\id 1TI - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h 1 तीमुथियुस \toc1 तीमुथियुस के नांव पौलुस के पहिली चिट्ठी \toc2 1 तीमुथियुस \toc3 1 तीमु \mt1 तीमुथियुस \mt2 के नांव पौलुस के पहिली चिट्ठी \c 1 \po \v 1 में, पौलुस ह हमर उद्धार करइया परमेसर अऊ हमर आसा मसीह यीसू के हुकूम ले मसीह यीसू के प्रेरित अंव, \po \v 2 बिसवास म मोर पक्का बेटा तीमुथियुस, तोला मेंह ये चिट्ठी लिखत हवंव: \po हमर ददा परमेसर अऊ हमर परभू मसीह यीसू ले तोला अनुग्रह, दया अऊ सांति मिलत रहय। \s1 कानून के लबरा गुरूमन के बिरोध म चेतउनी \p \v 3 जइसने कि मेंह मकिदुनिया जावत बेरा तोर ले बिनती करे रहेंव कि तें इफिसुस म रहिके ओ कुछू मनखेमन ला हुकूम दे कि ओमन गलत बात झन सिखोवंय, \v 4 अऊ न ही ओमन कथा-कहानी अऊ अन्तहीन बंसावलीमन म मन लगावंय, जेकर ले बिवाद होथे। अइसने बात ले परमेसर के काम, जऊन ह बिसवास म अधारित हवय, नइं होवय। \v 5 ये हुकूम के उदेस्य ह मया अय, जऊन ह साफ मन, बने बिबेक अऊ निस्कपट बिसवास ले पईदा होथे। \v 6 कुछू मनखेमन ये बातमन ले भटकके बेकार के बात म मन लगाय हवंय। \v 7 ओमन चाहत हवंय कि मनखेमन ओमन ला मूसा के कानून के गुरू के रूप म जानंय, पर ओमन अपनेच बातमन ला नइं समझंय या ओ बात ला नइं जानंय, जेकर बारे म ओमन बहुंत जोर देके गोठियाथें। \p \v 8 हमन जानत हन कि मूसा के कानून ह बने ए, यदि मनखे ह ओकर सही उपयोग करय त। \v 9 हमन ये घलो जानत हन कि कानून ह बने मनखेमन बर नो हय, पर येह कानून टोरइया, निरंकुस, भक्तिहीन, पापी, अपबितर मनखे अऊ अधरमी, दाई-ददा के हतिया करइया, हतियारा, \v 10 छिनारी करइया, बेभिचारी, गुलाममन ला बेचइया या बिसोइया, लबरा अऊ लबरा गवाही देवइया अऊ सही उपदेस के बिरोध करइयामन बर अय। \v 11 एहीच ह परमधन्य परमेसर के महिमामय सुघर संदेस के मुताबिक ए, जऊन ला मोला सऊंपे गे हवय। \s1 पौलुस ऊपर परभू के अनुग्रह \p \v 12 मेंह अपन परभू मसीह यीसू के धनबाद करत हंव, जऊन ह मोला ताकत दे हवय अऊ मोला बिसवास के लईक समझके अपन सेवा बर ठहिराय हवय। \v 13 मेंह तो पहिली ओकर निन्दा करइया, अतियाचारी अऊ ओकर बेजत्ती करइया रहेंव, तभो ले परमेसर के दया मोर ऊपर होईस काबरकि मेंह ये जम्मो ला नासमझी अऊ अबिसवास म करेंव। \v 14 हमर परभू के अनुग्रह, ओ बिसवास अऊ मया के संग, जऊन ह मसीह यीसू म हवय, मोर ऊपर बहुंत अकन होईस। \p \v 15 ये बात सच ए अऊ पूरा माने अऊ बिसवास करे के लईक अय कि मसीह यीसू ह ये संसार म पापीमन के उद्धार करे बर आईस, जेमा सबले बड़े पापी मेंह अंव। \v 16 पर मोर ऊपर एकरसेति दया होईस कि मोर म, जऊन ह कि सबले बड़े पापी अंव, मसीह यीसू ह अपन पूरा सहनसीलता देखावय, ताकि जऊन मनखेमन मसीह ऊपर बिसवास करहीं अऊ परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाहीं, ओमन बर मेंह एक नमूना बनंव। \v 17 सदाकाल के राजा, अबिनासी, अनदेखे, सिरिप एकेच परमेसर के आदर अऊ महिमा जुग-जुग होवत रहय। आमीन। \p \v 18 हे बेटा तीमुथियुस, ओ अगम बात के मुताबिक, जऊन ह पहिली तोर बारे म कहे गे रिहिस, मेंह तोला ये हुकूम देवत हंव कि ओकर मुताबिक सही जिनगी म चलत रह, \v 19 अऊ बिसवास अऊ सही बिबेक म बने रह। कुछू मनखेमन येला नइं मानिन अऊ एकरसेति ओमन के बिसवास ह खतम हो गीस। \v 20 ओमन म हुमिनयुस अऊ सिकन्दर अंय, जेमन ला मेंह सैतान ला सऊंप दे हवंव, ताकि ओमन सीखंय अऊ परमेसर के निन्दा झन करंय। \c 2 \s1 अराधना के बारे म निरदेस \p \v 1 एकरसेति, सबले पहिली ये अनुरोध करत हंव कि बिनती, पराथना, निबेदन अऊ धनबाद जम्मो मनखे बर करे जावय— \v 2 राजा अऊ जम्मो ऊंच पद के मनखे बर ये करे जावय, ताकि हमन सांत अऊ सुख के जिनगी भक्ति अऊ पबितरता के संग जीयन। \v 3 येह बने बात ए अऊ येह हमर उद्धार करइया परमेसर ला भाथे। \v 4 ओह चाहथे कि जम्मो मनखेमन के उद्धार होवय अऊ ओमन सत के गियान ला जानंय। \v 5 काबरकि सिरिप एके परमेसर हवय अऊ परमेसर अऊ मनखेमन के बीच म एकेच बिचवई हवय, याने ओ मनखे मसीह यीसू, \v 6 जऊन ह जम्मो मनखेमन के पाप के छुटकारा खातिर अपनआप ला दे दीस अऊ ये गवाही ह ठीक समय म दिये गीस। \v 7 मेंह सच कहत हंव, लबारी नइं मारत हंव। एकरे खातिर, मेंह सुघर संदेस के परचारक, प्रेरित अऊ आनजातमन बर एक सच्चा अऊ बिसवासयोग्य गुरू ठहिराय गे हवंव। \p \v 8 एकरसेति मेंह चाहत हंव कि जम्मो जगह मनखेमन बिगर गुस्सा या बिवाद के, पबितरता के संग अपन हांथ ऊपर उठाके पराथना करंय। \v 9 मेंह ये घलो चाहत हंव कि माईलोगनमन संकोच अऊ बने आचरन के संग ठीक से कपड़ा पहिरंय, न कि बाल गुंथके या सोन या मोती या मंहगा कपड़ा ले अपनआप ला संवारंय, \v 10 पर भलई के काम करंय, जइसने कि ओ माईलोगनमन ला सोभा देथे, जऊन मन परमेसर के अराधना करे के घोसना करथें। \p \v 11 माईलोगन\f + \fr 2:11 \fr*\ft या \ft*\fqa घरवाली\fqa*\f* ला चुपेचाप अऊ पूरा अधीनता म रहिके सीखना चाही। \v 12 मेंह कोनो माईलोगन ला ये अनुमति नइं देवंव कि ओह सिखोय या मरद\f + \fr 2:12 \fr*\ft या \ft*\fqa ओकर घरवाला\fqa*\f* के ऊपर अधिकार रखय, पर ओह एकदम चुपेचाप रहय। \v 13 काबरकि आदम ह पहिली बनाय गीस अऊ ओकर बाद हवा बनाय गीस। \v 14 अऊ आदम ह बहकाय नइं गीस, पर माईलोगन ह बहकाय गीस अऊ पापिन बनिस। \v 15 पर माईलोगनमन लइका जने के दुवारा उद्धार पाहीं, यदि ओमन बने आचरन के संग बिसवास, मया अऊ पबितरता म बने रहंय। \c 3 \s1 पास्टर अऊ डीकन \p \v 1 ए बात सही ए: कहूं कोनो मनखे पास्टर बने चाहथे, त ओह बहुंत बढ़िया काम करे के ईछा करथे। \v 2 पास्टर ला बिलकुल निरदोस होना चाही। ओकर सिरिप एकेच घरवाली होवय। ओह संयमी, सुसील, सभ्य, पहुनई करइया अऊ बने गुरू होवय। \v 3 ओह पियक्कड़ या मारपीट करइया झन होवय, पर नम्र सुभाव के होवय। ओह न झगरा करइया अऊ न रूपिया-पईसा के लोभी होवय। \v 4 ओह अपन परिवार के सुघर परबंध करइया होवय, अऊ ओह ये देखय कि ओकर लइकामन पूरा आदरमान के संग ओकर बात मानंय। \v 5 (कहूं कोनो अपन खुद के परिवार के परबंध नइं कर सकय, त फेर ओह परमेसर के कलीसिया के खियाल कइसने रख सकथे?) \v 6 ओह नवां मसीही झन होवय, नइं तो ओला घमंड हो सकथे अऊ सैतान के सहीं दंड पा सकथे। \v 7 कलीसिया के बाहिर के मनखेमन म घलो ओकर बने नांव होना चाही, ताकि ओकर निन्दा झन होवय अऊ ओह सैतान के फांदा म झन फंसय। \p \v 8 एही किसम ले, डीकनमन ला घलो आदर के लईक होना चाही। ओमन ईमानदार होवंय अऊ पियक्कड़ अऊ नीच कमई के लोभी झन होवंय। \v 9 ओमन बिसवास के गहिरा सच ला सही बिबेक के संग थामे रहंय। \v 10 ओमन पहिली जरूर परखे जावंय अऊ यदि निरदोस निकलंय, त ओमन डीकन के रूप म सेवा करंय। \p \v 11 ओही किसम ले, डीकनमन के घरवालीमन\f + \fr 3:11 \fr*\ft यूनानी भासा के सबद “गुनाइका” (डीकन के घरवाली) के मतलब “माईलोगन” या “घरवाली” हो सकथे।\ft*\f* ला घलो आदर के लईक होना चाही। ओमन बक-बक करइया झन होवंय, पर संयमी अऊ जम्मो बात म बिसवास के लईक होवंय। \p \v 12 डीकन के सिरिप एक घरवाली होवय अऊ ओह अपन लइकामन के अऊ घर के सुघर परबंध करय। \v 13 जऊन मन बने सेवा करे हवंय, ओमन बने आदरमान पाथें अऊ मसीह यीसू म अपन बिसवास के दुवारा भरोसा के लईक समझे जाथें। \p \v 14 हालाकि मेंह तोर करा जल्दी आय के आसा करत हंव, तभो ले तोला ये बात लिखत हवंव, \v 15 ताकि कहूं मोर आय म देरी होवय, त तोला जानकारी होना चाही कि मनखेमन परमेसर के घराना म कइसने बरताव करंय अऊ ये परिवार ह जीयत परमेसर के कलीसिया ए, अऊ येह सच्चई के खंभा अऊ नीव ए। \v 16 ये बात म कोनो संका नइं ए कि परमेसर के भक्ति के भेद ह महान ए: \q1 ओह मनखे के रूप म परगट होईस, \q2 पबितर आतमा के दुवारा साबित करे गीस, \q1 स्वरगदूतमन ला दिखाई दीस, \q2 जाति-जाति म ओकर परचार होईस, \q1 जम्मो संसार म मनखेमन ओकर ऊपर बिसवास करिन, \q2 अऊ ओह महिमा म स्वरग ऊपर उठा लिये गीस। \c 4 \s1 तीमुथियुस ला निरदेस \p \v 1 पबितर आतमा ह साफ-साफ कहिथे कि अवइया समय म कुछू मनखेमन बिसवास ला छोंड़ दीहीं अऊ धोखा देवइया आतमा अऊ परेत आतमामन के सिखोय बात ला मानहीं। \v 2 ये बातमन ढोंगी मनखेमन ले आथे, जऊन मन लबारी मारथें अऊ जेमन के बिबेक ह मर गे हवय, मानो ओह गरम लोहा ले दागे गे हवय। \v 3 ओमन मनखेमन ला बिहाव करे बर मना करथें अऊ कुछू खाय के चीजमन ला खाय बर मना करथें जऊन ला परमेसर ह एकरसेति बनाईस कि सत ला जाननेवाला बिसवासीमन, ये भोजन-बस्तु बर धनबाद के पराथना करंय अऊ ओला खावंय। \v 4 परमेसर के बनाय हर चीज ह बने ए, अऊ कोनो घलो चीज अस्वीकार करे के लईक नो हय, यदि ओला परमेसर ला धनबाद देके खाय जाथे। \v 5 काबरकि ओह परमेसर के बचन अऊ पराथना के दुवारा सुध हो जाथे। \p \v 6 कहूं तेंह बिसवासी भाईमन ला ये बातमन के सुरता कराथस, त तेंह मसीह यीसू के बने सेवक बनबे, जइसने कि तेंह परमेसर के बचन के बिसवास म पले-बढ़े अऊ सही सिकछा म चले हवस। \v 7 अपनआप ला अधरमी अऊ डोकरीमन के कथा-कहानी ले दूरिहा रख अऊ अपनआप ला आतमिक बात म अनुसासित कर। \v 8 सारीरिक कसरत करे ले कुछू फायदा होथे, पर भक्ति के साधना ले जम्मो बात म फायदा होथे, काबरकि येह ये जिनगी अऊ अवइया जिनगी दूनों के वायदा करथे। \v 9 ये बात सच ए अऊ हर किसम ले माने अऊ बिसवास करे के लईक ए। \v 10 एकरसेति हमन मेहनत अऊ संघर्स करथन, काबरकि हमर आसा ओ जीयत परमेसर ऊपर हवय, जऊन ह जम्मो मनखेमन के, अऊ बिसेस करके बिसवासीमन के उद्धार करइया अय। \p \v 11 ये बातमन के हुकूम दे अऊ सिखोय कर। \v 12 अइसने कर कि कोनो मनखे तोर जवानी के कारन, तोला तुछ झन समझय, पर बिसवासीमन खातिर अपन गोठ-बात, अपन जिनगी, अपन मया, बिसवास अऊ सुधता के दुवारा एक नमूना पेस कर। \v 13 जब तक मेंह नइं आ जावंव, तब तक अपनआप ला मनखेमन के आघू म परमेसर के बचन पढ़े, उपदेस करे अऊ सिखोय म लगाय रख। \v 14 अपन बरदान के खियाल रख, जऊन ह तोला एक अगमबानी के जरिये दिये गे रिहिस, जब अगुवामन अपन हांथ ला तोर ऊपर रखिन। \p \v 15 ये काममन ला करते रह; अऊ येमन खातिर अपनआप ला पूरा लगा दे, ताकि हर एक झन तोर बढ़ती ला देख सकंय। \v 16 अपन जिनगी अऊ अपन सिकछा ला बिसेस धियान दे। ओमा लगे रह, काबरकि यदि तेंह अइसने करबे, त तेंह, तोर अऊ तोर बात सुनइया, दूनों के उद्धार करबे। \c 5 \s1 बिधवा, अगुवा अऊ गुलाममन के बारे म सलाह \p \v 1 कोनो सियान मनखे ला झन डांट, पर ओला अपन ददा सहीं जानके समझा दे। जवानमन ला भाई, \v 2 डोकरी माईलोगनमन ला दाई अऊ जवान माईलोगनमन ला पूरा सुध मन ले बहिनी जानके ओमन के संग बरताव कर। \p \v 3 ओ बिधवामन के आदर कर, जऊन मन ला सही म मदद के जरूरत हवय। \v 4 कहूं कोनो बिधवा के लइका अऊ नाती-नतनीन हवंय, त ओमन ला अपन परिवार के देखरेख करे के दुवारा पहिली अपन धरम के काम ला पूरा करना चाही। ये किसम ले ओमन अपन दाई-ददा अऊ डोकरी-डोकरा दाई-ददामन के बदला चुकावंय, काबरकि ये काम ह परमेसर ला भाथे। \v 5 ओह सही बिधवा ए, जेकर कोनो नइं ए अऊ जऊन ह परमेसर ऊपर भरोसा रखथे अऊ रात-दिन पराथना म लगे रहिथे अऊ परमेसर ले मदद मांगथे। \v 6 पर ओ बिधवा, जऊन ह भोग-बिलास म जिनगी बिताथे, ओह जीते-जीयत मर गीस। \v 7 ओमन ला हुकूम दे, ताकि ओमन निरदोस जिनगी जीयंय। \v 8 यदि कोनो अपन रिस्तेदार अऊ बिसेस करके अपन परिवार के देखरेख नइं करय, त एकर ले पता चलथे कि ओह मसीह के ऊपर बिसवास करे बर छोंड़ दे हवय, अऊ एक अबिसवासी ले घलो खराप हो गे हवय। \p \v 9 बिधवामन के सूची म, ओ बिधवा के नांव लिखे जावय, जेकर उमर साठ साल ले ऊपर हवय अऊ जऊन ह एके झन मनखे के घरवाली रहे हवय। \v 10 अऊ भलई के काम करे म ओकर बने नांव होवय—जइसने कि अपन लइकामन के पालन-पोसन करई, पहुनई करई, परमेसर के मनखेमन के गोड़ धोवई, जऊन मन मुसीबत म हवंय, ओमन के मदद करई अऊ अपनआप ला जम्मो किसम के बने काम म लगाय रखई। \p \v 11 पर जवान बिधवामन ला अइसने सूची म झन रख, काबरकि जब ओमन के सारीरिक भोग-बिलास के ईछा ह ओमन ला मसीह ले दूरिहा ले जाथे, त ओमन बिहाव करे चाहथें। \v 12 ये किसम ले ओमन दोसी होथें, काबरकि ओमन मसीह के संग करे अपन पहिली परतिगियां ला टोर देथें। \v 13 एकर अलावा, ओमन घर-घर जाके आलसी बन जाथें। अऊ सिरिप आलसी ही नइं बनंय, पर बक-बक करथें अऊ आने मन के काम म दखल देथें, ओ बातमन ला कहिके जऊन ला कि नइं कहना चाही। \v 14 एकरसेति, बने होतिस कि जवान बिधवामन बिहाव करंय अऊ लइका जनमावंय, अपन घर-बार ला संभालंय अऊ बईरी ला बदनाम करे के कोनो मऊका झन देवंय। \v 15 काबरकि कुछू बिधवामन पहिले ही बहकके सैतान के पाछू चलत हवंय। \p \v 16 कहूं कोनो बिसवासी माईलोगन के अइसने रिस्तेदार हवंय, जऊन मन बिधवा अंय, त ओह ओमन के मदद करय ताकि ओमन के बोझा कलीसिया ऊपर झन होवय अऊ कलीसिया ह आने मन के मदद कर सकय, जऊन मन सही म बिधवा अंय। \p \v 17 ओ अगुवा जऊन मन कलीसिया के बने काम करथें, ओमन दू गुना आदर के लईक समझे जावंय, बिसेस करके जऊन मन परमेसर के बचन के परचार अऊ सिखोय के काम करथें। \v 18 काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “दंवरी म चलत बईला के मुहूं ला झन बांधव”\f + \fr 5:18 \fr*\ft \+xt ब्यव 25:4\+xt*\ft*\f* अऊ “बनिहार ला ओकर बनी मिलना चाही।”\f + \fr 5:18 \fr*\ft \+xt लूका 10:7\+xt*\ft*\f* \v 19 कहूं कोनो मनखे ह कोनो अगुवा ऊपर दोस लगाथे, त बिगर दू या तीन गवाह के ओकर झन सुने कर। \v 20 जऊन मन पाप करथें, ओमन ला जम्मो के आघू म डांट, ताकि आने मन पाप करे बर डरंय। \v 21 परमेसर, मसीह यीसू अऊ चुने स्वरगदूतमन ला हाजिर जानके, मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि ये बातमन ला बिगर काकरो तरफदारी के माने कर अऊ कोनो काम म पखियपात झन कर। \p \v 22 कोनो मनखे ला परभू के सेवा खातिर चुने म जल्दबाजी करके ओकर ऊपर हांथ झन रख अऊ आने मन के पाप म भागीदार झन हो। अपनआप ला सुध बनाय रख। \p \v 23 सिरिप पानी झन पीये कर, पर अपन पेट खातिर अऊ बार-बार बेमार पड़े के कारन, थोरकन अंगूर के मंद घलो पीये कर। \p \v 24 कुछू मनखेमन के पाप ह साफ-साफ दिख जाथे अऊ ओमन के पाप ह ओमन ले पहिले नियाय बर पहुंच जाथे; पर आने मन के पाप ह बाद म दिखथे। \v 25 वइसनेच बने काममन साफ-साफ दिखथें अऊ कहूं साफ नइं घलो दिखंय, त ओमन सदाकाल तक छुपे नइं रह सकंय। \c 6 \p \v 1 जऊन मन गुलाम अंय, ओमन अपन मालिक ला बड़े आदर के लईक समझंय, ताकि परमेसर के नांव अऊ हमर सिकछा के निन्दा झन होवय। \v 2 जेमन के मालिकमन बिसवासी अंय, एकर खातिर ओमन अपन मालिक के आदर करे म कमी झन करंय कि ओमन संगी बिसवासी अंय। बल्कि ओमन ला अपन मालिकमन के अऊ बने सेवा करना चाही काबरकि जऊन मन सेवा के लाभ उठाथें, ओ मालिकमन संगी बिसवासी अऊ ओमन के मयारू अंय अऊ अपन गुलाममन के खुसी के खियाल रखथें। ये बात तेंह ओमन ला सिखोय अऊ समझाय कर। \s1 रूपिया-पईसा के लोभ \p ये बातमन ला, तें सिखोय अऊ समझाय कर। \v 3 कहूं कोनो आने किसम के उपदेस देथे अऊ हमर परभू यीसू मसीह के सही निरदेस अऊ परमेसर के सिकछा ले सहमत नइं ए, \v 4 त ओह घमंडी हो गे हवय अऊ कुछू नइं जानय। ओह बाद-बिबाद अऊ परमेसर के बचन के बारे झगरा करे म बेकार के रूचि रखथे, जेकर ले जलन, झगरा, निन्दा के बात, खराप भरम, \v 5 अऊ बिगड़े बुद्धि वाले मनखेमन के बीच म लगातार मतभेद पईदा होथे, जेमन कि सत ले दूरिहा हो गे हवंय। अऊ ओमन सोचथें कि परमेसर के भक्ति ह पईसा कमाय के रसता ए। \p \v 6 पर संतोस सहित परमेसर के भक्ति म जिनगी बितई ह बहुंत बड़े कमई ए। \v 7 काबरकि हमन ये संसार म कुछू नइं लाने हवन अऊ हमन इहां ले कुछू नइं ले जा सकन। \v 8 एकरसेति कहूं हमर करा भोजन अऊ कपड़ा हवय, त हमन ला ओहीच म संतोस रहना चाही। \v 9 जऊन मन धनी होय चाहथें, ओमन लालच म, अऊ फांदा म अऊ कतको किसम के मुरूख अऊ हानिकारक ईछा म फंसथें, जऊन ह मनखेमन ला बरबादी अऊ बिनास म बुड़ो देथे। \v 10 काबरकि रूपिया-पईसा ले मया करई ह जम्मो बुरई के जरी अय। कुछू मनखेमन रूपिया-पईसा के लोभ म पड़के बिसवास ले भटक गे हवंय अऊ अपनआप ला नाना किसम के दुख म डार दे हवंय। \s1 तीमुथियुस ला पौलुस के निरदेस \p \v 11 पर, हे परमेसर के जन, तेंह ये जम्मो चीज ले दूरिहा रह अऊ धरमीपन, भक्ति, बिसवास, मया, सहनसीलता अऊ नमरता के काम म अपन मन ला लगाय रख। \v 12 बिसवास के बने लड़ई लड़त रह अऊ परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी ला थामे रह, काबरकि एकरे बर तोला बलाय गे रिहिस, जब तेंह कतको गवाहमन के आघू म अपन बिसवास के सही गवाही देय रहय। \v 13 परमेसर ला हाजिर जानके, जऊन ह जम्मो ला जिनगी देथे अऊ मसीह यीसू ला हाजिर जानके, जऊन ह पुन्तियुस पीलातुस के आघू म निडर होके गवाही दीस, मेंह तोला हुकूम देवत हंव \v 14 कि तेंह हमर परभू यीसू मसीह के परगट होवत तक, ये हुकूम ला निस्कलंक अऊ सही-सही मानत रह। \v 15 यीसू ला परमेसर ह अपन सही समय म परगट करही। परमेसर ह परमधन्य अऊ सिरिप एके सासक, राजामन के राजा अऊ परभूमन के परभू अय। \v 16 ओह एके झन अमर अय, ओह अगम-अपार अंजोर म रहिथे, जेला कोनो नइं देखे हवंय अऊ न कोनो ओला देख सकंय। ओकर आदर अऊ पराकरम जुग-जुग होवत रहय। आमीन। \p \v 17 ये संसार के धनवानमन ला हुकूम दे कि ओमन घमंडी झन होवंय अऊ नासमान धन ऊपर आसा झन रखंय, पर परमेसर ऊपर आसा रखंय, जऊन ह हमन ला आनंद मनाय बर हर चीज उदार मन ले देथे। \v 18 ओमन ला हुकूम दे कि ओमन भलई करंय अऊ भलई के काम म धनी बनंय अऊ ओमन उदार बनंय अऊ मदद करे बर तियार रहंय। \v 19 ये किसम ले ओमन अपन बर खजाना बटोरहीं, जऊन ह अवइया समय बर एक मजबूत नीव होही, अऊ तब ओमन ओ जिनगी म बने रह सकथें, जऊन ह कि सही के जिनगी ए। \p \v 20 हे तीमुथियुस, जऊन चीज ला तोर देखरेख म दिये गे हवय, ओकर रखवारी कर। अऊ जऊन गियान ला गियान कहना ही गलत ए, ओकर बिरोध के बात अऊ भक्तिहीन बातचीत ले दूरिहा रह। \v 21 काबरकि कुछू मनखेमन ये गियान ला मानके बिसवास ले दूरिहा हो गे हवंय। \b \b \p तोर ऊपर अनुग्रह होवत रहय।