\id 1CO - Biblica® Open Chhattisgarhi Contemporary Version \usfm 3.0 \ide UTF-8 \h 1 कुरिन्थुस \toc1 कुरिन्थुस के कलीसिया ला पौलुस के लिखे पहिली चिट्ठी \toc2 1 कुरिन्थुस \toc3 1 कुरि \mt1 कुरिन्थुस \mt2 के कलीसिया ला पौलुस के लिखे पहिली चिट्ठी \c 1 \po \v 1 पौलुस कोति ले जऊन ह परमेसर के ईछा ले मसीह यीसू के प्रेरित होय बर बलाय गे हवय अऊ हमर भाई सोसथिनेस कोति ले ये चिट्ठी, \po \v 2 परमेसर के ओ कलीसिया ला जऊन ह कुरिन्थुस सहर म हवय; कलीसिया याने कि ओमन जऊन मन कि मसीह यीसू म पबितर करे गे हवंय अऊ पबितर होय बर बलाय गे हवंय; अऊ संग म ओ जम्मो झन जऊन मन हर जगह हमर परभू यीसू मसीह के नांव लेथें। ओह ओमन के परभू अऊ हमर परभू घलो अय। \po \v 3 हमर ददा परमेसर अऊ परभू यीसू मसीह कोति ले तुमन ला अनुग्रह अऊ सांति मिलय। \s1 धनबाद \p \v 4 मेंह तुम्हर बर हमेसा परमेसर के धनबाद करथंव काबरकि ओह मसीह यीसू के जरिये तुमन ला अनुग्रह दे हवय। \v 5 मसीह म तुम्हर बिसवास के कारन तुमन ला हर एक बात म सम्पन्न करे गे हवय याने कि बचन बोले म अऊ जम्मो गियान म। \v 6 काबरकि मसीह के बारे म हमन जऊन गवाही दे हवन, ओह तुमन म पक्का हो गे हवय। \v 7 एकरसेति तुमन म कोनो आतमिक बरदान के घटी नइं ए, जब तुमन हमर परभू यीसू मसीह के परगट होय के बाट जोहथव। \v 8 ओह तुमन ला आखिरी तक मजबूत बनाय रखही, ताकि तुमन हमर परभू यीसू मसीह के दिन म निरदोस ठहिरव। \v 9 परमेसर ह बिसवासयोग्य अय अऊ ओह तुमन ला अपन बेटा याने हमर परभू यीसू मसीह के संगति म बलाय हवय। \s1 कलीसिया म फूट \p \v 10 हे भाईमन हो, मेंह तुमन ले हमर परभू यीसू मसीह के नांव म बिनती करत हंव कि तुमन जम्मो झन एक-दूसर के बात म सहमती रखव, ताकि तुम्हर बीच म फूट झन पड़य अऊ तुमन म एक मन अऊ एक बिचार के संग पूरा एकता रहय। \v 11 हे मोर भाईमन हो, खलोए के परिवार के कुछू मनखेमन मोला बताय हवंय कि तुम्हर बीच म झगरा होवत हवय। \v 12 मोर कहे के मतलब ये अय कि तुमन ले कोनो ये कहिथे, “मेंह पौलुस के अंव”; त कोनो कहिथे, “मेंह अपुल्‍लोस के अंव”; त कोनो कहिथे, “मेंह कैफा\f + \fr 1:12 \fr*\ft याने कि, पतरस\ft*\f* के अंव”; अऊ कोनो कहिथे, “मेंह मसीह के अंव।” \p \v 13 का मसीह के बांटा हो गे हवय? का पौलुस ह तुम्हर बर कुरूस ऊपर चघाय गीस? का तुमन पौलुस के नांव में बतिसमा ले हवव? \v 14 मेंह परमेसर के धनबाद करथंव कि क्रिसपुस अऊ गयुस के छोंड़, मेंह तुमन ले कोनो ला बतिसमा नइं दे हवंव। \v 15 एकरसेति कोनो नइं कह सकय कि तुमन मोर नांव म बतिसमा ले हवव। \v 16 (अऊ हां, मेंह स्तिफनास के परिवार ला घलो बतिसमा दे हवंव; एकर छोंड़, मोला सुरता नइं ए कि मेंह अऊ कोनो ला बतिसमा दे हवंव।) \v 17 काबरकि मसीह ह मोला बतिसमा दे बर नइं, पर सुघर संदेस के परचार करे बर पठोईस; अऊ ये सुघर संदेस के परचार मेंह संसारिक बुद्धि ले नइं करंय, ताकि मसीह के कुरूस के सक्ति ह बेकार झन होवय। \s1 मसीह ह परमेसर के बुद्धि अऊ सामर्थ ए \p \v 18 काबरकि जऊन मन भटक गे हवंय, ओमन बर कुरूस म मसीह के मिरतू के संदेस ह मुरूखता ए, पर हमन उद्धार पवइयामन बर येह परमेसर के सामर्थ ए। \v 19 काबरकि परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: \q1 “मेंह बुद्धिमान के बुद्धि ला नास करहूं; \q2 अऊ होसियारमन के होसियारी ला मेंह बेकार कर दूहूं।”\f + \fr 1:19 \fr*\ft \+xt यसा 29:14\+xt*\ft*\f* \p \v 20 कहां गीन गियानी मनखेमन? कहां गीन कानून के गुरूमन? अऊ ये पीढ़ी के बाद-बिबाद करइयामन कहां हवंय? परमेसर ह संसार के गियान ला मुरूख साबित कर दे हवय। \v 21 काबरकि परमेसर के गियान म ये बात साफ ए कि संसार के मनखेमन अपन गियान के दुवारा परमेसर ला नइं जानिन। परमेसर ह ओ मुरूखता के संदेस म खुस होईस, जेकर परचार हमन ओमन के उद्धार बर करथन, जऊन मन बिसवास करथें। \v 22 यहूदीमन चमतकार के काम देखाय के मांग करथें अऊ यूनानीमन गियान के खोज म रहिथें। \v 23 पर हमन तो मसीह के परचार करथन, जऊन ह कुरूस ऊपर चघाय गीस। येह अइसने संदेस ए, जऊन ह यहूदीमन बर ठोकर के कारन अऊ आनजातमन बर मुरूखता ए। \v 24 पर जऊन मन ला परमेसर ह बलाय हवय, चाहे ओमन यहूदी होवंय या यूनानी, ओमन बर मसीह ह परमेसर के सामर्थ अऊ परमेसर के बुद्धि अय। \v 25 काबरकि परमेसर के मुरूखता ह मनखेमन के गियान ले जादा बुद्धि के बात ए अऊ परमेसर के कमजोरी ह मनखेमन के बल ले जादा बलवान ए। \p \v 26 हे भाईमन हो, जरा सोचव, जब परमेसर ह तुमन ला बलाईस, त तुमन के का स्थिति रिहिस। तुमन ले बहुंत झन, मनखेमन के नजर म न तो बुद्धिमान रिहिन, न बहुंते मन परभावसाली अऊ न ही बहुंते मन ऊंच घराना के रिहिन। \v 27 पर परमेसर ह संसार के मुरूखमन ला चुनिस ताकि गियानी मनखेमन लज्जित होवंय; परमेसर ह दुरबलमन ला चुनिस ताकि बलवानमन लज्जित होवंय। \v 28 परमेसर ह संसार के नीच अऊ तुछ चीजमन ला चुनिस अऊ ओह ओ चीजमन ला चुनिस, जऊन मन कुछू नो हंय, ताकि ओह ओ चीजमन ला बेकार ठहिराय, जऊन ला मनखेमन बड़े महत्व के समझथें, \v 29 ताकि कोनो मनखे परमेसर के आघू म घमंड झन कर सकय। \v 30 परमेसर के कारन ही हमर संगति मसीह यीसू म हवय, जऊन ह हमर बर परमेसर ले बुद्धि बन गे हवय, जेकर दुवारा हमन धरमी अऊ पबितर ठहिरथन अऊ ओकर दुवारा हमर छुटकारा होथे। \v 31 एकरसेति, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: “जऊन ह घमंड करथे, ओह परभू के काम ऊपर घमंड करय।”\f + \fr 1:31 \fr*\ft \+xt यर 9:24\+xt*\ft*\f* \c 2 \p \v 1 हे भाईमन हो, जब मेंह तुम्हर करा परमेसर के गवाही के परचार करत आएंव, त मेंह एक बने बक्ता के रूप म या उत्तम गियान के संग नइं आएंव। \v 2 काबरकि जब मेंह तुम्हर संग रहेंव, त मेंह ये ठान ले रहेंव कि यीसू मसीह अऊ ओकर कुरूस ऊपर चघाय जाय के बात ला छोंड़ अऊ कोनो बात ला नइं जानंव। \v 3 मेंह तुम्हर करा निरबल मनखे के रूप म भय के संग अऊ बहुंत कांपत आएंव। \v 4 मोर संदेस अऊ परचार म गियान अऊ मोह लेवइया बात नइं रिहिस, पर येमा परमेसर के आतमा के सामर्थ के सबूत रिहिस, \v 5 ताकि तुम्हर बिसवास ह मनखेमन के बुद्धि के ऊपर नइं, पर परमेसर के सामर्थ ऊपर निरभर रहय। \s1 पबितर आतमा के दुवारा परमेसर के बुद्धि \p \v 6 तभो ले, हमन समझदार मनखेमन के बीच म गियान के बात जरूर बताथन, पर येह ये जुग के गियान या ये जुग म ओ सासन करइयामन के गियान नो हय, जऊन मन खतम हो जाहीं। \v 7 पर हमन परमेसर के गुपत बुद्धि के बारे म गोठियाथन, जऊन ह लुकाय गे रिहिस अऊ जऊन ला परमेसर ह संसार ला बनाय के पहिली हमर महिमा बर ठहिराय रिहिस। \v 8 ये जुग म सासन करइया कोनो घलो येला नइं समझिन, काबरकि यदि ओमन येला समझे रहितिन, त ओमन ओ महिमामय परभू ला कुरूस ऊपर चघाके नइं मारे होतिन। \v 9 पर जइसने परमेसर के बचन म ये लिखे हवय: \q1 “जऊन चीज ला कोनो मनखे नइं देखे हवंय, \q2 जऊन बात ला कोनो मनखे नइं सुने हवंय, \q1 अऊ जऊन बात ला कोनो मनखे समझ नइं सकिन,”\f + \fr 2:9 \fr*\ft \+xt यसा 64:4\+xt*\ft*\f* \q2 ओहीच बात ला परमेसर ह ओमन बर तियार करे हवय, जऊन मन ओकर ले मया करथें। \m \v 10 पर परमेसर ह ये बात ला अपन आतमा के दुवारा हमन ला बताय हवय। \p आतमा ह हर एक चीज ला खोज लेथे, अऊ त अऊ परमेसर के गहरई के बातमन ला घलो। \v 11 मनखेमन म कोन ए जऊन ह कोनो आने मनखे के मन के बात ला जानथे? सिरिप ओ मनखे के आतमा ही ओकरेच मन के बात ला जानथे। ओही किसम ले परमेसर के बातमन ला कोनो नइं जानय। सिरिप परमेसर के आतमा ही येला जानथे। \v 12 हमन संसार के आतमा नइं पाय हवन, पर हमन परमेसर के पठोय आतमा ला पाय हवन, ताकि हमन ओ बात ला समझ सकन, जऊन ला परमेसर ह हमन ला मुफत म दे हवय। \v 13 जऊन मन करा पबितर आतमा हवय, ओमन ला जब हमन आतमिक सच ला बताथन, त हमन मनखे के बुद्धि के दुवारा सिखोय बात ला नइं, पर पबितर आतमा के दुवारा सिखोय बातमन ला बताथन। \v 14 जऊन मनखे करा पबितर आतमा नइं ए, ओह ओ बातमन ला गरहन नइं करय, जऊन ह परमेसर के आतमा करा ले आथे, काबरकि ओ बातमन ओकर बर मुरूखता के बात अंय, अऊ ओमन ला ओह नइं समझ सकय, काबरकि ओ बातमन ला सिरिप ओह समझ सकथे, जेकर करा पबितर आतमा हवय। \v 15 जऊन मनखे करा पबितर आतमा हवय, ओह हर एक चीज ला सही या गलत रूप म परखथे, पर कोनो आने मनखे ओला परखे नइं सकंय। \v 16 काबरकि, \q1 “परभू के मन ला कोन ह जाने हवय \q2 कि ओह ओला सिखोवय?”\f + \fr 2:16 \fr*\ft \+xt यसा 40:13\+xt*\ft*\f* \m पर हमन करा मसीह के मन हवय। \c 3 \s1 कलीसिया म गुटबंदी \p \v 1 हे भाईमन हो, मेंह तुमन ले वइसने बात नइं कर सकेंव, जइसने मेंह आतमिक मनखेमन ले करथंव, पर मेंह तुमन ले वइसने बात करेंव, जइसने कि संसारिक मनखे अऊ जऊन मन मसीह के बिसवास म लइका एं, ओमन ले करे जाथे। \v 2 मेंह तुमन ला दूध पीयांय, ठोस आहार नइं खवांय, काबरकि तुमन एकर बर तियार नइं रहेव। वास्तव म, तुमन अभी घलो ठोस आहार बर तियार नइं अव। \v 3 तुमन अभी घलो संसारिक मनखे हव। जब तुमन एक-दूसर ले जलन रखथव अऊ तुमन एक-दूसर ले झगरा करथव, त का तुमन संसारिक मनखे नो हव? का तुमन सधारन मनखेमन सहीं नइं चलथव? \v 4 काबरकि जब एक झन कहिथे, “मेंह पौलुस के अंव” अऊ दूसर झन कहिथे, “मेंह अपुल्‍लोस के अंव”, त का तुमन सधारन मनखे नो हव? \p \v 5 अपुल्‍लोस ह कोन ए? अऊ पौलुस ह कोन ए? सिरिप परमेसर के सेवक, जेमन के दुवारा तुमन बिसवास म आय हवव, जइसने कि परभू ह हर एक ला ओकर काम सऊंपे हवय। \v 6 मेंह बीजा ला बोएंव, अपुल्‍लोस ह येमा पानी डारिस, पर परमेसर ह येला बढ़ाईस। \v 7 एकरसेति, न तो बोवइया अऊ न तो पानी डलइया कुछू अंय, पर सिरिप परमेसर के महत्व हवय, जऊन ह पऊधा ला बढ़ाथे। \v 8 जऊन ह बोथे अऊ जऊन ह पानी डारथे, ये दूनों के एकेच उदेस्य ए। परमेसर ह हर एक ला ओकर मेहनत के हिसाब ले ईनाम दीही। \v 9 काबरकि हमन परमेसर के सेवा म सहकरमी अन; तुमन परमेसर के खेत अऊ परमेसर के भवन अव। \p \v 10 परमेसर ह मोला अनुग्रह दीस अऊ ओ अनुग्रह के मुताबिक, मेंह एक कुसल घर बनइया के रूप म नीव डारेंव, अऊ आने मन ओकर ऊपर घर बनावत हवंय। पर हर एक झन सचेत रहय कि ओह कइसने घर बनावत हवय। \v 11 काबरकि पहिली ले एक नीव डारे गे हवय, जऊन ह यीसू मसीह ए, अऊ ये नीव के छोंड़ कोनो अऊ आने नीव नइं डार सकंय। \v 12 कहूं कोनो मनखे ये नीव ऊपर सोन, चांदी, कीमती पथरा, कठवा, कांदी या पैंरा डारके घर बनाथे, \v 13 त ओकर काम ह उजागर हो जाही; मसीह ह येला ओ दिन अंजोर म लानही, जब ओह लहुंटके आही। येह आगी के संग परगट करे जाही, अऊ आगी ह हर एक मनखे के काम ला परखही कि ओह कइसने हवय। \v 14 ये जांच म, कहूं ओ मनखे के काम ह बने रहिथे, त ओह ईनाम पाही। \v 15 पर कहूं ओकर काम ह जर जाथे, त ओला नुकसान होही; ओह खुद तो बच जाही, पर अइसने बचही, जइसने कोनो आगी म जरत-जरत बचथे। \p \v 16 का तुमन नइं जानव कि तुमन खुद परमेसर के मंदिर अव अऊ परमेसर के आतमा तुमन म बसथे। \v 17 यदि कोनो परमेसर के मंदिर ला नास करथे, त परमेसर ह ओला नास करही; काबरकि परमेसर के मंदिर ह तो पबितर ए, अऊ तुमन ओ मंदिर अव। \p \v 18 अपनआप ला धोखा झन देवव। कहूं तुमन ले कोनो ये संसार के सोच के मुताबिक अपनआप ला बुद्धिमान समझथे, त ओला मुरूख बन जाना चाही ताकि ओह सही म बुद्धिमान बन सकय। \v 19 काबरकि ये संसार के बुद्धि ह परमेसर के नजर म मुरूखता ए। जइसने कि परमेसर के बचन म ये लिखे हवय, “परमेसर ह बुद्धिमानमन ला ओहीचमन के चतुरई म फंसो देथे।”\f + \fr 3:19 \fr*\ft \+xt अयू 5:13\+xt*\ft*\f* \v 20 अऊ ये घलो लिखे हवय, “परभू ह जानथे कि बुद्धिमानमन के बिचार ह बेकार अंय।”\f + \fr 3:20 \fr*\ft \+xt भजन 94:11\+xt*\ft*\f* \v 21 एकरसेति मनखेमन ऊपर कोनो घमंड झन करय। जम्मो चीज ह तुम्हर ए, \v 22 चाहे ओह पौलुस ए या अपुल्‍लोस या कैफा\f + \fr 3:22 \fr*\ft याने कि, पतरस\ft*\f* या ये संसार या जिनगी या मिरतू या ये जुग या अवइया जुग—ये जम्मो ह तुम्हर ए, \v 23 अऊ तुमन मसीह के अव अऊ मसीह परमेसर के अय। \c 4 \s1 मसीह के प्रेरितमन \p \v 1 एकरसेति, मनखेमन हमन ला मसीह के सेवक अऊ परमेसर के भेद के बातमन के रखवार के रूप म जानंय। \v 2 अब ये बात के जरूरत हवय कि जऊन मन ला ये जिम्मेदारी देय गे हवय, ओमन अपनआप ला बिसवास के लईक साबित करंय। \v 3 यदि तुमन या कोनो अदालत मोला परखथे, त मेंह जादा धियान नइं देवंव। वास्तव म, मेंह खुद अपनआप ला नइं परखंव। \v 4 मोर बिबेक ह साफ हवय, पर एकर मतलब ये नो हय कि मेंह निरदोस अंव, काबरकि मोला परखइया तो परभू ए। \v 5 एकरसेति, ठहिराय गे समय के पहिली कोनो भी चीज ला झन परखव। परभू के आवत तक इंतजार करव। ओह अंधियार म छुपे बातमन ला अंजोर म लानही अऊ ओह मनखेमन के हिरदय के बात ला परगट करही। ओतकी बेरा हर एक झन परमेसर ले परसंसा पाही। \p \v 6 हे भाईमन, तुम्हर लाभ खातिर, मेंह ये बातमन म अपन अऊ अपुल्‍लोस के चरचा उदाहरन के रूप म करे हवंव, ताकि तुमन हमर ले ये कहावत के मतलब ला समझव, “परमेसर के बचन म लिखे बातमन ले बाहिर झन जावव।” तब तुमन एक मनखे ला छोंड़के आने के ऊपर घमंड नइं करहू। \v 7 कोन ह तुमन ला आने ले फरक करके बने मनखे बनाथे? तुम्हर करा जऊन कुछू हवय, ओह परमेसर के दुवारा दिये गे हवय। अऊ जब तुमन ला ये चीजमन मिले हवय, त तुमन काबर अइसने घमंड करथव, जइसने येमन परमेसर के दान नो हंय? \p \v 8 तुमन जऊन कुछू चाहथव, ओ जम्मो चीज तुम्हर करा पहिली ले हवय। तुमन पहिले ही धनी बन गे हवव। तुमन हमर बिगर राजा बन गे हवव। बने होतिस कि तुमन सहीच म राजा बन जातेव, ताकि हमन घलो तुम्हर संग राजा बन जातेंन। \v 9 काबरकि मोला अइसने लगथे कि परमेसर ह हमन ला सबले आखिरी म प्रेरित ठहिराय हवय अऊ ओ भी ओ मनखेमन सहीं, जऊन मन ला खुलेआम मिरतू-दंड के सजा सुनाय गे हवय। हमन स्वरगदूत अऊ मनखेमन के जम्मो संसार बर एक तमासा बन गे हवन। \v 10 हमन मसीह के खातिर मुरूख अन, पर तुमन मसीह म बहुंत बुद्धिमान अव। हमन दुरबल अन, पर तुमन बलवान अव। तुमन आदर पाथव, पर हमर अपमान होथे। \v 11 हमन ये बखत घलो भूखन अऊ पीयासन हवन, हमन फटहा-चीरहा कपड़ा पहिरे हवन, हमन मार खावथन, हमर करा रहे बर घर नइं ए। \v 12 हमन अपन हांथ ले कठोर मेहनत करथन। जब मनखेमन हमन ला गाली बकथें, त हमन ओमन ला आसीस देथन। जब हमर ऊपर अतियाचार करे जाथे, त हमन सह लेथन। \v 13 जब मनखेमन हमर बदनामी करथें, त हमन नरम अऊ सांत मन होके जबाब देथन। अभी हमन धरती के कुड़ा-कचरा सहीं संसार के बेकार चीज अन। \p \v 14 मेंह तुम्हर बेजत्ती करे बर ये बात नइं लिखत हवंव, पर अपन मयारू लइका जानके तुमन ला चेतावत हवंव। \v 15 हालाकि मसीह म तुम्हर संरछकमन हजारों मनखे हो सकथें, पर तुम्हर बहुंते ददा नइं एं, काबरकि सुघर संदेस के परचार करे के दुवारा मसीह यीसू म, मेंह तुम्हर ददा बन गेंव। \v 16 एकरसेति, मेंह तुम्हर ले बिनती करथंव कि तुमन मोर सहीं चाल चलव। \v 17 एकरे कारन, मेंह अपन मयारू बेटा तीमुथियुस ला तुम्हर करा पठोवत हवंव। ओह परभू म बिसवास के लईक अय। ओह तुमन ला, मसीह यीसू म मोर चालचलन के सुरता कराही अऊ जऊन बात, मेंह हर जगह कलीसिया म सिखोथंव, ओह मोर चालचलन ले मेल खाथे। \p \v 18 तुमन ले कुछू झन घमंडी हो गे हवंय, जइसने कि मेंह अब तुम्हर करा आबेच नइं करंव। \v 19 पर कहूं परभू के ईछा होही, त मेंह तुम्हर करा बहुंत जल्दी आहूं अऊ तब मेंह देखहूं कि ये घमंडी मनखेमन का गोठियावत हवंय अऊ ओमन करा का सक्ति हवय। \v 20 काबरकि परमेसर के राज ह बात करे के चीज नो हय, पर येह सामर्थ के बात ए। \v 21 तुमन का चाहथव? का मेंह तुमन बर सुंटी लेके सजा दे बर आवंव? या फेर मेंह तुम्हर करा मया अऊ दयालु आतमा म होके आवंव? \c 5 \s1 दुराचारी मनखे ला कलीसिया के संगति ले निकालव \p \v 1 ये बात बताय गे हवय कि तुम्हर बीच म छिनारी होवथे अऊ ओ भी अइसने किसम के छिनारी, जऊन ह आनजातमन म घलो नइं होवय: एक मनखे ह अपन ददा के घरवाली ला रख ले हवय। \v 2 अऊ तुमन घमंड करथव। तुमन ला तो एकर कारन ले दुखी होना चाही अऊ जऊन मनखे ह अइसने काम करे हवय, ओला अपन संगति ले निकाल बाहिर करना चाही। \v 3 हालाकि मेंह सारीरिक रूप म तुम्हर संग नइं अंव, पर आतमा म मेंह तुम्हर संग हाजिर हवंव अऊ अइसने सोचव कि मेंह उहां हाजिर होके, ओ मनखे के बिरोध म फैसला सुना चुके हवंव, जऊन ह अइसने काम करे हवय। \v 4 जब तुमन हमर परभू यीसू के नांव म जूरथव अऊ मेंह तुम्हर संग आतमा म हवंव अऊ हमर परभू यीसू के सामर्थ उहां हवय, \v 5 त ये मनखे ला सैतान के हांथ म सऊंप देवव, ताकि ओकर देहें ह नास हो जावय अऊ परभू के दिन म ओकर आतमा ह बच जावय। \p \v 6 तुम्हर घमंड करई ह ठीक नो हय। का तुमन नइं जानव कि थोरकन खमीर ह जम्मो गुंथाय पीसान ला खमीर कर देथे? \v 7 जुन्ना खमीर सहीं पाप ला अपन म ले निकाल दव, ताकि तुमन बिगर खमीर के नवां गुंथाय पीसान सहीं बिगर पाप के हो जावव—जइसने कि सही म तुमन हवव। काबरकि मसीह ह हमर बर बलिदान हो गे हवय, जऊन ह फसह के मेढ़ा-पीला ए। \v 8 एकरसेति आवव, हमन तिहार ला, ये जुन्ना खमीर के रोटी के संग झन मनई, काबरकि ये जुन्ना खमीर ह पाप अऊ दुस्टता ए। पर आवव, हमन बिगर खमीर के रोटी के संग तिहार ला मनई, काबरकि बिगर खमीर के रोटी ह ईमानदारी अऊ सच्चई ए। \p \v 9 मेंह अपन चिट्ठी म तुमन ला लिखे हवंव कि छिनार मनखेमन संग संगति झन करव। \v 10 मोर कहे के मतलब ये संसार के ओ मनखेमन नो हंय, जऊन मन अनैतिक, या लोभी अऊ धोखेबाज या मूरती-पूजा करइया अंय। काबरकि अइसने दसा म तो तुमन ला ये संसार ला छोड़ना पड़ जाही। \v 11 पर मोर लिखे के मतलब ये अय कि तुमन ओ मनखे के संग संगति झन करव, जऊन ह अपनआप ला भाई\f + \fr 5:11 \fr*\ft मसीह ऊपर बिसवास करइया\ft*\f* कहिथे, पर ओह छिनार या लोभी, मूरती-पूजा करइया या बदनामी करइया, पियक्कड़ या धोखेबाज ए। अइसने मनखे संग खाना घलो झन खावव। \p \v 12 कलीसिया के बाहिर के मनखेमन के बारे म नियाय करई मोर काम नो हय। पर कलीसिया के मनखेमन के नियाय करई तुम्हर काम ए। \v 13 परमेसर ह बाहिर के मनखेमन के नियाय करही। परमेसर के बचन म लिखे हवय, “कुकरमी मनखे ला अपन बीच ले निकाल दव।”\f + \fr 5:13 \fr*\ft \+xt ब्यव 13:5; 17:7; 19:19; 21:21; 22:21, 24; 24:7\+xt*\ft*\f* \c 6 \s1 बिसवासीमन के बीच म मुकदमा \p \v 1 यदि तुमन ले काकरो, अपन संगी बिसवासी के संग कोनो बिवाद हवय, त ओह अबिसवासीमन करा नियाय बर जाय के हिम्मत कइसने करथे, एकर बनिस्पत कि ओह संतमन\f + \fr 6:1 \fr*\ft परमेसर के मनखेमन या बिसवासीमन\ft*\f* ले ये झगरा के निपटारा करवाय? \v 2 का तुमन नइं जानव कि परमेसर के मनखेमन संसार के नियाय करहीं? अऊ जबकि तुमन ला संसार के नियाय करना हवय, त का तुमन छोटे-छोटे झगरा के निपटारा करे के लईक नो हव? \v 3 का तुमन नइं जानव कि हमन स्वरगदूतमन के नियाय करबो? त ये जिनगी के समस्या ला तुमन ला आसानी से निपटाना चाही। \v 4 एकरसेति, यदि तुम्हर बीच म अइसने बिवाद हवय, त का तुमन नियाय करे बर ओमन ला कहिहू, जेमन के चालचलन कलीसिया म सही नइं ए। \v 5 मेंह ये बात एकरसेति कहथंव कि तुमन ला कुछू तो सरम होवय। का ये हालत हो गे हवय कि तुम्हर बीच म अइसने कोनो बुद्धिमान मनखे नइं ए, जऊन ह बिसवासी भाईमन म झगरा के निपटारा कर सकय? \v 6 पर एकर बदले एक भाई ह दूसर भाई के बिरोध म अदालत जाथे अऊ अबिसवासीमन एकर नियाय करथें। \p \v 7 तुम्हर बीच म मुकदमा होथे; एकर मतलब ये अय कि तुमन पूरा हार मान ले हवव। असल म तुमन खुद अनियाय काबर नइं सहव? तुमन खुद हानि काबर नइं उठावव? \v 8 एकर बदले कि तुमन खुद अनियाय करथव अऊ हानि पहुंचाथव, अऊ ओ भी अपन भाईमन ला। \v 9 का तुमन नइं जानव कि दुस्ट मनखेमन परमेसर के राज के वारिस नइं हो सकंय? धोखा झन खावव। न तो छिनारी करइया, न मूरती-पूजा करइया, न दूसर के माईलोगन संग बेभिचार करइया, न पुरूस बेस्या, न समलैंगिक, \v 10 न चोर, न लोभी, न मतवार, न बदनामी करइया अऊ न तो धोखेबाजमन परमेसर के राज के वारिस होहीं। \v 11 तुमन ले कुछू मनखेमन अइसने रिहिन। पर परभू यीसू मसीह के नांव म अऊ हमर परमेसर के आतमा के दुवारा तुमन ला धोय गे हवय, तुमन ला पाप ले सुध करे गे हवय अऊ तुमन ला धरमी ठहिराय गे हवय। \s1 बेभिचार \p \v 12 “मोला कुछू भी चीज करे के अनुमति हवय”—पर हर चीज ह लाभ के नो हय। “मोला कुछू भी चीज करे के अनुमति हवय”—पर मेंह कोनो भी चीज के गुलाम नइं बनंव। \v 13 “भोजन ह पेट खातिर अऊ पेट ह भोजन खातिर अय”—पर परमेसर ह ये दूनों ला नास करही। देहें ह बेभिचार करे बर नो हय, पर परभू के सेवा करे बर अय अऊ परभू ह देहें के खियाल रखथे। \v 14 परमेसर ह अपन सामर्थ ले परभू ला मरे म ले जियाईस, अऊ ओह हमन ला घलो जियाही। \v 15 का तुमन नइं जानव कि तुम्हर देहें ह मसीह के अंग ए? त का मेंह मसीह के अंग ला लेके बेस्या के संग जोड़ंव? अइसने कभू नइं होवय। \v 16 का तुमन नइं जानव कि जऊन ह अपनआप ला एक बेस्या के संग जोड़थे, ओह ओकर संग म एकेच तन हो जाथे? काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “ओ दूनों एक तन होहीं।”\f + \fr 6:16 \fr*\ft \+xt उत 2:24\+xt*\ft*\f* \v 17 पर जऊन ह अपनआप ला परभू के संग जोड़थे, ओह ओकर संग आतमा म एक हो जाथे। \p \v 18 एकरसेति छिनारी करई ले दूर रहव। आने जम्मो पाप जऊन ला मनखे ह करथे, ओह ओकर देहें के बाहिर होथे, पर जऊन ह छिनारी करथे, ओह अपन खुद के देहें के बिरोध म पाप करथे। \v 19 का तुमन नइं जानव कि तुम्हर देहें ह पबितर आतमा के मंदिर ए, जऊन ह तुमन म रहिथे अऊ जऊन ला परमेसर ह तुमन ला दे हवय? तुमन अपन खुद के नो हव। \v 20 परमेसर ह दाम देके तुमन ला बिसाय हवय। एकरसेति, अपन देहें के दुवारा परमेसर के आदर करव। \c 7 \s1 बिहाव \p \v 1 अब मेंह ओ बातमन ला लिखत हंव, जेकर बारे म तुमन अपन चिट्ठी म पुछे हवव: एक आदमी बर येह बने बात ए कि ओह कोनो माईलोगन के संग सारीरिक संबंध झन बनावय। \v 2 पर छिनारी ले बचे बर, हर एक मनखे के अपन घरवाली अऊ हर एक माईलोगन के अपन घरवाला होवय। \v 3 घरवाला ह अपन घरवाली के बिहाव हक ला पूरा करय, अऊ वइसने घरवाली ह अपन घरवाला के हक ला पूरा करय। \v 4 घरवाली के देहें ऊपर सिरिप ओकर ही अधिकार नइं रहय, फेर येह ओकर घरवाला के घलो अय। ओही किसम ले घरवाला के देहें ह सिरिप ओकर अपन के ही नो हय, फेर येह ओकर घरवाली के घलो अय। \v 5 एक-दूसर के बिहाव हक ला झन मारव, पर सिरिप एक-दूसर के सहमती ले कुछू समय बर सारीरिक संबंध ला बंद रखव, ताकि तुमन अपन ओ समय ला पराथना म बीता सकव। तब फेर एक संग हो जावव ताकि तुम्हर धीरज म कमी के कारन, सैतान ह तुमन ला झन परख सकय। \v 6 मेंह ये बात तुम्हर भलई खातिर कहथंव, येह हुकूम नो हय। \v 7 मेंह चाहथंव कि जइसने मेंह हवंव, वइसने जम्मो मनखेमन रहंय। पर परमेसर ह हर एक मनखे ला अलग-अलग बरदान दे हवय; कोनो ला ये बरदान, त कोनो ला ओ बरदान। \p \v 8 पर मेंह अबिवाहित\f + \fr 7:8 \fr*\ft या \ft*\fqa जेकर घरवाली के मिरतू हो गे हवय\fqa*\f* अऊ बिधवामन ला ये कहथंव कि येह ओमन बर बने अय कि ओमन मोर सहीं अबिवाहित रहंय। \v 9 पर कहूं ओमन अपनआप ला संभाल नइं सकंय, त ओमन ला बिहाव कर लेना चाही, काबरकि कामातुर रहे के बदले बिहाव कर लेना उचित ए। \p \v 10 सादी-सुदा मनखेमन ला मेंह ये हुकूम देवत हंव (मेंह नइं, पर परभू ह हुकूम देवत हवय): घरवाली ह अपन घरवाला ला झन छोंड़य। \v 11 पर यदि ओह अपन घरवाला ला छोंड़ देथे, त ओह दूसर बिहाव झन करय या फेर ओह अपन घरवाला ले फेर मेल-मिलाप कर ले। अऊ घरवाला ह अपन घरवाली ला झन छोंड़य। \p \v 12 बाकि मनखेमन ला परभू ह नइं, पर मेंह कहथंव कि यदि कोनो भाई के घरवाली ह परभू ऊपर बिसवास नइं करय, पर ओह ओ भाई के संग रहे चाहथे, त ओ भाई ह ओला झन छोंड़य। \v 13 अऊ यदि कोनो माईलोगन के घरवाला ह परभू ऊपर बिसवास नइं करय, पर ओह ओ माईलोगन के संग रहे चाहथे, त ओ माईलोगन ह ओला झन छोंड़य। \v 14 काबरकि जऊन घरवाला ह परभू के ऊपर बिसवास नइं करय, ओह अपन बिसवासी घरवाली के जरिये पबितर हो जाथे, अऊ जऊन घरवाली ह परभू ऊपर बिसवास नइं करय, ओह अपन बिसवासी घरवाला के जरिये पबितर हो जाथे। नइं तो तुम्हर लइकामन असुध होतिन, पर अब ओमन पबितर हवंय। \p \v 15 पर जऊन मनखे ह परभू के ऊपर बिसवास नइं करय, यदि ओह छोंड़के चल देथे, त ओला जावन दव। अइसने दसा म बिसवासी भाई या बहिनी ऊपर कोनो बंधन नइं ए। परमेसर ह हमन ला सांति से रहे बर बलाय हवय। \v 16 हे घरवाली, तेंह कइसे जानत हस कि तेंह अपन घरवाला के उद्धार करा लेबे? या हे घरवाला, तेंह कइसे जानत हस कि तेंह अपन घरवाली के उद्धार करा लेबे? \p \v 17 हर एक मनखे ह जिनगी म वइसने ही चलय, जइसने परभू ह ओला दे हवय अऊ जइसे कि परमेसर ह ओला बलाय हवय। एहीच नियम ला मेंह जम्मो कलीसिया म बताथंव। \v 18 परमेसर के बलाय के पहिली जेकर खतना हो गे रिहिस, ओह खतनारहित झन बनय; अऊ परमेसर के बलाय के पहिली जेकर खतना नइं होय रिहिस, ओह खतना झन करावय। \v 19 न तो खतना ह कुछू अय अऊ न ही खतनारहित; पर परमेसर के हुकूम ला मानना ही जम्मो कुछू अय। \v 20 हर एक मनखे ला ओहीच दसा म रहना चाही, जऊन दसा म, ओह परमेसर के बलाय के बेरा म रिहिस। \p \v 21 यदि तेंह गुलाम रहय, जब परमेसर ह तोला बलाईस, त एकर फिकर झन कर। पर यदि तेंह गुलामी ले छुटकारा पा सकथस, त ओकर उपाय कर। \v 22 काबरकि जऊन ला परभू ह ओकर गुलामी के दसा म बलाईस, ओह परभू के दुवारा सुतंतर करे गे मनखे अय। ओहीच किसम ले जऊन ला सुतंतर दसा म बलाय गीस, ओह मसीह के गुलाम ए। \v 23 दाम देके तुमन ला बिसाय गे हवय; मनखेमन के गुलाम झन बनव। \v 24 हे भाईमन हो, हर एक मनखे परमेसर के संग ओ दसा म रहय, जऊन दसा म ओला बलाय गे रिहिस। \s1 अबिहातामन के बारे म \p \v 25 कुंवारीमन के बारे म, मोला परभू ले कोनो हुकूम नइं मिले हवय, पर परभू के दया ले एक बिसवासयोग्य मनखे के रूप म, मेंह अपन बिचार ला बतावत हंव। \v 26 अभी के संकट के कारन मेंह सोचथंव कि तुम्हर बर येह बने होही कि जइसने तुमन हवव, वइसने रहव। \v 27 कहूं तुमन सादी-सुदा अव, त अपन घरवाली ला छोंड़े के कोसिस झन करव, अऊ कहूं तुमन बिहाव नइं करे हवव, त बिहाव करे के बारे म झन सोचव। \v 28 पर कहूं तुमन बिहाव करथव, त येह पाप नो हय; अऊ कहूं कोनो कुंवारी कन्या ह बिहाव करथे, त ओह पाप नो हय। पर जऊन मन बिहाव करथें, ओमन ये जिनगी म बहुंत समस्या म पड़हीं, अऊ मेंह तुमन ला ये समस्या ले बचाय चाहथंव। \p \v 29 हे भाईमन हो, मोर कहे के मतलब ये अय कि जादा समय नइं ए। एकरसेति अब ले, जऊन मन सादी-सुदा अंय, ओमन अइसने रहंय जइसने कि ओमन के बिहाव नइं होय रिहिस। \v 30 जऊन मन दुख मनाथें; ओमन अइसने रहंय, जइसने ओमन ला कोनो दुख नइं रिहिस। जऊन मन खुस हवंय, ओमन अइसने रहंय जइसने ओमन खुस नइं रिहिन। जऊन मन कुछू बिसाथें, ओमन अइसने देखावंय जइसने कि ओ सामान ह ओमन के नो हय। \v 31 जऊन मन संसार के चीजमन के उपयोग करथें, ओमन अइसने रहंय जइसने कि ओमन ये चीजमन म मगन नइं रिहिन। काबरकि ये संसार के अभी जऊन दसा हवय, ओह बदलत जावत हवय। \p \v 32 में चाहथंव कि तुमन कोनो किसम के चिंता झन करव। जेकर बिहाव नइं होय हवय, ओह परभू के काम के फिकर म रहिथे कि ओह परभू ला कइसने खुस करय। \v 33 पर एक सादी-सुदा मनखे, ये संसार के काम के फिकर म रहिथे कि ओह अपन घरवाली ला कइसने खुस रखय, \v 34 अऊ ओकर मन ह एती-ओती होवत रहिथे। जऊन माईलोगन के बिहाव नइं होय हवय, ओह या एक कुंवारी ह परभू के काम के फिकर म रहिथे। ओकर उदेस्य ये रहिथे कि ओह अपन देहें अऊ आतमा दूनों के दुवारा परभू के सेवा म लगे रहय। पर सादी-सुदा माईलोगन ह ये संसार के काम के फिकर म रहिथे कि ओह अपन घरवाला ला कइसने खुस रखय। \v 35 मेंह ये बात तुम्हर भलई खातिर कहथंव, तुमन म बंधना डाले बर नइं। मेंह चाहथंव कि तुमन सही अऊ बने काम करव अऊ अपन हिरदय ला बिगर एती-ओती लगाय, पूरा अपनआप ला परभू के सेवा म दे दव। \p \v 36 यदि काकरो मंगनी हो गे हवय अऊ ओकर हाव-भाव ह ओ कुंवारी छोकरी के प्रति उचित नइं ए, अऊ यदि ओ छोकरी के जवानी ह ढरत जावथे अऊ ओ मनखे ह महसूस करथे कि ओला बिहाव कर लेना चाही, त ओला अइसनेच करना चाही। येह पाप नो हय। ओमन ला बिहाव कर लेना चाही। \v 37 पर ओ मनखे जऊन ह अपन मन म अटल बिचार कर ले हवय, अऊ ओला जरूरत नइं ए, अऊ ओह अपन ईछा ला काबू म रखथे, अऊ ओह अपन मन म ठान ले हवय कि ओह लड़की ले अभी बिहाव नइं करय, त ये मनखे घलो सही काम करथे। \v 38 एकरसेति, जऊन ह लड़की ले बिहाव करथे, ओह बने करथे, पर जऊन ह लड़की ले बिहाव नइं करय, ओह अऊ घलो बने करथे। \p \v 39 जब तक कोनो माईलोगन के घरवाला ह जीयत हवय, तब तक ओह ओकर ले बंधे हवय। पर यदि ओकर घरवाला ह मर जावय, त ओह जेकर ले चाहय, ओकर ले बिहाव करे बर सुतंतर ए, पर ओह परभू के ही मनखे होना चाही। \v 40 मोर बिचार म, ओह जादा खुस रहिही, यदि ओह जइसने हवय वइसनेच रहय, अऊ में सोचथंव कि परमेसर के आतमा ह मोर म घलो हवय। \c 8 \s1 मूरती म चघाय गे भोजन \p \v 1 अब मूरतीमन ला चघाय गे जेवन के बारे म: हमन जानथन कि हमन जम्मो झन करा गियान हवय। गियान ह घमंड ला लाथे, पर मया के दुवारा बढ़ती होथे। \v 2 यदि कोनो सोचथे कि ओह कुछू जानथे, त ओला जइसने जानना चाही, ओह अभी तक ले नइं जानथे। \v 3 पर जऊन ह परमेसर ले मया करथे, ओला परमेसर ह जानथे। \p \v 4 एकरसेति, मूरतीमन ला चघाय गे जेवन ला खाय के बारे म: हमन जानथन कि संसार म मूरती के कोनो सच्चई नइं ए, अऊ एके झन परमेसर ला छोंड़के अऊ कोनो परमेसर नइं ए। \v 5 हालाकि अकास म या धरती ऊपर बहुंते मन देवता कहाथें (अऊ जइसे कि वास्तव म ये किसम के बहुंते “देवता” अऊ बहुंते “परभू” हवंय), \v 6 पर हमर बर तो सिरिप एकेच परमेसर हवय याने कि परमेसर ददा जऊन ह जम्मो चीज ला बनाईस अऊ जेकर बर हमन जीयत हवन; अऊ सिरिप एकेच परभू हवय याने कि यीसू मसीह जेकर जरिये जम्मो चीजमन बनाय गीन अऊ जेकर जरिये हमन जीयत हवन। \p \v 7 पर हर एक झन ये बात ला नइं जानय। कुछू मनखेमन ला मूरतीमन के अइसने आदत हो गे हवय कि जब ओमन ये किसम के खाना ला खाथें, त येला मूरती ला चघाय खाना समझथें, अऊ ओमन के बिबेक ह कमजोर होय के कारन येह असुध ठहिरथे। \v 8 खाना ह हमन ला परमेसर के लकठा म नइं लानय। यदि हमन येला नइं खाथन, त कोनो नुकसान नइं होवय, अऊ यदि खाथन, त कुछू फायदा नइं होवय। \p \v 9 सचेत रहव, ताकि तुम्हर ये सुतंतरता के अधिकार ह बिसवास म कमजोर मनखे के पाप म गिरे के कारन झन बनय। \v 10 तुमन ला मूरती के मंदिर म खाय के बारे म गियान हवय, पर यदि कोनो कमजोर बिबेक वाला तुमन ला उहां खावत देखथे, त का ओह मूरती ला चघाय खाना ला खाय बर उत्साहित नइं होही। \v 11 ये किसम ले, ये भाई ह जेकर बिबेक ह कमजोर हवय अऊ जेकर बर मसीह ह मरिस, ओह तुम्हर गियान के कारन नास हो जाही। \v 12 जब तुमन ये किसम ले अपन भाई के बिरोध म पाप करथव अऊ ओमन के कमजोर बिबेक ला चोट पहुंचाथव, त तुमन मसीह के बिरोध म पाप करथव। \v 13 एकरसेति, यदि मोर कुछू खाय के कारन मोर भाई ह पाप म गिरथे, त मेंह मांस ला फेर कभू नइं खावंव ताकि मेंह ओकर पाप म गिरे के कारन झन बनंव। \c 9 \s1 प्रेरित के अधिकार \p \v 1 का मेंह सुतंतर नइं अंव? का मेंह प्रेरित नो हंव? का मेंह हमर परभू यीसू ला नइं देखे हवंव? का तुमन परभू म मोर काम के फर नो हव? \v 2 भले ही मेंह आने मन बर प्रेरित नो हंव, पर तुम्हर बर तो प्रेरित अंव। काबरकि एक प्रेरित के रूप म मेंह जऊन काम, परभू म करे हवंव, तुमन ओकर छाप अव। \p \v 3 जऊन मन मोला परखत हवंय, ओमन बर मोर ये जबाब अय। \v 4 का हमन ला खाय-पीये के अधिकार नइं ए? \v 5 का हमन ला ये अधिकार नइं ए कि कोनो बिसवासी बहिनी ले बिहाव करके, ओला अपन संग यातरा म लेके चलन, जइसने कि आने प्रेरित अऊ परभू के भाईमन अऊ कैफा\f + \fr 9:5 \fr*\ft याने कि, पतरस\ft*\f* करत हवंय? \v 6 या फेर सिरिप मोर अऊ बरनबास बर ये जरूरी अय कि हमन अपन भरन-पोसन बर काम करन? \p \v 7 कोन ह अपन खुद के खरचा ले सेना म सैनिक के काम करथे? कोन ह अंगूर के बारी लगाथे अऊ ओकर अंगूर ला नइं खावय? कोन ह पसुमन के झुंड के देखरेख करथे अऊ ओमन के दूध नइं पीयय? \v 8 का मेंह ये बात सिरिप मनखे के सोच के मुताबिक कहथंव? का मूसा के कानून घलो एहीच बात नइं कहय? \v 9 काबरकि मूसा के कानून म ये लिखे हवय: “दंवरी म चलत बईला के मुहूं ला झन बांधव।”\f + \fr 9:9 \fr*\ft \+xt ब्यव 25:4\+xt*\ft*\f* का येह बईला ए, जेकर बारे म परमेसर ह फिकर करथे? \v 10 का ओह हमर बारे म नइं कहत हवय? निस्चित रूप ले, येह हमर बर लिखे गे हवय, काबरकि नांगर जोतइया अऊ दंवरी चलइयामन ला, ये आसा म अपन काम ला करना चाही कि ओमन ला फसल के बांटा मिलही। \v 11 यदि हमन तुम्हर बीच म आतमिक बीज बोय हवन, अऊ तुम्हर ले संसारिक मदद लेथन, त का येह जादाती ए? \v 12 यदि आने मन तुम्हर ले ये मदद लेय के अधिकार रखथें, त का हमर अऊ घलो जादा हक नइं बनय? \p पर हमन ये अधिकार के उपयोग नइं करेंन। एकर बदले, हमन जम्मो बात ला सहे हवन ताकि हमन मसीह के सुघर संदेस के परचार म कोनो बाधा झन होवन। \v 13 का तुमन नइं जानव कि जऊन मन मंदिर म काम करथें, ओमन ला मंदिर म ले खाना मिलथे, अऊ जऊन मन बेदी म सेवा करथें, ओमन ला बेदी म चघाय गे चीज म ले बांटा मिलथे? \v 14 ओहीच किसम ले, परभू ह हुकूम दे हवय कि जऊन मन सुघर संदेस के परचार करथें, ओमन के भरन-पोसन सुघर संदेस म ले होवय। \p \v 15 पर मेंह येमा ले कोनो भी अधिकार के उपयोग नइं करेंव। अऊ मोर लिखे के ये मतलब नो हय कि तुमन मोर बर अइसने करव। काबरकि मेंह मर जाना पसंद करहूं, एकर बनिस्पत कि कोनो मोर ये घमंड ला बेकार समझय। \v 16 तभो ले जब मेंह सुघर संदेस के परचार करथंव, त येह मोर बर कुछू घमंड के बात नो हय, काबरकि परचार करे बर, मेंह बाध्य अंव। यदि मेंह सुघर संदेस के परचार नइं करंव, त मोर ऊपर धिक्कार ए। \v 17 यदि मेंह अपन ईछा ले परचार करथंव, त मोर बर एक ईनाम रखे हवय; पर यदि मेंह अपन ईछा ले येला नइं करंव, त मेंह सिरिप ओ जिम्मेदारी ला पूरा करत हंव, जऊन ला परभू ह मोला सऊंपे हवय। \v 18 तब का ए मोर ईनाम? सिरिप ये कि मेंह सुघर संदेस के परचार मुफत म करंव, अऊ एकर परचार करे म अपन अधिकार के उपयोग नइं करंव। \s1 पौलुस के अपन सुतंतरता के उपयोग करई \p \v 19 हालाकि मेंह कोनो मनखे के अधीन म नइं अंव, तभो ले मेंह अपनआप ला हर एक जन के दास बना ले हंव, ताकि जादा से जादा मनखेमन ला मेंह परभू बर जीत सकंव। \v 20 यहूदीमन बर मेंह यहूदी सहीं बन गेंव, ताकि यहूदीमन ला जीत सकंव। जऊन मन मूसा के कानून के अधीन म हवंय, ओमन बर मेंह मूसा के कानून के अधीन म रहे सहीं बनेंव (हालाकि मेंह कानून के अधीन नइं अंव), ताकि जऊन मन मूसा के कानून के अधीन म हवंय, ओमन ला परभू बर जीत सकंव। \v 21 जेमन करा मूसा के कानून नइं ए याने कि आनजातमन बर, मेंह आनजात सहीं बन गेंव ताकि मेंह आनजातमन ला परभू बर जीत सकंव। एकर मतलब ये नो हय कि मेंह परमेसर के कानून ला नइं मानंव; मेंह मसीह के कानून के अधीन म हवंव। \v 22 बिसवास म कमजोर मनखेमन बर, मेंह कमजोर बनेंव, ताकि कमजोर मनखेमन ला परभू बर जीत सकंव। मेंह जम्मो मनखे बर जम्मो कुछू बनेंव, ताकि कोनो भी किसम ले ओमा के कुछू मनखे के उद्धार करा सकंव। \v 23 मेंह सुघर संदेस के हित म, ये जम्मो काम करथंव ताकि एकर आसीस म भागीदार हो सकंव। \p \v 24 का तुमन नइं जानव कि दऊड़ म जम्मो झन दऊड़थें, पर सिरिप एके झन ला ईनाम मिलथे? एकरसेति अइसने दऊड़व कि तुमन ला ईनाम मिलय। \v 25 हर खिलाड़ी ह सीखे के समय म अपनआप ला बहुंत अनुसासन म रखथे। ओमन एक नासमान मुकुट ला पाय बर, अइसने करथें, पर हमन तो ओ मुकुट ला पाय बर काम करथन, जऊन ह सदाकाल तक रहिही। \v 26 एकरसेति, मेंह ओ मनखे सहीं नइं दऊड़ंव, जऊन ह बिगर कोनो उदेस्य के दऊड़थे; मेंह ओ मनखे सहीं नइं लड़ंव, जऊन ह हवा म मुक्का मारथे। \v 27 पर मेंह अपन देहें ला तकलीफ देथंव अऊ येला अपन बस म रखथंव, ताकि आने मन ला परचार करे के बाद, मेंह खुद ईनाम ले बंचित झन होवंव। \c 10 \s1 इसरायल के इतिहास ले चेतउनी \p \v 1 हे भाईमन हो, मेंह नइं चाहत हंव कि तुमन ये बात ले अनजान रहव कि हमर पुरखामन बादर के छइहां म रिहिन अऊ ओ जम्मो झन समुंदर के बीच म ले पार हो गीन। \v 2 मूसा के पाछू चलइया के रूप म, ओमन बादर म अऊ समुंदर म बतिसमा लीन। \v 3 ओ जम्मो झन एकेच आतमिक भोजन करिन; \v 4 अऊ जम्मो झन एकेच आतमिक पानी ला पीईन; काबरकि ओमन ओ आतमिक चट्टान म ले पीयत रिहिन, जऊन ह ओमन के संगे-संग चलत रिहिस अऊ ओ चट्टान ह मसीह रिहिस। \v 5 तभो ले परमेसर ह ओमा के जादातर मनखेमन ले खुस नइं रिहिस, एकरसेति ओमन सुनसान जगह म एती-ओती होके मर गीन। \p \v 6 ये बातमन हमर बर एक चेतउनी के रूप म अय, ताकि हमन, ओमन सहीं अपन मन ला खराप बात म झन लगावन। \v 7 मूरती-पूजा करइया झन बनव, जइसने कि ओमा के कुछू मनखेमन रिहिन। परमेसर के बचन म लिखे हवय: “मनखेमन खाय-पीये बर बईठिन अऊ उठके उछल-मंगल करे लगिन।”\f + \fr 10:7 \fr*\ft \+xt निर 32:6\+xt*\ft*\f* \v 8 हमन छिनारी झन करन जइसने कि ओमा के कुछू मनखेमन करिन अऊ एके दिन म ओमा ले तेईस हजार मनखे मर गीन। \v 9 हमन मसीह ला झन परखन, जइसने कि ओमा के कुछू मनखेमन करिन अऊ सांपमन के चाबे ले मर गीन। \v 10 तुमन झन कुड़कुड़ावव जइसने कि ओमा के कुछू मनखेमन करिन अऊ नास करइया स्वरगदूत के दुवारा मारे गीन। \p \v 11 जऊन बातमन ओमन के ऊपर होईस, ओह उदाहरन के रूप म रिहिस अऊ ओ बातमन ला हमर बर चेतउनी के रूप म लिखे गीस, काबरकि हमन ओ जुग म रहत हवन, जब संसार के अन्त होवइया हवय। \v 12 एकरसेति, यदि तुमन ये सोचथव कि तुमन बिसवास म मजबूत हवव, त सचेत रहव, ताकि तुमन पाप म झन गिर पड़व। \v 13 तुमन कोनो अइसने परिछा म नइं पड़े हवव, जऊन ह मनखे के सहे के बाहिर ए। परमेसर ह बिसवासयोग्य अय अऊ ओह तुमन ला तुम्हर सक्ति ले बाहिर परिछा म पड़न नइं देवय। पर जब तुमन परिछा म पड़ जावव, त ओह तुमन ला परिछा ले बाहिर निकले के उपाय घलो बताही, ताकि तुमन ओला सह सकव। \s1 मूरती-पूजा अऊ परभू भोज \p \v 14 एकरसेति, हे मोर मयारू संगीमन हो! मूरती-पूजा ले दूरिहा रहव। \v 15 मेंह तुमन ला बुद्धिमान मनखे जानके कहथंव; जऊन बात मेंह कहथंव, ओला तुमन खुदे परखव। \v 16 ओ धनबाद के कटोरा, जेकर बर हमन परमेसर ला धनबाद देथन, का येह मसीह के लहू म भागीदारी नो हय? अऊ जऊन रोटी ला हमन टोरथन, का येह मसीह के देहें म भागीदारी नो हय? \v 17 काबरकि एकेच रोटी ए; हमन हालाकि बहुंत झन हवन, पर हमन एकेच देहें अन, काबरकि हमन जम्मो झन ओ एकेच रोटी म भागी होथन। \p \v 18 इसरायली मनखेमन ला देखव: जऊन मन बलिदान म चघाय गे चीज ला खाथें, का ओमन बेदी म भागी नइं होवंय? \v 19 तब मोर कहे के का मतलब ए? का मूरती ला चघाय खाना ह कुछू ए, या मूरती ह कुछू ए? \v 20 कुछू घलो नइं। पर में कहथंव कि मूरती-पूजा करइयामन जऊन बलिदान चघाथें, ओमन परेत आतमामन ला चघाथें, परमेसर ला नइं, अऊ मेंह नइं चाहंव कि तुमन परेत आतमामन के संग भागीदार होवव। \v 21 तुमन परभू के कटोरा अऊ परेत आतमामन के कटोरा, दूनों म ले नइं पी सकव। तुमन परभू के भोज अऊ परेत आतमामन के भोज, दूनों म सामिल नइं हो सकव। \v 22 का हमन परमेसर के जलन ला भड़काय के कोसिस करत हन? का हमन ओकर ले जादा बलवान अन? \s1 बिसवासी के सुतंतरता \p \v 23 “मोला हर चीज करे के अनुमति हवय,” तुमन कहिथव—पर हर चीज ह लाभ के नो हय। “मोला हर चीज करे के अनुमति हवय”—पर हर चीज ले उन्नति नइं होवय। \v 24 हमन ला सिरिप अपन भलई ही नइं, पर आने मन के भलई घलो देखना चाही। \p \v 25 बजार म जऊन मांस बिकथे, ओला खावव अऊ बिबेक के कारन कोनो सवाल झन पुछव, \v 26 काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “धरती अऊ येमा के हर एक चीज परभू के अय।”\f + \fr 10:26 \fr*\ft \+xt भजन 24:1\+xt*\ft*\f* \p \v 27 यदि कोनो अबिसवासी तुमन ला खाय बर बलाथे, अऊ तुमन जाय बर चाहथव, त जऊन कुछू तुम्हर आघू म परोसे जाथे, ओला खावव अऊ बिबेक के कारन कोनो सवाल झन पुछव। \v 28 पर यदि कोनो तुमन ला बता देथे कि येह बलिदान म चघाय गे खाना अय; त ओ बतइया के सेति अऊ बिबेक के सेति, ओ खाना ला झन खावव। \v 29 मोर कहे के मतलब तुम्हर बिबेक नइं, पर आने मनखे के बिबेक। काबरकि मोर सुतंतरता ह आने मनखे के बिबेक दुवारा काबर परखे जावय? \v 30 यदि मेंह परमेसर ला धनबाद देके ओ खाना म सामिल होथंव, त ओकर बर मोर ऊपर काबर दोस लगना चाही? \p \v 31 एकरसेति, चाहे तुमन खावव या पीयव या जऊन कुछू घलो करव, ये जम्मो काम परमेसर के महिमा बर करव। \v 32 तुमन काकरो पाप म गिरे के कारन झन बनव, चाहे ओह यहूदी होवय या यूनानी होवय या परमेसर के कलीसिया। \v 33 जऊन कुछू मेंह करथंव, ओकर दुवारा मेंह हर एक मनखे ला खुस रखे के कोसिस करथंव। काबरकि मेंह अपन खुद के भलई नइं, पर बहुंते झन के भलई ला देखथंव कि ओमन उद्धार पावंय। \c 11 \nb \v 1 मोर चालचलन के नकल करव, जइसने मेंह मसीह के चालचलन के नकल करथंव। \s1 अराधना कइसने होना चाही \p \v 2 मेंह तुम्हर परसंसा करत हंव काबरकि तुमन हर एक बात म मोला सुरता करथव अऊ जऊन सिकछा मेंह तुमन ला देय रहेंव, ओकर मुताबिक चलथव। \v 3 अब मेंह चाहथंव कि तुमन ये बात ला जान लेवव कि हर आदमी के मुड़ मसीह ए, अऊ माईलोगन के मुड़ ह ओकर घरवाला ए अऊ मसीह के मुड़ ह परमेसर ए। \v 4 ओ मनखे जऊन ह अपन मुड़ ला ढांकके पराथना या अगमबानी करथे, ओह अपन मुड़ के अपमान करथे। \v 5 अऊ ओ माईलोगन जऊन ह अपन मुड़ ला बिगर ढांके पराथना या अगमबानी करथे, ओह अपन मुड़ के अपमान करथे—ये बात ह अइसने अय मानो ओह अपन बाल ला मुड़वा ले हवय। \v 6 यदि कोनो माईलोगन अपन मुड़ ला नइं ढांकय, त ओला अपन मुड़ ला मुड़वा लेना चाही; अऊ यदि माईलोगन बर ओकर बाल कटई या बाल मुड़वई कलंक के बात ए, त ओला अपन मुड़ ढांकना चाही। \p \v 7 आदमी ला अपन मुड़ नइं ढांकना चाही, काबरकि ओह परमेसर के सरूप अऊ महिमा ए, पर माईलोगन ह आदमी के महिमा ए। \v 8 आदमी ह माईलोगन ले बनाय नइं गीस, पर माईलोगन ह आदमी ले बनाय गीस; \v 9 अऊ आदमी ह माईलोगन बर बनाय नइं गीस, पर माईलोगन ह आदमी बर बनाय गीस। \v 10 एकरे कारन, अऊ स्वरगदूतमन के कारन, माईलोगन ला अपन मुड़ म अधिकार के चिनहां होना चाही। \v 11 तभो ले परभू म न तो माईलोगन ह आदमी ले अलग अय अऊ न ही आदमी ह माईलोगन ले अलग अय। \v 12 काबरकि जइसने माईलोगन ह आदमी ले बनाय गीस, वइसने आदमी ह घलो माईलोगन ले जनमे हवय। पर हर चीज परमेसर करा ले आथे। \p \v 13 तुमन खुदे फैसला करव: का कोनो माईलोगन बर येह उचित ए कि ओह बिगर मुड़ ढांके परमेसर ले पराथना करय? \v 14 सुभाविक रूप ले का तुमन नइं जानव कि यदि कोनो आदमी ह लम्बा बाल रखथे, त येह ओकर बर कलंक के बात ए, \v 15 पर यदि कोनो माईलोगन ह लम्बा बाल रखथे, त येह ओकर सोभा ए? काबरकि लम्बा बाल, ओला ढांके बर दिये गे हवय। \v 16 यदि कोनो एकर बारे म बहस करे चाहथे, त मेंह सिरिप ये कह सकथंव कि न तो हमर अऊ न ही परमेसर के कलीसियामन के कोनो आने रीति-रिवाज हवय। \s1 परभू भोज के बारे म निरदेस \p \v 17 अब जऊन बात मेंह तुमन ला लिखत हवंव, ओमा मेंह तुम्हर बड़ई नइं करंव, काबरकि कलीसिया के सभा म तुमन जूरथव, त भलई करे के बदले जादा नुकसान करथव। \v 18 पहिली बात, मेंह ये सुने हवंव कि जब तुमन एक कलीसिया के रूप म जूरथव, त तुम्हर बीच म दलबंदी दिखथे; अऊ मेंह ये बात ला कुछू हद तक बिसवास घलो करथंव। \v 19 येह जरूरी ए कि तुमन म दलबंदी होवय ताकि तुमन के बीच म जऊन मन सही अंय, ओमन के पहिचान होवय। \v 20 जब तुमन एक संग जूरथव अऊ जऊन चीज ला खाथव, ओह परभू भोज नो हय, \v 21 काबरकि हर मनखे ह दूसर ला अगोरे बिगर खा लेथे। कोनो तो भूखन रही जाथे अऊ कोनो मतवार हो जाथे। \v 22 खाय-पीये बर का तुम्हर घर नइं ए? या फेर तुमन परमेसर के कलीसिया ला तुछ समझथव अऊ जऊन मन करा कुछू नइं ए, ओमन के अपमान करथव। मेंह तुमन ला का कहंव? ये बात बर का मेंह तुम्हर बड़ई करंव? बिलकुल नइं। \p \v 23 काबरकि जऊन बात परभू ह मोला बताईस, ओला मेंह तुमन ला घलो बता देंव: जऊन रथिया परभू यीसू ला पकड़े गीस, ओ रथिया ओह रोटी लीस \v 24 अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ कहिस, “येह मोर देहें अय, जऊन ह तुम्हर बर अय। मोर सुरता म एही करे करव।” \v 25 खाना खाय के बाद, ओही किसम ले परभू ह कटोरा ला लीस अऊ कहिस, “ये कटोरा ह मोर लहू म नवां करार ए; जब कभू तुमन येला पीयव, त ये काम ला मोर सुरता म करे करव।” \v 26 काबरकि जब कभू तुमन ये रोटी ला खाथव अऊ ये कटोरा म ले पीथव, त तुमन परभू के मिरतू के परचार तब तक करथव, जब तक कि ओह फेर नइं आ जावय। \p \v 27 एकरसेति, जऊन ह गलत ढंग ले परभू के रोटी ला खाथे या ओकर कटोरा म ले पीथे, त ओह परभू के देहें अऊ लहू के बिरोध म पाप करे के दोसी ठहिरथे। \v 28 एकरसेति, हर एक झन रोटी ला खाय अऊ कटोरा म ले पीये के पहिली अपनआप ला जांचय। \v 29 काबरकि जऊन ह परभू के देहें के महत्व ला समझे बिगर, रोटी ला खाथे अऊ कटोरा म ले पीथे, ओह अपन ऊपर दंड लाथे। \v 30 एकरे कारन तुमन ले कतको झन दुरबल अऊ बेमार पड़े हवंय अऊ कतको झन तो मर घलो गे हवंय। \v 31 पर यदि हमन अपनआप ला जांचबो, त हमन सजा के भागी नइं होबो। \v 32 जब परभू ह हमन ला जांचथे-परखथे, त ओह हमर ताड़ना करथे ताकि हमन संसार के मनखेमन संग दोसी झन ठहिरन। \p \v 33 एकरसेति, हे मोर भाईमन हो, जब तुमन परभू भोज खाय बर जूरथव, त एक-दूसर खातिर अगोरव। \v 34 यदि कोनो ला भूख लगथे, त ओला घर म खा लेना चाही, ताकि जब तुमन जूरव, त ये बात ह दंड के कारन झन बनय। \p अऊ जब मेंह आहूं, त अऊ आने चीजमन के बारे म बताहूं। \c 12 \s1 आतमिक बरदान \p \v 1 हे भाईमन हो, मेंह चाहथंव कि तुमन ओ बरदानमन के बारे म जानव, जऊन ला पबितर आतमा देथे। \v 2 तुमन जानथव कि जब तुमन आनजात रहेव, त कोनो न कोनो किसम ले तुमन मूरतीमन के परभाव म रहेव अऊ ओमन के पाछू चलत रहेव, जऊन मन कि गोठियाय नइं सकंय। \v 3 एकरसेति, तुमन ये बात ला जान लेवव कि जऊन ह परमेसर के आतमा म होके गोठियाथे, ओह ये नइं कहय, “यीसू ह सरापित ए।” अऊ पबितर आतमा के अगुवई के बिगर कोनो ये नइं कह सकय, “यीसू ह परभू ए।” \p \v 4 कतको किसम के आतमिक बरदान हवय, पर एकेच पबितर आतमा हवय, जऊन ह ये बरदान देथे। \v 5 कतको किसम के सेवा हवय, पर एकेच परभू ए, जेकर सेवा हमन करथन। \v 6 काम करे के कतको तरीका हवय, पर एकेच परमेसर ह जम्मो काम ला करे के काबिल जम्मो मनखेमन ला बनाथे। \p \v 7 हर एक मनखे ला जम्मो के भलई करे बर पबितर आतमा के बरदान दिये जाथे। \v 8 एक झन ला पबितर आतमा ह बुद्धि के बात देथे, त ओहीच आतमा ह दूसर ला गियान के बात देथे। \v 9 कोनो ला ओहीच आतमा ह बिसवास, त कोनो ला ओहीच आतमा ले चंगा करे के बरदान मिलथे। \v 10 कोनो ला चमतकार के काम करे के, त कोनो ला अगमबानी करे के, त कोनो ला आतमामन ला परखे के, त कोनो ला अनजान भासा म गोठियाय के अऊ कोनो ला अनजान भासामन के अनुवाद करे के बरदान मिलथे। \v 11 ये जम्मो काम ला एकेच अऊ ओहीच पबितर आतमा ह करथे अऊ ओह जइसने चाहथे, वइसने हर एक मनखे ला ये बरदान बांट देथे। \s1 एक देहें अऊ बहुंते अंग \p \v 12 जइसने कि देहें ह एक अय अऊ एकर बहुंते अंग हवंय, अऊ ये जम्मो अंग मिलके एकेच देहें बनथे। वइसनेच बात, मसीह के संग घलो अय। \v 13 काबरकि हमन जम्मो झन ला एकेच पबितर आतमा के दुवारा, एकेच देहें होय बर बतिसमा मिलिस—चाहे ओमन यहूदी होवंय या यूनानी, चाहे गुलाम होवंय या सुतंतर मनखे; हमन जम्मो झन ला ओहीच पबितर आतमा दिये गे हवय। \v 14 देहें ह एक अंग ले नइं, फेर बहुंते अंग ले मिलके बने हवय। \p \v 15 कहूं गोड़ ह कहय, “मेंह हांथ नो हंव, एकरसेति मेंह देहें के नो हंव,” त एकर मतलब ये नइं होवय कि गोड़ ह देहें ले अलग हो जाथे। \v 16 अऊ कहूं कान ह कहय, “मेंह आंखी नो हंव, एकरसेति मेंह देहें के नो हंव,” त एकर मतलब ये नइं होवय कि कान ह देहें ले अलग हो जाथे। \v 17 कहूं जम्मो देहें ह एक ठन आंखी होतिस, त सुने के काम कइसने होतिस? यदि जम्मो देहें ह एक ठन कान होतिस, त फेर सुंघे के काम कइसने होतिस? \v 18 पर परमेसर ह जइसने उचित समझिस, वइसने हर अलग-अलग अंग ला देहें म रखिस। \v 19 कहूं ये जम्मो ह एके ठन अंग होतिस, त फेर देहें ह कहां होतिस? \v 20 पर जइसने कि येह हवय, अंग तो बहुंते हवंय, पर देहें ह एक अय। \p \v 21 आंखी ह हांथ ला नइं कहे सकय, “मोला तोर जरूरत नइं ए।” अऊ मुड़ ह गोड़ ला नइं कहे सकय, “मोला तोर जरूरत नइं ए।” \v 22 एकर उल्टा, देहें के जऊन अंगमन आने ले कमजोर दिखथें, ओमन बहुंत जरूरी अंय, \v 23 अऊ जऊन अंगमन ला हमन कम महत्व के समझथन, ओमन ला हमन जादा महत्व देथन। अऊ देहें के जऊन अंगमन जादा बने नइं दिखंय, हमन ओमन ला जादा धियान देथन, \v 24 जबकि हमर देहें के सुघर अंगमन ला जादा धियान देके जरूरत नइं ए। पर परमेसर ह देहें के अंगमन ला एक संग जोड़े हवय, अऊ जऊन अंगमन कम महत्व के रिहिन, ओमन ला ओह जादा महत्व दे हवय, \v 25 ताकि देहें के अंगमन म फूट झन पड़य, पर एकर अंगमन एक-दूसर बर बरोबर चिंता करंय। \v 26 कहूं एक अंग ह दुख पाथे, त ओकर संग जम्मो अंगमन दुख पाथें; अऊ कहूं एक अंग के बड़ई होथे, त जम्मो अंगमन ओकर संग खुसी मनाथें। \p \v 27 अब तुमन मसीह के देहें अव, अऊ तुमन के हर एक एकर अंग अय। \v 28 अऊ परमेसर ह कलीसिया म अलग-अलग मनखेमन ला ठहिराय हवय: पहिली प्रेरितमन ला, दूसरा अगमजानीमन ला, तीसरा गुरूमन, तब चमतकार के काम करइयामन, तब ओमन ला, जऊन मन करा चंगा करे के बरदान हवय, अऊ आने के मदद करइयामन, अऊ तब ओमन ला, जऊन मन ला सासन-परबंध करे के बरदान हवय अऊ आखिरी म नाना किसम के भासा बोलइयामन। \v 29 का जम्मो झन प्रेरित अंय? का जम्मो झन अगमजानी अंय? का जम्मो झन गुरू अंय? का जम्मो झन चमतकार के काम करथें? \v 30 का जम्मो झन करा चंगा करे के बरदान हवय? का जम्मो झन नाना किसम के भासा म गोठियाथें? का जम्मो झन नाना किसम के भासा के अनुवाद करथें? \v 31 पर तुमन बड़े ले बड़े बरदान पाय के धुन म रहव। \p पर अब मेंह तुमन ला सबले उत्तम बात बतावत हंव। \c 13 \s1 मया \p \v 1 कहूं मेंह मनखेमन अऊ स्वरगदूतमन के भासा म गोठियावंव, पर मया नइं रखंव, त मेंह सिरिप टनटनावत घंटा या फेर झनझनावत झांझ सहीं अंव। \v 2 कहूं मोर करा अगमबानी करे के बरदान हवय, अऊ मेंह जम्मो भेद अऊ जम्मो गियान के बात ला समझथंव, अऊ कहूं मोला इहां तक बिसवास हवय कि मेंह पहाड़मन ला घलो हटा सकथंव; पर मया नइं रखंव, त मेंह कुछूच नो हंव। \v 3 कहूं मेंह अपन जम्मो संपत्ति गरीबमन ला बांट देवंव अऊ अपन देहें ला जलाय बर दे दंव; पर मया नइं रखंव, त मोला कुछू फायदा नइं। \p \v 4 मया ह धीरज धरथे अऊ येह दयालु ए। मया ह जलन नइं रखय, येह डींग नइं मारय, अऊ येह घमंड नइं करय। \v 5 मया ह खराप बरताव नइं करय; येह अपन खुद के भलई नइं देखय, येह जल्दी गुस्सा नइं होवय; येह काकरो बात के बुरा नइं मानय। \v 6 मया ह कुकरम ले खुस नइं होवय, पर सच बात ले खुस होथे। \v 7 मया ह जम्मो बात ला सह लेथे, जम्मो बात ऊपर बिसवास करथे, जम्मो बात के आसा रखथे अऊ जम्मो बात म धीरज धरे रहिथे। \p \v 8 मया ह कभू खतम नइं होवय। अगमबानी बंद हो जाही; आने-आने भासा म गोठियाई बंद हो जाही; गियान ह खतम हो जाही। \v 9 काबरकि हमर गियान ह अधूरा हवय अऊ हमर अगमबानी ह अधूरा हवय, \v 10 पर जब सर्वसिद्ध आही, त अधूरापन ह मिट जाही। \v 11 जब मेंह लइका रहेंव, त लइकामन सहीं गोठियावत रहेंव, लइकामन सहीं सोचत रहेंव, अऊ मोर समझ ह लइकामन सहीं रिहिस। पर जब मेंह सियाना हो गेंव, त मेंह लइकापन के बात ला छोंड़ देंव। \v 12 अभी हमन ला दरपन म धुंधला दिखथे, पर बाद म हमन आमने-सामने देखबो। अभी मेंह पूरा नइं जानत हंव, पर बाद म मेंह पूरा जानहूं, जइसने कि परमेसर ह मोला पूरा जान गे हवय। \p \v 13 पर अब ये तीनों बचे हवंय: बिसवास, आसा अऊ मया। पर ये तीनों म सबले बड़े मया ए। \c 14 \s1 अगमबानी अऊ अनजान भासा के बरदान \p \v 1 मया म चलव अऊ आतमिक बरदानमन के धुन म रहव, खास करके अगमबानी करे के बरदान पाय के धुन म रहव। \v 2 कहूं कोनो अनजान भासा म बोलथे, त ओह मनखेमन ले नइं, पर परमेसर ले गोठियाथे, काबरकि ओकर बात ला कोनो नइं समझंय; ओह अपन आतमा म भेद के बात गोठियाथे। \v 3 पर जऊन ह अगमबानी करथे, ओह मनखेमन ले ओमन के उन्नति, उत्साह अऊ सांति के बात करथे। \v 4 जऊन ह अनजान भासा म गोठियाथे, ओह अपन खुद के मदद करथे, पर जऊन ह अगमबानी करथे, ओह कलीसिया के उन्नति म मदद करथे। \v 5 मेंह चाहथंव कि तुमन जम्मो झन अनजान भासा म गोठियावव, पर ओकर ले घलो जादा मेंह ये चाहथंव कि तुमन अगमबानी करव। काबरकि जऊन ह अनजान भासा म गोठियाथे, यदि ओह कलीसिया के उन्नति बर अनुवाद नइं करय, त फेर अगमबानी करइया के महत्व ओकर ले बढ़के अय। \p \v 6 एकरसेति, हे भाईमन हो, कहूं मेंह तुम्हर करा आके अनजान भासामन म गोठियावंव, अऊ तुम्हर ले नवां बात, या गियान या अगमबानी या उपदेस के बात नइं करंव, त फेर मोर ले तुमन ला का फायदा होही? \v 7 एहीच किसम ले ओ निरजीव बाजामन, जेमन ले अवाज निकलथे, जइसने कि बांसुरी या बीना; यदि येमन के स्वर म फरक नइं ए, त कोनो कइसने जानही कि का बाजा ह बजत हवय? \v 8 अऊ यदि बिगुल के अवाज ह साफ सुनई नइं देवय, त फेर कोन ह लड़ई बर तियार होही? \v 9 वइसनेच बात, तुम्हर संग घलो अय। यदि तुमन साफ-साफ बात नइं कहिथव, त फेर कोनो कइसने जानही कि तुमन का गोठियावत हव? तुमन तो हवा ले बात करइया होहू। \v 10 संसार म कतको किसम के भासा हवय; पर ओमा के कोनो घलो भासा बिगर अर्थ के नइं ए। \v 11 यदि कोनो गोठियावत हवय अऊ मेंह ओकर भासा ला नइं समझत हवंव, त मेंह ओकर नजर म परदेसी ठहिरहूं अऊ ओह मोर नजर म परदेसी ठहिरही। \v 12 वइसनेच बात तुम्हर संग घलो अय। जब तुमन आतमिक बरदान के धुन म हवव, त ये कोसिस करव कि ये बरदानमन के जादा से जादा उपयोग कलीसिया के उन्नति बर होवय। \p \v 13 एकरे कारन, जऊन मनखे ह अनजान भासा बोलथे, त ओला पराथना करना चाही कि ओह ओ भासा के अर्थ घलो बता सकय। \v 14 काबरकि यदि मेंह अनजान भासा म पराथना करथंव, त मोर आतमा ह पराथना करथे, पर मोर बुद्धि के येमा कोनो काम नइं ए। \v 15 तब मोला का करना चाही? मेंह अपन आतमा ले पराथना करहूं, पर मेंह अपन समझ ले घलो पराथना करहूं; मेंह अपन आतमा ले गीत गाहूं, पर मेंह अपन समझ ले घलो गीत गाहूं। \v 16 यदि तुमन अपन आतमा म परमेसर के इस्तुति करत हव, त जऊन ह तुम्हर भासा ला नइं समझय, ओह तुम्हर धनबाद के बात म कइसने “आमीन” कहिही, काबरकि ओह नइं जानय कि तुमन का कहत हवव? \v 17 तुमन तो परमेसर ला बने करके धनबाद देवत होहू, पर एकर ले आने मनखे ला कोनो फायदा नइं होवय। \p \v 18 मेंह परमेसर के धनबाद करथंव कि मेंह तुमन जम्मो झन ले अधिक अनजान भासामन म गोठियाथंव। \v 19 पर कलीसिया म, अनजान भासा म दस हजार सबद कहे के बदले, आने मन ला सिखोय बर, मेंह समझ म अवइया पांच सबद कहना जादा बने समझथंव। \p \v 20 हे भाईमन हो, अपन सोच-समझ म, लइकामन सहीं झन बनव। बुरई के बात म छोटे लइका सहीं बने रहव, पर अपन सोच-समझ म सियान बनव। \v 21 मूसा के कानून म लिखे हवय: \q1 “परभू ह कहिथे, \q2 ‘अनजान भासा बोलइया मनखे के जरिये \q1 अऊ परदेसी मनखेमन के जरिये \q2 मेंह ये मनखेमन ले गोठियाहूं, \q2 तभो ले ओमन मोर नइं सुनहीं।’ ”\f + \fr 14:21 \fr*\ft \+xt यसा 28:11, 12\+xt*\ft*\f* \p \v 22 अनजान भासा ह बिसवासीमन बर नइं, पर अबिसवासीमन बर एक चिनहां अय, जबकि अगमबानी ह अबिसवासीमन बर नइं, पर बिसवासीमन बर चिनहां ए। \v 23 एकरसेति कहूं जम्मो कलीसिया एक जगह जूरथे अऊ हर एक जन अनजान भासा म गोठियाय लगथे; तब कहूं कुछू बाहिर के मनखे या फेर कुछू अबिसवासी मनखे उहां आथें, त का ओमन ये नइं कहिहीं कि तुम्हर दिमाग ह खराप हो गे हवय? \v 24 पर यदि जम्मो झन अगमबानी करे लगंय अऊ कोनो अबिसवासी या फेर कोनो बाहिर के मनखे उहां आ जावय, त उहां जऊन कुछू सुनथे, ओकर दुवारा ओला बिसवास हो जाही कि ओह एक पापी मनखे ए, अऊ जऊन कुछू ओह सुनथे, ओकर दुवारा ओह परखे जाही, \v 25 अऊ ओकर मन के भेद ह खुल जाही। तब ओह माड़ी के भार गिरके परमेसर के अराधना करही अऊ चिचियाके कहिही, “परमेसर ह सही म तुम्हर बीच म हवय।” \s1 सही ढंग ले अराधना करई \p \v 26 हे भाईमन हो, तब हमन ला का करना चाही? जब तुमन एक जगह म जूरथव, त हर एक जन करा एक भजन या निरदेस, परमेसर के बात के परकासन, अनजान भासा या अनजान भासा के अर्थ बताय के गुन रहिथे। ये जम्मो चीज कलीसिया के बढ़ोतरी बर होना चाही। \v 27 यदि कोनो अनजान भासा म गोठियाथे, त दू झन या जादा से जादा तीन झन एक-एक करके बोलंय, अऊ कोनो एक झन ओकर अर्थ ला जरूर बतावय। \v 28 यदि कोनो अर्थ बतइया नइं ए, त अनजान भासा म बात करइया ला कलीसिया म चुप रहना चाही, अऊ ओला अपनआप ले अऊ परमेसर ले बात करना चाही। \p \v 29 अगमजानीमन के दू या तीन झन बोलंय अऊ आने मन ओमन के बात ला परखें। \v 30 अऊ जऊन मन उहां बईठे हवंय, यदि ओमा के कोनो ला परमेसर ले कोनो संदेस मिलथे, त जऊन ह गोठियावत हवय, ओह चुप हो जावय। \v 31 काबरकि तुमन जम्मो झन एक-एक करके अगमबानी कर सकथव ताकि हर एक जन ह सीखय अऊ उत्साहित होवय। \v 32 अगमजानीमन के आतमा ला अगमजानीमन के अधीन रहना चाही। \v 33 काबरकि परमेसर ह गड़बड़ी के परमेसर नो हय, पर सांति के परमेसर अय, जइसने कि पबितर मनखेमन के जम्मो कलीसिया म हवय। \p \v 34 माईलोगनमन ला कलीसिया म चुप रहना चाही। ओमन ला बोले के अनुमति नइं ए, पर ओमन अधीन म रहंय जइसने कि मूसा के कानून म लिखे हवय। \v 35 यदि ओमन कुछू चीज के बारे म जाने बर चाहथें, त ओमन ला घर म अपन-अपन घरवाला ले पुछना चाही; काबरकि कलीसिया म एक माईलोगन के गोठियाना सरम के बात ए। \p \v 36 का परमेसर के बचन ह तुमन ले सुरू होईस? या परमेसर के बचन ह का सिरिप तुम्हर करा ही हबरिस? \v 37 यदि कोनो ये सोचथे कि ओह एक अगमजानी ए या फेर ओला पबितर आतमा ले बरदान मिले हवय, त ओह ये बात ला मान ले कि जऊन कुछू मेंह तुमन ला लिखत हवंव, ओह परभू के हुकूम ए। \v 38 कहूं ओह ये बात ला धियान नइं देवय, त ओकर कोति घलो धियान नइं दिये जाही। \p \v 39 एकरसेति, हे मोर भाईमन हो, अगमबानी करे बर उत्सुक रहव, अऊ जऊन ह अनजान भासा म गोठियाथे, ओला मना झन करव। \v 40 पर हर एक चीज उचित ढंग अऊ तरीका ले करे जावय। \c 15 \s1 मसीह के पुनरजीवन \p \v 1 अब हे भाईमन हो, मेंह तुमन ला ओ सुघर संदेस के सुरता कराय चाहथंव, जऊन ला मेंह तुमन ला सुनाय हवंव, जेला तुमन गरहन करेव अऊ जेकर ऊपर तुम्हर बिसवास ह मजबूत हवय। \v 2 एहीच सुघर संदेस ह तुम्हर उद्धार करथे, यदि तुमन ओ बचन म अटल बने रहव, जऊन ला मेंह तुमन ला सुनाय हवंव। नइं तो तुम्हर बिसवास करई ह बेकार होही। \p \v 3 एकरे कारन जऊन बात मोला मिलिस, ओला सबले जादा महत्व के बात समझके, मेंह तुमन ला सऊंप देंव, अऊ ओह ये अय—परमेसर के बचन के मुताबिक मसीह ह हमर पाप खातिर मरिस \v 4 अऊ गाड़े गीस, अऊ परमेसर के बचन के मुताबिक, ओह तीसरा दिन जी उठिस, \v 5 अऊ ओह कैफा ला दिखाई दीस अऊ तब ओह बारहों चेलामन करा परगट होईस। \v 6 ओकर बाद, ओह पांच सौ ले जादा भाईमन ला एक संग दिखाई दीस, जऊन म ले कतको झन अभी घलो जीयत हवंय, पर कुछू झन मर चुके हवंय। \v 7 तब ओह याकूब ला दिखाई दीस, अऊ तब जम्मो प्रेरितमन ला दिखिस \v 8 अऊ सबले आखिरी म ओह मोला घलो दिखाई दीस, जइसने कि मेंह असामान्‍य रूप म जनमे हवंव। \p \v 9 मेंह प्रेरितमन म सबले छोटे अंव, अऊ प्रेरित कहाय के लईक घलो नो हंव, काबरकि मेंह परमेसर के कलीसिया ला दुख दे हवंव। \v 10 पर मेंह जऊन कुछू घलो अंव, परमेसर के अनुग्रह के कारन से अंव, अऊ ओकर अनुग्रह मोर म बेकार नइं गीस। एकर उल्टा, मेंह ओ जम्मो झन ले जादा मेहनत करेंव, पर येह मोर खुद के ताकत ले नइं, पर परमेसर के अनुग्रह ले होईस, जऊन ह मोला दिये गे रिहिस। \v 11 तब, चाहे येह मेंह अंव या ओमन, ओहीच बात के हमन परचार करथन अऊ ओहीच बात म तुमन बिसवास करे हवव। \s1 मरे मनखेमन के जी उठई \p \v 12 अब जबकि ये परचार करे जावथे कि मसीह ह मरे म ले जी उठिस, तब तुमन ले कुछू झन कइसने कहिथव कि मरे मनखेमन फेर नइं जी उठंय? \v 13 कहूं मरे मनखेमन नइं जी उठंय, त फेर मसीह घलो जी नइं उठिस। \v 14 अऊ कहूं मसीह ह नइं जी उठिस, त फेर हमर परचार करई ह बेकार ए, अऊ तुम्हर बिसवास ह घलो बेकार ए। \v 15 यदि येह सच ए कि मरे मनखेमन जी नइं उठंय, त फेर परमेसर ह मसीह ला मरे म ले नइं जियाईस अऊ तब परमेसर के बारे म हमर गवाही ह लबारी हो गीस, काबरकि हमन परमेसर के बारे म ए गवाही दे हवन कि ओह मसीह ला मरे म ले जियाईस। \v 16 अऊ कहूं मरे मनखेमन नइं जी उठंय, त फेर मसीह घलो जी नइं उठिस। \v 17 अऊ कहूं मसीह ह नइं जी उठिस, त फेर तुम्हर बिसवास ह बिन मतलब के ए, अऊ तुमन अभी तक अपन पाप म पड़े हवव। \v 18 एकर मतलब ये घलो होईस कि जऊन मन मसीह म मरे हवंय, ओमन घलो नास हो गीन। \v 19 कहूं सिरिप एहीच जिनगी बर हमर आसा मसीह म हवय, तब हमन ला आने जम्मो मनखेमन ले जादा दया के जरूरत हवय। \p \v 20 पर येह सच बात अय कि मसीह ह मरे म ले जी उठिस, अऊ ओह ओमन म पहिला फर ए, जऊन मन मर गे हवंय। \v 21 जइसने मिरतू ह एक मनखे के दुवारा आईस, वइसनेच मरे मनखेमन के जी उठई ह घलो एक मनखे के दुवारा आईस। \v 22 जइसने आदम म जम्मो मनखे मरथें, वइसनेच मसीह म जम्मो झन जियाय जाहीं। \v 23 पर हर एक झन अपन-अपन पारी म जियाय जाही; मसीह जऊन ह पहिली जियाय गीस, जब ओह वापिस आही, त ओमन जियाय जाहीं, जऊन मन मसीह के अंय। \v 24 अऊ जब मसीह ह सैतान के जम्मो राज, अधिकार अऊ सक्ति ला नास कर चुकही, त ओह ओ राज ला परमेसर ददा के हांथ म सऊंप दीही, तब संसार के अन्त हो जाही। \v 25 काबरकि जब तक परमेसर ह जम्मो बईरीमन ला ओकर गोड़ खाल्हे नइं कर दीही, तब तक मसीह के राज करना जरूरी ए। \v 26 सबले आखिरी बईरी, जऊन ला नास करे जाही, ओह मिरतू ए। \v 27 परमेसर के बचन ह कहिथे, “परमेसर ह हर एक चीज ला ओकर गोड़ खाल्हे कर दीस।”\f + \fr 15:27 \fr*\ft \+xt भजन 8:6\+xt*\ft*\f* हर एक चीज ला ओकर अधीन करे गीस, एकर मतलब ह साफ ए कि ये “हर एक चीज” म परमेसर खुद नइं गने जावय, जऊन ह जम्मो चीज ला मसीह के अधीन करिस। \v 28 जब परमेसर ह ये जम्मो कर चुकही, तब बेटा ह खुदे परमेसर के अधीन हो जाही, जऊन ह कि जम्मो चीज ला बेटा के अधीन करिस, ताकि परमेसर ह जम्मो चीज के ऊपर होवय। \p \v 29 यदि मरे मनखेमन नइं जी उठंय, तब ओमन का करहीं, जऊन मन मरे मनखे खातिर बतिसमा लेथें? यदि मरे मनखेमन बिलकुल ही नइं जियाय जावंय, तब मनखेमन काबर ओमन बर बतिसमा लेथें। \v 30 अऊ हमन काबर हर समय अपनआप ला जोखिम म डारथन? \v 31 मेंह हर दिन मिरतू के सामना करथंव—हे भाईमन हो, मेंह दावा के संग कह सकथंव कि तुमन हमर परभू मसीह यीसू म मोर घमंड अव। \v 32 यदि सिरिप मनखे के सोच के कारन, मेंह इफिसुस नगर म जंगली पसुमन ले लड़ेंव, त फेर मोला का फायदा होईस? यदि मरे मन नइं जियाय जावंय, \q1 “त आवव, हमन खावन अऊ पीयन, \q2 काबरकि कल तो हमन ला मरना हे।”\f + \fr 15:32 \fr*\ft \+xt यसा 22:13\+xt*\ft*\f* \m \v 33 धोखा झन खावव: “खराप संगति ह बने चालचलन ला नास कर देथे।” \v 34 अपन होस म आवव, अऊ अपन पाप के काम ला बंद करव; काबरकि कुछू अइसने मनखे हवंय, जऊन मन परमेसर ला नइं जानंय। मेंह ये बात तुम्हर सरम खातिर कहत हंव। \s1 मरे मनखेमन के जी उठे के बाद के देहें \p \v 35 पर कोनो ये बात पुछ सकथे, “मरे मनखेमन कइसने जी उठथें? ओमन के देहें ह कइसने ढंग के होही?” \v 36 तुमन मुरूख अव! जऊन बीजा ला तुमन बोथव, जब तक ओह मर नइं जावय, तब तक ओह नइं जामय। \v 37 जब तुमन बोथव, त सइघो पऊधा ला नइं बोवव, पर सिरिप बीजा ला बोथव—जइसने कि गहूं के बीजा या कोनो अऊ बीजा। \v 38 पर परमेसर ह अपन ईछा के मुताबिक ओला आकार देथे, अऊ हर किसम के बीजा ला ओह ओ बीजा के मुताबिक आकार देथे। \v 39 जम्मो के देहें ह एक जइसने नइं होवय—मनखे, पसु, चिरई या मछरी; ये जम्मो के अलग-अलग किसम के देहें होथे। \v 40 स्वरगीय देहें होथे, अऊ संसारिक देहें घलो हवय, पर स्वरगीय देहें के सोभा ह एक किसम के होथे, त संसारिक देहें के सोभा कुछू अऊ किसम के। \v 41 सूरज के सोभा एक किसम के हवय, त चंदा के सोभा आने किसम के, अऊ तारामन के कुछू अऊ किसम के हवय। अऊ हर तारा के सोभा अलग-अलग होथे। \p \v 42 अइसनेच मरे म ले जी उठइयामन के संग होही। जऊन देहें ला बोय जाथे, ओह नासमान ए, पर येह अबिनासी दसा म जी उठथे। \v 43 येह अनादर म बोय जाथे, पर येह महिमा के संग जी उठही। येह दुरबलता म बोय जाथे, पर येह सामर्थ के संग जी उठही। \v 44 येह सारीरिक देहें के रूप म बोय जाथे, पर येह एक आतमिक देहें के रूप म जी उठही। \p जब सारीरिक देहें हवय, त फेर आतमिक देहें घलो हवय। \v 45 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: “पहिला मनखे आदम ह एक जीयत परानी बन गीस”, पर आखिरी आदम ह जिनगी देवइया आतमा बनिस। \v 46 आतमिक ह पहिले नइं आईस, पर सारीरिक ह पहिले आईस, अऊ तब आतमिक ह आईस। \v 47 पहिला मनखे ह धरती के धुर्रा म ले बनाय गीस, पर दूसरा मनखे ह स्वरग ले आईस। \v 48 जऊन मन धरती के अंय, ओमन ओकर सहीं अंय जऊन ह धरती म ले बनाय गे रिहिस, पर जऊन मन स्वरग के अंय, ओमन ओकर सहीं अंय जऊन ह स्वरग ले आईस। \v 49 जइसने हमन धरती के मनखे के रूप ला धारन करे हवन, वइसने हमन ओ स्वरग के मनखे के रूप ला घलो धारन करबो। \p \v 50 हे भाईमन हो, मेंह तुमन ला ये बात बतावत हंव; जऊन ह मांस अऊ लहू के बने हवय, ओह परमेसर के राज के भागी नइं हो सकय, अऊ न ही नासमान ह अमरता ला पा सकथे। \v 51 सुनव, मेंह तुमन ला एक भेद के बात बतावत हंव: हमन जम्मो झन नइं मरन, पर हमन जम्मो झन बदल जाबो, \v 52 अऊ येह एक पल म, पलक झपकत, आखिरी तुरही फूंकते ही हो जाही। काबरकि जब तुरही ह फूंके जाही, त मरे मनखेमन अबिनासी रूप म जी उठहीं अऊ हमन बदल जाबो। \v 53 काबरकि ये जरूरी अय कि ये नासमान सुभाव ह अबिनासी सुभाव ला पहिर ले अऊ ये मरनहार सुभाव ह अमरता ला पहिर ले। \v 54 जब नासमान ह अबिनासी ला अऊ मरनहार ह अमरता ला पहिर लीही, तब परमेसर के बचन म लिखे ये बात ह सही होही: “मिरतू ला नास करे गीस, अऊ जीत ह पूरा होईस।”\f + \fr 15:54 \fr*\ft \+xt यसा 25:8\+xt*\ft*\f* \q1 \v 55 “हे मिरतू, तोर जीत कहां हवय? \q2 हे मिरतू, तोर डंक कहां हवय?”\f + \fr 15:55 \fr*\ft \+xt होसे 13:14\+xt*\ft*\f* \m \v 56 मिरतू के डंक तो पाप ए, अऊ पाप के ताकत मूसा के कानून ए। \v 57 पर परमेसर के धनबाद होवय! ओह हमन ला हमर परभू यीसू मसीह के दुवारा जीतवाथे। \p \v 58 एकरसेति, हे मोर मयारू भाईमन हो, मजबूत अऊ अटल रहव। परभू के काम बर अपनआप ला हमेसा पूरा दे दव, काबरकि तुमन जानथव कि जऊन मेहनत तुमन परभू बर करथव, ओह बेकार नइं होवय। \c 16 \s1 परमेसर के मनखेमन खातिर दान \p \v 1 अब ओ दान के बारे म बतावत हवंव, जऊन ला परमेसर के मनखेमन बर दिये जाथे—एकर बारे म जऊन बात मेंह गलातिया के कलीसियामन ला करे बर कहे हवंव, तुमन घलो वइसनेच करव। \v 2 हर हप्ता के पहिली दिन, तुमन ले हर एक झन अपन कमई के मुताबिक कुछू पईसा अलग रखव, अऊ येला बचाके रखव, ताकि जब मेंह आवंव, त तुमन ला पईसा जमा करना झन पड़य। \v 3 अऊ जब मेंह आहूं, त जऊन मन ला तुमन चुनहू, ओमन ला मेंह परिचय के चिट्ठी दे दूहूं, ताकि ओमन तुम्हर दान ला यरूसलेम पहुंचा देवंय। \v 4 यदि ये उचित जान पड़ही कि मेंह घलो जावंव, त ओमन मोर संग जाहीं। \s1 निजी निबेदन \p \v 5 मकिदुनिया ले होवत, मेंह तुम्हर करा आहूं काबरकि मेंह मकिदुनिया होवत जाहूं। \v 6 सायद मेंह तुम्हर संग कुछू समय तक ठहिरहूं, अऊ हो सकय, त मेंह जाड़ा के समय म तुम्हर संग रहंव, ताकि जिहां भी मेंह जावंव, तुमन मोर आघू के यातरा म मदद कर सकव। \v 7 अभी मेंह नइं चाहथंव कि मेंह आवंव अऊ सिरिप तुमन ला देखके चल दंव। मोला आसा हवय कि यदि परभू के ईछा होही, त मेंह कुछू समय तक तुम्हर संग रहिहूं। \v 8 पर मेंह पिनतेकुस्त के तिहार तक इफिसुस म रहिहूं। \v 9 काबरकि परभू के काम करे बर, मोला एक बहुंत अछा मऊका मिले हवय अऊ मोर बिरोध करइया कतको हवंय। \p \v 10 कहूं तीमुथियुस तुम्हर करा आथे, त तुमन ये बात के खियाल रखव कि तुम्हर संग रहत ओला कोनो बात के चिंता झन होवय, काबरकि ओह घलो मोर सहीं परभू के काम करत हवय। \v 11 एकरसेति कोनो ओला तुछ झन समझय। ओला सांति के संग बिदा करव, ताकि ओह मोर करा वापिस आवय। काबरकि मेंह ओकर बाट जोहत हवंव कि ओह आने भाईमन संग आही। \p \v 12 अब हमर भाई अपुल्‍लोस के बारे म: मेंह ओकर ले अब्बड़ बिनती करेंव कि ओह भाईमन के संग तुम्हर करा जावय। ओह अभी बिलकुल नइं जाय चाहिस, पर जब ओला मऊका मिलही, त ओह जाही। \p \v 13 सचेत रहव; बिसवास म मजबूत बनव; साहसी बनव; बलवान बनव। \v 14 जऊन कुछू तुमन करथव, मया ले करव। \p \v 15 तुमन जानत हव कि स्तिफनास के परिवारवाले अखया म सबले पहिली मसीह के बिसवास म आईन अऊ ओमन अपनआप ला संतमन के सेवा म लगा दे हवंय। हे भाईमन हो! मेंह तुमन ले बिनती करथंव \v 16 कि तुमन अइसने मनखेमन के बात ला मानव अऊ हर ओ मनखे के बात मानव, जऊन ह ये काम म मदद करथे अऊ मेहनत करथे। \v 17 मेंह स्तिफनास, फूरतूनातुस अऊ अखइकुस के आय ले खुस हवंव, काबरकि ओमन तुम्हर कमी ला पूरा करे हवंय। \v 18 ओमन मोर आतमा अऊ संगे-संग तुम्हर आतमा ला घलो तरो-ताजा करे हवंय। अइसने मनखेमन के सम्मान करव। \b \s1 आखिरी जोहार \p \v 19 एसिया प्रदेस के कलीसियामन तुमन ला जोहार कहत हवंय। \p अक्विला अऊ प्रिसकिल्ला ह परभू म तुमन ला बहुंते-बहुंत जोहार कहत हवंय, अऊ वइसने ओ कलीसिया के मनखेमन घलो जोहार कहथें, जऊन मन ओमन के घर म जूरथें। \p \v 20 इहां जम्मो भाईमन तुमन ला जोहार कहत हवंय। \p एक-दूसर ला पबितर चूमा देके जोहार करव। \b \p \v 21 में, पौलुस ह अपन हांथ ले ये लिखके जोहार कहथंव। \b \p \v 22 यदि कोनो परभू ले मया नइं करय, त ओकर ऊपर सराप लगय। हे परभू, आ! \b \p \v 23 परभू यीसू के अनुग्रह तुम्हर ऊपर होवय। \b \p \v 24 मसीह यीसू म मोर मया तुमन जम्मो झन ला मिलय। आमीन।\f + \fr 16:24 \fr*\ft कुछू हस्तलिपि म \ft*\fq आमीन \fq*\ft सबद नइं मिलय\ft*\f*