\id LUK - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \ide UTF-8 \h लूका \toc1 लूका के लिखे सुघर संदेस \toc2 लूका \toc3 लूका \mt1 लूका \mt2 के लिखे सुघर संदेस \c 1 \s1 परिचय \p \v 1 बहुंत आदरनीय थियुफिलुस! कतको झन ओ घटना के बारे म लिखे के काम ला करे हवंय, जऊन ह हमर बीच म घटे हवय। \v 2 ओमन सुरू ले ये घटनामन ला अपन आंखी ले देखे रिहिन अऊ ओमन परमेसर के बचन के सेवक रिहिन। ओमन ये घटनामन ला लिखके हमन ला सऊंप दीन। \v 3 एकरसेति, मेंह खुद सुरू ले हर एक बात ला धियान से जांच परताल करेंव अऊ मोला भी ये बने लगिस कि मेंह सिलसिलेबार ये बातमन ला तोर बर लिखंव, \v 4 ताकि तेंह ओ बातमन के सच्चई ला जान सकस, जेकर सिकछा तोला मिले हवय। \s1 यूहन्ना बतिसमा देवइया के जनम के बारे म अगमबानी \p \v 5 यहूदिया प्रदेस के राजा हेरोदेस के समय म एक पुरोहित रिहिस, जेकर नांव जकरयाह रिहिस; ओह अबियाह के पुरोहिती दल के रिहिस; ओकर घरवाली घलो हारून के बंस के रिहिस जेकर नांव इलीसिबा रिहिस। \v 6 ओ दूनों झन परमेसर के नजर म धरमी रिहिन, अऊ ओमन परभू के जम्मो हुकूम अऊ नियममन ला साफ मन ले मानत रिहिन। \v 7 पर ओ समय ओमन के कोनो लइका नइं रिहिस, काबरकि इलीसिबा ह बांझ रिहिस अऊ ओ दूनों डोकरा-डोकरी हो गे रिहिन। \p \v 8 एक बार जब जकरयाह ह अपन दल के पारी म परमेसर के आघू म पुरोहित के रूप म सेवा करत रिहिस। \v 9 तब पुरोहितमन के रीति के मुताबिक चिट्ठी निकाले गीस अऊ चिट्ठी ह ओकर नांव म निकलिस कि ओह परभू के मंदिर म जाके धूप जलावय। \v 10 अऊ धूप जलाय के समय म, मनखेमन के जम्मो भीड़ ह बाहिर म पराथना करत रहय। \p \v 11 तब उहां परभू के एक स्वरगदूत ह ओकर करा परगट होईस अऊ ओ स्वरगदूत ह धूप के बेदी के जेवनी कोति ठाढ़े रहय। \v 12 जकरयाह ह ओला देखके घबरा गीस अऊ ओह डरा गीस। \v 13 पर स्वरगदूत ह ओला कहिस, “हे जकरयाह, झन डर! तोर पराथना ह सुने गे हवय। तोर घरवाली इलीसिबा तोर बर एक बेटा जनमही, अऊ तें ओकर नांव यूहन्ना रखबे। \v 14 अऊ तोला आनंद अऊ खुसी होही, अऊ बहुंत झन ओकर जनम के खातिर आनंद मनाहीं, \v 15 काबरकि ओह परभू के नजर म एक महान मनखे होही। ओह अंगूर के मंद या आने किसम के मंद कभू नइं पीही, अऊ ओह अपन दाई के पेट ले ही पबितर आतमा ले भरे होही। \v 16 इसरायली मनखेमन ले बहुंते झन ला, ओह परभू ओमन के परमेसर करा लहुंटाके लानही। \v 17 अऊ ओह अगमजानी एलियाह के आतमा अऊ सामर्थ म, परभू के आघू-आघू चलही ताकि ओह ददामन के हिरदय ला ओमन के लइकामन कोति करय अऊ हुकूम नइं मनइयामन ला धरमी जन के बुद्धि कोति करय, अऊ ये किसम ले ओह परभू खातिर काबिल मनखेमन ला तियार करय।” \p \v 18 जकरयाह ह स्वरगदूत ले पुछिस, “मेंह येला कइसने मान लेवंव? काबरकि मेंह एक डोकरा मनखे अंव अऊ मोर घरवाली ह घलो डोकरी हो गे हवय।” \p \v 19 स्वरगदूत ह ओला जबाब दीस, “मेंह जिब्राएल अंव, अऊ मेंह परमेसर के आघू म ठाढ़े रहिथंव। मोला एकर बर पठोय गे हवय कि मेंह तोर ले गोठियावंव अऊ तोला ये सुघर संदेस सुनावंव। \v 20 देख! जब तक ये बात पूरा नइं हो जाही, तब तक तेंह कोंदा रहिबे, अऊ गोठियाय नइं सकबे; काबरकि तेंह मोर बात ला बिसवास नइं करे, जऊन ह अपन सही समय म पूरा होही।” \p \v 21 बाहिर मनखेमन जकरयाह के बाट जोहत रहंय अऊ अचम्भो करत रहंय कि ओह काबर अतेक बेर तक मंदिर म रूके हवय। \v 22 जब ओह बाहिर आईस, त ओमन ले गोठियाय नइं सकिस। तब ओमन समझ गीन कि ओह मंदिर म कोनो दरसन देखे होही, काबरकि ओह ओमन ला इसारा करत रहय, पर गोठियाय नइं सकय। \p \v 23 जब ओकर सेवा के समय ह पूरा हो गीस, त ओह अपन घर वापिस चल दीस। \v 24 एकर बाद ओकर घरवाली इलीसिबा ह देहें म होईस, अऊ ओह पांच महिना तक अपनआप ला मनखेमन ले छुपाय रखिस। \v 25 ओह कहिस, “परभू ह मोर बर ये करे हवय। ये दिन म, ओह अपन दया देखाके मनखेमन के बीच ले मोर कलंक ला दूर करे हवय।” \s1 यीसू के जनम के अगमबानी \p \v 26 इलीसिबा के देहें म रहे के छठवां महिना म, परमेसर ह जिब्राएल स्वरगदूत ला गलील प्रदेस के नासरत नांव के नगर म एक कुंवारी छोकरी करा पठोईस। \v 27 ओ छोकरी के मंगनी यूसुफ नांव के एक मनखे संग होय रिहिस, जऊन ह दाऊद राजा के बंस के रिहिस। ओ कुंवारी के नांव मरियम रिहिस। \v 28 स्वरगदूत ह ओकर करा आके ओला कहिस, “जोहार लागी! तोर ऊपर बहुंत किरपा होय हवय। परभू ह तोर संग हवय।” \p \v 29 मरियम ह स्वरगदूत के बात ले बहुंत घबरा गीस अऊ सोचे लगिस कि ओकर जोहार के का मतलब हो सकथे। \v 30 पर स्वरगदूत ह ओला कहिस, “हे मरियम, झन डर! काबरकि परमेसर के दया तोर ऊपर होय हवय। \v 31 देख, तेंह देहें म होबे अऊ एक बेटा ला जनम देबे, अऊ तेंह ओकर नांव यीसू रखबे। \v 32 ओह महान होही अऊ सर्वोच्च परमेसर के बेटा कहाही। परभू परमेसर ह ओला ओकर पुरखा दाऊद राजा के सिंघासन दीही, \v 33 अऊ ओह याकूब के बंस ऊपर सदाकाल तक राज करही; ओकर राज के अन्त कभू नइं होही।” \p \v 34 मरियम ह स्वरगदूत ले पुछिस, “मेंह तो एक कुंवारी छोकरी अंव। येह कइसने हो सकथे?” \p \v 35 स्वरगदूत ह जबाब दीस, “पबितर आतमा ह तोर ऊपर उतरही, अऊ सर्वोच्च परमेसर के सक्ति ह तोर ऊपर छइहां करही। एकरसेति ओ पबितर जन जऊन ह जनमही, ओह परमेसर के बेटा कहाही। \v 36 अऊ त अऊ तोर रिस्तेदार इलीसिबा के ओकर बुढ़त काल म एक लइका होवइया हवय, ओला ठड़गी कहे जावत रिहिस; छठवां महिना हो गे, ओह देहें म हवय। \v 37 काबरकि परमेसर के कहे कोनो बात असफल नइं होवय।” \p \v 38 मरियम ह कहिस, “देख, मेंह परभू के दासी अंव। तोर कहे बात के मुताबिक होवय।” तब स्वरगदूत ह ओकर करा ले चले गीस। \s1 मरियम ह इलीसिबा ले भेंट करे जाथे \p \v 39 कुछू समय के बाद, मरियम ह तियार होईस अऊ जल्दी-जल्दी यहूदा प्रदेस के पहाड़ी इलाका के एक नगर म गीस, \v 40 अऊ ओह उहां जकरयाह के घर म जाके इलीसिबा ला जोहार करिस। \v 41 जब इलीसिबा ह मरियम के जोहार ला सुनिस, त लइका ह ओकर पेट म उछल पड़िस, अऊ इलीसिबा ह पबितर आतमा ले भर गीस, \v 42 अऊ ओह चिचियाके कहिस, “माईलोगन म तेंह धइन अस, अऊ तोर पेट के लइका ह धइन ए! \v 43 पर अतेक जादा किरपा मोर ऊपर काबर होईस कि मोर परभू के दाई ह मोर करा आईस? \v 44 जइसने मेंह तोर जोहार के सबद ला सुनेंव, लइका ह मोर पेट म आनंद के मारे उछल पड़िस। \v 45 धइन अस तेंह, काबरकि तेंह बिसवास करय कि जऊन कुछू परभू ह तोला कहे हवय, ओह पूरा होही।” \s1 मरियम के इस्तुति के गीत \p \v 46 तब मरियम ह कहिस: \q1 “मोर मन ह परभू के बड़ई करत हवय; \q2 \v 47 अऊ मोर आतमा ह मोर उद्धार करइया परमेसर म आनंद मनावत हवय, \q1 \v 48 काबरकि ओह अपन दासी के दीन-हीन दसा ऊपर धियान दे हवय। \q2 अब ले जम्मो पीढ़ी के मनखेमन मोला धइन कहिहीं, \q1 \v 49 काबरकि सामर्थी परमेसर ह मोर बर बड़े-बड़े काम करे हवय— \q2 ओकर नांव पबितर ए। \q1 \v 50 ओकर दया ओमन ऊपर, \q2 जऊन मन ओकर भय मानथें, पीढ़ी-पीढ़ी तक बने रहिथे। \q1 \v 51 ओह अपन हांथ ले बड़े-बड़े काम करे हवय; \q2 ओह अभिमानीमन ला तितिर-बितिर कर दे हवय, जऊन मन अपन मन म घमंड करथें। \q1 \v 52 ओह सक्तिसाली राजामन ला ओमन के सिंघासन ले उतार दे हवय, \q2 पर दीन-हीन मन ला ऊपर उठाय हवय। \q1 \v 53 ओह भूखहा मनखेमन ला सुघर चीज ले भर दे हवय, \q2 पर धनवानमन ला जुच्छा हांथ निकाल दे हवय। \q1 \v 54 अपन दया ला सुरता करके, \q2 ओह अपन सेवक इसरायल के मदद करे हवय, \q1 \v 55 जइसने ओह हमर पुरखामन ले कहे रिहिस कि ओह अब्राहम \q2 अऊ ओकर बंस ऊपर सदाकाल तक दया करही।” \p \v 56 मरियम ह इलीसिबा के संग करीब तीन महिना रिहिस अऊ तब अपन घर वापिस चल दीस। \s1 यूहन्ना बतिसमा देवइया के जनम \p \v 57 इलीसिबा के लइका जनमे के समय होईस अऊ ओह एक बेटा ला जनम दीस। \v 58 जब ओकर परोसी अऊ रिस्तेदारमन सुनिन कि परभू ह ओकर ऊपर बड़े दया करे हवय, त ओमन ओकर संग आनंद मनाईन। \p \v 59 आठवां दिन म, ओमन लइका के खतना करे बर आईन अऊ ओमन ओकर नांव ओकर ददा के नांव जकरयाह रखे बर चाहत रिहिन, \v 60 पर ओकर दाई ह कहिस, “नइं! ओकर नांव यूहन्ना होही।” \p \v 61 ओमन ओला कहिन, “पर तोर रिस्तेदारमन म काकरो ये नांव नइं ए।” \p \v 62 तब ओमन लइका के ददा ले इसारा करके पुछिन कि ओह लइका के का नांव रखे चाहथे। \v 63 ओह लिखे के एक पटिया लाने बर कहिस अऊ ओमा लिखिस, “एकर नांव यूहन्ना ए।” येला देखके ओ जम्मो झन अचम्भो करिन। \v 64 अऊ तुरते जकरयाह के मुहूं ह खुल गे अऊ ओह गोठियाय अऊ परमेसर के इस्तुति करे लगिस। \v 65 जम्मो पड़ोसीमन ऊपर डर हमा गे अऊ ये जम्मो बात यहूदिया प्रदेस के जम्मो पहाड़ी इलाका म फईल गीस। \v 66 अऊ ये बात के जम्मो सुनइयामन अपन-अपन मन म सोचिन अऊ कहिन, “ये लइका ह का बनही?” काबरकि परभू के हांथ ओकर संग रहय। \s1 जकरयाह के गीत \p \v 67 यूहन्ना के ददा जकरयाह ह पबितर आतमा ले भर गीस अऊ ये कहिके अगमबानी करिस: \q1 \v 68 “परभू, इसरायल के परमेसर के इस्तुति होवय, \q2 काबरकि ओह आय हवय अऊ अपन मनखेमन के छुटकारा करे हवय। \q1 \v 69 ओह अपन सेवक दाऊद के बंस म हमर बर एक \q2 सामर्थी उद्धार करइया दे हवय, \q1 \v 70 (जइसने ओह अपन पबितर अगमजानीमन के दुवारा बहुंत पहिली ले कहत आय हवय), \q1 \v 71 कि ओह हमर बईरीमन ले अऊ जऊन मन हमन ले घिन करथें, \q2 ओमन ले हमन ला बचाही। \q1 \v 72 ओह हमर पुरखामन ऊपर दया करही \q2 अऊ अपन पबितर करार ला सुरता करही। \q2 \v 73 ओह किरिया खाके हमर पुरखा अब्राहम ले कहे रिहिस: \q1 \v 74 ओह हमन ला हमर बईरीमन के हांथ ले बचाही, \q2 ताकि हमन निडर होके \q2 \v 75 जिनगी भर पबितर अऊ धरमी बनके ओकर आघू म ओकर सेवा कर सकन। \b \b \q1 \v 76 “अऊ ए मोर लइका! तेंह सर्वोच्च परमेसर के अगमजानी कहाबे; \q2 काबरकि तेंह परभू के रसता तियार करे बर ओकर आघू-आघू जाबे, \q1 \v 77 अऊ ओकर मनखेमन ला तेंह बताबे \q2 कि ओमन के पाप छेमा होय के दुवारा ओमन के उद्धार होही। \q1 \v 78 येह हमर परमेसर के बड़े दया के कारन होही, \q2 जब स्वरग ले बिहनियां के अंजोर हमर करा आही, \q1 \v 79 अऊ ओमन ऊपर चमकही जऊन मन अंधियार \q2 अऊ मिरतू के छइहां म रहत हवंय, \q1 अऊ हमर गोड़ ला सांति के रसता म ले चलही।” \p \v 80 अऊ ओ लइका ह बाढ़त अऊ आतमा म मजबूत होवत गीस अऊ ओह तब तक निरजन ठऊर म रिहिस, जब तक ओह इसरायली मनखेमन के आघू म खुलेआम नइं आईस। \c 2 \s1 यीसू के जनम \r (मत्ती 1:18‑25) \p \v 1 ओ समय म महाराजा अगस्तुस ये हुकूम निकालिस कि जम्मो रोमन राज म जनसंख्या के गनती करे जावय। \v 2 (जब ये पहिली जनसंख्या के गनती होईस, त ओ समय क्विरिनियुस ह सीरिया के राजपाल रिहिस)। \v 3 अऊ जम्मो मनखेमन नांव लिखवाय बर अपन-अपन सहर या गांव म गीन। \p \v 4 यूसुफ ह घलो गलील प्रदेस के नासरत सहर ले यहूदिया प्रदेस म दाऊद के गांव बैतलहम गीस, काबरकि ओह दाऊद के परिवार अऊ बंस के रिहिस। \v 5 ओह उहां मरियम के संग नांव लिखवाय बर गीस, जेकर संग ओकर मंगनी हो गे रिहिस। मरियम ह ओ समय देहें म रहय। \v 6 जब ओमन उहां रिहिन, त मरियम के लइका जने के समय पूरा होईस। \v 7 ओह अपन पहिलांत बेटा ला जनम दीस अऊ ओला कपड़ा म लपेटके कोटना म रखिस, काबरकि उहां ओमन बर धरमसाला म जगह नइं रिहिस। \s1 चरवाहा अऊ स्वरगदूतमन \p \v 8 उहां लकठा के मैदान म, कुछू चरवाहामन रथिया अपन भेड़ के झुंड के रखवारी करत रहंय। \v 9 तब परभू के एक स्वरगदूत ह ओमन करा परगट होईस, अऊ परभू के महिमा के तेज ओमन के चारों कोति चमकिस, अऊ ओमन डरा गीन। \v 10 पर स्वरगदूत ह ओमन ला कहिस, “झन डरव! मेंह तुम्हर बर बड़े आनंद के सुघर संदेस लाने हवंव, जऊन ह जम्मो मनखेमन बर होही। \v 11 आज राजा दाऊद के नगर म तुम्हर बर एक उद्धार करइया जनमे हवय; अऊ ओहीच ह मसीह परभू अय। \v 12 अऊ तुम्हर बर एकर ये चिनहां होही कि तुमन एक लइका ला कपड़ा म लपटाय अऊ कोटना म सुते पाहू।” \p \v 13 तब अचानक ओ स्वरगदूत के संग स्वरगदूतमन के एक बड़े दल परगट होईस अऊ ओमन परमेसर के महिमा करत ये कहत रहंय, \q1 \v 14 “सबले ऊंच स्वरग म परमेसर के महिमा \q2 अऊ धरती म ओ मनखेमन ऊपर सांति होवय, जऊन मन ले ओह खुस हवय।” \p \v 15 जब स्वरगदूतमन ओमन करा ले स्वरग चले गीन, त चरवाहामन एक-दूसर ला कहिन, “आवव, हमन बैतलहम जाके ये बात ला देखन, जेकर बारे म परभू ह हमन ला बताय हवय।” \p \v 16 एकरसेति ओमन झटपट गीन अऊ मरियम अऊ यूसुफ ला अऊ ओ लइका ला देखिन, जऊन ह कोटना म सुते रहय। \v 17 ओला देखे के बाद, चरवाहामन ओ बात बताय लगिन, जेला लइका के बारे म ओमन ला कहे गे रिहिस, \v 18 अऊ जम्मो मनखे चरवाहामन के बात ला सुनके अचम्भो करन लगिन। \v 19 पर मरियम ह ये जम्मो बात ला सोचत, येला अपन मन म रखिस। \v 20 जइसने चरवाहामन ला बताय गे रिहिस, वइसनेच ओमन जम्मो चीज ला सुनिन अऊ देखिन अऊ परमेसर के महिमा अऊ बड़ई करत लहुंट गीन। \p \v 21 आठवां दिन म, जब लइका के खतना करे के समय आईस, त ओकर नांव “यीसू” रखे गीस। ए नांव ला स्वरगदूत ह ओकर पेट म आय के पहिली ले देय रिहिस। \s1 मंदिर म यीसू के अरपन \p \v 22 जब मूसा के कानून के मुताबिक ओमन के सुध होय के समय पूरा होईस, त यूसुफ अऊ मरियम लइका ला परभू ला अरपन करे बर यरूसलेम सहर ले गीन। \v 23 (जइसने परभू के कानून म लिखे हवय, “हर एक पहिलांत बेटा परभू बर पबितर करे जावय”\f + \fr 2:23 \fr*\ft \+xt निर 13:2, 12\+xt*\ft*\f*), \v 24 अऊ परभू के कानून के मुताबिक पंड़की के एक जोड़ा या दू ठन परेवा पीला ला बलिदान करे जावय।\f + \fr 2:24 \fr*\ft \+xt लैव्य 12:8\+xt*\ft*\f* \p \v 25 यरूसलेम म सिमोन नांव के एक मनखे रहय। ओह धरमी अऊ परमेसर के भक्त रहय। ओह इसरायलीमन बर सांति के बाट जोहत रहय अऊ पबितर आतमा ओकर संग रहय। \v 26 पबितर आतमा के दुवारा ओला ये बताय गे रहय कि जब तक ओह परभू के मसीह ला पहिली नइं देख लीही, तब तक ओह नइं मरही। \v 27 ओहीच दिन पबितर आतमा के अगुवई ले, ओह मंदिर म गीस। जब दाई-ददा लइका यीसू ला भीतर लाईन कि ओकर बर कानून के मुताबिक रीति-रिवाज ला पूरा करंय। \v 28 तब सिमोन ह लइका ला अपन कोरा म लीस अऊ परमेसर के इस्तुति करत कहिस, \q1 \v 29 “हे परमपरधान परभू, अपन परतिगियां के मुताबिक \q2 अब तोर सेवक ला सांति के संग बिदा कर। \q1 \v 30 काबरकि मोर आंखीमन उद्धार करइया ला देख ले हवंय, \q2 \v 31 जऊन ला तेंह जम्मो मनखेमन ला दे हवस, \q1 \v 32 कि ओह आनजातमन बर अंजोर, \q2 अऊ तोर इसरायली मनखेमन बर महिमा होवय।” \p \v 33 यीसू के बारे म जो कहे गीस, ओला सुनके ओकर ददा अऊ दाई अचम्भो करिन। \v 34 तब सिमोन ह ओमन ला आसीस दीस अऊ ओकर दाई मरियम ला कहिस, “ये लइका ह इसरायल म बहुंते झन के बिनास अऊ उद्धार खातिर चुने गे हवय, अऊ येह परमेसर के एक चिनहां होही, जेकर बिरोध म बोले जाही, \v 35 ताकि बहुंते झन के हिरदय के बिचार ह परगट हो जावय। अऊ एक तलवार तोर खुद के जीव ला घलो छेदही।” \p \v 36 हन्ना नांव के एक अगमबानी करइया माईलोगन रिहिस। ओह पनूएल के बेटी अऊ आसेर के गोत्र के रिहिस। ओह बहुंत डोकरी हो गे रहय। बिहाव होय के बाद ओह अपन घरवाला के संग सात साल तक रिहिस, \v 37 अऊ तब ले चौरासी बछर हो गे रहय, ओह बिधवा रिहिस। ओह मंदिर ला कभू नइं छोंड़य, पर उपास अऊ पराथना करत, रात अऊ दिन अराधना करत रहय। \v 38 ओहीच बेरा ओमन करा आके, ओह परमेसर ला धनबाद दीस अऊ ओ जम्मो झन ला लइका के बारे म बताय लगिस, जऊन मन यरूसलेम के छुटकारा के बाट जोहत रिहिन। \p \v 39 जब यूसुफ अऊ मरियम परभू के कानून के मुताबिक जम्मो बात ला पूरा कर लीन, त ओमन लइका ला लेके गलील प्रदेस म अपन खुद के सहर नासरत ला लहुंट गीन। \v 40 अऊ लइका ह बाढ़त अऊ मजबूत होवत गीस; ओह बुद्धि ले भरे रहय, अऊ परमेसर के अनुग्रह ओकर ऊपर रहय। \s1 यीसू ह मंदिर म \p \v 41 हर एक साल यीसू के दाई-ददा फसह के तिहार खातिर यरूसलेम जाय करत रिहिन। \v 42 जब यीसू ह बारह साल के होईस, त ओमन रीति-रिवाज के मुताबिक तिहार मनाय बर गीन। \v 43 जब तिहार ह सिरा गे, त ओमन वापिस घर लहुंटत रिहिन, पर बालक यीसू ह यरूसलेम म रूक गीस, अऊ ओकर दाई-ददा ये बात ला नइं जानत रहंय। \v 44 ये सोचत कि ओह मनखेमन के संग म होही, ओमन एक दिन के रसता चल दीन। तब ओमन ओला अपन सगा-संबंधी अऊ संगवारीमन के बीच म खोजे लगिन। \v 45 जब ओह नइं मिलिस, त ओमन ओला खोजत यरूसलेम वापिस चल दीन। \v 46 तीन दिन के बाद, ओमन ओला मंदिर के अंगना म गुरूमन के बीच म बईठे पाईन। ओह गुरूमन के बात ला सुनत अऊ ओमन ले सवाल पुछत रहय। \v 47 जऊन मन ओकर बात ला सुनत रहंय, ओ जम्मो झन ओकर समझ अऊ जबाब ले चकित होवत रहंय। \v 48 जब ओकर दाई-ददा ओला देखिन, त अचम्भो करिन। ओकर दाई ह कहिस, “बेटा, तेंह हमर संग अइसने काबर करे? देख! तोर ददा अऊ में फिकर म पड़के तोला खोजत रहेंन।” \p \v 49 ओह अपन दाई-ददा ले पुछिस, “तुमन मोला काबर खोजत रहेव? का तुमन ये नइं जानत रहेव कि मोला अपन ददा के घर म रहना जरूरी ए?” \v 50 पर ओमन ओकर बात ला नइं समझिन। \p \v 51 तब यीसू ह ओमन के संग नासरत गीस अऊ ओमन के अधीन म रिहिस। पर ओकर दाई ह ये जम्मो बात ला अपन मन म रखिस। \v 52 अऊ यीसू ह बुद्धि अऊ डीलडौल म, अऊ परमेसर अऊ मनखेमन के अनुग्रह म बढ़त गीस। \c 3 \s1 यूहन्ना बतिसमा देवइया डहार तियार करथे \r (मत्ती 3:1‑12; मरकुस 1:1‑8; यूहन्ना 1:19‑28) \p \v 1 महाराजा तिबिरयुस के सासन के पंदरहवां बछर म, जब पुन्तियुस पीलातुस यहूदिया प्रदेस के राजपाल रिहिस; हेरोदेस ह गलील के राजपाल; ओकर भाई फिलिप्पुस ह इतूरिया अऊ त्रखोनितिस के राजपाल; अऊ लिसानियास ह अबिलेने के राजपाल रिहिस; \v 2 अऊ हन्ना अऊ काइफा महा पुरोहित रिहिन। तब ओ समय परमेसर के बचन ह निरजन जगह म जकरयाह के बेटा यूहन्ना करा पहुंचिस। \v 3 यूहन्ना ह यरदन नदी के आसपास के जम्मो इलाका म गीस अऊ पाप के छेमा खातिर मन-फिराय के बतिसमा के परचार करत रिहिस। \v 4 जइसने कि यसायाह अगमजानी के किताब म लिखे हवय: \q1 “सुनसान जगह म एक झन अवाज देवत रिहिस, \q1 ‘परभू बर डहार ला तियार करव, \q2 ओकर डहार ला सीधा करव। \q1 \v 5 हर एक घाटी ला पाट दिये जाही, \q2 अऊ हर एक पहाड़ अऊ पहाड़ी ला नीचे करे जाही। \q1 टेड़गा सड़कमन सीधा \q2 अऊ खंचवा-डीपरा रसतामन समतल हो जाहीं। \q1 \v 6 अऊ जम्मो मनखेमन परमेसर के उद्धार ला देखहीं।’ ”\f + \fr 3:6 \fr*\ft \+xt यसा 40:3‑5\+xt*\ft*\f* \p \v 7 मनखेमन के भीड़ के भीड़ यूहन्ना ले बतिसमा ले बर आवत रिहिस। त यूहन्ना ह ओमन ला कहिस, “हे जहरिला सांप के पीलामन हो! तुमन ला कोन ह चेता दीस कि तुमन परमेसर के अवइया कोरोध ले भागव? \v 8 अपन काम के दुवारा देखावव कि पाप ले पछतावा करे हवव। अऊ अपन मन म ये बात झन सोचव कि तुमन अब्राहम के संतान अव। मेंह तुमन ला बतावत हंव कि ये पथरामन ले परमेसर ह अब्राहम बर संतान पईदा कर सकथे। \v 9 टंगिया ला पहिले ही रूखमन के जरी म रखे जा चुके हवय, अऊ जऊन रूख म बने फर नइं फरय, ओह काटे अऊ आगी म झोंके जाही।” \p \v 10 तब भीड़ के मनखेमन ओकर ले पुछिन, “त हमन ला का करना चाही।” \p \v 11 यूहन्ना ह जबाब दीस, “जेकर करा दू ठन कुरता हवय, ओह अपन एक कुरता ओला दे देवय, जेकर करा एको ठन नइं ए, अऊ जेकर करा भोजन हवय, ओह घलो भूखहामन संग अइसनेच करय।” \p \v 12 लगान लेवइयामन घलो बतिसमा लेय बर आईन अऊ ओमन यूहन्ना ले पुछिन, “हे गुरू, हमन ला का करना चाही?” \p \v 13 ओह ओमन ला कहिस, “जतकी ठहिराय गे हवय, ओकर ले जादा लगान झन लेवव।” \p \v 14 तब कुछू सैनिकमन ओकर ले पुछिन, “अऊ हमन ला का करना चाही?” \p ओह ओमन ला कहिस, “काकरो ले जबरदस्ती पईसा झन लेवव अऊ न मनखेमन ऊपर लबारी दोस लगावव। अपन तनखा म संतोस करव।” \p \v 15 मनखेमन आस लगाय बाट जोहत रिहिन अऊ जम्मो झन अपन मन म सोचत रिहिन कि कहूं यूहन्ना ह तो मसीह नो हय। \v 16 यूहन्ना ह ओ जम्मो झन ला कहिस, “मेंह तुमन ला पानी ले बतिसमा देवत हंव। पर एक झन आवत हवय, जऊन ह मोर ले अऊ सक्तिसाली ए। मेंह तो ये लईक घलो नो हंव कि ओकर पनही के बंधना ला खोलंव। ओह तुमन ला पबितर आतमा अऊ आगी ले बतिसमा दीही। \v 17 ओकर सूपा ह ओकर हांथ म हवय ताकि अपन कोठार ला साफ करय अऊ गहूं ला अपन कोठा म कुढ़ोवय, पर ओह भूंसा ला ओ आगी म बारही, जऊन ह कभू नइं बुतावय।” \v 18 अऊ बहुंते आने बचन के दुवारा यूहन्ना ह मनखेमन ला उत्साहित करिस अऊ ओमन ला सुघर संदेस के परचार करिस। \p \v 19 यूहन्ना ह हेरोदेस राजा ला डांटिस काबरकि ओह अपन भाई के घरवाली हेरोदियास ला रखे रिहिस अऊ बहुंते आने कुकरम करे रिहिस। \v 20 तब हेरोदेस ह अपन जम्मो कुकरम म एक कुकरम अऊ जोड़ लीस कि ओह यूहन्ना ला पकड़के जेल म डार दीस। \s1 यीसू के बतिसमा अऊ बंसावली \r (मत्ती 3:13‑17; मरकुस 1:9‑11; मत्ती 1:1‑17) \p \v 21 जम्मो मनखेमन बतिसमा लेवत रिहिन, त यीसू ह घलो बतिसमा लीस। अऊ जब ओह पराथना करत रहय, त अकास ह खुल गीस। \v 22 अऊ पबितर आतमा ह देहें के रूप म एक पंड़की सहीं ओकर ऊपर उतरिस, अऊ स्वरग ले ये अवाज आईस: “तेंह मोर मयारू बेटा अस। तोर ले मेंह बहुंत खुस हवंव।” \p \v 23 जब यीसू ह अपन सेवा के काम ला सुरू करिस, त ओह करीब तीस साल के रिहिस। जइसने कि मनखेमन समझत रिहिन, ओह यूसुफ के बेटा रिहिस, \b \li1 अऊ यूसुफ ह हेली के बेटा, \v 24 हेली ह मत्तात के बेटा, \li1 मत्तात ह लेवी के बेटा, लेवी ह मलकी के बेटा, \li1 मलकी ह यन्नाई के बेटा, यन्नाई ह यूसुफ के बेटा, \li1 \v 25 यूसुफ ह मत्ततियाह के बेटा, मत्ततियाह ह आमोस के बेटा, \li1 आमोस ह नहूम के बेटा, नहूम ह एसली के बेटा, \li1 एसली ह नोगह के बेटा, \v 26 नोगह ह मात के बेटा, \li1 मात ह मत्ततियाह के बेटा, मत्ततियाह ह सिमी के बेटा, \li1 सिमी ह योसेख के बेटा, योसेख ह योदाह के बेटा, \li1 \v 27 योदाह ह योनान के बेटा, योनान ह रेसा के बेटा, \li1 रेसा ह जरूब्बाबेल के बेटा, जरूब्बाबेल ह सालतीएल के बेटा, \li1 सालतीएल ह नेरी के बेटा, \v 28 नेरी ह मलकी के बेटा, \li1 मलकी ह अद्दी के बेटा, अद्दी ह कोसाम के बेटा, \li1 कोसाम ह इलमोदाम के बेटा, इलमोदाम ह एर के बेटा, \li1 \v 29 एर ह यहोसू के बेटा, यहोसू ह एलिएजेर के बेटा, \li1 एलिएजेर ह योरीम के बेटा, योरीम ह मत्तात के बेटा, \li1 मत्तात ह लेवी के बेटा, \v 30 लेवी ह सिमोन के बेटा, \li1 सिमोन ह यहूदा के बेटा, यहूदा ह यूसुफ के बेटा, \li1 यूसुफ ह योनाम के बेटा, योनाम ह एलयाकीम के बेटा, \li1 \v 31 एलयाकीम ह मलेआह के बेटा, मलेआह ह मिन्नाह के बेटा, \li1 मिन्नाह ह मत्तता के बेटा, मत्तता ह नातान के बेटा, \li1 नातान ह दाऊद के बेटा, \v 32 दाऊद ह यिसै के बेटा, \li1 यिसै ह ओबेद के बेटा, ओबेद ह बोअज के बेटा, \li1 बोअज ह सलमोन के बेटा, सलमोन ह नहसोन के बेटा, \li1 \v 33 नहसोन ह अम्मीनादाब के बेटा, अम्मीनादाब ह अरनी\f + \fr 3:33 \fr*\ft या \ft*\fqa राम\fqa*\f* के बेटा, \li1 अरनी ह हेसरोन के बेटा, हेसरोन ह पेरेस के बेटा, \li1 पेरेस ह यहूदा के बेटा, \v 34 यहूदा ह याकूब के बेटा, \li1 याकूब ह इसहाक के बेटा, इसहाक ह अब्राहम के बेटा, \li1 अब्राहम ह तेरह के बेटा, तेरह ह नाहोर के बेटा, \li1 \v 35 नाहोर ह सरूग के बेटा, सरूग ह रू के बेटा, \li1 रू ह फिलिग के बेटा, फिलिग ह एबेर के बेटा, \li1 एबेर ह सेलह के बेटा, \v 36 सेलह ह केनान के बेटा, \li1 केनान ह अर्पछद के बेटा, अर्पछद ह सेम के बेटा, \li1 सेम ह नूह के बेटा, नूह ह लेमेक के बेटा, \li1 \v 37 लेमेक ह मतूसेलह के बेटा, मतूसेलह ह हनोक के बेटा, \li1 हनोक ह येरेद के बेटा, येरेद ह महललेल के बेटा, \li1 महललेल ह केनान के बेटा, \v 38 केनान ह एनोस के बेटा, \li1 एनोस ह सेत के बेटा, सेत ह आदम के बेटा, \li1 अऊ आदम ह परमेसर के बेटा रिहिस। \c 4 \s1 यीसू के परिछा \r (मत्ती 4:1‑11; मरकुस 1:12‑13) \p \v 1 यीसू ह पबितर आतमा ले भरे, यरदन नदी ले लहुंटिस अऊ पबितर आतमा के अगुवई म ओह निरजन जगह म गीस, \v 2 जिहां सैतान ह चालीस दिन तक ओकर परिछा करिस। यीसू ह ओ चालीस दिन तक कुछू नइं खाईस, अऊ तब ओला भूख लगिस। \p \v 3 तब सैतान ह यीसू ला कहिस, “यदि तेंह परमेसर के बेटा अस, त ये पथरा ले कह कि येह रोटी बन जावय।” \p \v 4 यीसू ह जबाब दीस, “परमेसर के बचन म लिखे हवय: ‘मनखे ह सिरिप रोटी ले ही जीयत नइं रहय।’ ”\f + \fr 4:4 \fr*\ft \+xt ब्यव 8:3\+xt*\ft*\f* \p \v 5 सैतान ह यीसू ला एक ठन ऊंचहा ठऊर म ले गीस अऊ पल भर म ओला संसार के जम्मो राजपाट ला देखाईस। \v 6 अऊ ओह यीसू ला कहिस, “मेंह ये जम्मो के अधिकार अऊ सान-सौकत तोला दे दूहूं, काबरकि येह मोला दिये गे हवय, अऊ मेंह जऊन ला चाहंव ओला ये जम्मो दे सकत हंव। \v 7 यदि तेंह मोर अराधना करबे, त ये जम्मो ह तोर हो जाही।” \p \v 8 यीसू ह ओला ये जबाब दीस, “परमेसर के बचन म ये लिखे हवय: ‘तेंह परभू अपन परमेसर के अराधना कर अऊ सिरिप ओकरेच सेवा कर।’ ” \p \v 9 तब सैतान ह यीसू ला यरूसलेम म ले गीस अऊ ओला मंदिर के टीप म ठाढ़ करके कहिस, “कहूं तेंह परमेसर के बेटा अस, त उहां ले खाल्हे कूद जा। \v 10 काबरकि परमेसर के बचन म ये लिखे हवय: \q1 “ ‘परमेसर ह तोर बारे म अपन स्वरगदूतमन ला \q2 हुकूम दीही कि ओमन तोर रकछा करंय; \q1 \v 11 ओमन तोला अपन हांथ म उठा लीहीं, \q2 ताकि तोर गोड़ म पथरा ले चोट झन लगय।’\f + \fr 4:11 \fr*\ft \+xt भजन 91:11, 12\+xt*\ft*\f*” \p \v 12 यीसू ह ओला ये जबाब दीस, “परमेसर के बचन म ये घलो कहे गे हवय: ‘तें परभू अपन परमेसर के परिछा झन कर।’\f + \fr 4:12 \fr*\ft \+xt ब्यव 6:16\+xt*\ft*\f*” \p \v 13 जब सैतान ह ये जम्मो परिछा कर चुकिस, त ओह आने मऊका के मिलत तक यीसू ला छोंड़के चल दीस। \s1 अपन ही गांव नासरत म यीसू के अनादर \r (मत्ती 13:53‑58; मरकुस 6:1‑6) \p \v 14 यीसू ह पबितर आतमा के सक्ति ले भरे गलील प्रदेस लहुंटिस, अऊ आसपास के जम्मो इलाका म ओकर बारे म खबर फईल गीस। \v 15 ओह यहूदीमन के सभा-घरमन म उपदेस दीस, अऊ जम्मो झन ओकर बड़ई करिन। \p \v 16 यीसू ह नासरत गांव म गीस, जिहां ओह पले-बढ़े रिहिस, अऊ अपन रीति के मुताबिक, ओह बिसराम के दिन यहूदीमन के सभा-घर म गीस, अऊ ओह परमेसर के बचन ले पढ़े बर ठाढ़ होईस। \v 17 ओला यसायाह अगमजानी के किताब देय गीस। ओह किताब ला खोलिस अऊ ओ भाग ला निकालिस, जिहां ये लिखे रहय: \q1 \v 18 “परभू के आतमा मोर ऊपर हवय, \q2 काबरकि ओह गरीबमन ला \q2 सुघर संदेस के परचार करे बर मोर अभिसेक करे हवय। \q1 ओह मोला पठोय हवय, \q2 ताकि मेंह कैदीमन ला छुटकारा के, \q1 अऊ अंधरामन ला आंखी पाय के घोसना करंव, \q2 अऊ दुखित-पीड़ितमन ला छोंड़ावंव, \q2 \v 19 अऊ परभू के किरपा-दिरिस्टी के बछर के घोसना करंव।”\f + \fr 4:19 \fr*\ft \+xt यसा 61:1, 2\+xt*\ft*\f* \p \v 20 तब यीसू ह किताब ला बंद करके वापिस सेवक ला दे दीस अऊ बईठ गीस। सभा-घर म जम्मो झन ओला एकटक देखत रिहिन। \v 21 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “आज परमेसर के ये बचन ह तुम्हर सुनत म पूरा होईस।” \p \v 22 जम्मो झन ओकर बड़ई करिन अऊ ओकर मुहूं ले निकले अनुग्रह के बात ला सुनके ओमन अचम्भो करिन अऊ कहिन, “का येह यूसुफ के बेटा नो हय?” \p \v 23 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन मोर बर ये कहावत जरूर कहिहू, ‘ए डाक्टर, पहिली अपनआप ला चंगा कर!’ अऊ तुमन ये कहिहू, ‘जऊन कुछू तेंह कफरनहूम म करे हवस, ओकर बारे म हमन सुने हवन, अब वइसनेच तेंह इहां अपन नगर म घलो कर।’ ” \p \v 24 यीसू ह फेर कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, कोनो अगमजानी अपन खुद के नगर म आदरमान नइं पावय। \v 25 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि एलियाह के समय म जब साढ़े तीन साल तक अकास ले पानी नइं बरसिस अऊ जम्मो इलाका म भयंकर अकाल पड़े रिहिस, तब इसरायल देस म बहुंत बिधवामन रिहिन। \v 26 पर एलियाह ला ओमन ले काकरो करा नइं पठोय गीस, पर सीदोन प्रदेस के सारपत सहर म एक बिधवा करा ओला पठोय गीस। \v 27 अऊ एलीसा अगमजानी के समय म इसरायल देस म बहुंत कोढ़ीमन रिहिन, पर सीरिया देस के नामान\f + \fr 4:27 \fr*\ft सीरिया के नामान ह एक आनजात मनखे रिहिस।\ft*\f* ला छोंड़के ओमन ले कोनो सुध नइं करे गीस।” \p \v 28 ये बात ला सुनके सभा-घर के जम्मो मनखेमन कोरोध ले भर गीन। \v 29 ओमन उठिन अऊ यीसू ला सहर के बाहिर निकालिन। ओमन के सहर ह पहाड़ी ऊपर बसे रहय। ओमन यीसू ला पहाड़ी के छोर म ले गीन ताकि ओला चट्टान म ले ढकेल देवंय। \v 30 पर ओह भीड़ के बीच म ले निकलके अपन रसता म चल दीस। \s1 यीसू ह परेत आतमा ला निकालथे \r (मरकुस 1:21‑28) \p \v 31 तब यीसू ह गलील प्रदेस के कफरनहूम सहर म जाके, बिसराम के दिन मनखेमन ला उपदेस देवन लगिस। \v 32 मनखेमन यीसू के उपदेस ला सुनके चकित होवत रहंय, काबरकि ओह अधिकार के संग गोठियावत रहय। \p \v 33 सभा-घर म एक मनखे रिहिस जऊन म एक परेत आतमा रहय। ओह जोर से चिचियाके कहिस, \v 34 “हे नासरत के यीसू! हमर ले तोर का काम? का तेंह हमन ला नास करे बर आय हवस? मेंह जानत हंव, तेंह कोन अस—तेंह परमेसर के पबितर जन अस!” \p \v 35 यीसू ह ओला दबकारके कहिस, “चुपे रह। अऊ ओमा ले निकल आ।” तब परेत आतमा ह ओ मनखे ला ओ जम्मो झन के आघू म पटकिस अऊ ओला बिगर चोट पहुंचाय निकल गीस। \p \v 36 जम्मो मनखेमन अचम्भो करिन अऊ एक-दूसर ला कहिन, “येह का सिकछा अय? अधिकार अऊ सक्ति के संग ओह असुध आतमामन ला हुकूम देथे अऊ ओमन निकल जाथें।” \v 37 अऊ आसपास के जम्मो इलाका म ओकर खबर फईल गीस। \s1 यीसू ह पतरस के सास ला चंगा करथे \r (मत्ती 8:14‑17; मरकुस 1:29‑34) \p \v 38 यीसू ह सभा-घर ले निकलके सिमोन के घर म गीस। ओ समय सिमोन के सास ला बहुंत जर आवत रहय, अऊ ओमन यीसू ले ओला बने करे बर बिनती करिन। \v 39 त यीसू ह ओकर बाजू म ठाढ़ होईस अऊ जर ला दबकारिस, अऊ ओकर जर ह उतर गीस। ओह तुरते उठिस अऊ ओमन के सेवा-टहल करे लगिस। \p \v 40 जब बेर ह बुड़त रहय, त मनखेमन ओ जम्मो झन, जऊन मन ला कतको किसम के बेमारी रहय, यीसू करा लानिन, अऊ ओह हर एक के ऊपर हांथ रखके ओमन ला बने करिस। \v 41 परेत आतमामन घलो बहुंत मनखेमन ले चिचियावत अऊ ये कहत निकल गीन कि तेंह परमेसर के बेटा अस। पर यीसू ह ओमन ला दबकारिस अऊ ओमन ला गोठियावन नइं दीस, काबरकि ओमन जानत रिहिन कि ओह मसीह अय। \p \v 42 जब बिहान होईस, त यीसू ह एक ठन सुनसान ठऊर म चले गीस। मनखेमन ओला खोजे लगिन, अऊ जब ओमन ओला भेंटिन, त ओला रोके के कोसिस करिन अऊ कहिन कि हमर करा ले झन जा। \v 43 पर ओह कहिस, “मोला आने सहरमन म घलो परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करना जरूरी ए, काबरकि एकर खातिर मोला पठोय गे हवय।” \v 44 अऊ ओह यहूदिया प्रदेस के यहूदीमन के सभा-घरमन म परचार करन लगिस। \c 5 \s1 पहिली चेलामन के बुलाहट \r (मत्ती 4:18‑22; मरकुस 1:16‑20) \p \v 1 एक दिन यीसू गन्नेसरत झील\f + \fr 5:1 \fr*\ft गलील के समुंदर\ft*\f* के तीर म ठाढ़े रहय अऊ परमेसर के बचन सुने बर मनखेमन के भीड़ ह ओकर ऊपर गिरे पड़त रहय। \v 2 ओह दू ठन डोंगा पानी के तीर म देखिस, जऊन ला मछुआरमन छोंड़के अपन जालमन ला धोवत रहंय। \v 3 ओह ओमा के एक ठन डोंगा म चघिस, जऊन ह सिमोन के रिहिस अऊ यीसू ह ओला कहिस, “डोंगा ला पानी के तीर ले थोरकन दूरिहा ले चल।” तब यीसू ह डोंगा म बईठ गीस अऊ उहां ले मनखेमन ला उपदेस देवन लगिस। \p \v 4 जब ओह उपदेस दे चुकिस, त सिमोन ला कहिस, “डोंगा ला गहिरा पानी म ले चल अऊ मछरी पकड़े बर अपन जाल ला डार।” \p \v 5 सिमोन ह कहिस, “हे मालिक, हमन रात भर बहुंत मेहनत करेंन, तभो ले कुछू नइं पायेंन। पर तोर कहे म मेंह जाल ला फेर डारत हवंव।” \p \v 6 जब ओमन अइसने करिन, त जाल म अतकी जादा मछरी फंसिन कि जाल ह चीराय लगिस। \v 7 एकरसेति ओमन अपन संगवारीमन ला जऊन मन दूसर डोंगा म रहंय, इसारा करिन कि ओमन आके मदद करंय; अऊ ओमन आईन अऊ दूनों डोंगा ला मछरी ले अतका भर लीन कि डोंगामन बुड़न लगिन। \p \v 8 जब सिमोन पतरस येला देखिस, त ओह यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस अऊ कहिस, “हे परभू! मोर करा ले चले जा; मेंह एक पापी मनखे अंव।” \v 9 काबरकि अतका जादा मछरी फंसे के कारन, ओह अऊ ओकर जम्मो संगीमन अचम्भो करत रिहिन, \v 10 अऊ एहीच दसा जबदी के बेटा याकूब अऊ यूहन्ना के घलो रहय, जऊन मन सिमोन के संगवारी रिहिन। \p तब यीसू ह सिमोन ला कहिस, “झन डरा; अब ले तेंह मनखेमन ला पकड़े करबे।” \v 11 ओमन डोंगामन ला पानी के तीर म लानिन अऊ जम्मो कुछू ला छोंड़के यीसू के पाछू हो लीन। \s1 यीसू एक कोढ़ी मनखे ला चंगा करथे \r (मत्ती 8:1‑4; मरकुस 1:40‑45) \p \v 12 जब यीसू ह एक नगर म रिहिस, त उहां कोढ़ ले भरे एक मनखे आईस। जब ओह यीसू ला देखिस, त मुहूं के भार भुइयां म गिरके ओकर ले बिनती करिस, “हे परभू, यदि तेंह चाहस, त मोला सुध कर सकथस।” \p \v 13 यीसू ह अपन हांथ ओ मनखे कोति बढ़ाईस अऊ ओला छूके कहिस, “मेंह चाहत हंव कि तेंह सुध हो जा!” अऊ तुरते ओकर कोढ़ ह गायब हो गीस। \p \v 14 तब यीसू ह ओला हुकूम दीस, “ये बात कोनो ला झन बताबे, पर जा अऊ अपनआप ला पुरोहित ला देखा अऊ सुध होय के बारे म मूसा ह जइसने हुकूम दे हवय, वइसने बलिदान चघा, ताकि मनखेमन म सबूत होवय कि तेंह बेमारी ले ठीक हो गे हवस।” \p \v 15 तभो ले यीसू के बारे म अऊ खबर फईल गीस, अऊ मनखेमन के भीड़ के भीड़ यीसू के बात सुने बर अऊ अपन बेमारी ले बने होय बर आय लगिन। \v 16 पर यीसू ह अकसर सुनसान जगह म जावय अऊ पराथना करय। \s1 यीसू ह लकवा के मारे मनखे ला बने करथे \r (मत्ती 9:1‑8; मरकुस 2:1‑12) \p \v 17 एक दिन जब यीसू ह उपदेस देवत रहय, त फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन उहां बईठे रहंय, जऊन मन गलील अऊ यहूदिया प्रदेस के जम्मो गांव ले, अऊ यरूसलेम ले आय रहंय। अऊ परभू के सामर्थ बिमरहामन ला बने करे बर यीसू के संग रहय। \v 18 कुछू मनखेमन लकवा के मारे एक मनखे ला खटिया म उठाके लानिन। ओमन ओला घर के भीतर ले जाय के कोसिस करिन ताकि ओला यीसू के आघू म रख सकंय। \v 19 जब ओमन भीड़ के मारे ओला भीतर नइं ले जा सकिन, तब ओमन छानी के ऊपर चघिन अऊ खपरा ला टारके ओमन ओला खटिया म, भीड़ के मांझा म, ठोका यीसू के आघू म उतारिन। \p \v 20 जब यीसू ह ओमन के बिसवास ला देखिस, त ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “संगी, तोर पाप ह छेमा हो गे।” \p \v 21 फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन अपन मन म सोचे लगिन, “ये कोन मनखे ए, जऊन ह परमेसर के निन्दा करत हवय? सिरिप परमेसर के छोंड़ अऊ कोन ह पाप ला छेमा कर सकथे?” \p \v 22 यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानत रिहिस। ओह ओमन ले पुछिस, “तुमन ये बात अपन मन म काबर सोचत हवव? \v 23 कते बात ह सरल ए? ये कहई, ‘तोर पाप ह छेमा हो गीस,’ या फेर ये कहई, ‘उठ, अऊ चल फिर।’ \v 24 मेंह तुमन ला देखाहूं कि मनखे के बेटा ला धरती म पाप छेमा करे के अधिकार हवय।” तब ओह लकवा के मारे ला कहिस, “उठ, अपन खटिया ला उठा अऊ घर जा।” \v 25 तुरते ओह ओमन के आघू म उठिस अऊ जऊन खटिया म ओह पड़े रिहिस, ओला उठाईस अऊ परमेसर के इस्तुति करत अपन घर चल दीस। \v 26 तब ओ जम्मो झन चकित हो गीन अऊ परमेसर के महिमा करिन। ओमन म डर हमा गीस अऊ ओमन कहे लगिन, “हमन आज चमतकार होवत देखे हवन।” \s1 यीसू ह लेवी ला बलाथे \r (मत्ती 9:9‑13; मरकुस 2:13‑17) \p \v 27 एकर बाद, यीसू ह बाहिर निकलिस अऊ लेवी नांव के एक झन लगान लेवइया ला अपन नाका म बईठे देखिस। यीसू ह ओला कहिस, “मोर पाछू हो ले।” \v 28 लेवी ह उठिस अऊ जम्मो कुछू ला छोंड़के ओकर पाछू हो लीस। \p \v 29 तब लेवी ह यीसू बर अपन घर म एक बड़े भोज के आयोजन करिस, अऊ लगान लेवइया अऊ आने पहुनामन के एक बड़े भीड़ ह ओमन के संग म खावत रिहिस। \v 30 पर फरीसी अऊ कानून के गुरूमन यीसू के चेलामन ले ये कहिके सिकायत करन लगिन, “तुमन लगान लेवइया अऊ पापीमन संग काबर खाथव अऊ पीथव?” \p \v 31 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “भला-चंगा मनखेमन ला डाक्टर के जरूरत नइं होवय, पर बिमरहामन ला होथे। \v 32 मेंह धरमीमन ला नइं, पर पापीमन ला पछताप करे बर बलाय आय हवंव।” \s1 उपास के बारे म सवाल \r (मत्ती 9:14‑17; मरकुस 2:18‑22) \p \v 33 ओमन यीसू ले कहिन, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के चेलामन अकसर उपास रखथें अऊ पराथना करथें, अऊ अइसने फरीसीमन के चेलामन घलो करथें, पर तोर चेलामन खावत-पीयत रहिथंय।” \p \v 34 यीसू ह जबाब दीस, “का तुमन बरातीमन ले, जब तक दूल्हा ह ओमन के संग हवय, उपास करा सकथव? \v 35 पर ओ समय आही, जब दूल्हा ह ओमन ले अलग करे जाही, तब ओमन ओ दिनमन म उपास करहीं।” \p \v 36 यीसू ह ओमन ला ये पटंतर घलो सुनाईस, “कोनो मनखे नवां ओनहा ला चीरके ओकर खाप ला जुन्ना ओनहा म नइं सिलय। कहूं ओह अइसने करथे, त नवां ओनहा ह चीरा जाही अऊ नवां ओनहा के खाप जुन्ना ओनहा म नइं लगही। \v 37 अऊ कोनो मनखे नवां अंगूर के मंद ला जुन्ना चमड़ा के थैली म नइं भरय। कहूं कोनो अइसने करथे, त नवां मंद ह ओ थैली ला चीर दीही, अऊ मंद ह ढर जाही अऊ थैली ह बरबाद हो जाही। \v 38 नवां अंगूर के मंद ला नवां चमड़ा के थैली म भरना चाही। \v 39 कोनो मनखे अंगूर के जुन्ना मंद पीये के बाद, नवां मंद पीये नइं चाहय। ओह कहिथे, ‘जुन्ना मंद ही बने हवय।’ ” \c 6 \s1 बिसराम दिन के परभू \r (मत्ती 12:1‑8; मरकुस 2:23‑28) \p \v 1 एक बिसराम के दिन यीसू ह खेत म ले होके जावत रिहिस, अऊ ओकर चेलामन अनाज के कुछू दाना ला टोरत रिहिन अऊ ओला अपन हांथ म रमिंजके खावत जावत रिहिन। \v 2 तब कुछू फरीसीमन पुछिन, “तुमन अइसने काबर करत हवव, जेला बिसराम के दिन करई कानून के बिरूध अय?” \p \v 3 यीसू ह ओमन ला ये जबाब दीस, “का तुमन परमेसर के बचन म कभू नइं पढ़ेव कि दाऊद ह का करिस, जब ओला अऊ ओकर संगीमन ला भूख लगिस? \v 4 ओह परमेसर के घर म गीस, अऊ परमेसर ला भेंट चघाय रोटी ला लेके खाईस, जऊन ला पुरोहितमन के छोंड़ आने मनखे के खवई कानून के बिरूध रिहिस। अऊ ओह अपन संगवारीमन ला घलो ओ रोटी म ले कुछू खाय बर दीस।” \v 5 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “मनखे के बेटा ह बिसराम दिन के परभू अय।” \p \v 6 एक आने बिसराम के दिन यीसू ह सभा-घर म गीस अऊ उपदेस देवत रिहिस। उहां एक झन मनखे रिहिस जेकर जेवनी हांथ ह सूखा गे रहय। \v 7 फरीसी अऊ कानून के गुरूमन यीसू ऊपर दोस लगाय के बहाना खोजत रहंय, एकरसेति ओमन धियान लगाके देखत रहंय कि ओह सूखा हांथवाले मनखे ला बिसराम के दिन म बने करथे कि नइं। \v 8 पर यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानत रिहिस अऊ ओह सूखा हांथवाले मनखे ला कहिस, “उठ अऊ जम्मो झन के आघू म ठाढ़ हो जा।” ओ मनखे ह उठिस अऊ उहां ठाढ़ हो गीस। \p \v 9 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला पुछत हंव—बिसराम के दिन म का करना उचित ए—भलई करई या बुरई करई, जिनगी बचई या जिनगी नास करई?” \p \v 10 यीसू ह चारों कोति ओ जम्मो झन ला देखिस अऊ तब ओ मनखे ला कहिस, “अपन हांथ ला लमा।” ओह वइसने करिस, अऊ ओकर हांथ ह पूरा बने हो गीस। \v 11 पर फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन बहुंत नराज होईन अऊ एक-दूसर के संग बिचार करन लगिन कि यीसू के संग का करे जावय। \s1 बारह प्रेरितमन \r (मत्ती 10:1‑4; मरकुस 3:13‑19) \p \v 12 एक दिन यीसू ह पहाड़ ऊपर पराथना करे बर गीस, अऊ परमेसर ले पराथना करत पूरा रात बिताईस। \v 13 जब बिहान होईस, त ओह अपन चेलामन ला बलाईस अऊ ओमा के बारह झन ला चुन लीस अऊ ओमन ला प्रेरित कहिस: \b \li1 \v 14 ओमन ये अंय—सिमोन (जेकर नांव यीसू ह पतरस रखिस) अऊ ओकर भाई अन्द्रियास, \li1 याकूब, \li1 यूहन्ना, \li1 फिलिप्पुस, \li1 बरतुलमै, \li1 \v 15 मत्ती, \li1 थोमा, \li1 हलफई के बेटा याकूब, \li1 सिमोन जऊन ला जेलोतेस कहे गीस, \li1 \v 16 याकूब के बेटा यहूदा, \li1 अऊ यहूदा इस्करियोती जऊन ह यीसू के संग बिसवासघात करिस। \s1 आसीस अऊ सराप \r (मत्ती 5:1‑12) \p \v 17 यीसू ह अपन चेलामन संग पहाड़ ले उतरिस अऊ एक समतल जगह म ठाढ़ हो गीस। उहां ओकर चेलामन के एक बड़े भीड़ रहय अऊ जम्मो यहूदिया प्रदेस, यरूसलेम सहर, अऊ सूर अऊ सीदोन के समुंदर तीर ले बहुंत मनखे जूरे रिहिन। \v 18 ओमन यीसू के उपदेस ला सुने बर अऊ अपन बेमारीमन ले छुटकारा पाय बर आय रिहिन। असुध आतमा के सताय मनखेमन घलो बने हो गीन, \v 19 अऊ जम्मो मनखेमन यीसू ला छुए के कोसिस करत रिहिन, काबरकि ओकर ले सामर्थ निकलत रिहिस अऊ ओ जम्मो ला बने करत रिहिस। \p \v 20 अपन चेलामन कोति देखके यीसू ह कहिस, \q1 “धइन अव तुमन, जऊन मन गरीब अव, \q2 काबरकि परमेसर के राज तुम्हर ए। \q1 \v 21 धइन अव तुमन, जऊन मन अभी भूखा हवव, काबरकि तुमन ला संतोस करे जाही। \q1 धइन अव तुमन, जऊन मन अभी रोवत हव, \q2 काबरकि तुमन हंसहू। \q1 \v 22 धइन अव तुमन, जब मनखे के बेटा के कारन मनखेमन तुम्हर ले घिन करथें, \q2 अऊ तुमन ला निकाल देथें अऊ तुम्हर बेजत्ती करथें \q2 अऊ तुम्हर नांव ला खराप जानके काट देथें। \p \v 23 “ओ दिन आनंद मनावव अऊ आनंद के मारे कूदव, काबरकि तुम्हर बर स्वरग म बड़े ईनाम रखे हवय। ओमन के पुरखामन अगमजानीमन के संग अइसनेच बरताव करे रिहिन। \q1 \v 24 “पर हाय लगे तुमन ऊपर, जऊन मन धनवान अव, \q2 काबरकि तुमन अपन सुख भोग चुके हवव। \q1 \v 25 हाय लगे तुमन ऊपर, जऊन मन अभी भरपेट खावथव, \q2 काबरकि तुमन भूखा रहिहू। \q1 हाय लगे तुमन ऊपर, जऊन मन अभी हंसत हव, \q2 काबरकि तुमन सोक मनाहू अऊ रोहू। \q1 \v 26 हाय लगे तुमन ऊपर, जब जम्मो मनखे तुम्हर बड़ई करथें, \q2 काबरकि ओमन के पुरखामन लबरा अगमजानीमन के संग अइसनेच करे रिहिन। \s1 बईरीमन बर मया \r (मत्ती 5:38‑48; 7:12) \p \v 27 “पर मेंह तुमन ला जऊन मन मोर गोठ ला सुनत हव, ये कहत हंव: अपन बईरीमन ले मया करव; ओमन के भलई करव, जऊन मन तुमन ले घिन करथें। \v 28 ओमन ला आसीस देवव, जऊन मन तुमन ला सराप देथें; ओमन बर पराथना करव, जऊन मन तुम्हर संग गलत बरताव करथें। \v 29 कहूं कोनो तुम्हर एक गाल म थपरा मारथे, त ओकर कोति दूसर गाल ला घलो कर देवव। कहूं कोनो तुम्हर ओढ़ना ला ले लेथे, त ओला तुम्हर कुरता लेय बर झन रोकव। \v 30 जऊन कोनो तुम्हर ले मांगथे, ओला देवव; अऊ कहूं कोनो तुम्हर चीज ला ले जावय, त ओला वापिस झन मांगव। \v 31 जइसने तुमन चाहथव कि मनखेमन तुम्हर संग करंय, वइसने तुमन घलो ओमन के संग करव। \p \v 32 “यदि तुमन ओमन ले मया करथव, जऊन मन तुम्हर ले मया करथें, त तुम्हर का बड़ई? काबरकि पापीमन घलो अपन ले मया करइयामन ले मया करथें। \v 33 अऊ यदि तुमन ओमन के भलई करथव, जऊन मन तुम्हर भलई करथें, त तुम्हर का बड़ई? काबरकि पापीमन घलो अइसने करथें। \v 34 अऊ यदि तुमन ओमन ला उधार देथव, जऊन मन ले तुमन वापिस पाय के आसा करथव, त तुम्हर का बड़ई? काबरकि पापीमन घलो पापीमन ला ये आसा म उधार देथें कि ओमन ला पूरा वापिस मिलही। \v 35 पर अपन बईरीमन ले मया करव, ओमन के भलई करव, अऊ बिगर कुछू चीज वापिस पाय के आसा म ओमन ला उधार देवव। तभे तुमन ला बड़े ईनाम मिलही, अऊ तुमन सर्वोच्च परमेसर के संतान होहू, काबरकि ओह गुन नइं चिनहइया अऊ दुस्ट मनखेमन ऊपर दया करथे। \v 36 दयालु बनव, जइसने स्वरग म रहइया तुम्हर ददा ह दयालु ए। \s1 आने ऊपर दोस झन लगावव \r (मत्ती 7:1‑4) \p \v 37 “आने मन के गलती झन निकालव, ताकि तुम्हर घलो गलती झन निकाले जावय। आने मन ला दोसी झन ठहिरावव, त तुमन ला घलो दोसी नइं ठहिराय जाही। आने मन ला छेमा करव, त तुमन ला घलो छेमा करे जाही। \v 38 आने मन ला देवव, त तुमन ला घलो दिये जाही। बने ढंग ले नापके, दबा-दबाके, हला-हलाके, अऊ छलकत तुम्हर कोरा म डारे जाही। काबरकि जऊन नाप ले तुमन नापथव, ओही नाप ले तुम्हर बर घलो नापे जाही।” \p \v 39 यीसू ह ओमन ला ये पटंतर घलो कहिस, “का एक अंधरा ह दूसर अंधरा ला रसता देखा सकथे? का ओमन दूनों खंचवा म नइं गिर जाहीं? \v 40 चेला ह अपन गुरू ले बड़े नइं होवय, पर पूरा सिकछा पाय के बाद ओह अपन गुरू सहीं हो जाथे। \p \v 41 “तेंह काबर अपन भाई के आंखी के छोटे कचरा ला देखथस, जबकि अपन खुद के आंखी के बड़े कचरा ला धियान नइं देवस? \v 42 जब तुम्हर खुद के आंखी म लकरी के लट्ठा हवय, त तुमन अपन भाई ला कइसने कह सकथव, ‘लान मेंह तोर आंखी के छोटे कचरा ला निकाल दंव?’ हे ढोंगीमन हो, पहिली अपन खुद के आंखी के लट्ठा ला निकालव, तभे तुमन अपन भाई के आंखी के छोटे कचरा ला साफ-साफ देखहू अऊ ओला निकाल सकहू। \s1 रूख अऊ ओकर फर \r (मत्ती 7:16‑20) \p \v 43 “बने रूख म खराप फर नइं फरय, अऊ न ही खराप रूख म बने फर फरथे। \v 44 हर एक रूख ह ओकर फर ले पहिचाने जाथे। काबरकि मनखेमन कंटिली झाड़ीमन ले अंजीर के फर नइं टोरंय, अऊ न ही झरबेरी रूख ले अंगूर। \v 45 बने मनखे ह अपन दिल के बने भंडार ले बने बातमन ला निकालथे, अऊ खराप मनखे ह अपन दिल के खराप भंडार ले खराप बात ला निकालथे। काबरकि जऊन बात ले दिल ह भरे रहिथे, ओहीच ह मुहूं ले निकलथे। \s1 बुद्धिमान अऊ मुरूख मनखे के पहिचान \r (मत्ती 7:24‑27) \p \v 46 “जब तुमन मोर कहे ला नइं मानव, त मोला काबर ‘हे परभू, हे परभू’ कहिथव? \v 47 जऊन ह मोर करा आथे, अऊ मोर गोठमन ला सुनथे अऊ ओला मानथे—मेंह तुमन ला बतावत हंव कि ओह काकर सहीं अय। \v 48 ओह ओ घर बनइया मनखे सहीं अय, जऊन ह भुइयां ला गहिरा कोड़िस अऊ चट्टान ऊपर नीव डारिस। जब बाढ़ आईस अऊ पानी ओ घर ले टकराईस, त ओला हलाय नइं सकिस, काबरकि ओ घर ह मजबूत बने रिहिस। \v 49 पर जऊन ह मोर गोठ ला सुनथे अऊ ओला नइं मानय, ओह ओ मनखे के सहीं अय, जऊन ह भुइयां म बिगर नीव डारे घर बनाईस, अऊ जब बाढ़ के पानी ओ घर ले टकराईस, त ओह गिरके बरबाद हो गीस।” \c 7 \s1 सेना के अधिकारी के बिसवास \r (मत्ती 8:5‑13) \p \v 1 जब यीसू ह सुनइयामन ला ये जम्मो बात कह चुकिस, तब ओह कफरनहूम सहर म गीस। \v 2 उहां सेना के अधिकारी के एक सेवक ह बेमारी ले मरइयाच रहय। ओ सेवक ला सेना के अधिकारी ह बहुंत मया करय। \v 3 सेना के अधिकारी ह यीसू के बारे म सुनिस अऊ यहूदीमन के कुछू अगुवामन ला ओकर करा ये बिनती के संग पठोईस कि ओह आके ओकर सेवक ला बेमारी ले चंगा करय। \v 4 जब ओमन यीसू करा आईन, त बहुंत बिनती करके ओकर ले कहिन, “ओ अधिकारी ह एकर काबिल अय कि तेंह ओकर बर येला कर, \v 5 काबरकि ओह हमर जाति ले मया करथे अऊ हमर सभा-घर ला बनवाय हवय।” \v 6 एकरसेति यीसू ह ओमन के संग गीस। \p पर जब यीसू ह ओकर घर के लकठा म हबरेच रिहिस, तभे सेना के अधिकारी ह अपन संगवारीमन के हांथ म ओकर करा ये खबर पठोईस, “हे परभू, अपनआप ला तकलीफ झन दे, काबरकि मेंह एकर लईक नो हंव कि तेंह मोर घर म आ। \v 7 एकरे कारन मेंह अपनआप ला ये काबिल नइं समझेंव कि तोर करा आवंव। पर सिरिप अपन मुहूं ले कहि दे, त मोर सेवक ह ठीक हो जाही। \v 8 काबरकि मेंह खुद हाकिम के अधीन म हवंव अऊ सैनिकमन मोर अधीन म हवंय। मेंह एक झन ला कहिथंव, ‘जा’, त ओह जाथे अऊ दूसर ला कहिथंव, ‘आ’, त ओह आथे। मेंह अपन सेवक ला कहिथंव, ‘येला कर, त ओह ओला करथे।’ ” \p \v 9 येला सुनके यीसू ह चकित हो गीस, अऊ अपन पाछू-पाछू आवत भीड़ कोति मुहूं करके कहिस, “मेंह तुमन ला कहत हंव, इसरायल म घलो मोला अइसने बड़े बिसवास देखे बर नइं मिलिस।” \v 10 तब जऊन मनखेमन ला पठोय गे रिहिस, ओमन घर लहुंटिन अऊ देखिन कि सेवक ह बने हो गे रहय। \s1 यीसू ह बिधवा के मरे बेटा ला जियाथे \p \v 11 एकर बाद, यीसू ह नाइन नांव के एक सहर म गीस, अऊ ओकर संग ओकर चेलामन अऊ एक बड़े भीड़ घलो गीस। \v 12 जब यीसू ह सहर म जाय के दुवारी करा हबरिस, त देखिस कि मनखेमन एक मुरदा ला बाहिर ले जावत रहंय। ओह अपन दाई के एके झन बेटा रिहिस, अऊ ओकर दाई ह बिधवा रिहिस। सहर के मनखेमन के एक बड़े भीड़ ओ बिधवा के संग रिहिस। \v 13 जब परभू ह ओला देखिस, त ओला ओकर ऊपर अब्बड़ दया आईस अऊ ओह ओला कहिस, “झन रो।” \p \v 14 तब यीसू ह आके अरथी ला छुईस, अऊ अरथी ला कंधा देवइयामन ठाढ़ हो गीन। यीसू ह कहिस, “हे जवान! मेंह तोला कहत हंव, उठ।” \v 15 मरे मनखे ह उठ बईठिस अऊ गोठियाय लगिस, अऊ यीसू ह ओला ओकर दाई ला सऊंप दीस। \p \v 16 ओ जम्मो झन ऊपर डर छा गे, अऊ ओमन परमेसर के महिमा करके कहिन, “हमर बीच म एक महान अगमजानी परगट होय हवय। परमेसर ह अपन मनखेमन के मदद करे बर आय हवय।” \v 17 यीसू के बारे म ये समाचार जम्मो यहूदिया प्रदेस अऊ आसपास के इलाका म फईल गीस। \s1 यीसू अऊ यूहन्ना बतिसमा देवइया \r (मत्ती 11:2‑19) \p \v 18 यूहन्ना बतिसमा देवइया के चेलामन ओला ये जम्मो बात बताईन। तब यूहन्ना बतिसमा देवइया अपन चेलामन के दू झन ला बलाईस \v 19 अऊ ओमन ला परभू करा ये पुछे बर पठोईस, “का तेंह ओही अस, जऊन ह अवइया रिहिस या फेर हमन कोनो आने के बाट जोहन?” \p \v 20 जब ओ मनखेमन यीसू करा आईन, त ओमन कहिन, “यूहन्ना बतिसमा देवइया ह हमन ला तोर मेर ये पुछे बर पठोय हवय, ‘का तेंह ओही अस, जऊन ह अवइया रिहिस या फेर हमन कोनो आने के बाट जोहन?’ ” \p \v 21 ओही बेरा यीसू ह बहुंत मनखेमन ला रोग, बेमारी अऊ दुस्ट आतमामन ले बने करिस अऊ कतको अंधरामन ला आंखी दीस। \v 22 तब यीसू ह यूहन्ना के मनखेमन ला कहिस, “तुमन वापिस जावव अऊ जऊन कुछू तुमन देखे अऊ सुने हवव, ओला यूहन्ना ला बतावव: अंधरामन देखथें, खोरवामन रेंगथें, कोढ़ीमन सुध करे जावथें, भैंरा मनखेमन सुनथें, मुरदामन जी उठथें, अऊ गरीबमन ला सुघर संदेस के परचार करे जाथे। \v 23 धइन ए ओह जऊन ह मोर ऊपर संदेह नइं करय।” \p \v 24 यूहन्ना के संदेसियामन के जाय के बाद, यीसू ह मनखेमन ला यूहन्ना के बारे म कहन लगिस, “जब तुमन सुनसान जगह म यूहन्ना करा गेव, त तुमन का देखे के आसा करत रहेव? का हवा म डोलत बड़े घांस के पऊधा ला? \v 25 यदि नइं, त फेर तुमन का देखे बर गे रहेव? का सुघर कपड़ा पहिरे एक मनखे ला? देखव, जऊन मन मंहगा कपड़ा पहिरथें अऊ भोग-बिलास म जिनगी बिताथें, ओमन महल म रहिथें। \v 26 पर तुमन का देखे बर गे रहेव? एक अगमजानी ला? हव! मेंह तुमन ला कहत हंव—तुमन एक अगमजानी ले घलो बड़े मनखे ला देखेव। \v 27 येह ओ मनखे अय, जेकर बारे म परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 “ ‘मेंह अपन संदेसिया ला तोर आघू पठोवत हंव, \q2 जऊन ह तोर आघू तोर रसता तियार करही।’\f + \fr 7:27 \fr*\ft \+xt मला 3:1\+xt*\ft*\f* \m \v 28 मेंह तुमन ला बतावत हंव, जऊन मन माईलोगनमन ले जनमे हवंय, ओमन म यूहन्ना ले बड़े कोनो नो हंय; पर जऊन ह परमेसर के राज म सबले छोटे अय, ओह यूहन्ना ले घलो बड़े अय।” \p \v 29 (जम्मो मनखेमन, इहां तक कि लगान लेवइयामन घलो जब यीसू के बात ला सुनिन, त ओमन यूहन्ना ले बतिसमा लेके परमेसर के रसता ला सही मान लीन। \v 30 पर फरीसी अऊ कानून के जानकारमन परमेसर के मनसा ला अपन बर स्वीकार नइं करिन, काबरकि ओमन यूहन्ना के बतिसमा नइं लीन।) \p \v 31 यीसू ह फेर कहिस, “तब मेंह ये पीढ़ी के मनखेमन के तुलना काकर ले करंव? येमन काकर सहीं अंय? \v 32 येमन ओ लइकामन सहीं अंय, जऊन मन हाट-बजार म बईठके एक-दूसर ला कहिथें, \q1 “ ‘हमन तुम्हर बर बांसुरी बजाएंन, \q2 अऊ तुमन नइं नाचेव; \q1 हमन बिलाप करेंन, \q2 अऊ तुमन नइं रोएव।’ \m \v 33 यूहन्ना बतिसमा देवइया ह आईस, जऊन ह न तो रोटी खाईस अऊ न ही मंद पीईस, अऊ तुमन कहिथव, ‘ओमा परेत आतमा हवय।’ \v 34 मनखे के बेटा ह आईस, जऊन ह खाथे अऊ पीथे, अऊ तुमन कहिथव, ‘देखव, ओह पेटहा अऊ पियक्कड़ अय, अऊ लगान लेवइया अऊ पापीमन के संगवारी अय।’ \v 35 पर बुद्धि ह ओकर जम्मो लइकामन के दुवारा सही ठहिरथे।” \s1 एक पापिन माईलोगन के दुवारा यीसू के अभिसेक \p \v 36 एक फरीसी मनखे यीसू ला अपन संग खाना खाय बर नेवता दीस। यीसू ह ओ फरीसी के घर म गीस अऊ खाना खाय बर बईठिस। \v 37 ओ सहर के एक माईलोगन ला, जऊन ह पापमय जिनगी बिताय रिहिस, ये पता चलिस कि यीसू ह ओ फरीसी के घर म खाना खावत हे, त ओह एक संगमरमर के बरतन म इतर तेल लेके आईस, \v 38 अऊ ओह यीसू के पाछू ओकर गोड़ करा रोवत ठाढ़ हो गीस अऊ अपन आंसू ले ओकर गोड़मन ला भिगोय लगिस अऊ ओह अपन मुड़ के चुंदी ले ओमन ला पोंछिस अऊ ओकर गोड़मन ला चूमिस अऊ ओमा इतर तेल ला ढारिस। \p \v 39 येला देखके, ओ फरीसी जऊन ह यीसू ला खाय बर बलाय रिहिस, अपन मन म कहिस, “कहूं ये मनखे ह अगमजानी होतिस, त जान लेतिस कि ओला कोन छूवत हवय अऊ ओह का किसम के माईलोगन ए। ओह तो एक पापिन अय।” \p \v 40 तब यीसू ह ओला जबाब देवत कहिस, “हे सिमोन, मोला तोर ले कुछू कहना हे।” \p ओह कहिस, “हे गुरू, कह।” \p \v 41 यीसू ह कहिस, “दू झन मनखे एक साहूकार के करजा लगत रिहिन। एक झन ओकर पांच सौ दीनार लगत रिहिस अऊ दूसर झन पचास दीनार\f + \fr 7:41 \fr*\ft एक दीनार ह एक चांदी के सिक्का रहय अऊ एकर कीमत एक दिन के बनी के बरोबर होवय (देखव \+xt मत्ती 20:2\+xt*)\ft*\f*। \v 42 ओ दूनों म के काकरो करा करजा पटाय बर पईसा नइं रिहिस, त साहूकार ह ओ दूनों के करजा ला माफ कर दीस। तब ओ दूनों म ले कोन ह साहूकार ले जादा मया करही?” \p \v 43 सिमोन ह जबाब दीस, “मोर समझ म ओह, जेकर जादा करजा माफ करे गीस।” \p यीसू ह कहिस, “तेंह सही कहय।” \p \v 44 तब यीसू ह ओ माईलोगन कोति अपन मुहूं ला करके सिमोन ला कहिस, “का तेंह ये माईलोगन ला देखत हस? मेंह तोर घर म आएंव, अऊ तेंह मोर गोड़ धोय बर पानी नइं देय, पर ये माईलोगन ह अपन आंसू ले मोर गोड़मन ला भिगोईस अऊ अपन चुंदी ले ओमन ला पोंछिस। \v 45 तेंह मोला नइं चूमे, पर जब ले मेंह इहां आय हवंव, तब ले येह मोर गोड़ ला चूमतेच हवय। \v 46 तेंह मोर मुड़ म चुपरे बर कोनो तेल नइं देय, पर येह मोर गोड़मन म इतर तेल चुपरे हवय। \v 47 एकरसेति मेंह तोला कहत हंव, ओकर बहुंत पाप छेमा करे गे हवय; ये बात ह ओकर बहुंत मया ले साबित होवत हे। पर जेकर थोरकन छेमा करे गीस, ओह थोरकन मया करथे।” \p \v 48 तब यीसू ह ओ माईलोगन ले कहिस, “तोर पाप छेमा हो गीस।” \p \v 49 तब जऊन मन यीसू के संग खाय बर बईठे रिहिन, ओमन अपन बीच म कहे लगिन, “येह कोन ए, जऊन ह पाप ला घलो छेमा करथे।” \p \v 50 यीसू ह ओ माईलोगन ले कहिस, “तोर बिसवास ह तोर उद्धार करे हवय, सांति म जा।” \c 8 \s1 बीज बोवइया के पटंतर \r (मत्ती 13:1‑9; मरकुस 4:1‑9) \p \v 1 एकर बाद, यीसू ह बारह चेलामन संग सहर-सहर अऊ गांव-गंवई मन म जाके परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करिस। \v 2 ओकर बारह चेलामन ओकर संग रिहिन, अऊ कुछू माईलोगनमन घलो जऊन मन ला दुस्ट आतमा अऊ बेमारीमन ले ठीक करे गे रिहिस, ओकर संग रिहिन। ओमन ये रिहिन: मरियम जऊन ला मगदलिनी कहे जावय—जेमा ले सात ठन परेत आतमा निकाले गे रिहिस; \v 3 हेरोदेस के घर के देखरेख करइया खोजा के घरवाली—योअन्ना, सूसन्ना अऊ बहुंत आने माईलोगनमन। ये माईलोगनमन अपन साधन ले यीसू अऊ ओकर चेलामन के मदद करत रिहिन। \p \v 4 जब एक बड़े भीड़ ह जूरत रिहिस अऊ आने सहर ले मनखेमन यीसू करा आवत रिहिन, तब ओह ये पटंतर कहिस: \v 5 “एक किसान ह बीज बोय बर निकलिस। जब ओह बोवत रिहिस, त कुछू बीजामन रसता के तीर म गिरिन; ओमन गोड़ खाल्हे कुचरे गीन, अऊ अकास के चिरईमन ओला खा लीन। \v 6 कुछू बीजामन पथर्री भुइयां ऊपर गिरिन अऊ ओमन जामिन, पर ओमन पानी के नमी नइं मिले के कारन सूख गीन। \v 7 कुछू बीजामन कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिन अऊ ओ झाड़ीमन बढ़के ओमन ला दबा दीन। \v 8 अऊ कुछू बीजामन बने भुइयां म गिरिन। ओमन बाढ़िन अऊ जतेक बोय गे रिहिस ओकर ले सौ गुना जादा फसल लाईन।” \p ये कहे के बाद, यीसू ह चिचियाके कहिस, “जेकर सुने के कान हवय, ओह सुन ले।” \p \v 9 ओकर चेलामन ओकर ले पुछिन, “ये पटंतर के का मतलब होथे?” \v 10 ओह कहिस, “तुमन ला परमेसर के राज के भेद के गियान देय गे हवय, पर आने मन ले मेंह पटंतर म गोठियाथंव, ताकि, \q1 “ ‘देखत ले घलो, ओमन झन देख सकंय; \q2 अऊ सुनत ले घलो, ओमन झन समझ सकंय।’\f + \fr 8:10 \fr*\ft \+xt यसा 6:9\+xt*\ft*\f* \p \v 11 “पटंतर के ये मतलब अय: बीजा ह परमेसर के बचन ए। \v 12 डहार के तीर म गिरे बीजा ह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें; पर सैतान ह आथे, अऊ ओमन के हिरदय ले बचन ला ले जाथे, ताकि ओमन बिसवास नइं कर सकंय अऊ ओमन के उद्धार नइं होवय। \v 13 पथर्री भुइयां के ऊपर गिरे बीजा ह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला आनंद सहित गरहन करथें जब ओमन येला सुनथें, पर ओमन म जरी नइं रहय। ओमन कुछू समय बर बिसवास करथें, पर परखे जाय के समय म ओमन गिर जाथें। \v 14 ओ बीजा जऊन ह कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिस, ओह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें, पर आघू चलके ओमन ये जिनगी के चिंता, धन अऊ भोग-बिलास म फंस जाथें, अऊ ओमन विकसित नइं होवंय। \v 15 पर ओ बीजा जऊन ह बने भुइयां म गिरिस, ओह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें, अऊ येला सच्चा अऊ बने हिरदय म रखथें, अऊ लगातार फर लाथें। \s1 दीया के पटंतर \r (मरकुस 4:21‑25) \p \v 16 “कोनो मनखे दीया ला बारके ओला बड़े कटोरा म नइं ढांपय या खटिया के खाल्हे म नइं मढ़ाय। पर ओह दीया ला दीवट ऊपर रखथे, ताकि जऊन मन भीतर आवंय, ओमन अंजोर ला देखंय। \v 17 काबरकि कुछू भी बात छिपे नइं ए, जऊन ला उघारे नइं जाही, अऊ कुछू भी ढंके नइं ए, जऊन ला बताय नइं जाही या जेकर खुलासा नइं करे जाही। \v 18 एकरसेति, सचेत रहव कि तुमन कइसने सुनथव। जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही; अऊ जेकर करा नइं ए, ओकर ले ओला घलो ले लिये जाही, जऊन ला ओह अपन समझथे।” \s1 यीसू के दाई अऊ भाईमन \r (मत्ती 12:46‑50; मरकुस 3:31‑35) \p \v 19 यीसू के दाई अऊ भाईमन ओला देखे बर आईन, पर भीड़ के मारे ओमन ओकर करा नइं जा सकिन। \v 20 एक झन ह यीसू ला कहिस, “तोर दाई अऊ भाईमन बाहिर ठाढ़े हवंय, अऊ तोला देखे बर चाहथें।” \p \v 21 यीसू ह ओ जम्मो झन ला कहिस, “मोर दाई अऊ भाई ओमन अंय, जऊन मन परमेसर के बचन ला सुनथें अऊ ओला मानथें।” \s1 यीसू ह आंधी ला सांत करथे \r (मत्ती 8:23‑27; मरकुस 4:35‑41) \p \v 22 एक दिन यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “आवव, हमन झील के ओ पार चलन।” तब ओमन डोंगा म चघिन अऊ जाय लगिन। \v 23 जब ओमन डोंगा ला खेवत रिहिन, त यीसू ह सुत भुलाईस। तब झील के ऊपर एक आंधी चलिस, अऊ डोंगा ह पानी ले भरे लगिस, अऊ ओमन बड़े जोखिम म पड़ गीन। \p \v 24 चेलामन यीसू करा गीन अऊ ओला उठाके कहिन, “मालिक, मालिक, हमन पानी म बुड़इया हवन।” \p यीसू ह उठिस, अऊ आंधी अऊ उफनत पानी ला दबकारिस। ओमन थम गीन अऊ जम्मो ह सांत हो गीस। \v 25 तब यीसू ह अपन चेलामन ले कहिस, “तुम्हर बिसवास ह कहां हवय?” \p ओमन म डर हमा गे अऊ अचम्भो करके एक-दूसर ला कहिन, “येह कोन ए? येह आंधी अऊ पानी ला घलो हुकूम देथे अऊ ओमन एकर हुकूम मानथें।” \s1 यीसू ह परेत आतमा के धरे एक मनखे ला बने करथे \r (मत्ती 8:28‑34; मरकुस 5:1‑20) \p \v 26 ओमन डोंगा ला खेवत गिरासेनीमन के इलाका म हबरिन, जऊन ह झील के ओ पार, गलील के उल्टा दिग म हवय। \v 27 जब यीसू ह झील के तीर म उतरिस, त ओला ओ सहर के एक मनखे मिलिस, जऊन म परेत आतमामन रिहिन। ओ मनखे ह कतको दिन ले कपड़ा नइं पहिरत रिहिस अऊ न ही घर म रहत रिहिस, पर ओह मरघटी म रहत रहय। \v 28 जब ओह यीसू ला देखिस, त नरियाईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस, अऊ अब्बड़ चिचियाके कहिस, “हे यीसू, सर्वोच्च परमेसर के बेटा! मोर ले तोला का काम? मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला पीरा झन दे।” \v 29 काबरकि यीसू ह असुध आतमा ला ओ मनखे म ले बाहिर निकले के हुकूम देय रिहिस। कतको बार ले परेत आतमा ह ओला पटके रिहिस, अऊ ओकर हांथ अऊ गोड़मन संकली म बंधाय रिहिन अऊ ओह निगरानी म रहय, पर ओह संकलीमन ला टोर देवत रहय अऊ परेत आतमा के दुवारा ओह निरजन जगह म भगाय गे रहय। \p \v 30 यीसू ह ओकर ले पुछिस, “तोर का नांव ए?” \p ओह कहिस, “एक बड़े सेना,” काबरकि बहुंत परेत आतमामन ओमा हमाय रहंय। \v 31 ओ परेत आतमामन यीसू ले बिनती करिन कि ओह ओमन ला अथाह कुन्ड\f + \fr 8:31 \fr*\fq अथाह कुन्ड \fq*\ft ओ जगह अय, जिहां परेत आतमामन ला सजा दिये जाही।\ft*\f* म जाय के हुकूम झन देवय। \p \v 32 उहां पठार कोति सुरामन के एक बड़े खेरखा ह चरत रहय। परेत आतमामन यीसू ले बिनती करिन कि ओह ओमन ला सुरामन म जावन दे अऊ ओह ओमन ला जावन दीस। \v 33 तब परेत आतमामन ओ मनखे ले बाहिर निकलिन, अऊ सुरामन म हमा गीन, अऊ सुरामन के जम्मो झुंड ह तीर म निकले पथरा ले झील म झपटके कूदिस अऊ बुड़ मरिस। \p \v 34 जब सूरा चरइयामन ये घटना ला देखिन, त ओमन भाग गीन, अऊ सहर अऊ गांव-गंवई म ये बात ला बताईन। \v 35 तब जऊन कुछू होय रिहिस, ओला देखे बर मनखेमन बाहिर निकलिन। जब ओमन यीसू करा आईन, त ओमन ओ मनखे ला, जऊन म ले परेत आतमामन निकले रिहिन, यीसू के गोड़ करा बईठे देखिन। ओह कपड़ा पहिरे अपन सही हालत म रहय; अऊ ओमन डरा गीन। \v 36 जऊन मन येला अपन आंखी ले देखे रिहिन, ओमन मनखेमन ला बताईन कि परेत आतमा के धरे मनखे ह कइसने चंगा होईस। \v 37 तब गिरासेनी इलाका के जम्मो मनखेमन यीसू ला कहिन कि ओह उहां ले चले जावय, काबरकि ओमन बहुंत डरा गे रिहिन। एकरसेति ओह डोंगा में चघिस अऊ चले गीस। \p \v 38 जऊन मनखे ले परेत आतमामन निकले रिहिन, ओह यीसू ले बिनती करिस, “मोला तोर संग जावन दे।” पर यीसू ह ओला ये कहिके बिदा करिस, \v 39 “अपन घर ला लहुंट जा, अऊ मनखेमन ला बता कि परमेसर ह तोर बर कतेक बड़े काम करे हवय।” ओ मनखे ह चले गीस अऊ जम्मो सहर म बताईस कि यीसू ह ओकर बर कतेक बड़े काम करिस। \s1 एक मरे छोकरी अऊ एक बेमार माईलोगन \r (मत्ती 9:18‑26; मरकुस 5:21‑43) \p \v 40 जब यीसू ह झील के ओ पार वापिस लहुंटिस, त मनखेमन के एक भीड़ ह ओकर सुवागत करिस, काबरकि ओ जम्मो झन ओकर बाट जोहत रिहिन। \v 41 तभे, याईर नांव के सभा-घर के एक अधिकारी आईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरके बिनती करिस कि यीसू ह ओकर घर म आवय, \v 42 काबरकि ओकर बारह बछर के एके झन बेटी ह मरइया रिहिस। \p जब यीसू ह जावत रिहिस, त ओह भीड़ के मारे दबे जावत रहय। \v 43 अऊ उहां एक झन माईलोगन रहय, जऊन ला बारह बछर ले लहू बहे के बेमारी रिहिस,\f + \fr 8:43 \fr*\ft बहुंते हस्तलिपि म \ft*\fqa अऊ अपन जम्मो जमा-पूंजी ला बईदमन ऊपर खरचा कर दे रिहिस\fqa*\f* पर ओला कोनो बईद बने नइं कर सके रिहिन। \v 44 ओह यीसू के पाछू ले आईस अऊ ओकर कपड़ा के छोर ला छुईस, अऊ तुरते ओकर लहू बहई बंद हो गीस। \p \v 45 यीसू ह पुछिस, “मोला कोन ह छुईस?” जब ओ जम्मो झन इनकार करिन, तब पतरस ह कहिस, “हे मालिक, मनखेमन के भीड़ तोर चारों कोति हवय अऊ तोर ऊपर गिरे पड़त हवय।” \p \v 46 पर यीसू ह कहिस, “कोनो मोला छुए हवय, काबरकि मेंह जानत हंव कि मोर म ले सामर्थ निकले हवय।” \p \v 47 जब ओ माईलोगन ह देखिस कि ओह छिपे नइं रह सकय, तब ओह कांपत आईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस। अऊ जम्मो मनखेमन के आघू म ओह कारन बताईस कि काबर ओह यीसू ला छुईस अऊ कइसने ओह तुरते चंगा हो गीस। \v 48 तब यीसू ह ओला कहिस, “बेटी, तोर बिसवास ह तोला ठीक करे हवय। सांति म जा।” \p \v 49 जब यीसू ह ये बात कहत रिहिस, तभे सभा-घर के अधिकारी याईर के घर ले एक झन मनखे आईस अऊ कहिस, “तोर बेटी ह काल कर दारिस, गुरू ला अऊ तकलीफ झन दे।” \p \v 50 येला सुनके, यीसू ह याईर ला कहिस, “झन डर; सिरिप बिसवास रख, त ओह बच जाही।” \p \v 51 जब यीसू ह याईर के घर म आईस, त ओह पतरस, यूहन्ना, याकूब अऊ लइका के दाई-ददा ला छोंड़के अऊ एको झन ला अपन संग भीतर नइं आवन दीस। \v 52 जम्मो मनखेमन ओ लइका बर रोवत अऊ दुख मनावत रहंय। यीसू ह कहिस, “झन रोवव, काबरकि लइका ह मरे नइं ए, पर ओह सुतत हवय।” \p \v 53 ओमन ये बात ला जानत रिहिन कि ओ छोकरी ह मर गे हवय, एकरसेति ओमन यीसू के ऊपर हंसे लगिन। \v 54 पर यीसू ह छोकरी के हांथ ला पकड़िस अऊ कहिस, “हे मोर लइका, उठ!” \v 55 ओ छोकरी के परान लहुंट आईस, अऊ तुरते ओह ठाढ़ हो गीस। तब यीसू ह ओमन ला कहिस कि ओला कुछू खाय बर देवंय। \v 56 ओकर दाई-ददा चकित हो गीन, पर यीसू ह ओमन ला ये हुकूम दीस कि जऊन कुछू होय रिहिस, ओकर बारे म कोनो ला झन बतावंय। \c 9 \s1 यीसू ह बारह चेलामन ला पठोथे \r (मत्ती 10:5‑15; मरकुस 6:7‑13) \p \v 1 यीसू ह अपन बारह चेलामन ला एक संग बलाईस, अऊ ओह ओमन ला जम्मो परेत आतमामन ला निकाले अऊ बेमारीमन ला ठीक करे के सामर्थ अऊ अधिकार दीस, \v 2 अऊ ओह ओमन ला परमेसर के राज के परचार करे बर अऊ बिमरहामन ला बने करे बर पठोईस। \v 3 ओह ओमन ला कहिस, “डहार बर कुछू झन लेवव—न चले के लउठी, न झोला, न रोटी, न रूपिया-पईसा, अऊ न अतकिहा कुरता रखव। \v 4 जऊन भी घर म तुमन जावव, त ओ सहर ला छोंड़त तक ओहीच घर म ठहिरव। \v 5 जिहां मनखेमन तुमन ला गरहन नइं करंय, त जब ओ नगर ले जावव, त अपन गोड़ के धुर्रा ला झर्रा देवव ताकि येह ओमन के बिरूध एक गवाही होवय।” \v 6 तब चेलामन उहां ले चल दीन, अऊ ओमन गांव-गांव म सुघर संदेस के परचार करत अऊ हर एक जगह मनखेमन ला बेमारी ले ठीक करत गीन। \p \v 7 गलील म राज-करइया हेरोदेस ह जऊन कुछू होवत रहय, ओ जम्मो के बारे म सुनिस, त ओह दुबिधा म पड़ गीस, काबरकि कुछू मनखेमन कहत रिहिन कि यूहन्ना ह मरे मन ले जी उठे हवय; \v 8 आने मन कहत रिहिन कि एलियाह ह परगट होय हवय, जबकि अऊ आने मन कहंय कि बहुंत पहिली के अगमजानीमन ले एक झन जी उठे हवय। \v 9 पर हेरोदेस ह कहिस, “यूहन्ना के मुड़ ला तो मेंह कटवा दे रहेंव। पर ये मनखे कोन ए, जेकर बारे म मेंह अइसने बात सुनत हवंव।” अऊ ओह यीसू ला देखे के कोसिस करिस। \s1 यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे \r (मत्ती 14:13‑21; मरकुस 6:30‑44; यूहन्ना 6:1‑14) \p \v 10 जब प्रेरितमन लहुंटके आईन, त जऊन कुछू ओमन करे रिहिन, ओ जम्मो बात यीसू ला बताईन। तब यीसू ह ओमन ला अपन संग लीस अऊ ओमन बैतसैदा नांव के एक नगर म चल दीन। \v 11 पर मनखेमन के भीड़ ला ये बात के पता चल गीस अऊ ओमन ओकर पाछू गीन। यीसू ह ओमन के सुवागत करिस अऊ ओमन ले परमेसर के राज के बारे म गोठियाय लगिस अऊ जऊन मन बेमारी ले बने होय चाहत रिहिन, ओमन ला चंगा करिस। \p \v 12 जब बेरा ह ढरक गे, तब बारहों चेलामन यीसू करा आके कहिन, “ये भीड़ ला जावन दे ताकि ओमन आसपास के गांव अऊ बस्ती म जावंय, अऊ अपन खाय अऊ रहे के परबंध करंय, काबरकि हमन इहां सुनसान जगह म हवन।” \p \v 13 पर यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ओमन ला कुछू खाय बर देवव।” \p ओमन कहिन, “हमर करा सिरिप पांच ठन रोटी अऊ दू ठन मछरी हवय। यदि हमन जाके ये जम्मो भीड़ बर खाना बिसोवन, त येह हो सकथे।” \v 14 (उहां करीब पांच हजार आदमीमन रिहिन।) \p पर यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “हर एक मनखेमन ला करीब पचास-पचास के दल बनाके बईठा देवव।” \v 15 चेलामन अइसनेच करिन अऊ ओमन जम्मो झन ला बईठा दीन। \v 16 तब यीसू ह पांचों रोटी अऊ दूनों मछरी ला लीस अऊ स्वरग कोति देखके ओह परमेसर ला धनबाद दीस, अऊ रोटी अऊ मछरीमन ला टोरिस अऊ चेलामन ला देवत गीस कि ओमन मनखेमन ला परोसंय। \v 17 ओ जम्मो झन खाईन अऊ खाके अघा गीन। चेलामन बांचे-खुचे टुकड़ा के बारह टुकना भर के उठाईन। \s1 पतरस के यीसू ला स्वीकार करई \r (मत्ती 16:13‑20; मरकुस 8:27‑30) \p \v 18 एक दिन यीसू ह एके झन पराथना करत रिहिस अऊ ओकर चेलामन ओकर संग रिहिन, त ओह ओमन ले पुछिस, “मनखेमन मोला कोन ए कहिथें?” \p \v 19 ओमन जबाब दीन, “कुछू मनखेमन कहिथें—यूहन्ना बतिसमा देवइया; पर आने मन कहिथें—एलियाह; जबकि अऊ आने मन कहिथें कि बहुंत पहिली के अगमजानीमन ले एक झन जी उठे हवय।” \p \v 20 यीसू ह ओमन ले पुछिस, “पर तुमन मोला कोन ए कहिथव?” \p पतरस ह जबाब दीस, “तेंह परमेसर के मसीह अस।” \s1 यीसू के अपन मिरतू के बारे अगमबानी \p \v 21 यीसू ह ओमन ला बने करके चेताके कहिस कि ओमन ये बात कोनो ला झन बतावंय। \v 22 अऊ ओह कहिस, “येह जरूरी ए कि मनखे के बेटा ह बहुंत दुख भोगय अऊ अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन के दुवारा तिरस्कार करे जावय, अऊ जरूरी ए कि ओह मार डारे जावय अऊ तीसरा दिन जी उठय।” \p \v 23 अऊ ओह ओ जम्मो झन ला कहिस: “यदि कोनो मोर पाछू आय चाहथे, त येह जरूरी ए कि ओह अपन ईछा ला मारय अऊ हर दिन दुख उठाय बर तियार रहय अऊ तब मोर पाछू हो लेवय। \v 24 काबरकि जऊन कोनो अपन जिनगी ला बचाय चाहथे, ओह ओला गंवाही, पर जऊन कोनो मोर खातिर अपन जिनगी ला गंवाथे, ओह परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाही। \v 25 यदि एक मनखे ह जम्मो संसार ला पा जाथे, पर अपन जिनगी ला गंवा देथे या अपन परान के हानि उठाथे, त ओला का लाभ? \v 26 यदि कोनो मोर ले अऊ मोर बचन ले लजाथे, त मनखे के बेटा ह घलो ओकर ले लजाही, जब ओह अपन महिमा अऊ ददा अऊ पबितर स्वरगदूतमन के महिमा संग आही। \p \v 27 “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि कुछू झन, जऊन मन इहां ठाढ़े हवंय, तब तक नइं मरंय, जब तक कि ओमन परमेसर के राज ला नइं देख लीहीं।” \s1 यीसू के रूप ह बदलथे \r (मत्ती 17:1‑8; मरकुस 9:2‑8) \p \v 28 यीसू के ये कहे के करीब आठ दिन के बाद, ओह पतरस, यूहन्ना, अऊ याकूब ला अपन संग लीस अऊ एक ठन पहाड़ म पराथना करे बर गीस। \v 29 जब ओह पराथना करत रिहिस, त ओकर चेहरा के रूप ह बदल गीस अऊ ओकर कपड़ा ह पंर्रा होके बहुंत चमके लगिस। \v 30 अऊ दू झन मनखे मूसा अऊ एलियाह महिमा म परगट होईन अऊ यीसू संग गोठियावत रिहिन। \v 31 ओमन यीसू के मरे के समय के बारे म बातचीत करत रिहिन, जऊन ला यीसू ह यरूसलेम म पूरा करइया रिहिस। \v 32 पतरस अऊ ओकर संगवारीमन बहुंत नींद म रहंय, पर जब ओमन जागिन, त ओमन यीसू के महिमा अऊ दू झन मनखे ला ओकर संग ठाढ़े देखिन। \v 33 जब दूनों मनखे ओकर करा ले जाय लगिन, तब पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे मालिक, हमन के इहां रहई बने अय। हमन तीन ठन मंडप बनाथन—एक तोर बर, एक मूसा बर अऊ एक ठन एलियाह बर।” (ओह नइं जानत रहय कि ओह का कहत रिहिस।) \p \v 34 जब ओह गोठियावत रिहिस, त एक बादर ह आईस अऊ ओमन ला ढांप लीस अऊ ओमन डरा गीन जब ओमन बादर म हमाईन। \v 35 बादर म ले ये अवाज आईस, “येह मोर बेटा ए, जऊन ला मेंह चुने हवंव; एकर बात ला सुनव।” \v 36 जब अवाज ह बंद हो गीस, त ओमन यीसू ला एके झन पाईन। चेलामन ये बात ला चुप होके अपन म रखिन, अऊ जऊन कुछू ओमन देखे रिहिन, ओला ओ समय कोनो ला नइं बताईन। \s1 यीसू ह परेत आतमा धरे एक छोकरा ला बने करथे \r (मत्ती 17:14‑18; मरकुस 9:14‑27) \p \v 37 दूसर दिन जब ओमन पहाड़ ले उतरिन, त एक बड़े भीड़ ह यीसू ले मिलिस। \v 38 भीड़ म ले एक मनखे ह चिचियाके कहिस, “हे गुरू, मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोर बेटा ला देख; ओह मोर एके झन लइका ए। \v 39 एक परेत आतमा ओला पकड़थे अऊ ओह अचानक चिचियाथे; ओह ओला अइसने अइंठथे कि ओकर मुहूं ले झाग निकलथे; ओह ओला मुसकुल से छोंड़थे अऊ ओह ओला नास करत हवय। \v 40 मेंह तोर चेलामन ले बिनती करेंव कि ओमन ओला निकाल देवंय, पर ओमन ओला नइं निकाल सकिन।” \p \v 41 यीसू ह जबाब दीस, “हे अबिसवासी अऊ ढीठ पीढ़ी के मनखेमन, कब तक मेंह तुम्हर संग रहिहूं अऊ तुम्हर सहत रहिहूं? तोर बेटा ला इहां लान।” \p \v 42 जब छोकरा ह आवत रिहिस, त परेत आतमा ह ओला भुइयां म पटकके अइंठिस। पर यीसू ह असुध आतमा ला दबकारिस अऊ ओ छोकरा ला बने करिस अऊ ओला ओकर ददा ला सऊंप दीस। \v 43 अऊ ओमन जम्मो झन परमेसर के महान सामर्थ ला देखके चकित हो गीन। \p जब जम्मो झन यीसू के काम ला देखके अचम्भो करत रिहिन, त ओह अपन चेलामन ला कहिस, \v 44 “जऊन बात मेंह तुमन ला कहइया हंव, ओला धियान देके सुनव: मनखे के बेटा ह मनखेमन के हांथ म पकड़वाय जाही।” \v 45 पर ओमन नइं जानिन कि ये बात के का मतलब ए। येला ओमन ले छुपाय गे रिहिस, ताकि ओमन येला झन समझंय अऊ ओमन एकर बारे म यीसू ले पुछे बर डरावत रिहिन। \s1 सबले बड़े कोन ए? \r (मत्ती 18:1‑5; मरकुस 9:33‑37) \p \v 46 चेलामन के बीच म ये बहस होय लगिस कि ओमन म सबले बड़े कोन होही? \v 47 यीसू ह ओमन के मन के बिचार ला जानके, एक छोटे लइका ला लीस अऊ अपन बाजू म ठाढ़ करिस \v 48 अऊ ओमन ला कहिस, “जऊन कोनो ये छोटे लइका ला मोर नांव म गरहन करथे, ओह मोला गरहन करथे; अऊ जऊन कोनो मोला गरहन करथे, ओह ओला गरहन करथे, जऊन ह मोला पठोय हवय। काबरकि जऊन ह तुम्हर जम्मो झन के बीच म सबले छोटे ए, ओही ह सबले बड़े ए।” \p \v 49 यूहन्ना ह यीसू ला कहिस, “हे परभू, हमन एक मनखे ला तोर नांव म परेत आतमामन ला निकालत देखेंन अऊ हमन ओला अइसने करे बर मना करेंन, काबरकि ओह हमन म ले नो हय।” \p \v 50 यीसू ह कहिस, “ओला झन रोकव, काबरकि जऊन ह तुम्हर बिरोध म नइं ए, ओह तुम्हर कोति हवय।” \s1 सामरी मनखेमन यीसू के बिरोध करथें \p \v 51 जब यीसू के स्वरग म उठाय जाय के दिन ह लकठा आईस, त ओह यरूसलेम जाय बर पूरा ठान लीस, \v 52 अऊ ओह अपन आघू संदेसियामन ला पठोईस। ओमन सामरीमन के एक ठन गांव म गीन कि यीसू बर जम्मो चीज ला तियार करंय, \v 53 पर मनखेमन उहां यीसू ला स्वीकार नइं करिन, काबरकि ओह यरूसलेम जावत रिहिस। \v 54 जब यीसू के चेला याकूब अऊ यूहन्ना येला देखिन, त ओमन कहिन, “हे परभू, का तेंह चाहथस कि हमन हुकूम देवन कि अकास ले आगी गिरय अऊ ये सामरीमन ला नास कर देवय।” \v 55 पर यीसू ह पलटिस अऊ ओमन ला दबकारिस। \v 56 तब ओमन आने गांव ला चल दीन। \s1 यीसू के पाछू चले के कीमत \r (मत्ती 8:19‑22) \p \v 57 जब ओमन डहार म जावत रिहिन, त एक मनखे ह यीसू ला कहिस, “तेंह जिहां कहूं घलो जाबे, मेंह तोर पाछू-पाछू चलहूं।” \p \v 58 यीसू ह ओला कहिस, “कोलिहामन बर रहे के बिल हवय अऊ अकास के चिरईमन के बसेरा हवय, पर मनखे के बेटा के मुड़ ला थेबे बर घलो कोनो जगह नइं ए।” \p \v 59 यीसू ह आने मनखे ला कहिस, “मोर पाछू हो ले।” \p पर ओ मनखे ह जबाब दीस, “हे परभू, पहिली मोला जावन दे कि मेंह अपन मरे ददा ला माटी दे दंव।” \p \v 60 यीसू ह ओला कहिस, “मुरदामन ला अपन मुरदा गाड़न दे, पर तेंह जा अऊ परमेसर के राज के परचार कर।” \p \v 61 एक अऊ मनखे ह कहिस, “मेंह तोर पाछू चलहूं, परभू; पर पहिली मोला जावन दे कि मेंह अपन परिवार के मनखेमन ले बिदा होके आवंव।” \p \v 62 यीसू ह ओला कहिस, “जऊन कोनो हांथ ले मुठिया पकड़के नांगर जोते के सुरू करथे अऊ बार-बार मुड़के पाछू ला देखथे, ओह परमेसर के राज के लईक नो हय।” \c 10 \s1 यीसू ह बहत्तर झन ला पठोथे \p \v 1 एकर बाद, परभू ह अऊ आने बहत्तर मनखेमन ला चुनिस। जऊन-जऊन सहर अऊ जगह म ओह खुदे जवइया रिहिस, उहां ओमन ला दू-दू झन करके अपन आघू पठोईस। \v 2 यीसू ह ओमन ला कहिस, “खेत म फसल तो बहुंते हवय, पर बनिहारमन थोरकन हवंय। एकरसेति, फसल के मालिक ले बिनती करव कि ओह अपन फसल ला लुए बर बनिहारमन ला पठोवय। \v 3 जावव! मेंह तुमन ला मेढ़ा-पीलामन सहीं भेड़ियामन के बीच म पठोवत हंव। \v 4 अपन संग म पईसा रखे के थैली या झोला या पनही झन लेवव; अऊ डहार म कोनो ला जोहार झन करव। \p \v 5 “जब तुमन कोनो घर म जावव, त पहिली ये कहव, ‘ये घर म सांति होवय,’ \v 6 यदि उहां कोनो सांति के लईक होही, त तुम्हर सांति ह ओकर ऊपर ठहिरही, नइं तो येह तुम्हर करा लहुंट आही। \v 7 ओहीच घर म ठहिरव, अऊ जऊन कुछू ओमन तुमन ला देथें—खावव अऊ पीयव, काबरकि बनिहार ला ओकर बनी मिलना चाही। घर-घर झन फिरत रहव। \p \v 8 “जब तुमन कोनो सहर म जावव अऊ मनखेमन उहां तुम्हर सुवागत करथें, त जऊन कुछू तुमन ला परोसे जावय, ओला खावव। \v 9 उहां के बेमार मनखेमन ला बने करव अऊ ओमन ला कहव, ‘परमेसर के राज ह तुम्हर लकठा म आ गे हवय।’ \v 10 पर जब तुमन कोनो सहर म जावव अऊ मनखेमन उहां तुम्हर सुवागत नइं करंय, त उहां के सड़कमन म जावव अऊ कहव, \v 11 ‘अऊ त अऊ तुम्हर सहर के धुर्रा ला घलो जऊन ह हमर गोड़ म लगे हवय, हमन तुमन ला चेतउनी के रूप म झर्रा देवत हन। तभो ले तुमन येला निस्चित रूप से जान लेवव कि परमेसर के राज ह लकठा म आ गे हवय।’ \v 12 मेंह तुमन ला कहत हंव कि नियाय के दिन म परमेसर ह सदोम सहर के ऊपर जादा दया करही, एकर बनिस्पत कि ओ सहर ऊपर। \p \v 13 “धिक्कार ए तोला, खुराजीन! धिक्कार ए तोला, बैतसैदा। जऊन चमतकार के काम तुमन म करे गीस, यदि ओ काम सूर अऊ सीदोन सहर म करे गे होतिस, त ओमन बहुंत पहिली टाट के कपड़ा ओढ़के अऊ राख म बईठके पछताप कर चुके होतिन। \v 14 पर परमेसर ह नियाय के दिन सूर अऊ सीदोन सहर के मनखेमन ऊपर जादा दया करही, एकर बनिस्पत कि तुम्हर ऊपर। \v 15 अऊ तें कफरनहूम! का तेंह अकास तक ऊंचा उठाय जाबे! नइं! तेंह खाल्हे पाताल-लोक\f + \fr 10:15 \fr*\ft मिरतू-लोक\ft*\f* ला चले जाबे। \p \v 16 “जऊन कोनो तुम्हर बात ला सुनथे, ओह मोर बात ला सुनथे। जऊन कोनो तुमन ला स्वीकार नइं करय, ओह मोला स्वीकार नइं करय; अऊ जऊन कोनो मोला स्वीकार नइं करय, ओह परमेसर ला स्वीकार नइं करय, जऊन ह मोला पठोय हवय।” \p \v 17 बाद म, जब ओ बहत्तर मनखेमन आनंद सहित लहुंटिन अऊ कहिन, “हे परभू, अऊ त अऊ परेत आतमामन हमर बस म हो गीन, जब हमन ओमन ला तोर नांव म हुकूम देंन।” \p \v 18 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह सैतान ला बिजली सहीं स्वरग ले गिरत देखेंव। \v 19 सुनव! मेंह तुमन ला अधिकार दे हवंव कि तुमन सांप अऊ बिच्छूमन ला गोड़ ले कुचरव अऊ सैतान के जम्मो सक्ति ऊपर जय पावव, अऊ कोनो चीज ले तुम्हर हानि नइं होही। \v 20 पर ये बात खातिर आनंद झन मनावव कि परेत आतमामन तुम्हर बस म हो जाथें, पर ये बात खातिर आनंद मनावव कि तुम्हर नांव ह स्वरग म परमेसर के किताब म लिखाय हवय।” \p \v 21 ओही बेरा यीसू ह पबितर आतमा के दुवारा आनंद ले भर गीस अऊ कहिस, “हे ददा, स्वरग अऊ धरती के परभू, मेंह तोर धनबाद करत हंव, काबरकि तेंह ये बातमन ला बुद्धिमान अऊ गियानी मनखेमन ले छुपाय रखय, पर येला छोटे लइकामन ऊपर परगट करय। हव, ददा, ये काम करे म तोला खुसी होईस। \p \v 22 “मोर ददा ह मोला जम्मो चीज ला सऊंप दे हवय। ददा के छोंड़ अऊ कोनो बेटा ला नइं जानंय, अऊ ददा ला कोनो नइं जानंय, सिरिप बेटा ह जानथे अऊ ओमन घलो जानथें, जऊन मन ला बेटा ह चुनथे कि ओमन ऊपर ददा ला उजागर करे।” \p \v 23 तब यीसू ह अपन चेलामन कोति मुहूं करके ओमन ला चुपेचाप कहिस, “धइन अंय ओ मनखेमन, जऊन मन ये चीजमन ला देखथें, जऊन ला तुमन देखत हवव। \v 24 काबरकि मेंह तुमन ला कहथंव कि कतको अगमजानी अऊ राजामन चाहिन कि जऊन चीज ला तुमन देखत हवव, ओला देखंय, पर देख नइं सकिन, अऊ ओमन चाहिन कि जऊन बात ला तुमन सुनत हव, ओला सुनंय, पर ओमन सुन नइं सकिन।” \s1 दयालु सामरी मनखे के पटंतर \p \v 25 एक बार अइसने होईस कि मूसा के कानून के एक जानकार ह ठाढ़ होईस अऊ यीसू ला परखे बर ओह कहिस, “हे गुरू, परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाय बर मेंह का करंव।” \p \v 26 यीसू ह ओला कहिस, “मूसा के दुवारा लिखे कानून ह का कहिथे? तेंह येला कइसने समझथस?” \p \v 27 ओ मनखे ह जबाब दीस, “परभू अपन परमेसर ले अपन पूरा हिरदय अऊ अपन पूरा परान अऊ अपन पूरा सक्ति अऊ अपन पूरा मन ले मया करव\f + \fr 10:27 \fr*\ft \+xt ब्यव 6:5\+xt*\ft*\f* अऊ अपन परोसी ला अपन सहीं मया करव।”\f + \fr 10:27 \fr*\ft \+xt लैव्य 19:18\+xt*\ft*\f* \p \v 28 यीसू ह कहिस, “तेंह सही जबाब दे हवस, अइसनेच कर, त तेंह जीयत रहिबे।” \p \v 29 पर ओ मनखे ह अपनआप ला सही ठहिराय चाहत रिहिस, एकरसेति ओह यीसू ले पुछिस, “मोर परोसी कोन ए?” \p \v 30 यीसू ह ये जबाब दीस, “एक मनखे ह यरूसलेम सहर ले यरीहो सहर जावत रिहिस अऊ डहार म ओह डाकूमन के हांथ म पड़ गीस। डाकूमन ओकर कपड़ा ला उतार लीन, ओला मारिन-पीटिन अऊ ओला अधमरहा छोंड़के चले गीन। \v 31 अइसने होईस कि एक पुरोहित ह ओहीच डहार म जावत रहय, अऊ जब ओह ओ मनखे ला उहां पड़े देखिस, त ओह आने कोति ले कतरा के निकल गीस। \v 32 अइसनेच एक लेवी घलो उहां आईस अऊ ओ मनखे ला देखिस, अऊ आने कोति ले कतरा के चल दीस। \v 33 पर एक सामरी मनखे जऊन ह ओ डहार म जावत रिहिस; ओ मनखे करा हबरिस, अऊ जब ओला देखिस, त ओ सामरी मनखे ला ओकर ऊपर दया आईस। \v 34 ओह ओकर करा गीस अऊ ओकर घावमन म तेल अऊ अंगूर के मंद डारके ओमा पट्टी बांधिस। तब ओह ओ मनखे ला अपन खुद के गदहा ऊपर चघाईस अऊ ओला एक ठन धरमसाला म ले गीस अऊ ओकर देखभाल करिस। \v 35 दूसर दिन ओह दू ठन दीनार निकालिस अऊ ओला धरमसाला के रखवार ला देके कहिस, ‘तें एकर देखभाल कर, अऊ जब मेंह लहुंटके आहूं, त तोर जऊन अतकिहा खरचा ओकर ऊपर होही, तोला वापिस कर दूहूं।’ ” \p \v 36 अब यीसू ह कानून के जानकार ले पुछिस, “तोर बिचार म, ओ तीनों म ले कोन ह ओ मनखे के परोसी होईस, जऊन ह डाकूमन के हांथ म पड़ गे रिहिस?” \p \v 37 कानून के जानकार ह कहिस, “ओ मनखे जऊन ह ओकर ऊपर दया करिस।” यीसू ह ओला कहिस, “तेंह जा अऊ वइसनेच कर।” \s1 यीसू ह मारथा अऊ मरियम के घर जाथे \p \v 38 यीसू अऊ ओकर चेलामन जावत रिहिन, त ओमन एक गांव म आईन। उहां मारथा नांव के एक माईलोगन ह ओला अपन घर म ठहिराईस। \v 39 ओकर मरियम नांव के एक बहिनी रिहिस, जऊन ह परभू के गोड़ खाल्हे बईठके ओकर उपदेस ला सुनत रिहिस। \v 40 पर मारथा ह बहुंत काम करत बिचलित हो गीस; अऊ ओह परभू करा आके कहिस, “हे परभू, का तोला कुछू धियान नइं ए कि मोर बहिनी ह मोला काम करे बर एके झन छोंड़ दे हवय? ओला कह कि ओह मोर मदद करय।” \p \v 41 परभू ह ओला जबाब दीस, “मारथा, हे मारथा, तेंह बहुंते बातमन के बिसय म चिंता करथस अऊ परेसान होथस, \v 42 पर सिरिप एके ठन बात के जरूरत हवय। मरियम ह उत्तम भाग ला चुन ले हवय, अऊ येला ओकर ले अलग नइं करे जावय।” \c 11 \s1 पराथना के बिसय म यीसू के सिकछा \r (मत्ती 6:9‑13) \p \v 1 एक दिन यीसू ह एक जगह म पराथना करत रिहिस। जब ओह पराथना कर लीस, त ओकर एक झन चेला ह ओला कहिस, “हे परभू, जइसने यूहन्ना बतिसमा देवइया ह अपन चेलामन ला पराथना करे बर सिखोय रिहिस, वइसने तेंह घलो हमन ला पराथना करे बर सिखा।” \p \v 2 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जब तुमन पराथना करव, त अइसने कहव: \q1 “ ‘हे ददा,\f + \fr 11:2 \fr*\ft कुछू हस्तलिपि म \ft*\fqa हे हमर स्वरगीय ददा\fqa*\f* \q1 तोर नांव ह पबितर माने जावय, \q1 तोर राज आवय। \q1 \v 3 हमन ला हर दिन हमर भोजन दे। \q1 \v 4 हमर पापमन ला छेमा कर दे, \q2 काबरकि जऊन मन हमर बिरूध पाप करथें, ओमन ला हमन छेमा करथन। \q1 अऊ हमन ला परिछा म झन पड़न दे।\f + \fr 11:4 \fr*\ft कुछू हस्तलिपि म \ft*\fqa पर हमन ला बुरई ले बचा\fqa*\f*’ ” \p \v 5 तब यीसू ह अपन चेलामन ले कहिस, “मान लव, तुमन ले एक झन के एक संगवारी हवय अऊ ओह अपन संगवारी करा आधा रथिया जाके कहिथे, ‘ए संगवारी, मोला तीन ठन रोटी उधार देय दे, \v 6 काबरकि एक झन मोर संगवारी ह कहीं जावथे अऊ ओह अभीच मोर करा आय हवय, अऊ मोर करा ओला खवाय बर कुछू नइं ए।’ \v 7 तब भीतर ले ओह जबाब देथे, ‘मोला परेसान झन कर। कपाट म ताला लग चुके हवय, अऊ मोर लइकामन मोर संग खटिया म हवंय। एकरसेति मेंह उठके तोला कुछू नइं दे सकंव।’ \v 8 मेंह तुमन ला कहत हंव, हालाकि एक संगवारी के रूप म ओह उठके ओला रोटी नइं दीही, पर लाज-सरम ला छोंड़के ओकर मांगे के कारन, ओह उठही अऊ ओकर जरूरत के मुताबिक ओला दीही। \p \v 9 “एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव: मांगव, त तुमन ला दिये जाही; खोजव, त तुमन पाहू; खटखटावव, त कपाट ह तुम्हर बर खोले जाही। \v 10 काबरकि जऊन ह मांगथे, ओला मिलथे; जऊन ह खोजथे, ओह पाथे; अऊ जऊन ह खटखटाथे, ओकर बर कपाट ह खोले जाथे। \p \v 11 “तुमन ले अइसने कोन ददा होही कि कहूं ओकर बेटा ह एक ठन मछरी मांगथे, त ओला सांप देथे? \v 12 या कहूं ओह एक ठन अंडा मांगय, त ओह ओला बिच्छू दीही? \v 13 जब तुम्हर सहीं खराप मनखेमन अपन लइकामन ला बने चीज के भेंट देय बर जानथव, त स्वरग म रहइया तुम्हर ददा ह कतेक जादा ओमन ला पबितर आतमा दीही, जऊन मन ओकर ले मांगथें!” \s1 यीसू अऊ परेत आतमामन के नेता बालजबूल \r (मत्ती 12:22‑30; मरकुस 3:20‑27) \p \v 14 यीसू ह एक कोंदा परेत आतमा ला निकालत रिहिस। जब परेत आतमा ह निकल गीस, त कोंदा मनखे ह गोठियाय लगिस, अऊ मनखेमन अचम्भो करिन। \v 15 पर ओमा ले कुछू झन कहिन, “येह परेत आतमामन के सरदार बालजबूल के मदद ले परेत आतमामन ला निकालत हवय।” \v 16 आने मन ओला परखे खातिर स्वरग ले कोनो चिनहां देखाय बर कहिन। \p \v 17 यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानत रिहिस, एकरसेति ओह ओमन ला कहिस, “कोनो राज म फूट पड़ जावय, त ओह नास हो जाही, अऊ वइसनेच कोनो परिवार म फूट पड़ जावय, त ओह अलग-अलग हो जाही। \v 18 एकरसेति कहूं सैतान ह अपन खुद के बिरोधी हो गे हवय, तब ओकर राज ह कइसने बने रह सकथे? मेंह ये बात कहत हंव काबरकि तुमन कहिथव कि मेंह बालजबूल के सक्ति ले परेत आतमामन ला निकालथंव। \v 19 यदि मेंह बालजबूल के मदद ले परेत आतमामन ला निकालथंव, त फेर तुम्हर चेलामन काकर मदद ले ओमन ला निकालथें? एकरसेति, ओही मन तुम्हर नियाय करहीं। \v 20 पर यदि मेंह परमेसर के सामर्थ ले परेत आतमामन ला निकालथंव, त फेर परमेसर के राज ह तुम्हर करा आ गे हवय। \p \v 21 “जब एक बलवान मनखे, अपन जम्मो हथियार सहित अपन घर के रखवारी करथे, तब ओकर संपत्ति ह सही-सलामत रहिथे। \v 22 पर जब कोनो ओकर ले बलवान मनखे ओकर ऊपर चढ़ई करथे अऊ ओला काबू म कर लेथे, तब ओह ओ घरवाला के जम्मो हथियार जेकर ऊपर ओकर भरोसा रिहिस, छीन लेथे, अऊ ओह लूटके संपत्ति ला बांट देथे। \p \v 23 “जऊन ह मोर संग नइं ए, ओह मोर बिरोध म हवय, अऊ जऊन ह मोर संग नइं संकेलय, ओह बगराथे। \p \v 24 “जब एक असुध आतमा ह कोनो मनखे म ले बाहिर निकलथे, त ओह सुरताय के ठिकाना खोजत सूखा ठऊरमन म जाथे, पर ओला कोनो जगह नइं मिलय। तब ओह कहिथे, ‘जऊन घर ला मेंह छोंड़के आय रहेंव, मेंह ओहीच घर म लहुंट जाहूं।’ \v 25 अऊ जब ओह लहुंटके आथे, त ओह ओ घर ला सूना, झाड़े-बहारे अऊ सजे-धजे पाथे। \v 26 तब ओह जाथे अऊ अपन ले घलो जादा खराप सात ठन आने आतमामन ला ले आथे, अऊ ओमन ओ मनखे म जाथें अऊ उहां बस जाथें। अऊ ओ मनखे के आखिरी दसा ह पहिली ले अऊ खराप हो जाथे।” \p \v 27 जब यीसू ह ये बातमन ला कहत रिहिस, त भीड़ म ले एक माईलोगन ह उठके चिचियाके कहिस, “धइन ए ओ दाई, जऊन ह तोला अपन पेट ले जनम दीस अऊ तोला अपन छाती के दूध पीयाईस।” \p \v 28 पर यीसू ह कहिस, “हव! पर जादा धइन ओ मनखेमन अंय, जऊन मन परमेसर के बचन ला सुनथें अऊ ओकर पालन करथें।” \s1 योना अगमजानी के चिनहां \r (मत्ती 12:38‑42) \p \v 29 जब भीड़ ह बढ़त गीस, त यीसू ह कहिस, “ये पीढ़ी के मनखेमन दुस्ट अंय। येमन चिनहां के मांग करथें, पर येमन ला योना अगमजानी के चिनहां के छोंड़ अऊ कोनो चिनहां नइं दिये जावय। \v 30 जइसने योना अगमजानी नीनवे सहर के मनखेमन बर एक ठन चिनहां रिहिस, वइसने मनखे के बेटा ह ये पीढ़ी के मनखेमन बर एक ठन चिनहां होही। \v 31 नियाय के दिन दक्खिन दिग के रानी ह ये पीढ़ी के मनखेमन संग ठाढ़ होही अऊ येमन ऊपर दोस लगाही, काबरकि ओ रानी ह राजा सुलेमान के गियान के बात ला सुने बर धरती के छोर ले आय रिहिस। पर देखव! इहां एक झन हवय, जऊन ह राजा सुलेमान ले घलो बड़के हवय। \v 32 नियाय के दिन नीनवे सहर के मनखेमन, ये पीढ़ी के मनखेमन संग ठाढ़ होहीं, अऊ येमन ऊपर दोस लगाहीं, काबरकि ओमन योना के संदेस ला सुनके मन फिराईन। पर देखव! इहां एक झन हवय, जऊन ह योना ले घलो बड़के अय। \s1 देहें के दीया \r (मत्ती 5:15; 6:22‑23) \p \v 33 “कोनो घलो मनखे दीया ला बारके अइसन जगह म नइं रखय, जिहां ओह छुप जावय या ओला बड़े कटोरा के खाल्हे म नइं रखय। पर ओह दीया ला दीवट ऊपर रखथे, ताकि जऊन मन भीतर आवंय, ओमन अंजोर ला देखंय। \v 34 तोर आंखी ह तोर देहें के दीया अय। जब तोर आंखीमन ठीक हवंय, त तोर जम्मो देहें ह घलो अंजोर ले भरे हवय। पर जब तोर आंखीमन खराप हवंय, त तोर देहें ह घलो पूरा अंधियार ले भरे हवय। \v 35 एकरसेति धियान रहय कि जऊन अंजोर तुमन म हवय, ओह अंधियार नो हय। \v 36 यदि तोर जम्मो देहें ह अंजोर ले भरे हवय, अऊ एकर कोनो भाग अंधियार म नइं ए, त तोर जम्मो देहें ह अइसने पूरा अंजोर हो जाही, जइसने जब कोनो दीया के अंजोर ह तोर ऊपर चमकथे।” \s1 फरीसी अऊ कानून के जानकारमन ऊपर धिक्कार \r (मत्ती 23:1‑36; मरकुस 12:38‑40) \p \v 37 जब यीसू ह गोठिया चुकिस, त एक फरीसी ह ओला अपन संग खाना खाय बर नेवता दीस। यीसू ह ओकर घर म गीस अऊ खाय बर बईठिस। \v 38 फरीसी ह ये देखके अचम्भो करिस कि यीसू ह खाना खाय के पहिली अपन हांथ ला नइं धोईस। \p \v 39 तब परभू ह ओला कहिस, “तुम फरीसीमन कटोरा अऊ थाली के बाहिर ला तो मांजथव, पर तुम्हर भीतर म लालच अऊ बुरई भरे हवय। \v 40 हे मुरूख मनखेमन! परमेसर, जऊन ह बाहिर भाग ला बनाईस, का ओह भीतरी भाग ला घलो नइं बनाईस? \v 41 पर जहां तक ओ चीज के बात ए, जऊन ह तुम्हर भीतर म हवय—ओकर बारे म गरीबमन बर उदार बनव, अऊ हर एक चीज तुम्हर बर साफ हो जाही। \p \v 42 “हे फरीसीमन! तुम्हर ऊपर धिक्कार ए, काबरकि तुमन परमेसर ला अपन पोदीना, सुदाब, अऊ बारी के जम्मो किसम के साग-भाजी के दसवां भाग ला देथव, पर तुमन नियाय अऊ परमेसर के मया ला टार देथव। तुमन ला चाही कि ये दूसर काम ला करव अऊ पहिली ला घलो झन छोंड़व। \p \v 43 “हे फरीसीमन, तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन ला यहूदीमन के सभा-घर म सबले बने आसन म बईठई अऊ बजार के जगह म आदर के संग जोहार झोंकई, बने लगथे। \p \v 44 “तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन बिगर चिनहां लगाय कबरमन सहीं अव, जेकर ऊपर मनखेमन बिगर जाने चलथें।” \p \v 45 कानून के एक जानकार ह यीसू ला कहिस, “हे गुरू, ये बातमन ला कहिके, तेंह हमर घलो बेजत्ती करत हस।” \p \v 46 यीसू ह कहिस, “अऊ हे कानून के जानकारमन! तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन मनखेमन ला बोझा ले लाद देथव, जऊन ला ओमन बहुंत मुसकुल से उठा सकथें, पर तुमन खुद ओमन के मदद करे बर अपन एक ठन अंगरी घलो नइं उठावव। \p \v 47 “तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन ओ अगमजानीमन के कबर बनाथव, जऊन मन ला तुम्हर पुरखामन मार डारे रिहिन। \v 48 ये किसम ले तुमन खुदे मान लेथव कि जऊन कुछू तुम्हर पुरखामन करिन, ओह सही रिहिस; काबरकि ओमन अगमजानीमन ला मार डारिन, अऊ तुमन ओमन के कबर बनाथव। \v 49 एकर कारन, परमेसर ह अपन बुद्धि म कहिस, ‘मेंह ओमन करा अगमजानी अऊ प्रेरितमन ला पठोहूं। ओमा ले कुछू झन ला ओमन मार डारहीं अऊ आने मन ला सताहीं।’ \v 50 एकर खातिर, ये पीढ़ी के मनखेमन ओ जम्मो अगमजानीमन के खून के जिम्मेदार ठहिराय जाहीं, जऊन मन ला संसार के सुरू ले मार डारे गे हवय, \v 51 हाबिल के खून ले लेके जकरयाह के खून तक, जऊन ला बेदी अऊ पबितर-स्थान के बीच म मारे गे रिहिस। हव, मेंह तुमन ला कहत हंव, ये पीढ़ी के मनखेमन ये जम्मो बात के जिम्मेदार ठहिराय जाहीं। \p \v 52 “कानून के जानकारमन! तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन गियान के कुची ला ले लेय हव। तुमन खुद ओकर भीतर नइं गेव, अऊ तुमन ओमन ला घलो रोक दे हवव, जऊन मन भीतर जावत रिहिन।” \p \v 53 जब यीसू ह बाहिर निकल गीस, त फरीसी अऊ कानून के गुरूमन ओकर पाछू पड़के बहुंत बिरोध करे लगिन अऊ ओकर ले बहुंते चीज के बारे म सवाल करे लगिन। \v 54 असल म ओमन ये ताक म रहंय कि यीसू के मुहूं ले कोनो गलत बात निकले अऊ ओमन ओला पकड़ लें। \c 12 \s1 चेतउनी अऊ उत्साह \r (मत्ती 10:26‑27) \p \v 1 इही दौरान हजारों मनखेमन के भीड़ लग गीस अऊ ओमन एक-दूसर ऊपर गिरे पड़त रिहिन, त यीसू ह पहिली अपन चेलामन ला कहे के सुरू करिस, “फरीसीमन के खमीर ले सचेत रहव, मतलब कि ओमन के ढोंगीपन ले सचेत रहव। \v 2 कुछू घलो बात ढंके नइं ए, जऊन ला उघारे नइं जाही या कुछू भी बात छिपे नइं ए, जऊन ला बताय नइं जाही। \v 3 एकरसेति, जऊन बात तुमन अंधियार म कहे हवव, ओह दिन के अंजोर म सुने जाही, अऊ जऊन बात तुमन भीतर के खोली म मनखेमन के कान म चुपेचाप कहे हवय, ओला घर के छानी ऊपर ले खुलेआम बताय जाही। \p \v 4 “मोर संगवारीमन, मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओमन ले झन डरव, जऊन मन देहें ला घात करथें अऊ ओकर बाद ओमन अऊ कुछू नइं कर सकंय। \v 5 पर मेंह तुमन ला बतावत हंव कि तुमन ला काकर ले डरना चाही। ओकर ले डरव, जेकर करा तुमन ला मारे के बाद नरक म डारे के अधिकार हवय। हव, मेंह तुमन ला कहत हंव, ओकरेच ले डरव। \v 6 पांच ठन गौरइया चिरई कतेक म बेचाथे? दू पईसा ले जादा म नइं बेचावय। तभो ले परमेसर ह ओमा ले एको ठन ला नइं भुलावय। \v 7 अऊ त अऊ तुम्हर मुड़ के जम्मो चुंदीमन गने गे हवंय। झन डरव; तुमन गौरइया चिरईमन ले जादा कीमत के अव। \p \v 8 “मेंह तुमन ला कहत हंव कि जऊन कोनो मोला मनखेमन के आघू म स्वीकार करथे, ओला मनखे के बेटा घलो परमेसर के स्वरगदूतमन के आघू म स्वीकार करही। \v 9 पर जऊन ह मोला मनखेमन के आघू म इनकार करथे, ओला मनखे के बेटा घलो परमेसर के स्वरगदूतमन के आघू म इनकार करही। \v 10 अऊ जऊन ह मनखे के बेटा के बिरोध म कोनो बात कहिथे, त ओला माफ करे जाही, पर जऊन ह पबितर आतमा के बिरोध म निन्दा करथे, ओला माफ नइं करे जावय। \p \v 11 “जब मनखेमन तुमन ला यहूदीमन के सभा-घर, सासन करइया अऊ अधिकारीमन के आघू म लानथें, त ये बात के चिंता झन करव कि तुमन अपन बचाव कइसने करहू या ओमन के आघू म का कहिहू, \v 12 काबरकि पबितर आतमा ह ओहीच बेरा तुमन ला ये बात ला सिखा दीही कि तुमन ला का कहना चाही।” \s1 एक मुरूख धनवान मनखे के पटंतर \p \v 13 भीड़ म ले एक मनखे ह यीसू ला कहिस, “हे गुरू, मोर भाई ले कह कि ओह मोर संग ओ संपत्ति के बंटवारा करय, जऊन ला हमर ददा हमर बर छोंड़ गे हवय।” \p \v 14 यीसू ह ओला कहिस, “हे मनखे, कोन ह मोला तुम्हर नियायधीस या तुम्हर बीच म संपत्ति के बंटवारा करइया ठहिराईस?” \v 15 तब ओह ओमन ला कहिस, “सचेत रहव! अपनआप ला जम्मो किसम के लालच ले दूर रखव; काबरकि मनखे के जिनगी ह ये बात ले नइं बनय कि ओकर करा कतेक जादा संपत्ति हवय।” \p \v 16 तब यीसू ह ओमन ला ये पटंतर कहिस, “एक धनवान मनखे के खेत म बहुंत फसल होईस। \v 17 ओह अपन मन म सोचिस, ‘अब मेंह का करंव? मोर करा मोर फसल ला कुढ़ोय के जगह नइं ए।’ \p \v 18 “ओह कहिस, ‘मेंह अइसने करहूं—मेंह अपन कोठारमन ला टोरके ओकर ले बड़े-बड़े कोठार बनाहूं, अऊ उहां मेंह अपन जम्मो अनाज अऊ दूसर माल-मत्ता ला रखहूं।’ \v 19 तब में अपनआप ले कहिहूं, ‘तोर करा बहुंत संपत्ति हवय, जऊन ह बहुंते साल तक चलही। अपन जिनगी के चिंता झन कर; खा, पी अऊ खुसी मना।’ \p \v 20 “पर परमेसर ह ओला कहिस, ‘हे मुरूख मनखे! इहीच रथिया तोर परान ला ले लिये जाही; तब ये जम्मो चीज काकर होही, जऊन ला तेंह अपन बर रखे हवस।’ \p \v 21 “अइसनेच हर एक ओ मनखे के संग होही, जऊन ह अपन बर धन संकेलथे, पर परमेसर के नजर म धनवान नो हय।” \s1 चिंता झन करव \r (मत्ती 6:25‑34) \p \v 22 तब यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “एकरसेति मेंह तुमन ला कहत हंव, अपन जिनगी के बारे म चिंता झन करव कि तुमन का खाहू, या अपन देहें के बारे म चिंता झन करव कि तुमन का पहिरहू। \v 23 जिनगी ह भोजन ले जादा महत्व के अय, अऊ देहें ह ओनहा ले जादा महत्व रखथे। \v 24 कऊआ चिरईमन के बारे सोचव: ओमन न कुछू बोवंय अऊ न लुवंय; ओमन करा न भंडारघर हवय न ही कोठार; तभो ले परमेसर ओमन ला खवाथे। तुमन तो चिरईमन ले जादा महत्व के अव। \v 25 तुमन म अइसने कोनो हवय, जऊन ह चिंता करे के दुवारा अपन जिनगी के एको घरी ला घलो बढ़ा सकथे? \v 26 जब तुमन ये बहुंत छोटे चीज ला नइं कर सकव, त तुमन आने बड़े चीजमन के बारे म चिंता काबर करथव? \p \v 27 “सोचव कि जंगली फूलमन कइसने बाढ़थें; ओमन न मेहनत करंय अऊ न ही अपन बर ओनहा बिनंय। पर मेंह तुमन ला बतावत हंव, अऊ त अऊ सुलेमान सहीं धनी राजा घलो येमन ले काकरो सहीं सुघर कपड़ा नइं पहिरे रिहिस। \v 28 जब परमेसर ह भुइयां के कांदी ला अइसने ओनहा पहिराथे, जऊन ह आज इहां हवय अऊ कल आगी म झोंक दिये जाही, त हे अल्‍प बिसवासीमन, का ओह तुमन ला अऊ बने ओनहा नइं पहिराही। \v 29 अऊ एकर धियान म झन रहव कि तुमन का खाहू या का पीहू; एकर चिंता झन करव। \v 30 काबरकि ये संसार म मूरती-पूजा करइयामन ये जम्मो चीज के खोज म रहिथें, अऊ तुम्हर ददा परमेसर ह जानथे कि तुमन ला ये चीजमन के जरूरत हवय। \v 31 परमेसर के राज के खोज म रहव, त संग म ये चीजमन घलो तुमन ला दिये जाही। \p \v 32 “हे छोटे झुंड! झन डर, काबरकि तोर ददा परमेसर ह तोला राज देके खुस हवय। \v 33 अपन संपत्ति ला बेच अऊ गरीबमन ला दे। अपन बर अइसने बटुवा बनावव, जऊन ह जुन्ना नइं होवय, याने स्वरग म अपन धन जमा करव, जऊन ह कभू नइं घटय; जेकर लकठा म चोर नइं आ सकय अऊ जऊन ला कीरा घलो नास नइं कर सकय। \v 34 काबरकि जिहां तुम्हर धन हवय, उहां तुम्हर मन घलो लगे रहिही। \s1 सचेत सेवक \p \v 35 “तुमन सेवा करे बर हमेसा तियार रहव अऊ अपन दीया ला बारे रखव; \v 36 ओ सेवकमन सहीं, जऊन मन अपन मालिक के एक बिहाव भोज ले लहुंटे के बाट जोहत हवंय, ताकि जब ओह आवय अऊ कपाट ला खटखटावय, त ओमन तुरते ओकर बर कपाट ला खोल सकंय। \v 37 ओ सेवकमन बर येह खुसी के बात होही, जब ओमन के मालिक लहुंटके आथे, त ओमन ला जागत पाथे। मेंह तुमन ला सच कहत हंव—ओह खुदे सेवा करे बर सेवक के कपड़ा पहिरही; ओह ओमन ला खाना खवाय बर बईठाही अऊ आके ओमन के सेवा करही। \v 38 ओ सेवकमन बर येह बने बात होही, यदि ओमन के मालिक रथिया के दूसर या तीसरा पहर म आवय अऊ ओमन ला सचेत पावय। \v 39 पर ये बात ला समझ लेवव: यदि घर के मालिक ला मालूम होतिस कि चोर ह कतेक बेरा आही, त ओह अपन घर म सेंध नइं लगन देतिस। \v 40 तुमन घलो हमेसा तियार रहव, काबरकि मनखे के बेटा ह अइसने बेरा म आ जाही, जब तुमन ओकर आय के आसा नइं करत होहू।” \p \v 41 पतरस ह पुछिस, “हे परभू, ये पटंतर ला का तेंह हमर बर कहत हवस या फेर जम्मो झन बर?” \p \v 42 परभू ह जबाब देके कहिस, “तब ओ बिसवासयोग्य अऊ बुद्धिमान परबंधक कोन ए, जऊन ला मालिक ह अपन सेवकमन ऊपर मुखिया ठहिराथे, ताकि ओह सेवकमन ला सही समय म ओमन के खाना के भत्ता देवय। \v 43 येह ओ सेवक बर खुसी के बात होही कि जब ओकर मालिक ह आथे, त ओला अइसने करत पाथे। \v 44 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि मालिक ह ओ सेवक ला अपन जम्मो संपत्ति के जिम्मेदारी दे दीही। \v 45 पर यदि ओ सेवक ह अपन मन म ये कहय, मोर मालिक ह आय म अब्बड़ देरी करत हवय। अऊ अइसने सोचके ओह आने सेवक अऊ सेविकामन ला मारन-पीटन लगय, अऊ खावय-पीयय अऊ मतवार हो जावय। \v 46 तब ओ सेवक के मालिक ह एक अइसने दिन म आ जाही, जब ओह ओकर आय के आसा नइं करत होही अऊ ओकर आय के बेरा ला घलो नइं जानत होही। तब मालिक ह ओला कठोर सजा दीही अऊ ओला अबिसवासीमन के संग म रखही। \p \v 47 “ओ सेवक जऊन ह अपन मालिक के ईछा ला जानथे, पर तियार नइं रहय या जऊन बात ला ओकर मालिक चाहथे ओला नइं करय, त ओ सेवक ह बहुंत मार खाही। \v 48 पर जऊन सेवक ह अपन मालिक के ईछा ला नइं जानत हवय, अऊ बिगर जाने ओह गलत काम करथे, त ओह कम मार खाही। जऊन ला बहुंत दिये गे हवय, ओकर ले बहुंत मांगे जाही, अऊ जऊन ला बहुंत सऊंपे गे हवय, ओकर ले बहुंत लिये जाही। \s1 सांति नइं पर दलबंदी \r (मत्ती 10:34‑36) \p \v 49 “मेंह धरती म आगी लगाय बर आय हवंव, अऊ मेंह ये चाहत हंव कि बने होतिस कि येमा पहिली ले आगी लगे होतिस। \v 50 मोला एक बतिसमा म ले होके जाना हवय, अऊ जब तक ओह पूरा नइं हो जावय, मेंह बहुंत बियाकुल हवंव। \v 51 का तुमन ये सोचत हव कि मेंह धरती म सांति लाने बर आय हवंव। नइं, मेंह तुमन ला कहत हंव कि मेंह फूट डारे बर आय हवंव। \v 52 अब ले जब एक परिवार म पांच झन होहीं, त ओमन म फूट पड़ही; तीन झन ह दू झन के बिरोध म अऊ दू झन ह तीन झन के बिरोध म रहिहीं। \v 53 ददा ह अपन बेटा के बिरूध होही, त बेटा ह अपन ददा के बिरूध। दाई ह अपन बेटी के बिरूध होही, त बेटी ह अपन दाई के बिरूध; अऊ सास ह अपन बहू के बिरूध होही, त बहू ह अपन सास के बिरूध।” \s1 समय के पहिचान करई \r (मत्ती 16:2‑3) \p \v 54 यीसू ह मनखेमन के भीड़ ला घलो कहिस, “जब तुमन पछिम दिग म एक बादर उठत देखथव, त तुरते तुमन कहिथव कि ‘बारिस होवइया हवय;’ अऊ अइसनेच होथे। \v 55 अऊ जब दक्खिन दिग के हवा चलथे, ‘त तुमन कहिथव कि गरमी बढ़इया हवय,’ अऊ अइसनेच होथे। \v 56 हे ढोंगी मनखेमन! धरती अऊ अकास ला तुमन देखके जान लेथव कि एकर का मतलब होथे; तब तुमन ये समय के मतलब ला काबर नइं जानव? \p \v 57 “तुमन खुदे काबर फैसला नइं कर लेवव कि का सही ए? \v 58 यदि कोनो मनखे तुम्हर बिरोध म नालिस करय अऊ तुमन ला कचहरी म ले जावय, त तुमन भरसक कोसिस करव कि ओकर संग डहार म ही मामला के निपटारा हो जावय, नइं तो ओह तुमन ला नियायधीस करा खींचके ले जाही, अऊ नियायधीस ह तुमन ला पुलिस अधिकारी ला सऊंप दीही, अऊ पुलिस ह तुमन ला जेल म डार दीही। \v 59 मेंह तुमन ला कहत हंव कि जब तक तुमन कौड़ी-कौड़ी नइं चुका दूहू, तब तक उहां ले नइं छूट सकव।” \c 13 \s1 पाप ले पछताप करव या नास होवव \p \v 1 ओ समय उहां कुछू मनखेमन रिहिन। ओमन यीसू ला ओ गलील के मनखेमन के बारे म बताईन, जेमन ला पीलातुस ह मरवाय रिहिस, जब ओमन परमेसर ला बलिदान चघावत रिहिन। \v 2 ये सुनके यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “का तुमन ये सोचथव कि ये गलीलीमन आने जम्मो गलीली मनखेमन ले जादा पापी रिहिन, काबरकि ओमन ये किसम ले मारे गीन? \v 3 नइं! पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि यदि तुमन अपन पाप ले पछताप नइं करहू, त तुमन जम्मो झन घलो ओमन सहीं नास होहू। \v 4 या ओ अठारह झन के बारे म का सोचथव, जऊन मन मर गीन, जब ओमन के ऊपर सीलोम म गुम्मट ह गिरिस, का ओमन यरूसलेम म रहइया अऊ आने जम्मो झन ले जादा कसूरदार रिहिन? \v 5 नइं! मेंह तुमन ला कहत हंव कि यदि तुमन अपन पाप ले पछताप नइं करहू, त तुमन जम्मो झन घलो ओमन सहीं नास होहू।” \p \v 6 तब यीसू ह ये पटंतर कहिस, “एक मनखे के अंगूर के बारी म एक ठन अंजीर के रूख रिहिस। एक दिन ओ मनखे ह ओ रूख म फर देखे बर गीस, पर ओह एको ठन फर नइं पाईस। \v 7 एकरसेति ओह अपन बारी के माली ला कहिस, ‘देख, तीन साल ले मेंह ये अंजीर के रूख म फर देखे बर आवत हवंव पर एको ठन नइं पाय हवंव। ये रूख ला काट डार। येह काबर भुइयां ला घेरे रहिही।’ \p \v 8 “पर बारी के माली ह कहिस, ‘हे मालिक, येला एक बछर अऊ रहन दे; मेंह एकर चारों कोति माटी ला कोड़हूं अऊ ओमा खातू डालहूं। \v 9 कहूं येह अगले साल फरही, त ठीक। कहूं नइं फरही, त येला काट डारबे।’ ” \s1 यीसू ह एक अपंग माईलोगन ला चंगा करथे \p \v 10 एक बिसराम के दिन, यीसू ह एक ठन यहूदीमन के सभा-घर म उपदेस देवत रिहिस। \v 11 उहां एक माईलोगन रिहिस, जऊन ला परेत आतमा ह अठारह साल ले अपंग कर दे रिहिस। ओह कुबड़ी हो गे रिहिस अऊ कइसने करके घलो पूरा ठाढ़ नइं हो सकत रिहिस। \v 12 जब यीसू ह ओला देखिस, त ओला आघू म बलाईस अऊ ओकर ले कहिस, “हे नारी! तोर दुरबलता ह दूर हो जावय।” \v 13 तब यीसू ह ओकर ऊपर अपन हांथ रखिस, अऊ तुरते ओ माईलोगन ह सीधा ठाढ़ हो गीस अऊ परमेसर के महिमा करिस। \p \v 14 काबरकि यीसू ह ओ माईलोगन ला बिसराम दिन म बने करे रिहिस, एकरसेति सभा-घर के अधिकारी ह खिसियाईस अऊ मनखेमन ला कहिस, “काम करे बर छै दिन हवय। एकरसेति ओ दिनमन म आवव अऊ बने होवव, पर बिसराम दिन म नइं।” \p \v 15 परभू ह ओला ये जबाब दीस, “हे ढोंगी मनखेमन, का तुमन ले हर एक मनखे बिसराम दिन म अपन बईला या गदहा ला कोठा ले ढीलके पानी पीयाय बर नइं ले जावय? \v 16 तब ये माईलोगन जऊन ह अब्राहम के संतान अय, अऊ जऊन ला सैतान ह अठारह साल ले बांधके रखे रिहिस। का येह ठीक नो हय कि ओला बिसराम दिन म ये बंधन ले छुटकारा मिलय?” \p \v 17 जब यीसू ह ये बात कहिस, त ओकर जम्मो बिरोधीमन के बेजत्ती होईस, पर जऊन अद्भूत काम ओह करत रिहिस, ओकर ले मनखेमन खुस होईन। \s1 सरसों बीजा अऊ खमीर के पटंतर \r (मत्ती 13:31‑32, 33; मरकुस 4:30‑32) \p \v 18 तब यीसू ह पुछिस, “परमेसर के राज ह काकर सहीं अय? मेंह एकर तुलना काकर संग करंव? \v 19 येह ओकर सहीं अय, जब एक मनखे ह एक ठन सरसों के बीजा ला लीस अऊ अपन बारी म बोईस। ओह बाढ़िस, अऊ बाढ़के एक ठन रूख हो गीस, अऊ अकास के चिरईमन एकर डारामन म बसेरा करिन।” \p \v 20 यीसू ह फेर पुछिस, “मेंह परमेसर के राज के तुलना काकर संग करंव? \v 21 येह खमीर सहीं अय, जऊन ला एक माईलोगन ह लीस अऊ ओला तीन पसेरी\f + \fr 13:21 \fr*\ft लगभग 27 किलोग्राम\ft*\f* पीसान म मिलाके तब तक गुंथिस, जब तक कि जम्मो पीसान ह खमीर नइं हो गीस।” \s1 संकरा कपाट \r (मत्ती 7:13‑14, 21‑23) \p \v 22 यीसू ह यरूसलेम सहर जावत बेरा, डहार म ओह सहर अऊ गांवमन म उपदेस करत गीस। \v 23 एक झन ओकर ले पुछिस, “हे परभू, का सिरिप थोरकन मनखेमन उद्धार पाहीं?” \p यीसू ह ओमन ला कहिस, \v 24 “संकरा कपाट ले होके जाय के भरसक कोसिस करव; काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव कि बहुंते मनखेमन येमा ले जाय के कोसिस करहीं, पर जाय नइं सकहीं। \v 25 जब एक बार घर के मालिक ह उठही अऊ कपाट ला बंद कर दीही, त तुमन बाहिर म ठाढ़े रही जाहू अऊ कपाट ला खटखटावत ये बिनती करहू, ‘हे परभू, हमर बर कपाट ला खोल दे।’ \p “पर ओह तुमन ला ये जबाब दीही, ‘मेंह नइं जानंव कि तुमन कहां ले आय हवव।’ \p \v 26 “तब तुमन कहिहू, ‘हमन तोर संग खाय-पीये रहेंन, अऊ तेंह हमर गली म उपदेस दे हवस।’ \p \v 27 “पर ओह जबाब दीही, मेंह नइं जानंव कि तुमन कहां ले आय हवव। हे कुकरमीमन! तुमन जम्मो झन मोर ले दूरिहा हटव। \p \v 28 “जब तुमन उहां अब्राहम, इसहाक, याकूब अऊ जम्मो अगमजानीमन ला परमेसर के राज म बईठे अऊ अपनआप ला बाहिर फेंके हुए देखहू, त तुमन रोहू अऊ अपन दांत पीसहू। \v 29 मनखेमन पूरब, पछिम अऊ उत्तर, दक्खिन, चारों दिग ले आहीं अऊ परमेसर के राज के भोज म सामिल होहीं। \v 30 अऊ देखव! जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन पहिली हो जाहीं; अऊ जऊन मन पहिली हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं।” \s1 यरूसलेम सहर बर यीसू के दुख \r (मत्ती 23:37‑39) \p \v 31 ओतकी बेरा कुछू फरीसीमन यीसू करा आईन अऊ ओला कहिन, “तेंह ये जगह ला छोंड़के कहीं अऊ चल दे; काबरकि हेरोदेस राजा ह तोला मार डारे बर चाहथे।” \p \v 32 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जावव अऊ ओ कोलिहा ले कहव, ‘आज अऊ कल मेंह परेत आतमामन ला निकालहूं अऊ बेमार मनखेमन ला बने करहूं, अऊ तीसरा दिन मोर काम ह पूरा हो जाही।’ \v 33 कुछू घलो होवय, मोला आज, कल अऊ परसों चलते रहना जरूरी ए—काबरकि येह नइं हो सकय कि एक अगमजानी ह यरूसलेम सहर के बाहिर म मरय। \p \v 34 “हे यरूसलेम सहर! हे यरूसलेम सहर! तेंह अगमजानीमन ला मार डारथस अऊ जेमन ला तोर करा पठोय जाथे, ओमन ला तेंह पथरा ले मारथस। मेंह कतेक बार चाहेंव कि तोर लइकामन ला वइसने संकेलंव, जइसने कुकरी ह अपन चियांमन ला अपन डेना खाल्हे संकेलथे, पर तेंह ये नइं चाहय। \v 35 देख, तोर घर ह उजाड़ पड़े हवय। मेंह तोला कहत हंव कि तेंह मोला तब तक फेर नइं देख सकस, जब तक कि तेंह ये नइं कहस, ‘धइन ए ओह, जऊन ह परभू के नांव म आथे।’\f + \fr 13:35 \fr*\ft \+xt भजन 118:26\+xt*\ft*\f*” \c 14 \s1 यीसू ह बिसराम दिन म एक मनखे ला चंगा करथे \p \v 1 एक बिसराम के दिन, यीसू ह एक मुखिया फरीसी के घर म खाना खाय बर गीस, अऊ मनखेमन ओला धियान से देखत रहंय। \v 2 उहां ओकर आघू म एक झन मनखे रहय, जऊन ला जलोदर के बेमारी रिहिस। \v 3 यीसू ह फरीसी अऊ कानून के जानकारमन ले पुछिस, “बिसराम दिन म कोनो ला बेमारी ले ठीक करे के अनुमति कानून ह देथे कि नइं देवय?” \v 4 पर ओमन चुपेचाप रिहिन। तब यीसू ह ओ बिमरहा मनखे के हांथ ला धरके ओला बने करिस, अऊ ओला जावन दीस। \p \v 5 तब यीसू ह ओमन ले कहिस, “यदि तुमन के काकरो एक बेटा\f + \fr 14:5 \fr*\ft कुछू हस्तलिपि म \ft*\fqa गदहा\fqa*\f* या एक बईला हवय अऊ ओह बिसराम के दिन एक ठन कुआं म गिर जाथे, त का तुमन तुरते ओला खींचके बाहिर नइं निकालहू।” \v 6 अऊ ओमन एकर कोनो जबाब नइं दे सकिन। \p \v 7 जब यीसू ह देखिस कि नेवताहारीमन कइसने चुन-चुनके बढ़िया जगह म बईठत हवंय, त ओह ओमन ला ये पटंतर कहिस, \v 8 “जब कोनो तुमन ला बिहाव के भोज बर नेवता देथे, त उहां जाके सबले बढ़िया जगह म झन बईठव, काबरकि हो सकथे कि उहां तोर ले घलो जादा बड़े मनखे ला नेवता देय गे होही, \v 9 यदि अइसने अय, तब ओ मनखे जऊन ह तुमन दूनों ला नेवता देय हवय, आही अऊ तोला कहिही, ‘तोर जगह ये मनखे ला देय दे।’ तब तोर बेजत्ती होही अऊ तोला छोटे जगह म बईठना पड़ही। \v 10 एकरसेति जब तोला नेवता दिये जाथे, त जाके छोटे जगह म बईठ, ताकि जब नेवता देवइया ह आवय, त ओह तोर ले कहय, ‘हे संगवारी, जाके बने जगह म बईठ।’ तब आने जम्मो संगी पहुनामन के आघू म तोर आदरमान होही। \v 11 काबरकि जऊन ह अपनआप ला बड़े समझथे, ओला दीन-हीन करे जाही अऊ जऊन ह अपनआप ला दीन-हीन करथे, ओला बड़े करे जाही।” \p \v 12 तब यीसू ह अपन नेवता देवइया ला कहिस, “जब तेंह मंझन या रथिया कोनो भोज देथस, त अपन संगवारी या अपन भाई या अपन रिस्तेदार या अपन धनी परोसीमन ला झन नेवता दे; यदि तेंह ओमन ला नेवता देथस, त ओमन घलो बदले म तोला नेवता दे सकथें, अऊ ये किसम ले जऊन कुछू तेंह करे हवस, ओकर भरपई हो जाही। \v 13 पर जब तेंह कोनो भोज देथस, त गरीब, अपंग, खोरवा अऊ अंधरामन ला बलाय कर। \v 14 तब परमेसर ह तोला आसीस दीही। हालाकि ओमन बदले म तोला कुछू नइं दे सकंय, पर तोला एकर परतिफल ओ समय मिलही, जब धरमी मनखेमन फेर जी उठहीं।” \s1 बड़े भोज के पटंतर \r (मत्ती 22:1‑10) \p \v 15 जऊन मन यीसू के संग खाय बर बईठे रिहिन, ओमा ले एक झन जब येला सुनिस, त ओह यीसू ले कहिस, “धइन ए ओ मनखे जऊन ह ओ भोज म खाही, जऊन ह परमेसर के राज म होही।” \p \v 16 यीसू ह ओला कहिस, “एक बार एक मनखे ह एक बड़े भोज करिस, अऊ बहुंत मनखेमन ला नेवता दीस। \v 17 जब भोज ह तियार हो गीस, त ओह अपन सेवक ला नेवताहारीमन करा ये कहे बर पठोईस, ‘आवव, जम्मो चीज तियार हो गे हवय।’ \p \v 18 “पर ओमन जम्मो झन बहाना करे लगिन। पहिली मनखे ह ओ सेवक ला कहिस, ‘मेंह अभी एक ठन खेत बिसोय हवंव, अऊ मोर उहां जाना अऊ ओला देखना जरूरी ए। मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला माफ कर दे।’ \p \v 19 “आने झन ह कहिस, ‘मेंह अभी पांच जोड़ी बईला बिसोय हवंव, अऊ मेंह ओमन ला परखे बर जावत हंव। मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला माफ कर दे।’ \p \v 20 “अऊ एक झन ह कहिस, ‘मेंह अभी बिहाव करे हवंव, एकरसेति मेंह नइं आ सकंव।’ \p \v 21 “ओ सेवक ह वापिस आईस अऊ ये बात अपन मालिक ला बताईस। तब घर के मालिक ह गुस्सा होईस अऊ अपन सेवक ला हुकूम दीस, ‘सहर के सड़क अऊ गलीमन म तुरते जा अऊ गरीब, अपंग, अंधरा अऊ खोरवामन ला ले आ।’ \p \v 22 “ओ सेवक ह कहिस, ‘हे मालिक, जइसने तेंह कहे रहय, वइसने करे गे हवय, पर तभो ले जगह खाली हवय।’ \p \v 23 “तब मालिक ह अपन सेवक ला कहिस, ‘बाहिर सड़क अऊ गांव तरफ के गलीमन म जा अऊ कइसने करके मनखेमन ला ले आ, ताकि मोर घर ह भर जावय। \v 24 मेंह तोला कहत हंव कि ओ नेवताहारी मनखेमन ले एको झन घलो मोर भोज के सुवाद ला चखे नइं पाहीं।’ ” \s1 चेला बने के कीमत \r (मत्ती 10:37‑38) \p \v 25 एक बड़े भीड़ ह यीसू के संग जावत रिहिस, अऊ यीसू ह मनखेमन कोति मुहूं करके कहिस, \v 26 “यदि कोनो मोर करा आथे, त ये जरूरी ए कि ओह अपन ददा अऊ दाई, अपन घरवाली अऊ लइका, अपन भाई अऊ बहिनी अऊ इहां तक कि अपन जिनगी ले घलो जादा मोला मया करय, नइं तो ओह मोर चेला नइं हो सकय। \v 27 अऊ जऊन ह अपन कुरूस ला उठाके मोर पाछू नइं आवय, ओह मोर चेला नइं हो सकय। \p \v 28 “मान लव, तुमन ले कोनो मनखे एक भवन बनाय चाहथे। त का ओह पहिली बईठके खरचा के हिसाब नइं करही, ये देखे बर कि काम ला पूरा करे बर ओकर करा पईसा हवय कि नइं? \v 29 काबरकि यदि ओह नीव धरथे अऊ काम ला पूरा नइं कर सकय, त येला जम्मो देखइयामन ये कहिके ओकर हंसी उड़ाहीं, \v 30 ‘ये मनखे ह भवन बनाय के सुरू त करिस, पर काम ला पूरा नइं कर सकिस।’ \p \v 31 “या मान लव, एक राजा ह आने राजा के बिरूध लड़ई म जवइया हवय, त का ओह पहिली बईठके ये नइं सोचही कि का ओह अपन दस हजार मनखेमन के संग ओकर सामना कर सकथे, जऊन ह बीस हजार मनखे लेके ओकर बिरोध म आवथे? \v 32 यदि ओह सामना नइं कर सकय, त ओह आने राजा करा, जऊन ह अभी दूरिहा म हवय, अपन दूतमन ला पठोही अऊ मेल-मिलाप करे बर बिनती करही। \v 33 ओही किसम ले, तुमन ले जऊन ह जब तक अपन जम्मो चीज ला नइं छोंड़ दीही, तब तक ओह मोर चेला नइं हो सकय। \p \v 34 “नून ह बने ए, पर कहूं येह अपन सुवाद ला गंवा देथे, त कोनो किसम ले येला फेर नूनचूर नइं करे जा सकय। \v 35 येह न तो माटी के काम आवय अऊ न तो खातू के। येला बाहिर फटिक दिये जाथे। \p “जेकर सुने के कान हवय, ओह सुन ले।” \c 15 \s1 गंवाय मेढ़ा के पटंतर \r (मत्ती 18:12‑14) \p \v 1 एक बार जम्मो लगान लेवइया अऊ पापी मनखेमन यीसू करा जूरत रिहिन कि ओमन ओकर बात ला सुनंय। \v 2 पर फरीसी अऊ कानून के गुरूमन ये कहिके कुड़कुड़ाय लगिन, “ये मनखे ह पापीमन के सुवागत करथे अऊ ओमन के संग खाथे।” \p \v 3 एकरसेति यीसू ह ओमन ला ये पटंतर कहिस, \v 4 “मान लव, तुमन ले एक झन करा सौ ठन भेड़ हवंय अऊ ओमा के एक ठन गंवा जाथे, त का ओह निनानबे भेड़मन ला मैदान म छोंड़के ओ गंवाय भेड़ ला तब तक नइं खोजही, जब तक कि ओह मिल नइं जावय? \v 5 अऊ जब भेड़ ह ओला मिल जाथे, त ओह ओला खुसी के मारे अपन कंधा म उठा लेथे, \v 6 अऊ अपन घर जाथे। अऊ तब ओह अपन संगवारी अऊ परोसीमन ला एक संग बलाथे अऊ कहिथे, ‘मोर संग आनंद मनावव, काबरकि मोर गंवाय भेड़ ह मोला मिल गे हवय।’ \v 7 मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओही किसम ले एक पापी मनखे के पछताप करे ले स्वरग म बहुंत आनंद मनाय जाथे, जतेक कि निनानबे धरमी मनखेमन बर नइं मनाय जावय, जऊन मन ला पछताप करे के जरूरत नइं ए। \s1 गंवाय सिक्का के पटंतर \p \v 8 “या मान लव, एक माईलोगन करा दस ठन चांदी के सिक्का\f + \fr 15:8 \fr*\ft यूनानी म \ft*\fq दस \fq*\fqa ड्राचमास \fqa*\ft एक ड्राचमास ह एक दिन के बनी\ft*\f* हवय अऊ ओमा ले एक ठन गंवा जाथे, त का ओह दीया बारके घर ला नइं बहारे अऊ मन लगाके खोजय, जब तक कि ओह मिल न जावय। \v 9 अऊ जब ओला सिक्का ह मिल जाथे, त ओह अपन संगवारी अऊ परोसीमन ला बलाथे अऊ कहिथे, ‘मोर संग आनंद मनावव, काबरकि मोर गंवाय सिक्का ह मोला मिल गे हवय।’ \v 10 मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओही किसम ले, जब एक पापी मनखे पछताप करथे, त उहां स्वरग म परमेसर के स्वरगदूतमन के आघू म आनंद मनाय जाथे।” \s1 गंवाय बेटा के पटंतर \p \v 11 यीसू ह ये घलो कहिस, “एक मनखे के दू झन बेटा रिहिन। \v 12 छोटे बेटा ह अपन ददा ला कहिस, ‘ददा! मोर बांटा के संपत्ति मोला देय दे।’ अऊ ओ मनखे ह अपन दूनों बेटा के बीच म संपत्ति के बंटवारा कर दीस। \p \v 13 “कुछू दिन के बाद, छोटे बेटा ह अपन बांटा के जम्मो संपत्ति ला संकेलके एक दूरिहा के देस म चल दीस अऊ उहां ओह फालतू काम म जिनगी बितात अपन संपत्ति ला उड़ा दीस। \v 14 जब ओह जम्मो ला खरचा कर डारिस, त उहां ओ जम्मो देस म एक भयंकर दुकाल पड़िस, अऊ ओकर करा कुछू नइं बचिस। \v 15 एकरसेति ओह ओ देस के रहइया एक मनखे करा काम करे बर गीस, जऊन ह ओला अपन खेत म, सुरामन ला चराय बर पठोईस। \v 16 ओकर ईछा होवय कि ओह ओ फली ले अपन पेट भरय, जऊन ला सुरामन खावत रहंय, पर कोनो ओला खाय बर कुछू नइं देवंय। \p \v 17 “जब ओह अपन होस म आईस, त कहन लगिस, ‘मोर ददा के घर म कतेक बनी-भूती करइयामन करा जरूरत ले जादा खाय बर हवय, अऊ इहां मेंह भूखन मरत हंव। \v 18 मेंह उठके अपन ददा करा वापिस जाहूं अऊ ओला ये कहिहूं: हे ददा, मेंह स्वरग के परमेसर के बिरोध अऊ तोर बिरोध म पाप करे हवंव। \v 19 मेंह तोर बेटा कहाय के लईक नो हंव; मोला अपन एक बनिहार मनखे सहीं रख ले।’ \v 20 अऊ ओह उठिस अऊ अपन ददा करा जाय बर निकलिस। \p “पर जब ओह अभी दूरिहाच म ही रिहिस, त ओकर ददा ह ओला देख डारिस, अऊ ओकर हिरदय ह दया ले भर गे। ओह अपन बेटा करा दऊड़के गीस अऊ ओला अपन बाहां म पोटारके चूमिस। \p \v 21 “बेटा ह ओला कहिस, ‘हे ददा, मेंह स्वरग के परमेसर के बिरोध अऊ तोर बिरोध म पाप करे हवंव। मेंह तोर बेटा कहाय के लईक नो हंव।’ \p \v 22 “पर ददा ह अपन सेवकमन ला कहिस, ‘जल्दी करव। सबले बढ़िया ओनहा लानव अऊ येला पहिरावव। एकर अंगरी म मुंदरी अऊ एकर गोड़ म पनही पहिरावव। \v 23 मोटा-ताजा बछवा लानके काटव, ताकि हमन खावन अऊ खुसी मनावन। \v 24 काबरकि मोर ये बेटा ह मर गे रिहिस, पर अब जी गे हवय; येह गंवा गे रिहिस, पर अब मिल गे हवय।’ अऊ ओमन खुसी मनाय लगिन। \p \v 25 “ओ बेरा म, ओकर बड़े बेटा ह खेत म रिहिस। जब ओह उहां ले घर के लकठा म आईस, त ओह गाय-बजाय अऊ नाचे के अवाज सुनिस। \v 26 ओह एक सेवक ला बलाईस अऊ ओकर ले पुछिस, ‘का होवत हवय?’ \v 27 ओ सेवक ह कहिस, ‘तोर भाई ह आय हवय, अऊ तोर ददा ह मोटा-ताजा बछवा कटवाय हवय, काबरकि ओह ओला सही-सलामत पाय हवय।’ \p \v 28 “येला सुनके बड़े भाई ह गुस्सा करिस अऊ घर के भीतर जाय नइं चाहिस। एकरसेति ओकर ददा ह बाहिर आईस अऊ भीतर आय बर ओकर ले बिनती करे लगिस। \v 29 पर ओह अपन ददा ला जबाब दीस, ‘देख, अतेक साल तक मेंह तोर गुलाम के सहीं काम करे हवंव अऊ मेंह तोर हुकूम ला कभू नइं टारेंव। तभो ले तेंह मोला एक बोकरा के पीला तक कभू नइं देय कि मेंह अपन संगवारीमन संग आनंद मना सकंव। \v 30 पर जब तोर ये बेटा ह घर आईस, जऊन ह कि तोर संपत्ति ला बेस्यामन संग उड़ा दे हवय, त तेंह ओकर बर मोटा-ताजा बछवा कटवाय हवस!’ \p \v 31 “तब ददा ह ओला कहिस, ‘हे मोर बेटा! तेंह सदा मोर संग हवस, अऊ जऊन कुछू मोर करा हवय, ओ जम्मो तोर ए। \v 32 पर हमन ला आनंद मनाना अऊ खुस होना चाही, काबरकि तोर ये भाई ह मर गे रिहिस, पर अब जी उठे हवय; येह गंवा गे रिहिस, पर अब मिल गे हवय।’ ” \c 16 \s1 चतुर परबंधकर्ता के पटंतर \p \v 1 यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “एक धनी मनखे रिहिस। ओह अपन संपत्ति के देखरेख करे बर एक परबंधकर्ता रखे रिहिस, अऊ ओला ये बताय गीस कि ओकर परबंधकर्ता ह ओकर संपत्ति ला बरबाद करत हवय। \v 2 एकरसेति ओह अपन परबंधकर्ता ला बलाईस अऊ कहिस, ‘मेंह तोर बारे म ये का सुनत हवंव? अपन काम के हिसाब-किताब मोला दे, काबरकि तेंह अब मोर परबंधकर्ता नइं रह सकस।’ \p \v 3 “परबंधकर्ता ह अपनआप ले कहिस, ‘अब मेंह का करंव? मोर मालिक ह मोला मोर काम ले छुट्टी करइया हवय। मोर अतकी ताकत नइं ए कि माटी कोड़ सकंव, अऊ भीख मांगे म मोला सरम आथे। \v 4 अब मेंह समझ गेंव कि मोला का करना चाही, ताकि जब इहां ले मोला काम ले निकाल दिये जावय, त मनखेमन अपन घर म मोर सुवागत करंय।’ \p \v 5 “एकरसेति ओह ओ जम्मो मनखेमन ला बलाईस, जऊन मन ओकर मालिक के उधारी लगत रहंय। ओह पहिली मनखे ले पुछिस, ‘तोर ऊपर मोर मालिक के कतेक उधारी हवय?’ \p \v 6 “ओह कहिस, ‘करीब तीन हजार लीटर जैतून के तेल।’ \p “तब परबंधकर्ता ह ओला कहिस, ‘अपन खाता-बही ला लेके बईठ अऊ तुरते येला डेड़ हजार लीटर लिख दे।’ \p \v 7 “तब ओह दूसरा मनखे ले पुछिस, ‘तोर ऊपर कतेक उधारी हवय?’ \p “ओह कहिस, ‘एक सौ मन गहूं।’ \p “तब परबंधकर्ता ह ओला कहिस, ‘अपन खाता-बही ला ले अऊ येला अस्सी लिख दे।’ \p \v 8 “मालिक ह ओ बेईमान परबंधकर्ता के बड़ई करिस, काबरकि ओह चतुरई ले काम करे रिहिस। अऊ येह सच ए कि ये संसार के मनखेमन अपन मामला के निपटारा करे म परमेसर के मनखेमन ले जादा चतुर अंय। \v 9 मेंह तुमन ला कहत हंव कि संसारिक धन ले अपन बर संगवारी बना लेवव, ताकि जब ओ धन ह सिरा जावय, त तुम्हर सुवागत सदाकाल के घर म होवय। \p \v 10 “जऊन ह बहुंत छोटे चीज म ईमानदार रहिथे, ओह बहुंत म घलो ईमानदार रहिही; अऊ जऊन ह बहुंत छोटे चीज म बेईमान ए, ओह बहुंत चीज म घलो बेईमान होही। \v 11 एकरसेति यदि तुमन संसारिक धन म बिसवासयोग्य नइं ठहिरे हव, त तुमन ला स्वरग के सच्चा धन कोन सऊंपही? \v 12 अऊ यदि तुमन पराय संपत्ति म ईमानदार नइं ठहिरेव, त तुम्हर खुद के संपत्ति तुमन ला कोन दीही? \p \v 13 “कोनो भी मनखे दू झन मालिक के सेवा नइं कर सकय। या तो ओह एक झन ले नफरत करही अऊ दूसर झन ले मया, या फेर ओह एक झन बर समरपित रहिही अऊ दूसर झन ला तुछ जानही। तुमन परमेसर अऊ धन दूनों के सेवा नइं कर सकव।” \p \v 14 ओ फरीसी जऊन मन पईसा के लोभी रिहिन, ओमन ये जम्मो ला सुनके यीसू के हंसी उड़ाय लगिन। \v 15 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ओ मनखे अव, जऊन मन अपनआप ला आने मनखेमन के आघू म सही ठहिराथव, पर परमेसर ह तुम्हर मन के बात ला जानथे। काबरकि जऊन चीज ला मनखेमन बहुंत कीमती समझथें, ओह परमेसर के नजर म तुछ ए। \p \v 16 “मूसा के कानून अऊ अगमजानीमन के लिखे बचन के परचार यूहन्ना बतिसमा देवइया तक करे गीस। ओकर बाद ले परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करे जावथे, अऊ हर एक झन येमा जाय के भरसक कोसिस करत हवय। \v 17 अकास अऊ धरती के मिट जवई सरल ए, पर मूसा के कानून के एक ठन बिन्दू घलो नइं मिटय। \p \v 18 “जऊन ह अपन घरवाली ला छोंड़के आने माईलोगन ले बिहाव करथे, ओह छिनारी करथे, अऊ जऊन मनखे एक छोंड़े गे माईलोगन ले बिहाव करथे, ओह छिनारी करथे। \s1 एक धनी मनखे अऊ गरीब लाजर \p \v 19 “एक धनवान मनखे रिहिस, जऊन ह बने अऊ बहुंत मंहगा कपड़ा पहिरे अऊ हर दिन सुख-सुबिधा म जिनगी बितावय। \v 20 लाजर नांव के एक भिखमंगा घलो रिहिस, जेकर जम्मो देहें ह घाव ले भर गे रहय, अऊ ओह धनवान मनखे के दुवार म पड़े रहय, \v 21 अऊ ये आसा करय कि धनवान मनखे के मेज ले गिरे जूठा खाना ले अपन पेट भरय। अऊ त अऊ कुकुरमन आके ओकर घावमन ला चाटंय। \p \v 22 “एक समय आईस, जब ओ भिखमंगा ह मर गीस अऊ स्वरगदूतमन ओला अब्राहम के तरफ ले गीन। ओ धनवान मनखे घलो मर गीस अऊ ओला माटी दिये गीस। \v 23 मरे के बाद, ओह पाताल-लोक म पीरा भोगत रहय, अऊ जब ओह अपन आंखी उठाके देखिस, त बहुंत दूरिहा म अब्राहम अऊ ओकर बाजू म लाजर रहय। \v 24 तब ओह नरियाके कहिस, ‘हे ददा अब्राहम, मोर ऊपर दया कर अऊ लाजर ला मोर करा पठो दे कि ओह अपन अंगरी के टीप ला पानी म भिगोवय अऊ मोर जीभ ला ठंडा करय, काबरकि मेंह ये आगी के जुवाला म बहुंत पीरा भोगत हवंव।’ \p \v 25 “पर अब्राहम ह कहिस, ‘ए बेटा, सुरता कर कि तोला तोर जिनगी म जम्मो बने चीज मिले रिहिस, जबकि लाजर ला खराप चीज मिले रिहिस, पर अब ओह इहां सांति पावथे, अऊ तेंह दुख भोगत हस। \v 26 अऊ एकर अलावा, हमर अऊ तोर बीच म एक बहुंत गहिरा खंचवा बनाय गे हवय, ताकि जऊन मन इहां ले तोर करा जाना चाहंय घलो, त नइं जा सकंय अऊ न ही उहां ले हमर करा कोनो पार होके आ सकय।’ \p \v 27 “ओ मनखे ह कहिस, ‘तब मेंह तोर ले बिनती करत हंव, ददा; लाजर ला मोर ददा के घर म पठो दे, \v 28 काबरकि मोर पांच झन भाई हवंय। ओह जाके ओमन ला चेतावय, ताकि ओमन पीरा भोगे के ये जगह म झन आवंय।’ \p \v 29 “पर अब्राहम ह कहिस, ‘ओमन करा मूसा अऊ अगमजानीमन के किताब हवय। ओमन ओ किताब म लिखे संदेस ला सुनंय।’ \p \v 30 “ओ मनखे ह कहिस, ‘नइं, हे ददा अब्राहम, यदि मरे मनखे म ले कोनो उठके ओमन करा जावय, त ओमन अपन पाप के पछताप करहीं।’ \p \v 31 “पर अब्राहम ह ओला कहिस, ‘यदि ओमन मूसा अऊ अगमजानीमन के बात ला नइं सुनंय, त कहूं कोनो मरे म ले जी घलो उठय, तभो ले ओमन ओकर बात ला नइं मानहीं।’ ” \c 17 \s1 पाप, बिसवास अऊ जिम्मेदारी \r (मत्ती 18:6‑7, 21‑22; मरकुस 9:42) \p \v 1 यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “जऊन चीजमन मनखेमन के पाप म पड़े के कारन बनथें, ओमन जरूर आहीं, पर धिक्कार अय ओ मनखे ला, जेकर दुवारा ओमन आथें। \v 2 कोनो मनखे ये छोटे मन ले कोनो के पाप म गिरे के कारन बनथे, त ओकर बर बने होतिस कि ओकर घेंच म एक ठन चक्की के पाटा ला बांधे जातिस अऊ ओला समुंदर म फटिक दिये जातिस। \v 3 एकरसेति, सचेत रहव। \p “यदि तुम्हर भाई ह पाप करथे, त ओला दबकारव, अऊ यदि ओह पछताप करे, त ओला माफ कर देवव। \v 4 यदि दिन म, ओह सात बार ले तुम्हर बिरोध म पाप करय अऊ सातों बार तुम्हर करा वापिस आके कहय, ‘मेंह पछतावत हंव,’ त ओला जरूर माफ कर देवव।” \p \v 5 प्रेरितमन परभू ला कहिन, “हमर बिसवास ला बढ़ा!” \p \v 6 परभू ह कहिस, “यदि तुम्हर बिसवास ह सरसों के एक छोटे बीजा बरोबर घलो हवय, त तुमन ये सहतूत के रूख ला कह सकथव, ‘अपनआप जरी सहित उखनके समुंदर म लग जा,’ अऊ येह तुम्हर हुकूम ला मानही। \p \v 7 “मान लव, तुमन ले एक झन के एक सेवक हवय, जऊन ह खेत म नांगर जोतथे या मेढ़ामन ला चराथे। जब ओह खेत ले आवय, त का तुमन ओला ये कहिहू, ‘जल्दी आ अऊ खाय बर बईठ’? \v 8 नइं! बल्कि तुमन ओला ये कहिहू, ‘मोर बर खाना तियार कर; जब तक मेंह खावत-पीयत हवंव, तेंह तियार रह अऊ मोर सेवा कर, अऊ ओकर बाद तेंह घलो खा-पी ले’? \v 9 का तुमन अपन ओ सेवक ला धनबाद दूहू काबरकि ओह ओ काम ला करिस, जऊन ला ओला करे बर कहे गीस? \v 10 एही बात तुम्हर बर घलो लागू होथे। जब तुमन ओ जम्मो काम ला कर चुकव, जऊन ला करे बर तुमन ला कहे गे रिहिस, तब ये कहव, ‘हमन अयोग्य सेवक अन; हमन सिरिप हमर बुता ला करे हवन।’ ” \s1 यीसू ह दस झन कोढ़ी ला बने करथे \p \v 11 यीसू ह यरूसलेम सहर जावत बखत, सामरिया अऊ गलील प्रदेस के बीच ले होवत गीस। \v 12 जब ओह एक गांव म हबरिस, त ओला दस आदमी मिलिन, जेमन ला कोढ़ के बेमारी रहय। ओमन दूरिहा म ठाढ़ हो गीन \v 13 अऊ चिचियाके कहिन, “हे यीसू, हे मालिक! हमर ऊपर दया कर!” \p \v 14 जब यीसू ह ओमन ला देखिस, त कहिस, “जावव, अऊ अपनआप ला पुरोहितमन ला देखावव।” अऊ ओमन जावत-जावत बेमारी ले सुध हो गीन। \p \v 15 ओमा ले एक झन, जब अपनआप ला देखिस कि ओह बने हो गे हवय, त ओह चिचिया-चिचियाके परमेसर के महिमा करत वापिस लहुंटके आईस, \v 16 ओह यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस अऊ ओला धनबाद दीस—अऊ ओह एक सामरी मनखे रिहिस। \p \v 17 यीसू ह कहिस, “दस मनखेमन कोढ़ ले बने होईन, त फेर ओ नौ झन कहां हवंय? \v 18 का ये परदेसी के छोंड़ अऊ कोनो नइं आईन कि परमेसर के बड़ई करंय।” \v 19 अऊ यीसू ह ओला कहिस, “उठ अऊ जा; तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय।” \s1 परमेसर के राज के अवई \r (मत्ती 24:23‑28, 37‑41) \p \v 20 एक बार, फरीसीमन यीसू ले पुछिन कि परमेसर के राज ह कब आही, त ओह जबाब दीस, “परमेसर के राज ह अइसने नइं आवय कि ओला तुमन देख सकव, \v 21 अऊ न कोनो कह सकंय, ‘देखव, ओह इहां हवय,’ या ‘ओह उहां हवय,’ काबरकि परमेसर के राज ह तुम्हर बीच म हवय।” \p \v 22 तब ओह अपन चेलामन ला कहिस, “ओ समय ह आवत हवय, जब तुमन मनखे के बेटा के एक दिन ला देखे के ईछा करहू, पर ओह तुमन ला देखे बर नइं मिलही। \v 23 मनखेमन तुमन ला कहिहीं, ‘ओह उहां हवय’ या ‘ओह इहां हवय!’ पर तुमन ओमन के पाछू झन जावव। \v 24 काबरकि मनखे के बेटा ह अपन दिन म ओ बिजली के सहीं होही, जऊन ह अकास म एक छोर ले दूसर छोर तक चमकथे अऊ अंजोर देथे। \v 25 पर पहिली ये जरूरी ए कि ओह बहुंत दुख भोगय अऊ ये पीढ़ी के मनखेमन के दुवारा अस्वीकार करे जावय। \p \v 26 “जइसने नूह के समय म होय रिहिस, वइसनेच मनखे के बेटा के समय म घलो होही। \v 27 नूह के पानी जहाज के भीतर जावत तक, मनखेमन खावत-पीयत रिहिन, अऊ ओमन के बीच सादी-बिहाव होवत रिहिस, पर नूह के जहाज म चघे के बाद पानी के बाढ़ आईस अऊ ओ जम्मो झन ला नास कर दीस। \p \v 28 “अइसनेच, लूत के समय म घलो होईस। मनखेमन खावत-पीयत रहंय, लेन-देन करत रहंय, रूख लगावत रहंय अऊ घर बनावत रहंय। \v 29 पर जऊन दिन लूत ह सदोम सहर ला छोंड़के चल दीस, ओहीच दिन अकास ले आगी अऊ गंधक गिरिस अऊ ओ जम्मो झन ला नास कर दीस। \p \v 30 “जऊन दिन मनखे के बेटा ह परगट होही, ओ दिन घलो बिलकुल अइसनेच होही। \v 31 ओ दिन जऊन ह अपन घर के छानी म होवय, ओह घर ले अपन सामान लेय बर छानी से झन उतरय। ओही किसम ले जऊन ह बाहिर खेत म होवय, ओह कोनो चीज बर घर ला झन लहुंटय। \v 32 लूत के घरवाली ला सुरता करव। \v 33 जऊन ह अपन जिनगी ला बचाय के कोसिस करथे, ओह ओला गंवाही अऊ जऊन ह अपन जिनगी ला गंवाथे, ओह ओला बचाही। \v 34 मेंह तुमन ला कहत हंव, ओ रथिया दू झन मनखे एक ठन खटिया म सुते होहीं, ओमा ले एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर ला छोंड़ दिये जाही। \v 35 दू माईलोगनमन एक संग पीसान पीसत होहीं, ओमा ले एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर ला छोंड़ दिये जाही। \v 36 दू झन खेत म होहीं, ओमा ले एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर झन ला छोंड़ दिये जाही।\f + \fr 17:36 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f*” \p \v 37 चेलामन ओकर ले पुछिन, “हे परभू, ओमन ला कहां ले लिये जाही?” \p यीसू ह ओमन ला कहिस, “जिहां लास हवय, उहां गिधवामन जूरहीं।” \c 18 \s1 बिधवा अऊ नियायधीस के पटंतर \p \v 1 तब यीसू ह अपन चेलामन ला ये सिखोय बर एक पटंतर कहिस कि ओमन हमेसा पराथना करंय अऊ हिम्मत रखंय। \v 2 ओह कहिस, “एक सहर म एक नियायधीस रिहिस, जऊन ह न परमेसर ले डरय अऊ न ही मनखेमन के परवाह करय। \v 3 ओहीच सहर म एक बिधवा रहय, जऊन ह ओ नियायधीस करा बार-बार आके बिनती करय, ‘मोर बईरी के बिरोध म मोर नियाय कर।’ \p \v 4 “कुछू समय तक तो ओह बिधवा के बात ला नइं मानिस। पर आखिर म ओह अपन मन म कहिस, ‘हालाकि मेंह परमेसर ले नइं डरंव या मनखेमन के परवाह नइं करंव, \v 5 पर ये बिधवा ह बार-बार आके मोला तकलीफ देवत हे, मेंह देखहूं कि येला नियाय मिलय, ताकि येह बार-बार आके मोला परेसान झन करय।’ ” \p \v 6 अऊ परभू ह कहिस, “सुनव, ये अधरमी नियायधीस ह का कहिथे? \v 7 त का परमेसर ह अपन चुने मनखेमन के नियाय नइं करही, जऊन मन दिन अऊ रात ओकर से गोहार पारथें? का ओह ओमन के बारे म देरी करही? \v 8 मेंह तुमन ला कहत हंव, ओह देखही कि ओमन ला नियाय मिलय अऊ जल्दी मिलय। पर जब मनखे के बेटा ह आही, त का ओह धरती म अपन ऊपर बिसवास करइया मनखेमन ला पाही।” \s1 फरीसी अऊ लगान लेवइया के पटंतर \p \v 9 यीसू ह ये पटंतर ओमन बर कहिस, जऊन मन अपनआप ला बहुंत धरमी अऊ आने मन ला तुछ समझंय। \v 10 “दू झन मनखे मंदिर म पराथना करे बर गीन; ओमा के एक झन फरीसी रिहिस अऊ एक झन लगान लेवइया। \v 11 फरीसी ह ठाढ़ होईस अऊ अइसने पराथना करन लगिस, ‘हे परमेसर, मेंह तोर धनबाद करत हंव कि मेंह आने मनखेमन सहीं लालची, बेईमान अऊ बेभिचारी नो हंव, अऊ मेंह ये लगान लेवइया के सहीं घलो नो हंव। \v 12 मेंह हप्ता म दू दिन उपास रखथंव अऊ मेंह अपन जम्मो कमई के दसवां भाग तोला देथंव।’ \p \v 13 “पर लगान लेवइया ह दूरिहा म ठाढ़ होईस। अऊ त अऊ ओह स्वरग कोति आंखी उठाके देखे के हिम्मत घलो नइं करिस, पर ओह अपन छाती ला पीट-पीटके कहिस, ‘हे परमेसर, मोर ऊपर दया कर, मेंह एक पापी मनखे अंव।’ \p \v 14 “मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओ फरीसी ह नइं, पर ये लगान लेवइया ह परमेसर के आघू म धरमी गने गीस, जब ओह अपन घर गीस। काबरकि जऊन ह अपनआप ला बड़े समझथे, ओला दीन-हीन करे जाही, अऊ जऊन ह अपनआप ला दीन-हीन करथे, ओला बड़े करे जाही।” \s1 छोटे लइकामन ला यीसू आसीरबाद देथे \r (मत्ती 19:13‑15; मरकुस 10:13‑16) \p \v 15 मनखेमन छोटे लइकामन ला यीसू करा लानत रहंय, ताकि ओह ओमन के ऊपर अपन हांथ रखय। पर जब चेलामन येला देखिन, त ओमन मनखेमन ला दबकारे लगिन। \v 16 पर यीसू ह लइकामन ला अपन करा बलाईस अऊ कहिस, “छोटे लइकामन ला मोर करा आवन दव, अऊ ओमन ला झन रोकव, काबरकि परमेसर के राज ह अइसने मन बर अय। \v 17 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, जऊन ह परमेसर के राज ला एक छोटे लइका सहीं गरहन नइं करही, ओह परमेसर के राज म कभू जाय नइं पाही।” \s1 एक धनी मनखे \r (मत्ती 19:1‑30; मरकुस 10:17‑31) \p \v 18 एक यहूदी अधिकारी ह यीसू ले पुछिस, “हे बने गुरू! परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाय बर मोला का करना पड़ही?” \p \v 19 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह मोला काबर बने कहत हवस? सिरिप परमेसर के छोंड़, अऊ कोनो बने नो हंय। \v 20 तेंह हुकूममन ला त जानत हवस: ‘हतिया झन करव, छिनारी झन करव, चोरी झन करव, लबारी गवाही झन देवव, कोनो ला झन ठगव, अपन दाई-ददा के आदरमान करव।’\f + \fr 18:20 \fr*\ft \+xt निर 20:12‑16; ब्यव 5:16‑20\+xt*\ft*\f*” \p \v 21 ओ मनखे ह कहिस, “ये जम्मो बात ला मेंह अपन लइकापन ले मानत आवत हंव।” \p \v 22 ये सुनके यीसू ह ओला कहिस, “तोर म अभी घलो एक बात के कमी हवय। जऊन कुछू तोर करा हवय, ओ जम्मो ला बेचके गरीबमन ला देय दे; अऊ तोला स्वरग म धन मिलही। तब आ अऊ मोर पाछू हो ले।” \p \v 23 ये बात ला सुनके ओह बहुंत उदास होईस, काबरकि ओह एक बहुंत धनवान मनखे रिहिस। \v 24 यीसू ह ओला देखके कहिस, “धनवान मनखे के परमेसर के राज म जवई कतेक कठिन अय, \v 25 वास्तव म, एक धनवान मनखे के परमेसर के राज म जाय के बनिस्पत सूजी के छेदा म ले ऊंट के निकल जवई सरल अय।” \p \v 26 जऊन मन येला सुनत रिहिन, ओमन पुछिन, “त फेर कोन ह उद्धार पा सकथे?” \p \v 27 यीसू ह जबाब दीस, “जऊन बात ह मनखे के दुवारा संभव नो हय, ओह परमेसर के दुवारा संभव अय।” \p \v 28 तब पतरस ह ओला कहिस, “देख! हमन हमर जम्मो चीज ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन।” \p \v 29 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, जऊन ह परमेसर के राज के हित म, घर या घरवाली या भाई या दाई-ददा या लइकामन ला छोंड़ देय हवय, \v 30 ओह इही जुग म कतको गुना अधिक पाही, अऊ अवइया जुग म सदाकाल के जिनगी घलो पाही।” \s1 यीसू ह अपन मिरतू के बारे म फेर अगमबानी करथे \r (मत्ती 20:17‑19; मरकुस 10:32‑34) \p \v 31 यीसू ह अपन बारह चेलामन ला एक तरफ ले गीस अऊ ओमन ला कहिस, “सुनव, हमन यरूसलेम जावत हवन, अऊ मनखे के बेटा के बारे म अगमजानीमन के दुवारा लिखे हर एक बात ह पूरा होही। \v 32 ओला आनजातमन के हांथ म सऊंपे जाही। ओमन ओकर हंसी उड़ाहीं, ओकर बेजत्ती करहीं, ओकर ऊपर थूकहीं, \v 33 ओला कोर्रा म मारहीं अऊ ओला मार डारहीं। पर ओह तीसरा दिन फेर जी उठही।” \p \v 34 चेलामन यीसू के बात ला नइं समझिन। ये बात के मतलब ह ओमन ले छिपे रिहिस, अऊ ओमन नइं जानिन कि ओह काकर बारे म गोठियावत रिहिस। \s1 यीसू ह एक अंधरा भीख मंगइया ला बने करथे \r (मत्ती 20:29‑34; मरकुस 10:46‑52) \p \v 35 जब यीसू ह यरीहो सहर के लकठा म हबरिस, त उहां एक अंधरा मनखे ह सड़क-तीर म बईठके भीख मांगत रहय। \v 36 जब ओह मनखेमन के भीड़ के रेंगे के अवाज सुनिस, त पुछिस, “का होवत हवय?” \v 37 मनखेमन ओला बताईन, “नासरत के यीसू ह जावत हवय।” \p \v 38 तब ओह चिचियाके कहिस, “हे यीसू, दाऊद के संतान, मोर ऊपर दया कर।” \p \v 39 जऊन मन यीसू के आघू म जावत रिहिन, ओमन ओला दबकारे लगिन अऊ ओला चुपेचाप रहे बर कहिन, पर ओह अऊ जोर से चिचियाके कहिस, “हे दाऊद के संतान, मोर ऊपर दया कर।” \p \v 40 तब यीसू ह उहां ठाढ़ हो गीस अऊ हुकूम दीस, “ओ मनखे ला मोर करा लानव।” जब ओह लकठा म आईस, त यीसू ह ओकर ले पुछिस, \v 41 “तेंह का चाहथस कि मेंह तोर बर करंव?” \p ओह कहिस, “हे परभू, मेंह देखे बर चाहत हंव।” \p \v 42 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह देखन लग; तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय।” \v 43 अऊ तुरते ओह देखे लगिस अऊ परमेसर के महिमा करत ओह यीसू के पाछू हो लीस। जब जम्मो मनखेमन येला देखिन, त ओमन घलो परमेसर के महिमा करिन। \c 19 \s1 लगान लेवइया—जक्कई \p \v 1 यीसू ह यरीहो सहर म ले होके जावत रिहिस। \v 2 उहां जक्कई नांव के एक मनखे रहय। ओह लगान लेवइयामन के मुखिया रहय अऊ धनी मनखे रहय। \v 3 ओह ये देखे चाहत रहय कि यीसू ह कोन ए, पर बुटरा होय के कारन भीड़ के मारे ओह यीसू ला नइं देखे सकत रिहिस। \v 4 एकरसेति ओह भीड़ के आघू दऊड़िस अऊ यीसू ला देखे बर एक ठन डूमर रूख म चघ गीस, काबरकि यीसू ह ओही डहार म आवत रहय। \p \v 5 जब यीसू ह ओ जगह म हबरिस, त ओह ऊपर देखिस अऊ जक्कई ला कहिस, “हे जक्कई, तुरते खाल्हे उतर आ काबरकि आज मोला तोर घर म रूकना जरूरी ए।” \v 6 ओह तुरते खाल्हे उतरिस अऊ खुस होके यीसू ला अपन घर ले गीस। \p \v 7 येला देखके जम्मो मनखेमन कुड़कुड़ाय लगिन अऊ कहिन, “यीसू ह एक पापी मनखे के घर म पहुना होय बर गे हवय।” \p \v 8 पर जक्कई ह ठाढ़ होईस अऊ परभू ला कहिस, “हे परभू, अब मेंह अपन आधा संपत्ति गरीबमन ला देवत हवंव, अऊ यदि मेंह काकरो ले कुछू ठगके ले लेय हवंव, त मेंह ओकर चार गुना लहुंटाहूं।” \p \v 9 यीसू ह ओला कहिस, “आज परमेसर ह ये मनखे अऊ एकर परिवार ला उद्धार दे हवय, काबरकि ये मनखे ह घलो अब्राहम के एक संतान ए। \v 10 मनखे के बेटा ह एकर सहीं गंवायमन ला खोजे बर अऊ ओमन के उद्धार करे बर आय हवय।” \s1 दस ठन सोन के मीना के पटंतर \r (मत्ती 25:14‑30) \p \v 11 जब मनखेमन ये बात ला सुनत रहंय, तब यीसू ह ओमन ला एक पटंतर कहिस, काबरकि ओह यरूसलेम सहर के लकठा म हबर गे रिहिस अऊ मनखेमन सोचत रहंय कि परमेसर के राज ह तुरते सुरू होवइया हवय। \v 12 एकरसेति ओह कहिस, “एक ऊंच कुल के मनखे ह एक बहुंत दूरिहा देस ला गीस कि ओह उहां राजपद पावय अऊ फेर लहुंटके आवय। \v 13 जाय के पहिली, ओह अपन दस झन सेवक ला बलाईस अऊ ओमन ला दस ठन सोन के सिक्का\f + \fr 19:13 \fr*\ft या मीना, एक मीना ह लगभग तीन महिना के मजदूरी\ft*\f* देके कहिस, ‘मोर वापिस लहुंटत तक ये पईसा ले बेपार करत रहव।’ \p \v 14 “पर ओ देस के मनखेमन ओला बिलकुल ही पसंद नइं करत रिहिन, एकरसेति ओमन कुछू झन ला ओकर पाछू ये कहे बर पठोईन, ‘हमन नइं चाहत हवन कि ये मनखे ह हमर राजा बनय।’ \p \v 15 “तभो ले, ओह राजा बनाय गीस अऊ फेर घर लहुंटिस। तब ओह जऊन सेवकमन ला पईसा दे रिहिस, ओमन ला बलाईस अऊ ये जाने चाहिस कि ओमन कतेक कमाय हवंय। \p \v 16 “पहिली सेवक ह आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, तोर दिये सोन के सिक्का ले मेंह दस ठन अऊ सोन के सिक्का कमाय हवंव।’ \p \v 17 “ओकर मालिक ह कहिस, ‘बहुंत बने करय। तेंह बने सेवक अस, काबरकि तेंह थोरकन चीज म ईमानदार रहय, मेंह तोला दस ठन सहर के अधिकारी बनावत हंव।’ \p \v 18 “दूसरा सेवक ह आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, तोर दिये सिक्का ले मेंह पांच ठन अऊ सोन के सिक्का कमाय हवंव।’ \p \v 19 “ओकर मालिक ह कहिस, ‘मेंह तोला पांच ठन सहर के अधिकारी बनावत हंव।’ \p \v 20 “तब एक आने सेवक आईस अऊ कहिस, ‘मालिक, ये हवय तोर सोन के सिक्का, मेंह येला एक ठन कपड़ा के टुकड़ा म छुपाके रखे रहेंव। \v 21 मेंह तोर ले डरत रहेंव, काबरकि तेंह एक कठोर मनखे अस। तेंह ओला ले लेथस, जऊन ह तोर नो हय, अऊ जऊन ला तेंह नइं बोय रहस, ओला लूथस।’ \p \v 22 “ओकर मालिक ह कहिस, ‘हे दुस्ट सेवक! मेंह तोर नियाय तोर कहे बचन के मुताबिक करहूं। तेंह जानत रहय कि मेंह एक कठोर मनखे अंव; मेंह ओला ले लेथंव, जऊन ह मोर नो हय, अऊ ओला लू लेथंव, जऊन ला मेंह नइं बोय रहंव। \v 23 तब तेंह मोर पईसा ला बैंक म काबर जमा नइं कर देवय, ताकि जब मेंह वापिस आयेंव, त ओला बियाज सहित ले लेतेंव?’ \p \v 24 “तब जऊन मन उहां ठाढ़े रिहिन, ओमन ला ओह कहिस, ‘एकर ले सोन के सिक्का ला लेय लव अऊ ओला दे दव, जेकर करा दस ठन सिक्का हवय।’ \p \v 25 “ओमन कहिन, ‘हे मालिक, ओकर करा तो आघू ले दस ठन सिक्का हवय।’ \p \v 26 “ओह जबाब देवत कहिस, ‘मेंह तुमन ले कहत हंव कि हर एक झन जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही, पर जेकर करा नइं ए, ओकर ले ओ चीज घलो ले लिये जाही, जऊन ह ओकर करा बांचे हवय। \v 27 पर मोर ओ बईरीमन ला इहां लानव, जऊन मन नइं चाहत रिहिन कि मेंह ओमन के राजा बनंव अऊ ओमन ला मोर आघू म मार डारव।’ ” \s1 बिजय उल्लास के संग यीसू के यरूसलेम म प्रवेस \r (मत्ती 21:1‑11; मरकुस 11:1‑11; यूहन्ना 12:12‑19) \p \v 28 जब यीसू ह ये कह चुकिस, त ओह यरूसलेम कोति ओमन के आघू-आघू गीस। \v 29 जब यीसू ह जैतून पहाड़ करा बैतफगे अऊ बैतनियाह गांव के लकठा म आईस, त ओह अपन चेलामन ले दू झन ला ये कहिके पठोईस, \v 30 “अपन आघू के गांव म जावव, अऊ जइसने ही तुमन गांव म हबरहू, तुमन ला उहां एक ठन गदही के बछेड़ा बंधाय मिलही, जेकर ऊपर कभू कोनो सवारी नइं करे हवंय। ओला ढीलके इहां ले आवव। \v 31 कहूं कोनो तुम्हर ले पुछय, ‘येला काबर ढीलत हवव?’ त ओला कहव, ‘परभू ला एकर जरूरत हवय।’ ” \p \v 32 जऊन चेलामन यीसू के दुवारा पठोय गे रिहिन, ओमन उहां जाके वइसनेच पाईन, जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस। \v 33 जब ओमन गदही के बछेड़ा ला ढीलत रिहिन, त ओकर मालिकमन ओमन ले पुछिन, “तुमन ये गदही के बछेड़ा ला काबर ढीलत हवव?” \p \v 34 ओमन कहिन, “परभू ला एकर जरूरत हवय।” \p \v 35 ओमन गदही के बछेड़ा ला यीसू करा लानिन। तब ओमन अपन ओनहामन ला गदही के बछेड़ा ऊपर डालिन अऊ यीसू ला ओकर ऊपर बईठा दीन। \v 36 जब यीसू ह गदही के बछेड़ा म बईठके जावत रिहिस, त मनखेमन अपन ओनहा ला डहार म दसावत जावत रहंय। \p \v 37 जब यीसू ह ओ जगह के लकठा म आईस, जिहां सड़क ह खाल्हे जैतून पहाड़ कोति जावत रिहिस, त ओकर चेलामन के जम्मो भीड़ ह आनंद मनाय लगिस अऊ ओमन जऊन चमतकार के काम देखे रिहिन, ओकर सेति चिचिया-चिचियाके परमेसर के महिमा करके कहिन: \q1 \v 38 “धइन ए ओ राजा, जऊन ह परभू के नांव म आथे!”\f + \fr 19:38 \fr*\ft \+xt भजन 118:26\+xt*\ft*\f* \b \q1 “स्वरग म सांति अऊ सबले ऊंच म परमेसर के महिमा होवय!” \p \v 39 भीड़ म के कुछू फरीसीमन यीसू ला कहिन, “हे गुरू! अपन चेलामन ला दबकार।” \p \v 40 “यीसू ह कहिस,” “मेंह तुमन ला कहत हंव कि यदि येमन चुप रहिहीं, त पथरामन चिचिया उठहीं।” \p \v 41 जब यीसू ह यरूसलेम सहर के लकठा म आईस, त ओह सहर ला देखके रोईस, \v 42 अऊ कहिस, “बने होतिस कि कहूं तेंह आज के दिन सिरिप ये जान गे रहितय कि का बात म तोला सांति मिलही। पर अब ओ चीजमन तोर आंखी ले छुपाय गे हवंय। \v 43 ओ समय ह तोर ऊपर आही, जब तोर बईरीमन तोर चारों कोति घेरा बनाहीं अऊ तोला घेरहीं अऊ तोला जम्मो कोति ले बंद कर दीहीं। \v 44 ओमन तोला अऊ तोर घेरा के भीतर रहइया मनखेमन ला पूरा नास कर दीहीं; ओमन एको ठन पथरा ला अपन जगह म नइं छोड़हीं, काबरकि तेंह ओ समय ला नइं चिनहय, जब परमेसर ह तोर करा आईस।” \s1 यीसू ह मंदिर म \r (मत्ती 21:12‑17; मरकुस 11:15‑19; यूहन्ना 2:13‑22) \p \v 45 तब यीसू ह मंदिर म गीस अऊ ओमन ला निकाले के सुरू करिस, जऊन मन उहां सामान बेचत रिहिन, \v 46 अऊ ओह ओमन ला कहिस, “परमेसर के बचन म ये लिखे हवय, ‘मोर घर ह पराथना के घर होही।’\f + \fr 19:46 \fr*\ft \+xt यसा 56:7\+xt*\ft*\f* पर तुमन येला डाकूमन के अड्डा बना दे हवव।” \p \v 47 यीसू ह हर दिन मंदिर म उपदेस करत रिहिस। अऊ मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ मनखेमन के अगुवामन ओला मार डारे के कोसिस करत रिहिन। \v 48 पर ओमन ला अइसने करे बर कोनो उपाय नइं मिलिस, काबरकि जम्मो मनखेमन बड़े लगन से यीसू के बात ला सुनंय। \c 20 \s1 यीसू के अधिकार के बारे म सवाल \r (मत्ती 21:23‑27; मरकुस 11:27‑33) \p \v 1 एक दिन जब यीसू ह मंदिर के अंगना म मनखेमन ला उपदेस देवत रिहिस अऊ सुघर संदेस के परचार करत रिहिस, त मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन अगुवामन के संग ओकर करा आईन, \v 2 अऊ ओमन यीसू ले पुछिन, “हमन ला बता, कोन अधिकार ले तेंह ये चीजमन ला करत हवस? कोन ह तोला ये अधिकार दे हवय?” \p \v 3 ओह ओमन ला जबाब देवत कहिस, “मेंह घलो तुमन ले एक सवाल पुछत हंव। मोला बतावव, \v 4 यूहन्ना के बतिसमा देवई ह स्वरग\f + \fr 20:4 \fr*\ft या \ft*\fqa परमेसर\fqa*\f* ले रिहिस या मनखे कोति ले?” \p \v 5 ओमन आपस म सोच-बिचार करिन अऊ कहिन, “यदि हमन कहन, ‘स्वरग ले,’ त ओह कहिही, ‘तब तुमन ओकर ऊपर बिसवास काबर नइं करेव?’ \v 6 पर यदि हमन कहन, ‘मनखेमन ले,’ त जम्मो मनखे हमन ला पथरा फेंकके मारहीं, काबरकि ओमन बिसवास करथें कि यूहन्ना ह एक अगमजानी रिहिस।” \p \v 7 एकरसेति ओमन जबाब दीन, “हमन नइं जानन कि ओह काकर कोति ले रिहिस।” \p \v 8 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “त मेंह घलो तुमन ला नइं बतावंव कि कोन अधिकार ले मेंह ये काममन ला करत हवंव।” \s1 रेगहा म खेत कमइया किसानमन के पटंतर \r (मत्ती 21:33‑46; मरकुस 12:1‑12) \p \v 9 तब यीसू ह मनखेमन ला ये पटंतर कहिस, “एक मनखे ह एक अंगूर के बारी लगाईस, अऊ ओला कुछू किसानमन ला रेगहा म दे दीस अऊ बहुंत दिन बर परदेस चल दीस। \v 10 जब अंगूर के फसल के समय आईस, त ओह अपन एक सेवक ला ओ किसानमन करा पठोईस ताकि ओमन अंगूर के बारी के कुछू फर ओला देवंय। पर किसानमन ओ सेवक ला मारिन-पीटिन अऊ ओला जुच्छा हांथ लहुंटा दीन। \v 11 तब ओह दूसर सेवक ला पठोईस, पर किसानमन ओला घलो मारिन-पीटिन; ओकर बेजत्ती करिन अऊ ओला जुच्छा हांथ वापिस पठो दीन। \v 12 फेर ओह तीसरा सेवक ला पठोईस, अऊ किसानमन ओला घायल करके बारी के बाहिर फटिक दीन। \p \v 13 “तब अंगूर के बारी के मालिक ह कहिस, ‘मेंह का करंव? मेंह अपन मयारू बेटा ला पठोहूं। हो सकथे कि ओमन ओकर आदर करंय।’ \p \v 14 “पर जब किसानमन मालिक के बेटा ला देखिन, त ओमन आपस म बात करिन अऊ कहिन, ‘येह तो बारी के वारिस ए। आवव, हमन येला मार डालन, तब एकर संपत्ति ह हमर हो जाही।’ \v 15 अऊ ओमन ओला अंगूर के बारी के बाहिर फटिक दीन अऊ ओला मार डारिन। \p “तब अंगूर के बारी के मालिक ह ओमन के संग का करही? \v 16 ओह आही अऊ ओ किसानमन ला मार डारही अऊ अंगूर के बारी ला आने मन ला दे दीही।” \p जब मनखेमन येला सुनिन, त ओमन कहिन, “अइसने कभू झन होवय।” \p \v 17 यीसू ह ओमन ला देखके कहिस, “तब परमेसर के बचन म लिखे ये बात के का मतलब होथे: \q1 “ ‘जऊन पथरा ला घर के बनइयामन बेकार समझे रिहिन, \q2 ओहीच ह कोना के मुख पथरा हो गीस’\f + \fr 20:17 \fr*\ft \+xt भजन 118:22\+xt*\ft*\f*? \m \v 18 जऊन कोनो ओ पथरा ऊपर गिरही, ओह कुटा-कुटा हो जाही, पर जेकर ऊपर ये पथरा ह गिरही, ओह पीसा जाही।” \p \v 19 कानून के गुरू अऊ मुखिया पुरोहितमन ओतकीच बेरा यीसू ला पकड़े के उपाय सोचे लगिन, काबरकि ओमन जानत रिहिन कि ओह ये पटंतर ला ओमन के बिरोध म कहे हवय। पर ओमन मनखेमन ले डर्राईन। \s1 महाराजा ला लगान पटाय के बारे म सवाल \r (मत्ती 22:15‑22; मरकुस 12:13‑17) \p \v 20 ओमन यीसू ऊपर नजर रखे रहंय अऊ ओमन भेदियामन ला पठोईन, जऊन मन ईमानदार होय के ढोंग करत रहंय। ओमन ये आसा करत रहंय कि यीसू के मुहूं ले कोनो अइसने बात निकले, जेकर ले ओला ओमन पकड़ंय अऊ राजपाल के हांथ अऊ अधिकार म सऊंप देंय। \v 21 एकरसेति ओ भेदियामन यीसू ले पुछिन, “हे गुरू, हमन जानथन कि तेंह ओ बात ला कहिथस अऊ सिखोथस जऊन ह सही ए, अऊ तेंह मुहूं देखके नइं गोठियावस, पर सच्चई के संग परमेसर के बात ला सिखोथस। \v 22 हमन ला बता कि महाराजा ला लगान पटाना हमर बर ठीक अय कि नइं?” \p \v 23 पर यीसू ह ओमन के चाल ला समझ गीस अऊ कहिस, \v 24 “मोला एक ठन सिक्का देखावव। एकर ऊपर काकर मूरती अऊ नांव हवय?” \p ओमन कहिन, “महाराजा के।” \p \v 25 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन ह महाराजा के अय, ओला महाराजा ला देवव, अऊ जऊन ह परमेसर के अय, ओला परमेसर ला देवव।” \p \v 26 जऊन बात, ओह मनखेमन के आघू म कहिस, ओमा ओमन ओला फंसाय नइं सकिन। अऊ ओकर जबाब ले चकित होके, ओमन चुप हो गीन। \s1 मरे मनखेमन के जी उठे के बारे म सवाल \r (मत्ती 22:23‑33; मरकुस 12:18‑27) \p \v 27 सदूकीमन कहिथंय कि मरे मनखेमन के जी उठई, नइं होवय, ओमा के कुछू झन यीसू करा आईन अऊ ओकर ले पुछिन, \v 28 “हे गुरू, मूसा ह हमर बर लिखे हवय कि यदि कोनो मनखे के भाई ह अपन घरवाली के रहत बिगर संतान के मर जावय, त येह जरूरी ए कि ओ मनखे ह अपन भाई के बिधवा ले बिहाव कर ले अऊ अपन भाई बर संतान पईदा करय। \v 29 एक जगह सात झन भाई रिहिन। पहिला भाई ह एक माईलोगन ले बिहाव करिस अऊ बिगर कोनो लइका के मर गीस। \v 30 तब दूसरा भाई ह ओ माईलोगन ले बिहाव करिस, \v 31 अऊ तब तीसरा भाई ह ओकर ले बिहाव करिस, अऊ इही किसम ले सातों भाई बिगर कोनो संतान के मर गीन। \v 32 आखिर म ओ माईलोगन घलो मर गीस। \v 33 तब मरे मनखेमन के जी उठे के बाद, ओह काकर घरवाली होही? काबरकि ओह सातों भाईमन ले बिहाव करे रिहिस?” \p \v 34 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “ये जुग के आदमी अऊ माईलोगनमन सादी-बिहाव करथें, \v 35 पर जऊन मन ये लईक ठहिरथें कि ओमन अवइया जुग अऊ मरे मनखेमन के जी उठई म भाग लेवंय, त ओमन न तो बिहाव करहीं अऊ न ही ओमन ला बिहाव म दिये जाही। \v 36 अऊ ओमन फेर कभू नइं मरंय; काबरकि ओमन स्वरगदूतमन सहीं अंय। ओमन परमेसर के संतान अंय, काबरकि ओमन मरे मनखेमन ले जी उठे हवंय। \v 37 मरे मन जी उठथें, येला मूसा ह घलो जरत झाड़ी के घटना म बताथे, जिहां ओह परभू ला ‘अब्राहम के परमेसर, अऊ इसहाक के परमेसर, अऊ याकूब के परमेसर,’ कहिथे\f + \fr 20:37 \fr*\ft \+xt निर 3:6\+xt*\ft*\f*। \v 38 एकर मतलब होथे कि ओह मरे मन के नइं, पर जीयतमन के परमेसर अय, काबरकि ओकर बर जम्मो झन जीयत हवंय।” \p \v 39 कुछू कानून के गुरूमन कहिन, “हे गुरू, तेंह बने कहे!” \v 40 एकर बाद ओमन ओला अऊ कोनो सवाल करे के हिम्मत नइं करिन। \s1 मसीह ह काकर बेटा अय? \r (मत्ती 22:41‑46; मरकुस 12:35‑37) \p \v 41 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “ओमन कइसने कह सकथें कि मसीह ह दाऊद के संतान अय? \v 42 काबरकि दाऊद ह खुदे भजन-संहिता के किताब म कहिथे: \q1 “ ‘परभू ह मोर परभू ले कहिस: \q2 “मोर जेवनी हांथ कोति बईठ, \q1 \v 43 जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला \q2 तोर गोड़ रखे के चउकी नइं बना देवंव।” ’\f + \fr 20:43 \fr*\ft \+xt भजन 110:1\+xt*\ft*\f* \m \v 44 जब दाऊद ह ओला ‘परभू’ कहिथे, तब मसीह ह दाऊद के संतान कइसने हो सकथे?” \s1 कानून के गुरूमन के बिरूध चेतउनी \p \v 45 जब जम्मो मनखेमन यीसू के बात ला सुनत रिहिन, त यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, \v 46 “कानून के गुरूमन ले सचेत रहव। ओमन लम्बा-लम्बा ओनहा पहिरके एती-ओती घुमई पसंद करथें अऊ ओमन ला बजार के जगह म आदर के संग जोहार झोंकई, यहूदीमन के सभा-घर म सबले बने आसन अऊ जेवनार म आदर के ठऊर म बईठई बने लगथे। \v 47 ओमन बिधवामन के घर ला हड़प लेथें, अऊ देखाय बर लम्बा-लम्बा पराथना करथें। अइसने मनखेमन बहुंत दंड पाहीं।” \c 21 \s1 गरीब बिधवा के दान \r (मरकुस 12:41‑44) \p \v 1 यीसू ह देखिस कि धनी मनखेमन अपन दान ला मंदिर के खजाना म डारत रहंय। \v 2 ओह उहां एक गरीब बिधवा ला घलो ओमा दू ठन तांबा के छोटे सिक्का डारत देखिस। \v 3 यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ये गरीब बिधवा ह आने जम्मो झन ले जादा दान दे हवय। \v 4 काबरकि ओ जम्मो मनखे अपन बढ़त धन ले दान दे हवंय; पर येह अपन गरीबी म ले जम्मो ला देय दे हवय, जेमा ओकर गुजारा होय रहितिस।” \s1 जुग के अन्त होय के चिनहां \r (मत्ती 24:1‑2; मरकुस 13:1‑2) \p \v 5 यीसू के कुछू चेलामन मंदिर के बारे म गोठियावत रिहिन कि मंदिर ह कइसने सुघर पथरामन ले अऊ परमेसर ला चघाय दान ले सजाय-संवारे गे हवय। पर यीसू ह कहिस, \v 6 “ओ चीज जऊन ला तुमन इहां देखत हवव, एक समय आही, जब एको ठन पथरा उहां अपन जगह म नइं बांचही; हर एक पथरा ला गिरा दिये जाही।” \p \v 7 ओमन पुछिन, “हे गुरू, ये बातमन कब होही? अऊ ये बातमन के होय के पहिली, का चिनहां दिखही?” \p \v 8 यीसू ह कहिस, “सचेत रहव कि तुमन धोखा झन खावव। काबरकि कतको झन मोर नांव म आहीं अऊ कहिहीं ‘मेंह मसीह अंव’ अऊ ‘समय ह लकठा आ गे हवय।’ पर ओमन के पाछू झन जावव। \v 9 जब तुमन लड़ई अऊ उपदरव के बात सुनव, त झन डरव। पहिली ये बातमन के होना जरूरी अय, पर ओ समय तुरते अन्त नइं होवय।” \p \v 10 तब यीसू ह ओमन ला कहिस: “एक देस ह दूसर देस ऊपर अऊ एक राज ह दूसर राज ऊपर चढ़ई करही। \v 11 कतको जगह म भयंकर भुइंडोल, अकाल अऊ महामारी होही, अऊ अकास ले भयंकर घटना अऊ बड़े-बड़े चिनहां परगट होहीं। \p \v 12 “पर ये जम्मो होय के पहिली, मनखेमन तुमन ला पकड़हीं अऊ सताहीं। ओमन तुमन ला यहूदीमन के सभा-घर म सऊंप दीहीं अऊ तुमन ला जेल म डार दीहीं। तुमन ला राजा अऊ हाकिममन के आघू म लाने जाही अऊ ये जम्मो बात मोर नांव के कारन होही। \v 13 येह तुम्हर बर मोर गवाही देय के मऊका होही। \v 14 अपन मन म ठान लेवव कि एकर बारे म आघू ले फिकर करे के जरूरत नइं ए कि अपन बचाव कइसने करहू। \v 15 काबरकि मेंह तुमन ला बचन अऊ बुद्धि दूहूं कि तुम्हर कोनो घलो बईरी तुम्हर बिरोध या खंडन नइं कर सकहीं। \v 16 अऊ त अऊ तुम्हर दाई-ददा, भाई, रिस्तेदार अऊ संगवारीमन तुमन ला पकड़वाहीं अऊ ओमन तुमन म ले कुछू झन ला मरवा डारहीं। \v 17 मोर कारन, जम्मो मनखेमन तुम्हर ले घिन करहीं। \v 18 पर तुम्हर मुड़ के कोनो बाल घलो बांका नइं होवय। \v 19 मोर बिसवास म मजबूत रहे के दुवारा तुमन अपन जिनगी ला बचाहू। \s1 यीसू ह यरूसलेम के बिनास के बारे म गोठियाथे \r (मत्ती 24:15‑21; मरकुस 13:14‑19) \p \v 20 “जब तुमन यरूसलेम ला सेनामन ले चारों कोति घेराय देखव, त तुमन जान लेवव कि एकर बिनास होवइया हवय। \v 21 तब जऊन मन यहूदिया प्रदेस म हवंय, ओमन पहाड़ ऊपर भाग जावंय; जऊन मन सहर म हवंय, ओमन सहर ले निकल जावंय, अऊ जऊन मन सहर के बाहिर हवंय, ओमन सहर के भीतर झन जावंय। \v 22 काबरकि येह दंड के समय होही। ये किसम ले परमेसर के बचन म लिखे ओ जम्मो बात पूरा होही। \v 23 ओ माईलोगनमन बर कतेक भयानक बात होही, जऊन मन ओ दिन म देहें म होहीं अऊ जऊन दाईमन लइकामन ला दूध पीयावत होहीं! देस म भयंकर बिपत्ति पड़ही अऊ परमेसर के कोरोध ये मनखेमन ऊपर भड़कही। \v 24 ओमन तलवार ले मारे जाहीं अऊ मनखेमन ला बंदी के रूप म जम्मो देस म पहुंचाय जाही। यरूसलेम सहर ला आनजातमन तब तक कुचरहीं, जब तक कि आनजातमन के समय ह पूरा नइं हो जावय। \p \v 25 “सूरज, चंदा अऊ तारामन म चिनहां दिखहीं। धरती म, जम्मो देस के मनखेमन दुख भोगहीं अऊ ओमन समुंदर के गरजन अऊ भयंकर लहरा ले घबराहीं। \v 26 भय अऊ संसार म अवइया संकट के कारन मनखेमन के जी म जी नइं रहिही, काबरकि अकास के सक्तिमन हलाय जाहीं। \v 27 ओ समय मनखेमन ‘मनखे के बेटा’ ला एक बादर म सक्ति अऊ बड़े महिमा के संग आवत देखहीं। \v 28 जब ये बातमन होवन लगय, त ठाढ़ हो जावव अऊ अपन मुड़ ला ऊपर करव, काबरकि तुम्हर उद्धार ह लकठा म होही।” \p \v 29 तब यीसू ह ओमन ला ये पटंतर कहिस, “अंजीर के रूख अऊ जम्मो आने रूखमन ला देखव। \v 30 जब ओमा पान निकलथे, त तुमन देखके खुदे जान लेथव कि घाम के महिना अवइया हवय। \v 31 ओहीच किसम ले, जब तुमन ये जम्मो घटनामन ला देखव, त जान लेवव कि परमेसर के राज ह अवइया हवय। \p \v 32 “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक ये जम्मो बातमन नइं हो जाहीं, तब तक ये पीढ़ी के मनखेमन नइं मरंय। \v 33 अकास अऊ धरती ह टर जाही, पर मोर बचन ह कभू नइं टरय। \p \v 34 “सचेत रहव, नइं तो तुम्हर हिरदय ह खराप जिनगी, मतवारपन अऊ जिनगी के चिंता करे म लग जाही, अऊ ओ दिन ह एक ठन फांदा के सहीं अचानक तुम्हर ऊपर आ जाही। \v 35 फांदा ह ओ जम्मो झन के ऊपर आही, जऊन मन धरती म रहिथें। \v 36 हमेसा सचेत रहव अऊ पराथना करत रहव कि तुमन ओ जम्मो अवइया संकट ले बच सकव, अऊ तुमन ‘मनखे के बेटा’ के आघू म ठाढ़ होय के लईक बन सकव।” \p \v 37 हर एक दिन यीसू ह मंदिर म उपदेस करय, अऊ हर संझा ओह बाहिर जैतून नांव के पहाड़ म रात बिताय बर चले जावय, \v 38 अऊ जम्मो मनखेमन बड़े बिहनियां ले ओकर बात सुने बर मंदिर म आवंय। \c 22 \s1 यहूदा ह यीसू ला पकड़वाय बर तियार हो जाथे \r (मत्ती 26:14‑16; मरकुस 14:10‑11) \p \v 1 यहूदीमन के बिन खमीर के रोटी के तिहार जऊन ला फसह तिहार कहे जाथे, लकठा आवत रहय, \v 2 अऊ मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन चुपेचाप यीसू ला मार डारे के कुछू उपाय खोजत रहंय, पर ओमन मनखेमन ले डरावत रहंय। \v 3 तब सैतान ह यहूदा के भीतर म हमाईस, जऊन ला इस्करियोती घलो कहे जावय, अऊ जऊन ह यीसू के बारह चेलामन ले एक झन रिहिस। \v 4 यहूदा ह मुखिया पुरोहित अऊ मंदिर के रखवारमन के अधिकारीमन करा गीस अऊ ओमन के संग बातचीत करिस कि ओह यीसू ला कइसने ओमन के हांथ म पकड़वाही। \v 5 ओमन खुस होईन अऊ ओला पईसा देय बर राजी हो गीन। \v 6 यहूदा घलो तियार हो गीस, अऊ मऊका खोजे लगिस कि जब उहां भीड़ झन रहय, तब ओह यीसू ला ओमन के हांथ म पकड़वा देवय। \s1 आखिरी भोजन \r (मत्ती 26:17‑25; मरकुस 14:12‑21; यूहन्ना 13:21‑30) \p \v 7 तब यहूदीमन के बिन खमीर के रोटी के दिन ह आईस अऊ ये दिन म फसह के मेढ़ा-पीला ला बलिदान करना जरूरी रहय। \v 8 यीसू ह पतरस अऊ यूहन्ना ला ये कहिके पठोईस, “जावव अऊ हमर बर फसह तिहार के भोजन के तियारी करव।” \p \v 9 ओमन पुछिन, “तेंह कहां चाहथस कि हमन एकर तियारी करन?” \p \v 10 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जब तुमन सहर म जाहू, त तुमन ला एक मनखे घघरी म पानी ले जावत मिलही। जऊन घर म ओह जावय, तुमन ओकर पाछू-पाछू जावव, \v 11 अऊ ओ घर के मालिक ले कहव, ‘गुरू ह पुछत हवय कि ओ पहुना कमरा कहां हवय, जिहां ओह अपन चेलामन संग फसह के भोज खा सकय?’ \v 12 ओह तुमन ला अटारी म सजे-सजाय अऊ तियार एक ठन बड़े कमरा देखा दीही। उहां तुमन तियारी करव।” \p \v 13 ओमन गीन अऊ हर चीज ला वइसनेच पाईन, जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, अऊ ओमन फसह तिहार के भोजन के तियारी करिन। \p \v 14 जब समय आईस, त यीसू अऊ ओकर प्रेरितमन खाय बर बईठिन। \v 15 अऊ ओह ओमन ला कहिस, “एकर पहिली कि मेंह दुख भोगंव, मोर बहुंत ईछा रिहिस कि मेंह तुम्हर संग ये फसह के भोजन ला खावंव। \v 16 काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव, जब तक जम्मो बात परमेसर के राज म पूरा नइं हो जावय, तब तक मेंह येला फेर नइं खावंव।” \p \v 17 तब यीसू ह अंगूर के मंद के कटोरा ला लेके परमेसर ला धनबाद दीस अऊ कहिस, “येला लेवव अऊ आपस म बांट लेवव। \v 18 काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव कि जब तक परमेसर के राज नइं आ जावय, तब तक मेंह अंगूर के मंद ला फेर नइं पीयंव।” \p \v 19 तब ओह कुछू रोटी लीस, अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ अपन चेलामन ला देके कहिस, “येह मोर देहें ए, जऊन ह तुम्हर बर देय जावत हवय; मोर सुरता म एही करे करव।” \p \v 20 ओही किसम ले भोजन के पाछू, यीसू ह कटोरा ला लीस अऊ कहिस, “ये कटोरा ह मोर लहू म परमेसर के नवां करार ए, जऊन ह तुम्हर बर ढारे जावथे। \v 21 पर जऊन ह मोला धोखा दीही, ओकर हांथ ह मोर संग मेज म हवय। \v 22 मनखे के बेटा ह मरही, जइसने परमेसर ह ठहिराय हवय; पर धिक्कार ए, ओ मनखे ऊपर, जऊन ह ओकर संग बिसवासघात करत हे!” \v 23 तब चेलामन आपस म पुछे लगिन, “हमन म ओह कोन हो सकथे, जऊन ह ये काम करही।” \s1 चेलामन म कोन बड़े \p \v 24 ओमन म ये बिवाद घलो होय लगिस कि ओमन के बीच म कोन चेला सबले बड़े माने जाही। \v 25 यीसू ह ओमन ला कहिस, “आनजातमन के राजामन अपन मनखेमन ऊपर हुकूम चलाथें; अऊ जऊन मन ओमन के ऊपर अधिकार रखथें, ओमन अपनआप ला भलई करइया कहिथें। \v 26 पर तुमन ला वइसने नइं बनना हवय। एकर बदले, जऊन ह तुम्हर बीच म सबले बड़े ए, ओह सबले छोटे सहीं बनय, अऊ जऊन ह हुकूम चलाथे, ओह सेवक के सहीं बनय। \v 27 कोन ह बड़े ए, ओ जऊन ह खाय बर बईठथे या ओ जऊन ह ओकर सेवा करथे? ओही जऊन ह खाय बर बईठथे। पर मेंह तुम्हर बीच म एक सेवक के सहीं अंव। \v 28 तुमन ओ मनखे अव, जऊन मन मोर दुख के समय म मोर संग रहेव। \v 29 अऊ मेंह तुमन ला एक राज के ऊपर सासन करे के अधिकार देवत हंव, जइसने मोर ददा ह मोला एक राज के ऊपर सासन करे के अधिकार दे हवय, \v 30 ताकि तुमन मोर राज म मोर संग बईठके खावव अऊ पीयव अऊ सिंघासनमन म बईठके, इसरायल के बारह गोत्र के नियाय करव। \p \v 31 “हे सिमोन, सिमोन, सुन! सैतान ह तुमन ला परखे बर अनुमति मांगे हवय कि जइसने किसान ह गहूं ला भूंसी से अलग करथे, वइसने ओह तुमन ला अलग करय। \v 32 पर मेंह तोर बर पराथना करे हवंव, सिमोन! ताकि तोर बिसवास ह बने रहय। अऊ जब तेंह मोर करा लहुंटके आ जाबे, त अपन भाईमन ला बिसवास म मजबूत करबे।” \p \v 33 पर सिमोन पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे परभू, मेंह तोर संग जेल जाय बर तियार हवंव अऊ मरे बर घलो तियार हवंव।” \p \v 34 यीसू ह कहिस, “पतरस, मेंह तोला कहत हंव कि आज कुकरा के बासे के पहिली, तेंह तीन बार इनकार करबे कि तेंह मोला जानथस।” \p \v 35 तब यीसू ह ओमन ले पुछिस, “जब मेंह तुमन ला बिगर पईसा, झोला या पनही के पठोय रहेंव, त का तुमन ला कोनो चीज के कमी होईस?” \p ओमन कहिन, “कोनो चीज के कमी नइं होईस।” \p \v 36 यीसू ह ओमन ला कहिस, “पर अब जेकर करा पईसा हवय, ओह ओला ले लेय, अऊ झोला घलो धर ले; अऊ जेकर करा तलवार नइं ए, ओह अपन ओनहा ला बेचके एक ठन तलवार बिसो ले। \v 37 परमेसर के बचन म ये लिखे हवय: ‘अऊ ओह अपराधीमन संग गने गीस’\f + \fr 22:37 \fr*\ft \+xt यसा 53:12\+xt*\ft*\f*; अऊ मेंह तुमन ला कहथंव कि ये बात के मोर ऊपर पूरा होना जरूरी ए। काबरकि जऊन बात ह मोर बारे म लिखे गे हवय, ओह पूरा होवत हवय।” \p \v 38 चेलामन कहिन, “हे परभू, देख, इहां दू ठन तलवार हवय।” \p ओह कहिस, “ओह परयाप्त अय।” \s1 यीसू ह जैतून के पहाड़ म पराथना करथे \r (मत्ती 26:36‑46; मरकुस 14:32‑42) \p \v 39 यीसू ह घर के बाहिर निकलिस अऊ अपन रीति के मुताबिक ओह जैतून पहाड़ ला गीस अऊ ओकर चेलामन ओकर पाछू-पाछू गीन। \v 40 ओ जगह म हबरके यीसू ह ओमन ला कहिस, “पराथना करव ताकि तुमन परिछा म झन पड़व।” \v 41 तब ओह ओमन ले करीब पथरा फेंके के दूरिहा तक गीस अऊ माड़ी टेकके ये पराथना करे लगिस, \v 42 “हे ददा, कहूं तोर ईछा हवय, त ये दुख के कटोरा ला मोर करा ले टार दे; तभो ले मोर नइं, पर तोर ईछा पूरा होवय।” \v 43 तब स्वरग ले एक स्वरगदूत ओकर करा आईस अऊ ओला मजबूत करिस। \v 44 अऊ ओह बहुंते बियाकुल होके, अऊ लगन से पराथना करे लगिस, अऊ ओकर पसीना ह लहू के बूंद सहीं भुइयां म गिरत रहय। \p \v 45 जब ओह पराथना करके उठिस, अऊ चेलामन करा गीस, त ओह ओमन ला दुख के मारे सोवत अऊ थके पाईस। \v 46 ओह ओमन ला कहिस, “तुमन काबर सुतत हवव? उठव अऊ पराथना करव ताकि तुमन परिछा म झन पड़व।” \s1 यीसू ह बंदी बनाय जाथे \r (मत्ती 26:47‑56; मरकुस 14:43‑50; यूहन्ना 18:3‑12) \p \v 47 जब यीसू ह ये बात कहितेच रिहिस, तभे मनखेमन के एक भीड़ आईस; अऊ यहूदा जऊन ह यीसू के बारह चेलामन ले एक झन रिहिस, ओमन के आघू-आघू चलत रहय। ओह यीसू करा ओला चूमे बर आईस। \v 48 पर यीसू ह ओला कहिस, “हे यहूदा, चूमा देके, का तेंह मनखे के बेटा ला पकड़वावत हस?” \p \v 49 यीसू के चेलामन जब देखिन कि का होवइया हवय, त ओमन कहिन, “हे परभू, का हमन अपन तलवार चलावन?” \v 50 अऊ ओमन ले एक झन महा पुरोहित के सेवक ऊपर तलवार चलाके ओकर जेवनी कान ला काट दीस। \p \v 51 तब यीसू ह कहिस, “येला बंद करव।” अऊ ओह मनखे के कान ला छुईस अऊ ओला बने कर दीस। \p \v 52 तब यीसू ह ओ मुखिया पुरोहित, मंदिर के रखवारमन के अधिकारी अऊ अगुवामन ला कहिस, जऊन मन ओला पकड़े बर आय रिहिन, “का मेंह डाकू अंव कि तुमन तलवार अऊ बड़े-बड़े लउठी लेके आय हवव? \v 53 मेंह हर दिन तुम्हर संग मंदिर म रहेंव, अऊ तुमन मोला नइं पकड़ेव। पर येह तुम्हर समय ए, जब अंधियार के सक्ति ह राज करथे।” \s1 पतरस ह यीसू के इनकार करथे \r (मत्ती 26:57‑58, 69‑75; मरकुस 14:53‑54, 66‑72; यूहन्ना 18:12‑18, 25‑27) \p \v 54 तब ओमन यीसू ला पकड़िन अऊ ओला महा पुरोहित के घर ले गीन। पतरस ह कुछू दूरिहा म रहत ओकर पाछू-पाछू गीस। \v 55 पर जब ओमन मांझा अंगना म आगी बारके चारों अंग बईठ गीन, त पतरस ह ओमन के संग जाके बईठ गीस। \v 56 एक झन नौकरानी छोकरी ओला आगी के अंजोर म उहां बईठे देखिस। ओ छोकरी ह ओला टक लगाके देखिस अऊ कहिस, “ये मनखे ह यीसू के संग रिहिस।” \p \v 57 पर पतरस ह इनकार करिस अऊ कहिस, “ए छोकरी, मेंह ओला नइं जानंव।” \p \v 58 थोरकन देर बाद, एक आने मनखे ओला देखिस अऊ कहिस, “तेंह घलो ओमन ले एक झन अस।” \p पर पतरस ह कहिस, “ए मनखे, मेंह नो हंव।” \p \v 59 करीब एक घंटा के बाद, एक आने मनखे ह जोर देके कहिस, “सही म, ये मनखे ह ओकर संग रिहिस, काबरकि येह घलो गलील प्रदेस के रहइया ए।” \p \v 60 पतरस ह जबाब देके कहिस, “ए मनखे, मेंह नइं जानंव कि तेंह का कहथस।” जब ओह ये कहितेच रिहिस कि तुरते कुकरा ह बासिस। \v 61 अऊ परभू ह लहुंटके पतरस ला सीधा देखिस, तब पतरस ह परभू के कहे ओ बात ला सुरता करिस, “एकर पहिली कि आज कुकरा ह बासे, तेंह तीन बार मोर इनकार करबे।” \v 62 अऊ ओह बाहिर गीस अऊ फूट-फूटके रोय लगिस। \s1 सैनिकमन यीसू के हंसी उड़ाथें \r (मत्ती 26:67‑68; मरकुस 14:65) \p \v 63 जऊन मनखेमन यीसू के रखवारी करत रहंय, ओमन यीसू के ठट्ठा करिन अऊ ओला मारे-पीटे लगिन। \v 64 ओमन यीसू के आंखी ला ढांपके ओकर ले पुछिन, “अगमबानी करके हमन ला बता कि तोला कोन मारिस?” \v 65 ओमन अऊ बहुंत बेजत्ती के बात ओला कहिन। \s1 यीसू धरम-सभा के आघू म \r (मत्ती 26:59‑66; मरकुस 14:55‑64; यूहन्ना 18:19‑24) \p \v 66 जब दिन होईस, त मनखेमन के अगुवामन के एक सभा होईस, जेमा मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन रिहिन, अऊ यीसू ला ओमन के आघू म लाने गीस। \v 67 ओमन यीसू ले पुछिन, “यदि तेंह मसीह अस, त हमन ला बता?” \p यीसू ह जबाब दीस, “यदि मेंह तुमन ला बताहूं, त तुमन मोर ऊपर बिसवास नइं करहू, \v 68 अऊ यदि मेंह तुमन ले पुछहूं, त तुमन जबाब नइं दूहू। \v 69 पर अब ले, मनखे के बेटा ह सर्वसक्तिमान परमेसर के जेवनी हांथ कोति बईठही।” \p \v 70 ओमन जम्मो झन पुछिन, “त का तेंह परमेसर के बेटा अस?” \p ओह ओमन ला जबाब दीस, “तुमन कहत हव, काबरकि मेंह अंव।” \p \v 71 तब ओमन कहिन, “हमन ला अऊ कोनो गवाह के जरूरत नइं ए। हमन खुदे ओकर मुहूं ले सुन लेय हवन।” \c 23 \s1 यीसू ह पीलातुस राजपाल अऊ हेरोदेस राजा के आघू म \r (मत्ती 27:1‑2, 11‑14; मरकुस 15:1‑5; यूहन्ना 18:28‑38) \p \v 1 तब मनखेमन के जम्मो सभा ह उठिस अऊ यीसू ला पीलातुस करा ले गीस। \v 2 अऊ उहां ओमन ओकर ऊपर ये कहिके दोस लगाय लगिन, “हमन देखे हन कि ये आदमी ह हमर जाति के मनखेमन ला बहकावत रिहिस। ओह मनखेमन ला महाराजा ला लगान पटाय बर मना करथे अऊ अपनआप ला मसीह—एक राजा कहिथे।” \p \v 3 पीलातुस ह यीसू ले पुछिस, “का तेंह यहूदीमन के राजा अस?” \p यीसू ह ओला जबाब दीस, “हव जी, जइसने तेंह कहत हस।” \p \v 4 तब पीलातुस ह मुखिया पुरोहित अऊ मनखेमन के भीड़ ला कहिस, “मोला ये मनखे ऊपर दोस लगाय के कोनो आधार नइं मिलिस।” \p \v 5 पर ओमन अऊ जोर देके कहिन, “ओह जम्मो यहूदिया प्रदेस म अपन उपदेस के दुवारा मनखेमन ला भड़काय हवय। ओह गलील प्रदेस म सुरू करिस अऊ अब इहां तक आ गे हवय।” \p \v 6 ये सुनके पीलातुस ह पुछिस, “का ये मनखे ह गलील प्रदेस के रहइया ए?” \v 7 जब ओह ये जानिस कि यीसू ह हेरोदेस के अधिकार म आथे, त ओह यीसू ला हेरोदेस राजा करा पठो दीस। ओ समय म हेरोदेस राजा घलो यरूसलेम सहर म रिहिस। \p \v 8 जब हेरोदेस ह यीसू ला देखिस, त ओह बहुंत खुस होईस, काबरकि ओह बहुंत समय ले ओला देखे चाहत रिहिस। ओह यीसू के बारे म सुने रिहिस अऊ ओह आसा करत रिहिस कि यीसू ह कुछू चमतकार के काम देखाही। \v 9 एकरसेति, ओह यीसू ले बहुंत सवाल करिस, पर यीसू ह ओला कोनो जबाब नइं दीस। \v 10 मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन उहां ठाढ़े रहंय, अऊ ओमन तन-मन ले यीसू ऊपर दोस लगावत रहंय। \v 11 तब हेरोदेस अऊ ओकर सैनिकमन यीसू के ठट्ठा करिन अऊ हंसी उड़ाईन, अऊ ओमन ओला भड़कीला कपड़ा पहिराके पीलातुस करा वापिस पठो दीन। \v 12 अऊ ओही दिन ले हेरोदेस अऊ पीलातुस एक-दूसर के संगवारी बन गीन; एकर पहिली ओमन एक-दूसर के बईरी रिहिन। \p \v 13 पीलातुस ह मुखिया पुरोहित, अधिकारी अऊ मनखेमन ला बलाईस \v 14 अऊ ओमन ला कहिस, “तुमन ये मनखे ला मोर करा लानके ये कहेव कि येह मनखेमन ला भड़कावत रिहिस। मेंह तुम्हर आघू म एकर जांच करेंव, पर तुमन जऊन बात के दोस ओकर ऊपर लगावत हव, ओमा मेंह ओला दोसी नइं पायेंव। \v 15 अऊ न हेरोदेस ओमा कोनो दोस पाईस काबरकि ओह येला हमर करा वापिस पठो दे हवय। देखव, येह अइसने कुछू नइं करे हवय कि येह मार डारे जावय। \v 16 एकरसेति, मेंह येला पीटवाके छोंड़ दूहूं।” \v 17 यहूदीमन के हर फसह के तिहार के समय म, पीलातुस ह ओमन बर एक कैदी ला छोंड़य।\f + \fr 23:17 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \p \v 18 पर मनखेमन एक संग चिचियाके कहिन, “ओला मार डार अऊ हमर बर बरब्बा ला छोंड़ दे।” \v 19 (बरब्बा ला सहर म दंगा करे के कारन अऊ हतिया के दोस म जेल म डारे गे रिहिस।) \p \v 20 पीलातुस ह यीसू ला छोंड़े बर चाहत रिहिस, एकरसेति, ओह मनखेमन ला फेर समझाईस। \v 21 पर ओमन ये कहिके चिचियावत रहंय, “येला कुरूस ऊपर चघावव! येला कुरूस ऊपर चघावव!” \p \v 22 पीलातुस ह ओमन ला तीसरा बार कहिस, “काबर? ये मनखे ह का अपराध करे हवय? मेंह ओमा अइसने कोनो बात नइं पायेंव कि ओह मार डारे जावय। एकरसेति, मेंह येला पीटवाके छोंड़ दूहूं।” \p \v 23 पर ओमन जोर देके अऊ चिचियाके मांग करिन कि यीसू ला कुरूस ऊपर चघाय जावय; अऊ आखिरी म, ओमन के चिचियाय के जीत होईस। \v 24 पीलातुस ह ओमन के मांग ला मान लीस। \v 25 ओमन जऊन मनखे ला चाहत रिहिन, ओह ओला छोंड़ दीस, जऊन ह दंगा अऊ हतिया के दोस म जेल म डारे गे रिहिस, जऊन ला ओमन छोंड़े के मांग करत रिहिन अऊ पीलातुस ह ओमन के ईछा के मुताबिक यीसू ला ओमन के हांथ म सऊंप दीस। \s1 यीसू ला कुरूस म चघाय जाथे \r (मत्ती 27:32‑44; मरकुस 15:21‑32; यूहन्ना 19:17‑27) \p \v 26 जब सैनिकमन यीसू ला ले जावत रिहिन, त डहार म, ओमन ला सिमोन नांव के एक झन मनखे मिलिस, जऊन ह कुरेन के रहइया रिहिस अऊ गांव ले आवत रिहिस। ओमन ओला पकड़िन अऊ कुरूस ला ओकर ऊपर लाद दीन, ताकि ओह ओला उठाके यीसू के पाछू-पाछू चलय। \v 27 मनखेमन के एक बहुंत बड़े भीड़ यीसू के पाछू-पाछू चलत रहय; ओमा कुछू माईलोगन घलो रहंय, जऊन मन यीसू बर रोवत अऊ बिलाप करत रहंय। \v 28 यीसू ह ओमन कोति मुहूं करके कहिस, “हे यरूसलेम के बेटीमन, मोर बर झन रोवव, पर अपनआप अऊ अपन लइकामन बर रोवव। \v 29 काबरकि ओ समय ह आवत हवय, जब मनखेमन कहिहीं, ‘धइन एं ओ बांझ माईलोगनमन, जऊन मन अपन कोख ले कभू लइका नइं जनमाईन अऊ अपन छाती से कभू दूध नइं पीयाईन!’ \q1 \v 30 “ ‘तब ओमन पहाड़मन ले कहिहीं, “हमर ऊपर गिर जावव!” \q2 अऊ पहाड़ीमन ले कहिहीं, “हमन ला ढांप लेवव!” ’\f + \fr 23:30 \fr*\ft \+xt होसे 10:8\+xt*\ft*\f* \m \v 31 जब मनखेमन हरियर रूख के संग अइसने करथें, तब सूखा रूख के संग का कुछू नइं करहीं?” \p \v 32 ओमन दू झन अऊ मनखे ला घलो जऊन मन बदमास रिहिन, यीसू के संग मार डारे बर ले गीन। \v 33 जब ओमन ओ जगह म आईन, जऊन ला खोपड़ी कहिथें, त उहां ओमन यीसू ला अऊ ओ दू झन बदमास ला अलग-अलग कुरूस ऊपर चघा दीन। एक बदमास ला यीसू के जेवनी कोति अऊ दूसर ला यीसू के डेरी कोति कुरूस ऊपर चघाईन। \v 34 यीसू ह कहिस, “हे ददा, ये मनखेमन ला माफ कर दे, काबरकि येमन नइं जानथें कि येमन का करत हवंय।” अऊ ओमन चिट्ठी डालके ओकर मुताबिक यीसू के कपड़ा ला अपन म बांट लीन। \p \v 35 मनखेमन उहां ठाढ़ होके ये जम्मो ला देखत रिहिन, अऊ अधिकारीमन ये कहिके ओकर हंसी उड़ाईन, “येह आने मन ला बचाईस, अब अपनआप ला बचावय, यदि येह परमेसर के मसीह अऊ चुने हुए जन अय त।” \p \v 36 सैनिकमन घलो आईन अऊ ओकर ठट्ठा करिन। ओमन यीसू ला सिरका ला देके कहिन, \v 37 “अपनआप ला बचा, यदि तेंह यहूदीमन के राजा अस त।” \p \v 38 यीसू के कुरूस ऊपर ये लिखाय रहय: “येह यहूदीमन के राजा अय।” \p \v 39 जऊन दू झन बदमास उहां कुरूस म लटकाय गे रिहिन, ओमा ले एक झन यीसू के बेजत्ती करत कहिस, “का तेंह मसीह नो हस? त फेर अपनआप ला अऊ हमन ला बचा।” \p \v 40 पर आने बदमास ह ओला दबकारके कहिस, “का तेंह परमेसर ले नइं डरस? तेंह घलो तो ओहीच दंड भोगत हवस। \v 41 हमन सही सजा पावत हन, काबरकि हमन जइसने काम करे हवन, वइसने सजा पावत हन। पर ये मनखे ह कुछू गलती नइं करे हवय।” \p \v 42 तब ओह यीसू ला कहिस, “हे यीसू, जब तेंह अपन राज म आबे, त मोला सुरता करबे।” \p \v 43 यीसू ह ओला कहिस, “मेंह तोला सच कहथंव कि आजेच तेंह मोर संग स्वरग-लोक म होबे।” \s1 यीसू के मिरतू \r (मत्ती 27:45‑56; मरकुस 15:33‑41; यूहन्ना 19:28‑30) \p \v 44 मंझन के करीब बारह बजे ले लेके तीन बजे तक जम्मो देस म अंधियार छा गीस, \v 45 काबरकि सूरज ह अंजोर दे बर बंद कर दीस। अऊ मंदिर के परदा ह चीराके दू कुटा हो गीस। \v 46 यीसू ह जोर से चिचियाके कहिस, “हे ददा, तोर हांथ म मेंह अपन आतमा ला सऊंपत हवंव।”\f + \fr 23:46 \fr*\ft \+xt भजन 31:5\+xt*\ft*\f* अऊ ये कहिके ओह अपन परान ला तियाग दीस। \p \v 47 जऊन कुछू होईस, ओला देखके, सिपाहीमन के अधिकारी ह परमेसर के महिमा करिस अऊ कहिस, “सही म, येह एक धरमी मनखे रिहिस।” \v 48 मनखेमन के एक भीड़ ह उहां कुरूस म चघाय जाय के घटना ला देखे बर जूरे रिहिस। जऊन कुछू उहां होईस, ओला जब ओ जम्मो झन देखिन, त ओमन दुख के मारे अपन छाती पीटत घर लहुंट गीन। \v 49 पर यीसू के जम्मो जान-पहिचान के मनखे अऊ ओ माईलोगन जऊन मन गलील प्रदेस ले यीसू के पाछू-पाछू आय रिहिन, ओ जम्मो झन दूरिहा म ठाढ़ होके ये जम्मो बात ला देखत रिहिन। \s1 यीसू के लास ला कबर म रखे जाथे \r (मत्ती 27:57‑61; मरकुस 15:42‑47; यूहन्ना 19:38‑42) \p \v 50 यूसुफ नांव के एक मनखे रिहिस, जऊन ह महासभा के एक सदस्य रिहिस। ओह एक बने अऊ धरमी मनखे रिहिस। \v 51 हालाकि ओह यहूदीमन के धरम महासभा के एक सदस्य रिहिस, पर ओह ओमन के फैसला अऊ काम म सहमत नइं रिहिस। ओह अरमतिया नांव के यहूदी सहर के रहइया रिहिस अऊ ओह परमेसर के राज के बाट जोहत रिहिस। \v 52 ओह पीलातुस करा गीस अऊ यीसू के लास ला मांगिस। \v 53 तब ओह यीसू के लास ला कुरूस ले उतारिस अऊ ओला मलमल के कपड़ा म लपेटिस, अऊ ओला एक ठन कबर म रखिस, जऊन ह चट्टान ला काटके बनाय गे रिहिस अऊ ओमा कभू कोनो लास नइं रखाय रिहिस। \v 54 येह बिसराम दिन बर तियारी करे के दिन रिहिस, अऊ बिसराम के दिन ह सुरू होवइया रिहिस। \p \v 55 ओ माईलोगन, जऊन मन यीसू के संग गलील प्रदेस ले आय रिहिन, ओमन यूसुफ के पाछू-पाछू गीन अऊ ओ कबर ला देखिन अऊ ओमन ये घलो देखिन कि यीसू के देहें ह उहां कइसने रखाय रहय। \v 56 तब ओमन घर वापिस गीन अऊ यीसू के देहें बर मसाला के लेप अऊ खुसबूदार तेल तियार करिन। पर ओमन कानून के मुताबिक बिसराम के दिन सुरताईन। \c 24 \s1 यीसू के जी उठई \r (मत्ती 28:1‑10; मरकुस 16:1‑8; यूहन्ना 20:1‑10) \p \v 1 हप्ता के पहिली दिन बड़े बिहनियां, ओ माईलोगनमन जऊन मसाला के लेप तियार करे रिहिन, ओला लेके यीसू के कबर करा गीन। \v 2 ओमन पथरा ला कबर के मुंहाटी ले ढलंगे पाईन। \v 3 पर जब ओमन कबर के भीतर गीन, त ओमन उहां परभू यीसू के देहें ला नइं पाईन। \v 4 जब ओमन ये बात ला देखके अचम्भो करत रिहिन, त अचानक दू झन मनखे चमकीला कपड़ा पहिरे ओमन करा आके ठाढ़ हो गीन। \v 5 ओमन बहुंत डरा गीन अऊ अपन चेहरा ला तरी करके ठाढ़ हो गीन, तब ओ मनखेमन ओमन ला कहिन, “जऊन ह जीयत हवय, ओला तुमन मरे मन के बीच म काबर खोजत हवव? \v 6 ओह इहां नइं ए। ओह जी उठे हवय। सुरता करव, जब ओह तुम्हर संग गलील प्रदेस म रिहिस, त तुमन ला का कहे रिहिस: \v 7 ‘मनखे के बेटा ह पापी मनखेमन के हांथ म सऊंपे जाही अऊ ओह कुरूस ऊपर चघाय जाही, पर तीसरा दिन ओह फेर जी उठही।’ ” \v 8 तब ओ माईलोगनमन यीसू के बात ला सुरता करिन। \p \v 9 जब ओमन कबर ले वापिस आईन, त ओमन ये जम्मो बात गियारह चेला अऊ दूसर जम्मो झन ला बताईन। \v 10 ये माईलोगनमन मरियम मगदलिनी, योअन्ना अऊ याकूब के दाई मरियम रिहिन। येमन अऊ आने माईलोगनमन ये बात प्रेरितमन ला बताईन। \v 11 पर ओमन माईलोगनमन के बात ला बिसवास नइं करिन काबरकि ओमन ला येह बेकार के बात लगिस। \v 12 पर पतरस ह उठिस अऊ दऊड़त कबर म गीस। जब ओह निहरके देखिस, त उहां सिरिप मलमल के कपड़ा ह पड़े रहय। तब जऊन कुछू होय रिहिस, ओकर बारे म अचम्भो करत, ओह अपन घर लहुंट गीस। \s1 इम्माऊस के डहार म \r (मरकुस 16:12‑13) \p \v 13 ओहीच दिन, यीसू के चेलामन ले दू झन इम्माऊस नांव के एक गांव ला जावत रिहिन, जऊन ह यरूसलेम सहर ले करीब गियारह किलोमीटर दूरिहा रिहिस। \v 14 जऊन कुछू होय रिहिस, ओकर बारे म ओ दूनों गोठियावत जावत रिहिन। \v 15 जब ओमन आपस म गोठियावत अऊ बिचार करत जावत रिहिन, त यीसू ह खुदे आईस अऊ ओमन के संग हो लीस; \v 16 पर ओमन ओला चिनहे नइं सकिन। \p \v 17 यीसू ह ओमन ले पुछिस, “तुमन रेंगत-रेंगत दूनों झन काकर बारे म गोठियावत हवव?” \p उदास होके ओमन ठाढ़े रह गीन। \v 18 ओमा ले एक झन के नांव क्लियुपास रिहिस, ओह कहिस, “का तेंह यरूसलेम म रहइया एके झन मनखे अस, जऊन ह नइं जानस कि ये दिनमन म यरूसलेम म का होय हवय?” \p \v 19 यीसू ह पुछिस, “का होय हवय?” \p ओमन यीसू ला कहिन, “नासरत के यीसू के बारे म। ओह एक अगमजानी रिहिस अऊ ओकर बात अऊ काममन परमेसर अऊ जम्मो मनखेमन के नजर म बहुंत सामर्थी रिहिन। \v 20 मुखिया पुरोहित अऊ हमर अधिकारीमन मिरतू-दंड बर यीसू ला सऊंप दीन, अऊ ओमन ओला कुरूस ऊपर चघा दीन। \v 21 पर हमन ला आसा रिहिस कि येह ओहीच ए, जऊन ह इसरायलीमन ला छुड़ाही। ये जम्मो के अलावा एक बात अऊ ए कि ये बात ला होवय आज तीसरा दिन ए। \v 22 हमर संग के कुछू माईलोगनमन हमन ला अचम्भो म डार दे हवंय। ओमन आज बड़े बिहनियां कबर म गे रिहिन। \v 23 पर ओमन ला उहां यीसू के देहें ह नइं मिलिस। ओमन आके हमन ला बताईन कि ओमन ला स्वरगदूतमन दरसन देके कहिन कि यीसू ह जी उठे हवय। \v 24 तब हमर कुछू संगवारीमन कबर म गीन अऊ जइसने माईलोगनमन कहे रिहिन, वइसनेच पाईन; पर ओमन यीसू ला उहां नइं देखिन।” \p \v 25 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन बहुंत मुरूख मनखे अव। अगमजानीमन जऊन बात कहे हवंय, ओ जम्मो ला बिसवास करे म तुमन बहुंत मंदमति अव। \v 26 का येह जरूरी नइं रिहिस कि मसीह ह ये जम्मो दुख भोगय अऊ तब परमेसर ओकर बहुंत महिमा करय।” \v 27 मूसा अऊ जम्मो अगमजानीमन के किताबमन ले सुरू करके परमेसर के जम्मो बचन म ओकर खुद के बारे म का कहे गे हवय—यीसू ह ओ जम्मो बात ओमन ला समझाईस। \p \v 28 जब ओमन ओ गांव म हबरिन, जिहां ओमन ला जाना रिहिस, त यीसू ह अइसने देखाईस, जइसने ओला अऊ आघू जाना हवय। \v 29 पर ओमन ओकर ले बहुंत बिनती करके कहिन, “हमर संग रूक जा, काबरकि दिन ह बहुंत ढर गे हवय, अऊ सांझ होवइया हे।” एकरसेति यीसू ह ओमन के संग रूके बर भीतर गीस। \p \v 30 जब यीसू ह ओमन के संग खाय बर बईठिस, त ओह रोटी लीस अऊ परमेसर ला धनबाद दीस; अऊ रोटी ला टोरके ओमन ला देय लगिस। \v 31 तब ओमन के आंखीमन खुल गीन अऊ ओमन यीसू ला चिन डारिन; पर ओह ओमन के नजर ले गायब हो गीस। \v 32 ओमन एक-दूसर ला कहिन, “का हमर मन म एक किसम के उत्साह नइं होवत रिहिस, जब ओह डहार म हमर ले गोठियावत रिहिस अऊ हमन ला परमेसर के बचन समझावत रिहिस?” \p \v 33 ओमन उठिन अऊ तुरते यरूसलेम वापिस चल दीन। उहां ओमन गियारह चेला अऊ आने मन ला एके ठऊर म पाईन, \v 34 अऊ ओमन ये कहत रिहिन, “येह सच ए! परभू ह जी उठे हवय अऊ ओह सिमोन ला दिखे हवय।” \v 35 तब ओ दूनों झन बताईन कि डहार म का होईस, अऊ ओमन कइसने यीसू ला चिन्हिन, जब ओह रोटी टोरत रिहिस। \s1 यीसू ह चेलामन ला दरसन देथे \r (मत्ती 28:16‑20; मरकुस 16:14‑18; यूहन्ना 20:19‑23; प्रेरितमन के काम 1:6‑8) \p \v 36 जब ओमन एकर बारे म गोठियावत रिहिन, त यीसू ह खुद ओमन के बीच आके ठाढ़ हो गीस अऊ ओमन ला कहिस, “तुमन ला सांति मिलय।” \p \v 37 ओमन घबरा गीन अऊ डर गीन। ओमन समझिन कि ओमन कोनो भूत ला देखत हवंय। \v 38 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन काबर घबरावत हव, अऊ तुम्हर मन म काबर संका होवत हवय? \v 39 मोर हांथ अऊ गोड़मन ला देखव। इहां मेंह खुदे ठाढ़े हवंव। मोला छूके देखव। भूत के हाड़ा अऊ मांस नइं होवय, जइसने कि तुमन देखत हव, मोर हवय।” \p \v 40 ये कहिके, यीसू ह ओमन ला अपन हांथ अऊ गोड़मन ला देखाईस। \v 41 अऊ जब आनंद अऊ अचम्भो के मारे ओमन अभी घलो बिसवास नइं करत रिहिन, त यीसू ह ओमन ले पुछिस, “का तुम्हर करा इहां कुछू खाय बर हवय?” \v 42 ओमन ओला आगी म भूंजाय मछरी के एक टुकड़ा दीन। \v 43 यीसू ह ओला लीस अऊ ओमन के आघू म खाईस। \p \v 44 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जब मेंह तुम्हर संग रहत रहेंव, त मेंह तुमन ला ये बातमन ला कहे रहेंव। मोर बारे म जऊन बातमन मूसा के कानून, अगमजानीमन के किताब अऊ भजन-संहिता म लिखे हवय, ये जरूरी अय कि ओ जम्मो बात पूरा होवय।” \p \v 45 तब यीसू ह ओमन के दिमाग ला खोल दीस ताकि ओमन परमेसर के बचन ला समझ सकंय। \v 46 ओह ओमन ला कहिस, “परमेसर के बचन म ये लिखे हवय: ‘मसीह ह दुख भोगही अऊ तीसरा दिन मरे म ले जी उठही, \v 47 अऊ ओकर नांव म पछताप अऊ पाप छेमा के परचार जम्मो देस म करे जाही अऊ ये काम यरूसलेम ले सुरू होही।’ \v 48 तुमन ये जम्मो बात के गवाह अव। \v 49 मेंह तुम्हर करा ओला पठोहूं, जेकर वायदा मोर ददा ह करे हवय; पर तुमन ये सहर म ठहिरे रहव, जब तक कि तुमन ला स्वरग ले सामर्थ नइं मिल जावय।” \s1 यीसू के स्वरग जवई \r (मरकुस 16:19‑20; प्रेरितमन के काम 1:9‑11) \p \v 50 तब यीसू ह ओमन ला बाहिर बैतनियाह गांव के लकठा म ले गीस अऊ उहां ओह अपन हांथ उठाके ओमन ला आसीस दीस। \v 51 यीसू ह आसीस देवत ओमन ले अलग हो गीस अऊ स्वरग म उठा लेय गीस। \v 52 तब ओमन ओकर अराधना करिन अऊ बहुंत आनंद के संग यरूसलेम लहुंट गीन। \v 53 अऊ परमेसर के इस्तुति करत, ओमन अपन पूरा समय मंदिर म बिताय करत रिहिन।