\id JHN - Mehra Standard Project \ide UTF-8 \h यूहन्ना \toc3 यूहन्ना \toc2 यूहन्ना \toc1 यूहन्ना को दुवारा लिखो सुसमाचार \mt2 यूहन्ना के व्दारा लिखा सुसमाचार \mt1 यूहन्ना को दुवारा लिखो सुसमाचार \imt भूमिका \ip यूहन्ना को हिसाब से सुभसमाचार नयो नियम म चार किताब म से एक हैं जो यीसु मसी को जीवन को बारे म बतावा हैं। उनमा से हर एक ख “सुसमाचार” बोलो जाय हैं, जेको मतलब हैं “अच्छी खबर” वी मत्ती, मरकुस, लूका अऊर यूहन्ना यीसु कि माऊत को बाद लिखिया गया रहा। यूहन्ना को हिसाब से सुसमाचार सायद यूहन्ना को दुवारा यीसु कि माऊत को बाद लिखो गयो रहा। भले ही किताब या नी बोला हैं कि यूहन्ना किताब ख लिखन वालो हैं, लिखी वाली किताब 1 यूहन्ना, 2 यूहन्ना अऊर 3 यूहन्ना यी एक दुसरा से मिलते जुलते हैं कुछ पुराना लेखक यूहन्ना ख या बखत इफिसुस सहर म रखा हैं, एकोलाने यू अनुमान लगावा हैं कि किताब इफिसुस म लिखी गई रा। \ip यूहन्ना साफ-सुतरो तरीका से बोला हैं कि किताब को मेन मक्सद इंसान हुन ख यू भरोसा दिलानो म मददत करनो हैं कि यीसु मसी हैं, जिन्दो परमेस्वर को पोरिया \xt 20:31\xt* यू भरोसा कर ख हम ओको नाम से जीवन जी सका हैं। किताब यहूदी अर गैर-यहूदी दोई पढ़न वाला हुन को लाने लिखी गई रा। यूहन्ना को सुसमाचार कुछ हिसाब से तो दुसरा तीन सुसमाचार हुन से बेजा अलग हैं। ओ ना वी चमत्कार हुन पा ध्यान दियो जो यीसु न करयो रा। अऊर अपना उदाहरन हुन को बारे म जादा नी लिखो रा। यीसु को बपतिस्मा अऊर रेगिस्तान म गुजरी वाला घटना जसी अऊर ढ़ेर सारी कई घटना हुन ख भी यु सुसमाचार म नी लिखो गयो हैं। \iot रूप रेखा \io1 1. ऐमन सुसमाचार सुरू करा हैं \ior 1:1-18\ior* \io1 2. फिर उ वी कई चमत्कार हुन को बारे म लिखा हैं जो यीसु न करयो रहा। \ior 1:19—12:50 \ior* \io1 3. येको बाद उ यीसु कि जीवन कि कई सारा बिती वाला घटना को बारे म बतावा हैं जो ओकी माऊत अऊर पुनर्जनम को लाने बतावा हैं। \ior 13:1—20:31\ior* \io1 4. यूहन्ना न सुसमाचार ख खतम करन को बारे म बतायो, जेमा से एक को बाद यीसु न इंसान हुन ख दिखई देन को बाद उ मुर्दा म से जिन्दो हो गयो अऊर फिर किताब लिखन ख लाने अपनो मक्सद बतायो। \ior 21 \ior* \c 1 \s वचन न सरीर रूप धरियो \p \v 1 सबसे सुरू म सब्द हतो अऊर सब्द परमेस्वर को संग म हतो, सब्द ही परमेस्वर हतो।, \v 2 युईच सब्द ही सुरू म परमेस्वर को संग म हतो। \v 3 दुनिया की हर चीज ओसे ही उपजी। ओको बगर कोई की भी रचना नी भई आय। \v 4 ओमन जीवन हतो अऊर उ जीवन ही दुनिया ख इंसान हुन को लाने उजेरो हतो। \v 5 उ उजेरो अंधेरा म भयो अऊर अंधेरा न ओखा दुर नी कर पायो। \p \v 6 परमेस्वर कि तरफ से एक अदमी आयो। जेको नाम यूहन्ना हतो। \v 7 उ गवाही देन आयो कि उजियारो कि गवाई दे, जसो सब इंसान ओको दुवारा भरोसा करे। \v 8 उ अपनो तुम म ज्योति तो नी हतो पर उ ज्योति कि गवाई देन ख लाने आयो हतो रह। \v 9 सच्ची को उजेरो जो हर एक इंसान ख उजेरो पहुचावा हैं, दुनिया म आन वाली हती। \p \v 10 सब्द संसार म हतो, अऊर दुनिया ओको दुवारा सिरजी\f + \fr 1:10 \fr*\ft उत्पन्न \ft*\f*; पर दुनिया ख न ओखा नी पहिचानियो। \v 11 उ अपना को जोने आयो अऊर ओखा अपना इंसान न ओखा नी अपनायो। \v 12 पर जीत्ता न ओखा अपनायो, अऊर ओको नाम म विस्वास करयो, वी सब ख ओ ना परमेस्वर की संतान बनन को हक दे दियो। \v 13 वी न तो खून से, न सरीर कि मर्जी से, न इंसान कि मर्जी से, पर परमेस्वर से सिरजिया हैं। \p \v 14 सब्द न सरीर रूप धर ख, हमरो बीच म आयो, अऊर हम न ओकी असी महेमा देखी जसो परमेस्वर बाप (पिता) को अकेलो पोरिया कि महेमा, जो किरपा अऊर सही से भरपूर हो ख हमारो बीच म ड़ेरा करो। \p \v 15 यूहन्ना न बोल-बोल ख ओको बारे म गवाई दियो, “यु उईच आय, जेको बारे म मीना कय्हो रहा जो मोरो बाद आवन वालो हैं उ मोसे बढ़ ख हैं; काहेकि उ मोसे पहलो से हतो रहा।” \p \v 16 काहेकि ओकी भरपुरी म से हम सब न हासिल करो एकोमतलब किरपा पर किरपा मिली हैं। \v 17 एकोलाने नेम तो हकीगत म मूसा को वजे से दी गई रहा, पर किरपा अऊर सच्चाई यीसु मसी को वजे से पहुँची। \v 18 परमेस्वर ख कभी कोई न नी देख्यो, पर सिरप इकलोतो पोरिया न, जो खुद परमेस्वर आय अऊर जो बाप को कोरा म हैं, उईच न ओखा उजागर करो। \s यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो कि गवई\f + \fr 1:19 \fr*\ft सुध्द होन को लाने यीसु को नाम से पानी म ढुपकी लगानो \ft*\f* \r (मत्ती 3:1-12; मरकुस 1:1-8; लूका 3:1-18) \p \v 19 यूहन्ना कि गवाई या हैं कि जब यहूदी हुन न यरूसलेम से याजक हुन अर लेवी हुन ख ओसे या पूछन को लाने भेजो, “तु कऊन आय?” \p \v 20 तब उनना मान लियो, मना नी पर मान लियो कि मी मसी नी हाय। \p \v 21 वी इंसान हुन न यूहन्ना से पुछियो “ते फिर तू कऊन आय? का तू एलिय्याह भविस्यवक्ता आय यूहन्ना न जवाब दियो, मी एलिय्याह नी आय?” “ते का तू उ भविस्यवक्ता आय जो आन वालो थो?” यूहन्ना न जवाब दियो, “नी।” \v 22 तब उन ना यूहन्ना से बोल्यो, “फिर तू आय कोन? जिन्ना हमका भेज्यो हैं, हम उनका का जुवाब देहे हमका पहिचान वालो ख जवाब देहे। तू अपनो बारे म का बोला हैं?” \p \v 23 यूहन्ना न जुवाब दियो, मी आय, जसो कि यसायाह भविस्यवक्ता न कय्हो हैं, \q1 बियाबान जंगल म हाँका लगान वालो की आवाज \q2 प्रभु को याहा जान की रस्ता सिधी करो। \p \v 24 कुछ इंसान हुन फरीसी हुन कि ओर से भेजिया वाला हता। \v 25 उन न यूहन्ना से पुछियो, “अदि तू न तो मसी आय, न एलिय्याह अऊर न उ भविस्यवक्ता आय ते फिर बपतिस्मा काहे ख देवा हैं?” \p \v 26 यूहन्ना न ओखा जवाब दियो, “मी तो पानी से बपतिस्मा\f + \fr 1:26 \fr*\ft सुध्द होन को लाने यीसु को नाम से पानी म ढुपकी लगानो\ft*\f* देऊ हैं, पर तुमारो बीच म एक अदमी खड़ो हैं जेका तुम नी जाना। \v 27 एको मतलब उ मोरो बाद आन वालो हैं, ओकी कि जूता की भी मी बददी खोलन को कबील नी हाय।” \p \v 28 या बात हुन यरदन को ओ नो पार बैतनिय्याह गाँव म भई, जेमा यूहन्ना बपतिस्मा देवत रह हतो। \s परमेस्वर को पिल्ला\f + \fr 1:29 \fr*\ft मेम्ना\ft*\f* \p \v 29 दुसरो दिन ओ न यीसु ख अपनी तरफ आते देख ख कय्हो, “देखो यू परमेस्वर को पिल्ला आय जे दुनिया क पाप उठा ख ले जाय हैं। \v 30 यु उयीच आय जे को बारे म मी न कय्हो रह एक अदमी मोरो पीछु आवा हैं जे मोसे बड़ो हैं। काहेकि उ मोसे पहलो हतो रह। \v 31 मी तो ओ ख पहिचानत नी रह, पर ऐखा लाने मी पानी से बपतिस्मा देते आयो कि उ इस्राएल म परघट\f + \fr 1:31 \fr*\ft प्रगट\ft*\f* हो जाय।” \p \v 32 अर यूहन्ना न असी गवाई दियो, “मीना आत्मा ख कबूतर को जसो बददल या स्वर्ग से उतरते देख्यो हैं, अऊर वा ओ पर ठहर गई। \v 33 मी तो ओ ख पहिचानत नी रह, पर जोना मो ख पानी से बपतिस्मा देन ख भेज्यो, उईच न मोसे कय्हो, ‘जोपर तू सुध्द आत्मा ख उतरते अऊर बठते देखे, उईच सुध्द आत्मा से बपतिस्मा देन वालो हैं।’ \v 34 मीना खुद देख्यो, अऊर या मोरी गवाई हैं कि यूईच परमेस्वर को पोरिया आय।” \s यीसु को पहिलो चेला \p \v 35 दुसरो दिन फिर यूहन्ना अऊर ओखा चेला म से दो झन खड़ा भया हता, \v 36 अऊर यूहन्ना न यीसु ख जाते घड़ी देख्यो अऊर कय्हो, “देखो यू परमेस्वर को पिल्ला\f + \fr 1:36 \fr*\ft मेम्ना \ft*\f* आय।” \p \v 37 ऐकोबाद वी दोई चेला ओकी या सुन ख यीसु को पिछु हो लियो। \v 38 यीसु न लउट ख उनका पिछु आते देखो अर उनसे कय्हो, \p “अरे गुरू, एकोमतलब, अरे प्रभु तू कहाँ पर रहवा हैं?” \p \v 39 यीसु न उनका कय्हो “चले ते देख लेहे।” उनना जा ख देख्यो कि उ कहाँ रहवा हैं, अऊर उ दिन ओको संग म रया। असो दिन को चार बजे तक (दसवां घण्टा) लग भग हतो। \p \v 40 जो चेला यूहन्ना कि बात सुन ख यीसु को पिछु हो लियो हता, वी दोई म से एक समोन पतरस को भई अन्द्रियास हतो। \v 41 उ पहले अपनो भई समोन से मिलियो अर ओसे बोल्यो, “हमका मसी, एकोमतलब मसी, मील गयो हैं।” \p \v 42 अऊर उ ओखा यीसु को जोने ले गयो। \p यीसु न ओखा ध्यान से देख ख बोल्यो, “तू यूहन्ना को पोरिया समोन आय: तू कैफा मतलब पतरस कहलाए।” \s फिलिप्पुस अर नतनएल को बुलायो जानु \p \v 43 दुसरो रोज यीसु न गलील परदेस जान ख सोचयो। ओकी मुलाकात फिलिप्पुस से भई। उनना ओसे बोल्यो, “मोरो पिच्छु आव।” \v 44 फिलिप्पुस बैतसैदा सहर को रहन वालो हतो। उते अन्द्रियास अर पतरस भी रहत रहा। \v 45 फिलिप्पुस नतनएल से मिल्यो अऊर बोल्यो, “जिनको बारे म मूसा न नेम म अर भविस्यवक्ता हुन न भी लिख्यो हैं, उ हमका मिल गयो हैं; उ नासरत को रहनवालो यूसुफ को पोरिया, यीसु आय।” \p \v 46 नतनएल न जुवाब दियो, “का कोई भली चीज भी नासरत म से निकल सखा हैं?” \p फिलिप्पुस न कय्हो, “चल ख देख ला।” \p \v 47 यीसु न नतनएल ख अपनी तरफ आते देख ख, ओको बारे म बोल्यो; “देखो, यू सच म इस्राएली आय। येमा कोई कपट नी हाय।” \p \v 48 नतनएल न ओसे कय्हो, “तू मोखा कसो पहिचाना हैं?” यीसु न ओ ख उत्तर दियो, “येको पहले कि फिलिप्पुस न तो ख बुलायो, जब तू अंजीर को झाड़ को नीचु हतो, जब मीना तो ख देखो रह।” \p \v 49 नतनएल न उनसे बोल्यो, “अरे गुरू जी तू परमेस्वर को पोरिया आय; तू इस्राएल को राजा आय।” \p \v 50 यीसु न ओखा उत्तर दियो, “मी न तुम से बोल्यो, मी न तोखा अंजीर को झाड़ को नीचु देख्यो, का तुम येको लाने भरोसा करा हैं? तुम येसे भी बड़ा-बड़ा काम देखेगो।” \p \v 51 यीसु न ओसे यू भी बोल्यो, “मी तुम इंसान हुन से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं: तुम स्वर्ग ख खुल्यो, अर परमेस्वर ख स्वर्गदूत हुन ख इंसान को पोरिया को ऊपर चढ़ते अर उतरते देखेगो।” \c 2 \s गलील को काना म पहिलो ताजुब को काम \p \v 1 फिर तीसरो रोज गलील को काना सहर म कोई कि सादी हती, अर यीसु कि माय भी वहाँ हती। \v 2 यीसु अर ओखा चेला हुन ख भी वा सादी म नेवता देखा बुलायो गयो हतो। \v 3 जब अंगूर को रस कम पड़ गयो, ते यीसु कि माय न ओसे कय्हो, “उन को जोने अंगूर को दाख रस नी रयो।” \p \v 4 यीसु न जुवाब दियो, “अरे बाई मो ख तोरो से का काम? अबा मोरो बखत नी आयो हैं।” \p \v 5 ओकी माय न सेवक हुन से कय्हो, “जे कई भी उ तुम से बोले, उसी ही करनु।” \p \v 6 वहाँ पर यहूदी हुन की सुध्द करन की रीत को हिसाब से पत्थर का छे: मटका धरया हता रहा जेमा कि दो-दो तीन-तीन मन पानी समात रह हतो। \v 7 यीसु न सेवक हुन से कय्हो, “मटका हुन म पानी भर देव।” उन न उन ख मुड़ो तक लबा-लब भर दीयो। \v 8 तब यीसु न उनसे कय्हो, “अब हेड का खाना खलान वालो घर को उ मुखिया को जोने ले जाव।” अर वी ले गया। \v 9 जब उ खाना खालान वालो घर को मुखिया न उ पानी ख पीयो, जो अंगूर को रस बन गयो रह अर नी जानत रह कि उ किते से लायो हैं। (पर जे सेवक हुन न पानी निकायो रह वी जानत रह हता), ते खाना तैयार करन वालो घर को मुखिया न दुल्हा ख बुलाय ख ओसे कय्हो, \v 10 “हर एक इंसान पहले चोक्खो दाख रस देवा हैं, अर जब अदमी हुन पी ख छक जावा हैं: तब थोड़ो ठण्ड़ो वालो देवा हैं पर तू न अच्छो अंगूर को रस अबा लक रक ख धरियो हैं।” \fig पत्थर को मटका म पानी भरतो हुओ|alt="Filling water in the stone jars" src="lb00135c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="2:7"\fig* \p \v 11 यीसु न अपनो यू पहिलो अदभुत चिन्ह गलील को काना सहर म दिखायो असो तरीका से ओ ना खुद ख उजागर करियो अर ओ ख चेला हुन न ओको पर भरोसा करयो। \p \v 12 येको बाद यीसु अर ओकी माय अर ओखा भई हुन अर ओखा चेला हुन को संग कफरनहूम सहर ख गयो अर उते कुछ दिन रयो। \s मन्दिर से बिक्री करन वाला ख निकलनो \r (मत्ती 21:12,13; मरकुस 11:15-17; लूका 19:45,46) \p \v 13 यहूदी हुन को फसह को तिहार आन वालो हतो, अर यीसु यरूसलेम सहर ख गयो। \v 14 वहाँ ओ न मन्दिर म बईल, भेड़ अर कबूतर ख बेचन वाला अर अपनो टेबल को जोने बैठिया बियाना करन वाला ख देख्यो। \v 15 यीसु न रस्सी हुन को कोड़ा बना ख, सब भेड़ हुन अर बईल हुन ख मन्दिर से निकाल दियो, ओ ना बियाना करन वाला का पैसा छितरा दियो, उनको टेबल उलटा दियो, \v 16 अर कबूतर बेचन वाला से कय्हो, “यू सब ख यहाँ से हटा ख ले जाव। मोरो पिता परमेस्वर को घर ख बजार मत बनाव।” \v 17 तब ओ ख चेला हुन ख सास्र को यू वचन याद आयो, “तोरो घर कि चिन्ता-फिकर मोखा खा जाहे।” \p \v 18 ये पर यहूदी धरम ख गुरू हुन न यीसु से कय्हो, “तू हमका कोन सो भयानक चिन्ह दिखा सका हैं, जेसे हम यू समझे कि जसो तू जो कुछ करा हैं, ओको तू हक रखन वालो हैं यू साबित हो जाय?” \p \v 19 यीसु न उनका जवाब दियो, “यू मन्दिर ख खतम कर देव अर मी ये ख तीन रोज म खड़ो कर देहु।” \p \v 20 येपर वी यहूदी हुन न कय्हो, “यू मन्दिर ख बननो म छियालीस बरस लग्या, अऊर का तू येका तीन दिन म खड़ो कर देहे?” \p \v 21 पर यीसु न अपनो सरीर को मन्दिर को बारे म बोल्यो रहा। \v 22 जब उ मुर्दा म से जिन्दो भयो, ते ओ ख चेला ख याद आयो कि यीसु न असो बोल्यो रहा अर उनना सुध्द सास्र \f + \fr 2:22 \fr*\ft यहूदी हुन को उ सुध्दसास्र जेखा मसी इंसान पुरानो नेम बोला हैं।\ft*\f*अर उ वचन कि जे यीसु न कय्हो रहा, भरोसा करयो। \s यीसु इंसान को मन ख जाना हैं \p \v 23 जब यीसु यरूसलेम म फसह को बखत तिहार म हतो, ते ढ़ेर सारा इंसान हुन न उनको वजे से भया वाला भयानक चिन्ह देख ख ओको नाम पा भरोसा करयो। \v 24 पर यीसु न अपनो तुम ख उनको भरोसा पर नी छोड़यो, काहेकि उ सब ख जानत रह; \v 25 उनका या जरूरत नी हती कि कोई उनका इंसान को बारे म बताया; काहेकि उ खुद जानत रहा कि इंसान को मन म का चला हैं। \c 3 \s यीसु अर नीकुदेमुस \p \v 1 फरीसी समुदाय को एक इंसान हतो ओको नाम नीकुदेमुस थो उ यहूदी हुन को एक मुखिया हतो। \v 2 उ रात म यीसु को जोने आयो अऊर बोल्यो, “अरे गुरू हम जाना हैं कि तू परमेस्वर कि तरफ से आयो वालो गुरू हैं। तू जो हईब ख चिन्ह दिखावा हैं, उनका कोई तब लक नी दिखा सका, जब लक की परमेस्वर ओको संग म नी होय।” \p \v 3 यीसु न ओखा जवाब दियो, “मी तोसे सच्ची-सच्ची कहूँ हैं, अदि कोई नयो सिरा से नी जनम लेन को ते परमेस्वर को राज देख नी सका।” \v 4 नीकुदेमुस न ओसे पुछयो, “इंसान जब सियानो हो गयो, ते कसो जनम ले सका: हैं? का उ माय को कोक म दुसरी बार जाका जनम ले सका हैं?” \p \v 5 यीसु न जवाब दियो, “मी तोसे सच्ची-सच्ची कहूँ हैं, जब लक कोई इंसान पानी अर आत्मा से जनम नी लेन को तब लक उ परमेस्वर को राज म नी जा सकन को। \v 6 काहेकि जो सरीर से जनमिया हैं, उ सरीर हैं; अऊर जो आत्मा से जनमिया हैं, उ आत्मा हैं। \v 7 हैंरान मत होव कि मीना यू बोल्यो कि तुम ख नयो सिरा से जनम लेनो जरूरी हैं। \v 8 हवा जिते चाहवा हैं उते चला हैं अर तुम ओकी आवाज सुना हैं, पर नी जाना कि वा किते से आवा हैं अर किते ख जावा हैं? जे कोई आत्मा से जनमिया हैं उ असोईच ही हैं।” \p \v 9 नीकुदेमुस न ओसे पुछयो, “असो कसो हो सका हैं?” \p \v 10 यीसु न ओखा जुवाब दियो तू इस्राएली हुन को गुरू आय अऊर यी बात हुन ख नी समझा? \v 11 मी तोसे सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि हम जो जाना हैं उईच ही बोला हैं, अर जेका हम न देखो हैं ओकी गवाई देवा हैं, अर तुम हमारी गवाई कबुल नी करा। \v 12 जब मी न तुम से दुनिया कि बात बताई अर तुम भरोसा नी करा ते, अदि मी तुम से स्वर्ग कि बात बोलू, ते तुम फिर कसा भरोसा करे? \v 13 कोई इंसान स्वर्ग पर नी चढ़ायो, केवल उई जो स्वर्ग म से उतरो, एको मतलब इंसान को पोरिया जो स्वर्ग म हैं। \p \v 14 अर जो तरीका से मूसा न जंगल म साँप ख ऊँचो पर लटकायो, उईच तरीका से जरूर हैं कि इंसान को पोरिया भी ऊँचो पर लटकायो जाहे; \v 15 ताकि जो भी कोई ओपर भरोसा करे, उ ओमा अनन्तकाल को जीवन ख पाहे। \v 16 “काहेकि परमेस्वर न पुरा दुनिया ख इंसान हुन से असो प्रेम रख”, कि ओ न अपनो अकेलो पोरिया तक दे दियो, ताकि जो कोई ओपर भरोसा करे उ नास नी होन को, पर अनन्त जीवन पाहे। \v 17 परमेस्वर न अपनो पोरिया ख दुनिया म येको लाने नी भेजो कि उ दुनिया ख दोसी ठहराए। ओ ना ओखा एकोलाने भेज्यो हैं, कि संसार ओको दुवारा छुटकारा ख पाहे। \p \v 18 जो पोरिया पा भरोसा करा हैं, ओपर दोस नी लगायो जावा। जो ओपर भरोसा नी करा, उ दोसी ठहर चुक्यो; काहेकि उ परमेस्वर को इकलोतो पोरिया को नाम पा भरोसा नी करा। \v 19 दोसी ठहरान को यू कारन हैं कि ज्योति दुनिया म आई हैं, अर इंसान हुन न अंधेरा ख उजेरो (ज्योति) से जादा अच्छो समझियो काहेकि उनका काम बुरा हता। \v 20 काहेकि जो कोई बुराई करा हैं, उ ज्योति से बैर रखा हैं, अर ज्योति को जोने एकोलाने नी आवा, असो नी होय कि ओखा काम हुन पर दोस लगायो जाय। \v 21 पर जो सच्चई पर चला हैं, उ ज्योति को पास म आवा हैं, “ताकि ओखा काम हुन दिखन लग जाय कि वी परमेस्वर कि तरफ से करयो वाला हैं।” \s यीसु को बारे म यूहन्ना कि गवाही \p \v 22 एको बाद यीसु ओखा चेला हुन को संग यहूदिया देस म आयो। अर उ वहा उनको संग म रह ख बपतिस्मा देन लग्यो। \v 23 यूहन्ना भी सालेम सहर को नजीक एनोन म पानी संस्कार देत रहा हतो, काहेकि वहा बेजा पानी हतो। अर अदमी वहा आ-आ ख बपतिस्मा लेवत, रहा। \v 24 यूहन्ना वा बखत लक जेल खाना म नी ड़ालो गयो रहा हतो। \p \v 25 ओमा यूहन्ना को चेला हुन को कोई यहूदी धरम गुरू को संग म सुध्द होन को बारे म बहस भई। \v 26 अर उनना यूहन्ना को कने आ ख ओसे कय्हो, अरे गुरू या रब्बी, देख, जो यरदन नद्दी को ओनो पार तोरो संग हतो, अर जेको बारे म तू न गवाई दी हैं; देख, “उ बपतिस्मा देवा हैं”, अर सब ओको पास म आवा हैं। \p \v 27 यूहन्ना न जवाब दियो, “जब तक इंसान ख स्वर्ग से नी दियो जाय, तब लक ओ ख कुछ भी नी मिल सका: \v 28 तुम तो अपनो तुम म ही मोरा गवाई हैं कि मी न बोल्यो, ‘मी मसी नी आय, पर ओको आगे भेजयो गयो हैं।’ \v 29 जो कि दुलिन आय, उई दुला आय; पर जो दुला को दोस्त जो खड़ो भयो ओकी सुना हैं, दुला नाम को सब्द से बेजा खुस होवा हैं: अब मोरी या खुसी पुरी भई हैं। \v 30 यू जरूरी हैं कि उ बढ़ते जाय अर मी घटु। \p \v 31 “जो ऊपर से आवा हैं उ सबसे अच्छो हैं; जो दुनिया से आवा हैं उ दुनिया को हैं, अर दुनिया पर कि बात हुन करा हैं: जो स्वर्ग, म से आवा हैं उ सब को ऊपर हैं। \v 32 जो कुछ भी ओ न देखो अर सुनो हैं, ओकीच गवाही देवा हैं; अर कोई ओकी गवाई ख नी माना। \v 33 जोना ओकी गवाई ख मान लियो ओ न या बात पर मोहर लगा दियो कि परमेस्वर सच्चो हैं। \v 34 काहेकि जेका परमेस्वर न भेजो हैं, उ परमेस्वर कि बात बोला करा हैं; काहेकि उ आत्मा नाप-नाप ख नी देवा। \v 35 बाप पोरिया ख बेजा प्रेम रखा हैं अर ओ न पुरी चीज ओको हात म दे दियो हैं। \v 36 जो पोरिया पर भरोसा करा हैं, अनन्त जीवन ओको ही हैं; पर जो पोरिया कि नी माना, उ जीवन ख नी देखन को, परमेस्वर कि घुस्सा या क्रोध ओपर बनो रहवा हैं।” \c 4 \s यीसु अर सामरी बाई \p \v 1 फरीसी हुन ख असो पता भयो कि यीसु यूहन्ना से जादा चेला हुन बनावा अर उनका बपतिस्मा देवा हैं। \v 2 पर यीसु खुद नी, पर ओखा चेला हुन बपतिस्मा देवत रहा। जब यीसु ख ऐको पता चल्यो, \v 3 तब उ यहूदिया परदेस ख छोड़ ख फिर गलील परदेस ख चलो गयो। \v 4 अर ओखा सामरिया से होका जानो जरुरी थो। \p \v 5 एकोलाने उ सामरिया परदेस को सूखार नाम को सहर पहुँचियो। यू सहर वा जमीन को जोने म हैं, जोका याकूब न अपनो पोरिया यूसुफ ख दियो रहा; \v 6 वहाँ याकूब को कुवा भी हैं। यीसु रस्ता से थक गयो रहा, एकोलाने उ कूवाँ को जोने असो ही बठ गयो रहा। या बात लगभग दोपहर को करीब की आय। \p \v 7 इत्तो म सामरिया कि एक बाई पानी भरन ख आई। यीसु न ओसे कय्हो, “मो ख पानी पिला।” \v 8 काहेकि ओखा चेला हुन तो सहर म खाना मोल लेन ख गया हता। \p \v 9 यहूदी हुन सामरी हुन से कोई लेन-देन नी रखत आय। एकोलाने सामरी बाई न यीसु से कय्हो, “यू का होवा हैं कि तू यहूदी होका भी मी सामरी ओरत से पानी काहे ख माँगा हैं?” \p \v 10 यीसु न जवाब दियो, “अदि तू परमेस्वर को वरदान ख जानती, अर या भी जानती कि उ कोन आय, जो तोसे बोल रयो हैं, मो ख पानी पिला, ते तू ओसे माँगत, अर उ तोखा जिन्दगी को पानी देतो।” \p \v 11 ओरत न यीसु से कय्हो, “अरे प्रभु तोरो जोने पानी भरन ख लाने तो कही भी नी हाय, अऊर कुवा गहिरो हैं; ते फिर उ जिन्दगी पानी को पानी तोरो पास किते से आयो? \v 12 का तू हमारो बाप दादा याकूब से भी बड़ो हैं? जोना हमका यू कुवाँ दियो; अर ओ न खुद अपनी अवलाद हुन, अर अपना ढोर बईल हुन समेत येमा से पियो?” \p \v 13 यीसु न ओखा जवाब दियो, “जे कोई यू पानी पीहे उ फिर प्यासो होए, \v 14 पर जो मोरो दियो वालो पानी पीए कोई उ पानी म से पिहेगो जो मी ओखा देऊ, उ फिर अनन्त काल को जीवन लक प्यासो नी रहन को; पर जो पानी मी ओखा देऊ, उ ओमा एक झिरिया सो बन जाहे जे अनन्त जीवन को लाने हमेसा उमंड़तो रहेगो।” \p \v 15 येपर ओरत न ओसे कय्हो, “प्रभु, उ पानी मोखा दे ताकि मी प्यासी नी रहन कि अऊर न पानी भरन ख इत्ती दुर आन की।” \p \v 16 यीसु न ओसे कय्हो, “जा तोरो घर को का बुला ख लाजे।” \p \v 17 ओरत न जवाब दियो, “मी बिना अदमी कि हैं।” यीसु न ओसे कय्हो, तुना ठीक ही बोल्यो हैं, मी बिना अदमी कि हैं। \v 18 काहेकि तूना पाँच अदमी कर लियो हैं, अर जेको जोने तू अबा हैं उ भी तोरो अदमी नी हाय। या तुना सच ही कही हैं। \p \v 19 बाई न ओसे कय्हो, अरे प्रभु, मोखा लगा हैं कि तू कोई भविस्यवक्ता आय। \v 20 हमारा बाप दादा न याईच पहाड़ म बिनती करी, अर तुम बोला हैं कि वा जगा जेमा बिनती करनो चाहिए यरूसलेम म हैं। \p \v 21 यीसु न ओसे कय्हो, बाई मोरी बात को भरोसा कर कि उ बखत आवा हैं जब तुम न तो या पहाड़ म बाप कि बिनती करे, न यरूसलेम म। \v 22 तुम जेखा नी जाना, ओकी बिनती करा हैं अऊर हम जेखा जाना ओकी भक्ती करा हे; काहेकि उध्दार यहूदी हुन म से हैं। \v 23 पर उ बखत आवा हैं, वरन आ ही गयो, जेमा सच्चा भक्त बाप कि बिनती आत्मा अर सच्चाई से करे, काहेकि बाप अपनो लाने असा ही सच्ची भक्ति करन वाला ख ढूँढा हैं। \v 24 काहेकि परमेस्वर आत्मा हैं, “यू जरूरी हैं कि ओकी भक्ति करन वाला आत्मा से अर सच्चई से बिनती करे।” \p \v 25 बाई न ओसे कय्हो, “मी जानू हैं कि मसी जो परमेस्वर को जन कहलावा हैं, आन वालो हैं; जब उ आएँगो, ते हमका सब बात बता देहे।” \p \v 26 यीसु न ओसे कय्हो, “मी, जो तोसे बोल रयो हैं, मी उई आय।” \s चेला हुन को लउटनो \p \v 27 इत्ता म ओखा चेला आ गया, अर यीसु ख एक ओरत को संग बात हुन करते देख ख सोच म पड़ गया; फिर भी कोई न असो नी बोल्यो, “तुमका का चाहिए?” “तू या बाई से काहे बात कर रयो हैं?” \p \v 28 तब वा बाई न अपनो मटका वही छोड़ दियो, अर सहर म जा ख इंसान हुन से बोली, \v 29 “आव, एक इंसान ख देखो, जोना मोखा उ सब कुछ जो मीना करियो मोखा बता दियो। कही युई तो मसीहा नी आय?” \v 30 एकोबाद: वी इंसान सहर से निकलिया अर यीसु को जोने आन लग गया। \p \v 31 येको बीच ओ ख चेला हुन न यीसु से असी विनती करी, “गुरू!, कुछ खा ला।” \p \v 32 पर ओ ना उनसे कय्हो, “मोरो पास खान ख लाने असो खाना हैं जेका बारे म तुम नी जाना।” \v 33 तब चेला हुन न आपस म कय्हो, “का कोई ओको लाने कुछ खान ख लायो हैं?” \p \v 34 येपर यीसु न उनसे बोल्यो, जेना मोखा भेज्यो हैं ओकी मर्जी को हिसाब से चलू अर ओको काम पुरो करनो, यूइच मोरो खाना आय। \v 35 “का तुम असा नी बोला की अब कटनी का चार महा रैय गया हैं? पर मी तुम इंसान हुन से कहूँ हैं ‘देखो, मी तुम से बोलू हैं, अपनी आँखी उठा ख ध्यान से खेत हुन पर नजर घुमाव कि वी कटनी को लाने पक चुक्या हैं। \v 36 काटन वालो मजदूरी कमाहे अर अनन्त जीवन को लाने फल बटोरा हैं, ताकि बोन वालो अर काटन वालो दोई मिल ख आनन्द करे। \v 37 काहेकि येमा या कहवत ठीक बैठा हैं: एक बोवा हैं अऊर दुसरो काटा हैं।’ \v 38 मी न तुम ख उ खेत काटन ख लाने भेज्यो हैं, जोमा तुम न मेहनत नी करयो: दुसरा न मेहनत करयो अर तुम उनकी मेहनत को फल म सामिल भया।” \s सामरी हुन को भरोसा करनु \p \v 39 वा ओरत न या गवाई दी रहा, ओ ना मोखा उ सबरो, जो मिना करयो, बता दियो हैं। या बात को वजे से उ सहर ख ढ़ेर सारा सामरी हुन न यीसु को ऊपर भरोसा करयो। \v 40 जब सामरी लोग यीसु को जोने आया, तब उनना हात जोड़ ख विनती करी, तू हमरो गाँव म रूक उ दो रोज वही रूक्यो। \p \v 41 ओको वचन को बतानो से अऊर भी बेजा सारा अदमी हुन न भरोसा करयो \v 42 सामरी इंसान हुन वा ओरत से बोल्या, “अब हम तोरो बोलन को वजे से भरोसा नी करा। हमना खुद ओको मुंडो से ऐका लियो हैं अऊर हम जान गया कि उ सचमुच म संसार को मुक्तिदाता आय।” \p \v 43 फिर वी दो दिन को बाद उ ओमा से निकल ख गलील परदेस ख गयो, \v 44 काहेकि यीसु न खुद ही गवाई दीयो रहा कि अपनो देस म भविस्यवक्ता को सम्मान नी होवा। \v 45 जब उ गलील परदेस पहुँचियो, तब इंसान हुन न ओको मान सम्मान करयो; काहेकि यीसु न तिहार को दिन हुन म यरूसलेम म जो कुछ करयो रहा, उ सब गलीली परदेस ख वी रहवासी हुन न देख्यो रहा। तिहार को लाने वी भी वहाँ गया हता। \s राजकर्मचारी को पोरिया ख चोक्खो करनु \p \v 46 यीसु फिर गलील परदेस को काना सहर म आयो, जिते ओ ना पानी ख अंगूर को रस बनायो रहा। ओमन राज्य को एक सरकारी करम चारी भी हतो, जेको पोरिया कफरनहूम सहर म जुड़ म हतो। \v 47 जब उ सरकारी करमचारी न सुन्यो कि यीसु यहूदिया परदेस से गलील परदेस ख आ गयो हैं, तब उ उनको जोने आयो। सरकारी करमचारी न ओसे विनती करी कि उ चल ख ओको पोरिया ख चोक्खो कर दे, काहेकि उ मरन पर हतो रहा। \v 48 यीसु न ओसे कही, “तुम इंसान जब लक चिन्ह अऊर अदभुत नी देखन ख तब लक कुछ भी भरोसा नी करन का।” \p \v 49 येपर सरकारी करमचारी न ओसे बोल्यो, “प्रभु! मोरो पोरिया को मरन से पहले आव।” \p \v 50 यीसु न जवाब दियो, “जा, तोरो पोरिया जिन्दो हैं।” उ यीसु कि कही बात को ऊपर भरोसा कर ख चल दियो \v 51 उ रस्ता म हतो कि ओ ख नउकर ओसे आ मिल्या अर ओसे कहन लग्या, “तोरो पोरिया जिन्दो हैं।” \p \v 52 ओ ना उनसे पुछयो “कि उ कित्ती घड़ी से अच्छो होन लग गयो रहा। कल दिन को एक बजे ओको जुड़ उतर गयो रहा।” \v 53 तब बाप जान गयो कि ठीक उत्तीच घड़ी यीसु न ओसे कय्हो रहा, “तोरो पोरिया जिन्दो हैं,” अर ओ न अपनो पुरो घर का को संग भरोसा करयो, \p \v 54 यु यीसु को दुसरो चमत्कार चिन्ह हतो, जो उनना यहूदिया परदेस से आ ख गलील परदेस म दिखायो। \c 5 \s अड़तीस साल को बिमार ख चोक्खो करनु \p \v 1 ऐको कुछ रोज को बाद यहूदी हुन को एक तिहार भयो, अर यीसु यरूसलेम ख गयो। \v 2 यरूसलेम म भेड़-फाटक को कने एक कुण्ड हैं जो इब्रानी भासा म बैतहसदा कहलावा हैं; ओखा पाँच ओसरा हैं \v 3 येमा बेजा सारा बिमार, अंधा, लंगड़ा अर सुखा अंग वाला पानी को हलनो कि आसा म पड़िया रहत रहा। \v 4 काहेकि सही बखत म परमेस्वर को स्वर्ग दुत कुण्ड म उतर ख पानी ख हलात रह। पानी को हलाते ही जो भी कोई उतरा उ चोक्खो हो जात रह चाहे ओकी कित्तीच बड़ी बिमारी काहे नी होय। \v 5 ओमा एक अदमी हतो, जो अड़तीस बरस से बिमारी म पड़ो हतो। \v 6 यीसु न ओ ख वहा पड़ो देख ख अर असो जान ख कि उ बेजा दिन से असी दसा म पड़ियो हैं, ओसे पुछो, “का तू चोक्खो होनो चाहवा हैं?” \p \v 7 उ बिमार न ओखा जवाब दियो, “अरे प्रभु, मोरो कोइ नी हाय कि जब पानी हलायो जावा, ते मो ख पानी को कुण्ड म उतारे; पर मोरो पहुँचते-पहुँचते दुसरो मोसे पहले उतर जावा हैं।” \p \v 8 यीसु न ओसे कय्हो, “उठ, अपनो खटिया उठा अर चल फिर।” \v 9 उ बिमार अदमी उत्तीच घड़ी चोक्खो हो गयो, \p अर अपनो खटिया उठा ख चलन फिरन लग गयो अर उ आराम को दिन हतो। \v 10 येपर यहूदी हुन न जो अच्छो हो गयो रहा, बोल्यो, “आज आराम करन को दिन हैं अऊर हमरा नेम हुन को यू हिसाब से नी हाय कि तू अपनो खटिया उठायो।” \p \v 11 ओ न उनका जवाब दियो, “जोना मोखा अच्छो करो हैं, ओ ना ही मोखा बोल्यो हैं कि, अपनो खटिया उठा, अऊर चल फिर।” \p \v 12 वी इंसान हुन न ओसे पुछियो, “उ कोन इंसान आय जो न तोसे बोल्यो रहा, ‘अपनो खटिया ख उठा अर चल फिर’?” \p \v 13 पर उ बिमार इंसान जो चोक्खो हो गयो रह, नी जानत रह कि उ कोन थो, काहेकि वा जगा म जादा भीड़ हती अऊर यीसु वहा से चुपचाप चल दियो रहा। \p \v 14 असी बात हुन को बाद यीसु न उ इंसान ख मन्दिर म देख्यो ओसे कय्हो, “देख, तू अब चोक्खो होय गयो हैं” फिर से पाप मत करजे, असो नी होय कि येसे कोई बड़ो दुख तो पर आ जाहे। \p \v 15 अऊर उ अदमी न यहूदी हुन से आ ख बोलयो कि मोखा अच्छो करन वालो यीसु आय। \v 16 काहेकि यीसु न असो काम आराम \f + \fr 5:16 \fr*\ft सब्त\ft*\f* को दिन करयो रहा। एको लाने यहूदी हुन न यीसु ख सतानो सुरू कर दियो।, \v 17 असो पर यीसु न उनसे कय्हो, “मोरो बाप अबा लक काम करा हैं, अर मी भी काम करू हैं।” एकोलाने यहूदी यीसु ख मार ड़ालन को अऊर भी मऊका ढुढ़न लग गया। \p \v 18 इ कारन यहूदी अर भी ज्यादा ओको मर डालन को प्रयास करन लगियो काहेकि वी नी सिरप एकोलाने कि उ आराम को दिन कि विधि ख टोड़ रयो हैं, बल्कि उ परमेस्वर ख अपनो बाप भी बोलत रहा। अऊर असो तरीका से अपनो तुम ख परमेस्वर को बराबर भी बतावा हैं। \s पोरिया को हक \p \v 19 असो पर यीसु न उनसे कय्हो, “मी तुम ख सच्ची-सच्ची कहूँ हैं,” पोरिया अपनो तुम म कुछ नी कर सका, सिर्फ उ उईच कर सका हैं जो परमेस्वर ख करते देखा हैं; परमेस्वर बाप जो कुछ करा हैं पोरिया भी ऊसीच ही करा हैं। \v 20 काहेकि परमेस्वर बाप पोरिया से प्रेम करा हैं अर जे-जे उ काम करा हैं ओखा पोरिया ख दिखावा हैं; अऊर उ इन से भी बड़ा-बड़ा काम ओ ख दिखायगो, ताकि तुम हैरानी करे। \v 21 जसो परमेस्वर बाप मरिया वाला ख उठावा अर जिन्दो करा हैं, वसो ही पोरिया भी जिनका चाहवा हैं उनका जिन्दो करा हैं। \v 22 बाप कोई को न्याय नी करा, पर न्याय करन को पुरो हक पोरिया ख सोप दियो हैं, \v 23 कि सब इंसान जसो पिता परमेस्वर को सम्मान करा हैं वसो ही पोरिया कि भी इज्जत करे। जो पोरिया की इज्जत नी करा, उ बाप ख जोना यीसु ख भेजो हैं, सम्मान नी करा। \v 24 मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं, जो मोरो वचन सुन कर मोरो भेजियो वालो पर भरोसा करा हैं, अनन्त जीवन ओको ही हैं; अर ओपर दण्ड या न्याय कि सजा नी होन कि पर उ माऊत से पार होका जीवन म पहुँचा चुकियो हैं। \p \v 25 “मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं,” कि उ बखत आन वालो हैं, पर आ ही गयो हैं, जोमन मरिया वाला परमेस्वर को पोरिया कि आवाज सुनेगो, अर जे सुनेगो वी जिन्दगी पायगो। \v 26 काहेकि जो तरीका से बाप अपनो तुम म जीवन रखा हैं, उईच तरीका से ओ ना पोरिया ख भी अधिकार दियो हैं कि अपनो तुम म जीवन रखे; \v 27 वरन ओखा न्याय करन को भी हक दियो हैं, एकोलाने लाने कि उ इंसान को पोरिया आय। \v 28 ये से हईब मत होव; काहेकि उ बखत आवा हैं कि जित्ता मरघट म हैं वी ओकी आवाज सुन ख निकल आएँगो। \v 29 जिन्ना भलाई करी हैं वी उ जीवन को लाने फिर से जनम को लाने जिन्दो उठनो अर जिन्ना बुराई करी हैं वी दण्ड न्याय कि सजा झेलन को लाने जिन्दो उठेगो। \s यीसु को बारे म गवाही \p \v 30 “मी अपनो तुम से कुछ नी कर सकू; जसो सुनु हैं, ओकोईच हिसाब से न्याय करू हैं; अर मोरो निर्णय, न्याय को हिसाब से ही होवा हैं, काहेकि मी अपनी मरजी से नी पर जेना मोखा भेज्यो हैं ओकी मरजी पुरी करन की सोचू हैं।” \p \v 31 अदि मी अपनी गवाई खुद देहु हैं ते मोरी गवाही कि कोई सच्ची नी हाय। \v 32 एक अऊर हैं जो मोरी गवाई देवा हैं, अर मी जानु हैं कि मोरी जो गवाई उ देवा हैं, वा सच्ची हैं। \v 33 तुम अदमी हुन न यूहन्ना से पुछवायो अर ओ न सच्ची कि गवाई दियो हैं। \v 34 पर मी अपनो बारे म इंसान हुन कि गवाई नी चाहूँ; तेभी मी या बात ऐखा लाने कहू हैं कि तुम ख उध्दार मिले। \v 35 यूहन्ना तो जलतो अर चमकतो जसो दिया हतो। अर तुम ख थोड़ी देर लक ओको उजेला म मगन होनो अच्छो लग्यो। \v 36 पर मोरो जोने जो गवाई हैं वा यूहन्ना कि गवाई से बड़ी हैं; काहेकि जो काम पिता न मोखा पुरो करन को सोपियो हैं एकोमतलब यू काम जो मी करू हैं। वी मोरा गवाह हैं कि परमेस्वर बाप न मोखा भेजो हैं। \v 37 अर बाप जोना मोखा भेजो हैं, उईच न मोरी गवाई दियो हैं। तुमना न कभी ओकी आवाज सुनियो, अर न ओको मुंडो देखो हैं; \v 38 अर उ वचन ख मन म धर ख नी रखा, काहेकि जोना ओखा भेज्यो तुम ओपर भरोसा नी करा। \v 39 तुम सुध्द सास्र म ढुँढ़ा हैं, काहेकि समझा हैं कि उनमा अनन्त जीवन तुम ख मिला हैं; अर यू उई आय जो मोरी गवाई देवा हैं; \v 40 फिर भी जीवन पान ख लाने मोरा कने आनो नी चाहवा। \p \v 41 मी इंसान हुन से इज्जत नी चाहूँ। \v 42 पर मी तुमका जानु हैं कि तुम म परमेस्वर को प्रेम नी हाय। \v 43 मी अपनो बाप परमेस्वर को नाम से आयो हैं, अर तुम न मोखा नी पहिचानियो; अदि कोई अपनो ही नाम से आहे, ते ओ ख पहिचान लेहे। \v 44 तुम जो एक दुसरा से इज्जत चाहवा हैं अर उ सम्मान जो एक मातर परमेस्वर की तरफ से हैं? नी चाहवा कसो तरीका से भरोसा कर सका हैं? \v 45 असो मत समझो कि मी बाप को सामे तुम पर अरोप लगाऊ; तुम पर अरोप लगान वालो तो मूसा हैं, जोपर तुमना भरोसा रखो हैं। \v 46 काहेकि तुम मूसा को भरोसा करता, ते मोरो भी भरोसा करता, ऐका लाने कि ओ ना मोरो बारे म लिखो हैं। \v 47 पर अदि तुम ओकी लेख बात हुन पर भरोसा नी करा, ते मोरी बात हुन को कसो भरोसा करे? \c 6 \s पाँच हजार अदमी हुन ख खिलानू \r (मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; लूका 9:10-17) \p \v 1 असी बात हुन को बाद यीसु गलील कि झील एकोमतलब तिबिरियास कि झील को पार गयो। \v 2 अर एक बड़ी भीड़ उनको पिछु चलन लग गई काहेकि इंसानहुन न वी अदभुत निसान ख देख्या रहा, जो यीसु न बिमारहुन पर दिखायो रहा। \v 3 यीसु पहाड़ पर चढ़ियो अऊर अपनो चेलाहुन को संग बठ गयो। \v 4 यहूदी हुन को फसह को तिहार नजीक म हतो। \v 5 जब यीसु न अपनी आँख उठा ख एक बड़ी भीड़ ख अपनो पास आते देखो, ते उनना फिलिप्पुस से कय्हो, “हम इनका खालान को लाने कहाँ से रोटी मोल लेका आहे?” \v 6 उनना फिलिप्पुस ख परखन को लाने असो बोलयो, काहेकि उ तो जानत ही रह कि उ का करेगों। \p \v 7 फिलिप्पुस न ओखा जवाब दियो, “दो सव चाँदी ख सिक्का से भी इत्ती रोटी नी मोल ले सका हैं जेमन से हर एक इंसान ख एक कऊर से थोडो भी जादा मिल सके।” \p \v 8 ओखा चेला म से समोन पतरस को भई अन्द्रियास न ओसे कय्हो, \v 9 “यहाँ एक छोटो पोरिया हैं को जोने पाँच रोटी अर दो मच्छी हैं; पर इत्ता झन को लाने वी का होए?” \p \v 10 यीसु न कय्हो, “सब इंसान हुन ख बैठाल देव।” वा जगा म ढ़ेर सारी घास हती: तब इंसान जिनमा अदमी हुन कि गिनती लगभग पाँच हजार कि हती, बैठ गया। \v 11 तब यीसु न रोटी हुन लियो, अर परमेस्वर ख धन्यवाद कर ख बठन वाला इंसान हुन म बाट दियो; अर वसो ही तरीका से मच्छी हुन भी, जित्ती उनका लगत रहा बाँट दियो। \v 12 जब सब इंसान हुन न खा का पेट भर लियो, ते यीसु न अपना चेला हुन ख कय्हो, “बचियो वाला टुकड़ा इक्टठा कर लेव कि कुछ फेक नी जाय।” \v 13 एकोलाने चेला हुन न उनका बिन लियो, अऊर वी टुकड़ा से बारा टोकनी हुन भर ली, जो इंसान हुन को खान को बाद जुवार की पाँच रोटी हुन से बच गया रहा। \p \v 14 तब जो हईब ख चिन्ह यीसु न कर दिखायो ओखा वी इंसान हुन देख ख कहन लग्या, “उ भविस्यवक्ता जो दुनिया म आन वालो हतो रह सच्ची म यूईच आय।” \v 15 जब यीसु न असो देखियो कि इंसान हुन आ ख ओखा राजा बनान को लाने पकड़नो चाहवा हैं, ते उ अकेलो ही पहाड़ पर फिर चल दियो। \s यीसु को पानी को ऊपर चलनू \r (मत्ती 14:22-33; मरकुस 6:45-52) \p \v 16 जब साम भई, ते ओखा चेला हुन झील को किनार गया, \v 17 अऊर वी नाव पर बठ ख कफरनहूम सहर कि तरफ झील पार करत रहा। अन्धेरा होन लग गयो रहा अऊर यीसु अबा लक उनको जोने नी पहुँचियो हतो। \v 18 हवा को मारे झील म लहर उठन लगी। \v 19 जब वी चलाते-चलाते तीन-चार कोस को करीब निकल गया, ते उन न यीसु ख झील पर चलते अर नाव कि तरफ आते देखो, अर डर गया \v 20 पर यीसु न उनसे कय्हो, “मी आय; डरो मत।” \v 21 एकोबाद; वी ओखा नाव पर चढ़ान वाला ही हता कि नाव तुरत ही वा जगह म जा ख पहुँची जहाँ पर वी जात रह हता। \s अदमी हुन को यीसु ख ढुढ़नु \p \v 22 जो इंसान झील को वा पार रह गया रहा, उनना दुसरो दिन देख्यो कि वहाँ सिर्फ एक ही नाव हती अर वा भीड़ न जो झील को किनारा म खड़ी हती, असो देखो कि यहाँ एक ख छोड़ अऊर कोई नाव नी हती; अर यीसु अपना चेला हुन को संग उ नाव पर नी चढ़ो हतो, पर ओखा चेला ही गया हता। \v 23 तब जा ख दुसरी नाव हुन तिबिरियास से वा जगा को नजीक म आई, जेमा उनना प्रभु को धन्यवाद करन को बाद रोटी खाई हती। \v 24 ऐको लाने जब ओ ना देखो कि येमा न यीसु हैं अऊर न ओ ख चेला हुन, ते वी भी नाव हुन म चढ़ ख यीसु ख ढ़ुढ़ते कफरनहूम पहुँचिया। \s यीसु जीवन कि रोटी \p \v 25 झील को ओ नो पार जब वी ओसे मिलियो ते कय्हो, “अरे गुरू, तू यहाँ कब आयो?” \p \v 26 यीसु न उनका उत्तर दियो, “मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं, तुम मोखा एकोलाने लाने नी ढूँढ़ा हैं कि तुम न निसान देख्यो, पर ऐको लाने की तुम न रोटी खाकर पेट भरीयो रह। \v 27 नास होन वालो खाना को लाने मेहनत मत करो, पर उ खाना को लाने जो अमर (अनन्त) जीवन तक ठहरो रहवा हैं, जोका इंसान को पोरिया तुम ख देहे; काहेकि बाप ऐकोमतलब परमेस्वर न ओपर मोहर लगायो हैं।” \p \v 28 इंसान हुन न ओसे पुछयो, “परमेस्वर को काम करन को लाने हम का करे?” \p \v 29 यीसु न उनका जुवाब दियो, “परमेस्वर को काम यू हैं कि तुम ओपर, जोका ओ न भेज्यो हैं, भरोसा करो।” \p \v 30 तब इंसान हुन न ओसे कय्हो, “फिर तू कोन सो चिन्ह दिखा सका हैं, कि हम ओखा देख ख तोरो ऊपर भरोसा करे? तू कोन सो काम दिखा सका हैं? \v 31 हमरा बाप दादा हुन न रेगिस्तान को जंगल म मन्ना खायो; जसो कि सुध्द ग्रंथ म लिखो हैं, ओ ना उनका खान ख लाने, स्वर्ग से रोटी दीयो।” \p \v 32 येपर यीसु न उनसे बोलयो, “मी तुमका सच्ची-सच्ची बताऊँ हैं उ मूसा नी आय जेना तुमका खान को लाने स्वर्ग म से रोटी दियो रहा बल्कि यू मोरो परमेस्वर बाप आय जो तुमका स्वर्ग से सच्ची रोटी देवा हैं \v 33 वा रोटी जेका परमेस्वर बाप देवा हैं वा स्वर्ग से उतरी हैं अऊर संसार ख जीवन देवा हैं।” \p \v 34 इंसान हुन न यीसु से कय्हो, “अरे प्रभु, अब हमका वा रोटी दे अऊर हमेसा देते रैजो।” \p \v 35 तब यीसु न उनसे बोल्यो, जीवन की रोटी मी आय।, जो जिन्दगी देवा हैं। जो मोरो जोने आवा हैं उ कभी भूको नी रहन को, अर जो मोपर भरोसा करा हैं उ कभी भी प्यासो नी रहन को। \v 36 मी न तुमका पहले ही कैय दियो हैं कि तुमना मोखा देख लियो हैं, फिर भी तुम मोरो ऊपर भरोसा नी करा। हर एक उ इंसान जेका परमेस्वर बाप न मोखा सोपियो हैं, मोरो जोने आयेगो। \v 37 जो कुछ परमेस्वर बाप मोखा देवा हैं उ सब मोरो जोने आहेगो, अऊर जो कोई मोरो जोने आएँगो ओखा मी कभी नी निकालन को। \v 38 काहेकि मी अपनी मर्जी से नी, पर अपनो भेजन वालो कि मर्जी पुरी करन को लाने स्वर्ग म से उतरियो हैं; \v 39 अर मोरो भेजन वालो कि मर्जी या हैं कि जो कुछ ओ ना मोखा दियो हैं, ओमन से मी कुछ नी खुवान को पर ओखा आखरी दिन फिर से जिन्दो करूँ। \v 40 काहेकि मोरो बाप कि मर्जी या हैं कि जो कोई पोरिया ख देखे अर ओपर भरोसा करे, उ अनन्त जीवन पाहे अर मी ओखा आखरी दिन फिर से जिन्दो करुँगो। \p \v 41 एकोलाने लाने यहूदी हुन न यीसु पर बड़बड़ानो सुरू करयो, काहेकि उ कहत रहा, “वा रोटी मी आय जो स्वर्ग से उतरी आय।” \v 42 अऊर उनना कही, “काहे यु यूसुफ को पोरिया यीसु नी हाय, जेका माय बाप ख हम जाना हैं? ते उ कसो बोला हैं कि मी स्वर्ग से उतरियो हैं?” \p \v 43 यीसु न उनका जवाब दियो, “एक दुसरा पर मत बड़बड़ाव \v 44 कोइ मोरा कने नी आ सका जब लक बाप, जोना मोखा भेज्यो हैं, ओखा खिच नी ले; अऊर मी ओखा आखरी दिन फिर जिन्दो करूँगो। \v 45 भविस्यवक्ता हुन कि किताब म यु लिखो हैं: ‘वी सब परमेस्वर कि तरफ से सिखाया वाला होए।’ जे कोइ न बाप से सुनो अऊर सिखो हैं, उ मोरो कने आवा हैं। \v 46 असो नी हाय कि कोइ न बाप ख देख्यो हैं; पर जे परमेस्वर कि ओर से हैं, सिर्फ उईच न बाप ख देख्यो हैं। \v 47 मी तुम ख सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि जे कोइ भरोसा करा हैं, अनन्त काल को जीवन ओको ही हैं। \v 48 जीवन की रोटी मी आय। \v 49 तुम्हारो बापदादा न जंगल म मन्ना खायो अऊर फिर भी वी मर गया। \v 50 या वा रोटी आय जो स्वर्ग से उतरी हैं ताकि इंसान ओमन से खाय अर नी मरन का। \v 51 जीवन कि रोटी जे स्वर्ग से उतरी, मी आय। अदि कोई या रोटी म से खाए, ते हमेसा को लाने जिन्दो रहेगो; अर जे रोटी मी दुनिया को जीवन को लाने देऊगो, उ मोरो मांस या सरीर हैं।” \p \v 52 येपर यहूदी असो कैय ख एक दुसरा म ऊर्झन लग गया, “यू इंसान कसो हमका अपनो सरीर या मांस खान ख दे सका हैं?” \p \v 53 यीसु न उनका कय्हो, “मी तुम ख सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि जब लक तुम इंसान को पोरिया को मांस नी खायगो; अर ओको खून नी पीवन का। तुम्हारो सरीर म जीवन नी। \v 54 जो मोरो मांस खावा अर मोरो खून पीवा हैं, अनन्त काल को जीवन ओको ही हैं; अऊर मी ओखा आखरी दिन फिर से जिन्दो करुँगो। \v 55 काहेकि मोरो मांस सही म खान कि चीज हैं, अऊर मोरो खून सही म पीवन की चीज हैं। \v 56 जे मोरो मांस खावा हैं अऊर मोरो खून पीवा हैं उ मोरो म जड़ पकड़ ख बनो रहवा हैं, अर मी ओमा। \v 57 जसो जिन्दो परमेस्वर बाप न मोखा भेज्यो, अर मी परमेस्वर बाप को कारन जिन्दो हैं, वसो ही उ भी जो मोखा खाएगो मोरो कारन उ जिन्दो रहेगो। \v 58 जो रोटी स्वर्ग म से उतरी ययीच आय, वा रोटी को जसो नी जेका बापदादा न खायो अर मर गयो; जे कोइ या रोटी खाएगो, उ हमेसा अमर जीवन तक जिन्दो रहेगो।” \p \v 59 या बात ओ ना कफरनहूम को एक प्रार्थना घर म परचार करते बखत कही रहा। \s अनन्त काल को जीवन को वचन \p \v 60 ओखा चेला हुन म से ढ़ेर सारा न असो सुन ख बोल्यो, “या बेजा बड़ी बात हैं; येका कोन सुन सका हैं?” \p \v 61 यीसु न अपनो मन म असो जान्यो कि मोरा चेला एक दुसरो पर या बात पर बड़बड़ावा रया हैं, ते उनना उनसे पुछयो, “का तुम या बात से परेसान हैं? \v 62 अदि तुम इंसान को पोरिया ख जहाँ उ पहले हतो, वहाँ ऊपर जाते देखेगो; ते का होयगो? \v 63 आत्मा ही हैं जो जीवन देवा हैं, सरीर से कुछ फायदा नी हाय; जो बात मी न तुम से कही हैं वी आत्मा हैं, अर जिन्दगी भी हैं। \v 64 फिर भी तुम म से कुछ असा हैं जो मोपर भरोसा नी करा।” काहेकि यीसु पहले से ही असो जानत रह कि कोन मोपर भरोसा नी करा अऊर कोन मोखा पकडवायगो। \v 65 अर ओ ना कय्हो, “एको लाने मी न तुम से कय्हो रहा कि जब लक कोइ ख परमेस्वर बाप कि तरफ से यू वरदान नी दियो जाय तब लक उ मोरो कने नी आ सका।” \s पतरस को भरोसा \p \v 66 येपर ओखा चेला म से ढ़ेर सारा उल्टा फिर गया अऊर ओको बाद ओको संग नी चल्या। \v 67 एकोबाद यीसु न वी बारा हुन से बोल्यो, “काहे तुम भी चल देनो चाहवा हैं।” \p \v 68 समोन पतरस न ओखा जवाब दियो, “अरे प्रभु हम कोन को जोने जाए? अनन्त जीवन कि बात हुन तो तोरो ही जोने हैं। \v 69 अऊर हम न भरोसा करयो अऊर जान गया हैं कि परमेस्वर को सुध्द जन तुइच ही आय।” \p \v 70 यीसु न उनका जुवाब दियो, “काहे मी न तुम बारा ख नी चुनियो? ते भी तुम म से एक जन सैतान हैं।” \v 71 असो ओ न समोन इस्करियोती को पोरिया यहूदा को बारे म कय्हो रहा, काहेकि उई जे बारा हुन म से एक थो, ओ ख पकड़वान ख हतो। \c 7 \s यीसु क भई हुन को भरोसा नी करनो \p \v 1 असी बात हुन को बाद यीसु गलील परदेस ख घुमन गयो; काहेकि उ यहूदिया परदेस ख नी जानो चाहत रहा, काहेकि वहाँ ख यहूदी गुरू हुन ओखा मार ड़ालन कि सोचत रहा। \v 2 यहूदी हुन को झोपड़ी को तिहार नजीक म हतो। \v 3 एका लाने यीसु ख भई हुन न ओसे कय्हो, या जगा ख छोड़ दा अऊर यहूदिया ख जा, ताकि तोरो पिच्छु चलन वाला वी चिन्न हुन ख देखे जे तू करन वालो हैं। \v 4 इंसान असो नी लूकावा कि वी कोन सो काम कर रया हैं। जब से तू यू काम कर रयो हैं, पुरी दुनिया ख तोरो बारे म बता। \v 5 काहेकि यीसु ख भई भी ओपर भरोसा नी करत रह। \p \v 6 तब यीसु न उनसे कय्हो, “मोरो लाने सही बखत अबा लक नी आयो हैं। पर तुम्हारो लाने कोई भी बखत सही हैं। \v 7 दुनिया तुम से घुस्सा नी कर सका, पर उ मोसे घुस्सा करा हैं काहेकि मी ओको बारे म या गवाई देऊ हैं कि ओखा काम बुरा हैं। \v 8 तुम तिहार म जाव; मी अभी यू तिहार म नी जाऊ हैं, काहेकि अबा लक मोरो बखत सही बखत पूरो नी आयो हैं।” \v 9 असो बोल ख यीसु गलील परदेस म ही रैय गयो। \s झोपडी हुन को तिहार म यीसु \p \v 10 पर जब ओखा भई हुन तिहार म चला गया ते उ खुद भी, हालाकी, उ उजागर तो नी पर लुकते-छुपते असो ही चलो गयो रहा। \v 11 तिहार म यहूदी गुरू हुन यीसु का ढुँढ़त रहा हता। “उ किते हैं?” उनना पुछयो। \p \v 12 भीड़ म यीसु को बारे म खुब चाली-चुगली होवत रहा। “उ एक अच्छो अदमी हैं, कुछ इंसान हुन न बोल्यो। नी, दुसरा न बोल्यो, उ इंसान हुन ख बेकुप बनावा हैं।” \v 13 लेकिन कोई न भी यीसु को बारे म खुल ख बात नी करी काहेकि वी यहूदी अधिकारी हुन से डरत हता। \s तिहार म यीसु कि सिक्छा \p \v 14 जब यीसु प्रार्थना मन्दिर म गयो अऊर सिक्छा सिखानो सुरू करयो ते यू तिहार करीब आधो खतम हो गयो। \v 15 यहूदी गुरू हुन बड़ी सोच म पढ़ गया अऊर उनना कय्हो, “यू इंसान कसो जाना हैं जब उ कभी स्कूल नी गयो?” \p \v 16 यीसु न जवाब दियो, जो मी सिखऊँ हैं उ मोरो खुद को ग्यान नी हाय, बल्कि यू परमेस्वर कि तरफ से आय, जेना मोखा भेज्यो हैं। \v 17 जे कोइ भी असो करन ख तैयार हैं जो परमेस्वर चाहवा हैं ओखा पता चल जाहे कि मी जो सिखऊँ हैं उ परमेस्वर से आवा हैं या नी या मी खुद अपनो अधिकार पा बोलू हैं। \v 18 जो इंसान अपनो हक पर बोला हैं, वी अपनो लाने बड़ाई हासिल करन की सोच रया हैं। लेकिन उ जो ओको लाने बड़ाई चाहवा हैं जेना ओखा भेज्यो हैं उ सच्चो हैं, अऊर येमा कई भी अधर्म नी हाय। \v 19 मूसा न तुम ख नेम दियो, का ओ ना नी दियो? तेभी तुम म से कोई नियम को पालन नी करत आय। तुम मोखा मारन की कोसिस काहे कर रया हैं? \p \v 20 इंसान हुन न जवाब दियो, “तोरो म भूत की आत्मा हैं! कोन तोखा मार ड़ालनो चाहवा हैं?” \p \v 21 यीसु न उनका जवाब दियो, “मी न एक काम करयो, अर तुम सब सोच म पढ़ गया हैं। \v 22 एको लाने मूसा न तुमका खतना कारान को नियम दियो (असो नी कि उ मूसा कि तरफ से हैं पर बाप दादा से चलते आयो हैं), अर तुम आराम को दिन इंसान को खतना करावा हैं। \v 23 जब हफ्ता को दिन कोइ पोरिया को खतना करो जावा हैं ताकि मूसा को नेम को कानुन नी टूटे, ते तुम मोसे काहेको लाने घुस्सा करा हैं काहेकि मीना एक इंसान ख आराम करन को दिन पूरी तरीका से अच्छो करियो हैं। \v 24 मुंडो देख ख न्याय मत करो, पर सच्ची-सच्ची न्याय करो।” \s का यूईच मसी आय? \p \v 25 तब कुछ यरूसलेम का रहन वाला इंसान हुन न बोल्यो, “का यु उयीच इंसान नी आय जेका यहूदी गुरू हुन मार ड़ालन को लाने कोसिस कर रया हैं? \v 26 पर देखो, उ तो खुल्लम खुल्लो बात हुन कर रयो हैं, अऊर कोई ओको खिलाप कुछ नी बोलत आय। का मुखिया हुन न सचमुच म जान लियो हैं कि उ मसी आय? \v 27 लेकिन जब मसी आहे ते कोई ख पता नी चलन को की उ कहाँ को हैं। अऊर हम सब जाना हैं कि यू इंसान किते से आवा हैं।” \p \v 28 जसो कि यीसु न मन्दिर म सिखायो, ओ ना बड़ी जोर कि आवाज से बोल्यो का “तुम सही म मोखा जाना हैं कि मी कहाँ को आय? मी खुद की मर्जी से नी आयो हैं। पर जेना मोखा भेज्यो हैं, उ सच्चो हैं तुम ओखा नी जानत आय, \v 29 पर मी ओखा जानु हैं, काहेकि मी ओकी तरफ से आयो हैं अऊर उयीच न मोखा भेज्यो हैं।” \p \v 30 येपर उनना ओखा पकड़न की कोसिस करी, तेभी कोई न ओपर हात नी ड़ाल्यो काहेकि ओको बखत अबा लक नी आयो रहा \v 31 फिर भी भीड़ म से ढ़ेर सारा न ओपर भरोसा करियो अऊर कहन लग गया, “जब मसी आहे, ते का उ यू इंसान से बड़ ख चिन्ह करे?” \s यीसु ख पकड़न कि हिकमत \p \v 32 फरीसी हुन न भीड़ ख यीसु को बारे म असी बात हुन ख कहते हुए सुन्यो, एकोलाने उनना अऊर मुखिया पुजारी हुन न ओखा पकड़न को लाने कुछ सिपाई भेज्या। \v 33 येपर यीसु न कय्हो, “मी थोड़ी देर अऊर तुमरो संग म रहूंगो, अऊर फिर मी ओको जोने चलो जाहूँ जेना मोखा भेज्यो रहा। \v 34 तुम मोखा ढुढ़ेगो, पर मोखा नी ढुढ़ सकन का; काहेकि तुम वहाँ नी जा सका जिते मी रहूंगो।” \p \v 35 येपर यहूदी गुरू हुन न आपस म बोल्यो, “यू किते जान वालो हैं जोकी हम ओखा नी देखन का? का उ वी यूनानी सहर हुन म जाएगो जिते हमारा इंसान हुन रहवा हैं, अऊर यूनानी हुन ख सिखावा हैं? \v 36 उ कहा हैं कि तुम मोखा ढुढ़ेगो, पर मोखा नी ढुढ़ सकन का, अऊर तुम वहाँ नी जा सका जिते उ होऐ एको का मतलब हैं?” \s जीवन पानी कि नंद्दी \p \v 37 तिहार ख आखरी अऊर सबसे खास दिन यीसु न खड़ो होका बड़ी जोर कि आवाज म बोल्यो, जे कोई भी प्यासो हैं उ मोरो जोने आय, अऊर \v 38 जे कोई मोपर भरोसा करा हैं ओखा पीनो चाहिए।, जसो कि सुध्द सास्र कहाँ हैं, जिन्दगी देन वाली पानी की धार हुन ओकी तरफ से बहिन लग जाहे। \v 39 यीसु न यू आत्मा को बारे म बोल्यो रहा, जे इंसान हुन ओपर भरोसा करत रहा उनका मिलन वाली हती। उ बखत लक आत्मा उनखा नी दियो गयो रहा, काहेकि यीसु ख महिमा म नी उठायो गयो रहा। \p \v 40 फिर भीड़ म से कोइ-कोइ इंसान हुन न ओखा असो कहते हुए सुनायो अऊर बोल्यो, “यू इंसान सचमुच म भविस्यवक्ता आय।” \p \v 41 दुसरा न कय्हो, “यू मसी आय।” \p पर कोइ न कय्हो, “मसी गलील से नी आन को! \v 42 सुध्द सास्र कहाँ हैं कि मसी राजा दाऊद को गोत से होयगो अऊर बैतलहम सहर म पैदा होयगो, जेमा दाऊद रहत रह?” \v 43 एकोलाने यीसु की वजे से भीड़ म फुट-फैल पड़ गई रहा। \v 44 उनमा से कुछ ओखा पकड़नू चाहवत रह, पर कोई न ओखा हात नी लगायो। \s यहूदी अगुवा हुन को भरोसा नी करनो \p \v 45 तब सिपाई लउट ख चल दिया, ते खाँस पुजारी हुन अऊर फरीसी हुन न उनसे पुछयो, “तुम ओखा काहे नी लेका आया?” \p \v 46 सिपाई हुन न जवाब दियो, “कोइ न भी यू इंसान से कभी असी बात नी करी!” \p \v 47 का ओ ना तुमका भी घुमायो हैं? फरीसी हुन न उनसे पुछयो। \v 48 “का तुमना कभी मुखिया हुन या कोई फरीसी ख ओपर भरोसा करते देख्यो हैं? \v 49 या भीड़ मूसा को नेम ख नी जाना, एकोलाने वी परमेस्वर को सराप म पढ़िया हैं!” \p \v 50 फरीसी हुन म से एक नीकुदेमुस थो, उ अदमी जो यीसु ख देखन गयो रहा। उनना दुसरो से बोल्यो, \v 51 “हमारो नेम को हिसाब से हम इंसान हुन ख उनकी बात सुनन अऊर यू पता लगानो से पहिले ओकी बुराई नी कर सका कि ओ ना का करयो हैं।” \p \v 52 उन न ओखा जवाब दियो; “का तू भी गलील को हैं? ढ़ूँढ़ अर देख कि गलील से कोइ भविस्यवक्ता परगट नी होन को।” \v 53 फिर सब कोइ अपना-अपना घर चल दिया \c 8 \s वेस्या ख माफी \p \v 1 फिर प्रभु यीसु जैतून पहाड़ पा गयो। \v 2 सुबेरे का यीसु प्रार्थना मन्दिर म आयो; सब इंसान हुन ओको कने जुड़ गया, अर यीसु बठ ख उनका सिखान लग गयो। \v 3 तब सासतिरी अर फरीसी एक बाई ख लाया जो छिनाला करते बखत पकड़ा गई रह, अऊर ओखा बीच म खड़ो कर ख यीसु से कही, \v 4 “अरे प्रभु, या ओरत गलत काम करते बखत पकड़ा गई हैं। \v 5 नेम कि किताब म मूसा न हमका असी ओरत हुन ख पत्थर हुन से मार ड़ालन को हुकुम दियो हैं। तू या ओरत को बारे म का बोला हैं?” \v 6 उनना न यीसु ख परखन को लाने असी बात कही, जसो उनका ओपर अरोप लगान को कोई सबूत ढुढ़े। यीसु न नीचु बठ ख उँगली से जमीन पर लिखन लग गयो। \v 7 जब वी ओसे पूछत ही रया, ते ओ ना सिधो खड़ो होका उनसे पूछो “तुम म से जे सुध्द होए उई पहले ओखा पत्थर मारे।” \v 8 अऊर उ फिर बठ ख जमीन पा उँगली से लिखन लग गयो। \v 9 पर वी यू सुन ख बड़ा से लेका छोटा लक, एक-एक कर ख निकल गया, सिरप यीसु अऊर वा ओरत, जो ओको सामने खड़ी हती रैय गई। \v 10 यीसु न ओकी तरफ देख ख बोल्यो, वी किते गया? का कोई न तो पर सजा नी दी? \p \v 11 कोई नी, “प्रभु, ओ ना जुवाब दियो। ठीक हैं, फिर, यीसु न बोल्यो, मी भी तोखा सजा नी देऊ, जा पर अब फिर से पाप मत करजे।” \p \v 12 यीसु न फरीसी हुन से फिर बात करी। मी “संसार को उजियारो आय, ओ ना कयो। जो कोई मोरो पिछु चलेगो, ओको जोने जीवन को उजेरो होयगो अऊर उ कभी इंधारो म नी चलन को।” \p \v 13 फरीसी हुन न ओसे कही, “तू खुद को बारे म गवाई दे रयो हैं; तोरी गवाई सच्ची नी हाय।” \p \v 14 यीसु न उनका जुवाब दियो, “तू खुदकी गवाई खुद दे हैं, तोरी गवाई सच्ची नी हाय।” \v 15 तुम सरीर को अनुसार न्याय करत हो मी कोई को न्याय नी करत। \v 16 लेकिन अगर मी असो करन लगीयो, ते मोरो न्याय सच्ची हैं; काहेकि मी ऐमन अकेलो नी हाय, मोखा भेजन वालो बाप मोरो संग म हैं। \v 17 तुमरी नेम की किताब म भी लिखो गयो हैं कि जब दो झन गवाई देन ख सामिल होवा हैं, ते वी जो कुछ भी बोला हैं उ सच्ची हैं; \v 18 एक तो मी अपनो तुम गवाई देऊ हैं, अऊर दुसरी बाप (परमेस्वर पिता) मोरी गवाई देवा हैं जोना मोखा भेजो। \p \v 19 उनना ओसे कहयो, “तोरो बाप किते हैं?” यीसु न जवाब दियो, “न तुम मोखा जाना हैं।” \p “न मोरो बाप का, अदि मोखा जानता ते मोरो बाप का भी जानता।” \p \v 20 यीसु न असी बात कही, जसो कि ओ ना मन्दिर म सिखायो, उ कमरा म जहाँ भण्ड़ार घर जेमा भेट रखी जावत रहा। पर कोई न ओखा नी पकडियो, काहेकि ओको बखत अबा लक नी आयो रह। \s अपनो बारे म यीसु की बात \p \v 21 यीसु न फिर उनका कय्हो, “मी जाऊ हैं, अऊर तुम मोखा ढूँढ़ेगो अऊर अपनो पाप म मरेगो; जहाँ मी जाऊ, वहाँ तुम नी आ सका।” \p \v 22 ये पर यहूदी हुन न कय्हो, “का उ अपनो तुम का खत्म कर देहे, जो बोला हैं, ‘जहाँ मी जाऊ हैं उते तुम नी आ सका’?” \p \v 23 ओ ना उनसे कय्हो, “तुम नीचे का हैं, मी ऊपर को हैं; तुम संसार का हैं, मी दुनिया को नी। \v 24 एकोलाने मी न तुम से कय्हो कि तुम अपनो पाप म मरेगो, काहेकि अदि तुम भरोसा नी करन का कि मी उईच आय ते अपना पाप म मरेगो।” \p \v 25 उनना ओसे कय्हो, “तू कोन आय?” यीसु न उनसे कय्हो, “उईच आय जो सुरू से तुम से कहते आयो हैं। \v 26 तुमरो बारे म मोखा ढ़ेर सारो कहेनो हैं, अऊर न्याय करनु हैं पर जेना मोखा भेज्यो हैं उ सच्छो हैं; अऊर जे कुछ भी मिना ओसे सुनायो हैं उसी ही दुनिया वाला ख बताऊँ हैं।” \p \v 27 पर वी यू नी समझीया कि यीसु उनसे परमेस्वर बाप को बारे म बोल रयो हैं। \v 28 एकोलाने यीसु न कय्हो, “जब तुम इंसान को पोरिया ख ऊँचो पर चढ़ायगो, ते तब यु जान जाहे कि ‘मी उईच आय’ अऊर मी अपनी ओर से कुछ नी कर सकू। पर मी जो कुछ कहूँ हैं वसो ही करूँ हैं जसो परमेस्वर बाप न मोखा सिकायो हैं। \v 29 जेना मोखा भेज्यो हैं, उ मोरो संग म हैं ओ ना मोखा अकेलो नी छोड़यो; काहेकि मी हमेसा उई करू हैं, जो ओखा अच्छो लगा हैं।” \p \v 30 उ जब यू बात कहत ही रहा कि तब ढ़ेर सारा न ओपर भरोसा करियो \s सत्य तुमका छुटकारा देहेगो \p \v 31 तब यीसु न वी यहूदी हुन से जिन्ना ओपर भरोसा करियो रह, कय्हो, “अदि तुम मोरो वचन म बनिया रहेगो, ते सच्ची म मोरा चेला कहलाहे। \v 32 तुम सच्चई का जानेगो, अऊर सत्य तुमका छुड़ा लेहे।” \p \v 33 उनना ओखा जवाब दियो, “हम तो अब्राहम कि संतान आय, हम कभी कोई का गुलाम नी रया। फिर तू कसो बोला हैं कि तुम छुट जाएगो?” \p \v 34 यीसु न उनका जवाब दियो, “मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि जे कोई पाप करा हैं वी पाप का दास हैं। \v 35 नउकर हमेसा घर म नी रहवा; पोरिया हमेसा रहवा हैं। \v 36 एकोलाने अदि पोरिया तुमका छोड़ देहे, ते सच्ची म तुम छुट जाहेगो। \v 37 मी जानु हैं कि तुम अब्राहम कि संतान आय; फिर भी तुम मोखा मार ड़ालन की ताक म लग्या रहवा हैं, तेभी मोरी कही बात तुमरो मन म समझ नी आत आय। \v 38 मीना अपनो परमेस्वर बाप को यहाँ जो देख्यो हैं, उईच करूँ हैं तुम इंसान हुन न अपनो बाप से जो सुनायो हैं, उइच करा हैं।” \p \v 39 उनना ओखा जवाब दियो, “हमारो बाप तो अब्राहम आय।” \p येपर यीसु न उनसे कय्हो, “अदि तुम अब्राहम कि कुल का होता, ते अब्राहम को जसा काम करता। \v 40 पर तुम तो मोखा, एकोमतलब असो इंसान ख जेना परमेस्वर से सुनी वाली सच्चई तुमका बता दियो, मार ड़ालन को मऊका ढुड़ा हैं। अब्राहम न तो असो नी करियो। \v 41 तू तो अपनो बाप को जसो काम कर रयो हैं।” \p उनना यीसु से कय्हो, “हम गलत काम करनो से पैदा नी भया। हमारो एक बाप हैं अऊर उ परमेस्वर आय।” \p \v 42 यीसु न उनसे बोल्यो, “अदि परमेस्वर तुमरो बाप होतो, ते तुम मोसे प्रेम रखता; काहेकि मी परमेस्वर कि तरफ से निकलियो अऊर इते आयो हैं। मी अपनी मर्जी से नी आयो हैं, मोखा उईच न भेज्यो हैं। \v 43 तुम मोरी बात काहे नी समझत आय? मतलब यु हैं कि तुम वचन सहन नी कर सका। \v 44 तुम तो अपनो बाप सैतान से आय अऊर अपनो बाप की इच्छा का पुरी करन कि सोचा हैं। उ तो सुरू से ही हत्यारो हैं उ सच्चई पर खड़ो नी रह सका, काहेकि ओमन इमानदारी तो हइच नी हाय। जब उ झुठ बोला हैं, ते अपनो स्वभाव ही से बोला हैं; काहेकि उ झूठो हैं अऊर झूठ को बाप हैं। \v 45 पर मी जो सच बोलू हैं, एकोलाने तुम मोरो भरोसा नी करा। \v 46 तुम म से कोन मोपर पाप को आरोप लगा सका हैं? अदि मी सच कहूँ हैं, ते तुम मोरो भरोसा काहे नी करा? \v 47 जो परमेस्वर को हैं, उ परमेस्वर को वचन सुना हैं।; तुम इंसान एकोलाने नी सुना हैं कि तुम परमेस्वर ख नी आय।” \s यीसु अर अब्राहम \p \v 48 असो सुन ख यहूदी अधिकारी हुन न ओसे कय्हो, “का हमरो यु कहेनो ठीक नी हाय कि तू सामरी आय, अर तोमा दुस्टात्मा हैं?” \p \v 49 यीसु न जवाब दियो, “मोरो म दुस्टात्मा नी हाय। मी अपनो बाप कि इज्जत करू हैं, पर तुम मोरी बेज्जती करा हैं। \v 50 पर मी अपनी इज्जत नी चाहत आय; पर हाँ, एक हैं जो चाहवा हैं अऊर उईच न्याय करा हैं। \v 51 मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं: अदि कोइ मोरो वचन को पालन करे, ते उ अनन्त काल को जीवन तक मोत का नी देखन-को।” \p \v 52 यहूदी धरम गुरू हुन न ओसे कय्हो, “अब हमना पक्को समझ लियो कि तोरो आँग म भूत हैं। अब्राहम, अऊर भविस्यवक्ता भी मर गया हैं; पर तू बोला हैं, ‘अदि कोई मोरो वचन पर चले, ते उ कभी माऊत को स्वाद नी चखन को।’ \v 53 का तू हमारो बाप दादा अब्राहम से भी बड़ ख हैं? उ मर गयो। अऊर भविस्यवक्ता भी मर गया। तू अपनो तुमरो का समझा हैं?” \p \v 54 यीसु न जवाब दियो, “अदि मी अपनो तुम ख बड़ो बनाऊँ, ते मोरो बड़ो बननो कुछ काम को नी हाय; पर मोरी बड़ाई करन वालो मोरो बाप परमेस्वर हैं, जेका तुम बोला हैं कि उ तुमारो परमेस्वर आय \v 55 तुम न तो ओखा नी जानो; पर मी न ओखा जानियो हैं। अदि मी ओखा बोलू हैं कि मी ओखा नी जानू, ते मी तुमारो जसो झूठो ठहरूँ; पर मी ओखा जानू अऊर ओको वचन पर चलू हैं। \v 56 तुमरो बाप दादा अब्राहम यू जान ख खुस भयो कि उ मोरो दिन देखेगो अऊर उ ओखा देख ख मगन हो गयो।” \p \v 57 यहूदी धरम ख गुरू हुन न यीसु से कय्हो, “अबा लक तू पचास साल को नी भयो, फिर भी तुना अब्राहम का देखो हैं?” \p \v 58 यीसु न उनसे कय्हो, “मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि एको पहलो की अब्राहम उत्पन्न भयो, मी हतो।” \p \v 59 येरप इंसानहुन न यीसु ख मारन को लाने पत्थर उठायो, पर यीसु लुक का मन्दिर से निकल गयो। \c 9 \s जनम को अंधो का आँखी देनु \p \v 1 जाती बखत यीसु न एक इंसान ख देखो जो जनम से अंधो हतो। \v 2 ओखा चेला न ओसे पूछो, “अरे गुरू, कोना पाप करियो रह कि यू अंधो पैदा भयो, यू अदमी न या ऐका माय-बाप न?” \p \v 3 यीसु न जवाब दियो, “न ते येना पाप करियो रह, न ऐका माय-बाप न; पर यू एकोलाने जनम से अंधो भयो रह कि परमेस्वर को काम ऐमन दिखे। \v 4 जोना मोखा भेजो हैं, हमका ओको काम दिन ही दिन म करनो जरूरी हैं; वा रात आन वाली हैं जेमा कोई काम नी कर सका। \v 5 जब लक मी दुनिया म हैं, तब लक मी दुनिया कि ज्योति आय।” \p \v 6 असो बोल का यीसु न जमीन पर थूको, अऊर उ थूक से माटी सानी, अऊर वा माटी उ अंधा की आँखी हुन पा लगाया ख। \v 7 ओसे बोल्यो, “जा, सीलोह को कुण्ड, म धोला” पत्थर को कुण्ड को मतलब “भेजियो वालो हैं।” ओ ना जा ख धोयो, अऊर देखते हुए लउट आयो। \p \v 8 तब पड़ोसी अऊर जिन्ना पहले ओखा भीख माँगते देखो रह, बोलन लग्या, “का यु उईच नी आय, जो बठ ख भीख माँगत रह?” \p \v 9 कुछ अदमी हुन न कय्हो, “हाँ यू उईच आय,” दुसरा न बोलयो, “नी, पर ओको जसो कोई अऊर हैं।” ओ ना कय्हो, “मी उईच आय।” \p \v 10 तब वी ओसे पुछन लग गया, “तोरी आँखी कसी खुल गई?” \p \v 11 ओ ना जवाब दियो, “यीसु नाम को एक अदमी न मिठ्टी सानी, अऊर मोरी आँखी पर लगाया ख मोसे कय्हो ‘सीलोह को जोने जा ख धोला,’ अऊर मी गयो अर धोयो अऊर देखन लग गयो।” \p \v 12 उनना ओसे पुछो, “उ किते हैं?” \p “ओ ना कय्हो?” “मी नी जानु।” \s फरीसी हुन को दुवारा अच्छो होन की तरकीब \p \v 13 अदमी ओखा जो पहले अंधो हतो, फरीसी हुन को जोने ले गया। \v 14 जो दिन यीसु न मिठ्टी सान ख ओकी आँखी खोलो रहा, उ इतवार को या आराम को दिन हतो। \v 15 फिर फरीसी हुन न भी ओसे पूछो कि ओकी आँखी कसो तरीका से खुल गई। ओ ना उनसे कय्हो, “ओ ना मोरो आँखी पर मिठ्टी लगायो, फिर मी न धोयो, अऊर अब देखु हैं।” \p \v 16 येपर कुछ फरीसी हुन बोलन लग गया, “यू इंसान परमेस्वर कि तरफ से नी हाय, काहेकि उ आराम को दिन या हफ्ता को दिन का नी माना।” दुसरा न कय्हो, “पापी इंसान असा चिन्ह कसा दिखा सका हैं?” तब उनमा फुट पड़ गई। \p \v 17 उनना उ अंधो से फिर बोलयो, “जोना तोरी आँखी खोली हैं। तू ओको बारे म का बोला हैं?” ओ ना कय्हो, “उ भविस्यवक्ता आय।” \p \v 18 पर यहूदी हुन का भरोसा नी भयो की उ अंधा हतो अऊर अब देखा हैं, जब तक उनना ओखा, जोकी आँखी खुल गई रह, माय बाप का बुलाय ख ला। \v 19 उनसे नी पूछो, “का यू तुमरो पोरिया आय, जेखा बारे म तुम बोला हैं कि यू जनम से अंधो पैदा भयो रह? फिर उ अब कसो देखन लग गयो हैं?” \p \v 20 ओखा माय बाप न उनका जवाब दियो, “हम तो जाना हैं कि यू हमरो पोरिया आय, अऊर अंधो पैदा भयो रह; \v 21 पर हम यू नी जानत आय कि अब कसो देखा हैं, अऊर नी यू जानत आय कि कोना ओकी आँखी खोली। यू सियानो हैं, ओको ही से पूछ लेव; यू अपनो बारे म खुद बता देहे।” \v 22 या बात ओखा माय-बाप न एकोलाने बोली काहेकि वी यहूदी हुन से डरत रह, काहेकि यहूदी हुन एक सलहा का हो गया हता कि अदि कोइ बोले कि उ मसी आय, ते प्रार्थना मन्दिर म से निकाल दियो जाय। \v 23 एकोलाने ओखा माय बाप न बोलयो, “यू सियानो हैं, ओको से ही पूछ लेव।” \p \v 24 तब उनना उ इंसान का जो अंधा हतो, दुसरी बार बुलाय ख ओसे बोलयो, “परमेस्वर कि बिनती या इज्जत कर। हम तो जाना हैं की उ अदमी पापी हैं।” \p \v 25 ओ ना जवाब दियो, “मी नी जानत आय कि उ पापी आय या नी; मी एक बात जानु हैं कि मी अंधो हतो अऊर अब देखु आय।” \p \v 26 उनना ओसे फिर बोलो, “ओ ना तोरो संग का करो? अऊर ओ ना कसो तरीका से तोरी आँखी खोली?” \p \v 27 ओ ना उनसे कय्हो, “मी तो तुम इंसान हुन से बोल चुक्यो, अऊर तुम न नी सुनियो; अब तुम न दुसरी बार काहे सुनन कि सोचा हैं? का तुम भी ओखा चेला बनन कि सोचा हैं?” \p \v 28 तब वी ओखा बुरो-भलो बोल ख बोल्यो, “तू ही ओको चेला आय, हम तो मूसा का चेला आय। \v 29 हम जाना हैं कि परमेस्वर न मूसा से बात करी; पर यू अदमी ख नी जाना कि कहाँ को आय।” \p \v 30 ओ ना उनका जवाब दियो, “या तो गजब की बात आय कि तुम नी जाना कि उ कहाँ को आय, तेभी ओ ना मोरी आँखी खोली दी। \v 31 हम जाना हैं कि परमेस्वर पापी हुन कि नी सुना, पर अदि कोइ परमेस्वर को जन होए अऊर ओकी मरजी पर चलत होए, ते उ ओकी सुना हैं। \v 32 या दुनिया बनी जब से यू सुननो म नी आयो कि कोई न जनम को अंधा की आँखी खोली होए। \v 33 अदि यू इंसान परमेस्वर कि तरफ से नी होतो, ते कुछ भी नी कर सका।” \v 34 उनना ओसे बोल्यो, “तू तो बिलकुम पाप से पैदा भयो हैं, तू हमका का सिखावा हैं?” अऊर उनना ओखा बहार निकाल दियो। \s मन को अंधो पन \p \v 35 यीसु न सुनो कि उनना ओखा बाहर निकाल दियो हैं, अऊर जब ओसे मुलाकात भई ते कय्हो, “का तू इंसान को पोरिया पर भरोसा करा हैं?” \p \v 36 ओ ना जवाब दियो, “अरे प्रभु! उ कोन आय मोखा बता, कि मी ओपर भरोसा करूँ?” \p \v 37 यीसु न ओसे कय्हो, “तू न ओखा देखो भी हैं, अऊर जो तोरो संग म बात हुन करा हैं उ उईच आय।” \p \v 38 ओ ना कय्हो, “अरे प्रभु, मी भरोसा करू हैं।” अर ओसे बिनती या पाय पड़ियो। \p \v 39 तब यीसु न कय्हो, “मी या दुनिया म न्याय को लाने आयो हैं, ताकि जो नी देखा वी देखे, अऊर जो देखा हैं वी अंधा हो जाय” \p \v 40 जो फरीसी ओखा संग हता उनना या बात सुन कर ओसे कय्हो, “का हम भी अंधा हैं?” \v 41 यीसु न उनसे कय्हो, “अदि तुम अंधा होता ते पापी नी ठहरता; पर अब बोला आय कि हम देखा हैं, एकोलाने तुमरो पाप बनो रहवा हैं। \c 10 \s भेड़ बकरी चरान वालो को उदाहरन \p \v 1 “मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि जे कोई दुवार से भेड़ी हुन को कोठा म भीतर नी जावा, पर कोई दुसरी तरफ से चेंग जावा हैं, उ चोर अऊर डाकू आय। \v 2 पर जे दुवार से भीतर जावा हैं, उईच भेड़ी हुन का चरान वालो आय। \v 3 ओको लाने पहरेदार फाटक खोल देवा हैं, अऊर भेड़ी हुन ओकी आवाज सुना हैं, अऊर उ अपनी भेड़ी हुन को नाम ले-ले ख बुलावा हैं अर उ बाहर ले जावा हैं। \v 4 जब उ अपनी सब भेड़ी हुन का निकाल देवा हैं, ते उ उनको आगे-आगे चला हैं, अर भेड़ी उनको पीछे-पीछे चलते जावा हैं, काहेकि वी ओकी आवाज पहिचाना हैं। \v 5 पर वी पराया को पीछु नी जान कि, पर वी ओसे दुर भगन लग जाहे, काहेकि वी परायो कि आवाज नी पहिचाना।” \p \v 6 यीसु न उनसे या कायनी सुनाई, पर वी नी समझीया कि उ उनसे का बोल रयो हैं। \s यीसु अच्छो चरान वालो चरैया \p \v 7 एकोलाने यीसु न फिर उनसे कय्हो, मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं। भेड़ी हुन को दुवार मी आय। \v 8 जित्ता मोसे पहले आया, वी सबरा चोर अऊर डाकू आय; पर भेड़ी हुन न ओकी नी सुनी। \v 9 फाटक मीइच आय अदि कोई मोरो दुवार भीतर जाहे, ते उध्दार का पायगो अऊर भीतर बाहर आनो जानो करेगों अऊर चारा पाएगो। \v 10 चोर कुछ अऊर काम को लाने नी पर केवल चोरी करन अर नुकसान अऊर खतम करन का आवा हैं; मी एकोलाने आयो कि उनका जीवन मिले, अऊर हमेसा को मिले।\fig भेड़ कोठा म खुदकी भेड़ हुन को संग चरैया|alt="Shepherd with his sheep in sheepfold" src="lb00014c.tif" size="span" copy="Horace Knowles ©" ref="10:7"\fig* \p \v 11 अच्छो चरैया मी आय। अच्छो चरैया भेड़ी हुन को लाने अपनी जान दे देवा हैं। \v 12 मजदूरी म चरान वालो जे न चरैया आय अऊर न भेड़ी हुन को मालिक आय, लाँढिया का आते देख भेड़ी हुन ख छोड़ का भग जावा हैं; अऊर लाँढिया उनका पकड़ा अऊर तितिर-बितर कर देवा हैं। \v 13 उ एकोलाने भग जावा हैं कि उ मजदूर आय, अर ओखा भेड़ी हुन कि चिन्ता नी। \v 14 अच्छो चरान वालो मालिक मी आय; मी अपनी भेड़ी हुन का जानु आय, अऊर मोरी भेड़ी हुन मोखा जाना हैं। \v 15 जसो परमेस्वर बाप मोखा जाना हैं अऊर मी परमेस्वर बाप का जानु आय अऊर मी भेड़ी हुन को लाने अपनी जान देऊ आय। \v 16 मोरी अऊर भी भेड़ी हुन हैं, जो यू भेड़ी कोठा की नी हाय। मोखा उनको भी लानो जरूरी हैं। वी मोरी आवाज सुने, तब एक ही झुंड होए अऊर एक ही चरैया होए। \p \v 17 परमेस्वर बाप मोसे एकोलाने प्रेम करा हैं कि मी अपनी जान देऊ आय कि ओखा फिर ले लेहूँ। \v 18 कोई मोसे मोरी जान नी ले सका, पर मी ओखा अपनो तुम ही दे देऊ आय। मोखा मोरी जान दे देन को भी अधिकार हैं अऊर फिर ओखा ले-लेन को भी हक: यू आग्या मोरो बाप परमेस्वर से मोखा मिलो हैं। \p \v 19 यीसु की या बात हुन को वजे से यहूदी हुन म फिर फुट पड़ गई। \p \v 20 उनमा से बेजा सारा बोलन लग्या, “ओमा भूत हैं, अर उ पागल हैं; तुम ओकी काहेको लाने सुना हैं?” \v 21 दुसरा इंसान हुन बोलत रहा, “यी बात हुन असो इंसान कि नी जेमा भूत होए। का भूत अंधा की आँख खोल सका हैं?” \s यहूदी हुन को भरोसा नी करनु \p \v 22 यरूसलेम म मन्दिर को बनायो वालो साल (स्थापना) मनायो जात हतो रह; अर ठंड को बखत हतो। \v 23 यीसु मन्दिर म सुलैमान को ओसरा म घुमत रह हतो। \v 24 तब यहूदी अधिकारी हुन न ओखा आ ख घेर लियो अर पुछियो, “तू हमारो मन का कब लक सोच म रखेगो? अदि तू मसी आय ते हम से सही-सही बोल दा।” \p \v 25 यीसु न उनका जवाब दियो, “मी न तुम ख कैय दियो पर तुम भरोसा करत ही नी आय। जो काम मी अपनो बाप परमेस्वर को नाम से करू हैं वीइच ही मोरो बारे म गवाई देवा हैं। \v 26 पर तुम एकोलाने भरोसा नी करा काहेकि मोरी भेड़ी हुन म से नी आय। \v 27 मोरी भेड़ी हुन मोरी आवाज सुना हैं; मी उनका जानु आय, अर वी मोरो पिछु-पिछु चला हैं; \v 28 अर मी उनका हमेसा तक को अनन्त जीवन देऊ आय। वी कभी नास नी होन की, अर कोई उनका मोरो हात से छुड़ा नी सकन को \v 29 मोरो बाप परमेस्वर जोना उनका मोखा दियो हैं, सब से बड़ो हैं अर कोई उनका परमेस्वर को हात से छुड़ा नी सका। \v 30 मी अर परमेस्वर बाप एक आय।” \p \v 31 यहूदी हुन न यीसु ख मार ड़ालन को लाने फिर पत्थर उठाया। \v 32 येपर यीसु न उनसे कय्हो, “मी न तुमका अपनो बाप परमेस्वर कि तरफ से ढ़ेर सारा अच्छा काम दिखाया हैं; उनमा से कोन सो काम को लाने तुम मोरो ऊपर पत्थर उठा ख मार डालन को लाने होय हैं?” \p \v 33 यहूदी हुन न ओखा जवाब दियो, “कोई भलो काम को लाने हम तोरो ऊपर पत्थर नी उठात आय पर परमेस्वर की बदनामी करन को लाने, अऊर एकोलाने कि तू अदमी हो ख अपनो तुम ख परमेस्वर बनावा हैं।” \p \v 34 यीसु न उनका जवाब दियो, “का तुम्हारी नेम को किताब म नी लिखो आय, ‘मीना कय्हो, तुम परमेस्वर आय’? \v 35 अदि ओ ना उनका परमेस्वर कय्हो जिनको जोने सुध्द सास्र को वचन पहुँचियो (अर परमेस्वर कि बात गलत नी हो सका), \v 36 ते जेखा परमेस्वर बाप न सुध्द ठहराय ख संसार म भेजियो हैं, ओसे तुम इंसान हुन यू कसो बोला हैं, तू परमेस्वर की निन्दा करा हैं, एकोलाने कि मी न कय्हो, ‘मी परमेस्वर को पोरिया आय’? \v 37 अदि मी अपनो बाप परमेस्वर को काम नी करतो, ते मोरो पर भरोसा मत करो। \v 38 पर अदि मी वी काम हुनका करू हैं, ते मोरो भरोसा नी भी करे, पर वी काम को तो भरोसा करो, ताकि तुम जाने अर समझे कि परमेस्वर बाप मोरो म हैं अऊर मी बाप म हैं।” \p \v 39 तब उनना फिर ओखा पकडन को उपाय करयो पर उ उनको हात से निकल गयो। \p \v 40 फिर उ यरदन को ओनो पार वा जगा पर चल दियो, जेमा यूहन्ना पहले बपतिस्मा देत रहा, अर उ वही रहयो। \v 41 डेर सारा इंसान ओको जोने आय ख बोलत रह, “यूहन्ना न तो कोइ चिन्ह नी दिखायो, पर जे कुछ यूहन्ना न येको बारे म गवाही दियो रह, वा सब सच्ची हैं” \v 42 अर ओमा डेर सारा न यीसु पर भरोसा करो। \c 11 \s लाजर की माऊत \p \v 1 मरियम अर ओकी बहिन मार्था को गाँव बैतनिय्याह को लाजर नाम को एक अदमी बीमार हतो। \v 2 या वा वाली मरियम हती जोना प्रभु पर इतर डाल ख ओको पाय हुन ख अपनी बाल चोटी से पोची रह, एको ही भई लाजर बीमार हतो। \v 3 एकोलाने ओकी बहिन हुन न यीसु खबर भेजियो, “अरे प्रभु, देख जसो तू प्रेम करत रह, उ बीमार हैं।” \p \v 4 यू सुन ख यीसु न कय्हो, “या बीमारी माऊत कि नी; पर परमेस्वर कि बड़ाई करन को लाने हैं, कि ओको दुवारा परमेस्वर को पोरिया की इज्जत होये।” \v 5 यीसु मार्था अर ओकी बहिन अर लाजर से प्रेम रखत रह। \v 6 फिर भी जब ओ ना सुनो कि उ बीमार हैं, ते जे जगा पर उ हतो, ओमा दो दिन अऊर ठहर गयो। \v 7 एको बाद ओ ना चेला हुन से कय्हो, “आव, अपुन फिर यहूदिया ख जाहें।” \p \v 8 चेला हुन न ओसे कय्हो, “अरे गुरू, अबा बाई तो कुछ रोज पहले यहूदी तोरो ऊँपर पत्थर मारन को लाने होत रह, अऊर का तू फिर भी उते जाय हैं?” \p \v 9 यीसु न जवाब दियो, “का दिन का बारा घंटा नी होवा? अदि कोई दिन म चले ते डच नी खावा, काहेकि यू दुनिया को उजियारा देखा हैं। \v 10 पर अदि कोई रात म चले ते डच खावा हैं, काहेकि रात म उजेरो नी रहवा हैं।” \v 11 ओ ना या बात बोली, अऊर एको बाद उनसे बोलन लग गयो, “हमारो दोस्त लाजर सो गयो हैं, पर मी ओखा जागान ख जाऊ हैं।” \p \v 12 तब चेला हुन न यीसु से कय्हो, “अरे प्रभु, अदि उ सो गयो हैं ते अच्छी हो जाहे।” \p \v 13 यीसु न तो ओकी माऊत को बारे म यू बोल्यो रह, पर वी समझीया कि ओ ना नींद से सो जान को बारे म कय्हो। \v 14 तब यीसु न उनसे साफ-साफ कह दियो, “लाजर मर गयो हैं; \v 15 अऊर मी तुमरो वजेसे बेजा खुस हैं कि मी वहाँ नी हतो जेमा तुम भरोसा करे। पर अब आव, अपून ओको जोने चले।” \p \v 16 येपर थोमा न जो दिदुमुस कहलावा हैं, अपना चेला हुन से कय्हो, “आव अपुन भी ओको संग मरन का चले।” \s यीसु फिर से जीवन देन वालो \p \v 17 वहाँ पहुँचनो पर यीसु का यु मालुम भयो कि लाजर ख मरघट म धरिया चार दिन हो चुक्या हैं। \v 18 बैतनिय्याह यरूसलेम को कोई दो कोस की दुर पर हतो। \v 19 बेजा सारा यहूदी मार्था अर मरियम को जोने ओको भई की गति पर सान्ति देन ख लाने आया हता। \p \v 20 जब मार्था न यीसु को आन की खबर सुनी ते ओखा देखन का गई, पर मरियम घर म बठी हती रह। \v 21 मार्था न यीसु से कय्हो, “अरे प्रभु, तू यहाँ होतो, ते मोरो भई नी मरतो। \v 22 अर अब भी मी जानु हैं कि जो कुछ तू परमेस्वर से माँगे, परमेस्वर तोखा देहेगो।” \p \v 23 यीसु न ओसे कय्हो, “तोरो भई फिर से जिन्दो होय ख उठे।” \p \v 24 मार्था न ओसे कय्हो, “मी जानु हैं कि आखरी दिन म फिर से जिन्दो उठन को दिन म उ जिन्दो उठेगो।” \p \v 25 यीसु न ओसे कय्हो, “फिर से जिन्दो करन वालो अर जीवन मीइच ही आय जो कोई मोपर भरोसा करा हैं उ अदि मर भी जाहे तेभी जिन्दो होयगो, \v 26 अर जे कोई जिन्दा हैं अर मोरो ऊपर भरोसा करा हैं, उ कभी नी मरन को। का तू या बात पर भरोसा करा हैं?” \p \v 27 ओ ना ओसे कय्हो, “हाँ प्रभु, मी भरोसा करू हैं कि तू ही परमेस्वर को पोरिया मसी जो संसार म आनवालो हतो।” \s यीसु रोयो \p \v 28 असी बोल ख वा चल दी, अऊर अपनी बहिन मरियम ख बुलाय ख धीरे से बोली, “प्रभु इतेइच हैं अर तोरो ख बुलावा हैं।” \v 29 असी सुनते ही वा तुरत उठ ख खड़ी भई अऊर यीसु से मिलन ख ओको जोने गई। \v 30 यीसु अबा गाँव म नी पहुँचियो रहा पर वई जगह म हतो रह जेमा मार्था न ओखा देख्यो रहा हतो \v 31 तब जे यहूदी ओको संग दुख को बखत घर म हता अर ओखा सान्ति देत रह हता, यू देख ख कि मरियम तुरत उठ ख बाहर गई हैं असा समझीया कि वा मरघट पर रोवन का जावा हैं, ते ओखा पिछु जान लग गया। \p \v 32 जब मरियम वहाँ पहुँची जहाँ यीसु हतो, ते ओखा देखते ही ओको पाय हुन म गीर पड़ी अर बोली, “अरे प्रभु अदि तू यहाँ होतो ते मोरो भई नी मरतो।” \p \v 33 जब यीसु न ओखा अर वी यहूदी हुन का जे ओखा संग म आया हता रोते हुए देखयो, ते आत्मा म बेजा उदास अर नराज भयो, \v 34 अर कय्हो, “तुम न ओखा किते मिठ्टी दी हैं?” उन न ओसे कय्हो, “प्रभु, आ अऊर चलका देख ला।” \p \v 35 यीसु रोयो। \v 36 येपर यहूदी हुन बोलन लग गया, “देखो, उ ओसे कित्तो प्रेम करत रहा।” \p \v 37 पर उनमा से कुछ न कय्हो, “का यू जोना अंधा की आँख खोली यू भी नी कर सको कि यू इंसान नी मरतो?” \s लाजर ख जिन्दो करनु \p \v 38 यीसु मन म फिर बेजा ही नराज होयका मरघट म आयो। वा एक गुफा हती अर एक पत्थर ओपर धारो हतो। \v 39 यीसु न कय्हो, “पत्थर बगल करो।” उ मरियो वालो कि बहिन मार्था ओसे कहन लग गई, अरे प्रभु, उ तो अब गधान लग गयो होए। \p \v 40 यीसु न ओसे कय्हो, “का मीना तोसे नी कय्हो रह कि अदि तू भरोसा करे, ते परमेस्वर को काम कि महेमा ख देखेगो।” \v 41 तब उनना उ पत्थर ख हटायो। यीसु न आँखी ऊपर उठायो ख बोल्यो, “अरे परमेस्वर बाप, मी तोरो धन्यवाद करू हैं कि तू न मोरी बिनती सुन लियो हैं, \v 42 मी जानत रह कि तू हमेसा मोरी सुना हैं, पर जे भीड़ आजू-बाजू खड़ी हैं, उनको लाने मीना यू कय्हो, जसो कि यी भरोसा करे कि तुना मोखा भेजो हैं।” \v 43 यू बोल ख ओ ना बड़ी जोर से पुकारा, “लाजर, बहार निकल आ!” \v 44 जो मर गयो रह उ कठरी से हात पाय बंधियो हता वसो निकल आयो, “अर ओको मुंडो अंगोछा से लपटियो हतो। यीसु न उनसे कय्हो, ओखा खोल देव अर येखा जान देव।” \s यीसु को विरोध म प्लान बनानु \r (मत्ती 26:1-5; मरकुस 14:1,2; लूका 22:1,2) \p \v 45 तब जो यहूदी हुन मरियम को जोने आया हता अर जिन न ओको यू काम देखो हतो, उनमा से ढ़ेर सारा न ओपर भरोसा करो। \v 46 पर उनमा से कुछ फरीसी हुन न ओको जोने जा ख बतायो कि यीसु न का करयो हैं। \v 47 येपर मेन पुजारी हुन अर फरीसी हुन न बड़ी सभा जोडयो, अर कय्हो, “हम का कर रया हैं? यू इंसान तो बेजा चिन्ह दिखावा हैं। \v 48 अदि हम ओखा असो करते ही रहन देहे, ते सब ओपर भरोसा करन लग जाहे अर रोमी आ ख हमरी जगह अर जात दोई पर हक जमा लेहे।” \p \v 49 तब उनमा से काइफा नाम को एक अदमी न जो उ बखत म मेन पुजारी हतो, उनसे कय्हो, “तुम कुछ भी नी जाना। \v 50 अऊर न यू समझत आय कि तुम्हारो लाने यू भलो हैं कि हमरा इंसान को लाने एक इंसान मरे, अर सब जात नास नी होन कि।” \v 51 या बात ओ ना अपनी तरफ से नी बोल्यो, पर उ साल को मेन पुजारी होयका भविस्यवानी करी, कि यीसु सब जात को लाने मरेगो; \v 52 अऊर न सिर्फ यहूदी जात को लाने, वरन एकोलाने भी कि परमेस्वर कि सब तितिर बितर संतान हुन का एक कर देहे। \p \v 53 उई दिन से वी यीसु ख मार ड़ालन को मऊका ढुढ़न लग गया। \v 54 एकोलाने यीसु उ बखत से यहूदी हुन म उजागर नी फिरो पर वहाँ से जंगल को जोने वालो परदेस को इफ्राईम नाम को एक सहर म चल दियो; अर अपना चेला हुन को संग ओमा ही रहन लग्यो। \p \v 55 यहूदी हुन को फसह को तिहार जोने हतो रह, अर ड़ेर सारा इंसान फसह से पहले दिहात से यरूसलेम का गया रहा कि अपनो तुम ख सुध्द या पाक करे। \v 56 एको बाद वी यीसु का ढूँढ़न लग्या अऊर मन्दिर म खड़ो हो का एक दुसरा से बोलन लग्या, “तुमरो का विचार हैं? का उ तिहार म नी आन को?” \v 57 मेन पुजारी हुन अऊर फरीसी हुन न यू आदेस दियो हतो रह, कि अदि कोई यू जाने कि यीसु किते हैं ते बताव काहेकि कि वी ओखा पकड़ सके। \c 12 \s यीसु को पाय हुन पा इतर ड़ालनो \r (मत्ती 26:6-13; मरकुस 14:3-9) \p \v 1 यीसु फसह को तिहार को छे दिन पहले बैतनिय्याह म आयो जहाँ लाजर हतो, जेखा यीसु न मरो म से जिन्दो करियो रह। \v 2 उते उन न यीसु को लाने खाना बनायो; अर मार्था सेवा करत रह, अर लाजर ओमा से एक हतो जो ओको संग खाना खान को लाने बठियो हतो। \v 3 तब मरियम न जटामासी को सबसे मेंहगो सुध्द इतर लेका यीसु को पाय हुन पा ड़ालो, अर अपनी बाल चोटी से ओको पाय हुन का पोची; अर इतर को मेहकनो से या गंधानो से घर मेहकन लग गयो। \v 4 पर ओखा चेला म से यहूदा इस्करियोती नाम को एक चेला जे ओखा पकड़ान पर हतो, कहन लगो, \v 5 “यू इतर तीन सव चाँदी का सिक्का म बेच ख पैसा गरीब इंसान हुन म काहेनी बाँटिया गयो?” \v 6 ओ ना या बात एकोलाने नी बोलो की ओखा गरीब हुन कि चिन्ता हती पर एकोलाने कि उ चोर हतो, अर ओको जोने पैसा की थैली रहत रह अर ओमा जो कुछ ड़ालो जात रह, उ निकाल लेत रह। \fig चिनी मिठ्टी को बर्तन|alt="Alabaster jars" src="hk00142c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="12:3"\fig* \p \v 7 यीसु न बोलो, “ऐका छोड़ देव। ऐका यू काम मोरो गाड़ो जान को दिन को लाने करन देव। \v 8 काहेकि गरीब हुन तो तुमरो संग म हमेसा रहवा हैं, पर मी तुमरो संग हमेसा नी रहन को।” \s लाजर से दुसमनी निकालन को बारे म मऊका ताकनू \p \v 9 जब यहूदी हुन कि बड़ी भीड़ जान गई कि यीसु वहाँ आयो हैं, ते वी न केवल यीसु को वजेसे आया पर एकोलाने भी कि लाजर का देखे, जेका यीसु न मुर्दा म से जिन्दो करियो रह, \v 10 तब मेन पुजारी हुन न लाजर का भी मार ड़ालन की कोसीस करी। \v 11 काहेकि ओको वजेसे डेर सारा यहूदी चला गया अर यीसु पर भरोसा करो। \s यरूसलेम म जीत की खुसी आनो \r (मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; लूका 19:28-40) \p \v 12 दुसरो दिन, ड़ेर सारा इंसान हुन न जो तिहार म आया हता असो सुनो कि यीसु यरूसलेम म आ रयो हैं। \v 13 एकोलाने उन ना खजूर कि डगियान हुन लियो अर “ओकी महेमा करन को लाने निकलिया, अर आवाज देन लग्या, होसाना धन्य हैं इस्राएल को राजा, जो प्रभु को नाम से आवा हैं।” \p \v 14 जब यीसु का गदही को एक बच्चा मिलो; ते उ ओपर बठ गयो, जसो ग्रंथ म लिखो हैं, \q1 \v 15 “अरे सिय्योन सहर, \q1 मत डरा; देख, \q2 तोरो राजा गदही को बच्छा पर बठ ख आवा हैं।” \p \v 16 यीसु का चेला हुन या बात पहले नी समझीया हता, पर जब यीसु कि महिमा परगट भई ते उनका याद आयी कि या बात ओको बारे म लिखी हती रह अर इंसान हुन न ओसे आसो तरीका से व्यवहार करो रह। \p \v 17 तब भीड़ का वी अदमी हुन न गवाई दियो, जे वा बखत ओको संग म हता जब ओ ना लाजर का मरघट म से बुला ख मरो म से जिन्दो करो रह \v 18 एको लाने अदमी हुन ओसे मीलन को लाने आया हता काहेकि उन न सुनो हतो रह कि यीसु यू बड़ो चिन्ह दिखायो हैं। \v 19 यू सब देख ख फरीसी हुन न आपस म बोल्यो, देख रया हैं न, “तुम से कुछ नी बन सका। देखो, दुनिया ओको पिछु होते जावा हैं।” \s यूनानी हुन को यीसु का ढुँढ़नु \p \v 20 जे अदमी उ तिहार म बिनती करन आया रह ओमन से कुछ यूनानी हता \v 21 उन ना गलील को बैतसैदा को रहन वालो फिलिप्पुस को जोने आय ख ओसे पूछो, “अरे गुरू जी हम यीसु प्रभु से मिलनु चाहवा हैं।” \p \v 22 फिलिप्पुस न आय ख अन्द्रियास से कय्हो; ओको बाद अन्द्रियास अर फिलिप्पुस न यीसु से कय्हो \v 23 येपर यीसु न उनसे कय्हो, “उ बखत आ गयो हैं, कि इंसान को पोरिया की महिमा होए। \v 24 मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि जब तक गहूँ को दाना जमीन म रैय ख सड़ नी जावा तब लक उ अकेलो रहवा हैं; पर जब अदि उ सड़ जावा हैं, ते ड़ेर सारो फर लावा हैं। \v 25 जे अपनी जान का बेजा प्रेम करा हैं उ ओखा नास कर देवा हैं; अर जे यू दुनिया म अपनी जान का ज्यादा प्रेम नी करा हैं, उ अनन्त जीवन को लाने ओ ख बचाहे। \v 26 अदि कोई मोरी सेवा करे, ते मोरो पिछु आन लग जाय; अर जीते मी रहू हैं, ओमा मोरो सेवक भी रहेगो। अदि कोई मोरी सेवा करे ते मोरो परमेस्वर बाप भी ओकी इज्जत करेगों। \s क्रूस की माऊत की भनक \p \v 27 “अब मोरी जान घबरावा हैं। का मी असो कहूँ, बाप या घड़ी की मुसीबत से मोखा बचा? काहेकि मी एको कारन या घड़ी का पहुँचो हैं। \v 28 अरे बाप, अपनो नाम कि महेमा कर।” उत्तीच बखत स्वर्ग से असी आवाज सुनाई पड़ी, “मी न अपनो नाम की बड़ाई करी हैं अर फिर ओकी भी करुँगो।” \p \v 29 तब जे अदमी आजू-बाजू खड़ा होका सुनत रह हता उन ना कय्हो, कि बादल गरजो। कुछ न बोलयो, “कोई स्वर्ग दूत ओसे कुछ बोलयो।” \p \v 30 येपर यीसु न कय्हो, “यु सब्द मोरो लाने नी, पर तुमरो लाने आयो हैं। \v 31 अब या दुनिया को न्याय होवा हैं, अब यू दुनिया को मुखिया नीकाल दियो जाहेगो; \v 32 अऊर मी, जब जमीन पर से ऊँचो पर लटकायो जाऊँगो, ते सब इंसान हुन का अपनो पास खीचूँगो।” \v 33 असो बोल ख ओ ना यू परगट कर दियो कि उ कसी माऊत से मरे। \p \v 34 येपर अदमी हुन न ओसे कय्हो, “नेम हमका असो ग्यान देवा हैं कि मसी हमेसा रहेगो, फिर तू काहे बोला हैं कि इंसान को पोरिया का ऊँचो पर लटकायो जानो जरुरी हैं? यू इंसान को पोरिया कोन आय?” \p \v 35 येपर यीसु न उनसे कय्हो, “ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हारो बीच म हैं। जब लक ज्योति तुम्हारो संग हैं तब लक चलते ही चलते रहनु कही असो नी होय की अंधेरा तुमका घेर ले; जे अंधेरा म चला हैं उ नी जाना की किते जावा हैं। \v 36 जब लक ज्योति तुमरो संग म हैं, ज्योति पर भरोसा करो ताकि ज्योति की संतान बने।” यीसु यू बोल ख चल दियो अऊर उनकी आँखी से लुप्त हो गयो। \s यहूदी हुन को भरोसा नी करनु \pi \v 37 फिर भी यीसु न उनको सामे इत्ता चिन्ह दिखाया, तेभी उनना यीसु पर भरोसा नी करो; \v 38 यू जरूरी होनो थो कि ताकि यसायाह भविस्यवक्ता को वचन पूरो होय जे, ओ ना कय्हो: \q1 “अरे प्रभु, हमारी अच्छी बात पर को कोना भरोसा करियो? \q2 अर प्रभु को हात की ताकत कोपर परघट भयो हैं?” \p \v 39 एको लाने वी भरोसा नी कर सक्या, काहेकि यसायाह न यू भी कियो हैं: \q1 \v 40 “परमेस्वर न उनकी आँखी ख अंधो कर दियो हैं, \q2 अऊर उनकी अकल बंद कर दी हैं परमेस्वर न बोल्यो: \q1 कही असो नी होय कि वी आँखी से देखे, \q2 अर मन से समझे, \q2 अर मोरी तरफ लउटे आहे, \q2 अर मी उनका अच्छो कर देहु।” \p \v 41 यसायाह न यू एकोलाने बतायो रहा कि उनना खुद यीसु कि महेमा देखी रहा, अर ओ ना उनको बारे म असो कही रहा। \p \v 42 तेभी अधिकारी हुन म से बेजा सारा न यीसु पर भरोसा करियो, पर वी फरीसी हुन को कारन उजागर म नी मानत रह हता, कभी असो नी होय की वी प्रार्थना मन्दिर म से निकाल जाए: \v 43 उनका परमेस्वर की महेमा करनो से बड़ ख इंसान कि इज्जत करनो ऐसे ज्यादा प्यारो लगत रह। \s यीसु को वचन न्याय को सहारा \p \v 44 यीसु न जोर से कही, “जे मोरो ऊपर भरोसा रखा हैं, उ मोरो ऊपर नी पर जेना मोखा भेज्यो हैं ओको ऊपर भरोसा करा हैं। \v 45 अर जे मोखा देखा हैं, उ ओखा देखा हैं जेना मोखा पहुँचियो हैं। \v 46 मी दुनिया म ज्योति सरीको बन ख आयो हैं, ताकि जे कोई मोपर भरोसा करे उ अन्धेरा म नी रहन को। \v 47 अदि कोई मोरी बात सुन कर नी माना, ते मी ओखा न्याय या दोसी नी ठहराऊ; काहेकि मी दुनिया ख दोसी ठहरान को लाने नी, पर दुनिया को उध्दार करन को लाने आयो हैं। \v 48 जे मोखा फालतु समझा हैं अर मोरी बात ख मननो से मना करा हैं ओखा दोसी ठहरान वालो तो एक हैं: एकोमतलब जे वचन मी न कय्हो हैं, उई पिछे आन वालो दिन म ओखा दोसी ठहरायगो। \v 49 काहेकि मीना अपनी तरफ से कुछ बात नी करी; पर बाप जेना मोखा भेजो हैं ओ ना ही मोखा आदेस दियो हैं कि का कहनो हैं अर का बोलनू हैं? \v 50 अर मी जानु हैं कि ओको आदेस अनन्त काल को जीवन हैं। एकोलाने जे कुछ मी बोलू हैं उ जसो मोरो बाप परमेस्वर न मोसे कही हैं वसो ही कहूँ हैं।” \c 13 \s यीसु को चेला हुन को पाय धोनो \p \v 1 फसह को तिहार से पहले को दिन हतो, जब यीसु न जान लियो कि मोरी वा घड़ी आ गई हैं कि दुनिया छोड़ख बाप को जोने जाऊ, ते अपना इंसानहुन से जे दुनिया म हता जसो प्रेम उ रखत रह हतो, आखरी तक वसो ही प्रेम रखते रयो। \p \v 2 यीसु अपना चेला हुन को संग खाना खात रहा ते। भूत समोन इस्करियोती को पोरिया यहूदा को मन म यीसु ख पकड़ान को विचार डाल चुक्यो रहा। \v 3 यीसु न, यू जान लियो कि परमेस्वर बाप न सब कुछ मोरो हात म कर दियो हैं अर यू की यीसु परमेस्वर को जोने से आयो हैं अर परमेस्वर को जोने जा रयो हैं, \v 4 एकोलाने उ खाना पर से उठ ख अपना ऊपर का कपड़ा ऊतार दियो, अर अंगोछा लेका अपनी कम्मर बाँधी। \v 5 तब कोपर म पानी बरखा चेला को पाय धोन अर जो अंगोछा से ओकी कम्मर बंधी हती ओसे ही पोछन लग गयो। \v 6 जब उ समोन पतरस को पास म आयो, तब पतरस न ओसे कही, “अरे प्रभु, का तू मोरा पाय हुन धोवा हैं?” \p \v 7 यीसु न ओखा जवाब दियो, “जो मी करुँ हैं, तू ओखा अभी नी जाना, पर एको बाद समझेगो।” \p \v 8 पतरस न ओसे कही, “तू मोरा पाय कभी नी धो पान को!” \p यू सुन कर यीसु न ओसे कय्हो, “अदि मी तोरा पाय का नी धोन को, ते मोरो संग तोरो हमेसा को कुछ भी नाता नी रहन को।” \p \v 9 येपर समोन पतरस न ओसे कय्हो, “अरे प्रभु, ते मोरा पाय ही नी, पर मोरा हात अर आँग भी धो दा।” \p \v 10 यीसु न ओसे कय्हो, “जोना आँग धो लियो हैं ओखा पाय को अलावा अर कुछ धोन कि जरूरत नी हाय, पर उ बिलकुल सुध्द हैं; अर तुम सुध्द हैं, पर सब का सब नी।” \v 11 उ तो अपनो पकडवान वालो का जानत रह हतो एकोलाने ओ ना कय्हो, “तुम सब का सब सुध्द नी हाय।” \p \v 12 जब यीसु उन सबको पाय धो चुक्यो, तब उ अपना कपड़ा पहिन का फिर बठ गयो, अऊर उनसे कहन लग गयो, “का तू समझीया की मीना तुमरो संग का करो? \v 13 तुम मोखा गुरू अर प्रभु बोला हैं, अऊर ठीक ही बोला हैं, काहेकि मी उईच आय।” \v 14 अदि मी न प्रभु अर गुरू होका तुमरो पाय धोयो, ते तुमका भी एक दुसरो को पाय धोनु जरूर धोनो चाहिए। \v 15 काहेकि मी न तुमका नमूना दिखा दियो हैं कि जसो मी न तुमरो संग करो हैं, तुम भी वसो ही करते रहनु। \v 16 मी तुम से सच्ची सच्ची कहूँ हैं, सेवक (दास) अपनो मालीक या प्रभु से बडो नी हाय, अर न भेज्यो वालो अपनो भेजन वालो से। \v 17 तुम या बात हुन जाना हैं, अर अदि उन पर चले ते अच्छा या धन्य हैं। \p \v 18 मी तुम सब को बारे म नी कहूँ हैं; जिनका मी न चुनियो हैं, उनका मी जानु हैं; पर यू एको लाने हैं कि सुध्द सास्र को यू वचन पूरो होय, जो मोरी रोटी खावा हैं, ओ ना मोरो ऊपर लात उठाई हैं। \v 19 अब मी ओको होनू से पहले तुमका जाता देऊ हैं कि जब यू हो जाहे ते तुम भरोसा करे की मी ऊईच आय। \v 20 मी तुम से सच्ची सच्ची कहूँ हैं की जे मोरो भेज्यो वालो ख अपनावा हैं; अर जे मोखा अपनावा हैं। \s धोका देन वालो की तरफ इसारा \r (मत्ती 26:20-25; मरकुस 14:17-21; लूका 22:21-23) \p \v 21 या बात बोल ख यीसु मन म नाराज भयो अर या गवाई दियो, मी तुम से सच्ची सच्ची कहूँ हैं कि तुम मा से एक मोखा पकडवाएगो। \p \v 22 चेला हुन ओको कहनु से, कि उ कोन को बारे म बोला हैं, एक दुसरो की तरफ देखन लग गया। \v 23 ओखा चेला हुन म से एक जसो यीसु प्रेम रखत रह हतो यीसु को सीना की तरफ झुक का बठो हतो रह। \v 24 समोन पतरस न ओकी तरफ इसारा कर ख ओसे पुछो, “पूछ तो उ कोन को बारे म बोला हैं?” \p \v 25 तब ओ ना वसो ही यीसु की छाती की तरफ झुक का ओसे पूछो, “अरे प्रभु, उ कोन आय?” \p \v 26 यीसु न जवाब दियो, “जेखा मी या रोटी को टुकड़ा डुबा ख देऊ ऊँईच आय।” अर ओ ना टुकड़ा डुबा ख समोन इस्करियोती को पोरिया यहूदा का दियो। \v 27 टुकड़ा लेते ही भूत ओमा समा गयो। तब यीसु न ओसे कय्हो, “जो तू करा हैं, तुरत कर।” \v 28 पर बठन वाला म से कोई न नी जानो ओ ना या बात ओसे काय को लाने कही। \v 29 यहूदा को जोने थैली रहत रह हती, एकोलाने कोई कोई न समझो की यीसु ओसे बोल रयो हैं कि जे कुछ हमका तीहार को लाने लेनू हैं ओखा मोल लेव, यु एको लाने कि कंगाल हुन का कुछ देहे। \p \v 30 एको बाद उ टुकड़ा लेका बहार चल दियो; अर यू रात को बखत हतो रह। \s नयो नेम \p \v 31 जब उ बहार चल दियो ते यीसु न कही, “अब इंसान को पोरिया की बड़ाई भई हैं, अर परमेस्वर की बड़ाई ओमा भई हैं; \v 32 अदि ओमा परमेस्वर की बड़ाई भई हैं, ते परमेस्वर भी अपनो म ओकी बड़ाई करेगों अर तुरत करेगों। \v 33 अरे पोरिया हुन, मी अऊर थोड़ी देर ख तुमरो कने हैं; फिर तुम मोखा ढूँढ़ेगो, अर जसो मी न यहूदी हुन से कय्हो, जीते मी जाऊ हैं वहाँ तुम नी आ सका, वसो ही मी अब तुम से भी कहूँ हैं। \v 34 मी तुम ख एक नयो आग्या देऊ हैं कि एक दुसरा से प्रेम रखनू; जसो मी न तुम से प्रेम रखो हैं, वसो ही तुम भी एक दुसरा से प्रेम रखनू। \v 35 अदि आपस म प्रेम रखेगो, ते आसे से सब जाने की तुम मोरा चेला हैं।” \s पतरस को इनकार करन की भविस्यवानी \r (मत्ती 26:31-35; मरकुस 14:27-31; लूका 22:31-34) \p \v 36 समोन पतरस न ओसे कय्हो, “अरे प्रभु, तू किते जावा हैं?” यीसु न जवाब दियो, \p “जीते मी जाऊ हैं वहाँ तू अबा मोरो पीछु आ नी सकन को: पर एको बाद मोरो पीछु आएँगो।” \p \v 37 पतरस न ओसे कय्हो, “अरे प्रभु, आबा मी तोरो पीछु काहे नी आ सकन को? मी तो तोरो खातिर अपनी जान भी दे देऊगो।” \p \v 38 यीसु न जवाब दियो, “का तू मोरो खातिर अपनी जान देहे? मी तोसे सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि मुर्गा बाँग नी देन को जब लक तू तीन बार मोरो इनकार कर लेन को।” \c 14 \s परमेस्वर तक पहिचान को रस्ता \p \v 1 “तुमारो मन ख नराज मत करो; परमेस्वर पर भरोसा रखो अर मोरो ऊपर भी भरोसा रखो। \v 2 मोरो बाप को घर म ढ़ेर सारी रहन की जगह हैं, अदि नी होती ते मी तुम से कह देतो; काहेकि मी तुमरो लाने जगह तैयार करन जाऊ हैं। \v 3 अर अदि मी जा ख तुमरो लाने जगह तैयार करुँ, ते फिर आ ख तुमका अपनो यहाँ लेका जाऊँगो कि जीते मी रहू ओमा तुम भी रहो। \v 4 जीते मी जाऊ हैं तुम उते को रस्ता जाना हैं।” \p \v 5 थोमा न ओसे कय्हो, “अरे प्रभु, हम नी जाना की तू किते जावा हैं; ते रस्ता कसा जाने?” \v 6 यीसु न ओसे कही, “मार्ग अऊर सही अऊर जीवन मीइच ही आय; बिना मोरो दुवारा कोई परमेस्वर बाप को पास नी पहुँच सका। \v 7 अदि तुम न मोखा जानो होतो, ते मोरो बाप परमेस्वर का भी जानता; अर अब ओखा जाना हैं, अर ओखा देखो भी हैं।” \p \v 8 फिलिप्पुस न ओखा देखो, “अरे प्रभु, परमेस्वर बाप का हम का दिखा दा, यूइच हमरो लाने बेजा हैं।” \p \v 9 यीसु न ओसे कही, अरे फिलिप्पुस, मी इत्तो दिन से तुमरो संग म हैं, अर का तू मोखा नी जाना? जोना मोखा देखो हैं ओ ना परमेस्वर बाप ख देखो हैं। तू काहे बोला हैं कि परमेस्वर बाप ख हमका दिखा? \v 10 का तू भरोसा नी करा कि मी परमेस्वर बाप म हैं अर परमेस्वर बाप मोरो म हैं? या बात हुन जो मी तोसे कहू हैं, अपनी तरफ से नी कहत आय, पर परमेस्वर बाप मोरो म रह ख अपनो काम करा हैं। \v 11 मोरी या बात को भरोसा करो कि मी परमेस्वर बाप म हैं अर परमेस्वर बाप मोरो म हैं; नी ते वी काम हुन को ही वजेसे मोरो भरोसा करो। \v 12 मी तुम से सच्ची-सच्ची कहूँ हैं कि जे मोरो ऊपर भरोसा रखा हैं, यी काम जे मी करूँ हैं उ भी खुद करेगों, वरन ऐसे भी बड़ा काम करेगों, काहेकि मी परमेस्वर बाप को पास जाऊ हैं। \v 13 जे कुछ तुम मोरो नाम से माँगेगो, मी ओखा पुरो करुँगो कि जसो पोरिया को दुवारा परमेस्वर बाप की महिमा परघट होय। \v 14 अदि तुम मोसे मोरो नाम से कुछ माँगेगो, ते मी ओखा पुरो करुँगो। \s सुध्द आत्मा को वादा \p \v 15 “अदि तुम मोसे प्रेम करत होए, ते मोरा आग्या ख मानेगो। \v 16 मी परमेस्वर बाप से विनती करुँगो, अर उ तुमका एक अऊर मदत करन वालो देहेगो कि उ हमेसा तुमरो संग म रहे।” \v 17 ऐको मतलब सच को आत्मा, जेखा दुनिया नी अपना सका, काहेकि वी न ओखा देखा हैं अऊर न ओखा जाना हैं; तुम ओखा जाना हैं, काहेकि उ तुमरो संग म रहवा हैं, अर उ तुम म होयगो। \p \v 18 “मी तुम ख अनाथ नी छोड़न को; मी तुमरो पास आऊ हैं। \v 19 अऊर थोड़ी देर अऊर बच गई हैं कि फिर दुनिया मोखा नी देखन को, पर तुम मोखा देखेगो; एकोलाने कि मी जिन्दो हैं, तुम भी जिन्दा रहेगो। \v 20 उ दिन तुम समझेगो की मी अपनो बाप परमेस्वर म हैं, अर तुम मो म अर मी तुम म।” \p \v 21 “जेको पास मोरो आग्या हैं अर उ उनका माना हैं, उईच मोसे प्रेम करा हैं; अर जे मोसे प्रेम रखा हैं ओसे मोरो परमेस्वर बाप प्रेम रखेगो, अर मी ओसे प्रेम रखूगो अर अपनो तुम ख ओपर परघट करुँगो।” \p \v 22 उ यहूदा न जो इस्करियोती नी हतो, ओसे कही, “अरे प्रभु, का भयो कि तू अपनो तुम ख हम पा परघट करनु चाहवा हैं अर दुनिया पर नी?” \p \v 23 यीसु न ओखा जवाब दियो, “अदि कोई मोसे प्रेम रखेगो ते उ मोरो वचन ख मानेगो, अर मोरो बाप परमेस्वर ओसे प्रेम रखेगो, अर हम ओको पास आएँगो अर ओको संग रहेगो। \v 24 जे मोसे प्रेम नी रखा, उ मोरा वचन नी माना; अर जे वचन तुम सुनते रहवा हैं उ मोरो नी पर परमेस्वर बाप को हैं, जोना मोखा भेजो।” \p \v 25 “या बात मी न तुमरो संग म रहते बखत तुम से कही हैं \v 26 पर तुमारी मदत करन वालो एको मतलब सुध्द आत्मा जोका परमेस्वर बाप मोरो नाम से भेजेगो, उ तुमका सबरी बात हुन सिखाएगो अर जे कुछ मी न तुम से कय्हो हैं, उ सब तुमका याद दिलायगो।” \p \v 27 मी तुमका सान्ति देका जाऊ हैं, मोरी सान्ति तुमका देऊ हैं; जसी दुनिया देवा हैं, मी तुमका नी देऊ: तुमारो मन नाराज नी होय अर मत डरनू। \v 28 तुम न सुनो की मी न तुम से कय्हो, मी जाऊ हैं, अर तुमरो कने फिर आऊगो। अदि तुम मोसे प्रेम रखता, ते या बात से खुस होता कि मी परमेस्वर बाप को कने जाऊ हैं, काहेकि परमेस्वर बाप मोरो से बड़ो हैं। \v 29 अर मी न एको होनो से पहले तुम से कैय दियो हैं, कि जब उ हो जाऐ, ते तुम भरोसा करे। \v 30 मी अब तुमरो संग जादा बात हुन नी करन को, काहेकि या दुनिया को मुखिया आवा हैं। मोरो ऊपर ओको कुछ हक नी हाय; \v 31 पर यु एकोलाने होवा हैं कि दुनिया जाने कि मी परमेस्वर बाप से प्रेम करुँ हैं, अर जसो परमेस्वर बाप न मोखा हुकुम दियो हैं मी वसो ही करुँ हैं। उठो, येमा से चले। \c 15 \s यीसु सबसे अच्छी झाड़ की डगियान \p \v 1 “मी सच्ची की फर फरन वाली डगियान आय, अर मोरो बाप किरसान आय। \v 2 जो डगियान मोरो म हैं अर फर नी फरा, ओखा उ काट देवा हैं; अर जेमा फर लगा हैं ओखा उ छाँटा हैं काहेकि अऊर फरे। \v 3 तुम तो उ वचन को वजेसे जे मी न तुम से कय्हो हैं, सुध्द हैं। \v 4 तुम मोरो म बनिया रहनु, अर मी तुम म। जसी डगियान अदि झाड़ की डगियान म लगी नी रहन की ते अपनो तुम म नी फर सका, वसो ही तुम भी अदि मोरो म बनिया नी रहन का ते नी फल फर सका।” \p \v 5 मी सही फर फरन वाली डगियान आय: अर तुम ओकी ड़ाली हुन आय। जो मोरो संग म बनिया रहवा हैं अर मी ओमा, उ ढ़ेर सारो फर फरा हैं, काहेकि मोसे अलग होका तुम कुछ भी नी कर सका। \v 6 अदि कोई मोरो म बनीयो नी रहन को, ते उ डगियान को जसो फेक दियो जावा, अर सुख जावा हैं; अर इंसान उनका बीन ख आग म डाल देवा हैं, अर वी पानी जावा हैं। \v 7 अदि तुम मोरो म बनिया रहे अर मोरो वचन तुम म बनो रहे, ते जे भी कुछ माँगे अर उ तुमारो लाने हो जाएगो। \v 8 मोरो परमेस्वर बाप की बड़ाई ऐसे होवा हैं की तुम ढ़ेर सारो फल लाव, तब जा ख तुम मोरा चेला ठहरे। \v 9 जसो परमेस्वर बाप न मोसे प्रेम रखो, वसो ही मी न तुम से प्रेम रखो; मोरो प्रेम म बनिया रव। \v 10 अदि तुम मोरो आग्या हुन का मानेगो, ते मोरो प्रेम म बनिया रहेगो जसो की मी न अपनो बाप को आग्या हुन का मानो हैं, अर ओको प्रेम म बनीयो रहू हैं। \p \v 11 मी न या बात तुम से एकोलाने नी बोलो हैं, कि मोरी खुसी तुम म बनी रहे, अर तुमारी खुसी पुरी हो जाहे। \v 12 मोरो आग्या यू हैं, कि जसो मी न तुम से प्रेम रखो, वसो ही तुम भी एक दुसरा से प्रेम रखनू। \v 13 ऐसे बड़ो प्रेम कोई को नी हाय कि कोई अपना दोस्त को लाने अपनी जान दे। \v 14 जो हुकुम मी तुमका देऊ हैं, अदि तुम ओखा माने ते तुम मोरा दोस्त आय। \v 15 आज से मी तुमका दास नी कहन को, काहेकि दास नी जाना कि ओको स्वामी या प्रभु का करा हैं; पर मी न तुमका दोस्त कय्हो हैं, काहेकि मी न जो बात हुन अपनो बाप से सुनी, वी सब तुमका बता दियो। \v 16 तुम न मोखा नी चुनियो पर मी न तुमका चुनो हैं अर तुमका ठहरायो कि तुम जाका फल लाव अर तुमरो फल बनो रहे, कि तुम मोरो नाम से जे कुछ परमेस्वर बाप से माँगे, उ तुमका दे। \v 17 या बात को हुकुम मी तुमका एकोलाने देऊ हैं कि तुम एक दुसरा से प्रेम रखे। \s संसार को बैर \p \v 18 “अदि दुनिया तुम से बैर रखा हैं, ते तुम जाना हैं कि ओ ना तुम से पहले मोसे बैर रखो। \v 19 अदि तुम दुनिया का होता, ते दुनिया तुम ख अपनो समझ ख प्रेम करतो; पर तुम दुनिया का नी हाय, पर मी न तुमका दुनिया म से चुनियो लियो हैं, एको लाने दुनिया तुम से बैर रखा हैं। \v 20 जो बात मी न तुम से कही रह, ‘दास अपनो प्रभु से बड़ो नी होवा,’ ओखा याद रखनू। अदि उन ना मोखा सतायो, ते तुमका भी सताएँगो; अदि उन न मोरी बात मानी, ते तुम्हारी भी मानेगो। \v 21 पर यू सब कुछ वी मोरो नाम को लाने तुमारो संग करेगों, काहेकि वी मोखा भेजन वालो का नी जाना।” \v 22 अदि मी नी आतो अर उनसे बात हुन नी करतो, ते वी पापी नी ठहरता; पर अब तो उन न उनको पाप को लाने कोई बहाना नी। \v 23 जो मोरो से बैर रखा हैं, उ मोरो बाप से भी बैर रखा हैं। \v 24 अदि मी उनमा वी काम नी करतो जो अऊर कोई न नी करो, ते वी पापी नी ठहरता; पर अब तो उन न मोखा अर मोरो बाप परमेस्वर दोई का देखो अर दोई से बैर करो। \v 25 यू एकोलाने भयो कि उ वचन पूरो होय, जे उनको नेम को किताब म लिखो हैं, उन न मोसे फालतु म बैर करो। \p \v 26 पर जब उ मदत करन वालो आएँगो, जेखा मी तुमरो पास परमेस्वर बाप कि तरफ से भेजूगो, एकोमतलब सच्चई को आत्मा परमेस्वर बाप कि तरफ से निकला हैं, ते उ मोरी गवाई देहेगो; \v 27 अर तुम भी मोरा गवाह हैं काहेकि तुम सुरू से मोरो संग रया हैं। \c 16 \p \v 1 या बात हुन मी न तुम से एकोलाने कही, कि तुम ठोकर नी खान का। \v 2 वी तुमका प्रार्थना करन को मन्दिर म से निकाल देगो, इत्तोइच नी पर उ बखत आवा हैं, कि जे कोई तुमका मार ड़ालेगो उ समझेगो कि मी परमेस्वर कि सेवा करुँ हैं। \v 3 असो वी एकोलाने करेगों कि उनना न तो परमेस्वर बाप ख जानो हैं अर न मोखा जाना हैं। \v 4 पर या बात मी न एकोलाने तुम से कही, कि जब इनको बखत आहे ते तुमका याद आ जाहे कि मी न तुम से इनको बारे पहले ही कह दियो रह। \s सुध्द आत्मा को काम \p मी न सुरू म तुम से या बात हुन एकोलाने नी कही काहेकि मी तुमरो संग हतो। \v 5 पर अब मी मोखा भेजन वालो को जोने जाऊ हैं; अर तुम म से कोई मोसे यू नी पूछा, कि तू किते जावा हैं? \v 6 पर मी न जो या बात हुन तुम से कही हैं, एकोलाने तुमरो मन दुख से भर गयो हैं। \v 7 तेभी मी तुम से सच्ची कहूँ हैं कि मोरो जानो तुमारो लाने उचीत हैं, काहेकि अदि मी नी जाऊ ते उ मदत करन वालो तुमरो जोने नी आन को; पर अदि मी जाऊँगो, ते ओखा तुमरो जोने भेजूगो। \v 8 जब उ आएँगो, ते आका दुनिया ख पाप अर धार्मिकता अर न्याय को बारे म संसार ख निरुत्तर करेगों। \v 9 पाप को बारे म एकोलाने कि वी मोरो पर भरोसा नी करा; \v 10 अर धार्मिकता को बारे म एकोलाने कि मी परमेस्वर बाप को जोने जाऊ हैं, अर तुम मोखा फिर नी देखन का; \v 11 न्याय को बारे म एकोलाने कि दुनिया को मुखिया अरोपी ठहरायो गयो हैं। \p \v 12 “मोखा तुम से अऊर भी ढ़ेर सारी बात कहनु हैं, पर अबा तुम उनका नी सैय सका। \v 13 पर जब उ एकोमतलब सत्य को आत्मा आएँगो, ते तुमका सब सत को रस्ता बतायगो, काहेकि उ अपनी तरफ से नी कहन को पर जे कुछ सुनेगो उईच कहेगो, अर आन वाली बात हुन तुमका बताएगो। \v 14 उ मोरी बड़ाई करेगों, काहेकि उ मोरी बात म से लेका तुमका बताएगो। \v 15 जे कुछ परमेस्वर बाप को हैं, उ सब मोरो हैं; एकोलाने मी न कय्हो कि उ मोरी बात हुन म से लेका तुमका बताएगो। \s दुख सुख म बदल जाएगो \p \v 16 “थोड़ी देर म तुम मोखा नी देखन ख, अर फिर थोड़ी देर म मोखा देखेगो।” \p \v 17 तब ओखा कुछ चेला हुन न एक दुसरा से बोल्या, “यू का हैं जे उ हम से बोला हैं, ‘थोड़ी देर म तुम मोखा नी देखन का, अर फिर थोड़ी देर म मोखा देखेगो?’ अर यू एकोलाने कि मी परमेस्वर बाप को जोने जाऊ हैं?” \v 18 तब उनना कय्हो, “यू ‘थोड़ी देर’ जाऊ बोला हैं, का बात आय? हम नी जाना कि उ का बोला हैं।” \p \v 19 यीसु न यू जानका कि वी मोसे पूछनो चाहवा हैं, उनसे कय्हो, “का तुम एक दुसरा म मोरी या बात को बारे म पूछा पिछु करा हैं, ‘थोड़ी देर म तुम मोखा नी देखन का, अर फिर थोड़ी देर म मोखा देखेगो’?” \v 20 मी तुम से सच्ची सच्ची कहूँ हैं कि तुम रोएगो अर पछताएगो, पर दुनिया खुसी मनाएगो; तुम ख चिन्ता होएगो, पर तुमरो दुख खुसी म बदल जाएगो। \v 21 बालबच्चा पैदा होन की घड़ी ओरत का दुख होवा हैं, काहेकि ओकी दुख की घड़ी आ जावा हैं, पर जब वा अवलाद का जनम दे देवा हैं, ते या खुसी से कि दुनिया म एक अवलाद पैदा भयो हैं, उ दुख का फिर याद नी करा। \v 22 वसो ही तरीका से तुम सब अबा दुख म हैं, पर मी तुम ख फिर से देखुगो अर तुमरो मन खूसी से भर जाएगो; अर तुमरी खुसी कोई तुम से छीन नी सकन को। \p \v 23 उ दिन तुम मोसे कुछ नी पूछेगो। मी तुम से सच्ची सच्ची कहूँ हैं, अदि परमेस्वर बाप से कुछ मागे, ते उ मोरो नाम से तुमका देहेगो। \v 24 अबा तक तुम न मोरो नाम से कुछ नी माँगियो हैं; माँगो, ते पायगो ताकि तुम्हारी खुसी पुरी हो जाए। \s दुनिया पा जीत \p \v 25 “मी न या बात तुम से उदाहरन म कही हैं, पर उ बखत आवा हैं कि मी तुम से फिर उदाहरन म नी कहन को, पर खोलका तुमका परमेस्वर बाप को बारे म बताऊँगो। \v 26 उ दिन तुम मोरो नाम से माँगेगो; अर मी तुम से असो नी कहत आय कि मी तुम्हारो लाने परमेस्वर बाप से विनती करुँगो; \v 27 काहेकि परमेस्वर तो अपनो तुम ही तुम से प्रेम रखा हैं, एकोलाने कि तुम न मोसे रखो हैं अर यू भी भरोसा करो हैं कि मी परमेस्वर बाप की तरफ से आयो। \v 28 मी परमेस्वर बाप कि ओर से दुनिया म आयो हैं; मी फिर दुनिया का छोडका परमेस्वर बाप को जोने जाऊ हैं।” \p \v 29 ओखा चेला हुन न कय्हो, “देख, अब तो तू खोल ख बोला हैं, अर कोई उदाहरन नी बोला। \v 30 अब हम जान गया हैं कि तू सब कुछ जाना हैं, अर ऐकी जरूरत नी कि कोई तो से कुछ पूछे; येसे हम भरोसा करा हैं कि तू परमेस्वर कि तरफ से आयो हैं।” \p \v 31 असो सुन ख यीसु न उनसे कय्हो, “का तुम अब भरोसा करा हैं? \v 32 देखो उ बखत आवा हैं वरन आ पहुँचयो हैं कि तुम सब तीतीर-बितर हो ख अपनो-अपनो रस्ता लेहे, अर मोखा अकेलो छोड़ देहे; तेभी मी अकेलो नी काहेकि परमेस्वर बाप मोरो संग म हैं। \v 33 मी न या बात हुन तुम से एकोलाने कही हैं कि तुमका मोरो म सान्ति मिले। दुनिया म तुमका दुख होवा हैं, पर हिम्मत बाँधी, मी न दुनिया ख जीत लियो हैं।” \c 17 \s यीसु कि महायाजकीय प्रार्थना खुद को लाने \p \v 1 यीसु न या बात कही अर अपनी आँखी बददल या स्वर्ग कि तरफ उठा ख कय्हो, “बाप, वा घड़ी आ गई हैं; अपनो पोरिया कि महिमा कर कि पोरिया भी तोरी महेमा करे।” \v 2 काहेकि तुना ओखा सबरा इंसान हुन पर हक दियो हैं, कि जिनका तुना ओखा दियो हैं वी सबका उ अनन्त काल को जीवन देहे। \v 3 अर अनन्त काल को जीवन यू हैं कि वी तू अकेलो मातर सच्चो परमेस्वर ख अर प्रभु यीसु मसी ख, जेका तुना भेजो हैं, जाने। \v 4 जे काम तुना मोखा करन का दियो रह, ओखा पुरो कर ख मीना दुनिया म तोरी महिमा करी हैं। \v 5 अब तु, बाप, अपनो संग म मोरी महिमा वा महिमा से कर जे दुनिया बनानो से पहले, मोरी तोरो संग म हती। \s अपना चेला हुन को लाने \p \v 6 “मीना तोरो नाम वी इंसान हुन पर परघट करयो हैं जिनका तूना दुनिया म से मोखा दियो। वी तोरा हता अर तुना उनका मोखा दियो, अर विन्ना तोरो वचन ख मान लियो हैं। \v 7 अब वी समझ गया हैं कि जे कुछ तुना मोखा दियो हैं उ सब तोरी तरफ से हैं; \v 8 काहेकि जे वचन तुना मोखा दियो, मीना उनका पहुँचा दियो; अर उनना उनका अपना लियो, अर सच्ची-सच्ची जान लियो हैं कि मी तोरी तरफ से आयो हैं, अर भरोसा कर लियो हैं कि तू न ही मोखा सच्ची म भेज्यो हैं।” \p \v 9 मी उनको लाने भी बिनती करूँ हैं; दुनिया को लाने विनती नी करूँ पर उनको ही लाने जिनका तू न मोखा दियो हैं काहेकि वी तोरा हैं; \v 10 अर जो कुछ मोरो हैं उ सब तोरो हैं, अर जे तोरो हैं उ मोरो हैं, अर ऐसे मोरी महिमा परगट भई हैं। \v 11 मी अब दुनिया म नी रहन को, पर यी दुनिया म रहेगो, अर मी तोरो कने आऊ हैं। अरे सुध्द बाप, अपनो उ नाम से जे तू न मोखा दियो हैं, उनकी देख भाल कर कि जसा अपुन एक हैं वी अपनो समान एक रहे। \v 12 जब लक मी उनको संग म रयो, ते मीना तोरो उ नाम से, जे तुना मोखा दियो हैं मीना उनकी देख भाल करी की, नास करन वालो को पोरिया ख छोड़ उनमा से कोई नास नी भया, एकोलाने कि सुध्द सास्र म जे कय्हो गयो उ पूरो होय। \v 13 अब मी तोरो कने आऊ हैं, अर यी बात हुन दुनिया म कहूँ हैं, कि वी मोरी खुसी अपनो म पुरी पायो। \v 14 मीना तोरो वचन उनका सुना दियो हैं; अर दुनिया न उनसे बैर करियो, काहेकि जसो मी दुनिया को नी, वसा ही वी भी दुनिया का नी हाय। \v 15 मी असी विनती नी करूँ कि तू उन ख दुनिया म से उठा ला; पर या कि तू उनका बुराई से बचा ख रख। \v 16 जसो मी दुनिया को नी हाँय, वसा ही वी भी दुनिया ख नी हाँय। \v 17 तू सत्य को दुवारा उनका सुध्द कर: तोरो बचन सत्य हैं। \v 18 जसो तू न मोखा दुनिया म भेजो, वसो ही मी न भी उनका दुनिया म भेज्यो; \v 19 अर उनको लाने मी अपनो तुम ख सोउप देऊ हैं, ताकि वी भी सही को दुवारा सोउप दिया जाय। \s सब भरोसा करन वाला को लाने \p \v 20 मी सिर्फ इनको लाने विनती नी करुँ, पर उनको लाने भी जे इनको वचन को वजेसे मोरो ऊपर भरोसा करे।, \v 21 कि वी सब एक होय; जसो तू बाप मोरो म हैं, अर मी तोरो म हैं, वसा ही वी भी हम म एक होय, जे से पुरी दुनिया भरोसा करे कि तुना ही मोखा भेजो हैं। \v 22 वा महिमा जे तूना मोखा दी मी न भी उनका दे दी हैं, कि वी वसा ही एक होय जसा कि अपुन एक हैं, \v 23 मी उन म अर तू मोरो म जसो कि वी पुरो तरीका से नेक बन ख एक हो जाय, अर दुनिया यू जान लेहे कि तुना ही मोखा भेज्यो हैं, अर जसो तरीका से तुना मोसे प्रेम रखियो हैं, उसी ही तरीका से ओ ना भी प्रेम रखियो। \p \v 24 परमेस्वर बाप! मी चाहूँ हैं कि जिनका तुना मोखा दियो हैं, वी जीते मी हैं मोरो संग रहे, जसो वी मोरी वा महेमा का देखे जे तुना मोखा दी हैं, काहेकि तूना दुनिया बनानो से पहले मोसे प्रेम रखो हैं। \v 25 “अरे धर्मी परमेस्वर बाप, दुनिया न मोखा नी जानो, पर मी न तोखा जानयो; अर वी जान गया कि तुना मोखा भेज्यो हैं। \v 26 मीना उनका तोरो नाम बतायो हैं अऊर बताते रहूंगो, जसो तुना जो प्रेम मोखा दियो, उ प्रेम उनमा बनो रहे अऊर मी भी ओमन बनो रहू।” \c 18 \s यीसु को पकड़वायो जानु \r (मत्ती 26:47-56; मरकुस 14:43-50; लूका 22:47-53) \p \v 1 यीसु या बात बोल ख अपना चेला को संग किद्रोन नाला को पार गयो। वहाँ एक बगीचा हतो, जेमा उ अर ओखा चेला गया। \v 2 ओखा पकड़वान वालो यहूदा भी वा जगा जानत रह, काहेकि यीसु अपना चेला हुन को संग वहाँ जाते रहत रह। \v 3 तब यहूदा, सिपाई हुन को एक दल का अर मेन पुजारी हुन अर फरीसी हुन की तरफ से पैदल चलन वाला ख लेका दिया वालो टेमा अर धुंधरी हुन अर हथियार लट्ठा ख लेखा वहाँ आया। \v 4 तब यीसु वी सब बात ख जे ओपर आन वाली हती जान ख, निकलो अर उनसे कय्हो, “कोखा ढूँढ़ा हैं?” \p \v 5 उनना ओखा जवाब दियो, “यीसु नासरी ख”। यीसु न उनसे कय्हो, “मी आय।” ओखा पकड़वान वालो यहूदा भी उनको संग म खड़ो हतो। \v 6 जब यीसु न उनसे बोल्यो, ओको यू बोलते ही, “मी आय,” वी पीछु हट ख जमीन पा गीर पड़या। \v 7 तब यीसु न फिर उनसे पुछो, “तुम कोखा ढूँढ़ा हैं।” वी बोल्या, “यीसु नासरी ख।” \p \v 8 येपर यीसु न जुवाब दियो, “मीना तो तुम से कैय दियो हैं कि मी उइच आय, अदि तुम मोखा ढूँढ़ा हैं, ते इनका जान देव।” \v 9 यू एकोलाने भयो कि यीसु की कही बात पूरो हो जाय: “जिनका तुना मोखा सोपियो, उनमा से मीना एक का भी नास नी होन दियो।” \p \v 10 तब समोन पतरस को जोने एक तलवार हती, ओ ना तरवाल खीची अर बड़ो पुजारी को नउकर पर घूमा ख ओको जेवनो वालो कान काट ड़ाल्यो। उ सेवक को नाम मलखुस हतो। \v 11 तब यीसु न पतरस से कय्हो, “अपनी तलवार म्यान म धर ला। जे कटोरा परमेस्वर बाप न मोखा दियो हैं, का मी ओखा नी पीऊ?” \s हन्ना को सामे यीसु \p \v 12 तब सिपाई हुन अर उनका सरदार अर यहूदी हुन ख पैदल चलन वाला न यीसु का पकड़ ख बाँध लियो।, \v 13 अर वी पहले ओखा पकड़ ख हन्ना को जोने ले गया, काहेकि हन्ना उ साल को मेन पुजारी काइफा को ससुर हतो। \v 14 यू उई काइफा हतो, जेना यहूदी नेता हुन ख सलाह दियो थो कि सब इंसान हुन को लाने एक इंसान को मरनू अच्छो हैं। \s पतरस को इंनकार \r (मत्ती 26:69,70; मरकुस 14:66-68; लूका 22:55-57) \p \v 15 समोन पतरस अर एक दुसरो चेला भी यीसु को पिछु-पिछु चल दियो। यू चेला मेन पुजारी को जानो पहिचानो हतो, एकोलाने उ यीसु को संग मेन पुजारी को आँगन म घुस गयो।, \v 16 पर पतरस बाहर दरवाजा पर ही खड़ो रैय गयो। तब उ दुसरो चेला जो बड़ो पुजारी को जानो पहिचानो हतो, बाहर निकलो अर दुवार पालिन से बोल ख पतरस ख भीतर ले आयो। \v 17 ऐपर वा दासी न जे दुवार पालिन हती, पतरस से कही, “कही तू भी यू इंसान को चेला म से तो नी आय?” पतरस न कही, “नी, मी नी आय।” \v 18 नउकर अर पैदल चलन वाला सिपाई ठण्डी को कारन आँगी जला ख खड़ा हो ख आँग तापत रह, अर पतरस भी उनको संग खड़ो हो ख आँग तापत रह हतो \s महायाजक को यीसु से पुछनो \r (मत्ती 26:59-66; मरकुस 14:55-64; लूका 22:66-71) \p \v 19 तब मेन पुजारी न यीसु से ओखा चेला को बारे म अर ओको ग्यान को बारे म पुछियो। \v 20 यीसु न ओखा जवाब दियो, “मीना हमेसा दुनिया म इंसान हुन से खुल का बात करी हैं। हमेसा मीना प्रार्थना घर अर मन्दिर म, जेमा सब यहूदी हुन एक जुट होत रह, ग्यान सिखायो हैं मीना कई भी लूका ख कुछ नी बोल्यो हैं। \v 21 फिर तू मोसे काहे पूछा हैं? मीना का बोल्यो हैं उनसे पूछ जिनको जोने मीना कही हैं। मीना का कही, हकीगत वी जाना हैं।” \p \v 22 जब ओ ना असो कही, ते मन्दिर को एक पैरा देन वालो सिपाई न, जो वही खड़ो थो, यीसु का एक चाटा मारयो अऊर बोल्यो, “तुना महा याजक का असो बोलन कि हिम्मत कसो करी?” \p \v 23 यीसु न ओखा जवाब दियो, “अदि मी न कुछ बुरो कही हैं, ते वा बुराई को बारे म गवाई दे अऊर बता कि ओमा बुराई का है, पर अदि मीना भलो कही हैं, ते तू मोखा काहे मारा हैं?” \p \v 24 फिर हन्ना न ओखा बंधियो-बाँधियो ही काइफा महा याजक कैफा को जोने भेज दियो। \s पतरस को फिर से इंकार \r (मत्ती 26:71-75; मरकुस 14:69-72; लूका 22:58-62) \p \v 25 जब समोन पतरस खड़ो हो ख आँग तापत रह। ते ओसे पुछो गयो, “कही तू भी ओको चेला म से तो एक नी आय?” ओ ना इंकार कर ख कही, “नी मी नी आय।” \v 26 बड़ो पुजारी को दास हुन म से एक, जो ओको कुटुम्ब म से हतो जेको कान पतरस न काट ड़ाल्यो रह, बोलो, “का मीना तोखा ओको संग बगीचा म नी देखो रह?” \v 27 ऐपर पतरस न एक बार फिर इंकार कर दियो, अर तुरत मुर्गा न बाँस दियो। \s पिलातुस को जोने यीसु \r (मत्ती 27:1,2,11-14; मरकुस 15:1-5; लूका 23:1-5) \p \v 28 तब वी यीसु का काइफा को घर से रोमी किला म ले गया, सुबेरो को बखत हतो।, यहूदी हुन किला म नी जानो चाहत रहा की कई असुध्द नी हो जाय अऊर फसह को खाना नी खवा जाय। \v 29 तब पिलातुस उनको जोने बाहर निकल आयो अर बोल्यो, “तुम यू अदमी पर कोन सी बात को आरोप लगावा हैं?” \p \v 30 उनना ओखा जवाब दियो, “अदि यू बुरो काम करन वालो नी होतो ते हम ऐका तोखा नी सोउपता।” \p \v 31 येपर पिलातुस न उनसे कही, “ऐका तुम लेका जाव अर अपनो नेम को अनुसार ओको न्याय करो।” यहूदी हुन न ओसे कय्हो, “हमका हक नी हाय कि कोई कि जान लेहे।” \p \v 32 यू एकोलाने भयो कि यीसु कि वा बात पूरो होय जे ओ ना या बात करती बखत कही रह कि ओकी माऊत कसी होए। \p \v 33 तब पिलातुस फिर किला को भीतर गयो, अर यीसु ख बुला ख ओसे पुछियो, “का तू यहूदी हुन को राजा आय?” \p \v 34 यीसु न जवाब दियो, “का तू या बात खुद की तरफ से बोला हैं या दुसरा न मोरो बारे म तोसे यू कहन का कही हैं?” \p \v 35 पिलातुस न जवाब दियो, “का तू सोचा हैं कि मी यहूदी आय? तोरी ही जात अर सब बड़ा पुजारी हुन न तोखा मोरो हात सोपियो हैं। तुना का करयो हैं?” \p \v 36 यीसु न जवाब दियो, “मोरो राज यू संसार को नी; अदि मोरो राज्य यू संसार को होतो, ते मोरी सेवक मोखा यहूदी हुन को हवाले सोपियो जानो से बचान को लाने लड़ई करता पर हकीगत म मोरो राज्य यहाँ को नी।” \p \v 37 येपर पिलातुस न ओसे कही, “ते का तू राजा आय?” यीसु न जवाब दियो, “तू बोला हैं कि मी राजा आय। मी न एकोलाने जनम लियो हैं अर एकोलाने ही मी दुनिया म आयो हैं कि सत्य कि गवाई देऊ। जे कोई सत को हैं, उ मोरो वचन सुना हैं।” \p \v 38 पिलातुस न ओसे कही, “सत्य का हैं?” \s माऊत देन को आदेस \r (मत्ती 27:15-31; मरकुस 15:6-20; लूका 23:13-25) \p असो बोल ख उ फिर यहूदी हुन को पास निकल गयो अर उनसे कय्हो, “मी तो ओमा कोई खोट नी पात आय। \v 39 पर तुम्हारी या रीति हैं कि मी फसह म तुमरो लाने एक इंसान ख छोड़ देऊ। अत: का तुम चाहवा हैं कि मी तुमरो लाने यहूदी हुन को राजा ख छोड़ देऊ?” \p \v 40 तब उन न फिर चिल्लाया ख कय्हो, “एका नी, पर हमरो लाने बरअब्बा ख छोड़ दा।” अर बरअब्बा ड़ाकू हतो। \c 19 \p \v 1 येपर पिलातुस न यीसु ख पकड ख कोड़ा लगवायो। \v 2 सिपाही हुन न काटा कि डगियान ख मोड़ ख ओको मुकुट गुँथ ख ओकी मुण्ड पा धरयो, अर ओखा बैजनी रंग को कपड़ा पहिनायो, \v 3 फिर वी उनको जोने आका कहन लग गया, “अरे यहूदी हुन को राजा, प्राणाम!” अर उनना यीसु ख चाटा मारियो। \p \v 4 तब पिलातुस फिर राज भवन को बाहर निकल ख अदमी हुन ख कय्हो, “देखो, मी ओखा तुमरो पास फिर बाहर लाऊ हैं; ताकि तुम जाने कि मी ओमा कुछ भी दोस नी पायो।” \v 5 तब यीसु ख काटा को मुकुट अर बैजनी रंग को कपड़ा पहिना ख बाहर निकलो; अर पिलातुस न उनसे कय्हो, “देखो, यु इंसान!” \p \v 6 जब मेन पुजारी हुन अर सिपाई न ओखा देखो, ते चिल्लाया ख कय्हो, “ओखा सूली पर चढ़ा, सुली पर!” पिलातुस न उनसे कय्हो, “तुम ही ओखा लेका क्रूस पर चढ़ावा, काहेकि मी ओमा कोई दोस नी पात आय।” \p \v 7 यहूदी हुन न ओखा जवाब दियो, “हमारो भी नेम हैं अर उ नेम को अनुसार उ जरूर मार दियो जान को लायक हैं, काहेकि ओ ना खुद ख परमेस्वर को पोरिया बनायो।” \p \v 8 जब पिलातुस न या बात सुनी ते अऊर भी डर गयो, \v 9 अर फिर किला को भीतर गयो अर यीसु से कय्हो, “तू कहाँ को आय?” पर यीसु न ओखा कुछ भी जवाब नी दियो। \v 10 ये पर पिलातुस न ओसे कय्हो, “मोसे काहे नी बोला? का तू नी जाना कि तोखा छोड़ देन को हक मोखा हैं, अर तोखा सूली पर चढ़ान को भी मोखा हक हैं।” \p \v 11 यीसु न जवाब दियो, “अदि तोखा ऊपर से नी दियो जातो, ते तोरो मोपर कुछ अधिकार या हक नी होतो; एकोलाने जोना मोखा तोरो हात पकड़वायो हैं ओखा पाप ज्यादा हैं।” \p \v 12 ऐपर पिलातुस न ओखा छोड़ देनो चाही, पर यहूदी हुन न चिल्ला-चिल्ला ख कही, “अदि तू ऐका छोड़ देहेगो, ते तोरी कैसर राजा को संग तोरी दोस्ती नी। जे कोई खुद ख राजा बनावा हैं उ कैसर को सामना करेगों।” \p \v 13 असी बात ख सुन कर पिलातुस यीसु ख बाहर लायो अर वा जगह एक चबूतरा हतो जो इब्रानी म गब्बता कहलावा हैं, अर उ न्याय आसन पर बैठो। \v 14 यू फसह की तैयारी को दिन हतो, अर छटवा घण्टा को लग भग हतो तब ओ ना यहूदी हुन से कही, “देखो तुमारो राजा!” \p \v 15 पर वी चिल्लाया, “लेका जा! लेका जा! ओखा सुली पर चढ़ा!” पिलातुस न उनसे कही, “का मी तुमरो राजा ख सूली पर चढ़ाऊ?” मेन पुजारी हुन न जवाब दियो, “कैसर ख छोड़ हमरो अर कोई राजा नी।” \p \v 16 तब ओ ना ओखा उनको हात सोउप दियो ताकि यीसु सूली पर चढ़ायो जाए। \s सूली पर चढ़ायो जानु \r (मत्ती 27:32-44; मरकुस 15:21-32; लूका 23:26-43) \p \v 17 तब वी यीसु ख ले गया, अर यीसु अपनो सूली उठा ख वा जगा तक बहार गयो, जे खोपड़ी की जगा कहलावा हैं अर इब्रानी म गुलगुता कहलाय हैं। \v 18 उते उनना यीसु का अर ओको संग अर दो इंसान हुन का सूली पर चढ़ायो, एक का इतेबाजु अर एक का उतेबाजु, अर बीच म यीसु ख। \v 19 पिलातुस न एक दोस वाली चिठ्टी भी लिख ख सूली पर लगवा दियो, अर ओमा यू लिखियो हतो, “यीसु नासरी, यहूदी हुन को राजा आय।” \v 20 या दोस वाली चिठ्टी डेर सारा यहूदी हुन न पढ़ियो, काहेकि उ स्थान जहाँ यीसु सूली पर चढ़ायो गयो हतो नगर को पास हतो; अर चिट्ठी इब्रानी अर लतीनी अर यूनानी म लिखी हती रह। \v 21 तब यहूदी हुन को मेन पुजारी न पिलातुस से कही, “यहूदी हुन को राजा मत लिखा पर यू कि ‘ओ ना कय्हो, मी यहूदी हुन को राजा हैं’।” \p \v 22 पिलातुस न जवाब दियो, “मी न जो लिख दियो, उ लिख दियो।” \p \v 23 जब सैनिक यीसु ख सूली पर चढ़ा चुक्या, ते ओखा कपड़ा लेका चार भाग करया, हर सैनिक को लाने एक भाग, अर कुरता भी लियो, पर कुरता बीन सीअन ऊपर से नीचु तक बुनो हुयो हतो। \v 24 एकोलाने उन न आपस म कही, हम ऐका नी फाड़ा, पर ऐपर चिट्ठी ड़ाले कि यू कोन को होए। यू एकोलाने भयो कि सुध्द सास्र म जो कय्हो गयो उ पूरो होय “उनना मोरा कपड़ा आपस म बाँट लियो अर मोरो कपड़ा पर चिठ्टी डाली।” एकोलाने उनना आपस म कही, \q1 “हम ऐका नी फाड़ा, पर ऐपर चिट्ठी ड़ाले कि यू कोन को होऐ।” यू एकोलाने भयो कि सुध्दसास्र म जो कय्हो गयो उ पुरो होय। \q2 “उन ना मोरा कपड़ा आपस म बाँट लियो अर मोरो कपड़ा पर चिठ्टी डाली।” \p \v 25 अत: सैनिक हुन न असो ही करो। यीसु को सूली को पास ओकी माय, अर ओकी माय कि बहिन क्लोपास की घरवाली मरियम, अर मरियम मगदलीनी खड़ी हती। \v 26 जब यीसु न अपनी माय, अर उ चेला ख जे से उ प्रेम रखत रह हतो पास म खड़ो देख्यो ते अपनी माय से कही, “ओ बाई, देख यू तोरो पोरिया आय।” \p \v 27 तब ओ ना चेला से कय्हो, “या तोरी माय आय।” अर उत्ती बखत से उ चेला ओखा अपनो घर ले गयो। \s यीसु की माऊत \r (मत्ती 27:45-56; मरकुस 15:33-41; लूका 23:44-49) \p \v 28 एकोबाद यीसु न यू जान ख कि अब सब कुछ पुरो हो चुक्यो, एकोलाने कि सुध्द सास्र म जो कय्हो गयो हैं उ पुरो होय, कय्हो, “मोखा प्यास लगी हैं।” \p \v 29 वहाँ सिरका से भरयो एक बरतन रख्यो हतो, तब उनना सिरका म भिगयो हुयो स्पंज ख चाटला म रख ख ओको मुंडो से लगायो। \v 30 जब यीसु न उ सिरका लियो, ते कही, “पुरो भयो” अर मुण्डी नीचु कर ख जान छोड़ दियो। \s बर्छी से छेदो जानो \p \v 31 एकोलाने कि उ तैयारी को दिन हतो, यहूदी हुन न पिलातुस से पूछो की उनकी टाँग तोड़ दीयो जाय अर वी उतारा जाय, ताकि आराम को दिन उनको सरीर सूली पर नी रहनो चाहिये, काहेकि उ हफ्ता को दिन बड़ो दिन हतो। \v 32 अत: सैनिक हुन न आ ख वी अदमी म से पहिलो कि टाँग हुन तोड़ी फिर दुसरो की भी टोड़ दी, जे यीसु को संग सुली पर चढायो गया हता; \v 33 पर जब उनना यीसु को जोने आ ख देख्यो कि उ मर चुकियो हैं, ते उनना ओकी टाँग नी तोड़ी। \v 34 पर सैनिक हुन म से एक न ओकी पसली म बल्लम से मारियो अर ओमन से तुरत खून अर पानी बहिन लग गयो। \v 35 जोना यू देखो, ओ ना येकी गवाई दी हैं, अर ओकी गवाई सच्ची हैं; अर उ जाना हैं कि उ सच्ची बोला हैं कि तुम भी भरोसा करो। \v 36 या बात हुन एकोलाने भई कि सुध्द सास्र म जो कय्हो गयो वचन हैं उ पूरो हो जाय, “ओकी एक भी हड्डी टोड़ी नी जान की।” \v 37 फिर एक अऊर जगह पर सुध्द सास्र म यू लिखो हैं, “जोका उन ना भेदो हैं, ओखा वी देखेगो।” \s यीसु को गाड़ दियो जानु \r (मत्ती 27:57-61; मरकुस 15:42-47; लूका 23:50-56) \p \v 38 असी बात हुन को बाद अरिमतिया गाँव को यूसुफ न जो यीसु को चेला हतो रह, पर यहूदी हुन को डर से यीसु को अंदरोनी चेला हतो, पिलातुस से यीसु को सरीर ख उतार लेन कि विनती करी। पिलातुस न ओखा अनुमती दे दियो। एकोलाने यूसुफ आ ख यीसु को सरीर ख ले गयो। \v 39 नीकुदेमुस भी पहुँचियो, जो पहले यीसु को जोने रात को घड़ी मिलन ख आयो रह, पचास सेर को लग भग मिल्यो वालो गन्धरस अर लोबान लेका आयो। \v 40 तब उनना यीसु को सरीर लियो, अर यहूदी हुन कि गाड़न कि रीति-रिवाज को अनुसार ओखा खुब मेहकन वालो इतर को संग कपड़ा म लपेटियो। \v 41 वा जगा पर जहाँ यीसु सूली पर चढ़ायो गयो रह, एक बगीचा हतो, अर वा बारी म एक नयो मरघट हतो जेमा कभी कोई नी रखो गयो रह। \v 42 एकोलाने यहूदी हुन कि तैयारी को दिन को कारन उनना यीसु ख ओमा ही धरियो, काहेकि वा मरघट जोने हती। \c 20 \s यीसु को जिन्दो होनू \r (मत्ती 28:1-8; मरकुस 16:1-8; लूका 24:1-12) \p \v 1 हफ्ता को पहिलो दिन मरियम मगदलीनी सुबेरे ख अंधेरा रहते ही मरघट म आई, अर पत्थर का मरघट से हटीयो देखो। \v 2 तब वा या देख ख दऊड़ी अर समोन पतरस अर उ दुसरो चेला को जोने जो से यीसु प्रेम रखत रह, मरियम न ओसे कही, “वी प्रभु ख मरघट म से उठा ख ले गया हैं, अर हम नी जाना कि उनना ओखा किते रख दियो हैं।” \p \v 3 तब पतरस अर उ दुसरो चेला निकल ख मरघट की तरफ चल्या। \v 4 वी दोई संग-संग भक्ते जात रह, पर दुसरो चेला पतरस से आगे बढ़ ख मरघट म पहले पहुँचियो; \v 5 ओ ना नीउड ख यू देखियो कि कपड़ा पड़िया हैं, तेभी उ मरघट म भीतर नी आयो। \v 6 तब समोन पतरस ओको पिछु-पिछु पहुँचियो, अर मरघट को भीतर गयो अर ओ ना कपड़ा पड़ीयो देखो; \v 7 अर उ अंगोछा जे यीसु की मुंढ से बंधियो हतो, कपड़ा को संग म पड़ीयो हुयो नी पर अलग एक जगा गुमंड ख रखियो हुयो देखो। \v 8 तब उ दुसरो चेला भी जे मरघट म पहिले पहुँचियो हतो, भीतर गयो ओ ना देखियो अर भरोसा करियो। \v 9 काहेकि वी तो अबा लक सुध्द सास्र को उ लेख अबा लक नी समज पाया रहा जेको हिसाब से यीसु को मुर्दा म से जिन्दो होनू जरूरी हतो। \v 10 तब यी चेला अपना घर ख लउट गया। \s मरियम मगदलीनी ख यीसु दिखनू \r (मत्ती 28:9,10; मरकुस 16:9-11) \p \v 11 पर मरियम रोते-रोते मरघट को पास म ही बाहर खड़ी हती, अर रोते-रोते मरघट कि तरफ नीउड ख, मरघट को भीतर नजर घुमई। \v 12 दो स्वर्ग दूत हुन ख उजरो कपड़ा पहिनिया हुयो एक ख सिराना तरफ अर दुसरा ख पाय तरफ बठीयो देखो, जिते यीसु को सरीर रखियो हतो रहा। \v 13 दूत हुन न ओसे कही, “अरे बाई तू काहे रोवा हैं?” \p ओ ना उनसे कही, “वी मोरो प्रभु ख उठा ख ले गया अर मी नी जानु कि उनना ओखा कहाँ धरीयो हैं।” \p \v 14 या कैय ख वा पिछु घुमी अर यीसु ख खड़ो देखी, पर नी पहिचानी कि यू यीसु आय। \v 15 यीसु न उनसे कय्हो, “अरे बाई, तू काहे ख रोवा हैं?” \p कोन ख ढूँढा हैं? ओ न माली समझ ख ओसे कय्हो, “अरे प्रभु, अदि तू न ओखा उठा लियो हैं ते मोखा बता कि ओखा कहाँ धरीयो हैं, अर मी ओखा ले जाऊ।” \p \v 16 यीसु न ओसे कय्हो, “मरियम!” ओ न पीछु घुम ख ओसे इब्रानी म कय्हो, “रब्बूनी” एकोमतलब “अरे प्रभु।” \p \v 17 यीसु न ओसे कय्हो, “मोखा पाय पकड़ ख मत रोको, काहेकि मी अबा लक परमेस्वर बाप को जोने ऊपर नी गयो हैं, मोरा भई हुन को जोने जाव अर उनसे असो कहनो कि मी अपनो परमेस्वर बाप अर तुम्हारो परमेस्वर बाप, अर अपनो परमेस्वर अर तुमारो परमेस्वर को पास ऊपर जा रयो हैं।” \p \v 18 मरियम मगदलीनी न जा ख चेला ख या खबर बतायो, “मी न प्रभु ख देख्यो हैं, अर ओ ना मोसे या बात हुन कही हैं।” \s चेला हुन पर प्रगट होनू \r (मत्ती 28:16-20; मरकुस 16:14-18; लूका 24:36-49) \p \v 19 उई दिन जो हफ्ता\f + \fr 20:19 \fr*\ft सब्त\ft*\f* को पहिलो दिन हतो, साम को बखत जब वहाँ ख दरवाजा जीते चेला हता, यहूदी हुन को डर को मारे बन्द हता, तब यीसु आयो अर उनको बीच म खड़ो हो ख उनसे कय्हो, “तुम ख सान्ति मिले।” \v 20 अर यू बोल ख ओ न अपनो हात अर अपनो पसली को घाव उन ख दिखायो। तब चेला प्रभु ख देख ख खुस भया। \v 21 यीसु न फिर उनसे कय्हो, “तुमका सान्ति मिले; जसो परमेस्वर बाप न मोखा भेजो हैं, वसो ही मी भी तुम ख भेजू हैं।” \v 22 यू बोल का ओ न उन पर फूँको अर उन से कय्हो, “सुध्द आत्मा लेव। \v 23 जिनको पाप तुम माप करे, वी उनको लाने माप करा गया हैं; जिनको तुम रखे वी रखिया गया हैं।” \s थोमा का यीसु दिखई देनु \p \v 24 पर बारा हुन म से एक, एकोमतलब थोमा जेखा दिदुमुस बोलो जाय हैं, जब यीसु आयो ते उनको संग नी हतो। \v 25 जब दुसरा चेला ओसे कहन लग गया, “हम न प्रभु ख देखो हैं,” तब ओ न उनसे कय्हो, “जब तक मी ओखा हात हुन म खिल्ला हुन को छेद नी देख लेहूँ, अर ओको पंजा म अपनो हात नी डाल लेहूँ, तब तक मी भरोसा नी करन को।” \p \v 26 आठ रोज को बाद फिर चेला हुन घर को भीतर हता, अर थोमा उनको संग थो; अर दरवाजा बन्द हता, तब यीसु आयो अर उनको बीच म खड़ो होका कय्हो, “तुम ख सान्ति मिले।” \v 27 तब ओ ना थोमा से कय्हो, “तोरी उँगली यहाँ लाखा मोरा हात ख देख अर अपनो हात लाखा मोरी पसली म ड़ाल, अर संका अविस्वासी नी पर भरोसा करन वालो बन।” \p \v 28 यू सुन ख थोमा न जवाब दियो, “अरे मोरो प्रभु, अरे मोरो परमेस्वर!” \p \v 29 यीसु न ओसे कय्हो, “तू न मोखा देखो हैं, का एकोलाने भरोसा करयो हैं? धन्य वी हैं जिन्ना बिना देखो भरोसा करयो।” \p \v 30 यीसु न अऊर भी ढ़ेर सारा चिन्ह चेला को सामने दिखायो, जो या किताब म लिखया नी गया; \v 31 पर यी एकोलाने लिखया गया हैं कि तुम भरोसा करे कि यीसु मसी ही परमेस्वर को पोरिया आय, अर भरोसा कर ख ओको नाम से जीवन पाव। \c 21 \s तिबिरियास झील को किनार म चेला हुन ख दिखई देनु \p \v 1 या बात हुन को बाद यीसु न अपनो तुम ख तिबिरियास झील को किनार म फिर से अपना चेला ख दिखई दियो यू असो तरीका से भयो \v 2 समोन पतरस, अर थोमा जेखा दिदुमुस बोला हैं, अऊर गलील को काना नगर को नतनएल, अर जबदी को पोरिया, अर ओखा चेला हुन म से दो अऊर झन इकट्ठा हता। \v 3 समोन पतरस न उनसे कय्हो, मी मच्छी पकड़न ख जा रयो हैं। उनना ओसे कही, \p “हम भी तोरो संग चला हैं।” एकोबाद वी नाव पा चढ़ीया, पर वा रात कुछ नी पकड़ीयो। \v 4 भुनसारो होत ही रहा कि यीसु किनार पर आका खड़ो भयो; तेभी चेला हुन न नी पहिचानियो कि यू यीसु आय। \v 5 तब जा ख यीसु न उन से कय्हो, “अरे पोरिया हुन, का तुमारो जोने जरासी (थोड़ी) मच्छी हुन हैं?” \p उन ना जवाब दियो, “नी हाय।” \v 6 उनसे कही, “नाव को सिधो हात बाजू जाल ड़ालनू ते मिले।” एको बाद उन ना जाल ड़ालो, अर मच्छी ढ़ेर सारी होन को कारन ओखा खीच नी सक्या। \p \v 7 एकोबाद उ चेला न जसो यीसु प्रेम रखत रह हतो, पतरस से कय्हो, “यू तो प्रभु आय!” समोन पतरस न यू सुन ख कि “उ प्रभु आय!” कम्मर म अंगोछा कस लियो, काहेकि उ नंगो हतो, अर झील म कूद पड़ीयो। \v 8 पर दुसरा चेला ड़ोगी या नाव पर मच्छी हुन से भरीयो वालो जाल खीचते-खाचते लाया, काहेकि वी किनार से जादा दुर की जगह पर नी हता, पर थोडी कुछ दुर दो सव हात पर हता। \v 9 जब वी वा जगह की किनार पर उतरियो, ते उन ना कोयला कि आग अर ओपर मच्छी धरी, अर रोटी देखी। \v 10 यीसु न उन से कय्हो, “जे मच्छी हुन तुम न अब्बी पकड़ी हैं उनमा से कुछ लाव।” \p \v 11 ते समोन पतरस न ड़ोगी पर चढ़ ख जाल किनार म खीच लायो ओमन एक सव तिरेपन बड़ी मच्छी हुन हती अऊर इत्ती मच्छी हुन होनो पर भी जाल नी फटीयो। \v 12 यीसु न उनसे कय्हो, “आव, खाना खाहे।” चेला म से कोई की हिम्मत नी भई कि ओसे कुछ पूछे, “तू कोन आय?” काहेकि वी जानत रह कि यू प्रभु ही हो सका हैं। \v 13 यीसु आयो अर उन ख रोटी लेखा उनका दी, अर वसो ही मच्छी भी। \p \v 14 यू तीसरी बार आय कि यीसु मरो म से जिन्दो होन को बाद चेला ख दिखाई दियो। \s यीसु अर पतरस \p \v 15 खाना खान को बाद यीसु न समोन पतरस से कही, “अरे समोन, यूहन्ना को पोरिया, का तू इन से बढ़ ख मोसे प्रेम करा हैं?” \p ओ न ओसे कय्हो, “हव, प्रभु; तू तो जाना हैं कि मी तो से प्यार करू हैं।” \p ओ न ओसे कय्हो, “मोरा मेम्ना हुन ख चरा।” \v 16 ओ ना फिर दुसरी बार ओसे कय्हो, अरे समोन यूहन्ना को पोरिया, “का तू मोसे प्रेम रखा हैं?” ओ ना ओसे कय्हो, \p हव, “प्रभु; तू जाना हैं कि मी तोसे प्यार रखू हैं।” ओ ना ओसे कय्हो, “मोरी भेड़ी हुन की देख रेख कर।” \v 17 ओ ना तीसरी बार ओसे कय्हो, अरे समोन, “यूहन्ना को पोरिया, का तू मोसे प्रेम रखा हैं?” पतरस नाराज भयो कि ओ ना ओसे तीन बार असो कही, “का तू मोसे प्रेम रखा हैं?” \p अर ओसे कय्हो, “अरे प्रभु, तू तो सब कुछ जाना हैं; तू यू जाना हैं कि मी तो से प्रेम रखू हैं।” यीसु न ओसे कय्हो, “मोरी भेड़ी हुन ख चरा। \v 18 मी तोसे सच्ची-सच्ची कहूँ हैं, जब तू जवान हतो ते अपनी कम्मर बाँध ख जहाँ इच्छा होत रह वहाँ फिरत रह; पर जब तू सियानो होए ते अपनो हात फैलाहेगो, अर दुसरो तोरी कम्मर बाँध ख जीते तू नी चाहन को वहाँ तोखा ले जाएगो।” \v 19 ओ ना या बात से इसारा दियो कि पतरस कसी माऊत से परमेस्वर कि महिमा या बड़ाई करे। अर तब ओ ना ओसे कय्हो, “मोरो पीछु हो ला।” \s यीसु अर ओको उत्तम चेला \p \v 20 पतरस न घुमका उ चेला ख आते देखो, जसो यीसु प्रेम रखत रह, अर जोना खाना को बखत ओकी छाती की तरफ झुक ख पुछियो रह, “अरे प्रभु, तोखा पकड़ान वालो कोन आय?” \v 21 ओखा देख ख पतरस न यीसु से कही, “अरे प्रभु एको का हाल होए?” \p \v 22 यीसु न ओसे कही, “अदि मी चाहूँ की उ मोरो आनो तक रूको रहे, ते तोखा ऐसे का? तू मोरो पीछु हो ला।” \p \v 23 एकोलाने भई हुन म या बात फैल गई कि उ चेला नी मरन को; तेभी यीसु न यू नी बोलो की उ चेला नी मरन को, पर यू कि “अदि मी चाहूँ कि उ मोरो आनो तक ठहर ख रहे, ते तोखा ऐसे का?” \s आखरी बात \p \v 24 यू उई चेला आय जे या बात हुन कि गवाई देवा हैं अर जेना या बात हुन ख लिखो हैं, अर हम जाना हैं कि ओकी गवाही सच्ची हैं। \p \v 25 यीसु न अऊर भी ढ़ेर सारा काम करीया हैं, अदि एक-एक कर ख उनको बारे म लिखो जातो ते मी समझू हैं कि जो किताब लिखी जावा हैं वी संसार भर म भी नी समाती।