\id ROM - Gowlan \ide UTF-8 \h रोमीयो \toc3 रोमीयो \toc2 रोमीयो \toc1 रोमीयो का नाम पौलुस प्रेरित की चिठ्ठी \mt2 रोमीयो खे नाम पौलुस प्रेरित की चिठ्ठी \mt1 रोमीयो को नाम पौलुस प्रेरित की चिठ्ठी \imt पैछान \ip रोमीयो कि किताब संभव प्रेरित पौलुस का वजेसे 54-58 साल का नजीक लिखी गय या यीशु मसीह को जन्म. पौलुस ए अभी तक रोम का पास नी कर्यो थो येकालिये ओने रोम का मसीहोन खे नीर्देश देन का लिये या चिठ्ठी भेज्हु, यहूदी अरु गैरयहूदी दो. उनका से या चिठ्ठी कुरिथी शहर से लिख्यो थो झा र्हि रोथो वा टेम मे. पौलुस ने येकालिये लिख्यो क्युकि पुरा राष्ट्र यीशु मसीह पर विश्वास कर्हे अरु ओकि आज्ञा मान्हे \xt 16:26 \xt*. \ip रोमीयो कि किताब हर जगा अरु हर टेम मसीहोन का लिये एक जरुरी किताब हइ पौलुस सपा रुप से अरु पुरा रीति से समजास हइ कि यीशु मसीह का माध्यम से हमखे का पुन्य मील्हे. पौलुस भी यीशु मसीह को जरुरी हइ किताब मे श्लोक \xt 1:16\xt* हइ जो बोलस हइ, “मी सुसमाचार से लाजवाने नी हय, क्युकि यो प्रभु कि शक्ति हइ विश्वास करण वाला हर एक झन को उध्दार पहिले यहूदी का लिये फिर गैरयहूदी का लिये. रोमन को पहिलो भाग” \xt 1—12\xt* गन धार्मीक हइ अरु दुसरो भाग \xt 13—15\xt* मे मसीहोन का जिवन का लिये कोय व्यव्हारिक नीर्देश हइ. \iot रुप रेखा \io1 1. पौलुस अपनी चिठ्ठि बराबर अपनो परिचय दिखे अरु यो बतय खे सुरु करस हइ कि व्हा कोखे लिखी रोस हइ \ior 1:1-15 \ior* \io1 2. येका बद व्हा इनसान का जात कि जगा अरु यीशु मसीह का माध्यम से सभाविक मुक्ती का बारे मे लिख्योस हइ \ior 1:16—11:36 \ior* \io1 3. येका बाद पौलुस मसी जीवन का लिये कोय व्यवहारीक नीर्देश देस हइ \ior 12:1—15:13 \ior* \io1 4. व्हा रोमन का मंडली मे दुन्या खे भोत शुभकामना होन दिखे रोमनहोन ख खतम करस हइ \ior 16 \ior* \c 1 \s अभिवादन \p \v 1 पौलुस का तरप से जो यीशु मसीह को सेवक हइ, जो परमेश्वर ने प्रेरीत होन का लिये बुलायो गयो, ताकी अरु जो परमेश्वर को वु सुसमाचार का लिये अलग कऱ्यो गयो. \p \v 2 जेखे ओने पैयले ही से अपना भविष्यव्दक्ताहोन का वजेसे पवित्रशास्त्र मे लिख्यो गयो. \v 3 उ ओने अपनो बेटो हमारो प्रभु यीशु मसीह का बारे मे घोषना करी थी, वह आंग का भाव से ते दाउद को कुल से पइदा हुयो. \v 4 अरु पवित्र आत्मा का भाव से मर्यो हुयो मे से जिन्दो उठन का कारन सामर्थ का सात परमेश्वर को बेटो बोल्यो गयो हइ उ यीशु मसीह अपनो प्रभु हइ. \v 5 ओका वजेसे परमेश्वर ने हम खे अनुग्रह दियो अरु ओकी आज्ञा माननु. ताकि सभी गैरयहूदिहोन मे ओको नाम करण विश्वास कर अरु आज्ञा को पालन कर्‍हे. \v 6 येमे तुम भी शामील हुये जो रोम मे ऱ्हेवस हइ जिन के परमेश्वर ने यीशु मसीह हो का लिये बुलायो गयो हइ. \p \v 7 वे दुन्याहोन का लिये मी लिखी रोस हइ जो रोम मे परमेश्वर को प्याऱ्यो हइ अरु पवित्र होन का लिये बुलायो गयो हइ, हमारो बाप परमेश्वर अरु प्रभु यीशु मसीह का तरप से तुमखे अनुग्रह अरु शांती मीलती ऱ्हेस. \s धन्यवाद की प्रार्थना \p \v 8 पैयले मी तुम सब का लिये यीशु मसीह का वजेसे अपना परमेश्वर को धन्यवाद करुस हइ, की तुम्हारो विश्वास कि चर्चा सब जगत मे हुइ ऱ्हीस हइ. \v 9 परमेश्वर जेकी सेवा मे अपनी आत्मा से ओको बेटा को सुसमाचार का बारे मे करुस हइ, उ मरी गवाह हइ. कि मी तुमखे कोय प्रकार लगातार याद करतो ऱ्हेस हइ, \v 10 अरु नीत्य अपनी प्रार्थनाहोन मे बिनती करस हुये कि कोय रिती से अब तुम्हारा पास आनवाला की मरी जत्रा परमेश्वर कि इच्छा से सफल हुये. \v 11 क्युकि मी तुम खे देखन कि भोत इच्छा रखुस हइ ताकी तुम खे आत्मीक शाक्ति बाटी सकु की मी तुम खे जेकासे तुम खे आत्मीक शाक्ति मीले. \v 12 मनजे यो, कि जब मी तुमारा बिच मे हुइ खे तुमारा सात विश्वास का वजेसे जो मरा मे अरु तरा मे हइ, एक दुसरा कि मदत कर. \p \v 13 हे भैइहोन अरु बयहोन, मी बार-बार तुम्हारा पास आनो चउस, कि जसो मेके गैरयहूदिहोन मे नवो विश्वासी को फल मीले, असो हि तुम मे भी मील्हे, पन अब तक रोख्यो गयो. \v 14 मी सब दुन्याहोन को कर्जदार हइ यूनानीहोन को अरु गैरयहूदीया को अरु बुध्दीमान अरु नीर्बुध्दीहोन को कर्जदार हुये. \v 15 आखरी मे तुम खे भी जो रोम नगर मे र्हेस हुये खे सुसमाचार सुनान भोत उत्साह से तैयार हइ. \s सुसमाचार की सामर्थ्य \p \v 16 क्युकि मी सुसमाचार से नी सरमु येका लिये कि उ हर एक विश्वास करणवाला का लिये पैयले तो यहूदीया फिर यूनानी का लिये क्युकी यो सब का लिये उध्दार लानवालो परमेश्वर कि सामर्थ्य हइ. \v 17 क्युकि सुसमाचार यो प्रगट करस हइ कि परमेश्वर इन्सान खे अपना प्रती सही कसो बनास हइ यो पैयले से आखरी तक विश्वास का वजेसे से ही हइ. जसो कि शास्त्र मे लिख्यो हइ विश्वास से न्यायी इन्सान जिन्दो ऱ्हीहे. \s इन्सान जात को पाप \p \v 18 परमेश्वर की घुस्सा ते वे दुन्याहोन को पाप अरु बुराइ पर स्वर्ग से प्रगट होस हइ, जो सत्य को बुराइ से दबय रखस हइ. \v 19 येका लिये कि परमेश्वर का बारे मे ज्ञान ओका मन मे प्रगट हइ, क्युकी परमेश्वर ने ओका पर प्रगट कऱ्यो हइ. \v 20 जब से परमेश्वर ने जगत कि रचना करी तब से ओका उद्देश्य विशेशता, मनजे शक्ति अरु ओकि दाइत्व स्वभाव ये दो पुरी रिती से साफ देखायो देस हइ वे उ चिजहोन खे जो परमेश्वर ने रची हइ या फिर उ जानस हइ ते यो फिर येका लिये वे दुन्याहोन का पास कोय बहानो नी हइ. \v 21 यो करण कि परमेश्वर खे जाना पर भी ओने परमेश्वर को महत्व बडायो अरु धन्यवाद नी कऱ्यो पन व्यर्थ बिचार करण लग्या, यो तक कि वे दिमाक मन अधारो हुये गयो. \v 22 वे अपना आप खे दिमाकवान समजी खे बदमास बनी गयो. \v 23 अरु अविनाशी परमेश्वर कि महिमा खे नासमन इनसान अरु पक्षिहोन, अरु चारपाय, अरु लोडनआला जन्तुहोन की चित्र का जसासे मे बदली डाल्यो. \p \v 24 येका लिये परमेश्वर ने उनने उनकी मन की वासना का जसो दुराचरण को शिकार होन दियो अरु वे एक दुसरा को आंग के अपवित्र करस हइ. \v 25 क्युकि उनने परमेश्वर कि सच्चाइ के बदलिके झुटो बन्य दियो, अरु बनायो हुयो चिजहोन कि भक्ति अरु सेवा खे, पन उ बनानवाला कि भक्ति नी करी जो युगानु सृष्टी कि उपासना अरु परमेश्वर का बजाये सुष्टि करी खे जेखे परमेश्वर ने बनायो हइ सुजनहार को जो हमेशा धन्य हइ. आमीन. \p \v 26 येका लिये परमेश्वर ने वुनखे नीच कामनाहोन का वस मे छोडी दियो. तक की ओकी बयहोन ने भी बरोबर व्यवहार खे, वोको जो स्वभाव का विरुध्द हइ, बदली डाल्यो. \v 27 वोसो ही इन्सान भी बयहोन का सात स्वभाविक व्यवहार छोडी खे आपस मे कामातुर हुइ खे जलन लग्या, अरु इन्सान ने इन्सान का साथ नीर्लज काम करी खे अपनो भ्रम को बरोबर फल मील्हे. \p \v 28 जब वुनने परमेश्वर खे पचानो नी चायो, ते परमेश्वर भी वुन वोखे बुरा मन पर छोडी दियो. कि वे अच्छो काम कऱ्हे. \v 29 येका लिये वे सब रगेरंग को अधर्म खे अरु बुरी, अरु लोभी, अरु दुजाभाव से भरी गयो. अरु डाह, अरु मारीडाल, अरु वाद विवाद, अरु छल, अरु इष्यो से भरपुर हुय गयो, अरु चुगली खोर. \v 30 बदनाम करणवालो, परमेश्वर को बैरी, दुष्ट घमण्डी, अरु डीग मारन आला दुन्या हइ, वे बुराइ करणा मे चतुर हइ, माय बाप की आज्ञा नी माने. \v 31 बिनाबुध्दी, विश्वासघात, मायारहित अरु नीर्दय हुय गयो. \v 32 वे तो परमेश्वर कि या विधी जानस हइ, कि असो असो काम करणवालो मृत्यु को दण्ड का योग्य हइ, तेभी नी फक्त आप ही असो काम करस हइ, जब करणवाला से प्रसन्न भी होस हइ. \c 2 \s परमेश्वर को न्याय \p \v 1 जो तुम दुसरा पर इलजाम लगानआलो, तु कोय क्यु नी हुये. तु अधिकार करस हइ, क्युकि जो बात मे तु दुसरा पर इलजाम लगास हइ, वा बात मी अपना तुमखे भी दोषी ठैरास हइ येकालिये की तु जो इलजाम लगास हइ खुद ही वह का करस हइ. \v 2 हम जानस हइ, कि असो असो काम करणवाले पर परमेश्वर का तरप‍ से बरोबर दण्ड दराड कि आज्ञा होस हइ. \v 3 पन हे इन्सान तु जो असो असो काम करणवाला पर इलजाम लगास हइ, अरु आप उ काम करस हइ. का यो समझस हइ, की तू परमेश्वर का दण्ड से बची जाये. \v 4 का तु वोकी कृपा अरु सहनशीलता, अरु धिरजरुपी धन खे तुच्छ जानस हइ? का यो नी समझस की परमेश्वर कि कृपा मेखे मन फिराव का सीकास हइ. \v 5 पन तु अपनी हठिला मन का कारण उ दिन जब परमेश्वर की घुस्सा अरु सच्चो न्याय प्रगट हुये, अपना लिये दण्ड तैयार करी रोस हइ. \v 6 परमेश्वर अपना हर एक खे ओका काम का अनुसार फल दीये. \v 7 जो दुन्या सुकर्म मे लग्या ऱ्ही खे महिमा, अरु आदर, अरु अमरता खे ढुंड ना मे हइ, उनखे परमेश्वर अनन्त जिवन दिये. \v 8 पन जो स्वार्थी हइ, अरु सच्चाइ का नकारस हइ फिर बुरोकाम करी सखे असा दुन्याहोन पर परमेश्वर अपनी घुस्सा अरु प्रकोप गिरास हइ. \v 9 अरु डर अरु संकट हर एक दुन्याहोन का जान पर जो बुरो करस हइ, ओका पर आह्ये, पैयले यहूदी पर फिर यूनानी पर. \v 10 पर महिमा अरु इज्जत अरु कल्याण हर एक खे मील्हे, जो अच्छो करस हइ, पैयले यहूदी खे फिर यूनानी खे. \v 11 क्युकि परमेश्वर बिना पक्षपात कि सब को न्याय करस हइ. \p \v 12 येकालिये जेने बिना व्यवस्था पास पाप कऱ्यो, वे बिना व्यवस्था को खतना भी हुये. अरु जेने व्यवस्था पइके पाप कऱ्यो, ओको दण्ड व्यवस्था का अनुसार हुये. \v 13 क्युकि परमेश्वर का यो व्यवस्था का सुननवाला धर्मी नी, पन व्यवस्था पर चलनआला धर्मी रुखी जाह्‍ये. \v 14 फिर जब गैरयहूदीहोन दुन्या का पास व्यवस्था नी हइ, पन फिर भी वे अपना आप मे व्यवस्था पर चलस हइ, यो वजा से उ अपना आप मे व्यवस्था फिर भी उनका पास मूसा कि व्यवस्था नी हइ. \v 15 उनको चाल चलन देखस हइ की व्यवस्था उनका दिल मे लीखी गइ हुइ अरु उनको विवेक भी उनखे बोलस हइ, कि यो सही हइ अरु येखे लिखे उनको बिचार उनखे अपराधी अरु नीरदोष समझस हइ \v 16 उ दिन परमेश्वर जो मे ने प्रचार कऱ्यो हुयो सुसमाचार का अनुसार यीशु मसीह का वजेसे इन्सान न्याय की गुप्त बात को न्‍याय कऱ्हे. \s यहूदी अरु व्यवस्था \p \v 17 अगर तुम अपने आप खे यहूदी बोलस हइ, अरु व्यवस्था पर भरोसो रखस हइ, अरु अपना परमेश्वर को तोखे घमण्ड हइ, \v 18 अरु तोखे पतो हइ परमेश्वर तरा से का करणो चास हइ अरु अच्छी बात खे सुननो तुमने समज्हे नीयम शास्त्र से सिख्यो हइ. \v 19 अरु अपना आप पर भरोसो रखस हइ कि मी अंधाहोन को अगुवो, अरु अंधारा मे गिऱ्यो हुयो कि उजालो हइ, \v 20 अरु बदडिमाक खे सिखान आलो अरु भला दुन्या को मास्तर हइ. अरु तू नीश्चित हइ की जो व्यवस्था तरा पास हइ, ओमे पुरो सत्य अरु ज्ञान को समावेश हइ. \v 21 आखरी का तु जो दुसरा खे सिकास हइ, अपना आप का लिये लागु नी करस? का तु चोरी नी करण की शिक्षा देस हइ, आप ही चोरी करस हइ? \v 22 तू जो बोलस हइ, “व्यभिचार नी करणु,” का आप ही व्यभिचार करस हइ? तू जो मूर्ती से घृणा करस हइ, का तुम ही मन्दिरहोन खे लुटस हइ? \v 23 तुम जो परमेश्वर कि व्यवस्था का बारे मे घमण्ड करस हइ, का वा व्यवस्था नी मानीखे परमेश्वर को अनादर करस हइ? \v 24 क्युकि तुमारा कारन गैरयहूदीहोन मे परमेश्वर का नाम कि नीन्दा करी जास हइ, जसो शास्त्र मे भी लिख्यो हइ. \p \v 25 अगर तु व्यवस्था को पालन करस ते खतना से लाभ हइ, पन अगर तु व्यवस्था के अलग करस हइ ते तरो खतनो बिन खतना को जसो रुखे. \v 26 अरु अगर गैरयहूदीहोन जेको खतनो नी हुयो हइ फिर भी व्यवस्था को पालन करस हइ, ते का ओकी खतना रहित होन को भी खतना नी गिन्यो जाये? \v 27 अरु आप यहूदीहोन खे गैरयहूदीहोन का वजेसे दोषी ठैरायो जास जब की तुमारा पास लिखी हूइ व्यवस्था अरु खतना हुयो हइ, पन गैरयहूदीहोन व्यस्था को पालन करस हइ जब की उनका आंग का रुप से खतना नी हुयो हइ? \v 28 एक सच्च्चो यहूदी कोन हइ जेको वास्तव मे खतनो हुयो हइ उ कोन हइ, सच्चो यहूदी उ नी, जो फक्त बाहरी रुप से यहूदी हइ जेको खतना सिर्फ आंग मे हइ. \v 29 पन सच्चो यहूदी उ हइ जो अंदर से यहूदी हइ. जेको दिल से खतना हुयो हइ अरु ये परमेश्वर का आत्मा को काम हइ नी की लिखीत व्ययस्था को, असो इन्सान परमेश्वर का तरप से प्रशसा पाये नी की इन्सान का तरप से. \c 3 \p \v 1 येकालिये गैरयहूदी का सामने तुमारो यहूदी होन को का फायदो अरु तुमारा खतना को का लाभ हुये? \v 2 हर प्रकार से भोत लाभ हइ. पैयले तो यो की परमेश्वर को वचन यहूदीहोन खे दियो गयो \v 3 अगर कुछ यहूदी विश्वास घाती नीकल्या भी ते का हुयो? का उनको विश्वास घाती होना से परमेश्वर कि सच्ची व्यर्थ रखस? \v 4 अगर नी! जब परमेश्वर सच्चीइ अरु हर एक इंन्सान झुटो हुइ सकस हइ, \q1 जसो शास्त्र मे लिख्यो हइ “जब तु खुद खे बचाना मे बोले ते तु सही ठैरे \q2 अरु जब तरो न्याय हुये न्याय करण टेम तू जिती पाये.” \p \v 5 येकालिये अगर हमारो गलत काम परमेश्वर कि अधर्म रखी देस हइ, का हम बोली सकस हइ? की जब परमेश्वर हमखे सजा करस हइ ते का उ गलत करस हइ ते मी इंन्सान कि रीति पर बोलस हुये. \v 6 अगर नी! नी ते परमेश्वर कसो संसार का न्याय करस? \p \v 7 अगर मरो झुठ का कारन परमेश्वर कि सच्ची ओकि महिमा का लिये, अधिक करि खे प्रगट हुयो ते फिर का पापी दुन्याहोन का सामने सजा का योग्य रख्यो जास हुये? \v 8 हम का बुराइ नी कर्हे की “भलाइ निकलस जसो हम पर यो दोष लगास भी जास हइ?” अरु कुछ बोलस हइ कि ओको यो बोलनो हइ. पन असो का दोषी रखस ठीक हइ. \s कोय धर्मी नी \p \v 9 ते फिर का हुयो? का हम यहूदीहोन मे से अच्छो हइ कभी नी. किक्यु हम यहूदीयाहोन अरु यूनानीहोन दोय पर यो दोष लगय चुक्या हइ कि वे सब का सब पाप का काबु मे हइ. \v 10 जसो पवित्रशास्त्र मे लिख्यो हइ: \q1 “कोय भी धर्मी नीका एक भी नी. \q2 \v 11 कोय समझदार नी. \q2 कोय परमेश्वर का धुडनआलो नी. \q1 \v 12 सब गमी गया हइ \q2 का सब का सब नीकम्मा बनी गया हइ. \q2 कोय भलाइ करणवाला नी एक भी नी. \q1 \v 13 उनको गंलो खुली हुइ कब्र हइ, \q2 उनने अपनी जीभ से छल कऱ्यो हइ \q2 उनका होट मे साप को जहर हइ. \q2 \v 14 उनको मुडो श्राप अरु कडुपन से भऱ्यो हइ. \q1 \v 15 ओको पाय खुन बोहान को फुर्तीलो हइ, \q2 \v 16 उनका रस्ता मे नाश अरु दुख हइ, \q1 \v 17 ओने शांती की रस्ता नी जान्यो. \q2 \v 18 ओका आख का सामने परमेश्वर को डर नी.” \p \v 19 हम जानस हइ कि व्यवस्था जो कुछ बोलस हइ उन से बोलस हइ, जो व्यवस्था को अधीन हइ येकालिये कि हर एक मुडो बंद कऱ्यो जास अरु सब संसार परमेश्वर का न्याय का योग्य रुखस \v 20 क्युकी व्यवस्था का काम से कोय इन्सान ओका सामने धर्मी नी रुखे, येकालिये कि व्यवस्था का वजेसे पाप की पहचान होस हइ. \s भरोसा का वजेसे धर्मीकता \p \v 21 पन अब व्यवस्था से अलग परमेश्वर को उ धर्मीकता प्रगट हुयो हइ, जेकी गवय मूसा की व्यवस्था से अलग हइ अरु भविष्यव्दक्ता देस हइ, \v 22 अगर परमेश्वर कि वा धर्मीकता जो यीशु मसीह पर विश्वास करणा से मीलस हइ सब विश्वास करणआलो का लिये हइ. क्युकी कुछ भेदभाव नी. \v 23 येकालिये कि सब ने पाप कऱ्यो हइ अरु परमेश्वर कि महिमा से ऱ्हेस हइ, \v 24 पन ओका अनुग्रह से उ छुटकारा का वजेसे जो मसीह यीशु मे सब का सब हइ, मुक्त धर्मी रख्यो जास हइ \v 25 यीशु खे परमेश्वर ने ओका खुन का वजेसे एक असो प्राचित बली रख्यो, जो विश्वास करणा से कार्य कारी होस हइ, की जो पाप पैयले कऱ्यो गयो अरु जेका पर परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता का कारन जगा नी दियो. ओका बारे मे वो अपनी धर्मीकता प्रगट करस. \v 26 वरन वोको टेम मे ओकी धर्मीकता प्रगट होस जेका से परमेश्वर आप ही धर्मी रख्यो, अरु जो यीशु पर विश्वास कर ओका भी धर्मी रख्यनआलो होस. \p \v 27 तरे घमण्ड करनो बोल्यो ऱ्हेस ओकी तो जगत ही नी. कोनसी व्यवस्था का कारन से? का काम की व्यवस्था से? नी वरन विश्वास की व्यवस्था का कारन. \v 28 येकालिये हम यो परिणाम पर पोचस हइ कि इंन्सान व्यवस्था का काम से अलग ही, विश्वास का वजेसे धर्मी रखस हइ. \v 29 का परमेश्वर फक्त गैरयहूदीहोन हि को हइ? का यहूदीहोन को नी? हा सब जात को भी हइ. \v 30 किक्यु एक ही परमेश्वर हइ, जो खतना आला का विश्वास से अरु खतनो कऱ्हेस खे भी विश्वास का वजेसे रखस. \v 31 ते का हम व्यवस्था को विश्वास का वजेसे व्यर्थ रखस हइ? अगर नी! वरन व्यवस्था का स्थिर करस हइ. \c 4 \s अब्राहम को उदाहरण \p \v 1 येका लिये हम का बोले हमारो आंग बाप अब्राहम खे मील्हे हुयो? \v 2 किक्यु अगर अब्राहम काम से धर्मी ठैरायो जास ते ओको घमण्ड करस की जगा होस, पन परमेश्वर का बाहेर नी. \v 3 पवित्रशास्त्र का बोलस हइ? यो की “अब्राहम ने परमेश्वर पर विश्वास कऱ्यो, अरु यो ओका लिये धार्मीकता गिन्यो गयो.” \v 4 काम करणवालो की मजुरी देनो दान नी, पन हक्क समझ जास हइ. \v 5 पन जो काम नी करस जब भक्तिहीन खे धर्मी रखन आलो पर विश्वास करस हइ, ओको विश्वास ओका लिये धार्मीकता गिन्यो जास हइ. \v 6 जेखे परमेश्वर बिना काम को धर्मी रखस हइ, ओखे खाना पर भी दाउद धन्य करस हइ \q1 \v 7 “धन्य हइ वे जेको अधर्म माफ हुयो, \q2 अरु जेको पाप झाक्यो गयो. \q1 \v 8 धन्य हइ उ इन्सान जेखे परमेश्वर पापी नी ठहराये.” \p \v 9 ते यो धन्य वचन का खतनवालो ही का लिये हइ यो खतना रहीत का लिये भी? हम यो बोलस हइ, “अब्राहम का लिये ओको विश्वास धार्मीकता गिन्यो गयो.” \v 10 ते वो कसो गिन्यो गयो? खतना का भाग मे या बिना खतना का भाग मे? खतम का भाग मे नी पन बिना खतना का भाग मे. \v 11 ओने खतना को चिन्ह पाय को उ विश्वास को धार्मीकता प्राप्त हुयो जास जो ओने बिन खतना को भाग मे रख्यो थो, जेका से वो उ सब को बाप रख्यो जो बिन खतना को भाग मे विश्वास करस हइ ताकी वे भी धर्मी रख्यो: \v 12 अरु उ खतना करणु हुया को बाप हुये जो न कम खतना कऱ्यो हुयो हइ, पन हमारो बाप अब्राहम खे उ विश्वास क लिख पर भी चलास हइ जो ओने बिन खतना को भाग मे कऱ्यो थो. \s भरोसो का वजेसे प्रतीज्ञा को मीलनो \p \v 13 क्युकी यो प्रतीज्ञा करी वो जगत को बेटो हुयो नी अब्राहम को नी ओको वस की व्यवस्था का वजेसे दी गयो थो, पन विश्वास कि धार्मीकता का वजेसे मीलस. \v 14 क्युकी अगर व्यवस्थावालो वारिस हइ, ते विश्वास व्यर्थ अरु प्रतीज्ञा नीष्फल रख. \v 15 व्यवस्था ते घुस्सा सबजात हइ, अरु झा व्यवस्था नी वहा ओका उल्लंघन भी नी. \p \v 16 वो कारन प्रतीज्ञा विश्वास पर आधारीत हइ की अनुग्रह की रित पर होस, की वह ओका सब कुल का लिये दृढ हुये, नी की फक्त ओका लिये जो व्यवस्थावालो हइ जब ओका लिये भी जो अब्राहम का सामने हइ. वु तो हम सब को बाप हइ, \v 17 जसो लिख्यो हइ, “मे ने तो भोत सा जातहोन को बाप रख्यो हइ” उ परमेश्वर का सामने जेको पर ओने विश्वास कऱ्यो, अरु जो मऱ्यो हुयो, जिलास हइ अरु जो बात हइ हि नी ओको नाम असो लेस हइ की मान वे हइ. \v 18 ओने नीरास मे भी आस रखी खे विश्वास कऱ्यो, येका लिये कि उ वचन का जसो की “तरो कुल असो हुये कि” वे भोत सी जातहोन को बाप होस. \v 19 वो जो एक सौ साल को थो, अपनो मऱ्यो हुया से आंग अरु सारा का गर्भ पर मरी हुइ कि भाग जानीखे भी विश्वास मे नीर्बल नी हुयो, \v 20 अरु न अविश्वासी हुइखे परमेश्वर कि प्रतीज्ञा पर सदेस कऱ्यो, पर विश्वास मे दृढ हुइ, परमेश्वर की महिमा करी. \v 21 अरु नीश्चय जास की जो बात कि ओने प्रतीज्ञा करी हइ, उ ओ पुरो करण मे भी समर्थ खे हइ. \v 22 यो कारन यो ओका लिये धार्मीकता गिन्यो गयो. \v 23 अरु यो वचन, “विश्वास ओका लिये लिख्यो गयो,” नी फक्त ओका लिये लिख्यो गयो, \v 24 जब हमारा लिये भी जेका लिये विश्वास धार्मीकता गिन्यो जाए, अगर हमारा लिये जो ओका पर विश्वास करस हइ जेने हमारा प्रभु यीशु खे माऱ्या हुये मे से जिन्दो कऱ्यो. \v 25 उ हमारो अपराधहोन क लिये पकडनवालो गयो अरु हमारो धर्मी रुखन का लिये जिन्दो भी गयो. \c 5 \s परमेश्वर से मेल-मीलाप \p \v 1 अब जो हम अपना विश्वास करण परमेश्वर का सामने धर्मी हुइ गया हइ हमारो प्रभु यीशु मसीह का वजेसे हम खे शांती मीली हइ , \v 2 अरु अब ओका वजेसे विश्वास करण हम परमेश्वर का अनुग्रह मे जिवन जीस हइ, अरु हम खे परमेश्वर कि महीमा का वजेसे भागीदारी हूइ हइ. \v 3 येतनो ही नी हम हमारी विपत्तिहोन पर भी घमण्ड करस हइ क्युकी हम खे मालुम हइ की हमारी विपत्ति धीरज खे पइदा करस हइ, \v 4 अरु धीरज से परख नो हुयो चरीत्र बन्यो हइ अरु परख्यो हुयो चरीत्र से आस पइदा होस हइ. \v 5 अरु आस से लाज नी होस, क्युकी पवित्र आत्मा जो हमखे दि गय हइ ओका वजेसे परमेश्वर को लाड हमारो मन मे डाल्यो गयो हइ. \p \v 6 क्युकी जब हम आशाहिन था ते उचित टेम पर हम भक्तिहीन का लिये मसीह ने अपनो बलिदान दियो. \v 7 कोय धर्मी जान का लिये कोय मऱ्यो, यो ते दुर्लब हइ. पन हुइ सकस हइ कोय अच्छो इन्सान का लिये कोय मरन को भी साहस कर. \v 8 पन परमेश्वर हम पर अपनो लाड की अच्छो वोकी रित से प्रगट करस हइ, जब हम पापी हि था तेभी मसीह हमारा लिये मऱ्यो. \v 9 ते जब कि हम अब ओका खुन का कारन धर्मी रख्या, तो ओका वजेसे परमेश्वर को घुस्सा से नी बच्यो जाये! \v 10 जब हम परमेश्वर का दुशमन था आ को मरना का वजेसे हमारा सात मेल मीलाप कऱ्यो अरु जब हम परमेश्वर को बेटो हइ ते उ मसीह को जिवन का वजेसे भोत जादा हमारो उध्दार करस \v 11 फक्त यो नी, पन हम अपनो प्रभु यीशु मसीह का वजेसे, जेका वजेसे हमारो परमेश्वर का सात मेल-मीलाप हुयो हइ. \s आदम का वजेसे मरन मसीह का वजेसे जिवन \p \v 12 येका लिये जसो एक इन्सान का वजेसे पाप जगत मे आयो, अरु पाप का वजेसे मऱ्यो आयो,अरु येका रीति से मऱ्यो सब इन्सान मे फैली गयो, क्युकी सब ने पाप कऱ्यो. \v 13 क्युकी व्यवस्था आना से पैयले पाप थो जाना तक जगत मे थो, पन झा व्यवस्था नी उ पाप गिन्यो नी जास. \v 14 पन आदम से लिखे मूसा ने वे दुन्या पर राज्य कऱ्यो, फिर भी वे दुन्याहोन ने आदम जसो आज्ञा तोडन को मरन पाप नी कऱ्यो थो जेने आदम को आनवाला को नमुनो नी ठैरायो हइ. \v 15 अरु परमेश्वर को वरदान अरु एक इन्सान को पाप ये दो यीशु मसीह मे फरक हइ, फिर एक पापकरण दोष को कारन सब दुन्या मऱ्या; पन यो इच्छा से बोल्यो जादा महान हइ परमेश्वर कि अनुग्रह पन को न्याय आस एक का वजेसे भोत मीली. \v 16 अरु परमेश्वर जसो एक इन्सान को पाप करण को फल हुयो वोसो हि दान को भोग नी, क्युकी एक ही कारन दण्ड की आज्ञा को फैसलो हुयो, पन भोत सा अपराधी का कारन असो वरदान पइदा हुयो कि दुन्या धर्मी रख्खा. \v 17 क्युकी जब एक इन्सान का अपराध का कारन मऱ्यो उ एक ही का वजेसे राज्य कऱ्यो, ते जो दुन्या अनुग्रह अरु धर्मी रुपी वरदान भोतायत से पास हइ वे एक इन्सान खे अगर यीशु मसीह का वजेसे जरुरी हइ अनन्त जिवन मे राज कऱ्यु. \v 18 येका लिये जसो एक अपराध सब दुन्या का लिये दण्ड कि आज्ञा कारन हुयो ओसो हि एक धर्मीकता को काम भी सब इन्सान का लिये जिवन खे नीमीत धर्मी रख्यो जान का कारन हुयो. \v 19 क्युकी जसो एक इन्सान का आज्ञा न मारना से भोत दुन्या पापी रखस, उ कारण सब दुन्या धर्मी रुख्या. \v 20 व्यवस्था को परिचित येका लिये हुया कि अपराध बडो हुयो पन झा पाप भोत हुया वहा परमेश्वर को अनुग्रह भी अधिक हुया, \v 21 कि जसो पाप ने मऱ्यो फैलास हइ राज कऱ्यो, वोसो हि हमारो प्रभु यीशु मसीह का वजेसे अनुग्रह भी अनन्त जिवन का लिये धर्मी रखस हुये राज कर. \c 6 \s पाप का लिये मऱ्यो-मसीह मे जिन्दो \p \v 1 ते हम अब का बोले? का हम लगातार पाप करस ऱ्हेस की परमेश्वर को अनुग्रह भोत होस? \v 2 अगर नी! हम जब पाप का लिये मरी गया ते फिर येका आगे को ओमे कसो जिवन बिताये? \v 3 का तुम नी जानस की हम सब जेने मसीह यीशु मे बपतिस्मा लियो, ओका मरन का एकता मे बपतिस्मा लियो. \v 4 येकालिये उ मरन को बपतिस्मा पाना से हम ओका साथ गाड्यो गयो, ताकी जसो मसीह बाप की महिमा का शक्ति का वजेसे मऱ्यो हुयो मे से जिन्दो हुय गयो, वसो हि हम भी नव्या जिवन से चाल चले. \p \v 5 क्युकी अगर हम ओको मरन कि समानता मे ओका साथ जुडि गयो हइ, ते नीश्चय ओको जिन्दो उठस को समानता मे भी जुडि जाए. \v 6 हम जानस हइ की हमारो पुरानो इंन्सान ओका साथ क्रुस पर चेडायो गयो तेभी पाप को आंग व्यर्थ हुइ जास, अरु हम आगे का पाप का दास मे नी ऱ्हेस. \v 7 क्युकी जो मरी गयो, उ पाप का बन्धन से मुक्त हुइ गो. \v 8 येकालिये यो हम मसीह का साथ मरी गया, ते हमारो विश्वास यो हइ कि ओका साथ जिये भी. \v 9 क्युकी यो जानस हइ की मसीह मऱ्यो हुये मे से जिन्दो उठि खे फिर मरन को नी, ओका पर फिर मरन को प्रभु नी होन को. \v 10 क्युकी उ जो मरी गयो ते पाप का लिये एक ही बार मरी गयो. पन जो जिन्दो हइ ते परमेश्वर का लिये जिन्दो हइ. \v 11 यो प्रकार तुम भी समझ कि तुम पाप का लिये मरी चुक्या हइ, पन प्रभु मसीह यीशु मे जिन्दो हुये. \p \v 12 येकालिये पाप तुमारो नश्वर आंग मे राज नी करस, की तु ओकी इच्छाहोन का अधीन ऱ्हेस. \v 13 अपनो आंग का आंग खे अधर्म कि सेवा का लिये पाप का हवाले करणू, बल्की मऱ्यो हुयो मे से जी उठन आला का जसो परमेश्वर का हवाले करी दे, अरु अपना आंग खे धर्मीकता कि सेवा का साधन का रुप मे परमेश्वर का हवाले करी दे. \v 14 तब तुम पर पाप की प्रभुता नी हुये, क्युकी तु व्यवस्था का अधीन नी पन परमेश्वर को अनुग्रह का अधीन हुये. \s धर्मीकता को सेवक \p \v 15 ते का हुयो? का हम पाप कर्‍हे क्युकी हम व्यवस्था का अधीन नी बल्की परमेश्वर का अधीन जीत्या हइ? अनुग्रह ही नी! \v 16 का तु नी जानस कि जेकी आज्ञा मानन का लिये तु अपना आप खे सेवक का सामने सोपि देता हुये ओको सेवक हुये चाह्ये पाप का, जेको अन्त मरन हइ चाह्ये, आज्ञा मानन खे जेको अन्त न्यायपन हइ? \v 17 पन परमेश्वर को धन्यवाद हुइ खे तु जो पाप को सेवक थो अब मन से उ उपदेश खे माननआलो हुये गयो, जेखे साच मे डाल्यो गयो थो, \v 18 अरु पाप से छुडय जानीखे धर्म को सेवक हुये गयो. \v 19 मी तुमारो उदाहरण दुर्बलता का कारन इंन्सान की रित पर बोलस हइ. जसो तु अपनो आंग खे कुकर्म का लिये अच्छो अरु बुरो काम को सेवक करि खे सोप्यो थो, असो हि अब अपनो आंग का पवित्र का लिये धर्म को दास करी खे सोपी दे. \p \v 20 जब तु पाप को सेवक थो, ते धर्म का तरप से स्वतंत्रत थो \v 21 जो बात से अब तु लज्जित होस हइ, ओने उ टेम तु का फल पातो थो? क्युकी ओका आखरी तो मरन हइ. \v 22 पन अब पाप से स्वतंत्रता हुइ खे अरु परमेश्वर को सेवक बनीखे ते का फल मील्यो जेकासे पवित्रता मील्हे होस हइ, अरु ओको आखरी जिवन हइ. \v 23 क्युकी पाप की मजुरी मरनो हइ, पन परमेश्वर को वरदान हमारो प्रभु मसीह यीशु मे आखरी जिवन हइ. \c 7 \s सादीसुदा जिवन को दृष्‍टान्‍त \p \v 1 हे भैइ, तु नी जानस-मी व्यवस्था को जाननवालो से बोलस हुये-कि जब तक इन्सान जिन्दो ऱ्हेस हइ, तब तक ही ओका पर व्यवस्था को अधिकार ऱ्हेस हइ? \v 2 क्युकी उदाहरन का लिये एक सादीसुदा बय अपना अदमी का सात व्यवस्था का जसो तब तक बंधी हइ जब तक उ जिन्दो हइ पन अगर अदमी मरी जास हइ ते वा सादी सबधी व्यवस्था से मेत हुइ जास हइ. \v 3 येका लिये अगर अदमी का जिते जि वा कोय दुसरा अदमी कि हुये जाए, ते व्यभिचारिणी बोलस, पन अगर अदमी मरी जाए, ते वा उ व्यवस्था से छुटी गइ, यो तक की अगर कोइ दुसरो अदमी हुइ जाये तेभी व्यभिचारिणी नी रखस. \v 4 ओसो ही हे मरा भैइ, तु भी मसीह का आंग का वजेसे व्यवस्था का लिये मरो हुयो बनी गयो, की उ दुसरो हुइ जाए, जो मऱ्यो हुयो मे से जिन्दो उठ्यो ताकी हम परमेश्वर का लिये फल लाए. \v 5 क्युकी जब हम शारीरिक था, ते पाप की लालसाहोन जो व्यवस्था का वजेसे थी काम को फल उत्पन्न करण का लिये हमारो आंग मे काम करती थी. \v 6 पन जेका बन्धन मे हम था ओका लिये मरी क अब व्यवस्था से असो छुटी गयो की लेख की पुरानी रीति पर नी जब आत्मा की नवी रीति पर सेवा करस हइ. \s व्यवस्था अरु नीयम शास्त्र \p \v 7 ते हम का बोले? का व्यवस्था पाप हइ? कभी नी! पन व्यवस्था का बिना मी पाप खे नी पचानू व्यवस्था अगर नी बोलस कि का लालसा मत कर ते मी लालच खे नी जानुस. \v 8 पन पाप ने अवसर पालस आज्ञा का वजेसे मरा मे सब प्रकार की लालच उत्पन्न कऱ्यो, क्युकी बिन व्यवस्था पाप मुर्दो हइ. \v 9 मे तो व्यवस्था बिन पैयले जिन्दो थो, पन जब आज्ञा आह्ये ते पाप जी गयो, अरु मी मरी गयो. \v 10 अरु वो आज्ञा जो जिवन का लिये थो मरा लिये मरन को कारन रख्यो. \v 11 क्युकि पाप ने अवसर लिखे आज्ञा का वजेसे मेखे बहकायो अरु ओका वजेसे मेखे मरी भी डाल्यो \p \v 12 येका लिये व्यवस्था पवित्र हइ अरु आज्ञा भी अच्छी हइ अरु अच्छी हइ.\f + \fr 7:12 \fr*\ft पुराने ने उ वचन नी मीलता हइ\ft*\f* \v 13 ते का उ जो अच्छो थो मरा लिये मरन रख्यो? अगर नी! पन पाप उ अच्छा चिज का वजेसे मरा लिये मरन को उत्पन्न करणवालो हुयो की ओको पाप होना पर प्रगट हुये अरु आज्ञा का वजेसे पाप भोत हि पापमय रख्यो. \s हमारा अंदर वाद विवाद \p \v 14 हम जानस हइ कि व्यवस्था ते आत्मीक हइ, पन मी आंग का अरु पाप का हात बिक्यो हुयो हइ. \v 15 जो मी नी करस हुये ओखे नी जानस क्युकी जो मी चास हूये वो नी कऱ्यो करस, पन जेका से मेखे घुसा आस हइ उ करस हुये. \v 16 अगर जो मी नी चाउस वो करस हइ ते मी मानी लीयुस हुये की व्यवस्था भली हइ. \v 17 ते असो भाग मे ओको करणवालो मी नी, जब पाप हइ जो मेखे बट्यो हुयो हइ. \v 18 क्युकी मी जानस हूये की मेखे मी अगर मरो आंग मे कोय अच्छो चिज वास नी करस. इच्छा ते मरा मे हइ, पन अच्छो काम मरा से बनी नी पडस. \v 19 क्युकी जो अच्छो काम की मी इच्छा करस हुये खे वो ते नी करस, पन जो बोल की इच्छा नी करस, उ ही कऱ्यो करस हइ. \v 20 अत अगर मी वो करस हुये जेकी इच्छा नी करस, ते ओका करणवालो मी नी ऱ्हु पन पाप जो मरा मे बट्यो हुयो हइ. \p \v 21 ते मी यो नीयम बोलुस हइ की जब बुरो करण की मी इच्छा करस हुये ते बुरो मरा पास आस हइ. \v 22 क्युकी मी अंदर कि आत्मा से ते परमेश्वर कि व्यवस्था से भोत प्रसन्न ऱ्हेस हइ. \v 23 पन मरा अपना आंग मे दुसरा प्रकार की व्यवस्था देखनु पडस हइ, जो मरी दिमाक की नीयम से लडतो करस हइ अरु मेखे पाप का नीयम का बन्धन मे डालस हइ जो मरा आंग मे हइ. \v 24 मी कसो अभागो इन्सान हुये! मरा से मरन की आंग से कोन छुडाये? \v 25 जो हम खे छुटकारो देस हइ उस प्रभु यीशु मसीह का वजेसे मी परमेश्वर को धन्यवाद करस. यो तरह दिमाक से ते परमेश्वर की नीयम को पन आंग से पाप की नीयम को पालन करस हइ. \c 8 \s पवित्र मन का वजेसे जिवन \p \v 1 येका लिये अब जो मसीह यीशु मे जिवन जिस हइ, उन पर दोष की आज्ञा नी. \v 2 क्युकी जिवन को आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु मे मेखे पाप कास अरु मरन की व्यवस्था से स्वतत्रता करी दियो. \v 3 क्युकी जो काम व्यवस्था आंग करन दुर्बल हुइखे नी करी सक्ता ओखे परमेश्वर ने कऱ्यो, अगर अपनो ही बेटा के पापमय आंग को समानता मे अरु पापबली होन का लिये भेजी खे, शरीर मे पाप पर शिक्षा की आज्ञा दि. \v 4 येका लिये व्यवस्था की विधी हम मे आंग का जसो नी वरन आत्मा का जसो चलस हइ, पुरी करी जा. \v 5 क्युकी शारीरिक व्यक्ति शरीर की बात पर आत्मा लगास हइ. पन अध्यात्मीक मन की बात पर मन लगास हइ. \v 6 शरीर पर मन लगानो तो मरन हइ पन आत्मा पर मन लगानो जिवन अरु शांती हइ. \v 7 क्युकी आत्मा पर मन लगानो ते परमेश्वर से बैर रखनो हइ, क्युकी नी ते परमेश्वर की व्यवस्था का अधीन हइ अरु नी हुये सकस हइ. \v 8 पन जो मानविक स्वभाव मे जीस हइ, वे परमेश्वर खे प्रसन्न नी करस. \p \v 9 पन जब की परमेश्वर कि आत्मा तुम मे बठस हइ, ते तु शारीरिक भाग मे नी पन आत्मीक भाग मे हइ. अगर कोय मे मसीह को मन नी ते उ ओको नी हइ. \v 10 अगर मसीह तुम मे हइ, ते आंग पाप का कारन मरो हुयो हइ. पन आत्मा धर्म का कारन जिन्दो हइ. \v 11 अगर ओ की आत्मा जेने यीशु खे मऱ्यो हुयो मे से जिन्दो, तुम मे बट्यो हुयो हइ. ते जेने मसीह खे मऱ्यो हुयो मे से जिन्दो, उ तुमारो नश्वर आंग का भी अपना मन का वजेसे जो तुम मे बट्यो हुयो हइ जिन्दो कर्हे. \p \v 12 येका लिये हे मरा भैइ अरु बहन, हम का आंग को कर्जो तो हइ पन असो नी येका जसो जिये, \v 13 क्युकी अगर तु आंग का जसो दिन काटस ते मरस अगर आत्मा से आंग कि कामहोन खे मरस ते जिन्दो ऱ्हे. \v 14 येका लिये की जितना दुन्या परमेश्वर का आत्मा को चाल चलस हइ वे हि परमेश्वर का सन्तान हइ. \v 15 क्युकी तुम खे दासत्व की आत्मा नी मीली खे फिर डरानो हुयो पन परमेश्वर को बेटा कि आत्मा मीलि हइ ,जेका से हम हे अब्बा, हे बाप बोली खे बुलास हइ. \v 16 आत्मा अपनो हि हमारा आत्म का साथ गवाही देस हइ, की हम परमेश्वर की सन्तान हइ. \v 17 अरु अगर सन्तान हइ ते वारीस भी, वरन परमेश्वर को वारीस अरु मसीह का साथ वारीस हइ, की जब हम ओका साथ दुख उठाये ते ओका साथ महिमा भी पास. \s भविष्य मे प्रगट होनआली महिमा \p \v 18 क्युकी मी समझस हुये की उ टेम का दुख अरु क्लेश उ महिमा का सामने, जो हम पर प्रगट होनआली हइ, कुछ भी नी हइ. \v 19 क्युकी सृष्टी बडी आस भरी दृष्टी से परमेश्वर को बेटा प्रगट होन की रस्ता देखस हइ. \v 20 क्युकी सृष्टी अपनी इच्छा से नी पर अधीन करणवाला की तरप से व्यर्थ का अधीन या आस से करी गयो \v 21 की सृष्टी भी तु ही विनास खे दासत्व से छुटकारो पइखे, परमेश्वर की सन्तान की महिमा की स्वतत्रता मली करस. \v 22 क्युकी हम जानस हइ की सब सृष्टी अभी तक मीली खे बोलस जसा बच्चा कि अरु तकलीप की पीडा मे जन्म लेस हइ. \v 23 अरु फक्त वो नी पर हम भी जेका पास आत्मा को पयलो फल हइ, तु ही अपना मे बोलस हइ. अरु बेटा होन की, अगर अपनो आंग को छुटकारा की बात करस हइ. \v 24 या आस का वजेसे हमारो उध्दार हुयो हइ, पन जो सामन की आस करी जास हइ, जब उ देखना मे आये ते फिर आस बोल्यो ऱ्हेस? क्युकी जो सामन खे कोय देखी रो हइ ओकी आस कर्‍हे? \v 25 पन जो सामन खे हम नी देखस, अगर ओकी आस रखस हइ, ते धीरज से ओकी रस्ता देखस भी हइ. \p \v 26 या रिती से आत्मा भी हमारो दुर्बलता मे सायता करस हइ क्युकी हम नी जानस की प्रार्थना कोइ रीति से करणो चाहिए, पन आत्मा तु ही असो आवाज भर भरी खे जो गवा से बाहेर हइ, हमारा लिये विनती करस हइ. \v 27 परमेश्वर हमारा आत्मा खे जानस हइ अरु आत्मा को बिचार करस ह ? क्युकी उ पवित्र दुन्या का लिये परमेश्वर की का जसो प्रार्थना करस हइ. \p \v 28 हम जानस हइ की जो दुन्या परमेश्वर से प्रेम रखस हइ, ओका लिये सब बात मीली खे अच्छो ही उत्पन्न करस हइ, अगर ओका लिये जो ओकी इच्छा का जसो बुलायो हुयो हइ. \v 29 क्युकि जेने ओने पैयले से जानी लियो हइ उ पैयले से रख्यो भी हइ की ओको बेटा का स्वरुप मे हुयो, जबकी उ भोत भैइहोन मे पहिलौठा रखे. \v 30 फिर जेने ओने पैयले से ठैरायो, ओने बुलायो भी, अरु जेने बुलायो, ओने धर्मी भी ठैरायो हइ. अरु जेने धर्म ठैरायो, उन्हे महिमा भी दि हइ. \s परमेश्वर को प्रेम \p \v 31 ते हम या बात का बारे मे बोले? अगर परमेश्वर हमारा तरप हइ, ते हमारो विरोधी कोन हुइ सकस हइ? \v 32 जेने अपना नीज बेटा खे भी नी रखी छोड्यो, पन ओको हम सब का लिये दी दियो, उ हम खे पुरा उध्दार से उ हम खे भोत कुछ देस? \v 33 परमेश्वर का चुन्यो हुया पर दोष कोन लगाए? परमेश्वर उ हइ जो ओको धर्मी रखनवालो हइ. \v 34 फिर कोन हइ जो परमेश्वर खे दण्ड की आज्ञा दिये? मसीह ही हइ जो मरी गयो जब मुर्दा मे से जिन्दो भी उठ्यो, अरु यीशु का जवना तरप हइ, अरु हमारा लिये नीवेदन भी करस हइ. \v 35 कोन हम खे मसीह का प्रेम से अलग करस? का कठनाइ, या संकट, या टेम, या सताव, या भुकमारी, या गरीब, या जोखीम, या मरन? \v 36 जसो शास्त्र मे लिख्यो हइ \q1 “तरा लिये हम दिन भर माऱ्या जास हइ. \q2 हम वध होनवाला मेडाहोन का समान गिन्या गया हइ.” \p \v 37 पन या सब बात मे हम ओका वजेसे जेने हम से प्रेम कऱ्यो हइ, पुरो विजय मील्हे करी रास हइ. \v 38 क्युकी मी निश्चित जानुस हुये की कोय हम खे ओका प्रेम से अलग नी करी सकस मरन, नी जिवन, नी स्वर्गदूत, नी खराप शासन, नी वर्तमान, नी भविष्य, नी सामर्थ्य, नी उचो, \v 39 नी पृथ्वी गैरो, अरु नी कोय अरु पृथ्वी कि उचाइ, अरु नी जगत मे असी कोय नी हइ जो हम खे परमेश्वर को प्रेम से अलग करी सकस हइ. \c 9 \s परमेश्वर अरु ओका चुन्यो हुया दुन्या \p \v 1 मी मसीह मे सच्ची बोलस हय, मी झुटी नी बोली रोस अरु मरो विवेक भी पवित्र आत्मा मे गवय देस हइ \v 2 की मेखे बडो शोक अरु दर्द हइ, अरु मरो मन कभी भी दुखी रोस हइ, \v 3 क्युकी मी ह्या तक चातो थो की अपना भैइ का लिये जो आंग का भाव से मरा कुटुम्बी हइ, परमेश्वर से श्रापित अरु मसीह से अलग हुये जाए. \v 4 वे इस्त्राएलि हइ, अरु परमेश्वर से सन्तान अधिकार अरु महिमा अरु वाचा अरु व्यवस्था अरु उपास अरु प्रतीज्ञा ओने करी हइ. \v 5 बुजुरुख भी ओका ही हइ, अरु मसीह भी आंग का भाव से ओका मेसे हुयो. सब का उपर परम परमेश्वर राज्य करस पिडमपिडि धन्य होस. आमीन. \p \v 6 पन यो नी की परमेश्वर को वचन नीकली गयो, येकालिये की जो इस्राएल का कुल हइ, वे सब इस्राएली नी. \v 7 अरु नी अब्राहम का कुल होन का कारन सब ओका बेटा रख्यो, “पन लिख्यो हइ इसहाक का वजेसे तरो कुल बोलस.” \v 8 अगर आंग को बेटो परमेश्वर को बेटो नी पन प्रतीज्ञा को बेटो कुल गिन्यो जास हइ. \v 9 क्युकि प्रतीज्ञा को वचन यो हइ “मी उचित टेम का अनुसार आयु अरु सारा को बेटो हुयु.” \v 10 अरु फक्त यो नी, पन जब रिबका भी एक से अगर हमारो बाप इसहाक से दो बेटा हुया, \v 11 अरु अभी तक नी ते बच्चा पइदा हुयो यो थो, अरु कुच्छ अच्छो या बुरो कर्‍यो थो, येकालिये परमेश्वर की मनसा जो ओका चुनी लेना का अनुसार हइ, करम का कारन नी, पन बुलान वाला पर बनी र्‍हे \v 12 या बात परमेश्वर ने जन्म से पैयले अरु ओका कुछ भलो बुरो बोलन का पैयले बोली ते परमेश्वर की पसन्द ओकी बुलाहट पर नीर्बल हइ नी की वे दोय ने का कऱ्यो ओका पर ओने बोल्यो, “बडा छोटा को सेवक हुए.” \v 13 जसो शास्त्र मे लिख्यो हइ, “मे ने याकूब से प्रेम कऱ्यो, पन एसाव खे प्रिय जान्यो हइ.” \p \v 14 येकालिये हम का बोला? का परमेश्वर का यो बुरो हइ? कभी नी. \v 15 क्युकी उ मूसा से बोलस हइ, “अरु जेका पर दया करणो चास ओका पर दया कऱ्यु, अरु जो कोय पर कृपा करणु चास ओका पर कृपा करणु” \v 16 येकालिये यो नी ते चानआला की, नी मैहनत करणवाला की पन दया करणआलो परमेश्वर पर नीर्भर हइ. \v 17 क्युकी पवित्रशास्त्र मे फिरौन से बोल्यो गयो, “मे ने तोखे येका लिये खडो कऱ्यो हइ की तरा मे अपनो सामर्थ्य बतायु, अरु मरो नाम को प्रचार सब पृथ्वी पर हुये.” \v 18 येकालिये उ जेका पर चास हइ ओका पर दया करस हइ, अरु जेखे चास हइ ओको खतना करी देस हइ. \s परमेश्वर की घुसा अरु ओकी दया \p \v 19 आखरी तु मरा से बोल्हे, “परमेश्वर फिर का दोष लगास हइ? कोन ओकि इच्छा को सामनो करस हइ?” \v 20 हे इंन्सान, अच्छो तू कोन हइ जो परमेश्वर को सामनो करस हइ? का गाड्यो हुयो सामन गडनवाली से बोली सकस हइ, “तो ने मेखे असो का बनायो हइ?” \v 21 का कुमार खे यो अधिकार नी कि उ मट्टी को एक ही लोंदा से एक बर्तन विशिष्ट प्रयोजन का लिये बनायो अरु दुसरा बर्तन साधाराण प्रयोजन का लिये. \p \v 22 कि परमेश्वर ने अपनी घुस्सा बतानो अरु अपनी सामर्थ्य प्रगट करण की इच्छा से घुस्सा का बर्तन पर जो विनाश का लिये तैयार करी गयो थो, बडा धीरज से सही. \v 23 अरु दया का बर्तन पर जेने ओने महिमा का लिये पैयले से तैयार कऱ्यो, अपनी महिमा को धन खे प्रगट करण की इच्छा करी. \v 24 अगर हम पर जेने ओने नी फक्त गैरयहूदीहोन मे से, वरन यहूदीहोन मे से भी बुलयो. \v 25 जसो वावो होशे की किताब मे भी बोलस हइ, \q1 जो मरा दुन्या नी था \q2 ओखे मी अपना दुन्या बल्यु. \q1 अरु जो प्रिय नी थो, \q2 उ प्रिय बोल्यु. \q1 \v 26 अरु असो हुये कि जो जगा मे ओखे यो \q2 बोली गयो थो की \q3 तुम मरा दुन्या नी हुये, \q1 उ जगा वे जिवन परमेश्वर का सन्तान \q2 बोल्ये. \p \v 27 अरु यशायाह इस्राएल का बारे मे बुलैखे बोलुस हइ, \q1 “चाये इस्राएल का बेटा का गिनस \q2 समुद्र का रेती का बरोबर होस, \q1 तेभी ओमे से थोडो ही बच्हे. \q1 \v 28 क्युकी प्रभु अपनो वचन पृथ्वी पर पुरो \q2 करीखे, \q1 धार्मीकता से झल्दी उ सिध्द कर्‍हे.” \q1 \v 29 जसो यशायाह ने पैयले भी बोलो थो, \q2 “अगर सुन्ये प्रभु हमारा लिये कुछ \q3 कुल नी छोलस, \q1 ते हम सदोम का सामने हुइ जास, \q2 अरु गमोरा का जसो ही रखस.” \s इस्राएल को अविश्वास \p \v 30 आखरी हम का बोल्हे? यो का गैरयहूदीहोन नी जो धर्मीकता खे ढुडस नी धर्मीकता मील्हे की अगर उ धर्मीकता को जो विश्वास से हइ. \v 31 पन इस्राएल, जो धर्म कि व्यवस्था खे ढुडस उ व्यवस्था तक नी पोचे. \v 32 को का लिये? येकालिये कि वे विश्वास से नी, पन मानीखे कामहोन से ओखे ढुडस. करस्या ओने ओखे ठोकर का फत्थर पर ठोकर खइ, \v 33 जसो लिख्यो हइ, \q1 “देख, मी सिय्योन मे एक ठोकर लगन को पत्थर, \q2 अरु ठोकर खान की टेकडी रखस हइ, \q1 अरु जो \q2 ओका पर विश्वास करस उ लाजित नी हुइ.” \c 10 \p \v 1 हे भैइ अरु बहन, मरा मन की अभिलाषा अरु ओका लिये परमेश्वर से मरी प्रार्थना हइ कि वे उध्दार पाए. \v 2 मी या बात से गवइ दिउस हइ की परमेश्वर कि भक्ति मे का लिये ऱ्हेस हइ पन उनकी भक्ति सच्ची ज्ञान पर नीर्भर नी हइ. \v 3 क्युकी वे परमेश्वर की धार्मीकता से अजान हुइ, अरु अपनी धार्मीकता स्थापित करण प्रत्यन करी खे परमेश्वर कि धार्मीकता का अधीन नी हुये. \v 4 मसीह ने व्यवस्था को अन्त पुरो कऱ्यो येका लिये धार्मीकता जो कोय विश्वास रखस हइ उ सही रस्ता मे आस हइ. \s उध्दार सब का लिये \p \v 5 जो व्यवस्था से मीनल आलो न्यायीपन हइ ओको वर्णन मूसा यो तरहा करस हइ. “जो कोय व्ययवस्था कि आज्ञा मानस हइ उ जिन्दो ऱ्हीहे.” \v 6 पन जो धार्मीकता विश्वास से हइ, उ यो बोलस हइ, “तु अपना मन मे यो नी बोल्नु की अगर मसीह खे उतारी लान का लिये स्वर्ग पर कोन चेले?” \v 7 अरु आधा दुन्या मे मसीह खे मऱ्यो हुयो मी से जिन्दो करी खे उपर लान का लिये गड्डा मे उतरे. \v 8 पन उ बोलस हइ? यो की “वचन तरा बाहेर हइ, तरा मन मे अरु तरा मन मे हइ,” यो उ विश्वास को वचन हइ, जो हम प्रचार करस हइ, \v 9 की अगर तु अपना मुडा से यीशु खे प्रभु जानी, अंगीकार कर्हे अरु अपना मन से विश्वास कर की परमेश्वर ने उ मरन हुयो मे से जलायो, ते तु स्वतत्रता कर्यो जाये. \v 10 विश्वास करणा से हम परमेश्वर कि धार्मीकता का सात सही रिस्ता मे से आस हइ अरु उध्दार मुडा से कबुल करणा से मुक्ती पास हइ. \v 11 क्युकी पवित्रशास्त्र यो बोलस हइ, “जो कोय ओका पर विश्वास करस उ लज्जित नी हुये.” \v 12 यहूदीहोन अरु यूनानीहोन अरु उ सब को प्रभु हइ जो सब को भोतायत से आषिशीत करस हइ जो ओका बुलास हइ अरु अपना सब नाम लेनवाला का लिये उध्दार हइ. \v 13 क्युकी “जो कोय प्रभु का नाम लीये व्हा उध्दार मील्हे.” \p \v 14 फिर जेका पर ओने विश्वास नी कऱ्यो, पन जेने उनका पर विश्वास नी कऱ्यो उ मदत का लिये कसो बुलाये जेको संदेश सुन्यो नी उ पर कसो विश्वास कर? अरु प्रचार का बिना कसो सुने फिर संदेश सुननवाला भेज्या नी जाये ते कसो सुसमाचार को प्रचार कर्‍हे? \v 15 अरु अगर संदेश भेजे नी जाए, ते कसो प्रचार कर्‍हे? जसो शास्त्र लिख्यो हइ, “ओका पाय का ही सुवानो हइ, जो अच्छी बात की सुसमाचार सुनस हइ!” \v 16 पन सब ने उ सुसमाचार पर का नी लगास यशायाह बोलस हइ, “हे प्रभु कोने हमारो समाचार पर विश्वास कऱ्यो हइ?” \v 17 अरु विश्वास संदेश खे सुन से अरु सुनना से मसीह को वचन से होस हइ. \p \v 18 पन मी बोलस हुये खे ओने नी सुन्यो? सुन्यो ते अकुल्य हइ. क्युकी लिख्यो हइ, “ओका शब्द सब पृथ्वी पर, अरु ओका वचन जगत की छोर तक पोच्यो गया हइ.” \p \v 19 मी फिर बोलुस हुये खे का इस्राएल नी जानस था? \q1 पैयले ते मूसा बोलस हइ, \q2 “मी ओका वजेसे जो लोग नी, \q1 तुमारो मन मे जलन नीकली जायु. \q2 मी एक मुढ लोग का वजेसे तुम खे रिस दियु.” \v 20 फिर यशायाह बडो सहास का साथ बोलस हइ, \q1 “जो मेखे नी ढुँढता था, ओने मरा पर लियो. \q2 अरु जो मेखे पुछस भी नी थो, ओका पर मी प्रगट हुइ गयो.” \v 21 पन इस्राएल का बारे मे वो यो बोलस हइ, “मी सब दिन अपना हात एक आज्ञा नी माननवालो अरु बिदाइ करणवाला दुन्या का तरप पसारे ऱ्हेस.” \c 11 \s इस्राएल पर परमेश्वर की दया \p \v 1 येकालिये मी बोलुस हुइ, का परमेश्वर ने अपनी दुन्या खे त्याग दियो? अगर नी! मी भी ते इस्राएल हुये. अब्राहम का कुल अरु बिन्यामीन का गोत्र मे से हुये. \v 2 परमेश्वर ने अपनी उ दुन्या खे नी त्यागा, जेने ओने पैयले हि से चुन्या. का तु नी जानस की पवित्रशास्त्र एलिय्याह का बारे मे का बोलस हइ, जब वो इस्राएल खे विरोध मे परमेश्वर से विनती करुस हइ? \v 3 “हे प्रभु ओने तरा भविष्यव्दक्ताहोन को घात कऱ्यो, अरु तरी वेदिहोन खे ढाकी दियो हइ. अरु मी ही अखे लो बच्यो हइ, अरु वे मखे मारन का लिये ढुडि रास हइ.” \v 4 पन परमेश्वर से उ का उतार मील्यो, मे ने अपना लिये सात हजार इंन्सान खे रखी छोड्यो हइ, जेने झुटा बाल भगवान का आगे घुटना नी टेकस हइ. \v 5 ठिक यो रीति से यो टेम भी, अनुग्रह से चुन्यो हुयो कुछ दुन्या बाकी हइ. \v 6 अगर यो अनुग्रह से हुयो हइ, ते फिर काम से नी. ते अनुग्रह फिर अनुग्रह नी ऱ्हेस. \p \v 7 येकालिये परिणाम का हुयो? यो की इस्राएल जेकी ढुडना मे थो, उ उनखे नी मील्यो. पन चुन्या हुयो खे करी लियो, अरु बाकि दुन्या कठोर खायो गयो. \v 8 जसो लिख्यो हइ, “परमेश्वर ने उनखे आज का दिन तक भारी नीद मे डालिखे रख्यो हइ, अरु असी आख आत्मा दे जो नी देख्यो अरु असा कान जो नी सुनस.” \v 9 अरु दाउद बोलस हइ, \q1 “ओको खानो ओका लिये जाल अरु फंदो, \q2 अरु ठोकर खाय खे \q1 अरु दण्ड का कारन हुइ जाए. \q2 \v 10 ओकी आख पर अंधारो छय जाए ताकि नी देखे, अरु तू कभी भी ओका पिंछा झुखे खे रखे.” \p \v 11 ते मी बोलुस हुये का ओने येकालिये ठोकर खाइ खे गिऱ्यो पड्यो? अगर नी! पन ओका गिरन का कारन गैरयहूदीहोन को उध्दार मीलस, की वे जलस हुये. \v 12 येकालिये अगर उनको गिरानो संसार का लिये धन अरु ओकी घटी गैरयहूदीहोन का लिये सम्पति का कारण हुये, ते उनकी भरपुर से खे तनो बडो आर्शिवाद मील्यो. \s गैरयहूदीहोन को उध्दार. \p \v 13 यो अब मी तुम गैरयहूदीहोन से बोली रोस हइ ते मी अपना काम को तु घमण्ड करस हइ. जब की मी विशेष रुप से गैरयहूदीहोन का लिये प्रेरित हुये, ते मी अपनी सेवा की बडोपनो करुस हुय, \v 14 ताकि कोय रीति से मी अपना कुटुबहोन मे जलन उत्पन्न करी खे ओमे से कोइ एक को उध्दार कऱ्यु. \v 15 क्युकी परमेश्वर का वजेसे उनको अस्वीकार कऱ्यो जानो संसार परमेश्वर का सात मेल मीलाप होस हइ ते फिर उनखे अपनायो जाना से मऱ्यो हुयो मे से जिन्दो नी हुये? \p \v 16 जब भेट को पयलो भाग पवित्र रख्यो, ते पुरो खराब हुयो आटो भी पवित्र हइ. पन जब झाड कि जडी पवित्र रख्यो, ते ओकि शाकाहोन भी पवित्र हइ. \v 17 अरु अगर कुछ डग्यान तोडि दी गयो, अरु तू जंगली जैतून हुइखे ओका सात हुय गयो, अरु जैतून की जडी खे चिकन कि भागी हुय हइ \v 18 ते डग्यान पर घमण्ड नी करणु. अरु अगर तू घमण्ड कर्य ते जानी रख की तू जडी खे नी पन जडी तोखे सम्भालती ऱ्हीहे. \p \v 19 फिर तू बोलस, “डग्यान येकालिये तोडि गयो की मी कलम करी जायु.” \v 20 ठिक हइ, वे ते अविश्वास का कारन तोडि गयो पन तू विश्वास से बनी ऱ्हेस हइ येकालिये अभिमानी नी हइ, पन भैइ मान, \v 21 क्युकी जब परमेश्वर ने स्वाभाविका डाली खे नी छोड्यो ते तोखे भी नी छोड्यो \v 22 येकालिये परमेश्वर की कृपा अरु कडाइ खे देख जो गिरी गयो उ पर कडाइ पन तरा पर कृपा अगर तु ओमे बनो ऱ्हेस नी ते तोखे भी काटी डाल्यो जाये. \v 23 अगर वे अविश्वास मे असमर्थ हइ ते झाडसे जोडी दिये. क्युकि परमेश्वर समर्थ हइ जो उ झाडसे जोडि देस. \v 24 क्युकि अगर गैरयहूदी उ जैतून से जो स्वभाव से जंगली हइ काट्यो गयो अरु स्वभाव को विरुध्द अच्छो जैतून मे जोड्यो जाये, ते ये जो यहूदी डाल्यो हइ अपनो हि जैतून मे का नी छाट्यो जाए. \s सब इस्राएल का उध्दार \p \v 25 हे भैइ अरु बहन, बोल असो नी हुइ की तुम अपना आप खे बुध्दिमान समझस. येकालिये मी नी चास कि तु ओका भेद से अंजान रिहे की जब तक गैरयहूदीहोन पुरी रीति से प्रवेश नी कर ले जब तक ही इस्राएल का एक भाग असो ही कठोर ऱ्हेस. \v 26 अरु उ रीति से सारा इस्राएल उध्दार पाए. “जसो शास्त्र मे लिख्यो हइ कि छुडानआलो सिय्योन से आह्ये, अरु अभक्ति का याकूब का कुल से दूर करस. \v 27 अरु ओका साथ मरी यो वाचा हुये जब की मी ओखे पाप का दुर करी दियु.” \v 28 सुसमाचार का भाव से ते तुमारा लिये वे परमेश्वर का दुसमन हइ, पन चुनी लिये जान से अरु बापदादाहोन का कारण परमेश्वर प्यारो हइ. \v 29 क्युकी परमेश्वर अपनो वरदान से पछतानो नी पडे अरु आशिष अटल हइ. \v 30 क्युकी जसो तुम ने पैयले परमेश्वर को आज्ञा नी मानी पन अभी ओका आज्ञा नी मानन से तुम पर दया हुये. \v 31 तुम पर जो दया होस हइ ओका कारण यहदि अब परमेश्वर कि आज्ञा नी मानी ऱ्हेस हइ, येकालिये अब तुम पर भी वसी उन पर दया हइ. \v 32 क्युकी परमेश्वर ने सब खे आज्ञा नी मानन का कारण बन्दी बनय खे रख्यो ताकी वो सब पर दया कर्हे. \s परमेश्वर की स्तुती \p \v 33 आहा! परमेश्वर को धन अरु दिमाक अरु ज्ञान का ही महान हइ! ओखे नीर्भय खे कोन स्पष्ट करी सकस हइ अरु ओकि रस्ता कसो सजी सकस हइ! \v 34 शास्त्र बोलस हइ \q1 “प्रभु को मन खे कोन जानी सकस हइ \q2 अरु ओखे कोन सला दी सकस हइ? \q1 \v 35 का परमेश्वर खे कोय ने कुछ दियो हइ \q2 जेखे उ फिर से वापस कर्‍हे?” \v 36 क्युकी ओका तरप से, अरु ओका वजेसे, अरु ओ का लिये सब कुछ हइ ओकि महिमा पिडमपिडि होते ऱ्हेस आमीन. \c 12 \s परमेश्वर की सेवा को जिवन \p \v 1 येका लिये हे भैइ अरु बहन, मी तुम खे परमेश्वर की दया स्मरण दियुस, प्रार्थना करस हुये की अपना आंग होन खे जिन्दो अरु पवित्र अरु परमेश्वर का भावता हुयो बलिदान करीखे चढायो. यो तुमारो सच्चो उपास हइ. \v 2 यो जगत को सदृश नी बन्यो. पन तुमारो मन, नी हो जान से तुमारो चाल-चलन भी बदली जाए जेका से तुम परमेश्वर कि भली, अरु भाती अरु साधी इच्छा अनुभव से समज्हे करस ऱ्हेस. \p \v 3 क्युकी मी ओका अनुग्रह करण जो मे, मील्यो हइ तुम मे से हर एक से बोलस हय कि जसो समझनो चातो थो ओखे बडि खे कोय भी अपना आप नी समझे. पर जसो परमेश्वर ने हर एक विश्वास परिमाण जसो बैटो दियो हइ, वोसो ही सुबुध्दि का सात अपनो समझस. \v 4 क्युकी जसो हमारो एक मन मे भोत जसो आंग हइ, अरु सब आंग खे एक ही सो काम नी हइ. \v 5 वोसो ही हम जो भोत हइ मसीह मे एक मन हुइखे आपस मे एक दुसरा को आंग हइ \v 6 ताकि उ अनुग्रह का जसो जो दियो गयो हइ मेखे अलक-अलक वरदान मील्यो हइ, ते जेका भविष्यव्दाणी को दान मील्यो हुये उ विश्वास को परिमाण जसो भविष्यव्दाणी कर. \v 7 अगर सेवा करण का दान मील्यो हुये ते सेवा मे लग्यो ऱ्हेस. अगर कोय सिखानवालो होस,ते सिखान मे लग्यो ऱ्हेस \v 8 जो उपदेशक देनवालो हइ उपदेश कर्‍हे जो दान देनवालो हइ उ उदाहरता से दे अरु जो अगुवाइ करणवालो हइ उ मगन का सात अगुवाइ कर्‍हे अरु जो दया बतान को दान हइ उ प्रसन्नता से बतास उधारी से दे. जो अगुअय कर, वो उत्साह से कर. जो दया कऱ्यो वो हर्ष से कऱ्यो. \p \v 9 प्रेम नीष्कपट होस बुरा से घुणा कर अच्छो मे लग्यो ऱ्हे. \v 10 भैइचारा का प्रेम से एक दुसरा से स्नेह रख्यो. परस्पर आदर करणा मे एक दुसरा से बडी चल. \v 11 प्रयत्न करणा मे आलसी नी हुइ आत्मीक मे उत्तसुक भऱ्यो ऱ्हे प्रभु कि सेवा करतो ऱ्हेस. \v 12 आस मे आनन्दित रहे संकट मे धीरज रख. प्रार्थना मे लग्यो ऱ्हेस. \v 13 पवित्र दुन्या मे जो कुछ अवश्य हुये खे ओमे ओकि सहायता कर. मीजवान करणा मे लग्यो ऱ्हेस. \p \v 14 अपना सतानआला खे आशीष दे.आशीष दे श्राप नी दे. \v 15 खुशी करणवाला का साथ खुशी कर, अरु रोनवाला का साथ रो \v 16 आपस मे एक जसो मन रख्यो. अभिमानी नी हुये पन दिन का साथ सगति रख. अपनो दुष्टि मे बुध्दिमान नी हुए. \p \v 17 बुराइ खे कोय से बुरो नी करणु. जो बात सब दुन्याहोन का लिये अच्छो हइ, ओकि चिता कऱ्या कर. \v 18 जहा तक हुए सकस, तुम भरी सब इन्सान का साथ मे शांती मे ऱ्हे. \v 19 हे प्रिय, बदलो नी लेनु, पन परमेश्वर खे घुस्सा का अवसर दे, क्युकि लिख्यो हइ, “बदलो लेनो मरो काम हइ, प्रभु बोलस हइ मी हि बदली दियु.” \v 20 पन “अगर तरा बिना भूको हुए ते ओखे खानो खलइ खे अगर दुसरो हुये ते दुशमन खे पानी पिलय सक्यु क्युकि असा करणा से तु ओका माथा पर अगार से अंगारा को ढेर लगास.” \v 21 बुरा से नी हुया, पन भला से बुरा खे जिती ले. \c 13 \s राज्य का अधिकारीहोन का प्रती कर्तव्य \p \v 1 हर एक इन्सान शासकिय अधिकाहोन का अधीन रेस क्युकि अधिकार असो नी जो परमेश्वर का मन का तरप से नी हुये. अरु जो अधिकार हइ वे परमेश्वर खे ठहरायो हुयो हइ. \v 2 येका लिये जो कोय अधिकार को विरोध करस हइ वो परमेश्वर कि विधी का सामने करस हइ अरु सामनो करणवाला खे दण्ड मीले. \v 3 क्युकि शासन अच्छो काम खे नी पन बुरो काम का लिये डरी खे करणो हइ आखरी. अगर तू अधिकारी से नीडर ऱ्हेनो चाहिए हइ ते अच्छो काम कर अरु ओका तरप से तरी सरानो हुये. \v 4 क्युकि उ तरा भला का लिये परमेश्वर को सेवक हइ. पन अगर तु बुरो कर ते डर क्युकी वह तलवार व्यर्थ लिए हुयो नी. अरु परमेश्वर को सेवक हइ की ओकि घुस्सा का जसो बुरो काम करणवाला खे दण्ड दे \v 5 येका लिये अधीकारीहोन कि आज्ञा मान नी ते फक्त परमेश्वर कि शिक्षा का वजेसे नी लेकीन हमारो विवेक करण भी \p \v 6 येका लिये करी भी दे क्युकी शासन करणवाला परमेश्वर को सेवक हइ अरु सदा यो काम मे लग्यो ऱ्हेस हइ. \v 7 येका लिये हर एक को हक्क चुकयो कर जेका से चाए ओका करी देख जेको चुनी चाए ओखे चुगी दे. जेका से डरनो चाए ओकासे डर. जेको आदर करणो चाए ओको आदर कर. \s एक दुसरा का प्रती कर्तव्य \p \v 8 आपस का प्रेम खे छोडी अरु कोय बात मे कोय को कर्जदार नी हुये. क्युकी जो दुसरा से प्रेम रखस हइ, ओ ने व्यवस्था पुरो करी हइ. \v 9 क्युकी यो की “व्यभिचार नी करणो, मारनो नी करणो, चोरी नी करणो, लालच मत कर,” अरु इनखे छोडीखे अरु कोय भी आज्ञा हुये ते सब का साराश या बात मे पायो जास हइ, “अपना घर का बाजुआला से अपना समान प्रेम रख.” \v 10 प्रेम घर का बाजुआला कुछ बुरो नी करस येका लिये प्रेम करणु व्यवस्था को पालन करणो हइ. \p \v 11 टेम खे पइछान कर असो हि कर, येका लिये की अब तुमारा लिये नीद से जागो उठन की घडी आ पोच्यो हइ. क्युकी जो टेम हम ने विश्वास कऱ्यो थो, उ टेम का बिचार से अब हमारो उध्दार बाहेर हइ. \v 12 रात भोत बीती गए हइ, अरु दिन निकलना पर हइ. येका लिये हम अंधारा कामहोन खे त्याग खे ज्योति कि हथियार बाधी ले. \v 13 जसो दिन मे वोसो ही हम सीधो रुप से चाल चले नी की लीला-क्रिडा अरु मे नी व्यभिचार अरु लुचपन मे अरु नी वाद विवाद अरु डाह मे. \v 14 जब प्रभु यीशु मसीह खे पेनी ले, अरु मानव का आंग की अभिलाषाहोन खे पुरो करणा मे मत लगा र्हे. \c 14 \s एक दुसरा पर दोष मत लगानु \p \v 1 जो विश्वास मे नीर्बल हइ, ओने अपना सगत मे ली ले, पन ओकी युक्ति बिचार पर विवाद करण का लिये नी. \v 2 एक को विश्वास हइ कि सब कुछ खानो उचित हइ पन जो विश्वास मे नीर्बल हइ, उ फक्त शाकाहारी खास हइ. \v 3 अरु खानवाला नी खानवाला को तुच्छ नी जान अरु नी खानवाला पर दोष नी लगानु. किक्यु परमेश्वर ने ओखे ग्रहण कऱ्यो हइ \v 4 तु कोन हइ जो दुसरा सेवक पर दोष लगास हइ? ओका स्थिर ऱ्हे या गिरी जानो ओको स्वामी ही से सम्बन्ध रखस हइ. जब वो स्थिर ही करी दीयो जाए, क्युकि प्रभु उ स्थिर रखी सकस हइ. \p \v 5 का दुन्याहोन थो एक दिन खे दुसरो से बडी खे मानस हइ, अरु कोय भी सब दिन खे एक समान मानस हइ. हर एक अपनी ही मन मे नीश्चित करी ले. \v 6 जो कोय दि खे मानस हइ उ प्रभु का लिये मानस हइ जो खास हइ उ प्रभु का लिये खास हइ क्युकि वो परमेश्वर को धन्यावाद करस हइ अरु जो नी खास वो प्रभु, लिये नी खास अरु परमेश्वर को धन्यावाद करस हइ. \v 7 क्युकि हम मे से नी ते कोय अपना लिये जीस हइ अरु नी कोय अपना लिये मरस हइ. \v 8 अगर हम जिन्दो हइ ते प्रभु का लिये जिन्दो हइ अरु अगर मरस हइ, ते प्रभु का लिये मरस हइ. आखरी मे हम जिन्दो या मऱ्यो, हम प्रभु ही को हइ. \v 9 क्युकि मसीह येका लिये मऱ्यो अरु जी भी उठ्यो की उ मर हुये अरु जिन्दो दोय को प्रभु हुयो. \v 10 तु अपना भैइ पर का दोष लगास हइ? या तु फिर का अपना भैइका पास जास हइ? हम सब खे सब परमेश्वर का न्याय राजगद्दी का सामने खडो हुये. \v 11 क्युकी शास्त्र लिख्यो हइ, \q1 प्रभु बोलस हइ, मरा जिवन की सौगन्ध की \q2 हर एक घुटना मरा सामने टिक्ये, \q2 अरु हर एक जीभ मानी लिये की मी परमेश्वर हइ. \v 12 येका लिये हम मे से हर एक परमेश्वर खे अपनो अपनो लिख दे . \s अपनो भैइ, करण मत बन \p \v 13 येका लिये हम एक दुसरा पर न्याय करणो बन्द कर्‍हे अरु येका बदला मे नीश्चय कर कि अपना भैइ का सामने ठोकर खे पाप मे पडन का कारन बन. \v 14 प्रभु यीशु मे एक होन का कारण मी जानुस हइ कि कोय सामन अपना आप से अशुध्द नी पन जो ओखे अशुध्द समझस हइ ओका लिये अशुध्द हइ. \v 15 अगर तरो भैइ या बहन तरा खान का कारन दुखी होस हइ ते फिर तु प्रेम कि रिती से नी चलस. जेका लिये मसीह मऱ्यो ओखे तु अपना खाना का वजेसे नष्ट नी कर. \v 16 जेखे तुम भलो मानस हइ ओखे कोय खे बुरो मत बोलन देनु. \v 17 क्युकि परमेश्वर का राज्य खानो पानी नी, पन धार्मीकता अरु शांती अरु आनन्द हइ जो पवित्र आत्मा देस हइ उ हइ. \v 18 जो कोय या रीति से मसीह की सेवा करस हइ, उ परमेश्वर खे भास हइ, अरु इन्सान मे ग्रहण योग्य ठैरास हइ. \p \v 19 येका लिये हम उ बात मे लग्या ऱ्हेस जेका से मेल मीलाप अरु एक दुसरा की उन्नती हुये. \v 20 खानो का लिये परमेश्वर ने कऱ्यो उ खतम मत कर्‍हे, सब कुछ शुध्द तो हइ, पन उ इन्सान का लिये बुरो हइ जेखे ओको खाना से ठोकर लगस हइ. \v 21 अच्छो ते यो हइ कि तु नी मास खाये अरु नी अंगूर को रस पाए, नी अरु कुछ असो कर्‍हे जेका से तरो भैइ या बहन ठोकर खाए. \v 22 तरो जो विश्वास हुये खे ओको परमेश्वर का सामने अपनो ही मन मे रख. धन्य हइ वो जो उ बात मे जेका उ ठीक समज्हे हइ अपना आप खे दोष नी ठैरास. \v 23 पन जो सन्देह कर्हे, खास हइ परमेश्वर को दोषी क्युकि उ विश्वास से नी खास. अरु जो कुछ विश्वाससे नी ते उ पाप हइ. \c 15 \s दुसरा कि उन्नती कर दे \p \v 1 आखरी हम बलवान खे चाहस की नीर्बल कि नीर्बलताहोन मे सहायता कर कोनी की अपना आपखे प्रसन्न कर \v 2 हम से हर एक अपनो घर का बाजु का ओकी भलाइ का लिये प्रसन्न कर की ओकी उन्नती हुये. \v 3 क्युकि मसीह ने अपना आप खे प्रसन्न नी कऱ्यो पर जसो लिख्यो हइ “तरा नीन्दको की नीन्दा मरा पर अय पड्यो.” \v 4 जतनी बात पयलो से लिखी गइ वे हमारी ही शिक्षा का लिये लिखी गैय हइ की हम धीरज अरु शांती पवित्रशास्त्र का प्रोत्साहन वजेसे आस कर. \v 5 धीरज अरु शांती को दातो परमेश्वर तु यो वरदान दे की मसीह यीशु का अनुसार आपस मे एक मन हइ. \v 6 ताकि तुम एक मन अरु एक अवाज मे हमारो प्रभु यीशु मसीह को बाप परमेश्वर कि महिमा कर. \s सब का लिये सुसमाचार \p \v 7 येका लिये जसो मसीह ने परमेश्वर की महिमा का लिये तुम खे ग्रहण कऱ्यो हइ, ओसो ही तुम भी एक दुसरा खे ग्रहण कर. \v 8 येका लिये मी बोलुस हइ की जो प्रतीज्ञा बापदादा खे दी गए ओने दृढ करणा का लिये मसीह कि परमेश्वर की सच्ची को प्रमाण देन का लिये खतना कऱ्यो हुयो दुन्या को सेवक बन्यो \v 9 अरु गैरयहूदीहोन भी दया करण परमेश्वर की स्तुती कर का जसो लिख्यो हइ, \q1 “येका लिये मी जात जात मे तरी महिमा करीयु का \q2 अरु तरो नाम को भजन गायु.” \v 10 फिर बोल्यो हइ “हे जात जात का सब दुन्या ओका दुन्या का \q1 साथ आनन्द कर.” \v 11 अरु फिर हे जात जात का सब दुन्या प्रभु की स्तुती कर अरु हे राज्य राज्य का सब दुन्या ओकी स्तुति. \v 12 अरु फिर यशायाह बोलस हइ \q1 “यिशय कि एक जडी प्रगट हुये खे \q2 अरु गैरयहूदीहोन को \q2 हाकीम होन का लिये एक उठाये.” \p \v 13 परमेश्वर जो आस को दाता हइ तेका विश्वास करणा मे सब प्रकार को आनन्द अरु शांती से परिपुर्ण कर की पवित्र मन कि सामर्थ्य से तुमारी आस बडी जाए. \s साहस से लिखन को कारन \p \v 14 हे मरा भैइ मी खुद तुमारा विषय मे नीश्चय जानस हइ की तु भी आप ही बुरा से अच्छो अरु इश्वरी ज्ञान से भरपुर होस, अरु एक दुसरा चिन्ता सकस हइ. \v 15 तेभी मी ने कभी कभी याद देन का लिये तु जो भोत साहस करी खे लिख्यो. यो उ अनुग्रह कारन हुयो जो परमेश्वर ने मेखे दियो हइ, \v 16 की मी गैरयहूदिहोन का लिये मसीह यीशु को सेवक हुइ खे परमेश्वर को सुसमाचार कि सेवा याजक का सामने क्युकि जेने गैरयहूदिहोन खे मान्यो चेड्यो जाए, पवित्र मन से पवित्र बनी खे ग्रहण करी जाए. \v 17 येका लिये उ बात का विषय मे जो परमेश्वर से सम्बन्ध रखस हइ मसीह यीशु मे बडो कर सकुस हुये. \v 18 क्युकि उ बात खे छोडीखे मेखे अरु कोय बात का विषय मे बोलन को साहस नी कऱ्यो जो मसीह ने गैरयहूदिहोन की अधीनता का लिये वचन अरु कर्म, \v 19 अरु चीता अरु अद्भुत काम को सामर्थ्य से परमेश्वर अरु पवित्र आत्मा का सामर्थ्य से मरा ही वजेसे कर इल्‍लुरिकुम तक की मी ने यरुशलेम से लिखे चोर का तरप तक मसीह को सुसमाचार को पुरो पुरो प्रचार कर. \v 20 पर मरो मन उमग यो हइ की जो जो मसीह को नाम नी लियो गयो, वो सुसमाचार सुनायु असो नी हुये की दुसरा की पय्या पर घर बनायु. \v 21 पन जसो लिख्यो हइ वोसो ही होस, \q1 “जेने ओका सुसमाचार नी पोच्यो, वे ही देखस \q2 अरु जेने नी सुन्यो वे समझस.” \s रोम जत्रा को पौलुस को योझना \p \v 22 येका लिये मी तुमारा पास आना से बार बार रुक्यो ऱ्हेस. \v 23 पन अब यो देश मे मरा कर्य का लिये अरु जगा नी ऱ्हेस, अरु भोत साल से मे खे तुमारा पास आन की इच्छा हइ. \v 24 येका लिये जब मी स्पेन खे जाउ ते तुमारा पास होस हुये जाए, क्युकी मेखे आस हइ की वा जत्रा मे तरा से दान हुये खे अरु जब तुमारा संग से मरा कुछ भरी जाए ते तुम मेखे कुछ दुर आगे पोचये दे. \v 25 पन अभी ते मी पवित्र दुन्या की सेवा करणा का लिये यरुशलेम का जास हुये. \v 26 क्युकी मकिदुनीया अरु अखाया का दुन्या खे यो अच्छो लग्यो की यरुशलेम का पवित्र दुन्या मे नीर्धनो का लिये कुछ जमा कर. \v 27 ओखे अच्छो तो लग्यो पन वे ओको कर्जदार भी हइ, क्युकी अगर गैरयहूदिहोन ओकी आत्मीक बात मै हुयो काते ओका भी उचित हइ की आंग बात मे ओकी सेवा कर्‍हे. \v 28 येका लिये मी यो काम पुरो कर्हे का अरु ओका यो चन्दा सोपी खे तरा पास होस हुये स्पेन खे जायु. \v 29 अरु मी जानस हइ की जब मी तुमारा पास आयु, ते मसीह की पुरी आशीर्वाद का साथ आयु. \p \v 30 हे भैइ हमारो प्रभु यीशु मसीह को अरु पवित्र आत्मा को प्रेम खे स्मरण दिलय खे मी तुम से प्रार्थना करस हइ की मरा लिये परमेश्वर से प्रार्थना करणा मे मरा साथ मीली खे लौलीन र्हेस \v 31 कि मी यहूदीया का अविश्वासिहोन से बच्यो ऱ्हीयु अरु करणु उ सेवा जो यरुशलेम का लिये हइ, पवित्र दुन्या खे भऱ्यो. \v 32 अरु मी परमेश्वर की इच्छा से तुमारा पास आनन्द का साथ अयखे तुमारा साथ आराम पाह्यु. \v 33 शांती को परमेश्वर तुम सब का साथ ऱ्हेस.आमीन. \c 16 \s व्यक्तिगत अभिवादन \p \v 1 मी तुम से फिबे का लिये जो हमारी भैइन अरु किंख्रिया कि मंडली सेवक हइ, प्रार्थना करस हइ \v 2 कि तुम, जसो की पवित्र दुन्या खे चास, ओका प्रभु मे ग्रहण कर. अरु जो कोय बात मे ओकी तुमारा आकुल्यकता हुयो, ओकी सायता कर, क्युकि वे भी भोत की जब मरो भी उपकार करणवाली ऱ्हेस हइ. \p \v 3 प्रिस्किल्ला का अरु अक्विला की जो मसीह यीशु मे मरो सहकर्मी हइ, नमस्कार. \v 4 ओने मरी जान का लिये अपनो ही जिवन जोखिम मे डाली दियो थो \p अरु फक्त मी ही नी जब गैरयहूदीहोन की सब मंडलीहोन भी ओको धन्यवाद करस हइ. \v 5 मंडली खे भी नमस्कार जो ओका घर मे हइ. मरो प्रिय इपैनीतुस खे जो मसीह का लिये आसिया को पहलो फल हइ,नमस्कार. \v 6 मरियम खे जेने तुमारा लिये भोत परिश्रम कऱ्यो, नमस्कार. \v 7 अन्द्रुनीकुस अरु युनीयास खे जो मरो कुटुब हइ, अरु मरा साथ कैद हुइ गो अरु प्रेरित मे नाम हइ,अरु मरा से पयलो मसीह हुयो थो, नमस्कार. \p \v 8 जो प्रभु मे मरो प्रिय अमप्‍लियातुस खे नमस्कार. \v 9 मसीह मे हमारा सहयोगी उरबानुस अरु जो मसीह मे हमारो सहकर्मी हइ अरु मरो प्रिय इसतखुस खे नमस्कार. \v 10 अपिल्लैस खे जो मसीह मे खरो निकलस का नमस्कार. अरिस्तुबुलु का घरानो को नमस्कार. \v 11 मरो कुटुब हेरोदियोन खे नमस्कार. नरकिस्सुस का घराना, जो दुन्या प्रभु मे हइ, ओखे नमस्कार. \p \v 12 त्रुफेना अरु त्रुफोसा का जो प्रभु मे परिश्रम करस हइ, नमस्कार. प्रिय पिरसिस खे जेने प्रभु मे भोत परिश्रम कऱ्यो, नमस्कार. \v 13 रुफुस खे जो प्रभु मे चुन्यो हइ अरु ओकी माय, जो मरो भी माय हइ, दो खे नमस्कार. \v 14 असुक्रितुस अरु फिलगोन अरु हिर्मेस अरु पत्रु बास अरु हिर्मास अरु ओका साथ भैइ खे नमस्कार. \v 15 फिलुलुगुस अरु युलिया अरु नेर्युस अरु ओकि भैइन, अरु उलुम्पास अरु ओका साथ का सब पवित्र दुन्या खे नमस्कार. \p \v 16 आपस मे पवित्र चुमचबन से नमस्कार तुम मसीह की सब मंडलीहोन कि तरप से नमस्कार. \s आखरी नीर्देश \p \v 17 अब हे भैइ तुम से प्रार्थना करस हइ, की जो इन्सान उ शिक्षा का विपरित खे जो तुम ने पायो हइ,फुट डालस अरु ठोकर खलान कारन होस हइ, ओने तागी लियो, अरु ओका से दुर रियो. \v 18 क्युकी असा दुन्या हमारो प्रभु मसीह की नी, पन अपनो पेट की सेवा करस हइ.अरु चिकनी चोपडी बात से सीधो-सादो मन का दुन्या खे भैइ भय देस हइ. \v 19 तुमारो आज्ञा मानन की चर्चा सब दुन्या मे फैली गय हइ येका लिये मी तुमारो विषय मे आनन्द करुस हइ, पन मी यो चास हइ की तुम अच्छो, लिये बुध्दिमान पन बुरा का लिये भोलो बन्यो ऱ्हेस. \v 20 शांती को परमेश्वर सैतान खे तुमारा पाच से शीघ्र कुसल देस. \q1 हमारो प्रभु यीशु मसीह को अनुग्रह तरा पर होस ऱ्हेस. \q2 \v 21 मरी सहकर्मी तीमुथियुस को, अरु मरो कुटुबहोन लुकियुस अरु यासोन अरु सोसिपत्रुस खे तुम नमस्कार बोलस हइ. \p \v 22 मरी चिट्टी खे लिखनवाली तिरतियुस को, प्रभु मे तो, नमस्कार. \p \v 23 गयुस जो मरो अरु मंडली की मीजवान करणवाला हइ,ओको इरास्तुस नमस्कार. \v 24 इरास्तूस जो नगर को भण्डारी हइ, अरु भैइ क्वारतुस को तुखे नमस्कार. \s परमेश्वर की स्तुती \p \v 25 अब जो तुम खे मरी सुसमाचार अगर यीशु मसीह को प्रचार का जसो स्थिर करी सकुस हइ,उ भेदको प्रकार का जसो जो सैतान से लुकि खे ऱ्हेस, \v 26 पन अब प्रगट हुइ खे सतान परमेश्वर की आज्ञा से भविष्यव्दक्ताहोन की किताबहोन का वजेसे सब जातहोन खे बतायो गयो हइ कि वे विश्वास से आज्ञा माननवाला हुये जाए, \p \v 27 उ एकमात्र बुध्दिमान परमेश्वर कि यीशु मसीह का वजेसे पिडमपिडि महिमा होस ऱ्हिहे. आमीन.