\id MIC - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \ide UTF-8 \h मीका \toc1 मीका के किताब \toc2 मीका \toc3 मीका \mt1 मीका \mt2 के किताब \c 1 \p \v 1 यहूदा के राजा योताम, आहाज अऊ हिजकियाह के सासनकाल म मोरेसेत नगर के रहइया मीका करा यहोवा के ये बचन आईस, जेला ओह सामरिया अऊ यरूसलेम सहर के बारे म दरसन म देखिस। \b \b \q1 \v 2 हे जम्मो मनखेमन, सुनव, \q2 हे धरती अऊ येमा रहइया जम्मो झन, सुनव, \q1 कि परभू ह अपन पबितर मंदिर ले, \q2 परमपरधान यहोवा ह तुम्हर बिरूध म गवाही देवय। \s1 सामरिया अऊ यरूसलेम के बिरूध नियाय \q1 \v 3 देखव! यहोवा अपन निवास ले निकलके आवत हवय; \q2 ओह खाल्हे उतरके धरती के ऊंचहा जगहमन ला कुचरथे। \q1 \v 4 ओकर गोड़ के तरी पहाड़मन पिघल जाथें \q2 अऊ घाटीमन तड़कके फट जाथें, \q1 जइसने कि आगी के आघू मोम पिघलथे, \q2 जइसने कि ढलान ले पानी गिरथे। \q1 \v 5 ये जम्मो ह याकूब के अपराध, \q2 अऊ इसरायल के मनखेमन के पाप के परिनाम अय। \q1 याकूब के अपराध का ए? \q2 का सामरिया नो हय? \q1 यहूदा के ऊंचहा जगह का ए? \q2 का यरूसलेम नो हय? \b \q1 \v 6 एकरसेति मेंह सामरिया ला कचरा के कुढ़ा सहीं कर दूहूं, \q2 एक अइसन जगह जिहां अंगूर के बारी लगाय जाथे। \q1 मेंह ओकर पथरामन ला खाल्हे घाटी म लुड़का दूहूं \q2 अऊ ओकर नीवमन ला खुला कर दूहूं। \q1 \v 7 ओकर जम्मो मूरतीमन ला कुटा-कुटा कर दिये जाही; \q2 ओकर मंदिर के जम्मो चढ़ावा ला आगी म जरो दिये जाही; \q2 मेंह ओकर जम्मो मूरतीमन ला नास कर दूहूं। \q1 काबरकि ओह अपन भेंटमन ला बेस्यागमन करके कमाय हवय, \q2 अऊ बेस्यागमन के बनी के रूप म ओमन ला फेर उपयोग म लाय जाही। \s1 रोवई अऊ सोक मनई \q1 \v 8 एकरसेति मेंह रोहूं अऊ सोक मनाहूं; \q2 में खाली गोड़ अऊ नंगरा चलहूं-फिरहूं। \q1 मेंह सियार सहीं नरियाहूं \q2 अऊ उल्लू चिरई सहीं कलरहूं। \q1 \v 9 काबरकि सामरिया के महामारी ह ठीक नइं होवय; \q2 येह यहूदा तक बगर गे हवय। \q1 येह मोर मनखेमन के फाटक तक, \q2 अऊ त अऊ येह यरूसलेम तक हबर गे हवय। \q1 \v 10 गत\f + \fr 1:10 \fr*\fq गत \fq*\ft इबरानी म \ft*\fqa कहई \fqa*\ft सहीं लगथे\ft*\f* सहर म येकर चरचा झन करव; \q2 बिलकुल झन रोवव। \q1 बेत-ओपरा\f + \fr 1:10 \fr*\fq बेत-ओपरा \fq*\ft एकर मतलब होथे \ft*\fqa धुर्रा के घर\fqa*\f* म जाके \q2 धुर्रा म लोटव। \q1 \v 11 तुमन जऊन मन सापीर\f + \fr 1:11 \fr*\fq सापीर \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa खुसहाली\fqa*\f* सहर म रहिथव, \q2 नंगरा अऊ निरलज होके आघू बढ़व। \q1 जऊन मन सानान\f + \fr 1:11 \fr*\fq सानान \fq*\ft इबरानी म \ft*\fqa बाहिर निकलई \fqa*\ft सहीं लगथे\ft*\f* सहर म रहिथें \q2 ओमन बाहिर नइं निकलहीं। \q1 बेतेसेल नगर सोक मनात हवय; \q2 येह तुम्हर कोनो अऊ बचाव नइं कर सकय। \q1 \v 12 जऊन मन मारोत\f + \fr 1:12 \fr*\fq मारोत \fq*\ft इबरानी म \ft*\fqa करू \fqa*\ft सहीं लगथे\ft*\f* म रहिथें, ओमन पीरा म छटपटावत हवंय, \q2 अऊ मदद पाय के इंतजार म हवंय, \q1 काबरकि यहोवा कोति ले भेजे गय बिपत्ति \q2 यरूसलेम के कपाट तक हबर गे हवय। \q1 \v 13 तुमन जऊन मन लाकीस नगर म रहिथव, \q2 रथ म तेज दऊड़इया घोड़ामन ला साज पहिराव। \q1 तुम्हर ले ही सियोन के बेटी के पाप के सुरूआत होईस, \q2 काबरकि तुमन म ही इसरायल के अपराध पाय गीस। \q1 \v 14 एकरसेति तुमन ला ही \q2 मोरेसेत गत ला बिदाई के उपहार देय बर पड़ही। \q1 अकजीब\f + \fr 1:14 \fr*\fq अकजीब \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa धोखा\fqa*\f* सहर के रहइयामन \q2 इसरायल के राजामन बर धोखेबाज सिद्ध होहीं। \q1 \v 15 हे मारेसा\f + \fr 1:15 \fr*\fq मारेसा \fq*\ft इबरानी म \ft*\fqa बिजयी होवइया \fqa*\ft सहीं लगथे\ft*\f* नगर के रहइयामन, \q2 मेंह तुम्हर बिरूध एक बिजेता ला पठोहूं। \q1 इसरायल के जाने-माने मनखेमन \q2 अदुल्लाम ला भाग जाहीं। \q1 \v 16 अपन मयारू लइकामन बर सोक म अपन मुड़ के चुंदी ला मुड़ावव; \q1 गिधवा कस अपन मुड़ ला चंदवा कर लेवव, \q2 काबरकि तुम्हर लइकामन तुम्हर करा ले बंधुवई म चले जाहीं। \c 2 \s1 मनखे के योजना अऊ परमेसर के योजना \q1 \v 1 धिक्कार अय ओमन ला, जऊन मन दुस्ट काम करे के योजना बनाथें, \q2 अऊ जऊन मन अपन दसना म पड़े-पड़े सडयंत्र करथें! \q1 बिहनियां होवत ही ओमन अपन योजना ला पूरा करथें \q2 काबरकि येला करे बर ओमन करा सत्ता होथे। \q1 \v 2 ओमन आने के खेत के लोभ करके ओला हड़प लेथें, \q2 अऊ आने मन के घर ला घलो छीन लेथें। \q1 ओमन मनखेमन के घरमन ला छल करके ले लेथें, \q2 अऊ ओमन के पुरखा के संपत्ति ला लूट लेथें। \p \v 3 एकरसेति, यहोवा ह कहिथे: \q1 “में ये मनखेमन के बिरूध बिपत्ति लाने के योजना बनावत हंव, \q2 जेकर ले तुमन अपनआप ला बचा नइं सकव। \q1 तुमन घमंड ले मुड़ उठाके फेर कभू नइं चल सकव, \q2 काबरकि येह बिपत्ति के घरी होही। \q1 \v 4 ओ दिन मनखेमन तुम्हर हंसी उड़ाहीं; \q2 ओमन ये सोक गीत के संग तुमन ला ताना मारहीं: \q1 ‘हमन पूरा बरबाद हो गेंन; \q2 हमर मनखेमन के संपत्ति ला बांट दे गे हवय। \q1 परमेसर येला मोर ले लेय लेथे! \q2 ओह हमर खेतमन ला बिसवासघातीमन ला देय देथे।’ ” \b \q1 \v 5 एकरसेति यहोवा के सभा म भुइयां ला चिट्ठी दुवारा बांटे बर \q2 तुम्हर करा कोनो नइं होही। \s1 लबरा अगमजानीमन \q1 \v 6 ओमन के अगमजानीमन कहिथें, “अगमबानी झन करव; \q2 ये बिसय म अगमबानी झन करव; \q2 हमर ऊपर कलंक नइं लगही।” \q1 \v 7 हे याकूब के संतानमन, का अइसे कहे जावय, \q2 “का यहोवा ह धीरज नइं धरय? \q2 का ओह अइसने काम करथे?” \b \q1 “का मोर बचन ले ओकर भलई नइं होवय, \q2 जऊन ह नियाय के रद्दा म चलथे? \q1 \v 8 कुछू समय पहिले ही मोर मनखेमन \q2 एक बईरी कस उठ खड़े होय हवंय। \q1 तुमन ओ मनखेमन के मंहगा कपड़ा ला छीन लेथव \q2 जऊन मन बेफिकर होके जावत रहिथें, \q2 मानो ओ मनखेमन लड़ई ले लहुंटत हवंय। \q1 \v 9 तुमन मोर मनखेमन के माईलोगनमन ला \q2 ओमन के सुखमय घर ले निकाल देथव। \q1 तुमन ओमन के लइकामन ले मोर आसीस ला \q2 हमेसा बर छीन लेथव। \q1 \v 10 उठव, इहां ले चले जावव! \q2 येह तुम्हर अराम करे के जगह नो हय, \q1 काबरकि येह असुध हो गे हवय, \q2 येह नास हो गे हवय, अऊ येकर कोनो ईलाज नइं ए। \q1 \v 11 कहूं कोनो लबरा अऊ धोखा देवइया मनखे आथे अऊ ये कहिथे, \q2 ‘मेंह अगमबानी करहूं कि तुम्हर करा बहुंत अंगूर के मंद अऊ जौ के मंद होवय,’ \q2 त अइसने मनखे ह ये मनखेमन बर सही अगमजानी होही! \s1 छुटकारा के परतिगियां \q1 \v 12 “हे याकूब के संतानमन, खचित मेंह तुमन जम्मो झन ला इकट्ठा करहूं; \q2 खचित मेंह इसरायल के बांचे मनखेमन ला इकट्ठा करहूं। \q1 जइसे भेड़मन ला कोठा म ओलियाय जाथे, \q2 जइसे चरागन म बरदी ला संकेले जाथे, वइसे ही मेंह ओमन ला इकट्ठा करहूं; \q2 ओ जगह म मनखेमन के भीड़ लग जाही। \q1 \v 13 ओ जऊन ह बाड़ा टोरके रद्दा बनाथे, ओह ओमन के आघू-आघू जाही; \q2 ओमन दुवार ला टोरके बाहिर निकल जाहीं। \q1 ओमन के राजा ह ओमन के आघू-आघू निकलही, \q2 यहोवा ह ओमन के अगुवई करही।” \c 3 \s1 अगुवा अऊ अगमजानीमन ला दबकारे जवई \p \v 1 तब मेंह कहेंव, \q1 “हे याकूब के अगुवामन, सुनव, \q2 हे इसरायल के सासन करइयामन, सुनव। \q1 का तुमन ला नियाय के काम नइं करना चाही, \q2 \v 2 तुमन जऊन मन भलई ले घिन करथव अऊ बुरई ले मया करथव; \q1 तुमन, जऊन मन मोर मनखेमन के चमड़ी \q2 अऊ ओमन के हाड़ा म ले मांस ला चीथ लेथव; \q1 \v 3 तुमन, जऊन मन मोर मनखेमन के मांस खाथव, \q2 ओमन के खाल खींच लेथव \q2 अऊ ओमन के हाड़ामन के कुटा-कुटा कर देथव; \q1 तुमन, जऊन मन ओमन ला कराही म रंधइया मांस \q2 या बरतन म रखे मांस के सहीं काट डारथव?” \b \q1 \v 4 तब ओमन यहोवा ला पुकारहीं, \q2 पर ओह ओमन के नइं सुनही। \q1 ओमन के दुस्ट काम के कारन \q2 ओ बेरा ओह अपन मुहूं ला ओमन ले छुपा लीही। \p \v 5 यहोवा ह ये कहिथे: \q1 “ओ अगमजानी \q2 जऊन मन मोर मनखेमन ला भटका देथें, \q1 कहूं ओमन ला खाय बर कुछू मिलथे, \q2 तब ओमन सांति के घोसना करथें, \q1 पर जऊन मनखे ह ओमन ला खवाय बर मना करथे, \q2 ओकर बिरूध म लड़ई करे बर तियार हो जाथें। \q1 \v 6 एकरसेति बिगर दरसन के तुम्हर ऊपर रथिया आ जाही \q2 अऊ बिगर सकुन-बिचार के तुम्हर ऊपर अंधियार छा जाही। \q1 अगमजानीमन बर बेर ह बुड़ जाही, \q2 अऊ दिन रहत ओमन ऊपर अंधियार छा जाही। \q1 \v 7 अगम के बात ला देखइयामन लज्जित होहीं \q2 अऊ सकुन-बिचार करइयामन कलंकित होहीं। \q1 ओमन जम्मो लाज के मारे अपन मुहूं ढांप लीहीं \q2 काबरकि ओमन ला परमेसर ले कोनो जबाब नइं मिलही।” \q1 \v 8 पर जहां तक मोर बात ए, \q2 मेंह यहोवा के आतमा के संग सक्ति ले \q2 अऊ नियाय अऊ बल ले भरे हंव, \q1 ताकि याकूब ला ओकर अपराध, \q2 अऊ इसरायल ला ओकर पाप बता सकंव। \b \q1 \v 9 हे याकूब के अगुवामन, ये बात ला सुनव, \q2 हे इसरायल के सासन करइयामन, सुनव, \q1 तुमन जऊन मन नियाय ला तुछ समझथव \q2 अऊ जम्मो सही बातमन ला बिगाड़थव; \q1 \v 10 तुमन जऊन मन सियोन ला खून-खराबा ले, \q2 अऊ यरूसलेम ला दुस्टता ले भरथव। \q1 \v 11 ओकर\f + \fr 3:11 \fr*\ft या \ft*\fqa ओ सहर\fqa*\f* अगुवामन घूस लेके नियाय करथें, \q2 ओकर पुरोहितमन दाम लेके सिकछा देथें, \q2 अऊ ओकर अगमजानीमन पईसा बर सकुन-बिचार करथें। \q1 तभो ले ओमन यहोवा के मदद के आसा करत कहिथें, \q2 “का यहोवा हमर बीच म नइं ए? \q2 कोनो बिपत्ति हमर ऊपर नइं आही।” \q1 \v 12 एकरसेति तुम्हर कारन, \q2 सियोन ला कोनो खेत के सहीं जोते जाही, \q1 यरूसलेम ह गोटी-पथरामन के कुढ़ा हो जाही, \q2 अऊ मंदिर के पहाड़ी ह झाड़ीमन ले भरके एक टीला बन जाही। \c 4 \s1 यहोवा के पहाड़ \p \v 1 आखिरी के दिनमन म, \q1 यहोवा के मंदिर के पहाड़ ह \q2 सबले ऊंच पहाड़ के रूप म स्थापित करे जाही; \q1 येला जम्मो पहाड़ीमन ले ऊंचहा करे जाही, \q2 अऊ मनखेमन पानी के धारा सहीं येकर करा आहीं। \p \v 2 बहुंत जाति के मनखेमन आके कहिहीं, \q1 “आवव, हमन यहोवा के पहाड़ ऊपर, \q2 याकूब के परमेसर के मंदिर म चलन। \q1 ओह हमन ला अपन नियम-कानून सिखोही, \q2 ताकि हमन ओकर रसता म चलन।” \q1 कानून ह सियोन ले, \q2 यहोवा के बचन ह यरूसलेम ले निकलही। \q1 \v 3 ओह बहुंते मनखेमन के नियाय करही \q2 अऊ दूरिहा तक फईले ताकतवर जातिमन के झगरा के निपटारा करही। \q1 ओमन अपन तलवारमन ला पीट-पीटके नांगर के फाल \q2 अऊ अपन बरछीमन ला हंसिया बना डारहीं। \q1 एक जाति ह आने जाति के बिरूध लड़ई नइं करही, \q2 अऊ न ही ओमन फेर लड़ई करे के सिकछा दीहीं। \q1 \v 4 हर एक जन अपन ही अंगूर के नार \q2 अऊ अपन ही अंजीर के रूख के खाल्हे बईठही, \q1 अऊ ओमन ला कोनो नइं डराही, \q2 काबरकि सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहे हवय। \q1 \v 5 जम्मो जातिमन अपन-अपन \q2 देवतामन के नांव लेके चलंय त चलंय, \q1 पर हमन सदा-सर्वदा यहोवा \q2 अपन परमेसर के नांव लेके चलबो। \s1 यहोवा के योजना \q1 \v 6 यहोवा ह घोसना करत हे, \q2 “ओ दिन मेंह लंगड़ामन ला इकट्ठा करहूं; \q1 मेंह बंधुवा मनखेमन ला \q2 अऊ ओमन ला इकट्ठा करहूं, जेमन ला मेंह दुख दे हवंव। \q1 \v 7 मेंह लंगड़ामन ला अपन बांचे भाग, \q2 अऊ भगाय गय मन ला एक ताकतवर जाति बनाहूं। \q1 तब ओ दिन ले लेके सदा-सर्वदा तक \q2 यहोवा ह सियोन पहाड़ म ओमन ऊपर सासन करही। \q1 \v 8 जहां तक तुम्हर बात ए, हे झुंड के पहरेदारी करे के मचान, \q2 हे सियोन के बेटी के सुरकछा गढ़\f + \fr 4:8 \fr*\ft या \ft*\fqa पहाड़ी\fqa*\f*, \q1 तुमन ला तुम्हर पहिली के राज दे दिये जाही; \q2 बेटी यरूसलेम ला राजपद दिये जाही।” \b \q1 \v 9 तेंह अब ऊंचहा अवाज म काबर चिचियावत हवस— \q2 का तोर कोनो राजा नइं ए? \q1 का तोर सासन करइया नास हो गे हवय, \q2 कि तोला लइका जनमइया माईलोगन सहीं पीरा होवत हे? \q1 \v 10 हे बेटी सियोन लइका जनमइया माईलोगन सहीं \q2 पीरा म छटपटा, \q1 काबरकि अब तोला सहर ला छोंड़के \q2 खुला मैदान म डेरा डालना जरूरी अय। \q1 तेंह बेबिलोन जाबे; \q2 उहां तोला बचाय जाही। \q1 उहां यहोवा ह तोला \q2 तोर बईरीमन के हांथ ले छोंड़ाही। \b \q1 \v 11 पर अब तोर बिरूध म \q2 बहुंत जातिमन जूरत हें। \q1 ओमन कहिथें, “ओला असुध होवन दव, \q2 सियोन के दुरगति हमर आनंद के बिसय होवय!” \q1 \v 12 पर ओमन यहोवा के \q2 बिचार ला नइं जानंय; \q1 ओमन ओकर योजना ला नइं समझंय, \q2 कि ओह ओमन ला फसल के बीड़ा के सहीं कोठार म कुढ़ोय हवय। \q1 \v 13 “हे बेटी सियोन, उठ अऊ मिंजई कर, \q2 काबरकि मेंह तोला लोहा के सींग दूहूं; \q1 मेंह तोला कांसा के खुर दूहूं, \q2 अऊ तेंह बहुंत जातिमन ला कुटा-कुटा कर देबे।” \q1 तेंह ओमन के लूटे गय चीजमन ला यहोवा ला, \q2 अऊ ओमन के संपत्ति ला पूरा धरती के परभू ला अरपित करबे। \c 5 \s1 बैतलहम ले एक परतिगियां करे गे सासन करइया \q1 \f + \fr 5: \fr*\ft इबरानी म \+xt 5:1\+xt* ला 4:14, अऊ \+xt 5:2‑15\+xt* ला 5:1‑14 गने गे हवय\ft*\f* \v 1 हे सैनिक दलमन के सहर, अपन सैनिकमन ला कतार म कर ले, \q2 काबरकि हमर बिरूध एक घेरा डाले गे हवय। \q1 ओमन इसरायल के सासक के गाल म \q2 लउठी ले मारहीं। \b \q1 \v 2 “पर तेंह, हे बैतलहम एपराता, \q2 हालाकि तेंह यहूदा के बंसमन\f + \fr 5:2 \fr*\ft या \ft*\fqa सासकमन\fqa*\f* म छोटे अस, \q1 तभो ले तोर म ले ही मोर बर एक झन निकलके आही \q2 जऊन ह इसरायल ऊपर सासन करही, \q1 जेकर आरंभ पुराना समय ले, \q2 प्राचीन समय ले होय हवय।” \b \q1 \v 3 एकरसेति इसरायल ला ओ समय तक तियाग दिये जाही, \q2 जब तक ओ जऊन ह छेवारी होय के पीरा म हवय, एक बेटा ला नइं जनमे, \q1 अऊ ओकर बाकि भाईमन \q2 इसरायलीमन संग मिल जाय बर लहुंटके नइं आ जावंय। \b \q1 \v 4 यहोवा के सक्ति ले, \q2 यहोवा अपन परमेसर के नांव के परताप ले \q2 ओह ठाढ़ होही अऊ अपन झुंड के देखरेख करही। \q1 अऊ ओमन निरभय रहिहीं, काबरकि तब \q2 धरती के छोर तक मनखेमन ओकर महानता ला जानहीं। \b \q1 \v 5 अऊ ओह हमर सांति होही \q2 जब अस्सूरीमन हमर देस ऊपर हमला करहीं \q2 अऊ हमर गढ़मन म हमाहीं। \q1 हमन ओमन के बिरूध सात चरवाहा, \q2 बरन आठ सेनापति ठाढ़ कर देबो, \q1 \v 6 जऊन मन अस्सूर देस ऊपर, \q2 निमरोद के देस ऊपर तलवार ले सासन करहीं। \q1 ओह हमन ला अस्सूर के निवासीमन ले छोंड़ाही \q2 जब ओमन हमर देस ऊपर हमला करहीं \q2 अऊ हमर सिवाना ला पार करहीं। \b \q1 \v 7 याकूब के बांचे भाग \q2 बहुंत मनखेमन के बीच म होही। \q1 ओह यहोवा के पठोय ओस सहीं, \q2 कांदी ऊपर पड़ोइया बारिस सहीं होही, \q1 ओह काकरो इंतजार नइं करय \q2 या कोनो मनखे ऊपर निरभर नइं रहय। \q1 \v 8 याकूब के बांचे भाग ह जाति-जाति के बीच \q2 अऊ मनखेमन के बीच म अइसने होही, \q1 जइसने एक सिंह ह जंगल के पसुमन के बीच म होथे, \q2 अऊ एक जवान सिंह भेड़मन के झुंड के बीच होथे, \q1 अऊ ओह ओमन के बीच ले जावत ओमन ऊपर झपटके ओमन ला चीर देथे, \q2 अऊ कोनो ओमन ला बचा नइं सकंय। \q1 \v 9 तुम्हर हांथ ह अपन बईरीमन ऊपर जय पाय के खुसी म ऊपर उठही, \q2 अऊ तुम्हर जम्मो बईरीमन नास करे जाहीं। \p \v 10 यहोवा ह घोसना करत हे, \q1 “ओ दिन मेंह तुम्हर घोड़ामन ला तुम्हर बीच म ले नास कर दूहूं \q2 अऊ तुम्हर रथमन ला घलो नास कर दूहूं। \q1 \v 11 मेंह तुम्हर देस के सहरमन ला नास कर दूहूं \q2 अऊ तुम्हर जम्मो गढ़मन ला टोर दूहूं। \q1 \v 12 मेंह तुम्हर जादू-टोना ला खतम कर दूहूं \q2 अऊ तुमन फेर कभू जादू-टोना के बात नइं करहू। \q1 \v 13 मेंह तुम्हर मूरतीमन ला \q2 अऊ तुम्हर बीच ले तुम्हर पबितर पथरामन ला नास कर दूहूं; \q1 तुमन फेर कभू अपन हांथ ले बनाय \q2 चीजमन के अराधना नइं करहू। \q1 \v 14 जब मेंह तुम्हर सहरमन ला बिनास करहूं \q2 त मेंह तुम्हर बीच ले तुम्हर असेरा नांव के खंभामन\f + \fr 5:14 \fr*\ft असेरा देवी के लकरी के प्रतीक\ft*\f* ला उखान फेंकहूं। \q1 \v 15 मेंह गुस्सा अऊ कोरोध म ओ जातिमन ले बदला लूहूं \q2 जऊन मन मोर बात ला नइं माने हवंय।” \c 6 \s1 इसरायल के बिरूध यहोवा के मामला \p \v 1 सुनव कि यहोवा ह का कहत हे: \q1 “उठव, अऊ पहाड़मन के आघू म मोर मामला ला रखव; \q2 पहाड़ीमन सुनंय कि तुम्हर का कहना हे। \b \q1 \v 2 “हे पहाड़मन, यहोवा के दुवारा लगाय आरोप ला सुनव; \q2 हे धरती के अटल नीव, तुमन घलो सुनव। \q1 काबरकि यहोवा के अपन मनखेमन के बिरूध एक मामला हवय; \q2 ओह इसरायल के बिरूध एक मामला दायर करत हवय। \b \q1 \v 3 “हे मोर मनखेमन, मेंह तुम्हर संग का अनियाय करे हवंव? \q2 मोला बतावव कि मेंह तुम्हर ऊपर का बोझ डारे हवंव? \q1 \v 4 मेंह तुमन ला मिसर देस ले बाहिर निकालेंव \q2 अऊ तुमन ला गुलामी के देस ले छोंड़ांय। \q1 मेंह तुम्हर अगुवई करे बर मूसा ला पठोंय, \q2 हारून अऊ मिरियम ला घलो पठोंय। \q1 \v 5 हे मोर मनखेमन, सुरता करव \q2 मोआब के राजा बालाक ह का सडयंत्र करे रिहिस \q2 अऊ बेओर के बेटा बिलाम ह का जबाब दीस। \q1 सित्तीम ले गिलगाल तक अपन यातरा ला सुरता करव, \q2 ताकि तुमन यहोवा के धरमी काममन ला जान सकव।” \b \q1 \v 6 में यहोवा के आघू म का लेके आवंव \q2 अऊ महिमामय परमेसर के आघू म दंडवत करंव? \q1 का में होम-बलिदान बर एक-एक साल के बछरू लेके \q2 ओकर आघू म आवंव? \q1 \v 7 का यहोवा ह हजारों मेढ़ा, \q2 अऊ जैतून तेल के दस हजार नदीमन ले खुस होही? \q1 का में अपन अपराध के पछतावा करे बर अपन पहिलांत बेटा ला बलिदान करंव \q2 या अपन आतमा के पाप बर अपन जनमाय कोनो ला बलिदान करंव? \q1 \v 8 हे मरनहार मनखे, ओह तोला देखाय हवय कि का ह बने अय। \q2 अऊ यहोवा ह तोर ले का चाहथे? \q1 नियाय के काम करव अऊ दया करे बर झन छोंड़व \q2 अऊ अपन परमेसर संग नमरता से चलव। \s1 इसरायल के अपराध अऊ दंड \q1 \v 9 सुनव! यहोवा ह सहर\f + \fr 6:9 \fr*\ft या \ft*\fqa यरूसलेम सहर\fqa*\f* ला बलावत हे— \q2 अऊ तोर नांव के भय मनई ही बुद्धिमानी ए— \q2 “लउठी अऊ येला ठहिरानेवाला के बात ला धियान देके सुनव। \q1 \v 10 हे दुस्ट घर, का में अब घलो तोर दुस्टता ले कमाय धन, \q2 अऊ ओ छोटे नाप ला बिसरा दंव, जऊन ह सरापित अय? \q1 \v 11 का में कोनो ला बेईमानी के नाप, \q2 अऊ गलत वजन के थैली के संग छोंड़ दंव? \q1 \v 12 तोर धनी मनखेमन हिंसा करथें; \q2 तोर निवासीमन लबरा अंय \q2 अऊ ओमन धोखा देवइया बात करथें। \q1 \v 13 एकरसेति, मेंह तुम्हर पाप के कारन \q2 तुमन ला नास करई, तुम्हर पतन करई सुरू कर चुके हंव। \q1 \v 14 तुमन जेवन तो करहू पर मन ह नइं भरही; \q2 खाय के बाद घलो तुम्हर पेट ह खाली रहिही। \q1 तुमन जमा तो करहू पर कुछू घलो नइं बांचही, \q2 काबरकि तुम्हर जमा-पूंजी ला मेंह तलवार ले लुटवा दूहूं। \q1 \v 15 तुमन अनाज के बोवई तो करहू, पर फसल नइं काटहू; \q2 तुमन जैतून के तेल तो निकालहू, पर ओ तेल के उपयोग नइं कर सकहू, \q2 तुमन अंगूर ला तो कुचरहू, पर ओकर मंद ला पी नइं सकहू। \q1 \v 16 तुमन ओमरी राजा के बिधि-बिधान \q2 अऊ अहाब राजा के घर के जम्मो रीति-रिवाजमन ला पालन करे हव; \q2 तुमन ओमन के परंपरा के घलो पालन करे हव। \q1 एकरसेति मेंह तुम्हर बिनास कर दूहूं \q2 अऊ तुम्हर मनखेमन के ठट्ठा करे जाही; \q2 तुमन जाति-जाति के मनखेमन के अपमान सहिहू।” \c 7 \s1 इसरायल के दुरगति \q1 \v 1 मोर का दुरगति हवय! \q1 में ओ मनखे जइसे अंव, जऊन ह \q2 धूपकाला के फर ला अंगूर के बारी के बिनई म बटोरथे; \q1 खाय बर अंगूर के कोनो गुच्छा नइं बांचे हे, \q2 मेंह सुरू के अंजीर के फर के जऊन ईछा करे रहेंव, ओमन घलो नइं एं। \q1 \v 2 बिसवास लईक मनखेमन देस ले नास हो गे हवंय; \q2 एको झन ईमानदार मनखे नइं बांचे हवंय। \q1 हर एक जन लहू बोहाय के घात म लगे रहिथे; \q2 ओमन जाल फईलाके एक-दूसर ला फंसाय के चक्कर म रहिथें। \q1 \v 3 ओमन के दूनों हांथ दुस्ट काम करे म माहिर हवंय; \q2 सासन करइयामन ईनाम के मांग करथें, \q1 नियायधीसमन घूस लेथें, \q2 सक्तिसाली मनखेमन अपन ईछा ला पूरा करे बर मनमानी करथें— \q2 ओमन जम्मो मिलके सडयंत्र रचथें। \q1 \v 4 ओमन म जऊन ह सबले बने माने जाथे, ओह एक कांटावाले झाड़ी के सहीं अय, \q2 जऊन ह सबले जादा ईमानदार समझे जाथे, ओह एक कांटावाले बाड़ा ले घलो खराप होथे। \q1 तुम्हर करा, परमेसर के आय के दिन हो गे हवय, \q2 याने कि तुम्हर पहरेदार के खतरा के घंटी बजाय के दिन आ गे हवय। \q2 अब तुम्हर घबराय के बेरा ए। \q1 \v 5 कोनो परोसी ऊपर बिसवास झन करबे, \q2 अऊ न ही कोनो संगी ऊपर भरोसा करबे। \q1 अऊ त अऊ अपन घरवाली, जऊन ह तोला धरके लेटथे, \q2 ओकर ले घलो संभलके बात करबे। \q1 \v 6 काबरकि बेटा ह अपन ददा के अनादर करथे, \q2 बेटी ह अपन दाई के बिरूध, \q1 अऊ बहू ह अपन सास के बिरूध ठाढ़ होथे— \q2 मनखे के बईरी ओकर खुद के परिवार के मनखेमन होथें। \b \q1 \v 7 पर जहां तक मोर बात ए, मोर आसा ह यहोवा ऊपर लगे रहिथे, \q2 में अपन उद्धार करइया परमेसर के बाट जोहथंव; \q2 मोर परमेसर ह मोर बात ला सुनही। \s1 इसरायल ह उठही \q1 \v 8 हे मोर बईरी, मोर दसा ऊपर आनंद झन मना! \q2 हालाकि मेंह गिर गे हंव, पर मेंह ठाढ़ होहूं। \q1 हालाकि मेंह अंधियार म बईठे हंव, \q2 पर यहोवा ह मोर अंजोर होही। \q1 \v 9 काबरकि मेंह ओकर बिरूध पाप करे हंव, \q2 एकरसेति मेंह तब तक यहोवा के कोरोध ला सहत रहिहूं, \q1 जब तक कि ओह मोर मामला ला सुनके \q2 मोला नियाय नइं देवय। \q1 ओह मोला अंजोर म ले आही; \q2 मेंह ओकर धरमीपन ला देखहूं। \q1 \v 10 तब मोर बईरी ह येला देखही \q2 अऊ सरम के मारे अपन मुहूं ला ढांप लीही, \q1 ये बईरी ओही अय, जऊन ह मोला कहिस, \q2 “कहां हवय यहोवा तोर परमेसर?” \q1 मेंह ओ बईरी के पतन ला देखहूं; \q2 इहां तक कि ओह गली के चीखला सहीं \q2 गोड़ खाल्हे रऊंदे जाही। \b \q1 \v 11 तुम्हर भीथीमन ला बनाय के दिन, \q2 अऊ तुम्हर सीमनामन ला बढ़ाय के दिन ह आही। \q1 \v 12 ओ दिन मनखेमन तुम्हर करा \q2 अस्सूर ले अऊ मिसर देस के सहरमन ले आहीं, \q1 इहां तक कि मिसर देस ले लेके फरात नदी तक ले, \q2 अऊ समुंदर ले लेके समुंदर के बीच के \q2 अऊ पहाड़ ले लेके पहाड़ के बीच के देसमन ले मनखेमन तुम्हर करा आहीं। \q1 \v 13 धरती के निवासीमन के कारन, ओमन के काम के परिनाम स्वरूप, \q2 धरती ह उजड़ जाही। \s1 पराथना अऊ परसंसा \q1 \v 14 अपन मनखेमन के रखवारी, \q2 अपन उत्तराधिकार म पाय झुंड के रखवारी अपन लउठी ले करव, \q1 जऊन ह जंगल म, \q2 अऊ उपजाऊ चरागन म अपन भरोसा म रहिथे। \q1 ओमन ला बहुंत पहिले के सहीं \q2 बासान अऊ गिलाद म चरन दव। \b \q1 \v 15 “जब तुमन मिसर देस ले निकलके आयेव, ओ दिनमन सहीं, \q2 मेंह ओमन ला अचरज के काम देखाहूं।” \b \q1 \v 16 जाति-जाति के मनखेमन येला देखहीं \q2 अऊ अपन सक्ति ले बंचित होके सरमिंदा होहीं। \q1 ओमन सरम के मारे अपन मुहूं अपन हांथ ले ढांप लीहीं \q2 अऊ ओमन के कानमन भैंरा हो जाहीं। \q1 \v 17 ओमन सांप सहीं, \q2 अऊ भुइयां म रेंगइया जन्तु सहीं धुर्रा चाटहीं। \q1 ओमन अपन मांद ले कांपत निकलहीं; \q2 ओमन यहोवा हमर परमेसर ले डरहीं \q2 अऊ तोर ले भयभीत होहीं। \q1 \v 18 तोर सहीं अऊ कोन परमेसर हवय, \q2 जऊन ह अपन निज भाग के बांचे मनखेमन के \q2 पाप अऊ अपराधमन ला छेमा करथे? \q1 तोर कोरोध ह हमेसा बर नइं रहय \q2 पर दया देखाय म तोला खुसी होथे। \q1 \v 19 तेंह हमर ऊपर फेर दया करबे; \q2 तेंह अपन गोड़ खाल्हे हमर पापमन ला कुचर देबे \q2 अऊ हमर दुस्टता के जम्मो काम ला गहिरा समुंदर म फटिक देबे। \q1 \v 20 जइसे कि बहुंत पहिले हमर पुरखामन ले किरिया खाके, \q2 तेंह परतिगियां करे रहे, ओकरे मुताबिक \q1 तेंह याकूब के मनखेमन बर बिसवासयोग्य बने रहिबे, \q2 अऊ अब्राहम के बंस के मनखेमन ला मया देखाबे।