\id MRK - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h मरकुस \toc1 मरकुस के लिखे सुघर संदेस \toc2 मरकुस \toc3 मर \mt1 मरकुस \mt2 के लिखे सुघर संदेस \c 1 \s1 यूहन्ना बतिसमा देवइया डहार तियार करथे \p \v 1 परमेसर के बेटा यीसू मसीह के सुघर संदेस के सुरूआत। \v 2 जइसने यसायाह अगमजानी के किताब म लिखे हवय: \q1 “देख, मेंह अपन संदेसिया ला तोर आघू पठोवत हंव, \q2 जऊन ह तोर रसता तियार करही।”\f + \fr 1:2 \fr*\ft \+xt मला 3:1\+xt*\ft*\f* \q1 \v 3 “सुनसान जगह म एक झन अवाज देवत रिहिस, \q1 ‘परभू बर डहार ला तियार करव, \q2 ओकर डहार ला सीधा करव।’ ”\f + \fr 1:3 \fr*\ft \+xt यसा 40:3\+xt*\ft*\f* \m \v 4 यूहन्ना बतिसमा देवइया, जऊन ह सुनसान जगह म रहत रिहिस, अऊ पाप के छेमा खातिर मन-फिराय के बतिसमा के परचार करत रिहिस। \v 5 यरूसलेम, अऊ यहूदिया प्रदेस के जम्मो झन निकलके ओकर करा गीन, अऊ अपन-अपन पाप ला मानके, ओमन यरदन नदी म यूहन्ना ले बतिसमा लीन। \v 6 यूहन्ना ह ऊंट के रूआं के बने कपड़ा पहिरय अऊ अपन कनिहां म चमड़ा के बने पट्टा बांधय, ओह फांफा अऊ जंगली मंधरस खावय। \v 7 अऊ ओह ये बतात फिरत रिहिस कि मोर बाद एक झन अवइया हवय, जऊन ह मोर ले अऊ सक्तिसाली ए। मेंह एकर लईक घलो नो हंव कि निहरके ओकर पनही के बंधना ला खोलंव। \v 8 मेंह तुमन ला पानी म बतिसमा देवत हंव, पर ओह तुमन ला पबितर आतमा म बतिसमा दीही। \s1 यीसू के बतिसमा अऊ परिछा \r (मत्ती 3:13–4:11; लूका 3:21‑22; 4:1‑13) \p \v 9 ओ समय म, यीसू ह गलील के नासरत नगर ले आईस अऊ यरदन नदी म यूहन्ना ले बतिसमा लीस। \v 10 जब यीसू ह पानी ले निकलके ऊपर आईस, तभे ओह स्वरग ला खुलत अऊ परमेसर के आतमा ला पंड़की सहीं अपन ऊपर उतरत देखिस। \v 11 अऊ स्वरग ले ये अवाज आईस: “तेंह मोर मयारू बेटा अस, तोर ले मेंह बहुंत खुस हवंव।” \p \v 12 तब आतमा ह तुरते ओला सुनसान ठऊर म पठोईस। \v 13 अऊ निरजन जगह म चालीस दिन तक सैतान ह ओकर परिछा लीस। ओह जंगली पसुमन संग रहत रिहिस अऊ स्वरगदूतमन ओकर सेवा करत रिहिन। \s1 यीसू ह सुघर संदेस के परचार करथे \p \v 14 पाछू जब यूहन्ना ला जेल म डाले गीस, त यीसू ह परमेसर के सुघर संदेस के परचार करत गलील प्रदेस म गीस। \v 15 ओह कहिस, “समय ह पूरा हो चुके हवय; परमेसर के राज ह लकठा आ गे हवय। मन फिरावव अऊ सुघर संदेस म बिसवास करव।” \s1 यीसू के पहिली चेलामन \r (मत्ती 4:18‑22; लूका 5:1‑11) \p \v 16 गलील के झील के तीरे-तीर जावत, ओह सिमोन अऊ ओकर भाई अन्द्रियास ला झील म जाल डारत देखिस, काबरकि ओमन मछुआर रिहिन। \v 17 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मोर पाछू आवव, मेंह तुमन ला मनखे पकड़इया मछुआर बनाहूं।” \v 18 ओमन तुरते अपन जाल ला छोंड़के ओकर पाछू हो लीन। \p \v 19 थोरकन आघू जाय के बाद, ओह जबदी के बेटा याकूब अऊ ओकर भाई यूहन्ना ला डोंगा म जाल सिलत देखिस। \v 20 यीसू ह तुरते ओमन ला बलाईस, अऊ ओमन अपन ददा जबदी ला बनिहारमन संग डोंगा म छोंड़के ओकर पाछू चल दीन। \s1 यीसू परेत आतमा ला निकालथे \r (लूका 4:31‑37) \p \v 21 ओमन कफरनहूम सहर म गीन अऊ यीसू ह बिसराम के दिन, यहूदीमन के सभा-घर म जाके उपदेस देवन लगिस। \v 22 मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होवत रहंय, काबरकि ओह कानून के गुरूमन सहीं नइं, पर अधिकार के संग उपदेस देवत रिहिस। \v 23 ओही बेरा ओमन के सभा-घर म, एक मनखे रिहिस, जऊन म एक असुध आतमा रहय, ओह चिचियाके कहिस, \v 24 “हे नासरत के यीसू! हमर ले तोर का काम? का तेंह हमन ला नास करे बर आय हवस? मेंह जानत हंव, तेंह कोन अस—तेंह परमेसर के पबितर जन अस।” \p \v 25 यीसू ह ओला दबकारके कहिस, “चुपे रह! अऊ ओमा ले निकल आ।” \v 26 तब असुध आतमा ह ओला अइंठके, अब्बड़ चिचियावत ओमा ले निकल गीस। \p \v 27 येला देखके, जम्मो मनखेमन चकित होवत, एक-दूसर ले पुछन लगिन, “येह का बात ए? येह कोनो नवां उपदेस ए, जऊन ह अधिकार के संग हवय! ओह असुध आतमामन ला हुकूम देथे, अऊ ओमन ओकर बात ला मानथें।” \v 28 तुरते गलील के जम्मो इलाका म ओकर समाचार फईल गीस। \s1 यीसू ह अब्बड़ झन ला चंगा करथे \r (मत्ती 8:14‑17; लूका 4:38‑41) \p \v 29 तब ओह सभा-घर ले निकलके, याकूब अऊ यूहन्ना संग सिमोन अऊ अन्द्रियास के घर गीस। \v 30 उहां सिमोन के सास ह जर-बुखार म पड़े रहय, अऊ ओमन तुरते यीसू ला ओकर बारे म बताईन। \v 31 ओह ओकर मेर गीस अऊ ओकर हांथ ला धरके उठाईस, ओतकीच म ओकर जर ह उतर गीस अऊ ओह उठके, ओमन के सेवा-टहल करे लगिस। \p \v 32 संझा के बेरा, जब बेर बुड़ गे, त मनखेमन जम्मो बिमरहा अऊ जऊन मन ला भूत धरे रहय, ओमन ला यीसू करा लानिन। \v 33 अऊ उहां कफरनहूम सहर के एक बड़े भीड़ घर के दुवारी के आघू म जूर गीस। \v 34 यीसू ह कतको बिमरहामन ला बने करिस अऊ बहुंत परेत आतमामन ला निकाल दीस, पर ओह परेत आतमामन ला बोलन नइं दीस, काबरकि ओमन ओला जानत रिहिन। \s1 पराथना करे बर यीसू एकांत म जाथे \r (लूका 4:42‑44) \p \v 35 बड़े बिहनियां, बेर निकले के पहिली, यीसू ह उठके एक सुनसान ठऊर म गीस अऊ उहां पराथना करन लगिस। \v 36 सिमोन अऊ ओकर संग के मन ओला खोजत रिहिन। \v 37 जब ओह मिलिस, त ओला कहिन, “जम्मो झन तोला खोजत हवंय।” \p \v 38 यीसू ह कहिस, “आवव, कहूं अऊ लकठा के गांवमन म घलो जावन कि मेंह उहां घलो परचार कर सकंव, काबरकि मेंह एकरे खातिर आय हवंव।” \v 39 अऊ ओह जम्मो गलील प्रदेस म, ओमन के सभा-घर म जा-जाके परचार करिस अऊ परेत आतमामन ला निकालिस। \s1 एक कोढ़ी के चंगई \r (मत्ती 8:1‑4; लूका 5:12‑16) \p \v 40 एक कोढ़ी मनखे ओकर करा आईस अऊ ओकर आघू म माथा टेकके बिनती करिस, “यदि तें चाहबे, त मोला बने कर सकथस।” \p \v 41 यीसू ह ओकर ऊपर तरस खाके अपन हांथ ला बढ़ाईस अऊ ओला छूके कहिस, “मेंह चाहत हंव कि तेंह सुध हो जा!” \v 42 ओतकीच बेरा ओकर कोढ़ ह खतम हो गीस अऊ ओह बने हो गीस। \p \v 43 यीसू ह ओला चेताके तुरते बिदा करिस अऊ ओला कहिस, \v 44 “एकर बारे म कोनो ला कुछू झन कहिबे, पर खुदे जाके पुरोहित ला देखा, अऊ कोढ़ीमन के बने होय के बारे म जइसने मूसा ह ठहिराय हवय, वइसने बलिदान चघा, तब मनखेमन के आघू म तोर बने होय के गवाही होही।” \v 45 पर ओह बाहिर जाके अपन चंगा होय के बारे म खुलके बताय लगिस, जेकर कारन, यीसू ह फेर नगर म खुल्लम-खुल्ला नइं जा सकिस; ओला नगर के बाहिर एकांत जगह म रहे पड़िस। तभो ले चारों कोति ले मनखेमन ओकर करा आवत रिहिन। \c 2 \s1 यीसू ह लकवा के मारे मनखे ला चंगा करथे \r (मत्ती 9:1‑8; लूका 5:17‑26) \p \v 1 कुछू दिन के बाद, यीसू फेर कफरनहूम म आईस, अऊ ये समाचार ह जम्मो नगर म फईल गीस। \v 2 ओ घर जिहां ओह ठहिरे रहय, उहां अतका झन झूम गीन कि अऊ एको झन बर ठऊर नइं रहय; इहां तक कि कपाट के बाहिर म घलो ठऊर नइं रिहिस। अऊ यीसू ह ओमन ला परमेसर के बचन सुनाईस। \v 3 उहां, लकवा के मारे एक मनखे ला, चार झन उठाके लानिन। \v 4 भीड़ के मारे ओमन यीसू के लकठा म नइं जा सकिन, एकर खातिर घर के छानी ला, जेकर तरी म यीसू रहय, उघार दीन, अऊ खटिया ला जेमा लकवा के मारे बिमरहा ह रहय, यीसू के आघू म उतार दीन। \v 5 यीसू ह ओमन के बिसवास ला देखिस, त ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “बेटा! तोर पाप ह छेमा हो गे।” \p \v 6 तब कानून के कुछू गुरू, जऊन मन उहां बईठे रिहिन, अपन मन म सोचे लगिन, \v 7 “ये मनखे ह काबर अइसने कहत हवय। येह तो परमेसर के निन्दा करत हवय, काबरकि परमेसर के छोंड़ अऊ कोन ह पाप ला छेमा कर सकथे?” \p \v 8 यीसू ह तुरते अपन आतमा म जान डारिस कि ओमन अपन मन म का गुनत रिहिन, अऊ ओह ओमन ला कहिस, “तुमन ये बात अपन मन म काबर सोचत हवव? \v 9 सरल का ए? लकवा के मारे ला ये कहई कि तोर पाप ह छेमा हो गे या फेर ये कहई कि अपन खटिया ला उठा अऊ रेंग। \v 10 मेंह तुमन ला देखाहूं कि मनखे के बेटा ला धरती म पाप छेमा करे के अधिकार हवय।” तब ओह लकवा के मारे ला कहिस, \v 11 “उठ, अपन खटिया ला उठा अऊ घर जा।” \v 12 ओह उठिस अऊ खटिया ला लेके जम्मो मनखे के देखत चले गीस। येला देखके जम्मो झन चकित हो गीन अऊ ये कहिके परमेसर के महिमा करिन कि हमन अइसने कभू नइं देखे रहेंन। \s1 मत्ती (लेवी) के बुलावा \r (मत्ती 9:9‑13; लूका 5:27‑32) \p \v 13 यीसू ह फेर झील के तीर म गीस, अऊ ओ भीड़ जऊन ह ओकर करा आईस, ओमन ला उपदेस देवन लगिस। \v 14 जब ओह जावत रिहिस, त ओह हलफई के बेटा लेवी ला लगान पटाय के नाका म बईठे देखिस। यीसू ह ओला कहिस, “मोर पाछू हो ले।” अऊ लेवी ह उठिस अऊ ओकर पाछू हो लीस। \p \v 15 जब यीसू ह लेवी के घर म खाना खावत रिहिस, त उहां ओकर अऊ ओकर चेलामन संग कतको लगान लेवइया अऊ पापी मनखेमन घलो खाना खावत रिहिन, काबरकि उहां बहुंत झन ओकर पाछू हो ले रिहिन। \v 16 जब कानून के गुरूमन, जऊन मन फरीसी रिहिन, यीसू ला पापी अऊ लगान लेवइयामन संग खावत देखिन, त ओमन ओकर चेलामन ले पुछिन, “ओह लगान लेवइया अऊ पापीमन संग काबर खावत हवय?” \p \v 17 यीसू ह येला सुनके ओमन ला कहिस, “भला-चंगा मनखेमन ला डाक्टर के जरूरत नइं होवय, पर बिमरहामन ला होथे। मेंह धरमीमन ला नइं, पर पापीमन ला बलाय बर आय हवंव।” \s1 उपास के बारे बातचीत \r (मत्ती 9:14‑17; लूका 5:33‑39) \p \v 18 यूहन्ना के चेला अऊ फरीसीमन उपास करत रिहिन। कुछू मनखेमन आके यीसू ले पुछिन, “यूहन्ना के चेला अऊ फरीसीमन के चेलामन उपास रखथें, पर तोर चेलामन काबर उपास नइं रखंय?” \p \v 19 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “का बरातीमन उपास रखथें, जब दूल्हा ह ओमन के संग म रहिथे? जब तक दूल्हा ह ओमन के संग हवय, ओमन उपास नइं रखंय। \v 20 पर एक समय अइसने आही, जब दूल्हा ह ओमन ले अलग करे जाही, तब ओ दिन ओमन उपास करहीं। \p \v 21 “नवां कपड़ा के खाप जुन्ना कपड़ा म कोनो नइं लगावंय, कहूं कोनो अइसने करथे, त ओ खाप ह जुन्ना कपड़ा ला तीरके अऊ चीर देथे। \v 22 कोनो मनखे नवां अंगूर के मंद ला जुन्ना चमड़ा के थैली म नइं भरय। कहूं कोनो अइसने करथे, त अंगूर के मंद ह ओ थैली ला चीर दीही, अऊ मंद अऊ थैली दूनों बरबाद हो जाही। एकरे बर नवां अंगूर के मंद ला नवां चमड़ा के थैली म भरथें।\f + \fr 2:22 \fr*\ft ओ समय म मनखेमन अंगूर के मंद ला चमड़ा के थैली म रखंय।\ft*\f*” \s1 बिसराम दिन के परभू \r (मत्ती 12:1‑8; लूका 6:1‑5) \p \v 23 यीसू ह एक बिसराम के दिन खेत म ले होके जावत रिहिस अऊ ओकर चेलामन रेंगत-रेंगत दाना ला टोरत रिहिन, \v 24 त फरीसीमन ओला कहिन, “देख, येमन अइसने काबर करत हवंय, जेला बिसराम के दिन करई कानून के बिरूध अय।” \p \v 25 यीसू ह ओमन ला कहिस, “का तुमन कभू नइं पढ़ेव कि दाऊद ह का करिस, जब ओला अऊ ओकर संगीमन ला भूख लगिस अऊ ओमन जरूरत म रिहिन? \v 26 अबियातार महा पुरोहित के समय म, दाऊद ह परमेसर के घर म गीस, अऊ परमेसर ला भेंट चघाय रोटी ला खाईस अऊ अपन संगवारीमन ला घलो खाय बर दीस, जऊन ला कानून के मुताबिक सिरिप पुरोहितमन खा सकत रिहिन।” \p \v 27 यीसू ह ओमन ला ये घलो कहिस, “बिसराम दिन ह मनखे बर बनाय गे हवय, न कि मनखे ह बिसराम दिन बर। \v 28 एकरसेति, मनखे के बेटा ह बिसराम दिन के घलो परभू अय।” \c 3 \s1 एक हांथ के लकवा मारे मनखे \r (मत्ती 12:9‑14; लूका 6:6‑11) \p \v 1 यीसू ह सभा-घर म फेर गीस अऊ उहां एक मनखे रहय, जेकर एक हांथ ला लकवा मार दे रिहिस। \v 2 उहां कुछू झन ओकर ऊपर दोस लगाय बर मऊका खोजत रहंय। एकरे बर ओमन ये देखत रिहिन कि ओह बिसराम के दिन म ओला बने करथे कि नइं। \v 3 यीसू ह जेकर हांथ ला लकवा मारे रिहिस ओला कहिस, “जम्मो के आघू म ठाढ़ हो जा।” \p \v 4 तब ओह मनखेमन ले पुछिस, “बिसराम के दिन म कानून के मुताबिक का ठीक ए? भलई करई या फेर बुरई करई? काकरो परान बचई या हतिया करई?” पर ओमन चुपेचाप रिहिन। \p \v 5 यीसू ह ओमन के हिरदय के कठोरता ला जानके उदास होईस, अऊ ओमन ऊपर गुस्सा होके चारों खूंट देखिस अऊ ओ मनखे ला कहिस, “अपन हांथ ला लमा।” ओह अपन हांथ ला लमाईस अऊ ओकर हांथ ह पूरा बने हो गीस। \v 6 तब फरीसीमन बाहिर निकलके हेरोदीमन संग ओकर बिरोध म सडयंत्र करन लगिन कि ओला कइसने मार डारंय। \s1 यीसू के पाछू भीड़ के चलई \p \v 7 यीसू ह अपन चेलामन संग झील कोति गीस अऊ गलील ले मनखेमन के एक बड़े भीड़ ओकर पाछू हो लीस। \v 8 ओकर अचरज के काम के बारे म सुनके अब्बड़ मनखेमन यहूदिया, यरूसलेम, इदूमिया, यरदन के पार अऊ सूर अऊ सीदोन के आसपास ले ओकर करा आईन। \v 9 भीड़ के खातिर, ओह अपन चेलामन ला कहिस कि ओकर बर ओमन एक ठन छोटे डोंगा तियार रखंय ताकि अइसने झन होवय कि मनखेमन ओला दबा डारंय। \v 10 ओह बहुंत झन ला चंगा करे रिहिस, एकर खातिर बिमरहा मनखेमन ओला छुए बर गिरे परत रहंय। \v 11 अऊ जब भी असुध आतमामन ओला देखंय, ओकर आघू म गिर परंय अऊ चिचियाके कहंय, “तेंह परमेसर के बेटा अस।” \v 12 पर ओह ओमन ला चेताके कहय, “कोनो ला झन बतावव कि मेंह कोन अंव।” \s1 बारह प्रेरितमन के चुनाव \r (मत्ती 10:1‑4; लूका 6:12‑16) \p \v 13 तब यीसू ह पहाड़ ऊपर चघ गीस अऊ जऊन मन ला ओह चाहत रिहिस, ओमन ला बलाईस अऊ ओमन ओकर करा आईन। \v 14 ओह बारह झन ला प्रेरित करके चुनिस कि ओमन ओकर संग रहंय अऊ ओह ओमन ला परचार करे बर पठो सकय, \v 15 अऊ ओमन परेत आतमामन ला निकाले के अधिकार रखंय। \b \lh \v 16 ओ बारह झन ये रिहिन: \b \li1 सिमोन जेकर नांव ओह पतरस रखे रिहिस। \li1 \v 17 जबदी के बेटा—याकूब, अऊ याकूब के भाई यूहन्ना (जेमन के नांव ओह बुअनरगिस रखे रिहिस, जेकर मतलब होथे “गरजन के बेटामन”), \li1 \v 18 अन्द्रियास, \li1 फिलिप्पुस, \li1 बरतुलमै, \li1 मत्ती, \li1 थोमा, \li1 हलफई के बेटा याकूब, \li1 तद्दै, \li1 सिमोन कनानी, \li1 \v 19 अऊ यहूदा इस्करियोती जऊन ह यीसू के संग बिसवासघात करिस। \s1 यीसू अऊ बालजबूल \r (मत्ती 12:22‑32; लूका 11:14‑23; 12:10) \p \v 20 जब यीसू ह एक घर म आईस, त फेर अइसने भीड़ जूर गीस कि ओह अऊ ओकर चेलामन खाना तक नइं खा सकिन। \v 21 जब ओकर परिवार के मन ये सुनिन, त ओला घर ले जाय बर आईन, काबरकि ओमन कहत रिहिन कि ओकर चित ह ठीक नइं ए। \p \v 22 अऊ कानून के गुरू, जऊन मन यरूसलेम ले आय रिहिन, अइसने कहंय कि ओमा बालजबूल\f + \fr 3:22 \fr*\ft परेत आतमामन के सरदार\ft*\f* हवय अऊ ओह परेत आतमामन के सरदार के मदद ले परेत आतमामन ला निकालत हवय। \p \v 23 यीसू ह ओमन ला लकठा म बलाके पटंतर म कहिस, “सैतान ह सैतान ला कइसने निकाल सकथे? \v 24 कहूं कोनो राज म फूट पड़ जावय, त ओ राज ह खुद बने नइं रह सकय। \v 25 वइसनेच कहूं कोनो घर म फूट पड़ जावय, त ओ घर ह बने नइं रह सकय। \v 26 कहूं सैतान ह अपनेच बिरोध म होके अपनेच म फूट डारही, त ओह कइसने बने रह सकथे? ओकर बिनास हो जाही। \v 27 कोनो मनखे कोनो बलवान मनखे के घर म घुसरके ओकर घर संपत्ति ला लूट नइं सकय, जब तक कि ओह पहिली ओ बलवान मनखे ला नइं बांध लीही, तभे ओह ओकर घर ला लूट सकथे। \v 28 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि मनखेमन के जम्मो पाप अऊ निन्दा करई ह माफ करे जाही, \v 29 पर जऊन ह पबितर आतमा के बिरोध म निन्दा करथे, ओला कभू माफ नइं करे जावय; ओह अनंत पाप के दोसी ठहिरही।” \p \v 30 यीसू ह ये जम्मो बात एकर खातिर कहिस काबरकि ओमन ये कहत रिहिन कि ओमा असुध आतमा हवय। \s1 यीसू के दाई अऊ भाईमन \r (मत्ती 12:46‑50; लूका 8:19‑21) \p \v 31 तब यीसू के दाई अऊ भाईमन उहां आईन अऊ बाहिर म खड़े होके, एक झन ला ओला बलाय बर पठोईन। \v 32 एक बड़े भीड़ यीसू के चारों खूंट बईठे रिहिस, अऊ ओमन ओला कहिन, “देख, तोर दाई अऊ भाईमन बाहिर म तोला खोजत हवंय।” \p \v 33 ओह ओमन ले पुछिस, “मोर दाई अऊ भाईमन कोन अंय?” \p \v 34 तब ओह अपन चारों खूंट बईठे भीड़ ला देखके कहिस, “येमन मोर दाई अऊ भाई अंय। \v 35 जऊन कोनो परमेसर के ईछा ला पूरा करथे, ओह मोर भाई, बहिनी अऊ दाई अय।” \c 4 \s1 बीज बोवइया के पटंतर \r (मत्ती 13:1‑9; लूका 8:4‑8) \p \v 1 यीसू ह फेर झील के तीर म उपदेस करन लगिस अऊ उहां अइसने भीड़ जूर गीस कि ओह झील म एक ठन डोंगा ऊपर चघके बईठ गीस अऊ जम्मो मनखेमन झील के तीर म रहंय। \v 2 ओह ओमन ला पटंतर म बहुंत अकन बात सिखोवन लगिस अऊ अपन उपदेस म कहिस: \v 3 “सुनव, एक किसान ह बीज बोय बर निकलिस। \v 4 जब ओह बोवत रिहिस, त कुछू बीजामन रसता के तीर म गिरिन अऊ चिरईमन आके ओला खा लीन। \v 5 कुछू बीजामन पथर्री भुइयां म गिरिन, जिहां ओमन ला जादा माटी नइं मिलिस। ओ बीजामन जल्दी जाम गीन काबरकि उहां माटी ह गहिरा नइं रिहिस। \v 6 पर जब सूरज निकलिस, त ओमन मुरझा गीन अऊ जरी नइं धरे रहय के कारन ओमन सूख गीन। \v 7 कुछू बीजामन कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिन अऊ ओ झाड़ीमन बढ़के ओमन ला दबा दीन, जेकर कारन ओमन म फर नइं धरिन। \v 8 पर कुछू बीजामन बने भुइयां ऊपर गिरिन; ओमन जामिन अऊ बाढ़के जादा फर लानिन; कोनो तीस गुना, कोनो साठ गुना अऊ कोनो सौ गुना।” \p \v 9 तब यीसू ह कहिस, “जेकर सुने के कान हवय, ओह सुन ले।” \s1 पटंतर के मतलब \r (मत्ती 13:10‑17; लूका 8:9‑10) \p \v 10 जब यीसू ह अकेला रिहिस, तब ओकर बारह चेला अऊ ओकर संग के मन ओकर ले पटंतर के बारे म पुछिन। \v 11 ओह ओमन ला कहिस, “परमेसर के राज के भेद के गियान तुमन ला देय गे हवय, पर बाहिर वाले मन ला सब गोठ पटंतर म बोले जाथे। \v 12 ताकि, \q1 “ ‘भले ही ओमन देखंय पर कभू झन जानंय, \q2 अऊ भले ही ओमन सुनंय, पर कभू झन समझ सकंय; \q1 अइसने झन होवय कि ओमन पछताप करंय \q2 अऊ ओमन ला छेमा करे जावय।’\f + \fr 4:12 \fr*\ft \+xt यसा 6:9, 10\+xt*\ft*\f*” \p \v 13 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “का तुमन ये पटंतर ला नइं समझेव, तब आने पटंतरमन ला कइसने समझहू? \v 14 बोवइया ह परमेसर के बचन ला बोथे। \v 15 कुछू मनखेमन डहार के तीर म परे बीजा सहीं अंय; जब बचन ह बोय जाथे, तब तुरते सैतान ह आके ओमन म बोय गे बचन ला ले जाथे। \v 16 आने मन ओ बीजा के सहीं अंय, जऊन ला पथर्री भुइयां ऊपर बोय जाथे; ओमन बचन ला सुनके तुरते ओला आनंद सहित गरहन करथें। \v 17 पर अपन म जरी नइं धरे रहय के कारन, ओमन के बिसवास ह कुछू समय तक ही रहिथे, जब बचन के सेति समस्या अऊ सतावा आथे, त ओमन तुरते बचन के मुताबिक चले बर बंद कर देथें। \v 18 जऊन ला कंटिली झाड़ीमन म बोय गीस, ओमन ये अंय—ओमन बचन ला सुनथें, \v 19 पर ये जिनगी के चिंता, धन के लोभ अऊ आने चीजमन के ईछा ओमन म हमाके बचन ला दबा देथें अऊ ओमन फर नइं लानंय। \v 20 पर जऊन ला बने भुइयां म बोय जाथे, ओमन ये अंय—ओमन बचन ला सुनके गरहन करथें अऊ फर लानथें—कोनो तीस गुना, कोनो साठ गुना अऊ कोनो सौ गुना।” \s1 दीया के ठऊर \r (लूका 8:16‑18) \p \v 21 यीसू ह ओमन ला कहिस, “का दीया ला ये खातिर लानथें कि बड़े कटोरा या खटिया के खाल्हे म मढ़ाय जावय? का ये खातिर नइं कि दीया ला दीवट ऊपर मढ़ाय जावय? \v 22 काबरकि जऊन कुछू छिपे हवय, ओला उघारे जाही, अऊ जऊन कुछू घलो ढंके हवय, ओकर खुलासा करे जाही। \v 23 कहूं काकरो कान हवय, त ओह सुन ले।” \p \v 24 “जऊन कुछू तुमन सुनथव, ओकर ऊपर बने करके बिचार करव। जऊन नाप ले तुमन नापथव, ओही नाप ले तुम्हर बर घलो नापे जाही, बल्कि अऊ जादा। \v 25 जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही, अऊ जेकर करा नइं ए, ओकर ले, जऊन कुछू बांचे हवय, ओला घलो ले लिये जाही।” \s1 बाढ़त बीजा के पटंतर \p \v 26 यीसू ह ये घलो कहिस, “परमेसर के राज ह अइसने अय—एक मनखे ह बीजा ला भुइयां म बोथे। \v 27 रात अऊ दिन, चाहे ओह सुतय या जागय, बीजा ह अपनआप जामथे अऊ बाढ़थे अऊ ओह नइं जानय कि येह कइसने होईस? \v 28 माटी ह आपे-आप फसल उपजाथे—पहिली पीका निकलथे, तब बाली, अऊ तब बालीमन म पूरा दाना तियार होथे। \v 29 जतकी जल्दी दाना पाकथे, मनखे ह हंसिया लेके लुए के सुरू कर देथे, काबरकि येह लुवई के समय होथे।” \s1 सरसों बीजा के पटंतर \r (मत्ती 13:31‑32; लूका 13:18‑19) \p \v 30 फेर यीसू ह कहिस, “हमन परमेसर के राज ला काकर सहीं ठहिरावन या कोन पटंतर म ओकर बखान करन? \v 31 ओह सरसों के बीजा सहीं अय, जब येह बोए जाथे, त येह भुइयां म जम्मो बीजामन ले छोटे होथे। \v 32 तभो ले लगाय के बाद येह बाढ़के, बारी म जम्मो साग-भाजी ले बड़े हो जाथे, अऊ ओकर अइसने बड़े-बड़े डारामन निकलथें कि अकास के चिरईमन ओकर छइहां म बसेरा कर सकथें।” \p \v 33 बचन ला समझाय खातिर, यीसू ह अइसने कतको पटंतर ओमन ला कहिस। \v 34 बिगर पटंतर के ओह ओमन ला कुछू नइं कहत रिहिस। पर जब ओह अपन चेलामन संग अकेला रहय, त ओमन ला जम्मो गोठमन के मतलब ला साफ-साफ समझावय। \s1 यीसू ह आंधी ला सांत करथे \r (मत्ती 8:23‑27; लूका 8:22‑25) \p \v 35 ओहीच दिन संझा के बखत, ओह अपन चेलामन ला कहिस, “आवव, हमन झील के ओ पार चलन।” \v 36 भीड़ ला पाछू छोंड़के, ओमन जइसने यीसू रिहिस, वइसने ओला अपन संग डोंगा म ले गीन। उहां ओकर संग अऊ डोंगामन घलो रहंय। \v 37 तब एक बड़े भारी आंधी आईस अऊ पानी के बड़े-बड़े लहरा उठिस, जेकर कारन पानी ह डोंगा म हमाय लगिस अऊ डोंगा ह बुड़े बर होवत रहय। \v 38 यीसू ह डोंगा के पाछू म गद्दी ऊपर सोवत रहय। तब चेलामन ओला उठाके कहिन, “हे गुरू, का तोला कोनो फिकर नइं ए कि हमन पानी म बुड़त हवन?” \p \v 39 ओह उठके आंधी ला दबकारिस अऊ पानी के लहरामन ला कहिस, “सांत हो जावव, थम जावव।” तब आंधी ह थम गीस अऊ एकदम सांत हो गीस। \p \v 40 ओह अपन चेलामन ला कहिस, “तुमन काबर डरावत हवव? का तुमन ला अब घलो मोर ऊपर बिसवास नइं ए?” \p \v 41 ओमन अब्बड़ डरा गे रिहिन अऊ एक-दूसर ला पुछन लगिन, “येह कोन ए? अऊ त अऊ आंधी अऊ पानी के लहरामन घलो एकर हुकूम मानथें।” \c 5 \s1 परेत आतमा ले बाधित मनखे के चंगई \r (मत्ती 8:28‑34; लूका 8:26‑39) \p \v 1 ओमन झील के ओ पार गिरासेनीमन के इलाका म गीन। \v 2 जब यीसू ह डोंगा ले उतरिस, तब एक झन मनखे जऊन म असुध आतमा रहय, मरघटी ले निकलके ओकर करा आईस। \v 3 ये मनखे ह मरघटी म रहत रहय अऊ ओमा अतकी ताकत रहय कि कोनो ओला सांकर म घलो नइं बांधे सकत रिहिन। \v 4 कतको बार ले ओकर हांथ ला संकली म बांधके गोड़ म बेड़ी पहिराय गे रिहिस, पर हर बार ओह संकली अऊ बेड़ी ला टोर देवय। कोनो ओला काबू म नइं कर सकत रिहिन। \v 5 रात अऊ दिन, ओह मरघटी अऊ पहाड़ीमन म चिचियावय अऊ अपनआप ला चोख पथरा ले घायल करत रहय। \p \v 6 ओह दूरिहाच ले यीसू ला देखके ओकर अंग दऊड़िस अऊ ओकर गोड़ खाल्हे गिरिस, \v 7 अऊ अब्बड़ चिचियाके कहिस, “हे यीसू, सर्वोच्च परमेसर के बेटा, मोर ले तोला का काम? परमेसर के कसम, तेंह मोला पीरा झन दे।” \v 8 काबरकि यीसू ह ओला कहत रहय, “हे असुध आतमा, ये मनखे म ले निकल आ।” \p \v 9 तब यीसू ह ओकर ले पुछिस, “तोर का नांव ए?” \p ओह कहिस, “मोर नांव सेना ए, काबरकि हमन अब्बड़ झन हवन।” \v 10 अऊ ओह यीसू ले बार-बार बिनती करिस कि ओमन ला ओ इलाका ले बाहिर झन पठोवय। \p \v 11 उहां लकठा म पहाड़ी कोति सुरामन के एक बड़े झुंड ह चरत रहय। \v 12 परेत आतमामन यीसू ले बिनती करके कहिन कि हमन ला ओ सुरामन म पठो दे कि हमन ओमन म हमा जावन। \v 13 ओह ओमन ला हुकूम दीस अऊ असुध आतमामन निकलके सुरामन म हमा गीन। अऊ सुरामन के झुंड ह जेमा करीब दू हजार सूरा रिहिन, तीर म निकले पथरा ले झील म झपटके गिरिन अऊ बुड़ मरिन। \p \v 14 सूरा चरइयामन भाग गीन अऊ सहर अऊ गांव-गंवई म ये बात ला बताईन अऊ ओला सुनके, जऊन बात होय रिहिस, ओला देखे बर मनखेमन आईन। \v 15 जब ओमन यीसू करा आईन, त जऊन म परेत आतमामन के एक सेना रिहिस, ओला कपड़ा पहिरे अऊ सही हालत म बईठे देखिन अऊ ओमन डरा गीन। \v 16 जऊन मन येला अपन आंखी ले देखे रिहिन, ओमन मनखेमन ला ओ मनखे जऊन म परेत आतमामन रिहिन, ओकर बारे अऊ सुरामन के बारे म जम्मो बात बताईन। \v 17 तब मनखेमन यीसू ले बिनती करे लगिन कि ओह ओमन के इलाका ले चले जावय। \p \v 18 जब यीसू ह डोंगा ऊपर चघन लगिस, तब ओ मनखे जऊन म पहिली परेत आतमामन रिहिन, ओकर ले बिनती करन लगिस, “मोला तोर संग जावन दे।” \v 19 पर यीसू ह इनकार करके ओला कहिस, “अपन घर जाके अपन मनखेमन ला बता कि दया करके परभू ह तोर बर कइसने बड़े काम करे हवय।” \v 20 ओ मनखे ह उहां ले चल दीस अऊ दिकापुलिस\f + \fr 5:20 \fr*\ft दस सहर\ft*\f* म बताय लगिस कि यीसू ह ओकर बर कइसने बड़े काम करे हवय। येला सुनके जम्मो मनखेमन अचम्भो करिन। \s1 एक मरे छोकरी अऊ एक बेमार माईलोगन \r (मत्ती 9:18‑26; लूका 8:40‑56) \p \v 21 जब यीसू ह फेर डोंगा म झील के ओ पार गीस, त बहुंते मनखेमन ओकर चारों खूंट जूर गीन। जब ओह झील के तीरेच म रिहिस, \v 22 तभे याईर नांव के एक सभा-घर के अधिकारी आईस अऊ यीसू ला देखके ओकर गोड़ खाल्हे गिरिस, \v 23 अऊ ओकर ले बहुंत बिनती करके कहिस, “मोर नानकून बेटी ह मरइया हवय, तेंह आके ओकर ऊपर अपन हांथ ला रख कि ओह बने होके जीयत रहय।” \v 24 तब यीसू ह ओकर संग गीस अऊ एक बड़े भीड़ ह ओकर पाछू हो लीस। \p भीड़ के कारन मनखेमन ओकर ऊपर गिरे परत रिहिन। \v 25 ओ भीड़ म एक झन माईलोगन रहय, जऊन ला बारह बछर ले लहू बहे के बेमारी रहय। \v 26 ओह बहुंत डाक्टरमन के ईलाज ले भारी दुख झेले रिहिस। इहां तक कि अपन जम्मो पूंजी ला खरचा कर डारे रिहिस, पर ओला कुछू फायदा नइं होईस, बल्कि ओकर बेमारी ह अऊ बढ़ गे रहय। \v 27 यीसू के चरचा ला सुनके, ओह भीड़ म ओकर पाछू आईस अऊ ओकर कपड़ा ला छुईस। \v 28 काबरकि ओह सोचत रहय कि कहूं मेंह ओकर कपड़ाच ला छू लेवंव, त बने हो जाहूं। \v 29 जतका जल्दी ओह यीसू के कपड़ा ला छुईस, ओकर लहू बहे के बंद हो गीस अऊ ओह अपन देहें म जान डारिस कि ओह बेमारी ले बने हो गे हवय। \p \v 30 यीसू ह तुरते जान डारिस कि ओकर म ले सामर्थ निकले हवय। ओह भीड़ म पाछू मुड़के पुछिस, “मोर कपड़ा ला कोन छुईस?” \p \v 31 ओकर चेलामन कहिन, “तेंह देखत हवस कि भीड़ ह तोर ऊपर गिरे परत हवय, तभो ले पुछत हवस कि कोन ह तोला छुईस?” \p \v 32 पर यीसू ह ये जाने खातिर कि कोन ह अइसने करे हवय, चारों कोति देखे लगिस। \v 33 तब ओ माईलोगन ह ये जानके कि ओकर कइसने भलई होय हवय, आईस अऊ यीसू के गोड़ तरी गिरके डरत अऊ कांपत ओला जम्मो बात ला सही-सही बता दीस। \v 34 यीसू ह ओला कहिस, “बेटी! तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय। सांति म जा अऊ अपन दुख ले बांचे रह।” \p \v 35 जब यीसू ह ये बात कहत रिहिस, तभे सभा-घर के अधिकारी याईर के घर ले कुछू मनखेमन आईन अऊ कहिन, “तोर बेटी ह तो मर गीस; अब गुरू ला काबर तकलीफ देबो।” \p \v 36 ओमन के गोठ ला धियान नइं देवत, यीसू ह सभा-घर के अधिकारी ला कहिस, “झन डर, सिरिप बिसवास रख।” \p \v 37 ओह पतरस, याकूब अऊ याकूब के भाई यूहन्ना ला छोंड़के अऊ कोनो ला अपन संग नइं आवन दीस। \v 38 जब ओमन सभा-घर के अधिकारी के घर आईन, त यीसू ह देखिस कि उहां हल्ला मचे हवय अऊ मनखेमन उहां ऊंचहा अवाज म बहुंत रोवत अऊ गोहारत रहंय। \v 39 ओह भीतर जाके ओमन ला कहिस, “तुमन काबर रोवत अऊ हल्ला मचावत हवव? लइका ह मरे नइं, सुतत हवय।” \v 40 पर ओमन ओकर हंसी उड़ाय लगिन। \p तब ओह जम्मो झन ला बाहिर निकालके, अपन संग म छोकरी के दाई-ददा अऊ अपन चेलामन ला लेके भीतर गीस, जिहां लइका ह रहय। \v 41 ओह छोकरी के हांथ ला धरके ओला कहिस, \tl “तलिता कुमी!”\tl* जेकर मतलब होथे—“ए छोकरी, मेंह तोला कहत हंव, उठ।” \v 42 अऊ ओ छोकरी ह तुरते उठके चले-फिरे लगिस; (ओ छोकरी ह बारह बछर के रिहिस)। येला देखके ओमन बहुंत अचरज करिन। \v 43 यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस कि ये बात कोनो ला झन बतावव; अऊ ओमन ला कहिस कि ओला कुछू खाय बर देवव। \c 6 \s1 एक अगमजानी बिगर आदरमान के \r (मत्ती 13:53‑58; लूका 4:16‑30) \p \v 1 ओ जगह ला छोंड़के, यीसू ह अपन चेलामन संग अपन नगर नासरत म आईस। \v 2 बिसराम के दिन, ओह सभा-घर म सिकछा देवन लगिस अऊ अब्बड़ मनखेमन ओकर बात ला सुनके चकित होईन। \p ओमन पुछन लगिन, “ये मनखे ला ये बात कहां ले मिलिस? येला का किसम के बुद्धि मिले हवय? का किसम के चमतकार येह करत हवय? \v 3 का येह ओ बढ़ई नो हय? का येह मरियम के बेटा अऊ याकूब, योसेस,\f + \fr 6:3 \fr*\ft यूनानी म \ft*\fqa योसेस \fqa*\ft यूसुफ के आने नांव\ft*\f* यहूदा अऊ सिमोन के भाई नो हय? का एकर बहिनीमन हमर संग म इहां नइं अंय?” अऊ ओमन ओकर ऊपर नराज होईन। \p \v 4 यीसू ह ओमन ला कहिस, “अगमजानी ह अपन नगर, अपन कुटुम्ब अऊ अपन घर के छोंड़ जम्मो जगह आदरमान पाथे।” \v 5 ओह उहां एको चमतकार के काम नइं कर सकिस। सिरिप कुछू बिमरहामन ऊपर हांथ रखके ओमन ला बने करिस। \v 6 अऊ ओह ओमन के कम बिसवास ला देखके अचम्भो करिस। \s1 यीसू ह अपन बारह चेलामन ला पठोथे \r (मत्ती 10:5‑15; लूका 9:1‑6) \p तब यीसू चारों खूंट के गांवमन म उपदेस करत फिरिस। \v 7 ओह अपन बारहों चेलामन ला बलाके ओमन ला दू-दू झन करके पठोईस अऊ ओमन ला असुध आतमामन के ऊपर अधिकार दीस। \p \v 8 ओकर हुकूम ये रिहिस, “डहार बर सिरिप लउठी के छोंड़ अऊ कुछू झन लेवव, न रोटी, न झोला अऊ न पटका म पईसा। \v 9 पनही ला पहिरव, पर अपन संग म एक ठन घलो अतकिहा कुरता झन लेवव। \v 10 जब भी तुमन कोनो घर म जावव, त ओ सहर ला छोंड़त तक ओहीच घर म ठहिरव। \v 11 अऊ कहूं कोनो ठऊर के मनखेमन तुमन ला गरहन नइं करंय अऊ तुम्हर बात ला नइं सुनंय, त उहां ले निकलत बेरा अपन गोड़ के धुर्रा ला झर्रा देवव ताकि येह ओमन के बिरूध एक गवाही होवय।” \p \v 12 तब चेलामन जाके परचार करिन कि मनखेमन पाप ले पछताप करंय। \v 13 ओमन कतको परेत आतमामन ला निकालिन अऊ कतको बिमरहामन ला तेल म अभिसेक करके ओमन ला बने करिन। \s1 यूहन्ना बतिसमा देवइया के अन्त \r (मत्ती 14:1‑12; लूका 9:7‑9) \p \v 14 हेरोदेस राजा एकर बारे म सुनिस, काबरकि यीसू के नांव ह जम्मो अंग फईल गे रहय। कुछू मनखेमन कहत रिहिन, “यूहन्ना बतिसमा देवइया ह मरे म ले जी उठे हवय अऊ एकर कारन ओकर दुवारा चमतकार के काममन होवत हवंय।” \p \v 15 आने मन कहिन, “ओह एलियाह अय।” \p अऊ कतको मन कहत रिहिन, “ओह पहिली के अगमजानीमन सहीं एक झन अगमजानी अय।” \p \v 16 पर जब हेरोदेस ह येला सुनिस, त ओह कहिस, “येह यूहन्ना बतिसमा देवइया ए, जेकर मुड़ ला मेंह कटवा दे रहेंव, ओहीच ह जी उठे हवय!” \p \v 17 काबरकि हेरोदेस ह खुद हुकूम दे रिहिस कि यूहन्ना ला बंदी बना लव अऊ ओला बांधके जेल म डाल दव। ओह अपन भाई फिलिप्पुस के घरवाली हेरोदियास के कारन अइसने करे रिहिस। ओह हेरोदियास ले बिहाव कर ले रिहिस। \v 18 काबरकि यूहन्ना ह हेरोदेस ला कहे रिहिस, “अपन भाई के घरवाली ला रखई तोर बर कानून के मुताबिक उचित नो हय।” \v 19 एकरसेति हेरोदियास ह अपन मन म यूहन्ना बर बईरता रखय अऊ ओला मरवाय बर चाहत रहय। पर ओला मऊका नइं मिलत रिहिस। \v 20 काबरकि हेरोदेस ह यूहन्ना ला धरमी अऊ पबितर मनखे जानके ओकर ले डराय अऊ ओला बंचाके रखे रहय। हेरोदेस ह यूहन्ना के बात ला सुनके घबरावय, तभो ले ओकर बात ला सुने के ईछा रखय। \p \v 21 आखिर म ओ समय आईस, जब हेरोदेस ह अपन जनम दिन म एक बड़े जेवनार करिस। ओह राज के बड़े अधिकारी, पलटन के सेनापति अऊ गलील के बड़े मनखेमन ला नेवता दीस। \v 22 तब हेरोदियास के बेटी ह आके उहां जम्मो झन के आघू म नाचिस। ओकर नचई ला देखके हेरोदेस अऊ ओकर नेवताहारीमन खुस हो गीन। \p तब राजा ह छोकरी ला कहिस, “तेंह कोनो घलो चीज मोर ले मांग, अऊ मेंह तोला दूहूं।” \v 23 ओह किरिया खाके कहिस, “कोनो घलो चीज तेंह मांग, अऊ मेंह तोला दूहूं। इहां तक कि मोर आधा राज घलो।” \p \v 24 छोकरी ह बाहिर जाके अपन दाई ले पुछिस, “मेंह का मांगंव?” \p ओकर दाई ह कहिस, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के मुड़।” \p \v 25 छोकरी ह तुरते भीतर राजा करा गीस अऊ बिनती करके कहिस, “मेंह चाहथंव कि तेंह यूहन्ना बतिसमा देवइया के मुड़ ला एक ठन थाली म मोर करा मंगवा दे।” \p \v 26 तब राजा ह बहुंत दुखी होईस, पर अपन किरिया अऊ जेवनार म आय पहुनामन के सेति ओला इनकार करे नइं चाहिस। \v 27 एकरसेति, राजा ह तुरते एक सिपाही ला हुकूम देके, यूहन्ना के मुड़ ला लाने बर पठोईस। सिपाही ह जेल म जाके यूहन्ना के मुड़ ला काटिस, \v 28 अऊ ओ मुड़ ला एक ठन थाली म लानके छोकरी ला दीस अऊ ओ छोकरी ह येला अपन दाई ला दे दीस। \v 29 येला सुनके यूहन्ना के चेलामन आईन अऊ ओकर लास ला उठाके ले गीन अऊ कबर म रख दीन। \s1 यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे \r (मत्ती 14:15‑21; लूका 9:11‑17; यूहन्ना 6:1‑14) \p \v 30 प्रेरितमन लहुंटके यीसू करा जूरिन अऊ जऊन कुछू ओमन करे अऊ सिखोय रिहिन, ओ जम्मो बात ओला बताईन। \v 31 तब ओह ओमन ला कहिस, “चलव, कोनो सुनसान ठऊर म चलके थोरकन सुरता लेवव।” काबरकि अब्बड़ मनखेमन आवत-जावत रिहिन, अऊ ओमन ला खाय के मऊका घलो नइं मिलत रिहिस। \p \v 32 एकरसेति ओमन डोंगा म चघके एक ठन सुनसान जगह म चल दीन। \v 33 ओमन ला जावत देखके, कतको झन ओमन ला चिन डारिन अऊ झील के तीरे-तीर दऊड़िन अऊ आघू हबरके उहां ओमन ले मिलिन। \v 34 जब यीसू डोंगा ले उतरिस अऊ मनखेमन के एक बड़े भीड़ ला देखिस, त ओला ओमन के ऊपर तरस आईस, काबरकि ओमन बिगर चरवाहा के भेड़मन सहीं रिहिन अऊ ओह ओमन ला बहुंत अकन बात सिखोवन लगिस। \p \v 35 जब बेरा ह ढरक गीस, तब ओकर चेलामन ओकर करा आके कहिन, “येह एक सुनसान जगह ए अऊ बेरा ह बहुंत ढरक गे हवय। \v 36 मनखेमन ला भेज ताकि ओमन आसपास के गांव अऊ बस्तीमन म जाके अपन खाय बर कुछू बिसा सकंय।” \p \v 37 पर यीसू ह जबाब दीस, “तुमन ओमन ला कुछू खाय बर देवव।” \p ओमन ओला कहिन, “अतेक मनखे ला खवाय बर, एक मनखे के छै महिना ले जादा के बनी\f + \fr 6:37 \fr*\ft यूनानी म लगभग \ft*\fqa दू सौ दीनार\fqa*\f* लगही। का हमन जाके, येमन के खाय बर अतेक जादा पईसा खरचा करन?” \p \v 38 ओह ओमन ला कहिस, “जाके देखव कि तुम्हर करा कतेक रोटी हवय?” \p ओमन पता लगाके कहिन, “पांच ठन रोटी अऊ दू ठन मछरी।” \p \v 39 तब यीसू ह ओमन ला हुकूम दीस कि जम्मो झन ला हरियर कांदी ऊपर ओरी-ओरी करके बईठा देवव। \v 40 ओमन सौ-सौ अऊ पचास-पचास के ओरी-ओरी करके बईठ गीन। \v 41 तब ओह पांचों रोटी अऊ दूनों मछरी ला लीस अऊ स्वरग कोति देखके परमेसर ला धनबाद दीस अऊ रोटी ला टोर-टोरके अपन चेलामन ला देवत गीस कि ओमन मनखेमन ला परोसंय अऊ दूनों मछरी ला घलो मनखेमन म बांट दीस। \v 42 ओ जम्मो झन खाईन अऊ खाके अघा गीन। \v 43 चेलामन बांचे-खुचे रोटी अऊ मछरी के टुकड़ा के बारह टुकना भर के उठाईन। \v 44 खवइयामन म उहां पांच हजार आदमीमन रिहिन। \s1 यीसू ह पानी ऊपर रेंगथे \r (मत्ती 14:22‑33; यूहन्ना 6:15‑21) \p \v 45 एकर बाद, यीसू ह तुरते अपन चेलामन ला डोंगा म चघाईस कि ओमन ओकर आघू बैतसैदा ला जावंय, जब तक ओह भीड़ के मनखेमन ला बिदा करय। \v 46 ओमन ला बिदा करके ओह पहाड़ी ऊपर पराथना करे बर गीस। \p \v 47 जब संझा होईस, त डोंगा ह झील के मांझा म रहय अऊ यीसू ह एके झन भांठा म रिहिस। \v 48 ओह देखिस कि चेलामन डोंगा ला खेवत-खेवत थक गे रहंय, काबरकि हवा ह ओमन के उल्टा दिग म बहत रहय। झूलझूलहा, ओह झील ऊपर रेंगत चेलामन करा गीस, अऊ ओमन ले आघू निकले चाहत रिहिस। \v 49 पर ओमन ओला जब झील ऊपर रेंगत देखिन, त ओमन ओला भूत समझिन, अऊ ओमन चिचियाय लगिन। \v 50 काबरकि जम्मो चेलामन ओला देखके डरा गे रहंय। \p यीसू ह तुरते ओमन ले गोठियाईस अऊ कहिस, “हिम्मत रखव, मेंह अंव, झन डरव।” \v 51 तब ओह ओमन करा डोंगा म चढ़ गीस, अऊ हवा ह सांत हो गीस। ओमन अब्बड़ अचम्भो करन लगिन। \v 52 काबरकि पांच रोटी अऊ दू ठन मछरी ले पांच हजार मनखेमन ला खवाय के बाद घलो, ओमन नइं समझे रिहिन कि यीसू ह कोन ए। ओमन के मन ह कठोर हो गे रहय। \p \v 53 ओमन झील के ओ पार गन्नेसरत सहर म हबरिन, त डोंगा ला उहां रखके उतरिन। \v 54 ओमन के डोंगा ले उतरतेच ही, मनखेमन तुरते यीसू ला चिन डारिन। \v 55 मनखेमन आसपास के जम्मो गांव-गंवई म दऊड़के गीन अऊ बिमरहामन ला चटई अऊ खटिया म उठा-उठाके यीसू करा लाने लगिन। \v 56 अऊ ओह जिहां कहूं भी गांव, नगर या देहात म गीस, मनखेमन बिमरहामन ला सड़क, गली अऊ बजार मन म रखके ओकर ले बिनती करंय कि येमन ला कम से कम तोर ओनहा के छोर ला छुवन दे; अऊ जतेक झन ओला छुईन, ओ जम्मो झन चंगा हो गीन। \c 7 \s1 सुध अऊ असुध \r (मत्ती 15:1‑9) \p \v 1 तब फरीसी अऊ कुछू कानून के गुरू, जऊन मन यरूसलेम ले आय रिहिन, यीसू करा जूरिन \v 2 अऊ ओमन ओकर कुछू चेलामन ला बिगर हांथ धोय खाना खावत देखिन। \v 3 (फरीसी अऊ जम्मो यहूदीमन, अपन पुरखा के रीति-रिवाज के मुताबिक जब तक अपन हांथ ला नइं धो लेवंय तब तक खाना नइं खावंय। \v 4 जब बजार ले घलो आवंय, त जब तक अइसने अपन हांथ ला नइं धो लेवंय, तब तक खाना नइं खावंय। अऊ ओमन अइसने कतेक अऊ रीति-रिवाज ला मानंय, जइसने कटोरी, लोटा अऊ तांबा के बरतन ला धोवई-मंजई।) \p \v 5 एकरसेति ओ फरीसी अऊ कानून के गुरूमन यीसू ले पुछिन, “काबर तोर चेलामन, पुरखामन के रीति-रिवाज के मुताबिक नइं चलंय अऊ बिगर हांथ धोवय खाना खावत हवंय?” \p \v 6 ओह जबाब देके कहिस, “यसायाह अगमजानी ह तुम ढोंगीमन के बारे म बिलकुल सही अगमबानी करे हवय, जइसने कि बचन म लिखे हवय: \q1 “ ‘ये मनखेमन अपन ओंठ ले मोर आदर करथें \q2 पर ओमन के हिरदय ह मोर ले दूरिहा हवय। \q1 \v 7 येमन बेकार म मोर अराधना करथें; काबरकि येमन मनखे के बनाय नियममन ला सिखाथें।’\f + \fr 7:7 \fr*\ft \+xt यसा 29:13\+xt*\ft*\f* \m \v 8 तुमन परमेसर के हुकूम ला टारके मनखेमन के रीति-रिवाज ला मानथव।” \p \v 9 अऊ यीसू ह ओमन ला कहिस, “परमेसर के हुकूम ला टारके, अपन रीति-रिवाज ला माने के, तुम्हर करा बहुंत बढ़िया तरीका हवय। \v 10 काबरकि मूसा ह कहे हवय, ‘अपन दाई अऊ ददा के आदरमान करव अऊ जऊन कोनो अपन दाई या ददा के बुरई करथे, ओह मार डारे जावय।’\f + \fr 7:10 \fr*\ft \+xt निर 20:12\+xt*\ft*\f* \v 11 पर तुमन कहिथव कि यदि कोनो अपन ददा या दाई ले कहय कि जऊन मदद तुमन ला मोर कोति ले हो सकत रिहिस, मेंह ओला कुरबान कर दे हवंव (ओला परमेसर ला भेंट के रूप म चघा दे हवंव)। \v 12 तब तुमन ओला अपन ददा या दाई खातिर अऊ कुछू करन नइं देवव। \v 13 ये किसम ले तुमन अपन बनाय रीति-रिवाज के दुवारा परमेसर के बचन ला टार देथव अऊ तुमन अइसने-अइसने कतको अऊ काम करथव।” \p \v 14 तब फेर यीसू ह मनखेमन के भीड़ ला अपन करा बलाईस अऊ कहिस, “जम्मो झन मोर गोठ ला सुनव अऊ समझव। \v 15 अइसने कोनो चीज नइं ए, जऊन ह मनखे म बाहिर ले हमाके असुध करय, पर जऊन चीज मनखे के भीतर ले निकलथे, ओहीच ह ओला असुध करथे। \v 16 जेकर सुने के कान हवय, ओह सुन ले।\f + \fr 7:16 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f*” \p \v 17 जब यीसू ह भीड़ ला छोंड़के घर के भीतर गीस, तब ओकर चेलामन ये पटंतर के बारे म ओला पुछिन? \v 18 ओह कहिस, “का तुमन घलो नासमझ अव? का तुमन नइं जानव कि जऊन चीज ह बाहिर ले मनखे के भीतर हमाथे, ओह ओला असुध नइं कर सकय। \v 19 काबरकि ओह मनखे के हिरदय म नइं, पर पेट म जाथे अऊ फेर संडास दुवारा देहें ले बाहिर निकल जाथे।” ये कहे के दुवारा यीसू ह जम्मो खाय के चीजमन ला सुध ठहिराईस। \p \v 20 फेर ओह कहिस, “जऊन ह मनखे के भीतर ले निकलथे, ओहीच ह ओला असुध करथे। \v 21 काबरकि भीतर ले याने कि मनखे के हिरदय ले खराप बिचार—छिनारीपन, चोरी, हतिया, \v 22 बेभिचार, लोभ, दुस्टता, छल, उघरापन, जलन, निन्दा, अहंकार अऊ गंवारपन निकलथे। \v 23 ये जम्मो खराप चीज हिरदय के भीतर ले निकलथे अऊ मनखे ला असुध करथे।” \s1 एक माईलोगन के बिसवास \r (मत्ती 15:21‑28) \p \v 24 यीसू ह ओ जगह\f + \fr 7:24 \fr*\ft या \ft*\fqa गलील\fqa*\f* ला छोंड़के सूर सहर के इलाका म गीस अऊ उहां ओह एक ठन घर म गीस अऊ चाहत रिहिस कि ओकर बारे म कोनो झन जानय, पर ये बात ह छिपे नइं रहे सकिस। \v 25 ओतकीच बेर एक माईलोगन, जेकर नानकून बेटी म असुध आतमा रहय, ओकर मेर आईस। ओह यीसू के बारे म सुने रहय अऊ अब आके ओकर गोड़ खाल्हे म गिरिस। \v 26 ओ माईलोगन ह यूनानी रिहिस अऊ सुरूफिनीकी जाति म जनमे रिहिस। ओह यीसू ले बिनती करके कहिस कि परेत आतमा ला ओकर बेटी ले निकाल दे। \p \v 27 यीसू ह ओला कहिस, “पहिली लइकामन ला पेट भर खावन दे। काबरकि लइकामन के रोटी ला लेके कुकुरमन ला देवई ठीक नो हय।” \p \v 28 तब ओ माईलोगन ह कहिस, “येह सही अय, परभू। तभो ले कुकुरमन घलो मेज के खाल्हे म लइकामन के जूठा-काठा ला खा लेथें।” \p \v 29 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह सही कहय। जा, परेत आतमा ह तोर बेटी ले निकल गे हवय।” \p \v 30 तब ओह अपन घर जाके देखिस कि ओकर लइका ह खटिया म लेटे हवय अऊ परेत आतमा निकल गे रहय। \s1 यीसू ह एक कोंदा-भैंरा मनखे ला बने करथे \p \v 31 तब यीसू ह सूर सहर के इलाका ले निकलके सीदोन होवत, गलील के झील के खाल्हे दिकापुलिस\f + \fr 7:31 \fr*\ft दस सहर\ft*\f* के इलाका म आईस। \v 32 उहां मनखेमन एक कोंदा अऊ भैंरा मनखे ला ओकर करा लानिन अऊ ओकर ले बिनती करिन कि ओह ओ मनखे ऊपर अपन हांथ रखके ओला बने करय। \p \v 33 तब यीसू ह ओला भीड़ ले अलग ले जाके अपन अंगरी ला मनखे के कान म डारिस अऊ थूकिस, अऊ थूक ला लेके ओकर जीभ ला छुईस। \v 34 अऊ स्वरग कोति निहारके सांस भरिस अऊ ओ मनखे ला कहिस, “\tl इफ्‍फतह,\tl*” जेकर मतलब होथे “खुल जा।” \v 35 ओतकीच बेर ओ मनखे के कानमन खुल गीन अऊ जीभ के रूकावट घलो ठीक हो गीस अऊ ओह साफ-साफ सुने अऊ गोठियाय लगिस। \p \v 36 यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस कि ये बात कोनो ला झन बतावव, पर जतका ओह ओमन ला चेताईस, ओतका ओमन ओ बात ला अऊ जादा बताय लगिन। \v 37 मनखेमन बहुंत अचम्भो करके कहन लगिन, “जऊन कुछू ओह करथे, बहुंत बढ़िया करथे। इहां तक कि ओह भैंरामन ला सुने के अऊ कोंदामन ला गोठियाय के सक्ति देथे।” \c 8 \s1 यीसू ह चार हजार मनखेमन ला खाना खवाथे \r (मत्ती 15:32‑39) \p \v 1 ओ समय म फेर एक बड़े भीड़ जूर गीस अऊ ओमन करा खाय बर कुछू नइं रिहिस। एकरसेति यीसू ह अपन चेलामन ला अपन करा बलाके कहिस, \v 2 “मोला ये मनखेमन ऊपर तरस आवत हवय। येमन तीन दिन ले मोर संग हवंय अऊ ओमन करा खाय बर कुछू नइं ए। \v 3 यदि मेंह येमन ला भूखन पेट घर पठो दंव, त डहार म ही थकके गिर जाहीं, काबरकि येमन ले कतको झन अब्बड़ दूरिहा ले आय हवंय।” \p \v 4 ओकर चेलामन कहिन, “ये सुनसान जगह म कोनो कहां ले अतेक रोटी पाही कि येमन पेट भर खा सकंय।” \p \v 5 यीसू ह पुछिस, “तुम्हर करा के ठन रोटी हवय?” \p ओमन कहिन, “सात ठन।” \p \v 6 तब ओह मनखेमन ला भुइयां म बईठे बर कहिस अऊ सातों रोटी ला लेके परमेसर ला धनबाद दीस अऊ रोटीमन ला टोर-टोरके अपन चेलामन ला देवत गीस कि ओमन मनखेमन ला परोसंय अऊ ओमन मनखेमन ला परोसत गीन। \v 7 ओमन करा कुछू छोटे-छोटे मछरी घलो रिहिस, ओकर बर घलो यीसू ह परमेसर ला धनबाद दीस अऊ चेलामन ला कहिस कि येला घलो मनखेमन ला बांट देवव। \v 8 मनखेमन खाके अघा गीन; ओकर बाद चेलामन बांचे-खुचे टुकड़ामन के सात टुकना भर के उठाईन। \v 9 उहां करीब चार हजार मनखे रिहिन। ओकर बाद ओह ओमन ला बिदा करिस। \v 10 एकर बाद, ओह तुरतेच अपन चेलामन संग डोंगा म चघिस अऊ दलमनूता के इलाका म चल दीस। \p \v 11 तब फरीसीमन आके ओकर संग बहस करन लगिन अऊ ओला परखे खातिर स्वरग ले कोनो चिनहां देखाय बर कहिन। \v 12 ओह गहरई ले आतमा म दुखित होके कहिस, “काबर ये पीढ़ी के मनखेमन एक चिनहां के मांग करथें? मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि येमन ला कोनो चिनहां नइं दिये जावय।” \v 13 तब ओह ओमन ला छोंड़के फेर डोंगा म चघिस अऊ ओ पार चल दीस। \s1 फरीसीमन के अऊ हेरोदेस के खमीर \r (मत्ती 16:5‑12) \p \v 14 चेलामन रोटी लाने बर भुला गे रिहिन अऊ डोंगा म ओमन करा सिरिप एके ठन रोटी रिहिस। \v 15 यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस, “फरीसीमन के खमीर अऊ हेरोदेस के खमीर ले सचेत रहव।” \p \v 16 ओमन एक-दूसर ले एकर बारे म बिचार करिन अऊ कहिन, “हमन रोटी लाने बर भुला गे हवन, तेकर बारे म ओह गोठियावत होही।” \p \v 17 ओमन के सोच-बिचार ला जानके यीसू ह ओमन ले पुछिस, “तुमन काबर अइसने गोठियावत हव कि तुम्हर करा रोटी नइं ए? का तुमन अभी तक ले नइं देखत अऊ समझत हवव? का तुम्हर हिरदय ह कठोर हो गे हवय? \v 18 का तुमन आंखी के रहत नइं देखत हवव अऊ कान के रहत नइं सुनत हवव? का तुमन ला कुछू सुरता नइं ए? \v 19 जब मेंह पांच ठन रोटी ला टोरके पांच हजार मनखेमन ला खवाय रहेंव, त तुमन, कतेक ठन टुकना भरके टुकड़ामन ला उठाय रहेव?” \p ओमन कहिन, “बारह टुकना।” \p \v 20 “अऊ जब मेंह सात ठन रोटी म ले चार हजार मनखेमन ला खवाय रहेंव, त तुमन, के ठन टुकना भरके टुकड़ामन ला उठाय रहेव?” \p ओमन कहिन, “सात टुकना।” \p \v 21 ओह ओमन ला कहिस, “का तुमन अब तक नइं समझत हवव?” \s1 बैतसैदा म यीसू ह एक अंधरा ला बने करथे \p \v 22 जब ओमन बैतसैदा गांव म आईन, त मनखेमन एक अंधरा ला लानिन अऊ यीसू ले बिनती करिन कि ओला छूके बने करय। \v 23 ओह ओ अंधरा मनखे के हांथ ला धरके गांव के बाहिर ले गीस अऊ ओकर आंखी म थूकके ओकर ऊपर अपन हांथ रखिस अऊ ओकर ले पुछिस, “का तोला कुछू दिखत हे?” \p \v 24 ओह आंखी ला उठाके कहिस, “मेंह मनखेमन ला देखत हंव; ओमन मोला एती-ओती चलत-फिरत रूख सहीं दिखत हवंय।” \p \v 25 एक बार फेर यीसू ह अपन हांथ ला ओकर आंखी ऊपर रखिस, तब ओ मनखे ह निहारे लगिस अऊ ओकर आंखीमन बने हो गीन अऊ ओह जम्मो ला साफ-साफ देखन लगिस। \v 26 यीसू ह ओला ये कहिके घर पठोईस, “गांव म झन जाबे।” \s1 पतरस ह मसीह ला स्वीकार करथे \r (मत्ती 16:13‑20; लूका 9:18‑21) \p \v 27 यीसू अऊ ओकर चेलामन कैसरिया-फिलिप्पी के गांवमन म गीन। डहार म ओह अपन चेलामन ले पुछिस, “मनखेमन मोला कोन ए कहिथें?” \p \v 28 ओमन कहिन, “कुछू मन कहिथें—यूहन्ना बतिसमा देवइया, कोनो-कोनो एलियाह ए कहिथें अऊ कुछू मन तोला अगमजानीमन ले एक झन ए कहिथें।” \p \v 29 ओह ओमन ले पुछिस, “पर तुमन मोला का कहिथव?” \p पतरस ह कहिस, “तेंह मसीह अस।” \p \v 30 पर यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस कि ओकर बारे म कोनो ला झन बतावंय। \s1 यीसू ह अपन मिरतू अऊ फेर जी उठे के अगमबानी करथे \r (मत्ती 16:21‑23; लूका 9:22) \p \v 31 तब ओह ओमन ला सिखोय के सुरू करिस कि मनखे के बेटा के खातिर ये जरूरी अय कि ओह बहुंत दुख उठावय, अऊ अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन के दुवारा तिरस्कार करे जावय अऊ जरूरी ए कि ओह मार डारे जावय, पर तीन दिन के पाछू ओह फेर जी उठय। \v 32 ओह ये बात ला साफ-साफ कहिस। एकर खातिर पतरस ह ओला अलग ले जाके डांटे लगिस। \s1 यीसू के पाछू चलई \p \v 33 पर यीसू ह मुड़के अपन चेलामन कोति देखिस अऊ पतरस ला दबकारके कहिस, “मोर नजर ले दूर हट, सैतान! काबरकि तोर मन म परमेसर के बात नइं, पर मनखेमन के बात हवय।” \p \v 34 तब ओह भीड़ ला अपन चेलामन संग लकठा म बलाके कहिस, “जऊन कोनो मोर चेला बने चाहत हे, त येह जरूरी ए कि ओह अपन ईछा ला मारय अऊ दुख उठाय बर तियार रहय। अऊ तब मोर पाछू हो लेवय। \v 35 काबरकि जऊन कोनो अपन परान ला बचाय चाहथे, ओह सदाकाल के जिनगी ला गंवाही, पर जऊन कोनो मोर अऊ सुघर संदेस के खातिर अपन परान ला गंवाथे, ओह ओला बचाही। \v 36 यदि मनखे ह जम्मो संसार ला पा जावय, पर अपन परान ला गंवा दे, त ओला का फायदा? \v 37 या कोनो मनखे अपन परान के बदले का दे सकथे? \v 38 जऊन कोनो ये छिनारी अऊ पापी पीढ़ी के मनखेमन के आघू म मोर अऊ मोर संदेस ले लजाथे, त मनखे के बेटा ह घलो ओकर ले लजाही, जब ओह अपन ददा के महिमा म पबितर स्वरगदूतमन संग आही।” \c 9 \p \v 1 यीसू ह ओमन ला ये घलो कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि कुछू झन, जऊन मन इहां ठाढ़े हवंय, तब तक नइं मरंय जब तक कि ओमन परमेसर के राज ला सामर्थ के संग आवत नइं देख लीहीं।” \s1 यीसू के रूपान्तरन \r (मत्ती 17:1‑13; लूका 9:28‑36) \p \v 2 छै दिन के बाद, यीसू ह पतरस, याकूब अऊ यूहन्ना ला एक ठन ऊंचहा पहाड़ ऊपर ले गीस। उहां ओमन के छोंड़ अऊ कोनो नइं रिहिस। तब ओमन के आघू म यीसू के रूप ह बदल गीस। \v 3 ओकर ओनहा ह झक पंर्रा हो गे अऊ अइसने चमके लगिस कि संसार म कोनो अइसने उज्‍जर नइं कर सकय। \v 4 अऊ उहां ओमन ला एलियाह अऊ मूसा दिखिन, जऊन मन यीसू के संग गोठियावत रहंय।\f + \fr 9:4 \fr*\ft बहुंत पहिली एलियाह ह एक अगमजानी रिहिस अऊ मूसा ह यहूदीमन के एक खास अगुवा।\ft*\f* \p \v 5 तब पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे गुरू! हमन के इहां रहई बने अय। एकरसेति हमन तीन ठन मंडप बनाथन—एक ठन तोर बर, एक मूसा बर अऊ एक एलियाह बर।” \v 6 (ओह नइं जानत रहय कि का कहे जावय, काबरकि ओमन अब्बड़ डरा गे रहंय।) \p \v 7 तब एक ठन बादर ओमन ला ढांप लीस अऊ ओ बादर म ले ये अवाज आईस, “येह मोर मयारू बेटा ए, एकर बात ला सुनव।” \p \v 8 तब अचानक जब ओमन चारों कोति देखिन, त यीसू के छोंड़ अऊ कोनो ला अपन संग नइं देखिन। \p \v 9 जब ओमन पहाड़ ले उतरत रिहिन, त यीसू ह ओमन ला हुकूम दीस कि जब तक मनखे के बेटा ह मरे म ले नइं जी उठय, तब तक जऊन कुछू तुमन देखे हवव, कोनो ला झन बतावव। \v 10 ओमन ये बात ला अपन मन म रखिन अऊ ये बिचार करन लगिन कि “मरे म ले जी उठे” के का मतलब होथे? \p \v 11 तब ओमन यीसू ले पुछिन, “कानून के गुरूमन काबर कहिथें कि पहिली एलियाह के अवई जरूरी अय।” \p \v 12 यीसू ह ओमन ला ये जबाब दीस, “ये बात सही अय कि एलियाह पहिली आही, अऊ जम्मो चीज ला ठीक करही। पर मनखे के बेटा के बारे म ये काबर लिखे हवय कि ओह अब्बड़ दुख उठाही अऊ तुछ समझे जाही? \v 13 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि एलियाह ह आ चुके हवय अऊ जइसने कि ओकर बारे म लिखे हवय—ओमन जइसने चाहिन, वइसने ओकर संग बरताव करिन\f + \fr 9:13 \fr*\ft इहां जब यीसू ह एलियाह के नांव लेथे, त ओकर मतलब यूहन्ना बतिसमा देवइया अय, जऊन ह एलियाह सहीं रिहिस। (\+xt मत्ती 11:13‑14; 17:10‑13\+xt*)\ft*\f*।” \s1 परेत आतमा धरे छोकरा के बने होवई \r (मत्ती 17:14‑21; लूका 9:37‑43) \p \v 14 जब ओमन बाकि चेलामन करा आईन, त देखिन एक भारी भीड़ ओमन के चारों खूंट जूरे रहय अऊ कानून के गुरूमन ओमन के संग बहस करत रहंय। \v 15 यीसू ला देखके मनखेमन चकित हो गीन अऊ ओकर से मिले बर दऊड़े लगिन। \p \v 16 यीसू ह ओमन ले पुछिस, “तुमन येमन संग का बहस करत हव?” \p \v 17 भीड़ म ले एक झन जबाब दीस, “हे गुरू, मेंह अपन बेटा ला जऊन म कोंदा आतमा हमा गे हवय, तोर करा लाने रहेंव। \v 18 जब भी ओ आतमा ओला धरथे, ओला भुइयां म पटकथे, अऊ ओकर मुहूं ले झाग निकलथे अऊ दांतमन ला किटकिटाथे अऊ अकड़ जाथे। मेंह तोर चेलामन ला कहेंव कि ओ आतमा ला निकाल देवंय, पर ओमन निकाले नइं सकिन।” \p \v 19 यीसू ह कहिस, “हे अबिसवासी पीढ़ी के मनखेमन! कब तक मेंह तुम्हर संग रहिहूं, अऊ कब तक तुम्हर सहत रहिहूं? ओ छोकरा ला मोर करा लानव।” \p \v 20 तब ओमन ओ छोकरा ला ओकर करा लानिन। जब ओ आतमा ह यीसू ला देखिस, त तुरते ओह छोकरा ला मुरेरिस। ओ छोकरा ह भुइयां म गिरके घोलड़न लगिस अऊ ओकर मुहूं ले झाग निकलत रहय। \p \v 21 यीसू ह ओ छोकरा के ददा ले पुछिस, “येला कब ले अइसने होवत हे?” \p ओह कहिस, “लइकापन ले। \v 22 परेत आतमा ह येला मारे बर कभू आगी अऊ कभू पानी म गिराथे। पर कहूं तेंह कुछू कर सकथस, त हमर ऊपर दया करके हमर मदद कर।” \p \v 23 यीसू ह कहिस, “कहूं तेंह कुछू कर सकथस, एकर का मतलब? का तेंह नइं जानथस कि जऊन ह बिसवास करथे, ओकर बर हर बात हो सकथे।” \p \v 24 छोकरा के ददा ह तुरते गुलगुला होके कहिस, “मेंह बिसवास करत हंव, परभू! मोर अबिसवास ला दूर करे बर मोर मदद कर।” \p \v 25 जब यीसू ह देखिस कि भीड़ ह बढ़त हे, त ओह असुध आतमा ला दबकारके कहिस, “हे भैंरा अऊ कोंदा आतमा! मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि ओमा ले निकल जा अऊ ओमा फेर कभू झन हमाबे।” \p \v 26 ओ आतमा ह चिचियाके छोकरा ला अब्बड़ मुरेरिस अऊ ओमा ले निकल गीस। तब ओ छोकरा ह मरे सहीं हो गे, अऊ बहुंत झन कहन लगिन, “ओह मर गीस।” \v 27 पर यीसू ह ओकर हांथ ला धरके ओला उठाईस अऊ ओह ठाढ़ हो गीस। \p \v 28 यीसू के घर के भीतर जाय के पाछू, अकेला म ओकर चेलामन ओकर ले पुछिन, “हमन काबर ओ परेत आतमा ला निकाल नइं सकेंन?” \p \v 29 ओह कहिस, “ये किसम के आतमा ह पराथना के छोंड़ अऊ कोनो उपाय ले नइं निकलय।” \s1 यीसू के अपन मिरतू के बारे दूसर बार अगमबानी \p \v 30 ओमन ओ जगह ला छोंड़के गलील प्रदेस म ले होके जावत रिहिन अऊ यीसू नइं चाहत रिहिस कि कोनो ओमन के ठिकाना के बारे म जानंय। \v 31 काबरकि ओह अपन चेलामन ला सिखोवत रिहिस। ओह ओमन ला कहिस, “मनखे के बेटा ह मनखेमन के हांथ म पकड़वाय जाही। ओमन ओला मार डारहीं अऊ मरे के तीन दिन के पाछू ओह जी उठही।” \v 32 पर ये गोठ ह ओमन के समझ म नइं आईस अऊ ओमन एकर बारे म ओकर ले पुछे बर डरावत रिहिन। \s1 सबले बड़े कोन \r (मत्ती 18:1‑5; लूका 9:46‑48) \p \v 33 फेर ओमन कफरनहूम सहर म आईन अऊ घर म आके यीसू ह चेलामन ले पुछिस, “रसता म तुमन का गोठ ला लेके बहस करत रहेव?” \v 34 पर ओमन चुपेचाप रिहिन, काबरकि डहार म ओमन एक-दूसर ले ये बहस करत रिहिन कि ओमन के बीच म सबले बड़े कोन ए। \p \v 35 बईठे के पाछू, यीसू ह बारह चेलामन ला बलाके कहिस, “कहूं कोनो सबले बड़े होय चाहथे, त ओह सबले छोटे अऊ सब के सेवक बनय।” \p \v 36 तब ओह एक छोटे लइका ला लेके ओमन के बीच म ठाढ़ करिस अऊ ओला अपन कोरा म पाके ओमन ला कहिस, \v 37 “जऊन कोनो मोर नांव म अइसने छोटे लइका ला गरहन करथे, ओह मोला गरहन करथे, अऊ जऊन कोनो मोला गरहन करथे ओह सिरिप मोला नइं, पर मोर पठोइया ला घलो गरहन करथे।” \s1 जऊन ह हमर बिरोध म नइं ए, ओह हमर संग हवय \r (लूका 9:49‑50) \p \v 38 यूहन्ना ह यीसू ला कहिस, “गुरूजी! हमन एक मनखे ला तोर नांव म परेत आतमामन ला निकालत देखेंन, अऊ हमन ओला कहेंन कि ओह अइसने झन करय। काबरकि ओह हमन म ले नो हय।” \p \v 39 यीसू ह कहिस, “ओला झन रोकव,” “अइसने कोनो नइं ए जऊन ह मोर नांव म चमतकार के काम करे अऊ तुरते मोर बारे म खराप बात बोल सकय, \v 40 काबरकि जऊन ह हमर बिरोध म नइं ए, ओह हमर कोति हवय। \v 41 कहूं कोनो तुमन ला मोर नांव म, मसीह के मनखे जानके एक गिलास पानी देथे, त मेंह तुमन ला सच कहत हंव, ओह एकर ईनाम जरूर पाही। \s1 दूसर ला पाप म फंसई \r (मत्ती 18:6‑9; लूका 17:1‑2) \p \v 42 “अऊ कोनो मनखे मोर ऊपर बिसवास करइया ये छोटे मन ले कोनो के पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओकर बर बने होतिस कि एक ठन बड़े जांता के पथरा ला ओकर घेंच म बांधके ओला समुंदर म फटिक दिये जावय। \v 43 कहूं तोर हांथ ह तोर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला काट डार। तोर बर लूलवा होके सदाकाल के जिनगी म प्रवेस करई ह बने अय, एकर बनिस्पत कि दूनों हांथ के रहत, तोला नरक के आगी म डारे जावय, जऊन ह कभू नइं बुतावय। \v 44 जिहां, \q1 “ ‘जऊन कीरामन ओमन ला खाथें, ओमन नइं मरंय, \q2 अऊ आगी ह कभू नइं बुतावय।’\f + \fr 9:44 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \m \v 45 अऊ कहूं तोर गोड़ ह तोर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला काट डार। तोर बर येह बने अय कि खोरवा होके सदाकाल के जिनगी म प्रवेस कर, एकर बनिस्पत कि दूनों गोड़ के रहत, तोला नरक म डारे जावय। \v 46 जिहां, \q1 “ ‘जऊन कीरामन ओमन ला खाथें, ओमन नइं मरंय, \q2 अऊ आगी ह कभू नइं बुतावय।’\f + \cat dup\cat*\fr 9:46 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \m \v 47 अऊ कहूं तोर आंखी ह तोर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला निकाल दे। तोर बर येह बने अय कि एक आंखी ले कनवां होके परमेसर के राज म प्रवेस कर, एकर बनिस्पत कि दूनों आंखी के रहत, तोला नरक म डार दिये जावय, \v 48 जिहां, \q1 “ ‘जऊन कीरामन ओमन ला खाथें, ओमन नइं मरंय, \q2 अऊ आगी ह कभू नइं बुतावय।’\f + \fr 9:48 \fr*\ft \+xt यसा 66:24\+xt*\ft*\f* \m \v 49 हर एक मनखे आगी के दुवारा नूनचूर करे जाही। \p \v 50 “नून ह बने ए। पर कहूं येह अपन सुवाद ला गंवा देथे, त तुमन कइसने येला फेर नूनचूर कर सकथव? अपन म नून के सुवाद रखव, अऊ एक-दूसर के संग मिल जूरके रहव।” \c 10 \s1 तलाक के बारे म यीसू के सिकछा \r (मत्ती 19:1‑12; लूका 16:18) \p \v 1 तब यीसू ह ओ जगह ला छोंड़के यहूदिया प्रदेस के इलाका अऊ यरदन नदी के ओ पार गीस। अऊ मनखेमन के भीड़ ह फेर ओकर करा जूर गीस, अऊ अपन रीति के मुताबिक ओह ओमन ला उपदेस देवन लगिस। \p \v 2 तब कुछू फरीसीमन आके ओला परखे बर पुछन लगिन, “कहूं कोनो आदमी अपन घरवाली ला तियाग देथे,\f + \fr 10:2 \fr*\ft तलाक देथे\ft*\f* त का येह कानून के मुताबिक सही अय?” \p \v 3 ओह ओमन ला कहिस, “मूसा ह तुमन ला का हुकूम दे हवय?” \p \v 4 ओमन कहिन, “मूसा ह मरद ला तियाग पतर लिखके अपन घरवाली ला छोंड़े के हुकूम दे हवय।” \p \v 5 यीसू ह कहिस, “तुम्हर हिरदय के कठोरता के कारन मूसा ह अइसने हुकूम तुम्हर बर लिखे हवय। \v 6 पर ये संसार के सुरू म परमेसर ह ओमन ला नर अऊ नारी करके बनाईस।\f + \fr 10:6 \fr*\ft \+xt उत 1:27\+xt*\ft*\f* \v 7 एकरे कारन मरद ह अपन दाई-ददा ले अलग होके अपन घरवाली संग मिले रहिही। \v 8 अऊ ओ दूनों एक तन होहीं।\f + \fr 10:8 \fr*\ft \+xt उत 2:24\+xt*\ft*\f* ओमन अब दू नइं, पर एक अंय। \v 9 एकरसेति, जऊन ला परमेसर ह जोड़े हवय, ओला कोनो मनखे अलग झन करय।” \p \v 10 जब ओमन घर के भीतर आईन, त चेलामन एकर बारे म यीसू ले फेर पुछिन। \v 11 ओह कहिस, “जऊन कोनो अपन घरवाली ला छोंड़के आने माईलोगन ले बिहाव करथे, त ओह पहिली घरवाली के बिरोध म छिनारी करथे। \v 12 अऊ कहूं, कोनो माईलोगन ह अपन घरवाला ला छोंड़के आने मनखे ले बिहाव करथे, त ओह घलो छिनारी करथे।” \s1 यीसू अऊ छोटे लइकामन \r (मत्ती 19:13‑15; लूका 18:15‑17) \p \v 13 मनखेमन छोटे लइकामन ला यीसू करा लाने लगिन कि ओह ओमन ऊपर अपन हांथ रखय, पर चेलामन मनखेमन ला दबकारे लगिन। \v 14 जब यीसू ह येला देखिस, त नराज होके ओमन ला कहिस, “छोटे लइकामन ला मोर करा आवन दव; ओमन ला झन रोकव, काबरकि परमेसर के राज ह अइसने मन बर अय। \v 15 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, जऊन ह परमेसर के राज ला एक छोटे लइका सहीं गरहन नइं करही, ओह परमेसर के राज म कभू जाय नइं पाही।” \v 16 अऊ ओह लइकामन ला अपन कोरा म पाईस अऊ ओमन ऊपर अपन हांथ रखके ओमन ला आसीस दीस। \s1 धनी मनखे \r (मत्ती 19:16‑30; लूका 18:18‑30) \p \v 17 जब यीसू ह फेर डहार म जावत रिहिस, त एक मनखे दऊड़के आईस अऊ ओकर गोड़ खाल्हे माड़ी के भार गिरके ओकर ले पुछिस, “हे बने गुरू! सदाकाल के जिनगी पाय बर मेंह का करंव?” \p \v 18 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह मोला काबर बने कहत हवस? सिरिप परमेसर के छोंड़, अऊ कोनो बने नो हंय। \v 19 तेंह हुकूममन ला त जानत हवस: ‘हतिया झन करव, छिनारी झन करव, चोरी झन करव, लबारी गवाही झन देवव, कोनो ला झन ठगव, अपन दाई-ददा के आदरमान करव।’\f + \fr 10:19 \fr*\ft \+xt निर 20:12\+xt*\ft*\f*” \p \v 20 ओ मनखे ह कहिस, “हे गुरू! ये जम्मो ला मेंह अपन लइकापन ले मानत आवत हंव।” \p \v 21 ओला देखके, यीसू ला ओकर ऊपर मया आईस। यीसू ह ओला कहिस, “तोर म एक बात के कमी हवय। जा, जऊन कुछू तोर करा हवय, ओ जम्मो ला बेचके गरीबमन ला देय दे, अऊ तोला स्वरग म धन मिलही। तब आ अऊ मोर पाछू हो ले।” \p \v 22 ये बचन सुनके ओ मनखे के चेहरा ह उतर गे अऊ ओह उदास होके उहां ले चल दीस, काबरकि ओकर मेर अब्बड़ संपत्ति रिहिस। \p \v 23 यीसू ह चारों कोति देखके अपन चेलामन ला कहिस, “धनवान मनखे के परमेसर के राज म जवई कतेक कठिन ए।” \p \v 24 चेलामन ओकर बात ला सुनके चकित हो गीन। पर यीसू ह फेर कहिस, “हे लइकामन हो! परमेसर के राज म जवई कतेक कठिन ए। \v 25 परमेसर के राज म धनवान मनखे के जाय के बनिस्पत सूजी के छेदा म ले ऊंट के निकल जवई सरल अय।” \p \v 26 चेलामन अऊ जादा चकित होके एक-दूसर ला कहिन, “त फेर कोन ह उद्धार पा सकथे?” \p \v 27 यीसू ह ओमन कोति देखिस अऊ कहिस, “ये बात ह मनखे के दुवारा संभव नो हय, पर परमेसर के दुवारा जम्मो बात ह संभव अय।” \p \v 28 पतरस ह ओला कहिस, “देख, हमन तो जम्मो कुछू ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन।” \p \v 29 यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन कोनो, मोर अऊ सुघर संदेस बर अपन घर या भाई या बहिनी या दाई या ददा या लइकामन या खेत-खार ला छोंड़ दे हवय, \v 30 ओह ये समय म ये चीजमन ला सौ गुना पाही: घर, भाई, बहिनी, दाई, लइका अऊ खेत-खार—अऊ संग म सतावा अऊ अवइया जुग म ओला सदाकाल के जिनगी मिलही। \v 31 पर कतको झन जऊन मन अभी आघू म हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं अऊ जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन आघू हो जाहीं।” \s1 यीसू ह फेर अपन मिरतू के अगमबानी करथे \r (मत्ती 20:17‑19; लूका 18:31‑34) \p \v 32 ओमन यरूसलेम के डहार म रिहिन अऊ यीसू ह आघू-आघू रेंगत रहय। चेलामन घबरा गे रहंय अऊ पाछू रेंगइयामन डरा गे रहंय। यीसू ह फेर बारहों झन ला अलग ले जाके ओमन ला बताय लगिस कि ओकर संग का होवइया हवय। \v 33 ओह कहिस, “देखव, हमन यरूसलेम जावत हन अऊ हां मनखे के बेटा ला पकड़के मुखिया पुरोहितमन अऊ कानून के गुरूमन के हांथ म सऊंपे जाही, अऊ ओमन ओला मार डारे के सजा दीहीं अऊ ओला आनजातमन के हांथ म सऊंप दीहीं। \v 34 जऊन मन ओकर हंसी उड़ाहीं अऊ ओकर ऊपर थूकहीं अऊ ओला कोर्रा म मारहीं अऊ ओला मार डारहीं। पर तीन दिन के पाछू ओह जी उठही।” \s1 याकूब अऊ यूहन्ना के बिनती \r (मत्ती 20:20‑28) \p \v 35 तब जबदी के बेटा याकूब अऊ यूहन्ना ओकर करा आके कहिन, “हे गुरू, हमन चाहथन कि जऊन कुछू हमन तोर ले मांगबो, ओही ला तेंह हमर बर कर।” \p \v 36 ओह पुछिस, “तुमन का चाहथव कि मेंह तुम्हर बर करंव?” \p \v 37 ओमन कहिन, “तोर राज म जब तेंह सिंघासन म बईठबे, त हमर दूनों म के एक झन ला तोर जेवनी अऊ दूसर ला तोर डेरी कोति बईठन देबे।” \p \v 38 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन नइं जानत हव कि तुमन का मांगत हव? जऊन दुख के कटोरा म ले मेंह पीवइया हवंव, का तुमन ओला पी सकथव? या जऊन बतिसमा ला मेंह लेवइया हवंव, का तुमन ओ बतिसमा ला ले सकहू?” \p \v 39 ओमन कहिन, “हमर ले ये हो सकथे।” \p तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन कटोरा म ले मेंह पीहूं, ओमा ले तुमन पीहू अऊ जऊन बतिसमा मेंह लूहूं, ओला तुमन लूहू, \v 40 पर मोर जेवनी या डेरी कोति बईठाय के मोला अधिकार नइं ए। ये जगह ओमन के अय, जेमन बर येला तियार करे गे हवय।” \p \v 41 जब आने दस चेलामन ये बात ला सुनिन, त ओमन याकूब अऊ यूहन्ना ऊपर गुस्सा करिन। \v 42 एकरसेति यीसू ह ओमन ला एक संग अपन लकठा म बलाके कहिस, “जइसने कि तुमन जानथव, जऊन मन आनजातमन के हाकिम समझे जाथें, ओमन आनजातमन ऊपर परभूता करथें अऊ ओमन के बड़े अधिकारीमन ओमन ऊपर अधिकार जमाथें। \v 43 तुमन के संग अइसने नइं होवय। पर जऊन ह तुमन म बड़े होय चाहथे, ओह तुम्हर सेवक बनय, \v 44 अऊ जऊन ह सबले पहिली होय चाहथे, ओह जम्मो झन के गुलाम बनय। \v 45 काबरकि मनखे के बेटा ह अपन सेवा करवाय बर नइं आईस, पर एकर खातिर आईस कि ओह आने मन के सेवा करय अऊ बहुंत झन के छुड़ौती बर अपन परान ला देवय।” \s1 बरतिमाई अंधरा देखन लगथे \r (मत्ती 20:29‑34; लूका 18:35‑43) \p \v 46 तब यीसू अऊ ओकर चेलामन यरीहो सहर म आईन अऊ जब ओमन एक बड़े भीड़ के संग यरीहो ले निकलके जावत रिहिन, त बरतिमाई (जेकर मतलब होथे “तिमाई के बेटा”) नांव के एक अंधरा मनखे सड़क के तीर म बईठके भीख मांगत रहय। \v 47 ओह ये सुनके कि नासरत के यीसू अय, चिचियाके कहिस, “हे यीसू, दाऊद के संतान, मोर ऊपर दया कर!” \p \v 48 कतको झन ओला दबकारके कहिन, “चुपे रह।” पर ओह अऊ चिचियाके कहिस, “हे दाऊद के संतान! मोर ऊपर दया कर।” \p \v 49 जब यीसू ह सुनिस, त ठाढ़ होके कहिस, “ओला इहां बलावव।” \p तब मनखेमन ओ अंधरा ला बलाके कहिन, “खुसी मना अऊ उठ। ओह तोला बलावत हवय।” \v 50 ओह अपन ओढ़ना ला फटिक दीस अऊ कूदके ठाढ़ हो गीस अऊ यीसू करा आईस। \p \v 51 यीसू ह ओकर ले पुछिस, “तेंह का चाहत हस कि मेंह तोर बर करंव?” \p ओ अंधरा ह कहिस, “हे गुरू! मेंह देखे बर चाहत हंव।” \p \v 52 यीसू ह कहिस, “जा, तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय।” अऊ तुरते ओह देखे लगिस अऊ डहार म यीसू के पाछू हो लीस। \c 11 \s1 यीसू के यरूसलेम जवई \r (मत्ती 21:1‑11; लूका 19:28‑40; यूहन्ना 12:12‑19) \p \v 1 जब ओमन यरूसलेम के लकठा म हबरिन अऊ जैतून पहाड़ के बैतफगे अऊ बैतनियाह गांव करा आईन, त यीसू ह अपन चेलामन ले दू झन ला ये कहिके पठोईस, \v 2 “तुमन आघू के गांव म जावव, अऊ जइसने ही तुमन उहां हबरहू, तुमन ला उहां एक ठन गदही के बछेड़ा बंधाय मिलही, जेकर ऊपर कभू कोनो सवारी नइं करे हवंय। ओला ढीलके इहां ले आवव। \v 3 कहूं कोनो तुम्हर ले पुछय कि अइसने काबर करत हव? त ओला कहव कि परभू ला एकर जरूरत हवय, अऊ ओह जल्दी ओला इहां पठो दीही।” \p \v 4 ओमन गीन अऊ एक ठन गदही के पीला ला गली म, एक ठन घर के दुवार म बंधाय पाईन, अऊ ओमन जब ओला ढीलन लगिन, \v 5 त जऊन मन उहां ठाढ़े रहंय, ओमन पुछिन, “ये गदही के पीला ला काबर ढीलत हवव?” \v 6 जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, ओमन वइसनेच कहिन। तब मनखेमन ओमन ला जावन दीन। \v 7 ओमन गदही के बछेड़ा ला यीसू करा लानके, ओकर ऊपर अपन ओनहामन ला डालिन अऊ यीसू ह ओकर ऊपर बईठ गीस। \v 8 अऊ कतको झन अपन ओनहा ला ओकर आघू, डहार म दसा दीन अऊ कतको झन खेतमन के डारामन ला काटके डहार म दसा दीन। \v 9 जऊन मन ओकर आघू-आघू जावत अऊ जऊन मन पाछू-पाछू आवत रहंय, ओमन चिचिया-चिचियाके कहत रिहिन, \q1 “होसाना!\f + \fr 11:9 \fr*\fq होसाना \fq*\ft येकर मतलब होथे \ft*\fqa बचा \fqa*\ft पर बाद म येकर उपयोग परसंसा करई म होय लगिस\ft*\f*” \b \q1 “धइन ए ओ, जऊन ह परभू के नांव म आथे।”\f + \fr 11:9 \fr*\ft \+xt भजन 118:25, 26\+xt*\ft*\f* \b \q1 \v 10 “धइन ए हमर पुरखा दाऊद राजा के अवइया राज के!” \b \q1 “सबले ऊंच स्वरग म होसाना!” \p \v 11 यीसू ह यरूसलेम म आके यहूदीमन के मंदिर म गीस अऊ चारों खूंट जम्मो चीजमन ला देखके अपन बारहों चेलामन संग बैतनियाह चल दीस, काबरकि सांझ हो गे रहय। \s1 यीसू ह अंजीर के रूख ला सराप देथे \r (मत्ती 21:18‑19) \p \v 12 ओकर दूसर दिन जब ओमन बैतनियाह ले जावत रिहिन, त यीसू ला भूख लगिस। \v 13 थोरकन दूरिहा म, एक ठन हरियर अंजीर के रूख ला देखके, यीसू ह ये सोचके उहां गीस कि ओ रूख म कुछू फर होही, पर ओह जब उहां गीस, त ओला उहां पान के छोंड़ कुछू नइं मिलिस, काबरकि ओह फर के मौसम नइं रिहिस। \v 14 तब ओह रूख ला कहिस, “अब ले फेर तोर म फर कभू झन लगय।” अऊ ओकर चेलामन ये गोठ ला सुनत रिहिन। \p \v 15 ओमन यरूसलेम सहर म आईन। अऊ यीसू ह मंदिर म गीस, अऊ जऊन मन उहां बेचे अऊ बिसाय के काम करत रहंय, ओमन ला बाहिर निकाले के सुरू करिस। ओह रूपिया-पईसा के अदला-बदली करइयामन के मेज अऊ पंड़की बेचइयामन के बेंचमन ला खपल दीस, \v 16 अऊ मंदिर के सीमना म कोनो ला लेन-देन करे के सामान लेके आवन-जावन नइं दीस। \v 17 ओह ओमन ला उपदेस देके कहिस, “का परमेसर के बचन म ये नइं लिखे हवय: ‘मोर घर ह जम्मो जाति के मनखेमन बर पराथना के घर होही? पर तुमन येला डाकूमन के अड्डा बना दे हवव।’\f + \fr 11:17 \fr*\ft \+xt यसा 56:7\+xt*\ft*\f*” \p \v 18 येला सुनके, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन ओला मार डारे के मऊका खोजन लगिन, पर ओमन ओकर ले डरावत रिहिन, काबरकि भीड़ के जम्मो मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होवत रिहिन। \p \v 19 जब सांझ होईस, त यीसू अऊ ओकर चेलामन सहर ले बाहिर चल दीन। \s1 सूखा अंजीर रूख \r (मत्ती 21:20‑22) \p \v 20 बिहनियां, जब ओमन जावत रिहिन, त देखिन कि ओ अंजीर के रूख ह जरमूर ले सूखा गे रहय। \v 21 तब पतरस ह ओ गोठ ला सुरता करके यीसू ला कहिस, “हे गुरू! देख, ये अंजीर के रूख जऊन ला तेंह सराप दे रहय, सूखा गे हवय।” \p \v 22 यीसू ह ओमन ला कहिस, “परमेसर ऊपर बिसवास रखव। \v 23 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, कहूं कोनो ये पहाड़ ले कहय कि जा अऊ समुंदर म गिर जा, अऊ ओह अपन मन म संका झन करय, पर परमेसर के ऊपर बिसवास करय कि जऊन बात ओह कहत हवय, ओह हो जाही, त ओकर बर वइसनेच करे जाही। \v 24 एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव, जऊन कुछू तुमन पराथना म मांगथव, बिसवास करव कि ओह तुमन ला मिलही अऊ ओह तुम्हर बर हो जाही। \v 25 जब तुमन ठाढ़ होके पराथना करव, त कहूं तुम्हर मन म काकरो बर कुछू बिरोध हवय, त ओला माफ करव, ये खातिर कि तुम्हर ददा जऊन ह स्वरग म हवय, तुम्हर अपराध ला छेमा करही। \v 26 अऊ कहूं तुमन माफ नइं करव, त तुम्हर ददा परमेसर घलो जऊन ह स्वरग म हवय, तुम्हर अपराध ला छेमा नइं करही।\f + \fr 11:26 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f*” \s1 यीसू के अधिकार ऊपर सवाल \r (मत्ती 21:23‑27; लूका 20:1‑8) \p \v 27 ओमन फेर यरूसलेम म आईन अऊ यीसू ह जब मंदिर के अंगना म रेंगत रिहिस, तब मुखिया पुरोहितमन, कानून के गुरूमन अऊ अगुवामन ओकर करा आईन \v 28 अऊ पुछिन, “कोन अधिकार ले तेंह ये चीजमन ला करत हवस? अऊ ये करे के अधिकार कोन ह तोला दे हवय?” \p \v 29 यीसू ह जबाब दीस, “मेंह घलो तुमन ले एक सवाल पुछत हंव, ओकर मोला जबाब देवव, त मेंह तुमन ला बताहूं कि कोन अधिकार ले मेंह ये काममन ला करत हवंव। \v 30 यूहन्ना के बतिसमा देवई ह, स्वरग ले रिहिस या मनखे कोति ले? मोला बतावव।” \p \v 31 ओमन आपस म सोच-बिचार करिन अऊ कहिन, “यदि हमन कहन, ‘स्वरग ले,’ त ओह कहिही, ‘तब तुमन ओकर ऊपर बिसवास काबर नइं करेव?’ \v 32 पर यदि हमन कहन कि मनखे कोति ले,” त मनखेमन के डर हवय, काबरकि जम्मो मनखेमन के बिसवास रहय कि यूहन्ना ह सही म अगमजानी रिहिस। \p \v 33 एकरसेति ओमन यीसू ला जबाब दीन, “हमन नइं जानन।” \p यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह घलो तुमन ला नइं बतावंव कि कोन अधिकार ले मेंह ये काममन करत हवंव।” \c 12 \s1 अंगूर के बारी के किरायादारमन के पटंतर \r (मत्ती 21:33‑46; लूका 20:9‑19) \p \v 1 तब यीसू ह ओमन ले पटंतर म गोठियाय लगिस अऊ कहिस, “एक मनखे ह अंगूर के बारी लगाईस अऊ बारी के चारों खूंट बाड़ा बांधिस अऊ रसकुंड बर एक ठन खंचवा कोड़िस, अऊ एक ठन मचान घलो बनाईस। तब ओह ओ अंगूर के बारी ला कुछू किसानमन ला रेगहा म देके आने देस चल दीस। \v 2 जब फर के समय आईस, त ओह अपन एक सेवक ला किसानमन करा पठोईस कि ओह अंगूर के बारी ले ओकर बांटा के फर लानय। \v 3 पर किसानमन ओला धरके मारिन-पीटिन अऊ ओला जुच्छा हांथ लहुंटा दीन। \v 4 तब बारी के मालिक ह एक आने सेवक ला ओमन करा पठोईस, पर ओमन ओकर मुड़ ला फोर दीन अऊ ओकर बेजत्ती करिन। \v 5 बारी के मालिक ह अऊ एक झन ला पठोईस, पर ओमन ओला मार डारिन। ओह अऊ बहुंत झन ला पठोईस, पर ओमन कतको झन ला पीटिन अऊ कतको झन ला मार डारिन। \p \v 6 “अब ओकर करा सिरिप एक झन बांचिस, ओकर एके मयारू बेटा! आखिर म ओह ये सोचके ओला पठोईस कि ओमन मोर बेटा के आदर करहीं। \p \v 7 “पर जब ओ किसानमन ओला आवत देखिन, त एक-दूसर ला कहिन, ‘येह वारिस ए। आवव, हमन येला मार डालन, तब एकर संपत्ति ह हमर हो जाही।’ \v 8 अऊ ओमन ओला पकड़िन अऊ मार डारिन अऊ अंगूर के बारी के बाहिर फटिक दीन। \p \v 9 “तब अंगूर के बारी के मालिक ह का करही? ओह आही अऊ ओ किसानमन ला मार डारही अऊ अंगूर के बारी ला आने मन ला दे दीही। \v 10 का तुमन परमेसर के ये बचन ला नइं पढ़े हवव: \q1 “ ‘जऊन पथरा ला घर के बनइयामन बेकार समझे रिहिन, \q2 ओहीच ह कोना के मुख पथरा हो गीस। \q1 \v 11 येह परभू के दुवारा होईस \q2 अऊ येह हमर नजर म अद्भूत ए’\f + \fr 12:11 \fr*\ft \+xt भजन 118:22, 23\+xt*\ft*\f*?” \p \v 12 तब मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ अगुवामन यीसू ला पकड़े के उपाय सोचे लगिन काबरकि ओमन समझ गे रहंय कि ओह ये पटंतर ओमन के बिरोध म कहे हवय। पर ओमन मनखेमन के भीड़ ले डरावत रिहिन; एकरसेति ओमन ओला छोंड़के चल दीन। \s1 लगान देवई के बारे म सवाल \r (मत्ती 22:15‑22; लूका 20:20‑26) \p \v 13 बाद म, ओमन यीसू ला गोठ म फंसाय बर कुछू फरीसी अऊ हेरोदीमन ला ओकर करा पठोईन। \v 14 ओमन आके ओकर ले कहिन, “हे गुरू! हमन जानत हवन कि तेंह सच्चा अस। अऊ काकरो परवाह नइं करस, काबरकि तेंह मनखे के मुहूं देखके नइं गोठियावस, पर सच्चई के संग परमेसर के रसता के सिकछा देथस। हमन ये जाने बर चाहथन कि का महाराजा ला लगान देवई कानून के मुताबिक ठीक अय कि नइं? \v 15 हमन ला लगान देना चाही या नइं देना चाही?” \p यीसू ह ओमन के कपट ला जानके ओमन ला कहिस, “तुमन काबर मोला फंसाय के कोसिस करत हव? मोर करा एक ठन चिल्हर पईसा लानव कि में ओला देखंव।” \v 16 ओमन पईसा ला लानिन अऊ ओह ओमन ले पुछिस, “येमा काकर मूरती अऊ नांव लिखाय हवय?” \p ओमन कहिन, “महाराजा के।” \p \v 17 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन ह महाराजा के अय, ओला महाराजा ला देवव अऊ जऊन ह परमेसर के अय, ओला परमेसर ला देवव।” येला सुनके ओमन चकित हो गीन। \s1 मरे मनखेमन के जी उठे के बाद—बिहाव \r (मत्ती 22:23‑33; लूका 20:27‑40) \p \v 18 तब सदूकीमन आईन, जऊन मन ये कहिथंय कि मरे मनखेमन फेर नइं जी उठंय। ओमन यीसू ले आके पुछिन, \v 19 “हे गुरू! मूसा ह हमर बर लिखे हवय कि यदि कोनो मनखे के भाई ह अपन घरवाली के रहत बिगर संतान के मर जावय, त येह जरूरी ए कि ओ मनखे ह अपन भाई के ओ बिधवा ले बिहाव कर ले, अऊ अपन भाई बर संतान पईदा करे। \v 20 सात झन भाई रिहिन। पहिला भाई ह बिहाव करिस अऊ बिगर संतान के मर गीस। \v 21 तब दूसर भाई ह ओकर बिधवा ले बिहाव करिस अऊ ओह घलो बिगर संतान के मर गीस, अऊ वइसनेच तीसरा भाई घलो। \v 22 अइसने होईस कि सातों म के काकरो संतान नइं होईस अऊ ओमन मर गीन। आखिर म ओ माईलोगन घलो मर गीस। \v 23 तब मरे मनखेमन के जी उठे के बाद, ओह काकर घरवाली होही? काबरकि ओह सातों भाईमन ले बिहाव करे रिहिस।” \p \v 24 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “का तुमन गलत नइं समझत हव काबरकि तुमन परमेसर के बचन या परमेसर के सामर्थ ला नइं जानत हव? \v 25 जब मरे मन जी उठहीं, त ओमन न तो बिहाव करहीं अऊ न ही ओमन ला बिहाव म दिये जाही; ओमन स्वरग म स्वरगदूतमन सहीं होहीं। \v 26 मरे मन के जी उठे के बारे म, का तुमन मूसा के किताब म बरत झाड़ी के बारे म नइं पढ़ेव? जिहां परमेसर ह मूसा ले कहिस, ‘मेंह अब्राहम के परमेसर अऊ इसहाक के परमेसर अऊ याकूब के परमेसर अंव।’ \v 27 परमेसर ह मुरदामन के नइं, पर जीयतमन के परमेसर अय। तुमन भारी गलती म परे हवव।” \s1 सबले बड़े हुकूम \r (मत्ती 22:34‑40; लूका 10:25‑28) \p \v 28 कानून के गुरूमन ले एक झन आके ओमन ला बहस करत सुनिस अऊ ये जानके कि यीसू ह ओमन ला सही जबाब दे हवय, ओह यीसू ले पुछिस, “सबले बड़े हुकूम कते ह अय?” \p \v 29 यीसू ह कहिस, “सबले बड़े हुकूम ये अय: हे इसरायलीमन सुनव! परभू हमर परमेसर ह एके झन परभू अय। \v 30 परभू अपन परमेसर ले अपन पूरा हिरदय अऊ अपन पूरा परान अऊ अपन पूरा मन अऊ अपन पूरा सक्ति ले मया करव।\f + \fr 12:30 \fr*\ft \+xt ब्यव 6:4, 5\+xt*\ft*\f* \v 31 अऊ दूसरा हुकूम ये अय कि तेंह अपन परोसी ले अपन सहीं मया कर।\f + \fr 12:31 \fr*\ft \+xt लैव्य 19:18\+xt*\ft*\f* एकर ले बड़े अऊ कोनो हुकूम नइं ए।” \p \v 32 ओ मनखे ह कहिस, “तेंह बने कहे, गुरू! तोर ये कहई सही अय कि परमेसर एके झन अय अऊ ओला छोंड़ कोनो दूसर परमेसर नइं ए। \v 33 ओला अपन पूरा मन अऊ अपन पूरा बुद्धि अऊ अपन पूरा सक्ति सहित मया करई अऊ अपन परोसी ला अपन सहीं मया करई, जम्मो होम-बलिदान अऊ चढ़ावा ले बढ़के अय।” \p \v 34 जब यीसू ह देखिस कि ओ मनखे ह समझके जबाब दे हवय, तब ओह ओला कहिस, “तेंह परमेसर के राज के लकठा म हवस।” अऊ ओकर बाद कोनो ओला कुछू पुछे के हिम्मत नइं करिन। \s1 मसीह ह काकर बेटा अय? \r (मत्ती 22:41‑46; लूका 20:41‑44) \p \v 35 जब यीसू ह मंदिर म उपदेस करत रिहिस, त पुछिस, “कानून के गुरूमन काबर कहिथें कि मसीह ह दाऊद के बेटा अय? \v 36 दाऊद ह खुदे पबितर आतमा म होके कहे हवय: \q1 “ ‘परभू ह मोर परभू ले कहिस, \q2 “मोर जेवनी हांथ कोति बईठ, \q1 जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला तोर गोड़ खाल्हे नइं कर देवंव।” ’\f + \fr 12:36 \fr*\ft \+xt भजन 110:1\+xt*\ft*\f* \m \v 37 दाऊद ह खुदे ओला परभू कहत हवय। तब मसीह ह ओकर बेटा कइसने होईस?” \p भीड़ के मनखेमन ओकर गोठ ला बड़े खुसी से सुनत रिहिन। \s1 कानून के गुरूमन के बिरूध चेतउनी \p \v 38 यीसू ह अपन उपदेस म कहिस, “कानून के गुरूमन ले सचेत रहव। ओमन लम्बा-लम्बा ओनहा पहिरके एती-ओती घुमई पसंद करथें अऊ ओमन ला बजार के जगह म आदर के संग जोहार झोंकई, \v 39 यहूदीमन के सभा-घर म सबले बने आसन अऊ जेवनार म आदर के ठऊर म बईठई बने लगथे। \v 40 ओमन बिधवामन के घर ला हड़प लेथें, अऊ देखाय बर लम्बा-लम्बा पराथना करथें। अइसने मनखेमन बहुंत दंड पाहीं।” \s1 गरीब बिधवा के दान \r (लूका 21:1‑4) \p \v 41 यीसू ह दान चघाय के जगह के आघू म बईठके मनखेमन ला मंदिर के खजाना म अपन दान चघावत देखत रिहिस। कतको धनवान मनखेमन अब्बड़ अकन पईसा ओमा डारिन। \v 42 अतकी म एक गरीब बिधवा आईस अऊ तांबा के दू ठन छोटे सिक्का डालिस जेकर मूल्य कुछू पईसा रिहिस। \p \v 43 यीसू ह अपन चेलामन ला बलाके कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ये गरीब बिधवा ह आने जम्मो झन ले मंदिर के खजाना म जादा दान दे हवय। \v 44 ओ जम्मो झन अपन बढ़त धन म ले दे हवंय, पर येह अपन गरीबी म ले जम्मो ला देय दे हवय, जेमा ओकर गुजारा होय रहितिस।” \c 13 \s1 संसार के अन्त समय के चिनहां \r (मत्ती 24:1‑2; लूका 21:5‑6) \p \v 1 जब यीसू ह मंदिर ले निकलत रिहिस, तब ओकर चेलामन ले एक झन ओला कहिस, “हे गुरू! देख, कइसने बड़े-बड़े पथरा अऊ ओमा ले बने सुघर-सुघर भवन।” \p \v 2 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह जऊन बड़े-बड़े भवन ला देखत हवस? इहां एको ठन पथरा अपन जगह म नइं बांचय; जम्मो ला गिरा दिये जाही।” \p \v 3 जब यीसू ह जैतून पहाड़ ऊपर मंदिर कोति मुहूं करके बईठे रिहिस, तब पतरस, याकूब, यूहन्ना अऊ अन्द्रियास अलग म ओकर ले पुछिन, \v 4 “हमन ला बता कि ये बातमन कब होही? अऊ जब ये बातमन पूरा होय के समय आही, तब ओ बखत का चिनहां दिखही?” \p \v 5 यीसू ह ओमन ला कहिस, “सचेत रहव कि कोनो तुमन ला धोखा झन देवय। \v 6 कतको झन मोर नांव म आहीं अऊ कहिहीं मेंह मसीह अंव, अऊ बहुंते झन ला भरमाहीं। \v 7 जब तुमन लड़ई अऊ लड़ई होय के अफवाह सुनव, त झन घबरावव। अइसने बात के होवई जरूरी अय, पर ओ बखत अन्त नइं होवय। \v 8 एक देस ह दूसर देस ऊपर अऊ एक राज ह दूसर राज ऊपर चढ़ई करही। कतको जगह म दुकाल पड़ही अऊ भुइंडोल होही। ये जम्मो ह छेवारी होय के पीरा के सुरूआत के सहीं अय। \p \v 9 “अपन बारे म सचेत रहव काबरकि मनखेमन तुमन ला धरके अदालत म ले जाहीं अऊ तुमन ला यहूदीमन के सभा-घर म पीटहीं। मोर खातिर तुमन हाकिम अऊ राजामन के आघू म ठाढ़ होहू कि ओमन ला मोर गवाही देवव। \v 10 अऊ येह जरूरी ए कि पहिली जम्मो जातिमन के मनखेमन ला सुघर संदेस के परचार करे जावय। \v 11 जब ओमन तुमन ला पकड़के अदालत म ले जावंय, तब आघू ले फिकर झन करहू कि तुमन ला का कहना हे। पर जऊन कुछू तुमन ला ओ घड़ी बताय जाथे, ओही कहव काबरकि बोलइया तुमन नइं, पर पबितर आतमा अय। \p \v 12 “भाई ह अपन भाई ला अऊ ददा ह अपन लइका ला मार डारे बर सऊंप दीही। लइकामन अपन दाई-ददा के बिरोध म खड़े होहीं अऊ ओमन ला मरवा डारहीं। \v 13 मोर कारन, जम्मो मनखेमन तुम्हर ले नफरत करहीं, पर जऊन ह आखिरी तक अडिग बने रहिही, ओकरेच उद्धार होही। \p \v 14 “जब तुमन बिनासकारी घिन चीज\f + \fr 13:14 \fr*\ft \+xt दानि 9:27; 11:31; 12:11\+xt*\ft*\f* ला उहां ठाढ़े देखव जिहां ओकर होना उचित नो हय—त पढ़इया ह समझ जावय—तब जऊन मन यहूदिया म होवंय, ओमन पहाड़ ऊपर भाग जावंय। \v 15 जऊन ह अपन घर के छानी ऊपर होवय, ओह अपन घर के चीजमन ला लेय बर खाल्हे झन उतरय। \v 16 जऊन ह खेत म होवय, ओह अपन कपड़ा लेय बर पाछू झन लहुंटय। \v 17 ओ माईलोगनमन बर कतेक भयानक बात होही, जऊन मन ओ दिन म देहें म होहीं अऊ जऊन दाईमन लइकामन ला दूध पीयावत होहीं! \v 18 परमेसर ले बिनती करत रहव कि येह जड़काला म झन होवय। \v 19 काबरकि ओ दिनमन म अइसने बिपत्ति आही कि जब ले परमेसर ह संसार ला रचे हवय, तब ले लेके अब तक न तो अइसने होय हवय अऊ न कभू फेर होही। \p \v 20 “यदि परभू ह ओ दिनमन ला कम नइं करे रहितिस, त कोनो मनखे नइं बांचतिन; पर चुने गय मनखेमन के कारन, परमेसर ह ओ दिनमन ला कम करिस। \v 21 ओ बखत कहूं कोनो तुमन ला ये कहय कि देखव मसीह ह इहां हवय, या देखव, ओह उहां हवय, त बिसवास झन करव। \v 22 काबरकि लबरा मसीह अऊ लबरा अगमजानीमन परगट होहीं अऊ अइसने चिनहां अऊ चमतकार देखाहीं कि कहूं हो सकय, त चुने गय मनखेमन ला घलो भरमा देवंय। \v 23 एकरसेति सचेत रहव। मेंह तुमन ला जम्मो बात पहिली ले बता चुके हवंव। \s1 मनखे के बेटा के अवई \r (मत्ती 24:29‑31; लूका 21:25‑28) \p \v 24 “ओ दिनमन म बिपत पड़े के बाद, \q1 “ ‘सूरज ह अंधियार हो जाही \q2 अऊ चंदा ह अपन अंजोर नइं दीही; \q1 \v 25 तारामन अकास ले गिर जाहीं, \q2 अऊ अकास के सक्तिमन हलाय जाहीं।’\f + \fr 13:25 \fr*\ft \+xt यसा 13:10; 34:4\+xt*\ft*\f* \p \v 26 “तब मनखेमन मनखे के बेटा ला अब्बड़ सक्ति अऊ महिमा के संग बादर म आवत देखहीं। \v 27 अऊ ओह अपन स्वरगदूतमन ला पठोके धरती के ये छोर ले लेके अकास के ओ छोर तक—चारों दिग ले, अपन चुने मनखेमन ला संकेलही। \p \v 28 “अब अंजीर के रूख ले ये बात ला सीखव: जब एकर छोटे डारामन कोअंर बन जाथें अऊ ओमा पानमन निकले लगथें, त तुमन जान लेथव कि घाम के महिना ह अवइया हवय। \v 29 ओहीच किसम ले, जब तुमन ये जम्मो घटनामन ला देखव, त जान लेवव कि ओ समय ह लकठा म हवय, पर दुवारी म आ गे हवय। \v 30 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक ये बातमन नइं हो जाहीं, तब तक ये पीढ़ी के मनखेमन नइं मरंय। \v 31 अकास अऊ धरती ह टर जाही, पर मोर बचन ह कभू नइं टरय। \s1 ओ दिन अऊ समय ह अनजान \r (मत्ती 24:36‑44) \p \v 32 “ओ दिन या समय के बारे म कोनो नइं जानंय; न तो स्वरग के दूत अऊ न ही बेटा, पर सिरिप ददा ह येला जानथे। \v 33 सचेत अऊ सावधान रहव काबरकि तुमन नइं जानव कि ओ समय ह कब आही। \v 34 येह ओ मनखे के सहीं अय, जऊन ह परदेस जाथे अऊ जाय के पहिली अपन घर ला अपन सेवकमन के अधिकार म छोंड़के ओमन ला अपन-अपन काम बता देथे अऊ घर के चौकीदार ला सचेत रहे के हुकूम देथे। \p \v 35 “एकरसेति सचेत रहव काबरकि तुमन नइं जानत हव कि घर के मालिक ह कब आ जाही, संझा बखत या आधा रथिया या कुकरा बासत या बड़े बिहनियां। \v 36 अइसने झन होवय कि ओह अचानक आवय अऊ तुमन ला सुतत पावय। \v 37 जऊन बात मेंह तुमन ला कहत हंव, ओहीच बात मेंह जम्मो झन ला कहत हंव—सचेत रहव।” \c 14 \s1 यीसू के बिरोध म सडयंत्र \r (मत्ती 26:1‑5; लूका 22:1‑2; यूहन्ना 11:45‑53) \p \v 1 दू दिन के बाद, फसह अऊ बिगर खमीर के रोटी के तिहार होवइया रिहिस, अऊ ओ समय मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन ये ताक म रिहिन कि यीसू ला कइसने चुपेचाप पकड़के मार डारंय। \v 2 ओमन कहिन, “तिहार के बखत म अइसने नइं करन। कहूं अइसने झन होवय कि मनखेमन म हुड़दंग हो जावय।” \p \v 3 ओ समय म, जब यीसू बैतनियाह म सिमोन कोढ़ी के घर म खाना खावत रिहिस, तब एक झन माईलोगन ह संगमरमर के पथरा के चुकिया म सुध गुलमेंहदी के अब्बड़ मंहगा इतर तेल लेके आईस, अऊ ओह चुकिया ला फोरके इतर ला यीसू के मुड़ ऊपर रितोईस। \p \v 4 उहां कुछू मनखेमन खिसियाके एक-दूसर ला कहन लगिन, “ये इतर ला काबर बरबाद कर दीस? \v 5 येला बेचे रहे ले लगभग एक साल के बनी\f + \fr 14:5 \fr*\ft यूनानी म लगभग \ft*\fqa तीन सौ दीनार\fqa*\f* ले घलो जादा पईसा मिले रहितिस, जऊन ला गरीबमन म बांटे जा सकत रिहिस।” अऊ ओमन ओला अब्बड़ डांटिन। \p \v 6 यीसू ह कहिस, “ओला छोंड़ दव। ओला काबर सतावत हवव? ओह तो मोर संग सुघर बुता करे हवय। \v 7 गरीबमन तुम्हर संग हमेसा रहिहीं अऊ तुमन जब चाहव, तब ओमन के मदद कर सकत हव, पर मेंह तुम्हर संग हमेसा नइं रहंव। \v 8 जऊन कुछू ओह कर सकत रिहिस, ओह करिस। मोर गड़ियाय जाय के तियारी म ओह आघू ले मोर देहें ऊपर इतर लगाय हवय। \v 9 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जम्मो संसार म जिहां-जिहां मोर सुघर संदेस के परचार करे जाही, उहां ओकर ये काम के चरचा घलो ओकर सुरता म करे जाही।” \p \v 10 तब यहूदा इस्करियोती जऊन ह बारह चेलामन ले एक झन रिहिस, मुखिया पुरोहितमन करा गीस कि ओह यीसू ला ओमन के हांथ म पकड़वा देवय। \v 11 ओमन ये सुनके बहुंत खुस होईन, अऊ ओला रूपिया दे बर राजी होईन। एकरसेति ओह यीसू ला पकड़वाय बर मऊका खोजन लगिस। \s1 यीसू ह अपन चेलामन संग फसह के भोज खाथे \r (मत्ती 26:17‑25; लूका 22:7‑14, 21‑23; यूहन्ना 13:21‑30) \p \v 12 बिन खमीर के रोटी के तिहार के पहिली दिन, ये रिवाज रिहिस कि फसह के मेढ़ा-पीला के बलिदान करे जावय; त यीसू के चेलामन ओकर ले पुछिन, “तेंह कहां चाहथस कि हमन जाके तोर बर फसह के भोज खाय के तियारी करन?” \p \v 13 ओह अपन चेलामन ले दू झन ला, ये कहिके पठोईस, “सहर म जावव अऊ तुमन ला एक मनखे घघरी म पानी ले जावत मिलही। ओकर पाछू-पाछू जावव। \v 14 ओह जऊन घर म जाही, ओ घर के मालिक ले कहव, ‘गुरू ह पुछत हवय कि ओकर पहुना कमरा कहां हवय, जिहां ओह अपन चेलामन संग फसह के भोज खा सकय।’ \v 15 ओह तुमन ला अटारी म सजे-सजाय अऊ तियार एक ठन बड़े कमरा देखाही। उहां हमर भोज खातिर तियारी करव।” \p \v 16 तब चेलामन सहर म गीन अऊ जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, वइसनेच पाईन अऊ ओमन फसह के भोज तियार करिन। \p \v 17 जब सांझ होईस, त यीसू ह बारहों चेलामन संग आईस। \v 18 जब ओमन बईठके खावत रिहिन, त यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव—तुमन म ले एक झन मोर संग बिसवासघात करही—ओ जऊन ह मोर संग खाना खावत हे।” \p \v 19 चेलामन उदास होके एक-एक करके पुछन लगिन, “का ओह में अंव?” \p \v 20 यीसू ह ओमन ला कहिस, “ओह तुमन बारहों म ले एक झन अय, जऊन ह मोर संग कटोरा म हांथ डारत हवय। \v 21 मनखे के बेटा ह मरही, जइसने परमेसर के बचन म ओकर बारे म लिखे हवय, पर धिक्कार ए, ओ मनखे ऊपर, जऊन ह मनखे के बेटा संग बिसवासघात करत हे! ओ मनखे बर बने होतिस, यदि ओकर जनम ही नइं होय रहितिस।” \s1 परभू भोज \r (मत्ती 26:26‑30; लूका 22:14‑20; 1 कुरिन्थुस 11:23‑25) \p \v 22 जब ओमन खावत रिहिन, तब यीसू ह रोटी ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ अपन चेलामन ला देके कहिस, “लेवव, येह मोर देहें अय।” \p \v 23 तब ओह कटोरा ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओमन ला दीस, अऊ ओमन जम्मो झन ओमा ले पीईन। \p \v 24 यीसू ह ओमन ला कहिस, “येह करार के मोर लहू ए, जऊन ह बहुंते जन बर ढारे जावत हे। \v 25 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि अंगूर के मंद ला ओ दिन तक फेर नइं पीयंव, जब तक परमेसर के राज म नवां ला नइं पी लूहूं।” \p \v 26 तब ओमन एक भजन गाय के बाद, जैतून पहाड़ ऊपर चल दीन। \s1 यीसू ह पतरस के मुकरे के अगमबानी करथे \r (मत्ती 26:31‑35; लूका 22:31‑34; यूहन्ना 13:36‑38) \p \v 27 यीसू ह चेलामन ला कहिस, “तुमन जम्मो झन मोला छोंड़के भाग जाहू, काबरकि परमेसर के बचन म लिखे हवय, \q1 “ ‘मेंह चरवाहा ला मारहूं, \q2 अऊ भेड़मन तितिर-बितिर हो जाहीं।’\f + \fr 14:27 \fr*\ft \+xt जकर 13:7\+xt*\ft*\f* \m \v 28 पर मेंह जी उठे के बाद तुम्हर ले पहिली गलील प्रदेस जाहूं।” \p \v 29 पतरस ह ओला कहिस, “कहूं जम्मो झन तोला छोंड़ दीहीं त छोंड़ दीहीं, पर मेंह तोला कभू नइं छोड़ंव।” \p \v 30 यीसू ह पतरस ला कहिस, “मेंह तोला सच कहत हंव कि आजेच रथिया कुकरा के दू बार बासे के पहिली, तेंह तीन बार ये बात ले इनकार करबे कि तेंह मोला जानथस।” \p \v 31 पर पतरस जोर देके कहिस, “कहूं मोला तोर संग मरना घलो पड़य, तभो ले मेंह तोर कभू इनकार नइं करंव।” अऊ आने जम्मो चेलामन घलो अइसनेच कहिन। \s1 यीसू गतसमनी म पराथना करथे \r (मत्ती 26:36‑46; लूका 22:39‑46) \p \v 32 तब ओमन गतसमनी नांव के एक ठऊर म आईन। यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “इहां बईठे रहव, जब तक कि मेंह पराथना करत हंव।” \v 33 ओह पतरस, याकूब अऊ यूहन्ना ला अपन संग लीस, अऊ अब्बड़ घबराईस अऊ बियाकुल होईस। \v 34 अऊ ओह ओमन ला कहिस, “मोर परान ह अतकी उदास हवय कि मेंह मर जावंव सहीं लगत हवय। तुमन इहां ठहिरव अऊ जागत रहव।” \p \v 35 थोरकन आघू जाके, ओह भुइयां म गिरके पराथना करन लगिस कि कहूं हो सकय, त ये दुख के बेरा ह ओकर ले टर जावय। \v 36 ओह कहिस, “अब्बा,\f + \fr 14:36 \fr*\fq अब्बा \fq*\ft अरामिक भासा म येकर मतलब होथे \ft*\fqa ददा\fqa*\f* हे ददा! तोर दुवारा जम्मो बात हो सकथे। ये दुख के कटोरा ला मोर म ले टार दे। तभो ले जइसने मेंह चाहत हवंव वइसने नइं, पर जइसने तेंह चाहत हवस, वइसने होवय।” \p \v 37 तब ओह अपन चेलामन करा आईस अऊ ओमन ला सुतत देखके, पतरस ला कहिस, “हे सिमोन! तेंह सुतत हवस। का तेंह एक घंटा घलो नइं जाग सकय? \v 38 जागत रहव अऊ पराथना करव, ताकि तुमन परिछा म झन पड़व। आतमा त तियार हवय, फेर देहें ह दुरबल अय।” \p \v 39 ओह फेर चले गीस अऊ ओहीच बात ला कहिके पराथना करिस। \v 40 जब ओह चेलामन करा लहुंटिस, त ओमन ला फेर सुतत पाईस, काबरकि ओमन के आंखीमन नींद के मारे बंद होवत रहंय, अऊ ओमन नइं जानत रहंय कि ओला का कहंय। \p \v 41 तब तीसरा बार आके, ओह ओमन ला कहिस, “का तुमन अभी तक ले सुतत अऊ अराम करत हवव? बहुंत हो गे। घरी ह आ गे हवय। देखव, मनखे के बेटा ह पापीमन के हांथ म पकड़वाय जावथे। \v 42 उठव! आवव, हमन चलन! देखव, मोर संग बिसवासघात करइया ह लकठा आ गे हवय!” \s1 यीसू ह पकड़वाय जाथे \r (मत्ती 26:47‑56; लूका 22:47‑53; यूहन्ना 18:3‑12) \p \v 43 यीसू ह ये कहितेच रिहिस, तभे यहूदा जऊन ह बारह चेलामन ले एक झन रिहिस, एक बड़े भीड़ ला लेके पहुंचिस। भीड़ के मनखेमन तलवार अऊ लउठी धरे रहंय अऊ येमन ला मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ अगुवामन पठोय रिहिन। \p \v 44 बिसवासघात करइया ह ओमन ला पहिली ले ये संकेत बता दे रिहिस, “जऊन ला मेंह चूमहूं, ओहीच मनखे अय; ओला पकड़ लूहू अऊ होसियारी के संग ले जाहू।” \v 45 यहूदा ह तुरते यीसू करा आईस अऊ कहिस, “हे गुरू!” अऊ ओह यीसू ला चूमिस। \v 46 तब मनखेमन ओकर ऊपर हांथ लगाके ओला कसके पकड़ लीन। \v 47 ओकर लकठा म ठाढ़े मनखेमन ले एक झन अपन तलवार ला निकालिस अऊ महा पुरोहित के सेवक ऊपर चलाके ओकर कान ला काट डारिस। \p \v 48 यीसू ह ओमन ला कहिस, “का मेंह डाकू अंव कि तुमन तलवार अऊ लउठी लेके मोला पकड़े बर आय हवव? \v 49 मेंह तुम्हर संग रहिके रोज मंदिर म उपदेस देवत रहेंव, तब तुमन मोला नइं पकड़ेव। पर येह एकर खातिर होईस कि पबितर बचन ह पूरा होवय।” \v 50 तब जम्मो चेलामन ओला छोंड़के भाग गीन। \p \v 51 तब एक जवान ह अपन उघरा देहें ऊपर सिरिप मलमल के चादर ला ओढ़के यीसू के पाछू हो लीस अऊ जब मनखेमन ओला पकड़े लगिन, \v 52 त ओह चादर ला छोंड़के उघरा देहें भाग गीस। \s1 यीसू ह महासभा के आघू म \r (मत्ती 26:57‑68; लूका 22:54‑55, 63‑71; यूहन्ना 18:13‑14, 19‑24) \p \v 53 तब ओमन यीसू ला महा पुरोहित करा ले गीन अऊ जम्मो मुखिया पुरोहित, अगुवा अऊ कानून के गुरूमन उहां जूर गीन। \v 54 पतरस ह कुछू दूरिहा म रहत ओकर पाछू-पाछू महा पुरोहित के अंगना भीतर गीस, अऊ उहां पहरेदारमन के संग बईठके आगी तापन लगिस। \p \v 55 मुखिया पुरोहितमन अऊ धरम महासभा के जम्मो मनखेमन यीसू के बिरूध म गवाही खोजत रहंय, ताकि ओमन ओला मार डारंय, पर ओमन ला एको झन नइं मिलिन। \v 56 बहुंते झन ओकर बिरूध लबारी गवाही दीन, पर ओमन के गोठ एक-दूसर के संग मेल नइं खाईस। \p \v 57 तब कतको झन उठके ओकर बिरूध ये लबारी गवाही दीन, \v 58 “हमन येला ये कहत सुने हवन कि येह मनखे के बनाय मंदिर ला गिरा दीही अऊ तीन दिन म दूसर बना दीही, जऊन ह मनखे के हांथ के बनाय नइं होवय।” \v 59 तभो ले ओमन के गवाही मेल नइं खाईस। \p \v 60 तब महा पुरोहित ह ओमन के आघू म ठाढ़ होके यीसू ले पुछिस, “ये मनखेमन तोर बिरूध जऊन गवाही देवत हवंय, का तेंह ओकर कोनो जबाब नइं देवस?” \v 61 पर यीसू ह चुपेचाप रिहिस अऊ कुछू जबाब नइं दीस। \p महा पुरोहित ह ओला फेर पुछिस, “का तेंह महिमामय परमेसर के बेटा मसीह अस?” \p \v 62 यीसू ह कहिस, “हां, मेंह अंव। अऊ तुमन मनखे के बेटा ला सर्वसक्तिमान परमेसर के जेवनी हांथ कोति बईठे अऊ अकास के बादरमन ऊपर आवत देखहू।” \p \v 63 तब महा पुरोहित ह अपन कपड़ा ला चीरके कहिस, “हमन ला अऊ कोनो गवाह के जरूरत नइं ए? \v 64 तुमन ये निन्दा ला सुने हवव। तुम्हर का बिचार हवय?” \p ओमन जम्मो ओला मिरतू-दंड के दोसी ठहिराईन। \v 65 तब ओमन ले कुछू झन ओकर ऊपर थूकिन। ओमन ओकर आंखी ला ढांपके ओला मुक्का मारिन अऊ कहिन, “बता, तोला कोन मारिस?” अऊ रखवारमन घलो ओला लेके मुहूं म थपरा मारिन। \s1 पतरस ह यीसू के इनकार करथे \r (मत्ती 26:69‑75; लूका 22:56‑62; यूहन्ना 18:15‑18, 25‑27) \p \v 66 जब पतरस ह खाल्हे अंगना म रिहिस, त महा पुरोहित के एक नौकरानी छोकरी आईस, \v 67 अऊ पतरस ला आगी तापत देखके, ओला एकटक देखिस अऊ कहिस, “तहूं घलो त ओ यीसू नासरी के संग रहय।” \p \v 68 पतरस ह इनकार करके कहिस, “मेंह नइं जानंव कि तेंह का गोठियावत हस।” अइसने कहिके, ओह बाहिर दुवारी म चल दीस अऊ ओतकीच बेरा कुकरा ह बासिस। \p \v 69 जब नौकरानी छोकरी ओला उहां देखिस, त ओह जऊन मन उहां ठाढ़े रहंय, ओमन ला फेर कहिस, “ये मनखे ह ओमन म ले एक झन अय।” \v 70 पतरस ह फेर इनकार करिस। \p थोरकन देर बाद, जऊन मन लकठा म ठाढ़े रहंय, ओमन पतरस ला कहिन, “सही म, तेंह ओमन ले एक झन अस, काबरकि तहूं घलो गलील के अस।” \p \v 71 तब ओह अपनआप ला कोसन लगिस अऊ किरिया खाके कहिस, “जेकर बारे म तुमन गोठियावत हवव, ओला में नइं जानव।” \p \v 72 तुरते कुकरा ह दूसर बेर बासिस। तब पतरस ह यीसू के कहे बात ला सुरता करिस कि कुकरा के दू बखत बासे के पहिली, तेंह तीन बार मोर इनकार करबे। अऊ ओह कलप-कलपके रोवन लगिस। \c 15 \s1 यीसू ह राजपाल पीलातुस के आघू म \r (मत्ती 27:1‑2, 11‑14; लूका 23:1‑5; यूहन्ना 18:28‑38) \p \v 1 बड़े बिहनियां मुखिया पुरोहित, अगुवा, कानून के गुरूमन अऊ जम्मो महासभा मिलके फैसला करिन, अऊ ओमन यीसू ला बांधिन अऊ ओला ले जाके पीलातुस के हांथ म सऊंप दीन। \p \v 2 पीलातुस ह यीसू ले पुछिस, “का तेंह यहूदीमन के राजा अस?” \p यीसू ह कहिस, “हव जी, जइसने कि तेंह कहथस।” \p \v 3 मुखिया पुरोहितमन ओकर ऊपर बहुंत अकन दोस लगाईन \v 4 पीलातुस ह ओकर ले फेर पुछिस, “का तेंह कोनो जबाब नइं देवस? देख येमन तोर ऊपर कतेक दोस लगावत हवंय।” \p \v 5 तभो ले यीसू ह कोनो जबाब नइं दीस। येला देखके पीलातुस ह अब्बड़ अचम्भो करिस। \s1 यीसू ला मार डारे के हुकूम दिये जाथे \r (मत्ती 27:15‑26; लूका 23:13‑25; यूहन्ना 18:39–19:16) \p \v 6 ये रिवाज रिहिस कि फसह तिहार के समय म, पीलातुस ह कोनो एक झन कैदी, जऊन ला मनखेमन चाहंय, छोंड़ देवय। \v 7 बरब्बा नांव के एक मनखे जेल म आने मन संग बंदी रिहिस, जऊन ह सरकार के बिरोध म बलवा करके हतिया करे रिहिस। \v 8 मनखे के भीड़ ह ऊपर आके पीलातुस ले बिनती करिस, “जइसने तेंह हमर खातिर करत आय हवस, वइसने कर।” \p \v 9 पीलातुस ह कहिस, “का तुमन चाहत हव कि मेंह तुम्हर खातिर यहूदीमन के राजा ला छोंड़ देवंव?” \v 10 काबरकि ओह जानत रिहिस कि मुखिया पुरोहितमन यीसू ला जलन के कारन पकड़वाय रिहिन। \v 11 पर मुखिया पुरोहितमन भीड़ ला भड़काईन कि पीलातुस ह यीसू के जगह म बरब्बा ला छोंड़ देवय। \p \v 12 येला सुनके पीलातुस ह ओमन ले पुछिस, “त फेर मेंह ये मनखे के का करंव, जऊन ला तुमन यहूदीमन के राजा कहत हवव।” \p \v 13 ओमन फेर चिचियाके कहिन, “ओला कुरूस ऊपर चघाके मार डार।” \p \v 14 पीलातुस ह ओमन ले पुछिस, “काबर? ओह का अपराध करे हवय?” \p पर ओमन अऊ जादा चिचियाके कहिन, “येला कुरूस ऊपर चघाय जावय।” \p \v 15 तब भीड़ ला खुस करे बर पीलातुस ह ओमन खातिर बरब्बा ला छोंड़ दीस अऊ यीसू ला कोर्रा म पीटवाईस, अऊ ओला कुरूस ऊपर चघाय बर सऊंप दीस। \s1 सिपाहीमन यीसू के हंसी उड़ाथें \r (मत्ती 27:27‑31; यूहन्ना 19:2‑3) \p \v 16 सिपाहीमन यीसू ला किला के भीतर अंगना म ले गीन अऊ सिपाहीमन के जम्मो दल ला बलाईन। \v 17 ओमन बैंगनी रंग के कपड़ा ओला पहिराईन अऊ कांटा के मुकुट गुंथके ओकर मुड़ ऊपर रखिन। \v 18 अऊ ओमन ओकर हंसी उड़ाके कहिन, “हे यहूदीमन के राजा, जोहार।” \v 19 बार-बार ओमन ओकर मुड़ ला लउठी म मारंय, अऊ ओकर ऊपर थूकंय अऊ माड़ी टेकके ओला जोहार करंय। \v 20 जब ओमन ओकर हंसी उड़ा चुकिन, त बैंगनी रंग के कपड़ा ला ओकर ऊपर ले उतारके ओला ओकरेच कपड़ा ला पहिराईन अऊ तब ओमन कुरूस ऊपर चघाय बर ओला बाहिर ले गीन। \s1 यीसू ला कुरूस म चघाय जाथे \r (मत्ती 27:32‑44; लूका 23:26‑43; यूहन्ना 19:17‑27) \p \v 21 सिकन्दर अऊ रूफुस के ददा सिमोन नांव के कुरेन के रहइया एक मनखे गांव ले आवत रिहिस। ओह ओहीच डहार ले जावत रिहिस। ओमन ओकर ले जबरन कुरूस ला उठवाके ले गीन। \v 22 ओमन यीसू ला गुलगुता नांव के ठऊर म लानिन, जेकर मतलब होथे “खोपड़ी के ठऊर।” \v 23 तब ओमन ओला लोबान म मिले अंगूर के मंद देवन लगिन, पर ओह ओला नइं लीस। \v 24 तब ओमन ओला कुरूस ऊपर चघाईन। अऊ ओकर ओनहा बर चिट्ठी डालके फैसला करिन कि कोन ला का मिलही, अऊ ओकर हिसाब ले ओला बांट लीन। \p \v 25 दिन के करीब 9 बजे के समय होही, जब ओमन यीसू ला कुरूस ऊपर चघाईन। \v 26 अऊ ओकर ऊपर म ये दोस-पतर लिखके टांग दीन: \pc यहूदीमन के राजा। \p \v 27 ओमन ओकर संग दू झन डाकूमन ला घलो कुरूस ऊपर चघाईन; एक झन ला ओकर जेवनी कोति अऊ दूसर ला ओकर डेरी कोति। \v 28 तब परमेसर के ओ बचन कि ओह पापीमन के संग गने जाही, पूरा होईस।\f + \fr 15:28 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \v 29 उहां ले अवइया-जवइयामन यीसू के ठट्ठा करंय अऊ अपन मुड़ ला डोला-डोला के ये कहंय, “तेंह तो मंदिर ला गिराके ओला तीन दिन म बनइया अस। \v 30 कुरूस ऊपर ले उतर आ अऊ अपनआप ला बचा ले!” \v 31 अइसनेच मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन घलो आपस म ये कहिके ठट्ठा करत रिहिन, “येह आने मन ला बचाईस, पर अपनआप ला नइं बचा सकय। \v 32 ये इसरायल के राजा, मसीह, अब कुरूस ले उतर आवय कि हमन देखके बिसवास करन।” जऊन मन ओकर संग कुरूस ऊपर चघाय गे रिहिन, ओमन घलो ओकर ठट्ठा करत रहंय। \s1 यीसू के मिरतू \r (मत्ती 27:45‑56; लूका 23:44‑49; यूहन्ना 19:28‑30) \p \v 33 मंझनियां के बखत तीन बजे तक जम्मो देस म अंधियार छाय रिहिस। \v 34 तब तीन बजे यीसू ह जोर से नरियाके कहिस, \tl “इलोई, इलोई, लमा सबकतनी?”\tl* (जेकर मतलब होथे—“हे मोर परमेसर, हे मोर परमेसर, तेंह मोला काबर छोंड़ देय?”)\f + \fr 15:34 \fr*\ft \+xt भजन 22:1\+xt*\ft*\f* \p \v 35 जब लकठा म ठाढ़े मनखेमन ले कुछू झन येला सुनिन, त ओमन कहिन, “सुनव, येह एलियाह ला बलावत हवय।” \p \v 36 ओमा के एक झन दऊड़के गीस अऊ पनसोखवा रबर ला सिरका म बोरिस अऊ ओला एक ठन लउठी म रखके यीसू ला पीये बर दीस अऊ कहिस, “अब ओला रहन दव, आवव, हमन देखन, एलियाह ह ओला उतारे बर आथे कि नइं।” \p \v 37 तब यीसू ह अब्बड़ जोर से नरियाके अपन परान ला तियाग दीस। \p \v 38 मंदिर के परदा ह ऊपर ले खाल्हे तक चीराके दू कुटा हो गीस। \v 39 सिपाहीमन के अधिकारी ह यीसू के आघू म ठाढ़े रिहिस। जब ओह यीसू ला अइसने गोहार पारके परान तियागत देखिस, त कहिस, “सिरतों म येह परमेसर के बेटा रिहिस।” \p \v 40 उहां कुछू माईलोगन घलो दूरिहा ले देखत रहंय। ओमा मरियम मगदलिनी, अऊ छोटे याकूब अऊ योसेस के दाई मरियम अऊ सलोमी रिहिन। \v 41 जब यीसू ह गलील म रिहिस, त येमन ओकर पाछू हो ले रिहिन अऊ ओकर सेवा करत रिहिन। बहुंत अऊ माईलोगनमन उहां रिहिन, जऊन मन ओकर संग यरूसलेम आय रिहिन। \s1 यीसू ला कबर म रखे जाथे \r (मत्ती 27:57‑61; लूका 23:50‑56; यूहन्ना 19:38‑42) \p \v 42 ओह तियारी के दिन रिहिस जऊन ह कि बिसराम दिन के पहिले आथे। जब संझा होईस, \v 43 त अरमतिया के रहइया यूसुफ ह आईस, जऊन ह कि महासभा के नामी सदस्य रिहिस अऊ खुदे परमेसर के राज के बाट जोहत रिहिस। ओह हिम्मत करके पीलातुस करा गीस अऊ यीसू के लास ला मांगिस। \v 44 पीलातुस ह ये सुनके अचम्भो करिस कि यीसू ह अतेक जल्दी मर गीस अऊ ओह सिपाहीमन के अधिकारी ला बलाके पुछिस, “का यीसू ह मर गीस?” \v 45 जब ओह अधिकारी ले यीसू के मरे के खबर ला जान लीस, त ओकर लास यूसुफ ला देवा दीस। \v 46 तब यूसुफ ह कुछू मलमल के कपड़ा बिसोईस अऊ यीसू के लास ला उतारके ओ ओनहा म लपेटिस अऊ एक कबर म जऊन ह पथरा म खोदे गे रहय, रखिस, अऊ कबर के मुंहाटी म एक ठन बड़े पथरा ला टेका दीस। \v 47 मरियम मगदलिनी अऊ योसेस के दाई मरियम देखत रिहिन कि यीसू के लास ला कहां रखे गे हवय। \c 16 \s1 यीसू ह जी उठिस \r (मत्ती 28:1‑8; लूका 24:1‑12; यूहन्ना 20:1‑10) \p \v 1 जब बिसराम दिन ह बीत गे, तब मरियम मगदलिनी अऊ याकूब के दाई मरियम अऊ सलोमी, यीसू के देहें म चुपरे बर खुसबूदार मसाला बिसोईन। \v 2 हप्ता के पहिली दिन, बड़े बिहनियां जब सूरज ह निकलेच रिहिस, तब ओमन कबर म आईन, \v 3 अऊ ओमन एक-दूसर ला कहत रिहिन, “हमर बर कबर के मुंहाटी ले पथरा ला कोन ह टारही?” \p \v 4 जब ओमन आंखी उठाके देखिन, त पथरा जऊन ह बहुंत बड़े रिहिस, अपन ठऊर ले ढुनंग गे रहय। \v 5 जब ओमन कबर के भीतर गीन, त एक जवान ला सफेद ओनहा पहिरे जेवनी कोति बईठे देखिन अऊ अब्बड़ चकित होईन। \p \v 6 ओ जवान ह ओमन ला कहिस, “तुमन चकित झन होवव। यीसू नासरी जऊन ला कुरूस ऊपर चघाय गे रिहिस, ओला तुमन खोजत हवव। ओह जी उठे हवय, अऊ इहां नइं ए। देखव, एही ओ ठऊर ए, जिहां ओमन ओला रखे रिहिन। \v 7 पर तुमन जावव, अऊ ओकर चेलामन अऊ पतरस ला बतावव कि ओह तुम्हर ले आघू गलील प्रदेस जावत हवय, उहां तुमन ओला देखहू जइसने कि ओह तुमन ला कहे रिहिस।” \p \v 8 ओ माईलोगनमन घबराके, कांपत यीसू के कबर ले भागिन अऊ कोनो ला कुछू नइं कहिन काबरकि ओमन डरा गे रिहिन। \s1 यीसू ह मरियम मगदलिनी ला दरसन देथे \r (मत्ती 28:9‑10; यूहन्ना 20:11‑18) \p \v 9 जब यीसू ह हप्ता के पहिली दिन बिहनियां होतेच ही जी उठिस, त ओह पहिली मरियम मगदलिनी ला दिखिस, जऊन म ले ओह सात परेत आतमामन ला निकाले रिहिस। \v 10 ओह जाके यीसू के चेलामन ला ये खबर दीस, जऊन मन दुखी होके रोवत रहंय। \v 11 जब ओमन ये सुनिन कि यीसू ह जी उठे हवय अऊ ओला दरसन दे हवय, त ओमन बिसवास नइं करिन। \p \v 12 एकर बाद, यीसू ह आने रूप म ओमा के दू झन ला तब दरसन दीस, जब ओमन गांव कोति जावत रिहिन। \v 13 ओमन घलो जाके बाकि चेलामन ला बताईन, पर चेलामन ओमन के घलो बिसवास नइं करिन। \p \v 14 बाद म, यीसू ह गियारह चेलामन ला घलो, जब ओमन खाय बर बईठे रिहिन, दरसन दीस अऊ ओमन के कम बिसवास अऊ ओमन के ढीठपन ला देखके ओमन ला दबकारिस, काबरकि ओमन ओ मनखेमन के बात ला बिसवास नइं करिन, जऊन मन यीसू ला जी उठे बाद देखे रिहिन। \p \v 15 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन जम्मो संसार म जाके जम्मो सिरिस्टी ला सुघर संदेस सुनावव। \v 16 जऊन ह बिसवास करही अऊ बतिसमा लीही, ओह उद्धार पाही। पर जऊन ह बिसवास नइं करही, ओह दोसी ठहिराय जाही। \v 17 अऊ बिसवास करइयामन म ये चिनहां होही कि ओमन मोर नांव म परेत आतमामन ला निकालहीं, अऊ ओमन नवां-नवां भासा बोलहीं। \v 18 ओमन सांप ला अपन हांथ म उठा लीहीं, अऊ ओमन कहूं जहर घलो पी लीहीं, तभो ले ओमन ला कुछू हानि नइं होवय। ओमन बेमार मनखे ऊपर हांथ रखहीं, त ओमन बने हो जाहीं।” \p \v 19 ये बात, ओमन ला कहे के पाछू, परभू यीसू ह स्वरग म उठा लिये गीस। अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ कोति बईठ गीस। \v 20 तब चेलामन जाके जम्मो जगह परचार करिन अऊ परभू ह ओमन के संग काम करत रिहिस अऊ बचन के संग अचरज के चिनहांमन के दुवारा अपन बचन ला पक्का करिस। आमीन!\f + \fr 16:20 \fr*\ft सबले पहिली के हस्तलिपिमन म \+xt पद 9‑20|link-href="MRK 16:9‑20"\+xt* नइं मिलय\ft*\f*