\id ACT - Mehra Standard Project \ide UTF-8 \h प्रेरितो \toc3 प्रेरितो \toc2 प्रेरितो \toc1 लूका को दुवारा लिखो प्रेरितो को किताब \mt2 प्रेरितो के काम की पुस्तक के बारे मे \mt1 प्रेरितो को काम कि किताब को बारे म \imt भूमिका \ip प्रेरितो को काम किताब कलेसीया को सुरु होन की कायनी हैं अऊर या यरूसलेम से यहूदिया, सामरिया अऊर ओसे आगे लक कसी फैल गई, जसो यीसु न अपना चेला हुन ख स्वर्ग म जानो से पहले बतायो। \xt 1:8\xt* येका लूका न लिख्यो रहा, जेना लूका को हिसाब से सुसमाचार भी लिख्यो रहा। उ एक डाँक्टर हतो अऊर एक साफ सुतरो लेखा-जोका रखन को लाने बेजा अच्छो हतो। उन न अपनो सुसमाचार अऊर प्रेरित हुन को काम की किताब उ थियोफिलुस ख लिख्यो रहा, जो कि एक ग्रीक को रहन वालो हतो, लेकिन किताब हुन को मक्सद सायद विस्वासी अदमी हुन को लाने भी हतो जेमा यूनानी अर यहूदी दोई सामिल हता। \xt 1:1 \xt* \ip प्रेरित हुन को काम सायद मसी को जनम को बाद 60-64 बरस को करीब लिखो गयो रहा काहेकि किताब जेल से पोलुस को छुटन से पहले खतम होवा हैं। लूका भी प्रेरित पोलुस को संग कूच अऊर सायद अंताकिया को सहर म प्रेरित हुन को काम ख लिख्यो रहा। प्रेरित हुन न लूका को सुसमाचार ख सुरूईच रख्यो हैं अर यीसु को स्वर्ग म जान को संग सुरु होवा हैं। लिखनो म लूका को मक्सद उनको सुसमाचार को समान ही हैं। उ थियोफिलुस सोचत रहा, कि संग-ही संग विस्वासी हुन की बढ़ती संख्या निस्चय हैं कि उनका का सिखायो गयो रह अऊर एकोलाने उन न यीसु को जीवन अर अऊर मसी को परचार ख एक सबसे अच्छो लेख लिख्यो। \ip प्रेरित हुन को काम कि किताब हमरो लाने सबसे सुरो की कलेसीया को नमूना सिकावा हैं अऊर यीसु म विस्वास जीवन को लाने यू कसो दिखात रहा। प्रेरित हुन को उदाहरन हमका दिखावा हैं कि दुसरा ख सुसमाचार कि अच्छी खबर फैलानो म परमेस्वर की आत्मा की सक्ती पा कसो भरोसा करो जाय। \iot रूप रेखा \io1 1. पहले परमेस्वर की आत्मा चेला हुन पा आवा हैं अर कलेसीया बढ़न लग जाय हैं। \ior 1:1—8:1\ior* \io1 2. ऐकोबाद कलेसीया ख सतायो जावा हैं अर यरूसलेम को आजू-बाजू फैलन लग जाय हैं। \ior 8:2—12:23 \ior* \io1 3. ऐकोबाद पोलुस पहेली बार सेवा करन ख बहार जावा हैं। \ior 12:24—14:28 \ior* \io1 4. फिर प्रेरित हुन यरूसलेम म बैठक कर ख यू तय करा हैं की नया विस्वासी हुन का काय की जरूरत पढ़े। \ior 15:1-35\ior* \io1 5. अगली बार पोलुस फिर से दुसरीबार सेवा करन ख जावा हैं। \ior 15:36—18:22 \ior* \io1 6. ऐकोबाद उ फिर तीसरी बार सेवा करन को लाने जाय हैं। \ior 18:23—20:38 \ior* \io1 7. तब जाय ख यरूसलेम म पोलुस ख पकड़ लियो गयो। \ior 21—26\ior* \io1 8. आखरी म ओखा रोम पहुँचियो जावा हैं। \ior 27—28\ior* \c 1 \s परिचय \p \v 1 अरे प्रिय थियुफिलुस, मीना पहलो किताब वी सब बात हुन को बारे म लिखी, जे यीसु न सुरू से करो अर करते अर सिखात रह, \v 2 ओ न उ दिन तक चुने हुन ख सुध्द आत्मा ख दुवारा हुकुम दियो ओखा बाद उजब उ वी प्रेरित हुन का जीन ख ओ ना चुनो हतो, दे ख ओ न ऊपर स्वर्ग म उठायो नी गयो। \v 3 उ अपनो मरन क बाद उ चालीस दिन तक उ अगल अर तरीका से दिखाई दियो अर प्ररगट हुओ जिन्दो को प्रमाण ते रयो उन न ख देख्यो अर उन से ओ न परमेस्वर को राज्य कि बात करी। \v 4 अऊर वी ओखा संग जमा हता ते ओ न उन ख आग्या दी यरूसलेम ख मत छोड़ जे बल्कि जे सुध्द आत्मा क बारा म मोसे सुन्यो हैं बाप को उ वादा तुम न पूरो होन को इन्तेजार करजो। \v 5 “काहेकि यूहन्ना न ते पानी म बपतिस्मा दियो हैं पर थोडो रोज को बाद म यू तुम ख सुध्द आत्मा से बपतिस्मा पाएगो।” \s यीसु ख स्वर्ग म उठा लियो जानो \p \v 6 जब प्रेरित इकठ्टा होय ख ओसे पुछियो, “हे प्रभु, क तू इ ही बखत इस्राएल का राज्य म फेर देहे?” \p \v 7 यीसु न उन से कय्हो, “उ बखत हुन अर तारीक हुन ख जाननो, जेका बाप न अपनो ही हक म रखो हैं। उनख जाननो तुम्हारो काम नी आय। \v 8 पर जब सुध्द आत्मा तो पर आए तब ते सक्ति पाएगो अर यरूसलेम अऊर सारी यहूदिया अर सामरिया म, अर जमीन का उन छोड़ तक मोरो गवाह होए।” \v 9 यू कह ख वी उ ख देखत ऊपर उठा लियो, अर बदल न ओको उनकी आँखी हुन से छिपा लियो। \p \v 10 ओके जात बखत जब वी आकास की ओर ताक रहे हता, ते देख, दो अदमी सफेद कपड़ा पहिनो हुयो उन ख बगंल आए ख खड़ा भया, \v 11 अर ओ न कय्हो, गलीली व्यक्ति हुन तुम काहे खड़ा हैं आकास को ओर देख रयो हो? यू यीसु, जे तुम्हारो नजीक से स्वर्ग म उठा लियो गयो हैं, “जे रीति से तुम न ओको स्वर्ग का जात देखो हैं उही रीति से फिर ऊही रिती से आपस आएँगो।” \s मत्तियाह का यहूदा को पद मिलनू \p \v 12 तब वी जैतून नामक पहाड़ से जे यरूसलेम सहर क नजीक एक आराम को दिन कि 1 किलो मीटर की दुरी पर हैं, यरूसलेम को लउटियो। \v 13 जब वी वहाँ पहुँचिया ते उ उपार वाला अटारी प रुकया गया राहा, जाहा पतरस अर यूहन्ना अर याकूब अर अन्द्रियास अर फिलिप्पुस अर थोमा अर बरतुल्मै अर मत्ती अर हलफई को पोरिया याकूब समोन जेलोतेस अर याकूब का पोरया यहूदा रहत रह। \v 14 यु सब कई बाई हुन अर यीसु की माता मरियम अर ओको भई यी सभी अपनो तुम ख एक संग प्रार्थना म लगायो रहव हैं। \p \v 15 कुई दिन बाद म विस्वासी भई हुन की सभा म एक सव बीस अदमी हुन को संख्या हता , पतरस खड़ो होय ख बोलन लगियो, \v 16 “हे भई हुन जरुरी हतो कि सुध्द सास्र को वी लेख पूरो होए जे सुध्द आत्मा न दाऊद क मुँह से यहूदा क बारे म जे यीसु क पकड़न वाला हुन को अगुवा हतो, पहलो से कहयो हतो। \v 17 यहूदा हमार समूह को सहायक हतो अर इ सेवा म ओको भी सहयोग हतो।” \p \v 18 “ओ न अधर्म क कमाई से एक खेत मोल लियो, अर सिर क बल गिरियो अर ओको पेट फट गयो अर ओकी सब अन्तड़ियाँ निकल पड़ी। \v 19 अर यरूसलेम सब रहन वाला जन का मालूम भयो कि ओकी भासा म उ खेत को नाम ‘हकलदमा रखो गयो अर्थात्; खून को खेत’ पड़ गयो।” \p \v 20 काहेकि की भजन संहिता कि किताब म लिखो हैं, \q1 ओको घर उजड़ जाएगो, \q2 अर ओमा कोई नी रहन का \q1 अर असो ही लिखो गयो हैं \q1 ओकी की जगह कोई भी दुसरो ले लेय। \p \v 21 एकोलाने या जरुरी आय कि जब प्रभु यीसु हमारो बिच म हतो जब लोग हुन हमेसा हमरो संग म हता ओ म से कोई एक क चुनो जाय याने उ बखत से लेय ख जब से यूहन्ना का लोग हुन बपतिस्मा देनो सुरूआत करयो रह अर जब तक यीसु क हमारो बीच म से ऊठा लियो गयो हतो उन लोगो म से कोई एक ख ओको बिच म जी उठन को साक्छी होनू चहिये, \v 22 उचित हैं कि ओमा से एक अदमी हमारो संग ओको जिन्दो होनो को गवाह हो जाहे \p \v 23 तब उन्होना दो व्यक्ति हुन को नाम को सुझाव दियो, एक युसुफ को जो बरसब्बा कहलाता हैं, जेको उपनाम यूस्तुस हैं, दुसरो मत्तियाह का। \v 24 फिर उन न प्रार्थना करी, “हे प्रभु, तू जे सब ख मन को जाँचन वालो हैं, यू प्रगट कर की इ दोनो जन म से तू न कोको चुनो हैं, \v 25 कि उ या सेवकाई अर सिखावन देन को पद लेहे, जाहा यहूदा की जगह हती वी चल दियो प चल दियो।” \v 26 तब उन न उनको बारे म चिट्ठी हुन ड़ाली, अर चिट्ठी मत्तियाह को नाम पा निकल। तब जा ख उ ग्यारह प्रेरित देन वाला को संग म गिनो गयो। \c 2 \s सुध्द आत्मा को उतरनू \p \v 1 जब फसह पर्व को बाद यहूदी हुन को तिहार\f + \fr 2:1 \fr*\ft पिन्तेकुस्त पचास ओ दिन\ft*\f* को पचासवे दिन आयो, ते सब विस्वासी लोग एक जगह म एकजुट भया। \v 2 एकदम से आकास से आधी के तुफान के जसो के आवाज आई जे घर म अवाज आई उ जे घर भर गयो बड़ी आवाज अई। \v 3 अर आगी की फहलती अऊर लपट हुन जसी जीभ हुन सामे दिखई देवन लगी वी आगी अलग अलग जीभ उन म से हर एक प आ टिकी। \v 4 वी सब दी अर ओमा से भरख गयो, अर जे प्रकार सुध्द आत्मा हैं उन्हे बोलन की सामर्थ्य दी, वी अन्य अन्य भासा हुन बोलन लगिया। \p \v 5 आकास को नीचु की हर एक जात म से यहूदी यरूसलेम म रहत रहा। \v 6 जब वी आवाज गरजो ते एक बडी भीड़ जमा हुई गई वी लोग अचम्भा म पड़ गया विस्वासी भई हुन कि यापन खुद भासा म बोलतो हुओ सुनियो। \v 7 वी सब चकित अर अचम्भा होय ख कहन लगिया, “देख, जे लोग हुन बोलत रय्हे हैं क सब गलीली प्रांत क ते नी? \v 8 ते फिर हम म से हर एक उनख हमरी अपनी खुद की भासा म कोसे बोलते हुआ कसा सुन रय्हा हैं? \v 9 हम जे पारथी, अर मेदी अर एलामी, अर मेसोपोटामिया, अर यहूदिया अर कप्पदूकिया, पुन्तुस अर आसिया, \v 10 अर फूगिया अर पंफूलिया, अर मिसर अर निकट लीबिया को रहन वालो; रोम को यहूदी अर गैर यहूदी कुछ परदेस ख लोग देस जे कुरेने क आसा पास हैं, इ सब देस हुन क रहन वाला अर रोमी प्रवासी, \v 11 अर्थात् यहूदी अर यहूदी मत धारण करन वाला, क्रेती अर अरबी का रहन वाला हुन हम सब परमेस्वर क आस्चर्य पुरो काम हुन का अपन अपन भासा म सुन रय्ह हैं।” \v 12 अर वी सब चकित भया अर संका म पडिया अर एक दूसरा से पूछ रय्ह हता कि, “यू क हो रय्हो हैं?” \p \v 13 पर दूसरा लोग हुन न ठठ्टा कर ख कय्हो, “वी ते दारू\f + \fr 2:13 \fr*\ft मदिरा नसीला पदार्थ\ft*\f* का नसा म चूर हैं।” \s पतरस को प्राचार करनु \p \v 14 फिर उन न ग्यारह हुन को संग पतरस खड़ो हुओ उचो सब्द सम्बोधित करते हुआ कहन लगया की यहूदी साधि हुन अर यरूसलेम क पुरा निवासी हुन मोरी बात हुन ख अच्छो से सुन अऊर मो ख ओको अर्थ बतावन दा। \v 15 जसो तुम लोग समझत रह, यू लोग नसे म नी हैं, काहेकि अभी ते भुनसारो को नव बजिया हैं। \v 16 बल्कि या वा बात हैं, जेको बारा म योएल भविस्यवक्ता न कय्हो हतो: \q1 \v 17 “परमेस्वर कहत हैं कि अन्त क दिन हुन म असो होएगो \q2 कि मी अपनो आत्मा सब जन हन पर उड़ेलेगो, \q1 अर तोरो पोरिया हुन अर तोरी पोरी हुन भविस्यव्दाणी करे \q2 अर तोरो जवान हुन दर्सन देखेगो, \q2 अर तोरो सियाना हुन सपना देखेगो।” \q1 \v 18 हाँ उ दिन म मी अपना दास हुन अर सेविका हुन पर भी \q2 उ दिन हुन म अपन आत्मा म से उँड़ेलूगो, \q2 अर वी भी भविस्यव्दाणी करेगों। \q1 \v 19 अर ऊपर आकास म गजब\f + \fr 2:19 \fr*\ft अदभुत\ft*\f* को काम \q2 अर नीचो जमीन पर चिखान \q2 अर्थात् खून अर आगी \q1 अर धूआ को बादल दिखाऊँगो। \q2 \v 20 प्रभु को बड़ो अर उजाला वालो दिन को आनो से पहलो सूरज अंधेरा म अर चंदा खून \q2 जसो लाल म बदल जाएगो। \q1 \v 21 अर जे प्रभु को नाम से मदद माँगे \q2 हे ओ ख प्रभु बचाएगो, वी उध्दार पाएगो। \p \v 22 “हे इस्राएली हुन लोगो, यू वचन ख सुनायो: यीसु नासरी एक अदमी हतो जेको परमेस्वर की ओर होन को प्रमाण उ सामर्थ्य क काम हुन अर आस्चर्य क काम हुन अर चिखान हुन से प्रगट हैं जे परमेस्वर न तुमरो बीच ओको व्दारा दिखायो जेसे तुम तुम ही जानत हो।” \v 23 यु अदमी ख परमेस्वर कि पक्की योजना अर पुरो ग्यान को अनुसार तुम ख सोपयो गयो अर तुम न पापी व्यक्ति हुन कि मदद से ओ ख क्रूस प चडायो अर खिल्ला ठुकवायो अर मार डालयो। \v 24 पर उही को परमेस्वर न माऊत क बंधन हुन से छुड़ाय ख जिलायो; काहेकि यु अनहोनो हतो। मृत्यु म इत्तती सक्ती नी हती कि ओ ख बंधी बनायो रखे वी ओके बस वंस म रय्हे। \v 25 काहेकि दाऊद ओके विसय म कहत हैं, \q1 मी प्रभु का हमेसा (सर्वदा) अपन सामे देखत रहू \q2 काहेकि वी मोरी दाँया ओर हैं, \q2 ताकि मी डिग नी जाऊ। \q1 \v 26 इही कारन मोरो मन खुसी आय, \q2 अर मोरी जीभ आनन्दित हैं; \q1 अऊर मोरो सरीर भी आसा म जिये। \q1 \v 27 काहेकि तू मोरो जान ख अधोलोक म नी छोड़ेगो; \q2 अर नी अपन सुध्द जन ख सड़न ही देगो। \q1 \v 28 तू न मोखा जीवन को रस्ता दिखायो हैं; \q2 तू मोखा अपन दर्सन ख व्दारा खुसी से भर देगो। \p \v 29 “अरे लोगो, मी अपनो कुटुम्ब को दाऊद राजा को बारे म तुम से हिम्मत को संग बोल सकू हैं कि उ ते मर गयो अर गाड़ो गयो अर ओकी कब्रर आज तक हमारो येमा आज तक मऊजूद हैं।” \v 30 वी एक भविस्यवक्ता हतो अर वी जानत हतो कि परमेस्वर न मोसे कसम को संग म वादा दियो हैं कि वी ओके वंस म से एक ख सिंहासन पर बैठाऊँगो; \v 31 एकोलाने जे भविस्य मे घटन वाला हैं ओ ख देखत दाऊद न यू कय्हो हतो \q1 ओ ख मृत्यु को संसार म नी छोड़ो गयो अर नी ही ओके सरीर का कबर म सड़न रख दियो \q2 ते ओ न मसी की जी उठन मसी का फिर से जी उठन को बारे म कय्हो हतो। \p \v 32 इही यीसु ख परमेस्वर न जिलाया, अर हम सब बात को गवाह हैं। \v 33 इ प्रकार परमेस्वर क दाँया हात से सर्वोच्च पद पाय ख, यीसु न पिता बाप से वी सुध्द आत्मा प्राप्त कर ख जेकी वादा (प्रतिग्या) की गई हती, ओ न यू उंडेल दियो हैं जे तुम देखत अर सुनत हो। \v 34 काहेकि दाऊद ते स्वर्ग पर नी चढ़यो; \q1 पर वी तुम कहत हैं, \q2 प्रभु से कय्हो, \q2 मोरो दाँया बैठ, \q1 \v 35 “जब तक कि मी तोरो बैरी हन ख तोरो पाय ताले की चऊकी नी कर दूँ।” \p \v 36 ऐको लाने इस्राएल को पुरो घराना हकीगत म जान ले कि परमेस्वर न उई यीसु ख जेखा तुम न सूली पर चढ़ायो दियो हता प्रभु भी ठहरायो अर मसी भी ठहरायो हतो। \p \v 37 तब सुनन वाला हुन क मन छिद गया अर वी पतरस तथा अर प्रेरित हुन से पूछन लगियो, “हे भई हन, हम क करे?” \p \v 38 पतरस न ओसे कय्हो, “मन फिराओ, अर अपना पाप हुन माफी पान को लाने तुम म से हर एक ख यीसु मसी क नाम से बपतिस्मा लेनू चहिए; अर तुम ख परमेस्वर को सुध्द आत्मा को वरदान मिलेगो। \v 39 काहेकि यू प्रतिग्या (वादा) तुम, अर तुम्हरो बच्चे हन, अर उ सब दूर-दूर ख लोग हुन क लियो भी हैं जेको प्रभु हमार परमेस्वर अपन नजीक बुलाएगो।” \p \v 40 अर पतरस न ढ़ेर सारो से वचन हुन को व्दारा उनना गवाह दी अर आग्रह को संग ओसे से कय्हो या वंसावली ख अपनो तुम से बचायो रखो, \v 41 अर बेजा सारे लोग हुन ओको सन्देस सुन ख उन न भरोसा करियो अर उन उ ख बपतिस्मा दियो गयो यु तरीका उन को समूह म अनदाजन तीन हजार लोग हुन जुद गया। \p \v 42 अर वी प्रेरित हुन से सिक्छा पान, अर संगति रखन, अर रोटी तोड़न, अर प्रार्थना करन म लोलीन रह। \s भरोसा करन वाला को साझा जीवन \p \v 43 अर सब लोग हुन पर डर छा गयो अर बेजा से अदभुत काम अर चिन्ह प्रेरित हुन को दुवारा प्रगट होवा हैं। \v 44 अर सब विस्वासी हमेसा सहभागी म रहवा हतो अऊर उन को जोने जे कुछ अपनो हतो ओ ख अब आपस म बाट लेवत रह। \v 45 वी अपनी सम्पत्ति समान बेच देवत रह अर आवन वाला पैसा हर एक कि आवस्कता को अनुसार बाट दियो कर हते हैं। \v 46 वी दिन प्रति वे मन्दिर म समूह म मिलत रह वी अपनो घर हुन म संग म खाना बाँट ख उदार मन से खुसी को संग मिल जुल ख खावत हता, \v 47 हर दिन प्रभु उन ख समूह म जोडत हतो, सब लोग हुन सद भावना को खुसी ले ख परमेस्वर की स्तुति करते हुयो अर वे हर दिन प्रभु उन ख समूह म मिलयो करह हैं। \c 3 \s लंगले भिखारी को चंगा होनू \p \v 1 एक रोज पतरस अर यूहन्ना दोपहर को बाद 3 बजे प्रार्थना को बखत मन्दिर जावत रय्हा \v 2 अर लोग एक जनम क लंगड़ा का ला रह हते, जेको वी हर दिन मन्दिर क उ दुवार पर जे सुन्दर कहलाता हतो, बैठा देत हते कि वी मन्दिर म जान वाला हुन से भीख माँगत हैं। \v 3 जब ओ न पतरस अर यूहन्ना का मन्दिर म जाते देख, ते ओसे भीख माँगियो। \v 4 उन न सिदो ओ की तरफ देखो अर पतरस न कहयो अर, “हमारो तरफ देख!” \v 5 अत: वी ओसे कुछ पान की आसा रखत हुओ ओकी ओर ताकन लगियो। \p \v 6 तब पतरस न ओ से कहयो मोरो जोने कुछ भी नी ते चाँदी, नी सोना, परन्तु जे मोरो नजीक हैं वी तो ख देता हूँ; “यीसु मसी नासरी क नाम से चलो फिरो।” \v 7 फिर ओ न ओखा जेवनो हात पकड़ ख ओ न ओकी मदद करी; अर तुरत ओके पाय अर घुटनो म बल आ गयो। \v 8 वी उछल ख अपनो पाय प खड़ो हो गयो अर चलन-फिरन लगियो; फिर उ उछलतो-कुदता उन को संग मन्दिर म गयो हैं अर परमेस्वर की स्तुति करत रहयो। \v 9 सब लोग हुन न ओ ख चलत फिरत अर परमेस्वर की स्तुति करते देखो, \v 10 लोग हुन न ओ ख पहचान लियो कि यू उही हैं जे मन्दिर को “सुन्दर दुवार” पर बैइठ ख भीख माँग रहो हतो; ओ ख संग जे कही घटो हतो ओ ख देख ख ओको संग हुई हती वी बेजा आस्चर्य चकित भयो। \s मंदिर म पतरस को सन्देस \p \v 11 जब वी पतरस अर यूहन्ना का संग हतो, ते सब लोग बेजा आस्चर्य करत हुयो ओ ख ओसरा म जे सुलैमान को कहलाता हैं, ओके नजीक दऊड ख गयो। \v 12 यू देख पतरस न लोग हुन से कय्हो, “हे इस्राएली हन, तू इ अदमी पर काहे आस्चर्य करत हो, अर हमार ओर काहे इ प्रकार देखत हो कि मानो हम ही न अपन सामर्थ्य या भक्ति से ऐसा चलत फिरत योग्य बना दियो \v 13 अब्राहम अर इसहाक अर याकूब क परमेस्वर, हमार बापदादा हुन का परमेस्वर न अपन सेवक यीसु मसी की दिव्य बडी महिमा दिया हैं, पर तुम न अधिकारी हुन ख सोप दियो अर पिलातुस को सामे ओको इंकार कियो अर जब कि पिलातुस ने छोडन देवन को न्याय करयो रह। \v 14 उ सुध्द अर उचित व्यक्ति को तुना न सिवकार नी करयो अर ओको बदलो म पिलातुस से माँग कियो कि एक हत्यारो ख तुम्हारो लाने छोड़ दियो जाहे; \v 15 अर तुम न जिन्दगी कि राहा दिखावन वाला ख मर डालो पर परमेस्वर न फिर मरा म से जिन्दो कर दियो अर तुम पुरा गवाह हैं। \v 16 काहेकि हम यीसु को नाम म विस्वास करह हैं ऐको लाने ओको ही नाम ही जो लगड़ो व्यक्ति म सक्ती दी हैं जेको पाय म तुम देखह रहया हैं ओ म जान दी हैं। उही विस्वास न जे यीसु से प्राप्त होवह हैं तोसे सब को सामे यू व्यक्ति ख पुरी तरह चंगो कियो हैं। \p \v 17 “अर अब हे भई हन, मी जानत हूँ कि यू काम तुम न अग्यानता म कियो, अर वसा ही तुम्हारो मुखिया हुन न भी कियो। \v 18 पर जीन बात हुन को परमेस्वर न सब भविस्यव्दक्ता को मुंह से पहलो ही बता दियो हतो, कि ओको मसी दुख उठायो, उन्हे ओ न इ रीति से पूरो कियो। \v 19 ऐको लाने मन फिराओ अर परमेस्वर कि ओर लोउट आओ ताकि तुम्हारो पाप ख माप कियो जाहे, \v 20 ताकि आत्मिक सक्ति को बखत प्रभु कि ओर से आहे अऊर प्रभु तुम्हारो लाने मसी को भेजो जे से तुम्हारो लाने पहले से चुन ख रखो हैं अर्थात यीसु ख। \v 21 अवस्य हैं कि वी स्वर्ग म उ बखत तक रय्हे सब बात हुन पहलो जसी सही नी हो जाहे जेका बारे म बेजा पहलो से ही परमेस्वर न अपन सुध्द भविस्यवक्ता को दुवारा बतायो हती। \v 22 जसो कि मूसा न कय्हो, प्रभु परमेस्वर तुम्हारो भई म से तुम्हारो लोग हुन म से रक मोरो जसो एक भविस्यवक्ता भेजोगो, जे कुछ वी तुम से कहे, ओकी सुननो। \v 23 जे कोई उ भविस्यवक्ता की आग्या न माने ओ ख परमेस्वर की तरफ से अगल कियो जाहे अर नास कियो जाहे। \v 24 अर समूएल से लेय ख ओके बाद वाला हुन तक जितना भविस्यव्दक्ता बोला उन सब न इ दिन हुन का घोसना करी आय। \v 25 अऊर तुम ते उ भविस्यव्दक्ता हुन अर उ वादा को उतराधिकारी होय जे से परमेस्वर न तुम्हारो बापदादा को संग करियो थो, जब ओसे अब्राहम से कय्हो, ‘तोरो खानदान ख व्दारा जमीन क सारो घरानो आसीस पाएँगो।’ \v 26 अर परमेस्वर न अपनो सेवक ख चुनियो अर अपनो सेवक ख तुम्हारो नजीक भेज दियो, अर तुम ख तुमरो बुरो रस्ता से फिरा ख तुम ख आसीस दी।” \c 4 \s महासभा क सामे पतरस अर यूहन्ना \p \v 1 ये यहूदी लोग होवह हैं येको नेम को अनुसार परमेस्वर को मंदिर म बलिदान अर्पन चढायो करह हैं हर एक याजक\f + \fr 4:1 \fr*\ft याजक एक यहूदी धरम ख मानन अगवा होवहत रह जे यहूदी हुन लोगो को लाने भेट परमेस्वर क सामे बलिदान अर्पन चढ़ायो करह हैं। याजक यरूसलेम को मन्दिर म लोगो क लाने अगुवाई करत हता \ft*\f* को प्रिरिस्ट ख हर छ: महीना म एक हफ्ता को लाने याजकी सेवा करनो पड़त रह। सदूकी\f + \fr 4:1 \fr*\ft सदूकी यहूदी धर्मिक समूह को एक ग्रुप हतो जे मेन याजक अर मंदिर मेन याजक हुनको काम अर मंदिर का अपनो अधिकार म रखह हैं अर वी स्वर्गदूत हुन पा तथा इंसान को मरन को बाद फिर से जिन्दो होवन पर भरोसा नी करत रय्ह अर सच्चो मसी पर भी भरोसा नी कर हता रय्ह \ft*\f*। \v 2 वी ओसे या बात से चिड़चिड़ा हुया हता कि पतरस अर यूहन्ना लोग हुन ख सिखात हते अर यीसु ख मरो हुओ म से जिन्दो उठन ओसे यू साबीत कर रय्ह हता। मरा हुओ जी उठ सकह हैं। \v 3 सो उन्होना उन ख बंदी बना लियो अर काहेकि उ बखत साम हुई गई रय्ह एको लाने उन ख जेल म रखियो। \v 4 पर वचन सुनन वाला हुन म से बेजा हुन न विस्वास कियो, बढन वाला बेजा झन की गिनती म पाँच हजार होई गयी। \p \v 5 अगले दिन यहूदी ख मुखिया, सियाना अर नेम सासतिरी ख मानन वाला सिक्छक यरूसलेम म जमा भया। \v 6 अर बड़ो याजक हन्ना अर कैफा अर यूहन्ना अर सिकन्दर अर जितना बड़ो-बड़ो याजक क घराना क हते, सब यरूसलेम म इकठ्टा भया। \v 7 वी इही बीच म खड़ा कर ख पूछन लगिया कि तुम न यू काम कोको सामर्थ्य से अर कोको नाम से कियो हैं। \p \v 8 तब पतरस न सुध्द आत्मा से भरख\f + \fr 4:8 \fr*\ft परिपूर्ण\ft*\f* (परिपूर्ण) होय ख उनसे कय्हो, अरे लोग हुन को मुखिया अर सियाना मुखिया \v 9 “हे अदमी हुन क सरदार हुन अर पुरनियो हन, इ दुर्बल इंसान क संग जे भलाई को गयो हैं,” यदि आज हमसे ओके बारे म पूछ ताक की जात हैं, कि वी कसो चोक्खो भयो। \v 10 ते तुम सब यीसु अर सारो इस्राएली लोग जान लेहे कि यीसु मसी नासरी क नाम से जेका तुमन सूली पर चढ़ायो, अर परमेस्वर न मरो हुओ म से जिन्दो कियो, यू इंसान तुमरो सामे भलो चंगो खड़ो हैं। \p \v 11 यू उही पत्थर हैं, \q1 जेका तुम मकान बनान वालो हुन न नकारो जानो, \q2 अर वी कोन क सिरो को पत्थर हो गयो। \p \v 12 “किसी दूसरो क दुवारा उध्दार नी; काहेकि स्वर्ग को नीचू इंसान हुन म अर कोई दूसरो नाम नी दियो गयो, जेके व्दारा हम सब उध्दार पा सका।” \p \v 13 “जब उन्होना पतरस अर यूहन्ना को साहस देखो,” अर यू जानो कि इ अनपढ़ अर साधारण इंसान हैं, ते आस्चर्य कियो; फिर ओको पहचानो कि ये यीसु क संग रय्हे चुके हुये हैं। \v 14 पर वी उ इंसान का जे चंगो हुयो हतो, उनको ही संग खड़ो देख पा रय्ह था, सो उनको जोने कहन ख कुछ नी रय्हा। \v 15 उन न ओ से यहूदी बडी सभा नीकल जान ख कहयो, अर फिर वी विचार विमर्स करन लगया, \v 16 “हम इ इंसान हुन क संग क करे? काहेकि यरूसलेम क सब रहन वाला हुन पर प्रगट हैं, कि इको दुवारा एक प्रसिध्द चिखान दिखायो गयो हैं; अर हम ओखा इंकार नी कर सकत। \v 17 पर एकोलाने कि यू बात अदमी हुन म अर अधिक फैल नी जाऐ, हम इनका धमकी देहे, कि वी इ नाम से फिर कोई इंसान से बात नी कर सका।” \p \v 18 तब उनका बुलायो अर चेतावनी देय ख यू कय्हो, “यीसु क नाम से कुछ भी नी बोलनो अर नी सिखानो।” \v 19 पर पतरस अर यूहन्ना न ओको उत्तर दियो, “तुम ही न्याय करनु; का वी परमेस्वर को सामे उ उचित होए की परमेस्वर क आग्या नी माना; काहे यू परमेस्वर के नजीक भलो हैं कि हम परमेस्वर को बात का बढ़ ख तुम्हारो बात माने। \v 20 काहेकि यू ते हम से ही सकता कि जे हम न देखो अर सुनो हैं वी लोगो ख नी कहे।” \v 21 तब उन्होना ओको अर धमका ख छोड़ दियो, काहेकि अदमी हुन क कारन उन्हे दण्ड देहन को कोई मऊका नी मिलियो, एकोलाने कि जे घटना भई हती ओको कारन सब लोग हुन परमेस्वर की बड़ाई करत हता। \v 22 वी इंसान, जे पर यू चंगो करन को चिखान दिखायो गयो हतो, चालीस साल से भी ज्यादा उमर को हतो। \s विस्वासी लोगो के साहस हुन को लाने विनती (प्रार्थना) \p \v 23 जसो ही पतरस अर यूहन्ना ख छोड़ दियो गयो वी फिर से अपन लोगो का समूह म गयो अर हुन से जे मेन याजक अर सियाना यहूदी मुखिया न कय्हो हतो, उन ख सब सुनायो। \v 24 जब विस्वासी हुन न यू सुनो तब मिल ख प्रार्थना करन लगिया, अर ऊँचो सब्द से परमेस्वर से कय्हो “स्वामी तू न ही स्वर्ग अर धरती अर समुदर अर उनको अन्दर जे कुछ आय ओकी रचना आय।” \v 25 तू न सुध्द आत्मा क दुवारा अपन सेवक हमारो बुजुर्ग दाऊद क मुँह से का कय्हो, \q1 यू जमाना को इंसान हुन न अपनो घमंड दिखायो? \q2 लोग हुन न बेकार की साजिस काहे रच डाली? \q1 \v 26 प्रभु अर ओके मसी क विरोध म, \q2 जमीन क राजा खड़ा भया, \q2 अर मुखिया एक संग इकठ्टा हो गया। \p \v 27 हेरोदेस अर पुन्तियुस पिलातुस भी यू सहर म गैर यहूदी अर इस्राएली हुन क संग मिल ख तोरो सुध्द सेवक यीसु को विरोध म जे ख तू न मसी को रूप म अभिसेक करियो रहा, सही म एकजुट हो गया। \v 28 वी जमा भया एकोलाने ताकि तोरी इच्छा अर तोरी सक्ति को अनुसार उ पुरो हो सके। \v 29 अब “हे प्रभु ओकी धमकी हुन का देख; अपना दास हुन ख यू असो कर क दे कि वरदान तोरो वचन हियाव से सुनेगो। \v 30 अब हे प्रभु ओकी चंगो करन ख लियो तू अपन हात बढ़ा ख कि चिखान अर अदभुत काम तोरो सुध्द सेवक यीसु क नाम से कियो जाएगो।” \p \v 31 जब की प्रार्थना कर चुकियो, ते वी जगह जाहेगो वी इकठ्टे हते हिल गयो, अर वी सब सुध्द आत्मा से परिपूर्ण हो होएगो, अर परमेस्वर को वचन हियाव से सुनते रय्हे। \s विस्वासी हुन को सामूहिक जीवन \p \v 32 विस्वास करन वाला हुन को सहभागी एक चित्त अर एक मन की हती, यू तक कि कई भी अपन समप्ती नी कहत हतो, पर सब कुछ एक संग म हो ख बाँट लेवत रह। \v 33 प्रेरित बड़ी सक्ति से प्रभु यीसु को जिन्दो होन कि गवाई देते रया अर उन सब पर बड़ी आसीस हती रह। \v 34 उ समूह म असो कोई नी हतो कि कोई बात हुन घटी होय काहेकि जे कोई को नजीक खेत या घर होवत रहा, उन ख बेच जो पैसा मिलत रहा ओ ख लावत रह \v 35 अर प्रेरित को पाय म रख देवत रहा जे क जसा आवस्यकता होवा हैं, अर ओकी जरूरत को अनुसार उन ख बाँट दियो जावह हैं। \p \v 36 अर यूसुफ नाम साइपरस पैदा भयो को एक लेवी हतो, जेको प्रेरित बरनबास कह कर बोलत रह अर्थात् जो ख सान्ति को पोरिया कहत रह। \v 37 ओकी कुछ जमीन हती, जेका ओ न बेचीयो, अर दाम क पैसा लाय ख प्रेरित हुन पाय हुन पर रख दियो। \c 5 \s हनन्याह अर सफीरा \p \v 1 हनन्याह नाम को एक अदमी\f + \fr 5:1 \fr*\ft मनुस्य\ft*\f* अर ओकी ओरत, सफीरा न अपनी कुछ जमीन ख बेचियो। \v 2 अर अपन ओरत जानकारी म कुछ पैसा बचा ख रख लियो, अर कुछ पैसे प्रेरित हुन को पाय क आगु म रख छोडियो \v 3 पतरस न ओसे कय्हो, हे हनन्याह! सैतान न तोरो मन म यू बात काहे डाली कि तू सुध्द आत्मा से झूठ बोल्यो, अर भूमि क दाम म से कुछ रख छोडियो? \v 4 जब तक तू न या जमीन ख बचीयो या तोरी नी हती जब तू न ओ से पैसा मिलियो उ भी तोरो थो फिर भीइ तू न न अपनो मन म झुठ बोलन को कसो सोचियो, तू न अदमी से झुठ नी बोल्यो परमेस्वर से झुठ बोलयो हैं। \v 5 अर जे न या बात ख सुनायो भय छा गयो, हनन्याह गिर पडियो अर प्रायन छोड़ दियो, अर अब सुनन वाला हुन बड़ो डर छा गयो। \v 6 फिर जवान हुन न उठ ख ओकी अर्थी बनायो अर बाहर ले जाय ख गाड़ दियो। \p \v 7 लगभग तीन घंटा का बाद ओकी ओरत, जे कुछ भयो हते नी जाय ख, अन्दर अई। \v 8 तब पतरस न ओसे कय्हो, “मोखा बता तोरो पति न वी जमीन ख इतना ही पैसा म बेची हती का?” \p ओ ना कय्हो, “हाँ इतना म ही बेची हती।” \p \v 9 पतरस न ओसे कय्हो, “या क बात हैं कि तुम दो ही एक मत हो गया प्रभु का आत्मा की परीक्छा लियो एको कियो? देख, तोरो पति क गाड़न वाला हुन दरवाजा ही पर खड़ा हैं, अर तोखा भी उठा ख बाहर ले जाएगो।” \v 10 तब वी तुरत ओको पाय प गीर गाई पड़ी, अर प्रान छोड़ दियो; अर जवान हुन न अन्दर आय ख ओ ख मरो पायो अर बाहर ले जाय ख ओ ख ओको पति क नजीक गाड़ दियो। \v 11 सारो कलीसिया पर अर इ बात हुन का अर सब सुनन वाला हुन पर बड़ो डर छा गयो। \s चिखान अर अदभुत काम \p \v 12 प्रेरित हुन का हात हन से बेजा चिखान अर अदभुत काम अदमी हुन का बीच म दिखायो जात हते, अर वी सब एक चित्त म होय ख सुलैमान क ओसरा म इकठ्टे भया करत हते। \v 13 उ समूह म सम्मीलित होवन को साहस कोई नी करत रह पर लोग हुन कि बड़ाई जरूर करत रह। \v 14 विस्वास करन वाला बेजा अदमी हुन अर बाई हुन प्रभु को कलीसिया म बडी संख्या म मिलत रहा। \v 15 असो तरीका से लोग हुन अपन जुड़ हुन ख लाय ख, खटिया अरुर बिस्तर पा रस्ता म लिटान लगिया ताकि जब पतरस इते से निकलिया ते ओकी छाय ही पड जाहे। \v 16 अर यरूसलेम क आसा पास क नगर हुन म से भी कई लोग हुन भी जुड़ अर बुरी आत्मा हुन क सतायो भया का ला लाय ख इकठ्टे होत हते, अर सब चंगो हो जात हते। \s प्रेरित हुन पा सताव \p \v 17 तब बड़ो याजक अर ओके सब संगी जे सदूकी हुन को दल का हता, बेजा जादा जलन से भर उठिया \v 18 अर प्रेरित हुन का पकड़ ख जेल म बंद कर दियो। \v 19 पर उ रात को बखत प्रभु को एक स्वर्गदूत न जेल क दरवाजा खोल दियो उन ख बाहर लाय ख कय्हो, \v 20 “जाओ, मन्दिर म खड़ो होय ओ उ नयो जिन्दगी क बारा म सब बात लोग हुन ख सुनाओ।” \v 21 वी यू सुन ख भुसारो होत ही मन्दिर म जायख सिक्छा (उपदेस) देन लगियो। \p तब बड़ो याजक अर ओके संगी वाहा पहुँचिया यहूदियो के अगवे अर इस्राएली हुन का सब बुजुर्ग का बुला लायो, अर सैनिक ख जेल म भेजो कि प्रेरित ख बुला ख लाए। \v 22 पर जब सिपाई जेल खाना म पहुँचिया ते प्रेरित नी मिलीयो ते लउट ख खबर दियो, \v 23 जब हम जेल म पहुँचिया ते हम न पायो कि जेल की सुरक्छा का ताला लगिया हुआ अर दुवार पर सुरक्छा कर्मी खडा मिलीयो हता पर हमना दुवार खोलो ते हम ख आन्दर कोई नी मिलीयो। \v 24 जब मन्दिर को सरदार को अधिकारी प्रधान याजक हुन से या बात सुनी तब अचभ्बे म पड गया अर, सोचन लगिया प्रेरित को क होए! \v 25 इतना म किसी न आय ख उनको बतायो, “देख, जे लोग ख तुम न जेल म बंद रखो हतो, वी लोग मन्दिर म खड़ा भया लोग हुन ख सिक्छा देत रहा।” \v 26 सो मन्दिर को सुरक्छा करन वाला को मुखिया अपनो सिपाई हुन को संग उते गयो हैं अर प्रेरित ख बिना ताकत को प्रयोग कियो उनख वापस आयो काहेकि उन ख डर हतो कि लोग हुन हमका पत्थर नी मारे। \p \v 27 उन्होना उन्हे लाय ख बड़ो सभा क सामे खड़ो कर दियो; तब बड़ो याजक न ओसे पुछियो, \v 28 “क हम न तुमख चिता ख हुकुम नी दी हती कि तुम इ नाम से उपदेस नी करनु? तभी देख, तुम न सारो यरूसलेम ख अपन उपदेस से भर दियो हैं अर तू यू पर व्यक्ति की हत्या को अपराध हम प लादनो चावह हैं।” \p \v 29 तब पतरस अर अन्य प्रेरित हुन न उत्तर दियो, “इंसान हुन की हुकुम से बढ़ ख परमेस्वर को हुकुम माननो चाहिए। \v 30 हमार बापदादा हुन को परमेस्वर न यीसु ख जिन्दो कियो, जिनका तुम न यीसु ख सूली पर खिलला ठोक ख मार ड़ालियो। \v 31 ओखा ही परमेस्वर न अगुवा प्रभु अर उध्दार करन वालो ठहराय ख, अपने जेवनो हात पर ऊँचो कर दियो, कि उ इस्राएली हुन का मन फिरान की मोखा देवह हैं अर पाप की माफी को लाने मऊका दे। \v 32 हम यू बात हुन का गवाह हैं। अर वसो ही सुध्द आत्मा भी, जेखा परमेस्वर न उनखा दियो हैं। जे ओको नेम ख मानो हैं।” \p \v 33 जब महा सभा का सदस्य हुन न यू सुनो ते वी आग बबुला हो गयो अर प्रेरित ख मर डालनो चाहयो। \v 34 पर उन म एक फरीसी जेको नाम गमलीएल हतो जे व्यवस्थापक हतो अर सब लोग हुन म बडो ही समान को योग हतो अर सभा म खडो हुयो अर हुकुम दियो की प्रेरित ख थोडी बखत को लाने बाहर कर दियो जाये। \v 35 तब उ सभा से कय्हो, “हे इस्राएली हन, तुम जे कुछ भी इंसान हुन को संग करनो चाहवा हैं, ओ ख सोच समझ ख करनु। \v 36 क तुम ख याद हैं कि कुछ बखत पहलो अपन तुम ख कुछ महान व्यक्ति हैं थियूदास व्यक्ति प्रगट हुयो अर लगभग चार सव व्यक्ति ओको पीछु हो लियो पर ओ ख मार डालो गयो अर ओ के सभी अनुयायी तितर-बितर हो गया पर ओको परिणाम कुछ नी निकलियो। \v 37 इ को बाद जनगणना को बखत गलीली को रहन वालो यहूदा सिर उठयो। उन कुछ लोग हुन ख अपनी तरफ आकर्सित कर लियो रह वी भी मारो गयो ओ ख भी पिछे चलन वाला अनुयायी इते उते बिखर गयो। \v 38 एकोलाने नी अभी को बारे म तुम से मी कहूँ हैं इ इंसान से अगल रहो इन को बारे म कोई काम मत करजे उन ख आकेलो छोड दा अदि इ की यू योजना यू काम इंसान को तरफ हैं ते अपन तुम खत्म हो जाहे। \v 39 पर अदि परमेस्वर कि तरफ से हैं, ते तुम उन ख कभी नी नास कर पान का। कही असो नी होय कि तुम परमेस्वर से भी लड़न वाला ठहरे।” \p ते सभा न गमलीएल की बात मान ली। \v 40 उन ना प्रेरित अर उन न कोड़ा लगयो अर उन ख हुकुम दियो कि यीसु को नाम की चर्चा नी करे अर उन ख छोड दियो गयो। \v 41 उन्होने असो समझ लियो की परमेस्वर न उन न यीसु को नाम को लाने अपमान सहन को लायक समझियो। \v 42 फिर मन्दिर अर घर-घर म लगातार हर रोज यू सुसमाचार को यीसु मसी हैं उपदेस देनो अर सिक्छा देनो उन न कभी नी छोडियो। \c 6 \s सात सेवक हुन को चुनो जानू \p \v 1 कुछ रोज बाद चेला हुन कि संख्या बड़ रही हैं ते यूनानी भासा बोलन वाला यहूदी विस्‍वास भासा बोलन वाला एक विस्वासी काहेकि इब्रानी यूनानी यहूदी विस्वासी यु दावा कर रया हता उन कि विदवा हुन को दैनिक वितरण कि चिज हुन म से नजर अनदाज कियो जावा हैं। \v 2 बारा प्रेरित हुन न चेला हुन कि पुरी मण्डली क अदमी बुला ख कहयो हमारो लाने परमेस्वर कि सेवा को वचन ख छोड़ ख खाना अथवा पैसा को प्रबंध करनो अच्छो नी आय। \v 3 एकोलाने, “हे भई हुन, अपन म से सात सुनाम अदमी हुन का जे सुध्द आत्मा अर बुध्दि से भरपुर्न होए, चुन लोओ, कि हम उनका इ काम की जुम्मेदारी दे। \v 4 परन्तु हम ते प्रार्थना म अर वचन की सेवा लगाए रहनू।” \p \v 5 यू बात सारो मण्डली ख चोक्खो लगियो, अर अर उन्होना स्तिफनुस नामक एक अदमी का जो कि विस्वास अर सुध्द आत्मा म भरपुर्न हतो, अर फिलिप्पुस, अर प्रुखुरुस, अर नीकानोर, अर तीमोन, अर परमिनास, अर अन्ताकिया वासी नीकुलाउस का जे यहूदी मत म आ गयो हतो, चुन लियो। \v 6 उन ख प्रेरित हुन का सामे खड़ो कियो अर उन ख प्रार्थना कर ख ओ पर हात रखियो। \p \v 7 अर यू तरीका परमेस्वर को वचन फैलातो गयो अर यरूसलेम म चेला हुन की गिनती बेजा बढता गयो; अर याजक हुन को बड़ो समाज इ मत ख मानन वाला हो गयो। \s स्तिफनुस को गिरफ्तार होनू \p \v 8 स्तिफनुस दया अर सामर्थ्य से परिपूर्ण होय ख अदमी हुन म बड़ो बड़ो अदभुत काम अर निसान करत हतो। \v 9 पर तथा स्वतरत कियो गयो यहूदी हुन प्रार्थना घर का कुछ इंसान हुन जे कुरेनी अर सिकन्दरिया अर किलिकिया अर आसिया प्रान्थ से आयो यहूदी हतो वी स्तिफनुस को विरोध म वाद विवाद करन लग गया। \v 10 पर उ आत्मा जेसे बात वी करता हतो, अर ओको ग्यान को आगो नी टिक पाहे। \v 11 इ पर उन्होना कई अदमी हुन को लालच देय क अर कहन लगिया, “हम न एको मूसा अर परमेस्वर को विरोध म ओ ख अपनायक जनक निन्दा को बात कहत सुनो हैं।” \v 12 अर लोग हुन अर सियाना हुन अर सासतिरी हुन ख भड़का ख चढ़ गया अर ओ ख पकड़ ख बड़ो सभा म ले आयो। \v 13 अर उन न झूठा गवाह हुन खड़ो कियो गयो, जिनना कय्हो, “यू इंसान हमेसा सुध्द मन्दिर को बाराम बोलह हैं नेम ख विरोध म बोलनो नी छोड़त। \v 14 काहेकि हम न ओ ख यू कहत सुनो हैं कि उही यीसु नासरी इ मन्दिर खा तहस नहस कर देगो, अर हमरी रीति रिवाज हुन ख बदल देहे जे मूसा न दियो हैं।” \v 15 तब सब अदमी हुन न जे सभा म बैठा हते, ओ पर नजर गड़ाई ते ओको चेहरा स्वर्गदूत को सो देखियो। \c 7 \s स्तिफनुस को परचार \p \v 1 तब बड़ो याजक न पुछियो, “का यी बात हुन सच्ची हैं?” \v 2 स्तिफनुस न उत्तर दियो, “अरे भई हुन, अर सियाना हुन! मोरी बात सुनो। जब हमारो स्यानो अब्राहम हारान देस म बसन से पहिले मेसोपोटामिया म रहत रहा, ते वा बखत महिमा म रहन वालो परमेस्वर ओ ख दिख्यो।” \v 3 अऊर बोल्यो, तू अपनो देस अऊर अपनो कुटुम ख छोड़ दा अऊर उ देस क जा, जेखा मी तोखा दिखाऊँगो। \v 4 ये पर उ कसदियो को देस छोड़ ख हारान देस म बस गयो। अऊर ओको बाप की माऊत को बाद, परमेस्वर न ओखा उते से यू देस म लायका बसायो जेमन अब तुम रहवा हैं। \v 5 यू देस म परमेस्वर न उनका पाय रखन को लाने भी जगा नी दियो; पर ओ ना वादा करयो रहा की मी यू देस तोरो अर तोरो बाद तोरी अवलाद को बस म कर देहु; फिर भी उ बखत अब्राहम की कोई अवलाद नी हती। \v 6 परमेस्वर न असो कय्हो, अब्राहम की अवलाद परायो देस म परदेसी हुन को जसा रहेगो। वी अदमी हुन उनका नउकर बना ख रखेगो अर चार सव बरस लक उन पा अत्याचार करते रहेगो। \v 7 परमेस्वर न फिर बोल्यो, मी उ जात ख दण्ड देहु जेका वी गुलाम रहे। येको बाद वी वहाँ से बहार ईकल आहे अर या जगा म मोरी भक्ति करेगों। \v 8 फिर परमेस्वर न अब्राहम को लाने खतना करन को नियम बाँध्यो; अर सही म, अब्राहम न इसहाक का पैदा करयो अर आठ रोज को बाद ओको खतना करयो। इसहाक से याकूब अर याकूब को बारा कुल ख इंसान हुन पैदा भया। \p \v 9 यी बारा भई हुन न जलन रखन को वजे से उनको भई यूसुफ ख मिसर देस म जान वाला को हात बेच दियो, फिर भी परमेस्वर ओको संग म हतो रहा। \v 10 परमेस्वर न ओ ख सब बिपत्ती हुन से छुड़ायो, अर ओखा मिसर देस को राजा फिरोन की नजर म दया अर ग्यानवान बना दियो। फिरोन न यूसुफ ख मिस्र को अर अपनो पुरो राजभवन को अधिकारी ठहराय दियो। \v 11 उ बखत पुरो मिसर अर कनान देस म अकाल अऊर घोर संकट पड़यो। येको वजेसे हमरा बाप-दादा हुन ख अन्न नी मिलत रहा। \v 12 जब याकूब न यू सुन ख कि मिसर देस म अनाज मिला हैं, ते ओ ना हमरा सियाना हुन ख उते पेहली बार भेज्यो। \v 13 दुसरी बार मिलन को मऊका पर यूसुफ न अपना भई हुन ख अपनो बारे म बतायो अर फिरोन ख यूसुफ की जात अर कुल को पता चल्यो। \v 14 ओको बाद यूसुफ न अपनो बाप याकूब अर ओको पुरो परिवार ख बुलावा भेज्यो। सबरा मिलायो ख वी पचहत्तर इंसान हता। \v 15 याकूब मिसर देस ख गयो। उते ओको अर हमरा बाप-दादा हुन की भी माऊत हो गई। \v 16 बाद म उनकी लास सकेम सहर लाया अर उ समसान घाट म रखिया, जेखा अब्राहम न सकेम म हमोर को पोरिया हुन से चाँदी दे ख खरिद्यो रहा। \p \v 17 “परमेस्वर न अब्राहम से जो वादा करयो रहा, जब ओको पुरो होन को बखत आयो, तब हमरा इंसान हुन की गिनती मिसर देस म बेजा सारी बढ़ गई। \v 18 कुछ दिन को बाद मिसर म एक असो राजा भयो, जो यूसुफ को बारे म कुछ नी जानत रहा। \v 19 ओ ना हमरी जात को संग कपटी मन से बर्ताव करयो, अर हमरा बाप-दादा हुन पा अत्याचार करयो। ओ ना हमारा बाप-दादा हुन ख इत्तो मजबुत करयो कि वी अपना छोटा-छोटा पोरिया-पारी ख बाहर फेक देनो चाहिए, जसो वी जिन्दा नी रह सकन का। \v 20 असो बखत म मूसा को जनम भयो। उ परमेस्वर को नजर म बेजा खुफसुरत हतो अऊर तीन महा लक ओखा अपनो बाप को घर म पालो-पोसो गयो। \v 21 ऐको बाद जब उ फेक दियो गयो, तब फिरोन की बेटी न ओखा पालक पोरिया बना लियो अर अपनो पोरिया को जसो ओ ना ओखा पालन-पोसन कियो। \v 22 मूसा ख मिसतिरी की पुरी बिध्या सिखई गई, अर उ वचन अर करम करनो दोई म बलसाली हतो।” \p \v 23 “जब उ चालीस बरस को भयो, ते ओको मन म आयो कि मी अपनो कुटुम्ब ख इस्राएली भई हुन से मेल-जोल करूँ। \v 24 उनमा से एक संग बुरो व्यवहार होते देख ख, मूसा न ओको पक्छ लियो अर मिसतिरी ख मार ख अत्याचार को पलटा लियो। \v 25 मूसा न सोचियो की ओखा भई हुन समझेगो कि परमेस्वर मूसा को हात से उनका मुक्ति करेगों, पर उनना असो नी समझियो। \v 26 दुसरो रोज मूसा न दो इस्राएली हुन ख झगड़ते देख्यो। ओ ना यू सोच ख उनमा मेल-जोल करन की सोचियो, अरे भई हुन! तुम तो भई-भई हैं। तुम काहेको लाने एक-दुसरा का हानि पहूँचा रया हैं? \v 27 जो व्यक्ति अपनो पड़ोसी की हानि करत रा, ओ ना मूसा ख एक बाजू ढकेल दियो अऊर बोल्यो, कोना तोखा हमारो मुखिया अर न्याय करन वालो ठहरायो हैं? \v 28 जो तरीका से तू न कल मिसतिरी ख मार ड़ाल्यो रहा मोखा भी मारन कि सोचा हैं का? \v 29 या बात सुन ख मूसा वहाँ से भागयो अर मिदयान देस म परदेसी बन ख रहन लग गयो, अर वहाँ ओखा दो पोरिया पैदा भया।” \p \v 30 चालीस बरस की ऊमर को बाद सीनै पहाड़ को भटा\f + \fr 7:30 \fr*\ft सीनै पहाड़ का मरूस्थल\ft*\f* म आगी से काटा झाड़ी जलते हुए दिखई दियो। \v 31 यू देख ख मूसा सोच म पड़ गयो, अऊर जब देखन को लाने जोने गयो, ते उनका प्रभु की या आवाज सुनाई दियो, \v 32 मी तोरो बाप-दादा को परमेस्वर आय अब्राहम, इसहाक तथा याकूब को परमेस्वर। मूसा डर को मारे काँपन लग गयो। अर ओखा फिर देखन कि हिम्मत नी भई। \v 33 फिर प्रभु न ओसे बोल्यो, अपनो पाय से जूता उतार ला, काहेकि जो जगह पर तू खड़ो हैं, वा सुध्द जमीन हैं। \v 34 मीना मिसर देस म रहन वाली मोरी जात पर हो रयो अत्याचार अच्छो से देख्यो अर उनको रोनो सुनियो हैं। एकोलाने उनका छुड़ान को लाने मी उतर आयो हैं अब तैयार हो जा! मी तोखा मिस्र देस भेजुगो। \p \v 35 “जो मूसा ख अदमी हुन न असो कहते हुए इंनकार करयो रहा कि कोना तोखा हमारो मुखिया\f + \fr 7:35 \fr*\ft सासक\ft*\f* अर न्याय करन वालो ठहरायो हैं?” ओको ही परमेस्वर न झाड़ी म दर्सन देन वालो स्वर्ग दूत को दुवारा हक जतान वालो\f + \fr 7:35 \fr*\ft सासक\ft*\f* अर छुड़ान वालो को रूप म उनको जोने भेज्‍यो। \v 36 उई मूसा न उनका बाहर हेड का लायो अर मिसर देस म लाल समुंदर को अर बियाबान परदेस म चालीस बरस लक अदभुत काम अर चिखान दिखात रहा। \v 37 यू उईच मूसा आय जेना इस्राएली हुन से बोल्यो रहा, परमेस्वर तुमरा भई हुन म से तुमरो लाने मोरो जसो एक भविस्यवक्ता खड़ो करे। \v 38 यू उईच मूसा आय, जोना बियाबान\f + \fr 7:38 \fr*\ft निर्जल प्रदेस\ft*\f* परदेस की कलेसीया म उ स्वर्गदूत को संग हता, जेना सीनै पहाड़ पा उनसे बात करयो रहा। अऊर उ हमरा बाप-दादा को संग म भी हतो। उईच मूसा ख जीवित वचन मिल्या ताकि उ ओखा हम सब ख सुनाया। \v 39 पर हमरा बाप-दादा न ओकी बात ख मानन कि नी सोचियो। उनना मूसा ख छोड़ दियो अर वी मिसर देस ख लउटन की सोचत रहा। \v 40 उनना हारून से बोल्यो, हमरो लाने असो भगवान ख बना, जो हमरो अउवल-अउवल चले; काहेकि हम नी जानत आय कि उ मूसा को का भयो, जो हमका मिसर देस से हेड ख लायो रहा। \v 41 वी दिन म उनना बछड़ा की मुरती बनाई अर ओको सामने बलि चढ़ई अर अपनो हात से बनाई वाली मूर्ति को लाने एक तिहार मनायो। \v 42 तब परमेस्वर न उनसे मुड़ो फेर लियो अर ओ ना उनका आकास ख नकित्तर हुन को भक्ति करन को लाने छोड़ दियो, जसो की भविस्यवक्ता कि किताब म लिख्यो हैं: \q1 इस्राएली हुन! का तुम इंसान हुन न बियाबान परदेस म चालीस बरस लक \q2 मोखा जानवर बलि अर अनाज बलि नी! चढ़ायो रहा? \q1 \v 43 तुम मोलेक ख भी तम्बू \q1 अर अपनो भगवान रिफान को तारा ख भी \q2 अपनो संग म ले खा गयो रहा। \q2 वा मूर्ती हुन भी तुम लेखा गयो \q1 जिनका तुमना दण्डवत करन को लाने बनायो रय्हा। \p \v 44 “गवाई को तम्बू जंगल म हमारा बापदादा को बीच म हतो, जसो ओ ना ठहरायो जेना मूसा से येको बारे म कय्हो, जे आ ख तू न देखो हैं; ओको अनुसार ओखा बना।” \v 45 हमरा बाप दादा ओ ख हासिल कर ख तभी उते वहाँ आया रहा जब यहोसू को बखत म उन ना वी दुसरी जात हुन पा हक पायो जीन ख परमेस्वर न हमरा बाप दादा जोने निकाल ख बाहर कर दियो रहा। अर दाऊद को बखत तक असो ही रहा। \v 46 दाऊद न परमेस्वर की किरपा को आनन्द उठायो। ओ ना सोचियो की उ याकूब ख अदमी हुन को लाने एक रहन को जगा बना सके। \v 47 पर सुलैमान न ओको लाने मन्दिर बनायो। \p \v 48 पर परमप्रधान से रहन वालो परमेस्वर हात को बनायो घर म नी रहवा, जसो की भविस्यवक्ता न कय्हो, \q1 \v 49 प्रभु बोला हैं, स्वर्ग मोरो सिंहासन, \q2 अर जमीन मोरो लियो तुम कसो तरीका को घर बनायगो? \q1 अर मोरो आराम को कोन सी जगह होयगो? \q1 \v 50 का यी सब चिज मोरो सामर्थ की बनाई वाली नी? \p \v 51 “स्तिफतुस आगे बोलते ही रयो तुम अदमी हुन कित्ता ढीट हैं। तुमना हमेसा दी सुध्द आत्मा को विरोध करयो हैं। तुम अपना बादा दादा ख जसा ही हैं। \v 52 का कोई भी असो भविस्यवक्ता हतो, जेखा तुमरा बाप-दादा न नी सतायो? उनना तो उन ख मार भी डाल्यो जिनना बेजा पहिले से ही उ धर्मी को आन को बारे म बता दियो रहा, जेखा अब तुमना धोका दे ख पकड़वा दियो अर मरवा डाल्यो, \v 53 तुम विईच ही आय जिनना स्वर्गदूत हुन को जरिया दी वाली नेम को विधान हासिल तो कर लियो पर ओपर चल्या नी।” \s स्तिफनुस पर पत्थर फेकनू \p \v 54 जसा ही सभा अदमी हुन न स्तिफनुस कि बात हुन ख सुनी ते वी घुस्सा से आग बबुला हो ख उठायो अर ओपर दाँत पीसन लग गया। \v 55 पर ओ ना सुध्द आत्मा म भरख स्वर्ग की तरफ देखियो अर परमेस्वर को महिमा का अर यीसु का परमेस्वर \v 56 एकोलाने ओ ना कय्हो, “देखो मी देख रयो हैं कि स्वर्ग खुल गयो हैं अर इंसान को पोरिया परमेस्वर को जेवनो तरफ खड़ो हैं।” \p \v 57 तब उनना बड़ो आवाज से पुकार ख कान बंद कर लियो, अर एक संग ओ पर झपटियो; \v 58 वी ओ ख घीसते हुए सहर ले गया अर ओपर पत्थर चलान लग गया। तभी विस्वासी हुन न अपना कपड़ा उतार ख साऊल नाम को एक जवान को पाय को जोने रख दियो। \v 59 वी लोग स्तिफनुस पर पत्थर फेंकते रह, अर वी यू कह ख विनती करत रय्हो, “हे प्रभु यीसु, मोरी आत्मा का ग्रहण कर।” \v 60 फिर ओ न घुटना बल टिक ख ऊँचो सब्द से पुकारा, “हे प्रभु, यू पाप ख उन को विरुद म मत लगाजो।” अर यू इत्तो कह ख मर गयो। \c 8 \pi साऊल ओके अधिन म सहमत हतो। \s कलीसिया पर बुरो व्यवहार करनु \p \v 1 साऊल ओको मरन को संग सहमत हतो। उही दिन यरूसलेम को कलीसिया पर बड़ो मूसिबत आरम्भ भयो अर प्रेरित हुन का छोड़ सब क सब यहूदिया अर सामरिया देस हुन म तितर-बितर हो गयो। \v 2 कुछ भक्त हुन न स्तिफनुस ख कब्र म रखो अर ओको लियो बड़ो सोक विलाप कियो। \p \v 3 साऊल कलीसिया ख उजाड़ रय्हो हतो; अर घर-घर घुस ख घसीट अदमी अर बाई हुन ख खीच ख जेल म डालत हतो। \s सामरिया म सुसमाचार को प्रचार \p \v 4 जे विस्वासी म तितर-बितर भया हते, वी सुसमाचार सुनात भया फिरत हते; \v 5 अर फिलिप्पुस सामरिया नगर म जाय ख लोग हुन म मसी को प्रचार सुनावन लगयो। \v 6 फिलिप्पुस का अदमी हुन न जब सुन्यो अर जो हईब ख चिन्ह ख उ पर घट करते जात रहा, देख्यो, ते जो बात हुन ख उ बतात रहा उन पा उनना खुब ध्यान से ध्यान दियो। \v 7 ढ़ेर सारा इंसान हुन म से, जिनमा बुरी आत्मा समायो हतो रहा, वी बड़ी जोर से किलकारी मार ख बादर निकल ख अई रह। ढ़ेर सारा लकवा ख बीमार अर लंगडा अच्छो होत रहा। \v 8 यु तरीका से सहर म बड़ो खुसी छा गयो। \p \v 9 वहाँ समोन नाम को एक अदमी रहत रहा। उ काफी दिन से वहाँ जादू-टोना करते जात रहा अर सामरिया ख इंसान हुन ख सोच म डाल देत रह। उ महान अदमी होन को दावा करत रहा \v 10 छोटा से लेकर बड़ा तक सभी इंसान हुन ओकी बात हुन पा ध्यान देत रहा अऊर बोला, “यू अदमी परमेस्वर की वई सक्ती आय जो महा सक्ति कह लाय हैं।” \v 11 ओ न बेजा दिन हुन से उनका जादू को काम हुन से चकित कर रखो हतो, एकोलाने वी ओको बेजा मानत हैं। \v 12 पर जब उनना जब फिलिप्पुस पा भरोसा करयो काहेकि ओ ना उनका परमेस्वर को राजा को सुसमाचार अऊर यीसु मसी को नाम सुनायो रहा, ते वी अदमी ओरत दोई से बपतिस्मा लेन लग गया। \v 13 तब समोन न खुद भी विस्वास कियो अर बपतिस्मा लेय ख फिलिप्पुस को संग रहन लगिया। वी चिखान अर बड़ो-बड़ो सक्ति को काम होत देख ख बडो अचिम्मित होत हतो। \p \v 14 जब प्रेरित हुन न जो यरूसलेम म हते, सुनियो कि सामरिया हुन न परमेस्वर को वचन मान लियो हैं ते पतरस अर यूहन्ना का ओके नजीक भेजियो। \v 15 फिर जब वी पहुँचिया ते उनना उनको लाने बिनती करी कि उनका सुध्द आत्मा मिले। \v 16 काहेकि वी अब तक ओमा से कोई पर नी उतरियो हतो, उनना ते केवल प्रभु यीसु को नाम म बपतिस्मा लियो हतो। \v 17 एकोलाने पतरस आ यूहन्ना न उन पा हात धरया अर उनका सुध्द आत्मा मिल गयो। \p \v 18 जब समोन न देखियो कि प्रेरित हुन को हात रखन से सुध्द आत्मा दियो जात हैं, ते ओको नजीक पैसा लाय ख कय्हो, \v 19 “मो ख भी असी अधिकार दे, कि जे कोई पर मी हात रखू ते वी सुध्द आत्मा पाएगो।” \p \v 20 पतरस न ओसे कय्हो, “तोरो अर तोरो धन को सत्यानास होय, काहेकि तू न असो सोच्चो कि तू पैसा से परमेस्वर ख वरदान हुन ख मोल ले सका हैं। \v 21 इ बात म नी तोरो हिस्सा हैं, नी भाग; काहेकि तोरो कोई हिस्सा नी मन परमेस्वर को आगु सिधो नी हैं। \v 22 एकोलाने अपनी या बुरी चाल से मन फिरा ख अर प्रभु से विनती कर। हो सका हैं तोरो मन म जो विचार हतो, उ विचार को लाने तोखा माप कर दियो जाय।” \v 23 काहेकि मी देख रयो हैं कि तू अधर्म से भरो पड़यो हैं अर पाप को चुंगल म फस गयो। \p \v 24 पतरस न समोन अर यूहन्ना ख उत्तर दियो, “तुम प्रभु से मोरो लाने विनती करो कि ताकि तुमना जो कुछ बोल्यो हैं, ओमा न से कोई भी बात मोपर नी घटन करी।” \p \v 25 जब वी अपनी दे ख अर प्रभु को वचन सुना ख रस्ता ख ढ़ेर सारा सामरी गाँव हुन म सुसमाचार को बारे म बताते हुए यरूसलेम लऊट आयो। \s फिलिप्पुस अर इथोपिया को अधिकारी \p \v 26 प्रभु को एक स्वर्ग दूत न फिलिप्पुस ख बोलते हुए बतायो “तैयार हो जा, अर दक्छिन दिसा म वा रस्ता म जा, जो यरूसलेम से गाजा ख जावा हैं।” यू एक बियाबान रस्ता हैं। \v 27 एकोलाने उ तैयार भयो अर निकल पड़यो वही एक क्रूस को खोजा हतो। उ क्रूस की रानी केदाके को एक अधिकारी हतो जो ओको पूरो खजाना को राज्यपाल हतो। उ बिनती करन को लाने यरूसलेम गयो रहा।\f + \fr 8:27 \fr*\ft खोजा एक पुरुस लीग व्यक्ति हैं, जो सर्वसमान्य लैगिक समान्य सम्बन्ध नी साध सकते काहेकि उसकी सुक्रग्रन्थी को निकाला गया होता हैं।\ft*\f* \v 28 लोउते बखत उ अपनो रथ पर बैठो भयो हतो, अर यसायाह भविस्यवक्ता को किताब पढ़त भयो लउट जा रय्हो हतो। \v 29 तभी फिलिप्पुस ख आत्मा न बतायो कि, “उ रथ को जोने जा अर उते ही रूक।” \v 30 फिलिप्पुस जब उ रहा को जोने दऊड ख गयो ते ओ ना ओखा यसायाह भविस्यवक्ता कि किताब पढते सुन्यो। एकोलाने उ बोल्यो, “का जेखा तू पढ़ रयो हैं ओखा का समझा भी हैं?” \p \v 31 अधिकारी न उत्तर दियो, “भी भला तब लक कसो समझ सकू हैं। जब लक कोई मोखा ऐका नी समझान को?” फिर ओ ना फिलिप्पुस ख रथ पा अपनो संग बैठन ख बुलायो। \v 32 सास्र को जो भाग ख उ पढ़त रहा उ हतो: \q1 “ओखा बली चढ़न वाली भेड़ को जसो ले जायो गयो। \q2 उ तो उ पिल्ला को समान चुप था। \q2 जो ऊन करन कि बखत चुप-चाप रहवा हैं, \q1 ठीक वसो ही ओ ना अपनो मुंडो नी खोल्यो! \q1 \v 33 ओको सिधो स्वभाव म ओको संग न्याय नी हो पायो। \q2 ओको बखत का अदमी हुन को बारे म कऊन बता सका हैं? \q1 काहेकि ओ कि जिन्दगी खतम कर दी हैं। \q2 काहेकि दुनिया से ओको प्रान उठा लियो हैं।” \p \v 34 “ये पर खोजे न्याय अधिकारी न फिलिप्पुस से पुछो, मी तोसे प्रार्थना करू हैं, यू बता कि भविस्यवक्ता यू कोन को बारे म बोला हैं, अपनो बारे म या कोई दुसरो बारे म?” \v 35 फिर फिलिप्पुस न कहेनो सुरू करयो अर यू सास्र से लेका यीसु को सुसमाचार लक सब ओखा बता दियो। \v 36 “रस्ता म आगे बढ़ते हुए वी कई पानी को जोने पहुँचिया फिर उ खोजा मंतरी न कय्हो, देख! यहाँ पानी हैं।” अब मोखा बपतिस्मा लेनो म का बात को रोक हैं? \v 37 फिलिप्पुस न कहयो “अदि तू पुरो मन से भरोसा करह हैं ते ले सकह हैं।” ओ न उत्तर दियो, “मी भरोसा करु हूँ कि यीसु मसी परमेस्वर को पोरिया हैं।” \p \v 38 तब ओ ना रथ खड़ो करन को आदेस दियो, अर फिलिप्पुस अर खोजा दोई पानी म उतर पढ़िया, अर ओ ना खोजा ख पानी बपतिस्मा दियो। \v 39 जब वी पानी म से निकल ऊपर आय, ते प्रभु को आत्मा फिलिप्पुस का उठायो ले गयो, अर खोजे न ओ ख फिर नी देखियो अर उ खुसी मानत हुयो अपनो रस्ता म चल दियो। \v 40 फिलिप्पुस असदोद म निकल्यो, अर जब तक कैसरिया म नी पहुँचियो, तब तक पुरो नगर-नगर सुसमाचार सुनाते गयो। \c 9 \s साऊल को मन-परिवर्तन होनू \r (प्रेरितो 22:6-16; 26:12-18) \p \v 1 साऊल प्रभु ख मानन वाला विस्वासी अदमी हुन ख मार डालन कि धमकी देते ही जात रह उ प्रमुख याजक को जोने गयो \v 2 फिर ओ ना दमिस्क को प्रार्थना घर म हुन ख नाम माँग ख अधिकार चिठ्टी ले लियो जसो ओखा वहाँ अदि कोई ओखा यीसु मसी ख मानन वाला विस्वासी मिले, फिर जाहे वा ओरत होय चाहे अदमी होय ते उ उनका पकड़ ख फिर वापस यरूसलेम लेखा आहे। \p \v 3 जब साऊल दमिस्क सदा को जोने पहुँच गयो, ते एक दम से आकास म से उजाला ओकी आँखी म आ गयो, \v 4 अर वी जमीन पर गिर पड़ो अर यू सब्द सुनियो, “हे साऊल, हे साऊल, तू मोखा काहे सतावा हैं?” \p \v 5 साऊल न पुछयो, “प्रभु, तू कोन आय?” उतर मिल्यो, “मी यीसु आय, जेखा तू सतावा हैं। \v 6 पर तू अब खड़ो हो अर सहर म जा। उते तोखा बता दियो जाहे कि तोखा का करनो चहिए।” \v 7 जे अदमी ओके संग हते, वी दंग रय्ह गया; काहेकि सब्द ते सुनत हते पर या कोई का नी देखयो। \v 8 तब साऊल जमीन पर से उठयो, परन्तु जब आँख हुन खोली ते ओ ख कुछ नी दियो, अर वी ओखा हात पकड़ का दमिस्क सहर ले गयो। \v 9 वी तीन दिन तक नी देख सकिया, अर वी दिन म कुछ नी खायो अर न पियो। \p \v 10 दमिस्क म हनन्याह नाम को एक चेला हता, ओसे प्रभु न दर्सन म कय्हो, “हे हनन्याह!” ओ न कय्हो, “प्रभु मे याहा हूँ।” \p \v 11 तब प्रभु न ओसे कय्हो, उठ ख उ गली म जा जो “सिधी” कहलाता हैं, अर यहूदा का घर म साऊल नाम को एक तरसुस वासी का पुछियो; काहेकि देख, वी प्रार्थना कर रय्हो हैं, \v 12 “अर ओ न हनन्याह नाम को एक अदमी का आन्दर आत अर अपन ऊपर हात रखत देखो हैं; ताकि फिर से नजर पाएगो।” \p \v 13 हनन्याह न उत्तर दियो, “हे प्रभु, मी न यू इंसान को बारे म बेजा कुछ सुनो हैं कि यरूसलेम म तोरो ऊपर सुध्द अदमी हुन को संग यरूसलेम बड़ो-बड़ो बुराई हुन की हैं; \v 14 अऊर यू भी येखा प्रमुख याजक हुन की तरफ से अधिकार मिलो हैं, जो इंसान हुन तोरो नाम ख लेवा हैं वी सब ख बाँध ले।” \p \v 15 पर प्रभु न ओसे कय्हो, “तू जा काहेकि यू इंसान ख गैर यहूदी हुन अर राजा हुन अऊर इस्राएल ख रहन वाला इंसान हुन को सामे मोरो नाम लेवन को लाने मीन ऐका चुनियो।” \v 16 “अर मी तो ख बताऊँगो कि मोरो नाम को लियो ओ ख कसो कसो दुख उठानो पडेगो।” \p \v 17 तब हनन्याह उठ ख ओ घर म गयो अर जाहा साऊल था, अर ओ पर पर अपनो हात रख ख कय्हो, “हे साऊल भई, प्रभु, अर्थात् यीसु, जे ओ रस्ता म, जेसे तू आयो तोखा दिखाई दियो हतो, ओको न मोखा भेजो हैं कि तू फिर नजर पाएगो अर सुध्द आत्मा से भर जाएगो।” \v 18 फिर तुरत बाद छिलका जसी कोई चीज ओकी आँखी से गीड़ी अर ओखा फिर से दिखन लग गयो। उ खड़ो भयो अर ओ ना बपतिस्मा लियो; \v 19 फिर थोड़ो सो खाना का बाद ओ ना अपनी ताकत ख फिर से ले लियो। उ दमिस्क म विस्वासी चेला हुन को संग कुछ दिन अऊर रूकियो। \s दमिस्क म साऊल को परचार \p वी कई दिन उन चेला हुन को संग रय्हो जे दमिस्क म हते। \v 20 अर वी तुरंत प्रार्थना घर हुन म यीसु को प्रचार करन लगिया कि यीसु ही परमेस्वर को पोरिया हैं। \p \v 21 जो कोई न मी, ओको परचार ख सुन्यो म पड़ गया अऊर कहन लग्या, “का यू उई नी आय, जो यरूसलेम म यीसु को ऊपर भरोसा करन वाला ख करन कि कोसिस करत रहा अऊर का यू क इते पकड़न अर प्रमुख याजक हुन को जाने लेका जान को लाने नी आयो रहा?” \p \v 22 पर साऊल को परचार अऊर मी जादा सक्तीसाली होते गयो अऊर दमिस्क म रहन वाला यहूदी हुन ख यू बताते हुए कि यू यीसु ही मसी आय, हरान लग गयो। \p \v 23 बेजा रोज बीत जान को बाद यहूदी हुन न ओखा मार डालन को लाने पिलान बनायो। \v 24 पर ओकी योजना साऊल को पता चल गयो। वी सदा अर दरवाजा हुन पा रात दिन ताँक लहा ख रहत रहा ताकि ओखा खतम कर दे हे।\f + \fr 9:24 \fr*\ft यो। वी ते ओ ख मार डालन ख लियो रात दिन सहर को फाटक हुन पर घात म लगो रहत हते \ft*\f* \v 25 पर रात ख ओके चेला हुन न ओ ख बाउनडरी म बैठ यो, अर बाउनडरी पर से लटका ख उतार दियो। \s साऊल की यरूसलेम म यातरा \p \v 26 फिर जब पोलुस यरूसलेम पहुँचियो ख ओ न चेला हुन को संग मिल जानो को प्रयास कियो; पर सब ओसे डरत हते, काहेकि उन ख विस्वास नी होत हतो, कि वी भी चेला हैं। \v 27 पर बरनबास न ओ ख अपना संग प्रेरित हुन क नजीक ले जाय ख ओको बतायो कि साऊल से मार्ग म प्रभु ख देखियो, अर ओ ना ओसे बात कियो; फिर दमिस्क म इन कसो हिम्मत से यीसु को नाम से प्रचार कियो। \v 28 वी ओके संग यरूसलेम म आन जान रह अर बेधड़क होयका प्रभु को नाम से प्रचार करत रहा। \v 29 अर कोई को डर नी होय ख प्रभु का नाम से प्रचार करत हता; अर उ यूनानी भासा बोलन वाला यहूदी हुन को संग बातचीत अर झगड़ा-लगड़ा करत लगिया। \v 30 यू जान ख भई ओ ख साऊल को कैसरिया ले आयो अर तरसुस ख भेज दियो। \p \v 31 असो तरीका से पुरो यहूदिया, गलील, अर सामरिया कि कलेसिया को उ बखत सान्ति से बितीयो। वहाँ कलेसिया अऊर जादा तेजी से बढ़न लग गी। काहेकि कि वी प्रभु से डर ख अपनो जीवन बितात रहा, अर सुध्द आत्मा न ओखा अऊर जादा उकसायो कय्हो रहा एकोलाने उनकी गिनती बढ़न लग गई। \s लुद्दा अर याफा म पतरस \p \v 32 फिर असो भयो कि पतरस लुद्दा म पूरो परदेस म फिरते रयो, उ सुध्द अदमी हुन का नजीक भी जा पहुँचियो जे लुद्दा म रहत हते। \v 33 उही ओ ख एनियास नाम को लकवा को जुड़ वाला एक अदमी मिलियो, जो आठ साल से खटिया म पड़ो हतो \v 34 पतरस न ओसे कय्हो, “हे एनियास! यीसु मसी तो ख चंगो करह हैं। उठ, अपनो बिछोना बिछा ठिक कर।” तब वी तुरंत उठ खड़ो भयो। \v 35 तब लुद्दा अर सारोन क सब रहन वाला ओ ख देख ख प्रभु की ओर फिरा। \p \v 36 याफा म तबीता नाम कि एक विस्वासी बाई रहत रहा। जेको यूनानी मत लब होय हैं, “दोरकास एको मतलब” हिरनी वा हमेसा भलाई काम कर रहा अऊर गरीब हुन ख दान देत रहा। \v 37 उई बखत म वा जुड़\f + \fr 9:37 \fr*\ft बिमार\ft*\f*हो गई; अर उन ना ओखा पानी सपड़ा ख अटारी पर रख दियो। \v 38 एकोलाने कि लुद्दा याफा सहर को नजीक हतो रह, चेला हुन न यू सुन ख कि पतरस ओमा हैं, दो अदमी भेज ख ओसे विनती करी, “कि हमरो यहाँ आनो म देर मत कर जो।” \v 39 तब पतरस उठख ओको संग हो लियो, अर जब वी पहुँचियो ते वी ओ ख उ अटारी पा ले गयो। सब विधवा हुन रोती हुयो ओको नजीक आ खडी भई अर जे कुरता अर कपड़ा दोरकास न ओको संग रहत हुए बनायो हते, दिखन लगिया। \v 40 तब पतरस न सब ख बहार निकाल दियो, अर घुटना टेक ख विनती करी अर मुर्दा लास कि तरफ देख ख कय्हो, कि “अरे तबीता, उठ।” तब ओ ना अपनी आँखी खोल दियो; अर पतरस ख देख ख उठ बैठी। \v 41 ओ ना हात देख ख ओखा उठायो, अर अदमी या सुध्द अदमी हुन अर राड़ भई वाली बाई ख बुला ख ओखा जिन्दो दिखा दियो। \v 42 या बात पुरो याफा म फैल गयो; अर ढ़ेर सारो न प्रभु पर भरोसा कियो। \v 43 अर पतरस याफा म समोन नाम को कोई चमडा को धंदा करन वालो का घर म बेजा दिन तक रय्हो। \c 10 \s पतरस का कुरनेलियुस को बुलवानो \p \v 1 कैसरिया म कुरनेलियुस नाम को एक अदमी थो। जो रोमी सेना को सेना नायक हतो जेका इतालवी सेना दल को सतपति बोल जते रहा। \v 2 उ भक्त हतो, अर अपन सारो घरानो समेत परमेस्वर से डरत हतो, उ यहूदी गरीब इंसान हुन ख मददत को लाने दान देत रय्हा, अर रोज दिन परमेस्वर से विनती करत हतो। \v 3 ओ ना दोपहर को तीन बजे को नजीक दर्सन म साफ सुतरो से देखियो कि परमेस्वर को एक स्वर्गदूत ओको नजीक आन्दर आय ख कहत हैं, “कुरनेलियुस!” \p \v 4 एकोलाने कुरनेलियुस करते हुए स्वर्ग दुत कि तरफ देखते बोल्यो, “अरे प्रभु, यू का आय?” स्वर्ग दूत न ओसे कय्हो, “तोरी बिनती अर गरीब लचार ख दियो वालो दान तो ख याद दिलान को लाने परमेस्वर को जोने पहुँच गया हैं।” \v 5 अऊर अब कुछ इंसान हुन ख याफा भेज अऊर समोन नाम को एक इंसान ख, जोका पतरस भी बोलो जावा हैं; इते बुलवा ला। \v 6 “उ समोन नाम को एक चमडा को धंदा कान वालो को संग रह रयो हैं। ओको घर सागर को किनार म हैं।” \v 7 जब वी स्वर्गदूत जे तोसे बात कि हती चलो गयो, ते ओ ना अपना दो दास हुन बुलायो, अर जो ओके नजीक म रय्हा करत हते ओ म से एक निजी साहयक भलो सिपाही ख बुलायो, \v 8 अर उन्हो सब बात बता ख याफा का भेजो। \p \v 9 दूसरो दिन जब वी चलत चलत नगर का नजीक पहुँचिया, तब पतरस लगभग दोपहर को निकट छत म प्रार्थना करन चढ़ियो। \v 10 जब वी खाना बनात ही रह।, ते पतरस न तैयारी कर रय्हो हतो ते पतरस न दर्सन देख्यो।; \v 11 अऊर ओ ना देख्यो कि आकास खुल गयो हैं। अऊर एक बड़ो चादर जसो कोई चीज नीचु उतर ख आवा हैं। ओखा चारी कोना से पकड़ ख जमीन पा उत्तरो जावा हैं। \v 12 जे म जमीन को सब प्रकार को चऊपाए अर रेगन वालो जानवर अर आकास क पक्छी हता। \v 13 ओ ख एक असो सब्द सुनाई दियो, “भी एक वानी न कहयो पतरस उठ, अर इनका मार अऊर खा।” \p \v 14 पतरस न बोल्यो, “प्रभु बिलकुम भी नी, काहेकि मी न कभी भी असुध्द या असुध्द खाना क कभी मी नी खायो।” \v 15 फिर दूसरो बार ओ ख सब्द सुनाई दियो, जे कुछ परमेस्वर न सुध्द ठहरायो हैं, “ओ ख तू काहे असुध्द मत कहव।” \v 16 तीन बार असो भयो; तब तुरत वी थाली आकास पर उठा लियो गयो। \p \v 17 जब पतरस अपन मन म सोच म हतो, कि यू सपना जे मी न देखो, वी कहो सकत हैं, ते देखो, वी अदमी जिनका कुरनेलियुस न भेजो हतो, समोन को घर पता लगाया ख ओको दुवार को आ ख खड़ो भया, \v 18 अर पुकार ख पूछन लगियो, “का समोन जे पतरस कहलावा हैं, उ यही मेहमान हैं?” \v 19 पतरस तो ओ दर्सन पर ही सोच ही रय्हो हतो, कि आत्मा न ओसे कय्हो, “देख, तीन अदमी तोरो खोज म हैं। \v 20 अत: उठ ख नीचो जा, अर बिना सक ओखा संग हो लेवा; काहेकि मी ही न उनका भेजो हैं।” \v 21 तब पतरस न उतर ख उ अदमी हुन से कय्हो, “देख, जेकी खोज तुम कर रय्हा हैं, वी मी ही हूँ। तुम्हारो आन को क कारन हैं?” \p \v 22 उनना बोल्यो, “हमका सतपति कुरनेलियुस न भेजो हैं। उ परमेस्वर से डरन वालो धर्मी इंसान आय। यहूदी जात म ओकी बेजा मान इज्जत हैं ओसे सुध्द स्वर्गदूत न तोखा अपनो घर बुलान को निवता देन को अऊर जे कुछ तू कहे ओखा सुनन कि बोल्यो हैं।” \p \v 23 ये पर पतरस उन्हे भीतरी बुला लियो अऊर रुकन को लाने जगह दी। फिर दुसरो रोज तैयारी कर ख उ उनको संग चल दियो। अऊर याफा ख कुछ भई हुन भी ओको संग चल दियो। \p \v 24 दूसरो दिन वी कैसरिया पहुँचिया, अर कुरनेलियुस अपन कुटुम हुन अर चोक्खो दोस्त ख इकट्ठा कर ख ओकी रस्ता देखत रय्हा हतो। \v 25 जब पतरस पीछे आत रह हतो, ते कुरनेलियुस न ओसे मुलाकात करी, अर ओको पाय पर गीर ख ओको पाय पड़ियो; \v 26 पर पतरस न ओखा उठा ख कय्हो, “खड़ो हो, मी भी तो एक इंसान ही आय।” \v 27 अर ओको संग बात चीत करते हुये भीतर गयो, अऊर उते ओ ना ढ़ेर सारा विस्वासी हुन ख इकट्ठो देख ख। \v 28 ओ ना ओसे कय्हो, “तुम जाना हैं कि एक यहूदी को लाने अनजात को संग नाता रखनो या ओको घर जानो नियम को हिसाब से गलत हैं। पर फिर भी परमेस्वर न मो ख बतायो हैं कि मी कोई भी इंसान हुन ख नीच या असुध्द नी कैय सकू। \v 29 एकोलाने जब मी बुलायो गयो ते बिना कुछ बोल ख चलो गयो। अब मी पुछु हैं कि मोखा कोन सो काम को लाने बुलायो गयो हैं?” \p \v 30 ये पर कुरनेलियुस म कय्हो, “चार रोज पहिले इत्ती बखत दिन को तीन बजे नी अपनो घर म बिनती करत रहा एकदम से सफेत फट कपड़ा म एक इंसान मोरो जोने आ ख खड़ो भयो।” \v 31 अऊर बोल्यो, “कुरनेलियुस। तोरी बिनती सुन लियो हैं अऊर गरीब लचार ख दियो वाला तोरा दान परमेस्वर को जोने पहुँच गया हैं। \v 32 एकोलाने कोई क याफा भेज ख समोन ख जोका पतरस बोला हैं, बुला। उ समुंदर को किनार समोन, चमडा को धंदा करन वालो को घर म मिजवान हैं। \v 33 ऐको लाने तब मीना तुरत तोरो जोने अदमी भेजियो, अर तू न चोक्खो करियो कि तू आ गयो। अब हम सब इते परमेस्वर को जोने हैं, ताकि जो कुछ प्रभु न तोसे कय्हो हैं ओखा सुने।” \s पतरस को प्राचार \p \v 34 तब पतरस न कय्हो, “अब मो ख भरोसा भयो कि परमेस्वर कोई को संग पक्छ नी करा,” \v 35 बलकी अदमी कोई भी जात को काहे नी होय जो आते डरा हैं अऊर धर्म काम करा हैं उ ओखा अपना लेवा हैं। \v 36 यईच आय वा खबर जेका ओ ना यीसु मसी को दुवारा सान्ति को सुसमाचार ख परचार करते बखत इस्राएल ख इंसान हुन ख दियो थो उ सभी को प्रभु आय।, \v 37 “तुम वा बड़ी घटी-घटना ख जाना हैं,” जो पुरो यहूदिया म बिती रहा। गलील से सुरू हो का यूहन्ना को बपतिस्मा दियो जान को बाद से जेको प्रचार यूहन्ना न करो गयो रहा: \v 38 परमेस्वर न उसी नासरी यीसु कसो तरीका से यीसु नासरत ख सुध्द आत्मा अर सामर्थ्य से अभिसेक करियो; उ भलाई करा अर सब का जो सैतान का सताया वाला हता, चोक्खो करते फिरीयो, काहे की परमेस्वर को संग म हतो \v 39 हम वी सब काम हुन को गवाह हैं; जो ओ ना यहूदिया को अऊर यरूसलेम म भी करीया। उईच यीसु ख उनना सूली पा खिल्ला ठोक ख लकड़ी पा लटका ख मार डाल्यो। \v 40 ओको परमेस्वर न तिसरो रोज जिन्दो कियो, अर प्रगट भी कर दियो हैं; \v 41 सब अदमी हुन पर वरन् उ गवाह हुन पर जिन ख परमेस्वर न पहलो से ही लियो हतो अर्थात् हम पर जिन्होना ओको मरो भयो म से जिन्दो उठन को बाद ओको संग खायो पियो; \v 42 “ओ ना ही हमका आदेस दियो कि हम इंसान हुन ख बताया अऊर साबीत करे कि यू उईच आय, जो परमेस्वर न जिन्दो अर मरो हुओ को न्याय करन वालो का बनन ख चुनो गयो हैं। \v 43 ओकी सब भविस्यवक्ता गवाई देव हैं कि जे कोई ओ पर विस्वास करेगों, ओको ओके नाम को व्दारा पाप हुन को माफ मिलेगी।” \s दुसरी जाती हुन पर सुध्द आत्मा उतरनू \p \v 44 पतरस यू बात कह ही रय्हो हतो कि सुध्द आत्मा ओको सन्देस सुनन वालो पर उतर आयो। \v 45 काहेकि सुध्द आत्मा को वरदान गैर यहूदी हुन पा भी उँडेल दियो जात रहा, एकोलाने पतरस को संग आया वाला यहूदी विस्वासी सोच म पड़ गया। \v 46 काहेकि वी गैर यहूदियो उन्होना उन ख अलग अलग भासा बोलत अर परमेस्वर कि बड़ाई करत सुनियो। इ पर पतरस न कय्हो, \v 47 “क कोई पानी ख रोक सकत हैं कि ये बपतिस्मा नी पायो, जिन्होना हमारो समान सुध्द आत्मा पायो हैं?” \v 48 अर पतरस अपना हुकुम दियो कि उन ख यीसु मसी को नाम म बपतिस्मा दियो जाएगो। तब उन्होना पतरस से ओसे विनती की कि वी कुछ दिन अर ओके संग रय्हे। \c 11 \s पतरस को यरूसलेम कलीसिया म लेखा जोका देनु \p \v 1 फिर प्रेरित हुन अर भई हुन जे यहूदिया म हते सुनो कि दुसरी जात हुन न भी परमेस्वर को वचन मान लियो हैं। \v 2 जब पतरस यरूसलेम पहुँचियो ते जो विस्वास हुन न खतना कर लियो वाला इंसान हुन ओसे भेस बाजी करन लग गया, \v 3 “तू न खतना नी करिया लोग हुन ख यहाँ जाय ख ओके संग काहे खायो।” \v 4 ये पर पतरस न हकिगत म जो घटयो रहा, ओखा सुनान समझान लग गया, \p \v 5 मी याफा सहर म विनती कर रय्हो हतो, अर बेसुध\f + \fr 11:5 \fr*\ft गहरी नींद मे सोना, कोई होस मे नही \ft*\f* होय ख एक सपना देखियो कि एक थाली, बड़ो चादर को समान चारो कोन हुन से लटकायो भयो, आकास से उतर ख नजीक आयो। \v 6 जब मी न ओ पर ध्यान से देखयो, ते ओमा दुनिया का चार पाय वाला अर जंगल म जानवर अर रेगन वाला जीव जन्तु अर आकास म उड़न वाली चिड़िया हुन देखो; \v 7 अर यू आवाज भी सुनो, पतरस उठ, पकड़ मार अऊर खा। \v 8 “पर मीन कय्हो,” प्रभु सही म नी, काहेकि मीना कभी भी कोई असुध्द अर असुध्द खाना ख हात से छियो तक नी हाय। \v 9 येको बारे म आकास से दुसरी बार फिर से या आकासवानी भई, जो कुछ परमेस्वर सुध्द ठहरायो हैं ओखा असुध्द मत बोला। \v 10 तीन बार असो ही भयो; तब सब कुछ फिर आकास म उठा लियो गयो। \v 11 अर देखो, तुरत तीन अदमी जे कैसरिया से मोरो नजीक भेजो गयो हतो, उ घर पर जेम हम हते, आ ख खड़ो भया। \v 12 तब आत्मा न मोसे उनको संग बेधड़क चल कय्हो।, यी छे: भई हुन मी मोरो संग गया। अऊर हमना उ इंसान को घर म गया। \v 13 ओ ना हम ख बतायो, कि ओ ना एक स्वर्गदूत ख अपनो घर म खड़ो देखो, जेना ओसे कय्हो, याफा म इंसान भेज ख समोन ख जेखा लोग हुन पतरस बोला हैं, बुलवा ला। \v 14 उ तुम से असी बात बोलेगो, जेको व्दारा तू अर तोरो परिवार या घराना उध्दार पाएगो। \v 15 जसो ही मीना बोलनो चालू करयो ते सुध्द आत्मा उन पा उतरियो। ठीक वसो ही जसो सरू म हम पर उतरियो रहा। \v 16 तब मोखा प्रभु को उ वचन याद आयो; जो ओ ना कय्हो रह, यूहन्ना न तो पानी से बपतिस्मा दियो, पर तुम सुध्द आत्मा से बपतिस्मा पाएगो। \v 17 असो तरीका से अदि परमेस्वर न गैर यहूदी हुन ख मी उईच वरदान दियो जेखा ओ ना जब हमना प्रभु यीसु मसी को नाम पा भरोसा मी करयो रह, तब हमका दियो रहा, “ते रोकन वालो मी कोन होत आय?” \p \v 18 विस्वासी हुन न जब यू सुनियो ते उनना जबाब पुछनो बन्द कर दियो। “वी परमेस्वर कि बड़ाई कर ख कहन लग गया,” अच्छा, ते परमेस्वर न गैर यहूदी हुन तक ख मन फिरान को उ मऊका दे दीयो हैं, “जो अनन्त काल को जीवन की तरफ ले जाय हैं।” \s अन्ताकिया की कलीसिया \p \v 19 वी इंसान जो उ स्तिफनुस को बखत म पड़ो मिलन वालो दुख को वजे से तितिर-बितर हो गया रहा, वी फीनीके अर साइपरस अर अन्ताकिया म पहुँचियो; पर यहूदिया ख छोड़ कोई अर का सन्देस नी सुनात रह। \v 20 यीच गैर यहूदी हुन म से कुछ झन साइपरस अर कुरेनी ख विस्वासी हता, वी अन्ताकिया म आय ख गैर यहूदी हुन ख भी प्रभु यीसु को सुसमाचार की बात सुनावन लग गया। \v 21 प्रभु की सामर्थ ओ पर हती, अर ढ़ेर सारो इंसान भरोसा कर ख प्रभु की तरफ फिरया। \p \v 22 जब ओकी चर्चा यरूसलेम की कलीसिया को सुननो म आई, ते उनना बरनबास का अन्ताकिया भेजो। \v 23 उ वहाँ पहुँच ख अर परमेस्वर की दया देख ख खुस हो गयो, अर सब ख ग्यान दियो कि तन मन लगा ख प्रभु से लिपटिया रहनु। \v 24 काहेकि बरनबास एक अच्छो इंसान हतो, अर सुध्द आत्मा से भयो हतो मजबूत हतो; अर ढ़ेर सारो इंसान प्रभु म आ खा मिलयो \v 25 ओको पस्चात बरनबास साऊल ख ढ़ूँढ़न को लाने तरसुस ख चल दियो। \v 26 जब उ ओसे मिलो ते ओखा अन्ताकिया म लायो अर असो भयो कि वी एक साल तक कलीसिया को संग मिलत अर ढ़ेर सारो इंसान हुन ख परमेस्वर को ग्यान सिखाते रया; अर चेला सबसे पहलो अन्ताकिया ही म मसी कहलायो। \p \v 27 वी दिन म कई भविस्यवक्ता यरूसलेम से अन्ताकिया आयो। \v 28 उनमा से अगबुस नाम को एक न खड़ो होख सुध्द आत्मा की अगुवाई से यू बतायो कि पुरो दुनिया म एक भयानक अकाल पड़न वालो हैं उ अकाल क्लोदियुस को बखत म आयो रहा। \v 29 तब चेला हुन न निर्णय करियो कि हर एक झन अपनी-अपनी पूंजी को हिसाब से यहूदिया म रहन वाला भई हुन की मदत को लाने कुछ भेजयो हैं। \v 30 उनना असो ही कियो; अर बरनबास अर साऊल को हात सियाना को नजीक दान भेजो दियो। \c 12 \s सताव को बड़नो \p \v 1 ओ बखत हेरोदेस राजा न कलीसिया का कई इंसान हुन ख मार डालन को लाने उन ख पकड़ियो। \v 2 ओ न यूहन्ना को भई याकूब का तलवार से मार डालियो। \v 3 जब ओ न देखियो कि यहूदी लोग इसे खुसी होत हैं, ते ओ ना पतरस का भी पकड़ लियो वी दिन अखमीरी रोटी को दिन हतो। \v 4 ओ न पतरस ख पकड ख जेल म डाला दियो, अर चार-चार सिपाही हुन क चार पहरो म रखो हतो; इ विचार से की फसह को तिहार को बाद ओपर मुकदमा चलान कि सोचत रहा। \v 5 जेल खाना म पतरस बन्द हतो; उते कलीसिया ओको लाने लो लगाया ख परमेस्वर से बिनती करते रहा। \s जेल से पतरस को छुटनो \p \v 6 जब हेरोदेस ओ ख लोग हुन को सामे लान को हतो, उही रात पतरस दो जंजीर से बंधो भयो दो सिपाही हुन को बीच म सो रय्हो हतो; अर पहरूयो दरवाजा प जेल को रखवाली कर रय्हो हतो। \v 7 अचानक प्रभु को एक स्वर्ग दूत वहाँ पर घट हो गयो, जेल कि कोठरी उजेरो से चकाचक हो गई, ओ ना पतरस कि पीठ थपथपायो अऊर ओखा जगा ख कय्हो, तुरत खड़ो हो। साँकल हात से खुल ख गीर गई। \v 8 तब स्वर्गदूत न ओसे कय्हो, “कमर बाँधियो, अर अपन चप्पल पहिन लेवा।” ओ न वसो ही कियो। फिर ओ न ओसे कय्हो, “अपनो कपड़ा पहिन ख मोरो पिछु हो लेवा।” \v 9 पतरस निकल ख ओको पिछु होए लियो; परन्तु यू नी जानत हतो कि जे कुछ स्वर्गदूत कर रय्हो हैं वी सच हैं, वरन् यू समझो कि मी सपना देख रय्हो हैं। \v 10 तब वी पहलो अर दूसरो पहरो से निकल ख ओ लोहो को फाटक पर पहुँच ख, जे नगर की तरफ हैं। वी ओको लियो तुम खुलो गयो, अर वी निकल ख एक ही गली होयख गयो, अर अर तुरत ही स्वर्ग दूत ओ ख छोड ख चलो गयो। \fig जेल की दिवाल प साँकर लगी वाली|alt="Chains embedded in prison wall" src="hk00204c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="12:7"\fig* \p \v 11 फिर पतरस ख जसो ही होस आयो, ओ ना बोल्यो, “अब मोरी समझ म आयो कि यू सचमुच म सही हैं कि प्रभु न अपनो स्वर्ग दूत ख भेज ख राजा हेरोदेस को पंजा से मोखा छुड़ायो हैं। यहूदी इंसान हुन जो कुछ मोरो संग करन कि सोचत रहा, ओसे ओ ना ही मऊका बचायो हैं।” \p \v 12 यू जान ख वी उ यूहन्ना की माय मरियम को घर म आयो, जे मरकुस कहलाता हैं। उही बेजा से लोग जमा हो ख अर प्रार्थना कर रय्हा हते। \v 13 जब ओ ना दुवार की खिड़की खटखटायो, ते रूदे नाम को एक दासी देखन ख आई। \v 14 पतरस को सब्द पहचान ख ओ न खुसी को मारे म ओ न फाटक नी खोलियो, पर वी तुरंत आन्दर भाग ख गई अर बतायो कि पतरस दुवार पर खड़ो हैं। \v 15 उन्होना ओसे कय्हो, “वी ओ से बोल्या तू पागल हो गई हैं।” पर वी हिम्मत से बोल्यो कि असो ही हैं तब उनना कय्हो, “ओको स्वर्गदूत होएगो।” \v 16 पर पतरस दुवार खटखटाते ही रयो: अत: उनना खिड़की खोलियो, अर ओ ख देख ख दंग रह गयो। \v 17 परतस तब ओ न उन ख हात से संकेत कियो कि चुप रहा अर तब ओखा बतायो कि प्रभु का रिती से ओ ख जेल से निकाल लायो हैं। फिर कहयो, “याकूब अर दुसरा विस्वासी हुन ख अर भई को या बात बता देजो। तब निकल ख दुसरी जगह चलो गयो।” \p \v 18 जब भुसारे भयो ते पैहरे दार हुन म बडी हड़बडी मच गई। वी हईरान होय ख सोच म पड़ गया कि पतरस को संग का भयो। \p \v 19 ऐकोबाद राजा हेरोदेस जब ओकी छान बिन कर चुकियो उ ओखा नी मिल्यो ते ओ ना पैहरे दार हुन से पुछ परख करी अर उनका मार डालन को हुकुम दियो अऊर उ यहूदिया ख छोड़ ख कैसरिया म जाय ख रहन लग गयो। \s हेरोदेस की माऊत \p \v 20 राजा हेरोदेस सूर अर सैदा क लोग हुन से बेजा घुस्सा करत रहा। एकोलाने वी एक चित्त होयख ओको नजीक आयो, अर बलास्तुस का जे राजा को एक काम करन हतो, मान ख मेल करन चाहयो; काहेकि राजा को देस से उनख देस को पालन पोसन होत रहा। \v 21 एक खाँस दिन आन पर हेरोदेस राज को कपड़ा पहिन ख सिंहासन पर बैठियो, अऊर उनका समझान लग गयो। \v 22 तब लोग पुकार उठियो, “यु ते अदमी को नी ईस्वर को सब्द आय।” \v 23 इही बखत प्रभु को एक स्वर्ग दूत न तुरंत ओ ख मारो, काहेकि ओ न परमेस्वर का महिमा नी करी रह; अर वी कीड़े पकड मर गयो। \p \v 24 पर परमेस्वर को वचन बढ़त अर फैलतो गयो। \p \v 25 जब बरनबास अर साऊल अपन सेवा पूरो कर चुकियो ते यूहन्ना का जे मरकुस कहलाता हैं संग लेय ख यरूसलेम से लउटियो। \c 13 \s बरनबास अर साऊल को भेजो जानू \p \v 1 अन्ताकिया की कलीसिया म कई भविस्यवक्ता अर सिखना वाला हते; जसो: बरनबास अर समोन जे नीगर कहलाव हैं; अर लूकियुस कुरेनी, अर चऊथाई देस को राजा हेरोदेस को दूधभई मनाहेम, अर साऊल। \v 2 जब वी उपास रह ख प्रभु की सेवा कर रय्हे हते, ते सुध्द आत्मा न कय्हो, “मोरो लियो बरनबास अर साऊल का उ काम को लाने अलग करियो जेको लियो मी न उन ख बुलायो हैं।” \p \v 3 तब उन्होनो उपवास अर प्रार्थना कर ख अर ओ पर हात रख ख उन ख बिदा कियो। \s पोलुस को पहलो प्रचार यातरा \p \v 4 अत: वी सुध्द आत्मा को भेजो भया सिलूकिया ख गया; अर उही से जहाज पर चढ़ ख साइपरस ख चलो गयो; \v 5 अर सलमीस म पहुँच ख, परमेस्वर को वचन यहूदिया को प्रार्थना घर हुन म सुनायो। यूहन्ना ओको सेवक हतो।\fig एक चर्च को सामने को नजारा|alt="Front view of a synagogue" src="lb00246c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="13:5"\fig* \p \v 6 वी उ सारो टापू म होत भयो पाफुस तक पहुँचियो। उही उन ख बार-यीसु नाम को एक यहूदी टोना अर झूटा भविस्यवक्ता मिलियो। \v 7 वी हाकिम सिरगियुस पोलुस को संग हतो, जे होसियार अदमी हतो। ओ न बरनबास अर साऊल ख अपन नजीक बुला ख परमेस्वर को वचन सुनायो चाहयो। \v 8 परन्तु इलीमास टोना न, काहेकि उही ओको नाम को अर्थ हैं, ओको विरोध कख हाकिम ख विस्वास करन से रोकन चाहयो। \v 9 तब साऊल न जेको नाम पोलुस भी हैं, सुध्द आत्मा से भरख ओकी तरफ टकटकी लगाए ख देखो अर कय्हो, \v 10 “हे सारो कपट अर सब चतुराई से भारो भयो सैतान को पोरिया, सकल धर्म को बैरी हुन, क तू प्रभु को सिधो रस्ता हुन को टेढ़ो करन नी छोड़ोगो? \v 11 अब देख, प्रभु को हात तोरो पर लगो हैं; अर तू कुछ बखत तक अंधो रहेगो अर सूरज ख नी देखेगो।” \p तब तुरंत ओ पर धुंधलोपन छा गयो अर अन्धेरो भी ओ पर छा गयो, अर वी इते उते टटोरन लगियो ताकि कोई ओको हात पकड़ख ले चले। \v 12 तब हाकिम न जे भयो हतो ओ ख देख ख अर प्रभु को सिक्छा से बेजा चकित होयख विस्वास कियो। \s अन्ताकिया क पिसिदिया म \p \v 13 पोलुस अर ओके संगी हुन पाफुस से जहाज खोलख पंफूलिया क पिरगा म आयो; अर यूहन्ना उन ख छोड़ख यरूसलेम ख लउट गयो। \v 14 पिरगा से आगू बढ़ ख वी पिसिदिया क अन्ताकिया म पहुँचियो; अर आराम को दिन प्रार्थना घर म जाय ख बैठ गयो। \v 15 नेम अर भविस्यवक्ता की किताब से पढ़न क बाद प्रार्थना घर को मुखिया न ओके नजीक कहला भेजो, “हे भई हन, यदि लोग हुन की सान्ति क लियो तुम्हारो मन म कोई बात होए ते कह।” \p \v 16 तब पोलुस न खड़ो होयख अर हात से संकेत कर ख कय्हो, “हे इस्राएली हन, अर परमेस्वर से डरन वालो सुनो।” \v 17 इ इस्राएली लोग हुन क परमेस्वर न हमार बापदादा हुन का चुन लियो, अर जब यू लोग मिसर देस म परदेसी होयख रहत हतो, ते ओकी उन्नति कियो; अर बलवन्त भुजा से निकाल लायो। \v 18 वी कोई चालीस साल तक जंगल म ओकी सहता रय्हो, \v 19 अर कनान देस म सात जात हुन को नास कर ख ओखा देस कोई साढ़े चार सव साल म एको मीरास म कर दियो \v 20 एको बाद ओ \p न समूएल भविस्यवक्ता तक ओमा न्याय करन वालो ठहरायो। \p \v 21 ओको बाद उनना एक राजा माँगो: एको बाद परमेस्वर न चालीस साल को लाने बिन्यामीन को गोत म से एक अदमी को पोरिया; एकोमतलब किस को पोरिया साऊल ख उन पा राजा ठहरायो। \v 22 फिर ओखा अलग करखा दाऊद ख उनको राजा बनायो; जेको बारे म ओ ना गवाही दियो, मोखा एक इंसान, यिसै को पोरिया दाऊद, मोरो मन को अनुसार मिल गयो हैं; उई मोरी पुरी इच्छा पुरी करेगों। \v 23 एको ही वंस म से परमेस्वर न अपनो वादा को अनुसार इस्राएल लोगो को बीच म एक उध्दार कर्ता, एको मतलब यीसु ख भेजो। \v 24 यीसु को आनो से पहले यूहन्ना न पुरा इस्राएली हुन म मन फिराव को बपतिस्मा को प्रचार करियो। \v 25 जब यूहन्ना न अपनी सेवा पुरी करन पा हतो, ते ओ न कय्हो, तुम मोखा का समझावा हैं? मी उ नी आय! लेकिन देखनु, मोरो बाद एक आन वालो हैं, जेको पाय कि जूता की बददी ख मी खोलन को लायक नी हाय। \p \v 26 “हे भई हन, तुम जे अब्राहम को बच्चा हाय; अर तुम जे परमेस्वर से डरत हो, तुम्हारो नजीक इ उध्दार को वचन भेजो गयो हैं। \v 27 काहेकि यरूसलेम क रहन वाला अर ओके मुखिया हुन न ओ ख पहचानो अर नी भविस्यवक्ता हुन की बात समझी, जे हर छुट्टी को दिन पढी जात हैं, एकोलाने ओ ख दोसी ठहरायो उ बात हुन का पूरो कियो।” \v 28 उन्होना मार डालनो ख योग्य कोई दोस ओमा नी पायो, तोभी पिलातुस से विनती से विनती की कि वी मार डालो जाएगो। \v 29 जब उन्होना ओको बारे म लिखो भई सब बात हुन पूरो कियो, ते ओ ख सूली पर से उतारख समसान म रखो। \v 30 पर परमेस्वर न ओ ख मरो म से जिन्दो कर दियो, \v 31 अर वी उन्हे जे ओको संग गलील से यरूसलेम ख आयो हतो, बेजा दिन हुन तक दिखाई देत रय्हो; लोग हुन का सामे अब वी ही ओको गवाह हैं। \v 32 हम तुम ख वादा को बारे म जे बाप दादा से कही गई हैं यू चोक्खो सुसमाचार सुनावा हैं \v 33 कि परमेस्वर न यीसु ख जिलायो ख, वही आग्या हमरी अऊलाद हुन को लाने पुरी करी \q1 जसो दुसरो भजन म भी लिखो गयो हैं, \q2 तू मोरो पोरिया आय; आज ही मी न तो ख पैदा करियो हैं। \p \v 34 अर ओको इ रीति से मरो भयो म से जिलान क बारे म भी कि \q1 वी कभी नी सड़ेगो, ओ न यो कय्हो हैं, \q2 मी दाऊद पर को सुध्द अर अटल कृपा तुम पर करूँगो। \p \v 35 एकोलाने ओ ना एक अर भजन म भी कय्हो हैं, \q1 तू अपन सुध्द जन ख सड़न नी देगो। \p \v 36 काहेकि दाऊद ते परमेस्वर को इच्छा क अनुसार अपन बखत म सेवा कर ख सो\f + \fr 13:36 \fr*\ft मर गया\ft*\f* गयो। अर अपन बापदादा हुन म जा मिलियो, अर सड़ भी गयो। \v 37 परन्तु जेको परमेस्वर न जिन्दो कियो, वी सडन नी पाएगो। \v 38 एकोलाने, हे भई हन, तुम जान लेनू कि इ के व्दारा पाप हुन को माफ को समाचार तुम्हे दियो जात हैं; मूसा को नेम जिन बात से तुमख मुक्त नी कर सका। \v 39 अर जिन बात हुन म तुम मूसा को नियम के व्दारा बेकसूर नी ठहर सकत हते, उन्ही सब म हर एक विस्वास करन वालो ओको व्दारा निर्दोस ठहरात हैं। \p \v 40 एकोलाने चऊकस रहनू, असो नी हो कि जे भविस्यवक्ता हुन किताब म आयो हैं, तुम पर भी आ पड़ो: \q1 \v 41 हे निन्दा करन वाला, देख, अर चकित हो, अर मिट जाए; \q1 काहेकि मी तुम्हारो दिन हुन म एक काम करत हूँ, \q2 असो काम कि यदि कोई तोसे ओकी चर्चा करेगों, \q2 “तो तुम कभी विस्वास नी करोगो।” \p \v 42 ओको बाहर निकलत बखत लोग ओसे विनती करन लगियो कि अगलो छुट्टी को दिन हम ख यू बात फिर सुनाई जाएगो। \v 43 जब सभा उठ गयो ते यहूदियो अर यहूदी मत म आयो भयो पुजारी हुन म से बेजा से पोलुस अर बरनबास को पिछु हो लियो; अर उन्होना ओसे बात कर ख समझायो कि परमेस्वर को किरपा म बनो रय्हो। \p \v 44 अगलो छुट्टी को दिन नगर के भुसारो: सब लोग प्रभु को वचन सुनन का इकट्ठे हो गयो। \v 45 पर यहूदी भीड़ ख देख ख जलन से भर गयो, अर निन्दा करत भयो पोलुस की बात हुन को विरोध म बोलन लगियो। \v 46 तब पोलुस अर बरनबास न निडर होय ख कय्हो, अवस्य हतो कि परमेस्वर को वचन पहलो सुनायो जातो; परन्तु जब तुम ओ ख दूर हटात होए अर अपन अनन्त जीवन क योग्य नी ठहरात, अर दुसरी जात की तरफ फिरत हैं। \v 47 काहेकि प्रभु न हमका यू हुकुम दियो हैं, \q1 मी न तो ख दुसरी जात को लियो रोसनी ठहरायो हैं, \q2 ताकि तू जमीन की छोर तक उध्दार को दारवाजा हैं। \p \v 48 गैर यहूदी यू सुन ख अन्य जातियो खुसी भयो, अर प्रभु को वचन की बड़ाई करन लगियो; अर जीवन अनन्त को लियो ठहरायो गयो हते, उन्होना विस्वास ग्रहन कियो। \p \v 49 तब प्रभु को वचन उ सारो देस म फैलन लगियो। \v 50 पर यहूदी हुन न पुजारी अर कुलीन बाई हुन का अर नगर का प्रमुख लोग हुन को उस खयो, अर पोलुस अर बरनबास को खिलाप उपद्रव करवा ख उन ख अपन सीमा से निकाल दिया। \v 51 तब वी ओको सामे अपन पाय को धूल झाड़ ख इकुनियुम का चलो गयो। \v 52 अर चेला हुन खुसी से अर सुध्द आत्मा से भरपुर्न होते गयो। \c 14 \s इकुनियुम म पोलुस अर बरनबास \p \v 1 इकुनियुम म असो हुओ की वी यहूदिया को प्रार्थना घर म संग गया, अर इन प्रकार बात की यहूदी अर यूनानी हुन दोनो म से बेजा जहन न भरोसा कियो \v 2 पर भरोसा नी करन वाला यहूदी न दुसरी जात हुन को मन म भई हुन को विरोध म उपसायो अर फुट फैल पैदा कर दियो \v 3 वी बेजा दिन तक वाहा रहया अर प्रभु को भरोसो पर हियाव से बात करत रह थे अर वही उन का हात से चिन्ह अर अदभुत काम करवा ख कर अपन दया को वचन पर गवाही देवह हैं \v 4 पर नगर का इंसान म फुट पड़ गई थी उन से कितनो न यहूदी की आर अर कित्ता प्रेरित की ओर हो गया \p \v 5 पर जब दुसरी जात अर यहूदी उन का अपमान अर उन पर पथराव करन को लाने अपना मुखिया हुन समेत ओ पर दऊडया \v 6 तो वी यह बात ख जान गया अर लुकाउनिया के लुस्रा अर दिरबे नगरो म अर आसा पास को प्रदेसो म भाग गयो \v 7 अर वही सुसमाचार सुनान लगया \s लुस्रा अर दिरबे \p \v 8 लुस्रा म एक इंसान बैठो थो जो पाव को लगडो थो वह जन्म से ही लंगडा था अर कभी नीय चलयो थो। \v 9 वह पोलुस बात करत सुन रहयो थो पोलुस न ओको ओर टकटकी लगा ख देखो की ओ ख चोक्खो हो जान को भरोसा हैं। \v 10 अर ऊँचे सब्द से बोलो अपनो पाय को बल खडो हो ख तब वह उछल कर चलन फिरन लगयो। \v 11 इंसान न पोलुस का यू काम ख लूका लुकाउनिया भासा म उचो सब्द से कहयो देवता इंसान को रूप म हो कर हमारो पास उतर आयो हैं। \v 12 उन न बरनबास को ज्यूस अर पोलुस हिरमेस कहयो काहे की वह बात करन म मेन था। \v 13 अर ज्यूस ख उस मन्दिर को पूजारी जो उन को नगर को सामने था बईल हुन अर फुल हुन को हार फाटको पर ला ख इंसान को संग बलिदान करनो चाहत था। \p \v 14 पर बरनबास अर पोलुस प्रेरित न जब यह सनो तो अपना कपड़ा फाडे अर भीड़ म लपके अर पुकार ख कहन लगो \v 15 अरे इंसान तुम का करह हम वी तो तुम्हारो समान दु; ख सुख भोगन वाला इंसान हैं अर तुम्हे सुसमाचार सुनायो हे की बेकार वस्तुओ ख अलग हो ख जीवितो परमेस्वर की ओर फिरो जिन स्वर्ग अर धरती अर समुदर अर जो उन म हैं बनाया \v 16 उन न बीते बखत म जात पात को अपनो अपनो मार्ग म चलन दिया \v 17 तोभी उन न अपनो पास की यू गवाह नी छोडया पन वह भलाई करते रहयो अर बादल से वर्सा अर फलवन्त रितू देक ख तुम्हारो मन को खाना अर खुसी से भरते रहयो \v 18 यह बोल कर भी उन न इंसान ख बडी मूसकिल से रोखयो की उन को लाने बलिदान नीय करह \p \v 19 पर कुछ यहूदी हुन न अन्ताकिया अर इकुनियुम से आ ख इंसान ख अपनी ओर कर लियो अर पोलुस पर पथराव कियो अर मरा समझकर ओ ख नगर को बाहार घीस ख ले गयो \v 20 पर जब चेला ओखा चारो ओर आ खडा भया तो वह उठकर नगर म गयो अर दुसरा दिन बरनबास को संग दिरबे को चलो गयो \s सीरिया को अन्ताकिया म लउटनू \p \v 21 वी उन नगर को अदमी को अच्छो सुसमाचार सुनवा ख अर बेजा सा चेला बना ख लुस्रा अर इकुनियुम अर अन्ताकिया को लउट आयो \v 22 अर चेला हुन को मन को स्थिर करत रह अर यह सन्देस देता था कि भरोसा म बना रहो अर यह सिखाते हैं हम ख बडो क्लेस उठाकर परमेस्वर को राज्य म प्रवेस करनो होगा \v 23 अर उन न हर एक कलीसिया म उन को लाने सियाना रखियो अर उपास सहित प्रार्थना कर ख उन ख प्रभु को हात सोपियो जो पर उन न विस्वास करयो रह \p \v 24 जब पिसिदिया से होते हुए वी पंफूलिया पहुँचिया \v 25 पर पिरगा म सुसमाचार सुना ख अत्तलिया म आया \v 26 अर वाहा से वी जहाज पर अन्ताकिया गया वी उन काम को लाने जो उन न पुरो किया था परमेस्वर को किरपा म सोपियो गयो थो \v 27 वाहा पहुँच कर उन न कलीसिया इकट्ठी की अर बोल्यो कि परमेस्वर न उन को संग हो ख कसो बडो बडो काम कियो अर दुसरी जात को लाने भरोसा को दुवार खोल दिया \v 28 अर वी चेला को संग बेजा दिन तक रहया \c 15 \s यरूसलेम की सभा \p \v 1 पर कुछ इंसान यहूदिया से आ ख भई हुन ख सिखान लगया यह मूसा की रिती पर तुम्हारो खतना ना हो तो तुम उध्दार नीय पा सका। \v 2 जब पोलुस अर बरनबास को उन से बेजा झगड़ा अर वाद विवाद हुओ तो यह ठहरायो गयो की पोलुस अर बरनबास अर उन म से कुछ अदमी इस बात को विसय\f + \fr 15:2 \fr*\ft बारे\ft*\f* म प्रेरित अर सियाना हुन को पास यरूसलेम को जावह। \p \v 3 अत; कलीसिया न उन ख कुछ दुर तक पहुचियो अर वे फीनीके अर सामरिया से होता हुआ दुसरी जात हुन को दिमाक फिराने को सुसमाचार सुनत गया अर सब भई बेजा खुसी भया \v 4 जब वी यरूसलेम पहुँचिया तो कलीसिया अर प्रेरित अर सियाना उन ख आनन्द को संग मिलियो अर उन न बतायो की परमेस्वर उन को संग हो ख कसो कसो काम करह हैं \v 5 पर फरीसी हुन को पंथ म से जिन न भरोसा करयो रह उन म से कुछ न उठ कर कहयो उन न खतना करने अर मूसा की नेम को मानन को ग्यान देनू हैं। \p \v 6 जब प्रेरित अर सियाना इस बात को बारे म विचार करन को लाने इखट्ठा भया \v 7 जब पतरस न बेजा वाद विवाद हो जानो को बाद खडो हो ख ओ ना बोलो ओ भई तुम जानह हैं की बेजा दिन भया परमेस्वर न तुम म से मो ख चुन लियो की मोरो मुँह से दुसरी जात हुन सुसमाचार को वचन सुन ख भरोसा करो \v 8 मन को जाँचन वालो परमेस्वर न उन ख हमारो समान सुध्द आत्मा देकर उन की गवाही दी \v 9 अर भरोसा को व्दारा उन को मन सुध्द कर ख हम म अर उन म कुछ भेद न रखो \v 10 तो अब तुम का परमेस्वर परीक्छा करत हो की चेला की गरदन पर असो बोझ रखो जिन न हमारो बाप दादा उठा सकते हैं अर हम भी उठा सहके हैं \v 11 हाँ हमारो यू विस्वास पक्को हैं की जो रिती वे प्रभु यीसु को दया से उध्दार पाऐ यू ही रिती से हम भी पाये। \p \v 12 जब पुरी पंचायत चुपचाप बरनबास अर पोलुस की सुनन लगया की परमेस्वर न उन को लाने व्दारा दुसरी जात हुन म कसो कसो बडो बडो चिन्ह अर अदभुत काम कियो \v 13 जब वी चुप भया तो याकूब कहन लगयो ओ भई मोरी सुन \v 14 समोन न बतायो की परमेस्वर न पहलो पहल दुसरी जात हुन पर कसी दया करी रह की उन म से अपनो नाम को लाने एक इंसान बना लो \v 15 ऐसे भविस्यवक्ता की बात भी मिलह हैं जसो की लिखो हैं \q1 \v 16 ओको बाद म फिर आ ख दाऊद को गिरो हुओ डेरा उठाउगा \q2 अर ओ ख खडो करु \q1 \v 17 एको लाने की अच्छो इंसान ऐको सब दुसरी जात जो मोरो नाम ख लेवा हैं, प्रभु ख ढुढे \q2 \v 18 यह वही प्रभू कवह हैं जो जगत को उत्पत्ती से इन बात को समाचार देता आयो हैं \p \v 19 ऐको लाने मोरो विचार यू हैं की दुसरी जात म से जो इंसान परमेस्वर की तरफ फिरत हैं, हम उनका दुख नी दे; \v 20 पर उन न ओ ख भेजो की वी मुरती की असुध्दता अर गलत काम गला दबा ख मांस से अर खून से दुर रहो \v 21 उन न प्राचीन काल म नगर नगर मूसा को व्यवस्था को प्रचार करन वालो वाला चेला आया हे अर वह हर आराम को दिन प्रार्थना घर म पढ़ी जाय हैं \s गैर यहूदिया अर विस्वासी हुन को लाने चिठ्टी \p \v 22 जब पुरी कलीसिया सहित सिखान वाला प्रेरित अर सियाना हुन ख को चोक्खो लगो कि अपन म से कुछ इंसान हुन ख चुने एको मतलब यहूदा जे ख बरसब्बा कवह हैं अर सीलास को जो भई हुन म मुखिया हतो अर उन ख पोलुस अर बरनबास को संग अन्ताकिया भेजो \v 23 उन न उन को हात यु लिख भेजो अन्ताकिया अर सीरिया अर किलिकिया को रहन वालो भई हुन ख को दुसरी जात म से हे प्रेरित अर सियाना भई हुन ख नमस्कार \v 24 हम न सूनो हैं कि हम म से कुछ न वही जाकर तुम ख अपनी बात से परेसानी करी अर तुम रो मन ख आ स्दीर कियो दियो अर तुम्हारो मन उलट पुलट कर दियो हैं पर हम न ओ ख आग्यानीय दियो रह \v 25 ओको लाने हम न एक मन हो ख अच्छो समझो चुनो हुआ अदमी को अपन प्रिय बरनबास अर पोलुस को संग तुम्हारो पास भेजे \v 26 यू असो अदमी हैं जो न अपनो जान प्रभु यीसु मसी को नाम को लाने जोखिम म डालो हैं \v 27 ओको लाने हम न यहूदा अर सीलास को भेजो हैं जो अपनो मुँह से भी यह बात कह देह \v 28 सुध्द आत्मा को अर हम ख चोक्खो जानो पडो की इन अच्छी बात ख छोड तुम पर अर बोझ नीय डालो \v 29 कि तुम मूरतो पर बलि कियो हुओ से अर खून से अर गला घोट कर हुआ कि मांस से अर गलत काम से दुर रहा ओ से दुर रहे ते तुम्हारो भला होये अर आगे चोक्खो रहे \p \v 30 फिर वी बिदा हो ख अन्ताकिया पहुँचिया अर पंचायत\f + \fr 15:30 \fr*\ft सभा\ft*\f* ख इखट्ठी कर ख वह चिठ्टी उन ख दे दियो \v 31 वी चिठ्टी पड़ ख अदमी की सान्ति की बात पढ़ ख मन म सान्त भयो \v 32 यहूदा अर सीलास न जो ख भविस्यवक्ता हता बेजा बात से भई हुन ख उपदेस दे ख सान्त कियो \v 33 वी कुछ दिन रह ख भई को सान्ति को संग विदा हुआ की अपनो भेजन वालो को कने जाये \v 34 पर सीलास को वाहा रहनू चोक्खो नी हाय \v 35 (पर पोलुस अर बरनबास अन्ताकिया म रह गयो अर अन्य बेजा सा इंसान को संग प्रभु को वचन को उपदेस करतो अर सुसमाचार सुनात रहया। \s पोलुस अर बरनबास म अलग-अलग होनू \p \v 36 कुछ दिन बाद पोलुस न बरनबास से कहयो न जिन जिन नगरो म हम न प्रभु को सुसमाचार सुनायो रह आये पर उन म पहुँच कर अपना भई हुन ख देखे की वी कसा हैं \v 37 जब बरनबास ख यूहन्ना को जो मरकुस कहलाव हैं संग लेनो को विचार कियो \v 38 पर पोलुस न उन ख जो पंफूलिया म उन से अलग भया अर काम पर ओको संग नी गया संग ले जानो चोक्खो नीय झमजो \v 39 अत: असो झगड़ा उठो की एक दुसरा से अलग भया अर बरनबास मरकुस ख लेकर जहाज पर साइपरस चलो गयो \v 40 पर पोलुस न सीलास ख चुन लियो अर भई हुन ख प्रभु दया म सोपियो जा ख वाहा से चलो गयो \v 41 अर वह कलीसिया हुन ख स्धिर करतो हुआ सीरिया अर किलिकिया ख होतो हुओ निकलो \c 16 \s पोलुस ख तीमुथियूस पोलुस को संग जानु \p \v 1 पर वही दिरबे अर लुस्रा म भी गयो वही तीमुथियुस नाम को चेला था जो जो कसो विस्वासी यहूदी को पोरिया था पर येको पिता यूनानी था \v 2 वह लुस्रा अर इकुनियुम को भई हुन म सुनाम थो। \v 3 पोलुस को इकछा वा हतो की वी ओको संग जाय अर जो यहूदी इंसान यही जगह म था उन न ओको कारन ओ ना ओको खतना कियो काहे की वी सब जानह हैं की ओको बाप यूनानी हतो \v 4 अर नगर नगर जावह हुआ अर वी उन विधियो को जो यरूसलेम को प्रेरित अर सियाना हुन म रोखयो थो मानन को लाने उन ख पहुचान जात रह \v 5 यू प्रकार कलीसिया हुन भरोसा म स्थिर हती रह अर संख्या हर दिन बडत रह। \s तोरोआस नगर म पोलुस को दर्सन \p \v 6 वी फूगिया अर गलातिया प्ररदेस म से हो ख गया काहे की सुध्द आत्मा न उन आसिया म वचन सुनान ख मना कियो। \v 7 उन न मूसिया क निकट पहुचा कर बितूनिया म जानो चाहायो पर यीसु को आत्मा न उन ख जान न दियो। \v 8 अत; वी मूसिया को हो ख त्रोआस म आयो \v 9 वही पोलुस न रात ख एक दर्सन देखो की एक मकिदूनी अदमी खडो भयो उन से विनती बोलत रह पार उतरकर मकिदुनिया म आ अर हमारो मदद कर। \v 10 ओ ना यह सपना देखते ही हम न तुरत मकिदुनिया जानो चाहायो समझ ख की परमेस्वर न हम न उन ख सुसमाचार सुनन न को लाने बुलायो हैं। \s फिलिप्पी म को मन म बदलाव \p \v 11 एको लाने त्रोआस से जाहज ख खोल ख हम सीधा सुमाताके अर दुसरा दिन नियापुलिस म आया \v 12 वही से हम फिलिप्पी पहुँचिया जो मकिदुनिया प्रांत को मेन नगर, अर रोमियो की बस्ती हैं अर हम उन नगर म कुछ दिन तक रहया \v 13 आराम को दिन हम नगर को फाटक को बाहार नद्दी\f + \fr 16:13 \fr*\ft नद्दी\ft*\f* को किनारो यह झमजा ख गया की वहा यहूदी प्रार्थना करन की जगह होऐ अर बैठ ख उन बाई हुन ख जो जमा भया रह बोलन ख लगया \v 14 लुदिया नामक थुआतीरा नगर को बैजनी पकड़ो बेचन वालो एक पुजारिन बाई सुनत रह प्रभु न ओको मन खोल दियो कि वह पोलुस की बात म मन लगाहे \v 15 जब ओ ना अपना घर सहित बपतिस्मा लियो की ओ ना हमारो सामने हात जोडया की यदि तुम मुझ प्रभु की विस्वासीनी समझ ख हो तो चल ख मोरो घर म चल ख रहो वह हम ख मना ख ले गयो। \s पोलुस अर सीलास जेल खाना म \p \v 16 जब हम प्रार्थना करन की जगह पर जा रहया था हम ख एक विस्वासी दासी मिले जो म भविस्य वाली आत्मा थी अर भविस्य कहन से अपनो मालिक को लाने बेजा कुछ कमा लावा हैं। \v 17 वह पोलुस को अर हमरो पीछे आ ख चिल्लाने लगो यु अदमी परमप्रधान परमेस्वर को दास हैं हम उध्दार को मार्ग की कायनी (कथा) सुनान लगया \v 18 वी बेजा दिन तक असा ही करत रह पर पोलुस दुखी भयो अर मुड कर यु आत्मा से कहयो मी तो ख यीसु मसी को नाम से ढाटन लगया की ओ म से निकल जा अर वह उसी घड़ी नीकल गई। \v 19 जब उन ख मालिक ख देखो की हमारी कमाई की आसा जाती रही तो पोलुस अर सीलास को पकड ख चऊक म से मुखिया को पास खीच ले गयो \v 20 अर उन ख सेना को अधिकारी को जोने ले गया अर बोलयो यी इंसान जो यहूदी हैं हमारो नगर म हल चल मचा रहा। \v 21 अर असी रिती बोल रहया हैं जो ख गहन करन या मरन हम रोमी नागरीक क लाने सिवकार योग्य नी, \v 22 जब भीड़ को इंसान उन को विवाद म जमा हो ख चढ़ आया, अर हाकिमो न उन ख कपड़ा फाड़कर उतार डालो, अर उन ख कोडा मारन की बात बोली हैं \v 23 बेजा कोडा लगवाकर ओ ना उन ख जेल खाना म डाल दियो अर दारोगा बात बोल दियो उन न चोकसी म रखो \v 24 उन न असी आग्या दी कि उन ख पा ख कोठरी म रखो अर न ख भारी लकड़ी कि पाव काठ म ठोक दिया। \p \v 25 आधी रात को लगभग पोलुस अर सीलास प्रार्थना करते हुऐ परमेस्वर को भजन गा राहा था अर दुसरा कैदी उन ओ की सुन राहा था \p \v 26 इतनो म एका एक असो बडो भूकम्प आयो, याहा तक की जेल की नीव की हिल गयो, अर तुरत सब दुवार खुल गया; अर सब खा बन्धन खुल गया \v 27 दारागो जाग उठयो, अर जेल को दुवार खुला दे ख समझा की कैदी भाग गये हैं, अत: ओ ना अपनी तलवाल पकर ख अपनो तुम ख मार डालनो चाहायो। \v 28 पर पोलुस न ऊचा सब्द से नाम ले ख कहयो, “अपना तुम ख कोई हानी मत पहुचा काहे की हम सब यही हैं।” \p \v 29 फिर वी दीया मगवा ख पास लपका अर कापतो हुओ पोलुस अर सीलास को सामने गिरया; \v 30 अर उन न बाहार ला ख कय्हो, “हैं मालिक हुन, उध्दार पावन को लाने का करु?” \v 31 ओ ना कहयो, “प्रभु यीसु मसी पर भरोसा रख तू अर तो रो घराना उध्दार पाहे।” \v 32 अर उन न उन ख अर ओखा सारा घराना को अदमी ख प्रभु को वचन सुनाया \p \v 33 रात ख उसी बखत उन न उन ख ले जा ख उन खा घाव धोया, अर ओ ना अपना सब अदमी सहीत तुरत बपतिस्मा लियो \v 34 तब ओ न उन ख अपनो घर ले जा ख उन को सामने खाना रखो अर सारे घराना समेत परमेस्वर पर भरोसा कर ख आनन्द कियो काहेकि अब ओ न परमेस्वर पर भरोसा करयो। \p \v 35 जब दिन भयो तब हाकिमो न सिपाहियो को हात कहला भेजा की यु अदमी ख छोड दा। \p \v 36 दारोगा न या बात पोलुस से बोली हाकिम न तुम ख छोड देन की आग्या दियो हैं ओको लाने अब निकल ख सान्ति से चलो जाओ \p \v 37 पर पोलुस न उन ख बोलयो, “उन म जो रोमी इंसान हैं, दोसी ठहरायो बिना इंसान को सामने मारो अर जेल खाना म डाल दियो। अब हम ख चुपके से निकाल रहया हैं? असो नी; पर वी खुद आ ख बाहार निकाले।” \p \v 38 सिपाही हुन न यू बात हाकिमो से बोली, अर वी यह सुन ख कि रोमी हैं, डर गया, \v 39 अर उन ख आ क मनायो, अर बाहार ले जा ख विनती की कि नगर से चलो जाओ। \v 40 वे जेल खाना से निकल ख लुदिया को कने गया, अर भई से भेट कर ख उन ख सान्ति दी अर चला गया। \c 17 \s थिस्सलुनीके के नगर म \p \v 1 फिर वे अम्फिपुलिस अर अपुल्लोनिया हो ख थिस्सलुनीके म आयो, जहाँ यहूदी हुन को एक प्रार्थना घर\f + \fr 17:1 \fr*\ft प्रार्थना का मंदिर \ft*\f* हतो। \v 2 पोलुस अपनी रीति को अनुसार उन को कने गयो, अर तीन आराम को दिन सुध्दसास्र से उन को संग वाद विवाद करयो; \v 3 अर उन को मतलब खोल ख समझात रह कि मसी को दुख उठानो अर मरो म से जी उठनो, अवस्य हतो; अर “यही यीसु जोकी मी तुम ख कथा सुनात रह, मसी हैं।” \v 4 उन म से कितनो न, अर पुजारी यूनानी हुन म से बेजा न, अर बेजा सा कुलीन स्तरियो न मान लियो, अर पोलुस अर सीलास को संग मिल गयो। \p \v 5 पर यहूदी हुन घुस्सा से भर ख फालतु घुमन वाला कुछ पापी इंसान हुन ख अपनो संग म लियो, अर भीड़ जोड ख सहर म हल्ला मचान लगया अर यासोन को घर प चडाई कर ख उन ख इंसान हुन को सामने लानो चाहयो। \v 6 उनख याहा न देख ख वी यह चिल्लाते हुऐ यासोन अर कुछ भई हुन को नगर म हाकिमो को सामने खीच लायो, “वी इंसान जीन न दुनिया को उलट पलट कर रखयो हैं, यहाँ भी आ गया हैं। \v 7 यासोन न उन ख यहाँ उतरियो हैं। यी सारा का सारा यह बोलह हैं की यीसु राजा हैं, अर कैसर की बात को विरोध करह हैं। \v 8 उन न इंसान की अर नगर का हाकिम को यह बोल ख घबरा दियो। \v 9 ऐको लाने उन न यासोन अर बाकी इंसान से जमानत ले ख उन ख छोड दियो।” \s बिरीया नगर म यहूदियो \p \v 10 भई हुन न तुरत रात ही रात पोलुस अर सीलास ख बिरीया भिजा दियो; अर वी याहा पहुँच कर यहूदी हुन प्रार्थना घर म गया। \v 11 यी इंसान हुन थिस्सलुनीके को लोगो हुन से बेजा अच्छा हता, अर हर दिन सुध्द सास्र म ढुँढ़ते रह कि यह बात योंही आय कि नी। \v 12 ऐको लाने उन म से बेजा न, अर यूनानी बाई म से अर अदमी म से भी बेजा न विस्वास कियो। \v 13 किन जब थिस्सलुनीके क यहूदी जान गयो कि पोलुस बिरीया म भी परमेस्वर को वचन सुनावा हैं, ते वाहा भी आ ख इंसान ख उस हलचल मचान लगया। \v 14 जब भई हुन से तुरत पोलुस ख विदा कियो कि बन्दा को किनारे चलो जाओ पर सीलास अर तीमुथियुस यही रह गये। \v 15 पोलुस ख पहुचान वाला उस एथेंस तक ले गयो; अर सीलास अर तीमुथियुस को लाने यह आदेस पाकर बिदा भया कि वी उन ख जल्दी से जल्दी आया। \s एथेंस नगर म \p \v 16 तब पोलुस एथेंस उन की रस्ता देख रहयो थो, ते नगर म मूरतो म से भरो हुओ देख ख ओको ही पानी गयो। \v 17 अत: वी प्रार्थना घर म यहूदी अर पुजारी से, अर चऊराह म जो इंसान उन से मिलत रह उन ख वाद विवाद किया करत रह। \v 18 तब इपिकूरी अर स्तोईकी दर्सन करन म से, उन म से कुछ वजह जानन लगया, अर कुछ बोलन लगया, “यु बकवादी का बोलन चावह हैं?” पर दुसरो न बोलयो, “वी अन्य देवता ओको प्रचालको ख मालुम पडह हैं” काहे की वी यीसु को अर जी उठन को अच्छो सुसमाचार सुनावत रह। \p \v 19 जब वी अपना संग अरियुपगुस क सामे सहरी सभा म गयो अर पुछो, “का हम जान ख हैं की यह नयो बात जो तू सुनावह हैं, का हैं? \v 20 काहे की तू हम ख अनोखी बात सुनावह हैं, एकोलाने हम जानह हैं की चाहत हैं की इनको मतलब का हैं। \v 21 एको लाने कि सब एथेंसवासी अर दुसरा देस का जो वाहा रहत रह नयो-नयो बात बोलन ख अर सुनन को अलावा अर कोई काम म बखत नीय बितात रह।” \p \v 22 जब पोलुस न अरियुपगुस को बीच म खडो हो ख बोलयो, “हे एथेंस को अदमी, मी देखु हैं की तुम हर बात म देवताओ ख बडा मानन वाला हैं।” \v 23 काहे की मी घुमतो हुओ तुम्हारो पुजनु की वस्तु हुन ख देख रहयो थो, तो एक असो वेदी भी पायो, जो पर लिखो थो, अनजान म ईस्वर को लाने। ओ खो लाने तुम बिना जाने पुजा हैं, मी उन को अच्छो समाचार सुनाउ हैं। \v 24 जो परमेस्वर न दुनिया अर उन की अब वस्तु हुन ओको बनायो, स्वर्ग अर दुनिया को मालिक हो ख मनुस्य हात को बनायो हुओ मन्दिर हुन म नीय रहत रह; \v 25 न कोई वस्तु कि आवस्कता को कारन इंसान हुन कि हतो कि सेवा लेवह हैं, काहे कियु अपनो तुम ख सब को जीवन अर स्वास अर सब कुछ देवह हैं। \v 26 उन ख एक ही मुल से इंसान कि सब जातिया सारी धरती पर रहन को लाने बनायो हैं; सीमा को ऐ को लाने बाँधा हैं, \v 27 कि वी परमेस्वर को ढुँढ़ें कदाचित उन ख टटोलकर पायो तेभी वही हम म से किसी से दुर नीय हाय। \v 28 काहे की हम ओ से जिन्दो रह, \q1 अर चलत-फिरत अर स्थित रहत रह। \p हम ते उसी का वंसज हैं। \p \v 29 अत: परमेस्वर को वंस हो ख हमे यह झमजनो जरूरी नी हैं ईस्वरत्व सोने या रुपे या गोटा को समान हैं जो इंसान की कारीगरी अर कल्पना से गढे गयो हैं। \v 30 ओको लाने परमेस्वर न अन्यता को बखतों पर ध्यान नी दियो, पर अब हर जगह सब इंसान को मन फिरान को आदेस देवह हैं। \v 31 काहे की उन न एक दिन रोखयो हैं, जो म एक इंसान को व्दारा धर्म से दुनिया को न्याय करे, जो ख उन न रोखयो हैं, अर उन म से मरिया हुआ म से जिलाकर ख यह बोली सब पर साबित कर दियो हैं। \p \v 32 “मरा हुआ को जी उठन को बात सुन ख कुछ ते ठटा करन लगया अर कुछ न कहयो यह बात हम तोसे फिर कभी सुने।” \v 33 येपर पोलुस उनको बीच म से निकल गयो। \v 34 पर कुछ अदमी ओको संग मिल गया, अर भरोसा करियो; जिनमा दियुनुसियुस जो अरियुपगुस को मेम्बर हतो, अर दमरिस नाम की एक बाई हती, अर उनको संग अऊर भी इंसान हुन हता। \c 18 \s कुरिन्थुस सहर म \p \v 1 ऐको बाद पोलुस एथेंस ख छोड़ ख कुरिन्थुस म आयो। \v 2 वहाँ ओखा अक्विला नाम को एक यहूदी मिलो, जेको जनम पुन्तुस म भयो हतो। उ अपनी घर वाली प्रिसकिल्ला को संग इटली से तुरत म ही आयो रह, काहेकि क्लोदियुस न पुरा यहूदी हुन क रोम से निकल जान को हुकुम दियो रह। एकोलाने उ पोलुस ख मिलन गयो। \v 3 ओको अर उनको एक ही व्यपार हतो, एकोलाने उ उनको संग रयो अर वी काम करन लग गया; अर उनको उघम तम्बू तानन को हतो। \v 4 उ हर एक आराम को दिन प्रार्थना घर म बहस कर ख यहूदी हुन अर यूनानी हुन ख भी समझा वह को प्यास करह हैं। \p \v 5 जब सीलास अर तीमुथियुस मकिदुनिया से आया, ते पोलुस वचन सुनान कि धुन म यहूदी हुन ख गवाही देन लग्यो की यीसु ही मसी आय। \v 6 पर जब वी मन मोटाव अर निन्दा करन लग्या, ते ओ न अपना कपड़ा झाड़ ख उनसे कय्हो, “तुम्हारो खून तुम्हारी ही गर्दन पा रहे! मी बेगुनह हैं। अब से मी दुसरी जात हुन को पास जाऊँगो। \v 7 वहाँ से चल ख उ तितुस यूस्तुस नाम को परमेस्वर को एक पुजारी को घर म आयो; जेको घर प्रार्थना घर से लगो लगायो हतो। \v 8 तब प्रार्थना घर को मुखिया क्रिसपुस न अपनो पुरो घराना समेत प्रभु पर भरोसा करो; अर डेर सारा कुरिन्‍थुस मे रहन वाला सुन ख भरोसा लायो अर बपतिस्मा लियो।” \p \v 9 प्रभु न एक रात सपना को व्दारा पोलुस से कय्हो, मत डरा, पर बोलो जा अर चुप मत रह; \v 10 “काहेकि मी तोरो संग म हैं, अर कोई तोरो ऊपर चढ़ाई कर ख तोरी हानी नी करन को; काहेकि यू सहर म मोरा ढ़ेर सारा इंसान हैं।” \v 11 एकोलाने उ उनमा परमेस्वर को वचन सिखाते हुए डेढ़ साल तक रयो। \p \v 12 जब गल्लियो अखया देस का मुखिया हतो, ते यहूदी हुन एक जुट हो ख पोलुस पर चढ़ आया, अर ओखा न्याय को सामे ला ख कहन लग्या, \v 13 “यू अदमी हुन ख समझावा हैं कि परमेस्वर को भक्ती असो तरीका से करे, जो नेम को विरुद म हैं।” \p \v 14 जब पोलुस कहन पर ही हतो, ते गल्लियो हुन न यहूदी हुन से कय्हो, “अरे यहूदी हुन अदि या कुछ अन्याय या बुराई की बात होती, ते उचीत होतो कि मी तुम्हारी ऐकता। \v 15 पर अदि या बहस कही वाली बात हुन, अर नाम हुन अर तुमरो खुद कि नेम की रीति-रीवाज को बारे म हैं, ते तुम ही समझनू: काहेकि मी असी बात हुन को न्याय करन वालो नी बननू चाहूँ।” \v 16 अर ओ ना मोखा न्याय आसन को सामे से निकलवा दियो। \v 17 ऐकोबाद सब इंसान हुन न यहूदी प्रार्थना घर को मुखिया सोस्थिनेस ख फर दबोजा पकड़ ख न्याय को सामे मारो लगया। पर गल्लियो हुन न ओ पर कही भी नी दियो असी फिकर नी। \s अन्ताकिया ख लउटनू \p \v 18 पोलुस बेजा दिन तक ओमा रयो। फिर भई हुन से बीदा हो ख किंख्रिया म ऐको लाने मुण्डी मुडायो, काहेकि ओ न मन्नत मानी रह, अऊर जहाज पा सीरिया ख चल दियो अर उनको संग प्रिसकिल्ला अर अक्विला हता। \v 19 ओ न इफिसुस पहुँच ख उन ख उते छोडयो, अर उ जा ख प्रार्थना घर म जा ख यहूदी हुन से बहस करन लग गयो। \v 20 जब उन न ओसे विनती करी, “हमरो संग म थोड़ा दिन रहो।” ते ओ न मना कर दियो; \v 21 पर असो बोल ख उनसे बीदा भयो, “अदि परमेस्वर चाहे ते मी तुमरो जोने फिर आहूँ। ओको बाद उ इफिसुस से जहाज खोल ख चल दियो; \v 22 अर कैसरिया म उतर ख (यरूसलेम ख) गयो अर कलेसिया ख मिलाप भेट कर ख अन्ताकिया म आया।” \p \v 23 फिर थोडा दिन रह ख उ वहाँ से निकलो, अर एक तरफ से गलातिया अर फूगिया प्रदेस हुन म सब चेला ख स्थिर करते फरो। \s इफिसुस सहर म अपुल्लोस \p \v 24 अपुल्लोस नाम को एक यहूदी, जेको जनम सिकन्दरिया म भयो रह, जो मनो जानो अदमी हतो जो सुध्दसास्र ख अच्छी तरीका से जानत रह, इफिसुस म आयो। \v 25 ओ न प्रभु को रस्ता को ग्यान पायो रह, अर मन लगा ख यीसु को बारे म सही-सही सुनत रह अर सिखात रह, पर उ सिर्फ यूहन्ना को बपतिस्मा की बात जानत रह। \v 26 उ प्रार्थना घर म बेधड़क हो ख कहन लग्यो, पर प्रिसकिल्ला अर अक्विला ओकी बात सुन ख ओ ख अपनो यहाँ ले गया अर परमेस्वर को यहाँ जान कि रस्ता ओ ख अऊर भी सही-सही बतायो। \v 27 जब ओ न भरोसा करो की पार उतर ख अखया ख जाय ते भई हुन न ओ ख हिम्मत दे ख चेला हुन ख लिखो कि वी ओसे चोक्खो तरीका से मिले; अर ओ न वहाँ पहुँचा ख वी अदमी हुन की बड़ी मदत करी जिन्ना परमेस्वर कि दया को कारन भरोसा करियो रह \v 28 काहेकि उ सुध्दसास्र से सबूत दे दे ख की यीसु ही मसी आय, बडी हिम्मत से यहूदी हुन ख सब को सामे मुण्डो बंद करत रह। \c 19 \s इफिसुस नगर म पोलुस \p \v 1 वा बखत असो भयो कि जब अपुल्लोस कुरिन्थुस म हतो तो पोलुस भीतर ख परदेस हुन से घुम-फिर हो ख इफिसुस म आयो। उते ओ ख कुछ चेला हुन मिल्या। \v 2 ते उनसे कय्हो, “क तुम न विस्वास करत बखत सुध्द आत्मा पायो?” उनना ओसे कय्हो, “हम न तो सुध्द आत्मा को बारे म भी नी सुनी।” \p \v 3 ओ न ओसे कय्हो, “ते तुम न कसो बपतिस्मा लियो” उनना कय्हो, “यूहन्ना को बपतिस्मा।” \p \v 4 पोलुस न कय्हो, “यूहन्ना न यू कह ख मन फिराव को बपतिस्मा दियो कि जे मोरो बाद आन वालो हैं, उ पर अर्थात् यीसु प विस्वास करनु।” \p \v 5 यू सुन ख उनना प्रभु यीसु को नाम म बपतिस्मा लियो। \v 6 जब पोलुस न उन पर हात रखिया, ते सुध्द आत्मा उ पर उतरियो, अर वी अलग-अलग भासा बोली बोलत अर भविस्यवानी करन लगिया। \v 7 यू सब कम से कम बारा अदमी हते। \p \v 8 फिर पोलुस यहूदी प्रार्थना घर म चलो गयो अर तीन महा लक बे फिकर हो ख सुनाते रयो। उ यहूदी हुन को संग बात-चीत करते हुए उन ख परमेस्वर को राज को बारे म समझाते जात रहा। \v 9 पर उनमा से कुछ अदमी हुन ढ़ीट हता उनना विस्वास करनो से मना कर दियो अर पुरा इंसान हुन को सामे प्रभु को राज की रस्ता ख भलो बुरो कहन लग गयो एकोलाने उ अपना चेला हुन ख संग म ले ख उनका छोड़ ख चल दियो। अर तुरन्नुस की पाटसाला म रोज दिन बात-चीत करन लग गयो। \v 10 दो साल तक असो ही होते रयो, ऐको मतलब असो भयो कि आसिया ख रहन वाला का यहूदी का यूनानी सब न प्रभु को वचन सुन लियो। \s स्कीवा की अवलाद \p \v 11 परमेस्वर पोलुस को हात को दुवारा सामर्थ्य को काम करते जात रहा। \v 12 असो तक की ओखा छिया वाला रूमाल, अंगोछा हुन ख रोगी हुन को जोने ले ख जात रहा अर उनकी बिमारी दुर हो जात रहा अर दुस्टात्मा भग जात रहा। \v 13 पर कुछ यहूदी इंसान जो दुस्टात्मा निकालते अर इते उते फिरत रहा असा कहन लग्या कि जो इंसान हुन म भूत प्रेत समायो रहा उन पा प्रभु यीसु का नाम को उपयोग कर ख फून को काम करे अर मी तुम ख उई यीसु को नाम को जेको प्रचार पोलुस करा हैं मी तुम ख आदेस देऊ हैं। \v 14 अर स्क्किवा नाम को एक यहूदी महा याजक का सात पोरिया हता, जो असा ही करत रह। \p \v 15 पर दुस्टात्मा न उनका जवाब दियो, “यीसु ख मी जानु हैं, अर पोलुस ख भी मी पहिचानू हैं, पर तुम कोन आय?” \p \v 16 फिर उ अदमी जेमा दुस्टात्मा समायो रहा, उन पर लग्यो ओ ना उन पा काबु पा ख वी दोई ख हरा दियो असो तरीका से वी नंगा ही हो ख उ घर से निकल ख भग गया। \v 17 या बात इफिसुस ख रहन वाला सब यहूदी अर यूनानी भी जान गया, अर उन सब पा डर समा गयो; अर प्रभु यीसु को नाम की बड़ाई भई। \v 18 ओमा से ढ़ेर सारा जीन्ना भरोसा कर लियो रहा, अपनो ही हात से करिया बुरा काम हुन ख सबको जोने मान ख वहाँ आया। \v 19 जादू करन वाला म से ढ़ेर सारा न अपनी-अपनी किताब हुन इकठ्टी कर ख सब को सामे जला दीया अर जब उनको दाम जोडो गयो ते पचास हजार चाँदी को सिक्का हुन को बराबर हतो। \s इफिसुस म लड़ाई झगड़ा \p \v 20 उ तरीका से प्रभु को वचन बड़ी जोर सोर फैलते अर सब तक पहुँचा गया। \p \v 21 या घटना घटन को बाद पोलुस न अपनो मन म मकिदुनिया अर अखया से हो ख यरूसलेम जान को पक्को करियो। उन कय्हो, “वहाँ जान को बाद मोखा रोम भी देखनो चहिए।” \v 22 एकोलाने अपन सेवा करन वालो म से तीमुथियुस अर इरास्तुस नाम ख दो विस्वासी हुन ख मकिदुनिया भेज दियो अर खुद आसिया म कुछ रोज अऊर रूक्यो। \s इफिसुस म ऊधम \p \v 23 वा बखत उ रस्ता को बारे म बड़ो ऊधम मचियो। \v 24 वहा देमेत्रियुस नाम को एक चाँदी को काम करन वालो सोनार रहत रहा। अर ओ ना अरतिमिस को चाँदी को मन्दिर बनवात रहा जसो मिसरी हुन ख बेजा फायदा मिलत रहा। \v 25 ओ ना उन ख अऊर यू काम ख करन वाला दूसरा मिसरी हुन ख इकठ्टो करियो अऊर बोल्यो, “देखो भैय्या हुन, तुम जाना हैं कि यू काम से हम ख एक अच्छी आमदानी हो जावा हैं। \v 26 तुम देख सक हैं अर सुन सका कि यू पोलुस न, न सिर्फ इफिसुस को पूरो सिवाना म अदमी हुन ख बहकाए ख बदल दियो हैं उ बोला हैं इंसान को हात से बनाया वाला भगवान वी बीलकुम भी भगवान नी हैं। \v 27 ऐसे न सिरप या बात को डर हैं कि हमारी रोजी-रोटी बंद नी होन की पर महान देबी अरतिमिस को मन्दिर को नाम निसान तक मिट जान को डर हैं अर जो देबी की भक्ती पुरी दुनिया। को दुवारा होते जावा हैं, ओको नाम को नाम निसान मिट जान को डर भी हैं।” \p \v 28 वी असा सुन ख घुस्सा से भर गया अऊर चिल्ला-चिल्लाया ख कहन लग्या, “इफिसीयो कि अरतिमिस देवी बड़ी महान हैं!” \v 29 अर पुरो सहर म बड़ो ऊधम मच गयो, अऊर अदमी हुन न मकिदुनिया वासी गयुस अऊर अरिस्तर्खुस का जो पोलुस को संगी यातरी हता पकड़ लियो, अर एक संग म रंग साला म दऊड गया। \v 30 जब पोलुस न अदमी हुन को पास भीतर जानो चाहो ते चेला न ओ ख जान नी दियो। \v 31 कुछ प्रान्तीय अधिकारी हुन न जो ओखा दोस्त हता, उनका कैय दियो की उ वहाँ रंग साला म आन की कोसीस नी करन को। \v 32 वहाँ कोई कुछ चिल्लात रह अर कोई कुछ, काहे की सभा म बड़ी हड़बड़ी होत रह हती, बेजा सारा इंसान हुन तो यू समझत भी नी रह की हम काय को लाने यहाँ इकट्ठा भया हैं। \v 33 यहूदी हुन न सिकन्दर ख जेको नाम जवाबदार को रूप म समझायो रहा ओखा आगे सब को सामने कर दियो फिर उ अपना हात हुन ख हलाहला ख सिकंदर न इंसान हुन को सामे बचन को पक्छ सामने रखन कि सोचियो। \v 34 पर जब उन ना जान लियो की उ यहूदी आय, ते सब का सब एक आवाज से कोई दो घण्टा तक चिल्लाता रया, “इफिसीयो की अरतिमिस, बड़ी हैं।” \p \v 35 फिर सहर को मंतरी न भीड़ ख सान्त कर ख बोल्यो, “अरे इफिसुस ख रहन वाला इंसान हुन का दुनिया म कोई असो इंसान हैं जो यू नी जानत आय कि इफिसुस सहर महान देबी अरतिमिस को मंदिर अर स्वर्ग से गीड़ी वाली सुध्द पत्थर को टहलुवा हैं। \v 36 एकोलाने जब कि असी बात हुन को खण्डन ही नी हो सका, ते भलो हैं कि तुम चुप चाप रहो अऊर बिना सोचे समझे कुछ मत करनु। \v 37 काहेकि तुम असा इंसान हुन का लाया हैं कि जे न मन्दिर कि चोरी करन वाला हैं अर न हमारी देबी की निन्दा करन वाला। \v 38 अदि देमेत्रियुस अर ओखा संगी कारीगार हुन ख कोई से बहस होये ते कचेरी खुली हैं अर राज्यपाल\f + \fr 19:38 \fr*\ft हाकिम\ft*\f* भी हैं; वी एक दुसरो पर मुकदमा चलाय सकह हैं। \v 39 पर तुम ऐसे अऊर कुछ जादा जानन कि सोचा हैं ते ओको फैसला कानुन कि सभा म करो जाहे। \v 40 पर अब जो कुछ हैं ओको हिसाब से हमका या बात को डर हैं कि आज को उपद्रा हुन को अरोपी कई हमारी मुंड पा नी मढ़ दियो जाहे। यू दंगा को लाने हमरो जोने कोई सबूत नी हाय जसो हम ऐका उचित ठहरा सके।” \v 41 इत्तो कहन को बाद ओ ना सभा खतम कर दियो। \c 20 \s मकिदुनिया, युनान अर त्रोआस म पोलुस \p \v 1 फिर यू उपद्रा को सान्त हो जान को बाद पोलुस न यीसु ख चेला हुन ख बुलायो अर उनको होसला बढ़ान को बाद उनसे बिदा लेका उ मकिदुनिया ख चल दियो। \v 2 वी पुरा परदेस म से होका अऊर चेला हुन को खुसी बढ़ा ख उ यूनान म आयो \v 3 उ वहाँ तीन महा रूक्यो रहो काहेकि यहूदी हुन न ओखा फसान को लाने एक प्लान बनायो रहा। एकोलाने जब उ नाव म से सीरिया जान वालो ही हतो कि ओ ना विचार करयो कि मी मकिदुनिया ख लउट जाऊ। \v 4 बिरीया को पिर्रूस को पोरिया प सोपतुस, थिस्सलुनीकियो क रहन वाला अरिस्तर्खुस अर सिकुन्दस, दिरबे को रहन वालो गयुस, अर तीमुथियुस, अर ऐसियाई सहर को तुखिकुस अर त्रुफिमुस आसिया ओखा संग म हता। \v 5 यी अदमी हुन पहले ही चल दिया रहा अर त्रोआस म हमरी रस्ता देखत रहा। \v 6 अर हम अखमीरी रोटी को दिन हुन को बाद फिलिप्पी से जहाज पा चढ़कर पाँच दिन म त्रोआस म ओको जोने पहुँचो, अर सात रोज तक वहीं रया। \s त्रोआस म यूतुखुस को जिन्दो करनु \p \v 7 हफ्ता को दिन जब हम रोटी खान को लाने इकट्ठा भया ते पोलुस उनसे बात चीत करन लग गयो। ओखा दुसरो रोज ही जानो रा एकोलाने उ आधी रात लक बात चित करते ही रयो। \v 8 अटारी को उपर वालो खन म जिते हम इकट्ठा भया रहा, वहाँ ढ़ेर सारा दीया हता। \v 9 वही एक यूतुखुस नाम को एक जुवान खिड़की को उप्पर बठियो रहा उ गहरी नींद सोत रहा। काहेकि पोलुस बेजा देर से बोलते ही जात रहा ते ओखा गहरी नींद आ गई रहा ऐसे उ तीन खंड को माला से नीचे गीर पडियो अर जब ओखा उठायो ते उ मर गयो रहा। \v 10 पर पोलुस नीचु उतर ख ओसे लपट गयो अर गला लक ख उनसे बोल्यो, “घबरावा मत काहेकि ऐकी जान अबा ऐमन ही हैं।” \v 11 फिर उ उपर को खन म चल दियो अर ओ ना रोटी ख टोढ़ ख टुकड़ा करयो अर ओखा खायो। उ उनको संग दिन कि किरन फुटते लक बात चित करते रयो। फिर ओ ना उनसे बिदा लियो। \v 12 उ जिन्दो इंसान ख उनना घर ख लेका आया। येसे उनका बेजा सान्ति मिल्यो। \s त्रोआस से मिलेतुस ख जानो \p \v 13 हम नाव पा पहले ही पहुँच गया अर अस्सुस ख निकल पड़िया। उते पोलुस ख हमका नाव पर लेनो होतो। ओ ना असो ही पिलान बनायो रहा उ खुद पैदल आन की सोचत रहा। \v 14 जब उ अस्सुस म हमका मिल्यो ते हमना ओखा नाव म बिठाल लियो अर हम मितुलेने ख चल पडिया। \v 15 वहाँ से जहाज खोल ख हम दुसरो दिन खियुस को सामने पहुँचा, अर अगलो दिन सामुस म जा लगया; फिर दुसरो दिन मिलेतुस म आया। \v 16 काहेकि पोलुस जहाँ तक हो सका पिन्तकुस्त को रोज तक यरूसलेम पहिचान कि जलदी करत रहा, एकोलाने ओ ना सोचियो कि उ इफिसुस म बिना रूक्यो आगे चल देहे जसो ओखा आसिया म बखत नी गुजारनो पड़े। \s आखरी बार इफिसुस ख सायना हुन से बात चीत \p \v 17 ओ न मिलेतुस से इफिसुस ख सियाना हुन ख अर कलेसिया ख खबर भेज ख अपनो जोने बुलायो। \v 18 जब वी ओको जोने आया, ते उनसे कय्हो: “तुम जाना हैं कि पहिलो ही दिन जब मी आसिया म पहुँचो, मी हमेसा से तुमरो संग कसो तरीका से रयो।” \v 19 यानी बड़ी नम्रता से अर आँसु बहा-बहा ख, अर वी परीक्छा हुन म जे यहूदी हुन को साजिस को लाने मो पर आ पड़ी, मी प्रभु की सेवा करते ही रयो; \v 20 अर जे जे बात हुन मोरो फायदा की हती, उनका बतान अर इंसान हुन को जोने अर घर-घर सिखान से कभी नी हिचकीयो, \v 21 यहूदी हुन अर यूनानी हुन ख मी समान भाव से पाप हुन की छमा को लाने परमेस्वर कि तरफ फिरन की बोलते रयो हैं अर हमारो प्रभु यीसु को विस्वास को उपर उनका चिताते रयो हैं। \v 22 मी सुध्द आत्मा को बस म होका यरूसलेम जा रयो हैं। मी नी जानत आय कि वहा मोरो संग का कुछ नी घटन को \v 23 मी तो बस इत्तो जानु हैं कि हर सहर म सुध्द आत्मा असो बोलते हुए मो ख जतायो हैं कि बन्धन अर कलेस तोरो इंतजार कर रया हैं \v 24 पर मोरो लाने मोरी जान को कोई मोल नी हाय। मी तो बस वा दऊड धूप अर सेवा ख पुरो करनो चाहूँ हैं जेखा मी न प्रभु यीसु से पायो हैं वा हैं परमेस्वर कि किरपा को सुसमाचार की गवाही देनो। \p \v 25 अब देखनु, मी जानु हैं कि तुम सब जिनमा मी परमेस्वर को राज को प्रचार करते फिरो, मोरो मुँह फिर नी देखन का। \v 26 एकोलाने मी आज मी तुमरो जोने गवाई देहु हैं कि तुम म से कोई को खून से बेगुनह हैं। \v 27 काहेकि मी परमेस्वर को सारो अभिप्राय ख तुम ख पूरी रीति से बतान से नी झिझका। \v 28 एकोलाने अपनी अर पुरो झुंड की निगरानी करो जेमा सुध्द आत्मा न तुम ख अध्यक्छ ठहरायो हैं, कि तुम परमेस्वर की कलीसिया का रखवाली करे, जे ख ओ न अपनो खून से मोल लियो हैं। \v 29 मी जानु हैं कि मोरी बिदा होवन को बाद फाड़न खान वाला भेड़िया तुमरो बीच म आएँगो अर वी असा भलो-भाला विस्वासी झुंड ख नी छोडेगो। \v 30 इत्तो तक की असो बखत आएँगो की तुमरो ही बिच म से भी असा इंसान उठेगो, जो विस्वास करन वाला ख अपनो पिच्छु चलन ख लाने बात हुन ख तोड़ मरोड़त ख कहेगो। \v 31 एकोलाने जगते रहनु, अर याद करनु कि मी न तीन साल तक रात दिन आँसु बहा-बहा ख हर एक ख जतानु नी छोड़ो। \p \v 32 अर अब मी तुम ख परमेस्वर को, अर ओकी किरपा को वचन ख सोप देऊ हैं; जो तुम ख बढ़ा सका हैं अर सब सुध्द करया वाला इंसान हुन म तुमरो उत्तराधिकार दिला सका हैं। \v 33 मी न कोई को चाँदी, सोना या कपड़ा को लालच नी करो। \v 34 तुम तुम ही जाना हैं कि ईच हात हुन न मोरी अर मोरा संग म काम करन वाला की जरूरत पूरी करी। \v 35 “मी न तुम ख सब कुछ कर ख दिखायो कि असो तरीका से मेहनत करते हुये निर्बल हुन ख संभालनो अर प्रभु यीसु ख वचन याद रखनू जरूरी हैं, जे ओ न तुम ही बोलो हैं: लेनो से देनो भलो हैं।” \p \v 36 यू बोल ख वोना टोंगरीया टेकीयो अर उन सब को संग बिनती करी। \v 37 तब वी सब रोया अर पोलुस को गला ख चुम्मा लेन लग्या \v 38 वी खास कर ख या बात से दुखी हता जे ओ न कही रह कि तुम मोरो चेहरा फिर कभी नी देखन का। एकोबाद उन न ओ ख जहाज तक पहुँचायो। \c 21 \s पोलुस को यरूसलेम ख जानु \p \v 1 फिर उनसे बिदा हो ख हम न सागर म अपनी नाव खोली अर सिधो रस्ता कोस जा ख पहुँचिया अर दुसरो रोज रूदुस। फिर वहाँ से पतरा ख चल दिया। \v 2 वहाँ हमना एक जहाज फीनीके का जाते हुयो मिलो, अर हम न ओपर चढ़ ख खोल दियो। \v 3 जब साइपरस दिखई देन लग गयो ते हम ओखा उल्टो हात की तरफ छोड़ ख सीरिया की तरफ घुम गया काहेकि जहाज ख सूर म माल उतारनो हतो एकोलाने हम भी वही उतर गया। \v 4 वहाँ हम ख विस्वासी मिल्या जिनको यहाँ हम सात रोज लक रूक्या। उनना आत्मा कि सक्ती से भर ख पोलुस ख यरूसलेम जानो से मना करयो। \v 5 फिर वहाँ रूकन को अपनो बखत पुरो कर ख हमना बिदा लियो अर अपनो सफर पा निकल पड़या। अपनी ओरत अर पोरिया-पारी समेत वी पुरा सहर को बाहर लक हमरो संग आया। फिर वहाँ सागर को किनार म हमना टोगरिया को बल झूक ख बिनती करी। \v 6 तब एक दुसरो से बिदा हो ख हम तो जहाज पर चढ़ीया अर वी अपना-अपना घर लउट गया। \p \v 7 सूर से पानी को रस्ता पुरो कर ख पतुलिमयिस म पहुँचिया, अऊर भई हुन ख नमस्कार कर ख उनको संग एक दिन रहया। \f + \fr 21:7 \fr*\ft पानी मार्ग \ft*\f* \v 8 दुसरो दिन हम वहाँ से चल ख कैसरिया म आया, अर फिलिप्पुस सुसमाचार प्रचारक को घर म जो साती म से एक हतो; जा ख ओको यहाँ रया। \v 9 ओकी चार कुंवारी पोरी हुन हती, जे भविस्यवानी करत रह। \v 10 जब हम वहाँ बेजा दिन तक रैय चुक्या, ते अगबुस नाम को एक भविस्यवक्ता यहूदिया से आयो। \v 11 ओ ना हमरो जोने आ ख पोलुस को अंगोछा\f + \fr 21:11 \fr*\ft कटिबन्ध\ft*\f* लियो, अर अपना हात पाय बाँध ख कय्हो, “सुध्द आत्मा असो बोला हैं कि जो अदमी को यू अंगोछा आय, ओ ख यरूसलेम म यहूदी असोच ही तरीका से बाँधूँगो, अर दुसरी जात हुन को हात म सोपेगो।” \p \v 12 जब हम न असी बात सुनी, ते हम अर वहाँ ख अदमी हुन न ओसे विनती करी कि यरूसलेम ख मत जानु। \v 13 पर पोलुस न जवाब दियो, “तुम का करा हैं कि रो-रो ख मोरो मन तोड़ा हैं? मी तो प्रभु यीसु को नाम को लाने यरूसलेम म नी केवल बाँधी जान ही को लाने पर मरन को लाने भी तैयार हैं।” \p \v 14 जब ओ न नी मानो ते हम यू बोल ख चुप हो गया, “प्रभु की मर्जी पुरी होय।” \v 15 ई दिन को बाद हमना तैयारी करी अर यरूसलेम ख चल दिया। \v 16 कैसरिया से भी कुछ चेला हमरो संग म हो लियो। अर हम ख मनासोन नामक साइपरस को एक पुरानो चेला को यहाँ ले आया, कि हम ओको यहाँ रूके। \s पोलुस कि याकूब से मिला-भेंट \p \v 17 जब हम यरूसलेम म पहुँचिया, ते भई हुन बड़ी खुसी को मारे हम से मिलीयो। \v 18 दुसरो दिन पोलुस हम ख ले ख याकूब को जोने गयो, वहाँ पर सब सियाना जुड़िया हता। \v 19 तब ओ न उन ख नमस्कार कर ख, जो जो काम परमेस्वर न ओकी सेवा को दुवारा दुसरी जात हुन म करी रह, एक एक कर ख सब बताया। \v 20 उन न असो सुन ख परमेस्वर कि स्तुति करी\f + \fr 21:20 \fr*\ft महिमा\ft*\f* फिर ओसे कय्हो, “भई, तू देखा हैं कि यहूदी हुन म से करीब हजार न भरोसा करो हैं; अर सब नेम को लाने धुन लगाया हैं। \v 21 उनका तोरो बारे म सिखायो गयो हैं कि तू दुसरी जात हुन म रहन वाला यहूदी हुन का मूसा से फिर जान की सिखावा हैं, अर बोला हैं, कि न अपना पोरिया पारी को चढ़ावा अर न रीति-रीवाज हुन पर चलो। \v 22 ते फिर का करो जाय? अदमी हुन जरूरी सुने कि तू आयो हैं। \v 23 एकोलाने जो हम तो से कह हैं, उ कर। हमरो इते चार इंसान हैं जिन्ना मन्नत चढ़ाई हैं। \v 24 उन ख ले ख उनको संग अपनो तुम ख सुध्द करो; अर उनको लाने खर्चा दे कि वी मण्ड़ी मुडायो। तब सब जान लेहे कि जो बात हुन उन ख तोरो बारे म कही गई, ओमा कुछ हकीगत नी हाय पर तू स्वंय भी नेम ख मान ख ओको जसो चला हैं। \v 25 पर वी दुसरी जात हुन को बारे म जिन्ना भरोसा करो हैं, हम न यू सोच समझ ख लिख भेजो हैं कि वी मुरती हुन को सामे चढ़ाई वाली मटन म से, अर खून से अर गलो घोटियो वालो कि मटन म से, अर गलत काम से बचियो रहनु।” \p \v 26 तब पोलुस वी अदमी हुन ख लेखा, अर दुसरो रोज उनको संग सुध्द हो ख मन्दिर म गयो, अर वहाँ बता दियो कि सुध्द हो न को दिन, यानी उनमा से हर एक को लाने चढ़ावा चढ़ाय जान तक को दिन कब पुरा होए। \s मन्दिर म पोलुस को पकड़ो जानु \p \v 27 जब वी सात दिन पुरा होन पा हता, ते आसिया का यहूदी हुन न पोलुस को मन्दिर म देख ख सब अदमी हुन ख उकसायो, अर असा चिल्ला ख ओ ख पकड़ लियो, \v 28 “अरे इस्राएली हुन, सहायता करो; यू उई अदमी आय जो अदमी हुन को, अर नेम का, अर या जगा को विरोध म हर जगह सब अदमी हुन ख सिखावा हैं, यहाँ तक की यूनानी हुन ख भी मन्दिर म ला ख ओ न यू सुध्द जगह ख असुध्द करो हैं।” \v 29 उन न येसे पहिले इफिसुस वासी त्रुफिमुस को ओको संग नगर म देखो हतो, अर समझीया हता कि पोलुस ओ ख मन्दिर म ले आयो हैं। \p \v 30 तब पुरो सहर म कोला हल मच गयो, अर अदमी दऊड ख एक जुट भया अर पोलुस ख पकड़ ख मन्दिर को बहार घसीट लाया, अर तुरत दरवाजा बन्द करा गया। \v 31 जब वी ओ ख मार डालनो चाहत रह, ते पलटन को मुखिया ख खबर पहुँची कि पुरो यरूसलेम म कोला हल मच रयो हैं। \v 32 तब वी तुरंत सैनिक हुन अर सतपति हुन को लेय ख ओके नजीक नीचे दऊड आयो; अर उनना पलटन को सरदार ख अर सैनिक हुन ख देख ख पोलुस ख मरनो पिटनो छोड़ दियो। \v 33 तब पलटन को सरदार न नजीक आय ख ओ ख पकड़ लियो; अर दो जंजीर से बाँधन की आग्या देय ख पुछन लगिया, “यू कोन आय अर इन न का कियो आय?” \v 34 पर भीड़ म से कोई न कोई चिल्लात रह। जब कल्ला को मारे वी सही सच्चाई नी जान सको ते ओ ख मजबूत गढ़ म ले जान को आग्या दियो गयो। \v 35 जन वी पायरी पर पहुँचिया, ते असो भयो कि भीड़ को दबाव को मारे सैनिक हुन ख ओ ख उठा ख ले जानो पड़ियो। \v 36 काहेकि अदमी हुन को भीड़ यू कल्ला करती हुई ओको पीछे पडी हती रह, “ओ ख मार दाल।” \p \v 37 जब वी पोलुस ख गढ़ म ले जानो हते, ते ओ ना पलटन को सरदार से कय्हो, “क मोखा आग्या हैं कि मी तोखा कुछ कहूँ?” ओ न कय्हो, “क तू यूनानी जानह हैं? \v 38 का तू वी मिसतिरी नी आय, जे इ दिन हुन से पहलो विद्रोही बना ख, चार हजार चक्कु बंद लोग हुन ख जंगल म ले गयो?” \p \v 39 पोलुस न कय्हो, “मी ते तरसुस को यहूदी इंसान आय! किलिकिया के प्रसिध्द नगर को निवासी आय मी तोसे बिनती करू हूँ कि मो ख लोग हुन से बात करन दे।” \p \v 40 जब ओ न आग्या दियो, ते पोलुस न सीढ़ी पर खड़ो होय ख लोग हुन को हात से संकेत कियो। जब वी चुप हो गयो ते वी इब्रानी भासा म बोलन लगियो। \c 22 \p \v 1 पोलुस न बोल्यो, “अरे मोरा यहूदी भैय्या हुन अऊर मोरो बाप को समान दादा हुन! मोरी पक्छ म अब मोखा जे कुछ कहनो हैं, ओखा ध्यान धर ख सुनो।” \v 2 वी यू सुन ख कि उ अब हमसे इब्रानी भासा म बोला हैं, अर यी चुपचाप हो गया तब ओ न कय्हो; \p \v 3 मी एक यहूदी इंसान आय, जो किलिकिया को तरसुस म मोरो जनम भयो; अऊर मी यूईच सहर म मोरो पाल-पोस ख बड़ो भयो हैं। गमलीएल को पाय को जोने बैठ ख हमारी परम्परा को नेम को हिसाब से बड़ी मेहनात को संग मोखा ग्यान बुध्दी मिली, परमेस्वर को लाने मी बड़ो धुन लगायो थो। ठीक वसो ही जसा आज तुम सब हैं। \v 4 मी न अदमी अऊर ओरत दोई ख बान्ध बाँध ख अऊर जेल म डाल-डाल ख यीसु मसी ख मानन वाला ख असो तक सतायो कि उनका मरना भी डालो। \v 5 या बात को लाने मुखिया याजक अऊर सबरा सियाना गवाह हैं, कि उनसे भी भई हुन को नाम पर चिठ्टी हुन लेख दमिस्क का चलो जात रह हतो, जो वहाँ रहे उनका भी सजा दिलान को लाने बाँध ख यरूसलेम लाऊ। \s पोलुस अपनो मन को बदलनू को बारे म \r (प्रेरितो 9:1-19; 26:12-18) \p \v 6 जब मी चलते चलते दमिस्क को जोने पहुँचियो; ते असो गयो कि दोपहर दिन को एक बजे को करिब एकाएक एक बड़ी बिजली आकास से मोरो चारी तरफ चमकी। \v 7 अर भी जमीन पा गिर पड़ियो अर असो आवाज सुनो, साऊल, ओ साऊल तू मोखा काहे सतावा हैं? \v 8 मी न उत्तर दियो हर प्रभु, तू कोन आय? ओ न मोसे कय्हो, मी यीसु नासरी आय, जो ख तू सतावा हैं। \v 9 मोरा संग वाला न बिजली तो देखी, पर जो मोसे बोलत रह ओकी आवाज नी सुनियो। \v 10 तब मी न कय्हो, प्रभु मो ख का करनो चहिए? प्रभू न मोसे कय्हो, उठ ख दमिस्क म जा, अर जे कुछ तोखा करन को लाने ठहरायो गयो उ तोसे सब बता दियो जाहेगो। \v 11 जब वा बिजली को उजाला को मारे मो ख कुछ दिखाई नी दियो, ते मी अपना संगी हुन को हात पकड़ ख दमिस्क म आयो। \p \v 12 तब हनन्याह नाम को नेम को अनुसार एक दास अदमी, जो वहाँ रहत रह सब यहूदी हुन म सुनाम हतो मोरो जोने आयो, \v 13 अर खड़ो होख मोसे कय्हो, हे साऊल भई, फिर देखन लग उसी घड़ी मोरी आँखी खुल गई अर मी न ओ ख देखो। \v 14 तब ओ न कय्हो, हमरो बाप दादा हुन को परमेस्वर न तोखा एकोलाने ठहरायो हैं कि तू ओकी इच्छा को जानो अर उ धर्मी को देखे अर ओको मुण्डो से बात हुन सुने। \v 15 काहेकि तू ओकी तरफ से सब अदमी हुन को सामे वी बात को गवाह होयगो जे तू न देखो हैं। \v 16 अब काहे टेमं करा हैं? उठ बपतिस्मा ले अर ओको नाम ले ख अपनो पाप धो ड़ाल। \s दुसरी समाज म प्रचार को बोल बाला \p \v 17 “जब मी फिर यरूसलेम म आँख मन्दिर म बिनती करत रह हतो, ते बेसुध हो गयो, \v 18 अर ओखा देखो कि उ ओसे बोला हैं, ‘जल्दी कर ख यरूसलेम से पटाक निकल ला, काहेकि वी मोरो बारे म तोरी गवाई नी मानन ख।’ \v 19 मी न कय्हो, प्रभु, वी तो खुद जाना हैं कि मी तो पर भरोसा करन वाला ख जेल म ड़ालू अर जगह-जगह प्रार्थना घर म पिटवात रह। \v 20 जब तोरो गवाह स्तिफनुस को खून बहायो जान रह तब मी भी वहाँ हतो; अर या बात म सहमत हतो, अर ओखा मारन वाला को कपड़ा की देख रेख करत रह। \v 21 अर ओ ना मोसे कय्हो, चलो जा; काहेकि मी तोखा दुसरी जात को पास दूर-दूर भेजेगो।” \p \v 22 वी या बात तक ओकी सुनते रया, तब बड़ी जोर से चिल्लायो, “असो अदमी ख मार ड़ालो; ओको जिन्दो रहनू ठीक नी हाय।” \v 23 जब वी चिल्लाते रय्हो अर कपड़ा फेंकते अर बादल म धुदर उड़ात रह; \v 24 ते पलटन को मुखिया सरदार न कय्हो, “ऐका गढ़ म ले जाव, अर कोड़ा लगा का पुछो, कि मी जानू कि इंसान काम को वजे से ओको विरोध म असा चिल्ला रया हैं।” \v 25 तब उनन ओ ख चमडा से बाँधी ते पोलुस न उ सतपति से जे नजीक म खड़ो हतो, कय्हो, “क यू ठीक हाय, कि तुम एक रोमी इंसान ख, अर उ भी बिना दोसी ठहरायो हुयो: कोड़ा मारो?” \v 26 सतपति न यू ऐका ख पलटन को मुखिया को जोने जा ख कय्‍हो, “तु यु का करा हैं? यु तो रोमी इंसान आय।” \p \v 27 तब पलटन को मुखिया न ओको जोने आ कय्हो, “मोखा बता, का तू रोमी आय? ओ न कय्हो हाव।” \p \v 28 यू सुन ख पलटन को मुखिया न कय्हो, “मी न रोमी होन को पद ढ़ेर सारा रुपया देख पायो हैं।” पोलुस न कय्हो, “मी ते जनम से रोमी आय।” \p \v 29 तब जे अदमी ओ ख जाँचन पर हता, वी तुरंत ओको जोने से हट गयो अर पलटन को मुखिया भी यू जान ख कि यू ते रोमी आय अर मी न ओ ख बाँधी हैं, डर गयो। \s बड़ी सभा को जोने पोलुस \p \v 30 दूसरो दिन ओ न ठीक-ठीक जाँचन की इच्छा से कि यहूदी ओ पर काहे आरोप लगाव हैं, ओकी ढ़ोरी खोली दियो जाय: अर प्रधान याजक हुन अर पुरी बड़ी सभा का एक जुट होन को दियो; अर पोलुस का नीचे ले जा ख उनको जोने खड़ो कर दियो। \c 23 \p \v 1 पोलुस न बड़ी सभा पा टकटकी लगा ख कय्हो, “भई मी न आज तक परमेस्वर को लाने बिलकुल भली इच्छा से चाल चलन से जीवन बनायो हैं।” \v 2 ये पर हनन्याह माह याजक न उनका जो ओको पास जोने खड़ा हता; मुण्डो पर चाटा मारन को हुकुम दियो। \v 3 तब पोलुस न ओसे कय्हो, अरे चूना फेरी वाली समादी, परमेस्वर तो ख भी मारे। तू नेम को हिसाब से मोरो न्याय करन ख बठो हैं, अर फिर का नेम को विरूद मो ख मारन की कहा हैं? \p \v 4 जो सामे खड़ा हता उन न कय्हो, का तू परमेस्वर को बडो माह याजक ख बुरो भलो कहाँ हैं? \p \v 5 पोलुस न कय्हो, “भई हुन मी नी जानत रह हतो कि यू बडो याजक आय; काहे कि लिखो हैं? अपना अदमी हुन को मुखिया (प्रधान) ख, बुरो मत बोलजे।” \p \v 6 तब पोलुस न यू जान ख की एक दल सदूकीहुन अर दूसरो फरीसी हुन को हैं, सभा म पुकार ख कय्हो “भई हुन, मी फरीसी अर फरीसी हुन को खानदान को आय मरिया वाला की आसा अर फिर से जी उठन को बारे म मोरो मुकदमा हो रयो हैं।” \p \v 7 जब ओ न या बात कही ते फरीसी हुन अर सदूकी हुन की हुन म झगड़ा होन लगो अर सभा म फूट पड़ गई। \v 8 काहे कि सदूकी तो असा बोला हैं कि कि न फिर से जी उठनो हैं, न स्वर्ग दूत अर न आत्मा हैं, म पर फरीसी इन सब ख माना हैं \v 9 तब बड़ो हल्ला मचो अर कुछ सासतिरी जो फरीसी हुन को दल का हता उठ खड़ा भया अर असा कह ख झगड़न लग्या “हम यू अदमी म कुछ बुराई नी देखो अऊर अदि कोई आत्मा या स्वर्गदूत ओसे बोलो हैं ते फिर का?” \p \v 10 जब बेजा झगड़ा भयो ते पलटन को मुखिया (सरदार) न यू डर से कि वी पोलुस को टुकड़ा टुकड़ा नी कर डाले पलटन का आदेस दियो कि उतर ख ओ ख उनको बीच म से जबरदस्ती निकाले, अर गढ़ म ले जाव। \p \v 11 वई रात प्रभु न ओको जोने खड़ो होख कय्हो, “अरे पोलुस धीरज धर, काहेकि जसी तू न यरूसलेम म मोरी गवाही दियो वसो ही मोखा रोम म भी गवाही देनी पड़ो।” \s पोलुस को मरन को बारे म सोचनो \p \v 12 जब दिन हुओ ते यहूदी हुन न सड्यंत्र रचो अर कसम खाई कि जब तक हम पोलुस ख मार नी डाले, तब तक खायो पियो वाले हम पा धितकार। \v 13 जिन न एक दुसरो से असी कसम खाई रह वी चालीस झन से ज्यादा हता। \v 14 उनन मुखिया (प्रधान) याजक हुन अर सियाना हुन को नजीक जा ख कय्हो, “हम न यू ठान लियो हैं कि जब तक हम पोलुस ख मार नी ड़ाला, तब तक अदि कुछ चखे भी ते हमरो ऊपर धितकार हैं।” \v 15 एकोलाने अब यहूदी सभा समेत पलटन को मुखिया (सेनानायक) ख, समझाव कि ओ ख तुमरो जोने लेख आव, समझानो कि तुम ओको बारे म अऊर भी चोक्खो से जाँच करनो चाहवा हैं। अर हम ओको पहुँचनो से पहिले ही ओ ख मार डालन को लाने तैयार रहेगो। \p \v 16 पोलुस को बहिन को पोरिया भांजा\f + \fr 23:16 \fr*\ft बहिन को पोरिया\ft*\f* न सुनो कि वी ओखा मरनो पर हैं, ते गढ़ म जा ख पोलुस ख खबर दियो। \v 17 पोलुस न सतपति म से एक ख अपनो जोने बुला ख कय्हो, “यू जवान ख सेनापति को जोने ले ख जाव यू ओसे कुछ बोलनो चाहवा हैं।” \v 18 एको लाने ओ न ओ ख पलटन को मुखिया को जोने ले जा ख कय्हो, बन्दी पोलुस न मोखा बुला ख विनती करी कि यू जवान पलटन को मुखिया से कुछ बोलनो चाहवा हैं; ऐका ओको जोने ले जाव। \p \v 19 पलटन को सरदार न ओको हात पकड़ ख अर ऊते ले जाय ख पुछियो, “तू मोसे क हकन चावा हैं?” \p \v 20 ओ न कय्हो, “यहूदी हुन न सड्यंत्र रचो हैं कि तोसे विनती करे कि कल पोलुस ख बड़ो सभा म लाय, अर वी अच्छी तरह जाँच करन चावा हैं। \v 21 पर उनकी नी माननू, काहेकि ओमा से चालीस का उपर अदमी हुन ओकी घात म हैं, जिनना यू ठान लियो हैं कि जब तक वी पोलुस ख मार नी ड़ाले, तब तक नी ते खावन को अर नी पाएगो को। अर वी तैयार हैं अर तोरो वादा की बट जो रया हैं।” \p \v 22 तब पलटन को सरदार न जवाब ख यू आग्या देय ख बिदा कियो, “कोई ख नी कहनो कि तू न मो ख या बात कही आय।” \s पोलुस ख राजपाल फेलिक्स को नजीक भेजो जानू \p \v 23 तब ओ न दो सतपति हुन ख बुलाय ख कय्हो, “दुई सव सैनिक, सत्तर सवार, अर दुई सव भालैत, पहर रात बीती कैसरिया ख जानू ख लियो तैयार कर रखियो हैं। \v 24 अर पोलुस ख लाने घोड़ा हुन सवारी तैयार रखो हैं, कि ओ ख फेलिक्स हाकिम को नजीक चोक्खो से पहुँचा देहे।” \v 25 ओ न इ प्रकार को चिठ्टी म भी लिखी हती: \p \v 26 महामहिम फेलिक्स हाकिम ख क्लोदियुस लूसियास को नमस्ते। \v 27 इ अदमी ख यहूदी हुन न पकड़ ख मार ड़ालन चावा हैं, पर जब मी न जानो कि रोमी हैं, ते पलटन लेय ख छुड़ा लायो। \v 28 मी जानन चाहूँ कि वी ओ पर का कारन आरोप लगावा हैं, एकोलाने ओ ख ओकी बड़ोसभा म ले गयो। \v 29 तब मी न जान लियो कि वी अपन मूसा ख नेम को विवाद को बारे म ओ पर आरोप लगाव हैं, पर मर डालन या बाँधन को योग्य ओमा कोई आरोप नी आय। \v 30 जब मोखा बतायो गयो कि वी इ अदमी की घात म लगे आय ते मी न तुरंत मी ओको तोरो नजीक म भेज दियो; अर मुद्दई हुन ख भी आग्या दी कि तोरो सामे ओ पर नजीक करे। \p \v 31 अत: जसी सैनिक हुन ख आग्या दी गई हती वसो ही वी पोलुस ख लेय ख रात तम रात अन्तिपतिरस म आया। \v 32 दुसरा दिन वी सवार हुन ख ओके संग जानू ख लियो छोड़ ख वापस गढ़ ख लउटे। \v 33 उनना कैसरिया पहुँच ख हाकिम ख चिठ्टी दी; अर पोलुस ख भी ओको सामे खड़ो कियो। \v 34 ओ न चिठ्टी पढ़ ख पुछियो, यू कऊन सो देस को निवासी आय? अर जब जान लियो कि किलिकिया को आय \v 35 “अर जब जान लियो कि किलिकिया को आय ते ओसे कय्हो, जब तोरो मुद्दई भी आएँगो, ते जब नी तोरो मुकदमा करुँ।” अर ओ न ओ ख हेरोदेस को किला म पहरा म रखन को आग्या दी। \c 24 \s हाकिम फेलिक्स को पास म पोलुस \p \v 1 पाँच दिन को बाद म हनन्याह बड़ो याजक अर बेजा सारो सियाना हुन को अर तिरतुल्लुस नाम को कोई वकील ख संग म ले ख आयो। उनना हाकिम को सामे पोलुस ख पिटो गयो। \v 2 जब वी बुलायो गयो ते तिरतुल्लुस ओ पर अरोप लगा ख कहन लगियो: \p “अरे महामहिम फेलिक्स, तोरो दरवाजा हम म बडी सान्ति होवा हैं; अर तोरो काम करनो से इ या जात को लाने कई प्रकार को बुराई हुन सुधरी जात हैं। \v 3 इको हम हर जगह अर हर प्रकार धन्यवाद ख संग मानत हैं। \v 4 पर एकोलाने कि तोखा अर दुख नी देनो चाहत, मी तोसे विनती करन हूँ कि किरपा कर ख हमारी दो एक बात सुन लेवा। \v 5 काहेकि हम न इ अदमी ख बुरो काम अर दुनिया को सारो यहूदी हुन म झगड़ा लगड़ा करन वालो, अर नासरी को कुपन्थ को मुखिया पायो हैं। \v 6 ओ न मन्दिर ख असुध्द करनो चाहयो, पर हमना ओ ख पकड़ लियो। हम न ओ ख अपन मूसा को नेम को अनुसार दण्ड दियो होतो; \v 7 पर पलटन को सरदार लूसियास न ओ ख जबरदस्ती छीन लियो, \v 8 अर मुद्दई हुन ख तोरो सामे आन की आग्या दी। इ सब बात हुन का जेके बारे म हम ओ पर आरोप लगावा हैं; तू तुम ही ओको परख कर ख जान लेगो।” \v 9 यहूदी हुन न भी ओखा संग देय ख कय्हो, बात इही प्रकार की आय। \s पोलुस को सवाल को जवाब \p \v 10 जब हाकिम न पोलुस का बोलन को संकेत कियो, ते ओ न उत्‍तर दियो: \p मी यू जान ख कि ढ़ेर सारो साल से इ जात को न्याय कर रय्हो हैं खुसी से अपन प्रत्युत्तर देहु हूँ। \v 11 तू कुद जान सका हैं कि जब से मी यरूसलेम म आराधना करन ख आयो, मोखा बारा रोज से मोखा ऊपर नी भया। \v 12 मोखा नी मन्दिर म नी प्रार्थना घर हुन म, नी नगर म कोई से झगड़ा (विवाद) करत या भीड़ लगात पायो; \v 13 अर नी ते वी उ बात ख, जेको वी अब मोखा पर आरोप लगात हैं, तोरो सामे सच प्रमाणित कर सका हैं। \v 14 पर मी तोरो सामे यू मान लेहूँ हूँ कि जे पंथ ख वी रस्ता कहत हैं, उही की रीति पर मी अपन बापदादा हुन को परमेस्वर की सेवा करत हूँ; अर जे बात नेम अर भविस्यवक्ता हुन को किताब म लिखी हैं उन सब पा विस्वास करू हूँ। \v 15 अर परमेस्वर से आसा रखूँ हूँ जे वी तुम भी रखत हैं कि धर्मी अर अधर्मी दो ही जन को जी उठनो होगो। \v 16 एको मी तुम भी यत्न करत हूँ कि परमेस्वर की, अर इंसान हुन की तरफ मोरो विवेक सदा निर्दोस रया। \p \v 17 ढ़ेर सारो साल को बाद म अपन लोग हुन ख दान (भिख) पहुँचानो, अर भेट चढान आयो हतो। \v 18 उन्होना मो ख मन्दिर म, सुध्द दसा म, बिना भीड़ को संग, अर बिना दंग करत हुया भेंट चढ़ात पायो हाँ आसिया को कई यहूदी हते उनख उचित हतो \v 19 कि अदि मोरो विरोध म ओको नजीक कोई बात होए ते यहाँ तोरो सामे आय ख मो पर आरोप लगावा। \v 20 या यू तुम ही बताए कि जब मी बड़ो सभा को सामे खड़ो हतो ते उनना मो म कोन सो अपराध पायो? \v 21 इही एक बात ख छोड़ जे मी न ओके बीच म खडो होयख पुकार ख कही हती: “मरो हुओ ख जी उठने को बारे म आज मोरो तुम्हारो सामे मुकदमा को रय्हो हैं।” \p \v 22 फेलिक्स न, जे इही रस्ता की बात हुन ठीक ठीक जानत हतो, उनना यू कह ख टाल दियो, “जब पलटन को सरदार लूसियास आएँगो, ते तुम्हारी बात को निर्णय करूँगो।” \v 23 अर सतपति ख आग्या दी कि पोलुस ख कुछ छुट म रख ख रखवाली करनु, अर ओको दोस्त हुन म से कोई ख भी ओकी सेवा करन से नी रोकनू। \s फेलिक्स अर द्रुसिल्ला को जोने पोलुस \p \v 24 कुछ दिन हुन को बाद फेलिक्स अपन ओरत द्रुसिल्ला का, जे यहूदी नी हती, संग लेय ख आयो अर पोलुस ख बुलवा ख उ विस्वास का बारे म जे मसी यीसु पर आय, ओसे सुनो। \v 25 जब वी धर्म, अर संयम, अर आन वाले न्याय को चर्चा कर रय्हा हता, ते फेलिक्स न डर ख उत्तर दियो, “अभी तर जा; मी अवसर पा ख तोखा फिर बुलाऊँगो।” \v 26 ओ ख पोलुस से कुछ पैसा मिलन की आसा हती एकोलाने अर भी बुला-बुला ख ओसे बात कियो करत हतो। \p \v 27 पर जब दो साल बीत गया ते पुरकियुस फेस्तुस, फेलिक्स को जगह पर आयो; अर फेलिक्स यहूदी हुन ख खुस करन को चक्कर म पोलुस ख जेल म ही छोड़ दियो। \c 25 \s पोलुस को राज्यपाल को सामे \p \v 1 फेस्तुस उ देस म पहुँचन का तीन दिन बाद कैसरिया से यरूसलेम ख गयो। \v 2 तब पुजारी याजक हुन अर यहूदी हुन का खास अदमी हुन न ओखा सामने पोलुस कि नालिस करी; \v 3 अर ओ से प्रर्थाना कर ख ओखा खिलाप म यी वर चावा कि वी ओ ख यरूसलेम म बुलन की किरपा करे, काहेकि वी ओ ख रस्ता म ही मर ड़ालन की घात म लग हुए हता। \v 4 फेस्तुस न उत्तर दियो, “पोलुस कैसरिया म बन्दी म हैं, अर मी तुम जल्द ही वापस जाऊँगो।” \v 5 फिर कय्हो, “तुम म कोई अगुवा रखह हैं वी संग चले, अर यदि इ अदमी न कुछ बुरो काम\f + \fr 25:5 \fr*\ft अनुचित काम\ft*\f* कियो आय ते ओ पर आरोप लगाए।” \p \v 6 ओके बीच म कोई आठ दस रोज रह ख वी कैसरिया चलो गयो; अर दुसरो रोज न्याय आसन म बैहिठ ख पोलुस को लाने कि आग्या दी। \v 7 जब वी आयो ते जे यहूदी यरूसलेम से आया हता, उनना आसा-पास खड़ो होख ओ पर ढ़ेर सारो अपराध लगायो, जेको प्रमाण वी नी दे सकत हतो। \v 8 पर पोलुस न उत्तर दियो, “मी न नी ते यहूदी हुन की नेम को किताब को अऊर नी मन्दिर को, अऊर नी कैसर को विरूध्द कोई पाप कियो हाय।” \p \v 9 तब फेस्तुस न यहूदी हुन का खुस करन की इच्छा से पोलुस से कय्हो, “क तू चावा हैं कि यरूसलेम ख जाए अर वी मोरो सामे तोरो यू मुकदमा तय कियो जाए?” \p \v 10 पोलुस न कय्हो, “मी कैसर को न्याय-आसन को सामे खड़ो हाय; मोरो मुकदमा तय कियो जाए?” सजो तू अच्छी तरीका से जाना हैं यहूदी हुन को मी न कुछ बुरो नी करयो हाय। \v 11 अदि मी बुरो हाय अर मार डाले योग्य मी कोई काम कियो हैं, ते मरन से नी मुखर को; पर जे बात हुन को यु मोरो पर आरोप लगावा हैं, अदि उनमा से कोई भी बात सही नी ठहरे ते “कोई मोखा उनको हात नी सोप सका हैं। मी कैसर की दोहाई दे ख कहू हैं।” \p \v 12 तब फेस्तुस न मंतरी हुन को सभा को संग बात कर ख कहन लग्या, तू न कैसर को दोहाई दी हाय, “तू कैसर को ही कने जाहे।” \s राजा अग्रिप्पा को आगू पोलुस \p \v 13 कुछ दिन बितान को बाद अग्रिप्पा राजा अर बिरनीके न कैसरिया म आय ख फेस्तुस से भेट करी। \v 14 ओके ढ़ेर सारो दिन उही रहन को बाद फेस्तुस न पोलुस का बारे म राजा ख बतायो: “एक अदमी आय, जेख फेलिक्स जेल म छोड़ दियो गयो हैं। \v 15 जब मी यरूसलेम म हतो, ते प्रधान याजक अर यहूदी हुन को सियाना न ओकी माँग कियो अर चाहा कि उ पर दण्ड की हुकुम दी जाहे। \v 16 पर मी न ओको उत्तर दियो कि रोमी कि यू रीति नी कि कोई इंसान का दण्ड को लाने सोप देहे, जब तक मुद्दाअलैह को अपन मुद्दई हुन को सामे खड़ो होय ख अपराध को उत्तर देन ख अवसर नी मिले। \v 17 अत: जब वी यू इकठ्टा भया, ते मी न कुछ बखत नी कियो, पर दुसरा ही दिन न्याय-आसन पर बैहिठ ख उ इंसान को लाने हुकुम दी। \v 18 जब ओको मुद्दई खड़ो भयो ते उनना असी अनुचित बात हुन आरोप नी लगायो जसा मी समझत हतो। \v 19 पर वी अपन मत को अर यीसु नाम कोई अदमी का बारे म, जे मर गयो हतो अर पोलुस ओको जिन्दो बतात हतो, विवाद करत हते। \v 20 मी उलझन म हतो कि इन बात हुन को बारे म कसो पता लगाऊ? एकोलाने मी न ओसे पूछो, क तू यरूसलेम ख जाएगो कि उही बात को न्याय होए? \v 21 पर जब पोलुस न दोहाई दे ख कहन लग्यो कि ओको मुकदमा म को फैसला महाराजा धिराज को यहाँ होए, ते मी न हुकुम दी कि जब तक ओ ख कैसर को नजीक नी भेजू, ओ ख हिरासत म रखो जाहे।” \p \v 22 तब अग्रिप्पा न फेस्तुस से कय्हो, \p “मी भी उ इंसान की सुननू चाहूँ हूँ। ओ न कय्हो तू कल सुन लेगो।” \p \v 23 अत: दुसरो रोज जब अग्रिप्पा अर बिरनीके बड़ो धूम धाम से आयो अर अर पलटन को सरदार हुन अर नगर को प्रमुख लोग हुन को संग दरबार म पहुँचिया। तब फेस्तुस न हुकुम दी कि वी पोलुस का ले आवा। \v 24 फेस्तुस न कय्हो, “हे राजा अग्रिप्पा, अर हे सब इंसान हुन जे यहाँ हमारो संग हो, तुम इ इंसान ख देखत हो, जेको बारे म सब यहूदी हुन न यरूसलेम म अर यू भी कल्ला करत मोसे विनती की कि इको जिन्दो रहनू उचित नी हाय। \v 25 पर मी न जान लियो कि ओ न असो कुछ नी कियो कि मार डाला जाहे; अर जबकि ओ न तुम ही बड़ो राजा जा धिराज को दोहाई दी, ते मी न ओ ख भेजन को निर्नय कियो। \v 26 मी न ओके बारे म कोई निस्चिय बात नी पायो कि अपनो ‍मालिक को नजीक लिखूँ। एकोलाने मी ओ ख तुमरो सामे अर विसेस कर ख हे राजा अग्रिप्पा, तोरो सामे लायो हूँ कि जाँचन को बाद मोखा कुछ लिखन का मिलो। \v 27 काहेकि बंदी ख भेजनू अर जे अपराध उ पर लगायो गयो, उन न बतायो, मो ख पड़त हैं।” \c 26 \s अग्रिप्पा को आगू पोलुस को बचाव करनु \p \v 1 राजा अग्रिप्पा न पोलुस से कहयो, “तो ख खुद अपनो बारे म बोलन को हक हैं” इ पर पोलुस न अपनो हात उठायो अर अपनो बचाव म बोलन सुरु कियो, \p \v 2 अरे राजा अग्रिप्पा! मी अपनो खुद को खुस किस्मत समझू हूँ कि यहूदी हुन न मोखा पा जे आरोप लगायो आय, उन सब बात हुन को बचाव म मी तोरो सामे बोलन जा रय्हे हूँ। \v 3 खास कर ख एको लाने की तू हैं कि तोखा सभी यहूदी रीति रिवाज हुन अर उनका लड़ाई हुन ख ग्यान हैं। एकोलाने मी तोसे प्रार्थना करूँ हैं कि धीरज का संग मोरी बात सुनो जाहे। \p \v 4 मोरो जिन्दगी छोटो पन से अपनी जात ख लोग हुन का संग, अर यरूसलेम देस म ही गुजरो हैं। एकोलाने सारा यहूदी जानह हैं कि सुरू से ही मोरो रहन सहन को ढंग कसो हतो। \v 5 वी मोखा ढ़ेर सारा बखत से जान हैं अर अदि वी चाहे ते ईच बात कि गवाही दे सका हैं कि मीन हमारो धर्म को एक सबसे जादा मजबूत धर्म ख जसो ही एक फरीसी को जसो म जिन्दगी जियो हैं। \v 6 अब उ वादा म आसा को लाने जे परमेस्वर न हमारा बापदादा हुन से कियो गयो हतो। मो पर मुकदमा चला रय्हो हैं। \v 7 उई वादा को पुरो होन की असो लगा ख हमारा बारा गोत अपनो पुरो मन से रात दिन परमेस्वर की आराधना करते आया हैं। अर हे राजा यही आसा को बारो म मो पर यहूदी दुवारा आरोप लगावा हैं। \v 8 जबकि परमेस्वर मरिया वाला ख जिन्दो करा हैं, ते तुमरो यहां यह बात काहे भरोसा को काबिल नी समझी जावा। \p \v 9 मी न भी समझो हतो कि यीसु नासरी को नाम को विरोध म मो ख बेजा कुछ करनो चाहिए। \v 10 अर मी न यरूसलेम म यसो ही करियो हतो अर प्रधान याजक हुन से हक पा ख ठेर सारा सुध्द अदमी हुन ख जेल म ड़ालियो, अर जब वी मर जात रा ते मी भी उनको विरोध म अपनी गवाही देत रा। \v 11 हर प्रार्थना घर म मी उन ख दुख दिला दिला ख यीसु की निन्दा करवा तर असो तक की गुस्सा को मारे असो पागल हो गयो कि बाहर का सहर हुन म भी जा ख उन ख सतात रा। \s अपन मन परिवर्तन को बारे म वर्णन \r (प्रेरितो 9:1-19; 22:6-16) \p \v 12 यही धुन म जब प्रधान याजक हुन से हक अऊर आदेस चिट्ठी ले ख दमिस्क म जात रह हतो। \v 13 अरे राजा रस्ता म दोपहर की बखत मी न बादल से सूरज की आच से भी बड़ ख एक आंच देखी, अपनो अऊर अपना संग चलन वाला हुन को चारी तरफ चमकते देखियो। \v 14 जब हम सब जमीन पर गीर गया ते मी न इब्रानी भासा म बोलते हुए यह सब्द सुनायो, अरे साऊल अरे साऊल तू मो ख काहे सतावा हैं। पैनो पर लात मारनो तोरो लाने कठिन हाय। \v 15 मीन न कहयो अरे प्रभु तो कऊन आय प्रभु न कहयो कि मी यीसु आय जे ख सतावा हैं। \v 16 पर अब तू उठ अपनो पाय पर खड़ो हो काहे की मी न तो ख एको लाने दर्सन दियो हैं कि तो ख वी बाप हुन को सेवक अर गवाह ठहराऊ जे तू न देखी हैं, अर उनको भी जिनको लाने मी तो ख दर्सन देऊ। \v 17 मी तो ख तोरा अदमी हुन से अर दुसरी जात हुन से बचातो रहूंगो जिनको जोने मी अब तो ख एको लाने भेजू हैं। \v 18 कि तू उनकी आँखी खोले कि वी अंधेरा से उजाला की तरफ अऊर सैतान को हक परमेस्वर की तरफ फिरे, पाप हुन की माफी अर वी अदमी हुन को संग जो मो पर भरोसा करनो से सुध्द करीया गया हैं वी छुटकारा पाय। \s पोलुस अपनो काम हुन को बारे म वर्णन \p \v 19 अत: हे राजा अग्रिप्पा, मी न ओ स्वर्गीय दर्सन की बात नी टाली आय, \v 20 पर पहलो दमिस्क ख, फिर यरूसलेम ख, अर तब यहूदिया को सारो देस ख रहन वाला ख अर दुसरी जात हुन का समझत रय्हा, कि मन फिराओ अर परमेस्वर को तरफ फिर ख मन मन फिराव के योग्य को काम करा। \v 21 इ बात हुन को कारन यहूदी मोखा मन्दिर म पकड़ ख मार डालन को प्रयास करत हते। \v 22 पर परमेस्वर को सहयोग से मी आज तक बनो आय अर छोटा बड़ा सभी को सामे भी गवाई देहु, अर उन बात हुन ख छोड़ कुछ नी कहू जे भविस्यव्दक्ता हुन अर मूसा न भी कही कि होन वाली हैं, \v 23 कि मसी ख दुख उठनो होएगो, अर उही सब से पहलो मरो हुओ म से जी उठ ख, “हमारो अदमी हुन म अर दुसरी जात हुन म प्रचार करेगों।” \p \v 24 जब वी इ रीति से उत्तर दे रय्हो हतो, ते फेस्तुस न ऊँचो आवाज से कय्हो, “अरे पोलुस, तू पागल आय। ढ़ेर सारो ग्यान न तो ख पागल कर दियो हैं।” \v 25 पर पोलुस न कय्हो, “हे महामहिम फेस्तुस, मी पागल नी आय, पर सच्चाई अर अकल की बात करू हूँ। \v 26 राजा भी जेके सामे बिना डरे होयख बोलू रय्हो हैं, यू बात जानत आय; अर मो ख विस्वास आय कि इ बात म से कोई ओसे छिपी नी, काहेकि यू घटना कोई कोना म नी भई। \v 27 हे राजा अग्रिप्पा, क तू भविस्यव्दक्ता हुन को विस्वास करा हैं? हाँ, मी जानू हूँ कि तू विस्वास करा हैं।” \p \v 28 तब अग्रिप्पा न पोलुस से कय्हो, “क तू थोड़ा ही समझानो से मोखा मसी बनानो चावा हैं?” \p \v 29 पोलुस न कय्हो, “परमेस्वर से मोरी प्रार्थना आय कि क थोड़ो म क ढ़ेर सारो म, केवल तू ही नी पर जितना लोग आज मोरी सुन हैं, इ बन्धन हुन ख छोड़ वी मोरो समान हो जाएगो।” \p \v 30 तब राजा अर हाकिम अर बिरनीके अर ओके संग बैठन वाला उठ खड़ा भया; \v 31 अर अलग जाय ख आपस म कहन लगिया, “यू अदमी असो ते कुछ नी करा, जो मृत्यु दण्ड या जेल म ड़ालन जाने योग्य आय।” \v 32 अग्रिप्पा न फेस्तुस से कहयो, “अदि यू अदमी कैसर की दोहाई नी देवा, ते यू छूट सका हैं।” \c 27 \s पोलुस को रोम यातरा क्रेते लक \p \v 1 जब निर्नय यू पुरो पक्को हो गयो कि हम जहाज को दुवारा इटली जाहे ते उनका पोलुस अर कुछ अऊर बधिया वाला ख भी यूलियुस नाम को ओगस्तुस की पलटन को एक सतपति का हात सोप दियो। \v 2 अद्रमुत्तियुम को एक जहाज पर जे आसिया को किनारा की जगा पर जान वालो हतो चढ़ ख हम न ओ ख खोल दियो अर अरिस्तर्खुस नाम को थिस्सलुनीकियो को एक मकिदूनी हमरो संग हतो रहा। \v 3 दुसरो रोज हम न सैदा म लंगर डालो अर यूलियुस न पोलुस पर किरपा कर ख ओखा दोस्त को इते जान दियो कि ओकी इज्जत कारी जाहे। \v 4 उते से जहाज खोल ख हवा को उल्टो होन को लाने हम साइपरस कि आड़ म होका चलिया। \v 5 अऊर किलिकिया अऊर पंफूलिया को जोने को समुंदर से हो का लूसिया को मूरा म उतरियो। \v 6 उते सतपति ख सिकन्दरिया को एक जहाज इटली जान वालो मिल्यो। अर ओ ना हम ख ओपर बठाल दियो। \p \v 7 जब हम बेजा दिन लक धीरे-धीरे चल ख दुख सुख से कनिदुस को जाने पहूँचिया ते एकोलाने की हवा हमका आगे नी बढ़न देत रहा हती, हम सलमोने को सामे से होय ख क्रेते को आड़ म चलो; \v 8 अर ओको किनारा-किनारा कठिनाई से चल ख “सुभलंगरबारी” नाम को एक जगा पहुँचिया, जहाँ से लसया नगर नजीक हतो। \p \v 9 जब ढ़ेर सारो दिन बीत गयो अर पानी यातरा म जोखिम एकोलाने होत हती कि उपास काल को दिन बीत गयो हतो। अत: पोलुस न उनका यू कह ख समझायो, \v 10 “हे सज्जनो, मो ख असो जान पड़ हैं कि इ यातरा म विपत्ति अर ढ़ेर सारो हानि होए, नी केवल माल अर जहाज को वरन् हमार प्राह हुन को भी होन वालो हैं।” \v 11 पर सतपति न पोलुस को बात हुन से कप्तान अर जहाज को मालिक को बात हुन ख बढ़ ख मानो। \v 12 वी जहाज रूकन वाली जगह बन्दरगाह जाड़ा काटन को लाने चोक्खो नी हतो, एकोलाने ढ़ेर सारो हुन को विचार भयो कि उते से नाव खोल ख अदि कोई रीति से हो सका ते फीनिक्स पहुँच ख जाड़ा काट यू ते क्रेते को एक नाव रूकन को जगह हाय जे दक्छिन-पस्चिम अर उत्तर-पस्चिम को तरफ खुलत हाय। \s समुंदर म हवा तूफान \p \v 13 जब कुछ कुछ दक्छिनी हवा बहिन लगियो, ते यू समझ ख कि हमार अभिप्राय पुरो हो गयो, लंगर उठायो अर किनारा धरो भया क्रेते को नजीक से जानो लगियो। \v 14 पर थोड़ो देर न जमीन को तरफ से एक बड़ो आँधी उठयो, “जे यूरकुलीन” कहलावा हैं। \v 15 जब जहाज प लगी ते वी ओको सामे रुक नी सकियो, अत: हम न ओ ख बहिन दियो अर यू तरह बहता भयो चलो गयो। \v 16 तब कोदा नाम को एक छोटो सो टापू को आड़ म बहतो-बहतो हम मुसीबत से डोगो ख वंस म कर सकह \v 17 फिर मल्लाह हुन न ओ ख उठ ख हर एक उपाय कर ख जहाज को निचू से बाँधी अर सुरतिस को चोर बालू प चिक जान को डर से पाल अर सामान उतार ख बहतो भयो चलो गयो। \v 18 जब हम न आँधी से ढ़ेर सारो हिचकोले अर धक्का खायो ते दुसरो रोज वी जहाज को माल फेकन लगिया। \v 19 अर तीसरो रोज उनना अपनो हात हुन से जहाज को साज-समान भी फेक दियो। \v 20 जब ढ़ेर सारो दिन हुन तक सूरज नी, नी तारा दिखाई दिया अर बड़ी आँधी चलत रही, ते अन्त म हमार बचान को सारी आसा जात रही।\fig हवा धूंद म जहाज को नास हो गयो|alt="Ship being wrecked in a storm" src="lb00219c.tif" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="27:18"\fig* \p \v 21 जब वी बेजा सारो दिन तक भुखा रया, ते पोलुस न उन ख बीच म खड़ो हो ख कय्हो, “हे लोग हुन, चाहिए थो कि तुम मोरी बात मान ख क्रेते से नी जहाज खोलह अर वी इते विपत्ति आवा अर नी यू हानि उठावा।” \v 22 पर अब मी तुम ख समझाऊ हैं कि धीरज धरो, काहेकि तुम म से कोई की जान की नुकसानी नी होन की पर सिरप जहाज की। \v 23 काहेकि परमेस्वर जे को मी आय, अर जेकी सेवा मी करू हैं। ओखा स्वर्गदूत न आज रात मोरो जोने आ ख मोसे बोल्या, \v 24 अरे पोलुस, मत डरा! तो ख कैसर को सामने खड़ो होनो जरूरी हैं। देख परमेस्वर न सबका जो तोरो संग सफर करा हैं। तो ख दियो हैं। \v 25 एकोलाने , अरे सज्जन हुन, धीरज धरनो; काहेकि मी परमेस्वर को ऊपर भरोसा करू हैं, जसो मोसे कय्हो गयो हैं, वसो ही होयगो। \v 26 पर हम ख कोई टापू पर जा ख टिकनो पड़ो। \p \v 27 “जब चऊदह वी दिन की रात आई, अर हम अद्रिया समुंदर म भटक रहा फिरत रह, ते आधी रात को निकट मल्लाह हुन न अनुमान लगा ख जानियो कि हम कोई देस को नजीक म पहुँचन वाला हैं। \v 28 गहिरो नापनो पर उनना बीस पुरुस गहिरो पायो, अऊर थोड़ो आगे बढ़ ख फिर से नापियो ते पन्द्रह पुरुस पायो।” \v 29 तब पत्थर वाली जमीन से टकरान को डर से उन ना जहाज की पिछाड़ी चार लंगर डाल्या, अर भूनसारो होन की आसा लगाया हता। \v 30 पर जब नावरीया हुन नाव (जहाज) पर से भागन की सोचत रह, अर आगे को भाग (गलही) से लंगर डालन को बहाना नाव समुंदर म उतार दी; \v 31 ते पोलुस न सतपति अर सैनिक हुन से कय्हो, “अदि यी जहाज पा नी रहन का, ते तुम मी नी बच सकन का।” \v 32 तब सैनिक हुन न रस्सा काट ख नाव गिरा दिया। \p \v 33 जब भुनसारो होन पा हतो, तब पोलुस न यू बोल ख, सब का खाना खान को लाने समझायो, आज चऊदह दिन गया कि तुम आसा देखते देखते भुखा रया अर कुछ भी खाना नी कियो। \v 34 एकोलाने तुम ख समझऊ हैं कि कुछ खा लेव, जेसे तुमारी बचाव हो सके; काहेकि तुम म से कोई को मुण्डी को एक बाल भी नी गिरन को। \v 35 असो कह ख ओ न रोटी ले ख सब को सामने परमेस्वर को धन्यवाद करियो अर तोड़ ख खान लग गयो \v 36 तब वी सब ढाढ़स बाँध ख खाना खान लगिया। \v 37 हम सब मिल ख नाव पर दो सव छिहत्तर जन हते। \v 38 जब वी खाना खा ख तृप्त भया, ते गहूँ का समुंदर म फेक ख जहाज हल्को करन लगिया। \p \v 39 “जब दिन निकलियो हे उनना उ देस का नी पहिचानी, पर एक खाड़ी देखी जेको किनारा चऊरस हतो, अर वी विचार कियो कि अदि हो सका ते इसी प जहाज का टिकाहे।” \v 40 तब उनना लंगरा हुन ख खोल ख समुंदर म छोड़ दियो अर उही बखत पतवारो को बंधन खोल दियो, अर हवा को सामे अगलो पाल चढ़ा ख किनारा को तरफ चलन लगिया। \v 41 पर दो समुंदर को एक जगा मिलन की जगह देख ख उनना नाव को टिकायो, अर गलही तो धक्का खा ख गड़ गई अर टल नी सकी; पर पिच्छु की लहर हुन को हिसाब से टुटन लगी। \p \v 42 तब सैनिक हुन को यू विचार भयो कि, बन्धिया वाला इंसान ख मार डालो असो नी होय की कोई तीर ख बहार निकल ख भगे। \v 43 पर सतपति न पोलुस का बचान की इच्छा से उन्हे इ सोच से रोका अर यू कय्हो, कि जे तैर सका हैं पहले कुद ख किनारा म निकल जाहे; \v 44 अर बाकी हुन कोई पटरो पर, अर कोई जहाज की अन्य समान हुन को सहारो निकल जाहे। इ रीति से सब जन जमीन पर बच निकले। \c 28 \s मालटा व्दीप म पोलुस \p \v 1 जब हम बच निकल्या, ते पता चल्यो कि यू व्दीप मालटा को नाम हतो। \v 2 वहा ख रहन वाला न हमारो संग अनोखी किरपा कियो काहेकि जाड़ो को दिन हतो अर पानी भी गिरन लगो ऐको लाने आगी जलाई हम सब ख समान दियो। \v 3 जब पोलुस न लकड़ी हुन को गट्ठा बटोर ख आगी पा धरीयो ते एक साँप आँच ले ख निकलो अर ओको हात से गुमंड गयो। \v 4 जब वी रहन वाला हुन न साँप ख ओको हात पर गुमंडियो हुयो देखो, ते एक दुसरा से कहन लग्या “सही म यू अदमी हत्यारो हैं कि जसो समुंदर से बच गयो, ते मी न्याय न जिन्दो रहन नी दियो।” \v 5 तब पोलुस न साँप ख आग क झटक दियो, अर पोलुस ख कुछ भी नुकसान नी भयो। \v 6 वी रस्ता देखत रह कि उ सूज जाएगो या एकाएक जमीन गिर ख मर जाएगो पर जब वी बड़ी देर तक देखते रया अर देखो की ओको कुछ भी नी बिगड़ा ते अपनी सोच बदल ख कय्हो, “यु तो कोई भगवान आया।” \p \v 7 वा जगह को आजू बाजू उ टापू को मुखिया पुबलियुस की जमीन हती। ओ न हम ख अपनो घर ले जा ख तीन रोज तक प्रेम व्यवहार मिजवानी करी \v 8 पुबलियुस को दादा जुड़ अर खुन बहिन वालो से रोग से पड़ियो हतो। ऐको लाने पोलुस घर को भीतर गयो। ते पोलुस न ओखा ऊपर हात रख ख प्रार्थना करियो ते उ इंसान चोक्खो कर दियो। \v 9 इ घटना को बाद उ टापू ख जित्ता झन बीमार हता वी सब चोक्खो होय गया। \v 10 एकोलाने लोग हुन ढ़ेर सारो भेट दियो जब हम नाव म से सामे चलन लग्या ते, जे कुछ हमरो लाने जरूरी सामन जहाज पा रख दियो। \s मालटा टापू से रोम की तरफ \p \v 11 तीन माह को बाद सिकन्दरिया को एक जहाज म हम चल पडिया, यू जहाज सिनस्तु म उही रुको हता जहाज को अगलो भाग म जुडुवा ईस्वर असो निसान अंकित हतो। \v 12 हम सुरक्छा सहर म पहुँचिया अर हम तीन रोज तक रूकया हता। \v 13 वहाँ से हम जहाज को व्दारा रेगियूस म आया पहुँचियो: अर फिर अगलो ही रोज को बाद दक्छिन वाली हवा लगी, ते अगलो रोज हम पुतियुली म आ गयो। \v 14 वहाँ हम ख विस्वासी भई मिल्या, अर उनको कहना से हम उनको इते सात रोज तक रया; अर यू तरीका से हम रोम का चल्या। \v 15 जब रोम का विस्वास भई हुन न हमारो आवन कि खबर मिली ते वी अप्पियुस बाजार अर तीन सराय गाँव लक हमेसा मिलन ख आयो जब पोलुस न उन ख देखो ते परमेस्वर ख आसीर्वाद दियो अर ढ़ेर सारो बड़ाई करी। \s रोम म पोलुस \p \v 16 जब हम रोम म पहुँचिया, ते एक सिपाई कि देख रेख म पोलुस ख अपनो खुद अलग से रहन कि अनुमती मिल गई; \fig रोम सहर की रोट को नजारा|alt="Street scene of The Roman city" src="hk00242c.tif" size="span" copy="Horace Knowles ©" ref="28:16"\fig* \p \v 17 तीन रोज को बाद पोलुस न यहूदी अगुवा ख बुलायो अर उन ख इकट्ठा हो जानो पर वी उन से बोल्यो अरे, “भई हुन, चाहे मी न अपनो बाप दादा हुन को रीति रिवाज अर मोरो लोग हुन को खिलाप कुछ भी नी करियो आय ते बही उनना बंदी बना ख यरूसलेम से रोमी को हात म सोपो गयो। \v 18 रोमन अधिकारी हुन न मो ख छोड़ देनो चाहयो, काहेकि मो म माऊत की सजा देन को लायक कोई दोस नी हतो, \v 19 काहेकि जब यहूदी हुन ऐका परेसान करन लग गया कि की मी कैसर की दोहाई देनो पडे: ऐको लाने नी कि मी अपनो ही लोग हुन पर कोई खिलाप लगानो चावत रह। \v 20 एको लाने मी न तुम ख बुलायो हैं कि तुम से मिलू अर बातचीत करू; काहेकि इस्राएल की आसा को लाने मी या साँकल से बाँधी गयो हैं।” \p \v 21 यहूदी अगुवा हुन न पोलुस कय्हो, “तुमारो विसय म यहूदिया प्रांत हुन से कोई चिठ्टी ही वहा लियो, अर न भई न तोरो कोई नी खबर दियो अर नी तोरो म कोई बुरी बात कय्हो। \v 22 ते तोरो विचार का हैं, उई हम तो से सुनो चाहवा हैं, काहेकि हम जाना हैं कि लोग सब कही ईच धर्म का खिलाप म बोल हैं।” \p \v 23 ते यहूदी हुन न पोलुस को संग एक दिन सलाह ठहरायो, अर ढ़ेर सारा इंसान ओको यहाँ इकट्ठा भयो, पोलुस सबेरे से साम तक उनका लाने समझनो कर रह हैं। उन हुन परमेस्वर को राज को बारे म गवाही दी अर मूसा को नेम अर ख, भविस्यवक्ता हुन की किताब हुन का ओखा ऊपर उन ख यीसु को रस्ता म समझान ख कोसिस करियो। \v 24 ओ न जे कुछ कय्हो हतो, ओ ख कुछ ते मान लियो गया बल्कि कुई न ते भरोसा नी करिया। \v 25 जब वी आपस म एक मत नी भया, ते पोलुस की या बात को कहनो पर चलो गयो: सुध्द आत्मा न यसायाह भविस्यवक्ता को दुवारा तुमरा बापदादा हुन से अच्छो ही कय्हो, \v 26 जाख यी अदमी हुन से बोल, \q1 कि सुनते तो रहे पर न समझन का, \q2 अर देखते तो रहे, पर नी दिखन को \q1 \v 27 काहेकि यी अदमी हुन को मन मोरो \q2 अर उनको कान कुन्द हो गया हैं, \q2 अर उनना अपनी आँख बंद करी हाय, \q1 असो नी होय की वी कभी आँख से देखे \q2 अर कान हुन से सुने अर मन से समजे अर फिरे, \q2 “अर मी उन ख चोक्खो करूँ हैं।” \p \v 28 एको लाने खुद सब ख मालूम होय कि “परमेस्वर को यु उध्दार की बात गैर यहूदी हुन ख भेजो गयो हैं। वी जरूर ही सुनेगो।” \v 29 जब पोलुस यू कह चूको ते वी आपस म ज्यादा लड़ाई करन लग गया अर उते से चले गये। \v 30 पोलुस पूरा दो साल अपनो किराया को घर म रयो। \p \v 31 उ परमेस्वर ख राज को प्रचार करा हैं प्रभु यीसु मसी ख बारे म उपदेस देवा हैं। उ यू काम ख पूरो बे धड़क अर बीना कोई रोक से जसो कियो करत राहा।