\id ISA - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h यसायाह \toc1 यसायाह के किताब \toc2 यसायाह \toc3 यसा \mt1 यसायाह \mt2 के किताब \c 1 \p \v 1 आमोस के बेटा यसायाह के दरसन, जऊन ला ओह यहूदा अऊ यरूसलेम के बारे म उजियाह, योताम, आहाज, अऊ हिजकियाह नांव यहूदा के राजामन के सासन के दौरान देखिस। \b \s1 एक बिदरोही जाति \q1 \v 2 हे स्वरग, तें मोर बात ला सुन! अऊ हे धरती सुन! \q2 काबरकि यहोवा ह कहे हवय: \q1 “मेंह लइकामन ला पालेंव-पोसेंव अऊ ओमन ला बढ़ांय, \q2 पर ओमन मोर ले बिदरोह करिन। \q1 \v 3 बईला ह तो अपन मालिक ला, \q2 अऊ गदहा ह अपन मालिक के कोटना ला चिन्हथे, \q1 पर इसरायल ह मोला नइं जानय, \q2 मोर मनखेमन नइं समझंय।” \b \q1 \v 4 हाय लगे ये पापी जाति के मनखेमन ऊपर, \q2 जेमन के अपराध ह बहुंत भारी हवय, \q1 जेमन कुकरमीमन के पीला अंय, \q2 जेमन के लइकामन भ्रस्टाचार करे बर दे दिये जाथें! \q1 ओमन यहोवा ला छोंड़ देय हवंय; \q2 ओमन इसरायल के पबितर परमेसर के अपमान करे हवंय \q2 अऊ ओकर कोति अपन पीठ कर ले हवंय। \b \q1 \v 5 तुमन काबर अऊ मार खावव? \q2 तुमन काबर बिदरोह करते रहिथव? \q1 तुम्हर मुड़ म चोट लगे हवय, \q2 अऊ तुम्हर पूरा हिरदय ह दुख ले भरे हवय। \q1 \v 6 तुम्हर गोड़ के तलवा ले लेके मुड़ के ऊपर तक \q2 कुछू घलो ठीक नइं ए— \q1 सिरिप घाव ही घाव \q2 अऊ खुला पीरा देवइया फोड़ामन हवंय, \q1 जेमन ला न साफ करे गे हवय अऊ न ही पट्टी बांधे गे हवय \q2 अऊ न ही जैतून तेल लगाके नरम करे गे हवय। \b \q1 \v 7 तुम्हर देस ह उजार परे हवय, \q2 तुम्हर नगरमन आगी ले जर गे हवंय; \q1 तुम्हर खेतमन ला परदेसीमन \q2 तुम्हर देखते-देखत ले लेवत हवंय, \q2 ओमन उजार परे हवंय, मानो अजनबीमन ओला नास कर दे हवंय। \q1 \v 8 बेटी सियोन ला \q2 अंगूर के बारी के आसरय सहीं, \q1 खीरा-बारी के झोपड़ी सहीं, \q2 या घेराबंदी करे गय एक नगर के सहीं छोंड़ दिये गे हवय। \q1 \v 9 यदि सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q2 हमर बर कुछू बांचेमन ला नइं छोंड़े होतिस, \q1 त हमन घलो सदोम \q2 अऊ अमोरा सहरमन सहीं पूरा नास हो गे रहितेंन। \b \q1 \v 10 हे सदोम के सासन करइयामन, \q2 यहोवा के बचन ला सुनव; \q1 हे अमोरा के मनखेमन, \q2 परमेसर के हुकूम ऊपर धियान देवव! \q1 \v 11 यहोवा ह कहत हे, \q2 “तुम्हर बहुंत अकन बलिदानमन \q2 मोर का काम के अंय? \q1 मोर करा मेढ़ा अऊ मोटा-ताजा पसुमन के चरबी के \q2 जरूरत ले जादा होम-बलिदान हवय; \q1 मेंह बछवा अऊ मेढ़ा-पीला अऊ बोकरामन के \q2 लहू ले खुस नइं होवंव। \q1 \v 12 जब तुमन मोर मेर भेंट करे बर आथव, \q2 त कोन ह कहिथे \q2 कि तुमन मोर अंगना ला गोड़ ले खुंदव? \q1 \v 13 बेकार के बलिदान लाय बर बंद करव! \q2 तुम्हर धूप ले मोला घिन होथे। \q1 नवां चंदा, बिसराम दिन अऊ समारोहमन— \q2 तुम्हर बेकार के ये सभामन ला मेंह सहन नइं कर सकंव। \q1 \v 14 तुम्हर नवां चंदा के जेवनार अऊ तुम्हर ठहिराय गय तिहारमन ले \q2 मेंह अपन पूरा मन से घिन करथंव। \q1 येमन मोर बर एक बोझ बन गे हवंय; \q2 मेंह येमन के बोझ उठावत थक गे हंव। \q1 \v 15 जब तुमन पराथना म अपन हांथ फईलाथव, \q2 त मेंह तुम्हर ले अपन आंखी मुंद लेथंव; \q1 अऊ तुम्हर कतको पराथना करे ले घलो \q2 मेंह तुम्हर नइं सुनंव। \b \q1 “काबरकि तुम्हर हांथमन खून ले भरे हवंय! \b \q1 \v 16 “अपनआप ला धोके सुध करव। \q2 मोर आंखी के आघू ले अपन दुस्ट काममन ला हटावव; \q2 बुरई करई बर छोंड़ दव। \q1 \v 17 भलई करे बर सीखव; नियाय के खोज म रहव। \q2 जेमन ऊपर अतियाचार होथे, ओमन के मदद करव।\f + \fr 1:17 \fr*\ft या \ft*\fqa अतियाचारीमन ला सुधारव\fqa*\f* \q1 अनाथमन के नियाय करव; \q2 बिधवामन के मुकदमा लड़व।” \b \q1 \v 18 यहोवा ह कहत हे, \q2 “अब आवव, हमन मामला ला निपटावन; \q1 चाहे तुम्हर पापमन बैंगनी रंग के सहीं होवंय, \q2 तभो ले ओमन बरफ के सहीं सफेद हो जाहीं; \q1 चाहे तुम्हर पापमन गाढ़ा लाल रंग के होवंय, \q2 तभो ले ओमन ऊन कस सादा हो जाहीं। \q1 \v 19 यदि तुम्हर ईछा हवय अऊ मोर हुकूम ला मानव, \q2 त तुमन ला देस के बढ़िया-बढ़िया चीज खाय बर मिलही; \q1 \v 20 पर यदि तुमन नइं मानहू अऊ बिदरोह करहू, \q2 त तुमन तलवार ले मारे जाहू।” \q1 काबरकि यहोवा के मुहूं ले ये बचन निकले हवय। \b \q1 \v 21 देखव, ओ बिसवासयोग्य नगर ह \q2 कइसे एक बेस्या के सहीं हो गे हवय! \q1 एक समय रिहिस कि ओह नियाय ले भरे रिहिस; \q2 धरमीपन उहां पाय जावत रिहिस— \q2 पर अब उहां हतियारामन रहिथें! \q1 \v 22 तुम्हर चांदी ह मईला गे हवय, \q2 तुम्हर खांटी अंगूर के मंद म पानी मिला दिये गे हवय। \q1 \v 23 तुम्हर सासन करइयामन बिदरोही अंय, \q2 अऊ चोरमन संग मिले हवंय; \q1 ओ जम्मो झन ला घूस लेवई बने लगथे \q2 अऊ भेंट के लालची अंय। \q1 ओमन अनाथमन के नियाय नइं करंय; \q2 अऊ ओमन बिधवामन के मामला अपन करा आवन नइं देवंय। \b \q1 \v 24 येकर कारन परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा, \q2 इसरायल के सक्तिसाली परमेसर ह घोसना करत हे: \q1 “आह! मेंह अपन बईरीमन ला अपन कोप देखाहूं \q2 अऊ अपन बईरीमन ले बदला लूहूं। \q1 \v 25 में तुम्हर बिरूध\f + \fr 1:25 \fr*\ft यरूसलेम के बिरूध\ft*\f* अपन हांथ उठाहूं; \q2 मेंह तुम्हर जम्मो मईल ला साफ कर दूहूं \q2 अऊ तुम्हर जम्मो असुधता ला दूर कर दूहूं। \q1 \v 26 मेंह पहिली के सहीं अगुवा \q2 अऊ सुरूआत के सहीं सासन करइया ठहिराहूं। \q1 ओकर बाद तेंह धरमीपन के नगर, \q2 बिसवासयोग्य नगर कहाबे।” \b \q1 \v 27 सियोन ला नियाय के दुवारा, \q2 अऊ ओमा के पछतापी मनखेमन ला धरमीपन ले छोंड़ाय जाही। \q1 \v 28 पर बिदरोही अऊ पापीमन नास कर दिये जाहीं, \q2 अऊ जेमन यहोवा ला तियाग देथें, ओमन नास हो जाहीं। \b \q1 \v 29 “जऊन पबितर बलूत रूखमन के कारन तुमन खुस होवत रहेव, \q2 ओमन के कारन तुमन लज्जित होहू; \q1 अऊ जऊन बारीमन ला तुमन चुने हव, \q2 ओमन के कारन तुमन कलंकित होहू। \q1 \v 30 तुमन ओ बलूत रूख जइसन होहू, जेकर पानमन सूखावत हवंय, \q2 अऊ तुमन बिन पानी के एक बारी सहीं हो जाहू। \q1 \v 31 बलवान मनखे चिनगारी ले जरोइया चीज हो जाही \q2 अऊ ओकर काम ह एक चिनगारी; \q1 दूनों एक संग जरहीं, \q2 अऊ आगी बुतइया कोनो नइं होहीं।” \c 2 \s1 यहोवा के पहाड़ \p \v 1 आमोस के बेटा यसायाह ह यहूदा अऊ यरूसलेम के बारे म ये दरसन देखिस: \b \p \v 2 आखिरी के दिनमन म, \q1 यहोवा के मंदिर के पहाड़ ह \q2 सबले ऊंच पहाड़ के रूप म स्थापित करे जाही; \q1 येला जम्मो पहाड़ीमन ले ऊंचहा करे जाही, \q2 अऊ जम्मो जाति के मनखेमन पानी के धारा सहीं येकर करा आहीं। \p \v 3 बहुंते मनखेमन आके कहिहीं, \q1 “आवव, हमन यहोवा के पहाड़ ऊपर, \q2 याकूब के परमेसर के मंदिर म चलन। \q1 ओह हमन ला अपन नियम-कानून सिखोही, \q2 ताकि हमन ओकर रसता म चलन।” \q1 कानून ह सियोन ले, \q2 यहोवा के बचन ह यरूसलेम ले निकलही। \q1 \v 4 ओह जाति-जाति के नियाय करही, \q2 अऊ बहुंते मनखेमन के झगरा के निपटारा करही। \q1 ओमन अपन तलवारमन ला पीट-पीटके नांगर के फाल \q2 अऊ अपन बरछीमन ला हंसिया बना डारहीं। \q1 एक जाति ह आने जाति के बिरूध लड़ई नइं करही, \q2 अऊ न ही ओमन फेर लड़ई करे के सिकछा दीहीं। \b \q1 \v 5 हे याकूब के संतानमन, आवव, \q2 हमन यहोवा के अंजोर म चलन। \s1 यहोवा के दिन \q1 \v 6 हे यहोवा, तेंह अपन मनखे, \q2 याकूब के संतानमन ला तियाग दे हवस। \q1 ओमन पूरब के मनखेमन सहीं पूरा अंधबिसवास ले भरे हवंय; \q2 ओमन पलिस्तीमन सहीं टोनहा करथें \q2 अऊ मूरती-पूजकमन के रीति-रिवाज म चलथें। \q1 \v 7 ओमन के देस ह सोन अऊ चांदी ले भरे हवय; \q2 ओमन के दुवारा जमा करे गय धन के कोनो सीमा नइं ए। \q1 ओमन के देस ह घोड़ामन ले भरे हवय; \q2 अऊ ओमन करा अनगिनत रथमन हवंय। \q1 \v 8 ओमन के देस ह मूरतीमन ले भरे हवय; \q2 ओमन अपन हांथ के काम, \q2 अपन अंगरी ले बनाय चीजमन ला दंडवत करथें। \q1 \v 9 एकरसेति मनखेमन ला झुकाय जाही \q2 अऊ हर एक जन नम्र करे जाहीं— \q2 ओमन ला छेमा झन कर।\f + \fr 2:9 \fr*\ft या \ft*\fqa ओमन ला ऊपर झन उठा\fqa*\f* \b \q1 \v 10 यहोवा के भययुक्त उपस्थिति \q2 अऊ ओकर गौरव के सोभा के कारन \q2 चट्टान म घुसर जावव अऊ भुइयां म लुका जावव! \q1 \v 11 घमंडी के आंखी ला झुकाय जाही \q2 अऊ मनखे के घमंड ला टोरे जाही; \q1 ओ दिन सिरिप यहोवा ला ही ऊपर करे जाही। \b \q1 \v 12 काबरकि यहोवा ह एक दिन ला ठहिराय हवय \q2 जब सबो घमंडी अऊ अहंकारी, \q1 अऊ जऊन मन अपनआप ला ऊपर उठाय हवंय, \q2 (ओमन के घमंड ला टोरे जाही), \q1 \v 13 काबरकि लबानोन के जम्मो ऊंच अऊ बड़े देवदार रूख, \q2 अऊ बासान के जम्मो बलूत रूख, \q1 \v 14 जम्मो ऊंच पहाड़ \q2 अऊ जम्मो ऊंच पहाड़ीमन, \q1 \v 15 हर एक ऊंच मीनार \q2 अऊ हर एक किलाबंदीवाला दीवार, \q1 \v 16 हर एक बेपारी पानी जहाज\f + \fr 2:16 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fq हर एक \fq*\fqa तरसीस के पानी जहाज\fqa*\f* \q2 अऊ हर एक महत्व के चीजमन ला गिराय जाही। \q1 \v 17 मनखे के घमंड \q2 अऊ मनखे के अहंकार ला टोरे जाही; \q1 ओ दिन सिरिप यहोवा ला ही ऊपर करे जाही, \q2 \v 18 अऊ मूरतीमन सब के सब नास हो जाहीं। \b \q1 \v 19 जब यहोवा ह धरती ला कंपवाय बर उठही, \q2 तब ओकर भययुक्त उपस्थिति \q1 अऊ ओकर गौरव के सोभा ले डरके \q1 मनखेमन भागहीं अऊ चट्टान के गुफा \q2 अऊ भुइयां के बिल म जाके लुका जाहीं। \q1 \v 20 ओ दिन मनखेमन \q2 छूछू अऊ चमगीदड़मन के आघू म \q1 अपन सोन अऊ चांदी के मूरतीमन ला फेंक दीहीं, \q2 जेमन ला ओमन दंडवत करे बर बनाय रिहिन। \q1 \v 21 जब यहोवा ह धरती ला कंपवाय बर उठही, \q2 त ओकर भययुक्त उपस्थिति \q1 अऊ ओकर गौरव के सोभा ले डरके \q2 ओमन भागहीं अऊ चट्टानमन के गुफा \q2 अऊ चट्टानमन के दरार म लुका जाहीं। \b \q1 \v 22 मनखेमन ऊपर भरोसा करई छोंड़ दव, \q2 जेमन करा सिरिप एक सांस ओमन के नथुना म हवय। \q2 ओमन के काबर आदर करे जावय? \c 3 \s1 यहूदा अऊ यरूसलेम ऊपर दंड \q1 \v 1 देखव अब, परभू, \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q1 यरूसलेम सहर अऊ यहूदा प्रदेस बर \q2 जरूरी चीज अऊ मदद देवई ला बंद करइया हवय: \q1 जम्मो जेवन के चीज अऊ जम्मो पानी के पूरती, \q2 \v 2 बीर अऊ योद्धा, \q1 नियायधीस अऊ अगमजानी, \q2 सकुन-बिचार करइया अऊ अगुवा, \q1 \v 3 पचास सैनिकमन के मुखिया अऊ उच्च पदवाला मनखे, \q2 सलाहकार अऊ कुसल कारीगर अऊ चतुर जादूगर, जम्मो के जम्मो ला हटा लीही। \b \q1 \v 4 “मेंह सिरिप जवानमन ला ओमन के अधिकारी बनाहूं; \q2 लइकामन ओमन ऊपर सासन करहीं।” \b \q1 \v 5 मनखेमन एक-दूसर के ऊपर अतियाचार करहीं— \q2 मनखे के बिरूध मनखे, परोसी के बिरूध परोसी होहीं। \q1 जवानमन डोकरामन के बिरूध \q2 अऊ तुछ मनखेमन आदरनीय मनखेमन के बिरूध ठाढ़ होहीं। \b \q1 \v 6 ओ समय एक मनखे ह अपन ददा के घर म \q2 अपन भाई ला पकड़के कहिही, \q1 “तोर करा एक बने ओनहा हवय, तेंह हमर अगुवा बन जा; \q2 अऊ ये देस, जऊन ह उजर गे हवय, ओला अपन अधीन कर ले!” \q1 \v 7 पर ओ दिन ओह चिचियाके कहिही, \q2 “मोर करा येकर कोनो ईलाज नइं ए। \q1 मोर घर म न तो जेवन हवय अऊ न ही ओनहा; \q2 एकरसेति तुमन मोला मनखेमन के अगुवा झन बनावव।” \b \q1 \v 8 यरूसलेम तो डगमगावथे, \q2 अऊ यहूदा गिरत हे; \q1 काबरकि ओमन के बचन अऊ काम यहोवा के बिरूध हवंय, \q2 ओमन ओकर महिमामय उपस्थिति के परवाह नइं करत हवंय। \q1 \v 9 ओमन के चेहरा ओमन के बिरूध गवाही देथे; \q2 ओमन सदोमीमन के सहीं अपन पाप ला बताथें; \q2 ओमन ओला नइं लुकावंय। \q1 ओमन ऊपर हाय! \q2 ओमन अपन ऊपर बिपत्ति लाय हवंय। \b \q1 \v 10 धरमीमन ला बतावव कि ओमन के भलई होही, \q2 काबरकि ओमन अपन काम के फर के आनंद उठाहीं। \q1 \v 11 दुस्टमन ऊपर हाय! \q2 ओमन ऊपर घोर बिपत्ति हवय! \q1 काबरकि जऊन दुस्ट काम ओमन करे हवंय, \q2 ओकर फर ओमन ला मिलही। \b \q1 \v 12 जवानमन मोर मनखेमन ऊपर अतियाचार करथें, \q2 अऊ माईलोगनमन ओमन ऊपर सासन करथें। \q1 हे मोर मनखेमन, तुम्हर रसता बतइयामन तुमन ला भटका देथें; \q2 ओमन तुमन ला डहार ले आने कोति ले जाथें। \b \q1 \v 13 यहोवा ह अदालत म अपन जगह बईठथे; \q2 ओह मनखेमन के नियाय करे बर ठाढ़ होथे। \q1 \v 14 यहोवा ह अपन मनखेमन के सियान \q2 अऊ अगुवामन के बिरूध नियाय सुरू करथे: \q1 “येह तुमन अव, जेमन मोर अंगूर के बारी ला नास कर दे हव; \q2 अऊ गरीबमन ले लूटे गय चीजमन तुम्हर घर म हवंय। \q1 \v 15 मोर मनखेमन ला कुचरे \q2 अऊ गरीब मनखेमन के चेहरा ला पीसे के तुम्हर का मतलब अय?” \q2 परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे। \b \q1 \v 16 यहोवा ह कहिथे, \q2 “सियोन के माईलोगनमन घमंडी अंय, \q1 ओमन अपन मुड़ उठाके \q2 आंखी ले नकली मया देखावत, \q1 अपन गोड़ म घुंघरू के अवाज के संग \q2 अकड़के एड़ी मटकावत चलथें। \q1 \v 17 एकरसेति परभू ह सियोन के माईलोगनमन के मुड़ ला फोड़ामन ले भर दीही; \q2 यहोवा ह ओमन के मुड़ ला चंदवा कर दीही।” \p \v 18 ओ दिन परभू ह ओमन के दिखावटी बेसभूसा ला छीन लीही: याने कि ओमन के चूड़ी अऊ मुड़ के फीता, आधा चंदा सहीं हार, \v 19 कान के फूली अऊ कंगन अऊ ओढ़नी, \v 20 पगड़ी अऊ पायल अऊ करधनी, इतर के सीसी अऊ बाजूबंद, \v 21 मुहरवाला मुंदरी अऊ नथनी, \v 22 सुघर ओनहा अऊ बिगर बाहां के बंडी अऊ कुरतामन, बटुवा, \v 23 अऊ दरपन, अऊ मलमल के ओनहा अऊ मुकुट अऊ दुसालामन ला छीन लीही। \q1 \v 24 खुसबू के जगह बदबू; \q2 करधनी के जगह म रस्सी; \q1 सुघर गांथे बाल के जगह म ठेकली मुड़; \q2 सुघर ओनहा के जगह म बोरा के ओनहा; \q2 अऊ सुन्दरता के जगह म बदसूरती होही। \q1 \v 25 तुम्हर मनखेमन तलवार ले, \q2 अऊ तुम्हर योद्धामन लड़ई म मारे जाहीं। \q1 \v 26 सियोन के दुवारमन रोहीं अऊ बिलाप करहीं; \q2 गरीबी म, ओह भुइयां म बईठे रहिही। \c 4 \q1 \v 1 ओ दिन सात माईलोगनमन \q2 एक पुरूस ला धरके कहिहीं, \q1 “रोटी तो हमन अपन खुद के खाबो \q2 अऊ ओनहा घलो अपन खुद के पहिरबो; \q1 सिरिप तेंह हमन ला अपन नांव देय दे। \q2 हमर कलंक ला दूर कर दे!” \s1 यहोवा के डारा \p \v 2 ओ दिन यहोवा के डंगाली ह सुघर अऊ महिमामय होही, अऊ देस के फर ह इसरायल के बांचे मनखेमन बर घमंड अऊ महिमा के बात होही। \v 3 जऊन मन सियोन म बांचे रहिहीं, जऊन मन यरूसलेम म रहिहीं, याने कि ओ जम्मो जेमन के नांव यरूसलेम म जीयतमन के बीच म लिखे गे हवय, ओमन पबितर कहे जाहीं। \v 4 परभू ह सियोन के माईलोगनमन के गंदगी ला धो दीही; ओह नियाय के आतमा अऊ आगी के आतमा के दुवारा यरूसलेम ले खून के दागमन ला साफ कर दीही। \v 5 तब यहोवा ह जम्मो सियोन पहाड़ ऊपर अऊ ओ जम्मो जऊन मन उहां जूरहीं, ओमन ऊपर दिन के बेरा धुआं के एक बादर अऊ रथिया के बेरा धधकत आगी के एक अंजोर देखाही; अऊ जम्मो के ऊपर परमेसर के महिमा के एक मंडप छाय रहिही। \v 6 येह दिन के गरमी बर एक आसरय अऊ छइहां, अऊ आंधी अऊ पानी ले बचे बर एक सरन-स्थान अऊ लुकाय के जगह होही। \c 5 \s1 अंगूर के बारी के गीत \q1 \v 1 मेंह अपन मयारू बर गीत गाहूं \q2 ओकर अंगूर के बारी के बारे म एक ठन गीत गाहूं: \q1 एक बहुंत उपजाऊ पहाड़ी ऊपर \q2 मोर मयारू के एक ठन अंगूर के बारी रिहिस। \q1 \v 2 ओह ओकर माटी खनिस अऊ ओमा के पथरामन ला हटाईस \q2 अऊ ओमा सबले उत्तम अंगूर के नारमन ला लगाईस। \q1 पहरा देय बर ओह ओमा एक गुम्मट बनाईस \q2 अऊ एक ठन अंगूर के रसकुंड घलो बनाईस। \q1 तब ओह उत्तम अंगूर के फसल के इंतजार करिस, \q2 पर ओमा सिरिप खराप अंगूर ही फरिस। \b \q1 \v 3 “अब हे यरूसलेम के रहइया अऊ यहूदा के मनखेमन, \q2 मोर अऊ मोर अंगूर के बारी के बीच नियाय करव। \q1 \v 4 मोर अंगूर के बारी बर अऊ का खंग गीस \q2 जऊन ला मेंह नइं करेंव? \q1 जब मेंह उत्तम अंगूर के आसा करेंव, \q2 त ओमा सिरिप खराप अंगूर ही काबर फरिस? \q1 \v 5 अब मेंह तुमन ला बताहूं \q2 कि मेंह अपन अंगूर के बारी के का करइया हंव: \q1 मेंह येकर कांटा के रूंधान ला हटा दूहूं, \q2 ताकि येह नास हो जावय; \q1 मेंह येकर चारों कोति के बाड़ा ला गिरा दूहूं, \q2 ताकि ये बारी ला कुचर दिये जावय। \q1 \v 6 मेंह येला उजार दूहूं, \q2 येला न तो काटे जाही अऊ न ही जोते जाही, \q2 अऊ ओमा नाना किसम के कंटिला रूख अऊ पऊधा जामहीं। \q1 मेंह बादरमन ला हुकूम दूहूं \q2 कि ओकर ऊपर पानी झन बरसावंय।” \b \q1 \v 7 सर्वसक्तिमान यहोवा के \q2 अंगूर के बारी ह इसरायली जाति अय, \q1 अऊ यहूदा के मनखेमन \q2 ओकर मनभावन अंगूर के नार अंय। \q1 अऊ ओह ओमा नियाय के आसा करिस, पर ओला अनियाय ही दिखाई दीस; \q2 ओह धरमीपन के आसा करिस, पर ओला रोवई अऊ दुख ही दिखाई दीस। \s1 सराप अऊ नियाय \q1 \v 8 ओमन ऊपर हाय, जेमन घर ले घर, \q2 अऊ खेत ले खेत ला इहां तक मिलात जाथें \q1 कि कुछू जगह नइं बांचय \q2 अऊ ओमन देस म अकेला रहिथें। \p \v 9 सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोर सुनत म घोसना करे हवय: \q1 “खचित बड़े-बड़े घरमन सुनसान हो जाहीं, \q2 सुघर हवेलीमन बिगर मनखे के खाली पड़े होहीं। \q1 \v 10 दस एकड़ के अंगूर के बारी ले सिरिप एक बत\f + \fr 5:10 \fr*\ft लगभग 22 लीटर\ft*\f* अंगूर के मंद मिलही; \q2 अऊ होमेर\f + \fr 5:10 \fr*\ft लगभग 160 किलोग्राम\ft*\f* भर के बीज ले सिरिप एक एपा\f + \fr 5:10 \fr*\ft लगभग 16 किलोग्राम\ft*\f* अनाज पईदा होही।” \b \q1 \v 11 ओमन ऊपर हाय, जेमन मंद पीये बर \q2 बड़े बिहनियां उठथें, \q1 अऊ बहुंत रथिया तक पीयत रहिथें \q2 जब तक कि ओमन पूरा मात नइं जावंय। \q1 \v 12 ओमन के जेवनारमन म बीना, सारंगी, \q2 डफ, बांसुरी अऊ अंगूर के मंद होथे, \q1 पर ओमन यहोवा के काम कोति धियान नइं देवंय, \q2 अऊ न ही ओकर हांथ के काम बर ओमन के मन म कोनो आदर होथे। \q1 \v 13 एकरसेति समझ के कमी के कारन \q2 मोर मनखेमन बंधुवई म चल दीहीं; \q1 ऊंच पदवाले मनखेमन भूख म मर जाहीं \q2 अऊ सधारन मनखेमन पीयास म बियाकुल होहीं। \q1 \v 14 एकरसेति मिरतू ह अपन जबड़ा ला \q2 फारके अपन मुहूं ला खोलथे; \q1 ओमन के परभावसाली मनखे अऊ मनखेमन के भीड़ ह \q2 ओमन के जम्मो झगरा करइया अऊ आनंद मनइयामन के संग ओ मुहूं म चल दीहीं। \q1 \v 15 सधारन मनखेमन दबाय जाहीं \q2 अऊ हर एक जन नम्र करे जाही, \q2 घमंडीमन के आंखी ला झुकाय जाही। \q1 \v 16 पर सर्वसक्तिमान यहोवा ह अपन नियाय के दुवारा ऊपर उठही, \q2 अऊ पबितर परमेसर ह अपन धरमी काममन के दुवारा पबितर ठहिरही। \q1 \v 17 तब भेड़मन अपन चरागन म चरहीं; \q2 मेढ़ा-पीलामन\f + \fr 5:17 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa अजनबीमन\fqa*\f* ला धनवानमन के उजरे जगह म खाय बर मिलही। \b \q1 \v 18 ओमन ऊपर हाय, जेमन पाप ला धोखा के डोरी, \q2 अऊ दुस्टता ला गाड़ी के रस्सी ले खींचथें, \q1 \v 19 जेमन कहिथें, “परमेसर ह जल्दी करय; \q2 ओह अपन काम ला जल्दी करय \q2 ताकि हमन ओला देखन। \q1 इसरायल के पबितर परमेसर के योजना— \q2 येह आवय, येह नजर म आवय, \q2 ताकि हमन ओला जानन।” \b \q1 \v 20 ओमन ऊपर हाय, जेमन बुरा ला भला \q2 अऊ भला ला बुरा कहिथें, \q1 जेमन अंधियार ला अंजोर \q2 अऊ अंजोर ला अंधियार कहिथें, \q1 जेमन करू ला मीठ \q2 अऊ मीठ ला करू कर देथें। \b \q1 \v 21 ओमन ऊपर हाय, जेमन अपन खुद के आंखी म बुद्धिमान \q2 अऊ अपन खुद के नजर म होसियार अंय। \b \q1 \v 22 ओमन ऊपर हाय, जेमन अंगूर के मंद पीये म बीर \q2 अऊ मंद ला कड़ा बनाय म माहिर अंय, \q1 \v 23 जऊन मन घूस लेके दोसी मनखे ला छोंड़ देथें, \q2 अऊ निरदोस मनखे ला दोसी ठहिराथें। \q1 \v 24 एकरसेति, जइसने आगी के जुवाला ले पैंरा ह भसम हो जाथे \q2 अऊ सूखा घांस ह जलके राख हो जाथे, \q1 वइसने ही ओमन के जरी ह सर जाही \q2 अऊ ओमन के फूलमन धुर्रा सहीं उड़िया जाहीं; \q1 काबरकि ओमन सर्वसक्तिमान यहोवा के कानून ला स्वीकार नइं करिन \q2 अऊ इसरायल के पबितर जन के बचन ला तुछ समझिन। \q1 \v 25 एकरसेति यहोवा के रिस ह अपन मनखेमन ऊपर भड़कथे; \q2 ओह अपन हांथ ले ओमन ला मारथे। \q1 पहाड़मन कांपथें, \q2 अऊ मनखेमन के लास ह गलीमन म कचरा सहीं परे हवंय। \b \q1 एकर बाद घलो ओकर रिस नइं थमिस, \q2 ओकर हांथ ह अभी घलो उठे हवय। \b \q1 \v 26 ओह दूरिहा-दूरिहा के जाति के मनखेमन बर एक झंडा ठाढ़ करथे, \q2 ओह धरती के छोर के मनखेमन ला सीटी बजाके बलाथे। \q1 ओमन आथें, \q2 ओमन तेजी से अऊ दऊड़त आथें! \q1 \v 27 ओमा के कोनो घलो न तो थकंय अऊ न ही कोनो हपटंय, \q2 न कोनो ओंघावंय अऊ न ही सुतंय; \q1 न तो काकरो कमरपट्टा ह ढीला होथे, \q2 अऊ न ही काकरो पनही के बंधना ह टूटथे। \q1 \v 28 ओमन के तीरमन चोख होथें, \q2 अऊ ओमन के जम्मो धनुसमन तनाय रहिथें; \q1 ओमन के घोड़ामन के खुरमन पथरा कस, \q2 अऊ ओमन के रथमन के चक्कामन बवंडर सहीं लगथें। \q1 \v 29 ओमन के गरजन ह सिंह के गरजन सहीं होथे, \q2 ओमन जवान सिंह के सही गरजथें; \q1 ओमन गुर्राके अपन सिकार ऊपर झपटथें \q2 अऊ ओला उठाके ले जाथें, जेला कोनो छोंड़ाय नइं सकंय। \q1 \v 30 ओ दिन ओमन येकर ऊपर \q2 समुंदर के गरजन सहीं गरजहीं। \q1 अऊ यदि कोनो ओ देस कोति देखही, \q2 त ओला सिरिप अंधियार अऊ संकट ही दिखाई दीही; \q2 अऊ त अऊ सूरज घलो बादरमन म लुकाके अंधियार हो जाही। \c 6 \s1 यसायाह के आयोग \p \v 1 जऊन बछर उजियाह राजा ह मरिस, मेंह परभू ला ऊंचहा अऊ महिमा के संग एक सिंघासन म बिराजमान देखेंव; अऊ ओकर ओनहा के घेरा ले मंदिर ढंपा गे रिहिस। \v 2 ओकर ऊपर म सारापमन\f + \fr 6:2 \fr*\ft या \ft*\fqa स्वरग के जीव\fqa*\f* रहंय, अऊ हर एक के छै-छै ठन डेना रहंय: दू ठन डेना ले ओमन अपन मुहूं ला अऊ दू ठन डेना ले अपन गोड़मन ला ढांपे रहंय, अऊ दू ठन डेना ले ओमन उड़त रहंय। \v 3 अऊ ओमन एक-दूसर ला नरिया-नरियाके कहत रिहिन: \q1 “सर्वसक्तिमान यहोवा ह पबितर, पबितर, पबितर ए; \q2 पूरा धरती ह ओकर महिमा ले भरे हवय।” \m \v 4 ओमन के अवाज ले दुवार अऊ चौखटमन डोल गीन, अऊ मंदिर ह धुआं ले भर गीस। \p \v 5 तब मेंह चिचियाके कहेंव, “मोर ऊपर हाय! मेंह नास हो गेंव! काबरकि मेंह असुध ओंठवाला मनखे अंव, अऊ मेंह असुध ओंठवाले मनखेमन के बीच म रहिथंव, अऊ मोर आंखीमन राजा, सर्वसक्तिमान यहोवा ला देखे हवंय।” \p \v 6 तब एक ठन साराप ह हांथ म एक ठन बरत अंगरा ला धरके मोर करा उड़ियाके आईस; ओह ओ अंगरा ला बेदी म ले चिमटा ले उठाय रिहिस। \v 7 ओह ओ अंगरा ले मोर मुहूं ला छूके कहिस, “देख, येह तोर ओंठ ला छुये हवय; तोर अपराध ह दूर हो गे हवय अऊ तोर पाप ला छेमा कर दिये गे हवय।” \p \v 8 तब मेंह परभू के अवाज ला ये कहत सुनेंव, “मेंह कोन ला पठोवंव? अऊ कोन ह हमर बर जाही?” \p त मेंह कहेंव, “मेंह इहां हंव। मोला पठो।” \p \v 9 ओह कहिस, “जा, अऊ ये मनखेमन ला कह: \q1 “ ‘सुनत ही रहव, पर कभू झन समझव; \q2 देखत ही रहव, पर कभू झन बुझव।’ \q1 \v 10 ये मनखेमन के मन ला कठोर, \q2 ओमन के कान ला भारी \q2 अऊ ओमन के आंखीमन ला बंद कर दे। \q1 अइसन झन होवय कि ओमन अपन आंखी ले देखंय, \q2 अपन कान ले सुनंय, \q2 अपन मन म समझंय \q1 अऊ मन फिराके चंगा हो जावंय।” \p \v 11 तब मेंह पुछेंव, “हे परभू, कब तक?” \p ओह जबाब दीस: \q1 “जब तक नगरमन उजड़ नइं जावंय \q2 अऊ उहां कोनो झन बचंय, \q1 जब तक घरमन ला खाली नइं छोंड़ दिये जावय \q2 अऊ खेतमन बरबाद होके नास नइं हो जावंय, \q1 \v 12 जब तक यहोवा ह हर एक जन ला उहां ले दूरिहा नइं कर देवय \q2 अऊ देस ला पूरा तियाग नइं दिये जावय। \q1 \v 13 अऊ हालाकि मनखेमन के दसवां हिस्सा उहां रही जाथे, \q2 तभो ले येला फेर नास करे जाही। \q1 पर जइसे छोटे अऊ बड़े बलूत रूख ला काटे के बाद घलो \q2 ओकर ठूंठ ह बांच जाथे, \q2 वइसे ही पबितर बीजा ह ओ देस के ठूंठ होही।” \c 7 \s1 इमानुएल के चिनहां \p \v 1 यहूदा के राजा आहाज, जऊन ह योताम के बेटा अऊ उजियाह के पोता रिहिस, ओकर समय म अराम के राजा रसीन अऊ इसरायल के राजा रमलियाह के बेटा पेकह ह यरूसलेम ले लड़े बर हमला करिन, पर ओमन ओला हरा नइं सकिन। \p \v 2 जब दाऊद के घराना ला ये बताय गीस कि अराम ह एपरैम के संग संधि\f + \fr 7:2 \fr*\ft या \ft*\fqa डेरा बनाय हवय\fqa*\f* करे हवय, त आहाज अऊ ओकर मनखेमन डर के मारे अइसन कांपे लगिन, जइसन जंगल के रूखमन हवा चले ले कांपथें। \p \v 3 तब यहोवा ह यसायाह ला कहिस, “तें अऊ तोर बेटा सार-यासूब\f + \fr 7:3 \fr*\fq सार-यासूब \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa एक बांचे भाग ह लहुंटही\fqa*\f* ऊपरवाला कुंड के नहर के आखिरी छोर करा जावव, जऊन ह धोबीमन के खेत कोति जवइया सड़क म हवय अऊ उहां जाके आहाज ले भेंट करव। \v 4 अऊ ओला कहव, ‘सचेत अऊ सांत रह अऊ झन डर। ये दू ठन धुआं निकलत बारे के लकड़ी के ठूंठमन के कारन याने कि अराम के राजा रसीन अऊ रमलियाह के बेटा के भड़के कोप ले तोर मन ह बियाकुल झन होवय। \v 5 अराम, एपरैम अऊ रमलियाह के बेटा ये कहिके तोर बिरूध युक्ति करे हवंय, \v 6 “आवव, हमन यहूदा ऊपर हमला करन; आवव, हमन ओला चीरके कुटा-कुटा कर देवन अऊ अपन बीच म बांट लेवन, अऊ ताबेल के बेटा ला ओकर ऊपर राजा बना देवन।” \v 7 पर परमपरधान यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “ ‘ये चाल न तो सफल होही, \q2 अऊ न ही ओमन के बात पूरा होही, \q1 \v 8 काबरकि अराम के मुड़ दमिस्क, \q2 अऊ दमिस्क के मुड़ सिरिप रसीन ए। \q1 पैंसठ बछर के भीतर एपरैम ह अइसे टूट जाही \q2 कि ओह एक जाति के रूप म नइं रहय। \q1 \v 9 एपरैम के मुड़ सामरिया, \q2 अऊ सामरिया के मुड़ सिरिप रमलियाह के बेटा अय। \q1 यदि तुमन अपन बिसवास म बने नइं रहव, \q2 त तुमन बिलकुल ही स्थिर नइं रह सकव।’ ” \p \v 10 यहोवा ह आहाज ला फेर कहिस, \v 11 “तेंह यहोवा अपन परमेसर ले कोनो चिनहां मांग, चाहे ओ गहिरा जगह के हो या ऊपर अकास के।” \p \v 12 पर आहाज ह कहिस, “मेंह नइं मांगंव, न ही मेंह यहोवा ला परखंव।” \p \v 13 तब यसायाह ह कहिस, “हे दाऊद के घराना के मन, सुनव! मनखेमन के धीरज के परखई ह काफी नो हय कि तुमन मोर परमेसर के धीरज ला घलो परखहू? \v 14 येकर कारन, परभू ह खुद तुमन ला एक चिनहां दीही: सुनव, एक कुंवारी ह गरभवती होही अऊ एक बेटा जनमही, अऊ\f + \fr 7:14 \fr*\ft या \ft*\fqa ओमन\fqa*\f* ओकर नांव इमानुएल\f + \fr 7:14 \fr*\fq इमानुएल \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa परमेसर हमर संग\fqa*\f* रखही। \v 15 अऊ जब तक ओह बुरा ला छोंड़े अऊ भला ला गरहन करे बर नइं जानही, तब तक ओह दही अऊ मंधरस खाही, \v 16 काबरकि एकर पहिली कि ओ लड़का ह बुरई ला छोंड़े अऊ भलई ला धरे बर जानय, ओ देस, जेकर दूनों राजा ले तेंह घबराथस, निरजन हो जाही। \v 17 यहोवा ह तोर ऊपर, तोर मनखेमन ऊपर अऊ तोर ददा के घराना ऊपर अइसे समय ला लानही कि जब ले एपरैम ह यहूदा ले अलग होय हवय, तब ले वइसे दिन कभू नइं आय हवय—याने कि ओह अस्सूर के राजा ला ले आही।” \s1 अस्सूर, यहोवा के साधन \p \v 18 ओ दिन यहोवा ह मिसर म नील के मुहाना ले माछीमन ला अऊ अस्सूर देस ले मधुमक्खीमन ला सीटी बजाके बलाही। \v 19 ओमन सब के सब आहीं अऊ ये देस के पहाड़ी नरवामन म अऊ चट्टानमन के दरारमन म, जम्मो कंटिली झाड़ी म अऊ जम्मो पानी के सोत के लकठा म बईठ जाहीं। \v 20 ओ दिन परभू ह फरात नदी के ओ पार अस्सूर के राजा ले भाड़ा म उस्तरा लीही अऊ तुम्हर मुड़ अऊ गुपत भाग के रूआंमन ला मुड़ही, अऊ तुम्हर दाढ़ी ला घलो काटही। \v 21 ओ दिन एक मनखे ह सिरिप एक ठन बछिया अऊ दू ठन बकरी पोसही। \v 22 ओमन अतेक दूध दीहीं कि खाय बर दही मिलही। ओ जम्मो, जेमन देस म बांचे होहीं, ओमन दही अऊ मंधरस खाहीं। \v 23 ओ दिन, हर ओ जगह, जिहां एक हजार चांदी के सेकेल\f + \fr 7:23 \fr*\ft लगभग 12 किलो\ft*\f* म एक हजार अंगूर के नारमन मिलत रिहिन, उहां सिरिप कंटिली झाड़ी अऊ कांटामन होहीं। \v 24 सिकारीमन उहां तीर-धनुस लेके जाहीं, काबरकि ओ देस ह कंटिली झाड़ी अऊ कांटामन ले भरे होही। \v 25 जहां तक जम्मो पहाड़ीमन के बात ए, एक बार जब उहां कुदारी ले खेती हो जाही, त तुमन ला उहां जाय म कंटिली झाड़ी अऊ कांटामन के भय नइं होही; ओमन अइसन जगह हो जाहीं, जिहां पसुमन ला चरे बर खुला छोंड़ दिये जाही अऊ भेड़-बकरीमन एती-ओती कूदहीं-फांदहीं। \c 8 \s1 यसायाह अऊ ओकर बेटामन चिनहां के रूप म \p \v 1 यहोवा ह मोला कहिस, “एक ठन बड़खा चामपट्टी ले अऊ ओमा एक सधारन कलम ले ये लिख: महेर-सालाल-हास-बज।”\f + \fr 8:1 \fr*\fq महेर-सालाल-हास-बज \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa लूट बर जल्दी करव\fqa*\ft ; \+xt पद 3|link-href="ISA 8:3"\+xt* म घलो\ft*\f* \v 2 मेंह उरियाह पुरोहित अऊ जेबेरेकियाह के बेटा जकरयाह ला मोर भरोसा के लईक गवाह के रूप म बलाएंव। \v 3 तब मेंह अपन घरवाली\f + \fr 8:3 \fr*\ft या \ft*\fqa अगमजानीन\fqa*\f* करा गेंव, अऊ ओह गरभ म होईस अऊ एक बेटा ला जनम दीस। अऊ यहोवा ह मोला कहिस, “ओकर नांव महेर-सालाल-हास-बज रख। \v 4 काबरकि एकर पहिली कि ओ लड़का ह दाई अऊ ददा कहे बर सीखय, दमिस्क अऊ सामरिया दूनों के धन-दौलत ला अस्सूर के राजा ह लूटके ले जाही।” \p \v 5 यहोवा ह फेर मोला कहिस: \q1 \v 6 “काबरकि मनखेमन सीलोह के \q2 धीरे-धीरे बोहावत पानी ला अस्वीकार करे हवंय \q1 अऊ रसीन अऊ रमलियाह के बेटा के संग \q2 एका करके आनंद मनावत हें, \q1 \v 7 एकरसेति परभू ओमन ऊपर \q2 फरात नदी के भयंकर बाढ़ के पानी लानेचवाला हे— \q2 याने कि अस्सूर के राजा ला ओकर पूरा परताप के संग ले आही। \q1 येकर जम्मो नहर म पूरा आ जाही, \q2 अऊ ओमन के किनारा म पानी चढ़ जाही \q1 \v 8 अऊ यहूदा ऊपर पानी चढ़ जाही, ओकर ऊपर बढ़त जाही, \q2 येकर ऊपर ले जावत घेंच तक आ जाही। \q1 येकर बाहिर फईले डेनामन तुम्हर देस के चौड़ई ला ढांप दीहीं, \q2 इमानुएल\f + \fr 8:8 \fr*\fq इमानुएल \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa परमेसर हमर संग\fqa*\f*!” \b \q1 \v 9 हे जाति-जाति के मनखेमन, लड़ई बर चिचियावव,\f + \fr 8:9 \fr*\ft या \ft*\fqa सबले खराप काम करव\fqa*\f* अऊ कुटा-कुटा हो जावव! \q2 हे दूरिहा-दूरिहा के जम्मो देसमन, सुनव। \q1 लड़ई बर तियारी करव, अऊ कुटा-कुटा हो जावव! \q2 लड़ई बर तियारी करव, अऊ कुटा-कुटा हो जावव! \q1 \v 10 तुमन लड़ई के योजना बनावव, पर ओह बेकार हो जाही; \q2 तुमन कुछू घलो कहव, पर तुम्हर कहे ह नइं ठहिरय, \q2 काबरकि परमेसर ह हमर संग हवय।\f + \fr 8:10 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa इमानुएल\fqa*\f* \p \v 11 अपन मजबूत हांथ मोर ऊपर रखके यहोवा ह मोला ये मनखेमन के रसता म नइं चले के चेतउनी देवत कहत हे: \q1 \v 12 “हर ओ चीज ला सडयंत्र झन कहव \q2 जेला ये मनखेमन एक सडयंत्र कहिथें; \q1 ओ चीज ले झन डरव, जऊन चीज ले ओमन डराथें, \q2 अऊ ओकर ले भयभीत झन होवव। \q1 \v 13 सर्वसक्तिमान यहोवा ही ओ अय, जेकर एक पबितर परमेसर के रूप म तें आदर कर। \q2 ओकरेच ले ही तेंह डर, \q2 अऊ ओकरेच भय मान। \q1 \v 14 ओह एक पबितर जगह होही; \q2 इसरायल अऊ यहूदा दूनों घराना बर ओह एक ठन पथरा होही, \q1 जऊन ह मनखेमन के लड़खड़ाय के \q2 अऊ एक चट्टान, जऊन ह ओमन के गिरे के कारन बनही। \q1 अऊ यरूसलेम के मनखेमन बर \q2 ओह एक फंदा अऊ एक जाल होही। \q1 \v 15 ओमा के कतको झन ठोकर खाहीं; \q2 ओमन गिरहीं अऊ चकनाचूर हो जाहीं, \q2 ओमन फंदा म फंसहीं अऊ धरे जाहीं।” \b \q1 \v 16 चेतउनी के ये गवाही ला बंद कर देवव \q2 अऊ मोर चेलामन के बीच परमेसर के सिकछा म मुहर लगा देवव। \q1 \v 17 मेंह ओ यहोवा के रसता देखहूं, \q2 जऊन ह याकूब के संतानमन ले अपन मुहूं ला लुकाय हवय। \q1 मेंह ओकर ऊपर अपन भरोसा रखहूं। \p \v 18 देख, मेंह इहां हवंव अऊ जऊन लइकामन ला यहोवा ह मोला देय हवय, ओमन घलो हवंय। सर्वसक्तिमान यहोवा, जऊन ह सियोन पहाड़ म निवास करथे, ओकर कोति ले हमन इसरायलीमन बर चिनहां अऊ प्रतीक अन। \s1 अंधियार ह अंजोर हो जाथे \p \v 19 जब कोनो मनखे तुमन ला ओ ओझा अऊ टोनहामन करा जाके पुछे बर कहय, जेमन फुसफुसाथें अऊ बड़बड़ाथें, तब तुमन अइसन मनखे ले कहव, “का मनखेमन ला अपन परमेसर करा जाके नइं पुछना चाही? जीयत मनखेमन बर मुरदामन ले काबर पुछन?” \v 20 परमेसर के सिकछा अऊ चेतउनी के गवाही ऊपर धियान देवव। यदि कोनो मनखे ये बचन के मुताबिक नइं बोलय, त ओकर करा बिहान के अंजोर नइं ए। \v 21 दुख-तकलीफ अऊ भूख म, ओमन देस म एती-ओती फिरत रहिहीं; अऊ जब ओमन भूखन मरहीं, त ओमन गुस्सा करहीं अऊ, ऊपर कोति देखके अपन राजा अऊ अपन परमेसर ला सराप दीहीं। \v 22 तब ओमन धरती कोति नजर करहीं अऊ ओमन ला सिरिप दुख अऊ अंधियार अऊ भयानक अंधियार दिखाई दीही, अऊ ओमन ला घोर अंधियार म ढकेल दिये जाही। \c 9 \p \f + \fr 9 \fr*\ft इबरानी म \+xt 9:1\+xt* ला 8:23 अऊ \+xt 9:2‑21\+xt* ला 9:1‑20 गने गे हवय\ft*\f* \v 1 तभो ले, ओमन बर संकट भरे अंधियार खतम हो जाही, जेमन दुख-तकलीफ म रिहिन। बीते समय म तो ओह जबूलून के देस अऊ नपताली के देस के अपमान करिस, पर भविस्य म ओह समुंदर के तरफ जाय के रसता के दुवारा, यरदन नदी के ओ पार, आनजातमन के गलील प्रदेस के आदर करही— \q1 \v 2 जऊन मनखेमन अंधियार म चलत रिहिन \q2 ओमन एक बड़े अंजोर ला देखिन; \q1 अऊ घोर अंधियार के देस म रहइया मनखेमन के ऊपर \q2 एक अंजोर चमकिस। \q1 \v 3 तेंह जाति ला बढ़ाय हवस \q2 अऊ ओमन ला बहुंत आनंदित करे हवस; \q1 ओमन तोर आघू म वइसने आनंदित होथें, \q2 जइसने मनखेमन कटनी के समय आनंदित होथें, \q1 ओमन वइसने आनंदित होथें \q2 जइसने योद्धामन लूट के सामान ला बांटे के बेरा आनंदित होथें। \q1 \v 4 काबरकि तेंह ओमन के घेंच के भारी जुड़ा \q2 ओमन के खांध के बहिंगा, \q1 अऊ ओमन ऊपर अंधेर करइयामन के लउठी, \q2 ये सबो ला अइसन टोर दे हवस, \q2 जइसन मिदयानीमन के हार के दिन करे रहय। \q1 \v 5 लड़ई म उपयोग होवइया हर एक सैनिक के पनही \q2 अऊ लहू म लपटे हर एक ओनहा, \q1 सब आगी के कौंरा हो जाहीं, \q2 सब आगी म बारे के काम आहीं। \q1 \v 6 काबरकि हमर बर एक बालक ह जनमे हे, \q2 हमन ला एक बेटा दिये गे हवय, \q2 अऊ परभूता ओकर खांध ऊपर होही। \q1 अऊ ओकर नांव \q2 अद्भूत युक्ति करइया, पराकरमी परमेसर, \q2 अनंतकाल के ददा, अऊ सांति के राजकुमार रखे जाही। \q1 \v 7 ओकर परभूता सदा बाढ़त जाही, \q2 अऊ ओकर सांति के अन्त नइं होही। \q1 ओह दाऊद के सिंघासन \q2 अऊ ओकर राज ऊपर सासन करही, \q1 ओ समय ले लेके सदाकाल बर \q2 नियाय अऊ धरमीपन के संग \q2 ओकर राज ह स्थिर रहिही अऊ संभले रहिही। \q1 सर्वसक्तिमान यहोवा के धुन ह \q2 येला पूरा करही। \s1 इसरायल ऊपर यहोवा के रिस \q1 \v 8 परभू ह याकूब के बिरूध एक संदेस पठोय हवय; \q2 येह इसरायल ऊपर पूरा होही। \q1 \v 9 जम्मो मनखेमन येला जानहीं— \q2 एपरैम अऊ सामरिया के रहइया मनखेमन— \q1 जेमन घमंड अऊ मन के \q2 कठोरता ले गोठियाथें, \q1 \v 10 “ईंटामन तो गिर गे हवंय, \q2 पर हमन गढ़े गय पथरा ले फेर बनाबो; \q1 डूमर\f + \fr 9:10 \fr*\ft या \ft*\fqa अंजीर\fqa*\f* रूखमन ला काटके गिरा देय गे हवय, \q2 पर ओमन के बदले हमन देवदार के रूख लगाबो।” \q1 \v 11 पर यहोवा ह रसीन के बईरीमन ला ओमन के बिरूध मजबूत करे हवय \q2 अऊ ओमन के बईरीमन ला उकसाय हवय। \q1 \v 12 पूरब ले अरामीमन अऊ पछिम ले पलिस्तीमन \q2 मुहूं खोलके इसरायल ला लील ले हवंय। \b \q1 ये जम्मो होय के बाद घलो, ओकर रिस ह सांत नइं होईस, \q2 अऊ ओकर हांथ अब तक उठे हवय। \b \q1 \v 13 तभो ले मनखेमन\f + \fr 9:13 \fr*\ft या \ft*\fqa इसरायलीमन\fqa*\f* ओकर मेर लहुंटके नइं गे हवंय, जऊन ह ओमन ला मारिस, \q2 अऊ न ही ओमन सर्वसक्तिमान यहोवा के खोज करे हवंय। \q1 \v 14 एकरसेति यहोवा ह इसरायल म ले मुड़ अऊ पुंछी दूनों ला काट डारही, \q2 खजूर के डंगाली अऊ सरकंडामन ला एके दिन म काट डारही; \q1 \v 15 अगुवा अऊ नामी मनखेमन तो मुड़ अंय, \q2 अऊ लबारी बात सिखोइया अगमजानीमन पुंछी अंय। \q1 \v 16 जेमन ये मनखेमन के अगुवई करथें ओमन येमन ला भटका देथें, \q2 अऊ जेमन के अगुवई होथे, ओमन भटक जाथें। \q1 \v 17 एकर कारन परभू ह जवानमन ले खुस नइं होही, \q2 अऊ न ही अनाथ अऊ बिधवामन ऊपर दया करही, \q1 काबरकि जम्मो झन भक्तिहीन अऊ कुकरमी अंय, \q2 अऊ हर एक के मुहूं ले मुरूखता के बात निकलथे। \b \q1 ये जम्मो होय के बाद घलो, ओकर रिस सांत नइं होईस, \q2 अऊ ओकर हांथ ह अब तक उठे हवय। \b \q1 \v 18 खचित दुस्टता ह आगी के सहीं बरथे; \q2 येह कंटिली झाड़ी अऊ कांटामन ला भसम कर देथे, \q1 येह जंगल के झाड़ीमन म आगी लगा देथे, \q2 अऊ येह धुआं के एक खंभा सहीं किंदर-किंदरके ऊपर उठथे। \q1 \v 19 सर्वसक्तिमान यहोवा के कोरोध ले \q2 देस ह जलाय जाही \q1 अऊ मनखेमन आगी बर लकरी के सहीं होहीं; \q2 ओमन एक-दूसर ला नइं छोड़हीं। \q1 \v 20 जेवनी कोति ले ओमन छीन-झपटके खाहीं, \q2 पर तभो ले ओमन भूखन रहिहीं; \q1 डेरी कोति ले ओमन खाहीं, \q2 पर ओमन के पेट नइं भरही। \q1 हर एक जन अपन खुद के संतान\f + \fr 9:20 \fr*\ft या \ft*\fqa बाहां\fqa*\f* के मांस ला खाही: \q2 \v 21 मनस्से ह एपरैम ला अऊ एपरैम ह मनस्से ला खाही; \q2 एक संग ओमन यहूदा के बिरूध हो जाहीं। \b \q1 ये जम्मो होय के बाद घलो, ओकर रिस ह सांत नइं होईस, \q2 अऊ ओकर हांथ अब तक उठे हवय। \b \b \c 10 \q1 \v 1 ओमन ऊपर हाय, जेमन अनियायी कानून बनाथें, \q2 जेमन अतियाचारी फैसला सुनाथें, \q1 \v 2 जेकर ले गरीबमन के नियाय बिगड़थे \q2 अऊ मोर मनखेमन ला अतियाचार ले नियाय नइं मिलय, \q1 जेकर ले ओमन बिधवामन ला अपन सिकार बनाथें \q2 अऊ अनाथमन ला लूटथें। \q1 \v 3 ओ दिन तुमन का करहू, जब हिसाब लिये जाही, \q2 जब दूरिहा ले बिपत्ति आ जाही? \q1 मदद मांगे बर तुमन काकर करा भागके जाहू? \q2 तुमन अपन धन-दौलत ला कहां रखहू? \q1 \v 4 कैदीमन के बीच चापलूसी अऊ मुरदामन के बीच पड़े रहई \q2 एकर अलावा अऊ कुछू नइं बचही। \b \q1 ये जम्मो होय के बाद घलो, ओकर रिस ह सांत नइं होईस, \q2 अऊ ओकर हांथ अब तक उठे हवय। \s1 अस्सूर ऊपर परमेसर के दंड \q1 \v 5 “अस्सूर ऊपर हाय, जऊन ह मोर रिस के लउठी, \q2 अऊ मोर कोप के डंडा अय! \q1 \v 6 मेंह ओला एक भक्तिहीन जाति के बिरूध भेजत हंव, \q2 मेंह ओला एक अइसन मनखेमन के बिरूध पठोवत हवंव, जेमन मोला रिस दिलाथें, \q1 ताकि ओह ओमन के चीजमन ला लूटय अऊ छीनय, \q2 अऊ ओमन ला गलीमन के चीखला सहीं खुंदय। \q1 \v 7 पर येह ओकर इरादा नो हय, \q2 अऊ न ही ओकर मन म अइसन बिचार हवय; \q1 ओकर उदेस्य ये अय कि बहुंते जातिमन ला \q2 नास कर देवय अऊ ओमन ला खतम कर देवय। \q1 \v 8 काबरकि ओह कहिथे, ‘का मोर जम्मो सेनापतिमन राजा सहीं नो हंय? \q2 \v 9 का कलनो ह कर्कमीस सहीं नो हय? \q1 का हमात ह अरपाद के सहीं, \q2 सामरिया ह दमिस्क के सहीं नो हय? \q1 \v 10 जइसन मोर हांथ मूरतीमन ले भरे ओ राजमन ऊपर पहुंचिस, \q2 जेकर मूरतीमन यरूसलेम अऊ सामरिया के मूरतीमन ले बढ़के रिहिन— \q1 \v 11 का मेंह यरूसलेम अऊ ओकर मूरतीमन ले वइसे नइं करंव \q2 जइसे मेंह सामरिया अऊ ओकर मूरतीमन ले करेंव?’ ” \p \v 12 जब परभू ह सियोन पहाड़ अऊ यरूसलेम के बिरूध अपन सब काम ला कर डारही, तब ओह कहिही, “मेंह अस्सूर के राजा ला ओकर घमंड ले भरे बात अऊ घमंड ले चढ़े ओकर आंखी के दंड दूहूं। \v 13 काबरकि अस्सूर के राजा ह कहिथे: \q1 “ ‘अपन ही बाहुबल ले मेंह येला करे हंव, \q2 अऊ अपन बुद्धि ले घलो करे हंव, काबरकि मोर करा समझ हवय। \q1 मेंह देस-देस के सीमना ला हटा देंव, \q2 अऊ ओमन के रखे गय धन ला लूट लेंव; \q2 एक बलसाली जन के सहीं मेंह ओमन के राजामन ला अपन अधीन कर लेंव। \q1 \v 14 जइसे कोनो मनखे चिरई के खोंधरा करा हबरथे, \q2 वइसे देस-देस के मनखेमन के धन-संपत्ति करा मोर हांथ ह पहुंचे हवय; \q1 जइसन छोंड़ दिये गय अंडामन ला मनखेमन बटोरथें, \q2 वइसन ही मेंह जम्मो देसमन ला बटोर ले हंव; \q1 कोनो घलो अपन डेना नइं फड़फड़ाईन, \q2 अऊ न ही कोनो अपन मुहूं खोलके चीं-चीं करिन।’ ” \b \q1 \v 15 का टंगिया ह अपनआप ला ओकर ले जादा ऊपर करथे, जऊन ह येला चलाथे, \q2 या आरी ह ओकर बिरूध बड़ई करथे, जऊन ह येकर उपयोग करथे? \q1 येह तो वइसने अय, जइसने सोंटा ह ओ मनखे ला चलाय, जऊन ह येला उठाथे, \q2 या छड़ी ह ओला उठाय, जऊन ह लकरी नो हय! \q1 \v 16 एकर कारन परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q2 ओकर हट्टा-कट्टा योद्धामन ऊपर एक दुरबल करइया बेमारी पठोही; \q1 अऊ ओकर ठाट-बाट के खाल्हे \q2 धधकत जुवाला के सहीं आगी जलाय जाही। \q1 \v 17 इसरायल के अंजोर ह एक आगी, \q2 अऊ ओमन के पबितर जन ह एक जुवाला हो जाही; \q1 एकेच दिन म ओकर कांटा अऊ कंटिली झाड़ीमन \q2 जलके भसम हो जाहीं। \q1 \v 18 जइसन कोनो बेमार मनखे ह दुरबल होके बेकार हो जाथे, \q2 वइसन ही ओकर जंगल अऊ उपजाऊ खेतमन के सोभा ला \q2 पूरा नास कर दिये जाही। \q1 \v 19 अऊ ओकर जंगल के बांचे रूखमन अतेक कम हो जाहीं \q2 कि कोनो लइका घलो ओमन ला गनके लिख लीही। \s1 इसरायल के बांचे भाग \q1 \v 20 ओ दिन इसरायल के बांचे मनखेमन, \q2 याकूब के बांचे मनखेमन \q1 ओकर ऊपर फेर कभू भरोसा नइं करहीं \q2 जऊन ह ओमन ला मारिस \q1 पर सही म ओमन यहोवा, \q2 इसरायल के पबितर परमेसर ऊपर भरोसा करहीं। \q1 \v 21 एक बांचे भाग ह लहुंट आही,\f + \fr 10:21 \fr*\ft सार-यासूब (देखव \+xt 7:3\+xt* ला); \+xt पद 22|link-href="ISA 10:22"\+xt* म घलो\ft*\f* \q2 याकूब के एक बांचे भाग ह सक्तिसाली परमेसर करा लहुंट आही। \q1 \v 22 हे इसरायल, चाहे तोर मनखेमन समुंदर के बालू सहीं होहीं, \q2 पर सिरिप एक बांचे भाग ही लहुंटही। \q1 बिनास के फैसला करे जा चुके हवय \q2 ये अभिभूत करइया फैसला नियाय के संग करे गे हवय। \q1 \v 23 परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह पूरा देस म \q2 बिनास के फैसला ला पूरा करही। \p \v 24 एकरसेति परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “हे सियोन म रहइया मोर मनखेमन, \q2 अस्सूरीमन ले झन डरव, \q1 जेमन तुमन ला सोंटा ले मारथें \q2 अऊ मिसर के मनखेमन सहीं तुम्हर ऊपर छड़ी उठाथें। \q1 \v 25 बहुंत जल्दी तुम्हर ऊपर मोर रिस ह सांत हो जाही \q2 अऊ मोर कोप ह ओमन के बिनास बर भड़कही।” \b \q1 \v 26 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ओमन ला कोर्रा म अइसन मारही, \q2 जइसन ओह ओरेब नांव के चट्टान करा मिदयानीमन ला मारे रिहिस; \q1 अऊ ओह समुंदर ऊपर अपन लउठी ला उठाही, \q2 जइसे कि ओह मिसर देस म करे रिहिस। \q1 \v 27 ओ दिन ओमन के बोझा तुम्हर खांध ले \q2 अऊ ओमन के जुड़ा तुम्हर घेंच ले उतार दिये जाही; \q1 ये जुड़ा ला टोर दिये जाही \q2 काबरकि तुमन बहुंत मोटा हो गे हव। \b \q1 \v 28 ओमन अय्यात सहर के भीतर आथें; \q2 अऊ मिगरोन नगर म ले होके जाथें; \q2 मिकमास नगर म ओमन अपन सामान रखथें। \q1 \v 29 ओमन घाटी ला नाहकके कहिथें, \q2 “हमन गेबा नगर म रथिया डेरा डालबो।” \q1 रामा नगर ह कांपथे; \q2 साऊल के गिबा नगर ह भाग जाथे। \q1 \v 30 हे बेटी गल्लीम, चिचिया! \q2 हे लैसा, सुन! \q2 बिचारा अनातोत! \q1 \v 31 मदमेना नगर ह भागत हवय; \q2 गेबीम नगर के मनखेमन भागे बर अपन सामान ला इकट्ठा करत हवंय। \q1 \v 32 आज ओमन नोब नगर म रूकहीं; \q2 बेटी सियोन के पहाड़ ऊपर, \q1 यरूसलेम के पहाड़ी ऊपर, \q2 ओमन हांथ उठाके धमकाहीं। \b \q1 \v 33 देखव, परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q2 बड़े सक्ति ले डारामन ला काट डारही। \q1 बड़े-बड़े रूखमन ला काटके गिराय जाही, \q2 अऊ ऊंच-ऊंच रूखमन ला खाल्हे करे जाही। \q1 \v 34 ओह घना जंगल ला टंगिया ले काट डारही; \q2 अऊ लबानोन ह परतापी परमेसर के आघू म गिरही। \c 11 \s1 यिसै के डाली \q1 \v 1 यिसै के ठूंठ म ले एक डंगाल फूट निकलही; \q2 ओकर जरी म ले एक ठन डंगाल ह फरही। \q1 \v 2 यहोवा के आतमा ओकर ऊपर ठहिरही— \q2 येह बुद्धि अऊ समझ के आतमा, \q2 युक्ति अऊ पराकरम के आतमा, \q2 गियान के आतमा अऊ यहोवा के डर होही— \q1 \v 3 अऊ ओह यहोवा के डर म खुस होही। \b \q1 ओह मुहूं देखके नियाय नइं करही, \q2 या अपन कान ले सुनके निरनय नइं करही; \q1 \v 4 पर धरमीपन ले ओह जरूरतमंद के नियाय करही, \q2 अऊ धरती के गरीबमन के निरनय सच्चई से करही। \q1 ओह धरती ला अपन बचन के छड़ी ले मारही; \q2 अऊ अपन फूंक के झोंका ले ओह दुस्टमन ला मिटा दीही। \q1 \v 5 धरमीपन ह ओकर पट्टा \q2 अऊ बिसवासयोग्यता ह ओकर कनिहां के पट्टी होही। \b \q1 \v 6 भेड़िया ह मेढ़ा-पीला के संग रहिही, \q2 अऊ चीतवा ह छेरी संग बईठही, \q1 बछवा अऊ सेर अऊ पसु के पीला एक संग रहिहीं; \q2 अऊ एक छोटे लड़का ह ओमन के अगुवई करही। \q1 \v 7 गाय अऊ भालू एके संग चरहीं, \q2 ओमन के पीलामन एक संग बईठहीं, \q2 अऊ सिंह ह बईला सहीं भूंसा खाही। \q1 \v 8 दूध पीयत लइका ह नाग सांप के बिल मेर खेलही, \q2 अऊ छोटे लइका ह करैत के बिल म हांथ डालही। \q1 \v 9 मोर जम्मो पबितर पहाड़ ऊपर \q2 न तो ओमन चोट पहुंचाहीं अऊ न ही नास करहीं, \q1 काबरकि धरती ह यहोवा के गियान ले अइसन भर जाही \q2 जइसन पानी समुंदर म भरे रहिथे। \p \v 10 ओ दिन यिसै के जरी ह मनखेमन बर एक झंडा होही; जाति-जाति के मनखेमन ओकर करा जूरहीं, अऊ ओकर अराम करे के जगह ह महिमामय होही। \v 11 ओ दिन परभू ह दूसर बेर अपन बांचे मनखेमन ला सुधारे बर अस्सूर ले, मिसर के खाल्हे भाग ले, ऊपरी मिसर ले, कूस ले, एलाम ले, बेबिलोनिया\f + \fr 11:11 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa सिनार\fqa*\f* ले, हमात ले, अऊ भूमध्य सागर के द्वीपमन ले हांथ बढ़ाके लानही। \q1 \v 12 ओह जाति-जाति के मनखे बर एक ठन झंडा ठाढ़ करही \q2 अऊ इसरायल के बंधुवामन ला इकट्ठा करही; \q1 ओह यहूदा के सब बगर गय मनखेमन ला \q2 धरती के चारों कोना ले इकट्ठा करही। \q1 \v 13 फेर एपरैम के डाह करई ह खतम हो जाही, \q2 अऊ यहूदा के बईरीमन ला नास करे जाही; \q1 एपरैम ह यहूदा ले डाह नइं करही, \q2 अऊ न ही यहूदा ह एपरैम ला तंग करही। \q1 \v 14 ओमन पछिम कोति ढाल म पलिस्तीमन ऊपर टूट पड़हीं; \q2 एक संग मिलके ओमन पूरब कोति के मनखेमन ला लूटहीं। \q1 ओमन एदोम अऊ मोआब ला जीत लीहीं, \q2 अऊ अमोनीमन ओमन के अधीन हो जाहीं। \q1 \v 15 यहोवा ह मिसर के \q2 समुंदर के खाड़ी ला सूखा दीही; \q1 झुलसा देवइया हवा के संग ओह \q2 फरात नदी ऊपर अपन हांथ बढ़ाही। \q1 ओह येला सात ठन धारा म बांट दीही \q2 ताकि मनखेमन रेंगत ओ पार हो जावंय। \q1 \v 16 ओकर बांचे मनखेमन बर अस्सूर ले \q2 एक अइसन राजमार्ग होही, \q1 जइसन इसरायलीमन बर रिहिस, \q2 जब ओमन मिसर देस ले निकलके आईन। \c 12 \s1 इस्तुति के गीत \p \v 1 ओ दिन तें कहिबे: \q1 “हे यहोवा, मेंह तोर परसंसा करहूं। \q2 हालाकि तें मोर ऊपर रिस करत रहे, \q1 पर तोर रिस ह सांत हो गीस \q2 अऊ तेंह मोला सांति देय हवस। \q1 \v 2 खचित परमेसर ह मोर उद्धार अय; \q2 मेंह भरोसा रखहूं अऊ नइं डरहूं। \q1 काबरकि यहोवा, यहोवा खुद मोर बल अऊ मोर सुरकछा\f + \fr 12:2 \fr*\ft या \ft*\fqa गीत\fqa*\f* अय; \q2 ओह मोर उद्धारकर्ता हो गे हवय।” \q1 \v 3 आनंद समेत तुमन उद्धार के \q2 कुआंमन ले पानी भरहू। \p \v 4 ओ दिन तुमन कहिहू: \q1 “यहोवा के परसंसा करव, ओकर नांव के घोसना करव; \q2 जाति-जाति के मनखेमन के बीच ओकर काममन के परचार करव, \q2 अऊ घोसना करव कि ओकर नांव महान अय। \q1 \v 5 यहोवा के भजन गावव, काबरकि ओह परतापी काम करे हवय; \q2 ये बात जम्मो संसार म बतावव। \q1 \v 6 हे सियोन के मनखेमन, जोर से चिचियावव अऊ आनंद के मारे गावव, \q2 काबरकि इसरायल के पबितर परमेसर ह तुम्हर बीच महान अय।” \c 13 \s1 बेबिलोन के बिरूध अगमबानी \p \v 1 बेबिलोन के बिरूध अगमबानी, जऊन ला आमोस के बेटा यसायाह ह दरसन म पाईस: \q1 \v 2 खाली पहाड़ी के टीप म एक ठन झंडा ठाढ़ करव, \q2 ओमन ला पुकारव; \q1 ओमन ला हांथ ले इसारा करव \q2 कि ओमन परभावसाली मनखेमन के दुवारमन म प्रवेस करंय। \q1 \v 3 मेंह ओमन ला हुकूम दे हंव, जेमन ला मेंह लड़ई बर तियार करे हंव; \q2 मेंह अपन कोप ला पूरा करे बर अपन ओ योद्धामन ला बलाय हंव— \q2 जेमन मोर जीत म आनंद मनाथें। \b \q1 \v 4 सुनव, पहाड़मन के ऊपर ले \q2 एक बड़े भीड़ सहीं हल्ला-गुल्ला सुनई देवत हवय! \q1 सुनव, राज-राजमन के बीच एक कोलाहल होवत हवय, \q2 मानो जाति-जाति के मनखेमन इकट्ठा होवत हवंय! \q1 सर्वसक्तिमान यहोवा ह युद्ध बर \q2 अपन सेना ला इकट्ठा करत हे। \q1 \v 5 ओमन दूर देस म ले, \q2 अकास के छोर म ले आथें— \q1 हव, यहोवा ह अपन कोप के हथियार के संग \q2 पूरा देस ला नास करे बर आवत हवय। \b \q1 \v 6 बिलाप करव, काबरकि यहोवा के दिन ह लकठा म हवय; \q2 येह सर्वसक्तिमान परमेसर करा ले सतियानास करे बर आही। \q1 \v 7 एकर कारन सब के हांथमन कमजोर हो जाहीं, \q2 हर मनखे के मन म डर हमा जाही। \q1 \v 8 आतंक ह ओमन ला जकड़ लीही, \q2 ओमन के पीरा अऊ सोक ह बढ़ जाही; \q2 ओमन छेवारी होवत माईलोगन सहीं छटपटाहीं। \q1 ओमन चकित होके एक-दूसर ला ताकहीं, अऊ ओमन के मुहूंमन जल जाहीं। \b \q1 \v 9 देखव, यहोवा के दिन ह आवत हवय \q2 —देस ला उजारे \q1 अऊ पापीमन ला ओमा नास करे बर कोप \q2 अऊ भयंकर कोरोध के संग एक निरदयता के दिन आवत हवय। \q1 \v 10 अकास के तारामन अऊ ओमन के तारा मंडल \q2 अपन अंजोर नइं दीहीं। \q1 सूरज ह निकलत-निकलत अंधियार हो जाही \q2 अऊ चंदा अपन अंजोर नइं दीही। \q1 \v 11 मेंह संसार ला ओकर दुस्टता बर \q2 दुस्ट मनखे ला ओकर पाप बर दंड दूहूं। \q1 मेंह घमंडी के घमंड ला खतम कर दूहूं \q2 अऊ निरदयी मनखे के घमंड ला टोर दूहूं। \q1 \v 12 मेंह मनखेमन के गनती ला सुध सोन ले घलो कम, \q2 ओपीर के सोन ले घलो जादा दुरलभ कर दूहूं। \q1 \v 13 एकरसेति सर्वसक्तिमान यहोवा के कोप म, \q2 ओकर भड़के भयंकर कोरोध के दिन \q1 मेंह अकास ला कंपवाहूं; \q2 अऊ धरती ह अपन जगह ले डोलही। \b \q1 \v 14 सिकार करे गय हिरन के सहीं, \q2 बिन चरवाहा के भेड़मन के सहीं, \q1 ओमन अपन खुद के मनखेमन करा लहुंटहीं, \q2 ओमन भागके अपन-अपन देस चल दीहीं। \q1 \v 15 जऊन ह बंदी बनाय जाही, ओला छुरा भोंग दिये जाही; \q2 जऊन मन पकड़े जाहीं, ओ जम्मो के जम्मो तलवार ले मारे जाहीं। \q1 \v 16 ओमन के छोटे लइकामन ला ओमन के आघू म पटकके कुटा-कुटा कर दिये जाही; \q2 ओमन के घरमन लूट लिये जाहीं अऊ ओमन के घरवालीमन के संग कुकरम करे जाही। \b \q1 \v 17 देखव, मेंह ओमन के बिरूध मादीमन ला भड़काहूं, \q2 जेमन के मन म चांदी बर न तो कुछू मोह रहय \q2 अऊ न ही सोन के कोनो लालच। \q1 \v 18 ओमन के तीरमन जवानमन ला मार गिराहीं; \q2 ओमन छोटे लइकामन ऊपर कुछू दया नइं करहीं, \q2 अऊ न ही लइकामन ऊपर कुछू तरस खाहीं। \q1 \v 19 बेबिलोन, जऊन ह सब राजमन के मनि, \q2 बेबिलोनीमन\f + \fr 13:19 \fr*\ft या \ft*\fqa कसदीमन\fqa*\f* के सोभा अऊ घमंड अय, \q1 ओला परमेसर ह सदोम \q2 अऊ अमोरा सहर के सहीं उखानके फेंक दीही। \q1 \v 20 पीढ़ी-पीढ़ी तक उहां न तो कोनो निवास करहीं \q2 अऊ न ही उहां कोनो रहिहीं; \q1 घुमंतू जाति के मनखेमन न तो उहां डेरा डालहीं, \q2 अऊ न ही चरवाहामन अपन पसुमन ला उहां बईठाहीं। \q1 \v 21 पर मरू-भुइयां के पसुमन उहां रहिहीं, \q2 सियारमन ओकर घरमन म भर जाहीं; \q1 उहां उल्लूमन के बसेरा होही, \q2 अऊ उहां जंगली बोकरामन एती-ओती कूदहीं। \q1 \v 22 उहां के गढ़मन म हुंर्रामन के \q2 अऊ सुख-बिलास के महलमन म सियारमन के बसेरा होही। \q1 ओकर समय ह लकठा म हवय, \q2 अऊ ओकर दिनमन ला अऊ बढ़ाय नइं जावय। \b \b \c 14 \q1 \v 1 यहोवा ह याकूब\f + \fr 14:1 \fr*\ft या \ft*\fqa अपन मनखे इसरायल\fqa*\f* ऊपर दया करही; \q2 एक बार फेर ओह इसरायल ला अपनाही \q2 अऊ ओमन ला ओमन के खुद के देस म बसाही। \q1 परदेसीमन ओमन के संग जुड़ जाहीं \q2 अऊ याकूब के संतानमन के संग मिल जाहीं। \q1 \v 2 जाति-जाति के मनखेमन ओमन ला \q2 ओमन के खुद के जगह म पहुंचाहीं। \q1 अऊ इसरायल ह जाति-जाति के मनखेमन ऊपर अधिकार कर लीही \q2 अऊ ओमन ला यहोवा के देस म दास अऊ दासी बना लीही। \q1 इसरायलीमन ओमन ला बंदी बना लीहीं, जेमन इसरायलीमन ला बंदी बनाय रिहिन \q2 अऊ इसरायलीमन अपन ऊपर अतियाचार करइयामन ऊपर सासन करहीं। \p \v 3 ओ दिन यहोवा ह तुमन ला तुम्हर दुख अऊ घबराहट अऊ ओ कठोर मेहनत ले अराम दीही, जेला तुम्हर ले जबरदस्ती करवाय जावत रिहिस, \v 4 तुमन बेबिलोन के राजा ऊपर ये ताना मारहू: \q1 सतइयामन कइसन नास हो गे हवंय! \q2 ओकर कोरोध ह कइसन खतम हो गीस! \q1 \v 5 यहोवा ह दुस्टमन के सोंटा, \q2 अऊ सासन करइयामन के राजदंड ला टोर दे हवय, \q1 \v 6 जेकर ले ओमन गुस्सा होके \q2 मनखेमन ला लगातार मारत रहंय, \q2 अऊ जाति-जाति के मनखेमन ऊपर हमेसा कोरोध करत परभूता करंय। \q1 \v 7 अब पूरा धरती ला अराम अऊ सांति मिले हवय; \q2 मनखेमन खुसी म गीत गावत हवंय। \q1 \v 8 अऊ त अऊ सनोवर अऊ लबानोन के देवदार रूख घलो \q2 तुम्हर ऊपर खुस होके कहिथें, \q1 “जब ले तुमन ला गिराय गे हवय, \q2 तब ले कोनो हमन ला काटे बर नइं आवंय।” \b \q1 \v 9 खाल्हे मिरतू-लोक म तुम्हर आय ले \q2 तुम्हर ले मिले बर हलचल होवत हे; \q1 येह मुरदामन के आतमामन ला तुम्हर ले भेंट करे बर जगाथे— \q2 ओ जम्मो ला, जेमन संसार म अगुवा रिहिन; \q1 येह ओमन ला ओमन के सिंघासन ले ठाढ़ कराथे— \q2 ओ जम्मो ला, जेमन जाति-जाति के मनखेमन ऊपर राजा रिहिन। \q1 \v 10 ओ जम्मो झन जबाब दीहीं, \q2 ओमन तुमन ले कहिहीं, \q1 “तुमन घलो हमर सहीं कमजोर हो गे हवव; \q2 तुमन हमर सहीं बन गे हवव।” \q1 \v 11 तुम्हर जम्मो ठाट-बाट अऊ तुम्हर बीना के अवाज ला \q2 मिरतू-लोक म कर देय गे हवय; \q1 कीरामन तोर खाल्हे दसना म \q2 अऊ गेंगरूआमन तोला ऊपर ले ढांप लेथें। \b \q1 \v 12 हे बिहान के तारा, बड़े बिहनियां के बेटा, \q2 तें कइसे अकास ले गिरे हवस! \q1 एक समय रिहिस, जब तें जाति-जाति के मनखेमन ला गिराय रहे, \q2 पर अब तेंह खाल्हे धरती म गिराय गे हवस! \q1 \v 13 तेंह अपन मन म कहय, \q2 “मेंह स्वरग ऊपर चघहूं; \q1 मेंह अपन सिंघासन ला \q2 परमेसर के तारागन ले अधिक ऊंचहा करहूं; \q1 मेंह सभा के पहाड़ ऊपर, सापोन\f + \fr 14:13 \fr*\ft सापोन ह कनानीमन के सबले पबितर पहाड़ रिहिस\ft*\f* पहाड़ ऊपर \q2 सबले दूरिहा जगह म बिराजहूं। \q1 \v 14 मेंह बादर ले घलो ऊपर ऊंच जगह म चघहूं; \q2 मेंह अपनआप ला सर्वोच्च परमेसर के सहीं बनाहूं।” \q1 \v 15 पर तेंह मिरतू-लोक म \q2 खंचवा के गहरई म लाने गे हवस। \b \q1 \v 16 जेमन के नजर तोर ऊपर जाथे, ओमन टकटकी लगाके तोला देखथें, \q2 अऊ तोर बारे म सोचथें अऊ कहिथें: \q1 “का येह ओही मनखे अय, जऊन ह धरती ला कंपा देवय \q2 अऊ राजमन ला डोला देवय, \q1 \v 17 का येह ओ मनखे अय, जऊन ह संसार ला निरजन प्रदेस बना देवय, \q2 अऊ सहरमन ला गिरा देवय \q2 अऊ अपन बंधुवा मनखेमन ला ओमन के घर नइं जावन देवय?” \b \q1 \v 18 जाति-जाति के सब राजामन \q2 अपन-अपन कबर म चैन से परे हवंय। \q1 \v 19 पर तेंह कंटिली डाली के सहीं \q2 अपन कबर ले फेंक दिये गे हवस; \q1 तें मारे गय मनखेमन के लास ले पाट दिये गे हवस, \q2 ओ मनखेमन के लास ले, जेमन तलवार ले मारे गीन, \q2 ओमन के लास, जेमन ला खंचवा के पथरामन म डारे गीस। \q1 गोड़ खाल्हे कुचरे कोनो लास के सहीं, \q2 \v 20 तोला ओमन के संग कबर म नइं गाड़े जावय, \q1 काबरकि तेंह अपन देस ला नास कर दे हवस, \q2 अऊ अपन मनखेमन ला घात करे हवस। \b \b \q1 दुस्टमन के संतान के चरचा \q2 फेर कभू झन करे जावय। \q1 \v 21 ओमन के पुरखामन के पाप के कारन \q2 ओमन के बेटामन ला घात करे बर एक जगह तियार करव; \q1 अइसन झन होवय कि ओमन उठके देस के ऊपर अधिकार कर लेवंय \q2 अऊ धरती ला अपन सहरमन ले भर देवंय। \b \q1 \v 22 सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे, \q2 “मेंह ओमन के बिरूध ठाढ़ होहूं। \q1 मेंह बेबिलोन के नांव अऊ ओकर बांचे मनखे, \q2 ओकर बंस अऊ संतानमन ला मिटा दूहूं।” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे, \q1 \v 23 “मेंह ओला उल्लूमन के जगह \q2 अऊ चीखला ले भरे भुइयां बना दूहूं; \q1 मेंह ओला सतियानास के बहरी ले बहार दूहूं।” \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे। \p \v 24 सर्वसक्तिमान यहोवा ह सपथ खाके कहे हवय, \q1 “बेसक जइसने मेंह ठाने हंव, वइसने ही होही, \q2 अऊ जइसने मोर उदेस्य हवय, वइसने ही होही। \q1 \v 25 में अस्सूर ला अपन देस म कुटा-कुटा कर दूहूं; \q2 अपन पहाड़मन ऊपर मेंह ओला कुचर डारहूं। \q1 ओकर जुड़ा मोर मनखेमन के घेंच ले \q2 अऊ ओकर बोझा ओमन के खांधा ऊपर ले हटा लिये जाही।” \b \q1 \v 26 येह ओ योजना ए, जऊन ह जम्मो संसार बर ठहिराय गे हवय; \q2 येह ओ हांथ ए, जऊन ह जम्मो जाति के मनखेमन ऊपर उठे हवय। \q1 \v 27 काबरकि सर्वसक्तिमान यहोवा ह योजना बनाय हवय, त कोन ह ओकर बिरोध कर सकथे? \q2 ओकर हांथ ह बढ़े हवय, अऊ कोन ह ओला रोक सकत हे? \s1 पलिस्तीमन के बिरूध अगमबानी \p \v 28 जऊन बछर आहाज राजा मरिस, ओही बछर ये अगमबानी होईस: \q1 \v 29 हे जम्मो पलिस्तीमन, एकर बर आनंदित झन होवव \q2 कि ओ लउठी ह टूट गीस, जेमा ले तुमन ला मार पड़े रिहिस; \q1 काबरकि ओ सांप के जरी ले एक करैत सांप ह जनमही, \q2 अऊ ओकर फर ह एक उड़इया, जहरिला सांप होही। \q1 \v 30 तब गरीब ले गरीब मनखे घलो खाय बर पाही, \q2 अऊ जरूरतमंद ह सुरकछित अराम करही। \q1 पर तोर बंस ला मेंह अकाल के दुवारा नास कर दूहूं; \q2 येह तोर बांचे मनखेमन ला मार डारही। \b \q1 \v 31 हे दुवार, तेंह हाय-हाय कर! हे नगर, तें नरिया! \q2 हे पलिस्तीमन, तुमन सब के सब पिघल जावव! \q1 काबरकि उत्तर दिग ले एक धुआं उठत हे, \q2 अऊ ओकर दल म छितरानेवाला कोनो नइं एं। \q1 \v 32 ओ जाति के दूतमन ला \q2 का जबाब देय जाही? \q1 “यहोवा ह सियोन ला स्थापित करे हवय, \q2 अऊ ओमा ओकर दुखी मनखेमन सरन पाहीं।” \c 15 \s1 मोआब के बिरूध अगमबानी \p \v 1 मोआब देस के बिरूध एक अगमबानी: \q1 मोआब के आर नगर ह बरबाद हो गीस, \q2 एकेच रात म नास हो गीस! \q1 मोआब के कीर नगर ह बरबाद हो गीस, \q2 एकेच रात म नास हो गीस! \q1 \v 2 दीबोन ह रोए बर ऊपर अपन मंदिर म, \q2 अपन ऊंचहा जगहमन म जाथे; \q2 नबो अऊ मेदबा नगर बर मोआब के मनखेमन बिलाप करथें। \q1 हर एक झन मुड़ मुड़ाय हवंय, \q2 अऊ हर एक झन दाढ़ी कटाय हवंय। \q1 \v 3 सड़कमन म ओमन बोरा के ओनहा पहिरे हवंय; \q2 छत ऊपर अऊ चऊकमन म \q1 ओमन जम्मो भुइयां म गिरके, \q2 रोवत बिलाप करत हें। \q1 \v 4 हेसबोन अऊ एलाले सहर के मनखेमन चिचियावत हें, \q2 ओमन के अवाज ह यहस नगर तक सुनई देवत हे। \q1 एकरसेति मोआब के हथियारधारी मनखेमन चिचियावत हें, \q2 अऊ ओमन के मन बहुंत उदास हवय। \b \q1 \v 5 मोर हिरदय ह मोआब बर बिनती करत हे; \q2 ओकर सोअर नगर तक भगई, \q2 ओकर एगलत-सलीसिया नगर तक भगई। \q1 ओमन ऊपर पहाड़ी म लूहीत नगर करा जाथें, \q2 ओमन रोवत-रोवत जाथें; \q1 होरोनैम नगर के रसता म अपन बिनास बर \q2 ओमन बिलाप करथें। \q1 \v 6 निमरीम घाटी के पानी ह सूखा गीस \q2 अऊ कांदी ह कुम्हला गीस; \q1 साग-पात, रूख-रई सब खतम हो गीस \q2 अऊ कोनो हरियाली नइं बांचिस। \q1 \v 7 एकर कारन जऊन धन-संपत्ति ओमन बनाय हवंय अऊ संकेले हवंय \q2 ओला ओमन चिनार रूखमन के घाटी करा ले जावत हें। \q1 \v 8 ओमन के रोए के अवाज मोआब के सीमना तक सुनई देवत हे; \q2 ओमन के सोक मनाय के अवाज एगलैम नगर, \q2 अऊ ओमन के बिलाप करे के अवाज बेर-एलीम नगर तक सुनई देवत हे। \q1 \v 9 काबरकि दीमोन\f + \fr 15:9 \fr*\fq दीमोन \fq*\ft के मतलब सायद \ft*\fqa दीबोन\fqa*\f* के सोतामन लहू ले भर गे हवंय, \q2 तभो ले मेंह दीमोन नगर ऊपर अऊ दुख-तकलीफ लानहूं— \q1 मेंह मोआब के भागे मनखेमन ऊपर \q2 अऊ ओ देस म बांचे मनखेमन ऊपर एक सिंह भेजहूं। \b \b \c 16 \q1 \v 1 भेंट के रूप म मेढ़ा-पीलामन ला \q2 देस के सासन करइया करा भेजव, \q1 बंजर भुइयां के ओ पार, ओमन ला सेला नगर ले \q2 बेटी सियोन के पहाड़ ऊपर भेजव। \q1 \v 2 जइसन डेना फड़फड़ावत चिरई पीला ला उड़े बर खोंधरा ले धकेले जाथे, \q2 वइसन मोआब के माईलोगनमन के दसा अरनोन नदी के घाट म हो गे हवय। \b \q1 \v 3 मोआब ह कहिथे, “अपन मन ला तियार करव, \q2 एक निरनय लेवव। \q1 भरे मंझनियां के बेरा \q2 अपन-अपन छइहां ला रात सहीं करव। \q1 घर ले निकाले गय मनखेमन ला छुपा देवव, \q2 सरन लेवइयामन ला झन पकड़वावव। \q1 \v 4 भागके आय मोआबीमन ला अपन संग रहन दव; \q2 नास करइयामन ले ओमन ला बचावव।” \b \q1 अतियाचार करइया के अन्त हो जाही, \q2 अऊ बिनास ह रूक जाही; \q2 देस म अंधेर करइया ह नास हो जाही। \q1 \v 5 मया के संग एक सिंघासन ला स्थापित करे जाही; \q2 अऊ दाऊद के घराना\f + \fr 16:5 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa तम्बू\fqa*\f* ले एक झन \q2 बिसवासयोग्यता के संग ओमा बईठही— \q1 एक अइसन जन, जऊन ह नियाय करत बेरा सच्चई ला देखथे \q2 अऊ धरमीपन के मामला ला तेजी से निपटाथे। \b \q1 \v 6 हमन मोआब के घमंड के बारे म सुने हवन— \q2 ओह अति घमंडी अय!— \q1 ओकर अभिमान अऊ घमंड अऊ ओकर अहंकार; \q2 पर ओकर डींग मरई ह बेकार अय। \q1 \v 7 एकरसेति मोआबीमन बिलाप करथें, \q2 ओमन एक संग मोआब बर बिलाप करथें। \q1 कीर-हरेसेत सहर के किसमिस के केक बर \q2 बिलाप करव अऊ दुख मनावव। \q1 \v 8 हेसबोन के खेत अऊ सिबमा नगर के \q2 अंगूर के नारमन मुरझा गे हवंय। \q1 जाति-जाति के सासन करइयामन \q2 उत्तम-उत्तम नारमन ला कुचर डारे हवंय, \q1 ये नारमन एक समय याजेर नगर तक पहुंचत रिहिन \q2 अऊ मरू-भुइयां कोति बगरत रिहिन। \q1 ओमन के नार बगरके \q2 समुंदर\f + \fr 16:8 \fr*\ft संभवतः मिरतू सागर\ft*\f* तक चले जावत रिहिन। \q1 \v 9 एकरसेति सिबमा के अंगूर के नार बर \q2 मेंह वइसने रोथंव, जइसने याजेर ह रोथे। \q1 हे हेसबोन अऊ एलाले, \q2 मेंह तुमन ला अपन आंसू ले भिगो दूहूं! \q1 तुम्हर पाके फरमन अऊ अनाज के कटई के बेरा, खुसी के \q2 जऊन ललकार होथे, ओह थम गे हवय। \q1 \v 10 फरवाले बारीमन ले आनंद अऊ खुसी ला ले लिये गे हवय; \q2 अंगूर के बारीमन म कोनो न तो गीत गावंय, अऊ न ही खुसी ले चिचियावंय; \q1 अऊ अंगूर के रसकुंडमन म कोनो अंगूर नइं खुंदय, \q2 काबरकि मेंह ओमन के खुसी के मारे चिचियाई ला खतम कर दे हंव। \q1 \v 11 मोर मन ह मोआब बर अऊ मोर अंतर मन ह \q2 कीर-हरेसेत बर बीना के सहीं बिलाप करत हे। \q1 \v 12 जब मोआब ह अपन ऊंचहा जगह म जाथे, \q2 त ओह सिरिप अपनआप ला थकाय बर जाथे; \q1 अऊ जब ओह पराथना करे बर अपन देव-स्थल म जाथे, \q2 त ओला कुछू फायदा नइं होवय। \p \v 13 येह यहोवा के ओ बचन अय, जेला ओह पहिली ले ही मोआब के बारे म कहे रिहिस। \v 14 पर अब यहोवा ह कहिथे: “ठेका म लिये गय एक सेवक के गनती के मुताबिक, तीन बछर के भीतर मोआब के वैभव अऊ ओकर बहुंते मनखेमन तुछ समझे जाहीं, अऊ ओकर बांचे मनखेमन बहुंत कम अऊ कमजोर हो जाहीं।” \c 17 \s1 दमिस्क के बिरूध अगमबानी \p \v 1 दमिस्क सहर के बिरूध एक अगमबानी: \q1 “देखव, दमिस्क फेर एक नगर नइं रहिही \q2 पर ओह पूरा खंडहर हो जाही। \q1 \v 2 अरोएर के नगरमन निरजन हो जाहीं \q2 अऊ पसुमन के चरागन अऊ बईठे के जगह हो जाहीं, \q2 अऊ ओमन ला डरवइया कोनो नइं होहीं। \q1 \v 3 एपरैम के गढ़वाला नगर \q2 अऊ दमिस्क के राजकीय सक्ति खतम हो जाही; \q1 अराम के बांचे भाग ह \q2 इसरायलीमन के महिमा के सहीं हो जाही,” \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे। \b \q1 \v 4 “ओ दिन याकूब के महिमा ह घट जाही; \q2 अऊ ओकर मोटहा देहें ह पातर हो जाही। \q1 \v 5 येह अइसन होही, मानो खड़े फसल ला मनखेमन लुवत हें, \q2 करपा ला अपन हांथ म संकेलत हें— \q1 या येह अइसन होही मानो रपाईम के घाटी म \q2 कोनो सीला बीनत हे। \q1 \v 6 तभो ले कुछू सीला ह छूट जाही, \q2 जइसे जैतून रूख ला झर्रावत समय \q1 दू तीन ठन फर टीप के डंगाल म छूट जाथें, \q2 चार पांच ठन, फरवाले डंगाल म रह जाथें,” \q2 यहोवा, इसरायल के परमेसर ह घोसना करत हे। \b \q1 \v 7 ओ दिन मनखेमन अपन सिरिस्टीकर्ता कोति देखहीं \q2 अऊ ओमन के आंखी इसरायल के पबितर परमेसर कोति लगे रहिही। \q1 \v 8 ओमन अपन हांथ के बनाय \q2 बेदी ला नइं देखहीं, \q1 अऊ असेरा के खंभामन\f + \fr 17:8 \fr*\ft असेरा देवी के लकड़ी के खंभा\ft*\f* अऊ अपन बनाय धूप के बेदीमन बर \q2 ओमन के मन म कोनो आदर नइं होही। \p \v 9 ओ दिन ओमन के गढ़वाले नगरमन, जेमन ला ओमन इसरायलीमन के डर के मारे छोंड़ देय रिहिन, अइसन होहीं, जइसन झाड़ी-झंखाड़ अऊ घांस-पूस बर जगहमन ला छोंड़े जाथे। ओ जम्मो उजार परे होहीं। \q1 \v 10 काबरकि तुमन अपन उद्धारकर्ता परमेसर ला भुला गे हव; \q2 अऊ अपन चट्टान, अपन गढ़ ला सुरता नइं राखे हव। \q1 एकरसेति, हालाकि तुमन सुघर पऊधा \q2 अऊ बाहिर ले मंगाय अंगूर के नारमन ला लगाथव, \q1 \v 11 हालाकि तुमन ओ पऊधामन ला बढ़ाय बर बाड़ा लगाथव \q2 अऊ बिहनियां जब तुमन ओमन ला लगाथव अऊ ओमा पीका निकलथे, \q1 तभो ले बेमारी अऊ असाध्य पीरा के दिन \q2 ओमा कुछू फसल नइं होही। \b \q1 \v 12 ओ बहुंते जाति के मनखेमन ऊपर हाय, जेमन गरजथें— \q2 ओमन समुंदर के लहरामन सहीं गरजथें! \q1 ओ मनखेमन ऊपर हाय, जेमन गरजथें— \q2 ओमन भयंकर पानी के धारा सहीं गरजथें! \q1 \v 13 हालाकि मनखेमन पानी के उमड़त लहरामन सहीं गरजथें, \q2 पर जब ओह\f + \fr 17:13 \fr*\ft या \ft*\fqa परमेसर\fqa*\f* ओमन ला घुड़कथे, त ओमन अइसे दूरिहा भागथें, \q1 जइसे पहाड़ ऊपर के भूंसी ह हवा ले \q2 अऊ गरेर आय ले धुर्रा उड़ियाथे। \q1 \v 14 सांझ के बेरा, अचानक आतंक! \q2 बिहान होय के पहिली ओमन लापता हो जाथें! \q1 येह ओमन के भाग ए जेमन हमन ला लूटथें, \q2 अऊ हमन ला सताथें, ओमन के ये दसा होही। \c 18 \s1 कूस के बिरूध एक अगमबानी \q1 \v 1 सन-सन करत डेना\f + \fr 18:1 \fr*\ft या \ft*\fqa फांफामन\fqa*\f* के फड़फड़ाहट के ओ देस ऊपर हाय, \q2 जऊन ह कूस\f + \fr 18:1 \fr*\ft नील के ऊपर के इलाका\ft*\f* के नदीमन के संग-संग फईले हवय, \q1 \v 2 अऊ जऊन ह समुंदर के रसता ले \q2 पानी म नरकट के डोंगामन के दुवारा दूतमन ला ये कहिके पठोथे। \b \q1 हे तेज चलइया दूतमन, \q1 ओ मनखेमन करा जावव, जेमन ऊंच अऊ चिकना चमड़ी के अंय, \q2 जेमन के भय मनखेमन के मन म दूरिहा-दूरिहा तक हवय, \q1 ओमन अजीब भासा बोलइया एक हमलावर जाति अंय, \q2 अऊ ओमन के देस ह नदीमन के दुवारा बंटे हवय। \b \q1 \v 3 हे संसार के जम्मो मनखेमन, \q2 तुमन जेमन धरती म रहिथव, \q1 जब एक झंडा ह पहाड़ ऊपर खड़े करे जाही, \q2 त तुमन ओला देखहू, \q1 अऊ जब तुरही ह फूंके जाही, \q2 त तुमन ओकर अवाज सुनहू। \q1 \v 4 यहोवा ह मोला ये कहत हे: \q2 “घाम के तेज गरमी अऊ कटनी के गरमी म \q1 ओस के बादर सहीं \q2 मेंह चुपचाप रहिहूं अऊ अपन निवास ले देखहूं।” \q1 \v 5 काबरकि कटनी के पहिले, जब फूलमन खतम हो जाथें \q2 अऊ फूल ह पके अंगूर बन जाथे, \q1 तब ओह अंकुरमन ला चाकू ले काट डारही, \q2 अऊ काटके फईले डालीमन ला अलग कर दीही। \q1 \v 6 ओमन ला सिकार करइया पहाड़ी चिरईमन बर \q2 अऊ जंगल के पसुमन बर छोंड़ दिये जाही; \q1 चिरईमन पूरा घाम के महिना म \q2 अऊ जंगली पसुमन पूरा जाड़ के महिना म ओमन ला खाहीं। \p \v 7 ओ समय सर्वसक्तिमान यहोवा बर ओ मनखेमन के दुवारा भेंट लाने जाही \q1 जेमन ऊंच अऊ चिकना चाम के होहीं, \q2 जेमन ले पास अऊ दूरिहा के मनखेमन डरथें, \q1 जेमन अजीब भासा बोलइया हमलावर जाति के होहीं, \q2 जेमन के देस ह नदीमन के दुवारा बंटे होही— \m ओ भेंटमन ला सियोन पहाड़, सर्वसक्तिमान यहोवा के नांव के जगह म लाने जाही। \c 19 \s1 मिसर के बिरूध अगमबानी \p \v 1 मिसर के बिरूध अगमबानी: \q1 देखव, यहोवा तेज उड़इया बादर म चघके \q2 मिसर म अवइया हवय। \q1 ओकर आघू म मिसर के मूरतीमन कांपहीं, \q2 अऊ मिसरीमन के मन ह डर के मारे पिघल जाही। \b \q1 \v 2 “मेंह मिसरीमन ला मिसरीमन के बिरूध भड़काहूं— \q2 भाई ह भाई के बिरूध लड़ही, \q2 परोसी ह परोसी के बिरूध, \q2 नगर ह नगर के बिरूध, \q2 अऊ राज ह राज के बिरूध लड़ही। \q1 \v 3 तब मिसरीमन के हिम्मत टूट जाही, \q2 अऊ मेंह ओमन के उपाय ला बिफल कर दूहूं; \q1 ओमन अपन मूरतीमन ले अऊ मरे आतमामन ले, \q2 बईगा अऊ झाड़-फूंक करइयामन ले पुछहीं। \q1 \v 4 मेंह मिसरीमन ला एक निरदयी \q2 हाकिम के हांथ म सऊंप दूहूं, \q1 अऊ एक भयंकर राजा ह ओमन ऊपर सासन करही,” \q2 परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे। \b \q1 \v 5 तब नदी के पानी सूखा जाही, \q2 अऊ नदी के तला तक सूखा जाही। \q1 \v 6 नरवामन ले बदबू आही, \q2 अऊ मिसर के सोतामन घलो सूखके खाली हो जाहीं। \q1 नरकट अऊ हरियर चीजमन मुरझा जाहीं, \q2 \v 7 नील नदी के तीर के पऊधामन घलो, \q2 नदी के मुंहाटी म जामे पऊधामन सूखके नास हो जाहीं। \q1 नील नदी के तीर के खेतमन म बोये गय बीजा \q2 सूखा जाही, ओह उड़िहा जाही अऊ ओकर पता नइं चलही। \q1 \v 8 ओ जम्मो जेमन नील नदी म गरी खेलथें, \q2 ओ मछुआरमन रोहीं अऊ बिलाप करहीं; \q1 जेमन मछरी धरे बर पानी म जाल डालथें \q2 ओमन सोक मनाहीं। \q1 \v 9 जेमन सन के सूंत बनाथें, ओमन निरास होहीं, \q2 सुघर मलमल के ओनहा बुनइयामन के आसा टूट जाही। \q1 \v 10 ओनहा के धंधा करइयामन उदास होहीं, \q2 अऊ जम्मो मजदूरमन दुखित हो जाहीं। \b \q1 \v 11 सोअन सहर के हाकिममन तो एकदम मुरूख अंय; \q2 फिरौन के बुद्धिमान सलाहकारमन के सलाह बिलकुल बेकार अय। \q1 तें फिरौन ले कइसे कह सकत हस, \q1 “मेंह एक बुद्धिमान आदमी अंव, \q2 पुराना जमाना के राजामन के एक चेला अंव”? \b \q1 \v 12 अब तोर बुद्धिमान आदमीमन कहां हवंय? \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q1 मिसर देस के बिरूध जऊन योजना बनाय हवय \q2 ओला ओ बुद्धिमान मनखेमन दिखावंय अऊ तोला बतावंय। \q1 \v 13 सोअन के हाकिममन मुरूख हो गे हवंय, \q2 मेमफीस के अगुवामन धोखा खाय हवंय; \q1 ओकर मनखेमन के मुखियामन \q2 मिसर ला भरमा दे हवंय। \q1 \v 14 यहोवा ह ओमन म \q2 एक चक्कर देवइया आतमा डार दे हवय; \q1 ओमन मिसर ला ओकर जम्मो काम म भटका देवत हें, \q2 जइसे मतवार ह अपन उछरे चीज के चारों कोति डगमगावत रहिथे। \q1 \v 15 मिसर ह कुछू नइं कर सकय— \q2 मुड़ी या पुंछी, खजूर के डंगाली या सरकंडा। \p \v 16 ओ समय मिसरीमन दुरबल परानी हो जाहीं। सर्वसक्तिमान यहोवा ओमन के बिरूध जऊन हांथ उठाही, ओकर कारन, डर के मारे ओमन कांपे लगहीं। \v 17 अऊ यहूदा के देस ह मिसरीमन ला आतंकित करही; जेकर ले घलो यहूदा के चरचा करे जाही, ओह भयभीत होही, ये सब ओ योजना के कारन होही, जेला सर्वसक्तिमान यहोवा ह मिसरीमन के बिरूध करत हे। \p \v 18 ओ दन म मिसर देस म पांच सहर होहीं, जेकर मनखेमन कनान देस के भासा बोलहीं अऊ सर्वसक्तिमान यहोवा के भक्ति बर किरिया खाहीं। ओमा से एक ठन सहर के नांव सूरज\f + \fr 19:18 \fr*\ft मासोरेटिक ग्रंथ के जादा हस्तलिपि म \ft*\fqa बिनास के सहर\fqa*\f* होही। \p \v 19 ओ दिन म मिसर देस के बीच म यहोवा बर एक बेदी होही, अऊ ओकर सीमना म यहोवा बर एक स्मारक होही। \v 20 मिसर देस म येह यहोवा बर एक चिनहां अऊ गवाही होही। अपन ऊपर अंधेर करइयामन के कारन, जब ओमन यहोवा ला पुकारहीं, तब ओह ओमन बर एक उद्धारकर्ता अऊ ओमन के रकछा करइया ला भेजही, अऊ ओह ओमन ला छोंड़ाही। \v 21 ये किसम ले यहोवा अपनआप ला मिसरीमन ऊपर परगट करही, अऊ ओ दिन ओमन यहोवा ला चिनहीं। ओमन बलिदान अऊ अन्न-बलिदान चघाके ओकर उपासना करहीं; ओमन यहोवा बर मन्रत रखहीं अऊ ओला पूरा घलो करहीं। \v 22 यहोवा ह मिसर देस ऊपर एक महामारी लानही; ओह ओमन ला मारही अऊ ओमन ला चंगा घलो करही। ओमन यहोवा कोति फिरहीं, अऊ ओह ओमन के बिनती सुनके ओमन ला चंगा करही। \p \v 23 ओ दिन म मिसर ले अस्सूर तक एक राजमार्ग होही। अस्सूरीमन मिसर देस जाहीं अऊ मिसरीमन अस्सूर देस जाहीं। अऊ मिसरीमन अस्सूरीमन के संग मिलके अराधना करहीं। \v 24 ओ दिन म धरती ऊपर इसरायल ह तीसरा देस होही, जेकर नांव मिसर अऊ अस्सूर के संग आसीसित देस के रूप म लिये जाही। \v 25 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहिके ओमन ला आसीस दीही, “धइन होवंय मिसर म मोर मनखेमन, मोर हांथ के बनाय अस्सूर अऊ मोर उत्तराधिकार इसरायल।” \c 20 \s1 मिसर अऊ कूस के बिरूध अगमबानी \p \v 1 जऊन बछर अस्सूर के राजा सरगोन अपन परधान सेनापति ला भेजिस अऊ ओह असदोद म आके ओकर ऊपर हमला करिस अऊ असदोद ला अपन अधिकार म ले लीस— \v 2 ओही बछर यहोवा ह आमोस के बेटा यसायाह के दुवारा कहिस, “जा अऊ अपन कनिहां ले टाट के ओनहा ला उतार अऊ अपन गोड़ ले जूता ला उतार।” अऊ ओह वइसने ही करिस, ओह नंगरा अऊ खाली गोड़ घुमे-फिरे लगिस। \p \v 3 तब यहोवा ह कहिस, “जइसन मोर दास यसायाह ह तीन बछर ले नंगरा होके खाली गोड़ रेंगत रिहिस, कि मिसर अऊ कूस बर एक चिनहां अऊ अपसकुन होवय, \v 4 वइसन अस्सूर के राजा ह मिसर अऊ कूस के मनखेमन ला कैदी बनाके देस निकाला करही; का जवान का सियान, सबो ला कैदी बनाके नंगरा अऊ खाली गोड़ अऊ कुल्हा खुल्ला करके कैद म ले जाही, ताकि मिसर के बेजत्ती होवय। \v 5 जेमन कूस ऊपर भरोसा करिन अऊ मिसर ऊपर घमंड करिन, ओमन भयभीत होहीं अऊ ओमन के बेजत्ती होही। \v 6 ओ दिन म ये समुंदर तीर म रहइया मनखेमन कहिहीं, ‘देखव, जेमन ऊपर हमन भरोसा करत रहेंन अऊ जेमन करा हमन मदद बर अऊ अस्सूर के राजा ले बांचे बर भागके गेंन, ओमन के का होय हवय! त फेर हमन कइसे बच सकत हन?’ ” \c 21 \s1 बेबिलोन के बिरूध अगमबानी \p \v 1 समुंदर तीर के मरू-भुइयां के बिरूध अगमबानी: \q1 जइसन दक्खिन के भुइयां ले आंधी आथे, \q2 वइसन ही मरू-भुइयां ले, \q2 आतंक के देस ले एक हमला करइया आवत हवय। \b \q1 \v 2 एक भयानक दरसन मोला देखाय गीस: \q2 बिसवासघाती ह बिसवासघात करथे अऊ लूटनेवाला ह लूटथे। \q1 हे एलाम, हमला कर! हे मादै, घेराबंदी कर! \q2 मेंह ओ सब कराहना ला खतम कर दूहूं, जऊन ह ओकर कारन आय हवय। \b \q1 \v 3 एकर कारन मोर देहें म भारी पीरा हे, \q2 छेवारी होवत माईलोगन के पीरा सहीं मोला पीरा होवत हे; \q1 जऊन बात मेंह सुनत हंव, ओकर ले मेंह डर गे हंव, \q2 जऊन चीज ला मेंह देखत हंव, ओकर ले घबरा गे हंव। \q1 \v 4 मोर हिरदय ह कांपत हे, \q2 डर के मारे मेंह कांपत हंव; \q1 जऊन संझा के मेंह रसता देखत रहेंव \q2 ओह मोर बर आतंक के बात हो गे हवय। \b \q1 \v 5 जेवन के तियारी होवत हे, \q2 ओमन ओनहा बिछावत हें, \q2 ओमन खावथें, ओमन पीयथें! \q1 हे हाकिममन, उठव, \q2 ढालमन म तेल लगावव! \p \v 6 परभू ह मोला ये कहत हे: \q1 “जाके एक पहरेदार ठहिरा दे \q2 अऊ जऊन कुछू ओह देखथे, ओला आके बतावय। \q1 \v 7 जब ओह रथमन ला \q2 घोड़ामन के दल के संग देखथे, \q1 जब ओह गदहामन के सवार \q2 या ऊंटमन के सवारमन ला देखथे, \q1 त ओह सावधान हो जावय, \q2 पूरा सावधान हो जावय।” \p \v 8 अऊ ओ पहरेदार\f + \fr 21:8 \fr*\ft कुछू हस्तलिपि म \ft*\fqa सिंह\fqa*\f* ह चिचियाके कहिस, \q1 “हे मालिक, हर दिन मेंह ठाढ़ होके पहरा देथंव; \q2 हर रात मेंह पहरा म काटथंव। \q1 \v 9 देखव, एक आदमी एक रथ म \q2 घोड़ामन के एक दल के संग आवथे। \q1 अऊ ओह जबाब देथे: \q2 ‘गिर परिस, बेबिलोन गिर परिस! \q1 येकर देवतामन के जम्मो मूरतीमन \q2 गिरके भुइयां म चकनाचूर हो गीन।’ ” \b \q1 \v 10 कोठार म कुचरे गय हे मोर मनखेमन, \q2 जऊन बात मेंह सर्वसक्तिमान यहोवा, \q1 इसरायल के परमेसर ले सुने हंव, \q2 ओला मेंह तुमन ला बतात हंव। \s1 एदोम के बिरूध अगमबानी \p \v 11 दूमा\f + \fr 21:11 \fr*\fq दूमा \fq*\ft येह \ft*\fqa एदोम \fqa*\ft के दूसर नांव, जेकर मतलब होथे चुपचाप\ft*\f* के बिरूध अगमबानी: \q1 सेईर म ले कोनो मोला बलावत हवय, \q2 “हे चौकीदार, रथिया के का खबर हे? \q2 हे चौकीदार, रथिया के का खबर हे?” \q1 \v 12 चौकीदार ह कहिस, \q2 “बिहान पहाथे, पर रथिया घलो होथे। \q1 यदि तेंह पुछे चाहत हस, त पुछ; \q2 अऊ फेर लहुंटके आ।” \s1 अरब के बिरूध अगमबानी \p \v 13 अरब के बिरूध अगमबानी: \q1 हे ददानीमन के रसता रेंगइया दलमन, \q2 जेमन अरब के झाड़ीमन म डेरा डालथव, \q2 \v 14 पीयासन करा पानी लानव; \q1 तुमन, जेमन तेमा नगर म रहिथव, \q2 भगोड़ामन बर जेवन लेके आवव। \q1 \v 15 ओमन तलवार के डर ले भागत हें, \q2 मियान ले खींचे तलवार ले, \q1 ताने गय धनुस ले \q2 अऊ भारी लड़ई ले भागत हवंय। \p \v 16 परभू ह मोला ये कहत हे: “जइसे ठेका म बंधे बनिहार ह येला गनथे, एकेच बछर के भीतर, केदार गोत्र के जम्मो सोभा खतम हो जाही। \v 17 केदार के धनुसधारी, सूरबीरमन ले थोरकन ही रह जाहीं।” यहोवा, इसरायल के परमेसर ह कहे हवय। \c 22 \s1 यरूसलेम के बिरूध अगमबानी \p \v 1 दरसन के घाटी\f + \fr 22:1 \fr*\ft संभवतः \ft*\fqa यरूसलेम\fqa*\f* के बिरूध अगमबानी: \q1 तुम्हर अब का समस्या हे \q2 कि तुमन जम्मो के जम्मो छानी ऊपर चढ़ गे हव, \q1 \v 2 हे हाहाकार अऊ उधम ले भरे नगर, \q2 हे कोलाहल अऊ उपदरव के सहर? \q1 तुम्हर मारे गय मनखेमन तलवार ले नइं मारे गे हवंय, \q2 न ही ओमन लड़ई म मारे गे हवंय। \q1 \v 3 तुम्हर जम्मो अगुवामन एक संग भाग गे हवंय; \q2 बिगर धनुस के उपयोग करे ही ओमन ला बंदी बना लिये गे हवय। \q1 ओ जम्मो जेमन पकड़े गीन, ओमन ला एक संग बंदी बना लिये गीस, \q2 जबकि ओमन के भागत बेरा बईरी ह दूरिहा म रिहिस। \q1 \v 4 एकरसेति मेंह कहेंव, “मोर ले मुहूं फेर लव; \q2 मोला फूट-फूटके रोवन दव। \q1 मोर मनखेमन के बिनास ऊपर \q2 मोला सांति देय के कोसिस झन करव।” \b \q1 \v 5 काबरकि परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा के एक दिन हवय, \q2 जब दरसन के घाटी म हाहाकार \q2 अऊ रऊंदई अऊ आतंक होही, \q1 दीवारमन ला टोरके गिराय जाही \q2 अऊ पहाड़मन करा रोये जाही। \q1 \v 6 एलाम ह अपन सारथी अऊ घोड़ामन के संग \q2 तरकस ला लेथे; \q2 कीर सहर ह ढाल ला खोलथे। \q1 \v 7 तोर मनपसंद घाटीमन रथमन ले भरे हवंय, \q2 अऊ घुड़सवारमन सहर के दुवारमन म ठहिराय गे हवंय। \b \q1 \v 8 परभू ह यहूदा के सुरकछा ला हटा दीस, \q2 अऊ ओ दिन तेंह जंगल के महल के \q2 हथियारमन ला देखे। \q1 \v 9 तेंह देखे कि दाऊद के सहर के दीवारमन \q2 बहुंत जगह टूट गे रिहिन; \q1 तेंह खाल्हे के पोखरी म \q2 पानी ला इकट्ठा करे। \q1 \v 10 तेंह यरूसलेम म भवनमन के गनती करे \q2 अऊ दीवार ला मजबूत करे बर घरमन ला टोरके गिरा देय। \q1 \v 11 जुन्ना पोखरी के पानी बर \q2 तेंह दू ठन दीवार के बीच एक बांध बनवाय, \q1 पर तें ओकर ऊपर धियान नइं देय, जऊन ह येला बनाईस, \q2 या ओकर आदर नइं करे, जऊन ह बहुंत पहिले येकर योजना बनाय रिहिस। \b \q1 \v 12 परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q2 ओ दिन तोला रोये अऊ बिलाप करे बर, \q1 अपन बाल नोचे बर \q2 अऊ बोरा के ओनहा पहिरे बर बलाईस। \q1 \v 13 पर देख, उहां आनंद अऊ खुसी मनाय जावत हे, \q2 गरूवा-बईलामन ला काटे अऊ भेड़-बकरी के बध करे जावत हे, \q2 मांस खाय अऊ अंगूर के मंद पीये जावत हे! \q1 तेंह कहिथस, “आवव, हमन खावन अऊ पीयन, \q2 काबरकि कल तो हमन ला मरना हे!” \p \v 14 सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोर सुनत म ये परगट करे हवय: “तुम्हर मिरतू के दिन तक ये पाप ह छेमा नइं करे जावय,” परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहत हे। \b \p \v 15 परभू सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “जावव, ये परबंधक, \q2 महल के अधिकारी सेबना ला कहव: \q1 \v 16 तेंह इहां का करत हस अऊ तोला कोन ह अनुमति दीस \q2 कि तेंह इहां अपन बर एक कबर खनवात हस, \q1 ऊंचहा जगह म अपन कबर बनवात हस \q2 अऊ चट्टान ला काटके अपन अराम के जगह ला बनवात हस? \b \q1 \v 17 “हे बलवान मनखे, सावधान रह, \q2 यहोवा तोला जोर से धरके दूरिहा फेंकनेचवाला हे। \q1 \v 18 ओह तोला गेंद कस बने करके लपेटही \q2 अऊ एक बड़े देस म फेंक दीही। \q1 उहां तें मर जाबे \q2 अऊ जऊन रथमन ऊपर तोला बहुंत घमंड रिहिस \li2 उहां ओ रथमन तोर मालिक के घर बर एक कलंक हो जाहीं। \q1 \v 19 मेंह तोला तोर जगह ले हटा दूहूं, \q2 अऊ तोला तोर पद ले निकाल दिये जाही। \p \v 20 “ओ दिन मेंह हिलकियाह के बेटा अपन दास, एलयाकीम ला बुलवाहूं। \v 21 मेंह ओला तोर अंगरखा पहिराहूं अऊ ओकर कनिहां म तोर कटिबंध ला बांधहूं अऊ तोर अधिकार ओकर हांथ म कर दूहूं। ओह यरूसलेम म रहइया अऊ यहूदा के मनखेमन बर एक ददा के सहीं ठहिरही। \v 22 में दाऊद के घराना के कुची ओकर कंधा म मढ़ाहूं; ओह जेला खोलही, ओला कोनो बंद नइं कर सकहीं, अऊ जेला ओह बंद करही, ओला कोनो खोल नइं सकहीं। \v 23 में ओला ठोस जगह म खूंटी सहीं गड़ियाहूं; ओह अपन ददा के घराना बर आदर के एक आसन\f + \fr 22:23 \fr*\ft या \ft*\fqa सिंघासन\fqa*\f* बन जाही। \v 24 ओकर परिवार के पूरा महिमा ओकर ऊपर होही: येकर बंस अऊ संतानमन—येकर जम्मो छोटे-छोटे बरतन, कटोरामन ले लेके जम्मो सुराहीमन ओकर ऊपर टंगाहीं। \p \v 25 “ओ दिन म,” सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे, “जऊन खूंटी ला ठोस जगह म गड़ियाय गे रिहिस, ओह ढीला हो जाही; येला काटके गिरा दिये जाही, अऊ ओकर ऊपर टंगे बोझा ला काटके गिरा दिये जाही।” यहोवा ह कहे हवय। \c 23 \s1 सूर के बिरूध अगमबानी \p \v 1 सूर सहर के बिरूध म अगमबानी: \q1 हे तरसीस के जहाजमन, बिलाप करव! \q2 काबरकि सूर ह नास हो गीस \q2 उहां न तो कोनो घर अऊ न ही कोनो बंदरगाह हवय। \q1 ये खबर ओमन ला \q2 कित्तीमन के देस ले मिले हवय। \b \q1 \v 2 हे समुंदर के टापू म रहइयामन \q2 अऊ सीदोनी बेपारीमन, \q2 जेमन ला नाविकमन धनी कर दे हवंय, चुप रहव। \q1 \v 3 महासागर ले होके \q2 सीहोर\f + \fr 23:3 \fr*\ft या \ft*\fqa मिसर देस\fqa*\f* के अनाज आईस; \q1 नील नदी के ऊपज ह सूर के आमदनी रिहिस, \q2 अऊ ओह जाति-जाति के मनखेमन के बेपार के जगह हो गीस। \b \q1 \v 4 हे सीदोन, सरम कर, अऊ तें समुंदर के किला, \q2 काबरकि समुंदर ह कहे हवय: \q1 “न तो मोला कभू छेवारी के पीरा होईस अऊ न ही मेंह कोनो लइका जनमांय; \q2 मेंह न तो बेटामन ला पालें-पोसें अऊ न ही बेटीमन ला पोसके बड़े करेंव।” \q1 \v 5 जब खबर ह मिसर देस म आही, \q2 त सूर ले आय खबर ला सुनके ओमन ला पीरा होही। \b \q1 \v 6 तुमन पार होके तरसीस म जावव; \q2 हे टापू म रहइयामन, बिलाप करव। \q1 \v 7 का येह खुसी ले भरे तुम्हर सहर अय, \q2 पुराना, पुराना सहर, \q1 जेकर गोड़मन ओला \q2 दूरिहा देस म बसे बर ले गे हवंय? \q1 \v 8 सूर के बिरूध कोन ह ये योजना बनाईस, \q2 जऊन ह राजामन ला गद्दी म बईठावय, \q1 जेकर बेपारीमन हाकिम रिहिन, \q2 जेकर साहूकारमन धरती म नामी मनखे रिहिन? \q1 \v 9 सर्वसक्तिमान यहोवा ह येकर योजना बनाईस, \q2 ताकि ओकर सब गौरव के घमंड ला टोर देय \q2 अऊ धरती के जम्मो नामी मनखेमन ला नम्र करे। \b \q1 \v 10 हे बेटी तरसीस, \q2 जइसे ओमन नील नदी के संग करथें, वइसे अपन देस म होके जा, \q2 काबरकि तोर मेर अऊ कोनो बंदरगाह नइं ए। \q1 \v 11 यहोवा ह अपन हांथ ला समुंदर ऊपर बढ़ाय हवय \q2 राजमन ला हला दे हवय। \q1 यहोवा ह फीनीके\f + \fr 23:11 \fr*\ft या \ft*\fqa कनान\fqa*\f* के बारे म आदेस दे हवय \q2 कि ओकर किलामन ला नास करे जावय। \q1 \v 12 यहोवा ह कहिस, “हे कुंवारी बेटी सीदोन, अब तें कुचरे गे हस! \q2 तेंह अब खुस नइं हो सकस; \b \q1 “उठ, पार नाहकके कित्तीमन के देस\f + \fr 23:12 \fr*\ft या \ft*\fqa साइप्रस\fqa*\f* म जा; \q2 पर उहां घलो तोला चैन नइं मिलय।” \q1 \v 13 बेबिलोनीमन\f + \fr 23:13 \fr*\ft या \ft*\fqa कसदीमन\fqa*\f* के देस ला देखव, \q2 ये मनखेमन के अब लेखा-जोखा नइं ए! \q1 अस्सूर के मनखेमन येला \q2 मरू-भुइयां के पसुमन के एक जगह बना दे हवंय; \q1 ओमन अपन घेराबंदी के किला बनाय हवंय, \q2 ओमन येकर किलामन ला लूट ले हवंय \q2 अऊ येला खंडहर कर दे हवंय। \b \q1 \v 14 हे तरसीस के पानी जहाजमन, बिलाप करव; \q2 तुम्हर गढ़ ह नास हो गे हवय! \p \v 15 ओ समय सूर ला सत्तर बछर तक भुला दिये जाही, जऊन ह एक राजा के पूरा जिनगी के समय होथे। पर सत्तर बछर के बीते के बाद, येह सूर के संग होही, जइसे कि बेस्या के गीत हवय: \q1 \v 16 “हे बिसरा दिये गय बेस्या, \q2 एक ठन बीना लेके सहर म घुम; \q1 बने करके बीना ला बजा, बहुंत गीत गा, \q2 ताकि तोला सुरता करे जावय।” \p \v 17 सत्तर बछर बीते के बाद, यहोवा ह सूर ऊपर धियान दीही। ओह फेर अपन छिनारी के कमई म मन लगाके धरती भर के सब राजमन के संग अपन धंधा करही। \v 18 तभो ले ओकर लाभ अऊ ओकर कमई यहोवा बर अलग रखे जाही; ओला न तो भंडार म रखे जाही, न ही जमा करे जाही। ओकर आमदनी ह ओमन करा जाही, जेमन यहोवा के आघू म रहिथें, ताकि ओमन ला भरपूर जेवन अऊ सुघर ओनहा मिलय। \c 24 \s1 धरती म परभू के दंड \q1 \v 1 देखव, यहोवा ह धरती ला निरजन \q2 अऊ नास करइया हवय; \q1 ओह येकर सतह ला बरबाद कर दीही \q2 अऊ येमा निवास करइयामन ला तितिर-बितिर कर दीही— \q1 \v 2 जइसन मनखेमन के, \q2 वइसन पुरोहित के दसा होही, \q2 जइसन दास के, वइसन मालिक के, \q2 जइसन दासी के, वइसन मालकिन के, \q2 जइसन बिसोइया के, वइसन बेचइया के, \q2 जइसन उधार देवइया के, वइसन उधार लेवइया के, \q2 जइसन करजा देवइया के, वइसन करजा लेवइया के दसा होही। \q1 \v 3 धरती ह पूरा सुनसान पड़े होही \q2 अऊ पूरा लूट लेय जाही। \q1 काबरकि यहोवा ह ये बचन कहे हवय। \b \q1 \v 4 धरती सूख जाथे अऊ मुरझा जाथे, \q2 संसार ह दुरबल हो जाथे अऊ अइला जाथे, \q2 अकासमन घलो धरती के संग दुरबल हो जाथें। \q1 \v 5 धरती अपन मनखेमन के दुवारा असुध हो जाथे; \q2 काबरकि ओमन परमेसर के कानून \q1 अऊ बिधिमन ला नइं माने हवंय \q2 अऊ परमेसर के सदाकाल के करार ला टोर देय हवंय। \q1 \v 6 येकर कारन धरती ऊपर एक सराप पड़ही; \q2 अऊ येमा रहइयामन अपन दोस के फर भोगहीं। \q1 एकरसेति धरती के रहइयामन ला जलाय जाथे, \q2 अऊ बहुंत कम झन बांचे हवंय। \q1 \v 7 नवां अंगूर के मंद सूखा जाथे अऊ अंगूर के नार मुरझा जाथे; \q2 जम्मो आनंद मनइयामन कराहथें। \q1 \v 8 आनंद के डफली के अवाज ह बंद हो गीस, \q2 खुसी मनाय के कोलाहल ह बंद हो गे हवय, \q2 आनंदित बीना के अवाज सांत हो गे हवय। \q1 \v 9 ओमन गीत गावत फेर अंगूर के मंद नइं पीयंय; \q2 मंद ह येकर पीनेवालामन बर करू हो गे हवय। \q1 \v 10 उजरे सहर ह निरजन परे हवय; \q2 हर घर के कपाट ह बंद हो गे हवय। \q1 \v 11 गलीमन म मनखेमन अंगूर के मंद बर हल्ला करत हें; \q2 जम्मो खुसी ह दुख म बदल जावत हे, \q2 धरती म जम्मो आनंद के अवाज ह खतम हो गे हवय। \q1 \v 12 सहर ह उजाड़ पड़े हे, \q2 येकर दुवार ला टोरके कुटा-कुटा कर दे गे हवय। \q1 \v 13 जइसने जब जैतून रूख ला झारे जाथे, \q2 या जब अंगूर टोरे के बाद घलो कुछू अंगूरमन नार म बच जाथें, \q1 वइसने ही येह धरती ऊपर \q2 अऊ जाति-जाति के मनखेमन के बीच होही। \b \q1 \v 14 ओमन ऊंचहा अवाज म आनंद के मारे जय-जयकार करहीं; \q2 पछिम कोति ले ओमन यहोवा के महानता के जय-जयकार करहीं। \q1 \v 15 एकर कारन पूरब म यहोवा के महिमा करव; \q2 समुंदर के द्वीपमन म \q2 यहोवा, इसरायल के परमेसर के नांव ला ऊंचहा करव। \q1 \v 16 धरती के छोर ले हमन ला अइसन गीत के अवाज सुनई देवत हे: \q2 “धरमी जन के महिमा होवय।” \b \q1 पर मेंह कहेंव, “मेंह बेकार हो गेंव, मेंह बेकार हो गेंव! \q2 मोर ऊपर हाय! \q1 बिसवासघाती धोखा! \q2 बिसवासघात के संग बिसवासघाती धोखा!” \q1 \v 17 हे धरती के मनखेमन, \q2 तुम्हर बर आतंक अऊ खंचवा अऊ फांदा हवय। \q1 \v 18 जऊन ह घलो आतंक के अवाज ले भागही \q2 ओह खंचवा म गिरही; \q1 जऊन ह खंचवा म ले निकलही \q2 ओह फांदा म फंसही। \b \q1 काबरकि अकास के झरोखामन खुल गे हवंय, \q2 अऊ धरती के नीवमन डोलत हें। \q1 \v 19 धरती ह टूट गे हवय, \q2 धरती ह टूटके अलग हो गे हवय, \q2 धरती ह बहुंत डोलत हे। \q1 \v 20 धरती ह मतवार सहीं लड़खड़ाथे, \q2 येह हवा म एक झोपड़ी के सहीं डोलथे; \q1 येकर बिदरोह के दोस ह येकर ऊपर बहुंत भारी हवय \q2 कि येह गिरथे, अऊ फेर कभू नइं उठय। \b \q1 \v 21 ओ दिन यहोवा ह \q2 ऊपर अकास के सक्ति \q2 अऊ खाल्हे धरती के राजामन ला दंड दीही। \q1 \v 22 एक काल-कोठरी म बांधे गय कैदीमन सहीं \q2 ओमन ला एक संग संकेले जाही; \q1 ओमन ला जेल म बंद कर दिये जाही \q2 अऊ बहुंत दिन के बाद ओमन ला दंड दिये जाही।\f + \fr 24:22 \fr*\ft या \ft*\fqa छोंड़ दिये जाही\fqa*\f* \q1 \v 23 चंदा ला डराय जाही, \q2 अऊ सूरज ह लज्जित होही; \q1 काबरकि सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q2 सियोन पहाड़ ऊपर अऊ यरूसलेम म, \q2 अऊ येकर अगुवामन के आघू म बड़े महिमा के संग राज करही। \c 25 \s1 परमेसर बर इस्तुति गीत \q1 \v 1 हे यहोवा, तें मोर परमेसर अस; \q2 मेंह तोर महिमा करत तोला ऊपर उठाहूं अऊ तोर नांव के परसंसा करहूं, \q1 काबरकि पूरा बिसवासयोग्यता म \q2 तेंह अद्भूत काम करे हस, \q2 ओ काम जेकर योजना बहुंत पहिले बनाय गे रिहिस। \q1 \v 2 तेंह सहर ला कचरा के एक ढेर बना दे हस, \q2 गढ़वाले नगर ला खंडहर बना दे हस, \q1 परदेसीमन के मजबूत गढ़वाला सहर अब नइं ए; \q2 येला फेर कभू बसाय नइं जावय। \q1 \v 3 एकरसेति बलवान मनखेमन तोर आदर करहीं; \q2 निरदयी जातिमन के नगरमन तोर आदर करहीं। \q1 \v 4 तेंह गरीबमन बर एक सरन-स्थान, \q2 जरूरतमंद बर ओमन के बिपत्ति म एक सरन-स्थान, \q1 आंधी म एक आसरय, \q2 अऊ घाम म एक छइहां के जगह रहे हस। \q1 काबरकि निरदयी के सांस ह \q2 दीवार म टकरावत एक आंधी के सहीं \q2 \v 5 अऊ मरू-भुइयां के गरमी सहीं अय। \q1 तेंह परदेसीमन के कोलाहल ला वइसने सांत करथस; \q2 जइसने बादर के छइहां के दुवारा गरमी ह सांत होथे, \q2 ओही किसम ले निरदयी के गीत ह सांत हो जाथे। \b \q1 \v 6 ये पहाड़ ऊपर सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q2 जम्मो मनखेमन बर बढ़िया जेवन के एक भोज तियार करही, \q1 पुराना अंगूर के मंद के एक जेवनार— \q2 सबले बढ़िया मांस अऊ सबले बढ़िया अंगूर के मंद होही। \q1 \v 7 ये पहाड़ ऊपर, ओह ओ परदा ला नास करही \q2 जऊन ह जम्मो मनखेमन ला लपेटके रखथे, \q1 ओ चादर, जऊन ह सब जातिमन ला ढांपे हवय; \q2 \v 8 ओह मऊत ला हमेसा बर नास कर दीही। \q1 परमपरधान यहोवा ह सबो के चेहरा ले \q2 आंसू ला पोंछ दीही; \q1 ओह पूरा धरती ले \q2 अपन मनखेमन के कलंक ला हटा दीही। \q1 यहोवा ह कहे हवय। \p \v 9 ओ दिन ओमन कहिहीं, \q1 “खचित येह हमर परमेसर अय; \q2 हमन ओकर ऊपर भरोसा करेंन, अऊ ओह हमर उद्धार करिस। \q1 येह यहोवा अय, हमन ओकर भरोसा करे हवन; \q2 आवव, हमन ओकर उद्धार म आनंद अऊ खुसी मनावन।” \b \q1 \v 10 यहोवा के हांथ ह ये पहाड़ ऊपर बने रहिही; \q2 पर मोआब ह ओमन के देस म अइसन रऊंदे जाही \q2 जइसन पैंरा ह खातू म रऊंदे जाथे। \q1 \v 11 ओमन\f + \fr 25:11 \fr*\ft या \ft*\fqa मोआबीमन\fqa*\f* येमा अपन हांथ अइसन फईलाहीं, \q2 जइसन तउंरइयामन तउंरे बर अपन हांथ फईलाथें। \q1 पर ओमन के हांथ के चतुरई के बावजूद \q2 परमेसर ह ओमन के घमंड ला टोर दीही। \q1 \v 12 ओह तुम्हर ऊंच गढ़वाले दीवारमन ला खाल्हे ले आही \q2 अऊ खाल्हे गिरा दीही; \q1 ओह ओमन ला भुइयां म ले आही, \q2 अऊ माटी म मिला दीही। \c 26 \s1 इस्तुति के एक गीत \p \v 1 ओ दिन\f + \fr 26:1 \fr*\ft या \ft*\fqa मोआब के बिनास के दिन\fqa*\f* यहूदा देस म ये गीत गाय जाही: \q1 हमर एक ठन मजबूत सहर हवय; \q2 परमेसर उद्धार ला बनाथे \q2 येकर दीवार अऊ गढ़ के घेरामन ला बनाथे। \q1 \v 2 सहर के दुवारमन ला खोलव \q2 ताकि धरमी जाति ह भीतर आवय, \q2 ओ जाति जऊन ह बिसवास ला बनाय रखथे। \q1 \v 3 जेमन के मन ह तोर बर अटल बने रहिथे, \q2 ओमन ला तें पूरा सांति म रखथस, \q2 काबरकि ओमन तोर ऊपर भरोसा करथें। \q1 \v 4 यहोवा ऊपर हमेसा बर भरोसा रखव, \q2 काबरकि यहोवा, यहोवा खुद सदाकाल के चट्टान अय। \q1 \v 5 ओह ओमन ला नम्र करथे, जेमन डींग मारथें, \q2 ओह ऊंच सहर ला खाल्हे ले आथे; \q1 ओह येला भुइयां म समतल कर देथे \q2 अऊ येला धुर्रा म मिला देथे। \q1 \v 6 गोड़मन येला कुचर देथें— \q2 सताय गय मनखेमन के गोड़मन, \q2 गरीबमन के गोड़मन येला कुचर देथें। \b \q1 \v 7 धरमी के डहार ह समतल होथे; \q2 तें, धरमी जन अस अऊ धरमी के डहार ला सरल बनाथस। \q1 \v 8 हे यहोवा, हव, तोर कानून के रसता म चलत, \q2 हमन तोर बाट जोहत हन; \q1 तोर नांव अऊ खियाती के \q2 हमर मन ह लालसा करथे। \q1 \v 9 रथिया मोर परान ह तोर लालसा करथे; \q2 बिहनियां मोर मन ह तोर लालसा करथे। \q1 जब तोर नियाय के काम धरती ऊपर होथे, \q2 तब संसार के मनखेमन, धरमीपन सीखथें। \q1 \v 10 पर जब दुस्ट ऊपर दया घलो करे जाथे, \q2 तभो ले ओह धरमीपन के बात ला नइं सीखय; \q1 सीधवा मनखेमन के देस म घलो ओमन दुस्टता करते रहिथें \q2 अऊ यहोवा के महानता के आदर नइं करंय। \q1 \v 11 हे यहोवा तोर हांथ ह उठे हवय, \q2 पर ओमन येला नइं देखंय। \q1 ओमन तोर मनखेमन बर तोर उत्साह ला देखंय अऊ लज्जित होवंय; \q2 तोर बईरीमन बर रखे आगी ह ओमन ला भसम कर देवय। \b \q1 \v 12 हे यहोवा, तें हमर बर सांति लानथस; \q2 हमर करा जऊन कुछू घलो हवय, ओला तेंह हमर बर करे हवस। \q1 \v 13 हे यहोवा हमर परमेसर, तोर अलावा अऊ मालिकमन हमर ऊपर सासन करे हवंय, \q2 पर सिरिप तोरेच नांव ला हमन आदर देथन। \q1 \v 14 ओमन मर गीन, ओमन अब जीयत नइं एं; \q2 ओमन के आतमा जी नइं उठय \q1 तेंह ओमन ला दंड देय अऊ ओमन ला नास कर देय; \q2 तें ओमन के सुरता ला घलो मेटा देय। \q1 \v 15 हे यहोवा, तेंह जाति\f + \fr 26:15 \fr*\ft या \ft*\fqa यहूदी जाति\fqa*\f* ला बढ़ाय हस; \q2 तेंह जाति ला बढ़ाय हस। \q1 तेंह अपन बर महिमा देखाय हस; \q2 तेंह देस के सब सीमना ला बढ़ाय हस। \b \q1 \v 16 हे यहोवा, दुख म ओमन तोला सुरता करिन; \q2 जब तें ओमन के ताड़ना करे, \q2 तब ओमन मुसकिल से फुसफुसाके पराथना कर सकत रिहिन। \q1 \v 17 जइसन गरभवती माईलोगन ह लइका जनमावत बेरा \q2 पीरा म छटपटाथे अऊ चिचियाथे, \q2 हे यहोवा, हमर स्थिति घलो तोर आघू म वइसन हो गे रिहिस। \q1 \v 18 हमन गरभवती रहेंन, हमन पीरा म छटपटायेंन, \q2 पर हमन मानो हवा ला ही जनमेंन। \q1 हमन धरती बर कोनो उद्धार के काम नइं करेंन, \q2 अऊ न ही संसार के मनखेमन जिनगी पाईन। \b \q1 \v 19 पर हे यहोवा, तोर मरे मनखेमन जी जाहीं; \q2 ओमन के देहेंमन उठके ठाढ़ होहीं— \q1 जेमन माटी म निवास करथें, \q2 ओमन जागंय अऊ आनंद के मारे जय-जयकार करंय— \q1 तोर ओस ह बिहनियां के ओस सहीं अय; \q2 धरती ह अपन मुरदामन ला लहुंटा दीही। \b \q1 \v 20 हे मोर मनखेमन, जावव, अपन खोलीमन म जावव \q2 अऊ कपाटमन ला बंद कर लेवव; \q1 थोरकन देर बर अपनआप ला छुपाके रखव \q2 जब तक कि गुस्सा ह सांत नइं हो जावय। \q1 \v 21 देखव, यहोवा ह अपन निवास ले बाहिर निकलत हे \q2 ताकि धरती के मनखेमन ला ओमन के पाप के दंड देवय। \q1 धरती ह अपन ऊपर बहे खून ला परगट कर दीही; \q2 धरती ह घात करे गय मनखेमन ला अऊ छुपाके नइं रखही। \c 27 \s1 इसरायल के छुटकारा \p \v 1 ओ दिन,\f + \fr 27:1 \fr*\ft या \ft*\fqa दंड के ओ दिन\fqa*\f* \q1 यहोवा ह अपन तलवार ले— \q2 अपन भयंकर, बड़े अऊ मजबूत तलवार ले— \q1 लिबयातान नांव के टेड़गा रेंगइया सांप, \q2 लिबयातान नांव के कुंडली मरइया सांप ला दंड दीही; \q1 ओह समुंदर के बड़े अऊ बिकराल जन्तु ला मार डारही। \p \v 2 ओ दिन— \q1 “फर देवइया एक अंगूर के बारी के बारे म गीत गाहू: \q2 \v 3 में, यहोवा ह येकर रकछा करथंव; \q2 मेंह लगातार येमा पानी पलोथंव। \q1 मेंह रात-दिन येकर पहरेदारी करथंव, \q2 ताकि कोनो येकर हानि झन करंय। \q2 \v 4 मेंह गुस्सा नइं करत हंव। \q1 यदि मोर आघू म उहां सिरिप झाड़ी अऊ कांटामन होतिन! \q2 त मेंह ओमन के बिरूध लड़े बर आघू बढ़तेंव; \q2 मेंह ओ जम्मो म आगी लगा देतेंव। \q1 \v 5 या फेर ओमन मोर मेर सरन लेय बर आवंय; \q2 ओमन मोर संग म मेल-मिलाप कर लेवंय, \q2 हव, ओमन मोर संग मेल-मिलाप कर लेवंय।” \b \q1 \v 6 अवइया दिनमन म याकूब ह जरी धरही, \q2 इसरायल ह बढ़ही अऊ ओमा फूल धरही \q2 अऊ पूरा संसार ला फर ले भर दीही। \b \q1 \v 7 का यहोवा ह ओला वइसने मारिस \q2 जइसने ओह ओमन ला मारिस, जेमन ओला मारिन? \q1 का ओह वइसने मार डारे गीस \q2 जइसने ओमन मार डारे गीन, जेमन ओला मार डारिन? \q1 \v 8 लड़ई अऊ बंधुवई के दुवारा तें ओकर संग लड़— \q2 अपन भयंकर आंधी ले ओह ओला भगा देथे। \q2 जइसे एक दिन पुरवाही हवा चलथे। \q1 \v 9 तब एकर दुवारा, याकूब के अधरम के पछताप करे जाही, \q2 अऊ ओकर पाप दूर होय के फर ये होही: \q1 जब ओह बेदी के जम्मो पथरामन ला \q2 चूना के पथरा सहीं कुचरके कुटा-कुटा कर देथे, \q1 तब कोनो असेरा के खंभा\f + \fr 27:9 \fr*\ft असेरा देवी के लकड़ी के खंभा\ft*\f* या धूप के बेदी ला \q2 सही-सलामत नइं छोंड़े जाही। \q1 \v 10 काबरकि गढ़वाला नगर निरजन हो गे हवय, \q2 एक छोंड़े गय बस्ती ला निरजन जगह सहीं तियाग दिये गे हवय; \q1 उहां बछवामन चरथें, \q2 उहां ओमन बईठथें; \q2 अऊ येकर डंगालीमन ला खाके ठुठवा कर देथें। \q1 \v 11 जब येकर छोटे डंगालीमन सूख जाथें, त ओमन टूट जाथें \q2 अऊ माईलोगनमन आके ओमन ला जला देथें। \q1 काबरकि येमन बिगर समझवाले मनखे अंय; \q2 एकरसेति ओमन के बनानेवाला ओमन ऊपर दया नइं करय, \q2 अऊ ओमन के सिरिस्टी करइया ह ओमन ऊपर किरपा नइं करय। \p \v 12 ओ दिन यहोवा ह फरात नदी ले लेके मिसर के नरवा तक अपन अनाज ला पछिनही, अऊ हे इसरायलीमन, तुमन एक-एक करके इकट्ठा करे जाहू। \v 13 अऊ ओ दिन एक बड़े तुरही फूंके जाही। जेमन अस्सूर देस म नास होवत रिहिन अऊ जेमन मिसर देस म बंधुवई म रिहिन, ओमन आहीं अऊ यरूसलेम म पबितर पहाड़ ऊपर यहोवा के अराधना करहीं। \c 28 \s1 एपरैम अऊ यहूदा के अगुवामन ऊपर हाय \q1 \v 1 ओ मुकुट ऊपर हाय, जऊन ह एपरैम के मतवारमन के घमंड अय, \q2 ओ मुरझावत फूल ऊपर हाय, ओकर महिमामय सुघरता, \q1 जऊन ह एक उपजाऊ घाटी के टीप म रखे हवय— \q2 ओ सहर ऊपर हाय, जेकर घमंड ला अंगूर के मंद के दुवारा खतम करे गे हवय! \q1 \v 2 देखव, परभू करा एक झन हवय, जऊन ह बलवान अऊ मजबूत हे। \q2 करा के आंधी या नास करइया गरेर के सहीं, \q1 तेज बारिस अऊ मूसलाधार बारिस के सहीं, \q2 ओह येला बहुंत जोर से भुइयां म फटिक दीही। \q1 \v 3 एपरैम के मतवारमन के घमंड के ओ मुकुट ला \q2 गोड़ खाल्हे रऊंदे जाही। \q1 \v 4 ओ मुरझावत फूल, ओकर महिमामय सुघरता, \q2 जऊन ह एक उपजाऊ घाटी के टीप म रखे हवय, \q1 ओह कटनी के पहिले पाके अंजीर के सहीं होही— \q2 जेमन ला मनखेमन देखते ही अपन हांथ म लेथें, \q2 अऊ ओमन ला लील जाथें। \b \q1 \v 5 ओ दिन सर्वसक्तिमान यहोवा ह \q2 एक महिमामय मुकुट होही, \q1 अपन बांचे मनखेमन बर \q2 एक सुघर मुकुट ठहिरही। \q1 \v 6 ओह ओकर बर नियाय के एक आतमा होही \q2 जऊन ह नियाय के आसन म बईठथे, \q1 ओह ओमन बर ताकत के मूल होही \q2 जेमन बईरीमन ला वापिस दुवार कोति ढकेल देथें। \b \q1 \v 7 अऊ येमन घलो अंगूर के मंद पीके डगमगाथें \q2 अऊ मंद ले लड़खड़ाथें: \q1 पुरोहित अऊ अगमजानीमन मंद पीके डगमगाथें \q2 अऊ अंगूर के मंद पीके गिर जाथें; \q1 ओमन मंद पीके लड़खड़ाथें, \q2 ओमन डगमगाथें, जब ओमन दरसन देखथें, \q2 ओमन लड़खड़ाथें, जब ओमन फैसला सुनाथें। \q1 \v 8 जम्मो मेजमन उल्टी ले भरे हवंय \q2 अऊ अइसे कोनो जगह नइं बांचे हवय, जिहां गंदगी नइं ए। \b \q1 \v 9 “येह कोन ए, जेला ओह सिखाय के कोसिस करत हे? \q2 कोन ला ओह अपन संदेस के अर्थ समझावत हे? \q1 का ओ लइकामन ला, जेमन के दूध छोंड़ाय गे हवय, \q2 का ओमन, जेमन ला अभी-अभी दाई के थन ले अलग करे गे हवय? \q1 \v 10 काबरकि येह अय: \q2 येला करव, ओला करव, \q2 एक नियम येकर बर, एक नियम ओकर बर; \q2 थोरकन इहां, थोरकन उहां।” \b \q1 \v 11 तब बहुंत अछा, परदेसी भासा अऊ अनजान बोली के संग \q2 परमेसर ह ये मनखेमन ले गोठियाही, \q1 \v 12 जऊन मन ला ओह कहिस, \q2 “येह अराम करे के जगह अय, थके मनखेमन अराम करंय”; \q1 अऊ, “येह अराम करे के जगह अय”— \q2 पर ओमन सुने नइं चाहिन। \q1 \v 13 एकरसेति, यहोवा के बचन ह ओमन बर बन जाही: \q2 येला करव, ओला करव, \q2 एक नियम येकर बर, एक नियम ओकर बर; \q2 थोरकन इहां, थोरकन उहां— \q1 ताकि जब ओमन जावंय, त ओमन पाछू के भार गिरंय; \q2 अऊ घायल हो जावंय अऊ फांदा म फंसके पकड़े जावंय। \b \q1 \v 14 येकर कारन, हे ठट्ठा करइयामन, \q2 जेमन यरूसलेम म ये मनखेमन ऊपर सासन करथव, यहोवा के बचन ला सुनव। \q1 \v 15 तुमन ये डींग मारथव, “हमन मऊत के संग करार करे हन, \q2 मिरतू-लोक के संग हमन एक समझौता करे हन। \q1 एकर कारन जब बिपत्ति बाढ़ सहीं आथे, \q2 त येह हमन ला छू नइं सकय, \q1 काबरकि हमन झूठ के सरन लेय हवन \q2 अऊ लबारी\f + \fr 28:15 \fr*\ft या \ft*\fqa लबरा देवतामन\fqa*\f* के आड़ म लुकाय हवन।” \p \v 16 एकरसेति परमपरधान यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “देखव, मेंह सियोन म एक ठन पथरा, एक परखे पथरा, \q2 एक ठन कीमती कोना के पथरा, एक मजबूत नीव बर रखे हंव; \q1 अऊ जऊन कोनो येकर ऊपर बिसवास करही \q2 ओह कभू आतंकित नइं होही। \q1 \v 17 मेंह नियाय ला नापे के डोरी \q2 अऊ धरमीपन ला साहुल ठहिराहूं; \q1 करा ह तुम्हर झूठ के सरन-स्थान ला बोहाके ले जाही, \q2 अऊ तुम्हर लुकाय के जगह ह पानी म बुड़ जाही। \q1 \v 18 मऊत के संग तुम्हर करार ह टूट जाही; \q2 अऊ मिरतू-लोक के संग तुम्हर समझौता ह नइं ठहिरही। \q1 जब बाढ़ सहीं बिपत्ति ह आही, \q2 तब तुमन ओमा कुचरे जाहू। \q1 \v 19 जब-जब भी येह आही, येह तुमन ला दूरिहा ले जाही; \q2 बिहनियां के बाद बिहनियां, रात अऊ दिन, \q2 येह आके नुकसान करही।” \b \q1 ये संदेस के समझ ह \q2 भयंकर आतंक लानही। \q1 \v 20 बिछौना ह हांथ-गोड़ फईलाय बर बहुंत छोटे हे, \q2 अऊ ओढ़ना ह ओढ़े बर सांकुर हवय। \q1 \v 21 काबरकि यहोवा ह वइसन उठके ठाढ़ होही, \q2 जइसन ओह परासीम नांव पहाड़ म ठाढ़ होय रिहिस, \q2 ओह अपनआप ला वइसन देखाही, जइसन ओह गिबोन के घाटी म देखाय रिहिस— \q1 ताकि ओह अपन काम, अपन अद्भूत काम ला करय, \q2 अऊ अपन काम, अपन अलग किसम ला देखावय। \q1 \v 22 एकरसेति अब तुमन ठट्ठा झन करव, \q2 नइं तो तुम्हर बेड़ीमन ला अऊ भारी कर दिये जाही; \q1 परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह मोला बताय हवय \q2 कि पूरा देस के बिरूध बिनास के फैसला करे गे हवय। \b \q1 \v 23 धियान दव अऊ मोर अवाज ला सुनव, \q2 धियान दव अऊ मोर बात ला सुनव। \q1 \v 24 का कोनो किसान बीज बोय बर नांगर जोतथे, त का लगातार जोतत रहिथे? \q2 का ओह लगातार माटी ला फोरथे अऊ काम करत रहिथे? \q1 \v 25 जब ओह भुइयां ला समतल कर लेथे, \q2 त का ओह अजवाईन ला नइं बोवय अऊ जीरा ला नइं छिंचय? \q1 का ओह गहूं ला येकर जगह म, \q2 जौ ला येकर भाग म \q2 अऊ कठिया गहूं ला येकर खेत के मुड़ा म नइं बोवय? \q1 \v 26 ओकर परमेसर ह ओला \q2 सही तरीका सिखोथे अऊ बताथे। \b \q1 \v 27 अजवाईन ला बेलन चलाके नइं मिंजे जावय, \q2 न ही जीरा ऊपर गाड़ी के चक्का चलाय जावय; \q1 अजवाईन ला छड़ी ले \q2 अऊ जीरा ला लउठी ले पीटके झर्राय जाथे। \q1 \v 28 रोटी बनाय बर अनाज ला पीसना जरूरी अय; \q2 पर ओला कोनो हमेसा मिंजत नइं रहय। \q1 मिंजई करे के गाड़ी के चक्का ह येकर ऊपर चल सकत हे, \q2 पर कोनो मनखे अनाज ला पीसे बर घोड़ामन के उपयोग नइं करय। \q1 \v 29 ये जम्मो चीज घलो सर्वसक्तिमान यहोवा करा ले आथे, \q2 जेकर योजना ह अद्भूत अय, \q2 जेकर बुद्धि ह उत्तम अय। \c 29 \s1 दाऊद के नगर ऊपर हाय \q1 \v 1 तोर ऊपर हाय, अरीएल, अरीएल, \q2 ओ नगर जेमा दाऊद निवास करत रिहिस! \q1 बछर ऊपर बछर जोड़त जावव \q2 अऊ अपन तिहारमन ला मनाते जावव। \q1 \v 2 तभो ले मेंह तो अरीएल ला संकट म डारहूं; \q2 ओह रोही अऊ बिलाप करही, \q2 अऊ ओह मोर नजर म एक अरीएल\f + \fr 29:2 \fr*\ft या \ft*\fqa आगी के कुंड\fqa*\f* सहीं ठहिरही। \q1 \v 3 मेंह तोर बिरूध चारों कोति डेरा डालहूं; \q2 मेंह मीनार बनाके तोला घेर लूहूं \q2 अऊ तोर बिरूध सैनिक घेरा डालहूं। \q1 \v 4 तोला खाल्हे लाने जाही, तेंह भुइयां ले गोठियाबे; \q2 तेंह धुर्रा म ले बड़बड़ाबे। \q1 एक भूत सहीं तोर अवाज धरती ले आही; \q2 धुर्रा म ले तोर कानाफूसी के अवाज आही। \b \q1 \v 5 पर तोर बहुंते बईरीमन बारिक धुर्रा सहीं हो जाहीं, \q2 निरदयी उपदरवी भीड़ ह उड़ियाय भूंसा सहीं। \q1 अचानक, पल भर म, \q2 \v 6 सर्वसक्तिमान यहोवा ह गरजत \q1 अऊ भुइंडोल अऊ बड़े अवाज के संग, \q2 बवंडर अऊ आंधी अऊ भसम करइया आगी के संग आही। \q1 \v 7 तब जम्मो जाति के उपदरवी भीड़, जेमन अरीएल के बिरूध लड़थें, \q2 जेमन ओकर अऊ ओकर किला ऊपर हमला करके ओला घेर लेथें, \q1 येह रथिया देखे गय एक सपना, \q2 एक दरसन के सहीं होही— \q1 \v 8 येह अइसन होही, जइसे कोनो भूखा मनखे जेवन करे के सपना देखथे, \q2 पर जब ओह जागथे, त भूखन ही रहिथे; \q1 या कोनो पीयासन मनखे पानी पीये के सपना देखथे, \q2 पर जब जागथे, त दुरबल अऊ पीयासन ही रहिथे। \q1 अइसन ही ओ जम्मो जातिमन के उपदरवी भीड़ के दसा होही \q2 जेमन सियोन पहाड़ के बिरूध लड़थें। \b \q1 \v 9 ठहर जावव अऊ अचम्भो करव, \q2 अपनआप ला अंधरा कर लव अऊ झन देखव; \q1 मतवार बन जावव, पर अंगूर के मंद पीके नइं, \q2 लड़खड़ावव, पर मंद पीके नइं। \q1 \v 10 यहोवा ह तुमन ला भारी नींद म डाल देय हवय: \q2 ओह तुम्हर आंखीमन (अगमजानीमन) म मुहर लगा दे हवय; \q2 ओह तुम्हर मुड़मन (अगम-दरसीमन) ला ढांप दे हवय। \p \v 11 तुम्हर बर ये पूरा दरसन कुछू नइं, पर एक किताब म लिखे मुहरबंद बचन अय। अऊ कहूं तुमन ये किताब कोनो मनखे ला देथव, जऊन ह पढ़ सकथे, अऊ तुमन कहिथव, “येला पढ़,” अऊ ओह कहिथे, “मेंह नइं पढ़े सकंव, काबरकि येमा मुहर लगे हवय।” \v 12 या कहूं तुमन ये किताब कोनो अइसने मनखे ला देथव जऊन ह पढ़ नइं सकय, अऊ तुमन कहिथव, “येला पढ़,” त ओह जबाब दीही, “मेंह तो पढ़े बर नइं जानंव।” \b \p \v 13 परभू ह कहिथे: \q1 “ये मनखेमन अपन बचन के संग मोर लकठा म आथें \q2 अऊ अपन ओंठ ले मोर आदर करथें, \q2 पर ओमन के हिरदय ह मोर ले दूरिहा हवय। \q1 ओमन के मोर अराधना करई \q2 मनखेमन के बनाय नियममन ऊपर अधारित हे, जेला ओमन ला सिखाय गे हवय। \q1 \v 14 एकरसेति, मेंह ये मनखेमन ला एक बार फेर \q2 अद्भूत काम ऊपर अद्भूत काम करके चकित करहूं; \q1 बुद्धिमान के बुद्धि ह नास होही, \q2 होसियारमन के होसियारी ह जावत रहिही।” \q1 \v 15 हाय ओमन ऊपर, जेमन अपन चलाकी ला यहोवा ले \q2 लुकाय बर अब्बड़ कोसिस करथें, \q1 अऊ अपन काम अंधियार म करके कहिथें अऊ सोचथें, \q2 “हमन ला कोन देखत हे? येला कोन ह जानही?” \q1 \v 16 तुमन चीजमन ला उल्टा पुलटा कर देथव, \q2 मानो कुम्हार ह माटी के सहीं समझे गीस! \q1 का बनाय गय चीज ह अपन बनानेवाला ला कहिथे, \q2 “तेंह मोला नइं बनाय हस”? \q1 का बरतन ह कुम्हार ले कह सकथे, \q2 “तेंह कुछू नइं जानस”? \b \q1 \v 17 का थोरकन समय म ही, लबानोन ह उपजाऊ भुइयां म नइं बदले जाही \q2 अऊ उपजाऊ भुइयां जंगल सहीं जान पड़थे? \q1 \v 18 ओ दिन भैंरामन किताब के बात ला सुनहीं, \q2 धुंधलापन ले अऊ अंधियार म ले \q2 अंधरामन के आंखीमन देखन लगहीं। \q1 \v 19 एक बार फेर नम्र मनखे ह यहोवा म आनंदित होही; \q2 अऊ जरूरतमंद ह इसरायल के पबितर परमेसर म आनंदित होही। \q1 \v 20 निरदयी ह गायब हो जाही, \q2 ठट्ठा करइयामन के अन्त हो जाही, \q2 अऊ जेमन बुरई करे के नजर रखथें, ओमन काट डारे जाहीं— \q1 \v 21 जेमन अपन बात से आने मनखे ला दोसी ठहिराथें, \q2 जेमन अदालत म बचाव करइया ला फंसा लेथें \q2 अपन लबारी गवाही के दुवारा निरदोस के नियाय ला बिगाड़थें। \p \v 22 एकरसेति यहोवा, जऊन ह अब्राहम ला छोंड़ाईस, याकूब के संतानमन ले ये कहत हे: \q1 “याकूब ह अब लज्जित नइं होही; \q2 ओमन के चेहरा अब उदास नइं होही। \q1 \v 23 जब याकूब के संतानमन अपन बीच \q2 मोर हांथ के काममन ला देखहीं, \q1 तब ओमन मोर आदर करहीं, \q2 ओमन याकूब के पबितर परमेसर के पबितरता ला मानहीं, \q2 अऊ इसरायल के परमेसर के भय म ठाढ़ होहीं। \q1 \v 24 जेमन आतमा म जिद्दी\f + \fr 29:24 \fr*\ft या \ft*\fqa मुरूख\fqa*\f* अंय, ओमन समझदार होहीं; \q2 जेमन कुड़कुड़ाथें, ओमन सिकछा ला गरहन करहीं।” \c 30 \s1 जिद्दी देस ऊपर हाय \q1 \v 1 “जिद्दी लइकामन ऊपर हाय,” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे, \q1 “हाय ओमन ऊपर, जेमन ओ योजना ऊपर काम करथें, जऊन ह मोर नो हय, \q2 करार तो करथें, पर मोर आतमा के दुवारा नइं, \q2 अऊ अइसन करके पाप ऊपर पाप करत जाथें; \q1 \v 2 जेमन बिगर मोर ले पुछे \q2 खाल्हे मिसर देस जाथें; \q1 जेमन आसा करथें कि फिरौन ह ओमन के बचाव करे, \q2 अऊ ओमन मिसर के छइहां म सरन लेवंय। \q1 \v 3 पर फिरौन के बचाव ले तुमन लज्जित होहू, \q2 अऊ मिसर के छइहां ह तुमन ला कलंकित करही। \q1 \v 4 हालाकि ओमन के करमचारीमन सोअन सहर म हवंय \q2 अऊ ओमन के दूतमन अब हानेस सहर म हबर गे हवंय। \q1 \v 5 पर हर एक ला लज्जित होय बर पड़ही \q2 काबरकि एक किसम के मनखेमन ओमन बर बेकार साबित होहीं, \q1 जेमन ले न तो कोनो मदद मिलही अऊ न ही ओमन ले कोनो फायदा होही, \q2 पर ओमन सिरिप लज्जा अऊ कलंक के कारन बनहीं।” \p \v 6 नेगेव के पसुमन के बारे म एक अगमबानी: \q1 कठिनई अऊ दुख ले भरे देस ले होवत, \q2 सेर अऊ सेरनीमन ले होवत, \q2 बिसैला अऊ फुफकारत सांपमन ले होवत, \q1 दूतमन अपन धन-दौलत गदहामन के पीठ ऊपर, \q2 अऊ अपन खजानामन ला ऊंटमन के पीठ म लादके \q1 ओ देस म लाथें, जिहां ओमन ला कोनो फायदा नइं होवय, \q2 \v 7 याने कि मिसर देस म लाथें, जेकर मदद ह एकदम बेकार अय। \q1 एकरसेति मेंह ओकर नांव \q2 राहाब, कुछू नइं करइया रखे हंव। \b \q1 \v 8 अब जा, येला ओमन बर एक ठन पटिया म खोदके लिख, \q2 एक किताब म लिख, \q1 ताकि अवइया दिनमन बर \q2 येह सदाकाल के एक गवाही होवय। \q1 \v 9 काबरकि येमन बिदरोही मनखे, धोखा देवइया लइकामन अंय, \q2 अइसन लइकामन अंय, जेमन यहोवा के सिकछा ला सुने नइं चाहत हें। \q1 \v 10 ओमन अगम-दरसीमन ला कहिथें, \q2 “अऊ दरसन झन देखव!” \q1 अऊ अगमजानीमन ला कहिथें, \q2 “हमन ला ओ दरसन के बात झन बतावव, जऊन ह सही अय! \q1 हमन ले खुसी देवइया बात कहव, \q2 मोह लेवइया बात के अगमबानी करव। \q1 \v 11 ये डहार ला छोंड़व \q2 ये रद्दा ले हट जावव, \q1 अऊ इसरायल के पबितर परमेसर के संग \q2 हमर बिरोध करई बंद करव!” \p \v 12 एकर कारन इसरायल के पबितर परमेसर ह ये कहत हे: \q1 “काबरकि तुमन ये संदेस ला अस्वीकार करे हव, \q2 अतियाचार ऊपर बिसवास करे हव \q2 अऊ धोखा ऊपर भरोसा करे हव, \q1 \v 13 एकरसेति ये पाप ह तुम्हर बर अइसन हो जाही \q2 जइसन कोनो ऊंचहा दीवार म दरार पड़थे अऊ टूटे लगथे, \q2 ओह अचानक पल भर म टूटके गिर जाथे। \q1 \v 14 येह माटी के बरतन सहीं फूटके कुटा-कुटा हो जाही, \q2 चकनाचूर होके अइसन बिखर जाही \q1 कि ओकर टुकड़ा के एक ठिकरा घलो नइं मिलही \q2 जेकर ले अंगीठी म ले आगी निकाले जावय \q2 या टांकी म ले पानी निकाले जाय।” \p \v 15 परमपरधान यहोवा, इसरायल के पबितर परमेसर ह ये कहत हे: \q1 “पछताप करके चुप रहे म तुम्हर उद्धार हवय, \q2 सांत रहिके भरोसा करे म तुम्हर ताकत हवय, \q2 पर तुमन येमा के एको ठन चीज नइं करेव। \q1 \v 16 तुमन कहेव, ‘नइं, हमन तो घोड़ा म चघके भाग जाबो।’ \q2 एकरसेति तुमन भागहू! \q1 तुमन कहेव, ‘हमन तेज भगइया घोड़ामन म सवारी करबो।’ \q2 एकरसेति तुम्हर पीछा करइयामन तुम्हर ले तेज होहीं! \q1 \v 17 एके जन के धमकी ले \q2 एक हजार भागहीं; \q1 पांच जन के धमकी ले \q2 तुमन जम्मो के जम्मो भागहू, \q1 जब तक तुमन कोनो पहाड़ के टीप म झंडा के एक लउठी \q2 या पहाड़ी के ऊपर एक झंडा सहीं नइं छोंड़ दिये जावव।” \b \q1 \v 18 तभो ले यहोवा ह तुम्हर ऊपर अनुग्रह करे के ईछा रखथे; \q2 एकरसेति ओह तुम्हर ऊपर दया देखाय बर ठाढ़ होही। \q1 काबरकि यहोवा ह नियाय के परमेसर अय \q2 धइन अंय ओ जम्मो, जेमन ओकर ऊपर आसा लगाय रहिथें! \p \v 19 हे सियोन के मनखेमन, जेमन यरूसलेम म रहिथव, तुमन ला अऊ रोना नइं पड़य। जब तुमन ओला मदद बर पुकारहू, त ओह तुम्हर ऊपर अनुग्रह करही! ओह तुम्हर बात सुनते ही तुमन ला जबाब दीही। \v 20 हालाकि परभू ह तुमन ला बिपत्ति के रोटी अऊ दुख के पानी देथे, तभो ले तुम्हर गुरूमन अब लुकाय नइं रहंय; तुमन अपन आंखी ले ओमन ला देखहू। \v 21 चाहे तुमन जेवनी मुड़व या डेरी कोति मुड़व, तुमन ला अपन पाछू म एक अवाज ये कहत सुनई दीही, “येह ओ डहार अय; इही म रेंगव।” \v 22 तब तुमन ओ मूरतीमन ला अपबितर करहू, जेमन म चांदी मढ़े गे हवय अऊ जेमन ला सोन ले मढ़े गे हवय; तुमन ओमन ला माहवारी के ओनहा सहीं फेंक दूहू अऊ ओमन ला कहिहू, “दूरिहा होवव!” \b \p \v 23 यहोवा ह तुम्हर ओ बीजा बर पानी बरसाही, जेला तुमन भुइयां म बोथव, अऊ भुइयां के ऊपज याने कि जेवन घलो बढ़िया अऊ भरपूर होही। ओ दिन तुम्हर पसुमन बड़े-बड़े चरागन म चरहीं। \v 24 खेत म काम करइया बईला अऊ गदहामन रांपा अऊ बेलचा ले फईलाय भूंसा अऊ चारा खाहीं। \v 25 बड़े महा संहार के दिन, जब खंभामन गिरहीं, त पानी के झरनामन हर एक ऊंच पहाड़ अऊ ऊंच पहाड़ी ले बहत आहीं। \v 26 जब यहोवा ह अपन मनखेमन ला लगे चोट म पट्टी बांधही अऊ ओमन ला दिये घावमन ला चंगा करही, तब चंदा के अंजोर सूरज सहीं, अऊ सूरज के अंजोर सात गुना अऊ अंजोर हो जाही, याने कि पूरा सात दिन के अंजोर सहीं होही। \q1 \v 27 देखव, यहोवा ह दूरिहा ले \q2 भड़के गुस्सा अऊ धुआं के घना बादल के संग आवत हे; \q1 ओकर ओंठमन कोप ले भरे हवंय, \q2 अऊ ओकर जीभ ह भसम करइया आगी सहीं अय। \q1 \v 28 ओकर सांस ह उमड़त पानी के धारा सहीं अय, \q2 जऊन ह घेंच तक हबरत हे। \q1 ओह सब जातिमन ला बिनास के छननी ले छानथे; \q2 ओह मनखेमन के जबड़ा म ओ लगाम लगाथे, \q2 जऊन ह ओमन ला रसता ले भटका देथे। \q1 \v 29 तब तुमन अइसन गाहू \q2 जइसन तुमन कोनो पबितर तिहार ला मनाय के बेरा रथिया गाथव; \q1 तुम्हर मन ह अइसन आनंदित होही \q2 जइसन मनखेमन यहोवा के पहाड़, \q1 इसरायल के चट्टान मेर ऊपर जाय के बेरा \q2 बंसी बजात जाथें। \q1 \v 30 यहोवा अपन परतापी बचन मनखेमन ला सुनाही \q2 अऊ भयंकर कोरोध अऊ भसम करइया आगी के संग, \q1 भारी बारिस, बादर के गरजन अऊ करा के संग, \q2 मनखेमन ला अपन भुजबल देखाही। \q1 \v 31 यहोवा के अवाज ह अस्सूर ला कुटा-कुटा कर दीही; \q2 अपन सुंटी ले ओह ओमन ला मार गिराही। \q1 \v 32 अपन दंड देवइया गदा ले ओमन ऊपर \q2 जब यहोवा ह चोट करथे \q1 त हर एक चोट ह डफली अऊ बीना के संगीत म होही, \q2 जब ओह अपन हांथ ले मुक्का मारत ओमन ले लड़ई करथे। \q1 \v 33 बहुंत समय ले तोपेत\f + \fr 30:33 \fr*\fq तोपेत \fq*\ft याने कि \ft*\fqa आगी बारे के जगह, जिहां यरूसलेम के कचरा ला जलाय जावय\fqa*\f* ला तियार करे गे हवय; \q2 येला राजा बर तियार करे गे हवय। \q1 येकर आगी के खंचवा ला गहिला अऊ चौड़ा बनाय गे हवय, \q2 येमा बहुंत अकन आगी अऊ लकरी हवय; \q1 यहोवा के सांस ह \q2 बरत गंधक के धारा सहीं \q2 ओमा आगी लगा देथे। \c 31 \s1 ओमन ऊपर हाय, जऊन मन मिसर ऊपर भरोसा रखथें \q1 \v 1 ओमन ऊपर हाय, जेमन मदद पाय बर खाल्हे मिसर देस म जाथें, \q2 जेमन घोड़ामन के आसरा करथें, \q1 जेमन अपन भारी संखिया के रथमन ऊपर भरोसा रखथें \q2 अऊ अपन घुड़सवारमन के बड़े ताकत ऊपर भरोसा करथें, \q1 पर इसरायल के पबितर परमेसर कोति नइं देखंय, \q2 अऊ न ही यहोवा ले मदद मांगंय। \q1 \v 2 पर ओह घलो बुद्धिमान अय अऊ बिपत्ति ला सकथे; \q2 ओह अपन बचन ला वापिस नइं लेवय। \q1 ओह ओ दुस्ट जाति के बिरूध ठाढ़ होही, \q2 ओह ओमन के बिरूध ठाढ़ होही, जेमन कुकरमीमन के मदद करथें। \q1 \v 3 पर मिसरीमन सिरिप मरनहार मनखे अंय। परमेसर नइं; \q2 ओमन के घोड़ामन आतमा नो हंय, पर मांस ही अंय। \q1 जब यहोवा ह अपन हांथ ला बढ़ाही, \q2 त जेमन मदद करथें ओमन लड़खड़ाहीं, \q2 अऊ जेमन मदद पाथें ओमन गिरहीं; \q2 जम्मो के जम्मो एक संग नास होहीं। \p \v 4 यहोवा ह मोला ये कहत हे: \q1 “जइसन सिंह ह \q2 एक बड़े सिंह ह अपन सिकार ऊपर गुर्राथे— \q1 अऊ चरवाहामन के पूरा दल \q2 येकर बिरूध आय ले घलो \q1 येह ओमन के अवाज ले नइं डरावय \q2 या ओमन के हल्ला-गुल्ला से येला कोनो फरक नइं पड़य— \q1 वइसने ही सर्वसक्तिमान यहोवा ह खाल्हे आके \q2 सियोन पहाड़ ऊपर अऊ येकर ऊंचई म लड़ई करही। \q1 \v 5 जइसे चिरईमन मुड़ ऊपर मंडराथें, \q2 वइसे सर्वसक्तिमान यहोवा ह यरूसलेम के रकछा करही; \q1 ओह ओकर रकछा करही अऊ ओला छोंड़ाही, \q2 ओह ओमा ले होके जाही अऊ ओला बचाही।” \p \v 6 हे इसरायलीमन, जेकर बिरूध म तुमन भारी बिदरोह करे हवव, ओकर मेर लहुंटके आवव। \v 7 काबरकि ओ दिन, तुमन म ले हर एक जन ओ सोन अऊ चांदी के मूरतीमन ला अस्वीकार करहू, जेमन ला तुम्हर पापी हांथमन बनाय हवंय। \q1 \v 8 “अस्सूरीमन मनखे के तलवार ले मारे नइं जाहीं; \q2 एक अइसन तलवार ह ओमन ला खा जाही, जऊन ह मरनहार मनखेमन के नो हय। \q1 ओमन तलवार के सामने ले भागहीं \q2 अऊ ओकर जवानमन ले बेगारी कराय जाही। \q1 \v 9 आतंक के मारे ओमन के गढ़ ह गिर जाही; \q2 लड़ई के झंडा ला देखके ओमन के सेनापतिमन डर जाहीं,” \q1 यहोवा ह घोसना करत हे, \q2 जेकर आगी ह सियोन म, \q2 अऊ जेकर भट्ठी ह यरूसलेम म हवय। \c 32 \s1 धरमीपन के सासन \q1 \v 1 देखव, एक राजा ह धरमीपन से राज करही \q2 अऊ सासन करइयामन नियाय के संग सासन करहीं। \q1 \v 2 हर एक झन आंधी ले लुकाय के जगह, \q2 अऊ तूफान ले आड़ लेय के जगह सहीं होही, \q1 मरू-भुइयां म पानी के झरना, \q2 अऊ तपत भुइयां म बड़े चट्टान के छइहां सहीं होही। \b \q1 \v 3 ओ समय देखइयामन के आंखी ह नइं धुंधलाही, \q2 अऊ सुनइयामन के कान ह सुनही। \q1 \v 4 भय माननेवाला मनखे के मन ह जानही अऊ समझही, \q2 अऊ तोतरामन के जीभ ह सही अऊ साफ हो जाही। \q1 \v 5 मुरूख ला फेर कभू उत्तम मनखे नइं कहे जाही \q2 अऊ न ही दुस्ट मनखे ला बहुंत आदर दिये जाही। \q1 \v 6 काबरकि मुरूखमन तो मुरूखता के ही बात करथें, \q2 अऊ ओमन के मन ह दुस्टता के बात म लगे रहिथे: \q1 ओमन अधरम के काम करथें \q2 अऊ यहोवा के बारे म लबारी बात फईलाथें; \q1 भूखा ला भूखन ही रहन देथें \q2 अऊ पीयासा ला पानी नइं देवंय। \q1 \v 7 दुस्टमन दुस्ट तरीका अपनाथें, \q2 ओमन दुस्ट उपाय निकालत रहिथें \q1 ताकि गरीबमन ला लबारी बात कहिके लूटंय, \q2 जब जरूरतमंद के बिनती ह सही होथे, तब घलो येमन अइसे ही करथें। \q1 \v 8 पर बने मनखे ह उत्तम उपाय करथे, \q2 अऊ ओमन अपन उत्तम काममन के दुवारा बने रहिथें। \s1 यरूसलेम के माईलोगनमन \q1 \v 9 हे माईलोगनमन, जेमन बहुंत आत्म-संतुस्ट हवव, \q2 उठव अऊ मोर बात ला सुनव; \q1 हे बेटीमन, जेमन सुरकछित महसूस करथव, \q2 मोर बात कोति कान लगावव! \q1 \v 10 एक बछर पूरा होय के थोरकन बाद \q2 जेमन सुरकछित महसूस करत हवंय, ओमन कांपहीं; \q1 काबरकि अंगूर के फसल ह नइं होही, \q2 अऊ न ही कोनो किसम के फर धरही। \q1 \v 11 हे आत्म-संतुस्ट माईलोगनमन, कांपव; \q2 हे बेटीमन, जेमन सुरकछित महसूस करथव, तुमन कांपव! \q1 अपन सुघर ओनहामन ला उतार दव \q2 अऊ फटहा-चीरहा ओनहा ला लपेट लव। \q1 \v 12 बने खेतमन बर अऊ फरवाले अंगूर के नारमन बर \q2 छाती पीट-पीटके रोवव \q1 \v 13 अऊ मोर मनखेमन के भुइयां बर, \q2 अइसन भुइयां जेमा कांटा अऊ कंटिली झाड़ीमन बढ़ गे हवंय, रोवव— \q1 हव, खुसी मनइया जम्मो घरमन बर \q2 अऊ चहल-पहल वाले ये सहर बर बिलाप करव। \q1 \v 14 किला ला छोंड़ दिये जाही, \q2 हल्ला-गुल्ला ले भरे सहर ला तियाग दिये जाही; \q1 किला अऊ पहरेदारी के ऊंचहा जगहमन हमेसा बर सुनसान हो जाहीं \q2 येमन गदहामन बर घुमे-फिरे के जगह अऊ पसुमन के चरागन ओ समय तक बने रहिहीं, \q1 \v 15 जब तक कि आतमा ला ऊपर ले हमर ऊपर ढारे नइं जाही, \q2 अऊ मरू-भुइयां ह उपजाऊ खेत नइं बन जाही \q2 अऊ उपजाऊ भुइयां एक जंगल सहीं नइं जान पड़ही। \q1 \v 16 यहोवा के नियाय ओ मरू-भुइयां म बसही, \q2 ओकर धरमीपन ह ओ उपजाऊ भुइयां म रहिही। \q1 \v 17 ओ धरमीपन के फर ह सांति होही; \q2 अऊ येकर नतीजा सबो दिन के सांति अऊ बिसवास होही। \q1 \v 18 मोर मनखेमन सांति के जगह म, \q2 सुरकछित घरमन म, \q2 अराम के जगहमन म निस्चिंत रहिहीं। \q1 \v 19 हालाकि करा ह जंगल ला चौरस कर देथे \q2 अऊ सहर ह पूरा समतल हवय, \q1 \v 20 पर कतेक आसीसित होहू तुमन, \q2 जब तुमन सोतामन के तीर म बीजा बोहू, \q2 अऊ अपन पसु अऊ गदहामन ला चरे बर खुला छोंड़ दूहू। \c 33 \s1 संकट अऊ सहायता \q1 \v 1 हे नास करइया, तोर ऊपर हाय, \q2 तें, जेला नास नइं करे गे हवय! \q1 हे बिसवासघात करइया, तोर ऊपर हाय, \q2 तें, जेकर संग बिसवासघात नइं करे गे हवय! \q1 जब तें नास करई बंद करबे, \q2 तब तोला नास करे जाही; \q1 जब तें बिसवासघात करई बंद करबे, \q2 तब तोर संग बिसवासघात करे जाही। \b \q1 \v 2 हे यहोवा, हमर ऊपर अनुग्रह कर; \q2 हमन तोर ही रसता देखत हवन। \q1 हर बिहनियां तें हमर ताकत, \q2 संकट के समय तें हमर उद्धारकर्ता बन जा। \q1 \v 3 तोर सेना के हुल्लड़ करे ले मनखेमन भाग जाथें; \q2 जब तेंह उठथस, त जाति-जाति के मनखेमन तितिर-बितिर हो जाथें। \q1 \v 4 जइसन जवान फांफामन खेत ला चट कर डारथें; \q2 वइसन ही तुम्हर लूट ऊपर मनखेमन फांफामन के झुंड सहीं टूट पड़थें। \b \q1 \v 5 यहोवा ह ऊपर उठाय जाथे, काबरकि ओह ऊंच जगह\f + \fr 33:5 \fr*\ft या \ft*\fqa स्वरग\fqa*\f* म रहिथे; \q2 ओह सियोन ला अपन नियाय अऊ धरमीपन ले भर दीही। \q1 \v 6 यहोवा ह तुम्हर समय बर जरूरी आधार, \q2 उद्धार अऊ बुद्धि अऊ गियान के एक उत्तम भंडार होही; \q2 यहोवा के भय ह ये खजाना के चाबी अय। \b \q1 \v 7 देख, ओमन के सूरबीरमन गलीमन म जोर-जोर से रोवत हवंय; \q2 सांति के दूतमन बिलख-बिलखके रोवत हवंय। \q1 \v 8 राजमार्गमन सुनसान परे हवंय, \q2 सड़कमन म कोनो यातरी नइं एं। \q1 करार ला टोर दिये गे हवय, \q2 येकर गवाहमन\f + \fr 33:8 \fr*\ft या \ft*\fqa सहरमन\fqa*\f* ला तुछ समझे जावत हे, \q2 कोनो मनखे के आदर नइं होवत हे। \q1 \v 9 भुइयां ह सूखत हे अऊ बेकार होवत हे, \q2 लबानोन ह लज्जित होके मुरझावत हे; \q1 सारोन ह अराबा के सहीं हो गे हवय, \q2 अऊ बासान अऊ करमेल पहाड़ म पतझड़ होवत हवय। \b \q1 \v 10 यहोवा ह कहिथे, “अब मेंह उठहूं, \q2 अब मेंह ऊपर उठाय जाहूं; \q2 अब में ऊपर करे जाहूं। \q1 \v 11 तुमन भूंसा ला गरभ म धरथव, \q2 तुमन पैंरा ला जनम देथव; \q2 तुम्हर सांस ह एक आगी अय, जऊन ह तुमन ला भसम कर देथे। \q1 \v 12 मनखेमन जरके राख हो जाहीं; \q2 कटाय कंटिला झाड़ीमन सहीं ओमन ला आगी म जलाय जाही।” \b \q1 \v 13 तुमन, जेमन बहुंत दूरिहा म हवव, सुनव कि मेंह का करे हंव; \q2 तुमन, जेमन लकठा म हवव, मोर ताकत ला जान लव! \q1 \v 14 सियोन के पापीमन डर गे हवंय; \q2 भक्तिहीनमन ला कंपकपी होवत हवय: \q1 “हमन म ले कोन ह भसम करइया आगी म रह सकत हे? \q2 हमन म ले कोन ह सदा बरत रहइया आगी म निवास कर सकत हे?” \q1 \v 15 ओमन, जेमन धरमीपन म चलथें \q2 अऊ सही बात बोलथें, \q1 जेमन अंधेर के लाभ ले घिन करथें, \q2 जेमन घूस नइं लेवंय, \q1 जेमन हतिया करे के बात ला नइं सुनंय \q2 अऊ बुरई करे के बात ले आंखी मुंद लेथें— \q1 \v 16 ओहीचमन ही ऊंचहा जगह म निवास करहीं, \q2 जेमन के सरन-स्थान पहाड़ के किला होही। \q1 ओमन ला रोटी दिये जाही, \q2 अऊ ओमन ला पानी के कमी नइं होही। \b \q1 \v 17 तेंह अपन आंखी ले राजा ला ओकर सोभा समेत देखबे \q2 अऊ लम्बा-चौड़ा देस ला देखबे। \q1 \v 18 अपन मन म तेंह पहिले के आतंक के दिन ला सुरता करबे: \q2 “ओ मुखिया अधिकारी कहां हे? \q1 ओह कहां हवय, जऊन ह मालगुजारी लेवय? \q2 ऊंचहा महलमन के अधिकारी कहां हवय?” \q1 \v 19 तेंह ओ जिद्दी मनखेमन ला फेर नइं देखबे, \q2 ओ मनखे, जेमन के बात साफ नइं ए, \q2 जेमन के भासा अजीब अऊ समझ म नइं आवय। \b \q1 \v 20 सियोन कोति देख, हमर तिहारमन के सहर; \q2 तें अपन आंखी ले यरूसलेम ला देखबे, \q2 एक सांतिवाला डेरा, एक ठन तम्बू जेला हटाय नइं जावय; \q1 येकर खूंटामन ला कभू निकाले नइं जावय, \q2 अऊ न ही येकर कोनो रस्सी ला टोरे जावय। \q1 \v 21 उहां यहोवा ह हमर सक्तिसाली जन होही। \q2 येह चौड़ा-चौड़ा नदीमन अऊ सोतामन के एक जगह होही। \q1 पतवार वाला डोंगा ह ओमन म नइं जा सकही, \q2 अऊ न ही बड़े जहाज ह उहां ले होके जाही। \q1 \v 22 काबरकि यहोवा ह हमर नियायी ए, \q2 यहोवा ह हमर कानून-देवइया ए, \q1 यहोवा ह हमर राजा ए; \q2 ओही ह हमर उद्धार करही। \b \q1 \v 23 तोर जहाज के रस्सीमन ढीला हो गे हवंय: \q2 मसतूल के जरी ला मजबूत नइं रखे गे हवय, \q2 अऊ न ही पाल ला ताने गे हवय। \q1 तब लूट के बहुंत सामान ला बांटे जाही \q2 अऊ लंगड़ामन घलो लूटे गय सामान ला ले जाहीं। \q1 \v 24 सियोन म रहइया कोनो घलो ये नइं कहिहीं, “मेंह बेमार हंव”; \q2 अऊ जेमन उहां रहिथें, ओमन के पाप छेमा करे जाही। \c 34 \s1 जाति-जाति के मनखेमन के बिरूध नियाय \q1 \v 1 हे जाति-जाति के मनखेमन, लकठा म आवव अऊ सुनव; \q2 हे मनखेमन, धियान देके सुनव! \q1 धरती अऊ जऊन कुछू ओमा हवय, \q2 संसार अऊ जऊन कुछू ओमा ले निकलके आथे, जम्मो के जम्मो सुनव! \q1 \v 2 यहोवा सब जाति के मनखेमन ऊपर रिस करत हवय, \q2 ओकर कोप ह ओमन के जम्मो सेना ऊपर हवय। \q1 ओह ओमन ला पूरा नास कर दीही, \q2 ओह ओमन के हतिया करे बर दे दीही। \q1 \v 3 ओमन के मारे गय मनखेमन ला बाहिर फेंक दिये जाही, \q2 ओमन के लास ले दुरगंध आही; \q2 पहाड़मन ओमन के लहू ले गीला हो जाहीं। \q1 \v 4 अकास के जम्मो तारामन खतम हो जाहीं \q2 अऊ अकास ला कागज सहीं लपेटे जाही; \q1 जइसन अंगूर के नार के पानमन मुरझाके \q2 अऊ अंजीर रूख ले अंजीरमन सिकुड़के गिर जाथें, \q2 वइसन ही जम्मो तारा मंडल गिर जाहीं। \b \q1 \v 5 मोर तलवार ह अकास म पीके छक गे हवय; \q2 देखव, येह नियाय बर एदोम ऊपर उतरत हे, \q2 ओ मनखे, जेमन ला मेंह पूरा नास कर दे हंव। \q1 \v 6 यहोवा के तलवार लहू ले भर गे हे, \q2 येह चरबी ले ढंक गे हवय— \q1 मेढ़ा-पीला अऊ बोकरामन के लहू ले, \q2 मेढ़ामन के गुरदा के चरबी ले भरे हवय। \q1 काबरकि बोसरा नगर म यहोवा बर एक बलिदान \q2 अऊ एदोम देस म बड़े मारकाट करे गे हवय। \q1 \v 7 ओमन के संग जंगली बईलामन, \q2 बछवामन अऊ बड़े सांड़मन ला काटे जाही। \q1 ओमन के देस ह खून ले भीग जाही, \q2 अऊ धुर्रा ह चरबी ले भर जाही। \b \q1 \v 8 काबरकि पलटा लेय बर यहोवा मेर एक दिन हवय, \q2 सियोन के मामला ला उठाय बर, पलटा लेय के एक बछर हवय। \q1 \v 9 एदोम के सोतामन ढलान म बदल जाहीं, \q2 अऊ ओकर धुर्रा ह बरत गंधक म; \q2 ओकर भुइयां ह बरत ढलान बन जाही! \q1 \v 10 येह रात अऊ दिन नइं बुताही; \q2 येकर धुआं हर समय उठत रहिही। \q1 पीढ़ी-पीढ़ी तक येह उजाड़ परे रहिही; \q2 कोनो ओमा ले होके फेर कभू नइं जाहीं। \q1 \v 11 मरू-भुइयां के उल्लू अऊ चीखनेवाला उल्लू ओमा निवास करहीं; \q2 उहां बड़े उल्लू अऊ कऊआ बसेरा करहीं। \q1 परमेसर ह एदोम ऊपर \q2 गड़बड़ी के नापे के डोरी \q2 अऊ सुन्नापन के नापे के बाट ला तानही। \q1 \v 12 ओकर परभावसाली मनखेमन करा उहां अइसे कुछू नइं होही, जेला राजा के राज कहे जा सकय, \q2 ओकर सब हाकिममन के अन्त हो जाही। \q1 \v 13 ओकर महलमन म कंटिला रूख, \q2 अऊ ओकर गढ़मन म बिच्छू पऊधा अऊ झाड़ीमन उगहीं। \q1 ओह सियारमन के डेरा, \q2 अऊ उल्लूमन के घर हो जाही। \q1 \v 14 उहां मरू-भुइयां के जन्तुमन हुंर्रामन संग बसहीं, \q2 अऊ जंगली बोकरामन एक-दूसर ला बलाहीं; \q1 उहां रथिया के जीवमन घलो अराम करहीं \q2 अऊ अपन बर अराम करे के जगह बना लीहीं। \q1 \v 15 उहां घुघवा ह खोंधरा बनाही अऊ अंडा दीही, \q2 अंडा ले पीलामन निकलहीं, अऊ ओह अपन डेनामन के आड़ म \q2 ओ पीलामन के देखभाल करही; \q1 उहां बाज चिरईमन घलो \q2 अपन-अपन जोड़ीदार के संग जूरहीं। \p \v 16 यहोवा के किताब म देखव अऊ पढ़व: \q1 येमा के एको ठन घलो बात पूरा होय बिगर नइं रहय, \q2 कोनो ला अपन जोड़ीदार के कमी नइं होही। \q1 काबरकि येह यहोवा के मुहूं अय, जऊन ह हुकूम देय हवय, \q2 अऊ ओकर आतमा ह ओमन ला इकट्ठा करे हवय। \q1 \v 17 ओही ह ओमन के भाग ला बांटथे; \q2 ओह अपन हांथ ले नापके ओमन ला बांट देथे। \q1 ओमन येला हमेसा बर अपन अधिकार म ले लीहीं \q2 अऊ पीढ़ी-पीढ़ी तक उहां निवास करहीं। \c 35 \s1 छोंड़ाय गय मनखेमन के आनंद \q1 \v 1 मरू-भुइयां अऊ सूखा भुइयां खुस होहीं; \q2 निरजन भुइयां ह आनंद मनाही अऊ उहां फूल धरही। \q1 मरू-भुइयां ह मगन होके, \v 2 केसर के सहीं फूल धरही; \q2 येह बहुंत आनंदित होही अऊ आनंद के मारे जय-जयकार करही। \q1 लबानोन के महिमा येला दिये जाही, \q2 अऊ येकर सोभा करमेल अऊ सारोन के सहीं होही; \q1 ओमन यहोवा के महिमा, \q2 हमर परमेसर के सोभा ला देखहीं। \b \q1 \v 3 ढीला हांथमन ला मजबूत करव, \q2 कमजोर माड़ीमन ला मजबूत करव; \q1 \v 4 घबरानेवाला मनखेमन ला कहव, \q2 “मजबूत बनव, झन डरव; \q1 तुम्हर परमेसर ह आही \q2 ओह बदला लेय बर आही; \q1 ईस्वरीय बदला के संग \q2 ओह तुम्हर उद्धार करे बर आही।” \b \q1 \v 5 अंधरामन के आंखी खोले जाही \q2 अऊ भैंरामन के कान घलो खोले जाही; \q1 \v 6 तब खोरवा ह हिरन सहीं कूदही \q2 अऊ कोंदामन अपन जीभ ले आनंद के मारे जय-जयकार करहीं। \q1 काबरकि बंजर भुइयां म पानी के सोता फूट निकलही \q2 अऊ मरू-भुइयां म नदी बोहाय लगही; \q1 \v 7 घाम ले बरत भुइयां ह तरिया बन जाही \q2 अऊ सूखा भुइयां म सोतामन फूटहीं। \q1 अऊ एक समय जिहां सियारमन रहत रिहिन \q2 उहां घांस अऊ नरकट अऊ सरकंडा जामही। \b \q1 \v 8 अऊ उहां एक राजमार्ग होही; \q2 येला पबितरता के रद्दा कहे जाही; \q2 ये रद्दा ह ओमन बर होही, जेमन ओ रद्दा म रेंगथें। \q1 कोनो असुध जन ओमा ले होके नइं जा सकही; \q2 दुस्ट मुरूख मनखेमन येमा ले होके नइं जा सकहीं। \q1 \v 9 उहां कोनो सिंह नइं होही, \q2 अऊ न ही कोनो हिंसक पसु; \q2 ये पसुमन उहां नइं मिलहीं। \q1 पर सिरिप छोंड़ाय गय मन ओमा रेंगहीं, \q2 \v 10 अऊ जेमन ला यहोवा ह बचाय हवय, ओमन लहुंटके आहीं। \q1 ओमन गीत गावत सियोन म आहीं; \q2 सदाकाल के आनंद ह ओमन के मुड़ के मुकुट होही। \q1 खुसी अऊ आनंद ले ओमन भर जाहीं, \q2 अऊ दुख अऊ पीरा के अन्त हो जाही। \c 36 \s1 सनहेरीब ह यरूसलेम ला धमकाथे \p \v 1 हिजकियाह राजा के राज के चौदहवां साल म, अस्सूर के राजा सनहेरीब ह यहूदा के जम्मो गढ़वाले सहर ऊपर हमला करिस अऊ ओमन ला अपन अधिकार म कर लीस। \v 2 अस्सूर के राजा ह अपन मैदान के सेनापति ला एक बड़े सेना के संग लाकीस नगर ले यरूसलेम म हिजकियाह राजा के बिरूध भेजिस। जब सेनापति ह ऊपरी तरिया के नहर करा धोबीमन के खेत के सड़क म जाके रूकिस। \v 3 तब हिलकियाह के बेटा एलयाकीम, जऊन ह महल के अधिकारी रिहिस, अऊ सेबना, जऊन ह सचिव रिहिस, अऊ आसाप के बेटा योआह, जऊन ह अभिलेखक रिहिस, ये तीनों झन निकलके ओकर करा गीन। \p \v 4 मैदान के सेनापति ह ओमन ला कहिस, “हिजकियाह ला बतावव: \pm “ ‘महाराजा, अस्सूर के राजा ह ये कहत हे: तोर ये भरोसा के आधार का ए? \v 5 तेंह कहिथस कि तोर करा लड़ई बर नीति अऊ ताकत हवय—पर तेंह सिरिप खोखला बात करथस। काकर ऊपर भरोसा करके, तेंह मोर बिरूध बिदरोह करत हस? \v 6 देख, मेंह जानत हंव कि तेंह मिसर देस ऊपर भरोसा करत हस, ओ एक लउठी के चीरे नरकट ऊपर, जऊन ह ओ मनखे के हांथ म चूभथे, जऊन ह येकर सहारा लेथे। फिरौन, मिसर के राजा ह ओ जम्मो झन बर अइसने ही अय, जेमन ओकर ऊपर भरोसा करथें। \v 7 पर कहूं तें मोला ये कहिथस, “हमर भरोसा यहोवा, हमर परमेसर ऊपर हवय”—का येह ओ नो हय, जेकर ऊंचहा जगह अऊ बेदीमन ला हिजकियाह ह हटाके यहूदा अऊ यरूसलेम के मनखेमन ला कहिस, “ये जरूरी अय कि तुमन ये बेदी के आघू म उपासना करव”? \pm \v 8 “ ‘एकरसेति अब आ, अऊ मोर मालिक अस्सूर के राजा के संग मोलभाव कर: मेंह तोला दू हजार घोड़ा दूहूं—यदि तें ओमन बर घुड़सवारमन के परबंध कर सकबे त! \v 9 हालाकि तेंह रथ अऊ घुड़सवारमन\f + \fr 36:9 \fr*\ft या \ft*\fqa सारथीमन\fqa*\f* बर मिसर देस ऊपर भरोसा करत हस, पर मोर मालिक के छोटे ले छोटे अधिकारी ला घलो कइसे भगा सकत हस? \v 10 का मेंह यहोवा के बिगर कहे ये देस ऊपर हमला करेंव अऊ येला नास करे बर आय हवंव? यहोवा ह खुद मोला कहे हवय कि ये देस ऊपर हमला कर अऊ येला नास कर दे।’ ” \p \v 11 तब एलयाकीम, सेबना अऊ योआह, मैदान के सेनापति ला कहिन, “अपन सेवकमन ले अरामिक भासा म गोठिया, काबरकि हमन ये भासा ला समझथन। भीथी ऊपर बईठे मनखेमन के सुनत म हमर ले इबरानी म झन गोठिया।” \p \v 12 पर सेनापति ह जबाब दीस, “का मोर मालिक ह मोला सिरिप तुम्हर मालिक अऊ तुमन ला ये बात कहे बर पठोय हवय, अऊ दीवार ऊपर बईठे ओ मनखेमन ला नइं, जेमन ला तुम्हर सहीं, अपन खुद के मल ला खाना अऊ अपन खुद के पेसाब ला पीना पड़ही।” \p \v 13 तब सेनापति ह ठाढ़ होईस अऊ इबरानी म जोर से कहिस, “महाराजा अस्सूर के राजा के बात ला सुनव! \v 14 राजा ह ये कहत हे, हिजकियाह तुमन ला धोखा झन देवय। ओह तुमन ला छुड़ा नइं सकय। \v 15 हिजकियाह के मनाय म झन आवव, जब ओह यहोवा ऊपर भरोसा रखे बर ये कहिथे, ‘खचित यहोवा ह हमन ला छुड़ाही; ये सहर\f + \fr 36:15 \fr*\ft या \ft*\fqa यरूसलेम सहर\fqa*\f* ला अस्सूर के राजा के हांथ म नइं दिये जावय।’ \p \v 16 “हिजकियाह के बात ला झन सुनव। अस्सूर के राजा ह ये कहिथे: मोर संग मेल-मिलाप करव अऊ बाहिर निकलके मोर करा आवव। तब तुमन म ले हर एक ह अपन खुद के अंगूर के नार के अऊ अंजीर के रूख के फर खाही अऊ अपन खुद के कुंड के पानी पीही, \v 17 जब तक कि मेंह आके तुमन ला एक अइसन देस म नइं ले जाहूं, जऊन ह तुम्हर खुद के सहीं होही—अनाज अऊ नवां अंगूर के मंद के देस, रोटी अऊ अंगूर के बारीमन के देस। \p \v 18 “हिजकियाह ह तुमन ला बहकावन झन पावय, जब ओह कहिथे, ‘यहोवा ह हमन ला छुड़ाही।’ का अऊ जातिमन के देवतामन कभू अपन देसमन ला अस्सूर के राजा के हांथ ले छुड़ाय हवंय? \v 19 हमात अऊ अरपाद के देवतामन कहां हवंय? सपरवैम के देवतामन कहां हवंय? का ओमन सामरिया ला मोर हांथ ले बचाय हवंय? \v 20 ये देसमन के जम्मो देवतामन ले कोन ह अपन देस ला मोर हांथ ले बचाय हवय? तब यहोवा ह कइसे यरूसलेम ला मोर हांथ ले छुड़ा सकथे?” \p \v 21 पर मनखेमन चुपेचाप रिहिन अऊ जबाब म कुछू नइं कहिन, काबरकि राजा ह ये हुकूम दे रिहिस, “ओला जबाब झन दव।” \p \v 22 तब हिलकियाह के बेटा एलयाकीम, जऊन ह महल के अधिकारी रिहिस; सेबना जऊन ह सचिव रिहिस; अऊ आसाप के बेटा योआह, जऊन ह इतिहास के अभिलेखक रिहिस; ये तीनों अपन फटे कपड़ा के संग हिजकियाह मेर गीन, अऊ ओला मैदान के सेनापति के कहे बात ला बताईन। \c 37 \s1 यरूसलेम के छुड़ौती के अगमबानी \p \v 1 जब हिजकियाह राजा ह ये बात ला सुनिस, त ओह दुख म अपन ओनहा ला चीरिस अऊ बोरा के ओनहा पहिरिस अऊ यहोवा के मंदिर म गीस। \v 2 ओह महल के अधिकारी एलयाकीम, सचिव सेबना अऊ अगुवा पुरोहितमन ला, जेमन बोरा के कपड़ा पहिरे रहंय, येमन ला आमोस के बेटा यसायाह अगमजानी करा पठोईस। \v 3 ओमन ओला कहिन, “हिजकियाह ह ये कहत हे: ये दिन ह दुख अऊ फटकार अऊ निन्दा के दिन अय, येह अइसने अय, मानो लइकामन के जनमे के समय आ गे, पर दाई म ओमन ला जनम देय के ताकत नइं ए। \v 4 ये हो सकत हे कि यहोवा तोर परमेसर ह ओ मैदान के सेनापति के बात ला सुनय, जेला ओकर मालिक, अस्सूर के राजा ह जीयत परमेसर के हंसी उड़ाय बर पठोय हवय, अऊ ये कि यहोवा तोर परमेसर ह ओकर बात ला सुनके ओला डांटय। एकरसेति ओ बांचे भाग बर पराथना कर, जेमन अभी जीयत हें।” \p \v 5 जब हिजकियाह राजा के अधिकारीमन यसायाह करा आईन। \v 6 तब यसायाह ह ओमन ला कहिस, “अपन मालिक ला बतावव, ‘यहोवा ह ये कहत हे: ओ बात ले झन डर, जेला तेंह सुने हस—ओ बात, जेला अस्सूर के राजा के सेवकमन मोर निन्दा करत कहे हवंय। \v 7 सुन! जब ओह कोनो बिसेस खबर सुनही, त मेंह अइसे करहूं कि ओह अपन खुद के देस ला लहुंट जाही, अऊ उहां मेंह ओला तलवार ले मरवा दूहूं।’ ” \p \v 8 जब मैदान के सेनापति ह ये सुनिस कि अस्सूर के राजा ह लाकीस नगर ला छोंड़के चले गे हवय, त ओह लहुंट गीस अऊ देखिस कि राजा ह लिबना के बिरूध लड़त हवय। \p \v 9 सनहेरीब ला ये खबर मिलिस कि कूस के राजा तिरहाका ह ओकर बिरूध लड़ई करे बर सेना लेके आवत हे। जब ओह ये बात सुनिस, त ओह हिजकियाह मेर संदेसियामन के हांथ म ये खबर पठोईस: \v 10 “यहूदा के राजा हिजकियाह ला कहव: तोर परमेसर जेकर ऊपर तेंह भरोसा करथस, ओह तोला ये कहिके धोखा झन देवय, ‘यरूसलेम ला अस्सूर के राजा के हांथ म नइं दिये जावय।’ \v 11 तेंह ये जरूर सुने होबे कि अस्सूर के राजामन जम्मो देसमन ला पूरा नास कर दे हवंय। त का तेंह बच सकबे? \v 12 मोर ले पहिले के राजामन गोजान, हारान, रेसेप सहरमन के देवता अऊ तेल-अस्सार म रहइया एदेन के मनखेमन ला नास करिन, त का ओ जाति के देवतामन ओमन ला बचा सकिन? \v 13 हमात के राजा या अरपाद के राजा कहां हवंय? लायर, सपरवैम, हेना अऊ इव्वा के राजामन कहां हवंय?” \s1 मंदिर म हिजकियाह के पराथना \p \v 14 हिजकियाह ला संदेसियामन ले चिट्ठी मिलिस अऊ ओह ओला पढ़िस। तब ओह यहोवा के मंदिर म गीस अऊ ओ चिट्ठी ला यहोवा के आघू म बगरा दीस, \v 15 अऊ हिजकियाह ह यहोवा ले पराथना करिस, \v 16 “हे सर्वसक्तिमान यहोवा, इसरायल के परमेसर, तेंह करूबमन के बीच म बिराजे हस, सिरिप तें ही धरती के जम्मो राजमन के ऊपर परमेसर अस। तें ही स्वरग अऊ धरती ला बनाय हस। \v 17 हे यहोवा, कान लगाके सुन; हे यहोवा, अपन आंखी ला खोलके देख; सनहेरीब के ओ जम्मो बात ला सुन, जेला ओह जीयत परमेसर के हंसी उड़ाय बर लिखके भेजे हवय। \p \v 18 “हे यहोवा, ये बात सच ए कि अस्सूर के राजामन ये जम्मो मनखे अऊ ओमन के देसमन ला उजाड़ दे हवंय। \v 19 अऊ ओमन के देवतामन ला आगी म फटिकके नास कर दे हवंय, काबरकि ओमन देवता नइं रिहिन; पर मनखेमन के हांथ के बनाय सिरिप लकरी अऊ पथरा ही रिहिन। \v 20 अब हे यहोवा, हमर परमेसर, हमन ला ओकर हांथ ले बचा, ताकि धरती के जम्मो राजमन जानंय कि सिरिप तें यहोवा ही परमेसर अस।” \s1 सनहेरीब के पतन \p \v 21 तब आमोस के बेटा यसायाह ह हिजकियाह करा ये खबर पठोईस: “यहोवा इसरायल के परमेसर ह ये कहत हे: काबरकि तेंह अस्सूर के राजा सनहेरीब के बारे म मोर ले पराथना करे हस, \v 22 यहोवा ह ओकर बिरूध म ये बात कहे हवय: \q1 “कुंवारी बेटी सियोन ह \q2 तोला तुछ समझथे अऊ तोर हंसी उड़ाथे। \q1 बेटी यरूसलेम ह \q2 अपन मुड़ हलाथे, जब तेंह भागथस। \q1 \v 23 तेंह काकर हंसी उड़ाय हस अऊ निन्दा करे हस? \q2 काकर बिरूध म, तेंह अपन अवाज उठाय हस \q1 अऊ घमंड ले अपन आंखी उठाय हस? \q2 इसरायल के पबितर परमेसर के बिरूध! \q1 \v 24 अपन संदेसियामन के दुवारा \q2 तेंह परभू के हंसी उड़ाय हस। \q1 अऊ तेंह कहे हस, \q2 ‘अपन बहुंते रथमन के संग \q1 मेंह पहाड़मन के ऊंचई म चघे हंव, \q2 लबानोन के टीप तक। \q1 मेंह ओकर सबले ऊंच देवदार रूखमन ला \q2 अऊ सबले बने सनोवर रूखमन ला काट डारे हंव। \q1 मेंह ओकर सबले दुरगम ऊंचई, \q2 ओकर जंगल के सबले सुघर भाग म हबर गे हवंव। \q1 \v 25 मेंह परदेस म कुआं खने हंव \q2 अऊ उहां पानी पीये हंव। \q1 अपन गोड़ के तलवा ले \q2 मेंह मिसर के जम्मो झरना ला सूखा दे हंव।’ \b \q1 \v 26 “का तेंह नइं सुने? \q2 बहुंत पहिले मेंह ओला ठहिराय रहेंव। \q1 बहुंत पहिले ओकर योजना बनाय रहेंव; \q2 अब मेंह ओला पूरा करत हंव, \q1 कि तेंह गढ़वाले सहरमन ला \q2 पथरा के कुढ़ा बना दे। \q1 \v 27 एकरे बर ओमन के ताकत ह चले गे हवय, \q2 ओमन डर गे हवंय अऊ ओमन के बेजत्ती होय हवय। \q1 ओमन खेत के पऊधा सहीं अंय, \q1 हरियर कोअंर पऊधा के पीका सहीं, \q2 छानी म उगत कांदी सहीं, जऊन ह बाढ़े के पहिली सूख जाथे। \b \q1 \v 28 “पर मेंह जानत हंव कि तेंह कहां हस \q2 अऊ तें कब आथस अऊ जाथस \q2 अऊ कइसे तेंह मोर ऊपर गुस्सा करथस। \q1 \v 29 काबरकि तें मोर ऊपर गुस्सा करथस \q2 अऊ तोर घमंड के बात मेंह सुने हवंव, \q1 एकरसेति मेंह तोर नाक म नकेल डालहूं \q2 अऊ तोर मुहूं म अपन लगाम लगाहूं, \q1 अऊ जऊन रसता ले तेंह आय रहे, \q2 ओही रसता ले तोला लहुंटा दूहूं। \p \v 30 “हे हिजकियाह, तोर बर ये चिनहां होही: \q1 “ये बछर तेंह ओला खाबे, जऊन ह अपनआप जामही, \q2 अऊ दूसरा बछर ओला खाबे, जऊन ह ओकर ले पईदा होही \q1 पर तीसरा बछर तेंह बोबे अऊ फसल लूबे, \q2 अंगूर के बारी लगाबे अऊ ओकर फर खाबे। \q1 \v 31 एक बार फेर यहूदा के राज के बांचे भाग ह खाल्हे जरी धरही \q2 अऊ ऊपर फर लगही। \q1 \v 32 काबरकि यरूसलेम ले एक बांचे भाग निकलही, \q2 अऊ सियोन पहाड़ ले बांचे मनखेमन के एक दल आही। \q1 सर्वसक्तिमान यहोवा के उत्साह ह \q2 येला पूरा करही। \p \v 33 “एकरसेति अस्सूर के राजा के बारे म यहोवा ह ये कहिथे: \q1 “ओह ये सहर म न तो घुसही \q2 अऊ न ही इहां एको ठन तीर चलाही। \q1 ओह येकर आघू म न तो ढाल लेके आही \q2 अऊ न ही येकर बिरूध घेराबंदी के कोनो ढलान बनाही। \q1 \v 34 जऊन रसता ले ओह आय हवय, ओही रसता ले \q2 ओह लहुंट जाही; ओह ये सहर म नइं घुसही,” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे। \q1 \v 35 “मेंह अपन हित अऊ अपन सेवक दाऊद के हित म, \q2 ये सहर के रकछा करहूं अऊ येला बचाहूं।” \p \v 36 तब यहोवा के स्वरगदूत ह निकलके गीस अऊ अस्सूरीमन के सिविर म एक लाख पचयासी हजार मनखेमन ला मार डारिस। जब मनखेमन बिहनियां उठिन, त देखिन कि उहां मनखेमन के लास ही लास पड़े हवय! \v 37 एकरसेति अस्सूर के राजा सनहेरीब ह सिविर ला उखानके वापिस चल दीस। ओह नीनवे सहर लहुंटिस अऊ उहां रहे लगिस। \p \v 38 एक दिन, जब ओह अपन देवता निसरोक के मंदिर म उपासना करत रिहिस, त ओकर बेटा अद्रमेलेक अऊ सरेसेर ह ओला तलवार ले मार डारिन अऊ ओमन अरारात देस भाग गीन। अऊ ओकर बेटा एसरहदोन ह ओकर जगह म राजा बनिस। \c 38 \s1 हिजकियाह के बेमारी \p \v 1 ओ समय म हिजकियाह ह बेमार हो गीस अऊ मरइयाच रिहिस। तब आमोस के बेटा यसायाह अगमजानी ह ओकर मेर गीस अऊ कहिस, “यहोवा ह ये कहत हे: अपन घर-परिवार ला ठीक कर, काबरकि तेंह मरइयाच हस; तोर बेमारी ह ठीक नइं होवय।” \p \v 2 तब हिजकियाह ह भीथी कोति अपन मुहूं करके यहोवा ले पराथना करिस, \v 3 “हे यहोवा, सुरता कर कि मेंह कइसे सच्चई अऊ पूरा मन लगाके तोर आघू म चलत आय हंव अऊ ओ काम करे हंव, जऊन ह तोर नजर म सही अय।” अऊ हिजकियाह ह फूट-फूटके रोए लगिस। \p \v 4 तब यहोवा के ये बचन यसायाह करा आईस: \v 5 “जा अऊ हिजकियाह ला कह, ‘यहोवा, तोर पुरखा दाऊद के परमेसर ये कहत हे: मेंह तोर पराथना ला सुने हंव अऊ तोर आंसू ला देखे हंव; मेंह तोर उमर पंदरह बछर अऊ बढ़ा दूहूं। \v 6 अऊ मेंह तोला अऊ ये सहर ला अस्सूर के राजा के हांथ ले छोंड़ाहूं। मेंह ये सहर के रकछा करहूं। \p \v 7 “ ‘तोर बर यहोवा के ये चिनहां होही कि यहोवा ह अपन कहे बात ला पूरा करही, \v 8 धूप के छइहां, जऊन ह आहाज के सीढ़ी के रसता म ढर गे हवय, मेंह दस कदम पाछू कोति लहुंटा दूहूं।’ ” तब ओ छइहां, जऊन ह ढर गे रिहिस, दस कदम पाछू हट गीस। \b \p \v 9 यहूदा के राजा हिजकियाह के लेख जऊन ला ओह रोगी होके चंगा होय के बाद लिखिस, ओह ये अय: \q1 \v 10 मेंह कहेंव, “अपन उमर के उत्तम समय म \q2 जरूरी अय कि मेंह मिरतू के दुवारमन म ले होके जावंव \q2 अऊ मोर बाकि उमर ह खतम हो जावय।” \q1 \v 11 मेंह कहेंव, “मेंह यहोवा ला \q2 जीयतमन के भुइयां म फेर नइं देखहूं; \q1 मेंह अपन संगी मनखे ला फेर नइं देखहूं, \q2 या ओमन संग नइं रहिहूं, जेमन ये संसार म रहिथें। \q1 \v 12 मोर घर ला चरवाहामन के तम्बू सहीं \q2 हटाके मोर ले लेय लिये गे हवय। \q1 एक बुनकर सहीं मेंह अपन जिनगी ला लपेट ले हंव, \q2 अऊ ओह मोला करघा ले काटके अलग कर दे हवय; \q2 एकेच दिन म तेंह मोर अन्त कर डारय। \q1 \v 13 मेंह धीरज धरके बिहान तक इंतजार करेंव, \q2 पर एक सिंह के सहीं ओह\f + \fr 38:13 \fr*\ft या \ft*\fqa परमेसर\fqa*\f* मोर जम्मो हाड़ा ला टोर दीस; \q2 एकेच दिन म तेंह मोर अन्त कर डारय। \q1 \v 14 मेंह सूपाबेनी या तूती चिरई सहीं रोयेंव, \q2 मेंह बिलाप करइया पंड़की सहीं बिलाप करेंव। \q1 मोर आंखीमन ऊपर देखत-देखत कमजोर हो गीन। \q2 हे परभू, मोला धमकाय जावत हे; मोर मदद करे बर आ!” \b \q1 \v 15 पर मेंह का कह सकत हंव? \q2 ओह मोला कहे हवय, अऊ ओह खुद येला करे हवय। \q1 मेंह मन के ये पीरा के कारन \q2 जिनगी भर नम्र होके चलहूं। \q1 \v 16 हे परभू, अइसन चीज के दुवारा मनखेमन जीयत रहिथें; \q2 अऊ मोर आतमा ला घलो ओमन म जिनगी मिलथे। \q1 तें मोला चंगा करय \q2 अऊ मोला जीयत रखय। \q1 \v 17 खचित येह मोर फायदा बर रिहिस \q2 कि मेंह अइसन पीरा भोगंय। \q1 तेंह मोला मया करके \q2 बिनास के खंचवा ले बचाय हवस; \q1 मोर सब पाप ला तेंह \q2 अपन पीठ के पाछू म कर दे हवस। \q1 \v 18 काबरकि कबर ह तोर परसंसा नइं कर सकय, \q2 न ही मऊत ह तोर इस्तुति कर सकय; \q1 जेमन खाल्हे कबर म परे हवंय \q2 ओमन तोर बिसवासयोग्यता के आसा नइं कर सकंय। \q1 \v 19 जीयत मनखे, जीयत मनखे—ओमन तोर परसंसा करथें, \q2 जइसन मेंह आज करत हंव; \q1 दाई-ददामन अपन लइकामन ला \q2 तोर बिसवासयोग्यता के बारे बताथें। \b \q1 \v 20 यहोवा ह मोर उद्धार करही, \q2 अऊ हमन जिनगी भर \q1 यहोवा के मंदिर म \q2 तारवाला बाजा के संग गीत गावत रहिबो। \p \v 21 यसायाह ह कहे रिहिस, “अंजीर के एक लेप बनावव अऊ हिजकियाह के फोड़ा म लगावव, अऊ ओह ठीक हो जाही।” \p \v 22 हिजकियाह ह पुछे रिहिस, “येकर का चिनहां होही कि मेंह यहोवा के मंदिर म जाहूं?” \c 39 \s1 बेबिलोन के दूतमन के अवई \p \v 1 ओ समय बलदान के बेटा बेबिलोन के राजा मरोदक-बलदान ह हिजकियाह करा दूतमन के दुवारा चिट्ठी अऊ उपहार पठोईस, काबरकि ओह ओकर बेमारी अऊ ओकर चंगई के बारे म सुने रिहिस। \v 2 एकर ले हिजकियाह ह खुस होके दूतमन के सुवागत करिस अऊ ओमन ला अपन भंडारघर के चीजमन ला देखाईस—सोन, चांदी, मसाला, उत्तम किसम के जैतून तेल—अपन पूरा हथियार-घर अऊ अपन खजाना म रखे जम्मो चीज ला देखाईस। उहां ओकर महल या ओकर जम्मो राज म अइसन कोनो चीज नइं बांचिस, जेला हिजकियाह ह ओमन ला नइं देखाय होही। \p \v 3 तब यसायाह अगमजानी ह हिजकियाह राजा मेर जाके पुछिस, “ओ आदमीमन का कहिन अऊ ओमन कहां ले आय रिहिन?” हिजकियाह ह जबाब दीस, “ओमन एक दूरिहा के देस, बेबिलोन ले मोर मेर आय रिहिन।” \p \v 4 अगमजानी ह पुछिस, “ओमन तोर महल म का देखिन?” \p हिजकियाह ह कहिस, “ओमन मोर महल के हर चीज ला देखिन, मोर खजाना म अइसन कोनो चीज नइं ए, जेला मेंह ओमन ला नइं देखाय होहूं।” \p \v 5 तब यसायाह ह हिजकियाह ला कहिस, “सर्वसक्तिमान यहोवा के बचन ला सुन: \v 6 अइसन समय जरूर आही, जब तोर महल के हर एक चीज, अऊ ओ जम्मो चीज, जेला तोर पुरखामन के दुवारा आज तक इकट्ठा करे गे हवय, ओ जम्मो ला बेबिलोन ले जाय जाही। कुछू भी चीज नइं बांचही, यहोवा ह कहत हे। \v 7 अऊ तोर कुछू संतानमन ला, तोर खुद के मांस अऊ लहू, जऊन मन तोर ले पईदा होहीं, ओमन ला घलो ले जाय जाही, अऊ ओमन बेबिलोन के राजा के महल म खोजा बन जाहीं।” \p \v 8 हिजकियाह ह जबाब दीस, “यहोवा के जऊन बात तेंह कहे हस, ओह बने बात ए।” काबरकि ओह सोचिस, “मोर जिनगी भर सांति अऊ सुरकछा बने रहिही।” \c 40 \s1 परमेसर के मनखेमन बर सांति \q1 \v 1 तुम्हर परमेसर ह कहिथे, \q2 मोर मनखेमन ला सांति देवव, सांति! \q1 \v 2 यरूसलेम ला सांत मन से कहव, \q2 अऊ घोसना करत ओला कहव \q1 कि ओकर कठिन सेवा ह पूरा होईस, \q2 ओकर पाप के दाम दे दिये गे हवय, \q1 यहोवा के हांथ ले ओह अपन सब पाप के \q2 दू गुना दंड पा गे हवय। \b \q1 \v 3 एक झन के बलाय के अवाज आवत हे: \q1 “सुनसान जगह म \q2 यहोवा बर डहार तियार करव; \q1 हमर परमेसर बर मरू-भुइयां म \q2 एक राजमार्ग ला सीधा करव। \q1 \v 4 हर एक घाटी ला पाट दिये जाही, \q2 अऊ हर एक पहाड़ अऊ पहाड़ी ला नीचे करे जाही; \q1 उबड़-खाबड़ भुइयां ह समतल होही, \q2 अऊ ऊंच-नीच जगहमन चौरस हो जाहीं। \q1 \v 5 तब यहोवा के महिमा ह परगट होही, \q2 अऊ जम्मो मनखेमन येला एक संग देखहीं। \q1 काबरकि यहोवा के मुहूं ले ये बात निकले हवय।” \b \q1 \v 6 एक अवाज ह कहिथे, “चिचियाके कह!” \q2 अऊ मेंह कहेंव, “मेंह चिचियाके का कहंव?” \b \q1 “जम्मो मनखेमन कांदी के सहीं अंय, \q2 अऊ ओमन के जम्मो बिसवासयोग्यता ह मैदान के फूल सहीं अंय। \q1 \v 7 कांदी ह मुरझा जाथे अऊ फूलमन झर जाथें, \q2 जब यहोवा के सांस ह ओमन ऊपर चलथे। \q2 बेसक मनखेमन कांदी अंय। \q1 \v 8 कांदी ह मुरझा जाथे अऊ फूलमन झर जाथें, \q2 पर हमर परमेसर के बचन सदाकाल तक बने रहिथे।” \b \q1 \v 9 तें, जऊन ह सियोन म सुघर संदेस लाथस, \q2 एक ठन ऊंचहा पहाड़ ऊपर चढ़ जा। \q1 तें, जऊन ह यरूसलेम म सुघर संदेस लाथस, \q2 चिचियाके अपन अवाज ला ऊंचा कर, \q1 अवाज ला ऊंचा कर, झन डर; \q2 यहूदा के नगरमन ले कह, \q2 “इहां तुम्हर परमेसर हवय!” \q1 \v 10 देखव, सर्वसक्तिमान यहोवा सामर्थ के संग आवत हे, \q2 अऊ ओह अपन भुजबल ले सासन करथे। \q1 देखव, ओकर ईनाम ह ओकर मेर हवय, \q2 अऊ ओकर परतिफल देवइया ह ओकर संग हवय। \q1 \v 11 ओह एक चरवाहा सहीं अपन झुंड ला चराथे: \q2 ओह मेढ़ा-पीलामन ला अपन गोद म लेके संकेलथे \q1 अऊ ओमन ला अपन दिल म लगाके चलथे; \q2 ओह ओमन ला धीरे-धीरे ले चलथे, जेमन करा पीलामन होथें। \b \q1 \v 12 कोन ह अपन हांथ के हथेली ले महासागर के पानी ला नापे हवय, \q2 या कोन ह अपन हांथ के बित्ता ले अकास ला नापिस? \q1 कोन ह धरती के धुर्रा ला एक ठन टुकनी म रखे हवय \q2 या कोन ह पहाड़ अऊ पहाड़ीमन ला \q2 तराजू म तऊले हवय? \q1 \v 13 कोन ह यहोवा के आतमा\f + \fr 40:13 \fr*\ft या \ft*\fqa मन\fqa*\f* के गहरई ला समझ सकत हे, \q2 या कोन ह यहोवा ला ओकर सलाहकार के रूप म निरदेस दे सकत हे? \q1 \v 14 यहोवा ह अपन गियान बढ़ाय बर काकर ले सलाह लीस, \q2 अऊ कोन ह ओला सही रसता बताईस? \q1 कोन ह ओला गियान के बात सिखाईस, \q2 या कोन ह ओला समझ के डहार देखाईस? \b \q1 \v 15 खचित जाति-जाति के मनखेमन बाल्टी म पानी के एक बूंद सहीं अंय; \q2 ओमन तराजू म के धुर्रा सहीं अंय; \q2 यहोवा ह द्वीपमन ला धुर्रा के कन सहीं उठाथे। \q1 \v 16 लबानोन के रूखमन बेदी के आगी बर परयाप्त नो हंय, \q2 अऊ न ही ओमा के पसुमन होम-बलिदान बर परयाप्त होहीं। \q1 \v 17 जम्मो जाति के मनखेमन ओकर आघू म कुछू नो हंय; \q2 ओमन ओकर नजर म बेकार समझे जाथें \q2 अऊ ओमन कुछू घलो नो हंय। \b \q1 \v 18 तब तुमन परमेसर के तुलना काकर संग करहू? \q2 या ओकर का रूप तुमन बताहू? \q1 \v 19 जहां तक एक मूरती के बात ए, एक मूरतीकार ह येला ढालके बनाथे, \q2 अऊ सुनार ह ओला सोन ले मढ़थे \q2 अऊ ओकर बर चांदी के संकली गढ़के बनाथे। \q1 \v 20 गरीब मनखे, जऊन ह अइसन भेंट नइं चघा सकय, \q2 ओह अइसन रूख ला चुनथे, जऊन ह नइं सरय; \q1 ओमन एक कुसल कारीगर खोजथें \q2 ताकि ओह मूरती ला अइसन स्थिर करय कि ओह झन हालय। \b \q1 \v 21 का तुमन नइं जानव? \q2 का तुमन नइं सुने हव? \q1 का तुमन ला सुरू ले ये नइं बताय गे हवय? \q2 का तुमन धरती के नीव रखे के समय ले ही नइं समझे हव? \q1 \v 22 येह ओ अय, जऊन ह धरती के घेरा के ऊपर बिराजमान होथे, \q2 अऊ धरती के मनखेमन टिड्डी के सहीं अंय। \q1 ओह अकास ला तम्बू के सहीं बगराथे, \q2 अऊ ओमन ला रहे के एक तम्बू सहीं तानथे। \q1 \v 23 ओह हाकिममन ला तुछ कर देथे \q2 अऊ धरती के अधिकारीमन ला बेकार बना देथे। \q1 \v 24 ओमन ला रोपे जावत ही, \q2 ओमन ला बोये जावत ही, \q2 भुइयां म ओमन के जरी धरत ही, \q1 ओह ओमन ऊपर हवा चलाथे अऊ ओमन सूखा जाथें, \q2 अऊ आंधी ह ओमन ला भूंसा सहीं उड़ियाके ले जाथे। \b \q1 \v 25 “तुमन काकर संग मोर तुलना करहू? \q2 या कोन ह मोर बरोबर हवय?” पबितर परमेसर ह कहिथे। \q1 \v 26 अपन आंखी उठाके अकास कोति देखव: \q2 ये जम्मो ला कोन ह सिरजिस? \q1 ओह अकास-मंडल ला एक के बाद एक बाहिर लानथे \q2 अऊ ओमा के हर एक ला नांव लेके बलाथे। \q1 ओकर बड़े सक्ति अऊ ताकत के कारन \q2 ओमा के एको ठन घलो नइं छूटय। \b \q1 \v 27 हे याकूब, तेंह काबर सिकायत करथस? \q2 हे इसरायल, तेंह काबर बोलथस, \q1 “मोर डहार ह यहोवा ले लुकाय हवय; \q2 मोर मामला ऊपर परमेसर ह धियान नइं देवत हे?” \q1 \v 28 का तुमन नइं जानव? \q2 का तुमन नइं सुने हव? \q1 यहोवा ह अनंतकाल के परमेसर, \q2 अऊ धरती के सिरजनहार अय। \q1 ओह न तो थकय न ही ओला उबासी आवय, \q2 ओकर समझ के बात ला कोनो नइं जान सकंय। \q1 \v 29 ओह थके मनखे ला बल देथे \q2 अऊ कमजोर मनखेमन के सक्ति ला बढ़ाथे। \q1 \v 30 जवानमन तो थकथें अऊ ओमन ला उबासी आथे, \q2 अऊ जवान मनखेमन लड़खड़ाथें अऊ गिर जाथें; \q1 \v 31 पर जेमन यहोवा ऊपर आसा रखथें \q2 ओमन नवां बल पावत जाहीं, \q1 ओमन गिधवामन सहीं उड़हीं, \q2 ओमन दऊड़हीं अऊ नइं थकहीं, \q2 ओमन रेंगहीं अऊ नइं हांफहीं। \c 41 \s1 इसरायल के सहायक \q1 \v 1 “हे द्वीपमन, मोर आघू म चुप रहव! \q2 देस-देस के मनखेमन नवां बल पावंय! \q1 ओमन आघू म आके बोलंय; \q2 आवव, नियाय के जगह म एक संग जूरन। \b \q1 \v 2 “कोन ह पूरब दिग ले एक झन ला उभारे हे, \q2 अऊ धरमीपन म ओला अपन सेवा बर बलाय हे? \q1 ओह जातिमन ला ओकर हांथ म कर देथे \q2 अऊ राजामन ला ओकर अधीन कर देथे। \q1 ओह अपन तलवार ले ओमन ला धुर्रा, \q2 अऊ अपन धनुस ले उड़ियाय भूंसा सहीं कर देथे। \q1 \v 3 ओह ओमन के पीछा करथे अऊ बिगर हानि के, \q2 ओह एक अइसन रसता म आघू बढ़थे, जेमा ओह पहिले कभू नइं गे रिहिस। \q1 \v 4 कोन ह ये काम करे हवय अऊ येला इहां तक लाने हवय \q2 अऊ सुरू ले पीढ़ी-पीढ़ी के मनखेमन ला बलात आय हवय? \q1 में, यहोवा—जऊन ह ओमन के सबले पहिली के संग \q2 अऊ आखिरी के संग हंव—में ओही अंव।” \b \q1 \v 5 द्वीपमन येला देखे हवंय अऊ डरथें; \q2 धरती के छोरमन कांपथें। \q1 ओमन लकठा म आथें अऊ आघू म आथें; \q2 \v 6 ओमन एक-दूसर के सहायता करथें \q2 अऊ अपन संगीमन ला कहिथें, “मजबूत बनव!” \q1 \v 7 लोहार ह सुनार ला \q2 अऊ जऊन ह हथौड़ा ले समतल करथे \q2 ओह लोहा ऊपर हथौड़ा मरइया ला उत्साहित करथे। \q1 जोड़नेवाला एक झन ह कहिथे, “येह बढ़िया हे।” \q2 आने ह मूरती म खीला ठोंकथे ताकि येह झन गिरय। \b \q1 \v 8 “पर हे मोर सेवक, इसरायल, \q2 हे मोर चुने गय, याकूब, \q2 हे मोर संगी अब्राहम के संतानमन, \q1 \v 9 मेंह तोला धरती के छोर ले लेंव, \q2 मेंह तोला धरती के सबले दूरिहा जगहमन ले बलांय। \q1 मेंह कहेंव, ‘तेंह मोर सेवक अस’; \q2 मेंह तोला चुने हंव अऊ तोला छोंड़े नइं हंव। \q1 \v 10 झन डर, काबरकि में तोर संग हवंव; \q2 भयभीत झन हो, काबरकि में तोर परमेसर अंव। \q1 में तोला मजबूत करहूं अऊ तोर मदद करहूं; \q2 अपन धरमी जेवनी हांथ ले में तोला संभाले रहिहूं। \b \q1 \v 11 “देख, ओ जम्मो जेमन तोर ले गुस्सा होथें \q2 ओमन जरूर लज्जित अऊ कलंकित होहीं; \q1 जेमन तोर बिरोध करथें \q2 ओमन बेकार अऊ नास हो जाहीं। \q1 \v 12 तेंह अपन बईरीमन ला खोजबे घलो \q2 पर ओमन तोला नइं मिलहीं। \q1 जेमन तोर ले लड़ई करथें \q2 ओमन नास होके मेटा जाहीं। \q1 \v 13 काबरकि में यहोवा तोर परमेसर अंव \q2 जऊन ह तोर जेवनी हांथ ला धरथे \q1 अऊ तोला कहिथे, झन डर; \q2 में तोर सहायता करहूं। \q1 \v 14 हे कीरा सहीं याकूब, झन डर, \q2 हे छोटकन इसरायल, झन डर, \q1 काबरकि में खुद तोर मदद करहूं,” यहोवा ह घोसना करत हे, \q2 तोर छुड़इया, इसरायल के पबितर परमेसर। \q1 \v 15 देख, मेंह तोला बहुंत दांतमन के संग नवां \q2 अऊ तेज कुटनेवाला एक बेलन बनाहूं। \q1 तेंह पहाड़मन ला कुटबे अऊ ओमन ला चूर-चूर कर देबे, \q2 अऊ पहाड़ीमन ला तें भूंसा सहीं कर देबे। \q1 \v 16 तें ओमन ला फटकबे, अऊ हवा ओमन ला उड़ियाके ले जाही, \q2 अऊ आंधी ओमन ला तितिर-बितिर कर दीही। \q1 पर तें यहोवा म आनंदित होबे \q2 अऊ इसरायल के पबितर परमेसर म बड़ई मारबे। \b \q1 \v 17 “गरीब अऊ जरूरतमंद मनखेमन पानी के खोज करथें, \q2 पर पानी कहीं नइं मिलय, \q2 ओमन के जीभ ह पीयास के मारे सूखा जाथे। \q1 पर में यहोवा ह ओमन ला जबाब दूहूं; \q2 में, इसरायल के परमेसर ह ओमन ला छोंड़ नइं देवंव। \q1 \v 18 में सूखा पहाड़ीमन ले नदीमन ला \q2 अऊ घाटीमन के बीच म सोतामन ला बहा दूहूं। \q1 मेंह मरू-भुइयां ला तरिया म \q2 अऊ सूखा भुइयां ला सोतामन म बदल दूहूं। \q1 \v 19 मेंह मरू-भुइयां म देवदार, बंबरी, मेंहदी, \q2 अऊ जैतून उगाहूं। \q1 मेंह उजाड़ जगह म सनोवर, \q2 चिनार अऊ गोपेर के रूख इकट्ठा लगाहूं, \q1 \v 20 ताकि मनखेमन देखंय अऊ जानंय, \q2 ओमन बिचार करंय अऊ समझंय, \q1 कि येह यहोवा के हांथ के काम अय, \q2 अऊ इसरायल के पबितर परमेसर ह येला बनाय हवय।” \b \q1 \v 21 “अपन मामला ला लानव,” \q2 यहोवा ह कहिथे। \q1 “अपन तर्क ला सामने रखव,” \q2 याकूब के राजा कहिथे। \q1 \v 22 “हे मूरतीमन, हमन ला बतावव, \q2 कि भविस्य म का होवइया हे। \q1 हमन ला पहिले के चीजमन के बारे बतावव \q2 ताकि हमन ओमन ऊपर सोच-बिचार करन \q2 अऊ अंतिम बात ला समझन। \q1 या होवइया चीजमन के बारे म हमन ला बतावव, \q2 \v 23 भविस्य म जऊन कुछू होवइया हे, तेला बतावव, \q2 तभे हमन जानबो कि तुमन देवता अव। \q1 भला या बुरा, कुछू घलो करव \q2 ताकि हमन भयभीत होवन अऊ डर जावन। \q1 \v 24 पर तुमन कुछू घलो नो हव, \q2 अऊ तुम्हर काममन एकदम बेकार अंय; \q2 जऊन ह तुमन ला चाहथे, ओह घिनौना मनखे अय। \b \q1 \v 25 “मेंह उत्तर दिग ले एक झन ला उकसाय हंव, अऊ ओह आवत हे— \q2 ओह पूरब दिग के अय अऊ मोर नांव के दुहाई देथे। \q1 जइसन एक कुम्हार ह माटी ला खुंदथे, \q2 वइसन ही ओह हाकिममन ला खुंदही, मानो ओमन गारा अंय। \q1 \v 26 कोन ह ये बात ला सुरूआत ले बताईस कि हमन ये जानतेंन, \q2 या पहिले से कोन ह बताईस कि हमन कहितेंन, ‘ओह सही रिहिस’? \q1 ये बात कोनो नइं बताईन, \q2 पहिले से येला कोनो नइं बताईस, \q2 तोर ले कोनो भी कुछू बात नइं सुनिस। \q1 \v 27 सबले पहिली मेंह सियोन ला बताएंव, ‘देख, ओमन इहां हवंय!’ \q2 मेंह यरूसलेम ला सुघर संदेस सुनानेवाला एक संदेसिया देंव। \q1 \v 28 मेंह खोजथंव, पर उहां कोनो नइं एं— \q2 देवतामन के बीच म कोनो सलाह देवइया नइं एं, \q2 जब मेंह ओमन ले पुछथंव, त जबाब देवइया कोनो नइं एं। \q1 \v 29 देखव, ओमन जम्मो के जम्मो गलत अंय! \q2 ओमन के काम बेकार अंय; \q2 ओमन के ढारे गय मूरतीमन हवा अऊ गड़बड़ी के अलावा अऊ कुछू नो हंय। \c 42 \s1 यहोवा के सेवक \q1 \v 1 “येह मोर सेवक ए, जऊन ला में संभालथंव, \q2 मोर चुने हुए जन, जेकर ले मेंह खुस रहिथंव; \q1 मेंह येकर ऊपर अपन आतमा डालहूं, \q2 अऊ येह जाति-जाति के मनखेमन बर नियाय लानही। \q1 \v 2 न ओह चिचियाही अऊ न ऊंचहा सबद म बोलही, \q2 न ही गलीमन म अपन अवाज ऊंचहा करही। \q1 \v 3 कुचरे सरकंडा ला न तो ओह टोरही, \q2 अऊ न ही सुलगत दीया के बाती ला बुताही। \q1 बिसवासयोग्यता से ओह नियाय करही; \q2 \v 4 ओह नइं डगमगाही अऊ न ही हिम्मत हारही \q1 जब तक कि ओह नियाय ला धरती ऊपर स्थापित नइं कर दीही। \q2 ओकर सिकछा म द्वीपमन के मनखेमन अपन आसा रखहीं।” \b \q1 \v 5 परमेसर यहोवा ह ये कहत हे— \q1 अकासमन ला बनानेवाला, जऊन ह ओमन ला तानथे, \q2 जऊन ह धरती ला ओकर जम्मो चीजमन के संग फईलाथे, \q2 जऊन ह येमा के मनखेमन ला सांस \q2 अऊ येमा चलनेवालामन ला जिनगी देथे: \q1 \v 6 “में, यहोवा ह तोला धरमीपन म बलाय हंव; \q2 में तोर हांथ ला धरके तोर रकछा करहूं। \q1 में तोला संभाले रखहूं अऊ मनखेमन बर \q2 तोला एक करार \q2 अऊ आने जाति के मनखेमन बर एक अंजोर ठहिराहूं, \q1 \v 7 ताकि तें अंधरामन के आंखी ला खोल दे, \q2 कैदीमन ला कैदखाना ले बाहिर ले आ \q2 अऊ जेमन अंधियार म बईठे हवंय, ओमन ला काल-कोठरी ले मुक्त कर दे। \b \q1 \v 8 “मेंह यहोवा अंव; येह मोर नांव अय! \q2 मेंह आने ला अपन महिमा नइं देवंव \q2 या अपन परसंसा मूरतीमन ला नइं देवंव। \q1 \v 9 देखव, पहिली के चीजमन हो गे हवंय, \q2 अब नवां चीजमन के में घोसना करत हंव; \q1 ओमन के होय के पहिली \q2 मेंह तुमन ला ओमन के घोसना करत हंव।” \s1 यहोवा बर इस्तुति के गीत \q1 \v 10 हे समुंदर म चलइया, अऊ ओमा जम्मो रहइयामन, \q2 हे द्वीपमन, अऊ ओमन म जम्मो रहइयामन, \q1 यहोवा बर एक नवां गीत गावव, \q2 अऊ धरती के छोर ले ओकर इस्तुति करव। \q1 \v 11 सुनसान जगह अऊ ओमा के नगरमन अपन अवाज ऊंच करव; \q2 केदार के बसे जगहमन आनंदित होवंय। \q1 सेला सहर के मनखेमन आनंद के मारे गावंय; \q2 ओमन पहाड़मन के टीपमन ले चिचियावंय। \q1 \v 12 ओमन यहोवा के महिमा परगट करंय \q2 अऊ द्वीपमन म ओकर परसंसा करंय। \q1 \v 13 यहोवा ह एक बिजेता के सहीं निकलही, \q2 एक योद्धा सहीं ओह अपन उत्साह ला भड़काही; \q1 ओह चिचियाके लड़ई बर ललकारही \q2 अऊ अपन बईरीमन ऊपर जयवंत होही। \b \q1 \v 14 “बहुंत समय तक मेंह चुप रहेंव, \q2 मेंह सांत रहेंव अऊ अपनआप ला रोकके रखे रहेंव। \q1 पर अब, लइका जनमावत माईलोगन सहीं, \q2 में कलहरत हंव, में जोर-जोर से सांस लेवत हंव अऊ हांफत हंव। \q1 \v 15 मेंह पहाड़ अऊ पहाड़ीमन ला उजार दूहूं \q2 अऊ ओमन के सब हरियाली ला सूखा दूहूं; \q1 में नदीमन ला द्वीप बना दूहूं \q2 अऊ तरियामन ला सूखा डारहूं। \q1 \v 16 मेंह अंधरामन ला ओ रसता म ले जाहूं जऊन ला ओमन नइं जानंय, \q2 अनजान रसता म में ओमन के अगुवई करहूं; \q1 ओमन के आघू म मेंह अंधियार ला अंजोर कर दूहूं \q2 अऊ उबड़-खाबड़ जगहमन ला समतल कर दूहूं। \q1 ये सब काम में करहूं; \q2 में ओमन ला नइं तियागंव। \q1 \v 17 पर जेमन मूरतीमन ऊपर भरोसा करथें, \q2 अऊ मूरतीमन ले कहिथें, ‘तुमन हमर देवता अव,’ \q2 ओमन ला लज्जित होके पाछू लहुंटे बर पड़ही। \s1 अंधरा अऊ भैंरा इसरायल \q1 \v 18 “हे भैंरामन, सुनव; \q2 हे अंधरामन, आंखी खोलव अऊ देखव! \q1 \v 19 मोर सेवक के छोंड़ कोन अंधरा अय, \q2 अऊ मोर पठोय दूत सहीं कोन भैंरा अय? \q1 जऊन ह मोर संग करार करे हवय, ओकर सहीं कोन अंधरा अय, \q2 या यहोवा के सेवक सहीं कोन अंधरा अय? \q1 \v 20 तेंह बहुंते चीजमन ला देखे हस, पर तें धियान नइं देवस; \q2 तोर कानमन तो खुले हवंय, पर तें सुनस नइं।” \q1 \v 21 यहोवा ला अपन धरमीपन बर \q2 ये बने लगिस \q1 कि अपन कानून ला ओह बड़े अऊ महिमामय करय। \q1 \v 22 पर येमन एक लूटे अऊ छीने गय मनखे अंय, \q2 सब के सब खंचवा म फंसे \q2 या जेल म बंद हवंय। \q1 येमन लूट के चीज बन गे हवंय, \q2 अऊ येमन ला कोनो बचानेवाला नइं एं; \q1 येमन लूट लिये गे हवंय, \q2 अऊ कोनो ये कहइया नइं एं, “येमन ला वापिस भेज दव।” \b \q1 \v 23 तुमन म ले कोन ह येला सुनही \q2 या अवइया समय म बिसेस धियान दीही? \q1 \v 24 कोन ह याकूब ला लूट के चीज होय बर दे दीस, \q2 अऊ इसरायल ला लुटेरामन के हांथ म कर दीस? \q1 का येह यहोवा नइं रिहिस, \q2 जेकर बिरूध हमन पाप करेंन? \q1 काबरकि ओमन ओकर रसता म नइं चलिन; \q2 ओमन ओकर कानून ला नइं मानिन। \q1 \v 25 एकरसेति ओमन ऊपर ओकर कोरोध ह भड़किस, \q2 ओमन ऊपर लड़ई के हिंसा होईस। \q1 येह आगी सहीं ओमन ला घेर लीस, तभो ले ओमन नइं समझिन; \q2 येह ओमन ला भसम कर दीस, पर ओमन नइं चेतिन। \c 43 \s1 इसरायल के सिरिप एक उद्धारकर्ता \q1 \v 1 हे याकूब, जऊन ह तोला बनाईस, \q2 हे इसरायल, जऊन ह तोला रचिस, \q2 अब ओ यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “झन डर, काबरकि मेंह तोला छोंड़ाय हंव; \q2 मेंह तोला नांव लेके बलाय हंव, तेंह मोरेच अस। \q1 \v 2 जब तेंह पानी म ले होके जाबे, \q2 त मेंह तोर संगे-संग रहिहूं; \q1 अऊ जब तेंह नदीमन ले होके जाबे, \q2 तब ओमन तोला नइं बुड़ो सकंय। \q1 जब तेंह आगी म रेंगबे, \q2 तब तोला आंच नइं लगय; \q2 अऊ ओकर जुवाला ह तोला नइं जला सकय। \q1 \v 3 काबरकि में यहोवा तोर परमेसर अंव, \q2 इसरायल के पबितर परमेसर, तोर उद्धार करइया अंव; \q1 तोर छुड़ौती म मेंह मिसर देस ला \q2 अऊ तोर बदला कूस अऊ सबा देसमन ला देथंव। \q1 \v 4 मोर नजर म तेंह अनमोल अऊ आदर के योग्य अस, \q2 अऊ काबरकि मेंह तोर ले मया करथंव, \q1 एकर कारन में तोर बदला म मनखेमन ला \q2 अऊ तोर परान के बदला म जाति-जाति के मनखेमन ला दे दूहूं। \q1 \v 5 झन डर, काबरकि में तोर संग हवंव; \q2 मेंह तोर लइकामन ला पूरब ले लानहूं \q2 अऊ पछिम ले घलो तोला इकट्ठा करहूं। \q1 \v 6 मेंह उत्तर ले कहिहूं, ‘ओमन ला देय दे!’ \q2 अऊ दक्खिन ले कहिहूं, ‘ओमन ला रोकके झन रख।’ \q1 मोर बेटामन ला दूरिहा ले \q2 अऊ मोर बेटीमन ला धरती के छोर ले लेय आवव— \q1 \v 7 हर एक जन, जऊन ह मोर नांव ले जाने जाथे, \q2 जेला मेंह अपन महिमा बर सिरजेंव, \q2 जेला मेंह रचेंव अऊ बनाएंव।” \b \q1 \v 8 ओमन ला ले आवव, जेमन आंखी के रहत अंधवा अंय, \q2 अऊ कान के रहत भैंरा अंय। \q1 \v 9 जाति-जाति के मनखेमन एक संग जूरंय \q2 अऊ मनखेमन जमा होवंय। \q1 ओमन के कोन देवता ह ये बात ला पहिले ले बताय रिहिस \q2 अऊ हमन ला पहिली के चीजमन के घोसना करे रिहिस? \q1 ओमन अपन गवाहमन ला लानके साबित करंय कि ओमन सही अंय, \q2 ताकि आने मन सुनंय अऊ कहंय, “येह सच अय।” \q1 \v 10 यहोवा ह घोसना करत हे, “तुमन मोर गवाह अव, \q2 अऊ मोर सेवक अव, जेमन ला मेंह चुने हंव, \q1 ताकि तुमन जानव अऊ मोर ऊपर बिसवास करव \q2 अऊ ये बात ला समझव कि में ओही अंव। \q1 मोर ले पहिली कोनो देवता के रचना नइं होईस, \q2 अऊ न ही कोनो मोर बाद होहीं। \q1 \v 11 में ही यहोवा अंव, \q2 अऊ मोला छोंड़ कोनो अऊ उद्धारकर्ता नइं एं। \q1 \v 12 मेंह परगट करे हंव अऊ उद्धार करेंव अऊ घोसना करेंव— \q2 में, अऊ तुम्हर बीच म कोनो अऊ पराया देवता नइं। \q1 तुमन ही मोर गवाह अव,” यहोवा ह घोसना करत हे, “कि में परमेसर अंव। \q2 \v 13 हव, अऊ प्राचीन समय ले मेंह ओही अंव। \q1 मोर हांथ ले कोनो छोंड़ा नइं सकंय। \q2 जब मेंह काम करथंव, त कोन ह ओला पलट सकथे?” \s1 परमेसर के दया अऊ इसरायल के बिसवासघात \q1 \v 14 तुम्हर छुड़इया, इसरायल के पबितर परमेसर, \q2 यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “तुम्हर बर मेंह बेबिलोन ला भेजहूं \q2 अऊ जम्मो बेबिलोनीमन\f + \fr 43:14 \fr*\ft या \ft*\fqa कसदीमन\fqa*\f* ला भगोड़ा के सहीं ले आहूं, \q2 ओमन ला पानी जहाज म ले आहूं, जेकर ऊपर ओमन घमंड करथें। \q1 \v 15 में, यहोवा, तुम्हर पबितर परमेसर, \q2 इसरायल के सिरजइया, तुम्हर राजा अंव।” \b \q1 \v 16 यहोवा ह ये कहत हे— \q2 जऊन ह समुंदर म एक रसता, \q2 पानी के तेज लहरा म एक डहार बनाईस, \q1 \v 17 जऊन ह रथ अऊ घोड़ामन ला, \q2 सेना अऊ सैनिक ताकत ला एक संग निकाल लेथे, \q1 अऊ ओमन उहां पड़े रहिथें, अऊ फेर कभू नइं उठंय, \q2 ओमन खतम हो गीन, एक ठन बाती के सहीं बुता गीन: \q1 \v 18 “पहिली के चीजमन ला सुरता झन करव; \q2 भूतकाल म झन जीयव। \q1 \v 19 देखव, में एक नवां चीज करत हंव! \q2 येह परगट होवत हे; का तुमन येला नइं समझत हव? \q1 मेंह सुनसान जगह म एक रसता \q2 अऊ निरजल देस म सोतामन ला बनात हंव। \q1 \v 20 जंगल के पसु, \q2 गीदड़ अऊ उल्लूमन मोर आदर करथें, \q1 काबरकि में सुनसान जगह म पानी \q2 अऊ निरजल जगह म सोतामन ला निकालथंव, \q1 ताकि मोर मनखे, मोर चुने मनखेमन पानी पीयंय, \q2 \v 21 ये मनखे, जेमन ला मेंह अपन बर बनाय हंव \q2 ताकि ओमन मोर परसंसा करंय। \b \q1 \v 22 “तभो ले, हे याकूब, तेंह मोला नइं पुकारे हस, \q2 हे इसरायल, तेंह अपनआप ला मोर बर नइं थकाय हस। \q1 \v 23 तेंह होम-बलिदान करे बर मोर मेर भेड़ नइं लाने हस, \q2 अऊ न ही अपन बलिदानमन ला चघाके मोर आदर करे हस। \q1 मेंह अन्न-बलिदान चघाय के बोझ तोर ऊपर नइं डाले हंव, \q2 न ही धूप के मांग करके तोला थकाय हंव। \q1 \v 24 तेंह मोर बर कोनो खुसबूवाला तेजपान नइं लाने हस, \q2 अऊ न ही मोला अपन बलिदान के चरबी चघाय हस। \q1 पर तेंह अपन पापमन के दुवारा मोर ऊपर बोझा डाले हस \q2 अऊ अपन अधरम के काम ले मोला थका दे हस। \b \q1 \v 25 “में, में ही ओ अंव, जऊन ह अपन नांव बर \q2 तोर पापमन ला मेटा देथंव, \q2 अऊ तोर पापमन ला फेर सुरता नइं करंव। \q1 \v 26 मोर खातिर पहिले के चीजमन ला सुरता कर, \q2 आ, हमन ओ बात ऊपर आपस म बहस करन; \q2 तें अपन मामला ला बता, जऊन ह तोला निरदोस ठहिराथे। \q1 \v 27 तोर पहिली पुरखा ह पाप करिस; \q2 जेमन ला मेंह तोर मेर सिखाय बर पठोंय, ओमन मोर ले बिदरोह करिन। \q1 \v 28 एकर कारन मेंह तोर मंदिर के सम्मानीय मनखेमन ला कलंकित करेंव; \q2 मेंह याकूब ला बिनास बर \q2 अऊ इसरायल ला अपमानित होय बर सऊंप देंव। \c 44 \s1 इसरायल चुने गे हवय \q1 \v 1 “पर अब, हे मोर दास याकूब, \q2 हे मोर चुने इसरायल, सुन। \q1 \v 2 यहोवा ह ये कहत हे— \q2 ओ, जऊन ह तोला बनाईस, जऊन ह तोला गरभ म रचिस, \q2 अऊ जऊन ह तोर सहायता करही: \q1 हे मोर दास याकूब, हे मोर चुने यसूरून,\f + \fr 44:2 \fr*\fq यसूरून \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa धरमी जन, \fqa*\ft याने कि इसरायल\ft*\f* \q2 झन डर। \q1 \v 3 काबरकि में पीयासन भुइयां म पानी \q2 अऊ सूखा जमीन ऊपर पानी के धारा बोहाहूं; \q1 में तोर बंस ऊपर अपन आतमा, \q2 अऊ तोर संतानमन ऊपर अपन आसीस ढारहूं। \q1 \v 4 ओमन चरागन म कांदी सहीं, \q2 पानी के धारामन के तीर म चिनार रूखमन सहीं बाढ़हीं। \q1 \v 5 कोनो कहिही, ‘में यहोवा के अंव’; \q2 आने मन अपनआप ला याकूब के नांव म बलाहीं; \q1 अऊ कुछू आने मन अपन हांथ म लिखहीं, ‘में यहोवा के अंव,’ \q2 अऊ इसरायल के नांव ले लीहीं। \s1 यहोवा, मूरती नइं \q1 \v 6 “सर्वसक्तिमान यहोवा, जऊन ह इसरायल के राजा अऊ छुड़इया अय, \q2 ओ यहोवा ह ये कहत हे: \q1 में ही पहिला अंव अऊ में ही अन्त अंव; \q2 मोला छोंड़ अऊ कोनो परमेसर नइं एं। \q1 \v 7 मोर सहीं कोन हे? ओह येला बतावय। \q2 ओह घोसना करय अऊ मोर आघू म रखय \q1 कि जब ले मेंह पुराना जमाना म मनखेमन ला ठहिरांय, तब ले का होय हवय \q2 अऊ का होवइया हे— \q2 हव, पहिले से बतावय कि का होवइया हे। \q1 \v 8 झन कांपव, झन डरव। \q2 का मेंह येकर घोसना नइं करेंव अऊ बहुंत पहिले ही येला नइं बताय रहेंव? \q1 तुमन मोर गवाह अव। का मोला छोंड़ अऊ कोनो परमेसर हवय? \q2 नइं, मोला छोंड़ अऊ कोनो चट्टान नइं ए; में कोनो अऊ ला नइं जानंव।” \b \q1 \v 9 ओ जम्मो जेमन मूरतीमन ला बनाथें, ओमन कुछू नो हंय, \q2 अऊ जऊन चीजमन ला ओमन जतन के रखथें, ओमन बेकार अंय। \q1 जऊन मन ओमन बर गोठियाथें, ओमन अंधरा अंय; \q2 ओमन अपन खुद के लज्जा के बारे म अनजान हवंय। \q1 \v 10 कोन ह एक देवता ला आकार देथे अऊ मूरती ला बनाथे, \q2 जेकर से कोनो लाभ नइं होवय? \q1 \v 11 ओ मनखे, जेमन ओ काम करथें, ओमन लज्जा म पड़हीं; \q2 अइसन कारीगरमन तो मनखे ही अंय। \q1 ओ जम्मो एक संग आवंय अऊ अपन बात ला साबित करंय; \q2 ओमन आतंकित होहीं अऊ लज्जा म पड़हीं। \b \q1 \v 12 लोहार ह एक ठन औजार ला लेथे \q2 अऊ धातु ला कोइला म गरम करके ये औजार ले काम करथे; \q1 ओह हथौड़ा ले मूरती ला रूप देथे, \q2 ओह अपन भुजबल ले येला गढ़थे। \q1 ओला भूख लगथे अऊ ओकर ताकत कम हो जाथे; \q2 ओह पानी नइं पीयय अऊ दुरबल हो जाथे। \q1 \v 13 बढ़ई ह अपन नाप ले नापथे \q2 अऊ तब ओ चीज के पेन्सिल से रूप-रेखा बनाथे; \q1 अऊ बंसुला ले काम करके चिकना करथे \q1 अऊ परकार ले लकीर खींचथे। \q2 ओह येला मनखे के रूप देथे, \q1 पूरा महिमा म येला मनखे के रूप देथे, \q2 ताकि येह कोनो देवालय म रहय। \q1 \v 14 ओह देवदार रूख ला काटथे, \q2 या ओह आने कोनो रूख या बलूत रूख लेथे। \q1 ओह जंगल के रूखमन के बीच येला बढ़े बर देथे, \q2 या देवदार के रूख लगाथे, बरसा के पानी ले येह बाढ़थे। \q1 \v 15 तब ओह आगी बारे के काम आथे; \q2 ओह ओमा के कुछू ला सुलगाके आगी तापथे, \q2 ओह आगी बारके रोटी बनाथे। \q1 पर ओह येला एक देवता के रूप देके येकर अराधना घलो करथे; \q2 ओह एक मूरती बनाके येकर आघू म मुड़ नवाथे। \q1 \v 16 आधा लकरी ला तो ओह आगी बारथे; \q2 अऊ येमा अपन खाना पकाथे, \q2 ओह मांस ला भुंजके भरपेट खाथे। \q1 ओह आगी घलो तापथे अऊ कहिथे, \q2 “अहा! मेंह गरम हो गेंव; मेंह आगी ला देखत हंव!” \q1 \v 17 अऊ बाकि बांचे लकरी ले ओह एक देवता, अपन बर मूरती बनाथे; \q2 ओह ओकर दंडवत करथे अऊ ओकर अराधना करथे। \q1 ओह ओकर ले पराथना करके कहिथे, \q2 “मोला बचा ले! तेंह मोर देवता अस!” \q1 \v 18 ओमन कुछू नइं जानंय, ओमन कुछू नइं समझंय; \q2 ओमन के आंखीमन अइसन बंद रहिथें कि ओमन देख नइं सकंय, \q2 अऊ ओमन के दिमाग ह अइसन बंद रहिथे कि ओमन समझ नइं सकंय। \q1 \v 19 सोच-बिचार करे बर कोनो नइं रूकंय, \q2 काकरो मेर ये कहे बर गियान अऊ समझ नइं ए, \q1 “आधा लकरी के उपयोग मेंह आगी बारे बर करेंव; \q2 येकर कोइला म रोटी बनांय, \q2 मेंह मांस ला भुंजके खांय। \q1 त जऊन लकरी बांच गीस, का ओकर ले में एक घिनौना चीज बनावंव? \q2 का मेंह कठवा के एक भाग ला दंडवत करंव?” \q1 \v 20 अइसन मनखे ह राख ला खाथे; ओकर मन ह भटक गे हे अऊ ओला गलत रसता म ले जाथे; \q2 ओह अपनआप ला बचा नइं सकय अऊ ये नइं कह सकय, \q2 “जऊन चीज ह मोर जेवनी हांथ म हवय, का ओह एक झूठ नो हय?” \b \q1 \v 21 “हे याकूब, हे इसरायल, ये बातमन ला सुरता कर, \q2 काबरकि तेंह मोर सेवक अस। \q1 मेंह तोला रचे हंव, तेंह मोर सेवक अस; \q2 हे इसरायल, मेंह तोला नइं भुलावंव। \q1 \v 22 मेंह तोर अपराधमन ला बादर सहीं, \q2 अऊ तोर पापमन ला बिहनियां के कुहरा सहीं मिटा देय हंव। \q1 मोर मेर लहुंट आ, \q2 काबरकि मेंह तोला छोंड़ाय हंव।” \b \q1 \v 23 हे अकासमन, आनंद के मारे गावव, काबरकि यहोवा ह ये काम करे हवय; \q2 हे धरती के गहिला जगहमन, जोर-जोर से जय-जयकार करव। \q1 हे पहाड़मन, हे जंगलमन अऊ तुमन के जम्मो रूखमन, \q2 गला खोलके जोर से गावव, \q1 काबरकि यहोवा ह याकूब ला छोंड़ाय हवय, \q2 ओह इसरायल म अपन महिमा परगट करथे। \s1 यरूसलेम सहर फेर बसाय जाही \q1 \v 24 यहोवा, तोर छुड़इया, \q2 जऊन ह तोला गरभ म रचिस, ओह ये कहत हे: \b \q1 “में ही ओ यहोवा, \q2 जम्मो चीज के बनइया अंव, \q2 जऊन ह अकास ला तानिस, \q2 जऊन ह खुद होके धरती ला फईलाईस, \q1 \v 25 जऊन ह लबरा अगमजानीमन के चिनहां ला बेकार कर देथे \q2 अऊ सकुन-बिचार करइयामन ला मुरूख बना देथे। \q1 जऊन ह बुद्धिमान के सिकछा ला दूरिहा फटिक देथे \q2 अऊ येला बेमतलब के बात बना देथे, \q1 \v 26 जऊन ह अपन सेवक के बचन ला पूरा करथे \q2 अऊ अपन दूतमन के बात ला सफल करथे, \b \q1 “जऊन ह यरूसलेम के बारे म कहिथे, ‘येला फेर बसाय जाही,’ \q2 अऊ यहूदा के नगरमन के बारे कहिथे, ‘ओमन फेर बनाय जाहीं,’ \q2 अऊ ओमन के खंडहरमन के बारे कहिथे, ‘मेंह येमन ला सुधारहूं,’ \q1 \v 27 जऊन ह गहिला पानी ला कहिथे, ‘सूखा जा, \q2 अऊ मेंह तोर सोतामन ला सूखा दूहूं,’ \q1 \v 28 में ही ओ अंव, जऊन ह कुसरू के बारे म कहिथे, ‘ओह मोर चरवाहा अय, \q2 अऊ ओह मोर ईछा ला पूरा करही; \q1 ओह यरूसलेम के बारे म कहिही, “येला फेर बनाय जावय,” \q2 अऊ मंदिर के बारे म कहिही, “येकर नीवमन ला डारे जावय।” ’ ” \b \b \c 45 \q1 \v 1 यहोवा ह अपन अभिसिक्त, कुसरू ला ये कहत हे, \q2 ओकर जेवनी हांथ ला मेंह थामे रहिथंव \q1 कि ओकर सामने ही जाति-जाति के मनखे ला ओकर अधीन कर देवंव \q2 अऊ राजामन ला बिगर हथियार के कर दंव, \q1 ओकर सामने म ही कपाटमन ला अइसन खोल देवंव \q2 कि ओ दुवारमन बंद झन हो सकंय: \q1 \v 2 मेंह तोर आघू-आघू जाहूं \q2 अऊ पहाड़मन ला समतल कर दूहूं; \q1 मेंह कांसा के दुवारमन ला टोर दूहूं \q2 अऊ लोहा के बेड़ीमन ला काट दूहूं। \q1 \v 3 मेंह तोला छुपे खजाना दूहूं, \q2 अऊ गुपत जगह म रखे धन दूहूं, \q1 ताकि तेंह जान सकस कि मेंह यहोवा, \q2 इसरायल के परमेसर अंव, जऊन ह तोला नांव लेके बलाथे। \q1 \v 4 मोर अपन सेवक याकूब, \q2 मोर चुने इसरायल के हित म, \q1 मेंह तोला नांव लेके बलात हंव \q2 अऊ तोला आदर के एक पदवी देवत हंव, \q2 हालाकि तेंह मोला नइं मानस। \q1 \v 5 मेंह यहोवा अंव, अऊ दूसर कोनो नइं; \q2 मोला छोंड़ अऊ कोनो परमेसर नइं एं। \q1 हालाकि तेंह मोला नइं माने हस \q2 तभो ले मेंह तोला मजबूत करहूं, \q1 \v 6 ताकि बेर के उगती ले लेके \q2 बुड़ती तक के जगह के \q1 मनखेमन ये जान लेवंय कि मोर छोंड़ आने अऊ कोनो नइं एं। \q2 मेंह यहोवा अंव, अऊ आने कोनो नइं एं। \q1 \v 7 मेंह अंजोर के बनइया अऊ अंधियार के सिरजनहार अंव, \q2 मेंह सुख-सांति के दाता अऊ में ही बिपत्ति ला बनाथंव; \q2 में, यहोवा ही ये जम्मो चीज ला करथंव। \b \q1 \v 8 हे ऊपर के अकास, मोर धरमीपन के बारिस कर; \q2 बादरमन येकर बारिस करंय। \q1 धरती ह बहुंत खुल जावय, \q2 उद्धार ह निकल आवय, \q1 अऊ धरमीपन ह येकर संग बढ़त जावय; \q2 में, यहोवा ही येकर सिरिस्टी करे हवंव। \b \q1 \v 9 “ओमन ऊपर हाय, जेमन अपन रचइया ले झगरा करथें, \q2 ओमन कुछू नो हंय, पर भुइयां म \q2 माटी के बरतन के कुटामन के बीच बरतन के कुटा अंय। \q1 का माटी ह कुम्हार ले कहिथे, \q2 ‘तें का बनात हस?’ \q1 का कारीगर के बनाय चीज ह कहिथे, \q2 ‘कुम्हार के तो हांथमन नइं एं’? \q1 \v 10 हाय ओकर ऊपर, जऊन ह अपन ददा ला कहिथे, \q2 ‘तेंह का जनमाय हस?’ \q1 या अपन दाई ला कहिथे, \q2 ‘तेंह का ला जनम दे हस?’ \b \q1 \v 11 “यहोवा, इसरायल के पबितर परमेसर, \q2 अऊ ओकर बनइया ह ये कहत हे: \q1 अवइया चीजमन के बारे म, \q2 का तेंह मोर लइकामन के बारे पुछबे, \q2 या मोर हांथ के काम के बारे म मोला हुकूम देबे? \q1 \v 12 येह में अंव, जऊन ह धरती ला बनाईस \q2 अऊ येकर ऊपर मानव-जाति ला सिरजिस। \q1 मोर खुद के हांथमन अकास ला ताने हवंय; \q2 मेंह ओकर तारा मंडल ला सही जगह म रखे हंव। \q1 \v 13 मेंह कुसरू\f + \fr 45:13 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa ओला\fqa*\f* ला अपन धरमीपन म उठाय हंव: \q2 मेंह ओकर सबो डहार ला सीधा करहूं। \q1 ओह मोर नगर ला फेर बनाही \q2 अऊ मोर बंदीमन ला \q1 बिगर दाम या बिगर भेंट लिये छोंड़ दीही, \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहत हे।” \p \v 14 यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “मिसर देस के कमई अऊ कूस देस\f + \fr 45:14 \fr*\ft ऊपरी नील नदी के इलाका\ft*\f* के बेपार, \q2 अऊ ओ ऊंच सबायीमन— \q1 ओमन तोर मेर चले आहीं \q2 अऊ तोर हो जाहीं; \q1 ओमन थकके तोर पाछू-पाछू आहीं, \q2 ओमन सांकल म बंधाय तोर मेर चले आहीं। \q1 ओमन तोर आघू म मुड़ नवाहीं \q2 अऊ ये कहिके तोर ले बिनती करहीं, \q1 ‘निस्चय परमेसर ह तोर संग हवय, अऊ दूसर कोनो नइं ए; \q2 कोनो अऊ देवता नइं एं।’ ” \b \q1 \v 15 सही म तेंह परमेसर अस, जऊन ह अपनआप ला छुपाय रिहिस, \q2 परमेसर अऊ इसरायल के उद्धारकर्ता। \q1 \v 16 मूरतीमन के बनइयामन सब के सब लज्जित अऊ कलंकित होहीं; \q2 ओमन एक संग अपमानित होहीं। \q1 \v 17 पर इसरायल ह यहोवा के दुवारा \q2 सदाकाल के उद्धार के संग बचाय जाही; \q1 तेंह अनंतकाल तक न तो कभू लज्जित होबे, \q2 अऊ न ही कभू कलंकित होबे। \b \q1 \v 18 काबरकि यहोवा ह ये कहत हे— \q1 ओ, जऊन ह अकास के सिरिस्टी करिस, \q2 ओह परमेसर अय; \q1 ओ, जऊन ह धरती ला आकार दीस अऊ बनाईस, \q2 ओह येकर नीव रखिस; \q1 ओह येला खाली रहे बर नइं, \q2 पर येला बसे बर रचिस— \q1 ओह कहिथे: \q1 “मेंह यहोवा अंव, \q2 अऊ आने कोनो परमेसर नइं एं। \q1 \v 19 मेंह गुपत म, \q2 कोनो अंधियार देस के कोनो जगह ले नइं कहे हंव; \q1 मेंह याकूब के संतानमन ले नइं कहे हंव, \q2 ‘मोला बेकार म खोजव।’ \q1 में, यहोवा, सच कहिथंव; \q2 मेंह सही बात के घोसना करथंव। \b \q1 \v 20 “हे जाति-जाति के भगोड़ा मनखेमन, एक संग जूरव, \q2 आवव अऊ इकट्ठा होवव। \q1 अगियानी ओमन अंय, जेमन लकरी के मूरतीमन ला धरके चलथें, \q2 जेमन अइसन देवतामन ले पराथना करथें, जेमन उद्धार नइं कर सकंय। \q1 \v 21 घोसना करव कि का होना हे, ओला सामने लानव— \q2 ओमन एक संग सलाह लेवंय। \q1 बहुंत पहिले ये बात कोन ह बताईस, \q1 बहुंत पहिले ले कोन ह येकर घोसना करिस? \q1 का में यहोवा ही नइं करेंव? \q2 अऊ मोला छोंड़ कोनो अऊ दूसर परमेसर हय ही नइं, \q1 एक धरमी परमेसर अऊ उद्धारकर्ता; \q2 मोला छोंड़ अऊ कोनो नइं एं। \b \q1 \v 22 “हे जम्मो धरती के मनखेमन, \q2 मोर कोति फिरव अऊ उद्धार पावव; \q2 काबरकि में ही परमेसर अंव, अऊ दूसर कोनो अऊ परमेसर नइं एं। \q1 \v 23 मेंह अपन ही किरिया खाय हंव, \q2 पूरा ईमानदारी से मोर मुहूं ले ये बचन निकले हवय \q2 अऊ ये बात ह नइं टरय: \q1 हर एक मनखे ह मोर आघू म माड़ी टेकही; \q2 हर एक मनखे ह मोर किरिया खाही। \q1 \v 24 मनखेमन मोर बारे म कहिहीं, \q2 ‘सिरिप यहोवा ही म छुटकारा अऊ ताकत हवय।’ ” \q1 ओ जम्मो जेमन ओकर ले गुस्सा होय रिहिन, \q2 ओमन आहीं अऊ लज्जित होहीं। \q1 \v 25 पर इसरायल के जम्मो संतानमन \q2 यहोवा म छुटकारा पाहीं \q2 अऊ ओमा अपन घमंड करहीं। \c 46 \s1 बेबिलोन के देवतामन \q1 \v 1 बेल देवता ह झुकथे, नबो देवता ह घलो खाल्हे झुकथे; \q2 ओमन के मूरतीमन ला पसुमन ऊपर लादके ले जाय जाथे। \q1 जऊन मूरतीमन ला ले जाय जावत हे, ओमन भारी हवंय, \q2 थके पसु बर एक बोझा। \q1 \v 2 ओमन एक संग मुड़ नवाके झुक गीन; \q2 बोझा ला उठा नइं सकिन, \q2 ओमन खुद बंधुवई म चले गीन। \b \q1 \v 3 “हे याकूब के संतानमन, \q2 हे इसरायल के जम्मो बांचे मनखेमन, मोर बात ला सुनव, \q1 तुमन, जेमन ला मेंह तुम्हर जनम ले ही ऊपर उठाय हंव, \q2 अऊ तुम्हर जनम ही ले तुमन ला धरके चलत हंव। \q1 \v 4 तुम्हर बुढ़ापा अऊ तुम्हर पाके चुंदी के बेरा घलो \q2 मेंह वइसन ही बने रहिहूं, मेंह ओही अंव, जऊन ह तुमन ला संभाले रखही। \q1 मेंह तुमन ला बनाय हंव अऊ तुमन ला धरके ले चलहूं; \q2 मेंह तुमन ला संभालहूं अऊ तुमन ला बचाहूं। \b \q1 \v 5 “काकर संग तुमन मोर तुलना करहू या काकर सहीं मोला बताहू? \q2 काकर संग मोर मिलान करहू कि हमर तुलना करे जा सकय? \q1 \v 6 कुछू जन अपन थैली ले सोन उंडेलथें \q2 अऊ तराजू म चांदी तऊलथें; \q1 ओमन सुनार ला बनी देके ये चीजमन ले देवता बनवाथें, \q2 अऊ ओमन येला दंडवत करथें अऊ येकर अराधना करथें। \q1 \v 7 ओमन येला अपन कंधा म उठाके ले चलथें, \q2 ओमन येला ओकर जगह म रखथें अऊ ओह उहां ठाढ़े रहिथे। \q2 ओ जगह ले येह हट नइं सकय। \q1 यदि कोनो ओकर मेर जोर से गोहार पारके कहिही, तभो ले येह जबाब नइं दे सकय; \q2 येह ओमन ला ओमन के समस्या ले नइं बचा सकय। \b \q1 \v 8 “येला सुरता रखव, येला मन म रखव, \q2 हे बिदरोहीमन, ये बात तुम्हर मन म रहय। \q1 \v 9 पहिले के बातमन ला सुरता करव, बहुंत पहिले के बातमन ला; \q2 काबरकि में परमेसर अंव, अऊ दूसर कोनो नइं एं; \q2 में ही परमेसर अंव अऊ मोर सहीं अऊ कोना नइं एं। \q1 \v 10 में तो अन्त के बात सुरू ले ही बतात आय हंव, \q2 अऊ पुराना जमाना ले बतात आय हंव कि अभी घलो का अवइया हे। \q1 में कहिथंव, ‘मोर उपाय स्थिर रहिही, \q2 अऊ जऊन बात मोला बने लगथे, ओला मेंह करहूं।’ \q1 \v 11 मेंह पूरब ले एक सिकार करइया चिरई, \q2 दूरिहा देस ले, अपन उदेस्य ला पूरा करे बर एक मनखे ला बलावत हंव। \q1 जऊन बात मेंह कहे हंव, ओला पूरा करहूं; \q2 जऊन बात के मेंह योजना बनाय हंव, ओला में करहूं। \q1 \v 12 हे कठोर मन वाले, तुमन मोर बात ला सुनव, \q2 तुमन, जऊन मन अब मोर धरमीपन ले दूरिहा हव। \q1 \v 13 मेंह अपन धरमीपन ला लकठा म लावत हंव, \q2 येह दूरिहा म नइं ए; \q2 अऊ मोर उद्धार करे म देरी नइं होवय। \q1 मेंह सियोन के उद्धार करहूं, \q2 अऊ इसरायल ला मोर सोभा दूहूं। \c 47 \s1 बेबिलोन के गिरई \q1 \v 1 “हे कुंवारी बेटी बेबिलोन, \q2 खाल्हे जा अऊ धुर्रा म बईठ; \q1 हे बेबिलोनीमन\f + \fr 47:1 \fr*\ft या \ft*\fqa कसदीमन\fqa*\f* के रानी सहर, \q2 बिगर सिंघासन के भुइयां ऊपर बईठ। \q1 तोला अब फेर कभू कोमल \q2 या सुकुमार नइं कहे जाही। \q1 \v 2 जांता ला लेके पीसान पीस; \q2 अपन घूंघट ला हटा दे। \q1 अपन लंहगा ला उठाके उघारे टांग \q2 सोतामन के पानी म ले होके जा। \q1 \v 3 तोर नंगई ह उघारे जाही \q2 अऊ तोर लाज ह परगट होही। \q1 मेंह बदला लूहूं; \q2 मेंह कोनो मनखे ला नइं छोड़ंव।” \b \q1 \v 4 हमर छुड़इया के नांव सर्वसक्तिमान यहोवा अय, \q2 ओह इसरायल के पबितर परमेसर अय। \b \q1 \v 5 “हे बेबिलोनीमन के रानी सहर, \q2 चुपेचाप बईठे रह अऊ अंधियार म जा; \q1 तोला अऊ फेर राजमन के रानी \q2 नइं कहे जाही। \q1 \v 6 मेंह अपन मनखेमन ले नराज रहेंव \q2 अऊ अपन निज भाग ला अपबितर करेंव; \q1 मेंह ओमन ला तोर बस म कर देंव, \q2 अऊ तेंह ओमन ऊपर कुछू दया नइं करे। \q1 डोकरामन ऊपर घलो \q2 तेंह एक ठन भारी जुड़ा मढ़ा देय। \q1 \v 7 तेंह कहे, ‘मेंह हमेसा बर \q2 रानी अंव!’ \q1 पर तेंह ये बातमन ऊपर बिचार नइं करे \q2 या येकर ऊपर धियान नइं देय कि का हो सकत हे। \b \q1 \v 8 “तब हे मऊज-मस्ती ले मया करइया, ये बात ला सुन, \q2 तेंह जो अपन सुरकछा म निडर रहिके \q1 अपनआप ले कहिथस, \q2 ‘में ही अंव, अऊ मोला छोंड़ कोनो दूसर नइं एं। \q1 मेंह कभू बिधवा नइं होवंव \q2 अऊ न ही मोर लइकामन मरहीं।’ \q1 \v 9 पर, ये दूनों दुख, लइकामन के मरई \q2 अऊ बिधवा होवई अचानक \q2 एके दिन तोर ऊपर आ पड़ही। \q1 तोर बहुंत जादूगरी \q2 अऊ भारी जादू टोनहा करे के बावजूद \q2 ये दुखमन तोर ऊपर पूरा ताकत से आ जाहीं। \q1 \v 10 तेंह अपन दुस्टता ऊपर भरोसा करे हस \q2 अऊ कहे हस, ‘मोला कोनो नइं देखत हवंय।’ \q1 तोर बुद्धि अऊ गियान तोला बहकाथें \q2 जब तेंह अपनआप ला कहिथस, \q2 ‘में ही अंव, अऊ मोर छोंड़ अऊ कोनो नइं एं।’ \q1 \v 11 बिपत्ति ह तोर ऊपर आ जाही, \q2 अऊ तेंह नइं जानबे कि येकर ले बाहिर कइसे निकले जाय। \q1 तोर ऊपर अइसन संकट आ जाही \q2 कि तेंह छुड़ौती देके येकर ले बच नइं सकबे; \q1 एक बड़े बिपत्ति, जेकर बारे म तोला मालूम नइं होही, \q2 ओह अचानक तोर ऊपर आ पड़ही। \b \q1 \v 12 “तब, अपन जादू टोनहा \q2 अऊ अपन बहुंत जादूगरी के ओ काममन ला करते रह, \q2 जेला तेंह अपन लइकापन ले ही सीखे हस। \q1 सायद तेंह सफल हो जाबे, \q2 सायद तेंह आतंकित कर सकबे। \q1 \v 13 जऊन सलाहमन ला तेंह ले हस, ओकर ले तोला सिरिप थकावट मिले हवय! \q2 तोर जोतिसीमन आघू आवंय, \q1 ओ तारा देखइयामन, जेमन महिना दर महिना अगम के बात कहिथें, \q2 ओमन तोला तोर ऊपर अवइया बिपत्ति ले बचावंय। \q1 \v 14 देख, ओमन भूंसा के सहीं अंय; \q2 आगी ह ओमन ला जला दीही। \q1 ओमन अपनआप ला \q2 आगी के जुवाला ले नइं बचा सकंय। \q1 येमन गरम करे कोइला नो हंय, \q2 येह ओ आगी नो हय, जिहां बईठके आगी तापथें। \q1 \v 15 जम्मो तोर बर वइसने ही अंय— \q2 जेमन के संग तेंह लेन-देन करे हस \q2 अऊ लइकापन ले जेमन के संग मेहनत करे हस। \q1 ओ जम्मो के जम्मो अपन गलत रद्दा म चले जाथें; \q2 अइसे कोनो नइं ए, जऊन ह तोला बचा सकय। \c 48 \s1 ढीठ इसरायल \q1 \v 1 “हे याकूब के संतानमन, ये बात ला सुनव, \q2 तुमन जेमन ला इसरायल के नांव ले बलाय जाथे \q2 अऊ यहूदा के कतार म ले आथव, \q1 तुमन जऊन मन यहोवा के नांव के सपथ लेथव \q2 अऊ इसरायल के परमेसर के दुहाई देथव— \q2 पर सच्चई या धरमीपन म नइं— \q1 \v 2 तुमन जेमन अपनआप ला पबितर सहर के नागरिक बताथव \q2 अऊ इसरायल के परमेसर ऊपर भरोसा रखे के घोसना करथव— \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ओकर नांव अय: \q1 \v 3 बहुंत पहिले मेंह पहिले के बातमन ला बताय हंव, \q2 मोर मुहूं ह ओमन के घोसना करिस अऊ मेंह ओमन ला परगट करेंव; \q2 तब अचानक मेंह काम करेंव, अऊ ओ बातमन सच म होईन। \q1 \v 4 काबरकि मेंह जानत रहेंव कि तुमन कतेक ढीठ रहेव; \q2 अऊ तुम्हर घेंच के मांस-पेसीमन लोहा सहीं रिहिन, \q2 अऊ तुम्हर माथा ह कांसा के सहीं रिहिस। \q1 \v 5 एकर कारन बहुंत पहिले, मेंह ये बातमन ला तुमन ला बताएंव; \q2 ओमन के होय के पहिली, मेंह तुमन ला ओमन के घोसना कर दे रहेंव \q1 ताकि तुमन ये झन कह सकव, \q2 ‘येह हमर देवता के काम अय; \q2 मोर लकरी के मूरती अऊ धातु के देवता के हुकूम ले येह होईस।’ \q1 \v 6 तुमन ये बातमन ला सुने हवव; ओ जम्मो चीज ला देखव। \q2 का तुमन ओमन ला स्वीकार नइं करहू? \b \q1 “अब ले मेंह तोला नवां-नवां बात \q2 अऊ गुपत के बातमन ला बताहूं, जेमन ला तेंह नइं जानस। \q1 \v 7 ओमन अभी सिरजे गे हवंय, बहुंत पहिले ले नइं; \q2 आज ले पहिली तेंह ओमन के बारे सुने घलो नइं रहे। \q1 एकरसेति तें ये नइं कह सकस, \q2 ‘हव, में ओमन के बारे म जानत रहेंव।’ \q1 \v 8 तेंह ओमन के बारे न तो सुने, अऊ न ही समझे हस; \q2 पुराना समय ले, तोर कानमन ला नइं खोले गे रिहिस। \q1 काबरकि मेंह जानत रहेंव कि तेंह कतेक बिसवासघाती अस; \q2 तोला जनम ले ही बिदरोही कहे गे रिहिस। \q1 \v 9 अपन नांव बर मेंह कोप करे म देरी करथंव; \q2 अपन महिमा बर मेंह येला तोर ले रोके रखथंव, \q2 अइसन झन होवय कि मेंह तोला पूरा मेटा डारंव। \q1 \v 10 देख, मेंह तोला साफ करे हंव, हालाकि चांदी के सहीं नइं; \q2 मेंह दुख के भट्ठी म तोला परखे हंव। \q1 \v 11 अपन हित म, हव, अपनेच हित म, मेंह ये करत हंव। \q2 मेंह अपनआप ला बदनाम कइसे कर सकत हंव? \q2 में अपन महिमा दूसर ला नइं देवंव। \s1 इसरायल सुतंतर होईस \q1 \v 12 “हे याकूब, हे इसरायल, \q2 जेला मेंह बलाय हंव, मोर बात सुन: \q1 मेंह ओही अंव; \q2 मेंह ही सुरू अऊ में ही आखिरी अंव। \q1 \v 13 मोर खुद के हांथ ह धरती के नीव डारिस, \q2 अऊ मोर जेवनी हांथ ह अकास ला बगराईस; \q1 जब में ओमन ला बलाथंव, \q2 त ओमन एक संग ठाढ़ हो जाथें। \b \q1 \v 14 “तुमन सब के सब एक संग आवव, अऊ सुनव: \q2 मूरतीमन ले कोन ह ये बातमन ला पहिले ले बताईस? \q1 यहोवा के चुने संगी ह \q2 बेबिलोन के बिरूध ओकर उदेस्य ला पूरा करही; \q2 ओकर हांथ ह बेबिलोनीमन\f + \fr 48:14 \fr*\ft या \ft*\fqa कसदीमन\fqa*\ft ; \+xt पद 20|link-href="ISA 48:20"\+xt* म घलो\ft*\f* के बिरूध उठही। \q1 \v 15 में, हव, मेंह कहे हंव; \q2 हव, मेंह ओला बलाय हंव। \q1 मेंह ओला लानहूं, \q2 अऊ ओह अपन उदेस्य म सफल होही। \p \v 16 “मोर लकठा म आके ये बात ला सुनव: \q1 “सुरू ले लेके अब तक के घोसना म कोनो बात मेंह गुपत म नइं कहेंव; \q2 जब येह होथे, तब में उहां हंव।” \b \q1 अऊ अब परमपरधान यहोवा ह मोला पठोय हवय, \q2 अऊ अपन आतमा ले मोला भर दे हवय। \b \q1 \v 17 यहोवा, तोर छुड़इया, \q2 इसरायल के पबितर परमेसर ह ये कहत हे: \q1 “मेंह यहोवा तुम्हर परमेसर अंव, \q2 जऊन ह तोला ओ बात सिखोथे, जऊन ह तोर बर सबले बने अय, \q2 अऊ तोला ओ डहार दिखाथे, जेमा तोला जाना चाही। \q1 \v 18 कहूं तें मोर हुकूम ला धियान देय रहिते, \q2 तब तोर सांति ह नदी सहीं, \q2 अऊ तोर अच्छई ह समुंदर के लहरा सहीं होतिस। \q1 \v 19 तोर संतानमन बालू के सहीं होतिन, \q2 अऊ तोर लइकामन येकर अनगिनत दाना सहीं होतिन; \q1 ओमन के नांव मोर आघू ले न कभू मिटाय जातिस \q2 न कभू नास करे जातिस।” \b \q1 \v 20 बेबिलोन ला छोंड़ दव, \q2 बेबिलोनीमन ले भाग जावव! \q1 आनंद के जय-जयकार करत ये बात के घोसना करव, \q2 अऊ येकर परचार करव। \q1 धरती के छोर तक येला भेजव, \q2 अऊ कहव, “यहोवा ह अपन सेवक याकूब ला छोंड़ाय हवय।” \q1 \v 21 जब यहोवा ह अपन मनखेमन ला मरू-भुइयां म ले होके ले गीस, \q2 तब ओमन ला पीयास नइं लगिस; \q2 ओह ओमन बर चट्टान म ले पानी निकालिस; \q1 ओह चट्टान ला फोर दीस \q2 अऊ पानी के तेज धारा निकलिस। \b \q1 \v 22 “दुस्टमन बर कुछू सांति नइं ए,” यहोवा ह कहिथे। \c 49 \s1 यहोवा के सेवक \q1 \v 1 हे द्वीपमन, मोर बात ला सुनव; \q2 हे दूरिहा-दूरिहा के जातिमन येला सुनव: \q1 मोर जनमे के पहिली, यहोवा ह मोला बलाईस, \q1 मोर दाई के गरभ ले ही ओह मोर नांव ला रखिस। \q1 \v 2 ओह मोर मुहूं ला चोख तलवार सहीं बनाईस, \q2 अऊ अपन हांथ के आड़ म मोला छुपा लीस; \q1 ओह मोला एक चमकीला तीर बनाके \q2 अपन तरकस म छुपाके रखिस। \q1 \v 3 ओह मोला कहिस, “तेंह मोर सेवक इसरायल अस, \q2 जेमा मेंह अपन महिमा परगट करहूं।” \q1 \v 4 तब मेंह कहेंव, “में तो बेकार म मेहनत करें; \q2 मेंह बेकार म अपन ताकत लगांय। \q1 तभो ले येह यहोवा के हांथ म हवय कि मोला का मिलही, \q2 अऊ मोर ईनाम ह मोर परमेसर के हांथ म हवय।” \b \q1 \v 5 अऊ अब यहोवा ह कहिथे— \q2 जऊन ह मोला गरभ म एकरसेति रचिस कि मेंह ओकर सेवक बनंव \q1 अऊ याकूब ला ओकर मेर लहुंटाके ले आवंव \q2 अऊ इसरायल ला ओकर मेर इकट्ठा करंव, \q1 काबरकि यहोवा के नजर म मोर आदर होय हवय \q2 अऊ मोर परमेसर ह मोर ताकत अय— \q1 \v 6 यहोवा ह कहिथे: \q1 “येह तोर बर बहुंत छोटे बात ए कि मोर सेवक बनके \q2 तें याकूब के गोत्र ला फेर पहिले के सहीं कर दे \q2 अऊ इसरायल के ओ बांचे मनखेमन ला वापिस ले आ, जेमन ला मेंह बचाके रखे हंव। \q1 में तोला आनजातमन बर एक अंजोर घलो ठहिराहूं, \q2 ताकि मोर उद्धार ह धरती के छोर तक हबरे।” \b \q1 \v 7 जऊन ह मनखेमन म तुछ जाने जाथे, जेकर ले जाति ह घिन करथे, \q2 जऊन ह सासन करइयामन के सेवक अय, \q1 ओकर ले यहोवा, इसरायल के छुड़इया \q2 अऊ पबितर परमेसर ह ये कहत हे: \q1 “राजा ह तोला देखके ठाढ़ हो जाही, \q2 हाकिममन देखके दंडवत करहीं, \q1 येह यहोवा के कारन होही, जऊन ह बिसवासयोग्य, \q2 इसरायल के पबितर परमेसर अय अऊ जऊन ह तोला चुने हवय।” \s1 इसरायल के फेर स्थापना \p \v 8 यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “मोर दया के समय म मेंह तोला जबाब दूहूं, \q2 अऊ उद्धार के दिन म मेंह तोर सहायता करहूं; \q1 में तोर रकछा करके तोला \q2 मनखेमन बर एक करार ठहिराहूं, \q1 ताकि देस ह स्थिर होवय \q2 अऊ उजाड़ पड़े उत्तराधिकार ला फेर सऊंपे जावय, \q1 \v 9 अऊ बंधुवई म गय मनखेमन ला कहे जावय, ‘बाहिर आवव,’ \q2 अऊ जेमन अंधियार म हवंय ओमन ला कहे जावय, ‘सुतंतर हो जावव।’ \b \q1 “ओमन रद्दा के तीरे-तीर जेवन पाहीं \q2 अऊ हर बंजर पहाड़ी म ओमन ला चरागन मिलही। \q1 \v 10 ओमन न तो भूखन होहीं, न ही पीयासन, \q2 अऊ न ही मरू-भुइयां के गरमी अऊ सूरज के घाम ओमन ला लगही। \q1 जऊन ह ओमन ऊपर दया करथे, ओह ओमन के अगुवई करही \q2 अऊ ओमन ला पानी के सोतामन के तीर म ले जाही। \q1 \v 11 मेंह अपन सब पहाड़मन ला सड़क बना दूहूं, \q2 अऊ मोर राजमार्गमन ऊंचहा करे जाहीं। \q1 \v 12 देखव, ओमन दूरिहा ले आहीं— \q2 कुछू झन उत्तर ले, कुछू झन पछिम ले, \q2 कुछू झन असवान\f + \fr 49:12 \fr*\ft कुछू हस्तलिपि म \ft*\fqa सीनीम\fqa*\f* के इलाका ले आहीं।” \b \q1 \v 13 हे अकास, आनंद के मारे जय-जयकार कर; \q2 हे धरती, आनंदित हो; \q2 हे पहाड़मन, गला खोलके गीत गावव! \q1 काबरकि यहोवा ह अपन मनखेमन ला सांति देथे \q2 अऊ अपन दुखित मनखेमन ऊपर दया करही। \b \q1 \v 14 पर सियोन ह कहिस, “यहोवा ह मोला तियाग दे हवय, \q2 परभू ह मोला भुला गे हवय।” \b \q1 \v 15 “का कोनो दाई अपन दूध पीयत लइका ला भुला सकत हे \q2 अऊ अपन जनमाय लइका ऊपर कुछू दया नइं करय? \q1 हां, ओह तो भुला सकत हे, \q2 पर में तोला नइं भुलावंव! \q1 \v 16 देख, मेंह अपन हथेली म खोदके तोर तसबीर बनाय हंव; \q2 तोर दीवारमन हरदम मोर आघू म बने रहिथें। \q1 \v 17 तोर लइकामन जल्दी करके वापिस आवत हें, \q2 अऊ जेमन तोला उजाड़ दीन, ओमन तोर करा ले चले जावथें। \q1 \v 18 अपन आंखी उठाके चारों कोति देख; \q2 तोर जम्मो लइकामन जूरत हें अऊ तोर मेर आवत हें। \q1 मोर जिनगी के कसम,” यहोवा ह घोसना करत हे, \q2 “तेंह ओ जम्मो झन ला जेवर सहीं पहिरबे; \q2 तें एक दुलहिन के सहीं ओमन ला पहिरबे। \b \b \q1 \v 19 “हालाकि तेंह नास होके उजाड़ पड़े रहय \q2 अऊ तोर देस ह उजाड़ पड़े रिहिस, \q1 पर अब तें अपन मनखेमन बर बहुंत छोटे पड़बे, \q2 अऊ जेमन तोला नास करे रिहिन, ओमन दूरिहा हो जाहीं। \q1 \v 20 तोर दुख के समय जनमे लइकामन \q2 तोर सुनत म कहिहीं, \q1 ‘ये जगह ह हमर बर छोटे हे; \q2 हमन ला रहे बर अऊ जगह दे।’ \q1 \v 21 तब तें अपन मन म कहिबे, \q2 ‘कोन ह येमन ला मोर बर जनमाईस? \q1 में तो दुखी अऊ बिगर लइका के रहेंव, \q2 मेंह बंधुवई म रहेंव अऊ छोंड़ दिये गे रहेंव। \q2 येमन के पालन-पोसन कोन करिस? \q1 मेंह एके झन छोंड़ दिये गे रहेंव, \q2 पर येमन कहां ले आय हवंय?’ ” \p \v 22 परमपरधान यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “देख, में जाति-जाति के मनखेमन ला इसारा करके बलाहूं, \q2 मेंह देस-देस के मनखेमन के आघू म अपन झंडा ठाढ़ करहूं; \q1 ओमन तोर बेटामन ला अपन गोदी म धरके लानहीं \q2 अऊ तोर बेटीमन ला अपन पीठ म बईठाके लानहीं। \q1 \v 23 राजामन तोर पालक ददा \q2 अऊ ओमन के रानीमन तोला दूध पीयानेवाली दाई होहीं। \q1 ओमन भुइयां म झुकके तोला दंडवत करहीं; \q2 ओमन तोर गोड़ के धुर्रा ला चाटहीं। \q1 तब तेंह ये जानबे कि मेंह यहोवा अंव; \q2 जेमन मोर ऊपर आसा रखथें, ओमन निरास नइं होवंय।” \b \q1 \v 24 का बीर के हांथ ले सामान लूटे जा सकथे, \q2 या का दुस्ट\f + \fr 49:24 \fr*\ft कुछू हस्तलिपि म \ft*\fqa धरमी\fqa*\f* ले कैदीमन ला छोंड़ाय जा सकथे? \p \v 25 पर यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “हव, बीर ले कैदीमन ला छीने जा सकथे, \q2 अऊ दुस्ट ले लूट के सामान लिये जा सकथे; \q1 में ओमन ले लड़हूं, जेमन तोर संग लड़थें, \q2 अऊ तोर लइकामन ला मेंह बचाहूं। \q1 \v 26 में तोर ऊपर अतियाचार करइयामन ला ओहीचमन के मांस खवाहूं; \q2 अऊ ओमन अपन खुद के लहू पीहीं, जइसे मंद पीथें। \q1 तब जम्मो मानव-जाति ह जानही \q2 कि में, यहोवा ह तोर उद्धारकर्ता, \q2 तोर छुड़इया, याकूब के सक्तिमान परमेसर अंव।” \c 50 \s1 इसरायल के पाप अऊ सेवक के हुकूम मनई \p \v 1 यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “तोर दाई के तियाग पतर कहां हे, \q2 जेला मेंह ओला छोंड़त समय देय रहंय? \q1 या अपन कोन साहूकार के हांथ म \q2 मेंह तोला बेचेंव? \q1 सुन, तेंह अपन पाप के कारन बेचे गे रहय; \q2 तोर अपराधमन के कारन तोर दाई ला छोंड़ दिये गीस। \q1 \v 2 जब मेंह आयेंव, त काबर उहां कोनो नइं रिहिन? \q2 जब मेंह बलांय, त जबाब देय बर उहां काबर कोनो नइं रिहिन? \q1 तोला छोंड़ाय बर का मोर हांथ ह बहुंत छोटे हो गीस? \q2 तोला बचाय बर का मोर म ताकत के कमी हवय? \q1 सिरिप एक डांट के दुवारा मेंह समुंदर ला सूखा देथंव, \q2 में नदीमन ला मरू-भुइयां बना देथंव; \q1 उहां के मछरीमन पानी बिगर मर जाथें \q2 अऊ पीयास म मरके बस्साथें। \q1 \v 3 में अकास ला अंधियार रूपी ओनहा पहिराथंव, \q2 अऊ बोरा के ओनहा ला ओकर ओढ़ना बना देथंव।” \b \q1 \v 4 परमपरधान यहोवा ह मोला एक बने सिखानेवाला के जीभ देय हवय, \q2 ताकि मेंह थके-हारे मनखे ला अपन बचन के दुवारा संभाले बर जानंव। \q1 ओह मोला हर बिहनियां जगाथे, \q2 ओह मोर कान ला खोलथे कि मेंह एक सेवक के सहीं सुनंव। \q1 \v 5 परमपरधान यहोवा ह मोर कानमन ला खोल दे हवय; \q2 मेंह बिदरोह नइं करे हंव, \q2 अऊ न ही पाछू हटे हंव। \q1 \v 6 जेमन मोला मारिन, ओमन कोति अपन पीठ, \q2 अऊ जेमन मोर दाढ़ी नोचिन, ओमन कोति अपन गाल ला कर देंव; \q1 मोर हंसी उड़ाय अऊ मोर ऊपर थूके ले घलो \q2 मेंह अपन चेहरा ला नइं छुपांय। \q1 \v 7 काबरकि परमपरधान यहोवा ह मोर सहायता करथे, \q2 मेंह कलंकित नइं होवंव। \q1 एकरसेति मेंह अपन चेहरा ला चकमक पथरा के सहीं कड़ा कर ले हंव, \q2 अऊ मेंह जानत हंव कि मोला लजाय बर नइं पड़य। \q1 \v 8 जऊन ह मोर रकछा करथे, ओह मोर लकठा म हवय। \q2 तब कोन ह मोर ऊपर दोस लगाही? \q2 आवव, हमन एक-दूसर के सामना करन! \q1 मोर ऊपर दोस लगइया कोन ए? \q2 ओह मोर सामना करय! \q1 \v 9 सुनव, येह परमपरधान यहोवा ए, जऊन ह मोर सहायता करथे। \q2 मोला कोन ह दोसी ठहिराही? \q1 मोर ऊपर दोस लगानेवाले जम्मो झन ओनहा सहीं जुन्ना हो जाहीं; \q2 अऊ ओमन ला कीरामन खा जाहीं। \b \q1 \v 10 तुम्हर बीच म ले कोन ह यहोवा के भय मानथे \q2 अऊ ओकर सेवक के बात ला मानथे? \q1 जऊन ह अंधियार म रेंगथे, \q2 जेकर मेर अंजोर नइं ए, \q1 ओह यहोवा के नांव ऊपर भरोसा रखय \q2 अऊ अपन परमेसर ऊपर बिसवास करय। \q1 \v 11 पर अब, तुमन जम्मो झन, जेमन आगी बारथव \q2 अऊ अपनआप ला बरत मसाल देथव, \q1 जावव, अपन आगी के अंजोर म \q2 अऊ अपन बारे गय मसाल के अंजोर म रेंगव। \q1 मोर हांथ ले तुमन ला ये चीज ही मिलही: \q2 तुमन पीरा म परे रहिहू। \c 51 \s1 सियोन बर अनंतकाल के उद्धार \q1 \v 1 “तुमन, जेमन धरमीपन म चलथव \q2 अऊ यहोवा के खोज करथव, मोर बात ला सुनव: \q1 ओ चट्टान ला देखव, जेमा ले तुमन ला काटे गे हवय \q2 अऊ पथरा के ओ खदान ला देखव, जेमा ले तुमन ला निकाले गे हवय; \q1 \v 2 अपन पुरखा अब्राहम \q2 अऊ सारा ला देखव, जेकर तुमन संतान अव। \q1 जब में ओला बलांय, तब ओह सिरिप एके झन आदमी रिहिस, \q2 अऊ मेंह ओला आसीस देंव अऊ ओला बहुंते झन कर देंव। \q1 \v 3 यहोवा ह सियोन ला जरूर सांति दीही \q2 ओह ओकर सब खंडहरमन ऊपर दया देखाही; \q1 ओह ओकर बंजर जगह ला अदन के बारी सहीं \q2 अऊ ओकर उजाड़ जगह ला यहोवा के बारी सहीं बना दीही। \q1 ओमा खुसी अऊ आनंद \q2 धनबाद अऊ गीत गाय के सबद सुनई पड़ही। \b \q1 \v 4 “हे मोर मनखेमन, मोर बात ला सुनव; \q2 हे मोर जाति के मनखेमन, मोर बात ला सुनव: \q1 कानून ह मोर ले निकलके जाही; \q2 मोर नियाय ह देस-देस के मनखेमन बर एक अंजोर बन जाही। \q1 \v 5 मोर धरमीपन ह तेजी से लकठा म आथे, \q2 मोर उद्धार ह डहार म हवय, \q2 अऊ मोर भुजा ह देस-देस के मनखेमन बर नियाय लानही। \q1 द्वीपमन मोर कोति देखहीं \q2 अऊ मोर भुजा म आसा रखहीं। \q1 \v 6 अकास कोति आंखी उठाके देखव, \q2 खाल्हे धरती ला देखव; \q1 अकास ह धुआं के सहीं लोप हो जाही, \q2 धरती ह ओनहा के सहीं जुन्ना हो जाही \q2 अऊ येमा रहइयामन माछीमन कस मर जाहीं। \q1 पर मोर उद्धार ह सदाकाल तक बने रहिही, \q2 अऊ मोर धरमीपन के कभू अन्त नइं होही। \b \q1 \v 7 “तुमन, जेमन सही बात ला जानथव, \q2 तुमन, जेमन मोर कानून ला अपन मन म रखे हव, मोर बात ला सुनव: \q1 मरनहार मनखेमन के निन्दा करई ले झन डरव \q2 या ओमन के दुवारा बेजत्ती करे ले भयभीत झन होवव। \q1 \v 8 काबरकि घूना ह ओमन ला ओनहा सहीं \q2 अऊ कीरा ह ओमन ला ऊन सहीं खा जाही। \q1 पर मोर धरमीपन ह अनंतकाल तक \q2 अऊ मोर उद्धार ह पीढ़ी-पीढ़ी तक बने रहिही।” \b \q1 \v 9 हे यहोवा के भुजा, जाग, जाग, \q2 अऊ बल धारन कर! \q1 जाग, जब दिनमन बीतत हें, \q2 जाग, पुराना पीढ़ी के मनखेमन सहीं। \q1 का ये तें नइं रहय, जऊन ह राहाब ला कुटा-कुटा कर देय, \q2 जऊन ह ओ बिकराल जन्तु ला छेद दीस? \q1 \v 10 का ये तें नइं रहय, जऊन ह समुंदर ला, \q2 गहिला सागर के पानी ला सूखा दीस, \q1 जऊन ह समुंदर के गहरई म एक सड़क बना दीस \q2 ताकि छोंड़ाय गय मनखेमन ओ पार जा सकंय? \q1 \v 11 जेमन ला यहोवा ह बचाय हवय, ओमन लहुंटके आहीं। \q2 ओमन गीत गावत सियोन म आहीं; \q2 सदाकाल के आनंद ह ओमन के मुड़ के मुकुट होही। \q1 खुसी अऊ आनंद ले ओमन भर जाहीं, \q2 अऊ दुख अऊ पीरा के अन्त हो जाही। \b \q1 \v 12 “में, हव, में ही तो तोला सांति देथंव। \q2 तें कोन अस कि तें मरनहार मनखे ले डरथस, \q2 ओ मानव-जाति, जेमन घांस के सहीं अंय, \q1 \v 13 तें, यहोवा अपन सिरजनहार ला भुला जाथस \q2 जऊन ह अकास ला तानथे \q2 अऊ जऊन ह धरती के नीव धरथे, \q1 अऊ तें हर दिन लगातार आतंक म जीथस, \q2 ओ अतियाचारी के कोप के कारन, \q2 जऊन ह बिनास करे म लगे रहिथे। \q1 पर ओ अतियाचारी के कोप ह कहां हवय? \q2 \v 14 भयभीत कैदीमन जल्दी ही सुतंतर करे जाहीं; \q1 ओमन अपन काल-कोठरी म नइं मरंय, \q2 अऊ न ही ओमन ला रोटी के कमी होही। \q1 \v 15 काबरकि मेंह यहोवा तुम्हर परमेसर अंव, \q2 जऊन ह समुंदर ला उथल-पुथल करथे, जेकर ले ओकर लहरामन म गरजन होथे, \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ओकर नांव ए। \q1 \v 16 मेंह तोर मुहूं म अपन बचन ला डाले हंव \q2 अऊ तोला अपन हांथ के छइहां म ढांपे हंव— \q1 में, जऊन ह अकास ला तानथंव, \q2 जऊन ह धरती के नीव डारेंव, \q2 अऊ जऊन ह सियोन ले कहिथे, ‘तुमन मोर मनखे अव।’ ” \s1 यहोवा के कोरोध के कटोरा \q1 \v 17 हे यरूसलेम, जाग, जाग! \q2 जाग उठ! \q1 तें, जऊन ह यहोवा के हांथ ले \q2 ओकर कोप के कटोरा म ले पीये हस, \q1 तेंह कटोरा के पूरा मंद ला पी गे हस \q2 जेकर से मनखे ह लड़खड़ाथे। \q1 \v 18 ओकर जनमे जम्मो लइका म \q2 अइसे कोनो घलो नइं एं, जऊन ह ओकर अगुवई करे; \q1 ओकर पाले जम्मो लइका म \q2 अइसे कोनो नइं एं, जऊन ह ओकर हांथ ला थामके ले चलय। \q1 \v 19 तोर ऊपर ये दू ठन बिपत्ति आय हवंय— \q2 कोन ह तोला सांति दे सकत हे?— \q1 उजाड़ अऊ बिनास, अकाल अऊ तलवार आ परे हवय— \q2 कोन ह तोला सांति दे सकत हे? \q1 \v 20 तोर लइकामन मूरछित होके \q2 हर गली के कोनटा म पड़े हवंय, \q2 जइसे हिरन ह जाल म फंसके परे रहिथे। \q1 ओमन यहोवा के कोप \q2 तुम्हर परमेसर के डांट ले भर गे हवंय। \b \q1 \v 21 एकर कारन हे दुखियारी मनखे, सुन, \q2 तें मतवार तो हवस, पर अंगूर के मंद पीके नइं। \q1 \v 22 तोर परमपरधान यहोवा, तोर परमेसर, \q2 जऊन ह अपन मनखेमन के रकछा करथे, ओह ये कहत हे: \q1 “देख, मेंह तोर हांथ ले ओ कटोरा ला लेय ले हंव, \q2 जेकर मंद ला पीके तें लड़खड़ाथस; \q1 ओ कटोरा ले, मोर कोप के कटोरा ले, \q2 तेंह फेर कभू नइं पीबे। \q1 \v 23 में येला तोर दुख देवइयामन के हांथ म दे दूहूं, \q2 जेमन तोला कहिन, \q2 ‘पेट के भार गिर जा, ताकि हमन तोर ऊपर रेंगन।’ \q1 अऊ तेंह अपन पीठ ला भुइयां सहीं कर ले हस, \q2 एक गली सहीं, जेमा ले रेंगके जाथें।” \b \b \c 52 \q1 \v 1 हे सियोन, जाग, जाग, \q2 अपन ताकत ला धर! \q1 हे पबितर नगर, यरूसलेम, \q2 अपन सोभा के ओनहा ला पहिर ले। \q1 काबरकि तोर भीतर खतनारहित \q2 अऊ असुध मनखेमन फेर नइं आय पाहीं। \q1 \v 2 अपन ऊपर ले धुर्रा ला झर्रा दे; \q2 हे यरूसलेम, उठ, बिराजमान हो। \q1 हे बेटी सियोन, अभी तें एक बंदी अस, \q2 अपन घेंच के बंधन ला खोल दे। \p \v 3 काबरकि यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “तोला मुफत म बेच दिये गे रिहिस, \q2 अऊ बिगर पईसा के तेंह छोंड़ाय जाबे।” \p \v 4 परमपरधान यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “पहिली मोर मनखेमन मिसर देस म रहे बर गीन; \q2 बाद म, अस्सूरीमन ओमन ऊपर अतियाचार करिन। \p \v 5 “अऊ अब, इहां मोर करा का हवय?” यहोवा ह घोसना करत हे। \q1 “काबरकि मोर मनखेमन ला मुफत म ले जाय गे हवय, \q2 अऊ जेमन ओमन ऊपर सासन करथें, ओमन ठट्ठा करथें,\f + \fr 52:5 \fr*\ft कुछू हस्तलिपि म \ft*\fqa सोक मनाथें\fqa*\f*” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे। \q1 “अऊ दिन भर \q2 लगातार मोर नांव के निन्दा होवत हे। \q1 \v 6 एकर कारन मोर मनखेमन मोर नांव ला जानहीं; \q2 एकर कारन ओ दिन ओमन जानहीं \q1 कि येह में अंव, जऊन ह पहिले ले ये बात बताय रहेंव। \q2 हव, येह में अंव।” \b \q1 \v 7 पहाड़ ऊपर कतेक सुघर होथे ओमन के अवई ह, \q2 जऊन मन के पांव सुघर संदेस लेके आथें, \q1 जेमन सांति के बात सुनाथें \q2 जेमन सुघर संदेस लेके आथें, \q2 जेमन उद्धार के घोसना करथें, \q1 जेमन सियोन ले कहिथें, \q2 “तोर परमेसर ह राज करथे!” \q1 \v 8 सुन! तोर पहरेदारमन ऊंच अवाज म कहत हें; \q2 एक संग ओमन आनंद के मारे जय-जयकार करत हें। \q1 जब यहोवा ह सियोन म लहुंटके आही \q2 त ओमन येला अपन आंखी ले देखहीं। \q1 \v 9 हे यरूसलेम के खंडहरमन, \q2 एक संग आनंद के मारे जय-जयकार के गीत गावव, \q1 काबरकि यहोवा ह अपन मनखेमन ला सांति देय हवय, \q2 ओह यरूसलेम ला छोंड़ाय हवय। \q1 \v 10 यहोवा ह सब जातिमन के आघू म \q2 अपन पबितर भुजा परगट करे हवय \q1 अऊ धरती के छोर तक के सब मनखेमन \q2 हमर परमेसर के करे गय उद्धार ला देखहीं। \b \q1 \v 11 चले जावव, चले जावव, उहां\f + \fr 52:11 \fr*\ft याने कि \ft*\fqa बेबिलोन\fqa*\f* ले निकल जावव! \q2 कोनो असुध चीज ला झन छुवव! \q1 येमा ले बाहिर आवव अऊ सुध होवव, \q2 तुमन, जेमन यहोवा के घर के चीजमन ला उठाके ले चलथव। \q1 \v 12 पर तुमन ला जल्दबाजी म नइं जाना हे \q2 या दऊड़त नइं जाना हे; \q1 काबरकि यहोवा ह तुम्हर आघू-आघू जाही, \q2 इसरायल के परमेसर ह तुम्हर पाछू कोति के पहरेदार होही। \s1 सेवक के दुख अऊ महिमा \q1 \v 13 देखव, मोर सेवक ह बुद्धिमानी से काम करही; \q2 ओला खड़े करके ऊपर करे जाही अऊ ओला बहुंत उठाय जाही। \q1 \v 14 जइसन बहुंते झन ओला देखके भयभीत होईन— \q2 ओकर रूप ह कोनो मनखे के रूप ले बहुंत जादा बिगड़ गे रिहिस \q2 ओकर आकार ह मनखे के आकार सहीं नइं जान पड़त रिहिस— \q1 \v 15 वइसन ही ओह बहुंते जातिमन ला छिंचही,\f + \fr 52:15 \fr*\ft या \ft*\fqa बहुंत जातिमन ओकर ऊपर अचम्भो करहीं\fqa*\f* \q2 अऊ ओकर कारन राजामन अपन मुहूं ला बंद कर लीहीं। \q1 काबरकि जऊन बात ओमन ला नइं बताय गीस, ओला ओमन देखहीं, \q2 अऊ जऊन बात ओमन नइं सुने रिहिन, ओला ओमन समझहीं। \b \c 53 \q1 \v 1 कोन ह हमर संदेस ऊपर बिसवास करिस \q2 अऊ काकर ऊपर यहोवा के भुजबल परगट होईस? \q1 \v 2 ओह ओकर आघू म एक कोअंर अंकुर सहीं, \q2 अऊ सूखा भुइयां म एक जरी सहीं निकलिस। \q1 ओमा कोनो सुन्दरता या महानता नइं रिहिस कि हमर धियान ओकर कोति जातिस, \q2 अऊ ओकर रूप म अइसन कोनो चीज नइं रिहिस, जेला हमन देखे के ईछा करतेंन। \q1 \v 3 ओह मानव-जाति के दुवारा तुछ समझे गीस अऊ अस्वीकार करे गीस, \q2 ओह दुखी मनखे रिहिस, अऊ पीरा ले ओकर जान-पहिचान रिहिस। \q1 जइसे कोनो मनखे ले आने मनखेमन अपन चेहरा छुपाथें। \q2 वइसे ओह तुछ समझे गीस अऊ हमन ओकर आदरमान नइं करेंन। \b \q1 \v 4 सही म ओह हमर पीरा ला ले लीस \q2 अऊ हमर दुख ला सहिस, \q1 तभो ले हमन ओला परमेसर के दुवारा दंड, \q2 ओकर दुवारा मारे-कूटे अऊ दुख देय लईक समझेंन। \q1 \v 5 पर ओह हमर अपराधमन के कारन घायल करे गीस, \q2 ओह हमर अधरम के काममन के कारन कुचरे गीस; \q1 ओला दिये गय दंड ह हमर बर सांति लानिस, \q2 अऊ ओला मिले घावमन के दुवारा हमन ला चंगई मिलथे। \q1 \v 6 हमन सब के सब भेड़मन कस भटक गे रहेंन, \q2 हमन म ले हर एक झन अपन-अपन रद्दा धर ले रहेंन; \q1 अऊ यहोवा ह हमर सब के अधरम के बोझा ला \q2 ओकरे ऊपर लदक दीस। \b \q1 \v 7 ओह सताय गीस अऊ ओला पीरा दिये गीस, \q2 तभो ले ओह कुछू नइं कहिस; \q1 ओला बध करे बर ले जाय भेड़ सहीं ले गीन, \q2 अऊ जइसने ऊन कतरइयामन के आघू म भेड़ ह चुपेचाप रहिथे, \q2 वइसने ओह घलो अपन मुहूं ला नइं खोलिस। \q1 \v 8 अतियाचार करके अऊ दोस लगाके ओमन ओला ले गीन। \q2 तभो ले ओकर पीढ़ी के कोन ह ये सब बात के बिरोध करिस? \q1 ओह जीयतमन के बीच म ले उठा लिये गीस; \q2 मोर मनखेमन के अपराध के कारन ओला दंड मिलिस। \q1 \v 9 ओकर कबर दुस्टमन के संग रखे गीस, \q2 अऊ मऊत के समय ओह धनवानमन के संगी होईस, \q1 हालाकि ओह कोनो हिंसा के काम नइं करे रिहिस, \q2 अऊ न ही ओकर मुहूं ले कोनो छल के बात निकले रिहिस। \b \q1 \v 10 तभो ले यहोवा ला ये बने लगिस कि ओला कुचरय अऊ ओला दुख देवय, \q2 अऊ हालाकि यहोवा ह ओकर जिनगी ला पाप के एक बलिदान बना देथे, \q1 तभो ले ओह अपन बंस देखे बर पाही अऊ ओह बहुंत दिन तक जीयत रहिही, \q2 ओकर हांथ म यहोवा के ईछा पूरा होही। \q1 \v 11 दुख सहे के बाद, \q2 ओह जिनगी के अंजोर ला देखही अऊ संतुस्ट होही; \q1 अपन गियान के दुवारा मोर धरमी सेवक ह बहुंते झन ला धरमी ठहिराही, \q2 अऊ ओमन के अधरम के बोझा ला उठाही। \q1 \v 12 एकर कारन मेंह ओला महान मनखेमन संग एक भाग दूहूं, \q2 अऊ ओह ताकतवर मनखेमन के संग लूटे चीजमन ला बांट दीही, \q1 काबरकि ओह अपन जिनगी ला मऊत म ढार दीस, \q2 अऊ ओह अपराधीमन संग गने गीस। \q1 काबरकि ओह बहुंत झन के पाप के बोझा ला उठाईस, \q2 अऊ अपराधीमन बर बिनती करिस। \c 54 \s1 सियोन के भविस्य के महिमा \q1 \v 1 यहोवा ह कहिथे, “हे ठड़गी माईलोगन, गीत गा, \q2 तें, जऊन ह कभू लइका नइं जनमाय; \q1 तोला लइका जनमे के पीरा कभू नइं होईस, \q2 जोर से गीत गा अऊ आनंद के मारे चिचिया; \q1 काबरकि तियागे माईलोगन के लइकामन \q2 बिहाता माईलोगन के लइकामन ले जादा हवंय,” \q2 यहोवा ह कहत हे। \q1 \v 2 “अपन तम्बू के जगह ला चाकर कर, \q2 अऊ तम्बू के परदा ला चौड़ा कर, \q2 अपन हांथ ला झन रोक; \q1 अपन डोरीमन ला लम्बा कर, \q2 अऊ खूंटीमन ला मजबूत कर। \q1 \v 3 काबरकि तेंह जेवनी कोति अऊ डेरी कोति बगरबे; \q2 तोर संतानमन जाति-जाति के मनखेमन ला बेदखल कर दीहीं \q2 अऊ ओमन के उजरे नगरमन म बस जाहीं। \b \q1 \v 4 “झन डर; तोला लज्जित होना नइं पड़य। \q2 कलंक के बात ले झन डर; तेंह अपमानित नइं होवस। \q1 तें अपन जवानी के लज्जा ला भुला जाबे \q2 अऊ अपन बिधवापन के अपमान ला फेर सुरता नइं करबे। \q1 \v 5 काबरकि तोर रचइया ह तोर घरवाला ए— \q2 सर्वसक्तिमान यहोवा ओकर नांव ए— \q1 इसरायल के पबितर परमेसर तोर छुड़इया ए; \q2 ओला जम्मो धरती के परमेसर कहे जाथे। \q1 \v 6 यहोवा ह तोला वापिस बलाही \q2 मानो तेंह एक छोंड़ दिये गय घरवाली रहय अऊ मन म दुखी हस— \q1 एक अइसन घरवाली, जेकर बिहाव जवानी म ये कारन होय रिहिस \q2 ताकि ओला छोंड़ दिये जावय,” तोर परमेसर ह कहत हे। \q1 \v 7 “पल भर बर ही मेंह तोला छोंड़ दे रहंय, \q2 पर अब बड़े दया करके में तोला वापिस लानहूं। \q1 \v 8 रिस म आके पल भर बर \q2 मेंह तोर ले अपन मुहूं छुपा ले रहेंव, \q1 पर अब अनंत करूना ले \q2 में तोर ऊपर दया करहूं,” \q2 तोर छुड़इया यहोवा ह कहत हे। \b \q1 \v 9 “मोर नजर म येह नूह के समय के सहीं अय, \q2 जब मेंह किरिया खाय रहेंव कि नूह के समय के सहीं जल-परलय करके मेंह धरती ला फेर कभू नइं बुड़ोवंव। \q1 एकरसेति अब मेंह ये किरिया खाय हंव कि फेर कभू तोर ऊपर रिस नइं करंव, \q2 तोला फेर कभू नइं डांटंव। \q1 \v 10 चाहे पहाड़मन कांपंय \q2 अऊ पहाड़ीमन हट जावंय, \q1 पर तोर बर मोर अटल मया ह नइं टलय \q2 अऊ न ही सांति के मोर करार ह टलही,” \q2 ओ यहोवा ह कहत हे, जऊन ह तोर ऊपर दया करथे। \b \q1 \v 11 “हे दुखियारी सहर, तें जऊन ह आंधी ले सताय गय अऊ जऊन ला सांति नइं मिलिस, \q2 में तोला बहुंत कीमती पथरामन ले फेर बनाहूं, \q2 अऊ तोर नीवमन ला नीलमनि ले बनाहूं। \q1 \v 12 में तोर दीवारमन के कलस ला मूंगा ले, \q2 तोर दुवारमन ला चमकत मनि ले \q2 अऊ तोर जम्मो दीवारमन ला कीमती पथरामन ले बनाहूं। \q1 \v 13 तोर जम्मो लइकामन यहोवा के दुवारा सिखोय जाहीं, \q2 अऊ ओमन ला बड़े सांति मिलही। \q1 \v 14 तोला धरमीपन म स्थिर करे जाही: \q1 अतियाचार ह तोर ले दूरिहा होही; \q2 तोला कोनो डर-भय नइं होही। \q1 आतंक ला तोर ले बहुंत दूरिहा कर दिये जाही; \q2 येह तोर लकठा म नइं आही। \q1 \v 15 कहूं कोनो तोर ऊपर हमला करथे, त जान ले, येह मोर काम नइं होही; \q2 जऊन ह घलो तोर ऊपर हमला करथे, ओह तोर सरन म आही। \b \q1 \v 16 “देख, येह में अंव, जऊन ह लोहार ला बनाईस \q2 जऊन ह धुकके कोइला म आगी लगाथे \q1 अऊ सही काम करे बर गढ़के एक हथियार बनाथे। \q2 अऊ येह में अंव, जऊन ह नास करइया ला बनाथे कि ओह बिनास के बदला लेवय; \q1 \v 17 तोर बिरूध बनाय गे कोनो घलो हथियार जय नइं पा सकय, \q2 अऊ तें हर ओ मनखे ला लबरा साबित करबे, जऊन ह तोर ऊपर दोस लगाही। \q1 येह यहोवा के सेवकमन ला मिले भाग ए, \q2 अऊ येह मोर कोति ले ओमन बर नियाय के बात ए,” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे। \c 55 \s1 पीयासन मनखेमन बर नेवता \q1 \v 1 “हे सब पीयासन मनखेमन, \q2 पानी के तीर म आवव; \q1 अऊ जेमन करा रूपिया नइं ए, \q2 ओमन घलो आवंय, बिसावंय अऊ खावंय! \q1 आवव, अंगूर के मंद अऊ दूध \q2 बिगर रूपिया अऊ बिगर दाम के ले जावव। \q1 \v 2 जऊन ह खाय के चीज नो हय, ओकर बर काबर रूपिया खरच करन, \q2 अऊ जेकर ले पेट नइं भरय, ओकर बर काबर मेहनत करन? \q1 सुनव, मोर बात ला सुनव, अऊ ओ चीज ला खावव जऊन ह बने अय, \q2 अऊ तुमन खाय के सबले बढ़िया चीजमन के आनंद उठाहू। \q1 \v 3 कान लगावव, अऊ मोर करा आवव; \q2 सुनव, ताकि तुमन जीयत रहव। \q1 में तुम्हर संग एक सदाकाल के करार करहूं, \q2 याने कि मोर बिसवासयोग्य मया, जेकर वायदा मेंह दाऊद ले करे रहेंव। \q1 \v 4 सुनव, मेंह ओला राज-राज के मनखेमन बर एक गवाह, \q2 एक सासन करइया अऊ हुकूम देवइया ठहिराय हंव। \q1 \v 5 खचित तें अइसन जातिमन ला बलाबे, जेमन ला तें नइं जानस, \q2 अऊ जऊन जातिमन ला तें नइं जानस, ओमन तोर करा दऊड़त आहीं, \q1 येह यहोवा तोर परमेसर, \q2 इसरायल के पबितर परमेसर के कारन होही, \q2 काबरकि ओह तोला सोभायमान करे हवय।” \b \q1 \v 6 जब तक यहोवा मिल सकथे, तब तक ओकर खोज म रहव; \q2 जब तक ओह लकठा म हवय, तब तक ओला पुकारव। \q1 \v 7 दुस्ट ह अपन चालचलन \q2 अऊ अधरमी ह अपन सोच-बिचार छोंड़य। \q1 ओमन यहोवा कोति फिरंय, अऊ ओह ओमन ऊपर दया करही, \q2 अऊ हमर परमेसर कोति फिरंय, काबरकि ओह बिगर कोनो दाम के छेमा करही। \b \q1 \v 8 “काबरकि मोर बिचार अऊ तुम्हर बिचार एक सहीं नो हंय, \q2 न ही तुम्हर चाल अऊ मोर चाल एक सहीं अंय,” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे। \q1 \v 9 “जइसे अकास ह धरती ले ऊंच हवय, \q2 वइसे मोर चाल ह तुम्हर चाल ले \q2 अऊ मोर सोच-बिचार ह तुम्हर सोच-बिचार ले बहुंत ऊंच हवय। \q1 \v 10 जइसे बरसा अऊ बरफ \q2 अकास ले गिरथें, \q1 अऊ धरती म बिगर पानी पलोय \q2 अऊ येमा बिगर बीजा के जामय अऊ बढ़य, \q1 अकास म वापिस नइं लहुंटंय, \q2 जेकर ले बोवइया ला बीजा अऊ खवइया ला रोटी मिलथे, \q1 \v 11 वइसे ही मोर बचन घलो अय, जऊन ह मोर मुहूं ले निकलथे: \q2 येह मोर करा खाली नइं लहुंटय, \q1 पर जो मोर ईछा हे, ओला पूरा करही \q2 अऊ जऊन काम बर मेंह येला पठोय रहेंव, ओला येह पूरा करही। \q1 \v 12 काबरकि तुमन आनंद के संग निकलहू, \q2 अऊ सांति के संग अमराय जाहू; \q1 पहाड़ अऊ पहाड़ीमन तुम्हर आघू म \q2 जय-जयकार के गीत गाहीं, \q1 अऊ मैदान के जम्मो रूखमन \q2 आनंद के मारे ताली बजाहीं। \q1 \v 13 कंटिली झाड़ी के बदले सनोवर रूख उगही, \q2 अऊ जंगली पऊधा के बदले मेंहदी के रूख बढ़ही। \q1 येह यहोवा के नांव बर होही, \q2 सदाकाल के एक चिनहां बर होही, \q2 जऊन ह सदाकाल तक बने रहिही।” \c 56 \s1 दूसरमन बर उद्धार \p \v 1 यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “नियाय ला बनाय रखव \q2 अऊ ओ काम करव, जऊन ह सही ए, \q1 काबरकि में जल्दी ही तुम्हर उद्धार करहूं, \q2 अऊ मोर धरमीपन ह जल्दी परगट होही। \q1 \v 2 धइन ए ओ मनखे, जऊन ह ये करथे— \q2 ओ मनखे, जऊन ह येमा अटल रहिथे, \q1 जऊन ह येकर धियान रखथे कि बिसराम दिन ह अपबितर झन होवय, \q2 अऊ अपन हांथ ला कोनो घलो बुरई के काम करे ले रोकथे।” \b \q1 \v 3 जऊन परदेसी ह यहोवा ले जुड़े हवय, ओह ये झन कहय, \q2 “यहोवा ह मोला अपन मनखेमन ले जरूर अलग कर दीही।” \q1 अऊ कोनो कोचिया\f + \fr 56:3 \fr*\ft या \ft*\fqa हिजड़ा\fqa*\f* ये सिकायत झन करय, \q2 “मेंह तो सिरिप एक सूखा रूख अंव।” \p \v 4 काबरकि यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “ओ कोचियामन, जेमन मोर बिसराम दिन ला मानथें, \q2 जेमन ओ चीज ला चुनथें, जऊन ह मोला बने लगथे \q2 अऊ मोर करार म मजबूती से बने रहिथें— \q1 \v 5 ओमन ला में अपन मंदिर अऊ येकर भीथीमन के भीतर \q2 एक स्मारक अऊ एक नांव दूहूं \q2 जऊन ह बेटा अऊ बेटीमन ले कहीं उत्तम होही; \q1 मेंह ओमन ला सदाकाल के एक नांव दूहूं \q2 जऊन ह हमेसा बने रहिही। \q1 \v 6 अऊ परदेसी, जेमन अपनआप ला यहोवा ले जोड़े रखथें \q2 ताकि ओकर सेवा-टहल करंय, \q1 यहोवा के नांव ले मया रखंय, \q2 अऊ ओकर सेवक बनंय, \q1 ओ जम्मो जेमन धियान रखथें कि बिसराम दिन ह अपबितर झन होवय \q2 अऊ जेमन मोर करार म मजबूती से बने रहिथें— \q1 \v 7 ओमन ला में अपन पबितर पहाड़ म लानहूं \q2 अऊ ओमन ला पराथना के मोर घर म आनंदित करहूं। \q1 ओमन के होम-बलिदान अऊ मेल-बलिदान \q2 मोर बेदी ऊपर गरहन करे जाहीं; \q1 काबरकि मोर भवन ह जम्मो जाति के मनखेमन बर \q2 पराथना के घर कहे जाही।” \q1 \v 8 परमपरधान यहोवा ह घोसना करत हे— \q2 जऊन ह इसरायल ले निकाले गय मनखेमन ला इकट्ठा करथे: \q1 “जेमन इकट्ठा करे गे हवंय \q2 ओमन के संग मेंह आने मन ला घलो इकट्ठा करके मिला दूहूं।” \s1 दुस्टमन के बिरूध परमेसर के चेतउनी \q1 \v 9 हे मैदान के जम्मो पसुमन, आवव, \q2 हे जंगल के जम्मो पसुमन, आवव अऊ खावव! \q1 \v 10 इसरायल के पहरेदारमन अंधवा अंय, \q2 ओ जम्मो म गियान के कमी हवय; \q1 ओमन सब के सब कोंदा कुकुर अंय, \q2 जेमन भूंके नइं सकंय; \q1 ओमन पड़े रहिथें अऊ सपना देखथें, \q2 ओमन ला नींद बहुंत बने लगथे। \q1 \v 11 ओमन बहुंत खानेवाला कुकुर अंय; \q2 ओमन के पेट कभू नइं भरय। \q1 ओमन अइसन चरवाहा अंय, जेमन म समझ नइं ए; \q2 ओमन जम्मो अपन खुद के डहार म चलथें, \q2 ओमन अपन खुद के फायदा ला देखथें। \q1 \v 12 ओमा के हर एक ह चिचियाके कहिथे, “आवव, में अंगूर के मंद लेके आवत हंव! \q2 आवव, हमन छकके मंद पीयन! \q1 अऊ कल के दिन घलो आज के सहीं होही, \q2 या येकर ले घलो बेहतर होही।” \b \b \c 57 \q1 \v 1 धरमी जन नास हो जाथें, \q2 अऊ कोनो ये बात के चिंता नइं करंय; \q1 भक्त जनमन उठा लिये जाथें, \q2 अऊ कोनो नइं समझंय \q1 धरमी जन एकर बर उठा लिये जाथें \q2 ताकि अवइया बिपत्ति ले बांच जावंय। \q1 \v 2 जेमन सीधा चाल चलथें \q2 ओमन सांति पाथें; \q2 ओमन आराम पाथें, जब ओमन के मऊत होथे। \b \q1 \v 3 “पर तुमन—इहां आवव, हे जादूगरनी के लइकामन, \q2 हे बेभिचारी अऊ बेस्यामन के संतान! \q1 \v 4 तुमन काकर हंसी उड़ात हव? \q2 काकर ऊपर तुमन हंसत हव \q2 अऊ कोन ला तुमन अपन जीभ देखात हव? \q1 का तुमन बिदरोही \q2 अऊ लबरामन के संतान नो हव? \q1 \v 5 तुमन बलूत रूखमन के बीच \q2 अऊ हर फईले रूखमन के खाल्हे म कामातुर होथव; \q1 तुमन अपन लइकामन ला घाटी म \q2 अऊ बाहिर निकले चट्टानमन के खाल्हे म बलिदान चघाथव। \q1 \v 6 घाटी के चिकना पथरामन के बीच मूरतीमन तुम्हर हिस्सा अंय; \q2 वास्तव म, ओमन तुम्हर भाग अंय। \q1 हव, ओमन बर तुमन पेय-बलिदान \q2 अऊ अन्न-बलिदान चघाय हव। \q2 ये सब ला देखके घलो, का में सांत हो जावंव? \q1 \v 7 तुमन एक ठन ऊंचहा अऊ उठे हुए पहाड़ी ऊपर अपन बिस्तर बिछाय हवव; \q2 उहां तुमन अपन बलिदान चघाय बर गे रहेव। \q1 \v 8 अपन कपाट अऊ अपन चौखटमन के पाछू म \q2 तुमन अपन मूरती-पूजा के चीजमन ला रखे हव। \q1 मोला छोंड़के, तुमन अपन बिस्तर ला खुला रखे हव, \q2 तुमन येकर ऊपर चघके येला चौड़ा कर ले हव; \q1 तुमन ओमन ले एक समझौता कर ले हव, जेमन के बिस्तर तुमन ला बने लगथे, \q1 अऊ तुमन ओमन के नंगरा देहें ला काम-वासना से देखे हव। \q1 \v 9 तें जैतून तेल लेके मोलेक\f + \fr 57:9 \fr*\ft या \ft*\fqa राजा\fqa*\f* करा गे रहे \q2 अऊ अपन खुसबू ला बढ़ाय। \q1 तेंह अपन दूतमन\f + \fr 57:9 \fr*\ft या \ft*\fqa मूरतीमन\fqa*\f* ला बहुंत दूरिहा तक पठोय; \q2 तें खाल्हे अधोलोक तक चले गेय! \q1 \v 10 तें यातरा के दुवारा अपनआप ला थका लेय, \q2 पर तेंह ये नइं कहे, ‘येह बेकार अय।’ \q1 तोर म नवां बल के संचार होईस, \q2 एकर कारन तेंह नइं थके। \b \q1 \v 11 “तेंह काकर डर ले अतेक भय खाय हस अऊ डर गे हस \q2 कि तेंह मोर ले सच नइं बोलय, \q1 अऊ मोला सुरता नइं राखे, \q2 न ही येकर ऊपर धियान देय? \q1 येकर कारन ये नो हय कि में बहुंत समय ले चुपेचाप हंव \q2 जेकर ले तें मोला नइं डरस? \q1 \v 12 मेंह तोर धरमीपन अऊ तोर करम ला परगट कर दूहूं, \q2 पर ओमन ले तोला कुछू फायदा नइं होवय। \q1 \v 13 जब तें मदद बर पुकारथस, \q2 त तोर जमा करे गय मूरतीमन तोला बचावंय! \q1 हवा ह ओ जम्मो ला दूरिहा ले जाही, \q2 सिरिप एक सांस ह ओमन ला उड़िहा ले जाही। \q1 पर जऊन ह मोर सरन लीही \q2 ओह देस के उत्तराधिकारी होही \q2 अऊ मोर पबितर पहाड़ ह ओकर अधिकार म रहिही।” \s1 टूटे मन बर सांति \p \v 14 अऊ ये कहे जाही: \q1 “बनावव, बनावव, सड़क ला तियार करव! \q2 मोर मनखेमन के रद्दा ले बाधामन ला हटावव।” \q1 \v 15 काबरकि ऊंच अऊ उठाय गय परमेसर ह ये कहत हे— \q2 ओ जऊन ह सदा जीयत हे, जेकर नांव पबितर ए: \q1 “मेंह एक ऊंच अऊ पबितर स्थान म रहिथंव, \q2 पर ओकर संग घलो रहिथंव, जऊन ह टूटे मन के अऊ आतमा म नम्र ए, \q1 कि नम्र मन के आतमा \q2 अऊ टूटे मन वाले के हिरदय ला खुस करंव। \q1 \v 16 में हमेसा ओमन ऊपर दोस नइं लगावंव, \q2 न ही हमेसा मेंह गुस्सा करहूं, \q1 काबरकि तब ओ मोर बनाय मनखेमन \q2 मोर कारन मूरछित हो जाहीं। \q1 \v 17 ओमन के पापी लालची सुभाव के कारन मेंह बहुंत गुस्सा करेंव; \q2 में ओमन ला दंड देंय, अऊ गुस्सा म अपन चेहरा छुपांय; \q2 तभो ले ओमन अपन मन के रद्दा म चलते रिहिन। \q1 \v 18 में ओमन के चालचलन ला देखे हंव, तभो ले ओमन ला चंगा करहूं; \q2 मेंह ओमन ला ले चलहूं अऊ इसरायल के सोक करइयामन ला सांति दूहूं, \q2 \v 19 मेंह ओमन के ओंठ म परसंसा के बात लानहूं। \q1 सांति, जेमन दूरिहा अऊ लकठा म हवंय, दूनों ला सांति मिलय,” \q2 यहोवा ह कहत हे। \q1 “अऊ में ओमन ला चंगा करहूं।” \q1 \v 20 पर दुस्टमन लहरावत समुंदर सहीं अंय, \q2 जऊन ह आराम नइं कर सकय, \q2 अऊ जेकर लहरामन मईला अऊ चीखला उछालथें। \q1 \v 21 “दुस्टमन बर सांति नइं ए,” मोर परमेसर ह कहत हे। \c 58 \s1 सही उपास \q1 \v 1 “गला फारके चिचियावव, दबाके झन रखव। \q2 तुरही के सहीं अपन अवाज ला ऊंचहा करव। \q1 मोर मनखेमन\f + \fr 58:1 \fr*\ft या \ft*\fqa इसरायली मनखे\fqa*\f* ला ओमन के बिदरोह के काम बतावव \q2 अऊ याकूब के संतानमन ला ओमन के पाप जता दव। \q1 \v 2 काबरकि ओमन रोज-रोज मोर मेर आथें; \q2 अइसे लगथे कि ओमन मोर रसता ला जाने बर उत्सुक हवंय, \q1 मानो ओमन एक अइसे जाति अंय, जऊन ह सही काम ला करथे \q2 अऊ अपन परमेसर के हुकूममन ला नइं छोंड़े हवय। \q1 ओमन मोला सिरिप फैसला के बारे म पुछथें \q2 अऊ परमेसर बर उत्सुक जान पड़थें कि ओह ओमन के लकठा म आवय। \q1 \v 3 ओमन कहिथें, ‘का कारन ए कि हमन तो उपास राखेंन, \q2 पर तेंह येला नइं देखे? \q1 का कारन ए कि हमन अपनआप ला नम्र करे हन, \q2 पर तेंह धियान नइं दे हस?’ \b \q1 “काबरकि उपास के दिन म तुमन अपन मन मुताबिक करथव \q2 अऊ अपन बनिहारमन के सोसन करथव। \q1 \v 4 तुम्हर उपास ह लड़ई-झगरा \q2 अऊ एक-दूसर ला मुक्का मारके झगरा करे म खतम होथे। \q1 जइसन उपास तुमन आजकल रखथव, वइसन झन रखव, \q2 अइसन उपास रखके तुमन आसा करथव कि तुम्हर अवाज ला ऊपर म सुने जाही। \q1 \v 5 का ये किसम के उपास ले में खुस होथंव, \q2 कि सिरिप एके दिन बर मनखेमन अपनआप ला दीन करंय? \q1 का येह, नरकट पऊधा सहीं कोनो मनखे के सिरिप अपन मुड़ ला झुकाना ए? \q2 अऊ सिरिप बोरा के ओनहा अऊ राख म लेटना ए? \q1 का येला तुमन उपास कहिथव, \q2 एक अइसन दिन, जेला यहोवा स्वीकार करथे? \b \q1 \v 6 “का येह ओ किसम के उपास नो हय, जेकर ले में खुस होथंव: \q1 कि अनियाय के बंधना ला टोर दिये जावय \q2 अऊ जुड़ा के बंधना ला खोलके \q1 अतियाचार सहइयामन ला सुतंतर कर दिये जावय \q2 अऊ हर एक जुड़ा ला टोर दिये जावय? \q1 \v 7 का येह ओ किसम के उपास नो हय, कि भूखन मन के संग खाना बांटे जावय \q2 अऊ गरीब घुमंतू ला आसरय दिये जावय— \q1 जब तुमन नंगरामन ला देखथव, त ओमन ला ओनहा पहिरावव, \q2 अऊ अपन खुद के रिस्तेदारमन ले मुहूं झन मोड़व? \q1 \v 8 तब तुम्हर अंजोर ह बिहान पहाय सहीं चमकही, \q2 अऊ तुम्हर चंगई ह जल्दी दिखही; \q1 तब तुम्हर धरमीपन\f + \fr 58:8 \fr*\ft या \ft*\fq तुम्हर \fq*\fqa धरमी जन\fqa*\f* ह तुम्हर आघू-आघू जाही, \q2 अऊ यहोवा के तेज ह तुम्हर पाछू तुम्हर रकछा करही। \q1 \v 9 तब तुमन पुकारहू, अऊ यहोवा जबाब दीही; \q2 तुमन मदद बर बिनती करहू, अऊ ओह कहिही: में इहां हंव। \b \q1 “यदि तें अंधेर करई के जुड़ा के संग \q2 अंगरी उठई अऊ दुस्ट बात करई के आदत ला छोंड़ देबे, \q1 \v 10 अऊ यदि तें भूखन मनखे के सहायता करबे \q2 अऊ दीन दुखीमन के दुख ला दूर करबे, \q1 तब अंधियार म तोर अंजोर ह चमकही, \q2 अऊ तोर रथिया ह मंझनियां सहीं अंजोर हो जाही। \q1 \v 11 यहोवा हमेसा तोर अगुवई करही; \q2 ओह सूखा भुइयां म तोर जरूरत ला पूरा करही \q2 अऊ तोर हाड़ामन ला मजबूत करही। \q1 तें बने पानी पलोय एक बारी सहीं होबे, \q2 अऊ अइसन सोता सहीं होबे, जेकर पानी कभू नइं सूखावय। \q1 \v 12 तोर मनखेमन पुराना उजरे जगहमन ला फेर बसाहीं \q2 अऊ पीढ़ी-पीढ़ी ले माढ़े नीवमन म घर बनाहीं; \q1 तोला टूटहा दीवारमन ला फेर बनानेवाला, \q2 अऊ घरमन के संग गलीमन ला ठीक करनेवाला कहे जाही। \b \q1 \v 13 “यदि तें बिसराम दिन ला असुध नइं करबे \q2 अऊ मोर ओ पबितर दिन म अपन ईछा पूरा करे के कोसिस नइं करबे, \q1 यदि बिसराम दिन ला आनंद के दिन \q2 अऊ यहोवा के पबितर दिन मानके आदर करबे, \q1 अऊ यदि तें येकर आदर करके ओ दिन अपन मुताबिक नइं चलबे \q2 अऊ अपन ईछा पूरा नइं करबे या बेकार बात नइं बोलबे, \q1 \v 14 त तोला यहोवा के कारन आनंद मिलही, \q2 अऊ में तोला देस के ऊंचहा जगह म बिजयी मनखे सहीं चलाहूं \q2 अऊ तोर पुरखा याकूब के निज भाग के ऊपज ले तोला भोज खवाहूं।” \q1 यहोवा ह ये बात ला कहे हवय। \c 59 \s1 पाप, पछताप अऊ छुटकारा \q1 \v 1 खचित, यहोवा के हांथ अइसन छोटे नइं हो गे हवय कि तुम्हर उद्धार नइं कर सकय, \q2 न ही ओह अइसन भैंरा हो गे हवय कि सुन नइं सकय। \q1 \v 2 पर तुम्हर अधरम के काममन \q2 तुमन ला तुम्हर परमेसर ले अलग कर दे हवंय; \q1 तुम्हर पापमन ओकर मुहूं ला तुम्हर ले छुपा रखे हें, \q2 जेकर कारन ओह नइं सुनय। \q1 \v 3 काबरकि तुम्हर हांथमन म खून, \q2 अऊ तुम्हर अंगठीमन म अधरम के धब्बा लगे हवय। \q1 तुम्हर मुहूं ह लबारी बात कहे हवय, \q2 अऊ तुम्हर जीभ ले खराप बात निकलथे। \q1 \v 4 कोनो नियाय के बात नइं करंय; \q2 न कोनो सच्चई ले मुकदमा लड़ंय। \q1 ओमन लबारी बात ऊपर भरोसा रखथें; ओमन लबारी बात कहिथें; \q2 ओमन समस्या ला गरभ म धरथें अऊ पाप ला जनम देथें। \q1 \v 5 ओमन करैत सांप के अंडा ला सेथें \q2 अऊ मेकरा के जाली बनाथें। \q1 जऊन कोनो ओमन के अंडा ला खाथे, ओह मर जाथे, \q2 अऊ जब कोनो एक ठन ला फोरे जाथे, त ओमा ले बिसैला सांप के पीला निकलथे। \q1 \v 6 ओमन के बुने जालीमन ओनहा के काम नइं आवंय; \q2 अऊ ओमन जऊन कुछू बनाथें, ओकर ले अपनआप ला ढांप नइं सकंय। \q1 ओमन के काममन दुस्टता के काम अंय, \q2 अऊ ओमन के हांथ ले हिंसा के काम होथे। \q1 \v 7 ओमन के गोड़मन बुरई करे बर दऊड़थें; \q2 ओमन निरदोस के हतिया करे बर तियार रहिथें। \q1 ओमन दुस्ट साजिस करे म लगे रहिथें; \q2 हिंसा के काममन ले ओमन के डहार भरे हवय। \q1 \v 8 सांति के डहार ला ओमन नइं जानंय; \q2 ओमन के सुभाव म नियाय के बात नइं ए। \q1 ओमन अपन डहारमन ला बेईमानी के सड़क बना ले हवंय; \q2 ओमन के संग रेंगइया कोनो भी मनखे सांति के बात नइं जानंय। \b \q1 \v 9 एकर कारन ले नियाय ह हमन ले दूरिहा हवय, \q2 अऊ धरमीपन हमर मेर नइं आवय। \q1 हमन अंजोर के डहार तो देखथन, पर देखव अंधियार ही बने रहिथे; \q2 हमन अंजोर के आसा तो लगाय हवन, पर घोर अंधियार म रेंगथन। \q1 \v 10 हमन अंधरा सहीं दीवार पकड़के टमड़त रहिथन, \q2 हमन बिन आंखी के मनखे सहीं महसूस करथन। \q1 गोधूलि के बेरा सहीं, हमन दिन-दुपहरी म हपटत रहिथन, \q2 हट्टा-कट्टामन के बीच म हमन मुरदा सहीं हवन। \q1 \v 11 हमन सब के सब भालू सहीं गुर्राथन; \q2 अऊ पंड़की सहीं सोक करत बिलाप करथन। \q1 हमन नियाय के डहार तो देखथन, पर नियाय नइं मिलय; \q2 हमन छुटकारा के तो डहार देखथन, पर ओह हमन ले दूरिहा ही रहिथे। \b \q1 \v 12 काबरकि हमर अपराध तोर नजर म बहुंत हो गे हवय, \q2 हमर पापमन हमर बिरूध म साखी देथें। \q1 हमर अपराधमन हमेसा हमर संग हवंय, \q2 अऊ हमन अपन अधरम के काम ला मान लेथन: \q1 \v 13 यहोवा के बिरूध बिदरोह अऊ धोखा, \q2 अपन परमेसर कोति अपन पीठ देखई, \q1 बिदरोह अऊ अतियाचार करई, \q2 अपन मन म रखे लबरा बात कहई। \q1 \v 14 एकरसेति नियाय ह पाछू हट जावत हे, \q2 अऊ धरमीपन ह दूरिहा म ठाढ़ रहिथे; \q1 सच्चई ह गलीमन म गिर गे हवय, \q2 ईमानदारी आ नइं सकय। \q1 \v 15 सच्चई कहूं नइं ए, \q2 अऊ जऊन ह बुरई ले भागथे, ओह खुद सिकार हो जाथे। \b \q1 यहोवा ह देखिस अऊ ओला ये बात बने नइं लगिस \q2 कि उहां नियाय नइं रिहिस। \q1 \v 16 ओह देखिस कि उहां कोनो नइं एं, \q2 अऊ ओह अचम्भो करिस कि कोनो बिचवई करइया नइं एं; \q1 तब ओह अपन ही भुजबल ले ओकर बर उद्धार के काम ला करिस, \q2 अऊ अपन ही धरमीपन म ओला संभालिस। \q1 \v 17 ओह धरमीपन ला झिलम के सहीं पहिर लीस, \q2 अऊ ओकर मुड़ म उद्धार के टोप राखे गीस; \q1 ओह बदला लेय के ओनहा पहिरिस \q2 अऊ उत्साह के पहिरावा ला अपन म लपेट लीस। \q1 \v 18 ओमन के करम के मुताबिक \q2 ओह ओमन ला फर दीही, \q1 ओकर बईरीमन ऊपर कोप भड़कही \q2 अऊ अपन बिरोधीमन ले बदला लीही; \q2 ओह द्वीप म रहइयामन ला ओमन के काम के परतिफल दीही। \q1 \v 19 तब पछिम कोति मनखेमन यहोवा के नांव के भय मानहीं, \q2 अऊ पूरब कोति ओकर महिमा के आदर होही। \q1 काबरकि ओह बाढ़ के पानी सहीं आही \q2 तब यहोवा के आतमा ह ओला भगाही। \b \q1 \v 20 “छुड़इया ह सियोन मेर ओमन करा आही, जेमन याकूब म हवंय \q2 अऊ अपन पाप ले मन फिराथें,” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे। \p \v 21 “जहां तक मोर बात ए, येह ओमन के संग मोर करार ए,” यहोवा ह कहत हे। “मोर आतमा, जऊन ह तोर ऊपर हवय, ओह तोर ले अलग नइं होवय, अऊ मोर जऊन बचन, मेंह तोर मुहूं म डारे हंव, ओह तोर मुहूं म, तोर लइकामन के मुहूं म अऊ ओमन के संतानमन के मुहूं म अब ले लेके हमेसा रहिही,” यहोवा ह कहत हे। \c 60 \s1 सियोन के महिमा \q1 \v 1 “उठ, चमकदार हो; काबरकि तोर अंजोर ह आय हवय, \q2 अऊ यहोवा के महिमा तोर ऊपर उदय होवत हे। \q1 \v 2 देख, धरती ऊपर अंधियार \q2 अऊ राज-राज के मनखेमन ऊपर बिरबिट अंधियार छावत हे, \q1 पर तोर ऊपर यहोवा उदय होवत हे \q2 अऊ ओकर तेज तोर ऊपर परगट होवत हे। \q1 \v 3 जाति-जाति के मनखेमन तोर मेर अंजोर बर, \q2 अऊ राजामन तोर बिहान के अंजोर कोति आहीं। \b \q1 \v 4 “अपन चारों कोति आंखी उठाके देख: \q2 सब के सब इकट्ठा होके तोर मेर आवत हें; \q1 तोर बेटामन दूरिहा ले आवत हें, \q2 अऊ तोर बेटीमन ला गोद म उठाके लाय जावत हे। \q1 \v 5 तब तें देखबे अऊ तें चमकबे, \q2 तोर हिरदय ह धड़कही अऊ आनंद ले भर जाही; \q1 समुंदर के धन-संपत्ति तोर मेर लाय जाही, \q2 तोर मेर देस-देस के धन-संपत्ति आही। \q1 \v 6 तोर देस ह ऊंटमन के झुंड ले भर जाही, \q2 मिदयान अऊ एपा देसमन के जवान ऊंटमन आहीं। \q1 अऊ सेबा के जम्मो झन \q2 सोन अऊ खुसबू बर धूप लेके आहीं \q2 अऊ यहोवा के गुन गावत आहीं। \q1 \v 7 केदार छेत्र के पसुमन के झुंड ला तोर मेर इकट्ठा करे जाही, \q2 नबायोत छेत्र के मेढ़ामन तोर सेवा-टहल के काम म आहीं; \q1 ओमन ला मोर बेदी म भेंट के रूप म गरहन करे जाही, \q2 अऊ में अपन सोभायमान मंदिर ला सजाहूं। \b \q1 \v 8 “येमन कोन अंय, जेमन बादर सहीं, \q2 अपन खोड़रा कोति पंड़की सहीं उड़त आवत हें? \q1 \v 9 सच म द्वीपमन मोर रसता देखथें; \q2 आघू म तरसीस के पानी जहाजमन हवंय, \q1 ओमन तोर लइकामन ला दूरिहा ले \q2 ओमन के सोन अऊ चांदी समेत लेके आवत हें, \q1 ताकि यहोवा तोर परमेसर, \q2 इसरायल के पबितर परमेसर के आदर होवय, \q2 काबरकि ओह तोला सोभायमान करे हवय। \b \b \q1 \v 10 “परदेसीमन तोर सहर के दीवार ला फेर बनाहीं, \q2 अऊ ओमन के राजामन तोर सेवा-टहल करहीं। \q1 हालाकि मेंह रिस म आके तोला दुख देय रहेंव, \q2 पर अब खुस होके मेंह तोर ऊपर दया करहूं। \q1 \v 11 तोर दुवारमन हरदम खुला रहिहीं, \q2 दिन अऊ रात ओमन कभू बंद नइं होहीं, \q1 ताकि मनखेमन जाति-जाति के मनखेमन के धन-संपत्ति तोर मेर लानंय— \q2 ओमन के राजामन ला बंदी बनाके बिजयी जुलूस म लाने जावय। \q1 \v 12 काबरकि जऊन जाति या राज के मन तोर सेवा नइं करहीं, ओमन नास हो जाहीं; \q2 हां, अइसन जाति के पूरा सतियानास हो जाही। \b \q1 \v 13 “लबानोन के वैभव तोर मेर आही, \q2 सनोवर, देवदार अऊ गोपेर के रूखमन ला \q1 मोर पबितर-स्थान ला सजाय बर लाय जाही; \q2 अऊ में अपन पांव बर ओ जगह ला महिमा दूहूं। \q1 \v 14 तोला दुख देवइयामन के लइकामन मुड़ नवाके तोर मेर आहीं; \q2 ओ जम्मो जेमन तोला तुछ जानथें, ओमन तोर गोड़ तरी गिरके तोला दंडवत करहीं \q1 अऊ ओमन तोला यहोवा के नगर, \q2 इसरायल के पबितर परमेसर के सियोन कहिके बलाहीं। \b \q1 \v 15 “हालाकि तोला छोंड़ दिये गे हवय अऊ तोर ले घिन करे जाथे, \q2 अऊ कोनो तोर म ले होके नइं जावंय, \q1 पर मेंह तोला सदा के घमंड के चीज \q2 अऊ पीढ़ी-पीढ़ी के मनखेमन बर आनंद के चीज ठहिराहूं। \q1 \v 16 तें जाति-जाति के मनखेमन के दूध पीबे \q2 अऊ साही माईलोगनमन तोला दूध पीयाहीं। \q1 तब तें जानबे कि में, यहोवा ह तोर उद्धारकर्ता, \q2 तोर छुड़इया, याकूब के सक्तिसाली परमेसर अंव। \q1 \v 17 में कांसा के बदला सोन, \q2 लोहा के बदला चांदी, \q1 लकरी के बदला कांसा, \q2 अऊ पथरा के बदला लोहा लानहूं। \q1 में सांति ला तोर हाकिम \q2 अऊ अच्छई ला तोर सासन करइया ठहिराहूं। \q1 \v 18 तोर देस म फेर कभू हिंसा के बात \q2 अऊ तोर सीमना के भीतर उतपात या बिनास के चरचा नइं सुनई पड़ही, \q1 पर तें अपन सहर के दीवारमन के नांव उद्धार \q2 अऊ अपन सहर के दुवारमन के नांव परसंसा रखबे। \q1 \v 19 दिन म सूरज ह फेर तोर अंजोर नइं होही, \q2 अऊ न ही चंदा के अंजोर तोर ऊपर फेर चमकही, \q1 काबरकि यहोवा ह तोर सदा के अंजोर, \q2 अऊ तोर परमेसर ह तोर सोभा ठहिरही। \q1 \v 20 तोर सूरज फेर कभू नइं बुड़ही, \q2 अऊ न ही तोर चंदा के अंजोर फेर कभू कम होही; \q1 यहोवा ह तोर सदा के अंजोर होही, \q2 अऊ तोर दुख के दिनमन खतम हो जाहीं। \q1 \v 21 तब तोर मनखेमन सब के सब धरमी होहीं \q2 अऊ देस ह हमेसा बर ओमन के अधिकार म होही। \q1 ओमन मोर लगाय पऊधा \q2 अऊ मोर हांथ के काम अंय, \q2 येकर ले मोर महिमा परगट होही। \q1 \v 22 तुमन म छोटे ले छोटे ह एक हजार हो जाही, \q2 अऊ सबले कमजोर ह एक बलवान जाति बन जाही। \q1 मेंह यहोवा अंव; \q2 सही समय म, मेंह येला तेजी से पूरा करहूं।” \c 61 \s1 यहोवा के किरपा के बछर \q1 \v 1 परमपरधान यहोवा के आतमा मोर ऊपर हवय, \q2 काबरकि यहोवा ह गरीबमन ला \q2 सुघर संदेस के परचार करे बर मोर अभिसेक करे हवय। \q1 ओह मोला एकर बर पठोय हवय कि दुखित मनखेमन ला सांति दंव, \q2 बंधुवा मनखेमन के सुतंतरता के \q2 अऊ कैदीमन\f + \fr 61:1 \fr*\ft इबरानी; सेप्टाजिन्ट म \ft*\fqa अंधरा\fqa*\f* ला अंधियार ले छुटकारा के परचार करंव, \q1 \v 2 यहोवा के किरपा-दिरिस्टी के बछर के \q2 अऊ हमर परमेसर के पलटा लेय के दिन के परचार करंव, \q1 जम्मो सोक करइयामन ला सांति दंव, \q2 \v 3 अऊ सियोन म दुखित मनखेमन के जरूरत ला पूरा करंव— \q1 राख के बदले ओमन ला \q2 सुघरता के मुकुट पहिरावंव, \q1 सोक के बदले \q2 आनंद के तेल चुपरंव, \q1 अऊ उदासी के आतमा के बदले \q2 परसंसा के ओढ़ना ओढ़ावंव। \q1 ओमन ला यहोवा के लगाय \q2 धरमीपन के बलूत रूख कहे जाही \q2 अऊ येकर ले यहोवा के महिमा परगट होही। \b \q1 \v 4 तब ओमन पुराना उजरे जगहमन ला फेर बनाहीं \q2 अऊ बहुंत पहिले बरबाद हो गय जगहमन ला फेर ठीक करहीं; \q1 ओमन ओ नगरमन ला फेर बसाहीं \q2 जेमन पीढ़ी-पीढ़ी ले उजरे परे हवंय। \q1 \v 5 अजनबीमन तुम्हर भेड़-बकरीमन ला चराहीं; \q2 परदेसीमन तुम्हर खेत अऊ अंगूर के बारी म काम करहीं। \q1 \v 6 पर तुमन ला यहोवा के पुरोहित कहे जाही, \q2 तुमन ला हमर परमेसर के सेवक नांव दिये जाही। \q1 तुमन जाति-जाति के मनखेमन के धन-दौलत ला खाहू, \q2 अऊ ओमन के संपत्ति ऊपर तुमन घमंड करहू। \b \q1 \v 7 तुम्हर बदनामी के बदला \q2 तुमन ला दू गुना हिस्सा मिलही, \q1 अऊ कलंक के बदला म \q2 तुमन अपन भाग के कारन आनंदित होहू। \q1 अऊ ये किसम ले तुमन ला अपन देस म दू गुना हिस्सा मिलही, \q2 अऊ तुमन सदा आनंदित बने रहिहू। \b \q1 \v 8 “काबरकि में, यहोवा, नियाय ले मया रखथंव; \q2 मेंह डकैती अऊ अनियाय ले घिन करथंव। \q1 अपन बिसवासयोग्यता म, में अपन मनखेमन ला ईनाम दूहूं, \q2 अऊ ओमन के संग सदाकाल के एक करार करहूं। \q1 \v 9 ओमन के संतानमन जाति-जाति के मनखेमन के बीच \q2 अऊ ओमन के बंसज मनखेमन के बीच जाने-माने मनखे होहीं। \q1 जऊन मन ओमन ला देखहीं, ओ जम्मो स्वीकार करहीं \q2 कि येमन ओ मनखे अंय, जेमन ला यहोवा ह आसीस देय हवय।” \b \q1 \v 10 में यहोवा म अति आनंदित हंव; \q2 मोर जीव ह मोर परमेसर म आनंदित होथे। \q1 काबरकि ओह मोला उद्धार के ओनहा पहिराय हवय \q2 अऊ अपन धरमीपन के पहिरावा ले अइसन सजाय हवय, \q1 जइसन कोनो दूल्हा ह अपन मुड़ी ला एक पुरोहित के सहीं सजाथे, \q2 अऊ जइसन कोनो दुलहिन अपनआप ला अपन जेवर ले सिंगार करथे। \q1 \v 11 काबरकि जइसन भुइयां म ले बीजा के अंकुर निकलथे \q2 अऊ बारी म पऊधामन बढ़थें, \q1 वइसन ही परमपरधान यहोवा ह \q2 सब जातिमन के सामने धरमीपन अऊ परसंसा ला बढ़ाही। \c 62 \s1 सियोन के नवां नांव \q1 \v 1 सियोन के हित म, में चुप नइं रहंव, \q2 अऊ यरूसलेम के हित म, में सांत नइं रहंव, \q1 जब तक कि ओकर धरमीपन बिहान के अंजोर सहीं \q2 अऊ ओकर उद्धार\f + \fr 62:1 \fr*\ft या \ft*\fqa बिजय\fqa*\f* ह बरत मसाल सहीं नइं चमकही। \q1 \v 2 तब जाति-जाति के मनखेमन तोर धरमीपन, \q2 अऊ सब राजामन तोर महिमा ला देखहीं; \q1 तोर एक नवां नांव रखे जाही \q2 जऊन ह यहोवा के मुहूं ले निकलही। \q1 \v 3 तें यहोवा के हांथ म एक सोभायमान मुकुट \q2 अऊ अपन परमेसर के हथेली म एक राज-मुकुट ठहिरबे। \q1 \v 4 ओमन फेर तोला तियागे गय नइं कहिहीं, \q2 या तोर भुइयां के नांव उजरे भुइयां नइं होही। \q1 पर तोला हेपसीबा,\f + \fr 62:4 \fr*\fq हेपसीबा \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa मोर खुसी ओमा हवय\fqa*\f* \q2 अऊ तोर भुइयां ला ब्यूला\f + \fr 62:4 \fr*\fq ब्यूला \fq*\ft के मतलब होथे \ft*\fqa बिहाता\fqa*\f* कहे जाही, \q1 काबरकि यहोवा तोर ले खुस होही, \q2 अऊ तोर भुइयां ह सुहागिन होही। \q1 \v 5 जइसन एक जवान पुरूस एक जवान छोकरी ले बिहाव करथे, \q2 वइसन ही तोर बनइया ह तोर ले बिहाव करही; \q1 जइसन दूल्हा ह अपन दुलहिन ऊपर आनंदित होथे, \q2 वइसन ही तोर परमेसर तोर ऊपर आनंदित होही। \b \q1 \v 6 हे यरूसलेम, मेंह तोर भीथी म पहरेदार ठहिराय हंव; \q2 ओमन दिन-रात कभू चुप नइं रहिहीं। \q1 तुमन, जेमन यहोवा ला पुकारथव, \q2 अराम झन करव, \q1 \v 7 अऊ जब तक ओह\f + \fr 62:7 \fr*\ft या \ft*\fqa यहोवा\fqa*\f* यरूसलेम ला स्थिर करके \q2 ओकर परसंसा धरती ऊपर नइं करवाय, तब तक ओला घलो अराम झन करन दव। \b \q1 \v 8 यहोवा ह अपन जेवनी हांथ के \q2 अऊ अपन बलवंत भुजा के किरिया खाय हवय: \q1 “मेंह फेर कभू तोर अनाज ला \q2 तोर बईरीमन ला खाय बर नइं दंव, \q1 अऊ फेर कभू परदेसीमन ओ नवां अंगूर के मंद ला पीये नइं पाहीं \q2 जेकर बर तेंह मेहनत करे हवस; \q1 \v 9 पर जेमन येकर पैदावार करथें, ओमन येला खाहीं \q2 अऊ यहोवा के इस्तुति करहीं, \q1 अऊ जेमन अंगूर के मंद ला भंडार म इकट्ठा करथें, \q2 ओमन येला मोर पबितर-स्थान के अंगना म पीये पाहीं।” \b \q1 \v 10 जावव, दुवारमन म ले होके जावव! \q2 मनखेमन बर डहार तियार करव। \q1 बनावव, राजमार्ग ला बनावव! \q2 पथरामन ला हटावव। \q1 जाति-जाति के मनखेमन बर झंडा ठाढ़ करव। \b \q1 \v 11 देखव, यहोवा ह धरती के छोर तक \q2 ये घोसना करे हवय: \q1 “बेटी सियोन ला कहव, \q2 ‘देख, तोर उद्धारकर्ता आवत हे! \q1 देख, ओकर ईनाम ओकर मेर हवय, \q2 अऊ जऊन कुछू देना हे, ओह ओला लेके आवत हे।’ ” \q1 \v 12 ओमन ला पबितर मनखे कहे जाही, \q2 यहोवा के छोंड़ाय गय; \q1 अऊ तोला खोजे गय, कहे जाही, \q2 ओ सहर जऊन ह अब तियागे गय नो हय। \c 63 \s1 परमेसर के बदला अऊ पाप ले मुक्ति देय के दिन \q1 \v 1 येह कोन ए, जऊन ह एदोम देस के बोसरा नगर ले आवत हे \q2 जेकर ओनहा म गहिरा लाल रंग के धब्बामन लगे हवंय? \q1 येह कोन ए, जऊन ह सोभायमान ओनहा पहिरे, \q2 अपन बड़े ताकत म, लम्बा कदम डालत चले आवत हे? \b \q1 “येह में अंव, जऊन ह जय के घोसना करत हंव, \q2 अऊ मेंह उद्धार करे के सक्ति रखथंव।” \b \q1 \v 2 तुम्हर ओनहा ह काबर लाल हवय, \q2 जइसन रसकुंड म अंगूर खुंदत बेरा मनखेमन के होथे? \b \q1 \v 3 “मेंह अकेला रसकुंड म अंगूर रऊंदे हंव; \q2 अऊ कोनो मनखे मोर संग नइं रिहिन। \q1 मेंह अपन रिस म आके ही ओमन ला खुंदेंव \q2 अऊ अपन कोप म मेंह ओमन ला कुचरेंव; \q1 ओमन के लहू के छींटा मोर ओनहा म पड़िस, \q2 अऊ मोर पूरा पहिरावा म दाग लग गीस। \q1 \v 4 येह मोर बर बदला लेय के दिन रिहिस; \q2 मोर बर छोंड़ाय के बछर ह आ गे रिहिस। \q1 \v 5 मेंह खोजेंव पर कोनो मदद करइया नइं रिहिन, \q2 मेंह डरा गेंव कि कोनो मोर मदद नइं करिन; \q1 तब मेंह अपनेच भुजबल ले उद्धार करेंव \q2 अऊ मोर खुद के कोरोध ह मोला संभालिस। \q1 \v 6 हां, अपन रिस म आके देस-देस के मनखेमन ला कुचरेंव; \q2 अपन रिस म, मेंह ओमन ला मतवाला कर देंव, \q2 अऊ ओमन के लहू ला भुइयां म बोहा देंव।” \s1 परसंसा अऊ पराथना \q1 \v 7 मेंह यहोवा के दया के काम के बखान करहूं, \q2 ओ काम जेकर कारन ओकर गुनगान होना चाही, \q2 हमर बर यहोवा के करे गय ओ जम्मो काम के मुताबिक ओकर गुनगान होवय— \q1 हव, अपन बहुंते दया अऊ करूना के कारन \q2 ओह इसरायल बर \q2 बहुंते भलई के काम करे हवय। \q1 \v 8 यहोवा ह कहिस, “सही म ओमन मोर मनखे अंय, \q2 अइसन लइका, जेमन मोर बर ईमानदार रहिहीं”; \q2 अऊ ओह ओमन के उद्धारकर्ता हो गीस। \q1 \v 9 ओमन के सबो दुख म ओह घलो दुख उठाईस, \q2 अऊ ओकर उपस्थिति के स्वरगदूत ह ओमन के उद्धार करिस। \q1 अपन मया अऊ दया के कारन ओह ओमन ला छोंड़ाईस; \q2 ओह ओमन ला उठाईस अऊ पुराना समय ले ओमन ला उठाके चलिस। \q1 \v 10 तभो ले ओमन बिदरोह करिन \q2 अऊ ओकर पबितर आतमा ला दुखित करिन। \q1 एकर कारन ओह पलटके ओमन के बईरी हो गीस \q2 अऊ ओह खुद ओमन ले लड़े लगिस। \b \q1 \v 11 तब ओकर मनखेमन पुराना दिनमन ला, \q2 याने कि मूसा अऊ ओकर मनखेमन के दिनमन ला सुरता करके कहिन— \q1 ओह कहां हवय, जऊन ह ओमन ला समुंदर म ले होवत \q2 अपन झुंड के चरवाहा के संग ले आईस? \q1 ओह कहां हवय, जऊन ह ओमन के बीच म \q2 अपन पबितर आतमा डारिस, \q1 \v 12 जऊन ह अपन परतापी भुजबल ला \q2 मूसा के जेवनी हांथ म कर दीस, \q1 जऊन ह ओमन के आघू म पानी\f + \fr 63:12 \fr*\ft समुंदर के पानी\ft*\f* ला दू भाग करके \q2 अपन बर सदाकाल के जस कमाईस, \q1 \v 13 जऊन ह ओमन ला गहिला समुंदर म ले होके ले गीस? \q1 जइसन घोड़ा ला खुला मैदान म ठोकर नइं लगय, \q2 वइसन ही ओमन ला घलो ठोकर नइं लगिस; \q1 \v 14 जइसन घरेलू-पसुमन खाल्हे मैदान म चले जाथें, \q2 वइसन ही यहोवा के आतमा ह ओमन ला आराम दीस। \q1 अपन एक महिमामय नांव बनाय बर \q2 ये किसम ले तेंह अपन मनखेमन के अगुवई करे। \b \q1 \v 15 स्वरग ले, अपन ऊंच सिंघासन ले, जऊन ह पबितर \q2 अऊ महिमा ले भरे हवय, उहां ले खाल्हे देख। \q1 तोर जलन अऊ पराकरम कहां हवय? \q2 तोर दया अऊ करूना हमर ऊपर ले हट गे हवय। \q1 \v 16 पर तें हमर ददा अस, \q2 हालाकि अब्राहम हमन ला नइं जानय \q2 या इसरायल हमन ला गरहन नइं करय; \q1 तभो ले, हे यहोवा, तें हमर ददा \q2 अऊ हमर छुड़इया अस; पुराना जमाना ले ये तोर नांव अय। \q1 \v 17 हे यहोवा, तें काबर हमन ला अपन रद्दा ले भटका देथस \q2 अऊ हमर मन ला कठोर कर देथस कि हमन तोर भय नइं मानन? \q1 अपन दासमन के हित म, ओ गोत्रमन, जेमन तोर निज भाग अंय, \q2 ओमन के हित म लहुंट आ। \q1 \v 18 थोरकन समय तक तोर मनखेमन तोर पबितर जगह ऊपर अधिकार रखिन, \q2 पर हमर बईरीमन तोर पबितर-स्थान ला कुचर दे हवंय। \q1 \v 19 पुराना जमाना ले हमन तोर अन; \q2 पर हमन\f + \fr 63:19 \fr*\ft या \ft*\fqa पर हमन ओमन सहीं हो गे हन, जेमन ऊपर तेंह कभू परभूता नइं करे\fqa*\f* तो अइसे हो गे हन मानो तेंह हमर ऊपर कभू परभूता नइं करे, \q2 अऊ हमन\f + \fr 63:19 \fr*\ft ओमन सहीं, जेमन ला तोर नांव ले कभू बलाय नइं गीस\ft*\f* तोर नांव ले कभू बलाय नइं गे हवन। \b \b \c 64 \q1 \f + \fr 64 \fr*\ft इबरानी म \+xt 64:1\+xt* ला 63:19, अऊ \+xt 64:2‑12\+xt* ला 64:1‑11 गने गे हवय\ft*\f* \v 1 बने होतिस कि तें अकास ला चीरके खाल्हे उतर आते, \q2 कि पहाड़मन तोर आघू म कांप उठतिन! \q1 \v 2 जइसन आगी ह डारामन ला जला देथे \q2 अऊ पानी ला डपकाथे, \q1 वइसन तें अपन बईरीमन ऊपर अपन नांव परगट करे बर \q2 अऊ जाति-जाति के मनखेमन ला अपन आघू म कंपाय बर खाल्हे उतर! \q1 \v 3 काबरकि जब तेंह अद्भूत काम करे, जेकर हमन आसा नइं करत रहेंन, \q2 तब तें खाल्हे उतरे, अऊ पहाड़मन तोर आघू म कांप उठिन। \q1 \v 4 पुराना जमाना ले तोला छोंड़ कोनो अऊ परमेसर के बारे म न तो सुने गीस, \q2 न कोनो मनखे ओला जानिन, \q1 अऊ न कोनो कभू ओला देखिन, \q2 तेंह अइसन परमेसर अस, जऊन ह अपन बाट जोहइया कोति ले काम करथस। \q1 \v 5 तें ओमन के मदद करे बर आथस, जेमन खुसी से भलई के काम करथें, \q2 जेमन तोर डहारमन ला सुरता म रखथें। \q1 पर जब हमन लगातार तोर बिरूध म पाप करेंन, \q2 त तें गुस्सा करे। \q2 तब हमर उद्धार कइसे हो सकथे? \q1 \v 6 हमन सब के सब असुध मनखे सहीं हो गे हवन, \q2 अऊ हमर जम्मो धरमी काममन मईला चेंदरा सहीं अंय; \q1 हमन सब के सब पान सहीं मुरझा जाथन, \q2 अऊ हवा सहीं हमर पापमन हमन ला उड़ियाके ले जाथे। \q1 \v 7 कोनो तोर नांव नइं लेवंय \q2 या तोला धरे रहे के कोसिस कोनो नइं करंय; \q1 काबरकि तेंह हमन ले अपन मुहूं ला छुपा ले हस, \q2 अऊ हमन ला हमर पाप के बस म कर दे हस। \b \q1 \v 8 तभो ले, हे यहोवा, तेंह हमर ददा अस। \q2 हमन माटी अन, अऊ तें हमर कुम्हार अस; \q2 हमन सब के सब तोर हांथ के रचना अन। \q1 \v 9 एकरसेति हे यहोवा, जादा रिस झन कर; \q2 अनंतकाल तक हमर पाप ला सुरता झन रख। \q1 हमर तरफ धियान दे, हमन पराथना करत हन, \q2 काबरकि हमन सब तोर मनखे अन। \q1 \v 10 देख, तोर पबितर नगरमन बंजर भुइयां हो गे हवंय; \q2 अऊ त अऊ सियोन ह बंजर भुइयां हो गे हवय, यरूसलेम ह उजरे परे हवय। \q1 \v 11 हमर पबितर अऊ सोभायमान मंदिर, जेमा हमर पुरखामन तोर इस्तुति करत रिहिन, \q2 आगी ले जला दे गे हवय, \q2 अऊ हमर कीमती चीजमन नास हो गीन। \q1 \v 12 ये सब होय के बाद घलो, हे यहोवा, का तें अपनआप ला रोके रहिबे? \q2 का तें चुप रहिबे अऊ हमन ला सीमना के बाहिर सजा देबे? \c 65 \s1 नियाय अऊ उद्धार \q1 \v 1 “मेंह अपनआप ला ओमन ऊपर परगट करेंव, जऊन मन मोर बारे म नइं पुछिन; \q2 ओमन मोला पा गीन, जऊन मन मोला नइं खोजत रिहिन। \q1 ओ जाति के मनखे, जेमन मोर नांव ला नइं पुकारिन, \q2 ओमन ला मेंह कहेंव, ‘देखव, में इहां हंव, में इहां हंव।’ \q1 \v 2 मेंह एक हठी जाति के मनखेमन कोति \q2 दिन भर अपन हांथ ला पसारे रहेंव, \q1 जेमन अपन खुद के कल्पना के मुताबिक \q2 बुरई के रद्दा म रेंगथें— \q1 \v 3 अइसन मनखे, जेमन मोर आंखी के आघू म ही \q2 बारीमन म बलिदान चघाके \q1 अऊ ईंटा के बेदीमन म धूप जलाके, \q2 मोला लगातार रिस देवाथें। \q1 \v 4 येमन कबरमन के बीच बईठथें \q2 अऊ अपन रातमन ला गुपत रतजगा करके काटथें; \q1 जेमन सूरा के मांस खाथें, \q2 अऊ जेमन के बरतन म असुध मांस के रसा रहिथे; \q1 \v 5 जेमन आने मन ला कहिथें, ‘हट जा; मोर तीर म झन आ, \q2 काबरकि में तोर ले बहुंत पबितर हंव!’ \q1 अइसन मनखे मोर नाक म धुआं, \q2 अऊ ओ आगी सहीं अंय, जऊन ह दिन भर बरत रहिथे। \b \q1 \v 6 “देखव, ये बात मोर आघू म लिखाय हे: \q2 में चुप नइं रहंव, पर येकर पूरा बदला लूहूं; \q2 मेंह ओमन के गलत काममन के बदला ओमन के गोदी म डाल दूहूं— \q1 \v 7 तुम्हर पाप अऊ तुम्हर पुरखामन के पाप ला,” \q2 यहोवा ह कहिथे। \q1 “काबरकि ओमन पहाड़मन ऊपर धूप जलाईन \q2 अऊ पहाड़ीमन ऊपर मोर निन्दा करिन, \q1 में ओमन के पहिले के काममन के पूरा बदला \q2 ओमन के गोदी म तऊलके दूहूं।” \p \v 8 यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “जइसन जब अंगूर के गुच्छा म अंगूर के रस भराय रहिथे, \q2 तब मनखेमन कहिथें, ‘येला बरबाद झन करव, \q2 येमा अभी भी आसीस हवय,’ \q1 वइसन ही में अपन सेवकमन बर करहूं; \q2 में ओ सब झन ला नास नइं करंव। \q1 \v 9 में याकूब म ले संतान लानहूं, \q2 अऊ यहूदा ले ओमन ला, जेमन मोर पहाड़मन ऊपर अधिकार रखहीं; \q1 मोर चुने मनखेमन ओमन के वारिस होहीं, \q2 अऊ मोर दासमन उहां निवास करहीं। \q1 \v 10 मोर मनखे, जऊन मन मोला खोजथें, \q2 ओमन के भेड़-बकरीमन बर सारोन ह एक चरागन होही, \q2 अऊ आकोर के घाटी ह ओमन के गरूवा-बईलामन के अराम करे के जगह होही। \b \q1 \v 11 “पर जहां तक तुम्हर बात ए, जऊन मन यहोवा ला छोंड़ देथव \q2 अऊ मोर पबितर पहाड़ ला भुला जाथव, \q1 जऊन मन भाग्य देवता बर मेज ऊपर खाय के चीज सजाथें \q2 अऊ तकदीर बर मसाला मिलाय अंगूर के मंद कटोरामन म भरथें, \q1 \v 12 में तुमन ला तलवार के कौंरा बनाहूं, \q2 अऊ तुमन जम्मो झन के मुड़ काटे जाही; \q1 काबरकि मेंह तुमन ला बलांय, पर तुमन जबाब नइं देव, \q2 मेंह बोलेंव, पर तुमन नइं सुनेव। \q1 तुमन मोर नजर म दुस्ट काम करेव \q2 अऊ जेकर ले में नाखुस होथंव, ओही ला तुमन चुनेव।” \p \v 13 एकर कारन परमपरधान यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “देखव, मोर सेवकमन तो खाहीं, \q2 पर तुमन भूखन रहिहू; \q1 मोर सेवकमन पीहीं, \q2 पर तुमन पीयासन रहिहू; \q1 मोर सेवकमन आनंद मनाहीं, \q2 पर तुमन लज्जा म पड़हू। \q1 \v 14 मोर सेवकमन अपन मन के \q2 खुसी के मारे गीत गाहीं, \q1 पर मन म दुख के कारन \q2 तुमन रोहू \q2 अऊ टूटे मन के कारन बिलाप करहू। \q1 \v 15 तुमन अपन नांव ला छोंड़हू \q2 काबरकि मोर चुने मनखेमन तुम्हर नांव ले लेके सराप दीहीं; \q1 परमपरधान यहोवा ह तुमन ला नास कर दीही, \q2 पर अपन सेवकमन के ओह दूसर नांव रखही। \q1 \v 16 जऊन कोनो देस म आसीस मांगथे \q2 ओह सच्चा परमेसर के नांव लेके अइसने करही; \q1 जऊन कोनो देस म किरिया खाथे \q2 ओह सच्चा परमेसर के नांव म किरिया खाही। \q1 काबरकि पहिली के दुखमन भुला दिये जाहीं \q2 अऊ मोर आंखी ले लुका जाहीं। \s1 नवां अकास अऊ नवां धरती \q1 \v 17 “देखव, मेंह नवां अकास \q2 अऊ नवां धरती के सिरिस्टी करहूं। \q1 अऊ पहिली के चीजमन ला सुरता नइं करे जाही, \q2 अऊ न ही ओमन मनखे के मन म आहीं। \q1 \v 18 एकर कारन जऊन कुछू के मेंह सिरिस्टी करथंव, \q2 ओमा सदा खुस रहव अऊ आनंदित रहव, \q1 काबरकि देखव, में यरूसलेम ला खुसी बर \q2 अऊ येकर मनखेमन ला आनंद बर बनाहूं। \q1 \v 19 में यरूसलेम ऊपर आनंदित होहूं \q2 अऊ अपन मनखेमन ले खुस होहूं; \q1 येमा रोय अऊ नरियाय के अवाज \q2 फेर सुनाई नइं पड़ही। \b \q1 \v 20 “ओमा फेर न तो कुछू दिन के लइका, \q2 अऊ न अइसन बुढ़वा मरही \q2 जऊन ह अपन उमर पूरा नइं करे होही; \q1 काबरकि जऊन ह लड़कपन म मरइया हे \q2 ओह सौ बछर के होके मरही, \q1 पर जऊन ह सौ बछर के पहिले मरही, \q2 ओह सापित समझे जाही। \q1 \v 21 ओमन घर बनाके ओमा बसहीं; \q2 ओमन अंगूर के बारी लगाके ओकर फर खाहीं। \q1 \v 22 अइसन नइं होवय कि ओमन बनावंय अऊ दूसरमन ओमा बसंय, \q2 या ओमन रूख लगांय, अऊ दूसरमन खावंय। \q1 काबरकि जतका उमर रूख के होही, \q2 ओतका मोर मनखेमन के उमर होही; \q1 मोर चुने गय मनखेमन अपन हांथ के काम के \q2 लम्बा समय तक आनंद उठाहीं। \q1 \v 23 ओमन के मेहनत ह बेकार नइं होवय, \q2 न ओमन के लइकामन दुख झेले बर पईदा होहीं; \q1 काबरकि ओमन यहोवा के दुवारा आसीसित मनखे होहीं, \q2 ओमन अऊ ओमन के लइकामन घलो आसीसित होहीं। \q1 \v 24 ओमन के पुकारे के पहिली ही में ओमन ला उत्तर दूहूं; \q2 ओमन के गोठियावत बेरा ही, में ओमन के सुन लूहूं। \q1 \v 25 भेड़िया अऊ मेढ़ा-पीला एके संग चरहीं, \q2 अऊ सिंह ह बईला सहीं भूंसा खाही, \q2 अऊ सांप के जेवन धुर्रा होही। \q1 मोर जम्मो पबितर पहाड़ ऊपर \q2 न तो कोनो चोट पहुंचाहीं अऊ न ही नुकसान करहीं,” \q2 यहोवा ह कहत हे। \c 66 \s1 परमेसर के नियाय अऊ आसा \p \v 1 यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “स्वरग ह मोर सिंघासन, \q2 अऊ धरती ह मोर गोड़ मढ़ाय के चौकी अय। \q1 तुमन मोर बर कइसने घर बनाहू? \q2 मोर बिसराम के ठऊर कहां होही? \q1 \v 2 का ये जम्मो चीज ला मोर हांथ ह नइं बनाय हे, \q2 अऊ ये किसम ले येमन आकार लीन?” \q2 यहोवा ह घोसना करत हे। \b \q1 “येमन ऊपर मोर दया-दिरिस्टी रहिथे: \q2 जऊन मन नम्र अऊ पछतापी मन के होथें, \q2 अऊ जेमन मोर बचन सुनके कांपथें। \q1 \v 3 पर जऊन ह बईला के बलि चघाथे \q2 ओह मनखे ला मार डारे के बरोबर अय, \q1 अऊ जऊन ह मेढ़ा-पीला के बलि चघाथे \q2 ओह कुकुर के घेंच ला काटे के बरोबर अय; \q1 जऊन ह अन्न-बलिदान चघाथे \q2 ओह सूरा के लहू चघाय सहीं अय, \q1 अऊ जऊन ह धूप जलाथे \q2 ओह मूरती-पूजा करे सहीं अय। \q1 ये जम्मो झन अपन-अपन रद्दा चुन ले हवंय, \q2 अऊ ओमन अपन घिनौना चीजमन म खुस रहिथें; \q1 \v 4 एकर कारन में घलो ओमन बर कठोर बात चुनहूं \q2 अऊ जऊन बात ले ओमन डराथें, ओही ला ओमन ऊपर लानहूं। \q1 काबरकि जब मेंह बलांय तब कोनो जबाब नइं दीन, \q2 अऊ जब में ओमन ले बात करेंव, तब कोनो मोर बात ला नइं सुनिन। \q1 ओमन मोर नजर म दुस्ट काम करिन \q2 अऊ जेकर ले में नाखुस होथंव, ओही काम ला ओमन चुनिन।” \b \q1 \v 5 तुमन, जेमन यहोवा के बचन सुनके कांपथव, \q2 ओकर बचन ला सुनव: \q1 “तुम्हर खुद के मनखे, जेमन तुम्हर ले बईर रखथें, \q2 अऊ मोर नांव के कारन तुमन ला अलगिया देथें, ओमन कहे हवंय, \q1 ‘यहोवा के महिमा होवय, \q2 जेकर ले हमन तुम्हर आनंद ला देखन!’ \q2 पर ओही मन ला लजाय बर पड़ही। \q1 \v 6 सहर\f + \fr 66:6 \fr*\fqa यरूसलेम \fqa*\ft सहर\ft*\f* म होवत हल्ला-गुल्ला ला सुनव, \q2 मंदिर म होवत ओ कोलाहल ला सुनव! \q1 येह यहोवा के अवाज अय, \q2 ओह अपन बईरीमन ला ओमन के करनी के फल देवत हे। \b \q1 \v 7 “छेवारी पीरा सुरू होय के पहिली ही \q2 ओह जनम देथे; \q1 ओला पीरा होय के पहिली ही \q2 ओह एक बेटा ला जनम देथे। \q1 \v 8 अइसन बात कोनो कभू सुने हवंय? \q2 अइसन बात कोनो कभू देखे हवंय? \q1 का कोनो देस एके दिन म उतपन हो सकथे \q2 या कोनो जाति ला छिन भर म उतपन करे जा सकथे? \q1 पर सियोन ला छेवारी पीरा उठते ही \q2 ओह अपन लइकामन ला जनम देथे। \q1 \v 9 का में लइका जनमाय के समय ला लाथंव \q2 अऊ लइका ला पईदा होवन नइं दंव?” \q2 यहोवा ह कहत हे। \q1 “जब में लइका जनमाय के समय ला लाथंव \q2 त का में कोख ला बंद कर देथंव?” \q2 तुम्हर परमेसर ह कहत हे। \q1 \v 10 “तुमन जम्मो, जेमन यरूसलेम ले मया करथव, \q2 ओकर संग आनंद मनावव अऊ ओकर बर खुसी मनावव; \q1 तुमन जम्मो, जेमन ओकर बर सोक करथव, \q2 ओकर संग बहुंत आनंदित होवव। \q1 \v 11 काबरकि तुमन ला दूध पिलाय जाही \q2 अऊ तुमन ओकर सांति देवइया थन ले संतुस्ट होहू; \q2 तुमन बहुंत दूध पीहू \q1 अऊ ओकर अधिकता ले तुमन खुस होहू।” \p \v 12 काबरकि यहोवा ह ये कहत हे: \q1 “देखव, मेंह ओला नदी के सहीं सांति, \q2 अऊ नरवा म पूरा आय सहीं जाति-जाति के धन ओला दूहूं; \q1 तुमन दूध पीहू अऊ तुमन ला ओह अपन गोदी म लीही \q2 अऊ अपन माड़ी म रखके तुमन ला लाड़ करही। \q1 \v 13 जइसन एक दाई ह अपन लइका ला दुलारथे, \q2 वइसन ही में घलो तुमन ला दुलारहूं; \q2 अऊ तुमन ला यरूसलेम म ही सांति मिलही।” \b \q1 \v 14 जब तुमन ये देखहू, त तुम्हर मन ह आनंदित होही \q2 अऊ तुमन घांस सहीं बाढ़हू; \q1 यहोवा के हांथ ओकर सेवकमन ऊपर परगट होही, \q2 पर ओकर बईरीमन ऊपर ओकर रिस ह भड़कही। \q1 \v 15 देखव, यहोवा ह आगी के संग आवत हे, \q2 अऊ ओकर रथमन बवंडर सहीं अंय; \q1 ओह अपन रिस ला जलजलाहट के संग \q2 अऊ अपन डांट ला आगी के लपट के संग लानही। \q1 \v 16 काबरकि यहोवा ह जम्मो मनखेमन के नियाय \q2 आगी ले अऊ अपन तलवार ले करही, \q2 अऊ यहोवा के दुवारा मारे गय मनखेमन अब्बड़ होहीं। \p \v 17 यहोवा ह कहिथे, “जेमन अपनआप ला एकर बर पबितर अऊ सुध करथें कि ओमन ओकर पाछू-पाछू बारीमन म जावंय, जऊन ह ओ मनखेमन के बीच हवय, जेमन सूरा अऊ मुसवा के मांस अऊ आने असुध चीजमन ला खाथें—ओमन जेकर पाछू-पाछू जावत हें, ओमन आखिरी म एके संग नास हो जाहीं,” यहोवा ह घोसना करत हे। \p \v 18 “ओमन जऊन योजना बनाके काम करे हवंय, ओकर कारन मेंह आनेचवाला हंव अऊ मेंह जाति-जाति अऊ भासा-भासा के मनखेमन ला इकट्ठा करहूं अऊ ओमन आके मोर महिमा देखहीं। \p \v 19 “में ओमन म एक चिनहां परगट करहूं, अऊ ओमन के बांचे कुछू मनखेमन ला में ओ जातिमन करा पठोहूं, जेमन न तो मोर बारे म सुने हवंय अऊ न ही मोर महिमा देखे हवंय, याने कि मेंह ओमन ला तरसीसीमन करा, लिबियन\f + \fr 66:19 \fr*\ft कुछू सेप्टाजिन्ट हस्तलिपि म \ft*\fqa पूत; इबरानी म \fqa*\fqa पूल\fqa*\f* अऊ लूदीमन करा (धनुसधारी के रूप म माहिर), तूबली अऊ यूनानीमन करा अऊ दूरिहा के द्वीपवासीमन करा पठोहूं। ओमन जाति-जाति के मनखेमन के बीच मोर महिमा के बखान करहीं। \v 20 अऊ ओमन जम्मो जातिमन ले तुम्हर जम्मो मनखेमन ला यहोवा बर एक भेंट के रूप म यरूसलेम म मोर पबितर पहाड़ मेर लानहीं—ओमन ला घोड़ा, रथ, गाड़ी, खच्चर अऊ ऊंटमन म बईठाके लानहीं,” यहोवा ह कहत हे। “ओमन ला अइसे लाय जाही, जइसे इसरायलीमन यहोवा के मंदिर म सुध बरतन म अन्न-बलिदान लानथें। \v 21 अऊ मेंह ओमन के कुछू मनखे ला पुरोहित अऊ लेवी के रूप म काम करे बर अलग करहूं,” यहोवा ह कहत हे। \b \p \v 22 “जइसन नवां अकास अऊ नवां धरती, जेमन ला मेंह बनाहूं, मोर आघू म बने रहिहीं,” यहोवा ह घोसना करत हे, “वइसन तुम्हर नांव अऊ तुम्हर संतानमन घलो बने रहिहीं। \v 23 एक नवां चंदा ले दूसर नवां चंदा तक अऊ एक बिसराम दिन ले दूसर बिसराम दिन तक, जम्मो मनखेमन आहीं अऊ मोर आघू म मुड़ नवाहीं,” यहोवा ह कहत हे। \v 24 “अऊ ओमन बाहिर निकलहीं अऊ ओ मनखेमन के लास ला देखहीं, जेमन मोर ले बिदरोह करे रिहिन; जऊन कीरामन ओ लासमन ला खाथें, ओमन नइं मरंय, अऊ जऊन आगी ले ओमन ला जलाय जाथे, ओह नइं बुतावय, अऊ ओमन जम्मो मानव-जाति बर घिनौना हो जाहीं।”