\id LUK - Mehra Standard Project \ide UTF-8 \h लूका \toc3 लूका \toc2 लूका \toc1 लूका को दुवारा लिखो सुसमाचार \mt2 लूका के व्दारा लिखा सुसमाचार \mt1 लूका को दुवारा लिखो सुसमाचार \imt भूमिका \ip लूका को दुवारा लिखियो भलो समाचार नयो नेम की चार किताब हुन म से एक हैं जे यीसु मसी कि जीवन को बारे म बतावा हैं। उन म से हर एक ख भलो समाचार बोलो जाय हैं, जेको मतलब हैं “भलो समाचार।” वी यीसु की माऊत को बाद मत्ती, मरकुस, लूका अऊर यूहन्ना दुवारा लिखिया गया रहा। लूका न सिरप यीसु को जीवन की कायनी लिखी, बल्कि ओ ना वा चिज को बारे म भी लिखियो, जो यीसु ख चेला हुन न ओकी माऊत अऊर फिर से जी उठन को बाद करयो, एक किताब जेखा प्रेरितो को काम बोलो जाय हैं। कोई नी जाना कि लूका को हिसाब से भला-समाचार (सुसमाचार) कब लिखो गयो रहा या कहाँ लिखो गयो रहा, लेकिन कई ग्यानवान या बात से सहमत हैं कि या करीब: यीसु को जनम को करीब 70 साल बाद लिखो गयो रह। \ip ऐको लिखन वालो लिखियो लूका आय, जे एक वैध डाँक्टर हतो। ओको लिखन अर भासा को लिखन को तरीका बतावा हैं कि उ एक बड़ो पढ़ो लिखो इंसान हतो। लूका यीसु को जीवन को एक सही जानकारी लिखन कि कोसीस करत, घटना हुन को उनको तरीका से बितन को तरीका से बतात रह कि, ताकि दुसरा ख ऐखा पढ़नु से फायदा हो सके। \xt 1:1-3\xt* उ यहूदी नी हतो \xt कुलुस्सियो 4:10-14\xt* अऊर ओ ना असो तरीका से लिखो कि अऊर भी समाज (गैर-यहूदी) ख इंसान हुन समझ सके। यू यहूदी रीति-रिवाज हुन \xt 1:8\xt*। को बारे म अच्छो से समझान को तरीका से साफ-साफ तरीका से देखो जा सका हैं। \ip लूका को दुवारा लिखो सुसमाचार यीसु ख इस्राएल ख मालुम उद्धारकर्ता अऊर पूरी मानव जाति को उध्दार कर्ता दोई को रूप म बतावा हैं। लूका न लेखा जोखा रखियो हैं कि यीसु ख प्रभू की आत्मा दुवारा, “गरीब हुन ख खुसखबरी लानो” \xt 4:18\xt* को लाने बुलायो गयो रहा, अऊर यू भलो-समाचार सभी तरीका की जरूरत वाला इंसान हुन को लाने चिंता से भरयो हैं। \ip लूका को दुवारा लिखो गयो भलो-समाचार मत्ती, मरकुस, कि किताब हुन से मिलतो जुलतो हैं, काहेकि वी एक ही समान बात हुन को बतावा हैं अर असोईच ही तरीका से। तीन किताब हुन म, लूका यूहन्ना को बपतिस्मा देवन वाला को जनम को बारे म सबसे जादा जानकारी दे हैं। लूका की छमा पर भी जोर दे हैं। अध्याय \xt 3:3; 11:4; 17:3-4; 23:24; 24:47\xt* अऊर विनती\xt 3:21; 5:16; 6:12; 11:1-12; 22:32\xt* वारा म जोर देवह हैं। \iot रूप-रेखा: \io1 1. लूका न अपनो अच्छो समाचार को परिचय दियो अऊर बतायो कि ओ न ऐ ख काहे लिखो हैं। \ior 1:1-4 \ior* \io1 2. यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो अर यीसु ख जनम अर बचपन। \ior 1:5—2:52\ior* \io1 3. यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो की सेवा। \ior 3:1-20\ior* \io1 4. यीसु की बपतिस्मा अर परिक्छा। \xt 3:21—4:13 \xt* \io1 5. गलील म यीसु की सेवा। \xt 4:1—9:50 \xt* \io1 6. गलील से ले ख यरूसलेम तक यातरा। \xt 9:51—19:27 \xt* \io1 7. यरूसलेम म आखरी हफ्ता। \xt 19:28—23:56 \xt* \io1 8. प्रभु को फिर से जिन्दो होनू, दिखाई देनू, अर स्वर्ग म जानू। \xt 24:1-53 \xt* \c 1 \s परिचय \p \v 1 ड़ेर सारा न वी बात हुन को जो हमारो बीच म बिती हैं, इतिहास लिखनो म हात लगायो हैं, \v 2 जसो कि उनना जे पहलो से ही या बात हुन ख देखन वाला अर वचन ख सेवक हता, हमारो तक पहुँचायो। \v 3 ऐका लाने, हे सिरीमान थियुफिलुस मो ख भी यू चोक्खो मालूम भयो कि वी सब बात को पुरो हाल सुरू से सही-सही जाँच कर ख, उन ख तोरो लाने गिनती को अनुसार लिखू \v 4 ताकि तू यू समझ लेहे कि वा बात जिनकी तू न सिक्छा सिखो हैं, कसी अटल हैं। \s यूहन्ना को जनम को बारे म बतानू \p \v 5 यहूदिया को राजा हेरोदेस को बखत म अबिय्याह को दल म जकरयाह नाम को एक याजक हतो, अर ओकी घरवाली हारून ओकी वंस की हती जेको नाम इलीसिबा हतो। \v 6 वी दो ही परमेस्वर को सामने धर्मी हता, अर वी प्रभु की सारी बात अर आग्या पर बेकसूर चलन वाला हतो। \v 7 पर ओको कोई भी आवलाद नी हती, काहेकि इलीसिबा बाँझ हती, अर वी दोई ही बूढ़ा हता। \p \v 8 जब उ अपनो दल कि पारी पर परमेस्वर को सामे याजक को काम करत रहा हतो, \v 9 ते उ याजक हुन की रीति को अनुसार ओको नाम पर की चिठ्टी निकली की प्रभु को मन्दिर म जा ख धूप जलायो। \v 10 अऊर धूप जलान को बखत म इंसान हुन की पुरी मण्डली बाहर प्रार्थना करत रह हती। \v 11 ऊ बखत प्रभु को एक स्वर्गदूत धूप की वेदी की दाहिनी तरफ खड़ो भयो अर ओ ख दिखाई दियो। \v 12 जकरयाह स्वर्गदूत ख देख ख डर गयो अर भयभीत हो उठियो। \v 13 पर स्वर्गदूत न ओसे कय्हो, “अरे जकरयाह डर मत (घबरावा) नी हो, काहेकि तोरी प्रार्थना मिना सुन ली गई हैं; अर तोरी घरवाली इलीसिबा से तोरो लाने एक पोरिया पैदा होएगो, अर तू ओको नाम यूहन्ना रख। \v 14 जे तोखा खुसी अर आन्नद होएगो अर बेजा जन ओके जनम को कारन खुसी, होयगो \v 15 काहेकि उ प्रभु को सामने म बड़ो होऐ। उ अंगूर को रस अर दारू नी पीहे, पर अपनी माय ख पेट से ही सुध्द आत्मा से परिपूर्ण होऐ; \v 16 अर इस्राएली हुन म से ढ़ेर सारा इंसान ख उन ख प्रभु परमेस्वर कि तरफ वापस लेहे। \v 17 वी एलिय्याह की आत्मा अर सामर्थ्य म हो ख ओके आगु आगु चलोगो पितरो को मन बाल पोरिया हुन की ओर फेर देगो; अर बात नी माननू वाला ख धर्मी की समझ पर लाए अर प्रभु का लाने ईक योग्य प्रजा तैयार करेगों।” \p \v 18 जकरयाह न स्वर्गदूत से पुछियो, “यु मी कसो जानु? काहेकि मी तो सियानो हो गयो; अर मोरी घरवाली भी सियानी हो गई हैं।” \p \v 19 स्वर्गदूत न ओ ख उत्तर दियो, “मी जिब्राईल आय, जो परमेस्वर को सामने खड़ो रहू; अर मी तो ख या बात करन अर तोखा यू सुसमाचार सुनान को लाने भेजो गयो हैं। \v 20 देख, जे दिन तक यू बात पुरी नी होऐ, उ दिन तक तू गुँगो रहे अर बोल नी सक काहेकि अपनो मोरी बात हुन ख जो अपनो बखत पर पूरो होवन वाली हैं, भरोसा नी करयो।” \p \v 21 वी लोग जकरयाह की बाट देखत रहा अर अचम्भा करन लगियो। ओ ख मन्दिर म इत्ती देर काहे लगी। \v 22 जब जकरयाह मन्दिर से बाहर आयो, ते उ बोल नी सकियो: एकोलाने: वी जान गया की ओ ना मंदिर म कोई सपना पाहे हैं; अऊर उ उन ख ईसारा करत रह, अर गुँगा रह गयो। \p \v 23 जब ओ की सेवा का दिन पुरा भयो, ते उ अपनो घर म चलो गयो। \p \v 24 वी दिन को बाद म ओकी घरवाली इलीसिबा पेट से भई; अर पाँच महीना तक अपनो तुम ख यु कह ख लूका रखियो, \v 25 “इंसान म मोरी नाम धराइ दुर करन को लाने, प्रभु न दिनो म मोरो ऊपर दया कर ख लाने असो करयो।” \s यीसु को जनम को बारे म \p \v 26 छटवो महीना म परमेस्वर को तरफ से जिब्राईल स्वर्गदूत को, गलील नाम को नासरत सहर म, \v 27 एक कुंवारी को नजीक भेजो गयो जेकी मंगनी यूसुफ नाम दाऊद को घरानो को एक व्यक्ति से भई हती; वा कुँवारी को नाम मरियम हतो। \v 28 स्वर्गदूत न मरियम को पास अन्दर आयो अर कय्हो, “आन्नद अर जय तोरी होय जो पर प्रभु परमेस्वर को दया भयो हैं! प्रभु तोरो संग म हैं।” \p \v 29 उ यू वचन से बेजा डर गई, अर सोचन लगी कि या कसी तरीका की आदर हैं? \v 30 स्वर्गदूत न ओसे कय्हो, “अरे मरियम, डरनू मत, काहेकि परमेस्वर को दया तो पर हुओ हैं। \v 31 देख तू पेट से होए, अर तोरा ख एक पोरिया पैदा होए; तू ओको नाम यीसु रख। \v 32 उ महान होएगो अर परमप्रधान परमेस्वर को पोरिया कहलायेगो: अर प्रभु परमेस्वर ओके बाप दाऊद को राज्य सिंहासन ओखा देगो, \v 33 अर उ याकूब को परिवार पर सदा करेगों अर ओको राज को अन्त नी होन को।” \p \v 34 मरियम न स्वर्गदूत से कय्हो “यु कसो होगो। मी न तो अदमी को जान ही नी हैं।” \p \v 35 अर स्वर्गदूत न ओको उत्तर दियो सुध्द आत्मा तो पर उतरेगो, अर परमप्रधान परमेस्वर की सक्ति तो पर छाये करेगों: एकोलाने उ सुध्द जे पैदा होवन वाला हैं। परमेस्वर को पोरिया कहलाएगो। \v 36 अऊर देखो, सायिनापन म तोरी कुटुम्बी हुन इलीसिबा ख भी, पोरिया होन वालो हैं। अब ओको, जे बाँझ कह हती, छटवा महीना हो रहो हैं; \v 37 काहेकि जे वचन परमेस्वर की तरफ से होवा हैं उ जबरदस्त रहित नी होवा। \p \v 38 मरियम न कय्हो “देख मी प्रभु की दासी आय, मोखा तोरो वचन का अनुसार होव।” एको बाद स्वर्गदूत ओखा जोने से चलो गयो। \s मरियम ख इलीसिबा से मिलन ख जानो \p \v 39 अऊर उन दिन हुन म मरियम उठ ख तुरत ही पहाड़ी सहर म यहूदा को एक मोहल्ला म गई, \v 40 अर जकरयाह को घर म जा ख इलीसिबा का प्रणाम करियो। \v 41 जसो ही इलीसिबा न मरियम को नमस्कार सुनियो, वसो ही पोरिया ओको पेट म उछलियो, अर इलीसिबा सुध्द आत्मा से भरपूर हो गई। \v 42 अर ओ ना बड़ी जोर से आवाज लगा ख कय्हो “तू ओरत हुन म धन्य हैं, अर तोरो पेट को फल चोक्खो हैं! \v 43 यु आसीर्वाद मोखा कहाँ से भयो कि मोरो प्रभु की माय मोरो पास आयी? \v 44 देख, जसो ही मीना तोरो नमस्कार को सब्द मोरे कान म पड़ियो, वसो ही पोरिया मोरो पेट म खुसी से उछल पड़ियो। \v 45 धन्य हैं वी जेना भरोसा करयो कि जे बात प्रभु की तरफ से कही गई रह, वा पुरो होय।” \s मरियम को गाना \p \v 46 तब मरियम न कय्हो, \pi मोरो मन प्रभु की बड़ाई करा हैं \p \v 47 अर मोरी आत्मा मोरे उध्दार करन वालो \q1 परमेस्वर से खुस भई, \q2 \v 48 काहेकि ओ न अपनी दासी की दीनता पर नजर लगाई भई हैं; \q1 एकोलाने देख अब से सब युग-युग के लाने सब मोखा चोक्खो कहेगो, \q2 \v 49 काहेकि उ सक्तिमान प्रभु न मोरो लियो बड़ो-बड़ो काम कियो हैं। \q1 ओको नाम सुध्द हैं, \q2 \v 50 अर ओकी दया ओ पर जे ओसे डरत हैं \q2 उन पर उनकी पीढ़ी से पीढ़ी बनी हो रह हैं। \q1 \v 51 ओ ना अपनो सक्ति दिखायो, \q2 अर जो अपनो तुम ख बड़ो समझत रह, उनखा तितिर बितर करयो। \q1 \v 52 ओ ना बलसाली ख उनको सिंहासन हुन से गिरा दियो; \q2 अर गरीब लचार ख ऊँचो करयो। \q1 \v 53 ओ ना भूखा इंसान ख चोक्खो खाना से उनको पेट भरयो, \q2 अर धनी हुन ख खाली हात हेड दियो। \q1 \v 54 ओ ना अपनी सेवक इस्राएल ख समाल लियो, \q2 अर अपनी वा दया का याद करे, \q1 \v 55 जो अब्राहम अर ओको खानदान पर सदा बनी रहेगो, \q2 जसो ओ ना हमारो बाप दादा से कय्हो हतो। \p \v 56 मरियम करीब तीन महा ओको संग रह ख अपनो घर ख वापस गई। \s यूहन्ना पानी संस्कार देवन वालो को जनम \p \v 57 तब इलीसिबा को पोरिया-पारी पैदा करन को बखत पुरो भयो, अर ओ ना पोरिया का जनम दियो। \v 58 ओखा पड़ोसी हुन अर कुटुम्ब हुन न यु सुन ख कि प्रभु न ओको ऊपर बड़ी दया करियो हैं, ओको संग खुसी मनायो। \p \v 59 अर असो हुओ कि आठ दिन को बाद वी पोरिया का खतना देन ख आया अर ओको नाम ओको दादा को नाम पर जकरयाह रखन लग। \v 60 असो पर ओकी माय न जवाब दियो, “नी; ओको नाम यूहन्ना रखनू हैं।” \p \v 61 उन ना ओसे कय्हो, “तोरो कुटुम्ब म कोई को यू नाम नी हाय!” \v 62 एकोबाद उन ना ओको दादा से इसारा कर ख पुछियो कि तू ओको का नाम रखनू चाहवा हैं? \p \v 63 ओ ना लिखन की पठ्टी माँग ख लिख दियो, “ओको नाम यूहन्ना हैं,” अर सबका हैरानी भई। \v 64 एकोबाद ओखा मुँह अर जीभ तुरंत खुल गई; अर वी बोलन अर परमेस्वर का धन्यवाद करन लगयो। \v 65 ओखा आजु बाजु को सब रहन वाला पर डर समा गयो; वचन की चर्चा यहूदिया के सारो देस म फैल पहाड़ी गई, \v 66 अर सब सुनन वाला न अपनो-अपनो मन म विचार कर ख कय्हो, “यु पोरिया कसो होगो?” काहेकि प्रभु का हात ओके ऊपर संग हतो। \s जकरयाह का स्तुति-गान \p \v 67 ओखा दादा जकरयाह सुध्द आत्मा से भर गयो, अर भविस्यवानी करन लगीयो: \q1 \v 68 “प्रभु इस्राएल को परमेस्वर धन्य होय, \q2 काहेकि ओ ना अपन लोग हुन पर आँख लगायो हैं अर उनको छुटकारा करयो हैं। \q1 \v 69 अर अपनो सेवक दाऊद का घराना म \q2 हमरो लाने एक उध्दार को लाने सींग निकालीयो; \q1 \v 70 (जसो ओ ना अपना सुध्द भविस्यवक्ता हुन को व्दारा जे दुनिया को सुरू से होते आयो हैं, कहयो हतो) \q2 \v 71 एकोमतलब हमारो दुसमन हुन से, \q2 अर हमरो सब बैरियो का हात से हमारो उध्दार कियो हैं, \q1 \v 72 कि हमारो दादा पर दादा पर दया कर \q2 का अपनो सुध्द वादा का ध्यान करे, \q1 \v 73 अर वी कसम जो ओ ना हमारो पिता अब्राहम से खायो हती, \q2 \v 74 कि वी हमका उध्दार देगो कि \q2 हम अपनो दुसमन का हात से छुटियो, \q1 \v 75 ओके सामन सुध्दता अर धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर \q2 ओकी सेवा करत रहू। \q1 \v 76 अर तू हे पोरिया, परमप्रधान को भविस्यवक्ता कहलाएगो, \q2 काहेकि तू प्रभु का रस्ता तैयार करन का लियो ओके आगु-आगु चलेगो, \q1 \v 77 कि ओके लोगो को उध्दार का ग्यान दे, \q2 जे ओके पाप हुन की छमा से प्राप्त होत हैं। \q1 \v 78 यू हमारो परमेस्वर की उ बड़ीयो दया से होए \q2 जेका लाने स्वर्ग से हमारो ऊपर भुसारो को उजरा होएगो, \q1 \v 79 कि अंधकार अर मृत्यु की छाव म बैठन वाला को ज्योति दे, \q2 अर हमारो पैरो का सान्ति रस्ता म सीधो हमका चलयो।” \p \v 80 अर यु पोरिया बढ़त अर आत्मा म बलवन्त होतो गयो अर इस्राएल पर प्रगट होन का दिन तक लक जंगल हुन म रया। \c 2 \s यीसु ख जनम \r (मत्ती 1:18-25) \p \v 1 वी दिनो म ओगुस्तुस कैसर की तरफ से आग्या निकलियो कि सारो दुनिया के लोगो के नाम लिखो जाए। \v 2 यु पहली नाम लिखाई ओ बखत म सुरु हुई, जब क्विरिनियुस सीरिया को हाकिम हतो। \v 3 सब लोगो न अपनो-अपनो नाम लिखवान ख लियो अपन नगर म गयो। \p \v 4 अत: यूसुफ भी एकोलाने की वी दाऊद ख घराने खानदान का हतो, गलील के नासरत नगर से यहूदिया म दाऊद का नगर बैतलहम का गयो, \v 5 की अपन होवन वाली घरवाली (मंगेतर) मरियम का संग जे पेट से हती नाम लिखवायो। \v 6 ओखा वहाँ रहतो ओके जनन के दिन पूरो हुओ, \v 7 अर वा अपनो बड़ो पोरिया जनी, अर ओखा कपड़ा म लपेट ख बईल का कोठा म रखी; काहेकि ओको लाने सराय म जगह नी हती। \s स्वर्ग दूत व्दारा चरान वाला ख खबर \p \v 8 अर ओखा देस म कितना गड़ेरी हता, जे रात ख मैदान म रहकर अपनो झुंड को पहरा देता हता। \v 9 अर प्रभु ख एक दुत ओके पास आकर खडो भयो अर प्रभु एक का दूत को उजाला ओके चारो तरफ चमक, अर वी बेजा डर गया। \v 10 तब स्वर्गदूत न ओसे कहयो “मत डर; देख ल काहेकि, मी तुम ख बड़ी खुसी की खबर सुसमाचार सुनान आयो जे सब लोगो को लाने होगो, \v 11 कि आज दाऊद को नगर म तुम्हारो लाने एक उध्दार कर्ता दाता पैदा भयो हैं, अर उही प्रभु यीसु मसी आय। \v 12 अर तुमारो लाने चिखान होऐ; तुम एक पोरिया ख कपड़ा म लपेटो अऊर बईल का कोठा म लेटा पाहे।” \p \v 13 ऐका बाद उ स्वर्गदूत को ऐख दल परमेस्वर कि स्तुति करते हुओ अर कहते दिखाई दियो, \q1 \v 14 “आकास म परमेस्वर की‍‍‍ महिमा अर जमीन म पर \q2 उन मनुस्यो म जे से यू खुस हैं, सान्ति होए।” \p \v 15 जब स्वर्गदूत ओके नजीक से स्वर्ग को चलो गयो, ते भेड़ी हुन न आपस म कहन लगिया, “आ, हम बैतलहम म जा ख यू बात भई हैं, अर जे से प्रभु न हम ख बतायो हैं, देखे।” \p \v 16 अर ओ ना तुरंत जाकर मरियम अर यूसुफ ख, बईल का कोठा म उ पोरिया ख पड़ो देखियो। \v 17 इनका देख कर ओ न यु बात जो इ पोरिया को विसय म ओ से कहयो गयो हतो‍ प्रगट की \v 18 अर सब सुनन वाला न उन बात से जो भेड़ी चराना वाला गाड़री हुन से ओसे कहयो अचम्बा कियो। \v 19 परन्तु मरियम या सब बात ख अपनो मन म रखकर सोचत रही। \v 20 अर भेड़ी चरान वाला जसो ओ से कहयो गयो हतो वसो ही सब सुन कर अर देखकर परमेस्वर की महिमा अर स्तुति करत भया लउट गयो। \s यीसु का नाम रखनू \p \v 21 जब आठवाँ दिन पूरो भयो अर ओकी खतना को बखत आयो, ते ओको नाम यीसु रखो गयो जो स्वर्गदूत न ओके पेट म आनो से पहिले कय्हो हतो। \s मंदिर म यीसु को अर्पन \p \v 22 जब मूसा को नेम को अनुसार ओको सुध्द होन का दिन पुरो भयो, ते वी यरूसलेम म ले गयो कि प्रभु को आगु लायो, \v 23 (जसो कि प्रभु को नेम (व्यवस्था) म लिख्यो हैं: “हर एक पहलो वालो पोरिया प्रभु का लियो‍ सुध्द ठहरगो।” \v 24 अर प्रभु कि नेम को अनुसार ईक जोडा “पंडुको को अर एक जोड़ा या कबूतर को दो बच्चा हुन” ख लेकर ओकी बलि चढ़ा हैं। \s समोन का गीत \p \v 25 यरूसलेम म समोन नाम को एक अदमी हतो, अर वी अदमी धर्मी अर भक्त हता; अर इस्राएल सुख सान्ति की रस्ता देखत रह हतो, सुध्द आत्मा उ पर हती। \v 26 अर सुध्द आत्मा ओ पर प्रगट भयो हती कि जब तक वी प्रभु के मसी का देख नी लेगो, तब तक मृत्यु ख नी देखेगो। \v 27 वी आत्मा का सिखानो से मन्दिर म आयो; अर जब माय-बाप उ बालक पोरिया यीसु का आन्दर लायो, कि ओके लियो नेम की रिती को आनुसार करे, \v 28 तो ओ न ओखा अपनो गोद न लियो अर परमेस्वर को धन्यवाद कर ख कय्हो: \q1 \v 29 “हे स्वामी, अब तू अपनो दास ख अपनो वचन (सब्द) के अनुसार सान्ति से विदा करा हैं, \q1 \v 30 काहेकि मोरी आँखी न तोरो उध्दार का देख लियो हैं, \q1 \v 31 जे ख तू न सब सहर हुन का इंसान हुन का आगु तैयार कियो हैं, \q1 \v 32 कि वी दुसरी जात का प्रकास देनो का लियो उजियाला, \q2 अर तोरो निज लोग इस्राएल की महिमा होए।” \p \v 33 ओखा बाप अर ओकी माय या बात से जे ओके बारे म कय्हो जावत हती, आस्चर्य करत हता। \v 34 समोन न ओ ख आसीस देकर, ओकी माय मरियम से कहयो, “देख, वी तो इस्राएल म बेजा जन का गिरन, अर उठान का लाने अर एक आसो चिखान होन का लाने ठहरायो गयो हैं, जेके विरोध म बात की जाएगो \v 35 अर तोरो मन का भी तलवार से चलायो आर पार छिदा जाएगो ऐसे बेजा दिल का विचार प्रगट होगो।” \s हन्नाह की गवाही \p \v 36 आसेर गोत म से हन्नाह नामक फनूएल की पोरी एक भविस्यव्दक्तिन हती। वा बेजा बूढ़ी हो गई रह, अर सादी होनो का बाद सात वर्स तक अपनो पति का संग रह पाई हती। \v 37 वी चऊरासी वर्स से विधवा हती: अर मन्दिर ख नी छोड़त हती पर उपास अर प्रार्थना कर कर ख रात-दिन सेवा करत हती। \v 38 अर वा बखत म आकार परमेस्वर को धन्यवाद करन लगियो, अर उ सभो से, जे यरूसलेम नगर की छुटकारा की रस्ता देखत रह हती, उ बालक पोरिया को बारे म बात करन लगियो। \s नासरत ख वापस लउटनू \p \v 39 जब वी प्रभु का नेम का अनुसार सब कुछ पुरो कर चुक्या ते गलील म अपन नगर नासरत ख फिर वापस चल्या गया। \v 40 अर बालक पोरिया बढ़तो, अर ताकतवार होतो गयो, अर बुध्दि हे म भरपूर होत गयो; अर परमेस्वर को किरपा ओ पर हतो। \s पोरिया यीसु मंदिर म \p \v 41 ओखा माय-बाप हर साल कटनी को फसह मनावन को लाने यरूसलेम जावत रह। \v 42 जब यीसु बारा साल को भयो, ते वी तेवार की रीति-रिवाज को अनुसार यरूसलेम ख गयो। \v 43 जब वा दिन का पुरा कर ख लउटन लगिया, ते पोरिया यीसु यरूसलेम ख रह गयो; अर यु ओखा माय-बाप नी जानत रह की। \v 44 वी यू समझकर कि वी अन्य यातरिया का संग होएगो, एक दिन का बाद पड़ावा निकल गयो: अर ओखा अपनो कुटुम्ब का अर जानन पहिचानन वाला भी ढ़ुढन लगिया। \v 45 पर जब नी मिलियो, ते ढुढते-ढुढते यरूसलेम ख फिर से लोउट गया, \v 46 अर तीन दिन को बाद म यीसु उन ख ओखा मन्दिर म सिखान वाला हुन को बिच म बठियो, अर उनकी सुनन अर उनसे पुछते कर हुए पायो। \v 47 जित्ता ओकी सुनत रह हते, वी सब ओकी समझा अर ओखा उत्तर से दंग होत रह। \v 48 अऊर ओको माय बाप ओ ख देख ख अचम्भा म पड़ गयो। ओ कि माय न ओ से कय्हो, “पोरिया तुमन हमारो संग म असो काहे कियो? देख तुमारो बाप अर मी चिन्ता हतो, अर तुम ख ढूँढ रयो हतो।”\fig यरूसलेम म मंदिर|alt="Temple in Jerusalem" src="lb00250c.tif" size="span" copy="Horace Knowles ©" ref="2:41"\fig* \p \v 49 ओ ना ओसे कहयो, तुम मोखा काहे ढूढ़ा हैं? “का तुम नी जानत आय कि मोखा अपनो बाप को मंदिर म रहनो जरुरी हैं?” \v 50 पर जो बात ओ न उनसे कही, उन ना ओ से नी समझ। \p \v 51 तब वी उनको संग नासरत सहर गयो, अर उनको अधीन रह। अऊर ओकी माय न यी सब बात हुन ख अपनो मन म सजायो रखो। \v 52 अर यीसु म डील डोल म अर परमेस्वर अऊर लोग हुन ख दया म बढ़ते गयो। \c 3 \s यूहन्ना पानी संस्कार देन वाला का चोक्खो खबर \r (मत्ती 3:1-12; मरकुस 1:1-8; यूहन्ना 1:19-28) \p \v 1 तिबिरियुस कैसर को राज्य को पंद्रहवे साल म जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया को दवा देना वाला वैघ हतो अर गलील म हेरोदेस, इतूरैया अर तरखोनीतिस म ओखा भई फिलिप्पुस, अर अबिलेने म लिसानियास, चऊथाई को राजा हतो, \v 2 अर जब हन्ना अर कैफा मेन याजक हतो, उ बखत परमेस्वर का वचन जंगल म जकरयाह को पोरिया यूहन्ना को नजीक पहुँचियो। \v 3 उ यरदन नद्दी के आसा-पास का सारो प्रदेस म जाय ख पाप हुन की माफी का लियो मन फिरनो के बपतिस्मा का प्रचार करन लगियो। \v 4 जसो यसायाह भविस्यवक्ता को कहयो हुयो वचनो की किताब म लिखो हैं: \q1 जंगल म एक पुकार न वालो का सब्द हो रय्हो हैं कि, \q2 प्रभु का रस्ता तैयार करो ओकी रोट ख सिधो बनाओ। \q1 \v 5 हर एक घाट भर दी जाएगो, \q2 अर हर एक टेकड़ा अर टिला निचू कियो जाएगो; \q1 अर जे टोढ़ो हैं अर जे सिधो, \q2 अर जे ऊँचो नीचो हैं वी बराबार रस्ता बनाएगो। \q1 \v 6 अर हर इंसान परमेस्वर के उध्दार को देखेगो। \p \v 7 जे भीड़ की भीड़ ओसे बपतिस्मा लेन का निकल ख आवत रहा, ओसे उ कहत रह, हे साँप को पोरिया हुन, तुम ख कोना जता दियो कि आवन वालो गुस्सा से भागो। \v 8 एकोलाने तुम मन फिराव अर ओखा लायक फल लाओ, अर अपनो-अपनो मन म यू मत सोचो कि हमारो बाप अब्राहम आय; काहेकि मी तोसे कहत हूँ कि परमेस्वर इन पत्थर हुन से अब्राहम को लाने अवलाद पैदा कर सक हैं। \v 9 अब कुल्हाडी झाड़ हुन की जड़ पा रख्यो हैं, एकोलाने जे-जे झाड़ चोक्खो फल नी देवा हैं, वी काट ख अर आगी म झोका दियो जाएगो। \p \v 10 वी लोग हुन न ओसे पुछियो, “तो हम का करेगों?” \p \v 11 ओ न उनका उत्तर दियो, जेका पास दो कुरता हाए, वी ओके संग जेके नजीक नी हैं बाँट ले अर जेके पास खाना हो उ भी असो ही कर हाँ। \p \v 12 कर लेन वालो भी बपतिस्मा लेना आयो अर ओसे पूछो हे प्रभु गुरू हम का करे। \p \v 13 ओ ना ओसे कय्हो जो तुम्हारो लाने ठहरायो गयो हैं ओसे जादा मत लेनो। \p \v 14 सिपाहियो न भी ओसे यु पुछो हम का करे ओ ना ओसे कय्हो बुरा (उपद्रव) न करनो अर न झूठो आरोप लगानो अर अपनो तन्खा (वेतन) पर खुस रहनो। \p \v 15 जब लोग आसा लगाए ख हता अर सब अपनो-अपनो मन म यूहन्ना का विसय बारे म सोचत रह: की यु ही मसी तो नी आय, \v 16 ते यूहन्ना न उन सब से कय्हो, “मी तो तुम ख पानी से बपतिस्मा देऊ हैं, पर उ आनवालो हैं जो मो से सक्तिसाली हैं; ते इ योग्य भी नी की मी ओके जूता को बददी खोल सकू उ तुमका सुध्द आत्मा अर आगी से पानी संस्कार देगो। \v 17 ओको सूपडा ओको हात म हैं; अऊर उ अपनो खल्ला चोक्खो तरीका से सफा करेगों; अऊर गहूँ ख अपनो बखारी म इकट्ठो करेगों; पर भूसा ख उ आगी म जे बुझन की नी जला देगो।” \p \v 18 अत: उ बेजा सी सिक्छा दे दे ख लोग हुन का चोक्खो खबर सूनात रहा। \v 19 पर जब ओ न चऊथाई देस का राजा हेरोदेस को ओके भई फिलिप्पुस की घरवाली हेरोदियास को बारे म अर सब बुरो काम करन वाला (कुकर्मो) को बारे म जे ओ न कियो हतो, उलाहना दियो, \v 20 ते हेरोदेस न उनना सब से बढ़ ख यू बुरो काम कियो कि यूहन्ना ख जेल म ड़ाल दियो। \s यीसु को बपतिस्मा \r (मत्ती 3:13-17; मरकुस 1:9-11) \p \v 21 जब सब लोगो न पानी बपतिस्मा लियो अर यीसु भी बपतिस्मा ले ख प्रार्थना कर रहे हतो, तो आकास खुल गयो, \v 22 अर सुध्द आत्मा सारीरिक रूप म कबूतर को जसो ओ पर उतरी, अर यू बददल से सब्द सुनाई दी गई आकास वानी: “तू मोरो सबसे अच्छो पोरिया आय, मी तोसे बेजा खुस हूँ।” \s यीसु का खानदान \r (मत्ती 1:1-17) \p \v 23 जब यीसु तुम सिक्छा (उपदेस) करन लगियो, तो लगभग तीस साल की उम्र को हती अर (जसो समझो जात हैं) यूसुफ का पोरिया हतो अर वी एली को \v 24 अर मत्तात को, अर उ लेवी को, उ मलकी को, अर उ यन्ना को, अर उ यूसुफ को, \v 25 अर उ मत्तीत्याह को, अर उ अमोस को, अर उ नहुम को, अर उ असल्लाह को, अर उ नोगह को, \v 26 अर उ मात को, अर उ मत्तीत्याह को, अर उ सिमी को, अर उ योसेख को अर उ योदाह को \v 27 अर उ यूहन्ना को, अर उ रेसा को, अर उ जरूब्बाबिल को, अर उ सालतिएल को, अर उ नेरी को, \v 28 अर उ मलकी को, अर उ अद्दी को, अर उ कोसाम को, अर उ इलमोदाम को, अर उ एर को, \v 29 अर उ यहोसू को, अर उ इलाजार को, अर उ योरीम को, अर उ मत्तात को, अर उ लेवी को, \v 30 अर उ समोन को, अर उ यहूदाह को, अर उ यूसुफ को, अर उ योनान को, अर उ इलयाकीम को, \v 31 अर उ मलेआह को, अर उ मिन्नाह को, अर उ मत्तात को, अर उ नातान को, अर उ दाऊद को, \v 32 अर उ यिसै को, अर उ ओबेद को, अर उ बोअज को, अर उ सलमोन को, अर उ नहसोन को, \v 33 अर उ अम्मीनादाब को, अर उ अरनी को, अर उ हेस्रोन को, अर उ फिरिस को, अर उ यहूदा को, \v 34 अर उ याकूब को, अर उ इसहाक को, अर उ अब्राहम को, अर उ तिहर को, अर उ नाहोर को, \v 35 अर उ सरूग को, अर उ रऊ को, अर उ फिलिग को, अर उ एबिर को, अर उ सिलह को, \v 36 अर उ केनान को, अर उ अरफक्छदक को, अर उ सेम को, अर उ नूह को, अर उ लिमिक को, \v 37 अर उ मथूसिलह को, अर उ हनोक को, अर उ यिरिद को, उ महललेल को, अर उ केनान को, \v 38 अर उ एनोस को, अर उ सेत को, अर उ आदम को, अर उ परमेस्वर को पोरिया हतो। \c 4 \s यीसु की परीक्छा \r (मत्ती 4:1-11; मरकुस 1:12,13) \p \v 1 फिर यीसु सुध्द आत्मा से भर गयो, यरदन नद्दी म से लउटियो; अर चालीस दिन रोज तक आत्मा को सिखानू से जंगल म घूमत रयो; \v 2 अर तब सैतान न ओकी परीक्छा करतो रय्हो। उ दिनो म ओ ना कुछ भी नी खायो, अर जब वी दिन पुरा भया, ते ओ ख भूख लगी। \p \v 3 तब सैतान न ओसे कहयो, “अदि तू परमेस्वर को पोरिया आय, ते इ पत्थर से कह दा कि इ रोटी बन जाहे।” \p \v 4 यीसु न ओ ख जुवाब दियो, “लिख्यो हैं: ‘अदमी सिरप रोटी से जिन्दो नी रहगो’।” \p \v 5 तब सैतान न यीसु ख ले गयो ओको पल भर म दुनिया को सारो राज्य दिखायो, \v 6 अर सैतान न ओ न कय्हो “मी तुम सब राज हुन ख अधिकार अऊर ऐको वैभव तोखा देहु, काहेकि उ मो ख दियो गयो हैं: अऊर जे से चाहूँ हैं ओ ख ही देहु हैं। \v 7 ऐका लाने यदि तू मो ख पाय पढ़े तो यु सब तोरो हो जाएगो।” \p \v 8 यीसु न ओ ख जुवाब दियो “लिख्यो हैं: ‘तू प्रभु अपनो परमेस्वर पाय पड़ ल; अर केवल ओकी भक्ति कर’।” \p \v 9 तब ओ न ओ ख यरूसलेम म ले जाए ख जाय ख मन्दिर की चोटी म खड़ो करियो, अऊर ओसे कय्हो, यदि तू परमेस्वर को पोरिया आय, तो अपनो तुम यहाँ से निचू गिरा दे। \v 10 काहेकि लिख्यो हैं: वी तोरो बारा म अपनो स्वर्गदूत हुन ख हुकुम देहे, कि वी तोरी रक्छा करे, \v 11 अऊर वे तो ख हातो ही हात उठा लेहे, असो नी होय की तोरो पाय म पत्थर से झट लगे। \p \v 12 यीसु न ओखा जुवाब दियो, “यू भी कय्हो गयो हैं: तू प्रभु अपनो परमेस्वर कि परिक्छा नी करनो।” \p \v 13 जब सैतान सब परीक्छा कर चुको रह, तब कुछ बखत का लाने ओको जोने से चलो गयो। \s यीसु की सेवा सुरु काम को करनु \r (मत्ती 4:12-17; मरकुस 1:14,15) \p \v 14 फिर यीसु आत्मा की सक्ति से भर हुओ, गलील प्रदेस ख लउटियो, अर ओकी चर्चा आसा-पास सारो देस म फैल गई। \v 15 वी ओके प्रार्थना घर म सिक्छा कर रयो, अर सब ओकी बड़ाई करत हते। \s नासरत म यीसु को लज्जित होनो \r (मत्ती 13:53-58; मरकुस 6:1-6) \p \v 16 फिर वी नासरत म आयो, जे पर उ पालो-वसो गयो हतो; अर अपनो रीति का अनुसार छुट्टी दिन प्रार्थना घर म जाकर पढ़नो का लाने खड़ो हुओ। \v 17 यसायाह भविस्यवक्ता की किताब ओखा दी गयो अर ओ ना किताब खोलकर वी जगह निकली जे म यु लिखो हतो: \fig लपटी वाली किताब|alt="Scroll" src="hk00150c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="4:16"\fig* \q1 \v 18 “प्रभु का आत्मा मोपर हैं, \q2 एकोलाने कि ओ ना बिखारी ख सुसमाचार सुनानो का लियो मेरो अभिसेक कियो हैं, \q1 अर मो ख ऐको भेजो हैं \q2 कि बंदी हुन को छुटकारे का \q2 अर अंधो को दृस्टि पानो को चोक्खो प्रचार करुँ \q1 अर कुचलो वाला उन ख छुड़ाऊँ, \q2 \v 19 अऊर प्रभु ख खुसी रहन के वर्स ख बारे म प्रचार करूँ।” \p \v 20 तब ओखा किताब बंद करवा सेवक के हात म दे दी अर बैठ गयो; अर प्रार्थना घर के सब लोग कि आँख ओ पर लगी हती। \v 21 तब वी ओ ख कहना लगियो, “आज ही यु सास्र तुमरो आगु पूरो हुओ हैं।” \p \v 22 सब न ओ ख सराहा, अर जो किरपा की बात ओके मुँह से निकलत हती, ओसे अचम्भा हुयो; अर कहन लगियो, “का यू यूसुफ का पोरिया नी?” \p \v 23 ओ न ओसे कय्हो, “तुम मोरे पर यु कहलावा अवस्य कहेगो कि ‘हे वैघ, अपन तुम को चोक्खो कर! जो कुछ हम न सुनी हैं कि कफरनहूम म कियो गयो हैं, ओ ख यू अपनो देस म भी कर’।” \v 24 अर ओ ना कय्हो, “मी तुम से सच कहू हूँ कोई भविस्यवक्ता अपन देस म मान सम्मान नी पाए। \v 25 मी तुम से सच कहू हूँ कि एलिय्याह ख दिनो म जब साढ़े तीन वर्स तक आकास बन्द रयो, यहाँ तक कि पूरो देस म बड़ो अकाल पड़ियो, ते इस्राएल म बेजा सी विधवा हुन हती। \v 26 पर एलिय्याह ओ म से किसी के पास नी भेजो गयो, केवल सैदा के सारफत म एक विधवा के पास। \v 27 अर एलीसा भविस्यवक्ता के बखत इस्राएल म ढ़ेर सारा कोढ़ी हुन हता रहा, पर सीरिया को निवासी नामान का ओमा से कोई सुध्द नी कियो गयो।” \p \v 28 अऊर यी बात सुन ही जित्ता प्रार्थना घर म हतो, सब गुस्सा से भर गया, \v 29 अर उठकर ओ ख नगर से बाहर निकलियो, अर जी टेकरा पर ओखा नगर बसो हुओ हते, ओकी चोटी पर ले चल की वहाँ से निचू गिरा दे। \v 30 पर वी ओके बिच म से निकल कर चलो गयो। \s बुरी आत्मा म से फसियो अदमी ख चंगा करनु \r (मरकुस 1:21-28) \p \v 31 फिर वी गलील के कफरनहूम नगर को गयो; अऊर छुट्टी को दिन लोग हुन ख सिक्छा दे रहे हतो। \v 32 वी ओके सिक्छा से चंकित हो गयो काहेकि ओखा वचन (सब्द) अधिकार सहित हतो। \v 33 प्रार्थना घर म ईक अदमी हतो, जेम असुध्द दुस्टात्मा हती। ऊँचे सब्द से चिल्ला उठियो, \v 34 “हे यीसु नासरी; हम ख तोसे का काम? का तू हम ख नास करन ख आयो हैं? मी तोखा जानू हूँ तू कऊन आय? तू परमेस्वर को सुध्द जन हैं।” \p \v 35 यीसु न ओसे डांट ख कय्हो, “चुप रह, अर ओमा से निकल जा!” तब दुस्टात्मा ओ ख बीच म पटक कर बिना कोई नुकसान पहुँचाए ओमा से निकल गई। \p \v 36 या बात पर अदमी हुन ख अचम्भो (हुओ), अर वी आपस म बात कर ख कहन लगियो, “यु कसो सब्द (वचन) हैं? काहेकि वी अधिकार अर सामर्थ्य ख संग बुरी आत्मा ख आग्या देहु हैं अर वी निकल जय हैं।” \v 37 इ येका बाद यीसु से चारो तरफ ओकी हर जगह चर्चा होन लगी। \s पतरस की सास अर अन्य लोगो का चंगा करनु \r (मत्ती 8:14-17; मरकुस 1:29-34) \p \v 38 वी प्रार्थना घर म से उठ ख समोन को घर म गयो समोन की सास को जुड चढ़ो हुओ हतो, ओर उनना ओको लाने ओसे विनती करी। \v 39 ओ ना ओको जोने खडो हो ख बुखार ख डांटियो अर बुखार ऊतर गयो, अर वा तुरत उठ ख उनकी सेवा-चाकरी करन लग गई। \p \v 40 दिन डूबने बखत जिन जिन ख यु लोग कई प्रकार की बीमार म पडे हुए हते, वी सब उन ख पास ले आया अर ओ ना एक एक पर हात रखकर उन ख चंगो कियो। \v 41 अर भूत (दुस्टात्मा) भी चिल्लाते अर या ओ म से निकल की “तु परमेस्वर को सुध्द पोरिया आय।” \p कह बेजा म से निगल गई। पर वी ओ ख डांटते अर बोलन नी देत रह काहेकि वी जानत हती कि वी मसी हैं। \s प्रार्थना मंदिर म प्रचार करनु \r (मरकुस 1:35-39) \p \v 42 जब दिन भयो ते वी निकल ख एक सुनसान जगह म गया अर भीड़ की भीड़ ओ ख ढ़ँढ़ते ओको पास आई, अर ओ ख रोकन लगी कि वी ओके पास से नी जाए। \v 43 परन्तु ओ न ओ से कय्हो, “मो ख अन्य सहरो म भी परमेस्वर को राज को सुसमाचार सुनान ख जानो अवस्य हैं काहेकि मी ऐका खातिर भेजो गयो हैं।” \p \v 44 अर वी गलील के प्रार्थना घर म प्रचार करते रहयो। \c 5 \s पहलो चेलो ख बुलाओ जानू \r (मत्ती 4:18-22; मरकुस 1:16-20) \p \v 1 जब भीड़ परमेस्वर को वचन सुनन को लियो ओ पर गिर पड़त रह, अर वी गन्नेसरत की झील को किनारा पर खड़ी हती, ते असो भयो \v 2 कि ओ न नाला के किनारा म दो नाव लगी हुई हती, अर डिम्मर मच्छी पकड़न वालो पर उतर ख जाल कर धोवत रह हते। \v 3 उ नाव म से एक पर जो समोन की हती, ओ म चढ़कर ओ ना ओसे विनती करी की किनारो से थोड़ा हटा ले अर चल। तब वी बैठ ख लोगो नाव पर से ही सिक्छा (उपदेस) देन लगियो। \p \v 4 जब उन ना बात करली ते समोन से कय्हो, “गहरो म ले चल, अर मच्छी पकड़न का लियो अपनो जाल डालो” \fig नाव म चढ़ ख ढिमर हुन मच्छी पकड़ते बखत|alt="Fishermen in boat and catch fish" src="hk00208c.tif" size="span" copy="Horace Knowles ©" ref="5:4"\fig* \p \v 5 ते समोन न ओ ख उत्तर दियो, “हे स्वामी, हम न पुरी रात मेहनत करी पर अर कुछ नी पकड़ पाया; तोभी तोरो कहना से जाल डालूगो।” \v 6 जब उन्होना असो कियो, तो बेजा सी मच्छी घेरा म लाए, अर ओको जाल फटन लगियो। \v 7 ऐ पर उन ना अपना संगी हुन ख को जो दुसरी नाव पर हती, इसारा कियो कि आकार हमारी मदद करो, अर उनना आय ख समोन की मदद करी दो ही नाव यह तक भर ली कि डुबन लगी। \v 8 यु देखकर समोन पतरस यीसु को पाय पर गिर गयो अर कय्हो, “प्रभु मोरो नजीक से चल्यो जा, काहेकि मी पापी अदमी हैं।” \p \v 9 काहेकि इतनी मच्छी ख पकड़ियो जानो ओ ख अर ओके संगी ख बेजा अचम्भा भयो। \v 10 अर वसो ही जबदी का पोरिया याकूब अर यूहन्ना ख भी, समोन को संग म हते, अचम्भा भयो। तब यीसु न समोन कय्हो, “मत डर; अब से तू अदमी हुन ख जीवता पकडया करेगों।” \p \v 11 अर वी नाव हुन ख किनारा पर ले आया, अर सब कुछ छोड़ ख ओको पीछु चल्या गया। \s कोढ को रोगी ख चंगा करनु \r (मत्ती 8:1-4; मरकुस 1:40-45) \p \v 12 जब वी कोई नगर म हता, ते वहा कोढ से भरियो भयो एक अदमी आयो; अर उ यीसु ख देख ख मुंडो को बल गिरियो अर विनती करी, “हे प्रभु, यदि तू चाहे ते मोखा सुध्द कर सकत हैं।” \p \v 13 ओ न हात बढ़ा ख ओ ख छु, अर कय्हो “मी चाहत हूँ, तू सुध्द हो जा।” अर ओको कोढ तुरंत ठिक हो गयो। \v 14 तब ओ न ओ ख समझायो, “कोई से मत कहनो परन्तु जा अपनो तुम ख याजक ख दिखायो, अर अपनो सुध्द होनो ख बारे म जो कुछ मूसा न चढ़ावो ठहरायो हैं ओ ख चढ़ा की ओ पर गवाई हो हे।” \p \v 15 पर ओ न चर्चा ख सब दुर फैला दी, अर ढ़ेर सारी भीड़ ओकी सुनन ख लियो अर अपन बीमारियो से चंगो होवन ख लियो जामा (इकठ्टी) हुई। \v 16 पर उ जंगल म जाख अलग जगा म बिनती करत रह। \s लकवा को रोगी ख चोक्खो करनु \r (मत्ती 9:1-8; मरकुस 2:1-12) \p \v 17 एक दिन असो भयो कि उ सिक्छा देवा रवह हतो, अर फरीसी अर व्यवस्थापक वहाँ बठिया हता जो गलील अर यहूदिया को हर एक गाँव से अर यरूसलेम से आया हता, अर चोक्खो करन को लाने प्रभु कि सक्ति ओको संग म हती। \v 18 उत्ती बकत कई अदमी एक अदमी ख जोका लकवा को रोग हतो, खटिया म लायो अर भीतर ले जानो म अर यीसु को सामे रखनो को उपाय ढुढत रह हता। \v 19 पर जब भीड़ का लाने ओ ख भीतर नी ले जा सकिया ते उनना छत पर चढ़ाय ख खपरा हट, ख ओ ख खटिया समेत बीच म यीसु का सामे उतार दियो। \v 20 ओ न उनको भरोसा देख ख ओ से कहयो, “अरे इंसान जा तोरा पाप माप हो गया।” \p \v 21 तब सासतिरी अर फरीसी झगड़ा करन लगिया, “यु कोन हैं जो परमेस्वर की बुराई करत हैं? परमेस्वर ख छोड़ अर कोन पाप का माप कर सका हैं?” \p \v 22 यीसु न ओके मन की बात समझ ख ओसे कय्हो, “तुम अपना मन म का झगड़ा कर रयो हो? \v 23 सहज का हैं? का यू कहनू कि ‘तोरा पाप माप हो गयो’ का चलेयो जा ‘उठ अर चल फिर?’ \v 24 पर एकोलाने ओ ख जानो कि इंसान को पोरिया को धरती पर पाप माप करन को भी अधिकार दियो हैं” ओ ना उ लकवा को बीमार से कय्हो, “मी तोसे कहू हूँ, तू उठ अपनो खटिया उठायो ख घर चलो जा।” \p \v 25 उ तुरत ओखा सामे आगे उठा, अर जे पर उ पड़ो हतो ओ ख उठकर, परमेस्वर कि बड़ाई करत भयो अपनो घर म चलो गयो। \v 26 तब वी सब चंकित भया अर परमेस्वर की स्तुति करन लगिया अर बेजा डर कर कहन लगियो, “आज हम न अनोखी बात देखी लियो हैं!” \s लेवी हुन ख बुलायो जानू \r (मत्ती 9:9-13; मरकुस 2:13-17) \p \v 27 ऐको बाद वी बाहर गयो अर लेवी नाम को एक कर लेन वालो को कर घर पर बठियो देखो, अर ओसे कय्हो, “मोरो पिछु हो ला।” \v 28 तब वी सब कुछ छोड़कर उठियो, अर ओके पिछे हो लियो। \p \v 29 तब लेवी न अपन घर म ओखा लियो एक बड़ो खानो दियो; अर कर लेन वालो की अर अन्य लोग की जो ओखा संग खानो करन बैठे हते, एक बठियो भीड़ हती। \v 30 इ पर फरीसी अर ओसे सासतिरी उ के चेला हुन से यु कह ख कुड़कड़ान लगियो, “तुम कर लेन वालो अर पापी हुन का संग काहे खावा पिवा हैं?” \p \v 31 यीसु न जवाब दियो, “वैघ भलो चंगो को लाने नी, पर जुड़ वाला को लाने जरूरत हैं। \v 32 मी धर्मियो का नी, पर पापियो को मन फिरानो को लियो बुलायो आयो हूँ।” \s उपवास का प्रस्न \p \v 33 ओ न न ओसे कय्हो, “यूहन्ना का चेला हुन तो बराबर उपवास रखत अर प्रार्थना कियो करत हैं अर वसो ही फरीसी का चेला भी, परन्तु तोरो चेले तो खात-पित हैं।” \p \v 34 यीसु न ओसे कय्हो, “का तुम बरात हुन से, जब तक दुला ओके संग रहे, उपास करा सका हैं? \v 35 परन्तु उ दिन आए, जेमा दुल्हा ओसे अलग कियो जाएगो, तब वी उत्ती बखत म उपास करे।” \p \v 36 ओ ना एक अर उदाहरन भी ओसे कय्हो; “कोई अदमी नयो कपड़ा म फाड़कर पुरानो म थेगड़ा पैवन्द नी लगावा, नी तो नयो फट जाएगो अर वी थेगड़ा पुरानो म मिलान (मेलान) भी नी खाएगो। \v 37 अर कोई नयो अंगूर को रस को दाखरस पुरानी चमडा म नी भरतो, नी तो नयो अंगूर को रस मटका को फाड़ ख बह जाएगो, अर चमडा भी खतम हो जाएगो। \v 38 परन्तु नयो अंगूर को रस नयो चमडा म भरनो चाहिये। \v 39 कोई नयो अंगूर को रस अदमी पुरानो अंगूर का रस पी ख नयो नी चाहत, काहेकि वी कहत हैं, कि पुरानो ही अच्छो हैं।” \c 6 \s आराम को दिन को प्रभु \r (मत्ती 12:1-8; मरकुस 2:23-28) \p \v 1 अऊर यीसु कोई आराम को दिन ख गहूँ को खेत हुन से हो ख जा रयो हतो। उन ख चेला हुन फसल कि बाली तोड़ ख अऊर उन ख संग से मसल-मसल ख खान लगो। \v 2 तब फरीसी हुन म से कुछ कहन लगिया, “तुम असो काम काहे करत हैं जो आराम को दिन म करनो ठीक नी हैं?” \p \v 3 अऊर यीसु न उन ख जवाब दियो, “का तुम लोग हुन न यू नी पढ़ियो कि जब दाऊद अर ओको संगी हुन ख भूख लगी, तब दाऊद न का कियो हतो? \v 4 उ कसो परमेस्वर को घर म गयो, अर भेट की रोटियाँ लेय ख खायो, जिनका खानो याजक हुन का छोड़ अर कोई को ठीक नी, अर अपन संगियो का भी दी?” \p \v 5 अर फिर यीसु न उन से कय्हो, “इंसान को पोरिया आराम को दिन को मालिक आय।” \s सुखो हात वालो अदमी का चंगा करनु \r (मत्ती 12:9-14; मरकुस 3:1-6) \p \v 6 अऊर असो भयो कि कोई आराम को दिन वी प्रार्थना घर म जाकर सिक्छा (उपदेस) करन लगियो; अर वाहा एक अदमी हतो जेका जेवनो हात सुखो हतो। \v 7 सासतिरी अर फरीसी ऐ पर इज्जाम लगानो का बखत पानो की ताक म हतो की देखे आराम को दिन म चंगो करत हैं कि नी। \v 8 परन्तु वी ओके विचार जानन हतो; एकोलाने ओ ना सुखो हात वालो अदमी से कय्हो, “उठ, बीच म खड़ो हो गयो” वी उठ खड़ो हुओ। \v 9 यीसु न ओसे कय्हो, “मी तुम से यु पुछत हूँ कि छुट्टी को रोज का ठीक हैं, अच्छो करनु; या बुरो करनु; प्रान को बचानो या नास करन?” \v 10 तब ओ न चारो तरफ उन सभो का देखकर उ अदमी से कय्हो “अपनो हात बढ़ा।” ओ ना ऐसी ही कियो, अर ओखा हात फिर चंगो हो गयो। \p \v 11 परन्तु वी तुम से बाहर होकर आपस म विवाद करन लगियो कि हम यीसु ख संग का करे? \s बारा चेलो हुन को चुननो \r (मत्ती 10:1-4; मरकुस 3:13-19) \p \v 12 उन दिनो म यीसु टेकरा (पहाड़) पर विनती करन गयो, अर परमेस्वर प्रार्थना करन म सारो रात बितायो। \v 13 जब दिन हुओ ते ओ ना अपनो चेला हुन को बुलायो कर ओ म से बारा चुनियो अर ओखा प्रेरित कय्हो; \v 14 अर वी यी आय समोन जोको नाव (नाम) ओ ना पतरस वी रखियो, अर ओको भई अन्द्रियास, अर याकूब, अर यूहन्ना, अर फिलिप्पुस, अर बरतुल्मै, \v 15 अर मत्ती, अर थोमा, अर हलफई का पोरिया याकूब अर समोन जे जेलोतेस कहलाता हैं, \v 16 अर याकूब का पोरिया यहूदा, अर यहूदा इस्करियोती जे यीसु को पकड़ वालो बनो। \s यीसु को सिक्छा देनो अर चंगा करनु \r (मत्ती 4:23-25) \p \v 17 अऊर यीसु उन ख बारा दास हुन ख संग म टेकड़ा से उतर ख एक रफाड़ म खड़ो हो गयो। वहाँ उनको बेजा सा चेला हुन हता, अऊर एक बड़ी भीड़ को झुण्ड भी हतो वी लोग सब यहूदी सहर, यरूसलेम सहर अऊर सूर अऊर सैदा को समुंदर किनारा से आया हता। \v 18 जे ओकी सुनन अर अपन जुड़ से चंगा होवन को लाने ओको नजीक आयो हते, वहाँ हते। अर बुरी आत्मा के सताएँ हुओ लोग भी चोक्खो कियो जात हते। \v 19 सब ओ ख छुनो चाहत हते, काहेकि ओमा से सामर्थ्य निकलकर सब ख चंगो करत हती। \s आसीस अऊर सोक इंसान \r (मत्ती 5:1-12) \p \v 20 तब ओ ना अपनो चेला हुन की तरफ देख ख कय्हो, \q1 धन्य हो तुम जे दीन हैं, \q2 काहेकि परमेस्वर को राज तुम्हारो हैं। \q1 \v 21 भलो हैं तुम जो अबी भुखो हैं, \q2 काहेकि पेट भर खाहे। \q1 “धन्य हैं तुम जो अब रोवा हैं, \q2 काहेकि हँसे।” \p \v 22 “भलो हैं तुम जब इंसान को पोरिया को वजे से इंसान तुम से गुस्सा करे, अऊर निकाल देहे, अऊर तुम्हारी बुराई करे, अर तुम्हारो नाम बुरो जान ख काट देहे।” \p \v 23 उ दिन खुसी हो ख कुदे, काहेकि देखनो, तुमारो लाने स्वर्ग म बडो प्रतिफल हैं; ओके बाप-दादा भविस्यवक्ता हुन को संग भी वसो ही कियो करत हतो। \q1 \v 24 “परन्तु धितकार तुम पर जा धनी हैं, \q2 काहेकि तुम अपनो सान्ति पा लियो।” \q1 \v 25 “धितकार तुम पर अब तृप्त हो, काहेकि भूखे होए।” \q2 “हाय तुमारो पर जो अब हँस हैं।” \q2 काहेकि दुख करे अर रोहे। \p \v 26 धितकार तुम पर जब सब अदमी तुम ख भलो कहे, काहेकि बाप-दादा झूटा भविस्यवक्ता ख संग भी कियो करत हतो। \s दुसमन से प्रेम \r (मत्ती 5:38-48; 7:12) \p \v 27 पर मी तुम सुनन वाला ख कहू हैं कि अपनो बैरी से प्रेम रखनो; जे तो से बैर करे, ओको भलो कर। \v 28 जे तुम ख स्राप दे, ओको आसीस दो; जे तुम्हारो अपमान करे, ओको लाने प्रार्थना करो। \v 29 जे तोरो एक गाल पर चाटा मारे ओको ओर दुसरो भी फेर देजो तोरी दोहर छिन लेहे, ओको कुरता लेनो से भी नी रोक। \v 30 जे कोई तोसे से मागे, ओ ख दे; अऊर जो तोरी वस्तु छीन ले, ओसे नी माँग। \v 31 जसो तुम चाहवा हो कि लोग तुम्हारो संग कर, तू भी उन ख संग वसो ही करो। \p \v 32 “अदि तुम अपनो प्रेम रखन वालो ही को संग प्रेम रखा हैं, तो तुमरो का बड़ाई? काहेकि पापी भी अपनो प्यार रखन वाला को संग प्यार रख हैं। \v 33 अदि तुम अपनो भलई करन वालो ही ख संग भलाई करत हो, तो तुमरो का बड़ाई? काहेकि पापी भी असो ही कर हैं। \v 34 यदि तू ओ ख उधार दो जेसे फिर पानो की आसा रखत हो, तो तुम्हारो का बड़ाई? काहेकि पापी पापियो को उधार देहत हैं कि उतनो ही फिर पाएँ। \v 35 वरन् अपना दुसमन हुन से प्रेम रखो, अर भलाई करो, अर फिर पानो की आसा नी रखकर उधार दो; अर तुम्हारो लियो बड़ो फल होगो, अर तू परमप्रधान ख अवलाद ठहरोगो, काहेकि वी उन पर जे धन्यवाद नी करत अर बुरो पर कृपालु हैं। \v 36 जसो तुमारो बाप दयावन्त हैं, वसो ही तू भी दयावन्त बनो। \s इज्जाम नी लगानो \r (मत्ती 7:1-4) \p \v 37 “दोस नी लगा, तो तोखा भी दोस नी लगायो जाहे। दोस नी लगाहे, ते तुम ख भी दोस नी ठहराए जाएगो माप कर, तो तोखा भी माफ कियो जाएगो। \v 38 अगर तू दुसरो ख देगो, ते तुम ख भी दियो जाएगो। अगर लोग हुन ख पुरो नाप से दबा दबाकर ख अर हला हलाकर ख भर ख देहेगो ते उ तुम ख तुम्हारी गोद म भर पुरी से डालेगो, काहेकि, जे नाप से तुमरो नाप हैं, ओसे से तुम्हारो लियो भी नापो जाएगो।” \p \v 39 फिर ओ ना एक उदाहरन कय्हो: “का अंधा, अंधो का रस्ता बता सकत हैं? का दोही हुन गड्डा म नी गिरेगो? \v 40 चेला अपन मुख से बड़ो नी, परन्तु जे कोई सिध्द होगो, वी गुरू का समान होगो। \v 41 तू अपन भई की आँख को कचरा को काहे देखत हैं, अर अपन आँख को लट्ठा नी दिखत (सूझता) आय? \v 42 जब तू खुद की ही आँख का लट्ठा नी दिखत आय, तो अपन भई से कसो कहत सकत हैं, ‘हे भई; रुक जा तोरी आँख से कचरा ख निकला दूँ’? हे कपटी, पहले अपन आँख से लट्ठा निकाल, तब जो तिनका तोरो भई की आँख म हैं, ओ ख भली भाँति देखकर निकाल सकेगो। \s जसो झ़ाड़ वसो फल \r (मत्ती 7:16-20; 12:33-35) \p \v 43 “कोई अच्छो झाड़ नी जो निकम्मा फल लाए, अर नी ते निकम्मो झ़ाड़ हैं जो चोक्खो फल लाए। \v 44 हर एक झाड़ अपन फल से पहचानता जावा हैं; काहेकि अदमी झाड़ी हुन से अंजीर नी तोड़त अर नी झड़बेरी से अंगूर। \v 45 चोक्खो अदमी अपन मन के भले भण्डार से भली बात निकलत हैं, अर बुरो अदमी अपन मन के बुरो भण्डार से बुरो बात निकलत हैं; काहेकि जो मन म भरो हैं ऊईच ओको मुँह पर आवह हैं। \s घर बनान वाला दो अदमी \r (मत्ती 7:24-27) \p \v 46 “जब तुम मोरो कहन नी मानत तो मोखा हे प्रभु, कहत हो?” \v 47 जे कोई मोरे पास आत हैं अर मोरी यी बात ख सुन ख उन ख माना हैं, मी तुम्हे बतात हूँ की वी कोके सामन हैं: \v 48 अऊर उ अदमी का समान हैं, जेने घर बनात बखत जमीन म गहरी गड्डा खोदकर चट्ठान पर नीव डाली, अर जब बाढ़ आयो तो धारा उ घर पर लगियो पर ओखा हिला नी सकी; काहेकि वी पक्को बनो हतो। \v 49 परन्तु जो सुन कर नी मानत वी उ अदमी का समान हैं, जेना मिठ्टी पर बिना नीव का घर बनायो, जब उ पर धारा लगी तो वी तुरत गिर पड़ो अर गिरकर ओको सत्यानास हो गयो। \c 7 \ms एक सूबेदार को विस्वास \r (मत्ती 8:5-13) \p \v 1 जब उ अदमी हुन यू बात हुन कह चक्यो, तू उ कफरनहूम सहर म आयो। \v 2 उ कोई सतपति को एक दास जो ओखा प्रिय हतो, जुड़ से मरन पर हता। \v 3 ओ न यीसु की चर्चा सुन ख यहूदियो को कई सियाना को ओसे यु विनती करी को लाने ओके पास भेजियो कि आय ख मोरो दास ख चोक्खो कर। \v 4 वी यीसु का पास आयो, अर ओसे बड़ी विनती कर ख कहन लगियो, “वी योग्य हैं कि तू ओके लियो यु करे, \v 5 काहेकि वी हमार जाति से प्रेम रखत हैं, अर ओ न हमार प्रार्थना घर का बनायो हैं।” \p \v 6 यीसु ओखा संग गयो, पर जब वी घर से दुर नी हतो, ते सतपति ओको नजीक कई दोस्त हुन ख दुवारा कहना भेजो, “अरे प्रभु दुख नी उठा, काहेकि मी यू लायक नी कि तुम मोरो घर को भीतर आहे। \v 7 इही कारन मी अपन तुम को इ योग्य भी नी समझात कि तोरो पास आऊ, पर सब्द ही कह दे तो मोरो सेवक चंगो हो जाएगो। \v 8 मी भी पराधीन अदमी हूँ, अर सासन मोरा हात म हैं; अर जब एक को कहूँ हैं जा, तो वी जात हैं; अर दुसरो से कहत हूँ, आ तो आत हैं; अर अपन किसी दास को कि यु कर तो वी ओ ख करत हैं।” \p \v 9 यु सुन कर यीसु का अचम्भा हुओ अर मुँह फेर कर उ भीड़ से जो ओके पिछु आवन रही हती, कय्हो, “मी तुम से कहत हूँ, कि मी ना इस्राएल म भी ऐसो विस्वास नी पायो।” \p \v 10 अर भेजो हुओ अदमी न घर म लउटकर ओ ख दास चंगो पायो। \s विधवा का पोरिया को जीवन दान \p \v 11 थोड़ो दिन का बाद नाईन नाम को एक नगर म गयो। ओके चेला हुन अर बड़ी भीड़ ओके संग जा रही हती। \v 12 जब वी नगर का फाटक का पास पहुँचियो, तो देखो, लोग उ एक मुदा का बाहर ले जात हतो; जे अपन माय को एक ही पोरिया हतो, अर वी विधवा हती; अर नगर को ढ़रो सारो लोग हुन ओको संग म हता। \v 13 ओ ख देखकर प्रभु का तरस आयो, अर ओ ना कय्हो, “नी रो।” \v 14 तब ओ ना पास म आकर अर्थी को छुओ, अर उठन वाला ठहर गयो। तब ओ ना कय्हो, “हे जवान, मी तो से कहत हूँ, उठ!” \v 15 तब वी मुरदा उठ बैठियो, अर बोलन लगियो। ओ ना ओ ख ओकी माय का सोप दियो। \p \v 16 इसे सब पर डर (भय) छा गयो, अर वे परमेस्वर की बड़ाई कर ख कहन लगिया, “हमार बिच म एक बड़ो भविस्यवक्ता उठियो हैं, अर परमेस्वर न अपना अदमी पर कृपा नजर करी हैं।” \p \v 17 अर ओके बारे म यू बात सारो यहूदिया अर आसा पास का सारो देस म फैल गयो। \s यूहन्ना पानी बपतिस्मा देन वालो का प्रस्न \r (मत्ती 11:2-19) \p \v 18 यूहन्ना का ओके चेला हुन न इ सब बात का खबर (समाचार) दियो। \v 19 तब यूहन्ना अपना चेलो म से दो जन का बुला ख अर प्रभु का पास यू पुछन ख लियो भेजो, “का आन वाला तू ही हैं, या हम किसी अर की रस्ता (बाट) देखा?” \p \v 20 उन्होना ओके पास म आकर कय्हो, “यूहन्ना पानी से बपतिस्मा देन वाला न हमका तोरो पास यु पुछन का लियो भेजो हैं कि का आन वाला तू ही हैं, या हम दुसरा रस्ता (बाट) देखा?” \p \v 21 ऊईच बखत ओ ना बेजा का जुड़ अर पीड़ा, अर दुस्टात्मा से चोक्खो कियो हयो हतो; अर बेजा से अंधो को आँखी दी; \v 22 अर ओ न ओ से कय्हो, “जो कुछ तू न देखो अर सुनो हैं, जा ख यूहन्ना से कह देनो; कि अंधो देखत हैं, लंगड़ा चलत-फिरत हैं, कोढ़ी इ सुध्द किए जात हैं, बहिरा सुनत हैं, मरा हुन ख जिन्दो करा हैं, अर कंगाल का सुसमाचार सुनायो जात हैं। \v 23 धन्य हैं वी जो मोरो विसय म ठोकर नी खाए।” \p \v 24 जब यूहन्ना का भेजो हुओ लोग चलो गयो तो यीसु यूहन्ना को बारे म लोग हुन से कहन लगियो, “तुम जंगल म का देखन गयो हतो? का हवा से हिलत सरकण्डा को? \v 25 वी फिर तुम का देखन गया रहा? का कोमल कपड़ा पहिनो हुओ अदमी को? देखो, जे भड़कीला कपड़ा पहिनत अर सुख विलास से रह हैं, वी राजा को महल रहवा हैं। \v 26 ते फिर का देखन गए हते? का किसी भविस्यवक्ता को? हाँ, मी तुम से कहत हूँ, वरन् भविस्यवक्ता से भी बड़ो का। \v 27 यु वही हैं, जेको विसय म लिखो हैं: परमेस्वर कह हैं देख, मी अपनो दुत ख तोरा आगु-आगु भेजत हूँ, उ तोरो आगु तोरा रस्ता तैयार करे। \v 28 मी तुम से कहत हूँ कि जे ओरत से जनमो हैं, ओमा से यूहन्ना से बड़ो कोई नी: पर जे परमेस्वर को राज्य म छोटो से छोटो हैं, उ ओ ख भी बड़ो हैं।” \p \v 29 अर सब सामान्न लोगो न सुन कर अर कर लेन वालो न भी यूहन्ना का पानी से बपतिस्मा लेकर परमेस्वर का सच्चो मान लियो। \v 30 परन्तु फरीसी अर व्यवस्थापक हुन न ओसे बपतिस्मा नी लेकर परमेस्वर का अभिप्राय को अपनो विसय म टाल दियो। \p \v 31 अत: मी इ “युग को लोग हुन को बारे म कसो समझऊ उपमा कि वी कोको समान हैं? \v 32 वी उ पोरिया का समान हैं जो बजार म बैठो हुओ एक दुसरा से पुकार कर कहत रह। ‘हम न तुम्हारो लियो बाँसुरी बजाई, अर तुम नी नाचिया; हमना दुख कियो अर तुम नी रोया!’ \v 33 काहेकि यूहन्ना पानी बपतिस्मा देनवाला नी रोटी खात आया, नी अंगूर को रस पीवा आयो, अर तुम कहत हूँ, ‘ओमा दुस्टात्मा हैं।’ \v 34 अऊर इंसान को पोरिया खात-पीत आयो हैं, अर तुम कहत हो, देख भूखड़ अर पियक्कड़ अदमी कर लेन वालो का अर पापी हुन का दोस्त। \v 35 पर ग्यान अपनी बुध्दि सब अवलाद व्दारा सच्चो ठहरायो गयो हैं।” \s फरीसी को घर म पापीनी बाई को माप करनु \p \v 36 फिर किसी फरीसी न ओसे विनती की कि वी ओको संग खानो करे, अत: वी उस फरीसी के घर म जाकर खानो करन बैठो हैं। \v 37 उ सहर की एक पापीनी बाई यु जानकर कि वी फरीसी का घर म जोवन करन बैठियो हैं, संगमरमर को बर्तन म इतर लेख आई, \v 38 अर ओके पाय का पास, पिछु खड़ी होकर, रोती हुई ओके पाय को आँसु हुन से भगोने लगिया अर अपनो सिर का बाल से पोछन लगिया, अर ओके पाय बार-बार चुमकर उ इतर मलो। \v 39 यु देखकर वी फरीसी जेना ओ ख बुलायो हता अपन मन म सोचन लगियो, “यदि यु भविस्यवक्ता होतो तो जान जातो कि यु जो ओ ख छूवा रही हैं, वी कऊन, अर कसी बाई हैं, काहेकि वी पापीनी हैं।” \p \v 40 यीसु न ओको उत्तर म कय्हो, “हे समोन, मोरो तो से कुछ कहनो हैं।” उ बोल्यो, “हे गुरू, कह।” \p \v 41 अऊर यीसु न कय्हो, “कोई बड़ो व्यक्ति को दो कर्जदार हतो। एक पाँच सव चाँदी सिक्का को ब्याज हतो अर दूसरो, पचास चाँदी सिक्का को कर्जदार हतो। \v 42 जब ओको नजीक लोटानो का कुछ नी रहयो, तो ओ ना दो ही जन का माप कर दियो, एकोलाने ओ म से कऊन ओसे अधिक प्रेम रखेगो?” \p \v 43 समोन न उत्तर दियो, “मोरी समझ म ते ऊईच, जे को जादा कर्जा माप भयो। यीसु न ओ से कहयो।” \p “तुमारो निर्नय अच्छो हैं।” \v 44 अर उ बाई का तरफ फिर ख ओ न समोन से कहयो, का तू या बाई ख देखा हैं? मी तोरो घर म आयो पर तू न मोरो पाय धोन ख लाने पानी नी दियो, पर ओ ना मोरो पाय आँसु हुन से भिगयो अर अपनो बाल हुन से पोछो। \v 45 तू न मोखा चूमा नी दियो, पर जब से मी आयो हैं तब से मी इन से मोरो पाय का चूमन नी छोड़ो। \v 46 अऊर तो न मोरो सिर पर तेल नी मलो, पर इन मोरो पाय पर इतर मलो हैं। \v 47 एकोलाने मी तो से कहूँ हैं कि ओको पाप जे बेजा हते माप भयो काहेकि ऐन बेजा प्यारा कियो; पर जेका थोड़ो माप हुओ हैं, वी थोड़ो प्रेम करत हैं। \p \v 48 अर यीसु वा ओरत से कहयो, “कि तुमारो पाप माप हो गयो।” \p \v 49 तब जे लोग ओके संग खाना करन बैठी हते, वी अपन-अपन मन म सोचन लगियो, “यू कऊन हैं जे पापो का भी माप करत हैं?” \p \v 50 पर ओ ना बाई से कय्हो, “तोरो विस्वास न तोखा बचा लियो हैं, सान्ति से चली जा”। \c 8 \s यीसु की चेला हुन लोग \p \v 1 एको बाद उ सहर-सहर अर गाँव-गाँव म प्रचार कर रयो, अऊर परमेस्वर को राज्य अर को सुसमाचार सुनाते फिरन लगियो, अर वी बाहर ओको संग हते, \v 2 अर कुछ बाई हुन भी हती जे म दुस्टात्मा हुन से अऊर बिमारी से चोक्खो कियो गयो हती, अर वी ई आय: मरियम जे मगदलीनी कहलाता हती, जेम से सात बुरी आत्मा निकली हती, \v 3 अर हेरोदेस को भण्डारी खुजा की घरवाली योअन्ना, अर सूसन्नाह, अर बेजा सी अन्य बाई हन। वी अपन इच्छा सम्पत्ति से ओकी सेवा करत रह। \s बीज बोनू वालो को उदाहरन \r (मत्ती 13:1-9; मरकुस 4:1-9) \p \v 4 जब बड़ी भीड़ इकठ्टी भई अर नगर-नगर का लोग ओके पास चलो आत रह हता, तो ओ न उदाहरन म कय्हो: \p \v 5 “एक बोवन वाला बीज बोन का लियो निकलियो। बोते हुओ कुछ रस्ता का किनारो म गिरीयो, अर पाय को व्दारा रोदियो गयो, अर आकास की पक्छी हुन न ओ ख चुन लियो। \v 6 कुछ चट्ठान पर गिरो, अर उपज, पर नमी नी मिलन से सूख गयो। \v 7 कुछ झाड़ियो का बीच म गिरायो, अर झाड़ हुन न संग-संग बढ़ ख ओको दबा दियो। से \v 8 कुछ अच्छी जमीन पर गिरायो, अर उगकर सव गुणा फल लायो।” यू कह ख ओ ना ऊँचो सब्द से कय्हो, \p “जेके सुनन का कान होए वी सुन ले।” \s उदाहरन का उदेस्य \r (मत्ती 13:10-17; मरकुस 4:10-12) \p \v 9 ओके चेला हुन न ओसे पुछो कि इ उदाहरन को मतलब का हैं? \v 10 ओ न कय्हो, “तुम को परमेस्वर को राज को भेदो की समझ दी गयो हैं, पर अरो को उदाहरन हुन म सुनायो जात हैं, एकोलाने कि ‘वी देखत हुओ भी नी देखा, अर सुन ख भी नी समझ सक हैं।’ \s बीज बोन वाला उदाहरन का मतलब \r (मत्ती 13:18-23; मरकुस 4:13-20) \p \v 11 “उदाहरन को मतलब यू हैं: बीज परमेस्वर को वचन हैं। \v 12 रस्ता का किनारा म का वी हैं, जे न सुनो: तब सैतान आय ख ओके मन म से वचन उठा लियो जात हैं कि कही असो नी हो कि वी विस्वास कर ख उध्दार पाएँ। \v 13 पत्थर चट्ठान पर का वी हैं कि जब वी सुनत हैं, ते खुसी को संग म वचन ख ग्रहण वी करत हैं, पर जड़ नी पकड़न से वी थोड़ी देर का तक विस्वास रखत हैं अर परीक्छा को बखत बहक जावा हैं। \v 14 जे झाड़ म गिरियो, यु वी हैं जे सुनत हैं, पर सामे चल ख चिन्ता, अर धन, अर जीवन का सुख विलास म फंस जावा हैं अर ओखा फल नी पकत हैं। \v 15 पर चोक्खो जमीन म को वी हैं, जो वचन सुन ख भले अर उत्तम मन म सम्भाल को रखत हैं, अर धीरे धीरे से फल लात हैं। \s म्याल पा दिया \r (मरकुस 4:21-25) \p \v 16 “कोई दिया जला ख बर्तन को नीच्चो नी ढाँकत, अर नी खटिया को निचे रखह हैं, पर म्याल (दीवट) पर रखत हैं कि अन्दर आनवालो ख उजालो मिले। \p \v 17 “कुछ छिपयो नी प्रगट नी होय, अर न कुछ छुपाए (गुप्त) हैं जे जाना नी जाए अर प्रगट नी हो। \p \v 18 “एकोलाने होसियार रह कि तुम कसो रीति से सुनत हो? काहेकि जेके पास हैं ओको दियो जाएगो, अर जेके पास नी हैं। ओको पास से वी भी ले लियो जाएगो, जे ख भी वी अपनो समझत हैं।” \s यीसु की माय अर भई \r (मत्ती 12:46-50; मरकुस 3:31-35) \p \v 19 ओकी माय अऊर ओको भई ओके पास आए, पर भीड़ को कारन ओसे मिल नी सक्या। \v 20 ओसे कय्हो गयो, “तोरी माय अर तोरो भई बाहर खड़ो हुयो, तो से मिलना चाहत हैं।” \v 21 ओ न एको उत्तर म ओसे कय्हो, “मोरी माय अर मोरो भई वी ही आय, जे परमेस्वर का वचन सुनत अर मानत हैं।” \s आँधी को सान्त करनु \r (मत्ती 8:23-27; मरकुस 4:35-41) \p \v 22 फिर एक दिन वी अर ओको चेला हुन नाव पर चढ़ियो, अर ओ न ओसे कय्हो, “आओ, झील को पार चले।” अत: उन्होना नाव खोल दी। \v 23 पर जब नाव चल रही हती, तो उ सो गयो: अर झील म आँधी आई, अर नाव पानी से भरन लगीयो अर वी तकलिब (जोखिम) म हते। \p \v 24 तब उन्होना यीसु का पास आकार ओको जगायो, अर कय्हो, “स्वामी। स्वामी! हम नास हुओ जात हैं।” तब ओ ना उठकर आँधी को अर पानी की लहरो को डांटियो अर वी थम गए अर ठीक हो गयो। \p \v 25 तब यीसु ओसे कय्हो, “तुम्हारो विस्वास किते हतो?” पर वी डर गया अर अचम्भो होकर आपस म कहन लगिया, “यू कऊन हैं जे आँधी अर पानी ख भी आग्या देव हैं, अर वी ओकी मान हैं?” \s दुस्टात्म ग्रस्त अदमी का करनु \r (मत्ती 8:28-34; मरकुस 5:1-20) \p \v 26 फिर वी गिरासेनी हुन को देस म पहुँचियो, जो उ पार गलील का सामने हैं। \v 27 जब वी किनारा पर उतरिया तो उ नगर को अदमी ओ ख मिलो जे मा दुस्टात्मा हुन हती। वी बेजा दिन से न कपड़ा पहिनत रह। अर न घर म रह पर मरघट म रह हता। \v 28 उ यीसु ख देखकर चिल्लायो अर ओके सामने गिरकर ऊँचो सब्द से कय्हो, “हे परमप्रधान परमेस्वर को पोरिया यीसु! मोखा तो से का काम? मी तो से विनती करू हूँ, मोखा दुख मत देहे।” \v 29 काहेकि वी उ दुस्टात्मा ख उ अदमी म से निकलन की आग्या दे रह। पर लोग ओ ख साँकल म अर बेडी हुन से बाँध ख रखत रह तोभी वी बन्धन हुन ख तोड़ डालत रह, अर दुस्टात्मा ओ ख जंगल म भगा ख फिरत रह। \p \v 30 यीसु न ओसे पुछियो, “सेना,” \p काहेकि बेजा दुस्टात्मा ओमा पैठ गई हती। \v 31 जसो ओसे विनती करी कि हम अथाह कुण्ड म जान की आग्या नी दे। \p \v 32 वहाँ टेकड़ी पर डुक्कर का एक बड़ो झुण्ड चर रह हतो, एकोलाने जसो ओ से विनती करी की हम ख ओमा समान (पैठने) दे। \v 33 तब दुस्टात्मा उ अदमी म से निकलकर डुक्कर हुन म गई अर वी झुण्ड कड़ाड़े म से झपटकर झील म जाय गिर गयो अर डुब मरियो। \p \v 34 चरान वाला यु जो हुओ हतो देख ख भाग्यो, अर नगर म अर गाँव हुन म जाय ख ओखा खबर दियो। \v 35 लोग यु जो भेयो हतो, ओ ख देखन का निकलियो, अर यीसु को कने आ ख जे अदमी से दुस्टात्मा निकली हती, ओ ख यीसु का पा ख पास कपड़ा पहिने अर चांलाकि से बठ गया ओ ख देख डर गया; \v 36 अर देखन वाला न ओको बतायो कि वी बुरी आत्मा का सताया हुओ अदमी किस प्रकार चोक्खो हुओ। \v 37 तब गिरासेनी हुन का आजू बाजू का सब लोगो न यीसु से विनती कि की हमारो यहाँ से चलो जा; काहेकि उन पर बड़ो डर छा गयो हतो। अत: वी नाव म चढ़कर लउट गयो। \v 38 जे अदमी म से दुस्टात्मा निकली हती वी ओसे विनती करन लगियो कि ओ ख अपन संग रहन दे, \p परन्तु यीसु न ओको विदा कर ख कहयो, \v 39 “अपन घर का लउट जा अर लोगो से बता कि परमेस्वर न तोरो लियो कैसे बड़ो-बड़ो काम कियो हैं।” वी जाकर सारो नगर म प्रचार करन लगियो, \p कि यीसु न मोरो लाने कसो बड़ो-बड़ो काम कियो। \s याईर की मारी पोरी अर एक जुड़ बाई \r (मत्ती 9:18-26; मरकुस 5:21-43) \p \v 40 जब यीसु लउटो तो लोगो ओसे आनन्द का संग मिलियो, काहेकि वी सब ओकी रस्ता देख रहे हते। \v 41 इतनो म याईर नामक एक अदमी जो प्रार्थना घर का मुखिया हता आयो अर यीसु का पाय पर गिर का ओ ख विनती करन लगियो कि मोरो घर चल, \p \v 42 काहेकि ओको बारा वर्स की एक ही पोरी हती, अर वी मरन पर हती। जब वी जा रयो हतो, तब लोग ओ पर गिर पड़त हते। \v 43 एक बाई न जे को बारा वर्स से खून बहिन का जुड़ हतो, अर जो अपन सारी जिन्दगी की कमाई अपनी ओकात ख अनुसार वैघ हुन का पिछे पिछे खर्च कर चुकी हती, तोभी कोई का हात से चंगी नी हो सकी हती, \v 44 पिछु से आकार यीसु कपड़ा का आँचल ख छूओ, अर तुरंत ओखा खून बहिनो बंद हो गयो। \p \v 45 इ पर यीसु न कय्हो, “मोखा कोना छुओ?” जब सब मुकरने लगियो, तो पतरस अर ओके संगियो न कय्हो, “हे स्वामी, तोखा तो भीड़ दबा रही हैं अर तो ख पर गिरी पड़त हैं।” \p \v 46 परन्तु यीसु न कय्हो, “किसी न मोखा छुओ हैं, काहेकि मी न जान लियो हैं कि मोरो म से सामर्थ्य निकली हैं।” \v 47 जब बाई न देखी कि मी छिप नी सकत; ते वा कापते अई, अर ओको पाय हुन पर गिढ सब लोगो का सामने बतायो कि ओ ना किस कारन से ओखा छुओ, अर कसी तुरत चंगी भई। \v 48 ओ न ओसे कय्हो, “पोरी, तोरो विस्वास न तोखो चोक्खो कियो हैं; सान्ति से चली-जाजो।” \p \v 49 वी यू कह ही रहा हतो कि किसी न प्रार्थना घर को मुखिया को यहाँ से आय ख कय्हो, “तोरी पोरी मर गई: गुरू का परेसानी मत कर।” \p \v 50 यीसु न यू सुन कर ओखा उत्तर दियो, “मत डर; केवल विस्वास रख, तो वी अच्छी जाहे।” \p \v 51 घर म आकर ओ ना पतरस, यूहन्ना, याकूब, अर पोरी कि माय-बाप अर छोड़ अन्य कोई ख भीतर आने नी दियो। \v 52 सब ओके लियो रोहत हतो, परन्तु ओ ना कय्हो, “रोवा मत; वी मरी नी परन्तु सोई रही हैं।” \p \v 53 वी यु जानकर कि वी मर गई हैं ओकी हँसी उड़ान लगियो। \v 54 परन्तु ओ ना ओखा हात पकड़ियो, अर पुकार कर कय्हो, “हे पोरी उठ!” \v 55 अऊर ते ओको प्रान लउट आयो अर वी तुरत उठ बैठी। फिर ओ ना आग्या दी कि ओखा कुछ खाना-खान का दियो जाए। \v 56 ओके माय-बाप गजाब म पड़िया, परन्तु ओ ना उन्हे जतायो कि यु जो हुओ हैं। कोई से नी कहनो। \c 9 \s बारा प्रेरित ख भेजो जानो \r (मत्ती 10:5-15; मरकुस 6:7-13) \p \v 1 फिर ओ न बारा चेलो को बुलायो, अर उन्हे सब दुस्टात्मा अर जुड़यो का दुर करनु की सामर्थ्य अर अधिकार दियो, \v 2 अर उनना परमेस्वर का राज्य का प्रचार करन को लाने भेजो। \v 3 ओ न ओ से कय्हो, “रस्ता को लाने कुछ नी लेनो, नी ते लाठी, नी झोला, नी रोटी, नी पैसा अर नी दो-दो कुरता। \v 4 जे कोई घर म तुम उतरो, उते रहनो, अर उते से विदा लेनू। \v 5 जे कोई तुम ख ग्रहण नी करे, उ नगर से निकलते बखत हुयो अपन पाय की धुल झाड़ ड़ालनू कि उ पर विरोध गवाई हो।” \p \v 6 तब वी निकलकर गाँव-गाँव चोक्खो सुसमाचार सुनायो, अर हर लोगो का चंगो करत हुओ फिरत रहे। \s हेरोदेस को उलझन म पड़नो \r (मत्ती 14:1-12; मरकुस 6:14-29) \p \v 7 देस का चऊथाई राजा हेरोदेस यू सब सुन कर घबरा गयो, काहेकि कुछ न कय्हो कि यूहन्ना मरो हुओ म से जिन्दो भयो हैं, \v 8 अर कुछ न यू कि एलिय्याह दिखाई दियो हैं, अर ओरो न यू कि पुरानो भविस्यवक्ता हुन म से कोई जिन्दो हो गयो हैं। \v 9 परन्तु राजा हेरोदेस न कय्हो, “यूहन्ना का तो मी न सिर कटवा दियो हतो, अब यू कऊन हैं जे के बारे म ऐसो बात सुनत हूँ?” अर ओ ना ओ ख देखन की इच्छा करी। \s पाँच हजार अदमी का खाना खिलानू \r (मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; यूहन्ना 6:1-14) \p \v 10 फिर प्रेरित हुन न लउटकर जे कुछ उन न कियो हता ओको बता दियो; अर वी उन्हे अलग कर ख बैतसैदा नाम को नगर म ले गयो। \v 11 यू जानकर भीड़ ओके पिछे हो ली, अर वी खुसी को संग ओसे मिलियो, अर ओमा परमेस्वर का राज्य की बात करन लगियो, अर जे चंगे होन चाहत हते वी चंगो कियो। \p \v 12 जब दिन ढ़लन लगियो तो बारहो चेलो न आकार ओसे कय्हो, “भीड़ का विदा कर कि चारो ओर का गाँव हुन अर बस्ती हुन म जाकर रुकनो अर खाना को उपाय करे, काहेकि हम यु सुनसान जगह म हैं।” \p \v 13 यीसु न उनसे कय्हो, “तुम ही उन ख खान ख देव।” उन्होना कय्हो, “हमारो पास पाँच रोटी अर दो मच्छी हुन ख छोड़ अर कई नी हैं; परन्तु हाँ यदि हम जाय ख इ सब लोगो को लाने खाना मोल लेहे, तो हो सकत हैं।” \v 14 वी लोग तो पाँच हजार अदमी का लगभग हता। \p तब ओ ना अपन चेला से कय्हो, “उन ख पचास-पचास कर ख पंगत म लाइन से बैठा दो।” \p \v 15 उन्होना ऐसो ही कियो, अर सब का बैठा दियो। \v 16 तब ओ ना वी पाँच रोटियाँ अर दो मच्छी हुन ली, अर स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद कियो, अर तोड़-तोड़कर अपन चेला हुन का देतो गयो कि वी लोगो का परोसे। \v 17 तब सब न खाना खाकर संतुस्ट हुओ, अर चेलो न बचो हुए टुकड़ो से बारा टोकनी हुन भर का उठायो। \s पतरस का यीसु को मसी स्वीकार करनु \r (मत्ती 16:13-20; मरकुस 8:27-30) \p \v 18 जब वी एकान्त म प्रार्थना कर रह हता अर चेला ओको संग हता, तो ओ ना ओसे पुछियो, “लोग मो ख का कहत हैं?” \p \v 19 उन्होना जवाब दियो, “यूहन्ना पानी बपतिस्मा देना वालो, अर कोई एलिय्याह, अर कोई यू कि पुरानो भविस्यवक्ता म से कोई जिन्दो हुयो हैं।” \p \v 20 ओ ना उनसे पुछियो, “परन्तु तू मोखा का कहत हो?” पतरस न उत्तर दियो, “परमेस्वर का मसी।” \v 21 तब ओ ना उनका जता ख कय्हो कि यु कोई से नी कहनू। \s अपन मृत्यु का विसय यीसु की भविस्यव्दाणी \r (मत्ती 16:21-23; मरकुस 8:31-33) \p \v 22 फिर ओ ना कय्हो, “इंसान को पोरिया को लाने अवस्य हैं कि वी बेजा दुख उठाए, अर सियाना अर प्रधान पुजारी अर सासतिरी ओखा बेकार (तुच्छ) समझ कर मार डाले अर वी तीसरो दिन जिन्दो हो जाए।” \s यीसु का पिछु चलनू का मतलब \r (मत्ती 16:24-28; मरकुस 8:34—9:1) \p \v 23 ओ ना सब से कय्हो, “यदि कोई मोरो पिछु आनो चाह, तो अपना तुम से इंकार करे अर रोज दिन अपनो सूली उठाए हुओ मोरो पिछे हो ले। \v 24 काहेकि जो कोई अपन प्रायन बचानो चाहेगो वी ओ ख खोएगो, परन्तु जे कोई मोरो लियो अपन प्रायन खोएगो वही ओ ख बचाएगो। \v 25 अदि इंसान पुरो दुनिया ख प्राप्त करे अर अपन जान ख कोई भी हानि उठाए, तो ओ ख का फायदा होगो? \v 26 अऊर जे कोई भी, मो ख से अऊर मोरी बात हुन से सर्म होऐ, इंसान को पोरिया ख भी, जब अपनी अऊर अपनो बाप कि अऊर सुध्द स्वर्ग दूत हुन कि बड़ाई संग म आहे, ते ओ ख लज्जित जाहे। \v 27 मी तो से सच कहू हूँ कि जे यहाँ खड़ो हैं, ओमा से कुछ ऐसो हैं कि जब तक परमेस्वर का राज्य नी देख ले, तब तक मरन का स्वाद नी चखे।” \s यीसु का रुपान्तर \r (मत्ती 17:1-8; मरकुस 9:2-8) \p \v 28 इन बात का कोई आठ दिन का बाद वी पतरस, यूहन्ना अर याकूब का संग लेकर प्रार्थना करन का लियो पहाड़ पर गयो। \v 29 जब उ प्रार्थना कर ही रयो हता, ते ओको चेहरा का रूप बदल गयो, अऊर ओको कपड़ा सफेद हो ख चमकन लग गयो। \v 30 अर देखो मूसा अर एलिय्याह, ये दो व्यक्ति ओको संग बाते कर रह हते। \v 31 ये महिमा सहित दिखायो दियो अर ओके मरनो की चर्चा कर रहे हतो, जे यरूसलेम म पूरो होन वालो हतो। \v 32 पतरस अर ओके संगी नींद से भरियो हते, ते ओकी महिमा अर दो अदमी को, जे ओको संग म खड़ो हतो, देखो। \v 33 जब वी ओको पास से जानो लगियो तो पतरस न यीसु से कय्हो, “हे स्वामी, हमारो यहाँ रहन भलो हैं: अत: हम तीन मण्डा बनाए, एक तोरो लाने, एक मूसा का लाने अर एक एलिय्याह का लाने।” वी जानत नी हता कि वी का कह रहे हैं। \p \v 34 वी यू कह ही रहे हतो कि एक बादल न आकार उन्हे छा लियो, अर जब वी उ घिरनो लगी हो ते डर गयो। \v 35 ते उ बादल म से यू आवाज सुनाई दियो, “यू मोरो पोरिया अऊर मोरो चुनो हुओ हैं, ऐकी बात सुनो।” \p \v 36 अऊर यू जोर से आवाज होत ही यीसु अकेलो पायो गयो; अऊर उ चुप रयो, अऊर जे कुछ देखो हतो ओकी कोई भी बात उन दिन हुन म किसी से नी कय्हो। \s बुरी आत्मा से जकड़ियो पोरिया ख अच्छो करनो \r (मत्ती 17:14-18; मरकुस 9:14-27) \p \v 37 दुसरो दिन जब वी पहाड़ से उतरियो तो एक बड़ी भीड़ ओ से आ मिलीयो। \v 38 अर देखियो, भीड़ म से एक अदमी न पुकार ख कय्हो, “अरे गुरू जी, मी तो से विनती करत हूँ कि मोरो पोरिया दया ओ म पर कर: काहेकि उ मोरो एक ही पोरिया आय। \v 39 अर देख, एक बुरी आत्मा ओ ख पकड़त हैं, अर वी एकाएक चिल्लो उठत हैं; अर उ ओ ख ऐसो मरोड़त हैं कि वी मुँह म फेस भर लात हैं; अर ओ ख कुचल ख मूसकिल से छोड़त हैं। \v 40 मी न तोरा चेला से ओ से निकाल न कि निवेदन करी, पर वी असा न कर सका।” \p \v 41 यीसु न उत्तर दियो, “अरे अविस्वासी अर कपटी लोग, मी कब तक तुम्हारो संग म सहूँगो? अपन पोरिया का यहाँ ले आ” \p \v 42 वी आ ही हतो कि दुस्टात्मा न ओ ख पटक ख मरोड़ियो, पर यीसु न असुध्द आत्मा ख डांटियो अर पोरिया का चोक्खो कर ख ओके बाप का सोप दियो। \v 43 ते सब लोग परमेस्वर का महा सामर्थ्य से चकित हुओ। \s अपन मृत्यु का बारे यीसु को दोबरा बार भविस्यवानी \r (मत्ती 17:22,23; मरकुस 9:30-32) \p परन्तु जब सब लोग उ सब काम हुन से जे उ कर हतो, अचम्भा हते, ते ओ ना अपना चेला हुन से कहयो, \v 44 “तुम इन लोग हुन से कान लगा ख यी आवाज सुनो इंसान को पोरिया इंसान हुन को हात से पकड़यो जान वालो हैं।” \v 45 परन्तु या बात का नी समझ म हते, अर यू ओसे छिप रह कि वी ओ ख जानन नी पाएँ; अर वी इ बात का विसय म ओसे पूछन से डर रह। \s सबसे बड़ो कोन? \r (मत्ती 18:1-5; मरकुस 9:33-37) \p \v 46 फिर ओमा यू झगड़ा होन लगियो कि हम म से बड़ो कऊन हैं। \v 47 पर यीसु न ओ ख मन ख विचार जान लियो, अर एक पोरिया का लेकर अपन पास खड़ो कियो, \v 48 अर ओसे कहयो, “जे कोई मोरो नाम से इ बालक पोरिया ख ग्रहण करत हैं, उ मोखा ग्रहण करता हैं, उ मोरो भेजन वाला का भी ग्रहण करत हैं, काहेकि जे तुम म से सब छोटो से छोटो हैं, वही बड़ो हैं।” \s जे विरोध म नी वी पक्छ म हैं \r (मरकुस 9:38-40) \p \v 49 अऊर ते यूहन्ना न कहयो, “हे गुरू जी, हम न एक अदमी का तोरो नाम से दुस्टात्मा ओखा निकालत देखो, अर हम न ओ ख मना कियो, काहेकि उ हमारो संग होकर तोरो पिछु नी हो लेता।” \p \v 50 यीसु न ओसे कहयो, “ओखा मना नी कर; काहेकि जे तुम्हारो खिलाफ म नी, वी तुम्हारो ओर हैं।” \s सामरियो व्दारा यीसु को खिलाप म \p \v 51 जब ओको ऊपर उठन जानो का दिन पुरो होन पर हते, तो ओ ना यरूसलेम जान का विचार पक्का कियो। \v 52 ओ ना अपन आगु दुत भजो। वी सामरी हुन का एक गाँव म गयो कि ओके लियो जगह तैयार करे। \v 53 परन्तु उ लोग न ओखा उतरन नी दियो, काहेकि वी यरूसलेम जा रयो हतो। \v 54 यु देखकर ओके चेला याकूब अर यूहन्ना न कहयो, “हे प्रभु, का तू चाहत हैं कि हम आग्या दे हे, आकास से आगी गिरकर उनका जला दे हे?” \p \v 55 पर ओ ना मुड़कर उनखा डाँटियो अर, कहयो, “तुम नी जानत कि तुम कसी आत्मा का हैं। काहेकि अदमी को पोरिया लोगो का प्रायन का नास करन न वरन् बचान को लियो आयो हैं।” \v 56 अर वी किसी दुसरो गाँव म चलो गयो। \s यीसु का चेलो बनन का मूल्य \p \v 57 जब वी रस्ता म जा रह हते, ते किसी न ओसे कहयो, “जहाँ-जहाँ तू जाहे, मी तोरो पिछु ही रहूंगो।” \p \v 58 यीसु न ओसे कहयो, “लोमड़ी हुन ख लाने गुफा अर आकास का पक्छी हुन ख गुड्डा हुन हैं, पर इंसान को पोरिया ख लाने मुंडी लुकान की भी जगह नी आय।”\fig गुफा म बच्चा हुन को संग लोमड़ी|alt="Shepherd with his sheep in sheepfold" src="bk00051c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="9:58"\fig* \p \v 59 ओ ना दुसरो से कहयो, “मोरो पिछु हो ले” ओ ना कहयो, “हे प्रभु, मोखा पहले जान दे कि मी अपन बाप ख गाड़ दूँ।” \p \v 60 अऊर यीसु न ओ से कय्हो, “मुर्दा हुन ख अपनो मुर्दा गाड़न दे। अऊर तुम जा ख परमेस्वर को राज्य को प्रचार कर।” \p \v 61 एक अर न भी कहयो, “हे प्रभु, मी तोरो पिछे हो लूगो; पर पहलो मोखा जानू दे कि अपन घर का लोगो से विदा ले आऊ।” \p \v 62 यीसु न ओ से कय्हो, “जे कोई अपन हात हल पर रखकर पिछु देखत हैं, वी परमेस्वर का राज्य का योग्य नी।” \c 10 \s सत्तर चेलो को भेजो जानू \p \v 1 इ बात का बाद प्रभु न सत्तर अर अदमी नियुक्त कियो, अर जे-जे नगर अर जगह को वी तुम जानू पर हता, वहाँ उनका दो-दो कर ख अपन आगु भेज। \v 2 ओ ना ओसे कय्हो, “पकिया खेत ते बेजा हुन हैं, पर मजदूर थोड़ा हैं, एकोलाने खेत का मालिक से विनती कर कि वी अपन के काटन वाला मजदूर का भेज देहे। \v 3 जाओ; देख, मी तो ख भेड़ का समान भेड़िया का बीच म भेजू हूँ। \v 4 एकोलाने नी बटुवा, नी झोला, नी जूता लो; अर नी रस्ता म कोई का नमस्ते कर। \v 5 जे कोई का घर म जाहे, पहलो कहो, ‘इ घर पर सान्ति हो’ \v 6 यदि वहाँ कोई सान्ति को योग्य होगो, ते तुम्हारो सान्ति उ पर ठहरेगो, नी ते तुम्हारो पर लउट आएँगो। \v 7 हुई घर म रह, अर जे कुछ ओ से मिले, हुई खाय-पी, काहेकि मजदूर का अपन मजदूरी मिलन चाही; घर-घर नी फिर। \v 8 जे नगर म जाए, अर वहाँ का अदमी तुम्हारो उतार, ते जे कुछ तोरो आगु रखो जाए उ खाओ। \v 9 वहाँ का जुड़ ख अच्छो कर अऊर ओसे कय्हो, ‘परमेस्वर को राज्य तुम्हारो पास आ पहुँचो हैं।’ \v 10 परन्तु जे नगर म जाओ, अर वहाँ को लोग तोखा ग्रहण नी करे, ते ओके बाजार म जाकर कह, \v 11 ‘तुम्हरो नगर की धूल भी, जो हमार पाय म लगिया हैं, हम तुम्हारो सामने झाड़ देत हैं; तोभी यू जान ला कि परमेस्वर को राज्य तुम्हारो पास आ पहुँचो हैं।’ \v 12 मी तुम से कहत हूँ कि उ दिन उ नगर से सदोम की दसा ज्यादा सहन योग्य होए। \s भरोसा नी करन वाला सहर हुन का धितकार \p \v 13 “धितकार खुराजीन! धितकार बैतसैदा! जे सामर्थ्य का काम तू म कियो गयो, यदि वी सूर अर सैदा म कियो जात ते बोरा (टाट) ओढ़कर अर राख म बैठ ख वी कब का मन फिरात। \v 14 परन्तु न्याय का दिन तो हरो दसा से सूर अर सैदा अधिक सहन योग्य होए। \v 15 अरे कफरनहूम, का तू स्वर्ग लक ऊँचो करो जाएगो? तू ते अधोलोक लक नीचे जाहे। \p \v 16 “जे तुम्हरो सुनत हैं, वी मोरो सुनत हैं; अर जे तोखा तुच्छ जानत हैं, वी मोरो भेजन वाला का तुच्छ जानत हैं।” \s सत्तर चेला हुन को लउटनो \p \v 17 वी सत्तर खुसी करत हुओ लउटियो अर कहन लगियो, “हे प्रभु तोरो नाम से दुस्टात्मा भी हमार वंस म हैं।” \p \v 18 ओ ना ओसे कहयो, “मी सैतान का बिजली के समान स्वर्ग से गिरा हुओ देख रहे हतो। \v 19 देख, मी न तुम्हे साँप अर बिच्चु का कुचालन का, अर दुसमन की सारो सामर्थ्य पर अधिकार दियो हैं; अर किसी वस्तु से तुम्हारी कुछ हानि नी होए। \v 20 तोभी ओसे खुसी मत ही कि आत्मा तुम्हारो वंस म हैं, परन्तु जे का खुसी हो कि तुम्हारो नाम स्वर्ग पर लिखो हैं।” \s यीसु को खुस होनू \r (मत्ती 11:25-27; 13:16,17) \p \v 21 हुई बखत वी सुध्द आत्मा म होकर खुसी से भर गयो, अर कहयो, “हे बाप स्वर्ग अर जमीन का प्रभु, मी तोरो धन्यवाद करत हूँ कि तू न इन बात ग्यानियो अर समझदार हुन से छिपा रखिए अर पोरिया हुन पर पर प्रगट कियो। हाँ, हे बाप, काहेकि तोखा यु चोक्खो लगे। \p \v 22 “मोरो पिता न मोखा सब कुछ सोपियो दियो हैं; अर कोई नी जानत कि पोरिया कोन हैं केवल बाप अर पिता कोन हैं यू भी कोई नी जान केवल पोरिया को अऊर उ जेको पर पोरिया ओ पर प्ररगट करनो चाहे।” \p \v 23 ते चेला हुन की ओर मुड़कर अकेलो म कहयो, “भलो हैं वी आँखी, जे ये बात जे तुम देखत हो देखते हैं। \v 24 काहेकि मी तू से कहत हूँ कि बेजा से भविस्यवक्ता हुन अर राजा ओ न चाह कि जे बात तुम देखत हो देख पर नी देखी, अर जे बात तुम सुनत हो सुने पर सुनी।” \s चोक्खी सामरी को उदाहरन \p \v 25 अर देख, एक व्यवस्थापक उठियो अर यू कह ख ओकी परिक्छा करन लगियो, “हे गुरू अनन्त जीवन का वारिस होन को लाने मी का करूँ?” \p \v 26 यीसु ओ से कय्हो, “नेम म का लिखो हैं? तू कसो पढ़त हैं?” \p \v 27 ओ न उत्तर दियो, “तू प्रभु अपनो परमेस्वर से अपनो सारो मन अर अपनो साक्ति अर अपनो सारी बुध्दि का संग प्रेम रख, अर अपन बाजू वालो से अपनो समान प्रेम रखनो।” \p \v 28 अऊर यीसु न ओसे न कहयो, तुम न अच्छो जवाब दियो यू कर अऊर तुम जिन्दगी मिले।; \p \v 29 पर ओ ना अपना तुम का धर्मी ठहरान की इच्छा से यीसु से पूछो, “ते मेरो पड़ोसी कऊन हैं?” \p \v 30 यीसु न उत्तर दियो, “एक अदमी यरूसलेम से यरीहो को जा रहे हतो कि डाकू हुन न घेरकर ओके कपड़ा उतार लाने अर मार पीट ख ओखा अधमरा छोड़कर चलो गयो।” \v 31 अर ऐसो हुओ कि उ रस्ता म से एक याजक जा रहे हतो, परन्तु ओखा देख कर अनदेखा कर चलो गयो। \v 32 इ रीति से एक लेवी उ जगह पर आयो, वी भी ओखा देख ख देखा कतरा ख चलो गयो \v 33 परन्तु एक सामरी यातरी वहाँ आ निकल, अर ओ ख देखकर तरस खायो। \v 34 ओ ना ओके नजीक आकर ओके घावो पर तेल अर अंगूर को रस ढ़ालकर पट्टियाँ बाँधी, अर अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय म ले गयो, अर ओकी सेवा टहल की। \v 35 दुसरो दिन ओ ना दो चाँदी सिक्का निकलकर सराय का मालिक को दियो, अर कहयो, ऐ की सेवा टहल करनु, अर जे कुछ तोरो अर लगेगो, “उ मी लउटनू पर तोखा दे दूँगो।” \p \v 36 यीसु न कहयो, अब तोरी समझ म जे डाकू हुन म घिरि गयो हतो, “उ तीनो म से ओको पड़ोसी कऊन होए?” \p \v 37 अऊर ओ न कय्हो, “वही जे न उ पर दया कियो।” \p यीसु न ओ से कय्हो, “जा तू भी असो ही कर।” \s मार्था अर मरियम से यीसु मिलनो \p \v 38 अऊर यीसु अऊर उनको चेला सफर कर रहे हता। ते यीसु एक गाँव म आयो, वहाँ पर मार्था नाम कि एक बाई न अपनो घर पर उनको आदर कियो। \v 39 मरियम नामकी ओकी एक बहिन हती। उ प्रभु का पाय म बैठ ख ओखा वचन सुनत हती। \v 40 पर मार्था काम करते करते मार्था चिंता म गई अऊर ओ के पास आ ख कहन लगिया, “हे प्रभु, का तोखा मोरी कोई भी चिन्ता नी हैं कि मोरी बहिन न मोखा सेवा करन का लियो अकेली ही छोड़ दियो हैं? एकोलाने ओसे कह कि मोरी सहायता करे।” \p \v 41 प्रभु न ओखा उत्तर दियो, “मार्था, हे मार्था; तू बेजा ज्यादा बात की चिन्ता करा अर घबरावा हैं। \v 42 पर एक बात आवस्यक हैं, अर अच्छो भाग का मरियम न चुन लियो हैं जे ओसे छिनो नी जाएगो।” \c 11 \s यीसु न बिनती सिखायो \r (मत्ती 6:9-13) \p \v 1 ते एक बखत यीसु कोई जगह पर विनती कर रयो हतो, विनती खत्म होन पर उनको एक चेला न उनसे कय्हो, “प्रभु हम का निवेदन करनो सिखा, जसो यूहन्ना न अपनो चेला हुन ख सिखायो रहा।” \p \v 2 यीसु न ओसे कय्हो, जब तुम प्रार्थना करे: ते कहेनो: \q1 अरे बाप, \q2 तोरो नाम सुध्द मानो जाहे, \q2 तोरो राज आय। \q1 \v 3 हमरी दिन भर की रोटी हर रोज हम ख दियो कर, \q1 \v 4 अर हमरा पाप हुन ख माप करयो, \q2 काहेकि हम भी अपन हर एक अपराधी का माप करा हैं, \q1 अर हमका परीक्छा म मत ला। \s प्रार्थना को बारे म यीसु की सिक्छा \r (मत्ती 7:7-11) \p \v 5 अऊर यीसु उन से कय्हो भी हतो, “तुम म से कोन हैं कि ओको दोस्त होय, अर उ आधी रात ख ओको नजीक जाय ख ओसे कहयो, अरे दोस्त मोखा तीन रोटी दे। \v 6 काहेकि एक यातरी दोस्त मोरो नजीक आयो हैं, अर ओको आगे रखनो ख लाने मोरो पास कुछ नी हाय।” \v 7 अर उ घर को अन्दर से उत्तर दे, “मो ख तंग मत कर। अब ते दरवाजा बन्द हो चुको हैं। मोरो पोरा पोरी ख मोरो संग बिस्तर पर हैं, मी उठ ख तुम ख कई भी नी दे सका हैं?” \v 8 मी तुम से कहू हैं, अदि ओको दोस्त होनो पर भी ओ ख उठ ख नी दे; तेभी ओखा लाज ख छोड़ ख माँगन को कारन ओखा जित्ती जरूरत होए उत्ती उठ ख देहे। \v 9 अऊर मी तुम से कहू हैं कि माँगो, ते तुम ख दियो जाहे; ढूँडे, ते तुम ख मिलेगो; खटखटाओ, ते तुमारो लाने खोलो जाहे। \v 10 काहेकि जे कोई माँगे हैं, ओ ख मिला हैं; अर जे ढूढ़ा हैं, ओ ख मिला हैं; अर जे खटखटाऊ हैं, ओको लाने खोलो जाहे। \v 11 अदि तुमरो म से असो कऊन सो बाप होए, कि जब ओको पोरिया रोटी माँगे, ते ओ ख पत्थर देहे; या मच्छी माँगे, ते मच्छी को बदला ओ ख साँप देहे? \v 12 या अण्डा माँगे ते ओ ख बिच्चु दे हे? \v 13 एकोलाने जब तुम बुरा होय ख अपना पोरिया-पारी ख अच्छी चीज देनो जाना हैं, “ते स्वर्ग म रहन वालो बाप अपना माँगन वाला हुन ख सुध्द आत्मा काहे नी देहे।” \s यीसु अर बालजबूल \r (मत्ती 12:22-30; मरकुस 3:20-27) \p \v 14 अऊर यीसु एक दुस्टात्मा गूँगा हतो, निकल रह हतो। दुस्टात्मा ख निकलते ही गूँगा अदमी कहन लगो अऊर अदमी अचम्भा म पड़ गयो हतो \v 15 पर ओ म से कुछ न कहयो, “यू ते सैतान बालजबूल नाम को दुस्टात्मा हुन को मुखिया कि मदत से दुस्टात्मा हुन ख निकाला हैं।” \p \v 16 अऊर हुन न ओकी यीसु परीक्छा करन को लाने ओसे स्वर्ग को एक चिखान माँगो। \v 17 पर ओ न उनको मन की बात जान ख, उनसे कहयो, “जे-जे राज्य म फूट होवा हैं, उ राज्य उजड़ जावा हैं; अर जे घर म फूट होवा हैं, उ नास हो जावा हैं।” \v 18 यदि सैतान अपनो ही बैरी हो जाए, ते ओको राज्य कसो बनो रहेगो? काहेकि तुम मोरो बारे म तो कहाँ हैं कि यु बालजबूल सैतान की मदद से दुस्टात्मा हुन ख निकालू हैं। \v 19 अऊर मी बालजबूल कि मददत से दुस्टात्मा ख निकालू हैं, ते तुमारो पोरिया को की मददत से उन ख निकाल हैं? एकोलाने वी तुम लोग हुन ख न्याय करे। \v 20 पर अदि मी परमेस्वर को सक्ति से दुस्टात्मा का निकालू हैं ते परमेस्वर को राज्य तुम्हारो नजीक आ पहुँचियो हैं। \p \v 21 अऊर जब बलवान अदमी हथियार बाँध ख, अपनो घर की रखवाली हैं, ते ओकी धन-दऊलत (संपत्ति) बची रहवा हैं। \v 22 पर जब ओसे बढ़ ख कोई बलवान चढ़ाई कर ख ओ ख जीत लेवा हैं, ते ओखा वी अऊजार जिन पर ओको भरोसा हतो, छुड़ा लेवा हैं, अर ओकी धन-दऊलत लूट ख बाँट देवा हैं। \v 23 जे मोरो संग नी उ मोरो विरोध म हैं, अऊर जे मोरो संग नी बटोरा उ उबिखेरा हैं। \s बुरो आत्मा को लोउटनो \r (मत्ती 12:43-45) \p \v 24 “अऊर बुरी आत्मा अदमी म से निकल जाय हैं ते सुखी जगह म आराम ढूँढ़ते फिरा हैं, अर जब नी पाय हैं ते बोला हैं, ‘मी अपनो उई घर म जहाँ से निकल हती लोउट जाऊ।’ \v 25 अर आ ख ओखा झाड़ो-बुहारो अर सजो-सजायो पाहे हैं। \v 26 ते उ जाय ख अपनो से भी जादा सात बुरी आत्मा हुन ख लेख आय हैं अऊर वे उ घर म अन्दर जा ख उ बस जाते हैं। यूईच कारन उ अदमी कि या पिछलो दसा पहली से भी जादा बुरी हो जाय हैं।” \s वी धन्य आय \p \v 27 जब उ या बात कहत ही रह हतो ते भीड़ म से किसी बाई न बड़ी जोर से कहयो, “धन्य हैं वा कोक जेमा तू पैदा भयो अर माय को दूध जे तू न पियो।” \p \v 28 अऊर यीसु न कय्हो, “हव; पर धन्य वी हैं जे परमेस्वर का वचन सुना अर माना हैं।” \s स्वर्ग को चिन्ह की माँग \r (मत्ती 12:38-42) \p \v 29 अऊर जब भीड़ बडत जावा अर जुडते होन लगी ते यीसु कहन लग गयो, “यू जमाना ख अदमी बुरा हैं; वी चिन्ह ढूढ़ा हैं; पर योना चिन्न का छोड़ कोई अऊर चिन्ह उन ख नी दियो जाएगो। \v 30 जसो योना नीनवे का अदमी हुन को लियो चिन्ह ठहरायो, वसो ही इंसान को पोरिया भी यु युग का अदमी हुन को लियो ठहरेगो। \v 31 दक्छिन की रानी न्याय को दिन यु बखत का अदमी हुन को संग उठकर उन का दोसी ठहराएगो, काहेकि उ सुलैमान को ग्यान सुनन ख दुनिया की उ छोर से आई, अर देखनु, यु उ हैं जे सुलैमन से भी बड़ो हैं। \v 32 अऊर नीनवे का लोग न्याय को रोज या बखत ख लोग हुन को संग खड़ो हो ख, उनका, दोसी ठहरायगो; काहेकि उन ना योना को प्रचार सुन ख मन फिरायो, अर देखनु यु उईच आय हैं जे योना से भी बड़ो हैं। \s सरीर को उजारो \r (मत्ती 5:15; 6:22,23) \p \v 33 “कोई अदमी दीया जला ख तलघर म या डुल्ला को नीचू नी रखा हैं, पर दिया ठानी दिया रखने की जगह पा रखा हैं कि अन्दर आन वाला का उजेरो मिले। \v 34 तोरो सरीर को दिया तोरी आँख हैं एकोलाने जब तोरी आँख चोक्खी हैं तो तोरो पुरो सरीर भी उजरो हैं; पर जब वा बुरी हैं ते तोरो पुरो सरीर भी अन्धेरो हैं। \v 35 एकोलाने यू बात ख याद रखनो कि जे उजरो तुम म हैं, उ अन्धरो नी हो जाहे। \v 36 एकोलाने अदि तोरो पुरो सरीर उजलो होए अर ओकी कोई अंग अंधेरो नी रहे ते पूरो को पूरो असो उजेला होएगो, जसो वा बखत होवा हैं जब दिया अपनो चमकनो से तोखा उजाला देवह हैं।” \s सासतिरी अर फरीसी पर हाय \r (मत्ती 23:1-36; मरकुस 12:38-40) \p \v 37 अऊर जब यीसु बात कर ही रयो हतो कि ते कोई फरीसी न उन से यू विनती कियो, “की तू मोरो संग खानो करे।” यीसु अन्दर जा ख खानो करन बैठियो। \v 38 फरीसी न यू देख ख अचम्बा भयो कि ओ न खाना खान से पहलो हात पाय नी धोयो। \v 39 प्रभु न ओसे कय्हो, “अरे फरीसी हुन, तुम कटोरा हुन अर कोपर का ऊपर से तो मांजा हैं, पर तुमरो भीतर लालच अर बुरी बात भरी हैं।” \v 40 अरे बे अकली जेना बाहर को भाग बनायो, का ओ ना अन्दर को भाग नी बनायो? \v 41 पर अन्दर वालो भाग ख दान कर देव, ते देख सब कुछ तुम्हारो लियो सुध्द हो जाएगो। \p \v 42 “पर अरे फरीसी हुन, तुम पर धितकार! पुदीने अर सोप का अर सब भाँति का साग-पात का दसवां हिस्सा (अंस) देवा हैं, पर न्याय को अर परमेस्वर को प्रेम का टाल देवा हैं तुमारी मर्जी या होनो थो कि इन ख भी कर रहनो अर उन ख भी नी छोड़ते। \p \v 43 “हे फरीसी हुन, तुम पर धितकार! तुम प्रार्थना घर हुन म अच्छी-अच्छी जगा आसन अर बजार हुन म प्रेम नमस्कार चाहवा हैं।” \v 44 धितकार तुम पर! काहेकि तुम वा लुकि समसान को जसो हैं, जिन को ऊपर अदमी हुन चला हैं पर नी जाना \p \v 45 तब एक व्यवस्थापक न ओको जवाब दियो “अरे गुरू या बात हुन को बोलनो से तुम हमारो बुराई करा हैं।” \p \v 46 अऊर यीसु न कहयो दियो, व्यवस्थापक ख सिक्छाक धितकार हैं तुम इंसान हुन पर असो बोझ लादते हैं। जिन ख ढोना कठिन हैं, पर तुम उन ख उठान का लाने अपनी एक उँगली भी नी लगा। \v 47 अऊर धितकार हैं! पर तुम भी भविस्यवक्ता हुन कि समसान बनाव हैं जिनका तुमरो बाप दादा हुन न मार डालियो रह। \v 48 अऊर पाप हुन ख माफ कर, काहेकि हम ख भी अपनो हरो एक अपराधी ख माफ कर हैं, अऊर हम ख परीक्छा म नी ला। \v 49 एकोलाने परमेस्वर को ग्यान न भी कहयो हैं मी उनको नजीक भविस्यवक्ता उन का अर प्रेरित उन का भेजोगो अर वी उन म से कई का मार ड़ालेगो अर कुछ का सताएगो। \v 50 एकोलाने दुनिया को सुरू से जित्ता भविस्यवक्ता हुन को खून बहायो गयो हैं हाबिल को खून से लेख जकरयाह को खून तक, जे मूर्ती अर मन्दिर गर्भ को बीच मारो गयो हतो ओको लेखा यू पीढ़ी ख चुकानो पड़े। मी तुम से कहूँ हैं, कि लेखा यूईच पीढ़ी ख चुकानो पड़े। \v 51 हाबिल की माऊत से लेका जकरयाह की हत्या तक जो वेदी अर मंदिर को बीच म मार कियो गया हैं मी तुम से सही बोलू हैं इन सब को लेखा यु बखत को इंसान से लियो जाएगो \p \v 52 अऊर व्यवस्थापक धितकार हैं तुम लोग हुन ख! काहेकि तुम न ग्यान की कुंजी ले ते लियो हैं पर तुम न स्वंय ही न भीतर नी करे अर जे भीतर करे रहे हतो उन ख रोक दियो हैं \p \v 53 जब उ वहाँ से निकलो, ते सासतिरी अर फरीसी बुरी तरीका से ओको पिछे पड़ गया अर छोड़न लगियो कि उ बेजा सी बात की चर्चा करे, \v 54 अऊर वी यूईच देख रया हता कि यीसु को मुन्डा से निकली कोई बात ख पकड़े। \c 12 \p \v 1 अऊर इत्ता म हजार हुन लोग हुन कि भीड़ लग गई, इत्ते का लोग एक दुसरा हुन को कुचल रयो हतो। ते यीसु पहलो अपनो चेला हुन से कह लगो, “फरीसी हुन ख कपटी जसा खमीर से होसियार रहनो।” \v 2 कुछ ढको नी, जे खोलो नी जान को; अर न कुछ लूको हैं, जे समझो नी जान को। \v 3 एकोलाने जे कई तुम न अंधेरो म कय्हो हैं, उ उजेलो म सुनायो जाएगो; अर जो तुम न कोठरी हुन म कान ही कान म बोल्यो हैं उ छत पर से प्रचार कियो जाएगो। \s कोसे से डेर? \r (मत्ती 10:28-31) \p \v 4 मी तुम से जो मोरा दोस्त आय कहू हैं कि जो सरीर का चोट \f + \fr 12:4 \fr*\ft घात\ft*\f* करत हैं पर ओको पिछे अर कुछ नी कर सकत, ओसे मत डर। \v 5 मी तुम ख जताऊ हैं कि तुमका कोसे डर नो चाहिए, घात करन का बाद जेका नरक म डालन को अधिकार हैं, ओ से ही डर; हाँ मी तो से कहूँ हैं, ओ से ही डरनू। \p \v 6 का दो पैसा कि पाँच गऊरैया नी बाकी? तेभी परमेस्वर ओमा से एक का भी नी भुला। \v 7 तुमारो मुण्डी का सब बाल भी गिनिया वाला हैं एकोलाने डर नो मत, तुम ढ़ेर सारा गऊरैया से बढ़ ख हैं। \s यीसु का माननू या नी माननू \r (मत्ती 10:32,33; 12:32; 10:19,20) \p \v 8 “मी तो से कहू हैं, जो कोई अदमी को सामने मोखा मान लेहे ओ ख इंसान को पोरिया भी परमेस्वर का स्वर्गदूत का सामने मान लेहे।” \v 9 पर जो अदमी को सामे मोरो इंकार करे ओ ख मी भी परमेस्वर को स्वर्गदूत को सामे इंकार करूगो। \p \v 10 “जो कोई इंसान को पोरिया को खिलाप म कोई बुरी बात कहे, ओको वी अपराध माप कियो जाहे, पर जो सुध्द आत्मा की बुराई करे, ओको अपराध छमा नी कियो जाहे। \p \v 11 “जब अदमी हुन तुमका प्रार्थना घर अर हाकिमो अर अधिकारी हुन को सामे ले जाहे, ते चिन्ता नी करनु कि हम कसो रिती से या का उत्तर देहे, या का कहे। \v 12 काहेकि सुध्द आत्मा उत्तीच बखत तुमका सब सिका देहे कि का कहनो चाहिए।” \s एक धनवान वाले अर मूर्ख का उदाहरन \p \v 13 फिर भीड़ म से एक न ओसे कहयो, “अरे गुरू मोरो भई से कहूँ की बाप की धन-दऊलत मोरो संग बाँट ल।” \p \v 14 ओ न ओसे कहयो, “व्यक्ति, को न मो ख तुमरो न्याय करत न वालो या बाँटन वालो नियुक्त कियो हैं?” \v 15 अर ओ न ओसे कहयो, “सतर ख रहनो, अर सब प्रकार को लोभ से अपनो तुम ख बचा ख रखनू; काहेकि कि कोई को जीवन ओकी धन-दऊलत को ज्यादा होनो से नी होवा।” \p \v 16 फिर यीसु न उन ख यू उदाहरन सुनायो; “कोई धनवान कि जगह पर बेजा फसल भई।” \v 17 एको बाद उ अपनो मन म विचार करन लग गयो, मी का करूँ? काहेकि मोरो यहाँ जगह नी जहाँ अपनो अनाज अऊर कुछ रखूँ। \v 18 अर ओ न कय्हो, मी असो करुँगो मी अपनो बखारी का तोड़ ख ओसे बड़ी बनाऊँगो; अर वहाँ अपन सब अनाज अर धन-दऊलत रखूगो; \v 19 अर अपनो मन से बोलुगो कि मन, तोरो पास बेजा साल को लाने बेजा दऊलत धरी हैं; चैन कर खा पी, सुख से रह। \v 20 पर परमेस्वर न ओसे कय्हो, अरे मुर्ख! या रात तोरी जान तो से ले लियो जाहे; तब जो कुछ तू न जोड़ियो हैं उ कोको होय? \p \v 21 असो ही उ इंसान भी हैं जो अपनो लाने पैसा जोड़ा हैं, “पर परमेस्वर की नजर म धनी नी हाय” \s परमेस्वर पर भरोसा रखो \r (मत्ती 6:25-34) \p \v 22 फिर ओ न अपना चेला हुन से कय्हो, “एकोलाने मी तुम से बोलू हैं, अपनो जिन्दगी को लाने यू चिन्ता करनो कि हम का खाएँगो; न अपनो सरीर की, कि हम का पहिने।” \v 23 काहेकि खाना से जान, अर कपड़ा से सरीर बढ़ ख हैं। \v 24 कोऊवा हुन पर ध्यान देव; वी न बोवा हैं, न काटा नी उ ख बखारी अऊर नी बखारी हुन होवा हैं! तेभी परमेस्वर उन ख खिलावा हैं। तुमारो का दरजा इन पक्छी हुन से कही जादा नी हैं। \v 25 तुम म से असो कोन हैं जे चिन्ता करनो से अपनी उमर म एक घड़ी भी बढ़ा सकह हैं? \v 26 एकोलाने यदि तुम सबसे छोटो काम भी नी कर सका, ते अऊर बात हुन को लाने कहे चिन्ता करा हैं? \v 27 जंगल का फूल हुन पर ध्यान देव कि वी कसा बड़ा हैं: वी न तो मेहनत करा हैं न काता हैं; तेबी मी तुम से कहूँ हैं कि सुलैमान भी अपनो पुरो राज्य म, उनमा से कोई एक को समान कपड़ा पहिनिया नी हतो रह \v 28 एकोलाने जब भी परमेस्वर बररा कि घास ख, जे आज हैं अर कल आगी म झोकी जाएगो, असो पहिनावा हैं; ते अरे अल्प विस्वासी हुन, उ तुम ख काहे नी पहिना हे? \p \v 29 अर तुम यू बात की ताक म मत रहनू की का खाएगो अर का पाएगो, अर न मन संका करनो \v 30 काहेकि दुनिया की जात हुन यी सब चीज हुन की खोज म रहवा हैं: अर तुमरो परमेस्वर बाप जाना हैं कि तुम ख यी चीज हुन की जरूरत हैं। \v 31 पर ओखा राज की खोज म रहनू, ते यी चीज भी तुम ख मिल जाएगो। \s स्वर्ग म धन \r (मत्ती 6:19-21) \p \v 32 “अरे छोटा झुंड, मत डर; काहेकि तुम्हारो बाप का यू भयो हैं, कि तुमका राज दे। \v 33 अपनी धन-दऊलत बेच ख दान कर देव; अर अपनो लाने असो बटुवा बनाव जो जुनना नी होवा, एकोमतलब स्वर्ग म असो धन इकट्ठो करो जो की घटा नी अर जे को जोने चोर नी जावा, अर कीड़ा नी बिगड़ सका। \v 34 काहेकि जहाँ तुमारो धन रहे, वही तुमरो मन भी लगो रहे। \s जगते रहेनो \p \v 35 “अऊर तुमारो कमरे बन्धी रया अऊर तुमारो दिया जलते रह, \v 36 अर तुम ख वी अदमी हुन को जसो बननो चाहिए, जो अपनो मालिक की रस्ता देख रया होय कि उ सादी से कब लउटेगो कि जब उ आ ख दरवाजा खटखटाए ते जादा ओको लाने खोल देऊ। \v 37 धन्य हैं वी दास जेको मालिक आय जगते देखे मी तुम ख सच कहूँ हूँ कि उ कम्मर बाँध ख उन ख खाना खलान ख बैठाले, अर नजीक आँख उनकी सेवा करेगों। \v 38 अदि उ रात को दुसरो या तीसरो पहर म आ ख उन ख जगते देखे ते वी दास धन्य हैं। \v 39 पर तुम यु समझ लेनो, की अदि घर को मालिक (स्वामी) जानतो कि चोर कित्ती घड़ी आएँगो, ते जगते रहनू अर अपनो घर म चोरी नी होन देन को \v 40 तुम भी तैयार रहनो काहेकि जे बखत तुम सोचा भी नी उन्ती बखत इंसान को पोरिया आ जाएगो।” \s भरोसा को लायक अऊर अविस्वसी को लायक दास \r (मत्ती 24:45-51) \p \v 41 तब पतरस न कय्हो, “अरे प्रभु, का यू उदाहरन तू हम से ही या सब ख कहवा हैं।” \p \v 42 प्रभु न कय्हो, “वी भरोसा अर बुध्दिमान भण्डारी कोन हैं, जेको स्वामी ओखा नऊकर चाकर हुन पर सरदार ठहरायो कि उन का बखत पर खान कि समान दे।” \v 43 भलो हैं वी दास, जेका ओको मालिक आय ख असो ही करत पायो। \v 44 मी तो से सच कहूँ हैं, वी ओ ख अपनी सारी धन-संपति पर हक ठहराएगो। \v 45 पर अदि उ सेवक सोचन लग जाहे कि मोरो मालिक आनो म देर कर रहयो हैं अर दास हुन अर दासी हुन का मारन पिटन लग गयो, अर खान-पीवन अर पियक्कड़ होन लगियो \v 46 ते उ दास को मालिक असो दिन जब उ ओकी बाट जोहता नी रह, अऊर असी बखत जेसे उ पता नी हो आहे अऊर ओ ख भारी दण्ड देकर ओको भाग अविस्वासी हुन ख संग ठहराएगो। \p \v 47 वी दास जे अपनो मालिक कि इच्छा जानत रह हता अर तैयार नी रहा अर नी ओकी इच्छा को अनुसार चलो, अर बेजा मार खाएगो। \v 48 पर जे न जानकर मार खान को योग्य काम करा उ थोड़ी मार खाएगो। एकोलाने जे ख बेजा दियो गयो हैं, ओसे बेजा माँगियो जाहे; अर जे ख बेजा सऊपियो गयो हैं ओसे बेजा लियो जाएगो। \s यीसु को आन को बारे म \r (मत्ती 10:34-36) \p \v 49 “मी दुनिया पर आग लगान आयो हैं अऊर का चाहूँ हैं मी केवल यू कि अभी आगी परचा जाय हैं! \v 50 मो ख तो एक पानी बपतिस्मा लेन हैं अर जब तक उ नी हो लेन को तब तक मी कसो दुख म रहूंगो। \v 51 का तुम समझा हैं कि मी जमीन प सान्ति या मिलाप करन ख आयो हूँ? मी तोसे कहू हैं अर; नी, पर अलग करान आयो हैं। \v 52 काहेकि अब से एक ही घर म पाँच जन आपस म बैर रखेगो, तीन दो से अर दो तीन से। \v 53 बाप पोरिया से अर पोरिया बाप से बैर रखोगो: माय-पोरी से, अर पोरी माय से, सास बहू से, बहू सास से रखोगी।” \s बखत को बदलाव \r (मत्ती 16:2,3) \p \v 54 ओ न भीड़ से भी कय्हो, “जब तुम बददल का तरफ पस्चिम से उठते देखा हैं ते तुरंत कह हो कि बारिस होवन वाली हैं, अर असो ही होवा हैं, \v 55 अर जब दक्छिनी हवा चलते देखा हैं ते बोला हैं की धूप (लूह) चले, अर असो ही होवा हैं।” \v 56 अरे कपटी हुन, तुम जमीन अर आकास को रंग-रूप म भेर कर सका हैं, ते यु युग को बारे म काहे भेद करनो नी जाना? \s अपनो गवाह देन वालो से समझोता \r (मत्ती 5:25,26) \p \v 57 “तुम अपनो तुम म ही निर्नय काहे कर लेवा कि उचित का हैं? \v 58 जब तू अपनो गवाह को संग न्याय करन वालो ख नजीक जा रहे हो, ते मार्ग म ही ओ ख से समझोता करन कि कोसिस कर। कही असो नी हो कि उ तुम ख न्यायाधीस को नजीक खीच ले जाहे अऊर न्यायाधीस तुम ख सिपाई को हवालो कर दे। अऊर सिपाई तुम ख जेल खाना म डाल दे। \v 59 मी तो से कहूँ हैं कि जब लक तू दमड़ी-दमड़ी भर नी देहे तब लक वहा से छुट नी पावन को।” \c 13 \s मन फिरानू नी ते नास हो जाहे \p \v 1 अऊर बखत कुछ लोग यीसु ख उन ख गलीली हुन ख बारा म बतान आहे, जिनको खून राजपाल पिलातुस न उन ख बलि चढ़न वालो जानवर हुन ख खून म मिलो दियो हतो। \v 2 यू सुन ख ओ ना ओसे जवाब म असो कय्हो, “का तुम समझा हैं कि यी गलीली अर सब गलीली हुन से जादा पापी हता कि उन पा असो दुख पड़ीयो? \v 3 मी तुम से कहू हैं कि नी; पर तुम मन नी फिरान ते तुम सब भी असो ही नास होए। \v 4 या का तुम समझा हैं कि वी अठारह व्यक्ति जेन पर सीलोह को गुम्मट गिरो, अर वी दब ख मर गया: यरूसलेम ख अऊर सब रहन वाला से जादा अपराधी हता? \v 5 मी तो से कहत हूँ कि नी; परन्तु अदि तू मन नी फिराएगो ते तुम सब भी इस रीति से नास होगो।” \s बिना फल वाला अंजीर का झ़ाड़ को उदाहरन \p \v 6 ते यीसु न यू उदाहरन भी सुन्यो, “किसी की अदमी को अंगूर की बारी म एक अंजीर का झ़ाड़ लग गयो हतो। उ ओ म फल ढुढ़न आयो, पर ओ म एक भी नी मिलो। \v 7 तब ओ न बारी को रखन वालो से कय्हो, ‘देख, तीन साल से मी इ अंजीर को झ़ाड़ म फल ढूँढ़न आत हूँ, परन्तु नी पात हूँ। ऐका काट डाल का यू जमीन का भी काहे रोकत हो?’ \v 8 ओ ना ओको उत्तर दियो, ‘हे मालिक ऐखा इ साल अर रहन दे कि मी ऐखा चारो तरफ खोदकर ऐमा खाद डालूगो।’ \v 9 यदि आगु का फले ते भलो, नी ते ओखा काट डालनू।” \s विसरामवार का दिन कुबड़ी बाई का चंगा करनु \p \v 10 आराम को दिन वी एक प्रार्थना घर म सिक्छा दे रयो हतो। \v 11 वहाँ एक बाई हती जेका अठारह साल से एक दुर्बल करन वाली बुरी आत्मा लगी हती, अर वी कुबड़ी होई गई हती अर कोई रीति से सीधो नी हो सकत रह हता। \v 12 यीसु न ओ ख देख ख बुलायो अर कय्हो, “हे नारी, तू अपनी कमजोरी से छूट गई।” \v 13 तब ओ ना ओ पर हात धरियो, अर वा तुरत सिधो हो गई अर परमेस्वर कि बड़ाई करन लग गई। \p \v 14 एकोलाने कि यीसु न आराम को दिन ओ ख चोक्खो करी रह, प्रार्थना घर को मुखिया गुस्सा हो ख लोग हुन से कहन लग गयो, “छे: दिन हैं जे म काम करनो चाहिए, अत: वी दिन हुन म आ ख अच्छा होव पर आराम का दिन म नी।” \p \v 15 यू सुन कर प्रभु न उत्तर दियो, “हे कपटी हुन का आराम का दिन का तुम म से हर एक अपन बईल या गदही का थान से खोल ख पानी पिलाव नी ले जाय? \v 16 ते का अच्छो नी हता कि यु बाई जे अब्राहम की पोरी हैं जे ख सैतान न आठरह साल से बाँध का रखो हतो, आराम को दिन ऐ ख बन्धन से छुड़ाई जाहे?” \v 17 जब यीसु ख इन सब्द हुन से उन ख सब विरोध लज्जित हो गया; लेकिन पूरी जनता उनको सामने बड़ाईमय काम हुन ख देख ख खुसी भई। \s राई का दाना का उदाहरन \r (मत्ती 13:31,32; मरकुस 4:30-32) \p \v 18 फिर यीसु कय्हो, “परमेस्वर का राज्य कोको समान हैं? अर मी ओकी उपमा कोसे दूँ? \v 19 वी राई को एक दाना का समान हैं, जेका किसी अदमी न लेकर अपनो खेत म बोयो: अर वी बढ़ ख झाड़ बन गयो; अर आकास की चिड़िया न ओकी डाली पर अपनो बसेरा कियो।” \s खमीर का उदाहरन \r (मत्ती 13:33) \p \v 20 ओ न फिर कय्हो, “मी परमेस्वर का राज्य का उपमा कोसे दूँ? \v 21 वी खमीर का समान हैं, जेको किसी इ बाई न लेकर तीन पसेरी आटा म मिलायो, अर होत होत सब आटा खमीर बन गयो।” \s सकेत जगह व्दार \r (मत्ती 7:13; 14:21-23) \p \v 22 वी नगर-नगर, अर गाँव-गाँव म होकर सिक्छा देत हुयो यरूसलेम की ओर जा रहे हतो, \v 23 ते किसी न ओसे पुछियो, “हे प्रभु का उध्दार पान वाला थोड़ो हैं?” \p ओ ना ओसे कय्हो, \v 24 “सकेत दरवाजा से प्रवेस करन को कोसिस कर, काहेकि मी तुम से कह हूँ कि बेजा से प्रवेस करनो चाह, अऊर नी कर सक। \v 25 जब घर का स्वामी उठकर अपन दुवार बंद कर चुको होए, अर ते तुम बाहर खड़ा हो दुवार खटखटाकर कहन लगियो, ‘हे प्रभु हमार लियो खोल दे’ अर उ उत्तर दे, ‘मी तुम्हे नी जानत, तुम किते का हो?’ \v 26 तब ते कहन कहन लगियो, ‘हम न तोरो सामने खाय-पियो अर तू न हमार बाजार म सिक्छा कियो।’ \v 27 परन्तु उ कहेगो, ‘मी तोसे कहत हूँ मी नी जानता तुम कहाँ से हो हे अधर्मी करन वाला, तुम सब मोसे दूर हो!’ \v 28 वहा रोनो अर दाँत पिसनो हुए; जब तुम अब्राहम अर इसहाक अर याकूब अर सब भविस्यवक्ता हुन का परमेस्वर का राज्य म बैठियो, अर अपन तुम को बाहर निकाल हुओ देखोगो; \v 29 अर पूरब अऊर पच्छिम; उत्तर अर दक्छिन से लोग आय का परमेस्वर का राज को भोज म भागी होएगो। \v 30 अर देखो, कुछ पिछलो हैं वी पहलो होएगो, अर कुछ जे पहलो हैं, वी पिछलो होएगो।” \s हेरोदेस की दुसमनी \p \v 31 उसी घड़ी कुछ फरीसी हुन न आकर ओसे कय्हो, “यहाँ से निकलकर चलो जा, काहेकि हेरोदेस राजा तोखा मार डालनू चाहत हैं।” \p \v 32 ओ न ओसे कय्हो, जाकर उ लोमड़ी से कहू दो कि देख, मी आज अर कल दुस्टात्मा का निकलत अर जुड़ का चंगो करत हैं, अर तीसरो दिन अपनो काम पुरो करुँगो। \v 33 तेभी मोखा आज अर सक्कार अर परोसो चलनो जरुरी हैं, काहेकि हो नी सका की कोइ भविस्यवक्ता यरूसलेम को बाहर मारो जाय। \s यरूसलेम को लाने विलाप \r (मत्ती 23:37-39) \p \v 34 “हे यरूसलेम! हे यरूसलेम! तू जे भविस्यवक्ता हुन का मार डाला हैं, अर जे तोरो पास भेज्या गया उनको पर पथराव करा हैं। कित्ती ही बार मी न यू सोचियो कि जसी मुर्गी अपना बच्चा ख अपना पंख हुन को नीचु एकजुट करा हैं, वसो ही मी भी तोरा पोरिया हुन ख एकजुट करुँ, पर तुम न यू नी चाय्हो। \v 35 देखनु, तुमरो घर तुम्हारो लाने उजाड़ छोड़ो जावा हैं, अर मी तुम से कहूँ हैं: जब तक तुम नी कहन का, ‘धन्य हैं उ, जे प्रभु को नाम से आवा हैं,’ तब तक तुम मोखा फिर कभी नी देखोगो।” \c 14 \s यीसु वी \p \v 1 फिर उ आराम को दिन फरीसी हुन का मुखिया म से कोई को घर म खाना खान ख गयो; अर वी ओखा मारन कि ताक\f + \fr 14:1 \fr*\ft घात\ft*\f* म हता। \v 2 अऊर देख, यीसु को सामने जलोदर से बीमार एक मनुस्य आयो\f + \fr 14:2 \fr*\ft जलंधर का रोग\ft*\f*। \v 3 इ पर यीसु न व्यवस्थापक अर फरीसी हुन से कय्हो, “का आराम को दिन चोक्खो करनु उचित हैं या नी?” \p \v 4 पर वी चुपचाप रह गया। तब ओ न ओखा छु का चोक्खो करो अर जान दियो, \v 5 अर ओ न कहयो, “तुम से असो कोन हैं, जेको गधा या बईल कुआ म गिर जाऐ अर वी आराम को दिन का ओको तुरत बाहर नी निकाले?” \p \v 6 वी असी बात को कुछ जवाब देनू को उनको ओकात नी होतो। \s नम्रता अर महेमान-नवाजी \p \v 7 जब यीसु देखियो कि नेवता दिया वाला अदमी कसो अच्छी-अच्छी जगह चुन लेवा हैं ते एक उदाहरन दे ख उनसे कय्हो, \v 8 तब कोई तो ख बिहाव म बुलाहे, ते अच्छी जगह म मत बैठनो, कई असो नी होय कि ओ न तोसे भी कोई बड़ो ख देवता दियो होय, \v 9 अर जोना तो ख अर ओखा वी दोई ख नेवता दियो होय आ ख तोसे कहे, ऐका जगह दे, अर तब तोखा लाज होकर को सबसे नीचु की जगह म बैठनो पड़े। \v 10 पर जब तो ख बुलायो जाय ते सब से नीचु जगह पर जा ख बठ कि जब उ, जेना तो ख नेवता दियो हैं आए, ते तो से कहे, अरे दोस्त, आगे जा ख बठ तब तोरो संग बठन वाला को जोने तोरी बड़ाई होयगो। \v 11 काहेकि जे कोई अपनो तुम ख बड़ो बनाएगो, ओको छोटो करो जाहेगो; अर जे कोई अपनो तुम छोटो बनाहे, ओको बड़ो करो जाहेगो। \p \v 12 तब ओ न अपना नेवता देन वाला से भी कय्हो, “जब तू दिन का या रात का खानो करे, ते अपनो दोस्त हुन या भई हुन या कुटुम्बीहुन या धनवान पड़ोसी हुन ख नी बुला, कही असो नी हो कि वी भी तो ख नेवता दे, अऊर तोरो बदला हो जाहे। \v 13 पर जब तू खानो करे ते भिखारी हन, डुण्डा हन, लगड़ा हुन अर अंधा हुन बुला। \v 14 तब तू धन्य होए, काहेकि उनको नजीक तो ख बदला देन ख कुछ नी, पर तो ख धर्मी हुन को जिन्दो उठनो पर ये की मेहनत को फल मिले।” \s बडो खाना को उदाहरन \r (मत्ती 22:1-10) \p \v 15 ओके संग खाना करन वाला हुन म से एक न यू बात सुन ख ओसे कय्हो, “धन्य हैं वी जे परमेस्वर का राज्य म रोटी खाएगो।” \p \v 16 ओ न ओसे कय्हो, “कोई इंसान न बड़ो भोज दियो अर बेजा हुन का बुलायो। \v 17 जब खानो तैयार हो गयो ते ओ न अपनो दास का हात नेवता लोग हुन का बुलन भेजो, ‘आव, अब खाना बन का तैयार हैं।’ \v 18 पर वी सब ख सब मापी माँगन लगिया। पहलो न ओसे कय्हो, ‘मी न खेत मोल लियो हैं, अर अवस्य हैं कि ओ ख देखू; मी तोसे विनती करत हूँ मो ख माप कर देनू।’ \v 19 दूसरो न कय्हो, ‘मी न पाँच जोड़ी बईल मोल लियो हैं, अर उनका परखन जात हूँ; मी तोसे विनती करत हूँ मोखा माप कर देनू।’ \v 20 एक अर न कय्हो, ‘मी न बिवाव कियो हैं, एकोलाने मी नी आ सकता।’ \v 21 उ दास न आय ख अपनो मालिक का यू बात कह सुनायो। तब घर को मालिक न गुस्सा म आय ख अपनो दास से कय्हो, ‘नगर को बाजार हुन अर गली हुन म तुरंत जाय ख भिखारी, टुण्ड़ो, लंगड़ो अर अंधो हुन का इत्ते ले आनू।’ \v 22 दास न फिर कय्हो, ‘हे मालिक जसो तू न कय्हो हतो वसो ही कियो गयो हैं; अर फिर भी जगह हैं।’ \v 23 मालिक न दास से कय्हो, ‘रस्ता हुन पर अर बागड हुन की ओर जा अर अदमी हुन विवस कर ख ले आनू ताकि मोरो घर भर जाए। \v 24 काहेकि मी तोसे कहूँ हूँ कि उनना नेवात लोग हुन म से कोई मोरो भोज का नी चखेगो’।” \s चेला हुन बननू का मूल्य \r (मत्ती 10:37-38) \p \v 25 जब बड़ो भीड़ यीसु संग जा रह हती, ते यीसु पिछु मुड़ ख ओसे कय्हो, \v 26 “यदि कोई मोरो नजीक आय, अर अपनो बाप अर माय अर घरवाली अर पोरिया हुन अर भई हुन अर बहिन हुन वरन् अपनो प्रायन को भी चोक्खो नी जानो, ते वी मोरो चेला नी हो सकत; \v 27 अर जे कोई अपनो सूली नी उठायो, अर मोरो पिछु नी आयो, वी भी मेरो चेला नी हो सकत! \v 28 तू म से कोन हैं जे गुम्मट बनानो चाहव हैं, अर पहलो बहिठ ख खर्च नी जोड़ा कि पुरो करन की सामर्थ्य मोरो नजीक हैं कि नी? \v 29 कही असो नी होवा कि जब उ नीव ड़ाल लेहे पर पुरो नी कर सका, ते सब देखन वाला यू कह ख ओ ख ओकात नी अरूर ठठ्टो म उड़ान लगिया, \v 30 यू अदमी बनान ते लगिया पर पुरो करन को ओकात नी होतो? \v 31 या कोन असो राजा से लडाई करन जात हो, दूसरो राजा से लडाई करन को लाने जावा हैं अर पहलो बैठ ख सोच नी कर ले कि जे बीस हजार लेख मोरो पर चढ़ आत हैं, का मी दस हजार ले ख ओको सामे कर सकत हूँ या नी? \v 32 नी ते ओके दूर रह ही उ दूत हुन ख भेज ख मिलाप करनो चाहे। \v 33 इ रीति से तो म से जे कोई अपनो सब कुछ त्याग नी देवा, उ मोरो चेला नी हो सकत। \s स्वाद हीन नमक \r (मत्ती 5:13; मरकुस 9:50) \p \v 34 “नमक ते चोक्खो हैं, पर अदि उ नमक को स्वाद बिगड़ जावा, ते उ कोई वस्तु से नमकीन कियो जाएगो। \v 35 उ नी ते जमीन को अर नी खाद को लाने काम म आत हैं: ओखा ते लोग हुन बाहर फेक देवा हैं। जेके सुनन को कान हो वी सुन लेहे।” \c 15 \s खोई हुई भेड़ को उदाहरन \r (मत्ती 18:12-14) \p \v 1 एक रोज तब कर लेन वालो अर पापी ओके पास आयो कर हते। ताकि ओकी सुने। \v 2 पर फरीसी अर सासतिरी कुड़कुड़ा ख कहन लगिया, “यू ते पापी हुन से मिलत हैं अर उनका संग खात भी हैं।” \v 3 ऐ पर यीसु न उन ख यू उदाहरन सुनायो: \p \v 4 “तुम म से कोन हैं जेको सव भेड़ हो, अर ओमा से एक भटक जाए, ते तुम निन्यानवे का जंगल म छोड़कर, उ खोई का जब तक मिल नी जाए ओको खोजतो नी रहे? \v 5 अर जब मिल जात हैं, ते उ बड़ो खुसी से ओ ख कंधे पर उठकर लेख हैं; \v 6 अर घर म आकर दोस्तहुन अऊर पड़ोसी हुन का इकठ्टा कर ख कहत रह, ‘मोरो संग आनन्द करो, काहेकि मोरी खोई हुई भेड़ मिल गई हैं।’ \v 7 मी तोसे कहू हैं कि असो तरीका से एक मन फिरान वालो पापी को बारे म भी स्वर्ग म इत्तो ही खुसी होय, जितनो कि निन्यानवे असा धर्मी हुन को बारे म नी होवा, जिन्हे का मन फिरानू की आवस्यकता नी। \s खोए हुए सिक्को को उदाहरन \p \v 8 “या कोन असो बाई होए, जेको पास दस सिक्के हो, अर ओमा म से एक खो जाहे, ते उ दिया हुन जला ख अऊर घर झाड़-बुहारकर, जब तक उ मिल नी जात जिन्दो लग ख खोजत नी रहे? \v 9 अर जब मिल जाहे ते उ अपनो सहली हुन अर पड़ोसिनी हुन का इकठ्टा कर ख कह हैं मोरो संग आनन्द करो? ‘काहेकि मोरो खोयो हुओ सिक्के मिल गयो हैं।’ \v 10 मी तोसे कहूँ हैं कि इ ही रीति से एक मन फिरावन वाला पापी का विसय म परमेस्वर का स्वर्गदूत का सामने खुसी होवा हैं।” \s सोयो हुयो पोरिया को उदाहरन \p \v 11 फिर यीसु न कय्हो, कोई अदमी का दो पोरिया हते। \v 12 ओमा से छोटो पोरिया न बाप से कय्हो, हे बाप, धन म से जे भाग मोरो हो उ मोखा दे। ओ न उन ख अपनी धन बाट दियो। \v 13 कुछ रोज बीते जानो को बाद छोटो पोरिया न सब कुछ इकठ्टा कर ख दूर देस को चलो गयो, अर वहाँ बुरो काम म अपन सारी धन-दऊलत का उड़ा दियो। \v 14 जब उ पूरो कुछ पैसा खत्म कर चुक्यो, ते उ सहर म बड़ो अकाल पड़ो अऊर उ बिखारी हो गयो। \v 15 एकोलाने उ देस का रहवासी हुन म से एक को उते गयो। ओ न ओ ख अपनो खेतो म डुक्कर चरानो को लाने भेजो। \v 16 अर उ चाहत हतो कि उन फल्ली से जेख डुक्कर खात हते, अऊर अपनो पेट भरे; अऊर ओ ख कोई कुछ नी दे हतो। \v 17 जब उ अपनो मन म होस म आयो ते कहन लगियो, मोरो बाप ख कित्तो ही मजदूर हुन ख खाना से जादा रोटी मिल हैं, अऊर मी यहाँ भूखो मर रयो हैं। \v 18 मी अब उठकर अपनो बाप के पास जाऊँगो अर ओसे कहूगो कि पिता जी, मी न स्वर्ग का विरोध म अर तोरी नजर म पाप कियो हैं। \v 19 अब यू लायक नी रह, कि तोरो पोरिया कहलाऊँ, मो ख अपनो एक मजदूर ख समान रख ले। \p \v 20 तब उ उठकर, अपनो बाप का नजीक चलो गयो: उ अभी दुर ही हतो कि ओखा बाप न ओ ख देखकर तरस खायो, अर दऊड ख ओ ख गले लगायो, अर बेजा चुमियो। \v 21 पोरिया न ओसे कय्हो, पिता जी, मी न स्वर्ग का विरोध म अर तोरी नजर म पाप कियो हैं अर अब इ योग्य नी रह गयो कि मी तोरो पोरिया कहलाऊँ। \v 22 परन्तु पिता न अपनो दासो से कय्हो, जल्दी से चोक्खो से चोक्खो कपड़ा निकालकर ओ ख पहिना, अर ओको हात म अँगूठी, अऊर पाय म जूता पहिनायो, \v 23 अर पलो हुओ बच्छा लाकर मारियो ताकि हम ओ ख खाएँ खुसी मनाए। \v 24 काहेकि मोरो यु पोरिया मर गयो हतो, फिर से जिन्दो हो गयो हैं खो गयो हतो, अब मिल गयो हैं अऊर वी खुसी करन लगो। \p \v 25 “परन्तु ओको बड़ो पोरिया खेत म हतो। जब उ आते हुए घर को नजीक पहुँचे, तो ओ न गान-बजानो अर नाचन वाले का आवाज सुनाई दियो। \v 26 अत: ओ न एक सेवक का बुला ख पुछियो, ‘यू का हो रहे हैं?’ \v 27 ओ न ओसे कय्हो, ‘तोरो भई आयो हैं, अर तोरो पिता न पलो हुओ बच्छा को कटवायो हैं एकोलाने कि ओ ख भलो चंगो पायो हैं।’ \v 28 यु सुन कर उ गुस्सा से भर गयो अर भीतर जान नी चाहे, पर ओको बाप बाहर आय का ओ ख मनान लगियो। \v 29 ओ न पिता को उत्तर दियो, ‘देख मी इतनो साल से तोरी सेवा कर रयो हूँ’ अऊर कभी भी तोरी आग्या नी टाली, तोभी तू न मोखा कभी ‘एक भी बकरी को बच्चा भी नी दियो कि मी अपनो दोस्त हुन का संग खुसी करूँ हैं।’ \v 30 पर जब तोरो यू पोरिया, ‘जेना तोरी धन-दऊलत रंडी बाजी म उडा दी हैं, अर आयो, ते ओके लाने तू न पलो हुओ बच्छा कटवायो।’ \v 31 ओ न ओसे कय्हो, ‘पोरिया, तू सदा मोरो संग हैं; अर जे कुछ मोरो हैं उ सब तोरो ही हैं। \v 32 पर अब आनन्द करनो अर मगन होन चाहिए, काहेकि यू तोरो भई मर गयो हते, ते जिन्दो गयो हैं; खो गयो हतो, अब मिल गयो हैं’।” \c 16 \s बेईमान होसियार भण्डारी \p \v 1 ते यीसु न अपनो चेला हुन से यू भी कय्हो, “कोई धनवान को एक भण्डारी अनाज इकट्ठो करन वालो हतो। लोग हुन न ओको मालिक ख सामने ओ पर यू दोस लगायो कि उ तोरी धन उड़ा रयो हैं।” \v 2 अब ओ न ओ ख बुलाय ख कय्हो, यू का हैं जे मी तोरो बारे म सुन रहे हूँ? अपन भण्ड़ारी पन का लेख दे, काहेकि तू सामे का भण्डारी नी रह सकत। \v 3 तब भण्डारी मन म सोचन लगियो, अब मी का करूँ? काहेकि अब मोरो मालिक अब भण्डारी को काम मोसे छीन न ले हे। मिठ्टी ते मोसे खोदी नी जावह की; अर भीख माँगन म मोखा सरम आवा। \v 4 मी समझ गयो कि का करूँगो; ताकि जब मी भण्डारी को काम से छुड़ायो जाऊ ते लोग मोखा अपनो घरो म ल ला। \v 5 तब ओ न अपनो मालिक का कर्जदार हुन का एक-एक कर ख बुलायो अर पहलो से पुछियो, तोरा पर मोरा मालिक को कितनो करजा हैं। \v 6 ओ न कय्हो, तीन हजार तेल, तब ओ न ओसे कय्हो, अपनो खाता-बही लेकर अर बैठ ख तुरंत 15 सऊ लिय्ख दे। \v 7 फिर ओ न दुसरो से पुछियो, तोरो पर कितनो करजा या कर्जदार हैं? ओ न कय्हो, सव मन गहूँ, तब ओ न ओसे कय्हो, अपनो खाता-बही लेकर अस्सी लिय्ख दे। \p \v 8 “मालिक न उ अधर्मी भण्डारी को सराहो कि ओ न चतुराई से काम कियो हैं, काहेकि इ दुनिया को लोग अपनो बखत ख लोग हुन को संग रीति-व्यवहारो म ज्योति को लोगो से अधिक चतुर हैं।” \p \v 9 अऊर मी तुम से कहू हैं कि अधर्म को धन से अपनो लाने दोस्त बना लेनू, ताकि जब उ जात रहे ते वी तुम्हे अनन्त निवास हुन म ले लेहे। \v 10 जे थोडे से थोड़ो म ईमानदारी आय, उ बेजा म भी ईमानदारी हैं: अर जे थोडे म भी अधर्मी हैं, वी बेजा म भी बेईमान आय। \v 11 एकोलाने जब तू अधर्मी को काम को धन म इमानदारी नी ठहरो ते सच्चो धन तुम्हे कोन सोउपेगो? \v 12 अर यदि तू पराये धन म ईमानदार नी ठहरे ते जो तुम्हारो हैं, ओ ख तुम्हे कोन देगो? \p \v 13 “कोई भी दास दो मालिक हुन की सेवा नी कर सकह: काहेकि उ ते एक से बुराई अऊर दुसरो से प्रेम रखनो या एक से मिल्यो रहेगो अऊर दुसरो ख तुच्छ जानेगो। तुम परमेस्वर अऊर धन दोई की सेवा नी कर सकह।” \s यीसु को कुछ सिक्छा \r (मत्ती 11:12,13; 5:31,32; मरकुस 10:11,12) \p \v 14 अऊर फरीसी जे धन दोलत लोभी हता, यू सब बात हुन सुन ख ओ ख ठट्ठो म उड़ान लगो। \v 15 यीसु न उनसे कय्हो, “तुम ते अदमी का सामे अपन तुम का धर्मी ठहरात हो, परन्तु परमेस्वर तुम्हारो मन का जानत हैं, काहेकि जे वस्तु अदमी की नजर म महान हैं, उ परमेस्वर को नजीक म बुरी चिज आय।” \p \v 16 मूसा को नेम अर भविस्यवक्ता यूहन्ना तक रया; उ बखत से परमेस्वर को राज्य को सुसमाचार सुनायो जा रय्हे हैं, अर हर कोई ओ म प्रबलता से प्रवेस करत हैं। \v 17 आकास अर जमीन का टल जानू नेम का एक बिन्दु का मिट जानू से सहज हैं। \p \v 18 “जे कोई अपन ओरत का त्याग कर दुसरी से सादी करत हैं, उ गलत काम करह हैं, अर जे कोई असी त्यागी हुई ओरत से बिहाव करत हैं उ भी गलत काम करह हैं। \s धनी अदमी अर निर्धन लाजर \p \v 19 “एक धनवान अदमी हते जे बैजनी रंग का कपड़ा अर मलमल पहिनो अर प्रतिदिन सुख विलाप अर धूम धाम का संग रहत हतो \v 20 लाजर नाम का एक कंगाल खत्ता हुन से भरियो हुओ ओकी दुवार हुन के सामे पर छोड़ दियो जात हता, \v 21 अर उ चाहत हतो कि धनवान की मेज पर की जुठन से अपनो पेट भरे; यहाँ तक कि कुत्ता भी आकर ओके खत्ता हुन को घावो को चाटत रह। \v 22 असो भयो कि उ कंगाल मर गयो, अर स्वर्गदूत हुन न ओ ख लेकर अब्राहम की गोद म पहुँचायो। उ धनवान भी मरो अर गाड़ो गयो। \v 23 अर अधोलोक म ओ न पीड़ा म पड़ियो हुओ अपन आँखी खोली, अर दूर से अब्राहम की गोद म लाजर का देखो। \v 24 तब ओ न पुकार कर कय्हो, ‘हे पिता अब्राहम, मोरो पर दया कर ख लाजर का भेज दे, ताकि उ अपनी उँगली का सिरा का पानी म भिगोकर मोरी जीभ का ठंडो करे, काहेकि मी इ आगी म तड़प रय्हो हूँ।’ \v 25 पर अब्राहम न कय्हो, ‘हे पोरिया स्मरण कर कि तू अपनो जीवन म अच्छी वस्तु ले चुको हैं, अर वसो ही लाजर बुरी वस्तु: परन्तु अब उ यहाँ सान्ति पर रय्हो हैं, अर तू तड़प रय्हो हैं। \v 26 इ सब बात का छोड़ हमारो अर तुम्हारो बीच म एक भारी गड़हा ठहरायो गयो हैं कि जे यहाँ से उ पार तुम्हारो नजीक जानो चाहूँ, वी नी जा सकेगो; अर नी कोई वहाँ से इ पार हमारो नजीक आ सकेगो।’ \v 27 ओ ना कय्हो, ‘ते हे पिता मी तोसे विनती करत हूँ कि तू ओ ख मोरो पिता का घर म भेज, \v 28 काहेकि मोरो पाँच भई अर हैं; उ ओके सामे इ बात की गवाह दे, असो नी हो कि वी इ भी पीड़ा की जगह म आए।’ \v 29 अब्राहम न ओसे कय्हो, ‘ओके नजीक ते मूसा अर भविस्यवक्ता हुन की किताब हैं, वी ओकी सुने।’ \v 30 ओ न कय्हो, ‘नी, हे पिता अब्राहम; पर यदि कोई मरे होऐ म से ओखा नजीक जाए, ते वी मन फिराएगो।’ \v 31 ओ न ओसे कय्हो, ‘जब वी मूसा अर भविस्यवक्ता हुन की नी सुनह, ते यदि मरो हुओ म से कोई जी भी उठे तोभी ओकी नी मानेगो’।” \c 17 \s ठोकर को कारन बननू \r (मत्ती 18:6; 7; 21; 22; मरकुस 9:42) \p \v 1 फिर यीसु न अपना चेला हुन से कय्हो, “हो नी सका कि ठोकर नी लगे, पर धितकार ओपर जेको वजे से उ धोका खावा हैं!” \v 2 जो यी छोटा म से कोई एक ख ठोकर खिलात, ओके लाने यू भलो होतो कि चक्की को पाट ओको गरा म बाँध ख लटकायो जातो, अर उ समुंदर म ड़ाल दियो जातो। \v 3 सतरक रहेजो; \p यदि तोरो भई पाप करे ते ओखा समझा, \p अर यदि पछताए ते ओखा माप कर। \v 4 अदि दिन भर म उ सात बार तोरो विरोध म पाप करते रहे अऊर साती बार तोरो जोने आ ख बोले, मी पछताऊ हैं ते ओखा माप कर। \s विस्वास \p \v 5 तब प्रेरित हुन न प्रभु से कय्हो, “हमरो विस्वास ख बढ़ा।” \p \v 6 प्रभु न कई, “अदि तुम ख राई को दाना को बराबर भी विस्वास होतो, ते तुम यू सहतूत को झाड़ से कहता कि जड़ से उखड़ जा अर समुंदर म लग जा, ते उ तुम्हारी मान लेतो। \s एक सेवक को फर्ज \p \v 7 “तुम म से असो कोन हैं, जेको दास हल जोतत या भेड़ चरात होय, अर जब उ खेत से आयो, ते ओसे कहे, ‘तुरत आ अर खाना खान ख बठ’? \v 8 अर असो नी कहन को, ‘मोरो लाने खाना परोस, अर जब लक मी खाऊँ-पीऊ तब तक कमर कस ख मोरी सेवा कर; एको बाद तू भी खा-पी लेजो’? \v 9 का स्वामी को उ नउकर को एकोलाने धन्यवाद देनू चाहिए कि ओ न ओको आदेस को पालन कियो हैं? \v 10 उसी तरीका से तुम भी जब वी सब काम हुन ख कर लेहे जो तुमका बतायो गया रहा, ते बोलो, ‘हम कामचोर नउकर आय हैं; जो हमका करनो चैयेथो हमना सिर्फ उइच काम जरूरी हैं।’” \s दस कोढ़ी ख चोक्खो करनु \p \v 11 एक बार असो भयो कि उ यरूसलेम ख जाते घड़ी सामरिया अर गलील को बीच म से होका जात रहा। \v 12 कोई गाँव को भीतर जाते घड़ी ओखा दस कोढ वाला मिल्या। \v 13 उनना दूर खड़ा हो ख जोर से हाँका लगायो, “यीसु, प्रभु, हमारो ऊपर दया कर!” \p \v 14 ओ ना उनका देख ख बोल्यो, “जाव, \p “अर खुद ख याजक हुन ख दिखाव।” अऊर जाते-जाते ही वी सुध्द हो गया। \v 15 तब उनमा से एक यू देख ख कि मी अच्छो हो गयो हैं, खुसी को मारे परमेस्वर की बड़ाई करते लउटियो; \v 16 अर यीसु को पाय म अवधो मुंड़ो गिड ख ओको धन्यवाद करन लग गयो; अऊर उ सामरी हतो। \v 17 ऐपर यीसु न कय्हो, “का दसी सुध्द नी भया, ते फिर वी नव किते हैं? \v 18 का यू परदेसी ख छोड़ कोई अऊर नी निकलियो जो परमेस्वर की बड़ाई करतो?” \v 19 तब ओ ना ओसे कय्हो, “उठ ख चल दा; तोरो विस्वास न तोखा चोक्खो करयो हैं।” \s परमेस्वर को राज्य को आनो \r (मत्ती 24:23-28,37-41) \p \v 20 जब फरीसी हुन न ओसे पूछो कि परमेस्वर को राज्य कब आहे, ते ओ ना उनका जुवाब दियो, “परमेस्वर को राज्य साकछात रूप म नी आवा कि इंसान हुन ओखा देखे। \v 21 अऊर लोगबाग हुन असा नी कहन ख, ‘देखो, यहाँ हैं, या वहाँ हैं।’ काहेकि देखो, परमेस्वर को राज्य तुमरो बीच म हैं।” \p \v 22 फिर ओ ना चेला हुन से कय्हो, वी दिन आएँगो, जेमा तुम इंसान को पोरिया को दिन हुन म से एक दिन ख देखन को मन करेगों, अर नी देख सकन ख। \v 23 अऊर लोग तुम से कहेगो, देखो, वहाँ हैं! या देखो, यहाँ हैं! पर तुम चल मत देनो अऊर न उनको पीछु चल देनू। \v 24 काहेकि जसो बिजली आकास को एक छोर से तड़क ख आकास का दुसरो छोर तक चमका हैं, वसो ही इंसान को पोरिया को भी अपना दिन म आनो होयगो। \v 25 पर पहलो जरूर ही उ दुख भोगे, अऊर यु युग का लोग-बाँग ओखा बेकार समझेगो। \v 26 जसो नूह को बखत म भयो रा, वसो ही इंसान को पोरिया को दिन हुन म भी होयगो। \v 27 जे दिन तक नूह नाव पा नी चढ़ियो, उ दिन लक लोग बाँग खात-पित रा, अऊर उनमा सादी-बिहाव होत रा। तब पानी न बरस ख वी सब ख नास कर दियो। \v 28 अर जसो लूत को बखत म भयो रा कि लोग बाँग खात-पित, अर लेन-देन करत रा झाड़ लगात रा अर घर बनात रा; \v 29 पर जे दिन लूत सदोम से निकल्यो, उईच रोज आग अर गन्धक आकास से बरसीयो अर सब ख नास कर दियो। \v 30 इंसान को पोरिया को आन को दिन भी असो ही होए। \p \v 31 “उ दिन जे छत पर होए अर ओको समान घर म होए, उ ओखा लेन ख घर प नी उतरे; अर वसो ही जे खेत म होए उ पिछे नी फिरनो चाहिए। \v 32 लूत की घरवाली ख याद धरनो! \v 33 जे कोई अपनी जान बचान कि सोचे उ ओ ख गवाँयगो, अर जे कोई ओ ख गवाँहे उ ओ ख जिन्दो रखेगो। \v 34 मी तुम से कहूँ हैं, वा रात दो इंसान एक खाट पर होएगो; एक उठा लियो जाहे अर दूसरो छोड़ दियो जाहे। \v 35 दो बाई हुन एक संग जाता म दरत होए, एक ख उठा लियो जाहे अर दूसरी ख छोड़ दी जाहे। \v 36 दो झन खेत म होए, एक उठा लियो जाहे अर दूसरो छोड़ दियो जाहे।” \p \v 37 यू सुन ख उनना यीसु से पुछियो, \p “प्रभु! यू कहाँ होए? ओ ना उनसे कय्हो जहाँ लास होए वहाँ चील इकट्ठी होए।” \c 18 \s न्यायाधीस अर विधवा को उदाहरन \p \v 1 फिर ओ न ओको बारे म रोज प्रार्थना करनु अर हियाव नी छोडनू चाहिए, अर यी उदाहरन कय्हो: \v 2 “कोई नगर म एक न्याय करन वालो रहत हतो। जे नी परमेस्वर से डरत हता नी कोई अदमी की परवाह करत हतो। \v 3 उ ई नगर म एक विधवा भी रहत हती, जे ओके पास आय-आय का बोलत हती, ‘मोरो न्याय चुकाकर मोखा मुद्दई से बचा।’ \v 4 कुछ बखत तक ते उ नी मानो पर अन्त म मन म विचार कर कय्हो, यदपि मी नी परमेस्वर मीन से डरनो, अर नी अदमी हुन की कुछ परवाह करतो हूँ; \v 5 तोभी यू विधता मोखा सतात रह हैं, एकोलाने मी ओखा न्याय चुकाऊँगो, कही असो नी हो कि घड़ी-घड़ी आकर अन्त मोरी नाक म दम कर देहे।” \p \v 6 प्रभु न कय्हो, “सुन, यू अधर्मी न्याय करन वालो का कहा हैं? \v 7 एकोलाने का परमेस्वर अपनो चुनो हुओ को न्याय नी चुकाएगो जे रात-दिन ओकी दुहाई देत रवा हैं। का उ ओके बारे म देर करेगों? \v 8 मी तोसे कहूँ हूँ उ तुरंत ओको न्याय चुकाएगो। तोभी इंसान को पोरिया जब आएँगो, ते का उ जमीन पर विस्वास पाएगो?” \s फरीसी अर चंगी लेन वालो को उदाहरन \p \v 9 ओ न ओसे जे अपनो ऊपर भरोसा रखत हते, कि हम धर्मी हैं, अर दुसरो का तुच्छ जानत रह, यु उदाहरन कय्हो: \v 10 “दो अदमी हुन मन्दिर म प्रार्थना करन को लाने गयो: एक फरीसी हतो अर दुसरो कर लेन वालो। \v 11 फरीसी अलग खडो होकर अपनो मन म यो प्रार्थना करन लगियो, ‘हे परमेस्वर, मी तोरो धन्यवाद करत हूँ कि मी दुसरो अदमी हुन को समान अंधेरो करन वालो, अधर्मी अर छिनाला नी, अर नी इ कर लेन वालो को जसो हूँ। \v 12 मी हफ्ता म दो बार उपवास रखत हूँ; मी अपनी सब कमाई का दसवां अंस भी देत हूँ।’ \p \v 13 “परन्तु कर लेन वालो न दुर खड़ा होकर, स्वर्ग की ओर आँख उठानो भी नी चाहगो, वरन् अपनी छाती का पीट-पीट ख कय्हो, ‘हे परमेस्वर, मी पापी पर दया कर!’ \v 14 मी तोसे कहूँ हूँ कि उ दुसरो नी, परन्तु यू ही अदमी धर्मी ठहरायो जा ख अपनो घर गयो; काहेकि जे कोई अपनो तुम का बड़ो बनाएगो, उ छोटो कियो जाएगो; अर जे अपनो तुम ख छोटो बनाएगो, उ बड़ो कियो जाएगो।” \s पोरिया हुन यीसु का आसीर्वाद \r (मत्ती 19:13-15; मरकुस 10:13-16) \p \v 15 “फिर यीसु न कहयो अपनो को पोरिया हुन ख भी ओको नजीक लान लगियो कि वी उन पर हात रखे; पर चेला हुन न देखकर उन ख डाँटियो। \v 16 पर यीसु न बच्चा हुन का पास बुलायो ख अऊर कय्हो, ‘पोरा पारी हुन ख मोरो पास आन दो, अऊर उन ख मना नी कर: काहेकि परमेस्वर को राज्य उन जसा को लोग हुन को हैं।’ \v 17 मी तोसे सच कहूँ हूँ कि जे कोई परमेस्वर को राज्य छोटो पोरिया का समान ग्रहण नी करेगों उ ओमा कभी प्रवेस करनो नी पाएगो।” \s धनी अदमी अर अनन्त जीवन \r (मत्ती 19:16-30; मरकुस 10:17-31) \p \v 18 कोई मुखिया न ओसे पुछियो, “हे अच्छो गुरू, अनन्त जीवन का अधिकारी होवन का लियो मी का करूँ?” \p \v 19 अऊर यीसु न ओसे कय्हो, “तू मोखा चोक्खो काहे बोला हैं? कोई अच्छो नी, केवल एक, अर्थात् परमेस्वर। \v 20 अऊर तू आदेस हुन ख ते जानत हैं: ‘गलत काम नी करनो, हत्या नी करनो, अऊर चोरी नी करनो, अऊर झूठी गवाही नी देनो, अपनो बाप अऊर माय को आदर करनो’।” \p \v 21 ओ न कय्हो, “मी तो इ सब का मी जवान बखत ही से मानते आयो हूँ।” \p \v 22 अऊर यीसु न यू सुन ख ओसे कय्हो, “तुम म अब तक एक बात ख घटी हैं। अपनो सब कुछ बच ख गरीब हुन म बाट दे अऊर तुमारो नजीक स्वर्ग म धन होऐ। ते आ ख मोरो पिछु हो ला।” \v 23 उ यू सुन ख बेजा उदास भयो, काहेकि उ बड़ो धनी हतो। \p \v 24 यीसु न ओ ख देख ख कय्हो, “धनवान को परमेस्वर को राज म जानु कित्तो मूसकिल हैं। \v 25 परमेस्वर को राज म धनवान को जानु करनो से भलो हैं ऊँट को सुज्जी को छेद म से निकल जानो आसान हैं।” \p \v 26 ये पर सुनन वाला न कय्हो, “ते फिर कोन को उध्दार हो सका हैं।” \p \v 27 ओ न कय्हो, “जो इंसान हुन से नी हो सका उ परमेस्वर से हो सका हैं।” \p \v 28 ते पतरस न कय्हो, “देख, हम तो घर बार ख छोड़ ख तोरो पिछु हो लाने हैं।” \p \v 29 ओ न उन ख कय्हो, “मी तुम ख सच कहू हैं। कि असो कोई नी हाय जोना परमेस्वर को राज ख लाने घर या घरवाली या भई हुन या माय-बाप, या बाल-बच्चा ख छोड़ ख दिया हे।” \v 30 अर यु बखत कई गुना जादा नी जाहे अर आवन वालो दुनिया म हमेसा कि जिन्दगी। \s अपनी माऊत को बारे म यीसु कि तीसरी बार बतानू \r (मत्ती 20:17-19; मरकुस 10:32-34) \p \v 31 फिर ओ ना बारा को संग म ले जाय ख उनसे कय्हो, “देखो, हम यरूसलेम ख जाय हैं, अर जीत्ति बात इंसान को पोरिया ख लाने भविस्यवक्ता हुन को व्दारा लिखो हैं, वी सबरी पुरी होयगो। \v 32 काहेकि उ गैर यहूदी को हात म सोपियो जाहेगो अऊर उ यीसु को मजाक कर गया हते, अऊर यीसु को अनादर कर लग गया, अऊर यीसु पर थुकेगे, \v 33 अर ओ ख कोड़ा मारेगो अर मार कर; अर उ तीन दिन को बाद जिन्दो होयगो।” \p \v 34 पर उन यू बात हुन म से कोई भी नी बात नी समझीया अर या बात उनको से छुपी रही, अर जे कय्हो गयो रह उ उनकी समझ म नी आयो। \s अंधो इंसान ख आँखी देनो \r (मत्ती 20:29-34; मरकुस 10:46-52) \p \v 35 जब यीसु यरीहो नगर को कने पहुँचियो, ते एक अंधा रस्ता को किनारो म बठियो हुयो, भीख माँगत रह हतो। \v 36 उ भीड़ को चलन की आवाज हुन ख पुछन लगियो, यहाँ का हो रय्हो हैं? \p \v 37 अऊर उनना ओ ख बतायो, “यीसु नासरी जा रय्हो हैं।” \p \v 38 तब ओ न आवाज लगा ख कय्हो, “हे यीसु, दाऊद की संतान मोरो पर दया कर!” \p \v 39 जे आगु-आगु जात रह हता, पर वी ओखा डाँटन लग गयो कि चुप रह, पर उ अर भी चिल्लान लग गयो, “हे दाऊद की संतान मोरो पर दया कर!” \p \v 40 तब यीसु न खड़ो होय ख कय्हो कि ओखा मोरो नजीक लाव अर जब उ ओको कने आयो ते यीसु ओसे पुछियो, \p \v 41 तू का चाह हैं कि मी तोरो लाने करूँ? ओ न कय्हो, “हे प्रभु असो कि मी देखन चाहूँ।” \p \v 42 यीसु न ओसे कय्हो, “देखन लग, तोरो भरोसा न तोखा चोक्खो कर दियो हैं।” \p \v 43 तब उ तुरंत देखन लग गयो अर परमेस्वर की बड़ाई करत हुयो ओको पाहु चल दियो अर सब लोग न देख ख परमेस्वर की स्तुति करी। \c 19 \s चुंगी लेन वालो जक्कई \p \v 1 उ यरीहो म प्रवेस कर ख जा रहे हतो। \v 2 अर देख, वही जक्कई नाम को एक अदमी हतो जे चुंगी लेन वालो को सरदार हतो अर धनी हतो। \v 3 उ यीसु का देखन चाह रहे हतो कि उ कोन सो आय। परन्तु भीड़ का वजे देख नी सकियो, काहेकि उ ठिग्नो हतो रह। \v 4 तब ओको देखनो ख लियो उ सामे म दऊडकर एक गूलर को झाड़ म चढ़ गयो, काहेकि यीसु हुई रस्ता से आनो वालो हतो। \v 5 जब यीसु उ जगह पहुँचियो ते ऊपर नजर कर ख ओ से कय्हो, “हे जक्कई, जल्दी उतर का आ; काहेकि आज मो ख तोरो घर म रहनू आवस्यक हैं।” \p \v 6 उ तुरत नीचू उतरकर खुसी से ओखा अपनो घर म ले गयो। \v 7 यू देख ख सब लोग हुन कुड़कुड़ा ख कहन लगियो, “उ ते एक पापी का यहाँ जा रय्हो हैं।” \p \v 8 जक्कई न खड़ा होकर प्रभु से कय्हो, “हे प्रभु, देख, मी अपनो आधी धन-दऊलत बिखारी का देत हूँ अर यदि कोई को कुछ भी अन्याय कर ख ले लियो हैं ते ओ ख चार गुना पास करूँ हैं।” \p \v 9 अऊर यीसु न ओसे कय्हो, “आज इ घर म उध्दार आयो हैं, एकोलाने कि यू भी अब्राहम का एक पोरिया हैं। \v 10 काहेकि इंसान को पोरिया खोयो हुयो का ढूँढ़न अऊर उन ख उध्दार करन आयो हैं।” \s दस तोड़ा हुन को उदाहरन \r (मत्ती 25:14-30) \p \v 11 जब वी यू बात सुन रहे हते, ते ओ न एक उदाहरन कय्हो, एकोलाने कि उ यरूसलेम का नजीक हतो, अर वी समझत हते कि परमेस्वर को राज्य अभी प्रगट होन वालो हैं। \v 12 अत: ओ न कय्हो, “एक धनी अदमी दूर देस का चलो गयो” ताकि राजपद पाय ख लउट आयो। \v 13 ओ न अपनो दास हुन म से दस ख बुला ख उन्हे दस चाँदी तोढ़ा दी अर ओसे कय्हो, मोरो लउट आन तक लेन देना करनु। \v 14 परन्तु ओके सहर को रहन वाला ओसे बैर रखत हता, अर ओखा पिछे दूत हुन ख व्दारा कहला भेज्यो, हम नी चाहवा कि यू हम पर राज करे। \p \v 15 जब उ राजपद पा ख लउटो आयो, ते असो भयो कि ओ ना अपनो दास हुन का जेख पैसा दिया रह, अपनो पास बुलायो ताकि पता करे। उनना लेन-देन म का कमायो। \v 16 तब पहलो न आय ख कय्हो, हे मालिक, तोरी तोढ़ा हुन से दस अर तोढ़ा हुन कमायो हैं। \v 17 ओ न ओसे कय्हो, धन्य, हे अच्छो दास! तू बेजा ही थोड़ो म विस्वास लायक निकलो अब एकोलाने दस सहर पर अधिकार रखेगो। \v 18 दूसरो न आय ख कय्हो, हे मालिक, तोरी तोढ़ा म से मी भी पाँच कमायो हैं। \v 19 ओ न ओसे भी कय्हो, तू भी पाँच सहर हुन पर हाकिम होय जा। \v 20 तीसरो न आय ख कय्हो, हे मालिक, देख तोरो तोढ़ा यू हैं मी न अंगोछा म बाँध रखो आय। \v 21 काहेकि मी तोसे डरत रह हतो एकोलाने कि तू कठोर अदमी हैं जे तू न नी रखो ओ ख उठा लेता हैं, अर जे तू न नी बीयो ओखा काटा हैं। \v 22 ओ ना ओसे कय्हो, अरे पापी नउकर, मी तोरो ही मुंडो से तोखा दोसी ठहराऊ हैं। तू मोखा जानत हतो कि मी कठोर अदमी हैं, जे मीना नी रखो ओखा उठा लेऊ हैं, अर जे मीना नी बोयो ओखा काटू हैं; \v 23 ते तूना मोरो पैसा सहूकार ख नजीक काहे नी दे दियो, कि मी आँख ब्याज समेत ले लेतो? \v 24 अर जे इंसान नजीक म खड़ा हता, ओ ना उनसे कय्हो, उ तोढ़ा ओ से ले ले, अर जेका नजीक दस तोढ़ा हुन हैं ओखा दे देव। \v 25 उन न ओसे कय्हो, हे मालिक, ओको पास दस तोढ़ा ते हैं। \v 26 मी तोसे कहूँ हूँ कि जेके नजीक हैं, ओ ख दियो जाएगो; अर जेके नजीक नी हैं, ओसे उ भी जे ओके नजीक हैं ले लियो जाएगो। \v 27 पर मोरो उन बैरीहुन का जे नी चाहत हते कि मी उन पर राज्य करूँ, ओको यहाँ लाकर मोरो सामे लाय ख मार ड़ालो। \s यरूसलेम म यीसु को आगमन \r (मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; यूहन्ना 12:12-19) \p \v 28 अऊर यू कह ख यीसु आगु चलो अऊर यरूसलेम कि ओर चलनो सुरू कियो। \v 29 जब उ जैतून नाम को टेकड़ा पर बैतफगे अर बैतनिय्याह को नजीक पहुँचियो, ते ओ न अपनो चेला हुन म से दो यू कह ख भेजो, \v 30 “सामे का गाँव म जाओ; अर ओमा पहुँच ख ही एक गधा का बच्छा घुट बंधो भयो मिले, जे पर कभी कोई सवार नी भयो, तुमख मिलगो, ओ ख खोल ख ले आनू। \v 31 अदि कोई तोसे पूछेगो, कि काहे खोला हैं ते कह देनू कि प्रभु यीसु ख ऐको काम हैं।” \p \v 32 जे भेजो गयो हते, उन्होना जाय ख जसो ओ न ओसे कहयो हतो वसो ही पायो। \v 33 जब वी गदहे को बच्छा का खोल रहे हता ते ओके मालिक हुन न ओसे पुछियो, “इ गदहे का पोरिया का काहे खोलत हो?” \p \v 34 उन्होना कय्हो, “प्रभु का इका जरूरत आय।” \v 35 वी ओको यीसु को नजीक म ले आयो, अर अपनो कपड़ा हुन उ बच्छा पर ड़ाल ख यीसु को उ पर बैठल दियो। \v 36 तब यीसु जाय रहे हते, ते वी अपनो कपड़ा हुन रस्ता म बिछात जात रहे हते। \fig यरूसलेम म यीसु की जीत म प्रवेस|alt="Jesus’ Triumphant entry to Jerusalem" src="lb00315c.tif" size="span" copy="Horace Knowles ©" ref="19:36"\fig* \p \v 37 अऊर जब नजीक म आत हुयो जब वी जैतून टेकड़ा की ढलान पर पहुँचियो, ते चेला हुन की सारी मण्डाली उन सब सामर्थ्य को काम हुन को कारन जे उन्होना देखिए हते, खुसी म होय ख बड़ो सब्द से परमेस्वर की स्तुति करन लगियो: \p \v 38 “धन्य हैं उ राजा, जे प्रभु को नाम से आव हैं। स्वर्ग म सान्ति अर आकास म महिमा होए!” \p \v 39 तब भीड़ म से कुछ फरीसी ओसे कहन लगियो, हे गुरू अपनो चेला हुन ख डाँट कर रहजे। \v 40 अऊर यीसु न उत्तर दियो, “मी तुम से कहूँ हैं, यदि यू चुप रहे, ते पत्थर चिल्ला ख उठे।” \s यरूसलेम नगर को लाने यीसु रोनो \p \v 41 जब यीसु नजीक आयो ते सहर को देख ख ओ पर रोयो। \v 42 अर कय्हो, का ही भलो होत कि तू ही इ दिन म सान्ति कि बात जानत, परन्तु अब वी तोरी आँख हुन से लुक गई हैं। \v 43 काहेकि वी दिन तो पर आएँगो कि तो से दुसमन मोर्चा बाँध ख तो ख घेर; लेहे अऊर चारी तरफ से तो ख दबा हे \v 44 अर तोखा अर तोरो बालक हुन का जे तो म हैं मिठ्टी म मिलेगो, अर तो म पत्थर पर पत्थर भी न छोड़गो; काहेकि तू न उ बखत का जब तोखा पर कृपा नजर की गई हती तू नी पहिचानो। \s मंदिर से व्यापार करन वालो हुन को निकालो जानू \r (मत्ती 21:12-17; मरकुस 11:15-19; यूहन्ना 2:13-22) \p \v 45 तब यीसु मन्दिर म जा ख बेचन वाला ख निकालन लगियो, \v 46 अर ओसे कय्हो, “लिखो हैं, मोरो घर विनती को घर होगो, परन्तु तुम न ओ ख डाकू का खोह बनयो दियो हैं।” \p \v 47 उ हर रोज मन्दिर म सिक्छा करत हतो; अर मुखिया याजक अर सासतिरी अर लोग हुन को प्रमुख ओ ख नास करन का बखत ढूँढ़त रह। \v 48 परन्तु कोई उपाय नी निकाल सकियो कि यू कि इ कोई भी प्रकार करे, काहेकि सब लोग बड़ी चाह से ओकी सुनत रह। \c 20 \s यीसु को अधिकार को बारे म प्रस्न \p \v 1 एक दिन यीसु मन्दिर म लोगो जा ख सिखा दे रयो हतो अऊर सुसमाचार सुनो रयो हतो कि प्रधान याजक का संग सासतिरी, सियाना हुन को संग म नजीक खड़ो भयो; \v 2 अर कहन लगियो, “हमका बता, तू इ काम हुन का कोके अधिकार से करत हैं, अर उ कोन हैं जेने तो ख यू अधिकार दियो हैं?” \p \v 3 अऊर यीसु उन ख उत्तर दियो, “मी भी तोसे एक बात पूछत हूँ; मोखा बताओ \v 4 यूहन्ना का बपतिस्मा स्वर्ग की ओर से हतो या अदमी हुन की तरफ हतो?” \p \v 5 तब वी आपस म कहन लगियो, “यदि हम कहे, स्वर्ग को तरफ, ते वी कहेगो ‘फिर तू न ओकी विस्वास काहे नी की?’ \v 6 अर यदि हम कही, ‘अदमी हुन की तरफ से,’ ते सब लोग हम पर पत्थर हुन से मार डाले, काहेकि लोग हुन ख सच पता हो चुक्यो हैं, कि यूहन्ना भविस्यवक्ता हतो।” \v 7 अत: उन्होना यीसु ख उत्तर दियो, “हम नी जानत कि उ कोको की तरफ से हतो।” \p \v 8 ऐ पर यीसु न उनसे कय्हो, “ते मी भी तुम ख नी बतात कि मी यू काम कोको अधिकार से करत हूँ।” \s बुरो किरसान हुन को उदाहरन \r (मत्ती 21:33-46; मरकुस 12:1-12) \p \v 9 अऊर यीसु लोग हुन से यू उदाहरन कहन लग गयो: “किसी अदमी न दाख को खेत लग गयो, अर किरसान हुन का ओको ठेका दे दियो अर बेजा दिन का लियो परदेस चलो गयो। \v 10 जब बखत आयो ते ओ न किरसान हुन को जोने एक दास का भेजो कि वी दाख का खेत को कुछ फल हुन भाग ख ओ ख पीट ख खाली हात लउटा दियो। \v 11 फिर ओ न एक अर दास का भेजो, अर उन्होना ओ ख भी पीट ख अर ओको अपमान कर ख खाली हात लउट दियो। \v 12 फिर ओ न तीसरो का भेजो, अर उन ना ओ ख भी घायल कर ख निकाल दियो। \v 13 तब दास की खेत को मालिक न कय्हो, ‘मी का करूँ? मी अपनो अच्छो पोरिया का भेजूगो, सम्भव हैं वी ओखा आदर करे।’ \v 14 जब किरसान हुन न ओ ख देखी ते आपस म विचार करन लग गया, ‘यू ते वारिस हैं; आओ, हम इख मार डाल ख धन संपत्ति हमरो हो जाएगो।’ \v 15 अर उन्होना ओ ख दाख की खेत से बाहर निकाल ख मार डालियो।” \p एकोलाने दाख की खेत का मालिक ओके संग का करेगों? \v 16 उ आ ख उन किरसान हुन का नास करेगों, अर दाख की खेत दुसरो का सोपेगो। \p यू सुन ख उन्होना कय्हो, “परमेस्वर करे असो नी हो पाए।” \p \v 17 यीसु न ओकी ओर देख ख कय्हो, फिर यू का लिखो हैं, \q1 जे पत्थर को घर बनान वालो मिसतिरी हुन न निकम्मो ठहरायो हतो \q2 उन्ही कोने को सिरा हो गयो हैं। \p \v 18 हर कोई उ पत्थर पर गिरेगो उ चकनाचूर हो जाएगो, अर जे पर उ गिरेगो, “ओको पीस डालेगो।” \s कैसर का कर देनू \r (मत्ती 22:15-22; मरकुस 12:13-17) \p \v 19 उही बखत सासतिरी अर प्रधान पुजारी न ओ ख पकड़नू चाहयो, काहेकि वी समझ गयो हते कि ओ न हम पर यू उदाहरन कय्हो, परन्तु वी लोग हुन से डरा हैं। \v 20 अर वी उ की ताक म लगो अर भेदियो भेजो कि धर्म का भेस म धरकर ओकी कोई नी पकडे, ताकि ओ ख हाकिम अर अधिकार को हात म सोप देहे। \v 21 उन्होना ओसे यू पूछो, “हे गुरू, हम जानत हैं कि तू ठीक कहत अर सिखात भी हैं, अर किसी का पक्छपात नी करत, वरन् परमेस्वर का रस्ता सच्चाई से बताव हैं। \v 22 का हमक कैसर का कर देनू ठीक हैं या नी?” \p \v 23 अऊर यीसु उनकी होसियारी का समझ ख ओ से कय्हो, \p \v 24 “मोखा एक चाँदी को सिक्का दिखाव। ऐपर कोकी छाप अर नाम हैं?” उनना कय्हो, “कैसर का।” \p \v 25 ओ न ओसे कय्हो, “ते जे कैसर का हैं, वी कैसर का दो; अर जे परमेस्वर का हैं, उ परमेस्वर का दो।” \p \v 26 वी अदमी हुन को इत्ते ओकात नी हते कि ओके बात को जवाब दे सका। तब ओके उत्तर से अचम्भा होकर चुप रह गयो। \s जिन्दो होनू अर सादी \r (मत्ती 22:23-33; मरकुस 12:18-27) \p \v 27 फिर सदूकी जे कहत हैं कि मरो हुओ को जिन्दो होनू हैं ही नी, ओमा से कुछ न ओके पास आ ख पूछो, \v 28 “हे गुरू, मूसा न हमारो लियो यु लिखो हैं: यदि कोई को भई कि अपन घरवाली को रहत हुए बिना पोरिया मर जाए, ते ओखा भई ओसे घरवाली से बिवाव कर ले, अर अपनो भई का लियो खानदान उत्पन्न करे। \v 29 सात भई हता, पहलो भई बिवाव कर ख बिना पोरिया पैदा मर गयो। \v 30 फिर दूसरो भी, \v 31 अर तीसरो न भी उ ओरत से बिवाव कर लियो। इत्ती रीति से सातो बिन पैदा संतान ख मर गयो। \v 32 आखरी म उ ओरत भी मर गई। \v 33 एकोलाने जिन्दो उठनो पर उ ओमा से कोकी घरवाली होए, काहेकि उ सातो कि घर वाली होए गई हती।” \p \v 34 यीसु न ओसे कय्हो, “इ दुनिया का पोरिया हुन म ते बिवाव होत हैं, \v 35 पर जे लोग इ योग्य ठहरोगो कि उ दुनिया का अर भयो, म से जी उठनो का प्राप्त कर, वी नी बिवाव करेगों अर नी बिवाव म दियो जाएगो। \v 36 वी फिर मरन को भी नी; काहेकि वी स्वर्गदूत हुन को समानो होएगो, अर जिन्दो होनू को पोरिया होन से परमेस्वर को भी पोरिया होएगो। \v 37 परन्तु इ बात का कि मरो हुवो भी जिन्दो होवा हैं, मूसा न भी झाड़ी हुन की कायनी म प्रगट की हैं की उ प्रभु का ‘अब्राहम को परमेस्वर, अर इसहाक को परमेस्वर अर याकूब को परमेस्वर’ कहव हैं। \v 38 परमेस्वर ते मुरदो को नी परन्तु जिन्दो को प्रभु हैं: काहेकि ओको नजीक म सब जिन्दो आय।” \p \v 39 तब यू सुन ख सासतिरी हुन म से कुछ न यू कय्हो, “हे गुरू तू न चोक्खो कय्हो।” \v 40 अर उनन फिर ओसे कुछ अर पूछन को हिम्मत नी भयो। \s मसी कोको पोरिया \r (मत्ती 22:41-46; मरकुस 12:35-37) \p \v 41 फिर यीसु न ओसे पुछियो, मसी का दाऊद का पोरिया कसो कहत हैं? \v 42 दाऊद तुम ही भजन संहिता का किताब म कहत हैं: \q1 प्रभु न मोरो प्रभु से कय्हो, \q2 मोरो दाहिनी बैठ, \q2 \v 43 अऊर जब तक कि मी तोरो बैरी हुन का तोरो पाय हुन ख निचू नी कर देहु। \p \v 44 “दाऊद ते ओ ख प्रभु कहत हैं, ते फिर उ ओको पोरिया कसो रयो?” \s सासतिरी हुन से बचानो \r (मत्ती 23:1-36; मरकुस 12:38-40) \p \v 45 जब सब अदमी हुन सुन रहे हते, ते ओ न अपनो चेला हुन से कय्हो, \v 46 “सासतिरी हुन से चलाक रहनू, जेको लम्बो-लम्बो कपड़ा पहिनो हुए फिरन चोक्खो लगत हैं, अर जिन ख बाजार म नमस्ते, अर प्रार्थना घर म अच्छो जगह ओर खानो म चोक्खो जगह प्रिय लगत हैं। \v 47 वी विधवा हुन को घर खा जात हैं, अर दिखान को लाने बड़ो देर तक विनती करत रहत हैं: यू बेजा ही बड़ो दण्ड पाएँगो।” \c 21 \s कंगाल विधवा को दान \r (मरकुस 12:41-44) \p \v 1 फिर यीसु न आँखी उठा ख अमीर का अपनो-अपनो दान भण्डार म डालत देखियो। \v 2 यीसु न एक गरीब विधवा का भी ओमा दो दमड़ी हुन डालत देखियो। \v 3 तब यीसु कय्हो, मी तुम से सच कहूँ हूँ कि इ बिखारी विधवा न सब से बढ़ ख डालो हैं। \v 4 काहेकि सब न अपनो-अपनो धन की बढ़ती म से दान म कुछ डालो हैं, “पर इ न अपनो कमी म से अपनी सबरी कमई म से ड़ाल्यो हैं।” \s मंदिर को विनास की बतानू \r (मत्ती 24:1,2; मरकुस 13:1,2) \p \v 5 जब कुछ अदमी मन्दिर को बारे म कहत रहे हते कि उ कसो सुन्दर पत्थर हुन अर भेग को समान हुन से संवारो गयो हैं, ते ओ न कय्हो, \v 6 वी दिन आएँगो, “जेम यू सब जे तुम देखत हो, ओमा से यू कोई पत्थर पर पत्थर भी नी छुटेगो जे पूरो गिरायो जाएगो।” \s दुख अर मुसीबत \r (मत्ती 24:3-14; मरकुस 13:3-13) \p \v 7 उन्होना यीसु पुछियो, हे गुरू, यू सब कब होएगो? अर यू बात हुन जब पुरो होन पर होए, ते उ आखरी रोज को का चिखान होगो? \p \v 8 ओ न कय्हो, “सतरक रहनू कि भरमाए नी जाए, काहेकि बेजा से मोरो नाम से आ ख कहेगो, ‘मी उही आय, अर यू भी कि, बखत (बखत) पास म आ पहुचो हैं।’ तुम ओके पिछु नी चलो जानो। \v 9 जब तुम लड़ाई हुन अर बलवा करन वाला हुन की चर्चा सुने ते घबरा नी जानो, काहेकि इको पहलो होन आवस्य हैं परन्तु उ बखत तुरंत अन्त नी होएगो।” \p \v 10 तब यीसु न ओसे कय्हो, जात पर जात अर राज्य पर राज्य को खिलाफ उठ खडो होएगो, \v 11 अर बड़ो-बड़ो भूकम्प होएगो, अर जगह अकाल अर बड़ो ज्वड़ पड़ेगो अर आकास से भय कर बात बड़ो-बड़ो चिखान प्रगट होएगो। \v 12 परन्तु इ सब बात हुन से पहलो वी मोरो नाम का कारन तुमका पकड़ेगो, अर सताएँगो, अर पंचायत हुन म सोपेगो, अर जेल म डलवाएगो, अर राजा हुन अर हाकिम हुन को सामे ले जाएगो। \v 13 पर यू तुम्हारो लाने गवाई देन को मोखा हो जाएगो। \v 14 अपनो मन म निस्चय ख ला कि ते पहले से अपन सफाई की तैयारी नी करोगो। \v 15 काहेकि मी तुमका बोल अर असो बुध्दि दूँगो कि तुम्हारो सब दुसमन सामनो या खण्डन नी कर सकेगो। \v 16 तुम्हारो माय-बाप अर भई, अर कुटुम, अर दोस्त भी तुमका पकड़एगो; यू तक कि तू म से कुछ का मर वा भी डालेगो। \v 17 मोरो नाम को कारन सब लोग हुन तोसे दुसमनी (बैर) करेगों। \v 18 परन्तु तुम्हारो सिर का एक बाल भी बाँका नी होएगो। \v 19 अपनो धीरज से तुम अपनो जान या मन का बचाए रखोगो। \s यरूसलेम को नास होन कि विनास \r (मत्ती 24:15-21; मरकुस 13:14-19) \p \v 20 जब तुम यरूसलेम ख सेना हुन से घेरीयो देखे, ते समझ जानु कि ओको उजड़ जान को बखत नजीक आ गयो हैं। \v 21 तब जे कि यहूदिया म हो वी टेकरा हुन पर भाग जाए, अर जे यरूसलेम को अन्दर होए वी बाहर निकल जाएगो; अर जे गाँव हुन म होए प्रदेस उ म नी जाएगो। \v 22 काहेकि उ बदला लैन को असो होएगो, जे म लिखो हुयो सब बात पुरी होए जाएगो। \v 23 उ दिन हुन म जे पेट से होए अर दूध पिलात होएगो, उनको लाने धितकार! काहेकि दुनिया म विपत्ति अर इ लोग हुन पर बड़ो प्रकोप होएगो। \v 24 वी तलवार कोर हो जाएगो, अर सब देस हुन को लोग हुन म जेल म होयख पहुँचाएगो जाएगो; अर जब तक अन्य जात हुन का बखत पूरो नी होए, तब तक यरूसलेम दुसरी जात हुन से रोदियो जाएगो। \s अदमी को पोरिया (पोरिया) फिर से आनु \p \v 25 “सूरज अर चाँद, अर तारो म चिखान दिखायो देगो; अर जमीन पर देस-देस को लोग का संकट होगो, काहेकि वी समुंदर को गरजनो अर लहर हुन को कोला हल से घबरा जाएगो। \v 26 डर को कारन अर दुनिया पर आन वाली घटना हुन की रस्ता देखत-देखत लोग हुन को जी म जी नी रहेगो, काहेकि आकास की सक्ति हुन हिलायी जाहे। \v 27 तब वी इंसान को पोरिया का सामर्थ्य अर बड़ो महिमा को संग बदल पर आते देखे। \v 28 जब यू बात होन लगेगो, ते सीधो होय ख अपनो सिर ऊपर उठाएगो; काहे कि तुम्हरो छुटकारा जोने होएगो।” \s अंजीर को झाड़ की उदाहरन \r (मत्ती 24:32-35; मरकुस 13:28-31) \p \v 29 ओ न ओसे एक उदाहरन भी कय्हो, “अंजीर को झाड़,” अर सब झाड़ हुन का देखो। \v 30 जसो ही ओमा नया डिक्कर निकला हैं। ते तुम देख ख अपनो तुम ही समझ लेवा हैं कि बरसात को बखत नजीक हैं। \v 31 असो तरीका से जसा तुम या बात हुन होत देखियो, तब समझ जानू कि परमेस्वर को राज नजीक हैं। \p \v 32 मी तुम ख सच बोलू हैं कि जब तक ई सब बात नी हो जान की, तब तक या पीढ़ी को कसो भी नास नी होन को। \v 33 आकास अर धरती मिट जाहेगो, पर मोरी बात हुन कभी नी खाली जान की \s जागतो रहनू \r (मत्ती 24:36-44; मरकुस 13:32-37) \p \v 34 “एकोलाने होसियार (सावधान) रहनू, असो नी होय कि तुम्हारो मन खुस होय (खुमार) अर मतवालो पन, अर यू सरीर की चिन्ता हुन से लस्त हो जाहे, अर उ दिन तुम प फन्दा को जसो अचानक आ जाहे। \v 35 काहेकि उ सारो जमीन को सब रहन वालो हुन पर इही प्रकार आ पड़ेगो। \v 36 एकोलाने जागतू रहनू अर हर बखत विनती करत रहनू कि तुम इ सब आन वाली घटना हुन से बचनो अर इंसान को पोरिया का सामे खड़ो होवन को योग्य बनो।” \v 37 उ दिन का मन्दिर म सिक्छा (उपदेस) करत हतो; अर रात (साम) का बाहर जाय ख जैतून नाम टेकड़ा\f + \fr 21:37 \fr*\ft पहाड़\ft*\f* पर रह करत हतो; \v 38 अर भुनसारे सब झन ओकी सुनन ख लाने मन्दिर म ओको कने जायो करत रह। \c 22 \s यीसु को खिलाफ म योजना \r (मत्ती 26:1-5; मरकुस 14:1,2) \p \v 1 अखमीरी रोटी को तिहार जे फसह कहलावा हैं नजीक हतो, \v 2 अर मुखिया याजक अर सासतिरी या बात की ताक म हता कि ओ ख कसो मार ड़ाले, पर वी इंसान हुन से डरत रह। \s यूहदा को विस्वास घात करनु \r (मत्ती 26:14-16; मरकुस 14:10,11) \p \v 3 तब सैतान यहूदा म समायो, जे इस्करियोती कहलाता अर बारा चेला हुन म गिनो जात हतो। \v 4 ओ न जाय ख मुखिया याजक हुन अर पहरू हुन को सरदार हुन को संग बात चीत की कि ओको कि प्रकार ओके हात म पकड़वागो। \v 5 वी आनन्दित भयो, अर ओ ख रूपये हुन देन का वादा दियो। \v 6 ओ न मान लियो, अर अवसर (बखत) ढूँढ़न लगियो कि जब भीड़ हुन नी हो ते ओके हात पकड़वा देवा। \s चेला हुन को संग फसह को तिहार को आखरी खाना \r (मत्ती 26:17-25; मरकुस 14:12-21; यूहन्ना 13:21-30) \p \v 7 तब अखमारी रोटी को तिहार को दिन आयो, जे म फसह को बलिदान चडानो (मेम्ना) आवस्यक हतो। \v 8 यीसु न पतरस अर यूहन्ना का यू कह ख भेजो: “जाय ख हमारो खानो को लाने फसह तैयार कर?” \p \v 9 उन्न ओसे पुछियो, “तू किते चाहत हैं कि हम इ ख तैयार करे?” \p \v 10 ओ न ओसे कय्हो, देख, नगर म प्रवेस करत ही एक अदमी पानी को मटका उठयो हुयो तुमका मिलेगो; जे घर म जाए तू ओके पिछु चलो जानू, \v 11 अर उ घर को स्वामी कहनू; हे गुरू तोसे कहत हूँ कि उ पाहुनसाला किते हैं जेम मी अपनो चेला हुन को संग फसह खाऊँगो? \v 12 उ तुम ख एक सजी-सजायो बड़ो अटारी दिखो देगो; उही तैयार करनु। \p \v 13 उन्होना जाय ख जसो ओमा ओसे हतो, वसो ही पायो अर फसह तैयार कियो। \s प्रभु-भोज \r (मत्ती 26:26-30; मरकुस 14:22-26; 1 कुरिन्थियो 11:23-25) \p \v 14 जब बखत आ पहुँचियो, ते वी प्रेरित हुन संग म खाना खान बठिया। \v 15 अर ओ न ओसे कय्हो, “मोखा बड़ो लालसा हती कि दुख भोगन से पहलो यू फसह तुम्हारो संग खाऊँ। \v 16 काहेकि मी तोसे कहूँ हूँ कि जब तक उ परमेस्वर को राज्य म पूरो नी होए तब तक मी ओ ख कभी नी खाऊँगो।” \p \v 17 तब ओ न कटोरा ले ख धन्यवाद कियो अर कय्हो, “इ का ले अर आपस म बाँट ला \v 18 काहेकि मी तोसे कहूँ हूँ कि जब तक परमेस्वर को राज्य नी आएँगो तब तक मी अंगूर को रस अब से कभी नी पीऊगो।” \p \v 19 फिर ओ न रोटी लियो, अर धन्यवाद कर ख तोड़, अर ओको यू कहते हुयो दी, यू मोरी सरीर हैं: मोरो याद का लियो असो ही कियो करनु। \v 20 इ ही रीति से ओ न खानो को बाद कटोरा भी यू कहत हुयो दियो, “यू कटोरा मोरो उ खून म जे तुमरो लियो बहायो जात हैं नयो वादा हैं।” \p \v 21 पर देख, मोरो पकड़न वालो का हात मोरो संग मेज म पर हैं। \v 22 काहेकि इंसान को पोरिया ते जसो ओके लाने ठहरायो गयो जात ही हैं, “पर धितकार उ इंसान पर जेके व्दारा उ पकड़वायो जावा हैं!” \p \v 23 तब वी आपस म पूछताछ करन लगिया कि हम म से कोन हैं, जे यू काम करेगों। \s सबसे महान कोन \p \v 24 ओ म यू वाद-विवाद भी कि उ म से कोन बड़ो समझो जावा हैं। \v 25 ओ न ओसे कय्हो, “दुसरी जात हुन के राजा उन्न पर प्रभुता करा हैं। अर जे ओ पर अधिकार रखत हैं, वी उपकारक कहलाता हैं।” \v 26 पर तुम असो नी होन; वरन् जे तू म बड़ो हैं, वी छोटो को समान अर जे प्रधान आय, उ सेवक को समान बनेगो। \v 27 काहेकि बड़ो कोन हैं, उ नी जे खाना पर बैठा हैं? परन्तु मी तुम्हारो बीच म सेवक को जसो हूँ। \p \v 28 तुम उ हो, जे मोरी परिक्छा हुन म लगातार मोरो संग रहेगो; \v 29 अर जसो मोरो बाप न मोरो लियो एक राज्य ठहरायो हैं, वसो ही मी भी तुम्हारो लियो ठहरात हूँ, \v 30 ताकि तुम मोरो राज्य म मोरी मेज पर खायो-पियो, वरन् सिंहासन हुन पर बठ ख इस्राएल को बारा जात हुन को न्याय करेगों। \s पतरस को इंकार \r (मत्ती 26:31-35; मरकुस 14:27-31; यूहन्ना 13:36-38) \p \v 31 “समोन, हे समोन! देख, सैतान न तुम लोग हुन का माँग लियो हैं कि जसो गहूँ को समान फटके, तुम ख फटके, \v 32 पर मी न तोरो लियो विनती की कि तोरो विस्वास जात नी रय्हे; अर जब तू फिरो, ते अपनो भई हुन का स्थिर करनु।” \p \v 33 ओ न ओसे कय्हो, “हे प्रभु, मी तोरो संग जेल म जानो, वरन् मरन का भी तैयार हूँ।” \p \v 34 ओ न कय्हो, “हे पतरस, मी तोसे कहूँ हूँ कि आज मुर्गा बाँग नी देगो जब तक तू तीन बार मोरो इंकार नी कर लेगो कि तू मोखा नी जानत।” \s बटुवा, झोली, अर तलवार \p \v 35 फिर ओ न ओसे कय्हो, जब मी न तुमका बटुवा, अर झोली, अर जूता बिना भेजो हतो, ते का तू को किसी वस्तु घटी हुई हती? उन्होना कय्हो, “किसी वस्तु की नी।” \p \v 36 यीसु ओसे कय्हो, “परन्तु अब जेके पास बटुवा हो उ ओ ख ले अर वसो ही झोली भी, अर जेके पास तलवार नी वी अपनो कपड़ा बेच ख एक मोल लेवा। \v 37 काहेकि मी तोसे कहूँ हूँ, कि जे लिखो हैं: ‘उ पापी हुन का संग गिनो गयो,’ ओखा मोखा म पूरो होवन ओखा मोखा म पूरो होवन अवस्य हैं; काहेकि मोरो विसय म लिखो बातो पूरो होन पर हैं।” \p \v 38 तब उन्होना कय्हो, “हे प्रभु, देख यू वा दो तलवार उन आय।” \p ओ न ओसे कय्हो, “बेजा हैं।” \s जैतून को टेकड़ा पर यीसु की विनती \r (मत्ती 26:36-46; मरकुस 14:32-42) \p \v 39 “तब उ बाहर निकल ख अपनो रीति को अनुसार जैतून को टेकड़ा पर गयो अर चेला हुन ओके पिछु हो लियो। \v 40 उ जगह पहुँच ख ओ न ओसे कहयो, विनती करो कि तू परीक्छा म नी पड़ो।” \p \v 41 उ तुम ओसे अलग ढ़ेला फेकन को दूरी भर गयो, अर घुटना टेक ख बिनती करन लगिया, \v 42 हे बाप, यदि तू चाहा ते इ कटोरा का मोरो नजीक से हटा दा, तोभी मोरी नी परन्तु तोरी ही मारजी पूरी होए। \v 43 तब स्वर्ग से एक दूत ओको दिखाई दियो जे ओ ख सामर्थ्य देत हतो। \v 44 उ बेजा (अत्यन्त) संकट म व्याकुल होय ख अर भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करन लगियो; अर ओखा पसीना माननू खून को बड़ो-बड़ो बूँद हुन का समान जमीन पर गिरत हतो। \p \v 45 तब उ प्रार्थना से उठियो अर अपनो चेला हुन का नजीक आय ख उनका उदासी को मोरो सोते पायो। \v 46 अर ओसे कय्हो, “काहे सोत हो? उठ, प्रार्थना करो कि परीक्छा म नी पड़ो।” \s यीसु ख धोखा से पकड़नू \r (मत्ती 26:47-56; मरकुस 14:43-50; यूहन्ना 18:3-12) \p \v 47 उ असो बोलत ही रह कि एक भीड़ आई, अर वी बारा हुन म से एक जेको नाम यहूदा हतो उनको आगु-आगु आत रह। वह उ यीसु को सामे आयो कि ओको चुम्मा ले। \v 48 यीसु न ओसे कय्हो, “अरे यहूदा का तू चुम्मा ले ख इंसान को पोरिया ख पकड़वा हैं।” \p \v 49 ओखा संगी हुन न जब देखियो कि का होन वालो हैं, ते कय्हो, “हे प्रभु, का हम तलवार चलाय।” \v 50 अर उनमा से एक न बडो याजक को दास पर तलवार चला ख ओको दाहिनो कान काट दियो। \p \v 51 ये पर यीसु न कय्हो, “अब सब करो।” अर ओको कान छू ख ओ ख चोक्खो करियो। \p \v 52 तब यीसु न मुखिया याजक हुन अर मन्दिर पहरू हुन का सरदार हुन अर सियाना हुन से, जे उ हुन पर चढ़ आयो हतो, कय्हो, “का तुम मो ख ड़ाकू जान ख तलवार अर लाठी हुन हुयो निकल हो? \v 53 जब मी मन्दिर म हर रोज तुम्हारो संग हतो, ते तू न मो पर हात नी ड़ालियो; पर हात नी ड़ालो; पर यू वा तुम्हारी बखत हैं, अर अंधकार को अधिकार हैं।” \s पतरस का इंकार करनु \r (मत्ती 26:57,58,69-75; मरकुस 14:53,54,66-72; यूहन्ना 18:12-18,25-27) \p \v 54 फिर वी ओ ख पकड़ ख ले गया, अर मुख्य याजक को घर म लायो। पतरस दुर ही से ओके पिछु-पिछु चलत रहा हतो; \v 55 अर जब वी आँगन म आग परचा ख इकठ्टे बैठिया, ते पतरस भी उनको बीच म बठ गयो। \v 56 तब एक दासी ओ ख आगी को उजियाला म बैठो देख का अर ओकी तरफ देख ख कहन लगी, “यू भी तो ओके संग हतो।” \p \v 57 पर ओ ना यू बोल ख मुंडो कर लियो कियो, अरे बाई (नारी), मी ओ ख नी जानु। \p \v 58 थोड़ी देर बाद कोई अऊर न ओखा देख ख कय्हो, “तू भी ते उन्ही म से हैं।” पतरस न कय्हो, “हे अदमी मी नी हूँ।” \p \v 59 कुछ कोई घंटा हुन का बाद एक अर अदमी विस्वास से कहन लगियो, “सच यू भी ते ओको संग हतो, काहेकि यू गलीली हैं।” \p \v 60 पतरस न कय्हो, “हे इंसान, मी नी जानत कि तू का कहत हैं!” \p उ कह ही रय्हो हतो, कि तुरत मुर्गा न बाँग दियो। \p \v 61 तब प्रभु न घूम ख पतरस का तरफ देखियो, अर पतरस का प्रभु की उ बात याद आयो जे बात ओ न कय्ही हती: “आज मुर्गा को बाँग देन से पहलो, तू तीन बार मोरो इंकार करेगों।” \v 62 अर उ बाहर निकल ख फूट-फूट ख रोन लगियो। \s यीसु का अपमान करनु \r (मत्ती 26:67,68; मरकुस 14:65) \p \v 63 जे इंसान यीसु का पकड़े हुयो हते, वी ओखा मजाक उड़ाए ख पीटन लगया; \v 64 अर ओकी आँख हुन ढ़ाक ख ओसे पुछियो, “भविस्यवानी कर ख बात कि तो ख को न मारो!” \v 65 अर उन्होना बेजा सी अर भी निन्दा की बात हुन ओखा विरोध म कय्ही। \s महासभा को सामने यीसु \r (मत्ती 26:59-66; मरकुस 14:55-64; यूहन्ना 18:19-24) \p \v 66 जब दिन भयो ते लोग हुन अर सियाना हुन अर मुखिया याजक अर सासतिरी इकठ्टे भया, अर ओ ख अपनो महासभा म लाय ख पुछियो, \v 67 यदि तू मसी हैं, ते हमसे कह दा! ओ न ओसे कय्हो, “यदि मी तोसे कहूँ ते भरोसा नी करन ख; \v 68 अर अदि पूछु, ते उत्तर नी देन का। \v 69 परन्तु अब से इंसान को पोरिया सर्वसक्तिमान परमेस्वर की दाहिनो तरफ बैहिठ रहेगो।” \p \v 70 इ पर सब न कय्हो, ते का परमेस्वर को पोरिया हैं? ओ न ओसे कय्हो, “तुम तुम ही कहत हो, काहेकि मी हूँ।” \v 71 तब उन्होना कय्हो, “अब हमका गवाई का आवस्यक हैं; काहेकि हम न तुम ही ओके मुँह से सुन लियो हैं।” \c 23 \s पिलातुस को सामने यीसु \r (मत्ती 27:1,2,11-14; मरकुस 15:1-5; यूहन्ना 18:28-38) \p \v 1 तब पुरी सभा न उठ ख ओखा पिलातुस को जोने ले गयो। \v 2 वी या बोल ख ओ पर अरोप लगावन लग गया; “हम न ये ख लोग हुन ख बेहेकावा, अर कैसर का कर देन से मना करते, अर अपनो तुम ख मसी राजा बोलते सुनियो हैं।” \p \v 3 राजा पिलातुस न ओसे पूछो, “काहे तू यहूदी हुन को राजा हैं?” ओ न ओखा कय्हो, “तू अपनो तुम ही बोला हैं।” \p \v 4 तब पिलातुस न मुखिया याजक हुन से अर अदमी हुन से कय्हो, “मो ख यू अदमी न कोई गलती नी दिखा हैं।” \p \v 5 पर वी अर भी हिम्मत से बोलन लग गया, “यू गलील से लेखा यहाँ तक, पुरो यहूदिया म सिक्छा दे दे खा अदमी हुन ख उकसावा हैं।” \v 6 यू सुन ख पिलातुस न पूछो, “काहे यू अदमी गलीली हैं?” \v 7 अर असो समझ ख कि उ हेरोदेस को अधिकार इलाका को हैं ओखा हेरोदेस को पास भेज दियो, काहेकि वी दिन म उ भी यरूसलेम म हतो \s हेरोदेस को सामे यीसु \p \v 8 हेरोदेस यीसु ख देख ख बेजा ही खुस भयो, काहेकि उ ओखा बेजा दिन से ओखा देखन चावत रह; ऐका लाने कि ओको बारे म सुनियो रह, अर ओसे कुछ चिखान देखन की आसा रखत रह, \v 9 उ ओसे ढ़ेर सारी बात पुछते रयो, पर ओ न ओ ख कुछ नी उय्हो। \v 10 मुखिया याजक अर सासतिरी खड़ो होय ख तन मन को संग अर ओ पर दोस लगात रया। \v 11 तब हेरोदेस न अपना सिपाई हुन का संग ओकी बुराई फरख ठट्ठा म उड़ायो अर चमकीला कपड़ा पहिना ख ओखा पिलातुस को जाने लउटा दियो। \v 12 उयी दिन से पिलातुस अर हेरोदेस दोई दोस्त बन गया, येको पहलो वी एक दुसरो का बैरी हता रह। \s पिलातुस को व्दारा यीसु ख माऊत की सजा \r (मत्ती 27:15-26; मरकुस 15:6-15; यूहन्ना 18:39; 19:16) \p \v 13 पिलातुस न मुखिया याजक हन, अर अदमी हुन ख बुला ख उनखा कय्हो, \v 14 “तुम यू अदमी हुन को लोगो को बहकान वालो बता ख मोरो नजीक लाया, अर देखो, मी न तुम्हारो सामनो ओकी परख करी, पर जे बात को तुम ओपर आरोप लगावा हैं वी बात हुन को बारे म मी न ओमा कुछ भी अरोप नी पायो हैं \v 15 हेरोदेस न काहेकि ओ ना ओखा हमारो जोने लउटा हैं; अर देखो, ओसे असो कुछ मी नी भयो कि उ मार ड़ालन की सजा को लाने दियो जाहे। \v 16 एकोलाने मी ओखा पिटवा ख छोड़ देहु हैं।” \v 17 पिलातुस तिहार को बखत म ओको लाने एक कैदी ख छोड़न ख लाने मजबूर हता रह, \p \v 18 तब सब झन न मिल ख चिल्ला उठिया, “येको काम तमाम कर, अर हमारो लाने बरअब्बा ख छोड़ छोड़ दा। \v 19 उ किसी बलवा को कारन जे नगर म भयो हतो, अर मरन को कारन बन्दीगृह म डालो गयो हतो।” \p \v 20 पर पिलातुस न यीसु ख छोड़न की इच्छा से अदमी हुन को फिर समझायो, \v 21 परन्तु उन्होना चिल्ला चिल्ला ख कय्हो ओ ख, “सूली पर चढ़ा, सूली पर!” \p \v 22 ओ न तीसरो बार ओसे कय्हो, “काहे ओ न कोन सी बुराई कियो हैं? मी न ओमा माऊत को दण्ड को योग्य कोई बात नी पायो। एकोलाने मी ओ ख पिटवा ख छोड़ देत हूँ।” \p \v 23 पर वी चिल्ला-चिल्ला ख पिछु पड़ गया कि उ सूली पर चढ़ायो जाएगो, उनको चिल्लानो प्रबल भयो। \v 24 अत: पिलातुस न आग्या दियो कि उनकी विनती ख अनुसार कियो जाएगो। \v 25 ओ न उ इंसान का जे बलवा अर माऊत को कारन जेल म ड़ालो गयो हता; अर जे से वी माँगत हते, छोड़ दियो; अर यीसु ख ओकी इच्छा को अनुसार सोप दियो। \s यीसु को क्रूस को ऊपर चढ़ायो जानू \r (मत्ती 27:32-44; मरकुस 15:21-32; यूहन्ना 19:17-27) \p \v 26 जब वी ओ ख ले खा जात रह हता, जे उन्न समोन नाम को एक कुरेनी जे गाँव से आन रह हतो, पकड़ ओपर सूली लाद दियो कि ओखा यीसु को पिछु-पिछु लेख चले। \p \v 27 इंसान हुन की बड़ी जान भीड़ ओको पिछु जान लग गई अर ओमा ढ़ेर सारी बाई हुन भी हती, जे ओको लाने छाती पिटा अर दुख मानत रह हती। \v 28 यीसु न उनकी तरफ घुम ख कय्हो, “अरे यरूसलेम की पोरी हन, मोरो लाने मत रोव, परन्तु अपना अर अपना पोरिया पारी को लाने रोनो। \v 29 काहेकि देखो, वी दिन आवा हैं, जे म इंसान बोलेगो, धन्य हैं वी जे बजली हैं अर वी कोक जे नी जनी अर वी दूध जिन्ना दूध नी पिलायो। \v 30 उ बखत, वी पहाड़ हुन से बोलन लगेगो कि हमारो ऊपर गिडो, अर टिला हुन से की हमका ढ़ाक ला।” \p \v 31 काहेकि वी जब हरो झाड़ को संग असो कर सका हैं, ते सुखो को संग का कुछ नी करन करो जाहे? \p \v 32 वी दुसरा दो इंसान ख भी जे बुरा काम करन वाला हता ओको संग लटकान ख लाने ले जाहे \v 33 जब वी उ जगा जे को खोपड़ी को जगा बोला हैं पहुँचिया, ते उन ना वहाँ ओ ख अर उन बुरा काम करन वाला ख भी एक ख दाहिनी अर दुसरो ख बाई तरफ सूली पर चढ़ायो। \v 34 तब यीसु न कय्हो, “हे बाप ऐका माप कर, काहेकि यी नी जानत की यू का कर रया।” अर चिठ्टी डाल ख ओके आपस म कपड़ा हुन बाँट लियो। \v 35 लोग खड़ा-खड़ा देखत रह हता, अर मुखिया भी माजक कर ख कहत रह: “येना दुसरा का बचायो, अदि यू परमेस्वर को मसी हैं, अर ओको चुनो वालो हैं, ते अपनो तुम का बचा ल।” \p \v 36 मुखिया भी सामे आ यू ख अर अंगूर को काडवा रस दे ख ओको मजाक कर ख कहत हता। \v 37 “अदि तू यहूदी हुन को राजा हैं, ते अपनो तुम ख बचा! \p \v 38 “अर ओको क्रूस ऊपर एक अरोप जिटठी भी लगो हतो; यू यहूदी हुन को राजा हैं।” \s मन फिरान वालो बुरो अदमी \p \v 39 जे बुरो काम करन वालो हुन का भी लटकायो गयो हतो, ओमा से एक न ओकी निन्दा कर ख कय्हो, “का तू मसी नी? ते फिर अपनो तुम का अर हम ख बचा!” \p \v 40 इ पर दुसरो न ओ ख डाँट ख कय्हो, “का तू परमेस्वर से भी नी डरत? तू भी ते उही दण्ड पर रय्हे हैं, \v 41 अर हम ते न्याय को अनुसार पा रय्हे हैं, काहेकि हम अपन बुरो काम हुन का फल पा रय्हे हैं; पर ऐना कोई बुरो काम नी कियो हैं।” \v 42 तब ओ न कय्हो, “हे यीसु जब तू अपन राज्य म आएँगो, ते मोरी सुधि लेनो।” \p \v 43 ओ न ओसे कय्हो, “मी तो से सच कहूँ हूँ कि आज ही तू मोरो संग स्वर्ग लोक म होगो।” \s यीसु को प्रायन त्यागनू \r (मत्ती 27:45-56; मरकुस 15:33-41; यूहन्ना 19:28-30) \p \v 44 लगभग दोपहर से तीसरो पहर तक पुरो देस म अन्धियारो छायो रहयो, \v 45 अर सूरज को उजियाला जात रहयो अर मन्दिर को परदा बीच म से फट गयो, \v 46 अर यीसु न बड़ो आवाज से पुकार ख कय्हो, “हे बाप, मी अपनो आत्मा तोरो हात हुन म सोपत हूँ।” अर यू वा कह ख प्रायन छोड़ दियो। \p \v 47 सतपति न जे कुछ भयो हतो देख ख परमेस्वर की बड़ाई कियो, अर कय्हो, “निस्चय यू वा अदमी धर्मी हतो।” \p \v 48 अर भीड़ जे यू वा देखन का इकठ्टी हुई हती। इ घटना का देख ख छाती पीटत हुई लउट गई। \v 49 पर ओके सब जान पहचान वाला, अर जे बाई हुन गलील से ओके संग आई हती, दूर खड़ी होय ख यू वा सब देखत रह। \s यीसु ख गाड़ू जानू \r (मत्ती 27:57-61; मरकुस 15:42-47; यूहन्ना 19:38-42) \p \v 50 अर देख, उही यूसुफ नाम को बड़ो सभा (महासभा) को एक सदस्य हतो। जो अच्छो अर धर्मी अदमी हतो \v 51 अर ओकी योजना अर ओको इ काम हुन से खुसी नी हती। उ यहूदियो को नगर अरिमतिया का रहन वाला अर परमेस्वर को राज्य की रस्ता जोहन वालो हतो। \v 52 ओ न पिलातुस को नजीक जाय ख यीसु को लास मंगियो; \v 53 अर ओ ख उतार ख मलमल की चादर म लपेटियो, अर एक कब्रर म रखियो, जे चट्ठान म खुदो भई हती; अर ओमा कभी कोई का नी रखो गयो हतो। \v 54 वी तैयारी को रोज हतो, अर आराम का दिन सुरू होवन पर हतो। \p \v 55 उ बाई हुन जे ओको संग गलील से आयो हती; पिछु-पिछु जायख उ समसान का देखो, अर यू भी कि ओको लास किस रीति से रखो गयो हैं। \v 56 तब उनहोना लउट ख खुसबूदार समान हुन इतर तैयार कियो; \p अर विसराम को उन्होना आग्या ख अनुसार छुट्टी को दिन कियो। \c 24 \s यीसु को जिन्दो उठानो \r (मत्ती 28:1-10; मरकुस 16:1-8; यूहन्ना 20:1-10) \p \v 1 पर हफ्ता को पहलो दिन बड़ो सबेरो का नी उन खुसबूदार समान हुन का जे उन्होना तैयार कियो हतो लेय ख कब्रर पर आयो। \v 2 उन्होना पत्थर का समसान पर से लुढ़का भयो पायो, \v 3 पर आन्दर जाय ख प्रभु यीसु को लास नी पायो। \v 4 जब वी इ बात सर उलझन हो हती ते देखियो, दो इंसान हुन चमकीलो कपड़ा पहिनो हुयो ओके नजीक आ खडा भया। \v 5 जब वी डर गया अर जमीन की ओर मुँह झुकायो जे उन्होना ओसे कय्हो, “तुम जिन्दो का मरो हुओ म काहे ढूढ़न हो? \v 6 उ यहाँ नी, पर जी उठो हैं। स्मरण (याद) कि ओ न गलील म रहत हुओ तुम से कय्हो हतो, \v 7 अवस्य हैं कि इंसान को पोरिया पापी हुन को हात म पकड़यो जाएगो, अर सूली पर चढ़ायो जाएगो, अर तीसरो रोज जिन्दो उठयो।” \p \v 8 तब ओकी बात हुन ओको याद आयो, \v 9 अर समसान घाट से लउट ख उन्होना उ ग्यारह हुन का, अर अन्य सब का, यू वा सब बात हुन कह सुनायो। \v 10 जिन्हो प्रेरित हुन से यूव सब बात हुन कही वी मरियम मगदलीनी अर योअन्ना अर याकूब की माय मरियम अर ओके संग की कई बाई हुन भी हती। \v 11 पर ओकी बात हुन उनका कायनी सी जान पड़ियो, अर उन्होना ओकी भरोसा नी करी। \v 12 तब पतरस उठायो ख मरघट म दऊड गयो, अर झुकया ख केवल कपड़ा पड़िया देखो, अर जे भयो हता ओसे अचम्भा करत भयो अपनो घर चलो गयो। \s इम्माऊस का रस्ता म दर्सन \r (मरकुस 16:12,13) \p \v 13 उही दिन ओ म से दो ही जन इम्माऊस नाम को एक गाँव का जा रहे हता, जे यरूसलेम से कोई दस किलो मीटर की दूरी पर हता। \v 14 “वी इ वा सब बात हुन पर जे हूई हती, आपस म बात चीत करत जा रय्हे हते, \v 15 अर जब वी आपस म बातचीत अर पूछताछ प्रस्न भी करत रह हता, ते यीसु आसपास म आय ख ओको संग म हो लियो। \v 16 परन्तु ओकी आँख हुन असी बंद कर दी गई हती कि ओ ख पहिचानू नी सको। \v 17 ओ न ओसे पुछियो, यूव का बात हैं, जे तुम चलत चलत आपस म करत हो?” वी उदास से खड़ो हो गयो। \v 18 यूव सुन ख ओमा से क्लियोपास नाम एक इंसान न कय्हो, “का तू यरूसलेम म अकेलो परदेसी आय, जे नी जानत कि इ दिन हुन म ओ म का-का भयो हैं?” \p \v 19 यीसु न ओसे पूछो, “कोन सी बात?” उन्होना ओसे कय्हो, “यीसु नासरी का बारे म जे परमेस्वर अर सब अदमी हुन का नजीक काम अर वचन म सामर्थी भविस्यवक्ता हता, \v 20 अर मुखिया (प्रधान) याजक हुन अर हमार सासक हुन न ओ ख पकड़वा दियो दियो कि उ पर मरन की आग्या दी जाएगो, अर ओ ख सूली पर चढ़ायो। \v 21 पर हमका आसा हती कि यू ही इस्राएल का छुडा देहे गो। इन सब बात हुन का सिवाय इ घटना का भयो तीसरो दिन हैं, \v 22 अर हम म से कई बाई हुन न भी हमका आस्चर्य म ड़ाल दियो हैं, जे भुसारो का समसान पर गई हती; \v 23 अर जब ओखा लास नी पायो ते यूव कहत हुयो आयो कि हम न स्वर्गदूत हुन को दर्सन पायो, जिन्होना कय्हो कि उ जीवित हैं। \v 24 तब हमारो दोस्त हुन म से कई एक समसान पर गयो, अर जसो बाई हुन न कय्हो हतो वसो ही पायो; पर ओको नी देखो।” \p \v 25 तब ओ न उनसे कय्हो, “अरे बिना अकल का अर भविस्यवक्ता हुन की सबरी बात हुन पर भरोसा करनो म बेजा धीरे आय! \v 26 का जरूरी नी हतो कि मसी यूव दुख उठायो ख अपनो महिमा म प्रवेस करियो?” \v 27 तब ओ न मूसा से अर सब भविस्यवक्ता हुन से सुरू कर ख पुरा सुध्द सास्र म से अपनो बारे म लिखी बात हुन को मतलब उन ख समझ दियो। \p \v 28 इत्ते म वी गाँव को नजीक पहुँचियो जहाँ वी जा रहे हते, अर यीसु न ढ़ग से असो जान पड़ो कि ओ ख आगे बढनू चाहत रह। \v 29 पर उन्होना यूव कह ख ओ ख रोक, “हमारो संग रह, काहेकि साम हो चली हैं अर दिन अब बेजा ढल गयो हैं।” तब उ उनको संग रहन को लाने अर आनन्द गयो। \v 30 जब उ उनको संग खाना खान को बैठयो, ते ओ न रोटी लेय ख धन्यवाद कियो अर ओ ख तोड़ ख उनको देन लगियो। \v 31 तब ओकी आँखी खुल गई; अर ऊन न ओ ख पहचान लियो, अर उ ओकी आँखी हुन से छिप गयो। \v 32 ऊन न आपस म कय्हो, “जब उ रस्ता म हमसे बात करत हतो अर सुध्द सास्र का अर्थ हमका समझत हतो, ते का हमारे मन म उत्तेजना नी उत्पन्न हुई?” \p \v 33 वी ऊई बखत उठ ख यरूसलेम का लोउट गयो, अर उ ग्यारह हुन अर ओके संगी हुन का इकठ्टे पायो। \v 34 वी कहत हते, “प्रभु सचमुच जी उठो हैं, अर समोन का दिखाई दियो हैं।” \p \v 35 तब ऊन न रस्ता की बात हुन उन्हे बता दियो अर यू वा भी ऊन न ओखा रोटी तोड़त बखत कसो पहचानो। \s यीसु को चेला हुन का दर्सन \r (मत्ती 28:16-20; मरकुस 16:14-18; यूहन्ना 20:19-23; प्रेरितो 1:6-8) \p \v 36 वी इ बात कह ही रहे हते कि उ तुम ही उनको कय्हो, “तुम ख सान्ति मिले।” \p \v 37 “पर वी घबरा गया अर डर भी गया, अर समझो कि हम कोई भूत का देख रहयो हैं। \v 38 ओ न ओसे कय्हो, काहे घबरात हो? अर तुम्हारो मन म काहे विचार उठत हैं? \v 39 मोरो हात अर मोरो पाय का देखो, कि मी उही हूँ। मो ख छु ख देख, काहेकि आत्मा को हड्डी मांस नी होत जसो मोरो म देखह हैं।” \p \v 40 यू कह ख ओ न ऊन का अपनो हात पाय दिखायो। \v 41 जब खुसी को मारे ओको भरोसा नी हुई, अर वी आस्चर्य करत हते, “ते ओ न ओसे पुछो, का यहाँ तुम्हारो नजीक कुछ खाना हैं?” \v 42 उन ना ओखा भुजी भई मच्छी को टुकड़ा दियो। \v 43 ओ न ओ ख लेय ख उनको सामे खायो। \v 44 फिर ओ न उनसे कय्हो, “यू मोरी वी बात हैं, जे मी न तुम्हारो संग रहत हुए तुम लोग हुन कही हती कि आवस्य हैं कि जितनी बात मूसा की नेम की किताब अर भविस्यवक्ता हुन अर भजन हुन की किताब म मोरो विसय म लिखो हैं, सब पूरो होए।” \p \v 45 तब ओ न सुध्द सास्र बूझन को लाने उनकी समझ खोल दी, \v 46 अर ओसे कय्हो, “यो लिखो हैं कि मसी दुख उठाएगो, अर तीसरो दिन मरो भयो म से जिन्दो उठेगो, \v 47 अर यरूसलेम से लेय ख सब जाति हुन म मन को अर पाप हुन कि छमा को प्रचार, ओको नाम से कियो जाहे। \v 48 तुम इ सब बात हुन को गवाह होए। \v 49 अर देख, जेकी वादा मोरो बाप न की हैं, मी ओको तुम पर उतारूँगो अर जब तक स्वर्ग से सामर्थ्य नी पाओ, तब तक तुम इ ही नगर म ठहरो रह।” \s यीसु को स्वर्ग म जानू \r (मरकुस 16:19,20; प्रेरितो 1:9-11) \p \v 50 तब उ उनका बैतनिय्याह तक ले गयो, अर अपनो हात उठा ख उन ख आसीस दियो; \v 51 अर उन्हे आसीस देत भयो उ उनसे अलग हो गयो अर स्वर्ग पर उठा लियो गयो। \v 52 तब वी ओको दण्डवत कर ख बड़ो खुसी से यरूसलेम का लोउट गयो; \v 53 अर वी लगातार मन्दिर म उपस्थित हो ख परमेस्वर की स्तुति कियो करत हते।