\id HOS - Biblica® Open Hindi Contemporary Version (Updated 2021) \ide UTF-8 \h होशेआ \toc1 होशेआ \toc2 होशेआ \toc3 होशे \mt1 होशेआ \c 1 \p \v 1 याहवेह का वह संदेश, जो बएरी के पुत्र होशिया के पास यहूदिया के राजा उज्जियाह, योथाम, आहाज़ और हिज़किय्याह के शासनकाल में, और इस्राएल के राजा यहोआश के पुत्र यरोबोअम के शासनकाल में आया: \b \s1 होशिया की पत्नी और बच्‍चे \p \v 2 अपनी बात को शुरू करते हुए याहवेह ने होशिया से यह कहा, “जाओ, और किसी वेश्या से शादी कर लो और उससे बच्‍चे पैदा करो, क्योंकि एक व्यभिचारी पत्नी की तरह यह देश याहवेह से विश्वासघात करने का अपराधी है.” \v 3 अतः होशेआ ने दिबलायिम की बेटी गोमर से शादी की, और वह गर्भवती हुई और उसने एक पुत्र को जन्म दिया. \p \v 4 तब याहवेह ने होशेआ से कहा, “उसका नाम येज़्रील रखो, क्योंकि शीघ्र ही येज़्रील में किए नरसंहार के लिये, मैं येहू के घराने को दंड दूंगा, और मैं इस्राएल के राज्य का अंत कर दूंगा. \v 5 उस दिन मैं येज़्रील के घाटी में इस्राएल की सैन्य-शक्ति का अंत कर दूंगा.” \p \v 6 गोमेर फिर गर्भवती हुई और उसने एक बेटी को जन्म दिया. तब याहवेह ने होशेआ को कहा, “तुम उसका नाम लो-रुहामाह\f + \fr 1:6 \fr*\fq लो-रुहामाह \fq*\ft मतलब \ft*\fqa अप्रिय\fqa*\f* रखो, क्योंकि अब मैं इस्राएल के प्रति कोई प्रेम नहीं दिखाऊंगा, और उन्हें किसी प्रकार से क्षमा नहीं करूंगा. \v 7 किंतु मैं यहूदिया पर अपना प्रेम दिखाऊंगा; और उन्हें बचाऊंगा—यह बचाव न तो धनुष, तलवार या युद्ध के द्वारा, या घोड़ों और घुड़सवारों के द्वारा होगा, पर मैं, याहवेह उनका परमेश्वर उनको बचाऊंगा.” \p \v 8 गोमेर ने लो-रुहामाह का दूध छुड़ाने के बाद एक और बेटे को जन्म दिया. \v 9 तब याहवेह ने कहा, “उसका नाम लो-अम्मी\f + \fr 1:9 \fr*\fq लो-अम्मी \fq*\ft जिसका मतलब होता है मेरे लोग नहीं\ft*\f* रखो, क्योंकि तुम मेरे लोग नहीं हो, और मैं तुम्हारा परमेश्वर नहीं हूं. \p \v 10 “फिर भी इस्राएलियों की संख्या समुद्रतट के बालू के जैसे होगी, जिन्हें न तो नापा जा सकता है और न ही गिना जा सकता है. जिस स्थान पर उनसे यह कहा गया था, ‘तुम मेरी प्रजा नहीं हो,’ उसी स्थान पर वे ‘जीवित परमेश्वर की संतान’ घोषित किए जाएंगे. \v 11 यहूदिया के लोग और इस्राएल के लोग एक साथ इकट्ठा होंगे; वे मिलकर अपने लिए एक नेता ठहराएंगे और वे देश से निकल आएंगे, क्योंकि येज़्रील का वह दिन एक महान दिन होगा. \c 2 \p \v 1 “अपने भाइयों से कहो, ‘मेरे लोग,’ और अपनी बहनों से कहो, ‘मेरे प्रिय लोग.’ \s1 इस्राएल का दंड और पुनःस्थापना \q1 \v 2 “अपनी माता को डांटो, उसे डांटो, \q2 क्योंकि वह मेरी पत्नी नहीं है, \q2 और मैं उसका पति नहीं हूं. \q1 वह अपने चेहरे से व्यभिचारी भावना \q2 और अपने स्तनों के बीच से विश्वासघात को दूर करे. \q1 \v 3 अन्यथा मैं उसके कपड़े उतारकर उसे ऐसी नंगी कर दूंगा \q2 जैसे वह अपने जन्म के समय थी; \q1 मैं उसे मरुस्थल के समान बना दूंगा, \q2 उसे एक सूखी भूमि में बदल दूंगा, \q2 और उसे प्यास से मारूंगा. \q1 \v 4 मैं उसके बच्चों के प्रति प्रेम नहीं दिखाऊंगा, \q2 क्योंकि वे व्यभिचार से पैदा हुए बच्‍चे हैं. \q1 \v 5 उनकी माता ने विश्वासघात किया है \q2 और वे कलंक से उसके गर्भ में पड़े. \q1 उसने कहा, ‘मैं अपने प्रेमियों के पीछे जाऊंगी, \q2 जो मुझे मेरा भोजन-पानी, मेरा ऊनी और सन के कपड़े, \q2 मेरा जैतून तेल और मेरा दाखमधु देते हैं.’ \q1 \v 6 इसलिये मैं उसके रास्ते को कंटीली झाड़ियों से बंद कर दूंगा; \q2 मैं उसके आगे दीवार खड़ी कर दूंगा, जिससे उसे उसका रास्ता नहीं मिलेगा. \q1 \v 7 वह अपने प्रेमियों का पीछा करेगी पर उन्हें पकड़ नहीं सकेगी; \q2 वह उन्हें खोजेगी पर वे उसे नहीं मिलेंगे. \q1 तब वह कहेगी, \q2 ‘मैं पहले के समान अपने पति के पास लौट जाऊंगी, \q2 क्योंकि तब मेरी स्थिति अब की अपेक्षा बेहतर थी.’ \q1 \v 8 उसने इस बात को नहीं माना है कि वह मैं ही था, \q2 जिसने उसे अन्‍न, नई दाखमधु और तेल दिया था, \q1 जिसने उस पर खुले हाथों से सोना-चांदी लुटाया था— \q2 जिसका उपयोग उन्होंने बाल देवता के लिए किया. \b \q1 \v 9 “इसलिये मैं अपने अन्‍न को ले लूंगा जब वह पक जाएगा, \q2 और अपनी नई दाखमधु को ले लूंगा जब वह तैयार हो जाएगा. \q1 मैं अपने ऊन और सन के कपड़े वापस ले लूंगा, \q2 जिसे मैंने उसे उसके नंगे तन को ढांपने के लिये दिये थे. \q1 \v 10 इसलिये अब मैं उसकी अश्लीलता को \q2 उसके प्रेमियों के सामने प्रकट करूंगा; \q2 कोई भी उसे मेरे हाथ से छुड़ा न सकेगा. \q1 \v 11 मैं उसके सब उत्सवों को बंद कर दूंगा: \q2 उसके वार्षिक त्योहार, उसके नये चांद का उत्सव, \q2 उसके शब्बाथ\f + \fr 2:11 \fr*\fq शब्बाथ \fq*\ft सातवां दिन जो विश्राम का पवित्र दिन है\ft*\f* का उत्सव—उसके सब निर्धारित त्योहारों को बंद कर दूंगा. \q1 \v 12 मैं उसके अंगूर की लताओं और अंजीर के पेड़ों को नष्ट कर दूंगा, \q2 जिनके बारे में वह कहती है कि यह मेरी मजदूरी है जिसे मेरे प्रेमियों ने दिया था; \q1 मैं उनको एक झाड़ी बना दूंगा, \q2 और जंगली जानवर उन्हें खा जाएंगे. \q1 \v 13 मैं उसे उस बात के लिये दंड दूंगा \q2 कि उसने बाल देवताओं के लिये धूप जलाया; \q1 वह अपने आपको नथनी और गहनों से सजाती, \q2 और अपने प्रेमियों के पीछे जाती थी, \q2 पर मुझको वह भूल गई,” याहवेह की घोषणा है. \b \q1 \v 14 “इसलिये मैं उसे ललचाऊंगा; \q2 मैं उसे निर्जन जगह में ले जाऊंगा \q2 और उससे कोमलता से बात करूंगा. \q1 \v 15 वहां मैं उसे उसकी अंगूर की बारियां लौटा दूंगा, \q2 और आकोर\f + \fr 2:15 \fr*\fq आकोर \fq*\ft अर्थ \ft*\fqa मुसीबत\fqa*\f* घाटी को आशा का द्वार बना दूंगा. \q1 वहां वह ऐसे जवाब देगी\f + \fr 2:15 \fr*\ft या वह गाएगी\ft*\f* जैसे वह अपने जवानी के दिनों में दिया करती थी, \q2 अर्थात् जैसे वह मिस्र देश से निकलकर आने के समय दिया करती थी.” \b \q1 \v 16 याहवेह घोषणा करते हैं, \q2 “उस दिन, तुम मुझे ‘मेरा पति’ कहोगी; \q2 तुम मुझे फिर कभी अपना मालिक नहीं कहोगी. \q1 \v 17 मैं उसके मुंह से बाल देवताओं का नाम मिटा दूंगा; \q2 उनका नाम फिर कभी न लिया जाएगा. \q1 \v 18 उस दिन मैं उनके लिये \q2 जंगली जानवरों, आकाश के पक्षियों \q2 और भूमि पर रेंगनेवाले जंतुओं के साथ एक वाचा बांधूंगा. \q1 धनुष और तलवार और युद्ध को \q2 मैं देश से समाप्‍त कर दूंगा, \q2 ताकि लोग निडर होकर आराम करें. \q1 \v 19 मैं तुम्हें सदा के लिए विवाह का वचन दूंगा; \q2 मैं तुमको धर्मीपन और सच्चाई, \q2 प्रेम और करुणा के साथ विवाह का वचन दूंगा. \q1 \v 20 मैं तुम्हें विश्वासयोग्यता के साथ विवाह का वचन दूंगा, \q2 और तुम याहवेह को जान जाओगी.” \b \q1 \v 21 याहवेह की घोषणा है, \q2 “उस दिन मैं जवाब दूंगा, \q1 मैं आकाशमंडल को जवाब दूंगा, \q2 और वे पृथ्वी को जवाब देंगे; \q1 \v 22 और पृथ्वी अन्‍न, नई दाखमधु \q2 और जैतून तेल को जवाब देगी, \q2 और वे येज़्रील\f + \fr 2:22 \fr*\fq येज़्रील \fq*\ft अर्थ \ft*\fqa परमेश्वर रोपता है\fqa*\f* को जवाब देंगे. \q1 \v 23 तब मैं स्वयं उस देश में उसका रोपण करूंगा; \q2 मैं उसे अपना प्रेम दिखाऊंगा, जिसे मैं अपना प्रिय नहीं कहता, \q1 वे जो मेरे लोग नहीं कहे जाते, उन्हें मैं कहूंगा, ‘तुम मेरे लोग हो’; \q2 और वे कहेंगे, ‘आप हमारे परमेश्वर हैं.’ ” \c 3 \s1 होशेआ का अपनी पत्नी के साथ समझौता \p \v 1 याहवेह ने मुझसे कहा, “जाओ, और अपना प्रेम अपनी पत्नी को फिर से दिखाओ, यद्यपि उसे कोई और पुरुष प्रेम करता है और वह एक व्यभिचारिणी है. उससे ऐसा प्रेम करो, जैसा याहवेह इस्राएलियों से प्रेम करते हैं, यद्यपि वे दूसरे देवताओं की ओर फिरकर पवित्र किशमिश की बट्टी से प्रेम रखते हैं.” \p \v 2 इसलिये मैंने उसे पन्द्रह शेकेल\f + \fr 3:2 \fr*\fq पन्द्रह शेकेल \fq*\ft लगभग 170 ग्राम\ft*\f* चांदी और लगभग एक होमेर और एक लेथेक\f + \fr 3:2 \fr*\fq एक होमेर और एक लेथेक \fq*\ft लगभग 195 किलोग्राम\ft*\f* जौ में खरीद लिया. \v 3 तब मैंने उससे कहा, “तुम्हें मेरे साथ कई दिनों तक रहना है; तुम्हें वेश्या नहीं बनना है या किसी भी पुरुष के साथ अंतरंग संबंध नहीं बनाना है, और मैं भी तुम्हारे साथ ऐसा ही व्यवहार करूंगा.” \p \v 4 क्योंकि इस्राएली लोग बहुत दिनों तक बिना राजा या राजकुमार, बिना बलि या पवित्र पत्थर, बिना एफ़ोद या गृह-देवताओं के रहेंगे. \v 5 उसके बाद इस्राएली लोग लौटेंगे और याहवेह, अपने परमेश्वर तथा दावीद, अपने राजा की खोज करेंगे. वे आखिरी के दिनों में कांपते हुए याहवेह के पास और उसके आशीषों के लिये आएंगे. \c 4 \s1 इस्राएल के विरुद्ध आरोप \q1 \v 1 हे इस्राएली लोगों, याहवेह की बात को सुनो, \q2 क्योंकि तुम जो इस देश में रहते हो, \q2 तुम्हारे ऊपर याहवेह एक दोष लगानेवाला है: \q1 “इस देश के निवासियों में परमेश्वर के प्रति \q2 न तो विश्वासयोग्यता, न प्रेम, और न ही परमेश्वर को माननेवाली बात है. \q1 \v 2 यहां सिर्फ शाप, झूठ और हत्या, \q2 चोरी, और व्यभिचार है; \q1 वे सब सीमाओं को लांघ जाते हैं, \q2 और खून के बदले खून बहाते हैं. \q1 \v 3 यही कारण है कि यह देश सूख जाता है, \q2 इसमें सब रहनेवाले बेकार हो जाते हैं; \q1 भूमि के जानवर, आकाश के पक्षी \q2 और समुद्र की मछलियां नष्ट हो जाती हैं. \b \q1 \v 4 “पर कोई भी दोष न लगाए, \q2 कोई भी दूसरे पर आरोप न लगाए, \q1 क्योंकि तुम्हारे लोग उनके समान हैं \q2 जो पुरोहित के ऊपर दोष लगाते हैं. \q1 \v 5 तुम दिन-रात ठोकर खाते हो, \q2 और तुम्हारे साथ भविष्यवक्ता भी ठोकर खाते हैं. \q1 इसलिये मैं तुम्हारी माता को नाश कर दूंगा— \q2 \v 6 मेरे लोग ज्ञान की कमी के कारण नाश होते हैं. \b \q1 “क्योंकि तुमने ज्ञान को अस्वीकार किया है, \q2 मैं भी तुम्हें पुरोहित के रूप में अस्वीकार करता हूं; \q1 क्योंकि तुमने अपने परमेश्वर के कानून की उपेक्षा की है, \q2 मैं भी तुम्हारे बच्चों की उपेक्षा करूंगा. \q1 \v 7 जितने ज्यादा पुरोहित थे, \q2 उतने ज्यादा उन्होंने मेरे विरुद्ध पाप किया; \q2 उन्होंने अपने महिमामय परमेश्वर के बदले में कलंकित चीज़ को अपना लिया. \q1 \v 8 मेरे लोगों के पाप इन पुरोहितों के भोजन बन गए हैं \q2 और वे उनके दुष्टता का आनंद लेते हैं. \q1 \v 9 और यह ऐसा ही होगा: जैसे लोगों की दशा, वैसे पुरोहितों की दशा. \q2 मैं उन दोनों को उनके चालचलन का दंड दूंगा \q2 और उन्हें उनके कार्यों का बदला दूंगा. \b \q1 \v 10 “वे खाएंगे पर उनके पास पर्याप्‍त भोजन नहीं होगा; \q2 वे व्यभिचार में लिप्‍त होंगे पर बढ़ेंगे नहीं, \q1 क्योंकि उन्होंने याहवेह को छोड़ दिया है \q2 \v 11 ताकि वे व्यभिचार कर सकें; \q1 पुरानी एवं नई दाखमधु उनकी समझ भ्रष्‍ट कर देती है. \q1 \v 12 मेरे लोग लकड़ी की मूर्तियों से सलाह लेते हैं, \q2 और दैवीय छड़ी उनका भविष्य बताती है. \q1 व्यभिचार की एक आत्मा उन्हें भटका देती है; \q2 वे अपने परमेश्वर से विश्वासघात करते हैं. \q1 \v 13 वे पहाड़ों के शिखर पर बलिदान करते हैं \q2 और वे पहाड़ियों पर \q1 बांज, चिनार और एला वृक्षों के नीचे भेंटों को जलाते हैं, \q2 जहां अच्छी छाया होती है. \q1 इसलिये तुम्हारी बेटियां वेश्यावृत्ति करने जाती हैं \q2 और तुम्हारी पुत्रवधुएं व्यभिचार करती हैं. \b \q1 \v 14 “जब तुम्हारी बेटियां वेश्यावृत्ति के लिये जाएंगी \q2 तो मैं उन्हें दंड न दूंगा, \q1 और न ही तुम्हारी पुत्रवधुओं को दंड दूंगा \q2 जब वे व्यभिचार के लिए जाएंगी, \q1 क्योंकि पुरुष स्वयं वेश्याओं के साथ रहते हैं \q2 और मंदिर की वेश्याओं के साथ बलि चढ़ाते हैं— \q2 नासमझ लोग नष्ट हो जाएंगे. \b \q1 \v 15 “हे इस्राएल, हालांकि तुम व्यभिचार करते हो, \q2 पर यहूदिया दोषी न होने पाए. \b \q1 “न तो गिलगाल जाओ \q2 और न ही ऊपर बेथ-आवेन\f + \fr 4:15 \fr*\fq बेथ-आवेन \fq*\ft अर्थ \ft*\fqa दुष्टता का घर\fqa*\f* को जाओ. \q2 और न ही यह शपथ खाना, ‘जीवित याहवेह की शपथ!’ \q1 \v 16 इस्राएली लोग हठीली कलोर \q2 के समान हठीले हैं. \q1 तब याहवेह उनको चरागाह में \q2 मेमने की तरह कैसे चरा सकते हैं? \q1 \v 17 एफ्राईम मूर्तियों से जुड़ गया है; \q2 उसे अकेला छोड़ दो! \q1 \v 18 यहां तक कि जब उनकी दाखमधु भी खत्म हो जाती है, \q2 तब भी वे वेश्यावृत्ति में लिप्‍त रहते हैं; \q2 उनके शासक लज्जाजनक कामों से बहुत प्रेम रखते हैं. \q1 \v 19 बवंडर उड़ाकर ले जाएगा, \q2 और उनके बलिदानों के कारण उन्हें लज्जित होना पड़ेगा. \c 5 \s1 इस्राएल के विरुद्ध न्याय \q1 \v 1 “हे पुरोहितो, यह बात सुनो! \q2 हे इस्राएलियो, ध्यान दो! \q1 राज घरानो, सुनो! \q2 यह न्याय तुम्हारे विरुद्ध है: \q1 तुम मिज़पाह में एक फंदा बन गये हो, \q2 ताबोर में बिछाये गये एक जाल हो. \q1 \v 2 विद्रोहियों ने घोर नरसंहार किया है, \q2 मैं उन सबको अनुशासित करूंगा. \q1 \v 3 मैं एफ्राईम के बारे में सब कुछ जानता हूं; \q2 इस्राएल की बात मुझसे छिपी नहीं है. \q1 हे एफ्राईम, तुम वेश्यावृत्ति में लिप्‍त हो; \q2 इस्राएल भ्रष्‍ट हो गया है. \b \q1 \v 4 “उनके काम उन्हें \q2 अपने परमेश्वर की ओर लौटने नहीं देते. \q1 वेश्यावृत्ति की आत्मा उनके दिल में है; \q2 वे याहवेह को नहीं मानते हैं. \q1 \v 5 इस्राएल का घमंड उसी के विरुद्ध गवाही देता है; \q2 इस्राएली, और तो और एफ्राईम भी अपने पापों में लड़खड़ाते हैं; \q2 यहूदिया भी उनके साथ लड़खड़ाता है. \q1 \v 6 जब वे अपनी भेड़-बकरी और गाय-बैल के झुंड को लेकर \q2 याहवेह की खोज में जाते हैं, \q1 तो याहवेह उन्हें नहीं मिलते हैं; \q2 क्योंकि उन्होंने अपने आपको उनसे अलग कर लिया है. \q1 \v 7 उन्होंने याहवेह के साथ विश्वासघात किया है; \q2 वे अवैध बच्‍चे पैदा करते हैं. \q1 जब वे नये चांद के भोज का उत्सव मनाएंगे, \q2 तो वह उनके खेतों को निगल जाएगा. \b \q1 \v 8 “गिबियाह नगर में तुरही बजाओ, \q2 रामाह नगर में नरसिंगा फूंको. \q1 बेथ-आवेन\f + \fr 5:8 \fr*\fqa बेथ-आवेन \fqa*\ft अर्थ \ft*\fqa दुष्टता का घर\fqa*\f* में युद्ध की घोषणा ऊंची आवाज में करो; \q2 हे बिन्यामिन, हमारी अगुवाई करो. \q1 \v 9 हिसाब करने के दिन \q2 एफ्राईम बेकार हो जाएगा. \q1 इस्राएल के गोत्रों के बीच \q2 मैं उसी बात की घोषणा करूंगा, जिसका होना निश्चित है. \q1 \v 10 यहूदिया के अगुए उनके जैसे हैं \q2 जो सीमा के पत्थरों को हटाते हैं. \q1 उन पर मैं अपना कोप \q2 पानी के बाढ़ की तरह उंडेलूंगा. \q1 \v 11 एफ्राईम सताया जाता है, \q2 न्याय में कुचला गया है, \q2 क्योंकि उसने मूर्तियों के पीछे जाने की ठानी है. \q1 \v 12 मैं एफ्राईम के लिए कीड़े के समान, \q2 और यहूदाह के लोगों के लिए एक सड़न के जैसा हूं. \b \q1 \v 13 “जब एफ्राईम ने अपनी बीमारी, \q2 और यहूदिया ने अपने घाव को देखा, \q1 तब एफ्राईम अश्शूर की तरफ गया, \q2 और बड़े राजा से सहायता की याचना की. \q1 परंतु वह तुम्हें न तो चंगा कर सकता है, \q2 और न ही तुम्हारे घावों को ठीक कर सकता है. \q1 \v 14 क्योंकि एफ्राईम के लिए मैं एक सिंह के जैसा, \q2 और यहूदाह के लिए एक बड़े सिंह के जैसा हो जाऊंगा. \q1 मैं उन्हें फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा और चला जाऊंगा; \q2 मैं उन्हें उठाकर ले जाऊंगा, और उन्हें छुड़ाने वाला कोई न होगा. \q1 \v 15 जब तक वे अपने अपराध को मान नहीं लेते \q2 और मेरी ओर लौट नहीं आते \q2 मैं अपने स्थान में नहीं लौटूंगा; \q1 अपनी दुर्गति के समय \q2 वे मन लगाकर मेरी खोज करेंगे.” \c 6 \s1 इस्राएल प्रायश्चित न करनेवाला \q1 \v 1 “आओ, हम याहवेह की ओर लौटें. \q1 उसने हमें फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया है \q2 पर वह हमें चंगा करेंगे; \q1 उन्होंने हमें चोट पहुंचाई है, \q2 पर वही हमारे घावों पर मरहम पट्टी करेंगे. \q1 \v 2 दो दिन के बाद वह हममें सुधार लाएंगे; \q2 और तीसरे दिन वह हमें हमारे पूर्व स्थिति में ले आएंगे, \q2 ताकि हम उनकी उपस्थिति में बने रहें. \q1 \v 3 आओ, हम याहवेह को मान लें; \q2 आओ, हम उसको जानने के लिये यत्न करें. \q1 जिस प्रकार निश्चित रूप से सूर्य उदय होता है, \q2 उसी प्रकार वह भी निश्चित रूप से प्रगट होंगे; \q1 वह हमारे पास ठंड के वर्षा के समान, \q2 वर्षा ऋतु के बारिश के समान आएंगे, जो भूमि को सींच जाती है.” \b \q1 \v 4 “हे एफ्राईम, मैं तुम्हारे लिये क्या कर सकता हूं? \q2 हे यहूदाह, मैं तुम्हारे लिये क्या कर सकता हूं? \q1 तुम्हारा प्रेम सुबह के कोहरे के समान, \q2 बड़े सबेरे पड़नेवाले ओस के समान है, जो गायब हो जाती है. \q1 \v 5 इसलिये मैंने तुम्हें अपने भविष्यवक्ताओं के द्वारा काटकर टुकड़े-टुकड़े कर डाला, \q2 मैंने अपने मुंह के वचन से मार डाला है— \q2 तब मेरा न्याय सूर्य के समान आगे बढ़ता है. \q1 \v 6 क्योंकि मैं बलिदान से नहीं, पर दया से, \q2 और होमबलि की अपेक्षा से नहीं, परमेश्वर को मानने से प्रसन्‍न होता हूं. \q1 \v 7 आदम के जैसे, उन्होंने वाचा को तोड़ दिया है; \q2 उन्होंने वहां मेरे साथ विश्वासघात किया था. \q1 \v 8 गिलआद दुष्ट काम करनेवालों का एक शहर है, \q2 वहां खून के पद-चिन्हों के निशान हैं. \q1 \v 9 जैसे लुटेरे अपने शिकार के लिये छिपकर घात में रहते हैं, \q2 वैसे ही पुरोहितों के गिरोह भी करते हैं; \q1 वे अपनी बुरी योजनाओं को पूरा करते हुए, \q2 शेकेम के रास्ते पर हत्या करते हैं. \q1 \v 10 मैंने इस्राएल में एक भयावह चीज़ देखी है: \q2 वहां एफ्राईम को वेश्यावृत्ति के लिये दिया जाता है, \q2 इस्राएल अशुद्ध होता है. \b \q1 \v 11 “हे यहूदिया, तुम्हारे लिए \q2 कटनी का एक दिन ठहराया गया है. \b \q1 “जब मैं अपने लोगों के पुराने दिनों को लौटा लाऊंगा, \c 7 \q2 \v 1 जब मैं इस्राएल को चंगा करूंगा, \q1 एफ्राईम के पाप \q2 और शमरिया के अपराध प्रगट किए जाएंगे. \q1 वे धोखा देते हैं, \q2 चोर घरों में चोरी करते हैं, \q2 लुटेरे गलियों में लूटमार करते हैं; \q1 \v 2 पर वे यह नहीं समझते \q2 कि मैं उनके सब बुरे कामों को याद रखता हूं. \q1 उनके पाप उन्हें पूरी तरह खा जाते हैं; \q2 उनके काम हमेशा मेरी दृष्टि में बने रहते हैं. \b \q1 \v 3 “वे राजा को अपनी दुष्टता, \q2 और राजकुमारों को अपने झूठी बातों से खुश रखते हैं. \q1 \v 4 वे सबके सब व्यभिचारी हैं, \q2 एक जलते हुए चूल्हे के समान \q1 जिसकी आग को रोटी बनानेवाला तब तक तेज नहीं करता \q2 जब तक वह आटा गूंधकर पकाने के लिए तैयार नहीं कर लेता. \q1 \v 5 हमारे राजा के त्योहार के दिन \q2 राजकुमार दाखमधु पीकर उत्तेजित होते हैं, \q2 और वह हंसी उड़ानेवालों के साथ शामिल होता है. \q1 \v 6 उनके ह्रदय एक चूल्हे के समान हैं; \q2 वे उसके पास षड़्‍यंत्र रचकर जाते हैं. \q1 उनकी लालसा रात भर सुलगती रहती है; \q2 और सुबह यह आग की ज्वाला की तरह भभक उठती है. \q1 \v 7 वे सबके सब चूल्हे के समान गर्म हैं; \q2 वे अपने शासकों को भस्म कर देते हैं. \q1 उनके सब राजा मारे जाते हैं, \q2 पर उनमें से कोई भी मुझे नहीं पुकारता. \b \q1 \v 8 “एफ्राईम अन्य राष्ट्रों के लोगों के साथ घुल-मिल जाता है; \q2 एफ्राईम उस रोटी के समान है, जिसे पकाते समय पलटा नहीं गया है. \q1 \v 9 परदेशी उसकी शक्ति का शोषण करते हैं, \q2 पर वह इसे समझ नहीं पाता है. \q1 उसके बाल पकते जा रहे हैं, \q2 पर वह ध्यान नहीं देता है. \q1 \v 10 इस्राएल का अहंकार उसके विरुद्ध गवाही देता है, \q2 पर इन सबके बावजूद \q1 वह याहवेह अपने परमेश्वर के पास लौटकर नहीं आता \q2 या उसकी खोज नहीं करता. \b \q1 \v 11 “एफ्राईम एक पेंडुकी की तरह है, \q2 जो आसानी से धोखा खाता है और निर्बुद्धि है— \q1 उन्होंने सहायता के लिए मिस्र को पुकारा, \q2 अब अश्शूर की ओर जाते हैं. \q1 \v 12 जब वे जाते हैं, तब मैं उन पर अपना जाल डालूंगा; \q2 मैं उन्हें आकाश के पक्षियों के समान नीचे गिरा दूंगा. \q1 जब मैं सुनूंगा कि वे एक साथ झुंड में इकट्ठा हो रहे हैं, \q2 तो मैं उन्हें पकड़ लूंगा. \q1 \v 13 उन पर हाय, \q2 क्योंकि वे मुझसे अलग हो गये हैं! \q1 सर्वनाश हो उनका, \q2 क्योंकि उन्होंने मेरे विरुद्ध विद्रोह किया है! \q1 मैं उन्हें छुड़ाने की इच्छा रखता हूं \q2 पर वे मेरे बारे में झूठ बोलते हैं. \q1 \v 14 वे मुझे अपने हृदय से नहीं पुकारते \q2 पर अपने बिछौने पर पड़े विलाप करते हैं. \q1 अनाज और नई दाखमधु के लिये \q2 वे अपने देवताओं से याचना करते हुए अपने आपको घायल करते हैं, \q2 पर वे मुझसे दूर रहते हैं. \q1 \v 15 मैंने उन्हें प्रशिक्षित किया और उनकी सेना को सशक्त किया, \q2 पर वे मेरे ही विरुद्ध षड़्‍यंत्र रचते हैं. \q1 \v 16 वे सर्वोच्च परमेश्वर की ओर नहीं फिर रहे हैं; \q2 वे त्रुटिपूर्ण धनुष के समान हैं. \q1 उनके अगुएं घमंड से भरी बातों के कारण \q2 तलवार से मारे जाएंगे. \q1 इसी कारण से उन्हें मिस्र देश में \q2 ठट्ठों में उड़ाया जाएगा. \c 8 \s1 इस्राएल का फल भोगना \q1 \v 1 “तुरही को अपने होंठों पर रखो! \q2 एक गरुड़ याहवेह के भवन के ऊपर है, \q1 क्योंकि लोगों ने मेरी वाचा को तोड़ दिया है \q2 और मेरे कानून का पालन नहीं किया है. \q1 \v 2 इस्राएल मुझसे पुकारकर कहता है, \q2 ‘हे हमारे परमेश्वर, हम आपको मानते हैं!’ \q1 \v 3 पर इस्राएल ने भलाई को अस्वीकार किया है; \q2 शत्रु उसके पीछे पड़ेगा. \q1 \v 4 वे मेरी सहमति के बिना राजाओं को ठहराते हैं; \q2 वे मेरी स्वीकृति के बिना राजकुमारों को चुनते हैं. \q1 वे अपने सोना और चांदी से \q2 अपने विनाश के लिये \q2 मूर्तियां बनाते हैं. \q1 \v 5 हे शमरिया, अपने बछड़े की मूर्ति को फेंक दो! \q2 मेरा क्रोध उनके विरुद्ध भड़कता है. \q1 वे कब तक शुद्धता के लिये अयोग्य ठहरेंगे? \q2 \v 6 वे इस्राएल से हैं! \q1 यह बछड़ा—एक कारीगर ने इसे बनाया है; \q2 यह परमेश्वर नहीं है. \q1 उस शमरिया के बछड़े को \q2 टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाएगा. \b \q1 \v 7 “वे हवा बोते हैं, \q2 और बवंडर रूपी फसल काटते हैं. \q1 फसल के डंठल में बाली नहीं है; \q2 इससे आटा नहीं मिलेगा. \q1 यदि इससे अन्‍न पैदा होता, \q2 तो परदेशी इसे खा जाते. \q1 \v 8 इस्राएल को निगल लिया गया है; \q2 अब वह अन्य जनताओं के बीच ऐसा है \q2 जिसे कोई नहीं चाहता. \q1 \v 9 क्योंकि वे एक भटके हुए जंगली गधे की तरह \q2 अश्शूर को चले गये हैं. \q2 एफ्राईम ने अपने आपको प्रेमियों के हाथ बेच दिया है. \q1 \v 10 यद्यपि उन्होंने अपने आपको अन्यजातियों के बीच बेच दिया है, \q2 फिर भी अब मैं उनको एक साथ इकट्ठा करूंगा. \q1 शक्तिशाली राजा के सताव के कारण \q2 वे नाश होने लगेंगे. \b \q1 \v 11 “यद्यपि एफ्राईम ने पापबलि के लिए अनेक वेदियां बनाई हैं, \q2 पर ये वेदियां उनके पाप करने का कारण बन गई हैं. \q1 \v 12 मैंने उनके लिये अपने कानून से संबंधित बहुत सी बातें लिखी, \q2 पर उन्होंने उन बातों को बाहर का समझा. \q1 \v 13 यद्यपि वे मुझे भेंट के रूप में बलिदान चढ़ाते हैं, \q2 और यद्यपि वे मांस खाते हैं, \q2 पर याहवेह उनसे खुश नहीं हैं. \q1 अब वह उनके दुष्ट कामों को याद करेंगे \q2 और उनके पापों के लिये दंड देंगे: \q2 वे मिस्र देश को लौटेंगे. \q1 \v 14 इस्राएल ने अपने बनानेवाले को भुला दिया है \q2 और महल बना लिये हैं; \q2 यहूदिया राज्य ने बहुत से नगरों का किलाबंदी कर लिया है. \q1 पर मैं उनके शहरों पर आग लगा दूंगा, \q2 और उनके गढ़ जलकर भस्म हो जाएंगे.” \c 9 \s1 इस्राएल के लिये दंड \q1 \v 1 हे इस्राएल, आनंदित मत हो; \q2 दूसरे देशों के समान अति आनंदित मत हो. \q1 क्योंकि तुमने अपने परमेश्वर के साथ विश्वासघात किया है; \q2 तुम हर एक खलिहान में \q2 वेश्यावृत्ति से प्राप्‍त आय को पसंद करते हो. \q1 \v 2 खलिहानों और अंगूर के रसकुण्डों से लोगों को भोजन नहीं मिलेगा; \q2 नई दाखमधु भी उन्हें नहीं मिलेगी. \q1 \v 3 वे याहवेह के देश में नहीं रहने पाएंगे; \q2 एफ्राईम मिस्र देश को लौट जाएगा \q2 और अश्शूर में वे अशुद्ध भोजन खाएंगे. \q1 \v 4 वे याहवेह को अंगूर की दाखमधु का पेय बलि नहीं देंगे, \q2 और न ही उनके बलिदान से परमेश्वर खुश होंगे. \q1 उस प्रकार का बलिदान उनके लिये शोक करनेवालों के रोटी जैसा है; \q2 वे सब जो उसे खाते हैं वे अशुद्ध हो जाएंगे. \q1 यह भोजन उनके स्वयं के लिये होगा; \q2 इसे याहवेह के मंदिर में नहीं लाया जाएगा. \b \q1 \v 5 तुम अपने ठहराए त्योहारों के दिन, \q2 याहवेह के भोज के दिनों में क्या करोगे? \q1 \v 6 यदि वे विनाश से बच निकलते हैं, \q2 तो मिस्र देश उन्हें इकट्ठा करेगा, \q2 और मोफ उन्हें दफन कर देगा. \q1 कंटीली झाड़ियां उनके चांदी के वस्तुओं को ले लेंगी, \q2 और उनके तंबुओं पर कांटे उग आएंगे. \q1 \v 7 दंड के दिन आ रहे हैं, \q2 बदला लेने के दिन निकट हैं. \q2 इस बात को इस्राएल जान ले. \q1 क्योंकि तुम्हारे पाप बहुत हैं \q2 और तुम्हारी शत्रुता बहुत ज्यादा है, \q1 भविष्यवक्ता को मूर्ख, \q2 और आत्मा से प्रेरित व्यक्ति को पागल समझा जाता है. \q1 \v 8 भविष्यवक्ता, मेरे परमेश्वर के साथ, \q2 एफ्राईम के ऊपर पहरेदार है, \q1 फिर भी उसके सब रास्तों पर फंदे लगे हुए हैं, \q2 और उसके परमेश्वर के भवन में शत्रुता है. \q1 \v 9 वे गिबियाह के दिनों के जैसे \q2 भ्रष्टाचार में बहुत डूब हुए हैं. \q1 परमेश्वर उनकी बुराई को याद करेंगे \q2 और उनके पापों के लिये उन्हें दंड देंगे. \b \q1 \v 10 “मैंने इस्राएल को ऐसे पाया, \q2 जैसे किसी को निर्जन स्थान में अंगूर का मिलना होता है; \q1 जब मैंने तुम्हारे पूर्वजों को देखा, \q2 तो यह ऐसा था मानो अंजीर के पेड़ में लगे शुरुआती फल को देखना. \q1 पर जब वे बाल-पिओर में आये, \q2 तो उन्होंने उस लज्जास्पद मूर्ति के लिये अपने आपको पवित्र किया \q2 और वे उतने दुष्ट हो गये जितने वे उन चीज़ों से प्रेम करते थे. \q1 \v 11 एफ्राईम का गौरव पक्षी की तरह उड़ जाएगा— \q2 न किसी का जन्म होगा, न कोई गर्भवती होगी और न ही किसी को गर्भ ठहरेगा. \q1 \v 12 यदि वे बच्चों का पालन पोषण करते भी हैं, \q2 तो मैं हर एक को उनसे ले लूंगा. \q1 उन पर हाय \q2 जब मैं उनसे दूर हो जाता हूं! \q1 \v 13 मैंने एफ्राईम को सोर के जैसे \q2 मनभावने स्थान में बसे हुए देखा है. \q1 पर एफ्राईम अपने बच्चों को \q2 वध करनेवाले के पास ले आएगा.” \b \q1 \v 14 हे याहवेह, उन्हें दीजिए— \q2 आप उन्हें क्या देंगे? \q1 उन्हें ऐसे गर्भ दीजिए, जिससे गर्भपात हो जाता है \q2 और ऐसे स्तन दीजिए, जो सूखे हों. \b \q1 \v 15 “गिलगाल में उनके सब बुराई के कारण, \q2 मैंने उनसे वहां घृणा किया. \q1 उनके पापमय कामों के कारण, \q2 मैं उन्हें अपने भवन से बाहर निकाल दूंगा. \q1 अब मैं उनसे प्रेम नहीं करूंगा; \q2 उनके सब अगुए विद्रोही हैं. \q1 \v 16 एफ्राईम पर बीमारी लग गई है, \q2 उनकी जड़ सूख गई है, \q2 उनमें फल नहीं लगते हैं. \q1 यदि वे बच्चों को जन्म भी दें, \q2 तो मैं उनके पोषित बच्चों को मार डालूंगा.” \b \q1 \v 17 मेरा परमेश्वर उनको अस्वीकार करेगा \q2 क्योंकि उन्होंने उसकी बातों को नहीं माना है; \q2 वे जाति-जाति के लोगों के बीच भटकते फिरेंगे. \b \c 10 \q1 \v 1 इस्राएल एक बढ़ने वाली अंगूर की लता थी; \q2 वह अपने लिये फल देती थी. \q1 जैसे जैसे उसके फल बढ़ते गये, \q2 उसने और ज्यादा वेदियां बनाई; \q1 जैसे जैसे उसका देश समृद्ध होता गया, \q2 उसने अपने पवित्र पत्थरों को सजाया. \q1 \v 2 उनका हृदय धोखेबाज है, \q2 और अब वे ज़रूर दंड भोगेंगे. \q1 याहवेह उनकी वेदियों को ढहा देंगे \q2 और उनके पवित्र पत्थरों को नष्ट कर देंगे. \b \q1 \v 3 तब वे कहेंगे, “हमारा कोई राजा नहीं है \q2 क्योंकि हमने याहवेह का आदर नहीं किया. \q1 पर यदि हमारा कोई राजा होता भी, \q2 तो वह हमारे लिये क्या करता?” \q1 \v 4 वे बहुत सी प्रतिज्ञाएं करते हैं, \q2 झूठी शपथ खाते हैं \q2 और सहमति बनाते हैं; \q1 इसलिये हल चलाये गये खेत में उगे \q2 जहरीले घास-पात के समान मुकदमे होने लगते हैं. \q1 \v 5 जो लोग शमरिया में रहते हैं \q2 वे बेथ-आवेन\f + \fr 10:5 \fr*\fqa बेथ-आवेन \fqa*\ft अर्थ \ft*\fqa दुष्टता का घर\fqa*\f* के बछड़े के कारण डरते हैं. \q1 इसके लोग इस पर विलाप करेंगे, \q2 और ऐसा ही इसके मूर्तिपूजक पुरोहित भी करेंगे, \q1 जो पहले इसके वैभव पर आनंदित हुआ करते थे, \q2 क्योंकि इसे उनसे छीनकर बंधुआई में ले लिया गया है. \q1 \v 6 इसे बड़े राजा को भेंट स्वरूप देने के लिये \q2 अश्शूर ले जाया जाएगा. \q1 एफ्राईम लज्जित किया जाएगा; \q2 इस्राएल भी बाहरी लोगों से नाता के कारण लज्जित होगा. \q1 \v 7 शमरिया के राजा को ऐसे नष्ट किया जाएगा, \q2 जैसे एक छोटी शाखा पानी के बहाव में बहकर नष्ट हो जाती है. \q1 \v 8 बुराई के ऊंचे स्थान नष्ट किए जाएंगे— \q2 यह इस्राएल का पाप है. \q1 उनकी इन वेदियों पर \q2 कंटीले पौधे और झाड़ियां उगकर \q2 उनकी वेदियों को ढांप लेंगी. \q1 तब वे पर्वतों से कहेंगे, “हमें ढांप लो!” \q2 और पहाड़ियों से कहेंगे, “हम पर आ गिरो!” \b \q1 \v 9 “हे इस्राएल, तुम गिबियाह के समय से पाप करते आये हो, \q2 और तुम अब भी उसी में बने हुए हो. \q1 क्या बुरे काम करनेवाले गिबियाह में \q2 फिर से युद्ध में नहीं फंसेंगे? \q1 \v 10 जब मेरी इच्छा होगी, मैं उन्हें दंड दूंगा; \q2 अन्य जातियां उनके दो गुने पाप के कारण, \q2 उन्हें बंधन में डालने के लिये उनके विरुद्ध इकट्ठा होंगी. \q1 \v 11 एफ्राईम एक प्रशिक्षित बछिया है \q2 जिसे अन्‍न दांवना अच्छा लगता है; \q1 इसलिये मैं उसके सुंदर गर्दन पर \q2 एक जूआ रखूंगा. \q1 मैं एफ्राईम को हांकूंगा, \q2 यहूदाह को हल चलाना ज़रूरी है, \q2 और याकोब को मिट्टी तोड़ना ज़रूरी है. \q1 \v 12 अपने लिए धर्मीपन का बीज बोओ, \q2 निश्छल प्रेम की फसल काटो, \q1 और न जूते हुए भूमि की मिट्टी को तोड़ो; \q2 क्योंकि यह समय है कि याहवेह की खोज करो, \q1 जब तक कि वह आकर \q2 तुम पर धर्मीपन की वर्षा न करें. \q1 \v 13 पर तुमने दुष्टता का रोपण किया है, \q2 और बुराई का फसल काटा है, \q2 तुमने छल-प्रपंच का फल खाया है. \q1 क्योंकि तुम अपने स्वयं के बल \q2 और अपने योद्धाओं की बड़ी संख्या पर निर्भर रहे हो, \q1 \v 14 तुम्हारे लोगों के विरुद्ध युद्ध की ललकार होगी, \q2 ताकि तुम्हारे सब गढ़ों को नष्ट कर दिया जाए— \q1 जैसा कि युद्ध के समय में शलमन ने बेथ-आरबेल को नष्ट किया था, \q2 जब माताओं को उनके बच्चों सहित भूमि पर पटक कर मार डाला गया था. \q1 \v 15 हे बेथेल तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा, \q2 क्योंकि तुम्हारी दुष्टता बहुत बड़ी है. \q1 जब उस दिन बड़ी सुबह \q2 इस्राएल के राजा को पूरी तरह नाश कर दिया जाएगा. \c 11 \s1 इस्राएल के प्रति परमेश्वर का प्रेम \q1 \v 1 “जब इस्राएल बालक था, मैंने उससे प्रेम किया, \q2 और मिस्र देश से मैंने अपने पुत्र को बुलाया. \q1 \v 2 पर जितना ज्यादा उनको बुलाया गया, \q2 उतना ज्यादा वे मुझसे दूर होते गये. \q1 वे बाल देवताओं के लिये बलि चढ़ाते थे \q2 और उन्होंने मूर्तियों के आगे धूप जलाया है. \q1 \v 3 वह मैं ही था, जिसने एफ्राईम को \q2 हाथ पकड़कर चलना सिखाया; \q1 परंतु उन्होंने इस बात को न जाना \q2 कि वह मैं ही था, जिसने उन्हें चंगा किया. \q1 \v 4 मैंने मानवीय दया की डोरी, \q2 और प्रेम के बंधन से उनकी अगुवाई की. \q1 उनके लिये मैं वैसा था जैसे \q2 कोई छोटे बच्‍चे को गाल तक उठाता है, \q2 और मैं झुककर उन्हें खाना खिलाता था. \b \q1 \v 5 “क्या वे मिस्र देश नहीं लौटेंगे \q2 और अश्शूर का राजा उन पर शासन नहीं करेगा \q2 क्योंकि वे प्रायश्चित करना नहीं चाहते? \q1 \v 6 उनके शहरों में एक तलवार चमकेगी; \q2 वह उनके झूठे भविष्यवक्ताओं को मार डालेगी \q2 और उनकी योजनाओं का अंत कर देगी. \q1 \v 7 मेरे लोग मुझसे दूर जाने का ठान लिये हैं. \q2 यद्यपि वे मुझे सर्वोच्च परमेश्वर कहते हैं, \q2 मैं उनकी किसी भी प्रकार से प्रशंसा नहीं करूंगा. \b \q1 \v 8 “हे एफ्राईम, मैं तुम्हें कैसे छोड़ सकता हूं? \q2 हे इस्राएल, मैं तुम्हें किसी और को सौंप दूं? \q1 मैं तुम्हारे साथ अदमाह के जैसे व्यवहार कैसे कर सकता हूं? \q2 मैं तुम्हें ज़ेबोईम के समान कैसे बना सकता हूं? \q1 मेरा हृदय मेरे भीतर बदल गया है; \q2 मेरी सारी करुणा जागृत होती है. \q1 \v 9 मैं अपने भयंकर क्रोध के अनुसार नहीं करूंगा, \q2 न ही मैं एफ्राईम को फिर से नाश करूंगा. \q1 क्योंकि मैं परमेश्वर हूं, मनुष्य नहीं— \q2 तुम्हारे बीच एक पवित्र जन. \q2 मैं उनके शहरों के विरुद्ध नहीं आऊंगा. \q1 \v 10 वे याहवेह के पीछे चलेंगे; \q2 याहवेह एक-एक सिंह के समान गरजेंगे. \q1 जब वह गरजेंगे, \q2 तो उनकी संतान कांपती हुई पश्चिम दिशा से आएंगी. \q1 \v 11 वे मिस्र देश से, \q2 गौरेया पक्षी की तरह कांपती हुई, \q2 और अश्शूर देश से पंड़की की तरह पंख फड़फड़ाते हुए आएंगी. \q1 मैं उन्हें उनके घरों में बसाऊंगा,” \q2 याहवेह घोषणा करते हैं. \s1 इस्राएल का पाप \q1 \v 12 एफ्राईम ने मेरे चारों ओर झूठ का, \q2 और इस्राएल ने छल का ढेर लगा दिया है. \q1 और यहूदाह उद्दंडता से परमेश्वर के विरुद्ध है, \q2 और तो और वह विश्वासयोग्य पवित्र जन के विरुद्ध है. \c 12 \q1 \v 1 एफ्राईम हवा को अपना भोजन बनाता है; \q2 वह सारा दिन पूर्वी वायु का पीछा करता है \q2 और अपने झूठ और हिंसा को बढ़ाता रहता है. \q1 वह अश्शूर देश से संधि करता है \q2 और मिस्र देश को जैतून का तेल भेजता है. \q1 \v 2 यहूदिया के विरुद्ध भी याहवेह का आरोप है; \q2 वह याकोब\f + \fr 12:2 \fr*\fq याकोब \fq*\ft अर्थ \ft*\fqa वह एड़ी पकड़ता है \fqa*\ft अर्थात् \ft*\fqa वह धोखा देता है\fqa*\f* को उसके चालचलन के अनुसार दंड देंगे \q2 और उसके कार्यों के अनुरूप उसको बदला देंगे. \q1 \v 3 जब याकोब ने अपने मां के कोख से ही अपने भाई की एड़ी जकड़ ली थी; \q2 एक मनुष्य के रूप में उसने परमेश्वर से संघर्ष किया. \q1 \v 4 उसने स्वर्गदूत से संघर्ष किया और उस पर प्रबल हुआ; \q2 वह रोया और उससे कृपादृष्टि के लिये विनती की. \q1 बेथेल में वह परमेश्वर से मिला \q2 और वहां उसने उनसे बातें की— \q1 \v 5 याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर, \q2 याहवेह उनका नाम है! \q1 \v 6 पर अवश्य है कि तुम अपने परमेश्वर के पास लौटो; \q2 प्रेम और न्याय के काम में बने रहो, \q2 और हमेशा अपने परमेश्वर पर निर्भर रहो. \b \q1 \v 7 व्यापारी गलत नाप का उपयोग करता है \q2 और छल करना उसको अच्छा लगता है, \q1 \v 8 एफ्राईम घमंड करता है, \q2 “मैं बहुत धनवान हूं; मैं धनी हो गया हूं. \q1 मेरी सारी संपत्ति सहित वे मुझमें \q2 कोई अपराध या पाप नहीं पाएंगे.” \b \q1 \v 9 “जब से तुम मिस्र देश से निकलकर आये, \q2 मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं; \q1 मैं फिर तुम्हें तंबुओं में निवास कराऊंगा, \q2 जैसे कि तुम्हारे ठहराए त्योहार के दिनों में हुआ करता था. \q1 \v 10 मैंने भविष्यवक्ताओं से बात किया, \q2 उन्हें कई दर्शन दिखाये \q2 और उनके माध्यम से अनेक दृष्टांत बताये.” \b \q1 \v 11 क्या गिलआद दुष्ट है? \q2 इसके लोग बेकार हैं! \q1 क्या वे गिलगाल में बैलों का बलिदान करते हैं? \q2 उनकी वेदियां जोते गये खेत में \q2 पत्थरों के ढेर के समान होंगी. \q1 \v 12 याकोब तो अराम देश को भाग गया; \q2 इस्राएल ने एक पत्नी पाने के लिये सेवा की, \q2 और उसका दाम चुकाने के लिये उसने भेड़ें चराई. \q1 \v 13 याहवेह ने मिस्र से इस्राएल को निकालने के लिये एक भविष्यवक्ता का उपयोग किया, \q2 एक भविष्यवक्ता के द्वारा उसने उसका ध्यान रखा. \q1 \v 14 पर एफ्राईम ने याहवेह के क्रोध को बहुत भड़काया है; \q2 उसका प्रभु उसके द्वारा किए गये खून का दोष उसी पर रहने देगा \q2 और उसके अनादर के लिये उसको बदला चुकाएगा. \c 13 \s1 इस्राएल के विरुद्ध परमेश्वर का क्रोध \q1 \v 1 जब एफ्राईम बोलता था तो लोग कांप उठते थे; \q2 वह इस्राएल में बड़ा आदमी था. \q2 पर वह बाल देवता की आराधना का दोषी हुआ और मर गया. \q1 \v 2 अब वे और अधिक पाप करते हैं; \q2 वे अपनी चांदी से स्वयं के लिये मूर्तियां बनाते हैं, \q1 जिनमें बुद्धिमानी से कारीगरी की गई है, \q2 और ये सब शिल्पकारों का काम है. \q1 इन लोगों के बारे में कहा जाता है, \q2 “वे मानव बलि चढ़ाते हैं! \q2 वे बछड़े की मूर्तियों को चूमते हैं!” \q1 \v 3 इसलिये वे सुबह के कोहरे, \q2 सुबह के ओस के समान हैं जो गायब हो जाती है, \q2 वे खलिहान की भूसी के समान हैं जो घूमते हुए उड़ जाती है, \q2 या वे खिड़की से बाहर आते धुएं के समान हैं. \b \q1 \v 4 “परंतु मैं तब से याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं, \q2 जब से तुम मिस्र देश से निकलकर आये. \q1 तुम मेरे सिवाय किसी और को परमेश्वर करके न मानना, \q2 मेरे अलावा कोई और उद्धारकर्ता नहीं है. \q1 \v 5 मैंने उजाड़-निर्जन प्रदेश में, \q2 गर्मी से तपते देश में तुम्हारा ध्यान रखा. \q1 \v 6 जब मैंने उन्हें खाना खिलाया, तो वे संतुष्ट हुए; \q2 और जब वे संतुष्ट हो गए, तो वे घमंडी हो गए; \q2 और तब वे मुझे भूल गए. \q1 \v 7 इसलिये मैं उनके लिये एक सिंह के जैसा होऊंगा, \q2 एक चीते के समान मैं रास्ते पर उनके घात में रहूंगा. \q1 \v 8 मैं उनके लिये उस मादा भालू के समान बन जाऊंगा, जिसके बच्‍चे छीन लिये गये हैं, \q2 मैं उन पर हमला करूंगा और उन्हें फाड़ डालूंगा; \q1 एक सिंह के समान मैं उन्हें फाड़ डालूंगा, \q2 एक जंगली जानवर उन्हें फाड़कर अलग-अलग कर देगा. \b \q1 \v 9 “हे इस्राएल, तुम नाश हुए, \q2 क्योंकि तुम मेरे विरुद्ध, मेरे सहायक के विरुद्ध हो. \q1 \v 10 कहां है तुम्हारा राजा, जो तुम्हें बचाए? \q2 कहां हैं तुम्हारे सब नगरों के शासक, \q1 जिनके बारे में तुमने कहा था, \q2 ‘मुझे एक राजा और राजकुमार दो’? \q1 \v 11 इसलिये गुस्से में आकर मैंने तुम्हें एक राजा दिया, \q2 और अपने क्रोध में ही मैंने उसे तुमसे अलग कर दिया. \q1 \v 12 एफ्राईम के अपराध बहुत हो गये हैं, \q2 उसके पापों का लेखा-जोखा रखा गया है. \q1 \v 13 उसको एक स्त्री के बच्‍चे जनने की सी पीड़ा होगी, \q2 पर वह बिना बुद्धि का एक बच्चा है; \q1 जब प्रसव का समय आता है, \q2 तो उसे गर्भ से बाहर आने का ज्ञान नहीं होता. \b \q1 \v 14 “मैं इन लोगों को कब्र की शक्ति से छुटकारा दूंगा; \q2 मैं इन्हें मृत्यु से बचाऊंगा. \q1 हे मृत्यु, कहां है तुम्हारी महामारियां? \q2 हे कब्र, कहां है तुम्हारा विनाश? \b \q1 “मैं कोई करुणा नहीं करूंगा, \q2 \v 15 यद्यपि वह अपने भाइयों के बीच उन्‍नति करे. \q1 एक पूर्वी हवा याहवेह की ओर से \q2 मरुस्थल से बहेगी; \q1 उसके सोतों से पानी का फूटना बंद हो जाएगा \q2 और उसका कुंआ सूख जाएगा. \q1 उसके गोदाम में रखी \q2 सब बहुमूल्य चीज़ें लूट ली जाएंगी. \q1 \v 16 अवश्य है कि शमरिया के लोग अपने अपराध का दंड भोगें, \q2 क्योंकि उन्होंने अपने परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया है. \q1 वे तलवार से मारे जाएंगे; \q2 उनके छोटे बच्चों को भूमि पर पटक दिया जाएगा, \q2 और उनकी गर्भवती स्त्रियों के पेट फाड़ दिए जाएंगे.” \c 14 \s1 आशीष पाने के लिये पश्चात्ताप \q1 \v 1 हे इस्राएल, याहवेह अपने परमेश्वर के पास लौट आओ. \q2 तुम्हारा पाप ही तुम्हारे पतन का कारण है! \q1 \v 2 याहवेह की बातों को मानो \q2 और उसके पास लौट आओ. \q1 उससे कहो: \q2 “हमारे सब पापों को क्षमा करें, \q1 और अनुग्रहपूर्वक हमें ग्रहण करें, \q2 कि हम अपने मुंह से धन्यवाद रूपी बलि चढ़ा सकें. \q1 \v 3 अश्शूर हमारा उद्धार नहीं कर सकता; \q2 हम युद्ध के घोड़ों पर नहीं चढ़ेंगे. \q1 हम अपने हाथों से बनाये चीज़ों को \q2 फिर कभी न कहेंगे ‘हमारे ईश्वर,’ \q2 क्योंकि अनाथ को आपसे ही करुणा मिलती है.” \b \q1 \v 4 “मैं उनकी बेवफ़ाई को दूर करूंगा, \q2 और स्वछंद रूप से उन्हें प्रेम करूंगा, \q2 क्योंकि मेरा क्रोध उनके ऊपर से हट गया है. \q1 \v 5 मैं इस्राएल के लिये ओस के समान होऊंगा; \q2 वह कुमुदिनी के फूल के समान खिलेगा. \q1 लबानोन के देवदार वृक्ष के समान \q2 उसकी जड़ें नीचे दूर-दूर तक फैलेंगी; \q2 \v 6 उसके कोमल अंकुर बढ़ेंगे. \q1 उसका वैभव एक जैतून के पेड़ जैसा होगा, \q2 और उसकी सुगंध लबानोन के देवदार के समान होगी. \q1 \v 7 लोग फिर से उसकी छाया में निवास करेंगे; \q2 वे अन्‍न की तरह उन्‍नति करेंगे, \q1 वे अंगूर की लता की तरह बढ़ेंगे, \q2 इस्राएल की प्रसिद्धि लबानोन के दाखमधु की तरह होगी. \q1 \v 8 हे एफ्राईम, मूर्तियों से अब मेरा और क्या काम? \q2 मैं उसे उत्तर दूंगा और उसका ध्यान रखूंगा. \q1 मैं बढ़ते हुए सनोवर पेड़ के समान हूं; \q2 तुम्हारा फलवंत होना मेरे कारण होता है.” \b \q1 \v 9 बुद्धिमान कौन है? उन्हें इन बातों का अनुभव करने दो. \q2 समझदार कौन है? उन्हें समझने दो. \q1 याहवेह के रास्ते सही हैं; \q2 धर्मी उन पर चलते हैं, \q2 परंतु विद्रोही उन पर ठोकर खाकर गिरते हैं.