\id MAT - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h मत्ती \toc1 मत्ती के लिखे सुघर संदेस \toc2 मत्ती \toc3 मत्ती \mt1 मत्ती \mt2 के लिखे सुघर संदेस \c 1 \s1 यीसू के बंसावली \r (लूका 3:23‑38) \lh \v 1 येह यीसू मसीह के बंसावली अय—यीसू ह दाऊद के बंस के रिहिस अऊ दाऊद ह अब्राहम के बंस के रिहिस। \b \li1 \v 2 अब्राहम के बेटा इसहाक रिहिस; \li1 इसहाक के बेटा याकूब रिहिस; \li1 याकूब ह यहूदा अऊ ओकर भाईमन के ददा रिहिस; \li1 \v 3 यहूदा के बेटा पेरेस अऊ जेरह रिहिन; जेमन के दाई के नांव तामार रिहिस; \li1 पेरेस के बेटा हेसरोन रिहिस, \li1 अऊ हेसरोन के बेटा एराम रिहिस; \li1 \v 4 एराम के बेटा अम्मीनादाब रिहिस; \li1 अम्मीनादाब के बेटा नहसोन, \li1 नहसोन के बेटा सलमोन रिहिस; \li1 \v 5 सलमोन के बेटा बोअज रिहिस; बोअज के दाई के नांव राहाब रिहिस; \li1 बोअज के बेटा ओबेद रिहिस; अऊ ओबेद के दाई के नांव रूत रिहिस; \li1 ओबेद के बेटा यिसै रिहिस; \li1 \v 6 यिसै के बेटा राजा दाऊद रिहिस। \b \li1 दाऊद के बेटा सुलेमान रिहिस; सुलेमान ह ओ माईलोगन ले जनमिस, जऊन ह पहिली उरियाह के घरवाली रिहिस; \li1 \v 7 सुलेमान के बेटा रहूबियाम रिहिस; \li1 रहूबियाम के बेटा अबियाह रिहिस; \li1 अऊ अबियाह के बेटा आसा रिहिस; \li1 \v 8 आसा के बेटा यहोसापात रिहिस; \li1 यहोसापात के बेटा योराम रिहिस; \li1 अऊ योराम के बेटा उजियाह रिहिस; \li1 \v 9 उजियाह के बेटा योताम रिहिस; \li1 योताम के बेटा आहाज रिहिस; \li1 अऊ आहाज के बेटा हिजकियाह रिहिस; \li1 \v 10 हिजकियाह के बेटा मनस्से रिहिस; \li1 मनस्से के बेटा आमोन रिहिस; \li1 अऊ आमोन के बेटा योसियाह रिहिस; \li1 \v 11 बंधुवा होके बेबिलोन देस ले जाय के बेरा म योसियाह के बेटा यकुन्याह, अऊ ओकर भाईमन रिहिन। \b \lh \v 12 बंधुवा होके बेबिलोन जाय के पाछू: \li1 यकुन्याह के बेटा सालतीएल रिहिस; \li1 अऊ सालतीएल के बेटा जरूब्बाबेल रिहिस; \li1 \v 13 जरूब्बाबेल के बेटा अबीहूद रिहिस; \li1 अबीहूद के बेटा एलयाकीम रिहिस; \li1 अऊ एलयाकीम के बेटा आजोर रिहिस; \li1 \v 14 आजोर के बेटा सादोक रिहिस; \li1 सादोक के बेटा अखीम रिहिस; \li1 अऊ अखीम के बेटा इलीहूद रिहिस; \li1 \v 15 इलीहूद के बेटा एलिआजर रिहिस; \li1 एलिआजर के बेटा मतान रिहिस; \li1 अऊ मतान के बेटा याकूब रिहिस; \li1 \v 16 याकूब के बेटा यूसुफ रिहिस; यूसुफ ह मरियम के घरवाला रिहिस, अऊ मरियम ले यीसू जनमिस, जऊन ला मसीह कहे जाथे। \b \lf \v 17 ये किसम ले अब्राहम ले लेके दाऊद तक जम्मो चौदह पीढ़ी होईस, अऊ दाऊद ले लेके बेबिलोन म बंधुवई म जावत तक चौदह पीढ़ी, अऊ बंधुवई ले लेके मसीह\f + \fr 1:17 \fr*\fq मसीह \fq*\ft इबरानी म अऊ \ft*\fqa ख्रिस्त \fqa*\ft यूनानी म, दूनों सबद के मतलब \ft*\fqa अभिसिक्त जन \fqa*\ft होथे।\ft*\f* तक चौदह पीढ़ी होईस। \s1 यीसू मसीह के जनम \r (लूका 2:1‑7) \p \v 18 यीसू मसीह के जनम ये किसम ले होईस। यीसू के दाई मरियम के मंगनी यूसुफ के संग होय रिहिस, पर एकर पहिली कि ओमन दूनों घरवाला-घरवाली के रूप म एक संग होतिन, मरियम ह पबितर आतमा के जरिये पेट म पाय गीस। \v 19 काबरकि मरियम के होवइया घरवाला यूसुफ ह एक धरमी मनखे रिहिस अऊ ओह मरियम ला मनखेमन के आघू म बदनाम करे नइं चाहत रिहिस, एकर खातिर ओह ओला चुपेचाप छोंड़ देय के बिचार करिस। \p \v 20 पर ओकर ये बिचार करे के पाछू, परभू के एक स्वरगदूत ह ओला सपना म दिखिस अऊ ओ स्वरगदूत ह ओला कहिस, “हे यूसुफ, दाऊद के संतान, तेंह मरियम ला अपन घरवाली के रूप म घर लाय बर झन डर, काबरकि जऊन ह ओकर गरभ म हवय, ओह पबितर आतमा के तरफ ले अय। \v 21 ओह एक बेटा ला जनम दीही अऊ तें ओकर नांव यीसू\f + \fr 1:21 \fr*\fqa यहोसू \fqa*\ft ला यूनानी भासा म \ft*\fq यीसू \fq*\ft कहिथें, जेकर मतलब होथे \ft*\fqa परभू बचाथे \fqa*\ft या \ft*\fqa परभू उद्धार करथे\fqa*\f* रखबे, काबरकि ओह अपन मनखेमन ला ओमन के पाप ले छुटकारा दीही।” \p \v 22 ये जम्मो बात एकर खातिर होईस कि जऊन बात, परभू ह अगमजानी के जरिये कहे रिहिस, ओह पूरा होवय: \v 23 “देखव, एक कुंवारी ह गरभवती होही, अऊ ओह एक बेटा जनमही, अऊ ओकर नांव इमानुएल रखे जाही”\f + \fr 1:23 \fr*\ft \+xt यसा 7:14\+xt*\ft*\f* (जेकर मतलब होथे “परमेसर हमर संग”)। \p \v 24 जब यूसुफ ह नींद ले जागिस, त ओह वइसनेच करिस जइसने परभू के स्वरगदूत ह ओला हुकूम दे रिहिस अऊ ओह मरियम ला अपन घरवाली के रूप म अपन घर ले गीस। \v 25 पर जब तक मरियम ह बेटा ला जनम नइं दीस, तब तक यूसुफ ह ओकर करा नइं गीस। अऊ ओह ओकर नांव यीसू रखिस। \c 2 \s1 जोतिसीमन मसीह करा जाथें \p \v 1 जब हेरोदेस राजा ह राज करत रिहिस, त यहूदिया प्रदेस के बैतलहम गांव म यीसू के जनम होईस, तब पूरब दिग के देस म ले कुछू जोतिसीमन यरूसलेम\f + \fr 2:1 \fr*\fq यरूसलेम \fq*\ft ह यहूदी मनखेमन के \ft*\fqa खास सहर \fqa*\ft अय।\ft*\f* सहर म आईन, \v 2 अऊ मनखेमन ले पुछिन, “ओ लइका के जनम कहां होईस हवय, जऊन ह यहूदीमन के राजा अय? हमन पूरब दिग म ओकर तारा देखे हवन अऊ ओकर अराधना करे बर आय हवन।”\f + \fr 2:2 \fr*\ft \+xt गन 24:17\+xt*\ft*\f* \p \v 3 ये सुनके हेरोदेस राजा अऊ यरूसलेम सहर के जम्मो मनखेमन घबरा गीन। \v 4 राजा ह मनखेमन के जम्मो मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन ला एक जगह म बलाईस अऊ ओमन ले पुछिस, “मसीह के जनम कहां होना चाही?” \v 5 ओमन कहिन, “यहूदिया प्रदेस के बैतलहम गांव म, काबरकि अगमजानी ह अइसने लिखे हवय: \q1 \v 6 “ ‘हे यहूदा प्रदेस के बैतलहम गांव, \q2 तेंह यहूदा प्रदेस के बड़े सहरमन ले कोनो भी किसम ले छोटे नो हस, \q1 काबरकि तोर म ले एक झन सासन करइया निकलही, \q2 जऊन ह मोर मनखे इसरायलीमन के रखवारी करही।’\f + \fr 2:6 \fr*\ft \+xt मीका 5:2\+xt*\ft*\f*” \p \v 7 तब हेरोदेस राजा ह जोतिसीमन ला चुपेचाप बलाईस अऊ ओमन ले पता लगाईस कि तारा ह ठऊका का बेरा म दिखे रिहिस। \v 8 तब ओह ओमन ला ये कहिके बैतलहम पठोईस, “जावव अऊ ओ लइका के बारे म सही-सही पता मालूम करव। अऊ जब ओह तुमन ला मिल जावय, त मोला खबर भिजवाव, ताकि महूं घलो जाके ओकर अराधना करंव।” \p \v 9 जोतिसीमन राजा के बात ला सुने के पाछू अपन डहार म चल दीन, अऊ जऊन तारा ला ओमन पूरब दिग म देखे रिहिन, ओह ओमन के आघू-आघू गीस अऊ ओ ठऊर के ऊपर जाके ठहर गीस, जिहां लइका ह रहय। \v 10 जब ओमन ओ तारा ला देखिन, त अब्बड़ आनंदित होईन। \v 11 घर भीतरी जाके, ओमन लइका ला ओकर दाई मरियम के संग देखिन अऊ भुइयां म गिरके ओला दंडवत करिन। तब ओमन अपन-अपन झोला ला खोलके ओला सोन, लोबान अऊ गंधरस के भेंट चघाईन। \v 12 अऊ परमेसर ह ओमन ला सपना म चेतउनी दीस कि ओमन हेरोदेस करा झन जावंय, एकरसेति, ओमन आने डहार ले अपन देस लहुंट गीन। \s1 मिसर देस जवई \p \v 13 जब जोतिसीमन चले गीन, त परभू के एक स्वरगदूत ह सपना म यूसुफ ला दिखाई दीस अऊ ओला कहिस, “उठ, लइका अऊ ओकर दाई ला लेके मिसर देस भाग जा। अऊ जब तक मेंह नइं कहंव, तब तक तें उहेंच रह, काबरकि हेरोदेस राजा ह ये लइका ला मरवाय खातिर खोजवइया हवय।” \p \v 14 तब यूसुफ ह उठिस अऊ रथियाच, ओह लइका अऊ ओकर दाई ला लेके, मिसर देस चल दीस, \v 15 अऊ ओह उहां हेरोदेस के मिरतू तक रिहिस, ताकि जऊन बात परभू ह अगमजानी के दुवारा कहे रिहिस, ओह पूरा होवय: “मिसर देस ले मेंह अपन बेटा ला बलांय।”\f + \fr 2:15 \fr*\ft \+xt होसे 11:1; निर 4:22‑23\+xt*\ft*\f* \p \v 16 जब हेरोदेस राजा ला मालूम होईस कि जोतिसीमन ओकर संग धोखा करे हवंय, त ओह बहुंत नराज होईस, अऊ ओह ये हुकूम दीस कि बैतलहम अऊ ओकर आसपास के गांव के दू बछर या ओकर ले छोटे जम्मो लइकामन ला मार डारे जावय। काबरकि येह जोतिसीमन के बताय गय समय के मुताबिक रिहिस। \v 17 तब जऊन बात यरमियाह अगमजानी कहे रिहिस, ओह पूरा होईस: \q1 \v 18 “रामाह सहर म रोये अऊ बहुंते बिलाप करे के अवाज सुनई दीस, \q2 राहेल ह अपन लइकामन खातिर रोवत रिहिस, \q1 अऊ ओह नइं चाहत रिहिस कि कोनो ओला सांतवना देवंय, \q2 काबरकि ओकर लइकामन मर गे रिहिन\f + \fr 2:18 \fr*\fq राहेल \fq*\ft ह इहां \ft*\fqa इसरायल के मनखेमन \fqa*\ft ला दरसाथे, जऊन मन बहुंत दुख सहिन।\ft*\f*।”\f + \fr 2:18 \fr*\ft \+xt यर 31:15\+xt*\ft*\f* \s1 मिसर देस ले नासरत वापिस अवई \p \v 19 हेरोदेस राजा के मरे के पाछू, परभू के एक स्वरगदूत ह मिसर देस म यूसुफ ला सपना म दिखाई दीस, \v 20 अऊ यूसुफ ले कहिस, “उठ! लइका अऊ ओकर दाई ला लेके इसरायल देस चले जा, काबरकि जऊन मन ये लइका के परान लेय के कोसिस करत रिहिन, ओमन मर गे हवंय।” \p \v 21 तब यूसुफ ह उठिस, अऊ लइका अऊ ओकर दाई ला लेके इसरायल देस चल दीस। \v 22 पर जब ओह ये सुनिस कि अरखिलाउस ह अपन ददा हेरोदेस के जगह म यहूदिया प्रदेस म राज करत हवय, त ओह उहां जाय बर डराईस। सपना म चेतउनी पाके, ओह गलील प्रदेस चले गीस, \v 23 अऊ ओह उहां जाके नासरत नांव के एक नगर म निवास करिस। तब अगमजानीमन के दुवारा कहे गे ये बात ह पूरा होईस: “ओला नासरी कहे जाही\f + \fr 2:23 \fr*\ft नासरत ह यूसुफ अऊ मरियम के गांव रिहिस। \+xt लूका 1:26‑27; 2:4, 39\+xt*\ft*\f*।” \c 3 \s1 यूहन्ना बतिसमा देवइया डहार तियार करथे \r (मरकुस 1:1‑8; लूका 3:1‑18; यूहन्ना 1:6‑8, 15‑34) \p \v 1 ओ दिनमन म यूहन्ना बतिसमा देवइया आईस अऊ यहूदिया प्रदेस के सुनसान जगह म ये परचार करे लगिस, \v 2 “पछताप करव, काबरकि स्वरग के राज ह लकठा आ गे हवय।” \v 3 ये यूहन्ना ओ मनखे अय, जेकर बारे म यसायाह अगमजानी ह ये कहे रिहिस: \q1 “सुनसान जगह म एक झन अवाज देवत रिहिस, \q1 ‘परभू बर डहार ला तियार करव, \q2 अऊ ओकर डहार ला सीधा करव।’ ”\f + \fr 3:3 \fr*\ft \+xt यसा 40:3\+xt*\ft*\f* \p \v 4 यूहन्ना ह ऊंट के रूआं के बने कपड़ा पहिरय अऊ अपन कनिहां म चमड़ा के बने पट्टा बांधय। ओह फांफा अऊ जंगली मंधरस खावय। \v 5 फेर यरूसलेम, अऊ जम्मो यहूदिया प्रदेस अऊ यरदन नदी के जम्मो छेत्र के मनखेमन ओकर करा गीन, \v 6 अऊ अपन-अपन पाप ला मानके, ओमन यरदन नदी म यूहन्ना ले बतिसमा लीन। \p \v 7 जब यूहन्ना बतिसमा देवइया ह देखिस कि अब्बड़ फरीसी अऊ सदूकीमन ओकर करा बतिसमा लेय बर आवत हवंय, त ओह ओमन ला कहिस, “हे जहरिला सांप के पीलामन हो! तुमन ला कोन ह चेता दीस कि तुमन परमेसर के अवइया कोरोध ले भागव? \v 8 अपन काम के दुवारा देखावव कि पाप ले पछतावा करे हवव। \v 9 अऊ अपन मन म ये बात झन सोचव कि तुमन अब्राहम के संतान अव। मेंह तुमन ला बतावत हंव कि ये पथरामन ले परमेसर ह अब्राहम बर संतान पईदा कर सकथे। \v 10 टंगिया ला पहिले ही रूखमन के जरी म रखे जा चुके हवय, अऊ जऊन रूख म बने फर नइं फरय, ओह काटे अऊ आगी म झोंके जाही। \p \v 11 “जऊन मन अपन पाप ले पछताप करथें, मेंह ओमन ला पानी ले बतिसमा देवत हंव। पर मोर बाद, एक झन आही, जऊन ह मोर ले जादा सक्तिसाली ए। मेंह ओकर पनही ला उठाय के लईक घलो नो हंव। ओह तुमन ला पबितर आतमा अऊ आगी ले बतिसमा दीही। \v 12 ओकर सूपा ह ओकर हांथ म हवय अऊ ओह अपन कोठार ला साफ करही, अऊ अपन गहूं ला कोठा म कुढ़ोही। पर ओह भूंसा ला ओ आगी म बारही, जऊन ह कभू नइं बुतावय।” \s1 यीसू के बतिसमा \r (मरकुस 1:9‑11; लूका 3:21‑22; यूहन्ना 1:31‑34) \p \v 13 तब यीसू ह गलील प्रदेस ले यरदन नदी करा यूहन्ना ले बतिसमा लेय बर आईस। \v 14 पर यूहन्ना ह ये कहिके ओला रोके के कोसिस करिस, “मोला तोर ले बतिसमा लेय के जरूरत हवय, अऊ तेंह मोर करा आय हवस?” \p \v 15 पर यीसू ह ओला ये जबाब दीस, “अभी तो अइसने होवन दे; काबरकि जम्मो धरमीपन ला पूरा करे बर अइसने करई, हमर बर उचित ए।” तब यूहन्ना ह यीसू के बात ला मान लीस। \p \v 16 बतिसमा लेय के बाद यीसू ह तुरते पानी ले बाहिर निकलिस। ओहीच समय अकास ह खुल गीस, अऊ ओह परमेसर के आतमा ला पंड़की के सहीं अपन ऊपर उतरत देखिस। \v 17 अऊ अकास ले ये अवाज आईस, “येह मोर मयारू बेटा अय, जेकर ले मेंह बहुंत खुस हवंव।” \c 4 \s1 यीसू के परिछा \r (मरकुस 1:12‑13; लूका 4:1‑13) \p \v 1 तब पबितर आतमा ह यीसू ला निरजन जगह म ले गीस कि सैतान के दुवारा ओकर परिछा होवय। \v 2 यीसू ह चालीस दिन अऊ चालीस रात उपास रिहिस, ओकर पाछू ओला भूख लगिस। \v 3 तब सैतान ह ओकर करा आईस अऊ कहिस, “यदि तेंह परमेसर के बेटा अस, त ये पथरामन ले कह कि येमन रोटी बन जावंय।”\f + \fr 4:3 \fr*\ft \+xt इब 2:17‑18; 4:15\+xt*\ft*\f* \p \v 4 यीसू ह जबाब दीस, “परमेसर के बचन म लिखे हवय, ‘मनखे ह सिरिप रोटी ले ही जीयत नइं रहय, फेर हर ओ बचन, जऊन ह परमेसर के मुहूं ले निकलथे जीयत रहिही।’\f + \fr 4:4 \fr*\ft \+xt इब 8:3\+xt*\ft*\f*” \p \v 5 तब सैतान ह यीसू ला पबितर सहर\f + \fr 4:5 \fr*\ft इहां \ft*\fq पबितर सहर \fq*\ft के मतलब \ft*\fqa यरूसलेम सहर \fqa*\ft अय।\ft*\f* म ले गीस अऊ ओला मंदिर के टीप म ठाढ़ करके कहिस, \v 6 “कहूं तेंह परमेसर के बेटा अस, त उहां ले खाल्हे कूद जा, काबरकि परमेसर के बचन म ये लिखे हवय, \q1 “परमेसर ह तोर बारे म अपन स्वरगदूतमन ला हुकूम दीही, \q2 अऊ ओमन तोला अपन हांथ म उठा लीहीं, \q2 ताकि तोर गोड़ म पथरा ले चोट झन लगय।\f + \fr 4:6 \fr*\ft \+xt भजन 91:11‑12\+xt*\ft*\f*” \p \v 7 यीसू ह ओला कहिस, “परमेसर के बचन म ये घलो लिखे हवय, ‘परभू अपन परमेसर के परिछा झन कर।’\f + \fr 4:7 \fr*\ft \+xt ब्यव 6:16; निर 17:2‑7\+xt*\ft*\f*” \p \v 8 तब फेर सैतान ह यीसू ला एक ठन बहुंत ऊंच पहाड़ ऊपर ले गीस अऊ ओला संसार के जम्मो राजपाट अऊ ओकर सोभा ला देखाके कहिस, \v 9 “यदि तेंह झुकके मोर अराधना करबे, त मेंह तोला ये जम्मो ला दे दूहूं।” \p \v 10 फेर यीसू ह ओला कहिस, “हे सैतान! मोर ले दूरिहा हट; काबरकि परमेसर के बचन म ये लिखे हवय, तेंह परभू अपन परमेसर के अराधना कर अऊ सिरिप ओकरेच सेवा कर।”\f + \fr 4:10 \fr*\ft \+xt ब्यव 6:13\+xt*\ft*\f* \p \v 11 तब सैतान ह ओकर करा ले चले गीस, अऊ स्वरगदूतमन आके ओकर सेवा करे लगिन। \s1 यीसू ह परचार करे के सुरू करथे \r (मरकुस 1:14‑15; लूका 4:14‑15, 31) \p \v 12 जब यीसू ह ये सुनिस कि यूहन्ना ला जेल म डार दे गे हवय, त ओह गलील प्रदेस ला चल दीस। \v 13 यीसू ह, नासरत ला छोंड़ दीस अऊ कफरनहूम सहर म जाके बस गीस, ये सहर ह जबूलून अऊ नपताली के सीमना म झील के तीर म रिहिस। \v 14 येह एकर खातिर होईस ताकि यसायाह अगमजानी के दुवारा कहे गय ये बात ह पूरा होवय: \q1 \v 15 “जबूलून के देस अऊ नपताली के देस, \q2 समुंदर के तरफ जाय के रसता म, \q2 यरदन नदी के ओ पार, आनजातमन के गलील प्रदेस, \q1 \v 16 जऊन मनखेमन अंधियार म रहत रिहिन, \q2 ओमन एक बड़े अंजोर ला देखिन; \q1 अऊ जऊन मन मिरतू के छइहां के प्रदेस म रहत रिहिन, \q2 ओमन के ऊपर एक अंजोर चमकिस।”\f + \fr 4:16 \fr*\ft \+xt यसा 9:1‑2\+xt*\ft*\f* \p \v 17 ओ समय ले यीसू ह परचार करन लगिस अऊ कहिस, “अपन पाप ले पछताप करव, काबरकि स्वरग के राज ह लकठा आ गे हवय।” \s1 यीसू के पहिली चेलामन \r (मरकुस 1:16‑20; लूका 5:1‑11; यूहन्ना 1:35‑42) \p \v 18 जब यीसू ह गलील झील के तीरे-तीर जावत रिहिस, त ओह दू झन भाईमन ला देखिस; ओमन के नांव सिमोन जऊन ला पतरस कहे जाथे अऊ ओकर भाई अन्द्रियास रिहिस। ये दूनों भाई झील म जाल डारत रिहिन, काबरकि ओमन मछुआर रिहिन। \v 19 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मोर पाछू आवव; मेंह तुमन ला मनखे पकड़इया मछुआर बनाहूं।” \v 20 ओमन तुरते अपन जाल ला छोंड़के ओकर पाछू हो लीन। \p \v 21 उहां ले आघू जाय के बाद, यीसू ह दू झन अऊ भाईमन ला देखिस—याकूब अऊ ओकर भाई यूहन्ना ला, जऊन मन जबदी के बेटा रिहिन। ओमन अपन ददा जबदी के संग एक ठन डोंगा म रहंय अऊ अपन जाल ला सुधारत रहंय। यीसू ह ओमन ला बलाईस, \v 22 अऊ ओमन तुरते डोंगा अऊ अपन ददा ला छोंड़के यीसू के पाछू हो लीन। \s1 यीसू ह बिमरहा ला बने करथे \r (लूका 6:17‑19) \p \v 23 यीसू ह जम्मो गलील प्रदेस म जाके, यहूदीमन के सभा-घर म उपदेस दीस, अऊ परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करिस, अऊ मनखेमन के हर किसम के रोग अऊ बेमारी ला बने करिस। \v 24 यीसू के खबर ह जम्मो सीरिया देस म फईल गीस, अऊ मनखेमन ओ जम्मो झन ला ओकर करा लाने लगिन, जऊन मन कतको किसम के रोग ले बेमार रहंय, जऊन मन असहनीय पीरा म रहंय, जऊन मन ला परेत आतमा धरे रहय, जऊन मन ला मिरगी के बेमारी रहय, अऊ जऊन मन ला लकवा मारे रहय; यीसू ह ओ जम्मो झन ला चंगा करिस। \v 25 गलील प्रदेस, दिकापुलिस,\f + \fr 4:25 \fr*\ft दस सहर\ft*\f* यरूसलेम, यहूदिया, अऊ यरदन नदी के ओ पार के मनखेमन के एक बड़े भीड़ ओकर पाछू हो लीस। \c 5 \s1 पहाड़ ऊपर यीसू के उपदेस \p \v 1 जब यीसू ह मनखेमन के भीड़ ला देखिस, त ओह पहाड़ ऊपर चघके उहां बईठ गीस। तब ओकर चेलामन ओकर करा आईन, \v 2 अऊ ओह ओमन ला उपदेस देवन लगिस। \s1 धइन बचन \m ओह कहिस: \q1 \v 3 “धइन अंय ओमन, जऊन मन आतमा म दीन अंय, \q2 काबरकि स्वरग के राज ओमन के अय। \q1 \v 4 धइन अंय ओमन, जऊन मन सोक करथें, \q2 काबरकि ओमन ला सांति दिये जाही। \q1 \v 5 धइन अंय ओमन, जऊन मन नरम सुभाव के अंय, \q2 काबरकि ओमन धरती के उत्तराधिकारी होहीं। \q1 \v 6 धइन अंय ओमन, जऊन मन धरमीपन बर भूखन अऊ पीयासन हवंय, \q2 काबरकि परमेसर ह ओमन ला संतोस करही। \q1 \v 7 धइन अंय ओमन, जऊन मन दयालु अंय, \q2 काबरकि ओमन के ऊपर दया करे जाही। \q1 \v 8 धइन अंय ओमन, जऊन मन के हिरदय निरमल हवय, \q2 काबरकि ओमन परमेसर के दरसन करहीं। \q1 \v 9 धइन अंय ओमन, जऊन मन मेल-मिलाप कराथें, \q2 काबरकि ओमन ला परमेसर के बेटा कहे जाही। \q1 \v 10 धइन अंय ओमन, जऊन मन धरमीपन के कारन सताय जाथें, \q2 काबरकि स्वरग के राज ओमन के अय। \p \v 11 “धइन अव तुमन, जब मनखेमन मोर कारन तुम्हर बेजत्ती करथें, तुमन ला सताथें अऊ झूठ-मूठ के, तुम्हर बिरोध म किसम-किसम के खराप बात कहिथें। \v 12 आनंद मनावव अऊ खुस रहव, काबरकि स्वरग म तुम्हर बर बड़े ईनाम रखे हवय। तुम्हर ले पहिली अगमजानीमन ला मनखेमन अइसनेच सताय रिहिन। \s1 नून अऊ अंजोर \r (मरकुस 9:50; लूका 14:34‑35) \p \v 13 “तुमन धरती के नून अव। पर कहूं नून ह अपन सुवाद ला गंवा देथे, त कोनो किसम ले येला फेर नूनचूर नइं करे जा सकय। येह कोनो काम के नइं रह जावय। येला बाहिर फटिक दिये जाथे अऊ येह मनखेमन के गोड़ तरी रऊंदे जाथे। \p \v 14 “तुमन संसार के अंजोर अव। पहाड़ ऊपर बसे सहर ह छिपे नइं रह सकय। \v 15 अऊ न तो मनखेमन दीया ला बारके बड़े कटोरा के खाल्हे म रखथें, पर दीया ला दीवट ऊपर मढ़ाथें, जिहां ले येह घर के हर एक जन ला अंजोर देथे। \v 16 ओही किसम ले, तुम्हर अंजोर ह मनखेमन के आघू म चमकय, ताकि ओमन तुम्हर बने काम ला देखंय अऊ स्वरग म रहइया तुम्हर ददा के बड़ई करंय। \s1 मूसा के कानून के पूरा होवई \p \v 17 “ये झन सोचव कि मेंह मूसा के कानून या अगमजानीमन के बातमन ला खतम करे बर आय हवंव। मेंह ओमन ला खतम करे खातिर नइं, पर ओमन ला पूरा करे खातिर आय हवंव। \v 18 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक स्वरग अऊ धरती हवय, तब तक मूसा के कानून के एक छोटे अकछर या बिन्दू घलो पूरा होय बिगर खतम नइं होवय। \v 19 जऊन ह ये हुकूममन के छोटे ले छोटे बात ला घलो नइं मानय अऊ आने मन ला घलो अइसने करे बर सिखोथे, ओह स्वरग के राज म सबले छोटे समझे जाही, पर जऊन ह ये हुकूममन ला मानथे अऊ आने मन ला माने बर सिखोथे, ओह स्वरग के राज म बड़े समझे जाही। \v 20 काबरकि मेंह तुमन ला कहत हवंव कि जब तक तुम्हर धरमीपन ह फरीसी अऊ कानून के गुरूमन के धरमीपन ले बढ़के नइं होवय, तब तक तुमन स्वरग के राज म नइं जा सकव। \s1 हतिया अऊ गुस्सा \p \v 21 “तुमन सुने हवव कि बहुंत पहिले मनखेमन ला ये कहे गे रिहिस, ‘हतिया झन करव, अऊ यदि कोनो हतिया करथे, त ओह कचहरी म दंड के भागी होही।’ \v 22 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि यदि कोनो अपन भाई ऊपर गुस्सा करथे, त ओह दंड के भागी होही। जऊन कोनो अपन भाई के बेजत्ती करथे, त ओला धरम महासभा के आघू म जबाब देना पड़ही। पर जऊन कोनो अपन भाई ला कहिथे, ‘ए मुरूख!’ ओह नरक के आगी म पड़े के खतरा म होही। \p \v 23 “एकरसेति, यदि तेंह बेदी म अपन भेंट चघावत हस अऊ उहां तोला सुरता आथे कि तोर भाई के मन म तोर बिरोध म कुछू हवय, \v 24 त उहां बेदी के आघू म अपन भेंट ला छोंड़ दे अऊ पहिली अपन भाई करा जा अऊ ओकर संग मेल-मिलाप कर, तब आ अऊ अपन भेंट ला चघा। \p \v 25 “ओ मनखे जऊन ह तोर बिरोध म अदालत जावत हे, ओकर संग जल्दी करके मामला के निपटारा कर ले। कचहरी जावत बेरा डहार म ही ओकर संग मेल-मिलाप कर ले, नइं तो ओह तोला नियायधीस ला सऊंप दीही, अऊ नियायधीस ह तोला पुलिस अधिकारी ला सऊंप दीही, अऊ तेंह जेल म डाल दिये जाबे। \v 26 मेंह तोला सच कहत हंव कि जब तक तुमन कौड़ी-कौड़ी नइं चुका दूहू, तब तक उहां ले नइं छूट सकव। \s1 छिनारीपन \p \v 27 “तुमन सुने हवव कि ये कहे गे रिहिस, ‘छिनारी झन करव।’ \v 28 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि जऊन कोनो माईलोगन ला खराप नजर ले देखथे, त ओह अपन मन म ओकर संग पहिली ले छिनारी कर चुकिस। \v 29 कहूं तोर जेवनी आंखी ह तोर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला निकालके फटिक दे। तोर बर येह बने अय कि अपन देहें के एक ठन अंग ला गंवा दे, पर तोर जम्मो देहें ह नरक म झन डारे जावय। \v 30 अऊ कहूं तोर जेवनी हांथ ह तोर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला काटके फटिक दे। तोर बर येह बने अय कि अपन देहें के एक ठन अंग ला गंवा दे, पर तोर जम्मो देहें ह नरक म झन चले जावय। \s1 तलाक \r (मत्ती 19:9; मरकुस 10:11‑12; लूका 16:18) \p \v 31 “ये घलो कहे गे रिहिस, ‘जऊन कोनो अपन घरवाली ला छोंड़ देथे, त ओह ओला तियाग पतर जरूर देवय।’\f + \fr 5:31 \fr*\ft \+xt ब्यव 24:1; मत्ती 19:3‑9\+xt*\ft*\f* \v 32 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि जऊन कोनो बेभिचार के छोंड़ कोनो आने कारन ले अपन घरवाली ला छोंड़ देथे, त ओह ओकर छिनारी करे के कारन बनथे, अऊ जऊन ह ओ तियागे गय माईलोगन ले बिहाव करथे, त ओह घलो छिनारी करथे। \s1 किरिया \p \v 33 “तुमन ये घलो सुने हवव कि बहुंत पहिले मनखेमन ला ये कहे गे रिहिस, ‘तुमन झूठ-मूठ के किरिया झन खावव, पर परभू के आघू म करे गे किरिया ला पूरा करव।’ \v 34 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि किरिया कभू झन खावव: न तो स्वरग के, काबरकि ओह परमेसर के सिंघासन अय; \v 35 न तो धरती के, काबरकि येह परमेसर के गोड़ रखे के चउकी अय; न तो यरूसलेम के, काबरकि ओह महाराजा के सहर अय। \v 36 अऊ अपन मुड़ के घलो किरिया झन खावव, काबरकि तुमन एको ठन चुंदी ला घलो पंर्रा या करिया नइं कर सकव। \v 37 साफ-साफ तुम्हर गोठ ह हां के हां अऊ नइं के नइं होवय। एकर ले जादा जऊन कुछू होथे, ओह सैतान के तरफ ले होथे।\f + \fr 5:37 \fr*\ft \+xt याकू 5:12\+xt*\ft*\f* \s1 बदला लेय के बारे म उपदेस \r (लूका 6:29‑30) \p \v 38 “तुमन सुने हवव कि ये कहे गे रिहिस, ‘आंखी के बलदा आंखी अऊ दांत के बलदा दांत।’\f + \fr 5:38 \fr*\ft \+xt निर 21:23‑24\+xt*\ft*\f* \v 39 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि दुस्ट मनखे के सामना झन करव। यदि कोनो तुम्हर जेवनी गाल म थपरा मारथे, त अपन डेरी गाल ला घलो ओकर अंग कर देवव। \v 40 अऊ यदि कोनो तुम्हर ऊपर मुकदमा चलाके तुम्हर कुरता ला लेय चाहथे, त तुमन ओला अपन कोटी ला घलो लेवन दव। \v 41 यदि कोनो तुमन ला जबरन एक मील\f + \fr 5:41 \fr*\ft लगभग डेड़ किलोमीटर\ft*\f* ले जाथे, त तुमन ओकर संग दू मील चले जावव। \v 42 जऊन ह तुम्हर ले मांगथे, ओला देवव, अऊ जऊन ह तुम्हर ले उधार मांगथे, ओला उधार देवव। \s1 बईरीमन बर मया \r (लूका 6:27‑28, 32‑36) \p \v 43 “तुमन सुने हवव कि ये कहे गे रिहिस, ‘अपन परोसी ले मया अऊ बईरीमन ले नफरत करव।’ \v 44 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि अपन बईरीमन ले मया करव, अऊ जऊन मन तुम्हर ऊपर अतियाचार करथें, ओमन बर पराथना करव।\f + \fr 5:44 \fr*\ft \+xt निर 23:4‑5\+xt*\ft*\f* \v 45 ताकि तुमन अपन स्वरगीय ददा के संतान हो जावव। ओह खराप अऊ बने दूनों मनखेमन ऊपर अपन सूरज चमकाथे, अऊ धरमी अऊ अधरमी दूनों के ऊपर पानी बरसाथे। \v 46 यदि तुमन ओमन ले मया करथव, जऊन मन तुम्हर ले मया करथें, त तुमन ला का ईनाम मिलही? का लगान लेवइया पापीमन घलो अइसने ही नइं करंय? \v 47 यदि तुमन सिरिप अपन भाईमन ला ही जोहार करथव, त आने मन ले तुमन का बड़े बुता करथव? का आनजातमन घलो अइसने नइं करंय? \v 48 एकरसेति, तुमन सिद्ध बनव, जइसने स्वरग म रहइया तुम्हर ददा ह सिद्ध अय। \c 6 \s1 जरूरतमंद ला दान \p \v 1 “सचेत रहव! तुमन मनखेमन के आघू म ओमन ला देखाय बर अपन धरमीपन के काम झन करव। नइं तो तुमन ला अपन स्वरगीय ददा ले कुछू ईनाम नइं मिलय। \p \v 2 “एकरसेति, जब तुमन जरूरतमंद मनखे ला देथव, त डुगडुगी झन पीटवाव, जइसने कि ढोंगी मनखेमन यहूदीमन के सभा-घर अऊ गलीमन म करथें, ताकि मनखेमन ओमन के बड़ई करंय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो ईनाम पा गीन। \v 3 पर जब तुमन जरूरतमंद मनखे ला देथव, त तुम्हर डेरी हांथ ये बात ला झन जानय कि तुम्हर जेवनी हांथ का करत हवय। \v 4 तुम्हर दान ह गुपत म रहय। तब तुम्हर स्वरगीय ददा, जऊन ह गुपत म करे गय काम ला घलो देखथे, तुमन ला ईनाम दीही। \s1 पराथना \r (लूका 11:2‑4) \p \v 5 “जब तुमन पराथना करथव, त ढोंगी मनखेमन सहीं झन करव, काबरकि मनखेमन ला देखाय बर, यहूदीमन के सभा-घर अऊ गली के चऊकमन म ठाढ़ होके पराथना करई, ओमन ला बने लगथे। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो ईनाम पा गीन। \v 6 जब तुमन पराथना करथव, त अपन खोली म जावव, अऊ कपाट ला बंद करके, अपन ददा ले पराथना करव, जऊन ह नइं दिखय। तब तुम्हर ददा, जऊन ह गुपत म करे गय काम ला घलो देखथे, तुमन ला ईनाम दीही। \v 7 अऊ जब तुमन पराथना करथव, त आनजातमन सहीं बेमतलब के बातमन ला घेरी-बेरी झन दुहराव, काबरकि ओमन ये सोचथें कि ओमन के बहुंत बात बोले के कारन, परमेसर ह ओमन के सुनही। \v 8 ओमन सहीं झन बनव, काबरकि तुम्हर मांगे के पहिली, तुम्हर ददा ह जानथे कि तुमन ला का चीज के जरूरत हवय। \p \v 9 “तुमन ला ये किसम ले पराथना करना चाही: \q1 “ ‘हे हमर ददा, तें जो स्वरग म हवस, \q1 तोर नांव ह पबितर माने जावय, \q1 \v 10 तोर राज आवय, \q1 जइसने तोर ईछा स्वरग म पूरा होथे, \q2 वइसने धरती म घलो पूरा होवय। \q1 \v 11 हमन ला हर दिन के सहीं आज के भोजन दे। \q1 \v 12 हमर पापमन ला छेमा कर, \q2 जइसने हमन ओमन ला छेमा करे हवन, \q1 जऊन मन हमर बिरोध म पाप करे हवंय। \q1 \v 13 अऊ हमन ला परिछा म झन पड़न दे, \q2 पर हमन ला बुरई ले बचा, \q1 काबरकि राज, अऊ पराकरम अऊ महिमा सदाकाल तक तोर अय। आमीन।’ \m \v 14 यदि तुमन ओ मनखेमन ला छेमा करथव, जऊन मन तुम्हर बिरोध म पाप करे हवंय, त तुम्हर स्वरगीय ददा घलो तुमन ला छेमा करही। \v 15 पर यदि तुमन ओ मनखेमन के पाप ला छेमा नइं करव, त तुम्हर ददा घलो तुम्हर पाप ला छेमा नइं करही। \s1 उपास \p \v 16 “जब तुमन उपास करथव, त तुमन अपन चेहरा ला उदास झन बनावव, जइसने कि ढोंगीमन करथें; ओमन अपन चेहरा ला ओरमाय रहिथें, ताकि मनखेमन देखंय कि ओमन उपास करत हवंय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो ईनाम पा चुकिन। \v 17 पर जब तुमन उपास करथव, त अपन मुड़ म तेल चुपरव अऊ मुहूं ला धोवव, \v 18 ताकि मनखेमन ये झन जानंय कि तुमन उपास करत हवव, पर सिरिप तुम्हर ददा परमेसर ह जानय, जऊन ह नइं दिखय। अऊ तुम्हर ददा, जऊन ह हर गुपत के काम ला देखथे, तुमन ला ईनाम दीही। \s1 स्वरग म धन \r (लूका 12:33‑34) \p \v 19 “अपन खातिर ये धरती म धन जमा झन करव, जिहां कीरा अऊ मुर्चा येला नास करथें, अऊ चोरमन सेंध मारके चोरा लेथें। \v 20 पर अपन खातिर स्वरग म धन जमा करव, जिहां कीरा अऊ मुर्चा येला नास नइं कर सकंय, अऊ न ही चोरमन सेंध मारके चोरी कर सकंय। \v 21 काबरकि जिहां तुम्हर धन हवय, उहां तुम्हर मन घलो लगे रहिही। \p \v 22 “आंखी ह देहें के दीया अय। यदि तुम्हर आंखीमन ठीक हवंय, त तुम्हर जम्मो देहें ह अंजोर ले भर जाही। \v 23 पर यदि तुम्हर आंखीमन खराप हवंय, त तुम्हर जम्मो देहें ह अंधियार ले भर जाही। एकरसेति, ओ अंजोर जऊन ह तुमन म हवय, यदि अंधियार हो जाथे, त ओह कतेक भयंकर अंधियार होही।\f + \fr 6:23 \fr*\ft \+xt लूका 11:34‑36; यूह 9:39‑41; मत्ती 15:14\+xt*\ft*\f* \p \v 24 “कोनो भी मनखे दू झन मालिक के सेवा नइं कर सकय। या तो ओह एक झन ले नफरत करही अऊ दूसर झन ले मया; या फेर ओह एक झन बर समरपित रहिही अऊ दूसर झन ला तुछ जानही। तुमन परमेसर अऊ धन दूनों के सेवा नइं कर सकव। \s1 चिंता झन करव \r (लूका 12:22‑34) \p \v 25 “एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव कि तुमन अपन जिनगी के बारे म चिंता झन करव कि तुमन का खाहू या का पीहू, अऊ न अपन देहें के बारे म चिंता करव कि तुमन का पहिरहू। का जिनगी ह भोजन ले जादा महत्व के नो हय? अऊ देहें ह ओनहा ले बढ़के नो हय? \v 26 अकास के चिरईमन ला देखव; ओमन न कुछू बोवंय, न लुवंय अऊ न कोठार म जमा करंय; तभो ले तुम्हर स्वरगीय ददा ह ओमन ला खवाथे। का तुमन चिरईमन ले जादा महत्व के नो हव? \v 27 तुमन म ले कोन ह चिंता करे के दुवारा अपन जिनगी के एको घरी ला घलो बढ़ा सकथे? \p \v 28 “तुमन ओनहा बर काबर चिंता करथव? खेत के जंगली फूलमन ला देखव कि ओमन कइसने बाढ़थें। ओमन न तो मेहनत करंय अऊ न ही ओनहा बिनंय। \v 29 तभो ले मेंह तुमन ला बतावत हंव कि राजा सुलेमान घलो अपन जम्मो सोभा म येमन ले एको झन सहीं नइं सजे-धजे रिहिस। \v 30 यदि परमेसर ह भुइयां के कांदी ला, जऊन ह आज इहां हवय अऊ कल आगी म झोंक दिये जाही, अइसने ओनहा पहिराथे, त हे अल्‍प बिसवासीमन ओह तुमन ला अऊ बने ओनहा काबर नइं पहिराही? \v 31 एकरसेति तुमन चिंता झन करव अऊ ये झन कहव कि हमन का खाबो? या का पीबो? या का पहिरबो? \v 32 आनजातमन ये जम्मो चीज के खोज म रहिथें। तुम्हर स्वरगीय ददा ह जानथे कि तुमन ला ये जम्मो चीजमन के जरूरत हवय। \v 33 पहिली परमेसर के राज अऊ ओकर धरमीपन के खोज करव, त ये जम्मो चीजमन घलो संग म तुमन ला दिये जाही। \v 34 एकरसेति, कल के चिंता झन करव, काबरकि कल के दिन ह अपन चिंता खुद कर लीही। आज के दुख ह आज खातिर बहुंते हवय। \c 7 \s1 आने ऊपर दोस लगई \r (लूका 6:37‑38, 41‑42) \p \v 1 “आने मन के गलती झन निकालव, ताकि तुम्हर घलो गलती झन निकाले जावय। \v 2 काबरकि जऊन किसम ले तुमन आने ऊपर दोस लगाथव, ओही किसम ले तुम्हर ऊपर घलो दोस लगाय जाही, अऊ जऊन नाप ले तुमन नापथव, ओही नाप ले तुम्हर बर नापे जाही। \p \v 3 “तुमन काबर अपन भाई के आंखी के छोटे कचरा ला देखथव, जबकि अपन खुद के आंखी के बड़े कचरा ला धियान नइं देवव? \v 4 जब तुम्हर खुद के आंखी म लकरी के लट्ठा हवय, त तुमन अपन भाई ला कइसने कह सकथव, ‘लान मेंह तोर आंखी के छोटे कचरा ला निकाल दंव?’ \v 5 हे ढोंगीमन हो, पहिली अपन खुद के आंखी के लट्ठा ला निकालव, तभे तुमन अपन भाई के आंखी के छोटे कचरा ला साफ-साफ देखहू अऊ ओला निकाल सकहू। \p \v 6 “पबितर चीज कुकुरमन ला झन देवव, अऊ अपन मोती ला सुरामन के आघू म झन डालव, नइं तो ओमन ओला अपन गोड़ तरी कुचरहीं अऊ तब लहुंटके तुम्हर ऊपर चढ़ बईठहीं। \s1 मांगव, खोजव, खटखटावव \r (लूका 11:9‑13) \p \v 7 “मांगव, त तुमन ला दिये जाही; खोजव, त तुमन पाहू; खटखटावव, त तुम्हर बर कपाट ह खोले जाही। \v 8 काबरकि जऊन ह मांगथे, ओला मिलथे; जऊन ह खोजथे, ओह पाथे; अऊ जऊन ह खटखटाथे, ओकर खातिर कपाट ला खोले जाथे। \p \v 9 “तुमन म अइसने कोन मनखे अय कि यदि ओकर बेटा ह ओकर ले रोटी मांगथे, त ओह ओला पथरा देथे? \v 10 या यदि ओह एक ठन मछरी मांगथे, त ओला सांप देथे? \v 11 जब तुम्हर सहीं खराप मनखेमन अपन लइकामन ला बने चीज के भेंट देय बर जानथव, त स्वरग म रहइया तुम्हर ददा ह ओमन ला अऊ जादा बने चीज काबर नइं दीही, जऊन मन ओकर ले मांगथें। \v 12 आने मन संग वइसने बरताव करव, जइसने तुमन चाहथव कि ओमन तुम्हर संग करंय, काबरकि मूसा के कानून अऊ अगमजानीमन के एहीच सिकछा अय। \s1 संकरा दुवार अऊ चाकर दुवार \r (लूका 13:24) \p \v 13 “संकरा कपाट ले घुसरव। काबरकि चाकर हवय ओ कपाट अऊ सरल हवय ओ रसता, जऊन ह बिनास कोति ले जाथे अऊ बहुंते झन ओमा ले होके जाथें। \v 14 पर छोटे हवय ओ कपाट अऊ कठिन हवय ओ रसता, जऊन ह जिनगी कोति ले जाथे, अऊ सिरिप थोरकन झन येला पाथें। \s1 सच्चा अऊ लबरा अगमजानी \r (लूका 6:43‑44, 46; 13:25‑27) \p \v 15 “लबरा अगमजानीमन ले सचेत रहव। ओमन भेड़ के भेस म तुम्हर करा आथें, पर भीतर ले ओमन भयंकर भेड़िया अंय। \v 16 ओमन के काम के दुवारा ओमन ला तुमन चिन डारहू। का मनखेमन कंटिली झाड़ी ले अंगूर या ऊंटकटारा झाड़ी ले अंजीर के फर टोरथें? \v 17 ओही किसम ले बने रूख ह बने फर देथे, अऊ खराप रूख ह खराप फर देथे। \v 18 बने रूख ह खराप फर नइं दे सकय अऊ न ही खराप रूख बने फर दे सकथे। \v 19 हर ओ रूख जऊन ह बने फर नइं देवय, काटे अऊ आगी म झोंके जाथे। \v 20 ये किसम ले, ओमन के फर के दुवारा, तुमन ओमन ला चिन डारहू। \s1 सच्चा अऊ लबरा चेला \p \v 21 “जऊन मन मोला, ‘हे परभू! हे परभू!’ कहिथें, ओमन म ले जम्मो झन स्वरग के राज म नइं जा सकंय, पर जऊन ह स्वरग म रहइया मोर ददा के ईछा ला पूरा करथे, सिरिप ओहीच ह स्वरग के राज म जाही। \v 22 नियाय के दिन म कतको मनखेमन मोला कहिहीं, ‘हे परभू! हे परभू! का हमन तोर नांव म अगमबानी नइं करेंन? का हमन तोर नांव म परेत आतमामन ला नइं निकालेंन? अऊ तोर नांव म कतको अचरज के काम नइं करेंन?’ \v 23 तब मेंह ओमन ला साफ-साफ बता दूहूं, ‘मेंह तुमन ला कभू नइं जानेंव। हे कुकरमीमन हो, मोर ले दूरिहा हटव।’ \s1 घर बनइया दू झन मनखे: बुद्धिमान अऊ मुरूख \r (लूका 6:47‑49) \p \v 24 “एकरसेति, जऊन ह मोर ये गोठमन ला सुनथे अऊ ओकर पालन करथे, ओह ओ बुद्धिमान मनखे सहीं अय, जऊन ह चट्टान ऊपर अपन घर बनाईस। \v 25 पानी बरसिस, नदीमन म पूरा आईस, गरेर चलिस, अऊ ओ घर ले टकराईस, तभो ले ओ घर ह नइं गिरिस, काबरकि ओकर नीव ह चट्टान ऊपर डारे गे रिहिस। \v 26 पर जऊन ह मोर ये गोठमन ला सुनथे अऊ ओकर पालन नइं करय, ओह ओ मुरूख मनखे सहीं अय, जऊन ह बालू ऊपर अपन घर बनाईस। \v 27 पानी बरसिस, नदीमन म पूरा आईस, गरेर चलिस अऊ ओ घर ले टकराईस अऊ ओ घर ह भरभरा के गिर गीस।” \p \v 28 जब यीसू ह ये बातमन ला कह चुकिस, त मनखेमन के भीड़ ह ओकर उपदेस ला सुनके चकित हो गीस। \v 29 काबरकि यीसू ह ओमन के कानून के गुरूमन सहीं नइं, पर अधिकार के संग ओमन ला उपदेस देवत रिहिस। \c 8 \s1 यीसू ह कोढ़ी मनखे ला चंगा करथे \r (मरकुस 1:40‑45; लूका 5:12‑16) \p \v 1 जब यीसू ह पहाड़ ले उतरिस, त एक बड़े भीड़ ओकर पाछू हो लीस। \v 2 तब एक झन मनखे जऊन ला कोढ़ के बेमारी रहय, ओकर करा आईस, अऊ ओह यीसू ला दंडवत करके कहिस, “हे परभू, यदि तेंह चाहस, त मोला सुध कर सकथस।” \p \v 3 यीसू ह अपन हांथ ला ओ मनखे अंग बढ़ाईस अऊ ओला छूके कहिस, “मेंह चाहत हंव; तेंह सुध हो जा!” अऊ तुरते ओ मनखे ह कोढ़ के बेमारी ले सुध हो गीस। \v 4 तब यीसू ह ओला कहिस, “देख, तें कोनो ला कुछू झन कहिबे। पर जा अऊ अपनआप ला पुरोहित ला देखा, अऊ जइसने मूसा ह हुकूम दे हवय, वइसने भेंट चघा, ताकि मनखेमन म सबूत होवय कि तेंह बेमारी ले ठीक हो गे हवस।\f + \fr 8:4 \fr*\ft \+xt मर 1:45\+xt*\ft*\f*” \s1 रोमी सेना के अधिकारी के बिसवास \r (लूका 7:1‑10) \p \v 5 जब यीसू ह कफरनहूम सहर म आईस, त एक झन रोमी सेना के अधिकारी ओकर करा आईस अऊ ओकर ले बिनती करके कहिस, \v 6 “हे परभू, मोर सेवक ह घर म पड़े हवय; ओला लकवा मार दे हवय, अऊ ओह अब्बड़ दुख भोगत हवय।” \p \v 7 यीसू ह ओला कहिस, “मेंह जाहूं अऊ ओला चंगा करहूं।” \p \v 8 तब रोमी सेना के अधिकारी ह ये जबाब दीस, “हे परभू, मेंह एकर लईक नो हंव कि तेंह मोर घर म आ। पर सिरिप अपन मुहूं ले कहि दे, त मोर सेवक ह ठीक हो जाही। \v 9 काबरकि मेंह खुद हाकिम के अधीन म हवंव अऊ सैनिकमन मोर अधीन म हवंय। मेंह एक झन ला कहिथंव, ‘जा’, त ओह जाथे अऊ दूसर ला कहिथंव, ‘आ’, त ओह आथे। मेंह अपन सेवक ला कहिथंव, येला कर, त ओला करथे।” \p \v 10 येला सुनके यीसू ह चकित हो गीस, अऊ जऊन मन ओकर पाछू-पाछू आवत रिहिन, ओमन ला ओह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि मेंह इसरायली मनखेमन म घलो अइसने बड़े बिसवास नइं देखेंव। \v 11 मेंह तुमन ला कहत हंव कि कतको मनखेमन पूरब अऊ पछिम दिग ले आहीं अऊ अब्राहम, इसहाक अऊ याकूब के संग स्वरग के राज के भोज म सामिल होहीं। \v 12 पर जऊन मन ला स्वरग राज म होना चाही, ओमन ला बाहिर अंधियार म डार दिये जाही, जिहां ओमन रोहीं अऊ अपन दांत पीसहीं।” \p \v 13 तब यीसू ह रोमी सेना के अधिकारी ले कहिस, “जा, जइसने तेंह बिसवास करे हवस वइसने तोर बर होही।” अऊ ओकर सेवक ह ओहीच घरी चंगा हो गीस। \s1 यीसू ह बहुंते झन ला चंगा करथे \r (मरकुस 1:29‑34; लूका 4:38‑41) \p \v 14 जब यीसू ह पतरस के घर म आईस, त ओह देखिस कि पतरस के सास ह जर के मारे खटिया म पड़े रहय। \v 15 यीसू ह ओकर हांथ ला छुईस अऊ ओकर जर ह उतर गीस, अऊ ओह उठके यीसू के सेवा-टहल करे लगिस। \p \v 16 जब सांझ होईस, त मनखेमन परेत आतमा ले जकड़े बहुंते मनखेमन ला यीसू करा लानिन। यीसू ह सिरिप गोठ के दुवारा ओ परेत आतमामन ला निकाल दीस अऊ जम्मो बिमरहामन ला चंगा करिस। \v 17 ये किसम ले, यसायाह अगमजानी के दुवारा कहे गय ये बचन ह पूरा होईस: \q1 “ओह हमर कमजोरी ला ले लीस, \q2 अऊ हमर रोगमन ला दूर करिस।”\f + \fr 8:17 \fr*\ft \+xt यसा 53:4\+xt*\ft*\f* \s1 यीसू के चेला बने के कीमत \r (लूका 9:57‑62) \p \v 18 जब यीसू ह अपन चारों कोति मनखेमन के भीड़ ला देखिस, त ओह अपन चेलामन ला झील के ओ पार जाय के हुकूम दीस। \v 19 तब मूसा के कानून के एक गुरू ह यीसू करा आके कहिस, “हे गुरू, तेंह जिहां कहूं घलो जाबे, मेंह तोर पाछू-पाछू चलहूं।” \p \v 20 यीसू ह ओला कहिस, “कोलिहामन बर रहे के बिल हवय अऊ अकास के चिरईमन के बसेरा हवय, पर मनखे के बेटा के मुड़ ला थेबे बर घलो कोनो जगह नइं ए।” \p \v 21 एक आने चेला ह ओकर ले कहिस, “हे परभू, पहिली मोला जावन दे कि मेंह अपन मरे ददा ला माटी दे दंव।” \p \v 22 पर यीसू ह ओला कहिस, “तेंह मोर पाछू हो ले, अऊ मुरदामन ला अपन मुरदा गाड़न दे।” \s1 यीसू ह आंधी ला सांत करथे \r (मरकुस 4:35‑41; लूका 8:22‑25) \p \v 23 तब यीसू ह डोंगा म चघिस अऊ ओकर चेलामन घलो ओकर संग गीन। \v 24 अचानक झील म एक भयंकर गर्रा उठिस अऊ डोंगा ह पानी के लहरामन ले भरे लगिस। पर यीसू ह सोवत रहय। \v 25 चेलामन यीसू करा गीन अऊ ओला उठाके कहिन, “हे परभू, हमन ला बचा। हमन पानी म बुड़त हवन।” \p \v 26 यीसू ह ओमन ला कहिस, “हे अल्‍प बिसवासी मनखेमन हो, तुमन काबर डरावत हवव?” तब ओह उठिस अऊ आंधी अऊ पानी के लहरामन ला दबकारिस अऊ जम्मो ह एकदम सांत हो गीस। \p \v 27 ओ मनखेमन अचम्भो म पड़ गीन अऊ कहिन, “येह का किसम के मनखे अय? अऊ त अऊ आंधी अऊ पानी के लहरामन घलो एकर हुकूम मानथें।” \s1 परेत आतमा बाधित दू झन मनखे के चंगई \r (मरकुस 5:1‑20; लूका 8:26‑39) \p \v 28 जब यीसू ह झील के ओ पार गदरेनीमन के इलाका\f + \fr 8:28 \fr*\fqa गदरेनी \fqa*\ft ह आनजातमन के इलाका रिहिस।\ft*\f* म आईस, त दू झन मनखे, जेमन म परेत आतमा रहंय, मरघटी ले निकलके ओकर करा आईन। ओमन अतेक उदंड रिहिन कि कोनो ओ रसता म आय-जाय नइं सकत रिहिन। \v 29 ओमन चिचियाके कहिन, “हे परमेसर के बेटा, हमर ले तोला का काम? का तेंह ठहिराय गय समय ले पहिली हमन ला इहां सताय बर आय हवस?” \p \v 30 उहां ले कुछू दूरिहा म, सुरामन के एक बड़े झुंड ह चरत रहय। \v 31 ओ परेत आतमामन यीसू ले बिनती करके कहिन, “यदि तेंह हमन ला निकालत हवस, त हमन ला ओ सुरामन के झुंड म पठो दे।” \p \v 32 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जावव।” तब परेत आतमामन ओ मनखेमन ले निकलके सुरामन म हमा गीन अऊ सुरामन के जम्मो झुंड ह तीर म निकले पथरा ले झील म झपटके कूदिस, अऊ बुड़ मरिस। \v 33 सूरा चरइयामन भाग गीन अऊ सहर म जाके जम्मो बात ला बताईन। ओमन ओ परेत आतमा ले बाधित मनखेमन के बारे म घलो बताईन। \v 34 तब सहर के जम्मो मनखेमन यीसू करा भेंट करे बर आईन, अऊ जब ओमन ओला देखिन, त ओकर ले बिनती करिन कि ओह ओमन के इलाका ले चले जावय। \c 9 \s1 यीसू ह लकवा के मारे एक झन मनखे ला चंगा करथे \r (मरकुस 2:1‑12; लूका 5:17‑26) \p \v 1 यीसू ह डोंगा म चघिस अऊ झील ला पार करके अपन सहर म आईस\f + \fr 9:1 \fr*\ft इहां \ft*\fq अपन सहर \fq*\ft के मतलब \ft*\fqa कफरनहूम \fqa*\ft ए। यीसू ह नासरत ला छोंड़े के बाद कफरनहूम म रिहिस।\ft*\f*। \v 2 कुछू मनखेमन लकवा के मारे एक मनखे ला ओकर करा लानिन; ओ मनखे ह खटिया म पड़े रहय। जब यीसू ह ओमन के बिसवास ला देखिस, त ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “बेटा, खुसी मना! तोर पाप ह छेमा हो गे।” \p \v 3 येला सुनके, मूसा के कानून के कुछू गुरूमन अपन मन म कहिन, “ये मनखे ह परमेसर के निन्दा करत हवय!” \p \v 4 ओमन के मन के बात ला जानके यीसू ह कहिस, “तुमन अपन मन म काबर अइसने खराप बात सोचत हवव? \v 5 कते बात ह सरल ए? ये कहई, ‘तोर पाप ह छेमा हो गीस,’ या फेर ये कहई, ‘उठ, अऊ चल फिर।’ \v 6 मेंह तुमन ला देखाहूं कि मनखे के बेटा ला धरती म पाप छेमा करे के अधिकार हवय।” तब ओह लकवा के मारे ला कहिस, “उठ, अपन खटिया ला उठा अऊ घर जा।” \v 7 अऊ ओ मनखे ह उठिस अऊ अपन घर चल दीस। \v 8 जब भीड़ के मनखेमन येला देखिन, त ओमन डरा गीन, अऊ ओमन परमेसर के महिमा करे लगिन, जऊन ह मनखेमन ला अइसने अधिकार दे हवय। \s1 यीसू ह मत्ती ला बलाथे \r (मरकुस 2:13‑17; लूका 5:27‑32) \p \v 9 जब यीसू ह उहां ले आघू बढ़िस, त ओह मत्ती नांव के एक झन मनखे ला लगान पटाय के नाका म बईठे देखिस, त ओह ओला कहिस, “मोर पाछू आ।” अऊ मत्ती ह उठके ओकर पाछू हो लीस। \p \v 10 जब यीसू ह मत्ती के घर म खाना खाय बर बईठिस, त कतको लगान लेवइया अधिकारी अऊ पापी मनखेमन आईन अऊ ओमन घलो यीसू अऊ ओकर चेलामन संग खाना खाय बर बईठिन। \v 11 येला देखके फरीसीमन यीसू के चेलामन ले पुछिन, “तुम्हर गुरू ह लगान लेवइया अऊ पापीमन संग काबर खावत हवय?” \p \v 12 येला सुनके, यीसू ह कहिस, “भला-चंगा मनखेमन ला डाक्टर के जरूरत नइं होवय, पर बिमरहामन ला होथे। \v 13 जावव अऊ सीखव कि परमेसर के ये बचन के का मतलब होथे: ‘मेंह बलिदान नइं, पर दया चाहथंव।’\f + \fr 9:13 \fr*\ft \+xt होसे 6:6; लूका 5:32\+xt*\ft*\f* काबरकि मेंह धरमीमन ला नइं, पर पापीमन ला बलाय बर आय हवंव।” \s1 उपास के बारे म सवाल \r (मरकुस 2:18‑22; लूका 5:33‑39) \p \v 14 तब यूहन्ना के चेलामन यीसू करा आईन अऊ पुछिन, “का कारन ए कि हमन अऊ फरीसीमन उपास करथन, पर तोर चेलामन उपास नइं करंय?” \p \v 15 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “का बरातीमन दुख मनाथें, जब दूल्हा ह ओमन के संग म रहिथे? पर ओ समय आही जब दूल्हा ह ओमन ले अलग करे जाही; तब ओमन उपास करहीं। \p \v 16 “जुन्ना कपड़ा म नवां कपड़ा के खाप कोनो नइं लगावंय, काबरकि ओ खाप ह जुन्ना कपड़ा ला तीरके अऊ चीर दीही। \v 17 वइसने ही मनखेमन जुन्ना चमड़ा के थैली म नवां अंगूर के मंद ला नइं भरंय। यदि ओमन अइसने करथें, त ओ चमड़ा के थैली फट जाही, अऊ अंगूर के मंद ह बोहा जाही अऊ ओ थैली ह बरबाद हो जाही। एकरे बर ओमन नवां मंद ला नवां चमड़ा के थैली म भरथें, अऊ ये किसम ले दूनों चीज सही-सलामत रहिथे।”\f + \fr 9:17 \fr*\ft \+xt मत्ती 12:6, 41‑42\+xt*\ft*\f* \s1 मरे छोकरी अऊ बिमरहा माईलोगन \r (मरकुस 5:21‑43; लूका 8:40‑56) \p \v 18 जब यीसू ह ओमन ला ये कहत रिहिस, तभे यहूदीमन के सभा-घर के एक अधिकारी आईस अऊ यीसू के आघू म माड़ी टेकके कहिस, “मोर बेटी ह अभीच मरे हवय। पर तेंह चल अऊ अपन हांथ ला ओकर ऊपर रख, अऊ ओह जी जाही।” \v 19 यीसू ह उठिस अऊ ओकर संग गीस। यीसू के चेलामन घलो ओकर संग गीन। \p \v 20 तभे एक झन माईलोगन रहय, जऊन ला बारह बछर ले लहू बोहाय के बेमारी रिहिस, ओह यीसू के पाछू ले आईस अऊ ओकर कपड़ा के छोर ला छू लीस। \v 21 काबरकि ओह अपन मन म कहत रिहिस, “यदि मेंह ओकर कपड़ा ला ही छू लूहूं, त चंगा हो जाहूं।” \p \v 22 यीसू ह पाछू कोति मुड़के ओला देखिस अऊ कहिस, “हिम्मत रख, बेटी। तोर बिसवास ह तोला चंगा करे हवय।” अऊ ओहीच घरी ओ माईलोगन ह बने हो गीस। \p \v 23 जब यीसू ह ओ अधिकारी के घर के भीतर गीस अऊ बांसुरी बजइयामन ला अऊ मनखेमन ला रोवत-पीटत देखिस,\f + \fr 9:23 \fr*\ft ओ समय जब कोनो मर जावय, त माटी देय के बेरा बांसुरी बजावंय।\ft*\f* \v 24 त ओह कहिस, “घुंच जावव! ये छोकरी ह मरे नइं ए, पर सुतत हवय।” पर ओमन ओकर हंसी उड़ाय लगिन। \v 25 जब मनखेमन ला घर के बाहिर कर दिये गीस, त यीसू ह भीतर गीस अऊ छोकरी के हांथ ला धरके उठाईस, अऊ ओ छोकरी ह उठ बईठिस। \v 26 ये बात के चरचा ओ जम्मो इलाका म फईल गीस। \s1 यीसू ह अंधरा अऊ कोंदामन ला चंगा करथे \p \v 27 यीसू ह उहां ले आघू बढ़िस, त दू झन अंधरा मनखे ये गोहार पारत ओकर पाछू हो लीन, “हे दाऊद के संतान, हमर ऊपर दया कर।” \p \v 28 जब यीसू ह घर के भीतर गीस, त ओ अंधरा मनखेमन ओकर करा आईन। यीसू ह ओमन ले पुछिस, “का तुमन ला बिसवास हवय कि मेंह ये काम कर सकत हंव?” \p ओमन ओला कहिन, “हव परभू।” \p \v 29 तब यीसू ह ओमन के आंखी ला छुईस अऊ कहिस, “तुम्हर बिसवास के मुताबिक तुम्हर बर होवय।” \v 30 अऊ ओमन के आंखीमन देखे लगिन। यीसू ह ओमन ला बहुंत चेताके कहिस, “देखव, ये बात ला अऊ कोनो ला झन बतावव।” \v 31 पर बाहिर निकलके, ओमन ओ जम्मो इलाका म यीसू के जस ला फईला दीन। \p \v 32 जब ओमन बाहिर निकलत रिहिन, त कुछू मनखेमन भूत धरे एक कोंदा मनखे ला यीसू करा लानिन। \v 33 अऊ जब यीसू ह भूत ला निकाल दीस, त ओ कोंदा मनखे ह गोठियाय लगिस। मनखेमन अचम्भो करत कहे लगिन, “हमन इसरायल देस म अइसने बात कभू नइं देखे रहेंन।” \p \v 34 पर फरीसीमन कहिन, “येह परेत आतमामन के सरदार के मदद ले परेत आतमामन ला निकालथे।” \s1 बनिहार थोरकन हवंय \p \v 35 यीसू ह जम्मो नगर अऊ गांव म ले होवत गीस, अऊ ओह यहूदीमन के सभा-घरमन म उपदेस देवत, परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करत अऊ जम्मो किसम के रोग अऊ बेमारी ला बने करत गीस। \v 36 जब यीसू ह मनखेमन के भीड़ ला देखिस, त ओला ओमन के ऊपर तरस आईस, काबरकि ओमन परेसान अऊ बिन सहारा के रिहिन। ओमन बिन चरवाहा के भेड़ सहीं रिहिन।\f + \fr 9:36 \fr*\ft \+xt गन 27:16‑17\+xt*\ft*\f* \v 37 तब ओह अपन चेलामन ला कहिस, “खेत म फसल तो बहुंते हवय, पर बनिहारमन थोरकन हवंय। \v 38 एकरसेति, फसल के मालिक ले बिनती करव कि ओह अपन फसल ला लुए बर बनिहार पठोवय।” \c 10 \s1 यीसू बारह चेलामन ला पठोथे \r (मरकुस 3:13‑19; लूका 6:12‑16) \p \v 1 यीसू ह अपन बारह चेलामन ला अपन करा बलाईस अऊ ओमन ला असुध आतमामन ला निकाले अऊ हर एक किसम के रोग अऊ बेमारी ला बने करे के अधिकार दीस। \b \lh \v 2 बारह प्रेरितमन के नांव ये अय: \b \li1 पहिला सिमोन, जऊन ला पतरस कहे जाथे अऊ ओकर भाई अन्द्रियास; \li1 जबदी के बेटा याकूब अऊ ओकर भाई यूहन्ना; \li1 \v 3 फिलिप्पुस अऊ बरतुलमै; \li1 थोमा अऊ लगान लेवइया मत्ती; \li1 हलफई के बेटा याकूब, अऊ तद्दै; \li1 \v 4 सिमोन कनानी अऊ यहूदा इस्करियोती जऊन ह यीसू के संग बिसवासघात करिस। \b \p \v 5 ये बारहों झन ला, यीसू ह ये हुकूम देके पठोईस, “आनजातमन इहां झन जावव अऊ न ही सामरीमन के कोनो सहर म जावव। \v 6 एकर बदले, इसरायल के घराना के गंवाय भेड़मन करा जावव।\f + \fr 10:6 \fr*\ft \+xt मत्ती 15:24\+xt*\ft*\f* \v 7 जब तुमन जावव, त ये संदेस के परचार करव: ‘स्वरग के राज ह लकठा म आ गे हवय।’ \v 8 बिमरहामन ला चंगा करव, मरे मनखेमन ला जियावव, कोढ़ी मनखेमन ला सुध करव, परेत आतमामन ला निकालव। मुफत म तुमन ला मिले हवय, एकरसेति मुफत म देवव। \p \v 9 “अपन पटका म सोन या चांदी या तांबा झन रखव। \v 10 रसता बर झोला या अतकिहा कुरता या पनही या लउठी झन रखव, काबरकि बनिहार ला ओकर जरूरत के चीज दिये जाना चाही।\f + \fr 10:10 \fr*\ft \+xt मत्ती 9:37\+xt*\ft*\f* \v 11 जऊन कोनो सहर या गांव म तुमन जावव, त उहां कोनो काबिल मनखे के पता लगावव अऊ उहां ले बिदा होवत तक ओकरे घर म ठहिरव। \v 12 जऊन घर म तुमन जावव, त ओ घर ला आसीस देवव। \v 13 यदि ओ घर के मनखेमन काबिल होहीं, त तुम्हर सांति ह उहां ठहिरही, पर यदि ओमन काबिल नो हंय, त तुम्हर सांति ह तुम्हर करा लहुंट आही। \v 14 यदि कोनो तुमन ला गरहन नइं करय या तुम्हर गोठ ला नइं सुनय, त ओ घर या सहर ले निकलत बेरा अपन गोड़ के धुर्रा ला झर्रा देवव। \v 15 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि नियाय के दिन म, ये सहर के मनखेमन ले सदोम अऊ अमोरा सहर के मनखेमन के दसा ह जादा सहे के लईक होही। \p \v 16 “देखव! मेंह तुमन ला भेड़ियामन के बीच म भेड़मन सहीं पठोवत हंव। एकरसेति, सांप के सहीं चतुरा अऊ पंड़की के सहीं निरदोस बनव। \v 17 मनखेमन ले सचेत रहव। ओमन तुमन ला धरम-सभा ला सऊंप दीहीं अऊ यहूदीमन के सभा-घर म तुमन ला कोर्रा म मारहीं। \v 18 मोर कारन, तुमन ला हाकिम अऊ राजामन के आघू म लाने जाही कि तुमन मोर बिसय म ओमन ला अऊ आनजातमन ला गवाही देवव। \v 19 जब ओमन तुमन ला पकड़थें, त एकर चिंता झन करव कि तुमन ला का कहना हे या कइसने कहना हे, काबरकि ओहीच बखत तुमन ला बताय जाही कि का कहना हे। \v 20 काबरकि बोलइया तुमन नइं, पर तुम्हर ददा परमेसर के आतमा ह तुमन म होके बोलही। \p \v 21 “भाई ह अपन भाई ला अऊ ददा ह अपन लइका ला मार डारे बर सऊंप दीही। लइकामन अपन दाई-ददा के बिरोध म खड़े होहीं अऊ ओमन ला मरवा डारहीं। \v 22 मोर कारन, जम्मो मनखेमन तुम्हर ले नफरत करहीं, पर जऊन ह आखिरी तक अडिग बने रहिही, ओकरेच उद्धार होही। \v 23 जब ओमन तुमन ला एक सहर म सताथें, त तुमन आने सहर म भाग जावव। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि मनखे के बेटा के आय के पहिली, तुमन इसरायल के जम्मो सहर म नइं जा सके होहू।\f + \fr 10:23 \fr*\ft \+xt दानि 7:13\+xt*\ft*\f* \p \v 24 “चेला ह अपन गुरू ले बड़े नइं होवय अऊ न ही सेवक ह अपन मालिक ले बड़े होथे। \v 25 चेला ह अपन गुरू सहीं अऊ सेवक ह अपन मालिक सहीं बन जाना ही बहुंत अय। जब ओमन घर के मुखिया ला बालजबूल\f + \fr 10:25 \fr*\ft याने कि सैतान\ft*\f* कहिन, त फेर ओमन ओकर घर के सदस्यमन ला का कुछू नइं कहिहीं। \p \v 26 “एकरसेति, ओमन ले झन डरव। काबरकि कुछू घलो बात ढंके नइं ए, जऊन ला उघारे नइं जाही या कुछू भी बात छिपे नइं ए, जऊन ला बताय नइं जाही। \v 27 जऊन बात मेंह तुमन ला अंधियार म कहत हंव, ओला तुमन अंजोर म कहव। जऊन बात, तुमन ला कान म फुसफुसाके कहे जाथे, ओला तुमन घर के छानी ऊपर ले चिचिया-चिचियाके बतावव। \v 28 ओमन ले झन डरव, जऊन मन सरीर ला मार डारथें, पर आतमा ला नइं मार सकंय। पर ओकर ले डरव, जऊन ह आतमा अऊ सरीर दूनों ला नरक म नास कर सकथे। \v 29 एक पईसा म दू ठन गौरइया चिरई बिकथे, तभो ले तुम्हर ददा परमेसर के बिगर ईछा के ओमा ले एको ठन घलो धरती ऊपर नइं गिरय। \v 30 अऊ त अऊ तुम्हर मुड़ के जम्मो चुंदीमन गने गे हवंय। \v 31 झन डरव; तुमन गौरइया चिरईमन ले जादा कीमत के अव। \p \v 32 “जऊन कोनो मोला मनखेमन के आघू म स्वीकार करथे, ओला मेंह घलो स्वरग म अपन ददा के आघू म स्वीकार करहूं। \v 33 पर जऊन कोनो मोला मनखेमन के आघू म इनकार करथे, त ओला मेंह घलो स्वरग म अपन ददा के आघू म इनकार करहूं। \p \v 34 “ये झन सोचव कि मेंह धरती म सांति इस्‍थापना करे बर आय हवंव। मेंह सांति इस्‍थापना करे बर नइं, पर तलवार चलवाय बर आय हवंव। \q1 \v 35 “मेंह बेटा ला ओकर ददा के बिरूध, \q2 बेटी ला ओकर दाई के बिरूध \q1 अऊ बहू ला ओकर सास के बिरूध करे बर आय हवंव। \q2 \v 36 मनखे के बईरी ओकर खुद के परिवार के मनखेमन होहीं। \p \v 37 “जऊन ह अपन ददा या दाई ला मोर ले जादा मया करथे, ओह मोर लईक नो हय। जऊन ह अपन बेटा या बेटी ला मोर ले जादा मया करथे, ओह मोर लईक नो हय; \v 38 अऊ जऊन ह अपन कुरूस ला उठाके मोर पाछू नइं आवय, ओह मोर लईक नो हय। \v 39 जऊन ह अपन परान ला बचाथे, ओह ओला गंवाही, अऊ जऊन ह मोर कारन अपन परान ला गंवाथे, ओह ओला बचाही। \p \v 40 “जऊन ह तुमन ला गरहन करथे, ओह मोला गरहन करथे, अऊ जऊन ह मोला गरहन करथे, ओह ओला गरहन करथे जऊन ह मोला पठोय हवय। \v 41 जऊन ह एक अगमजानी ला अगमजानी जानके गरहन करथे, त ओह एक अगमजानी के ईनाम पाही, अऊ जऊन ह धरमी मनखे ला धरमी मनखे जानके गरहन करथे, ओह एक धरमी मनखे के ईनाम पाही। \v 42 अऊ जऊन ह ये छोटे मन म ले कोनो ला मोर चेला जानके एक गिलास ठंडा पानी पीये बर देथे, त मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओह एकर ईनाम जरूर पाही।” \c 11 \s1 यीसू अऊ यूहन्ना बतिसमा देवइया \r (लूका 7:18‑35) \p \v 1 अपन बारह चेलामन ला ये हुकूम देय के बाद, यीसू ह उहां ले चल दीस। ओह गलील प्रदेस के सहरमन म सिकछा दे बर अऊ परचार करे बर गीस। \p \v 2 जब यूहन्ना ह जेल म मसीह के काम के चरचा ला सुनिस, त ओह अपन चेलामन ला ओकर करा ये पुछे बर पठोईस, \v 3 “का तेंह ओही अस, जऊन ह अवइया रिहिस या फेर हमन कोनो आने के बाट जोहन।” \p \v 4 यीसू ह ओमन ला ये जबाब दीस, “तुमन जावव, अऊ जऊन कुछू तुमन सुनत अऊ देखत हवव, ओला यूहन्ना ला बतावव— \v 5 अंधरामन देखथें, खोरवामन रेंगथें, कोढ़ीमन सुध करे जावथें, भैंरा मनखेमन सुनथें, मुरदामन जी उठथें, अऊ गरीबमन ला सुघर संदेस के परचार करे जाथे।\f + \fr 11:5 \fr*\ft \+xt यसा 61:1; लूका 4:18‑19\+xt*\ft*\f* \v 6 धइन ए ओह जऊन ह मोर ऊपर संदेह नइं करय।” \p \v 7 जब यूहन्ना के चेलामन जावत रिहिन, त यीसू ह मनखेमन ला यूहन्ना के बारे म कहन लगिस, “जब तुमन सुनसान जगह म यूहन्ना करा गेव, त तुमन का देखे के आसा करत रहेव? का हवा म डोलत बड़े घांस के पऊधा ला? \v 8 यदि नइं! त फेर तुमन का देखे बर गे रहेव? का सुघर कपड़ा पहिरे एक मनखे ला देखे बर? जऊन मन सुघर कपड़ा पहिरथें, ओमन राजा के महल म रहिथें। \v 9 त तुमन का देखे बर गे रहेव? एक अगमजानी ला देखे बर? हव, मेंह तुमन ला कहथंव कि तुमन एक अगमजानी ले घलो बड़े मनखे ला देखेव। \v 10 येह ओ मनखे अय, जेकर बारे म परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “ ‘मेंह अपन संदेसिया ला तोर आघू पठोवत हंव, \q2 जऊन ह तोर आघू तोर रसता तियार करही।’\f + \fr 11:10 \fr*\ft \+xt मला 3:1\+xt*\ft*\f* \m \v 11 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि अभी तक जऊन मनखेमन संसार म माईलोगन ले जनमे हवंय, ओमन म कोनो घलो यूहन्ना बतिसमा देवइया ले बड़े नो हय। पर जऊन ह स्वरग के राज म सबले छोटे अय, ओह यूहन्ना ले घलो बड़े अय। \v 12 यूहन्ना बतिसमा देवइया के समय ले अभी तक स्वरग के राज ऊपर सतावा होय हवय अऊ सतानेवालामन ताकत के दुवारा येला अपन अधिकार म कर लेथें। \v 13 काबरकि जम्मो अगमजानी अऊ मूसा के कानून, यूहन्ना के समय तक अगमबानी करत रिहिन। \v 14 अऊ यदि तुमन ये बात ला मानत हव, त जान लेवव कि ओह एलियाह अय, जऊन ह अवइया रिहिस। \v 15 जेकर कान हवय, ओह सुन ले। \p \v 16 “मेंह ये पीढ़ी के मनखेमन के तुलना काकर ले करंव? ओमन बजार म बईठे लइकामन सहीं अंय, जऊन मन अपन दूसर संगीमन ला पुकारके कहिथंय: \q1 \v 17 “ ‘हमन तुम्हर बर बांसुरी बजाएंन, \q2 पर तुमन नइं नाचेव; \q1 हमन बिलाप करेंन, \q2 अऊ तुमन ला दुख नइं होईस।’ \m \v 18 काबरकि यूहन्ना आईस, पर ओह सधारन मनखे सहीं, न तो खाईस अऊ न ही पीईस, अऊ मनखेमन कहिथें, ‘ओमा परेत आतमा हवय।’ \v 19 मनखे के बेटा ह आईस, जऊन ह खाथे अऊ पीथे, अऊ मनखेमन कहिथें, ‘देखव, ओह पेटहा अऊ पियक्कड़ अय, अऊ लगान लेवइया अऊ पापीमन के संगवारी अय।’ पर बुद्धि ह अपन काम के दुवारा सही ठहिरथे।” \s1 पछताप नइं करइया सहरमन ला धिक्कार \r (लूका 10:13‑15) \p \v 20 तब यीसू ह ओ सहरमन ला धिक्कारे लगिस, जिहां ओह सबले जादा चमतकार करे रिहिस, पर ओ सहरमन पछताप नइं करिन। \v 21 यीसू ह कहिस, “धिक्कार ए तोला, खुराजीन! धिक्कार ए तोला, बैतसैदा। जऊन चमतकार के काम तुमन म करे गीस, यदि ओ काम सूर अऊ सीदोन सहर म करे गे होतिस, त ओमन बहुंत पहिली टाट के कपड़ा ओढ़के अऊ राख म बईठके पछताप कर चुके होतिन। \v 22 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि नियाय के दिन म सूर अऊ सीदोन के दसा ह तुम्हर दसा ले कहूं जादा सहे के लईक होही। \v 23 अऊ तें कफरनहूम! का तेंह अकास तक ऊंचा उठाय जाबे! नइं! तेंह खाल्हे पाताल-लोक ला चले जाबे। काबरकि जऊन चमतकार के काम तोर म करे गीस, यदि ओ काम सदोम सहर म करे गे होतिस, त ओ सहर ह आज तक ले बने रहितिस। \v 24 पर मेंह तोला कहत हंव कि नियाय के दिन म सदोम सहर के दसा ह तोर दसा ले कहूं जादा सहे के लईक होही।” \s1 थके-हारे मनखेमन बर बिसराम \r (लूका 10:21‑22) \p \v 25 ओही बेरा यीसू ह कहिस, “हे ददा! स्वरग अऊ धरती के परभू! मेंह तोर धनबाद करत हंव, काबरकि तेंह ये बातमन ला बुद्धिमान अऊ गियानी मनखेमन ले छुपाय रखय, पर येला छोटे लइकामन ऊपर परगट करय। \v 26 हव, ददा, ये काम करे म तोला खुसी होईस। \p \v 27 “मोर ददा ह मोला जम्मो चीज ला सऊंप दे हवय। ददा के छोंड़ अऊ कोनो, बेटा ला नइं जानंय, अऊ ददा ला कोनो नइं जानंय, सिरिप बेटा ह जानथे अऊ ओमन घलो जानथें, जऊन मन ला बेटा ह चुनथे कि ओमन ऊपर ददा ला उजागर करे। \p \v 28 “हे जम्मो थके-मांदे अऊ बोझ ले दबे मनखेमन, मोर करा आवव, मेंह तुमन ला बिसराम दूहूं। \v 29 मोर जुआड़ी ला अपन ऊपर रखव अऊ मोर ले सीखव, काबरकि मेंह हिरदय म दयालु अऊ नम्र अंव, अऊ तुमन अपन आतमा म बिसराम पाहू। \v 30 काबरकि मोर जुआड़ी ह सरल अऊ मोर बोझा ह हरू हवय।” \c 12 \s1 बिसराम दिन के परभू \r (मरकुस 2:23‑28; लूका 6:1‑5) \p \v 1 ओ समय यीसू ह बिसराम के दिन अनाज के खेत म ले होके जावत रिहिस। ओकर चेलामन ला भूख लगिस, त ओमन अनाज के कुछू दाना ला टोर-टोरके खावन लगिन। \v 2 येला देखके फरीसीमन यीसू ले कहिन, “देख! तोर चेलामन ओ काम करत हवंय, जेला बिसराम के दिन करई कानून के बिरूध अय।” \p \v 3 यीसू ह कहिस, “का तुमन परमेसर के बचन म नइं पढ़ेव कि दाऊद ह का करिस, जब ओला अऊ ओकर संगीमन ला भूख लगिस? \v 4 ओह परमेसर के घर म गीस, अऊ ओह अऊ ओकर संगवारीमन परमेसर ला भेंट चघाय रोटी ला खाईन, जऊन ला खवई, ओमन बर कानून के बिरूध रिहिस। ओ रोटी ला सिरिप पुरोहितमन खा सकत रिहिन।\f + \fr 12:4 \fr*\ft \+xt लैव्य 24:9\+xt*\ft*\f* \v 5 या का तुमन मूसा के कानून म नइं पढ़े हवव कि पुरोहितमन बिसराम के दिन मंदिर म बिसराम के कानून ला टोरथें, तभो ले ओमन दोसी नइं ठहिरंय? \v 6 मेंह तुमन ला कहथंव कि इहां एक झन हवय, जऊन ह मंदिर ले घलो बड़े अय। \v 7 मेंह बलिदान नइं पर दया चाहथंव। परमेसर के बचन म लिखे ये बात ला यदि तुमन समझतेव,\f + \fr 12:7 \fr*\ft \+xt होसे 6:6\+xt*\ft*\f* त तुमन निरदोसीमन ला दोसी नइं ठहिरातेव। \v 8 काबरकि मनखे के बेटा ह बिसराम दिन के परभू अय।”\f + \fr 12:8 \fr*\ft \+xt भजन 8:4‑8; मर 2:28\+xt*\ft*\f* \p \v 9 उहां ले चलके, यीसू ह यहूदीमन के सभा-घर म आईस। \v 10 उहां एक झन मनखे रहय, जेकर एक हांथ ह सूख गे रहय। उहां कुछू मनखेमन यीसू ऊपर दोस लगाय बर बहाना खोजत रिहिन, एकरसेति ओमन यीसू ले पुछिन, “का बिसराम के दिन कोनो बिमरहा ला चंगा करई कानून के मुताबिक सही अय?” \p \v 11 यीसू ह ओमन ला कहिस, “यदि तुमन के काकरो एक ठन भेड़ हवय अऊ ओह बिसराम के दिन खंचवा म गिर जावय, त का तुमन ओला पकड़के बाहिर नइं निकालहू? \v 12 मनखे के कीमत ह एक ठन भेड़ ले बहुंत बढ़के होथे। एकरसेति बिसराम के दिन म भलई करई कानून के मुताबिक सही अय।” \p \v 13 तब यीसू ह ओ सूखा हांथवाले मनखे ले कहिस, “अपन हांथ ला लमा।” ओह अपन हांथ ला लमाईस अऊ ओ हांथ ह दूसर हांथ सहीं पूरा बने हो गीस। \v 14 पर फरीसीमन बाहिर निकलिन अऊ ओमन यीसू ला मार डारे के योजना बनाईन। \s1 परमेसर के चुने सेवक \p \v 15 येला जानके यीसू ह उहां ले चल दीस, अऊ बहुंत मनखेमन यीसू के पाछू हो लीन। ओह जम्मो बिमरहा मनखेमन ला चंगा करिस, \v 16 अऊ ओमन ला चेताके कहिस, “कोनो ला झन बतावव कि मेंह कोन अंव।” \v 17 ये किसम ले यसायाह अगमजानी के दुवारा कहे गे ये बचन ह पूरा होईस: \q1 \v 18 “देखव, येह मोर सेवक ए, जऊन ला मेंह चुने हवंव, \q2 येला मेंह मया करथंव, अऊ येकर ले मेंह बहुंत खुस हवंव। \q1 मेंह येकर ऊपर अपन आतमा डालहूं, \q2 अऊ येह जाति-जाति के मनखेमन ला नियाय के संदेस दीही। \q1 \v 19 येह न तो झगरा करही अऊ न ऊंचहा सबद म बोलही, \q2 अऊ न ही गलीमन म कोनो एकर अवाज सुनहीं। \q1 \v 20 कुचरे सरकंडा ला न तो ओह टोरही, \q2 अऊ न ही सुलगत दीया के बाती ला बुताही, \q1 जब तक कि येह नियाय ला जीत नइं देवा दीही। \q2 \v 21 जाति-जाति के मनखेमन एकर नांव म अपन आसा रखहीं।”\f + \fr 12:21 \fr*\ft \+xt यसा 42:1‑4\+xt*\ft*\f* \s1 यीसू अऊ बालजबूल \r (मरकुस 3:20‑30; लूका 11:14‑23) \p \v 22 तब मनखेमन एक भूत धरे मनखे ला यीसू करा लानिन, जऊन ह अंधरा अऊ कोंदा रिहिस। यीसू ह ओला चंगा करिस अऊ ओ मनखे ह बोलन अऊ देखन लगिस। \v 23 जम्मो मनखेमन चकित होके कहे लगिन, “कहूं येह दाऊद के संतान तो नो हय?” \p \v 24 पर जब फरीसीमन ये बात ला सुनिन, त ओमन कहिन, “ये मनखे ह परेत आतमामन के सरदार बालजबूल के मदद ले परेत आतमामन ला निकालथे।” \p \v 25 यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानके ओमन ला कहिस, “जऊन राज म फूट पड़ जाथे, ओह उजर जाथे, अऊ जऊन सहर या घराना म फूट पड़ जाथे, ओह टिके नइं रहय। \v 26 यदि सैतान ह सैतान ला निकालथे, त ओह अपन खुद के बिरोधी हो गे हवय। तब ओकर राज ह कइसने टिके रह सकथे? \v 27 यदि मेंह बालजबूल के मदद ले परेत आतमामन ला निकालथंव, त फेर तुम्हर मनखेमन काकर मदद ले ओमन ला निकालथें? एकरसेति, ओही मन तुम्हर नियाय करहीं। \v 28 पर यदि मेंह परमेसर के आतमा के मदद ले परेत आतमामन ला निकालथंव, त फेर परमेसर के राज ह तुम्हर करा आ गे हवय। \p \v 29 “या कोन ह कोनो बलवान मनखे के घर म घुसरके ओकर संपत्ति ला लूट सकथे, जब तक कि पहिली ओह ओ बलवान मनखे ला नइं बांध लेवय? एकर बाद ही ओह ओकर घर ला लूट सकही। \p \v 30 “जऊन ह मोर संग नइं ए, ओह मोर बिरोध म हवय, अऊ जऊन ह मोर संग नइं संकेलय, ओह बगराथे। \v 31 एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव कि मनखेमन के हर एक पाप अऊ निन्दा ला छेमा करे जाही, पर पबितर आतमा के निन्दा ला छेमा नइं करे जावय। \v 32 जऊन ह मनखे के बेटा के बिरोध म कोनो बात कहिथे, त ओला छेमा करे जाही, पर जऊन ह पबितर आतमा के बिरोध म कहिथे, ओला छेमा नइं करे जावय, न तो ये समय म अऊ न ही अवइया समय म।\f + \fr 12:32 \fr*\ft \+xt मर 3:29\+xt*\ft*\f* \p \v 33 “बने रूख ला लगाहू, त ओमा सुघर फर धरही; यदि खराप रूख लगाहू, त ओमा खराप फर धरही; काबरकि रूख ह अपन फर ले चिनहे जाथे। \v 34 हे जहरिला सांप के पीलामन हो! तुमन खराप मनखे अव अऊ सुघर गोठ कइसने कह सकथव? काबरकि जऊन बात ले दिल ह भरे रहिथे, ओहीच ह मुहूं ले निकलथे। \v 35 बने मनखे ह अपन दिल के बने भंडार ले बने बातमन ला निकालथे, अऊ खराप मनखे ह अपन हिरदय म भरे खराप भंडार ले खराप बात निकालथे। \v 36 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि नियाय के दिन मनखेमन ला ओमन के मुहूं ले निकले हर एक बेकार बात के हिसाब देय पड़ही। \v 37 काबरकि तुमन अपन गोठ के दुवारा निरदोस ठहिरहू अऊ अपन गोठ के दुवारा ही दोसी ठहिरहू।” \s1 योना अगमजानी के चिनहां \r (मरकुस 8:11‑12; लूका 11:29‑32) \p \v 38 तब कुछू फरीसी अऊ कानून के गुरूमन यीसू ले कहिन, “हे गुरू! हमन तोर ले कोनो अचरज के चिनहां देखे चाहत हन।” \p \v 39 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “ये दुस्ट अऊ बेभिचारी पीढ़ी के मनखेमन चिनहां देखाय बर कहत हवंय! पर योना अगमजानी के चिनहां ला छोंड़ येमन ला अऊ कोनो चिनहां नइं दिये जावय। \v 40 जइसने योना ह तीन दिन अऊ तीन रात एक ठन बड़े मछरी के पेट म रिहिस, वइसने मनखे के बेटा ह घलो तीन दिन अऊ तीन रात धरती के भीतर म रहिही।\f + \fr 12:40 \fr*\ft \+xt योना 1:17; 1 कुरि 15:4\+xt*\ft*\f* \v 41 नियाय के दिन नीनवे सहर के मनखेमन, ये पीढ़ी के मनखेमन संग ठाढ़ होहीं, अऊ येमन ऊपर दोस लगाहीं, काबरकि ओमन योना के संदेस ला सुनके मन फिराईन। पर देखव! इहां एक झन हवय, जऊन ह योना ले घलो बड़के अय। \v 42 नियाय के दिन दक्खिन दिग के रानी ह ये पीढ़ी के मनखेमन संग ठाढ़ होही अऊ येमन ऊपर दोस लगाही, काबरकि ओ रानी ह राजा सुलेमान के गियान के बात ला सुने बर धरती के छोर ले आय रिहिस। पर देखव! इहां एक झन हवय, जऊन ह राजा सुलेमान ले घलो बड़के अय। \p \v 43 “जब एक असुध आतमा ह कोनो मनखे म ले बाहिर निकलथे, त ओह सुरताय के ठिकाना खोजत सूखा ठऊरमन म जाथे, पर ओला कोनो जगह नइं मिलय। \v 44 तब ओह कहिथे, ‘जऊन घर ला मेंह छोंड़के आय रहेंव, मेंह ओहीच घर म लहुंट जाहूं।’ अऊ जब ओह लहुंटके आथे, त ओह ओ घर ला सूना, झाड़े-बहारे अऊ सजे-धजे पाथे। \v 45 तब ओह जाथे अऊ अपन ले घलो जादा खराप सात ठन आने आतमामन ला ले आथे, अऊ ओमन ओ मनखे म जाथें अऊ उहां बस जाथें। अऊ ओ मनखे के आखिरी दसा ह पहिली ले अऊ खराप हो जाथे। अइसनेच ये दुस्ट पीढ़ी के मनखेमन के दसा घलो होही।” \s1 यीसू के दाई अऊ भाईमन \r (मरकुस 3:31‑35; लूका 8:19‑21) \p \v 46 जब यीसू ह मनखेमन ले गोठियावत रिहिस, त ओकर दाई अऊ भाईमन आके बाहिर खड़े रिहिन अऊ ओमन ओकर ले बात करे चाहत रिहिन। \v 47 एक झन ह यीसू ला कहिस, “तोर दाई अऊ भाईमन बाहिर म ठाढ़े हवंय अऊ तोर ले बात करे चाहत हवंय।” \p \v 48 पर यीसू ह ओ मनखे ला कहिस, “कोन ह मोर दाई अय, अऊ कोन मन मोर भाई अंय?” \v 49 अऊ यीसू ह अपन चेलामन कोति अपन हांथ ला लमाके कहिस, “येमन अंय मोर दाई अऊ मोर भाई। \v 50 काबरकि जऊन ह मोर स्वरग के ददा के ईछा मुताबिक चलथे, ओहीच ह मोर भाई, मोर बहिनी अऊ मोर दाई अय।” \c 13 \s1 बीज बोवइया के पटंतर \r (मरकुस 4:1‑9; लूका 8:4‑8) \p \v 1 ओहीच दिन, यीसू ह घर ले निकलिस, अऊ जाके झील के तीर म बईठ गीस। \v 2 तब ओकर चारों कोति अतेक बड़े भीड़ जूर गीस कि ओला एक ठन डोंगा ऊपर चघके बईठे पड़िस, अऊ जम्मो मनखेमन झील के तीर म ठाढ़े रहंय। \v 3 तब यीसू ह ओमन ला पटंतर म बहुंत अकन बात बताईस। ओह कहिस, “एक किसान ह बीज बोय बर निकलिस। \v 4 जब ओह बोवत रिहिस, त कुछू बीजामन रसता के तीर म गिरिन अऊ चिरईमन आके ओला खा लीन। \v 5 कुछू बीजामन पथर्री भुइयां म गिरिन, जिहां ओमन ला जादा माटी नइं मिलिस। ओ बीजामन जल्दी जाम गीन काबरकि उहां माटी ह गहिरा नइं रिहिस। \v 6 पर जब सूरज निकलिस, त ओमन मुरझा गीन अऊ जरी नइं धरे रहय के कारन ओमन सूख गीन। \v 7 कुछू बीजामन कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिन अऊ ओ झाड़ीमन बढ़के ओमन ला दबा दीन। \v 8 पर कुछू बीजामन बने भुइयां ऊपर गिरिन अऊ जादा फर लानिन; कोनो सौ गुना, कोनो साठ गुना अऊ कोनो तीस गुना। \v 9 जेकर कान हवय, ओह सुन ले।” \p \v 10 चेलामन यीसू करा आके ओकर ले पुछिन, “तेंह मनखेमन संग पटंतर म काबर गोठियाथस?” \p \v 11 ओह जबाब दीस, “स्वरग राज के भेद के गियान तुमन ला देय गे हवय, पर ओमन ला नइं।\f + \fr 13:11 \fr*\ft \+xt मर 4:11\+xt*\ft*\f* \v 12 काबरकि जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही अऊ ओकर करा बहुंत जादा हो जाही। पर जेकर करा नइं ए, ओकर करा ले ओला घलो ले लिये जाही, जऊन थोर बहुंत ओकर करा हवय। \v 13 मेंह ओमन ले एकर कारन पटंतर म गोठियाथंव: \q1 “ताकि देखत ले घलो ओमन झन देख सकंय, \q2 अऊ सुनत ले घलो ओमन झन सुन सकंय या समझ सकंय। \m \v 14 ओमन के बारे म यसायाह अगमजानी के ये अगमबानी ह पूरा होथे: \q1 “ ‘तुमन सुनहू जरूर, पर कभू नइं समझहू, \q2 अऊ तुमन देखहू जरूर, पर कभू नइं सुझही। \q1 \v 15 काबरकि ये मनखेमन के हिरदय ह कठोर हो गे हवय; \q2 अऊ येमन अपन कान ला बंद कर ले हवंय, \q2 अऊ येमन अपन आंखी ला मुंद ले हवंय। \q1 नइं तो येमन अपन आंखीमन ले देखतिन, \q2 अपन कानमन ले सुनतिन, \q2 अपन हिरदय ले समझतिन अऊ मोर कोति फिरतिन, \q1 अऊ मेंह येमन ला चंगा कर देतेंव।’ \m \v 16 पर धइन अंय तुम्हर आंखीमन, काबरकि ओमन देखथें, अऊ धइन अंय तुम्हर कानमन, काबरकि ओमन सुनथें। \v 17 मेंह तुमन ला सच कहथंव कि जऊन चीज ला तुमन देखत हव, ओला कतको अगमजानी अऊ धरमी मनखेमन देखे चाहत रिहिन, पर देख नइं सकिन; अऊ जऊन बात ला तुमन सुनत हवव, ओला ओमन सुने चाहत रिहिन, पर सुन नइं सकिन।\f + \fr 13:17 \fr*\ft \+xt 1 यूह 1:1, 2\+xt*\ft*\f* \p \v 18 “अब तुमन किसान के पटंतर के मतलब ला सुनव। \v 19 जब कोनो मनखे स्वरग राज के बचन ला सुनथे अऊ ओला नइं समझय, त जऊन बचन ओकर हिरदय म बोय गे रहिथे, ओला दुस्ट सैतान ह आके छीन लेथे। येह ओ बीजा ए, जऊन ह रसता के तीर म बोय गे रिहिस। \v 20 जऊन बीजा ह पथर्री भुइयां म बोय गे रिहिस, येह ओ मनखे अय, जऊन ह बचन ला सुनके तुरते ओला आनंद सहित गरहन करथे। \v 21 पर अपन म जरी नइं धरे रहय के कारन, ओकर बिसवास ह कुछू समय तक ही रहिथे। जब बचन के सेति समस्या अऊ सतावा आथे, त ओह तुरते बचन के मुताबिक चले बर बंद कर देथे। \v 22 जऊन बीजा ह कंटिली झाड़ीमन के बीच म बोय गे रिहिस, येह ओ मनखे अय, जऊन ह बचन ला सुनथे, पर ये जिनगी के चिंता अऊ धन के लोभ ह बचन ला दबा देथे अऊ ओह फर नइं लानय। \v 23 पर जऊन बीजा ह बने भुइयां म बोय गे रिहिस, येह ओ मनखे अय, जऊन ह बचन ला सुनथे अऊ ओला समझथे। ओह फर लानथे; कोनो सौ गुना, कोनो साठ गुना अऊ कोनो तीस गुना।” \s1 जंगली बीजा के पटंतर \p \v 24 यीसू ह ओमन ला एक अऊ पटंतर सुनाईस: “स्वरग के राज ह ओ मनखे के सहीं अय, जऊन ह अपन खेत म बने बीजा ला बोईस। \v 25 पर जब मनखेमन सुतत रिहिन, त ओ मनखे के बईरी ह आईस अऊ गहूं के बीच म जंगली बीजा ला बोके चल दीस। \v 26 जब गहूं ह जामिस अऊ एकर बाली दिखे लगिस, त फेर जंगली पऊधामन घलो दिखे लगिन। \p \v 27 “तब ओ खेत के मालिक के सेवकमन ओकर करा आईन अऊ कहिन, ‘मालिक, का तेंह अपन खेत म बने बीजा नइं बोय रहय? तब ओमा ये जंगली पऊधामन कहां ले आ गीन?’ \p \v 28 “ओह ओमन ला कहिस, ‘येह कोनो बईरी के काम अय।’ \p “तब सेवकमन ओकर ले पुछिन, ‘का तेंह चाहथस कि हमन जाके ओ जंगली पऊधामन ला उखान दन?’ \p \v 29 “खेत के मालिक ह कहिस, ‘नइं, काबरकि जंगली पऊधा ला उखानत बखत, हो सकथे कि तुमन ओमन के संग म गहूं ला घलो उखान डारव। \v 30 लुवई के समय तक दूनों ला संगे-संग बढ़न देवव। लुवई के समय, मेंह लुवइयामन ला कहिहूं; पहिली जंगली पऊधामन ला संकेलव अऊ जलाय बर ओमन के बोझा बांध लेवव। तब गहूं ला जमा करके मोर कोठार म ले आवव।’ ” \s1 सरसों के बीजा अऊ खमीर के पटंतर \r (मरकुस 4:30‑32; लूका 13:18‑19) \p \v 31 यीसू ह ओमन ला एक अऊ पटंतर सुनाईस: “स्वरग के राज ह सरसों के एक बीजा के सहीं अय, जऊन ला लेके एक मनखे ह अपन खेत म बोईस। \v 32 सरसों के बीजा ह तो जम्मो बीजामन ले छोटे होथे, पर जब येह बाढ़थे, त जम्मो साग-भाजी ले बड़े हो जाथे अऊ अइसने रूख बन जाथे कि अकास के चिरईमन आके एकर डारामन म बसेरा करथें।\f + \fr 13:32 \fr*\ft ए किसम के सरसों के पऊधा ह करीब तीन मीटर तक बढ़य।\ft*\f*” \p \v 33 यीसू ह ओमन ला एक ठन अऊ पटंतर सुनाईस: “स्वरग के राज ह खमीर सहीं अय, जऊन ला एक माईलोगन ह लीस अऊ ओला तीन पसेरी पीसान म मिलाके तब तक गुंथिस जब तक कि ओ जम्मो पीसान ह खमीर नइं हो गीस\f + \fr 13:33 \fr*\ft खमीर के उपयोग पीसान ला फूलोय बर करे जावत रिहिस।\ft*\f*।” \p \v 34 यीसू ह मनखेमन ला ये जम्मो बात पटंतर म कहिस, अऊ बिगर पटंतर के ओह ओमन ला कुछू नइं कहत रिहिस। \v 35 अइसने करे के दुवारा ओह अगमजानी के दुवारा कहे गय ये बात ला पूरा करिस: \q1 “मेंह अपन बात पटंतर म करहूं। \q2 मेंह ओ बातमन ला उजागर करहूं, जऊन ह संसार के सिरजे के समय ले गुपत म हवय।”\f + \fr 13:35 \fr*\ft \+xt भजन 78:2\+xt*\ft*\f* \s1 जंगली बीजा के पटंतर के मतलब \p \v 36 तब यीसू ह भीड़ ला छोंड़के घर के भीतर गीस। ओकर चेलामन ओकर करा आके कहिन, “खेत म जंगली बीजा के पटंतर के बारे म हमन ला समझा दे।” \p \v 37 यीसू ह जबाब दीस, “जऊन मनखे ह बने बीजा ला बोईस, ओह मनखे के बेटा अय। \v 38 खेत ह संसार अय, अऊ बने बीजा ह स्वरग राज के संतान अंय। जंगली बीजामन दुस्ट सैतान के संतान अंय, \v 39 अऊ जऊन बईरी ह येमन ला बोथे, ओह सैतान अय। लुवई ह संसार के अन्त अय, अऊ लुवइयामन स्वरगदूत अंय। \p \v 40 “जइसने जंगली पऊधामन ला जमा करके आगी म बार दिये जाथे, वइसने संसार के अन्त समय म होही। \v 41 मनखे के बेटा ह अपन स्वरगदूतमन ला पठोही, अऊ ओमन ओकर राज के ओ जम्मो झन ला निकालहीं, जऊन मन मनखेमन के पाप के कारन बनथें अऊ जऊन मन कुकरम करथें। \v 42 स्वरगदूतमन ओमन ला आगी के भट्ठी म झोंक दीहीं, जिहां ओमन रोहीं अऊ अपन दांत पीसहीं। \v 43 तब धरमी मनखेमन अपन परमेसर ददा के राज म सूरज सहीं चमकहीं। जेकर कान हवय, ओह सुन ले। \s1 गुपत खजाना अऊ मोती के पटंतर \p \v 44 “स्वरग के राज ह एक खेत म छिपे खजाना के सहीं अय, जऊन ला एक मनखे ह पाईस, अऊ ओह ओला फेर लुका दीस। तब ओह खुसी म गीस अऊ अपन जम्मो कुछू ला बेचके ओ खेत ला बिसा लीस। \p \v 45 “फेर, स्वरग के राज ह एक सौदागर के सहीं अय, जऊन ह सुघर मोती के खोज म रहिथे। \v 46 जब ओला एक ठन मंहगा मोती मिलथे, त ओह जाथे अऊ अपन जम्मो कुछू ला बेचके ओ मोती ला बिसा लेथे। \s1 जाल के पटंतर \p \v 47 “फेर स्वरग के राज ह एक जाल के सहीं अय, जऊन ला समुंदर म डारे गीस, अऊ ओमा जम्मो किसम के मछरी फंसिन। \v 48 जब जाल ह भर गीस त मछुआरमन ओला खींचके तीर म ले आईन। तब ओमन बईठ गीन अऊ बने मछरीमन ला निमारके टुकना म संकेलिन, अऊ खराप मछरीमन ला फटिक दीन। \v 49 संसार के अन्त समय म अइसनेच होही। स्वरगदूतमन आहीं, अऊ दुस्ट मनखेमन ला धरमीमन के बीच ले अलग करहीं, \v 50 अऊ ओमन ला आगी के भट्ठी म झोंक दीहीं, जिहां ओमन रोहीं अऊ अपन दांत पीसहीं। \p \v 51 “का तुमन ये जम्मो गोठ ला समझेव?” यीसू ह अपन चेलामन ले पुछिस। \p “हव जी।” ओमन जबाब दीन। \p \v 52 यीसू ह ओमन ला कहिस, “एकरसेति, मूसा के कानून के हर ओ गुरू, जऊन ह स्वरग राज के चेला बन चुके हवय, ओह एक घर के मालिक सहीं अय, जऊन ह अपन भंडार ले नवां के संग-संग जुन्ना चीजमन ला निकालथे।” \s1 एक अगमजानी बिगर आदरमान के \r (मरकुस 6:1‑6; लूका 4:16‑30) \p \v 53 यीसू ह ये पटंतरमन ला सुनाय के बाद उहां ले चल दीस। \v 54 ओह अपन नगर म आईस, अऊ मनखेमन ला ओमन के सभा-घर म सिकछा देवन लगिस। मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होईन अऊ कहिन, “ये मनखे ला, ये बुद्धि अऊ ये अचरज के काम करे के सामर्थ कहां ले मिलिस? \v 55 का येह बढ़ई के बेटा नो हय? का एकर दाई के नांव मरियम नो हय? का याकूब, यूसुफ, सिमोन अऊ यहूदा एकर भाई नो हंय? \v 56 का एकर जम्मो बहिनीमन हमर बीच म नइं रहंय? तब ये मनखे ला ये जम्मो चीज कहां ले मिलिस?” \v 57 अऊ ओमन ओकर ऊपर नराज होईन। \p पर यीसू ह ओमन ला कहिस, “अगमजानी ह अपन नगर अऊ अपन घर के छोंड़ जम्मो जगह म आदरमान पाथे।”\f + \fr 13:57 \fr*\ft \+xt लूका 4:28‑29\+xt*\ft*\f* \p \v 58 मनखेमन के अबिसवास के कारन, ओह उहां जादा अचरज के काम नइं करिस। \c 14 \s1 यूहन्ना बतिसमा देवइया के हतिया \r (मरकुस 6:14‑29; लूका 9:7‑9) \p \v 1 ओ समय चौथाई भाग के राजा हेरोदेस ह यीसू के बारे म सुनिस, \v 2 अऊ ओह अपन सेवकमन ला कहिस, “येह यूहन्ना बतिसमा देवइया अय। ओह मरे म ले जी उठे हवय। एकर कारन ओकर दुवारा चमतकार के काममन होवत हवंय।” \p \v 3 हेरोदेस ह अपन भाई फिलिप्पुस के घरवाली हेरोदियास के कारन यूहन्ना ला पकड़वाके बंदी बनवाय रिहिस अऊ ओला जेल म डलवा दे रिहिस। \v 4 काबरकि यूहन्ना ह हेरोदेस ला कहे रिहिस, “अपन भाई के घरवाली ला रखई तोर बर कानून के मुताबिक उचित नो हय।” \v 5 हेरोदेस ह यूहन्ना ला मार डारे चाहत रिहिस, पर ओह मनखेमन ले डरावत रिहिस काबरकि मनखेमन यूहन्ना ला एक अगमजानी मानत रिहिन। \p \v 6 हेरोदेस के जनम दिन म हेरोदियास के बेटी ह नेवताहारीमन के आघू म नाचिस अऊ हेरोदेस ला खुस कर दीस। \v 7 तब हेरोदेस ह किरिया खाके ओला ये बचन दीस, “जऊन कुछू तेंह मांगबे, मेंह तोला दूहूं।” \v 8 ओह अपन दाई के सिखोय म आके कहिस, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के मुड़ ला एक ठन थाली म इहां मोर करा मंगवा दे।” \v 9 राजा ह दुखी होईस, पर अपन किरिया अऊ जेवनार म आय पहुनामन के सेति ओह हुकूम दीस, “येला यूहन्ना के मुड़ दे दिये जावय।” \v 10 ओह सिपाहीमन ला पठोके, जेल म यूहन्ना के मुड़ ला कटवा दीस। \v 11 ओकर मुड़ ला एक ठन थाली म लाय गीस अऊ ओ छोकरी ला दे दिये गीस, अऊ ओह मुड़ ला अपन दाई करा ले गीस। \v 12 यूहन्ना के चेलामन आईन अऊ ओकर लास ला ले जाके, ओला माटी दे दीन। तब ओमन जाके यीसू ला ये खबर दीन। \s1 यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे \r (मरकुस 6:30‑44; लूका 9:10‑17; यूहन्ना 6:1‑14) \p \v 13 जब यीसू ह ये खबर ला सुनिस, त एक ठन डोंगा म चघके, ओह एके झन उहां ले एक सुनसान जगह म चल दीस। जब मनखेमन ला ये बात के पता चलिस, त ओमन सहरमन ले निकलके पैदलेच ओकर खोज म गीन। \v 14 जब यीसू ह डोंगा ले उतरिस अऊ मनखेमन के एक बड़े भीड़ ला देखिस, त ओला ओमन के ऊपर तरस आईस अऊ ओह ओमन के बिमरहामन ला बने करिस। \p \v 15 जब सांझ होय लगिस, तब चेलामन ओकर करा आईन अऊ कहिन, “येह एक सुनसान जगह ए, अऊ बेरा ह ढरक गे हवय। भीड़ के मनखेमन ला भेज, ताकि ओमन गांवमन म जाके अपन बर कुछू जेवन बिसो सकंय।” \p \v 16 यीसू ह कहिस, “येमन ला कहीं जाय के जरूरत नइं ए। तुमन येमन ला कुछू खाय बर देवव।” \p \v 17 ओमन यीसू ला कहिन, “इहां हमर करा सिरिप पांच ठन रोटी अऊ दू ठन मछरी हवय।” \p \v 18 यीसू ह कहिस, “ओमन ला इहां मोर करा लानव।” \v 19 तब यीसू ह मनखेमन ला कांदी म बईठे के हुकूम दीस। ओह पांच रोटी अऊ दू ठन मछरी ला लीस अऊ स्वरग कोति देखके, ओह परमेसर ला धनबाद दीस, अऊ रोटीमन ला टोर-टोरके अपन चेलामन ला दीस अऊ चेलामन मनखेमन ला दीन। \v 20 ओ जम्मो झन खाईन अऊ खाके अघा गीन। चेलामन बांचे-खुचे टुकड़ा के बारह टुकना भर के उठाईन। \v 21 जऊन मन भोजन करिन, ओमा माईलोगन अऊ लइकामन ला छोंड़के, करीब पांच हजार आदमीमन रिहिन। \s1 यीसू ह पानी ऊपर रेंगथे \r (मरकुस 6:45‑52; यूहन्ना 6:15‑21) \p \v 22 एकर बाद, यीसू ह तुरते चेलामन ला डोंगा म चघाईस कि ओमन ओकर ले आघू झील के ओ पार जावंय, तब तक ओह मनखेमन ला बिदा करिस। \v 23 मनखेमन ला बिदा करे पाछू, यीसू ह एके झन पराथना करे बर पहाड़ ऊपर गीस। जब सांझ होईस, त ओह उहां एके झन रिहिस। \v 24 ओ समय डोंगा ह भुइयां ले बहुंत दूरिहा म रिहिस, अऊ पानी के लहरा म डगमगावत रिहिस, काबरकि हवा ह ओकर उल्टा बोहावत रहय। \p \v 25 झूलझूलहा यीसू ह समुंदर ऊपर रेंगत चेलामन करा आईस। \v 26 जब चेलामन यीसू ला समुंदर ऊपर रेंगत देखिन, त ओमन डरा गीन अऊ कहिन, “येह भूत अय।” अऊ ओमन डर के मारे चिचियाय लगिन। \p \v 27 तब यीसू ह तुरते ओमन ला कहिस, “हिम्मत रखव। येह में अंव। झन डरव।”\f + \fr 14:27 \fr*\ft \+xt निर 3:14\+xt*\ft*\f* \p \v 28 पतरस ह कहिस, “हे परभू, यदि तें अस, त मोला पानी ऊपर तोर करा आय के हुकूम दे।” \p \v 29 यीसू ह कहिस, “आ।” \p तब पतरस ह डोंगा ले उतरिस अऊ पानी ऊपर रेंगत यीसू कोति आय लगिस। \v 30 पर जब ओह हवा ला बहत देखिस, त ओह डरा गीस अऊ पानी म बुड़न लगिस, त चिचियाके कहिस, “हे परभू! मोला बचा।” \p \v 31 यीसू ह तुरते अपन हांथ बढ़ाके ओला थाम लीस अऊ कहिस, “हे अल्‍प बिसवासी, तेंह संका काबर करय?” \p \v 32 जब ओ दूनों डोंगा म चघ गीन, त हवा ह सांत हो गीस। \v 33 तब जऊन मन डोंगा म रिहिन, ओमन यीसू ला दंडवत करिन अऊ कहिन, “सही म तेंह परमेसर के बेटा अस।” \p \v 34 ओमन झील के ओ पार गन्नेसरत सहर म हबरिन। \v 35 उहां के मनखेमन यीसू ला चिन डारिन अऊ ओमन आसपास के जम्मो गांव म खबर भिजवा दीन। मनखेमन जम्मो बिमरहामन ला यीसू करा लानिन, \v 36 अऊ ओकर ले बिनती करिन, “ये बिमरहामन ला तोर ओनहा के छोर ला सिरिप छुवन दे।” अऊ जतेक झन ओला छुईन, ओ जम्मो झन चंगा हो गीन। \c 15 \s1 सुध अऊ असुध \r (मरकुस 7:1‑13) \p \v 1 तब यरूसलेम सहर ले कुछू फरीसी अऊ कानून के गुरूमन यीसू करा आईन, \v 2 अऊ ओकर ले पुछिन, “तोर चेलामन काबर पुरखामन के रीति-रिवाज ला नइं मानंय? खाना खाय के पहिली, ओमन अपन हांथ ला नइं धोवंय।” \p \v 3 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “अऊ तुमन अपन रीति-रिवाज के हित म परमेसर के हुकूम ला काबर नइं मानव? \v 4 काबरकि परमेसर ह हुकूम दे हवय, ‘अपन दाई अऊ ददा के आदरमान करव,\f + \fr 15:4 \fr*\ft \+xt निर 20:12;\+xt* \+xt ब्यव 5:16\+xt*\ft*\f* अऊ जऊन ह अपन दाई या ददा के बुरई करथे, ओह मार डारे जावय।’\f + \fr 15:4 \fr*\ft \+xt निर 21:17;\+xt* \+xt लैव्य 20:9\+xt*\ft*\f* \v 5 पर तुमन कहिथव कि यदि कोनो अपन दाई या ददा ले कहय कि जऊन मदद तुमन ला मोर कोति ले हो सकत रिहिस, मेंह ओला परमेसर ला भेंट के रूप म चघा दे हवंव। \v 6 तब ओला अपन ददा या दाई के आदरमान करे के जरूरत नइं अय। ये किसम ले तुमन अपन रीति-रिवाज के हित म परमेसर के बचन ला टार देथव। \v 7 हे ढोंगी मनखेमन! यसायाह अगमजानी ह तुम्हर बारे म ये कहिके बिलकुल सही अगमबानी करे हवय: \q1 \v 8 “ये मनखेमन अपन ओंठ ले मोर आदर करथें, \q2 पर ओमन के हिरदय ह मोर ले दूरिहा हवय, \q1 \v 9 येमन बेकार म मोर अराधना करथें; \q2 काबरकि येमन मनखे के बनाय नियममन ला सिखाथें।” \p \v 10 यीसू ह मनखेमन के भीड़ ला अपन करा बलाईस अऊ कहिस, “तुमन सुनव अऊ समझव। \v 11 जऊन चीज ह मुहूं म जाथे, ओह मनखे ला असुध नइं करय, पर जऊन ह मुहूं ले बाहिर निकलथे, ओह मनखे ला असुध करथे।” \p \v 12 तब चेलामन यीसू करा आके पुछिन, “का तेंह जानथस कि तोर ये बात ले फरीसीमन ला ठेस लगे हवय?” \p \v 13 यीसू ह जबाब दीस, “जऊन पऊधा ला, स्वरग म रहइया मोर ददा ह नइं लगाय हवय, ओला जरी ले उखान दिये जाही। \v 14 ओमन ला रहन दव। ओमन अंधरा अगुवा अंय। यदि एक अंधरा ह दूसर अंधरा ला रसता देखाही, त ओमन दूनों खंचवा म गिरहीं।” \p \v 15 येला सुनके पतरस ह ओला कहिस, “ये पटंतर ला हमन ला समझा दे।” \p \v 16 यीसू ह कहिस, “का तुमन अभी तक ले नासमझ हवव? \v 17 का तुमन नइं जानव कि जऊन चीज ह मुहूं म जाथे, ओह पेट म ले होके संडास ले बाहिर निकल जाथे? \v 18 पर जऊन चीज ह मुहूं ले निकलथे, ओह हिरदय ले आथे अऊ ओह मनखे ला असुध करथे। \v 19 काबरकि खराप बिचार, हतिया, बेभिचार, छिनारीपन, चोरी, लबारी गवाही अऊ निन्दा—ये जम्मो बात हिरदय ले निकलथे, \v 20 अऊ ये बातमन मनखे ला असुध करथें, पर बिगर हांथ धोय भोजन करई, मनखे ला असुध नइं करय।” \s1 एक कनानी माईलोगन के बिसवास \r (मरकुस 7:24‑30) \p \v 21 ओ जगह ला छोंड़के, यीसू ह सूर अऊ सीदोन के सीमना म चले गीस। \v 22 ओ इलाका के एक कनानी माईलोगन ह ओकर करा आईस अऊ चिचियाके कहिस, “हे परभू, दाऊद के संतान, मोर ऊपर दया कर! मोर बेटी ला भूत धरे हवय अऊ ओला भयंकर सतावत हवय।” \p \v 23 पर यीसू ह ओला कुछू जबाब नइं दीस। तब ओकर चेलामन आईन अऊ ओकर ले बिनती करिन, “ओ माईलोगन ला बिदा कर, काबरकि ओह चिचियावत हमर पाछू-पाछू आवत हवय।” \p \v 24 यीसू ह कहिस, “मेंह सिरिप इसरायल के गंवाय भेड़मन करा पठोय गे हवंव।” \p \v 25 तब ओ माईलोगन ह आईस अऊ यीसू के आघू म माड़ी टेकके कहिस, “हे परभू, मोर मदद कर।” \p \v 26 यीसू ह जबाब दीस, “लइकामन के रोटी ला लेके कुकुरमन ला देवई ठीक नो हय।” \p \v 27 ओह कहिस, “हव परभू, पर कुकुरमन घलो ओमन के मालिक के मेज ले गिरे जूठा-काठा ला खा लेथें।” \p \v 28 तब यीसू ह ओला कहिस, “हे माईलोगन, तोर बिसवास ह बहुंत बड़े अय। जइसने तेंह चाहथस, वइसनेच तोर बर होवय।” अऊ ओकर बेटी ह ओहीच बखत चंगा हो गीस। \s1 यीसू ह चार हजार मनखेमन ला खाना खवाथे \r (मरकुस 8:1‑10) \p \v 29 यीसू ह ओ जगह ला छोंड़ दीस अऊ गलील के झील के तीरे-तीर गीस। तब ओह पहाड़ी ऊपर चघिस अऊ उहां बईठ गीस। \v 30 भीड़ के भीड़ मनखेमन ओकर करा आईन अऊ ओमन खोरवा, अंधरा, लूलवा, कोंदा अऊ बहुंते आने बिमरहामन ला लानके यीसू के गोड़ करा रख दीन, अऊ यीसू ह ओमन ला चंगा करिस। \v 31 मनखेमन अब्बड़ अचरज करिन, जब ओमन ये देखिन कि कोंदा ह गोठियावत हवय, लूलवा ह ठीक हो गे हवय, खोरवा ह रेंगत हवय अऊ अंधरा ह देखत हवय। अऊ ओमन इसरायल के परमेसर के महिमा करिन। \p \v 32 यीसू ह अपन चेलामन ला अपन करा बलाके कहिस, “मोला ये मनखेमन ऊपर तरस आथे। येमन तीन दिन ले मोर संग म हवंय, अऊ येमन करा खाय बर कुछू नइं ए। मेंह येमन ला भूखन पेट बिदा करे नइं चाहथंव, नइं तो येमन डहार म ही थकके गिर सकथें।” \p \v 33 ओकर चेलामन कहिन, “अतेक बड़े भीड़ ला खवाय बर, ये सुनसान जगह म हमन कहां ले अतेक रोटी पाबो?” \p \v 34 यीसू ह पुछिस, “तुम्हर करा के ठन रोटी हवय?” \p ओमन कहिन, “सात ठन, अऊ कुछू छोटे-छोटे मछरी घलो।” \p \v 35 यीसू ह मनखेमन ला भुइयां म बईठे बर कहिस। \v 36 तब ओह ओ सात ठन रोटी अऊ मछरीमन ला लीस, अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओमन ला टोरिस अऊ अपन चेलामन ला देवत गीस अऊ चेलामन ओला मनखेमन ला बांट दीन। \v 37 ओ जम्मो झन खाईन अऊ खाके अघा गीन। ओकर बाद चेलामन बांचे-खुचे टुकड़ा के सात ठन टुकना भरके उठाईन। \v 38 जऊन मन उहां खाना खाईन, ओमा माईलोगन अऊ लइकामन ला छोंड़के, चार हजार आदमीमन रिहिन। \v 39 तब यीसू ह भीड़ ला बिदा करिस अऊ डोंगा म चघके ओह मगदन छेत्र म चल दीस। \c 16 \s1 एक चिनहां देखाय के मांग \r (मरकुस 8:11‑13; लूका 12:54‑56) \p \v 1 फरीसी अऊ सदूकीमन यीसू करा आईन अऊ ओला परखे खातिर ओकर ले पुछिन, “हमन ला स्वरग ले कोनो चिनहां देखा।” \p \v 2 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “जब संझा होथे, त तुमन कहिथव कि मौसम ह साफ रहिही, काबरकि अकास म लाली हवय, \v 3 अऊ बड़े बिहनियां के बखत तुमन कहिथव कि आज आंधी चलही, काबरकि अकास म लाली हवय अऊ बादर छाय हवय। तुमन ह अकास के चिनहां ला देखके, मौसम के बारे म बता देथव, पर तुमन समय के चिनहां के बारे नइं बता सकव। \v 4 ये दुस्ट अऊ बेभिचारी पीढ़ी के मनखेमन अचरज के चिनहां खोजथें, पर योना अगमजानी के चिनहां के छोंड़, येमन ला अऊ कुछू चिनहां नइं दिये जावय।” तब यीसू ह ओमन ला छोंड़के चल दीस। \s1 फरीसी अऊ सदूकीमन के खमीर \r (मरकुस 8:14‑21) \p \v 5 जब ओमन झील के ओ पार गीन, त चेलामन अपन संग रोटी लाने बर भुला गे रिहिन। \v 6 यीसू ह ओमन ला कहिस, “फरीसी अऊ सदूकीमन के खमीर ले सचेत रहव।” \p \v 7 ओमन आपस म एकर बारे म बिचार करिन अऊ कहिन, “हमन रोटी नइं लाने हवन, एकरसेति ओह अइसने कहत हवय।” \p \v 8 ओमन के सोच-बिचार ला जानके, यीसू ह ओमन ला कहिस, “हे अल्‍प बिसवासीमन हो! तुमन काबर अपन बीच म अइसने गोठियावत हव कि तुम्हर करा रोटी नइं ए? \v 9 का तुमन अभी तक ले नइं समझत हवव? पांच हजार मनखेमन बर पांच ठन रोटी के बात, का तुमन सुरता नइं करत हव, अऊ कतेक ठन टुकना भरके तुमन संकेले रहेव? \v 10 या फेर ओ चार हजार मनखेमन बर सात ठन रोटी के बात, का तुमन ला सुरता नइं ए, अऊ कतेक ठन टुकना भरके तुमन संकेले रहेव? \v 11 तुमन ये काबर नइं समझव कि मेंह तुमन ला रोटी के बारे म नइं कहत रहेंव? पर तुमन ला फरीसी अऊ सदूकीमन के खमीर ले सचेत रहे बर कहत रहेंव।” \v 12 तब ओमन समझिन कि यीसू ह ओमन ला रोटी के खमीर के बारे म नइं गोठियावत रिहिस, पर ओह ओमन ला फरीसी अऊ सदूकीमन के सिकछा ले सचेत रहे बर कहत रिहिस। \s1 पतरस ह यीसू ला मसीह मान लेथे \r (मरकुस 8:27‑30; लूका 9:18‑21) \p \v 13 जब यीसू ह कैसरिया-फिलिप्पी के इलाका म आईस, त ओह अपन चेलामन ले पुछिस, “मनखेमन मनखे के बेटा ला कोन ए, कहिथें?” \p \v 14 ओमन कहिन, “कुछू मनखेमन कहिथें कि ओह यूहन्ना बतिसमा देवइया अय; कुछू मन एलियाह अय, कहिथें; अऊ कुछू मनखेमन कहिथें कि ओह यरमियाह या अगमजानीमन ले एक झन अय।” \p \v 15 यीसू ह ओमन ले पुछिस, “पर तुमन मोला कोन ए, कहत हव?” \p \v 16 सिमोन पतरस ह जबाब दीस, “तेंह जीयत परमेसर के बेटा—मसीह अस।” \p \v 17 यीसू ह ओला कहिस, “सिमोन, योना के बेटा! धइन अस तेंह, काबरकि ये बात तोला कोनो मनखे ह नइं बताय हवय, पर मोर ददा जऊन ह स्वरग म हवय, ये बात तोर ऊपर उजागर करे हवय। \v 18 अऊ मेंह तोला कहत हंव कि तेंह पतरस\f + \fr 16:18 \fr*\fq पतरस \fq*\ft के मतलब \ft*\fqa चट्टान।\fqa*\f* अस, अऊ ये चट्टान ऊपर मेंह अपन कलीसिया बनाहूं, अऊ पाताल-लोक\f + \fr 16:18 \fr*\ft या \ft*\fqa मिरतू-लोक\fqa*\f* के कपाटमन एकर ऊपर जय नइं पा सकंय। \v 19 मेंह तोला स्वरग राज के कुचीमन ला दूहूं। जऊन कुछू तेंह धरती ऊपर बांधबे, ओह स्वरग म बंधाही, अऊ जऊन कुछू तेंह धरती ऊपर खोलबे, ओह स्वरग म खुलही।” \v 20 तब यीसू ह अपन चेलामन ला ये चेतउनी दीस, “तुमन कोनो ला, ये झन बतावव कि मेंह मसीह अंव।” \s1 यीसू ह अपन मिरतू के बारे म अगमबानी करथे \r (मरकुस 8:31‑33; लूका 9:22) \p \v 21 ओ समय ले यीसू ह अपन चेलामन ला ये बताय लगिस, “येह जरूरी अय कि मेंह यरूसलेम जावंव अऊ यहूदीमन के अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन के हांथ ले बहुंते दुख भोगंव; अऊ मार डारे जावंव; अऊ तीसरा दिन जी उठंव।” \p \v 22 पतरस ह यीसू ला अलग ले गीस अऊ ओला ये कहिके डांटे लगिस, “परमेसर ह अइसने झन करय, परभू! तोर संग ये बात कभू झन होवय।” \p \v 23 यीसू ह पतरस कोति मुड़के कहिस, “मोर नजर ले दूर हट, सैतान! तेंह मोर रसता म एक बाधा अस। तोर मन म परमेसर के बात नइं, पर मनखेमन के बात हवय।” \p \v 24 तब यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “जऊन कोनो मोर चेला बने चाहत हे, त येह जरूरी ए कि ओह अपन ईछा ला मारय, अऊ दुख उठाय बर तियार रहय अऊ तब मोर पाछू हो लेवय। \v 25 काबरकि जऊन ह अपन परान ला बचाय चाहथे, ओह ओला गंवाही; पर जऊन ह मोर खातिर अपन परान ला गंवाथे, ओह ओला बचाही। \v 26 यदि मनखे ह जम्मो संसार ला पा जावय, पर अपन परान ला गंवा दे, त ओला का फायदा? या कोनो मनखे अपन परान के बदले का दे सकथे? \v 27 काबरकि मनखे के बेटा ह अपन स्वरगदूतमन के संग अपन ददा के महिमा म अवइया हवय, अऊ तब ओह हर एक मनखे ला ओकर काम के मुताबिक ईनाम दीही। \p \v 28 “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि कुछू झन, जऊन मन इहां ठाढ़े हवंय, तब तक नइं मरंय, जब तक कि ओमन मनखे के बेटा ला ओकर राज म आवत नइं देख लीहीं।” \c 17 \s1 यीसू के रूपान्तरन \r (मरकुस 9:2‑13; लूका 9:28‑36) \p \v 1 छै दिन के बाद यीसू ह पतरस, याकूब अऊ याकूब के भाई यूहन्ना ला अपन संग लीस अऊ ओमन ला अकेला एक ऊंचहा पहाड़ म ले गीस। \v 2 उहां ओमन के आघू म यीसू के रूप ह बदल गीस। ओकर चेहरा ह सूरज सहीं चमकत रहय अऊ ओकर कपड़ा ह अंजोर सहीं पंर्रा हो गीस। \v 3 तब उहां चेलामन के आघू म मूसा अऊ एलियाह परगट होईन अऊ ओमन यीसू के संग गोठियावत रिहिन। \p \v 4 पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे परभू, हमन के इहां रहई बने अय। यदि तोर ईछा हवय, त मेंह इहां तीन ठन मंडप बनावत हंव—एक ठन तोर बर, एक मूसा बर अऊ एक एलियाह बर।” \p \v 5 जब ओह गोठियावत रिहिस, त एक चमकीला बादर ह ओमन के ऊपर छा गीस, अऊ ओ बादर ले ये अवाज आईस, “येह मोर मयारू बेटा ए। एकर ले मेंह बहुंत खुस हवंव। एकर बात ला सुनव।” \p \v 6 येला सुनके चेलामन मुहूं के भार भुइयां म गिरिन अऊ ओमन बहुंत डरा गीन। \v 7 पर यीसू ह आईस अऊ ओमन ला छूके कहिस, “उठव, झन डरव।” \v 8 जब ओमन ऊपर देखिन, त ओमन ला यीसू के छोंड़ अऊ कोनो नइं दिखिस। \p \v 9 जब ओमन पहाड़ ले उतरत रिहिन, त यीसू ह ओमन ला हुकूम दीस, “जब तक मनखे के बेटा ह मरे म ले नइं जी उठय, तब तक तुमन जऊन कुछू देखे हवव, ओ बात कोनो ला झन बतावव।” \p \v 10 तब चेलामन ओकर ले पुछिन, “त फेर कानून के गुरूमन काबर कहिथें कि पहिली एलियाह के अवई जरूरी अय।” \p \v 11 यीसू ह जबाब दीस, “ये बात सही अय कि एलियाह ह आवत हवय अऊ ओह जम्मो चीज ला ठीक करही। \v 12 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि एलियाह ह आ चुके हवय अऊ मनखेमन ओला नइं चिन्हिन। पर ओमन जइसने चाहिन, वइसने ओकर संग बरताव करिन। इही किसम ले मनखे के बेटा घलो ओमन के हांथ ले दुख उठाही।” \v 13 तब चेलामन समझिन कि यीसू ह ओमन ले यूहन्ना बतिसमा देवइया के बारे म कहत रिहिस। \s1 यीसू ह मिरगी के रोगी एक छोकरा ला चंगा करथे \r (मरकुस 9:14‑29; लूका 9:37‑43) \p \v 14 जब ओमन भीड़ करा आईन, त एक मनखे ह यीसू करा आईस अऊ ओकर आघू म माड़ी टेकके कहिस, \v 15 “हे परभू! मोर बेटा ऊपर दया कर। ओला मिरगी आथे अऊ ओकर कारन बहुंत दुख झेलथे। ओह अकसर आगी या पानी म गिर जाथे। \v 16 मेंह ओला तोर चेलामन करा लानेंव, पर ओमन ओला ठीक नइं कर सकिन।” \p \v 17 यीसू ह कहिस, “हे अबिसवासी अऊ ढीठ पीढ़ी के मनखेमन! कब तक मेंह तुम्हर संग रहिहूं? कब तक मेंह तुम्हर सहत रहिहूं? ओ छोकरा ला इहां मोर करा लानव।” \v 18 यीसू ह परेत आतमा ला दबकारिस अऊ ओह ओमा ले निकल गीस, अऊ ओ छोकरा ह ओहीच बखत ठीक हो गीस। \p \v 19 तब चेलामन यीसू करा अकेला म आईन अऊ पुछिन, “हमन ओला काबर नइं निकाल सकेंन?” \p \v 20 यीसू ह ओमन ला कहिस, “काबरकि तुम्हर बहुंत कम बिसवास हवय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि यदि तुम्हर बिसवास ह सरसों के दाना के बरोबर घलो हवय, अऊ तुमन ये पहाड़ ले कहव, ‘इहां ले घुंचके उहां चले जा,’ त ओह घुंच जाही। तुम्हर बर कोनो घलो बात असंभव नइं होही। \v 21 पर ये किसम के परेत आतमा ह सिरिप पराथना अऊ उपास के दुवारा निकलथे।\f + \fr 17:21 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f*” \s1 यीसू ह दूसर बार अपन मिरतू के अगमबानी करथे \p \v 22 जब चेलामन गलील प्रदेस म जूरिन, त यीसू ह ओमन ला कहिस, “मनखे के बेटा ह मनखेमन के हांथ म पकड़वाय जाही। \v 23 ओमन ओला मार डारहीं, पर तीसरा दिन ओह जी उठही।” येला सुनके चेलामन बहुंत उदास होईन। \s1 मंदिर के लगान \p \v 24 जब यीसू अऊ ओकर चेलामन कफरनहूम म आईन, त मंदिर के लगान लेवइयामन पतरस करा आईन अऊ पुछिन, “का तुम्हर गुरू ह मंदिर के लगान नइं पटावय?” \p \v 25 ओह कहिस, “हव, ओह पटाथे।” \p जब पतरस ह घर के भीतर आईस, त ओकर पुछे के पहिली यीसू ह कहिस, “हे सिमोन, तेंह का सोचथस? ये धरती के राजामन काकर ले लगान लेथें? अपन खुद के बेटामन ले या आने मन ले?” \p \v 26 पतरस ह कहिस, “आने मन ले।” \p यीसू ह ओला कहिस, “तब तो बेटामन ला लगान पटाय बर नइं पड़य। \v 27 पर हमन ओमन ला ठेस पहुंचाय नइं चाहथन, एकरसेति तेंह झील म जा अऊ अपन गरी ला खेल। जऊन मछरी पहिली फंसही, ओला पकड़बे अऊ ओकर मुहूं ला खोलबे, त तोला उहां एक ठन सिक्का मिलही। ओला लेके मोर अऊ तुम्हर तरफ ले ओमन ला लगान पटा देबे।” \c 18 \s1 स्वरग के राज म सबले बड़े कोन ए \r (मरकुस 9:33‑37; लूका 9:46‑48) \p \v 1 ओ समय चेलामन यीसू करा आईन अऊ पुछिन, “स्वरग के राज म सबले बड़े कोन ए?” \p \v 2 यीसू ह एक छोटे लइका ला बलाईस अऊ ओला ओमन के बीच म ठाढ़ करके कहिस, \v 3 “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक तुमन नइं बदलव अऊ छोटे लइकामन सहीं नइं बनव, तब तक तुमन स्वरग के राज म जाय नइं सकव। \v 4 एकरसेति जऊन ह अपनआप ला ये लइका के सहीं नम्र करथे, ओह स्वरग के राज म सबले बड़े अय। \v 5 अऊ जऊन ह मोर नांव म अइसने छोटे लइका ला गरहन करथे, ओह मोला गरहन करथे। \p \v 6 “पर कोनो मनखे मोर ऊपर बिसवास करइया ये छोटे मन ले कोनो के पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओकर बर बने होतिस कि ओकर घेंच म एक ठन बड़े जांता के पथरा ला बांधे जातिस अऊ ओला गहिरा समुंदर म बुड़ो दिये जातिस। \v 7 संसार ला ओ चीजमन बर धिक्कार अय, जऊन मन मनखेमन के पाप म पड़े के कारन बनथें। अइसने चीजमन के अवई जरूरी अय। पर धिक्कार अय ओ मनखे ला, जेकर दुवारा ओमन आथें। \v 8 यदि तुम्हर हांथ या तुम्हर गोड़ ह तुम्हर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला काटके फटिक दव। तुम्हर बर येह बने अय कि तुमन लूलवा या खोरवा होके जिनगी म प्रवेस करव, एकर बनिस्पत कि दूनों हांथ या दूनों गोड़ के रहत, तुमन ला सदाकाल के आगी म डार दिये जावय। \v 9 अऊ यदि तुम्हर आंखी ह तुम्हर पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओला निकालके फटिक दव। तुम्हर बर येह बने अय कि तुमन एक आंखी ले कनवां होके जिनगी म प्रवेस करव, एकर बनिस्पत कि दूनों आंखी के रहत तुमन ला नरक के आगी म डार दिये जावय।” \s1 गंवाय भेड़ के पटंतर \r (लूका 15:3‑7) \p \v 10 “देखव! तुमन ये छोटे मन ले कोनो ला घलो तुछ झन समझव। काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव कि येमन के दूतमन स्वरग म मोर ददा के आघू म हमेसा रहिथें। \v 11 काबरकि मनखे के बेटा ह गंवायमन ला बंचाय बर आईस।\f + \cat dup\cat*\fr 18:11 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \p \v 12 “तुमन का सोचथव? यदि कोनो मनखे करा सौ ठन भेड़ हवंय, अऊ ओमा के एक ठन भेड़ ह भटक जाथे, त का ओह निनानबे भेड़मन ला पहाड़ी ऊपर छोंड़के ओ एक ठन भटके भेड़ ला खोजे बर नइं जावय? \v 13 अऊ यदि ओ भेड़ ह ओला मिल जावय, त मेंह तुमन ला सच कहत हंव, ओह ओ भेड़ खातिर जादा आनंद मनाही, एकर बनिस्पत कि ओ निनानबे भेड़ जऊन मन भटके नइं रिहिन। \v 14 अइसनेच स्वरग म तुम्हर ददा ह नइं चाहत हवय कि ये छोटे मन ले एको झन घलो नास होवंय।” \s1 अपराधी भाई के संग बरताव \p \v 15 “यदि तोर भाई ह तोर बिरोध म पाप करथे, त जा अऊ ओकर गलती ला बता, अऊ ये बात ह सिरिप तुमन दूनों के बीच म होवय। यदि ओह तोर बात ला मान लेथे, त तेंह अपन भाई ला वापिस पा लेय। \v 16 यदि ओह तोर बात ला नइं मानय, त अपन संग म एक या दू झन मनखे ला ले, ताकि दू या तीन झन के गवाही ले हर एक बात के पुस्टि करे जावय।\f + \fr 18:16 \fr*\ft \+xt ब्यव 19:15\+xt*\ft*\f* \v 17 यदि ओह ओमन के बात ला घलो नइं सुनय, त ये बात कलीसिया ला बता दे, अऊ यदि ओह कलीसिया के बात ला घलो नइं सुनय, त तेंह ओला एक आनजात या एक लगान लेवइया के सहीं समझ। \p \v 18 “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन कुछू तुमन धरती ऊपर बांधहू, ओह स्वरग म बंधाही, अऊ जऊन कुछू तुमन धरती ऊपर खोलहू, ओह स्वरग म खोले जाही। \p \v 19 “मेंह तुम्हर ले फेर सच-सच कहत हंव, यदि तुमन म ले दू झन मनखे एक मन होके धरती ऊपर कोनो बात बर पराथना करहू, त मोर ददा जऊन ह स्वरग म हवय, ओ काम ला तुम्हर बर कर दीही। \v 20 काबरकि जिहां दू या तीन मनखे मोर नांव म जूरथें, उहां मेंह ओमन के बीच म रहिथंव।”\f + \fr 18:20 \fr*\ft \+xt मत्ती 16:19\+xt*\ft*\f* \s1 निरदयी सेवक के पटंतर \p \v 21 तब पतरस ह यीसू करा आईस अऊ पुछिस, “हे परभू, यदि मोर भाई ह मोर बिरोध म पाप करथे, त मेंह कतेक बार ओला छेमा करंव? का सात बार?” \p \v 22 यीसू ह ओला कहिस, “मेंह तोला नइं कहत हंव कि सात बार, पर सात बार के सत्तर गुना तक। \p \v 23 “एकरसेति, स्वरग के राज ह ओ राजा के सहीं अय, जऊन ह अपन सेवकमन ले हिसाब लेय बर चाहिस। \v 24 जब ओह हिसाब लेवन लगिस, त ओकर आघू म एक झन मनखे ला लाने गीस, जऊन ह ओकर दस हजार\f + \fr 18:24 \fr*\fq दस हजार \fq*\fqa टेलेन्ट\fqa*\ft ; एक टेलेन्ट ह लगभग बीस साल के कमई के बरोबर होथे\ft*\f* सोन ले भरे झोलामन के करजा लागत रिहिस। \v 25 काबरकि ओह करजा चुकाय नइं सकत रिहिस, एकरसेति मालिक ह हुकूम दीस कि ओला अऊ ओकर घरवाली ला अऊ ओकर लइकामन ला अऊ जऊन कुछू ओकर करा हवय, ओ जम्मो ला बेच दिये जावय अऊ करजा के चुकता करे जावय। \p \v 26 “येला सुनके ओ सेवक ह मालिक के आघू म अपन माड़ी के भार गिरिस अऊ बिनती करिस, ‘हे परभू, मोर ऊपर धीरज धर। मेंह तोर जम्मो करजा ला चुकता कर दूहूं।’ \v 27 तब ओ सेवक के मालिक ला ओकर ऊपर तरस आईस। ओह ओकर करजा ला माफ कर दीस अऊ ओला छोंड़ दीस। \p \v 28 “पर जब ओ सेवक ह बाहिर निकलिस, त ओला ओकर एक संगी सेवक मिलिस, जेकर ऊपर ओकर एक सौ चांदी के सिक्का के करजा रिहिस। ओह ओला पकड़िस अऊ ओकर टोंटा ला दबाके कहिस, ‘तोर ऊपर मोर जऊन करजा हवय, ओला चुकता कर।’ \p \v 29 “ओकर संगी सेवक ह अपन माड़ी के भार गिरके ओकर ले बिनती करिस, ‘मोला कुछू समय दे। मेंह तोर करजा ला चुकता कर दूहूं।’ \p \v 30 “पर ओह नइं मानिस अऊ जाके ओ मनखे ला तब तक जेल म डलवा दीस, जब तक कि ओह करजा के चुकता नइं कर दीस। \v 31 जब आने सेवकमन ये जम्मो ला देखिन, त ओमन अब्बड़ उदास होईन, अऊ अपन मालिक करा जाके, ओमन जम्मो बात ला बता दीन। \p \v 32 “तब ओकर मालिक ह ओ सेवक ला बलाईस अऊ कहिस, ‘हे दुस्ट सेवक! मेंह तोर जम्मो करजा ला माफ करेंव, काबरकि तेंह मोर ले बिनती करय। \v 33 जइसने मेंह तोर ऊपर दया करे रहेंव, वइसने का तोला अपन संगी सेवक ऊपर दया नइं करना चाही?’ \v 34 गुस्सा होके ओकर मालिक ह ओला सजा देवइयामन के हांथ म सऊंप दीस कि ओह तब तक ओमन के हांथ म रहय, जब तक कि ओह जम्मो करजा ला नइं पटा देवय। \p \v 35 “यदि तुमन अपन भाई ला अपन हिरदय ले छेमा नइं करहूं, त स्वरग म रहइया मोर ददा ह घलो तुमन म के हर एक के संग अइसनेच करही।” \c 19 \s1 तलाक \r (मरकुस 10:1‑12) \p \v 1 ये बातमन ला कहे के बाद, यीसू ह गलील प्रदेस ले चल दीस, अऊ यरदन नदी के ओ पार यहूदिया प्रदेस के इलाका म आईस। \v 2 मनखेमन के एक बड़े भीड़ ह ओकर पाछू हो लीस, अऊ यीसू ह उहां बिमरहामन ला चंगा करिस। \p \v 3 कुछू फरीसीमन यीसू ला परखे बर ओकर करा आईन अऊ ओमन यीसू ले पुछिन, “कहूं कोनो आदमी कोनो भी कारन ले अपन घरवाली ला तियाग देथे,\f + \fr 19:3 \fr*\ft या \ft*\fqa तलाक देथे\fqa*\f* त का येह कानून के मुताबिक सही अय?” \p \v 4 यीसू ह जबाब दीस, “का तुमन परमेसर के बचन म नइं पढ़े हवव कि संसार के रचइया ह ओमन ला सुरूआत ले नर अऊ नारी करके बनाईस,\f + \fr 19:4 \fr*\ft \+xt उत 1:27\+xt*\ft*\f* \v 5 अऊ कहिस, ‘एकरे कारन मरद ह अपन दाई-ददा ले अलग होके अपन घरवाली संग मिले रहिही। अऊ ओ दूनों एक तन होहीं।’ \v 6 ओमन अब दू नइं, पर एक अंय। एकरसेति, जऊन ला परमेसर ह जोड़े हवय, ओला कोनो मनखे अलग झन करय।” \p \v 7 ओमन यीसू ला कहिन, “त फेर मूसा ह ये हुकूम काबर देय हवय कि मनखे ह अपन घरवाली ला तियाग पतर देके ओला छोंड़ दे।” \p \v 8 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “तुम्हर हिरदय के कठोरता के कारन, मूसा ह तुमन ला अपन घरवाली ला तियागे के अनुमति दीस। पर सुरू ले अइसने नइं रिहिस। \v 9 मेंह तुमन ला कहत हंव कि जऊन मनखे ह बेभिचार के छोंड़ कोनो आने कारन ले अपन घरवाली ला छोंड़ देथे, अऊ आने माईलोगन ले बिहाव करथे, त ओह छिनारी करथे।” \p \v 10 चेलामन यीसू ला कहिन, “यदि मनखे के संबंध ह अपन घरवाली के संग अइसने अय, तब बिहाव नइं करई ठीक अय।” \p \v 11 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जम्मो मनखे ये सिकछा ला माने नइं सकंय, पर सिरिप ओहीचमन मान सकथें, जऊन मन ला ये बरदान दिये गे हवय। \v 12 काबरकि कुछू हिजड़ामन हवंय, जऊन मन अपन दाई के पेट ले अइसने जनमे हवंय। कुछू झन ला मनखेमन हिजड़ा बना देय हवंय, पर कुछू मनखेमन स्वरग राज के खातिर बिहाव नइं करे हवंय। जऊन ह ये बात ला मान सकथे, ओला मानना चाही।” \s1 यीसू अऊ छोटे लइकामन \r (मरकुस 10:13‑16; लूका 18:15‑17) \p \v 13 तब मनखेमन लइकामन ला यीसू करा लानिन ताकि यीसू ह ओमन ऊपर अपन हांथ रखय अऊ ओमन बर पराथना करय। पर चेलामन मनखेमन ला डांटिन। \p \v 14 यीसू ह कहिस, “छोटे लइकामन ला मोर करा आवन दव, अऊ ओमन ला झन रोकव काबरकि स्वरग के राज ह अइसने मन बर अय।” \v 15 अऊ ओह लइकामन ऊपर अपन हांथ रखिस अऊ उहां ले चल दीस। \s1 एक धनी जवान अऊ परमेसर के राज \r (मरकुस 10:17‑31; लूका 18:18‑30) \p \v 16 एक मनखे ह यीसू करा आईस अऊ पुछिस, “हे गुरू, मेंह का भलई के काम करंव कि मोला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी मिलय?” \p \v 17 यीसू ह ओला जबाब दीस, “तेंह मोर ले भलई के बारे म काबर पुछथस? सिरिप एके झन ह बने अय। यदि तेंह जिनगी म जाय चाहथस, त हुकूममन ला माने कर।” \p \v 18 ओ मनखे ह पुछिस, “कोन हुकूममन ला?” \p यीसू ह जबाब दीस, “हतिया झन करव, छिनारी झन करव, चोरी झन करव, लबारी गवाही झन देवव, \v 19 अपन दाई अऊ ददा के आदर करव, अऊ अपन परोसी ला अपन सहीं मया करव।”\f + \fr 19:19 \fr*\ft \+xt लैव्य 19:18\+xt*\ft*\f* \p \v 20 ओ जवान ह यीसू ला कहिस, “ये जम्मो बात ला मेंह मानत आवत हंव। तभो ले मोर म अऊ कोन बात के कमी हवय?” \p \v 21 यीसू ह ओला कहिस, “यदि तेंह सिद्ध बने चाहत हस, त जा, अपन जायदाद ला बेचके गरीबमन ला देय दे, अऊ तोला स्वरग म धन मिलही। तब आ अऊ मोर पाछू हो ले।” \p \v 22 जब ये बात ला ओ जवान ह सुनिस, त ओह उदास होके उहां ले चल दीस, काबरकि ओकर मेर अब्बड़ संपत्ति रिहिस। \p \v 23 तब यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, धनवान मनखे के स्वरग राज म जवई कठिन अय। \v 24 मेंह तुमन ला फेर कहत हंव कि परमेसर के राज म धनवान मनखे के जाय के बनिस्पत सूजी के छेदा म ले ऊंट के निकल जवई सरल अय।” \p \v 25 ये बात ला सुनके चेलामन अब्बड़ चकित होईन अऊ पुछिन, “त फेर कोन ह उद्धार पा सकथे?” \p \v 26 यीसू ह ओमन कोति देखिस अऊ कहिस, “ये बात ह मनखे के दुवारा संभव नो हय, पर परमेसर के दुवारा जम्मो बात ह संभव अय।” \p \v 27 तब पतरस ह यीसू ला कहिस, “देख, हमन तो जम्मो कुछू ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन। त हमन ला का मिलही?” \p \v 28 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि नवां संसार म, जब मनखे के बेटा ह महिमा के अपन सिंघासन म बईठही, त तुमन जऊन मन मोर पाछू चलत हव, बारह सिंघासन म बईठहू अऊ इसरायल के बारह गोत्र के नियाय करहू। \v 29 अऊ जऊन कोनो मोर खातिर अपन घर-दुवार या भाई या बहिनी या ददा या दाई या लइका या खेत-खार ला छोंड़ देय हवय, ओह सौ गुना पाही अऊ ओह सदाकाल के जिनगी के अधिकारी होही। \v 30 पर कतको झन जऊन मन अभी आघू म हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं अऊ जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन आघू हो जाहीं। \c 20 \s1 अंगूर के बारी म बनिहारमन के पटंतर \p \v 1 “स्वरग के राज ह ओ घर के मालिक सहीं अय, जऊन ह बड़े बिहनियां घर ले निकलिस ताकि अपन अंगूर के बारी म बनिहारमन ला काम म लगावय। \v 2 ओह बनिहारमन ला रोजी एक दीनार\f + \fr 20:2 \fr*\ft एक दीनार ह एक दिन के बनी के बरोबर होथे।\ft*\f* देय बर तय करिस अऊ ओमन ला अपन अंगूर के बारी म पठोईस। \p \v 3 “करीब नौ बजे ओह बाहिर निकलिस अऊ कुछू अऊ बनिहारमन ला बजार के ठऊर म ठलहा खड़े देखिस, \v 4 त ओह ओमन ला कहिस, ‘तुमन घलो जावव अऊ मोर अंगूर के बारी म काम करव अऊ जऊन कुछू सही मजदूरी होही, मेंह तुमन ला दूहूं।’ \v 5 तब ओमन घलो गीन। \p “करीब बारह बजे अऊ तीन बजे दूसरइया घलो ओह फेर बाहिर निकलिस अऊ अइसनेच करिस। \v 6 ओह संझा करीब पांच बजे फेर बाहिर निकलिस अऊ उहां कुछू अऊ बनिहारमन ला ठाढ़े देखिस, त ओह ओमन ला कहिस, ‘तुमन काबर इहां दिन भर ले ठलहा ठाढ़े हवव?’ \p \v 7 “ओमन जबाब दीन, ‘काबरकि कोनो हमन ला मजदूरी करे बर नइं ले गीस।’ \p “ओह ओमन ला कहिस, ‘तुमन घलो जावव अऊ मोर अंगूर के बारी म काम करव।’ \p \v 8 “जब सांझ होईस, त अंगूर के बारी के मालिक ह अपन संपत्ति के देखरेख करइया ला कहिस, ‘बनिहारमन ला बला अऊ आखिरी म अवइया बनिहारमन ले सुरू करके पहिली अवइया बनिहारमन तक जम्मो ला ओमन के बनी देय दे।’ \p \v 9 “जऊन बनिहारमन संझा करीब पांच बजे काम म लगाय गे रिहिन, ओमन आईन अऊ ओमा के हर एक ला एक-एक दीनार मिलिस। \v 10 जऊन बनिहारमन पहिली काम म लगाय गे रिहिन, जब ओमन आईन, त सोचिन कि ओमन ला जादा मिलही। पर ओमन ला घलो एक-एक दीनार मिलिस। \v 11 जब ओमन ला बनी मिलिस, त ओमन मालिक ऊपर कुड़कुड़ाय लगिन \v 12 अऊ कहिन, ‘ये मनखेमन ला आखिरी म काम म लगाय गे रिहिस अऊ येमन सिरिप एक घंटा काम करे हवंय, तभो ले तेंह येमन ला हमर बरोबर बनी दे हवस। जबकि हमन दिन भर काम के भार उठायेंन अऊ घाम सहे हवन।’ \p \v 13 “पर ओह ओमन के एक झन ला जबाब दीस, ‘संगी, मेंह तोर संग अनियाय नइं करत हवंव। का तेंह एक दीनार म काम करे बर राजी नइं होय रहय? \v 14 अपन बनी ला ले अऊ जा। ये मोर ईछा अय कि आखिरी के मनखे ला घलो ओतकीच देवंव जतकी कि तोला दे हवंव। \v 15 का मोला ये अधिकार नइं अय कि अपन पईसा ला मेंह जइसने चाहंव वइसने करंव? या फेर मोर उदार हिरदय के कारन तोला जलन होवत हवय?’ \p \v 16 “ए किसम ले जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन पहिली हो जाहीं अऊ जऊन मन पहिली हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं।” \s1 यीसू ह तीसर बार अपन मिरतू के अगमबानी करथे \r (मरकुस 10:32‑34; लूका 18:31‑34) \p \v 17 यरूसलेम सहर ला जावत बेरा यीसू ह अपन बारह चेलामन ला अलग ले गीस अऊ ओमन ला कहिस, \v 18 “देखव, हमन यरूसलेम जावत हन अऊ उहां मनखे के बेटा ला पकड़के मुखिया पुरोहितमन अऊ कानून के गुरूमन के हांथ म सऊंपे जाही, अऊ ओमन ओला मार डारे के सजा दीहीं, \v 19 अऊ ओला आनजातमन के हांथ म सऊंप दीहीं, जऊन मन ओकर हंसी उड़ाहीं, ओला कोर्रा म मारहीं अऊ कुरूस ऊपर चघाहीं। पर तीसरा दिन ओह जी उठही।” \s1 एक दाई के बिनती \r (मरकुस 10:35‑45) \p \v 20 तब जबदी के बेटामन के दाई ह अपन बेटामन के संग यीसू करा आईस अऊ ओकर आघू म माड़ी टेकके कुछू मांगे लगिस। \p \v 21 यीसू ह ओकर ले पुछिस, “तेंह का चाहथस?” \p ओह कहिस, “तेंह हुकूम दे कि तोर राज म मोर ये दूनों बेटामन म ले एक झन तोर जेवनी कोति अऊ दूसर ह तोर डेरी कोति बईठे।” \p \v 22 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन नइं जानत हव कि तुमन का मांगत हव। जऊन कटोरा म ले मेंह पीवइया हवंव, का तुमन ओला पी सकथव?” \p ओमन कहिन, “हमन पी सकथन।” \p \v 23 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन मोर कटोरा ले पी सकथव, पर कोनो ला मोर जेवनी या डेरी कोति बईठाय के मोला अधिकार नइं ए। ये जगह ओमन के अय, जेमन बर मोर ददा ह येला तियार करे हवय।” \p \v 24 जब आने दस चेलामन ये बात ला सुनिन, त ओमन ओ दूनों भाई ऊपर गुस्सा करिन। \v 25 यीसू ह ओमन ला एक संग अपन करा बलाईस अऊ कहिस, “तुमन जानथव कि आनजातमन के सासकमन ओमन ऊपर परभूता रखथंय अऊ ओमन के बड़े अधिकारीमन ओमन ऊपर अधिकार जताथंय। \v 26 तुमन के संग अइसने नइं होवय। पर जऊन ह तुमन म बड़े होय चाहथे, ओह तुम्हर सेवक बनय, \v 27 अऊ जऊन ह तुमन म पहिली होय चाहथे, ओह तुम्हर गुलाम बनय। \v 28 जइसे कि मनखे के बेटा ह अपन सेवा करवाय बर नइं आईस, पर एकर खातिर आईस कि ओह आने मन के सेवा करय अऊ बहुंत झन के छुड़ौती बर अपन परान ला देवय।” \s1 दू झन अंधरामन आंखी पाथें \r (मरकुस 10:46‑52; लूका 18:35‑43) \p \v 29 जब यीसू अऊ ओकर चेलामन यरीहो सहर ले निकलत रिहिन, त एक बड़े भीड़ यीसू के पाछू हो लीस। \v 30 सड़क के तीर म दू झन अंधरा मनखे बईठे रिहिन, अऊ जब ओमन सुनिन कि यीसू ह ओ सड़क म जावत हवय, त ओमन चिचियाके कहिन, “हे परभू, दाऊद के संतान, हमर ऊपर दया कर।” \p \v 31 भीड़ के मनखेमन ओमन ला दबकारिन अऊ ओमन ला चुपेचाप रहे बर कहिन, पर ओमन अऊ चिचियाके कहिन, “हे परभू, दाऊद के संतान, हमर ऊपर दया कर।” \p \v 32 तब यीसू ह रूक गीस अऊ ओह ओमन ला बलाके पुछिस, “तुमन का चाहथव कि मेंह तुम्हर बर करंव?” \p \v 33 ओमन कहिन, “हे परभू, हमन चाहथन कि हमर आंखीमन देखे लगंय।” \p \v 34 ओमन ऊपर तरस खाके यीसू ह ओमन के आंखीमन ला छुईस। तुरते ओमन देखन लगिन अऊ ओमन यीसू के पाछू हो लीन। \c 21 \s1 यीसू ह राजा के सहीं यरूसलेम म आथे \r (मरकुस 11:1‑11; लूका 19:28‑40; यूहन्ना 12:12‑19) \p \v 1 जब ओमन यरूसलेम के लकठा म हबरिन अऊ जैतून पहाड़ के बैतफगे गांव करा आईन, त यीसू ह दू झन चेलामन ला ये कहिके पठोईस, \v 2 “आघू के गांव म जावव। जइसने ही तुमन उहां हबरहू, तुमन ला एक ठन गदही बंधाय मिलही अऊ ओकर संग म ओकर बछेड़ा घलो होही। ओमन ला ढीलके मोर करा ले आवव। \v 3 यदि कोनो तुमन ला कुछू कहिथे, त ओला कहव कि परभू ला येमन के जरूरत हवय। तब ओह तुरते ओमन ला पठो दीही।” \p \v 4 येह एकरसेति होईस ताकि अगमजानी के दुवारा कहे गय ये बात ह पूरा होवय: \q1 \v 5 “बेटी सियोन ले कहव, \q2 ‘देख, तोर राजा ह तोर करा आवत हवय। \q1 ओह नम्र अय अऊ एक गदही ऊपर, \q2 अऊ एक बछेड़ा ऊपर, गदही के एक बछेड़ा ऊपर सवारी करे हवय\f + \fr 21:5 \fr*\fq बेटी सियोन \fq*\ft के मतलब \ft*\fqa यरूसलेम सहर अय।\fqa*\f*।’ ”\f + \fr 21:5 \fr*\ft \+xt जकर 9:9\+xt*\ft*\f* \p \v 6 तब दूनों चेलामन गीन, अऊ जइसने यीसू ह ओमन ला करे बर कहे रिहिस, वइसनेच करिन। \v 7 ओमन गदही अऊ ओकर बछेड़ा ला लानिन अऊ ओमन के ऊपर अपन ओनहामन ला दसा दीन; तब यीसू ह ओमन ऊपर बईठ गीस। \v 8 भीड़ के बहुंत मनखेमन अपन ओनहा ला डहार म दसा दीन अऊ दूसर मनखेमन रूख के डारामन ला काटके डहार म दसा दीन। \v 9 भीड़ के मनखेमन यीसू के आघू-आघू अऊ पाछू-पाछू घलो चलत रहंय अऊ ओमन चिचिया-चिचियाके कहत रहंय, \q1 “दाऊद के संतान के होसाना!” \b \q1 “धइन ए ओ, जऊन ह परभू के नांव म आथे!”\f + \fr 21:9 \fr*\ft \+xt भजन 118:25‑26\+xt*\ft*\f* \b \q1 “सबले ऊंच स्वरग म होसाना!\f + \fr 21:9 \fr*\fq होसाना \fq*\ft ये इबरानी सबद के मतलब होथे \ft*\fqa बचा \fqa*\ft या \ft*\fqa उद्धार कर\fqa*\ft , पर बाद म ये सबद के उपयोग \ft*\fqa परसंसा \fqa*\ft या \ft*\fqa इस्तुति \fqa*\ft के रूप म करे गीस।\ft*\f*” \p \v 10 जब यीसू ह यरूसलेम म आईस, त जम्मो सहर म हलचल मच गीस अऊ मनखेमन पुछन लगिन, “येह कोन ए?” \p \v 11 भीड़ के मनखेमन कहिन, “येह अगमजानी यीसू ए, अऊ गलील प्रदेस के नासरत के रहइया ए।” \s1 मंदिर म यीसू \r (मरकुस 11:15‑19; लूका 19:45‑48; यूहन्ना 2:13‑22) \p \v 12 यीसू ह मंदिर म गीस, अऊ ओ जम्मो मनखेमन ला निकाल दीस, जऊन मन मंदिर म लेन-देन करत रिहिन। ओह रूपिया-पईसा के अदला-बदली करइयामन के मेज अऊ पंड़की बेचइयामन के बेंचमन ला खपल दीस। \v 13 अऊ ओह ओमन ला कहिस, “परमेसर के बचन म ये लिखे हवय कि मोर घर ह पराथना के घर कहे जाही, पर तुमन येला डाकूमन के अड्डा बनावत हवव।” \p \v 14 अंधरा अऊ खोरवामन यीसू करा मंदिर म आईन अऊ ओह ओमन ला चंगा करिस। \v 15 पर जब मुखिया पुरोहित अऊ मूसा के कानून के गुरूमन ओकर अद्भूत काम ला देखिन अऊ लइकामन ला मंदिर के इलाका म चिचियाके ये कहत सुनिन, “दाऊद के संतान के होसाना,” त ओमन नराज होईन। \p \v 16 ओमन यीसू ला कहिन, “का तेंह सुनत हवस कि ये लइकामन का कहत हवंय?” \p यीसू ह कहिस, “हव, का तुमन परमेसर के बचन म ये कभू नइं पढ़ेव, \q1 “ ‘लइका अऊ छोटे लइकामन के मुहूं ले \q2 हे परभू, तें अपन इस्तुति करवाय।’\f + \fr 21:16 \fr*\ft \+xt भजन 8:2\+xt*\ft*\f*” \p \v 17 तब यीसू ह ओमन ला छोंड़के सहर के बाहिर बैतनियाह गांव म गीस अऊ उहां रात बिताईस। \s1 यीसू ह अंजीर के रूख ला सराप देथे \r (मरकुस 11:12‑14, 20‑24) \p \v 18 बड़े बिहनियां, जब यीसू ह सहर ला वापिस जावत रिहिस, त ओला भूख लगिस। \v 19 सड़क के तीर म एक ठन अंजीर के रूख ला देखके, ओह उहां गीस, पर ओला पान के छोंड़ ओमा अऊ कुछू नइं मिलिस। तब यीसू ह ओ रूख ला कहिस, “अब ले तोर म फेर कभू फर झन लगय।” अऊ तुरते ओ अंजीर के रूख ह सूख गीस। \p \v 20 जब चेलामन येला देखिन, त ओमन अचम्भो करिन अऊ कहिन, “अंजीर के रूख ह तुरते कइसने सूख गीस?” \p \v 21 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, यदि तुमन बिसवास करव अऊ संका झन करव, त तुमन न सिरिप अइसने करहू, जइसने मेंह ये अंजीर के रूख के संग करे हवंव, पर यदि तुमन ये पहाड़ ले कहिहू, ‘जा अऊ समुंदर म गिर जा।’ अऊ येह हो जाही। \v 22 यदि तुमन बिसवास करथव, त जऊन कुछू तुमन पराथना म मांगव, ओह तुमन ला मिल जाही।” \s1 यीसू के अधिकार ऊपर सवाल \r (मरकुस 11:27‑33; लूका 20:1‑8) \p \v 23 यीसू ह मंदिर म गीस, अऊ जब ओह उपदेस देवत रिहिस, त मुखिया पुरोहितमन अऊ मनखेमन के अगुवामन ओकर करा आईन अऊ पुछिन, “तेंह कोन अधिकार ले ये चीजमन ला करत हवस? अऊ कोन ह तोला ये अधिकार दे हवय?” \p \v 24 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “मेंह घलो तुमन ले एक सवाल पुछत हंव, यदि तुमन मोला जबाब दूहू, त मेंह घलो तुमन ला बताहूं कि कोन अधिकार ले मेंह ये काममन ला करत हवंव। \v 25 यूहन्ना के बतिसमा देवई ह कहां ले रिहिस? स्वरग ले रिहिस या मनखे कोति ले?” \p ओमन आपस म सोच-बिचार करिन अऊ कहिन, “यदि हमन कहन, ‘स्वरग ले’ त ओह कहिही, ‘तब तुमन ओकर ऊपर बिसवास काबर नइं करेव?’ \v 26 पर यदि हमन कहन, ‘मनखे कोति ले,’ त हमन ला मनखेमन के डर हवय, काबरकि ओ जम्मो झन बिसवास करथें कि यूहन्ना ह एक अगमजानी रिहिस।” \p \v 27 एकरसेति ओमन यीसू ला जबाब दीन, “हमन नइं जानन।” \p तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “त मेंह घलो नइं बतावंव कि कोन अधिकार ले मेंह ये काममन ला करत हवंव। \s1 दू बेटामन के पटंतर \p \v 28 “तुमन का सोचथव? एक मनखे रिहिस, जेकर दू झन बेटा रिहिन। ओह पहिला बेटा करा गीस अऊ कहिस, ‘बेटा, जा अऊ आज अंगूर के बारी म काम कर।’ \p \v 29 “ओह जबाब दीस, ‘मेंह नइं जावंव।’ पर बाद म ओह पछताईस अऊ गीस। \p \v 30 “तब ददा ह दूसर बेटा करा गीस अऊ ओहीच बात कहिस। ओह जबाब दीस, ‘हव ददा, मेंह जावत हंव।’ पर ओह नइं गीस। \p \v 31 “ये दूनों बेटा म ले कोन ह अपन ददा के ईछा ला पूरा करिस?” \p ओमन कहिन, “पहिला ह।” \p यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि लगान लेवइया अऊ बेस्यामन तुम्हर ले आघू परमेसर के राज म जावत हवंय। \v 32 काबरकि यूहन्ना ह तुमन ला धरमीपन के रसता देखाय बर आईस, अऊ तुमन ओकर ऊपर बिसवास नइं करेव, पर लगान लेवइया अऊ बेस्यामन ओकर ऊपर बिसवास करिन। येला देखे के बाद घलो, तुमन पछताप नइं करेव अऊ न ही ओकर ऊपर बिसवास करेव। \s1 दुस्ट किसानमन के पटंतर \r (मरकुस 12:1‑12; लूका 20:9‑19) \p \v 33 “एक अऊ पटंतर सुनव: एक जमींदार रिहिस, जऊन ह एक अंगूर के बारी लगाईस। ओह बारी के चारों खूंट बाड़ा बांधिस। ओह ओमा एक ठन रस के कुन्ड खनवाईस अऊ एक ठन मचान बनाईस। तब ओह ओ अंगूर के बारी ला कुछू किसानमन ला रेगहा म देके आने देस चल दीस। \v 34 जब फर के समय ह आईस, त ओह अपन सेवकमन ला किसानमन करा पठोईस ताकि ओमन ओकर बांटा के फर ला लानंय। \p \v 35 “पर किसानमन ओकर सेवकमन ला पकड़ लीन, अऊ ओमन कोनो ला मारिन-पीटिन, कोनो ला जान सहित मार डारिन अऊ काकरो ऊपर पथरा फेंकिन। \v 36 तब जमींदार ह आने सेवकमन ला पठोईस, जऊन मन संखिया म पहिली ले जादा रिहिन; पर किसानमन ओमन के संग घलो वइसनेच करिन। \v 37 आखिरी म, ओह ये सोचके अपन बेटा ला पठोईस कि ओमन मोर बेटा के आदर करहीं। \p \v 38 “पर जब किसानमन जमींदार के बेटा ला देखिन, त एक-दूसर ला कहिन, ‘येह तो अंगूर के बारी के वारिस ए। आवव, हमन येला मार डालन अऊ एकर संपत्ति ला ले लेवन।’ \v 39 ओमन ओला पकड़िन अऊ अंगूर के बारी के बाहिर फटिक दीन अऊ ओला मार डारिन। \p \v 40 “एकरसेति जब अंगूर के बारी के मालिक ह आही, त ओह ओ किसानमन के संग का करही?” \p \v 41 ओमन यीसू ला कहिन, “ओह ओ दुस्टमन ला पूरा नास कर दीही, अऊ अंगूर के बारी के रेगहा आने किसानमन ला दे दीही, जऊन मन समय म ओकर बांटा के फसल ओला दीहीं।” \p \v 42 यीसू ह ओमन ला कहिस, “का तुमन पबितर बचन म कभू नइं पढ़ेव: \q1 “ ‘जऊन पथरा ला घर के बनइयामन बेकार समझे रिहिन, \q2 ओहीच ह कोना के मुख पथरा हो गीस। \q1 येह परभू के दुवारा होईस, \q2 अऊ येह हमर नजर म अद्भूत ए।’\f + \fr 21:42 \fr*\ft \+xt भजन 118:22‑23\+xt*\ft*\f* \p \v 43 “एकरसेति मेंह तुमन ला कहत हंव कि परमेसर के राज ह तुम्हर ले लेय लिये जाही, अऊ ओ मनखेमन ला दिये जाही, जऊन मन परमेसर बर फर पईदा करहीं। \v 44 जऊन ह ये पथरा ऊपर गिरही, ओह कुटा-कुटा हो जाही, पर जेकर ऊपर ये पथरा ह गिरही, ओह पीसा जाही।” \p \v 45 यीसू के पटंतर ला सुनके मुखिया पुरोहित अऊ फरीसीमन समझ गीन कि ओह ओमन के बारे म गोठियावत हवय। \v 46 ओमन ओला पकड़े के उपाय सोचत रिहिन, पर ओमन मनखेमन के भीड़ ले डरावत रिहिन, काबरकि मनखेमन यीसू ला एक अगमजानी मानत रिहिन। \c 22 \s1 बिहाव भोज के पटंतर \r (लूका 14:15‑24) \p \v 1 यीसू ह फेर ओमन ले पटंतर म गोठियाय लगिस। ओह कहिस, \v 2 “स्वरग के राज ह एक राजा के सहीं अय, जऊन ह अपन बेटा के बिहाव म एक जेवनार करिस। \v 3 ओह अपन सेवकमन ला पठोईस कि ओमन नेवताहारीमन ला भोज बर बलाके लानंय, पर नेवताहारीमन आय बर नइं चाहिन। \p \v 4 “तब फेर ओह कुछू अऊ सेवकमन ला ये कहिके पठोईस, ‘नेवताहारीमन ला कहव कि मेंह भोज तियार कर चुके हवंव। मोर बईला अऊ मोटहा-मोटहा पसुमन मारे गे हवंय, अऊ जम्मो चीज ह तियार हवय। बिहाव के भोज म आवव।’ \p \v 5 “पर नेवताहारीमन राजा के नेवता ला धियान नइं दीन अऊ एती-ओती चल दीन—कोनो अपन खेत ला, त कोनो अपन धंधा म। \v 6 बाकि बचे नेवताहारीमन राजा के सेवकमन ला पकड़िन अऊ ओमन के संग गलत बरताव करिन अऊ ओमन ला मार डारिन। \v 7 राजा ह बहुंत गुस्सा करिस। ओह अपन सेना ला पठोईस अऊ ओ हतियारामन ला नास कर दीस अऊ ओमन के सहर ला जरा दीस। \p \v 8 “तब राजा ह अपन सेवकमन ला कहिस, ‘बिहाव भोज तो तियार हवय, पर नेवताहारीमन एकर लईक नो हंय। \v 9 एकरसेति गली के चऊक म जावव अऊ तुमन ला जऊन मन घलो मिलथें, ओ जम्मो ला बिहाव भोज के नेवता देवव।’ \v 10 ओ सेवकमन गलीमन म गीन अऊ ओमन ला बने या खराप जऊन ह घलो मिलिस, ओ जम्मो ला संकेलके ले आईन अऊ बिहाव के मड़वा ह पहुनामन ले भर गीस। \p \v 11 “पर जब राजा ह पहुनामन ला देखे बर भीतर आईस, त ओह उहां एक मनखे ला देखिस, जऊन ह बिहाव के पोसाक नइं पहिरे रहय। \v 12 राजा ह ओकर ले पुछिस, ‘संगी, बिहाव के पोसाक पहिरे बिगर तेंह इहां कइसने आ गे।’ ओ मनखे ह कुछू कहे नइं सकिस। \p \v 13 “तब राजा ह सेवकमन ला कहिस, ‘एकर हांथ-गोड़ ला बांधव अऊ येला बाहिर अंधियार म फटिक दव, जिहां येह रोही अऊ अपन दांत पीसही।’ \p \v 14 “काबरकि बलाय गय मनखे तो बहुंत हवंय, पर चुने गय मनखेमन थोरकन हवंय।” \s1 रोमी महाराज ला लगान देवई \r (मरकुस 12:13‑17; लूका 20:20‑26) \p \v 15 तब फरीसीमन बाहिर जाके योजना बनाईन कि ओमन कइसने यीसू ला ओकरेच गोठ म फंसावंय। \v 16 ओमन अपन चेलामन ला हेरोदीमन के संग यीसू करा ये पुछे बर पठोईन, “हे गुरू, हमन जानत हवन कि तेंह सच्चा अस अऊ तेंह सच्चई के संग परमेसर के रसता के सिकछा देथस। तेंह मनखेमन के बहकावा म नइं आवस, काबरकि तेंह मनखे के मुहूं देखके नइं गोठियावस। \v 17 त हमन ला बता, तोर का बिचार हवय? रोमी महाराजा ला लगान देवई कानून के मुताबिक ठीक अय कि नइं?” \p \v 18 ओमन के दुस्टता ला जानके यीसू ह कहिस, “हे ढोंगी मनखेमन हो! तुमन काबर मोला फंसाय के कोसिस करत हव? \v 19 मोला ओ सिक्का ला देखावव, जेकर उपयोग तुमन लगान पटाय बर करथव।” ओमन ओकर करा एक सिक्का लानिन। \v 20 यीसू ह ओमन ले पुछिस, “येमा काकर मूरती अऊ काकर नांव लिखाय हवय?” \p \v 21 ओमन कहिन, “महाराजा के।” \p तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन ह महाराजा के अय, ओला महाराजा ला देवव अऊ जऊन ह परमेसर के अय, ओला परमेसर ला देवव।” \p \v 22 येला सुनके, ओमन चकित हो गीन अऊ यीसू ला छोंड़के चल दीन। \s1 मरे मनखेमन के जी उठई अऊ सादी-बिहाव \r (मरकुस 12:18‑27; लूका 20:27‑40) \p \v 23 ओहीच दिन सदूकीमन यीसू करा आईन, जऊन मन ये कहिथंय कि मरे मनखेमन के जी उठई नइं होवय। ओमन यीसू ले पुछिन, \v 24 “हे गुरू, मूसा ह कहे हवय कि यदि कोनो मनखे ह बिगर संतान के मर जावय, त ओकर भाई ह ओ बिधवा ले बिहाव करय अऊ अपन भाई बर संतान पईदा करय\f + \fr 22:24 \fr*\ft \+xt ब्यव 25:5‑6\+xt*\ft*\f*। \v 25 हमर बीच म सात झन भाई रिहिन। पहिला भाई ह बिहाव करिस, पर ओह बिगर संतान के मर गीस अऊ अपन घरवाली ला अपन भाई बर छोंड़ गीस। \v 26 दूसरा अऊ तीसरा भाई ले लेके जम्मो सातों भाई के संग अइसनेच होईस। सातों के सातों भाई मर गीन। \v 27 आखिरी म, ओ माईलोगन घलो मर गीस। \v 28 तब मरे मनखेमन के जी उठे के बाद, ओह ओ सातों भाई म के काकर घरवाली होही? काबरकि ओ सातों झन ओकर ले बिहाव करे रिहिन।” \p \v 29 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “तुमन गलत समझत हव, काबरकि तुमन परमेसर के बचन या परमेसर के सामर्थ ला नइं जानत हव। \v 30 मरे मनखेमन के जी उठे के बाद, मनखेमन न तो बिहाव करहीं अऊ न ही ओमन ला बिहाव म दिये जाही; ओमन स्वरग म स्वरगदूतमन सहीं होहीं। \v 31 मरे मनखेमन के जी उठे के बारे म परमेसर ह तुमन ला का कहे हवय—का तुमन नइं पढ़े हवव, \v 32 ‘मेंह अब्राहम के परमेसर, इसहाक के परमेसर अऊ याकूब के परमेसर अंव’? ओह मरे मन के नइं, पर जीयतमन के परमेसर अय।” \p \v 33 येला सुनके, भीड़ के मनखेमन यीसू के उपदेस ले चकित होईन। \s1 सबले बड़े हुकूम \r (मरकुस 12:28‑34; लूका 10:25‑28) \p \v 34 जब फरीसीमन सुनिन कि यीसू ह सदूकीमन के मुहूं बंद कर दे हवय, त ओमन जूरिन। \v 35 ओमा ले एक झन, जऊन ह कानून के एक जानकार रिहिस, यीसू ला परखे बर ये सवाल करिस, \v 36 “हे गुरू, मूसा के कानून के मुताबिक सबले बड़े हुकूम कते ह अय?” \p \v 37 यीसू ह ओला जबाब दीस: “ ‘परभू अपन परमेसर ले अपन पूरा हिरदय अऊ अपन पूरा परान अऊ अपन पूरा मन ले मया करव।’\f + \fr 22:37 \fr*\ft \+xt ब्यव 6:5\+xt*\ft*\f* \v 38 येह पहिली अऊ सबले बड़े हुकूम अय। \v 39 अऊ दूसरा हुकूम ये किसम ले अय: ‘तेंह अपन परोसी ले अपन सहीं मया कर।’\f + \fr 22:39 \fr*\ft \+xt लैव्य 19:18\+xt*\ft*\f* \v 40 ये दूनों हुकूम जम्मो कानून अऊ अगमजानीमन के सिकछा के सार अंय।” \s1 मसीह ह काकर बेटा अय? \r (मरकुस 12:35‑37; लूका 20:41‑44) \p \v 41 जब फरीसीमन उहां जूरे रिहिन, त यीसू ह ओमन ले पुछिस, \v 42 “मसीह के बारे म, तुमन का सोचथव? ओह काकर बेटा अय?” \p “ओमन कहिन,” “दाऊद के बेटा!” \p \v 43 यीसू ह ओमन ला कहिस, “त फेर दाऊद ह पबितर आतमा म होके ओला ‘परभू’ काबर कहिथे? दाऊद ह कहिथे, \q1 \v 44 “ ‘परभू ह मोर परभू ले कहिस: \q2 “मोर जेवनी हांथ कोति बईठ, \q1 जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला तोर \q2 गोड़ खाल्हे नइं कर देवंव।” ’ \m \v 45 जब दाऊद ह ओला परभू कहिथे, त फेर ओह दाऊद के बेटा कइसने हो सकथे?” \v 46 कोनो ओला कुछू जबाब नइं दे सकिन, अऊ ओ दिन ले, कोनो ओकर ले अऊ कुछू सवाल पुछे के हिम्मत नइं करिन। \c 23 \s1 ढोंगीपन के बिरूध चेतउनी \r (मरकुस 12:38‑39; लूका 11:43, 46; 20:45‑46) \p \v 1 तब यीसू ह भीड़ के मनखे अऊ अपन चेलामन ला कहिस: \v 2 “मूसा के कानून के गुरू अऊ फरीसीमन मूसा के कानून ला सिखाथें। \v 3 एकरसेति, ओमन जऊन कुछू कहिथें ओला मानव अऊ करव। पर ओमन सहीं काम झन करव, काबरकि ओमन जइसने कहिथें वइसने नइं करंय। \v 4 ओमन कानून के भारी बोझा ला बांधथे, अऊ ओला मनखेमन के खांधा ऊपर लदक देथें, पर ओमन खुदे ओला टारे बर अपन अंगरी घलो उठाय नइं चाहंय। \p \v 5 “ओमन अपन जम्मो काम मनखेमन ला देखाय बर करथें। ओमन देखाय बर चाकर-चाकर ताबीज\f + \fr 23:5 \fr*\ft ताबीज याने एक किसम के डिब्बा, जऊन म परमेसर के बचन के पद रहिथे।\ft*\f* बनाके अपन बाहां अऊ माथा म पहिरथें अऊ अपन कपड़ा म लम्बा झालर लगवाथें। \v 6 जेवनारमन म आदर के ठऊर अऊ यहूदीमन के सभा-घर म सबले बने आसन म बईठई ओमन ला बने लगथे। \v 7 बजार के जगह म आदर के संग जोहार झोंकई अऊ मनखेमन के दुवारा गुरूजी कहई ओमन ला बने लगथे। \p \v 8 “पर तुमन अपन ला गुरू झन कहावव, काबरकि तुम्हर सिरिप एक गुरू हवय, अऊ तुमन जम्मो झन भाई-भाई अव। \v 9 धरती म कोनो ला अपन ददा झन कहव, काबरकि तुम्हर एके ददा हवय, जऊन ह स्वरग म हवय। \v 10 तुमन अपन ला मालिक घलो झन कहावव, काबरकि तुम्हर एके मालिक हवय याने कि मसीह। \v 11 जऊन ह तुमन जम्मो म बड़े अय, ओह तुम्हर सेवक बनय। \v 12 काबरकि जऊन ह अपनआप ला बड़े समझथे, ओला दीन-हीन करे जाही, अऊ जऊन ह अपनआप ला दीन-हीन करथे, ओला बड़े करे जाही। \s1 कानून के गुरू अऊ फरीसीमन ऊपर सात ठन धिक्कार \p \v 13 “हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसीमन, तुम्हर ऊपर धिक्कार! तुमन मनखेमन बर स्वरग राज के दुवारी ला बंद कर देथव। न तो तुमन खुदे ओमा जावव अऊ न ही ओमन ला जावन देवव, जऊन मन ओमा जाय के कोसिस करथें। \p \v 14 “हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसीमन, तुम्हर ऊपर हाय! तुमन बिधवामन के घर ला लूटथव अऊ देखाय बर लम्बा-लम्बा पराथना करथव। एकरसेति, तुमन ला जादा कठोर सजा मिलही।\f + \fr 23:14 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \p \v 15 “हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसीमन, तुम्हर ऊपर धिक्कार! तुमन एक झन ला अपन यहूदी बिसवास म लाने बर समुंदर अऊ धरती ऊपर फिरथव, अऊ जब ओह तुम्हर बिसवास म आ जाथे, त तुमन ओला अपन ले दू गुना नरक के लइका सहीं बना देथव। \p \v 16 “हे अंधरा अगुवामन, तुम्हर ऊपर धिक्कार! तुमन कहिथव, ‘यदि कोनो मंदिर के कसम खाथे, त ओकर कुछू मतलब नइं होवय, पर यदि कोनो मंदिर के सोन के कसम खाथे, त ओह अपन कसम म बंध जाथे।’ \v 17 हे अंधरा मुरूख मनखेमन! कते ह बड़े अय—सोन या फेर मंदिर जऊन ह ओ सोन ला पबितर बनाथे?\f + \fr 23:17 \fr*\ft \+xt निर 40:9‑11\+xt*\ft*\f* \v 18 तुमन ये घलो कहिथव, ‘यदि कोनो बेदी के कसम खाथे, त ओकर कुछू मतलब नइं होवय, पर यदि कोनो बेदी म चघाय भेंट के कसम खाथे, त ओह अपन कसम म बंध जाथे।’ \v 19 हे अंधरा मनखेमन! कते ह बड़े अय—भेंट, या फेर बेदी जऊन ह ओ भेंट ला पबितर बनाथे? \v 20 एकरसेति जऊन ह बेदी के कसम खाथे, ओह ओकर अऊ ओकर ऊपर रखे जम्मो चीज के कसम खाथे। \v 21 अऊ जऊन ह मंदिर के कसम खाथे, ओह ओकर अऊ ओमा रहइया के घलो कसम खाथे। \v 22 अऊ जऊन ह स्वरग के कसम खाथे, ओह परमेसर के सिंघासन अऊ ओकर ऊपर बईठइया के घलो कसम खाथे। \p \v 23 “हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसीमन, तुम्हर ऊपर धिक्कार ए! तुमन अपन मसाला जइसने कि पोदीना, सौंफ अऊ जीरा के दसवां भाग ला देथव,\f + \fr 23:23 \fr*\ft \+xt लैव्य 27:30\+xt*\ft*\f* पर तुमन मूसा के कानून के जादा महत्व के बात जइसने कि नियाय, दया अऊ बिसवास के अनदेखी करथव।\f + \fr 23:23 \fr*\ft \+xt होसे 6:6; यर 9:23\+xt*\ft*\f* तुम्हर बर उचित अय कि ये काममन ला करव अऊ ओ दूसर काम के अनदेखी घलो झन करव। \v 24 हे अंधरा अगुवामन! तुमन उड़इया छोटे कीरा ला तो छान लेथव, पर ऊंट ला लील लेथव।\f + \fr 23:24 \fr*\ft \+xt लैव्य 11:20‑23, 40\+xt*\ft*\f* \p \v 25 “हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसीमन, तुम्हर ऊपर धिक्कार! तुमन कटोरा अऊ थाली के बाहिर ला तो मांजथव, पर भीतर ले, ओमन लोभ अऊ लूट-खसोट ले छीने गय चीजमन ले भरे हवंय। \v 26 हे अंधरा फरीसीमन हो! पहिली कटोरा अऊ थाली के भीतरी ला मांजव, तब ओमन के बाहिरी भाग घलो साफ होही। \p \v 27 “हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसीमन, तुमन ला धिक्कार ए! तुमन चूना पोताय कबर के सहीं अव, जऊन ह बाहिर ले तो सुघर दिखथे, पर भीतर ह मुरदा मनखेमन के हाड़ा अऊ जम्मो असुध चीज ले भरे रहिथे। \v 28 ओही किसम ले, तुमन मनखेमन ला बाहिर ले धरमी दिखथव, पर भीतर ले तुमन ढोंग अऊ अधरम ले भरे हवव। \p \v 29 “हे ढोंगी, कानून के गुरू अऊ फरीसीमन, तुम्हर ऊपर धिक्कार! तुमन अगमजानीमन के कबर ला बनाथव अऊ धरमीमन के कबर ला सजाथव, \v 30 अऊ तुमन ये कहिथव, ‘यदि हमन अपन पुरखामन के जुग म होतेंन, त हमन अगमजानीमन के हतिया करई म ओमन संग भागी नइं होतेंन।’ \v 31 ये किसम ले, तुमन खुदे मान लेथव कि तुमन ओमन के संतान अव, जऊन मन अगमजानीमन ला मार डारिन। \v 32 तब तुमन अपन पुरखामन के छोंड़े पाप के घघरी ला भर देथव। \p \v 33 “हे सांपमन हो! हे जहरिला सांप के पीलामन हो! तुमन नरक के सजा ले कइसने बचहू? \v 34 एकरसेति, मेंह तुम्हर करा अगमजानी, अऊ बुद्धिमान अऊ गुरूजी मन ला पठोवत हंव। ओमा ले कतेक झन ला तुमन मार डारहू अऊ कुरूस ऊपर चघाहू; कतेक झन ला तुमन अपन सभा-घर म कोर्रा म मारहू अऊ सहर-सहर म ओमन ला सताहू। \v 35 ये किसम ले, जम्मो धरमीमन के लहू, जऊन ह धरती ऊपर बोहाय हवय—धरमी हाबिल के लहू ले लेके बेरेकियाह के बेटा जकरयाह के लहू तक, जऊन ला तुमन मंदिर अऊ बेदी के बीच म मार डारेव; ये जम्मो के दोस तुम्हर ऊपर आही। \v 36 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, ये जम्मो बात, ये पीढ़ी के मनखेमन ऊपर होही। \p \v 37 “हे यरूसलेम सहर! हे यरूसलेम सहर! तेंह अगमजानीमन ला मार डारथस अऊ जेमन ला तोर करा पठोय जाथे, ओमन ला तेंह पथरा ले मारथस। मेंह कतेक बार चाहेंव कि तोर लइकामन ला वइसने संकेलंव, जइसने कुकरी ह अपन चियांमन ला अपन डेना खाल्हे संकेलथे, पर तेंह ये नइं चाहय। \v 38 देख, तोर घर ह उजाड़ पड़े हवय। \v 39 मेंह तोला कहत हंव कि तेंह मोला तब तक फेर नइं देख सकस, जब तक कि तेंह ये नइं कहस, ‘धइन ए ओह, जऊन ह परभू के नांव म आथे।’ ” \c 24 \s1 जुग के अन्त के चिनहांमन \r (मरकुस 13:1‑2; लूका 21:5‑6) \p \v 1 जब यीसू ह मंदिर म ले निकलके जावत रिहिस, त ओकर चेलामन ओकर करा आईन अऊ ओला मंदिर के बनावट ला देखाईन। \v 2 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ये जम्मो चीज ला देखत हवव?” मेंह तुमन ला सच कहत हंव, “इहां एको ठन पथरा अपन जगह म नइं बांचय। जम्मो ला गिरा दिये जाही।” \p \v 3 जब यीसू ह जैतून पहाड़ ऊपर बईठे रिहिस, त ओकर चेलामन अकेला ओकर करा आईन अऊ पुछिन, “हमन ला बता कि येह कब होही? तोर आय के समय अऊ ये जुग के अन्त के का चिनहां होही।” \p \v 4 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “सचेत रहव। कोनो तुमन ला धोखा झन देवय। \v 5 काबरकि कतको झन मोर नांव म आहीं अऊ कहिहीं, ‘मेंह मसीह अंव,’ अऊ बहुंते झन ला भरमाहीं \v 6 तुमन लड़ई अऊ लड़ई होय के अफवाह सुनहू, पर धियान रहय कि एकर ले तुमन झन घबरावव। अइसने बात के होवई जरूरी अय, पर ओ बखत अन्त नइं होवय। \v 7 एक देस ह दूसर देस ऊपर अऊ एक राज ह दूसर राज ऊपर चढ़ई करही। कतको जगह म दुकाल पड़ही अऊ भुइंडोल होही। \v 8 ये जम्मो ह छेवारी होय के पीरा के सुरूआत के सहीं अय। \p \v 9 “तब ओमन तुमन ला सताय बर पकड़वाहीं अऊ तुमन ला मार डारहीं। मोर कारन जम्मो जाति के मनखेमन तुम्हर ले घिन करहीं। \v 10 ओ समय कतको झन अपन बिसवास ला छोंड़ दीहीं। ओमन एक-दूसर के संग बिसवासघात करहीं अऊ एक-दूसर ले घिन करहीं। \v 11 अऊ कतको लबरा अगमजानीमन आहीं अऊ कतको झन ला धोखा दीहीं। \v 12 अधरम के बढ़े के कारन, बहुंत झन के मया ह कम हो जाही। \v 13 पर जऊन ह आखिरी तक अडिग बने रहिही, ओकरेच उद्धार होही। \v 14 परमेसर के राज के ये सुघर संदेस के परचार जम्मो संसार म करे जाही, ताकि जम्मो जाति के मनखेमन बर एक गवाही होवय, अऊ तब अन्त के बेरा आ जाही। \p \v 15 “एकरसेति जब तुमन ‘ओ बिनासकारी घिन चीज’ ला पबितर स्थान म ठाढ़े देखव,\f + \fr 24:15 \fr*\ft \+xt दानि 9:27; 11:31; 12:11\+xt*\ft*\f* जेकर बारे म अगमजानी दानिएल ह कहे हवय, त पढ़इया ह समझ जावय। \v 16 तब जऊन मन यहूदिया प्रदेस म हवंय, ओमन पहाड़ ऊपर भाग जावंय। \v 17 जऊन ह अपन घर के छानी ऊपर होवय, ओह अपन घर के चीजमन ला लेय बर खाल्हे झन उतरय। \v 18 जऊन ह खेत म होवय, ओह अपन कपड़ा ला लेय बर पाछू झन लहुंटय। \v 19 ओ माईलोगनमन बर कतेक भयानक बात होही, जऊन मन ओ दिन म देहें म होहीं अऊ जऊन दाईमन लइकामन ला दूध पीयावत होहीं! \v 20 पराथना करव कि तुमन ला जड़काला म या बिसराम के दिन म भागे ला झन पड़य। \v 21 काबरकि ओ समय अइसने भयंकर बिपत्ति आही, जइसने संसार के सुरू ले लेके अब तक न तो अइसने होय हवय अऊ न कभू फेर होही। \p \v 22 “यदि ओ दिनमन ला कम नइं करे जातिस, त कोनो मनखे नइं बांचतिन; पर चुने गय मनखेमन के कारन, परमेसर ह ओ दिनमन ला कम कर दीही। \v 23 ओ बखत, कहूं कोनो तुमन ला ये कहय, ‘देखव, मसीह ह इहां हवय’ या ‘ओह उहां हवय।’ त बिसवास झन करव। \v 24 काबरकि लबरा मसीह अऊ लबरा अगमजानीमन परगट होहीं अऊ अइसने बड़े-बड़े चिनहां अऊ चमतकार देखाहीं कि कहूं हो सकय त चुने गय मनखेमन ला घलो भरमा देवंय। \v 25 देखव, मेंह तुमन ला पहिली ले बता चुके हवंव। \p \v 26 “एकरसेति, यदि ओमन तुमन ला ये कहंय, ‘देखव, मसीह ह उहां सुनसान जगह म हवय।’ त उहां झन जावव; या यदि ओमन कहंय, ‘मसीह ह इहां भीतर के खोली म हवय।’ त ओमन के बात ला बिसवास झन करव। \v 27 काबरकि जइसने बिजली ह पूरब ले निकलथे अऊ पछिम तक चमकथे, वइसने मनखे के बेटा के अवई होही। \v 28 जिहां लास होथे, उहां गिधवामन जूरथें। \p \v 29 “ओ दिनमन म, बिपत पड़े के तुरते बाद, \q1 “ ‘सूरज ह अंधियार हो जाही, \q2 अऊ चंदा ह अपन अंजोर नइं दीही; \q1 तारामन अकास ले गिर जाहीं, \q2 अऊ अकास के सक्तिमन हलाय जाहीं।’\f + \fr 24:29 \fr*\ft \+xt यसा 13:10; 34:4; हाग्गै 2:21\+xt*\ft*\f* \p \v 30 “तब ओ समय, मनखे के बेटा के चिनहां ह अकास म दिखही अऊ धरती के जम्मो जाति के मनखेमन सोक मनाहीं। ओमन मनखे के बेटा ला सामर्थ अऊ बड़े महिमा के संग अकास के बादर म आवत देखहीं। \v 31 अऊ ओह तुरही के बड़े अवाज के संग अपन स्वरगदूतमन ला पठोही, अऊ ओमन अकास के एक छोर ले लेके दूसर छोर तक, चारों दिग के हवा ले ओकर चुने मनखेमन ला संकेलहीं। \p \v 32 “अब अंजीर के रूख ले ये बात ला सीखव: जब एकर छोटे डारामन कोअंर बन जाथें अऊ ओमा पान निकले लगथें, त तुमन जान लेथव कि घाम के महिना ह अवइया हवय। \v 33 ओहीच किसम ले, जब तुमन ये जम्मो घटनामन ला देखव, त जान लेवव कि ओ समय ह लकठा म हवय, पर दुवारी म आ गे हवय। \v 34 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक ये जम्मो बातमन नइं हो जाहीं, तब तक ये पीढ़ी के मनखेमन नइं मरंय। \v 35 अकास अऊ धरती ह टर जाही, पर मोर बचन ह कभू नइं टरय। \s1 दिन अऊ समय के जानकारी नइं अय \r (मरकुस 13:32‑37; लूका 17:26‑30, 34‑36) \p \v 36 “ओ दिन या समय के बारे म कोनो नइं जानंय; न तो स्वरग के दूत अऊ न ही बेटा, पर सिरिप ददा ह येला जानथे। \v 37 जइसने नूह के समय म होय रिहिस, वइसनेच मनखे के बेटा के अवई के समय म घलो होही। \v 38 ओ समय जल-परलय होय के पहिली, नूह के पानी जहाज म चघे के दिन तक, मनखेमन खावत-पीयत रिहिन अऊ ओमन के बीच म सादी-बिहाव होवत रिहिस; \v 39 जब तक जल-परलय नइं आईस अऊ ओ जम्मो ला बोहाके नइं ले गीस, तब तक ओमन कुछू नइं जानत रिहिन। वइसनेच मनखे के बेटा के अवई ह घलो होही। \v 40 ओ बखत दू झन मनखे खेत म होहीं; एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर ला छोंड़ दिये जाही। \v 41 दू झन माईलोगनमन जांता म पीसान पीसत होहीं; ओमा ले एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर ला छोंड़ दिये जाही। \p \v 42 “एकरसेति, सचेत रहव, काबरकि तुमन नइं जानव कि तुम्हर परभू ह कोन दिन आही। \v 43 पर ये बात ला समझ लेवव: यदि घर के मालिक ला मालूम होतिस कि चोर ह रात के कतेक बेरा आही, त ओह सचेत रहितिस अऊ अपन घर म सेंध नइं लगन देतिस। \v 44 एकरसेति तुमन घलो तियार रहव, काबरकि मनखे के बेटा ह ओ समय आ जाही, जब तुमन ओकर आय के आसा नइं करत होहू। \p \v 45 “तब ओ बिसवासयोग्य अऊ बुद्धिमान सेवक कोन ए, जऊन ला मालिक ह अपन घर के आने सेवकमन ऊपर मुखिया ठहिराय हवय ताकि ओह ओमन ला सही समय म खाना देवय। \v 46 धइन अय ओ सेवक, जऊन ला ओकर मालिक ह लहुंटके आय के पाछू, अइसने करत पाथे। \v 47 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि मालिक ह ओ सेवक ला अपन जम्मो संपत्ति के जिम्मेदारी दे दीही। \v 48 पर यदि ओ सेवक ह दुस्ट अय अऊ अपन मन म ये कहय, ‘मोर मालिक के अवई म देरी हवय’, \v 49 अऊ तब ओह अपन संगी सेवकमन ला मारन-पीटन लगय अऊ मतवारमन के संग खावय-पीयय, \v 50 तब ओ सेवक के मालिक ह अइसने दिन म आ जाही, जब ओह ओकर आय के आसा नइं करत होही अऊ अइसने समय, जऊन ला ओह नइं जानत होही। \v 51 तब मालिक ह ओला सजा दीही, अऊ ओला ढोंगीमन के संग ठऊर दीही, जिहां ओह रोही अऊ अपन दांत पीसही।” \c 25 \s1 दस कुंवारीमन के पटंतर \p \v 1 “ओ समय स्वरग के राज ह ओ दस कुंवारीमन सहीं होही, जऊन मन अपन-अपन दीया ला लेके दूल्हा के संग भेंट करे बर गीन। \v 2 ओमन म पांच झन मुरूख अऊ पांच झन बुद्धिमान रिहिन। \v 3 मुरूख कुंवारीमन दीयामन ला तो लीन, पर अपन संग तेल नइं ले गीन। \v 4 पर बुद्धिमान कुंवारीमन अपन-अपन दीया के संग बोतल म तेल घलो ले गीन। \v 5 दूल्हा के आय म देरी होईस, त ओमन ला ऊंघासी आईस अऊ ओमन सुत गीन। \p \v 6 “आधा रथिया ये चिचियाय के अवाज आईस, ‘देखव, दूल्हा ह आवत हवय। ओकर संग भेंट करे बर आवव।’ \p \v 7 “तब जम्मो कुंवारीमन जाग गीन अऊ अपन-अपन दीया ला ठीक करे लगिन। \v 8 मुरूख कुंवारीमन बुद्धिमान कुंवारीमन ला कहिन, ‘अपन तेल म ले थोरकन हमन ला घलो देवव, काबरकि हमर दीयामन बुतावत हवंय।’ \p \v 9 “पर बुद्धिमान कुंवारीमन जबाब दीन, ‘सायद, हमर बर अऊ तुम्हर बर तेल ह नइं पूरही, एकरसेति तुमन तेल बेचइयामन करा जावव अऊ अपन बर तेल बिसा लेवव।’ \p \v 10 “पर जब ओमन तेल बिसाय बर गे रिहिन, त दूल्हा ह आ गीस। जऊन कुंवारीमन तियार रिहिन, ओमन ओकर संग बिहाव के भोज म भीतर गीन। अऊ कपाट ह बंद हो गीस। \p \v 11 “बाद म ओ आने कुंवारीमन घलो आईन अऊ कहिन, ‘हे मालिक, हे मालिक! हमर बर कपाट ला खोल दे।’ \p \v 12 “पर ओह जबाब दीस, ‘मेंह तुमन ला सच कहत हंव, मेंह तुमन ला नइं जानंव।’ \p \v 13 “एकरसेति, सचेत रहव, काबरकि तुमन न तो ओ दिन ला जानत हव अऊ न ही ओ समय ला।” \s1 सिक्कामन के पटंतर \r (लूका 19:11‑27) \p \v 14 “स्वरग के राज ह ओ मनखे के सहीं अय, जऊन ह परदेस जावत बेरा अपन सेवकमन ला बलाईस अऊ ओमन ला अपन संपत्ति सऊंप दीस। \v 15 हर एक ला ओह ओमन के योग्यता के मुताबिक दीस; एक सेवक ला ओह पांच सिक्का, दूसर ला दू सिक्का अऊ तीसरा ला एक सिक्का दीस।\f + \fr 25:15 \fr*\ft एक \ft*\fq सिक्का \fq*\ft के मतलब इहां कतको \ft*\fqa हजार रूपिया \fqa*\ft अय।\ft*\f* अऊ तब ओह परदेस चल दीस। \v 16 जऊन सेवक ला पांच सिक्का मिले रिहिस, ओह तुरते गीस अऊ ओ सिक्का ले लेन-देन करके पांच सिक्का अऊ कमा लीस। \v 17 वइसने जऊन सेवक ला दू सिक्का मिले रिहिस, ओह घलो दू सिक्का अऊ कमाईस। \v 18 पर जऊन सेवक ला एक ठन सिक्का मिले रिहिस, ओह गीस अऊ भुइयां ला खनके अपन मालिक के पईसा ला उहां लुका दीस। \p \v 19 “बहुंत समय के बाद, ओ सेवकमन के मालिक ह लहुंटिस अऊ ओमन ले हिसाब मांगिस। \v 20 जऊन सेवक ला पांच सिक्का मिले रिहिस, ओह पांच सिक्का अऊ लेके आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, तेंह मोला पांच सिक्का देय रहय। देख, मेंह पांच सिक्का अऊ कमाय हवंव।’ \p \v 21 “ओकर मालिक ह ओला कहिस, ‘बहुंत अछा करय। तेंह बने अऊ ईमानदार सेवक अस। तेंह थोरकन म ईमानदार रहय। मेंह तोला बहुंत चीजमन ऊपर अधिकार दूहूं। आ अऊ अपन मालिक के खुसी म सामिल हो जा।’ \p \v 22 “जऊन सेवक ला दू ठन सिक्का मिले रिहिस, ओह घलो आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, तेंह मोला दू ठन सिक्का देय रहय। देख, मेंह दू ठन सिक्का अऊ कमाय हवंव।’ \p \v 23 “ओकर मालिक ह ओला कहिस, ‘बहुंत अछा करय। तेंह बने अऊ ईमानदार सेवक अस। तेंह थोरकन म ईमानदार रहय। मेंह तोला बहुंत चीजमन ऊपर अधिकार दूहूं। आ अऊ अपन मालिक के खुसी म सामिल हो जा।’ \p \v 24 “तब जऊन सेवक ला एक सिक्का मिले रिहिस, ओह आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, मेंह जानत रहेंव कि तेंह एक कठोर मनखे अस। तेंह जिहां नइं बोए रहस, उहां ले लूथस, अऊ जिहां बीजा नइं बगराय रहस, उहां ले संकेलथस। \v 25 एकरसेति मेंह डरा गेंव अऊ बाहिर जाके मेंह तोर सिक्का ला भुइयां म गड़िया देंव; ये हवय तोर सिक्का।’ \p \v 26 “ओकर मालिक ह ओला कहिस, ‘दुस्ट अऊ अलाल सेवक! जब तेंह जानत रहय कि जिहां मेंह नइं बोए रहंव, उहां ले लूथंव, अऊ जिहां बीजा नइं बगराय रहंव, उहां ले संकेलथंव। \v 27 त तोला मोर पईसा ला बैंक म जमा कर देना रिहिस, ताकि जब मेंह वापिस आयेंव, त ओला बियाज सहित ले लेतेंव। \p \v 28 “ ‘एकरसेति ये सिक्का ला एकर ले लेय लव, अऊ ओला दे दव, जेकर करा दस ठन सिक्का हवय। \v 29 काबरकि जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही अऊ ओकर करा बहुंत जादा हो जाही। पर जेकर करा नइं ए, ओकर करा ले ओला घलो ले लिये जाही, जऊन थोर बहुंत ओकर करा हवय। \v 30 ये बेकार सेवक ला बाहिर अंधियार म फटिक दव, जिहां ओह रोही अऊ अपन दांत पीसही।’ \s1 भेड़ अऊ छेरीमन \p \v 31 “जब मनखे के बेटा ह अपन महिमा म आही अऊ जम्मो स्वरगदूतमन ओकर संग आहीं, त ओह अपन महिमा के सिंघासन म बिराजही। \v 32 अऊ ओकर आघू म संसार के जम्मो मनखेमन ला लाने जाही। जइसने चरवाहा ह भेड़मन ला बोकरामन ले अलग करथे, वइसने ओह मनखेमन ला एक-दूसर ले अलग करही। \v 33 ओह भेड़मन ला अपन जेवनी अंग अऊ बोकरामन ला अपन डेरी अंग ठाढ़ करही। \p \v 34 “तब राजा ह अपन जेवनी अंग के मनखेमन ला कहिही, ‘तुमन मोर ददा के आसीसित मनखे अव। आवव, अऊ ओ राज के उत्तराधिकारी बन जावव, जऊन ला तुम्हर खातिर संसार के सिरजे के समय ले तियार करे गे हवय। \v 35 काबरकि मेंह भूखा रहेंव अऊ तुमन मोला खाना खवाएव; मेंह पीयासा रहेंव अऊ तुमन मोला पानी पीयाएव; मेंह परदेसी रहेंव अऊ तुमन मोला अपन घर म रखेव; \v 36 मोर करा कपड़ा नइं रिहिस अऊ तुमन मोला कपड़ा पहिराएव; मेंह बेमार रहेंव अऊ तुमन मोर देखरेख करेव, मेंह जेल म रहेंव अऊ तुमन मोर ले मिले बर आयेव।’ \p \v 37 “तब धरमीमन ओला कहिहीं, ‘हे परभू, हमन कब तोला भूखा देखेंन अऊ खाना खवाएंन या कब पीयासा देखेंन अऊ तोला पानी पीयाएंन? \v 38 हमन कब तोला एक परदेसी के रूप म देखेंन अऊ अपन घर म ठहिराएंन, या कब तोर करा कपड़ा नइं रिहिस अऊ हमन तोला कपड़ा पहिराएंन? \v 39 हमन कब तोला बेमार या जेल म देखेंन अऊ तोर ले मिले बर आयेंन?’ \p \v 40 “तब राजा ह ओमन ला ये जबाब दीही, ‘मेंह तुमन ला सच कहथंव कि जऊन कुछू तुमन मोर ये छोटे ले छोटे भाईमन के कोनो एक झन खातिर करेव, त तुमन ओ मोर बर करेव।\f + \fr 25:40 \fr*\ft \+xt मत्ती 10:40‑42\+xt*\ft*\f*’ \p \v 41 “तब राजा ह अपन डेरी अंग के मनखेमन ला कहिही, ‘तुमन सरापित मनखे अव। मोर ले दूरिहा हटव अऊ ओ सदाकाल के आगी म चले जावव, जऊन ला सैतान अऊ ओकर दूतमन बर तियार करे गे हवय। \v 42 काबरकि मेंह भूखा रहेंव, अऊ तुमन मोला खाना नइं खवाएव; मेंह पीयासा रहेंव अऊ तुमन मोला पानी नइं पीयाएव। \v 43 मेंह परदेसी रहेंव अऊ तुमन मोला अपन घर म नइं रखेव; मोर करा कपड़ा नइं रिहिस अऊ तुमन मोला कपड़ा नइं पहिराएव; मेंह बेमार रहेंव अऊ जेल म रहेंव अऊ तुमन मोर देखरेख नइं करेव।’ \p \v 44 “तब ओमन कहिहीं, ‘हे परभू! हमन कब तोला भूखा या पीयासा या परदेसी या बिगर कपड़ा या बेमार या जेल म देखेंन अऊ तोर मदद नइं करेंन?’ \p \v 45 “तब राजा ह ओमन ला ये जबाब दीही, ‘मेंह तुमन ला सच कहथंव कि जब भी तुमन ये छोटे मन के कोनो एक झन के मदद नइं करेव, त तुमन मोर घलो मदद नइं करेव।’ \p \v 46 “तब ओमन सदाकाल के दंड भोगहीं, पर धरमीमन परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाहीं।”\f + \fr 25:46 \fr*\ft \+xt मत्ती 18:4‑6\+xt*\ft*\f* \c 26 \s1 यीसू के बिरोध म साजिस \r (मरकुस 14:1‑2; लूका 22:1‑2; यूहन्ना 11:45‑53) \p \v 1 ये जम्मो बात ला कहे के बाद, यीसू ह चेलामन ला कहिस, \v 2 “जइसने कि तुमन जानत हव कि दू दिन के बाद फसह के तिहार मनाय जाही। तब कुरूस ऊपर चघाय बर मनखे के बेटा ह पकड़वाय जाही।” \p \v 3 तब काइफा नांव के महा पुरोहित के महल म मुखिया पुरोहितमन अऊ मनखेमन के अगुवामन जूरिन। \v 4 अऊ ओमन ये बिचार करिन कि कइसने ओमन छल-कपट करके यीसू ला पकड़ंय अऊ ओला मार डारंय। \v 5 ओमन कहिन, “तिहार के समय नइं। कहूं अइसने झन होवय कि मनखेमन म दंगा हो जावय।” \s1 बैतनियाह गांव म यीसू के अभिसेक \r (मरकुस 14:3‑9; यूहन्ना 12:1‑8) \p \v 6 जब यीसू ह बैतनियाह गांव म सिमोन कोढ़ी के घर म रिहिस, \v 7 त एक झन माईलोगन संगमरमर के बरतन म बहुंत मंहगा इतर तेल लेके आईस, अऊ जब यीसू ह खाना खावत रहय, त ओ माईलोगन ह यीसू के मुड़ ऊपर इतर ला ढार दीस। \p \v 8 येला देखके चेलामन नराज होईन अऊ कहिन, “येला काबर बरबाद करिस? \v 9 ये इतर ला बने दाम म बेचके, ओ रूपिया ला गरीबमन म बांटे जा सकत रिहिस।” \p \v 10 येला जानके यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ये माईलोगन ला काबर परेसान करत हवव? ओह मोर बर सुघर काम करे हवय। \v 11 गरीब मनखेमन तुम्हर संग हमेसा रहिहीं, पर मेंह तुम्हर संग हमेसा नइं रहंव। \v 12 ओह मोर देहें ऊपर जऊन इतर ढारिस, त ओह येला मोर गड़ियाय जाय के तियारी म करिस। \v 13 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जम्मो संसार म जिहां-जिहां मोर सुघर संदेस के परचार करे जाही, उहां ओकर ये काम के चरचा घलो ओकर सुरता म करे जाही।” \s1 यहूदा ह यीसू के संग बिसवासघात करथे \r (मरकुस 14:10‑11; लूका 22:3‑6) \p \v 14 तब यहूदा इस्करियोती जऊन ह बारह चेलामन ले एक झन रिहिस, मुखिया पुरोहितमन करा गीस, \v 15 अऊ ओमन ला कहिस, “यदि मेंह यीसू ला तुम्हर हांथ म पकड़वा दूहूं, त तुमन मोला का दूहू?” अऊ ओमन यहूदा ला चांदी के तीस ठन सिक्का दीन। \v 16 ओ समय ले यहूदा ह यीसू ला पकड़वाय बर मऊका खोजे लगिस। \s1 परभू भोज या फसह तिहार के भोज \r (मरकुस 14:12‑21; लूका 22:7‑13, 21‑23; यूहन्ना 13:21‑30) \p \v 17 बिन खमीर के रोटी के तिहार के पहिली दिन चेलामन यीसू करा आईन अऊ पुछिन, “तेंह कहां चाहथस कि हमन जाके तोर बर फसह के भोज खाय के तियारी करन?” \p \v 18 यीसू ह कहिस, “सहर म ओ मनखे करा जावव अऊ ओला कहव, ‘गुरू ह कहिथे: मोर समय ह लकठा आ गे हवय। मेंह फसह के तिहार ला अपन चेलामन संग तोर घर म मनाय चाहथंव।’ ” \v 19 जइसने यीसू ह हुकूम दे रिहिस, चेलामन वइसनेच करिन अऊ ओमन फसह तिहार के भोज तियार करिन। \p \v 20 जब सांझ होईस, त यीसू अपन बारह चेलामन संग खाना खाय बर बईठिस। \v 21 अऊ जब ओमन खावत रिहिन, त यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहथंव, तुमन म ले एक झन मोर संग बिसवासघात करही।” \p \v 22 येला सुनके चेलामन बहुंत उदास होईन अऊ एक-एक करके ओकर ले पुछन लगिन, “का ओह में अंव, परभू?” \p \v 23 यीसू ह जबाब दीस, “जऊन ह मोर संग कटोरा म अपन हांथ ला डारे हवय, ओहीच ह मोर संग बिसवासघात करही। \v 24 मनखे के बेटा ह मरही, जइसने ओकर बारे म परमेसर के बचन म लिखे हवय। पर धिक्कार ए, ओ मनखे ऊपर, जऊन ह मनखे के बेटा संग बिसवासघात करत हे। ओ मनखे बर बने होतिस, यदि ओकर जनम ही नइं होय रहितिस।” \p \v 25 तब यहूदा जऊन ह यीसू के संग बिसवासघात करइया रिहिस, यीसू ले कहिस, “हे गुरू! का ओह में अंव?” \p यीसू ह ओला कहिस, “हव, ओ मनखे तेंह अस।” \p \v 26 जब ओमन खावत रिहिन, तब यीसू ह रोटी ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ अपन चेलामन ला देके कहिस, “लेवव अऊ खावव; येह मोर देहें अय।” \p \v 27 तब ओह कटोरा ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद दीस अऊ ओमन ला ये कहिके कटोरा ला दीस, “येमा ले तुमन जम्मो झन पीयव। \v 28 येह करार के मोर लहू ए, जऊन ह बहुंते जन बर पाप के छेमा खातिर ढारे जावत हे। \v 29 मेंह तुमन ला कहथंव कि मेंह ये अंगूर के मंद ला ओ दिन तक नइं पीयंव, जब तक कि मेंह तुम्हर संग मोर ददा के राज म नवां अंगूर के मंद ला नइं पी लंव।” \p \v 30 तब ओमन एक भजन गाय के बाद, जैतून पहाड़ ऊपर चल दीन। \s1 पतरस ह यीसू के इनकार करथे \r (मरकुस 14:27‑31; लूका 22:31‑34; यूहन्ना 13:36‑38) \p \v 31 तब यीसू ह चेलामन ला कहिस, “आज रात के तुमन जम्मो झन मोला छोंड़के भाग जाहू, काबरकि परमेसर के बचन म ये लिखे हवय, \q1 “ ‘मेंह चरवाहा ला मारहूं। \q2 अऊ झुंड के भेड़मन तितिर-बितिर हो जाहीं।’\f + \fr 26:31 \fr*\ft \+xt जकर 13:7\+xt*\ft*\f* \m \v 32 पर मेंह जी उठे के बाद, तुम्हर ले पहिली गलील प्रदेस जाहूं।” \p \v 33 तब पतरस ह यीसू ला कहिस, “चाहे जम्मो झन तोला छोंड़के भाग जावंय त भाग जावंय, पर मेंह तोला कभू नइं छोड़ंव।” \p \v 34 यीसू ह ओला जबाब दीस, “मेंह तोला सच कहथंव, आजेच रात के, कुकरा के बासे के पहिली तेंह तीन बार मोर इनकार करबे।” \p \v 35 पर पतरस ह कहिस, “चाहे मोला तोर संग मरना घलो पड़य, तभो ले मेंह तोर कभू इनकार नइं करंव।” अऊ आने जम्मो चेलामन घलो अइसनेच कहिन। \s1 गतसमनी म यीसू पराथना करथे \r (मरकुस 14:32‑42; लूका 22:39‑46) \p \v 36 तब यीसू ह अपन चेलामन संग गतसमनी नांव के एक ठऊर म गीस अऊ ओह ओमन ला कहिस, “तुमन इहां बईठव, जब तक कि मेंह उहां जाके पराथना करथंव।” \v 37 ओह पतरस अऊ जबदी के दू झन बेटा ला अपन संग म लीस, अऊ यीसू के मन ह दुखी अऊ बियाकुल होय लगिस। \v 38 तब ओह ओमन ला कहिस, “मोर परान ह अतकी उदास हवय कि मेंह मर जावंव सहीं लगत हवय। तुमन इहां ठहिरव अऊ मोर संग जागत रहव।” \p \v 39 थोरकन आघू जाके, यीसू ह मुहूं के भार भुइयां म गिरिस अऊ ये पराथना करिस, “हे मोर ददा! कहूं हो सकय, त दुख के ये कटोरा ला मोर म ले टार दे। तभो ले मोर नइं, फेर तोर ईछा पूरा होवय।” \p \v 40 तब ओह अपन चेलामन करा आईस अऊ ओमन ला सुतत देखिस, त ओह पतरस ला कहिस, “का तुमन मोर संग एक घंटा घलो नइं जाग सकव? \v 41 जागत रहव अऊ पराथना करव, ताकि तुमन परिछा म झन पड़व। आतमा त तियार हवय, फेर देहें ह दुरबल अय।” \p \v 42 यीसू ह दूसर बार गीस अऊ ये पराथना करिस, “हे मोर ददा! कहूं दुख के ये कटोरा ह मोर पीये बिगर नइं टर सकय, त फेर तोर ईछा पूरा होवय।” \p \v 43 जब यीसू ह वापिस आईस, त ओह अपन चेलामन ला फेर सुतत पाईस, काबरकि ओमन के आंखीमन नींद ले भारी हो गे रहंय। \v 44 एकरसेति ओह ओमन ला छोंड़के फेर एक बार गीस अऊ ओहीच बात ला कहिके, तीसरा बार पराथना करिस। \p \v 45 तब ओह चेलामन करा आईस अऊ ओमन ला कहिस, “का तुमन अभी तक ले सुतत हव अऊ सुरतावत हव? देखव, ओ घरी ह लकठा आ गे हवय, अऊ मनखे के बेटा ह पापीमन के हांथ म पकड़वाय जवइया हे। \v 46 उठव! आवव, हमन चलन! देखव, मोर संग बिसवासघात करइया ह लकठा आ गे हवय!” \s1 यीसू ह पकड़वाय जाथे \r (मरकुस 14:43‑50; लूका 22:47‑53; यूहन्ना 18:3‑12) \p \v 47 जब यीसू ह ये बात कहितेच रिहिस, तभे यहूदा जऊन ह बारह चेलामन ले एक झन रहय, आईस। ओकर संग म मनखेमन के एक बड़े भीड़ रहय अऊ मनखेमन तलवार अऊ लउठी धरे रहंय। येमन ला मुखिया पुरोहित अऊ मनखेमन के अगुवामन पठोय रिहिन। \v 48 बिसवासघात करइया ह ओमन ला पहिली ले ये संकेत बता दे रिहिस, “जऊन ला मेंह चूमहूं, ओहीच मनखे अय; ओला पकड़ लूहू।” \v 49 यहूदा ह तुरते यीसू करा आईस अऊ कहिस, “हे गुरू, जोहार!” अऊ ओह यीसू ला चूमिस। \p \v 50 यीसू ह ओला कहिस, “संगवारी! जऊन काम बर तेंह आय हवस, ओला कर।” \p तब मनखेमन आघू म आईन अऊ यीसू ला पकड़के गिरफतार कर लीन। \v 51 तब यीसू के संगवारीमन ले एक झन तलवार ला खींचके निकालिस अऊ महा पुरोहित के सेवक ऊपर चलाके ओकर कान ला काट दीस। \p \v 52 यीसू ह ओला कहिस, “अपन तलवार ला मियान म रख, काबरकि जऊन मन तलवार चलाथें, ओमन तलवार ले मारे जाहीं। \v 53 का तेंह नइं जानस कि मेंह अपन ददा ले बिनती कर सकथंव अऊ ओह मोर बर तुरते स्वरगदूतमन के बारह ठन बड़े-बड़े सैनिक दल ले घलो जादा पठो दीही। \v 54 पर तब परमेसर के ओ बचन ह कइसे पूरा होही, जऊन ह ये कहिथे कि ये बात ला ये किसम ले होना जरूरी अय।”\f + \fr 26:54 \fr*\ft \+xt यसा 53:12\+xt*\ft*\f* \p \v 55 ओतकीच बेरा यीसू ह मनखेमन के भीड़ ला कहिस, “का तुमन मोला डाकू समझथव कि तलवार अऊ लउठी लेके मोला पकड़े बर आय हवव? मेंह हर दिन मंदिर म बईठके उपदेस देवत रहेंव अऊ तुमन मोला नइं पकड़ेव। \v 56 पर ये जम्मो बात एकरसेति होईस कि अगमजानीमन के लिखे बचन ह पूरा होवय।” तब जम्मो चेलामन यीसू ला छोंड़के भाग गीन। \s1 यीसू ह धरम महासभा के आघू म \r (मरकुस 14:53‑65; लूका 22:54‑55, 63‑71; यूहन्ना 18:13‑14, 19‑24) \p \v 57 जऊन मन यीसू ला गिरफतार करे रिहिन, ओमन ओला महा पुरोहित काइफा करा ले गीन, जिहां कानून के गुरू अऊ अगुवामन जूरे रहंय। \v 58 पर पतरस ह कुछू दूरिहा म रहत ओकर पाछू-पाछू गीस। ओह महा पुरोहित के घर के अंगना तक गीस अऊ ये देखे बर कि का होवइया हे—ओह भीतर जाके पहरेदारमन के संग बईठ गीस। \p \v 59 मुखिया पुरोहितमन अऊ धरम महासभा के जम्मो मनखेमन यीसू के बिरूध म लबरा गवाही खोजत रहंय ताकि ओमन ओला मार डारंय। \v 60 पर ओमन ला एको झन नइं मिलिन, हालाकि कतको लबरा गवाहमन आईन। \p आखिर म दू झन गवाह आईन \v 61 अऊ कहिन, “ये मनखे ह कहे हवय, ‘मेंह परमेसर के मंदिर ला गिराके ओला तीन दिन म फेर बना सकत हंव।’ ” \p \v 62 तब महा पुरोहित ह ठाढ़ होईस अऊ यीसू ला कहिस, “ये मनखेमन तोर बिरूध जऊन गवाही देवत हवंय, का तेंह ओकर कोनो जबाब नइं देवस?” \v 63 पर यीसू ह चुपेचाप रिहिस। \p महा पुरोहित ह यीसू ला कहिस, “मेंह तोला जीयत परमेसर के कसम देवत हंव: कहूं तेंह परमेसर के बेटा मसीह अस, त हमन ला बता।” \p \v 64 यीसू ह ओला कहिस, “हव जी। जइसने कि तेंह कहय। पर मेंह तुमन जम्मो झन ला कहत हंव कि एकर बाद तुमन मनखे के बेटा ला सर्वसक्तिमान परमेसर के जेवनी हांथ कोति बईठे अऊ अकास के बादरमन ऊपर आवत देखहू।”\f + \fr 26:64 \fr*\ft देखव \+xt भजन 110:1; दानि 7:13\+xt*\ft*\f* \p \v 65 तब महा पुरोहित ह अपन कपड़ा ला चीरिस अऊ कहिस, “येह परमेसर के निन्दा करे हवय। हमन ला अऊ कोनो गवाह के जरूरत नइं ए। देखव! अभीच तुमन ये निन्दा ला सुने हवव। \v 66 तुम्हर का बिचार हवय?” \p ओमन जबाब दीन, “येह मिरतू-दंड के लईक अय।” \p \v 67 तब ओमन यीसू के मुहूं ऊपर थूकिन अऊ ओला मुक्का मारिन। आने मनखेमन ओला थपरा मारके कहिन, \v 68 “हे मसीह, अगमबानी करके हमन ला बता कि तोला कोन मारिस?” \s1 पतरस ह यीसू के इनकार करथे \r (मरकुस 14:66‑72; लूका 22:56‑62; यूहन्ना 18:15‑18, 25‑27) \p \v 69 ओ बखत पतरस ह बाहिर अंगना म बईठे रिहिस, तब एक नौकरानी छोकरी ओकर करा आईस अऊ कहिस, “तेंह घलो गलील के रहइया यीसू के संग रहय।” \p \v 70 पर ओह ओ जम्मो झन के आघू म इनकार करिस अऊ कहिस, “मेंह नइं जानंव कि तेंह का कहत हवस?” \p \v 71 तब पतरस ह बाहिर दुवारी करा गीस, उहां एक आने नौकरानी छोकरी ओला देखिस अऊ उहां मनखेमन ला कहिस, “ये मनखे ह नासरत के यीसू संग रिहिस।” \p \v 72 पतरस ह कसम खाके फेर इनकार करिस अऊ कहिस, “मेंह ओ मनखे ला नइं जानंव।” \p \v 73 एकर थोरकन देर बाद, जऊन मन उहां ठाढ़े रहंय, ओमन पतरस करा आईन अऊ कहिन, “सही म तेंह घलो ओमन ले एक झन अस, काबरकि तोर बोली ले, ये बात के पता चलत हे।” \p \v 74 तब पतरस ह अपनआप ला कोसन लगिस अऊ किरिया खाके कहिस, “मेंह ओ मनखे ला नइं जानंव।” \p अऊ तुरते कुकरा ह बासिस। \v 75 तब पतरस ह यीसू के कहे ये बात ला सुरता करिस: “कुकरा बासे के पहिली, तेंह तीन बार मोर इनकार करबे।” अऊ ओह बाहिर गीस अऊ फूट-फूटके रोय लगिस। \c 27 \s1 यहूदा ह फांसी लगा लेथे \r (प्रेरितमन के काम 1:18‑19) \p \v 1 जब बिहनियां होईस, त जम्मो मुखिया पुरोहित अऊ मनखेमन के अगुवामन यीसू ला मार डारे के फैसला करिन। \v 2 ओमन यीसू ला बांधिन अऊ ओला ले जाके राजपाल पीलातुस\f + \fr 27:2 \fr*\ft पीलातुस ह रोमी राजपाल रिहिस।\ft*\f* के हांथ म सऊंप दीन। \p \v 3 यीसू के संग बिसवासघात करइया यहूदा ह जब देखिस कि यीसू ला दोसी ठहिराय गे हवय, त ओह पछताईस अऊ ओह मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन ला चांदी के तीस सिक्का वापिस कर दीस, \v 4 अऊ कहिस, “मेंह पाप करे हवंव काबरकि मेंह एक निरदोस मनखे ला मरवाय बर ओकर संग बिसवासघात करेंव।” \p ओमन कहिन, “हमन ला एकर ले का मतलब! येला तें जान।” \p \v 5 तब यहूदा ह ओ चांदी के सिक्कामन ला मंदिर म फटिक दीस अऊ उहां ले चले गीस अऊ जाके फांसी लगा लीस। \p \v 6 मुखिया पुरोहितमन ओ सिक्कामन ला उठाईन अऊ कहिन, “ये पईसा ला खजाना म रखना कानून के मुताबिक सही नो हय, काबरकि येह लहू के कीमत अय।” \v 7 एकरसेति ओमन ओ पईसा ले कुम्हार के खेत ला बिसाय के फैसला करिन ताकि ओ जगह ह परदेसीमन बर मरघटी के रूप म काम आवय। \v 8 एकरे कारन, ओ खेत ला आज तक ले लहू के खेत कहे जाथे। \v 9 ये किसम ले यरमियाह अगमजानी के दुवारा कहे गय ये बचन ह पूरा होईस: “ओमन चांदी के तीस टुकड़ामन ला ले लीन, जऊन ला इसरायली मनखेमन ओकर कीमत ठहिराय रिहिन, \v 10 अऊ ओमन ओ पईसा के उपयोग कुम्हार के खेत बिसाय म करिन जइसने परभू ह मोला हुकूम दे रिहिस।”\f + \fr 27:10 \fr*\ft \+xt जकर 11:12‑13;\+xt* \+xt यर 32:6‑8\+xt*\ft*\f* \s1 यीसू ह रोमन राजपाल पीलातुस के आघू म \r (मरकुस 15:2‑5; लूका 23:3‑5; यूहन्ना 18:33‑38) \p \v 11 जब यीसू ह राजपाल के आघू म ठाढ़ होईस, त राजपाल ह ओकर ले पुछिस, “का तेंह यहूदीमन के राजा अस?” \p यीसू ह ओला जबाब दीस, “हव जी, जइसने तेंह कहत हवस।” \p \v 12 जब मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन यीसू ऊपर दोस लगाईन, त ओह कुछू जबाब नइं दीस। \v 13 तब पीलातुस ह यीसू ला कहिस, “का तेंह नइं सुनत हवस कि ओमन तोर ऊपर कइसने दोस लगावत हवंय।” \v 14 पर यीसू ह आरोप के जबाब म एको सबद नइं कहिस। जेकर ले राजपाल ला बहुंत अचरज होईस। \p \v 15 राजपाल के ये रिवाज रिहिस कि फसह तिहार के मऊका म, ओह एक झन कैदी ला छोंड़ देवय, जऊन ला मनखेमन चाहंय। \v 16 ओ समय म बरब्बा नांव के एक बदनाम कैदी जेल म रिहिस। \v 17 जब भीड़ ह जूरे रिहिस, त पीलातुस ह भीड़ के मनखेमन ले पुछिस, “तुमन कोन ला चाहत हव कि मेंह ओला तुम्हर बर छोंड़ देवंव—बरब्बा ला या यीसू ला, जऊन ला मसीह कहे जाथे?” \v 18 काबरकि पीलातुस ह जानत रिहिस कि ओमन जलन के कारन यीसू ला ओकर हांथ म सऊंपे रिहिन। \p \v 19 जब पीलातुस ह नियाय आसन म बईठे रिहिस, त ओकर घरवाली ह ओकर करा ये संदेस पठोईस, “ओ धरमी मनखे संग कुछू झन कर, काबरकि मेंह आज सपना म ओकर कारन बहुंत दुख उठाय हवंव।” \p \v 20 पर मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन भीड़ के मनखेमन ला राजी कर लीन कि ओमन बरब्बा ला छोंड़े के अऊ यीसू ला मार डारे के मांग करंय। \p \v 21 राजपाल ह ओमन ला फेर पुछिस, “ये दूनों म ले तुमन कोन ला चाहथव कि मेंह तुम्हर खातिर छोंड़ देवंव?” \p ओमन कहिन, “बरब्बा ला।” \p \v 22 पीलातुस ह ओमन ले पुछिस, “तब मेंह यीसू के का करंव, जऊन ला मसीह कहे जाथे।” \p ओ जम्मो झन जबाब दीन, “येला कुरूस ऊपर चघाय जावय।” \p \v 23 पीलातुस ह पुछिस, “काबर? ओह का अपराध करे हवय?” \p पर ओमन अऊ जादा चिचियाके कहिन, “येला कुरूस ऊपर चघाय जावय।” \p \v 24 जब पीलातुस ह देखिस कि ओकर दुवारा कुछू नइं हो सकत हे, पर हुल्लड़ होवत हवय, त ओह पानी लीस अऊ भीड़ के आघू म अपन हांथ ला धोके कहिस, “मेंह ये मनखे के मिरतू के दोसी नो हंव। एकर जिम्मेदार तुमन अव।” \p \v 25 जम्मो मनखेमन जबाब दीन, “एकर मिरतू के दोस हमर अऊ हमर संतान ऊपर होवय।” \p \v 26 तब पीलातुस ह ओमन खातिर बरब्बा ला छोंड़ दीस अऊ यीसू ला कोर्रा म पीटवाईस, अऊ ओला कुरूस ऊपर चघाय बर सऊंप दीस। \s1 सैनिकमन यीसू के हंसी उड़ाथें \r (मरकुस 15:16‑20; यूहन्ना 19:2‑3) \p \v 27 तब राजपाल के सैनिकमन यीसू ला राजपाल के महल म ले गीन अऊ सैनिकमन के पूरा दल ला यीसू करा संकेलिन। \v 28 ओमन यीसू के कपड़ा ला उतारिन अऊ ओला सिन्दूरी लाल रंग के चोगा पहिराईन, \v 29 अऊ तब कांटा के एक मुकुट गुंथके ओकर मुड़ ऊपर रखिन, अऊ ओकर जेवनी हांथ म एक ठन लउठी धरा दीन अऊ ओकर आघू म माड़ी टेकिन अऊ ये कहिके ओकर हंसी उड़ाईन, “हे यहूदीमन के राजा, तोला जोहार।” \v 30 ओमन ओकर ऊपर थूकिन अऊ लउठी लेके ओकर मुड़ म मारे लगिन। \v 31 जब ओमन ओकर हंसी उड़ा चुकिन, त चोगा ला ओकर ऊपर ले उतारके ओला ओकरेच कपड़ा ला पहिराईन अऊ तब ओमन कुरूस ऊपर चघाय बर ओला बाहिर ले गीन। \s1 यीसू के कुरूस ऊपर चघाय जवई \r (मरकुस 15:21‑32; लूका 23:26‑43; यूहन्ना 19:17‑27) \p \v 32 जब ओमन सहर ले बाहिर निकलत रिहिन, त ओमन ला कुरेन\f + \fr 27:32 \fr*\fq कुरेन \fq*\ft ह आफ्रिका देस म एक सहर रिहिस।\ft*\f* के सिमोन नांव के एक झन मनखे मिलिस। ओमन ओकर ले जबरन कुरूस ला उठवाके ले गीन। \v 33 ओमन “गुलगुता” नांव के ठऊर म आईन (गुलगुता के मतलब होथे—खोपड़ी के ठऊर)। \v 34 उहां ओमन यीसू ला पित्त मिले अंगूर के मंद पीये बर दीन। यीसू ह ओला चिखिस, पर ओला पीये बर नइं चाहिस। \v 35 जब ओमन यीसू ला कुरूस ऊपर चघा लीन, त ओमन चिट्ठी डालके ओकर मुताबिक कपड़ा ला अपन म बांट लीन। \v 36 तब ओमन उहां बईठके ओकर पहरा देवन लगिन। \v 37 अऊ ओकर मुड़ ऊपर ओकर दोस-पतर टांग दीन, जऊन म ये लिखाय रहय— \pc येह यहूदीमन के राजा यीसू अय। \p \v 38 ओ समय यीसू के संग दू झन डाकूमन घलो कुरूस ऊपर चघाय गे रिहिन, एक झन ओकर जेवनी कोति अऊ दूसर झन ओकर डेरी कोति। \v 39 उहां ले अवइया-जवइयामन यीसू के बेजत्ती करंय अऊ अपन मुड़ ला डोला-डोला के ये कहंय, \v 40 “तेंह तो मंदिर ला गिराके ओला तीन दिन म बनइया अस, अपनआप ला बचा ले। कहूं तेंह परमेसर के बेटा अस, त फेर कुरूस ऊपर ले उतर आ।” \v 41 अइसनेच मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ अगुवामन घलो ये कहिके ओकर ठट्ठा करत रिहिन, \v 42 “येह आने मन ला बचाईस, पर येह अपनआप ला नइं बचा सकय! येह तो इसरायल के राजा अय! अब येह कुरूस ऊपर ले उतर आवय, त हमन एकर ऊपर बिसवास करबो। \v 43 येह परमेसर ऊपर भरोसा रखथे। यदि परमेसर येला चाहथे, त ओह येला छुड़ा ले, काबरकि येह कहे रिहिस, ‘मेंह परमेसर के बेटा अंव।’ ” \v 44 अइसनेच ओ डाकूमन घलो जऊन मन ओकर संग कुरूस ऊपर चघाय गे रिहिन, ओकर ठट्ठा करिन। \s1 यीसू के मिरतू \r (मरकुस 15:33‑41; लूका 23:44‑49; यूहन्ना 19:28‑30) \p \v 45 ओ मंझनियां बारह बजे ले लेके तीन बजे तक जम्मो देस ऊपर अंधियार छाय रिहिस। \v 46 करीब तीन बजे यीसू ह जोर से नरियाके कहिस, \tl “एली, एली, लमा सबकतनी?”\tl* (जेकर मतलब होथे, “हे मोर परमेसर, हे मोर परमेसर, तेंह मोला काबर छोंड़ देय?)”\f + \fr 27:46 \fr*\ft \+xt भजन 22:1\+xt*\ft*\f* \p \v 47 जब उहां ठाढ़े मनखेमन ले कुछू झन येला सुनिन, त ओमन कहिन, “येह एलियाह ला बलावत हवय।” \p \v 48 ओमन ले एक झन तुरते दऊड़के एक पनसोखवा रबर ला लानिस, अऊ ओह ओला सिरका म बोरिस अऊ एक ठन लउठी म रखके यीसू ला पीये बर दीस। \v 49 पर बाकि मनखेमन कहिन, “अब ओला रहन दे। आवव, हमन देखन, एलियाह ह येला बचाय बर आथे कि नइं।” \p \v 50 अऊ यीसू ह फेर जोर से गोहार पारिस अऊ अपन परान ला तियाग दीस। \p \v 51 ओतकीच बेरा मंदिर के परदा ह ऊपर ले खाल्हे तक चीराके दू कुटा हो गीस। धरती ह कांप उठिस अऊ चट्टानमन तड़क गीन \v 52 अऊ कबरमन उघर गीन अऊ कतको मरे पबितर मनखे के देहेंमन फेर जी उठिन। \v 53 ओमन कबर म ले बाहिर निकलिन, अऊ यीसू के जी उठे के बाद, ओमन पबितर सहर म गीन अऊ कतको मनखेमन ला दिखिन। \p \v 54 जब सिपाहीमन के अधिकारी\f + \fr 27:54 \fr*\ft एक सूबेदार के अधीन एक सौ सैनिक रहंय।\ft*\f* अऊ ओकर संग के सैनिक, जऊन मन यीसू के पहरा देवत रिहिन, भुइंडोल अऊ ओ जम्मो घटना ला देखिन, त अब्बड़ डरा गीन अऊ ओमन कहिन, “सही म येह परमेसर के बेटा रिहिस।” \p \v 55 उहां कतको माईलोगन घलो रिहिन, जऊन मन दूरिहा ले यीसू ला देखत रिहिन। ओमन यीसू के सेवा करत गलील प्रदेस ले ओकर संगे-संग आय रिहिन। \v 56 ओमन म मरियम मगदलिनी, याकूब अऊ यूसुफ के दाई मरियम अऊ जबदी के बेटामन के दाई रिहिन। \s1 यीसू के दफनाय जवई \r (मरकुस 15:42‑47; लूका 23:50‑56; यूहन्ना 19:38‑42) \p \v 57 जब संझा होईस, त अरमतिया सहर ले एक धनवान मनखे आईस। ओकर नांव यूसुफ रिहिस अऊ ओह खुदे यीसू के चेला बन गे रिहिस। \v 58 ओ बेरा ओह पीलातुस करा जाके यीसू के लास ला मांगिस अऊ पीलातुस ह यीसू के लास ला ओला सऊंप देय के हुकूम दीस। \v 59 यूसुफ ह लास ला लीस अऊ ओला एक ठन साफ मलमल के कपड़ा म लपेटिस, \v 60 अऊ ओला अपन खुद के नवां कबर म रखिस, जऊन ला ओह चट्टान ला काटके बनवाय रिहिस। तब ओह एक ठन बड़े पथरा ला कबर के मुंहाटी म टेका दीस अऊ उहां ले चले गीस। \v 61 मरियम मगदलिनी अऊ दूसर मरियम उहां कबर के आघू म बईठे रिहिन। \s1 कबर म पहरेदारी \p \v 62 ओकर दूसर दिन, जऊन ह तियारी के दिन के बाद के दिन रिहिस, मुखिया पुरोहित अऊ फरीसीमन पीलातुस करा जूरिन\f + \fr 27:62 \fr*\ft बिसराम दिन के पहिली के दिन ला तियारी के दिन कहे जावय।\ft*\f* \v 63 अऊ कहिन, “महाराज, हमन ला सुरता हवय कि ओ धोखेबाज ह जब जीयत रिहिस, त कहे रिहिस, ‘तीन दिन के बाद मेंह फेर जी उठहूं।’ \v 64 एकरसेति हुकूम दे कि तीसरा दिन तक ओ कबर के रखवारी करे जावय। अइसने झन होवय कि ओकर चेलामन आवंय अऊ ओकर लास ला चोराके ले जावंय अऊ मनखेमन ला कहंय कि ओह मरे म ले जी उठे हवय। तब ये आखिरी धोखा ह पहिली ले घलो अऊ खराप होही।” \p \v 65 पीलातुस ह ओमन ला कहिस, “तुम्हर करा पहरेदारमन हवंय। जावव, अऊ जइसने तुमन उचित समझथव, कबर के रखवारी के परबंध करव।” \v 66 तब ओमन गीन अऊ कबर के पथरा ऊपर मुहर लगाईन अऊ उहां पहरेदार बईठाके ओमन कबर के रखवारी के परबंध करिन। \c 28 \s1 यीसू के फेर जी उठई \r (मरकुस 16:1‑10; लूका 24:1‑12; यूहन्ना 20:1‑10) \p \v 1 बिसराम दिन के बाद, हप्ता के पहिली दिन बड़े बिहनियां मरियम मगदलिनी अऊ दूसर मरियम कबर ला देखे बर गीन। \p \v 2 ओ समय एक भयंकर भुइंडोल होईस, काबरकि परभू के एक स्वरगदूत ह स्वरग ले उतरिस अऊ कबर करा आईस अऊ पथरा ला ढुनगाके ओकर ऊपर बईठ गीस। \v 3 ओकर रूप ह बिजली सहीं चमकत रहय अऊ ओकर कपड़ा ह झक पंर्रा रिहिस। \v 4 पहरेदारमन ओकर ले डरके थर-थर कांपे लगिन अऊ मुरदा के सहीं हो गीन। \p \v 5 स्वरगदूत ह माईलोगनमन ला कहिस, “झन डरव, काबरकि मेंह जानत हंव कि तुमन यीसू ला खोजत हव, जऊन ला कुरूस ऊपर चघाय गे रिहिस। \v 6 ओह इहां नइं ए; ओह जी उठे हवय, जइसने ओह कहे रिहिस। आवव अऊ ओ ठऊर ला देखव, जिहां ओला रखे गे रिहिस। \v 7 अब तुमन तुरते जाके ओकर चेलामन ला ये बतावव: ‘ओह मरे म ले जी उठे हवय अऊ ओह तुम्हर ले आघू गलील प्रदेस जावत हवय। उहां तुमन ओला देखहू।’ देखव! मेंह तुमन ला बता दे हंव।” \p \v 8 एकरसेति ओ माईलोगनमन जल्दी कबर ले चले गीन। ओमन डरा गे रिहिन, पर बड़े आनंद सहित चेलामन ला बताय बर दऊड़के गीन। \v 9 अचानक यीसू ह ओमन ले मिलिस अऊ कहिस, “खुस रहव।” ओमन ओकर करा आईन अऊ ओकर गोड़ ला धरके ओकर दंडवत करिन। \v 10 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “झन डरव। जावव अऊ मोर भाईमन ला कहव कि ओमन गलील प्रदेस जावंय। उहां ओमन मोला देखहीं।” \s1 पहरेदारमन के सूचना \p \v 11 जब माईलोगनमन डहार म रिहिन, त कुछू पहरेदारमन सहर म गीन अऊ जऊन कुछू होय रिहिस, ओ जम्मो बात मुखिया पुरोहितमन ला बताईन। \v 12 तब मुखिया पुरोहितमन अगुवामन संग मिलके एक योजना बनाईन। ओमन सैनिकमन ला बहुंत अकन पईसा देके कहिन, \v 13 “तुमन मनखेमन ला ये कहव, ‘जब हमन रथिया सुते रहेंन, त ओकर चेलामन आईन अऊ ओला चोराके ले गीन।’ \v 14 यदि ये बात राजपाल के कान म पड़ही, त हमन ओला समझा देबो अऊ तुमन ला मुसीबत ले बचा लेबो।” \v 15 सैनिकमन पईसा ला लीन अऊ वइसने करिन, जइसने ओमन ला सिखाय गे रिहिस। अऊ ये बात यहूदीमन के बीच म आज तक फईले हवय। \s1 महान हुकूम \r (मरकुस 16:14‑18; लूका 24:36‑49; यूहन्ना 20:19‑23; प्रेरितमन के काम 1:6‑8) \p \v 16 तब गियारह चेलामन गलील प्रदेस के ओ पहाड़ ऊपर गीन, जिहां जाय बर यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस। \v 17 अऊ जब ओमन यीसू ला देखिन, त ओला दंडवत करिन, पर कोनो-कोनो ला संका होईस। \v 18 तब यीसू ह ओमन करा आईस अऊ कहिस, “स्वरग अऊ धरती ऊपर मोला पूरा अधिकार देय गे हवय। \v 19 एकरसेति जावव अऊ जम्मो जाति के मनखेमन ला मोर चेला बनावव अऊ ओमन ला ददा, बेटा अऊ पबितर आतमा के नांव म बतिसमा देवव, \v 20 अऊ ओमन ला ओ जम्मो बात मानना सिखोवव, जेकर हुकूम मेंह तुमन ला देय हवंव। अऊ देखव, मेंह संसार के अन्त होवत तक हमेसा तुम्हर संग हवंव।”