \q2 मधुमक्खी के छत्ता के मंधरस ले घलो जादा मीठ अंय। \q1 \v 11 ओमन के दुवारा तोर सेवक ला चेतउनी मिलथे; \q2 ओमन के पालन करे ले बड़े ईनाम मिलथे। \q1 \v 12 पर अपन खुद के गलती ला कोन समझ सकथे? \q2 मोर छिपे गलतीमन ला छेमा कर। \q1 \v 13 अपन सेवक ला जानबूझके करइया पाप ले दूरिहा रख; \q2 ओमन के अधिकार मोर ऊपर झन होवय। \q1 तब मेंह निरदोस होहूं, \q2 अऊ बड़े अपराध के दोसी नइं होहूं। \b \q1 \v 14 हे यहोवा, मोर चट्टान अऊ मोर छुड़इया, \q2 मोर मुहूं के ये बचन \q2 अऊ मोर मन के ये बिचार तोला भावय। \c 20 \cl भजन-संहिता 20\f + \fr 20 \fr*\ft इबरानी म \+xt 20:1‑9\+xt* ला 20:2‑10 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 बिपत्ति के बेरा म यहोवा ह तोर बिनती के जबाब देवय; \q2 याकूब के परमेसर के नांव ह तोला बचावय। \q1 \v 2 पबितर-स्थान ले ओह तोर बर मदद पठोवय \q2 अऊ सियोन ले तोला मदद देवय। \q1 \v 3 ओह तोर जम्मो बलिदान ला सुरता करय; \q2 अऊ तोर होम-बलिदान ला स्वीकार करय। \q1 \v 4 ओह तोर मन के ईछा ला पूरा करय \q2 अऊ तोर जम्मो योजना ला सफल करय। \q1 \v 5 हमन तोर जय के कारन आनंद के मारे चिचियावन \q2 अऊ अपन परमेसर के नांव के झंडा ला ऊंचा करन। \b \q1 यहोवा ह तोर जम्मो बिनती ला पूरा करय। \b \q1 \v 6 अब ये बात मेंह जानत हंव: \q2 यहोवा ह अपन अभिसिक्त जन ला बिजयी बनाथे। \q1 ओह ओला अपन स्वरगीय पबितर-स्थान ले \q2 अपन जेवनी हांथ के बिजयी सक्ति के संग जबाब देथे। \q1 \v 7 कुछू मनखेमन रथ ऊपर अऊ कुछू मनखेमन घोड़ामन ऊपर भरोसा करथें, \q2 पर हमन तो यहोवा हमर परमेसर के नांव ऊपर भरोसा करथन। \q1 \v 8 ओमन ला ओमन के माड़ी म लाय जाथे अऊ ओमन गिरथें, \q2 पर हमन उठके मजबूती से खड़े रहिथन। \q1 \v 9 हे यहोवा, राजा ला बिजयी बना! \q2 जब हमन पुकारथन, त हमन ला जबाब दे! \c 21 \cl भजन-संहिता 21\f + \fr 21 \fr*\ft इबरानी म \+xt 21:1‑13\+xt* ला 21:2‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, राजा ह तोर सामर्थ म आनंदित होथे। \q2 तोर दिये गे बिजय म ओला बहुंत आनंद मिलथे! \b \q1 \v 2 तेंह ओकर हिरदय के ईछा ला पूरा करे हस \q2 अऊ ओकर मुहूं के बिनती ला अस्वीकार नइं करे हस। \q1 \v 3 तेंह उत्तम आसीस के संग ओकर ले मिले बर आय \q2 अऊ ओकर मुड़ म सुध सोन के मुकुट पहिराय हस। \q1 \v 4 ओह तोर ले जिनगी मांगिस, अऊ तेंह ओला जिनगी देय— \q2 तेंह ओकर जिनगी ला सदाकाल बर बढ़ाय। \q1 \v 5 जऊन जय तेंह ओला दे हस, ओकर महिमा ह बड़े ए; \q2 तेंह ओला सोभा अऊ महिमा दे हस। \q1 \v 6 सही म तेंह ओला खतम नइं होवइया आसीस दे हस \q2 अऊ अपन उपस्थिति के आनंद ले ओला खुस कर दे हस। \q1 \v 7 काबरकि राजा ह यहोवा ऊपर भरोसा करथे; \q2 सर्वोच्च परमेसर के बड़े मया के कारन \q2 ओह अटल बने रहिही। \b \q1 \v 8 तोर हांथ ह तोर जम्मो बईरीमन के ऊपर पड़ही; \q2 तोर जेवनी हांथ ह तोर बईरीमन ला धर लीही। \q1 \v 9 जब तेंह लड़ई करे बर परगट होबे, \q2 त तेंह ओमन ला बरत भट्ठी म बारे सहीं बार देबे। \q1 यहोवा ह अपन कोप म ओमन ला लील जाही, \q2 अऊ ओकर आगी ह ओमन ला भसम कर दीही। \q1 \v 10 तेंह ओमन के संतानमन ला धरती ले नास कर देबे, \q2 मानव-जाति ले ओमन के बंस ला मिटा देबे। \q1 \v 11 हालाकि ओमन तोर बिरूध सडयंत्र रचथें \q2 अऊ दुस्ट योजना बनाथें, पर ओमन सफल नइं होवंय। \q1 \v 12 जब तेंह अपन धनुस ले ओमन ला अपन निसाना बनाबे। \q2 त ओमन अपन पीठ देखाके भागहीं। \b \q1 \v 13 हे यहोवा, तोर सामर्थ ह अऊ बढ़य; \q2 हमन तोर सक्ति के गीत गाबो अऊ परसंसा करबो। \c 22 \cl भजन-संहिता 22\f + \fr 22 \fr*\ft इबरानी म \+xt 22:1‑31\+xt* ला 22:2‑32 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। “बिहनियां के मादा हिरन” के धुन म दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे मोर परमेसर, हे मोर परमेसर, तेंह मोला काबर तियाग दे हस? \q2 तेंह मोर बचाव काबर नइं करत हस? \q2 मोर पीरा के गोहार ला काबर नइं सुनत हस? \q1 \v 2 हे मोर परमेसर, मेंह दिन म गोहारथंव, पर तेंह जबाब नइं देवस, \q2 रथिया घलो, मोला अराम नइं मिलय। \b \q1 \v 3 पर तेंह पबितर परमेसर के रूप म बिराजमान हस; \q2 तेंह ओ अस, जेकर परसंसा इसरायल करथे। \q1 \v 4 तोर ऊपर ही हमर पुरखामन भरोसा करिन; \q2 ओमन भरोसा करिन अऊ तेंह ओमन ला छोंड़ाय। \q1 \v 5 तोर ले ओमन गोहारिन अऊ ओमन बचाय गीन; \q2 तोर ऊपर ओमन भरोसा करिन अऊ ओमन लज्जा म नइं पड़िन। \b \q1 \v 6 पर में तो एक कीरा अंव, मनखे नइं, \q2 हर एक जन मोला अपमानित करथें, मनखेमन मोला तुछ समझथें। \q1 \v 7 ओ जम्मो झन, जेमन मोला देखथें, ओमन मोर हंसी उड़ाथें; \q2 ओमन अपन मुड़ हला-हलाके मोर बेजत्ती करथें। \q1 \v 8 ओमन कहिथें, “ओह यहोवा ऊपर भरोसा करथे, \q2 यहोवा ह ओला बचावय। \q1 जब ओह यहोवा म खुस रहिथे, \q2 त ओही ह ओला छोंड़ावय।” \b \q1 \v 9 तभो ले तेंह मोला गरभ ले बाहिर लानय, \q2 जब मेंह दूध पीयत लइका रहेंव, तब ले तेंह मोला तोर ऊपर भरोसा करे बर सिखोय हस। \q1 \v 10 जनम ले ही मोला तोर देखरेख म छोंड़ दिये गीस; \q2 जब मेंह मोर दाई के गरभ म रहेंव, तब ले ही तेंह मोर परमेसर अस। \b \q1 \v 11 मोर ले दूरिहा झन रह, \q2 काबरकि समस्या ह लकठा म हवय \q2 अऊ कोनो मदद करइया नइं ए, \b \q1 \v 12 बहुंत अकन सांड़मन मोला घेरत हवंय; \q2 बासान देस के बलवान सांड़मन मोला चारों कोति ले घेरत हवंय। \q1 \v 13 गरजत सिंह, जेमन अपन सिकार ला फाड़ डालथें, \q2 ओमन मोर बिरोध म अपन मुहूं खोलत हवंय। \q1 \v 14 मेंह पानी कस ढारे जावत हंव, \q2 अऊ मोर जम्मो हाड़ामन अपन जोड़ ले खिसक गे हवंय। \q1 मोर हिरदय ह मोम कस हो गे हवय; \q2 येह मोर भीतर म ही टघल गे हवय। \q1 \v 15 मोर मुहूं ह माटी के टूटे बरतन सहीं सूखा गे हवय, \q2 अऊ मोर जीभ ह मोर तालू म चिपकत हे, \q2 तेंह मोला मिरतू के माटी म लेटाथस। \b \q1 \v 16 कुकुरमन मोला घेरत हें, \q2 दुस्ट मनखेमन के एक दल ह मोला चारों कोति ले घेरत हे; \q2 ओमन मोर हांथ अऊ गोड़मन ला छेदत हवंय। \q1 \v 17 मोर जम्मो हाड़ामन दिखत हवंय; \q2 मनखेमन मोला घूरथें अऊ गंदा नजर ले देखथें। \q1 \v 18 ओमन मोर ओनहा ला आपस म बांट लेथंय \q2 अऊ मोर कुरता बर चिट्ठी निकालथें। \b \q1 \v 19 पर हे यहोवा, तेंह मोर ले दूरिहा झन रह। \q2 तेंह मोर ताकत अस; मोर मदद करे बर जल्दी आ। \q1 \v 20 मोर जिनगी ला तलवार ले बचा, \q2 मोर बहुमोल जिनगी ला कुकुरमन के सक्ति ले बचा। \q1 \v 21 सिंहमन के मुहूं ले मोला बचा; \q2 जंगली बईलामन के सींग ले मोला बचा। \b \q1 \v 22 मेंह अपन भाईमन के आघू म तोर नांव के परचार करहूं; \q2 सभा के बीच म, मेंह तोर परसंसा करहूं। \q1 \v 23 हे यहोवा के भय मनइयामन, ओकर परसंसा करव! \q2 हे याकूब के जम्मो संतानमन, ओकर आदर करव! \q2 हे इसरायल के जम्मो संतानमन, ओकर सम्मान करव! \q1 \v 24 काबरकि ओह दुख म परे मनखे ला तुछ नइं समझे हे \q2 या ओला छोंड़ नइं दे हे; \q1 ओह ओकर ले अपन मुहूं नइं छुपाय हवय \q2 पर मदद बर ओकर गोहार ला सुने हवय। \b \q1 \v 25 बड़े सभा म तोर परसंसा के बिसय तोरेच करा ले आथे; \q2 जऊन मन तोर भय मानथें, ओमन के आघू म मेंह अपन मन्नत ला पूरा करहूं। \q1 \v 26 गरीबमन खाहीं अऊ संतुस्ट हो जाहीं; \q2 जऊन मन यहोवा ला खोजथें, ओमन ओकर परसंसा करहीं— \q2 तुम्हर परान हमेसा जीयत रहय! \b \q1 \v 27 धरती के जम्मो छोर तक मनखेमन यहोवा ला \q2 सुरता करहीं अऊ ओकर कोति फिरहीं, \q1 अऊ जाति-जाति के जम्मो परिवारमन \q2 ओकर आघू म दंडवत करहीं। \q1 \v 28 काबरकि राज ह यहोवा के ही अय \q2 अऊ जाति-जाति के मनखेमन ऊपर ओहीच ह राज करथे। \b \q1 \v 29 धरती के जम्मो धनवानमन भोज खाहीं अऊ ओकर अराधना करहीं; \q2 ओ जम्मो जऊन मन धुर्रा म मिल जाथें, ओमन ओकर आघू म माड़ी टेकहीं— \q2 ओ मनखे, जऊन मन अपनआप ला जीयत नइं रख सकंय। \q1 \v 30 अवइया पीढ़ी के मनखेमन ओकर सेवा करहीं; \q2 अवइया पीढ़ी के मनखेमन ला परभू के बारे बताय जाही। \q1 \v 31 ओमन ओकर धरमीपन के बखान करहीं, \q2 ओ मनखेमन के आघू म बखान करहीं, जेमन अभी जनमे नइं अंय: \q2 ओह येला करे हवय! \c 23 \cl भजन-संहिता 23 \d दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 यहोवा ह मोर चरवाहा अय, मोला कुछू घटी नइं होवय। \q2 \v 2 ओह मोला हरियर-हरियर चरागन म अराम कराथे, \q1 ओह मोला सांत पानी के तीर म ले जाथे, \q2 \v 3 ओह मोर जीव ला तरो-ताजा कर देथे। \q1 अपन नांव के खातिर \q2 ओह मोला धरमीपन के रसता म ले चलथे। \q1 \v 4 चाहे मेंह घिटके अंधियार के \q2 घाटी\f + \fr 23:4 \fr*\ft या \ft*\fqa मिरतू के छइहां के घाटी\fqa*\f* म ले होके जावंव, \q1 तभो ले कोनो अहित होय ले नइं डरंव, \q2 काबरकि तेंह मोर संग रहिथस; \q1 तोर सुंटी अऊ तोर लउठी ले \q2 मोला अराम मिलथे। \b \q1 \v 5 तेंह मोर बईरीमन के आघू म \q2 मोर बर जेवन के मेज सजाथस। \q1 तेंह मोर मुड़ ला तेल ले अभिसेक करथस; \q2 मोर कटोरा ह छलकत हे। \q1 \v 6 खचित तोर भलई अऊ मया \q2 मोर जिनगी भर मोर संग रहिही, \q1 अऊ मेंह सदा-सर्वदा यहोवा के घर म \q2 निवास करहूं। \c 24 \cl भजन-संहिता 24 \d दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 धरती अऊ येमा के हर एक चीज यहोवा के अय, \q2 संसार, अऊ ओ जम्मो जेमन येमा रहिथें; \q1 \v 2 काबरकि ओह एकर नीव समुंदरमन के ऊपर रखिस \q2 अऊ पानी के ऊपर येला इस्थिर करिस। \b \q1 \v 3 यहोवा के पहाड़ ऊपर कोन चढ़ सकत हे? \q2 ओकर पबितर स्थान म कोन ठाढ़ हो सकत हे? \q1 \v 4 ओह, जेकर काम सही अऊ हिरदय सुध हवय, \q2 जऊन ह मूरती ऊपर भरोसा नइं करय \q2 या लबरा ईस्वर के सपथ नइं खावय। \b \q1 \v 5 ओह यहोवा ले आसीस पाही \q2 अऊ ओला अपन उद्धार करइया परमेसर ले सुरकछा मिलही। \q1 \v 6 अइसने ही होथे ओमन के पीढ़ी, जऊन मन परमेसर के खोज करथें, \q2 हे याकूब के परमेसर, जऊन मन तोर दरसन के खोज म रहिथें। \b \q1 \v 7 हे दुवारमन, अपन मुड़ ला ऊंचा करव; \q2 हे पुराना जमाना के कपाटमन, ऊपर उठव, \q2 ताकि महिमा के राजा ह भीतर आवय। \q1 \v 8 ये महिमा के राजा कोन ए? \q2 यहोवा, जऊन ह बलवान अऊ सक्तिसाली ए, \q2 यहोवा, जऊन ह लड़ई म सक्तिसाली ए। \q1 \v 9 हे दुवारमन, अपन मुड़ ला ऊंचा करव; \q2 हे पुराना जमाना के कपाटमन, ऊपर उठव, \q2 ताकि महिमा के राजा ह भीतर आवय। \q1 \v 10 ये महिमा के राजा कोन ए? \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा— \q2 ओह महिमा के राजा अय। \c 25 \cl भजन-संहिता 25 \d दाऊद के भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोर परमेसर, तोर ऊपर \q2 मेंह अपन भरोसा रखथंव। \b \q1 \v 2 मेंह तोर ऊपर भरोसा करथंव; \q2 मोला सरमिंदा झन होवन दे, \q2 न ही मोर बईरीमन ला मोर ऊपर जय पावन दे। \q1 \v 3 जऊन ह तोर ऊपर आसा रखथे \q2 ओह कभू सरमिंदा नइं होही, \q1 पर सरमिंदा ओमन होहीं \q2 जऊन मन बिगर कारन के बिसवासघात करथें। \b \q1 \v 4 हे यहोवा, मोला अपन डहार देखा, \q2 मोला अपन रसता के बात सिखा। \q1 \v 5 अपन सच्चई म मोर अगुवई कर अऊ मोला सिखा, \q2 काबरकि तेंह परमेसर मोर उद्धारकर्ता अस, \q2 अऊ दिन भर मोर आसा ह तोर ऊपर रहिथे। \q1 \v 6 हे यहोवा, अपन बड़े दया अऊ मया ला सुरता कर, \q2 काबरकि ओमन पुराना जमाना ले हवंय। \q1 \v 7 मोर जवानी के पाप \q2 अऊ मोर बिदरोही काममन ला सुरता झन कर; \q1 अपन मया के मुताबिक मोला सुरता कर, \q2 काबरकि हे यहोवा, तेंह बने अस। \b \q1 \v 8 यहोवा ह बने अऊ ईमानदार अय; \q2 एकरसेति ओह पापीमन ला अपन तरीका ले सिखाथे। \q1 \v 9 जऊन बात ह सही अय, ओमा ओह नम्र मनखे के अगुवई करथे \q2 अऊ ओमन ला अपन रसता के सिकछा देथे। \q1 \v 10 जऊन मन यहोवा के करार के बात ला मानथें \q2 ओमन बर ओकर जम्मो रसतामन मया ले भरे अऊ बिसवासयोग्य अंय। \q1 \v 11 हे यहोवा, अपन नांव के खातिर, \q2 मोर अपराध ला छेमा कर, हालाकि येह बहुंत बड़े हवय। \b \q1 \v 12 तब ओमन कोन अंय, जेमन यहोवा के भय मानथें? \q2 ओह ओमन ला ओ रसता म ले जाही, जेला ओह ओमन बर चुनथे। \q1 \v 13 ओमन अमीरी म अपन दिन काटहीं, \q2 अऊ ओमन के संतानमन देस के ऊपर अधिकार करहीं। \q1 \v 14 यहोवा ह ओमन ऊपर भरोसा रखथे, जेमन ओकर भय मानथें; \q2 ओह ओमन ला अपन करार के बारे म बताथे। \q1 \v 15 मोर आंखी ह हमेसा यहोवा ऊपर लगे रहिथे, \q2 काबरकि सिरिप ओहीच ह मोर गोड़ ला फांदा ले छुड़ाही। \b \q1 \v 16 हे यहोवा, मोर कोति लहुंट अऊ मोर ऊपर अनुग्रह कर, \q2 काबरकि मेंह अकेला अऊ दुखित हंव। \q1 \v 17 मोर हिरदय के दुख ला दूरिहा कर दे \q2 अऊ मोला तकलीफ ले छुड़ा ले। \q1 \v 18 मोर दुख अऊ तकलीफ ला देख \q2 अऊ मोर जम्मो पाप ला दूरिहा कर दे। \q1 \v 19 देख मोर बईरीमन कतेक जादा हवंय \q2 अऊ कतेक जादा ओमन मोर ले घिन करथें! \b \q1 \v 20 मोर जिनगी के रकछा कर अऊ मोला बचा ले; \q2 मोला सरमिंदा झन होवन दे, \q2 काबरकि मेंह तोर सरन ले हवंव। \q1 \v 21 मोर ईमानदारी अऊ सच्चई ह मोला बचावय, \q2 काबरकि मोर आसा तोर ऊपर हवय। \b \q1 \v 22 हे परमेसर, इसरायल ला \q2 ओकर जम्मो संकट ले छोंड़ा ले। \c 26 \cl भजन-संहिता 26 \d दाऊद के भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोला नियाय दे, \q2 काबरकि मेंह एक निरदोस जिनगी जीये हवंव; \q1 मेंह यहोवा ऊपर भरोसा करे हंव \q2 अऊ नइं डगमगाय हंव। \q1 \v 2 हे यहोवा, मोला परख अऊ मोला जांच, \q2 मोर हिरदय अऊ मोर मन ला जांच ले; \q1 \v 3 काबरकि तोर अटूट मया के खियाल मोर मन म हमेसा रहिथे \q2 अऊ मेंह तोर बिसवासयोग्यता के भरोसा म जीयत हंव। \b \q1 \v 4 मेंह धोखेबाजमन के संग म नइं बईठंव, \q2 अऊ न ही पाखंडीमन के संगति करंव। \q1 \v 5 मेंह गलत काम करइयामन के संगति ले घिन करथंव \q2 अऊ दुस्टमन के संग नइं बईठंव। \q1 \v 6 हे यहोवा, मेंह अपन हांथ ला निरदोस रखथंव, \q2 अऊ तोर बेदी करा जाथंव, \q1 \v 7 अऊ ऊंचहा अवाज म तोर परसंसा करथंव \q2 अऊ तोर जम्मो अद्भूत काममन ला बताथंव। \b \q1 \v 8 हे यहोवा, मेंह ओ घर ले मया करथंव, जिहां तेंह रहिथस, \q2 ओ जगह जिहां तोर महिमा रहिथे। \q1 \v 9 मोर परान ला पापीमन के संग \q2 अऊ मोर जिनगी ला खून के पीयासामन के संग झन ले, \q1 \v 10 जेमन के हांथमन दुस्टता के उपाय करथें, \q2 अऊ जेमन के जेवनी हांथ ह घूसखोरी ले भरे हवय। \q1 \v 11 मेंह तो निरदोस जिनगी जीथंव; \q2 मोला छोंड़ा ले अऊ मोर ऊपर दया कर। \b \q1 \v 12 मेंह समतल भुइयां म ठाढ़े हवंव; \q2 सभामन म मेंह यहोवा के इस्तुति करहूं। \c 27 \cl भजन-संहिता 27 \d दाऊद के भजन। \q1 \v 1 यहोवा ह मोर अंजोर अऊ मोर उद्धार अय— \q2 त मेंह काकर ले डरहूं? \q1 यहोवा ह मोर जिनगी के मजबूत किला अय— \q2 त काकर ले मेंह भय खाहूं? \b \q1 \v 2 जब दुस्ट मनखेमन मोला नास\f + \fr 27:2 \fr*\ft या \ft*\fqa बदनाम\fqa*\f* करे बर \q2 मोर बिरूध आघू बढ़थें, \q1 त ये मोर बईरी अऊ बिरोधीमन ही \q2 ठोकर खाहीं अऊ गिरहीं। \q1 \v 3 यदि एक सेना घलो मोला घेर ले, \q2 तभो ले मेंह नइं डरंव; \q1 यदि मोर बिरोध म लड़ई घलो सुरू हो जावय, \q2 तभो ले मोला भरोसा रहिही। \b \q1 \v 4 एक ठन चीज मेंह यहोवा ले मांगथंव, \q2 सिरिप ये बात मेंह चाहथंव: \q1 कि अपन जिनगी भर \q2 मेंह यहोवा के घर म रहंव, \q1 ताकि यहोवा के सुघरता ला देखंव \q2 अऊ ओकर मंदिर म ओकर धियान करंव। \q1 \v 5 काबरकि बिपत्ति के दिन म \q2 ओह मोला अपन निवास म सुरकछित रखही; \q1 ओह अपन पबितर तम्बू के खाल्हे म मोला छिपा लीही \q2 अऊ एक चट्टान के ऊपर ऊंचहा जगह म रखही। \b \q1 \v 6 तब मोर मुड़ ह ओ बईरीमन के आघू म ऊपर हो जाही \q2 जऊन मन मोला चारों कोति ले घेरथें; \q1 ओकर पबितर तम्बू म मेंह आनंद के मारे चिचियावत बलिदान चघाहूं; \q2 मेंह यहोवा बर गीत गाहूं अऊ बाजा बजाहूं। \b \q1 \v 7 हे यहोवा, जब मेंह गोहारंव, त मोर अवाज ला सुन; \q2 मोर ऊपर दया करके मोला जबाब दे। \q1 \v 8 मोर हिरदय ह तोर बारे कहिथे, “ओकर चेहरा के खोज म रह!” \q2 हे यहोवा, मेंह तोरेच दरसन के खोज म रहिहूं। \q1 \v 9 तेंह मोर ले अपन चेहरा झन छिपा, \q2 गुस्सा होके अपन सेवक ला दूरिहा झन कर दे; \q2 तेंह मोर मदद करइया रहे हस। \q1 हे परमेसर मोर उद्धारकर्ता, \q2 मोला अस्वीकार झन कर या मोला झन तियाग। \q1 \v 10 भले ही मोर दाई-ददा मोला तियाग देवंय, \q2 पर यहोवा ह मोला गरहन करही। \q1 \v 11 हे यहोवा, मोला अपन रसता के बात सिखा; \q2 मोर ऊपर अतियाचार करइयामन के कारन \q2 मोला सीधा रसता म ले चल। \q1 \v 12 मोर बईरीमन के ईछा ऊपर मोला झन छोंड़ दे, \q2 काबरकि लबरा गवाहमन मोर बिरूध ठाढ़ होथें, \q2 अऊ जलन से भरके मोर ऊपर दोस लगाथें। \b \q1 \v 13 मोला ये बात के भरोसा हवय: \q2 कि जीयत परानीमन के देस म \q2 मेंह यहोवा के भलई ला देखहूं। \q1 \v 14 यहोवा के बाट जोहत रहव; \q2 मजबूत बनव अऊ हिम्मत रखव \q2 अऊ यहोवा के बाट जोहत रहव। \c 28 \cl भजन-संहिता 28 \d दाऊद के भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मेंह तोहीच ला पुकारथंव; \q2 तेंह मोर चट्टान अस, \q2 मोर गोठ ला अनसुना झन कर। \q1 काबरकि यदि तेंह चुपचाप रहिबे, \q2 त मेंह ओ मरे मनखेमन सहीं हो जाहूं, जऊन मन कबर म चले जाथें। \q1 \v 2 जब मेंह मदद बर तोला पुकारंव, \q2 जब मेंह तोर महा पबितर स्थान कोति \q1 अपन हांथ उठावंव, \q2 त दया के मोर गोहार ला सुन ले। \b \q1 \v 3 ओ दुस्ट मनखेमन संग मोला घसीटके अलग झन कर, \q2 ओमन के संग, जऊन मन दुस्ट काम करथें, \q1 जऊन मन अपन परोसी संग मया के गोठ करथें, \q2 पर ओमन के मन म बुरई के बात रहिथे। \q1 \v 4 ओमन के काम अऊ बुरई के काम बर \q2 ओमन ले बदला ले; \q1 ओमन ले ओमन के काम के बदला ले \q2 ओमन के दुस्ट काम के मुताबिक ओमन ला दंड दे। \b \q1 \v 5 काबरकि ओमन यहोवा के काम ऊपर \q2 अऊ ओह जऊन कुछू करथे, ओकर ऊपर धियान नइं देवंय, \q1 एकरसेति ओह ओमन ला नास कर दीही \q2 अऊ ओमन ला फेर कभू नइं उठाही। \b \q1 \v 6 यहोवा के परसंसा होवय, \q2 काबरकि ओह दया के मोर गोहार ला सुने हवय। \q1 \v 7 यहोवा ह मोर बल अऊ मोर ढाल अय; \q2 मोर मन ह ओकर ऊपर भरोसा करथे, अऊ ओह मोर मदद करथे। \q1 मोर मन ह आनंद ले भर गे हवय, \q2 अऊ अपन गीत के दुवारा मेंह ओकर परसंसा करथंव। \b \q1 \v 8 यहोवा ह अपन मनखेमन के बल अय, \q2 अऊ अपन अभिसिक्त जन बर उद्धार के एक गढ़ अय। \q1 \v 9 हे यहोवा, अपन मनखेमन ला बचा अऊ अपन निज भाग ला आसीस दे; \q2 ओमन के चरवाहा बन अऊ ओमन ला हमेसा संभाले रह। \c 29 \cl भजन-संहिता 29 \d दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे स्वरगीय जीवमन,\f + \fr 29:1 \fr*\fq स्वरगीय जीवमन \fq*\ft के मतलब \ft*\fqa स्वरगदूतमन \fqa*\ft हो सकथे\ft*\f* यहोवा के बखान करव, \q2 यहोवा के महिमा अऊ बल के बखान करव। \q1 \v 2 यहोवा के नांव के मुताबिक ओकर बखान करव; \q2 यहोवा के पबितरता के सोभा म ओकर अराधना करव। \b \q1 \v 3 यहोवा के अवाज समुंदर के ऊपर म हवय; \q2 महिमा के परमेसर ह गरजथे, \q2 यहोवा ह समुंदर के भयंकर लहरामन ऊपर गरजथे। \q1 \v 4 यहोवा के अवाज ह सक्तिसाली अय; \q2 यहोवा के अवाज ह सानदार हवय। \q1 \v 5 यहोवा के अवाज ह देवदार के रूख ला टोर देथे; \q2 यहोवा ह लबानोन के देवदार रूखमन ला कुटा-कुटा कर देथे। \q1 \v 6 ओह लबानोन ला एक बछरू के सहीं \q2 अऊ सिरयोन\f + \fr 29:6 \fr*\ft हेरमोन पहाड़\ft*\f* ला जंगली बईला के सहीं उछालथे। \q1 \v 7 यहोवा के अवाज ह \q2 बिजली के चमक के संग चोट करथे। \q1 \v 8 यहोवा के अवाज ह बीरान भुइयां ला हला देथे; \q2 यहोवा ह कादेस के बीरान भुइयां ला घलो हला देथे। \q1 \v 9 यहोवा के अवाज ह बांज के रूख ला मुरकेट देथे\f + \fr 29:9 \fr*\ft या \ft*\fqa यहोवा ह हिरन ले पीला जनमवाथे\fqa*\f* \q2 अऊ जंगल म पतझड़ हो जाथे। \q1 अऊ ओकर मंदिर म जम्मो झन चिचियाके कहिथें, “परमेसर के महिमा होवय!” \b \q1 \v 10 यहोवा ह बाढ़ के पानी ऊपर बिराजमान होथे; \q2 यहोवा ह सदाकाल बर राजा के रूप म बिराजमान होथे। \q1 \v 11 यहोवा ह अपन मनखेमन ला ताकत देथे; \q2 यहोवा ह अपन मनखेमन ला सांति के आसीस देथे। \c 30 \cl भजन-संहिता 30\f + \fr 30 \fr*\ft इबरानी म \+xt 30:1‑12\+xt* ला 30:2‑13 गने गे हवय\ft*\f* \d मंदिर\f + \fr 30:0 \fr*\fl या \fl*\fqa महल\fqa*\f* के समरपन बर दाऊद के एक भजन। एक गीत। \q1 \v 1 हे यहोवा, मेंह तोर बहुंत परसंसा करहूं, \q2 काबरकि तेंह मोला खंचवा ले ऊपर निकाले हस \q2 अऊ मोर बईरीमन ला मोर ऊपर आनंद करे बर नइं दे हस। \q1 \v 2 हे यहोवा मोर परमेसर, मेंह तोला मदद बर पुकारेंव, \q2 अऊ तेंह मोला चंगा करय। \q1 \v 3 हे यहोवा, तेंह मोला मिरतू-लोक ले निकाले हस; \q2 तेंह मोला खाल्हे खंचवा म जाय ले बचाय हस। \b \q1 \v 4 हे यहोवा के बिसवासयोग्य मनखेमन, तुमन ओकर महिमा के गीत गावव; \q2 ओकर पबितर नांव के परसंसा करव। \q1 \v 5 काबरकि ओकर गुस्सा छीन भर के होथे, \q2 पर ओकर किरपा ह जिनगी भर रहिथे; \q1 रोवई ह रथिया भर रह सकथे, \q2 पर आनंद के समय ह बिहनियां आथे। \b \q1 \v 6 जब मेंह सुरकछित महसूस करेंव, त मेंह अपनआप ला कहेंव, \q2 “मेंह कभूच नइं डोलंव।” \q1 \v 7 हे यहोवा, जब तेंह मोर ऊपर किरपा करय, \q2 त तेंह मोर साही पहाड़\f + \fr 30:7 \fr*\ft सियोन पहाड़\ft*\f* ला मजबूती से खड़े करय; \q1 पर जब तेंह अपन चेहरा ला छिपा लेय, \q2 त मेंह डर गेंव। \b \q1 \v 8 हे यहोवा, तोला मेंह पुकारेंव; \q2 परभू ला मेंह दया बर गोहारेंव: \q1 \v 9 “का फायदा होही यदि मेंह मर जावंव त, \q2 यदि मेंह खाल्हे कबर म चले जावंव त? \q1 का माटी ह तोर महिमा करही? \q2 का येह तोर बिसवासयोग्यता के बखान करही? \q1 \v 10 हे यहोवा, मोर बात ला सुन, अऊ मोर ऊपर दया कर; \q2 हे यहोवा, मोर मदद कर।” \b \q1 \v 11 तेंह मोर बिलाप करई ला नचई म बदल दे हस; \q2 तेंह मोर दुख के कपड़ा ला हटाके मोला आनंद के कपड़ा पहिराय हस, \q1 \v 12 ताकि मोर मन ह तोर महिमा के गीत गावय अऊ चुप झन रहय। \q2 हे यहोवा मोर परमेसर, मेंह हमेसा तोर परसंसा करहूं। \c 31 \cl भजन-संहिता 31\f + \fr 31 \fr*\ft इबरानी म \+xt 31:1‑24\+xt* ला 31:2‑25 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मेंह तोर सरन म हंव; \q2 मोला कभू लज्जित झन होवन दे; \q2 अपन धरमीपन के कारन मोला छुड़ा ले। \q1 \v 2 मोर कोति अपन कान लगा, \q2 अऊ मोला बचाय बर जल्दी आ; \q1 मोर सरन के चट्टान बन, \q2 अऊ मोला बचाय बर एक मजबूत गढ़ बन जा। \q1 \v 3 जब तेंह मोर चट्टान अऊ मोर गढ़ अस, \q2 त अपन नांव के खातिर मोर अगुवई कर अऊ मोला डहार देखा। \q1 \v 4 मोर बर लगाय गे फांदा ले मोला बचा ले, \q2 काबरकि तेंह मोर सरन लेय के जगह अस। \q1 \v 5 तोर हांथ म मेंह अपन आतमा ला सऊंपत हवंव; \q2 हे यहोवा, मोर बिसवासयोग्य परमेसर, मोला छोंड़ा ले। \b \q1 \v 6 मेंह ओमन ले घिन करथंव, जऊन मन बेकार के मूरतीमन म मन लगाय रहिथें; \q2 जहां तक मोर बात ए, मेंह यहोवा के ऊपर भरोसा करथंव। \q1 \v 7 मेंह खुस होहूं अऊ तोर मया म आनंद मनाहूं, \q2 काबरकि तेंह मोर दुख ला देखे हस \q2 अऊ मोर आतमा के पीरा ला जाने हस। \q1 \v 8 तेंह मोला बईरीमन के हांथ म नइं दे हस \q2 पर मोर गोड़ ला चाकर जगह म मढ़ाय हस। \b \q1 \v 9 हे यहोवा, मोर ऊपर दया कर, \q2 काबरकि मेंह दुख-तकलीफ म हवंव; \q1 दुख के मारे मोर आंखी, मोर जीव \q2 अऊ मोर देहें ह कमजोर होवत हे। \q1 \v 10 मोर जिनगी ह दुख-पीरा \q2 अऊ जम्मो बछरमन कलहरत-कलहरत खतम होवथें; \q1 मोर दुख\f + \fr 31:10 \fr*\ft या \ft*\fqa दोस\fqa*\f* के कारन मोर ताकत ह कम होवथे, \q2 अऊ मोर हाड़ामन कमजोर होवत हें। \q1 \v 11 मोर जम्मो बईरीमन के कारन, \q2 मेंह मोर परोसीमन के बहुंत अपमान के बिसय \q1 अऊ मोर नजदीकी संगवारीमन बर एक डर के बिसय हो गे हवंव— \q2 जऊन मन मोला सड़क म देखथें, ओमन मोर ले दूरिहा भागथें। \q1 \v 12 मरे मनखे के सहीं मोला भुला दिये गे हवय; \q2 मेंह माटी के टूटहा-फूटहा बरतन सहीं हो गे हवंव। \q1 \v 13 मेंह सुनत हंव कि बहुंते जन ये कानाफूसी करत हंय, \q2 “आतंक ह जम्मो कोति हवय!” \q1 ओमन मोर बिरूध गोस्टी करथें \q2 अऊ मोर परान लेय के योजना बनाथें। \b \q1 \v 14 पर हे यहोवा, मेंह तोर ऊपर भरोसा करथंव; \q2 मेंह कहिथंव, “तेंह मोर परमेसर अस।” \q1 \v 15 मोर जिनगी ह तोर हांथ म हवय; \q2 मोला मोर बईरीमन के हांथ ले, \q2 मोर पीछा करइयामन के हांथ ले छुड़ा। \q1 \v 16 तोर सेवक के ऊपर तोर मुहूं के अंजोर चमकय; \q2 अपन बहुंत मया के कारन मोर उद्धार कर। \q1 \v 17 हे यहोवा, मोला लज्जित झन होवन दे, \q2 काबरकि मेंह तोर करा गोहारे हंव; \q1 पर दुस्ट मनखे ह लज्जित होवय \q2 अऊ मिरतू-लोक म चुप रहय। \q1 \v 18 ओमन के लबारी बात कहइया मुहूं ह बंद हो जावय, \q2 काबरकि घमंड अऊ अपमान के संग \q2 ओमन धरमीमन के बिरूध बड़े अभिमान से गोठियाथें। \b \q1 \v 19 कतेक जादा हवंय बने-बने चीजमन, \q2 जेला तेंह ओमन बर कुढ़ोके रखे हस, जेमन तोर भय मानथें, \q1 ताकि तेंह येला जम्मो के देखत म \q2 ओमन ला दे, जेमन तोर सरन म आथें। \q1 \v 20 अपन उपस्थिति के आसरय म तेंह ओमन ला \q2 मनखेमन के जम्मो सडयंत्र ले छुपा लेथस; \q1 तेंह ओमन ला अपन निवास म \q2 दोस लगइयामन ले बचाके रखथस। \b \q1 \v 21 यहोवा के परसंसा होवय, \q2 काबरकि जब मेंह बईरीमन ले घेराय एक सहर म रहेंव, \q2 त ओह मोला अपन अद्भूत मया देखाईस। \q1 \v 22 घबराहट म मेंह कहेंव, \q2 “मेंह तोर नजर ले दूरिहा हो गे हवंव!” \q1 तभो ले जब मेंह तोला मदद बर पुकारेंव, \q2 त तेंह मोर दया के गोहार ला सुनय। \b \q1 \v 23 हे ओकर जम्मो बिसवासयोग्य मनखेमन, यहोवा ले मया करव! \q2 यहोवा ह ओमन ला सुरकछित रखथे, जऊन मन ओकर बर ईमानदार रहिथें, \q2 पर घमंडी मनखे ले ओह पूरा बदला लेथे। \q1 \v 24 हे यहोवा ऊपर आसा रखइया जम्मो मनखेमन, \q2 मजबूत बनव अऊ धीरज धरे रहव। \c 32 \cl भजन-संहिता 32 \d दाऊद के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 32:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 धइन अय ओ मनखे, \q2 जेकर अपराध छेमा करे जाथे, \q2 जेकर पाप तोपे जाथे। \q1 \v 2 धइन अय ओ मनखे, \q2 जेकर पाप ला यहोवा ह ओकर बिरूध नइं गनय \q2 अऊ जेकर आतमा म कोनो कपट के बात नइं ए। \b \q1 \v 3 जब मेंह कलेचुप रहंय, \q2 त दिन भर कलहरत-कलहरत \q2 मोर हाड़ामन बेकार होय लगिन। \q1 \v 4 काबरकि रात अऊ दिन \q2 तोर हांथ ह मोर ऊपर भारी पड़िस; \q1 अऊ जइसे घाम महिना के घाम म चीजमन सूखा जाथें \q2 वइसे मोर बल ह कम हो गीस। \b \q1 \v 5 तब मेंह अपन पाप ला तोर आघू म मान लेंव \q2 अऊ मोर अपराध ला नइं छुपांय। \q1 मेंह कहेंव, “मेंह यहोवा के आघू म \q2 अपन पाप ला मान लूहूं।” \q1 अऊ तेंह मोर पाप के दोस ला \q2 छेमा करय। \b \q1 \v 6 एकरसेति जम्मो बिसवासयोग्य मनखेमन तोर ले पराथना करंय \q2 जब तेंह मिल सकत हस; \q1 खचित संकट रूपी पानी के भयंकर लहरामन \q2 ओमन करा नइं हबरहीं। \q1 \v 7 तेंह मोर छुपे के जगह अस; \q2 तेंह मोला संकट ले बचाबे \q2 अऊ छुटकारा के गीत म मोला घेर लेबे। \b \q1 \v 8 मेंह तोला निरदेस दूहूं अऊ ओ रसता के बात सिखाहूं, जेमा तोला जाना चाही; \q2 मेंह तोर ऊपर अपन मया के नजर रखके तोला सलाह दूहूं। \q1 \v 9 तेंह घोड़ा अऊ खच्चर के सहीं झन बन, \q2 जेमन करा कोनो समझ नइं रहय \q1 पर ओमन ला काठी अऊ लगाम ले काबू म करे जाथे \q2 नइं तो ओमन तुम्हर लकठा म नइं आवंय। \q1 \v 10 दुस्टमन के दुख-तकलीफ बहुंत हवय, \q2 पर यहोवा के अब्बड़ मया ह \q2 ओमन ला घेरे रहिथे, जऊन मन ओकर ऊपर भरोसा करथें। \b \q1 \v 11 हे धरमी मनखेमन, यहोवा म आनंद मनावव अऊ खुस रहव; \q2 अऊ हे मन के जम्मो सीधवा मनखेमन, तुमन गीत गावव। \c 33 \cl भजन-संहिता 33 \q1 \v 1 हे धरमी मनखेमन, आनंद ले भर के यहोवा के गीत गावव; \q2 ईमानदार मनखे बर ओकर परसंसा करई ह जंचथे। \q1 \v 2 बीना बजाके यहोवा के परसंसा करव; \q2 दस तारवाले बीना बजाके ओकर परसंसा करव। \q1 \v 3 ओकर बर एक नवां गीत गावव; \q2 कुसलता से बजावव, अऊ आनंद के मारे जय-जयकार करव। \b \q1 \v 4 काबरकि यहोवा के बचन ह सही अऊ सच अय; \q2 ओह अपन हर काम म बिसवासयोग्य अय। \q1 \v 5 यहोवा ह धरमीपन अऊ नियाय ले मया करथे; \q2 धरती ह ओकर अब्बड़ मया ले भरे हवय। \b \q1 \v 6 अकास-मंडल यहोवा के बचन के दुवारा \q2 अऊ ओमन के तारागन ओकर मुहूं के सांस के दुवारा बनाय गीन। \q1 \v 7 ओह समुंदर के पानी ला एके ठऊर म रखथे; \q2 अऊ गहिरा पानी ला भंडार म रखथे। \q1 \v 8 धरती के जम्मो मनखेमन यहोवा के भय मानंय; \q2 संसार के जम्मो मनखेमन ओकर आदर करंय। \q1 \v 9 काबरकि ओकर कहे ले संसार ह बनिस; \q2 ओह हुकूम दीस अऊ येह इस्थिर हो गीस। \b \q1 \v 10 यहोवा ह आनजात के मनखेमन के योजना ला बिगाड़ देथे; \q2 ओह मनखेमन के उदेस्य म बाधा डाल देथे। \q1 \v 11 पर यहोवा के योजना ह हमेसा मजबूत बने रहिथे, \q2 ओकर मन के उदेस्य ह पीढ़ी-पीढ़ी तक बने रहिथे। \b \q1 \v 12 धइन अंय ओ जाति के मनखेमन, जेमन के परमेसर यहोवा अय, \q2 ओ मनखे, जेमन ला ओह अपन वारिस होय बर चुनिस। \q1 \v 13 स्वरग ले यहोवा ह खाल्हे निहारथे \q2 अऊ जम्मो मानव-जाति ला देखथे; \q1 \v 14 अपन निवास स्थान ले ओह ओ जम्मो झन ला देखत रहिथे, \q2 जऊन मन धरती म रहिथें— \q1 \v 15 ओ, जऊन ह जम्मो झन के हिरदय ला गढ़थे, \q2 जऊन ह ओमन के करे गे जम्मो काम ऊपर बिचार करथे। \b \q1 \v 16 कोनो भी राजा अपन बड़े सेना होय के कारन नइं बचय; \q2 कोनो भी योद्धा अपन बड़े बल के कारन बचके नइं जा सकय। \q1 \v 17 बचके निकले बर घोड़ा ऊपर आसा करई ह बेकार ए; \q2 अपन अब्बड़ बल के बावजूद येह बचा नइं सकय। \q1 \v 18 पर यहोवा के नजर ह ओमन ऊपर लगे रहिथे, जऊन मन ओकर भय मानथें, \q2 जऊन मन ओकर बड़े मया के कारन ये आसा लगाय रहिथें, \q1 \v 19 कि ओह ओमन ला मिरतू ले बचाही \q2 अऊ अकाल के बेरा म घलो ओमन ला जीयत रखही। \b \q1 \v 20 हमन यहोवा के आस म बाट जोहत रहिथन; \q2 ओहीच ह हमर मदद अऊ हमर ढाल ए। \q1 \v 21 ओहीच म ही हमर हिरदय ह आनंदित होथे, \q2 काबरकि हमन ओकर पबितर नांव ऊपर भरोसा करथन। \q1 \v 22 हे यहोवा, जइसे हमन तोर ऊपर अपन आसा रखथन, \q2 वइसे तोर बड़े मया ह हमर ऊपर बने रहय। \c 34 \cl भजन-संहिता 34\f + \fr 34 \fr*\ft इबरानी म \+xt 34:1‑22\+xt* ला 34:2‑23 गने गे हवय\ft*\f* \d दाऊद के एक भजन। जब ओह अबीमेलेक के आघू म पागल होय के नाटक करिस, जेकर से अबीमेलेक ह ओला भगा दीस, अऊ ओह उहां ले भाग गीस। \q1 \v 1 मेंह हर समय यहोवा के परसंसा करहूं; \q2 ओकर परसंसा हमेसा मोर मुहूं ले होवत रहिही। \q1 \v 2 मेंह यहोवा ऊपर घमंड करहूं; \q2 दुखित-पीड़ित मनखेमन सुनंय अऊ आनंद मनांय। \q1 \v 3 मोर संग यहोवा के महिमा करव; \q2 आवव, हमन मिलके ओकर नांव के परसंसा करन। \b \q1 \v 4 मेंह यहोवा ले पराथना करेंव; अऊ ओह मोला जबाब दीस; \q2 ओह मोला मोर जम्मो डर ले मुक्त करिस। \q1 \v 5 जऊन मन ओकर कोति देखथें, ओमन दीप्तिमान होथें; \q2 ओमन कभू लज्जित नइं होवंय। \q1 \v 6 ये दीन-हीन मनखे ह पुकारिस, अऊ यहोवा ह ओकर बात ला सुनिस; \q2 ओह ओला ओकर जम्मो दुख-तकलीफ ले बचाईस। \q1 \v 7 यहोवा के स्वरगदूत ह ओमन के चारों कोति डेरा डालथे, जऊन मन ओकर भय मानथें, \q2 अऊ ओह ओमन ला छुड़ाथे। \b \q1 \v 8 परखके देखव कि यहोवा ह बने अय; \q2 धइन अय ओ मनखे, जऊन ह ओकर करा सरन लेथे। \q1 \v 9 हे ओकर पबितर मनखेमन, तुमन यहोवा के भय मानव, \q2 काबरकि जऊन मन ओकर भय मानथें, ओमन ला कुछू चीज के घटी नइं होवय। \q1 \v 10 भले ही सिंह ह कमजोर हो सकथे अऊ भूखा रह सकथे, \q2 पर जऊन मन यहोवा के खोज म रहिथें, ओमन ला कोनो बने चीज के घटी नइं होवय। \q1 \v 11 हे मोर लइकामन, आवव, मोर बात ला सुनव; \q2 मेंह तुमन ला यहोवा के भय मानना सिखोहूं। \q1 \v 12 तुमन म ले जऊन ह भी जिनगी ले मया करथे \q2 अऊ बहुंते बने दिनमन ला देखे के ईछा करथे, \q1 \v 13 त ओह अपन जीभ ला खराप बात ले \q2 अऊ अपन मुहूं ला लबारी बात ले दूरिहा रखय। \q1 \v 14 बुरई ला छोंड़के भलई करव; \q2 सांति के खोज म रहव अऊ ओकर पाछू लगे रहव। \b \q1 \v 15 यहोवा के नजर ह धरमीमन ऊपर लगे रहिथे, \q2 अऊ ओकर कान ह ओमन के गोहार के तरफ लगे रहिथे; \q1 \v 16 पर यहोवा ह बुरई करइयामन के बिरोध करथे, \q2 ताकि ओह ओमन के नांव ला धरती ले मिटा देवय। \b \q1 \v 17 धरमीमन गोहारथें, अऊ यहोवा ह ओमन के सुनथे; \q2 ओह ओमन ला ओमन के जम्मो समस्या ले बाहिर निकालथे। \q1 \v 18 यहोवा ह टूटे मनवाला के लकठा म रहिथे \q2 अऊ ओमन के उद्धार करथे, जऊन मन आतमा म बहुंत दुखी होथें। \b \q1 \v 19 धरमी मनखे करा बहुंत समस्या हो सकथे, \q2 पर यहोवा ह ओला ओकर जम्मो समस्या ले निकालथे; \q1 \v 20 ओह ओकर जम्मो हाड़ामन के रकछा करथे, \q2 ओमा के एको ठन घलो नइं टूटय। \b \q1 \v 21 बुरई ही दुस्ट मनखे ला मार डालही; \q2 धरमी जन के बईरीमन दोसी ठहिरहीं। \q1 \v 22 यहोवा ह अपन सेवकमन ला बचाही; \q2 अऊ जऊन ह ओकर करा सरन लेथे, ओह दोसी नइं ठहिरही। \c 35 \cl भजन-संहिता 35 \d दाऊद के भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, ओमन के बिरोध कर, जेमन मोर बिरोध करथें; \q2 ओमन के बिरूध लड़, जेमन मोर बिरूध लड़थें। \q1 \v 2 ढाल अऊ कवच ला ले; \q2 अऊ उठके मोर मदद करे बर आ। \q1 \v 3 जऊन मन मोर पीछा करथें, \q2 ओमन के बिरूध बरछी अऊ भाला उठा। \q1 अऊ मोर आतमा ला कह, \q2 “मेंह तोर उद्धार अंव।” \b \q1 \v 4 जऊन मन मोर परान के पाछू पड़े हवंय, \q2 ओमन कलंकित अऊ लज्जित होवंय; \q1 जऊन मन मोर बिनास के गोस्टी करथें, \q2 ओमन भयभीत होके वापिस लहुंटंय। \q1 \v 5 ओमन हवा म उड़ जानेवाला भूंसा के सहीं हो जावंय, \q2 अऊ यहोवा के स्वरगदूत ह ओमन ला भगा देवय; \q1 \v 6 ओमन के डहार ह अंधियार हो जावय अऊ ओमा फिसलन होवय, \q2 अऊ यहोवा के स्वरगदूत ह ओमन के पीछा करत रहय। \b \q1 \v 7 काबरकि ओमन बिगर कारन के मोर बर जाल बिछाईन \q2 अऊ बिगर कारन के मोर बर खंचवा कोड़िन। \q1 \v 8 अचानक ओमन के बिनास हो जावय— \q2 अपन बिछाय जाल म ओमन खुद फंस जावंय, \q2 अपन खने खंचवा म ओमन खुद गिरंय, अऊ ओमन के बिनास हो जावय। \q1 \v 9 तब मोर आतमा ह यहोवा म आनंदित होही \q2 अऊ ओकर करे गे उद्धार ले खुस होही। \q1 \v 10 मोर पूरा हिरदय ह कहिही, \q2 “हे यहोवा, तोर सहीं कोन हवय? \q1 तेंह गरीबमन ला ओमन ले बचाथस, जेमन बहुंत बलवान हवंय, \q2 अऊ गरीब अऊ जरूरतमंद ला ओमन ले बचाथस, जेमन ओमन ला लूटथें।” \b \q1 \v 11 निरदयी गवाहमन ठाढ़ होथें; \q2 अऊ ओमन मोर ले ओ बिसय म सवाल करथें, जेकर बारे म मेंह कुछू नइं जानंव। \q1 \v 12 ओमन मोर भलई के बदले मोर ले बुरई करथें \q2 अऊ मोला एक सोकित मनखे के सहीं छोंड़ देथें। \q1 \v 13 तभो ले जब ओमन बेमार रिहिन, त मेंह ओमन ला दुख के ओनहा ओढ़ांय \q2 अऊ मेंह अपनआप ला नम्र करके उपास करेंव। \q1 जब मोर पराथनामन बिगर जबाब के मोर करा लहुंट आईन, \q2 \v 14 त मेंह सोक मनांय \q2 मानो कि मेंह अपन संगी या भाई बर सोक मनात हंव। \q1 मेंह दुख म अपन मुड़ ला तरी कर लेंव \q2 मानो कि मेंह अपन दाई बर रोवत हंव। \q1 \v 15 पर जब मेंह ठोकर खांय, त ओमन खुसी से जूर गीन; \q2 हमला करइयामन मोर बिगर जाने मोर बिरूध जूर गीन। \q2 ओमन बिगर रूके मोर निन्दा करिन। \q1 \v 16 अधरमी मनखे सहीं ओमन जलन म मोर हंसी उड़ाईन; \q2 ओमन मोर ऊपर दांत किटकिटाईन। \b \q1 \v 17 हे परभू, तेंह कब तक देखत रहिबे? \q2 ओमन के बिनास के काम ले मोला बचा, \q2 मोर अनमोल जिनगी ला सिंहमन के सहीं ये बईरीमन ले बचा। \q1 \v 18 मेंह बड़े सभा म तोला धनबाद दूहूं; \q2 मनखेमन के भीड़ म मेंह तोर परसंसा करहूं। \q1 \v 19 जऊन मन बिगर कारन के मोर बईरी अंय, \q2 ओमन बुरा नजर से मोला झन देखन पांय; \q1 जऊन मन बिगर कारन के मोर ले घिन करथें \q2 ओमन जलन से मोर ऊपर आंखी झन मारन पांय। \q1 \v 20 ओमन सांति के बात नइं करंय, \q2 पर ओमन ओ मनखेमन के बिरूध लबारी बात कहिथें, \q2 जेमन देस म सांति से रहिथें। \q1 \v 21 ओमन मोर हंसी उड़ाके कहिथें, “अहा! अहा! \q2 हमन अपन आंखी ले देखे हवन।” \b \q1 \v 22 हे यहोवा, तेंह तो येला देखे हस; चुप झन रह। \q2 हे परभू मोर ले दूरिहा झन रह। \q1 \v 23 जाग, अऊ मोर बचाव करे बर उठ! \q2 हे मोर परमेसर अऊ हे मोर परभू, मोर बर लड़। \q1 \v 24 हे यहोवा मोर परमेसर, अपन धरमीपन म मोर रकछा कर; \q2 ओमन ला मोर बिरूध आनंदित झन होवन दे। \q1 \v 25 ओमन ला ये सोचन झन दे, “अहा, इही बात तो हमन चाहत रहेंन!” \q2 या ओमन ला ये झन कहन दे, “हमन ओला लील ले हन।” \b \q1 \v 26 ओ जम्मो, जऊन मन मोर दुख म खुस होथें, \q2 ओमन लज्जित होवंय अऊ घबरावंय; \q1 ओ जम्मो, जऊन मन मोला नीचा दिखाथें, \q2 ओमन लज्जा अऊ निन्दा ले ढंक जावंय। \q1 \v 27 जऊन मन मोर सही साबित होय म खुस होथें, \q2 ओमन आनंद अऊ खुसी के जय-जयकार करंय; \q1 अऊ ओमन हमेसा कहंय, “यहोवा के बड़ई होवय, \q2 जऊन ह अपन सेवक के कुसलता म खुस होथे।” \b \q1 \v 28 मोर मुहूं ह तोर धरमीपन के बखान करही, \q2 अऊ दिन भर तोरेच परसंसा करही। \c 36 \cl भजन-संहिता 36\f + \fr 36 \fr*\ft इबरानी म \+xt 36:1‑12\+xt* ला 36:2‑13 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर यहोवा के सेवक दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 दुस्ट मनखेमन के दुस्टता के बारे \q2 मोर हिरदय म एक ठन संदेस हवय: \q1 ओमन के आंखी के आघू म \q2 परमेसर के कोनो डर नइं ए। \b \q1 \v 2 ओमन खुद ही अपनआप के अतेक बड़ई करथें \q2 कि ओमन अपन पाप ला जानंय नइं या ओकर ले घिन नइं करंय। \q1 \v 3 ओमन के मुहूं ले बुरई अऊ धोखा के बात निकलथे; \q2 ओमन बुद्धिमानी के काम या भलई के काम नइं करंय। \q1 \v 4 अऊ त अऊ ओमन अपन दसना म घलो सडयंत्र रचथें; \q2 ओमन अपनआप ला पाप के काम करे बर सऊंप देथें \q2 अऊ खराप काम करे बर मना नइं करंय। \b \q1 \v 5 हे यहोवा, तोर मया ह स्वरग तक, \q2 अऊ तोर बिसवासयोग्यता ह अकास तक पहुंचथे। \q1 \v 6 तोर धरमीपन ह सबले ऊंच पहाड़ सहीं अय, \q2 अऊ तोर नियाय ह समुंदर के गहरई सहीं अय। \q2 हे यहोवा, तेंह मनखे अऊ पसु दूनों के देखरेख करथस। \q1 \v 7 हे परमेसर, तोर अब्बड़ मया ह अनमोल ए! \q2 मनखेमन तोर डेना के छइहां म सरन लेथें। \q1 \v 8 ओमन तोर घर के भरे भंडार म ले जेवनार करथें; \q2 तेंह अपन खुसी के नदी म ले ओमन ला पीये बर देथस। \q1 \v 9 काबरकि तोरेच करा जिनगी के पानी के सोत हवय; \q2 तोरेच अंजोर म हमन अंजोर देखथन। \b \q1 \v 10 जऊन मन तोला जानथें, ओमन ऊपर अपन मया, \q2 अऊ मन के सीधवा मनखे ऊपर अपन धरमीपन ला बनाय रख। \q1 \v 11 घमंडी ह मोर ऊपर लात झन उठाय, \q2 अऊ न ही दुस्ट मनखे मोला अपन हांथ ले भगाय। \q1 \v 12 देखव, दुस्ट काम करइयामन कइसने गिरे-परे हवंय— \q2 अइसने फटिक दिये गे हवंय कि ओमन अब उठ नइं सकत हवंय! \c 37 \cl भजन-संहिता 37 \d दाऊद के भजन। \q1 \v 1 दुस्ट मनखेमन के कारन झन चिढ़व \q2 या गलत काम करइयामन ले जलन झन करव; \q1 \v 2 काबरकि कांदी के सहीं ओमन अइला जाहीं, \q2 हरियर पऊधा के सहीं ओमन जल्दी खतम हो जाहीं। \b \q1 \v 3 यहोवा ऊपर भरोसा रखव अऊ भलई करव; \q2 देस म रहिके सुरकछित निवास के आनंद उठावव। \q1 \v 4 यहोवा के सेवा करे म खुस रहव, \q2 अऊ ओह तुम्हर मन के ईछा ला पूरा करही। \b \q1 \v 5 यहोवा ला अपन जिनगी सऊंप दे; \q2 ओकर ऊपर भरोसा रख अऊ ओह येला करही: \q1 \v 6 ओह तोर धरमीपन के ईनाम ला बिहान के अंजोर सहीं, \q2 अऊ तोर काम के नियाय ला मंझनियां के सूरज सहीं चमकाही। \b \q1 \v 7 यहोवा के आघू म चुपेचाप रह \q2 अऊ धीरज धरके ओकर इंतजार कर; \q1 जब मनखेमन अपन योजना म सफल होथें \q2 या अपन दुस्टता के काम ला करंय, त झन कुढ़बे। \b \q1 \v 8 गुस्सा झन करव अऊ कोप करई ले दूरिहा रहव; \q2 झन चिढ़व—एकर ले सिरिप बुरई होथे। \q1 \v 9 काबरकि जऊन मन दुस्ट मनखे अंय, ओमन नास करे जाहीं, \q2 पर जऊन मन यहोवा ऊपर भरोसा करथें, ओमन देस के वारिस होहीं। \b \q1 \v 10 थोरकन समय अऊ हे, तब दुस्ट मनखेमन खतम हो जाहीं; \q2 हालाकि तेंह ओमन ला खोजबे, पर ओमन नइं मिलहीं। \q1 \v 11 पर नम्र मनखेमन देस के वारिस होहीं \q2 अऊ सांति अऊ धन-संपत्ति के आनंद उठाहीं। \b \q1 \v 12 दुस्टमन धरमी मनखेमन के बिरूध साजिस रचथें \q2 अऊ ओमन ऊपर अपन दांत पीसथें; \q1 \v 13 पर परभू ह दुस्टमन के ऊपर हंसथे, \q2 काबरकि ओह जानथे कि ओमन के आखिरी दिन ह आवत हे। \b \q1 \v 14 दुस्टमन अपन तलवार खींचथें, \q2 अऊ धनुस ला तानथें \q1 ताकि ओमन गरीब अऊ जरूरतमंद ला नीचा दिखावंय, \q2 अऊ सीधवा मनखेमन ला मार डारंय। \q1 \v 15 फेर ओमन के तलवार ह ओमन के खुद के हिरदय ला बेधही, \q2 अऊ ओमन के धनुस ह टूट जाही। \b \q1 \v 16 धरमी के थोरकन चीज ह \q2 दुस्टमन के अब्बड़ धन ले जादा बने अय; \q1 \v 17 काबरकि दुस्टमन के सक्ति ला खतम कर दिये जाही, \q2 पर यहोवा ह धरमी जन ला संभालथे। \b \q1 \v 18 निरदोस मनखेमन यहोवा के देखरेख म दिन बिताथें, \q2 अऊ ओमन के निज भाग ह हमेसा बने रहिही। \q1 \v 19 बिपत्ति के बेरा ओमन नइं मुरझांय; \q2 अऊ अकाल के दिन म ओमन भरपूर चीज के आनंद उठाहीं। \b \q1 \v 20 पर दुस्टमन नास हो जाहीं: \q2 हालाकि यहोवा के बईरीमन खेत के फूल सहीं अंय, \q2 पर ओमन जलके खतम हो जाहीं, ओमन धुआं म समा जाहीं। \b \q1 \v 21 दुस्टमन उधार लेथें अऊ नइं पटांय, \q2 पर धरमीमन हांथ खोलके देथें; \q1 \v 22 जेमन ला यहोवा ह आसीस देथे, ओमन देस के वारिस होहीं, \q2 पर जेमन ला ओह सराप देथे, ओमन नास हो जाहीं। \b \q1 \v 23 यहोवा ह ओकर पांव ला मजबूत करथे, \q2 जऊन ह यहोवा म खुस रहिथे; \q1 \v 24 हालाकि ओह लड़खड़ा सकथे, पर ओह गिरय नइं, \q2 काबरकि यहोवा ह ओला अपन हांथ ले संभालथे। \b \q1 \v 25 मेंह जवान रहेंव अऊ अब डोकरा हो गे हंव, \q2 पर मेंह ये बात कभू नइं देखेंव कि धरमीमन ला तियाग दिये गीस \q2 या ओमन के लइकामन खाय बर भीख मांगिन। \q1 \v 26 ओमन हमेसा उदार दिल के होथें अऊ दिल खोलके उधार देथें; \q2 ओमन के लइकामन एक आसीस के कारन बनहीं।\f + \fr 37:26 \fr*\ft या \ft*\fqa आने मनखेमन देखहीं कि ओमन के लइकामन आसीसित हवंय\fqa*\f* \b \q1 \v 27 बुरई ला छोंड़व अऊ भलई करव; \q2 तब तुमन देस म हमेसा बने रहिहू। \q1 \v 28 काबरकि यहोवा ह सच्चई ले मया करथे \q2 अऊ अपन बिसवासयोग्य मनखेमन ला नइं तियागे, \b \q1 ओमन के हमेसा रकछा करे जाही; \q2 पर दुस्टमन के संतानमन नास हो जाहीं। \q1 \v 29 धरमी मनखेमन देस के उत्तराधिकारी होहीं \q2 अऊ ओमा हमेसा निवास करहीं। \b \q1 \v 30 धरमीमन के मुहूं ले बुद्धि के बात निकलथे, \q2 अऊ ओमन के जीभ ओ बात कहिथे, जऊन ह सही अय। \q1 \v 31 ओमन के परमेसर के कानून ह ओमन के हिरदय म हवय; \q2 ओमन के गोड़ ह नइं फिसलय। \b \q1 \v 32 दुस्ट मनखे ह ये इरादा से धरमीमन के घात म रहिथे \q2 कि ओह ओमन ला मार डारय। \q1 \v 33 पर यहोवा ह धरमीमन ला दुस्ट मनखेमन के हांथ म नइं छोंड़य \q2 या ओमन ला दोसी नइं ठहिराय, जब ओमन अदालत म लाय जाथें। \b \q1 \v 34 यहोवा ऊपर आसा रखव \q2 अऊ ओकर रसता म चलव। \q1 ओह तुमन ला बढ़ाही अऊ देस के उत्तराधिकारी बनाही; \q2 जब दुस्ट मनखेमन के नास करे जाही, त तुमन येला देखहू। \b \q1 \v 35 मेंह एक दुस्ट अऊ निरदयी मनखे ला \q2 बड़े देसी रूख के सहीं बाढ़त देखे हंव, \q1 \v 36 पर ओह जल्दी खतम हो गीस अऊ ओह फेर नइं दिखिस; \q2 हालाकि मेंह ओला खोजेंव, पर ओह नइं मिलिस। \b \q1 \v 37 निरदोस मनखे ऊपर बिचार कर, अऊ ईमानदार मनखे ला देख; \q2 ओमन के भविस्य उज्जवल होथे, जेमन सांति के खोज म रहिथें।\f + \fr 37:37 \fr*\ft या \ft*\fqa जऊन मन सांति के खोज म रहिथें, ओमन उन्नति करहीं\fqa*\f* \q1 \v 38 पर जम्मो पापीमन ला नास करे जाही; \q2 दुस्टमन के कुछू भविस्य नइं होही। \b \q1 \v 39 धरमीमन के उद्धार ह यहोवा कोति ले होथे; \q2 संकट के बेरा म ओहीच ह ओमन के मजबूत गढ़ ए। \q1 \v 40 यहोवा ह ओमन के मदद करथे अऊ ओमन ला छुड़ाथे; \q2 ओह ओमन ला दुस्ट मनखे ले छुड़ाथे अऊ ओमन ला बचाथे। \q2 काबरकि ओमन यहोवा करा सरन लेथें। \c 38 \cl भजन-संहिता 38\f + \fr 38 \fr*\ft इबरानी म \+xt 38:1‑22\+xt* ला 38:2‑23 गने गे हवय\ft*\f* \d दाऊद के एक भजन। एक बिनती। \q1 \v 1 हे यहोवा, गुस्सा होके मोला झन फटकार \q2 या अपन कोप म मोर ताड़ना झन कर। \q1 \v 2 तोर तीरमन मोला छेद डारे हवंय, \q2 अऊ तोर हांथ ह मोर ऊपर पड़े हवय। \q1 \v 3 तोर कोप के कारन मोर देहें ह स्वस्थ नइं ए; \q2 मोर पाप के कारन मोर हाड़ामन म कुछू बल नइं ए। \q1 \v 4 मोर अपराध ह मोला बियाकुल कर दे हवय, \q2 येह भारी बोझा के सहीं सहन सक्ति ले बाहिर हो गे हवय। \b \q1 \v 5 मोर पाप के मुरूखता के कारन \q2 मोर घावमन पाकके सड़ गे हवंय। \q1 \v 6 मोला लज्जित करे जाथे अऊ मोला झुकाय गे हवय; \q2 दिन भर मेंह सोक मनात रहिथंव। \q1 \v 7 मोर पीठ ह चूभत पीरा ले भरे हवय; \q2 अऊ मोर देहें ह स्वस्थ नइं ए। \q1 \v 8 मेंह कमजोर होके चूर-चूर हो गे हंव; \q2 मेंह अपन हिरदय के पीरा म कलहरत हंव। \b \q1 \v 9 हे परभू, मोर जम्मो ईछा ला तेंह जानत हस; \q2 मोर आह भरई ह तोर ले नइं छुपे हे। \q1 \v 10 मोर हिरदय ह कुटा-कुटा होवत हे, मोर म ताकत नइं ए; \q2 अऊ त अऊ मोर आंखी के अंजोर ह खतम हो गे हवय। \q1 \v 11 मोर घावमन के कारन मोर संगी-साथीमन मोर ले अलग होवथें; \q2 मोर पड़ोसीमन मोर ले बहुंत दूरिहा रहिथें। \q1 \v 12 जऊन मन मोला मार डारे चाहथें, ओमन अपन जाल बिछात हवंय, \q2 जऊन मन मोर हानि करहीं, ओमन मोर बिनास के बात करत हवंय; \q2 दिन भर ओमन साजिस करत पड़े रहिथें। \b \q1 \v 13 मेंह तो भैंरा मनखे सहीं अंव, जऊन ह सुन नइं सकय, \q2 अऊ कोंदा सहीं अंव, जऊन ह गोठियाय नइं सकय; \q1 \v 14 हव, मेंह ओ मनखे सहीं हो गे हंव, जऊन ह नइं सुनय, \q2 जेकर मुहूं ले कोनो जबाब नइं निकलय। \q1 \v 15 हे यहोवा, मेंह तोर इंतजार करत हंव; \q2 हे परभू मोर परमेसर, तेंह मोला जबाब देबे। \q1 \v 16 काबरकि मेंह कहेंव, “जब मोर गोड़ ह फिसलथे, \q2 त ओमन ला मोर ऊपर खुस होवन झन दे या ओमन अपनआप ला मोर ले ऊपर झन करंय।” \b \q1 \v 17 काबरकि मेंह गिरनेचवाला हंव, \q2 अऊ मोर म हमेसा पीरा हवय। \q1 \v 18 मेंह अपन पाप ला मान लेवत हंव; \q2 मेंह अपन पाप के कारन बियाकुल हंव। \q1 \v 19 बहुंते जन बिगर कारन के मोर बईरी हो गे हवंय; \q2 जऊन मन बिगर कारन के मोर ले घिन करथें, ओमन के संखिया अनगिनत हवय। \q1 \v 20 जऊन मन मोर भलई करे के कारन मोर बुरई करथें \q2 अऊ मोर बिरूध दोस लगाथें, \q2 जबकि मेंह सिरिप भलई के काम करे चाहथंव। \b \q1 \v 21 हे यहोवा, मोला झन तियाग; \q2 हे मोर परमेसर, मोर ले दूरिहा झन रह। \q1 \v 22 हे मोर परभू अऊ मोर उद्धारकर्ता, \q2 मोर मदद करे बर जल्दी आ। \c 39 \cl भजन-संहिता 39\f + \fr 39 \fr*\ft इबरानी म \+xt 39:1‑13\+xt* ला 39:2‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत निरदेसक बर। यदूतून बर। दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 मेंह अपन मन म कहेंव, “मेंह अपन चालचलन ऊपर धियान दूहूं \q2 अऊ मोर जीभ ला पाप के बात ले दूरिहा रखहूं; \q1 जब दुस्ट मनखेमन मोर आघू म होहीं, \q2 त मेंह अपन मुहूं म लगाम लगाय रखहूं।” \q1 \v 2 एकरसेति मेंह एकदम चुप रहेंव, \q2 इहां तक कि मेंह कोनो बने बात घलो नइं कहेंव। \q1 पर मोर पीरा ह बढ़ गीस; \q2 \v 3 मोर हिरदय ह भीतरे-भीतर बरत रिहिस। \q1 जब मेंह सोचत रहेंव, आगी ह भड़क उठिस; \q2 तब मेंह अपन जीभ ले बोले लगेंव: \b \q1 \v 4 “हे यहोवा, मोला मोर जिनगी के अन्त ला देखा \q2 अऊ मोर जिनगी के कतेक दिन बांचे हवय, मोला बता; \q2 मोला बता कि मोर जिनगी कइसे तेजी से खतम होवथे। \q1 \v 5 तेंह मोर जिनगी के दिन ला सिरिप बीता भर कर दे हस; \q2 मोर जिनगी के थोरकन बछरमन तोर आघू म कुछू नो हंय। \q1 हर एक जन एक सांस के सहीं अय, \q2 अऊ त अऊ ओमन घलो, जऊन मन सुरकछित जान पड़थें। \b \q1 \v 6 “खचित हर एक जन छइहां के सहीं एती-ओती फिरत रहिथें; \q2 बेकार म ओमन भाग-दऊड़ करके धन जमा करत रहिथें, \q2 ये जाने बिगर कि मरे के बाद ये धन ह काकर होही। \b \q1 \v 7 “पर अब, हे परभू, मेंह का चीज के डहार देखत हंव? \q2 मोर आसा ह तोरेच ऊपर हवय। \q1 \v 8 मोला मोर जम्मो अपराध ले बचा ले; \q2 मोला मुरूखमन के तिरस्कार के पात्र झन बना। \q1 \v 9 मेंह चुप रहेंव; अऊ अपन मुहूं नइं खोलेंव, \q2 काबरकि तें अस ओ जन, जऊन ह येला करे हवय। \q1 \v 10 तेंह मोर ऊपर जऊन बिपत्ति डाले हस, ओला हटा ले; \q2 तोर हांथ के मार ले मेंह कुछू करे के लईक नइं अंव। \q1 \v 11 जब तेंह कोनो मनखे ला ओकर पाप के कारन डांटथस अऊ दंड देथस, \q2 त तेंह ओमन के धन-संपत्ति ला घूना खाय सहीं खतम कर देथस— \q2 खचित हर एक जन जिनगी के एक सांस के सहीं अय। \b \q1 \v 12 “हे यहोवा, मोर पराथना ला सुन, \q2 मदद बर मोर गोहार ला सुन; \q2 मोर रोवई ला सुनके चुप झन रह। \q1 मेंह एक परदेसी, एक अजनबी के सहीं तोर संग रहिथंव, \q2 जइसे कि मोर जम्मो पुरखामन रिहिन। \q1 \v 13 एकर पहिले कि मेंह ये संसार ले चले जावंव अऊ खतम हो जावंव, \q2 तेंह अपन कोप ला मोर ऊपर ले हटा ले, ताकि मेंह जिनगी के फेर आनंद उठा सकंव।” \c 40 \cl भजन-संहिता 40\f + \fr 40 \fr*\ft इबरानी म \+xt 40:1‑17\+xt* ला 40:2‑18 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 मेंह धीरज धरके यहोवा के डहार देखेंव; \q2 ओह मोर तरफ धियान दीस अऊ मोर गोहार ला सुनिस। \q1 \v 2 ओह मोला चीखला ले भरे खंचवा ले, \q2 चीखला अऊ दलदल ले बाहिर निकालिस; \q1 अऊ मोला चट्टान ऊपर ठाढ़ करिस \q2 अऊ ठाढ़ होय बर मोला एक मजबूत जगह दीस। \q1 \v 3 ओह मोला एक नवां गीत दीस, \q2 हमर परमेसर के इस्तुति करे बर एक ठन भजन दीस। \q1 बहुंते जन देखहीं अऊ यहोवा के भय मानहीं \q2 अऊ ओकर ऊपर भरोसा करहीं। \b \q1 \v 4 धइन अय ओ मनखे, \q2 जऊन ह यहोवा ऊपर भरोसा रखथे, \q1 जऊन ह घमंडी मनखेमन कोति नइं देखय, \q2 या ओमन कोति नइं देखय, जेमन लबरा देवतामन ऊपर अपन मन लगाथें। \q1 \v 5 हे यहोवा मोर परमेसर, \q2 तेंह बहुंते अद्भूत काम करे हस, \q2 अऊ हमर बर बहुंते चीजमन के योजना बनाय हस। \q1 काकरो तुलना तोर से नइं करे जा सकय; \q2 यदि मेंह तोर काममन के चरचा करंव अऊ ओमन के बारे बतावंव, \q2 त ओमन अतेक जादा हवंय कि ओमन के गनती नइं करे जा सकय। \b \q1 \v 6 बलिदान अऊ भेंट तेंह नइं चाहय— \q2 पर मोर कान ला तेंह खोल दे हस\f + \fr 40:6 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fq पर \fq*\fqa एक ठन देहें तेंह मोर बर तियार करे हस\fqa*\f*— \q2 होम-बलिदान अऊ पाप-बलिदान तेंह नइं चाहय। \q1 \v 7 तब मेंह कहेंव, “मेंह इहां हंव, मेंह आय हंव— \q2 मोर बारे म ये बात ह किताब\f + \fr 40:7 \fr*\ft या \ft*\fqa कानून के किताब\fqa*\f* म लिखे हवय। \q1 \v 8 हे मोर परमेसर, मेंह तोर ईछा ला पूरा करे चाहथंव; \q2 तोर कानून ह मोर हिरदय म बसे हवय।” \b \q1 \v 9 मेंह तोर धरमीपन के काम के बखान बड़े सभा म करथंव; \q2 हे यहोवा, जइसे कि तेंह जानत हस, \q2 मेंह अपन मुहूं ला बंद नइं रखंव। \q1 \v 10 मेंह तोर धरमीपन ला अपन हिरदय म नइं छुपावंव; \q2 मेंह तोर बिसवासयोग्यता अऊ तोर उद्धार के काम के बारे म गोठियाथंव। \q1 मेंह बड़े सभा ले तोर मया अऊ तोर \q2 बिसवासयोग्यता के बात ला नइं छुपावंव। \b \q1 \v 11 हे यहोवा, मोर ऊपर ले अपन दया ला झन हटा; \q2 तोर मया अऊ बिसवासयोग्यता हमेसा मोर बचाव करय। \q1 \v 12 काबरकि अनगिनत समस्यामन मोला घेरे हवंय; \q2 मोर पापमन मोला दबा ले हवंय, अऊ मेंह देख नइं सकत हंव। \q1 ओमन के संखिया मोर मुड़ के चुंदी ले घलो जादा हवय, \q2 एकरसेति मोर मन ह टूट गे हवय। \q1 \v 13 हे यहोवा, किरपा करके मोला बचा ले; \q2 हे यहोवा, मोर मदद करे बर जल्दी आ। \b \q1 \v 14 जऊन मन मोर परान लेय चाहथें, \q2 ओ जम्मो झन लज्जित होवंय अऊ घबरावंय; \q1 ओ जम्मो, जऊन मन मोर बिनास के ईछा रखथें, \q2 ओमन कलंकित होके पाछू हटंय। \q1 \v 15 जऊन मन मोला ये कहिथें, “अहा! अहा!” \q2 ओमन अपन ही लज्जा म चकित होवंय। \q1 \v 16 पर ओ जम्मो, जऊन मन तोर खोज म रहिथें, \q2 ओमन तोर कारन आनंद मनावंय अऊ खुस होवंय; \q1 जऊन मन तोर उद्धार के मदद चाहथें, ओमन हमेसा कहंय, \q2 “यहोवा महान ए!” \b \q1 \v 17 पर जहां तक मोर बात ए, मेंह गरीब अऊ जरूरतमंद अंव; \q2 परभू ह मोर बारे म सोचय। \q1 तेंह मोर मददगार अऊ मोर छुड़ानेवाला अस; \q2 तेंह मोर परमेसर अस, मोर मदद करे म देरी झन कर। \c 41 \cl भजन-संहिता 41\f + \fr 41 \fr*\ft इबरानी म \+xt 41:1‑13\+xt* ला 41:2‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 धइन अंय ओमन, जऊन मन कमजोर मनखे के सुधि लेथें; \q2 यहोवा ह संकट के बेरा म ओमन ला बचाथे। \q1 \v 2 यहोवा ह ओमन ला बचाथे अऊ ओमन ला संभाले रखथे— \q2 देस म ओमन के गनती आसीसित मनखेमन के बीच होथे— \q2 ओह ओमन ला ओमन के बईरीमन के ईछा म नइं छोंड़य। \q1 \v 3 जब ओमन बेमार होके बिस्तर म पड़े रहिथें, त यहोवा ह ओमन ला संभालथे \q2 अऊ ओमन ला ठीक करके बेमारी के बिस्तर ले ठाढ़ करथे। \b \q1 \v 4 मेंह कहेंव, “हे यहोवा, मोर ऊपर दया कर; \q2 मोला चंगा कर, काबरकि मेंह तोर बिरूध पाप करे हंव।” \q1 \v 5 मोर बईरीमन मोर बुरई करके कहिथें, \q2 “ओह कब मरही अऊ ओकर नांव ह मिटाही?” \q1 \v 6 जब ओमन ले कोनो मोला देखे बर आथे, \q2 त ओह लबारी बात कहिथे, अऊ अपन मन म बदनामी के बात ला रखथे; \q2 तब ओह बाहिर जाथे अऊ ओ बात ला फईलाथे। \b \q1 \v 7 मोर जम्मो बईरीमन एक संग मोर बिरूध म कानाफूसी करथें; \q2 ओमन ये कहिके मोर बिरूध खराप कल्पना करथें, \q1 \v 8 “ओला एक खराप बेमारी हो गे हवय; \q2 ओह ओ जगह ले कभू उठ नइं सकय, जिहां ओह पड़े हवय।” \q1 \v 9 अऊ त अऊ मोर खास संगी, \q2 जेकर ऊपर मेंह भरोसा करत रहंय, \q1 जऊन ह मोर संग खाना खावत रिहिस, \q2 ओह मोर बिरूध हो गे हवय। \b \q1 \v 10 पर हे यहोवा, तेंह मोर ऊपर दया कर; \q2 मोला उठा कि मेंह ओमन ले बदला ले सकंव। \q1 \v 11 मेंह जानत हंव कि तेंह मोर ले खुस हवस, \q2 काबरकि मोर बईरीमन मोर ऊपर जय नइं पावथें। \q1 \v 12 मोर ईमानदारी के कारन तेंह मोला संभाले रखथस \q2 अऊ हमेसा बर मोला अपन आघू म रखथस। \b \b \q1 \v 13 यहोवा, इसरायल के परमेसर के परसंसा \q2 आदि ले अनंतकाल तक होवत रहय। \qc आमीन अऊ आमीन। \c 42 \ms किताब II \mr भजन-संहिता 42–72 \cl भजन-संहिता 42\f + \fr 42 \fr*\ft इबरानी म \+xt 42:1‑11\+xt* ला 42:2‑12 गने गे हवय अऊ बहुंत इबरानी मूल अनुवाद म भजन-संहिता \+xt 42\+xt* अऊ \+xt 43\+xt* ला एक भजन कहे गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर कोरह के बेटामन के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 42:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 जइसे हिरन ह पानी के सोता बर हांफथे, \q2 हे मोर परमेसर, वइसे ही मोर जीव ह तोर बर हांफथे। \q1 \v 2 मोर जीव ह परमेसर बर, जीयत परमेसर बर पीयासा हवय। \q2 कब मेंह जाके परमेसर संग मिल सकत हंव? \q1 \v 3 रात अऊ दिन \q2 मेंह अपन आंखी के आंसू ला पीयत हंव, \q1 जबकि दिन भर मनखेमन मोला कहिथें, \q2 “कहां हवय तोर परमेसर?” \q1 \v 4 जब मेंह अपन मन के बात ला रखथंव, \q2 त मोला ये बातमन सुरता आथें: \q1 मेंह कइसे उत्सव मनावत भीड़ के संग \q2 परमेसर के सुरकछा म \q1 आनंद अऊ परसंसा के जय-जयकार करत \q2 परमेसर के घर म जाय के आदि रहेंव। \b \q1 \v 5 हे मोर मन, तेंह काबर उदास होवत हस? \q2 तेंह भीतरे-भीतर काबर बियाकुल हस? \q1 परमेसर ऊपर अपन आसा रख, \q2 काबरकि मेंह अब भी \q1 मोर उद्धारकर्ता अऊ मोर परमेसर के \q2 परसंसा करहूं। \b \q1 \v 6 मोर मन ह भीतरे-भीतर उदास हवय; \q2 एकरसेति यरदन के देस ले, \q1 हेरमोन के ऊंचई—मिसार पहाड़ ले \q2 मेंह तोला सुरता करहूं। \q1 \v 7 तोर जल-परपात के गरजन म \q2 गहरई ह गहरई ला पुकारथे; \q1 तोर जम्मो पानी के उफान अऊ लहरामन \q2 मोर ऊपर ले निकले हवंय। \b \q1 \v 8 दिन के बेरा यहोवा ह अपन मया देखाथे, \q2 अऊ रथिया मेंह ओकर गीत गाथंव— \q2 मोर जिनगी के परमेसर बर पराथना के गीत। \b \q1 \v 9 मेंह परमेसर अपन चट्टान ला कहिथंव, \q2 “तेंह काबर मोला भुला गे हस? \q1 बईरीमन के दुवारा सताय जाके \q2 मेंह काबर सोक मनावंव?” \q1 \v 10 जब मोर बईरीमन ये कहिके \q2 दिन भर मोला ताना मारथें, \q1 “कहां हे तोर परमेसर?” \q2 त मोर हाड़ामन पीरा म चूर-चूर हो जाथें। \b \q1 \v 11 हे मोर मन, तेंह काबर उदास होवत हस? \q2 मोर भीतरे-भीतर काबर अतेक बियाकुल हस? \q1 परमेसर ऊपर अपन आसा रख, \q2 काबरकि मेंह अब भी \q2 मोर उद्धारकर्ता अऊ मोर परमेसर के परसंसा करहूं। \c 43 \cl भजन-संहिता 43 \q1 \v 1 हे मोर परमेसर, मोला निरदोस साबित कर, \q2 बिसवासघाती जाति के मनखेमन के बिरूध \q2 मोर मामला ला देख। \q1 ओमन ले मोला बचा, \q2 जऊन मन धोखेबाज अऊ दुस्ट अंय। \q1 \v 2 तेंह परमेसर अस अऊ मोर मजबूत गढ़ अस। \q2 तेंह काबर मोला तिरस्कार करे हस? \q1 बईरी के दुवारा दुख मिले के कारन \q2 मेंह काबर सोक मनावंव? \q1 \v 3 अपन अंजोर अऊ सच्चई ला मोर करा पठो, \q2 ओमन मोर अगुवई करंय; \q1 ओमन मोला तोर पबितर पहाड़ करा लानंय, \q2 ओ जगह म जिहां तेंह रहिथस। \q1 \v 4 तब मेंह परमेसर के बेदी करा जाहूं, \q2 ओ परमेसर, जऊन ह मोर आनंद अऊ मोर खुसी अय। \q1 हे परमेसर, मोर परमेसर, \q2 मेंह बीना बजा-बजाके तोर इस्तुति करहूं। \b \q1 \v 5 हे मोर मन, तेंह काबर उदास होवत हस? \q2 मोर भीतरे-भीतर काबर अतेक बियाकुल हस? \q1 परमेसर ऊपर अपन आसा रख, \q2 काबरकि मेंह अब भी \q2 मोर उद्धारकर्ता अऊ मोर परमेसर के परसंसा करहूं। \c 44 \cl भजन-संहिता 44\f + \fr 44 \fr*\ft इबरानी म \+xt 44:1‑26\+xt* ला 44:2‑27 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर कोरह के बेटामन के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 44:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 हे परमेसर, हमन अपन कान ले सुने हवन; \q2 हमर पुरखामन हमन ला बताय हवंय \q1 कि बहुंत समय पहिले \q2 तेंह ओमन के समय म का-का काम करे हस। \q1 \v 2 अपन हांथ ले तेंह जाति-जाति के मनखेमन ला निकालके भगा देय \q2 अऊ हमर पुरखामन ला बसाय; \q1 तेंह मनखेमन ला कुचर डारय \q2 अऊ हमर पुरखामन ला बढ़ाय। \q1 \v 3 ओमन अपन तलवार के ताकत ले देस ला नइं जीतिन, \q2 न ही ओमन अपन बाहां के ताकत ले जय पाईन; \q1 पर येह तोर जेवनी हांथ, तोर बाहां, \q2 अऊ तोर चेहरा के अंजोर रिहिस जेकर दुवारा जीत मिलिस, काबरकि तेंह ओमन ले मया करय। \b \q1 \v 4 तेंह मोर राजा अऊ मोर परमेसर अस, \q2 जऊन ह याकूब बर जीत के हुकूम देथे। \q1 \v 5 तोर जरिये ही हमन अपन बईरीमन ला पाछू ढकेल देथन; \q2 तोर नांव ले ही हमन अपन बिरोधीमन ला कुचर देथन। \q1 \v 6 मेंह अपन धनुस ऊपर भरोसा नइं करंव, \q2 मोर तलवार के दुवारा मोला जीत नइं मिलय; \q1 \v 7 पर तेंह हमन ला हमर बईरीमन ऊपर जीत देवाथस, \q2 तेंह हमर बईरीमन ला लज्जित करथस। \q1 \v 8 परमेसर ऊपर हमन दिन भर घमंड करत रहिथन, \q2 अऊ हमन हमेसा तोर नांव के परसंसा करत रहिबो। \b \q1 \v 9 पर अब तेंह हमन ला तियाग दे हस अऊ हमर अनादर करे हस; \q2 तेंह हमर सेना के संग अब नइं जावस। \q1 \v 10 तेंह हमन ला हमर बईरी के आघू ले भगा दे हस, \q2 अऊ हमर बईरीमन हमन ला लूट ले हवंय। \q1 \v 11 तेंह हमन ला भेड़मन के सहीं मारे जाय बर देय दे हस \q2 अऊ हमन ला जाति-जाति के मनखेमन के बीच तितिर-बितिर कर दे हस। \q1 \v 12 तेंह अपन मनखेमन ला थोरकन दाम म बेच दे हस, \q2 अऊ ओमन ला बेचे ले कुछू लाभ नइं होईस। \b \q1 \v 13 तेंह हमन ला हमर पड़ोसीमन बर निन्दा के कारन बना दे हस, \q2 हमर चारों कोति के मनखे बर हंसी अऊ ठट्ठा के चीज बना दे हस। \q1 \v 14 तेंह हमन ला जाति-जाति के मनखेमन के बीच म एक कहावत बना दे हस; \q2 ओमन हमर बर मुड़ झटक लेथें। \q1 \v 15 मेंह दिन भर कलंक म जीयत हंव, \q2 अऊ मोर मुहूं ह लाज म ढंपा गे हवय, \q1 \v 16 ओमन के ताना मारे के कारन, जऊन मन मोर निन्दा करथें अऊ मोला गाली देथें, \q2 ओ बईरी के कारन, जऊन ह मोर ले बदला लेय बर तियार हवय। \b \q1 \v 17 ये जम्मो कुछू हमर ऊपर होईस, \q2 हालाकि हमन तोला नइं भुलाय रहेंन; \q2 अऊ हमन तोर करार ला नइं टोरे रहेंन। \q1 \v 18 हमर मन ह तोर ले नइं हटे रिहिस; \q2 हमर गोड़मन तोर रसता ले नइं भटके रिहिन। \q1 \v 19 पर तेंह हमन ला कुचर डारय अऊ हमन ला गीदड़मन के डेरा बना डारय; \q2 तेंह हमन ला घोर अंधियार ले ढांप ले हस। \b \q1 \v 20 यदि हमन अपन परमेसर के नांव ला भुला गे रहेंन \q2 या अपन हांथ ला आने देवता कोति बढ़ाय रहेंन, \q1 \v 21 त का परमेसर ला ये बात के पता नइं चल गे होतिस? \q2 काबरकि ओह तो मन के गुपत बात ला घलो जानथे। \q1 \v 22 तभो ले तोर बर, हमन दिन भर मिरतू के जोखिम म रहिथन; \q2 हमन ओ भेड़ सहीं समझे जाथन, जऊन मन के बध होवइया हवय। \b \q1 \v 23 हे परभू, जाग! तेंह काबर सुतत हस? \q2 अपनआप ला जगा! हमन ला सदाकाल बर झन तियाग। \q1 \v 24 तेंह काबर अपन मुहूं ला छिपात हस \q2 अऊ हमर अतियाचार अऊ दुरगति ला भुला देत हस? \b \q1 \v 25 हमन ला खाल्हे धुर्रा म पटक दिये गे हवय; \q2 हमर देहें ह भुइयां म पड़े हवय। \q1 \v 26 उठ अऊ हमर मदद कर; \q2 अपन अटूट मया के कारन हमन ला छोंड़ा ले। \c 45 \cl भजन-संहिता 45\f + \fr 45 \fr*\ft इबरानी म \+xt 45:1‑17\+xt* ला 45:2‑18 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर कुमुदिनी के स्वर म कोरह के बेटामन के एक \tl मसकील\tl*।\f + \fr 45:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* एक बिहाव गीत। \q1 \v 1 मोर हिरदय म एक ठन उत्तम बिसय आवत हे \q2 जइसे कि मेंह राजा बर अपन पदमन के पाठ करथंव; \q2 त मोर जीभ ह एक कुसल लेखक के कलम बन जाथे। \b \q1 \v 2 तेंह मनखेमन म सबले उत्तम अस \q2 अऊ तोर ओंठ ला अनुग्रह ले अभिसेक करे गे हवय, \q2 काबरकि परमेसर ह तोला सदाकाल बर आसीस दे हवय। \b \q1 \v 3 हे बलसाली मनखे, तेंह अपन बाजू म तलवार ला धर ले; \q2 सोभा अऊ महिमा देवइया कपड़ा पहिर ले। \q1 \v 4 सच्चई, नमरता अऊ नियाय के हित म \q2 अपन महिमा के संग बिजयी होके निकल; \q2 तोर जेवनी हांथ ले अद्भूत काम होवय। \q1 \v 5 तोर नुकीला तीरमन राजा के बईरीमन के हिरदय ला छेद डारंय; \q2 जाति-जाति के मनखेमन तोर गोड़ खाल्हे गिरंय। \q1 \v 6 हे परमेसर, तोर सिंघासन ह सदाकाल तक बने रहिही; \q2 अऊ धरमीपन के राजदंड ह तोर राज के राजदंड होही। \q1 \v 7 तेंह धरमीपन ले मया अऊ दुस्टता ले घिन करथस; \q2 एकरसेति परमेसर, तोर परमेसर ह आनंद के तेल ले तोर अभिसेक करे के दुवारा \q2 तोला तोर संगीमन ले ऊपर करे हवय। \q1 \v 8 तोर जम्मो ओनहामन लोहबान, मुसब्बर अऊ दालचीनी के सुगंध ले महकत हंय; \q2 हाथी-दांत ले सजे महल ले \q2 तारवाले बाजा के संगीत ह तोला खुसी देवत हे। \q1 \v 9 राजामन के बेटीमन तोर सम्मानित माईलोगनमन के बीच हवंय; \q2 तोर जेवनी हांथ कोति ओपीर के सोन ले सजे राजसी दुलहिन हवय। \b \q1 \v 10 हे बेटी, सुन, अऊ बने करके ये बात ऊपर धियान दे: \q2 तोर मनखेमन अऊ तोर ददा के घर ला भुला दे। \q1 \v 11 राजा ह तोर सुघरता ला देखके मोहित होवय; \q2 ओकर आदर कर, काबरकि ओह तोर परभू अय। \q1 \v 12 सूर देस के सहर ह एक ठन भेंट लेके आही,\f + \fr 45:12 \fr*\ft या \ft*\fqa सूर के कपड़ा भेंट के रूप म होथे\fqa*\f* \q2 धनी मनखेमन तोर दया के कामना करहीं। \q1 \v 13 राजकुमारी ह अपन कमरा म पूरा सोभायमान हे; \q2 ओकर ओढ़ना म सोन के कसीदा कढ़ाय हवय। \q1 \v 14 कसीदा करे कपड़ा पहिराके ओला राजा करा लाने जाथे; \q2 ओकर कुंवारी सखीमन ओकर पाछू-पाछू चलथें— \q2 ओ सखीमन, जेमन ला ओकर संग रहे बर लाने जाथे। \q1 \v 15 आनंद अऊ खुसी के संग ओमन ला लाने जाथे, \q2 अऊ ओमन राजा के महल के भीतर जाथें। \b \q1 \v 16 तोर ददामन के जगह ला तोर बेटामन लीहीं; \q2 तेंह ओमन ला पूरा देस म राज करे बर ठहिराबे। \b \q1 \v 17 मेंह अइसे करहूं कि पीढ़ी-पीढ़ी तक तोर नांव के चरचा होवत रहय; \q2 एकरसेति जाति-जाति के मनखेमन हमेसा-हमेसा बर तोर परसंसा करहीं। \c 46 \cl भजन-संहिता 46\f + \fr 46 \fr*\ft इबरानी म \+xt 46:1‑11\+xt* ला 46:2‑12 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। कोरह के बेटामन के \tl अलामोत\tl*\f + \fr 46:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* के मुताबिक एक गीत। \q1 \v 1 परमेसर ह हमर सरन-स्थान अऊ बल अय, \q2 बिपत के बेरा म ओह मदद करे बर हमेसा तियार रहिथे। \q1 \v 2 एकरसेति हमन नइं डरन, चाहे धरती ह पलट जावय \q2 अऊ पहाड़ ह समुंदर के गरभ म जा गिरय। \q1 \v 3 चाहे समुंदर के पानी ह गरजय अऊ ओमा ले फेन निकलय \q2 अऊ ओकर बड़े लहरामन ले पहाड़मन कांप उठंय। \b \q1 \v 4 एक नदी हवय, जेकर जल-धारामन परमेसर के सहर ला खुस कर देथें, \q2 ये ओ पबितर स्थान अय, जिहां सर्वोच्च परमेसर ह रहिथे। \q1 \v 5 परमेसर ह ओ नगर\f + \fr 46:5 \fr*\ft या \ft*\fqa यरूसलेम\fqa*\f* म हवय, ओ नगर ह नइं गिरय; \q2 बड़े बिहनियां परमेसर ह ओकर मदद करही। \q1 \v 6 जाति-जाति के मनखेमन के बीच खलबली मचे हवय, कतको राजमन गिर जावत हें; \q2 ओह अपन अवाज ऊंचा करथे, त धरती ह टघल जाथे। \b \q1 \v 7 यहोवा सर्वसक्तिमान ह हमर संग हवय; \q2 याकूब के परमेसर ह हमर गढ़ अय। \b \q1 \v 8 आवव अऊ यहोवा के काम ला देखव \q2 कि ओह धरती ला कइसे उजाड़ दे हवय। \q1 \v 9 ओह धरती के छोर तक \q2 लड़ई ला रोक देथे। \q1 ओह धनुस ला टोर देथे अऊ बरछी ला कुटा-कुटा कर देथे; \q2 ओह ढालमन\f + \fr 46:9 \fr*\ft या \ft*\fqa रथमन\fqa*\f* ला आगी म जला देथे। \q1 \v 10 ओह कहिथे, “सांत रहव, अऊ ये बात ला जान लव कि मेंह परमेसर अंव; \q2 जाति-जाति के मनखेमन के बीच मोर नांव ला ऊंचा करे जाही, \q2 धरती म मोर नांव ला ऊंचा करे जाही।” \b \q1 \v 11 यहोवा सर्वसक्तिमान ह हमर संग हवय; \q2 याकूब के परमेसर ह हमर गढ़ अय। \c 47 \cl भजन-संहिता 47\f + \fr 47 \fr*\ft इबरानी म \+xt 47:1‑9\+xt* ला 47:2‑10 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर कोरह के बेटामन के एक भजन। \q1 \v 1 हे देस-देस के जम्मो मनखेमन, ताली बजावव; \q2 आनंद के जय-जयकार के संग परमेसर ला पुकारव। \b \q1 \v 2 काबरकि यहोवा, सर्वोच्च परमेसर ह अद्भूत ए, \q2 ओह जम्मो धरती ऊपर महाराजा अय। \q1 \v 3 ओह देस-देस के मनखेमन ला \q2 हमर अधीन, हमर गोड़ खाल्हे कर दे हवय। \q1 \v 4 ओह हमर निज भाग ला हमर बर चुनिस, \q2 जऊन ह ओकर मयारू याकूब के घमंड के कारन अय। \b \q1 \v 5 परमेसर ह आनंद के जय-जयकार के बीच ऊपर गे हवय, \q2 यहोवा ह तुरही के अवाज के संग ऊपर गे हवय। \q1 \v 6 परमेसर के परसंसा के गीत गावव, परसंसा के गीत गावव; \q2 हमर राजा के परसंसा के गीत गावव, परसंसा के गीत गावव। \q1 \v 7 काबरकि परमेसर ह जम्मो धरती के राजा अय; \q2 ओकर परसंसा के भजन गावव। \b \q1 \v 8 परमेसर ह जाति-जाति के मनखेमन ऊपर राज करथे; \q2 परमेसर ह अपन पबितर सिंघासन म बिराजे हवय। \q1 \v 9 राज-राज के परभावसाली मनखेमन \q2 अब्राहम के परमेसर के मनखेमन के रूप म जूरथें, \q1 काबरकि धरती के राजामन\f + \fr 47:9 \fr*\ft या \ft*\fqa ढालमन\fqa*\f* परमेसर के अंय; \q2 ओला बहुंत ऊपर करे जाथे। \c 48 \cl भजन-संहिता 48\f + \fr 48 \fr*\ft इबरानी म \+xt 48:1‑14\+xt* ला 48: 2‑15 गने गे हवय\ft*\f* \d एक गीत। कोरह के बेटामन के एक भजन। \q1 \v 1 महान ए यहोवा, अऊ हमर परमेसर के सहर म, \q2 ओकर पबितर पहाड़ म, ओह सबले जादा परसंसा के योग्य अय। \b \q1 \v 2 सुघर हे अपन ऊंचई म \q2 अऊ येह जम्मो धरती के आनंद ए, \q1 सपोन\f + \fr 48:2 \fr*\fq सपोन \fq*\ft ह कनानीमन के सबले पबितर परबत रिहिस\ft*\f* के ऊंचई के सहीं हवय सियोन परबत, \q2 जऊन ह महाराजा के सहर अय। \q1 \v 3 परमेसर ह उहां के किलामन म हवय; \q2 ओह अपनआप ला ओकर गढ़ के रूप म देखाय हवय। \b \q1 \v 4 जब राजामन अपन सेना ला मिलाईन, \q2 जब ओमन एक संग आघू बढ़िन, \q1 \v 5 त ओमन ओला देखिन अऊ चकित हो गीन; \q2 अऊ ओमन डर के मारे भाग गीन। \q1 \v 6 ओमन उहां कांपे लगिन, \q2 ओमन ला छेवारी होवत माईलोगन के सहीं पीरा होईस। \q1 \v 7 तेंह ओमन ला तरसीस के पानी जहाजमन सहीं नास कर देय \q2 याने कि पुरवई हवा ले ओमन ला चकनाचूर कर देय। \b \q1 \v 8 सर्वसक्तिमान यहोवा के सहर म, \q2 हमर परमेसर के सहर म \q1 जइसे हमन सुने हन \q2 जइसे हमन देखे हन: \q1 परमेसर ह ओला सदाकाल बर \q2 सुरकछित बनाथे। \b \q1 \v 9 हे परमेसर, तोर मंदिर के भीतर \q2 हमन तोर अब्बड़ मया ऊपर चिंतन-मनन करथन। \q1 \v 10 हे परमेसर, तोर नांव के सहीं, \q2 तोर परसंसा ह धरती के छोर तक हबरत हे; \q2 तोर जेवनी हांथ ह धरमीपन ले भरे हवय। \q1 \v 11 तोर नियाय के काम के कारन \q2 सियोन परबत आनंद मनावत हे, \q2 अऊ यहूदा के बस्तीमन म खुसी हवय। \b \q1 \v 12 सियोन करा जावव, ओकर चारों कोति चक्कर लगावव, \q2 ओकर गुम्मटमन के गनती करव। \q1 \v 13 ओकर मजबूत दीवारमन ऊपर बने करके बिचार करव, \q2 ओकर महलमन ला धियान से देखव, \q1 ताकि अवइया पीढ़ी के मनखेमन ला \q2 तुमन ओमन के बारे म बता सकव। \b \q1 \v 14 काबरकि ये परमेसर ह हमर सदाकाल के परमेसर अय; \q2 ओहीच ह आखिरी तक हमर अगुवई करही। \c 49 \cl भजन-संहिता 49\f + \fr 49 \fr*\ft इबरानी म \+xt 49:1‑20\+xt* ला 49:2‑21 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। कोरह के बेटामन के एक भजन। \q1 \v 1 हे जम्मो मनखेमन, तुमन ये बात ला सुनव; \q2 ये संसार म रहइया जम्मो झन सुनव, \q1 \v 2 का ऊंच, का नीच, \q2 का धनी, का गरीब, जम्मो कान लगाके सुनव: \q1 \v 3 मोर मुहूं ले बुद्धि के बात निकलही; \q2 मोर हिरदय के मनन-चिंतन ह समझ ले भरे होही। \q1 \v 4 मेंह नीतिबचन कोति अपन कान लगाहूं; \q2 बीना बजात मेंह जनऊला के बात समझाहूं: \b \q1 \v 5 जब बिपत्ति के दिन आथे, त मेंह काबर डरंव, \q2 जब दुस्ट धोखेबाजमन मोला घेर लेथें— \q1 \v 6 ओ मनखे, जेमन अपन धन ऊपर भरोसा रखथें \q2 अऊ अपन बहुंत संपत्ति ऊपर घमंड करथें? \q1 \v 7 कोनो भी मनखे कोनो आने मनखे के जिनगी के उद्धार नइं कर सकय \q2 या कोनो भी मनखे परमेसर ला ओकर छुड़ौती के दाम नइं दे सकय— \q1 \v 8 जिनगी के छुड़ौती के दाम ह मंहगा होथे, \q2 कोनो भी दाम ओकर बर परयाप्त नो हय— \q1 \v 9 कि ओह सदाकाल तक जीयत रहय \q2 अऊ कबर ला झन देखय। \q1 \v 10 काबरकि जम्मो झन देख सकत हें कि बुद्धिमानमन मरथें, \q2 अऊ मुरूख अऊ अगियानी मनखेमन घलो \q2 अपन धन-संपत्ति ला आने बर छोंड़के मर जाथें। \q1 \v 11 ओमन सोचथें कि ओमन के कबर ह सदाकाल तक ओमन के घर बने रहिही, \q2 पीढ़ी-पीढ़ी तक ओमन के निवास होही, \q2 काबरकि ओमन अपन भुइयां के नांव अपन नांव म रखथें। \b \q1 \v 12 अपन धन-संपत्ति के बावजूद, मनखे ह हमेसा बने नइं रहय; \q2 ओह पसु जइसन होथे, जऊन ह नास हो जाथे। \b \q1 \v 13 येह ओमन के दुरभाग्य ए, जेमन अपन ऊपर भरोसा रखथें, \q2 अऊ ओमन के पाछू चलइया मनखेमन के घलो, जेमन ओमन के बात म सहमती देथें। \q1 \v 14 ओमन भेड़मन सहीं अंय अऊ ओमन के मरना निस्चित अय; \q2 मिरतू ह ओमन के चरवाहा होही \q2 (पर सीधवा मनखे ह बिहनियां ओमन ऊपर जय पाही)। \q1 ओमन के सुघर महल ले दूरिहा, \q2 ओमन के देहें ह कबर म सर जाही। \q1 \v 15 पर परमेसर ह मोला मिरतू-लोक ले छोंड़ाही; \q2 खचित, ओह मोला अपन इहां ले जाही। \q1 \v 16 जब आने मन धनी होथें, \q2 जब ओमन के घर के सोभा बढ़थे, त झन डरव; \q1 \v 17 काबरकि जब ओमन मरहीं, त अपन संग कुछू नइं ले जावंय, \q2 ओमन के सोभा ह ओमन के संग कबर म नइं जावय। \q1 \v 18 हालाकि जब ओमन जीयत रहिथें, त अपनआप ला आसीसित समझथें— \q2 अऊ मनखेमन तोर बड़ई करथें जब तेंह उन्नति करथस— \q1 \v 19 ओमन अपन पुरखामन संग मिल जाहीं, \q2 जेमन फेर कभू जिनगी के अंजोर ला नइं देखंय। \b \q1 \v 20 ओ मनखे जेमन करा संपत्ति होथे, पर समझे के सक्ति नइं होवय, \q2 ओमन ओ पसु सहीं होथें, जेमन नास हो जाथें। \c 50 \cl भजन-संहिता 50 \d आसाप के एक भजन। \q1 \v 1 सक्तिसाली परमेसर, यहोवा ह \q2 उदयाचल ले लेके अस्ताचल तक \q2 धरती के मनखेमन ले गोठियाथे अऊ ओमन ला बलाथे। \q1 \v 2 सियोन ले, जेह अब्बड़ सुघर हे, \q2 परमेसर के अंजोर चमकत हे। \q1 \v 3 हमर परमेसर ह आथे \q2 अऊ ओह चुपेचाप नइं रहय; \q1 ओकर आघू म एक भसम करइया आगी, \q2 अऊ ओकर चारों कोति एक भयंकर आंधी हवय। \q1 \v 4 ओह अपन मनखेमन के नियाय करे बर \q2 ऊपर ले अकास, अऊ धरती ला बलाथे: \q1 \v 5 “ये मोर भक्तमन ला मोर करा इकट्ठा करव, \q2 जेमन बलिदान चघाके मोर संग करार करे हवंय।” \q1 \v 6 अऊ स्वरग ह ओकर धरमीपन के घोसना करत हे, \q2 काबरकि ओह नियाय के परमेसर अय। \b \q1 \v 7 “हे मोर मनखेमन, सुनव, अऊ मेंह गोठियाहूं; \q2 हे इसरायल, मेंह तोर बिरूध गवाही दूहूं: \q2 मेंह परमेसर अंव, तोर परमेसर। \q1 \v 8 मेंह तोर बलिदान के बारे म या ओ होम-बलिदान के बारे म \q2 तोर ऊपर दोस नइं लगावंव, जेला हमेसा मोला चढ़ाय जाथे। \q1 \v 9 मोला तोर घर ले बईला \q2 या तोर बाड़ा ले बोकरा के जरूरत नइं ए, \q1 \v 10 काबरकि जंगल के हर एक पसु मोर अय, \q2 अऊ हजारों पहाड़ीमन ऊपर चरत जानवर घलो मोरेच अंय। \q1 \v 11 मेंह पहाड़मन के जम्मो चिरईमन ला जानथंव, \q2 अऊ मैदान के कीड़ा-मकोड़ामन मोरेच अंय। \q1 \v 12 यदि मेंह भूखा होतेंव, त मेंह तोला नइं कहितेंव, \q2 काबरकि संसार अऊ ओमा के जम्मो चीजमन मोर अंय। \q1 \v 13 का मेंह सांड़मन के मांस खाथंव \q2 या बोकरामन के लहू पीथंव? \b \q1 \v 14 “परमेसर ला धनबाद रूपी भेंट चघा, \q2 सर्वोच्च परमेसर बर अपन मन्नतमन ला पूरा कर, \q1 \v 15 संकट के बेरा म मोला पुकार; \q2 मेंह तोला छुड़ाहूं, अऊ तेंह मोर आदरमान करबे।” \p \v 16 पर दुस्ट मनखे ला परमेसर ह कहिथे: \q1 “मोर कानूनमन के पाठ करे के \q2 या मोर करारमन ला बताय के तोला का अधिकार हवय? \q1 \v 17 तेंह तो मोर सिकछा ले घिन करथस \q2 अऊ मोर बचन ला तुछ समझथस। \q1 \v 18 जब तेंह कोनो चोर ला देखथस, त ओकर संग सामिल हो जाथस; \q2 तेंह बेभिचारीमन के संग भागी होथस। \q1 \v 19 तोर मुहूं ले बुरई के बात निकलथे \q2 अऊ तोर जीभ ह छल-कपट के बात करथे। \q1 \v 20 तेंह बईठके अपन भाई के बिरूध गोठियाथस \q2 अऊ अपन ही सगा भाई के निन्दा करथस। \q1 \v 21 जब तेंह ये काममन ला करय अऊ मेंह चुप रहेंव, \q2 त तेंह समझे कि मेंह घलो बिलकुल तोर सहीं अंव। \q1 पर मेंह अब तोर गलतीमन ला बतात हंव \q2 अऊ तोर आघू म तोर दोसमन ला रखत हंव। \b \q1 \v 22 “तुमन, जेमन परमेसर ला भुला जाथव, येकर बारे म बिचार करव, \q2 नइं तो मेंह तुमन ला चीरके कुटा-कुटा कर दूहूं, \q2 अऊ तुमन ला बचानेवाला कोनो नइं होही: \q1 \v 23 जऊन मन मोला धनबाद-बलिदान चघाथें, ओमन मोर आदर करथें, \q2 अऊ निरदोस मनखे ला मेंह अपन उद्धार के अनुभव कराहूं।” \c 51 \cl भजन-संहिता 51\f + \fr 51 \fr*\ft इबरानी म \+xt 51:1‑19\+xt* ला 51:3‑21 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के एक भजन। दाऊद राजा के बतसेबा के संग बेभिचार करे के बाद जब नातान अगमजानी ह दाऊद करा आईस। \q1 \v 1 हे परमेसर, अपन बड़े मया के मुताबिक \q2 मोर ऊपर दया कर; \q1 अपन बड़े करूना के मुताबिक \q2 मोर अपराधमन ला मिटा दे। \q1 \v 2 मोर जम्मो अधरम ला धो डार \q2 अऊ मोर पाप ले मोला सुध कर। \b \q1 \v 3 काबरकि मेंह अपन अपराध ला जानत हंव, \q2 अऊ मोर पाप ह हमेसा मोर आघू म रहिथे। \q1 \v 4 मेंह तोर, सिरिप तोर बिरूध म पाप करे हवंव \q2 अऊ ओहीच काम करे हवंव, जऊन ह तोर नजर म पाप ए; \q1 एकरसेति तेंह अपन फैसला म सही अस \q2 अऊ जब नियाय करथस, त सही नियाय करथस। \q1 \v 5 खचित, मेंह जनम ले पापी अंव, \q2 जब मोर दाई ह मोला गरभ म धरिस, तब ले मेंह पापी अंव। \q1 \v 6 तभो ले तेंह हिरदय के सच्चई ले खुस होथस; \q2 तेंह मोला ओ गुपत जगह म बुद्धि सिखाय। \b \q1 \v 7 जूफा\f + \fr 51:7 \fr*\fq जूफा \fq*\ft ह एक छोटे पऊधा ए, जेकर उपयोग पानी छिंचे या खून छिंचे या मनखे ला संस्कारिक रूप म सुध करे म होथे\ft*\f* पऊधा ले मोला साफ कर, अऊ मेंह साफ हो जाहूं; \q2 मोला धो, अऊ मेंह बरफ ले घलो जादा सफेद हो जाहूं। \q1 \v 8 मोला आनंद अऊ खुसी सबद सुनन दे; \q2 जऊन हाड़ामन ला तेंह कुचर दे हस, ओमन आनंद मनावंय। \q1 \v 9 मोर पापमन ले तेंह अपन मुहूं ला छुपा ले \q2 अऊ मोर जम्मो अपराध ला मिटा दे। \b \q1 \v 10 हे परमेसर, मोर म एक सुध हिरदय बना, \q2 अऊ मोर भीतर म नवां किसम ले एक अटल आतमा स्थापित कर। \q1 \v 11 मोला अपन आघू ले झन निकाल \q2 या अपन पबितर आतमा ला मोर ले अलग झन कर। \q1 \v 12 अपन करे गय उद्धार के आनंद ले मोला फेर भर दे \q2 मोला संभाले बर तोर बात माने के एक आतमा दे। \b \q1 \v 13 तब मेंह अपराधीमन ला तोर हुकूम के सिकछा दूहूं, \q2 ताकि पापीमन तोर करा लहुंट आवंय। \q1 \v 14 हे परमेसर, मोला खून बहाय के अपराध ले छुड़ा ले, \q2 तेंह परमेसर मोर उद्धारकर्ता अस, \q2 अऊ मेंह तोर धरमीपन के गीत गाहूं। \q1 \v 15 हे परभू, मोर मुहूं ला खोल, \q2 अऊ मोर मुहूं ह तोर महिमा करही। \q1 \v 16 तेंह बलिदान चघाय ले खुस नइं होवस, नइं तो मेंह येला लानतेंव; \q2 होम-बलिदान म तोला खुसी नइं होवय। \q1 \v 17 टूटे मन ह परमेसर बर योग्य बलिदान ए; \q2 एक टूटे अऊ पछतापी मन \q2 हे परमेसर, तेंह येला तुछ नइं समझस। \b \q1 \v 18 सियोन के उन्नति करे म, \q2 यरूसलेम सहर के दीवारमन के बनाय जाय म तोला खुसी मिलय। \q1 \v 19 तब तेंह धरमी के बलिदान ले खुस होबे, \q2 याने कि पूरा होम-बलिदान चघाय ले खुस होबे; \q2 तब तोर बेदी म बईलामन ला चघाय जाही। \c 52 \cl भजन-संहिता 52\f + \fr 52 \fr*\ft इबरानी म \+xt 52:1‑9\+xt* ला 52:3‑11 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 52:0 \fr*\fl संभवतः येह संगीत के एक सबद ए\fl*\f*। जब एदोमी दोएग ह साऊल करा जाके ओला कहिस: “दाऊद ह अहीमेलेक के घर गे हवय।” \q1 \v 1 हे बलवान बीर, बुरई ऊपर काबर घमंड करथस? \q2 दिन भर काबर घमंड करत रहिथस, \q2 जबकि तेंह तो परमेसर के नजर म एक कलंक अस? \q1 \v 2 तेंह धोखाधड़ी करथस, \q2 तोर जीभ ह बिनास के योजना बनाथे; \q2 येह तो धारवाले एक उस्तरा सहीं अय। \q1 \v 3 तेंह भलई के बदले बुरई ले मया करथस, \q2 अऊ सच बोले के बदले लबारी मारे ला पसंद करथस। \q1 \v 4 हे धोखा देवइया जीभ! \q2 तेंह हर हानि करइया बात ले मया करथस। \b \q1 \v 5 खचित परमेसर ह तोला हमेसा बर नास कर दीही: \q2 ओह तोला धरके तोर डेरा ले निकाल दीही; \q2 ओह तोला जीयत मनखेमन के लोक ले उखान डारही। \q1 \v 6 धरमी मनखेमन येला देखके डरहीं; \q2 ओमन ये कहिके तोर ऊपर हंसहीं, \q1 \v 7 “इहां ये मनखे हवय \q2 जऊन ह परमेसर ला अपन मजबूत गढ़ नइं बनाईस \q1 पर अपन बहुंत धन-संपत्ति ऊपर भरोसा करिस \q2 अऊ आने मन ला नास करे के दुवारा मजबूत होवत गीस!” \b \q1 \v 8 पर मेंह परमेसर के घर म बढ़त \q2 एक जैतून के रूख सहीं अंव; \q1 मेंह हमेसा-हमेसा बर \q2 परमेसर के अटूट मया ऊपर भरोसा रखथंव। \q1 \v 9 जऊन कुछू तेंह करे हस, ओकर बर मेंह हमेसा \q2 तोर बिसवासयोग्य मनखेमन के आघू म तोर परसंसा करहूं। \q1 अऊ मेंह तोर नांव ऊपर आसा रखहूं, \q2 काबरकि तोर नांव ह बने ए। \c 53 \cl भजन-संहिता 53\f + \fr 53 \fr*\ft इबरानी म \+xt 53:1‑6\+xt* ला 53:2‑7 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। \tl महलत\tl*\f + \fr 53:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* के मुताबिक दाऊद के एक \tl मसकील\tl*। \q1 \v 1 मुरूख ह अपन मन म कहिथे, \q2 “परमेसर नइं ए।” \q1 ओमन बिगड़ गे हवंय, अऊ ओमन के चालचलन ह निकम्मा ए; \q2 अइसे कोनो नइं ए, जऊन ह भलई करथे। \b \q1 \v 2 परमेसर ह स्वरग ले \q2 जम्मो मानव-जाति ला ये आसा म देखथे \q1 कि कोनो समझदार हवय कि नइं, \q2 कोनो परमेसर के खोज करथे कि नइं। \q1 \v 3 हर मनखे ह भटक गे हवय, जम्मो झन बिगड़ गे हवंय; \q2 अइसे कोनो नइं ए, जऊन ह भलई करथे, \q2 एको झन घलो नइं। \b \q1 \v 4 का ये जम्मो दुस्ट काम करइयामन कुछू नइं जानंय? \b \q1 ओमन मोर मनखेमन ला अइसे खा जाथें, मानो कि रोटी खावत हें; \q2 ओमन कभू परमेसर के नांव नइं लेवंय। \q1 \v 5 जिहां डरे के कोनो बात नइं रहय, \q2 उहां ओमन डर के मारे घबरा गे हवंय। \q1 जऊन मन तोर ऊपर हमला करिन, परमेसर ह ओमन के हाड़ामन ला बिखेर दीस; \q2 तेंह ओमन ला लज्जित करय, काबरकि परमेसर ह ओमन ला तुछ जानिस। \b \q1 \v 6 बने होतिस कि इसरायल बर उद्धार ह सियोन ले बाहिर आतिस! \q2 जब परमेसर ह अपन मनखेमन ला पहिले के सहीं कर देथे, \q2 त याकूब ह आनंद मनावय अऊ इसरायल ह खुस होवय! \c 54 \cl भजन-संहिता 54\f + \fr 54 \fr*\ft इबरानी म \+xt 54:1‑7\+xt* ला 54:3‑9 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। तारवाले बाजामन के संग। दाऊद के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 54:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। जब जीपीमन साऊल करा जाके कहिन, “का दाऊद ह हमर बीच म नइं छिपे हे?” \q1 \v 1 हे परमेसर, अपन नांव के दुवारा मोर उद्धार कर; \q2 अपन सक्ति के दुवारा मोला सही साबित कर। \q1 \v 2 हे परमेसर, मोर पराथना ला सुन; \q2 मोर मुहूं के बात ऊपर धियान दे। \b \q1 \v 3 घमंडी बईरीमन मोर ऊपर हमला करत हवंय; \q2 निरदयी मनखेमन मोला मार डारे के कोसिस करत हवंय— \q2 ओ मनखे, जेमन के मन म परमेसर बर कोनो आदर नइं ए। \b \q1 \v 4 खचित परमेसर ह मोर मददगार ए; \q2 परभू ही मोला संभालथे। \b \q1 \v 5 ओमन के निन्दा होवय, जऊन मन मोर निन्दा करथें; \q2 हे परमेसर, अपन बिसवासयोग्यता म ओमन ला नास कर दे। \b \q1 \v 6 मेंह तोला एक स्वेच्छा-बलिदान चघाहूं; \q2 हे यहोवा, मेंह तोर नांव के परसंसा करहूं, काबरकि येह बने ए। \q1 \v 7 तेंह मोला मोर जम्मो समस्या ले छुटकारा दे हस, \q2 अऊ मोर आंखी ह मोर बईरीमन ऊपर बिजय ला देखे हवय। \c 55 \cl भजन-संहिता 55\f + \fr 55 \fr*\ft इबरानी म \+xt 55:1‑23\+xt* ला 55:2‑24 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत निरदेसक बर। तारवाले बाजामन के संग। दाऊद के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 55:0 \fr*\fl सायद संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 हे परमेसर, मोर पराथना ला सुन, \q2 मोर बिनती ला अनसुना झन कर; \q2 \v 2 मोर बात ला सुन अऊ मोला जबाब दे। \q1 मोर बिचारमन मोला चिंता म डारत हें अऊ मेंह बियाकुल हंव \q2 \v 3 काबरकि मोर बईरी ह मोर बिरूध कहत हे, \q2 अऊ दुस्टमन धमकी देवत हें; \q1 काबरकि ओमन मोर ऊपर दुख-तकलीफ लानत हें \q2 अऊ गुस्सा होके मोला उल्टा-सीधा कहत हें। \b \q1 \v 4 मोर हिरदय ह भीतरे-भीतर पीरा म हवय; \q2 मिरतू के आतंक मोर ऊपर छा गे हवय। \q1 \v 5 डर अऊ कंपकपी मोला घेर ले हवय; \q2 बहुंत भय के कारन मेंह बियाकुल हो गे हंव। \q1 \v 6 मेंह कहेंव, “कास, मोर एक पंड़की सहीं डेना होतिस! \q2 त मेंह उड़ जातेंव अऊ अराम करतेंव। \q1 \v 7 मेंह उड़के दूरिहा चले जातेंव \q2 अऊ निरजन जगह म रहितेंव; \q1 \v 8 मेंह आंधी अऊ तूफान ले दूरिहा \q2 जल्दी से अपन सरन-स्थान म चले जातेंव।” \b \q1 \v 9 हे परभू, दुस्टमन ला बिचलित कर दे, ओमन के बात म गड़बड़ी कर दे, \q2 काबरकि मेंह सहर म हिंसा अऊ झगरा देखत हंव। \q1 \v 10 रात अऊ दिन ओमन सहर के दीवार म चोरी-छुपे घुमथें; \q2 सहर के भीतर दुस्टता अऊ गाली भरे हवय। \q1 \v 11 सहर म बिनास करइया ताकतमन काम करत हें; \q2 धमकी अऊ लबारी बात येकर गलीमन ला कभू नइं छोंड़ंय। \b \q1 \v 12 कहूं कोनो बईरी ह मोर बेजत्ती करतिस, \q2 त मेंह सह लेतेंव; \q1 कहूं कोनो बईरी ह मोर बिरूध खड़े होतिस, \q2 त मेंह ओकर ले छिप जातेंव। \q1 \v 13 पर येह तो तें अस, मोर सहीं एक मनखे, \q2 मोर संगवारी, मोर लंगोटिया संगी, \q1 \v 14 जेकर संग परमेसर के घर म \q2 एक समय मेंह संगति के आनंद उठात रहेंव, \q1 जब अराधना करइयामन के बीच \q2 हमन आवत-जावत रहेंन। \b \q1 \v 15 अचानक मोर बईरीमन के मिरतू हो जावय; \q2 ओमन मिरतू-लोक म जीयत चले जावंय, \q2 काबरकि दुस्टमन ला ओमन के बीच रहे बर मिलथे। \b \q1 \v 16 पर जहां तक मोर बात ए, मेंह परमेसर के नांव लेथंव, \q2 अऊ यहोवा ह मोला बचाथे। \q1 \v 17 सांझ, बिहनियां अऊ मंझन के बेरा \q2 मेंह ओला दुख म पुकारथंव, \q2 अऊ ओह मोर बात ला सुनथे। \q1 \v 18 मोर बिरूध करे जावत लड़ई म \q2 ओह मोला बिगर कोनो हानि के बचा लेथे, \q2 हालाकि बहुंते जन मोर बिरोध करथें। \q1 \v 19 परमेसर, जऊन ह आदिकाल ले बिराजमान हे, \q2 जऊन ह नइं बदलय— \q1 ओह ओमन के सुनही अऊ ओमन ला नम्र करही, \q2 काबरकि ओमन म परमेसर के भय नइं ए। \b \q1 \v 20 मोर संगवारी ह अपन संगीमन ऊपर हमला करथे; \q2 ओह अपन करार ला टोरथे। \q1 \v 21 ओकर बातचीत ह मक्खन के सहीं चिक्कन हवय, \q2 पर ओकर मन म लड़ई के बात रहिथे; \q1 ओकर बचन ह तेल ले जादा नरम हवय, \q2 पर ओमन तलवार निकाले सहीं अंय। \b \q1 \v 22 अपन जिम्मेदारी यहोवा ऊपर डार दे \q2 अऊ ओह तोला संभालही; \q1 ओह धरमी ला कभू \q2 डगमगावन नइं देवय। \q1 \v 23 पर हे परमेसर, तें दुस्टमन ला \q2 बिनास के खंचवा म गिराबे; \q1 खून के पीयासा अऊ धोखेबाज मनखेमन \q2 अपन आधा जिनगी घलो नइं जी सकहीं। \b \q1 पर जहां तक मोर बात ए, मेंह तोर ऊपर भरोसा करथंव। \c 56 \cl भजन-संहिता 56\f + \fr 56 \fr*\ft इबरानी म \+xt 56:1‑13\+xt* ला 56:2‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत निरदेसक बर। दूरिहा के बांज रूख म बईठे पंड़की के एक धुन। दाऊद के एक \tl मिकताम\tl*।\f + \fr 56:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* जब पलिस्तीमन दाऊद ला गत म पकड़ ले रिहिन। \q1 \v 1 हे मोर परमेसर, मोर ऊपर दया कर, \q2 काबरकि मोर बईरीमन बहुंत पीछा करत हें; \q2 दिन भर ओमन अपन हमला करे के दबाव बनाथें। \q1 \v 2 मोर बिरोधीमन दिन भर मोर पीछा करथें; \q2 अपन घमंड म बहुंते झन मोर ऊपर हमला करत हें। \b \q1 \v 3 जब मेंह डर जाथंव, त मेंह तोर ऊपर अपन भरोसा रखथंव। \q2 \v 4 परमेसर ऊपर, जेकर बचन के मेंह परसंसा करथंव— \q1 परमेसर ऊपर मेंह भरोसा रखथंव अऊ मेंह नइं डरंव। \q2 मरनहार मनखे ह मोर का कर सकत हे? \b \q1 \v 5 दिन भर ओमन मोर बचन ला तोड़थें-मरोड़थें; \q2 ओमन के जम्मो उपाय मोला बरबाद करे बर रहिथे। \q1 \v 6 ओमन सडयंत्र करथें, ओमन घात म लगे रहिथें, \q2 ओमन मोर अवई-जवई ऊपर ये आसा म नजर गड़ाय रहिथें, \q2 कि ओमन मोर परान ले सकंय। \q1 \v 7 ओमन के दुस्टता के कारन, ओमन ला बचके झन जावन दे; \q2 हे परमेसर, अपन कोरोध म, ये मनखेमन ला गिरा दे। \b \q1 \v 8 मोर दुरगति ला लिख ले; \q2 मोर आंसूमन ला अपन कुप्पी म रख ले— \q2 का ओमन तोर अभिलेख म नइं लिखे गे हवंय? \q1 \v 9 जब मेंह मदद बर पुकारहूं \q2 त ओमन लहुंटके भागहीं। \q2 येकर दुवारा जानहूं कि परमेसर ह मोर कोति हवय। \b \q1 \v 10 परमेसर ऊपर, जेकर बचन के मेंह परसंसा करथंव, \q2 यहोवा ऊपर, जेकर बचन के मेंह परसंसा करथंव— \q1 \v 11 ओही परमेसर ऊपर, मेंह भरोसा रखथंव अऊ मेंह नइं डरंव। \q2 मनखे ह मोर का कर सकथे? \b \q1 \v 12 हे मोर परमेसर, मेंह तोर बर सपथ खाय हंव; \q2 मेंह तोला धनबाद-बलिदान चघाहूं। \q1 \v 13 काबरकि तेंह मोला मिरतू ले \q2 अऊ मोर गोड़मन ला ठोकर खाय ले बचाय हस, \q1 ताकि मेंह जिनगी के अंजोर म \q2 परमेसर के आघू म चल सकंव। \c 57 \cl भजन-संहिता 57\f + \fr 57 \fr*\ft इबरानी म \+xt 57:1‑11\+xt* ला 57:2‑12 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत निरदेसक बर। “झन नास कर” धुन म दाऊद के एक \tl मिकताम\tl*\f + \fr 57:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। जब ओह साऊल ले भागके गुफा म छुपे रिहिस। \q1 \v 1 हे मोर परमेसर, मोर ऊपर दया कर, मोर ऊपर दया कर, \q2 काबरकि मेंह तोर करा सरन लेथंव। \q1 जब तक बिपत्ति ह टर नइं जाही \q2 मेंह तोर डेनामन के छइहां म सरन लूहूं। \b \q1 \v 2 मेंह सर्वोच्च परमेसर ला पुकारथंव, \q2 ओ परमेसर, जऊन ह मोर रकछा करथे। \q1 \v 3 ओह स्वरग ले पठोथे अऊ मोला बचा लेथे, \q2 अऊ ओमन ला डांटथे, जऊन मन मोर बहुंत पीछा करथें— \q2 परमेसर ह अपन मया अऊ अपन बिसवासयोग्यता देखाथे। \b \q1 \v 4 मेंह सिंहमन के बीच म हंव; \q2 मेंह भूखा जानवरमन के बीच म रहे बर मजबूर हंव— \q1 ओ मनखे, जेमन के दांतमन बरछी अऊ तीर सहीं अंय, \q2 जेमन के जीभमन धारवाले तलवार सहीं अंय। \b \q1 \v 5 हे परमेसर, तोर महिमा ह स्वरगमन ले घलो ऊपर होवय; \q2 जम्मो धरती ऊपर तोर महिमा होवय। \b \q1 \v 6 ओमन मोर गोड़ बर एक जाल बिछाथें— \q2 दुख म मोर चेहरा ह झुक गे हवय। \q1 ओमन मोर रसता म एक खंचवा खनिन— \q2 पर ओमा ओमन खुद गिर गे हवंय। \b \q1 \v 7 हे परमेसर, मोर मन ह अटल हवय, \q2 मोर मन ह अटल हवय; \q2 मेंह गाहूं अऊ बाजा बजाहूं। \q1 \v 8 हे मोर आतमा, जाग! \q2 हे बीना अऊ सारंगी, जागव! \q2 मेंह बड़े बिहनियां ला जगाहूं। \b \q1 \v 9 हे परभू, मेंह जाति-जाति के मनखेमन के बीच म तोर परसंसा करहूं; \q2 मेंह मनखेमन के बीच म तोर गीत गाहूं। \q1 \v 10 काबरकि तोर मया ह अतेक महान ए कि ओह स्वरग तक हबरत हे; \q2 तोर बिसवासयोग्यता ह अकास तक हबरत हे। \b \q1 \v 11 हे परमेसर, तोर महिमा स्वरगमन ले घलो ऊपर होवय; \q2 जम्मो धरती ऊपर तोर महिमा होवय। \c 58 \cl भजन-संहिता 58\f + \fr 58 \fr*\ft इबरानी म \+xt 58:1‑11\+xt* ला 58:2‑12 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के “नास झन कर” धुन म एक \tl मिकताम\tl*\f + \fr 58:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 हे सासन करइयामन, का तुमन सही म नियाय-संगत बात करथव? \q2 का तुमन मनखेमन के सही नियाय करथव? \q1 \v 2 नइं, अपन मन म तुमन अनियाय करे के उपाय करथव, \q2 अऊ अपन हांथ ले धरती म हिंसा फईलाथव। \b \q1 \v 3 अऊ त अऊ दुस्टमन जनम ले गलत रसता म चलथें; \q2 गरभ ले ही ओमन लबारी बात फईलात भटक जाथें। \q1 \v 4 ओमन के जहर ह एक सांप के जहर सहीं अय, \q2 एक नाग सांप के सहीं अय, जऊन ह कि नइं सुनय, \q1 \v 5 अऊ ओह संपेरा के धुन ऊपर धियान नइं देवय, \q2 ओ संपेरा ह चाहे कतको मोहित करइया धुन देवय। \b \q1 \v 6 हे परमेसर, ओमन के मुहूं म ही ओमन के दांत ला टोर दे; \q2 हे यहोवा, ओ सिंहमन के दांत ला जड़ ले ही उखान दे! \q1 \v 7 ओमन ओ पानी के सहीं गायब हो जावंय, जऊन ह बहत-बहत आघू निकल जाथे; \q2 जब ओमन धनुस तानंय, त ओमन के तीर ह निसाना म झन लगय। \q1 \v 8 ओमन एक घोंघा के सहीं हो जावंय, जऊन ह सरकत-सरकत टघल जाथे, \q2 ओमन एक मरे जनमे लइका सहीं होवंय, जऊन ह सूरज ला कभू नइं देखय। \b \q1 \v 9 येकर पहिले कि कंटिला-झाड़ी म लगे आगी के आंच ह तोर हांड़ी म लगय— \q2 चाहे ओमन हरियर होवंय या सूख गे होवंय—ओमन ला बवंडर म उड़ा दिये जाही। \q1 \v 10 जब ओमन ले बदला लिये जाही, त धरमीमन खुस होहीं, \q2 जब ओमन अपन पांव दुस्टमन के खून म डारहीं। \q1 \v 11 तब मनखेमन कहिहीं, \q2 “खचित धरमीमन ला अभी घलो ईनाम दिये जाथे; \q2 खचित एक परमेसर हवय, जऊन ह धरती के नियाय करथे।” \c 59 \cl भजन-संहिता 59\f + \fr 59 \fr*\ft इबरानी म \+xt 59:1‑17\+xt* ला 59:2‑18 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के “नास झन कर” धुन म एक \tl मिकताम\tl*\f + \fr 59:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। जब साऊल ह दाऊद ला मार डारे बर ओकर घर म मनखेमन ला पठोके पहरा बईठाय रिहिस। \q1 \v 1 हे परमेसर, मोला मोर बईरीमन ले बचा; \q2 जऊन मन मोर ऊपर हमला करत हें, ओमन ले मोर रकछा कर। \q1 \v 2 मोला दुस्ट काम करइया मनखेमन ले छोंड़ा \q2 अऊ मोला ओमन ले बचा, जऊन मन मोर परान लेय बर चाहथें। \b \q1 \v 3 देख, ओमन कइसे मोर घात म लगे हवंय! \q2 हे यहोवा, मेंह कोनो दोस या पाप नइं करे हंव, \q2 तभो ले हिंसा करइया मनखेमन मोर बिरूध सडयंत्र करत हें। \q1 \v 4 मेंह कोनो गलती नइं करे हंव, तभो ले ओमन मोर ऊपर हमला करे बर तियार हवंय। \q2 मोर मदद करे बर उठ; मोर दुरदसा ला देख! \q1 \v 5 हे यहोवा, सर्वसक्तिमान परमेसर, \q2 तेंह इसरायल के परमेसर अस, \q1 जम्मो आनजातमन ला दंड देय बर जाग; \q2 दुस्ट बिसवासघातीमन ऊपर कोनो दया झन देखा। \b \q1 \v 6 ओमन कुकुरमन सहीं गुर्रावत \q2 सांझ के लहुंटथें, \q2 अऊ छिपके सहर म घुमथें। \q1 \v 7 देख, ओमन अपन मुहूं ले का उछरथें— \q2 ओमन के मुहूं ले निकले बात म तलवार सहीं धार हवय, \q2 अऊ ओमन सोचथें, “हमर बात ला कोन सुन सकथे?” \q1 \v 8 पर हे यहोवा, तेंह ओमन ऊपर हांसथस; \q2 तेंह ओ जम्मो आनजातमन के हंसी उड़ाथस। \b \q1 \v 9 तेंह मोर ताकत अस, मेंह तोर इंतजार म रहिथंव; \q2 हे परमेसर, तेंह मोर गढ़ अस, \q2 \v 10 हे मोर परमेसर, तोर ऊपर मेंह भरोसा करथंव। \b \q1 परमेसर ह मोर आघू-आघू जाही \q2 अऊ जऊन मन मोर निन्दा करथें, ओमन ला घूरके देखे के मोला मऊका दीही। \q1 \v 11 पर हे परभू हमर ढाल,\f + \fr 59:11 \fr*\ft या \ft*\fqa परमपरधान\fqa*\f* ओमन के हतिया झन कर, \q2 नइं तो मोर मनखेमन भुला जाहीं। \q1 अपन सक्ति ले ओमन ला उखान दे \q2 अऊ ओमन ला गिरा दे। \q1 \v 12 ओमन के मुहूं के पाप बर, \q2 ओमन के ओंठ ले निकले बचन बर, \q2 ओमन अपन घमंड म पकड़े जावंय। \q1 ओमन जऊन सराप देथें अऊ लबारी मारथें, ओकर बर \q2 \v 13 ओमन ला अपन कोरोध म जलाके नास कर दे, \q2 ओमन ला अइसे जलाके नास कर कि ओमन पूरा नास हो जावंय। \q1 तब धरती के छोर तक पता चलही \q2 कि परमेसर ह याकूब ऊपर सासन करथे। \b \q1 \v 14 ओमन कुकुरमन सहीं गुर्रावत, \q2 सांझ के लहुंटथें, \q2 अऊ छिपके सहर म घुमथें। \q1 \v 15 ओमन जेवन बर भटकथें \q2 अऊ कहूं संतोस नइं होवंय, त कुकुर या भेड़िया सहीं रोथें। \q1 \v 16 पर मेंह तोर ताकत के गुन गाहूं, \q2 बिहनियां मेंह तोर मया के गीत गाहूं; \q1 काबरकि तेंह मोर गढ़ अस, \q2 संकट के बेरा म मोर सरन-स्थान अस। \b \q1 \v 17 तेंह मोर बल अस, मेंह तोर परसंसा के गीत गाथंव; \q2 हे परमेसर, तेंह मोर गढ़ अस, \q2 मोर परमेसर, जेकर ऊपर मेंह भरोसा करथंव। \c 60 \cl भजन-संहिता 60\f + \fr 60 \fr*\ft इबरानी म \+xt 60:1‑12\+xt* ला 60:3‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। “करार के कुमुदिनी” के धुन म दाऊद के एक \tl मिकताम\tl*\f + \fr 60:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। सिखाय बर। जब ओह अरम-नहरैम अऊ अरम-सोबा ले लड़िस, अऊ जब योआब ह लहुंटके नून के घाटी म बारह हजार एदोमीमन ला मार गिराईस। \q1 \v 1 हे परमेसर, तेंह हमन ला अस्वीकार कर दे हस, अऊ हमर ऊपर बरस पड़े हस: \q2 तेंह हमर ऊपर गुस्सा करे हस—पर अब हमन ला पहिले सहीं कर दे! \q1 \v 2 तेंह भुइयां ला कंपाय हस अऊ येला फोर दे हस; \q2 येकर दरारमन ला ठीक कर दे, काबरकि येह कांपत हे। \q1 \v 3 तेंह अपन मनखेमन ला निरासा के दिन देखाय हस; \q2 तेंह हमन ला अंगूर के मंद दे हस, जेकर ले हमन लड़खड़ाथन। \q1 \v 4 पर जऊन मन तोर भय मानथें, ओमन बर तेंह एक झंडा उठाय हस \q2 ताकि जहाज के आघू म फहराय जावय। \b \q1 \v 5 अपन जेवनी हांथ उठाके हमन ला बचा अऊ हमर मदद कर, \q2 ताकि जऊन मन तोर ले मया करथें, ओमन छोंड़ाय जावंय। \q1 \v 6 परमेसर ह अपन पबितर-स्थान ले कहे हवय: \q2 “जीत के खुसी म, मेंह सकेम ला बांट दूहूं \q2 अऊ सुक्कोत के घाटी ला नापहूं। \q1 \v 7 गिलाद ह मोर ए, अऊ मनस्से ह घलो मोर ए; \q2 एपरैम ह मोर मुड़ के टोप ए, \q2 यहूदा ह मोर राजदंड ए। \q1 \v 8 मोआब ह मोर हांथ-मुहूं धोए के बरतन ए, \q2 एदोम ऊपर मेंह अपन पनही ला उछालहूं; \q2 पलिस्ती ऊपर मेंह जीत के खुसी म चिचियाहूं।” \b \q1 \v 9 कोन ह मोला गढ़वाले सहर म लानही? \q2 कोन ह मोला एदोम देस ले जाही? \q1 \v 10 हे परमेसर, का ये तें नो हस, तें जऊन ह कि हमन ला अस्वीकार करे हस \q2 अऊ अब हमर सेना के संग नइं जावस? \q1 \v 11 बईरीमन के बिरूध हमर मदद कर, \q2 काबरकि मनखे के दिये मदद ह बेकार ए। \q1 \v 12 परमेसर के मदद ले ही हमन बिजयी होबो, \q2 अऊ ओह हमर बईरीमन ला कुचर दीही। \c 61 \cl भजन-संहिता 61\f + \fr 61 \fr*\ft इबरानी म \+xt 61:1‑8\+xt* ला 61:2‑9 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत निरदेसक बर। तारवाले बाजामन के संग दाऊद के भजन। \q1 \v 1 हे परमेसर, मोर पुकार ला सुन; \q2 मोर पराथना ला सुन। \b \q1 \v 2 धरती के छोर ले मेंह तोला पुकारत हंव, \q2 तोला पुकारत-पुकारत मोर मन ह दुरबल होवथे; \q2 मोला ओ चट्टान ऊपर ले जा, जऊन ह मोर ले ऊंच हे। \q1 \v 3 काबरकि तेंह मोर सरन-स्थान ठहिरे हस, \q2 अऊ बईरीमन के बिरूध एक मजबूत दीवार अस। \b \q1 \v 4 मेंह लालसा करथंव कि तोर डेरा म हमेसा बर रहंव \q2 अऊ तोर डेनामन के छइहां म सरन लेवंव। \q1 \v 5 हे परमेसर, तेंह मोर मन्नतमन ला सुने हस; \q2 तेंह मोला ओमन के कुल-परंपरा ला दे हस; जऊन मन तोर नांव के भय मानथें। \b \q1 \v 6 राजा के उमर ला बढ़ा, \q2 पीढ़ी-पीढ़ी तक ओकर उमर ला बढ़ा दे। \q1 \v 7 परमेसर के उपस्थिति म ओह हमेसा सिंघासन म बईठय; \q2 ओकर रकछा म अपन मया अऊ बिसवासयोग्यता ला बनाय रख। \b \q1 \v 8 तब मेंह हमेसा तोर नांव के परसंसा करहूं \q2 अऊ दिन-प्रतिदिन अपन मन्नतमन ला पूरा करहूं। \c 62 \cl भजन-संहिता 62\f + \fr 62 \fr*\ft इबरानी म \+xt 62:1‑12\+xt* ला 62:2‑13 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत निरदेसक बर। यदूतून राग म दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 सही म मोर जीव ला परमेसर म अराम मिलथे; \q2 मोर उद्धार ओकर करा ले आथे। \q1 \v 2 सही म ओह मोर चट्टान अऊ मोर उद्धार ए; \q2 ओह मोर गढ़ ए, मेंह कभू नइं डगमगाहूं। \b \q1 \v 3 कब तक तुमन मोर ऊपर हमला करत रहिहू? \q2 का तुमन जम्मो झन मोला खाल्हे फटिक दूहू— \q2 में तो झुके दीवार, गिरत बाड़ा के सहीं अंव? \q1 \v 4 खचित ओमन मोला \q2 मोर ऊंच जगह ले गिराय के इरादा रखथें; \q2 ओमन लबारी मारे म खुस होथें। \q1 अपन मुहूं ले ओमन आसीस देथें, \q2 पर अपन मन म सराप देथें। \b \q1 \v 5 हव, मोर जीव ला परमेसर म अराम मिलथे; \q2 ओकर ऊपर मोर आसा हवय। \q1 \v 6 सही म ओह मोर चट्टान अऊ मोर उद्धार ए; \q2 ओह मोर गढ़ ए, मेंह नइं डगमगाहूं। \q1 \v 7 मोर उद्धार अऊ मोर आदर परमेसर ऊपर निरभर हवय\f + \fr 62:7 \fr*\ft या \ft*\fqa सर्वोच्च परमेसर ह मोर उद्धार अऊ मोर आदर ए\fqa*\f*; \q2 ओह मोर मजबूत चट्टान, मोर सरन-स्थान ए। \q1 \v 8 हे मनखेमन, ओकर ऊपर हर समय भरोसा रखव; \q2 ओकर आघू म अपन बात खुले मन से कहव, \q2 काबरकि परमेसर ह हमर सरन-स्थान ए। \b \q1 \v 9 सही म नीच कुल म जनमे मनखेमन सिरिप एक सांस अंय, \q2 अऊ ऊंच कुल म जनमे मनखेमन सिरिप एक लबारी अंय। \q1 कहूं ओमन ला तराजू म तऊले जावय, त ओमन के कुछू वजन नइं ए; \q2 एक संग ओमन सिरिप एक सांस अंय। \q1 \v 10 अनुचित वसूली ऊपर भरोसा झन करव \q2 या चोरी के चीज म आसा झन रखव; \q1 हालाकि तुम्हर संपत्ति बढ़थे, \q2 पर ओमा अपन मन झन लगावव। \b \q1 \v 11 परमेसर ह एक बात कहे हवय, \q2 दू बात मेंह सुने हवंव: \q1 “हे परमेसर, सामर्थ ह तोर अय, \q2 \v 12 अऊ हे परभू, तोर म अब्बड़ मया हवय”; \q1 अऊ, “तेंह हर एक जन ला \q2 ओमन के काम के मुताबिक ईनाम देथस।” \c 63 \cl भजन-संहिता 63\f + \fr 63 \fr*\ft इबरानी म \+xt 63:1‑11\+xt* ला 63:2‑12 गने गे हवय\ft*\f* \d दाऊद के एक भजन। जब ओह यहूदा के निरजन जगह म रिहिस। \q1 \v 1 हे परमेसर, तेंह मोर परमेसर अस, \q2 उत्सुक होके मेंह तोला खोजथंव; \q1 सूखा अऊ झुलसत भुइयां म \q2 जिहां पानी नइं ए, \q1 मेंह तोर पीयासा हंव, \q2 मोर पूरा सरीर तोर संगति के कामना करथे। \b \q1 \v 2 मेंह पबितर-स्थान म तोला देखे हवंव \q2 अऊ तोर सामर्थ अऊ तोर महिमा ला निहारेंव। \q1 \v 3 काबरकि तोर मया ह जिनगी ले जादा बने अय, \q2 मोर मुहूं ह तोर महिमा करही। \q1 \v 4 जब तक मेंह जीयत हंव, मेंह तोर परसंसा करहूं, \q2 अऊ तोर नांव के महिमा म मेंह अपन हांथ उठाहूं। \q1 \v 5 मानो बने जेवन ले मेंह पूरा संतुस्ट होहूं, \q2 अऊ मेंह मोर मुहूं ले गावत तोर परसंसा करहूं। \b \q1 \v 6 अपन दसना म मेंह तोला सुरता करथंव; \q2 रथिया के बेरा मेंह तोर बारे म सोचथंव। \q1 \v 7 काबरकि तेंह मोर मददगार अस, \q2 मेंह तोर डेना के छइहां म गाथंव। \q1 \v 8 मेंह तोर संग लगे रहिथंव; \q2 तोर जेवनी हांथ ह मोला संभालथे। \b \q1 \v 9 जऊन मन मोला मार डारे चाहथें, ओमन नास हो जाहीं; \q2 ओमन धरती के गहरई म दब जाहीं। \q1 \v 10 ओमन तलवार ले मारे जाहीं \q2 अऊ सियारमन के जेवन बन जाहीं। \b \q1 \v 11 पर राजा ह परमेसर म आनंद मनाही; \q2 ओ जम्मो जऊन मन परमेसर के सपथ खाथें, ओमन ओकर महिमा करहीं, \q2 जबकि लबरामन के मुहूं ला बंद करे जाही। \c 64 \cl भजन-संहिता 64\f + \fr 64 \fr*\ft इबरानी म \+xt 64:1‑10\+xt* ला 64:2‑11 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे मोर परमेसर, जब मेंह अपन सिकायत लेके आथंव, त मोर बात ला सुन; \q2 बईरीमन के धमकी ले मोर जिनगी ला बचा। \b \q1 \v 2 दुस्टमन के सडयंत्र ले, दुस्ट काम करइयामन के \q2 योजना ले मोला बचा। \q1 \v 3 ओमन तलवार के सहीं अपन जीभ ला तेज करथें \q2 अऊ घातक तीर के सहीं करू बचन कहिथें। \q1 \v 4 ओमन घात लगाके निरदोस ऊपर तीर चलाथें; \q2 ओमन बिगर डरे, अचानक तीर चलाथें। \b \q1 \v 5 ओमन दुस्ट योजना बनाय बर एक-दूसर ला उकसाथें, \q2 ओमन अपन जाल ला छुपाय के बारे म गोठियाथें; \q2 ओमन कहिथें, “कोन ह येला\f + \fr 64:5 \fr*\ft या \ft*\fqa हमन ला\fqa*\f* देखही?” \q1 \v 6 ओमन अनियाय करे के सडयंत्र रचथें अऊ कहिथें, \q2 “हमन एकदम सही योजना बनाय हन!” \q2 सही म मनखे के मन अऊ हिरदय चालबाज अंय। \b \q1 \v 7 पर परमेसर ह ओमन ऊपर अपन तीर चलाही; \q2 ओमन अचानक घात करे जाहीं। \q1 \v 8 परमेसर ह ओमन के खुद के जीभ ला ओमन के बिरूध कर दीही \q2 अऊ ओमन के बिनास कर दीही; \q2 जऊन मन ओमन ला देखहीं, ओ जम्मो झन ओमन ला तुछ जानके अपन मुड़ हलाहीं। \q1 \v 9 जम्मो मनखेमन डर जाहीं; \q2 ओमन परमेसर के काम के बखान करहीं \q2 अऊ जऊन कुछू ओह करे हवय, ओकर ऊपर बिचार करहीं। \b \q1 \v 10 धरमी जन ह यहोवा म आनंद मनाही \q2 अऊ ओकर करा सरन लीही; \q2 ओ जम्मो मनखे, जऊन मन हिरदय ले ईमानदार अंय, ओमन ओकर परसंसा करहीं! \c 65 \cl भजन-संहिता 65\f + \fr 65 \fr*\ft इबरानी म \+xt 65:1‑13\+xt* ला 65:2‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत निरदेसक बर। दाऊद के एक भजन। एक गीत। \q1 \v 1 हे हमर परमेसर, सियोन म परसंसा ह तोर बाट जोहथे; \q2 तोर बर हमर दुवारा करे गे मन्नतमन पूरा करे जाहीं। \q1 \v 2 तें, जऊन ह कि पराथना के जबाब देथस, \q2 तोर करा जम्मो मनखेमन आहीं। \q1 \v 3 जब हमन बहुंत पाप ले बियाकुल हो जाथन, \q2 त तेंह हमर अपराधमन ला छेमा करथस। \q1 \v 4 धइन अंय ओमन, जेमन ला तेंह चुनथस \q2 अऊ अपन अंगना म रहे बर ओमन ला लकठा म लानथस! \q1 हमन तोर घर के, तोर पबितर मंदिर के \q2 बने चीजमन ले भर गे हवन। \b \q1 \v 5 हे परमेसर हमर उद्धार करइया, \q2 तेंह धरती के छोर अऊ दूरिहा समुंदर म रहइया \q1 जम्मो झन के आसा अस, \q2 तेंह हमन ला अद्भूत अऊ धरमी काम करके हमन ला जबाब देथस, \q1 \v 6 तेंह अपनआप ला ताकत ले भरके, \q2 पहाड़मन ला अपन सामर्थ ले बनाय हस, \q1 \v 7 तेंह समुंदर के गरजन ला, \q2 समुंदर के लहर के गरजन ला, \q2 अऊ देस-देस के कोलाहल ला सांत करथस। \q1 \v 8 जम्मो धरती ह भय अऊ तोर अद्भूत काम ले भर गे हवय; \q2 जिहां तेंह बिहनियां के अंजोर अऊ सांझ के अंधियारा लानथस, \q2 तेंह आनंद के गीत गवाथस। \b \q1 \v 9 तेंह भुइयां के खियाल रखथस अऊ ओला पानी ले पलोथस; \q2 तेंह येला बहुंत उपजाऊ बनाथस। \q1 परमेसर के पानी के सोतमन पानी ले भरे हवंय \q2 ताकि मनखेमन ला अनाज मिलय, \q2 काबरकि तेंह येला अइसे ठहिराय हस। \q1 \v 10 तेंह येकर घारीमन ला भीगोथस अऊ येकर उभारमन ला समतल करथस; \q2 तेंह येला बारिस के पानी ले नरम करथस अऊ येकर फसल ला आसीस देथस। \q1 \v 11 तेंह बछर ला बहुंत फसल ले भर देथस, \q2 अऊ बहुंत चीजमन के कारन तोर गाड़ीमन म जगह नइं रहय। \q1 \v 12 निरजन जगह के भुइयांमन कांदी ले भर गे हवंय; \q2 पहाड़ीमन खुसी के चादर ओढ़े हवंय। \q1 \v 13 चरागनमन पसुमन के झुंड ले भर गे हवंय \q2 अऊ घाटीमन अनाज ले ढंक गे हवंय; \q2 ओमन आनंद के मारे जय-जयकार करथें अऊ गीत गाथें। \c 66 \cl भजन-संहिता 66 \d संगीत निरदेसक बर। एक गीत। एक भजन। \q1 \v 1 हे जम्मो धरती के मनखेमन, परमेसर बर आनंद के जय-जयकार करव! \q2 \v 2 ओकर नांव के महिमा के गीत गावव; \q2 महिमा के संग ओकर परसंसा करव। \q1 \v 3 परमेसर ला कहव, “का ही अद्भूत अंय तोर काममन! \q2 तोर सामर्थ ह अइसे महान हे \q2 कि तोर बईरीमन तोर आघू म चापलूसी करथें। \q1 \v 4 जम्मो धरती के मनखेमन तोर दंडवत करथें; \q2 ओमन तोर परसंसा के गीत गाथें, \q2 ओमन तोर नांव के परसंसा के गीत गाथें।” \b \q1 \v 5 आवव अऊ देखव कि परमेसर ह का करे हवय, \q2 मानव-जाति बर ओकर अद्भूत काममन! \q1 \v 6 ओह समुंदर ला सूखा भुइयां कर दीस, \q2 ओमन पैदल नदी के ओ पार चल दीन— \q2 आवव, ओमा आनंदित होवव। \q1 \v 7 ओह अपन सामर्थ ले सदाकाल बर सासन करथे, \q2 ओकर आंखीमन जाति-जाति के मनखेमन ला देखत रहिथें— \q2 ओकर बिरूध बिदरोहीमन झन ठाढ़ होवंय। \b \q1 \v 8 हे जम्मो मनखेमन, हमर परमेसर के परसंसा करव, \q2 ओकर परसंसा के अवाज सुनई देवय; \q1 \v 9 ओह हमर जिनगी ला बचाय हवय \q2 अऊ हमर गोड़ ला फिसल जाय ले बचाय हवय। \q1 \v 10 हे परमेसर, तेंह हमन ला परखे हस; \q2 तेंह हमन ला चांदी के सहीं साफ करे हस। \q1 \v 11 तेंह हमन ला जेल म ले आय \q2 अऊ हमर पीठ म बोझा डार देय। \q1 \v 12 तेंह मनखेमन ला हमर मुड़ ऊपर सवारी करे बर दे हस; \q2 हमन आगी अऊ पानी म ले होके गे हवन, \q2 पर तेंह हमन ला ओ जगह म ले आय, जिहां चीजमन बहुंतायत म हवंय। \b \q1 \v 13 मेंह तोर मंदिर म होम-बलिदान लेके आहूं \q2 अऊ तोर बर माने गय अपन मन्नतमन ला पूरा करहूं— \q1 \v 14 ओ मन्नत, जेकर परतिगियां मेंह अपन ओंठ ले करे रहंय अऊ अपन मुहूं ले माने रहंय \q2 जब मेंह समस्या म पड़े रहंय। \q1 \v 15 मेंह तोला मोटा-ताजा पसु \q2 अऊ मेढ़ामन के बलिदान चघाहूं; \q2 मेंह तोला सांड़ अऊ बोकरा चघाहूं। \b \q1 \v 16 ओ जम्मो झन, जऊन मन परमेसर के भय मानथव, आवव अऊ सुनव; \q2 मेंह तुमन ला बतावत हंव कि ओह मोर बर का करे हवय। \q1 \v 17 मेंह अपन मुहूं ले ओला पुकारेंव; \q2 मोर ओंठ ले ओकर परसंसा करेंव। \q1 \v 18 कहूं मेंह अपन मन म पाप करे होतेंव, \q2 त परभू ह मोर बात ला नइं सुनतिस; \q1 \v 19 पर खचित परमेसर ह धियान दे हवय \q2 अऊ मोर पराथना ला सुने हवय। \q1 \v 20 परमेसर के परसंसा होवय, \q2 जऊन ह मोर पराथना ला सुनिस \q2 या अपन मया ला मोर ऊपर ले नइं हटाईस! \c 67 \cl भजन-संहिता 67\f + \fr 67 \fr*\ft इबरानी म \+xt 67:1‑7\+xt* ला 67:2‑8 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत निरदेसक बर। तारवाले बाजा के संग। एक भजन। एक गीत। \q1 \v 1 परमेसर ह हमर ऊपर अनुग्रह करय अऊ हमन ला आसीस देवय \q2 अऊ अपन मुहूं के अंजोर हमर ऊपर चमकावय— \q1 \v 2 ताकि धरती म तोर ईछा, \q2 अऊ जम्मो जाति म तोर उद्धार के पता चलय। \b \q1 \v 3 हे परमेसर, मनखेमन तोर परसंसा करंय; \q2 जम्मो मनखेमन तोर परसंसा करंय। \q1 \v 4 देस-देस के मनखेमन खुसी मनांय अऊ आनंद के गीत गावंय, \q2 काबरकि तें मनखेमन ऊपर बिगर पखियपात के सासन करथस \q2 अऊ धरती के देस-देस के मनखेमन के अगुवई करथस। \q1 \v 5 हे परमेसर, मनखेमन तोर परसंसा करंय; \q2 जम्मो मनखेमन तोर परसंसा करंय। \b \q1 \v 6 भुइयां ह अपन फसल देथे; \q2 परमेसर, हमर परमेसर हमन ला आसीस देथे। \q1 \v 7 परमेसर हमन ला अऊ आसीस देवय, \q2 ताकि धरती के जम्मो छोर तक मनखेमन ओकर भय मानंय। \c 68 \cl भजन-संहिता 68\f + \fr 68 \fr*\ft इबरानी म \+xt 68:1‑35\+xt* ला 68:2‑36 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के एक भजन। एक गीत। \q1 \v 1 परमेसर ह उठय, ओकर बईरीमन तितिर-बितिर हो जावंय; \q2 ओकर बईरीमन ओकर आघू ले भाग जावंय। \q1 \v 2 तें ओमन ला धुआं के सहीं उड़ा दे— \q2 जइसे मोम ह आगी के आंच ले टघलथे, \q2 वइसे ही दुस्ट मनखेमन परमेसर के आघू म नास हो जावंय। \q1 \v 3 पर धरमी जन परमेसर के आघू म \q2 खुस होवंय अऊ आनंद मनावंय; \q2 ओमन खुसी मनावंय अऊ आनंदित होवंय। \b \q1 \v 4 परमेसर के गीत गावव, ओकर नांव के परसंसा के गीत गावव, \q2 ओकर बहुंत परसंसा करव, जऊन ह बादर ऊपर सवारी करथे\f + \fr 68:4 \fr*\ft या \ft*\fqa ओकर बर रसता तियार करव, जऊन ह निरजन जगह म ले होके जाथे\fqa*\f*; \q2 ओकर आघू म आनंद मनावव—ओकर नांव यहोवा ए। \q1 \v 5 परमेसर ह अपन पबितर निवास म हवय, \q2 ओह अनाथमन बर एक ददा अऊ बिधवामन बर एक रकछा करइया ए। \q1 \v 6 परमेसर ह अकेला मनखे ला परिवार म बसाथे, \q2 ओह कैदीमन ला गीत गवात अगुवई करथे; \q2 पर बिदरोहीमन सूरज के गरमी ले झुलसत भुइयां म रहिथें। \b \q1 \v 7 हे परमेसर, जब तेंह अपन मनखेमन के आघू ले निकलय, \q2 जब तेंह निरजन जगह ले होके चलय, \q1 \v 8 त धरती ह कांपिस, अकास ह बारिस भेजिस, \q2 परमेसर, सीनय पहाड़ के परमेसर के आघू म, \q2 परमेसर, इसरायल के परमेसर के आघू म। \q1 \v 9 हे परमेसर, तेंह बहुंत बारिस दे हस; \q2 तेंह अपन थके-मांदे निज मनखेमन ला तरो-ताजा करे हस। \q1 \v 10 तोर मनखेमन येमा बस गे हवंय, \q2 अऊ हे परमेसर, अपन उदारता से तेंह गरीबमन ला दे हस। \b \q1 \v 11 परभू ह बचन के घोसना करथे, \q2 अऊ येला सुनानेवाली माईलोगनमन के एक बड़े सेना हो जाथे: \q1 \v 12 “राजा अऊ सेनामन जल्दबाजी म भागथें; \q2 माईलोगनमन घर म लूट के सामान ला बांटथें। \q1 \v 13 अऊ त अऊ जब तुमन भेड़साला म सुतथव, \q2 त मोर पंड़की के डेना म चांदी चढ़ाय जाथे, \q2 अऊ येकर पांखीमन म चमकत सोन मढ़े जाथे।” \q1 \v 14 जब सर्वसक्तिमान परमेसर ह राजामन ला देस म तितिर-बितिर करिस, \q2 त येह सलमोन पहाड़ म बरफ गिरे के सहीं रिहिस। \b \q1 \v 15 बासान पहाड़, सानदार पहाड़, \q2 बासान पहाड़ उबड़-खाबड़ पहाड़, \q1 \v 16 हे उबड़-खाबड़ पहाड़, तेंह ओ पहाड़ ला \q2 टकटकी लगाके काबर देखत हस, जेला परमेसर ह राज करे बर चुने हे, \q2 जिहां यहोवा ह खुद सदाकाल बर निवास करही? \q1 \v 17 परमेसर के रथमन बीस हजार \q2 अऊ हजारों-हजार हवंय; \q2 परभू ह सीनय पहाड़ ले अपन पबितर-स्थान म आय हवय।\f + \fr 68:17 \fr*\ft मूल इबरानी म \ft*\fq परभू \fq*\fqa ह पबितरता म ओमन के बीच सीनय म हवय\fqa*\f* \q1 \v 18 जब तेंह ऊंचहा जगह म गय, \q2 त तेंह अपन संग बहुंत बंधुवामन ला ले गय; \q2 तोला मनखेमन ले उपहार मिलिस, \q1 अऊ त अऊ बिदरोहीमन ले घलो उपहार मिलिस— \q2 कि हे यहोवा परमेसर, तें उहां निवास कर। \b \q1 \v 19 परभू, परमेसर हमर उद्धारकर्ता के परसंसा होवय, \q2 जऊन ह हर दिन हमर बोझा ला उठाथे। \q1 \v 20 हमर परमेसर ह ओ परमेसर अय, जऊन ह हमन ला बचाथे; \q2 मिरतू ले बचाव परमपरधान यहोवा ले ही आथे। \q1 \v 21 खचित परमेसर ह अपन बईरीमन के मुड़ ला कुचरही, \q2 ओमन के बालवाले मुड़मन ला कुचरही, जऊन मन पाप करत रहिथें। \q1 \v 22 परभू ह कहिथे, “मेंह ओमन ला बासान ले लानहूं; \q2 मेंह ओमन ला समुंदर के गहरई ले लानहूं, \q1 \v 23 कि तें अपन बईरीमन के खून म चलके जा सकस, \q2 अऊ तोर कुकुरमन ला ओमन के बांटा खाय बर मिलय।” \b \q1 \v 24 हे परमेसर, तोर जुलूस ला देखे गे हवय, \q2 ओ जुलूस, जऊन ह मोर परमेसर अऊ मोर राजा के अय अऊ जऊन ह पबितर-स्थान म जावत हे। \q1 \v 25 आघू-आघू गवइयामन अऊ ओमन के पाछू बाजावाले हवंय; \q2 ओमन के संग जवान माईलोगनमन खंजरी बजात हवंय। \q1 \v 26 बड़े सभा म परमेसर के परसंसा करव; \q2 इसरायल के सभा म यहोवा के परसंसा करव। \q1 \v 27 बिनयामीन के छोटे गोत्र ह ओमन के अगुवई करत हे, \q2 उहां यहूदा के राजकुमारमन के बड़े झुंड हवय, \q2 अऊ उहां जबूलून अऊ नपताली के राजकुमारमन हवंय। \b \q1 \v 28 हे परमेसर, अपन सामर्थ ला देखा; \q2 हे हमर परमेसर, हमन ला अपन ताकत देखा, जइसे कि तेंह पहिले करे हस। \q1 \v 29 यरूसलेम म तोर मंदिर के कारन \q2 राजामन तोर बर भेंट लेके आहीं। \q1 \v 30 नरकट म रहत जंगली पसुमन ला, \q2 देस-देस के बछरूमन के बीच सांड़मन के झुंड ला डांट-फटकार। \q1 नम्र होके, ओ जंगली पसुमन चांदी के छड़ लानंय। \q2 देस-देस के ओ मनखेमन ला तितिर-बितिर कर दे, जऊन मन लड़ई ले खुस होथें। \q1 \v 31 दूतमन मिसर देस ले आहीं; \q2 कूस\f + \fr 68:31 \fr*\ft नील के ऊपरी इलाका\ft*\f* ह अपनआप ला परमेसर के अधीन कर दीही। \b \q1 \v 32 हे धरती के राजमन, परमेसर के गीत गावव, \q2 परभू के परसंसा के गीत गावव, \q1 \v 33 ओकर परसंसा करव, जऊन ह सनातन स्वरग, सबले ऊंच स्वरग म सवारी करथे, \q2 जऊन ह तेज अवाज म गरजथे। \q1 \v 34 परमेसर के सामर्थ के घोसना करव, \q2 जेकर वैभव इसरायल ऊपर हवय, \q2 जेकर सामर्थ स्वरग म हवय। \q1 \v 35 हे परमेसर, तेंह अपन पबितर-स्थान म अद्भूत अस; \q2 इसरायल के परमेसर ह अपन मनखेमन ला सामर्थ अऊ बल देथे। \b \q1 परमेसर के परसंसा होवय! \c 69 \cl भजन-संहिता 69\f + \fr 69 \fr*\ft इबरानी म \+xt 69:1‑36\+xt* ला 69:2‑37 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। कुमुदिनी के धुन म दाऊद के गीत। \q1 \v 1 हे परमेसर, मोला बचा, \q2 काबरकि पानी ह मोर घेंच तक आ गे हवय। \q1 \v 2 मेंह चीखला म धंसत जावत हंव, \q2 जिहां मोर गोड़ टेकाय के जगह नइं ए। \q1 मेंह गहिरा पानी म आ गे हवंव; \q2 पानी के बाढ़ म मेंह बुड़त हंव। \q1 \v 3 मेंह मदद बर गोहारत थक गे हंव; \q2 मोर गला ह सूख गे हवय। \q1 मोर परमेसर के बाट जोहत, \q2 मोर आंखीमन कमजोर हो गे हवंय। \q1 \v 4 जऊन मन बिगर कारन के मोर ले घिन करथें, \q2 ओमन के गनती मोर मुड़ के बाल ले घलो जादा हवय; \q1 बहुंते जन बिगर कारन के मोर बईरी अंय, \q2 जऊन मन कि मोला नास करे के फिराक म हवंय। \q1 जऊन चीज के चोरी मेंह नइं करे हंव, \q2 ओकर भरपई मोर ले करे जावत हे। \b \q1 \v 5 हे परमेसर, तेंह मोर मुरूखता ला जानत हस; \q2 मोर अपराध ह तोर ले छिपे नइं हे। \b \q1 \v 6 हे परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा, \q2 जऊन मन तोर ऊपर आसा रखे हवंय \q2 ओमन ला मोर कारन कलंकित झन होना पड़य; \q1 हे इसरायल के परमेसर, \q2 जऊन मन तोर खोज म रहिथें, \q2 ओमन ला मोर कारन लज्जित झन होना पड़य। \q1 \v 7 काबरकि तोर हित म मेंह अपमान सहत हंव, \q2 अऊ मोर मुहूं ह सरम के मारे ढंक गे हवय। \q1 \v 8 मेंह अपन खुद के परिवार बर परदेसी हो गे हवंव, \q2 अपन खुद के भाई-बहिनी बर अजनबी हो गे हवंव; \q1 \v 9 काबरकि तोर घर के धुन ह मोला खावत हे, \q2 अऊ जऊन मन तोर बेजत्ती करथें, ओमन के बेजत्ती ह मोर ऊपर आवत हे। \q1 \v 10 जब मेंह रोथंव अऊ उपास करथंव, \q2 त जरूरी ए कि मेंह अपमान सहंव; \q1 \v 11 जब मेंह बोरा के कपड़ा\f + \fr 69:11 \fr*\fq बोरा के कपड़ा \fq*\ft के मतलब \ft*\fqa सोक मनाय के कपड़ा\fqa*\f* पहिरथंव, \q2 त मनखेमन मोला हंसी के पात्र बना लेथें। \q1 \v 12 जऊन मन सहर के कपाट म बईठथें, ओमन मोर हंसी उड़ाथें, \q2 अऊ मेंह मतवारमन के गीत बन गे हवंव। \b \q1 \v 13 हे यहोवा, तोर अनुग्रह के बेरा म, \q2 मेंह तोर ले पराथना करत हंव; \q1 हे परमेसर, अपन बड़े मया के कारन, \q2 अपन निस्चित उद्धार के संग मोला जबाब दे। \q1 \v 14 मोला दलदली चीखला ले बचा ले, \q2 मोला ओमा झन बुड़न दे; \q1 जऊन मन मोर ले घिन करथें, ओमन ले मोला छोंड़ा, \q2 मोला गहिरा पानी ले बचा। \q1 \v 15 बाढ़ के पानी म मोला झन बुड़न दे \q2 या पानी के गहरई म मेंह झन चले जावंव \q2 या खंचवा म मेंह झन समा जावंव। \b \q1 \v 16 हे यहोवा, अपन मया के भलई के कारन मोला जबाब दे; \q2 अपन बड़े दया के कारन मोर कोति देख। \q1 \v 17 अपन सेवक ले मुहूं झन मोड़; \q2 मोला जल्दी करके जबाब दे, काबरकि मेंह संकट म हवंव। \q1 \v 18 मोर लकठा म आके मोला बचा ले; \q2 मोर बईरीमन के कारन मोला छोंड़ा ले। \b \q1 \v 19 तेंह जानत हस कि मोर कइसे अपमान करे जाथे, \q2 मोला तुछ समझे जाथे अऊ मोला लज्जित करे जाथे; \q2 मोर जम्मो बईरीमन तोर आघू म हवंय। \q1 \v 20 अपमान ह मोर हिरदय ला टोर दे हवय \q2 अऊ मेंह बेसहारा छोंड़ देय गे हवंव; \q1 मोला सहानुभूति के जरूरत हे, पर सहानुभूति देवइया कोनो नइं एं, \q2 मोला सांति देवइया के जरूरत हे, पर मोला कोनो नइं मिलिस। \q1 \v 21 ओमन मोर जेवन म पित्त मिला दीन \q2 अऊ मोर पीयास बुझाय बर मोला सिरका पीये बर दीन। \b \q1 \v 22 ओमन के जेवनार ह ओमन के बिनास के कारन बनय; \q2 ओमन के संगति करई ह ओमन के फंसे के जाल बन जावय। \q1 \v 23 ओमन के आंखी म अंधियार छा जावय, ताकि ओमन झन देख सकंय, \q2 अऊ ओमन के कनिहां ह हमेसा बर मुड़ जावय। \q1 \v 24 अपन कोप ला ओमन ऊपर ढार दे; \q2 तोर भयंकर कोरोध ओमन ऊपर पड़य। \q1 \v 25 ओमन के जगह ह खाली हो जावय; \q2 ओमन के डेरा म रहइया कोनो झन होवंय। \q1 \v 26 काबरकि ओमन ओ मनखेमन ला सताथें, जेमन ला तेंह घायल करथस \q2 अऊ जेमन ला तेंह चोट पहुंचाथस, ओमन के पीरा के बारे म गोठियाथें। \q1 \v 27 ओमन के ऊपर भारी दोस लगा; \q2 ओमन ला तोर उद्धार म भागी झन होवन दे। \q1 \v 28 ओमन के नांव जिनगी के किताब ले मिटा दिये जावंय \q2 अऊ ओमन के नांव धरमीमन के संग झन लिखे जावय। \b \q1 \v 29 पर जहां तक मोर बात ए, मेंह दुखित अऊ पीड़ित हंव— \q2 हे परमेसर, तोर उद्धार ह मोला बचावय। \b \q1 \v 30 मेंह गीत गाके परमेसर के नांव के परसंसा करहूं \q2 अऊ धनबाद के संग ओकर महिमा करहूं। \q1 \v 31 ये बात ले यहोवा ह बईला के बलिदान ले जादा, \q2 या सींग अऊ खुरवाले बईला के बलिदान ले जादा खुस होही। \q1 \v 32 गरीबमन देखहीं अऊ खुस होहीं— \q2 तुमन, जेमन कि परमेसर के खोज म रहिथव, तुम्हर मन ह तरो-ताजा रहय! \q1 \v 33 यहोवा ह जरूरतमंद के बात ला सुनथे \q2 अऊ अपन बंधुवा मनखेमन ला तुछ नइं समझे। \b \q1 \v 34 अकास अऊ धरती ओकर परसंसा करंय, \q2 समुंदर अऊ ओमा के जम्मो चलत-फिरत जीव घलो परसंसा करंय, \q1 \v 35 काबरकि परमेसर ह सियोन ला बचाही \q2 अऊ यहूदा के सहरमन ला फेर बनाही। \q1 मनखेमन उहां बस जाहीं अऊ ओला अधिकार म ले लीहीं; \q2 \v 36 ओकर सेवकमन के लइकामन ओला उत्तराधिकार म पाहीं, \q2 अऊ जऊन मन ओकर नांव ले मया रखथें, ओमन उहां निवास करहीं। \c 70 \cl भजन-संहिता 70\f + \fr 70 \fr*\ft इबरानी म \+xt 70:1‑5\+xt* ला 70:2‑6 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। दाऊद के एक बिनती। \q1 \v 1 हे परमेसर, जल्दी करके मोला बचा ले; \q2 हे यहोवा, मोर मदद करे बर जल्दी आ। \b \q1 \v 2 जऊन मन मोर परान लेय चाहथें \q2 ओमन लज्जित होवंय अऊ घबरावंय; \q1 ओ जम्मो, जऊन मन मोर बिनास के ईछा रखथें \q2 ओमन कलंकित होके पाछू हटंय। \q1 \v 3 जऊन मन मोला ये कहिथें, “अहा! अहा!” \q2 ओमन लज्जा के मारे वापिस जावंय। \q1 \v 4 पर ओ जम्मो, जऊन मन तोर खोज म रहिथें \q2 ओमन तोर कारन आनंद मनावंय अऊ खुस होवंय; \q1 जऊन मन तोर उद्धार के मदद चाहथें, ओमन हमेसा कहंय, \q2 “यहोवा महान ए!” \b \q1 \v 5 पर जहां तक मोर बात ए, मेंह गरीब अऊ जरूरतमंद अंव; \q2 हे परमेसर, मोर करा जल्दी आ। \q1 तेंह मोर मददगार अऊ मोर छुड़ानेवाला अस; \q2 हे यहोवा, देरी झन कर। \c 71 \cl भजन-संहिता 71 \q1 \v 1 हे यहोवा, मेंह तोर सरन म हंव; \q2 मोला कभू लज्जित झन होवन दे। \q1 \v 2 अपन धरमीपन म मोला बचा अऊ छोंड़ा; \q2 मोर कोति अपन कान लगा अऊ मोर उद्धार कर। \q1 \v 3 मोर सरन के चट्टान बन, \q2 जिहां में हमेसा जा सकंव; \q1 मोर उद्धार के हुकूम दे, \q2 काबरकि तेंह मोर चट्टान अऊ मोर गढ़ अस। \q1 \v 4 हे मोर परमेसर, दुस्टमन के हांथ ले मोला छोंड़ा ले, \q2 अऊ ओमन के पकड़ ले मोला छुटकारा दे, जऊन मन दुस्ट अऊ निरदयी अंय। \b \q1 \v 5 काबरकि हे परमपरधान यहोवा, तेंह मोर आसा अस, \q2 मोर लइकापन ले ही मेंह तोर ऊपर भरोसा रखे हंव। \q1 \v 6 जनम ले ही मेंह तोर ऊपर भरोसा रखे हंव; \q2 तेंह मोला मोर दाई के गरभ ले बाहिर लानय। \q2 मेंह हमेसा तोर परसंसा करहूं। \q1 \v 7 मेंह बहुंते जन बर एक उदाहरन बन गे हंव; \q2 तेंह मोर मजबूत सरन-स्थान अस। \q1 \v 8 मोर मुहूं ह तोर परसंसा करत नइं थकय, \q2 दिन भर तोर वैभव के गुनगान करत रहिथे। \b \q1 \v 9 जब मेंह डोकरा हो जाहूं, त मोला झन छोंड़बे; \q2 जब मेंह निरबल हो जाहूं, त मोला झन तियागबे। \q1 \v 10 काबरकि मोर बईरीमन मोर बिरूध गोठियाथें; \q2 जऊन मन मोला मार डारे चाहथें, ओमन एक संग सडयंत्र रचत हें। \q1 \v 11 ओमन कहिथें, “परमेसर ह ओला तियाग दे हवय; \q2 ओकर पीछा करव अऊ ओला पकड़ लव, \q2 काबरकि ओला कोनो नइं बचाही।” \q1 \v 12 हे मोर परमेसर, मोर ले दूरिहा झन रह; \q2 हे परमेसर, मोर मदद करे बर जल्दी आ। \q1 \v 13 मोर ऊपर दोस लगइयामन सरम के मारे नास हो जावंय; \q2 जऊन मन मोर हानि करे चाहथें, \q2 ओमन अपमान अऊ कलंक ले भर जावंय। \b \q1 \v 14 जहां तक मोर बात ए, मेंह हमेसा आसा रखहूं; \q2 मेंह तोर परसंसा जादा अऊ जादा करहूं। \b \q1 \v 15 मेंह अपन मुहूं ले तोर धरमी काम, \q2 अऊ तोर उद्धार के काम के बखान दिन भर करत रहिहूं— \q2 हालाकि मेंह नइं जानंव कि ये जम्मो म कइसे संबंध जोड़े जावय। \q1 \v 16 हे परमपरधान यहोवा, मेंह आके तोर बड़े काममन के घोसना करहूं; \q2 मेंह तोर धरमी काम, सिरिप तोरेच धरमी काम के घोसना करहूं। \q1 \v 17 हे परमेसर, तेंह मोला मोर लइकापन ले सिखोवत आय हस, \q2 अऊ आज तक मेंह तोर अद्भूत काम के घोसना करत हंव। \q1 \v 18 जब मेंह डोकरा हो जावंव अऊ मोर बालमन पक जावंय, \q2 तब भी, हे मोर परमेसर, मोला झन छोंड़बे, \q1 जब तक कि तोर सामर्थ के घोसना अवइया पीढ़ी \q2 अऊ तोर बड़े काम के घोसना ओ जम्मो झन ला नइं कर दंव, जऊन मन अवइया हें। \b \q1 \v 19 हे परमेसर, तोर धरमीपन ह अकास तक हबरत हे, \q2 तें, जऊन ह कि बड़े-बड़े काम करे हस। \q2 हे परमेसर, तोर सहीं कोन हे? \q1 \v 20 हालाकि तेंह मोला बहुंत संकट \q2 अऊ करू चीजमन ला देखाय हस, \q2 पर तेंह मोर जिनगी ला फेर पहिले सहीं कर देबे; \q1 धरती के गहरई ले \q2 तेंह मोला फेर ऊपर ले आबे। \q1 \v 21 तेंह मोर आदरमान ला बढ़ाबे \q2 अऊ एक बार फेर मोला अराम देबे। \b \q1 \v 22 हे मोर परमेसर, मेंह तोर बिसवासयोग्यता बर \q2 बीना बजाके तोर परसंसा के गीत गाहूं; \q1 हे इसरायल के पबितर परमेसर, \q2 मेंह बीना बजाके तोर परसंसा के गीत गाहूं। \q1 \v 23 मोर मुहूं ह आनंद के मारे चिचियाही \q2 जब मेंह तोर परसंसा के गीत गाहूं— \q2 में, जऊन ला कि तेंह छोंड़ाय हस। \q1 \v 24 मेंह दिन भर \q2 तोर धरमी काम के बखान करहूं, \q1 काबरकि जऊन मन मोर हानि करे चाहत रिहिन \q2 ओमन लज्जा अऊ घबराहट म पड़े हवंय। \c 72 \cl भजन-संहिता 72 \d सुलेमान के गीत। \q1 \v 1 हे परमेसर, राजा ला नियाय के बात बता, \q2 राजा के बेटा ला अपन धरमीपन दे। \q1 \v 2 ओह तोर मनखेमन के नियाय धरमीपन ले \q2 अऊ दुख म परे तोर मनखेमन के नियाय सही-सही करे। \b \q1 \v 3 पहाड़मन ले मनखेमन के उन्नति होवय, \q2 अऊ पहाड़ीमन ले धरमीपन के फर मिलय। \q1 \v 4 मनखेमन के बीच दुखियारीमन के ओह बचाव करे \q2 अऊ जरूरतमंद मनखेमन के लइकामन ला बचावय; \q2 सतानेवालामन ला ओह कुचर दे। \q1 \v 5 जब तक सूरज अऊ चंदा हवंय, \q2 पीढ़ी-पीढ़ी तक ओह बने रहय\f + \fr 72:5 \fr*\ft सेप्टाजिन्ट; इबरानी म \ft*\fqa तोर भय माने जावय\fqa*\f*। \q1 \v 6 ओह कांदी कटे भुइयां म बारिस के होवई, \q2 अऊ धरती म पानी के फुहार पड़े सहीं होवय। \q1 \v 7 ओकर समय म धरमीमन उन्नति करंय \q2 अऊ चंदा के रहत तक बहुंतायत ले उन्नति होवय। \b \q1 \v 8 ओह समुंदर ले समुंदर तक \q2 अऊ फरात नदी ले लेके धरती के छोर तक राज करे। \q1 \v 9 मरू-भुइयां के जन-जाति के मनखेमन ओकर आघू म माड़ी टेकंय \q2 अऊ ओकर बईरीमन धुर्रा चाटंय। \q1 \v 10 तरसीस अऊ दूरिहा समुंदर तीर के राजामन \q2 ओकर बर भेंट लेके आवंय। \q1 सेबा अऊ सबा के राजामन \q2 ओला उपहार देवंय। \q1 \v 11 जम्मो राजामन ओला दंडवत करंय \q2 अऊ जम्मो जाति के मनखेमन ओकर सेवा करंय। \b \q1 \v 12 काबरकि ओ जरूरतमंद, जऊन मन ओला पुकारथें, \q2 अऊ ओ पीरा म परे मनखे, जऊन मन के मदद करइया कोनो नइं एं, ओमन ला ओह छोंड़ाही। \q1 \v 13 ओह दुरबल अऊ जरूरतमंद ऊपर दया करही \q2 अऊ जरूरतमंद ला मिरतू ले बचाही। \q1 \v 14 ओह ओमन ला अतियाचार अऊ हिंसा ले बचाही, \q2 काबरकि ओकर नजर म ओमन के खून\f + \fr 72:14 \fr*\ft या \ft*\fqa जिनगी\fqa*\f* ह कीमती अय। \b \q1 \v 15 ओकर लम्बा उमर होवय! \q2 सेबा के सोन ओला दिये जावय। \q1 मनखेमन ओकर बर हमेसा पराथना करंय \q2 अऊ दिन भर ओला आसीस देवत रहंय। \q1 \v 16 पूरा देस म बहुंतायत से अनाज उपजे; \q2 पहाड़ीमन के चोटी म येह लहलहावय। \q1 लबानोन के सहीं फसल म उन्नति होवय \q2 अऊ भुइयां के कांदी सहीं बढ़य। \q1 \v 17 ओकर नांव ह सदाकाल तक बने रहय; \q2 जब तक सूरज हवय, तब तक येह बने रहय। \b \q1 तब जम्मो जाति के मनखेमन ओकर जरिये आसीस पाहीं,\f + \fr 72:17 \fr*\ft या \ft*\fqa आसीस पाय म ओकर नांव लीहीं \fqa*\ft (देखव \+xt उत 48:20\+xt*)\ft*\f* \q2 अऊ ओमन ओला धइन कहिहीं। \b \b \q1 \v 18 यहोवा परमेसर, इसरायल के परमेसर के परसंसा होवय, \q2 सिरिप ओहीच ह अद्भूत काम करथे। \q1 \v 19 ओकर महिमामय नांव के सदाकाल तक परसंसा होवय; \q2 जम्मो धरती ह ओकर महिमा ले भर जावय। \qc आमीन अऊ आमीन। \b \b \q1 \v 20 यिसै के बेटा दाऊद के पराथना इहां खतम होथे। \c 73 \ms किताब III \mr भजन-संहिता 73–89 \cl भजन-संहिता 73 \d आसाप के एक भजन। \q1 \v 1 सही म परमेसर ह इसरायल बर, \q2 याने कि ओमन बर बने अय, जेमन के मन साफ हवय। \b \q1 \v 2 पर जहां तक मोर बात ए, मोर गोड़ ह लगभग फिसल गे रिहिस; \q2 मेंह गिरनेचवाला रहेंव। \q1 \v 3 मेंह घमंडी मनखे ले डाह करेंव \q2 जब मेंह दुस्टमन के उन्नति ला देखेंव। \b \q1 \v 4 ओमन करा कोनो समस्या नइं ए; \q2 ओमन के सरीर ह स्वस्थ अऊ मजबूत हे। \q1 \v 5 ओमन के ऊपर समान्य मनखे सहीं बोझ नइं ए; \q2 ओमन ला मनखेमन के बेमारी नइं होवय। \q1 \v 6 एकर कारन घमंड ह ओमन के गला के हार ए; \q2 हिंसा ह ओमन के कपड़ा सहीं अय। \q1 \v 7 ओमन के कठोर हिरदय ले दुस्ट काम निकलथे\f + \fr 73:7 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa ओमन के आंखी ह चरबी ले फूले रहिथे\fqa*\f*; \q2 ओमन के दुस्ट कल्पना के कोनो सीमना नइं ए। \q1 \v 8 ओमन ठट्ठा करथें, अऊ बुरई करे के बात करथें; \q2 घमंड करके ओमन अतियाचार करे के धमकी देथें। \q1 \v 9 ओमन बड़े डींग मारथें, \q2 अऊ ओमन धरती ला अधिकार म लेय के बात करथें। \q1 \v 10 एकरसेति ओमन के मनखेमन ओमन करा लहुंट आथें \q2 अऊ बहुंत पानी पीथें। \q1 \v 11 ओमन कहिथें, “परमेसर ह कइसे जानही? \q2 का सर्वोच्च परमेसर ह कुछू जानथे?” \b \q1 \v 12 दुस्ट मनखेमन अइसने अंय— \q2 ओमन हमेसा बेपरवाह रहिथें, ओमन धन इकट्ठा करे म लगे रहिथें। \b \q1 \v 13 ये बात सही ए कि मेंह बेकार म अपन हिरदय ला सुध \q2 अऊ अपन हांथमन ला निरदोस बनाय रखेंव। \q1 \v 14 दिन भर मेंह दुख सहत रहेंव, \q2 अऊ हर दिन मोला नवां दंड मिलथे। \b \q1 \v 15 कहूं मेंह वइसने कहे होतेंव, \q2 त मेंह तोर लइकामन ला धोखा दे होतेंव। \q1 \v 16 जब मेंह ये जम्मो बात ला समझे के कोसिस करेंव, \q2 त येह मोला बहुंत परेसान करिस \q1 \v 17 जब तक कि मेंह परमेसर के पबितर-स्थान म नइं चले गेंव; \q2 तब मेंह ओमन के आखिरी परिनाम ला समझेंव। \b \q1 \v 18 खचित तेंह ओमन ला फिसलनेवाला जगह म रखथस; \q2 तेंह ओमन ला गिराके नास कर देथस। \q1 \v 19 कइसे अचानक ओमन नास हो जाथें, \q2 आतंक ले पूरा खतम हो जाथें! \q1 \v 20 ओमन जागत मनखे के एक सपना देखे सहीं अंय; \q2 हे परभू, जब तेंह उठबे, \q2 त कल्पना के बात सहीं तेंह ओमन ला तुछ समझबे। \b \q1 \v 21 जब मोर हिरदय ह दुखित रिहिस \q2 अऊ मोर आतमा ह करू हो गे रिहिस, \q1 \v 22 त मेंह निरबुद्धि अऊ अगियानी रहेंव; \q2 मेंह तोर आघू म एक जंगली पसु रहेंव। \b \q1 \v 23 तभो ले मेंह हमेसा तोर संग हंव; \q2 तेंह मोर जेवनी हांथ ला धरके मोला थामे रहिथस। \q1 \v 24 तेंह अपन सलाह देके मोर अगुवई करथस, \q2 अऊ ओकर बाद तेंह मोला महिमा म अपन करा ले लेबे। \q1 \v 25 स्वरग म तोर छोंड़ मोर अऊ कोन हवय? \q2 अऊ धरती म तोर अलावा मेंह अऊ काकरो ईछा नइं करंव। \q1 \v 26 मोर मांस अऊ मोर हिरदय असफल हो सकथें, \q2 पर परमेसर ह हमेसा बर \q2 मोर हिरदय के बल अऊ मोर भाग ए। \b \q1 \v 27 जऊन मन तोर ले दूरिहा हवंय, ओमन नास हो जाहीं; \q2 तेंह ओ जम्मो झन ला नास कर देथस, जऊन मन तोर बर ईमानदार नइं एं। \q1 \v 28 पर जहां तक मोर बात ए, परमेसर के लकठा म रहई बने बात ए। \q2 मेंह परमपरधान यहोवा ला अपन सरन-स्थान बनाय हंव; \q2 मेंह तोर जम्मो काम के बखान करहूं। \c 74 \cl भजन-संहिता 74 \d आसाप के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 74:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 हे परमेसर, तेंह काबर हमन ला हमेसा बर छोंड़ दे हस? \q2 तोर गुस्सा ह तोर चरागन के भेड़मन के बिरूध काबर सुलगत हे? \q1 \v 2 ओ जाति के मनखेमन ला सुरता कर, जेमन ला तेंह बहुंत पहिले बिसाय रहय, \q2 तोर निज भाग के ओ मनखेमन, जेमन ला तेंह छोंड़ाय रहय— \q2 सियोन पहाड़, जिहां तेंह निवास करय, ओ जम्मो ला सुरता कर। \q1 \v 3 अपन कदम ला ये अनंतकाल के बिनास के तरफ कर, \q2 ये जम्मो बिनास, जेला बईरी ह पबितर-स्थान ऊपर लाने हवय। \b \q1 \v 4 तोर बिरोधीमन ओ जगह म गरजत हें, जिहां तेंह हमर ले मुलाकात करे रहय; \q2 ओमन चिनहां के रूप म अपन झंडा गाड़े हवंय। \q1 \v 5 ओमन अइसने बरताव करिन, जइसने मनखेमन घोर जंगल म \q2 कुसलता से रूखमन ला टंगिया ले काटथें। \q1 \v 6 ओमन अपन टांगा अऊ टंगिया ले \q2 नक्कासी करे गे लकड़ी ला चूर-चूर कर दीन। \q1 \v 7 ओमन तोर पबितर-स्थान ला जलाके धुर्रा म मिला दीन; \q2 जिहां तोर अराधना होथे, ओ जगह ला ओमन असुध कर दीन। \q1 \v 8 ओमन अपन मन म कहिन, “हमन ओमन ला पूरा कुचर देबो!” \q2 ओमन ओ हर एक जगह ला जला दीन, जिहां देस म परमेसर के अराधना होवत रिहिस। \b \q1 \v 9 हमन ला परमेसर ले कोनो चिनहां नइं दिये जावत हे; \q2 कोनो अगमजानी नइं बचे हें, \q2 अऊ हमर म ले कोनो नइं जानय कि अइसने कब तक रहिही। \q1 \v 10 हे परमेसर, कब तक बईरी ह तोर ठट्ठा करत रहिही? \q2 का बईरी ह हमेसा तोर नांव के निन्दा करत रहिही? \q1 \v 11 काबर तेंह अपन हांथ ला रोके रहिथस, अपन जेवनी हांथ ला? \q2 ओला अपन कपड़ा ले बाहिर निकालके बईरीमन के नास कर दे! \b \q1 \v 12 पर परमेसर ह बहुंत पहिले से मोर राजा ए; \q2 ओह धरती ऊपर उद्धार के काम करथे। \b \q1 \v 13 येह तें रहय, जऊन ह अपन सक्ति ले समुंदर ला दू भाग कर देय; \q2 तेंह पानी म बिकराल जन्तु के मुड़ ला फोर डारय। \q1 \v 14 येह तें रहय, जऊन ह लिबयातान\f + \fr 74:14 \fr*\fq लिबयातान \fq*\ft समुंदर के एक \ft*\fqa बड़े जीव\fqa*\f* के मुड़ ला कुचरके \q2 ओला जंगली पसुमन ला खाय बर देय दे। \q1 \v 15 येह तें रहय, जऊन ह सोता अऊ झरनामन ला खोलके पानी के धारा बहाय; \q2 तेंह नदी म हमेसा बहत पानी ला सूखा दे। \q1 \v 16 दिन ह तोर ए, अऊ रथिया ह घलो तोर ए; \q2 तेंह सूरज अऊ चंदा ला स्थापित करय। \q1 \v 17 येह तें रहय, जऊन ह धरती के जम्मो सीमना ला बांधय; \q2 धूपकाल अऊ जड़काला ला तेंह ठहिराय। \b \q1 \v 18 हे यहोवा, सुरता कर कि बईरी ह कइसे तोर ठट्ठा करे हवय, \q2 मुरूख मनखेमन कइसे तोर नांव के निन्दा करे हवंय। \q1 \v 19 अपन पंड़की के जिनगी ला जंगली पसुमन के हांथ म झन सऊंप दे; \q2 दुख म पड़े तोर मनखेमन के जिनगी ला हमेसा बर झन भुला दे। \q1 \v 20 अपन करे गय करार के लाज ला रख, \q2 काबरकि देस के अंधियार जगहमन म बहुंत हिंसा होवत हे। \q1 \v 21 अतियाचार सहनेवाला मनखे ला लज्जा म झन पड़न दे; \q2 गरीब अऊ जरूरतमंद मनखेमन तोर नांव के परसंसा करंय। \q1 \v 22 हे परमेसर, उठ अऊ अपन मामला के बचाव कर; \q2 सुरता कर कि मुरूखमन दिन भर कइसे तोर ठट्ठा करथें। \q1 \v 23 अपन बिरोधीमन के चिचियाई ला अनदेखा झन कर, \q2 तोर बईरीमन के कोलाहल, जऊन ह लगातार बढ़त जावत हे। \c 75 \cl भजन-संहिता 75\f + \fr 75 \fr*\ft इबरानी म \+xt 75:1‑10\+xt* ला 75:2‑11 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। “नास झन कर” के धुन म आसाप के एक भजन। एक गीत। \q1 \v 1 हे परमेसर, हमन तोर परसंसा करथन, \q2 हमन तोर परसंसा करथन, काबरकि तोर नांव ह लकठा म हवय; \q2 मनखेमन तोर अद्भूत काम के बखान करथें। \b \q1 \v 2 तेंह कहिथस, “ठहिराय गय समय ला मेंह तय करथंव; \q2 बिगर पखियपात के मेंहीच ह नियाय करथंव। \q1 \v 3 जब धरती अऊ येकर जम्मो मनखेमन कांपथें, \q2 त मेंहीच येकर खंभामन ला मजबूती से थामे रहिथंव। \q1 \v 4 घमंडी ला मेंह कहिथंव, ‘अऊ घमंड झन कर,’ \q2 अऊ दुस्टमन ला कहिथंव, ‘अपन सींग\f + \fr 75:4 \fr*\fq सींग \fq*\ft इहां सक्ति के प्रतीक ए; \+xt पद 5|link-href="PSA 75:5"\+xt* अऊ \+xt 10|link-href="PSA 75:10"\+xt*म घलो\ft*\f* ला ऊंच झन करव। \q1 \v 5 स्वरग के बिरूध अपन सींग झन उठावव; \q2 बहुंत ढिठई के बात झन करव।’ ” \b \q1 \v 6 पूरब या पछिम ले या निरजन प्रदेस ले \q2 कोनो भी मनखे अपनआप ला ऊपर नइं उठा सकय। \q1 \v 7 येह परमेसर ए, जऊन ह नियाय करथे: \q2 ओह एक झन ला खाल्हे गिरा देथे, त दूसर झन ला ऊपर उठाथे। \q1 \v 8 यहोवा के हांथ म एक कटोरा हवय \q2 जऊन ह मसाला मिले झागवाला अंगूर के मंद ले भरे हवय; \q1 ओह येला ढारथे, अऊ धरती के जम्मो दुस्टमन \q2 कटोरा के खाली होवत तक येला पीथें। \b \q1 \v 9 जहां तक मोर बात ए, मेंह हमेसा येकर घोसना करहूं; \q2 मेंह याकूब के परमेसर के परसंसा के गीत गाहूं, \q1 \v 10 जऊन ह कहिथे, “मेंह जम्मो दुस्टमन के सींग ला काट डारहूं, \q2 पर धरमीमन के सींग ला ऊपर करे जाही।” \c 76 \cl भजन-संहिता 76\f + \fr 76 \fr*\ft इबरानी म \+xt 76:1‑12\+xt* ला 76:2‑13 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। तारवाले बाजामन के संग आसाप के एक भजन। एक गीत। \q1 \v 1 यहूदा म परमेसर ह प्रसिद्ध हे; \q2 इसरायल म ओकर नांव ह महान ए। \q1 \v 2 सालेम\f + \fr 76:2 \fr*\ft या \ft*\fqa यरूसलेम\fqa*\f* म ओकर डेरा हवय, \q2 अऊ सियोन म ओकर निवास स्थान। \q1 \v 3 उहां ओह चमचमात तीर, ढाल अऊ तलवार, \q2 याने कि लड़ई के हथियारमन ला टोर दीस।\f + \fr 76:3 \fr*\ft इहां अऊ \+xt पद 9|link-href="PSA 76:9"\+xt* के आखिरी म इबरानी म सेला हवय, जेकर सही मतलब मालूम नइं ए\ft*\f* \b \q1 \v 4 तेंह अंजोर ले चमकत हस, \q2 सिकार ले भरे पहाड़मन ले जादा सानदार अस। \q1 \v 5 हिम्मती मनखेमन लूट लिये गीन, \q2 ओमन अपन मिरतू के नींद म हवंय; \q1 योद्धामन ले एको झन घलो \q2 अपन हांथ नइं चला सकंय। \q1 \v 6 हे याकूब के परमेसर, तोर डांट के कारन, \q2 घोड़ा अऊ रथ दूनों खड़े हवंय। \b \q1 \v 7 येह सिरिप तेंहीच अस, जेकर भय माने जावय। \q2 जब तेंह गुस्सा करथस, त तोर आघू म कोन ह ठाढ़ हो सकथे? \q1 \v 8 स्वरग ले तेंह नियाय के घोसना करय, \q2 अऊ देस के मनखेमन डरके चुप हो गीन— \q1 \v 9 हे परमेसर, जब तेंह देस के दुख म परे जम्मो मनखेमन के \q2 नियाय करे बर अऊ ओमन ला बचाय बर उठय। \q1 \v 10 खचित मानव-जाति के बिरूध तोर कोप ह तोर परसंसा के कारन बनथे, \q2 अऊ तोर कोप ले बचे मनखेमन काबू म रहिथें। \b \q1 \v 11 यहोवा अपन परमेसर बर मन्नत मानव अऊ ओला पूरा करव; \q2 आसपास के जम्मो देस के मनखेमन परमेसर करा भेंट लेके आवंय \q2 जऊन ह भय माने के योग्य अय। \q1 \v 12 ओह सासन करइयामन के उत्साह ला टोर देथे; \q2 धरती के राजामन ओकर भय मानथें। \c 77 \cl भजन-संहिता 77\f + \fr 77 \fr*\ft इबरानी म \+xt 77:1‑20\+xt* ला 77:2‑21 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। यदूतून के राग म आसाप के एक भजन। \q1 \v 1 मेंह मदद बर परमेसर ला पुकारेंव; \q2 मोर बात ला सुने बर मेंह परमेसर ले गोहार पारेंव। \q1 \v 2 जब मेंह तकलीफ म रहेंव, त मेंह परभू ला खोजेंव; \q2 रथिया बिगर थके हांथ ला बढ़ांय, \q2 अऊ मोला सांति नइं मिलिस। \b \q1 \v 3 हे परमेसर, मेंह तोला सुरता करेंव अऊ कलहरेंव; \q2 मेंह चिंतन-मनन करेंव, अऊ मोर आतमा ह दुरबल हो गीस। \q1 \v 4 तेंह मोर आंखी ला बंद होवन नइं दे; \q2 मोला गोठियाय म बहुंत तकलीफ होवत रिहिस। \q1 \v 5 मेंह तइहा जमाना के बारे म सोचेंव, \q2 बहुंत साल पहिले के बारे म; \q1 \v 6 मेंह रथिया अपन गीतमन ला सुरता करेंव। \q2 मोर मन ह चिंतन-मनन करिस अऊ मोर आतमा ह पुछिस: \b \q1 \v 7 “का परभू ह हमेसा बर तियाग दीही? \q2 का ओह फेर कभू दया नइं देखाही? \q1 \v 8 का ओकर अटूट मया ह हमेसा बर खतम हो गीस? \q2 का ओकर परतिगियां ह हमेसा बर खतम हो गीस? \q1 \v 9 का परमेसर ह दयालु होय के बात ला भुला गे हवय? \q2 का ओह गुस्सा होके अपन करूना ला रोक ले हवय?” \b \q1 \v 10 तब मेंह सोचेंव, “मेंह ये अपील करहूं: \q2 ओ सालमन म जब सर्वोच्च परमेसर ह अपन जेवनी हांथ ला बढ़ाईस। \q1 \v 11 मेंह यहोवा के काम ला सुरता करहूं; \q2 हव, मेंह बहुंत पहिले के तोर चमतकार के काममन ला सुरता करहूं। \q1 \v 12 मेंह तोर जम्मो काम ऊपर बिचार करहूं \q2 अऊ तोर जम्मो बड़े काम ऊपर चिंतन-मनन करहूं।” \b \q1 \v 13 हे परमेसर, तोर रसता ह पबितर ए। \q2 कोन देवता ह हमर परमेसर के सहीं महान ए? \q1 \v 14 तेंह ओ परमेसर अस, जऊन ह चमतकार करथे; \q2 तेंह मनखेमन के बीच म अपन सामर्थ देखाथस। \q1 \v 15 अपन सक्तिसाली हांथ ले तेंह अपन मनखे, \q2 याकूब अऊ यूसुफ के संतानमन ला छोंड़ाय। \b \q1 \v 16 हे परमेसर, समुंदर ह तोला देखिस, \q2 समुंदर ह तोला देखके छटपटाय लगिस; \q2 समुंदर के गहरई तक उथल-पुथल हो गीस। \q1 \v 17 बादर ले बारिस होय लगिस, \q2 अकास म गरजन होय लगिस; \q2 तोर तीरमन आघू-पाछू चले लगिन। \q1 \v 18 तोर गरजन ह बवंडर म सुनई दीस, \q2 तोर बिजली ह संसार ला अंजोर कर दीस; \q2 धरती ह थरथराय अऊ कांपे लगिस। \q1 \v 19 तोर रसता ह समुंदर म ले होके गीस, \q2 तोर डहार ह गहिरा पानी म ले होके गीस, \q2 हालाकि तोर गोड़ के चिनहांमन नइं दिखिन। \b \q1 \v 20 तेंह मूसा अऊ हारून के दुवारा \q2 अपन मनखेमन के अगुवई एक झुंड के रूप करे। \c 78 \cl भजन-संहिता 78 \d आसाप के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 78:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद।\fl*\f*। \q1 \v 1 हे मोर मनखेमन, मोर सिकछा ऊपर धियान देवव; \q2 मोर मुहूं के बात ला सुनव। \q1 \v 2 मेंह अपन बात एक पटंतर म करहूं; \q2 मेंह गुपत बात, पुराना जमाना के बात बताहूं— \q1 \v 3 ओ बात जेला हमन सुने हन अऊ जान ले हन, \q2 ओ बात जेला हमर पुरखामन हमन ला बताय हवंय। \q1 \v 4 यहोवा के परसंसा के काम, \q2 ओकर सामर्थ, अऊ ओकर करे गे अद्भूत काममन ला \q1 हमन ओमन के संतानमन ले नइं छुपावन; \q2 हमन अवइया पीढ़ी के मनखेमन ला बताबो। \q1 \v 5 ओह याकूब बर बिधिमन ला ठहिराईस \q2 अऊ इसरायल म कानून स्थापित करिस, \q1 जेकर बारे म ओह हमर पुरखामन ला हुकूम दीस \q2 कि ओमन अपन लइकामन ला ओकर सिकछा देवंय, \q1 \v 6 ताकि अवइया पीढ़ी के मनखेमन ओला जानंय, \q2 अऊ त अऊ ओ लइकामन घलो जेमन जनम लेवइया हें, \q2 अऊ बाद म ओमन अपन लइकामन ला सिखोवंय। \q1 \v 7 तब ओमन परमेसर ऊपर अपन भरोसा रखहीं \q2 अऊ ओमन ओकर काममन ला नइं भूलहीं \q2 पर ओकर हुकूममन ला मानहीं। \q1 \v 8 ओमन अपन पुरखामन सहीं नइं होहीं— \q2 जेमन हठीला अऊ बिदरोही रिहिन, \q1 जेमन के मन म परमेसर के प्रति भक्ति नइं रिहिस, \q2 जेमन के आतमा ह परमेसर बर बिसवासयोग्य नइं रिहिस। \b \q1 \v 9 एपरैम के मनखेमन हालाकि धनुस धरे रिहिन, \q2 पर लड़ई के दिन ओमन वापिस भाग गीन; \q1 \v 10 ओमन परमेसर के करार ला नइं मानिन \q2 अऊ ओकर कानून के मुताबिक चले बर इनकार करिन। \q1 \v 11 ओमन भुला गीन कि परमेसर ह ओमन बर का करे रिहिस, \q2 ओ अद्भूत काम, जेला ओह ओमन ला देखाय रिहिस। \q1 \v 12 ओह ओमन के पुरखामन के आघू म मिसर देस के \q2 सोअन के इलाका म चमतकार के काम करे रिहिस। \q1 \v 13 ओह समुंदर ला दू भाग करके ओमन ला उहां ले निकाले रिहिस; \q2 ओह पानी ला दीवार सहीं खड़े करवा दे रिहिस। \q1 \v 14 ओह दिन के समय बादर के दुवारा \q2 अऊ रात भर आगी के अंजोर के दुवारा ओमन के अगुवई करय। \q1 \v 15 ओह उजाड़ जगह म पथरामन ला फोरके \q2 ओमन ला समुंदर के सहीं बहुंतायत से पानी दीस; \q1 \v 16 ओह उबड़-खाबड़ चट्टान म ले पानी के धारा निकालिस \q2 अऊ पानी ला नदी के सहीं बहाईस। \b \q1 \v 17 पर ओमन निरजन जगह म सर्वोच्च परमेसर के बिरूध बिदरोह करत \q2 लगातार पाप करते रिहिन। \q1 \v 18 ओमन लालायित होके जेवन मांगे के दुवारा \q2 जानबूझके परमेसर ला परखिन। \q1 \v 19 ओमन परमेसर के बिरूध गोठियाईन; \q2 ओमन कहिन, “का परमेसर ह सही म \q2 निरजन जगह म हमन ला जेवन दे सकथे? \q1 \v 20 सही म, ओह चट्टान ला मारिस, \q2 अऊ उहां ले पानी के तेज धारा फूट निकलिस, \q2 अऊ पानी के धारा ह बहुंतायत ले बहे लगिस, \q1 पर का ओह हमन ला रोटी घलो दे सकथे? \q2 का ओह अपन मनखेमन ला मांस के पूरती कर सकथे?” \q1 \v 21 जब यहोवा ह ओमन के बात ला सुनिस, त ओह बहुंत नराज होईस; \q2 याकूब के बिरूध ओकर आगी ह भड़किस, \q2 अऊ इसरायल के बिरूध ओकर कोप ह भड़किस, \q1 \v 22 काबरकि ओमन परमेसर ऊपर बिसवास नइं करिन, \q2 अऊ न ही ओकर छुटकारा देय के ऊपर भरोसा रखिन। \q1 \v 23 तभो ले ओह ऊपर अकास ला हुकूम दीस \q2 अऊ स्वरग के कपाटमन ला खोल दीस; \q1 \v 24 ओह मनखेमन के खाय बर मन्ना के बारिस करिस, \q2 ओह ओमन ला स्वरग के अनाज दीस। \q1 \v 25 मनखेमन स्वरगदूतमन के रोटी खावत रिहिन; \q2 ओह ओमन ला भरपेट जेवन दीस। \q1 \v 26 ओह अकास ले पूरबी हवा चलाईस \q2 अऊ अपन सामर्थ ले दक्खिनी हवा चलाईस। \q1 \v 27 ओह ओमन बर धुर्रा के सहीं मांस के बारिस करिस, \q2 समुंदर के बालू सहीं चिरईमन ला पठोईस। \q1 \v 28 ओह ओ चिरईमन ला ओमन के तम्बू के चारों कोति \q2 ओमन के डेरा के भीतर लानिस। \q1 \v 29 ओमन गला के आवत तक खाईन— \q2 परमेसर ह ओमन ला ओ दीस, जेकर ओमन लालसा करिन। \q1 \v 30 पर येकर पहिले कि ओमन अपन लालसा करे चीज ले फिरतिन, \q2 अऊ त अऊ जेवन ह ओमन के मुहूं म ही रिहिस, \q1 \v 31 कि परमेसर के कोरोध ह ओमन के बिरूध भड़किस; \q2 ओह इसरायल के जवानमन ला काटके गिरावत \q2 ओमन के बीच के हट्टा-कट्टा मनखेमन ला मार डारिस। \b \q1 \v 32 अतेक होय के बाद घलो ओमन पाप करते रिहिन; \q2 ओकर अद्भूत काममन ला देखे के बाद घलो ओमन बिसवास नइं करिन। \q1 \v 33 एकरसेति ओह ओमन के जिनगी के दिनमन ला बेकार म \q2 अऊ ओमन के सालमन ला आतंक म खतम कर दीस। \q1 \v 34 जब भी परमेसर ह ओमन के हतिया करय, ओमन ओकर खोज करंय; \q2 ओमन उतावला होके ओकर कोति फेर लहुंटंय। \q1 \v 35 ओमन सुरता करंय कि परमेसर ह ओमन के चट्टान ए, \q2 ओमन सुरता करंय कि सर्वोच्च परमेसर ह ओमन के छुड़इया ए। \q1 \v 36 पर तब ओमन अपन मुहूं ले ओकर चापलूसी करंय, \q2 अऊ ओकर ले लबारी मारंय; \q1 \v 37 ओमन के मन ह ओकर बर ईमानदार नइं रिहिस, \q2 ओमन ओकर करार के प्रति बिसवासयोग्य नइं रिहिन। \q1 \v 38 तभो ले ओह ओमन ऊपर दया करिस; \q2 ओह ओमन के अपराध ला छेमा करिस \q2 अऊ ओमन ला नास नइं करिस। \q1 बार-बार ओह अपन गुस्सा ला रोकिस \q2 अऊ अपन कोप ला पूरा नइं भड़काईस। \q1 \v 39 ओह सुरता रखिस कि ओमन सिरिप हाड़-मांस के मनखे अंय, \q2 एक बहत हवा सहीं अंय, जऊन ह लहुंटके नइं आवय। \b \q1 \v 40 निरजन जगह म ओमन ओकर बिरूध कतेक बार ले बिदरोह करिन \q2 अऊ उजाड़ जगह म ओला दुखी करिन! \q1 \v 41 बार-बार ओमन परमेसर ला परखिन; \q2 ओमन इसरायल के पबितर परमेसर ला चिढ़ दिलाईन। \q1 \v 42 ओमन ओकर सामर्थ ला सुरता नइं करिन— \q2 ओ दिन जब ओह ओमन ला अतियाचारी ले छोंड़ाय रिहिस, \q1 \v 43 ओ दिन जब ओह मिसर देस म अपन चिनहां, \q2 सोअन के इलाका म अपन अद्भूत काम देखाईस। \q1 \v 44 ओह मिसरीमन के नदी के पानी ला खून म बदल दीस; \q2 ओमन अपन पानी के सोता ले पानी नइं पी सकिन। \q1 \v 45 ओह ओमन ऊपर मधुमक्खीमन के झुंड पठोईस, जेमन ओमन ला खा गीन, \q2 अऊ मेचकामन ला पठोईस, जेमन ओमन ला बरबाद कर दीन। \q1 \v 46 ओह ओमन के फसल ला कीरामन ला, \q2 अऊ ओमन के ऊपज ला फांफामन ला दे दीस। \q1 \v 47 ओह ओमन के अंगूर के नारमन ला करा गिराके \q2 अऊ ओमन के डूमर रूखमन ला बरफ के संग पानी गिराके नास कर दीस। \q1 \v 48 ओह ओमन के पालतू पसुमन ला करा गिराके, \q2 अऊ पसु-धन ला बिजली गिराके नास कर दीस। \q1 \v 49 ओह ओमन के बिरूध अपन भारी गुस्सा, \q2 अपन कोप, कोरोध अऊ बईरता देखाईस— \q2 येमन नास करइया स्वरगदूतमन के एक दल रिहिन। \q1 \v 50 ओह अपन कोरोध बर एक रसता तियार करिस; \q2 ओह ओमन ला मिरतू ले नइं बचाईस \q2 पर ओमन ला महामारी के बस म कर दीस। \q1 \v 51 ओह मिसर देस के जम्मो पहिलांतमन ला मार डारिस, \q2 जेमन हाम\f + \fr 78:51 \fr*\ft हाम ह नूह के एक बेटा रिहिस, जेला मिसरीमन के पुरखा के रूप म जाने जाथे (\+xt उत 10:6\+xt*)\ft*\f* के डेरामन म मरदानगी के पहिला फर रिहिन। \q1 \v 52 पर ओह अपन मनखेमन ला पसुमन के झुंड सहीं बाहिर निकालिस; \q2 निरजन जगह म भेड़ के सहीं ओह ओमन के अगुवई करिस। \q1 \v 53 ओह ओमन ला सुरकछित निकालिस, जेकर ले ओमन निडर रिहिन; \q2 पर ओमन के बईरीमन समुंदर म बुड़ गीन। \q1 \v 54 अऊ ये किसम ले ओह ओमन ला अपन पबितर देस के सीमना, \q2 ओ पहाड़ी देस म लानिस, जेला ओकर जेवनी हांथ ह लेय रिहिस। \q1 \v 55 ओह ओमन के आघू ले जाति-जाति के मनखेमन ला भगा दीस \q2 अऊ ओमन के जमीन अपन मनखेमन ला निज भाग के रूप म दे दीस; \q2 ओह इसरायल के गोत्रमन ला ओमन के घर म बसाईस। \b \q1 \v 56 पर ओमन परमेसर के परिछा लीन \q2 अऊ सर्वोच्च परमेसर के बिरूध बिदरोह करिन; \q2 ओमन ओकर कानून-बिधिमन ला नइं मानिन। \q1 \v 57 अपन पुरखामन के सहीं ओमन बिसवासघाती अऊ बेईमान निकलिन, \q2 एक निकम्मा धनुस के सहीं धोखा दीन। \q1 \v 58 ओमन देवतामन बर ऊंच जगहमन ला बनाके ओला गुस्सा दिलाईन; \q2 ओमन मूरतीमन ला बनाके ओमा जलन पईदा करिन। \q1 \v 59 जब परमेसर ह ओमन के सुनिस, त ओह बहुंत गुस्सा होईस; \q2 ओह इसरायल ला पूरा तियाग दीस। \q1 \v 60 ओह सीलो सहर के ओ पबितर-तम्बू ला तियाग दीस, \q2 जेला ओह मनखेमन के बीच खड़े करे रिहिस। \q1 \v 61 ओह अपन ताकत के सन्दूक ला बंधुवई म, \q2 अऊ अपन सोभा ला बईरीमन के हांथ म दे दीस। \q1 \v 62 ओह अपन मनखेमन ला तलवार ले मरवा दीस; \q2 ओह अपन निज भाग के मनखेमन ऊपर बहुंत गुस्सा होईस। \q1 \v 63 आगी ह ओमन के जवानमन ला भसम कर दीस, \q2 अऊ ओमन के जवान छोकरीमन बर कोनो बिहाव के गीत गाय नइं गीस; \q1 \v 64 ओमन के पुरोहितमन तलवार ले मार डारे गीन, \q2 अऊ ओमन के बिधवामन रोए नइं सकिन। \b \q1 \v 65 तब परभू ह मानो नींद ले जागिस, \q2 जइसे कोनो योद्धा ह मंद के मूर्छा ले जागथे। \q1 \v 66 ओह अपन बईरीमन ला मार भगाईस; \q2 ओह ओमन ला हमेसा बर लज्जित करिस। \q1 \v 67 तब ओह यूसुफ के तम्बू ला तियाग दीस, \q2 अऊ एपरैम के गोत्र ला नइं चुनिस; \q1 \v 68 पर ओह यहूदा के गोत्र, \q2 सियोन पहाड़ ला चुन लीस, जेला कि ओह मया करिस। \q1 \v 69 ओह अपन पबितर-स्थान ला ऊंचहा जगह सहीं बनाईस, \q2 धरती के सहीं बनाईस, जेला ओह हमेसा बर रखिस। \q1 \v 70 ओह अपन सेवक दाऊद ला चुनिस \q2 अऊ ओला भेड़मन के बाड़ा ले लेय लीस; \q1 \v 71 भेड़ चराय के काम ले दाऊद ला हटाके ओह ले आईस \q2 ताकि दाऊद ह ओकर मनखे याकूब, \q2 ओकर निज भाग इसरायल के चरवाहा बनय। \q1 \v 72 अऊ दाऊद ह पूरा ईमानदारी से ओमन के देखरेख करिस; \q2 अपन कुसल हांथ ले ओह ओमन के अगुवई करिस। \c 79 \cl भजन-संहिता 79 \d आसाप के एक भजन। \q1 \v 1 हे परमेसर, आनजातमन तोर निज भाग के ऊपर हमला कर दे हवंय; \q2 ओमन हमर पबितर मंदिर ला असुध कर दे हवंय, \q2 ओमन यरूसलेम ला खंडहर बना दे हवंय। \q1 \v 2 ओमन तोर सेवकमन के लासमन ला \q2 अकास के चिरईमन के जेवन बर \q2 अऊ तोर खुद के मनखेमन के मांस ला जंगली पसुमन बर छोंड़ दे हवंय। \q1 \v 3 ओमन यरूसलेम के चारों कोति \q2 खून ला पानी सहीं बहाय हवंय, \q2 अऊ मरे मनखेमन ला माटी देय बर कोनो नइं ए। \q1 \v 4 हमन हमर परोसीमन बर अनादर के पात्र, \q2 अऊ हमर आसपास के मनखेमन बर तिरस्कार अऊ हंसी के पात्र बन गे हवन। \b \q1 \v 5 हे यहोवा, कब तक? का तेंह हमेसा बर कोरोध करते रहिबे? \q2 कब तक तोर डाह ह आगी सहीं बरत रहिही? \q1 \v 6 ओ आनजातमन के ऊपर अपन कोप ला भड़का \q2 जऊन मन तोला स्वीकार नइं करंय, \q1 ओ राजमन ऊपर अपन कोप ला भड़का, \q2 जेमन तोर नांव के गुन नइं गावंय; \q1 \v 7 काबरकि ओमन याकूब ला खा गे हवंय \q2 अऊ ओकर खुद के देस ला तहस-नहस कर दे हवंय। \b \q1 \v 8 हमर पहिले के पीढ़ी के मनखेमन के पाप के लेखा हमर ले झन ले; \q2 हमर ऊपर बिगर देरी के दया कर, \q2 काबरकि हमन बहुंत दुरदसा म हवन। \q1 \v 9 हे परमेसर हमर उद्धारकर्ता, \q2 अपन नांव के महिमा बर हमर मदद कर; \q1 अपन नांव के हित म \q2 हमन ला छोंड़ा अऊ हमर पाप ला छेमा कर। \q1 \v 10 आनजात के मनखेमन काबर कहंय, \q2 “ओमन के परमेसर कहां हवय?” \b \q1 हमर देखत म, आनजात के मनखेमन ला बता \q2 कि तेंह अपन सेवकमन के बहे खून के बदला लेथस। \q1 \v 11 कैदीमन के कराहे के अवाज तोर करा हबरय; \q2 मिरतू के सजा पाय मनखेमन ला अपन मजबूत हांथ ले संभाल। \q1 \v 12 हे परभू, हमर परोसीमन तोर जऊन अपमान करे हवंय, \q2 ओकर तेंह ओमन ले सात गुना बदला ले। \q1 \v 13 तब हमन तोर मनखेमन, तोर चरागन के भेड़मन \q2 हमेसा तोर परसंसा करबो; \q1 पीढ़ी-पीढ़ी तक \q2 हमन तोर परसंसा करबो। \c 80 \cl भजन-संहिता 80\f + \fr 80 \fr*\ft इबरानी म \+xt 80:1‑19\+xt* ला 8:2‑20 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। “करार के कुमुदिनी” के राग म आसाप के एक भजन। \q1 \v 1 हे इसरायल के चरवाहा, तें जऊन ह यूसुफ के अगुवई \q2 भेड़ के झुंड के सहीं करथस, हमर बात ला सुन। \q1 तें जऊन ह करूबमन के बीच म बिराजमान हस, \q2 \v 2 एपरैम, बिनयामीन अऊ मनस्से के आघू म अपन अंजोर ला चमका। \q1 अपन ताकत ला जगा; \q2 आ अऊ हमन ला बचा। \b \q1 \v 3 हे परमेसर, हमन ला फेर पहिले के सहीं कर दे; \q2 अपन मुहूं के अंजोर हमर ऊपर चमका, \q2 कि हमर उद्धार हो जावय। \b \q1 \v 4 हे यहोवा, सर्वसक्तिमान परमेसर, \q2 तोर मनखेमन के पराथना के बिरूध \q2 कब तक तोर गुस्सा ह सुलगत रहिही? \q1 \v 5 तेंह ओमन ला आंसू के रोटी खवाय हस; \q2 तेंह ओमन ला कटोरा भर-भरके आंसू पीयाय हस। \q1 \v 6 तेंह हमन ला हमर परोसीमन बर हंसी\f + \fr 80:6 \fr*\ft मूल इबरानी अनुवाद; मासोरेटिक म \ft*\fqa बिबाद \fqa*\ft या \ft*\fqa बिरोध\fqa*\f* के पात्र बना दे हस, \q2 अऊ हमर बईरीमन हमर हंसी उड़ाथें। \b \q1 \v 7 हे सर्वसक्तिमान परमेसर, हमन ला फेर पहिले सहीं कर दे; \q2 अपन मुहूं के अंजोर हमर ऊपर चमका, \q2 कि हमर उद्धार हो जावय। \b \q1 \v 8 तें मिसर देस ले अंगूर के एक नार लानके लगाय; \q2 तें आनजातमन ला निकालके ओ अंगूर के नार ला लगाय। \q1 \v 9 येकर बर तेंह भुइयां ला तियार करय, \q2 अऊ येह जरी पकड़िस अऊ देस म भर गीस। \q1 \v 10 येकर छइहां ले पहाड़मन, \q2 अऊ येकर डारामन ले बड़े देवदारमन ढंक गीन। \q1 \v 11 येकर डारामन समुंदर तक बढ़ गीन, \q2 अऊ येकर अंकुरमन नदी तक बगर गीन। \b \q1 \v 12 तेंह काबर येकर दीवार ला गिरा देय, \q2 जेकर कारन जम्मो डहार रेंगइयामन येकर अंगूर ला टोरथें? \q1 \v 13 जंगली सुरामन येला नास करथें, \q2 अऊ भुइयां के कीरामन येला खाथें। \q1 \v 14 हे सर्वसक्तिमान परमेसर, हमर करा लहुंट आ! \q2 स्वरग ले निहरके देख! \q1 ये अंगूर के नार ऊपर धियान दे, \q2 \v 15 ओ जरी जेला तोर जेवनी हांथ ह लगाय हवय, \q2 ओ बेटा\f + \fr 80:15 \fr*\ft या \ft*\fqa डारा (साखा)\fqa*\f* जेला तेंह अपन बर बढ़ाय हस। \b \q1 \v 16 तोर अंगूर के नार ह कट गे हवय, येह आगी ले जर गे हवय; \q2 तोर डांट-फटकार ले तोर मनखेमन नास होथें। \q1 \v 17 तोर जेवनी हांथ कोति के मनखे ऊपर तोर हांथ रहय, \q2 मनखे के ओ बेटा, जेला तेंह अपन बर बढ़ाय हस। \q1 \v 18 तब हमन तोर ले दूरिहा नइं जाबो; \q2 हमन ला पहिले सहीं कर दे, अऊ हमन तोर नांव के गुन गाबो। \b \q1 \v 19 हे यहोवा सर्वसक्तिमान परमेसर, हमन ला फेर पहिले सहीं कर दे; \q2 अपन मुहूं के अंजोर हमर ऊपर चमका, \q2 कि हमर उद्धार होवय। \c 81 \cl भजन-संहिता 81\f + \fr 81 \fr*\ft इबरानी म \+xt 81:1‑16\+xt* ला 81:2‑17 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। आसाप के \tl गित्तीथ\tl*\f + \fr 81:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* के मुताबिक। \q1 \v 1 परमेसर जऊन ह हमर ताकत ए, ओकर बर आनंद के गीत गावव; \q2 याकूब के परमेसर बर चिचियाके जय-जयकार करव! \q1 \v 2 बाजा बजाय के सुरू करव, खंजरी बजावव, \q2 सुरीला बीना अऊ सारंगी बजावव। \b \q1 \v 3 नवां चंदा के दिन, अऊ पून्नी के दिन, \q2 जब हमर तिहार होथे, तब नरसिंगा फूंकव; \q1 \v 4 येह इसरायल बर एक बिधि, \q2 अऊ याकूब के परमेसर के एक नियम अय। \q1 \v 5 जब परमेसर ह मिसर देस के बिरूध चलिस, \q2 त ओह यूसुफ बर येला एक बिधि ठहिराईस। \b \q1 मेंह एक अनजान अवाज ला ये कहत सुनेंव: \b \q1 \v 6 “मेंह ओमन के ऊपर ले बोझा ला हटा देंव; \q2 टोकरी उठाय के काम ले ओमन ला मुक्त कर देंव। \q1 \v 7 तेंह संकट के बेरा पुकारय अऊ मेंह तोला बचांय, \q2 मेंह तोला बादर के गरजन ले जबाब देंव; \q2 मेंह मरीबा के सोता करा तोला परखेंव। \q1 \v 8 हे मोर मनखेमन, मोर बात ला सुनव, अऊ मेंह तुमन ला चेताहूं— \q2 हे इसरायल, यदि तुमन सिरिप मोर सुनहू त! \q1 \v 9 तुमन अपन बीच म कोनो पराया देवता झन रखव; \q2 तुमन मोला छोंड़ अऊ कोनो देवता के अराधना झन करव। \q1 \v 10 मेंह यहोवा तुम्हर परमेसर अंव, \q2 जऊन ह तुमन ला मिसर देस ले निकाल लानिस। \q1 तुमन अपन मुहूं ला पूरा खोलव अऊ मेंह ओला भर दूहूं। \b \q1 \v 11 “पर मोर मनखेमन मोर बात ला नइं सुनिन; \q2 इसरायल ह मोर बात ला नइं मानिस। \q1 \v 12 एकरसेति मेंह ओमन ला ओमन के जिद्दी सुभाव म छोंड़ देंव \q2 ताकि ओमन अपन मनमानी करंय। \b \q1 \v 13 “कहूं मोर मनखेमन सिरिप मोर बात ला सुने होतिन, \q2 कहूं इसरायल ह सिरिप मोर रसता म चले होतिस, \q1 \v 14 त बहुंत जल्दी मेंह ओमन के बईरीमन ला दबा दे रहितेंव \q2 अऊ मोर हांथ ह ओमन के बिरोधीमन ऊपर चले होतिस! \q1 \v 15 जऊन मन यहोवा ले घिन करथें, ओमन ओकर आघू म चापलूसी करहीं, \q2 अऊ ओमन के सजा ह हमेसा बने रहिही। \q1 \v 16 पर तोला सबले बने गहूं ले बने जेवन मिलही; \q2 चट्टान के मंधरस ले मेंह तोला भरपूर खवाहूं।” \c 82 \cl भजन-संहिता 82 \d आसाप के एक भजन। \q1 \v 1 परमेसर के सभा म परमेसर ही सभापति होथे; \q2 ओह “देवतामन” के बीच म नियाय करथे: \b \q1 \v 2 “तुमन कब तक अनियायीमन के बचाव करते रहिहू \q2 अऊ दुस्टमन के समरथन करत रहिहू? \q1 \v 3 दुरबल अऊ अनाथमन के बचाव करव; \q2 गरीब अऊ दुखीमन के मामला के समरथन करव। \q1 \v 4 दुरबल अऊ जरूरतमंद के बचाव करव; \q2 दुस्टमन के हांथ ले ओमन ला छोंड़ावव। \b \q1 \v 5 “ ‘देवतामन’ कुछू नइं जानंय, ओमन कुछू नइं समझंय। \q2 ओमन अंधियार म चलथें-फिरथें; \q2 धरती के जम्मो नीवमन हालत हें। \b \q1 \v 6 “मेंह कहेंव, ‘तुमन “ईस्वर” अव; \q2 तुमन जम्मो सर्वोच्च परमेसर के बेटा अव।’ \q1 \v 7 पर तुमन सिरिप मरनहार मनखे सहीं मरहू; \q2 तुम्हर गिरई\f + \fr 82:7 \fr*\ft या \ft*\fqa बिनास\fqa*\f* ह आने सासन करइया सहीं होही।” \b \q1 \v 8 हे परमेसर, उठ, धरती के नियाय कर, \q2 काबरकि जम्मो जाति के मनखेमन तोर भाग एं। \c 83 \cl भजन-संहिता 83\f + \fr 83 \fr*\ft इबरानी म \+xt 83:1‑18\+xt* ला 83:2‑19 गने गे हवय\ft*\f* \d एक गीत। आसाप के एक भजन। \q1 \v 1 हे परमेसर, तेंह चुप झन रह; \q2 अपन कान ला बंद झन कर, \q2 हे परमेसर, दूरिहा झन रह। \q1 \v 2 देख, तोर बईरीमन कइसे गुर्रावत हें, \q2 तोर बिरोधीमन कइसे मुड़ उठावत हें। \q1 \v 3 चालबाजी के संग ओमन तोर मनखेमन के बिरूध सडयंत्र करथें; \q2 ओमन ओ मनखेमन के बिरूध सडयंत्र रचथें, जेमन के बचाव तेंह करथस। \q1 \v 4 ओमन कहिथें, “आवव, हमन ओमन ला एक जाति के रूप म नास कर देवन, \q2 ताकि इसरायल के नांव ला झन सुरता करे जावय।” \b \q1 \v 5 ओमन एक संग एक मन होके सडयंत्र करथें; \q2 ओमन तोर बिरूध म एक जुट होथें— \q1 \v 6 ओमन एदोम अऊ इसमायलीमन के तम्बूवाले, \q2 मोआबी अऊ हगरी, \q1 \v 7 गबाली, अमोनी अऊ अमालेकी, \q2 पलिस्ती अऊ सूर के मनखेमन संग हवंय। \q1 \v 8 अऊ त अऊ अस्सूरीमन लूत के संतानमन के सक्ति बढ़ाय बर \q2 ओमन के संग मिल गे हवंय। \b \q1 \v 9 ओमन के संग वइसने कर, जइसने तेंह मिदयानीमन के संग, \q2 अऊ कीसोन नदी म सीसरा अऊ याबीन के संग करे रहय, \q1 \v 10 जऊन मन एनदोर म नास हो गीन \q2 अऊ भुइयां म गिरे गोबर सहीं हो गीन। \q1 \v 11 ओमन के परभावसाली मनखेमन ला ओरेब अऊ जेब सहीं, \q2 अऊ ओमन के जम्मो राजकुमारमन ला जेबह अऊ सलमुन्ना सहीं कर दे, \q1 \v 12 जऊन मन कहिन, “आवव, हमन परमेसर के चरागनमन ला \q2 अपन अधिकार म कर लेवन।” \b \q1 \v 13 हे मोर परमेसर, ओमन ला बवंडर म उड़त धुर्रा, \q2 हवा म उड़त भूंसा सहीं कर दे। \q1 \v 14 जइसे आगी ह जंगल ला जलाके नास कर देथे \q2 या एक चिनगारी ह पहाड़मन म आगी लगा देथे, \q1 \v 15 वइसे तेंह अपन आंधी ले ओमन के पीछा कर \q2 अऊ अपन तूफान ले ओमन ला भयभीत कर। \q1 \v 16 हे यहोवा, ओमन ला अइसने सरमिंदा कर, \q2 कि ओमन तोर नांव लेवंय। \b \q1 \v 17 ओमन हमेसा बर लज्जित अऊ भयभीत होवंय; \q2 ओमन कलंकित होके नास हो जावंय। \q1 \v 18 ओमन तोला जानंय, जेकर नांव यहोवा ए— \q2 ये घलो जानंय कि सिरिप तेंहीच ह जम्मो धरती ऊपर सर्वोच्च परमेसर अस। \c 84 \cl भजन-संहिता 84\f + \fr 84 \fr*\ft इबरानी म \+xt 84:1‑12\+xt* ला 84:2‑13 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। \tl गित्तीथ\tl*\f + \fr 84:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f* के राग के मुताबिक कोरह के बेटामन के एक भजन। \q1 \v 1 हे सर्वसक्तिमान यहोवा, \q2 तोर निवास ह बहुंत सुघर हे, \q1 \v 2 मोर जीव ह यहोवा के अंगनामन के लालसा करत \q2 मूरछित तक हो जाथे; \q1 मोर तन अऊ मन \q2 जीयत परमेसर ला पुकारथे। \q1 \v 3 हे सर्वसक्तिमान यहोवा, मोर राजा अऊ मोर परमेसर, \q2 तोर बेदी के लकठा म, \q2 अऊ त अऊ गौरइया चिरई ह बसेरा करे हवय, \q1 अऊ अबाबील चिरई ह एक खोंधरा बनाय हवय— \q2 कि उहां ओह अपन पीलामन ला रख सकय। \q1 \v 4 धइन अंय ओमन, जऊन मन तोर घर म रहिथें; \q2 ओमन हमेसा तोर परसंसा करत रहिथें। \b \q1 \v 5 धइन अंय ओमन, जेमन ला तोर ले ताकत मिलथे, \q2 जेमन के मन ह तीरथ-यातरा म लगे रहिथे। \q1 \v 6 जब ओमन बाका\f + \fr 84:6 \fr*\fq बाका \fq*\ft याने कि \ft*\fqa बालसम रूख के घाटी \fqa*\ft या \ft*\fqa आंसू के घाटी\fqa*\f* के घाटी ले होके जाथें, \q2 त ओमन ओला पानी के सोत के एक जगह बना देथें; \q2 सरदकाल के बरसात के पानी घलो येकर तरियामन ला भर देथे।\f + \fr 84:6 \fr*\ft या \ft*\fqa आसीस\fqa*\f* \q1 \v 7 ओमन ताकत के ऊपर ताकत पाके तब तक आघू बढ़त रहिथें, \q2 जब तक कि ओमा के हर एक जन सियोन म परमेसर करा नइं हबर जावय। \b \q1 \v 8 हे यहोवा, सर्वसक्तिमान परमेसर, मोर पराथना ला सुन; \q2 हे याकूब के परमेसर, मोर बात ला सुन। \q1 \v 9 हे परमेसर, हमर ढाल ला देख; \q2 अपन अभिसिक्त जन ऊपर किरपा कर। \b \q1 \v 10 तोर अंगना म के एक दिन ह \q2 अऊ कहीं के हजार दिन ले जादा बने अय; \q1 दुस्टमन के डेरा म रहे के बदले \q2 मेंह मोर परमेसर के घर म दुवारपाल होवई जादा पसंद करहूं। \q1 \v 11 काबरकि यहोवा परमेसर ह सूरज अऊ ढाल ए; \q2 यहोवा अनुग्रह अऊ सम्मान देथे; \q1 जऊन मन निरदोस बने रहिथें, ओमन ले \q2 ओह बने चीजमन ला अलग नइं रखय। \b \q1 \v 12 हे सर्वसक्तिमान यहोवा, \q2 धइन अय ओ मनखे, जऊन ह तोर ऊपर भरोसा रखथे। \c 85 \cl भजन-संहिता 85\f + \fr 85 \fr*\ft इबरानी म \+xt 85:1‑13\+xt* ला 85:2‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर। कोरह के बेटामन के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, तेंह अपन देस ऊपर दया देखाय हस; \q2 तेंह याकूब के दिनमन ला पहिले सहीं बने कर दे हस। \q1 \v 2 तेंह अपन मनखेमन के अपराध ला छेमा करे हस \q2 अऊ ओमन के पाप ला ढांप दे हस। \q1 \v 3 तेंह अपन जम्मो कोप ला एक तरफ रख दे हस \q2 अऊ अपन भयंकर कोरोध ला छोंड़ दे हस। \b \q1 \v 4 हे परमेसर हमर उद्धारकर्ता, हमन ला फेर पहिले सहीं कर दे, \q2 अऊ हमर बर तोर नराजगी ला हटा ले। \q1 \v 5 का तेंह सदाकाल बर हमर ऊपर गुस्सा करबे? \q2 का तेंह अपन गुस्सा ला जम्मो पीढ़ी तक बनाय रखबे? \q1 \v 6 का तेंह हमन ला फेर पुनरजीवित नइं करबे, \q2 कि तोर मनखेमन तोर म आनंद मनावंय? \q1 \v 7 हे यहोवा, हमन ला अपन सदा दिन के मया ला देखा, \q2 अऊ हमन ला अपन उद्धार दे। \b \q1 \v 8 परमेसर यहोवा ह जऊन कुछू कहिथे, ओला मेंह सुनहूं; \q2 ओह अपन मनखे, अपन बिसवासयोग्य सेवकमन ला सांति देय के वायदा करथे— \q2 पर ओमन फेर मुरूखता झन करंय। \q1 \v 9 खचित ओकर उद्धार ह ओमन के लकठा म हवय, जऊन मन ओकर भय मानथें, \q2 कि ओकर महिमा ह हमर देस म रहय। \b \q1 \v 10 मया अऊ ईमानदारी एक संग जूर जाथें; \q2 धरमीपन अऊ सांति एक-दूसर ला चूमथें। \q1 \v 11 ईमानदारी ह धरती ले निकलथे, \q2 अऊ धरमीपन ह स्वरग ले खाल्हे देखथे। \q1 \v 12 यहोवा ह वास्तव म ओ चीज ला दीही, जऊन ह बने अय, \q2 अऊ हमर भुइयां ह येकर फसल दीही। \q1 \v 13 धरमीपन ह ओकर आघू-आघू चलथे \q2 अऊ ओकर चले बर रसता तियार करथे। \c 86 \cl भजन-संहिता 86 \d दाऊद के एक पराथना। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोर बिनती ला सुन अऊ मोला जबाब दे, \q2 काबरकि मेंह गरीब अऊ जरूरतमंद अंव। \q1 \v 2 मोर परान के रकछा कर, काबरकि मेंह तोर बर बिसवासयोग्य हंव; \q2 अपन सेवक के उद्धार कर, जऊन ह कि तोर ऊपर भरोसा रखथे। \q1 तेंह मोर परमेसर अस; \v 3 हे परभू, मोर ऊपर दया कर, \q2 काबरकि मेंह दिन भर तोला पुकारथंव। \q1 \v 4 हे परभू, अपन सेवक ला आनंदित कर, \q2 काबरकि मेंह तोर ऊपर भरोसा रखथंव। \b \q1 \v 5 हे परभू, तें छेमा करइया अऊ बने अस, \q2 जऊन मन तोर नांव लेथें, ओ जम्मो ला तेंह बहुंत मया करथस। \q1 \v 6 हे यहोवा, मोर पराथना ला सुन; \q2 मोर बात ला सुनके मोर ऊपर दया कर। \q1 \v 7 जब मेंह संकट म रहिथंव, त मेंह तोला पुकारथंव, \q2 काबरकि तेंह मोला जबाब देथस। \b \q1 \v 8 हे परभू, देवतामन म तोर सहीं कोनो नइं एं; \q2 कोनो भी काम के तुलना तोर काम से करे नइं जा सकय। \q1 \v 9 हे परभू, ओ जम्मो जाति के मनखे जेमन ला तेंह बनाय हस, \q2 ओमन आहीं अऊ तोर आघू म अराधना करहीं; \q2 ओमन तोर नांव के महिमा करहीं। \q1 \v 10 काबरकि तेंह महान अस अऊ अद्भूत काम करथस; \q2 सिरिप तेंह परमेसर अस। \b \q1 \v 11 हे यहोवा, अपन रसता मोला देखा, \q2 ताकि मेंह तोर बिसवासयोग्यता ऊपर भरोसा करंव; \q1 मोला न भटकनेवाला मन दे, \q2 ताकि मेंह तोर नांव के भय मानंव। \q1 \v 12 हे परभू मोर परमेसर, मेंह अपन पूरा मन से तोर परसंसा करहूं; \q2 मेंह तोर नांव के महिमा हमेसा करहूं। \q1 \v 13 काबरकि तेंह मोला अब्बड़ मया करथस; \q2 तेंह मोला गहरई ले, \q2 मिरतू-लोक ले बचाय हस। \b \q1 \v 14 हे परमेसर, घमंडी बिरोधीमन मोर ऊपर हमला करत हें; \q2 निरदयी मनखेमन मोला मार डारे के कोसिस करत हें— \q2 ओमन के मन म तोर बर कोनो आदर नइं ए। \q1 \v 15 पर हे परभू, तेंह दयालु अऊ अनुग्रहकारी परमेसर अस, \q2 देरी से कोप करइया अस, अऊ बहुंत मया अऊ बिसवासयोग्यता ले भरे हस। \q1 \v 16 मोर कोति देख अऊ मोर ऊपर दया कर; \q2 अपन सेवक कोति ले अपन ताकत ला देखा; \q1 मोर उद्धार कर, काबरकि मेंह तोर सेवा करथंव \q2 जइसे कि मोर दाई घलो करिस। \q1 \v 17 अपन भलई के कोनो चिनहां देखा, \q2 ताकि मोर बईरीमन ओला देखें अऊ सरमिंदा होवंय, \q2 काबरकि हे यहोवा, तेंह मोर मदद करे हस अऊ मोला सांति दे हस। \c 87 \cl भजन-संहिता 87 \d कोरह के बेटामन के एक भजन। एक गीत। \q1 \v 1 ओह पबितर पहाड़ म अपन सहर के नीव डारे हवय। \q1 \v 2 यहोवा ह सियोन के दुवारमन ला \q2 याकूब के आने जम्मो निवासमन ले जादा मया करथे। \b \q1 \v 3 हे परमेसर के सहर, \q2 तोर बारे म महिमामय बात कहे जाथे: \q1 \v 4 “जऊन मन मोला मानथें, ओमन के बीच \q2 मेंह राहाब\f + \fr 87:4 \fr*\ft कविता के भासा म मिसर के नांव\ft*\f* अऊ बेबिलोन के बात ला लिखहूं— \q1 पलिस्ती, अऊ सूर के संग कूस\f + \fr 87:4 \fr*\ft नील के ऊपरी इलाका\ft*\f* के बात ला घलो लिखहूं— \q2 अऊ मेंह कहिहूं, ‘येह सियोन म जनमे रिहिस।’ ” \q1 \v 5 वास्तव म, सियोन के बारे म ये कहे जाही, \q2 “येह अऊ ओह ओमा जनमे रिहिन, \q2 अऊ सर्वोच्च परमेसर ह खुद ओला स्थापित करही।” \q1 \v 6 यहोवा ह मनखेमन के लेखा म लिखही: \q2 “येह सियोन म जनमे रिहिस।” \b \q1 \v 7 बाजा बजाके ओमन गाहीं, \q2 “मोर पानी के जम्मो सोतामन तोर म ले निकलथें।” \c 88 \cl भजन-संहिता 88\f + \fr 88 \fr*\ft इबरानी म \+xt 88:1‑18\+xt* ला 88:2‑19 गने गे हवय\ft*\f* \d एक गीत। कोरह के बेटामन के एक भजन। संगीत के निरदेसक बर। \tl महलत लीनत\tl*\f + \fr 88:0 \fr*\fl संभवतः एक राग, “दुख के पीरा”\fl*\f* के मुताबिक। एजरा के बंस के हेमान के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 88:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 हे यहोवा, तेंह ओ परमेसर अस, जऊन ह मोर उद्धार करथे; \q2 रात अऊ दिन मेंह तोला पुकारथंव। \q1 \v 2 मोर पराथना ह तोर करा हबरे; \q2 मोर पुकार कोति अपन कान ला लगा। \b \q1 \v 3 मेंह बहुंत समस्या म पड़े हंव \q2 अऊ मोर परान ह मिरतू के लकठा म हवय। \q1 \v 4 मोर गनती ओमन म होवथे, जऊन मन कबर म जावथें; \q2 मेंह एक निरबल मनखे सहीं हो गे हवंव। \q1 \v 5 मोला मरे मनखेमन के संग अलग रखे जावथे, \q2 जइसे कि मारे गय मनखेमन कबर म पड़े रहिथें, \q1 जेमन ला तेंह फेर सुरता नइं करस, \q2 जेमन के तेंह देखरेख नइं करस। \b \q1 \v 6 तेंह मोला सबले खाल्हे के खंचवा, \q2 सबले जादा अंधियार वाले गहरई म रखे हस। \q1 \v 7 तोर कोप ह मोर ऊपर बहुंत भड़के हवय; \q2 तेंह मोला अपन जम्मो लहरामन ले बियाकुल कर दे हस। \q1 \v 8 तेंह मोर सबले घनिस्ट संगीमन ला मोर ले दूरिहा कर दे हस \q2 अऊ ओमन बर मोला घिनौना बना दे हस। \q1 मेंह कैद हो गे हंव अऊ भाग नइं सकंव; \q2 \v 9 मोर आंखीमन दुख के मारे धुंधला गे हवंय। \b \q1 हे यहोवा, मेंह तोला हर दिन पुकारथंव; \q2 मेंह तोर कोति अपन हांथ पसारथंव। \q1 \v 10 का मरे मनखेमन ला तेंह अपन अद्भूत काम देखाथस? \q2 का ओमन मरे म ले फेर जी जाथें अऊ तोर परसंसा करथें? \q1 \v 11 का कबर म तोर मया के, \q2 अऊ बिनास म तोर बिसवासयोग्यता के घोसना करे जाथे? \q1 \v 12 का तोर अद्भूत काम अंधियार के जगह, \q2 या तोर धरमी काम अपमान के जगह म जाने जाथे? \b \q1 \v 13 पर हे यहोवा, मेंह तोला मदद बर पुकारथंव; \q2 बिहनियां मोर पराथना ह तोर करा हबरथे। \q1 \v 14 हे यहोवा, तेंह काबर मोला छोंड़ देथस \q2 अऊ काबर अपन मुहूं ला मोर ले छुपा लेथस? \b \q1 \v 15 मेंह अपन जवानी के समय ले दुख भोगे हंव अऊ मिरतू के लकठा म रहे हंव; \q2 मेंह तोर आतंक ला सहे हंव अऊ मेंह निरास हंव। \q1 \v 16 तोर कोप ह मोर ऊपर छा गे हवय; \q2 तोर आतंक ह मोला नास कर दे हवय। \q1 \v 17 दिन भर ओमन बाढ़ के पानी सहीं मोर चारों कोति रहिथें; \q2 ओमन पूरा-पूरा मोला अपन म समा ले हवंय। \q1 \v 18 तेंह मोर ले मोर संगी अऊ परोसीमन ला लेय ले हस— \q2 अंधियार ह मोर सबले नजदीकी संगी अय। \c 89 \cl भजन-संहिता 89\f + \fr 89 \fr*\ft इबरानी म \+xt 89:1‑52\+xt* ला 89: 2‑53 गने गे हवय\ft*\f* \d एजरा के बंस के एतान के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 89:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*। \q1 \v 1 मेंह यहोवा के बड़े मया के हमेसा गीत गाहूं; \q2 मेंह पीढ़ी-पीढ़ी तक तोर बिसवासयोग्यता के बखान \q2 अपन मुहूं ले करहूं। \q1 \v 2 मेंह घोसना करहूं कि तोर मया ह हमेसा अटल बने रहिथे, \q2 तेंह स्वरग म अपन बिसवासयोग्यता ला इस्थिर करे हस। \q1 \v 3 तेंह कहय, “मेंह अपन चुने जन के संग एक करार करे हंव, \q2 मेंह अपन सेवक दाऊद ले कसम खाय हंव, \q1 \v 4 ‘मेंह तोर बंस ला हमेसा बर स्थापित करहूं \q2 अऊ पीढ़ी-पीढ़ी तक तोर सिंघासन ला अटल बनाय रखहूं।’ ” \b \q1 \v 5 हे यहोवा, स्वरग म तोर अद्भूत काम के, \q2 अऊ पबितर मनखेमन के सभा म तोर बिसवासयोग्यता के परसंसा होथे। \q1 \v 6 काबरकि ऊपर अकास-मंडल म कोन हवय, जेकर तुलना यहोवा ले करे जा सकथे? \q2 स्वरगीय जीवमन के बीच म यहोवा के सहीं कोन हवय? \q1 \v 7 पबितर मनखेमन के परिसद म परमेसर के बहुंत भय माने जाथे; \q2 ओह अपन चारों कोति रहइया जम्मो झन ले जादा अद्भूत ए। \q1 \v 8 हे यहोवा, सर्वसक्तिमान परमेसर, तोर सहीं कोन हवय? \q2 हे यहोवा, तेंह सक्तिसाली अस, अऊ तोर बिसवासयोग्यता तोर चारों कोति रहिथे। \b \q1 \v 9 उमड़त समुंदर ऊपर तेंह सासन करथस; \q2 जब येकर लहरामन उठथें, त तेंह ओमन ला सांत करथस। \q1 \v 10 तेंह राहाब\f + \fr 89:10 \fr*\ft देखव \+xt अयू 9:13; 26:12; यसा 51:9\+xt*\ft*\f* ला मारे गय मनखे सहीं कुचर डारय; \q2 अपन सक्तिसाली हांथ ले तेंह बईरीमन ला तितिर-बितिर कर दे हस। \q1 \v 11 स्वरगमन तोर अंय, अऊ धरती घलो तोर अय; \q2 संसार अऊ येमा के जम्मो चीज के नीव तेंह रखे हस। \q1 \v 12 उत्तर अऊ दक्खिन ला तेंह बनाय हस; \q2 ताबोर अऊ हेरमोन पहाड़ तोर नांव के आनंद के गीत गाथें। \q1 \v 13 तोर बाहां म सक्ति हवय; \q2 तोर हांथ ह मजबूत हवय, तोर जेवनी हांथ परबल हे। \b \q1 \v 14 धरमीपन अऊ नियाय तोर सिंघासन के नीव अंय; \q2 मया अऊ बिसवासयोग्यता तोर आघू-आघू चलथें। \q1 \v 15 हे यहोवा, धइन अंय ओमन, जऊन मन तोर जय-जयकार करई सीख गे हवंय, \q2 जऊन मन तोर उपस्थिति के अंजोर म चलथें। \q1 \v 16 ओमन दिन भर तोर नांव म आनंद मनाथें; \q2 ओमन तोर धरमीपन के आनंद मनाथें। \q1 \v 17 काबरकि तेंह ओमन के महिमा अऊ बल अस, \q2 अऊ अपन खुसी ले हमर सींग\f + \fr 89:17 \fr*\fq सींग \fq*\ft ह इहां बल के प्रतीक ए\ft*\f* ला ऊपर उठाथस। \q1 \v 18 वास्तव म, हमर ढाल ह यहोवा के अय, \q2 हमर राजा ह इसरायल के पबितर परमेसर के अय। \b \q1 \v 19 एक बार तें एक दरसन म गोठियाय, \q2 अपन बिसवासयोग्य मनखेमन ला तेंह कहय: \q1 “मेंह एक योद्धा ला बल दे हवंव; \q2 मेंह मनखेमन के बीच ले एक जवान ला खड़े करे हवंव। \q1 \v 20 मोला मोर सेवक दाऊद मिल गे हवय; \q2 अपन पबितर तेल ले मेंह ओकर अभिसेक करे हवंव। \q1 \v 21 मोर हांथ ह ओला बनाय रखही; \q2 खचित मोर बाहां ह ओला बलवान बनाही। \q1 \v 22 बईरी ह ओला तंग नइं कर सकही; \q2 दुस्ट ह ओला दुख नइं देय सकही। \q1 \v 23 मेंह ओकर बिरोधीमन ला ओकर आघू म कुचर दूहूं \q2 अऊ ओकर बईरीमन ला मार डारहूं। \q1 \v 24 मोर न टूटनेवाला मया ओकर संग रहिही, \q2 अऊ मोर नांव के जरिये ओकर सींग ह ऊपर होही। \q1 \v 25 मेंह समुंदर के ऊपर ओकर हांथ, \q2 अऊ नदीमन के ऊपर ओकर जेवनी हांथ ला रखहूं। \q1 \v 26 ओह मोला पुकारके कहिही, ‘तेंह मोर ददा, \q2 मोर परमेसर, मोर उद्धारकर्ता चट्टान अस।’ \q1 \v 27 मेंह ओला मोर पहिलांत होय बर ठहिराहूं, \q2 ओह धरती के राजामन म सबले ऊपर होही। \q1 \v 28 मेंह अपन मया ओकर ऊपर हमेसा बनाय रखहूं, \q2 अऊ ओकर संग मोर करार ह कभू नइं टूटही। \q1 \v 29 मेंह ओकर बंस ला हमेसा बर स्थापित करहूं, \q2 अऊ जब तक स्वरग हवय, तब तक ओकर सिंघासन बने रहिही। \b \q1 \v 30 “कहूं ओकर बेटामन मोर कानून ला तियाग देथें \q2 अऊ मोर बिधि-बिधान म नइं चलंय, \q1 \v 31 कहूं ओमन मोर नियम ला टोरथें, \q2 अऊ मोर हुकूममन ला नइं मानंय, \q1 \v 32 त मेंह ओमन के पाप के दंड सोंटी ले, \q2 अऊ ओमन के दुस्टता के दंड कोर्रा ले दूहूं; \q1 \v 33 पर मेंह अपन मया ला ओकर ऊपर ले नइं हटाहूं, \q2 अऊ न ही कभू मेंह अपन बिसवासयोग्यता ला छोंड़हूं। \q1 \v 34 मेंह अपन करार ला नइं टोरहूं \q2 या अपन कहे बात ला नइं बदलहूं। \q1 \v 35 जम्मो के सेति एक बार, मेंह अपन पबितरता के सपथ खाय हंव— \q2 अऊ मेंह दाऊद ले लबारी नइं मारंव— \q1 \v 36 कि ओकर बंस हमेसा चलते रहिही \q2 अऊ ओकर सिंघासन ह सूरज के सहीं मोर आघू म बने रहिही; \q1 \v 37 येला अकास म बिसवासयोग्य गवाह के रूप म \q2 चंदा के सहीं हमेसा बर स्थापित करे जाही।” \b \q1 \v 38 पर तेंह छोंड़ दे हस, तेंह तिरस्कार करे हस, \q2 अपन अभिसिक्त जन ऊपर तेंह बहुंत गुस्सा करे हस। \q1 \v 39 तेंह अपन सेवक के संग करे करार ला तियाग दे हस \q2 अऊ ओकर मुकुट ला धुर्रा म असुध कर दे हस। \q1 \v 40 तेंह ओकर जम्मो दीवार\f + \fr 89:40 \fr*\ft या \ft*\fqa सहर के दीवार\fqa*\f* ला गिरा दे हस \q2 अऊ ओकर गढ़मन ला खंडहर बना दे हस। \q1 \v 41 ओ जम्मो, जऊन मन उहां ले होके जाथें, ओमन ओला लूट ले हवंय; \q2 ओह अपन परोसीमन बर अपमान के चीज बन गे हवय। \q1 \v 42 तेंह ओकर बईरीमन के जेवनी हांथ ला उठाय हस; \q2 तेंह ओकर जम्मो बईरीमन ला आनंदित करे हस। \q1 \v 43 वास्तव म, तेंह ओकर तलवार के धार ला मोड़ दे हस \q2 अऊ ओकर लड़ई म ओकर मदद नइं करे हस। \q1 \v 44 तेंह ओकर सोभा के अन्त कर दे हस \q2 अऊ ओकर सिंघासन ला भुइयां म गिरा दे हस। \q1 \v 45 तेंह ओकर जवानी के दिन ला कम कर दे हस; \q2 तेंह ओला लज्जा के ओढ़नी ले ढांप दे हस। \b \q1 \v 46 हे यहोवा, कब तक? का तेंह हमेसा बर अपनआप ला छिपा लेबे? \q2 तोर कोप ह कब तक आगी सहीं बरत रहिही? \q1 \v 47 सुरता कर, मोर जिनगी ह कतेक चंचल ए। \q2 का बेकार म तेंह जम्मो मानव-जाति ला सिरजे हस! \q1 \v 48 अइसने कोन हे, जऊन ह जीयथे अऊ मिरतू ला नइं देखही, \q2 या कोन ह कबर के सक्ति ले बच सकथे? \q1 \v 49 हे परभू, तोर पहिले के ओ बड़े मया कहां हवय, \q2 जेकर संग अपन बिसवासयोग्यता म, तेंह दाऊद ले सपथ खाय रहय? \q1 \v 50 हे परभू, सुरता कर, तोर सेवक के कइसे हंसी उड़ाय गे हवय, \q2 मेंह कइसे जम्मो आनजातमन के ताना ला अपन मन म सहत हंव, \q1 \v 51 हे यहोवा, ओ ताना जेकर दुवारा तोर बईरीमन हंसी उड़ाय हवंय, \q2 जेकर दुवारा ओमन तोर अभिसिक्त जन के हर कदम म हंसी उड़ाय हवंय। \b \b \q1 \v 52 यहोवा के परसंसा सदा-सर्वदा होवत रहय! \qc आमीन अऊ आमीन। \c 90 \ms किताब IV \mr भजन-संहिता 90–106 \cl भजन-संहिता 90 \d परमेसर के जन मूसा के एक पराथना। \q1 \v 1 हे परभू, पीढ़ी-पीढ़ी ले \q2 तेंह हमर निवास स्थान बने हस। \q1 \v 2 येकर पहिले कि पहाड़मन बनिन \q2 या तेंह जम्मो संसार के रचना करय, \q2 अनादि ले अनंतकाल तक तेंहीच ह परमेसर अस। \b \q1 \v 3 तेंह मनखेमन ला ये कहिके वापिस धुर्रा म मिला देथस, \q2 “हे मरनहार मनखेमन, धुर्रा म लहुंट जावव।” \q1 \v 4 तोर नजर म हजार साल ह अइसन ए \q2 जइसन कि एक दिन, जऊन ह अभी-अभी बीते हवय, \q2 या रथिया के एक पहर। \q1 \v 5 तभो ले तेंह मनखेमन ला मिरतू के नींद म बहा ले जाथस— \q2 ओमन बिहनियां के नवां कांदी सहीं अंय: \q1 \v 6 जऊन ह बिहनियां निकलथे, \q2 पर सांझ के येह सूखके मुरझा जाथे। \b \q1 \v 7 हमन ला तोर गुस्सा ह खा जाथे \q2 अऊ तोर कोरोध ह हमन ला भयभीत करथे। \q1 \v 8 तेंह हमर दुस्टता ला अपन आघू म, \q2 अऊ हमर गुपत म करे पाप ला अपन अंजोर म रखे हस। \q1 \v 9 हमर जिनगी के जम्मो दिनमन तोर कोप सहत बीत जाथें; \q2 हमर सालमन बिलाप करत बीतथें। \q1 \v 10 यदि हमर देहें म बल हवय, \q2 त हमन सत्तर या अस्सी साल जीथन; \q1 तभो ले हमन जादा समय समस्या अऊ दुख म पड़े रहिथन, \q2 काबरकि ये समय ह जल्दी बीत जाथे, अऊ हमन खतम हो जाथन। \q1 \v 11 कहूं हमन सिरिप तोर कोरोध के सक्ति ला जानतेंन! \q2 तोर कोप ह ओ भय के सहीं बड़े अय, जऊन ह मनखेमन के मन म तोर बर होथे। \q1 \v 12 हमर दिनमन ला हमन ला गने बर सिखा, \q2 कि हमन बुद्धिमान हो जावन। \b \q1 \v 13 हे यहोवा, नरम हो जा! येह कब तक होही? \q2 अपन सेवकमन ऊपर दया कर। \q1 \v 14 बिहनियां के बेरा, अपन बड़े मया ले हमन ला संतोस कर, \q2 कि हमन जिनगी भर आनंद अऊ खुसी के गीत गावन। \q1 \v 15 जतेक दिन तक तेंह हमन ला दुख दे हस, \q2 जतेक साल तक हमन समस्या म पड़े रहेंन, ओतेक समय तक हमन ला खुसी दे। \q1 \v 16 तोर काममन तोर सेवकमन ला, \q2 अऊ तोर सोभा ह ओमन के लइकामन ऊपर दिखय। \b \q1 \v 17 परभू हमर परमेसर के अनुग्रह\f + \fr 90:17 \fr*\ft या \ft*\fqa सुघरता\fqa*\f* हमर ऊपर बने रहय; \q2 हमर बर हमर हांथ के काम ला बनाय रख— \q2 हव, हमर हांथ के काम ला बनाय रख। \c 91 \cl भजन-संहिता 91 \q1 \v 1 जऊन ह सर्वोच्च परमेसर के सरन म रहिही, \q2 ओह सर्वसक्तिमान के छइहां म अराम करही। \q1 \v 2 मेंह यहोवा के बारे म कहिहूं, “ओह मोर सरन-स्थान अऊ मोर गढ़ अय। \q2 मोर परमेसर, जेकर ऊपर मेंह भरोसा करथंव।” \b \q1 \v 3 खचित ओह तोला \q2 चिड़ीमार के फंदा \q2 अऊ घातक महामारी ले बचाही। \q1 \v 4 ओह अपन पांखी के खाल्हे म तोला ढांप लीही, \q2 अऊ ओकर डेनामन के खाल्हे म तोला सरन मिलही; \q2 ओकर बिसवासयोग्यता ह तोर ढाल अऊ झिलम होही। \q1 \v 5 रथिया के आतंक ले तोला डर नइं होही, \q2 न ही ओ तीर ले डरबे, जेला दिनमान छोंड़े जाथे, \q1 \v 6 न ही ओ महामारी ले, जऊन ह छिपके पीछा करथे, \q2 न ही ओ महारोग ले, जऊन ह दिन-दुपहरी म नास करथे। \q1 \v 7 तोर बाजू म एक हजार, \q2 अऊ जेवनी हांथ कोति दस हजार गिर सकथें, \q2 पर येह तोर लकठा म नइं आही। \q1 \v 8 तेंह अपन आंखी ले सिरिप देखत रहिबे \q2 अऊ दुस्टमन के दंड ला देखबे। \b \q1 \v 9 कहूं तेंह कहिथस, “यहोवा ह मोर सरन-स्थान ए,” \q2 अऊ तेंह सर्वोच्च परमेसर ला अपन निवास बनाथस, \q1 \v 10 त तोला कोनो हानि नइं होही, \q2 अऊ तोर डेरा के लकठा म कोनो बिपत्ति नइं आही। \q1 \v 11 काबरकि ओह तोर बारे म अपन स्वरगदूतमन ला हुकूम दीही \q2 कि ओमन हर काम म तोर रकछा करंय; \q1 \v 12 ओमन तोला अपन हांथ म उठा लीहीं, \q2 ताकि तोर गोड़ म पथरा ले चोट झन लगय। \q1 \v 13 तेंह सिंह अऊ नाग सांप ला गोड़ ले कुचरबे; \q2 तेंह बड़े सिंह अऊ बड़े सांप ला कुचरबे। \b \q1 \v 14 यहोवा ह कहिथे, “काबरकि ओह\f + \fr 91:14 \fr*\ft संभवतः राजा\ft*\f* मोर ले मया करथे, मेंह ओला छोंड़ाहूं; \q2 मेंह ओला बचाहूं, काबरकि ओह मोर नांव ला मानथे। \q1 \v 15 ओह मोला पुकारही, अऊ मेंह ओला जबाब दूहूं; \q2 संकट के बेरा म मेंह ओकर संग रहिहूं, \q2 मेंह ओला छोंड़ाहूं अऊ ओला आदर दूहूं। \q1 \v 16 बहुंत उमर देके ओकर मन ला मेंह संतोस करहूं \q2 अऊ ओला अपन उद्धार के दरसन कराहूं।” \c 92 \cl भजन-संहिता 92\f + \fr 92 \fr*\ft इबरानी म \+xt 92:1‑15\+xt* ला 92:2‑16 गने गे हवय\ft*\f* \d एक भजन। बिसराम दिन बर एक गीत। \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करई \q2 अऊ हे सर्वोच्च परमेसर, तोर नांव म बाजा बजई बने बात ए, \q1 \v 2 बिहनियां तोर मया \q2 अऊ रथिया तोर बिसवासयोग्यता के घोसना करई, \q1 \v 3 दस तारवाला बाजा \q2 अऊ बीना के सुघर राग बजई बने बात ए। \b \q1 \v 4 काबरकि हे यहोवा, तेंह अपन काम के दुवारा मोला खुस कर देथस; \q2 तोर करे गय काम के कारन मेंह आनंद के गीत गाथंव। \q1 \v 5 हे यहोवा, तोर काममन कतेक बड़े हवंय, \q2 तोर बिचारमन कतेक गंभीर हवंय! \q1 \v 6 अगियानी मनखे येला नइं जानंय, \q2 मुरूखमन येला नइं समझंय, \q1 \v 7 हालाकि दुस्ट मनखे कांदी के सहीं निकलथें \q2 अऊ जम्मो दुस्ट काम करइयामन उन्नति करथें, \q2 पर ओमन हमेसा बर नास हो जाहीं। \b \q1 \v 8 पर हे यहोवा, तोर सदा-सर्वदा बड़ई होथे। \b \q1 \v 9 काबरकि हे यहोवा, खचित तोर बईरीमन, \q2 खचित तोर बईरीमन नास हो जाहीं; \q2 जम्मो दुस्ट काम करइयामन तितिर-बितिर हो जाहीं। \q1 \v 10 तेंह मोर सींग\f + \fr 92:10 \fr*\fq सींग \fq*\ft ह इहां ताकत के प्रतीक अय\ft*\f* ला जंगली सांड़ के सहीं ऊंच करे हस; \q2 सुघर तेल ह मोर ऊपर रितोय गे हवय। \q1 \v 11 मोर आंखी ह मोर बईरीमन के पराजय ला देखे हवय, \q2 मोर कान ह मोर दुस्ट बईरीमन के कोलाहल ला सुने हवय। \b \q1 \v 12 धरमी मनखे ह खजूर के रूख सहीं फूलही-फरही, \q2 ओमन लबानोन के देवदार सहीं बढ़हीं; \q1 \v 13 यहोवा के घर म रोपे जाके, \q2 ओमन हमर परमेसर के अंगना म फूलहीं-फरहीं। \q1 \v 14 ओमन बहुंत उमर होय के बाद घलो फर दीहीं, \q2 ओमन तरो-ताजा अऊ हरियर रहिहीं, \q1 \v 15 अऊ ये घोसना करहीं, “यहोवा ह नियायी अय; \q2 ओह मोर चट्टान ए, अऊ ओमा कोनो दुस्टता नइं ए।” \c 93 \cl भजन-संहिता 93 \q1 \v 1 यहोवा ह राज करथे, ओह वैभव के कपड़ा पहिरे हवय; \q2 यहोवा ह वैभव के कपड़ा पहिरे हवय अऊ ताकत ले भरे हवय; \q2 वास्तव म, संसार ला इस्थिर अऊ सुरकछित बनाय गे हवय। \q1 \v 2 तोर सिंघासन ला अनादिकाल ले स्थापित करे गीस; \q2 तेंह अनंतकाल ले हस। \b \q1 \v 3 हे यहोवा, समुंदर के पानी उठे हवय, \q2 समुंदर के अवाज ह उठे हवय, \q2 समुंदर के भयंकर लहरामन उठे हवंय। \q1 \v 4 पानी के बड़े लहरामन के गरजन ले घलो सक्तिसाली, \q2 समुंदर के बड़े लहरामन ले घलो सक्तिसाली— \q2 ऊंचहा जगह म बिराजमान यहोवा ह सक्तिसाली ए। \b \q1 \v 5 हे यहोवा, तोर बिधिमन इस्थिर बने रहिथें, \q2 पबितरता ह तोर घर ला \q2 जुग-जुग तक सजाय रहिथे। \c 94 \cl भजन-संहिता 94 \q1 \v 1 यहोवा ह बदला लेवइया परमेसर ए। \q2 हे बदला लेवइया परमेसर, अपन चमक ला देखा। \q1 \v 2 हे धरती के नियाय करइया, उठ; \q2 घमंडीमन ले ओमन के काम के मुताबिक बदला ले। \q1 \v 3 हे यहोवा, दुस्टमन कब तक, \q2 ओमन कब तक आनंद मनात रहिहीं? \b \q1 \v 4 ओमन हमेसा घमंड के बात करत रहिथें; \q2 दुस्ट काम करइया जम्मो झन घमंड ले भरे हवंय। \q1 \v 5 हे यहोवा, ओमन तोर मनखेमन ला कुचरथें; \q2 ओमन तोर निज भाग के मनखेमन ला सतात हवंय। \q1 \v 6 ओमन बिधवा अऊ परदेसी ला मार डारथें; \q2 ओमन अनाथमन ला मार डारथें। \q1 \v 7 ओमन कहिथें, “यहोवा ह नइं देखय; \q2 याकूब के परमेसर ह धियान नइं देवय।” \b \q1 \v 8 हे मनखेमन के बीच निरबुद्धि मनखेमन, तुमन धियान देवव; \q2 हे मुरूख मनखेमन, तुमन कब बुद्धिमान बनहू? \q1 \v 9 जऊन ह कान ला बनाईस, का ओह खुद नइं सुनय? \q2 जऊन ह आंखी ला बनाईस, का ओह खुद नइं देखय? \q1 \v 10 जऊन ह जाति-जाति के मनखेमन के ताड़ना करथे, का ओह दंड नइं देवय? \q2 जऊन ह मानव-जाति ला सिखाथे, का ओकर करा गियान के कमी हवय? \q1 \v 11 यहोवा ह मनखेमन के जम्मो योजना ला जानथे; \q2 ओह जानथे कि ओमन बेकार अंय। \b \q1 \v 12 हे यहोवा, धइन अय ओ, जेकर तेंह ताड़ना करथस, \q2 जेला तेंह अपन कानून के बात सिखाथस; \q1 \v 13 समस्या के समय म तेंह ओमन ला तब तक मदद करत रहिथस, \q2 जब तक कि दुस्टमन बर खंचवा नइं कोड़े जावय। \q1 \v 14 काबरकि यहोवा ह अपन मनखेमन ला नइं तियागही; \q2 ओह अपन निज भाग ला कभू नइं छोंड़ही। \q1 \v 15 नियाय फेर धरमीपन के आधार म करे जाही, \q2 अऊ हिरदय के जम्मो सीधवा मनखेमन येकर पाछू चलहीं। \b \q1 \v 16 दुस्टमन के बिरोध म, मोर बर कोन ठाढ़ होही? \q2 दुस्ट काम करइयामन के बिरोध म, मोर कोति कोन होही? \q1 \v 17 यदि यहोवा ह मोर मदद नइं करे होतिस, \q2 त मेंह बहुंत जल्दी मिरतू के अधीन म रहितेंव। \q1 \v 18 जब मेंह कहेंव, “मोर गोड़ ह फिसलत हे,” \q2 त हे यहोवा, तोर अटूट मया ह मोला संभालिस। \q1 \v 19 जब भीतरे-भीतर मेंह बहुंत बियाकुल रहेंव, \q2 त तोर ढाढ़स ह मोला आनंदित करिस। \b \q1 \v 20 का कोनो दुस्ट सासक ह तोर संग संधि कर सकथे— \q2 एक अइसने सासक, जऊन ह अपन कानून के दुवारा दुख लानथे? \q1 \v 21 दुस्टमन धरमी जन के बिरूध एक संग जूरथें \q2 अऊ निरदोस ला मिरतू-दंड देथें। \q1 \v 22 पर यहोवा ह मोर गढ़ बन गे हवय, \q2 अऊ ओह मोर परमेसर, मोर चट्टान ए, जेमा मेंह सरन लेथंव। \q1 \v 23 ओह ओमन ले ओमन के पाप के बदला लीही \q2 अऊ ओमन के दुस्टता बर ओमन ला नास कर दीही; \q2 यहोवा हमर परमेसर ह ओमन ला नास करही। \c 95 \cl भजन-संहिता 95 \q1 \v 1 आवव, हमन यहोवा बर आनंद के गीत गावन; \q2 हमन हमर उद्धार के चट्टान बर जोर से चिचियावन। \q1 \v 2 हमन ओकर आघू म धनबाद के संग आवन \q2 अऊ बाजा बजाके अऊ गीत गाके ओकर बहुंत परसंसा करन। \b \q1 \v 3 काबरकि यहोवा ह महान परमेसर ए, \q2 जम्मो देवतामन ऊपर महान राजा ए। \q1 \v 4 ओकर हांथ म धरती के गहरई हवय, \q2 अऊ पहाड़ के चोटीमन ओकर अंय। \q1 \v 5 समुंदर ह ओकर अय, काबरकि ओह येला बनाय हवय, \q2 अऊ ओकर हांथमन सूखा भुइयां ला रचे हवंय। \b \q1 \v 6 आवव, हमन मुड़ नवाके अराधना करन, \q2 हमन यहोवा हमर सिरजनहार के आघू म माड़ी टेकन; \q1 \v 7 काबरकि ओह हमर परमेसर ए \q2 अऊ हमन ओकर चरागन के मनखे अन, \q2 अऊ ओकर देखरेख म रहइया एक झुंड अन। \b \q1 यदि आज तुमन सिरिप ओकर ये अवाज ला सुनत हव, \q1 \v 8 “त अपन हिरदय ला कठोर झन करव, जइसे तुम्हर पुरखामन मरीबा\f + \fr 95:8 \fr*\fq मरीबा \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa झगड़ा\fqa*\f* म करे रिहिन, \q2 जइसे कि तुमन ओ दिन सुन्ना जगह के मस्सा\f + \fr 95:8 \fr*\fq मस्सा \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa परखई\fqa*\f* म करे रहेव,\f + \fr 95:8 \fr*\ft देखव \+xt निर 17:1‑7; गन 20:1‑13; ब्यव 6:16; 33:8\+xt*\ft*\f* \q1 \v 9 जिहां ओमन मोला परखिन; \q2 ओमन मोला जांचिन, हालाकि ओमन मोर काममन ला देखे रिहिन। \q1 \v 10 चालीस साल तक मेंह ओ पीढ़ी के मनखेमन ले नराज रहेंव; \q2 मेंह कहेंव, ‘येमन अइसे मनखे अंय, जेमन के मन ह एती-ओती होथे, \q2 अऊ ओमन मोर रसता ला नइं जानंय।’ \q1 \v 11 एकरसेति मेंह कोरोध म कसम खाके कहेंव, \q2 ‘ओमन ओ ठऊर\f + \fr 95:11 \fr*\ft परतिगियां के देस, कनान देस\ft*\f* म कभू नइं जा सकहीं, जिहां मेंह ओमन ला अराम देवइया रहेंव।’ ” \c 96 \cl भजन-संहिता 96 \q1 \v 1 यहोवा बर एक नवां गीत गावव; \q2 हे धरती के जम्मो मनखेमन, यहोवा बर गावव। \q1 \v 2 यहोवा बर गावव, ओकर नांव के परसंसा करव; \q2 ओकर उद्धार के सुसमाचार हर दिन सुनात रहव। \q1 \v 3 जाति-जाति के मनखेमन के बीच म ओकर महिमा के, \q2 अऊ जम्मो मनखेमन के बीच म ओकर अद्भूत काम के बखान करव। \b \q1 \v 4 काबरकि यहोवा ह महान अऊ अति परसंसा के योग्य अय; \q2 ओह जम्मो देवतामन ले जादा भय के योग्य अय। \q1 \v 5 काबरकि जाति-जाति के जम्मो देवतामन सिरिप मूरती अंय, \q2 पर यहोवा ह स्वरग ला बनाईस। \q1 \v 6 सोभा अऊ वैभव ओकर आघू म हवय; \q2 ताकत अऊ महिमा ओकर पबितर-स्थान म हवय। \b \q1 \v 7 हे जाति-जाति के जम्मो परिवारमन, यहोवा के बखान करव, \q2 यहोवा के महिमा अऊ बल के बखान करव। \q1 \v 8 यहोवा के नांव के मुताबिक ओकर बखान करव; \q2 भेंट लेके ओकर अंगना म आवव। \q1 \v 9 पबितरता ले सोभायमान होके यहोवा के अराधना करव; \q2 हे धरती के जम्मो मनखेमन, ओकर आघू म कांपव। \q1 \v 10 जाति-जाति के मनखेमन के बीच म कहव, “यहोवा ह सासन करथे।” \q2 संसार ला मजबूती से स्थापित करे गे हवय, येला हटाय नइं जा सकय; \q2 ओह समान रूप से मनखेमन के नियाय करही। \b \q1 \v 11 अकास ह आनंद मनावय, धरती ह खुस होवय; \q2 समुंदर अऊ ओमा के जम्मो चीजमन गरजंय। \q1 \v 12 भुइयां अऊ ओमा के हर एक चीज बहुंत आनंदित होवंय; \q2 जंगल के जम्मो रूखमन आनंदित होके गीत गावंय। \q1 \v 13 पूरा सिरिस्टी ह यहोवा के आघू म आनंद मनावय, काबरकि ओह आवथे, \q2 ओह धरती के नियाय करे बर आवथे। \q1 ओह धरमीपन ले संसार के \q2 अऊ अपन बिसवासयोग्यता से मनखेमन के नियाय करही। \c 97 \cl भजन-संहिता 97 \q1 \v 1 यहोवा ह सासन करथे, धरती ह खुस होवय; \q2 दूरिहा-दूरिहा के समुंदर-तटमन आनंद मनावंय। \q1 \v 2 बादर अऊ गहिरा अंधियार ओकर चारों कोति हवय; \q2 धरमीपन अऊ नियाय ओकर सिंघासन के नीव अंय। \q1 \v 3 आगी ह ओकर आघू-आघू जाथे \q2 अऊ ओकर बईरीमन ला चारों कोति ले भसम कर देथे। \q1 \v 4 ओकर बिजली ह संसार ला अंजोर कर देथे; \q2 धरती ह येला देखके कांपथे। \q1 \v 5 पहाड़मन यहोवा के आघू म \q2 याने कि जम्मो धरती के परभू के आघू म मोम के सहीं टघल जाथें। \q1 \v 6 अकास ह ओकर धरमीपन के बखान करथे, \q2 अऊ जम्मो मनखेमन ओकर महिमा ला देखथें। \b \q1 \v 7 ओ जम्मो, जऊन मन बेकार के देवतामन के अराधना करथें, \q2 अऊ जऊन मन मूरतीमन ऊपर घमंड करथें, ओमन लज्जा म पड़थें; \q2 हे जम्मो देवतामन, परमेसर के अराधना करव! \b \q1 \v 8 हे यहोवा, तोर नियाय के बात ला सुनके \q2 सियोन ह आनंदित होथे \q2 अऊ यहूदा के गांवमन खुस होथें। \q1 \v 9 काबरकि हे यहोवा, तेंह जम्मो धरती के ऊपर सर्वोच्च परमेसर अस; \q2 तेंह जम्मो देवतामन ले बहुंत ऊपर उठाय गे हस। \q1 \v 10 जऊन मन यहोवा ले मया करथें, ओमन बुरई ले घिन करंय, \q2 काबरकि ओह अपन बिसवासयोग्य जन के परान के रकछा करथे \q2 अऊ ओमन ला दुस्टमन के हांथ ले बचाथे। \q1 \v 11 अंजोर ह धरमी ऊपर चमकथे \q2 अऊ ईमानदार मनखे के हिरदय म आनंद रहिथे। \q1 \v 12 हे धरमी मनखेमन, यहोवा म आनंद मनावव, \q2 अऊ ओकर पबितर नांव के परसंसा करव। \c 98 \cl भजन-संहिता 98 \d एक भजन। \q1 \v 1 यहोवा बर एक नवां गीत गावव, \q2 काबरकि ओह अद्भूत काम करे हवय; \q1 ओकर जेवनी हांथ अऊ ओकर पबितर बाहां ह \q2 ओकर बर उद्धार के काम करे हवय। \q1 \v 2 यहोवा ह जाति-जाति के मनखेमन ला अपन करे गय उद्धार ला बताय हवय \q2 अऊ ओमन ऊपर अपन धरमीपन ला परगट करे हवय। \q1 \v 3 ओह इसरायल बर अपन मया \q2 अऊ अपन बिसवासयोग्यता ला सुरता करे हवय; \q1 धरती के जम्मो छोर तक मनखेमन \q2 हमर परमेसर के करे गय उद्धार ला देखे हवंय। \b \q1 \v 4 हे धरती के जम्मो मनखेमन, यहोवा बर आनंद के मारे चिचियावव, \q2 बाजा बजाके आनंद के गीत जोर-जोर से गावव; \q1 \v 5 बीना बजाके यहोवा के इस्तुति करव, \q2 बीना बजाके गीत गावत ओकर इस्तुति करव, \q1 \v 6 तुरही अऊ नरसिंगा के ऊंचहा अवाज के संग \q2 यहोवा, हमर राजा के आघू म आनंद के मारे जय-जयकार करव। \b \q1 \v 7 समुंदर, अऊ येमा के जम्मो चीज, \q2 संसार, अऊ येमा रहइया जम्मो चीज जय-जयकार करंय। \q1 \v 8 नदीमन ताली बजावंय, \q2 पहाड़मन एक संग आनंद के गीत गावंय; \q1 \v 9 ओमन ला यहोवा के आघू म गावन दव, \q2 काबरकि ओह धरती के नियाय करे बर आथे। \q1 ओह संसार के नियाय धरमीपन के संग \q2 अऊ मनखेमन के नियाय बरोबरी के अधार म करही। \c 99 \cl भजन-संहिता 99 \q1 \v 1 यहोवा ह सासन करथे, \q2 देस-देस के मनखेमन कांपंय; \q1 ओह करूबमन के बीच सिंघासन म बिराजमान होथे, \q2 धरती ह डोलय। \q1 \v 2 सियोन म यहोवा ह महान ए; \q2 ओह जम्मो देसमन के ऊपर उठाय गे हवय। \q1 \v 3 ओमन तोर महान अऊ अद्भूत नांव के परसंसा करंय— \q2 ओह पबितर अय। \b \q1 \v 4 राजा ह सक्तिसाली हवय, ओह नियाय ले मया करथे— \q2 तेंह समानता के इस्‍थापना करे हस; \q1 याकूब\f + \fr 99:4 \fr*\ft या \ft*\fqa इसरायली समाज\fqa*\f* म तेंह ओ करे हस, \q2 जऊन ह नियाय-संगत अऊ सही अय। \q1 \v 5 यहोवा हमर परमेसर के बहुंत परसंसा करव \q2 अऊ ओकर पांव के चउकी करा अराधना करव; \q2 ओह पबितर ए। \b \q1 \v 6 मूसा अऊ हारून ओकर पुरोहितमन म रिहिन, \q2 समूएल ह ओमन के बीच म ले रिहिस, जऊन मन ओकर नांव लेवंय; \q1 ओमन यहोवा ला पुकारंय \q2 अऊ ओह ओमन ला जबाब देवय। \q1 \v 7 ओह ओमन ले बादर के खंभा म ले बात करय; \q2 ओमन ओकर दिये गय नियम अऊ बिधिमन ला मानंय। \b \q1 \v 8 यहोवा हमर परमेसर, \q2 तेंह ओमन ला जबाब देय; \q1 इसरायल बर तेंह छेमा करइया परमेसर रहय, \q2 हालाकि तेंह ओमन के गलत काम बर दंड देय। \q1 \v 9 परभू हमर परमेसर के बहुंत परसंसा करव \q2 अऊ ओकर पबितर पहाड़ करा अराधना करव, \q2 काबरकि यहोवा हमर परमेसर ह पबितर ए। \c 100 \cl भजन-संहिता 100 \d धनबाद अऊ महिमा देय बर एक भजन। \q1 \v 1 हे धरती के जम्मो मनखेमन, यहोवा बर आनंद के मारे चिचियावव। \q2 \v 2 खुस होके यहोवा के अराधना करव; \q2 आनंद के गीत गावत ओकर आघू म आवव। \q1 \v 3 ये बात ला जानव कि यहोवा ही परमेसर अय। \q2 ओही ह हमन ला बनाय हवय, अऊ हमन ओकरेच अन\f + \fr 100:3 \fr*\ft या \ft*\fqa अपन खुद के नो हन\fqa*\f*; \q2 हमन ओकर मनखे, ओकर चरागन के भेड़ अन। \b \q1 \v 4 धनबाद करत ओकर कपाट के भीतर \q2 अऊ परसंसा करत ओकर अंगना म जावव; \q2 ओला धनबाद देवव अऊ ओकर नांव के महिमा करव। \q1 \v 5 काबरकि यहोवा ह बने अय अऊ ओकर मया हमेसा बने रहिथे; \q2 ओकर बिसवासयोग्यता ह जम्मो पीढ़ी म बने रहिथे। \c 101 \cl भजन-संहिता 101 \d दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 मेंह तोर मया अऊ नियाय के गीत गाहूं; \q2 हे यहोवा, मेंह तोर परसंसा के गीत गाहूं। \q1 \v 2 मेंह निरदोस जिनगी जीये बर धियान दूहूं— \q2 तेंह मोर करा कब आबे? \b \q1 मेंह निरदोस हिरदय से \q2 अपन घर के मामला म बेवहार करहूं। \q1 \v 3 मेंह कोनो दुस्ट काम बर \q2 मंजूरी नइं दूहूं। \b \q1 मेंह बिसवासहीन मनखेमन के काम ले घिन करथंव; \q2 अइसन काम ले मोर कोनो लेना-देना नइं होही। \q1 \v 4 जिद्दी सुभाव ले मेंह दूर रहिहूं; \q2 दुस्ट काम ले मोर कोनो लेना-देना नइं होही। \b \q1 \v 5 जऊन कोनो अपन परोसी के पाछू ओकर निन्दा करथे, \q2 मेंह ओला नास कर दूहूं; \q1 अहंकार ले भरे आंखीवाले अऊ घमंड ले भरे मनखे ला \q2 मेंह सहन नइं करहूं। \b \q1 \v 6 मोर आंखी ह देस म बिसवासयोग्य मनखेमन ऊपर लगे रहिही, \q2 ताकि ओमन मोर संग रहंय; \q1 जऊन ह निरदोस जिनगी जीथे, \q2 ओह मोर सेवा करही। \b \q1 \v 7 धोखाधड़ी करइया कोनो भी मनखे \q2 मोर घर म नइं रहिही; \q1 जऊन ह लबारी मारथे, \q2 ओह मोर आघू म ठाढ़ नइं हो सकही। \b \q1 \v 8 हर बिहनियां मेंह देस के \q2 जम्मो दुस्टमन ला नास कर दूहूं; \q1 यहोवा के सहर ले \q2 मेंह हर दुस्ट मनखे ला नास कर दूहूं। \c 102 \cl भजन-संहिता 102\f + \fr 102 \fr*\ft इबरानी म \+xt 102:1‑28\+xt* ला 102:2‑29 गने गे हवय\ft*\f* \d एक दुखित मनखे के पराथना, जऊन ह कमजोर हो गे हवय अऊ यहोवा के आघू म खुलके अपन मन के दुख ला रखत हे। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोर पराथना ला सुन; \q2 मदद बर मोर गोहार ह तोर तक हबरय। \q1 \v 2 जब मेंह दुखित हंव, \q2 त अपन मुहूं ला मोर ले झन छिपा। \q1 अपन कान ला मोर कोति कर; \q2 जब मेंह पुकारंव, जल्दी से मोला जबाब दे। \b \q1 \v 3 काबरकि मोर जिनगी के समय ह धुआं के सहीं खतम होवत हे; \q2 मोर हाड़ामन दहकत अंगरा सहीं बरत हें। \q1 \v 4 मोर हिरदय म रोग लगे हे अऊ कांदी सहीं मुरझा गे हवय; \q2 मेंह अपन जेवन जे बर भुला जाथंव। \q1 \v 5 अपन पीरा म मेंह जोर-जोर से कलहरत हंव \q2 अऊ सूखके चमड़ी अऊ हाड़ा हो गे हवंव। \q1 \v 6 मेंह सुन्ना जगह के एक उल्लू अंव, \q2 खंडहर म रहइया एक उल्लू सहीं अंव। \q1 \v 7 मेंह पड़े-पड़े जागत रहिथंव; मेंह छानी म \q2 अकेला बईठे एक चिरई सहीं हो गे हवंव। \q1 \v 8 दिन भर मोर बईरीमन मोला ताना मारत रहिथें; \q2 जऊन मन मोला ताना मारथें, ओमन मोर नांव के उपयोग सराप दे बर करथें। \q1 \v 9 काबरकि राख ला मेंह खाना के रूप म खाथंव \q2 अऊ आंसू ला मिलाके पानी पीथंव \q1 \v 10 येह तोर बड़े कोप के कारन होय हवय, \q2 काबरकि तेंह मोला उठाके अलग फटिक दे हस। \q1 \v 11 मोर उमर ह संझा के ढरत छइहां के सहीं अय; \q2 मेंह कांदी के सहीं अइला जाथंव। \b \q1 \v 12 पर हे यहोवा, तेंह सदाकाल बर बिराजमान हस; \q2 तोर खियाती जम्मो पीढ़ी तक बने रहिथे। \q1 \v 13 तेंह उठबे अऊ सियोन ऊपर दया करबे, \q2 काबरकि येह ओकर ऊपर किरपा करे के समय ए; \q2 ठहिराय गे समय ह आ गे हवय। \q1 \v 14 काबरकि ओकर पथरामन तोर सेवकमन बर मयारू अंय; \q2 ओकर धुर्रा ला ही देखके ओमन के मन म दया के भाव आ जाथे। \q1 \v 15 जाति-जाति के मनखेमन यहोवा के नांव के भय मानहीं, \q2 धरती के जम्मो राजामन तोर महिमा के आघू म मुड़ नवाहीं। \q1 \v 16 काबरकि यहोवा ह सियोन ला फेर बनाही \q2 अऊ अपन महिमा म परगट होही। \q1 \v 17 ओह गरीब-लाचार के पराथना के जबाब दीही; \q2 ओह ओमन के बिनती ला तुछ नइं समझय। \b \q1 \v 18 येला अवइया पीढ़ी के मनखेमन बर लिखे जावय, \q2 ताकि ओ मनखे, जेमन अभी सिरजे नइं गे हवंय, ओमन यहोवा के इस्तुति करंय: \q1 \v 19 “यहोवा ह अपन ऊंच पबितर-स्थान ले खाल्हे देखिस, \q2 स्वरग ले ओह धरती ला देखिस, \q1 \v 20 ताकि कैदीमन के कलहरई ला सुनय \q2 अऊ मिरतू-दंड पाय मनखेमन ला छुड़ावय।” \q1 \v 21 ताकि जब देस-देस अऊ राज-राज के मनखेमन \q2 यहोवा के अराधना करे बर जूरंय, \q1 \v 22 त सियोन म यहोवा के नांव के घोसना \q2 अऊ यरूसलेम म ओकर परसंसा होवय। \b \q1 \v 23 मोर जिनगी के यातरा म, ओह मोर बल ला टोर दीस; \q2 ओह मोर उमर ला घटा दीस। \q1 \v 24 एकरसेति मेंह कहेंव: \q1 “हे मोर परमेसर, मोर जिनगी के बीच म ले मोला झन उठा ले; \q2 तोर जिनगी ह तो जम्मो पीढ़ी तक बने रहिथे। \q1 \v 25 सुरूआत म तेंह धरती के नीव रखे, \q2 अऊ अकास ह तोर हांथ के दुवारा बनाय गे हवय। \q1 \v 26 ओमन तो नास हो जाहीं, पर तेंह बने रहिबे; \q2 ओमन जम्मो पहिरे के कपड़ा के सहीं जुन्ना हो जाहीं। \q1 कपड़ा के सहीं तेंह ओमन ला बदल देबे \q2 अऊ ओमन तियाग दिये जाहीं। \q1 \v 27 पर तेंह वइसनेच के वइसने रहिथस, \q2 अऊ तोर उमर ह कभू खतम नइं होवय। \q1 \v 28 तोर सेवक के लइकामन तोर आघू म रहिहीं; \q2 ओमन के संतान तोर आघू म स्थापित करे जाहीं।” \c 103 \cl भजन-संहिता 103 \d दाऊद के भजन। \q1 \v 1 हे मोर मन, यहोवा के परसंसा कर; \q2 अऊ जऊन कुछू मोर म हवय, ओकर पबितर नांव के परसंसा करय। \q1 \v 2 हे मोर मन, यहोवा के परसंसा कर, \q2 अऊ ओकर कोनो उपकार ला झन भुलाबे— \q1 \v 3 ओह तोर जम्मो पाप ला छेमा करथे \q2 अऊ तोर जम्मो बेमारी ला चंगा करथे, \q1 \v 4 ओह तोर जिनगी ला नास होय ले बचाथे \q2 अऊ तोला मया अऊ करूना के मुकुट पहिराथे, \q1 \v 5 ओह बने-बने चीज के दुवारा तोर ईछा ला पूरा करथे \q2 जेकर ले तोर जवानी ह गिधवा के जवानी सहीं नवां हो जाथे। \b \q1 \v 6 यहोवा ह जम्मो दुखी मनखेमन बर \q2 धरमीपन अऊ नियाय के काम करथे। \b \q1 \v 7 ओह मूसा ला अपन रसता \q2 अऊ इसरायल के मनखेमन ला अपन काम बताईस: \q1 \v 8 यहोवा ह दयालु अऊ अनुग्रहकारी, \q2 कोरोध करे म धीमा अऊ मया ले भरे हवय। \q1 \v 9 ओह हमेसा दोस नइं लगाही, \q2 न ही हमेसा बर गुस्सा करही; \q1 \v 10 ओह हमर पाप के मुताबिक हमर ले बरताव नइं करिस \q2 अऊ न ही हमर अधरम के मुताबिक हमर ले बदला लीस। \q1 \v 11 काबरकि अकास ह धरती ले जतेक ऊपर हे, \q2 ओतेक ही ओकर मया ह ओमन बर महान ए, जऊन मन ओकर भय मानथें; \q1 \v 12 पूरब ले पछिम ह जतेक दूरिहा हवय, \q2 ओह हमर अपराध ला ओतेक दूरिहा हमर ले कर दे हवय। \b \q1 \v 13 जइसे एक ददा ह अपन लइकामन ऊपर दया करथे, \q2 वइसे ही यहोवा ह ओमन ऊपर दया करथे, जऊन मन ओकर भय मानथें; \q1 \v 14 काबरकि ओह जानथे कि हमन कइसे बनाय जाथन, \q2 ओला सुरता रहिथे कि हमन धुर्रा अन। \q1 \v 15 मनखे के जिनगी ह कांदी सहीं होथे, \q2 ओमन खेत के फूल सहीं फूलथें; \q1 \v 16 अऊ जब ओकर ऊपर हवा चलथे, त ओह नइं ठहिरय, \q2 अऊ ओकर जगह ह ओला फेर सुरता नइं रखय। \q1 \v 17 पर अनंतकाल ले अनंतकाल तक \q2 यहोवा के मया ओकर भय मनइयामन ऊपर, \q2 अऊ ओकर धरमीपन ओमन के लइकामन के लइकामन ऊपर बने रहिथे— \q1 \v 18 याने कि ओमन ऊपर जऊन मन ओकर करार के पालन करथें \q2 अऊ ओकर नियम ला माने बर सुरता करथें। \b \q1 \v 19 यहोवा ह अपन सिंघासन ला स्वरग म स्थापित करे हवय, \q2 अऊ ओकर राज ह जम्मो सिरिस्टी ऊपर चलथे। \b \q1 \v 20 हे ओकर स्वरगदूतमन, यहोवा के परसंसा करव, \q2 तुमन, जऊन मन सक्तिसाली अव अऊ ओकर हुकूम ला मानथव, \q2 तुमन, जऊन मन ओकर बात ला मानथव। \q1 \v 21 हे ओकर जम्मो स्वरग के जीवमन, हे ओकर सेवकमन, \q2 तुमन जऊन मन ओकर ईछा ला पूरा करथव, यहोवा के परसंसा करव। \q1 \v 22 हे ओकर जम्मो सिरिस्टी, ओकर राज म हर जगह \q2 यहोवा के परसंसा करव। \b \q1 हे मोर मन, यहोवा के परसंसा कर। \c 104 \cl भजन-संहिता 104 \q1 \v 1 हे मोर मन, यहोवा के परसंसा कर। \b \q1 हे यहोवा मोर परमेसर, तेंह बहुंत महान अस; \q2 तेंह सोभा अऊ गौरव के कपड़ा पहिरे हस। \b \q1 \v 2 यहोवा ह अपनआप ला एक कपड़ा के सहीं अंजोर ले लपेटे रहिथे; \q2 ओह अकास ला एक तम्बू के सहीं तानथे \q2 \v 3 अऊ अपन ऊपर के कमरा के मियारमन ला ओमन के पानी म रखथे। \q1 ओह बादर ला अपन रथ बनाथे \q2 अऊ हवा के डेना म सवारी करथे। \q1 \v 4 ओह हवा ला अपन संदेसिया\f + \fr 104:4 \fr*\ft या \ft*\fqa स्वरगदूत\fqa*\f* \q2 अऊ आगी के जुवालामन ला अपन सेवक बनाथे। \b \q1 \v 5 ओह धरती ला ओकर नीव म इस्थिर करथे; \q2 येला कभू भी हटाय नइं जा सकय। \q1 \v 6 तेंह येला एक कपड़ा ढांपे सहीं गहिरा समुंदर ले ढांप दे हस; \q2 पानी ह पहाड़मन ले ऊपर ठहर गीस। \q1 \v 7 पर तोर डांटे ले पानी ह भाग गीस, \q2 तोर गरजन के अवाज ले ओमन उड़िया गीन; \q1 \v 8 ओमन पहाड़मन के ऊपर बहे लगिन, \q2 ओमन घाटीमन के खाल्हे म गीन, \q2 ओ जगह जेला तेंह ओमन बर ठहिराय रहय। \q1 \v 9 तेंह एक सीमना तय करय, जेला ओमन लांघ नइं सकंय; \q2 ओमन फेर कभू धरती ला नइं ढांपहीं। \b \q1 \v 10 तेंह घाटीमन ले पानी के धारा निकालथस; \q2 अऊ ये पानी के धारा पहाड़मन के बीच ले बहथे। \q1 \v 11 ओमन भुइयां के जम्मो पसुमन ला पानी देथें; \q2 जंगली गदहामन अपन पीयास बुझाथें। \q1 \v 12 अकास के चिरईमन पानी के तीर म अपन खोंधरा बनाथें; \q2 ओमन रूख के डारामन के बीच म गाथें। \q1 \v 13 ओह अपन ऊपरी कमरा ले पहाड़मन ऊपर पानी गिराथे; \q2 भुइयां ह ओकर काम के फर ले संतुस्ट होथे। \q1 \v 14 ओह पसुमन बर कांदी उगाथे, \q2 अऊ मनखेमन के लुए-काटे बर पऊधा लगाथे— \q2 जेकर से धरती ले जेवन के परबंध होथे: \q1 \v 15 अंगूर के मंद, जेह मनखे के मन ला खुसी देथे, \q2 तेल, जेकर से ओमन के चेहरा ह चमकथे, \q2 अऊ रोटी, जेह ओमन के जिनगी ला बनाय रखथे। \q1 \v 16 यहोवा के रूखमन ला \q2 याने कि ओकर लगाय लबानोन के देवदारमन ला बहुंत पानी मिलथे। \q1 \v 17 उहां चिरईमन अपन खोंधरा बनाथें; \q2 बगुला के घर सनोवर के रूख म होथे। \q1 \v 18 ऊंच पहाड़मन जंगली छेरीमन बर होथें; \q2 करारदार चट्टानमन बिज्जूमन के सरन-स्थान होथें। \b \q1 \v 19 ओह अलग-अलग मौसम ला बताय बर चंदा ला बनाईस, \q2 अऊ सूरज ह जानथे कि कब बुड़ना हे। \q1 \v 20 तेंह अंधियार लानथस, तब रथिया होथे, \q2 अऊ जम्मो जंगली जानवरमन चुपेचाप निकलथें। \q1 \v 21 सिंहमन अपन सिकार बर गरजथें \q2 अऊ परमेसर ले अपन आहार मांगथें। \q1 \v 22 सूरज ह निकलथे, अऊ ओमन चुपेचाप चले जाथें; \q2 ओमन लहुंटके अपन मांद म लेट जाथें। \q1 \v 23 तब मनखेमन अपन-अपन काम म, \q2 अऊ सांझ होवत तक मेहनत करे बर बाहिर निकलथें। \b \q1 \v 24 हे यहोवा, तोर काममन बहुंते हवंय! \q2 अपन बुद्धि ले तेंह ओ जम्मो ला बनाय; \q2 धरती ह तोर जीव-जन्तुमन ले भरे हवय। \q1 \v 25 समुंदर हवय, बहुंत बड़े अऊ लम्बा अऊ चौड़ा, \q2 गनती के बाहिर जीवमन ले भरे— \q2 छोटे अऊ बड़े दूनों जीयत चीजमन ले। \q1 \v 26 उहां पानी जहाजमन आथें-जाथें, \q2 अऊ लिबयातान, जेला तेंह उहां खेले बर बनाय हस। \b \q1 \v 27 जम्मो जीवमन तोर कोति ताकथें \q2 कि समय म ओमन ला ओमन के जेवन मिलय। \q1 \v 28 जब तेंह ओमन ला जेवन देथस, \q2 त ओमन येला इकट्ठा कर लेथें; \q1 जब तेंह अपन हांथ खोलथस, \q2 त ओमन बने चीजमन के दुवारा संतुस्ट होथें। \q1 \v 29 जब तेंह अपन मुहूं ला छिपा लेथस, \q2 त ओमन भयभीत हो जाथें; \q1 जब तेंह ओमन के सांस बंद कर देथस, \q2 त ओमन मर जाथें अऊ माटी म मिल जाथें। \q1 \v 30 जब तेंह अपन आतमा ला भेजथस, \q2 त ओमन बनाय जाथें, \q2 अऊ तेंह धरती के रूप ला पहिले सहीं कर देथस। \b \q1 \v 31 यहोवा के महिमा ह सदाकाल तक बने रहय; \q2 यहोवा ह अपन काम म आनंदित होवय— \q1 \v 32 जब ओह धरती ला देखथे, त धरती ह कांपथे, \q2 ओह पहाड़मन ला छूथे, त ओमन ले कुहरा निकलथे। \b \q1 \v 33 मेंह अपन जिनगी भर यहोवा के गीत गाहूं; \q2 जब तक मेंह जीयत हंव, मेंह अपन परमेसर के परसंसा के गीत गाहूं। \q1 \v 34 जइसे कि मेंह यहोवा म आनंदित रहिथंव, \q2 त मोर मनन-चिंतन ह ओला खुसी देवय। \q1 \v 35 पर पापीमन धरती ले मिट जावंय \q2 अऊ दुस्ट मनखेमन खतम हो जावंय। \b \q1 हे मोर मन, यहोवा के परसंसा कर। \b \q1 यहोवा के परसंसा कर। \c 105 \cl भजन-संहिता 105 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव, ओकर नांव के घोसना करव; \q2 जाति-जाति के मनखेमन के बीच म ओकर करे गे काम ला बतावव। \q1 \v 2 ओकर गीत गावव, ओकर परसंसा के गीत गावव; \q2 ओकर जम्मो अद्भूत काम के बखान करव। \q1 \v 3 ओकर पबितर नांव के महिमा होवय; \q2 जऊन मन यहोवा के खोज करथें, ओमन के मन आनंदित होवय। \q1 \v 4 यहोवा अऊ ओकर बल के खोज म रहव; \q2 हमेसा ओकर दरसन के खोज म रहव। \b \q1 \v 5 ओकर करे गे अद्भूत काम, \q2 ओकर चमतकार, अऊ ओकर दिये गय नियाय ला सुरता करव, \q1 \v 6 हे ओकर सेवक, अब्राहम के संतानमन, \q2 हे ओकर चुने गय मनखे, याकूब के लइकामन। \q1 \v 7 ओह यहोवा हमर परमेसर ए; \q2 जम्मो धरती म ओकर नियाय हवय। \b \q1 \v 8 ओह अपन करे गे करार, \q2 हजार पीढ़ी के मनखेमन बर करे गे वायदा, \q1 \v 9 अब्राहम के संग करे गे करार, \q2 अऊ इसहाक के संग खाय गे सपथ ला सदाकाल बर सुरता रखथे। \q1 \v 10 ओह येला याकूब के संग एक बिधि के रूप म, \q2 इसरायल के संग हमेसा के एक करार के रूप म ये कहिके मजबूत करिस: \q1 \v 11 “तोला मेंह कनान देस दूहूं, \q2 एक निज भाग के रूप म तोला ओह मिलही।” \b \q1 \v 12 जब ओमन गनती म थोरकन ही रिहिन, \q2 वास्तव म थोरकन रिहिन, अऊ ओ देस म अजनबी रिहिन, \q1 \v 13 ओमन एक जाति ले आने जाति, \q2 अऊ एक राज ले दूसर राज म भटकत रिहिन। \q1 \v 14 त ओह कोनो ला ओमन ला सताय नइं दीस; \q2 ओमन के हित म, ओह राजामन ला दबकारिस: \q1 \v 15 “मोर अभिसिक्त मनखेमन ला झन छुवव; \q2 मोर अगमजानीमन के कुछू हानि झन करव।” \b \q1 \v 16 ओह ओ देस म अकाल लानिस \q2 अऊ ओमन के जम्मो भोजन के परबंध करई ला नास कर दीस; \q1 \v 17 अऊ ओह ओमन के आघू एक मनखे यूसुफ ला पठोईस, \q2 जेला एक गुलाम के रूप म बेच दिये गे रिहिस। \q1 \v 18 ओमन बेड़ी डालके ओकर गोड़ ला चोट पहुंचाईन, \q2 ओकर गरदन ला लोहा ले जकड़िन, \q1 \v 19 जब तक कि ओकर कहे गे बात पूरा नइं होईस, \q2 जब तक कि यहोवा के बचन ह ओकर बात ला सही साबित नइं करिस। \q1 \v 20 राजा ह मनखे पठोके ओला छोंड़ दीस, \q2 मनखेमन के सासक ह ओला मुक्त कर दीस। \q1 \v 21 ओह ओला अपन घर के परधान, \q2 अऊ अपन जम्मो चीज के ऊपर सासक बनाईस, \q1 \v 22 ताकि ओह ओकर हाकिममन ला अपन ईछा के मुताबिक हुकूम देवय \q2 अऊ ओकर अगुवामन ला बुद्धि के बात सिखावय। \b \q1 \v 23 तब इसरायल ह मिसर देस म आईस; \q2 याकूब ह हाम\f + \fr 105:23 \fr*\fq हाम \fq*\ft ह मिसर देस के एक आने नांव ए\ft*\f* के देस म एक परदेसी के रूप म रहे लगिस। \q1 \v 24 यहोवा ह अपन मनखेमन ला गनती म बहुंत बढ़ाईस; \q2 ओह ओमन ला ओमन के बईरीमन बर गनती म बहुंत कर दीस, \q1 \v 25 ओह मिसरीमन के मन ला अइसे कर दीस कि ओमन ओकर मनखेमन ले घिन करे लगिन, \q2 अऊ ओकर सेवकमन के बिरूध सडयंत्र करे लगिन। \q1 \v 26 ओह अपन सेवक मूसा ला, \q2 अऊ हारून ला पठोईस, जेमन ला ओह चुने रिहिस। \q1 \v 27 ओमन मिसरीमन के बीच म ओकर अद्भूत चिनहां, \q2 अऊ हाम के देस म अद्भूत काम देखाईन। \q1 \v 28 ओह अंधियार पठोके देस ला अंधियार कर दीस \q2 काबरकि ओमन ओकर बचन के पालन नइं करिन। \q1 \v 29 ओह ओमन के पानी ला लहू म बदल दीस, \q2 जेकर से ओमन के मछरीमन मर गीन। \q1 \v 30 ओमन के देस ह मेचकामन ले भर गीस, \q2 अऊ ये मेचकामन ओमन के सासकमन के सोए के कमरामन तक चल दीन। \q1 \v 31 ओह हुकूम दीस अऊ ओमन के देस म उड़नेवाला कीरामन के दल, \q2 अऊ छोटे कीरामन आ गीन। \q1 \v 32 ओह ओमन के बारिस ला करा म बदल दीस, \q2 अऊ पूरा देस म बिजली चमके लगिस; \q1 \v 33 ओह ओमन के अंगूर के नार अऊ अंजीर के रूखमन ला गिरा दीस \q2 अऊ ओमन के देस के रूखमन ला चकनाचूर कर दीस। \q1 \v 34 ओह हुकूम दीस, अऊ फांफा, \q2 अऊ अनगिनत कीरामन आ गीन; \q1 \v 35 ओमन मिसरीमन के देस के जम्मो हरियर चीज, \q2 अऊ ओमन के भुइयां के ऊपज ला खा डारिन। \q1 \v 36 तब ओह ओमन के देस म जम्मो पहिलांत, \q2 ओमन के मरदानगी के जम्मो पहिला फर ला मार डारिस। \q1 \v 37 ओह सोन अऊ चांदी ले लादके इसरायल ला बाहिर निकाल ले आईस, \q2 अऊ ओमन के गोत्रमन ले कोनो नइं लड़खड़ाईन। \q1 \v 38 जब ओमन गीन, त मिसर देस के मनखेमन खुस होईन, \q2 काबरकि ओमन ऊपर इसरायल के भय छा गे रिहिस। \b \q1 \v 39 ओह ढकना के रूप म एक बादर ला फईला दीस, \q2 अऊ रथिया के बेरा अंजोर देय बर आगी दीस। \q1 \v 40 ओमन मांस के मांग करिन, अऊ ओह ओमन बर बटेर ले आईस; \q2 ओह ओमन ला स्वरग के रोटी पेट भरके खवाईस। \q1 \v 41 ओह चट्टान ला खोलके ओमा ले पानी बहाईस; \q2 अऊ येह निरजन भुइयां म नदी सहीं बहे लगिस। \b \q1 \v 42 काबरकि ओह अपन सेवक अब्राहम ला दिये गय \q2 पबितर परतिगियां ला सुरता करिस। \q1 \v 43 ओह अपन मनखेमन ला आनंद के संग, \q2 अपन चुने गय मनखेमन ला आनंद के जयकार के संग निकाल लानिस; \q1 \v 44 ओह जाति-जाति के मनखेमन के देस ओमन ला दे दीस, \q2 अऊ जेकर बर आने मन मेहनत करे रिहिन, ओकर ओमन उत्तराधिकारी हो गीन— \q1 \v 45 ताकि ओमन ओकर नियममन के पालन करंय \q2 अऊ ओकर कानून ला मानंय। \b \q1 यहोवा के परसंसा होवय।\f + \fr 105:45 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa हलिलूयाह\fqa*\f* \c 106 \cl भजन-संहिता 106 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा होवय। \b \q1 यहोवा ला धनबाद देवव, काबरकि ओह बने अय; \q2 ओकर मया हमेसा बने रहिथे। \b \q1 \v 2 कोन ह यहोवा के महान काममन के घोसना कर सकथे \q2 या कोन ह ओकर परसंसा के पूरा घोसना कर सकथे? \q1 \v 3 धइन अंय ओमन, जऊन मन नियाय के संग काम करथें, \q2 जऊन मन हमेसा ओ काम करथें, जऊन ह सही अय। \b \q1 \v 4 हे यहोवा, जब तेंह अपन मनखेमन ऊपर किरपा करथस, त मोला सुरता रखबे, \q2 जब तेंह ओमन के उद्धार करथस, त मोर मदद करबे, \q1 \v 5 ताकि मेंह तोर चुने गय मनखेमन के उन्नति के आनंद उठावंव, \q2 ताकि तोर मनखेमन के आनंद म भागी हो सकंव \q2 अऊ परसंसा देय म तोर निज भाग के संग सामिल हो सकंव। \b \q1 \v 6 हमन हमर पुरखामन सहीं पाप करे हन; \q2 हमन गलत काम करे हन अऊ दुस्टता करे हन। \q1 \v 7 जब हमर पुरखामन मिसर देस म रिहिन, \q2 तब ओमन तोर चमतकार के काम ऊपर धियान नइं दीन; \q1 ओमन तोर बहुंत दया के काममन ला सुरता नइं करिन, \q2 अऊ ओमन समुंदर, लाल-समुंदर के तीर म बिदरोह करिन। \q1 \v 8 तभो ले ओह अपन नांव के हित म ओमन ला बचाईस, \q2 अऊ अपन बहुंत सामर्थ ला देखाईस। \q1 \v 9 ओह लाल-समुंदर ला डांटिस, अऊ ओह सूख गीस; \q2 ओह ओमन ला निरजन जगह म ले जावत सहीं गहरई म ले लेय गीस। \q1 \v 10 ओह ओमन ला बिरोधीमन के हांथ ले बचाईस; \q2 अऊ ओमन ला बईरीमन के हांथ ले छुड़ाईस। \q1 \v 11 ओमन के बईरीमन पानी म बुड़ गीन; \q2 ओमा ले एको झन घलो नइं बांचिन। \q1 \v 12 तब ओमन ओकर परतिगियांमन ऊपर बिसवास करिन \q2 अऊ ओकर परसंसा के गीत गाईन। \b \q1 \v 13 पर ओमन बहुंत जल्दी ओकर काममन ला भुला गीन \q2 अऊ ओकर योजना ला जाने बर इंतजार नइं करिन। \q1 \v 14 निरजन जगह म ओमन अपन लालसा ला रखिन; \q2 सुन्ना जगह म ओमन परमेसर ला परखिन। \q1 \v 15 तब ओह ओमन के मांगे गय चीज ला दीस, \q2 पर ओमन के बीच म एक बिनास करइया बेमारी भेजिस। \b \q1 \v 16 डेरा म ओमन मूसा अऊ ओ हारून ले जलन करिन, \q2 जऊन ह यहोवा के दुवारा पबितर करे गे रिहिस। \q1 \v 17 धरती ह फटिस अऊ दातान ला लील लीस; \q2 येह अबीराम के दल ला दफना दीस।\f + \fr 106:17 \fr*\ft देखव \+xt गन 16:1‑35\+xt*\ft*\f* \q1 \v 18 आगी ह ओमन के पाछू चलइयामन के बीच गिरिस; \q2 आगी ह दुस्टमन ला भसम कर दीस। \q1 \v 19 होरेब पहाड़ म ओमन एक बछवा के मूरती बनाईन \q2 अऊ धातु ले गढ़े एक मूरती के अराधना करिन। \q1 \v 20 ओमन अपन महिमामय परमेसर के बदले \q2 एक ठन बईला के मूरती ला रखिन, जऊन ह कि घांस चरथे। \q1 \v 21 ओमन ओ परमेसर ला बिसरा दीन, जऊन ह ओमन ला बचाय रिहिस, \q2 जऊन ह मिसर देस म बड़े-बड़े काम करे रिहिस, \q1 \v 22 हाम के देस म चमतकार \q2 अऊ लाल-समुंदर के तीर म अद्भूत काम करे रिहिस।\f + \fr 106:22 \fr*\ft देखव \+xt निर 32:1‑14\+xt*\ft*\f* \q1 \v 23 एकरसेति परमेसर ह कहिस कि ओह ओमन ला नास कर दीही— \q2 का ओकर चुने जन मूसा ह \q1 ओकर कोप ला ठंडा करे बर अऊ ओमन ला नास होय ले बचाय बर \q2 ओकर आघू दरार म ठाढ़ नइं होईस। \b \q1 \v 24 तब ओमन मनभावन देस ला तुछ समझिन; \q2 ओमन ओकर परतिगियां ऊपर बिसवास नइं करिन। \q1 \v 25 ओमन अपन तम्बू म कुड़कुड़ाईन \q2 अऊ यहोवा के बात नइं मानिन। \q1 \v 26 एकरसेति ओह हांथ उठाके कसम खाईस \q2 कि ओह ओमन ला निरजन जगह म नास कर दीही, \q1 \v 27 ओमन के संतानमन ला जाति-जाति के मनखेमन के बीच म गिरा दीही \q2 अऊ ओमन ला देसमन म तितिर-बितिर कर दीही। \b \q1 \v 28 ओमन बाल-पेओर देवता ला माने लगिन \q2 अऊ निरजीव देवतामन ला चघाय गे बलिदानमन ला खाय लगिन; \q1 \v 29 ओमन अपन दुस्ट काममन के दुवारा यहोवा के कोरोध ला भड़काईन, \q2 अऊ ओमन के बीच म एक महामारी फईल गीस। \q1 \v 30 पर पीनहास ह ठाढ़ होईस अऊ ओमन बर बिनती करिस, \q2 अऊ महामारी ह खतम हो गीस। \q1 \v 31 येह ओकर बर अवइया पीढ़ी-पीढ़ी के मनखेमन बर \q2 धरमीपन गने गीस। \q1 \v 32 मरीबा के पानी के तीर म घलो ओमन यहोवा के कोरोध ला भड़काईन, \q2 अऊ ओमन के कारन मूसा ऊपर संकट आईस; \q1 \v 33 काबरकि ओमन परमेसर के आतमा के बिरूध बिदरोह करिन, \q2 अऊ उतावलापन के बात मूसा के मुहूं ले निकलिस। \b \q1 \v 34 जइसे कि यहोवा ह ओमन ला हुकूम दे रिहिस \q2 ओमन मनखेमन ला नास नइं करिन, \q1 \v 35 पर ओमन आने जाति के मनखेमन ले मिल गीन \q2 अऊ ओमन के रीति-रिवाज ला अपना लीन। \q1 \v 36 ओमन आने जाति के मूरतीमन के पूजा करिन, \q2 जऊन ह ओमन बर एक फांदा बन गीस। \q1 \v 37 ओमन अपन बेटा-बेटीमन ला \q2 झूठ-मूठ के देवतामन ला बलिदान करिन। \q1 \v 38 ओमन अपन निरदोस बेटा-बेटीमन \q2 के खून बहाईन, \q1 जेमन ला ओमन कनान के मूरतीमन म बलि चघाईन, \q2 अऊ ओमन के खून ले देस ह अपबितर हो गीस। \q1 \v 39 ओमन अपन काम के दुवारा अपनआप ला असुध करिन; \q2 अपन काम के दुवारा अपनआप ले बेभिचार\f + \fr 106:39 \fr*\ft या \ft*\fqa मूरती-पूजा\fqa*\f* करिन। \b \q1 \v 40 एकरसेति यहोवा ह अपन मनखेमन ले गुस्सा करिस \q2 अऊ अपन निज भाग ले घिन करे लगिस। \q1 \v 41 ओह ओमन ला आने जाति के मनखेमन के हांथ म कर दीस, \q2 अऊ ओमन के बईरीमन ओमन के ऊपर राज करिन। \q1 \v 42 ओमन के बईरीमन ओमन ऊपर अतियाचार करिन \q2 अऊ ओमन ला अपन अधिकार म कर लीन। \q1 \v 43 कतको बार परमेसर ह ओमन ला छोंड़ाईस, \q2 पर ओमन ओकर बिरूध बिदरोह करिन \q2 अऊ ओमन पाप म नास होवत गीन। \q1 \v 44 तभो ले ओह ओमन के संकट म ओमन ऊपर धियान दीस \q2 जब भी ओह ओमन के पुकार ला सुनिस; \q1 \v 45 ओमन के हित म ओह अपन करार ला सुरता करिस \q2 अऊ अपन बड़े मया के कारन ओह नरम पड़ गीस। \q1 \v 46 जऊन मन ओमन ला बंधुवा बनाय रिहिन, \q2 ओमन के मन म ओह ओमन बर दया पईदा करिस। \b \q1 \v 47 हे यहोवा हमर परमेसर, हमन ला बचा, \q2 अऊ हमन ला जाति-जाति के मनखेमन ले इकट्ठा कर, \q1 ताकि हमन तोर पबितर नांव ला धनबाद देवन \q2 अऊ तोर परसंसा म बड़ई करन। \b \b \q1 \v 48 यहोवा, इसरायल के परमेसर के परसंसा \q2 आदिकाल ले अनंतकाल तक होवय। \b \q1 जम्मो मनखेमन कहंय, “आमीन!” \b \q1 यहोवा के परसंसा होवय। \c 107 \ms किताब V \mr भजन-संहिता 107–150 \cl भजन-संहिता 107 \q1 \v 1 यहोवा ला धनबाद देवव, काबरकि ओह बने अय; \q2 ओकर मया हमेसा बने रहिथे। \b \q1 \v 2 यहोवा के दुवारा छोंड़ाय गय मनखेमन ये बात कहंय— \q2 जेमन ला ओह बईरीमन के हांथ ले छोंड़ाय हवय, \q1 \v 3 जेमन ला ओह देस-देस ले, \q2 पूरब अऊ पछिम ले, उत्तर अऊ दक्खिन ले इकट्ठा करे हवय।\f + \fr 107:3 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fq उत्तर अऊ \fq*\fqa समुंदर\fqa*\f* \b \q1 \v 4 कुछू झन निरजन प्रदेस के बेकार जगह म भटकिन, \q2 ओमन ला कोनो सहर जाय के रसता नइं मिलिस, जिहां ओमन बस जावंय। \q1 \v 5 ओमन भूखन अऊ पीयासन रिहिन, \q2 अऊ ओमन के जिनगी कम होवत गीस। \q1 \v 6 तब ओमन अपन संकट के बेरा म यहोवा ला पुकारिन, \q2 अऊ ओह ओमन ला ओमन के संकट ले बचाईस। \q1 \v 7 ओह ओमन ला एक सीधा रसता ले एक सहर म ले गीस \q2 जिहां ओमन रह सकंय। \q1 \v 8 ओमन यहोवा के अटूट मया अऊ मानव-जाति बर करे गे अद्भूत काम बर \q2 ओला धनबाद देवंय, \q1 \v 9 काबरकि ओह पीयासन के पीयास बुझाथे \q2 अऊ भूखन ला बने चीजमन ले संतोस करथे। \b \q1 \v 10 कुछू मन अंधियार, घोर अंधियार म बईठिन, \q2 कैदीमन लोहा के संकली म बंधे दुख झेलत रिहिन, \q1 \v 11 काबरकि ओमन परमेसर के हुकूम के बिरूध चलिन \q2 अऊ सर्वोच्च परमेसर के योजनामन ला तुछ समझिन। \q1 \v 12 एकरसेति ओह ओमन ला बहुंत मेहनत के काम म लगाईस; \q2 ओमन लड़खड़ाईन, अऊ ओमन के मदद करे बर कोनो नइं रिहिस। \q1 \v 13 तब ओमन अपन संकट के बेरा यहोवा ला पुकारिन, \q2 अऊ ओह ओमन ला ओमन के संकट ले बचाईस। \q1 \v 14 ओह ओमन ला अंधियार, घिटके अंधियार ले बाहिर निकालिस, \q2 अऊ ओमन के बेड़ीमन ला टोर डारिस। \q1 \v 15 ओमन यहोवा ला ओकर अटूट मया बर धनबाद देवंय \q2 अऊ मानव-जाति बर करे गे ओकर अद्भूत काम बर धनबाद देवंय, \q1 \v 16 काबरकि ओह कांसा के दुवारमन ला टोर देथे \q2 अऊ लोहा के छड़मन ला काट डारथे। \b \q1 \v 17 कुछू जन अपन बिदरोही काम के कारन मुरूख बन गीन \q2 अऊ अपन अपराध के कारन दुख म पड़िन। \q1 \v 18 ओमन ला जम्मो किसम के जेवन ले अरूचि हो गीस \q2 अऊ ओमन मिरतू के दुवार म हबर गीन। \q1 \v 19 तब ओमन अपन संकट म यहोवा ला पुकारिन, \q2 अऊ ओह ओमन ला ओमन के संकट ले बचाईस। \q1 \v 20 ओह अपन बचन के दुवारा ओमन ला चंगा करिस; \q2 ओह ओमन ला मरे ले बचाईस। \q1 \v 21 ओमन यहोवा के अटूट मया \q2 अऊ मानव-जाति बर करे ओकर अद्भूत काम बर ओला धनबाद देवंय। \q1 \v 22 ओमन धनबाद के बलिदान चघावंय \q2 अऊ आनंद के गीत गाय के दुवारा ओकर काममन ला बतावंय। \b \q1 \v 23 कुछू मनखेमन पानी जहाज म समुंदर म गीन; \q2 ओमन समुंदर म होके बेपार करत रिहिन। \q1 \v 24 ओमन यहोवा के काममन ला, \q2 गहिरा समुंदर म करे गय ओकर अद्भूत काममन ला देखिन। \q1 \v 25 काबरकि ओकर कहे ले आंधी चलिस \q2 जेकर ले समुंदर म ऊंचहा-ऊंचहा लहरा उठिस। \q1 \v 26 ओमन अकास तक ऊपर उठिन अऊ खाल्हे गहरई तक गीन; \q2 अपन जोखिम म ओमन के हिम्मत खतम होवत रिहिस। \q1 \v 27 ओमन मतवारमन सहीं चक्कर खावत रिहिन अऊ लड़खड़ावत रिहिन; \q2 ओमन के बुद्धि काम नइं करत रिहिस। \q1 \v 28 तब ओमन अपन संकट म यहोवा ला पुकारिन, \q2 अऊ ओह ओमन ला ओमन के संकट ले बाहिर निकालिस। \q1 \v 29 ओह आंधी ला सांत कर दीस; \q2 समुंदर के लहरामन थम गीन। \q1 \v 30 लहरामन के सांत होय ले ओमन खुस होईन, \q2 अऊ ओह ओमन ला ओमन के मनचाहा बंदरगाह म ले गीस। \q1 \v 31 ओमन यहोवा ला ओकर अटूट मया \q2 अऊ मानव-जाति बर करे ओकर अद्भूत काम बर धनबाद देवंय। \q1 \v 32 ओमन मनखेमन के सभा म ओकर नांव ला ऊंचहा करंय \q2 अऊ अगुवामन के सभा म ओकर परसंसा करंय। \b \q1 \v 33 उहां रहइया मनखेमन के दुस्टता के कारन \q2 ओह नदीमन ला निरजन भुइयां, \q1 \v 34 पानी के सोतामन ला सूखा भुइयां, \q2 अऊ फलदार भुइयां ला नूनवाले बंजर भुइयां म बदल दीस। \q1 \v 35 ओह निरजन भुइयां ला पानी के तरिया \q2 अऊ सूखा भुइयां ला पानी के बहत सोतामन म बदल दीस; \q1 \v 36 उहां ओह भूखा मनखेमन ला रहे बर लानिस, \q2 अऊ ओमन एक सहर बनाईन जिहां ओमन रह सकंय। \q1 \v 37 ओमन खेतमन ला बोईन अऊ अंगूर के बारी लगाईन \q2 जेमा ले बने फसल मिलिस; \q1 \v 38 ओह ओमन ला आसीस दीस अऊ ओमन के संखिया बहुंत हो गीस, \q2 अऊ ओह ओमन के पसुमन के संखिया ला घलो घटे नइं दीस। \b \q1 \v 39 तब ओमन के संखिया घटे लगिस, अऊ सतावा, \q2 बिपत्ति अऊ दुख के दुवारा ओमन नम्र करे गीन; \q1 \v 40 जऊन ह परभावसाली मनखेमन के अपमान करथे, \q2 ओह ओमन ला बिगर रसतावाले जंगली भुइयां म भटकाथे। \q1 \v 41 पर ओह जरूरतमंद मनखेमन ला ओमन के दुख ले निकालथे \q2 अऊ ओमन के परिवार ला पसुमन के झुंड सहीं बढ़ाथे। \q1 \v 42 सीधवा मनखेमन देखके आनंद मनाथें, \q2 पर जम्मो दुस्ट मनखेमन अपन मुहूं बंद रखथें। \b \q1 \v 43 जऊन ह बुद्धिमान ए, ओह ये बातमन ऊपर धियान देवय \q2 अऊ यहोवा के मया के काममन ऊपर बिचार करय। \c 108 \cl भजन-संहिता 108\f + \fr 108 \fr*\ft इबरानी म \+xt 108:1‑13\+xt* ला 108:2‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d एक गीत। दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे परमेसर, मोर मन ह अटल हवय; \q2 मेंह अपन पूरा आतमा ले गीत गाहूं अऊ बाजा बजाहूं। \q1 \v 2 हे बीना अऊ सारंगी, जागव! \q2 मेंह बड़े बिहनियां ला जगाहूं। \q1 \v 3 हे यहोवा, मेंह जाति-जाति के मनखेमन के बीच म तोर परसंसा करहूं; \q2 मेंह मनखेमन के बीच म तोर गीत गाहूं। \q1 \v 4 काबरकि तोर मया ह अतेक महान ए कि ओह स्वरग ले घलो ऊंच हवय; \q2 तोर बिसवासयोग्यता ह अकास तक हबरत हवय। \q1 \v 5 हे परमेसर, तोर महिमा ह स्वरगमन ले घलो ऊपर होवय; \q2 तोर महिमा ह जम्मो धरती ऊपर होवय। \b \q1 \v 6 अपन जेवनी हांथ उठाके हमन ला बचा अऊ हमर मदद कर, \q2 ताकि जऊन मन तोर ले मया करथें, ओमन छोंड़ाय जावंय। \q1 \v 7 परमेसर ह अपन पबितर-स्थान ले कहे हवय: \q2 “जीत के खुसी म, मेंह सकेम ला बांट दूहूं \q2 अऊ सुक्कोत के घाटी ला नापहूं। \q1 \v 8 गिलाद ह मोर ए, मनस्से ह घलो मोर ए; \q2 एपरैम ह मोर मुड़ के टोप ए, \q2 यहूदा ह मोर राजदंड ए। \q1 \v 9 मोआब ह मोर हांथ-मुहूं धोए के बरतन ए, \q2 एदोम ऊपर मेंह अपन पनही ला उछालहूं; \q2 पलिस्ती ऊपर मेंह जीत के खुसी म चिचियाहूं।” \b \q1 \v 10 कोन ह मोला गढ़वाले सहर म लानही? \q2 कोन ह मोला एदोम देस ले जाही? \q1 \v 11 हे परमेसर, का ये तें नो हस, तें जऊन ह हमन ला अस्वीकार करे हस \q2 अऊ अब हमर सेना के संग नइं जावस? \q1 \v 12 बईरीमन के बिरूध हमर मदद कर, \q2 काबरकि मनखे के दिये मदद ह बेकार ए। \q1 \v 13 परमेसर के मदद ले ही हमन बिजयी होबो, \q2 अऊ ओह हमर बईरीमन ला कुचर दीही। \c 109 \cl भजन-संहिता 109 \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे मोर परमेसर, तें जेकर मेंह परसंसा करथंव, \q2 चुपेचाप झन रह, \q1 \v 2 काबरकि दुस्ट अऊ धोखा देवइया मनखेमन \q2 मोर बिरूध म गोठियावत हवंय; \q2 ओमन मोर बिरूध लबारी बात कहत हवंय। \q1 \v 3 घिनौना बचन ले ओमन मोला घेरत हवंय; \q2 ओमन बिगर कारन के मोर ऊपर हमला करथें। \q1 \v 4 ओमन के संग मेंह संगी के बरताव करंय, पर बदला म ओमन मोर ऊपर दोस लगावत हें, \q2 पर मेंह पराथना करत रहइया मनखे अंव। \q1 \v 5 ओमन मोर भलई के बदले मोर संग बुरई करथें, \q2 अऊ संगी बरताव के बदले मोर ले घिन करथें। \b \q1 \v 6 मोर बईरी के बिरोध करे बर कोनो दुस्ट मनखे ला ठहिरा दे; \q2 ओकर जेवनी हांथ कोति एक दोस लगइया ठाढ़ होवय। \q1 \v 7 जब ओकर नियाय करे जावय, त ओह अपराधी ठहिरय, \q2 अऊ पराथनामन ओला दोसी ठहिरावंय। \q1 \v 8 ओकर उमर ह थोरकन दिन के होवय; \q2 ओकर अगुवई के पद ला कोनो अऊ ले लेवय। \q1 \v 9 ओकर लइकामन अनाथ हो जावंय \q2 अऊ ओकर घरवाली ह बिधवा हो जावय। \q1 \v 10 ओकर लइकामन एती-ओती घुमत भिखारी हो जावंय; \q2 ओमन ला ओमन के उजाड़ घर ले भगा दिये जावय। \q1 \v 11 साहूकार ह ओकर जम्मो चीज ला जपत कर ले; \q2 अजनबीमन ओकर मेहनत के फर ला लूट लेवंय। \q1 \v 12 ओकर ऊपर कोनो दया झन देखावय \q2 या ओकर अनाथ लइकामन ऊपर तरस झन खावय। \q1 \v 13 ओकर संतानमन खतम हो जावंय, \q2 अगला पीढ़ी ले ओमन के नामोनिसान मिट जावय। \q1 \v 14 यहोवा के आघू म ओकर पुरखामन के दुस्टता ला लाने जावय; \q2 ओकर दाई के पाप ला कभू झन मिटाय जावय। \q1 \v 15 ओमन के पापमन यहोवा के आघू म हमेसा बने रहंय, \q2 ताकि ओह ओमन के नांव धरती ले मिटा देवय। \b \q1 \v 16 काबरकि ओ दुस्ट ह कभू दया करे के बात नइं सोचिस, \q2 पर गरीब अऊ जरूरतमंद अऊ दुखी मनखेमन ला \q2 पीछा करके मार डारिस। \q1 \v 17 सराप देवई ओला बहुंत बने लगिस— \q2 ओ सराप ह लहुंटके ओहीच ला लगय। \q1 ओला आसीस म कोनो खुसी नइं मिलिस— \q2 येह ओकर ले बहुंत दूरिहा रहय। \q1 \v 18 सराप देवई ओकर बर कपड़ा पहिरे सहीं हो गीस; \q2 येह ओकर देहें म पानी हमाय सहीं, \q2 अऊ ओकर हाड़ामन म तेल सहीं हो गीस। \q1 \v 19 येह ओकर देहें म ओढ़ना ओढ़े सहीं, \q2 अऊ ओकर कनिहां म हमेसा एक कमरपट्टा बांधे सहीं होवय। \q1 \v 20 मोर ऊपर दोस लगइयामन ला, मोर बुरई करइयामन ला \q2 यहोवा ले येहीच बदला मिलय। \b \q1 \v 21 पर हे परमपरधान यहोवा, \q2 अपन नांव के हित म मोर मदद कर; \q2 अपन मया के भलई के कारन मोला छुटकारा दे। \q1 \v 22 काबरकि मेंह गरीब अऊ जरूरतमंद अंव, \q2 अऊ मोर भीतर म मोर हिरदय ला चोट लगे हवय। \q1 \v 23 मेंह सांझ के छइहां सहीं खतम होवत हंव; \q2 मोला फांफा सहीं झटकार दिये गे हवय। \q1 \v 24 उपास करत मोर माड़ीमन दुरबल होवत हें; \q2 मोर देहें ह पातर अऊ कमजोर हो गे हवय। \q1 \v 25 मेंह अपन दोस लगइयामन बर हंसी के पात्र हो गे हवंव; \q2 जब ओमन मोला देखथें, त ओमन अपन मुड़ हलाथें। \b \q1 \v 26 हे यहोवा मोर परमेसर, मोर मदद कर; \q2 अपन अटूट मया के मुताबिक मोर उद्धार कर। \q1 \v 27 ओमन जानंय कि एकर पाछू तोर हांथ हवय, \q2 अऊ ये कि हे यहोवा, येला तेंह करे हस। \q1 \v 28 जब ओमन सराप देवंय, त तें आसीस दे; \q2 जऊन मन मोर ऊपर हमला करथें, ओमन सरमिंदा होवंय, \q2 पर तोर सेवक ह आनंद मनावय। \q1 \v 29 मोर ऊपर दोस लगइयामन ला कलंक के कपड़ा पहिराय जावय \q2 अऊ ओढ़ना लपेटे सहीं ओमन लज्जा म लपेटे जावंय। \b \q1 \v 30 अपन मुहूं ले मेंह यहोवा के बहुंत धनबाद करहूं; \q2 अराधना करइयामन के बड़े भीड़ म मेंह ओकर परसंसा करहूं। \q1 \v 31 काबरकि ओह जरूरतमंद के जेवनी हांथ कोति ठाढ़ होथे, \q2 ताकि ओह ओमन के जिनगी ला ओमन ले बचावय, जेमन ओमन ला अपराधी ठहिराहीं। \c 110 \cl भजन-संहिता 110 \d दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 यहोवा ह मोर परभू ले कहिथे: \b \q1 “मोर जेवनी हांथ कोति बईठ \q2 जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला \q2 तोर गोड़ रखे के एक चउकी नइं बना देवंव।” \b \q1 \v 2 यहोवा ह तोर सक्तिसाली राजदंड ला सियोन ले ये कहिके बढ़ाही, \q2 “अपन बईरीमन के बीच म सासन कर!” \q1 \v 3 तोर सेना ह तोर लड़ई के दिन म \q2 अपन ईछा ले तोर संग चलही। \q1 पबितर सोभा ले सजके तोर जवानमन, \q2 बिहनियां के गरभ ले निकले ओस \q2 के सहीं तोर करा आहीं। \b \q1 \v 4 यहोवा ह कसम खाय हवय \q2 अऊ ओह अपन मन ला नइं बदलय: \q1 “तेंह मलकिसिदक के रीति म, \q2 सदाकाल बर एक पुरोहित अस।” \b \q1 \v 5 परभू ह तोर जेवनी हांथ कोति हवय; \q2 ओह अपन कोप के दिन म राजामन ला कुचर दीही। \q1 \v 6 मरे मनखेमन के ढेर लगाके अऊ जम्मो धरती के सासन करइयामन ला कुचरके \q2 ओह जाति-जाति के मनखेमन के नियाय करही। \q1 \v 7 डहार म रेंगत ओह\f + \fr 110:7 \fr*\ft संभवतः \ft*\fqa राजा\fqa*\f* झरना के पानी पीही, \q2 अऊ ये किसम ले अपन मुड़ ला ऊंच करही। \c 111 \cl भजन-संहिता 111 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव।\f + \fr 111:1 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa हलिलूयाह\fqa*\f* \b \q1 मेंह सीधवा मनखेमन के मंडली म अऊ सभा म \q2 अपन पूरा मन से यहोवा के परसंसा करहूं। \b \q1 \v 2 यहोवा के काममन महान एं; \q2 जऊन मन ओ काममन ले खुस होथें, ओमन ओ काममन के ऊपर बिचार करथें। \q1 \v 3 ओकर काममन महिमामय अऊ सानदार अंय, \q2 अऊ ओकर धरमीपन हमेसा बने रहिथे। \q1 \v 4 ओह अपन अद्भूत काममन के सुरता कराय हवय; \q2 यहोवा ह अनुग्रहकारी अऊ दयालु अय। \q1 \v 5 ओह ओमन ला जेवन देथे, जेमन ओकर भय मानथें; \q2 ओह अपन करार ला हमेसा सुरता रखथे। \b \q1 \v 6 ओह दिगर जाति के मनखेमन के भुइयां अपन मनखेमन ला देके \q2 अपन काम के सक्ति ला देखाय हवय। \q1 \v 7 ओकर हांथ के काममन बिसवासयोग्य अऊ नियाय के अंय; \q2 ओकर जम्मो नियममन बिसवासयोग्य अंय। \q1 \v 8 ओमन सदा-सर्वदा अटल रहिहीं, \q2 ये कानूनमन बिसवासयोग्यता अऊ ईमानदारी से बनाय गे हवंय। \q1 \v 9 ओह अपन मनखेमन ला पाप ले छुटकारा दे हवय; \q2 ओह अपन करार ला हमेसा बर ठहिराय हवय— \q2 ओकर नांव पबितर अऊ अद्भूत अय। \b \q1 \v 10 यहोवा के भय मनई बुद्धि के सुरूआत ए; \q2 ओ जम्मो, जऊन मन ओकर नियममन ला मानथें, ओमन अपन म सही समझ रखथें। \q2 ओकर महिमा सदाकाल तक होवत रहय। \c 112 \cl भजन-संहिता 112 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव। \b \q1 धइन अंय ओमन, जऊन मन यहोवा के भय मानथें, \q2 जऊन मन ओकर हुकूम के पालन करे म बहुंत खुस होथें। \b \q1 \v 2 ओमन के लइकामन देस म सक्तिसाली होहीं; \q2 ईमानदार मनखे के पीढ़ी ला आसीस मिलही। \q1 \v 3 ओमन के घर म धन अऊ सम्पन्नता होही, \q2 अऊ ओमन के धरमीपन ह हमेसा बने रहिही। \q1 \v 4 ईमानदार मनखे बर अंधियार म घलो अंजोर निकलथे, \q2 ओमन बर घलो, जऊन मन अनुग्रहकारी अऊ दयालु अऊ धरमी अंय। \q1 \v 5 ओमन के भलई होही, जऊन मन उदार मन के अंय अऊ खुले मन से उधार देथें, \q2 जऊन मन अपन काम म नियाय के बरताव करथें। \b \q1 \v 6 खचित धरमी ह कभू नइं डगमगाही; \q2 ओमन ला हमेसा सुरता करे जाही। \q1 \v 7 ओमन खराप संदेस सुनके भयभीत नइं होहीं; \q2 यहोवा ऊपर भरोसा रखत ओमन के हिरदय ह इस्थिर रहिथे। \q1 \v 8 ओमन के हिरदय ह सुरकछित हवय, ओमन ला कोनो किसम के भय नइं होवय; \q2 आखिरी म ओमन अपन बईरीमन ऊपर बिजयी होके देखहीं। \q1 \v 9 ओमन गरीबमन ला दिल खोलके दान दे हवंय, \q2 ओमन के धरमीपन ह सदाकाल तक बने रहिथे; \q2 ओमन के सींग ला\f + \fr 112:9 \fr*\fq सींग \fq*\ft ह इहां \ft*\fqa परतिस्ठा \fqa*\ft या \ft*\fqa सम्मान \fqa*\ft के प्रतीक अय\ft*\f* आदर म ऊंच करे जाही। \b \q1 \v 10 दुस्टमन येला देखके कुढ़हीं, \q2 ओमन अपन दांत पीसहीं अऊ बरबाद हो जाहीं; \q2 दुस्टमन के लालसा ह पूरा नइं होही। \c 113 \cl भजन-संहिता 113 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव।\f + \fr 113:1 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa हलिलूयाह\fqa*\f* \b \q1 हे यहोवा के सेवकमन, तुमन ओकर परसंसा करव; \q2 यहोवा के नांव के परसंसा करव। \q1 \v 2 यहोवा के नांव के परसंसा होवय, \q2 अब अऊ हमेसा-हमेसा बर ओकर परसंसा होवय। \q1 \v 3 उदयाचल ले लेके अस्ताचल तक \q2 यहोवा के परसंसा होवय। \b \q1 \v 4 यहोवा ला जम्मो जाति के ऊपर उठाय जाथे, \q2 ओकर महिमा अकास ले घलो ऊंच हवय। \q1 \v 5 यहोवा हमर परमेसर सहीं कोन हे, \q2 जऊन ह कि ऊंच म बिराजमान हवय, \q1 \v 6 जऊन ह झुकके \q2 अकास अऊ धरती ला देखथे? \b \q1 \v 7 ओह गरीब ला धुर्रा ले उठाथे \q2 अऊ राख के कुढ़ा ले जरूरतमंद ला ऊपर करथे; \q1 \v 8 ओह ओमन ला हाकिममन के संग, \q2 अपन मनखेमन के हाकिममन संग बईठाथे। \q1 \v 9 ओह बांझ माईलोगन ला ओकर घर म अइसे बसाथे, \q2 जइसे लइकामन के खुसी ले भरे एक दाई ला। \b \q1 यहोवा के परसंसा होवय। \c 114 \cl भजन-संहिता 114 \q1 \v 1 जब इसरायलीमन मिसर देस ले बाहिर निकलिन, \q2 जब याकूब के बंसजमन आने भासा के मनखेमन के बीच ले बाहिर आईन, \q1 \v 2 तब यहूदा ह परमेसर के पबितर-स्थान, \q2 अऊ इसरायल ह ओकर राज बन गीस। \b \q1 \v 3 समुंदर ह देखके भाग गीस, \q2 यरदन नदी उल्टा दिग म बहे लगिस; \q1 \v 4 पहाड़मन मेढ़ामन सहीं, \q2 अऊ पहाड़ीमन मेढ़ा-पीलामन सहीं उछले-कूदे लगिन। \b \q1 \v 5 हे समुंदर, का होईस कि तेंह भाग गय? \q2 अऊ हे यरदन, तेंह काबर उल्टा बहे लगय? \q1 \v 6 हे पहाड़मन, तुमन काबर मेढ़ामन सहीं, \q2 अऊ हे पहाड़ीमन, तुमन काबर मेढ़ा-पीलामन सहीं उछले-कूदे लगेव? \b \q1 \v 7 हे धरती, परभू के आघू म, \q2 याकूब के परमेसर के आघू म कांप, \q1 \v 8 जऊन ह चट्टान ला पानी के कुंड, \q2 अऊ कठोर पथरा ला पानी के सोता म बदल दीस। \c 115 \cl भजन-संहिता 115 \q1 \v 1 हे यहोवा, हमर नइं, हमर नइं \q2 पर तोर मया अऊ बिसवासयोग्यता के कारन, \q2 तोर नांव के महिमा होवय। \b \q1 \v 2 जाति-जाति के मनखेमन काबर कहिथें, \q2 “ओमन के परमेसर कहां हवय?” \q1 \v 3 हमर परमेसर ह स्वरग म हवय; \q2 ओला जऊन काम बने लगथे, ओला ओह करथे। \q1 \v 4 पर ओमन के मूरतीमन मनखेमन के \q2 हांथ के बनाय सोन अऊ चांदी अंय। \q1 \v 5 ओमन के मुहूं तो हवय, पर ओमन गोठियाय नइं सकंय, \q2 ओमन के आंखी तो हवय, पर देख नइं सकंय। \q1 \v 6 ओमन के कान तो हवय, पर सुन नइं सकंय, \q2 नाक तो हवय, पर सुंघ नइं सकंय। \q1 \v 7 ओमन के हांथ तो हवय, पर ओमन छू नइं सकंय, \q2 गोड़ तो हवय, पर ओमन चल नइं सकंय, \q2 अऊ न ही ओमन अपन गला ले कोनो अवाज निकाल सकंय। \q1 \v 8 येमन ला बनानेवालामन येमन के सहीं हो जाहीं, \q2 अऊ येमन ऊपर भरोसा रखइया जम्मो झन घलो येमन सहीं हो जाहीं। \b \q1 \v 9 हे जम्मो इसरायलीमन, यहोवा ऊपर भरोसा रखव— \q2 ओह तुम्हर मददगार अऊ ढाल ए। \q1 \v 10 हे हारून के घराना, यहोवा ऊपर भरोसा रखव— \q2 ओह तुम्हर मददगार अऊ ढाल ए। \q1 \v 11 हे यहोवा के भय माननेवालामन, ओकर ऊपर भरोसा रखव— \q2 ओह तुम्हर मददगार अऊ ढाल ए। \b \q1 \v 12 यहोवा ह हमन ला सुरता करथे अऊ हमन ला आसीस देथे: \q2 ओह अपन मनखे इसरायलीमन ला आसीस दीही, \q2 ओह हारून के घराना ला आसीस दीही, \q1 \v 13 यहोवा ह छोटे अऊ बड़े ओ जम्मो झन ला आसीस दीही, \q2 जऊन मन ओकर भय मानथें। \b \q1 \v 14 यहोवा ह अइसे करय \q2 कि तुमन अऊ तुम्हर लइकामन दूनों उन्नति करव। \q1 \v 15 यहोवा, जऊन ह स्वरग अऊ धरती के बनइया ए, \q2 तुमन ला आसीस देवय। \b \q1 \v 16 सबले ऊंच स्वरग यहोवा के अय, \q2 पर धरती ला ओह मनखेमन ला दे हवय। \q1 \v 17 ये ओ मरे मनखेमन नो हंय या येमन चुप रहइया जगह म खाल्हे जवइया ओ मनखे नो हंय, \q2 जऊन मन यहोवा के परसंसा करथें; \q1 \v 18 पर ये हमन अन, जऊन मन यहोवा के परसंसा करथन, \q2 अब अऊ सदाकाल बर। \b \q1 यहोवा के परसंसा करव। \c 116 \cl भजन-संहिता 116 \q1 \v 1 मेंह यहोवा ले मया करथंव, काबरकि ओह मोर बात ला सुनिस; \q2 ओह दया के मोर पुकार ला सुनिस। \q1 \v 2 काबरकि ओह मोर कोति अपन कान लगाईस, \q2 एकरसेति मेंह अपन जिनगी भर ओला पुकारहूं। \b \q1 \v 3 मिरतू के डोर म मेंह फंस गेंव, \q2 कबर के पीरा ह मोर ऊपर आ गीस; \q2 मेंह दुख अऊ पीरा म पड़े रहेंव। \q1 \v 4 तब मेंह यहोवा के नांव ले पराथना करेंव: \q2 “हे यहोवा, मोला बचा!” \b \q1 \v 5 यहोवा ह अनुग्रहकारी अऊ धरमी अय; \q2 हमर परमेसर ह दया ले भरे हवय। \q1 \v 6 यहोवा ह सीधा-साधा मनखे के रकछा करथे; \q2 जब मोर बेजत्ती करे गीस, त ओह मोला बचाईस। \b \q1 \v 7 हे मोर परान, अपन बिसराम-स्थान म लहुंट आ, \q2 काबरकि यहोवा ह तोर भलई करे हवय। \b \q1 \v 8 हे यहोवा, तेंह मोला मिरतू ले, \q2 मोर आंखीमन ला आंसू बहाय ले, \q2 मोर गोड़मन ला ठोकर खाय ले बचाय हस, \q1 \v 9 ताकि मेंह यहोवा के आघू म \q2 जीयत परानीमन के लोक म चलंव। \b \q1 \v 10 मेंह यहोवा ऊपर भरोसा रखेंव, जब मेंह ये कहेंव, \q2 “मेंह बहुंत दुखित हंव”; \q1 \v 11 मेंह अपन बेचैनी म कहेंव, \q2 “जम्मो मनखेमन लबरा अंय।” \b \q1 \v 12 यहोवा ह जतेक भलई मोर बर करे हवय, \q2 ओ जम्मो के बदले मेंह ओला का दंव? \b \q1 \v 13 मेंह उद्धार के कटोरा ला ऊपर उठाहूं \q2 अऊ यहोवा के नांव ला पुकारहूं। \q1 \v 14 यहोवा के जम्मो मनखेमन के आघू म \q2 मेंह ओकर बर करे गय अपन मन्नत ला पूरा करहूं। \b \q1 \v 15 यहोवा के बिसवासयोग्य सेवकमन के मिरतू ह \q2 ओकर नजर म अनमोल अय। \q1 \v 16 हे यहोवा, सही म मेंह तोर सेवक अंव; \q2 मेंह तोर सेवा वइसे करथंव, जइसे मोर दाई ह करिस; \q2 तेंह मोला मोर बंधना ले छोंड़ाय हस। \b \q1 \v 17 मेंह तोला धनबाद-बलिदान चघाहूं \q2 अऊ यहोवा के नांव ले पराथना करहूं। \q1 \v 18 यहोवा के जम्मो मनखेमन के आघू म \q2 मेंह ओकर बर करे गय अपन मन्नत ला पूरा करहूं। \q1 \v 19 हे यरूसलेम, तोर बीच म, \q2 यहोवा के घर के अंगनामन म अपन मन्नत ला पूरा करहूं। \b \q1 यहोवा के परसंसा करव।\f + \cat dup\cat*\fr 116:19 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa हलिलूयाह\fqa*\f* \c 117 \cl भजन-संहिता 117 \q1 \v 1 हे जाति-जाति के जम्मो मनखेमन, यहोवा के परसंसा करव; \q2 हे जम्मो मनखेमन, ओकर बहुंत परसंसा करव। \q1 \v 2 काबरकि ओह हमन ला बहुंत मया करथे, \q2 अऊ यहोवा के बिसवासयोग्यता सदाकाल बर बने रहिथे। \b \q1 यहोवा के परसंसा करव। \c 118 \cl भजन-संहिता 118 \q1 \v 1 यहोवा ला धनबाद देवव, काबरकि ओह बने अय; \q2 ओकर मया सदाकाल तक बने रहिथे। \b \q1 \v 2 इसरायल ह कहय: \q2 “ओकर मया सदाकाल तक बने रहिथे।” \q1 \v 3 हारून के घराना ह कहय: \q2 “ओकर मया सदाकाल तक बने रहिथे।” \q1 \v 4 जऊन मन यहोवा के भय मानथें, ओमन कहंय: \q2 “ओकर मया सदाकाल तक बने रहिथे।” \b \q1 \v 5 जब मेंह संकट म रहेंव, त मेंह यहोवा ला पुकारेंव; ओह मोर बात ला सुनिस \q2 अऊ मोला चौरस जगह म लानके संकट ले उबारिस। \q1 \v 6 यहोवा ह मोर संग हवय; मेंह नइं डरंव। \q2 मरनहार मनखे ह मोर का कर सकथे? \q1 \v 7 यहोवा ह मोर संग हवय; ओह मोर मददगार ए। \q2 मेंह अपन बईरीमन ऊपर बिजयी नजर ले देखथंव। \b \q1 \v 8 मनखेमन ऊपर भरोसा रखे के बदले \q2 यहोवा करा सरन लेवई जादा उत्तम ए। \q1 \v 9 परभावसाली मनखेमन ऊपर भरोसा रखे के बदले \q2 यहोवा करा सरन लेवई जादा उत्तम ए। \q1 \v 10 जम्मो जाति के मनखेमन मोला घेर ले रिहिन, \q2 पर यहोवा के नांव म मेंह ओमन ला नास कर देंव। \q1 \v 11 ओमन मोला चारों कोति ले घेर ले रिहिन, \q2 पर यहोवा के नांव म मेंह ओमन ला नास कर देंव। \q1 \v 12 ओमन मधुमक्खीमन के झुंड सहीं मोर चारों कोति हो गे रिहिन, \q2 पर जइसे बरत कंटिली झाड़ी ह तुरते खतम हो जाथे, वइसे ओमन खतम हो गीन; \q2 यहोवा के नांव म मेंह ओमन ला नास कर देंव। \q1 \v 13 मोला पाछू कोति धकेले गीस अऊ मेंह गिरनेचवाला रहेंव, \q2 पर यहोवा ह मोर मदद करिस। \q1 \v 14 यहोवा ह मोर बल अऊ मोर सुरकछा\f + \fr 118:14 \fr*\ft या \ft*\fqa गीत\fqa*\f* ए; \q2 ओह मोर उद्धार बन गे हवय। \b \q1 \v 15 धरमीमन के तम्बू म आनंद \q2 अऊ जीत के जयघोस होवत हे: \q1 “यहोवा के जेवनी हांथ ह बड़े-बड़े काम करे हवय! \q2 \v 16 यहोवा के जेवनी हांथ ह ऊपर उठे हवय; \q2 यहोवा के जेवनी हांथ ह बड़े-बड़े काम करे हवय!” \q1 \v 17 मेंह नइं मरंव पर जीयत रहिहूं, \q2 अऊ यहोवा ह जऊन कुछू करे हवय, ओकर घोसना करहूं। \q1 \v 18 यहोवा ह मोर कठोर ताड़ना करे हवय, \q2 पर ओह मोला मिरतू के बस म नइं करे हवय। \q1 \v 19 मोर बर धरमीमन के दुवार ला खोल दव; \q2 मेंह भीतर जाहूं अऊ यहोवा ला धनबाद दूहूं। \q1 \v 20 येह यहोवा के दुवार ए \q2 जिहां ले धरमीमन भीतर जावंय। \q1 \v 21 मेंह तोला धनबाद दूहूं, काबरकि तेंह मोर पराथना ला सुने हस; \q2 तेंह मोर उद्धार बन गे हस। \b \q1 \v 22 जऊन पथरा ला घर के बनइयामन बेकार समझे रिहिन; \q2 ओह कोना के पथरा बन गे हवय; \q1 \v 23 येह यहोवा के दुवारा होईस, \q2 अऊ येह हमर नजर म अद्भूत ए। \q1 \v 24 यहोवा ह आज ही के दिन येला करे हवय; \q2 आवव, आज हमन आनंद अऊ खुसी मनावन। \b \q1 \v 25 हे यहोवा, हमन ला बचा! \q2 हे यहोवा, हमन ला सफलता दे! \b \q1 \v 26 धइन ए ओ, जऊन ह यहोवा के नांव म आथे। \q2 यहोवा के घर ले हमन तोला\f + \fr 118:26 \fr*\ft इबरानी म बहुबचन\ft*\f* आसीस देथन। \q1 \v 27 यहोवा ह परमेसर ए, \q2 अऊ ओह अपन अंजोर ला हमर ऊपर चमकाय हवय। \q1 हांथ म रूख के डारामन ला लेके, आनंद के जुलूस म \q2 बेदी के सींग तक सामिल हो जावव। \b \q1 \v 28 तेंह मोर परमेसर अस, अऊ मेंह तोर परसंसा करहूं; \q2 तेंह मोर परमेसर अस, अऊ मेंह तोर बहुंत परसंसा करहूं। \b \q1 \v 29 यहोवा ला धनबाद देवव, काबरकि ओह बने अय; \q2 ओकर मया सदाकाल तक बने रहिथे। \c 119 \cl भजन-संहिता 119\f + \fr 119 \fr*\ft येह एक बिसेस भजन ए, जेकर पदमन के हर अनुछेद ह इबरानी भासा के ओहीच अकछर ले सुरू होथे।\ft*\f* \qa א आलेफ \q1 \v 1 धइन अंय ओमन, जेमन के चालचलन निरदोस हवय, \q2 जेमन यहोवा के कानून के मुताबिक चलथें। \q1 \v 2 धइन अंय ओमन, जेमन ओकर बिधि-बिधान म चलथें \q2 अऊ अपन पूरा मन से ओकर खोज म रहिथें— \q1 \v 3 ओमन कोनो गलत काम नइं करंय \q2 पर ओकर रसता म चलथें। \q1 \v 4 तेंह नियममन ला बनाय हस \q2 जेमन के पूरा पालन करे जावय। \q1 \v 5 तोर बिधि-बिधान ला माने म \q2 मोर चालचलन ह अटल रिहिस! \q1 \v 6 जब मेंह तोर जम्मो हुकूममन ऊपर बिचार करहूं \q2 त मोला सरमिंदा होय नइं पड़ही। \q1 \v 7 जब मेंह तोर धरमी कानूनमन ला सीखहूं, \q2 त मेंह तोर सही मन से परसंसा करहूं। \q1 \v 8 मेंह तोर बिधिमन ला मानहूं; \q2 मोला झन तियाग दे। \qa ב बेथ \q1 \v 9 जवान ह अपन चालचलन ला कइसे सुध रख सकथे? \q2 तोर बचन के मुताबिक चले के दुवारा। \q1 \v 10 मेंह अपन पूरा मन से तोर खोज म रहिथंव, \q2 मोला तोर हुकूममन ले भटकन झन दे। \q1 \v 11 मेंह तोर बचन ला अपन हिरदय म रखे हंव \q2 ताकि मेंह तोर बिरूध पाप झन करंव। \q1 \v 12 हे यहोवा, तोर परसंसा होवय; \q2 मोला तोर बिधिमन ला सिखा। \q1 \v 13 तोर दिये गय जम्मो कानून ला \q2 मेंह अपन मुहूं म दोहरात रहिथंव। \q1 \v 14 जइसे कोनो मनखे ह बहुंत धन पाके आनंदित होथे, \q2 वइसे मेंह तोर नियममन ला पालन करके आनंदित होथंव। \q1 \v 15 मेंह तोर उपदेस ऊपर मनन करथंव \q2 अऊ तोर बातमन ऊपर बिचार करथंव। \q1 \v 16 मोला तोर बिधि-बिधान ले खुसी होथे; \q2 मेंह तोर बचन ऊपर धियान दूहूं। \qa ג गीमेल \q1 \v 17 अपन सेवक के भलई कर कि मेंह जीयत रहंव, \q2 अऊ तोर बचन के पालन करंव। \q1 \v 18 मोर आंखी ला खोल कि मेंह \q2 तोर कानून के अद्भूत चीजमन ला देख सकंव। \q1 \v 19 मेंह धरती म एक अजनबी अंव; \q2 अपन हुकूममन ला मोर ले झन छिपा। \q1 \v 20 मोर परान ह तोर कानून के लालसा म \q2 हर समय बियाकुल होवत हे। \q1 \v 21 तेंह ओ घमंडी मनखेमन ला डांटथस, जऊन मन सरापित अंय, \q2 जऊन मन तोर हुकूममन ले भटक जाथें। \q1 \v 22 मोर ऊपर लगे ओमन के अपमान अऊ तिरस्कार ला हटा, \q2 काबरकि मेंह तो नियममन के पालन करथंव। \q1 \v 23 हालाकि सासन करइयामन एक संग बईठके मोर निन्दा करथें, \q2 पर तोर सेवक ह तोर बिधिमन ऊपर मनन करत रहिही। \q1 \v 24 तोर नियममन ऊपर मेंह खुस होथंव; \q2 ओमन मोर सलाहकार एं। \qa ד दालेथ \q1 \v 25 मेंह खाल्हे धुर्रा म पड़े हंव; \q2 अपन बचन के मुताबिक मोला बचाय रख। \q1 \v 26 मेंह तोला अपन चालचलन के लेखा-जोखा देंव अऊ तेंह मोला जबाब देय; \q2 अपन बिधिमन ला मोला सिखा। \q1 \v 27 तोर उपदेसमन ला समझे के तरीका मोला बता, \q2 ताकि मेंह तोर अद्भूत काम ऊपर मनन करंव। \q1 \v 28 मोर जीव ह दुख के मारे थक गे हवय; \q2 अपन बचन के मुताबिक मोला मजबूत कर। \q1 \v 29 धोखा देवइया रसता ले मोला अलग रख; \q2 मोर ऊपर अनुग्रह कर अऊ मोला तोर कानून सिखा। \q1 \v 30 मेंह सच्चई के रसता ला चुने हवंव; \q2 मेंह तोर कानून ऊपर अपन मन ला लगाय हवंव। \q1 \v 31 हे यहोवा, मेंह तोर नियम ला मजबूती से थामे हवंव; \q2 मोला लज्जा म झन पड़न दे। \q1 \v 32 मेंह तोर हुकूममन के रसता म दऊड़त हंव, \q2 काबरकि तेंह मोर समझ ला बढ़ाय हस। \qa ה हे \q1 \v 33 हे यहोवा, तोर बिधिमन ला पालन करे के तरीका मोला सिखा, \q2 ताकि आखिरी तक मेंह येकर पालन करंव। \q1 \v 34 मोला समझ दे ताकि मेंह तोर कानून के पालन करंव \q2 अऊ पूरा हिरदय ले येला मानंव। \q1 \v 35 तोर हुकूममन के रसता म मोला ले चल, \q2 काबरकि उहां मोला खुसी मिलथे। \q1 \v 36 मोर मन ला सुवारथ के लाभ कोति नइं, \q2 पर अपन नियम कोति कर। \q1 \v 37 मोर आंखीमन ला बेकार के चीजमन ले हटा दे; \q2 अपन बचन के मुताबिक मोर जिनगी ला बनाय रख। \q1 \v 38 अपन सेवक ले करे गे परतिगियां ला पूरा कर, \q2 ताकि तोर भय माने जावय। \q1 \v 39 जऊन कलंक ले मेंह डरत हंव, ओला मोर ले दूरिहा कर दे। \q2 काबरकि तोर कानूनमन उत्तम अंय। \q1 \v 40 मेंह तोर उपदेसमन के ईछा करथंव; \q2 अपन धरमीपन म मोर जिनगी ला बनाय रख। \qa ו वाव \q1 \v 41 हे यहोवा, तोर उत्तम मया मोर ऊपर होवय, \q2 अऊ अपन करे गे वायदा के मुताबिक मोर उद्धार कर; \q1 \v 42 तब में हर ओ मनखे ला जबाब दे सकहूं, जऊन ह मोला ताना मारथे, \q2 काबरकि मेंह तोर बचन ऊपर भरोसा करथंव। \q1 \v 43 अपन सच्चई के बचन ला मोर मुहूं ले कभू झन हटा, \q2 काबरकि मेंह तोर कानून ऊपर भरोसा रखे हंव। \q1 \v 44 मेंह हमेसा तोर कानून ला मानहूं, \q2 सदाकाल तक मानत रहिहूं। \q1 \v 45 मेंह सुतंतर होके चलहूं, \q2 काबरकि मेंह तोर उपदेसमन ला पा गे हवंव। \q1 \v 46 मेंह राजामन के आघू म तोर नियममन के बारे म गोठियाहूं \q2 अऊ मोला सरमिंदा होय नइं पड़ही, \q1 \v 47 मेंह तोर हुकूममन ला मानके खुस होथंव, \q2 काबरकि मेंह ओमन ले मया रखथंव। \q1 \v 48 मेंह तोर हुकूममन कोति हांथ बढ़ाथंव, जेमन ले कि मेंह मया रखथंव, \q2 ताकि मेंह तोर बिधिमन ऊपर मनन करंव। \qa ז जईन \q1 \v 49 जऊन बात अपन सेवक ला कहे रहय, ओला सुरता रख, \q2 काबरकि तेंह मोला आसा दे हस। \q1 \v 50 मोर दुख म मोला ये बात ले सांति मिलथे: \q2 तोर वायदा ह मोर जिनगी ला बनाय रखथे। \q1 \v 51 घमंडी मनखेमन बिगर रोक-टोक के मोर हंसी उड़ाथें, \q2 पर मेंह तोर कानून ले नइं हटंव। \q1 \v 52 हे यहोवा, मेंह तोर पुराना कानूनमन ला सुरता करथंव, \q2 अऊ ओमन म मोला सांति मिलथे। \q1 \v 53 जऊन दुस्टमन तोर कानून ला तियाग दे हवंय, \q2 ओमन के कारन मोला गुस्सा आथे। \q1 \v 54 जिहां भी मेंह रहिथंव, \q2 तोर बिधिमन मोर गीत के बिसय होथें। \q1 \v 55 हे यहोवा, रथिया मेंह तोर नांव ला सुरता करथंव, \q2 ताकि मेंह तोर कानून म चल सकंव। \q1 \v 56 येह मोर आदत हो गे हवय: \q2 मेंह तोर उपदेस के पालन करथंव। \qa ח हेथ \q1 \v 57 हे यहोवा, तेंह मोर भाग अस; \q2 मेंह तोर बचन ला पालन करे के वायदा करे हंव। \q1 \v 58 मेंह अपन पूरा मन से तोला खोजे हंव; \q2 अपन वायदा के मुताबिक मोर ऊपर अनुग्रह कर। \q1 \v 59 मेंह अपन चालचलन ऊपर बिचार करे हंव \q2 अऊ तोर नियममन ला पालन करे बर गोड़ ला आघू बढ़ाय हंव। \q1 \v 60 मेंह तोर हुकूममन ला पालन करे बर \q2 जल्दी से आघू बढ़हूं, देरी नइं करंव। \q1 \v 61 हालाकि दुस्टमन मोला रस्सी ले बांधथें, \q2 तभो ले मेंह तोर कानून ला नइं भूलंव। \q1 \v 62 तोर धरमी कानूनमन के सेति \q2 तोला धनबाद दे बर मेंह आधा रथिया उठहूं। \q1 \v 63 मेंह ओ जम्मो के संगवारी अंव, जऊन मन तोर भय मानथें, \q2 ओ जम्मो जऊन मन तोर नियम म चलथें। \q1 \v 64 हे यहोवा, धरती ह तोर मया ले भर गे हवय; \q2 मोला तोर बिधिमन ला सिखा। \qa ט टेथ \q1 \v 65 हे यहोवा, अपन बचन के मुताबिक \q2 अपन सेवक के भलई कर। \q1 \v 66 मोला गियान अऊ सही नियाय के बात सिखा, \q2 काबरकि मेंह तोर हुकूममन ऊपर भरोसा करथंव। \q1 \v 67 दुख म पड़े के पहिले मेंह भटक गे रहेंव, \q2 पर अब मेंह तोर बात ला मानथंव। \q1 \v 68 तेंह बने अस, अऊ जऊन कुछू तेंह करथस, ओह बने अय; \q2 मोला अपन बिधिमन ला सिखा। \q1 \v 69 हालाकि घमंडी मनखेमन लबारी बात कहिके मोर ऊपर दाग लगाय हवंय, \q2 पर मेंह अपन पूरा मन से तोर नियममन ला मानथंव। \q1 \v 70 ओमन के हिरदय कठोर अऊ भावनाहीन हो गे हवंय, \q2 पर मोला तोर कानून म चलके खुसी मिलथे। \q1 \v 71 येह मोर बर बने बात होईस कि मेंह दुख म पड़ेंव \q2 ताकि मेंह तोर बिधिमन ला सीख सकंव। \q1 \v 72 तोर मुहूं ले निकले कानून ह मोर बर \q2 सोन अऊ चांदी के हजारों टुकड़ामन ले घलो जादा कीमती ए। \qa י योध \q1 \v 73 तोर हांथ ह मोला बनाईस अऊ मोला रचिस; \q2 अपन हुकूममन ला सीखे के मोला समझ दे। \q1 \v 74 तोर भय मनइयामन मोला देखके आनंद मनावंय, \q2 काबरकि मेंह तोर बचन ऊपर अपन आसा रखे हंव। \q1 \v 75 हे यहोवा, मेंह जानत हंव कि तोर कानूनमन धरमी अंय, \q2 अऊ ये घलो कि सच्चई के मुताबिक तेंह मोला दुख दे हस। \q1 \v 76 अपन सेवक बर करे गे तोर वायदा के मुताबिक \q2 तोर अटल मया ह मोला सांति देवय। \q1 \v 77 तोर दया मोर ऊपर होवय कि मेंह जीयत रहंव, \q2 काबरकि तोर कानून ला माने म मोला खुसी मिलथे। \q1 \v 78 बिगर कोनो कारन के मोर संग गलत बरताव करे के कारन दुस्टमन लज्जित होवंय; \q2 पर मेंह तोर उपदेसमन ऊपर मनन करत रहिहूं। \q1 \v 79 जऊन मन तोर भय मानथें, ओमन मोर कोति आवंय, \q2 ओमन, जऊन मन तोर नियममन ला समझथें। \q1 \v 80 मेंह पूरा मन से तोर बिधिमन के पालन करंव \q2 ताकि मोला लज्जित होना झन पड़य। \qa כ काफ \q1 \v 81 मोर परान ह तोर उद्धार के ईछा करत थक जावत हे, \q2 पर मेंह तोर बचन म अपन आसा रखे हंव। \q1 \v 82 मोर आंखीमन तोर वायदा के पूरा होय के बाट जोहत थक जावत हें; \q2 मेंह कहिथंव, “तेंह मोला कब सांति देबे?” \q1 \v 83 हालाकि मेंह कुहरा म अंगूर के मंद के एक कुप्पी सहीं अंव, \q2 तभो ले मेंह तोर बिधिमन ला नइं भूलंव। \q1 \v 84 तोर सेवक ला अऊ कब तक इंतजार करे बर पड़ही? \q2 तेंह मोला सतानेवालामन ला कब दंड देबे? \q1 \v 85 तोर कानून के उल्टा \q2 घमंडीमन मोला फंसाय बर खंचवा कोड़थें। \q1 \v 86 तोर जम्मो हुकूममन बिसवासयोग्य अंय; \q2 मोर मदद कर, काबरकि मेंह बिगर कारन के सताय जावत हंव। \q1 \v 87 ओमन मोला धरती ले लगभग मिटा डारे रिहिन, \q2 पर मेंह तोर उपदेसमन ला नइं छोड़े हंव। \q1 \v 88 तोर अटल मया म मोर जिनगी ला बनाय रख, \q2 ताकि मेंह तोर मुहूं ले दिये गय नियममन ला मानंव। \qa ל लामेध \q1 \v 89 हे यहोवा, तोर बचन ह सदाकाल बर अय; \q2 येह अकास म अटल बने रहिथे। \q1 \v 90 तोर बिसवासयोग्यता पीढ़ी दर पीढ़ी बने रहिथे; \q2 तेंह धरती ला इस्थिर करय, अऊ येह बने रहिथे। \q1 \v 91 तोर कानूनमन आज तक बने हवंय, \q2 काबरकि जम्मो चीजमन तोर सेवा करथें। \q1 \v 92 कहूं तोर कानून ह मोर खुसी के कारन नइं होतिस, \q2 त मेंह अपन दुख म नास हो गे रहितेंव। \q1 \v 93 मेंह तोर उपदेसमन ला कभू नइं भूलंव, \q2 काबरकि ओमन के दुवारा तेंह मोर जिनगी ला बनाय रखे हस। \q1 \v 94 मोला बचा, काबरकि मेंह तोर अंव; \q2 मेंह तोर उपदेसमन ला खोज ले हंव। \q1 \v 95 दुस्टमन मोला नास करे बर बाट जोहत हें, \q2 पर मेंह तोर बिधिमन ऊपर बिचार करत रहिहूं। \q1 \v 96 हर सिद्धता म मेंह एक सीमना ला देखथंव, \q2 पर तोर हुकूममन के कोनो सीमना नइं ए। \qa מ मेम \q1 \v 97 अहा! तोर कानून ले मेंह कइसने मया करथंव! \q2 दिन भर मेंह येकर ऊपर मनन करत रहिथंव। \q1 \v 98 तोर हुकूममन हमेसा मोर संग हवंय \q2 अऊ मोर बईरीमन ले मोला जादा बुद्धिमान बनाथें। \q1 \v 99 मोर जम्मो गुरूमन ले मोर म जादा समझ हवय, \q2 काबरकि मेंह तोर नियममन ऊपर चिंतन-मनन करत रहिथंव। \q1 \v 100 मोर म अगुवामन ले जादा समझ हवय, \q2 काबरकि मेंह तोर नियममन के पालन करथंव। \q1 \v 101 मेंह अपन गोड़ ला हर एक बुरई के रसता म जाय ले रोके हंव \q2 ताकि मेंह तोर बचन के पालन कर सकंव। \q1 \v 102 मेंह तोर कानून के पालन करे ले नइं हटे हंव, \q2 काबरकि तेंह खुद मोला ये कानून ला सिखाय हस। \q1 \v 103 तोर बचनमन मोला बहुंत मीठ लगथें, \q2 मोर मुहूं म येह मंधरस ले घलो जादा मीठ लगथे! \q1 \v 104 तोर उपदेसमन ले मोला समझ के बात मिलथे; \q2 एकरसेति मेंह हर गलत रसता ले घिन करथंव। \qa נ नून \q1 \v 105 तोर बचन ह मोर पांव बर दीया, \q2 अऊ मोर रसता बर अंजोर अय। \q1 \v 106 मेंह कसम खाय हंव अऊ ठान ले हंव, \q2 कि मेंह तोर धरमी कानूनमन के पालन करहूं। \q1 \v 107 में बहुंत दुख झेले हंव; \q2 हे यहोवा, अपन बचन के मुताबिक मोर जिनगी ला बनाय रख। \q1 \v 108 हे यहोवा, अपन मन से मोर मुहूं ले निकले परसंसा ला गरहन कर, \q2 अऊ तोर कानून मोला सिखा। \q1 \v 109 हालाकि मेंह लगातार अपन परान ला अपन हथेली म लेके चलथंव, \q2 तभो ले मेंह तोर कानून ला नइं भूलंव। \q1 \v 110 दुस्टमन मोर बर एक फंदा लगाय हवंय, \q2 पर मेंह तोर उपदेसमन ले नइं भटके हंव। \q1 \v 111 तोर बिधिमन सदाकाल बर मोर कुल-परंपरा अंय, \q2 ओमन मोर हिरदय के आनंद अंय। \q1 \v 112 मोर हिरदय ला आखिरी तक \q2 तोर बिधि-बिधान म चले बर लगाय हवंव। \qa ס सामेख \q1 \v 113 मेंह दोगला मनखेमन ले घिन करथंव, \q2 पर मेंह तोर कानून ले मया करथंव। \q1 \v 114 तेंह मोर सरन-स्थान अऊ मोर ढाल अस; \q2 मेंह तोर बचन म अपन आसा रखे हंव। \q1 \v 115 हे दुस्ट काम करइयामन, मोर ले दूर हटव, \q2 ताकि मेंह अपन परमेसर के हुकूममन ला मान सकंव! \q1 \v 116 हे मोर परमेसर, अपन वायदा के मुताबिक मोला संभाले रख ताकि मेंह जीयत रहंव; \q2 मोर आसा ला झन टूटन दे। \q1 \v 117 मोला थाम ले, अऊ मेंह बांचे रहिहूं; \q2 मेंह हमेसा तोर बिधिमन के आदर करहूं। \q1 \v 118 तेंह ओमन ला गरहन नइं करस, जऊन मन तोर नियम ले भटक जाथें, \q2 काबरकि ओमन के भरम म पड़े ले कोनो फायदा नइं होवय। \q1 \v 119 धरती के जम्मो दुस्टमन ला तेंह कुड़ा-करकट के सहीं छोंड़ देथस; \q2 एकरसेति मेंह तोर नियममन ले मया करथंव। \q1 \v 120 तोर डर म मोर देहें ह कांपथे; \q2 मेंह तोर कानून के भय म रहिथंव। \qa ע अयीन \q1 \v 121 मेंह ओही काम करे हंव, जऊन ह सही अऊ नियाय-संगत अय; \q2 मोला मोर सतानेवालामन के हांथ म झन छोंड़ दे। \q1 \v 122 अपन सेवक के भलई के बात ला निस्चित कर ले; \q2 घमंडीमन ला मोर ऊपर अतियाचार झन करन दे। \q1 \v 123 मोर आंखीमन तोर उद्धार के बाट जोहत, \q2 तोर धरमी वायदा के बाट जोहत थक गे हवंय। \q1 \v 124 अपन मया के मुताबिक तोर सेवक ले बरताव कर \q2 अऊ मोला तोर नियममन ला सिखा। \q1 \v 125 मेंह तोर सेवक अंव; मोला समझ के आतमा दे \q2 ताकि मेंह तोर बिधिमन ला समझ सकंव। \q1 \v 126 हे यहोवा, तोर काम करे के समय आ गे हवय; \q2 तोर कानून ला टोरे जावत हे। \q1 \v 127 काबरकि मेंह तोर हुकूममन ला \q2 सोन ले जादा, सुध सोन ले घलो जादा मया करथंव, \q1 \v 128 अऊ काबरकि मेंह तोर जम्मो उपदेसमन ला सही मानथंव, \q2 मेंह हर गलत रसता ले घिन करथंव। \qa פ पे \q1 \v 129 तोर नियममन अद्भूत अंय; \q2 एकरसेति मेंह ओमन ला मानथंव। \q1 \v 130 तोर बचन के समझ ले अंजोर मिलथे; \q2 येह सधारन मनखे ला समझ के आतमा देथे। \q1 \v 131 मेंह अपन मुहूं ला खोलथंव अऊ हांफथंव, \q2 काबरकि मेंह तोर हुकूम बर पीयासन हंव। \q1 \v 132 मोर कोति देख अऊ मोर ऊपर दया कर, \q2 जइसे कि तेंह हमेसा ओमन ऊपर करथस, जऊन मन तोर नांव ले मया करथें। \q1 \v 133 अपन बचन के मुताबिक मोर गोड़मन ला चले के निरदेस दे; \q2 मोर ऊपर कोनो पाप के अधिकार झन होवन दे। \q1 \v 134 मोला मनखेमन के अतियाचार ले छोंड़ा ले, \q2 ताकि मेंह तोर उपदेसमन के पालन करंव। \q1 \v 135 अपन दास ऊपर अपन मुहूं के अंजोर ला चमका \q2 अऊ मोला अपन बिधिमन ला सिखा। \q1 \v 136 मोर आंखी ले आंसू के धारा बहत हे, \q2 काबरकि मनखेमन तोर कानून के पालन नइं करत हंय। \qa צ सादे \q1 \v 137 हे यहोवा तेंह धरमी अस, \q2 अऊ तोर कानूनमन सही अंय। \q1 \v 138 जऊन नियम तेंह बनाय हस, ओमन धरमी अंय; \q2 ओमन पूरा बिसवासयोग्य अंय। \q1 \v 139 मोर उत्साह ह मोला भसम करत हवय, \q2 काबरकि मोर बईरीमन तोर बचन के अनदेखा करत हवंय। \q1 \v 140 तोर वायदामन पूरा परखे गे हवंय, \q2 अऊ तोर सेवक ह ओमन ले मया करथे। \q1 \v 141 हालाकि मेंह नीचा अऊ तुछ समझे जावत हंव, \q2 तभो ले मेंह तोर उपदेसमन ला नइं भूलंव। \q1 \v 142 तोर धरमीपन ह सदा बने रहिथे \q2 अऊ तोर कानून ह सच ए। \q1 \v 143 समस्या अऊ दुख मोर ऊपर आय हवय, \q2 पर तोर हुकूम ह मोला खुसी देथे। \q1 \v 144 तोर नियममन हमेसा सही अंय; \q2 मोला समझ के आतमा दे कि मेंह जीयत रहंव। \qa ק कौफ \q1 \v 145 हे यहोवा, मेंह अपन पूरा मन से तोला पुकारत हंव; मोला जबाब दे, \q2 अऊ मेंह तोर बिधिमन ला मानहूं। \q1 \v 146 मेंह तोला पुकारत हंव; मोला बचा \q2 अऊ मेंह तोर नियममन ला मानहूं। \q1 \v 147 मेंह बिहान होय के पहिले उठथंव अऊ मदद बर गोहारथंव; \q2 मेंह तोर बचन ऊपर अपन आसा रखे हंव। \q1 \v 148 मोर आंखी ह रथिया के जम्मो पहर खुला रहिथे, \q2 ताकि मेंह तोर वायदामन ऊपर मनन कर सकंव। \q1 \v 149 अपन मया के मुताबिक मोर बात ला सुन; \q2 हे यहोवा, अपन कानून के मुताबिक मोर जिनगी ला बनाय रख। \q1 \v 150 जऊन मन दुस्ट योजना बनाथें, ओमन लकठा म हवंय, \q2 पर ओमन तोर कानून ले बहुंत दूरिहा हवंय। \q1 \v 151 तभो ले हे यहोवा, तेंह मोर लकठा म हस, \q2 अऊ तोर जम्मो हुकूममन सच अंय। \q1 \v 152 बहुंत पहिले मेंह तोर नियममन ले सीखे रहेंव \q2 कि तेंह ओमन ला सदाकाल तक बने रहे बर बनाय हस। \qa ר रेस \q1 \v 153 मोर दुख ला देख अऊ येकर ले मोला छोंड़ा, \q2 काबरकि मेंह तोर कानून ला नइं भूले हंव। \q1 \v 154 मोर मामला के बचाव कर अऊ मोला छोंड़ा; \q2 अपन वायदा के मुताबिक मोर जिनगी ला बनाय रख। \q1 \v 155 दुस्ट मनखेमन ले उद्धार ह बहुंत दूरिहा हवय, \q2 काबरकि ओमन तोर बिधिमन ऊपर धियान नइं देवंय। \q1 \v 156 हे यहोवा, तोर दया ह महान ए; \q2 अपन कानून के मुताबिक मोर जिनगी ला बनाय रख। \q1 \v 157 बईरीमन बहुंत हवंय, जऊन मन मोला सताथें, \q2 पर मेंह तोर नियममन ला माने ले नइं हटे हंव। \q1 \v 158 मेंह बिसवासहीन मनखेमन ला नफरत के नजर ले देखथंव, \q2 काबरकि ओमन तोर बचन के पालन नइं करंय। \q1 \v 159 देख, मेंह तोर नियम ले कइसे मया रखथंव; \q2 हे यहोवा, अपन मया के मुताबिक मोर जिनगी ला बनाय रख। \q1 \v 160 तोर जम्मो बचनमन सच अंय; \q2 तोर जम्मो धरमी कानूनमन सदाकाल बर अंय। \qa ש सीन \q1 \v 161 सासन करइयामन बिगर कोनो कारन के मोला सताथें, \q2 पर मोर हिरदय ह तोर बचन के खियाल करके कांपथे। \q1 \v 162 जइसे कोनो बड़े लूट के माल मिले ले खुस होथे, \q2 वइसे मेंह तोर करे गय वायदामन ले आनंदित होथंव। \q1 \v 163 लबारी बात ले मेंह घिन करथंव अऊ ओला तुछ समझथंव \q2 पर मेंह तोर कानून ले मया करथंव। \q1 \v 164 तोर धरमी कानून बर \q2 दिन म सात बार मेंह तोर परसंसा करथंव। \q1 \v 165 जऊन मन तोर कानून ले मया करथें, ओमन ला बहुंत सांति मिलथे, \q2 अऊ कोनो भी चीज ले ओमन ला ठोकर नइं लगय। \q1 \v 166 हे यहोवा, मेंह तोर उद्धार के इंतजार करथंव, \q2 अऊ मेंह तोर हुकूममन के पालन करथंव। \q1 \v 167 मेंह तोर नियममन ला मानथंव, \q2 काबरकि मेंह ओमन ले बहुंत मया करथंव। \q1 \v 168 मेंह तोर नियम अऊ बिधिमन के पालन करथंव, \q2 काबरकि मोर जम्मो चालचलन ला तेंह जानत हस। \qa ת ताव \q1 \v 169 हे यहोवा, मोर गोहार ह तोर करा हबरे; \q2 अपन बचन के मुताबिक मोला समझ के आतमा दे। \q1 \v 170 मोर बिनती ह तोर करा हबरे; \q2 अपन वायदा के मुताबिक मोला छोंड़ा। \q1 \v 171 मोर मुहूं ले बहुंत परसंसा के बात निकले, \q2 काबरकि तेंह मोला अपन बिधिमन ला सिखाथस। \q1 \v 172 मोर जीभ ह तोर बचन के गीत गावय, \q2 काबरकि तोर जम्मो हुकूममन धरमी अंय। \q1 \v 173 तोर हांथ ह मोर मदद करे बर तियार रहय, \q2 काबरकि मेंह तोर उपदेसमन ला अपना ले हंव। \q1 \v 174 हे यहोवा, मेंह तोर ले उद्धार के ईछा करथंव, \q2 अऊ तोर कानून ला पालन करके मोला खुसी मिलथे। \q1 \v 175 मोला जीयत रहन दे कि मेंह तोर परसंसा करंव, \q2 अऊ तोर कानूनमन मोला संभाले रहंय। \q1 \v 176 मेंह गंवाय भेड़ सहीं भटक गे हंव। \q2 अपन सेवक ला खोज, \q2 काबरकि मेंह तोर हुकूममन ला नइं भूले हंव। \c 120 \cl भजन-संहिता 120 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 मेंह अपन दुख म यहोवा ला पुकारथंव, \q2 अऊ ओह मोला जबाब देथे। \q1 \v 2 हे यहोवा, \q2 लबारी मरइया ओंठ \q2 अऊ धोखा देवइया जीभ ले मोला बचा। \b \q1 \v 3 हे धोखा देवइया जीभ, \q2 तोर संग परमेसर ह का करही, \q2 अऊ येकर अलावा अऊ का होही? \q1 \v 4 ओह तोला एक योद्धा के नुकीला तीरमन ले, \q2 बहरी बनइया झाड़ी के बरत कोइलामन ले सजा दीही। \b \q1 \v 5 धिक्कार ए मोर ऊपर कि मेंह मेसेक देस म निवास करथंव, \q2 अऊ ये कि केदार के तम्बूमन के बीच रहिथंव! \q1 \v 6 बहुंत समय तक मेंह ओमन के बीच रहेंव, \q2 जऊन मन सांति बिलकुल पसंद नइं करंय। \q1 \v 7 मोला सांति बने लगथे; \q2 पर जब मेंह गोठियाथंव, त ओमन लड़ई करे चाहथें। \c 121 \cl भजन-संहिता 121 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 मेंह अपन आंखी ला पहाड़मन कोति लगाथंव— \q2 मोर मदद कहां ले आथे? \q1 \v 2 मोर मदद ह यहोवा ले आथे, \q2 जऊन ह अकास अऊ धरती के रचइया ए। \b \q1 \v 3 ओह तोर पांव ला फिसले बर नइं दीही— \q2 जऊन ह तोर रखवारी करथे, ओह नइं ऊंघय; \q1 \v 4 वास्तव म, जऊन ह इसरायल के रखवारी करथे, \q2 ओह न तो ऊंघय अऊ न ही सुतय। \b \q1 \v 5 यहोवा ह तोर रखवारी करथे— \q2 यहोवा ह तोर जेवनी हांथ कोति बचाव के तोर छइहां ए; \q1 \v 6 न तो दिन के समय सूरज ले \q2 अऊ न ही रथिया के बेरा चंदा ले तोला कोनो हानि होही। \b \q1 \v 7 यहोवा ह तोला जम्मो हानि ले बचाही— \q2 ओह तोर जिनगी के रखवारी करही; \q1 \v 8 यहोवा ह तोर अवई-जवई म \q2 तोर रकछा अब ले लेके सदाकाल तक करत रहिही। \c 122 \cl भजन-संहिता 122 \d आरोहन के एक गीत। दाऊद के गीत। \q1 \v 1 मेंह ओमन के संग आनंद मनाथंव, जऊन मन मोला कहिन, \q2 “आवव, यहोवा के घर चलबो।” \q1 \v 2 हे यरूसलेम, तोर दुवारमन म \q2 हमन खड़े हवन। \b \q1 \v 3 यरूसलेम ला ओ सहर के सहीं बनाय गे हवय, \q2 जेकर घरमन एक-दूसर ले एक संग जुड़े हवंय। \q1 \v 4 ओही ह ओ जगह ए, जिहां गोत्र-गोत्र के मनखे— \q2 यहोवा के गोत्र के मनखे \q1 यहोवा के नांव के परसंसा करे बर जाथें, \q2 अऊ ये परसंसा के काम इसरायल ला दिये गय नियम के मुताबिक होथे। \q1 \v 5 उहां नियाय बर सिंघासनमन हवंय, \q2 अऊ ओमन दाऊद के घराना के सिंघासन अंय। \b \q1 \v 6 यरूसलेम के सांति बर पराथना करव: \q2 “जऊन मन तोर ले मया करथें, ओमन सुरकछित रहंय। \q1 \v 7 तोर दीवारमन\f + \fr 122:7 \fr*\ft या \ft*\fqa तोर सहर के दीवारमन\fqa*\f* के भीतर म सांति \q2 अऊ तोर गढ़मन म सुरकछा बने रहय।” \q1 \v 8 अपन परिवार अऊ संगवारीमन के हित म, \q2 मेंह कहिहूं, “तुमन म सांति रहय।” \q1 \v 9 यहोवा, हमर परमेसर के घर के हित म \q2 मेंह तुम्हर उन्नति के कोसिस म रहिहूं। \c 123 \cl भजन-संहिता 123 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 मेंह अपन नजर तोर कोति करथंव, \q2 तोर कोति, जऊन ह स्वरग म बिराजमान हे। \q1 \v 2 जइसे कि दासमन के नजर ह अपन मालिक के हांथ कोति, \q2 जइसे कि दासी के नजर ह अपन मालकिन के हांथ कोति लगे रहिथे, \q1 वइसे ही हमर नजर ह यहोवा, हमर परमेसर कोति तब तक लगे रहिथे, \q2 जब तक कि ओह हमर ऊपर अपन दया नइं देखावय। \b \q1 \v 3 हे यहोवा, हमर ऊपर दया कर, हमर ऊपर दया कर, \q2 काबरकि हमन बहुंत अपमान सहे हन। \q1 \v 4 घमंडी मनखेमन हमर \q2 बहुंत हंसी उड़ाय हवंय, \q2 घमंडी मनखेमन के हमन घोर अपमान सहे हन। \c 124 \cl भजन-संहिता 124 \d आरोहन के एक गीत। दाऊद के गीत। \q1 \v 1 कहूं यहोवा ह हमर कोति नइं होतिस— \q2 त इसरायल ह कहय— \q1 \v 2 कहूं यहोवा ह हमर कोति नइं होतिस \q2 जब मनखेमन हमर ऊपर हमला करिन, \q1 \v 3 त ओमन हमन ला जीयत लील ले रहितिन \q2 जब ओमन के गुस्सा हमर ऊपर भड़किस; \q1 \v 4 बाढ़ के पानी म हमन बुड़ गे रहितेंन, \q2 पानी के बहाव म हमन बह गे रहितेंन, \q1 \v 5 भयंकर पानी के धारा ह \q2 हमन ला बहाके ले गे रहितिस। \b \q1 \v 6 यहोवा के परसंसा होवय, \q2 जऊन ह हमन ला ओमन के दांत के दुवारा फाड़े जाय ले बचाय हवय। \q1 \v 7 हमन चिड़ीमार के जाल ले बचे \q2 एक चिरई के सहीं अन; \q1 जाल ह फट गे हवय, \q2 अऊ हमन बच गे हवन। \q1 \v 8 हमर मदद यहोवा के नांव म होथे, \q2 जऊन ह अकास अऊ धरती ला बनाय हवय। \c 125 \cl भजन-संहिता 125 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 जऊन मन यहोवा ऊपर भरोसा रखथें, ओमन सियोन पहाड़ सहीं अंय, \q2 जेला हलाय नइं जा सकय पर येह सदा अटल बने रहिथे। \q1 \v 2 जइसे कि पहाड़मन यरूसलेम ला चारों कोति ले घेरे हवंय, \q2 वइसे ही यहोवा ह अपन मनखेमन ला \q2 अब अऊ सदाकाल तक घेरे रहिथे। \b \q1 \v 3 दुस्टमन के राजदंड ह धरमीमन ला \q2 दिये गय भुइयां ऊपर हमेसा बने नइं रहिही, \q1 काबरकि तब धरमीमन \q2 अपन हांथ दुस्ट काम करे म लगा सकथें। \b \q1 \v 4 हे यहोवा, ओमन के भलई कर, जऊन मन सीधवा मनखे अंय, \q2 ओमन के भलई कर, जेमन के मन ह ईमानदार अय। \q1 \v 5 पर जऊन मन बेईमानी के रसता ला धरथें \q2 यहोवा ह ओमन ला दुस्टमन के संग निकाल दीही। \b \q1 इसरायल ला सांति मिलय। \c 126 \cl भजन-संहिता 126 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 जब यहोवा ह सियोन के भाग्य ला फेर पलटिस,\f + \fr 126:1 \fr*\ft या \ft*\fqa बंधुवई ले वापिस लानिस\fqa*\f* \q2 त हमन सपना देखइयामन सहीं हो गे रहेंन। \q1 \v 2 तब खुसी के मारे हमन बहुंत हंसेंन, \q2 हमर मुहूं ले आनंद के गीत निकलत रिहिस। \q1 तब जाति-जाति के मनखेमन के बीच ये कहे गीस, \q2 “यहोवा ह ओमन बर बड़े-बड़े काम करे हवय।” \q1 \v 3 यहोवा ह हमर बर बड़े-बड़े काम करे हवय, \q2 अऊ येकर कारन हमन बहुंत आनंदित हन। \b \q1 \v 4 हे यहोवा, नेगेव म पानी के सोता सहीं, \q2 हमर भाग्य ला फेर पलट दे।\f + \fr 126:4 \fr*\ft या \ft*\fqa बंधुवई ले वापिस ले आ\fqa*\f* \q1 \v 5 जऊन मन आंसू बहात बोथें, \q2 ओमन आनंद के गीत गावत फसल ला लूहीं। \q1 \v 6 जऊन मन बीजा ला बोए बर \q2 रोवत बाहिर निकलथें, \q1 ओमन फसल के बीड़ा लेके \q2 आनंद के गीत गावत लहुंटहीं। \c 127 \cl भजन-संहिता 127 \d आरोहन के एक गीत। सुलेमान के गीत। \q1 \v 1 यदि घर ला यहोवा ह नइं बनावय, \q2 त ओकर बनानेवालामन के मेहनत ह बेकार होथे। \q1 यदि सहर के पहरेदारी यहोवा ह नइं करय, \q2 त पहरेदारमन के पहरेदारी ह बेकार होथे। \q1 \v 2 तुमन बेकार म बड़े बिहनियां उठथव \q2 अऊ देर रात तक जागके \q1 जेवन बर मेहनत करथव— \q2 काबरकि ओह ओमन ला नींद देथे, जेमन ले ओह मया करथे। \b \q1 \v 3 लइकामन यहोवा के दुवारा दिये गय भाग होथें, \q2 लइका ह ओकर कोति ले दिये गय एक ईनाम ए। \q1 \v 4 जइसे एक योद्धा के हांथ म तीरमन होथें, \q2 वइसे जवानी के समय म जनमे लइकामन होथें। \q1 \v 5 धइन अय ओ मनखे \q2 जेकर तरकस ह ओमन ले भरे हवय। \q1 जब ओमन अदालत म अपन बिरोधीमन के सामना करहीं \q2 त ओमन ला लज्जित होना नइं पड़ही। \c 128 \cl भजन-संहिता 128 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 धइन अंय ओ जम्मो, जऊन मन यहोवा के भय मानथें, \q2 जऊन मन ओकर हुकूम ला मानत चलथें। \q1 \v 2 तेंह अपन मेहनत के फल खाबे; \q2 तोला आसीस मिलही अऊ तोर उन्नति होही। \q1 \v 3 तोर घरवाली ह तोर घर के भीतर \q2 फल देवइया अंगूर के एक नार सहीं होही; \q1 तोर लइकामन तोर मेज के चारों कोति \q2 जैतून रूख के निकले अंकुर सहीं होहीं। \q1 \v 4 हव, येह ओ मनखे बर आसीस होही, \q2 जऊन ह यहोवा के भय मानथे। \b \q1 \v 5 यहोवा ह सियोन ले तोला आसीस देवय; \q2 तेंह अपन जिनगी भर \q2 यरूसलेम के उन्नति देखत रह। \q1 \v 6 अपन लइकामन के लइकामन ला देखे बर जीयत रह— \q2 इसरायल ला सांति मिलय। \c 129 \cl भजन-संहिता 129 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 इसरायल ह कहय, \q2 “मोर जवानी के समय ले ओमन मोर ऊपर बहुंत अतियाचार करे हवंय, \q1 \v 2 मोर जवानी के समय ले ओमन मोर ऊपर बहुंत अतियाचार करे हवंय, \q2 पर ओमन ला मोर ऊपर कभू जीत नइं मिलिस। \q1 \v 3 नांगर चलइयामन मोर पीठ म नांगर चलाय हवंय \q2 अऊ लम्बा-लम्बा घारी बनाय हवंय। \q1 \v 4 पर यहोवा ह धरमी ए; \q2 ओह दुस्टमन के डोरी के बंधना ला काटके मोला सुतंतर कर दे हवय।” \b \q1 \v 5 जऊन मन सियोन ले घिन करथें \q2 ओमन सरम के मारे लहुंट जावंय। \q1 \v 6 ओमन छानी ऊपर जामे कांदी सहीं होवंय, \q2 जऊन ह बढ़े के पहिले अइला जाथे; \q1 \v 7 जेला कोनो लुवइया अपन हांथ म नइं धर सकय, \q2 न ही कोनो ओला अपन हांथ म कुढ़ो सकथे। \q1 \v 8 जऊन मन उहां ले होके जाथें, ओमन ये झन कहंय, \q2 “यहोवा के आसीस तुम्हर ऊपर होवय; \q2 हमन तुमन ला यहोवा के नांव म आसीस देवत हन।” \c 130 \cl भजन-संहिता 130 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 हे यहोवा, मेंह निरासा के गहरई म ले तोला पुकारत हंव; \q2 \v 2 हे परभू, मोर अवाज ला सुन। \q1 तोर कानमन दया के मोर गोहार ला \q2 धियान देके सुनंय। \b \q1 \v 3 हे यहोवा, यदि तेंह पाप के लेखा-जोखा रखते, \q2 त हे परभू, कोन ह ठहर सकतिस? \q1 \v 4 पर तेंह छेमा करइया अस, \q2 ताकि हमन आदर सहित तोर सेवा करन। \b \q1 \v 5 मेंह यहोवा के बाट जोहथंव, मोर जम्मो चीज ओकर बाट जोहत रहिथे, \q2 अऊ ओकर बचन ऊपर मेंह अपन आसा रखथंव। \q1 \v 6 पहरेदारमन बिहनियां होय के जतेक बाट जोहथें, \q2 हां, पहरेदारमन बिहनियां होय के जतेक बाट जोहथें, \q2 ओकर ले जादा मेंह परभू के बाट जोहथंव। \b \q1 \v 7 हे इसरायल, यहोवा ऊपर अपन आसा रख, \q2 काबरकि यहोवा म बहुंत मया हवय \q2 अऊ ओहीच ह पूरा छुटकारा देथे। \q1 \v 8 ओह खुद इसरायलीमन ला \q2 ओमन के जम्मो पाप ले छुटकारा दीही। \c 131 \cl भजन-संहिता 131 \d आरोहन के एक गीत। दाऊद के गीत। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोर मन ह घमंडी नो हय, \q2 न ही मोर आंखीमन घमंड ले चढ़े हवंय; \q1 जऊन ह बड़े बात ए, या ओ बात जऊन ह मोर बर बहुंत अद्भूत ए, \q2 अइसन बातमन ले मेंह कोनो मतलब नइं रखंव। \q1 \v 2 पर मेंह अपनआप ला सांत अऊ चुप कर ले हंव, \q2 मेंह दाई के कोरा म दूध पीके पड़े एक लइका सहीं अंव; \q2 दूध पीये लइका सहीं मेंह संतुस्ट हंव। \b \q1 \v 3 हे इसरायल, अब ले लेके सदाकाल तक \q2 यहोवा ऊपर अपन आसा बनाय रख। \c 132 \cl भजन-संहिता 132 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 हे यहोवा, दाऊद \q2 अऊ ओकर जम्मो दुरदसा ला सुरता कर। \b \q1 \v 2 ओह यहोवा ले एक कसम खाईस, \q2 ओह याकूब के सक्तिसाली जन ले वायदा करिस: \q1 \v 3 “मेंह तब तक अपन घर के भीतर नइं जावंव \q2 या अपन बिस्तर म नइं जावंव, \q1 \v 4 मेंह अपन आंखी म नींद आवन नइं दंव \q2 या अपन आंखी के पलक म झपकी नइं आवन दंव, \q1 \v 5 जब तक कि मोला यहोवा बर एक जगह, \q2 याकूब के सक्तिसाली जन बर एक निवास स्थान नइं मिल जाही।” \b \q1 \v 6 हमन ये बात एपराता म सुने हवन, \q2 हमन यार\f + \fr 132:6 \fr*\ft देखव \+xt 1 इति 13:5, 6\+xt*\ft*\f* के मैदान म घलो येला पाय हवन। \q1 \v 7 “आवव, ओकर निवास स्थान म चलन, \q2 आवव, ओकर पांव के चउकी म ये कहिके अराधना करन, \q1 \v 8 ‘हे यहोवा, उठ अऊ अपन बिसराम के जगह म \q2 अपन सक्ति के सन्दूक के संग आ। \q1 \v 9 तोर पुरोहितमन तोर धरमीपन के कपड़ा पहिरंय; \q2 तोर बिसवासयोग्य मनखेमन आनंद के गीत गावंय।’ ” \b \q1 \v 10 अपन सेवक दाऊद के हित म, \q2 अपन अभिसिक्त जन ला झन तियाग। \b \q1 \v 11 यहोवा ह दाऊद ले एक कसम खाईस, \q2 एक सच्चा कसम, जेला ओह नइं टोरय: \q1 “तोर खुद के संतानमन ले एक झन ला \q2 तोर सिंघासन म बईठाहूं। \q1 \v 12 यदि तोर बेटामन मोर करार ला मानहीं \q2 अऊ जऊन नियम मेंह सिखाथंव, ओमा चलहीं, \q1 त ओमन के बेटामन तोर सिंघासन म \q2 सदाकाल बर बईठत रहिहीं।” \b \q1 \v 13 काबरकि यहोवा ह सियोन ला चुने हवय, \q2 ओह ये कहत येला अपन निवास बर पसंद करे हवय, \q1 \v 14 “येह सदाकाल बर मोर अराम के जगह ए; \q2 इहां मेंह बिराजमान होहूं, काबरकि येला मेंह पसंद करे हवंव। \q1 \v 15 मेंह येकर खाय-पीये के चीजमन ला बहुंत आसीस दूहूं; \q2 येकर गरीब मनखेमन ला मेंह जेवन देके संतुस्ट करहूं। \q1 \v 16 मेंह येकर पुरोहितमन ला उद्धार के कपड़ा पहिराहूं, \q2 अऊ येकर बिसवासयोग्य मनखेमन हमेसा आनंद के गीत गाहीं। \b \q1 \v 17 “इहां मेंह दाऊद बर एक सींग\f + \fr 132:17 \fr*\fq सींग \fq*\ft एक सक्तिसाली राजा\ft*\f* ला बढ़ाहूं \q2 अऊ अपन अभिसिक्त जन बर एक दीया ला मढ़ाहूं। \q1 \v 18 मेंह ओकर बईरीमन ला लज्जा के कपड़ा पहिराहूं, \q2 पर ओकर मुड़ ला चमकत मुकुट ले सोभायमान करे जाही।” \c 133 \cl भजन-संहिता 133 \d आरोहन के एक गीत। दाऊद के गीत। \q1 \v 1 येह कतेक बने अऊ खुसी के बात होथे \q2 जब परमेसर के मनखेमन एकता बनाके एक संग रहिथें! \b \q1 \v 2 येह अइसने ए, मानो कीमती तेल ला मुड़ म डाले गीस, \q2 जऊन ह दाढ़ी तक बहत हे, \q1 हव, खाल्हे हारून के दाढ़ी म बहत, \q2 ओकर कपड़ा के कालर तक पहुंच जाथे। \q1 \v 3 येह ओकर सहीं ए, मानो हेरमोन के ओस ह \q2 सियोन पहाड़ ऊपर गिरत हे। \q1 काबरकि ओह ओ जगह ए, जिहां यहोवा ह \q2 हमेसा बर अपन आसीस अऊ जिनगी देथे। \c 134 \cl भजन-संहिता 134 \d आरोहन के एक गीत। \q1 \v 1 हे यहोवा के जम्मो सेवकमन, तुमन जऊन मन रथिया यहोवा के घर म सेवा करथव \q2 यहोवा के परसंसा करव। \q1 \v 2 पबितर-स्थान म अपन हांथ ला ऊपर उठावव \q2 अऊ यहोवा के परसंसा करव। \b \q1 \v 3 यहोवा, जऊन ह अकास अऊ धरती के रचइता ए, \q2 ओह तुमन ला सियोन ले आसीस देवय। \c 135 \cl भजन-संहिता 135 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव। \b \q1 यहोवा के नांव के परसंसा करव; \q2 हे यहोवा के सेवकमन, ओकर परसंसा करव, \q1 \v 2 तुमन, जऊन मन यहोवा के घर म सेवा करथव, \q2 तुमन, जऊन मन हमर परमेसर के घर के अंगना म सेवा करथव। \b \q1 \v 3 यहोवा के परसंसा करव, काबरकि यहोवा ह बने अय, \q2 ओकर नांव के परसंसा करव, काबरकि येह मन ला भाथे। \q1 \v 4 यहोवा ह याकूब ला अपन खुद के होय बर चुन ले हवय, \q2 इसरायल ला अपन कीमती संपत्ति होय बर चुन ले हवय। \b \q1 \v 5 मेंह जानत हंव कि यहोवा ह महान ए, \q2 ये घलो कि हमर परभू ह जम्मो देवतामन ले महान ए। \q1 \v 6 यहोवा ला जऊन बात बने लगथे, \q2 ओह ओला अकास अऊ धरती म, \q2 समुंदर अऊ ओकर जम्मो गहरई म करथे। \q1 \v 7 ओह धरती के छोर ले बादरमन ला उठाथे; \q2 ओह बारिस के संग बिजली पठोथे \q2 अऊ अपन भंडारघर ले हवा ला बाहिर लानथे। \b \q1 \v 8 ओह मिसर देस के पहिलांत, \q2 मनखे अऊ पसुमन के पहिलांत ला मार डारिस। \q1 \v 9 हे मिसर देस, ओह तोर बीच म, \q2 फिरौन अऊ ओकर जम्मो सेवकमन के बिरूध चिनहां अऊ चमतकार देखाईस। \q1 \v 10 ओह कतको जातिमन ला नास कर दीस \q2 अऊ कतको सक्तिसाली राजामन ला मार डारिस— \q1 \v 11 याने कि अमोरीमन के राजा सीहोन, \q2 बासान के राजा ओग, \q2 अऊ कनान के जम्मो राजामन ला— \q1 \v 12 अऊ ओमन के देस ला \q2 निज भाग के रूप म अपन मनखे इसरायलीमन ला दे दीस। \b \q1 \v 13 हे यहोवा, तोर नांव सदा बने रहिथे, \q2 हे यहोवा, तोर खियाती जम्मो पीढ़ी म बने रहिथे। \q1 \v 14 काबरकि यहोवा ह अपन मनखेमन के नियाय करही \q2 अऊ अपन सेवकमन ऊपर दया देखाही। \b \q1 \v 15 आनजात के मूरतीमन \q2 मनखेमन के हांथ के बनाय सोन अऊ चांदी अंय। \q1 \v 16 ओमन के मुहूं तो हवय, पर ओमन गोठियाय नइं सकंय, \q2 ओमन के आंखी तो हवय, पर देख नइं सकंय। \q1 \v 17 ओमन के कान तो हवय, पर सुन नइं सकंय, \q2 अऊ न ही ओमन के मुहूं म सांस हवय। \q1 \v 18 येमन ला बनानेवालामन येमन के सहीं हो जाहीं, \q2 अऊ येमन ऊपर भरोसा रखइया जम्मो झन घलो येमन सहीं हो जाहीं। \b \q1 \v 19 हे जम्मो इसरायलीमन, यहोवा के परसंसा करव; \q2 हे हारून के घराना, यहोवा के परसंसा करव; \q1 \v 20 हे लेवी के घराना, यहोवा के परसंसा करव; \q2 तुमन, जऊन मन ओकर भय मानथव, यहोवा के परसंसा करव। \q1 \v 21 सियोन ले यहोवा के परसंसा होवय, \q2 ओकर परसंसा होवय, जऊन ह यरूसलेम म निवास करथे। \b \q1 यहोवा के परसंसा होवय। \c 136 \cl भजन-संहिता 136 \q1 \v 1 यहोवा ला धनबाद देवव, काबरकि ओह बने अय। \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 2 ईस्वरमन के परमेसर ला धनबाद देवव। \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 3 परभूमन के परभू ला धनबाद देवव: \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \b \q1 \v 4 ओकर छोंड़ अऊ कोनो बड़े-बड़े अद्भूत काम नइं करंय, \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 5 जऊन ह अपन समझ से अकास ला बनाईस, \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 6 जऊन ह पानी के ऊपर धरती ला फईला दीस, \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 7 जऊन ह बड़े-बड़े अंजोरमन ला बनाईस— \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 8 जऊन ह दिन म परभूता करे बर सूरज ला बनाईस, \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 9 जऊन ह रथिया ऊपर परभूता करे बर चंदा अऊ तारामन ला बनाईस; \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \b \q1 \v 10 ओला धनबाद देवव, जऊन ह मिसर देस के पहिलऊठामन ला मार डारिस, \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 11 अऊ ओमन के बीच ले इसरायलीमन ला निकाल लानिस \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 12 सक्तिसाली हांथ अऊ बढ़े हुए बाहां के दुवारा निकाल लानिस; \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \b \q1 \v 13 ओला धनबाद देवव, जऊन ह लाल-समुंदर ला अलग-अलग कर दीस \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 14 अऊ इसरायलीमन ला येकर बीच म ले पार करवा दीस, \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 15 पर फिरौन अऊ ओकर सेना ला लाल-समुंदर म बुड़ा दीस; \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \b \q1 \v 16 ओला धनबाद देवव, जऊन ह निरजन प्रदेस म अपन मनखेमन के अगुवई करिस; \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \b \q1 \v 17 ओला धनबाद देवव, जऊन ह बड़े-बड़े राजामन ला मार डारिस, \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 18 अऊ सक्तिसाली राजामन ला घलो मार डारिस— \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 19 याने कि अमोरीमन के राजा सीहोन ला मार डारिस \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 20 अऊ बासान के राजा ओग ला मार डारिस— \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 21 अऊ ओमन के देस ला निज भाग के रूप म दे दीस, \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 22 अपन सेवक इसरायलीमन ला निज भाग के रूप म दे दीस। \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \b \q1 \v 23 ओह हमन ला हमर गिरत दसा म सुरता करिस \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 24 अऊ हमन ला हमर बईरीमन ले छोंड़ाईस। \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \q1 \v 25 ओह हर एक परानी ला जेवन देथे। \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \b \q1 \v 26 स्वरग के परमेसर ला धनबाद देवव। \qr ओकर मया हमेसा बर बने रहिथे। \c 137 \cl भजन-संहिता 137 \q1 \v 1 बेबिलोन देस के नदीमन के तीर म हमन बईठेंन \q2 अऊ सियोन ला सुरता करके रोए लगेंन। \q1 \v 2 उहां चिनार रूखमन म \q2 हमन अपन बीना ला टांग देंन, \q1 \v 3 काबरकि जऊन मन हमन ला बंधुवा बनाके ले गे रिहिन, \q2 ओमन उहां हमन ला गीत गाय बर कहिन, \q1 हमन ला सतानेवालामन हमन ला आनंद के गीत गाय बर कहिन; \q2 ओमन कहिन, “हमर बर सियोन के एक गीत गावव!” \b \q1 \v 4 एक आने देस म \q2 हमन यहोवा के गीत कइसे गा सकत हन? \q1 \v 5 हे यरूसलेम, यदि मेंह तोला भूल जावंव, \q2 त मोर जेवनी हांथ अपन योग्यता ला भूल जावय। \q1 \v 6 यदि मेंह तोला सुरता नइं करंव, \q2 यदि मेंह यरूसलेम ला \q1 अपन सबले बड़े आनंद नइं मानंव, \q2 त मोर जीभ ह मोर तालू ले चपक जावय। \b \q1 \v 7 हे यहोवा, सुरता कर कि ओ दिन एदोमीमन का करिन, \q2 जब यरूसलेम ला गिराय गीस। \q1 ओमन चिचियाके कहिन, “येला फोरके गिरा दव, \q2 येला येकर नीव ले गिरा दव!”\f + \fr 137:7 \fr*\ft देखव \+xt ओब 10‑14; यहे 25:12‑14; 35:5‑9\+xt*\ft*\f* \q1 \v 8 हे बेटी बेबिलोन, तोर बिनास होवय, \q2 ओ मनखे ह खुस रहय, जऊन ह ओ अतियाचार के मुताबिक \q2 तोर ले बदला लेथे, जेला तेंह हमर ऊपर करे हस। \q1 \v 9 ओ मनखे ह खुस रहय, जऊन ह तोर लइकामन ला पकड़के \q2 चट्टान ऊपर पटक देथे। \c 138 \cl भजन-संहिता 138 \d दाऊद के गीत। \q1 \v 1 हे यहोवा, मेंह अपन पूरा मन से तोर परसंसा करहूं; \q2 देवतामन के आघू म मेंह तोर परसंसा के गीत गाहूं। \q1 \v 2 तोर बहुंत मया अऊ तोर बिसवासयोग्यता के कारन \q2 मेंह तोर पबितर मंदिर कोति मुड़ नवाहूं \q2 अऊ तोर नांव के परसंसा करहूं, \q1 काबरकि तेंह अपन पबितर बचन ला \q2 अऊ अपन महिमा ला सबले ऊपर करे हस। \q1 \v 3 जब मेंह तोला पुकारेंव, त तेंह मोर पराथना के उत्तर देय; \q2 तेंह मोला बहुंत हिम्मत दे हस। \b \q1 \v 4 हे यहोवा, जब धरती के जम्मो राजामन तोर बचन ला सुनंय, \q2 त ओमन तोर परसंसा करंय। \q1 \v 5 ओमन यहोवा के बिधिमन के गीत गावंय, \q2 काबरकि यहोवा के महिमा ह महान ए। \b \q1 \v 6 हालाकि यहोवा के दरजा बहुंत ऊपर हे, पर ओह नम्र मनखेमन ऊपर दया देखाथे; \q2 हालाकि ओह बहुंत ऊंचहा हे, पर ओह ओमन ला दूरिहा ले देखथे। \q1 \v 7 हालाकि मेंह समस्या म ले होके जाथंव, \q2 पर तेंह मोर जिनगी ला बनाय रखथस। \q1 तेंह मोर बईरीमन के कोरोध के बिरूध अपन हांथ बढ़ाथस; \q2 अपन जेवनी हांथ के दुवारा तेंह मोला बचाथस। \q1 \v 8 यहोवा ह मोर रकछा करही, \q2 हे यहोवा, तोर मया ह हमेसा बर बने रहिथे— \q2 अपन हांथ के काममन ला झन तियाग दे। \c 139 \cl भजन-संहिता 139 \d संगीत निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, तेंह मोला जांचे हस, \q2 अऊ तेंह मोला जानथस। \q1 \v 2 मेंह कब उठथंव अऊ कब बईठथंव, तेंह जानथस, \q2 तेंह मोर बिचारमन ला दूरिहा ले ही समझ लेथस। \q1 \v 3 तेंह मोर जवई अऊ मोर लेटई ला जानथस; \q2 तोला मोर जम्मो बात के जानकारी हवय। \q1 \v 4 हे यहोवा, येकर पहिले कि कोनो बात मोर मुहूं म आवय \q2 तेंह ओला पूरा जानथस। \q1 \v 5 तेंह मोला आघू-पाछू ले घेरे रहिथस, \q2 अऊ तेंह मोर ऊपर अपन हांथ रखथस। \q1 \v 6 अइसने गियान ह मोर बर बहुंत अद्भूत ए, \q2 येला पाना मोर बर बहुंत दूरिहा के बात ए। \b \q1 \v 7 तोर आतमा ले बचके मेंह कहां जा सकथंव? \q2 तोर आघू ले बचके मेंह कहां भाग सकथंव? \q1 \v 8 कहूं मेंह अकास ऊपर जावंव, त तेंह उहां हस; \q2 कहूं मेंह अपन दसना गहरई म दसावंव, त तेंह उहां हस। \q1 \v 9 कहूं मेंह उठके बड़े बिहनियां के डेना म बईठके दूरिहा चले जावंव, \q2 कहूं मेंह दूरिहा समुंदर म बस जावंव, \q1 \v 10 त उहां घलो तोर हांथ ह मोर अगुवई करही, \q2 तोर जेवनी हांथ ह मोला मजबूती से थामे रहिही। \q1 \v 11 कहूं मेंह कहंव, “खचित अंधियार ह मोला छुपा लीही \q2 अऊ चारों कोति के अंजोर ह रथिया के अंधियार हो जाही,” \q1 \v 12 तभो ले अंधियार ह तोर बर अंधियार नइं होही; \q2 रथिया ह दिन के सहीं चमकही, \q2 काबरकि अंधियार ह तोर बर अंजोर सहीं अय। \b \q1 \v 13 काबरकि तेंह मोर भीतरी भाग ला बनाय हस; \q2 तेंह मोर दाई के गरभ म मोला एक संग जोड़े हस। \q1 \v 14 मेंह तोर परसंसा करथंव काबरकि मेंह भयानक अऊ अद्भूत रीति से बनाय गे हवंव; \q2 तोर काममन अद्भूत अंय, \q2 मेंह ओला बने करके जानथंव। \q1 \v 15 जब मोला गुपत जगह म बनाय गीस, \q2 जब मोला धरती के गहरई म एक संग बुने गीस, \q2 त मोर ढांचा ह तोर ले छुपे नइं रिहिस। \q1 \v 16 तोर आंखी ह मोर बिगर आकार के देहें ला देखिस; \q2 मोर देहें के अंग, जऊन मन बनत जावत रिहिन, \q2 ओमन रचे जाय के पहिले तोर किताब म लिखाय रिहिन। \q1 \v 17 हे परमेसर, तोर बिचारमन मोर बर कतेक कीमती अंय! \q2 कुल मिलाके ओमन के जोड़ ह कतेक बड़े हे! \q1 \v 18 कहूं मेंह ओमन के गनती करंव, \q2 त ओमन के गनती बालू के कन ले घलो जादा होही— \q2 जब मेंह जागथंव, तब भी मेंह तोर संग रहिथंव। \b \q1 \v 19 हे परमेसर, बने होतिस कि तेंह दुस्टमन ला मार डारते! \q2 हे खून के पीयासा मनखेमन, मोर ले दूरिहा हटव! \q1 \v 20 ओमन तोर बारे म बुरई के इरादा से बात करथें; \q2 तोर बिरोधीमन तोर नांव के गलत उपयोग करथें। \q1 \v 21 हे यहोवा, का मेंह ओमन ले घिन नइं करंव, जऊन मन तोर ले घिन करथें, \q2 अऊ का ओमन ले घिन नइं करंव, जऊन मन तोर बिरूध बिदरोह करथें? \q1 \v 22 मोर करा ओमन बर घिन करे के अलावा अऊ कुछू नइं ए; \q2 मेंह ओमन ला अपन बईरी समझथंव। \q1 \v 23 हे परमेसर, मोला जांचके मोर हिरदय ला जान ले; \q2 मोला परखके मोर उत्सुक बिचारमन ला जान ले। \q1 \v 24 देख कि कहूं मोर म कोनो खराप चाल तो नइं ए, \q2 अऊ अनंत के रसता म मोर अगुवई कर। \c 140 \cl भजन-संहिता 140\f + \fr 140 \fr*\ft इबरानी म \+xt 140:1‑13\+xt* ला 140:2‑14 गने गे हवय\ft*\f* \d संगीत के निरदेसक बर दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोला दुस्ट काम करइयामन ले छुड़ा; \q2 हिंसा करइयामन ले मोला बचा, \q1 \v 2 जऊन मन अपन मन म दुस्ट काम करे के योजना बनाथें \q2 अऊ हर दिन लड़े बर भड़कावत रहिथें। \q1 \v 3 ओमन के बोलई ह सांप के काटे सहीं अय; \q2 ओमन के ओंठ म करैत सांप के जहर हवय। \b \q1 \v 4 हे यहोवा, दुस्ट मनखेमन के हांथ ले मोर रकछा कर; \q2 हिंसक मनखेमन ले मोला बचा, \q2 जऊन मन मोर पांव म चोट पहुंचाय के योजना बनाय हवंय। \q1 \v 5 घमंडी मनखेमन मोला फंसाय बर फांदा छुपाय हवंय; \q2 ओमन अपन जाल के डोर ला बिछाय हवंय \q2 अऊ मोर रसता म मोर बर फांदा लगाय हवंय। \b \q1 \v 6 मेंह यहोवा ले कहिथंव, “तेंह मोर परमेसर अस।” \q2 हे यहोवा, दया के मोर पुकार ला सुन। \q1 \v 7 हे परमपरधान यहोवा, तेंह सामर्थी छुड़ानेवाला अस, \q2 तेंह लड़ई के दिन म मोर मुड़ के ढाल बनथस। \q1 \v 8 हे यहोवा, दुस्टमन के ईछा ला पूरा झन कर; \q2 ओमन के योजना ला सफल झन होवन दे। \b \q1 \v 9 जऊन मन मोला चारों कोति ले घेरे हवंय अऊ घमंड से मुड़ उठाय हवंय; \q2 ओमन के मुहूं के दुस्टता के बात ओहीचमन ला खा जावय। \q1 \v 10 बरत कोइला ओमन ऊपर गिरय; \q2 ओमन ला आगी म झोंके जावय, \q2 ओमन चीखला ले भरे खंचवा म फटिक दिये जावंय, जिहां ले ओमन कभू उठ नइं सकंय। \q1 \v 11 निन्दा करइयामन देस म स्थापित झन होवंय; \q2 हिंसा करइयामन ऊपर बिपत्ति पड़य। \b \q1 \v 12 मेंह जानथंव कि यहोवा ह गरीब-दुखीमन के नियाय करथे \q2 अऊ जरूरतमंद के मामला ला संभालथे। \q1 \v 13 खचित धरमीमन तोर नांव के परसंसा करहीं \q2 अऊ ईमानदारमन तोर आघू म रहिहीं। \c 141 \cl भजन-संहिता 141 \d दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मेंह तोला पुकारत हंव, मोर करा जल्दी आ; \q2 जब मेंह तोला पुकारंव, त मोर बात ला सुन। \q1 \v 2 मोर पराथना ह तोर आघू म खुसबूदार धूप के सहीं होवय; \q2 मोर हांथ के ऊपर उठई सांझ के बलिदान सहीं होवय। \b \q1 \v 3 हे यहोवा, मोर मुहूं म एक पहरेदार बईठा दे; \q2 मोर ओंठ रूपी दुवार के रखवारी कर। \q1 \v 4 मोर मन ला दुस्टमन कोति झन लगा \q2 ताकि मेंह ओ दुस्ट काम करइयामन संग \q1 ओमन के दुस्ट काम म भाग झन लेवंव; \q2 मोला ओमन के सुवादवाले जेवन ला झन खावन दे। \b \q1 \v 5 धरमी जन ह मोला मारय—मोर ऊपर येह एक दया के बात होही; \q2 ओह मोला डांटय—येह मोर मुड़ म तेल चुपरे सहीं होही। \q1 मोर मुड़ ह येला इनकार नइं करही, \q2 काबरकि मोर पराथना ह तब भी दुस्ट काम करइयामन के बिरूध होही। \b \q1 \v 6 ओमन के सासन करइयामन ला खड़े चट्टान म ले फटिक दिये जाही, \q2 अऊ दुस्ट मनखेमन जान जाहीं कि मोर बातमन सही अंय। \q1 \v 7 ओमन कहिहीं, “जइसे नांगर जोते के बाद माटी ह टूटके बिखर जाथे, \q2 वइसे ही हमर हाड़ामन ला कबर के मुहूं म बगरा दिये गे हवय।” \b \q1 \v 8 पर हे परमपरधान यहोवा, मोर आंखी ह तोर ऊपर लगे हवय; \q2 तोर करा मेंह सरन लेथंव—मोला मिरतू के हांथ म झन दे। \q1 \v 9 मोला दुस्टमन के लगाय गय फांदा ले बचा, \q2 ओ फांदा जेला ओमन मोर बर लगाय हवंय। \q1 \v 10 दुस्टमन अपन लगाय गय जाल म खुद फंसंय, \q2 अऊ मेंह सही-सलामत बचके निकल जावंव। \c 142 \cl भजन-संहिता 142\f + \fr 142 \fr*\ft इबरानी म \+xt 142:1‑7\+xt* ला 142:2‑8 गने गे हवय\ft*\f* \d दाऊद के एक \tl मसकील\tl*\f + \fr 142:0 \fr*\fl संभवतः संगीत के एक सबद\fl*\f*, जब ओह गुफा म रिहिस। एक पराथना। \q1 \v 1 मेंह यहोवा ला ऊंचहा अवाज म पुकारथंव; \q2 मेंह यहोवा ला दया करे बर जोर से गोहारथंव। \q1 \v 2 मेंह ओकर आघू म अपन सिकायत ला खुलके बताथंव; \q2 ओकर आघू म मेंह अपन समस्या ला बताथंव। \b \q1 \v 3 जब मोर आतमा ह मोर भीतरे-भीतर बियाकुल होथे, \q2 तब तेंहीच ह मोर दसा ला देखथस। \q1 जऊन रसता म मेंह चलथंव, ओ रसता म \q2 मनखेमन मोर बर फंदा लगाय हवंय। \q1 \v 4 देख, मोर जेवनी कोति कोनो नइं एं; \q2 मोर कोनो चिंता नइं करंय। \q1 मोर कोनो सरन-स्थान नइं ए; \q2 कोनो मोर जिनगी ऊपर धियान नइं देवंय। \b \q1 \v 5 हे यहोवा, मेंह तोला पुकारत हंव; \q2 मेंह कहिथंव, “तेंह मोर सरन-स्थान, \q2 अऊ जीयत परानीमन के देस म मोर भाग अस।” \b \q1 \v 6 मोर पुकार ला सुन, \q2 काबरकि मेंह बहुंत जरूरत म हवंव; \q1 जऊन मन मोर पीछा करथें, ओमन ले मोला बचा, \q2 काबरकि ओमन मोर ले बहुंत ताकतवर अंय। \q1 \v 7 मोला मोर जेल ले छोंड़ा ले, \q2 ताकि मेंह तोर परसंसा करंव। \q1 तब मोर ऊपर तोर भलई के कारन \q2 धरमी मनखेमन मोर चारों कोति जूरहीं। \c 143 \cl भजन-संहिता 143 \d दाऊद के एक भजन। \q1 \v 1 हे यहोवा, मोर पराथना ला सुन, \q2 दया के मोर गोहार ला सुन; \q1 अपन बिसवासयोग्यता अऊ धरमीपन के कारन \q2 मोर मदद करे बर आ। \q1 \v 2 अपन सेवक ला नियाय के आघू म झन लान, \q2 काबरकि कोनो जीयत मनखे तोर आघू म धरमी नो हय। \q1 \v 3 बईरी ह मोर पीछा करथे, \q2 ओह मोला कुचरके माटी म मिला देथे; \q1 बहुंत पहिले मरे मनखेमन सहीं \q2 ओह मोला अंधियार म डार देथे। \q1 \v 4 एकरसेति मोर आतमा ह भीतरे-भीतर बियाकुल होवत हे, \q2 मोर मन ह भीतरे-भीतर भयभीत हवय। \q1 \v 5 मेंह बहुंत पहिले के दिनमन ला सुरता करथंव; \q2 मेंह तोर जम्मो काम ऊपर मनन-चिंतन करथंव \q2 अऊ जऊन कुछू तेंह करे हस, ओकर ऊपर बिचार करथंव। \q1 \v 6 मेंह तोर कोति अपन हांथ बढ़ावत हंव; \q2 मेंह सूखा भुइयां सहीं तोर बर पीयासन हंव। \b \q1 \v 7 हे यहोवा, मोला जल्दी जबाब दे; \q2 मोर आतमा ह दुरबल होवत हे। \q1 अपन चेहरा ला मोर ले झन छिपा \q2 नइं तो मेंह ओमन सहीं हो जाहूं, जऊन मन खाल्हे कबर म चले जाथें। \q1 \v 8 बिहनियां ह मोर बर तोर अटूट मया के खबर लानय, \q2 काबरकि मेंह तोर ऊपर भरोसा करे हवंव। \q1 मोला ओ डहार देखा, जेमा मोला चलना चाही, \q2 काबरकि मेंह अपन जिनगी तोला सऊंपत हंव। \q1 \v 9 हे यहोवा, मोला मोर बईरीमन ले बचा, \q2 काबरकि मेंह अपनआप ला तोर आड़ म छुपावत हंव। \q1 \v 10 तोर ईछा ला पूरा करे के बात मोला सिखा, \q2 काबरकि तेंह मोर परमेसर अस; \q1 तोर बने आतमा ह \q2 मोला समतल भुइयां म ले चलय। \b \q1 \v 11 हे यहोवा, अपन नांव के हित म, मोर जिनगी ला बनाय रख; \q2 अपन धरमीपन के कारन, मोला समस्या ले बाहिर निकाल। \q1 \v 12 अपन अटूट मया के कारन, मोर बईरीमन के मुहूं ला बंद कर दे; \q2 मोर जम्मो बिरोधीमन ला नास कर दे, \q2 काबरकि मेंह तोर सेवक अंव। \c 144 \cl भजन-संहिता 144 \d दाऊद के भजन। \q1 \v 1 यहोवा, जऊन ह मोर चट्टान ए, ओकर परसंसा होवय, \q2 जऊन ह मोर हांथ अऊ मोर अंगरीमन ला \q2 लड़ई करे बर तियार करथे। \q1 \v 2 ओह मोर मयारू परमेसर अऊ मोर किला, \q2 मोर मजबूत गढ़ अऊ मोर छुड़ानेवाला, \q1 मोर ढाल ए, जेमा मेंह सरन लेथंव, \q2 जऊन ह मनखेमन\f + \fr 144:2 \fr*\ft जादा हस्तलिपि म \ft*\fqa मोर मनखेमन \fqa*\ft लिखाय हवय\ft*\f* ला मोर अधीन कर देथे। \b \q1 \v 3 हे यहोवा, मनखेमन का अंय कि तेंह ओमन के खियाल रखथस? \q2 ओमन सिरिप मरनहार मनखे अंय, जेमन के बारे म तेंह सोचथस। \q1 \v 4 ओमन तो सांस के सहीं अंय; \q2 ओमन के उमर ह ढरत छइहां सहीं अय। \b \q1 \v 5 हे यहोवा, अपन स्वरग ला खाल्हे करके उतर आ; \q2 पहाड़मन ला छू, ताकि ओमन ले धुआं निकलय। \q1 \v 6 बिजली कड़काके बईरी ला तितिर-बितिर कर दे; \q2 अपन तीर चला अऊ ओमन ला हराके भगा दे। \q1 \v 7 ऊंच स्थान ले अपन हांथ बढ़ा; \q2 भयंकर पानी ले \q1 अऊ ओ परदेसीमन के हांथ ले \q2 मोला छोंड़ा अऊ मोला बचा, \q1 \v 8 जेमन के मुहूं ले बहुंत लबारी बात निकलथे, \q2 जेमन के जेवनी हांथ ह धोखा के काम करथे। \b \q1 \v 9 हे मोर परमेसर, मेंह तोर बर एक नवां गीत गाहूं; \q2 दस तारवाले बीना ला मेंह तोर बर बजाहूं, \q1 \v 10 तें, जऊन ह कि राजामन ला जय देथस, \q2 जऊन ह कि अपन सेवक दाऊद ला छोंड़ाथस। \b \q3 धारवाले तलवार ले मोला बचा; \q1 \v 11 परदेसीमन के हांथ ले मोला बचा \q2 जेमन के मुहूं ले बहुंत लबारी बात निकलथे, \q2 जेमन के जेवनी हांथ ह धोखा के काम करथे। \b \q1 \v 12 तब हमर बेटामन अपन जवानी म \q2 बढ़िया बढ़े हुए पऊधामन सहीं होहीं, \q1 अऊ हमर बेटीमन ओ खंभामन सहीं होहीं \q2 जेला महल के सजावट म नक्कासी करे जाथे। \q1 \v 13 हमर कोठारमन हर किसम के \q2 अनाज ले भरे रहिहीं। \q1 हमर भेड़मन हमर मैदान म हजार के संखिया, \q2 दस हजार के संखिया म बढ़हीं; \q2 \v 14 हमर बईलामन भारी सामान खींचके ले जाहीं।\f + \fr 144:14 \fr*\ft या \ft*\fqa हमर जाति के सरदार ह अटल बने रहिही\fqa*\f* \q1 दीवार म कोनो किसम के सेंध नइं लगही, \q2 कोनो बंधुवई म नइं जाही, \q2 हमर गलीमन म दुख के कोनो अवाज नइं होही। \q1 \v 15 धइन अंय ओ मनखेमन, जेमन बर ये बात सही ए; \q2 धइन अंय ओ मनखेमन, जेमन के परमेसर यहोवा ए। \c 145 \cl भजन-संहिता 145 \d परसंसा के एक भजन। दाऊद के भजन। \q1 \v 1 हे मोर परमेसर, मोर राजा, मेंह तोर नांव ला ऊपर करहूं; \q2 मेंह तोर नांव के परसंसा सदा-सर्वदा करहूं। \q1 \v 2 हर दिन मेंह तोर परसंसा करहूं \q2 सदा-सर्वदा तोर नांव के इस्तुति करहूं। \b \q1 \v 3 यहोवा ह महान ए अऊ सबले जादा परसंसा के योग्य ए; \q2 ओकर महानता ला कोनो समझ नइं सकंय। \q1 \v 4 एक पीढ़ी के मनखेमन तोर काम के बारे म आने पीढ़ी के मनखेमन ला बताथें; \q2 ओमन तोर पराकरम के काम के बारे म बताथें। \q1 \v 5 ओमन तोर वैभव के महिमामय सोभा के बारे म गोठियाथें— \q2 अऊ मेंह तोर अद्भूत काम ऊपर मनन-चिंतन करहूं। \q1 \v 6 ओमन तोर अद्भूत काममन के सक्ति के चरचा करथें— \q2 अऊ मेंह तोर बड़े-बड़े काममन के घोसना करहूं। \q1 \v 7 ओमन तोर बहुंत भलई के काम के उत्सव मनाथें \q2 अऊ आनंद सहित तोर धरमीपन के गीत गाथें। \b \q1 \v 8 यहोवा ह अनुग्रहकारी अऊ दयालु अय, \q2 कोरोध करे म धीमा अऊ मया के धनी अय। \b \q1 \v 9 यहोवा ह जम्मो झन बर बने अय; \q2 ओह अपन बनाय हर चीज ऊपर दया करथे। \q1 \v 10 हे यहोवा, तोर जम्मो काममन के दुवारा तोर परसंसा होथे; \q2 तोर बिसवासयोग्य मनखेमन तोर बहुंत परसंसा करथें। \q1 \v 11 ओमन तोर राज के महिमा के बारे म बताथें \q2 अऊ तोर सक्ति के बारे म गोठियाथें, \q1 \v 12 ताकि जम्मो मनखेमन तोर पराकरम के काम \q2 अऊ तोर राज के महिमामय सोभा के बारे म जानंय। \q1 \v 13 तोर राज ह एक कभू खतम नइं होनेवाला राज ए, \q2 अऊ तोर परभूता ह जम्मो पीढ़ी म बने रहिथे। \b \q1 यहोवा ह अपन जम्मो परतिगियां ला पूरा करे म बिसवासयोग्य अय \q2 अऊ अपन जम्मो काम म घलो बिसवासयोग्य अय।\f + \fr 145:13 \fr*\ft मासोरेटिक मूल-ग्रंथ के बहुंत अकन हस्तलिपि म \+xt पद 13|link-href="PSA 145:13"\+xt* के आखिरी के दू पंक्ति नइं ए\ft*\f* \q1 \v 14 यहोवा ह ओ जम्मो ला संभालथे, जेमन खाल्हे गिरथें \q2 अऊ जऊन मन खाल्हे झुकथें, ओमन ला ऊपर उठाथे। \q1 \v 15 जम्मो झन के आंखी ह तोर ऊपर लगे रहिथे, \q2 अऊ तेंह ओमन ला सही समय म ओमन के जेवन देथस। \q1 \v 16 तेंह अपन हांथ खोलके \q2 जम्मो जीयत परानी के ईछा ला पूरा करथस। \b \q1 \v 17 यहोवा ह अपन जम्मो बात म धरमी \q2 अऊ अपन जम्मो काम म बिसवासयोग्य ए। \q1 \v 18 यहोवा ह ओ जम्मो के लकठा म रहिथे, \q2 जऊन मन ओला पुकारथें याने कि जऊन मन ओला सच्चई से पुकारथें। \q1 \v 19 ओह ओमन के ईछा ला पूरा करथे, जऊन मन ओकर भय मानथें; \q2 ओह ओमन के गोहार ला सुनथे अऊ ओमन ला बचाथे। \q1 \v 20 यहोवा ह ओ जम्मो के रखवारी करथे, जऊन मन ओकर ले मया करथें, \q2 पर जम्मो दुस्टमन ला ओह नास कर दीही। \b \q1 \v 21 मोर मुहूं ह यहोवा के परसंसा के बात करही। \q2 हर एक परानी ओकर पबितर नांव के \q2 सदा-सर्वदा परसंसा करय। \c 146 \cl भजन-संहिता 146 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव। \b \q1 हे मोर मन, यहोवा के परसंसा कर। \b \q1 \v 2 मेंह जिनगी भर यहोवा के परसंसा करहूं, \q2 जब तक मेंह जीयत रहिहूं, मेंह अपन परमेसर के परसंसा के गीत गाहूं। \q1 \v 3 हाकिममन ऊपर भरोसा झन रखव, \q2 न ही कोनो मनखे ऊपर, जऊन ह कि रकछा नइं कर सकय। \q1 \v 4 जब ओमन के परान चले जाथे, त ओमन माटी म मिल जाथें; \q2 ओहीच दिन ओमन के योजना ह खतम हो जाथे। \q1 \v 5 धइन अंय ओमन, जेमन के मददगार याकूब के परमेसर ए, \q2 जेमन के आसा ह यहोवा ओमन के परमेसर ऊपर रहिथे। \b \q1 \v 6 ओह अकास अऊ धरती, समुंदर, \q2 अऊ ओमा के जम्मो चीजमन ला रचे हवय— \q2 ओह हमेसा बिसवासयोग्य बने रहिथे। \q1 \v 7 ओह दुखित-पीड़ितमन के नियाय करथे \q2 अऊ भूखन मनखेमन ला जेवन देथे। \q1 यहोवा ह कैदीमन ला छुड़ाथे, \q2 \v 8 यहोवा ह अंधरा ला आंखी देथे, \q1 यहोवा ह ओमन ला ऊपर उठाथे, जऊन मन खाल्हे झुकथें, \q2 यहोवा ह धरमीमन ले मया करथे। \q1 \v 9 यहोवा ह परदेसीमन के रखवारी करथे \q2 अऊ अनाथ अऊ बिधवामन ला संभालथे, \q2 पर ओह दुस्टमन के योजना ला बिगाड़ देथे। \b \q1 \v 10 यहोवा ह सदा-सर्वदा राज करथे, \q2 हे सियोन, तोर परमेसर ह पीढ़ी-पीढ़ी तक राज करथे। \b \q1 यहोवा के परसंसा करव। \c 147 \cl भजन-संहिता 147 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव। \b \q1 हमर परमेसर के परसंसा के गीत गवई ह उत्तम बात ए, \q2 ओकर परसंसा करई ह उत्तम अऊ खुसी के बात ए! \b \q1 \v 2 यहोवा ह यरूसलेम ला बनाथे; \q2 ओह इसरायल के बंधुवई म गय मनखेमन ला इकट्ठा करथे। \q1 \v 3 ओह निरास-हतास मनखेमन के दुख ला दूर करथे \q2 अऊ ओमन के घाव म पट्टी बांधथे। \q1 \v 4 ओह तारामन के संखिया ला निरधारित करथे \q2 अऊ ओमा के हर एक के नांव रखथे। \q1 \v 5 महान ए हमर परभू अऊ अति सामर्थी ए; \q2 ओकर समझ के कोनो सीमना नइं ए। \q1 \v 6 यहोवा ह नम्र मनखे ला संभाले रखथे \q2 पर दुस्ट मनखे ला भुइयां म गिरा देथे। \b \q1 \v 7 धनबाद के संग यहोवा के परसंसा के गीत गावव; \q2 हमर परमेसर बर बीना बजावव। \b \q1 \v 8 ओह अकास ला बादरमन ले ढांपथे; \q2 ओह धरती ऊपर बारिस भेजथे \q2 अऊ पहाड़ीमन म कांदी उगाथे। \q1 \v 9 ओह पसुमन ला आहार देथे \q2 अऊ जब कऊआ चिरई के पीलामन चिचियाथें, त ओमन ला चारा खवाथे। \b \q1 \v 10 ओह घोड़ा के सक्ति ले खुस नइं होवय, \q2 न ही ओह योद्धा के गोड़मन ले खुस होथे; \q1 \v 11 यहोवा ह ओमन ले खुस होथे, जऊन मन ओकर भय मानथें, \q2 जऊन मन ओकर अटूट मया ऊपर अपन आसा रखथें। \b \q1 \v 12 हे यरूसलेम, यहोवा के महिमा कर; \q2 हे सियोन, अपन परमेसर के परसंसा कर। \b \q1 \v 13 ओह तोर दुवार के खंभामन ला मजबूत करथे \q2 अऊ तोर भीतर तोर मनखेमन ला आसीस देथे। \q1 \v 14 ओह तोर सीमना म सांति बनाय रखथे \q2 अऊ सबले उत्तम गहूं के रोटी ले संतुस्ट करथे। \b \q1 \v 15 ओह धरती ऊपर अपन हुकूम भेजथे; \q2 ओकर बचन बहुंत तेजी से जाथे। \q1 \v 16 ओह बरफ ला ऊन के सहीं फईलाथे \q2 अऊ पाला ला राख के सहीं बगराथे। \q1 \v 17 ओह पथरा के सहीं करा गिराथे। \q2 कोन ह ओकर सीत-लहर ला सह सकथे? \q1 \v 18 ओह हुकूम देके ओमन ला टघला देथे; \q2 ओह ठंडा हवा चलाथे, अऊ पानी बहे लगथे। \b \q1 \v 19 ओह याकूब ला अपन बात, \q2 अऊ इसरायल ला अपन कानून अऊ नियम बताय हवय। \q1 \v 20 कोनो आने जाति के मनखेमन बर ओह ये काम नइं करे हवय; \q2 ओमन ओकर कानून ला नइं जानंय। \b \q1 यहोवा के परसंसा करव। \c 148 \cl भजन-संहिता 148 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव। \b \q1 स्वरग ले यहोवा के परसंसा करव; \q2 ऊपर ऊंचहा जगह म ओकर परसंसा करव। \q1 \v 2 हे ओकर जम्मो स्वरगदूतमन ओकर परसंसा करव; \q2 हे ओकर जम्मो स्वरगीय सेनामन, ओकर परसंसा करव। \q1 \v 3 हे सूरज अऊ चंदा, ओकर परसंसा करव; \q2 हे जम्मो चमकत तारामन, ओकर परसंसा करव। \q1 \v 4 हे सबले ऊंच अकास, \q2 अऊ हे अकास के ऊपर के पानी, तुमन ओकर परसंसा करव। \b \q1 \v 5 ओमन यहोवा के नांव के परसंसा करंय, \q2 काबरकि ओकर हुकूम ले ओमन बनाय गीन, \q1 \v 6 अऊ ओह ओमन ला सदाकाल बर इस्थिर करिस— \q2 ओह एक आदेस निकालिस, जऊन ह कभू खतम नइं होवय। \b \q1 \v 7 धरती ले यहोवा के परसंसा करव, \q2 हे समुंदर के बड़े-बड़े जीव-जन्तुमन अऊ जम्मो समुंदर के गहरई, \q1 \v 8 हे बिजली अऊ करा, बरफ अऊ बादरमन, \q2 हे ओकर हुकूम मनइया गरेर, \q1 \v 9 हे पहाड़ अऊ जम्मो पहाड़ीमन, \q2 हे फरवाले रूख अऊ जम्मो देवदार रूखमन, \q1 \v 10 हे जंगली पसु अऊ जम्मो घरेलू-पसुमन, \q2 हे पेट के बल रेंगइया जीव अऊ उड़इया चिरईमन, \q1 \v 11 हे धरती के राजामन अऊ जाति-जाति के जम्मो मनखेमन, \q2 हे हाकिम अऊ धरती ऊपर जम्मो सासन करइया मनखेमन, \q1 \v 12 हे जवान मनखे अऊ माईलोगनमन, \q2 हे सियान मनखे अऊ लइकामन। \b \q1 \v 13 तुमन जम्मो यहोवा के नांव के परसंसा करव, \q2 काबरकि सिरिप ओकर नांव ही ऊपर करे जाथे; \q2 ओकर सोभा ह धरती अऊ अकास के ऊपर हवय। \q1 \v 14 अऊ ओह अपन मनखेमन बर एक सींग\f + \fr 148:14 \fr*\fq सींग \fq*\ft इहां येह ताकत के प्रतीक ए\ft*\f* खड़े करे हवय, \q2 जऊन ह कि ओकर जम्मो बिसवासयोग्य सेवकमन के, \q2 इसरायल के अऊ ओकर दिल के करीब के मनखेमन के परसंसा के बिसय ए। \b \q1 यहोवा के परसंसा करव। \c 149 \cl भजन-संहिता 149 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव।\f + \fr 149:1 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa हलिलूयाह\fqa*\ft ; \+xt पद 9|link-href="PSA 149:9"\+xt* म घलो\ft*\f* \b \q1 यहोवा बर एक नवां गीत गावव, \q2 ओकर बिसवासयोग्य मनखेमन के सभा म ओकर परसंसा करव। \b \q1 \v 2 इसरायल ह अपन सिरिस्टीकर्ता म आनंदित होवय; \q2 सियोन के मनखेमन अपन राजा म खुस होवंय। \q1 \v 3 ओमन नाचत ओकर नांव के परसंसा करंय \q2 अऊ ओकर बर खंजरी अऊ बीना बजावंय। \q1 \v 4 काबरकि यहोवा ह अपन मनखेमन ले खुस रहिथे; \q2 ओह नम्र मनखेमन ला जीत के मुकुट पहिराथे। \q1 \v 5 ओकर बिसवासयोग्य मनखेमन ये आदर पाके आनंद मनावंय \q2 अऊ अपन दसना म आनंद के गीत गावंय। \b \q1 \v 6 ओमन के मुहूं ले परमेसर के परसंसा होवय \q2 अऊ ओमन के हांथ म दूधारी तलवार रहय, \q1 \v 7 ताकि जाति-जाति के मनखेमन ले ओमन बदला लेवंय \q2 अऊ मनखेमन ला दंड देवंय, \q1 \v 8 अऊ ओमन के राजामन ला बेड़ी म, \q2 अऊ ओमन के परभावसाली मनखेमन ला लोहा के संकली म बांधंय, \q1 \v 9 अऊ ओमन के बिरूध दंड के हुकूम ले जावंय— \q2 येह ओकर जम्मो बिसवासयोग्य मनखेमन के महिमा ए। \b \q1 यहोवा के परसंसा करव। \c 150 \cl भजन-संहिता 150 \q1 \v 1 यहोवा के परसंसा करव।\f + \fr 150:1 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa हलिलूयाह \fqa*\ft \+xt पद 6|link-href="PSA 150:6"\+xt* म घलो\ft*\f* \b \q1 परमेसर के ओकर पबितर-स्थान म परसंसा करव; \q2 ओकर सक्तिसाली अकास-मंडल म ओकर परसंसा करव। \q1 \v 2 ओकर पराकरम के काम बर ओकर परसंसा करव; \q2 ओकर अति महानता बर ओकर परसंसा करव। \q1 \v 3 तुरही बजाके ओकर परसंसा करव, \q2 बीना अऊ सारंगी बजाके ओकर परसंसा करव, \q1 \v 4 खंजरी बजात अऊ नाचत ओकर परसंसा करव, \q2 तारवाला बाजा अऊ बांसुरी बजात ओकर परसंसा करव, \q1 \v 5 जोर से झांझ बजाके ओकर परसंसा करव, \q2 मंजीरा के झंकार ले ओकर परसंसा करव। \b \q1 \v 6 हर एक जीयत परानी ह यहोवा के परसंसा करय। \b \q1 यहोवा के परसंसा करव।