\id JOL - Biblica® Open Hindi Contemporary Version (Updated 2021) \ide UTF-8 \h योएल \toc1 योएल \toc2 योएल \toc3 योए \mt1 योएल \c 1 \p \v 1 याहवेह का वह वचन जो पथूएल के पुत्र योएल के पास आया. \b \s1 टिड्डियों का धावा \q1 \v 2 हे अगुओ, यह बात सुनो; \q2 हे देश में रहनेवाले सब लोगों, मेरी बात सुनो. \q1 क्या तुम्हारे समय में \q2 या तुम्हारे पूर्वजों के समय में ऐसी कोई बात कभी हुई? \q1 \v 3 अपने बच्चों को यह बात बताओ, \q2 और तुम्हारे बच्‍चे यह बात अपने बच्चों को बताएं, \q2 और वे बच्‍चे उनके अगली पीढ़ी को बताएं. \q1 \v 4 टिड्डियों के झुंड ने जो छोड़ दिया था \q2 उसे बड़े टिड्डियों ने खा लिया है; \q1 बड़े टिड्डियों ने जो छोड़ दिया था \q2 उसे छोटे टिड्डियों ने खा लिया है; \q1 और छोटे टिड्डियों ने छोड़ दिया था \q2 उसे दूसरे टिड्डियों ने खा लिया है. \b \q1 \v 5 हे मतवालो, जागो, और रोओ! \q2 हे सब शराब पीने वालों, विलाप करो; \q1 नई दाखमधु के कारण विलाप करो, \q2 क्योंकि इसे तुम्हारे मुंह से छीन लिया गया है. \q1 \v 6 मेरे देश पर एक-एक जाति ने आक्रमण कर दिया है, \q2 वह एक शक्तिशाली सेना है और उनकी संख्या अनगिनत है; \q1 उसके दांत सिंह के दांत के समान, \q2 और उसकी दाढ़ें सिंहनी की दाढ़ के समान हैं. \q1 \v 7 उसने मेरी अंगूर की लताओं को उजाड़ दिया है \q2 और मेरे अंजीर के पेड़ों को नष्ट कर दिया है. \q1 उसने उनकी छाल को छील दिया है, \q2 और उनकी शाखाओं को सफेद छोड़कर \q2 उनकी छाल को फेंक दिया है. \b \q1 \v 8 तुम ऐसे विलाप करो, जैसे एक कुंवारी टाट के कपड़े पहिने \q2 अपनी युवावस्था के सगाई के पुरुष के लिये शोक करती है. \q1 \v 9 याहवेह के भवन में अब \q2 न तो अन्‍नबलि और न ही पेय बलि चढ़ाई जाती है. \q1 याहवेह की सेवा करनेवाले पुरोहित \q2 विलाप कर रहे हैं. \q1 \v 10 खेत नष्ट हो गये हैं, \q2 ज़मीन सूख गई है; \q1 अनाज नष्ट हो गया है, \q2 नई दाखमधु सूख गई है, \q2 जैतून का तेल समाप्‍त होता है. \b \q1 \v 11 हे किसानो, निराश हो, \q2 हे अंगूर की लता लगानेवालो, विलाप करो; \q1 गेहूं और जौ के लिये दुःख मनाओ, \q2 क्योंकि खेत की फसल नाश हो गई है. \q1 \v 12 अंगूर की लता सूख गई है \q2 और अंजीर का पेड़ मुरझा गया है; \q1 अनार, खजूर तथा सेब के पेड़— \q2 मैदान के सब पेड़—सूख गये हैं. \q1 इसमें संदेह नहीं कि \q2 लोगों का आनंद जाता रहा है. \s1 विलाप करने के लिए आह्वान \q1 \v 13 हे पुरोहितो, शोक-वस्त्र पहनकर विलाप करो; \q2 तुम जो वेदी पर सेवा करते हो, विलाप करो. \q1 तुम जो मेरे परमेश्वर की सेवा करते हो, \q2 आओ, और शोक-वस्त्र पहनकर रात बिताओ; \q1 क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में \q2 अन्‍नबलि और पेय बलि चढ़ाना बंद कर दिया गया है. \q1 \v 14 एक पवित्र उपवास की घोषणा करो; \q2 एक विशेष सभा करो. \q1 अगुओं को और उन सबको \q2 जो देश में रहते हैं \q1 याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के भवन में बुलाओ, \q2 और याहवेह के सामने गिड़गिड़ाकर विनती करो. \b \q1 \v 15 उस दिन के लिये हाय! \q2 क्योंकि याहवेह का दिन निकट है; \q2 यह सर्वशक्तिमान की ओर से विनाश का दिन होकर आएगा. \b \q1 \v 16 क्या हमारे देखते-देखते \q2 भोजन वस्तुओं की पूर्ति बंद नहीं हुईं— \q1 और इसी प्रकार हमारे परमेश्वर के भवन से \q2 आनंद और खुशी खत्म नहीं हो गई? \q1 \v 17 मिट्टी के ढेलों के नीचे \q2 बीज झुलस गये हैं. \q1 भण्डारगृह खंडहर हो रहे हैं, \q2 भण्डारगृह ढहा दिये गये हैं, \q2 क्योंकि उपज हुई ही नहीं. \q1 \v 18 पशु कैसे कराह रहे हैं! \q2 पशुओं के झुंड के झुंड विचलित हो भटक रहे हैं \q1 क्योंकि उनके लिए चरागाह नहीं है; \q2 यहां तक कि भेड़ों के झुंड भी कष्ट में हैं. \b \q1 \v 19 हे याहवेह, मैं आपको पुकारता हूं, \q2 क्योंकि सुनसान जगह के चरागाहों को आग ने नष्ट कर दिया है \q2 और आग की ज्वाला ने मैदान के सब पेड़ों को जला डाला है. \q1 \v 20 और तो और जंगली जानवर आपकी चाह करते हैं; \q2 जल के सोते सूख चुके हैं \q2 और सुनसान जगह के चरागाहों को आग ने नष्ट कर दिया है. \c 2 \s1 टिड्डियों की एक सेना \q1 \v 1 ज़ियोन में तुरही फूंको; \q2 मेरे पवित्र पहाड़ी पर खतरे की घंटी बजाओ. \b \q1 देश में रहनेवाले सबके सब कांपे \q2 क्योंकि याहवेह का दिन आ रहा है. \q1 वह निकट आ गया है— \q2 \v 2 वह अंधकार और धुंधलेपन का दिन है, \q2 वह बादलों से भरा अंधकार का दिन है. \q1 जैसे पहाड़ों पर भोर का उजियाला फैलता है \q2 वैसे ही एक बड़ी और शक्तिशाली सेना चली आती है, \q1 ऐसा जो पूर्वकाल में कभी नहीं हुआ है, \q2 और न ही आनेवाले समय में कभी ऐसा होगा. \b \q1 \v 3 उनके सामने आग विनाश करती है, \q2 और उनके पीछे आग की लपटें हैं. \q1 उनके सामने देश एदेन की वाटिका के समान है, \q2 और उनके पीछे, एक उजाड़ मरुस्थल— \q2 किसी का भी उनसे बचना संभव नहीं है. \q1 \v 4 उनका स्वरूप घोड़ों जैसा है; \q2 और वे घुड़सवार सेना के जैसे सरपट दौड़ते हैं. \q1 \v 5 उनके आगे बढ़ने की आवाज रथों के समान है, \q2 वे पहाड़ के चोटियों पर से कूद जाती हैं, \q1 धधकती आग के समान वे ठूठों को भस्म करती जाती हैं, \q2 वे युद्ध के लिए तैयार शक्तिशाली सेना के समान हैं. \b \q1 \v 6 उनके सामने जाति-जाति के लोग भय से पीड़ित हो जाते हैं; \q2 हर एक का चेहरा डर से पीला पड़ जाता है. \q1 \v 7 वे योद्धाओं के समान आक्रमण करते हैं; \q2 वे सैनिकों की तरह दीवारों पर चढ़ जाते हैं. \q1 वे सब पंक्तिबद्ध होकर आगे बढ़ते हैं, \q2 और वे अपने क्रम से नहीं हटते हैं. \q1 \v 8 वे एक दूसरे को धक्का नहीं देते; \q2 हर एक सीधा आगे बढ़ता है. \q1 वे अपने क्रम को बिना तोड़े \q2 समस्याओं से होकर निकल जाते हैं. \q1 \v 9 वे तेजी से शहर में प्रवेश करते हैं; \q2 वे दीवारों के समानांतर दौड़ते हैं. \q1 वे घरों पर चढ़ते हैं; \q2 और वे चोरों के समान खिड़कियों से अंदर जाते हैं. \b \q1 \v 10 उनके सामने पृथ्वी तक कांप उठती है, \q2 आकाश थरथराता है. \q1 सूर्य तथा चंद्रमा धुंधले हो जाते हैं, \q2 और तारे चमकना छोड़ देते हैं. \q1 \v 11 याहवेह अपनी सेना के आगे होकर \q2 ऊंची आवाज में आदेश देते हैं; \q1 उनकी सेना की संख्या अनगिनत है, \q2 और वह सेना शक्तिशाली है \q2 जो उनके आदेश का पालन करती है. \q1 याहवेह का यह दिन महान है; \q2 यह भयानक है. \q2 उसे कौन सहन कर सकता है? \s1 मन को फाड़ो \q1 \v 12 “फिर भी अब,” याहवेह का कहना है, \q2 “तुम सारे जन उपवास करते \q2 और रोते और विलाप करते मेरे पास लौट आओ.” \b \q1 \v 13 अपने कपड़ों को नहीं, \q2 अपने मन को फाड़ो. \q1 याहवेह, अपने परमेश्वर के पास लौट आओ, \q2 क्योंकि वे अनुग्रहकारी और करुणामय, \q1 क्रोध करने में धीमा और बहुतायत से प्रेम करनेवाले हैं, \q2 विपत्ति भेजने में कोमलता दिखाते हैं. \q1 \v 14 कौन जाने? वे अपना विचार छोड़कर कोमलता दिखाएं \q2 और अपने पीछे एक आशीष— \q1 याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के लिए \q2 अन्‍नबलि और पेय बलि छोड़ जाएं. \b \q1 \v 15 ज़ियोन में तुरही फूंको, \q2 एक पवित्र उपवास की घोषणा करो, \q2 एक पवित्र सभा का आयोजन करो. \q1 \v 16 लोगों को जमा करो, \q2 सभा को पवित्र करो; \q1 अगुओं को एक साथ लाओ, \q2 बच्चों और दूध पीते छोटे बच्चों को \q2 इकट्ठा करो. \q1 दूल्हा अपने कमरे को \q2 और दुल्हन अपने कक्ष को छोड़कर बाहर आएं. \q1 \v 17 पुरोहित और याहवेह की सेवा करनेवाले, \q2 मंडप और वेदी के बीच रोएं. \q1 और वे कहें, “हे याहवेह, अपने लोगों पर तरस खाईये. \q2 अपने निज लोगों को जाति-जाति के बीच \q2 उपहास का विषय, एक कहावत मत बनाइए. \q1 वे लोगों के बीच क्यों कहें, \q2 ‘कहां है उनका परमेश्वर?’ ” \s1 याहवेह का उत्तर \q1 \v 18 तब याहवेह को अपने देश के विषय में जलन हुई \q2 और उन्होंने अपने लोगों पर तरस खाया. \p \v 19 याहवेह ने उन्हें उत्तर दिया: \q1 “मैं तुम्हारे लिए अन्‍न, नई अंगूर की दाखमधु और जैतून पर्याप्‍त मात्रा में भेज रहा हूं, \q2 कि तुम सब पूरी तरह संतुष्ट हो जाओ; \q1 मैं तुम्हें अन्यजातियों के लिए \q2 फिर कभी हंसी का पात्र नहीं बनाऊंगा. \b \q1 \v 20 “मैं उत्तर के उपद्रवी झुंड को तुमसे दूर भगा दूंगा, \q2 और उसे एक सूखा और बंजर देश कर दूंगा; \q1 उसका पूर्वी भाग मृत सागर \q2 और पश्चिमी भाग भूमध्य-सागर में डूब जाएगा. \q1 और उसकी दुर्गंध ऊपर जाएगी; \q2 उसकी गंध उठती रहेगी.” \b \q1 निःसंदेह याहवेह ने महान कार्य किए हैं! \q2 \v 21 हे यहूदिया देश, मत डरो; \q2 खुश और आनंदित हो. \q1 निःसंदेह याहवेह ने महान कार्य किए हैं! \q2 \v 22 हे जंगली जानवरों, मत डरो, \q2 क्योंकि निर्जन जगह के चरागाह हरे-भरे हो रहे हैं. \q1 पेड़ों में फल लग रहे हैं; \q2 अंजीर का पेड़ और अंगूर की लता भरपूर उपज दे रही हैं. \q1 \v 23 ज़ियोन के लोगों, खुश हो, \q2 याहवेह, अपने परमेश्वर में आनंदित हो, \q1 क्योंकि उन्होंने तुम्हें शरद ऋतु की बारिश दी है \q2 क्योंकि वे विश्वासयोग्य हैं. \q1 उन्होंने तुम्हारे लिये बहुत वर्षा दी है, \q2 पहले के समान शरद और वसन्त ऋतु की वर्षा दी है. \q1 \v 24 खलिहान अन्‍न से भर जाएंगे; \q2 कुंडों में अंगूर की दाखमधु और तेल की इतनी अधिकता होगी कि वे भरकर उछलने लगेंगे. \b \q1 \v 25 “मैं तुम्हारे उन सब वर्षों की उपज की भरपायी कर दूंगा जिसे टिड्डियों ने खा लिया था— \q2 बड़े टिड्डी और छोटे टिड्डी, \q2 दूसरे टिड्डी और टिड्डियों का झुंड— \q1 मेरी बड़ी सेना जिसे मैंने तुम्हारे बीच भेजा था. \q1 \v 26 तुम्हारे पास खाने के लिए भोजन वस्तु और तुम पेट भर खाओगे, \q2 और तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के नाम की स्तुति करोगे, \q2 जिसने तुम्हारे लिये अद्भुत काम किए हैं; \q1 मेरे लोग फिर कभी लज्जित नहीं होंगे. \q1 \v 27 तब तुम जानोगे कि इस्राएल में हूं, \q2 और यह कि मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं, \q2 और यह भी कि मेरे अतिरिक्त और कोई परमेश्वर नहीं है; \q1 मेरे लोग फिर कभी लज्जित नहीं होंगे. \s1 याहवेह का दिन \q1 \v 28 “और उसके बाद, \q2 मैं अपना आत्मा सब लोगों पर उंडेलूंगा. \q1 तुम्हारे बेटे और बेटियां भविष्यवाणी करेंगे, \q2 तुम्हारे बुज़ुर्ग लोग स्वप्न देखेंगे, \q2 तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे. \q1 \v 29 मैं उन दिनों में अपने दास, और दासियों, \q2 पर अपना आत्मा उंडेल दूंगा, \q1 \v 30 मैं ऊपर आकाश में अद्भुत चमत्कार \q2 और नीचे पृथ्वी पर लहू, \q2 आग और धुएं के बादल के अद्भुत चिह्न दिखाऊंगा. \q1 \v 31 याहवेह के उस वैभवशाली और भयानक दिन के \q2 पूर्व सूर्य अंधेरा \q2 और चंद्रमा लहू समान हो जाएगा. \q1 \v 32 और हर एक, जो प्रभु को पुकारेगा, \q2 उद्धार प्राप्‍त करेगा. \q1 क्योंकि छुटकारे की जगह \q2 ज़ियोन पर्वत तथा येरूशलेम होगी, \q2 जैसे कि याहवेह ने कहा है, \q1 और तो और बचने वालों में वे लोग भी होंगे \q2 जिन्हें याहवेह बुलाएंगे. \c 3 \s1 राष्ट्रों का न्याय किया जाना \q1 \v 1 “उन दिनों में और उस समय पर, \q2 जब मैं यहूदिया और येरूशलेम के लोगों को बंधुआई से लौटा लाऊंगा, \q1 \v 2 तब मैं सब जाति के लोगों को इकट्ठा करूंगा \q2 और उन्हें नीचे यहोशाफ़ात\f + \fr 3:2 \fr*\fq यहोशाफ़ात \fq*\ft अर्थ \ft*\fqa याहवेह न्याय करते हैं\fqa*\f* की घाटी में ले आऊंगा. \q1 वहां मैं उनकी परीक्षा करूंगा \q2 उन्होंने मेरे निज भाग अर्थात् मेरे लोग इस्राएलियों के साथ जो कुछ किया, उसके लिये. \q2 क्योंकि उन्होंने मेरे लोगों को जाति-जाति के लोगों के बीच तितर-बितर कर दिया है \q2 और उन्होंने मेरे देश को बांट दिया है. \q1 \v 3 वे मेरे लोगों के लिये पांसा फेंकते हैं \q2 और उन्होंने वेश्याओं के बदले में लड़कों को दे दिया है; \q2 उन्होंने दाखमधु पीने के लिये लड़कियों को बेच दिया है. \p \v 4 “हे सोर और सीदोन और फिलिस्तिया के सारे क्षेत्र के लोगों, अब तुम्हारे पास मेरे विरुद्ध में क्या है? क्या तुम उस बात का बदला चुका रहे हो, जो मैंने किया है? यदि तुम मुझे वापस बदला चुका रहे हो, तो मैं शीघ्र ही, तेजी से, तुम्हारे द्वारा किए गए कामों को वापस तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा. \v 5 क्योंकि तुमने मेरी चांदी और मेरा सोना ले लिया है और मेरे बहुमूल्य खजानों को अपने मंदिरों में रख लिया है. \v 6 तुमने यहूदिया और येरूशलेम के लोगों को यूनानियों के हाथ बेच दिया, ताकि तुम उन्हें उनके देश से दूर कर सको. \p \v 7 “देखो, मैं उन्हें उन स्थानों से लौटाकर लानेवाला हूं, जहां तुमने उन्हें बेच दिया था, और तुम्हारे किए गये कामों को वापस तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा. \v 8 मैं तुम्हारे बेटे और बेटियों को यहूदिया के लोगों के हाथ बेच दूंगा, और वे उन्हें बहुत दूर रहनेवाली एक जाति शबाईयों के हाथ बेच देंगे.” याहवेह ने कहा है. \q1 \v 9 जाति-जाति के लोगों के बीच यह घोषणा करो: \q2 युद्ध की तैयारी करो! \q1 योद्धाओं को आव्हान करो! \q2 लड़ने वाले सब लोग निकट आये और आक्रमण करें. \q1 \v 10 अपने हल की फालों को पीटकर उनकी तलवारें बना लो \q2 और अपने हंसियों को पीटकर उनकी बर्छियां बना लो. \q1 जो दुर्बल है वह कहे, \q2 “मैं बलवान हूं!” \q1 \v 11 चारों तरफ के जाति-जाति के सब लोगों, जल्दी करके आओ, \q2 और वहां तुम इकट्‍ठे हो जाओ. \b \q1 हे याहवेह, अपने योद्धाओं को नीचे ले आइए! \b \q1 \v 12 “जाति-जाति के लोग उत्तेजित हों; \q2 और वे यहोशाफ़ात की घाटी में जाएं, \q1 क्योंकि वहां मैं चारों तरफ के जाति-जाति के \q2 सब लोगों का न्याय करने बैठूंगा. \q1 \v 13 हंसिया चलाना शुरू करो, \q2 क्योंकि फसल पक गयी है. \q1 आओ, अंगूर को रौंदो, \q2 क्योंकि अंगूर-रस का कुंड भर गया है \q2 और हौज छलक रहे हैं— \q1 उनकी दुष्टता बहुत ज्यादा है!” \b \q1 \v 14 निर्णय की घाटी में \q2 लोगों की भीड़ ही भीड़ है! \q1 क्योंकि निर्णय की घाटी में \q2 याहवेह का दिन निकट है. \q1 \v 15 सूर्य और चंद्रमा पर अंधकार छा गया है, \q2 और तारे चमकना बंद कर देंगे. \q1 \v 16 याहवेह ज़ियोन से गरजेंगे \q2 और येरूशलेम से गर्जन सुनाई देगा; \q2 आकाश और पृथ्वी कांप उठेंगे. \q1 पर याहवेह अपने लोगों के लिए एक शरणस्थान, \q2 और इस्राएल के लोगों के लिए एक सुरक्षा गढ़ होंगे. \s1 परमेश्वर के लोगों के लिये आशीष \q1 \v 17 “तब तुम जानोगे कि मैं, याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं, \q2 जो अपने पवित्र पर्वत, ज़ियोन पर निवास करता हूं. \q1 येरूशलेम एक पवित्र स्थान होगा; \q2 परदेशी फिर कभी उस पर आक्रमण न कर पाएंगे. \b \q1 \v 18 “उस दिन पहाड़ों से नई अंगूर की दाखमधु टपकेगी, \q2 और पहाड़ियों से दूध बहेगा; \q2 यहूदिया के सब दर्रों में पानी बहेगा. \q1 याहवेह के भवन से पानी का एक सोता फूट निकलेगा \q2 और शित्तीम घाटी\f + \fr 3:18 \fr*\fq शित्तीम घाटी \fq*\ft अर्थात्\ft*\fqa बबूल की घाटी\fqa*\f* की सिंचाई करेगा. \q1 \v 19 पर मिस्र देश उजाड़ हो जाएगा, \q2 और एदोम एक बेकार निर्जन देश, \q1 क्योंकि इन्होंने यहूदिया के लोगों पर अत्याचार किया था, \q2 और इन्होंने उनके देश में निर्दोष लोगों का खून बहाया था. \q1 \v 20 यहूदिया में लोग सदा-सर्वदा निवास करते रहेंगे \q2 और येरूशलेम में लोग पीढ़ी-पीढ़ी तक रहेंगे. \q1 \v 21 क्या मैं उन निर्दोष लोगों के खून का बदला लिये बिना छोड़ दूंगा? \q2 नहीं, बिलकुल नहीं.” \b \qc याहवेह ज़ियोन में निवास करते हैं!