\id ACT - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \ide UTF-8 \h प्रेरितमन के काम \toc1 प्रेरितमन के काम \toc2 प्रेरितमन के काम \toc3 प्रेरि \mt1 प्रेरितमन \mt2 के काम \c 1 \s1 यीसू के स्वरगारोहन \p \v 1 हे थियुफिलुस, मेंह अपन पहिली किताब म ओ जम्मो गोठ के बारे म लिखे हवंव, जऊन ला यीसू ह अपन सेवा के सुरूआत ले करे अऊ सिखोय रिहिस, \v 2 जब तक कि ओह पबितर आतमा के सामर्थ ले प्रेरितमन ला, जेमन ला ओह चुने रिहिस, हुकूम नइं दे लीस अऊ परमेसर के दुवारा स्वरग म नइं उठाय गीस। \v 3 यीसू ह दुख सहे के बाद, ये मनखेमन ला दिखिस अऊ बहुंत अकन पक्का सबूत दीस कि ओह जीयत हवय। ओह चालीस दिन तक ओमन ला दिखाई देते रिहिस अऊ परमेसर के राज के बारे म बताते रिहिस। \v 4 एक बार, जब ओह ओमन के संग खाना खावत रिहिस, त ओह ओमन ला ये हुकूम दीस, “यरूसलेम सहर ला झन छोंड़व, पर ओ बरदान के बाट जोहव, जेकर वायदा मोर ददा ह करे हवय अऊ जेकर बारे म तुमन मोर ले सुने हवव। \v 5 यूहन्ना तो पानी ले बतिसमा दीस, पर थोरकन दिन के बाद, तुमन पबितर आतमा ले बतिसमा पाहू।” \p \v 6 जब ओमन ओकर संग इकट्ठा रिहिन, त ओमन यीसू ले पुछिन, “हे परभू, का तेंह इही घड़ी इसरायलीमन ला राज ला लहुंटा देबे?” \p \v 7 यीसू ह ओमन ला कहिस, “ओ बेरा या तारिख, जऊन ला ददा ह अपनेच अधिकार म रखे हवय, तुमन के जाने के काम नो हय। \v 8 पर जब पबितर आतमा तुम्हर ऊपर आही, त तुमन सक्ति पाहू; अऊ यरूसलेम म, अऊ जम्मो यहूदिया अऊ सामरिया म, अऊ धरती के छोर तक तुमन मोर गवाह होहू।” \p \v 9 ये जम्मो बात कहे के बाद, यीसू ह ओमन के देखते-देखत परमेसर के दुवारा स्वरग म उठा लिये गीस, अऊ एक बादर ह ओला ओमन के नजर ले छिपा लीस। \p \v 10 जब ओमन यीसू के जावत बेरा ऊपर अकास कोति आंखी गड़ियाय देखत रिहिन, त अचानक दू झन मनखे सफेद कपड़ा पहिरे ओमन के बाजू म ठाढ़ हो गीन, \v 11 अऊ ओमन कहिन, “हे गलील के मनखेमन, तुमन काबर अकास कोति देखत इहां ठाढ़े हवव? एही यीसू, जऊन ह तुमन करा ले स्वरग म उठा लिये गीस, ओहीच ढंग ले ओह फेर आही, जऊन ढंग ले ओला तुमन स्वरग कोति जावत देखे हवव।” \s1 यहूदा इस्करियोती के जगह म मत्तियाह \p \v 12 तब चेलामन जैतून पहाड़ ले यरूसलेम सहर लहुंट गीन। ये पहाड़ी ह यरूसलेम ले एक बिसराम दिन के रेंगई के दूरिहा म हवय\f + \fr 1:12 \fr*\ft यहूदी कानून के मुताबिक एक मनखे ला बिसराम के दिन म करीब एक किलोमीटर चले के अनुमति रिहिस।\ft*\f*। \v 13 जब ओमन यरूसलेम हबरिन, त ओमन ऊपर के कमरा म गीन जिहां ओमन ठहिरे रिहिन। उहां ये चेलामन रिहिन: \b \li1 पतरस, यूहन्ना, याकूब अऊ अन्द्रियास; \li1 फिलिप्पुस अऊ थोमा; \li1 बरतुलमै अऊ मत्ती; \li1 हलफई के बेटा याकूब, सिमोन जेलोतेस अऊ याकूब के बेटा यहूदा। \b \p \v 14 ये जम्मो झन, माईलोगनमन अऊ यीसू के दाई मरियम, अऊ ओकर भाईमन के संग एक चित होके पराथना करे म लगे रहंय। \p \v 15 तब कुछू दिन के बाद, पतरस ह बिसवासीमन के बीच म (ओमन करीब एक सौ बीस झन रिहिन) ठाढ़ होके कहिस, \v 16 “हे भाईमन हो, ये जरूरी रिहिस कि परमेसर के बचन ह पूरा होवय, जऊन ला पबितर आतमा ह दाऊद के मुहूं ले बहुंत पहिली यहूदा के बारे म कहे रिहिस, जऊन ह यीसू के पकड़वइयामन के अगुवा रिहिस। \v 17 ओह हमन के संग गने गीस अऊ ये सेवा के काम म भागीदार होईस।” \p \v 18 (ओह पाप के कमई ले एक ठन खेत बिसाईस; उहां ओह मुड़ के भार गिरिस; ओकर देहें ह बीच ले फाटके खुल गे अऊ ओकर जम्मो पोटा ह बाहिर निकल गीस। \v 19 यरूसलेम म जम्मो झन एकर बारे म सुनिन, एकरसेति ओमन ओ खेत के नांव अपन भासा म हकलदमा रखिन, जेकर मतलब होथे—लहू के खेत।) \p \v 20 पतरस ह आगे कहिस, “काबरकि भजन-संहिता के किताब म ये लिखे हवय: \q1 “ ‘ओकर घर ह खाली हो जावय; \q2 ओमा रहइया कोनो झन होवंय,’\f + \fr 1:20 \fr*\ft \+xt भजन 69:25\+xt*\ft*\f* \m अऊ, \q1 “ ‘ओकर अगुवई के पद ला कोनो अऊ ले लेवय।’\f + \fr 1:20 \fr*\ft \+xt भजन 109:8\+xt*\ft*\f* \m \v 21 एकरसेति जतेक दिन तक परभू यीसू ह हमर संग आवत-जावत रिहिस, \v 22 याने कि यूहन्ना के बतिसमा ले लेके यीसू के हमर करा ले ऊपर उठाय जावत तक—जऊन मनखेमन बरोबर हमर संग रिहिन; बने होतिस कि ओ मनखेमन ले एक झन ह हमर संग, यीसू के जी उठे के गवाह बन जातिस।” \p \v 23 एकरसेति ओमन दू झन के नांव लीन, यूसुफ जऊन ला बरसबा कहे जाथे (ओला युसतुस घलो कहे जावय) अऊ दूसर झन मत्तियाह। \v 24 तब ओमन ये पराथना करिन, “हे परभू, तेंह हर एक झन के मन ला जानथस। हमन ला देखा कि ये दूनों म ले कोन ला तेंह चुने हवस \v 25 कि ओह ये प्रेरितई सेवा के पद ला लेवय, जऊन ला यहूदा ह छोंड़के ओ जगह म चले गीस जिहां ओला जाना चाही।” \v 26 तब ओमन दूनों झन के नांव म चिट्ठी डारिन, अऊ चिट्ठी ह मत्तियाह के नांव म निकलिस अऊ ओह गियारह प्रेरितमन के संग म गने गीस। \c 2 \s1 पबितर आतमा पिनतेकुस्त के दिन आथे \p \v 1 जब पिनतेकुस्त तिहार\f + \fr 2:1 \fr*\ft फसल के तिहार, \+xt निर 34:22; लैव्य 23:15‑16\+xt*\ft*\f* के दिन आईस, त जम्मो चेलामन एक ठऊर म जूरे रिहिन। \v 2 अचानक अकास ले एक बड़े गरेर सहीं सनसनाहट के अवाज होईस, अऊ ओ अवाज ले जम्मो घर ह, जिहां ओमन बईठे रिहिन, गूंज गीस। \v 3 ओमन ला आगी के जीभमन सहीं दिखिस अऊ ओह अलग होके ओमन के हर एक झन के ऊपर आके ठहर गीस। \v 4 अऊ ओमन जम्मो झन पबितर आतमा ले भर गीन अऊ जइसने पबितर आतमा ह ओमन ला बोले के सामर्थ दीस, ओमन आने-आने भासा म गोठियाय लगिन। \p \v 5 ओ घरी धरती के हर एक देस ले आय परमेसर के भक्त यहूदीमन यरूसलेम सहर म ठहिरे रिहिन। \v 6 जब ओमन ये अवाज सुनिन, त उहां एक भीड़ जूर गीस अऊ मनखेमन घबरा गीन, काबरकि हर एक झन ला ये सुनई देवत रिहिस कि येमन मोरेच भासा म गोठियावत हवंय। \v 7 ओ जम्मो झन अचम्भो म पड़के पुछे लगिन, “देखव, ये जम्मो मनखे जऊन मन गोठियावत हवंय, का येमन गलील प्रदेस के नो हंय? \v 8 त फेर कइसने हमन जम्मो मनखेमन अपन-अपन जनम भुइयां के भासा सुनत हवन? \v 9 हमन के बीच म पारथी, मेदी, एलामी मनखे हवंय; अऊ हमन म ले कोनो-कोनो मेसोपोटामिया, यहूदिया अऊ कप्पदुकिया, पुनतुस, एसिया, \v 10 फ्रूगिया, पंफूलिया, मिसर अऊ लिबिया देस जऊन ह कुरेन के लकठा म हवय, के रहइया अंय। रोम ले आय मनखेमन \v 11 (यहूदी अऊ यहूदी मत म चलइया, दूनों), क्रेती अऊ अरबी घलो हवंय। पर हमन जम्मो झन अपन-अपन भासा म येमन ले परमेसर के बड़े-बड़े काम के चरचा सुनत हवन।” \v 12 ओ जम्मो झन अचम्भो म पड़के अऊ घबराके एक-दूसर ला पुछे लगिन, “एकर का मतलब ए?” \p \v 13 पर कुछू मनखेमन, चेलामन के ठट्ठा करिन अऊ ये कहिन, “येमन तो अंगूर के मंद के नसा म हवंय।” \s1 पतरस के उपदेस \p \v 14 तब पतरस ह गियारह प्रेरितमन के संग ठाढ़ होईस अऊ ऊंचहा अवाज म भीड़ ला ये कहिस, “हे संगी यहूदी अऊ यरूसलेम के जम्मो रहइयामन, मोर गोठ ला कान लगाके सुनव अऊ समझव। \v 15 हमन नसा म नइं अन, जइसने कि तुमन समझत हवव, काबरकि अभी तो बिहान के नौ बजे हवय। \v 16 पर येह ओ बात ए, जऊन ला योएल अगमजानी के दुवारा कहे गे रिहिस: \q1 \v 17 “ ‘परमेसर ह कहिथे, \q2 आखिरी के दिन म अइसने होही कि मेंह अपन आतमा ला जम्मो मनखेमन ऊपर उंडेलहूं। \q1 तुम्हर बेटा अऊ बेटीमन अगमबानी करहीं। \q2 तुम्हर जवानमन दरसन देखहीं, \q2 अऊ तुम्हर सियानमन सपना देखहीं। \q1 \v 18 मेंह अपन दास अऊ अपन दासीमन ऊपर घलो ओ दिन म अपन आतमा उंडेलहूं \q2 अऊ ओमन अगमबानी करहीं। \q1 \v 19 मेंह ऊपर अकास म अद्भूत काम \q2 अऊ खाल्हे धरती म चिनहां, \q2 याने कि लहू, आगी अऊ धुआं के बादर देखाहूं। \q1 \v 20 परभू के महान अऊ महिमामय दिन के आय के पहिली सूरज ह अंधियार \q2 अऊ चंदा ह लहू सहीं हो जाही। \q1 \v 21 अऊ हर एक, जऊन ह परभू के नांव लीही, ओह उद्धार पाही।’\f + \fr 2:21 \fr*\ft \+xt योए 2:28‑32\+xt*\ft*\f* \p \v 22 “हे इसरायलीमन हो, ए बात ला सुनव: यीसू ह नासरत के रहइया एक मनखे रिहिस। ओह परमेसर कोति ले आय रिहिस। ये बात के सबूत ओकर सामर्थ के काम, चमतकार के काम अऊ चिनहां ले परगट होथे, जऊन ला परमेसर ह तुमन के बीच म ओकर दुवारा करिस, जइसने कि तुमन खुदे जानत हवव। \v 23 जब ओह परमेसर के ठहिराय योजना अऊ पूर्व गियान के मुताबिक तुम्हर हांथ म पकड़वाय गीस, त तुमन अधरमीमन के मदद ले ओला कुरूस म चघाके मार डारेव। \v 24 पर ओला परमेसर ह मिरतू के बंधना ले छोंड़ाके जियाईस, काबरकि येह असंभव रिहिस कि ओह मिरतू के बस म रहय। \v 25 दाऊद ह ओकर बारे म कहिस, \q1 “ ‘मेंह परभू ला हमेसा अपन आघू म देखत रहेंव, काबरकि ओह मोर जेवनी हांथ कोति हवय; \q2 मेंह नइं डोलंव। \q1 \v 26 एकरसेति मोर मन ह खुस हवय, अऊ मोर मुहूं ह आनंद मनाथे; \q2 मोर देहें घलो आसा म अराम करही, \q1 \v 27 काबरकि तेंह मोला मरे मनखेमन के लोक म नइं छोंड़बे, \q2 अऊ न अपन पबितर जन ला तेंह सड़न देबे। \q1 \v 28 तेंह मोला जिनगी के रसता बताय हवस; \q2 तेंह अपन आघू म मोला आनंद ले भर देबे।’ \p \v 29 “हे भाईमन हो, मेंह ओ कुल के मुखिया दाऊद के बारे म तुमन ला बिसवास के संग ये कह सकत हंव कि ओह तो मर गीस, अऊ दफनाय घलो गीस अऊ ओकर कबर ह आज तक इहां हवय। \v 30 पर ओह अगमजानी रिहिस अऊ ओह ये जानत रिहिस कि परमेसर ह ओकर ले ये कसम खाय रिहिस, ‘मेंह तोर बंस म ले एक झन ला तोर सिंघासन म बईठाहूं।’ \v 31 ओह, का होवइया हवय येला जानके, मसीह के जी उठे के बारे म अगमबानी करिस, ‘ओकर जीव ला मरे मनखेमन के लोक म नइं छोंड़े गीस अऊ न ओकर देहें ह सड़े पाईस।’ \v 32 एही यीसू ला परमेसर ह जियाईस, जेकर हमन जम्मो झन गवाह हवन। \v 33 इहीच ढंग ले ओह परमेसर के जेवनी हांथ कोति जम्मो ले बड़े पद पाईस। ददा ले ओह पबितर आतमा पाके, जेकर परतिगियां करे गे रिहिस, ओह हमर ऊपर येला उंड़ेर दीस, जऊन ला तुमन देखत अऊ सुनत हवव। \v 34 काबरकि दाऊद ह तो स्वरग म नइं चघिस, पर ओह ये कहिस, \q1 “ ‘परभू ह मोर परभू ले कहिस: \q2 “मोर जेवनी हांथ कोति बईठ \q1 \v 35 जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला \q2 तोर गोड़ रखे के चउकी नइं बना देवंव।” ’\f + \fr 2:35 \fr*\ft \+xt भजन 110:1\+xt*\ft*\f* \p \v 36 “एकरसेति जम्मो इसरायली मनखेमन ये जरूर जान लेवंय कि ओही यीसू, जऊन ला तुमन कुरूस ऊपर चघाय रहेव, परमेसर ह ओला परभू अऊ मसीह दूनों ठहिराईस।” \p \v 37 तब सुनइयामन के हिरदय ह कलपे लगिस, अऊ ओमन पतरस अऊ बाकि प्रेरितमन ले पुछे लगिन, “हे भाईमन हो, हमन का करन?” \p \v 38 पतरस ह ओमन ला कहिस, “अपन पाप के पछताप करव, अऊ तुमन म ले, हर एक झन अपन-अपन पाप के छेमा खातिर यीसू मसीह के नांव म बतिसमा लेवव, अऊ तुमन पबितर आतमा के दान पाहू। \v 39 काबरकि ये परतिगियां ह तुम्हर अऊ तुम्हर संतान बर अऊ ओ जम्मो दूरिहा-दूरिहा के मनखेमन के खातिर घलो अय, जऊन मन ला परभू हमर परमेसर ह अपन लकठा म बलाही।” \p \v 40 पतरस ह अऊ बहुंते बात के दुवारा समझाईस अऊ ओमन ले बिनती करिस, “अपनआप ला ये खराप पीढ़ी के मनखेमन ले बचावव।” \v 41 तब जऊन मन पतरस के बात ला मानिन, ओमन बतिसमा लीन, अऊ ओहीच दिन करीब तीन हजार मनखेमन ओमन के संग मिल गीन। \s1 बिसवासीमन के संगति \p \v 42 ओमन प्रेरितमन ले सिकछा पाय लगिन, अऊ अपनआप ला संगति रखे म, परभू भोज के रोटी टोरे म अऊ पराथना करे म मगन रखिन। \v 43 जम्मो मनखेमन म डर हमा गे अऊ बहुंते चमतकार के काम अऊ अद्भूत काम प्रेरितमन के दुवारा होवत रिहिस। \v 44 ओ जम्मो बिसवास करइयामन लगातार एक संग संगति करत रिहिन अऊ ओमन के जम्मो चीज म जम्मो झन के हक रिहिस। \v 45 ओमन अपन-अपन संपत्ति अऊ सामान ला बेच-बेचके, जेकर जइसने जरूरत रहय वइसने ओला बांट देवंय। \v 46 ओमन हर एक दिन एक मन होके मंदिर के अंगना म जूरंय, अऊ ओमन घर-घर म रोटी टोरत, खुसी अऊ निस्कपट मन ले एक संग खावत रिहिन। \v 47 ओमन परमेसर के भजन करंय अऊ जम्मो मनखेमन के किरपा ओमन के ऊपर रिहिस। अऊ जऊन मन उद्धार पावंय, ओमन ला परभू ह हर दिन ओमन के संग मिला देवत रिहिस। \c 3 \s1 पतरस ह एक झन खोरवा भिखमंगा ला बने करथे \p \v 1 एक दिन पतरस अऊ यूहन्ना मंझनियां के तीन बजे पराथना के बेरा मंदिर जावत रिहिन। \v 2 मनखेमन एक जनम के खोरवा ला लावत रिहिन। ओमन ओला हर दिन मंदिर के सुघर नांव के दुवारी म बईठा देवंय कि ओह मंदिर म जवइयामन ले भीख मांगय। \v 3 जब ओह पतरस अऊ यूहन्ना ला मंदिर म जावत देखिस, त ओमन ले भीख मांगिस। \v 4 पतरस ह यूहन्ना के संग ओकर कोति एकटक देखके कहिस, “हमर कोति देख!” \v 5 ओह ओमन ले कुछू पाय के आसा म ओमन कोति ताके लगिस। \p \v 6 तब पतरस ह कहिस, “सोन अऊ चांदी तो मोर करा नइं ए, पर जऊन चीज मोर करा हवय, मेंह तोला देवत हंव। यीसू मसीह नासरी के नांव म, तेंह उठ अऊ रेंग।” \v 7 पतरस ह ओकर जेवनी हांथ ला धरके ओला ठाढ़ होय म मदद करिस अऊ तुरते खोरवा के गोड़ अऊ एड़ीमन म बल आ गीस। \v 8 ओह कूदके ठाढ़ हो गीस अऊ चले-फिरे लगिस। ओह चलत, कूदत अऊ परमेसर के भजन करत ओमन के संग मंदिर म गीस। \v 9 जब जम्मो मनखेमन ओला चलत-फिरत अऊ परमेसर के भजन करत देखिन, \v 10 त ओमन ओला चिन डारिन कि येह ओहीच ए, जऊन ह मंदिर के सुघर नांव के दुवारी म बईठके भीख मांगे करत रिहिस, अऊ ओमन ओकर संग जऊन कुछू होय रिहिस, ओला देखके अचरज अऊ अचम्भो करिन। \s1 पतरस ह भीड़ ले गोठियाथे \p \v 11 जब ओ भिखमंगा ह पतरस अऊ यूहन्ना के संग रहय, त जम्मो मनखेमन बहुंत अचरज करत सुलेमान के मंडप म ओमन करा दऊड़त आईन। \v 12 येला देखके पतरस ह मनखेमन ला कहिस, “हे इसरायलीमन, तुमन ये मनखे ला देखके काबर अचरज करत हव? तुमन हमर कोति अइसने एकटक काबर देखत हव कि मानो हमीचमन अपन सक्ति या भक्ति ले येला चले-फिरे के लईक बना दे हवन? \v 13 अब्राहम, इसहाक, अऊ याकूब के परमेसर, हमर बाप-ददामन के परमेसर ह अपन दास यीसू के महिमा करिस, जऊन ला तुमन मरवाय बर पकड़वाय रहेव। अऊ जब पीलातुस ह ओला छोंड़ देके फैसला करिस, त तुमन ओकर आघू म यीसू के इनकार करेव। \v 14 तुमन ओ पबितर अऊ धरमी जन के इनकार करेव, अऊ पीलातुस ले ये बिनती करेव कि एक हतियारा ला तुम्हर खातिर छोंड़ देवय। \v 15 तुमन जिनगी के देवइया ला मार डारेव, जऊन ला परमेसर ह मरे मन ले जियाईस, अऊ हमन ये बात के गवाह हवन। \v 16 ओहीच यीसू के नांव म बिसवास के दुवारा, ये मनखे ह सक्ति पाईस, जऊन ला तुमन देखत अऊ जानत हवव। येह यीसू के नांव अऊ बिसवास, जऊन ह यीसू के दुवारा आथे, येला एकदम भला-चंगा कर दे हवय जइसने कि तुमन जम्मो देखत हवव। \p \v 17 “हे भाईमन हो, मेंह जानत हंव कि ये काम ला तुमन अगियानता म करेव अऊ वइसनेच तुम्हर अगुवामन घलो करिन। \v 18 पर जऊन बातमन ला परमेसर ह जम्मो अगमजानीमन के दुवारा आघू ले बताय रिहिस कि ओकर मसीह ह दुख उठाही, ओ बातमन ला ओह अइसने पूरा करिस। \v 19 एकरसेति, अब तुमन अपन पापमन ले मन फिरावव अऊ परमेसर करा लहुंटव कि तुम्हर पापमन मिटाय जावंय, अऊ परभू करा ले आनंद मिलय, \v 20 अऊ ओह ओ मसीह यीसू ला पठोवय, जऊन ह तुम्हर बर आघूच ले ठहिराय गे हवय। \v 21 ये जरूरी ए कि ओह स्वरग म ओ बखत तक रहय, जब तक कि ओह जम्मो बातमन के सुधार नइं कर लेवय, जेकर बारे म परमेसर ह अपन पबितर अगमजानीमन के दुवारा बहुंत पहिली कहे रिहिस। \v 22 जइसने मूसा ह कहे रिहिस, ‘परभू तुम्हर परमेसर ह तुम्हर बर तुम्हर अपन मनखेमन के बीच ले मोर सहीं एक अगमजानी ठाढ़ करही; जऊन कुछू ओह तुम्हर ले कहय, तुमन ओकर जरूर सुनव। \v 23 पर जऊन मनखे ओ अगमजानी के बात ला नइं सुनही, ओला अपन मनखेमन ले पूरा अलग करे जाही।’\f + \fr 3:23 \fr*\ft \+xt ब्यव 18:15, 18, 19\+xt*\ft*\f* \p \v 24 “वास्तव म, समूएल अगमजानी ले लेके ओकर बाद अवइया जम्मो अगमजानीमन परमेसर के जऊन बचन कहे हवंय, ओ जम्मो झन इहीच दिनमन के बारे म कहे हवंय। \v 25 तुमन अगमजानीमन के संतान अऊ ओ करार के संतान अव, जऊन ला परमेसर ह तुम्हर बाप-ददा संग करे रिहिस। ओह अब्राहम ले कहे रिहिस, ‘तोर बंस के दुवारा धरती के जम्मो मनखेमन आसीस पाहीं।’\f + \fr 3:25 \fr*\ft \+xt उत 22:18; 26:4\+xt*\ft*\f* \v 26 जब परमेसर ह अपन दास ला जियाईस, त ओह ओला पहिली तुम्हर करा पठोईस कि ओह तुमन ले हर एक ला ओकर बुरई ले बचाय के दुवारा आसीस देवय।” \c 4 \s1 धरम महासभा के आघू म पतरस अऊ यूहन्ना \p \v 1 जब पतरस अऊ यूहन्ना मनखेमन ले गोठियावत रिहिन, त पुरोहितमन, अऊ मंदिर के रखवारमन के अधिकारी अऊ सदूकीमन ओमन करा आईन। \v 2 ओमन बहुंते गुस्सा करिन, काबरकि पतरस अऊ यूहन्ना मनखेमन ला सिखोवत रिहिन अऊ यीसू म मरे मनखेमन के जी उठे के बारे म परचार करत रिहिन। \v 3 ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला धरके दूसर दिन तक हवालात म रखिन, काबरकि संझा हो गे रिहिस। \v 4 पर संदेस के सुनइया बहुंत झन बिसवास करिन, अऊ ओमन के गनती बढ़के पांच हजार मनखे के आसपास हो गीस। \p \v 5 दूसर दिन अधिकारी, अगुवा अऊ कानून के गुरूमन यरूसलेम म जूरे रिहिन। \v 6 महा पुरोहित हन्ना ह उहां रिहिस, अऊ काइफा, यूहन्ना, सिकन्दर अऊ महा पुरोहित के घर के जम्मो झन घलो उहां जूरे रिहिन। \v 7 ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला मांझा म ठाढ़ करके ओमन ले पुछिन, “तुमन ये काम ला कोन सक्ति या काकर नांव ले करे हवव?” \p \v 8 तब पतरस ह पबितर आतमा ले भरके ओमन ला कहिस, “हे मनखेमन के अधिकारी अऊ अगुवामन! \v 9 ये खोरवा मनखे संग जऊन भलई करे गे हवय, आज हमन ले ओकर बारे म पुछताछ करे जावत हवय कि ओह कइसने बने होईस, \v 10 त तुमन अऊ जम्मो इसरायली मनखेमन येला जान लेवव कि यीसू मसीह नासरी, जऊन ला तुमन कुरूस ऊपर चघाय रहेव, पर परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस, ओकरे नांव म ये मनखे ह तुम्हर आघू म चंगा होके ठाढ़े हवय। \v 11 यीसू ह ओही पथरा ए, \q1 “ ‘जऊन ला तुम घर के बनइयामन बेकार समझेव, \q2 ओह कोना के मुख पथरा बन गीस।’\f + \fr 4:11 \fr*\ft \+xt भजन 118:22\+xt*\ft*\f* \m \v 12 कोनो आने के दुवारा उद्धार नइं मिलय, काबरकि स्वरग के खाल्हे, मनखेमन ला अऊ कोनो आने नांव नइं दिये गीस, जेकर दुवारा हमन उद्धार पा सकन।” \p \v 13 जब ओमन पतरस अऊ यूहन्ना के हिम्मत ला देखिन अऊ ये जानिन कि येमन अनपढ़ अऊ सधारन मनखे अंय, त ओमन अचरज करिन। अऊ ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला चिन डारिन कि येमन यीसू के संग म रिहिन। \v 14 पर ओमन ओ मनखे ला जऊन ह चंगा होय रिहिस, ओमन के संग ठाढ़े देखके बिरोध म कुछू नइं कह सकिन। \v 15 पर ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला धरम महासभा ले बाहिर जाय के हुकूम दीन अऊ फेर ओमन आपस म बिचार करन लगिन, \v 16 “हमन ये मनखेमन के संग का करन? काबरकि यरूसलेम के जम्मो रहइयामन जानत हवंय कि येमन एक बहुंत बड़े चमतकार के काम करे हवंय, अऊ हमन येला इनकार नइं कर सकन। \v 17 पर ये बात ह मनखेमन म अऊ जादा झन फईले, एकरसेति हमन येमन ला चेता देवन कि येमन फेर कोनो मनखे ले ये नांव लेके झन गोठियावंय।” \p \v 18 तब ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला फेर भीतर बलाके हुकूम दीन कि यीसू के नांव म न तो कुछू बोलव अऊ न कुछू सिखोवव। \v 19 पर पतरस अऊ यूहन्ना ओमन ला जबाब दीन, “तुहीच मन नियाय करव कि का येह परमेसर के नजर म ठीक ए कि हमन परमेसर के बात ला छोंड़के तुम्हर बात ला मानन। \v 20 ये हमर ले नइं हो सकय कि जऊन ला हमन देखे अऊ सुने हवन, ओकर बारे म झन गोठियावन।” \p \v 21 तब ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला धमकाके छोंड़ दीन। ओमन दंड देय के बारे म कुछू फईसला नइं कर सकिन, काबरकि जऊन घटना होय रिहिस, ओकर खातिर जम्मो मनखेमन परमेसर के इस्तुति करत रिहिन। \v 22 ओ मनखे जऊन ह अद्भूत ढंग ले बने होय रिहिस, ओह चालीस साल ले जादा उमर के रिहिस। \s1 बिसवासीमन के पराथना \p \v 23 पतरस अऊ यूहन्ना उहां ले छूटके अपन संगीमन करा आईन अऊ मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन के कहे ओ जम्मो बात ओमन ला बताईन। \v 24 येला सुनके ओमन के संगीमन एक मन होके, चिचिया-चिचियाके परमेसर ले ये पराथना करिन, “हे परमपरधान परभू, तेंह अकास अऊ धरती अऊ समुंदर अऊ जऊन कुछू ओमा हवय, ओ जम्मो ला बनाय हवस। \v 25 तेंह पबितर आतमा के दुवारा अपन दास हमर पुरखा दाऊद के मुहूं ले ये कहय: \q1 “ ‘जाति-जाति के मनखेमन काबर हो-हल्ला मचाथें \q2 अऊ मनखेमन काबर बेकार म सडयंत्र रचथें? \q1 \v 26 परभू के बिरूध \q2 अऊ ओकर अभिसिक्त जन के बिरूध \q1 धरती के राजामन ठाढ़ होथें \q2 अऊ सासन करइयामन एक संग जूरथें।\f + \fr 4:26 \fr*\ft \+xt भजन 2:1, 2\+xt*\ft*\f*’ \m \v 27 सही म, तोर पबितर सेवक यीसू, जऊन ला तेंह अभिसेक करे हवस, ओकर बिरोध म, हेरोदेस अऊ पुन्तियुस पीलातुस, आनजात अऊ इसरायलीमन के संग ये सहर म सडयंत्र करे बर जूरिन, \v 28 अऊ ओमन ओहीच काम करिन जऊन ह पहिली ले तोर सामर्थ अऊ ईछा म ठहिराय गे रिहिस। \v 29 अब हे परभू, ओमन के धमकी ला धियान दे अऊ अपन दासमन के मदद कर कि तोर बचन ला बड़े हिम्मत के संग बोलंय। \v 30 चंगा करे बर अपन हांथ ला लमा अऊ अद्भूत चिनहां अऊ चमतकार के काम तोर पबितर सेवक यीसू के नांव म देखा।” \p \v 31 जब ओमन पराथना कर चुकिन, त ओ जगह जिहां ओमन जूरे रिहिन, डोल गीस, अऊ ओमन जम्मो झन पबितर आतमा ले भर गीन अऊ परमेसर के बचन ला हिम्मत के संग सुनाईन। \s1 बिसवासीमन के सामुहिक जिनगी \p \v 32 जम्मो बिसवास करइयामन एक हिरदय अऊ एक चित के रहंय। इहां तक कि कोनो अपन संपत्ति ला अपन नइं कहय, पर जम्मो झन के संपत्ति म जम्मो झन के हक रहय। \v 33 प्रेरितमन बड़े सामर्थ ले परभू यीसू के जी उठे के गवाही देवत रिहिन अऊ ओ जम्मो के ऊपर परभू के अब्बड़ अनुग्रह रिहिस। \v 34 ओमन म कोनो जरूरतमंद नइं रिहिन, काबरकि जेमन जमीन या घर के मालिक रिहिन, ओमन ओला समय-समय म बेचके, ओकर दाम ला लानंय \v 35 अऊ ओला प्रेरितमन के गोड़ म मढ़ा देवंय, अऊ जेकर जइसने जरूरत रहय, वइसने ओला बांट देवंय। \p \v 36 यूसुफ नांव के एक मनखे रिहिस; ओह लेवी बंस के रिहिस, अऊ साइप्रस दीप के रहइया रिहिस। प्रेरितमन ओकर नांव बरनबास (जेकर मतलब उत्साहित करइया के बेटा होथे) रखे रिहिन। \v 37 ओह अपन एक ठन खेत ला बेचिस अऊ ओ रकम ला लानके प्रेरितमन के गोड़ म मढ़ा दीस। \c 5 \s1 हनन्याह अऊ सफीरा \p \v 1 हनन्याह नांव के एक मनखे रिहिस। ओह अऊ ओकर घरवाली सफीरा अपन कुछू भुइयां ला बेचिन। \v 2 हनन्याह ह ओकर दाम म ले कुछू रकम अपन करा रख लीस अऊ ये बात ला ओकर घरवाली घलो जानत रिहिस। ओह रकम के एक भाग ला लानके प्रेरितमन के गोड़ करा मढ़ा दीस। \p \v 3 तब पतरस ह कहिस, “हे हनन्याह, सैतान ह तोर मन म, ये बात ला डारिस कि तेंह पबितर आतमा ले लबारी मारय अऊ जमीन म ले मिले कुछू रकम ला अपन करा रख ले हवस। \v 4 जब जमीन ह नइं बेचाय रिहिस, त का ओह तोर नइं रिहिस? अऊ जब बेचा गे, त पईसा ह का तोर अधिकार म नइं रिहिस? अइसन काम करे के बिचार तोर मन म कइसे आईस? तेंह मनखे ले नइं, पर परमेसर ले लबारी मारे हवस।” \p \v 5 ये बात ला सुनतेच ही हनन्याह ह गिर पड़िस अऊ मर गीस। येला देखके जम्मो सुनइयामन अब्बड़ डरा गीन। \v 6 पर जवानमन उठके ओकर लास ला कपड़ा म लपेटिन अऊ बाहिर म ले जाके ओला माटी दे दीन। \p \v 7 लगभग तीन घंटा के बाद ओकर घरवाली ह पतरस करा घर के भीतर आईस। जऊन कुछू होय रिहिस, ओह ओला नइं जानत रिहिस। \v 8 पतरस ह ओकर ले पुछिस, “मोला बता, का तें अऊ तोर घरवाला ओ जमीन ला अतकेच म बेचे रहेव?” \p त ओह कहिस, “हां, अतकेच म बेचे रहेंन।” \p \v 9 पतरस ह ओला कहिस, “ये का बात ए कि तुमन दूनों परभू के आतमा ला परखे बर एका करे रहेव? देख, तोर घरवाला ला माटी देवइयामन दुवारीच म ठाढ़े हवंय, अऊ ओमन तोला घलो बाहिर ले जाहीं।” \p \v 10 तब ओह तुरते ओकर गोड़ तरी गिर पड़िस अऊ ओह घलो मर गीस। तब जवानमन भीतर आके ओला मरे पाईन, अऊ बाहिर ले जाके ओला ओकर घरवाला के लकठा म माटी दे दीन। \v 11 अऊ जम्मो कलीसिया ऊपर अऊ ये बात के जम्मो सुनइयामन ऊपर अब्बड़ डर हमा गे। \s1 प्रेरितमन कतको बिमरहामन ला बने करथें \p \v 12 प्रेरितमन बहुंते चमतकार अऊ अचरज के काम मनखेमन के बीच म करत रिहिन। अऊ जम्मो बिसवासीमन एक दल होके राजा सुलेमान के मंडप म जूरंय। \v 13 पर आने मनखेमन ले काकरो ये हिम्मत नइं होवत रिहिस कि आके ओमन के संग मिल जावंय। तभो ले मनखेमन ओमन के बहुंत बड़ई करत रिहिन। \v 14 परभू म बिसवास करइया अब्बड़ मनखे अऊ माईलोगनमन कलीसिया म मिलत रिहिन। \v 15 इहां तक कि मनखेमन बिमरहामन ला सड़क ऊपर लान-लानके खटिया अऊ चटई मन म सुता देवत रिहिन कि जब पतरस ह आवय, त कम से कम ओकर छइहां ह ओमन के कुछू झन ऊपर पड़ जावय। \v 16 यरूसलेम के आसपास के नगर ले घलो कतको मनखेमन बिमरहा अऊ असुध आतमा के सताय मन ला लानय, अऊ ओ जम्मो झन बने हो जावत रिहिन। \s1 प्रेरितमन ला सताय जाथे \p \v 17 तब महा पुरोहित अऊ ओकर जम्मो संगवारी जऊन मन सदूकीमन के दल के रिहिन, जलन करे लगिन। \v 18 ओमन प्रेरितमन ला पकड़के जेल म डाल दीन। \v 19 पर ओ रथिया परभू के एक स्वरगदूत ह जेल के कपाटमन ला खोलके ओमन ला बाहिर ले आईस, \v 20 अऊ ओमन ला कहिस, “जावव, मंदिर म ठाढ़ होके ये नवां जिनगी के जम्मो बात मनखेमन ला सुनावव।” \p \v 21 जइसने ओमन ला कहे गे रिहिस, ओमन बिहनियां होतेच ही मंदिर म जाके मनखेमन ला उपदेस देवन लगिन। \p जब महा पुरोहित अऊ ओकर संगीमन आईन, त ओमन धरम महासभा जऊन ह इसरायलीमन के मुखियामन के पंचायत रिहिस, बलाईन अऊ जेल ला संदेस पठोईन कि प्रेरितमन ला ओमन करा लाने जावय। \v 22 पर जब सिपाहीमन जेल म हबरिन, त ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला उहां नइं पाईन। तब ओमन लहुंटके बताईन, \v 23 “हमन जेल ला बड़े हिफाजत ले बंद अऊ पहरेदारमन ला बाहिर कपाटमन म ठाढ़े पायेंन, पर जब हमन कपाटमन ला खोलेंन, त भीतर म हमन ला कोनो नइं मिलिन।” \v 24 जब मंदिर के सिपाहीमन के अधिकारी अऊ मुखिया पुरोहितमन ये बात ला सुनिन, त चिंता करके सोचे लगिन कि ये का होवइया हवय? \p \v 25 तब एक झन आके ओमन ला बताईस, “देखव! जऊन मन ला तुमन जेल म बंद करे रहेव, ओमन मंदिर के अंगना म ठाढ़ होके मनखेमन ला उपदेस देवत हवंय।” \v 26 तब अधिकारी ह अपन सिपाहीमन संग गीस अऊ प्रेरितमन ला ले आईस। ओमन बल के उपयोग नइं करिन, काबरकि ओमन डरावत रिहिन कि कहूं मनखेमन ओमन ला पथरा फेंकके मार झन डारंय। \p \v 27 ओमन प्रेरितमन ला लानके धरम महासभा के आघू म ठाढ़ करिन। तब महा पुरोहित ह ओमन ले पुछिस, \v 28 “का हमन तुमन ला चेतउनी देके ये हुकूम नइं दे रहेंन कि तुमन ये नांव म उपदेस झन देवव? तभो ले, तुमन जम्मो यरूसलेम सहर ला अपन उपदेस ले भर दे हवव, अऊ ओ मनखे के हतिया के दोस हमर ऊपर लाने चाहत हव।” \p \v 29 तब पतरस अऊ आने प्रेरितमन जबाब दीन: “मनखेमन के हुकूम ले बढ़के परमेसर के हुकूम ला मानना हमर काम ए। \v 30 हमर पुरखामन के परमेसर ह यीसू ला मरे म ले जियाईस, जऊन ला तुमन कुरूस म लटकाके मार डारे रहेव। \v 31 ओहीच ला परमेसर ह अगुवा अऊ उद्धार करइया ठहिराके अपन जेवनी हांथ कोति सबले बड़े जगह दीस, ताकि ओह इसरायलीमन ला ओमन के पाप ले मन-फिराय के सक्ति अऊ ओमन के पाप के छेमा देवय। \v 32 हमन ये बातमन के गवाह हवन अऊ पबितर आतमा घलो गवाह हवय, जऊन ला परमेसर ह ओ मनखेमन ला दे हवय, जऊन मन ओकर हुकूम मानथें।” \p \v 33 येला सुनके ओमन अब्बड़ गुस्सा करिन अऊ ओमन प्रेरितमन ला मार डारे चाहिन। \v 34 पर गमलीएल नांव के एक फरीसी, जऊन ह कानून के गुरू रिहिस अऊ जम्मो मनखेमन ओकर आदर करंय। ओह धरम महासभा म ठाढ़ होके प्रेरितमन ला थोरकन देर बर बाहिर कर देय के हुकूम दीस \v 35 अऊ ओह धरम महासभा ले कहिस, “हे इसरायलीमन, जऊन कुछू तुमन ये मनखेमन के संग करे चाहत हव, ओला सोच-समझके करव। \v 36 कुछू समय पहिली थियूदास ह ये कहत उठे रिहिस कि ओह घलो कुछू अय अऊ करीब चार सौ मनखेमन ओकर संग हो लीन। पर ओह मार डारे गीस, अऊ ओकर पाछू चलइया जम्मो झन एती-ओती हो गीन, अऊ कुछू नइं होईस। \v 37 ओकर बाद जनसंख्या के गनती होय के दिन म गलील प्रदेस के यहूदा ह उठिस। ओह घलो कुछू मनखेमन ला अपन संग कर लीस। पर ओह घलो मार डारे गीस, अऊ ओकर पाछू चलइया जम्मो झन एती-ओती हो गीन। \v 38 एकरसेति मेंह तुमन ला कहत हंव कि ये मनखेमन ले दूरिहा रहव, अऊ ओमन ला अकेला छोंड़ देवव, काबरकि कहूं ओमन के ये काम मनखेमन कोति ले अय, त आपे-आप बंद हो जाही। \v 39 पर कहूं येह परमेसर कोति ले अय, तब तुमन ओमन ला कइसने घलो करके नइं रोक सकव; अइसने झन होवय कि तुमन परमेसर ले अपनआप ला लड़त पावव।” \p \v 40 तब ओमन गमलीएल के बात ला मान लीन। ओमन प्रेरितमन ला बलाईन अऊ ओमन ला कोर्रा म पीटवाईन, अऊ ये हुकूम देके छोंड़ दीन कि यीसू के नांव म फेर कभू बात झन करिहव। \p \v 41 प्रेरितमन ये बात म खुस होईन कि ओमन यीसू के नांव के खातिर निरादर होय के काबिल ठहिरिन, अऊ ओमन खुसी मनावत धरम महासभा ले बाहिर चले गीन। \v 42 पर ओमन हर एक दिन मंदिर म अऊ घर-घर म उपदेस करे बर, अऊ ये बात के सुघर संदेस सुनाय बर बंद नइं करिन कि यीसू ह मसीह अय। \c 6 \s1 सात सेवकमन के चुनाव \p \v 1 ओ दिन म जब चेलामन के गनती ह अब्बड़ बढ़त रिहिस, तब यूनानी भासा बोलइया यहूदीमन इबरानी भासा बोलइया यहूदीमन के सिकायत करे लगिन। ओमन कहिन, “हर दिन के भोजन बंटई म हमर बिधवामन के धियान नइं दिये जावत हवय।” \v 2 एकरसेति ओ बारह प्रेरितमन जम्मो चेलामन के सभा ला अपन करा बलाके कहिन, “येह ठीक नो हय कि हमन परमेसर के बचन के सेवा ला छोंड़के, खवाय-पीयाय के काम म लगे रहन। \v 3 एकरसेति हे भाईमन! अपन बीच म ले सात झन मनखे ला जऊन मन पबितर आतमा अऊ बुद्धि ले भरपूर हवंय, चुन लेवव कि हमन ओमन के हांथ म ये बुता ला सऊंप देवन। \v 4 पर हमन तो पराथना अऊ परमेसर के बचन के सेवा म लगे रहिबो।” \p \v 5 ये बात जम्मो सभा ला बने लगिस अऊ ओमन स्तिफनुस नांव के एक मनखे ला चुनिन, जऊन ह बिसवास अऊ पबितर आतमा ले भरपूर रहय; एकर संग ओमन फिलिप्पुस, प्रखुरूस, नीकानोर, तीमोन, परमिनास अऊ अंताकिया के रहइया नीकुलाउस ला जऊन ह यहूदी बिसवास म आ गे रिहिस, चुन लीन। \v 6 ओमन येमन ला प्रेरितमन के आघू म लानिन अऊ प्रेरितमन पराथना करके ओमन ऊपर हांथ रखिन। \p \v 7 अऊ परमेसर के बचन बगरत गीस अऊ यरूसलेम सहर म चेलामन के गनती अब्बड़ बाढ़त गीस। पुरोहितमन घलो बहुंत बड़े संखिया म ये बिसवास म चलनेवाला हो गीन। \s1 स्तिफनुस के गिरफतारी \p \v 8 स्तिफनुस ह परमेसर के अनुग्रह अऊ सक्ति ले भरपूर होके मनखेमन के बीच म बड़े-बड़े अचरज के काम अऊ चमतकार के चिनहां देखावत रिहिस। \v 9 तभो ले सुतंतर मनखेमन के सभा-घर के सदस्यमन ओकर बिरोध करिन। ओमन ये रिहिन—कुरेन, सिकन्दरिया अऊ संग म किलिकिया अऊ एसिया प्रदेस के यहूदीमन। ये मनखेमन स्तिफनुस के संग बिवाद करन लगिन\f + \fr 6:9 \fr*\ft सुतंतर मनखेमन यहूदी बंस के रिहिन, जऊन मन ला रोमीमन 63 बी सी म लड़ई के कैदी के रूप म ले गे रिहिन अऊ गुलाम के रूप म बेच दे रिहिन, पर बाद म, येमन सुतंतर हो गीन।\ft*\f*। \v 10 पर ओमन ओकर गियान अऊ पबितर आतमा के सामना नइं कर सकिन, जेकर सक्ति ले ओह गोठियावत रिहिस। \p \v 11 तब ओमन कुछू मनखेमन ला चुपेचाप अपन कोति कर लीन, जऊन मन ये कहे लगिन, “हमन येला मूसा अऊ परमेसर के बिरोध म निन्दा करत सुने हवन।” \p \v 12 ये किसम ले ओमन मनखेमन ला अऊ अगुवामन ला अऊ कानून के गुरूमन ला भड़काईन अऊ ओमन स्तिफनुस ला पकड़के धरम महासभा म ले गीन। \v 13 ओमन लबरा गवाह खड़े करिन, जऊन मन ये कहिन, “ये मनखे ह ये पबितर जगह अऊ मूसा के कानून के बिरोध म हमेसा बोलत रहिथे। \v 14 हमन येला ये कहत सुने हवन कि नासरत के यीसू ह ये मंदिर ला गिरा दीही अऊ ओ रीति-रिवाजमन ला बदल दीही, जऊन ला मूसा ह हमन ला सऊंपे हवय।” \p \v 15 तब धरम महासभा म बईठे जम्मो झन स्तिफनुस ला टकटकी लगाके देखिन अऊ ओमन ला ओकर चेहरा ह स्वरगदूत के चेहरा सहीं दिखत रिहिस। \c 7 \s1 धरम महासभा के आघू म स्तिफनुस \p \v 1 तब महा पुरोहित ह स्तिफनुस ले पुछिस, “का तोर ऊपर लगाय गे दोसमन सच अंय?” \p \v 2 स्तिफनुस ह जबाब दीस, “हे भाई अऊ ददामन हो, सुनव! हमर पुरखा अब्राहम ह हारान देस म रहे के पहिली मेसोपोटामिया म रहत रिहिस, तब महिमामय परमेसर ह ओला दरसन दीस, \v 3 अऊ अब्राहम ला कहिस, ‘तें अपन देस अऊ अपन मनखेमन ला छोंड़के ओ देस म चले जा, जेला मेंह तोला देखाहूं।’\f + \fr 7:3 \fr*\ft \+xt उत 12:1\+xt*\ft*\f* \p \v 4 “तब ओह कसदीमन के देस ले निकलके हारान म जाके बस गीस। ओकर ददा के मरे के बाद, परमेसर ह ओला उहां ले लानके ये देस म बसाईस, जिहां अब तुमन रहत हव। \v 5 परमेसर ह इहां अब्राहम ला कुछू जायदाद नइं दीस। इहां तक कि गोड़ मढ़ाय के ठऊर घलो नइं। पर परमेसर ह ओकर ले वायदा करिस, ‘मेंह ये देस ला, तोर अऊ तोर पाछू तोर बंस के अधिकार म कर दूहूं।’ जबकि ओ समय अब्राहम के कोनो लइका नइं रिहिस। \v 6 परमेसर ह ओला ये घलो कहिस, ‘तोर संतानमन आने देस म परदेसी होहीं, अऊ ओमन गुलाम बनाय जाहीं अऊ चार सौ साल तक ओमन के ऊपर अतियाचार करे जाही।’ \v 7 फेर परमेसर ह कहिस, ‘जऊन देस के ओमन गुलाम के रूप म सेवा करहीं, ओ देस ला में दंड दूहूं, अऊ ओकर बाद ओमन ओ देस ले निकलके इही ठऊर म मोर सेवा करहीं।’\f + \fr 7:7 \fr*\ft \+xt उत 15:13, 14\+xt*\ft*\f* \v 8 तब परमेसर ह अब्राहम ले खतना कराय के करार करिस। अऊ अब्राहम के बेटा इसहाक पईदा होईस। ओकर जनम के आठ दिन के पाछू ओकर खतना करे गीस। इसहाक ले याकूब अऊ याकूब ले बारह कुल के मुखियामन पईदा होईन। \p \v 9 “याकूब के बड़े बेटामन छोटे बेटा यूसुफ ले जलन रखे लगिन अऊ ओला मिसर देस जवइयामन के हांथ म गुलाम के रूप में बेच दीन। पर परमेसर ह यूसुफ के संग रहय। \v 10 अऊ परमेसर ह ओला, ओकर जम्मो दुख-तकलीफ ले छुड़ाके, बुद्धि दीस अऊ मिसर के राजा फिरौन के मन जीते के काबिल बनाईस। फिरौन राजा ह ओला मिसर देस अऊ अपन जम्मो महल ऊपर सासन करइया ठहिराईस। \p \v 11 “तब जम्मो मिसर अऊ कनान देस म अकाल पड़िस, जेकर खातिर मनखेमन के ऊपर भारी संकट आ गीस, अऊ हमर पुरखामन ला खाय बर अन्न नइं मिलिस। \v 12 जब याकूब ह ये सुनिस कि मिसर देस म अनाज हवय, त ओह हमर पुरखामन ला पहिली बार पठोईस। \v 13 जब ओमन दूसर बार आईन, त यूसुफ ह अपन भाईमन ला बताईस कि ओह कोन ए अऊ फिरौन राजा ह यूसुफ के कुटुम्ब के बारे म जानिस। \v 14 एकर बाद, यूसुफ ह अपन ददा याकूब अऊ अपन जम्मो कुटुम्ब ला, जऊन मन पचहत्तर मनखे रिहिन, अपन करा मिसर देस म बलाईस। \v 15 तब याकूब ह मिसर देस गीस, जिहां ओह अऊ हमर पुरखामन मर गीन। \v 16 ओमन के लासमन ला सकेम सहर म वापिस लाने गीस अऊ ओ कबर म रखे गीस, जऊन ला अब्राहम ह सकेम म हमोर के बेटामन ले पईसा देके बिसाय रिहिस। \p \v 17 “जब ओ परतिगियां के पूरा होय के समय लकठा आईस, जऊन ला परमेसर ह अब्राहम ले करे रिहिस, त ओ समय मिसर देस म हमर मनखेमन के संखिया बहुंत बाढ़ गे रहय। \v 18 तब मिसर देस म एक नवां राजा ह राज करन लगिस, जऊन ह यूसुफ ला नइं जानत रिहिस।\f + \fr 7:18 \fr*\ft \+xt निर 1:8\+xt*\ft*\f* \v 19 ओह हमर मनखेमन ले छल-कपट करिस अऊ हमर पुरखामन के ऊपर बहुंत अतियाचार करिस अऊ दबाव डालिस कि ओमन अपन नवां जनमे लइकामन ला मरे बर बाहिर फटिक देवंय। \p \v 20 “ओही समय म मूसा के जनम होईस अऊ ओह परमेसर के नजर म बहुंत सुघर रिहिस। ओह तीन महिना तक ले अपन ददा के घर म पाले-पोसे गीस। \v 21 पर जब ओला बाहिर रख दिये गीस, त फिरौन के बेटी ह ओला ले लीस, अऊ अपन बेटा बनाके ओला पालिस-पोसिस। \v 22 मूसा ला मिसर देस के जम्मो गियान सिखोय-पढ़ोय गीस। ओह बात अऊ काम करे म सामर्थी रिहिस। \p \v 23 “जब मूसा ह चालीस साल के होईस, त अपन मन म कहिस कि मेंह अपन इसरायली भाईमन ले मुलाकात करंव। \v 24 मूसा ह अपन एक जाति-भाई के ऊपर अनियाय होवत देखके ओला बचाईस अऊ ओ मिसरी मनखे ला मारके बदला लीस, जऊन ह अनियाय करत रहय। \v 25 मूसा ह सोचिस कि मोर जाति-भाईमन समझहीं कि परमेसर ह मोर दुवारा ओमन के जान बचाही, पर ओमन नइं समझिन। \v 26 दूसर दिन जब दू झन इसरायलीमन आपस म लड़त रिहिन, त मूसा ह उहां आईस अऊ ये कहिके ओमन म मेल-मिलाप कराय के कोसिस करिस, ‘ए मनखेमन! तुमन त भाई-भाई अव; एक-दूसर ला काबर हानि पहुंचाय चाहत हव?’ \p \v 27 “पर जऊन इसरायली ह दूसर ऊपर अनियाय करत रिहिस, ओह ये कहिके मूसा ला हटा दीस कि तोला कोन ह हमर ऊपर हाकिम अऊ नियाय करइया ठहिराय हवय। \v 28 कल जइसने तेंह ओ मिसरी मनखे ला मार डारे रहय, वइसने का तेंह मोला घलो मार डारे चाहत हस। \v 29 ये बात ला सुनके मूसा ह उहां ले भाग गीस अऊ मिदयान देस म आके परदेसी सहीं रहे लगिस। उहां ओकर दू झन बेटा पईदा होईन। \p \v 30 “जब चालीस साल बीत गे, तब एक स्वरगदूत ह सीनय पहाड़ के लकठा म निरजन प्रदेस म मूसा करा बरत झाड़ी के आगी म परगट होईस। \v 31 मूसा ह ओ दरसन ला देखके अचम्भो करिस। जब ओह ओला देखे बर अऊ लकठा म गीस, तब ओह परभू के ये अवाज सुनिस: \v 32 ‘मेंह तोर पुरखा—अब्राहम, इसहाक अऊ याकूब के परमेसर अंव।’ येला सुनके मूसा ह डर के मारे कांपे लगिस, अऊ ओह ऊपर देखे के घलो हिम्मत नइं करिस। \p \v 33 “तब परभू ह मूसा ला कहिस, ‘अपन पांव के पनही ला उतार ले, काबरकि जऊन ठऊर म तेंह ठाढ़े हस, ओह पबितर भुइयां ए। \v 34 मेंह सही म मिसर देस म अपन मनखेमन के दुरदसा ला देखे हवंव। मेंह ओमन के कलहरई अऊ रोवई सुने हवंव। एकरसेति, मेंह ओमन ला छोंड़ाय बर उतरे हवंव। अब तेंह आ, मेंह तोला मिसर देस वापिस पठोहूं।’ \p \v 35 “जऊन मूसा ला ओमन ये कहिके नकारे रिहिन कि तोला कोन ह हमर ऊपर हाकिम अऊ नियाय करइया ठहिराय हवय? ओही मूसा ला परमेसर ह हाकिम अऊ उबार करइया ठहिराके, ओ स्वरगदूत के दुवारा ओला पठोईस, जऊन ह ओला झाड़ी म दरसन दे रिहिस, \v 36 एही मनखे मूसा ह मिसर देस म अऊ लाल-समुंदर अऊ निरजन प्रदेस म चालीस साल तक अचरज के काम अऊ चमतकार के चिनहां देखा-देखाके ओमन ला गुलामी ले निकालके ले आईस। \p \v 37 “येह ओही मूसा ए, जऊन ह इसरायलीमन ले कहे रिहिस, ‘परमेसर ह तुम्हर बर तुम्हर अपन मनखेमन ले मोर सहीं एक अगमजानी ठाढ़ करही।’\f + \fr 7:37 \fr*\ft \+xt ब्यव 18:15\+xt*\ft*\f* \v 38 येह ओही मूसा ए, जऊन ह निरजन प्रदेस म सभा म ओ स्वरगदूत संग रिहिस, जऊन ह सीनय पहाड़ ऊपर ओकर ले गोठियाईस। ओह हमर पुरखामन के संग रिहिस। ओही मूसा ला परमेसर के जीयत बचन मिलिस कि ओह ओ जीयत बचन ला हमर करा अमरावय। \p \v 39 “पर हमर पुरखामन मूसा के बात ला नइं मानिन। ओमन मूसा ला नकारके अपन हिरदय ला फेर मिसर देस कोति लगाईन। \v 40 ओमन हारून ला कहिन, ‘हमर बर अइसन देवता बना, जऊन ह हमर आघू-आघू चलही, काबरकि ये मूसा जऊन ह हमन ला मिसर देस ले निकालके लानिस, हमन नइं जानन कि ओला का होईस?’\f + \fr 7:40 \fr*\ft \+xt निर 32:1\+xt*\ft*\f* \v 41 ओ दिन म ओमन एक ठन बछवा के मूरती बनाईन अऊ ओ मूरती के आघू म बलिदान चघाईन। अइसने किसम ले ओमन अपन हांथ के काम म खुस होय लगिन। \v 42 तब परमेसर ह मुहूं मोड़के ओमन ला छोंड़ दीस कि ओमन अकास के तारामन के पूजा करंय, जइसने कि अगमजानीमन के किताब म लिखे हवय: \q1 “ ‘हे इसरायल के मनखेमन, निरजन जगह म चालीस साल तक का तुमन मोर बर बलिदान \q2 अऊ भेंट लानेव? \q1 \v 43 नइं, तुमन मोलेक के तम्बू \q2 अऊ अपन रिफान देवता के तारा ला लेके फिरत रहेव, \q2 याने कि ओ मूरतीमन जऊन ला तुमन पूजा करे बर बनाय रहेव। \q1 एकरसेति, मेंह तुमन ला बेबिलोन ले बाहिर बंधुवई म पठो दूहूं।’\f + \fr 7:43 \fr*\ft \+xt आमो 5:25‑27\+xt*\ft*\f* \p \v 44 “करार कानून के पबितर-तम्बू ह निरजन प्रदेस म हमर पुरखामन के संग रिहिस। परमेसर ह मूसा ला कहे रिहिस, ‘जऊन नमूना ला तेंह देखे हवस, ओकरे मुताबिक ओला बना।’ \v 45 ओह ओही नमूना के मुताबिक बनाय गीस। ओहीच पबितर-तम्बू ला हमर पुरखामन पाछू यहोसू के संग ये ठऊर म लानिन जब ओमन आनजातमन के देस म अधिकार पाईन, जऊन मन ला परमेसर ह हमर पुरखामन के आघू ले निकाल दीस। अऊ ओह दाऊद के समय तक देस म रिहिस। \v 46 दाऊद के ऊपर परमेसर के दया रिहिस अऊ दाऊद ह बिनती करिस, ‘मेंह याकूब के परमेसर बर रहे के एक ठऊर बनाहूं।’ \v 47 पर येह सुलेमान रिहिस, जऊन ह परमेसर खातिर घर बनाईस। \p \v 48 “पर सर्वोच्च परमेसर ह मनखे के बनाय घरमन म नइं रहय, जइसने कि अगमजानी ह कहिथे: \q1 \v 49 “ ‘परभू ह कहिथे—स्वरग ह मोर सिंघासन \q2 अऊ धरती ह मोर गोड़ रखे के चउकी अय। \q1 मोर बर तुमन कोन किसम के घर बनाहू? \q2 या मोर बिसराम के ठऊर कहां होही? \q1 \v 50 का ये जम्मो चीज ला मोर हांथ ह नइं बनाय हे?’\f + \fr 7:50 \fr*\ft \+xt यसा 66:1, 2\+xt*\ft*\f* \p \v 51 “हे ढीठ मनखेमन! तुमन हिरदय म परमेसर के संदेस ला सुने नइं चाहत हव। तुमन हमेसा पबितर आतमा के बिरोध करथव, जइसने तुम्हर पुरखामन करत रिहिन। \v 52 अगमजानीमन ले कोन ला तुम्हर पुरखामन नइं सताय हवंय? ओमन ओ संदेसियामन ला मार डारिन, जऊन मन ओ धरमी जन के आय के खबर बहुंत पहिली दे रिहिन। अऊ अब तुमन घलो ओला धोखा दे हवव अऊ मार डारे हवव। \v 53 तुमन स्वरगदूत के दुवारा लाने कानून ला त पाय हवव, पर ओकर पालन नइं करेव।” \s1 स्तिफनुस के ऊपर पथरवाह \p \v 54 ये बात ला सुनके ओमन अब्बड़ गुस्सा करिन अऊ ओकर ऊपर दांत पीसन लगिन। \v 55 पर स्तिफनुस ह पबितर आतमा ले भरके, स्वरग कोति देखिस अऊ ओह परमेसर के महिमा, अऊ यीसू ला परमेसर के जेवनी कोति ठाढ़े देखिस। \v 56 अऊ ओह कहिस, “देखव! मेंह स्वरग ला खुला, अऊ मनखे के बेटा ला परमेसर के जेवनी कोति ठाढ़े देखत हवंव।” \p \v 57 तब ओमन अब्बड़ चिचियाके अपन कान ला बंद कर लीन, अऊ ओ जम्मो झन ओकर ऊपर लपकिन, \v 58 अऊ ओला घसीटत नगर के बाहिर ले गीन, अऊ उहां ओला पथरवाह करे लगिन। अऊ गवाहमन अपन-अपन ओनहा ला साऊल नांव के एक जवान के जिम्मा म उतारके रख दीन। \p \v 59 जब ओमन स्तिफनुस ला पथरवाह करत रहंय, त ओह ये कहिके पराथना करिस, “हे परभू यीसू! मोर आतमा ला गरहन कर।” \v 60 तब ओह माड़ी टेकिस अऊ पुकारके कहिस, “हे परभू! ये पाप ला ओमन ऊपर झन लगा।” ये कहिके ओह मर गीस। \c 8 \p \v 1 अऊ ओमन के दुवारा ओकर मारे जाय म साऊल के सहमती रिहिस। \s1 कलीसिया ऊपर अतियाचार अऊ कलीसिया के बिखराव \p ओहीच दिन यरूसलेम म कलीसिया ऊपर भारी अतियाचार होईस, अऊ प्रेरितमन ला छोंड़के जम्मो बिसवासीमन, यहूदिया अऊ सामरिया प्रदेस म तितिर-बितिर हो गीन। \v 2 परमेसर के भक्तमन स्तिफनुस के लास ला माटी दीन अऊ ओकर बर अब्बड़ बिलाप करिन। \v 3 पर साऊल ह कलीसिया ला उजारत रिहिस। ओह घर-घर घुसरके मरद अऊ माईलोगनमन ला घसीट-घसीटके लानय अऊ जेल म डाल देवय। \s1 फिलिप्पुस ह सामरिया प्रदेस म \p \v 4 जऊन बिसवासीमन तितिर-बितिर हो गे रिहिन, ओमन जिहां-जिहां भी गीन, उहां सुघर संदेस के परचार करिन। \v 5 फिलिप्पुस ह सामरिया के एक सहर म गीस अऊ उहां मनखेमन ला यीसू मसीह के परचार करे लगिस। \v 6 जब भीड़ के मनखेमन फिलिप्पुस के बात ला सुनिन अऊ ओकर चमतकार के काममन ला देखिन, त एक मन होके ओकर बात म धियान लगाईन। \v 7 काबरकि कतको झन म ले असुध आतमामन अब्बड़ चिचियावत निकल गीन, अऊ कतको लकवा के मारे अऊ खोरवामन बने हो गीन। \v 8 एकरसेति ओ सहर के मनखेमन अब्बड़ खुस होईन। \s1 सिमोन टोनहां \p \v 9 ओ सहर म सिमोन नांव के एक झन मनखे रहय। ओह जादू-टोना करके सामरी मनखेमन ला चकित करय, अऊ अपनआप ला बहुंत बड़े मनखे बतावय। \v 10 अऊ जम्मो—छोटे ले लेके बड़े तक ओकर बात ऊपर धियान देवंय अऊ ए कहंय, “ये मनखे ह परमेसर के ओ सक्ति ए, जऊन ला महान सक्ति कहे जाथे।” \v 11 ओह अब्बड़ दिन तक ओमन ला अपन जादू-टोना के काम ले चकित करके रखे रिहिस। एकरसेति, ओमन ओला अब्बड़ मानत रिहिन। \v 12 पर जब ओमन फिलिप्पुस के बात ला बिसवास करिन, जऊन ह परमेसर के राज के सुघर संदेस अऊ यीसू मसीह के नांव के परचार करत रिहिस, तब ओमन—का मनखे, का माईलोगन, जम्मो झन बतिसमा लेय लगिन। \v 13 तब सिमोन ह खुदे बिसवास करिस अऊ बतिसमा लेके फिलिप्पुस के पाछू चले लगिस। ओह चिनहां अऊ चमतकार के काममन ला देखके चकित होवत रिहिस। \p \v 14 जऊन प्रेरितमन यरूसलेम म रिहिन, जब ओमन सुनिन कि सामरिया के मनखेमन परमेसर के बचन ला मान ले हवंय, त ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला ओमन करा पठोईन। \v 15 पतरस अऊ यूहन्ना उहां गीन अऊ ओ मनखेमन बर पराथना करिन कि ओमन पबितर आतमा पावंय, \v 16 काबरकि पबितर आतमा अभी तक ले ओमन म के काकरो ऊपर नइं आय रिहिस। ओमन सिरिप परभू यीसू के नांव म बतिसमा ले रिहिन। \v 17 तब पतरस अऊ यूहन्ना ओमन ऊपर अपन हांथ रखिन अऊ ओमन पबितर आतमा पाईन। \p \v 18 जब सिमोन ह देखिस कि प्रेरितमन के हांथ रखे ले पबितर आतमा मिलथे, त ओह ओमन करा रूपिया लानके कहिस, \v 19 “ये अधिकार मोला घलो देवव ताकि जेकर ऊपर मेंह हांथ रखंव, ओह पबितर आतमा पावय।” \p \v 20 पतरस ह ओला कहिस, “तोर रूपिया ह तोर संग नास होवय, काबरकि तेंह परमेसर के दान ला रूपिया म बिसाय के सोचे हवस। \v 21 हमर काम म, न तोर हिस्सा हवय अऊ न बांटा, काबरकि तोर मन ह परमेसर के आघू म सही नइं ए। \v 22 एकरसेति अपन ये बुरई ले पछताप करके परभू ले पराथना कर। हो सकथे ओह तोर मन के अइसने बिचार ला माफ कर दीही। \v 23 मेंह देखत हंव कि तेंह कड़ुवाहट ले भरे अऊ पाप के बंधना म पड़े हवस।” \p \v 24 सिमोन ह जबाब दीस, “तेंह मोर बर परभू ले पराथना कर कि जऊन बात तेंह कहे हवस, ओमा ले कोनो भी बात मोर ऊपर झन होवय।” \p \v 25 पतरस अऊ यूहन्ना गवाही देके अऊ परभू के बचन सुनाके यरूसलेम वापिस लहुंट गीन। ओमन लहुंटत बेरा सामरिया के कतको गांव म सुघर संदेस सुनावत गीन। \s1 फिलिप्पुस अऊ इथोपिया के खजांची \p \v 26 परभू के एक स्वरगदूत ह फिलिप्पुस ला कहिस, “उठ, अऊ दक्खिन कोति ओ रसता म जा, जऊन ह यरूसलेम ले गाजा ला जाथे, अऊ जऊन ह निरजन जगह म हवय।” \v 27 तब ओह उठके चल दीस अऊ देखिस कि इथोपिया देस के एक झन मनखे आवत रहय। ओह एक खोजा रिहिस अऊ इथोपिया देस के रानी कन्दाके के एक खास अधिकारी अऊ खजांची रिहिस। ओह अराधना करे बर यरूसलेम गे रिहिस, \v 28 अऊ ओह अपन रथ म बईठके, यसायाह अगमजानी के किताब ला पढ़त अपन घर लहुंटत रहय। \v 29 तब पबितर आतमा ह फिलिप्पुस ला कहिस, “लकठा म जाके ओ रथ के संग हो ले।” \p \v 30 फिलिप्पुस ह खोजा कोति दऊड़के गीस अऊ ओह ओला यसायाह अगमजानी के किताब ला पढ़त सुनिस, त ओकर ले पुछिस, “तेंह जऊन ला पढ़त हवस, का ओला समझत घलो हवस?” \p \v 31 खोजा ह कहिस, “जब तक कोनो मोला नइं समझाही, तब तक मेंह कइसने समझहूं?” ओह फिलिप्पुस ले बिनती करिस कि ओह रथ म चघके ओकर संग बईठे। \p \v 32 परमेसर के बचन के जऊन पाठ ला ओ खोजा पढ़त रिहिस, ओह ये रिहिस: \q1 “ओला बध करे बर ले जाय भेड़ सहीं ले गीन, \q2 अऊ जइसने ऊन कतरइयामन के आघू म मेढ़ा-पीला ह चुपेचाप रहिथे, \q2 वइसने ओह घलो अपन मुहूं ला नइं खोलिस। \q1 \v 33 ओकर बेजत्ती करे गीस अऊ ओकर नियाय नइं होईस। \q2 ओकर बंस के मनखेमन के बखान कोन कर सकथे? \q2 काबरकि धरती ले ओकर जीव ला ले लिये गीस।”\f + \fr 8:33 \fr*\ft \+xt यसा 53:7, 8\+xt*\ft*\f* \p \v 34 खोजा ह फिलिप्पुस ले पुछिस, “मेंह तोर ले बिनती करत हंव, मोला बता कि अगमजानी ह येला काकर बारे म कहे हवय, अपन बारे म या कोनो आने के बारे म?” \v 35 तब फिलिप्पुस ह कहे के सुरू करिस अऊ परमेसर के बचन के ये पाठ ले सुरू करके ओला यीसू के बारे म सुघर संदेस सुनाईस। \p \v 36 रसता म चलत-चलत ओमन एक ठन पानी के ठऊर म हबरिन, त खोजा ह कहिस, “देख, इहां पानी हवय, अब मोला बतिसमा लेय म का अड़चन हवय?” \p \v 37 फिलिप्पुस ह कहिस, “कहूं तेंह पूरा हिरदय ले बिसवास करत हवस, त येह हो सकथे।” \p ओह जबाब दीस, “मेंह बिसवास करत हंव कि यीसू मसीह ह परमेसर के बेटा ए।”\f + \fr 8:37 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \v 38 अऊ ओह रथ ला ठाढ़ करे के हुकूम दीस। तब फिलिप्पुस अऊ खोजा दूनों पानी म उतर गीन अऊ फिलिप्पुस ह ओला बतिसमा दीस। \v 39 जब ओमन पानी ले बाहिर निकलके ऊपर आईन, तब परभू के आतमा ह अचानक फिलिप्पुस ला कहीं ले गीस अऊ खोजा ह ओला फेर नइं देखिस, पर ओह आनंद मनावत अपन रसता म चल दीस। \v 40 फिलिप्पुस ह असदोद म परगट होईस अऊ कैसरिया ला हबरत तक, ओह नगर-नगर सुघर संदेस सुनावत गीस। \c 9 \s1 साऊल ह यीसू ला परभू स्वीकार करथे \p \v 1 साऊल ह अब तक परभू के चेलामन ला डराय-धमकाय अऊ ओमन ला मार डारे के धुन म रहय। ओह महा पुरोहित करा गीस \v 2 अऊ दमिस्क के यहूदीमन के सभा-घरमन के नांव म ये खातिर चिट्ठी मांगिस कि आदमी या माईलोगन जऊन ला घलो, ओह मसीह के बिसवास म पावय, त ओला बंदी बनाके यरूसलेम म ले आवय। \v 3 जब ओह चलते-चलत दमिस्क के लकठा म हबरिस, त अचानक अकास म ले ओकर चारों कोति एक अंजोर चमकिस। \v 4 ओह भुइयां म गिर पड़िस अऊ एक अवाज ला ये कहत सुनिस, “हे साऊल! हे साऊल! तेंह मोला काबर सतावत हस।” \p \v 5 साऊल ह पुछिस, “हे परभू! तेंह कोन अस?” \p ओह कहिस, “मेंह यीसू अंव, जऊन ला तेंह सतावत हस। \v 6 पर अब उठ अऊ सहर म जा। जऊन काम तोला करना हवय, ओला उहां तोला बताय जाही।” \p \v 7 जऊन मनखेमन ओकर संग म रिहिन, ओमन हक्का-बक्का हो गीन, काबरकि ओमन अवाज ला तो सुनिन, पर कोनो ला नइं देखिन। \v 8 साऊल भुइयां ले उठिस, फेर जब ओह अपन आंखी ला खोलिस, त ओला कुछू दिखाई नइं दीस। एकर खातिर ओकर संगीमन ओकर हांथ ला धरके दमिस्क सहर ले गीन। \v 9 ओह तीन दिन तक नइं देखे सकिस अऊ ओह न कुछू खाईस न पीईस। \p \v 10 दमिस्क म हनन्याह नांव के एक झन चेला रहय। परभू ह ओला दरसन म कहिस, “हे हनन्याह!” \p ओह कहिस, “हां, परभू।” \p \v 11 त परभू ह ओला कहिस, “उठ, अऊ ओ गली म जा, जऊन ला ‘सीधा’ कहे जाथे। उहां यहूदा के घर म साऊल नांव के एक झन तरसुस के रहइया मनखे के बारे पुछबे। देख, ओह पराथना करत हवय। \v 12 ओह दरसन म हनन्याह नांव के एक मनखे ला घर के भीतर आवत अऊ अपन ऊपर हांथ रखत देखे हवय कि ओह फेर देखे लगय।” \p \v 13 हनन्याह ह कहिस, “हे परभू! मेंह ये मनखे के बारे म बहुंते झन ले सुने हवंव कि येह यरूसलेम म तोर पबितर मनखेमन ऊपर भारी अतियाचार करे हवय। \v 14 अऊ इहां दमिस्क म घलो ओह मुखिया पुरोहितमन ले अधिकार लेके आय हवय कि जऊन मनखेमन तोर नांव लेथें, ओ जम्मो झन ला बंदी बनाके यरूसलेम ले जावय।” \p \v 15 पर परभू ह हनन्याह ला कहिस, “तेंह उहां जा, काबरकि ओह आनजातमन के अऊ ओमन के राजामन के अऊ इसरायली मनखेमन के आघू म मोर नांव के परचार करे बर मोर दुवारा चुने गे साधन अय। \v 16 अऊ मेंह ओला देखाहूं कि मोर नांव के खातिर ओला कतेक दुख उठाय बर पड़ही।” \p \v 17 तब हनन्याह ह उठके ओ घर म गीस। उहां ओह साऊल ऊपर अपन हांथ ला रखके कहिस, “हे भाई साऊल! परभू याने यीसू, जऊन ह तोला ओ रसता म आवत बेरा दिखाई दे रिहिस, ओही ह मोला पठोय हवय कि तेंह फेर देखे लग अऊ पबितर आतमा ले भर जा।” \v 18 तुरते साऊल के आंखीमन ले कुछू छिलका सहीं गिरिस अऊ ओह फेर देखे लगिस। ओह उठके बतिसमा लीस, \v 19 अऊ खाना खाके फेर बल पाईस। \s1 दमिस्क अऊ यरूसलेम सहर म साऊल \p साऊल ह कुछू दिन तक चेलामन के संग दमिस्क म रिहिस। \v 20 ओह तुरते यहूदीमन के सभा-घरमन म परचार करे लगिस कि यीसू ह परमेसर के बेटा अय। \v 21 जम्मो सुनइयामन चकित होके कहे लगिन, “का येह ओही मनखे नो हय, जऊन ह यरूसलेम म यीसू के नांव लेवइयामन ला नास करत रिहिस? अऊ का ओह इहां घलो एकर बर नइं आय रिहिस कि यीसू के नांव लेवइयामन ला बंदी बनाके मुखिया पुरोहितमन करा ले जावय?” \v 22 पर साऊल ह अऊ सामर्थी होवत गीस। ओह ये बात के सबूत दे देके कि यीसू ही मसीह अय, दमिस्क म रहइया यहूदीमन के मुहूं बंद कर दीस। \p \v 23 जब बहुंत दिन बीत गे, तब यहूदीमन मिलके साऊल ला मार डारे के उपाय करिन। \v 24 पर ओमन के उपाय ला साऊल जान डारिस। यहूदीमन साऊल ला मार डारे खातिर रात-दिन दमिस्क के दुवारी म घात लगाके बईठे रहंय। \v 25 पर रथिया साऊल के चेलामन ओला एक ठन टुकना म बईठाईन अऊ भीथी के छेदा ले लटकाके ओला सहर के बाहिर उतार दीन। \p \v 26 जब साऊल ह यरूसलेम म आईस, त ओह चेलामन संग मिले के कोसिस करिस, पर ओ जम्मो झन ओकर ले डरावत रिहिन, काबरकि ओमन ला बिसवास नइं होवत रहय कि ओह घलो यीसू के चेला बन गे हवय। \v 27 पर बरनबास ह ओला अपन संग प्रेरितमन करा ले गीस अऊ ओमन ला बताईस कि साऊल ह कइसने रसता म परभू ला देखिस अऊ परभू ह ओकर ले बात करिस अऊ दमिस्क म ओह कइसने हिम्मत के संग यीसू के नांव के परचार करिस। \v 28 तब साऊल ह ओमन के संग रहिके यरूसलेम म जम्मो जगह आवत-जावत रिहिस। ओह निडर होके परभू के नांव के परचार करत रिहिस। \v 29 ओह यूनानी भासा बोलइया यहूदीमन के संग बातचीत अऊ बाद-बिबाद करय, पर ओमन ओला मार डारे के कोसिस करिन। \v 30 जब बिसवासी भाईमन ला ये बात के पता चलिस, त ओमन ओला कैसरिया ले गीन अऊ उहां ले ओला तरसुस पठो दीन। \p \v 31 तब जम्मो यहूदिया, गलील अऊ सामरिया प्रदेस म कलीसिया ला सांति मिलिस अऊ कलीसिया ह मजबूत होवत गीस अऊ पबितर आतमा के मदद ले परभू के डर म रहत गनती म बढ़त गीस। \s1 एनियास अऊ दोरकास \p \v 32 पतरस ह जम्मो जगह होवत, परमेसर के ओ मनखेमन करा गीस, जऊन मन लुद्दा नगर म रहत रिहिन। \v 33 उहां पतरस ला एनियास नांव के लकवा के मारे एक झन मनखे मिलिस। ओह आठ साल ले खटिया म पड़े रहय। \v 34 पतरस ह ओला कहिस, “हे एनियास! यीसू मसीह ह तोला बने करत हवय। उठ, अपन बिछौना ला संभाल।” एनियास तुरते उठके ठाढ़ हो गीस। \v 35 लुद्दा अऊ सारोन के जम्मो रहइयामन ओला चंगा देखके परभू ऊपर बिसवास करिन। \p \v 36 यापा म तबीता नांव के एक बिसवासी माईलोगन रहय (तबीता ला यूनानी म दोरकास कहे जाथे, जेकर मतलब हिरन होथे)। ओह हमेसा भलई करय अऊ गरीबमन के मदद करय। \v 37 ओही दिन म, ओह बेमार पड़िस अऊ मर गीस। मनखेमन ओकर लास ला नहवाके ऊपर के कमरा म रख दीन। \v 38 लुद्दा नगर यापा के लकठा म रिहिस। चेलामन जब ये सुनिन कि पतरस ह लुद्दा म हवय, त ओमन दू झन ला पठोके ओकर ले बिनती करिन, “हमर करा तुरते आ!” \p \v 39 तब पतरस ह उठके ओमन के संग यापा गीस अऊ जब ओह उहां हबरिस, त मनखेमन ओला ऊपर के कमरा म ले गीन। जम्मो बिधवामन रोवत पतरस करा आके ठाढ़ हो गीन अऊ जऊन कुरता अऊ आने कपड़ामन ला दोरकास ह ओमन के संग रहत बनाय रहय, ओ जम्मो ला पतरस ला देखाय लगिन। \p \v 40 तब पतरस ह जम्मो झन ला कमरा ले बाहिर कर दीस अऊ माड़ी टेकके पराथना करिस अऊ लास कोति देखके कहिस, “हे तबीता, उठ।” ओह अपन आंखी ला उघारिस अऊ पतरस ला देखके उठ बईठिस। \v 41 पतरस ह ओकर हांथ ला सहारा देके ओला उठाईस। तब पतरस ह बिसवासी मनखे अऊ खास करके बिधवामन ला बलाईस अऊ ओला जीयत-जागत देखाईस। \v 42 ये बात ह जम्मो यापा सहर म फईल गीस अऊ बहुंते मनखेमन परभू ऊपर बिसवास करिन। \v 43 पतरस ह यापा म सिमोन नांव के चमड़ा के धंधा करइया एक मनखे के इहां कुछू दिन रिहिस। \c 10 \s1 कुरनेलियुस के दरसन \p \v 1 कैसरिया सहर म कुरनेलियुस नांव के एक मनखे रिहिस। ओह इतालियानी रेजिमेन्ट नांव के रोमन सेना के अधिकारी रिहिस। \v 2 ओह परमेसर के भक्त रिहिस अऊ अपन जम्मो परिवार के संग परमेसर के भय मानय। ओह जरूरतमंद ला उदार मन से दान देवय अऊ परमेसर ले हमेसा पराथना करय। \v 3 ओह एक दिन-मंझनियां, तीन बजे एक दरसन देखिस। दरसन म ओह साफ देखिस कि परमेसर के एक स्वरगदूत ह ओकर करा आके कहिस, “हे कुरनेलियुस!” \p \v 4 कुरनेलियुस ह डरा गीस अऊ ओला एकटक देखके कहिस, “हे परभू, का ए?” \p स्वरगदूत ह ओला कहिस, “तोर पराथना अऊ गरीबमन बर तोर दान ह परमेसर करा हबरे हवय। \v 5 अब यापा सहर म कुछू मनखेमन ला भेज अऊ सिमोन नांव के एक मनखे, जऊन ला पतरस कहे जाथे, बला ले। \v 6 ओह उहां चमड़ा के धंधा करइया सिमोन के इहां ठहिरे हवय, जेकर घर समुंदर के तीर म हवय।” \p \v 7 जब ओकर ले बात करइया स्वरगदूत ह चले गीस, तब ओह अपन दू झन सेवक अऊ अपन सेना के एक सिपाही ला जऊन ह परमेसर के भक्त रिहिस, बलाईस, \v 8 अऊ ओमन ला जम्मो बात बताके यापा सहर पठोईस। \s1 पतरस के दरसन \p \v 9 दूसर दिन लगभग मंझन के बेरा, जब ओमन सहर के लकठा म हबरत रहंय, त पतरस ह छानी ऊपर पराथना करे बर चघिस। \v 10 ओही घरी ओला भूख लगिस अऊ ओह कुछू खाय बर चाहत रिहिस अऊ जब खाना ह बनत रहय, त ओह अचेत हो गीस। \v 11 ओह देखिस कि स्वरग ह खुल गे हवय अऊ एक ठन बड़े चादर सहीं चीज ह चारों खूंट ले ओरमत धरती कोति उतरत हवय। \v 12 ओमा धरती के जम्मो किसम के चरगोड़िया, पेट के बल रेंगइया जीव-जन्तु अऊ अकास के चिरईमन रहंय। \v 13 तब पतरस ह ये अवाज सुनिस, “हे पतरस! उठ! मार अऊ खा।” \p \v 14 पर पतरस ह कहिस, “नइं परभू, कभू नइं। मेंह कभू कुछू असुध अऊ मईलाहा चीज नइं खाय हवंव।” \p \v 15 फेर दूसर बार पतरस ओ अवाज सुनिस, “जऊन कुछू ला परमेसर ह सुध करे हवय, ओला तेंह असुध झन कह।” \p \v 16 तीन बार ले अइसनेच होईस, तब तुरते ओ चादर ला स्वरग म वापिस उठा लिये गीस। \p \v 17 जब पतरस ह ये दरसन के मतलब के बारे म सोचत रिहिस, तभे ओ मनखेमन, जेमन ला कुरनेलियुस ह पठोय रिहिस, सिमोन के घर के पता लगावत दुवारी म आके ठाढ़ होईन। \v 18 ओमन अवाज देके पुछिन, “का सिमोन जऊन ला पतरस कहे जाथे, इहां हवय?” \p \v 19 पतरस ह ओ दरसन के बारे म सोचत रहय, तब परमेसर के आतमा ह ओला कहिस, “देख, तीन\f + \fr 10:19 \fr*\ft एक पुराना हस्तलिपि म \ft*\fqa दू झन\fqa*\f* झन मनखेमन तोला खोजत हवंय। \v 20 एकरसेति उठ अऊ खाल्हे उतर अऊ ओमन के संग बिगर झिझके चले जा, काबरकि मेंह ओमन ला पठोय हवंव।” \p \v 21 तब पतरस ह छानी ले उतरिस अऊ ओ मनखेमन ला कहिस, “देखव, जऊन ला तुमन खोजत हवव, ओह में अंव। तुम्हर आय के का कारन ए?” \p \v 22 ओ मनखेमन कहिन, “हमन ला कुरनेलियुस सूबेदार ह पठोय हवय। ओह धरमी अऊ परमेसर के भय मनइया मनखे ए अऊ जम्मो यहूदी मनखेमन ओकर आदर करथें। ओला एक पबितर स्वरगदूत ले ये हुकूम मिले हवय कि ओह तोला अपन घर म बलाके तोर ले परमेसर के बचन सुनय।” \v 23 तब पतरस ह ओमन ला घर म बलाईस अऊ ओमन के पहुनई करिस। \s1 पतरस ह कुरनेलियुस के घर म \p दूसर दिन पतरस ह ओमन के संग गीस अऊ यापा के कुछू भाईमन घलो ओकर संग गीन। \v 24 ओकर दूसर दिन ओमन कैसरिया हबरिन। उहां कुरनेलियुस ह अपन रिस्तेदार अऊ मयारू संगीमन संग ओमन के बाट जोहत रहय। \v 25 जब पतरस ह घर भीतर आवत रिहिस, त कुरनेलियुस ह ओकर ले भेंट करिस अऊ ओकर गोड़ खाल्हे गिरके ओकर आदर करिस। \v 26 पर पतरस ह ओला उठाके कहिस, “ठाढ़ हो जा, मेंह घलो एक मनखे अंव।” \p \v 27 पतरस ह ओकर संग गोठियावत भीतर गीस अऊ उहां अब्बड़ मनखेमन ला देखके कहिस, \v 28 “तुमन जानत हव कि येह हमर यहूदी कानून के बिरोध म अय कि एक यहूदी ह आनजात के संगति करय या ओकर इहां जावय। पर परमेसर ह मोला देखाय हवय कि मेंह कोनो मनखे ला असुध या मईलाहा झन कहंव। \v 29 एकरसेति जब मोला बलाय गीस, त बिगर कुछू आपत्ति के मेंह आ गेंव। अब मेंह पुछत हंव कि तेंह मोला काबर बलाय हवस?” \p \v 30 तब कुरनेलियुस ह जबाब दीस, “चार दिन पहिली, मेंह इहीच बेरा मंझनियां के तीन बजे, अपन घर म पराथना करत रहेंव कि अचानक एक झन मनखे चिकमिकी कपड़ा पहिरे मोर आघू म आके ठाढ़ हो गीस \v 31 अऊ ओह कहिस, ‘हे कुरनेलियुस! परमेसर ह तोर पराथना ला सुने हवय अऊ तोर दान, जऊन ला गरीबमन ला देथस, ओला सुरता करे हवय। \v 32 एकरसेति अब कोनो ला यापा सहर पठोके उहां ले सिमोन जऊन ला पतरस कहे जाथे, बला ले। ओह चमड़ा के धंधा करइया सिमोन के घर म पहुना हवय, जऊन ह समुंदर के तीर म रहिथे।’ \v 33 तब मेंह तुरते तोर करा मनखेमन ला पठोएंव। तेंह बने करय कि इहां आ गय। अब हमन जम्मो झन इहां परमेसर के आघू म हवन कि ओ हर बात ला सुनन, जऊन ला परभू ह तोला सुनाय के हुकूम दे हवय।” \p \v 34 तब पतरस ह कहे के सुरू करिस: “अब मेंह जान गेंव कि येह सच ए कि परमेसर ह काकरो पखियपात नइं करय, \v 35 पर हर जाति के मनखेमन ला गरहन करथे, जऊन मन ओकर भय मानथें अऊ सही काम करथें। \v 36 परमेसर ह इसरायलीमन करा संदेस पठोईस; ओमन ला यीसू मसीह के जरिये, जऊन ह जम्मो झन के परभू ए, सांति के सुघर संदेस सुनाईस। \v 37 ओ बात ला तुमन जानत हव, जऊन ह यूहन्ना के बतिसमा के परचार के पाछू गलील प्रदेस ले सुरू होके पूरा यहूदिया प्रदेस म फईल गे हवय— \v 38 कि कइसने परमेसर ह नासरत के यीसू ला पबितर आतमा अऊ सामर्थ ले अभिसेक करिस, अऊ यीसू ह हर जगह भलई करत अऊ सैतान के सताय जम्मो मनखेमन ला बने करत रिहिस, काबरकि परमेसर ह ओकर संग म रिहिस। \p \v 39 “हमन ओ जम्मो काम के गवाह अन, जऊन ला ओह यहूदीमन के देस म अऊ यरूसलेम म करिस। ओमन ओला एक ठन कुरूस म लटकाके मार डारिन, \v 40 पर ओला परमेसर ह तीसरा दिन मरे म ले जियाईस अऊ ओला परगट घलो करिस कि मनखेमन ओला देखंय। \v 41 ओह जम्मो मनखेमन ला देखई नइं दीस, पर ओ गवाहमन ला देखई दीस, जऊन मन ला परमेसर ह पहिली ले चुन ले रिहिस; याने कि हमन ला, जऊन मन ओकर मरे म ले जी उठे के पाछू ओकर संग खायेंन-पीयेंन। \v 42 परभू यीसू ह हमन ला हुकूम दीस कि हमन जम्मो मनखेमन म परचार करन अऊ गवाही देवन कि येह ओही ए, जऊन ला परमेसर ह जीयत अऊ मरे मन के नियाय करइया ठहिराईस। \v 43 जम्मो अगमजानीमन ओकर बारे गवाही देथें कि जऊन कोनो यीसू ऊपर बिसवास करही, ओला यीसू के नांव म पाप के छेमा मिलही।” \p \v 44 जब पतरस ह ये बचन कहत रिहिस, तभे पबितर आतमा ओ जम्मो झन ऊपर उतरिस, जऊन मन संदेस ला सुनत रहंय। \v 45 जऊन खतना करवाय बिसवासीमन पतरस के संग आय रिहिन, ओमन ये देखके चकित होईन कि पबितर आतमा के दान ह आनजातमन ऊपर घलो उंडेरे गीस। \v 46 काबरकि ओमन आनजातमन ला आने-आने भासा बोलत अऊ परमेसर के महिमा करत सुनिन। \p तब पतरस ह कहिस, \v 47 “का कोनो अब ये मनखेमन ला पानी ले बतिसमा ले बर मना कर सकथे? येमन घलो हमर सहीं पबितर आतमा पाय हवंय।” \v 48 एकरसेति ओह हुकूम दीस कि ओमन ला यीसू मसीह के नांव म बतिसमा देय जावय। तब ओमन पतरस ले बिनती करिन कि ओह कुछू दिन ओमन के संग रहय। \c 11 \s1 पतरस अपन काम के बारे म समझाथे \p \v 1 प्रेरितमन अऊ जम्मो यहूदिया म रहइया भाईमन सुनिन कि आनजातमन घलो परमेसर के बचन ला गरहन कर ले हवंय। \v 2 एकरसेति जब पतरस ह यरूसलेम म आईस, त खतना करवाय बिसवासीमन ओकर आलोचना करे लगिन \v 3 अऊ कहिन, “तेंह बिगर खतना वाले मनखेमन के घर गे रहय अऊ ओमन के संग खाना खाय हवस।” \p \v 4 तब पतरस ह ओमन ला जऊन बात होय रिहिस, ओला सुरू ले एक-एक करके बताय लगिस: \v 5 “मेंह यापा सहर म पराथना करत रहेंव अऊ बेसुध हो गेंव अऊ ओ दसा म एक दरसन देखेंव कि एक ठन बड़े चादर के सहीं चीज ह चारों खूंट ले ओरमत स्वरग ले मोर करा उतरिस। \v 6 जब मेंह ओमा धियान देवंय, त ओमा मेंह धरती के चरगोड़िया पसु, जंगली पसु, रेंगइया जीव-जन्तु अऊ अकास के चिरईमन ला देखेंव। \v 7 तब मेंह एक अवाज सुनेंव जऊन ह मोला ये कहत रहय, ‘हे पतरस! उठ! मार अऊ खा।’ \p \v 8 “मेंह कहेंव, ‘नइं परभू, कभू नइं! काबरकि कुछू असुध या मईलाहा चीज मोर मुहूं म आज तक कभू नइं गे हवय।’ \p \v 9 “तब अकास ले दूसर बार ये अवाज आईस, ‘जऊन कुछू ला परमेसर ह सुध करे हवय, ओला तेंह असुध झन कह।’ \v 10 तीन बार ले अइसनेच होईस, अऊ तब ओ जम्मो चादर ला स्वरग म फेर खींच लिये गीस। \p \v 11 “ठीक ओतकीच बेरा, तीन झन मनखे जऊन मन ला कैसरिया सहर ले मोर करा पठोय गे रिहिस, ओ घर म आके ठाढ़ होईन, जिहां मेंह रहेंव। \v 12 तब आतमा ह मोला ओमन के संग बेखटके चले जाय बर कहिस। यापा के ये छै भाईमन घलो मोर संग हो लीन अऊ हमन कुरनेलियुस के घर म गेंन, \v 13 जऊन ह हमन ला बताईस कि कइसने ओह एक स्वरगदूत ला ओकर घर म परगट होवत देखिस, अऊ कहिस, ‘यापा सहर म मनखे भेज अऊ सिमोन जऊन ला पतरस कहे जाथे, बला ले। \v 14 ओह तोर खातिर एक संदेस लानही, जेकर दुवारा तें अऊ तोर पूरा घराना उद्धार पाही।’ \p \v 15 “जब मेंह कहे के सुरू करेंव, त पबितर आतमा ओमन ऊपर उतरिस, जइसने सुरू म हमर ऊपर उतरे रिहिस। \v 16 तब मोला परभू के कहे ओ बचन सुरता आईस, ‘यूहन्ना ह तो पानी ले बतिसमा दीस, पर तुमन पबितर आतमा ले बतिसमा पाहू।’ \v 17 जब परमेसर ह ओमन ला घलो ओहीच दान दीस, जऊन ह हमन ला परभू यीसू मसीह के ऊपर बिसवास करे ले मिले रिहिस, त मेंह कोन होथंव कि परमेसर के काम म रूकावट करे के सोच सकतेंव?” \p \v 18 जब ओमन ये सुनिन, त चुप हो गीन अऊ परमेसर के महिमा करके कहिन, “परमेसर ह आनजातमन ला घलो जिनगी पाय बर, मन-फिराय के मऊका दे हवय।” \s1 अंताकिया म मसीह के कलीसिया \p \v 19 स्तिफनुस के कारन बिसवासीमन ला सताय गीस, जेकर कारन ओमन तितिर-बितिर हो गीन। ओमन फिरते-फिरत फीनीके, साइप्रस अऊ अंताकिया म हबरिन अऊ ओमन यहूदीमन के छोंड़ अऊ कोनो ला संदेस नइं सुनावत रिहिन। \v 20 ओमन ले कुछू झन साइप्रस अऊ कुरेन के रहइया रिहिन, जऊन मन अंताकिया म आके यूनानीमन ला घलो परभू यीसू के सुघर संदेस सुनाय लगिन। \v 21 परभू के सामर्थ ओमन के संग रिहिस अऊ बहुंते मनखेमन बिसवास करके परभू करा आईन। \p \v 22 ये संदेस ह यरूसलेम के कलीसिया के मनखेमन करा पहुंचिस, त ओमन बरनबास ला अंताकिया पठोईन। \v 23 जब ओह उहां हबरिस अऊ परमेसर के अनुग्रह के काम ला देखिस, त ओह खुस होईस अऊ जम्मो झन ला उत्साहित करिस कि ओमन अपन पूरा हिरदय ले परभू के बिसवास म ईमानदार बने रहंय। \v 24 बरनबास ह एक बने मनखे रिहिस। ओह पबितर आतमा अऊ बिसवास ले भरे रिहिस अऊ बहुंते मनखेमन परभू करा आईन। \p \v 25 तब बरनबास ह साऊल ला खोजे बर तरसुस सहर गीस, \v 26 अऊ जब ओला साऊल मिलिस, त ओह ओला अंताकिया म ले आईस। बरनबास अऊ साऊल एक साल तक कलीसिया के संग मिलते रिहिन अऊ बहुंते मनखेमन ला उपदेस दीन। चेलामन ला सबले पहिली अंताकिया म ही मसीही कहे गीस। \p \v 27 ओही दिन म कुछू अगमजानीमन यरूसलेम ले अंताकिया म आईन। \v 28 ओमा ले एक अगमजानी जेकर नांव अगबुस रिहिस, ठाढ़ होईस अऊ आतमा के अगुवई म, ये बताईस कि जम्मो रोमन राज म भारी अकाल पड़ही (ओ अकाल ह क्लौदियुस राजा के समय म पड़िस)। \v 29 तब चेलामन, हर एक अपन सक्ति के मुताबिक यहूदिया प्रदेस म रहइया भाईमन के मदद करे के ठानिन। \v 30 अऊ ओकरे मुताबिक ओमन बरनबास अऊ साऊल के हांथ म अगुवामन करा अपन दान पठो दीन। \c 12 \s1 जेल म ले पतरस के अद्भूत छुटकारा \p \v 1 ओही समय हेरोदेस राजा ह कलीसिया के कुछू मनखेमन ला सताय बर ओमन ला बंदी बनाईस। \v 2 ओह यूहन्ना के भाई याकूब ला तलवार ले मरवा दीस। \v 3 जब ओह देखिस कि यहूदीमन अइसने करे ले खुस होवत हवंय, त ओह पतरस ला घलो पकड़ लीस अऊ ओह फसह तिहार के समय रहय। \v 4 पतरस ला पकड़े के बाद, ओह ओला जेल म डार दीस अऊ रखवारी करे बर चार-चार सिपाहीमन ला पारी-पारी चारों पहर पहरा म लगा दीस। हेरोदेस राजा चाहत रिहिस कि फसह तिहार के पाछू पतरस ला मनखेमन के आघू म पुछताछ करे बर लानय। \p \v 5 पतरस ला जेल म रखे गे रहय, पर कलीसिया ह ओकर बर लगन से परमेसर ले पराथना करत रहय। \p \v 6 जऊन दिन हेरोदेस ह पतरस ला यहूदीमन के आघू म पुछताछ करे बर लवइया रिहिस, ओकर पहिली रथिया पतरस ह दू ठन सांकर म बंधाय दू झन सिपाही के मांझा म सुतत रहय अऊ पहरेदारमन दुवारी म जेल के रखवारी करत रहंय। \v 7 तभे अचानक परभू के एक स्वरगदूत परगट होईस अऊ पतरस के कोठरी म अंजोर हो गीस। स्वरगदूत ह पतरस के बाजू म हांथ मारके ओला उठाईस अऊ कहिस, “उठ, जल्दी कर।” अऊ पतरस के हांथ ले सांकर ह खुलके गिर गीस। \p \v 8 तब स्वरगदूत ह ओला कहिस, “अपन कपड़ा अऊ पनही ला पहिर ले।” पतरस ह वइसनेच करिस। स्वरगदूत ह फेर कहिस, “अपन ओढ़ना ला ओढ़ ले अऊ मोर पाछू-पाछू आ।” \v 9 पतरस ह ओकर पाछू-पाछू हो लीस, पर ओह नइं जानत रहय कि जऊन कुछू स्वरगदूत ह करत हवय, ओह सही म होवत हवय। ओह सोचिस कि ओह कोनो दरसन देखत हवय। \v 10 तब ओमन पहिली अऊ दूसर पहरेदार ले निकलके लोहा के दुवारी म हबरिन, जिहां ले सहर कोति रसता जावय। दुवार ह ओमन बर आपे-आप खुल गीस; अऊ ओमन बाहिर निकल गीन; जब ओमन एक गली के बरोबर दूरिहा गे होहीं, त अचानक स्वरगदूत ह पतरस ला छोंड़के चले गीस। \p \v 11 तब पतरस ह चेत म आईस अऊ कहिस, “अब मेंह सही म जान डारेंव कि परभू ह अपन स्वरगदूत ला पठोके मोला हेरोदेस के हांथ ले छोंड़ाय हवय अऊ यहूदीमन के आसा ला टोर दे हवय।” \p \v 12 जब ओह ये बात ला जानिस, त ओह यूहन्ना के दाई मरियम के घर गीस। यूहन्ना ला मरकुस घलो कहे जाथे। उहां बहुंत मनखेमन जूरके पराथना करत रहंय। \v 13 पतरस ह बाहिर के कपाट ला खटखटाईस, त रूदे नांव के एक नौकरानी छोकरी ह अवाज सुनके कपाट करा आईस। \v 14 जब ओह पतरस के अवाज ला चिन्हिस, त ओह खुसी के मारे कपाट ला खोले बर भुला गीस। ओह दऊड़के भीतर गीस अऊ मनखेमन ला बताईस कि पतरस ह कपाट करा ठाढ़े हवय। \p \v 15 ओमन ओला कहिन, “तेंह बही हो गे हवस।” जब ओह जोर देके कहितेच रहय कि पतरस ह कपाट करा हवय। त ओमन कहिन, “येह जरूर पतरस के स्वरगदूत होही।” \p \v 16 फेर पतरस ह कपाट ला खटखटातेच रहय अऊ जब ओमन कपाट ला खोलिन अऊ पतरस ला देखिन, त ओमन चकित हो गीन। \v 17 पतरस ह ओमन ला चुपेचाप रहे बर इसारा करिस अऊ बताईस कि कइसने परभू ह ओला जेल ले बाहिर निकालिस। ओह कहिस, “याकूब अऊ आने भाईमन ला ये बात बता देवव।” तब ओह निकलके आने जगह चले गीस। \p \v 18 बिहनियां, सिपाहीमन म भारी हलचल मच गे अऊ ओमन पुछे लगिन, “पतरस के का होईस?” \v 19 हेरोदेस राजा ह पतरस के बहुंत खोज कराईस अऊ जब ओह नइं मिलिस, त हेरोदेस ह पहरेदारमन के जांच-पड़ताल कराईस अऊ ओमन ला मार डारे के हुकूम दीस। \s1 हेरोदेस राजा के मिरतू \p एकर बाद, हेरोदेस राजा यहूदिया ले कैसरिया चल दीस अऊ उहां कुछू समय तक रिहिस। \v 20 हेरोदेस के, सूर अऊ सीदोन के मनखेमन संग झगरा चलत रहय। एकरसेति ओ मनखेमन एक दल बनाके ओकर करा आईन। पहिली ओमन बलास्तुस ला मनाईन, जऊन ह राजा के एक नजदीकी सेवक रिहिस अऊ तब ओकर जरिये राजा ले मेल-मिलाप करे चाहिन, काबरकि राजा के देस ले ओमन के पालन-पोसन होवत रिहिस। \p \v 21 एक ठहिराय गे दिन म हेरोदेस ह राजवस्त्र पहिरके अपन सिंघासन म बईठिस अऊ ओमन ला भासन देवन लगिस। \v 22 तब मनखेमन चिचिया उठिन, “येह मनखे के नइं, पर परमेसर के अवाज ए।” \v 23 ओहीच बेरा परभू के एक स्वरगदूत ह ओला मारिस अऊ ओला कीरा पर गे अऊ ओह मर गीस काबरकि ओह परमेसर के महिमा नइं करिस। \p \v 24 पर परमेसर के बचन ह लगातार बाढ़त अऊ बगरत गीस। \s1 बरनबास अऊ साऊल के पठोय जवई \p \v 25 जब बरनबास अऊ साऊल अपन सेवा ला पूरा कर लीन, त ओमन यूहन्ना ला जऊन ह मरकुस घलो कहाथे, अपन संग लेके यरूसलेम ले लहुंटिन। \c 13 \nb \v 1 अंताकिया के कलीसिया म कुछू अगमजानी अऊ गुरूमन रहंय, जेमन के नांव रिहिस—बरनबास, सिमोन जऊन ला नीगर कहे जाथे, कुरेन के रहइया लूकियुस, मनायेन (जऊन ह हेरोदेस राजपाल के संग पले-बढ़े रिहिस), अऊ साऊल। \v 2 जब ओमन उपास अऊ परभू के अराधना करत रहंय, त पबितर आतमा ह कहिस, “मोर बर बरनबास अऊ साऊल ला ओ काम बर अलग करव, जेकर बर मेंह ओमन ला चुने हवंव।” \v 3 तब ओमन उपास अऊ पराथना करिन, अऊ बरनबास अऊ साऊल ऊपर अपन हांथ रखके ओमन ला बिदा करिन। \s1 साइप्रस दीप म बरनबास अऊ साऊल परचार करथें \p \v 4 पबितर आतमा के पठोय बरनबास अऊ साऊल सिलूकिया म गीन अऊ उहां ले ओमन पानी जहाज म चघके साइप्रस दीप चल दीन। \v 5 जब ओमन सलमीस सहर म हबरिन, त उहां परमेसर के बचन ला यहूदीमन के सभा-घर म सुनाईन। यूहन्ना ह ओमन के संग म एक सहायक के रूप म रहय। \p \v 6 ओ जम्मो दीप म ले होवत ओमन पाफुस सहर आईन। उहां ओमन ला बार-यीसू नांव के एक यहूदी टोनहा अऊ लबरा अगमजानी मिलिस। \v 7 ओह दीप के राजपाल सिरगियुस पौलुस के सेवक रिहिस। सिरगियुस ह एक बुद्धिमान मनखे रहय। ओह बरनबास अऊ साऊल ला अपन करा बलाईस काबरकि ओह परमेसर के बचन सुने चाहत रिहिस। \v 8 पर बार-यीसू जऊन ला यूनानी भासा म इलीमास टोनहा कहे जावय, ओमन के बिरोध करिस अऊ राजपाल सिरगियुस ला बिसवास करे ले रोके के कोसिस करिस। \v 9 तब साऊल जेकर नांव पौलुस घलो अय, पबितर आतमा ले भरके इलीमास ला एकटक देखिस अऊ कहिस, \v 10 “तेंह सैतान के संतान अस अऊ जम्मो बने चीज के बईरी अस। तेंह जम्मो किसम के कपट अऊ धोखा ले भरे हवस। का तेंह परभू के सीधा रसता ला टेढ़ा करे बर कभू नइं छोंड़स? \v 11 अब परभू के हांथ ह तोर बिरोध म उठे हवय। तेंह अंधरा हो जाबे अऊ कुछू समय तक सूरज के अंजोर ला नइं देख सकबे।” \p तुरते ओकर आंखी म धुंध अऊ अंधियार छा गे, अऊ ओह एती-ओती टमड़े लगिस ताकि कोनो ओकर हांथ ला धरके ओला ले जावंय। \v 12 जब राजपाल ह ये घटना ला देखिस, त ओह मसीह ऊपर बिसवास करिस, काबरकि ओह परभू के बारे म उपदेस सुनके चकित हो गे रिहिस। \s1 पिसिदिया प्रदेस के अंताकिया म \p \v 13 पौलुस अऊ ओकर संगीमन पाफुस ले पानी जहाज खोलके पंफूलिया प्रदेस के पिरगा म आईन, जिहां यूहन्ना ओमन ला छोड़के यरूसलेम लहुंट गीस। \v 14 ओमन पिरगा ले आघू बढ़िन अऊ पिसिदिया प्रदेस के अंताकिया सहर म आईन। बिसराम के दिन, ओमन सभा-घर म जाके बईठिन। \v 15 मूसा के कानून के किताब अऊ अगमजानीमन के किताब म ले पढ़े के बाद, सभा-घर के अधिकारीमन ओमन करा ये संदेस पठोईन, “हे भाईमन, यदि तुम्हर करा मनखेमन बर कोनो उत्साह के संदेस हवय, त सुनावव।” \p \v 16 तब पौलुस ह ठाढ़ होईस अऊ हांथ ले इसारा करके कहिस, हे इसरायली अऊ परमेसर के अराधना करइया—आनजात के मनखेमन, मोर बात ला सुनव! \v 17 इसरायली मनखेमन के परमेसर ह हमर पुरखामन ला चुनिस अऊ जब ओमन मिसर देस म परदेसी के सहीं रहत रिहिन, त ओमन ला बढ़ाईस अऊ अपन अपार बाहुबल ले ओमन ला ओ देस ले बाहिर निकाल लानिस। \v 18 अऊ चालीस साल तक निरजन जगह म ओमन के गलत बरताव ला सहत रिहिस। \v 19 ओह कनान देस म सात ठन जात के मनखेमन ला उखान फेंकिस अऊ ओमन के जमीन ला अपन मनखेमन के अधिकार म दे दीस। \v 20 ए जम्मो काम म लगभग चार सौ पचास बछर लगिस। \p “एकर बाद, समूएल अगमजानी के आवत तक, परमेसर ह ओमन के बीच म नियाय करइया मनखेमन ला ठहिराईस। \v 21 तब ओमन अपन बर एक राजा मांगिन। परमेसर ह साऊल ला राजा ठहिराईस, जऊन ह बिनयामीन के गोत्र म ले कीस के बेटा रिहिस। ओह चालीस साल तक राज करिस। \v 22 साऊल ला हटाय के बाद, ओह दाऊद ला ओमन के राजा बनाईस। दाऊद के बारे म परमेसर ह ये गवाही दीस: ‘मोला मोर मन के मुताबिक एक मनखे, यिसै के बेटा दाऊद मिल गे हवय। ओह ओ जम्मो काम करही, जऊन ला मेंह चाहथंव।’ \p \v 23 “ओही दाऊद के बंस म ले परमेसर ह अपन परतिगियां के मुताबिक इसरायली मनखेमन बर उद्धार करइया यीसू ला पठोईस। \v 24 यीसू के आय के पहिली यूहन्ना ह जम्मो इसरायली मनखेमन ला मन-फिराय अऊ बतिसमा के परचार करिस। \v 25 जब यूहन्ना ह अपन काम पूरा करइया रिहिस, त ओह कहिस, ‘तुमन मोला कोन ए समझत हव? मेंह ओ नो हंव जऊन ला परमेसर ह पठोय के परतिगियां करे हवय। पर मोर बाद, ओह आवत हवय, जेकर गोड़ के पनही घलो खोले के काबिल मेंह नो हंव।’ \p \v 26 “हे भाईमन हो! अब्राहम के संतान अऊ परमेसर ले डरइया आनजातमन, हमर करा ये उद्धार के संदेस पठोय गे हवय। \v 27 यरूसलेम के मनखे अऊ ओकर अधिकारीमन यीसू ला नइं चिन्हिन अऊ न ही ओमन अगमजानीमन के बचन ला समझिन, जऊन ह हर बिसराम के दिन पढ़े जाथे। एकरसेति ओमन यीसू ला दोसी ठहिराके ओ बातमन ला पूरा करिन। \v 28 हालाकि ओमन मार डारे जाय के लईक कोनो दोस ओमा नइं पाईन, तभो ले ओमन पीलातुस ले मांग करिन कि ओह मार डारे जावय। \v 29 जब ओमन ओकर बारे म लिखे जम्मो बात ला पूरा कर लीन, तब ओला कुरूस ले उतारके एक कबर म रखिन। \v 30 पर परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस। \v 31 अऊ ओह ओमन ला जऊन मन ओकर संग गलील ले यरूसलेम आय रिहिन, बहुंत दिन तक देखई देवत रिहिस। ओमन अब हमर मनखेमन के आघू म ओकर गवाह अंय। \p \v 32 “हमन तुमन ला सुघर संदेस सुनावत हवन, जेकर वायदा परमेसर ह हमर पुरखामन ले करे रिहिस। \v 33 परमेसर ह यीसू ला जियाके, ओ वायदा ला अपन संतान, हमर बर पूरा करिस। जइसने कि भजन दू म लिखे हवय: \q1 “ ‘तेंह मोर बेटा अस; \q2 आज मेंह तोर ददा बन गे हवंव।’\f + \fr 13:33 \fr*\ft \+xt भजन 2:7\+xt*\ft*\f* \m \v 34 परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस ताकि ओह कभू झन सड़य। ये बात ला बचन म अइसने कहे गे हवय, \q1 “ ‘तोला पबितर अऊ अटल आसीस दूहूं, जेकर वायदा मेंह दाऊद ले करे रहेंव।’\f + \fr 13:34 \fr*\ft \+xt यसा 55:3\+xt*\ft*\f* \m \v 35 ओह भजन के एक अऊ जगह म घलो अइसने कहिस: \q1 “ ‘अपन पबितर जन ला तेंह सड़न नइं देबे।’\f + \fr 13:35 \fr*\ft \+xt भजन 16:10\+xt* (देखव सेप्टाजिन्ट)\ft*\f* \p \v 36 “दाऊद ह अपन समय म परमेसर के ईछा मुताबिक सेवा करिस अऊ ओह मर गीस। ओला ओकर पुरखामन के संग माटी दिये गीस अऊ ओकर देहें ह सड़ गीस। \v 37 पर जऊन ला परमेसर ह मरे म ले जियाईस, ओह सड़े नइं पाईस। \p \v 38 “एकरसेति हे मोर भाईमन! मेंह चाहत हंव कि तुमन जान लेवव कि यीसू के दुवारा पाप के छेमा के संदेस तुमन ला दिये जावत हवय। \v 39 ओकर जरिये ही हर ओ मनखे ला पाप ले मुक्त करे जाथे, जऊन ह बिसवास करथे, ओला ओ नियाय मिलथे, जेला तुमन मूसा के कानून के अधीन रहिके नइं पा सकत रहेव। \v 40 एकरसेति सचेत रहव कि जऊन बात ला अगमजानीमन कहे हवंय, ओह तुम्हर ऊपर झन आ पड़य: \q1 \v 41 “ ‘हे निन्दा करइयामन! देखव! \q2 चकित होवव अऊ मिट जावव, \q1 काबरकि मेंह तुम्हर समय म कुछू अइसन करे बर जावत हंव, \q2 यदि ओकर बारे म कोनो तुमन ला बतावय, \q2 तभो ले तुमन कभू बिसवास नइं करहू।’\f + \fr 13:41 \fr*\ft \+xt हब 1:5\+xt*\ft*\f*” \p \v 42 जब पौलुस अऊ बरनबास सभा के घर ले निकलके बाहिर जावत रिहिन, त मनखेमन ओमन ले बिनती करिन कि अवइया बिसराम के दिन हमन ला एकर बारे म अऊ बतावव। \v 43 जब सभा ह उसल गीस, त बहुंते यहूदीमन अऊ यहूदी मत म आय भक्तमन पौलुस अऊ बरनबास के पाछू हो लीन। ओ दूनों ओमन ले बात करके ओमन ला उत्साहित करिन कि ओमन परमेसर के अनुग्रह म बने रहंय। \p \v 44 ओकर आने बिसराम के दिन लगभग जम्मो सहर के मनखेमन परमेसर के बचन सुने बर जूर गीन। \v 45 जब यहूदीमन मनखेमन के भीड़ ला देखिन, त जलन ले भर उठिन अऊ ओमन पौलुस के बात के बिरोध करके ओकर बेजत्ती करिन। \p \v 46 तब पौलुस अऊ बरनबास निडर होके ओमन ला कहिन, “हमन के दुवारा पहिली परमेसर के बचन तुमन ला सुनाना जरूरी रिहिस, पर तुमन ओला गरहन नइं करेव अऊ अपनआप ला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी के काबिल नइं समझेव। एकरसेति, हमन आनजातमन कोति जावत हन। \v 47 काबरकि परभू ह हमन ला ये हुकूम दे हवय, \q1 “ ‘मेंह तोला आनजातमन बर एक अंजोर ठहिराय हवंव \q2 ताकि तेंह जम्मो धरती के छोर तक उद्धार के रसता बन।’\f + \fr 13:47 \fr*\ft \+xt यसा 49:6\+xt*\ft*\f*” \p \v 48 जब आनजातमन येला सुनिन, त ओमन खुस होईन अऊ परभू के बचन के महिमा करिन अऊ जतेक मनखेमन परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी बर चुने गे रिहिन, ओमन बिसवास करिन। \p \v 49 परभू के बचन ह ओ जम्मो इलाका म फईल गीस। \v 50 पर यहूदीमन, परमेसर ले डरइया बड़े घराना के माईलोगन ला अऊ सहर के बड़े मनखेमन ला भड़काईन, अऊ ओमन पौलुस अऊ बरनबास के बिरोध म उपदरव करवाके ओमन ला अपन इलाका ले निकाल दीन। \v 51 एकरसेति पौलुस अऊ बरनबास ओमन ला चेतउनी के रूप म अपन गोड़ के धुर्रा ला झर्राके इकुनियुम सहर चल दीन। \v 52 अऊ चेलामन आनंद अऊ पबितर आतमा ले भरपूर होवत गीन। \c 14 \s1 इकुनियुम म \p \v 1 अपन आदत के मुताबिक, इकुनियुम म घलो पौलुस अऊ बरनबास यहूदीमन के सभा-घर म गीन। उहां ओमन अइसने परभावसाली ढंग ले गोठियाईन कि बहुंते यहूदी अऊ आनजातमन बिसवास करिन। \v 2 पर बिसवास नइं करइया यहूदीमन आनजातमन ला भड़काईन अऊ ये भाईमन के बिरोध म ओमन के मन म जहर भरिन। \v 3 पौलुस अऊ बरनबास उहां बहुंत दिन तक रिहिन, अऊ परभू के सेवा बड़े हिम्मत के संग करिन। परभू ह ओमन के दुवारा चिनहां-चमतकार अऊ अचरज के काम देखाके अपन अनुग्रह के संदेस ला मजबूत करत गीस। \v 4 पर सहर के मनखेमन म फूट पड़ गे; कुछू मनखेमन यहूदीमन कोति अऊ कुछू मनखेमन प्रेरितमन कोति हो गीन। \v 5 आनजातमन अऊ यहूदीमन अपन अगुवामन संग प्रेरितमन ला सताय बर अऊ ओमन के ऊपर पथरवाह करे बर सडयंत्र करिन। \v 6 पर प्रेरितमन ला ये बात के पता चल गीस, अऊ उहां ले ओमन लुकाउनिया छेत्र के लुस्त्रा अऊ दिरबे सहर म अऊ आसपास के जगह म भाग गीन, \v 7 अऊ उहां सुघर संदेस सुनाय लगिन। \s1 लुस्त्रा अऊ दिरबे म \p \v 8 लुस्त्रा सहर म एक खोरवा मनखे बईठे रिहिस, जेकर गोड़मन जनम ले दुरबल रिहिन अऊ ओह कभू नइं रेंगे रिहिस। \v 9 ओह पौलुस के गोठ ला सुनत रिहिस। पौलुस ह ओला टकटकी लगाके देखिस अऊ जान गीस कि ओला बने होय के बिसवास हवय। \v 10 तब पौलुस ह ऊंचहा अवाज म ओला कहिस, “अपन गोड़ म सीधा ठाढ़ हो जा!” अतकी म ओ मनखे ह कूदके ठाढ़ हो गीस अऊ चले-फिरे लगिस। \p \v 11 जब मनखेमन पौलुस के ये काम ला देखिन, त ओमन लुकाउनिया भासा म चिचियाके कहिन, “देवतामन मनखेमन के रूप म हमर करा उतर आय हवंय।” \v 12 ओमन बरनबास ला ज्यूस देवता अऊ पौलुस ला हिरमेस देवता कहिन, काबरकि पौलुस ह गोठ-बात करे म मुखिया रिहिस\f + \fr 14:12 \fr*\fq ज्यूस \fq*\ft ह यूनानी मनखेमन के देवतामन के मुखिया रिहिस; \ft*\fq हिरमेस \fq*\ft ह ज्यूस के बेटा रिहिस अऊ ओह, ज्यूस अऊ आने देवतामन कोति ले गोठ-बात करय।\ft*\f*। \v 13 ज्यूस देवता के मंदिर ओमन के सहर के बाहिरेच म रिहिस। ओ मंदिर के पुजारी ह बईला अऊ फूलमाला धरके सहर के कपाट म गीस, काबरकि ओह अऊ भीड़ के मनखेमन बरनबास अऊ पौलुस ला देवता समझके ओमन के आघू म बलि चघाय चाहत रिहिन। \p \v 14 जब प्रेरित बरनबास अऊ पौलुस ये बात ला सुनिन, त दुखी होके अपन कपड़ा ला चीरिन अऊ भीड़ के भीतर दऊड़के गीन अऊ चिचियाके ये कहिन, \v 15 “हे मनखेमन हो! तुमन ये का करत हव? हमन घलो तुम्हर सहीं मनखे अन। हमन तुमन ला सुघर संदेस सुनावत हन ताकि तुमन ये बेकार चीजमन ला छोंड़के जीयत परमेसर कोति फिरव, जऊन ह अकास, धरती, समुंदर अऊ जऊन कुछू ओमा हवय, ओ जम्मो ला बनाय हवय। \v 16 बीते जमाना म, ओह जम्मो जाति के मनखेमन ला अपन-अपन रसता म चलन दीस। \v 17 तभो ले ओह अपन उपस्थिति के सबूत देवत रिहिस; ओह अकास ले बारिस अऊ सही समय म फसल देके तुम्हर ऊपर दया देखाईस; ओह तुमन ला बहुंतायत ले भोजन देथे अऊ तुम्हर हिरदय ला आनंद ले भर देथे।” \v 18 ये कहे के बाद घलो, ओमन मनखेमन ला ओमन बर बलि चघाय ले मुसकुल से रोकिन। \p \v 19 तब कुछू यहूदीमन अंताकिया अऊ इकुनियुम सहर ले आईन अऊ ओमन मनखे के भीड़ ला अपन कोति राजी कर लीन। ओमन पौलुस ऊपर पथरवाह करिन अऊ ओला मरे समझके सहर के बाहिर घसीटके ले गीन। \v 20 पर जब चेलामन पौलुस के चारों कोति जूरिन, त ओह उठिस अऊ सहर ला वापिस चल दीस। दूसर दिन ओह अऊ बरनबास दिरबे सहर ला चल दीन। \s1 सीरिया के अंताकिया सहर म वापसी \p \v 21 ओमन ओ सहर के मनखेमन ला सुघर संदेस सुनाईन, अऊ उहां बहुंत चेला बनाईन। ओकर बाद ओमन लुस्त्रा, इकुनियुम अऊ अंताकिया ला लहुंट गीन। \v 22 अऊ ओमन चेलामन ला मजबूत करत अऊ बिसवास म बने रहे बर उत्साहित करत गीन। ओमन ये कहंय, “हमन ला परमेसर के राज म प्रवेस करे बर बहुंत तकलीफ उठाना पड़ही।” \v 23 पौलुस अऊ बरनबास हर एक कलीसिया म अगुवा ठहिराईन अऊ उपास अऊ पराथना करके ओमन ला परभू के हांथ म सऊंप दीन, जेकर ऊपर ओमन बिसवास करे रिहिन। \v 24 ओमन पिसिदिया ले होवत पंफूलिया म आईन \v 25 अऊ पिरगा सहर म परमेसर के बचन सुनाय के बाद, ओमन अत्तलिया चल दीन। \p \v 26 अत्तलिया ले ओमन पानी जहाज म चघके अंताकिया म वापिस आईन, जिहां ओमन ला परमेसर के अनुग्रह म ओ काम सऊंपे गे रिहिस, जऊन ला ओमन अब पूरा करिन। \v 27 उहां हबरे के बाद, ओमन कलीसिया के मनखेमन ला इकट्ठा करिन अऊ ओ जम्मो काम, जऊन ला परमेसर ह ओमन के दुवारा करे रिहिस, ओ मनखेमन ला बताईन, अऊ ये घलो बताईन कि कइसने परमेसर ह आनजातमन बर बिसवास के रसता खोलिस। \v 28 अऊ ओमन उहां चेलामन के संग बहुंत दिन तक रिहिन। \c 15 \s1 यरूसलेम म सभा \p \v 1 कुछू मनखेमन यहूदिया ले अंताकिया म आईन अऊ ओमन भाईमन ला ये सिखोय लगिन, “यदि मूसा के सिखोय रीति के मुताबिक तुम्हर खतना नइं होय हवय, त तुम्हर उद्धार नइं हो सकय।” \v 2 एकर बारे म पौलुस अऊ बरनबास के, ओमन के संग बहुंत झगरा अऊ बाद-बिबाद होईस। एकरसेति ये ठहिराय गीस कि पौलुस अऊ बरनबास कुछू अऊ बिसवासीमन के संग, ये बिसय के बारे म चरचा करे बर प्रेरित अऊ अगुवामन करा यरूसलेम जावंय। \v 3 कलीसिया के मनखेमन ओमन ला यरूसलेम पठोईन। ओमन फीनीके अऊ सामरिया होवत गीन, अऊ ओमन ये बतावत गीन कि कइसने आनजातमन परमेसर कोति लहुंटिन। ये बात ला सुनके जम्मो भाईमन बहुंत खुस होईन। \v 4 जब ओमन यरूसलेम हबरिन; त कलीसिया, प्रेरित अऊ अगुवामन ओमन के सुवागत करिन। ओमन कलीसिया, प्रेरित अऊ अगुवामन ला बताईन कि परमेसर ह कइसने ओमन के दुवारा बड़े-बड़े काम करे हवय। \p \v 5 तब फरीसीमन के दल ले जऊन मन बिसवास करे रिहिन, ओमा ले कुछू झन उठके कहिन, “आनजातमन बर खतना करवाना अऊ मूसा के कानून ला मानना जरूरी ए।” \p \v 6 तब प्रेरित अऊ अगुवामन ये बिसय के बारे म बिचार करे बर जूरिन। \v 7 बहुंत बिचार करे के बाद, पतरस ह ठाढ़ होके कहिस, “हे भाईमन हो! तुमन जानत हव कि कुछू समय पहिली परमेसर ह तुमन ले मोला चुनिस ताकि मोर मुहूं ले आनजातमन सुघर संदेस सुनंय अऊ बिसवास करंय। \v 8 परमेसर ह मनखे के मन के बिचार ला जानथे अऊ ओह हमन ला देखाईस कि ओह आनजातमन ला घलो हमर सहीं पबितर आतमा देके गरहन करे हवय। \v 9 ओह बिसवास के दुवारा ओमन के हिरदय ला सुध करके, हमन अऊ ओमन के बीच म कुछू फरक नइं करिस। \v 10 अब तुमन काबर परमेसर ला परखे के कोसिस करत हवव? तुमन चेलामन के खांधा म अइसने जुआड़ी रखत हवव, जऊन ला न तो हमन अऊ न ही हमर पुरखामन उठा सकिन। \v 11 हमन बिसवास करथन कि हमर परभू यीसू के अनुग्रह के दुवारा हमन उद्धार पाय हवन, वइसने ओमन घलो उद्धार पाय हवंय।” \p \v 12 एकर बाद, जम्मो सभा के मनखेमन चुपेचाप बरनबास अऊ पौलुस के बात ला सुने लगिन कि परमेसर ह कइसने ओमन के दुवारा आनजातमन के बीच म अद्भूत चिनहां अऊ चमतकार के काम करिस। \v 13 जब ओमन अपन बात खतम कर लीन, त याकूब ह कहिस, हे भाईमन, मोर बात ला सुनव। \v 14 सिमोन ह हमन ला बताईस कि कइसने परमेसर ह पहिली-पहल आनजातमन ऊपर दया करिस कि ओमन ले मनखेमन के एक दल ला अपन बर ले लीस। \v 15 ये बात ह अगमजानीमन के बचन के मुताबिक होईस, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: \q1 \v 16 “ ‘एकर बाद मेंह वापिस आहूं, \q2 अऊ दाऊद के गिरे घर ला फेर बनाहूं, \q1 येकर खंडहरमन ला मेंह फेर बनाहूं, \q2 अऊ मेंह येला पहिले के सहीं कर दूहूं, \q1 \v 17 ताकि बांचे मनखेमन \q2 अऊ जम्मो आनजात जऊन मन मोर नांव के कहे जाथें, परभू ला खोजंय। \q1 येला ओही परभू कहत हवय, जऊन ह ये चीजमन ला करथे’\f + \fr 15:17 \fr*\ft \+xt आमो 1:5\+xt*\ft*\f*— \q2 \v 18 ओ चीज जेमन ला ओह बहुंत पहिली ले बतावत आय हवय। \p \v 19 “एकरसेति मोर ये बिचार ए कि आनजात म ले जऊन मनखेमन परमेसर कोति लहुंटत हवंय, हमन ओमन ऊपर कानून के बोझ ला डारके ओमन ला दुख झन देवन। \v 20 बल्कि हमन ओमन ला लिखके पठोवन कि ओमन मूरतीमन ला चघाय खाय के चीज, छिनारी काम, गला घोंटके मारे पसु के मांस अऊ लहू ले दूरिहा रहंय। \v 21 काबरकि बहुंत पहिली ले हर एक सहर म मूसा के कानून के परचार होवत आवत हवय अऊ येला हर बिसराम दिन यहूदीमन के सभा-घर म पढ़े जाथे।” \s1 आनजात बिसवासीमन ला सभा के चिट्ठी \p \v 22 तब प्रेरित अऊ अगुवामन जम्मो कलीसिया के संग फैसला करिन कि अपन म ले कुछू मनखे ला चुनंय अऊ ओमन ला पौलुस अऊ बरनबास के संग अंताकिया पठोवंय। ओमन यहूदा जऊन ला बरसबा कहे जाथे अऊ सीलास ला चुनिन। ये दूनों झन भाईमन म मुखिया रिहिन। \v 23 ओमन के हांथ म ये चिट्ठी पठोईन: \pmo अंताकिया सहर अऊ सीरिया अऊ किलिकिया प्रदेस के रहइया आनजात बिसवासी भाईमन ला, \pmo हमन प्रेरित अऊ अगुवामन ले जऊन मन कि तुम्हर भाई अन, \pmo जोहार मिलय। \pm \v 24 हमन सुने हवन कि हमन ले कुछू झन उहां जाके अपन बात ले तुम्हर हिरदय ला बिचलित करके तुमन ला दुबिधा म डार दे हवंय। पर हमन ओमन ला ये हुकूम नइं देय रहेंन। \v 25 एकरसेति हमन एक मन होके ये ठीक समझेंन कि कुछू मनखेमन ला चुनके अपन मयारू भाई बरनबास अऊ पौलुस के संग तुम्हर करा पठोवन। \v 26 येमन अइसने मनखे अंय, जऊन मन हमर परभू यीसू मसीह खातिर अपन जिनगी ला जोखिम म डारे हवंय। \v 27 एकरसेति हमन यहूदा अऊ सीलास ला पठोय हवन, जऊन मन अपन मुहूं ले घलो हमर लिखे बात ला बताहीं। \v 28 पबितर आतमा अऊ हमन ला ये ठीक लगिस कि ये जरूरी बातमन ला छोंड़के अऊ कुछू बोझा तुम्हर ऊपर झन लादे जावय: \v 29 तुमन मूरती ला चघाय खाना ले, लहू ले, गला घोंटके मारे पसु के मांस ले अऊ छिनारी काम ले दूरिहा रहव। येमन ले बांचे रहे म तुम्हर भलई हवय। \pmc खुसी रहव। \p \v 30 तब पठोय गे मनखेमन बिदा होके अंताकिया म गीन, जिहां ओमन कलीसिया के सभा बलाके ओमन ला ओ चिट्ठी दीन। \v 31 मनखेमन चिट्ठी ला पढ़िन अऊ ओमा लिखे उत्साह देवइया संदेस ला सुनके खुस होईन। \v 32 यहूदा अऊ सीलास जऊन मन खुद अगमजानी रिहिन, ओमन घलो कतको बात कहिके भाईमन ला उत्साहित अऊ मजबूत करिन। \v 33 ओमन उहां कुछू दिन बिताके भाईमन ले सांति के संग बिदा होईन, अऊ अपन पठोइयामन करा वापिस लहुंट गीन। \v 34 पर सीलास ह उहां रूके के फैसला करिस।\f + \fr 15:34 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \v 35 पौलुस अऊ बरनबास अंताकिया म रूक गीन, जिहां ओमन अऊ कतको आने मन परभू के बचन ला सिखाईन अऊ परचार करिन। \s1 पौलुस अऊ बरनबास म मतभेद \p \v 36 कुछू दिन के बाद पौलुस ह बरनबास ला कहिस, “आ, जऊन-जऊन सहर म हमन परभू के बचन सुनाय रहेंन, हमन फेर उहां चलके अपन भाईमन ला देखन कि ओमन कइसने हवंय।” \v 37 बरनबास ह यूहन्ना ला जऊन ह मरकुस कहाथे, अपन संग म ले गे बर चाहिस, \v 38 पर पौलुस ह यूहन्ना ला अपन संग ले जाना ठीक नइं समझिस, काबरकि ओह पंफूलिया म ओमन ला छोंड़ दे रिहिस अऊ ओमन के संग काम म नइं गे रिहिस। \v 39 एकर बारे म ओमन म अतेक मतभेद हो गीस कि ओमन एक-दूसर ले अलग हो गीन। बरनबास ह मरकुस ला लेके पानी जहाज म साइप्रस चल दीस। \v 40 पर पौलुस ह सीलास ला अपन संग ले बर चुनिस अऊ भाईमन परभू के अनुग्रह म ओमन ला सऊंपिन। \v 41 ओह कलीसियामन ला मजबूत करत सीरिया अऊ किलिकिया होवत गीस। \c 16 \s1 पौलुस अऊ सीलास के नवां संगी तीमुथियुस \p \v 1 पौलुस ह दिरबे अऊ ओकर बाद लुस्त्रा नगर म आईस, जिहां तीमुथियुस नांव के एक चेला रहय। ओकर दाई ह यहूदी रिहिस अऊ यीसू मसीह के एक बिसवासिनी रिहिस, पर तीमुथियुस के ददा ह यूनानी रिहिस। \v 2 लुस्त्रा अऊ इकुनियुम के जम्मो भाईमन तीमुथियुस के बारे म बने गोठियावंय। \v 3 पौलुस ह तीमुथियुस ला अपन संग ले जाय बर चाहिस। जऊन यहूदीमन ओ छेत्र म रहत रिहिन, ओमन के कारन पौलुस ह ओकर खतना कराईस काबरकि ओ जम्मो यहूदीमन जानत रहंय कि तीमुथियुस के ददा ह यूनानी रिहिस। \v 4 तब सहर-सहर जा-जाके ओमन ओ नियममन ला मनखेमन ला माने बर कहिन, जऊन ला यरूसलेम के प्रेरित अऊ अगुवामन ठहिराय रिहिन। \v 5 ये किसम ले कलीसियामन बिसवास म मजबूत होवत गीन अऊ हर दिन गनती म बढ़त गीन। \s1 पौलुस के दरसन \p \v 6 पौलुस अऊ ओकर संगीमन फ्रूगिया अऊ गलातिया के इलाका ले होवत गीन। पबितर आतमा ह ओमन ला एसिया प्रदेस म परमेसर के बचन सुनाय बर मना करिस। \v 7 जब ओमन मूसिया के सीमना म आईन, त उहां ले ओमन बितूनिया जाय के कोसिस करिन, पर यीसू के आतमा ह ओमन ला उहां जाय बर मना करिस। \v 8 एकरसेति ओमन मूसिया ले होवत त्रोआस सहर म आईन। \v 9 पौलुस ह रथिया एक दरसन देखिस कि मकिदुनिया के एक मनखे ह ठाढ़ होके ओकर ले ये बिनती करत रहय, “मकिदुनिया म आके हमर मदद कर।” \v 10 पौलुस के दरसन देखे के बाद, हमन तुरते मकिदुनिया जाय बर तियार हो गेंन, ये समझके कि परमेसर ह हमन ला उहां के मनखेमन ला सुघर संदेस सुनाय बर बलावत हवय। \s1 लुदिया ह यीसू ऊपर बिसवास करथे \p \v 11 त्रोआस ले पानी जहाज म चघके हमन सीधा सुमात्राके दीप पहुंचेंन अऊ उहां ले दूसर दिन नियापुलिस सहर म आयेंन। \v 12 उहां ले हमन फिलिप्पी हबरेंन, जऊन ह एक रोमन बस्ती ए अऊ मकिदुनिया प्रदेस के एक खास सहर ए अऊ हमन उहां कुछू दिन रहेंन। \p \v 13 बिसराम के दिन, हमन सहर के दुवारी के बाहिर नदी करा गेंन। हमन ये सोचत रहेंन कि उहां पराथना करे के ठऊर होही। उहां कुछू माईलोगनमन जूरे रिहिन। हमन बईठके ओमन के संग गोठियाय लगेंन। \v 14 हमर बात ला सुनइयामन म लुदिया नांव के थुआतीरा सहर के बैंगनी कपड़ा बेचइया एक माईलोगन रिहिस, जऊन ह परमेसर के भक्त रिहिस। ओह हमर बात ला सुनत रहय। परभू ह ओकर हिरदय ला खोलिस कि ओह पौलुस के संदेस म धियान लगावय। \v 15 जब ओह अऊ ओकर घर के मन बतिसमा लीन, त ओह हमन ला नेवता देके कहिस, “यदि तुमन मोला परभू के बिसवासिनी समझत हव, त आवव अऊ मोर घर म रहव।” अऊ ओह हमन ला राजी करके ले गीस। \s1 पौलुस अऊ सीलास जेल म \p \v 16 एक बार जब हमन पराथना करे के जगह ला जावत रहेंन, त हमन ला एक गुलाम छोकरी मिलिस, जऊन म अगम के बात बताय के आतमा रिहिस। ओह अगम के बात बताके अपन मालिकमन बर अब्बड़ पईसा कमावत रिहिस। \v 17 ओ छोकरी ह पौलुस अऊ हमर पाछू आईस अऊ चिचियाके कहिस, “ये मनखेमन सर्वोच्च परमेसर के सेवक अंय अऊ तुमन ला उद्धार पाय के रसता बतावत हवंय।” \v 18 ओह बहुंत दिन तक अइसनेच करते रिहिस। आखिर म, पौलुस ह बहुंत चिढ़ गीस अऊ पाछू मुड़के ओ छोकरी म हमाय आतमा ला कहिस, “यीसू मसीह के नांव म मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि ओमा ले निकल आ।” अऊ ओही घरी आतमा ह ओमा ले निकल गीस। \p \v 19 जब ओकर मालिकमन देखिन कि ओमन के कमई करे के आसा ह चले गीस, त ओमन पौलुस अऊ सीलास ला पकड़के बजार के ठऊर म अधिकारीमन करा घसीटके लानिन। \v 20 ओमन ओ दूनों ला नियायधीसमन के आघू म लानके कहिन, “ये मनखेमन यहूदी अंय अऊ हमर सहर म भारी गड़बड़ी करत हवंय। \v 21 येमन अइसने रीति-बिधि बतावत हवंय, जऊन ला स्वीकार करना या मानना, हमन रोमी मनखेमन बर उचित नो हय।” \p \v 22 तब भीड़ के मनखेमन पौलुस अऊ सीलास के ऊपर चढ़ बईठिन अऊ नियायधीसमन ओमन के कपड़ा उतारके ओमन ला पीटवाय के हुकूम दीन। \v 23 ओमन ला कोर्रा म बहुंत मारे के बाद, जेल म डार दीन अऊ जेलर ला हुकूम दीन कि सचेत होके ओमन के रखवारी करय। \v 24 जेलर ह हुकूम के मुताबिक ओमन ला भीतर के खोली म रखिस अऊ ओमन के गोड़ म लकड़ी के बेड़ी जकड़ दीस। \p \v 25 लगभग आधा रथिया, पौलुस अऊ सीलास पराथना करत अऊ परमेसर के भजन गावत रहंय अऊ आने कैदीमन येला सुनत रहंय। \v 26 अतकी म अचानक एक भारी भुइंडोल होईस। इहां तक कि जेल के नीव घलो डोलन लगिस। तुरते जेल के जम्मो कपाटमन खुल गीन अऊ जम्मो कैदीमन के बेड़ीमन घलो खुल गीन। \v 27 जेलर ह जागिस अऊ जब ओह देखिस कि जेल के कपाटमन खुल गे हवंय, त अपन तलवार ला खींचके अपनआप ला मार डारे चाहिस, काबरकि ओह सोचत रिहिस कि कैदीमन भाग गे हवंय। \v 28 पर पौलुस ह चिचियाके जेलर ला कहिस, “अपनआप ला नुकसान झन पहुंचा। हमन जम्मो झन इहां हवन।” \p \v 29 तब जेलर ह दीया मंगाके तेजी से भीतर गीस अऊ कांपत पौलुस अऊ सीलास के गोड़ खाल्हे गिरिस। \v 30 ओह तब ओमन ला बाहिर लानिस अऊ पुछिस, “हे महाराजमन, उद्धार पाय बर मेंह का करंव?” \p \v 31 ओमन कहिन, “परभू यीसू ऊपर बिसवास कर, त तें अऊ तोर घर के मन उद्धार पाहीं।” \v 32 तब ओमन ओला अऊ ओकर घर के जम्मो मनखेमन ला परभू के बचन सुनाईन। \v 33 ओहीच घरी रथिया, जेलर ह ओमन ला ले जाके ओमन के घाव धोईस अऊ तब तुरते ओह अऊ ओकर घर के जम्मो मनखेमन बतिसमा लीन। \v 34 ओह पौलुस अऊ सीलास ला अपन घर म लानिस अऊ ओमन ला जेवन कराईस अऊ घर के जम्मो झन आनंद मनाईन, काबरकि ओमन परमेसर ऊपर बिसवास करे रिहिन। \p \v 35 जब बिहान होईस, त नियायधीसमन अपन सिपाहीमन के हांथ जेलर करा ये हुकूम पठोईन कि ओ मनखेमन ला छोंड़ देवय। \v 36 जेलर ह पौलुस ला कहिस, “नियायधीसमन तोला अऊ सीलास ला छोंड़ देय के हुकूम दे हवंय। अब तुमन सांति से जा सकत हव।” \p \v 37 पर पौलुस ह सिपाहीमन ला कहिस, “ओमन बिगर जांच करे हमन ला मनखेमन के आघू म मारिन, जबकि हमन रोमी नागरिक अन अऊ हमन ला जेल म डारिन। अऊ अब ओमन हमन ला चुपेचाप छोंड़ देय चाहत हवंय। अइसने नइं हो सकय। ओमन खुदे इहां आवंय अऊ हमन ला जेल ले बाहिर ले जावंय।” \p \v 38 सिपाहीमन वापिस जाके ये बात नियायधीसमन ला बताईन; तब ओमन ये सुनके डरा गीन कि पौलुस अऊ सीलास रोमी नागरिक अंय। \v 39 तब ओमन आके ओमन ला मनाईन अऊ ओमन ला जेल ले बाहिर ले जाके बिनती करिन कि ओमन सहर ले चले जावंय। \v 40 जेल ले निकले के बाद, पौलुस अऊ सीलास लुदिया के घर गीन, अऊ उहां ओमन भाईमन ले मिलिन अऊ ओमन ला ढाढ़स बंधाके उहां ले चल दीन। \c 17 \s1 थिस्सलुनीके सहर म \p \v 1 पौलुस अऊ सीलास अमफिपुलिस अऊ अपुलोनिया सहर ले होवत थिस्सलुनीके सहर म आईन, जिहां यहूदीमन के एक सभा-घर रिहिस। \v 2 जइसने कि पौलुस के आदत रिहिस, ओह सभा-घर म गीस अऊ तीन बिसराम के दिन तक ओमन के संग परमेसर के बचन म ले तर्क देके बताईस। \v 3 ओह ये साबित करत ओमन ला समझाईस कि मसीह ला दुख उठाना अऊ मरे म ले जी उठना जरूरी रिहिस। एहीच यीसू जेकर बारे, मेंह तुमन ला बतावत हंव, मसीह अय। \v 4 तब उहां के कुछू यहूदी अऊ परमेसर के भय मनइया कतको यूनानी मनखे अऊ नामी माईलोगनमन ओकर बात ला मान लीन अऊ ओमन पौलुस अऊ सीलास के संग मिल गीन। \p \v 5 पर यहूदीमन जलन ले भर गीन। एकरसेति ओमन बजार ले कुछू खराप मनखेमन ला अपन संग मिला लीन अऊ भीड़ लगाके सहर म हो-हल्ला मचाय लगिन। पौलुस अऊ सीलास के खोज म ओमन यासोन के घर आईन ताकि ओमन ला भीड़\f + \fr 17:5 \fr*\ft या \ft*\fqa मनखेमन के सभा\fqa*\f* के आघू म लानंय। \v 6 पर जब ओमन ला पौलुस अऊ सीलास उहां नइं मिलिन, त यासोन अऊ कुछू आने भाईमन ला घसीटत सहर के अधिकारीमन करा लानिन अऊ चिचियाके कहिन, “ये मनखे जऊन मन जम्मो संसार म समस्या खड़े करे हवंय, अब इहां आय हवंय। \v 7 अऊ यासोन ह ओमन ला अपन घर म रखे हवय अऊ ये जम्मो झन महाराजा के हुकूम के बिरोध करके कहत हवंय कि यीसू नांव के एक आने राजा हवय।” \v 8 जब भीड़ के मनखे अऊ सहर के अधिकारीमन ये बात ला सुनिन, त ओमन म कोलाहल मच गीस। \v 9 तब ओमन यासोन अऊ बाकि भाईमन ले जमानत लेके ओमन ला छोंड़ दीन। \s1 बिरिया सहर म \p \v 10 रथिया होतेच ही, भाईमन पौलुस अऊ सीलास ला बिरिया सहर पठो दीन। उहां हबरके ओमन यहूदीमन के सभा-घर म गीन। \v 11 बिरिया के मनखेमन थिस्सलुनीके सहर के मनखेमन ले जादा बने सुभाव के रिहिन, काबरकि ओमन बड़े उत्साह के संग परमेसर के बचन ला गरहन करिन अऊ हर एक दिन ये जाने बर परमेसर के बचन म ले खोजंय कि पौलुस जऊन बात कहत हवय, ओह सच ए कि नइं। \v 12 उहां के बहुंते यहूदीमन बिसवास करिन अऊ बहुंत संखिया म नामी यूनानी माईलोगन अऊ यूनानी मनखेमन घलो बिसवास करिन। \p \v 13 जब थिस्सलुनीके के यहूदीमन ला ये पता चलिस कि पौलुस ह बिरिया म परमेसर के बचन के परचार करत हवय, त ओमन उहां घलो पहुंच गीन अऊ मनखेमन के भीड़ ला भड़काईन अऊ हो-हल्ला मचाय लगिन। \v 14 तब भाईमन तुरते पौलुस ला समुंदर तीर म पठो दीन, पर सीलास अऊ तीमुथियुस बिरिया म रूक गीन। \v 15 ओ मनखे जऊन मन पौलुस ला पहुंचाय गे रिहिन, ओमन ओला अथेने सहर म ले आईन अऊ सीलास अऊ तीमुथियुस बर पौलुस के ये संदेस लेके लहुंटिन कि ओमन जतकी जल्दी हो सके, पौलुस करा आ जावंय। \s1 अथेने सहर म \p \v 16 जब पौलुस ह अथेने म सीलास अऊ तीमुथियुस के बाट जोहत रिहिस, तब सहर ला मूरतीमन ले भरे देखके ओह आतमा म बहुंत उदास होईस। \v 17 एकरसेति ओह सभा-घर म यहूदीमन ले अऊ परमेसर के भक्त यूनानीमन ले अऊ बजार म जऊन कोनो मिलंय, ओमन ले हर दिन बहस करय। \v 18 कुछू इपिकूरी अऊ इस्तोईकी पंडितमन ओकर ले बिवाद करन लगिन। ओमन ले कुछू झन कहिन, “ये बकवादी ह का कहे चाहत हवय?” आने मन कहिन, “अइसने जान पड़थे कि ओह बिदेसी देवतामन के बारे म गोठियावत हवय।” काबरकि पौलुस ह यीसू के अऊ ओकर मरे म ले जी उठे के परचार करत रहय। \v 19 तब ओमन पौलुस ला ले गीन अऊ ओला अरियुपगुस\f + \fr 17:19 \fr*\ft अरियुपगुस, मार्स पहाड़ी अऊ अथेने सहर के खास अदालत ला दरसाथे अऊ ये अदालत के काम ह ओ पहाड़ी ऊपर होवय।\ft*\f* के सभा म लानिन अऊ ओकर ले पुछिन, “का हमन जान सकथन कि ये जो नवां बात तेंह बतावत हवस, येह का ए? \v 20 तेंह हमन ला भाला रकम के बात बतावत हस। हमन जाने बर चाहथन कि येमन के का मतलब होथे?” \v 21 (अथेने सहर के जम्मो रहइया अऊ परदेसी जऊन मन उहां रहत रिहिन, ओमन नवां-नवां बात कहे अऊ सुने के छोंड़ अऊ कोनो काम म समय नइं बितावत रिहिन।) \p \v 22 तब पौलुस ह अरियुपगुस के सभा के बीच म ठाढ़ होके कहिस, “हे अथेने सहर के मनखेमन, मेंह देखत हंव कि तुमन हर बात म बहुंत धारमिक अव। \v 23 काबरकि जब मेंह घुमत-घुमत तुम्हर पूजा-पाठ के चीजमन ला धियान लगाके देखत रहेंव, त मोला एक ठन अइसने बेदी दिखिस, जऊन म ये लिखाय रहय: \pc एक अनजान परमेसर खातिर। \m जऊन ला तुमन बिगर जाने पूजा करत हव, मेंह ओकरेच सुघर संदेस तुमन ला सुनाय चाहत हवंव। \p \v 24 “जऊन परमेसर ह संसार अऊ ओमा के जम्मो चीजमन ला बनाईस, ओह स्वरग अऊ धरती के परभू ए अऊ ओह मनखे के बनाय मंदिरमन म नइं रहय। \v 25 अऊ न तो ओला कोनो चीज के घटी हवय कि मनखे ह काम करके ओकर पूरती कर सकय, काबरकि ओह खुद जम्मो झन ला जिनगी अऊ परान अऊ जम्मो कुछू देथे। \v 26 ओह एकेच मनखे ले जम्मो जात के मनखेमन ला बनाईस कि ओमन जम्मो धरती म रहंय। ओह ओमन बर समय अऊ रहे-बसे के जगह ठहिराईस। \v 27 परमेसर ह अइसने करिस ताकि ओमन परमेसर के खोज म रहंय अऊ ओकर करा पहुंचके ओला पा जावंय। तभो ले, ओह हमन ले कोनो ले दूरिहा नइं ए। \v 28 काबरकि ओही म हमन जीयत अऊ चलत-फिरत हवन अऊ हमर जिनगी हवय। जइसने कि तुम्हर कुछू कबिमन कहे हवंय, ‘हमन ओकर संतान अन।’ \p \v 29 “एकरसेति जब हमन परमेसर के संतान अन, त हमन ला ये नइं सोचना चाही कि ईस्वर ह सोन या चांदी या पथरा के मूरती सहीं ए, जऊन ह मनखे के कारीगरी अऊ सोच ले बनाय जाथे। \v 30 पहिली समय म, परमेसर ह ये किसम के मनखे के अगियानता ला धियान नइं दीस, पर अब ओह हर जगह जम्मो मनखेमन ला पाप ले मन फिराय के हुकूम देवत हवय। \v 31 काबरकि ओह एक ठन दिन ठहिराय हवय, जब ओह अपन ठहिराय मनखे के दुवारा संसार के नियाय सही-सही करही। परमेसर ह ओ मनखे ला मरे म ले जियाके ये बात के सबूत जम्मो मनखेमन ला दे हवय।” \p \v 32 जब ओमन मरे मनखेमन के जी उठे के बात ला सुनिन, त कुछू मनखेमन पौलुस के हंसी उड़ाईन, पर आने मन कहिन, “एकर बारे म हमन तोर ले फेर कभू सुनबो।” \v 33 एकरसेति पौलुस ह सभा के बीच ले निकलके चले गीस। \v 34 तभो ले कुछू मनखेमन पौलुस के बात ला मानिन अऊ बिसवास करिन। ओमन म दियुनुसियुस जऊन ह अरियुपगुस सभा के सदस्य रिहिस अऊ दमरिस नांव के एक माईलोगन घलो रिहिस। ओमन के संग अऊ कतको मनखेमन घलो रिहिन। \c 18 \s1 कुरिन्थुस सहर म \p \v 1 एकर बाद पौलुस ह अथेने ला छोंड़के कुरिन्थुस सहर म गीस। \v 2 उहां ओला अक्विला नांव के एक यहूदी मिलिस, जेकर जनम पुनतुस म होय रिहिस। ओह हाल ही म अपन घरवाली प्रिसकिल्ला के संग नवां-नवां इटली देस ले आय रिहिस, काबरकि महाराजा क्लौदियुस ह जम्मो यहूदीमन ला रोम ले चले जाय के हुकूम दे रिहिस। पौलुस ह ओमन ला देखे बर गीस, \v 3 अऊ काबरकि पौलुस ह तम्बू बनाय के धंधा करय अऊ ओमन घलो ओहीच धंधा करंय, एकरसेति ओह उहां ओमन के संग रूक गीस अऊ काम करे लगिस। \v 4 पौलुस ह हर बिसराम के दिन, सभा-घर म बाद-बिबाद करय अऊ यहूदी अऊ यूनानीमन ला मनाय के कोसिस करय। \p \v 5 जब सीलास अऊ तीमुथियुस मकिदुनिया ले आईन, त पौलुस ह पूरा संदेस सुनाय के काम म लग गीस अऊ ओह यहूदीमन ला ये गवाही देवत रिहिस कि यीसू ह मसीह अय। \v 6 पर जब यहूदीमन बिरोध करिन अऊ ओकर बारे खराप बात कहे लगिन, त पौलुस ह बिरोध म अपन कपड़ा ला झारके ओमन ला कहिस, “तुम्हर लहू ह तुम्हर मुड़ ऊपर होवय। मेंह निरदोस अंव। अब ले मेंह आनजातमन करा जाहूं।” \p \v 7 तब पौलुस ह सभा-घर ला छोंड़के तीतुस युसतुस नांव के परमेसर के भक्त के घर म गीस, जेकर घर सभा-घर के बाजूच म रहय। \v 8 सभा-घर के अधिकारी क्रिसपुस अऊ ओकर जम्मो घराना परभू म बिसवास करिन; कुरिन्थुस सहर के मनखे अऊ बहुंते झन घलो पौलुस के बात ला सुनके बिसवास करिन अऊ बतिसमा लीन। \p \v 9 एक रथिया, परभू ह दरसन म पौलुस ला कहिस, “झन डर, पर कहे जा अऊ चुप झन रह। \v 10 काबरकि मेंह तोर संग हवंव, अऊ कोनो हमला करके तोर कुछू नइं बिगाड़ सकंय, काबरकि ये सहर म मोर बहुंत मनखे हवंय।” \v 11 एकरसेति पौलुस ह डेड़ साल तक उहां रिहिस, अऊ ओमन ला परमेसर के बचन सिखोवत रिहिस। \p \v 12 जब गल्लियो ह अखया प्रदेस के राजपाल रिहिस, तब यहूदीमन पौलुस ऊपर एक संग हमला करके ओला कचहरी म लानिन, \v 13 अऊ ये कहिके ओकर ऊपर दोस लगाईन, “ये मनखे ह कानून के मुताबिक नइं, पर ओकर खिलाप परमेसर के अराधना करे बर मनखेमन ला सिखोवत हवय।” \p \v 14 जब पौलुस ह बोलनेच वाला रिहिस, त राजपाल गल्लियो ह यहूदीमन ला कहिस, “कहूं येह कुछू दुराचार या अपराध के बात होतिस, त मेंह तुम्हर बात ला सुनतेंव। \v 15 पर जब ये बिवाद ह गोठ अऊ नांव अऊ तुमन के खुद के कानून के बारे म अय, त तुमन खुद ये मामला ला निपटाव। मेंह अइसने बात के नियाय नइं करंव।” \v 16 अऊ ओह ओमन ला कचहरी ले चले जाय के हुकूम दीस। \v 17 तब जम्मो मनखेमन सभा-घर के अधिकारी सोसथिनेस ला पकड़िन अऊ ओला कचहरी के आघू म मारिन-पीटिन। पर गल्लियो ह ये बात के कुछू चिंता नइं करिस। \s1 प्रिसकिल्ला, अक्विला अऊ अपुल्‍लोस \p \v 18 पौलुस ह कुछू दिन कुरिन्थुस म रिहिस, तब ओह भाईमन ला छोंड़के पानी जहाज म प्रिसकिल्ला अऊ अक्विला के संग सीरिया चल दीस। पर जाय के पहिली ओह किंख्रिया म अपन मुड़ मुड़ाईस, काबरकि ओह मन्नत माने रिहिस। \v 19 जब ओमन इफिसुस सहर म हबरिन, त पौलुस ह प्रिसकिल्ला अऊ अक्विला ला उहां छोंड़ दीस अऊ ओह खुद सभा-घर म जाके यहूदीमन के संग बहस करे लगिस। \v 20 जब ओमन पौलुस ला कहिन कि ओह ओमन के संग कुछू अऊ समय तक रहय, त ओह नइं मानिस। \v 21 पर ओह ओमन ले ये वायदा करके गीस, “कहूं परमेसर के ईछा होही, त मेंह तुम्हर करा फेर आहूं।” तब ओह पानी जहाज म चघके इफिसुस ले चल दीस। \v 22 जब ओह कैसरिया नगर म उतरिस, त ओह जाके कलीसिया के मनखेमन ले भेंट करिस अऊ तब उहां ले अंताकिया नगर चल दीस। \p \v 23 कुछू समय अंताकिया म बिताय के बाद, पौलुस ह उहां ले चल दीस अऊ गलातिया अऊ फ्रूगिया के इलाका म जगह-जगह जाके, ओह जम्मो चेलामन ला बिसवास म मजबूत करत गीस। \p \v 24 अपुल्‍लोस नांव के एक झन यहूदी रहय, जेकर जनम सिकन्दरिया सहर म होय रिहिस। ओह एक बिद्वान मनखे रिहिस अऊ परमेसर के बचन के बने जानकार रिहिस। ओह इफिसुस सहर म आईस। \v 25 ओह परभू के बारे म सिकछा पाय रिहिस, अऊ ओह भारी उत्साह ले बात करय अऊ यीसू के बारे म एकदम सही-सही सिखोवय, पर ओह सिरिप यूहन्ना के बतिसमा के बात ला जानत रिहिस। \v 26 ओह सभा-घर म बेधड़क गोठियाय लगिस। जब प्रिसकिल्ला अऊ अक्विला ओकर बात ला सुनिन, त ओमन ओला अपन घर ले गीन अऊ ओला परमेसर के रसता के बारे म अऊ सही-सही बताईन। \p \v 27 जब अपुल्‍लोस ह अखया जाय बर चाहिस, त भाईमन ओला उत्साहित करिन अऊ उहां के चेलामन ला चिट्ठी लिखिन कि ओमन ओकर सुवागत करंय। अखया पहुंचके, अपुल्‍लोस उहां ओ मनखेमन के अब्बड़ मदद करिस, जऊन मन परमेसर के अनुग्रह के दुवारा बिसवासी बने रिहिन। \v 28 ओह परमेसर के बचन ले सबूत दे देके कि यीसू ह मसीह अय, भारी मेहनत करके यहूदीमन ला जम्मो मनखेमन के आघू म लबरा साबित करय। \c 19 \s1 पौलुस ह इफिसुस सहर म \p \v 1 जब अपुल्‍लोस ह कुरिन्थुस सहर म रिहिस, त पौलुस ह प्रदेस के भीतरी भाग के सहरमन ले होवत इफिसुस म आईस। उहां पौलुस ला कुछू चेलामन मिलिन। \v 2 पौलुस ह ओमन ले पुछिस, “बिसवास करत बखत का तुमन पबितर आतमा पाय हवव?” \p ओमन कहिन, “नइं! हमन सुने घलो नइं अन कि कोनो पबितर आतमा भी होथे।” \p \v 3 तब पौलुस ह ओमन ले पुछिस, “त तुमन काकर बतिसमा पाय हवव?” \p ओमन कहिन, “यूहन्ना के बतिसमा।” \p \v 4 पौलुस ह कहिस, “यूहन्ना तो पाप ले पछताप करे के बतिसमा दीस अऊ मनखेमन ला कहिस कि जऊन ह ओकर बाद अवइया हवय, ओकर ऊपर याने कि यीसू ऊपर बिसवास करव।” \v 5 ये सुनके ओमन परभू यीसू के नांव म बतिसमा लीन। \v 6 जब पौलुस ह ओमन ऊपर अपन हांथ रखिस, त ओमन ऊपर पबितर आतमा उतरिस, अऊ ओमन आने-आने भासा बोले अऊ अगमबानी करे लगिन। \v 7 ओमन जम्मो झन लगभग बारह मनखे रिहिन। \p \v 8 पौलुस ह सभा-घर म जाके उहां तीन महिना तक बेधड़क गोठियाईस। ओह मनखेमन ला परमेसर के राज के बारे म समझाय बर बहस करय। \v 9 पर कुछू मनखेमन हठ म आके ओकर बात ला बिसवास नइं करिन अऊ मनखेमन के आघू म परभू के रसता के बारे म खराप बात कहिन। एकरसेति पौलुस ह ओमन ला छोंड़ दीस अऊ बिसवासीमन ला अपन संग लेके हर दिन तरन्नुस के भासन-घर म बिचार-बिमर्स करे लगिस। \v 10 दू बछर तक ले एहीच होते रिहिस। एकरे कारन एसिया प्रदेस म रहइया जम्मो यहूदी अऊ यूनानीमन परभू के बचन ला सुनिन। \p \v 11 परमेसर ह पौलुस के दुवारा असधारन चमतकार करय। \v 12 मनखेमन रूमाल अऊ अंगछा मन ला पौलुस के देहें म छुआ के बिमरहामन करा ले जावंय अऊ ओमन के बेमारी ठीक हो जावय अऊ दुस्ट आतमामन ओमन ले निकल जावंय। \p \v 13 कुछू यहूदी ओझा जऊन मन एती-ओती जाके दुस्ट आतमामन ला निकालंय, ओमन घलो परभू यीसू के नांव लेके अइसने करे के कोसिस करिन। ओमन परेत आतमामन ला कहंय, “यीसू के नांव म, जेकर परचार पौलुस ह करथे, मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि निकल आ।” \v 14 स्किवा नांव के एक यहूदी मुखिया पुरोहित के सात झन बेटा रहंय अऊ ओमन घलो अइसने करंय। \v 15 एक दुस्ट आतमा ह ओमन ला कहिस, “यीसू ला मेंह जानथंव अऊ पौलुस ला घलो जानथंव; पर तुमन कोन अव?” \v 16 तब ओ मनखे जऊन म दुस्ट आतमा रिहिस, ओमन ऊपर झपटिस अऊ ओ जम्मो झन ला बस म कर लीस अऊ ओह ओमन ला अइसने मारिस कि ओमन नंगरा अऊ घायल होके ओ घर ले भाग निकलिन। \p \v 17 जब इफिसुस के रहइया यहूदी अऊ यूनानीमन ला ये बात के पता चलिस, त ओमन जम्मो डरा गीन अऊ परभू यीसू के नांव के अब्बड़ बड़ई होईस। \v 18 जऊन मन बिसवास करे रिहिन, ओमा के कतको झन आके खुल्लम-खुल्ला अपन खराप काममन ला मान लीन। \v 19 जादू-टोना करइयामन ले कतको झन अपन पोथीमन ला संकेलिन अऊ मनखेमन के आघू म ओ किताबमन ला आगी म बार दीन। जब ओ किताबमन के दाम के हिसाब करे गीस, त ओह लगभग पचास हजार ड्राचमास के बराबर रिहिस।\f + \fr 19:19 \fr*\ft एक ड्राचमास ह एक दिन के बनी के बरोबर होवय।\ft*\f* \v 20 ये किसम ले परभू के बचन ह चारों खूंट फईलत गीस अऊ एकर परभाव बाढ़त गीस। \p \v 21 ये जम्मो घटना ला देखे के बाद, पौलुस ह मकिदुनिया अऊ अखया प्रदेस होवत यरूसलेम जाय के फैसला करिस। ओह कहिस, “उहां जाय के बाद, मोला रोम घलो जाना जरूरी ए।” \v 22 पौलुस ह अपन मदद करइयामन ले दू झन—तीमुथियुस अऊ इरासतुस ला मकिदुनिया पठो दीस अऊ खुदे कुछू दिन बर एसिया प्रदेस म रूक गीस। \s1 इफिसुस सहर म दंगा \p \v 23 ओही समय परभू के रसता के बारे म बहुंत बड़े दंगा होईस। \v 24 देमेतिरियुस नांव के एक झन सुनार रहय। ओह अरतिमिस देवी के चांदी के छोटे-छोटे मंदिर बनाके कारीगरमन संग बड़े बेपार करय। \v 25 ओह ओमन ला अऊ आने चीज के कारीगरमन ला एक संग बलाईस अऊ ओमन ला कहिस, “हे मनखेमन हो! तुमन जानत हव कि ये धंधा ले हमन ला बने आमदनी होवथे। \v 26 पर तुमन देखत अऊ सुनत हव कि ये मनखे पौलुस ह सिरिप इफिसुस म ही नइं, पर जम्मो एसिया प्रदेस म कतको मनखेमन ला समझाके ओमन ला भरमा दे हवय। ओह कहिथे कि मनखे के बनाय मूरतीमन ईस्वर नो हंय। \v 27 अब सिरिप ये बात के ही खतरा नइं ए कि हमर धंधा के परतिस्ठा चले जाही बल्कि ये घलो कि महान देवी अरतिमिस के मंदिर तुछ समझे जाही अऊ देवी जऊन ला कि पूरा एसिया प्रदेस अऊ संसार म पूजे जाथे, ओकर जस खतम हो जाही।” \p \v 28 जब ओमन ये सुनिन, त अब्बड़ गुस्सा होईन अऊ चिचिया-चिचियाके कहिन, “इफिसीमन के अरतिमिस देवी महान ए।” \v 29 अऊ जम्मो सहर म कोलाहल मच गीस। मनखेमन मकिदुनिया के गयुस अऊ अरिसतर्खुस ला, जऊन मन पौलुस के संगी यातरी रिहिन, पकड़ लीन, अऊ एक संग नाचा-घर म दऊड़ गीन। \v 30 पौलुस ह भीड़ करा जाय बर चाहत रिहिस, पर चेलामन ओला जावन नइं दीन। \v 31 ओ प्रदेस के कुछू अधिकारीमन पौलुस के संगी रिहिन। ओमन ओकर करा बिनती करके ये खबर पठोईन कि ओह नाचा-घर म झन जावय। \p \v 32 सभा म गड़बड़ी होवत रिहिस। कोनो मन एक बात बर चिचियावत रहंय, त कोनो मन कुछू आने बात बर। जादा मनखेमन तो ये नइं जानत रहंय कि ओमन उहां काबर जूरे रिहिन। \v 33 भीड़ के कुछू मनखेमन सिकन्दर ला उकसाईन, जऊन ला यहूदीमन आघू म कर दे रहंय। सिकन्दर ह हांथ ले इसारा करिस कि जम्मो चुप हो जावंय ताकि ओह मनखेमन के आघू म जबाब दे सकय। \v 34 पर जब मनखेमन ये जानिन कि ओह यहूदी अय, त ओमन जम्मो झन लगभग दू घंटा तक ये कहिके चिचियाईन, “इफिसीमन के अरतिमिस महान ए।” \p \v 35 तब सहर के बाबू साहेब ह भीड़ ला सांत करके कहिस, “हे संगी इफिसीमन! जम्मो संसार ह जानत हवय कि इफिसुस सहर ह महान अरतिमिस के मंदिर अऊ अकास ले गिरे ओकर मूरती के संरछक ए। \v 36 ये बात ला कोनो इनकार नइं कर सकंय, त तुमन सांत रहव अऊ बिगर सोचे-बिचारे उतावलापन म कुछू झन करव। \v 37 तुमन ये मनखेमन ला इहां लाने हवव, जऊन मन न मंदिर ला लूटे हवंय अऊ न हमर देवी के निन्दा करे हवंय। \v 38 यदि देमेतिरियुस अऊ ओकर संगी कारीगरमन ला काकरो बिरोध म कोनो सिकायत हवय, त कचहरी खुला हवय अऊ उहां हाकिममन हवंय। ओमन उहां जाके नालिस कर सकथें। \v 39 यदि तुमन कोनो अऊ बात के बारे म पुछे चाहत हव, त ओकर फैसला ठहिराय गे सभा म करे जाही। \v 40 आज के घटना के कारन हमर ऊपर दंगा करवाय के दोस लगे के खतरा हवय। ये हो-हल्ला करे के, हमर करा कोनो कारन नइं ए। हमन एकर बारे म कोनो जबाब नइं दे सकन।” \v 41 ये कहे के बाद, ओह सभा ला बिदा कर दीस। \c 20 \s1 मकिदुनिया अऊ यूनान के यातरा \p \v 1 जब हुल्लड़ ह सांत हो गे, त पौलुस ह चेलामन ला बलाके ओमन ला उत्साहित करिस अऊ तब ओमन ले बिदा लेके मकिदुनिया चल दीस। \v 2 ओह ओ इलाका म होवत, मनखेमन ला उत्साहित करत गीस अऊ आखिर म यूनान देस हबरिस। \v 3 ओह उहां तीन महिना तक रिहिस। ओह पानी जहाज म सीरिया जवइयाच रिहिस कि यहूदीमन ओकर बिरोध म सडयंत्र करे लगिन। एकरसेति पौलुस ह मकिदुनिया होवत लहुंट जाय के फैसला करिस। \v 4 ओकर संग बिरिया के पुर्रूस के बेटा सोपत्रुस, थिस्सलुनीके के अरिसतर्खुस अऊ सिकुन्दुस, दिरबे के गयुस अऊ तीमुथियुस, अऊ एसिया प्रदेस के तुखिकुस अऊ त्रुफिमुस घलो गीन। \v 5 येमन हमर ले आघू जाके, त्रोआस म हमर बाट जोहत रिहिन। \v 6 पर हमन बिन खमीर के रोटी के तिहार के बाद, फिलिप्पी म पानी जहाज चघेंन अऊ पांच दिन के बाद, त्रोआस म ओमन करा हबरेंन अऊ हमन उहां सात दिन तक रहेंन। \s1 मरे यूतुखुस ह फेर जिनगी पाथे \p \v 7 हप्ता के पहिली दिन जब हमन रोटी टोरे बर जूरेंन, त पौलुस ह मनखेमन ले गोठियाय लगिस। दूसर दिन, ओह त्रोआस सहर ले जवइया रिहिस, एकरसेति ओह आधा रथिया तक गोठियाते रिहिस। \v 8 जऊन ऊपर के कमरा म हमन जूरे रहेंन, उहां बहुंत दीयामन बरत रहंय। \v 9 यूतुखुस नांव के एक जवान ह खिड़की म बईठे रहय अऊ ओह बहुंत नींद म झुमरत रहय। जब पौलुस ह बहुंत देर तक गोठियातेच रहय, त ओ जवान भारी नींद के कारन तीसरा मंजिल ले भुइयां म गिर पड़िस, अऊ मनखेमन ओला मरे हुए उठाईन। \v 10 पौलुस ह खाल्हे उतरिस अऊ ओ मरे जवान ऊपर पसर गीस अऊ ओला पोटारके कहिस, “घबरावव झन, येह जीयथे।” \v 11 तब ओह फेर ऊपर के कमरा म गीस अऊ रोटी टोरके ओमन के संग खाईस अऊ बिहनियां होवत तक, ओह ओमन ले गोठियाते रिहिस, तब ओह चले गीस। \v 12 मनखेमन ओ जवान ला जीयत घर ले गीन अऊ बहुंत सांति पाईन। \s1 पौलुस के बिदई \p \v 13 हमन पहिली ले पानी जहाज म चघके अस्सुस सहर म गेंन, जिहां पौलुस ह हमर संग जहाज म चघइया रहय। पौलुस ह ये परबंध करे रहय, काबरकि ओह उहां रेंगत जवइया रिहिस। \v 14 जब ओह हमन ला अस्सुस म मिलिस, त ओला हमन पानी जहाज म लेके मितिलेने सहर चल देंन। \v 15 अऊ ओकर दूसर दिन हमन उहां ले जहाज खोलके खियुस टापू के आघू म हबरेंन। ओकर दूसर दिन हमन सामुस दीप ला पार करेंन, अऊ ओकर दूसर दिन हमन मिलेतुस नगर पहुंचेंन। \v 16 पौलुस ह इफिसुस ले निकल जाय के फैसला करिस, काबरकि ओह एसिया प्रदेस म समय बिताय नइं चाहत रहय। ओह यरूसलेम जल्दी हबरे के कोसिस म रहय, ताकि ओह पिनतेकुस्त तिहार के दिन यरूसलेम म रहय। \p \v 17 मिलेतुस ले पौलुस ह इफिसुस म खबर भेजिस कि कलीसिया के अगुवामन ओकर ले भेंट करंय। \v 18 जब ओमन आईन, त पौलुस ह ओमन ला कहिस, “तुमन जानत हव कि जब मेंह एसिया प्रदेस म आएंव, त पहिली ही दिन ले, मेंह तुम्हर संग पूरा समय कइसने रहंय। \v 19 मेंह परभू के सेवा बहुंत दीन होके अऊ आंसू बहा-बहाके करेंव, हालाकि यहूदीमन के सडयंत्र के कारन मोर ऊपर बहुंत समस्या आईस। \v 20 तुमन जानत हव कि जऊन बातमन तुम्हर फायदा के रिहिस, ओकर परचार करे बर मेंह संकोच नइं करेंव। पर मेंह तुमन ला मनखेमन के आघू म अऊ घर-घर जाके सिखोएंव। \v 21 मेंह यहूदी अऊ यूनानीमन ला जोर देके कहेंव कि ओमन पछताप करके परमेसर कोति लहुंटंय अऊ हमर परभू यीसू ऊपर बिसवास करंय। \p \v 22 “अब, मेंह पबितर आतमा के दुवारा बाध्य होके यरूसलेम जावत हंव। मेंह नइं जानंव कि उहां मोर ऊपर का बीतही। \v 23 मेंह सिरिप ये जानथंव कि हर सहर म पबितर आतमा ह मोला चेताथे कि जेल अऊ दुख-तकलीफ तोर बर तियार हवंय। \v 24 पर मेंह अपन परान के कुछू फिकर नइं करंव; मेंह सिरिप अपन जिनगी के दऊड़ ला अऊ ओ काम जऊन ला परभू यीसू ह मोला दे हवय, याने कि परमेसर के अनुग्रह के सुघर संदेस के गवाही के काम ला पूरा करे चाहथंव। \p \v 25 “मेंह तुमन जम्मो के बीच म परमेसर के राज के परचार करे हवंव। अऊ अब मेंह जानत हंव कि तुमन कोनो मोर मुहूं फेर कभू नइं देख पाहू। \v 26 एकरसेति मेंह आज तुम्हर आघू म ये बात कहत हंव कि मेंह तुमन जम्मो झन के लहू ले निरदोस अंव। \v 27 काबरकि मेंह परमेसर के जम्मो ईछा ला तुमन ला बताय म संकोच नइं करेंव। \v 28 एकरसेति तुमन अपन अऊ अपन ओ झुंड के रखवारी करव, जेकर ऊपर पबितर आतमा ह तुमन ला अगुवा ठहिराय हवय। अऊ परमेसर के कलीसिया के खियाल रखव, जऊन ला ओह अपन खुद के लहू\f + \fr 20:28 \fr*\ft या \ft*\fqa अपन खुद के बेटा के लहू\fqa*\f* ले बिसाय हवय। \v 29 मेंह जानत हंव कि मोर जाय के पाछू जंगली भेड़ियामन तुम्हर बीच म आहीं, अऊ ओमन झुंड ला नास करहीं। \v 30 अइसने समय आही, जब तुमन ले कुछू मनखेमन उठहीं अऊ भरमा के चेलामन ला अपन पाछू कर लीहीं। \v 31 एकरसेति सचेत रहव! अऊ सुरता करव कि मेंह तीन साल ले रात अऊ दिन आंसू बहा-बहाके तुमन ले हर एक ला चेताय बर कभू नइं छोंड़ंय। \p \v 32 “अब मेंह तुमन ला परमेसर के हांथ अऊ ओकर अनुग्रह के बचन म सऊंपत हवंव, जऊन ह बिसवास म तुम्हर उन्नति कर सकथे, अऊ अपन बर अलग करे गय जम्मो मनखेमन संग तुमन ला उत्तराधिकार दे सकथे। \v 33 मेंह काकरो चांदी या सोन या कपड़ा के लोभ नइं करे हवंव। \v 34 तुमन खुद जानथव कि मोर इही हांथमन मोर घटी अऊ मोर संगीमन के घटी ला पूरा करे हवंय। \v 35 मेंह जम्मो चीज म तुमन ला नमूना देखाय हवंव कि अइसने कठोर मेहनत करके हमन निरबल मनखेमन के मदद जरूर करन, अऊ परभू यीसू के कहे ये बचन ला सुरता करन: ‘लेना ले देना ह जादा धइन ए।’ ” \p \v 36 ये कहे बाद, पौलुस ह ओ जम्मो झन संग माड़ी टेकके पराथना करिस। \v 37 ओ जम्मो झन बहुंत रोईन अऊ पौलुस ला पोटारके ओला चूमे लगिन। \v 38 खास करके, ओमन पौलुस के कहे ये बात ले दुखी होईन कि तुमन मोर मुहूं ला फेर कभू नइं देखहू। तब ओमन ओला पानी जहाज तक छोंड़े बर आईन। \c 21 \s1 पौलुस के यरूसलेम जवई \p \v 1 हमन ओमन ले अलग होय के बाद, पानी जहाज म चघके सीधा कोस दीप म आयेंन। ओकर दूसर दिन हमन रूदुस दीप गेंन अऊ फेर उहां ले पतरा नगर गेंन। \v 2 उहां हमन ला एक पानी जहाज पार करत मिलिस, जऊन ह फीनीके प्रदेस जावत रिहिस। हमन ओही जहाज म चघके चल देंन। \v 3 जब हमन ला साइप्रस दीप दिखिस, त हमन ओकर दक्खिन दिग ले होवत सीरिया कोति बढ़ेंन अऊ सूर म उतरेंन, जिहां पानी जहाज ले माल उतारे बर रिहिस। \v 4 उहां कुछू चेलामन ला पाके, हमन ओमन के संग सात दिन रहेंन। ओमन पबितर आतमा के सामर्थ म होके पौलुस ले बिनती करिन कि ओह यरूसलेम झन जावय। \v 5 पर जब उहां हमर ठहिरे के दिन पूरा होईस, त हमन उहां ले चल देंन। अऊ जम्मो चेला अऊ ओमन के घरवाली अऊ लइकामन हमन ला सहर के बाहिर तक अमराय बर आईन, अऊ उहां समुंदर तीर म, हमन माड़ी टेकके पराथना करेंन। \v 6 अऊ ओमन ले बिदा होय के बाद, हमन पानी जहाज म चघेंन अऊ ओमन अपन-अपन घर लहुंट गीन। \p \v 7 हमन सूर ले समुंदर म यातरा करत पतुलिमयिस पहुंचेंन; उहां हमन भाईमन ले जोहार-भेंट करेंन अऊ ओमन के संग एक दिन रहेंन। \v 8 दूसर दिन हमन उहां ले चलके कैसरिया सहर म पहुंचेंन अऊ उहां सुघर संदेस के परचारक फिलिप्पुस के घर म रूकेंन। ओह यरूसलेम म चुने गे सात सेवक म ले एक झन रिहिस। \v 9 ओकर चार कुंवारी बेटी रिहिन, जऊन मन ला अगमबानी करे के बरदान मिले रिहिस। \p \v 10 हमर उहां कतको दिन रहे के बाद, अगबुस नांव के एक अगमजानी यहूदिया प्रदेस ले आईस। \v 11 ओह हमर करा आके पौलुस के कमरपट्टा ला लीस अऊ अपन हांथ-गोड़ ला बांधके कहिस, “पबितर आतमा ह कहत हवय कि जऊन मनखे के ये कमरपट्टा अय, ओला यरूसलेम म यहूदीमन अइसने बांधहीं अऊ ओला आनजातमन ला सऊंप दीहीं।” \p \v 12 जब हमन ये बात ला सुनेंन, त हमन अऊ उहां के मनखेमन पौलुस ले बिनती करेंन कि ओह यरूसलेम झन जावय। \v 13 तब पौलुस ह जबाब दीस, “तुमन काबर रोवत अऊ मोर हिरदय ला टोरत हवव? मेंह तो परभू यीसू के नांव खातिर यरूसलेम म न सिरिप बंदी बने बर, पर मरे बर घलो तियार हवंव।” \v 14 जब हमन पौलुस ला मनाय नइं सकेंन, त कहेंन, “परभू के ईछा पूरा होवय।” \p \v 15 कुछू दिन के बाद, हमन तियार होके यरूसलेम सहर चल देंन। \v 16 कैसरिया के कुछू चेलामन घलो हमर संग गीन अऊ हमन ला मनासोन के घर ले गीन, जिहां हमन ला ठहरना रिहिस। मनासोन ह साइप्रस दीप के रहइया एक बहुंत पुराना चेला रिहिस। \s1 पौलुस के यरूसलेम म अवई \p \v 17 जब हमन यरूसलेम हबरेंन, त भाईमन बड़े आनंद सहित हमर ले मिलिन। \v 18 दूसर दिन पौलुस ह हमर संग याकूब ले मिले बर गीस, जिहां जम्मो अगुवामन जूरे रहंय। \v 19 पौलुस ह ओमन ला जोहार करिस अऊ परमेसर ह ओकर सेवा के दुवारा जऊन कुछू काम आनजातमन के बीच म करे रिहिस, ओह एक-एक करके ओमन ला बताईस। \p \v 20 जब ओमन ये सुनिन, त परमेसर के महिमा करिन। पर ओमन पौलुस ला कहिन, “तेंह देखत हवस, भाई! हजारों यहूदीमन बिसवास करे हवंय अऊ ओ जम्मो झन मूसा के कानून ला माने के धुन म हवंय। \v 21 ओमन ला तोर बारे म, ये बताय गे हवय कि तेंह आनजातमन के बीच म रहइया जम्मो यहूदीमन ला मूसा के कानून ला नइं माने के सिकछा देथस। तेंह कहिथस कि अपन लड़कामन के खतना झन करावव या यहूदी रीति-रिवाज के मुताबिक झन चलव। \v 22 ओमन ला जरूर पता चल जाही कि तेंह इहां आय हवस। अब हमन का करन? \v 23 एकरसेति जऊन कुछू हमन तोला कहत हवन, वइसनेच कर। हमर संग चार झन मनखे हवंय, जऊन मन एक मन्नत माने हवंय। \v 24 ये मनखेमन ला ले जा अऊ ओमन के संग अपन ला घलो सुध कर अऊ ओमन के खरचा दे, ताकि ओमन अपन मुड़ मुड़वावंय। तब जम्मो झन जान जाहीं कि जऊन बात तोर बारे म बताय गे हवय, ओह सच नो हय, अऊ तेंह खुद मूसा के कानून के पालन करथस। \v 25 आनजात बिसवासीमन बर हमन ये फैसला करके लिख भेजे हवन कि ओमन मूरती ला चघाय खाना ले, लहू ले, गला घोंटके मारे पसु के मांस ले अऊ छिनारी काम ले दूरिहा रहंय।” \p \v 26 दूसर दिन पौलुस ह ओ मनखेमन ला लीस अऊ ओमन के संग अपनआप ला घलो सुध करिस। तब ओह मंदिर म गीस अऊ उहां बताईस कि सुध होय के दिन ह कब पूरा होही अऊ ओमन म के हर एक के खातिर दान चघाय जाही। \s1 पौलुस के गिरफतारी \p \v 27 जब सात दिन पूरा होवइया रिहिस, तब एसिया प्रदेस के कुछू यहूदीमन पौलुस ला मंदिर म देखिन। ओमन जम्मो मनखेमन ला भड़काके पौलुस ला पकड़ लीन, \v 28 अऊ चिचियाके ये कहे लगिन, “हे संगी इसरायलीमन हो, हमर मदद करव। येह ओही मनखे ए, जऊन ह हर जगह जम्मो मनखेमन ला हमर यहूदी जात, हमर कानून अऊ ये मंदिर के बिरोध म सिखोथे। इहां तक कि ओह यूनानीमन ला मंदिर के भीतर लानके, ये पबितर स्थान ला असुध कर दे हवय।” \v 29 (ओमन एकर पहिली इफिसी त्रुफिमुस ला पौलुस के संग सहर म देखे रिहिन। एकरसेति ओमन ये समझिन कि पौलुस ह ओला मंदिर म लाने हवय।) \p \v 30 तब जम्मो सहर म खलबली मच गीस। मनखेमन जम्मो कोति ले दऊड़के आईन अऊ पौलुस ला पकड़ लीन, अऊ ओला घसीटत मंदिर के बाहिर ले गीन अऊ तुरते कपाटमन ला बंद कर दीन। \v 31 जब ओमन ओला मार डारे के कोसिस करत रिहिन, तभे रोमी सेनापति ला ये संदेस मिलिस कि जम्मो यरूसलेम सहर म खलबली मच गे हवय। \v 32 तब ओह तुरते कुछू अधिकारी अऊ सैनिकमन ला लीस अऊ दऊड़के भीड़ करा खाल्हे आईस। जब मनखेमन सेनापति अऊ ओकर सैनिकमन ला देखिन, त ओमन पौलुस ला मारे-पीटे ला छोंड़ दीन। \p \v 33 तब सेनापति ह लकठा म आके पौलुस ला बंदी बना लीस अऊ ओला दू ठन संकली म बांधे के हुकूम दीस अऊ ये पुछिस, “येह कोन ए अऊ येह का करे हवय?” \v 34 भीड़ म कोनो मन एक बात बर, त कोनो मन कुछू आने बात बर चिचियावन लगिन, अऊ जब हो-हल्ला के मारे सेनापति ह सच बात ला नइं जान सकिस, त ओह पौलुस ला गढ़ म ले जाय के हुकूम दीस। \v 35 जब पौलुस ह सीढ़ीमन करा हबरिस, त भीड़ के उपदरव के कारन सैनिकमन ओला उठाके ले गीन। \v 36 भीड़ के जऊन मनखेमन ओकर पाछू-पाछू आवत रिहिन, ओमन चिचिया-चिचियाके ये कहत रहंय, “येला मार डारव।” \s1 पौलुस के अपन बचाव म बयान \p \v 37 जब सैनिकमन पौलुस ला गढ़ म ले जवइया रिहिन, त ओह सेनापति ले पुछिस, “का मोला कुछू कहे बर हुकूम मिलही?” \p सेनापति ह कहिस, “का तेंह यूनानी भासा जानथस? \v 38 का तेंह मिसर के रहइया ओ मनखे नो हस, जऊन ह कुछू समय पहिली बिदरोह करके चार हजार उग्रवादीमन ला निरजन प्रदेस म ले गे रिहिस?” \p \v 39 पौलुस ह कहिस, “मेंह एक यहूदी अंव अऊ किलिकिया के नामी सहर तरसुस के निवासी अंव। मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला मनखेमन ले बात करन दे।” \p \v 40 सेनापति ले हुकूम पाके, पौलुस ह सीढ़ी के ऊपर ठाढ़ होईस अऊ भीड़ ला अपन हांथ ले इसारा करिस। जब ओमन सांत हो गीन, त पौलुस ह ओमन ला इबरानी म कहे लगिस। \c 22 \nb \v 1 “हे भाई अऊ ददामन हो, अब तुमन मोर जबाब ला सुनव।” \p \v 2 जब ओमन ओला इबरानी म गोठियावत सुनिन, त ओमन चुप हो गीन। \p तब पौलुस ह कहिस, \v 3 “मेंह एक यहूदी अंव अऊ किलिकिया के तरसुस म पईदा होएंव, पर ये सहर म पले-बढ़े हवंव। गमलीएल के अधीन म रहिके हमर पुरखामन के कानून ला सही ढंग ले सीखेंव, अऊ परमेसर के अइसने धुन म रहेंव, जइसने आज तुमन हवव। \v 4 मेंह मरद अऊ माईलोगनमन ला बंदी बना-बनाके जेल म डारेंव, अऊ ये पंथ के बिसवासीमन ला इहां तक सताएंव कि ओमन ला मरवा घलो डारेंव। \v 5 मोर ये बात के, महा पुरोहित अऊ जम्मो महासभा गवाह हवय। अऊ त अऊ ओमन ले चिट्ठी लेके, मेंह दमिस्क म रहइया यहूदी भाईमन करा जावत रहेंव ताकि मेंह उहां ये मनखेमन ला सजा देवाय बर बंदी बनाके यरूसलेम म लानंव। \p \v 6 “लगभग मंझन के बेरा, जब मेंह दमिस्क के लकठा हबरेंव, त अचानक एक बड़े अंजोर अकास ले मोर चारों खूंट चमकिस। \v 7 मेंह भुइयां म गिर पड़ेंव अऊ मोर ले ये कहत एक अवाज सुनेंव, ‘हे साऊल! हे साऊल! तेंह मोला काबर सतावत हस?’ \p \v 8 “मेंह पुछेंव, ‘हे परभू! तेंह कोन अस?’ \p “ओह कहिस, ‘मेंह नासरत के यीसू अंव, जऊन ला तेंह सतावत हस।’ \v 9 मोर संगीमन ओ अंजोर ला तो देखिन, पर जऊन ह मोर ले गोठियावत रहय, ओकर बात ला नइं समझिन। \p \v 10 “मेंह कहेंव, ‘हे परभू! मेंह का करंव?’ \p “त परभू ह कहिस, ‘उठ अऊ दमिस्क सहर म जा अऊ जऊन कुछू तोला करे बर हवय, उहां ओ जम्मो बात तोला बताय जाही।’ \v 11 मोर संगीमन मोर हांथ ला धरके दमिस्क सहर ले गीन। काबरकि अंजोर के चमक के मारे मेंह अंधरा हो गे रहेंव। \p \v 12 “उहां हनन्याह नांव के एक मनखे मोर करा आईस। ओह मूसा के कानून के मुताबिक एक बने भक्त रिहिस अऊ उहां रहइया यहूदीमन ओकर बहुंत आदर करंय। \v 13 ओह मोर बाजू म ठाढ़ होके कहिस, ‘हे भाई साऊल! तेंह फेर देखे लग।’ अऊ ओहीच बेरा मेंह देखे लगेंव अऊ मेंह ओला देखेंव। \p \v 14 “तब हनन्याह ह कहिस, ‘हमर पुरखामन के परमेसर ह तोला चुने हवय कि तेंह ओकर ईछा ला जान अऊ ओ धरमी जन ला देख अऊ ओकर मुहूं के बात ला सुन। \v 15 तेंह जम्मो मनखेमन के आघू म, ओकर ओ बातमन के गवाह होबे, जऊन ला तेंह देखे अऊ सुने हवस। \v 16 अब तेंह काबर देरी करथस? उठ! बतिसमा ले अऊ ओकर नांव लेके अपन पापमन ला धो डार।’ \p \v 17 “एकर बाद, मेंह यरूसलेम लहुंटंय अऊ जब मंदिर म पराथना करत रहेंव, त मेंह एक दरसन देखेंव। \v 18 मेंह परभू ला देखेंव अऊ ओह मोला कहिस, ‘जल्दी कर अऊ यरूसलेम ले तुरते निकल जा, काबरकि ओमन मोर बारे म तोर गवाही ला नइं मानंय।’ \p \v 19 “मेंह कहेंव, ‘हे परभू! ओमन तो खुद जानत हवंय कि मेंह सभा-घरमन म जा-जाके तोर ऊपर बिसवास करइयामन ला जेल म डारत अऊ मारत रहेंव। \v 20 जब तोर गवाह स्तिफनुस के लहू बहाय जावत रिहिस, त मेंह घलो उहां ठाढ़े रहेंव अऊ ओ बात म राजी रहेंव अऊ मेंह उहां हतियारामन के कपड़ा के रखवारी करत रहेंव।’ \p \v 21 “तब परभू ह मोला कहिस, ‘जा! मेंह तोला आनजातमन करा बहुंत दूरिहा-दूरिहा पठोहूं।’ ” \s1 पौलुस अऊ ओकर रोमी नागरिकता \p \v 22 मनखेमन अब तक पौलुस के बात ला सुनत रिहिन। तब ओमन उठके चिचियाके कहिन, “धरती ले एकर नामोनिसान मिटा देवव। ओह जीयत रहे के लईक नो हय।” \p \v 23 जब ओमन चिचियावत अऊ अपन-अपन कपड़ा फेंकत अऊ हवा म धुर्रा उड़ावत रहंय, \v 24 तब सेनापति ह हुकूम दीस, “येला, गढ़ म ले जावव अऊ येला कोर्रा मारके पुछव कि मनखेमन काबर एकर बिरोध म अइसने चिचियावत हवंय।” \v 25 जब ओमन पौलुस ला कोर्रा मारे बर बांधे लगिन, त ओह उहां ठाढ़े अधिकारी ले कहिस, “का ये उचित ए कि तुमन एक रोमी नागरिक ला कोर्रा म मारव अऊ ओ भी ओला बिगर दोसी ठहिराय?” \p \v 26 जब अधिकारी ह ये सुनिस, त ओह सेनापति करा जाके कहिस, “तेंह ये का करथस? ये मनखे ह तो रोमी नागरिक ए।” \p \v 27 तब सेनापति ह पौलुस करा आईस अऊ ओकर ले पुछिस, “मोला बता, का तेंह रोमी नागरिक अस?” \p पौलुस ह कहिस, “हव जी।” \p \v 28 सेनापति ह कहिस, “मेंह अपन रोमी नागरिक के पद ला बहुंत पईसा देके पाय हवंव।” \p त पौलुस ह कहिस, “मेंह तो जनम ले रोमी नागरिक अंव।” \p \v 29 तब जऊन मन पौलुस के जांच करइया रिहिन, ओमन तुरते उहां ले हट गीन। सेनापति खुद ये सोचके डरा गीस कि पौलुस ह रोमी नागरिक ए अऊ ओह ओला संकली म बंधवाय हवय। \s1 धरम महासभा के आघू म पौलुस \p \v 30 ओकर आने दिन, सही-सही बात ला जाने बर कि यहूदीमन पौलुस ऊपर काबर दोस लगावत हवंय, सेनापति ह ओकर संकली ला खुलवा दीस अऊ मुखिया पुरोहितमन ला अऊ जम्मो धरम महासभा के मनखेमन ला जूरे के हुकूम दीस। तब ओह पौलुस ला लानके ओमन के आघू म ठाढ़ करिस। \c 23 \p \v 1 पौलुस ह धरम महासभा कोति एकटक देखिस अऊ कहिस, “हे मोर भाईमन हो! मेंह आज तक परमेसर खातिर सही बिबेक से काम करे हवंव।” \v 2 अतकी म महा पुरोहित हनन्याह ह ओमन ला, जऊन मन पौलुस के लकठा म ठाढ़े रहंय, ओकर मुहूं म मारे के हुकूम दीस। \v 3 तब पौलुस ह ओला कहिस, “हे चूना पोताय भीथी! परमेसर ह तोला मारही। तेंह इहां कानून के मुताबिक मोर नियाय करे बर बईठे हवस, पर कानून के उल्टा मोला मारे के हुकूम देवत हस।” \p \v 4 पौलुस के लकठा म ठाढ़े मनखेमन ओला कहिन, “तेंह परमेसर के महा पुरोहित के बेजत्ती करत हस।” \p \v 5 पौलुस ह कहिस, “हे भाईमन हो! मेंह नइं जानत रहेंव कि येह महा पुरोहित ए, काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, ‘अपन मनखेमन के हाकिम के बारे म खराप बात झन कह।’\f + \fr 23:5 \fr*\ft \+xt निर 22:28\+xt*\ft*\f*” \p \v 6 तब पौलुस ह ये जानके कि इहां कुछू सदूकी अऊ फरीसीमन घलो हवंय, ओह महासभा म चिचियाके कहिस, “हे मोर भाईमन! मेंह एक फरीसी अंव अऊ एक फरीसी के बेटा अंव। मरे मनखेमन के जी उठे के मोर आसा के बारे म मोर ऊपर मुकदमा चलत हवय।” \v 7 जब पौलुस ह ये बात कहिस, त फरीसी अऊ सदूकीमन म झगरा होय लगिस अऊ सभा म फूट पड़ गे। \v 8 (काबरकि सदूकीमन बिसवास करथें कि मरे मनखेमन नइं जी उठंय अऊ न स्वरगदूत हवय, न आतमा; पर फरीसीमन ये जम्मो बात म बिसवास करथें।) \p \v 9 तब अब्बड़ हो-हल्ला होईस अऊ फरीसी दल के कानून के कुछू गुरूमन ठाढ़ होके जोरदार बहस करन लगिन अऊ कहिन, “हमन ये मनखे म कोनो खराप बात नइं पावत हवन। कहूं कोनो आतमा या स्वरगदूत येला कुछू कहे हवय, त का होईस?” \v 10 जब बहुंत झगरा होय लगिस, त सेनापति ह डरा गे कि कहूं ओमन पौलुस के कुटा-कुटा झन कर डारंय। एकरसेति, ओह सैनिकमन ला हुकूम दीस कि ओमन उतरके पौलुस ला मनखेमन के बीच ले निकाल लें अऊ ओला गढ़ म ले जावंय। \p \v 11 ओ रथिया परभू ह पौलुस के लकठा म ठाढ़ होके कहिस, “हिम्मत रख। जइसने तेंह यरूसलेम म मोर गवाही दे हवस, वइसने तोला रोम म घलो मोर गवाही दे बर पड़ही।” \s1 पौलुस के हतिया के सडयंत्र \p \v 12 ओकर दूसर दिन, बिहनियां, यहूदीमन एक सडयंत्र करिन अऊ ये कसम खाईन कि जब तक हमन पौलुस ला नइं मार डारबो, तब तक हमन न तो कुछू खाबो, न पीबो। \v 13 चालीस ले जादा मनखे ये सडयंत्र म सामिल रिहिन। \v 14 ओमन मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन करा गीन अऊ कहिन, “हमन कसम खाय हवन कि जब तक हमन पौलुस ला नइं मार डारन, तब तक हमन कुछू नइं खावन। \v 15 अब तुमन अऊ धरम महासभा के सदस्यमन सेनापति ला समझावव कि ओह पौलुस ला तुम्हर आघू म लानय, ये ढोंग करव कि तुमन ओकर बारे म अऊ सही-सही बात जाने चाहत हव। पर ओकर इहां आय के पहिली हमन ओला मार डारे बर तियार हवन।” \p \v 16 पर जब पौलुस के भांचा ह ये सडयंत्र के बारे सुनिस, त ओह गढ़ म जाके पौलुस ला बताईस। \p \v 17 तब पौलुस ह एक अधिकारी ला बलाके कहिस, “ये जवान ला सेनापति करा ले जावव। येह ओला कुछू बताय चाहत हवय।” \v 18 ओ अधिकारी ह पौलुस के भांचा ला सेनापति करा ले जाके कहिस, “ओ कैदी पौलुस ह मोला बलाके कहिस कि ये जवान ला तोर करा ले आवंव। येह तोला कुछू बताय चाहत हवय।” \p \v 19 सेनापति ह जवान के हांथ ला धरके अलग ले गीस अऊ ओकर ले पुछिस, “तेंह मोला का बताय चाहत हस?” \p \v 20 ओह कहिस: “कुछू यहूदीमन एका करे हवंय कि ओमन तोर ले बिनती करहीं कि कल पौलुस ला धरम महासभा म लाने जावय, मानो धरम महासभा ह ओकर बारे म अऊ सही-सही बात जाने चाहत हवय। \v 21 पर तेंह ओमन के बात ला झन मानबे, काबरकि ओमा ले चालीस ले जादा मनखेमन पौलुस के घात म हवंय। ओमन ये कसम खाय हवंय कि जब तक ओमन पौलुस ला नइं मार डारहीं, तब तक ओमन न तो खाहीं अऊ न पीहीं। ओमन अभी तियार हवंय अऊ तोर हुकूम के बाट जोहत हवंय।” \p \v 22 तब सेनापति ह पौलुस के भांचा ला बिदा करिस, पर ओला चेताके कहिस, “कोनो ला झन कहिबे कि तेंह मोला ये बात बताय हवस।” \s1 पौलुस ला कैसरिया पठोय जाथे \p \v 23 तब सेनापति अपन दू झन अधिकारीमन ला बलाके हुकूम दीस, “दू सौ सैनिक, सत्तर घुड़सवार अऊ दू सौ बरछीधारी मनखेमन ला आज रथिया लगभग नौ बजे कैसरिया जाय बर तियार रखव। \v 24 पौलुस के सवारी बर घोड़ा रखव कि ओला राजपाल फेलिक्स करा सही-सलामत पहुंचा दिये जावय।” \p \v 25 ओह ये चिट्ठी घलो लिखिस: \pmo \v 26 महा परतापी, \pmo राजपाल फेलिक्स ला क्लौदियुस लुसियास के जोहार। \pm \v 27 ये मनखे ला यहूदीमन धरके के मार डारे चाहत रिहिन। पर जब मोला पता चलिस कि येह रोमी नागरिक ए, त मेंह सेना ले जाके येला छुड़ाके ले आएंव। \v 28 मेंह ये जाने बर चाहत रहेंव कि ओमन एकर ऊपर काबर दोस लगावत रिहिन। एकरसेति येला ओमन के धरम महासभा म ले गेंव। \v 29 तब मोला पता चलिस कि ओमन अपन कानून के बारे म कतको ठन सवाल ला लेके ओकर ऊपर दोस लगावत हवंय। पर मार डारे जावय या जेल म डारे जावय लईक ओमा कोनो दोस नइं ए। \v 30 जब मोला ये बताय गीस कि कुछू यहूदीमन ओकर बिरोध म एक सडयंत्र रचे हवंय, त मेंह तुरते ओला तोर करा पठो देंव। मेंह ओकर ऊपर दोस लगइयामन ला घलो हुकूम दे हवंव कि ओमन तोर आघू म एकर ऊपर नालिस करंय। \p \v 31 सैनिकमन ला जइसने हुकूम दिये गे रिहिस, ओमन वइसने करिन। ओमन पौलुस ला रातों-रात अंतिपतरिस सहर ले आईन। \v 32 ओकर आने दिन, ओमन घुड़सवारमन ला पौलुस के संग जाय बर छोंड़के, खुद गढ़ म लहुंट गीन। \v 33 घुड़सवारमन कैसरिया पहुंचके राजपाल फेलिक्स ला चिट्ठी दीन अऊ पौलुस ला घलो ओला सऊंप दीन। \v 34 राजपाल ह चिट्ठी ला पढ़के पुछिस, “ओह कोन प्रदेस के अय?” जब ओह जानिस कि पौलुस ह किलिकिया के अय, \v 35 त राजपाल ह ओला कहिस, “जब तोर ऊपर दोस लगइयामन इहां आहीं, तब मेंह तोर मामला ला सुनहूं।” तब ओह हुकूम दीस कि पौलुस ला हेरोदेस के महल म पहरा म रखे जावय। \c 24 \s1 फेलिक्स के आघू म मुकदमा \p \v 1 पांच दिन के बाद महा पुरोहित हनन्याह ह कुछू अगुवा अऊ तिरतुल्लुस नांव के एक वकील ला लेके कैसरिया आईस। ओमन राजपाल फेलिक्स के आघू म, पौलुस के बिरोध म दोस लगाईन। \v 2 जब पौलुस ला बलाय गीस, तब वकील तिरतुल्लुस ह फेलिक्स के आघू म दोस लगाके कहिस: “तोर सासन म हमन ला अब्बड़ सांति मिले हवय, अऊ तोर कुसल परबंध के कारन ये देस म कतको सुधार के काम होय हवय। \v 3 हे महा परतापी फेलिक्स! ये बात ला हमन हर जगह अऊ हर किसम ले धनबाद के संग सुवागत करत हवन। \v 4 मेंह तोर अऊ समय नइं लेय चाहत हवंव, पर मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि दया करके हमर दू-एक बातमन ला सुन ले। \p \v 5 “हमन ये मनखे ला उपदरव करइया अऊ संसार के जम्मो यहूदीमन म बलवा करइया पाय हवन। येह नासरीमन के दल के मुखिया ए। \v 6 अऊ त अऊ येह मंदिर ला असुध करे के कोसिस करे हवय, एकरसेति हमन येला बंदी बना लेंन। \v 7 हमन अपन कानून के मुताबिक एकर नियाय करे चाहत रहेंन, पर सेनापति लुसियास ह आके येला जबरन हमर करा ले लेय गीस अऊ एकर ऊपर दोस लगइयामन ला तोर करा पठोय हवय।\f + \fr 24:7 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \v 8 ये जम्मो बात ला, जेकर बारे म हमन एकर ऊपर दोस लगावत हन, तेंह खुद एकर जांच करके सच ला जान लेबे।” \p \v 9 आने यहूदीमन घलो वकील के संग सहमत होके कहिन कि ये जम्मो बात सही ए। \p \v 10 जब राजपाल ह पौलुस ला बोले बर इसारा करिस, त पौलुस ह जबाब दीस: “मेंह जानत हंव कि तेंह बहुंत साल ले ये देस के नियायधीस अस; एकरसेति, खुसी से मेंह अपन सफई देवत हंव। \v 11 तेंह आसानी से जान सकत हस कि बारह दिन ले जादा नइं होवत हवय, जब मेंह यरूसलेम ला अराधना करे बर गेंव। \v 12 यहूदीमन मोला न तो मंदिर म, न ओमन के सभा-घर म, न सहर म काकरो संग बिवाद करत या भीड़ लगावत पाईन। \v 13 अब ओमन जऊन बात के दोस मोर ऊपर लगावत हवंय, ओला तोर आघू म सच साबित नइं कर सकंय। \v 14 तभो ले मेंह मान लेवत हंव कि जऊन पंथ ला, ओमन कुपंथ कहत हवंय, ओकरे मुताबिक मेंह हमर पुरखामन के परमेसर के अराधना करथंव। जऊन बातमन कानून ले मेल खाथें अऊ अगमजानीमन के किताब म लिखे हवंय, ओ जम्मो बात ऊपर मेंह बिसवास करथंव, \v 15 अऊ मोर घलो ओमन सहीं परमेसर म आसा हवय कि धरमी अऊ अधरमी दूनों मरे के बाद फेर जी उठहीं। \v 16 एकरसेति मेंह हमेसा ये कोसिस करथंव कि परमेसर अऊ मनखेमन के आघू म मोर बिबेक ह साफ रहय। \p \v 17 “बहुंत साल के बाद, मेंह गरीबमन बर अपन मनखेमन के दान पहुंचाय अऊ मंदिर म भेंट चघाय बर यरूसलेम आय रहेंव। \v 18 जब यहूदीमन मंदिर म मोला ये करत पाईन, त रीति-बिधि के मुताबिक मेंह सुध रहेंव। मोर संग कोनो भीड़ नइं रिहिस अऊ मेंह कोनो दंगा नइं करत रहेंव। \v 19 पर एसिया प्रदेस के कुछू यहूदीमन रिहिन; यदि ओमन ला मोर बिरोध म कुछू कहना रिहिस, त इहां तोर आघू म आके ओमन ला मोर ऊपर दोस लगाना चाही। \v 20 या आज जऊन मन इहां हाजिर हवंय, ओमन खुद बतावंय कि जब मेंह धरम महासभा के आघू म ठाढ़े रहेंव, त ओमन मोर म का दोस पाईन? \v 21 एके ठन बात के छोंड़, जऊन ला मेंह ओमन के बीच म ठाढ़ होके चिचियाके कहे रहेंव कि मरे मनखेमन के जी उठे के बारे म, आज मोर तुम्हर आघू म मुकदमा चलत हवय।” \p \v 22 राजपाल फेलिक्स ह ये पंथ के बात ला ठीक-ठीक जानत रहय। ओह ओ मुकदमा ला टालके कहिस, “जब सेनापति लुसियास ह आही, त तुम्हर मामला के फैसला करहूं।” \v 23 ओह सेना के अधिकारी ला हुकूम दीस कि पौलुस ला हवालात म रखे जावय, पर ओला कुछू सुतंतरता दिये जावय अऊ ओकर संगीमन ला ओकर जरूरत के चीजमन के पूरती करे के अनुमति दिये जावय। \p \v 24 कुछू दिन के बाद, फेलिक्स ह अपन घरवाली दुरसिल्ला के संग आईस। दुरसिल्ला ह एक यहूदी रिहिस। फेलिक्स ह पौलुस ला बलाईस अऊ ओकर ले ओ बिसवास के बारे म सुनिस, जऊन ह मसीह यीसू म हवय। \v 25 पर जब पौलुस ह धरमीपन, संयम अऊ अवइया नियाय के बारे म चरचा करिस, त फेलिक्स ह डरा गीस अऊ कहिस, “अब तेंह जा। जब मऊका मिलही, त मेंह तोला फेर बलाहूं।” \v 26 फेलिक्स ला पौलुस ले घूस म कुछू रूपिया मिले के आसा घलो रहय, एकरसेति, ओह पौलुस ला घेरी-बेरी बलाय अऊ ओकर ले बात करय। \p \v 27 जब दू साल बीत गे, त फेलिक्स के जगह म पुरकियुस फेसतुस राजपाल बनिस। पर फेलिक्स ह यहूदीमन ला खुस करे चाहत रहय, ओकर सेति ओह पौलुस ला जेल म ही बंदी के रूप म छोंड़ गीस। \c 25 \s1 फेसतुस के आघू म मुकदमा \p \v 1 ओ प्रदेस म आय के तीन दिन के बाद, फेसतुस ह कैसरिया ले यरूसलेम सहर गीस? \v 2 जिहां मुखिया पुरोहितमन अऊ यहूदीमन के अगुवामन ओकर आघू म पौलुस के बिरोध म नालिस करिन। \v 3 ओमन फेसतुस ले बिनती करके, ये किरपा करे बर कहिन कि ओह पौलुस ला यरूसलेम सहर लाने के परबंध करवाय, काबरकि ओमन रसता म ही ओला मार डारे के उपाय करे रिहिन। \v 4 तब फेसतुस ह जबाब दीस, “पौलुस ला कैसरिया म एक कैदी के रूप म रखे गे हवय, अऊ मेंह खुद उहां जल्दी जवइया हंव। \v 5 तुम्हर कुछू अगुवामन मोर संग चलंय अऊ कहूं ओ मनखे ह कुछू गलत काम करे हवय, त ओकर ऊपर उहां दोस लगावंय।” \p \v 6 आठ-दस दिन ओमन के संग रहे के बाद, फेसतुस ह कैसरिया गीस। दूसर दिन ओह नियाय आसन म बईठिस अऊ पौलुस ला लाने के हुकूम दीस। \v 7 जब पौलुस ह आईस, त ओ यहूदी जऊन मन यरूसलेम ले आय रिहिन, ओमन ओकर आसपास ठाढ़ हो गीन अऊ ओकर ऊपर कतको किसम के दोस लगाईन, पर ओकर सबूत ओमन नइं दे सकिन। \p \v 8 तब पौलुस ह जबाब देके कहिस, “मेंह न तो यहूदीमन के कानून के अऊ न मंदिर के, अऊ न रोम के महाराजा के बिरोध म कुछू गलत काम करे हवंव।” \p \v 9 यहूदीमन ला खुस करे के बिचार ले, फेसतुस ह पौलुस ला कहिस, “का तोर यरूसलेम जाय के ईछा हवय कि उहां मोर आघू म, तोर ये मामला निपटाय जावय।” \p \v 10 पौलुस ह कहिस, “मेंह महाराजा के नियाय आसन के आघू म ठाढ़े हवंव। मोर मुकदमा के फैसला इहां होना चाही। मेंह यहूदीमन के बिरोध म कोनो गलत काम नइं करे हवंव, जऊन ला तेंह खुद जानथस। \v 11 तभो ले, कहूं मेंह दोसी अंव अऊ मार डारे जाय के लईक कुछू काम करे हवंव, त मेंह मरे बर नइं डर्रावंव, पर जऊन बातमन के येमन मोर ऊपर दोस लगावत हंय, यदि ओ बातमन सच नो हंय, त काकरो करा ये अधिकार नइं ए कि ओह मोला येमन के हांथ म सऊंप देवय। मेंह महाराजा करा अपील करत हंव।” \p \v 12 तब फेसतुस ह अपन सलाहकारमन के संग बिचार करे के बाद, पौलुस ला जबाब दीस, “तेंह महाराजा करा अपील करे हवस, त तेंह महाराजा करा जाबे।” \s1 फेसतुस ह राजा अगरिप्पा के संग सलाह-मसविरा करथे \p \v 13 कुछू दिन के बाद, राजा अगरिप्पा अऊ बिरनीके, कैसरिया म आईन अऊ फेसतुस ले भेंट करिन। \v 14 जब ओमन ला उहां रहे बहुंत दिन हो गे, तब फेसतुस ह पौलुस के बारे म राजा अगरिप्पा ला बताईस, इहां एक मनखे हवय, जऊन ला फेलिक्स ह कैदी छोंड़ गे हवय। \v 15 जब मेंह यरूसलेम गेंव, त मुखिया पुरोहितमन अऊ यहूदीमन के अगुवामन ओकर ऊपर दोस लगाईन अऊ मांग करिन कि ओला दंड दिये जावय। \p \v 16 “मेंह ओमन ला कहेंव कि येह रोमीमन के रिवाज नो हय कि कोनो मनखे ला दंड के खातिर सऊंप दिये जावय, जब तक कि ओला पहिली अपन ऊपर दोस लगइयामन के आघू म ठाढ़ होके अपन ऊपर लगे दोस के बारे म बयान देय के मऊका नइं मिल जावय। \v 17 जब ओमन इहां मोर संग आईन, तब मेंह बिगर देरी करे, ओकर आने दिन नियाय आसन म बईठें अऊ ओ मनखे ला लाने के हुकूम देंय। \v 18 जब ओकर ऊपर दोस लगइयामन बोले बर ठाढ़ होईन, त ओमन अइसने कोनो दोस नइं लगाईन, जइसने कि मेंह समझत रहेंव। \v 19 ओमन अपन धरम के बारे अऊ यीसू नांव के कोनो मनखे के बारे म बहस करत रिहिन, जऊन ह मर गे रिहिस, पर पौलुस ओला जीयत बतावत रिहिस। \v 20 मेंह उलझन म रहेंव कि ये बातमन के कइसने पता लगावंव, एकरसेति मेंह पौलुस ले पुछेंव, का तेंह यरूसलेम जाय के ईछा करथस कि उहां ये बातमन के फैसला हो सकय। \v 21 पर पौलुस ह अपन मुकदमा के फैसला महाराजा के इहां करे के अपील करिस। एकरसेति, मेंह हुकूम देवंय कि जब तक मेंह ओला महाराजा करा नइं पठोवंव, तब तक ओला पहरा म रखे जावय।” \p \v 22 राजा अगरिप्पा ह फेसतुस ला कहिस, “मेंह खुद ये मनखे के बात ला सुने चाहत हंव।” फेसतुस ह कहिस, “तेंह कल ओकर बात ला सुन सकथस।” \s1 पौलुस ह अगरिप्पा के आघू म \p \v 23 दूसर दिन अगरिप्पा अऊ बिरनीके बड़े ठाट-बाट के संग दरबार म आईन। ओमन के संग बड़े अधिकारी अऊ सहर के बड़े-बड़े मनखेमन रहंय। फेसतुस ह पौलुस ला लाने के हुकूम दीस। \v 24 फेसतुस ह कहिस, “हे राजा अगरिप्पा अऊ इहां हाजिर जम्मो मनखेमन! तुमन ये मनखे ला देखत हव, जेकर बारे म जम्मो यहूदीमन यरूसलेम म अऊ इहां कैसरिया म घलो चिचिया-चिचियाके मोर करा नालिस करे हवंय कि एकर अऊ जीयत रहई ठीक नो हय। \v 25 पर मेंह पता लगाके ये पायेंव कि येह अइसने कुछू नइं करे हवय कि येला मार डारे जावय। पर येह महाराजा करा अपील करे हवय, एकरसेति मेंह येला रोम पठोय के फैसला करेंव। \v 26 पर एकर बारे म मेंह महाराजा ला का लिखंव? मोला अइसने कोनो बात नइं सुझिस। एकरसेति मेंह येला तुम्हर जम्मो के आघू म अऊ बिसेस करके, हे राजा अगरिप्पा, तोर आघू म लाने हवंव ताकि येला जांचे के बाद, मोला लिखे बर कुछू मिलय। \v 27 काबरकि कैदी ला अइसने पठोना अऊ ओकर खिलाप लगे दोस ला नइं लिखना, मोला नियाय-संगत नइं लगत हे।” \c 26 \p \v 1 राजा अगरिप्पा ह पौलुस ला कहिस, “तोला अपन बारे म बोले के अनुमति हवय।” \p तब पौलुस ह अपन हांथ ले इसारा करिस अऊ अपन बचाव म ये किसम ले जबाब दीस, \v 2 “हे राजा अगरिप्पा! यहूदीमन जऊन बात के मोर ऊपर दोस लगावथें, आज तोर आघू म ओकर जबाब देय म, मेंह अपनआप ला भाग्यवान समझत हंव। \v 3 अऊ बिसेस करके एकरसेति कि तेंह यहूदीमन के जम्मो रीति-रिवाज अऊ बिवादमन ला बने करके जानथस। मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि धीरज धरके मोर बात ला सुन। \p \v 4 “मेंह लइकापन ले, अपन जिनगी के सुरूआत ले अब तक कइसने अपन देस म अऊ यरूसलेम म जीये हवंव, यहूदीमन ओ जम्मो ला जानत हवंय। \v 5 ओमन बहुंत समय ले मोला जानत हवंय, अऊ कहूं चाहंय, त ओमन गवाही घलो दे सकत हें कि मेंह एक फरीसी के रूप म हमर धरम के सबले कठोर पंथ के मुताबिक जिनगी बिताय हवंव। \v 6 अऊ अब येह मोर ओ आसा के कारन जेकर वायदा परमेसर ह हमर पुरखामन ले करे रिहिस, मोर ऊपर मुकदमा चलत हवय। \v 7 ओहीच वायदा के पूरा होय के आसा म, हमर बारह गोत्र के मनखेमन अपन जम्मो हिरदय ले दिन अऊ रात परमेसर के सेवा करत आय हवंय। हे राजा! इही आसा के कारन, यहूदीमन मोर ऊपर दोस लगावत हवंय। \v 8 तुमन येला काबर अबिसवास के बात समझत हव कि परमेसर ह मरे मनखे ला जियाथे? \p \v 9 “मेंह घलो ये समझत रहेंव कि यीसू नासरी के नांव के बिरोध म, जऊन कुछू हो सकथे, मोला करना चाही। \v 10 अऊ मेंह यरूसलेम म अइसनेच करेंव। मेंह मुखिया पुरोहितमन ले अधिकार पाके परमेसर के बहुंते मनखेमन ला जेल म डारेंव, अऊ जब ओमन मार डारे जावंय, त मेंह ओमन के बिरोध म अपन सहमती देवत रहेंव। \v 11 कतको बार मेंह ओमन ला सजा देवाय बर एक सभा-घर ले दूसर सभा-घर म गेंव, अऊ ओमन ले जबरन यीसू के निन्दा करवाय के कोसिस करेंव। ओमन के बिरोध म गुस्सा के मारे, मेंह ओमन ला सताय बर इहां तक कि दूसर देस के सहरमन म घलो गेंव। \p \v 12 “एही काम खातिर, मेंह मुखिया पुरोहितमन ले अधिकार अऊ हुकूम पाके दमिस्क सहर ला जावत रहेंव। \v 13 तब हे राजा! मंझन के बेरा, रसता म मेंह अकास ले एक अंजोर देखेंव, जऊन ह सूरज ले जादा चमकत रहय अऊ ओह मोर अऊ मोर संगीमन के चारों खूंट चमकिस। \v 14 हमन जम्मो भुइयां म गिर पड़ेंन, अऊ मेंह इबरानी म मोर ले ये कहत एक अवाज सुनेंव, ‘हे साऊल, हे साऊल, तेंह मोला काबर सतावत हस? नुकीला छड़ी म लात मारना तोर बर कठिन ए।’ \p \v 15 “तब मेंह पुछेंव, ‘हे परभू, तेंह कोन अस?’ \p “त परभू ह कहिस, ‘मेंह यीसू अंव, जऊन ला तेंह सतावत हस। \v 16 अब उठ अऊ अपन गोड़ म ठाढ़ हो जा। मेंह तोला एकर खातिर दरसन दे हवंव कि मेंह तोला ओ बातमन के सेवक अऊ गवाह बनावंव, जऊन ला तेंह मोर म देखे हवस अऊ जऊन ला मेंह तोला देखाहूं। \v 17 मेंह तोला इसरायली अऊ आनजातमन ले बचाहूं, जेमन करा मेंह तोला पठोवत हवंव। \v 18 मेंह तोला एकरसेति पठोवत हवंव कि तेंह ओमन के आंखी ला उघार अऊ ओमन ला अंधियार ले अंजोर कोति अऊ सैतान के सक्ति ले परमेसर कोति बहुर के लान, ताकि मोर ऊपर बिसवास करे के दुवारा ओमन ला पाप के माफी मिलय अऊ परमेसर के चुने मनखेमन के बीच म ओमन जगह पावंय।’ \p \v 19 “एकरसेति, हे राजा अगरिप्पा, मेंह ओ स्वरगीय दरसन के बात ला नइं टारंय। \v 20 पहिली मेंह दमिस्क म, तब यरूसलेम म अऊ जम्मो यहूदिया प्रदेस म, यहूदीमन ला अऊ आनजातमन ला घलो परचार करंय कि ओमन पाप ले मन फिरावंय अऊ परमेसर कोति लहुंटंय अऊ अपन काम के दुवारा मन-फिराय के सबूत देवंय। \v 21 एकरे कारन यहूदीमन मोला मंदिर म पकड़के मार डारे के कोसिस करिन। \v 22 पर परमेसर के मदद ले, मेंह आज इहां ठाढ़े हवंव अऊ छोटे-बड़े जम्मो ला बरोबर गवाही देवत हवंव। मेंह ओ बातमन ला छोंड़के, अऊ कुछू नइं कहत हंव जऊन ला अगमजानीमन अऊ मूसा ह घलो कहिस कि ये बातमन पूरा होवइया हवय— \v 23 कि मसीह ला दुख उठाय बर पड़ही, अऊ ओह सबले पहिली मरे मन ले जी उठही अऊ अपन यहूदी मनखे अऊ आनजातमन ला उद्धार के संदेस के परचार करही।” \p \v 24 जब पौलुस ह अपन बारे म अइसने जबाब देवत रिहिस, त फेसतुस ह ओला चिचियाके कहिस, “हे पौलुस, तेंह बइहा गे हवस। तोर बहुंते गियान ह तोला बइहा कर दे हवय।” \p \v 25 पौलुस ह कहिस, “हे महा परतापी फेसतुस, मेंह बइहा नो हंव। मेंह सच अऊ गंभीर बात कहत हंव। \v 26 राजा अगरिप्पा घलो ये बातमन ला जानत हवय। मेंह बिगर डरे ओला कह सकत हंव। मोला बिसवास हवय कि ये बातमन ओकर ले छुपे नइं एं, काबरकि ये बात ह अंधियार म नइं होय हवय। \v 27 हे राजा अगरिप्पा! का तेंह अगमजानीमन ऊपर बिसवास करथस? मेंह जानत हंव कि तेंह करथस।” \p \v 28 तब राजा अगरिप्पा ह पौलुस ला कहिस, “का तेंह सोचथस कि ये थोरकन समय म मोला मसीही बने बर राजी कर लेबे?” \p \v 29 पौलुस ह कहिस, “थोरकन समय या बहुंते समय म—मेंह परमेसर ले पराथना करत हंव कि तें ही नइं, पर जम्मो झन जऊन मन मोर बात ला सुनत हवंय, आज ही मोर सहीं बन जावंय। पर मेंह ये नइं चाहंव कि ओमन मोर सहीं कैदी बनंय।” \p \v 30 तब राजा अगरिप्पा, राजपाल, बिरनीके अऊ जऊन मन ओमन के संग बईठे रहंय, ओ जम्मो झन ठाढ़ हो गीन। \v 31 अऊ कमरा ले निकलके एक-दूसर ले गोठियावत ये कहिन, “ये मनखे ह अइसने कुछू नइं करे हवय, जेकर कारन येला मार डारे जावय या येला जेल म रखे जावय।” \p \v 32 तब राजा अगरिप्पा ह फेसतुस ला कहिस, “यदि ये मनखे ह रोमी महाराजा करा अपील नइं करे होतिस, त येला छोंड़े जा सकत रिहिस।” \c 27 \s1 पौलुस ह पानी जहाज म रोम जाथे \p \v 1 जब ये फैसला होईस कि हमन पानी जहाज म इटली देस जाबो, तब ओमन पौलुस अऊ कुछू आने कैदीमन ला यूलियुस नांव के एक सेना के अधिकारी के हांथ म सऊंप दीन, जऊन ह रोमी पलटन के रिहिस। \v 2 हमन अद्रमुतियुम के एक पानी जहाज म चघेंन, जऊन ह एसिया प्रदेस के तीर के बंदरगाहमन म जवइया रहय। हमन जहाज के लंगर ला समुंदर म खोल देंन। थिस्सलुनीके के एक मकिदूनी मनखे अरिसतर्खुस घलो हमर संग म रिहिस। \p \v 3 ओकर आने दिन हमन सीदोन म उतरेंन, अऊ यूलियुस ह पौलुस ऊपर दया करके ओला ओकर संगीमन करा जाय बर हुकूम दीस ताकि ओमन पौलुस के जरूरत के चीजमन के पूरती करंय। \v 4 तब उहां ले हमन फेर जहाज म चघेंन अऊ हवा ह हमर उल्टा दिग म बहे के कारन, हमन साइप्रस दीप के आड़ म होवत गेंन। \v 5 हमन किलिकिया अऊ पंफूलिया टापू के समुंदर तीर म ले होवत लूसिया प्रदेस के मूरा म उतरेंन। \v 6 सेना के अधिकारी ला उहां सिकन्दरिया के एक पानी जहाज मिलिस, जऊन ह इटली जावत रहय। ओह हमन ला ओही जहाज म चघा दीस। \v 7 हमन बहुंत दिन तक धीरे-धीरे चलत बड़े मुसकुल म कनिदुस नगर हबरेंन। हवा ह हमन ला आघू बढ़न नइं देवत रहय। एकरसेति, हमन सलमोने टापू के आघू म ले होवत क्रेते दीप के आड़ म चलेंन। \v 8 हमन तीरे-तीर चलत बड़े मुसकुल म सुभ लंगरबारी नांव के एक जगह म हबरेंन, जऊन ह लसया सहर के लकठा म रहय। \p \v 9 बहुंत दिन हो गे रिहिस अऊ समुंदर के यातरा के जोखिम बढ़ गे रहय, अऊ तब तक उपास के दिन घलो बीत गे रिहिस। एकरसेति पौलुस ह ओमन ला ये सलाह दीस, \v 10 “हे मनखेमन, मेंह देखत हंव कि हमर ये यातरा म बिपत्ति अवइया हवय अऊ न सिरिप जहाज अऊ माल के बहुंत नुकसान होही, पर हमन ला हमर परान के घलो हानि उठाना पड़ही।” \v 11 पर सेना के अधिकारी ह पौलुस के बात ला माने के बदले, कप्तान के बात अऊ जहाज के मालिक के बात ला मानिस। \v 12 ओ बंदरगाह ह जड़काला काटे बर ठीक नइं रिहिस, एकरसेति बहुंते मनखेमन ये कहिन कि जहाज ला खोलके यदि हो सकय, त फीनिक्स तक पहुंचे के कोसिस करे जावय अऊ उहां जड़काला काटे जावय। फीनिक्स ह क्रेते के एक बंदरगाह रिहिस, जऊन ह दक्खिन-पछिम अऊ उत्तर-पछिम अंग खुलथे। \s1 समुंदर म आंधी \p \v 13 जब हवा ह दक्खिन कोति ले धीरे-धीरे चले के सुरू होईस, त ओमन सोचिन कि ओमन जो चाहथें, ओह पूरा होही। ओमन जहाज ला खोल दीन अऊ क्रेते के तीरे-तीर चले लगिन। \v 14 पर थोरकन देर म, दीप ले एक बड़े आंधी उठिस जऊन ह उत्तर-पूरबी आंधी कहाथे। \v 15 आंधी ह जहाज ले टकराईस अऊ जब हवा के उल्टा जहाज ला चलाना असंभव हो गीस, त हमन कोसिस करे बर छोंड़ देंन, अऊ अइसने हवा म बोहावत चले गेंन। \v 16 कौदा नांव के एक छोटकन टापू के आड़ म जावत-जावत, हमन बड़े मुसकुल म जहाज के डोंगी ला संभालेंन। \v 17 मनखेमन ओला जहाज म रखिन अऊ जहाज ला संभाले बर ओकर चारों कोति दऊंरा बांध दीन। सुरतिस के बालू म जहाज के फंस जाय के डर म, ओमन जहाज के लंगर ला खाल्हे उतारिन अऊ जहाज ला अइसने हवा म चलन दीन। \v 18 आंधी ह भयंकर रूप से जहाज म टकराय लगिस, त दूसर दिन ओमन जहाज के माल ला फटिके लगिन। \v 19 तीसरा दिन ओमन अपन हांथ ले जहाज म लदे वजन नापे के मसीन ला फटिक दीन। \v 20 जब हमन ला कुछू दिन तक न सूरज अऊ न तारामन दिखिन अऊ लगातार भारी आंधी चलत रहय, त आखिर म हमन हमर बांचे के जम्मो आसा छोंड़ देंन। \p \v 21 जब मनखेमन बहुंत दिन तक खाना नइं खाईन, त पौलुस ह ओमन के आघू म ठाढ़ होके कहिस, “हे मनखेमन, यदि तुमन मोर बात ला सुनके जहाज ला क्रेते ले नइं खोले रहितेव, तब हमन ला ये बिपत अऊ हानि नइं उठाय पड़तिस। \v 22 पर अब मेंह तुमन ले बिनती करत हंव कि हिम्मत करव, काबरकि तुमन के काकरो परान के हानि नइं होवय, सिरिप जहाज ह नास होही। \v 23 काबरकि जऊन परमेसर के मेंह अंव अऊ जेकर मेंह सेवा करथंव, ओकर एक स्वरगदूत ह बीते रथिया मोर करा आके कहिस, \v 24 ‘हे पौलुस, झन डर। तोला महाराजा के आघू म ठाढ़ होना जरूरी ए, अऊ परमेसर ह अपन दया ले, ये जम्मो झन के जिनगी ला, जऊन मन तोर संग जावत हवंय, तोला दे हवय।’ \v 25 एकरसेति, हे मनखेमन हो, हिम्मत करव, काबरकि मोला परमेसर ऊपर बिसवास हवय कि जइसने ओह मोला कहे हवय, वइसनेच होही। \v 26 पर हमन ला कोनो टापू म पहुंचे बर पड़ही।” \s1 पानी जहाज ह डूब जाथे \p \v 27 चौदह रात हो गे, हमन अद्रिया समुंदर म भटकत फिरत रहेंन, तब आधा रथिया के करीब मांझीमन ला लगिस कि ओमन भुइयां के लकठा म आ गे हवंय। \v 28 ओमन पानी के थाह लगाईन, त ओमन एक सौ बीस फीट गहिरा पाईन। थोरकन देर बाद, ओमन फेर गहरई नापिन, त नब्बे फीट गहिरा पाईन। \v 29 तब ये डरके कि कहूं जहाज ह पथरा ले टकरा जाही, ओमन जहाज के पाछू के भाग म चार ठन लंगर डारिन अऊ दिन के अंजोर बर पराथना करे लगिन। \v 30 मांझीमन पानी जहाज ले भागे चाहत रहंय, एकरसेति ओमन जहाज के आघू म कुछू लंगर डारे के ओढ़र म, डोंगी ला समुंदर म उतार दीन। \v 31 तब पौलुस ह सेना के अधिकारी अऊ सैनिकमन ला कहिस, “कहूं ये मनखेमन जहाज ला छोंड़ दीन, त तुमन नइं बांचव।” \v 32 तब सैनिकमन डोंगी ले बंधे डोर ला काटके डोंगी ला गिरा दीन। \p \v 33 बिहान होय के पहिली, पौलुस ह ओ जम्मो झन ला खाना खाय बर समझाईस। ओह कहिस, “आज चौदह दिन हो गे, तुमन आस लगाय हवव अऊ अभी तक ले कुछू नइं खाय हवव। \v 34 मेंह तुमन ले बिनती करत हंव कि कुछू खा लेवव। जीयत रहे बर तुमन ला कुछू खाना जरूरी ए। तुमन के काकरो मुड़ के एको ठन बाल घलो बांका नइं होवय।” \v 35 ये कहिके पौलुस ह कुछू रोटी लीस अऊ जम्मो के आघू म परमेसर ला धनबाद दीस अऊ टोरके खावन लगिस। \v 36 ओमन जम्मो झन उत्साहित होईन अऊ कुछू खाना खाईन। \v 37 हमन जम्मो झन मिलके पानी जहाज म दू सौ छिहत्तर मनखे रहेंन। \v 38 जब खाना खाके ओमन के मन ह भर गे, त अनाज ला समुंदर म फटिकके जहाज ला हरू करन लगिन। \p \v 39 जब बिहनियां होईस, त ओमन ओ देस ला नइं चिन्हिन, पर ओमन ला एक रेतिला समुंदर के खाड़ी दिखिस, तब ओमन उहां जहाज ला टिकोय के फैसला करिन। \v 40 अऊ ओमन लंगरमन ला खोलके समुंदर म ओमन ला छोंड़ दीन अऊ संग म पतवारमन के डोर ला घलो खोल दीन अऊ हवा के आघू म पाल ला चघाके, ओमन समुंदर के तीर कोति चले लगिन। \v 41 जहाज ह बालू म फंसके अटक गे। जहाज के आघू के भाग ह बालू म धंस गीस अऊ आघू नइं बढ़िस, जबकि पाछू के भाग ह समुंदर के भयंकर लहरा ले टूटके कुटा-कुटा हो गीस। \p \v 42 तब सैनिकमन कैदीमन ला मार डारे के बिचार करिन, ताकि ओमा ले कोनो पानी म उतरके झन भाग सकय। \v 43 पर सेना के अधिकारी ह पौलुस ला बंचाय बर चाहत रहय, एकरसेति ओह ओमन ला अइसने करे बर मना करिस। ओह ये हुकूम दीस कि जऊन मन तउंर सकथें, ओमन पहिली जहाज ले कूदके तीर म हबरंय। \v 44 बांचे मनखेमन लकड़ी के पटिया या जहाज के टूटे चीजमन के सहारा लेके उहां हबरंय। ये किसम ले जम्मो झन भांठा म पहुंचके बांच गीन। \c 28 \s1 मिलिते दीप के तीर म \p \v 1 जब हमन बांचके तीर म आ गेंन, तब हमन ला पता चलिस कि ये दीप ला मिलिते कहे जाथे। \v 2 दीप के रहइया मनखेमन हमर ऊपर अब्बड़ दया करिन। पानी गिरत रहय अऊ जाड़ घलो लगत रहय, एकरसेति ओमन आगी बारिन अऊ हमर सुवागत करिन। \v 3 पौलुस ह लकड़ी के बोझा बटोरिस अऊ जब ओला आगी म डारत रिहिस, त एक ठन जहरिला सांप आगी के आंच पाके निकलिस अऊ पौलुस के हांथ म लपट गीस। \v 4 जब दीप के रहइया मनखेमन ओकर हांथ म सांप ला लपटे देखिन, त ओमन एक-दूसर ले कहिन, “ये मनखे ह सही म हतियारा ए। हालाकि येह समुंदर ले बांच तो गीस, पर नियाय ह ओला जीयन नइं दीस।” \v 5 पर पौलुस ह सांप ला आगी म झटकार दीस अऊ ओला कुछू नइं होईस। \v 6 मनखेमन ये आसा करत रहंय कि पौलुस के देहें ह फूल जाही या ओह अचानक गिरके मर जाही। पर बहुंत देर तक देखे के बाद घलो ओला कुछू नइं होईस, त ओमन के मन के बिचार बदल गीस अऊ ओमन कहिन, “येह तो कोनो देवता ए।” \p \v 7 लकठा म, ओ दीप के मुखिया के कुछू खेत रहय। मुखिया के नांव पुबलियुस रिहिस। ओह हमन ला अपन घर ले गीस अऊ तीन दिन तक हमर पहुनई करिस। \v 8 पुबलियुस के ददा ह बेमार रहय। ओला जर आवत रहय अऊ अब्बड़ बहिर फिरत रहय। पौलुस ह ओला देखे बर गीस अऊ पराथना करे के बाद ओकर ऊपर अपन हांथ रखिस अऊ ओला चंगा कर दीस। \v 9 जब अइसने होईस, त दीप के बाकि बिमरहामन घलो आईन अऊ चंगा हो गीन। \v 10 ओमन हमर बहुंत आदरमान करिन अऊ जब हमन जाय बर तियार होएंन, त यातरा बर हमन ला जऊन कुछू चीज के जरूरत रिहिस, ओ जम्मो चीज ओमन दीन। \s1 पौलुस ह रोम सहर म आथे \p \v 11 तीन महिना के बाद हमन सिकन्दरिया के एक पानी जहाज म चघेंन, जेकर आघू के भाग म जुड़वां-देवता दियुसकूरी के छाप रिहिस। ये जहाज ह ओ दीप म जड़काला काटत रिहिस। \v 12 हमन सुरकूसा सहर म हबरेंन अऊ उहां तीन दिन तक रूके रहेंन। \v 13 उहां ले हमन पानी जहाज म रेगियुम सहर पहुंचेंन। दूसर दिन दक्खिन दिग ले हवा चले लगिस अऊ ओकर आने दिन हमन पुतियुली सहर म आयेंन। \v 14 उहां हमन ला कुछू भाईमन मिलिन, जऊन मन हमन ला ओमन के संग एक हप्ता रूके बर कहिन। एकर बाद, हमन रोम सहर गेंन। \v 15 जब रोम म भाईमन हमर आय के बारे म सुनिन, त ओमन हमर ले भेंट करे बर अप्पियुस के बजार अऊ तीन-सराय तक आईन। पौलुस ह ओ भाईमन ला देखके परमेसर ला धनबाद दीस अऊ उत्साहित होईस। \v 16 जब हमन रोम हबरेंन, त पौलुस ला एके झन रहे के अनुमति मिल गीस, पर एक झन सैनिक ओकर रखवारी करय। \s1 रोम म पौलुस के परचार \p \v 17 तीन दिन के बाद पौलुस ह यहूदीमन के अगुवामन ला बलाईस अऊ जब ओमन जूरिन, त ओमन ला कहिस, “ए मोर संगी यहूदीमन, मेंह हमर मनखेमन के बिरोध म या हमर पुरखामन के रीति-रिवाज के बिरोध म कुछू नइं करे हवंव। तभो ले मोला यरूसलेम म बंदी बनाके रोमीमन के हांथ म सऊंप दे गे हवय। \v 18 ओमन मोर ले पुछताछ करिन अऊ मोला छोंड़ दे बर चाहिन, काबरकि ओमन मिरतू-दंड के लईक मोर म कोनो दोस नइं पाईन। \v 19 पर जब यहूदीमन बिरोध करिन, त मेंह बाध्य होके महाराजा करा अपील करेंव, अइसने बात नो हय कि मेंह अपन मनखेमन ऊपर कोनो दोस लगाय चाहत रहेंव। \v 20 एकरे कारन मेंह तुमन ला बलाय हवंव कि तुमन ले मिलंव अऊ बातचीत करंव। काबरकि जेकर ऊपर इसरायल के मनखेमन आसा रखथें, ओकर खातिर मेंह ये संकली म जकड़े गे हवंव।” \p \v 21 ओमन पौलुस ला कहिन, “हमन ला तोर बारे म यहूदिया ले कोनो चिट्ठी नइं मिले हवय, अऊ न तो हमर संगी यहूदीमन ले कोनो इहां आके तोर बारे म कुछू बताय हवंय, अऊ न ही कुछू खराप बात कहे हवंय। \v 22 पर तोर का बिचार ए, हमन जाने बर चाहथन, काबरकि हमन जानथन कि जम्मो जगह मनखेमन ये पंथ के बिरोध म गोठियावत हवंय।” \p \v 23 तब ओमन पौलुस बर एक दिन ठहिराईन अऊ ओ दिन बहुंत मनखेमन ओ जगह म आईन जिहां पौलुस ह ठहिरे रिहिस। बिहनियां ले सांझ तक, ओह ओमन ला समझाईस अऊ परमेसर के राज के बारे म संदेस दीस। ओह मूसा के कानून अऊ अगमजानीमन के किताबमन ले यीसू के बारे म बतावत ओमन ला मनाय के कोसिस करिस। \v 24 कुछू मनखेमन ओकर बात ला मान लीन, पर कुछू मनखेमन बिसवास नइं करिन। \v 25 ओमन आपस म एक मत नइं होईन अऊ उहां ले जावन लगिन, जब पौलुस ह ये आखिरी बात कह लीस: “पबितर आतमा ह यसायाह अगमजानी के दुवारा तुम्हर पुरखामन ला सच कहे हवय: \q1 \v 26 “ ‘जा अऊ ये मनखेमन ला कह, \q1 “तुमन सुनत तो रहिहू, फेर कभू नइं समझहू; \q2 तुमन देखत तो रहिहू, फेर कभू नइं बुझहू।” \q1 \v 27 काबरकि ये मनखेमन के हिरदय ह कठोर हो गे हवय, \q2 येमन अपन कान ला बंद कर ले हवंय, \q2 अऊ अपन आंखी ला मुंद ले हवंय। \q1 नइं तो येमन अपन आंखीमन ले देखतिन, \q2 अपन कानमन ले सुनतिन, अपन हिरदय ले समझतिन, \q2 अऊ येमन मोर कोति फिरतिन \q1 अऊ मेंह ओमन ला चंगा कर देतेंव।’\f + \fr 28:27 \fr*\ft \+xt यसा 6:9, 10\+xt*\ft*\f* \p \v 28 “एकरसेति, मेंह चाहथंव कि तुमन जान लेवव कि परमेसर के उद्धार के संदेस आनजातमन करा पठोय गे हवय, अऊ ओमन येला सुनहीं!” \v 29 पौलुस के अइसने कहे के बाद, यहूदीमन आपस म बहुंत बिवाद करत उहां ले चल दीन।\f + \fr 28:29 \fr*\ft कुछू पुराना हस्तलिपि म ये पद नइं मिलय।\ft*\f* \p \v 30 पौलुस ह उहां पूरा दू साल\f + \fr 28:30 \fr*\ft ये दू साल (ए डी 60‑62) के दौरान, पौलुस ह कतको चिट्ठी लिखिस, जऊन म इफिसी, कुलुस्सी अऊ फिलिप्पी सहर के कलीसियामन ला लिखे चिट्ठी हवंय। येमा फिलेमोन ला लिखे चिट्ठी घलो हवय।\ft*\f* तक किराय के घर म रिहिस, अऊ ओह ओ जम्मो झन के सुवागत करय, जऊन मन ओकर ले मिले बर आवंय। \v 31 ओह निधड़क होके अऊ बिगर रोक-टोक के परमेसर के राज के परचार करय अऊ परभू यीसू मसीह के बारे म सिखोवय!