\id JAS - Gowlan \ide UTF-8 \h याकूब \toc3 याकूब \toc2 याकूब \toc1 याकूब कि नाम चिठ्ठी \mt2 याकूब खे नाम चिठ्ठी \mt1 याकूब का नाम चिठ्ठी \imt पैछान \ip याकूब की किताब को याकूब नामको कोय ने लिख्यो थो. यो संभवत याकूब यीशु को भैइ खे जो जल्दी बात मे एक नेतो थो अरु यरुशलेम परिषद \xt प्रेरित 15:13\xt* खे तकलीप थी. प्रेरित पौलुस ने ओकी \xt गलतिया 2:9\xt* मे बात कोय स्तंभ भी बोल्यो थो. डिमाकवाला खे माननु हइ कि यीशु मसीह को जन्म को नजीकपास 50 साल बाद याकूब की किताब लिखी गइ थी. चुकी याकूब यरुशलेम मे बात को एक नेतो थो, वो शायग किताब लिखीखे जब की वो ऱ्हेस हइ. याकूब बारा राज्य का बिच मे गिऱ्यो गैरयहूदी \xt 1:1\xt* का लिये अपनी किताब को पतो नी. याकूब मे पाठ सब यीशु पर लागु होस हइ, लेकिन बोल को उपयोग “बारा गैरयहूदी” यो संभव हइ कि याकूब यहूदी यीशु का लिये सीधो लिखी रो थो बनस हइ. क्युकी यो किताब पाठ को एक धंदो मंडली तक पोचन को मतलब थो, यो कोय का बारे मे रितो कऱ्यो. याकूब विश्वास अरु काम का बिच रिता पर ध्यान खे द्र करस हइ. सच्ची आस \xt 2:17\xt* क्रिया मे दिखायो जाये. ओने यो भी लकपती दुन्या \xt 2:1-4 \xt*को पक्षपात बतान का खिलाप चेतावनी देस हइ अरु हमखे बतास हइ कि हम का बोलस हइ \xt 3:1-12\xt* का बारे मे सुधारनो ऱ्हेस हइ. अपना पाठको को बधाइ देस हइ. \iot रुप रेखा \io1 1. अलग वो यीशु खे प्रोत्साहित करण का लिये यो द्दढ ऱ्हेस जब वे पीडा \ior 1:2-27\ior*. \io1 2. फिर ओखे बोलनो हइ कि आस का लिये यो जरुरी हइ कि काम का माध्यम मे से दिखयो जाये \ior 2:1-26\ior*. \io1 3. ओका बाद वे बोलस हइ कि कसो ताखतआलो बोल हुइ सकस हइ \ior 3:1-12\ior*. \io1 4. तब याकूब बतास हइ कि कसो परमेश्वर को ज्ञान दुन्या को ज्ञान से अलग हइ \ior 3:13—4:10\ior*. \io1 5. अगलो वो घमण्ड होन का खिलाप अपना पाध खे चेतास हइ \ior 4:11—5:6\ior*. \io1 6. याकूब मे कुछ टेम नीर्दोष देखी खे अपनी किताब खास \ior 5:7-20\ior*. \c 1 \s अभिनंदन \p \v 1 परमेश्वर का अरु प्रभु यीशु मसीह को सेवक याकूब का तरप से उन बारा गोत खे जो तितर-बितर हुया हइ उनखे नमस्कार. \x + \xo 1:1 \xo*\xt मत्ती 13:55; मरकुस 6:3; प्रेरित 15:13; गलतिया 1:19\xt*\x* \s विश्वास अरु ज्ञान \p \v 2 हे मरा भैइहोन, अरु भैइनहोन जब तु अलग प्रकार की परीक्षाहोन मे पलनु, ते ओखे अपना आप खे आनन्द कि बात समझस. \v 3 यो जानी खे की तुम्हारो विश्वास खे समज्यो जाना से धीरज पइदा होस हइ. \v 4 पर धीरज खे अपनो पुरो काम करण दे की तु पुरो अरु सिध्द हुइ जास, अरु तुम मे कोइ बात की घटी नी ऱ्हेस. \v 5 पर अगर तुम मे से कोय खे दिमाक की कमी हइ ते परमेश्वर से माग, जो बिन दोस दियोस सब खे उधारता से देस हइ, अरु ओखे दि जाये. \v 6 पर विश्वास से माग, अरु कुछ सन्देह नी कर, क्युकी सन्देह करण आलो समुदर की लाट का बराबर हइ जो हवा से बोहास अरु उंछलस हइ. \v 7 असो इन्सान यो नी समझस की मेखे प्रभु से कुछ मीलस, \v 8 उ इन्सान दोचित्त हइ अरु अपनी बात मे चलाक हइ. \s गरीब अरु लकपति \p \v 9 गरीब विश्वासीहोन जब परमेश्वर अपनो उचो पद पर खुश र्‍हेनु, \v 10 अरु धनवान अपनी नीच रस्त पर. किक्यु उ घास का फूल का समान जसो रीहे. \v 11 क्युकी सुरज नीकलन का टेम्म मे कडकड घाम गिरस हइ अरु झाड खे सुखय देस हइ, अरु वोका फूल झरी जास हइ अरु ओकी शोभा खतम हुइ जास हइ. यो प्रकार धनवान भी अपनी रस्ता पर चलते चलते खतम हुइ जाए. \s परख अरु प्रलोभन \p \v 12 धन्य हइ उ इन्सान जो परीक्षा मे स्थिर ऱ्हेस हइ, क्युकी उ अच्छो नीकली खे जिवन की वा टोपी लेस जेकी प्रतीज्ञा प्रभु ने अपना प्रेम करण आला से करी हइ. \v 13 जब कोय की परीक्षा हुये, ते उ यो नी बोले की मरी परीक्षा परमेश्वर का तरप से होस हइ. क्युकी नी ते बूरी बात से परमेश्वर की परीक्षा हुइ सकस हइ, अरु नी उ कोय की परीक्षा खुद करस हइ. \v 14 पन हर एक व्यक्ति अपनी बुरी अभिलाषा से खिची खे अरु फसी खे परीक्षा मे पडस हइ. \v 15 फिर बुरी अभिलाषा गर्भवती हुइ खे पाप खे जन्म देस हइ अरु जब पाप पुरी रिती से बढी जास हइ ते मरन खे परदा करस हइ. \p \v 16 हे मरो प्रिय भैइ, धोको नी खानु. \v 17 क्युकी हर एक अच्छो वरदान अरु हर एक अच्छो परिपुर्ण उपहार स्वर्ग से आस हइ, अरु उ परमेश्वर का वजेसे जेने स्वर्गीय उजाला के बनायो हइ, नीचे लास हइ, उ हमेसा बदलस ऱ्हेन वाली छाय का जसो नी बदले हुनु. \v 18 ओने अपनी इच्छा से हमखे सच्ची को वचन का वजेसे पइदा कऱ्यो, ताकि हम ओकी सृष्टी की हुयो सामानहोन मे से एक प्रकार को पयलो फल हुये. \s सुनो अरु करणु \p \v 19 हे मरो प्रिय भैइ अरु भैइन, या बात तु जानी ले हर एक इंन्सान सुनन का लिये झल्दी अरु बोलना मे धीर अरु घुस्सा मे भी धीमो हुये, \v 20 किक्यु इंन्सान की घुस्सा परमेश्वर खे धर्मीकता खे मील्हे नी सकस. \v 21 येकालिये सब मलिनता अरु दुजा भाव को बडस खे दुर करी खे , उ वचन खे नम्रता से ग्रहम करी ले जो दिल मे बोहय गयो अरु जो तुम्हारो जान को उध्दार करी सकस हइ. \p \v 22 पन वचन पर चलन आलो बन्यो, अरु फक्त सुनन आलो नी जो अपना आप खे धोखो देस हइ लेकीन चलन आलो बन्हे. \v 23 किक्यु जो कोय भी वचन खे सुनन आलो हुये अरु ओका पर चलन आलो नी हुये, ते उ इंन्सान का समान हइ जो अपनो स्वभाविक मुडो अयना मे देखस हइ. \v 24 येकालिये कि उ अपना आप खे देखी खे चली जास अरु झल्दी भुली जास हइ की मी कसो थो. \v 25 पर जो इन्सान स्वतंत्रता की सिध्द व्यवस्था पर मन करी ऱ्हेस हइ, उ अपना काम मे येकालिये धन्यवाद पाए की सुनी खे भुलस पर वोसो ही काम करस हइ. \p \v 26 का कोइ अपना आप खे धर्मी समझस हइ? अरु अगर तु अपनी जीभ खे लगाम नी करी सकस ते अपना आप खे धोखो दी ऱ्हेस हइ, ते ओकी भक्ति बेकार हइ. \v 27 हमारो परमेश्वर अरु बाप का नजीक अच्छो अरु नीर्मल धर्मीकता या हइ की अनाथ अरु विधवाहोन खे दुख मे ओकि याद आस का अरु अपना आप खे संसार से पापिहोन नी ऱ्हिहे. \c 2 \s पक्षपात का बदल चेतावनी \p \v 1 हे मरो भैइ, हमारो महिमा युक्ता प्रभु यीशु मसीह पर तुम्हारो विश्वास पक्षपात का साथ नी हुइ. \v 2 समज अगर एक धनवान इन्सान सोन्नो को छल्लो अरु अच्छा कपडा पेन्यो हुयो तुमारी मीटीग मे आये, अरु एक गरीब भी खराप कपडा पेनीखे आयो, \v 3 अरु तु उ अच्छो कपडा आला को मुडो देखी खे बोल्यो, “ तु व्हा अच्छी जगामे बठ्यो,” अरु उ गरीब से बोल्यो, तु ह्यापर खडो ऱ्हे,“ यो मरो पाय का पास बठ्यो.” \v 4 ते का तो ने आपस मे छोटो बडो नी कऱ्यो अरु बुरी बीचार से न्याय करण आलो नी रख्यो? \p \v 5 हे मरो प्रिय भैइ, सुन का परमेश्वर ने यो जगत का गरीबहोन खे नी चुनी कि विश्वास मे धनी अरु उ राज्य को अधिकारी हुयो, जेकी प्रतीज्ञा ओने ओकासे करी हइ जो ओकासे प्रेम रखस हइ? \v 6 पर तुम ने वु कऱ्यो. का दुसराआला दुन्या तुम पर अत्याचार नी करस अरु का वे तोखे कोरट मे खीची-खीची खे नी ली जाये? \v 7 का वे यो नी हइ, जो उत्तम नाम की मजाक नी करस जो तोखे दियो गयो हइ? \p \v 8 तब भी अगर तुम पवित्रशास्त्र को यो वचन का अनुसार कि “तू अपनो बाजुआला से अपना समान प्रेम रखस” सच मुच उ राज व्यवस्था को पुरो करस हुये, ते अच्छो करस हइ. \v 9 पर अगर तुम दुन्या का बाहर दुसरा देखीखे व्यवहार करस हुये ते तुम पाप करस हइ. अरु व्यवस्था तोखे व्यवस्था तोडन आलो ठहरास हइ. \v 10 किक्यु जो कोय भी सब व्यवस्था का पालन करस हइ पन एक बात मे चुकी जाए ते वा सब बात मे दोष ठहऱ्यो चुक्यो हइ. \v 11 येकालिये कि जेने यो बोल्यो, “तू व्यभिचार नी करणु ओ ने यो भी बोल्यो,” “तो ने माऱ्यो नी करणु,” येकालिये अगर तो ने बुरी बिचार ते नी कऱ्यो पर मारन की तब भी तू व्यवस्था को उल्लंघन करण आलो रख्यो. \v 12 तु वे दुन्या का समान वचन बोल अरु काम भी कर, जेको न्याय नीयम जो हमखे स्वतंत्रता करस हइ. \v 13 येकालिये जो दयालु नी हइ ओको लिये परमेश्वर को न्याय बिन दया को हुये पन दया न्याय पर विजय हइ. \s विश्वास अरु कर्म \p \v 14 हे मरो भैइहोन, अगर कोय भी बोले की मेखे विश्वास हइ पर उ कर्म नी बोलस हय, ते यो का लाभ? का असो विश्वास कभी ओकासे उद्दार करी सकस हइ \v 15 अगर कोय भी भैइ या भैइन कम कपडा हइ अरु उनखे हर दिन खाना की घटी हुये \v 16 अरु तुम मे से कोय भी ओकासे बोले, खुशी से जा तु तुमारी भलय का काम नो करस हुय तुम खुद ऱ्हेस अरु, “अच्छा से खयखे मन शांत र्हेव,” पर जो चीजहोन मन का लिये जरुरती हइ व्हा उनखे नी दे ते का लाभ? \v 17 वोसो विश्वास भी, अगर कर्म सहित नी होस ते अपनो स्वभाव मे मऱ्यो हुयो हइ. \p \v 18 क्युकी कोय भी बोली सकस हइ “तोखे विश्वास हइ अरु मी कर्म करस हय.” तू अपनो विश्वास मेखे कर्म बिना ते दिख्यो. अरु मी अपनो विश्वास अपना काम का वजेसे तोखे बतायु. \v 19 तोखे विश्वास हइ की एक परमेश्वर हइ? तू अच्छो करस हइ. बुरीआत्मा भी विश्वास रखस, अरु थरथरास हइ. \v 20 पर हे नीकम्मा इंन्सान, का तू यो भी नी जानस की कर्म बिना विश्वास व्यर्थ हइ? \v 21 जब हमारो बाप अब्राहम ने अपनो बेटो इसहाक खे वेदी पर चढायो, ते का उ काम से धर्मी नी रुख्यो थो? \v 22 अगर तो ने देख्यी लियो कि विश्वास ने ओको काम का साथ मीली खे प्रभाव डाऱ्यो हइ, अरु काम से विश्वास सिध्द हुयो, \v 23 अरु पवित्रशास्त्र को यो वचन पुरो हुयो “अब्राहम ने परमेश्वर को विश्वास कऱ्यो, अरु ओका लिये न्याय मे गिन्यो गयो,” अरु उ परमेश्वर को दोस्त बुलायो गयो. \v 24 यो प्रकार तु ने देखी लियो कि इंन्सान फक्त विश्वास से ही नी कि जब धर्मी काम से भी न्याय ठैइरस हइ. \p \v 25 ओसो हि राहाब वेश्या भी, जब ओने दुतहोन खे अपना घर मे उताऱ्यो अरु दुसरा रस्ता से बिदा कऱ्यो ते का काम से धर्मी नी ठहऱ्यो? \p \v 26 अगर जसो आंग आत्मा बिना मऱ्यो हुयो हइ, ओसो हि विश्वास भी कर्म बिना मऱ्यो हुयो हइ. \c 3 \s जीभ खे वस मे करणु \p \v 1 हे मरो भैइ, तुम मे से भोत शिक्षक नी बन्या, किक्यु जानस हुये कि हम शिक्षक को जादा कडाइ से न्याय कऱ्यो जाये. \v 2 येकालिये कि हम सब भोत बार चुकी जास हइ. जब कोय भी ओका बोलना मे नी चूकस हइ ते उ एक सिद्ध इंन्सान हइ अरु सब आंग पर भी ताबो करी सकस हइ. \v 3 जब हम अपना कुल मे करण का लिये घोडा का मुडा मे लगाम लगैय खे इधर उदर भी घुमय सकस हइ \v 4 सोच डोंगा भी असो बडो होस हइ अरु भोत बडि हवा से चलय जास हइ, ते भी एक छोटी सी पतवार का वजेसे डोंगा चलानआला की इच्छा का अनुसार घुमास जास हइ. \v 5 ओसो जीभ भी एक छोटो सो आंग हइ अरु वा बडि-बडि बात मारस हइ. \fig घोडा पर बठ्यो|alt="Rider on a horse" src="LB00035C.TIF" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="3:3"\fig* \p देख, थोडो सो अंगार से खे तनो बडा जंगल मे अंगार लगी जास हइ. \v 6 जीभ भी एक आंग हइ. जीभ हमारो संसार अंग मे अधर्म कि एक दुन्या हइ. अरु सब अंग पर कलंक लगस हइ, अरु जीवनगति मे अंगार लगैय देस हइ, अरु नरक कुण्ड कि अंगार से जलती ऱ्हेस हइ. \v 7 किक्यु हर प्रकार का जंगल का जनवर पक्षि अरु चारपाय आला किडा अरु जलचर ते इंन्सान जात का वस मे हुइ सकस हइ अरु हुइ भी गयो हइ, \v 8 पर जीभ खे इंन्सानहोन मे से कोय भी वंस मे नी करी सकस. वा एक असी बला हइ जो कोय भी रुखस भी नी कि उ जिवन नाशक जहेर से भऱ्यो हुयो हइ. \v 9 ओकासे हम प्रभु अरु बाप कि स्तुती करस हइ, अरु ओकासे इंन्सानहोन खे जो परमेश्वर को स्वरुप मे पइदा हुइखे शाप देस हइ. \v 10 एक हि मुडा से धन्यवाद अरु शाप देनो निकलस हइ. हे मरो भैइ असो नी होनु चाहिए. \v 11 का सोता को एक मुडा से मीटो अरु खारो पानी देनो निकलस हइ? \v 12 हे मरो दोस्त का अंजीर का झाड मे जैतून या अंगूर की डग्यन मे अंजीर लगी सकस हइ? ओसो खारो झरना से मीटो पाणी नी नीकली सकस. \s स्वर्गीय ज्ञान \p \v 13 तुम मे दिमाकआलो अरु समझदार कोन हइ? जो असो हुये उ अपना काम खे अच्छो चाल चलन से उ नम्रता सहित प्रगट कऱ्यो जो ज्ञान से उत्पन्न होस हइ. \v 14 पर अगर तुम अपना-अपना मन मे जलन, कडुपनो, स्वार्तिपन रखस हुये, ते अच्छा का बदल मे घमण्ड नी करणु, अरु नी ते झुट बोलनु. \v 15 यो ज्ञान उ नी जो स्वर्ग से उतरस हइ, जब सांसारीक अरु आंग अरु सैतान हइ. \v 16 क्युकी झा जलन अरु स्वार्थीपन होस हइ, उ अव्यवस्था अरु हर प्रकार की बुरी बात होस हइ. \v 17 पर जो ज्ञान उपर से आस हइ उ पहिले ते पवित्र होस हइ फिर मीलनसार, कोमल अरु पुरी शांती अरु दया अरु अच्छो फल से लाद्यो हुयो अरु पक्षपात अरु नीष्कपट ऱ्हेस हइ. \v 18 शांती प्रस्थापित करण आलो दुन्या कोही धर्मीक जिवन को फल मील्हे अगर ओखे शांती पुर्ण वातावरन मे बोयो गयो हइ. \c 4 \s संसार से दोस्ती \p \v 1 तुम मे लडाइहोन अरु वाद विवाद बोलना से अय गो? का उ सुख-विलास से नी जो तुमारो आंग होन मे लगास हइ \v 2 तुम लालुच करतो हुये, अरु तुमखे मीले नी. येकालिये तुम मारस. तुम पुरी रिती से इच्छा रखस हुये, अरु कुछ मील्हे नी करी पास. ते तुम झगडस अरु लडता हुये. तुमखे येकालिये नी मीले की तुम परमेश्वर से मागे नी. \v 3 तुम मागे हुये अरु पास नी येकालिये कि बुरी इच्छा से मागंस हुये, ताकि अपनो सुख-विलास मे उड्य दे. \v 4 हे व्यभिचारणी हीन दुन्या का तुम नी जानस कि संसार से दोस्ती करणो परमेश्वर से बैर करणो हइ जो कोय संसार को दोस्त होनु चाहिए हइ उ अपना आपखे परमेश्वर को दुसमन बनास हइ. \v 5 का तुम यो समझस हुये कि पवित्रशास्त्र व्यर्थ बोलस हइ, “जो आत्मा को ओने हमारो बाजु बढाड्यो हइ, का वो असो लालच करस हइ जेको प्रतीफल जलन हुये.” \v 6 वो तो अरु भी अनुग्रह देस हइ. ओका कारण यो लिख्यो हइ, “परमेश्वर अभिमानीहोन को विरोध करस हइ, पर दिन पर अनुग्रह करस हइ.” \p \v 7 येकालिये परमेश्वर का अधीन हुये जाए अरु सैतान को सामनो कर, ते वो तुमारा पास से भाग निकलस. \v 8 परमेश्वर का बाहेर आओ ते उ भी तुमारा पास आह्ये. हे पापी खे अपना हात धोय ले. अरु हे पाखंडिहोन, अपना दिल खे पवित्र कर. \v 9 दुखी हुये ,अरु शोक कर, अरु रोस. तुमारो हासनो शोक मे अरु तुमारो आनन्द उदास मे बदली जास. \v 10 प्रभु का सामने नम्र बन्यो ते वो तुमखे उचो कर्‍हे. \s भैइ पर आरोप लगास \p \v 11 हे भैइ को एक दुसरा कि बदमासी नी कर. जो अपनो मसीह भैइ कि बदमासी करस हइ यो मसीह भैइ पर आरोप लगास हइ, उ व्यवस्था कि बदमासी करस हइ अरु व्यवस्था पर न्याय करस हइ. अरु अगर तू चलन आलो नी पर उ डॉक्टर रुख्यो. \v 12 व्यवस्था देन आलो अरु न्याय करण आलो ते एक हि परमेश्वर हइ. उ अखे लो बचय सकस हइ. आप मसीह भैइ को न्याय करन आलो कोन होस? \s घमण्ड का बदल चेतावनी \p \v 13 सुन जो यो बोलस हइ, “आज या कल हम कोइ अरु नगर मे जै खे उ एक साल बितास, अरु धदो करी खे लाभ कमास.” \v 14 अरु यो नी जानस कि कल का हुये. सुनी तो ले, तुमारो जिवन हइ हि का तुम ते भाप का सामन हुये जो जरासो देर दिखय देस हइ फिर लोप हुये जास हइ. \v 15 ओकासे उलटो तुमखे यो बोलनो चाहिए, “अगर प्रभु चाह्ये ते हम जिन्दो ऱ्हेस, अरु यो उ काम भी करस.” \v 16 पर अब तुम अपना डिग मारना पर घमण्ड करस हुये. असो सब घमण्ड बुरो होस हइ. \fig गिराक अरु बेपारी अपना सामान का साथ|alt="Customer, merchant with his wares" src="HK00172C.TIF" size="col" copy="Horace Knowles ©" ref="4:13"\fig* \p \v 17 येकालिये जो कोय भी अच्छो करणो जानस हइ अरु नी करस, ओका लिये यो पाप देस हइ. \c 5 \s धनवान खे चेतावनी \p \v 1 हे लखपति, सुनी तो ले, तुम अपना आन आलो विपत्तीहोन पर रोस अरु उच्चो आवज से विलाप कर. \v 2 तुम्हारो धन सडि गयो हइ अरु तुम्हारो कपडाहोन खे किडाहोन खय गा हइ. \v 3 तुम्हारा सोन्नो-चांदी मे जंग लगी गयो हइ. अरु वा जंग तुमारा पर गवय देस, अरु अंगार का सामने तुम्हारो मास खय जास. तोने आखरी जमाना मे धन जमा कऱ्यो हइ. \v 4 देख, जो मजुरहोन ने तुम्हारो खेत काट्यो, सदोम कि वो मजदुरी जो तुम ने धोको दी खे रखी ली हइ चिलास हइ, अरु काटन आला की दोहाइ सर्वशक्तिमान प्रभु का कान तक पोची गइ हइ. \v 5 तु पृथ्वी पर भोग विलास मे लग्यो ऱ्हेस अरु बडो हि सुख भोग्यो. तोने यो खुन का दिन का लिये अपनो दिल को पालन पोषण करी खे ओखे मोटो-ताजो कऱ्यो. \v 6 तुम ने धर्मी खे दोष रखी खे मारी डाऱ्यो, उ तुम्हारो सामनो नी कर्हे. \s धीरज अरु प्रार्थना \p \v 7 येकालिये हे भैइहोन, प्रभु का आगमन तक धीरज रख. देख, किसान पृथ्वी की किमत पीक की आस रखस हुयो पयलो अरु आखरी साल होना तक धीरज धरस हइ. \v 8 तु भी धीरज रख. अरु अपना आस खे बनायो रख, क्युकी प्रभु को आनो बाहेर हइ \p \v 9 हे भैइहोन, एक दुसरा का प्रती शिकायत मत कर, ताकि परमेश्वर अपनो न्याय नी करस. देख, न्यानधिस प्रगट होना पर हइ. \v 10 हे भैइहोन, जो भविष्यव्दक्ताहोन ने प्रभु का नाम से बात करी, ओखे दुख उठन को टेम ओको धेय को आदर्श समझ. \v 11 देख, हम धीरज धरन आला खे धन्य बोलस हइ. तुम ने अय्युब का धीरज का बारे मे ते सुन्यो हइ, अरु प्रभु का तरप से जो ओको प्रतीफल हुयो ओखे भी जानी लियो हइ, जेकासे प्रभु कि अत्यन्त करुना अरु दया प्रगट होस हइ. \p \v 12 पर हे मरा भैइहोन, सब से अच्छी बात या हइ कि कसम नी खानु, नी स्वर्ग की, नी पृथ्वी की नी कोइ अरु सामन की. पर तुमारी बातचीत होस, अरु नी होस, की तुम परमेश्वर का न्याय का योग्य नी रख्यो. \p \v 13 का आप मे कोय विपत्ती मे पड्यो हइ? ते ओने प्रार्थना करनु. का आप मे कोय आनन्दित हइ, ते ओने स्तुती को भजन गनो चाहिये. \v 14 का तुम मे कोय रोगट हइ, ते ओने मंडली का बुजरुकहोन खे बुलास की वे प्रार्थना कर उन पर प्रभु को नाम मे तेल लगास, \v 15 अरु विश्वास की प्रार्थना का वजेसे रोगट बची जाए अरु प्रभु ओखे डबल से अच्छो आंग प्रदान कऱ्यु. अरु अगर ओने पाप भी कऱ्यो हुइ, ते ओकि भी माफ हुइ जाए. \v 16 येकालिये तुम आपस मे एक दुसरा का सामने अपनो-अपनो पाप खे मानी ले, अरु एक दुसरा का लिये प्रार्थना कर, जेकासे अच्छो हुइ जाए धर्मी झन कि प्रार्थना का प्रभाव से भोत कुछ हुइ सकस हइ. \v 17 एलिय्याह भी ते हमारा सामने दुख-सुख भोग्यो इंन्सान थो. अरु ओने गिडगिडी खे प्रार्थना करी पाणी नी गिऱ्यो. अरु साडे तीन साल तक जमीन पर पाणी नी गिऱ्यो. \v 18 फिर ओने प्रार्थना कि, ते बद्दल से पानी गिऱ्यो हुयो, अरु जमीन फलवन्त हुयो. \p \v 19 हे मरा भैइहोन, अगर तुम मे कोय अछी कि रस्ता से गमी जाए अरु कोय ओखे फिर लाए, \v 20 ते उ यो जान ले कि जो कोय भी कोय गमी हुयो पापी खे ओखे गलत रस्ता से फेर लाह्ये, उ पाणी खे जान से मरना से बचास अरु ओको अनेक पाप को माफ कऱ्यो जान को कारण बनस.