\id HEB - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h इबरीमन \toc1 इबरीमन के नांव के चिट्ठी \toc2 इबरीमन \toc3 इब \mt1 इबरीमन \mt2 के नांव के चिट्ठी \c 1 \s1 परमेसर के आखिरी बचन: ओकर बेटा \p \v 1 पहिली जमाना म, परमेसर ह हमर पुरखामन ले, कतको बार अऊ कतको किसम ले अगमजानीमन के दुवारा गोठियाईस, \v 2 पर ये आखिरी दिन म, ओह हमर ले अपन बेटा के दुवारा गोठियाईस, जऊन ला ओह जम्मो चीज के ऊपर वारिस ठहिराईस अऊ ओकरे दुवारा, ओह संसार ला बनाईस। \v 3 बेटा ही परमेसर के महिमा के अंजोर ए अऊ ओह परमेसर के रूप के एकदम सही परतिनिधि ए अऊ ओह अपन सामर्थी बचन के दुवारा जम्मो चीजमन ला संभालके रखथे। ओह मनखेमन के पाप ला सुध करे के बाद, स्वरग म महामहिम परमेसर के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस। \v 4 एकरसेति ओह स्वरगदूतमन ले जादा उत्तम ठहिरिस, जइसने कि परमेसर ह ओला स्वरगदूतमन ले उत्तम नांव घलो दे रिहिस। \s1 बेटा ह स्वरगदूतमन ले उत्तम ए \p \v 5 काबरकि परमेसर ह कोनो स्वरगदूत ला कभू ये नइं कहिस, \q1 “तेंह मोर बेटा अस; \q2 आज मेंह तोर ददा बन गे हवंव।”\f + \fr 1:5 \fr*\ft \+xt भजन 2:7\+xt*\ft*\f* \m या फेर ये नइं कहिस, \q1 “मेंह ओकर ददा होहूं, \q2 अऊ ओह मोर बेटा होही।”\f + \fr 1:5 \fr*\ft \+xt 2 समू 7:14; 1 इति 17:13\+xt*\ft*\f* \m \v 6 पर जब परमेसर ह अपन पहिलांत बेटा ला संसार म लानथे, त कहिथे, \q1 “परमेसर के जम्मो स्वरगदूतमन ओकर अराधना करंय।” \m \v 7 स्वरगदूतमन के बारे म परमेसर ह ये कहिथे, \q1 “परमेसर ह अपन स्वरगदूतमन ला आतमा, \q2 अऊ अपन सेवकमन ला आगी के जुवाला बनाथे।”\f + \fr 1:7 \fr*\ft \+xt भजन 104:4\+xt*\ft*\f* \m \v 8 पर बेटा के बारे म ओह कहिथे, \q1 “हे परमेसर, तोर सिंघासन ह सदाकाल तक बने रहिही, \q2 अऊ धरमीपन के राजदंड ह तोर राज के राजदंड होही। \q1 \v 9 तेंह धरमीपन ले मया करय अऊ दुस्टता ले घिन करय; \q2 एकरसेति, परमेसर, तोर परमेसर ह \q2 आनंद के तेल ले तोर अभिसेक करे के दुवारा तोला तोर संगीमन ले ऊपर करे हवय।”\f + \fr 1:9 \fr*\ft \+xt भजन 45:6, 7\+xt*\ft*\f* \m \v 10 ओह ये घलो कहिथे, \q1 “हे परभू, सुरूआत म, तेंह धरती के नीव रखे, \q2 अऊ अकास ह तोर हांथ के दुवारा बनाय गे हवय। \q1 \v 11 ओमन तो नास हो जाहीं, पर तेंह बने रहिबे; \q2 ओमन जम्मो, पहिरे के कपड़ा सहीं जुन्ना हो जाहीं। \q1 \v 12 तेंह ओमन ला चादर सहीं घरियाबे; \q2 कपड़ा के सहीं ओमन बदल दिये जाहीं। \q1 पर तेंह वइसनेच के वइसने रहिथस, \q2 अऊ तोर समय ह कभू अन्त नइं होवय।”\f + \fr 1:12 \fr*\ft \+xt भजन 102:25‑27\+xt*\ft*\f* \m \v 13 परमेसर ह कभू कोनो स्वरगदूत ला ये नइं कहिस, \q1 “मोर जेवनी हांथ कोति बईठ, \q2 जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला \q2 तोर गोड़ रखे के चउकी नइं बना देवंव।”\f + \fr 1:13 \fr*\ft \+xt भजन 110:1\+xt*\ft*\f* \m \v 14 का जम्मो स्वरगदूतमन सेवा करइया आतमा नो हंय? हव, ओमन अंय। अऊ ये स्वरगदूतमन ओमन के सेवा करे खातिर पठोय जाथें, जऊन मन उद्धार पाहीं। \c 2 \s1 सचेत रहे बर चेतउनी \p \v 1 एकरसेति, जऊन बातमन ला हमन सुने हवन, ओकर ऊपर हमन अऊ जादा धियान देवन, ताकि हमन ओ बातमन ले झन भटक जावन। \v 2 काबरकि स्वरगदूतमन के दुवारा कहे गे संदेस ह सच रिहिस अऊ जऊन कोनो ओकर पाछू नइं चलिस या ओला नइं मानिस, ओला ओकर उचित दंड मिलिस। \v 3 यदि हमन अइसने बड़े उद्धार ला धियान नइं देवन, त हमन कइसने बच सकथन। ये उद्धार के बखान पहिली परभू के दुवारा करे गीस, अऊ जऊन मन येला सुनिन, ओमन के दुवारा हमन ला एकर निस्चय होईस। \v 4 परमेसर ह घलो चिनहां, अद्भूत काम अऊ कतको किसम के चमतकार के दुवारा एकर गवाही दीस अऊ ओह पबितर आतमा के बरदान के दुवारा घलो एकर गवाही दीस, जऊन ला कि ओह अपन ईछा के मुताबिक मनखेमन ला दे दीस। \s1 यीसू ह पूरा मनखे बनिस \p \v 5 अवइया संसार, जेकर बारे म हमन चरचा करत हवन, परमेसर ह ओला स्वरगदूतमन के अधीन म नइं करिस। \v 6 परमेसर के बचन म एक झन एक जगह गवाही दे हवय: \q1 “मनखे ह का ए कि तेंह ओकर ऊपर धियान देथस, \q2 या मनखे के बेटा\f + \fr 2:6 \fr*\ft इहां \ft*\fq मनखे के बेटा \fq*\ft के मतलब घलो \ft*\fqa मनखे \fqa*\ft हो सकथे।\ft*\f* ह का ए कि तेंह ओकर खियाल रखथस? \q1 \v 7 तेंह ओला स्वरगदूतमन ले थोरकन\f + \fr 2:7 \fr*\ft थोरकन समय बर\ft*\f* कम करके बनाय, \q2 तेंह ओला महिमा अऊ आदर के मुकुट पहिराय। \q2 \v 8 अऊ हर एक चीज ला ओकर गोड़ खाल्हे कर देय।” \m हर एक चीज ला ओकर अधीन करके, परमेसर ह अइसने कोनो चीज ला नइं छोंड़िस, जऊन ह ओकर अधिकार म नइं ए। पर अभी हमन हर एक चीज ला ओकर अधीन म नइं देखथन। \v 9 पर हमन यीसू ला देखथन, जऊन ह स्वरगदूतमन ले थोरकन समय बर थोरकन कम करके बनाय गीस अऊ अब मिरतू के दुख उठाय के कारन, ओह महिमा अऊ आदर के मुकुट पहिरे हवय, ताकि परमेसर के अनुग्रह के दुवारा ओह जम्मो मनखे बर मर जावय। \p \v 10 येह उचित रिहिस कि परमेसर, जेकर दुवारा अऊ जेकर बर हर एक चीज बनाय गीस, ओह यीसू ला दुख उठाय के जरिये सिद्ध करय, ताकि ओह बहुंते बेटामन ला लानय अऊ यीसू के महिमा म भागी बनावय। काबरकि यीसू ह ओ जन ए, जेकर दुवारा ओमन उद्धार पाथें। \v 11 जऊन ह मनखेमन ला पबितर करथे अऊ जऊन मन पबितर करे जाथें; ये दूनों एक ही परिवार के अंय। एकरसेति, यीसू ह ओमन ला अपन भाई कहे ले नइं लजावय। \v 12 ओह कहिथे, \q1 “हे परमेसर, मेंह अपन भाईमन ला तोर बारे म बताहूं; \q2 सभा के आघू म तोर परसंसा के गीत गाहूं।”\f + \fr 2:12 \fr*\ft \+xt भजन 22:22\+xt*\ft*\f* \m \v 13 ओह फेर कहिथे, \q1 “मेंह ओकर ऊपर अपन भरोसा रखहूं।” \m अऊ ओह फेर कहिथे, \q1 “मेंह इहां हवंव, अऊ जऊन लइकामन ला परमेसर ह मोला देय हवय, ओमन घलो हवंय।”\f + \fr 2:13 \fr*\ft \+xt यसा 8:18\+xt*\ft*\f* \p \v 14 जब लइकामन मांस अऊ लहू के बने हवंय, त यीसू ह खुद ओमन के सहीं बनिस अऊ ओमन के मनखे सुभाव म भागी होईस, ताकि अपन मिरतू के दुवारा, ओह सैतान के नास करय, जेकर करा मिरतू के सक्ति हवय— \v 15 अऊ ओह ओमन ला छोंड़ावय, जऊन मन अपन मिरतू के डर के कारन जिनगी भर गुलामी म रिहिन। \v 16 काबरकि ये बात ह पक्का ए कि ओह स्वरगदूतमन के नइं, पर अब्राहम के संतानमन के मदद करथे। \v 17 एकरसेति, ओला हर किसम ले अपन भाईमन सहीं बने बर पड़िस, ताकि ओह परमेसर के सेवा म, एक दयालु अऊ बिसवास लईक महा पुरोहित बनय अऊ ओह मनखेमन के पाप के पछताप करय। \v 18 काबरकि जब ओकर परिछा करे गीस, त ओह खुद दुख उठाईस, एकरसेति ओह ओमन के मदद कर सकथे, जऊन मन परिछा म पड़थें। \c 3 \s1 यीसू ह मूसा ले महान ए \p \v 1 एकरसेति, हे पबितर भाईमन, जऊन मन स्वरगीय बुलावा म सहभागी हवव, अपन धियान यीसू ऊपर लगावव, जऊन ला हमन प्रेरित अऊ महा पुरोहित मानथन। \v 2 परमेसर ह ओला चुने रिहिस, अऊ ओह परमेसर के बिसवासयोग्य रिहिस, जइसने कि मूसा ह परमेसर के जम्मो घराना म बिसवासयोग्य रिहिस। \v 3 घर के बनइया ह घर ले जादा आदर पाथे, वइसनेच यीसू ह मूसा ले बढ़के आदर पाय के लईक समझे गीस। \v 4 काबरकि हर एक घर के कोनो न कोनो बनइया होथे। पर जऊन ह जम्मो चीज ला बनाईस, ओह परमेसर ए। \v 5 “एक सेवक के रूप म मूसा ह परमेसर के जम्मो घराना म बिसवासयोग्य रिहिस,”\f + \fr 3:5 \fr*\ft \+xt गन 12:7\+xt*\ft*\f* अऊ ओह ओ बात के गवाही दीस, जऊन ला परमेसर ह अवइया समय म बतानेवाला रिहिस। \v 6 पर मसीह ह एक बेटा के रूप म, परमेसर के घराना ऊपर बिसवासयोग्य अय। अऊ हमन ओकर घराना अन, यदि हमन अपन बिसवास अऊ आसा म मजबूती से बने रहिथन, जेकर कि हमन ला घमंड हवय। \s1 अबिसवास के बिरोध म चेतउनी \p \v 7 एकरसेति, जइसने कि पबितर आतमा ह कहिथे: \q1 “यदि आज, तुमन ओकर अवाज ला सुनथव, \q2 \v 8 त अपन हिरदय ला कठोर झन करव, \q1 जइसने कि तुम्हर पुरखामन निरजन प्रदेस म, \q2 बिदरोही होके परखे जाय के बेरा परमेसर के बिरोध म करे रिहिन। \q1 \v 9 ओमन उहां मोला परखिन अऊ जांचिन, \q2 हालाकि ओमन चालीस साल तक मोर काममन ला देखिन। \q1 \v 10 एकरे कारन, मेंह ओ पीढ़ी के मनखेमन ले नराज रहेंव, \q2 अऊ मेंह कहेंव, ‘ओमन के मन ह हमेसा भटकत रहिथे, \q2 अऊ ओमन मोर रसता ला नइं जानंय।’ \q1 \v 11 एकरसेति, मेंह कोरोध म कसम खाके कहेंव, \q2 ‘ओमन ओ ठऊर म कभू नइं जा सकहीं, जिहां मेंह ओमन ला अराम देवइया रहेंव।’ ”\f + \fr 3:11 \fr*\ft \+xt भजन 95:7‑11\+xt*\ft*\f* \p \v 12 हे भाईमन हो, एकर धियान रखव कि तुमन ले काकरो पापमय अऊ अबिसवासी हिरदय झन होवय, जऊन ह कि जीयत परमेसर ले दूरिहा हो जाथे। \v 13 पर हर एक दिन, एक-दूसर ला ढाढ़स बंधावव, जब तक कि येला आज कहे जाथे, ताकि तुमन कोनो घलो पाप के छल म पड़के कठोर झन होवव। \v 14 जऊन बिसवास, हमर करा सुरू म रिहिस, यदि हमन ओमा आखिरी तक मजबूत बने रहन, तभे मसीह के काम म हमर बांटा हवय। \v 15 जइसने कि परमेसर के बचन म ये कहे गे हवय: \q1 “यदि आज तुमन ओकर अवाज ला सुनथव, \q2 त अपन हिरदय ला कठोर झन करव, \q2 जइसने कि तुम्हर पुरखामन परमेसर के बिरोध म बिदरोही होके करिन।”\f + \fr 3:15 \fr*\ft \+xt भजन 95:7, 8\+xt*\ft*\f* \p \v 16 ओमन कोन रिहिन, जऊन मन परमेसर के अवाज ला सुनिन, अऊ ओकर बिरोध म बिदरोह करिन? का ओमन ओ जम्मो मनखे नइं रिहिन, जऊन मन ला मूसा ह मिसर देस ले निकालके लानिस? \v 17 अऊ काकर ले परमेसर ह चालीस साल तक नराज रिहिस? का ओमन ले नो हय, जऊन मन पाप करिन अऊ निरजन प्रदेस म गिरके मर गीन? \v 18 अऊ परमेसर ह कसम खाके कोन ला कहिस कि ओमन ओकर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं? सिरिप ओमन ला, जऊन मन ओकर हुकूम नइं मानिन। \v 19 ये किसम ले, हमन देखथन कि ओमन अपन अबिसवास के कारन ओ देस म नइं जा सकिन। \c 4 \s1 परमेसर के मनखेमन बर बिसराम \p \v 1 एकरसेति, जब परमेसर के बिसराम म जाय के वायदा ह अभी तक कायम हवय, त हमन ला सचेत रहना चाही ताकि तुमन ले कोनो घलो ओ बिसराम म जाय बर नकाबिल झन होवव। \v 2 काबरकि हमन ला घलो सुघर संदेस सुनाय गीस, जइसने ओमन ला सुनाय गे रिहिस, पर जऊन संदेस ओमन सुनिन, ओकर ले ओमन ला कोनो फायदा नइं होईस, काबरकि जऊन मन येला सुनिन, ओमन बिसवास के संग येला गरहन नइं करिन। \v 3 हमन जऊन मन कि बिसवास करे हवन, ओ बिसराम म जाथन, जइसने कि परमेसर ह कहे हवय, \q1 “एकरसेति मेंह नराज होके कसम खाएंव, \q2 ओमन मोर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं।”\f + \fr 4:3 \fr*\ft \+xt भजन 95:11\+xt*\ft*\f* \m हालाकि ओकर काम ह ओ समय पूरा हो गे रिहिस, जब ओह संसार ला बनाईस। \v 4 काबरकि कोनो मेर, ओह सातवां दिन के बारे म अइसने कहे हवय, “अऊ सातवां दिन, परमेसर ह अपन जम्मो काम ले बिसराम करिस।”\f + \fr 4:4 \fr*\ft \+xt उत 2:2\+xt*\ft*\f* \v 5 अऊ फेर, ओही बिसय म, ओह ये कहिथे, “ओमन मोर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं।” \p \v 6 येह अभी तक लागू हवय कि कुछू मनखे, ओ बिसराम म जा सकहीं अऊ जऊन मन ला पहिली सुघर संदेस सुनाय गे रिहिस, ओमन येमा नइं जा सकिन, काबरकि ओमन परमेसर के हुकूम ला नइं मानिन। \v 7 एकरसेति, परमेसर ह एक आने दिन ला तय करथे, जऊन ला “आज” कहे जाथे। बहुंत समय के बाद, ओह दाऊद राजा के जरिये एकर बारे म कहिस, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखाय हवय: \q1 “यदि आज तुमन ओकर अवाज ला सुनथव, \q2 त अपन हिरदय ला कठोर झन करव।” \m \v 8 काबरकि, यदि यहोसू ह ओमन ला बिसराम दे रिहिस, त परमेसर ह बाद म, आने दिन के बारे म नइं गोठियाय रहितिस। \v 9 एकरसेति, परमेसर के मनखेमन बर, एक बिसराम बचे हवय; \v 10 काबरकि जऊन ह परमेसर के बिसराम म जाथे, ओह अपन काम ले घलो बिसराम करथे, जइसने परमेसर ह अपन काम ले बिसराम करिस। \v 11 एकरसेति, आवव, हमन ओ बिसराम म जाय के पूरा कोसिस करन, ताकि अइसने झन होवय कि कोनो मनखे ओमन सहीं हुकूम नइं मानके मर जावंय। \p \v 12 परमेसर के बचन ह जीयत अऊ काम करत हवय। येह दू धारवाले तलवार ले घलो जादा चोख हवय। येह जीव अऊ आतमा, जोड़ अऊ गुदा मन ला अलग-अलग करके आर-पार छेदथे। येह मनखे के मन के बिचार अऊ ईछा ला जांचथे। \v 13 संसार के कोनो घलो चीज परमेसर के नजर ले छिपे नइं ए। ओकर आंखी के आघू म जम्मो चीजमन खुला अऊ बिगर परदा के हवंय अऊ हमर बर ये जरूरी अय कि हमन ओला अपन लेखा देवन। \s1 यीसू—बड़े महा पुरोहित \p \v 14 एकरसेति, जब हमर एक बड़े महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरगमन ले होके गे हवय। ओह परमेसर के बेटा यीसू ए; त आवव, हमन ओ बिसवास म मजबूत बने रहन, जऊन ला हमन अंगीकार करथन। \v 15 काबरकि हमर महा पुरोहित अइसने नो हय, जऊन ह हमर कमजोरी म, हमर संग सहानुभूति नइं रखय, पर हमर महा पुरोहित हमर सहीं हर किसम ले परखे गीस, पर ओह पाप नइं करिस। \v 16 एकरसेति आवव, हमन बिसवास के संग अनुग्रह के सिंघासन करा चलन, ताकि हमर ऊपर दया होवय अऊ जरूरत के बखत, हमन ला मदद करे बर अनुग्रह मिलय। \c 5 \p \v 1 हर एक महा पुरोहित ह मनखेमन ले चुने जाथे अऊ ओह मनखेमन कोति ले परमेसर के सेवा करे बर ठहिराय जाथे कि ओह परमेसर ला पाप खातिर भेंट अऊ बलिदान चघावय। \v 2 ओह अगियानी अऊ भटके मनखेमन ले नरमी से बरताव करे के योग्य अय, काबरकि ओह खुद एक निरबल मनखे ए। \v 3 एकरे कारन, ओला खुद के पाप खातिर अऊ संगे-संग मनखेमन के पाप खातिर बलिदान चघाना जरूरी ए। \v 4 कोनो खुद होके आदर के ये पद ला नइं लेवय; ओकर बुलाहट परमेसर के दुवारा होना जरूरी ए, जइसने कि हारून ह बलाय गे रिहिस। \p \v 5 एकरसेति, मसीह घलो महा पुरोहित बने के महिमा ला अपन ऊपर नइं लीस। पर परमेसर ह ओला कहिस, \q1 “तेंह मोर बेटा अस; \q2 आज मेंह तोर ददा बन गे हवंव।”\f + \fr 5:5 \fr*\ft \+xt भजन 2:7\+xt*\ft*\f* \m \v 6 ओह दूसर जगह म घलो कहिथे, \q1 “तेंह मलकिसिदक के सहीं \q2 सदाकाल बर एक पुरोहित अस।”\f + \fr 5:6 \fr*\ft \+xt भजन 110:4\+xt*\ft*\f* \p \v 7 धरती म जब यीसू ह सरीर म रिहिस, त ओह चिचिया-चिचियाके अऊ आंसू बोहाके परमेसर ले पराथना अऊ बिनती करिस, जऊन ह ओला मिरतू ले बचा सकत रिहिस, अऊ ओकर भक्ति के कारन, परमेसर ह ओकर बात ला सुनिस। \v 8 ओह परमेसर के बेटा रिहिस, पर दुख सहे के दुवारा, ओह हुकूम माने बर सिखिस, \v 9 अऊ जब ओह सिद्ध हो गीस, त ओह ओ जम्मो मन बर सदाकाल के उद्धार के जरिया बन गीस, जऊन मन ओकर हुकूम ला मानथें, \v 10 अऊ मलकिसिदक के सहीं, परमेसर ह ओला महा पुरोहित के पद दीस। \s1 बिसवास ले दूरिहा होय के बिरोध म चेतउनी \p \v 11 एकर बारे म कहे बर, हमर करा कतको बात हवय, पर येला समझाना कठिन ए, काबरकि तुमन अब समझे के कोसिस नइं करव। \v 12 वास्तव म, अब तक तुमन ला गुरू जरूर बन जाना रिहिस, पर अभी घलो ये बात के जरूरत हवय कि कोनो तुमन ला फेर परमेसर के बचन के सुरू के बातमन ला सिखोवय। ठोस भोजन के बदले, तुमन ला अभी घलो दूध के जरूरत हवय। \v 13 जऊन ह दूध पीके जीथे, ओला धरमीपन के पहिचान नइं रहय, काबरकि ओह अभी तक लइका हवय। \v 14 पर ठोस भोजन ह सियाना मनखेमन बर अय, जऊन मन लगातार अभियास के दुवारा भलई अऊ बुरई के पहिचान करे म, अपनआप ला पक्का कर ले हवंय। \c 6 \p \v 1 एकरसेति आवव, मसीह के बारे म जऊन सुरू के सिकछा ए, ओला छोंड़के हमन ओकर सिकछा म सियान होवत जावन। हमन ये बातमन के नीव फेर झन रखन—जइसने कि ओ काम ले पछतावा करई, जऊन ह हमन ला मिरतू कोति ले जाथे, परमेसर के ऊपर बिसवास करई, \v 2 बतिसमा, हांथ रखई, मरे मनखेमन के जी उठई अऊ सदाकाल के नियाय के बारे निरदेस। \v 3 अऊ कहूं परमेसर के अनुमति होही, त हमन ये काम घलो करबो। \p \v 4 जऊन मन एक बार परमेसर के अंजोर म आ गे हवंय, स्वरगीय बरदान के सुवाद ला चिख ले हवंय, जऊन मन पबितर आतमा के भागीदार हो गे हवंय, \v 5 जऊन मन परमेसर के बचन के भलई अऊ अवइया समय के सक्ति ला जान गे हवंय, \v 6 कहूं ओमन बिसवास ले भटक जावंय, त ओमन ला पछताप करे बर वापिस लाना असंभव ए, काबरकि अपन नुकसान करके, ओमन परमेसर के बेटा ला फेर कुरूस म चघावत हवंय अऊ खुलेआम ओकर ऊपर कलंक लगावथें। \v 7 परमेसर ह ओ भुइयां ला आसीस देथे, जऊन ह अकसर अपन ऊपर गिरइया बरसात के पानी ला सोंख लेथे अऊ ओमन बर बने फसल उपजाथे, जऊन मन येमा खेती-बारी करथें। \v 8 पर ओ भुइयां, जऊन ह कांटा अऊ कंटिली झाड़ी उपजाथे, ओह बेकार ए, अऊ ओकर ऊपर परमेसर ले सराप पाय के खतरा हवय। आखिरी म, येह आगी म बारे जाही। \p \v 9 मयारू संगवारी हो, हालाकि हमन अइसने गोठियावत हन, पर हमन ला तुम्हर बारे म अऊ बने बातमन के भरोसा हवय, जेमन के संबंध उद्धार से हवय। \v 10 परमेसर ह अनियायी नो हय; ओह तुम्हर काम ला नइं भुलावय, अऊ ओ मया ला नइं भुलावय, जऊन ला तुमन ओकर मनखेमन के मदद करे के दुवारा ओला देखाय हवव अऊ तुमन अभी घलो ओमन के मदद करत हवव। \v 11 हमन चाहथन कि तुमन ले हर एक झन आखिरी तक अइसनेच उत्साह से मेहनत करते रहय, ताकि तुम्हर आसा ह पक्का होवय। \v 12 हमन नइं चाहथन कि तुमन आलसी बनव, पर ओमन के नकल करव, जऊन मन बिसवास अऊ धीरज के दुवारा ओ चीज के वारिस बनथें, जेकर वायदा परमेसर ह करे हवय। \s1 परमेसर के परतिगियां अटल ए \p \v 13 जब परमेसर ह अब्राहम ले परतिगियां करिस, त ओकर ले बड़े अऊ कोनो नइं रिहिन, जेकर ओह किरिया खा सकय, एकरसेति ओह अपनेच ही किरिया खाके \v 14 कहिस, “ये बात पक्का अय कि मेंह तोला जरूर आसीस दूहूं अऊ तोर बंस म बहुंत संतान होहीं।”\f + \fr 6:14 \fr*\ft \+xt उत 22:17\+xt*\ft*\f* \v 15 अब्राहम ह धीरज धरके बाट जोहिस; अऊ तब ओह ओ चीजमन ला पाईस, जेकर परतिगियां परमेसर ह करे रिहिस। \p \v 16 मनखेमन अपन ले कोनो बड़े के कसम खाथें, अऊ कसम ह कहे गे बात ला पक्का करथे अऊ जम्मो बिवाद के निपटारा करथे। \v 17 काबरकि परमेसर ह अपन परतिगियां के वारिसमन ला, ये साफ-साफ बता दे बर चाहिस कि ओकर उदेस्य ह कभू नइं बदलय; एकरसेति ओह कसम खाय के दुवारा येला पक्का करिस। \v 18 परमेसर ह ये करिस, ताकि नइं बदलइया दू ठन बात के जरिये परमेसर ला लबरा साबित करना असंभव होवय, अऊ हमन ला, जऊन मन कि सरन पाय बर भागे हवन, बहुंते उत्साह मिलय, अऊ हमन ओ आसा ला पा सकन, जऊन ला हमर आघू म रखे गे हवय। \v 19 हमर करा ये आसा ह हमर जीव बर पानी जहाज के एक लंगर सहीं अय—मजबूत अऊ सुरकछित। येह पबितर-स्थान के भीतरी भाग म जाथे, जऊन ह परदा के पाछू म हवय, \v 20 जिहां यीसू ह हमर ले पहिली, हमर कोति ले गे हवय। ओह मलकिसिदक के सहीं सदाकाल बर एक महा पुरोहित बन गे हवय। \c 7 \s1 मलकिसिदक पुरोहित \p \v 1 ये मलकिसिदक सालेम के राजा अऊ सर्वोच्च परमेसर के पुरोहित रिहिस। जब अब्राहम ह राजामन ला हराके लहुंटत रिहिस, त ओह अब्राहम ले भेंट करिस अऊ ओला आसीस दीस, \v 2 अऊ अब्राहम ह ओला हर एक चीज के दसवां भाग दीस। मलकिसिदक नांव के पहिली मतलब होथे “धरमीपन के राजा” तब ये नांव के मतलब “सालेम के राजा” याने कि “सांति के राजा” घलो होथे। \v 3 मलकिसिदक के दाई या ददा या ओकर पुरखा के कोनो पता नइं ए। ओकर जनम अऊ ओकर जिनगी के अन्त के घलो कोनो लेखा नइं ए। ओह परमेसर के बेटा के सहीं सदाकाल बर एक पुरोहित अय। \p \v 4 तुमन सोचव कि ओह कतेक महान रिहिस: अऊ त अऊ कुल के मुखिया अब्राहम ह ओला लड़ई म लूटे गय माल के दसवां भाग दीस। \v 5 लेवी के बंस म ले जऊन मन पुरोहित बनथें, ओमन ला मूसा के कानून ह हुकूम देथे कि ओमन मनखेमन ले दसवां भाग जमा करंय, अऊ ये मनखेमन ओमन के भाई अंय, हालाकि ये भाईमन घलो अब्राहम के बंस अंय। \v 6 पर मलकिसिदक ह लेवी के बंस के नइं रिहिस, तभो ले ओह अब्राहम ले दसवां भाग लीस अऊ ओला आसीस दीस, जेकर करा परमेसर के परतिगियां रिहिस। \v 7 अऊ ये बात म कोनो संदेह नइं ए कि छोटे मनखे ह बड़े मनखे ले आसीस पाथे। \v 8 पुरोहितमन के मामला म, दसवां भाग ओ मनखेमन के दुवारा लिये जाथे, जऊन मन मर जाथें, पर मलकिसिदक के मामला म, दसवां भाग ओकर दुवारा लिये गीस, जेकर बारे म ये गवाही दे गे हवय कि ओह जीयथे। \v 9 त हमन ये कह सकथन कि लेवी जऊन ह दसवां भाग लेथे, ओह अब्राहम के जरिये दसवां भाग दीस। \v 10 काबरकि जब मलकिसिदक ह अब्राहम ले मिलिस, त ओ समय लेवी ह अपन पुरखा अब्राहम के सरीर म ही रिहिस। \s1 यीसू ह मलकिसिदक के सहीं \p \v 11 यदि लेवीमन के पुरोहित पद के जरिये सिद्धता मिलतिस—अऊ वास्तव म ओ पुरोहित पद ला बनाय रखे बर मनखेमन ला कानून दिये गीस—त फेर एकर का जरूरत रिहिस कि एक आने पुरोहित ह हारून के जाति म ले नइं, पर मलकिसिदक के जाति म ले आवय? \v 12 काबरकि जब पुरोहित पद ह बदले जाथे, तब मूसा के कानून घलो बदलना जरूरी ए। \v 13 हमर परभू जेकर बारे म ये जम्मो बात कहे जाथे, ओह एक आने गोत्र के अय अऊ ओ गोत्र म ले, कोनो अभी तक बेदी म पुरोहित के रूप म सेवा नइं करे हवंय। \v 14 काबरकि ये बात ह साफ ए कि हमर परभू ह यहूदा के गोत्र म ले आईस अऊ ये गोत्र के बिसय म मूसा ह पुरोहित पद के कुछू चरचा नइं करे हवय। \v 15 अऊ जऊन बात हमन कहे हवन, ओह अऊ साफ हवय कि मलकिसिदक के सहीं एक आने पुरोहित परगट होईस, \v 16 जऊन ह अपन पुरखामन के नियम के आधार म पुरोहित नइं बनिस, पर ओह अमर जिनगी के सामर्थ के आधार म पुरोहित बनिस। \v 17 काबरकि ओकर बारे म ये कहे गे हवय: \q1 “तेंह मलकिसिदक के सहीं \q2 सदाकाल बर एक पुरोहित अस।”\f + \fr 7:17 \fr*\ft \+xt भजन 110:4\+xt*\ft*\f* \p \v 18 पहिली के नियम ला अलग कर दिये गीस, काबरकि येह कमजोर अऊ बेकार रिहिस। \v 19 (काबरकि मूसा के कानून ह कोनो भी चीज ला सिद्ध नइं बनाईस), अऊ अब एक उत्तम आसा दिये गे हवय, जेकर दुवारा हमन परमेसर के लकठा म जाथन। \p \v 20 अऊ येह बिगर कसम खाय नइं होईस! आने मन बिगर कोनो कसम के पुरोहित बनिन, \v 21 पर ओह\f + \fr 7:21 \fr*\ft या \ft*\fqa यीसू\fqa*\f* एक कसम के संग पुरोहित बनिस, जब परमेसर ह ओला कहिस: \q1 “परभू ह कसम खाईस \q2 अऊ ओह अपन मन ला नइं बदलय: \q2 ‘तेंह सदाकाल बर एक पुरोहित अस।’ ”\f + \cat dup\cat*\fr 7:21 \fr*\ft \+xt भजन 110:4\+xt*\ft*\f* \m \v 22 ये कसम के कारन, यीसू ह अऊ बने करार के जमानतदार हो गीस। \p \v 23 पहिली बहुंत पुरोहितमन रिहिन, पर ओमन अपन सेवा ला पूरा नइं कर सकिन काबरकि ओमन मर गीन; \v 24 पर यीसू ह सदाकाल बर जीयथे; ओकर पुरोहित पद ह सदाकाल बर ए। \v 25 एकरसेति, ओह ओमन के पूरा उद्धार कर सकथे, जऊन मन ओकर जरिये परमेसर करा आथें, काबरकि ओह ओमन खातिर बिनती करे बर हमेसा जीयत हवय। \p \v 26 अइसने महा पुरोहित ह हमर जरूरत ला पूरा करथे, जऊन ह पबितर, निरदोस अऊ सुध ए; ओह पापीमन ले अलग करे गे हवय अऊ स्वरगमन ले ऊंचा उठाय गे हवय। \v 27 आने महा पुरोहितमन सहीं, ओला दिन-प्रतिदिन पहिली अपन खुद के पाप खातिर अऊ तब मनखेमन के पाप खातिर बलिदान चघाय के जरूरत नइं ए। ओह अपनआप ला ओमन के पाप बर बलिदान चघाके, ये काम ला सदाकाल बर एकेच बार म पूरा कर दीस। \v 28 काबरकि मूसा के कानून ह ओ मनखेमन ला महा पुरोहित के रूप म ठहिराथे, जऊन मन सिद्ध नो हंय; पर परमेसर के कसम, जऊन ह मूसा के कानून के बाद आईस, ओ बेटा ला ठहिराईस, जऊन ह सदाकाल के खातिर सिद्ध बनाय गे हवय। \c 8 \s1 नवां करार के महा पुरोहित \p \v 1 हमर कहे के सार बात ये अय: हमर करा एक अइसने महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरग म महामहिम परमेसर के सिंघासन के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस, \v 2 अऊ ओह ओ पबितर-स्थान म सेवा करथे, जऊन ह सही के पबितर-तम्बू ए अऊ येह मनखे के दुवारा नइं, पर परभू के दुवारा खड़े करे गे हवय। \p \v 3 हर एक महा पुरोहित ह भेंट अऊ बलिदान चघाय बर ठहिराय जाथे, एकरसेति ये महा पुरोहित बर घलो जरूरी रिहिस कि ओकर करा चघाय बर कुछू रहय। \v 4 यदि ओह धरती म होतिस, त ओह एक पुरोहित नइं होतिस, काबरकि मूसा के कानून के मुताबिक भेंट चघाय बर पहिले से पुरोहितमन हवंय। \v 5 जऊन सेवा ओमन पुरोहित के रूप म पबितर-स्थान म करथें, ओह ओकर एक नकल अऊ छइहां ए, जऊन ह स्वरग म हवय। एकरसेति जब मूसा ह पबितर-तम्बू ला बनइया रिहिस, त ओला ये चेतउनी मिले रिहिस: “धियान रहय कि जऊन नमूना तोला पहाड़ ऊपर देखाय गीस, ओकरे मुताबिक ही तेंह हर एक चीज ला बनाबे।”\f + \fr 8:5 \fr*\ft \+xt निर 25:40\+xt*\ft*\f* \v 6 पर जऊन सेवकई यीसू ला मिले हवय, ओह अऊ उत्तम अय, जइसने कि ओ करार जेकर मध्यस्थ यीसू अय, जुन्ना करार ले अऊ उत्तम अय, काबरकि येह अऊ उत्तम परतिगियां ऊपर अधारित हवय। \p \v 7 यदि पहिली करार म कुछू गलती नइं होतिस, त दूसर करार के जरूरत नइं होतिस। \v 8 पर परमेसर ह मनखेमन ला दोसी पाईस अऊ कहिस: \q1 “ओ दिनमन आवत हें, परभू ह घोसना करत हे, \q2 जब मेंह इसरायल के मनखेमन संग \q1 अऊ यहूदा के मनखेमन संग \q2 एक नवां करार करहूं। \q1 \v 9 येह ओ करार सहीं नइं होही, \q2 जेला मेंह ओमन के पुरखामन संग करे रहेंव, \q1 जब मेंह ओमन के हांथ धरके ओमन ला \q2 मिसर देस ले निकाल लानेंव, \q1 काबरकि ओमन मोर करार के पालन नइं करिन, \q2 एकर खातिर मेंह ओमन के खियाल नइं रखेंव, \q2 परभू ह घोसना करत हे। \q1 \v 10 ओ समय के बाद, मेंह इसरायल के मनखेमन संग ये करार करहूं, \q2 परभू ह घोसना करत हे। \q1 मेंह अपन कानून ला ओमन के मन म डालहूं \q2 अऊ ओमन ला ओमन के हिरदय म लिखहूं। \q1 मेंह ओमन के परमेसर होहूं \q2 अऊ ओमन मोर मनखे होहीं। \q1 \v 11 ओमन अपन परोसी ला फेर ये कभू नइं सिखोहीं, \q2 या एक-दूसर ला ये नइं कहिहीं, ‘परभू ला जानव,’ \q1 काबरकि छोटे ले लेके बड़े तक, \q2 ओ जम्मो झन मोला जानहीं। \q1 \v 12 काबरकि मेंह ओमन के अधरम ला छेमा करहूं, \q2 अऊ ओमन के पाप ला फेर सुरता नइं करहूं।”\f + \fr 8:12 \fr*\ft \+xt यर 31:31‑34\+xt*\ft*\f* \p \v 13 ये करार ला “नवां करार” कहे के दुवारा, परमेसर ह पहिली के करार ला बिगर काम के ठहिराईस; अऊ जऊन चीज ह बिगर काम के अऊ जुन्ना हो जाथे, ओह जल्दी लोप हो जाही। \c 9 \s1 धरती के पबितर-तम्बू म अराधना \p \v 1 पहिली करार म, अराधना के नियम रिहिस अऊ अराधना के एक संसारिक पबितर-स्थान घलो रिहिस, जऊन ह ये धरती म रिहिस। \v 2 एक पबितर-तम्बू बनाय गीस। एकर पहिली कमरा म दीवट, मेज अऊ परमेसर ला चघाय गे रोटी रहय; येला पबितर स्थान कहे जावय। \v 3 दूसरा परदा के पाछू एक ठन कमरा रहय, जऊन ला महा पबितर स्थान कहे जावय, \v 4 उहां धूप जलाय बर सोन के बेदी अऊ सोन ले मढ़े गय करार के सन्दूक रहय। ये सन्दूक म मन्ना ले भरे सोन के कटोरा, हारून के लउठी, जऊन म पीका आ गे रहय अऊ ओमा करार के पथरा के पटियामन घलो रहंय। \v 5 सन्दूक के ऊपर म महिमा के करूबमन रहंय, जेमन पछताप के ढपना ला छइहां करे रहंय। पर हमन अभी ये जम्मो बातमन के चरचा नइं कर सकन। \p \v 6 ये किसम ले, जब हर एक चीजमन ला रखे जा चुकिस, त पुरोहितमन बाहिर के कमरा म जावंय अऊ अपन सेवा ला करंय। \v 7 पर सिरिप महा पुरोहित ह भीतर के कमरा म जावय अऊ ओ घलो साल म सिरिप एक बार खून लेके उहां जावय अऊ ओ खून ला, ओह खुद के अऊ मनखेमन के ओ पाप के खातिर परमेसर ला चघावय, जऊन ला ओमन बिगर जाने करे रहंय। \v 8 एकर दुवारा पबितर आतमा ह ये बतावत रिहिस कि जब तक पहिली पबितर-तम्बू ह खड़े रिहिस, तब तक महा पबितर स्थान के रसता ह नइं खोले गे रिहिस। \v 9 येह आज के समय बर एक नमूना ए, जऊन ह ये बताथे कि जऊन भेंट अऊ बलिदानमन चघाय जावत रिहिन, ओमन अराधना करइयामन के बिबेक ला साफ नइं कर सकंय। \v 10 ओमन सिरिप खाय-पीये के चीज अऊ नाना किसम के सुध होय के रीति-रिवाज अंय। येमन बाहिरी नियम अंय, जऊन ह नवां हुकूम के आवत तक लागू रहिथे। \s1 मसीह के लहू \p \v 11 जब मसीह ह बने चीजमन के महा पुरोहित के रूप म आईस, जऊन मन पहिली ले इहां हवंय, त ओह अऊ बड़े अऊ जादा सिद्ध पबितर-तम्बू म ले होके गीस, जऊन ह मनखे के बनाय नो हय, याने कि ओ तम्बू ह ये संसार के नो हय। \v 12 ओह महा पबितर स्थान म बोकरा अऊ बछवामन के लहू के संग नइं गीस, पर ओह उहां जम्मो के सेति एकेच बार अपन खुद के लहू के दुवारा गीस अऊ हमर बर सदाकाल के छुटकारा लानिस। \v 13 बोकरा अऊ बईलामन के लहू अऊ जरे बछवा के राख ला, ओमन के ऊपर छिंचे जाथे, जऊन मन रिवाज के मुताबिक असुध रहिथें। येह ओमन ला पबितर करथे अऊ ओमन बाहिरी रूप ले सुध हो जाथें। \v 14 तब मसीह, जऊन ह निरदोस रिहिस, सदाकाल के आतमा के जरिये अपनआप ला परमेसर ला भेंट चघा दीस। ओकर लहू ह हमर बिबेक ला बेकार के काममन ले बहुंत जादा सुध करथे, ताकि हमन जीयत परमेसर के सेवा कर सकन! \p \v 15 एकरे खातिर मसीह ह एक नवां करार के मध्यस्थ ए, ताकि जऊन मन बलाय गे हवंय, ओमन ओ सदाकाल के वारिस बन जावंय, जेकर वायदा परमेसर ह करे हवय। अब मसीह अपन मिरतू के दुवारा एक छुड़ौती के कीमत दीस, ताकि ओह ओमन ला छोंड़ा सकय, जऊन मन पहिली करार के समय पाप करे रिहिन। \p \v 16 जब कोनो वसीयत\f + \fr 9:16 \fr*\ft यूनानी म \ft*\fqa करार\fqa*\ft ; \+xt पद 17|link-href="HEB 9:17"\+xt* म घलो\ft*\f* लिखथे अऊ मर जाथे, तब ओकर वारिस बर येह जरूरी ए कि ओह वसीयत करइया के मिरतू ला साबित करय। \v 17 काबरकि वसीयत ह तभे लागू होथे, जब वसीयत करइया ह मर जाथे। जब तक कि ओह जीयत हवय, तब तक वसीयत के कोनो मतलब नइं रहय। \v 18 एकरे कारन, पहिली करार ह घलो बिगर लहू के परभावी नइं रिहिस। \v 19 जब मूसा ह जम्मो मनखेमन ला कानून म बताय जम्मो हुकूम ला पढ़के सुना चुकिस, तब ओह पानी के संग बछवामन के लहू, सिन्दूरी लाल रंग के ऊन अऊ जूफा के डारा लीस अऊ ये चीजमन ला कानून के किताब अऊ जम्मो मनखेमन ऊपर छिंचिस, \v 20 अऊ ओह कहिस, “येह ओ करार के लहू ए, जऊन ला पालन करे के हुकूम, परमेसर ह तुमन ला देय हवय।”\f + \fr 9:20 \fr*\ft \+xt निर 24:8\+xt*\ft*\f* \v 21 एहीच किसम ले, मूसा ह पबितर-तम्बू अऊ येकर संस्कार म उपयोग होवइया जम्मो चीज ऊपर लहू छिंचिस। \v 22 वास्तव म, मूसा के कानून के मुताबिक लगभग हर एक चीज लहू के दुवारा सुध करे जाथे अऊ बिगर लहू बोहाय पाप के छेमा नइं होवय। \p \v 23 तब येह जरूरी रिहिस कि स्वरगीय चीजमन के नकल ह ये बलिदानमन के दुवारा सुध करे जावय, पर स्वरग के चीजमन खुद एकर ले अऊ बने बलिदान के दुवारा सुध करे जाथें। \v 24 काबरकि मसीह ह मनखे के बनाय ओ पबितर-स्थान म नइं गीस, जऊन ह सही के पबितर-स्थान के नमूना रिहिस, पर ओह स्वरग म गीस कि अब हमर बर, ओह परमेसर के आघू म परगट होवय। \v 25 मसीह ह स्वरग म अपनआप ला बार-बार भेंट चघाय बर नइं गीस, जइसने महा पुरोहित ह हर साल महा पबितर स्थान म ओ लहू लेके जाथे, जऊन ह ओकर खुद के नो हय। \v 26 नइं तो जब ले संसार ह रचे गे हवय, तब ले अब तक, मसीह ला कतको बार दुख उठाना पड़तिस। पर अब ओह ये जुग के आखिरी म, जम्मो के सेति एकेच बार परगट होईस, ताकि अपन खुद के बलिदान के दुवारा पाप ला दूर करय। \v 27 जइसने मनखे के एक बार मरई अऊ ओकर बाद ओकर नियाय होवई तय हवय, \v 28 ओहीच किसम ले, मसीह घलो अपनआप ला एक बार बलिदान कर दीस कि ओह बहुंते मनखे के पाप ला दूर करय; अऊ ओह दूसर बार परगट होही, पर पाप के भार उठाय बर नइं, पर ओमन के उद्धार करे बर, जऊन मन ओकर बाट जोहत हवंय। \c 10 \s1 मसीह के बलिदान जम्मो के सेति एकेच बार \p \v 1 मूसा के कानून ह अवइया बने चीजमन के सिरिप एक छइहां ए। येमन अपनआप म सही के चीज नो हंय। कानून के मुताबिक, एकेच किसम के बलिदान नियमित रूप ले हर साल चघाय जाथे, अऊ येह ओमन ला कभू सिद्ध नइं कर सकय, जऊन मन अराधना करे बर आथें। \v 2 यदि ये बलिदानमन के दुवारा मनखेमन सिद्ध हो जातिन, त ओमन के बलिदान चघई बंद हो जातिस। काबरकि अराधना करइयामन जम्मो के सेति एकेच बार म सुध हो जातिन अऊ ओमन अपन पाप के दोसी नइं होतिन। \v 3 पर ओ बलिदानमन हर साल ओमन के पाप के सुरता कराथें। \v 4 काबरकि बईला अऊ बोकरामन के लहू ह पाप ला कभू दूरिहा नइं कर सकय। \p \v 5 एकरसेति, जब मसीह ह संसार म आईस, त ओह कहिस: \q1 “बलिदान अऊ भेंट तेंह नइं चाहय, \q2 पर तेंह एक ठन देहें, मोर बर तियार करय; \q1 \v 6 तेंह होम-बलिदान अऊ पाप-बलिदान चघाय ले \q2 खुस नइं होवय। \q1 \v 7 तब मेंह कहेंव, ‘मेंह इहां हंव—जइसने पबितर बचन म मोर बारे म लिखे हवय— \q2 हे मोर परमेसर, मेंह तोर ईछा ला पूरा करे बर आय हवंव।’ ”\f + \fr 10:7 \fr*\ft \+xt भजन 40:6‑8\+xt* (देखव सेप्टाजिन्ट)\ft*\f* \m \v 8 पहिली मसीह ह कहिस, “न तो तेंह बलिदान अऊ भेंट, होम-बलिदान अऊ पाप-बलिदान ला चाहय, अऊ न ही ओमन ले खुस होवय,” हालाकि ये जम्मो बलिदान, मूसा के कानून के मुताबिक चघाय जाथें। \v 9 तब ओह कहिस, “मेंह इहां हंव, मेंह तोर ईछा ला पूरा करे बर आय हवंव।” ओह पहिली के बात ला छोंड़ देथे ताकि दूसर बात ला स्थापित करय। \v 10 अऊ ओहीच ईछा के दुवारा हमन यीसू मसीह के देहें के बलिदान के जरिये पबितर करे गे हवन अऊ ये बलिदान ह जम्मो के सेति एकेच बार करे गीस। \p \v 11 हर एक पुरोहित ह दिन-प्रतिदिन ठाढ़ होके अपन धारमिक सेवा ला करथे। ओह बार-बार ओहीच बलिदान ला चघाथे, जऊन ह पाप ला कभू दूरिहा नइं कर सकय। \v 12 पर मसीह ह पाप के खातिर एकेच बलिदान सदाकाल के सेति चघाईस अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस। \v 13 ओहीच बेरा ले, ओह इंतजार करथे कि परमेसर ह ओकर बईरीमन ला ओकर गोड़ रखे के चउकी बना देवय। \v 14 काबरकि एकेच बलिदान के दुवारा, ओह ओमन ला सदाकाल बर सिद्ध कर दे हवय, जऊन मन पाप ले पबितर करे जावत हें। \p \v 15 पबितर आतमा घलो हमन ला एकर बारे म गवाही देथे। पहिली ओह कहिथे: \q1 \v 16 “परभू ह कहिथे \q2 कि ओ समय के बाद मेंह ओमन के संग ये करार करहूं, \q1 मेंह अपन कानून ला ओमन के हिरदय म धरहूं \q2 अऊ मेंह ओमन ला ओमन के मन म लिखहूं।”\f + \fr 10:16 \fr*\ft \+xt यर 31:33\+xt*\ft*\f* \m \v 17 तब ओह ये घलो कहिथे: \q1 “ओमन के पाप अऊ अधरम के काम ला \q2 मेंह फेर सुरता नइं करहूं।”\f + \fr 10:17 \fr*\ft \+xt यर 31:34\+xt*\ft*\f* \m \v 18 अऊ जब एकर छेमा हो गे हवय, त फेर पाप खातिर अऊ कोनो बलिदान के जरूरत नइं ए। \s1 बिसवास म बने रहव \p \v 19 एकरसेति, हे भाईमन हो, जब हमन ला भरोसा हवय कि यीसू के लहू के दुवारा हमन महा पबितर स्थान म जाबो, \v 20 ओह हमर बर एक नवां अऊ जीयत रसता खोलिस, जऊन ह ओ परदा म ले होके जाथे, जऊन ह ओकर देहें अय, \v 21 अऊ जब हमर करा एक बड़े पुरोहित हवय, जेकर ऊपर परमेसर के घर के जिम्मा हवय, \v 22 त आवव, हमन परमेसर के लकठा म साफ हिरदय अऊ पूरा बिसवास के संग जावन। एक अइसने हिरदय, जऊन म पाप भावना नइं ए अऊ अइसने देहें, जऊन ह सुध पानी म धोय गे हवय। \v 23 आवव, हमन ओ आसा ला मजबूती ले धरे रहन, जऊन ला हमन स्वीकार करथन, काबरकि जऊन ह वायदा करे हवय, ओह बिसवासयोग्य अय। \v 24 अऊ आवव, हमन ये बिचार करन कि कइसने हमन एक-दूसर ला मया म अऊ बने काम म उत्साहित कर सकथन। \v 25 आवव, हमन एक-दूसर के संग मिले बर नइं छोंड़न, जइसने कि कुछू झन के ये आदत बन गे हवय, पर आवव, हमन एक-दूसर ला अऊ जादा उत्साहित करन, जइसने कि तुमन देखत हवव कि परभू के दिन ह लकठा आवत हवय। \p \v 26 सत के गियान ला पाय के बाद, कहूं हमन जानबूझके पाप करते रहिथन, त फेर कोनो घलो बलिदान हमर पाप ला दूरिहा नइं कर सकय, \v 27 पर सिरिप नियाय के एक भयानक बाट जोहई अऊ भयंकर आगी ह बांचही, जऊन ह परमेसर के बिरोधीमन ला जलाके भसम कर दीही। \v 28 जऊन कोनो मूसा के कानून ला नइं मानिस, ओह बिगर दया के दू या तीन मनखे के गवाही ले मारे गीस। \v 29 त तुमन सोचव कि ओ मनखे ह कतेक कठोर सजा के भागी ए, जऊन ह परमेसर के बेटा ला गोड़ खाल्हे कुचरे हवय अऊ करार के ओ लहू ला तुछ जाने हवय, जेकर दुवारा ओह पबितर करे गे रिहिस, अऊ जऊन ह अनुग्रह के आतमा के बेजत्ती करे हवय। \v 30 काबरकि हमन ओला जानथन, जऊन ह ये कहिस, “बदला लेवई मोर काम ए; मेंह बदला लूहूं”\f + \fr 10:30 \fr*\ft \+xt ब्यव 32:35\+xt*\ft*\f* अऊ ओह फेर ये कहिस, “परभू ह अपन मनखेमन के नियाय करही।” \v 31 जीयत परमेसर के हांथ म पड़ई बहुंत भयानक बात ए। \p \v 32 सुरू के ओ दिनमन ला सुरता करव, परमेसर के अंजोर ला पाय के बाद, जब तुमन कतको दुख सहत घलो स्थिर रहेव। \v 33 कभू तुम्हर खुलेआम बेजत्ती करे गीस अऊ तुमन ला सताय गीस, त कभू तुमन हर किसम ले ओमन के मदद करेव, जऊन मन के संग ये किसम के गलत बरताव करे जावत रिहिस। \v 34 तुमन कैदीमन बर सहानुभूति रखेव अऊ जब तुम्हर धन-संपत्ति ला लूटे गीस, त तुमन येला आनंद के संग स्वीकार करेव, काबरकि तुमन जानत रहेव कि तुम्हर करा एकर ले घलो उत्तम अऊ सदा बने रहइया संपत्ति हवय। \v 35 एकरसेति अपन भरोसा ला झन छोंड़व, काबरकि तुमन ला एकर एक बड़े ईनाम मिलही। \p \v 36 तुमन ला धीरज धरई जरूरी ए, ताकि जब तुमन परमेसर के ईछा ला पूरा कर लेवव, त तुमन ला ओ ईनाम मिलय, जेकर वायदा परमेसर ह तुम्हर ले करे हवय। \v 37 काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, \q1 “अब बहुंते कम समय बचे हवय; \q2 जऊन ह अवइया हवय, \q2 ओह आही अऊ ओह देरी नइं करय।”\f + \fr 10:37 \fr*\ft \+xt यसा 26:20; हब 2:3\+xt*\ft*\f* \m \v 38 अऊ, \q1 “पर मोर धरमी मनखे ह बिसवास के दुवारा जीयत रहिही। \q2 अऊ कहूं ओह पाछू हटथे, \q2 त मेंह ओकर ले खुस नइं होवंव।”\f + \fr 10:38 \fr*\ft \+xt हब 2:4\+xt*\ft*\f* \m \v 39 पर हमन ओ मनखे नो हन, जऊन मन पाछू हट जाथें अऊ नास हो जाथें, पर हमन ओ मनखे अन, जऊन मन बिसवास करथें अऊ बचाय जाथें। \c 11 \s1 बिसवास \p \v 1 बिसवास करे के मतलब ये अय कि ओ बात ह निस्चय होही, जेकर आसा हमन करथन अऊ बिसवास करे के मतलब ओ बात के निस्चयता घलो अय, जऊन ला हमन नइं देखन। \v 2 बिसवास के कारन ही पुराना जमाना के मनखेमन के परमेसर ह परसंसा करिस। \p \v 3 बिसवास के दुवारा, हमन जानथन कि जम्मो संसार ह परमेसर के हुकूम ले सिरजे गीस, अऊ जऊन चीज ह दिखथे, ओह दिखत चीज ले बनाय नइं गीस। \p \v 4 बिसवास के दुवारा, हाबिल ह कैन ले उत्तम बलिदान परमेसर ला चघाईस। बिसवास के दुवारा, हाबिल ह एक धरमी मनखे समझे गीस, काबरकि परमेसर ह ओकर भेंट के बारे म बने बात कहिस। अऊ बिसवास के दुवारा, ओह अभी घलो गोठियाथे, हालाकि ओह मर गे हवय। \p \v 5 बिसवास के दुवारा, हनोक ह उठा लिये गीस, जेकर ले ओला मिरतू के अनुभव नइं होईस: “ओह फेर कोनो ला नइं दिखिस, काबरकि परमेसर ह ओला उठा लीस।”\f + \fr 11:5 \fr*\ft \+xt उत 5:24\+xt*\ft*\f* हनोक के उठाय जाय के पहिली, ओकर बारे म, ये कहे गे रिहिस कि ओह परमेसर ला खुस करिस। \v 6 बिगर बिसवास के परमेसर ला खुस करई असंभव ए, काबरकि जऊन ह परमेसर करा आथे, ओला ये बिसवास करना जरूरी ए कि परमेसर हवय अऊ ओह ओमन ला ईनाम देथे, जऊन मन सही मन ले ओला खोजथें। \p \v 7 जब परमेसर ह नूह ला ओ बातमन के बारे म चेतउनी दीस, जऊन मन ओ समय नइं दिखत रिहिन, त बिसवास के दुवारा, परमेसर के पबितर भय म, नूह ह अपन परिवार ला बचाय बर पानी जहाज बनाईस। अपन बिसवास के दुवारा, ओह संसार ला दोसी ठहिराईस अऊ ओ धरमीपन के वारिस बन गीस, जऊन ह बिसवास के दुवारा होथे। \p \v 8 जब परमेसर ह अब्राहम ला एक ठन जगह ला जाय बर कहिस, जऊन ला ओह बाद म वारिस के रूप म पवइया रिहिस, त बिसवास के दुवारा, अब्राहम ह परमेसर के बात ला मानिस अऊ चल दीस, हालाकि ओला ये बात मालूम नइं रिहिस कि ओह कहां जावत रिहिस। \v 9 बिसवास के दुवारा, ओह परतिगियां के भुइयां म अपन घर बनाईस अऊ एक अजनबी के सहीं, ओह एक आने देस म रिहिस। ओह तम्बूमन म रहय अऊ वइसने इसहाक अऊ याकूब घलो करिन, जऊन मन अब्राहम के संग ओहीच परतिगियां के वारिस रिहिन। \v 10 काबरकि अब्राहम ह ओ सहर के बाट जोहत रिहिस, जेकर नीव हवय अऊ जेकर नक्सा बनइया अऊ गढ़इया परमेसर ए। \v 11 हालाकि सारा ह लइका जनमाय के उमर ला पार कर ले रिहिस, पर बिसवास के दुवारा, ओह लइका जनमाईस, काबरकि ओह परमेसर ला बिसवासयोग्य जानिस, जऊन ह येकर वायदा करे रिहिस। \v 12 अऊ ये किसम ले, ये एक झन ले, जऊन ह मुरदा सहीं रिहिस, अतेक संतान होईन कि ओमन अकास के तारामन अऊ समुंदर तीर के बालू सहीं अनगिनत हो गीन। \p \v 13 ये जम्मो मनखे बिसवास म रहत मर गीन। ओमन ओ चीजमन ला नइं पाईन, जेकर वायदा परमेसर ह ओमन ले करे रिहिस, पर ओमन ओ चीजमन ला सिरिप देखिन अऊ दूरिहा ले ओमन के सुवागत करिन। अऊ ओमन ये बात ला मान लीन कि ओमन ये धरती म परदेसी अऊ अजनबी रिहिन। \v 14 जऊन मनखेमन अइसने बात कहिथें, ओमन ये परगट करथें कि ओमन अपन खुद के एक देस के खोज म हवंय। \v 15 यदि ओमन ओ देस के बारे म सोचे होतिन, जऊन ला छोंड़के ओमन आ गे रिहिन, त ओमन करा वापिस जाय के मऊका रिहिस। \v 16 पर ओमन एक उत्तम देस, याने कि स्वरगीय देस के खोज म रिहिन। एकरसेति परमेसर ह नइं लजावय, जब ओमन ओला अपन परमेसर कहिथें काबरकि ओह ओमन बर एक सहर तियार करे हवय। \p \v 17 जब परमेसर ह अब्राहम ला परखिस, त बिसवास के दुवारा, अब्राहम ह इसहाक ला बलिदान के रूप म चघाईस। अब्राहम ह ओ मनखे रिहिस, जऊन ह परमेसर ले परतिगियां पाय रिहिस, पर ओह अपन एकलऊता बेटा ला बलिदान चघाय बर तियार रिहिस, \v 18 हालाकि परमेसर ह ओला ये कहे रिहिस, “इसहाक के जरिये तोर बंस ह चलही।”\f + \fr 11:18 \fr*\ft \+xt उत 21:12\+xt*\ft*\f* \v 19 अब्राहम ह बिसवास करिस कि परमेसर ह मरे मनखे ला जियाय सकथे। हमन एक रीति म कह सकथन कि अब्राहम ह इसहाक ला मिरतू म ले फेर पा गीस। \p \v 20 बिसवास के दुवारा, इसहाक ह याकूब अऊ एसाव ला ओमन के भविस्य बर आसीस दीस। \p \v 21 बिसवास के दुवारा, याकूब ह अपन मरत समय यूसुफ के दूनों बेटा ला आसीस दीस, अऊ अपन लउठी के मुठ के ऊपर निहरके परमेसर के अराधना करिस। \p \v 22 जब यूसुफ ह मरइया रिहिस, त बिसवास ही के दुवारा, ओह इसरायलीमन के बारे म कहिस कि ओमन मिसर देस के गुलामी से निकल जाहीं अऊ ये हुकूम घलो दीस कि ओकर मरे के बाद, ओकर हाड़ामन के का करे जावय। \p \v 23 जब मूसा ह जनमिस, त बिसवास के दुवारा, ओकर दाई-ददा ओला तीन महिना तक छुपाय रखिन, काबरकि ओमन देखिन कि लइका ह सुघर हवय अऊ ओमन राजा के हुकूम ले नइं डर्राईन। \p \v 24 जब मूसा ह बड़े हो गीस, त बिसवास के दुवारा ही, ओह फिरौन राजा के बेटी के बेटा कहाय बर इनकार करिस। \v 25 थोरकन दिन पाप के सुख भोगे के बदले, ओह परमेसर के मनखेमन संग दुख भोगई ला बने समझिस। \v 26 मूसा ह मसीह के हित म कलंकित होवई ला बड़े धन समझिस, एकर बनिस्पत कि मिसर देस के खजाना के उपयोग करई, काबरकि ओह अवइया समय म अपन ईनाम के बाट जोहत रिहिस। \v 27 बिसवास ही के दुवारा, ओह राजा के कोरोध के चिंता नइं करिस अऊ मिसर देस ला छोंड़ दीस। ओह बिसवास म बने रिहिस, काबरकि ओह ओ परमेसर ला देखिस, जऊन ह नइं दिखय। \v 28 बिसवास ही के दुवारा, ओह फसह तिहार ला मानिस अऊ कपाटमन म लहू छिंचे के हुकूम दीस ताकि मिरतू के दूत ह इसरायलीमन के पहिलांत बेटामन ला झन मार डारय। \p \v 29 बिसवास के दुवारा ही, इसरायली मनखेमन लाल-समुंदर म ले अइसने पार हो गीन, जइसने कि सूखा भुइयां म पार होथें; पर जब मिसर देस के मनखेमन पार होय के कोसिस करिन, त ओ जम्मो झन बुड़ मरिन। \p \v 30 बिसवास ही के दुवारा, जब इसरायलीमन सात दिन तक यरीहो के दीवार के चक्कर लगाईन, त ओ दीवार ह गिर गीस। \p \v 31 बिसवास ही के कारन, राहाब नांव के बेस्या ह ओमन के संग मारे नइं गीस, जऊन मन परमेसर के हुकूम नइं मानिन। ओह भेदियामन ला छुपाय रखिस। \p \v 32 मेंह अऊ का कहंव? गिदोन, बाराक, सिमसोन, यिप्तह, दाऊद, समूएल अऊ अगमजानीमन के बारे म बताय बर, मोर करा समय नइं ए। \v 33 बिसवास ही के दुवारा, ओमन देसमन ला जीतिन, नियाय के मुताबिक काम करिन अऊ ओ चीज ला पाईन, जेकर वायदा परमेसर ह करे रिहिस। ओमन सिंहमन के मुहूं ला बंद कर दीन, \v 34 धधकत आगी ला बुझा दीन, अऊ तलवार के मार ले बच निकलिन। ओमन के कमजोरी ह ताकत म बदल गीस। ओमन लड़ई म बीरता देखाईन अऊ बिदेसी सेनामन ला मार भगाईन। \v 35 माईलोगनमन अपन मरे लोगनमन ला फेर जीयत पा गीन। अनेक बिसवासीमन अब्बड़ दुख अऊ पीरा सहिन, पर ओमन एकर ले छूटे बर नइं चाहिन, ताकि ओमन ला जी उठे के बाद एक उत्तम जिनगी मिलय। \v 36 कुछू बिसवासीमन के ठट्ठा करे गीस अऊ ओमन ला कोर्रा म मारे गीस, जबकि कतको झन ला संकली म बांधके जेल म डार दिये गीस। \v 37 ओमन ला पथरवाह करे गीस; ओमन के देहें ला आरी म चीरके दू भाग कर दिये गीस; ओमन तलवार ले मार डारे गीन। ओमन मेढ़ा अऊ बोकरा के चाम के कपड़ा पहिरे एती-ओती मारे-मारे फिरिन; ओमन खंगी म रिहिन अऊ सताय गीन अऊ ओमन के संग गलत बरताव करे गीस। \v 38 संसार ह ओमन के लईक नइं रिहिस। ओमन उजाड़ जगह अऊ पहाड़ अऊ भुइयां के खोह अऊ गड्ढामन म भटकत फिरिन। \p \v 39 ये जम्मो झन अपन बिसवास के कारन परसंसा पाईन, पर ओमा ले कोनो ला ओ चीज नइं मिलिस, जेकर वायदा परमेसर ह करे रिहिस। \v 40 परमेसर ह हमर खातिर अऊ उत्तम योजना बनाय रिहिस, ताकि ओमन हमर संग ही एक साथ सिद्ध बनाय जावंय। \c 12 \p \v 1 एकरसेति, जब हमर चारों कोति अइसने बहुंते गवाहमन के बड़े दल हवय, त आवव, हमन हर ओ बाधा देवइया चीज अऊ फंसा लेवइया पाप ले दूरिहा रहन अऊ ओ दऊड़ ला मन लगाके दऊड़न, जऊन ह हमर आघू म रखे हवय। \v 2 आवव, हमन यीसू कोति अपन धियान लगाय रखन, जऊन ह सुरू ले लेके आखिरी तक हमर बिसवास के आधार ए अऊ जऊन ह अपन आघू म रखे आनंद खातिर कुरूस के मिरतू ला सहिस। ओह एकर दुवारा बेजत्ती होय के चिंता नइं करिस अऊ परमेसर के सिंघासन के जेवनी हांथ कोति बईठ गीस। \v 3 एकरसेति, यीसू ऊपर अपन मन लगावव, जऊन ह पापी मनखेमन ले अइसने बिरोध सहिस, ताकि तुमन निरास झन होवव अऊ हिम्मत झन हारव। \s1 परमेसर अपन संतान के ताड़ना करथे \p \v 4 पाप के बिरूध लड़ई म, तुमन अभी तक ओ जगह म नइं आय हवव, जिहां तुमन ला अपन खून बहाना पड़े। \v 5 अऊ का तुमन उत्साह के ओ बचन ला भुला गे हवव, जऊन म परमेसर ह तुमन ला बेटा कहिके संबोधित करथे? येह कहिथे, \q1 “हे मोर बेटा, परभू के ताड़ना ला हल्का झन समझ, \q2 अऊ जब ओह तोला दबकारथे, त हिम्मत झन हार, \q1 \v 6 काबरकि परभू ह ओकर ताड़ना करथे, जऊन ला ओह मया करथे, \q2 अऊ ओह हर ओ मनखे ला दंड देथे, जऊन ला ओह बेटा बना लेथे।”\f + \fr 12:6 \fr*\ft \+xt नीति 3:11, 12\+xt*\ft*\f* \p \v 7 दुख-तकलीफ ला ताड़ना समझके सह लेवव; परमेसर ह तुमन ला अपन बेटा जानके तुम्हर संग बरताव करत हवय। काबरकि का अइसने कोनो बेटा हवय, जेकर ताड़ना ओकर ददा ह नइं करय? \v 8 हर एक झन के ताड़ना होथे, पर कहूं तुम्हर ताड़ना नइं होईस, त तुमन नजायज संतान अव, अऊ सही के बेटा नो हव। \v 9 हमन के हर एक के सारीरिक ददा हवंय, जऊन मन हमर ताड़ना करथें अऊ हमन एकर खातिर ओमन के आदर करथन। तब हमन ला हमर आतमा के ददा के अधीन, अऊ जादा रहना चाही ताकि हमन जीयत रहन। \v 10 हमर ददामन थोरकन समय बर हमर ताड़ना करथें, जइसने ओमन उचित समझथें; पर परमेसर ह हमर भलई बर ताड़ना करथे ताकि हमन ओकर पबितरता म भागीदार होवन। \v 11 ओतकीच बेरा, कोनो घलो किसम के ताड़ना बने नइं लगय, पर पीरा देथे। पर बाद म, येह ओमन के जिनगी म धरमीपन अऊ सांति के फर लाथे, जऊन मन ये ताड़ना म ले होके गुजर चुके होथें। \p \v 12 एकरसेति, अपन कमजोर हांथ अऊ कमजोर माड़ीमन ला मजबूत करव। \v 13 “अपन गोड़ खातिर डहारमन ला समतल करव,”\f + \fr 12:13 \fr*\ft \+xt नीति 4:26\+xt*\ft*\f* ताकि खोरवा ह अपंग झन होवय, पर ओह चंगा हो जावय। \s1 चेतउनी अऊ उत्साह \p \v 14 जम्मो मनखेमन संग सांति ले रहे के पूरा कोसिस करव अऊ पबितर बने बर घलो पूरा कोसिस करव, काबरकि बिगर पबितरता के, कोनो परभू ला नइं देख सकय। \v 15 एकर ऊपर धियान रखव कि हर एक झन ला परमेसर के अनुग्रह मिलय अऊ ओमन म कोनो किसम के कड़ुवाहट झन पनपे, जऊन ह समस्या खड़े करथे अऊ बहुंते झन ला असुध करथे। \v 16 एकर घलो धियान रखव कि कोनो छिनारी झन करय या एसाव के सहीं भक्तिहीन झन होवय, जऊन ह एक बखत के जेवन खातिर अपन पहिलांत के अधिकार ला बेच दीस। \v 17 जइसने कि तुमन जानत हव, बाद म, जब ओह ये आसीस ला पाय चाहिस, त ओला अस्वीकार करे गीस। हालाकि ओह रो-रोके ओ आसीस ला पाय के कोसिस करिस, पर ओकर करा अपन ददा के मन ला बदले के अऊ कोनो आने उपाय नइं रिहिस। \s1 भय के पहाड़ अऊ आनंद के पहाड़ \p \v 18 तुमन अब तक ओ जगह म नइं आय हवव अऊ अनुभव नइं करे हवव, जइसने इसरायलीमन सीनय पहाड़ म अनुभव करे रिहिन, जिहां आगी बरत रिहिस; अंधियार, धुंधलापन अऊ आंधी-तूफान रिहिस; \v 19 अऊ जिहां तुरही के अवाज अऊ एक झन के अइसने गोठियाय के अवाज आवत रिहिस, जऊन ला सुनके मनखेमन बिनती करे लगिन कि ओमन ले अऊ कोनो बात झन कहे जावय \v 20 काबरकि ओमन ओ हुकूम ले घबरा गीन, जेमा ये कहे गे रिहिस, “अऊ त अऊ कहूं कोनो पसु घलो पहाड़ ला छुवय, त ओला पथरवाह करके मार डारे जावय।”\f + \fr 12:20 \fr*\ft \+xt निर 19:12, 13\+xt*\ft*\f* \v 21 ओ दरसन ह अइसने भयानक रिहिस कि मूसा ह कहिस, “मेंह डर के मारे कांपत हवंव।”\f + \fr 12:21 \fr*\ft देखव \+xt ब्यव 9:19\+xt*\ft*\f* \p \v 22 पर तुमन सियोन पहाड़, जीयत परमेसर के सहर, स्वरगीय यरूसलेम करा आ गे हवव। तुमन हजारों-हजार स्वरगदूतमन के संग आनंद के सभा, \v 23 अऊ पहिलांतमन के कलीसिया म आय हवव, जेमन के नांव स्वरग म लिखे गे हवय। तुमन परमेसर करा आय हवव, जऊन ह जम्मो मनखेमन के नियाय करथे, अऊ तुमन ओ धरमीमन के आतमामन करा आ गे हवव, जऊन मन सिद्ध बनाय गे हवंय। \v 24 तुमन यीसू करा आ गे हवव, जऊन ह एक नवां करार के मध्यस्थ ए अऊ तुमन ओ छिड़काय लहू करा आ गे हवव, जऊन ह हाबिल के लहू ले घलो अऊ उत्तम बात कहिथे। \p \v 25 ये बात ला धियान देवव कि जऊन ह गोठियाथे, ओकर बात ला सुनव। काबरकि ओ मनखेमन बच नइं सकिन, जऊन मन ओकर बात ला नइं सुनिन, जऊन ह धरती म ओमन ला चेतउनी देवत रिहिस, त फेर हमन कइसने बच सकबो, कहूं हमन ओकर बात ला नइं सुनन, जऊन ह हमन ला स्वरग ले चेतउनी देथे? \v 26 ओ समय ओकर अवाज ह धरती ला कंपा दीस, पर अब ओह ये वायदा करे हवय, “एक बार फेर, मेंह सिरिप धरती ला ही नइं, पर अकासमन ला घलो हलाहूं।”\f + \fr 12:26 \fr*\ft \+xt हाग्गै 2:6\+xt*\ft*\f* \v 27 ये सबद “एक बार फेर” ये बात ला बताथे कि जऊन चीजमन हलाय जा सकथें, ओमन ला हटाय जाही, काबरकि येमन सिरजे गय चीज अंय, ताकि जऊन चीजमन हलाय नइं जा सकंय, ओमन अटल बने रहंय। \p \v 28 एकरसेति, जब हमन ला एक अइसने राज मिलत हवय, जऊन ला हलाय नइं जा सकय, त आवव, हमन धनबाद देवन, अऊ आदर अऊ भय के संग परमेसर के अइसने अराधना करन, जेकर ले ओह खुस होवय, \v 29 काबरकि हमर “परमेसर ह एक भसम करइया आगी अय।”\f + \fr 12:29 \fr*\ft \+xt ब्यव 4:24\+xt*\ft*\f* \c 13 \s1 आखिरी प्रोत्साहन \p \v 1 भाईमन सहीं एक-दूसर ले मया करते रहव। \v 2 अनजान मनखेमन के आव-भगत करे बर झन भूलव, काबरकि अइसने करे के दुवारा कुछू मनखेमन अनजाने म स्वरगदूतमन के आव-भगत करे हवंय। \v 3 जऊन मन जेल म हवंय, ओमन के खियाल रखव, ये सोचके कि मानो तुमन घलो ओमन संग कैद म हवव, अऊ जऊन मन के संग गलत बरताव करे जाथे, ओमन के घलो खियाल रखव, ये सोचके कि मानो तुमन खुद दुख उठावत हवव। \p \v 4 बिहाव ह जम्मो मनखे म आदर के बात समझे जावय। बिहाव के बिछौना ह सुध रहय, काबरकि परमेसर ह ओ जम्मो झन के नियाय करही, जऊन मन बेभिचारी अंय अऊ आने के संग गलत संबंध रखथें। \v 5 तुमन अपन जिनगी ला रूपिया-पईसा के मोह-मया ले दूर रखव अऊ जऊन कुछू तुम्हर करा हवय, ओमा संतोस रहव, काबरकि परमेसर ह कहे हवय, \q1 “मेंह तोला कभू नइं छोड़ंव; \q2 मेंह तोला कभू नइं तियागंव।”\f + \fr 13:5 \fr*\ft \+xt ब्यव 31:6\+xt*\ft*\f* \m \v 6 एकरसेति हमन बेधड़क कहिथन, \q1 “परभू ह मोर सहायक ए; मेंह नइं डरंव। \q2 मनखे ह मोर का कर सकथे?”\f + \fr 13:6 \fr*\ft \+xt भजन 118:6, 7\+xt*\ft*\f* \p \v 7 अपन ओ अगुवामन के खियाल रखव, जऊन मन तुमन ला परमेसर के बचन सुनाईन। ओमन के जिनगी के जम्मो बने बात के बारे म सोचव अऊ ओमन के बिसवास के नकल करव। \v 8 यीसू मसीह ह कल, आज अऊ सदाकाल बर उसनेच ए। \p \v 9 नाना किसम के अनजान उपदेस के दुवारा धोखा झन खावव। येह बने अय कि हमर हिरदय ह परमेसर के अनुग्रह ले मजबूत होवय, न कि ओ रीति-रिवाज के भोजन ले, जऊन ला खाय ले कोनो फायदा नइं होवय। \v 10 हमर एक बेदी हवय, जिहां ले पबितर-तम्बू म सेवा करइयामन ला खाय के अधिकार नइं ए। \p \v 11 महा पुरोहित ह पसुमन के लहू ला पाप-बलिदान के रूप म महा पबितर स्थान म ले जाथे, पर ओमन के देहें ह डेरा के बाहिर म जलाय जाथे। \v 12 एकर खातिर, यीसू घलो सहर के दुवार के बाहिर दुख भोगिस, ताकि ओह अपन खुद के लहू ले मनखेमन ला पबितर करय। \v 13 त आवव, हमन डेरा के बाहिर ओकर करा चलन अऊ ओ कलंक म भागी होवन जऊन ला ओह सहिस। \v 14 काबरकि इहां, हमर कोनो स्थायी सहर नइं ए, पर हमन ओ सहर के बाट जोहथन, जऊन ह अवइया हवय। \p \v 15 एकरसेति आवव, हमन यीसू के जरिये परमेसर ला लगातार इस्तुति के बलिदान चघावन अऊ ये बलिदान ह हमर मुहूं के ओ बचन ए, जऊन ह ओकर नांव ला मानथे। \v 16 अऊ भलई करे बर अऊ आने मन के मदद करे बर झन भूलव, काबरकि अइसने बलिदान परमेसर ला भाथे। \p \v 17 अपन अगुवामन के ऊपर भरोसा रखव अऊ ओमन के अधीन म रहव। ओमन तुम्हर खियाल ओ मनखेमन सहीं रखथें, जऊन मन ला अपन काम के लेखा देना जरूरी ए। ओमन के बात मानव, ताकि ओमन के काम ह एक बोझा सही नइं, पर एक आनंद के बात होवय, नइं तो ओह तुम्हर कुछू फायदा के नइं होही। \p \v 18 हमर बर पराथना करव। हमन ला भरोसा हवय कि हमर बिबेक ह साफ हवय अऊ हर किसम ले, आदर के जिनगी जीये के ईछा हवय। \v 19 मेंह तुमन ले खास करके बिनती करत हवंव कि तुमन पराथना करव, ताकि मेंह तुम्हर करा जल्दी वापिस आ सकंव। \s1 आसीरबाद अऊ आखिरी जोहार \p \v 20 सदाकाल के करार के लहू के जरिये, सांति के परमेसर ह हमर परभू यीसू ला मरे म ले जियाईस, जऊन ह भेड़मन के महान चरवाहा ए। \v 21 सांति के ओ परमेसर ह तुम्हर जिनगी ला जम्मो बने चीजमन ले भर देवय, ताकि तुमन ओकर ईछा ला पूरा करव अऊ जऊन बात ओला बने लगथे, ओह ओ बात ला यीसू मसीह के जरिये हमर जिनगी म पूरा करय। यीसू मसीह के महिमा सदाकाल तक होवत रहय। आमीन। \b \b \p \v 22 हे भाईमन हो, मेंह तुम्हर ले बिनती करत हंव कि उत्साह के मोर ये बचन ला धीर धरके सुनव, काबरकि ये चिट्ठी म मेंह जादा नइं लिखे हवंव। \b \p \v 23 मेंह तुमन ला बताय चाहथंव कि हमर भाई तीमुथियुस ह जेल ले छूट गे हवय। यदि ओह इहां जल्दी आथे, त मेंह ओकर संग तुम्हर ले भेंट-घाट करे बर आहूं। \b \p \v 24 अपन जम्मो अगुवा अऊ परमेसर के जम्मो मनखेमन ला हमर जोहार कहव। \p इटली देस के मनखेमन तुमन ला जोहार कहत हें। \b \p \v 25 तुमन जम्मो झन ऊपर परमेसर के अनुग्रह होवत रहय।