\id EST - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \ide UTF-8 \h एस्तर \toc1 एस्तर के किताब \toc2 एस्तर \toc3 एस्त \mt1 एस्तर \mt2 के किताब \c 1 \s1 रानी वसती ला पटरानी पद ले हटाय जाथे \p \v 1 छयर्स राजा के समय म ये बात होईस, येह ओही छयर्स अय, जऊन ह 127 राजमन म, याने भारत ले लेके कूस\f + \fr 1:1 \fr*\ft नील नदी के ऊपरी इलाका\ft*\f* देस तक राज करत रिहिस: \v 2 ओ समय छयर्स राजा ह सूसनगढ़ के किला म अपन राज सिंघासन म बईठके राज करत रिहिस, \v 3 अऊ अपन राज के तीसरा साल म, ओह अपन जम्मो परभावसाली मनखे अऊ करमचारीमन बर एक जेवनार करिस। फारस अऊ मादै के सेनापतिमन, राजकुमारमन अऊ राज-राज के परभावसाली मनखेमन उहां रिहिन। \p \v 4 पूरा 180 दिन तक, ओह ओमन ला अपन राज के बहुंत धन-संपत्ति अऊ अपन राजपद के सोभा अऊ महिमा ला देखाईस। \v 5 जब ये दिनमन बीत गीन, त राजा ह का छोटे का बड़े अपन जम्मो मनखेमन बर, जऊन मन सूसनगढ़ के किला म जूरे रिहिन, राजमहल के बाड़ा ले घिरे बारी म 7 दिन तक जेवनार करिस। \v 6 बारी म मलमल के बने सफेद अऊ नीला रंग के परदामन टंगाय रहंय, जेमन ला मलमल के बने सफेद डोरी अऊ बैंगनी चीज ले संगमरमर के खंभामन म चांदी के छल्ला म बांधे गे रहय। उहां सोन अऊ चांदी के सोफामन रिहिन, जेमन ला कारीगरी करे गे बड़े सफेद पथरा, संगमरमर, मोती अऊ कीमती पथरामन ले बने फर्स ऊपर मढ़ाय गे रिहिस। \v 7 राजा के उदारता के कारन बहुंत अकन साही-मदिरा रिहिस, अऊ मंद ला सोन के पियाला म परोसे जावत रिहिस, अऊ हर एक जन ला आने किसम के पियाला म मंद दिये जावत रिहिस। \v 8 राजा के हुकूम ले हर एक पहुना ह बिगर कोनो बाधा के मंद पी सकत रिहिस, काबरकि राजा ह जम्मो मदिरा देवइयामन ला आदेस दे रिहिस कि जऊन मनखे जइसने चाहय, ओला वइसने देवव। \p \v 9 रानी वसती ह घलो राजा छयर्स के राजमहल म माईलोगनमन बर जेवनार करिस। \p \v 10 जेवनार के सातवां दिन, जब राजा छयर्स के मन ह मंद पीके मगन हो गे रिहिस, त ओह अपन सेवा करइया सात झन खोजा—महूमान, बिजता, हरबोना, बिगता, अबगता, जेतेर अऊ करकस—ला हुकूम दीस \v 11 कि रानी वसती ला राज-मुकुट पहिरे हुये राजा के आघू म लाने जावव, ताकि मनखे अऊ परभावसाली मनखेमन ओकर सुन्दरता ला देख सकंय, काबरकि ओह देखे म सुन्दर रिहिस। \v 12 पर जब सेवकमन जाके राजा के ये हुकूम दीन, त रानी वसती ह आय बर मना कर दीस। तब राजा ह बहुंत नराज होईस अऊ गुस्सा के मारे जरे लगिस। \p \v 13 काबरकि येह राजा के रिवाज रिहिस कि कानून अऊ नियाय के बात म, ओह जानकार मनखेमन ले सलाह लेवय, एकरसेति ओह ओ बुद्धिमान मनखेमन ले बात करिस, जऊन मन समय ला समझत रिहिन \v 14 अऊ राजा के बहुंत करीबी रिहिन—ओमन करसना, सेतार, अदमाता, तरसीस, मेरेस, मरसना अऊ ममूकान नांव के फारस अऊ मादै के सात झन परभावसाली मनखे रिहिन; येमन के राजा करा बिसेस पहुंच रिहिस अऊ येमन राज के बड़े-बड़े पद म रिहिन। \p \v 15 राजा ह पुछिस, “कानून के मुताबिक रानी वसती के संग का करना चाही? ओह राजा छयर्स के खोजामन के दुवारा देय गे हुकूम ला नइं माने हे।” \p \v 16 तब ममूकान ह राजा अऊ परभावसाली मनखेमन के आघू म जबाब दीस, “रानी वसती सिरिप राजा के बिरूध ही गलत काम नइं करे हवय, पर ओह जम्मो परभावसाली मनखे अऊ राजा छयर्स के जम्मो राज के मनखेमन के बिरूध घलो गलत काम करे हवय। \v 17 काबरकि जब जम्मो माईलोगनमन रानी के बरताव के बारे म जानहीं, त ओमन अपन घरवालामन ला तुछ समझहीं अऊ कहिहीं, ‘राजा छयर्स ह हुकूम दीस कि रानी वसती ला ओकर आघू म लाने जावय, पर ओह नइं आईस।’ \v 18 आज के दिन जऊन परभावसाली फारसी अऊ मादी माईलोगनमन रानी के बरताव के बारे म सुने हवंय, ओमन घलो राजा के परभावसाली मनखेमन संग अइसने ही बरताव करहीं। अऊ अनादर अऊ बिरोध के कोनो अन्त नइं होही। \p \v 19 “एकरसेति, यदि राजा ला बने लगय, त ओह एक राजकीय आदेस निकालय अऊ ओ आदेस ह फारस अऊ मादै के कानून म लिखे जावय, जेला रद्द नइं करे जा सकय कि वसती ह राजा छयर्स के आघू म फेर कभू झन जावय। अऊ ये घलो कि राजा ह ओकर पटरानी के पद कोनो आने ला दे देवय, जऊन ह ओकर ले घलो बने होवय। \v 20 तब जब राजा के ये आदेस ला ओकर जम्मो राज म सुनाय जाही, त जम्मो माईलोगनमन, का छोटे का बड़े, अपन-अपन घरवालामन के आदरमान करहीं।” \p \v 21 ये सलाह ह राजा अऊ ओकर परभावसाली मनखेमन ला बने लगिस, एकरसेति राजा ह ममूकान के सलाह ला मान लीस। \v 22 ओह राज के जम्मो भाग म संदेस पठोईस; हर एक छेत्र म, उहां के लिपि अऊ उहां के मनखेमन के भासा म संदेस पठोईस अऊ घोसना करवाईस कि हर एक आदमी ह अपन खुद के भासा के उपयोग करत, अपन घर म हुकूम चलावय। \c 2 \s1 एस्तर ला रानी बनाय जाथे \p \v 1 ये घटना के बाद, जब राजा छयर्स के गुस्सा ह सांत हो गीस, त ओह वसती अऊ ओकर बरताव अऊ जऊन आदेस राजा ह वसती के बारे म देय रिहिस, ओ जम्मो बात ला सुरता करिस। \v 2 तब राजा के निजी सेवकमन सलाह दीन, “राजा बर सुन्दर अऊ कइनारी कुंवारीमन के खोज करे जावय। \v 3 राजा ह अपन राज के हर छेत्र म आयुक्तमन ला ठहिरावय, जऊन मन ये जम्मो कइनारी कुंवारीमन ला सूसन के किला के रनवास म लानंय। अऊ ओमन ला राजा के खोजा हेगे के अधीन कर दिये जावय, जऊन ह कि माईलोगनमन के देखरेख करइयामन के मुखिया ए; अऊ ओमन ला सुघर बने चीजमन दिये जावंय। \v 4 तब जऊन कइनारी माईलोगन ले राजा ह खुस होही, ओला वसती के जगह म रानी बनाय जावय।” ये सलाह ह राजा ला बने लगिस, अऊ ओह वइसनेच करिस। \p \v 5 सूसनगढ़ के किला म मोरदकै नांव के बिनयामीन के गोत्र के एक झन यहूदी रिहिस, जऊन ह कीस के परनाती, सिमी के नाती अऊ याईर के बेटा रिहिस \v 6 ओह ओ बंदीमन के संग यरूसलेम ले बंधुवई म आय रिहिस, जेमन ला बेबिलोन के राजा नबूकदनेसर ह यहूदा के राजा यहोयाकीन\f + \fr 2:6 \fr*\ft इबरानी म \ft*\fqa यकुन्याह, \fqa*\ft जऊन ह \ft*\fq यहोयाकीन \fq*\ft के आने नांव ए\ft*\f* के संग बंदी बनाके ले गे रिहिस। \v 7 मोरदकै के हदस्सा नांव के एक चचेरी बहिनी रिहिस, जेला ओह पाले-पोसे रिहिस, काबरकि हदस्सा के दाई-ददा कोनो नइं रिहिन। ये कइनारी माईलोगन ला एस्तर घलो कहे जावय; ओकर देहें ह सुघर अऊ ओह सुन्दर रिहिस। जब ओकर दाई-ददा मर गीन, त मोरदकै ह ओला लेके अपन खुद के बेटी सहीं पाले रिहिस। \p \v 8 जब राजा के आदेस अऊ नियम के घोसना करे गीस, त बहुंत अकन कइनारी कुंवारीमन ला सूसनगढ़ के किला म लाने गीस अऊ ओमन ला हेगे के देखरेख म रखे गीस। एस्तर ला घलो राजा के महल म लाने गीस अऊ ओला हेगे के अधीन सऊंप दिये गीस, जऊन ह कि रनवास के देखरेख करइयामन के मुखिया रिहिस। \v 9 एस्तर ला देखके हेगे ह खुस होईस अऊ ओ कइनारी माईलोगन ह ओला बने लगिस। तुरते ओह सुघर बनाय के चीजमन ओला दीस अऊ ओकर बर खास जेवन के परबंध करिस। ओह ओला राजा के महल ले चुने सात झन सेविका घलो दीस अऊ ओला अऊ ओकर सेविकामन ला रनवास म सबले बढ़िया जगह म रहे बर दीस। \p \v 10 एस्तर ह न तो अपन जाति के बारे म अऊ न ही अपन परिवार के बारे म बताय रिहिस, काबरकि मोरदकै ह ओला ये बातमन ला बताय बर मना करे रिहिस। \v 11 मोरदकै ह हर एक दिन रनवास के अंगना के आघू म ये जाने बर घुमय-फिरय कि एस्तर ह कइसे हवय अऊ ओकर संग का होवत हे। \p \v 12 जब भी कोनो कइनारी माईलोगन के राजा छयर्स करा जाय के पारी आवय, त जाय के पहिली, ओ माईलोगन ला सुघर बनाय के बारह महिना ला पूरा करना पड़य; याने कि ओला छै महिना तक गंधरस के तेल लगाय जावय अऊ छै महिना तक खुसबूवाला तेल अऊ सुघर बनाय के चीजमन ला लगाय जावय। \v 13 अऊ ये किसम ले ओ कइनारी माईलोगन ह राजा करा जावय: जऊन कुछू चीज ओह अपन संग रनवास म ले राजा के महल म ले जाय बर चाहय, ओ चीज ओला दिये जावय। \v 14 संझा के बेरा, ओह राजा के महल म जावय अऊ बिहनियां, ओह लहुंटके रनवास के आने भाग म सासगज के देखरेख म रहे बर चले जावय; सासगज ह राजा के खोजा अऊ रखैलमन के देखरेख करइयामन के मुखिया रिहिस। ओ माईलोगन ह फेर राजा करा नइं जावय; कहूं राजा ह ओकर ले खुस हो जावय, त ओकर नांव लेके ओला फेर बलाय जावय। \p \v 15 जब मोरदकै के कका अबीहैल के बेटी एस्तर, जेला मोरदकै ह बेटी बनाके रखे रिहिस, ओकर पारी आईस, कि ओह राजा करा जावय, त जऊन कुछू चीज रनवास के मुखिया, राजा के खोजा हेगे ह ओला ले जाय के सलाह दीस, ओला छोंड़ एस्तर ह अपन संग ले जाय बर अऊ कुछू चीज के मांग नइं करिस। अऊ जऊन मन एस्तर ला देखिन, ओ जम्मो झन ओकर ले खुस होईन। \v 16 एस्तर ला राजमहल म राजा छयर्स करा ओकर राज के सातवां साल के तेबेत नांव के दसवां महिना म अमराय गीस। \p \v 17 राजा ह एस्तर ला अऊ जम्मो माईलोगनमन ले जादा मया करिस, अऊ राजा के ओकर ऊपर अऊ जम्मो कइनारी कुंवारीमन ले जादा अनुग्रह अऊ किरपा होईस। एकरसेति ओह ओकर मुड़ म राज-मुकुट रखिस अऊ ओला वसती के जगह म रानी बनाईस। \v 18 अऊ राजा ह अपन जम्मो परभावसाली मनखे अऊ करमचारीमन बर एक बड़े जेवनार करिस, जऊन ह एस्तर के जेवनार रिहिस। ओह जम्मो राज म एक दिन के छुट्टी के घोसना करवाईस अऊ साही उदारता से ईनाम घलो बांटिस। \s1 मोरदकै ह साजिस के भेद खोलथे \p \v 19 जब कुंवारीमन ला दूसर बार संकेले गीस, त मोरदकै ह राजमहल के कपाट करा बईठे रिहिस। \v 20 पर एस्तर ह अपन परिवार अऊ जाति के बात ला गुपत रखे रिहिस जइसने कि मोरदकै ह ओला करे बर कहे रिहिस, काबरकि एस्तर ह अभी घलो मोरदकै के बात ला वइसने ही मानय, जइसने ओह अपन पालन-पोसन के समय ओकर बात ला मानय। \p \v 21 ओ दिनमन म, जब मोरदकै ह राजमहल के दुवार करा बईठे रहय, तब राजा के दू झन अधिकारी—बिगताना अऊ तेरेस, जऊन मन दुवारपाल रिहिन, राजा छयर्स के कोनो बात ले गुस्सा होके राजा के हतिया करे के साजिस रचिन। \v 22 पर मोरदकै ला ये साजिस के पता चल गीस अऊ ओह ये बात एस्तर रानी ला बताईस, अऊ एस्तर ह मोरदकै के नांव लेके ये बात राजा ला बताईस। \v 23 अऊ जब जांच-पड़ताल होईस, त ये बात ह सही पाय गीस अऊ ओ दूनों अधिकारीमन ला खंभामन म टांग दिये गीस। ये जम्मो बात ला राजा के आघू म इतिहास के किताब म लिख दिये गीस। \c 3 \s1 यहूदीमन ला नास करे के हामान के साजिस \p \v 1 ये घटनामन के बाद, राजा छयर्स ह हम्मदाता अगागी के बेटा हामान ला ऊंचा उठाके अऊ ओला आने जम्मो परभावसाली मनखेमन ले जादा ऊंच पद देके ओकर महत्व ला बढ़ाईस। \v 2 राजा के दुवार के जम्मो साही करमचारीमन हामान के आघू म माड़ी टेकंय अऊ ओकर आदर करंय, काबरकि राजा ह ओकर बारे म ये हुकूम देय रिहिस। पर मोरदकै ह न तो माड़ी टेकय अऊ न ही ओकर आदर करय। \p \v 3 तब राजा के दुवार के साही करमचारीमन मोरदकै ले पुछिन, “तेंह राजा के हुकूम ला काबर नइं मानत हस?” \v 4 हर दिन ओमन ओकर ले ये बारे म गोठियाईन पर ओह हुकूम माने नइं चाहिस। एकरसेति ओमन येकर बारे म हामान ला बताईन; ओमन ये देखे चाहत रिहिन कि मोरदकै के ये बरताव ला सहन करे जाही कि नइं, काबरकि ओह ओमन ला बता देय रिहिस कि ओह एक यहूदी अय। \p \v 5 जब हामान ह देखिस कि मोरदकै ह न तो माड़ी टेकय अऊ न ही ओला आदर देवय, त हामान ह बहुंत गुस्सा होईस। \v 6 मोरदकै के जाति के मनखेमन के बारे म जानके, हामान ह सिरिप मोरदकै ला मार डारे के योजना ला छोंड़ दीस। येकर बदले ओह छयर्स के जम्मो राज म रहइया मोरदकै के जम्मो मनखे—यहूदीमन ला नास करे के उपाय खोजे लगिस। \p \v 7 राजा छयर्स के सासनकाल के बारहवां साल के नीसान नांव के पहिला महिना म, हामान के आघू म एक दिन अऊ महिना ला चुने बर \tl पुर\tl* (चिट्ठी) निकाले गीस। अऊ चिट्ठी ह अदार नांव के बारहवां महिना बर निकलिस। \p \v 8 तब हामान ह राजा छयर्स ला कहिस, “तोर राज के जम्मो छेत्र म मनखेमन के बीच म एक जाति के मनखेमन तितिर-बितिर होके रहत हें, जऊन मन अपनआप ला अलग रखथें। ओमन के रीति-रिवाज ह आने जम्मो मनखेमन ले अलग हवय, अऊ ओमन राजा के कानून ला नइं मानंय; एकरसेति ओमन ला अइसने रहन देवई ह राजा के हित म नो हय। \v 9 यदि राजा ला ये बात बने लगय, त ओमन ला नास करे के एक आदेस निकाले जावय, अऊ मेंह राजा के हाकिममन ला साही खजाना बर चांदी के दस हजार टेलेन्ट\f + \fr 3:9 \fr*\ft लगभग 375 टन\ft*\f* दूहूं।” \p \v 10 त राजा ह अपन अंगरी ले मुहरवाला मुंदरी ला उतारिस अऊ हम्मदाता अगागी के बेटा हामान ला दे दीस, जऊन ह कि यहूदीमन के बईरी रिहिस। \v 11 अऊ राजा ह हामान ला कहिस, “पईसा ला रख, अऊ जइसने तोला बने लगय, वइसने तें ओ मनखेमन संग कर।” \p \v 12 तब पहिली महिना के तेरहवां दिन म राजा के सचिवमन ला बलाय गीस। अऊ ओमन हर इलाका के लिपि अऊ हर मनखे के भासा म, हामान के आदेस ला राजा के जम्मो अधिपति, अलग-अलग इलाका के राजपाल अऊ परभावसाली मनखेमन ला लिखिन। ये आदेस ला खुद राजा छयर्स के नांव म लिखे गीस अऊ ओमा राजा के मुंदरी के मुहर लगाय गीस। \v 13 ये लिखित आदेस ला दूतमन के हांथ म राजा के जम्मो इलाका म ये आदेस के संग पठोय गीस कि का जवान का डोकरा, का माईलोगन का लइका—जम्मो के जम्मो यहूदीमन ला मारके ओमन के पूरा बिनास कर दिये जावय अऊ ओमन के संपत्ति ला लूट लिये जावय—अऊ ये काम ला एक ही दिन म, याने कि अदार नांव के बारहवां महिना के तेरहवां दिन म करे जावय। \v 14 राजा के ये हुकूम के एक प्रति ला कानून के रूप म हर इलाका म पठोय जावय अऊ हर जाति के मनखेमन ला येकर बारे म बताय जावय ताकि ओमन ओ दिन बर तियार रहंय। \p \v 15 राजा के हुकूम ले दूतमन निकलिन अऊ आघू बढ़ गीन, अऊ सूसनगढ़ म राजा के हुकूम निकाले गीस। राजा अऊ हामान मंद पीये बर बईठ गीन, पर सूसनगढ़ सहर म घबराहट फईल गीस। \c 4 \s1 मोरदकै ह एस्तर ला मदद करे बर मनाथे \p \v 1 जब मोरदकै ला ओ जम्मो बात के पता चलिस कि का-का करे गे हवय, त ओह अपन ओनहा ला चीरिस, बोरा के कपड़ा पहिरके अपन ऊपर राख डालिस, अऊ चिचियाके अऊ कलप-कलपके बिलाप करत सहर के भीतर गीस। \v 2 पर ओह सिरिप राजा के दुवार तक गीस, काबरकि कोनो ला बोरा के ओनहा पहिरके ओकर भीतर जाय के अनुमति नइं रिहिस। \v 3 ओ हर इलाका जिहां राजा के हुकूम अऊ राजा के आदेस पहुंचिस, उहां यहूदीमन उपास करत अऊ बहुंत रोवत बिलाप करे लगिन। बहुंत झन बोरा के कपड़ा पहिरके राख ऊपर पड़े रहंय। \p \v 4 जब एस्तर रानी के खोजा अऊ सेविकामन आके ओला मोरदकै के बारे म बताईन, त ओह बहुंत दुखी होईस। ओह मोरदकै बर कपड़ा भिजवाईस कि ओह बोरा के कपड़ा ला उतारके ओ कपड़ा ला पहिरय, पर मोरदकै ह ओ कपड़ामन ला नइं लीस। \v 5 तब एस्तर ह हताक ला बुलवाईस, जऊन ह राजा के खोजामन ले एक झन रिहिस अऊ एस्तर के सेवा बर ठहिराय गे रिहिस। ओह हताक ला हुकूम दीस कि ओह जाके पता लगावय कि मोरदकै ला का चीज के तकलीफ हवय अऊ ओकर कारन का ए। \p \v 6 तब हताक ह राजा के दुवार के सामने, सहर के खुला चऊक म मोरदकै करा गीस। \v 7 मोरदकै ह ओला ओ जम्मो बात बता दीस, जऊन ह ओकर ऊपर होय रिहिस; ओह ये घलो बताईस कि हामान ह यहूदीमन ला नास करे बर कतेक पईसा साही खजाना म देय के वायदा करे हवय। \v 8 सूसनगढ़ म यहूदीमन के पूरा बिनास के जऊन साही हुकूम लिखे गे रिहिस, ओकर एक प्रति घलो मोरदकै ह हताक ला दीस, ताकि ओह ओ प्रति ला एस्तर ला देखावय अऊ ओकर बारे म समझा देवय, अऊ ओह हताक ला ये घलो कहिस कि ओह जाके एस्तर ला कहय कि एस्तर ह राजा के आघू म जाके अपन मनखेमन बर बिनती करय अऊ दया के भीख मांगय। \p \v 9 तब हताक ह वापिस गीस अऊ जऊन कुछू मोरदकै ह कहे रिहिस, ओ जम्मो बात एस्तर ला बताईस। \v 10 तब एस्तर ह हताक ला हुकूम दीस कि ओह जाके मोरदकै ला ये कहय, \v 11 “साही इलाका के राजा के जम्मो करमचारी अऊ मनखेमन जानत हें कि यदि कोनो आदमी या माईलोगन बिगर बलाय राजमहल के भीतर राजा करा जाथे, त ओकर बर राजा के सिरिप एक कानून हवय: कि ओ आदमी या माईलोगन ला मार डारे जावय, पर यदि राजा ह सोन के राजदंड ला ओकर कोति बढ़ाथे, त ओकर परान ह बच जाथे। पर अब तीस दिन हो गे हवय, मोला राजा करा जाय के बुलावा नइं आय हवय।” \p \v 12 जब एस्तर के ये बात मोरदकै ला बताय गीस। \v 13 त ओह एस्तर करा ये जबाब भेजिस, “अइसने झन सोच कि तेंह राजा के घर म हवस, त तें एके झन जम्मो यहूदीमन म बच जाबे। \v 14 काबरकि यदि तें ये बेरा म चुपेचाप रहिबे, त यहूदीमन के मदद अऊ छुटकारा कहीं अऊ जगह ले हो जाही, पर तें अऊ तोर ददा के परिवार ह नास हो जाही। अऊ कोन जाने, सायद अइसने कठिन बेरा बर ही तोला ये राजपद मिले हवय।” \p \v 15 तब एस्तर ह मोरदकै करा ये जबाब भेजिस: \v 16 “तें जा अऊ सूसनगढ़ के जम्मो यहूदीमन ला इकट्ठा कर, अऊ तुमन जम्मो मोर बर उपास करव। तीन दिन तक, रात हो या दिन, कुछू झन खावव-पीयव। में अऊ मोर सेविकामन घलो तुम्हर सहीं उपास करबो। अऊ ओकर बाद, मेंह राजा करा जाहूं, हालाकि येह कानून के बिरूध अय। अऊ कहूं मेंह नास हो जावंव, त हो जावंव।” \p \v 17 त मोरदकै ह गीस अऊ जइसने एस्तर ह करे बर कहे रिहिस, वइसने करिस। \c 5 \s1 एस्तर ह राजा ले बिनती करथे \p \v 1 अपन उपास के तीसर दिन, एस्तर ह अपन राजकीय कपड़ा ला पहिरिस अऊ राजा के दरबार के आघू म जाके, महल के भीतरी अंगना म ठाढ़ हो गीस। राजा ह दरबार म राज सिंघासन म बईठे रहय अऊ ओकर मुहूं ह दुवारी कोति रहय। \v 2 जब ओह एस्तर रानी ला अंगना म ठाढ़े देखिस, त ओह खुस होईस अऊ अपन हांथ म धरे सोन के राजदंड ला रानी कोति बढ़ाईस। तब एस्तर ह आघू बढ़िस अऊ राजदंड के छोर ला छुईस। \p \v 3 तब राजा ह पुछिस, “हे एस्तर रानी, का बात ए? तोर का मांग हे? मांग अऊ इहां तक कि आधा राज ला घलो तोला दिये जाही।” \p \v 4 एस्तर ह जबाब दीस, “यदि राजा ला ये बात बने लगय, त आज राजा ह हामान के संग ओ जेवनार म आवय, जेला मेंह राजा बर तियार करे हंव।” \p \v 5 तब राजा ह हुकूम दीस, “हामान ला तुरते ले आवव, ताकि हमन एस्तर के दिये नेवता म जावन।” \p त राजा अऊ हामान ओ जेवनार खाय बर चल दीन, जेला एस्तर ह बनाय रिहिस। \v 6 जब ओमन मंद पीयत रिहिन, त राजा ह एस्तर ले पुछिस, “अब तोर का बिनती हे? ओ चीज तोला दिये जाही। अऊ तोर का मांग हे? मांग अऊ इहां तक कि आधा राज ला घलो तोला दिये जाही।” \p \v 7 एस्तर ह जबाब दीस, “मोर बिनती अऊ मोर मांग ये अय: \v 8 यदि राजा के दया-दिरिस्टी मोर ऊपर हवय अऊ मोर बिनती ला सुने अऊ मोर मांग ला पूरा करे म, राजा ला बने लगथे, त राजा अऊ हामान कल फेर ओ जेवनार म आवंय, जेला मेंह ओमन बर तियार करहूं। तब मेंह राजा के सवाल के जबाब दूहूं।” \s1 मोरदकै के बिरूध हामान के कोरोध \p \v 9 हामान ह ओ दिन खुस होके अऊ बड़े आनंद मन से बाहिर गीस। पर जब ओह राजा के दुवार करा गीस जिहां मोरदकै ह रहय, त ओह देखिस कि मोरदकै ह न तो उठिस अऊ न ही ओमा हामान के उहां होय के कोनो भय दिखिस, त ओह मोरदकै बर गुस्सा ले भर गीस। \v 10 तभो ले, हामान अपनआप ला रोकिस अऊ घर चल दीस। \p अपन संगीमन ला अऊ अपन घरवाली जेरेस ला बलाके, \v 11 ओमन के आघू म हामान ह अपन बहुंत धन अऊ अपन बहुंते बेटामन ऊपर डींग मारिस, अऊ कहिस कि राजा ह कइसे ओकर आदर करे हवय अऊ ओह कइसे ओला आने परभावसाली मनखे अऊ करमचारीमन ले ऊंच पद दे हवय। \v 12 हामान ह ये घलो कहिस, “अतका ही नइं, एस्तर रानी ह मोला छोंड़ अऊ कोनो ला राजा के संग म अपन तियार करे जेवनार म आय के नेवता नइं दीस। अऊ रानी ह कल बर घलो राजा के संग मोला नेवते हवय। \v 13 पर ये जम्मो बात ले मोर मन ह संतोस नइं होवय, जब तक कि मेंह यहूदी मोरदकै ला राजा के दुवार करा बईठे देखत रहिहूं।” \p \v 14 ओकर घरवाली जेरेस अऊ ओकर जम्मो संगीमन ओला कहिन, “करीब 50 क्यूबीट\f + \fr 5:14 \fr*\ft लगभग 75 फीट\ft*\f* ऊंच एक ठन खंभा गड़वा ले, अऊ बिहनियां राजा ले कहिबे कि ओमा मोरदकै ला टांग दिये जावय। तब राजा के संग जाके जेवनार के आनंद उठा।” ये सलाह ह हामान ला बने लगिस, अऊ ओह एक खंभा गड़वाईस। \c 6 \s1 मोरदकै के आदरमान \p \v 1 ओ रथिया राजा ला नींद नइं आईस; एकरसेति ओह हुकूम दीस कि इतिहास के ओ किताब ला लाय जावय, जेमा ओकर सासन के बारे म लिखे गे हवय, अऊ ओह ये घलो हुकूम दीस कि ओला पढ़के सुनाय जावय। \v 2 ओ किताब म, ये लिखे हुए मिलिस कि राजा के दू झन अधिकारी—बिगताना अऊ तेरेस, जेमन दुवारपाल रिहिन, राजा छयर्स के हतिया करे के साजिस रचे रिहिन, जेकर परदाफास मोरदकै ह करे रिहिस। \p \v 3 तब राजा ह पुछिस, “येकर बदले म, मोरदकै ला का आदरमान अऊ ईनाम दिये गीस?” \p ओकर सेवकमन जबाब दीन, “ओकर बर कुछू नइं करे गे हवय।” \p \v 4 त राजा ह पुछिस, “अंगना म कोन हवय?” ओतकीच बेरा, हामान ह महल के बाहिरी अंगना म राजा ले ये कहे बर हबरे रिहिस कि ओह जऊन खंभा गड़वाय हवय, ओमा राजा ह मोरदकै ला टंगवा दे। \p \v 5 राजा के सेवकमन जबाब दीन, “अंगना म तो हामान ह खड़े हवय।” \p राजा ह हुकूम दीस, “ओला भीतर बलाके लानव।” \p \v 6 जब हामान ह भीतर आईस, त राजा ह ओकर ले पुछिस, “जऊन मनखे के आदरमान राजा ह खुसी से करना चाहय, त ओ मनखे बर का करना उचित होही?” \p हामान ह खुद अपन बारे म ये सोचिस, “मोला छोंड़ राजा ह अऊ काकर आदरमान करही?” \v 7 एकरसेति ओह राजा ला जबाब दीस, “जऊन मनखे के राजा खुसी से आदरमान करना चाहय, \v 8 ओकर बर राजकीय कपड़ा लाने जावय, जेला राजा पहिर चुके हवय अऊ एक घोड़ा लाने जावय, जेमा राजा सवारी कर चुके हवय अऊ ओकर मुड़ म राजकीय मुकुट धरे रहय। \v 9 तब ओ कपड़ा अऊ घोड़ा ला राजा के सबले बने परभावसाली अधिकारीमन ले एक झन ला दे दिये जावय। अऊ राजा ह खुसी से जेकर आदरमान करे चाहत हे, ओला ओ कपड़ा ला पहिरा दिये जावय अऊ ओला घोड़ा म बईठाके सहर के गलीमन घुमाय जावय, अऊ ओकर आघू म ये घोसना करत जावय, ‘राजा ह खुसी से जेकर आदरमान करे चाहथे, ओकर संग अइसने करे जाथे।’ ” \p \v 10 तब राजा ह हामान ला हुकूम दीस, “तुरते जा अऊ ओ कपड़ा अऊ घोड़ा ला ले आ अऊ अपन दिये सलाह के मुताबिक ओ यहूदी मोरदकै के संग वइसने ही कर, जऊन ह राजा के दुवार मेर बईठे रहिथे। अऊ जऊन सलाह तेंह दे हवस, ओमा कुछू भी कमी-घटी झन होवय।” \p \v 11 तब हामान ह राजकीय कपड़ा अऊ घोड़ा ला लीस। ओह मोरदकै ला ओ कपड़ा पहिराईस, अऊ ओला घोड़ा म बईठाके सहर के गलीमन म घुमाईस, अऊ ओकर आघू म ये घोसना करत गीस, “राजा ह खुसी से जेकर आदरमान करे चाहथे, ओकर संग अइसने करे जाथे।” \p \v 12 ओकर बाद, मोरदकै ह राजा के दुवार मेर लहुंट आईस। पर हामान ह दुख म अपन मुड़ ला ढांपके जल्दी से अपन घर चल दीस, \v 13 अऊ ओह अपन घरवाली जेरेस अऊ अपन जम्मो संगीमन ला ओ जम्मो बात बताईस, जऊन ह ओकर ऊपर बीते रिहिस। \p त ओकर सलाहकारमन अऊ ओकर घरवाली जेरेस ओला कहिन, “मोरदकै के आघू म तोर गिरे के सुरूआत हो चुके हवय, काबरकि ओह यहूदी जाति के अय, तेंह ओकर आघू म टिक नइं सकस—खचित, तेंह नास हो जाबे!” \v 14 जब ओमन ओकर ले गोठियावत रिहिन, तभे राजा के खोजामन आ गीन अऊ ओमन हामान ला जल्दी करके एस्तर के बनाय जेवनार म ले गीन। \c 7 \s1 हामान ला सूली म चढ़ाय जाथे \p \v 1 त राजा अऊ हामान, रानी एस्तर के जेवनार म गीन, \v 2 अऊ जब ओमन दूसर दिन घलो मंद पीयत रिहिन, त राजा ह रानी ले फेर पुछिस, “हे एस्तर रानी, तोर का बिनती हे? ओला पूरा करे जाही। तोर का मांग हे? मांग, इहां तक कि आधा राज घलो तोला दे दिये जाही।” \p \v 3 तब एस्तर रानी ह जबाब दीस, “हे महाराज, यदि तोर दया-दिरिस्टी मोर ऊपर हवय, अऊ ये बात तोला बने लगय, त मोला मोर जिनगी मिले—येह मोर बिनती ए। अऊ मोर मनखेमन के परान ला बचा ले—येह मोर मांग ए। \v 4 काबरकि में अऊ मोर मनखेमन नास होय बर, मारे जाय बर अऊ पूरा बिनास होय बर बेचे गे हवन। यदि हमन नर अऊ नारी गुलाम के रूप म बेचे गे रहितेंन, त मेंह चुप रहितंय, काबरकि वइसने बात बर राजा ला तकलीफ देवई सही बात नइं होतिस।” \p \v 5 तब छयर्स राजा ह एस्तर रानी ले पुछिस, “ओह कोन ए? अऊ ओह कहां हवय—ओ मनखे, जऊन ह अइसने काम करे के हिम्मत करे हवय?” \p \v 6 एस्तर रानी ह जबाब दीस, “एक बिरोधी अऊ बईरी ए! अऊ ओह ये दुस्ट हामान ए!” \p तब हामान ह राजा अऊ रानी के आघू म डर गीस। \v 7 राजा ह बहुंत गुस्सा होके उठिस अऊ अपन मंद ला छोंड़के बाहिर महल के बारी म चल दीस। पर हामान ह ये जानके कि राजा ह ओकर भाग्य के फैसला कर चुके हवय, ओह एस्तर रानी ले अपन परान के भीख मांगे बर उहां रूक गीस। \p \v 8 जब राजा ह महल के बारी ले जेवनार के जगह म आईस, त देखिस कि जऊन सोफा म एस्तर ह बईठे हवय, ओहीच म हामान ह झुके हवय। \p त राजा ह चिचियाके कहिस, “अऊ त अऊ का येह रानी के संग छेड़खानी घलो करही, जबकि ओह मोर संग घर म हवय?” \p राजा के मुहूं ले ये बचन निकलतेच ही, राजा के सेवकमन हामान के मुहूं ला ढांप दीन। \v 9 तब राजा के सेवा करइया खोजामन ले एक झन, जेकर नांव हरबोना रिहिस, ओह कहिस, “हामान के घर म पचास क्यूबीट\f + \cat dup\cat*\fr 7:9 \fr*\ft लगभग 75 फीट\ft*\f* ऊंच एक ठन खंभा गड़वाय गे हवय। हामान ह ओला मोरदकै बर गड़वाय रिहिस, जऊन ह कि राजा के भलई के बात कहे रिहिस।” \p तब राजा ह हुकूम दीस, “हामान ला ओमा टांग दव!” \v 10 त ओमन हामान ला ओहीच खंभा म टांग दीन, जेला ओह मोरदकै बर गड़वाय रिहिस। तब राजा के गुस्सा ह ठंडा होईस। \c 8 \s1 यहूदीमन बर राजा के हुकूम \p \v 1 ओहीच दिन राजा छयर्स ह यहूदीमन के बईरी, हामान के घर-बार अऊ जमीन-बारी एस्तर रानी ला दे दीस। अऊ मोरदकै ह राजा के आघू म आईस, काबरकि एस्तर ह मोरदकै के संग अपन रिस्तेदारी के बारे म राजा ला बता दे रिहिस। \v 2 तब राजा ह अपन ओ राज मुहरवाला मुंदरी ला निकालिस, जऊन ला ओह हामान ले लेय ले रिहिस, अऊ ओ मुंदरी ला मोरदकै ला दे दीस। अऊ एस्तर ह मोरदकै ला हामान के घर-बार अऊ जमीन-बारी के अधिकारी ठहिराईस। \p \v 3 एस्तर ह राजा के गोड़ खाल्हे गिरके अऊ रोवत ओकर ले फेर बिनती करिस। ओह बिनती करके कहिस कि अगागी हामान ह यहूदीमन के बिरूध म जऊन हानि करे के योजना बनाय रिहिस, ओला खतम कर दिये जावय। \v 4 तब राजा ह एस्तर कोति सोन के राजदंड ला बढ़ाईस अऊ एस्तर ह उठिस अऊ राजा के आघू म ठाढ़ हो गीस। \p \v 5 ओह फेर बिनती करके कहिस, “यदि ये बात राजा ला बने लगथे, अऊ यदि ओकर दया-दिरिस्टी मोर ऊपर हवय अऊ ओह सोचथे कि अइसने करई ह सही अय, अऊ यदि ओह मोर ले खुस हवय, त जऊन आदेस हम्मदाता अगागी के बेटा हामान ह राजा के राज के जम्मो इलाका म यहूदीमन ला नास करे के खातिर लिखके पठोय रिहिस, ओ आदेस ला खारिज कर दिये जावय। \v 6 काबरकि मोर मनखेमन ऊपर बिपत्ति आवय, येला मेंह देख नइं सकंव। मेंह अपन परिवार के बिनास ला कइसे देख सकत हंव?” \p \v 7 तब राजा छयर्स ह एस्तर रानी ला अऊ यहूदी मोरदकै ला कहिस, “काबरकि हामान ह यहूदीमन ऊपर हमला करिस, एकरसेति मेंह ओकर घर-बार अऊ जमीन-बारी एस्तर ला देय दे हंव, अऊ ओला ओकर गड़वाय खंभा म टांग दिये गे हवय। \v 8 अब जइसने तुमन ला बने लगे, वइसने तुमन राजा के नांव म यहूदीमन बर लिखव, अऊ ओमा राजा के मुंदरी के मुहर घलो लगावव—काबरकि जऊन कागजात ह राजा के नांव म लिखे जावय अऊ ओमा राजा के मुंदरी के मुहर लगय, ओला कोनो खारिज नइं कर सकय।” \p \v 9 त ओहीच बेरा याने कि सीवान\f + \fr 8:9 \fr*\ft बेबिलोनी कलेन्डर, जेह मई-जून ला दरसाथे\ft*\f* नांव के तीसरा महिना के तेईसवां दिन, राजा के सचिवमन ला बलाय गीस अऊ ओमन मोरदकै के दिये जम्मो हुकूम ला यहूदीमन ला, अऊ भारत ले लेके कूस तक के 127 राज के बड़े हाकिममन, राजपालमन अऊ परभावसाली मनखेमन ला लिखिन। ये हुकूममन ला हर राज के लिपि अऊ हर जाति के मनखेमन के भासा म लिखे गीस। ये जम्मो हुकूम ला यहूदीमन ला ओमन के लिपि अऊ भासा म घलो लिखे गीस। \v 10 मोरदकै ह राजा छयर्स के नांव म लिखिस अऊ ओ कागजात म राजा के मुंदरी के मुहर लगाईस, अऊ ओ कागजातमन ला ओ घुड़सवारी करइया दूतमन के हांथ म पठो दीस, जऊन मन बिसेस करके राजा बर तेज घुड़सवारी करंय। \p \v 11 राजा के साही हुकूम ले हर सहर म यहूदीमन ला अधिकार मिलिस कि ओमन जूरंय अऊ अपनआप के बचाव करंय; कोनो भी जाति या राज के हथियारबंद मनखेमन ओमन अऊ ओमन के माईलोगनमन अऊ लइकामन ऊपर हमला करंय, त ओमन ओ हथियारबंद मनखेमन ला नास कर देवंय, मार डारंय अऊ ओमन के नामोनिसान मिटा देवंय, अऊ अपन बईरीमन के संपत्ति ला लूट लेवंय। \v 12 राजा छयर्स के जम्मो राज म, ये काम ला करे बर यहूदीमन खातिर एक दिन ठहिराय गीस, अऊ ओ दिन ह अदार नांव के बारहवां महिना के तेरहवां दिन रिहिस। \v 13 ये साही हुकूम के एक-एक नकल कानून के रूप म जम्मो राज म पठोय गीस अऊ हर एक जाति के मनखेमन ला बताय गीस, ताकि यहूदीमन ओ दिन अपन बईरीमन ले बदला लेय बर तियार रहंय। \p \v 14 राजा के हुकूम ले दूतमन साही घोड़ामन म सवार होके निकलिन अऊ आघू बढ़िन, अऊ साही हुकूम ह सूसनगढ़ के किला म ले दिये गीस। \s1 यहूदीमन के बिजय \p \v 15 जब मोरदकै ह राजा करा ले निकलके गीस, त ओह नीला अऊ सफेद रंग के राजकीय कपड़ा पहिरे रिहिस अऊ ओकर मुड़ म सोन के मुकुट रहय अऊ ओह सुघर मलमल के बने बैंगनी रंग के बागा पहिरे रिहिस। अऊ सूसनगढ़ सहर के मनखेमन आनंद के मारे जय-जयकार करिन। \v 16 यहूदीमन बर, येह खुसी, आनंद अऊ आदरमान के बेरा रिहिस। \v 17 ओ हर राज अऊ सहर, जिहां भी राजा के साही हुकूम आईस, उहां यहूदीमन आनंद अऊ खुसी ले भर गीन, अऊ ओमन जेवनार करके उत्सव मनाईन। अऊ आने जाति के बहुंते मनखेमन यहूदी बन गीन, काबरकि ओमन के मन म यहूदीमन के डर हमा गे रिहिस। \c 9 \p \v 1 अदार नांव के बारहवां महिना के तेरहवां दिन, राजा के दुवारा दिये गे हुकूम ला पूरा करना रिहिस। ये दिन यहूदीमन के बईरीमन ओमन के ऊपर जय पाय के आसा म रिहिन, पर अब येकर उल्टा हो गीस अऊ यहूदीमन ओ बईरीमन ऊपर भारी पड़िन, जेमन ओमन ले घिन करत रिहिन। \v 2 यहूदी मनखेमन राजा छयर्स के जम्मो राजमन के अपन-अपन सहर म जूरिन, ताकि ओमन ओ मनखेमन ऊपर हमला करंय, जेमन यहूदीमन ला नास करे के ठाने रिहिन। कोनो मनखे यहूदीमन के सामना नइं कर सकिन, काबरकि आने जम्मो जाति के मनखेमन म यहूदीमन के डर हमा गे रिहिस। \v 3 अऊ राजमन के जम्मो परभावसाली मनखेमन, हाकिममन, राजपालमन अऊ राजा के अधिकारीमन यहूदीमन के मदद करिन, काबरकि ओमन म मोरदकै के डर हमा गे रिहिस। \v 4 मोरदकै ह महल म एक बड़े मनखे हो गीस; ओकर नांव ह जम्मो राजमन म फईल गीस, अऊ ओह अऊ सक्तिसाली होवत गीस। \p \v 5 यहूदीमन अपन जम्मो बईरीमन ऊपर तलवार चलाके मार डारिन अऊ ओमन ला नास कर दीन, अऊ ओमन अपन घिन करइयामन ऊपर अपन मन मुताबिक बरताव करिन। \v 6 सूसनगढ़ के किला म, यहूदीमन पांच सौ मनखे ला मारके नास कर दीन। \v 7 ओमन परसनदाता, दलपोन, असपाता, \v 8 पोराता, अदलया, अरीदाता, \v 9 परमसता, अरीसै, अरीदै अऊ वैजाता ला घलो मार डारिन; \v 10 ये दस झन हम्मदाता के बेटा हामान के बेटा रिहिन, जऊन ह यहूदीमन के बईरी रिहिस। पर यहूदीमन ओमन के संपत्ति ला नइं लूटिन। \p \v 11 ओ दिन सूसनगढ़ के किला म जतेक झन मारे गीन, ओमन के संखिया ला ओहीच दिन राजा ला बता दिये गीस। \v 12 तब राजा ह एस्तर रानी ला कहिस, “यहूदीमन सूसनगढ़ के किला म पांच सौ मनखे अऊ हामान के दसों बेटामन ला मारके नास कर दे हवंय। राजा के बाकि राजमन म, ओमन न जाने का-का करे हवंय? अब तोर अऊ का निबेदन हे? ओला घलो पूरा करे जाही। तेंह अऊ का मांगत हस? ओ घलो तोला दिये जाही।” \p \v 13 एस्तर ह जबाब दीस, “यदि राजा ला ये बात बने लगय, त सूसनगढ़ म यहूदीमन ला अनुमति दिये जावय कि ओमन आज के राजा के हुकूम ला कल घलो करंय, अऊ हामान के दसों बेटामन ला खंभामन म टांग दिये जावय।” \p \v 14 राजा ह हुकूम दीस कि अइसने करे जावय। सूसनगढ़ म राजा के ये हुकूम दिये गीस, अऊ ओमन हामान के दसों बेटा ला खंभामन म टांग दीन। \v 15 सूसनगढ़ म यहूदीमन अदार महिना के चौदहवां दिन जूरिन, अऊ ओमन सूसनगढ़ म तीन सौ मनखे ला मार डारिन, पर यहूदीमन ओमन के संपत्ति ला नइं लूटिन। \p \v 16 इही बीच म, राजा के राजमन के बाकि यहूदीमन घलो जूरिन, ताकि ओमन अपनआप ला बचा सकंय अऊ अपन बईरीमन के सतावा ले छुटकारा पा सकंय। ओमन अपन बईरीमन म ले पचहत्तर हजार मनखेमन ला मार डारिन, पर ओमन ओमन के संपत्ति ला नइं लूटिन। \v 17 ये काम ला अदार महिना के तेरहवां दिन म करे गीस, अऊ चौदहवां दिन, ओमन अराम करिन अऊ ओ दिन ओमन जेवनार करिन अऊ आनंद मनाईन। \p \v 18 पर सूसनगढ़ के यहूदीमन अदार महिना के तेरहवां अऊ चौदहवां दिन जूरिन, अऊ तब पंदरहवां दिन, ओमन अराम करिन अऊ ओ दिन ओमन जेवनार करिन अऊ आनंद मनाईन। \p \v 19 येकरे कारन देहात के यहूदी—जऊन मन गांव म रहिथें, ओमन अदार के महिना के चौदहवां दिन ला आनंद अऊ जेवनार के दिन के रूप म अऊ एक-दूसर ला उपहार देय के दिन के रूप म मनाथें। \s1 पुरीम स्थापित करे जाथे \p \v 20 ये घटनामन ला मोरदकै ह लिखिस, अऊ ओह राजा छयर्स के जम्मो राजमन म, लकठा अऊ दूरिहा म रहइया जम्मो यहूदीमन करा चिट्ठी भेजिस, \v 21 ताकि ओमन हर साल अदार महिना के चौदहवां अऊ पंदरहवां दिन उत्सव मनावंय, \v 22 काबरकि येह ओ समय रिहिस, जब यहूदीमन अपन बईरीमन ले छुटकारा पाईन, अऊ ये ओ महिना रिहिस, जब ओमन के दुख ह आनंद म अऊ ओमन के सोक ह उत्सव म बदल गे रिहिस। ओह ओमन ला लिखिस कि ओमन ओ दिनमन ला जेवनार अऊ आनंद अऊ एक-दूसर करा जेवन के उपहार भेजई अऊ गरीबमन ला ईनाम देवई के दिन के रूप म मानंय। \p \v 23 तब यहूदीमन मोरदकै के लिखे चिट्ठी के मुताबिक हर साल ओ उत्सव ला मनाय बर सहमत हो गीन, जेला कि ओमन ओ साल सुरू करे रिहिन। \v 24 काबरकि हम्मदाता अगागी के बेटा हामान, जऊन ह जम्मो यहूदीमन के बईरी रिहिस, ओह यहूदीमन ला नास करे के उपाय रचे रिहिस अऊ ओमन के बरबादी अऊ बिनास बर \tl पुर\tl* (चिट्ठी) डाले रिहिस। \v 25 पर जब ये साजिस के बारे म राजा ला बताय गीस, त ओह लिखित म ये हुकूम दीस कि जऊन दुस्ट योजना हामान ह यहूदीमन के बिरोध म बनाय हवय, ओ योजना ला ओकर ही ऊपर पूरा करे जावय, अऊ ओला अऊ ओकर बेटामन ला खंभा म टांग दिये जावय। \v 26 (एकरसेति ये दिनमन ला \tl पुर\tl* सबद के कारन पुरीम कहे गीस।) ये चिट्ठी म लिखे जम्मो बात के कारन अऊ जऊन कुछू यहूदीमन देखे रिहिन अऊ जऊन कुछू ओमन ऊपर होय रिहिस, ये जम्मो के कारन, \v 27 यहूदीमन अपन बर एक रिवाज बनाईन कि ओमन अऊ ओमन के संतानमन अऊ ओ जम्मो, जेमन ओमन के संग मिल गे हवंय, ये जम्मो के जम्मो हर साल ये दू दिन बिगर भूले उत्सव मनावंय अऊ ये उत्सव चिट्ठी म लिखे बात के मुताबिक ठहिराय गे समय म ही मनाय जावय। \v 28 ये दिनमन ला हर पीढ़ी म हर एक परिवार के दुवारा मनाय जावय, अऊ येला हर राज अऊ हर सहर म मनाय जावय। अऊ पुरीम के ये दिनमन ला यहूदीमन के दुवारा बिगर कभू भूले मनाय जावय—अऊ न ही ओमन के संतानमन ये दिनमन ला कभू भूलंय। \p \v 29 त फेर अबीहैल के बेटी एस्तर रानी, मोरदकै यहूदी के संग पूरा अधिकार से मजबूत करे बर पुरीम के बारे म ये दूसर चिट्ठी लिखिस। \v 30 अऊ मोरदकै ह छयर्स राजा के 127 राज के जम्मो यहूदीमन ला सद्भावना अऊ भरोसा के चिट्ठी लिख भेजिस, \v 31 ताकि ओमन मोरदकै यहूदी अऊ एस्तर रानी के दिये हुकूम के मुताबिक पुरीम के ये दिनमन ला अपन ठहिराय गे समय म मानंय, अऊ जइसने कि ओमन अपन अऊ अपन संतानमन बर उपास अऊ सोक के समय ठहिराय रिहिन। \v 32 एस्तर के हुकूम ह पुरीम के बारे म ये नियममन ला मजबूत करिस, अऊ येला किताब म लिखके रखे गीस। \c 10 \s1 मोरदकै के महानता \p \v 1 राजा छयर्स ह पूरा देस म अऊ येकर दूरिहा के समुंदर तीर तक राजकर लगाईस। \v 2 अऊ ओकर सक्ति अऊ पराकरम के जम्मो काम अऊ मोरदकै के महानता के पूरा लेखा-जोखा, जेला राजा ह ऊपर उठाय रिहिस, ओ जम्मो बात मादै अऊ फारस के राजामन के इतिहास के किताब म लिखे गे हवय। \v 3 मोरदकै यहूदी के पद ह छयर्स राजा के बाद दूसरा रिहिस; यहूदीमन के बीच म ओह सबले उत्तम रिहिस, अऊ ओकर बहुंते यहूदी संगीमन ओकर बहुंत आदर करंय, काबरकि ओह अपन मनखेमन के भलई बर काम करय अऊ जम्मो यहूदीमन के सुख-सांति बर गोठियावय।